· c/j g-1 0.3051 0.3177 0.3903 ... परमाणु मांक i के आवत 8 फलन...

16
रेलवे कȧ नवीनतम परȣ「ा Ĥवृिラत के अनुसार , Ĥラयेक शンट मɅ इस वषय से 4-5 Ĥæन पूछे गए थे। आपके 」ान को बढ़ाने मɅ आपकȧ सहायता करने के लए, हमने आवत[ सारणी टॉपक के आवæयक ǒब ंद ुओ को संकलत कया है। पǐरचय हमारȣ पृリवी पर 109 से अधक तラव हɇ। Ĥラयेक तラव को अलग करके उसके भौǓतक एवं रासायǓनक गुणɉ का अレययन करना एक कǑठन काय[ होगा। इस अレयाय का मुノय वषय तラवɉ को उनके इलेネĚॉǓनक वロयास के आधार पर åयविèथत करना और फर उनके भौǓतक एवं रासायǓनक गुणɉ का अレययन करना है। तラवɉ के गुणधमɟ को बेहतर ढंग से समझने के लए उロहɅ वग[ और आवत[ मɅ वगȸकृ त कया गया है। आवत[ सारणी के वकास का महラव एवं सं「ワत इǓतहास सभी Ĥकार के पदाथɟ कȧ मूलभूत इकाई तララव है। सन् 1800 तक के वल 31 तラव हȣ 」ात थे। आज 105 से अधक तラव 」ात हɇ। Ĥラयेक तラव और उसके यौगकɉ के गुणɉ को याद रखना असंभव है। इसलए, तラवɉ को कु छ वग[ मɅ बांटने के कई Ĥयास कए गए हɇ। इस वगȸकरण का उƧेæय तラवɉ और उनके यौगकɉ के रसायनशाèğ को आसानी से समझना है। Ǒदमğी आई . मɅडलȣव (1834-1907) ने आवत[ सारणी वकसत कȧ। सारणी मɅ समाǑहत संबंधɉ से , उロहɉने उस समय अ」ात तラवɉ कȧ उपिèथǓत और गुणधमɟ के बारे मɅ बताया। आæचय[जनक Ǿप से ये अनुमान सहȣ साǒबत हु ए। कालाロतर मɅ , वगȸकरण का आधार परमाणु ġåयमान से हटकर परमाणु संノया हो गया। तラवɉ के आधुǓनक वगȸकरण के आधार पर रसायनशाèğ का अレययन आसान हो गया है। आज कसी वग[ के एक तラव के गुणɉ को जानकर, आप अロय तラवɉ के गुणɉ का अनुमान लगा सकते हɇ। åयिネत को तラवɉ अथवा उसके यौगकɉ के सभी गुणɉ को याद रखने कȧ आवæयकता नहȣं है। åयिネत को सफ[ आवत[ सारणी के कसी आवत[ और वग[ मɅ तラवɉ कȧ Ĥवृिラतयɉ को समझने कȧ आवæयकता है। आवत[ सारणी के वकास का सं「ワत इǓतहास PERIODIC TABLE www.examstocks.com VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

Upload: others

Post on 05-Jun-2020

7 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • रेलवे क नवीनतम पर ा विृ त के अनुसार, येक श ट म इस वषय से 4-5 न पूछे गए थे। आपके ान को बढ़ाने म आपक सहायता करने के लए, हमने आवत सारणी टॉ पक के आव यक बदंओु को संक लत कया है।

    प रचय

    हमार प ृ वी पर 109 से अ धक त व ह। येक त व को अलग करके उसके भौ तक एवं रासाय नक गुण का अ ययन करना एक क ठन काय होगा। इस अ याय का मु य वषय त व को उनके इले ॉ नक व यास के आधार पर यवि थत करना और फर उनके भौ तक एवं रासाय नक गुण का अ ययन करना है। त व के गुणधम को बेहतर ढंग से समझने के लए उ ह वग और आवत म वग कृत कया गया है।

    आवत सारणी के वकास का मह व एवं सं त इ तहास

    सभी कार के पदाथ क मूलभूत इकाई त व है। सन ्1800 तक केवल 31 त व ह ात थे। आज 105 से अ धक त व ात ह। येक त व और उसके यौ गक के गुण को

    याद रखना असंभव है। इस लए, त व को कुछ वग म बांटने के कई यास कए गए ह। इस वग करण का उ े य त व और उनके यौ गक के रसायनशा को आसानी से समझना है। दम ी आई. मडल व (1834-1907) ने आवत सारणी वक सत क । सारणी म समा हत संबंध से, उ ह ने उस समय अ ात त व क उपि थ त और गुणधम के बारे म बताया। आ चयजनक प से ये अनुमान सह सा बत हु ए। काला तर म, वग करण का आधार परमाणु यमान से हटकर परमाणु सं या हो गया।

    त व के आधु नक वग करण के आधार पर रसायनशा का अ ययन आसान हो गया है। आज कसी वग के एक त व के गुण को जानकर, आप अ य त व के गुण का अनुमान लगा सकते ह। यि त को त व अथवा उसके यौ गक के सभी गुण को याद रखने क आव यकता नह ं है। यि त को सफ आवत सारणी के कसी आवत और वग म त व क विृ तय को समझने क आव यकता है।

    आवत सारणी के वकास का सं त इ तहास

    PERIODIC TABLE

    www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • सन ्1829 म , डॉबेराइनर ने सुझाया क त व को तीन वग ( क) म यवि थत कया जा सकता है, िजसम बीच वाले त व का परमाणु भार अ य दो त व के परमाणु भार का मा य होता है। हालां क केवल कुछ इले ॉन को इन क म रखा जा सका।

    डॉबेराइनर के क त व

    क मा य परमाण ुभार

    ल थयम (7) सो डयम (23) पोटै शयम (39) (7+ 39)/2 = 23

    (Li) (Na) (K)

    कैि शयम (40) ॉि शयम (87.5) बे रयम (137.5) (40 +137.5)/2 = 88.75

    (Ca) (Sr) (Ba)

    फा फोरस (31) आस नक (76) एंट मनी (120) (31 + 120)/2 = 75.5

    (P) (As) (Sb)

    स फर (32) सेले नयम (79) टे यू रयम (127.5) (32+ 137.5)/2 = 79.25

    (S) (Se) (Te)

    लोर न (35.5) ोमीन (80) आयोडीन (127) (35.5 + 127)/2 = 81.25

    (Cl) (Br) (I)

    सन ्1865-66 म, जॉन ए.आर. यूल स ने बताया क जब त व को उनके परमाणु भार के बढ़ते म म यवि थत कया गया, तो दए गए त व से आठव त व के गुण म पहले त व के गुण के साथ समानता थी, जैसे संगीत म आठवां नाद समान होता है। उ ह ने इसे अ टक का नयम कहा था। ह के त व के लए यह नयम तो सह था ले कन भार त व के लए यह असफल रहा। ww

    w.ex

    amst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • सन ्1869 म जमनी म जे. लूथर मेयर और स म दम आई. मडल व के वतं काय करते हु ए, त व के म य अ धक व ततृ और उ नत संबंध दया। लूथर ने परमाणु आयतन (परमाणु यमान/आयतन ) को त व के परमाणु भार के सापे रखकर एक आरेख खींचा। उ ह ने न कष नकाला क समान गुणधम रखने वाले त व आरेख म समान थान पर ि थत होते ह।

    मडल व क आवत सारणी

    माच 1869 म , मडल व ने त व के आवत वग करण पर अपनी स योजना द । “यह कहती है क त व के गुणधम उनके परमाणु भार के आवत फलन होते ह।”

    मडल व ने उस समय ात सभी त व को एक ै तज पंि त म परमाणु भार के बढ़ते म म यवि थत कया। उ ह ने कुछ अ ात त व के लए सारणी म कुछ र त थान छोड़ दए और साथ ह उनके गुण क भी घोषणा क । आ खरकार इन त व को

    खोज होने पर ये त व आ चयजनक प से सारणी म सह थान पर बैठ गए। उदाहरण के लए, मडल व क वा त वक आवत सारणी म देखा जा सकता है क िजंक (वग II) और आस नक (वग V) के बीच दो थान खाल ह। य क ये अ ात त व बाद म ए यूमी नयम और आयरन नकले, मडल व ने इनका नाम एका-ए यूमी नयम और एका- स लकॉन रहा था। जब इन त व िज ह आज गै लयम (एका-ए यूमी नयम) और जम नयम (एका- स लकन) के नाम से जाना जाता है, क खोज हु ई थी, उनके गुणधम तकपूण प से सहमत थे।

    मडल व क इका-ए यूमी नयम (गै लयम) क भ व यवाणी

    गुणधम मडल व वारा सन ्1871म

    घो षत एका-ए यूमी नयम (Ea)

    गै लयम (Ga)

    1875 म ात वतमान वीकाय

    परमाण ुयमान

    (ए.एम.य.ू) 68 69.9 69.72 ww

    w.ex

    amst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • घन व, r/ /g cm-2

    5.9 5.94 5.904

    वणांक, T/K न न 303.15 302.78

    अ ल और ार म

    वलेयता

    Ea अ ल और ार दोन म धीरे-धीरे घुल जाएगा

    Ga अ ल और ार दोन म धीरे-धीरे घुलता है

    Ga अ ल और ार दोन म धीरे-धीरे घुलता है

    ऑ साइड का सू

    Ea2O3 Ga2O3 Ga2O3 ((a और b प)

    ऑ साइड का घन व r /g

    cm-2

    5.5 - 6.44 ((a प) और

    5.883 (b प)

    स फेट क अ भ या

    Ea2(SO4)3 फटकर बनाएगा। गै लयम फटकर बनाता है

    गै लयम फटकर बनाता है, उदाहरण

    (NH4)2SO.Ga (SO).24HO

    स फाइड का नमाण

    H2S अथवा (NH4)2S वारा Ea2S3 बैठ जाएगा

    H2S अथवा (NH4)2S वारा Ga2S3 बैठ जाएगा

    H2S अथवा (NH4)2S वारा Ga2S3 बैठ

    जाएगा

    लोराइड के गुणधम

    ZnCl2 के साथ EaCl3 अ धक व फोटक है

    ZnCl2 के साथ GaCl3अ धक व फोटक है

    ZnCl2 के साथ GaCl3 अ धक व फोटक है

    मडल व क एका- स लकन (जम नयम) क भ व यवाणी

    गुण मडल व वारा 1871 म

    घो षत एका-स लकन(Es)

    जम नयम (Ge)

    बायोशबुदरण वारा 1886 म ात

    वतमान वीकाय www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • परमाण ु यमान/ 72 72.32 72.59

    घन व, g-cm-3 5.5 5.47 5.35

    वणाकं, T/K High - 1220

    व श ट ऊ मा मता, c/J g-1

    0.3051 0.3177 0.3903

    आि वक आयतन, Vm/ cm3

    13 13.22 13.5

    रंग गहरा े े जैसा सफेद े जैसा सफेद

    संयोजकता 4 4 4

    अ ल और ार के साथ अ भ या

    ES पर अ ल का आं शक हमला होगा ले कन यह ार के हमल को रोक लेगा

    Ge न तो HCL म और न ह NaOH म घुलता है, पर

    सा NaOH म घुल जाता है

    Ge न तो HCL म और न ह NaOH म घुलता है, पर सा

    NaOH म घुल जाता है

    टे ाए थल यु प न का वथनांक, T/K

    433 433 458-460

    डाइऑ साइड का घन व, /g cm-3

    4.7 4.7 4.2

    टे ा लोराइड का घन व , /g cm-3

    1.9 1.887 1.844

    टे ो लोराइड का वथनांक, T/K

    373 359 357

    आधु नक आवत सारणी एवं आवत सारणी का वतमान व प www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • आधु नक आवत नयम के अनुसार, त व और उनके यौ गक के गुणधम उनके परमाणु मांक के आवत फलन होते ह। अतः, आधु नक आवत सारणी म , परमाणु मांक (जो क ना भक के आवेश के बराबर होता है) को त व के वग करण का आधार

    माना गया है।

    आवत सारणी का वतमान प

    आवत सारणी के कई प ह। सबसे लोक य प द घ आवत सारणी है। इस सारणी म सात ै तज पंि तयां ह , िज ह आवत कहते ह। येक आवत एक नई मु य वांटम सं या n से शु होती है, और इले ॉन आफ़बाऊ नयम के अनुसार क क म भरे जाते ह। पहले आवत म दो त व ह , हाइ ोजन (1s1), और ह लयम (1s2) और थम कोश (K) पूण भरा होता है। दसूरा आवत n = 2 से शु होता है, और इसम आठ त व ह। इसक शु आत ल थयम (2s1) से होती है और यह नऑन (2s2p6) पर समा त होती है और इस तरह से दसूरा कोष (L) पूण भरता है। तीसरे आवत (n = 3) म, M कोष भरना शु हो जाता है, और इसम भी आठ त व ह। इसक शु आत सो डयम (3s1) से होती है और यह आगन (3s23p6) पर पूण होता है।

    त व के परमाणु मांक और न न अव था के इले ॉ नक व यास के साथ द घ आवत सारणी (आई.यू.पी.ए.सी., 1984 के नवीनतम सुझाव के अनुसार)

    दसूरे आवत के वपर त, तीसरे आवत म त व बा य क ा म पूणतः भरे नह ं होते ह , और 3d उपकोश के क क खाल रहते ह। वे त व िजनम s उपकोश भरा होता है s-लॉक के त व कहते ह और जो त व िजनका p उपकोश भरा होता है उ ह p लॉक के त व कहते ह।

    चौथे आवत (n = 4) म N कोश पोटै शयम (4s1) के साथ भरना शु हो जाता है और टॉन (4s24p6) के साथ पूण भर जाता है। इसम तीसरे आवत से 10 त व अ धक

    अथात ्18 त व ह। इसी कारण से 3d क क म इले ॉन 4s क क के बाद भरे जाते ह ले कन 4p क क से पहले भरते ह। 21Sc 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d1 4s2 22Ti 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d2 4s2 30Zn 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 www

    .exa

    mst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • वे त व िजनके d क क भरे होते ह d लॉक के त व कहलाते ह। चौथे आवत के d लॉक के त व म, M कोश 18 इले ॉन के भरे जाने तक भरती है। इसी कार, पांचवे आवत (n = 5) म 18 त व ह। यह ब डयम (5s1) से शु होता है और िज़नॉन (5s25p6) पर समा त होता है। छहव आवत (n = 6) म 32 त व ह िजसम इले ॉन 6s, 4f, 5d और 6p म से क क म वेश करते ह। इसम ारंभ म दो त व (Cs और Ba) ह िजसके बाद लथानम (La) है िजसम आ खर से पहले वाला कोश भरना शु होता है। ले कन इसके ठ क बाद हमारे पास 14 त व (58Ce से 71Lu) ह , िजसम 4f क क भरने क या म रहते ह। फर (72Hf से 80Hg तक) 5d क क भरे जाते ह और आ खर म आवत छह p लॉक त व (81Tl से 86Rn तक) पर समा त होता है। सातव आवत (n = 7) म दो s लॉक त व (87Fr और 88Ra) ह , िजसके बाद d लॉक के त व ए ट नयम (89Ac) और 14f लॉक के त व (90Th से 103Lr) आते ह , और पुनः d लॉक के त व (Z = 104 से 107) पर समा त होता है। यह एक अपूण आवत है।

    आवत सारणी म उ वाधर तंभ को वग अथवा त व का प रवार कहते ह। नवीनतम आई.यू.पी.ए.सी (इंटरनेशनल यू नयन ऑफ़ योर एंड ए लाइड के म ) क सफ़ा रश के अनुसार, वग को 1 से 18 तक सं या द जाती है।

    त व के कार

    त व को उनके इले ॉ नक व यास के आधार पर चार कार म बांटा जा सकता है (सारणी 5.4)। जो क न न ह:

    1. आदश गैस 2. न पक त व या मु य वग के त व (s एवं p लॉक के त व) 3. सं मण त व (d लॉक के त व) 4. आंत रक सं मण त व (f- लॉक के त व)

    आदश गैस

    आदश गैस आवत सारणी के वग 18 म आती ह। समूह के पहले त व ह लयम (िजसका इले ॉ नक व यास 1s2 है) को छोड़कर अ य सभी त व जैसे नयॉन, आगन, ww

    w.ex

    amst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • टॉन, िज़नॉन और रेडॉन के सबसे बाहर कोष का इले ॉ नक व यास ns2np6 होता है। इन त व म इले ॉन के थायी यव था के कारण ये बहु त कम रासाय नक स यता द शत करते ह।

    न पक त व या मु य वग के त व

    वग 1 ( ार य धातुए ंLi...Fr) से संबं धत त व िजनक सबसे बाहर क ा का इले ॉ नक व यास ns1 है और वग 2 ( ार य मृदा धातुए ंBe ... Ra) से संबं धत त व िजनक सबसे बाहर क ा का इले ॉ नक व यास ns2 है, इ ह s लॉक म रखा गया है। वग 13 से 17 तक के त व (बा यतम इले ॉ नक व यास ns2 np1 से ns2 np5 के म य है) आवत सारणी के p लॉक के त व ह। s और p लॉक के त व को संयु त प से न पक त व कहते ह।

    न पक त व के येक आवत क समाि त पर आदश गैस ह , इ ह भी न पक त व के साथ रखा गया है। इन त व का रसायनशा संयोजी कोश (सबसे बा य कोश) म ि थत इले ॉन क सं या पर नभर करता है। समूह 1 और 2 के लए, वग सं या संयोजी इले ॉन क सं या द शत करती है। वग 13 से 17 के लए उस वग सं या से 10 घटाने पर संयोजी इले ॉन क सं या ात क जा सकती है।

    सं मण त व

    आवत सारणी के म य म वग 3 से 12 तक के त व, िजनके बाहर कोष का इले ॉ नक व यास (n-1)d1-10ns1-2 है, आवत सारणी के d लॉक के त व ह और इस लए ये सं मण त व कहलाते ह। इन त व म संगत 3d, 4d अथवा 5d क क के भरने के साथ n का मान 4, 5 व 6 हो सकता है। ये सभी धातुए ंह और व भ न आ साइड अव था, रंगीन आयन एवं सि म ण के नमाण के लए व श ट ह।

    आंत रक सं मण त व

    आवत सारणी के आ खर म , दो पंि तयां ह िजनम पहल पंि त लथेनाइड ेणी (z = 58 से 71) और दसूर पंि त एि टनाइड ेणी (Z = 90 से 107) है िजसम मशः 4f और 5f क क अपूण ह। इनम (n-1)d क क भी अपूण ह और इस लए इनके बा य कोष का इले ॉ नक व यास (n-2)f1-14(n-1)d0-10 ns2 है। चू ं क इन येक ेणी म, एक ww

    w.ex

    amst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • आंत रक f इले ॉन येक त व से जुड़ता है, त व क दो े णय को f लॉक के त व अथवा आंत रक सं मण त व कहते ह। इनम से, लथेनाइड और ए ट नाइड समान गुणधम द शत करते ह। दोन े णय के त व धातु ह।

    इस आवत वग करण के मा यम से हम त व और उनके यौ गक के अ ययन को यवि थत बना सकते ह। ऐसा देखा गया है क त व के इले ॉ नक व यास का त व के भौ तक एवं रासाय नक गुण से य अथवा अ य संबंध है। इस वग करण से हम त व के गुण और उनके सामा य यवहार म आव तता के कारण को समझ सकते ह।

    त व के गुणधम के आवत ल ण

    आधु नक आवत नयम के अनुसार, त व को उनके परमाणु मांक के बढ़ते म म यवि थत करने पर वशेष अंतराल अथवा आवत बाद त व के गुणधम म पुनराव ृ ि त होती है। कसी आवत म, परमाणु मांक बढ़ने से संयोजक इले ॉन क सं या म व ृ होती है। कसी वग म सबसे बाहर कोश म समान इले ॉ नक व यास पुनः आता है। इस लए, एक वग के गुणधम समान होते ह। द घ आवत सारणी म , वे त व िजनके बा य इले ॉन क सं या समान होती है, समान वग म आते ह। इसके अ त र त, समूह म त व के गुण म एक व ृ होती है। उदाहरण के लए, वग 1 के सभी सद य के सबसे बाहर कोश म एक इले ॉन है। इन त व के गुणधम आपस म समान ह। इसी कार F, Cl, Br और I के बाहर कोश म सात इले ॉन ह और इस लए ये भी रासाय नक प से समान गुणधम रखते ह। वग 18 के सद य के सबसे बाहर कोश म 8 इले ॉन

    (ह लयम को छोड़कर) होते ह। सभी आदश गैस के गुणधम समान ह। अब हम त व के कुछ गुणधम म आवत ल ण पर चचा करगे।

    घन व, वणांक और वथनांक

    आवत सारणी म कसी वग म घन व, वणांक और वथनांक जैसे गुण म भी प रवतन दखाई देता ह , हालां क यह बहु त नय मत नह ं होता है।

    न पक त व के आवत म, आवत म दाएं जाने पर घन व बढ़ता है और म य म कह ं पर अ धकतम हो जाता है। वणांक और वथनांक भी बढ़कर कह ं म य म अ धकतम हो जाते ह , और उसके बाद घटने लगते ह। ww

    w.ex

    amst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • आयनन ऊजा

    यह ऊजा कसी त व क वल गत, उदासीन गैसीय अव था से एक इले ॉन को नकालने के लए आव यक ऊजा क मा ा है िजसके फल व प धना मक आयन का नमाण होता है।

    M(g) + ऊजा ------> M+(g) + e - उदाहरण के लए, Li(g) + 520 कलोजूल मोल -1 ------> Li+(g) + e -

    इस कार, ल थयम क थम आयनन ऊजा 520 कलोजूल मोल-1 है। य द एक इले ॉन को और नकाला जाए, तो और अ धक ऊजा क आव यकता होगी, िजसे वतीय आयनन ऊजा कहते ह।

    Li+ + 7297 कलोजूल मोल-1 -------> Li2+ + e -

    इस त य के कारण कसी धनावे शत परमाणु से इले ॉन को बाहर नकालना अ धक क ठन होता है। इस कार, कसी त व क आयनन ऊजा का मशः मान बढ़ता जाता है।

    न न आकृ त कुछ त व क उनके परमाणु मांक के सापे थम आयनन ऊजा का आरेख द शत करती है। आरेख म कुछ बात प ट दखाई देती ह।

    1. आदश गैस अपने अ य धक थायी व यास के कारण सबसे दाएं कनारे ि थत ह।

    2. ार य धातुओ ंक आयनन ऊजा न नतम होती है इस लए वे अ य धक स य होते ह।

    www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • 3. सामा यतः आवत म (Li से Ne तक) मान बढ़ता है। यह ना भक य आवेश के बढ़ने के कारण होता बढ़ता है और इले ॉन ना भक के आकषण बल के कारण अ धक मज़बूती से बंधे होते ह।

    4. वग म (Li से Cs तक) नीचे जाने पर आयनन ऊजा कम मा ा म बढ़ती है। इसका कारण यह है क बाहर इले ॉन को नकालना थोड़ा आसान होता जाता है।

    आवत सारणी के सापे आयनीकरण ऊजा के सामा य ल ण को आकृ त म दखाया जा सकता है। आयनीकरण ऊजा को या तो नरावे शत न लका व ध अथवा पे ो को पक व ध वारा ात कर सकते ह।

    इले ॉन बंधुता

    इले ॉन बंधुता वह ऊजा है जो गैसीय अव था म कसी वल गत परमाणु से एक इले ॉन जोड़ने पर मु त होती है। उदाहरण के लए,

    X(g) + e - ------> X-(g) + ऊजा (जहां X = F, ऊजा 322 कलोजूल मोल; X = Cl, ऊजा = 349 कलोजूल मोल; X = Br, ऊजा = 324 कलोजूल मोल; X = I, ऊजा= 295 कलोजूल मोल). हैलोजन (वग 17 का त व) थायी आदश गैस व यास ा त करने के लए एक इले ॉन ले सकता है। इस लए इनक इले ॉन बंधुता का मान बहु त अ धक होता है। ww

    w.ex

    amst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • जब हम आवत म दाएं ओर जाते ह , तो इले ॉन बंधुता बढ़ती है, और वग म नीचे जाने पर यह घटती है। कसी त व क इले ॉन बंधुता को सामा यतः अ य प से ऊ माग तक आंकड़ से ात क जा सकती है। य य प सभी त व क इले ॉन बंधुता ात नह ं हु ई ह , आवत सारणी म कुछ त व क इले ॉन बंधुताओ ंम न न ल खत चलन प ट ह।

    सामा यतः वग म नीचे जाने पर इले ॉन बंधुता का मान घटता है। यह वग म नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ने से समझा जा सकता है। परमाणु का आकार बढ़ने के कारण, इले ॉन के लए भावी ना भक य आकषण म कमी आती है। प रणाम व प, परमाणु मांक बढ़ने के साथ अ त र त इले ॉन को आक षत करने क विृ त घट जाती है।

    इस आकृ त म, हैलोजन क इले ॉन बंधुता को परमाणु सं या के सापे नापा गया है। उ लेखनीय है क अपे ा के वपर त, लोर न क इले ॉन बंधुता लोर न से कम है य क लोर न परमाणु का आकार छोटा होने के कारण इसका इले ॉ नक कोश बहु त

    संकु चत होता है। लोर न के संकुचन के प रणाम व प जब कभी इले ॉन के 2p क क म वेश करने पर इले ॉन-इले ॉन तकषण होता है। लोर न परमाणु म , 3p क क लोर न परमाणु म 2p क क के समान अ धक संकु चत नह ं होते ह। लोर न परमाणु कमजोर इले ॉन-इले ॉन तकषण के कारण, आने वाले इले ॉन

    को ज द से वीकार कर लेता है। इस लए लोर न क इले ॉन बंधुता का मान लोर न से यादा होता है।

    आदश गैस क ि थ त म , बाहर s और p क क पूण भरे होते ह। इन क क म अ त र त इले ॉन को रखा नह ं जा सकता है। इस लए, आदश गैस म इले ॉन वीकार करने क विृ त नह ं पायी जाती है। इनक इले ॉन बंधुता शू य होती है।

    कसी आवत म बाएं से दाएं जाने पर इले ॉन बंधुता सामा यतः बढ़ती जाती है। यह ना भक य आवेश के बढ़ने के कारण होता है, िजससे इले ॉन अ धक आक षत होते ह। उदाहरण के लए दसूरे आवत म, लोर न क इले ॉन बंधुता का मान अ धकतम है।

    वतीय इले ॉन बंधुता से आशय कसी ऋणायन को इले ॉन ह तांत रत करने क या से है। उदाहरण के लए, www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • O -(g) + e - -----> O2-(g)

    चू ं क एक ऋणायन (O -) और इले ॉन एक दसूरे को तक षत करते ह , अतः इस या म ऊजा मु त होने के थान पर उसक ज़ रत होगी इस लए सभी वतीय

    इले ॉन बंधुताए ंऋणा मक होती ह।

    व युत ऋणा मकता

    परमाणु के रासाय नक यौ गक म सहसंयोजक आबंध के इले ॉ नक यु म को अपनी ओर आक षत करने क यो यता क गुणा मक माप व युत ऋणा मकता है। अतः यह कसी अणु म परमाणु क इले ॉन को आक षत करने क यो यता क माप है। सामा यतः आवत म बाएं से दाएं तथा वग म ऊपर से नीचे जाने पर व युत ऋणा मकता का मान बढ़ता है। सबसे अ धक व युत ऋणा मक त व ( लोर न) (आदश गैस को छोड़कर) आवत सारणी के ऊपर दाएं कोने पर पाया जाता है। सबसे कम व युत ऋणा मक त व (सीिज़यम) सारणी के नचले बाएं कोने म पाया जाता है।

    जब दरू ि थत भ न व युत ऋणा मक त व मलते ह , तो एक आय नक यौ गक बनता है। अधातुओ ंके व युत ऋणा मक मान म अ धक अंतर नह ं होता है। अधातुओ ंके म य न मत बंध कुछ ु वीय गुण के साथ अ नवाय प से सहसंयोजी कृ त का होता है। व युत ऋणा मक अंतर सहसंयोजी बंध क ु वीयता क माप का संकेत देता है। य द अंतर शू य या बहु त कम है, तो समान या लगभग समान इले ॉन यु म का एक अ नवाय प से अ ुवीय बंध माना जा सकता है। व युत ऋणा मकता का अंतर िजतना अ धक होगा, सहसंयोजक बंध उतना ह अ धक ु वीय होगा। यह बंध अ धक व युत ऋणा मकता वाले परमाणु क ओर ु वत हो जाता है।

    परमाणु या:

    ना भक और बा यतम कोश िजसम इले ॉन लाउड होते ह , के बीच क दरू को परमाणु या कहते ह।

    www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • सामा यतः, आवत सारणी म कसी आवत के बाएं से दाएं जाने पर परमाणु या घटती है। इसका कारण ना भक य आवेश के बढ़ने के साथ समान कोश म इले ॉन का जुड़ना है। वह ं दसूर ओर , आवत सारणी म वग म ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु या का मान बढ़ता है। इसके पीछे कारण कोश क सं या म व ृ है। हालां क ना भक य आवेश भी बढ़ता है, एक नए कोश को जोड़ने का भाव बहु त बड़ा होता है और यह बढ़े हु ए ना भक य आवेश के भाव को कम कर देता है। ार य धातुओ ं(वग 1) और हैलोजन (वग 17) के लए परमाणु मांक के साथ परमाणु या म व भ नता

    आयनी या: यह कसी त व के ना भक और उसका अपने इले ॉन लाउड म अं तम भाव ब द ुके बीच क दरू है। सामा यतः धनायन क या उदासीन परमाणु से छोट होती है, जब क ऋणायन क या उदासीन परमाणु से बड़ी होती है। यहां याद रखने यो य एक मह वपूण बदं ुहै क समान इले ॉन सं या वाले आयन को सम इले ॉ नक पीशीज़ कहते ह। (उदाहरण S2- K+ Ca2+Cl -).

    संयोजकता

    आवत सारणी म एक वशेष वग म कसी त व क ि थ त से उसक संयोजकता का अनुमान लगाया जा सकता है। कसी त व क संयोजकता को ायः सबसे बाहर कोश ww

    w.ex

    amst

    ocks

    .com

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • म इले ॉन क सं या से अथवा सबसे बाहर इले ॉन क सं या को आठ से घटाकर ा त करते ह। उदाहरण के लए, ार य धातुओ ं(वग 1) िजनक बा यतम क ा म एक

    इले ॉन होता है, एक संयोजी होते ह , ार य मृदा धातुओ ं(वग 2) क बा यतम क ा म दो इले ॉन होते ह , इस लए ये वसंयोजी होती है। हालां क इस नयम के कुछ अपवाद ह।

    त व के यौ गक के सू वारा द शत संयोजकता म आवत ल ण

    येक वग के थम त व जैसे ल थयम, बेर लयम और बोरान अपने वग के अ य

    त व से काफ तरह से भ न ह। उदाहरण के लए, ल थयम का यवहार मै नी शयम के काफ समान है। आवत सारणी म वकणतः रखे गए क ह ं वशेष त व के गुणधम म इस कार क समानता को वकण संबंध कहते ह। आवत सारणी म नीचे जाने पर वकण संबंध का कारण व भ न गुणधम म ल ण क दशा है।

    कसी त व के बहु त से रासाय नक गुण परमाणु के आकार से संबं धत होते ह।

    www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks

  • त व के असंगत गुण का कारण उनका छोटा आकार, अ धक आवेश/ या अनुपात और उ च व युत ऋणा मकता है।

    सारांश याद रखने यो य बदं :ु मडल व क आवत सारणी त व के परमाणु यमान पर आधा रत थी। आधु नक आवत सारणी को मोज़ले ने त व के गुणधम को उनके परमाणु मांक का आवत फलन बताकर तपा दत कया था। आधु नक आवत सारणी के आधार पर त व को s, p ( न पक त व), d (सं मण त व) और f (आंत रक सं मण त व) म वग कृत कर सकते ह। यू रे नयम के बाद के त व को परा यू रे नक त व कहते ह। आयनीकरण ऊजा, इले ॉन हण ऊजा , व युत ऋणा मकता कुछ आवत गुणधम ह जो वग म नीचे जाने पर नरंतर कम होते जाते ह और आवत म बाएं से दाएं जाने पर बढ़ते जाते ह। परमाणु और आयनी या आवत गुणधम ह जो वग म नीचे जाने पर बढ़ते ह और आवत म दाएं ओर जाने पर घटते ह। आधु नक आवत सारणी के अनुसार, बलकुल बाएं कनारे के त व ार य ऑ साइड बनाते ह , दाएं कनारे के त व अ ल य ऑ साइड बनाते ह और म य के त व उभयधम अथवा उदासीन ऑ साइड बनाते ह।

    www.

    exam

    stoc

    ks.c

    om

    VISIT WWW.EXAMSTOCKS.COM FOR LATEST EXAM UPDATES & MATERIALS

    JOIN US ON TELEGRAM - https://t.me/examstocks