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ककककककककक कककककककक ककककक कककककककक ककककक ककककक-ककककक-ककककककक कककक . कककककक ककककक-ककककककक 2014-15 ककककककककक कककककककक कककककककककककककक ककककक ककककक-ककककककक, ककककक - ककककककक ; कककककक 2014-15 ककककककक ककककककक कक. ककक ककककक कककककककक, कक.कक.कक, ककककककककक कककककककक, ककककककक ककककककककक कककककक ककककककक ककक.कक. कककक ककककक कककककक, कक.कक.कक, ककककककककक कककककककक, ककककककककक ककककक कककककक, कक.कक.कक, ककककककककक कककककककक, ककककककककक

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Page 1: ambrishgupta.files.wordpress.comSecure Site   · Web viewउत्तरः- वैदिक साहित्य के सर्वाधिक महत्वपूर्ण

कनदरीय विदयालय सगठन

अहमदाबाद सभाग

पाठय-सहायक-सामगरी

विषय इविहास

ककषा-बारही

2014-15

कनदरीय विदयालय सगठनःअहमदाबाद सभाग

सहायक-सामगरी ककषा - बारही इविहास 2014-15

सरकषक

शरीमान पी द कमार

उपायकत कविस कषतरीय काया(लय अहमदबाद

काय(शाला विनदशक

शरीमान ाईपी सिसह

सहायक आयकत कविस कषतरीय काया(लय अहमादाबाद सहायक आयकत कविस कषतरीय काया(लय अहमादाबाद

सथल-विनदशक

शरी एमआर राल

पराचाय( कवि करमाक-1 ाय सना सथल भज

सयोजक

शरी सबोध कमार झा पीजीटी (इविहास) क वि करमाक १ ायसना भज

शरी (डॉ) आननद कमार पीजीटी (इविहास) क वि अहमदाबाद क ट

शरी अनीस कमार वितरपाठी पीजीटी (इविहास) क वि ायसना नालिलया

परसाना

इस सहायक सामगरी का विनमा(ण कनदरीय माधयमिमक लिशकषा बोड( दवारा विनधा(रिर ककषा बारही (इविहास) क नीन पाठयकरम क आधार पर विकया गया ह इस सहायक सामगरी म ीन मॉडल परशन पतर बल परिपरट था पया(प वयाखया और सको क साथ मारकिकग सकीम का समाश विकया गया ह इस सहायक सामगरी म कल 10 मानलिचतर सलगन विकय गए ह विभिभनन कठिठनाई सर पर अचछ अक पराप करन क लिलए साराश म महतपण( विबनद सपषटीकरण था सक ठिदए गए ह इस सहायक सामगरी का विनमा(ण विहनदी और अगरजी म विकया गया ह विदयारथिथयो को सझा ठिदया जाा ह विक इस सहायक सामगरी को धयानप(क पढ़ इसका विनयमिम अधययन और अभयास इविहास म अचछ अक पराप करन म सहायक होगा सयोजक क विनषठापण( ए समरकिप परयास था सहायक सामगरी का विनमा(णसमीकषा करन ाल विषय लिशकषक परशसा क पातर ह

शरी पी द कमार

उपायकत

कनदरीय विदयालय सगठन

कषतरीय काया(लय अहमदाबाद सभाग

विषय सची

भाग - 1

विषय एक

ईट मनक था असथिसथया b - हडपपा समया

विषय दो

आरभिभक राजय और अथ(वयसथाए b

(लगभग 600 ई प 600 ईसी )

विषय ीन

बधत जावि था ग( ndash आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ईसी )

विषय चार

विचारक विशवास और इमार - सासकविक विकास (लगभग 600 ईसा प( स ईसा स 600 क )

विषय पा bच

यावितरयो क नजरिरए - समाज क बार म उनकी समझ (लगभग दसी स सतरही सदी क)

विषय छः

भलिकत - सफी परपराए b

धारमिमक विशवासो म बदला और शरधदा गरथ (लगभग आठी स अठारही सदी क )

विषय सा

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर (लगभग चदही स सोलही सदी क )

विषय आठ

विकसान जमीदार और राजय

कविष समाज और मगल सामराजय (लगभग सोलही और सतरही सदी)

विषय नौ

राजा और विभिभनन ा - मगल दरबार (लगभग सोलही और सतरही सदी)

विषय दस

उपविनशबाद और दहा - सरकारी अभिभलखो का अधययन

विषय गयारह

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान

विषय बारह

औपविनलिशक शहर - नगर - योजना सथापतय

विषय रह

महातमा गाbधी और राषटरीय आदोलन सविनय अजञा और उसस आग

विषय चदह

विभाजन को समझना- राजनीवि समवि अनभ

विषय पदरह

सविधान का विनमा(ण - एक नए यग की शरआ

भाग - 2

अ आदश( परशन -पतर(हल सविह)

भाग - 3

मानलिचतरो की सची

पाठ - 01

ईट मनक था असथिसथयाb हड़पपा सभया

महतपण( विबनद

हड़पपा सभया का काल

प( हड़पपा 2600 ई प स पहल

परिरपक हड़पपा 2600 ई प स 1900 ई प क

उततर हड़पपा 1900 ई प क बाद

हड़पपा सभया का विसार

उततरी छोर मा bडा दभिकषणी छोर दमाबाद

पv छोर आलमगीरपर पभिwमी छोर सतकागदडोर

हड़पपा सभया की विशषाए

बसतिसयो क दो भाग थ 1 दग( 2 विनचला शहर

प( विनयोजिज जल विनकास वयसथा

हडपपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था

महरो क दवारा सदर कषतरो क साथ सपक( सभ हआ

विविनमय बाट क दवारा विकए जा थ बाट चट( नामक पतथर स बनाए जा थ य घनाकार हो थ और इनपर कछ भी अविक नही होा था

कछ परातविबदो को यह मानना था विक हडपपाई समाज का कोई शासक नही था जबविक दसर परातविबद का यह मानना था विक हा b कोई एक शासक क बजाए कई शासक हो थ

सड़को था गलिलयो को लगभग एकlsquoविगरडrsquo पदववि म बनाया गया था और य एक दसर को समकोण पर काटी थी

लिशलप काय म मनक बनाना शख की कटाई धाकम( महर विनमा(ण था बाट बनाना सममिममलिल थ

परशन १ हड़पपाई समाज म शासक और सरकार स समबमिध दो म बाए

हड़पपाई समाज म शासक की सथिसथवि को लकर विबदवानो म मभद ह ndash

१-कछ का मानना ह विक हड़पपाई सभया म एक स अमिधक शासक थ

२ ndashकछ का मानना ह विक सभी जगह एक समान सओ का पाया जाना एक समान बाट था कचच

सतरोो क पास नगर की सथिसथवि यह परमाभिण करा ह की हड़पपाई सभया म एक ही शासक थ

परशन २ हड़पपा सभया म मनक बनान क लिलए परयकत पदाथz की सची

बनाइए चचा( कर विक इन पदाथz को कस पराप विकया जाा था (2)

उततरः-मनको क विनमा(ण म परयकत पदाथा की विविधा उललखनीय हः कानvलिलयन (सदर लाल रग का) जसपर सफठिटक काट(ज था सलखड़ी जस पतथर ाbबा काbसा था सोन जसी धाएb था शख फया bनस और पककी मिमटटी सभी का परयोग मनक बनान म होा था

दो रीक जिजनक दवारा हड़पपाासी लिशलप-उतपादन ह माल पराप कर थ

1 उनहोन नागषर और बालाकोट म जहा b शख आसानी स उपलबध था बसतिसया b सथाविप की

2 उनहोन राजसथान क खडी अ चल ( ा bब क लिलए ) था दभिकषण भार (सोन क लिलए) जस कषतरो म अभिभयान भजा

परशन-३ अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी जानकारी कम कयो ह अपन क( स वयाखया कर (2)

उततरः-अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी कम जानकारी विनमनलिलखिख कारणो स ह

उस काल की लिलविप आज क पढ़ी नही जा सकी ह

कल पराातवितक अशषो का अधययन कर हए अनमान क आधार पर ही लिसनध घाटी सभया क विषय म (सभया का समय विकास आठिद का) जञान पराप कर पाए ह जबविक अनय सभयाओ क समबनध म जानकारी का मखय आधार उनकी लिलविप का पढ़ा जाना ह

परशन-४ हडपपा सभया क अघययन क दौरान कपरिनघम क मन म कया भरम था (2)

उततरः- आरभिभक बसतिसयो की पहचान क लिलए उनहोन चथी स साी शाबदी ईसी क बीच उपमहादवीप म आए चीनी बौदध ीथ(यावितरयो दवारा छोड़ गए ाो का परयोग विकया यहाb क विक कपरिनघम की मखय रलिच भी आरभिभक ऐविहालिसक लगभग

छठी शाबदी ईसा प( स चौथी शाबदी ईसी था उसक बाद क कालो ससबमिध परात म थी कई और लोगो की रह ही उनका भी यह मानना था विक भारीय इविहास का परारभ गगा की घाटी म पनप पहल शहरो क साथ ही हआ था

परशन-५ हड़पपा सभया क अधययन क दौरान माष(ल और कपरिनघम क दवारा अपनाए गए कनीक म कया अर था (2)

उततरः- माश(ल परासथल क सर विनयास को परी रह अनदखा कर पर टील म समान परिरमाण ाली विनयमिम कषविज इकाइयो क साथ-साथ उतखनन करन का परयास कर थ इसका यह अथ( हआ विक अलग-अलग सरो स सबदध होन पर भी एक इकाई विशष स पराप सभी परासओ को सामविहक रप स गvक कर ठिदया जाा था

परिरणामसरप इन खोजो क सदभ( क विषय म बहमलय जानकारी हमशा क लिलए लप हो जाी थी आरईएम वहीलर न इस समसया का विनदान विकया वहीलर न पहचाना विक एकसमान कषविज इकाइयो क आधार पर खदाई की बजाय टील क सर विनयास का अनसरणकरना अमिधक आशयक था

परशन-६ शाधान हड़पपा सभया म वयाप सामाजिजक विषमाओ को समझन का एक बहर सरो ह वयाखया कर (2)

उरः-1 शाधान का अधययन सामाजिजक विषमाओ को परखन की एक विमिध ह

2 हड़पपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था इन गz की बनाट एक दसर स भिभनन होी थी

3 कछ कबरो म ककाल क पास मदभाणड था आभषण मिमल ह जो इस ओर सक कर ह विक इन सओ का परयोग मतयपरा विकया जा सका ह परष ए सतरी दोनो क शाधानो स आभषण मिमल ह

परशन-७ हड़पपाई जल विनसारण परबध क बार म लख लिलख (4)

उरः- इस नगर की एक परमख विशषा इसका जल विनकास परबध था इस नगर की नालिलया b मिमटटी क गार चन और जिजपसम की बनी हई थी इनको बड़ी ईटो और पतथरो स ढ़का जाा था जिजनको ऊपर उठाकर उन नालिलयो की सफाई की जा सकी थी धरो स बाहर की छोटी नालिलया b सड़को क दोनो ओर बनी हई थी जो बड़ी और पककी नालिलयो म आकर मिमल जाी थी षा( क पानी क विनकास क लिलए बड़ी नालिलयो का घरा ढ़ाई स पा bच फट क था घरो स गद पानी क विनकास क लिलए सड़को क दोनो ओर गडढ बन हए थ इस थयो स यह परी होा ह विक सिसध घाटी क लोग अपन नगरो की सफाई की ओर बह धयान द थ

परशन-८ हड़पपाई समाज म शासको दवारा विकय जान ाल सभावि कायz की चचा( कीजिजए (4)

उततरः- विदवानो की राय ह - हड़पपाई समाज म शासको दवारा जठिटल फसल लन और उनह काया(तविन करन जस महतपण( काय( विकय जा थ इसक लिलए एक साकषय परस कर हए कह ह विक हड़पपाई परासओ म असाधारण एकरपा को ही ल जसा विक मदमाडो महरो बाटो था ईटो स सपषट ह

बसतिसयो की सथापना क बार म विनण(य लना बड़ी सखया म ईटो को बनाना शहरो म विशाल दीार सा(जविनक इमार उनक विनयोजन करन का काय( दग( क विनमा(ण स पहल चबरो का विनमा(ण काय( क बार म विनण(य लना लाखो की सखया म विभिभनन कायz क लिलए शरमिमको की वयसथा करना जस महतपण( ओर कठिठन काय( सभः शासक ही करा था ऽकछ परातविद यह मान ह विक लिसनध घाटी की समकालीन सभया मसोपोटामिमया क समान हड़पपाई लोगो म भी एक परोविह राजा होा था जो परासाद (महल) म रहा था लोग उस पतथर की मरकियो म आकार दकर सममान कर थ सभः धारमिमक अनषठान उनही क दवारा विकया या कराया जाा था कछ परातविद इस म क ह विक हड़पपाई समाज म शासक नही थ था सभी की सामाजिजक सथिसथवि समान थी दसर परातविद यह मान ह विक यहा कोई एक नही बसतिलक कई शासक थ जस मोहनजोदडो हड़पपा आठिद क अपन अलग-अलग राजा हो थ कछ और यह क( द थ विक यह एक ही राजय था जसा विक परासओ म समानाओ विनयोजिज बसतिसयो क कचच माल ईटो क आकार विनसथिषच अनपा था बसतिसयो क कचच माल क सतरोो क समीप ससथाविप होन स सपषट ह

परशन-९ आप यह कस कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी (4)

उततरः-हा b हम कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी विनमनलिलखिख उदाहरण इस बा को दशा( ह

नगर सविनयोजिज और घनी आबादी ाल थ

सड़क सीधी और चौड़ी थी

घर पककी लाल ईटो क बन थ और एक स अमिधक मजिजला म थ

परतयक घर म कआ सनानघर थ

जल विनकासी की उततम वयसथा थी जो मखय जल विनकासी स जड़ी थी

हड़पपा नगर म सा(जविनक भन दखन को मिमल ह

लोथल म डोकयाड( मिमल ह जिजसस पा चला ह विक मखय वयापारिरक कनदर रह थ

हड़पपा ससकवि क पन क बाद नगर विनयोजन लगभग भल गय और नगर जीन लगभग हजार ष( क दखन को नही मिमला

परशन-१० हड़पपाई लोगो की कविष परौदयोविगकी पर एक लख लिलख (4)

उरः-हड़पपाई लोगो का मखय वयसाय कविष था उतखनन क दौरान अनाज क दानो का पाया जाना इस ओर सक करा ह परिक कविष की विमिधयो का सपषट जानकारी नही मिमली ह खो क जोन क सक कालीबगन स मिमल ह महरो पर षभ का लिचतर पाया जाना भी इस ओर ही सक करा ह इस आधार पर परातविद अनमान लगा ह विक ख जोन क लिलए बलो का परयोग होा था

कई सथलो स मिमटटी क बन हल भी मिमल ह ऐस भी परमाण मिमल ह जिजसस यह पा चला ह विक दो फसल एक साथ भी उगाया जाी थी मखय कविष उपकरण कदाल थी था फसल काटन क लिलए लकड़ी क हतथो पर पतथर या धा क फलक लगाए जा थ अमिधकाष हड़पपा कषतरो म सिसचाई क साधनो को विकलिस विकया गया था कयोविक यह कषतर अध( षषक परभितत का ह सिसचाई क मखय साधन नहर और कए b थ अफगाविनसान म नहरो क अषष मिमल ह परायः सभी जगह कए b मिमल ह और धौलाीरा म जलाषय मिमला ह सभः सिसचाई ह इसम जल सचय विकया जाा होगा

परशन-११ चचा( कीजिजए विक परातविद विकस परकार अी का पनविनमा(ण कर ह (8)

उरः- 1 कई बार अपरतयकष साकषय का भी सहारा लना पड़ा ह और परतयकष ए अपरतयकष साकषय म समाना ढ bढ़ ह

2 भोजन अथा भोजय पदाथz की पहचान क लिलए मिमल अषषो म अनन अथा अनाज पीसन या पकान क यतर अथा बरनो का अधययन विकया जाा ह

3 परातविद परासओ को ढ़bढकर उनका अधययन कर अी का पनविनमा(ण कर ह परासओ की खोज उदयम का आरभ मातर ह

4 इसक बाद परातविद अपनी खोजो को गvक कर ह

5 परातविदो को सदभ( की रपरखा भी विकलिस करनी पड़ी ह

6 लिशलप उतपादन क कनदरो की पहचान क लिलए परसर विपणड औजार ा bबा-अयसक जसा कचचा माल इतयाठिद ढ़bढ ह

7 गvकरण का एक सामानय लिसदधा परयकत पदाथz जस पतथर मिमटटी धा असथिसथ स सबमिध होा ह

8 विकसी भी स को उसकी (मान उपयोग स जोड़ा जाा ह

9 सासकविक ए सामाजिजक भिभनना को जानन क लिलए कई अनय विमिधयो का परयोग कर ह शाधानो का अधययन ऐसा ही एक परयोग ह

10 परातविद विकसी परास की उपयोविगा को समझन का परयास उसक उतखनन सथल स भी कर ह

परशन - १२ अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिए-

एक lsquoआकरमणrsquo क साकषय डडमन लन एक सbकरी गली ह जिजसकी चड़ाई 3 स 6 फीट क परिरv ह

ह विबद जहाb यह गली पभिwम की ओर मड़ी ह 4 फीट था 2 इच की गहराई पर एक खोपड़ी का भाग था एक यसक की छाी था हाथ क ऊपरी भाग की हविडडया b मिमली थी य सभी बह भरभरी असथा म थी यह धड़ पीठ क बल गली म आड़ा पड़ा हआ था पभिwम की ओर 15 इच की दरी पर एक छोटी खोपड़ी क कछ टकड़ थ इस गली का नाम इनही अशषो पर आधारिर ह

जा bन माश(ल मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन 1931 स उदध 1925 म मोहनजोदड़ो क इसी भाग स सोलह लोगो क असथिसथ-पजर उन आभषणो सविह मिमल थ जो मतय क समय पहन हए थ

बह समय पwा 1947 म आरईएम वहीलर न जो भारीय पराातवितक सshyकषण क तकालीन डायरकटर जनरल थ इन पराातवितक साकषयो का उपमहादवीप म जञा पराचीनम गरथ ऋगद क साकषयो स सबध सथाविप करन का परयास विकया

उनहोन लिलखाः ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधस क कहा गया ह य दग( कहाb ह या थ पहल यह माना गया था विक य मिमथक मातर थ हड़पपा म हाल म हए उतखननो न मानो परिरदशय बदल ठिदया ह यहाb हम मखयः अनाय( परकार की एक बह विकलिस सभया पा ह जिजसम अब पराप जानकारी क अनसार विशाल विकलबठिदयाb की गई थी यह सदढ़ रप स सथिसथर सभया कस नषट हई हो सका ह जलाय सबधी आरथिथक अथा राजनीविक हयास न इस कमजोर विकया हो पर अमिधक सभाना इस बा की ह विक जानबझ कर था बड़ पमान पर विकए गए विनाश न इस अविम रप स समाप कर ठिदया यह मातर सयोग ही नही हो सका विक मोहनजोदड़ो क अविम चरण म आभास होा ह विक यहा b परषो मविहलाओ था बचचो का जनसहार विकया गया था पारिरसथिसथविक साकषयो क आधार पर इदर अभिभयकत माना जाा ह| आरईएम वहीलर हड़पपा 1946 एलिशएट इविडया ( जन(ल ) 1947 स उदध 1960 क दशक म जाज( डलस नामक परातविद न मोहनजोदड़ो म जनसहार क साकषयो पर साल उठाए उनहोन ठिदखाया विक उस सथान पर मिमल सभी असथिसथ-पजर एक ही काल स सबदध नही थः हालाbविक इनम स दो स विनभिw रप म सहार क सक मिमल ह पर अमिधकाश असथिसथयाb जिजन सदभ म मिमली ह इविग करी ह विक य अतय लापराही था शरदधाहीन रीक स बनाए गए शाधान थ शहर क अविम काल स सबदध विनाश का कोई सर नही ह वयापक सर पर अखिगनकाड क लिचहय नही ह चारो ओर फल हलिथयारो क बीच कचधारी सविनको क श नही ह दग( स जो शहर का एकमातर विकलबद भाग था अविम आतमरकषण क कोई साकषय नही मिमल ह जीएफडलस lsquoद मिमलिथकल मसकर एट मोहनजोदड़ोrsquo एकसपीडीशन 1964 स उदध जसा विक आप दख सक ह विक थयो का साधानीप(क पनरकिनरीकषण कभी-कभी प(v वयाखयाओ को परी रह स उलट दा ह

( क ) विकस परातविद न यह साकषय परस विकया ह ( 1 )

उततर जन माश(ल न यह साकषय अपनी पसक मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन म ठिदया ह

( ख ) हड़पपा सभया क विनाश क विकस क( की ओर यह अनचछद इशारा करा ह ( 1 )

उततर यह साकषय हड़पपा क विनाश म विदशी हमला की भमिमका की ओर इशारा करा ह

( ग ) कौन इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह और कयो ( 3 )

उततर- आर ई एम वहीलर इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह कयोविक ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधसक कहा गया ह

( घ ) विकसन और कस इसकी एक अलग वयाखया की ह ( 3 )

उततर- जाज( डलस न इस परमाण क विपरी लिसदधा का परविपादन विकया ह ो इस बा को मानन स विहचक ह विक यह हमला आयz न विकया था उनक अनसार जो ककाल यहा b मिमल ह ो हड़पपा काल क नही ह इस मातरा म ककाल मिमल ह था उनकी जो असथा ह उसस यह भी कहा जा सका ह विक यह एक बचड़खान का शाधान हो विकसी भी श पर शसतर क घा कोई हलिथयार जलन क अशष नही पराप हए ह

पाठ - 2राजा विकसान और नगरमहतपण( विबनद

- हड़पपा सभया क बाद लगभग 1500 षz क दौरान उपमहादवीप क विभिभनन भागो म कई परकार क विकास हए जस -ऋगद का लखन काय( कषक बसतिसयो का उदय अविम ससकार क नय रीक नगरो का उदय आठिद

- ऐविहालिसक सतरो अभिभलख गरथ लिसकक लिचतर आठिद

- अशोक क अभिभलख - बराहमी था खरोषठी लिलविपयो म लिलख गए ह

- छठी शाबदी म ई 0 प0 को एक महतपण( परिर(न काल माना जाा ह इसको राजयो नगरो लोह क परयोग और लिसकको क विकास स जोड़ा गया ह इस समय बौदव - जन धम( था अनय दाश(विनक विचारधाराओ का विकास हआ - बौदव - जन धमz क गरथो म सोलह महाजनपदो का उललख मिमला ह मखय ह

- सथिsup2 मगध कौशल कर पाचाल गाधार और अवि जस आठिद

अविलघ पर शन ( 02 अक ) परशन- 1 महापाषाण कया ह

उततरः- अ ई पपरथम सहसतराबदी क दौरान मधय और दभिकषण भार म पाए जान ाल पतथरो क बड - बड ढा bच ह

ब इनह कबरगाहो क ऊपर रखा जाा था शो क साथ विभिभनन परकार क लोह क उपकरण और औजारो को दफनाया जाा था

परशन-2 छठी शाबदी ई प को परारभिभक भारीय इविहास म एक महतपण( परिर(नकारी काल कयो कहा जाा था

उततरः- अ इस काल को परायः आरभिभक राजयो लोह क बढ परयोग और लिसकको क साथ जोडा जाा ह

ब इसी काल म बौदव और जन सविह विभिभनन दाश(विनक विचारधाराओ का उदय हआ

परशन- 3 धमम महामातत कौन थ

अ समराट असोक दवारा विनयकत विशष अमिधकारी

ब धमम क परचार क लिलए इनकी विनयलिकत की गई थी

परशन-4 मौयz क बार म जानन क लिलए कोई दो सरोो क नाम लिलखिखए

उततरः- अ) कौठिटलय का अथ(षासतर

ब) मगसथनीज का विरण - इविडका

स) असोक का अभिभलख

परशन-5 कषाण कौन थ

उततरः- चीन म रहन ाल एक कबायली जावि

अ मधय एलिशया स लकर पभिwमोततर भार क एक विशाल सामराजय म शासन

ब भार म सोन क लिसकक सबस पहल कषाणो न जारी विकया था

परशन-6 अशोक क अभिभलख विकन -विकन भाषाओ लिलविपयो म लिलख जा थ

उततरः- क भाषा-पराक भाषा बराहमी लिलविप म और यनानी भाषा-खरोषठी लिलविप म

परशन-७ सााहन शासको क लिलए मााए विकस परकार महतपण( थी अपन उततर क पकष म एक उदाहर दीजिजय

उततर-सााहन शासको क समय समाज मातरसातमक था कयोविक शासको क नाम क आग उनक माा

का नाम मिमला ह जस गौमीपतर ालिशसथिसथपतर

लघ पर शन ( ०४ अक ) परशन-८ मगध क एक शलिकतशाली राजय क रप म उदय क कारणो की चचा( कीजिजए

उततरः- 1 महताकाकषी शासक जस विममिमबसार अजाशतर महापदमननद

2 लोह की खान

3 उपजाऊ मिमटटी

4 जगली कषतरो म हाथी उपलबध थ जो सना का महतपण( अग था

5 दो राजधाविनया b थी राजगह विकल बद शहर था पाटली पतर - गगा क विकनार बसी हई थी

परशन-९ महाजनपदो की परमख पा bच विशषाओ की वयाखया कीजिजए

उततरः- 1 अमिधकाश महाजनपदो पर राजा का शासन होा था लविकन गण और सघ क नाम स परलिसदव राजयो म कई लोगो का समह शासन था

2 परतयक महाजनपदो की एक विकलबद राजधानी होी थी

3 सथायी सना जिजनह परायः कषक ग( स विनयकत विकया जाा था और विनयमिम नौकरशाही

4 धम(शासतर म शासक सविह अनय क लिलए विनयमो का विनधा(रण राजा कषवितरय ग( स

5 शासको का काम विकसानो वयापारिरयो और लिशलपकारो स कर सलना

परशन-१० अशोक क धमम क बार म लिलख 5

उततरः- 1 बडो का आदर करना

2 सनयालिसयो और बराहमणो क परवि उदारा

3 सको और दासो क साथ उदार वयहार

4 दसर क धम और परपराओ का आदर

5 धमम महामा की विनयलिकत

परशन-११ छठी शाबदी ई प स छठी शाबदी ई क कविष कषतर म हए मखय परिर(नो की उललख कीजिजए

उततरः- 1 कविष उतपादका को बढ़ान क लिलए लोह क फाल ाल हल का परयोग

2 गगा की घाटी म धान की रोपाई

3 सिसचाई क लिलए कओालाबो नहरो का परयोग

4 पजाब और राजसथान जस अध(षषक जमीनाल कषतरो म खी क लिलए कदाल का परयोग

5 उपज बढ़न स साधनो पर विनयतरण क कारण बड - बड जमीदार और गराम परधान अमिधक शलिकतशाली और विकसानो पर विनयतरण

6 शासक ग( भमिमदान क दवारा कविष को नए कषतरो म परोतसाविह करन की नीवि को अपनाया

परशन-१२ इविहास की पनः विनमा(ण म अभिभलख विकस रह सहाया कर ह

उततरः- 1 शासको ए उनकी उपलसतिबधयो क बार म जानकारी

2 लिलविप और भाषा की जानकारी

3 भमिमदान और अथ(वयसथा क बार म जानकारी

4 सामराजय का विसार

5 सामाजिजक और धारमिमक जीन क बार म जानकारी

परशन-१३ मौय( परशासन की परमख विशषाए कया थी 10

उततरः- 1 कनदरीय शासन - राजा का विनयतरण विधामियका काय(पालिलका नयायपालिलका सना था वितत पर था|

2 पराीय शासन - पराीय शासन कई पराो म बाट ठिदया गया था

3 सथानीय शासन - पाटलीपतर नगर का शासन 30 सदसयो क एक आयोग दवारा विकया जाा था

4 राजा सामराजय को उचच अमिधकारिरयो की सहाया स चलाा था

5 मौय( सामराजय क पा bच परमख राजनविक क दर

6 कानन और वयसथा

7 सगठिठ सना - मगसथनीज न सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवियो का उललख विकया ह

8 धमम परचार क लिलए धमम महामातत की विनयलिकत

9 भमिमकर सिसचाई और सड़को क परबध क लिलए विभिभनन अमिधकारी हो थ

10 गपचर विभाग - गपचर विभाग बह सदढ़ था

परशन-१४ विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

समराट क अमिधकारी कया - कया काय( कर थ

मगसथनीज क विरण का एक अश ठिदया गया ह सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख - रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर ह ाविक ह हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी विषकारिरयो का सचालन कर ह और विषकारिरयो क कतयो क आधार पर उनह इनाम या दड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका( का भी विनरीकषण कर ह

परशन- क सामराजय क महान अमिधकारिरयो क क(वयो की वयाखया कीजिजए (3)

उततरः- 1 सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर थ

2 कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर थ ाविक हर सथान पर पानी का समान परकि हो सक

3 यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर थ लिशकारिरयो क कतवितयो क आधार पर ईनाम या दड़ द थ कर सली कर थ भमिम स जड सभी वयसायो का विनरीकषण कर थ साथ ही लकडहारो बढ़ई लोहारो और खनन का(ओ का भी विनरीकषण कर थ

परशन-ख सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए विनयकत उपसमिमवियो की भमिमका की वयाखया कीजिजए उततरः- 1 सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवि का उललख मगासथविनज न विकया ह इन उपसमिमवि का काम नौसना यााया और खानपान पदल सना अषारोही रथारोविहयो और हालिथयो का सचालन करना था

2 दसरी समिमवि का दामियत विभिभनन परकार का था - उपकरणो को ढ़ोन क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा सविनको क लिलए भोजन जानरो क लिलए चार की वयसथा था सविनको क दखभाल क लिलए सको और लिशलपकारो की विनयलिकत करना

परशन-ग अशोक न अपन सामराजय को एकजट रखन क लिलए कया विकया (2)

उततरः- 1 अशोक न धमम क परचार क दवारा अपन सामराजय को एकजट रखन की कोलिशश की

2 धमम क परचार क लिलए धमम महामातत नाम स विशष अमिधकारिरयो की विनयलिकत की

पाठ - 3

बधत जावि था ग(आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ई )

महातपण( विबनद

- सामाजिजक इविहास - महाभार का उपयोग सामाजिजक इविहास की समसयाए जावि ग( कविबल आठिद की पनर(चना ह अनय सतरो

- ऐविहालिसक पषठ भमिम रचना क साधन - परिर(नो क परभा

- अभिभलख महाभार क सतरो था विषय

- बधा ए विाह परिरार विपविषक वयसथा विाह क विनयम सतरी का गरोतर माा का सथान

- सामाजिजक विशषाए ण( वयसथा अकषवितरय राजा जावि एकीकरण अधीना और सघष(

परशन 1 महाकावय का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततरः- एक लमबी कविा जिजसम विकसी नायक अथा राषटर क जीन उपलसतिबधयो का ण(न हो रामायण था महाभार इसक उदाहरण ह

परशन-2 मनसमवि का दो महत बाइए (2)

उततरः- 1 यह ातकालिलक समाज क विनयमो था परथाओ का ण(न दा ह

2 इसका परभा आज भी विहनदओ की जीन शली म ठिदखाई दा ह

परशनः- 3 महाभार का यदध कयो हआ था इसका कया परिरणाम हआ (2)

उततरः- महाभार का यदध जमीन था अमिधकारो को लकर हआ था इसम पाणडो की विजय हई

परशन- 4 कल था जावि का कया अथ( ह (2)

उततरः- ससक गरनथो म कल शबद का परयोग परिरार क लिलए और जावि का बाधो क बड समह क लिलए होा था

परशन-5 अ(विाह स कया ातपय( ह (2)

उततरः- अ(विाह म ाविहक सबध समह क मघय ही हो ह यह समह गोतर कल अथा जावि या विफर एक ही सथान पर बसन ालो का हो सका ह

परशन-6 चाडाल विकस कहा जाा था (2)

उततरः- पराचीन काल म ऐस काय( करन ाल लोग जिजनह उचच ग( रजिज माना था जस शो को दफन करना या जलाना म पशओ को उठाना था उनका चमड़ा विनकालना इतयाठिद

परशन-7 १००० ई० प० क बाद बराहमणो दवारा बाय गय गोतर क दो विनयम लिलखिखए

उततर - १-मविहलाओ क लिलए यह आशयक था विक विाह क पwा अपन विपा क गोतर को छोड़

अपन पवि का गोतर धारण कर

२-एक समान गोतर म विाह रजिज था

परशन-8 महाभार की भाषा था विषयस पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1महाभार को मलरप म ससक म लिलखा गया ह

2भाषा सरल सबोध ह

3यह एक गविशील गरथ ह

4इसक अनक पन(वयाखयाए b आसतिसत म आई

5इसक अनक परसगो को मरकिकला नाटय कला था नतय कला म दखा जा सका ह

परशन-9 महाभार क महत पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1भारीय ससकवि था विहनद धम( क विकास का लख जोखा ह

2यह एक बहआयामी गरथ ह

3समाज क सभी अग जस राजनीवि धम( दश(न था आदरश की झलक मिमली ह

4इसम यदध शावि सदगण दग(ण की वयाखया की गई ह

5भारीय इविहास का महतपण( सतरो ह रपक कथाए b सभः कालपविनक ह

परशन-10 महाभार काल क विदवीय चरण म (बारही स साी शाबदी ई प म) मिमलन ाल घरो क बार म बीबी लाल न कया लिलखा ह (4)

उततरः- 1 बीबी लाल को यहा b आबादी क पाच सरो क साकषय मिमल ह

2 इनम स दसरा ीसरा सर महतपण( ह

3 दसर सर क बार म बीबी लाल न पाया विक आास घरो की कोई विनभिw परिरयोजना नही थी

4 मिमटटी की बनी दीार था कचची मिमटटी की ईट अशय मिमली ह

5 कछ घरो की दीार सरकनडो की बनी थी

परशन-11 विकन मायनो म सामाजिजक अनबध की बौदध अधारणा समाज क उस बराहमणीय दमिषटकोण स भिभनन थी जो परषसकत पर आधारिर था

उततरः- 1 बौदध धम( न समाज की विषमा को सतय माना ह

2 यह विषमा नसरकिगक नही थी और न ही सथाई

3 बराहमणीय दमिषट स इस असमाना का आधार जनम ह

4 बौदध धम( न मान था नसपवि को शर स एक दसर पर परसपर विनभ(र माना ह

5 राजा लोगो दवारा चना जाा था जिजस साओ क बदल म कर ठिदया जाा था

परशन-12 पराचीनकाल क सामाजिजक मलयो क अधययन क लिलए महाभार एक अचछा सतरो ह (7)

उततरः- 1 महाभार मखय रप स सबमिधयो क बीच यदव की कहानी ह इसलिलए

इसम सामाजिजक जीन का झलक मिमली ह

2 समाज म विपतरलिशा का पालन होा था पक समपवि पर कल पतरो का अमिधकार था

3 पवितरयो का विाह गौतर क बाहर उलिच समय पर करना विपा का क(वय था

4 विलिशषट परिरारो म बहपवि परथा भी परचलिल थी दरौपदी क पा bच पवि थ

5 पतर क जनम को जयादा महतपण( समझा जाा था

6 कनयादान विपा का महतपण( कतत(वय माना जाा था

7 विाह क अनक परकार थ राकषसी विहविडमबा का भीम स विाह हआ था

8 माा का सथान सzचच था पाणडो न अपनी मा कनी की आजञा का सममान कर हय दरोपदी स विाह विकया था

9 महाभार ण था उनस जड़ वयसायो की जानकारी दा ह

10 परिरार म धद परष का अमिधपतय था

परशन-13 विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए और उसक अ म पछ गय परशनो क उततर दीजिजए (7) दरौपदी का विाह

उततरः- पाचाल नरश दपद न एक सयर का आयोजन विकया जिजसम यह श( रखी गई विक धनष की चाप चढा कर विनशान पर ीर मारा जाय विजा उनकी पतरी दरोपदी स विाह करन क लिलय चना जायगा अज(न न यह परवियोविगा जीी और दरौपदी न उस रमाला पहनाई पाणड उस लकर अपनी माा कनी क पास गय जिजनहोन विबना दख ही उनह लाई गई स को आपस म बाट लन को कहा जब कनी न दरौपदी को दखा ो उनह अपनी भल का अहसाह हआ विकन उनकी आजञा की अहलना नही की जा सकी थी बह सोचविचार क बाद यमिधमिषठर न विनण(य लिलया विक दरौपदी उन पाचो की पतनी होगी जब दरपद को यह बाया गया ो उनहोन इसका विरोध विकया विकन ऋविष वयास न उनह इस थय स अग कराया विक पाणड ास म इनदर क अार थ और उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था अः विनयवि न ही उन सबका साथ विनसथिषच कर ठिदया था वयास न यह भी बाया विक एक बार एक या सतरी न पवि परातविप क लिलए विष की आराधना की और उतसाह क अविरक म एक की बजाय पाच बार पवि परातविप का बर माग लिलया इसी सतरी न दरौपदी क रप म जनम लिलया था विष न उसकी पराथ(ना को परिरपण( विकया ह इन कहाविनयो स सषट होकर दरपद न इस विाह को अपनी सहमवि परदान की

1 पचाल नरश दरपद न अपनी पतरी का विाह करन क कयो परवियोविगा रखी(1)

2 वयास न राजा दरपद को दरौपदी का पाचो पाणड की पतनी बनन क लिलए कौन स दो थय ठिदय (3)

3 दरौपदी का विाह विकस परकार का विाह था इस परकार क विाह क परवि इविहासकारो क दो विचार बाइय (3)

उततर- 1 सयर का आयोजन विकया गया था जिजसक विजा स अपनी पतरी का विाह कर द

2 वयास न बाया विक पाणड इनदर क अार थ था उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था लिश न एक या सतरी को र ठिदया था जिजसन गली स पा bच बार पवि का र मा bग लिलया था उस सतरी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था

3 दरौपदी का विाह बहपवि का उदाहरण था इस परकार का विाह विलिशषट था बराहमणीय परपरा क अनरप न होन क कारण इस परकार क विाह को बराहमणो का समथ(न नही था

पाठ ndash 4

विचारक विशवास और ईमार महतपण( विबनद

- बौदध धम( का इविहास - साची सप पर बल

- विस सदभ( - ठिदक धम( जन धम( षणम शम बौदव धम( पर बल

- साची सप की खोज साची की मरकिया

- धारमिमक ाद -विाद बौदव धम( की पन(रचना

- पराचीन ठिदक धम( जन बौदव षण शल

- महाीर लिसदवाथ( ठिदककाल की उपासना रीवि

- हीनयान महायान (बौदव धम() शवामबर ठिदगमबर (जन धम()

- वितरविपटक जाक विपटक उपविनषद - लिलखिख सतरो

- जन बौदव धम( का परचार परसार मथरा - गाधार मरकिकलाए

- विबहार च सप आषटाविगक माग( बौदव क चार आय( सतय

02 अक ाल परशन

परशनः-1 बौदध धम( क चार मल सतय (आय( सतय) कौन स ह

उततरः-1 समपण ससार दखो स परिरपण( ह

2 सार दःखो का कोई-न-कोई कारण ह

3 दखो को राकन का एक माग( ह मनषय आषटाविगक माग( का अनसरण करक इन दखो और कषटो स छटकारा पा सका ह

परशनः- 2 छठी शाबदी ईप क काल म उतपनन होन ाल धारमिमक समपरदायो का गvकरण विकन भागो म विकया जा सका ह

उततरः- छठी शाबदी ईप क धारमिमक समपरदायो का गvकरण दो भागो म विकया जा सका हः

उततर- 1 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध विकया

2 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध न करक विकसी परान दी-दा को क दर बनाकर नीन लिसदधाो का परविपादन विकया

परशनः- 3 rdquoधम( चकरपर(नldquo स आप कया समझ ह

उततरः- rdquoधम( चकरपर(नldquo का अथ( ह धम( क चकर को घमाना जञान परातविप क बाद महातमा बदध न ाराणसी क पास सारनाथ क मगदा म मगदा म आषाढ़ परणिणमा को अपना जो परथम धमzपदश ठिदया उस rdquoधम( चकरपर(नldquo क नाम स जाना जाा ह

परशनः- 4 दो क महत पर परकाश डालिलए

उततरः- ठिदक साविहतय क सा(मिधक महतपण( गरथ द ह द सखया म चार ह- ऋगद सामद यजshyद और अथ(द ऋगद ठिदक साविहतय म सबस पराचीन गरथ ह यह गरथ पराचीन आयz क धारमिमक सामाजिजक आरथिथक ए राजनविक जीन पर परकाश डाला ह

परशनः- 5 सप कयो बनाए जा थ

उततरः- सप महातमा बदध अथा विकसी अनय पवितर भिभकष क अशषो जस-दा भसम आठिद अथा विकसी पवितर गरनथ पर बनाए जा थ अशष सप क आधार क कनदर म बनाए गए एक छोट स ककष म एक पठिटका म रख ठिदए जा थ

परशन 6-चार सामाजिजक ग( क नाम बाय जो बदध क अनयायी बन

उततर बदध क अनयायी विभिभनन सामाजिजक गz स आए जस

१ ndashधनी ग( क लोग

२ ndashशासक ग( क लोग

३-वयापारिरक ग( क लोग था

४ ndashलिशलपकार

(४ अक ाल परशन )परशनः- 7 आपक विचारानसार सतरी-परष सघ म कयो जा थ

उततरः- 1 ससारिरक विषयो स दर रहना चाह थ

2 हा b का जीन सादा अनशालिस था

3 हा लोग बौदध दश(न का अधययन कर सक थ

4 सघ म सभी का समान दजा( था

5 हाb लोग धमम क लिशकषक (उपदशक) बनाना चाह थ

परशनः- 8 जन धम( की महतपण( लिशकषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- 1 अपरिहसा पर जोर ठिदया गया

2 जाविाद क विरदध था कोई भी वयलिकत इस धम( को अपना सका था

3 उनहोन भगान क असतिसत को असीकार विकया

4 आतमा म विशवास कर थ

5 कम( काय( क लिसदधा म विशवास कर थ

परशनः- 9 साची सप क सरकषण म भोपाल की बगमो न कया योगदान ठिदया

उततरः- 1 उनहोन साची क सप क रख-रखा क लिलए धन का अनदान विकया

2 सलानजहा बगम न हा पर एक सगरहालय और अविलिथशाला बनान क लिलए भी अनदान ठिदए

3 यहा रहकर सर जान न साची पर पसक लिलखी जिजनह सलानजहा बगम न अनदान ठिदया

4 यठिद यह सप जीवि ह ो कल बगमो क योगदान स

5 यह साची का सप हमार दश की महतपण( ासकला ह जिजसकी सरकषा भोपाल की बगमो दवारा की गई

परशनः- 10 महातमा बदध की लिशकषाओ का उललख कीजिजए

महातमा बदध की लिशकषाए b-

उततर- 1 विशव अविनतय अथा( कषणभगर ह और यह विनरनर परिररकि हो रहा ह

2 विशव आतमाविहीन ह कयोविक यहाb कछ भी सथायी अथा शाशव नही ह

3 विशव म lsquoचार आय( (शरषठ) सतयrsquo ह य ह- दःख दःख समदाय दःखविनरोध और दःख विनरोध माग(

4 महातमा बदध कठोर पसया क विरदध थ(माधयम माग( पर बल द थ )

5 महातमा बदध न दस शीलो क पालन पर बल ठिदया ह

परशनः- 11 बौदध धम( क शीघरम विकास क कया कारण थ 8

उततरः-1 धम( की भाषा सरल थी जसा विक भगान बदध हमशा अपन उपदश आम बोलचाल भाषा म ठिदया कर थ

2 साधारण शदध धम( रीवि-रिराजो स पर था

3 अनकल ाारण कयोविक विहनद धम( म अगण की उतपभितत

4 विहनद धम( म बराईया कम(काड ए बलिल

5 परोविहो का च(स

6 विहनद धम( म धन का अपवयय

7 जाविाद ए छआछ का न होना

8 महातमा बदध का महान वयलिकतत अनय वयलिकतयो को परभावि करा था

9 भिभकष का अचछा वयहार चरिरतर

10 राजाओ दवारा सरकषण जस असोक हष(ध(न

अनचछद पर आधारिर पशनसप कयो बनाए जा थ

यह उदधरण महापरिरविना(ण सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा ह

महापरिरविना(ण स प( आनद न पछा-

भगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अषषो का कया करग

बदध न कहा ldquo थाग क अषषो को विषष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी

भलाई क लिलए परयास करोldquo

लविकन विशष आगरह करन पर बदध बोल -

rdquo उनह थाग क लिलए चार महापथो क चक पर थरप (सप का पालिल रप)ldquo बनाना चाविहए जो भी

हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नायगा या हाb पर हदय म शावि लायगा उन सबक लिलए

ह लिचरकाल क सख और आनद का कारण बनगा

1 यह उदधरण विकस मल पाठ स लिलया गया ह यह विकस गरथ का विहससा ह 1

2 सप कया हो ह आनद को सप बनान की सलाह विकसन दी थी 2

3 थाग कौन थ उनहोन सप का कया महत बाया था 2

4 विकनही ीन सथानो क नाम बाओ जहा b सप बनाए गय 2

उततरः- 1 यह उदधरण महापरिरविना(न सतत नामक मल पाठ स लिलया गया ह यह सततविपटक नामक गरथ का विहससा ह

2 सप बदव धम( स जड पवितर टील ह इनम बदव क शरीर क कछ अषष अथा उनक दवारा परयोग की गइरर विकसी स को गाड़ा गया था आनद को सप बनान की सलाह बदध न दी थी

3 थाग सय बदव थ उनहोन आनद को बाया विक जो कोई सप म धप या माला चढायगा या शीष नायगा अथा हा पर मन म शावि लायगा उसक लिलए सप लिचरकाल क शावि का कारण बनगा

4 भरह साची था सारनाथ

पाठ - 5यावितरयो क नजरिरए1 अल-विबरनी था विकाब-उल-विहनद

11 खारिरजम स पजाब क

अल-विबरनी का बचपन लिशकषा

खारिरजम क आकरमण क पwा सलान दवारा अल-विबरनी को बधक क रप म

गज़नी लाना

अल-विबरनी की भार क परवि रलिच उतपनन होना

अल-विबरनी क यातरा तता

विभिभनन भाषाओ का जञाा

12 विकाब-उल-विहनद

विलिशषट शली का परयोग

दकथाओ स लकर खगोल विजञान और लिचविकतसा सबधी कविया

2 इबन-बा का रिरहला

21 रिरहला इबन-बा दवारा लिलखा गया यातरा तता

सामाजिजक था पराकविक जीन की जानकारिरयो स भरपर

मधय रलिशया क रास लिसनध पहbचना

ठिदलली आकर महममद विबन गलक स मिमलना

ठिदलली का काज़ी विनयकत होना

मधयभार क रास मालाबार पहbचना

भार क अनक सथानो का भरमण

चीन की यातरा

भार क सामाजिजक आरथिथक राजनविक जीन का विरण परस करना

यातरा माग का सरभिकष न होना

22 जिजजञासाओ का उपयोग

मोरकको ापस जान क बाद अनभा को दज( विकए जान का आदश

3 फासा बरकिनयर

एक विलिशषट लिचविकतसक

एक परलिसदध फरासीसी जौहरी

भार की 6 बार यातरा

बहआयामी वयलिकतत

मगल दरबार स जड़ रहना

दारालिशकोह का लिचविकतसक

31 प( और पभिwम की लना

भारीय सथिसथवि की लना यरोपीय सथिसथवि

भारीय सथिसथवि को दयनीय बाना

उसकी कवि का अनक भाषाआ म अनाद

4 एक अपरिरलिच ससार की समझ

अल-विबरनी था ससकादी परपरा

अनक समसयाओ का सामना

पहली समसया भाषा धारमिमक असथा परथा म भिभनना ीसरा अभिभमान का होना

ससक गरथो का सहारा लना

42 अल-विबरनी का जावि वयसथा का ण(न

भार म बराहमणादी वयसथा

पराचीन फारस क सामाजिजक गz को दशा(ना

5 इबन बा था अनजान को जानन की उतकठा उपमहादवीप एक भिशवक

सचार तर का विहससा

नारिरयल और पान

इबनबा दवारा नारिरयल और पान का विरण

इबनबा और भारीय शहर

उपमहादवीप क शहरो का विरण

ठिदलली की परशसा

ठिदलली था दौलाबाद की लना

बाजार विभिभनन गविविमिधया क कनदर

शहरो की समजिदध का विरण

भारीय मालो का विनया(

53 सचार की एक अनठी परणाली

वयापारिरया की सविधा क लिलए वयापारिरक माग पर परी सविधाए

कशल काम परणाली

कशल गपचरो का होना

6 रकिनयर था अपविकलिस प(

रकिनयर दवारा भार की लना यरोप की विशषकर फरास स

रकिनयर का आलोकचनातमक अनःदमिषट था गहन लिचनन

भार को पभिwमी दविनया की लना म विनमन कोठिट का बाना

महतपण( विबनद -

अविलघ परशन (02 अक)

परशनः- 1 कोई दो यावितरया क नाम बाइए जिजनहोन मधयकाल (11 स 17 ी शाबदी) म भार की यातरा की

उततरः- 1 अल - विबरनी गयारही शाबदी म उजबविकसान स आया था

4 इबन बा चदही शाबदी म मोरकको स आया था

3 फरासा बरकिनयर सतरही शाबदी म फरास स आया था

परशन-2 अल - विबरनी क भार आन का कया उददशय था

उततरः- 1 उन लोगो क लिलए सहायक जो उनस (विहनदओ) धारमिमक विषयो पर चचा( करना चाह थ

2 ऐस लोगो क लिलए एक सचना का सगरह जो उनक साथ सबदध होना चाह ह

परशन-3 कया आपको लगा ह विक अल- विबरनी भारीय समाज क विषय म अपनी जानकारी और समझ क लिलए कल ससक क गरथो पर आभिशर रहा

उततरः- अल - विबरनी लगभग परी रह स बराहणो दवारा रलिच कवियो पर आभिशर रहा उसन भारीय समाज को समझन क लिलए अकसर दो पराणो

भगगीा पजलिल की कवियो था मनसमवि आठिद स अश उदघ विकए

परशन-4 भार म पाय जान ाल उन कषो का नाम बाइए जिजनह दखकर इबन बा को आwय( हआ

उततरः- 1 नारिरयल - नारिरयल क कष का फल मान लिसर स मल खाा ह

2 पान - पान एक ऐसा कष ह जिजस अगर - ला की रह उगाया जाा ह पान का कोई फल नही होा और इस कल इसकी पभिततयो क लिलए ही उगाया जाा ह

परशन-5 बरकिनयर न मगल सामराजय म कौन सी अमिधक जठिटल सचचाई की ओर इशारा विकया

उततरः- 1 ह कहा ह विक विषलपकारो क पास अपन उतपादो को बहर बनान का कोई परोतसाहन नही था कयोविक मनाफ का अमिधगरहण राजय दवारा कर लिलया जाा था

2 साथ ही ह यह भी माना ह विक पर विष स बड़ी मातरा म बहमलय धाएb भार म आी थी कयोविक उतपादो का सोन और चाbदी क बदल विनया( होा था

परशन 6-बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम बाइए सी परथा क बार म उसन कया लिलखा ह

बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम ह ndashटरल इन मग़ल एमपायर

सी परथा क बार म बरकिनयर न लिलखा ह विक कछ ममिसतरयाb सकषा स सी बनी थी जबविक कछ को

जबरदसी सी बनन क लिलए मजबर विकया जाा था

लघ परशन ( 04 अक ) परशन-7 अल - विबरनी न विकन rdquoअरोधो rdquo की चचा( की ह जो उसक अनसार समझ म बाधक थ

उततरः- अल - विबरनी न भार को समझन म विनमनलिलखिख अरोघो का सामना विकया -

1 भाषा की समसया - उसक अनसार ससक अरबी और फारसी स इनी भिभनन थी विक विचारो और लिसदवाो को एक भाषा स दसरी भाषा म अनाठिद करना आसान नही था

2 धारमिमक असथा और परथा म भिभनना - अल - विबरनी मसलमान था और उसक धारमिमक विषास और परथाए भार स भिभनन थी

3 सथानीय लोगो की आतमलीना था परथककरण की नीवि - अल ndash विबरनी क अनसार उसका ीसरा अरोध भारीयो की आतमलीना था परथककरण की नीवि थी

परशन-8 बरकिनयर क अनसार राजकीय भ - सामिमत क कया बर परभा पड

उततरः- 1 भधारक अपन बचचो को भमिम नही द सक थ इसलिलए उतपादन क सर को बनाए रखन और उसम बढ़ोरी क लिलए दरगामी विनष क परवि उदासीन थ

2 इस परकार इसन विनजी भ-सामिमत क अभा न rdquo बहर rdquo भधारको क ग( क उदय को रोका

3 इसक कारण कविष का विनाष हआ

4 इसक चल विकसानो का असीम उतपीड़न हआ

5 समाज क सभी गz क जीन सर म अनर पन की सथिसथवि उतपनन हई

परशन-9 सी परथा क विषय म बरकिनयर न कया लिलखा ह

उततरः- 1 यह एक करर परथा थी जिजसम विधा को अखिगन की भट चढ़ा ठिदया जाा था

2 विधा को सी होन क लिलए विष विकया जाा था

3 बाल विधाओ क परवि भी लोगो क मन म सहानभवि नही थी

4 सी होन ाली सतरी की चीख भी विकसी का ठिदल नही विपघला पाी थी

5 इस परविकरया म बरामहण था घर की बड़ी मविहलाए विहससा ली थी

परशन- 10 rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo विकसन लिलखी इसकी मखय विषषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo की रचना अल - विबरनी न की

इसकी मखय विषषाए b इस परकार ह -

1 यह विकाब अरबी म लिलखी गई ह

2 इसकी भाषा सरल और सपषट ह

3 यह एक विस गरथ ह जो सामाजिजक और धारमिमक जीन दश(न खगोल विजञान कानन आठिद विषयो पर लिलखी गई ह

4 इस विषयो क आधार पर अससी अधयायो म विभाजिज विकया गया ह

5 परतयक अधयाय का आरभभ एक परषन स होा ह और अ म ससकादी परमपराओ क आधार पर उसका ण(न विकया गया ह

विस परशन (08 अक )

परशन- 11 इबन बा दवारा दास परथा क सबध म ठिदए गए साकषयो का विचन कीजिजए

उततरः- 1 बाजारो म दास विकसी भी अनय स की रह खल - आम बच जा थ

2 य विनयमिम रप स भटसरप ठिदय जा थ

3 जब इबन बा सिसध पहचा ो उसन सलान महममद विबन गलक क लिलए भट सरप rdquoघोड़ऊट था दासrdquo खरीद

4 जब ह मलान पहचा ो उसन ग(नर को विकशमिमश था बदाम क साथ एक दास और धोड़ा भट क रप म द ठिदया था

5 इबन बा कहा ह विक सलान महममद विबन गलक न नसीरददीन नामक एक धम( उपदशक क परचन स परसनन होकर उस एक लाख टक (मदरा) था 200 दास ठिदय थ

6 इबन बा क विरण स परी होा ह विक दासो म काफी विभद था

7 सलान की सा म काय(र कछ दालिसया सगी और गायन म विनपण थी

8 सलान अपन अमीरो पर नजर रखन क लिलए दालिसयो को विनयकत करा था

9 दासो को समानयः घरल शरम क लिलए ही समाल विकया जाा था और इबन बा न इनकी साओ को पालकी या डोल म परषो और मविहलाओ को ल जान म विषष रप स अपरिरहाय( पाया

10 दासो की कीम विषष रप स उन दालिसयो की जिजनकी अषयका घरल शरम क लिलए थी बह कम होी थी

सतरो पर आधरिर परशन

घोड पर और पदल

डाक वयसथा का ण(न इबन बा इस परकार करा ह-

भार म दो परकार की डाक वयसथा ह अष डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह इर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोडो दवारा चालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स

दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अष डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

1 दो परकार की डाक परणालिलयो क नाम बाओ 1

2 पदल डाक वयसथा विकस परकार काम करी थी वयाखया कीजिजए 3

3 इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार की डाक वयसथा कशल ह 2

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को विकस परकार परोतसाविह करा था 1

उततरः- 1 दो परकार की डाक परणालिलयाb थी - अशव डाक परणाली था पदल डाक परणाली

2 पदल डाक वयसथा म परविमील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ जो एक मील का विहाई भाग होा था अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह

3 इबन बा क अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा करन म जहा b 50 ठिदन लग जा थ ही सलान क गपचरो की सचना पहचन म मातर पाbच ठिदन लग थ इबन बा डाक परणाली की कषला पर हरान था इस परणाली स वयापारिरयो क पास लमबी दरी क सचनाएb भजी जाी थी

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को परोतसाविह करन क लिलए विषष पग उठाा था उदाहरण क लिलए लगभग सभी वयापारिरक मागz पर सराय था विशरामगह बनाए गए थ

ण( वयसथा

अल - विबरनी ण( वयसथा का इस परकार उललख करा ह -

सबस ऊची जावि बराहमणो की ह जिजनक विषय म विहनदओ क गरथ हम बा ह विक बरहमन क लिसर स उतपनन हए थ कयोविक बरहम परकवि नामक शलिकत का ही दसरा नाम ह और लिसर शरीर का सबस ऊपरी भाग ह इसलिलए बराहमण परी परजावि क सबस चपरिनदा भाग ह इसी कारण स विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

अगली जावि कषवितरयो की ह जिजनका सजन ऐसा कहा जाा ह बरहमन क कधो और हाथो स हआ था उनका दजा( बराहमणो स अमिधक नीच नही ह

उनक पwा षय आ ह जिजनका उदभ बरहमन की जघाओ स हआ था

शदर जिजनका सजन उनक चरणो स हआ था

अविम दो गz क बीच अमिधक अनर नही ह लविकन इन गz क बीच भिभनना होन पर भी य एक साथ ही शहरो एक गाbो म रह ह समान घरो और आासो म मिमल - जल कर

1 अल - विबरनी दवारा रणिण ण( वयसथा का ण(न कीजिजए 3

2 कया आप इस परकार क ण( विभाजन को उलिच समझ ह क( सविह वयाखया कीजिजए 2

3 ासविक जीन म यह वयसथा विकस परकार इनी कड़ी भी नही थी वयाखया कीजिजए 2

उततरः- 1 अल - विबरनी न भार की ण(-वयसथा का उललख इस परकार विकया ह -

(1) बराहमण - बराहमणो की जावि सबस ऊची थी विहनद गरथो क अनसार उनकी उतपवि बरहमा क लिसर स हई थी कयोविक बरहम परकवि का दसरा नाम ह और लिसर शरीर का ऊपरी भाग ह इसलिलए विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

(2) कषतरीय - माना जाा ह विक कषतरीय बरहमा क कधो और हाथो स उतपनन हए थ उनका दजा( बरामहणो स अमिधक नीच नही ह

(3) षय - षय जावि वयसथा म ीसर सथान पर आ ह बरहमा की जघाओ स जनम थ

(4) शदर - इनका जनम बरहमा क चरणो स हआ था

अविम दो णz म अमिधक अनर नही ह य शहर और गाो म मिमल ndash जल कर रह थ

2 नही म इस परकार क ण( विभाजन को उलिच नही माना कयोविक जनम स कोई ऊचा - नीचा नही होा मनषय क अपन कम( उस ऊचा - नीचा बना ह

3 जावि वयसथा क विषय म अल - विबरनी का विरण परी रह स ससक गरथो क अधययन स परभावि था इन गरथो म बरामहणादी जावि वयसथा को सचालिल करन ाल विनयमो का परविपादन विकया गया था परन ासविक जीन म यह वयसथा इनी कड़ी नही थाी उदाहरण क लिलए जावि ndash वयसथा क अनग( न आन ाली शरभिणयो स परायः यह अपकषा की जावि थी विक विकसानो और जमीदारो को ससा शरम परदान कर भल ही य शरभिणयाb परायः सामाजिजक पराड़ना का विषकार होी थी विफर भी उनह आरथिथक तर म शामिमल विकया जाा था

मधयकाल क ीन यावितरयो का लनातमक अधययन

यातरी का नाम अल - विबरनी इबन - बा फरासा बरकिनयर

यातरा की ारीख गयारही शाबदी चदही शाबदी सतरही शाबद

दश जिजसस ह आए उजविकसान मोरकको फरास

विकाब जिजसकी रचना की

विकाब - उल - विहनद

रिरहला टरलस इन द मगल एमपायर

विकाब की भाषा अरबी अरबी अगरजी

शासक जिजसक शासनकाल म यातरा की

सलान महमद ग़ज़नी सलान महममद विबन गलक

मगल शासक शाहजहाb और औरगजब

विषयस जिजस पर उनहोन लिलखा

समाजिजक और धारमिमक जीन भारीय दश(न खगोलषासतर मापतर विजञान नयामियक वयसथा ऐविहालिसक

जञान जावि परथा नारिरयल और पान भारीय शहरो कविष वयापार था ाभिणजय सचार था डाक परणाली दास परथा सी परथा भमिम सामिमत विभिभनन परकार क नगर राजकीय कारखान मगल लिशलपकार काय( की परमाभिणका परमाभिणक मान ह परमाभिणक नही मान ह परमाभिणक मान ह

पाठ 6

भलिकत सफी परपराएb1 धारमिमक विशवासो और आचरणा की गगा-जमनी बनाट

साविहतय और मरकिकला म दी दा का दमिषटका होना

आराधना की परिरपाटी का विस होना

11 पजा परणालिलयो का समनय

दो परविकरयाओ का काय(र होना

एक बराहमणीय विचारधारा दसरा बराहमणो दवारा सतरी शदरो सामाजिजक ग की भाषाओ

को सीकार करना

मखय दा को जगननाथ क एक सरप म परस करना उदा उड़ीसा म परी

सथानीय दवियो को मखय दाओ की पतनी क रप म मानया

12 भद और सघष(

दी आराधना पदधवि को ावितरक नाम दना

ग( और ण( भद की अहलना

ठिदक द गाज होना पर परामाभिणका बन रहना

भलिकत रचनाएb भलिकत उपासना क अश होना

2 उपासना की कविाएb

परारभिभक भलिकत परपरा

भलिकत परपरा म विविधा

भलिकत परपरा क 2 ग(-सगण और विनग(ण

21 मिमलनाड क अलार और नयनार स

मिमल म विषण और लिशजी सवि

इषट का विनाससथल घोविष करना

22 जावि क परवि दमिषटकोण

असपशय जावियो का दवष

अलार और नयनार की रचनाओ क दो समान महत

23 सतरीभलिकत

ममिसतरयो दवारा विपसततातमक आदशाIgrave को चनौी

24 राजय क साथ सबध

मिमल भलिकत रचनाओ बौदध और जन धम( क परवि विरोध

विरोध का राजकीय अनदान की परविसपदरधा

कासय माओ का ढालना

सदर रा का विनमा(ण

चोल समराटो की स कवियो पर विशष कपा

3 कना(टक की ीर श परपरा

नीन आदोलन का उदय

अनयायी ीर श का सिलगाय कहलाए

सिलगायो दवारा पनज(नम पर परशनलिचनह

4 उततरी भार म धारमिमक उफान

उततर भार म लिश और विषण की उपासना

उततर भार क राजप राजयो का उतथान

धारमिमक नाआ का रठिढ़ादी साbच स बाहर होन क कारण दसकारी उतपादन का

विसार

क का आगमन

5 दशाल क नए ान-बान इसलामी परपराएb

711 ई म महममद विबन कालिसम अरब सनापवि दवारा सिसध विजय

सलन की सीमा का परसार

16 ी शाबदी म मगल सलन की सथापना

मसलमान शासको दवारा उलझा क माग(दश(न पर चलना

52 लोक परचलन म इसलाम

इसलाम क जान क बाद परिर(ना का पर उपमहादवीप म परभा

इसलाम का सदधाविक बाो पर बल दना

मालाबार ट पर बसन ाल मसलमान वयापारिरया दवारा सथानीय आचारा का मानना

53 समदायो क नाम

लोगो का गvकरण जनमसथान क आधार पर

ष( विनयमा का पालन न होना

6 सफी म का विकास

ईशवर की भलिकत और उसक आदश क पालन पर बल सविफयो दवारा करान की

वयाखया विनजी अनभो पर

61 खानगाह और लिसललिसला

12 ी शाबदी म सफी लिसललिसलो का गठन

पीर की मतय क पwा दरगाह भलिकतसथल क रप म

62 खानगाह क बाहर

रहसयादी फकीर का जीन

शरिरया की अहलना करन पर ब शरिरया कहलाना

7 उपमहादवीप म लिचशी लिसललिसला

71 लिचशी खानगाह म जीन

सथानीय परपराओ को आतमसा करना

72 लिचशी उपासना जिजयार और कवाली

मईनददीन दरगाह म 14 बार आना

कवालो दवारा रहसयादी गणगान

लिचशी उपासना पदधवि

73 भाषा और सपक(

लिचसतिशयो दवारा सथानीय भाषा अपनाना

सफी कविा का आरभ

74 सफी और राजय

लिचशी सपरदाय दवारा - सादगी का जीन

सफ सो की धम(विनषठा विदवा उनकी लोकविपरया का कारण आलिलया का मधयसथ होना

8 नीन भलिकत पथ

उततरी भार म साद और असहमवि

81 दीयसतर की बनाई कबीर

कबीर बानी म ीन विलिशषट परिरपाठिटयो का सकलन

कबीर दवारा परम सतय का ण(न

इसलामी दश(न क ईशवराद को समथ(न परिहदओ क बह दाद का खडन

कबीर को भलिकत माग( ठिदखान ाल गर रामाननद

82 बाबा गरनानक और पवितर शबद

गरनानक दवारा विनण(ण भलिकत का परचार

भगान उपासना क लिलए विनरर समरण नाम का जाप

आठिद गरथ साविहब का सकलन

83 मीराबाई भलिकतमय राजकमारा

भलिकत परपरा का सपरलिसदध कवियतरा

मारा दवारा जाविादी सामाजिजक रठिढ़या का उललघन

9 धारमिमक परपराओ क इविहासा का पनरकिनमा(ण

विचारो आसथाओ और आचारा को समझना

धारमिमक परपराओ का अनय परपराओ क अनसार परिररकि होना

परशन 1- भलिकत आदोलन का कया अथ( ह

उ 0 कई विहनद सो और सधारको न धारमिमक सधार लान क लिलए आदोलन चलाए जो भलिकत आदोलन क नाम म परलिसदध हआ अपनी भसथिकम को दषा(न क लिलए मठिदरो म दाओ क समकष उनकी सवि म गीो क माधयम स लीन हो जा थ

परशन 2- अलार कौन थ

उ 0 दभिकषण भार क विषण की उपासना करन ालो को अलार कहा जाा था

परशन 3- भलिकत आदोलन क चार परलिसदध सो क नाम लिलख

उ 0 रामाननद सामी कीर गरनानक द मीरा बाई

परशन 4- सफीाद स आप कया समझ ह

उ 0 सफी म क मल लिसदधान करान और हजर महममद की हदीस स मिमल ह सफी शबद मसथिसलम सो क लिलए परयोग विकया जाा ह सविफयो न करान की वयाखया अपन क आधार पर की सफी सो क विचारो को सफी ाद कहा जाा ह

परशन 5- सफी विचार धारा म मशvद का कया महत ह

उ 0 सफी विचार धारा क अनसार परतयक वयलिकत का कोई धारमिमक गर ( मशvद ) होना चाविहए जो विक उसका ईशवर स सपक( करा सक उनक आनसार जिजन वयलिकतयो का कोई गर अथा मशvद नही उनका कोई धम( नही

4 अक क परशन-परशन 6- भलिकत आदोलन क उदय क कारणो का विरण दीजिजए

उ 0 1- षण म का परभा

2- विहनद धम( की तरठिटया

3- इसलाम क फलन का भय

4- सफी म का परभा

5- महान सधारको का उदय

परशन 7- भलिकत आदोलन क मल लिसदधान पर परकाश डालिलए

उ 0 1- एक ईशवर म विशवास

2- शदध काय( करना

3- विष भात की भाना पर बल दना

4- परम भा स पजा करना

5- मरकि पजा का खणडन करना

6-जा पा का खणडन करना

7- गर भलिकत करना

परशन 8- भलिकत आदोलन क परभा और महत की चचा( कर

धारमिमक परभा

1- विहनद धम( की रकषा

2- वराहमण क परभा म कमी

3- इसलाम क परसार म ाध

4- लिसख म का उदय

5- बौदध म का पन

सामाजिजक था सासकविक परभा -

1- विहनद मसलमानो क सामाजिजक समबनधो म सधार

2- विनमन ग( म सधार

3- समाज सा की भाना को परोतसाहन -

4- लोगो म मिमशरण कला का विकास

5- साविहतवितयक विकास

परशन 9-सफी म क मखय लिसदधान कया थ

उ 0 1-अललाह स परम

2- सासारिरक सखो का तयाग

3- अविहसा था शाविाद म विशवास

4- माना स परम

5- मशvद की महतता

6- भौविक लिसदधान

7- अललाह की भलिकत म सगी था नतय का महत

परशन 10- अलारो ए नयनारो का जावि क परवि कया टटमिषट कोण था

उ 0 - नयनारो था अलारो न जावि परथा था बराहमणो की सचचा क विरदध सधार क लिलए परल आदोलन चलाया भलिकत आदोलन क सधारक भिभनन भिभनन जावियो स समबनध रख थ कछ लोग विनचली जावियो जस विकसानो मिमममिसतरयो था अछ जावियो स थ कछ बराहमण जावि स भी थ उनका विषास था विक उनकी धारमिमक पसक उनी ही महान थी जिजना विक द अलारो क मिमल भजन सचचाई और पवितरा क गहर विचारो स भर हए ह उनको षनौ द जाना जाा ह नयनारो का भजन आधयाममितमका स भर ह उनक भजन दभिकषण भार म लिश क सममान म गाय जा ह

08 अक क परशनपरशन 11- कबीर की लिशकषाओ की वयाखया कीजिजय उनहोन अपनी कविाओ क माधयम स lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का ण(न विकस परकार विकया ह

1- कबीर न आधयतवितयका पर बल ठिदया

2- उनहोन विहनद और मसलमन दोनो की रठिढयो की कट अलोचना की

3- कीर न ईशवर की एका पर लठिदया

4- मरकि पजा ीथ( यातरा ए अनय आडमबरो की आलोचना की

5- सी परथा और पदा( परथा का विरोध विकया

6- अचछ कमz का फल अशय मिमला ह

7- उनहोन परमातमा को विनराकार बाया ह

8- उनक अनसार भलिकत क माधयम स मोकष अथा( मलिकत पराप हो सकी ह

lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का विसार

1 विभिभनन परिरपाठिटयो का सहारा लना

2 इसलामी दश(न स परभावि होकर सतय को अललाह खदा हजर और पीर कह ह

3 दा दश(न स परभावि होकर सतय को अलख विनराकार बरमहन और आतमन कह कर

भी समबोमिध कर ह

परशनः- 12- सतरो पर आधारिर परशन ए उततर -

विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए था उस पर आधारिर परशनो क उततर दीजिजए

यह उदहरण उस फरमा(न (बादशाह क हकम नाम ) का अश ह जिजस 1598 म अकबर न जारी विकया

हमार बलद और मकदस (पवितर) जहन म पहचा ह विक यीश की मकदस जमा क पादरी खमबाय गजराज क शहर म इबाद क लिलए (विगरजाघर ) एक इमार की ामीर (विनमा(ण) करना चाह ह इसलिलए यह शाही फरमान जारी विकया जा रहा ह खमबाय क महानभा विकसी भी रह उनक रास म न आए और उनह विगरजाघर की ामीर करन द जिजसस अपनी इबाद कर सक यह जररी ह विक बादषाह क इस फरमान की हर रह स ामील (पालन ) हो

परशनः- 1 यह उदहरण कहा b स लिलया गया ह 1

परशन- 2 इस फरमान दवारा अकबर न गजरा क लोगो को कया आदश ठिदया 2

परशन- 3 यह आदश अकबर की विकस धारमिमक परभितत को दशा(ा ह 2

परशन- 4 कौन स लोग थ जिजनकी ओर बादशाह क फरमान को न मानन की आशका थी 2

उततरः- 1 यह उदहरण समराट अकबर क उस फरमान स लिलया गया ह जो उनहोन 1598 म जारी विकया था

2 इस फरमान क दवारा अकबर न गजरा क लोगो को आदष ठिदया विक उस ईसाई पादरी को विगरजाघर बनान द जो उस बनाना चाह ह

3 यह आदश अकबर की धारमिमक सहनशीला की परभितत को दशा(ा ह विक ह सभी धमz का समान आदर करा था

4 बादशाह को आषका थी विक सभः गर ईसाई इस फरमान को न मान

पाठ - 7

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर1 हमपी की खोज

कन(ल मकनजा दवारा हमपी भगनाष का सshyकषण

2 राय नायक था सलान

विजयनगर सामराजय की सथापना

भन विनमा(ण की कनीको का विकास

21 शासक और वयापारी

यदधकला अशवसना पर आधारिर होना

प(गालिलया दवारा पभिwमी ट पर वयापारिरक और सामाजिजक क दरो की

सथापना

22 राजय का चरमोतकष( था पन

राजनीवि म सतता क दादार

कषणद राय दवारा राजय का विसार था दढ़ीकरण

कषणद राय दवारा माb क नाम पर उपनगर की सथापना

कषणद राय क उततरामिधकारिरयो को चनौवियो का सामना

ालीकोट का यदध

रामराय की जोखिखम भरी नीवि

23 राय था नायक

सना दवारा विकलो पर विनयतरण

नायक अमरनायक की भमिमका

3 विजयनगर राजधानी था उसक परिरचछद

31 जलसपदा

कमलपरम जलाशय का विनमा(ण

32 विकल बठिदयाb था सड़क

फारस क शासक दवारा अबदर रsup2ाक को द क रप म कालीकट भजना

द का कालीकट की विकलबदी स परभावि होना

कविष कषतरो का विकलबद भभाग

नगरीय भाग की आरिरक विकलबदी

सरभिकष परशदवार विलिशषट सथापतय क नमन

इडो इसलामिमक शली का परयोग

33 शहरी कनदर

शहरी कनदर का उततरी पv कोना अमीरो का रिरहायशी कषतर

करb जलाशय नगर विनालिसया क पानी क सरो

4 राजकीय कनदर

सपरदायो और मठिदरो को राजा का सरकषण

सरचनाओ था मठिदरो म अर

41 महानमी विडबबा

सरचनाओ का नामकरण भनो क आकार था कायाIgrave क आधार पर

विशालकाय मच

42 राजकीय कनदर म सथिसथ अनय भन

(कमल) लोटस महल परिरषदीय सदन

मठिदर धारमिमक कनदर था राजकीय कनदर

5 धारमिमक कनदर

51 राजधानी का चयन

विरपाकष मठिदर धारमिमक मानयाओ स सबध

52 गोपरम और मणडप

गोपरम अथा राजकीय परशदवार

मठिदर परिरसरो की चारिरवितरक विशषा रथ गलिलया

6 महलो मठिदरो था बाजारो का अकन

परशन-1 हमपी नगर विकस नदी क विकनार बसा हआ ह 2

उततर गभदरा नदी क विकनार हमपी नगर बसा हआ ह

परशन- 2 पमपा विकस दी का नाम ह 2

उततर दी पमपा पा(ी का नाम ह

परशन-3 कालिलन मक जी कौन था उसका भारीय इविहास म कया योगदान था 2

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

परशन-4 हपी क मठिदरो की विषषाओ का ण(न कर 2

उततर हपी क मठिदर अतय अलक सभयकत मडप थ विविषषट अभिभलकषणो म मडप था लब सभो ाल गलिलयार को अकसर मठिदर परिरसर म सथिसथ द सथलो क चारो ओर बन थ सममिममलिल ह विटठल और हजारा राम मठिदर यहा b परमख ह

परशन-5 विजयनगर की जल आशयकाओ को विकस परकार परा विकया जाा था 2

उततर bगभदरा दवारा विनरमिम एक पराकविक कड ह यह नदी उततर म उततर प( ठिदशा म बही ह आसपास की पहाविड़यो स कई जलधाराए b आकर नदी म मिमली ह लगभग सभी धाराओ पर बा bध बनाकर अलग अलग हौज बनाए गए थ शषक कषतर होन क कारण पानी क सचय और इस शहर क ल जान क लिलए वयापक परबध करना आषयक ह सबस महतपण( हौज का विनमा(ण परारभिभक शाबदी क आरभिभक षz म हआ जिजस कमलपरम जलाषय कहा जाा ह

परशन- 6 शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को रखन क आपक विचार म कया फायद और नकसान थ 4

उततर विजयनगर शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को चारदीारी क अदर रखन स हमार विचार स अनक लाभ और हाविनयाb थी इसका विरण इस परकार ह-

कविष कषतर म खो क आसपास सामानयः साधारण जना और विकसान रह थ बागो और खो की रखाली करना आसान था

परायः मधयकालीन घराबदी का मखय उददशय परविपकष को खादय सामगरी स लिच कर जलदी स जलदी आतमसमप(ण (हलिथयार डालन क लिलए) क लिलए करना होा था

यदधकाल म शतरओ दवारा घराबदी कई महीनो क जारी रखी जाी थी यहाb क विक ष क चल सकी थी आमौर पर शासक ऐसी परिरसथिसथवियो स विनपटन क लिलए विकलबद कषतरो क भीर ही विशाल अननगारो का विनमा(ण करा थ

विजयनगर क शासको न पर कविष भ-भाग को बचान क लिलए एक अमिधक महगी था वयापक नीवि को अपनाया

विकलाबद खी योगय भमिम को चार दीारी क अदर रखन स नकसान यह था विक परायः बाहर रहन ाल विकसानो को आन जान म दवारपालो स इजाज लनी होी थी साथ ही शतर दवारा घराबदी होन पर बाहर स कविष क लिलए आशयक जरर पड़न पर बीज उ(रक यतर आठिद बाहर क बाजारो स लाना परायः कठिठन था

यठिद शतर पकष क दवारा काटी गई फसल को आग लगाकर जला ठिदया जाा ो आरथिथक हाविन बह वयापक हो सकी थी

परशन- 7 आपक विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का कया महतत था 4

उततर हमार विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का वयापक महतत था विजयनगर शहर क सबस ऊb च सथानो पर महानमी विडबबा नामक विशाल मच होा था इसकी सरचना स जड़ अनषठान सभः लिसमबर था अकटबर क शरद मासो म मनाए जान ाल दस ठिदन क विहनद तयौहार जिजस दशहरा (उततर भार) दगा(पजा (प बगाल) था नरावितर या महानमी (परायदवीपीय भार म) नामो स जाना जाा ह क महानमी क असर पर विनषपाठिद विकए जा थ इस असर पर विजयनगर शासक अपन रब ाक और अमिधराजय का परदश(न कर थ

इस असर पर होन ाल धमा(नषठानो म मरकि की पजा राजय क अशव की पजा था भसो और अनय जानरो की बलिल सममिममलिल थी नतय कशी परविसपधा( था साज लग घोड़ो हालिथयो था रथो और सविनको की शोभायातरा और साथ ही परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट इस असर क परमख आकष(ण थ

तयौहार क अतविनम ठिदन राजा अपनी था अपन नायको की सना का खल मदान म आयोजिज भवय समारोह म विनरीकषण करा था इस असर पर नायक राजा क लिलए बड़ी मातरा म भट था साथ ही विनय कर भी ला थ

परशन- 8 विजयनगर सामराजय क विभिभनन विरणो स आप विजयनगर क सामानय लोगो क जीन की कया छवि पा ह 4

उततर सामानय लोगो क बार म बह जयादा विरण पराप नही हो कयोविक सामानय लोगो क आासो जो अब असतिसत म पराप नही हए ह -

कषतर सshyकषण इविग कर ह विक इस पर कषतर म बह स पजा सथल और छोट मठिदर थ जो विविध परकार क सपरदायो क परचलन की ओर सक कर ह

विजयनगर सामराजय म साधारण लोग विभिभनन समपरदायो जस विहनद श षणो जन बौदध और इसलाम क अनयायी रह थ ह विभिभनन भाषाओ जस कननड़ मिमल लग ससक आठिद का परयोग कर थ

सामानय लोगो म कछ छोट वयापारी और कछ सौदागर भी थ जो गाो कसबो और छोट शहरो म रह थ इनम कछ वयापारी बदरगाह शहरो म भी रह थ सथानीय सओ जस मसाल मोी चदन आठिद क साथ-साथ कछ वयापारी घोड़ और हालिथयो का वयापार भी कर थ

विकसान शरमिमक दास आठिद को भी साधारण लोगो म शामिमल विकया जा सका था सामराजय म कछ सामानय बराहमण वयापारी और दास दालिसयाb भी थ साधारण लोग कविष काय क साथ-साथ विभिभनन परकार क थाकलिथ छोट समझ जान ाल काय( भी विकया कर थ

परशन- 9 विजय नगर सामराजय क उतथान म अमरनायक परणाली क महतत का मलयाकन कीजिजए 8

उततरः- इस सविनक परणाली का विजयनगर सामराजय क उतथान म महततपण( योगदान था जिजसका मलयाकन विनमनलिलखिख विबनदओ म ठिदखाया गया ह -

1 अमर नायक परणाली विजयनगर सामराजय की एक परमख राजनीविक खोज थी ऐसा परी होा ह विक इस परणाली क कई तत ठिदलली सलन की इकता परणाली स लिलए गए थ

2 अमर नायक सविनक कमाडर थ जिजनह राय दवारा परशासन क लिलए राजय कषतर ठिदय जा थ

3 विकसानो लिशलपकरमिमयो था वयापारिरयो स भ-राजस था अनय कर सल कर थ

4 राजस का कछ भाग मठिदरो था सिसचाई क साधनो क रख रखा क लिलए भी खच( विकया जाा था

5 अमर नायको क दल आशयका क समय विजयनगर क शासको को भी एक परभाी सविनक सहाया परदान कर थ

6 अमर नायक राजस का कछ भाग वयलिकतग उपयोग था घोड़ो और हालिथयो क विनधा(रिर दल क रख-रखा क लिलए अपन पास रख ल थ

7 य दल विजयनगर शासको को एक परभाी सविनक शलिकत परदान करन म सहायक हो थ जिजसकी मदद स उनहोन पर दभिकषणी परायदवीप को अपन विनयतरण म विकया

8 अमर नायक राजा को ष( म एक बार भट भजा कर थ और अपनी सामिमभलिकत परकट करन क लिलए राजकीय दरबार म उपहारो क साथ सय उपसथिसथ हआ कर थ

9 य अमर नायक राजा क विनयतरण म रह थ राजा कभी-कभी उनह एक स दसर सथान पर सथानारिर कर उन पर अपना विनयतरण दशा( थ

10 17 ी शाबदी म इनम स कई नायको न अपन सतर राजय सथाविप कर लिलए

अनचछद आधारिर परशनपरशन- 11

कालिलन मक जी

1754 ई म जनम कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया कह ह- विबरठिटश परशासन क सपरभा म आन स पहल दभिकषण भार खराब परबधन की दग(वि स लब समय क जझा रहा विजयनगर क अधययन स मक जी को यह विशवास हो गया विक कपनी - सथानीय लोगो क अलग अलग कबीलो जो इस समय भी जनसखया का एक बड़ा विहससा थ को अब भी परभावि करन ाल इनम स कई ससथाओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल कर सक थ

( क ) कालिलन मक जी कौन था 1

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की

( ख )कालिलन मक जी न विकस पराचीन शहर की खोज की 1

उततर हपी

( ग ) उनहोन सshyकषण कयो परारभ विकया 2

उततरः- भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

( घ ) कालिलन मक जी न अपना काय( विकन चरणो म परा विकया 3

उततर- स(परथम उनहोन मानलिचतर यार विकए विरपाकष मठिदर ए पपादी क पजारिरयो स जानकारिरया b इकटठी की उनहोन सथानीय परपराओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल की

विषय - 08

विकसान जमीदार और राजय1 विकसान और कविष उतपादन

भौगोलिलक विविधा

11 सरोा की लाश

ऐविहालिसक गरथ आइन-ए-अकबरी

गजरा महाराषटर था राजसथान स मिमलन ाल दसाज

12 विकसान और उनकी जमीन

खी वयलिकतग मिमसतिलकय क लिसदधा पर आधारिर होना

13 सिसचाई और कनीक

कविष का विसार

मानसन पर कविष पर आभिशर होना

सिसचाई क कवितरम उपाय अपनाना

कविष पशबल पर आधारिर होना

14 फसलो की भरमार

खरीफ रब की फसल

यरिरया क अलग-अलग विहससो स भार क फसला का आना

2 गरामीण समदाय

21 जावि और गरामीण माहौल

आबादी का समहा था जावि वयसथा को बधनी म बटना

राजपो की चचा( विकसानो क रप म

22 पचाय और मखिखया

पचाय म विविधा

गा क मखिखयो का चना गा क बजग दवारा

जावि की अहलना रोकन का मखय दामियत गा क मखिखया की शाठिदयाb जाविग

मानदडो क आधार पर

पचायो दवारा झगड़ा क समझौ

23 गरामीण दसकार

दसकारा का अमिधक सखया म गाbो म होना

दसकारो को जमीन का महाराषटर म पशनी अमिधकार

साओ का विविनमय

24 एक छोटा गणराजय

सामाजिजक सिलग क नाम पर समाज म गहरी विषमाए

3 कविष समाज म मविहलाएb

उतपादन परविकरया म योगदान

कछ कषतर मविहलाओ क लिलए सरभिकष करना

कपोषण क कारण मविहलाओ की मतय दर अमिधक होना

मविहलाओ दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान मविहलाओ को जमीदारी उततरामिधकार क रप म

4 जगल और कबील

41 बस हए गाbो क पर

यहाb क लोगो को गजारा जगल क उतपादा लिशकार और सथानारीय खी

राजय क जगल रकषाकच

42 जगलो म घसपठ

हालिथया का परयोग

मगलो दवारा लिशकार अभिभयानो का आयोजन

ाभिणसथिजयक खी का परसार

सामाजिजक कारणा स जगलालिसया क जीन म बदला आना

जगल क इलाको म नई ससकवि का विसार

5 जमीदार

जमीदारो को आरथिथक और सामाजिजक सविधाएb होना

सविनक ससाधन ाक का विहससा होना

मगलकालीन गाbो म सामाजिजक सबध एक विपरामिमड क रप म

जमीदारी दवारा बाजारी (हाटो) की सथापना

जमीदारी का विकसानो स आतमीया होना

6 भराजस परणाली

राजय का परशासन तर

भराजस क इजामा म 2 चरण

1 कार विनधा(रण

2 ासविक सली

7 चादी का बहा

वयापार म विसार

समदरी वयापार स नयी सओ का वयापार

8 अबलफज़ल की आइन-ए-अकबरी

अकबर क शासनकाल म 5 सशोधनो क पwा परा होना

ऐविहालिसक दासान का आइन अकबरी म ण(न शाही विनयम राजपतरो का सकलन

लिसललिसलार सकलन एक शाही कायद

ीन भाग परशासन का विरण

सबो क नीच इकाईयो का

सखयातमक आकड़ो म विशषाएb

आइन लोगो उनक पशो और वयसायो सामराजयादी वयसथा और उसक

उचचामिधकारिरयो की सचनाएb दनाला गरथ

अवि सभिकषप परशन (02 अक)

परशन 1 16 ी सदी क राजय अफसरो दवारा विकए जान ाल विभिभनन कारयो का ण(न कर

उततर- भ राजस सल करना भमिम की नाप करना रिरकाड( रखना आठिद

परशन 2 आइन ए- अकबरी क लखक कौन थ

उततर- अबल फजल अकबर का दरबारी लखक थ नरतनो म स एक थ

परशन 3 रय कौन थ य विकन परकार क थ

उततर- विकसान थ दो परकार- खद काश और पाविह काश खद काश उनही गा b म रह थ

जिजनम उनकी जमीन दी और पाविह काश खविहर थ जो दसर गाbो स ठक पर खी करन आ थी

परशन 4 आइन क माविबक विकन परकार की फसल ॠएb थी

उततर आइन - ए - अकबरी क अनसार कविष वयसथा म मखय रप स दो कविष ऋए थी खरीफ और रबी खरीफ का उदाहरण चाल और जार और रबी का उदाहरण गह b और चना

परशन 5 जिजनस -ए- कामिमल स कया अभिभपराय ह

उततर- सzततम फसल जस - कपास और गनना

सभिकषप परशन (4 अक)

परशन 6 पचाय क कायz का ण(न कीजिजए

(1) सामदामियक काय( जस विक मिमटी क छोट-छोट बाbध बनाना या नहर खोदना

(2) पराकविक आपदाओ स विनपटन की वयसथा करना

(3) गरामीण समाज क लिलए विनयम बनाना

(4) जावि की अहलना रोकना

(5) सजा दना जस - जमा(ना लगाना और समदाय स विनषकालिस करना

परशन 7 आइन ए- अकबरी का ण(न कीजिजए

(1) अकबर क सामराजय का झलक दषा(ना

(2) सविनक सगठन का ण(न करना

(3) सरकार क विभागो और परानो क बार म विसार स जानकारी दना

(4) राजस क सतरो था विहसाब रखना

(5) खविहर समाज का ण(न करना

परशन 8 कविष उतपादन म मविहलाओ की भमिमका का विरण कीजिजए

(1) मविहलाएb और मद( कध स कधा मिमलाकर खो म काम कर थ

(2) बआई विनराई और कटाई क साथ - साथ पकी हई फसल का दाना विनकालना

(3) स काना बरन बनान क लिलए मिमटी को साफ करना और ग bथना कपड़ो पर कढ़ाई करना जस दसकारी क काम करना

(4) बचचा पदा करना था उनका पालन पोषण करना

(5) परविबध जस पसथिषचमी भार म मविहलाओ को हल या कमहार का चाक छन की इजाज

नही थी बगाल म पान क बागान म परष नही कर सकी थी

परशन 9 भ- राजस कस विनधा(रिर विकया जाा था

(1) दीान पर राजय की विततीय वयसथा की दख रख करा था

(2) भ- राजस क दो चरण- जमा और हालिसल जमा विनधा(रिर रकम और हालिसल सचमच सली की गई रकम

(3) जी हई जमीन और जोन लायक जमीन दोनो की नपाई की गई

(4) राजस कम(चारिरयो की विनयलिकत भ - राजस सल करन क लिलए की गई

(5) ारकिषक रिरपzट यार करना

परशन 10 जबी वयसथा की परमख विषषाओ का ण(न कीजिजए

(1) जमीन की नाप अविनाय(

(2) भमिम का गvकरण -पोलज परौी चचर और बजर

(3) औस उपज का जञान रखना

(4) राजय का भाग विनसथिषच करना

(5) नकद मलय विनसथिषच करना

(6) भमिमकर एकवितर करना

लमब पर शन 08 अक परशन 11 जमीदार कौन थ उनक कया काय( थ

जमीदार गरामीण समाज क अभिभनन अग थ जो अपनी जमीन क मालिलक हो थ कविष उतपादन म परतयकष भागीदारी नही कर थ गरामीण समाज म उbची हलिसय क कारण उनह कछ विशष सामाजिजक और आरथिथक सविधाय मिमली हई थी समाज म उनकी उचच सथिसथवि क दो कारण थ पहला - जावि दसरा- उनक दवारा राजय को दी जान ाली विशष साय

काय(-

(1) भराजस सल करना

(2) राजा और विकसान क बीच मधयसथा करना

(3) सविनक टकविड़यो की वयसथा

(4) कविष भमिम का विकास करना

(5) विकसानो को कविष क लिलए ऋण दना

(6) अपनी जमीनो की फसल को बचना

(7) गा म बाजार (हाट) लगान की वयसथा करना

(8) जमीदारी की खरीद बच स गा की आरथिथक सथिसथ म सधार लाना

शरो आधारिर परशन-

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परषनो क उततर दीजिजए

नकद या जीनस

आइन स यह एक अनचछद ह-

अमील - गजार लिसफ( नकद लन की आद न डाल बसतिलक फसल भी लन क लिलए यार रह यह बाद ाला रीका कई रह स काम म लाया जा सका ह पहला कणक विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क अदाजा अगर कोई शक हो फसल को ीन अलगअलग पसिलदो म काटना चाविहए - अचछा मधयम और बदर और इस रह शक दर करना चाविहए अकसर अदाज स विकया गया जमीन का आकलन भी पया(प रप स सही नीजा दा ह दसरा बटाई जिजस भाओली भी कह ह (म) फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की मौजदगी म रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ी ह ना( - दषट - बजिदध और मककार घोखबाजी की नीय रख ह ीसर ख बटाई जब बीज बोन क बाद ख बाbट ल ह चौथ लाbग बटाई फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक (पकष) अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 1 कणक का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततर- विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क का मलब अदाजा ह

परशन 2 भ राजस सली की बटाई अथा भाओली परथा कuml सपषट कीजिजए (2)

उततर- इसम फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की उपसथिसथवि म

रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ ह

परशन 3 लाbग बटाई परथा की वयाखया कीजिजए (2)

उततर- फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक अपना - अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 4 भ राजस सली की कौन सी परथा आप अचछी समझ ह और कयो सपषट कीजिजए (2)

उततर- लाbग बटाई कयोविक सबको अपना - अपना विहससा मिमला ह और मनाफा मिमला ह

पाठ - 9शासक और इविततमगल दरबार (16 ी 17 ी शाखिबदया)

मगल दरबार (परान सदभ दवारा इविहास की पनर(चना)

विस सshyकषण-राजनीविक इविहास

खोज की कहानी-दरबारी कागजा (दसाज़)

उदाहरण-अकबरनामा बादशाहनामा

विचार-विमश(-नय राजनीविक सामाजिजक आरथिथक ए सासकविक इविहास

बाबर स औरगजब क औरगजब क अमिधकारी शरशाह सरी

परसाना-दरबारी इविहासकार-अबलफजल

मगलशासक और सामराजय-उलमा ग(

इविततो की रचना-शाहजहाbनामा आलमगीरनामा जक जहाbगीरी आठिद

कETH स फारसी की ओर

पाडलिलविपयो की रचना

रगीन लिचतर

आदश( राजय-सलह कल-जन-कलयाण मनसबदारी परथा

जहाbगीर था शाहजहाb का काल भ-विलास का काल

अकबर की फारमिमक नीवि राजप नीवि

औरगजब क समय कला को झटका

राजधाविनयाb नय शहर

मगल दरबार-झरोखा दश(न

पदवियाb उपहार भट कोरकिनश

शाही परिरार

सचना था सामराजय

पराीय शासन

सीमाओ स पर

ीथ(यातरा और वयापार गरओ क परवि असीम आसथा-धम( पर विमश(

मगल ासकला लिचतरकला सासकविक विकास

मगलहरम मगल कारखान

कनदरीय परशासन

अवि लघ परशन (2 अक)

पर1 कोरकिनश शबद क अथ( को सपषट कीजिजए

उततर कोरकिनश औपचारिरक अभिभादन का एक ऐसा रीका था जिजसम दरबारी दाएb हाथ की लहथी को ललाट पर रखकर आग की ओर लिसर झका थ

पर2 1526 स 1707 क क बीच भार म शासन करन ाल ष का नाम बाइए और इस श क ससथापक कौन थ

उततर मगल श और ससथापक बाबर

पर3 rsquoविकाबखानाrsquo शबद का अथ( कया ह

उततर rsquoविकाबखानाrsquo का शाखिबदक अनाद पसकालय ह यह एक ऐसा लखन गह था

जहा शासको दवारा सकलिल पाडलिलविपया रखी जाी था नई पाडलिलविपया यार की जाी थी

पर4 पाडलिलविपयो की सरचना म सलगन कछ लोगो क कायz को बाइए

उततर पाडलिलविपयो की रचना क विविध काय म बह लोग शामिमल हो थ इनम स कछ लोगो क दवारा कागज बनाना सलखन मिघसाई लिचतरकारी और जिजलदसाजी की जाी थी

पर5 बाबर की आतमकथा कौन-सी भाषा म लिलखी गई थी

उततर बाबर की आतमकथा rsquoजक बाबरीrsquo मल रप स कETH भाषा म लिलखी गई थी बाद म इस फारसी भाषा म बाबरनामा क नाम स अनाद विकया गया

लघ परशन (4 अक ) पर6 मगल सामराजय म शाही परिरार की ममिसतरयो दवारा विनभाई गई भमिमका का मलयाकन कीजिजए

उततर 1 मगल परिरार म शही परिरारो स आन ाली ममिसतरयो बगमो अगाहा म अर रखा जाा था

2 पममितनया और उनक अनक मविहलाए साधारण स साधारण काय( स लकर बजिदधमा स अलग-अलग काय का सपादन कर थ

3 नरजहा क बाद मल राविनयो और राजकमारिरयो न महततपण( विभिततय सरोो पर विनयतरण रखना शर विकया

4जहाbआरा रोषनआरा को ऊb च शाही मनसबदारो क समान ारकिषक आय होी थी

5 जहाbआरा को सर क बदरगाह स राजस पराप होा था

6 ससाधनो पर विनयतरण न मगल परिरार की महततपण( ममिसतरयो को इमारो या बागो क विनमा(ण का अमिधकार ठिदया था

7 चाbदनी चक की रपरखा जहाbआरा क दवारा बनाई गई

पर7 rsquoबादशाहनामाrsquo पर सकषप म ठिटपपणी लिलखिखए

उततर अबलफज़ाल एक विषषय अबदल हमीद लाहौरी बादषाह नामा क लखक क रप म जाना जाा ह इसकी योगयाओ क बार म सनकर बादषाह शाहजहाb न उस अकबर नामा क नमन पर अपन शासन का इविहास लिलखन क लिलए विनयकत विकया बादषाह नामा भी सरकारी इविहास ह इसकी ीन जिजलद (दफर) ह और परतयक जिजलद 10 चदर ष का बयोरा दी ह लाहौरी न बादषाह क शासन (1627 47) क पहल क दो दषको पर पहला दसरा दफर लिलखा इन जिजलदो म बाद म शाहजहाb क जीर सादलला खाb न सधार विकया

विस उततर (8 अक)

पर8 मनसबदारी क परणाली क गण और दोषो की विचना कीजिजए

उततर मनसबदारी परणाली क गण

1 समराट को सनय सगठन सबधी परशाविनयो स छटकारा ठिदलाना

2 योगयानसार पद परदान विकया जाना

3 परशासविनक वयय को सीमिम करना

4 सामराजय का विसार ए सथामियत परदान करना

5 मनसबदार कला और साविहतय क पोषक थ

मनसबदारी परणाली क दोष

1 भशाली जीन स धन को दरपयोग होना

2 विनधा(रिर सखया स कम सविनक

3 समराट क परवि सामी भलिकत का विकास नही होना

4 अमीरो था सरदारो म विदरोह की भाना पनपना

5 मगल सना का राषटरीय सना न बन पाना

6 शासक और सविनको क मधय सीध समपक( की कमी

अधयाय 10

उपविनषाद और दहा

1 बगाल और हाb क जमीदार

11 बद(ान म की गई नीलामी की घटना

- इसमरारी बदोबस

- नीलामी म बोली लगाना

- फजv विबकरी

12 अदान विकए गए राजस की समसया

- जमीदारिरयो का हसारण

- अकाल

- जमीदार भसामी न होकर राजस समाहा(

13 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ

- जमीदारो की असफला क विभिभनन कारण

14 जोदारो का उदय

15 जमीदारो की ओर स परविरोध

- फ़जv विबकरी क अग( ममिसतरयो क नाम पर सपभितत को सरभिकष करना

16 पाbची रिरपोट(

- ईसट इविडया कपनी क चीन और भार म वयापार क एकामिधकार को रदद करना

- कपनी का कशासन और अवयसथिसथ परशासन

- परर समिमवि

2 कदाल और हल

21 राजमहल की पहाविड़यो म

- बकानन क अनभ

- पहाड़ी लोगो का विनास वयसाय

- सथायी कविष का विसार

- पहाविड़या मखिखयाओ को ारकिषक भतता दकर कषतर म शावि सथाविप करना

- सथाल लोगो का आगमन

22 सथाल आगआ बासिशद

- पहाविड़या लोग जहाb उपदरी थ सथाल आदश( बासिशद

- सथालो क गाbो की जिदध

23 बकानन का विरण

- ईसट इविडया कपनी क लिलए बकानन दवारा पराकविक साधनो की खोज

- नो को कविष भमिम म बदलन क परयास

3 दहा म विदरोह

- बमबई दककन

- विकसानो दवारा साहकारी क बही-खा जलाना और अनाज़ लटना

- अहमदनगर म विदरोह

- अगरजो क सामन 1857 क विदरोह का दशय उपसथिसथ होना

- विगरफारिरयो का दौर

32 एक नई राजस परणाली

- 1810 क बाद खी की कीम बढ़ना

- औपविनलिशक सरकार दवारा भ-राजस म उपाय सोचना

- जमीदारो दवारा जमीनपटट पर दना और विकराए विक आमदनी पर विनभ(र होना

- बबई दककन म रयाड़ी का लाग होना

33 राजस की माbग और विकसान का कज(

- बबई म कठोराप(क राजस सल करना

- 1832 क बाद कविष उतपादो की कीमो म जी स विगराट आना

- अकाल की चपट म कविष पशधन और मनषय का आना

- 1840 क बाद कविष और आरथिथक सथिसथवि म सधार

34 विफर कपास म जी आई

- अमरिरका स कचचा माल (कपास) लन पर विबरठिटश का सिचवि होना

- 1857 म विबरटन म कपास आपरकि सघ की सथापना

- 1859 म मनचसटर काटन कपनी की सथापना

- भार म कपास की खी आरमभ करना

- 1861 म अमरिरका म गहयदध

- बमबई म कपास की खी को परोतसाहन दना

- दककन म गाbो क विकसानो को असीमिम ऋण उपलबध कराना

35 ऋण का सरो सख गया

- अमरिरका क गहयदध क बाद हाb कपास का उतपादन आरमभ हआ

- भारीय कपास क विनया( म विगराट

- विकसानो स ऋण ापस माbगना और राजस की माग को बढ़ाना

36 अनयाय का अनभ

- ऋणदाा का सदनहीन होना

- बयाज का मलधन स अमिधक होना

- 1859 म अगरजो दवारा परिरसीमन कानन बनाना

- दसाज और बधपतर अतयाचार परणाली स परीक होना

4 दककन दगा आयोग

बमबई सरकार दवारा 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट म दककन दगा आयोग का रिरपोट(

पश करना

2 अक क पर शन पर1 सथायी बदोबस कया था 2

उततर- भमिमकर या लगान इकटठा करन की परथा जो 1793 म अगरजी गन(र जनरल लाड( कान(ालिलस (1786-1793) न चलाई उस सथायी बदोबस कह ह इस वयसथा क अग( भमिम जमीदारो को सथायी रप स द दी गई इस भमिम कर वयसथा को सथायी बदोबस का नाम ठिदया गया

पर2 रयबारी बनदोबस कया था 2

उततर- अगरजी कमपनी न भार म लगान सल करन क अनक ढग चलाय उनम रयबारी भी एक था इसम सरकार का सबध जमीदारो स न होकर रय या विकसानो स सीधा होा था इसलिलए जमीदारो को बीच म कछ नही दना पड़ा था इस परथा को मदरास और बमबई म लाग विकया गया इस वयसथा म लगान की दर काफी ऊb ची थी जिजसक परिरणामसरप विकसान कज( लन क लिलए मजबर हो जा थ

पर3 भाड़ा पतर कया था 2

उततर- भाड़ा पतर एक ऐसा दसाज था जिजसम रय यह लिलखकर द थ विक साहकारो स जमीन और पश खी करन क लिलए भाड़ पर ल रह ह ास म यह जमीन और पश रय क ही हो थ जो ऋण न चका पान क कारण ऋणदाा न हलिथया लिलए थ

पर4 सथाल कौन थ उनक जीन की दा विशषाएb कया थी 2

उततर- सथाल लोग राजमहल पहाविड़यो की लहटी या विनचल भागो म रह थ हल स जाई करक खी कर थ उनह मदानो क जमीदार लोग खी क लिलए नई भमिम यार करन और खी का विसार करन क लिलए भाड़ पर लगा ल थ

पर5 दककन दगा आयोग स आप कया समझ ह 2

उततर- 1875 क बाद जो दककन म विकसानो दवारा दग विकए गए उनकी छानबीन करन क लिलए भार सरकार क दबा डालन पर बमबई की सरकार न जो जाbच आयोग बठाया उस दककन दगा आयोग कहा जाा ह इसकी रिरपzट 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट क सामन पश की गई

पर6 जोदार कौन थ 2

उततर- धनी विकसानो क समह को जोदार कहा जाा था जो 18 ी शाबदी क अ म जमीदारो की बड़ी मसीबो का लाभ उठाकर अपनी शलिकत बढ़ान म लग हए थ

4 अक क पर शन

पर7 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ 4

उततर- इसक अनक कारण थ-

1 आरमभ म राजस की दर और माग बह ऊb ची रखी गई थी कयोविक सरकाशकराचाच( सोची थी विक बाद म राजस की मागो को बढ़ाया नही जा सकगा

2 शर-षर म जमीदारो को अपनी-अपनी भमिमयो क सधार म अपन पास स बह धन वयय करना पड़ा जिजसक परिरणामसरप लगान का भगान करन क लिलए उनक पास धन की कमी हो गई

3 जमीदार लोग नए काननो को समझन म असमथ( रह इसलिलए राजस दन म कोाही करन लग जिजसक कारण राजस की राविष बढी चली गई

4 1790 क दषक म कविष उपज की कीम परायः काफी कम थी इसलिलए विकसान जमीदारो को अपना कर चकान म असफल रह ऐस म जब विकसानो स धन पराप नही हआ ो आग अगरजी राजस अमिधकारिरयो को धन कस चका सक थ

5 राजस की राविष ो एक समान रही थी परन कई बार सखा अकाल पड़न या अमिधक षा( क कारण फसल बबा(द हो जाी थी परन राजस स का सा ही बना रहा था जिजस परविकल परिरसथिसथवियो म चकाना काफी कठिठन हो जाा था

6 जमीदारो स सभी परषासविनक अमिधकार छीन लिलए गए थ और अपनी सनय टकविड़याb भी नही रख सक थ इस परकार विकसानो पर उनका विनयतरण काफी ढीला पड़ गया था ऐस म विकसानो स पसा कस सल विकया जा सका था

7 जमीदारो को कमजोर होा दखकर अनक गाb क मखिखया-जोदार या पविड बड़ परसनन हो थ कयोविक अब उनक विरदध शलिकत का परयोग नही कर सक थ ऐस म जमीदारो या उनक परविविनमिधयो जिजनह lsquolsquoअमलाrsquorsquo कह थ विकसानो स भमिमकर एकवितर करना काफी कठिठन हो जाा था

पर8 सथालो न विबरठिटश शासन क विरदध विदरोह कयो विकया 4

उततर- सथालो क विबठिटश शासन क विरदध विदरोह क विनमन कारण थ -

1 सथालो न जिजस जगली भमिम को बड़ी कठिठनाई स साफ करक खी योगय बनाया था अब उस पर अगरजी सरकार भारी कर लगा रही थी

2 उधर साहकार लोग भी विबरठिटश सरकार क अमिधकारिरयो स मिमलकर ऊb ची दर स सथालो को कज( दन लग थ और कज( न मिमलन पर उनकी भमिमयो को हलिथयान लग थ साहकार की इस कचषठा क पीछ विबरठिटष सरकार का हाथ था ऐसा सथाल लोगो न महसस विकया इसलिलए साहकारो को नही विबरठिटश सरकार को दोषी मानन लग थ

3 उधर जब जमीदारो न सथालो क विनसथिषच इलाक जिजस दामिमन-इ-कोह कहा जाा था पर अपन अमिधकार का दाा विकया ो सथाल लोग विबरठिटष नीवियो स और भयभी हो गए कयोविक उनक विचार म इस कचषठा क पीछ भी विबरठिटश सरकार का हाथ था

4 विबरठिटश सरकार जस-जस सदढ़ होी गई उसन पहाड़ी कषतरो को भी अपन दढ विनयतरण म लन का परयतन विकया ऐसा विबरठिटश सामारजय की सरकषा और आरथिथक सथिसथवि क लिलए आशयक माना गया ऐस म जब सथालो क इलाक पर विबरठिटश सरकार न अपना विनयतरण करन की सोची ो सथाल भड़क उठ और उनहोन 1855-56 म विबरठिटष सरकार क विरदध विदरोह कर ठिदया

पर9 पहाविड़या लोगो क बार म आप कया जान ह 4

उततर- 1 पहाविड़या लोग राजमहल पहाविड़यो क असली विनासी थ इस जगह को अपनी विनजी सपभितत समझ थ

2 पहाविड़या लोग झम खी कर थ जगल क छोट स विहसस म झाविड़या आठिद को काट कर और घास-फस को जलाकर जमीन साफ कर ल थ और राख की पोटाष स उपजाऊ बनी भमिम पर अपनी फसल उगा थ विफर कछ समय उस जमीन को खाली छोड़ द थ ाविक मिमटटी की उ(रा बनी रह

3 कदाल पहाविड़या लोगो क जीन का परीक बन गया था

4 इनका जीन परी रह जगल की उपज पर विनभ(र था जगलो स खान क लिलए फल था महआ क फल इकटठा कर थ और बचन क लिलए लकविड़या इकटठी कर थ

08 अक क परशन

पर10 विकसानो का इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क बार म कया समसयाऐ आी ह

उततर- विकसानो सबधी इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क दौरान आन ाली समसयाएb-

1 विकसानो स सबमिध इविहास लिलखन म कई सतरो ह जिजनम सरकार दवारा रख गए राजस अभिभलख सरकार दवारा विनयकत सshyकषणका(ओ क दवारा दी गई रिरपोटz पवितरकाए जिजनह हम सरकार की पकषधर कह सक ह सरकार दवारा विनयकत जाच आयोग की रिरपोट( अथा सरकार क विहमायी पा(गह या सोच रखन ाल अगरज यावितरयो क विरण और रिरपोट( आठिद शामिमल ह

2 ऐस ऐविहालिसक सतरोो पर दमिषटपा कर समय हम यह याद रखना होगा विक य सरकारी सतरो ह और घटनाओ क बार म सरकारी सरोकार और अथ( परविपरिबविब कर ह उदाहरणाथ( - दककन दगा आयोग स विषष रप स यह जाbच करन क लिलए कहा गया था विक कया सरकारी राजस का सर विदरोह का कारण था सपण( साकषय परस करन क बाद आयोग न यह सलिच विकया था विक माग विकसानो क गसस की जह नही थी

3 रिरपोट( का मखय सार ए दोष - इसम सारा दोष ऋणदााओ या साहकारो का ही था इसस यह बा सपषट होी ह विक औपविनविषक सरकार यह मानन को कभी भी यार नही थी विक जना म असोष या रोष कभी सरकारी काय(ाही क कारण भी उतपनन हआ था

4 सरकारी रिरपोट( इविहास क पनविनमा(ण क लिलए बहमलय सतरो लिसदध होी ह लविकन उनह हमषा साधानीप(क पढ़ा जाना चाविहए और समाचार पतरो गर-सरकारी ाो मिधक अभिभलखो और यथासभ मौखिखक सतरोो स सकलिल साकषय क साथ उनका मिमलान करक उनकी विशवसनीया की जाbच की जानी चाविहए

5 औपविनलिशक सरकार जना म वयाप असोष था रोष क लिलए सय को उततरदायी मानन क लिलए यार नही थी

पर11 ईसट इविडया कपनी न जमीदारो पर अपना विनयतरण बढ़ान क लिलए कया-कया कदम उठाए 4

उततर- 1 जमीदारो की सनय टकविड़यो को भग कर ठिदया गया

2 सीमा शलक समाप कर ठिदया गया

3 उनकी कचहरिरयो को कमपनी दवारा विनयकत कलकटर की दखरख म रख ठिदया गया

4 जमीदारो स सथानीय नयाय और सथानीय पलिलस की वयसथा करन की शलिकत छीन ली गई

5 समय क साथ-साथ कलकटर का काया(लय सतता क एक विकलपी कनदर क रप म उभर आया और जमीदार क अमिधकार को परी रह सीमिम ए परविबमिध कर ठिदया गया

अनचछद आधारिर परशन-

पाची रिरपोट( स उदध-

जमीदारो की हाल और जमीनो की नीलामी क बार म पाची रिरपोट( म कहा गया ह -

राजस समय पर नही सल विकया जाा था और काफी हद क जमीन समय-समय पर नीलामी पर बचन क लिलए रखी जाी थी सथानीय ष( 1203 दनसार सन 1796-97 म विबकरी क लिलए विजञाविप जमीन की विनधा(रिर रालिश (जममा) 2870061 लिसकका र थी और र ास म 1790416 र म बची गई और 1418756 रपय रालिश जममा क रप म पराप हई सथानीय स 1204 दानसार सन 1797 - 98 म 26661991 लिसकका रपय क लिलए जमीन विजञाविप की गई 2274076 लिसकका रपय की जमीन बची गई और करय राविष 2147580 लिसकका रपय थी बाकीदारो म कछ लोग दष क बह परान परिरारो म स थ य थ नाठिदया राजशाही विषनपर (सभी बगाल क) आठिद क राजा साल दर साल उनकी जागीरो क टट जान स उनकी हाल विगड़ गई उनह गरीबी और बबा(दी का सामना करना पड़ा और कछ मामलो म ो सा(जविनक विनधा(रण की रालिश को यथा बनाए रखन क लिलए राजस अमिधकारिरयो को भी काफी कठिठनाइया उठानी पड़ी

पर 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ 3

पर2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ 2

पर3 पा bची रिरपोट( कया थी 2

उततर 1

(क) राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमशा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततर 2

कछ बाकीदार परान परिरार स थः नठिदया राजशाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततर 3

पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परशासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परशासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

अधयाय - 11

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान1 विदरोह का ढरा(

- विदरोह की खबर एक शहर स दसर शहर पहbचना

- हर छानी म विदरोह का घटनाकरम

11 सनय विदरोह कस शर हए

- विदरोह क विभिभनन सक

- कही ोप का गोला दागना ो कही विबगल बजाना

- शासतरागार पर कबजा और सरकारी खजान को लट लाना

- सम सर विफरविगयो क खिखलाफ अपील जारी करना

- विदरोह म आम लोगो को शामिमल होना

12 सचार क माधयम

- अचछा सचार का सथाविप होना

- योजना समतविन और असरदार होना

- सामविहक विनण(य

13 ना 5 नाओ का उभरकर आना

14 अफाह और भविषयाभिणयाb

- विबरठिटश शासन क खिखलाफ अफाह फलाना

- लाड( हारडिडग क विरदध षड़यतर रचना

15 लोग अफाहो म विशवास कयो कर रह थ

- लोगो क जहन म डर सदह मल कारण

- सी परथा और विहनद विधा विाह

- अगरजी परणाली का हदयहीन परायी और दमनकारी होना

2 अध म विदरोह

21 एक विगलास चरीफल

- 1801 म अध स सहायक समिध की योजना

- 1851 म लाड( डलहौजी का बयान

- 1851 म अध का अमिधगरहण होना

22 दह स जान जा चकी थी

- ाजिजद अली शाह को कलकतता विनषकालिस करना

- अध स नाब क विनषकासन स जना को बहद दख और अपमान का सामना

23 विफरगी राज का आना और एक दविनया का खातमा

- अध क अमिधगरहण स कल नाब की गददी न छीनी जाना उसक ाललकदार को भी लाचार करना

- 1857 म एकमश बदोबस का लाग होना

- एक परी सामाजिजक वयसथा का भग होना

- परानी दविनया का खातमा

3 विदरोही कया चाह थ

31 एका की कलपना

- विदरोही विदरोविहयो दवारा सामाजिजक एका सथाविप करना

- विहनदसानी फौजिजयो को उनका हक ठिदलाना

- परिहद धम( और इसलाम की रकषा करना इसाई धम( को फलान स रोकना

32 उतपीड़न क परीको क खिखलाफ

- विफरगी राज क उतपीविड़न को रोकना

- विबरठिटश भराजस वयसथा को नकारना

- वयापक सा(जविनक भलाई को करना

33 कसथिलपक सतता की लाश

- विबरठिटश शासन क धस होन क बाद ठिदलली लखनऊ कानपर म कसथिलपक सतता की लाश

- परानी दरबारी ससकवि का सहारा लना

- मगल वयसथा स मिमली-जली वयसथा अपनाना

4 दमन

- अगरजी दवारा विदरोह कचलना आसान न होना

- माश(ल ला काम न आना

- अनक टकविड़यो दवारा हरक इलाका छाना जाना

- जमीदारो को फसलान का परयतन करना

- विकसानो का बरा हाल बनाना

5 विदरोह की छावियाb

- विदरोविहयो की घोषनाएb सचनाएb और पतर

- कल अगरजी दसाज ही आधार नही

- जना की भानाओ को भड़काना और परविशोधण क लिलए पररिर करना

51 रकषको का अभिभनदन

- अगरजी पदामिधकारिरयो का अभिभनदन

- विदरोह को कचलन ाल अमिधकारिरयो को महामविड करना

52 अगरज और और विबरटन की परविषठा

- अगरज औरो और बचचो को मन म भय पदा करना

- अगरजिजय और ईसाईय की रकषा

53 परविशोध और परदश(न

- अगरजी दवारा परविशोधातमक और सबक सीखन की योजना यार करना

54 दहश का परदश(न

- विदरोविहयो को मौ क घाट उार जाना

55 दया क लिलए कोई जगह नही

- अगरजो क हदय म दया की गजारिरश न होना

- खौफनाक दशय का उपसथिसथ होना

56 राषटरादी दशय कलपना

- विदरोविहयो म राषटरादी भाना का कट कट कर भरना

- विदरोही नाओ को राषटर नायको क रप म परस करना

- साविहतय और लिचतर म राषटरनायको की ीरगाथा का गणगान करना

अविलघ परशन ( 02 अक ) परशन 01 सहायक समिध को विकस गन(र जनरल दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल चार परमख शलिकतयो क नाम लिलखिखए

उततर सहायक समिध को गन(र जनरल लाड( लसली दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल परमख शलिकतयाb थी - हदराबाद अध मसर इतयाठिद

परशन 02 कानपर म विकस अगरज मविहला न भारीय लिसपाविहयो स ीराप(क अपनी रकषा की

उततर मिमस वहीलर

परशन 03 अध का अविम नाब कौन था उस पशन दकर कहाb भजा गया

उततर ाजिजद अली शाह अध का अविम नाब था उस पशन दकर कलकतता भज ठिदया गया

परशन 04 सामानय सा भv अमिधविनयम विकस गन(र जनरल क शासनकाल म था कब पारिर विकया गया

उततर सामानय सा भv अमिधविनयम 1856 म लाड( कपरिनग क शासनकाल म लाग विकया गया

लघ परशन ( 04 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क राजनविक ए परशासविनक कारणो का ण(न कर

उततर (क) विबरठिटश शासको की सामराजयादी नीवि

(ख) राजय अपहरण की नीवि

(ग) पशनो था उपामिधयो की समातविप

(घ) मगल समराट क परवि असममानजनक बा(

(ड) अध का विलय

(च) सहायक समिध का दरपयोग

परशन 02 1857 विदरोह की असफला क कया कारण थ

उततर (क) विदरोह का विनभिw विलिथ स प( विसफोट

(ख) अगरजो को दशी शासको का सहयोग पराप होना

(ग) उचच ग( का सहयोग न मिमलना

(घ) विदरोविहयो क सीमिम साधन

(ड) सामानय आदश( का अभा

(च) परविभाान विबरठिटश सनापवि

(छ) सचार-साधनो पर अगरजो का विनयतरण

परशन 03 1857 विदरोह क सरप का ण(न कर

उततर (क) सविनक विदरोह मातर-

(अ) 1857 क विदरोह की परमख आधारभमिम सविनको दवारा यार की गयी थी

(ब) विदरोह का सा(मिधक महतपण( था ातकालिलक कारण चबvाल कारसो का मामला था

(स) विदरोह का परसार सपण( दश म नही हआ यह उनही नगरो ए कषतरो क सीमिम रहा जहाb सविनक चौविकयाb और छाविनयाb थी

(द) विदरोह का दमन करन म विबरठिटश सरकार को अमिधक कठिठनाईयो का सामना नही करना पड़ा कयोविक इस सामानयजनो का सहयोग ए समथ(न पराप नही था

(ख) परथम सतरा सगराम-

(अ) लाखो कारीगरो विकसानो और लिसपाविहयो न कनध स कनधा मिमलाकर विबरठिटश सतता क खिखलाफ सघष( विकया घमककड़ सनयालिसयो फकीरो ए मदारिरयो दवारा गा-गा म इसका परचार-परसार विकया

(ब) आदोलन म विहनद-मसलमानो न एकजट होकर भाग लिलया सभी विदरोविहयो म एक म स बहादरशाह को अपना समराट सीकार विकया

(स) विदरोह क लगभग सभी कनदरो म जनसाधारण न विबरठिटश शासन क विरदध सविकरय भाग लिलया

(द) विदरोह का कषतर काफी वयापक था अनक दशी रिरयासो ए राजयो म शासक ग( क विबरठिटश सतता क सहयोग ए समथ(क बन रहन पर भी सना ए जना दवारा विदरोह म सविकरय भाग लिलया था

विस परशन ( 08 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क सामाजिजक आरथिथक धारमिमक ए सविनक कारणो का ण(न करो

उततर (क) आरथिथक कारण

(अ) समपदा का विनषकासन

(ब) भारीय उदयोग-धनधो था वयापार-ाभिणजय का विनाश

(स) भ-राजस की दर

(द) इनाम म पराप जागीरो को छीनना

(य) जनसामानय म बकारी और दरिरदरा

(ख) सामाजिजक कारण

(अ) भारीयो क साथ दवरयहार

(ब) भारीयो क सामाजिजक जीन म हसकषप

(स) पाwातय लिशकषा का परसार

(द) ईसाई धम( का परचार

(ग) सविनक कारण

(अ) भारीय सविनको म असोष

(ब) भारीय सविनको की अपकषाक अमिधक सखया

(स) सना का दोषपण( विरण

(द) सामानय सा भv अमिधविनयम

(य) चबvाल कारस

अनचछद पर आधारिर परशनविनमनलिलखिख अनचछद को पठिढ़ए और उततर दीजिजए-

विदरोही कया चाह थ इस विषय म हम 25 अगस 1857 ई 0 की आजमगढ़ घोषणा स महतपण( जानकारी मिमली ह

भाग- सरकारी कम(चारिरयो क विषय म-

lsquolsquoअब यह कोई रहसय की बा नही ह विक विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv हो ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी परशासविनक और सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सभी पद कल अगरजो को ही ठिदय जा ह इसलिलए विबरठिटश सा म काम करन ाल सभी भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए उनह 200-300 रपय मालिसक न मिमलगा और भविषय म ऊच पद मिमलगlsquolsquo

भाग- कारीगरो क विषय म-

इसम कोई सदह नही विक इगलड म विनरमिम सओ को ला-लाकर यरोपीयो न हमार बनकरो सी सतर बनान ालो बढ़ईयो लोहारो और मोलिचयो आठिद को बरोजगार कर ठिदया ह उनक काम-धनधो पर इस परकार अमिधकार जमा लिलया ह विक दशी कारीगरो की हर शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई ह बादशाही सरकार म दशी कारीगरो को राजाओ और अमीरो की सा म विनयकत विकया जाएगा विनःसदह इसस उनकी उननवि होगी इसलिलए इन कारीगरो को अगरजो की सा छोड़ दनी चाविहएlsquolsquo

परशन-01 भार म विबरठिटश माल की पहbच न कारीगरो को विकस परकार परभावि विकया

उततर भार म विबरठिटश म विनरमिम सओ की पहbच क कारण भारीय बनकर सी सतर बनान ाल बढ़ई लोहार मोची आठिद सभी दसकार ए लिशलपकार बरोजगार हो गए विबरटन क मशीन विनरमिम सस माल न भारीय बाजारो पर अमिधकार कर लिलया परिरणामसरप दशी कारीगरो की परतयक शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई

परशन-2 बादशाही सरकार की अधीना म कारीगरो की दशा विकस परकार उनन होगी

उततर बादशाही सरकार म दशी कारीगरो ए लिशलपकारो को अमीरो की सा म विनयकत विकया जायगी इसस उनकी उननवि होगी

परशन-3 सरकारी सा म विनयकत लोग विबरठिटश सरकार स कयो असनषट थ

उततर विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv होन ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी थी परशासविनक ए सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सार पद कल अगरजो को ही ठिदय जा थ इसलिलए सरकारी सा म विनयकत भारीय विबरठिटश सरकार स असनषट थ

परशन-4 विदरोही घोषणा म बार-बार विकस बा क लिलए अपील की गई

उततर विदरोही घोषणा म बार-बार इस बा क लिलए अपील की गई विक भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए

पाठ - 12

औपविनलिशक शहर

नगरीकरण नगर-योजना सथापतयमहतपण( विबनद

सरोः- 1 ईसट इविडया कपनी क रिरकाड(

2 जनगणना रिरपोट(

3 नगरपालिलकाओ क रिरपzट(

1900 - 1940 क नगरीय जनसखया 10 परविष स बढ़कर 13 परविष हो गई

18 ी शाबदी क अ क मदरास बमबई था कलकतता महतपण( बदरगाह नगर क रप म विकलिस हो चक थ

यााया क नए साधनो जस टराम बस घोड़ गाविड़या इतयाठिद न लोगो को अपन घरो स दर काम करन क सथान पर जाना सभ बना ठिदया

कई भारीय शासको न यरोपीय भन विनमा(ण शली को आधविनका था समया का परीक माना था इस शली क भन बनाकर अपनी शलिकत का परदष(न करन का परयास विकया

सथानीय लोगो की बसतिसयो को rdquo बलक टाऊनrdquo कहा जाा था अगरजो की बसतिसयो को बलक टाऊन स अलग रखन क लिलए बीच म दीार बनाई गई थी

पठ एक मिमल शबद ह जिजसका मलब होा ह बसी जबविक परम शबद गाb क लिलए इसमाल विकया जाा ह

परशन 1 औपविनलिशक सदभ( म शहरीकरण क रझानो को समझन क लिलए जनगणना सबधी आकड़ विकस हद क उपयोगी हो ह (2)

उततर औपविनविषक सदभ( म शहरीकरण क रझान को समझन क लिलए जनगणना सबधी आbकड़ बह उपयोगी हो ह

(अ) इसस शव और अष लोगो की कल जनसखया या आबादी को जानन म सहयोग मिमला ह

(ब) शव और अष टाऊन क विनमा(ण विसार और उनक जीन सबधी सर भयकर बीमारिरयो क जनसखया पर पड़ दषपरभा आठिद को जानन म भी जनगणना सबधी आbकड रन जानकारी दन ाल पठिटटयो का काय( कर ह

(स) जनगणना सबधी आbकड़ विभिभनन समदायो काय जावियो की जानकारी द ह

परशन 2 विबरठिटश शासन क दौरान लिसविल लाइनस कया थ (2)

उततर 1857 क विदरोह क बाद भार म अगरजो का रया विदरोह की लगाार आशका स य होन लगा था उनको लगा था विक शहरो की और अचछी रह विहफाज करना जररी ह और अगरजो को दविषयो क ख़र स दर जयादा सरभिकष पथक बसतिसयो म रहना चाविहए परान कसबो क इद(-विगद( चरागाहो और खो को साफ कर ठिदया गया लिसविल लाइनस क नाम स नए शहरी इलाक विकलिस विकए गए लिसविल लाइनस म कल गोरो को बसाया गया

परशन 3 औपविनलिशक शहरो म रिरकाड( सभालकर कयो रख जा थ (2)

उततर 1 जनसखया म हए बदलाो की जानकारी क लिलए

2 औपविनलिशक शहरो क विकास विक पनर(चना क लिलए

परशन 4 ीनो औपविनलिशक शहरो यथा मदरास बमबई और कलकतता का एक सामानय विषषा लिलख (2)

उततर मदरास बमबई और कलकतता ीनो शहरो की बसतिसयो म अगरजी ईसट इविडया कमपनी क वयापारिरक था परशासविनक काया(लय सथाविप विकय गए थ ीनो शहरो क पास बदरगाह विकलिस हए

परशन 5 कोई ीन प(ीय सथल क नाम लिलख जिजनकी सथपना अगरजो न भार म की थी

उततर लिशमला दारजिजलिलग माऊटआब

परषन 6 परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो म खद को विकस रह सथाविप विकया (4)

उततर परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो अथा( मदरास (चननई) बमबई (मबई) और कलकतता (कोलकाा) म कमपनी क एजनट क रप म रहना शर विकया

य सभी बसतिसयाb वयापारिरक और परषासविनक काया(लयो ाली थी इसलिलए भारीय वयापारिरयो को यह शहर सविधाजनक लग यह ीनो शहर बदरगाह थ और इनम सड़क यााया जहाजरानी क साथ-साथ कालार म रलो की सविधा पराप हो गई भारीय गरामीण वयापारी और फरी ाल शहरो म माल गाb स खरीदकर भी ला थ अनक भारीय वयापारी जब परान और मधयकालीन शहर उजड़ गए ो उनह छोड़कर इन बड़ शहरो म आ गए उनहोन वयापारिरक गविविमिधयाb करन क साथ-साथ उदयोग-धध भी गाए अपनी अविरिरकत पbजी इन शहरो म विनष की

वयापारिरक गविविमिधयो क बार म रख गए सरकारी रिरकाडz और विस बयौरो स कई परकार की जानकारी पराप कर थ शहरो की समसयाओ क समाधान क लिलए नगरपालिलकाओ स सहयोग लिलया गया अनक वयापारी इन बड़ शहरो क उपनगरीय

कषतरो म भी रहन लग उनहोन घोड़ागाड़ी और नए यााया क साधनो को भी परयोग विकया भारीय वयापारी कमपनी क वयापार म महततपण( भमिमका विनभा थ ममबई क रहन ाल वयापारी चीन को जान ाली अफीम क वयापार म विहससदार थ

उनहोन ममबई की अथ(वयसथा को माला राजसथान और सिसध जस अफीम उतपादक इलाको स जोड़न म सहाया दी कमपनी क साथ गठजोड़ एक मनाफ का सौदा था जिजसस कालार म एक पbजीपवि ग( का विकास हआ भारीय वयापारिरयो म सभी समदाय-पारसी माराड़ी कोकणी मसलमान गजराी बविनए बोहरा यहदी आठिद शामिमल थ

परशन 7 औपविनलिशक कलकतता म नगर विनयोजन पर सासथय और सरकषा की जररो क परभा का मलयाकन कीजिजए (4)

उततर भार म उपविनशााद का सीधा परभा नगर विनयोजन पर दमिषटगोचर होा था कमपनी ए अगरजी सरकार न भार क परमख बदरगाह ाल शहरो को विनयोजिज ढग स बसान का विचार विकया इन शहरो म एक शहर था-कलकतता जो बगाल सब का एक महतपण( शहर अगरजी सतता की राजधानी ए ाभिणजय का कनदर था कलकतता शहर क विनयोजन का परथम चरण लाड( लजली क काय(काल म परारभ हआ

(अ) सासथय क दमिषटकोण स बह सार बाजारो घाटो कविबरसानो और चम(षोधन इकाइयो को साफ विकया गया इनम स कछ को हटा ठिदया गया शहर का एक नीन नकषा यार विकया गया इसम सड़क क विकनार ए अनय अध कबजो को हटान की लिसफारिरष की गई 1817 म हजा था 1896 म पलग महामारी न कलकतता को अपनी चपट म ल लिलया

लिचविकतसक इसकी ठोस जह नही बा पाए परिक lsquoजनसासथयrsquo की अधारणा को बल मिमला सरकार ए जागरक नागरिरक (दवारकानाथ टगोर ए रसम जी कोासजी) यह मानन लग विक शहर को सासथयध(क बनाना आषयक ह अ 5 घनी आबादी ाली बसी था झोपविड़यो को हटाया गया सासथय क आधार पर वहाइट ए बलक टाउन जस नसली विभाजन हए

(ब) सरकषा कलकतता शहर क विनयोजन का भार सरकार न अपन ऊपर इसलिलए लिलया कयोविक यह शहर सरकषा क दमिषटकोण स सदनशील था

1756 म नाब लिसराजददौला न कलकतता पर हमला विकया था था कमपनी को करारी लिशकस दी थी

कमपनी न 1757 म जब लिसराजददौला कोपराजिज विकया उसक बाद उसन कलकतता शहर की विकलाबदी शर की ाविक आसानी स कलकतता पर हमला न विकया जा सक ीन गाb सानाी कोलकाा और गोविनदपर को मिमला कर कलकतता शहर बसाया गया फोट( विलिलयम क आसपास खली जगह छोड़ी गई ाविक हमलारो पर आसानी स गोलीबारी की जा सक

इस परकार यह सपषट रप स दखा जा सका ह विक कलकतता शहर क विनयोजन म सरकषा ए सासथय का वयापक परभा था

परशन 8 भार म औपविनलिशक शासन काल म नगरा की कया सथिसथवि थी (4)

उततर

1 गरामीण इलाको क गरीब रोजगार क लिलए शहरो की रफ भाग रह थ कई लोग आकष(क शहरी जीन क कारण भी नगरो की ओर खिखच चल आ रह थ

2 औपविनलिशक शासको न विनयमिम रप स सshyकषण कराए सा bसथिखयकीय आ bकड़ इकटठ विकए और समय-समय पर शहरो स सबमिध सरकारी रिरपोट( परकालिश की

3 मदरास बबई और कलकतता क नकश परान भारीय शहरो स काफी हद क अलग थ भनो का सथापतय कला बदल गया था

4 जिजन विहल सटशनो म चाय और काफी क बागान लगाए गए थ हा b बड़ी सखया म मजदर आन लग

5 शहरो म औरो क लिलए अनक असर थ कछ सधारको न मविहलाओ की लिशकषा का समथ(न विकया लविकन रठिढ़ाठिदयो न इसका विरोध विकया जस-जस समय बीा सा(जविनक सथानो पर मविहलाओ की उपसथिसथवि बढ़न लगी नौकरानी और फकटटरी मजदर लिशभिकषका और विफलम कलाकार क रप म शहरो क नए वयसायो म दाखिखल होन लगी

परशन 9 भार म छाविनयो क विकास का ण(न कर (08)

उततर अगरजी सामराजय की सरकषा क लिलए अगरजी सरकार न महतपण( सथानो पर छाविनयो की सथापना की उनहोन कई मल राजयो की सीमाओ पर राजय की उथल-पथल को विनयवितर करन था शासको की गविविमिधयो पर विनगरानी रखन क लिलए छाविनया b बनाई सन 1765 ईसी म लाड( रोबट( कलाई न अपनी सना रखन क लिलए छाविनयाb बनान की नीवि का विनमा(ण विकया इन छाविनयो म विबरठिटश सना को रखकर उनह सविनक परलिशकषण ठिदया जाा था और उनम सविनक जीन वयी करन और अनशासन म रहन की लिशकषा दी जाी थी उस समय भार म 62 छाविनया b थी भार म सबस महतपण( छाविनयाb लाहौर पशार विफरोज़पर आगरा बरली जालधर झा bसी नागपर मबई कलकतता मदरास ठिदलली आठिद थी भटिटडा म सथाविप की गई नई छानी दश की 62 छाविनयो म स सबस बड़ी छानी ह छाविनयो पर विनयतरण रखन ाला सबस बड़ा अमिधकारी डायरकटर जनरल होा ह यह छाविनयो का परशासन था छानी क बाहर था भीर की अचल सपभितत की दख-रख करा ह परतयक छानी का परशासन एक छानी बोड( चलाा ह छानी बोड( एक सायततशासी ससथा होी ह और इसक सभी कायz पर क दरीय रकषा मतरालय का विनयतरण होा ह छाविनयो पर क टोनमट एकट 1924 दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा चन हए परविविनमिधयो क अविरिरकत कछ सरकारी मनोनी सदसय भी हो ह नगर का सटशन कमाडर बोड( का परधान होा ह क दरीय सरकार पराथमिमक लिशकषा सड़को पर रोषनी का परबध था सड़को की मरमम का काय( करी ह

परशन 10 बमबई नगर म भन विकन-विकन भन विनमा(ण शलिलयो क अनसार बनाए गए (08)

उततर बमबई शहर म ठिदखन ाल विभिभनन औपविनलिशक भन विनमा(ण शली

( क ) नशासतरीय या विनयोकलालिसकल शली

बड़-बड़ सभो क पीछ रखागभिणीय सरचनाओ का विनमा(ण इस शली की विशषा थी यह शली मल रप स पराचीन रोम की भन विनमा(ण शली सविनकली थी जिजस यरोपीय पनजा(गरण क दौरान पनजvवि सशोमिध और लोकविपरय विकया गया

1 बमबई का टाउन हाल

2 एसतिलफसटन सक( ल या हारकिनमान सक( ल

( ख ) न-गालिथक शली

उची उठी हई छ नोकदार महराब और बारीक साज-सsup2ा इस शली की खालिसय होी ह गालिथक शली का जनम इमारो ख़ासौर स विगरजो स हआ था जो मधयकाल म उततरी यरोप म काफी बनाए गए

1 सलिचालय

2 बमबई विशवविदयालय

3 बमबई उचच नयायालय

4 विकटोरिरया टरमिमनस

( ग ) इडो-सारासविनक शली

एक नयी मिमभिशर सथापतय शली विकलिस हई जिजसम भारीय और यरोपीय दोनो रह की शलिलयो क त थ इडो शबद विहनद का सभिकषप रप था जबविक सारासविनक शबद का परयोग यरोप क लोग मसलमानो को सबोमिध करन क लिलए कर थ

परशन 11 अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिखएः-

गरामीण कषतरो की ओर पलायन

1857 म विबरठिटश सना दवारा शहर पर अमिधकार करन क बाद ठिदलली क लोगो न कया विकया इसका ण(न परलिसदध शायर मिमजा( ग़ालिलब इस पकरार कर ह दशमन को पराजिज करन और भगा दन क बाद विजाओ ( विबरठिटश ) न सभी ठिदशाओ स शहर को उजाड़ ठिदया जो सड़क पर मिमल उनह काट ठिदया गया दो स ीन ठिदनो क कशमीरी गट स चाbदनी चक क शहर की हर सड़क यदधभमिम बनी रही ीन दवार - अजमरी क( मान था ठिदलली अभी भी विदरोविहयो क कबज म थ इस परविशोधी आकरोश था घणा क नग नाच स लोगो क चहरो का रग उड़ गया और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन

ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

( क ) मिमजा( ग़ालिलब कौन था ( 1 )

उततर मिमजा( ग़ालिलब एक परलिसदध शायर था

( ख ) 1857 म ठिदलली म कया और कयो हो रहा था ( 2 )

उततर 1857 क विदरोह क दौरान ठिदलली पर विदरोविहयो का कबजा था पर शीघर ही उस विबरठिटश सना दवारा कबज म कर लिलया गया

( ग ) जब ठिदलली पर विबरठिटष सना क दवारा अमिधकार विकया जा रहा था ब कौन स ीन दवार विदरोविहयो क कबज म थ ( 2 )

उततर ीन दवार -अजमरी क( मान था ठिदलली विदरोविहयो क कबज म थ

( घ ) विबरठिटश सना दवारा ठिदलली पर अमिधकार क दौरान लोगो की कया सथिसथवि थी (2)

उततर लोगो क चहरो का रग उड़ गया था और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

पाठ - 13

महातमा गाधी और राषटरीय आदोलनसविनय अजञा और उसस आग- गाधीजी सतरा सगराम म भाग लन ाल सभी नाओ म सा(मिधक परभाशाली और सममाविन ह

- मोहनदास करमचद गाधी दभिकषण अफरीका म दो दशक रहन क बाद जनरी 1915 म भार ापस आए

- दभिकषण अफरीका म गाधीजी न पहली बार सतयागरह क रप म जानी गई अविहसातमक विरोध की अपनी विविषषठ कनीक का इसमाल विकया और विभिभनन धमz क बीच सौहादर बढ़ान का परयास विकया

- गोखल की सलाह स इस भमिम और इसक लोगो को जानन क लिलए गाधीजी न एक ष( की यातरा की

- उनकी पहली महतपण( सा(जविनक उपसथिसथवि फररी 1916 म बनारस विहनद विषविदयालय म क उदघाटन समारोह म हई

- अपनी भाषण की माधयम स उनहोन भारीय विविषषट ग( को आड हाथो लिलया और लाखो गरीब भारीयो का समथ(न विकया

- उनहोन सफला प(क 1917 म चमपारण सतयागरह और 1918 म खड़ा सतयागरह और अहमदाबाद कपड मिमल क मजदरो का समथ(न विकया

- 1919 दषभर म रोलट एकट क खिखलाफ अभिभयान रोलट सतयागरह स गाधीजी एक सचच राषटरीय ना बन

- 1920 जलिलयााला बाग हतयाकाड क बाद अगरजी शासन क खिखलाफ असहयोग आदोलन खिखलाफ आदालन का समथ(न अगरजो क साथ परी रह असहयोग सकल कालज और कचहरिरयो का बविहषकार

- चरी चोरा हतयाकाड और आदोलन ाविपस लना

- गा bधीजी एक लोकविपरय ना होन क कारण- आम लोगो की रह सतर पहन थ उनकी रह रह थ और उनकी रह ही भाषा बोल थ

- 1924 जल स रिरहा होन क बाद गाधीजी अपना घयान रचनातमक काय( जस चरखा को लोकविपरय बनाना विहनद - मसलमान एका छआछ को समाप करन म लगाया

- 1928 साईमन कमीशन गाधीजी का राजनीवि म पनः परष

- 1929 लाहोर म कागरस का अमिधशन पण( सराजय की माग

- 1930 दाडी माच( नमक कानन का उललघन

- दश क विशाल भाग म न कानन का उललघन फकटरी कामगरो का हड़ाल

-कीलो दवारा विबरठिटश अदालो का बविहषकार विदयारथिथयो दवारा सरकारी लिशकषा ससथानो का बविहषकार

- 1930 गोलमज सममलन कागरस न बविहषकार विकया

- 1931 गा bधी - इरकिन समझौा

- 1935 गन(मट आफ इविडया एकट

- 1937 पराो म चना 11 म स 8 पराो म कागरस की सरकार

- 1939 विदवीय विशव यदव कागरसी मवितरमडलो दवारा इसीफा

- 1940 मसलिलम लीग क दवारा परथक राषटर की माग

- 1942 विकरपस मिमशन की असफला भार छोडो आदोलन पर भार म जनआदोलन

- 1946 कविबनट मिमशन कागरस और मसथिसलम लीग को एक सघीय वयसथा पर राजी करन म असफला बगाल विबहार उततरपरदष और पजाब म सामपरदामियक दग

- 1946 लाड( माउटबटन का ायस राय बनना भार का विभाजन औपचारिरक सतता हसारण भार को सतरा की परातविप

- राजधानी म हो रह उतसो म गाधीजी की अनपसथिसथवि कलकतत म 24 घट क उपास

- बगाल म शावि सथापना क लिलए अभिभयान चलान क बाद गाधीजी का ठिदलली आगमन यहा b स दगागरस पजाब क जिजलो म जान क विबचार 30 जनरी 1948 नाथराम गोडस दवारा गाधीजी को गोली मारकर हतया कर दी गई

अवि लघ पर शन ( 02 अक ) परशन-1 दो परमख नाओ क नाम लिलखिखए जिजनहोन विभिभनन दशो क राषटर विनमा(ण म परमख भमिमका विनभाई

उततरः- (क)अमरिरका म जाज( ालिशगटन (ब) भार म महातमा गा bधी

परशन-2 लाल - बाल - पाल कौन थ

उततरः-(क) य आरभिभक उगर राषटरादी ना थ जिजनहोन अखिखल भारीय सर पर

राषटरादी आदोलन चलाया (ब) लाल - लाला लाजप राय बाल ndash बाल गगाधर विलक पाल विविपनन चनदर पाल

परशन-3 गा bधीजी दवारा भार म विकसानो और मजदरो क लिलए चलाए गए दो आदोलन क नाम लिलखिखए

उततर- (क) चमपारण सतयागरह - 1917 (नील विकसानो क लिलए) (ब) अहमदाबाद मिमल मजदर आदोलन (1918)

परशन-4 बनारस विहनद विशवविदयालय म गा bधीजी क भाषण का महत बाइए

उततरः- (क) गा bधीजी न मजदर गरीबो की ओर धयान न दन क कारण भारीय विलिशषट ग( को आड़ हाथो लिलया (ब) धनी और गरीबो क बीच की विषमा पर उनहोन लिचना परकट की उनक अनसार दश की मलिकत कल विकसानो क माधयम स ही हो सकी ह

परशन- 5 रौलट एकट कया ह

उततरः- (क) सतरा सगराम को कमजोर करन क लिलए रौलट दवारा यह कानन बनाया गया था

(ब) विकसी भी वयलिकत को विबना जा bच विकय काराास म डाला जा सका था

परशन- 6 चरखा को राषटरीय परीक क रप म कयो चना गया था

उततरः-(क) चरखा सालममिमबा और आतम सममान का परीक ह (ब) हजारो बरोजगार गरीबो को परक आमदनी परदान करन का साधन

परशन- 7 भारीय राषटरीय आदोलन म कागरस क लाहौर अमिधशन का कया महत था

उततरः-(क) कागरस न सराज क सथान पर पण( सराज को लकषय बनाया

(ब) 26 जनरी 1930 को सतरा ठिदस क रप म मनाना

परषनः-8 1931 क गा bधी-इरकिन समझौ का उललख कीजिजए

उततरः- अ) सविनय अजञा आदोलन को सथविग कर ठिदया गया

ब) इरकिन न सभी अपरिहसक कठिदयो को रिरहाई की बा मान ली

स) भारीयो को नमक बनान की छट

द) गा bधीजी दसर गोलमज सममलन म विहससा लन क लिलए राजी

परशन -9 विदवीय विशव यदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का दमिषटकोण कया था

उततरः- (क) गाधीजी और नहर दौनो ही विहटलर और नासथितसयो क कटटर आलोचक थ (ब) उनहोन फसला लिलया विक अगर अगरज यदध समाप होन क बाद भार को सतरा दन पर राजी हो ो कागरस उनक यदध परयासो म सहाया द सकी ह

लघ पर शन ( 04) अक परशन- 10 विकन कारणो स गाधीजी न असयोग आदोलन को चलाया यह आदोलन कयो सथविग करना पड़ा

उततरः- 1 रौलट कानन क विरोध म

2 जलिलया b ाला बाग हतयाकाड क अनयाय का परविकार करना

3 खिखलाफ आदोलन को समथ(न करन क लिलए

4 सराजय परातविप क लिलए

चौरी - चौरा म हई परिहसा को दख हए गाधीजी न असहयोग आदोलन को सथविग कर ठिदया कारण ह अविहसा क पजारी थ

परशन-11 दाड़ी माच( क महत को समझाइए

उततरः-1 विबरठिटश भार क सा(मिधक घभिण काननो म स एक जिजसन नमक क उतपादन और विकरय पर राजय को एकामिधकार द ठिदया था का उललघन विकया गया था

2 पहली बार राषटरीय आदोलन म ममिसतरयो न बढ़ - चढ़ कर भाग लिलया

3 दश क विशाल भाग म सरकारी काननो का उललघन विकया गया

4 अगरजो को अहसास हआ विक अब उनका राज बह ठिदनो क नही ठिटक सका

परशन-12 पथक विना(लिचका की समसया कया थी इस मदद पर कागरस दलिल गz क बीच कया मभद थ इस समसया का कया समाधान विनकाला गया

उततरः-1 पथक विना(लिचका की मा bग दलिल ग( दवारा उठाई गई जिजसम ह अपन लिलए भी चना कषतरो का आरकषण चाह थ

2 1931 क दसर गोलमज सममलन म दलिल ना डा0 भीमरा अमबडकर न कहा विक कागरस दलिलो का परविविनमिधत नही करी

3 उनक अनसार पथक विना(लिचका क दवारा ही दलिलो की आरथिथक सामाजिजक दशा को सधारा जा सका ह

4 गाधीजी न इसका विरोध विकया उनका मानना था विक विहनद समाज उचच और दलिल ग( म बट जायगा था दश की एका कमजोर होगी अः पना समझौ दवारा कागरस क भीर ही दलिलो को पथक विना(चन कषतर ठिदय गए था पथक विना(लिचका की समसया हल हो गई

दीघ( परशन ( 08 अक ) परशनः- 13 गाधीजी न विकस परकार राषटरीय आदोलन को जन आदोलन म बदल ठिदया

उततरः- 1 सरल सातवितक जीन शली

2 लोगो की भाषा विहनदी का परयोग

3 चमतकारी अफाह

4 सतय अविहसा

5सदशी और बविहषकार

6 चरखा का परयोग और खादी को लोकविपरय बनाना

7 ममिसतरयो दलिलो और गरीबो का उदधार

8 विहनद मसथिसलम एका 9 छआ - छ का उनमलन

10 समाज क परतयक ग( को बराबरी क नजरिरय स दखना और सभी को राषटरीय आदोलन म शामिमल करना

परशनः-14 ऐस सरोो की वयाखया कीजिजए जिजनस महातमा गाधी क राजनीविक जीन था भारीय राषटरीय आदोलन इविहास को पनः सतरबदध कर सक ह

उततरः- 1 आतमकथाए b और जीनी

2 समकालीन समाचार पतर

3 सा(जविनक सर

4 विनजी लखन

5 पलिलसकरमिमयो था अनय अमिधकारिरयो दवारा लिलख गए पतर और रिरपोट(

परशनः- 15 rdquoगाधीजी जहा b भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह

फलीrdquo सोदाहरण सपषट कीजिजए

उततरः- 1 सातवितक जीन शली

2 धोी और चरखा का परयोग

3 लोगो की बोलचाल की भाषा विहनदी का परयोग

4 चमपारन सतयागरह

5 असहयोग आदोलन म उनक दवारा सतय ए अविहसा का परयोग

6 गाधीजी जहाb भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह फल गई

6 गाधीजी क विरोध करन ाल क लिलए भयकर परिरणाम की कहाविनयाb भी थी उदाहरण क लिलए आलोचना करन ालो क घर रहसयातमक रप स विगर गए अथा उनकी फसल चौपट हो गई

परशनः-16 विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उसक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

नमक सतयागरह कयो

नमक विरोध का परीक कयो था इसक बार म महातमा गाधी न लिलखा ह-

परविठिदन पराप होन ाली सचनाओ स पा चला ह विक कस अनयायपण( रीक नमक कर को यार विकया गया ह विबना कर (जो कभी-कभी नमक क मलय का चदह गना क होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी अः यह राषटर की अतयामिधक महतपण( आषयका पर कर लगाी ह यह जना को इसक उतपादन स रोकी ह और परकवि न जिजस विबना विकसी शरम क उतपाठिद विकया उस नषट कर दी ह अः विकसी भी जह स विकसी चीज को सय उपयोग न करन दन था ऐस म उस चीज को नषट कर दन की इस अनयायपण( नीवि को विकसी भी विषषण दवारा नही बाया जा सका ह विभिभनन सतरोो स म भार क सभी भागो म इस राषटर समपवि को बलगाम ढ़ग स नषट विकय जान की कहाविनयाb सन रहा ह टनो न सही पर कई मन नमक कोकण ट पर नषट कर ठिदया गया ह दाणडी स भी इस रह की बा पा चली ह

जहाb कही भी ऐस कषतरो क आसपास रहन ाल लोगो दवारा अपनी वयलिकतग परयोग ह पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखी ह हाb र अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा ह जिजनका एक मातर काय( विबनाष करना होा ह इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खच( स ही नषट विकया जाा ह और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा ह नमक एकामिधकार एक रह स चरफा अभिभषाप ह यह लोगो को बहमलय सलभ गरामउदयोग स बलिच करा ह परकवि दवारा बहाय म उतपाठिद समपदा का यह अविषय विनाष करा ह इस विनाष का मलब ही ह और अमिधक राषटरीय खच( चथा और इस मख(ा का चरमोतकष( भख लोगो स हजार परविष स अमिधक की उगाही ह सामानय जन की उदासीना की जह

स ही लमब समय स यह कर असतिसत म बना रहा ह आज जना पया(प रप स जाग चकी ह अः इस कर को समाप करना होगा विकनी जलदी इस खतम कर ठिदया जायगा यह लोगो की कषमा पर विनभ(र करा ह

परशनः-1 नमक विरोध का परीक कयो था (2)

उततरः- क परतयक भारीय घर म नमक का परयोग अविनाय( था

ब लविकन इसक बाजद भारीयो को घरल परयोग क लिलए नमक बनान स रोका

गया और उनह दकानो स ऊच दामो पर खरीदन क लिलए बाधय विकया गया

परशनः-2 औपविनविषक सरकार क दवारा नमक को कयो नषट विकया जाा था (2)

उततरः- क अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था

ब विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

परशनः-3 महातमा गाधी नमक कर को अनय करो की लना म अमिधक दमनातमक कयो मान थ (2)

उततरः- अ अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चौदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

ब पराकविक नमक मिमलन ाल कषतर क आसपास वयलिकतग परयोग क लिलए पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखन स सरकारी अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा थ जिजनका एक मातर काय( विनाष होा था इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खचshy स नषट विकया जाा था और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा था

परशनः- 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ

परशनः- 2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ

परशनः- 3 पा bची रिरपोट( कया थी

उततरः- 1 (क)राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमषा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततरः- 2 कछ बाकीदार परान परिरार क थः नठिदया राजषाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततरः- 3 पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परषासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परषासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

पाठ - 14

विभाजन को समझना

1 बटार क कछ अनभ

- बयानो दवारा बटार को अनभ बयानका( पाविकसानी शोधका( भारीय

2 ऐविहालिसक मोह

21 बटारा या महाधस

- बटार स परिहद मसथिसलम ठिदलो को बाटना

- परिहद मसथिसलम दगो की भरमार

- नसली सझाया

22 रढ़ छवियो की ाक

- भार म पाविकसान और पाविकसान म भारीय स नफर का लिसललिसला

- एक-दसर पर छीटाकसी

- गल समवियो घणाकत छवियो का दौर

- सापरदामियक सशय और अविशवास

3 विभाजन कयो और कस हआ

31 एक लब इविहास का अविम चरण

- मसथिसलम लीग की सथापना

- लखनऊ समझौा 1916

- आय( समाज की सथापना

- परिहद महासभा का सविकरय होना

32 1937 म परविक चना और कागरसी मगलय

- परिहद और मसथिसलम नाओ की नासमझी

33 पाविकसान का परसा

- 1940 म मसथिसलम लीग की सगसगाहट

- महममद अली जिजनना की भमिमका

34 विभाजन का अचानक हो जाना

- 1940 का मसथिसलम लीग का परसा

- चधरी रहम अली लिसकनदर हयाखान महममद इकबाल और जिजनना क परयास

35 यदधोततर घटनाकरम

- 1946 म दबारा पराीय चना

- 1946 म मसथिसलम मदााओ क बीच मसथिसलम लीग लोकविपरय पाटTHORN

36 विभाजन का एक सभावि विकलप

- कविबनट मिमशन की सथापना

- कविबनट मिमशन की असफला

- सीमा गाbधी की भमिमका - विभाजन क कटटर विरोधी

37 विभाजन की ओर

- परतयकष काय(ाही ठिदस 1946

- मखय शहरो म दगो का भड़कना

4 कानन वयसथा नाश

- दगो क दौरान परिहसा और आगजनी की घटनाएb

- कानन वयसथा का चरमराना

41 महातमा गाbधी - एक अकली फज़

- नौआखली का दगा

- महातमा गाbधी दवारा हदय परिर(न पर जोर

5 बटार म और

51 औरो की बरामदगी

- औरो क साथ बदसलकी

52 इsup2 की रकषा

- औरो की असतिसमा की रकषा

- अनक औरो दवारा आतमहतया

6 कषतरीय विविधाएb

- विभिभनन कषतरो की विभिभनन समसयाएb

- परिहद मसथिसलम परिरारो का पलायन

7 मदद माना और सदभाना

8 मौखिखक गाही और इविहास

- बटार स जड़ी घटनाओ का सही विरण

- साविहतयकारो और कलाकारो दवारा बटार की पीड़ा का ण(न

- सरकारी दसाजो को भी आधार बनाना

33 हम हजारो सालो क दबाया गया

- दलिल जावियो क अमिधकारो की समसया

4 राजय की शलिकतयाb

- सघाद की ओर

- शलिकतयो का विभाजन

- सलिचयो का विनमा(ण

41 क दर विबखर जाएगा

- बहम शलिकतशाली क दर क पकष म

42 आज हम एक शलिकतशाली सरकार की आशयका ह

- एक शलिकतशाली क दर समय की माग

5 राषटर की भाषा

- परिहदी और मिमल आमन-सामन

- विहनदसानी परिहदी राजभाषा

51 परिहदी की विहमाय

- परिहदी राजभाषा बनी

52 च(स का भय

- दभिकषण म परिहदी का कड़ा विरोध

- चचा(ओ का दौर शर

- परिहदी राजभाषा क रप म सीकाय(

परशन 1 महाधश स कया ातपय( ह 2

उततर- इसका अथ( ह सामविहक जनसहार नाजी शासन क समय जम(नी म सरकारी विनकायो दवारा

विकया गया था

परशन 2 लखनऊ समझौा कया था घ 2

उततर- 1916 म लखनऊ म कागरस था मसथिसलम लीग क बीच आपसी ाल मल को लखनऊ

समझौा कहा जाा ह यह एक सयकत राजनीविक मच था

परशन 3 विदवीय विशवयदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का कया दरमिषटकोण कया था 2

उततर- कागरस इस श( पर विबरटन की यदध म सहाया करन क लिलए यार थी विक ह यदध क बाद

भार को सतर कर दन का सपषट घोषणा कर

परशन 4 भारीय राषटरीय कागरस न विभाजन को कयो सीकार विकया 2

उततर- क दश क अनक पराो म दग होन लग

ख चनाो म मसथिसलम लीग की सफला

परशन 5 जिजनना का विदव-राषटर लिसदधान कया था 2

उततर- जिजनना न विहनद था मसथिसलमो को दो अलग अलग समदाय बाया

दोनो समदाय साथ साथ नही रह सक उनह अलग अलग दो दशो म रहना चाविहए

परशन 6 1937 क पराीय चना म सयकत परा म सरकार गठन की घटना न विकस परकार भार म

मसथिसलम सामपरदामियकता को बढ़ाया 4

उततर- (1) 1937 क पराीय चना म कागरस को परा समथ(न मिमला

(2) मसथिसलम लीग भी सरकार म शामिमल हाना चाही थी कागरस न मसथिसलम लीग क परसा को ठकरा

ठिदया

(3) मसथिसलम लीग को महसस हआ विक कभी सरकार नही बना पाएगी

(4) राजनीविक सतता परातविप क लिलए उनह भार का बटारा एक विकलप ठिदखाई दन लगा

(5) सय को भार क सभी मसलमानो की पाटTHORN था कागरस का विहनदओ को पाटTHORN क रप म परचारिर करन लग

परशन 7- विबरठिटश भार का विभाजन कयो विकया गया 4

उततर- 1) अगरजो की फट डालो राजय करो की नीवि

2) मसथिसलम लीग का दरपरचार विक ही मसलमानो की एक मातर परविविनमिध ह

3) दसी रिरयासो का विभाजन क पकष म होना

4) सापरदामियक दगो का होना

5) मसथिसलम लीग दवारा 1946 म परतयकष काय(ाही ठिदस मनाकर विभाजन की माग को मजब करना

परशन 8 मौखिखक इविहास की अचछाइया था कमिमयो बाइए 4

उततर- 1) यह अनभो था समवियो को समझन का मौका दा ह

2) बटार जसी घटनाओ का सजी था बहरगी ा लिलखन का असर दा ह

3) मौखिखक इविहास समाज क गरीब कमजोर लोगो क अनभो भानाओ का महव दा ह

4) मौखिखक जानकारिरया सटीक नही होी ह

5) विनजी अनभो क आधार पर सामानयीकरण करना उलिच नही ह

परशन- 9 भार विभाजन क परिरणाम सरप मविहलाओ पर होन ाल परभाो की विचना कीजिजए 4

उततर- 1) औरो क अनभ भयाह था दखदः थ उनक साथ बलातकार लट अपहरण की घटनाए हई

2) मविहलाओ को बार-बार खरीदा और बचा गया

3) मविहलाओ को अजनविबयो क साथ जिजदगी विबान क लिलए मजबर विकया गया

4) सरकार मविहलाओ क परवि असदनशील रही

5) मविहलाओ को अपनी भानाए परकट करन नही ठिदया गया

6) मविहलाओ की इsup2 की रकषा क नाम पर उनह मार डाला गया

7) बदला लन की भाना स दसर समदाय की मविहलाओ की बइsup2ी की गई

8) दग क बाद ापस लौटन पर मविहलाओ को उनक परिरारो न सीकार नही विकया

9) लिसख उनकी मौ को आतमहतया नही अविप शहाद का दजा( द हअः उनकी समवि म परतयक ष( 13 माच( को ठिदलली क एक गरदवार म एक काय(करम का आयोजन विकया जाा ह

10) एक बार विफर अपनी जिजदगी क बार म फसला लन क उनक अमिधकार को नजरअदाज कर ठिदया गया

परशन 10 विनमनलिलखिख उदधरणो को धयानप(क पढ़ो था उसक बाद पछ गए परशनो का उततर दीजिजए

एक गोली भी नही चलाई गई

मन न जो लिलखा-

24 घट स भी जयादा कत दगाई भीड को इस विशाल वयासामियक शहर म बरोक टोक बाही फलान

दी गई बहरीन बाजारो को जलाकर राख कर ठिदया गया जबविक उपदर फलान ालो क उपर एक गोली भी नही चलाई गई

जिजला मजिजसटरट न अपन (विशाल पलिलस बल को शहर म माच( का आदश ठिदया और उसका कोई साथ(क इसमाल विकए विबना ापस बला लिलया)

1) यह सतरो विकस घटना की ओर सक करा ह उपदरवियो की भीड़ कया कर रही थी 2

2) आग चलकर 1947 म अमसर रकतपा का नजारा कयो बना 2

3) उततजिज भीड़ क परवि फौज और पलिलस का कया रख था 2

4) गाधी जी न सापरदामियक सौहा(द बढ़ान क लिलए कस परयतन विकया 2

उततर- (1) यह भार विभाजन क समय की एक घटना ह

(2) दगा करन ाली भीड़ न बाजारो को जला ठिदया था दकानो का लट लिलया परशासन का शहर पर

कोई विनयनतरण नही था

(3) उततजिज भीड़ को रोकन का परयास नही विकया गया सना पलिलस भी अपन समपरदाय क लोगो

की मदद कर रही थी पलिलस दसर सपरदाय पर हमला भी कर रही थी

(4) गाधीजी न विहनदओ मसलमानो को दसर का साथ दन था भरोसा रखन क लिलए समझाया

विषय 15 सविधान का विनमा(णमहतपण( परिबद

- नहर जी का उददषय परसा महत

- सविधान विनमा(ण क प( ातकालिलक समसयाय - राजनविक ऐकीकरण सापरदामियक दग

आरथिथक ससाधनो की कमी विसथाविपो की समसया - सविधान विनमा(ण की चनौी

- सविधान विनमा(ण - सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 म कविबनट मिमषन योजना क

अनसार विकया गया

- सविधान सभा म चचा( - जनम का परभा नागरिरको क अमिधकारो का विनधा(रण

अलपसखयो और दमिमो क अमिधकारो का परषन

- राषटरभाषा भाषा विाद गाधीजी क राषटरभाषा सबधी विचार विहनदी का समथ(न

- सविधान की विषषाएb - लिलखिख ए विषाल सविधान कनदर - राजय शलिकत विभाजन

सतर नयायपालिलका धम(विनपshyकषा ससदीय परणाली शलिकतषाली कनदर यसक मामिधकार

मौलिलक अमिधकार

02 अको ाल पर शन परशनः-1सविधान सभा का गठन कब और विकस योजना क अनसार विकया गया

उततरः- सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 ई म कविबनट मिमशन योजना क अनसार विकया गया

परशनः- 2अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का अमिधशन परथम बार कब और विकसकी अधयकषा म

हआ

उततरः- अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का परथम अमिधशन 1927 ई म एलौर क परलिसदध ना

दीान हादर एमरामचनदर राय की अधयकषा म हआ

परशनः-3सविधान सभा की परथम बठक कब और विकसकी अधयकषा म हई

उततरः- सविधान सभा की परथम बठक 9 ठिदसमबर 1946 ई को ससथिचचदाननद लिसनहा की अधयकषा म हई

परशनः-4 परारप समिमवि का गठन कब विकया गया इसक अधयकष कौन थ

उततरः- परारप समिमवि का गठन 29 अगस 1947 ई को विकया गया इसक अधयकष डाबीआरअमबडकर

परशनः- 5भारीय सविधान क दो असाद कौन स थ

उततर-1 भारीय सविधान का मौखिखक रप स अगरजी म होना

2 विकसी भी पद पर खड़ होन क लिलए कोई शकषभिणक योगया आशयक न होना

4 अको ाल परशन

परशनः-6महातमा गाधी कयो चाह थ विक विहनदसानी राषटरभाषा होनी चाविहए

उततरः-1इस आसानी स समझा बोला जा सका ह

2इस भारीय लोग जयादा परयोग म ला थ

3यह विहनद उद( क मल स बनी थी

4यह बहसासकविक भाषा थी

5इसम समय क साथ दसरी भाषाओ क शबद शामिमल हो गए

परशनः- 7हदराबाद को भारीय सघ का अग विकस परकार बनाया गया

उततरः-1यह रिरयास म लगभग 90 परविश जना विहनद थी

2शासक मसलमान होा था

3हदराबाद का विनज़ाम अपनी रिरयास को सतर रखना चाहा था

4भार सरकार न विनज़ाम क विरदध सविनक काय(ाही करन का विनण(य लिलया

5चार ठिदन क सघष( क बाद 17 लिसमबर 1948 ईको विनज़ाम न आतमसमप(ण कर ठिदया और भारीय सघ म सममिममलिल होना सीकार कर लिलया

परशनः- 8विभिभनन समहो दवारा lsquoअलपसखयकrsquo शबद को विकस परकार परिरभाविष विकया गया

उततरः- 1कछ लोग आठिदालिसयो को मदानी लोगो स अलग दखकर आठिदालिसयो को अलग आरकषण दना चाह थ

2अनय परकार क लोग दमिम ग( क लोगो को विहनदओ स अलग करक दख रह थ और ह उनक लिलए अमिधक सथानो का आरकषण चाह थ

3कछ विदवान मसलमानो को ही अलपसखयक कह रह थ

4लिसकख लोग क कछ सदसय लिसकख धम( म अनयामिययो को अलपसखयक का दजा( दन और अलपसखयको को सविधाय दन की माग कर रह थ

परशनः-9 उददशय परसाrsquo म विकन आदशz पर जोर ठिदया गया था

उततरः-1 परभा समपनन सतर भार की सथापना और उसक सभी भागो और सरकार क अगो को सभी परकार की शलिकत और अमिधकार जना स पराप होना

2 भार क सभी लोगो को सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक नयाय पद असर और कानन क समकष समाना कानन और सा(जविनक नविका क अग( विचार अभिभवयलिकत विशवास विनषठा पजा वयसाय सगठन और काय( की सतरा की गारटी दना

3अलपसखयको विपछड़ और जनजावि ाल कषतरो दलिल और अनय गz क लिलए सरकषा क समलिच उपाय करना

परशनः- 10 कौन सी ऐविहालिसक ाक थी जिजनहोन सविधान का सरप य विकया

उततरः-1 सविधान का सरप य करन ाली परथम ऐविहालिसक ाक भारीय राषटरीय कागरस थी

2 मसथिसलम लीग न दश क विभाजन को बढ़ाा ठिदया

3 उदारादी मसलमान राजनविक दलो स जड़ रह उनहोन भी भार को धम( विनरपकष बनाए रखन म सविधान क माधयम स आशवस विकया

4 दलिल और हरिरजनो क समथ(क नाओ न सविधान को कमजोर गz क लिलए सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक समाना और नयाय ठिदलान ाला आरकषण की वयसथा करन ाला छआछ का उनमलन करन ाला सरप परदान करन म योगदान ठिदया

5 एनजीरागा और जयपाल सिसह जस आठिदासी नाओ न सविधान का सरप य कर समय इस बा की ओर धयान दन क लिलए जोर ठिदया विक उनक समाज का गर मलालिसयो दवारा शोषण हआ ह

परशनः- 11 सविधान सभा क कछ सदसयो न उस समय की राजनीविक परिरसथिसथवि और एक मजब कनदर सरकार की जरर क बीच कया सबध दखा

उततर 1 परारभ म सननम जस सदसयो न कनदर क साथ राजयो को भी मजब करन की बा कही

2 डराफट कमटी क चयरमन डा बीआरअमबडकर न पहल ही घोषणा की थी विक एक शलिकतशाली और एकीक कनदर 1935 क इसथिणडया एकट क समान दश म एक शलिकतशाली कनदर की सथापना करना चाह ह

3 1946 और 1947 म दश क विभिभनन भागो म सापरदामियक दग और परिहसा क दशय ठिदखाई द रह थ

4 सयकत परा क एक सदसय बालकषण शमा( न इस बा पर जोर ठिदया की कनदर का शलिकतशाली होना जररी ह

5 भारीय राषटरीय कागरस दश क विभाजन क प( इस बा स सहम थी विक पराो को पया(प सायतता दी जायगी

6 भार म आरोविप औपविनलिशक शासन वयसथा चल रही थी इस दौरान उनक घठिट घटनाओ स क दराद की भाना को बढ़ाा मिमला

(08 अको ाल परशन)

परशनः-12 सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला

उततरः-1 1930 क बाद कागरस न यह सीकार कर लिलया था विक विहनदसानी को राषटरीय भाषा का दजा( ठिदया जाए

2 गाधी जी का मानना था विक विहनद और उद( क मल स बनी परिहदसानी भारीय जना क बह बड़ भाग की भाषा थी और यह विविध ससकवियो क आदान-परदान स समदध हई एक साझी भाषा थी

3 कागरस सदसय आरीधलकर न इस बा का समथ(न विकया की सविधान विनमा(ण की भाषा विहनदी होनी चाविहए

4 कई लोगो न धलकर की बा का विरोध विकया इसक बाद ज बहस शर हो गई

5 विरोमिधयो का यह मानना था विक विहनदी क लिलए हो रहा यह परचार पराीय भाषाओ की जड़ खोदन का परचार ह

6 समिमवि न राषटरीय भाषा क साल पर सझा ठिदया विक दनागरी लिलविप म लिलखी गई विहनदी भार की राजकीय भाषा होगी

7 सभी सदसयो न विहनदी की विहमाय को सीकार विकया लविकन इसक च(स असीकार कर ठिदया

8 मदरास क शरी टी ए रामसिलगम चठिटटयार न इस बा पर बल ठिदया विक जो कछ भी विकया जाय साधानीप(क विकया जाय यठिद आकरामक होकर विकया गया ो विहनदी का भला नही हो पायगा

9 शरी चठिटटयार क अनसार lsquolsquoजब हम एक साथ रहना चाह ह और एकीक राषटर की सथापना करना चाह ह ो परसपर समायोजन होना आशयक हrsquorsquo

10 आग चलकर दश की सभी भाषाओ को सचीबदध विकया गया

परशनः-13 दमिम समहो की सरकषा क पकष म विकए गए विभिभनन दाो पर चचा( कीजिजए

उततर 1 सविधान सभा म आसीन दमिम जावियो क कछ परविविनमिध सदसयो का आगरह था विक

असपशयो की समसया को कल सरकषण और बचा स हल नही विकया जा सका

2 हरिरजन सखया की दमिषट स अलपसखयक नही ह आबादी म उनका विहससा 20-25 परविश ह

3 परारभ म डा अबडकर न अलपसखयको क लिलए पथक विना(चन की माग की पर बाद म छोड़ दी

4 मधय परा क दमिम जावियो क एक परविविनमिध शरी कजखाणडलकर न सविधान सभा को कहा विक उनक लोगो क समदायो क लोगो को हजारो षz क दबाया गया ह

5 असपशया का उनमलन विकया जाय

6 विहनद मठिदरो को सभी जावियो क लिलए खोल ठिदया जाय

7 दमिम ग को विधामियको और सरकारी नौकरिरयो म आरकषण ठिदया जाय

8 इसक लिलए समाज की सोच म बदला लाना भी आशयक ह

9 सा(जविनक सथलो पर उनक साथ भदभा न विकया जाय

10 यदयविप समसयाय एकदम हल नही होगी लविकन लोकावितरक जना न इन पराधानो का

साग विकया ह

अनचछद पर आधारिर परशन

rdquoगोविनद ललभ पन का विचार था विक समदाय और खद को बीच म रखकर सोचन की आद को छोड़कर ही विनषठाान नागरिरक बना जा सका था उनक शबदो म-rdquoलोकनतर की सफला क लिलए वयलिकत को आतयानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा लोकनतर म वयलिकत को अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए यहा खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाए कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकनतर म आप परविसपथv विनषठाए रख द ह या ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की अपकषा हततर अथा अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकनतर का डबना विनभिw हldquo

परशनः- 1 पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 2

उततरः-पथक विना(लिचका का ातपय( ह lsquoपथक विना(चन कषतरrsquo 1909 ई क अमिधविनयम क अनग( मसलमानो क लिलए पथक चना कषतरो की वयसथा की गई थी इन कषतरो स कल मसलमान ही चन जा थ विबरठिटश परशासको क अनसार ऐसा अलपसखयक मसथिसलम समपरदाय क विहो की दमिषट स विकया गया ह

परशनः- 2 सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गई 2

उततरः- कछ लोगो का विचार था विक शासन म अलपसखयको की एक साथ(क भागीदारी सविनभिw करन क लिलए पथक विना(लिचका क अविरिरकत और कोई रासा नही था अः उनक दवारा सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग की गई

परशनः-3 गोविनद ललभ प पथक विना(लिचका की माग क विरदध कयो थ दो कारण दीजिजए 2

उततर 1 गोविनद ललभ पन का विचार था विकः यठिद पथक विना(लिचका क दवारा अलपसखयको को सदा क लिलए अलग-अलग कर ठिदया गया ो कभी भी सय को बहसखयको म रपानरिर नही कर पाएग

2 यठिद अलपसखयक पथक विना(लिचका स जीकर आ रह ो शासन म कभी परभाी योगदान नही द पाएग

परशनः-4 गोविनद ललभ पन क अनसार लोकनतर म विनषठाान नागरिरको म कौन-स ीन परमख अभिभलकषण होन चाविहए 2

उततर- 1 उस अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए

2 उसकी सारी विनषठाए कल राजय पर क ठिदर होनी चाविहए

3 उस आतमानशासन की कला म परलिशभिकष होना चाविहए

Model Paper -I

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN

MODEL QUESTION PAPER ndash I (2014-15)

SUBJECTHISTORY

TIME 3 hours CLASS-XII MARKS 80

GENERAL INSTRUCTIONS-

1 Answer all questions Some questions have choice

2 Marks are indicated against each question

3 Answers to questions carrying 2 marks (Part- A QNO 1 TO 3) should not exceed 30 words each

4 Answers to questions carrying 4 marks (Part -B Section- I Question no 4 to 9) should not exceed 80 words Part-B Section-II isa VALUE BASE QUESTION and compulsory (question no 10)

5 Answers to questions carrying 8marks (Part ndashC QNO 11 AND 14) should not exceed 350 words

6 Part D has questions based on three sources (QNO 15 16 and 17)The number of questions will be three carrying 7 marks each(no internal choice) The sources will be taken from the textbooks

7 Question no 181 and 182 are Map questions attach the Map with the answer script after compulsaroy

सामानय विनदshyश-

(1) सभी परशनो क उततर दीजिजए |परशनो क अक उनक सामन लिलख गए ह| (2) खड (अ) म 2 अक ाल ीन अवि लघउततरीय परशन ह जिजनकी शबद सीमा

30 शबद ह|(3) खड (ब) अनभाग -1 म 4 अक ाल लघ उततरीय परशन हजिजनकी शबद

सीमा 80 शबद ह|(4) खड(ब) अनभाग-2 म एक 4 अको कामलय आधारिर परशन अविनाय( ह (5) खड lsquoसrsquo म 8 अक क चार दीघ( उततरीय परशन हजिजनकी शबद सीमा 350

शबद ह|(6) खडlsquoदrsquo म 7 अक क ीन सरो आधारिर परशन ह|(7) खडlsquoयrsquo म 5 अकका मानलिचतर पर आधारिर परशन ह|मानलिचतर को उततर

पसतिसकाक साथ सलगन कर|दमिषटहीन विदयारथिथयो क लिलय मानलिचतर परशन क सथान पर एक अनय परशन ह|

PART-Aखड lsquoअrsquo

Answer all the questions given below

विनमनलिलखिख सभी परशनो क उततर दीजिजए-

1 List the four items of food available to people in Harappan cities 12+12+12+12=2

हड़पपा सभया क लिलय उपलबध चार खान की सओ की सची बनाइए

2Who started Virashaiva Tradition In which state it was became popular 1+1=2

ीरश परपरा को विकसन शर विकया था विकस राजय म यह परलिसदध हआ

3 What do the terms ldquoWhite ldquoandldquoBlackrdquo Town signify 2

lsquoसफ़दrsquo और lsquoकालाrsquo शहर स आप कया समझ ह

PART-B

खड lsquoबrsquo

Section-I

अनभाग-1

Answer any five of the following questions

विनमनलिलखिख परशनो म स विकनही पाbच क उततर दीजिजए-

4 Describe some of the distinctive featuresof Mohenjo-Daro (Any four)1+1+1+1=4

मोहजोदड़ो की चार विशषाए बाइए|

5 Describe four main teachings of Buddhism 1+1+1+1=4

बौदध धम( की चारलिशकषाओ की वयाखया कर |

6 Explain that lsquoAin-i-Akbarirsquo is an extraordinary document of its time4

lsquoआइन-ए ndashअकबरीrsquo अपन समय की अविउततम पसक थी | वयाखया कीजिजए |

7 What do you think was the significance of the rituals associated with the Mahanavami dibba4

महानमी विडबबा स जड़ी धारमिमक काय(करमो का कया महत था |

8 What were the main provisions of the Permanent Settlement (Any four)1+1+1+1=4

सथाई बदोबस की चार मखय पराधान कया थ

9 Discuss the evidence that indicates planning and coordination on the part of the rebels 4

उन परमाणो की वयाखया कीजिजए जिजसस विदरोविहयो म योजना ए सहयोग का पा चला ह

Section-2

अनभाग -2

Value Based Question

10 The aim of the religion should be unity of mankind- keeping this statement in mind describe the relevance of Kabirrsquos teachings 4

मलय आधारित परशन

lsquoधम( का मखय उदशय मानमातर की एका होनी चाविहएrsquondash इस कतवय को धयान म रख हए कबीर की लिशकषाओ की परासविगका बाइए |

PART-C

खड lsquoस lsquo

11 Why all the Mughal Emperor given importance to Land revenue system Describe Land revenue system of the Mughal period 3+5=8

सभी मग़ल शासको न भमिम राजस परणाली को कयो महत ठिदया मग़ल काल की भमिम राजस परणाली की वयाखया कीजिजए |

12 In what way did Mahatma Gandhi transform the nature of the National Movement 8

महातमा गाधी न राषटरीयआदोलन की परकवि को विकस परकार परिररकि विकया

13What historical forces shaped the vision of the Constitution How was the term minority defined by different groups 4+4=8

विकन ऐविहालिसक कारणो न सविधान की रपरखा विनधा(रिर विकया अलपसखयको को विभिभनन दलो न विकस परकार परिरभाविष विकया

14 Discuss whether the Mahabharata could have been the work of a single author 8

कया महाभार विकसी एक लखक की रचना हो सकी ह विचना कीजिजए |

PART-D

खड ndashlsquoद lsquo

Passage based questions

सरो आधारिर परशन 73=21

Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उसक नीच लिलख परशनो क उततर लिलखिखए |

15 The anguish of the king

When the king DevanampiyaPiyadassi had been rulingfor eight years the (country of the) Kalingas (presentdaycoastal Orissa) was conquered by (him)One hundred and fifty thousand men were deported a hundred thousand were killed and many more died After that now that (the country of) the Kalingas has been taken Devanampiya (is devoted) to an intense study of Dhamma to the love of Dhamma and to instructing(the people) in DhammaThis is the repentance of Devanampiya on account of his conquest of the (country of the) Kalingas For this is considered very painful and deplorable by Devanampiya that while one is conquering an unconquered (country) slaughter death and deportation of people (take place) there hellip

i) Who was called Devenampiya Piyadassi 1ii) Mention the limitations of inscriptions as a source to history 3

iii) Explain the effects of the war of kalinga on Ashoka 3

ाजा की वदना

जब दानाविपय विपयदससी न अपन शासन क आठ ष( पर विकए ो उनहोन कसिलग(आधविनक टv उड़ीसा) पर विजय पराप की| ढड़ लाख परषो को विनषकाविष विकया गया एक लाख मार गए और इसस भी जयादा की मतय हए|

कसिलग पर शासन सथाविप करन क बाद दानाविपय धमम क गहन अधययन धमम क सनह और धमम क उपदश म डब गए ह|यही दनाविपय क लिलए कसिलग की विजय का पwााप ह| दानाविपय क लिलए यह बह दनादायी और परिनदनीय ह विक जब कोई राजय पर विजय पराप करा ह ो पराजिज राजी का हनन होा ह ाहा लोग मार जा ह विनषकाविष विकए जा ह|

1) दनाविपय विपयदससी विकस कहा जाा था 2) इविहास क सरो क रप म अभिभलखो की कया सीमाए ह3) कसिलग क यदध का अशोक पर कया परभा पड़ा

16The poor peasant

An excerpt from Bernierrsquos description of the peasantry inthe countrysideOf the vast tracts of country constituting the empire ofHindustan many are little more than sand or barrenmountains badly cultivated and thinly populatedEven a considerable portion of the good land remainsuntilled for want of labourers many of whom perish inconsequence of the bad treatment they experiencefrom Governors The poor people when they becomeincapable of discharging the demands of theirrapacious lords are not only often deprived of themeans of subsistence but are also made to lose theirchildren who are carried away as slaves Thus ithappens that the peasantry driven to despair by soexcessive a tyranny abandon the countryIn this instance Bernier was participating incontemporary debates in Europe concerning the natureof state and society and intended that his description ofMughal India would serve as a warning to those who didnot recognise the ldquomeritsrdquo of private property

i) what were the problems about cultivating the land according to Bernier 1ii) Why did peasantry abandon the land 3iii) Explain the reasons given by bernier for the exploitation of the peasants 3गीब किकसान

यहाb बरकिनयर दवारा गरामीण अचल म कषको क विषय म ठिदए गए विरण स एक उदधरण ठिदया जा रहा ह

परिहदसान क सामराजय क विशाल गरामीण अचलो म स कई कल रीली भमिमया या बजर प( ही ह| यहा विक खी अचछी नही ह और इन इलाको विक आबादी भी कम ह| यहाb क विक कविष योगय भमिम का एक बड़ा विहससा भी शरमिमको क अभा म कविषविहीन रह जाा ह इनम स कई शरमिमक गन(रो दवारा विकए गए बर वयहार क फलसरप मर जा ह| गरीब लोग जब अपन लोभी सामिमयो की मागो को पोरा करन म असमथ( हो जा ह ो उनह न कल जीन- विन(हनक साधनो स लिच कर ठिदया जाा ह बसतिलक उनह अपन बचचो स भी हाथ धोना पड़ा ह जिजनह दास बनाकर ल जाया जाा ह| इस परकार ऐसा होा ह विक इस अतय विनरकशा स हाश हो विकसान गाb छोडकर चल जा ह|

इस उदधरण म बरकिनयर राजय और समाज स सबममिनध यरोप म परचलिल तकालीन विादो म भाग ल रहा था और उसका परयास था विक मगल कालीन भार स सबममिनध उसका विरण यरोप म उन लोगो क लिलए एक चानी काय( करगा जो विनजी सामिमत की ldquoअचछाइयोrsquordquo को सीकार नही कर थ|

1) बरकिनयर क अनसार कविष-काय( की समसयाएb थी2) विकसान कयो कविष-काय( छोड़ रह थ3) बरकिनयर न विकसानो क शोषण क का कारण बाए थ

17The Nawab has left

Another song mourned the plight of the ruler who had to leave his motherland

Noble and peasant all wept togetherand all the world wept and wailed Alas The chief has biddenadieu to his country and gone abroad

i) Name the ruler the passage refers to 1ii) Under what pretext did the British annex Awadh What do you think was

the real reason 3iii) Why did people mourn during the departure of the king 3

नाबाब साहब जा चक ह |

एक और गी म ऐस शासक की दद(शा पर विलाप विकया जा रहा ह जिजस मजबरन अपनी माभमिम छोडनी पड़ी आभिभजा और विकसान सब रो रह थ | और सारा आलम रोा ndashलिचललाा था | हाय जान-ए-आलम दस स विदा लकर परदस चल गय ह |

1) यह अश विकस शासक क बार म ह2) विबरठिटश न विकन कारणो स अध का अमिधगरहण विकया आपक अनसार इसका ासविक कारण कया था3) राजा क जान पर लोग दखी कयो थ

181 On the same given map of India three centres of the Indian National Movement are marked as 1-3Identify and write their names

1+1+1=3ठिदय गए मानलिचतर पर भारीय राषटरीय आदोलन क ीन क दर 1-3 क अको स लिचखिनह ह उनक नाम लिलखिखए |

182 Locate the Harappa and Mohanjodaro on the same Map 1+1=2

हड़पपा और मोहजोदड़ो को उसी मानलिचतर पर दशा(ओ |

Note- For blind students only(in lieu of question no 17)

लिसफ( अध विदयारथिथयो क लिलए (परशन 17 क सथान पर )17 Write name of any five centres of Indian National Movement 5

विकनही पाbच भारीय राषटरीय आदोलन क कनदरो क नाम लिलखो |

END

उततमाला माडल परशनपतर १

१गह जौ दाल विल

२कना(टक म बासनना न

३यरोविपयनो और भारीयो क रहन क अलग अलग सथान I

४विनसथिaeligपज शहर शहरी वयसथा जल विनकास परणाली गह सथापतय दग( सनानागार I

५अ) विशव अविनतय ह और लगाार बदल रहा ह ब) इस कषणभगर दविनया म दःख मनषय क जीन का अनरकिनविह त ह स)मधयम माग( अपनाकर मनषय दविनया क दखो स मलिकत पा सका ह द)आषटाविगक माग( इ)अपरिहसा य)झठ न बोलना इतयाठिद I

वयाखया क साथ परतयक परिबद का

६ अ)मग़ल सामराजय की सरचना ए सगठन क बार म जानकारी दना I

ब)सामराजय क लिलए विकय गए यदध ए विजयो का ण(न करना I

स)सामानय लोगो क बार म जानकारिरयाb इकठठा करना I

द)वयसाय लिशकषा ससकवि धारमिमक परथाए दरबार का गठन परशासन और सना क बार म जानकारी उपलबध करना I

७अ)धारमिमक महतत ब) सामाजिजक महतत स) राजनीविक महतत सनय कषमा का परदश(न इ) परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट का असर I

८)अ)राजस को विनभिw विकया गया ब) राजाओ और ालकदारो को जमीदारो क रप म गvक विकया गया स) जमीदार जमीन क मालिलक नही थ बसतिलक कल राजस इकठठा करन ाल थ द) जमीदारो को कपनी को एक विनभिw रकम य समय म दनी पड़ी थी इ)अगर ऐसा करन म असफल हो जा थ ो नीलामी क दवारा राजस की परकि की जाी थी I

९)कई जगहो पर लोगो न विनयोजिज आकरमण विकया १८५६-५७ क दौरान गाb-गाb म चपावियाb बाटी गयी विहनद- मसथिसलम एका का परदश(न ए दोनो की भानाओ का खयाल रख हए कोई उदघोषणा की गयी सभी ग क लोगो को अपन साथ जोड़न क लिलए उनह विबरठिटश सरकार की दमनकारी नीवियो क बार म बाया गया था उनक परिरणामो स अग कराया गया I

१०ईशवर एक ह उस विकसी भी नाम स पकारा जा सका ह उनहोन ईशवर म पण( समप(ण की बा की उनहोन कम(काडो का विरोध विकया समाज म वयाप बराईयो को नकारा I

११यह मग़ल विततीय वयसथा क लिलए महतपण( था कविष स ही राजस की सा(मिधक परातविप होी थी I

मग़ल सामराजय की परशासविनक वयसथा क मखय अग मनसबदार कविष राजस पर ही विनभ(र थ I

इन महतपण( विबनदओ का ण(न कर ---

अ)कषको क परकार खदकाश और पाविहकाश I

ब)भमिम का गvकरण I

स)राजस सली क रीक I

द)राजस परबधन का कनदरीय विभाग I

इ) राजस इकठठा करन की परणाली और उसक अमिधकारी Iसमबमिध अनय महतपण( परिबद

१२अ)गाधीजी क परारभिभक आनदोलन ब)जनसमदाय की कषमा पर भरोसा स) औरो की भागीदारी द) विहनद ndash मसथिसलम एका इ) अशपशया क खिखलाफ य)सतयागरह अपरिहसा सविनय अजञा की नई कनीक र) समाज क सभी ग का सहयोग पराप करना जस वयापारी ग( ए उदयोगपवि Iअनय समबमिध परिबद

१३अ)भारीय राषटरीय आनदोलन ब)विबरठिटश भारीय परिरषद अमिधविनयम स) विबरठिटश शासन क दौरान सामाजिजक आनदोलन द)नहर रिरपोट( य) राषटरीय विचारधारा पर आधारिर धम(विनरपकषा र)राजय की परकवि

1) बीपी बहादर --- समदाय और धम( क आधार पर

2) एनजी रगा --- आरथिथक आधार पर 3) जयपाल सिसह ---अछो और अनसलिच जावियो

को अलपसखयक क रप म पारिरभाविष विकया 4) कछ न भाषाई अलपसखयक पर कजिनदर विकया 5) एच महा --- सिलग विभद क आधार पर

मविहलाओ को अलपसखयक कहा अनय समबमिध परिबद

१४उपमहादवीप की एक अवि महतपण( रचना --- १००००० शलोकऐसा मन जाा ह की वयास न इसकी रचना की लविकन विकसी एक लखक न इस नही लिलखा I

अ)कछ कहाविनया मखय कहानी स समबमिध नही ह

ब)कषतरीय परभद I

स)रचना का ीय चरण २० ईसाप( स २०० ईसी क बीच का ह I

द) कथनो क आधार पर यह नही कहा जा सका की विकसी एक लखक न इसकी रचना की I

य)विकास क विभिभनन चरण Iअनय समबमिध परिबद

१५ स १७ सरो आधारिर परशन ह जिजनका परशन की परकवि का अधययन करक दना ह I उततर अनचछदो म ही विनविह ह या उनस समबमिध ह I

१८१ अ चौरी चौरा ब अमसर स दाडी

१८ मानलिचतर पर सथिसथवि

१८ दषटीबामिध छातरो क लिलए ---- राषटरीय आनदोलन क कोई पाच क दर

Model Paper - II

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

Model Question Paper - II

CLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsa) Answer all the questions Marks are indicated against each

questionb) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachc) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachd) Part B section-II is a value based questione) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachf) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )g) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181

and 182)सामानय किनदश a) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह b) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क नही

होन चाविहए c) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा 100

हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह d) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स अमिधक

न हो e) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह f) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

Part ndash AAnswer all the questions given below 2x3=61 Mention the two sections of the Harappan settlements and

give one main feature of eachहड़पपाई विनास क दो खडो को परतयक की एक-एक विशषा क साथ लिलखिखए

2 Mention two features of the protest movement started by Nayanars and Alvarsनयनारो और अलरो दवाराचलाय गय विरोध आदोलन की दो विशषाओ को लिलखिखए

3 Explainany two observations made by the Buchanan that helped the English East India Company to expand its trade in India बकानन दवारा बाय गय दो विनरीकषणो को बाइय जिजसस ईसट इसथिणडया कमपनी को भार म वयापार बढ़ान म मदद मिमली

Part ndash BSection ndash I

Answer any ldquoFIVErdquo of the following questions 4x5= 204 Describe how did the archaeologists classify their finds

ण(न कीजिजए विक परातविद अपन खोजो को कस गvक कर ह5 How important were gender differences in early societies

Give reasons for your answerपरारभिभक समाज म सिलग विभद विकना महततपण( था अपन उततर क लिलए क( दीजिजए

6 Explain how the people of Vijaynagar obtained water for their needs

वयाखया कीजिजए विक विजयनगर क लोग अपनी आशयकता क लिलए जल कस पराप कर थ

7 ldquoThe Keeping of exact and detailed records was a major concern of the Mughaladministrationrdquo Justify the statementसही और विस दसाज रखना मगल परशासन की एक मखय विशषा थीrdquo इस कथन की सतया साविब कीजिजए

8 How did the American civil war affect the lives of ryots in Indiaअमरीकी लिसविल यदध न भारीय रयो क जीन को कस परभावि विकया

9 What was the policy of Subsidiary Alliance Explainसहायक समिध की नीवि कया थी वयाखया कीजिजए

Section ndash IIValue based question 2+2=410 lsquoMahatma Gandhi transformed the nature of the national

movement of Indiarsquo Explain giving examples from the decisions taken by him during the national movementlsquoमहातमा गाधी न राषटरीय आदोलन क सरप को बदल ठिदयाrsquo महातमा गाधी दवारा राषटरीय आदोलनो क समय लिलए गय विनण(यो का उदाहरण दकर वयाखया कीजिजए

Part ndash C Long Answer questions

Answer any ldquothreerdquo of the following questions 8X3=24

11 Discuss the main features of the Mauryan Administration मौय( परशासन क मखय विशषाआ की चचा( कीजिजए

12 Explain the ways in which panchayats and village headmen regulated rural society उन रीको की वयाखया कीजिजए जिजसक दवारा पचाय और गराम परधान गरामीण समाज को विनयमिमविकए

13 Describe the composition of Mughal nobility their characteristics and functions

मगल कलीनो की सरचना उनकी विशषाओ और काय का ण(न कीजिजए14 Explain the developments since March 1946 that led to the

partition of India माच( 1946 स हए परिर(नो को वयाखया कीजिजए जिजसक कारण भार का विभाजन हआ

Part ndash DPassage based questions 7x3=21 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

15 Why were Stupas BuiltldquoThis is an excerpt from the MahaparinibbanaSutta part of the SuttaPitaka As the Buddhalay dying Ananda asked him ldquoWhat are we to do Lord with remains of the Tathagata (another name for the Buddha)rdquoThe Buddha replied ldquoHinder not yourelvesAnanda by honouring the remains of theTathagata Be zealous be intent on your own goodrdquoBut when pressed further the Buddha said ldquoAt the four crossroads they should erect a thupa(Pali for stupa) to the Tathagata And whosoever shall there place garlands or perfumehellipormake a salutation there or become in its presence calm of heart that shall long be to them for aprofit and joyrdquo(i) What are the Stupas Who advised the Ananda to build the

Stupa 2(ii) From which chapter has this excerpt been taken It is a part

of which book 1

(iii) Who was the Tathagata What had he told about the importance of the stupa 2

(iv) Name any two places where the Stupas have been built 2

सतप कयो बनाय जात थयह उदधरण महापरिरविनबबान सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा हपरिरविना(ण स प( आनद न पछाभगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अशषो का कया करगबदध न कहा ldquoथाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करोldquoलविकन विशष आगरह करन पर बदध बोलldquoउनह थाग क लिलए चार महापथो क चौक पर थप (सप का पालिल रप) बनाना चाविहए जो भी हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नाएगा या हाb पर हदय म शावि लाएगा उन सबक लिलए ह लिचर काल क सख और आनद का करण बनगाldquo(i) सप विकस कह हआनद को सप बनान की सलाह विकसन ठिदया

2(ii) यह उदधरण विकस पाठ स लिलया गया ह यह विकस पसक का विहससा ह

1(iii) थाग कौन था उसन सप क महतत क बार म कया बाया

2(iv) कोई दो सथान का नाम बाइय जहाb सप बनाय गय ह

2

16 ON HORSE AND ON FOOTThis is how Ibn Battuta described the postal systemIn India the postal system is of two kinds The horse-post called lsquoUluqrsquo is run by royalhorses stationed at distance of every four miles The foot-post has three stations permit It iscalled lsquodawarsquo that is one third of a mile hellip Now at every third of a mile there is wellpopulated village outside which are three pavilions in which sit men with girded loins ready tostart Each of them carries a rod two cubits in length with copper bells at the top When thecourier starts from the city he holds the letter in one hand and the rod with its bells on theother and he runs as fast as he can When the men in the pavilion hear the ringing of bell theyget ready As soon as the courier reaches them one of them takes the letter from his and runs atthe top speed shaking the rod all the while until he reaches the next dawa And the sameprocess continues till the letter reaches its destination This foot-person is quicker than thehorse-post and often it is used to transport the fruit of Khurasan which are much desired inIndia

(i)Name the two kinds of postal System 1(ii) Explain how the foot post worked

2(iii) Why does Ibn-Battua think that the postal system in India was efficient

2(iv) How did the State encourage merchants in the 14th century

2अशव प औ पदलभार म दो परकार की डाक वयसथा ह अशव डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह हर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोड़ो दवारा सचालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो ह इस दाा कहा जाा ह और यह एक मील का एक-विहाई होा ह hellipअब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदशाहक शहर स यातरा आरभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर हाथ म घठिटयो सविह छड़ लिलए ह कषमानसार ज़ भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदशाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौड़ा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गवय सथान क पहbचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अशव डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

(i) दो परकार की डाक वयसथा क नाम बाइय 1(ii) वयाखया कीजिजए विक पदल डाक वयसथा कस काय( करी ह 2(iii) इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार म डाक वयसथा परभाकारी था 2(iv) 14 ी शाबदी म राजय न वयापारिरयो को कस परोतसाविह विकया 2

17 ldquoGovindBallabh Pant argued that in order to become a loyal citizen People had to stop focusingonly on the community and the self For the success of Democracy one must train himselfin the art of selfndashdiscipline In democracies one should care less for himself and more forothers There can not be any divided loyalty All loyalties must exclusively be centredround the State If in a democracy you create rival loyalties or you create a system inwhich any individual or group instead of suppressing his extravagance cares not forlarger or other interests then democracy is doomedrsquorsquo(i)Give three attributes of a loyal citizen in a democracy according to G B Pant 2(ii) What do you understand by lsquoSeparate Electoratersquo

1(iii) Why was the demand for Separate Electorate made during the drafting of

theConstitution 2(iv) Why was G B Pant against this demand Give two reasons

2गोपरिद बललभ प न कहा विक विनषठाान नागरिरक बनन क लिलए लोगो को समदाय और खद क बीच म रखकर सोचन की आद छोड़नी होगीलोकतर की सफ़ला क लिलए वयलिकत को आतमानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा-लोकतर म वयलिकत को अपन लिलए कम और औरो क लिलए जयादा विफ़कर करनी चाविहए यहाb खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाएb कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकतर म आप परविसपधv विनषठाएb रख द ह या विफर ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की बजाय हततर या अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकतर का डबना विनभिw ह(i) गोपरिद बललभ प क अनसार लोकतर म एक विनषठाादी नागरिरक क ीन अभिभलकषण कया ह 2(ii) पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 1(iii) सविधान लिलख समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गयी 2(iv) जी बी प इस माग क विरदध कयो थ दो कारण लिलखिखए 2

Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Champaran चमपारणb) Amritsar अमसर182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

उततमाला

माडल परशनपतर - II१ऊचा शहर ndash दग(

विनचला शहर ndash दग( स जयादा बड़ा

२ अ) जावि वयसथा क विरदधबी

ब)बामहनो क परभा का विरोध

स)जगह-जगह जाकर मिमल भजन गाए I (कोई दो )

अ)उसन वयापारिरक रप स महतपण( खविनजो की खोज की I

ब)जगल को कविष कषतर म परिररकि विकया गया I

४ अ)पराातवितक सामविगरयो का अधययन करक I

ब)हड़पपा क शहरो क लोग विभिभनन वयसाय ए सामाजिजक आरथिथक सथिसथवि क थI

स)शाधानो का अधययन सामाजिजक-आरथिथक विभिभननाओ क लिलए I

द) लोगो को दो शरभिणयो म गvक करना धनी और गरीब I

इ)इन शहरो म बनकर कषक वयापारी मछली मारन ाल इतयाठिद रह थ I

५) अ) सपभितत साधनो क लिलए I

ब)यमिधमिषठर दवारा दरौपदी को पास क खल म हार जाना यह लिसदध करा ह विक पतनी पवि क सपभितत क रप म जाी जाी थी I

स)मनसमवि क अनसार विपा की मतय क बाद सपभितत का बटारा पतरो क बीच म होा था बड़ पतर को विशष भाग मिमला था I

द)सतरीधन पर औरो का अमिधकार होा था I

इ)ऊची जावि की मविहलाय साधनो का उपभोग करी थी जस परभाी गपा I

६ अ) पराकविक साधनो स जो गभदरा नदी स पराप होी थी I

ब)पहाविड़या धाराओ क लिलए सरो का काय( करी थी I

स)शासको न जल को इकटठा करन क वयापक परयास विकय I

द)षा( क पानी को इकटठा करन क लिलए जलाशय बनाय गए I

इ)कमलपरम ालाब दवारा लिसचाई की वयसथा I

७ अ) दरबारी लखको का मीरबखशी विनरीकषण करा था य ाकयानाविश कह जा थ ए सभी दसाज और आदन का रिरकाड( इनक दवारा ही रखा जाा था जो दरबार म पश विकया जाा था I

ब)अखबारा म सभी रह की सचनाए जस दरबार म उपसथिसथवि पदो और पदवियो का दान राजनमियक लिशषटमडल विकसी अमिधकारी क सासथय क विषय म बादशाह दवारा ली गयी जानकारी I

स)समाचार ा और महतपण( शासकीय दसाज शाही डाक क जरिरय मग़ल शासन क अधीन कषतरो म एक छोर स दसर छोर क जा थ I

द)काफी दर सथिसथ पराीय राजधाविनयो स भी ा बादशाह को कछ ही ठिदनो म मिमल जाया कर थ I

इ)राजधानी स बहार ना अभिभजाो क परविविनमिध अथा राजप राजकमार था अधीनसथ शासक बड़ मनोयोग स इन उदघोषणाओ की नक़ल यार कर थ I

८ अ)परारभ म विबरठिटश कपास क लिलए अमरिरका पर विनभ(र थ दसर सरोो की लाश म लग गए I

ब)१८५७ म कपास पv सघ सथाविप विकया गया और मनचसटर कपास कपनी १८५९ म I

स)वयापारिरयो न शहरी साहकारो को अविगरम ठिदया ाविक गाो स कपास ल सक I

द)धनी विकसानो को इसस लाभ हआ पर बह बड़ी सखया म जो छोट ए गरीब विकसान थ कज( क जाल म फस गए I

इ)जब अमरिरकी गहयदध समाप हो गया ो हा कपास का उतपादन विफर स शर हो गया और विबरटन क भारीय कपास क विनया( म विगराट आयी I राजस की माग बढ़ा दी गयी ऋण का सरो सख गया I ऋणदाा न ऋण दन स मन कर ठिदया I

९ अ) सहायक समिध की नीवि को लजली न १७९८ म लाग विकया I

ब)सभी सथानीय शासको को विबरठिटश सका(र की गठबधन नीवि की श को सीकार करना था I

स)गठबधन म शामिमल राजयो को अपन कषतर क अग( एक विबरठिटश सनय परविविनमिध को रखना था I

द)उनकी सरकषा का दामियत विबरठिटश सरकार पर था I

इ)विबरठिटश परविविनमिध को सारी सविधाएb गठबधन म शामिमल राजय परदान कर थ I

१० अ) महातमा गाbधी न एक अपरिहसक आनदोलन शर विकया I

ब)विहनद ndash मसथिसलम एका को लकर उनहोन खिखलाफ आनदोलन क साथ असहयोग आनदोलन को जोड़ ठिदया I

स)चौरी-चौरा की घटना क बाद उनहोन असहयोग आनदोलन को ापस ल लिलया I

द)अशपशया का विरोध विकया I

इ)सदशी को आग बढान पर जोड़ ठिदया I

११ अ) कनदरीय परशासन सलाह क लिलए मवितरपरिरषद I

ब)दो राजधाविनया ndash पाटलीपतर और राजगीर पराीय क दर ndash भिकषला उsup2मियनी ोसाली सण(विगरिरI

स)सामराजय जिजला और गाो म विभाजिज था जिजल का परमख ndash सथाविनक और गाो का गरामिमक I

द)छः उपसमिमवियो म परवि समिमवि पाच सदसय थ और कल ीस सदसय I

पहली सनय समिमवि ndashनौसना दसरी ndash यााया और खान-पान ीसरीmdashपदल सविनको की चौथी ndash अशवारोविहयो की पाची ndash रथारोविहयो की छठीmdashहालिथयो का सचालन I

इ)यााया समिमवि उपकरणो को ल जान क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा करी थी I

य)अशोक न धमम-महामातर नामक नए अमिधकारीयो की विनयलिकत की I

१२ अ) गाb क बजग का सघ आमौर पर गाb क महतपण( लोग हआ कर थ जिजनक पास अपनी सपभितत क पशनी अमिधकार हआ कर थ I

ब)जिजन गाो म कई जावियो क लोग हो थ हा पचाय म विविधा पाई जाी थी I

स)पचाय का सरदार एक मखिखया होा था जिजस मकददम या मडल कह थ I

द)पचाय का खचा( गाb क उस आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I

इ)इस खजान स उन कर अमिधकारीयो की खाविरदारी का खचा( भी विकया जाा था जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ और दसरी ओर कोष का इसमाल पराकविक विपदाओ स विनपटन क लिलए भी होा था I

य)पचाय का एक बड़ा कम यह सलली करना था की लोग अपनी जावि की हदो क अनदर रह I

१३ अ) विभिभनन नजाीय था धारमिमक समह कोई भी दल इना बड़ा न हो विक राजय को चनौी द I

ब)अमिधकारी ग( गलदस क रप म रणिण फ़ादारी स बादशाह क साथ I

स)भारीय मल क दो शासकीय समहो ndash राजपो और भारीय मसलमानो न शाही सा म परश विकया I

द)जहाbगीर क समय ईराविनयो को उचच पद I

इ)सरकारी अमिधकारीयो क दजshy और पदो म दो रह क सखया ndash विषयक ओहद हो थ --- जाट और सार I

य)सनय अभिभयानो म अपनी सनाओ क साथ भाग ल थ और सामराजय क अमिधकारीयो क रप म भी काय( कर थ I

र)घड़सार लिसपाही शाही विनशान स पाशव( भाग म दाग गए उततम शरणी क घोड़ रख थ I

ल)ना-रकाब अभिभजाो का एक सरभिकष दल ndash परान या सनय अभिभयान म परविविनयकत विकया जाा I

१४अ)पराीय चनाो म कागरस न गर-मसथिसलमो का ९१३ म पराप विकया I

लीग न मसथिसलमो की सभी ३० सीटो पर जी दज( की ए आरभिकष सीटो पर ८६६ मसथिसलम मो को पराप विकया I

ब)माच( १९४६ म कविबनट मिमशन ठिदलली आया जिजसम ीन सदसय थ I मिमशन लीग की पाविकसान की माग का परीकषण करन आया था ए सतर भार की सचार रपरखा यार करन आया था I

स)ह एक कमजोर क दर क पकष म था जिजसक विनयतरण म कल विदशी मामल रकषा और सचार होा था पराीय सभाए ीन रह की होी ndash पहलीयाविन खड- अ म विहनद बहसखयक परान था ब ए स म मसथिसलम बहसखयक उततर पभिwम ए उततर प( क असम को लकर I

द )शरआ म सभी पारटिटयो न इस सीकार विकया लविकन लीग समहीकरण को अविनाय( करन की माग कर रही थी I

इ)कागरस चाही थी विक परानो को अपनी इचछा का समह चनन का अमिधकार मिमलना चाविहए लीग न इसका विरोध विकया I

य)कविबनट मिमशन योजना स अपना समथ(न ापस लन क बाद पाविकसान की माग को अमली जामा पहनान क लिलए लीग न परतयकष काय(ाही करन का फसला लिलया I

र)कलकतता म दगा भड़क उठा I

ल)पर अमसर म आगजनी और मारकाट हो रही थी I

)भारीय लिसपाही और पलिलसाल भी विहनद मसलमान या लिसख क रप म आचरण करन लग थ I

१५अ)पवितर सथान जहा बदध क शारीरिरक अशष सरभिकष रख जा थ ए उसकी पजा होी थी I

ब)महापरिरविनबबान सतत सतत विपटक

स)बदध का एक और नाम I थाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करो I

द)भरह और साbची

१६ अ)घड़सार डाक वयसथा और पदल डाक वयसथा

ब)ीन चरण ndashपरवि ीन मील पर असथान इस दाा कह ह और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb जिजसक बहार ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरमभ करन क लिलए बठ रह ह I

स)उसक अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा पचास ठिदनो म परी होी थी I गपचरो क दवारा दी गयी सारी जानकारिरया पाच ठिदनो म बादशाह को मिमल जाी थी I

द)सभी वयापारिरक माग पर सराय और विशराम गह बनाय गए I

१७ अ) स ndash अनशासन अपन लिलए कम और दसरो की जयादा विफ़कर करनी होगी I

ब)सभी अलपसखयको क लिलए पथक विना(लिचका I

स)सरकार म अलपसखयको की परभाी भमिमका I

द)अलपसखयक अलग-थलग हो जायग और कभी बहसखयक नही बन पाएग था उनक दवारा कही गयी बाो की परभाकारिरा नही रह जाएगी I

Model Question Paper - IIIHistory

Class ndash XIIWEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

7 MARKSBOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

General Instructions

Model Question Paper - IIICLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsh) Answer all the questions Marks are indicated against each

questioni) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachj) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachk) Part B section-II is a value based questionl) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachm) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )

n) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181 and 182)

सामानय किनदश g) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह h) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क

नही होन चाविहए i) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा

100 हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह j) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स

अमिधक न हो k) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह l) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

PART lsquoArsquo

ख़णड क

नीच ठिदए सभी परशनो क उततर दीजिजए

Answer all the questions given below

Q1 lsquoArt historians had to acquire familiarity with hagiographies of the Buddha in order to understand Buddhist sculpturersquo Analyze the statement with two examples 2

lsquoबौदध मरकिकला को समझन क लिलय कला इविहासकारो को बदध क चरिरतर लखन क बार म समझ बनानी पड़ीrsquo इस कथन का विशलषण दो उदाहरणो दवारा करिरए

Q2 Why were women considered an important resource in agrarian society Mention two reasons 2

गरामीण समाज म मविहलाय एक महतपण( सनसाधन कयो समझी जाी थी दो कारणो का उललख करिरए

Q3 Who were the Dubashes in colonial cities Explain one function they performed 2

औपविनलिशक शहरो म दभाश कौन थ उनक दवारा समपाठिद होन ाल एक काय( का उललख करिरए

PART lsquoBrsquo खणड ख

Section 1 अनभाग 1

विनमनलिलखिख म स विकनही ीन परशनो क उततर लिलखिखए

Answer any five of the following- 4x5 = 20

Q4 The problem of archaeological interpretations are perhaps most evident in attempts to reconstruct Harappan religious practices by the archaeologists Examine the statement with suitable examples

lsquoपराातवितक वयाखया की समसयाए b सभः सबस अमिधक हड़पपाई धारमिमक परथाओ क पनरकिनरमाण क परयासो म परातशाममिसतरयो क समकष आी हrsquo इस कथन का विशलशण उदाहरण सविह करिरए

Q5rdquoThe Dharmasutras and Dharmashastras also contained rules about the ideal lsquooccupationrsquo of the four categories or varnasrdquo Critically examine the statement

ldquoधम( सतरो और धम(शासतरो म चारो ग क लिलए lsquoआदश( जीविकाrsquo स जड़ कई विनयम मिमल हrdquo इस कथन का आलोचनातमक विचन करिरए

Q6 Explain Al-Barunirsquos description of caste-system What did he say about the rigidity of the caste-system

जावि वयसथा क सबध म अल-विबरनी की वयाखया पर चचा( कीजिजए जावि वयसथा की कठोरा क विषय म उसक कया विचार थ

Q7 Who were Andal and Karaikkal Ammaiyar What were their contributions and importance in the Indian Society 2+3

अडाल और करइककाल अममइयार कौन थ उनका योगदान कया था था भारीय समाज म कया महत था

Q8 Analyze how the Mughal emperorrsquos court procedures reflected his status and power 5

मगल समराट की दरबारी परविकरया समराट क सर था शकती को विकस परकार परदरथिश करी ह विशलषण कीजिजए

Q9 Critically evaluate the lsquoDeccan Riots Commissionrsquos reportrsquo

lsquoदककन दगा आयोगrsquo की रिरपोट( का आलोचनातमक मलयाकन कर

PART lsquoBrsquo खणड lsquoखrsquo

Section 2 अनभाग 2

Q10 Value based questions

Read the following value based passage given and answer the questions given below-

A Motherrsquos Advice

ldquoGandhari made one last appeal to her eldest son Duryodhana

By making peace you honour your father and me as well as your well-wishershellipit is the wise man who is in control of his senses who guards his kingdom Greed and anger drag a man away from his profits by defeating these two enemies a king conquers the earth hellip You will happily enjoy the earth my son along with the wise and heroic Pandavas hellip There is no good in a war no law (dharma) and profit (artha) let alone happiness nor is there (necessarily) victory in the end--donrsquot set your mind on warrdquo

माता की सलाह

ldquoगाधारी न अपन जयषठ पतर दयzधन स यदध न करन की विनी की

शाी की समिध करक म अपन विपा मर था अपन शभचछको का सममान करोगhelliphellipविकी परष जो अपनी इठिदरयो पर विनयतरण रखा ह ही अपन राजय की रखाली करा ह लालच और करोध आदमी को लाभ स दर खदड़कर ल जा ह इन दोनो शतरओ को पराजिज कर राजा समस धरी को जी सका हhelliphellipह पतर म विकी और ीर पाडो क साथ सानद इस धरी का भोग करोगयदध म कछ भी शभ नही होा न धम( और अथ( की परातविप होी ह और न ही परसनना की यदध क अ म सफ़ला मिमल यह भी ज़ररी नहीhelliphellipअपन मन को यदध म लिलप म करोhelliprdquo

Answer the following questions-

विनमनलिलखिख परशनो क उततर दीजिजए

Q101 Do you think that Gandharirsquos ldquopeacemakingrdquo advice was appropriate Give two reasons 2

कया आपको गाधारी की शाी समिध की सलाह उलिच लगी ह दो कारण बाइय

Q102 Why do you think that control of greed and anger are beneficial for human being and society Give three reasons 2

कया आपको ऐसा लगा ह विक लालच और करोध पर विनयनतरण मान ए समाज क विह म ह ीन कारण दीजिजए

PART C

खणड lsquoगrsquo

Long answer questions 8 x 3=24

Answer any THREE questions-

11 Why did Sanchi stupa survive while Amaravati stupa did not Support your answer with suitable examples

साbची का सप कयो बच गया जबविक अमराी सप नषट हो गया उदाहरण सविह उततर दीजिजए

Q12 Critically examine the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo in respect of Vijaynagar Empire Discuss whether the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo are appropriate description for the parts of the city for which these are used

विजयनगर राजय क सदभ( म lsquoराजकीय कनदरrsquo था lsquoपवितर कनदरrsquo की आलोचनातमक विचना करिरए था सपषट करिरए विक विजयनगर शहर क सदभ( म lsquoपवितर कनदरrsquo था lsquoराजकीय कनदरrsquo पदो का परयोग कहाb क उलिच ह

Q13 How were the panchayats formed during sixteenth and seventeenth centuries Explain their functions and authorities

सोलही और सतरही शाखिबदयो म पचायो का गठन विकस परकार होा था पचायो की काय(परणाली अमिधकारो ए सतता का उललख करिरए

Q14 Why did Mahatma Gandhi think Hindustani should be the national language How did the Constituent Assembly seek to resolve the language controversy

महातमा गाbधी को एसा कयो लगा था विक विहनदसानी राषटरीय भाषा होनी चाविहए सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला 5+5

PART D

खणड घ

Passage based questions 8x3 = 24

गददाश आधारिर परशन

Read the following extracts (Question No 17-19) carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो (परशन सखया 17-19) को धयानप(क पठिढ़ए और अ म पछ गय परशनो का उततर दीजिजए

Q15 What the Kingrsquos Officials Did

Here is an excerpt from the account of Megasthenes

Of the great officers of state somehelliphellipsuperintend the rivers measure the land as is done in Egypt and inspect the sluices by which water is led out from the main canals into their branches so that everyone may have an equal supply of it The same persons have charge also of the huntsmen and are entrusted with the power of rewarding or punishing them according to their deeds They collected the taxes and superintend the occupations connected with land as those of the woodcutters the carpenters the blacksmith and the miners

Questions

(i) Which empire is Megasthenes referring to 1

(ii) What similarity does Megasthenes tell about the officials of Egypt and this empire 2

(iii) Why was this work assigned to those officials who supervised the main gate of the canal water What more work did they perform 2

(iv) How many committees and sub-committees have been referred to by Megasthenes for the conduct of military activities 2

समराट क अधिधकाी कया - कया काय= कत थ

मगसथनीज़ क विरण का एक अश ठिदया गया ह

सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसतर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड़ जान ाल पानी क मख दवार का विनरीकषण कर ह ाविक हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर ह और लिशकारिरयो क विकरतयो क आधार पर उनह इनाम या दणड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका(ओ का भी विनरीकषण कर ह

परशन -

(1) मगसथनीज़ विकस सामराजय का उललख कर रहा ह 1

(2) मगसथनीज़ मिमसतर क अमिधकारिरयो और इस सामराजय क अमिधकारिरयो क मधय विकन समानाओ का उललख कर रहा ह 2

(3) यह काय( उन अमिधकारिरयो को कयो सौपा जाा था जो पानी क मख दवार का विनरीकषण कर थ इसक अविरिरकत अनय कया काय( कर थ 2

(4) मगसथनीज़ क अनसार सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए कौन सी समिमविया b और उपसमिमविया b विनयकत थी 2

Q16 DEHLI

Here is an excerpt from Ibn Batutarsquos account of Delhi often spelt as Dehli in texts of the period

The city of Delhi covers a wide area and has a large populationhellipthe rampart round the city is without parallel The breadth of its wall is eleven cubits and inside it are houses for the night sentry and gatekeepers Inside the ramparts there are store houses for storing edibles magazines ammunition ballistas and siege machines The grains that are stored can last for a long time without rottinghellipIn the interior of the rampart horsemen as well as infantrymen move from one end of the city to another The rampart is pierced through by windows which open on the side of the city and it is through these windows that light enters inside The lower part of the rampart is built of stone the upper part of bricks It has many towers close to one another There are 28 gates of this city which are called darwaza and of these the Budaun Darwaza is the greatest inside the Mandvi darwaza there is a grain market adjacent to the Gul darwaza there is an orchardhelliphellipIt has a fine cemetery in which graves have domes over them and those that do not have a dome have an arch for sure In the cemetery they sow flowers such as tuberose jasmine wild rose etc and flowers blossom there in all seasons

(i) How had Ibn-Batuta described the cities in the sub-continent 2

(ii) What was his description of Delhi 3

(iii) Mention any four changes in Delhi of today 2

दहली

ठिदलली जिजस तकालीन गरथो म अकसर दहली नाम स उदध विकया गया था का ण(न इबन बा इस परकार करा ह

ठिदलली बड़ कषतर म फला घनी जनसखया ाला शहर हhelliphellipशहर क चारो ओर बनी पराचीर अलनीय ह दीार की चौड़ाई गयारह हाथ (एक हाथ लगभग 20 इच क बराबर) ह और इसक भीर रावितर क पहरदार था दवारपालो क ककष ह पराचीरो क अदर खाददसामगरी हलिथयार बारद परकषपासतर था घरबदी म काम आन ाली मशीन क सगरह क लिलए भडारगरह बन हए थhelliphellipपराचीर क भीरी भाग म घड़सार था पदल सविनक शहर क एक स दसर छोर क आ-जा ह पराचीर म खिखड़विकयाb बनी ह जो शहर की ओर खली ह और इनही खिखड़कीयो क माधयम स परकाश अदर आा ह पराचीर का विनचला भाग पतथर स बना ह जबविक ऊपरिर भाग ईटो स इसम एक-दसर क पास-पास बनी कई मीनार ह इस शहर क अठटाईस दवार ह जिजनह दराज़ा कहा जाा ह और इनम स बदायb दराज़ा सबस विशाल ह माडी दराज़ क भीर एक अनाज मडी ह गल दराज़ क बगल म एक फलो का बगीचा हइस म एक बहरीन कबरगाह जिजसम बनी कबरो क ऊपर गबद बनाई गयी ह और जिजन कबरो पर गबद नही ह उनम विनभिw रप स महराब ह कबरगाह म कदाकार चमली था जगली गलाब जस फल उगाए जा ह और फल सभी मौसमो म खिखल रह ह

(1) उप-महादवीप क नगरो का ण(न इबन बा न विकस परकार विकया ह 2

(2) उसक दवारा ठिदलली का ठिदया गया विरण कया था 3

(3) आज की ठिदलली म आए विकनही चार परिर(नो का उललख कीजिजए 2

Q17 The jotedars of Dinajpur

Buchanan described the ways in which the jotedars of Dinajpur in North Bengal resisted being disciplined by the zamindar and undermined his power

Landlords do not like this class of men but it is evident that they are absolutely necessary unless the landlords themselves would advance money to their necessitous tenantryhelliphelliphellip

The jotedars who cultivate large portions of land are very refractory and know that the zamindars have no power over them They pay only a few rupees on account of their revenue and then fall in balance almost every kist (installment) they hold more lands than they are entitled to by their pottahs (deeds of contract) Should the zamindarrsquos officers in consequence summon them to the cutcherry and detain them for one or two hours with a view to reprimand them they immediately go and complain at the Fouzdarry Thana (Police Station) for imprisonment and at the munsiffrsquos (a judicial officer at the lower court) cutcherry for being dishonored and whilst the causes continue unsettled they instigate the petty ryots not to pay their revenue consequentlyhelliphellip

Questions

(i) Who were the jotedars 2

(ii) Describe the ways in which the jotedars resisted the authority of the zamindars 2

(iii) Why were they more powerful than the zamindars 2

(iv) By which names were they called 1

दिदनाजप क जोतदा

बकानन न बाया ह विक उततरी बगाल क ठिदनाजपर जिज़ल क जोदार विकस परकार ज़मीदार क अनशासन का परविरोध और उसकी शलिकत की अहलना विकया कर थ-

भसामी इस ग( क लोगो को पसद नही कर थ लविकन यह सपषट ह विक इन लोगो का होना बह ज़ररी था कयोविक इसक विबना ज़ररमद काशकारो को पसा उधार कौन दाhelliphelliphellip

जोदार जो बड़ी-बड़ी ज़मीन जो ह बह ही हठील और जिज़ददी ह और यह जान ह विक ज़मीनदारो का उनपर कोई श नही चला ो अपन राजस क रप म कछ थोड़ स रपय ही द दा ह और लगभग हर विकस म कछ-न-कछ बकाया रकम रह जाी ह उनक पास उनक पटट की हकदारी स ज़यादा ज़मीन ह ज़मीदार की रकम क कारण अगर अमिधकारी उनह कचहरी म बला थ और उनह डरान-धमकान क लिलए घट-दो-घट कचहरी म रोक ल ह ो र उनकी लिशकाय करन क लिलए फ़ौजदारी थाना (पलिलस थाना) या मसतिनसफ़ की कचहरी म पहbच जा ह और कह ह विक ज़मीदार क कारिरदो न उनका अपमान विकया ह इस परकार राजस की बकाया रकमो क मामल बड़ जा ह और जोदार छोट-छोट रय को राजस न दन क लिलए भड़का रह हhelliphelliphellip

(1) जोदार कौन थ 2

(2) ज़मीदार की सतता का परविरोध विकस परकार कर थ 2

(3) ज़मीदार की अपकषा आरथिथक रप म शलिकतशाली कयो थ 2

(4) उनह विकन नामो स पकारा जाा था 1

PART E खणड ङ

20 Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Rakhigarhi राखिखगडीb) Chanhudaro चनहदडो

182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

Note The following questions are only for the BLIND CANDIDATES in lieu of map question

Q20 Name five important Mahajanapadas 5

अथाor

Mention five important centers of national movement 5

For182

उततमाला

माडल परशनपतर ३ (१२ वी ककषा)

For Q21

1 बदध न जञान की परातविप एक कष क नीच धयान लगाकर पराप विकया I कष ndash जञान सप ndash महापरिरविना(ण चकर ndash परथम धमzपदश

2 २मविहलाय खो म परषो क साथ कध स कनधा मिमलाकर काय( करी थी I मविहलाय बआई विनराई और कटाई क साथ-साथ पकी हई फसल का दाना विनकालन का करीथी I

3 दभाष हो थ जो अगरजी और सथानीय भाषा दोनो म बोल सक थ I बलक टाउन क बाजार क नजदीक परपराग घरो म रह थ I विबरठिटश और भारीय समाज क बीच मधयसथ का काय( कर थ I

4 हड़पपा की लिलविप पढ़ी नही जा सकी ह I इसम ३७५ स ४०० क लिचनह ह I परातविदो का यह मानना ह की कछ ऐसी सए जिजनकी पहचान नही हो सकी ह ह धारमिमक महतत की ह I महरो क परीकषण की कोलिशश की गयी I मादी ndash सतरी मणमरकि गहनो स सजी हई परोविह राजा एक सिसग ाला जानर पौध का अलकरण याविन परकवि पजा आदय लिश I

५बराहमणो क लिलए दो का अधययन और अधयापन

कषवितरय ndash यदध परशासविनक नयाय दो का अधययन

शय ndash दो का अधययन कविष यगय करना वयापार शदरndash ीनो उचच ण की सा करना

६अलविबरनी न भार म वयाप जावि वयसथा का अनय जगहो की सामाजिजक वयसथा क साथ लना विकया I

-- बराहमणो की जावि वयसथा को उसन सीकार विकया I

अपवितरा को असीकार विकया ए इस परकवि क विनयमो क विरदध बाया I सय( हा को सचछ करा ह समदर म नमक पानी को गनदा होन स बचाा ह I

७अडाल ndash मविहला अलार स उसकी रचनाय गाई जाी ह

अममाईयार ndash लिश भकत अपन उददशय परातविप ह घोर पशया का माग( अपनाया I

इनकी रचनाओ न विप सततातमक आदश को चनौी दी I

८दरबार का क दरपरिबद ख़ था जिजसन सपरभ क काय को भौविक सरप परदान विकया I

शासक की कावि को सय( की कावि स पथक करन का काय( राजतर का परीक छरी कराी थी I

विकसी भी दरबारी को शासक दवारा ठिदया गया सथान उसकी महा का परीक था दरबार म मानय सबोधन लिशषटाचार था बोलन क विनयम विनधा(रिर विकय गए थ राजनमियक दो स भी ऐसा अपभिकष था खास मौको पर सजाट

९विबरठिटश सरकार न बबई सरकार को यह विनदshyश ठिदया की ह दककन दगो की जाच क लिलए एक आयोग का गठन कर I

आयोग न १८७८ म अपनी रिरपोट( परस की ससद म पछाछ की गयी कथन रिरकाड( विकय गए जिजल क कलकटर की रिरपोट( एकतर की गयी Iकारण ndash ऋण दााओ दवारा ऊb ची बयाज दर का लिलया जाना

१०१ हाb यदध स लाभ ए ख़शी नही मिमल सकी

१०२ लालच ए करोध पर विनयतरण मनषय को बजिदधमान बनाी ह यह यदध को रोकी ह ख़शी लाी ह I समाज म नविक मलयो को बढ़ाा दना जस माना पयार और अपरिहसा I

११साbची का सप इसलिलए बच गया कयोविक भोपाल की बगम न उस सरभिकष विकया था रल क ठकदारो की नजर उस पर नही पड़ी I शायद अमराी की खोज पहल हो गयी थी ए विदवान इस बा क महतत को समझ नही पाए थ I १७९६ म सथानीय राजा को अचानक अमराी क सप क अशष मिमल गए जब हा पर एक मठिदर बनाना चाह रह थ I १८५४ म गटर क कमिमशनर ालटर एलिलअ न अमराी की यातरा

की ए पभिwमी ोरण दवार को खोज विनकाला I अमराी क सप क कछ पतथर एलिशयाठिटक सोसाईटी आफ बगाल पहच I कछ लनदन क पहbच गए I

१२शाही क दर -- दभिकषण- पभिwम भाग म ६० मठिदर सममिममलिल मठिदरो और समपरदायो को परशरय दना शासको क लिलए महतपण( था जो इन द-सथलो म परविमिषठ दी- दाओ स समबनध क माधयम स अपनी सतता को सथाविप करन था धा परदान करन का परयास कर रह थ I

३० सरचनाओ की पहचान महलो क रप म की गयी ह I

कछ सरचनाय ndash महानमी विडबबा लोटस मठिदर असबल हजाराराम मठिदर I

पवितर क दर ndash कई मठिदर ---- पपादी मठिदर विरपाकष मठिदर विटठल मठिदर जन मठिदर I मठिदर सथापतय ndash गोपरम और मडप उकार गए समभ

१३गराम सभा ndash बजग की सभा य गाb क महतपण( वयलिकत थ ए सपभितत पर अनालिशक अमिधकार थाI

एक अलपतर जिजसम गाb क अलग अलग जावियो की नमाईदगी होी थी I छोट मोट और नीच कम करन ालो को इसम जगह नही मिमली थी पचाय का फसला सबको मानना पड़ा था I

मखिखया ndash मकददम या मडल गाb क बजग की सहमवि स चना होा था ए जब क इनका भरोसा इनपर रहा था भी क पद पर रह थ I

गाb क आमदनी ए खचshy का विहसाब- विकाब अपनी विनगरानी म कराना मखय काय( पचाय का खचा( गाb क आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I उन कर अमिधकारीयो की की खाविरदारी का खचा( जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ था पराकविक आपदाओ स विनपटन म कोष का इसमाल विकया जाा था इसक अलाा नहरो ए बाधो को बनान म I

१४गाधीजी क विचार ndash

विहनदसानी आम लोगो दवारा अचछी रह समझी जाी ह परिहदी ए उद( क मल स बनी यह भाषा बह लोगो क दवारा बोली जाी ह यह विविध ससकवियो क आदान परदान

स समदध हई एक साझी भाषा थी यह विविध समदायो क बीच सचार की आदश( भाषा हो सकी ह ए विहनद-मसथिसलम था उततर-दभिकषण को एकजट रख सकी ह I

भाषा समिमवि का गठन परिहदी क समथ(को ए विरोमिधयो क बीच क गविरोध को ोड़न क लिलए फाम(ल का विकास समिमवि क अनसार दनागरी लिलविप म लिलखी परिहदी भार की राजभाषा I

१५अ) मौय( सामराजय

ब)नदी विनरीकषक था भमिम को मापन ाल

स)लिशकारिरयो का विनरीकषण इनह इनाम या दड दना

द)सनय समिमवि --- नौ सना यााया ए पv स समबदध पदल सना घड़सार रथ ए हालिथयो की सना

१६अ)जनसखया विकलबदी दराजा घर बाजार मनोरजन

ब)जयादा जनसखया जयादा कषतरफल पराचीर रावितर पहरदारो और दवारपालो क ककष थ शहर क २८ दवार

स)कोइ चार परिर(न

१७अ)उततरी बगाल क धनी विकसान जो जररमद विकसानो को उधार द थ

ब)जमीदार दवारा जमा बढ़ान क सभी उपायो का विरोध जमीदारो को काम नही करन द थ

स)समझौो क मानदडो स जयादा जमीन उनक पास थी गाb म रह थ और गरीबो पर उनका विनयतरण था सथानीय वयापार पर उनका विनयतरण था और जररमदो को उधार द थ

द)मडल

LIST OF MAPSBook 1

1 P-2 Mature Harappan sites Harappa Banawali Kalibangan Balakot Rakhigadi Dholavira Nageshwar LothalMohenjodaro Chanhudaro Kot Diji2 P-30 Mahajanapada and cities Vajji Magadha Koshala Kuru Panchala Gandhara Avanti Rajgir Ujjain TaxilaVaranasi3 P-33 Distribution of Ashokan incriptions i Pataliputra ndash Capital of Ashokaii Major Rock Edicts ndash Girnar Sopara Sanchi Kalasi Shishupalgarhiii Pillar incriptions ndash Sanchi Topra Meerut Pillar Kaushambiiv Kingdom of Cholas Keralaputras and Pandyas4 P-43 Important kingdoms and towns i Kushans Shakas Satvahana Vakatakas Guptaii Citiestowns Mathura Kanauj Puhar Brahukachchha5 P-95 Major Buddhist Sites Nagarjunakonda Sanchi Amaravati LumbiniBook 21 P-174 Bidar Golconda Bijapur Vijayanagar Chandragiri Kanchipuram Mysore ThanjavurKolar2 P-214 Territories under Babur Akbar and Aurangzeb Delhi Agra Panipat Amber Ajmer Lahore GoaBook 31 P-297 Territoriescities under British Control in 1857 Punjab Sindh Bombay Madras Fort St David Masulipatnam Berar Bengal BiharOrrisa Avadh Surat Calcutta Dacca Chitagong Patna Benaras Allahabad and Lucknow2 P-305 Main centres of the Revolt Delhi Meerut Jhansi Lucknow Kanpur Azamgarh Calcutta Benaras Jabalpur Agra3 P-305 Important centres of the national movement Champaran Kheda Ahmedabad Benaras Amritsar Chauri-Chaura Lahore BardoliDandi Bombay (Quit India Resolution) Karachi

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शरी एमआर राल

पराचाय( कवि करमाक-1 ाय सना सथल भज

सयोजक

शरी सबोध कमार झा पीजीटी (इविहास) क वि करमाक १ ायसना भज

शरी (डॉ) आननद कमार पीजीटी (इविहास) क वि अहमदाबाद क ट

शरी अनीस कमार वितरपाठी पीजीटी (इविहास) क वि ायसना नालिलया

परसाना

इस सहायक सामगरी का विनमा(ण कनदरीय माधयमिमक लिशकषा बोड( दवारा विनधा(रिर ककषा बारही (इविहास) क नीन पाठयकरम क आधार पर विकया गया ह इस सहायक सामगरी म ीन मॉडल परशन पतर बल परिपरट था पया(प वयाखया और सको क साथ मारकिकग सकीम का समाश विकया गया ह इस सहायक सामगरी म कल 10 मानलिचतर सलगन विकय गए ह विभिभनन कठिठनाई सर पर अचछ अक पराप करन क लिलए साराश म महतपण( विबनद सपषटीकरण था सक ठिदए गए ह इस सहायक सामगरी का विनमा(ण विहनदी और अगरजी म विकया गया ह विदयारथिथयो को सझा ठिदया जाा ह विक इस सहायक सामगरी को धयानप(क पढ़ इसका विनयमिम अधययन और अभयास इविहास म अचछ अक पराप करन म सहायक होगा सयोजक क विनषठापण( ए समरकिप परयास था सहायक सामगरी का विनमा(णसमीकषा करन ाल विषय लिशकषक परशसा क पातर ह

शरी पी द कमार

उपायकत

कनदरीय विदयालय सगठन

कषतरीय काया(लय अहमदाबाद सभाग

विषय सची

भाग - 1

विषय एक

ईट मनक था असथिसथया b - हडपपा समया

विषय दो

आरभिभक राजय और अथ(वयसथाए b

(लगभग 600 ई प 600 ईसी )

विषय ीन

बधत जावि था ग( ndash आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ईसी )

विषय चार

विचारक विशवास और इमार - सासकविक विकास (लगभग 600 ईसा प( स ईसा स 600 क )

विषय पा bच

यावितरयो क नजरिरए - समाज क बार म उनकी समझ (लगभग दसी स सतरही सदी क)

विषय छः

भलिकत - सफी परपराए b

धारमिमक विशवासो म बदला और शरधदा गरथ (लगभग आठी स अठारही सदी क )

विषय सा

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर (लगभग चदही स सोलही सदी क )

विषय आठ

विकसान जमीदार और राजय

कविष समाज और मगल सामराजय (लगभग सोलही और सतरही सदी)

विषय नौ

राजा और विभिभनन ा - मगल दरबार (लगभग सोलही और सतरही सदी)

विषय दस

उपविनशबाद और दहा - सरकारी अभिभलखो का अधययन

विषय गयारह

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान

विषय बारह

औपविनलिशक शहर - नगर - योजना सथापतय

विषय रह

महातमा गाbधी और राषटरीय आदोलन सविनय अजञा और उसस आग

विषय चदह

विभाजन को समझना- राजनीवि समवि अनभ

विषय पदरह

सविधान का विनमा(ण - एक नए यग की शरआ

भाग - 2

अ आदश( परशन -पतर(हल सविह)

भाग - 3

मानलिचतरो की सची

पाठ - 01

ईट मनक था असथिसथयाb हड़पपा सभया

महतपण( विबनद

हड़पपा सभया का काल

प( हड़पपा 2600 ई प स पहल

परिरपक हड़पपा 2600 ई प स 1900 ई प क

उततर हड़पपा 1900 ई प क बाद

हड़पपा सभया का विसार

उततरी छोर मा bडा दभिकषणी छोर दमाबाद

पv छोर आलमगीरपर पभिwमी छोर सतकागदडोर

हड़पपा सभया की विशषाए

बसतिसयो क दो भाग थ 1 दग( 2 विनचला शहर

प( विनयोजिज जल विनकास वयसथा

हडपपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था

महरो क दवारा सदर कषतरो क साथ सपक( सभ हआ

विविनमय बाट क दवारा विकए जा थ बाट चट( नामक पतथर स बनाए जा थ य घनाकार हो थ और इनपर कछ भी अविक नही होा था

कछ परातविबदो को यह मानना था विक हडपपाई समाज का कोई शासक नही था जबविक दसर परातविबद का यह मानना था विक हा b कोई एक शासक क बजाए कई शासक हो थ

सड़को था गलिलयो को लगभग एकlsquoविगरडrsquo पदववि म बनाया गया था और य एक दसर को समकोण पर काटी थी

लिशलप काय म मनक बनाना शख की कटाई धाकम( महर विनमा(ण था बाट बनाना सममिममलिल थ

परशन १ हड़पपाई समाज म शासक और सरकार स समबमिध दो म बाए

हड़पपाई समाज म शासक की सथिसथवि को लकर विबदवानो म मभद ह ndash

१-कछ का मानना ह विक हड़पपाई सभया म एक स अमिधक शासक थ

२ ndashकछ का मानना ह विक सभी जगह एक समान सओ का पाया जाना एक समान बाट था कचच

सतरोो क पास नगर की सथिसथवि यह परमाभिण करा ह की हड़पपाई सभया म एक ही शासक थ

परशन २ हड़पपा सभया म मनक बनान क लिलए परयकत पदाथz की सची

बनाइए चचा( कर विक इन पदाथz को कस पराप विकया जाा था (2)

उततरः-मनको क विनमा(ण म परयकत पदाथा की विविधा उललखनीय हः कानvलिलयन (सदर लाल रग का) जसपर सफठिटक काट(ज था सलखड़ी जस पतथर ाbबा काbसा था सोन जसी धाएb था शख फया bनस और पककी मिमटटी सभी का परयोग मनक बनान म होा था

दो रीक जिजनक दवारा हड़पपाासी लिशलप-उतपादन ह माल पराप कर थ

1 उनहोन नागषर और बालाकोट म जहा b शख आसानी स उपलबध था बसतिसया b सथाविप की

2 उनहोन राजसथान क खडी अ चल ( ा bब क लिलए ) था दभिकषण भार (सोन क लिलए) जस कषतरो म अभिभयान भजा

परशन-३ अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी जानकारी कम कयो ह अपन क( स वयाखया कर (2)

उततरः-अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी कम जानकारी विनमनलिलखिख कारणो स ह

उस काल की लिलविप आज क पढ़ी नही जा सकी ह

कल पराातवितक अशषो का अधययन कर हए अनमान क आधार पर ही लिसनध घाटी सभया क विषय म (सभया का समय विकास आठिद का) जञान पराप कर पाए ह जबविक अनय सभयाओ क समबनध म जानकारी का मखय आधार उनकी लिलविप का पढ़ा जाना ह

परशन-४ हडपपा सभया क अघययन क दौरान कपरिनघम क मन म कया भरम था (2)

उततरः- आरभिभक बसतिसयो की पहचान क लिलए उनहोन चथी स साी शाबदी ईसी क बीच उपमहादवीप म आए चीनी बौदध ीथ(यावितरयो दवारा छोड़ गए ाो का परयोग विकया यहाb क विक कपरिनघम की मखय रलिच भी आरभिभक ऐविहालिसक लगभग

छठी शाबदी ईसा प( स चौथी शाबदी ईसी था उसक बाद क कालो ससबमिध परात म थी कई और लोगो की रह ही उनका भी यह मानना था विक भारीय इविहास का परारभ गगा की घाटी म पनप पहल शहरो क साथ ही हआ था

परशन-५ हड़पपा सभया क अधययन क दौरान माष(ल और कपरिनघम क दवारा अपनाए गए कनीक म कया अर था (2)

उततरः- माश(ल परासथल क सर विनयास को परी रह अनदखा कर पर टील म समान परिरमाण ाली विनयमिम कषविज इकाइयो क साथ-साथ उतखनन करन का परयास कर थ इसका यह अथ( हआ विक अलग-अलग सरो स सबदध होन पर भी एक इकाई विशष स पराप सभी परासओ को सामविहक रप स गvक कर ठिदया जाा था

परिरणामसरप इन खोजो क सदभ( क विषय म बहमलय जानकारी हमशा क लिलए लप हो जाी थी आरईएम वहीलर न इस समसया का विनदान विकया वहीलर न पहचाना विक एकसमान कषविज इकाइयो क आधार पर खदाई की बजाय टील क सर विनयास का अनसरणकरना अमिधक आशयक था

परशन-६ शाधान हड़पपा सभया म वयाप सामाजिजक विषमाओ को समझन का एक बहर सरो ह वयाखया कर (2)

उरः-1 शाधान का अधययन सामाजिजक विषमाओ को परखन की एक विमिध ह

2 हड़पपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था इन गz की बनाट एक दसर स भिभनन होी थी

3 कछ कबरो म ककाल क पास मदभाणड था आभषण मिमल ह जो इस ओर सक कर ह विक इन सओ का परयोग मतयपरा विकया जा सका ह परष ए सतरी दोनो क शाधानो स आभषण मिमल ह

परशन-७ हड़पपाई जल विनसारण परबध क बार म लख लिलख (4)

उरः- इस नगर की एक परमख विशषा इसका जल विनकास परबध था इस नगर की नालिलया b मिमटटी क गार चन और जिजपसम की बनी हई थी इनको बड़ी ईटो और पतथरो स ढ़का जाा था जिजनको ऊपर उठाकर उन नालिलयो की सफाई की जा सकी थी धरो स बाहर की छोटी नालिलया b सड़को क दोनो ओर बनी हई थी जो बड़ी और पककी नालिलयो म आकर मिमल जाी थी षा( क पानी क विनकास क लिलए बड़ी नालिलयो का घरा ढ़ाई स पा bच फट क था घरो स गद पानी क विनकास क लिलए सड़को क दोनो ओर गडढ बन हए थ इस थयो स यह परी होा ह विक सिसध घाटी क लोग अपन नगरो की सफाई की ओर बह धयान द थ

परशन-८ हड़पपाई समाज म शासको दवारा विकय जान ाल सभावि कायz की चचा( कीजिजए (4)

उततरः- विदवानो की राय ह - हड़पपाई समाज म शासको दवारा जठिटल फसल लन और उनह काया(तविन करन जस महतपण( काय( विकय जा थ इसक लिलए एक साकषय परस कर हए कह ह विक हड़पपाई परासओ म असाधारण एकरपा को ही ल जसा विक मदमाडो महरो बाटो था ईटो स सपषट ह

बसतिसयो की सथापना क बार म विनण(य लना बड़ी सखया म ईटो को बनाना शहरो म विशाल दीार सा(जविनक इमार उनक विनयोजन करन का काय( दग( क विनमा(ण स पहल चबरो का विनमा(ण काय( क बार म विनण(य लना लाखो की सखया म विभिभनन कायz क लिलए शरमिमको की वयसथा करना जस महतपण( ओर कठिठन काय( सभः शासक ही करा था ऽकछ परातविद यह मान ह विक लिसनध घाटी की समकालीन सभया मसोपोटामिमया क समान हड़पपाई लोगो म भी एक परोविह राजा होा था जो परासाद (महल) म रहा था लोग उस पतथर की मरकियो म आकार दकर सममान कर थ सभः धारमिमक अनषठान उनही क दवारा विकया या कराया जाा था कछ परातविद इस म क ह विक हड़पपाई समाज म शासक नही थ था सभी की सामाजिजक सथिसथवि समान थी दसर परातविद यह मान ह विक यहा कोई एक नही बसतिलक कई शासक थ जस मोहनजोदडो हड़पपा आठिद क अपन अलग-अलग राजा हो थ कछ और यह क( द थ विक यह एक ही राजय था जसा विक परासओ म समानाओ विनयोजिज बसतिसयो क कचच माल ईटो क आकार विनसथिषच अनपा था बसतिसयो क कचच माल क सतरोो क समीप ससथाविप होन स सपषट ह

परशन-९ आप यह कस कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी (4)

उततरः-हा b हम कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी विनमनलिलखिख उदाहरण इस बा को दशा( ह

नगर सविनयोजिज और घनी आबादी ाल थ

सड़क सीधी और चौड़ी थी

घर पककी लाल ईटो क बन थ और एक स अमिधक मजिजला म थ

परतयक घर म कआ सनानघर थ

जल विनकासी की उततम वयसथा थी जो मखय जल विनकासी स जड़ी थी

हड़पपा नगर म सा(जविनक भन दखन को मिमल ह

लोथल म डोकयाड( मिमल ह जिजसस पा चला ह विक मखय वयापारिरक कनदर रह थ

हड़पपा ससकवि क पन क बाद नगर विनयोजन लगभग भल गय और नगर जीन लगभग हजार ष( क दखन को नही मिमला

परशन-१० हड़पपाई लोगो की कविष परौदयोविगकी पर एक लख लिलख (4)

उरः-हड़पपाई लोगो का मखय वयसाय कविष था उतखनन क दौरान अनाज क दानो का पाया जाना इस ओर सक करा ह परिक कविष की विमिधयो का सपषट जानकारी नही मिमली ह खो क जोन क सक कालीबगन स मिमल ह महरो पर षभ का लिचतर पाया जाना भी इस ओर ही सक करा ह इस आधार पर परातविद अनमान लगा ह विक ख जोन क लिलए बलो का परयोग होा था

कई सथलो स मिमटटी क बन हल भी मिमल ह ऐस भी परमाण मिमल ह जिजसस यह पा चला ह विक दो फसल एक साथ भी उगाया जाी थी मखय कविष उपकरण कदाल थी था फसल काटन क लिलए लकड़ी क हतथो पर पतथर या धा क फलक लगाए जा थ अमिधकाष हड़पपा कषतरो म सिसचाई क साधनो को विकलिस विकया गया था कयोविक यह कषतर अध( षषक परभितत का ह सिसचाई क मखय साधन नहर और कए b थ अफगाविनसान म नहरो क अषष मिमल ह परायः सभी जगह कए b मिमल ह और धौलाीरा म जलाषय मिमला ह सभः सिसचाई ह इसम जल सचय विकया जाा होगा

परशन-११ चचा( कीजिजए विक परातविद विकस परकार अी का पनविनमा(ण कर ह (8)

उरः- 1 कई बार अपरतयकष साकषय का भी सहारा लना पड़ा ह और परतयकष ए अपरतयकष साकषय म समाना ढ bढ़ ह

2 भोजन अथा भोजय पदाथz की पहचान क लिलए मिमल अषषो म अनन अथा अनाज पीसन या पकान क यतर अथा बरनो का अधययन विकया जाा ह

3 परातविद परासओ को ढ़bढकर उनका अधययन कर अी का पनविनमा(ण कर ह परासओ की खोज उदयम का आरभ मातर ह

4 इसक बाद परातविद अपनी खोजो को गvक कर ह

5 परातविदो को सदभ( की रपरखा भी विकलिस करनी पड़ी ह

6 लिशलप उतपादन क कनदरो की पहचान क लिलए परसर विपणड औजार ा bबा-अयसक जसा कचचा माल इतयाठिद ढ़bढ ह

7 गvकरण का एक सामानय लिसदधा परयकत पदाथz जस पतथर मिमटटी धा असथिसथ स सबमिध होा ह

8 विकसी भी स को उसकी (मान उपयोग स जोड़ा जाा ह

9 सासकविक ए सामाजिजक भिभनना को जानन क लिलए कई अनय विमिधयो का परयोग कर ह शाधानो का अधययन ऐसा ही एक परयोग ह

10 परातविद विकसी परास की उपयोविगा को समझन का परयास उसक उतखनन सथल स भी कर ह

परशन - १२ अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिए-

एक lsquoआकरमणrsquo क साकषय डडमन लन एक सbकरी गली ह जिजसकी चड़ाई 3 स 6 फीट क परिरv ह

ह विबद जहाb यह गली पभिwम की ओर मड़ी ह 4 फीट था 2 इच की गहराई पर एक खोपड़ी का भाग था एक यसक की छाी था हाथ क ऊपरी भाग की हविडडया b मिमली थी य सभी बह भरभरी असथा म थी यह धड़ पीठ क बल गली म आड़ा पड़ा हआ था पभिwम की ओर 15 इच की दरी पर एक छोटी खोपड़ी क कछ टकड़ थ इस गली का नाम इनही अशषो पर आधारिर ह

जा bन माश(ल मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन 1931 स उदध 1925 म मोहनजोदड़ो क इसी भाग स सोलह लोगो क असथिसथ-पजर उन आभषणो सविह मिमल थ जो मतय क समय पहन हए थ

बह समय पwा 1947 म आरईएम वहीलर न जो भारीय पराातवितक सshyकषण क तकालीन डायरकटर जनरल थ इन पराातवितक साकषयो का उपमहादवीप म जञा पराचीनम गरथ ऋगद क साकषयो स सबध सथाविप करन का परयास विकया

उनहोन लिलखाः ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधस क कहा गया ह य दग( कहाb ह या थ पहल यह माना गया था विक य मिमथक मातर थ हड़पपा म हाल म हए उतखननो न मानो परिरदशय बदल ठिदया ह यहाb हम मखयः अनाय( परकार की एक बह विकलिस सभया पा ह जिजसम अब पराप जानकारी क अनसार विशाल विकलबठिदयाb की गई थी यह सदढ़ रप स सथिसथर सभया कस नषट हई हो सका ह जलाय सबधी आरथिथक अथा राजनीविक हयास न इस कमजोर विकया हो पर अमिधक सभाना इस बा की ह विक जानबझ कर था बड़ पमान पर विकए गए विनाश न इस अविम रप स समाप कर ठिदया यह मातर सयोग ही नही हो सका विक मोहनजोदड़ो क अविम चरण म आभास होा ह विक यहा b परषो मविहलाओ था बचचो का जनसहार विकया गया था पारिरसथिसथविक साकषयो क आधार पर इदर अभिभयकत माना जाा ह| आरईएम वहीलर हड़पपा 1946 एलिशएट इविडया ( जन(ल ) 1947 स उदध 1960 क दशक म जाज( डलस नामक परातविद न मोहनजोदड़ो म जनसहार क साकषयो पर साल उठाए उनहोन ठिदखाया विक उस सथान पर मिमल सभी असथिसथ-पजर एक ही काल स सबदध नही थः हालाbविक इनम स दो स विनभिw रप म सहार क सक मिमल ह पर अमिधकाश असथिसथयाb जिजन सदभ म मिमली ह इविग करी ह विक य अतय लापराही था शरदधाहीन रीक स बनाए गए शाधान थ शहर क अविम काल स सबदध विनाश का कोई सर नही ह वयापक सर पर अखिगनकाड क लिचहय नही ह चारो ओर फल हलिथयारो क बीच कचधारी सविनको क श नही ह दग( स जो शहर का एकमातर विकलबद भाग था अविम आतमरकषण क कोई साकषय नही मिमल ह जीएफडलस lsquoद मिमलिथकल मसकर एट मोहनजोदड़ोrsquo एकसपीडीशन 1964 स उदध जसा विक आप दख सक ह विक थयो का साधानीप(क पनरकिनरीकषण कभी-कभी प(v वयाखयाओ को परी रह स उलट दा ह

( क ) विकस परातविद न यह साकषय परस विकया ह ( 1 )

उततर जन माश(ल न यह साकषय अपनी पसक मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन म ठिदया ह

( ख ) हड़पपा सभया क विनाश क विकस क( की ओर यह अनचछद इशारा करा ह ( 1 )

उततर यह साकषय हड़पपा क विनाश म विदशी हमला की भमिमका की ओर इशारा करा ह

( ग ) कौन इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह और कयो ( 3 )

उततर- आर ई एम वहीलर इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह कयोविक ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधसक कहा गया ह

( घ ) विकसन और कस इसकी एक अलग वयाखया की ह ( 3 )

उततर- जाज( डलस न इस परमाण क विपरी लिसदधा का परविपादन विकया ह ो इस बा को मानन स विहचक ह विक यह हमला आयz न विकया था उनक अनसार जो ककाल यहा b मिमल ह ो हड़पपा काल क नही ह इस मातरा म ककाल मिमल ह था उनकी जो असथा ह उसस यह भी कहा जा सका ह विक यह एक बचड़खान का शाधान हो विकसी भी श पर शसतर क घा कोई हलिथयार जलन क अशष नही पराप हए ह

पाठ - 2राजा विकसान और नगरमहतपण( विबनद

- हड़पपा सभया क बाद लगभग 1500 षz क दौरान उपमहादवीप क विभिभनन भागो म कई परकार क विकास हए जस -ऋगद का लखन काय( कषक बसतिसयो का उदय अविम ससकार क नय रीक नगरो का उदय आठिद

- ऐविहालिसक सतरो अभिभलख गरथ लिसकक लिचतर आठिद

- अशोक क अभिभलख - बराहमी था खरोषठी लिलविपयो म लिलख गए ह

- छठी शाबदी म ई 0 प0 को एक महतपण( परिर(न काल माना जाा ह इसको राजयो नगरो लोह क परयोग और लिसकको क विकास स जोड़ा गया ह इस समय बौदव - जन धम( था अनय दाश(विनक विचारधाराओ का विकास हआ - बौदव - जन धमz क गरथो म सोलह महाजनपदो का उललख मिमला ह मखय ह

- सथिsup2 मगध कौशल कर पाचाल गाधार और अवि जस आठिद

अविलघ पर शन ( 02 अक ) परशन- 1 महापाषाण कया ह

उततरः- अ ई पपरथम सहसतराबदी क दौरान मधय और दभिकषण भार म पाए जान ाल पतथरो क बड - बड ढा bच ह

ब इनह कबरगाहो क ऊपर रखा जाा था शो क साथ विभिभनन परकार क लोह क उपकरण और औजारो को दफनाया जाा था

परशन-2 छठी शाबदी ई प को परारभिभक भारीय इविहास म एक महतपण( परिर(नकारी काल कयो कहा जाा था

उततरः- अ इस काल को परायः आरभिभक राजयो लोह क बढ परयोग और लिसकको क साथ जोडा जाा ह

ब इसी काल म बौदव और जन सविह विभिभनन दाश(विनक विचारधाराओ का उदय हआ

परशन- 3 धमम महामातत कौन थ

अ समराट असोक दवारा विनयकत विशष अमिधकारी

ब धमम क परचार क लिलए इनकी विनयलिकत की गई थी

परशन-4 मौयz क बार म जानन क लिलए कोई दो सरोो क नाम लिलखिखए

उततरः- अ) कौठिटलय का अथ(षासतर

ब) मगसथनीज का विरण - इविडका

स) असोक का अभिभलख

परशन-5 कषाण कौन थ

उततरः- चीन म रहन ाल एक कबायली जावि

अ मधय एलिशया स लकर पभिwमोततर भार क एक विशाल सामराजय म शासन

ब भार म सोन क लिसकक सबस पहल कषाणो न जारी विकया था

परशन-6 अशोक क अभिभलख विकन -विकन भाषाओ लिलविपयो म लिलख जा थ

उततरः- क भाषा-पराक भाषा बराहमी लिलविप म और यनानी भाषा-खरोषठी लिलविप म

परशन-७ सााहन शासको क लिलए मााए विकस परकार महतपण( थी अपन उततर क पकष म एक उदाहर दीजिजय

उततर-सााहन शासको क समय समाज मातरसातमक था कयोविक शासको क नाम क आग उनक माा

का नाम मिमला ह जस गौमीपतर ालिशसथिसथपतर

लघ पर शन ( ०४ अक ) परशन-८ मगध क एक शलिकतशाली राजय क रप म उदय क कारणो की चचा( कीजिजए

उततरः- 1 महताकाकषी शासक जस विममिमबसार अजाशतर महापदमननद

2 लोह की खान

3 उपजाऊ मिमटटी

4 जगली कषतरो म हाथी उपलबध थ जो सना का महतपण( अग था

5 दो राजधाविनया b थी राजगह विकल बद शहर था पाटली पतर - गगा क विकनार बसी हई थी

परशन-९ महाजनपदो की परमख पा bच विशषाओ की वयाखया कीजिजए

उततरः- 1 अमिधकाश महाजनपदो पर राजा का शासन होा था लविकन गण और सघ क नाम स परलिसदव राजयो म कई लोगो का समह शासन था

2 परतयक महाजनपदो की एक विकलबद राजधानी होी थी

3 सथायी सना जिजनह परायः कषक ग( स विनयकत विकया जाा था और विनयमिम नौकरशाही

4 धम(शासतर म शासक सविह अनय क लिलए विनयमो का विनधा(रण राजा कषवितरय ग( स

5 शासको का काम विकसानो वयापारिरयो और लिशलपकारो स कर सलना

परशन-१० अशोक क धमम क बार म लिलख 5

उततरः- 1 बडो का आदर करना

2 सनयालिसयो और बराहमणो क परवि उदारा

3 सको और दासो क साथ उदार वयहार

4 दसर क धम और परपराओ का आदर

5 धमम महामा की विनयलिकत

परशन-११ छठी शाबदी ई प स छठी शाबदी ई क कविष कषतर म हए मखय परिर(नो की उललख कीजिजए

उततरः- 1 कविष उतपादका को बढ़ान क लिलए लोह क फाल ाल हल का परयोग

2 गगा की घाटी म धान की रोपाई

3 सिसचाई क लिलए कओालाबो नहरो का परयोग

4 पजाब और राजसथान जस अध(षषक जमीनाल कषतरो म खी क लिलए कदाल का परयोग

5 उपज बढ़न स साधनो पर विनयतरण क कारण बड - बड जमीदार और गराम परधान अमिधक शलिकतशाली और विकसानो पर विनयतरण

6 शासक ग( भमिमदान क दवारा कविष को नए कषतरो म परोतसाविह करन की नीवि को अपनाया

परशन-१२ इविहास की पनः विनमा(ण म अभिभलख विकस रह सहाया कर ह

उततरः- 1 शासको ए उनकी उपलसतिबधयो क बार म जानकारी

2 लिलविप और भाषा की जानकारी

3 भमिमदान और अथ(वयसथा क बार म जानकारी

4 सामराजय का विसार

5 सामाजिजक और धारमिमक जीन क बार म जानकारी

परशन-१३ मौय( परशासन की परमख विशषाए कया थी 10

उततरः- 1 कनदरीय शासन - राजा का विनयतरण विधामियका काय(पालिलका नयायपालिलका सना था वितत पर था|

2 पराीय शासन - पराीय शासन कई पराो म बाट ठिदया गया था

3 सथानीय शासन - पाटलीपतर नगर का शासन 30 सदसयो क एक आयोग दवारा विकया जाा था

4 राजा सामराजय को उचच अमिधकारिरयो की सहाया स चलाा था

5 मौय( सामराजय क पा bच परमख राजनविक क दर

6 कानन और वयसथा

7 सगठिठ सना - मगसथनीज न सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवियो का उललख विकया ह

8 धमम परचार क लिलए धमम महामातत की विनयलिकत

9 भमिमकर सिसचाई और सड़को क परबध क लिलए विभिभनन अमिधकारी हो थ

10 गपचर विभाग - गपचर विभाग बह सदढ़ था

परशन-१४ विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

समराट क अमिधकारी कया - कया काय( कर थ

मगसथनीज क विरण का एक अश ठिदया गया ह सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख - रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर ह ाविक ह हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी विषकारिरयो का सचालन कर ह और विषकारिरयो क कतयो क आधार पर उनह इनाम या दड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका( का भी विनरीकषण कर ह

परशन- क सामराजय क महान अमिधकारिरयो क क(वयो की वयाखया कीजिजए (3)

उततरः- 1 सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर थ

2 कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर थ ाविक हर सथान पर पानी का समान परकि हो सक

3 यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर थ लिशकारिरयो क कतवितयो क आधार पर ईनाम या दड़ द थ कर सली कर थ भमिम स जड सभी वयसायो का विनरीकषण कर थ साथ ही लकडहारो बढ़ई लोहारो और खनन का(ओ का भी विनरीकषण कर थ

परशन-ख सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए विनयकत उपसमिमवियो की भमिमका की वयाखया कीजिजए उततरः- 1 सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवि का उललख मगासथविनज न विकया ह इन उपसमिमवि का काम नौसना यााया और खानपान पदल सना अषारोही रथारोविहयो और हालिथयो का सचालन करना था

2 दसरी समिमवि का दामियत विभिभनन परकार का था - उपकरणो को ढ़ोन क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा सविनको क लिलए भोजन जानरो क लिलए चार की वयसथा था सविनको क दखभाल क लिलए सको और लिशलपकारो की विनयलिकत करना

परशन-ग अशोक न अपन सामराजय को एकजट रखन क लिलए कया विकया (2)

उततरः- 1 अशोक न धमम क परचार क दवारा अपन सामराजय को एकजट रखन की कोलिशश की

2 धमम क परचार क लिलए धमम महामातत नाम स विशष अमिधकारिरयो की विनयलिकत की

पाठ - 3

बधत जावि था ग(आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ई )

महातपण( विबनद

- सामाजिजक इविहास - महाभार का उपयोग सामाजिजक इविहास की समसयाए जावि ग( कविबल आठिद की पनर(चना ह अनय सतरो

- ऐविहालिसक पषठ भमिम रचना क साधन - परिर(नो क परभा

- अभिभलख महाभार क सतरो था विषय

- बधा ए विाह परिरार विपविषक वयसथा विाह क विनयम सतरी का गरोतर माा का सथान

- सामाजिजक विशषाए ण( वयसथा अकषवितरय राजा जावि एकीकरण अधीना और सघष(

परशन 1 महाकावय का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततरः- एक लमबी कविा जिजसम विकसी नायक अथा राषटर क जीन उपलसतिबधयो का ण(न हो रामायण था महाभार इसक उदाहरण ह

परशन-2 मनसमवि का दो महत बाइए (2)

उततरः- 1 यह ातकालिलक समाज क विनयमो था परथाओ का ण(न दा ह

2 इसका परभा आज भी विहनदओ की जीन शली म ठिदखाई दा ह

परशनः- 3 महाभार का यदध कयो हआ था इसका कया परिरणाम हआ (2)

उततरः- महाभार का यदध जमीन था अमिधकारो को लकर हआ था इसम पाणडो की विजय हई

परशन- 4 कल था जावि का कया अथ( ह (2)

उततरः- ससक गरनथो म कल शबद का परयोग परिरार क लिलए और जावि का बाधो क बड समह क लिलए होा था

परशन-5 अ(विाह स कया ातपय( ह (2)

उततरः- अ(विाह म ाविहक सबध समह क मघय ही हो ह यह समह गोतर कल अथा जावि या विफर एक ही सथान पर बसन ालो का हो सका ह

परशन-6 चाडाल विकस कहा जाा था (2)

उततरः- पराचीन काल म ऐस काय( करन ाल लोग जिजनह उचच ग( रजिज माना था जस शो को दफन करना या जलाना म पशओ को उठाना था उनका चमड़ा विनकालना इतयाठिद

परशन-7 १००० ई० प० क बाद बराहमणो दवारा बाय गय गोतर क दो विनयम लिलखिखए

उततर - १-मविहलाओ क लिलए यह आशयक था विक विाह क पwा अपन विपा क गोतर को छोड़

अपन पवि का गोतर धारण कर

२-एक समान गोतर म विाह रजिज था

परशन-8 महाभार की भाषा था विषयस पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1महाभार को मलरप म ससक म लिलखा गया ह

2भाषा सरल सबोध ह

3यह एक गविशील गरथ ह

4इसक अनक पन(वयाखयाए b आसतिसत म आई

5इसक अनक परसगो को मरकिकला नाटय कला था नतय कला म दखा जा सका ह

परशन-9 महाभार क महत पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1भारीय ससकवि था विहनद धम( क विकास का लख जोखा ह

2यह एक बहआयामी गरथ ह

3समाज क सभी अग जस राजनीवि धम( दश(न था आदरश की झलक मिमली ह

4इसम यदध शावि सदगण दग(ण की वयाखया की गई ह

5भारीय इविहास का महतपण( सतरो ह रपक कथाए b सभः कालपविनक ह

परशन-10 महाभार काल क विदवीय चरण म (बारही स साी शाबदी ई प म) मिमलन ाल घरो क बार म बीबी लाल न कया लिलखा ह (4)

उततरः- 1 बीबी लाल को यहा b आबादी क पाच सरो क साकषय मिमल ह

2 इनम स दसरा ीसरा सर महतपण( ह

3 दसर सर क बार म बीबी लाल न पाया विक आास घरो की कोई विनभिw परिरयोजना नही थी

4 मिमटटी की बनी दीार था कचची मिमटटी की ईट अशय मिमली ह

5 कछ घरो की दीार सरकनडो की बनी थी

परशन-11 विकन मायनो म सामाजिजक अनबध की बौदध अधारणा समाज क उस बराहमणीय दमिषटकोण स भिभनन थी जो परषसकत पर आधारिर था

उततरः- 1 बौदध धम( न समाज की विषमा को सतय माना ह

2 यह विषमा नसरकिगक नही थी और न ही सथाई

3 बराहमणीय दमिषट स इस असमाना का आधार जनम ह

4 बौदध धम( न मान था नसपवि को शर स एक दसर पर परसपर विनभ(र माना ह

5 राजा लोगो दवारा चना जाा था जिजस साओ क बदल म कर ठिदया जाा था

परशन-12 पराचीनकाल क सामाजिजक मलयो क अधययन क लिलए महाभार एक अचछा सतरो ह (7)

उततरः- 1 महाभार मखय रप स सबमिधयो क बीच यदव की कहानी ह इसलिलए

इसम सामाजिजक जीन का झलक मिमली ह

2 समाज म विपतरलिशा का पालन होा था पक समपवि पर कल पतरो का अमिधकार था

3 पवितरयो का विाह गौतर क बाहर उलिच समय पर करना विपा का क(वय था

4 विलिशषट परिरारो म बहपवि परथा भी परचलिल थी दरौपदी क पा bच पवि थ

5 पतर क जनम को जयादा महतपण( समझा जाा था

6 कनयादान विपा का महतपण( कतत(वय माना जाा था

7 विाह क अनक परकार थ राकषसी विहविडमबा का भीम स विाह हआ था

8 माा का सथान सzचच था पाणडो न अपनी मा कनी की आजञा का सममान कर हय दरोपदी स विाह विकया था

9 महाभार ण था उनस जड़ वयसायो की जानकारी दा ह

10 परिरार म धद परष का अमिधपतय था

परशन-13 विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए और उसक अ म पछ गय परशनो क उततर दीजिजए (7) दरौपदी का विाह

उततरः- पाचाल नरश दपद न एक सयर का आयोजन विकया जिजसम यह श( रखी गई विक धनष की चाप चढा कर विनशान पर ीर मारा जाय विजा उनकी पतरी दरोपदी स विाह करन क लिलय चना जायगा अज(न न यह परवियोविगा जीी और दरौपदी न उस रमाला पहनाई पाणड उस लकर अपनी माा कनी क पास गय जिजनहोन विबना दख ही उनह लाई गई स को आपस म बाट लन को कहा जब कनी न दरौपदी को दखा ो उनह अपनी भल का अहसाह हआ विकन उनकी आजञा की अहलना नही की जा सकी थी बह सोचविचार क बाद यमिधमिषठर न विनण(य लिलया विक दरौपदी उन पाचो की पतनी होगी जब दरपद को यह बाया गया ो उनहोन इसका विरोध विकया विकन ऋविष वयास न उनह इस थय स अग कराया विक पाणड ास म इनदर क अार थ और उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था अः विनयवि न ही उन सबका साथ विनसथिषच कर ठिदया था वयास न यह भी बाया विक एक बार एक या सतरी न पवि परातविप क लिलए विष की आराधना की और उतसाह क अविरक म एक की बजाय पाच बार पवि परातविप का बर माग लिलया इसी सतरी न दरौपदी क रप म जनम लिलया था विष न उसकी पराथ(ना को परिरपण( विकया ह इन कहाविनयो स सषट होकर दरपद न इस विाह को अपनी सहमवि परदान की

1 पचाल नरश दरपद न अपनी पतरी का विाह करन क कयो परवियोविगा रखी(1)

2 वयास न राजा दरपद को दरौपदी का पाचो पाणड की पतनी बनन क लिलए कौन स दो थय ठिदय (3)

3 दरौपदी का विाह विकस परकार का विाह था इस परकार क विाह क परवि इविहासकारो क दो विचार बाइय (3)

उततर- 1 सयर का आयोजन विकया गया था जिजसक विजा स अपनी पतरी का विाह कर द

2 वयास न बाया विक पाणड इनदर क अार थ था उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था लिश न एक या सतरी को र ठिदया था जिजसन गली स पा bच बार पवि का र मा bग लिलया था उस सतरी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था

3 दरौपदी का विाह बहपवि का उदाहरण था इस परकार का विाह विलिशषट था बराहमणीय परपरा क अनरप न होन क कारण इस परकार क विाह को बराहमणो का समथ(न नही था

पाठ ndash 4

विचारक विशवास और ईमार महतपण( विबनद

- बौदध धम( का इविहास - साची सप पर बल

- विस सदभ( - ठिदक धम( जन धम( षणम शम बौदव धम( पर बल

- साची सप की खोज साची की मरकिया

- धारमिमक ाद -विाद बौदव धम( की पन(रचना

- पराचीन ठिदक धम( जन बौदव षण शल

- महाीर लिसदवाथ( ठिदककाल की उपासना रीवि

- हीनयान महायान (बौदव धम() शवामबर ठिदगमबर (जन धम()

- वितरविपटक जाक विपटक उपविनषद - लिलखिख सतरो

- जन बौदव धम( का परचार परसार मथरा - गाधार मरकिकलाए

- विबहार च सप आषटाविगक माग( बौदव क चार आय( सतय

02 अक ाल परशन

परशनः-1 बौदध धम( क चार मल सतय (आय( सतय) कौन स ह

उततरः-1 समपण ससार दखो स परिरपण( ह

2 सार दःखो का कोई-न-कोई कारण ह

3 दखो को राकन का एक माग( ह मनषय आषटाविगक माग( का अनसरण करक इन दखो और कषटो स छटकारा पा सका ह

परशनः- 2 छठी शाबदी ईप क काल म उतपनन होन ाल धारमिमक समपरदायो का गvकरण विकन भागो म विकया जा सका ह

उततरः- छठी शाबदी ईप क धारमिमक समपरदायो का गvकरण दो भागो म विकया जा सका हः

उततर- 1 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध विकया

2 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध न करक विकसी परान दी-दा को क दर बनाकर नीन लिसदधाो का परविपादन विकया

परशनः- 3 rdquoधम( चकरपर(नldquo स आप कया समझ ह

उततरः- rdquoधम( चकरपर(नldquo का अथ( ह धम( क चकर को घमाना जञान परातविप क बाद महातमा बदध न ाराणसी क पास सारनाथ क मगदा म मगदा म आषाढ़ परणिणमा को अपना जो परथम धमzपदश ठिदया उस rdquoधम( चकरपर(नldquo क नाम स जाना जाा ह

परशनः- 4 दो क महत पर परकाश डालिलए

उततरः- ठिदक साविहतय क सा(मिधक महतपण( गरथ द ह द सखया म चार ह- ऋगद सामद यजshyद और अथ(द ऋगद ठिदक साविहतय म सबस पराचीन गरथ ह यह गरथ पराचीन आयz क धारमिमक सामाजिजक आरथिथक ए राजनविक जीन पर परकाश डाला ह

परशनः- 5 सप कयो बनाए जा थ

उततरः- सप महातमा बदध अथा विकसी अनय पवितर भिभकष क अशषो जस-दा भसम आठिद अथा विकसी पवितर गरनथ पर बनाए जा थ अशष सप क आधार क कनदर म बनाए गए एक छोट स ककष म एक पठिटका म रख ठिदए जा थ

परशन 6-चार सामाजिजक ग( क नाम बाय जो बदध क अनयायी बन

उततर बदध क अनयायी विभिभनन सामाजिजक गz स आए जस

१ ndashधनी ग( क लोग

२ ndashशासक ग( क लोग

३-वयापारिरक ग( क लोग था

४ ndashलिशलपकार

(४ अक ाल परशन )परशनः- 7 आपक विचारानसार सतरी-परष सघ म कयो जा थ

उततरः- 1 ससारिरक विषयो स दर रहना चाह थ

2 हा b का जीन सादा अनशालिस था

3 हा लोग बौदध दश(न का अधययन कर सक थ

4 सघ म सभी का समान दजा( था

5 हाb लोग धमम क लिशकषक (उपदशक) बनाना चाह थ

परशनः- 8 जन धम( की महतपण( लिशकषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- 1 अपरिहसा पर जोर ठिदया गया

2 जाविाद क विरदध था कोई भी वयलिकत इस धम( को अपना सका था

3 उनहोन भगान क असतिसत को असीकार विकया

4 आतमा म विशवास कर थ

5 कम( काय( क लिसदधा म विशवास कर थ

परशनः- 9 साची सप क सरकषण म भोपाल की बगमो न कया योगदान ठिदया

उततरः- 1 उनहोन साची क सप क रख-रखा क लिलए धन का अनदान विकया

2 सलानजहा बगम न हा पर एक सगरहालय और अविलिथशाला बनान क लिलए भी अनदान ठिदए

3 यहा रहकर सर जान न साची पर पसक लिलखी जिजनह सलानजहा बगम न अनदान ठिदया

4 यठिद यह सप जीवि ह ो कल बगमो क योगदान स

5 यह साची का सप हमार दश की महतपण( ासकला ह जिजसकी सरकषा भोपाल की बगमो दवारा की गई

परशनः- 10 महातमा बदध की लिशकषाओ का उललख कीजिजए

महातमा बदध की लिशकषाए b-

उततर- 1 विशव अविनतय अथा( कषणभगर ह और यह विनरनर परिररकि हो रहा ह

2 विशव आतमाविहीन ह कयोविक यहाb कछ भी सथायी अथा शाशव नही ह

3 विशव म lsquoचार आय( (शरषठ) सतयrsquo ह य ह- दःख दःख समदाय दःखविनरोध और दःख विनरोध माग(

4 महातमा बदध कठोर पसया क विरदध थ(माधयम माग( पर बल द थ )

5 महातमा बदध न दस शीलो क पालन पर बल ठिदया ह

परशनः- 11 बौदध धम( क शीघरम विकास क कया कारण थ 8

उततरः-1 धम( की भाषा सरल थी जसा विक भगान बदध हमशा अपन उपदश आम बोलचाल भाषा म ठिदया कर थ

2 साधारण शदध धम( रीवि-रिराजो स पर था

3 अनकल ाारण कयोविक विहनद धम( म अगण की उतपभितत

4 विहनद धम( म बराईया कम(काड ए बलिल

5 परोविहो का च(स

6 विहनद धम( म धन का अपवयय

7 जाविाद ए छआछ का न होना

8 महातमा बदध का महान वयलिकतत अनय वयलिकतयो को परभावि करा था

9 भिभकष का अचछा वयहार चरिरतर

10 राजाओ दवारा सरकषण जस असोक हष(ध(न

अनचछद पर आधारिर पशनसप कयो बनाए जा थ

यह उदधरण महापरिरविना(ण सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा ह

महापरिरविना(ण स प( आनद न पछा-

भगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अषषो का कया करग

बदध न कहा ldquo थाग क अषषो को विषष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी

भलाई क लिलए परयास करोldquo

लविकन विशष आगरह करन पर बदध बोल -

rdquo उनह थाग क लिलए चार महापथो क चक पर थरप (सप का पालिल रप)ldquo बनाना चाविहए जो भी

हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नायगा या हाb पर हदय म शावि लायगा उन सबक लिलए

ह लिचरकाल क सख और आनद का कारण बनगा

1 यह उदधरण विकस मल पाठ स लिलया गया ह यह विकस गरथ का विहससा ह 1

2 सप कया हो ह आनद को सप बनान की सलाह विकसन दी थी 2

3 थाग कौन थ उनहोन सप का कया महत बाया था 2

4 विकनही ीन सथानो क नाम बाओ जहा b सप बनाए गय 2

उततरः- 1 यह उदधरण महापरिरविना(न सतत नामक मल पाठ स लिलया गया ह यह सततविपटक नामक गरथ का विहससा ह

2 सप बदव धम( स जड पवितर टील ह इनम बदव क शरीर क कछ अषष अथा उनक दवारा परयोग की गइरर विकसी स को गाड़ा गया था आनद को सप बनान की सलाह बदध न दी थी

3 थाग सय बदव थ उनहोन आनद को बाया विक जो कोई सप म धप या माला चढायगा या शीष नायगा अथा हा पर मन म शावि लायगा उसक लिलए सप लिचरकाल क शावि का कारण बनगा

4 भरह साची था सारनाथ

पाठ - 5यावितरयो क नजरिरए1 अल-विबरनी था विकाब-उल-विहनद

11 खारिरजम स पजाब क

अल-विबरनी का बचपन लिशकषा

खारिरजम क आकरमण क पwा सलान दवारा अल-विबरनी को बधक क रप म

गज़नी लाना

अल-विबरनी की भार क परवि रलिच उतपनन होना

अल-विबरनी क यातरा तता

विभिभनन भाषाओ का जञाा

12 विकाब-उल-विहनद

विलिशषट शली का परयोग

दकथाओ स लकर खगोल विजञान और लिचविकतसा सबधी कविया

2 इबन-बा का रिरहला

21 रिरहला इबन-बा दवारा लिलखा गया यातरा तता

सामाजिजक था पराकविक जीन की जानकारिरयो स भरपर

मधय रलिशया क रास लिसनध पहbचना

ठिदलली आकर महममद विबन गलक स मिमलना

ठिदलली का काज़ी विनयकत होना

मधयभार क रास मालाबार पहbचना

भार क अनक सथानो का भरमण

चीन की यातरा

भार क सामाजिजक आरथिथक राजनविक जीन का विरण परस करना

यातरा माग का सरभिकष न होना

22 जिजजञासाओ का उपयोग

मोरकको ापस जान क बाद अनभा को दज( विकए जान का आदश

3 फासा बरकिनयर

एक विलिशषट लिचविकतसक

एक परलिसदध फरासीसी जौहरी

भार की 6 बार यातरा

बहआयामी वयलिकतत

मगल दरबार स जड़ रहना

दारालिशकोह का लिचविकतसक

31 प( और पभिwम की लना

भारीय सथिसथवि की लना यरोपीय सथिसथवि

भारीय सथिसथवि को दयनीय बाना

उसकी कवि का अनक भाषाआ म अनाद

4 एक अपरिरलिच ससार की समझ

अल-विबरनी था ससकादी परपरा

अनक समसयाओ का सामना

पहली समसया भाषा धारमिमक असथा परथा म भिभनना ीसरा अभिभमान का होना

ससक गरथो का सहारा लना

42 अल-विबरनी का जावि वयसथा का ण(न

भार म बराहमणादी वयसथा

पराचीन फारस क सामाजिजक गz को दशा(ना

5 इबन बा था अनजान को जानन की उतकठा उपमहादवीप एक भिशवक

सचार तर का विहससा

नारिरयल और पान

इबनबा दवारा नारिरयल और पान का विरण

इबनबा और भारीय शहर

उपमहादवीप क शहरो का विरण

ठिदलली की परशसा

ठिदलली था दौलाबाद की लना

बाजार विभिभनन गविविमिधया क कनदर

शहरो की समजिदध का विरण

भारीय मालो का विनया(

53 सचार की एक अनठी परणाली

वयापारिरया की सविधा क लिलए वयापारिरक माग पर परी सविधाए

कशल काम परणाली

कशल गपचरो का होना

6 रकिनयर था अपविकलिस प(

रकिनयर दवारा भार की लना यरोप की विशषकर फरास स

रकिनयर का आलोकचनातमक अनःदमिषट था गहन लिचनन

भार को पभिwमी दविनया की लना म विनमन कोठिट का बाना

महतपण( विबनद -

अविलघ परशन (02 अक)

परशनः- 1 कोई दो यावितरया क नाम बाइए जिजनहोन मधयकाल (11 स 17 ी शाबदी) म भार की यातरा की

उततरः- 1 अल - विबरनी गयारही शाबदी म उजबविकसान स आया था

4 इबन बा चदही शाबदी म मोरकको स आया था

3 फरासा बरकिनयर सतरही शाबदी म फरास स आया था

परशन-2 अल - विबरनी क भार आन का कया उददशय था

उततरः- 1 उन लोगो क लिलए सहायक जो उनस (विहनदओ) धारमिमक विषयो पर चचा( करना चाह थ

2 ऐस लोगो क लिलए एक सचना का सगरह जो उनक साथ सबदध होना चाह ह

परशन-3 कया आपको लगा ह विक अल- विबरनी भारीय समाज क विषय म अपनी जानकारी और समझ क लिलए कल ससक क गरथो पर आभिशर रहा

उततरः- अल - विबरनी लगभग परी रह स बराहणो दवारा रलिच कवियो पर आभिशर रहा उसन भारीय समाज को समझन क लिलए अकसर दो पराणो

भगगीा पजलिल की कवियो था मनसमवि आठिद स अश उदघ विकए

परशन-4 भार म पाय जान ाल उन कषो का नाम बाइए जिजनह दखकर इबन बा को आwय( हआ

उततरः- 1 नारिरयल - नारिरयल क कष का फल मान लिसर स मल खाा ह

2 पान - पान एक ऐसा कष ह जिजस अगर - ला की रह उगाया जाा ह पान का कोई फल नही होा और इस कल इसकी पभिततयो क लिलए ही उगाया जाा ह

परशन-5 बरकिनयर न मगल सामराजय म कौन सी अमिधक जठिटल सचचाई की ओर इशारा विकया

उततरः- 1 ह कहा ह विक विषलपकारो क पास अपन उतपादो को बहर बनान का कोई परोतसाहन नही था कयोविक मनाफ का अमिधगरहण राजय दवारा कर लिलया जाा था

2 साथ ही ह यह भी माना ह विक पर विष स बड़ी मातरा म बहमलय धाएb भार म आी थी कयोविक उतपादो का सोन और चाbदी क बदल विनया( होा था

परशन 6-बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम बाइए सी परथा क बार म उसन कया लिलखा ह

बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम ह ndashटरल इन मग़ल एमपायर

सी परथा क बार म बरकिनयर न लिलखा ह विक कछ ममिसतरयाb सकषा स सी बनी थी जबविक कछ को

जबरदसी सी बनन क लिलए मजबर विकया जाा था

लघ परशन ( 04 अक ) परशन-7 अल - विबरनी न विकन rdquoअरोधो rdquo की चचा( की ह जो उसक अनसार समझ म बाधक थ

उततरः- अल - विबरनी न भार को समझन म विनमनलिलखिख अरोघो का सामना विकया -

1 भाषा की समसया - उसक अनसार ससक अरबी और फारसी स इनी भिभनन थी विक विचारो और लिसदवाो को एक भाषा स दसरी भाषा म अनाठिद करना आसान नही था

2 धारमिमक असथा और परथा म भिभनना - अल - विबरनी मसलमान था और उसक धारमिमक विषास और परथाए भार स भिभनन थी

3 सथानीय लोगो की आतमलीना था परथककरण की नीवि - अल ndash विबरनी क अनसार उसका ीसरा अरोध भारीयो की आतमलीना था परथककरण की नीवि थी

परशन-8 बरकिनयर क अनसार राजकीय भ - सामिमत क कया बर परभा पड

उततरः- 1 भधारक अपन बचचो को भमिम नही द सक थ इसलिलए उतपादन क सर को बनाए रखन और उसम बढ़ोरी क लिलए दरगामी विनष क परवि उदासीन थ

2 इस परकार इसन विनजी भ-सामिमत क अभा न rdquo बहर rdquo भधारको क ग( क उदय को रोका

3 इसक कारण कविष का विनाष हआ

4 इसक चल विकसानो का असीम उतपीड़न हआ

5 समाज क सभी गz क जीन सर म अनर पन की सथिसथवि उतपनन हई

परशन-9 सी परथा क विषय म बरकिनयर न कया लिलखा ह

उततरः- 1 यह एक करर परथा थी जिजसम विधा को अखिगन की भट चढ़ा ठिदया जाा था

2 विधा को सी होन क लिलए विष विकया जाा था

3 बाल विधाओ क परवि भी लोगो क मन म सहानभवि नही थी

4 सी होन ाली सतरी की चीख भी विकसी का ठिदल नही विपघला पाी थी

5 इस परविकरया म बरामहण था घर की बड़ी मविहलाए विहससा ली थी

परशन- 10 rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo विकसन लिलखी इसकी मखय विषषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo की रचना अल - विबरनी न की

इसकी मखय विषषाए b इस परकार ह -

1 यह विकाब अरबी म लिलखी गई ह

2 इसकी भाषा सरल और सपषट ह

3 यह एक विस गरथ ह जो सामाजिजक और धारमिमक जीन दश(न खगोल विजञान कानन आठिद विषयो पर लिलखी गई ह

4 इस विषयो क आधार पर अससी अधयायो म विभाजिज विकया गया ह

5 परतयक अधयाय का आरभभ एक परषन स होा ह और अ म ससकादी परमपराओ क आधार पर उसका ण(न विकया गया ह

विस परशन (08 अक )

परशन- 11 इबन बा दवारा दास परथा क सबध म ठिदए गए साकषयो का विचन कीजिजए

उततरः- 1 बाजारो म दास विकसी भी अनय स की रह खल - आम बच जा थ

2 य विनयमिम रप स भटसरप ठिदय जा थ

3 जब इबन बा सिसध पहचा ो उसन सलान महममद विबन गलक क लिलए भट सरप rdquoघोड़ऊट था दासrdquo खरीद

4 जब ह मलान पहचा ो उसन ग(नर को विकशमिमश था बदाम क साथ एक दास और धोड़ा भट क रप म द ठिदया था

5 इबन बा कहा ह विक सलान महममद विबन गलक न नसीरददीन नामक एक धम( उपदशक क परचन स परसनन होकर उस एक लाख टक (मदरा) था 200 दास ठिदय थ

6 इबन बा क विरण स परी होा ह विक दासो म काफी विभद था

7 सलान की सा म काय(र कछ दालिसया सगी और गायन म विनपण थी

8 सलान अपन अमीरो पर नजर रखन क लिलए दालिसयो को विनयकत करा था

9 दासो को समानयः घरल शरम क लिलए ही समाल विकया जाा था और इबन बा न इनकी साओ को पालकी या डोल म परषो और मविहलाओ को ल जान म विषष रप स अपरिरहाय( पाया

10 दासो की कीम विषष रप स उन दालिसयो की जिजनकी अषयका घरल शरम क लिलए थी बह कम होी थी

सतरो पर आधरिर परशन

घोड पर और पदल

डाक वयसथा का ण(न इबन बा इस परकार करा ह-

भार म दो परकार की डाक वयसथा ह अष डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह इर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोडो दवारा चालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स

दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अष डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

1 दो परकार की डाक परणालिलयो क नाम बाओ 1

2 पदल डाक वयसथा विकस परकार काम करी थी वयाखया कीजिजए 3

3 इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार की डाक वयसथा कशल ह 2

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को विकस परकार परोतसाविह करा था 1

उततरः- 1 दो परकार की डाक परणालिलयाb थी - अशव डाक परणाली था पदल डाक परणाली

2 पदल डाक वयसथा म परविमील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ जो एक मील का विहाई भाग होा था अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह

3 इबन बा क अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा करन म जहा b 50 ठिदन लग जा थ ही सलान क गपचरो की सचना पहचन म मातर पाbच ठिदन लग थ इबन बा डाक परणाली की कषला पर हरान था इस परणाली स वयापारिरयो क पास लमबी दरी क सचनाएb भजी जाी थी

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को परोतसाविह करन क लिलए विषष पग उठाा था उदाहरण क लिलए लगभग सभी वयापारिरक मागz पर सराय था विशरामगह बनाए गए थ

ण( वयसथा

अल - विबरनी ण( वयसथा का इस परकार उललख करा ह -

सबस ऊची जावि बराहमणो की ह जिजनक विषय म विहनदओ क गरथ हम बा ह विक बरहमन क लिसर स उतपनन हए थ कयोविक बरहम परकवि नामक शलिकत का ही दसरा नाम ह और लिसर शरीर का सबस ऊपरी भाग ह इसलिलए बराहमण परी परजावि क सबस चपरिनदा भाग ह इसी कारण स विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

अगली जावि कषवितरयो की ह जिजनका सजन ऐसा कहा जाा ह बरहमन क कधो और हाथो स हआ था उनका दजा( बराहमणो स अमिधक नीच नही ह

उनक पwा षय आ ह जिजनका उदभ बरहमन की जघाओ स हआ था

शदर जिजनका सजन उनक चरणो स हआ था

अविम दो गz क बीच अमिधक अनर नही ह लविकन इन गz क बीच भिभनना होन पर भी य एक साथ ही शहरो एक गाbो म रह ह समान घरो और आासो म मिमल - जल कर

1 अल - विबरनी दवारा रणिण ण( वयसथा का ण(न कीजिजए 3

2 कया आप इस परकार क ण( विभाजन को उलिच समझ ह क( सविह वयाखया कीजिजए 2

3 ासविक जीन म यह वयसथा विकस परकार इनी कड़ी भी नही थी वयाखया कीजिजए 2

उततरः- 1 अल - विबरनी न भार की ण(-वयसथा का उललख इस परकार विकया ह -

(1) बराहमण - बराहमणो की जावि सबस ऊची थी विहनद गरथो क अनसार उनकी उतपवि बरहमा क लिसर स हई थी कयोविक बरहम परकवि का दसरा नाम ह और लिसर शरीर का ऊपरी भाग ह इसलिलए विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

(2) कषतरीय - माना जाा ह विक कषतरीय बरहमा क कधो और हाथो स उतपनन हए थ उनका दजा( बरामहणो स अमिधक नीच नही ह

(3) षय - षय जावि वयसथा म ीसर सथान पर आ ह बरहमा की जघाओ स जनम थ

(4) शदर - इनका जनम बरहमा क चरणो स हआ था

अविम दो णz म अमिधक अनर नही ह य शहर और गाो म मिमल ndash जल कर रह थ

2 नही म इस परकार क ण( विभाजन को उलिच नही माना कयोविक जनम स कोई ऊचा - नीचा नही होा मनषय क अपन कम( उस ऊचा - नीचा बना ह

3 जावि वयसथा क विषय म अल - विबरनी का विरण परी रह स ससक गरथो क अधययन स परभावि था इन गरथो म बरामहणादी जावि वयसथा को सचालिल करन ाल विनयमो का परविपादन विकया गया था परन ासविक जीन म यह वयसथा इनी कड़ी नही थाी उदाहरण क लिलए जावि ndash वयसथा क अनग( न आन ाली शरभिणयो स परायः यह अपकषा की जावि थी विक विकसानो और जमीदारो को ससा शरम परदान कर भल ही य शरभिणयाb परायः सामाजिजक पराड़ना का विषकार होी थी विफर भी उनह आरथिथक तर म शामिमल विकया जाा था

मधयकाल क ीन यावितरयो का लनातमक अधययन

यातरी का नाम अल - विबरनी इबन - बा फरासा बरकिनयर

यातरा की ारीख गयारही शाबदी चदही शाबदी सतरही शाबद

दश जिजसस ह आए उजविकसान मोरकको फरास

विकाब जिजसकी रचना की

विकाब - उल - विहनद

रिरहला टरलस इन द मगल एमपायर

विकाब की भाषा अरबी अरबी अगरजी

शासक जिजसक शासनकाल म यातरा की

सलान महमद ग़ज़नी सलान महममद विबन गलक

मगल शासक शाहजहाb और औरगजब

विषयस जिजस पर उनहोन लिलखा

समाजिजक और धारमिमक जीन भारीय दश(न खगोलषासतर मापतर विजञान नयामियक वयसथा ऐविहालिसक

जञान जावि परथा नारिरयल और पान भारीय शहरो कविष वयापार था ाभिणजय सचार था डाक परणाली दास परथा सी परथा भमिम सामिमत विभिभनन परकार क नगर राजकीय कारखान मगल लिशलपकार काय( की परमाभिणका परमाभिणक मान ह परमाभिणक नही मान ह परमाभिणक मान ह

पाठ 6

भलिकत सफी परपराएb1 धारमिमक विशवासो और आचरणा की गगा-जमनी बनाट

साविहतय और मरकिकला म दी दा का दमिषटका होना

आराधना की परिरपाटी का विस होना

11 पजा परणालिलयो का समनय

दो परविकरयाओ का काय(र होना

एक बराहमणीय विचारधारा दसरा बराहमणो दवारा सतरी शदरो सामाजिजक ग की भाषाओ

को सीकार करना

मखय दा को जगननाथ क एक सरप म परस करना उदा उड़ीसा म परी

सथानीय दवियो को मखय दाओ की पतनी क रप म मानया

12 भद और सघष(

दी आराधना पदधवि को ावितरक नाम दना

ग( और ण( भद की अहलना

ठिदक द गाज होना पर परामाभिणका बन रहना

भलिकत रचनाएb भलिकत उपासना क अश होना

2 उपासना की कविाएb

परारभिभक भलिकत परपरा

भलिकत परपरा म विविधा

भलिकत परपरा क 2 ग(-सगण और विनग(ण

21 मिमलनाड क अलार और नयनार स

मिमल म विषण और लिशजी सवि

इषट का विनाससथल घोविष करना

22 जावि क परवि दमिषटकोण

असपशय जावियो का दवष

अलार और नयनार की रचनाओ क दो समान महत

23 सतरीभलिकत

ममिसतरयो दवारा विपसततातमक आदशाIgrave को चनौी

24 राजय क साथ सबध

मिमल भलिकत रचनाओ बौदध और जन धम( क परवि विरोध

विरोध का राजकीय अनदान की परविसपदरधा

कासय माओ का ढालना

सदर रा का विनमा(ण

चोल समराटो की स कवियो पर विशष कपा

3 कना(टक की ीर श परपरा

नीन आदोलन का उदय

अनयायी ीर श का सिलगाय कहलाए

सिलगायो दवारा पनज(नम पर परशनलिचनह

4 उततरी भार म धारमिमक उफान

उततर भार म लिश और विषण की उपासना

उततर भार क राजप राजयो का उतथान

धारमिमक नाआ का रठिढ़ादी साbच स बाहर होन क कारण दसकारी उतपादन का

विसार

क का आगमन

5 दशाल क नए ान-बान इसलामी परपराएb

711 ई म महममद विबन कालिसम अरब सनापवि दवारा सिसध विजय

सलन की सीमा का परसार

16 ी शाबदी म मगल सलन की सथापना

मसलमान शासको दवारा उलझा क माग(दश(न पर चलना

52 लोक परचलन म इसलाम

इसलाम क जान क बाद परिर(ना का पर उपमहादवीप म परभा

इसलाम का सदधाविक बाो पर बल दना

मालाबार ट पर बसन ाल मसलमान वयापारिरया दवारा सथानीय आचारा का मानना

53 समदायो क नाम

लोगो का गvकरण जनमसथान क आधार पर

ष( विनयमा का पालन न होना

6 सफी म का विकास

ईशवर की भलिकत और उसक आदश क पालन पर बल सविफयो दवारा करान की

वयाखया विनजी अनभो पर

61 खानगाह और लिसललिसला

12 ी शाबदी म सफी लिसललिसलो का गठन

पीर की मतय क पwा दरगाह भलिकतसथल क रप म

62 खानगाह क बाहर

रहसयादी फकीर का जीन

शरिरया की अहलना करन पर ब शरिरया कहलाना

7 उपमहादवीप म लिचशी लिसललिसला

71 लिचशी खानगाह म जीन

सथानीय परपराओ को आतमसा करना

72 लिचशी उपासना जिजयार और कवाली

मईनददीन दरगाह म 14 बार आना

कवालो दवारा रहसयादी गणगान

लिचशी उपासना पदधवि

73 भाषा और सपक(

लिचसतिशयो दवारा सथानीय भाषा अपनाना

सफी कविा का आरभ

74 सफी और राजय

लिचशी सपरदाय दवारा - सादगी का जीन

सफ सो की धम(विनषठा विदवा उनकी लोकविपरया का कारण आलिलया का मधयसथ होना

8 नीन भलिकत पथ

उततरी भार म साद और असहमवि

81 दीयसतर की बनाई कबीर

कबीर बानी म ीन विलिशषट परिरपाठिटयो का सकलन

कबीर दवारा परम सतय का ण(न

इसलामी दश(न क ईशवराद को समथ(न परिहदओ क बह दाद का खडन

कबीर को भलिकत माग( ठिदखान ाल गर रामाननद

82 बाबा गरनानक और पवितर शबद

गरनानक दवारा विनण(ण भलिकत का परचार

भगान उपासना क लिलए विनरर समरण नाम का जाप

आठिद गरथ साविहब का सकलन

83 मीराबाई भलिकतमय राजकमारा

भलिकत परपरा का सपरलिसदध कवियतरा

मारा दवारा जाविादी सामाजिजक रठिढ़या का उललघन

9 धारमिमक परपराओ क इविहासा का पनरकिनमा(ण

विचारो आसथाओ और आचारा को समझना

धारमिमक परपराओ का अनय परपराओ क अनसार परिररकि होना

परशन 1- भलिकत आदोलन का कया अथ( ह

उ 0 कई विहनद सो और सधारको न धारमिमक सधार लान क लिलए आदोलन चलाए जो भलिकत आदोलन क नाम म परलिसदध हआ अपनी भसथिकम को दषा(न क लिलए मठिदरो म दाओ क समकष उनकी सवि म गीो क माधयम स लीन हो जा थ

परशन 2- अलार कौन थ

उ 0 दभिकषण भार क विषण की उपासना करन ालो को अलार कहा जाा था

परशन 3- भलिकत आदोलन क चार परलिसदध सो क नाम लिलख

उ 0 रामाननद सामी कीर गरनानक द मीरा बाई

परशन 4- सफीाद स आप कया समझ ह

उ 0 सफी म क मल लिसदधान करान और हजर महममद की हदीस स मिमल ह सफी शबद मसथिसलम सो क लिलए परयोग विकया जाा ह सविफयो न करान की वयाखया अपन क आधार पर की सफी सो क विचारो को सफी ाद कहा जाा ह

परशन 5- सफी विचार धारा म मशvद का कया महत ह

उ 0 सफी विचार धारा क अनसार परतयक वयलिकत का कोई धारमिमक गर ( मशvद ) होना चाविहए जो विक उसका ईशवर स सपक( करा सक उनक आनसार जिजन वयलिकतयो का कोई गर अथा मशvद नही उनका कोई धम( नही

4 अक क परशन-परशन 6- भलिकत आदोलन क उदय क कारणो का विरण दीजिजए

उ 0 1- षण म का परभा

2- विहनद धम( की तरठिटया

3- इसलाम क फलन का भय

4- सफी म का परभा

5- महान सधारको का उदय

परशन 7- भलिकत आदोलन क मल लिसदधान पर परकाश डालिलए

उ 0 1- एक ईशवर म विशवास

2- शदध काय( करना

3- विष भात की भाना पर बल दना

4- परम भा स पजा करना

5- मरकि पजा का खणडन करना

6-जा पा का खणडन करना

7- गर भलिकत करना

परशन 8- भलिकत आदोलन क परभा और महत की चचा( कर

धारमिमक परभा

1- विहनद धम( की रकषा

2- वराहमण क परभा म कमी

3- इसलाम क परसार म ाध

4- लिसख म का उदय

5- बौदध म का पन

सामाजिजक था सासकविक परभा -

1- विहनद मसलमानो क सामाजिजक समबनधो म सधार

2- विनमन ग( म सधार

3- समाज सा की भाना को परोतसाहन -

4- लोगो म मिमशरण कला का विकास

5- साविहतवितयक विकास

परशन 9-सफी म क मखय लिसदधान कया थ

उ 0 1-अललाह स परम

2- सासारिरक सखो का तयाग

3- अविहसा था शाविाद म विशवास

4- माना स परम

5- मशvद की महतता

6- भौविक लिसदधान

7- अललाह की भलिकत म सगी था नतय का महत

परशन 10- अलारो ए नयनारो का जावि क परवि कया टटमिषट कोण था

उ 0 - नयनारो था अलारो न जावि परथा था बराहमणो की सचचा क विरदध सधार क लिलए परल आदोलन चलाया भलिकत आदोलन क सधारक भिभनन भिभनन जावियो स समबनध रख थ कछ लोग विनचली जावियो जस विकसानो मिमममिसतरयो था अछ जावियो स थ कछ बराहमण जावि स भी थ उनका विषास था विक उनकी धारमिमक पसक उनी ही महान थी जिजना विक द अलारो क मिमल भजन सचचाई और पवितरा क गहर विचारो स भर हए ह उनको षनौ द जाना जाा ह नयनारो का भजन आधयाममितमका स भर ह उनक भजन दभिकषण भार म लिश क सममान म गाय जा ह

08 अक क परशनपरशन 11- कबीर की लिशकषाओ की वयाखया कीजिजय उनहोन अपनी कविाओ क माधयम स lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का ण(न विकस परकार विकया ह

1- कबीर न आधयतवितयका पर बल ठिदया

2- उनहोन विहनद और मसलमन दोनो की रठिढयो की कट अलोचना की

3- कीर न ईशवर की एका पर लठिदया

4- मरकि पजा ीथ( यातरा ए अनय आडमबरो की आलोचना की

5- सी परथा और पदा( परथा का विरोध विकया

6- अचछ कमz का फल अशय मिमला ह

7- उनहोन परमातमा को विनराकार बाया ह

8- उनक अनसार भलिकत क माधयम स मोकष अथा( मलिकत पराप हो सकी ह

lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का विसार

1 विभिभनन परिरपाठिटयो का सहारा लना

2 इसलामी दश(न स परभावि होकर सतय को अललाह खदा हजर और पीर कह ह

3 दा दश(न स परभावि होकर सतय को अलख विनराकार बरमहन और आतमन कह कर

भी समबोमिध कर ह

परशनः- 12- सतरो पर आधारिर परशन ए उततर -

विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए था उस पर आधारिर परशनो क उततर दीजिजए

यह उदहरण उस फरमा(न (बादशाह क हकम नाम ) का अश ह जिजस 1598 म अकबर न जारी विकया

हमार बलद और मकदस (पवितर) जहन म पहचा ह विक यीश की मकदस जमा क पादरी खमबाय गजराज क शहर म इबाद क लिलए (विगरजाघर ) एक इमार की ामीर (विनमा(ण) करना चाह ह इसलिलए यह शाही फरमान जारी विकया जा रहा ह खमबाय क महानभा विकसी भी रह उनक रास म न आए और उनह विगरजाघर की ामीर करन द जिजसस अपनी इबाद कर सक यह जररी ह विक बादषाह क इस फरमान की हर रह स ामील (पालन ) हो

परशनः- 1 यह उदहरण कहा b स लिलया गया ह 1

परशन- 2 इस फरमान दवारा अकबर न गजरा क लोगो को कया आदश ठिदया 2

परशन- 3 यह आदश अकबर की विकस धारमिमक परभितत को दशा(ा ह 2

परशन- 4 कौन स लोग थ जिजनकी ओर बादशाह क फरमान को न मानन की आशका थी 2

उततरः- 1 यह उदहरण समराट अकबर क उस फरमान स लिलया गया ह जो उनहोन 1598 म जारी विकया था

2 इस फरमान क दवारा अकबर न गजरा क लोगो को आदष ठिदया विक उस ईसाई पादरी को विगरजाघर बनान द जो उस बनाना चाह ह

3 यह आदश अकबर की धारमिमक सहनशीला की परभितत को दशा(ा ह विक ह सभी धमz का समान आदर करा था

4 बादशाह को आषका थी विक सभः गर ईसाई इस फरमान को न मान

पाठ - 7

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर1 हमपी की खोज

कन(ल मकनजा दवारा हमपी भगनाष का सshyकषण

2 राय नायक था सलान

विजयनगर सामराजय की सथापना

भन विनमा(ण की कनीको का विकास

21 शासक और वयापारी

यदधकला अशवसना पर आधारिर होना

प(गालिलया दवारा पभिwमी ट पर वयापारिरक और सामाजिजक क दरो की

सथापना

22 राजय का चरमोतकष( था पन

राजनीवि म सतता क दादार

कषणद राय दवारा राजय का विसार था दढ़ीकरण

कषणद राय दवारा माb क नाम पर उपनगर की सथापना

कषणद राय क उततरामिधकारिरयो को चनौवियो का सामना

ालीकोट का यदध

रामराय की जोखिखम भरी नीवि

23 राय था नायक

सना दवारा विकलो पर विनयतरण

नायक अमरनायक की भमिमका

3 विजयनगर राजधानी था उसक परिरचछद

31 जलसपदा

कमलपरम जलाशय का विनमा(ण

32 विकल बठिदयाb था सड़क

फारस क शासक दवारा अबदर रsup2ाक को द क रप म कालीकट भजना

द का कालीकट की विकलबदी स परभावि होना

कविष कषतरो का विकलबद भभाग

नगरीय भाग की आरिरक विकलबदी

सरभिकष परशदवार विलिशषट सथापतय क नमन

इडो इसलामिमक शली का परयोग

33 शहरी कनदर

शहरी कनदर का उततरी पv कोना अमीरो का रिरहायशी कषतर

करb जलाशय नगर विनालिसया क पानी क सरो

4 राजकीय कनदर

सपरदायो और मठिदरो को राजा का सरकषण

सरचनाओ था मठिदरो म अर

41 महानमी विडबबा

सरचनाओ का नामकरण भनो क आकार था कायाIgrave क आधार पर

विशालकाय मच

42 राजकीय कनदर म सथिसथ अनय भन

(कमल) लोटस महल परिरषदीय सदन

मठिदर धारमिमक कनदर था राजकीय कनदर

5 धारमिमक कनदर

51 राजधानी का चयन

विरपाकष मठिदर धारमिमक मानयाओ स सबध

52 गोपरम और मणडप

गोपरम अथा राजकीय परशदवार

मठिदर परिरसरो की चारिरवितरक विशषा रथ गलिलया

6 महलो मठिदरो था बाजारो का अकन

परशन-1 हमपी नगर विकस नदी क विकनार बसा हआ ह 2

उततर गभदरा नदी क विकनार हमपी नगर बसा हआ ह

परशन- 2 पमपा विकस दी का नाम ह 2

उततर दी पमपा पा(ी का नाम ह

परशन-3 कालिलन मक जी कौन था उसका भारीय इविहास म कया योगदान था 2

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

परशन-4 हपी क मठिदरो की विषषाओ का ण(न कर 2

उततर हपी क मठिदर अतय अलक सभयकत मडप थ विविषषट अभिभलकषणो म मडप था लब सभो ाल गलिलयार को अकसर मठिदर परिरसर म सथिसथ द सथलो क चारो ओर बन थ सममिममलिल ह विटठल और हजारा राम मठिदर यहा b परमख ह

परशन-5 विजयनगर की जल आशयकाओ को विकस परकार परा विकया जाा था 2

उततर bगभदरा दवारा विनरमिम एक पराकविक कड ह यह नदी उततर म उततर प( ठिदशा म बही ह आसपास की पहाविड़यो स कई जलधाराए b आकर नदी म मिमली ह लगभग सभी धाराओ पर बा bध बनाकर अलग अलग हौज बनाए गए थ शषक कषतर होन क कारण पानी क सचय और इस शहर क ल जान क लिलए वयापक परबध करना आषयक ह सबस महतपण( हौज का विनमा(ण परारभिभक शाबदी क आरभिभक षz म हआ जिजस कमलपरम जलाषय कहा जाा ह

परशन- 6 शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को रखन क आपक विचार म कया फायद और नकसान थ 4

उततर विजयनगर शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को चारदीारी क अदर रखन स हमार विचार स अनक लाभ और हाविनयाb थी इसका विरण इस परकार ह-

कविष कषतर म खो क आसपास सामानयः साधारण जना और विकसान रह थ बागो और खो की रखाली करना आसान था

परायः मधयकालीन घराबदी का मखय उददशय परविपकष को खादय सामगरी स लिच कर जलदी स जलदी आतमसमप(ण (हलिथयार डालन क लिलए) क लिलए करना होा था

यदधकाल म शतरओ दवारा घराबदी कई महीनो क जारी रखी जाी थी यहाb क विक ष क चल सकी थी आमौर पर शासक ऐसी परिरसथिसथवियो स विनपटन क लिलए विकलबद कषतरो क भीर ही विशाल अननगारो का विनमा(ण करा थ

विजयनगर क शासको न पर कविष भ-भाग को बचान क लिलए एक अमिधक महगी था वयापक नीवि को अपनाया

विकलाबद खी योगय भमिम को चार दीारी क अदर रखन स नकसान यह था विक परायः बाहर रहन ाल विकसानो को आन जान म दवारपालो स इजाज लनी होी थी साथ ही शतर दवारा घराबदी होन पर बाहर स कविष क लिलए आशयक जरर पड़न पर बीज उ(रक यतर आठिद बाहर क बाजारो स लाना परायः कठिठन था

यठिद शतर पकष क दवारा काटी गई फसल को आग लगाकर जला ठिदया जाा ो आरथिथक हाविन बह वयापक हो सकी थी

परशन- 7 आपक विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का कया महतत था 4

उततर हमार विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का वयापक महतत था विजयनगर शहर क सबस ऊb च सथानो पर महानमी विडबबा नामक विशाल मच होा था इसकी सरचना स जड़ अनषठान सभः लिसमबर था अकटबर क शरद मासो म मनाए जान ाल दस ठिदन क विहनद तयौहार जिजस दशहरा (उततर भार) दगा(पजा (प बगाल) था नरावितर या महानमी (परायदवीपीय भार म) नामो स जाना जाा ह क महानमी क असर पर विनषपाठिद विकए जा थ इस असर पर विजयनगर शासक अपन रब ाक और अमिधराजय का परदश(न कर थ

इस असर पर होन ाल धमा(नषठानो म मरकि की पजा राजय क अशव की पजा था भसो और अनय जानरो की बलिल सममिममलिल थी नतय कशी परविसपधा( था साज लग घोड़ो हालिथयो था रथो और सविनको की शोभायातरा और साथ ही परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट इस असर क परमख आकष(ण थ

तयौहार क अतविनम ठिदन राजा अपनी था अपन नायको की सना का खल मदान म आयोजिज भवय समारोह म विनरीकषण करा था इस असर पर नायक राजा क लिलए बड़ी मातरा म भट था साथ ही विनय कर भी ला थ

परशन- 8 विजयनगर सामराजय क विभिभनन विरणो स आप विजयनगर क सामानय लोगो क जीन की कया छवि पा ह 4

उततर सामानय लोगो क बार म बह जयादा विरण पराप नही हो कयोविक सामानय लोगो क आासो जो अब असतिसत म पराप नही हए ह -

कषतर सshyकषण इविग कर ह विक इस पर कषतर म बह स पजा सथल और छोट मठिदर थ जो विविध परकार क सपरदायो क परचलन की ओर सक कर ह

विजयनगर सामराजय म साधारण लोग विभिभनन समपरदायो जस विहनद श षणो जन बौदध और इसलाम क अनयायी रह थ ह विभिभनन भाषाओ जस कननड़ मिमल लग ससक आठिद का परयोग कर थ

सामानय लोगो म कछ छोट वयापारी और कछ सौदागर भी थ जो गाो कसबो और छोट शहरो म रह थ इनम कछ वयापारी बदरगाह शहरो म भी रह थ सथानीय सओ जस मसाल मोी चदन आठिद क साथ-साथ कछ वयापारी घोड़ और हालिथयो का वयापार भी कर थ

विकसान शरमिमक दास आठिद को भी साधारण लोगो म शामिमल विकया जा सका था सामराजय म कछ सामानय बराहमण वयापारी और दास दालिसयाb भी थ साधारण लोग कविष काय क साथ-साथ विभिभनन परकार क थाकलिथ छोट समझ जान ाल काय( भी विकया कर थ

परशन- 9 विजय नगर सामराजय क उतथान म अमरनायक परणाली क महतत का मलयाकन कीजिजए 8

उततरः- इस सविनक परणाली का विजयनगर सामराजय क उतथान म महततपण( योगदान था जिजसका मलयाकन विनमनलिलखिख विबनदओ म ठिदखाया गया ह -

1 अमर नायक परणाली विजयनगर सामराजय की एक परमख राजनीविक खोज थी ऐसा परी होा ह विक इस परणाली क कई तत ठिदलली सलन की इकता परणाली स लिलए गए थ

2 अमर नायक सविनक कमाडर थ जिजनह राय दवारा परशासन क लिलए राजय कषतर ठिदय जा थ

3 विकसानो लिशलपकरमिमयो था वयापारिरयो स भ-राजस था अनय कर सल कर थ

4 राजस का कछ भाग मठिदरो था सिसचाई क साधनो क रख रखा क लिलए भी खच( विकया जाा था

5 अमर नायको क दल आशयका क समय विजयनगर क शासको को भी एक परभाी सविनक सहाया परदान कर थ

6 अमर नायक राजस का कछ भाग वयलिकतग उपयोग था घोड़ो और हालिथयो क विनधा(रिर दल क रख-रखा क लिलए अपन पास रख ल थ

7 य दल विजयनगर शासको को एक परभाी सविनक शलिकत परदान करन म सहायक हो थ जिजसकी मदद स उनहोन पर दभिकषणी परायदवीप को अपन विनयतरण म विकया

8 अमर नायक राजा को ष( म एक बार भट भजा कर थ और अपनी सामिमभलिकत परकट करन क लिलए राजकीय दरबार म उपहारो क साथ सय उपसथिसथ हआ कर थ

9 य अमर नायक राजा क विनयतरण म रह थ राजा कभी-कभी उनह एक स दसर सथान पर सथानारिर कर उन पर अपना विनयतरण दशा( थ

10 17 ी शाबदी म इनम स कई नायको न अपन सतर राजय सथाविप कर लिलए

अनचछद आधारिर परशनपरशन- 11

कालिलन मक जी

1754 ई म जनम कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया कह ह- विबरठिटश परशासन क सपरभा म आन स पहल दभिकषण भार खराब परबधन की दग(वि स लब समय क जझा रहा विजयनगर क अधययन स मक जी को यह विशवास हो गया विक कपनी - सथानीय लोगो क अलग अलग कबीलो जो इस समय भी जनसखया का एक बड़ा विहससा थ को अब भी परभावि करन ाल इनम स कई ससथाओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल कर सक थ

( क ) कालिलन मक जी कौन था 1

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की

( ख )कालिलन मक जी न विकस पराचीन शहर की खोज की 1

उततर हपी

( ग ) उनहोन सshyकषण कयो परारभ विकया 2

उततरः- भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

( घ ) कालिलन मक जी न अपना काय( विकन चरणो म परा विकया 3

उततर- स(परथम उनहोन मानलिचतर यार विकए विरपाकष मठिदर ए पपादी क पजारिरयो स जानकारिरया b इकटठी की उनहोन सथानीय परपराओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल की

विषय - 08

विकसान जमीदार और राजय1 विकसान और कविष उतपादन

भौगोलिलक विविधा

11 सरोा की लाश

ऐविहालिसक गरथ आइन-ए-अकबरी

गजरा महाराषटर था राजसथान स मिमलन ाल दसाज

12 विकसान और उनकी जमीन

खी वयलिकतग मिमसतिलकय क लिसदधा पर आधारिर होना

13 सिसचाई और कनीक

कविष का विसार

मानसन पर कविष पर आभिशर होना

सिसचाई क कवितरम उपाय अपनाना

कविष पशबल पर आधारिर होना

14 फसलो की भरमार

खरीफ रब की फसल

यरिरया क अलग-अलग विहससो स भार क फसला का आना

2 गरामीण समदाय

21 जावि और गरामीण माहौल

आबादी का समहा था जावि वयसथा को बधनी म बटना

राजपो की चचा( विकसानो क रप म

22 पचाय और मखिखया

पचाय म विविधा

गा क मखिखयो का चना गा क बजग दवारा

जावि की अहलना रोकन का मखय दामियत गा क मखिखया की शाठिदयाb जाविग

मानदडो क आधार पर

पचायो दवारा झगड़ा क समझौ

23 गरामीण दसकार

दसकारा का अमिधक सखया म गाbो म होना

दसकारो को जमीन का महाराषटर म पशनी अमिधकार

साओ का विविनमय

24 एक छोटा गणराजय

सामाजिजक सिलग क नाम पर समाज म गहरी विषमाए

3 कविष समाज म मविहलाएb

उतपादन परविकरया म योगदान

कछ कषतर मविहलाओ क लिलए सरभिकष करना

कपोषण क कारण मविहलाओ की मतय दर अमिधक होना

मविहलाओ दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान मविहलाओ को जमीदारी उततरामिधकार क रप म

4 जगल और कबील

41 बस हए गाbो क पर

यहाb क लोगो को गजारा जगल क उतपादा लिशकार और सथानारीय खी

राजय क जगल रकषाकच

42 जगलो म घसपठ

हालिथया का परयोग

मगलो दवारा लिशकार अभिभयानो का आयोजन

ाभिणसथिजयक खी का परसार

सामाजिजक कारणा स जगलालिसया क जीन म बदला आना

जगल क इलाको म नई ससकवि का विसार

5 जमीदार

जमीदारो को आरथिथक और सामाजिजक सविधाएb होना

सविनक ससाधन ाक का विहससा होना

मगलकालीन गाbो म सामाजिजक सबध एक विपरामिमड क रप म

जमीदारी दवारा बाजारी (हाटो) की सथापना

जमीदारी का विकसानो स आतमीया होना

6 भराजस परणाली

राजय का परशासन तर

भराजस क इजामा म 2 चरण

1 कार विनधा(रण

2 ासविक सली

7 चादी का बहा

वयापार म विसार

समदरी वयापार स नयी सओ का वयापार

8 अबलफज़ल की आइन-ए-अकबरी

अकबर क शासनकाल म 5 सशोधनो क पwा परा होना

ऐविहालिसक दासान का आइन अकबरी म ण(न शाही विनयम राजपतरो का सकलन

लिसललिसलार सकलन एक शाही कायद

ीन भाग परशासन का विरण

सबो क नीच इकाईयो का

सखयातमक आकड़ो म विशषाएb

आइन लोगो उनक पशो और वयसायो सामराजयादी वयसथा और उसक

उचचामिधकारिरयो की सचनाएb दनाला गरथ

अवि सभिकषप परशन (02 अक)

परशन 1 16 ी सदी क राजय अफसरो दवारा विकए जान ाल विभिभनन कारयो का ण(न कर

उततर- भ राजस सल करना भमिम की नाप करना रिरकाड( रखना आठिद

परशन 2 आइन ए- अकबरी क लखक कौन थ

उततर- अबल फजल अकबर का दरबारी लखक थ नरतनो म स एक थ

परशन 3 रय कौन थ य विकन परकार क थ

उततर- विकसान थ दो परकार- खद काश और पाविह काश खद काश उनही गा b म रह थ

जिजनम उनकी जमीन दी और पाविह काश खविहर थ जो दसर गाbो स ठक पर खी करन आ थी

परशन 4 आइन क माविबक विकन परकार की फसल ॠएb थी

उततर आइन - ए - अकबरी क अनसार कविष वयसथा म मखय रप स दो कविष ऋए थी खरीफ और रबी खरीफ का उदाहरण चाल और जार और रबी का उदाहरण गह b और चना

परशन 5 जिजनस -ए- कामिमल स कया अभिभपराय ह

उततर- सzततम फसल जस - कपास और गनना

सभिकषप परशन (4 अक)

परशन 6 पचाय क कायz का ण(न कीजिजए

(1) सामदामियक काय( जस विक मिमटी क छोट-छोट बाbध बनाना या नहर खोदना

(2) पराकविक आपदाओ स विनपटन की वयसथा करना

(3) गरामीण समाज क लिलए विनयम बनाना

(4) जावि की अहलना रोकना

(5) सजा दना जस - जमा(ना लगाना और समदाय स विनषकालिस करना

परशन 7 आइन ए- अकबरी का ण(न कीजिजए

(1) अकबर क सामराजय का झलक दषा(ना

(2) सविनक सगठन का ण(न करना

(3) सरकार क विभागो और परानो क बार म विसार स जानकारी दना

(4) राजस क सतरो था विहसाब रखना

(5) खविहर समाज का ण(न करना

परशन 8 कविष उतपादन म मविहलाओ की भमिमका का विरण कीजिजए

(1) मविहलाएb और मद( कध स कधा मिमलाकर खो म काम कर थ

(2) बआई विनराई और कटाई क साथ - साथ पकी हई फसल का दाना विनकालना

(3) स काना बरन बनान क लिलए मिमटी को साफ करना और ग bथना कपड़ो पर कढ़ाई करना जस दसकारी क काम करना

(4) बचचा पदा करना था उनका पालन पोषण करना

(5) परविबध जस पसथिषचमी भार म मविहलाओ को हल या कमहार का चाक छन की इजाज

नही थी बगाल म पान क बागान म परष नही कर सकी थी

परशन 9 भ- राजस कस विनधा(रिर विकया जाा था

(1) दीान पर राजय की विततीय वयसथा की दख रख करा था

(2) भ- राजस क दो चरण- जमा और हालिसल जमा विनधा(रिर रकम और हालिसल सचमच सली की गई रकम

(3) जी हई जमीन और जोन लायक जमीन दोनो की नपाई की गई

(4) राजस कम(चारिरयो की विनयलिकत भ - राजस सल करन क लिलए की गई

(5) ारकिषक रिरपzट यार करना

परशन 10 जबी वयसथा की परमख विषषाओ का ण(न कीजिजए

(1) जमीन की नाप अविनाय(

(2) भमिम का गvकरण -पोलज परौी चचर और बजर

(3) औस उपज का जञान रखना

(4) राजय का भाग विनसथिषच करना

(5) नकद मलय विनसथिषच करना

(6) भमिमकर एकवितर करना

लमब पर शन 08 अक परशन 11 जमीदार कौन थ उनक कया काय( थ

जमीदार गरामीण समाज क अभिभनन अग थ जो अपनी जमीन क मालिलक हो थ कविष उतपादन म परतयकष भागीदारी नही कर थ गरामीण समाज म उbची हलिसय क कारण उनह कछ विशष सामाजिजक और आरथिथक सविधाय मिमली हई थी समाज म उनकी उचच सथिसथवि क दो कारण थ पहला - जावि दसरा- उनक दवारा राजय को दी जान ाली विशष साय

काय(-

(1) भराजस सल करना

(2) राजा और विकसान क बीच मधयसथा करना

(3) सविनक टकविड़यो की वयसथा

(4) कविष भमिम का विकास करना

(5) विकसानो को कविष क लिलए ऋण दना

(6) अपनी जमीनो की फसल को बचना

(7) गा म बाजार (हाट) लगान की वयसथा करना

(8) जमीदारी की खरीद बच स गा की आरथिथक सथिसथ म सधार लाना

शरो आधारिर परशन-

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परषनो क उततर दीजिजए

नकद या जीनस

आइन स यह एक अनचछद ह-

अमील - गजार लिसफ( नकद लन की आद न डाल बसतिलक फसल भी लन क लिलए यार रह यह बाद ाला रीका कई रह स काम म लाया जा सका ह पहला कणक विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क अदाजा अगर कोई शक हो फसल को ीन अलगअलग पसिलदो म काटना चाविहए - अचछा मधयम और बदर और इस रह शक दर करना चाविहए अकसर अदाज स विकया गया जमीन का आकलन भी पया(प रप स सही नीजा दा ह दसरा बटाई जिजस भाओली भी कह ह (म) फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की मौजदगी म रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ी ह ना( - दषट - बजिदध और मककार घोखबाजी की नीय रख ह ीसर ख बटाई जब बीज बोन क बाद ख बाbट ल ह चौथ लाbग बटाई फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक (पकष) अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 1 कणक का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततर- विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क का मलब अदाजा ह

परशन 2 भ राजस सली की बटाई अथा भाओली परथा कuml सपषट कीजिजए (2)

उततर- इसम फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की उपसथिसथवि म

रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ ह

परशन 3 लाbग बटाई परथा की वयाखया कीजिजए (2)

उततर- फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक अपना - अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 4 भ राजस सली की कौन सी परथा आप अचछी समझ ह और कयो सपषट कीजिजए (2)

उततर- लाbग बटाई कयोविक सबको अपना - अपना विहससा मिमला ह और मनाफा मिमला ह

पाठ - 9शासक और इविततमगल दरबार (16 ी 17 ी शाखिबदया)

मगल दरबार (परान सदभ दवारा इविहास की पनर(चना)

विस सshyकषण-राजनीविक इविहास

खोज की कहानी-दरबारी कागजा (दसाज़)

उदाहरण-अकबरनामा बादशाहनामा

विचार-विमश(-नय राजनीविक सामाजिजक आरथिथक ए सासकविक इविहास

बाबर स औरगजब क औरगजब क अमिधकारी शरशाह सरी

परसाना-दरबारी इविहासकार-अबलफजल

मगलशासक और सामराजय-उलमा ग(

इविततो की रचना-शाहजहाbनामा आलमगीरनामा जक जहाbगीरी आठिद

कETH स फारसी की ओर

पाडलिलविपयो की रचना

रगीन लिचतर

आदश( राजय-सलह कल-जन-कलयाण मनसबदारी परथा

जहाbगीर था शाहजहाb का काल भ-विलास का काल

अकबर की फारमिमक नीवि राजप नीवि

औरगजब क समय कला को झटका

राजधाविनयाb नय शहर

मगल दरबार-झरोखा दश(न

पदवियाb उपहार भट कोरकिनश

शाही परिरार

सचना था सामराजय

पराीय शासन

सीमाओ स पर

ीथ(यातरा और वयापार गरओ क परवि असीम आसथा-धम( पर विमश(

मगल ासकला लिचतरकला सासकविक विकास

मगलहरम मगल कारखान

कनदरीय परशासन

अवि लघ परशन (2 अक)

पर1 कोरकिनश शबद क अथ( को सपषट कीजिजए

उततर कोरकिनश औपचारिरक अभिभादन का एक ऐसा रीका था जिजसम दरबारी दाएb हाथ की लहथी को ललाट पर रखकर आग की ओर लिसर झका थ

पर2 1526 स 1707 क क बीच भार म शासन करन ाल ष का नाम बाइए और इस श क ससथापक कौन थ

उततर मगल श और ससथापक बाबर

पर3 rsquoविकाबखानाrsquo शबद का अथ( कया ह

उततर rsquoविकाबखानाrsquo का शाखिबदक अनाद पसकालय ह यह एक ऐसा लखन गह था

जहा शासको दवारा सकलिल पाडलिलविपया रखी जाी था नई पाडलिलविपया यार की जाी थी

पर4 पाडलिलविपयो की सरचना म सलगन कछ लोगो क कायz को बाइए

उततर पाडलिलविपयो की रचना क विविध काय म बह लोग शामिमल हो थ इनम स कछ लोगो क दवारा कागज बनाना सलखन मिघसाई लिचतरकारी और जिजलदसाजी की जाी थी

पर5 बाबर की आतमकथा कौन-सी भाषा म लिलखी गई थी

उततर बाबर की आतमकथा rsquoजक बाबरीrsquo मल रप स कETH भाषा म लिलखी गई थी बाद म इस फारसी भाषा म बाबरनामा क नाम स अनाद विकया गया

लघ परशन (4 अक ) पर6 मगल सामराजय म शाही परिरार की ममिसतरयो दवारा विनभाई गई भमिमका का मलयाकन कीजिजए

उततर 1 मगल परिरार म शही परिरारो स आन ाली ममिसतरयो बगमो अगाहा म अर रखा जाा था

2 पममितनया और उनक अनक मविहलाए साधारण स साधारण काय( स लकर बजिदधमा स अलग-अलग काय का सपादन कर थ

3 नरजहा क बाद मल राविनयो और राजकमारिरयो न महततपण( विभिततय सरोो पर विनयतरण रखना शर विकया

4जहाbआरा रोषनआरा को ऊb च शाही मनसबदारो क समान ारकिषक आय होी थी

5 जहाbआरा को सर क बदरगाह स राजस पराप होा था

6 ससाधनो पर विनयतरण न मगल परिरार की महततपण( ममिसतरयो को इमारो या बागो क विनमा(ण का अमिधकार ठिदया था

7 चाbदनी चक की रपरखा जहाbआरा क दवारा बनाई गई

पर7 rsquoबादशाहनामाrsquo पर सकषप म ठिटपपणी लिलखिखए

उततर अबलफज़ाल एक विषषय अबदल हमीद लाहौरी बादषाह नामा क लखक क रप म जाना जाा ह इसकी योगयाओ क बार म सनकर बादषाह शाहजहाb न उस अकबर नामा क नमन पर अपन शासन का इविहास लिलखन क लिलए विनयकत विकया बादषाह नामा भी सरकारी इविहास ह इसकी ीन जिजलद (दफर) ह और परतयक जिजलद 10 चदर ष का बयोरा दी ह लाहौरी न बादषाह क शासन (1627 47) क पहल क दो दषको पर पहला दसरा दफर लिलखा इन जिजलदो म बाद म शाहजहाb क जीर सादलला खाb न सधार विकया

विस उततर (8 अक)

पर8 मनसबदारी क परणाली क गण और दोषो की विचना कीजिजए

उततर मनसबदारी परणाली क गण

1 समराट को सनय सगठन सबधी परशाविनयो स छटकारा ठिदलाना

2 योगयानसार पद परदान विकया जाना

3 परशासविनक वयय को सीमिम करना

4 सामराजय का विसार ए सथामियत परदान करना

5 मनसबदार कला और साविहतय क पोषक थ

मनसबदारी परणाली क दोष

1 भशाली जीन स धन को दरपयोग होना

2 विनधा(रिर सखया स कम सविनक

3 समराट क परवि सामी भलिकत का विकास नही होना

4 अमीरो था सरदारो म विदरोह की भाना पनपना

5 मगल सना का राषटरीय सना न बन पाना

6 शासक और सविनको क मधय सीध समपक( की कमी

अधयाय 10

उपविनषाद और दहा

1 बगाल और हाb क जमीदार

11 बद(ान म की गई नीलामी की घटना

- इसमरारी बदोबस

- नीलामी म बोली लगाना

- फजv विबकरी

12 अदान विकए गए राजस की समसया

- जमीदारिरयो का हसारण

- अकाल

- जमीदार भसामी न होकर राजस समाहा(

13 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ

- जमीदारो की असफला क विभिभनन कारण

14 जोदारो का उदय

15 जमीदारो की ओर स परविरोध

- फ़जv विबकरी क अग( ममिसतरयो क नाम पर सपभितत को सरभिकष करना

16 पाbची रिरपोट(

- ईसट इविडया कपनी क चीन और भार म वयापार क एकामिधकार को रदद करना

- कपनी का कशासन और अवयसथिसथ परशासन

- परर समिमवि

2 कदाल और हल

21 राजमहल की पहाविड़यो म

- बकानन क अनभ

- पहाड़ी लोगो का विनास वयसाय

- सथायी कविष का विसार

- पहाविड़या मखिखयाओ को ारकिषक भतता दकर कषतर म शावि सथाविप करना

- सथाल लोगो का आगमन

22 सथाल आगआ बासिशद

- पहाविड़या लोग जहाb उपदरी थ सथाल आदश( बासिशद

- सथालो क गाbो की जिदध

23 बकानन का विरण

- ईसट इविडया कपनी क लिलए बकानन दवारा पराकविक साधनो की खोज

- नो को कविष भमिम म बदलन क परयास

3 दहा म विदरोह

- बमबई दककन

- विकसानो दवारा साहकारी क बही-खा जलाना और अनाज़ लटना

- अहमदनगर म विदरोह

- अगरजो क सामन 1857 क विदरोह का दशय उपसथिसथ होना

- विगरफारिरयो का दौर

32 एक नई राजस परणाली

- 1810 क बाद खी की कीम बढ़ना

- औपविनलिशक सरकार दवारा भ-राजस म उपाय सोचना

- जमीदारो दवारा जमीनपटट पर दना और विकराए विक आमदनी पर विनभ(र होना

- बबई दककन म रयाड़ी का लाग होना

33 राजस की माbग और विकसान का कज(

- बबई म कठोराप(क राजस सल करना

- 1832 क बाद कविष उतपादो की कीमो म जी स विगराट आना

- अकाल की चपट म कविष पशधन और मनषय का आना

- 1840 क बाद कविष और आरथिथक सथिसथवि म सधार

34 विफर कपास म जी आई

- अमरिरका स कचचा माल (कपास) लन पर विबरठिटश का सिचवि होना

- 1857 म विबरटन म कपास आपरकि सघ की सथापना

- 1859 म मनचसटर काटन कपनी की सथापना

- भार म कपास की खी आरमभ करना

- 1861 म अमरिरका म गहयदध

- बमबई म कपास की खी को परोतसाहन दना

- दककन म गाbो क विकसानो को असीमिम ऋण उपलबध कराना

35 ऋण का सरो सख गया

- अमरिरका क गहयदध क बाद हाb कपास का उतपादन आरमभ हआ

- भारीय कपास क विनया( म विगराट

- विकसानो स ऋण ापस माbगना और राजस की माग को बढ़ाना

36 अनयाय का अनभ

- ऋणदाा का सदनहीन होना

- बयाज का मलधन स अमिधक होना

- 1859 म अगरजो दवारा परिरसीमन कानन बनाना

- दसाज और बधपतर अतयाचार परणाली स परीक होना

4 दककन दगा आयोग

बमबई सरकार दवारा 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट म दककन दगा आयोग का रिरपोट(

पश करना

2 अक क पर शन पर1 सथायी बदोबस कया था 2

उततर- भमिमकर या लगान इकटठा करन की परथा जो 1793 म अगरजी गन(र जनरल लाड( कान(ालिलस (1786-1793) न चलाई उस सथायी बदोबस कह ह इस वयसथा क अग( भमिम जमीदारो को सथायी रप स द दी गई इस भमिम कर वयसथा को सथायी बदोबस का नाम ठिदया गया

पर2 रयबारी बनदोबस कया था 2

उततर- अगरजी कमपनी न भार म लगान सल करन क अनक ढग चलाय उनम रयबारी भी एक था इसम सरकार का सबध जमीदारो स न होकर रय या विकसानो स सीधा होा था इसलिलए जमीदारो को बीच म कछ नही दना पड़ा था इस परथा को मदरास और बमबई म लाग विकया गया इस वयसथा म लगान की दर काफी ऊb ची थी जिजसक परिरणामसरप विकसान कज( लन क लिलए मजबर हो जा थ

पर3 भाड़ा पतर कया था 2

उततर- भाड़ा पतर एक ऐसा दसाज था जिजसम रय यह लिलखकर द थ विक साहकारो स जमीन और पश खी करन क लिलए भाड़ पर ल रह ह ास म यह जमीन और पश रय क ही हो थ जो ऋण न चका पान क कारण ऋणदाा न हलिथया लिलए थ

पर4 सथाल कौन थ उनक जीन की दा विशषाएb कया थी 2

उततर- सथाल लोग राजमहल पहाविड़यो की लहटी या विनचल भागो म रह थ हल स जाई करक खी कर थ उनह मदानो क जमीदार लोग खी क लिलए नई भमिम यार करन और खी का विसार करन क लिलए भाड़ पर लगा ल थ

पर5 दककन दगा आयोग स आप कया समझ ह 2

उततर- 1875 क बाद जो दककन म विकसानो दवारा दग विकए गए उनकी छानबीन करन क लिलए भार सरकार क दबा डालन पर बमबई की सरकार न जो जाbच आयोग बठाया उस दककन दगा आयोग कहा जाा ह इसकी रिरपzट 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट क सामन पश की गई

पर6 जोदार कौन थ 2

उततर- धनी विकसानो क समह को जोदार कहा जाा था जो 18 ी शाबदी क अ म जमीदारो की बड़ी मसीबो का लाभ उठाकर अपनी शलिकत बढ़ान म लग हए थ

4 अक क पर शन

पर7 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ 4

उततर- इसक अनक कारण थ-

1 आरमभ म राजस की दर और माग बह ऊb ची रखी गई थी कयोविक सरकाशकराचाच( सोची थी विक बाद म राजस की मागो को बढ़ाया नही जा सकगा

2 शर-षर म जमीदारो को अपनी-अपनी भमिमयो क सधार म अपन पास स बह धन वयय करना पड़ा जिजसक परिरणामसरप लगान का भगान करन क लिलए उनक पास धन की कमी हो गई

3 जमीदार लोग नए काननो को समझन म असमथ( रह इसलिलए राजस दन म कोाही करन लग जिजसक कारण राजस की राविष बढी चली गई

4 1790 क दषक म कविष उपज की कीम परायः काफी कम थी इसलिलए विकसान जमीदारो को अपना कर चकान म असफल रह ऐस म जब विकसानो स धन पराप नही हआ ो आग अगरजी राजस अमिधकारिरयो को धन कस चका सक थ

5 राजस की राविष ो एक समान रही थी परन कई बार सखा अकाल पड़न या अमिधक षा( क कारण फसल बबा(द हो जाी थी परन राजस स का सा ही बना रहा था जिजस परविकल परिरसथिसथवियो म चकाना काफी कठिठन हो जाा था

6 जमीदारो स सभी परषासविनक अमिधकार छीन लिलए गए थ और अपनी सनय टकविड़याb भी नही रख सक थ इस परकार विकसानो पर उनका विनयतरण काफी ढीला पड़ गया था ऐस म विकसानो स पसा कस सल विकया जा सका था

7 जमीदारो को कमजोर होा दखकर अनक गाb क मखिखया-जोदार या पविड बड़ परसनन हो थ कयोविक अब उनक विरदध शलिकत का परयोग नही कर सक थ ऐस म जमीदारो या उनक परविविनमिधयो जिजनह lsquolsquoअमलाrsquorsquo कह थ विकसानो स भमिमकर एकवितर करना काफी कठिठन हो जाा था

पर8 सथालो न विबरठिटश शासन क विरदध विदरोह कयो विकया 4

उततर- सथालो क विबठिटश शासन क विरदध विदरोह क विनमन कारण थ -

1 सथालो न जिजस जगली भमिम को बड़ी कठिठनाई स साफ करक खी योगय बनाया था अब उस पर अगरजी सरकार भारी कर लगा रही थी

2 उधर साहकार लोग भी विबरठिटश सरकार क अमिधकारिरयो स मिमलकर ऊb ची दर स सथालो को कज( दन लग थ और कज( न मिमलन पर उनकी भमिमयो को हलिथयान लग थ साहकार की इस कचषठा क पीछ विबरठिटष सरकार का हाथ था ऐसा सथाल लोगो न महसस विकया इसलिलए साहकारो को नही विबरठिटश सरकार को दोषी मानन लग थ

3 उधर जब जमीदारो न सथालो क विनसथिषच इलाक जिजस दामिमन-इ-कोह कहा जाा था पर अपन अमिधकार का दाा विकया ो सथाल लोग विबरठिटष नीवियो स और भयभी हो गए कयोविक उनक विचार म इस कचषठा क पीछ भी विबरठिटश सरकार का हाथ था

4 विबरठिटश सरकार जस-जस सदढ़ होी गई उसन पहाड़ी कषतरो को भी अपन दढ विनयतरण म लन का परयतन विकया ऐसा विबरठिटश सामारजय की सरकषा और आरथिथक सथिसथवि क लिलए आशयक माना गया ऐस म जब सथालो क इलाक पर विबरठिटश सरकार न अपना विनयतरण करन की सोची ो सथाल भड़क उठ और उनहोन 1855-56 म विबरठिटष सरकार क विरदध विदरोह कर ठिदया

पर9 पहाविड़या लोगो क बार म आप कया जान ह 4

उततर- 1 पहाविड़या लोग राजमहल पहाविड़यो क असली विनासी थ इस जगह को अपनी विनजी सपभितत समझ थ

2 पहाविड़या लोग झम खी कर थ जगल क छोट स विहसस म झाविड़या आठिद को काट कर और घास-फस को जलाकर जमीन साफ कर ल थ और राख की पोटाष स उपजाऊ बनी भमिम पर अपनी फसल उगा थ विफर कछ समय उस जमीन को खाली छोड़ द थ ाविक मिमटटी की उ(रा बनी रह

3 कदाल पहाविड़या लोगो क जीन का परीक बन गया था

4 इनका जीन परी रह जगल की उपज पर विनभ(र था जगलो स खान क लिलए फल था महआ क फल इकटठा कर थ और बचन क लिलए लकविड़या इकटठी कर थ

08 अक क परशन

पर10 विकसानो का इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क बार म कया समसयाऐ आी ह

उततर- विकसानो सबधी इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क दौरान आन ाली समसयाएb-

1 विकसानो स सबमिध इविहास लिलखन म कई सतरो ह जिजनम सरकार दवारा रख गए राजस अभिभलख सरकार दवारा विनयकत सshyकषणका(ओ क दवारा दी गई रिरपोटz पवितरकाए जिजनह हम सरकार की पकषधर कह सक ह सरकार दवारा विनयकत जाच आयोग की रिरपोट( अथा सरकार क विहमायी पा(गह या सोच रखन ाल अगरज यावितरयो क विरण और रिरपोट( आठिद शामिमल ह

2 ऐस ऐविहालिसक सतरोो पर दमिषटपा कर समय हम यह याद रखना होगा विक य सरकारी सतरो ह और घटनाओ क बार म सरकारी सरोकार और अथ( परविपरिबविब कर ह उदाहरणाथ( - दककन दगा आयोग स विषष रप स यह जाbच करन क लिलए कहा गया था विक कया सरकारी राजस का सर विदरोह का कारण था सपण( साकषय परस करन क बाद आयोग न यह सलिच विकया था विक माग विकसानो क गसस की जह नही थी

3 रिरपोट( का मखय सार ए दोष - इसम सारा दोष ऋणदााओ या साहकारो का ही था इसस यह बा सपषट होी ह विक औपविनविषक सरकार यह मानन को कभी भी यार नही थी विक जना म असोष या रोष कभी सरकारी काय(ाही क कारण भी उतपनन हआ था

4 सरकारी रिरपोट( इविहास क पनविनमा(ण क लिलए बहमलय सतरो लिसदध होी ह लविकन उनह हमषा साधानीप(क पढ़ा जाना चाविहए और समाचार पतरो गर-सरकारी ाो मिधक अभिभलखो और यथासभ मौखिखक सतरोो स सकलिल साकषय क साथ उनका मिमलान करक उनकी विशवसनीया की जाbच की जानी चाविहए

5 औपविनलिशक सरकार जना म वयाप असोष था रोष क लिलए सय को उततरदायी मानन क लिलए यार नही थी

पर11 ईसट इविडया कपनी न जमीदारो पर अपना विनयतरण बढ़ान क लिलए कया-कया कदम उठाए 4

उततर- 1 जमीदारो की सनय टकविड़यो को भग कर ठिदया गया

2 सीमा शलक समाप कर ठिदया गया

3 उनकी कचहरिरयो को कमपनी दवारा विनयकत कलकटर की दखरख म रख ठिदया गया

4 जमीदारो स सथानीय नयाय और सथानीय पलिलस की वयसथा करन की शलिकत छीन ली गई

5 समय क साथ-साथ कलकटर का काया(लय सतता क एक विकलपी कनदर क रप म उभर आया और जमीदार क अमिधकार को परी रह सीमिम ए परविबमिध कर ठिदया गया

अनचछद आधारिर परशन-

पाची रिरपोट( स उदध-

जमीदारो की हाल और जमीनो की नीलामी क बार म पाची रिरपोट( म कहा गया ह -

राजस समय पर नही सल विकया जाा था और काफी हद क जमीन समय-समय पर नीलामी पर बचन क लिलए रखी जाी थी सथानीय ष( 1203 दनसार सन 1796-97 म विबकरी क लिलए विजञाविप जमीन की विनधा(रिर रालिश (जममा) 2870061 लिसकका र थी और र ास म 1790416 र म बची गई और 1418756 रपय रालिश जममा क रप म पराप हई सथानीय स 1204 दानसार सन 1797 - 98 म 26661991 लिसकका रपय क लिलए जमीन विजञाविप की गई 2274076 लिसकका रपय की जमीन बची गई और करय राविष 2147580 लिसकका रपय थी बाकीदारो म कछ लोग दष क बह परान परिरारो म स थ य थ नाठिदया राजशाही विषनपर (सभी बगाल क) आठिद क राजा साल दर साल उनकी जागीरो क टट जान स उनकी हाल विगड़ गई उनह गरीबी और बबा(दी का सामना करना पड़ा और कछ मामलो म ो सा(जविनक विनधा(रण की रालिश को यथा बनाए रखन क लिलए राजस अमिधकारिरयो को भी काफी कठिठनाइया उठानी पड़ी

पर 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ 3

पर2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ 2

पर3 पा bची रिरपोट( कया थी 2

उततर 1

(क) राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमशा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततर 2

कछ बाकीदार परान परिरार स थः नठिदया राजशाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततर 3

पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परशासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परशासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

अधयाय - 11

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान1 विदरोह का ढरा(

- विदरोह की खबर एक शहर स दसर शहर पहbचना

- हर छानी म विदरोह का घटनाकरम

11 सनय विदरोह कस शर हए

- विदरोह क विभिभनन सक

- कही ोप का गोला दागना ो कही विबगल बजाना

- शासतरागार पर कबजा और सरकारी खजान को लट लाना

- सम सर विफरविगयो क खिखलाफ अपील जारी करना

- विदरोह म आम लोगो को शामिमल होना

12 सचार क माधयम

- अचछा सचार का सथाविप होना

- योजना समतविन और असरदार होना

- सामविहक विनण(य

13 ना 5 नाओ का उभरकर आना

14 अफाह और भविषयाभिणयाb

- विबरठिटश शासन क खिखलाफ अफाह फलाना

- लाड( हारडिडग क विरदध षड़यतर रचना

15 लोग अफाहो म विशवास कयो कर रह थ

- लोगो क जहन म डर सदह मल कारण

- सी परथा और विहनद विधा विाह

- अगरजी परणाली का हदयहीन परायी और दमनकारी होना

2 अध म विदरोह

21 एक विगलास चरीफल

- 1801 म अध स सहायक समिध की योजना

- 1851 म लाड( डलहौजी का बयान

- 1851 म अध का अमिधगरहण होना

22 दह स जान जा चकी थी

- ाजिजद अली शाह को कलकतता विनषकालिस करना

- अध स नाब क विनषकासन स जना को बहद दख और अपमान का सामना

23 विफरगी राज का आना और एक दविनया का खातमा

- अध क अमिधगरहण स कल नाब की गददी न छीनी जाना उसक ाललकदार को भी लाचार करना

- 1857 म एकमश बदोबस का लाग होना

- एक परी सामाजिजक वयसथा का भग होना

- परानी दविनया का खातमा

3 विदरोही कया चाह थ

31 एका की कलपना

- विदरोही विदरोविहयो दवारा सामाजिजक एका सथाविप करना

- विहनदसानी फौजिजयो को उनका हक ठिदलाना

- परिहद धम( और इसलाम की रकषा करना इसाई धम( को फलान स रोकना

32 उतपीड़न क परीको क खिखलाफ

- विफरगी राज क उतपीविड़न को रोकना

- विबरठिटश भराजस वयसथा को नकारना

- वयापक सा(जविनक भलाई को करना

33 कसथिलपक सतता की लाश

- विबरठिटश शासन क धस होन क बाद ठिदलली लखनऊ कानपर म कसथिलपक सतता की लाश

- परानी दरबारी ससकवि का सहारा लना

- मगल वयसथा स मिमली-जली वयसथा अपनाना

4 दमन

- अगरजी दवारा विदरोह कचलना आसान न होना

- माश(ल ला काम न आना

- अनक टकविड़यो दवारा हरक इलाका छाना जाना

- जमीदारो को फसलान का परयतन करना

- विकसानो का बरा हाल बनाना

5 विदरोह की छावियाb

- विदरोविहयो की घोषनाएb सचनाएb और पतर

- कल अगरजी दसाज ही आधार नही

- जना की भानाओ को भड़काना और परविशोधण क लिलए पररिर करना

51 रकषको का अभिभनदन

- अगरजी पदामिधकारिरयो का अभिभनदन

- विदरोह को कचलन ाल अमिधकारिरयो को महामविड करना

52 अगरज और और विबरटन की परविषठा

- अगरज औरो और बचचो को मन म भय पदा करना

- अगरजिजय और ईसाईय की रकषा

53 परविशोध और परदश(न

- अगरजी दवारा परविशोधातमक और सबक सीखन की योजना यार करना

54 दहश का परदश(न

- विदरोविहयो को मौ क घाट उार जाना

55 दया क लिलए कोई जगह नही

- अगरजो क हदय म दया की गजारिरश न होना

- खौफनाक दशय का उपसथिसथ होना

56 राषटरादी दशय कलपना

- विदरोविहयो म राषटरादी भाना का कट कट कर भरना

- विदरोही नाओ को राषटर नायको क रप म परस करना

- साविहतय और लिचतर म राषटरनायको की ीरगाथा का गणगान करना

अविलघ परशन ( 02 अक ) परशन 01 सहायक समिध को विकस गन(र जनरल दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल चार परमख शलिकतयो क नाम लिलखिखए

उततर सहायक समिध को गन(र जनरल लाड( लसली दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल परमख शलिकतयाb थी - हदराबाद अध मसर इतयाठिद

परशन 02 कानपर म विकस अगरज मविहला न भारीय लिसपाविहयो स ीराप(क अपनी रकषा की

उततर मिमस वहीलर

परशन 03 अध का अविम नाब कौन था उस पशन दकर कहाb भजा गया

उततर ाजिजद अली शाह अध का अविम नाब था उस पशन दकर कलकतता भज ठिदया गया

परशन 04 सामानय सा भv अमिधविनयम विकस गन(र जनरल क शासनकाल म था कब पारिर विकया गया

उततर सामानय सा भv अमिधविनयम 1856 म लाड( कपरिनग क शासनकाल म लाग विकया गया

लघ परशन ( 04 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क राजनविक ए परशासविनक कारणो का ण(न कर

उततर (क) विबरठिटश शासको की सामराजयादी नीवि

(ख) राजय अपहरण की नीवि

(ग) पशनो था उपामिधयो की समातविप

(घ) मगल समराट क परवि असममानजनक बा(

(ड) अध का विलय

(च) सहायक समिध का दरपयोग

परशन 02 1857 विदरोह की असफला क कया कारण थ

उततर (क) विदरोह का विनभिw विलिथ स प( विसफोट

(ख) अगरजो को दशी शासको का सहयोग पराप होना

(ग) उचच ग( का सहयोग न मिमलना

(घ) विदरोविहयो क सीमिम साधन

(ड) सामानय आदश( का अभा

(च) परविभाान विबरठिटश सनापवि

(छ) सचार-साधनो पर अगरजो का विनयतरण

परशन 03 1857 विदरोह क सरप का ण(न कर

उततर (क) सविनक विदरोह मातर-

(अ) 1857 क विदरोह की परमख आधारभमिम सविनको दवारा यार की गयी थी

(ब) विदरोह का सा(मिधक महतपण( था ातकालिलक कारण चबvाल कारसो का मामला था

(स) विदरोह का परसार सपण( दश म नही हआ यह उनही नगरो ए कषतरो क सीमिम रहा जहाb सविनक चौविकयाb और छाविनयाb थी

(द) विदरोह का दमन करन म विबरठिटश सरकार को अमिधक कठिठनाईयो का सामना नही करना पड़ा कयोविक इस सामानयजनो का सहयोग ए समथ(न पराप नही था

(ख) परथम सतरा सगराम-

(अ) लाखो कारीगरो विकसानो और लिसपाविहयो न कनध स कनधा मिमलाकर विबरठिटश सतता क खिखलाफ सघष( विकया घमककड़ सनयालिसयो फकीरो ए मदारिरयो दवारा गा-गा म इसका परचार-परसार विकया

(ब) आदोलन म विहनद-मसलमानो न एकजट होकर भाग लिलया सभी विदरोविहयो म एक म स बहादरशाह को अपना समराट सीकार विकया

(स) विदरोह क लगभग सभी कनदरो म जनसाधारण न विबरठिटश शासन क विरदध सविकरय भाग लिलया

(द) विदरोह का कषतर काफी वयापक था अनक दशी रिरयासो ए राजयो म शासक ग( क विबरठिटश सतता क सहयोग ए समथ(क बन रहन पर भी सना ए जना दवारा विदरोह म सविकरय भाग लिलया था

विस परशन ( 08 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क सामाजिजक आरथिथक धारमिमक ए सविनक कारणो का ण(न करो

उततर (क) आरथिथक कारण

(अ) समपदा का विनषकासन

(ब) भारीय उदयोग-धनधो था वयापार-ाभिणजय का विनाश

(स) भ-राजस की दर

(द) इनाम म पराप जागीरो को छीनना

(य) जनसामानय म बकारी और दरिरदरा

(ख) सामाजिजक कारण

(अ) भारीयो क साथ दवरयहार

(ब) भारीयो क सामाजिजक जीन म हसकषप

(स) पाwातय लिशकषा का परसार

(द) ईसाई धम( का परचार

(ग) सविनक कारण

(अ) भारीय सविनको म असोष

(ब) भारीय सविनको की अपकषाक अमिधक सखया

(स) सना का दोषपण( विरण

(द) सामानय सा भv अमिधविनयम

(य) चबvाल कारस

अनचछद पर आधारिर परशनविनमनलिलखिख अनचछद को पठिढ़ए और उततर दीजिजए-

विदरोही कया चाह थ इस विषय म हम 25 अगस 1857 ई 0 की आजमगढ़ घोषणा स महतपण( जानकारी मिमली ह

भाग- सरकारी कम(चारिरयो क विषय म-

lsquolsquoअब यह कोई रहसय की बा नही ह विक विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv हो ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी परशासविनक और सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सभी पद कल अगरजो को ही ठिदय जा ह इसलिलए विबरठिटश सा म काम करन ाल सभी भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए उनह 200-300 रपय मालिसक न मिमलगा और भविषय म ऊच पद मिमलगlsquolsquo

भाग- कारीगरो क विषय म-

इसम कोई सदह नही विक इगलड म विनरमिम सओ को ला-लाकर यरोपीयो न हमार बनकरो सी सतर बनान ालो बढ़ईयो लोहारो और मोलिचयो आठिद को बरोजगार कर ठिदया ह उनक काम-धनधो पर इस परकार अमिधकार जमा लिलया ह विक दशी कारीगरो की हर शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई ह बादशाही सरकार म दशी कारीगरो को राजाओ और अमीरो की सा म विनयकत विकया जाएगा विनःसदह इसस उनकी उननवि होगी इसलिलए इन कारीगरो को अगरजो की सा छोड़ दनी चाविहएlsquolsquo

परशन-01 भार म विबरठिटश माल की पहbच न कारीगरो को विकस परकार परभावि विकया

उततर भार म विबरठिटश म विनरमिम सओ की पहbच क कारण भारीय बनकर सी सतर बनान ाल बढ़ई लोहार मोची आठिद सभी दसकार ए लिशलपकार बरोजगार हो गए विबरटन क मशीन विनरमिम सस माल न भारीय बाजारो पर अमिधकार कर लिलया परिरणामसरप दशी कारीगरो की परतयक शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई

परशन-2 बादशाही सरकार की अधीना म कारीगरो की दशा विकस परकार उनन होगी

उततर बादशाही सरकार म दशी कारीगरो ए लिशलपकारो को अमीरो की सा म विनयकत विकया जायगी इसस उनकी उननवि होगी

परशन-3 सरकारी सा म विनयकत लोग विबरठिटश सरकार स कयो असनषट थ

उततर विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv होन ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी थी परशासविनक ए सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सार पद कल अगरजो को ही ठिदय जा थ इसलिलए सरकारी सा म विनयकत भारीय विबरठिटश सरकार स असनषट थ

परशन-4 विदरोही घोषणा म बार-बार विकस बा क लिलए अपील की गई

उततर विदरोही घोषणा म बार-बार इस बा क लिलए अपील की गई विक भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए

पाठ - 12

औपविनलिशक शहर

नगरीकरण नगर-योजना सथापतयमहतपण( विबनद

सरोः- 1 ईसट इविडया कपनी क रिरकाड(

2 जनगणना रिरपोट(

3 नगरपालिलकाओ क रिरपzट(

1900 - 1940 क नगरीय जनसखया 10 परविष स बढ़कर 13 परविष हो गई

18 ी शाबदी क अ क मदरास बमबई था कलकतता महतपण( बदरगाह नगर क रप म विकलिस हो चक थ

यााया क नए साधनो जस टराम बस घोड़ गाविड़या इतयाठिद न लोगो को अपन घरो स दर काम करन क सथान पर जाना सभ बना ठिदया

कई भारीय शासको न यरोपीय भन विनमा(ण शली को आधविनका था समया का परीक माना था इस शली क भन बनाकर अपनी शलिकत का परदष(न करन का परयास विकया

सथानीय लोगो की बसतिसयो को rdquo बलक टाऊनrdquo कहा जाा था अगरजो की बसतिसयो को बलक टाऊन स अलग रखन क लिलए बीच म दीार बनाई गई थी

पठ एक मिमल शबद ह जिजसका मलब होा ह बसी जबविक परम शबद गाb क लिलए इसमाल विकया जाा ह

परशन 1 औपविनलिशक सदभ( म शहरीकरण क रझानो को समझन क लिलए जनगणना सबधी आकड़ विकस हद क उपयोगी हो ह (2)

उततर औपविनविषक सदभ( म शहरीकरण क रझान को समझन क लिलए जनगणना सबधी आbकड़ बह उपयोगी हो ह

(अ) इसस शव और अष लोगो की कल जनसखया या आबादी को जानन म सहयोग मिमला ह

(ब) शव और अष टाऊन क विनमा(ण विसार और उनक जीन सबधी सर भयकर बीमारिरयो क जनसखया पर पड़ दषपरभा आठिद को जानन म भी जनगणना सबधी आbकड रन जानकारी दन ाल पठिटटयो का काय( कर ह

(स) जनगणना सबधी आbकड़ विभिभनन समदायो काय जावियो की जानकारी द ह

परशन 2 विबरठिटश शासन क दौरान लिसविल लाइनस कया थ (2)

उततर 1857 क विदरोह क बाद भार म अगरजो का रया विदरोह की लगाार आशका स य होन लगा था उनको लगा था विक शहरो की और अचछी रह विहफाज करना जररी ह और अगरजो को दविषयो क ख़र स दर जयादा सरभिकष पथक बसतिसयो म रहना चाविहए परान कसबो क इद(-विगद( चरागाहो और खो को साफ कर ठिदया गया लिसविल लाइनस क नाम स नए शहरी इलाक विकलिस विकए गए लिसविल लाइनस म कल गोरो को बसाया गया

परशन 3 औपविनलिशक शहरो म रिरकाड( सभालकर कयो रख जा थ (2)

उततर 1 जनसखया म हए बदलाो की जानकारी क लिलए

2 औपविनलिशक शहरो क विकास विक पनर(चना क लिलए

परशन 4 ीनो औपविनलिशक शहरो यथा मदरास बमबई और कलकतता का एक सामानय विषषा लिलख (2)

उततर मदरास बमबई और कलकतता ीनो शहरो की बसतिसयो म अगरजी ईसट इविडया कमपनी क वयापारिरक था परशासविनक काया(लय सथाविप विकय गए थ ीनो शहरो क पास बदरगाह विकलिस हए

परशन 5 कोई ीन प(ीय सथल क नाम लिलख जिजनकी सथपना अगरजो न भार म की थी

उततर लिशमला दारजिजलिलग माऊटआब

परषन 6 परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो म खद को विकस रह सथाविप विकया (4)

उततर परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो अथा( मदरास (चननई) बमबई (मबई) और कलकतता (कोलकाा) म कमपनी क एजनट क रप म रहना शर विकया

य सभी बसतिसयाb वयापारिरक और परषासविनक काया(लयो ाली थी इसलिलए भारीय वयापारिरयो को यह शहर सविधाजनक लग यह ीनो शहर बदरगाह थ और इनम सड़क यााया जहाजरानी क साथ-साथ कालार म रलो की सविधा पराप हो गई भारीय गरामीण वयापारी और फरी ाल शहरो म माल गाb स खरीदकर भी ला थ अनक भारीय वयापारी जब परान और मधयकालीन शहर उजड़ गए ो उनह छोड़कर इन बड़ शहरो म आ गए उनहोन वयापारिरक गविविमिधयाb करन क साथ-साथ उदयोग-धध भी गाए अपनी अविरिरकत पbजी इन शहरो म विनष की

वयापारिरक गविविमिधयो क बार म रख गए सरकारी रिरकाडz और विस बयौरो स कई परकार की जानकारी पराप कर थ शहरो की समसयाओ क समाधान क लिलए नगरपालिलकाओ स सहयोग लिलया गया अनक वयापारी इन बड़ शहरो क उपनगरीय

कषतरो म भी रहन लग उनहोन घोड़ागाड़ी और नए यााया क साधनो को भी परयोग विकया भारीय वयापारी कमपनी क वयापार म महततपण( भमिमका विनभा थ ममबई क रहन ाल वयापारी चीन को जान ाली अफीम क वयापार म विहससदार थ

उनहोन ममबई की अथ(वयसथा को माला राजसथान और सिसध जस अफीम उतपादक इलाको स जोड़न म सहाया दी कमपनी क साथ गठजोड़ एक मनाफ का सौदा था जिजसस कालार म एक पbजीपवि ग( का विकास हआ भारीय वयापारिरयो म सभी समदाय-पारसी माराड़ी कोकणी मसलमान गजराी बविनए बोहरा यहदी आठिद शामिमल थ

परशन 7 औपविनलिशक कलकतता म नगर विनयोजन पर सासथय और सरकषा की जररो क परभा का मलयाकन कीजिजए (4)

उततर भार म उपविनशााद का सीधा परभा नगर विनयोजन पर दमिषटगोचर होा था कमपनी ए अगरजी सरकार न भार क परमख बदरगाह ाल शहरो को विनयोजिज ढग स बसान का विचार विकया इन शहरो म एक शहर था-कलकतता जो बगाल सब का एक महतपण( शहर अगरजी सतता की राजधानी ए ाभिणजय का कनदर था कलकतता शहर क विनयोजन का परथम चरण लाड( लजली क काय(काल म परारभ हआ

(अ) सासथय क दमिषटकोण स बह सार बाजारो घाटो कविबरसानो और चम(षोधन इकाइयो को साफ विकया गया इनम स कछ को हटा ठिदया गया शहर का एक नीन नकषा यार विकया गया इसम सड़क क विकनार ए अनय अध कबजो को हटान की लिसफारिरष की गई 1817 म हजा था 1896 म पलग महामारी न कलकतता को अपनी चपट म ल लिलया

लिचविकतसक इसकी ठोस जह नही बा पाए परिक lsquoजनसासथयrsquo की अधारणा को बल मिमला सरकार ए जागरक नागरिरक (दवारकानाथ टगोर ए रसम जी कोासजी) यह मानन लग विक शहर को सासथयध(क बनाना आषयक ह अ 5 घनी आबादी ाली बसी था झोपविड़यो को हटाया गया सासथय क आधार पर वहाइट ए बलक टाउन जस नसली विभाजन हए

(ब) सरकषा कलकतता शहर क विनयोजन का भार सरकार न अपन ऊपर इसलिलए लिलया कयोविक यह शहर सरकषा क दमिषटकोण स सदनशील था

1756 म नाब लिसराजददौला न कलकतता पर हमला विकया था था कमपनी को करारी लिशकस दी थी

कमपनी न 1757 म जब लिसराजददौला कोपराजिज विकया उसक बाद उसन कलकतता शहर की विकलाबदी शर की ाविक आसानी स कलकतता पर हमला न विकया जा सक ीन गाb सानाी कोलकाा और गोविनदपर को मिमला कर कलकतता शहर बसाया गया फोट( विलिलयम क आसपास खली जगह छोड़ी गई ाविक हमलारो पर आसानी स गोलीबारी की जा सक

इस परकार यह सपषट रप स दखा जा सका ह विक कलकतता शहर क विनयोजन म सरकषा ए सासथय का वयापक परभा था

परशन 8 भार म औपविनलिशक शासन काल म नगरा की कया सथिसथवि थी (4)

उततर

1 गरामीण इलाको क गरीब रोजगार क लिलए शहरो की रफ भाग रह थ कई लोग आकष(क शहरी जीन क कारण भी नगरो की ओर खिखच चल आ रह थ

2 औपविनलिशक शासको न विनयमिम रप स सshyकषण कराए सा bसथिखयकीय आ bकड़ इकटठ विकए और समय-समय पर शहरो स सबमिध सरकारी रिरपोट( परकालिश की

3 मदरास बबई और कलकतता क नकश परान भारीय शहरो स काफी हद क अलग थ भनो का सथापतय कला बदल गया था

4 जिजन विहल सटशनो म चाय और काफी क बागान लगाए गए थ हा b बड़ी सखया म मजदर आन लग

5 शहरो म औरो क लिलए अनक असर थ कछ सधारको न मविहलाओ की लिशकषा का समथ(न विकया लविकन रठिढ़ाठिदयो न इसका विरोध विकया जस-जस समय बीा सा(जविनक सथानो पर मविहलाओ की उपसथिसथवि बढ़न लगी नौकरानी और फकटटरी मजदर लिशभिकषका और विफलम कलाकार क रप म शहरो क नए वयसायो म दाखिखल होन लगी

परशन 9 भार म छाविनयो क विकास का ण(न कर (08)

उततर अगरजी सामराजय की सरकषा क लिलए अगरजी सरकार न महतपण( सथानो पर छाविनयो की सथापना की उनहोन कई मल राजयो की सीमाओ पर राजय की उथल-पथल को विनयवितर करन था शासको की गविविमिधयो पर विनगरानी रखन क लिलए छाविनया b बनाई सन 1765 ईसी म लाड( रोबट( कलाई न अपनी सना रखन क लिलए छाविनयाb बनान की नीवि का विनमा(ण विकया इन छाविनयो म विबरठिटश सना को रखकर उनह सविनक परलिशकषण ठिदया जाा था और उनम सविनक जीन वयी करन और अनशासन म रहन की लिशकषा दी जाी थी उस समय भार म 62 छाविनया b थी भार म सबस महतपण( छाविनयाb लाहौर पशार विफरोज़पर आगरा बरली जालधर झा bसी नागपर मबई कलकतता मदरास ठिदलली आठिद थी भटिटडा म सथाविप की गई नई छानी दश की 62 छाविनयो म स सबस बड़ी छानी ह छाविनयो पर विनयतरण रखन ाला सबस बड़ा अमिधकारी डायरकटर जनरल होा ह यह छाविनयो का परशासन था छानी क बाहर था भीर की अचल सपभितत की दख-रख करा ह परतयक छानी का परशासन एक छानी बोड( चलाा ह छानी बोड( एक सायततशासी ससथा होी ह और इसक सभी कायz पर क दरीय रकषा मतरालय का विनयतरण होा ह छाविनयो पर क टोनमट एकट 1924 दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा चन हए परविविनमिधयो क अविरिरकत कछ सरकारी मनोनी सदसय भी हो ह नगर का सटशन कमाडर बोड( का परधान होा ह क दरीय सरकार पराथमिमक लिशकषा सड़को पर रोषनी का परबध था सड़को की मरमम का काय( करी ह

परशन 10 बमबई नगर म भन विकन-विकन भन विनमा(ण शलिलयो क अनसार बनाए गए (08)

उततर बमबई शहर म ठिदखन ाल विभिभनन औपविनलिशक भन विनमा(ण शली

( क ) नशासतरीय या विनयोकलालिसकल शली

बड़-बड़ सभो क पीछ रखागभिणीय सरचनाओ का विनमा(ण इस शली की विशषा थी यह शली मल रप स पराचीन रोम की भन विनमा(ण शली सविनकली थी जिजस यरोपीय पनजा(गरण क दौरान पनजvवि सशोमिध और लोकविपरय विकया गया

1 बमबई का टाउन हाल

2 एसतिलफसटन सक( ल या हारकिनमान सक( ल

( ख ) न-गालिथक शली

उची उठी हई छ नोकदार महराब और बारीक साज-सsup2ा इस शली की खालिसय होी ह गालिथक शली का जनम इमारो ख़ासौर स विगरजो स हआ था जो मधयकाल म उततरी यरोप म काफी बनाए गए

1 सलिचालय

2 बमबई विशवविदयालय

3 बमबई उचच नयायालय

4 विकटोरिरया टरमिमनस

( ग ) इडो-सारासविनक शली

एक नयी मिमभिशर सथापतय शली विकलिस हई जिजसम भारीय और यरोपीय दोनो रह की शलिलयो क त थ इडो शबद विहनद का सभिकषप रप था जबविक सारासविनक शबद का परयोग यरोप क लोग मसलमानो को सबोमिध करन क लिलए कर थ

परशन 11 अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिखएः-

गरामीण कषतरो की ओर पलायन

1857 म विबरठिटश सना दवारा शहर पर अमिधकार करन क बाद ठिदलली क लोगो न कया विकया इसका ण(न परलिसदध शायर मिमजा( ग़ालिलब इस पकरार कर ह दशमन को पराजिज करन और भगा दन क बाद विजाओ ( विबरठिटश ) न सभी ठिदशाओ स शहर को उजाड़ ठिदया जो सड़क पर मिमल उनह काट ठिदया गया दो स ीन ठिदनो क कशमीरी गट स चाbदनी चक क शहर की हर सड़क यदधभमिम बनी रही ीन दवार - अजमरी क( मान था ठिदलली अभी भी विदरोविहयो क कबज म थ इस परविशोधी आकरोश था घणा क नग नाच स लोगो क चहरो का रग उड़ गया और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन

ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

( क ) मिमजा( ग़ालिलब कौन था ( 1 )

उततर मिमजा( ग़ालिलब एक परलिसदध शायर था

( ख ) 1857 म ठिदलली म कया और कयो हो रहा था ( 2 )

उततर 1857 क विदरोह क दौरान ठिदलली पर विदरोविहयो का कबजा था पर शीघर ही उस विबरठिटश सना दवारा कबज म कर लिलया गया

( ग ) जब ठिदलली पर विबरठिटष सना क दवारा अमिधकार विकया जा रहा था ब कौन स ीन दवार विदरोविहयो क कबज म थ ( 2 )

उततर ीन दवार -अजमरी क( मान था ठिदलली विदरोविहयो क कबज म थ

( घ ) विबरठिटश सना दवारा ठिदलली पर अमिधकार क दौरान लोगो की कया सथिसथवि थी (2)

उततर लोगो क चहरो का रग उड़ गया था और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

पाठ - 13

महातमा गाधी और राषटरीय आदोलनसविनय अजञा और उसस आग- गाधीजी सतरा सगराम म भाग लन ाल सभी नाओ म सा(मिधक परभाशाली और सममाविन ह

- मोहनदास करमचद गाधी दभिकषण अफरीका म दो दशक रहन क बाद जनरी 1915 म भार ापस आए

- दभिकषण अफरीका म गाधीजी न पहली बार सतयागरह क रप म जानी गई अविहसातमक विरोध की अपनी विविषषठ कनीक का इसमाल विकया और विभिभनन धमz क बीच सौहादर बढ़ान का परयास विकया

- गोखल की सलाह स इस भमिम और इसक लोगो को जानन क लिलए गाधीजी न एक ष( की यातरा की

- उनकी पहली महतपण( सा(जविनक उपसथिसथवि फररी 1916 म बनारस विहनद विषविदयालय म क उदघाटन समारोह म हई

- अपनी भाषण की माधयम स उनहोन भारीय विविषषट ग( को आड हाथो लिलया और लाखो गरीब भारीयो का समथ(न विकया

- उनहोन सफला प(क 1917 म चमपारण सतयागरह और 1918 म खड़ा सतयागरह और अहमदाबाद कपड मिमल क मजदरो का समथ(न विकया

- 1919 दषभर म रोलट एकट क खिखलाफ अभिभयान रोलट सतयागरह स गाधीजी एक सचच राषटरीय ना बन

- 1920 जलिलयााला बाग हतयाकाड क बाद अगरजी शासन क खिखलाफ असहयोग आदोलन खिखलाफ आदालन का समथ(न अगरजो क साथ परी रह असहयोग सकल कालज और कचहरिरयो का बविहषकार

- चरी चोरा हतयाकाड और आदोलन ाविपस लना

- गा bधीजी एक लोकविपरय ना होन क कारण- आम लोगो की रह सतर पहन थ उनकी रह रह थ और उनकी रह ही भाषा बोल थ

- 1924 जल स रिरहा होन क बाद गाधीजी अपना घयान रचनातमक काय( जस चरखा को लोकविपरय बनाना विहनद - मसलमान एका छआछ को समाप करन म लगाया

- 1928 साईमन कमीशन गाधीजी का राजनीवि म पनः परष

- 1929 लाहोर म कागरस का अमिधशन पण( सराजय की माग

- 1930 दाडी माच( नमक कानन का उललघन

- दश क विशाल भाग म न कानन का उललघन फकटरी कामगरो का हड़ाल

-कीलो दवारा विबरठिटश अदालो का बविहषकार विदयारथिथयो दवारा सरकारी लिशकषा ससथानो का बविहषकार

- 1930 गोलमज सममलन कागरस न बविहषकार विकया

- 1931 गा bधी - इरकिन समझौा

- 1935 गन(मट आफ इविडया एकट

- 1937 पराो म चना 11 म स 8 पराो म कागरस की सरकार

- 1939 विदवीय विशव यदव कागरसी मवितरमडलो दवारा इसीफा

- 1940 मसलिलम लीग क दवारा परथक राषटर की माग

- 1942 विकरपस मिमशन की असफला भार छोडो आदोलन पर भार म जनआदोलन

- 1946 कविबनट मिमशन कागरस और मसथिसलम लीग को एक सघीय वयसथा पर राजी करन म असफला बगाल विबहार उततरपरदष और पजाब म सामपरदामियक दग

- 1946 लाड( माउटबटन का ायस राय बनना भार का विभाजन औपचारिरक सतता हसारण भार को सतरा की परातविप

- राजधानी म हो रह उतसो म गाधीजी की अनपसथिसथवि कलकतत म 24 घट क उपास

- बगाल म शावि सथापना क लिलए अभिभयान चलान क बाद गाधीजी का ठिदलली आगमन यहा b स दगागरस पजाब क जिजलो म जान क विबचार 30 जनरी 1948 नाथराम गोडस दवारा गाधीजी को गोली मारकर हतया कर दी गई

अवि लघ पर शन ( 02 अक ) परशन-1 दो परमख नाओ क नाम लिलखिखए जिजनहोन विभिभनन दशो क राषटर विनमा(ण म परमख भमिमका विनभाई

उततरः- (क)अमरिरका म जाज( ालिशगटन (ब) भार म महातमा गा bधी

परशन-2 लाल - बाल - पाल कौन थ

उततरः-(क) य आरभिभक उगर राषटरादी ना थ जिजनहोन अखिखल भारीय सर पर

राषटरादी आदोलन चलाया (ब) लाल - लाला लाजप राय बाल ndash बाल गगाधर विलक पाल विविपनन चनदर पाल

परशन-3 गा bधीजी दवारा भार म विकसानो और मजदरो क लिलए चलाए गए दो आदोलन क नाम लिलखिखए

उततर- (क) चमपारण सतयागरह - 1917 (नील विकसानो क लिलए) (ब) अहमदाबाद मिमल मजदर आदोलन (1918)

परशन-4 बनारस विहनद विशवविदयालय म गा bधीजी क भाषण का महत बाइए

उततरः- (क) गा bधीजी न मजदर गरीबो की ओर धयान न दन क कारण भारीय विलिशषट ग( को आड़ हाथो लिलया (ब) धनी और गरीबो क बीच की विषमा पर उनहोन लिचना परकट की उनक अनसार दश की मलिकत कल विकसानो क माधयम स ही हो सकी ह

परशन- 5 रौलट एकट कया ह

उततरः- (क) सतरा सगराम को कमजोर करन क लिलए रौलट दवारा यह कानन बनाया गया था

(ब) विकसी भी वयलिकत को विबना जा bच विकय काराास म डाला जा सका था

परशन- 6 चरखा को राषटरीय परीक क रप म कयो चना गया था

उततरः-(क) चरखा सालममिमबा और आतम सममान का परीक ह (ब) हजारो बरोजगार गरीबो को परक आमदनी परदान करन का साधन

परशन- 7 भारीय राषटरीय आदोलन म कागरस क लाहौर अमिधशन का कया महत था

उततरः-(क) कागरस न सराज क सथान पर पण( सराज को लकषय बनाया

(ब) 26 जनरी 1930 को सतरा ठिदस क रप म मनाना

परषनः-8 1931 क गा bधी-इरकिन समझौ का उललख कीजिजए

उततरः- अ) सविनय अजञा आदोलन को सथविग कर ठिदया गया

ब) इरकिन न सभी अपरिहसक कठिदयो को रिरहाई की बा मान ली

स) भारीयो को नमक बनान की छट

द) गा bधीजी दसर गोलमज सममलन म विहससा लन क लिलए राजी

परशन -9 विदवीय विशव यदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का दमिषटकोण कया था

उततरः- (क) गाधीजी और नहर दौनो ही विहटलर और नासथितसयो क कटटर आलोचक थ (ब) उनहोन फसला लिलया विक अगर अगरज यदध समाप होन क बाद भार को सतरा दन पर राजी हो ो कागरस उनक यदध परयासो म सहाया द सकी ह

लघ पर शन ( 04) अक परशन- 10 विकन कारणो स गाधीजी न असयोग आदोलन को चलाया यह आदोलन कयो सथविग करना पड़ा

उततरः- 1 रौलट कानन क विरोध म

2 जलिलया b ाला बाग हतयाकाड क अनयाय का परविकार करना

3 खिखलाफ आदोलन को समथ(न करन क लिलए

4 सराजय परातविप क लिलए

चौरी - चौरा म हई परिहसा को दख हए गाधीजी न असहयोग आदोलन को सथविग कर ठिदया कारण ह अविहसा क पजारी थ

परशन-11 दाड़ी माच( क महत को समझाइए

उततरः-1 विबरठिटश भार क सा(मिधक घभिण काननो म स एक जिजसन नमक क उतपादन और विकरय पर राजय को एकामिधकार द ठिदया था का उललघन विकया गया था

2 पहली बार राषटरीय आदोलन म ममिसतरयो न बढ़ - चढ़ कर भाग लिलया

3 दश क विशाल भाग म सरकारी काननो का उललघन विकया गया

4 अगरजो को अहसास हआ विक अब उनका राज बह ठिदनो क नही ठिटक सका

परशन-12 पथक विना(लिचका की समसया कया थी इस मदद पर कागरस दलिल गz क बीच कया मभद थ इस समसया का कया समाधान विनकाला गया

उततरः-1 पथक विना(लिचका की मा bग दलिल ग( दवारा उठाई गई जिजसम ह अपन लिलए भी चना कषतरो का आरकषण चाह थ

2 1931 क दसर गोलमज सममलन म दलिल ना डा0 भीमरा अमबडकर न कहा विक कागरस दलिलो का परविविनमिधत नही करी

3 उनक अनसार पथक विना(लिचका क दवारा ही दलिलो की आरथिथक सामाजिजक दशा को सधारा जा सका ह

4 गाधीजी न इसका विरोध विकया उनका मानना था विक विहनद समाज उचच और दलिल ग( म बट जायगा था दश की एका कमजोर होगी अः पना समझौ दवारा कागरस क भीर ही दलिलो को पथक विना(चन कषतर ठिदय गए था पथक विना(लिचका की समसया हल हो गई

दीघ( परशन ( 08 अक ) परशनः- 13 गाधीजी न विकस परकार राषटरीय आदोलन को जन आदोलन म बदल ठिदया

उततरः- 1 सरल सातवितक जीन शली

2 लोगो की भाषा विहनदी का परयोग

3 चमतकारी अफाह

4 सतय अविहसा

5सदशी और बविहषकार

6 चरखा का परयोग और खादी को लोकविपरय बनाना

7 ममिसतरयो दलिलो और गरीबो का उदधार

8 विहनद मसथिसलम एका 9 छआ - छ का उनमलन

10 समाज क परतयक ग( को बराबरी क नजरिरय स दखना और सभी को राषटरीय आदोलन म शामिमल करना

परशनः-14 ऐस सरोो की वयाखया कीजिजए जिजनस महातमा गाधी क राजनीविक जीन था भारीय राषटरीय आदोलन इविहास को पनः सतरबदध कर सक ह

उततरः- 1 आतमकथाए b और जीनी

2 समकालीन समाचार पतर

3 सा(जविनक सर

4 विनजी लखन

5 पलिलसकरमिमयो था अनय अमिधकारिरयो दवारा लिलख गए पतर और रिरपोट(

परशनः- 15 rdquoगाधीजी जहा b भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह

फलीrdquo सोदाहरण सपषट कीजिजए

उततरः- 1 सातवितक जीन शली

2 धोी और चरखा का परयोग

3 लोगो की बोलचाल की भाषा विहनदी का परयोग

4 चमपारन सतयागरह

5 असहयोग आदोलन म उनक दवारा सतय ए अविहसा का परयोग

6 गाधीजी जहाb भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह फल गई

6 गाधीजी क विरोध करन ाल क लिलए भयकर परिरणाम की कहाविनयाb भी थी उदाहरण क लिलए आलोचना करन ालो क घर रहसयातमक रप स विगर गए अथा उनकी फसल चौपट हो गई

परशनः-16 विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उसक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

नमक सतयागरह कयो

नमक विरोध का परीक कयो था इसक बार म महातमा गाधी न लिलखा ह-

परविठिदन पराप होन ाली सचनाओ स पा चला ह विक कस अनयायपण( रीक नमक कर को यार विकया गया ह विबना कर (जो कभी-कभी नमक क मलय का चदह गना क होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी अः यह राषटर की अतयामिधक महतपण( आषयका पर कर लगाी ह यह जना को इसक उतपादन स रोकी ह और परकवि न जिजस विबना विकसी शरम क उतपाठिद विकया उस नषट कर दी ह अः विकसी भी जह स विकसी चीज को सय उपयोग न करन दन था ऐस म उस चीज को नषट कर दन की इस अनयायपण( नीवि को विकसी भी विषषण दवारा नही बाया जा सका ह विभिभनन सतरोो स म भार क सभी भागो म इस राषटर समपवि को बलगाम ढ़ग स नषट विकय जान की कहाविनयाb सन रहा ह टनो न सही पर कई मन नमक कोकण ट पर नषट कर ठिदया गया ह दाणडी स भी इस रह की बा पा चली ह

जहाb कही भी ऐस कषतरो क आसपास रहन ाल लोगो दवारा अपनी वयलिकतग परयोग ह पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखी ह हाb र अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा ह जिजनका एक मातर काय( विबनाष करना होा ह इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खच( स ही नषट विकया जाा ह और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा ह नमक एकामिधकार एक रह स चरफा अभिभषाप ह यह लोगो को बहमलय सलभ गरामउदयोग स बलिच करा ह परकवि दवारा बहाय म उतपाठिद समपदा का यह अविषय विनाष करा ह इस विनाष का मलब ही ह और अमिधक राषटरीय खच( चथा और इस मख(ा का चरमोतकष( भख लोगो स हजार परविष स अमिधक की उगाही ह सामानय जन की उदासीना की जह

स ही लमब समय स यह कर असतिसत म बना रहा ह आज जना पया(प रप स जाग चकी ह अः इस कर को समाप करना होगा विकनी जलदी इस खतम कर ठिदया जायगा यह लोगो की कषमा पर विनभ(र करा ह

परशनः-1 नमक विरोध का परीक कयो था (2)

उततरः- क परतयक भारीय घर म नमक का परयोग अविनाय( था

ब लविकन इसक बाजद भारीयो को घरल परयोग क लिलए नमक बनान स रोका

गया और उनह दकानो स ऊच दामो पर खरीदन क लिलए बाधय विकया गया

परशनः-2 औपविनविषक सरकार क दवारा नमक को कयो नषट विकया जाा था (2)

उततरः- क अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था

ब विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

परशनः-3 महातमा गाधी नमक कर को अनय करो की लना म अमिधक दमनातमक कयो मान थ (2)

उततरः- अ अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चौदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

ब पराकविक नमक मिमलन ाल कषतर क आसपास वयलिकतग परयोग क लिलए पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखन स सरकारी अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा थ जिजनका एक मातर काय( विनाष होा था इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खचshy स नषट विकया जाा था और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा था

परशनः- 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ

परशनः- 2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ

परशनः- 3 पा bची रिरपोट( कया थी

उततरः- 1 (क)राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमषा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततरः- 2 कछ बाकीदार परान परिरार क थः नठिदया राजषाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततरः- 3 पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परषासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परषासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

पाठ - 14

विभाजन को समझना

1 बटार क कछ अनभ

- बयानो दवारा बटार को अनभ बयानका( पाविकसानी शोधका( भारीय

2 ऐविहालिसक मोह

21 बटारा या महाधस

- बटार स परिहद मसथिसलम ठिदलो को बाटना

- परिहद मसथिसलम दगो की भरमार

- नसली सझाया

22 रढ़ छवियो की ाक

- भार म पाविकसान और पाविकसान म भारीय स नफर का लिसललिसला

- एक-दसर पर छीटाकसी

- गल समवियो घणाकत छवियो का दौर

- सापरदामियक सशय और अविशवास

3 विभाजन कयो और कस हआ

31 एक लब इविहास का अविम चरण

- मसथिसलम लीग की सथापना

- लखनऊ समझौा 1916

- आय( समाज की सथापना

- परिहद महासभा का सविकरय होना

32 1937 म परविक चना और कागरसी मगलय

- परिहद और मसथिसलम नाओ की नासमझी

33 पाविकसान का परसा

- 1940 म मसथिसलम लीग की सगसगाहट

- महममद अली जिजनना की भमिमका

34 विभाजन का अचानक हो जाना

- 1940 का मसथिसलम लीग का परसा

- चधरी रहम अली लिसकनदर हयाखान महममद इकबाल और जिजनना क परयास

35 यदधोततर घटनाकरम

- 1946 म दबारा पराीय चना

- 1946 म मसथिसलम मदााओ क बीच मसथिसलम लीग लोकविपरय पाटTHORN

36 विभाजन का एक सभावि विकलप

- कविबनट मिमशन की सथापना

- कविबनट मिमशन की असफला

- सीमा गाbधी की भमिमका - विभाजन क कटटर विरोधी

37 विभाजन की ओर

- परतयकष काय(ाही ठिदस 1946

- मखय शहरो म दगो का भड़कना

4 कानन वयसथा नाश

- दगो क दौरान परिहसा और आगजनी की घटनाएb

- कानन वयसथा का चरमराना

41 महातमा गाbधी - एक अकली फज़

- नौआखली का दगा

- महातमा गाbधी दवारा हदय परिर(न पर जोर

5 बटार म और

51 औरो की बरामदगी

- औरो क साथ बदसलकी

52 इsup2 की रकषा

- औरो की असतिसमा की रकषा

- अनक औरो दवारा आतमहतया

6 कषतरीय विविधाएb

- विभिभनन कषतरो की विभिभनन समसयाएb

- परिहद मसथिसलम परिरारो का पलायन

7 मदद माना और सदभाना

8 मौखिखक गाही और इविहास

- बटार स जड़ी घटनाओ का सही विरण

- साविहतयकारो और कलाकारो दवारा बटार की पीड़ा का ण(न

- सरकारी दसाजो को भी आधार बनाना

33 हम हजारो सालो क दबाया गया

- दलिल जावियो क अमिधकारो की समसया

4 राजय की शलिकतयाb

- सघाद की ओर

- शलिकतयो का विभाजन

- सलिचयो का विनमा(ण

41 क दर विबखर जाएगा

- बहम शलिकतशाली क दर क पकष म

42 आज हम एक शलिकतशाली सरकार की आशयका ह

- एक शलिकतशाली क दर समय की माग

5 राषटर की भाषा

- परिहदी और मिमल आमन-सामन

- विहनदसानी परिहदी राजभाषा

51 परिहदी की विहमाय

- परिहदी राजभाषा बनी

52 च(स का भय

- दभिकषण म परिहदी का कड़ा विरोध

- चचा(ओ का दौर शर

- परिहदी राजभाषा क रप म सीकाय(

परशन 1 महाधश स कया ातपय( ह 2

उततर- इसका अथ( ह सामविहक जनसहार नाजी शासन क समय जम(नी म सरकारी विनकायो दवारा

विकया गया था

परशन 2 लखनऊ समझौा कया था घ 2

उततर- 1916 म लखनऊ म कागरस था मसथिसलम लीग क बीच आपसी ाल मल को लखनऊ

समझौा कहा जाा ह यह एक सयकत राजनीविक मच था

परशन 3 विदवीय विशवयदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का कया दरमिषटकोण कया था 2

उततर- कागरस इस श( पर विबरटन की यदध म सहाया करन क लिलए यार थी विक ह यदध क बाद

भार को सतर कर दन का सपषट घोषणा कर

परशन 4 भारीय राषटरीय कागरस न विभाजन को कयो सीकार विकया 2

उततर- क दश क अनक पराो म दग होन लग

ख चनाो म मसथिसलम लीग की सफला

परशन 5 जिजनना का विदव-राषटर लिसदधान कया था 2

उततर- जिजनना न विहनद था मसथिसलमो को दो अलग अलग समदाय बाया

दोनो समदाय साथ साथ नही रह सक उनह अलग अलग दो दशो म रहना चाविहए

परशन 6 1937 क पराीय चना म सयकत परा म सरकार गठन की घटना न विकस परकार भार म

मसथिसलम सामपरदामियकता को बढ़ाया 4

उततर- (1) 1937 क पराीय चना म कागरस को परा समथ(न मिमला

(2) मसथिसलम लीग भी सरकार म शामिमल हाना चाही थी कागरस न मसथिसलम लीग क परसा को ठकरा

ठिदया

(3) मसथिसलम लीग को महसस हआ विक कभी सरकार नही बना पाएगी

(4) राजनीविक सतता परातविप क लिलए उनह भार का बटारा एक विकलप ठिदखाई दन लगा

(5) सय को भार क सभी मसलमानो की पाटTHORN था कागरस का विहनदओ को पाटTHORN क रप म परचारिर करन लग

परशन 7- विबरठिटश भार का विभाजन कयो विकया गया 4

उततर- 1) अगरजो की फट डालो राजय करो की नीवि

2) मसथिसलम लीग का दरपरचार विक ही मसलमानो की एक मातर परविविनमिध ह

3) दसी रिरयासो का विभाजन क पकष म होना

4) सापरदामियक दगो का होना

5) मसथिसलम लीग दवारा 1946 म परतयकष काय(ाही ठिदस मनाकर विभाजन की माग को मजब करना

परशन 8 मौखिखक इविहास की अचछाइया था कमिमयो बाइए 4

उततर- 1) यह अनभो था समवियो को समझन का मौका दा ह

2) बटार जसी घटनाओ का सजी था बहरगी ा लिलखन का असर दा ह

3) मौखिखक इविहास समाज क गरीब कमजोर लोगो क अनभो भानाओ का महव दा ह

4) मौखिखक जानकारिरया सटीक नही होी ह

5) विनजी अनभो क आधार पर सामानयीकरण करना उलिच नही ह

परशन- 9 भार विभाजन क परिरणाम सरप मविहलाओ पर होन ाल परभाो की विचना कीजिजए 4

उततर- 1) औरो क अनभ भयाह था दखदः थ उनक साथ बलातकार लट अपहरण की घटनाए हई

2) मविहलाओ को बार-बार खरीदा और बचा गया

3) मविहलाओ को अजनविबयो क साथ जिजदगी विबान क लिलए मजबर विकया गया

4) सरकार मविहलाओ क परवि असदनशील रही

5) मविहलाओ को अपनी भानाए परकट करन नही ठिदया गया

6) मविहलाओ की इsup2 की रकषा क नाम पर उनह मार डाला गया

7) बदला लन की भाना स दसर समदाय की मविहलाओ की बइsup2ी की गई

8) दग क बाद ापस लौटन पर मविहलाओ को उनक परिरारो न सीकार नही विकया

9) लिसख उनकी मौ को आतमहतया नही अविप शहाद का दजा( द हअः उनकी समवि म परतयक ष( 13 माच( को ठिदलली क एक गरदवार म एक काय(करम का आयोजन विकया जाा ह

10) एक बार विफर अपनी जिजदगी क बार म फसला लन क उनक अमिधकार को नजरअदाज कर ठिदया गया

परशन 10 विनमनलिलखिख उदधरणो को धयानप(क पढ़ो था उसक बाद पछ गए परशनो का उततर दीजिजए

एक गोली भी नही चलाई गई

मन न जो लिलखा-

24 घट स भी जयादा कत दगाई भीड को इस विशाल वयासामियक शहर म बरोक टोक बाही फलान

दी गई बहरीन बाजारो को जलाकर राख कर ठिदया गया जबविक उपदर फलान ालो क उपर एक गोली भी नही चलाई गई

जिजला मजिजसटरट न अपन (विशाल पलिलस बल को शहर म माच( का आदश ठिदया और उसका कोई साथ(क इसमाल विकए विबना ापस बला लिलया)

1) यह सतरो विकस घटना की ओर सक करा ह उपदरवियो की भीड़ कया कर रही थी 2

2) आग चलकर 1947 म अमसर रकतपा का नजारा कयो बना 2

3) उततजिज भीड़ क परवि फौज और पलिलस का कया रख था 2

4) गाधी जी न सापरदामियक सौहा(द बढ़ान क लिलए कस परयतन विकया 2

उततर- (1) यह भार विभाजन क समय की एक घटना ह

(2) दगा करन ाली भीड़ न बाजारो को जला ठिदया था दकानो का लट लिलया परशासन का शहर पर

कोई विनयनतरण नही था

(3) उततजिज भीड़ को रोकन का परयास नही विकया गया सना पलिलस भी अपन समपरदाय क लोगो

की मदद कर रही थी पलिलस दसर सपरदाय पर हमला भी कर रही थी

(4) गाधीजी न विहनदओ मसलमानो को दसर का साथ दन था भरोसा रखन क लिलए समझाया

विषय 15 सविधान का विनमा(णमहतपण( परिबद

- नहर जी का उददषय परसा महत

- सविधान विनमा(ण क प( ातकालिलक समसयाय - राजनविक ऐकीकरण सापरदामियक दग

आरथिथक ससाधनो की कमी विसथाविपो की समसया - सविधान विनमा(ण की चनौी

- सविधान विनमा(ण - सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 म कविबनट मिमषन योजना क

अनसार विकया गया

- सविधान सभा म चचा( - जनम का परभा नागरिरको क अमिधकारो का विनधा(रण

अलपसखयो और दमिमो क अमिधकारो का परषन

- राषटरभाषा भाषा विाद गाधीजी क राषटरभाषा सबधी विचार विहनदी का समथ(न

- सविधान की विषषाएb - लिलखिख ए विषाल सविधान कनदर - राजय शलिकत विभाजन

सतर नयायपालिलका धम(विनपshyकषा ससदीय परणाली शलिकतषाली कनदर यसक मामिधकार

मौलिलक अमिधकार

02 अको ाल पर शन परशनः-1सविधान सभा का गठन कब और विकस योजना क अनसार विकया गया

उततरः- सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 ई म कविबनट मिमशन योजना क अनसार विकया गया

परशनः- 2अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का अमिधशन परथम बार कब और विकसकी अधयकषा म

हआ

उततरः- अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का परथम अमिधशन 1927 ई म एलौर क परलिसदध ना

दीान हादर एमरामचनदर राय की अधयकषा म हआ

परशनः-3सविधान सभा की परथम बठक कब और विकसकी अधयकषा म हई

उततरः- सविधान सभा की परथम बठक 9 ठिदसमबर 1946 ई को ससथिचचदाननद लिसनहा की अधयकषा म हई

परशनः-4 परारप समिमवि का गठन कब विकया गया इसक अधयकष कौन थ

उततरः- परारप समिमवि का गठन 29 अगस 1947 ई को विकया गया इसक अधयकष डाबीआरअमबडकर

परशनः- 5भारीय सविधान क दो असाद कौन स थ

उततर-1 भारीय सविधान का मौखिखक रप स अगरजी म होना

2 विकसी भी पद पर खड़ होन क लिलए कोई शकषभिणक योगया आशयक न होना

4 अको ाल परशन

परशनः-6महातमा गाधी कयो चाह थ विक विहनदसानी राषटरभाषा होनी चाविहए

उततरः-1इस आसानी स समझा बोला जा सका ह

2इस भारीय लोग जयादा परयोग म ला थ

3यह विहनद उद( क मल स बनी थी

4यह बहसासकविक भाषा थी

5इसम समय क साथ दसरी भाषाओ क शबद शामिमल हो गए

परशनः- 7हदराबाद को भारीय सघ का अग विकस परकार बनाया गया

उततरः-1यह रिरयास म लगभग 90 परविश जना विहनद थी

2शासक मसलमान होा था

3हदराबाद का विनज़ाम अपनी रिरयास को सतर रखना चाहा था

4भार सरकार न विनज़ाम क विरदध सविनक काय(ाही करन का विनण(य लिलया

5चार ठिदन क सघष( क बाद 17 लिसमबर 1948 ईको विनज़ाम न आतमसमप(ण कर ठिदया और भारीय सघ म सममिममलिल होना सीकार कर लिलया

परशनः- 8विभिभनन समहो दवारा lsquoअलपसखयकrsquo शबद को विकस परकार परिरभाविष विकया गया

उततरः- 1कछ लोग आठिदालिसयो को मदानी लोगो स अलग दखकर आठिदालिसयो को अलग आरकषण दना चाह थ

2अनय परकार क लोग दमिम ग( क लोगो को विहनदओ स अलग करक दख रह थ और ह उनक लिलए अमिधक सथानो का आरकषण चाह थ

3कछ विदवान मसलमानो को ही अलपसखयक कह रह थ

4लिसकख लोग क कछ सदसय लिसकख धम( म अनयामिययो को अलपसखयक का दजा( दन और अलपसखयको को सविधाय दन की माग कर रह थ

परशनः-9 उददशय परसाrsquo म विकन आदशz पर जोर ठिदया गया था

उततरः-1 परभा समपनन सतर भार की सथापना और उसक सभी भागो और सरकार क अगो को सभी परकार की शलिकत और अमिधकार जना स पराप होना

2 भार क सभी लोगो को सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक नयाय पद असर और कानन क समकष समाना कानन और सा(जविनक नविका क अग( विचार अभिभवयलिकत विशवास विनषठा पजा वयसाय सगठन और काय( की सतरा की गारटी दना

3अलपसखयको विपछड़ और जनजावि ाल कषतरो दलिल और अनय गz क लिलए सरकषा क समलिच उपाय करना

परशनः- 10 कौन सी ऐविहालिसक ाक थी जिजनहोन सविधान का सरप य विकया

उततरः-1 सविधान का सरप य करन ाली परथम ऐविहालिसक ाक भारीय राषटरीय कागरस थी

2 मसथिसलम लीग न दश क विभाजन को बढ़ाा ठिदया

3 उदारादी मसलमान राजनविक दलो स जड़ रह उनहोन भी भार को धम( विनरपकष बनाए रखन म सविधान क माधयम स आशवस विकया

4 दलिल और हरिरजनो क समथ(क नाओ न सविधान को कमजोर गz क लिलए सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक समाना और नयाय ठिदलान ाला आरकषण की वयसथा करन ाला छआछ का उनमलन करन ाला सरप परदान करन म योगदान ठिदया

5 एनजीरागा और जयपाल सिसह जस आठिदासी नाओ न सविधान का सरप य कर समय इस बा की ओर धयान दन क लिलए जोर ठिदया विक उनक समाज का गर मलालिसयो दवारा शोषण हआ ह

परशनः- 11 सविधान सभा क कछ सदसयो न उस समय की राजनीविक परिरसथिसथवि और एक मजब कनदर सरकार की जरर क बीच कया सबध दखा

उततर 1 परारभ म सननम जस सदसयो न कनदर क साथ राजयो को भी मजब करन की बा कही

2 डराफट कमटी क चयरमन डा बीआरअमबडकर न पहल ही घोषणा की थी विक एक शलिकतशाली और एकीक कनदर 1935 क इसथिणडया एकट क समान दश म एक शलिकतशाली कनदर की सथापना करना चाह ह

3 1946 और 1947 म दश क विभिभनन भागो म सापरदामियक दग और परिहसा क दशय ठिदखाई द रह थ

4 सयकत परा क एक सदसय बालकषण शमा( न इस बा पर जोर ठिदया की कनदर का शलिकतशाली होना जररी ह

5 भारीय राषटरीय कागरस दश क विभाजन क प( इस बा स सहम थी विक पराो को पया(प सायतता दी जायगी

6 भार म आरोविप औपविनलिशक शासन वयसथा चल रही थी इस दौरान उनक घठिट घटनाओ स क दराद की भाना को बढ़ाा मिमला

(08 अको ाल परशन)

परशनः-12 सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला

उततरः-1 1930 क बाद कागरस न यह सीकार कर लिलया था विक विहनदसानी को राषटरीय भाषा का दजा( ठिदया जाए

2 गाधी जी का मानना था विक विहनद और उद( क मल स बनी परिहदसानी भारीय जना क बह बड़ भाग की भाषा थी और यह विविध ससकवियो क आदान-परदान स समदध हई एक साझी भाषा थी

3 कागरस सदसय आरीधलकर न इस बा का समथ(न विकया की सविधान विनमा(ण की भाषा विहनदी होनी चाविहए

4 कई लोगो न धलकर की बा का विरोध विकया इसक बाद ज बहस शर हो गई

5 विरोमिधयो का यह मानना था विक विहनदी क लिलए हो रहा यह परचार पराीय भाषाओ की जड़ खोदन का परचार ह

6 समिमवि न राषटरीय भाषा क साल पर सझा ठिदया विक दनागरी लिलविप म लिलखी गई विहनदी भार की राजकीय भाषा होगी

7 सभी सदसयो न विहनदी की विहमाय को सीकार विकया लविकन इसक च(स असीकार कर ठिदया

8 मदरास क शरी टी ए रामसिलगम चठिटटयार न इस बा पर बल ठिदया विक जो कछ भी विकया जाय साधानीप(क विकया जाय यठिद आकरामक होकर विकया गया ो विहनदी का भला नही हो पायगा

9 शरी चठिटटयार क अनसार lsquolsquoजब हम एक साथ रहना चाह ह और एकीक राषटर की सथापना करना चाह ह ो परसपर समायोजन होना आशयक हrsquorsquo

10 आग चलकर दश की सभी भाषाओ को सचीबदध विकया गया

परशनः-13 दमिम समहो की सरकषा क पकष म विकए गए विभिभनन दाो पर चचा( कीजिजए

उततर 1 सविधान सभा म आसीन दमिम जावियो क कछ परविविनमिध सदसयो का आगरह था विक

असपशयो की समसया को कल सरकषण और बचा स हल नही विकया जा सका

2 हरिरजन सखया की दमिषट स अलपसखयक नही ह आबादी म उनका विहससा 20-25 परविश ह

3 परारभ म डा अबडकर न अलपसखयको क लिलए पथक विना(चन की माग की पर बाद म छोड़ दी

4 मधय परा क दमिम जावियो क एक परविविनमिध शरी कजखाणडलकर न सविधान सभा को कहा विक उनक लोगो क समदायो क लोगो को हजारो षz क दबाया गया ह

5 असपशया का उनमलन विकया जाय

6 विहनद मठिदरो को सभी जावियो क लिलए खोल ठिदया जाय

7 दमिम ग को विधामियको और सरकारी नौकरिरयो म आरकषण ठिदया जाय

8 इसक लिलए समाज की सोच म बदला लाना भी आशयक ह

9 सा(जविनक सथलो पर उनक साथ भदभा न विकया जाय

10 यदयविप समसयाय एकदम हल नही होगी लविकन लोकावितरक जना न इन पराधानो का

साग विकया ह

अनचछद पर आधारिर परशन

rdquoगोविनद ललभ पन का विचार था विक समदाय और खद को बीच म रखकर सोचन की आद को छोड़कर ही विनषठाान नागरिरक बना जा सका था उनक शबदो म-rdquoलोकनतर की सफला क लिलए वयलिकत को आतयानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा लोकनतर म वयलिकत को अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए यहा खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाए कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकनतर म आप परविसपथv विनषठाए रख द ह या ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की अपकषा हततर अथा अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकनतर का डबना विनभिw हldquo

परशनः- 1 पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 2

उततरः-पथक विना(लिचका का ातपय( ह lsquoपथक विना(चन कषतरrsquo 1909 ई क अमिधविनयम क अनग( मसलमानो क लिलए पथक चना कषतरो की वयसथा की गई थी इन कषतरो स कल मसलमान ही चन जा थ विबरठिटश परशासको क अनसार ऐसा अलपसखयक मसथिसलम समपरदाय क विहो की दमिषट स विकया गया ह

परशनः- 2 सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गई 2

उततरः- कछ लोगो का विचार था विक शासन म अलपसखयको की एक साथ(क भागीदारी सविनभिw करन क लिलए पथक विना(लिचका क अविरिरकत और कोई रासा नही था अः उनक दवारा सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग की गई

परशनः-3 गोविनद ललभ प पथक विना(लिचका की माग क विरदध कयो थ दो कारण दीजिजए 2

उततर 1 गोविनद ललभ पन का विचार था विकः यठिद पथक विना(लिचका क दवारा अलपसखयको को सदा क लिलए अलग-अलग कर ठिदया गया ो कभी भी सय को बहसखयको म रपानरिर नही कर पाएग

2 यठिद अलपसखयक पथक विना(लिचका स जीकर आ रह ो शासन म कभी परभाी योगदान नही द पाएग

परशनः-4 गोविनद ललभ पन क अनसार लोकनतर म विनषठाान नागरिरको म कौन-स ीन परमख अभिभलकषण होन चाविहए 2

उततर- 1 उस अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए

2 उसकी सारी विनषठाए कल राजय पर क ठिदर होनी चाविहए

3 उस आतमानशासन की कला म परलिशभिकष होना चाविहए

Model Paper -I

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN

MODEL QUESTION PAPER ndash I (2014-15)

SUBJECTHISTORY

TIME 3 hours CLASS-XII MARKS 80

GENERAL INSTRUCTIONS-

1 Answer all questions Some questions have choice

2 Marks are indicated against each question

3 Answers to questions carrying 2 marks (Part- A QNO 1 TO 3) should not exceed 30 words each

4 Answers to questions carrying 4 marks (Part -B Section- I Question no 4 to 9) should not exceed 80 words Part-B Section-II isa VALUE BASE QUESTION and compulsory (question no 10)

5 Answers to questions carrying 8marks (Part ndashC QNO 11 AND 14) should not exceed 350 words

6 Part D has questions based on three sources (QNO 15 16 and 17)The number of questions will be three carrying 7 marks each(no internal choice) The sources will be taken from the textbooks

7 Question no 181 and 182 are Map questions attach the Map with the answer script after compulsaroy

सामानय विनदshyश-

(1) सभी परशनो क उततर दीजिजए |परशनो क अक उनक सामन लिलख गए ह| (2) खड (अ) म 2 अक ाल ीन अवि लघउततरीय परशन ह जिजनकी शबद सीमा

30 शबद ह|(3) खड (ब) अनभाग -1 म 4 अक ाल लघ उततरीय परशन हजिजनकी शबद

सीमा 80 शबद ह|(4) खड(ब) अनभाग-2 म एक 4 अको कामलय आधारिर परशन अविनाय( ह (5) खड lsquoसrsquo म 8 अक क चार दीघ( उततरीय परशन हजिजनकी शबद सीमा 350

शबद ह|(6) खडlsquoदrsquo म 7 अक क ीन सरो आधारिर परशन ह|(7) खडlsquoयrsquo म 5 अकका मानलिचतर पर आधारिर परशन ह|मानलिचतर को उततर

पसतिसकाक साथ सलगन कर|दमिषटहीन विदयारथिथयो क लिलय मानलिचतर परशन क सथान पर एक अनय परशन ह|

PART-Aखड lsquoअrsquo

Answer all the questions given below

विनमनलिलखिख सभी परशनो क उततर दीजिजए-

1 List the four items of food available to people in Harappan cities 12+12+12+12=2

हड़पपा सभया क लिलय उपलबध चार खान की सओ की सची बनाइए

2Who started Virashaiva Tradition In which state it was became popular 1+1=2

ीरश परपरा को विकसन शर विकया था विकस राजय म यह परलिसदध हआ

3 What do the terms ldquoWhite ldquoandldquoBlackrdquo Town signify 2

lsquoसफ़दrsquo और lsquoकालाrsquo शहर स आप कया समझ ह

PART-B

खड lsquoबrsquo

Section-I

अनभाग-1

Answer any five of the following questions

विनमनलिलखिख परशनो म स विकनही पाbच क उततर दीजिजए-

4 Describe some of the distinctive featuresof Mohenjo-Daro (Any four)1+1+1+1=4

मोहजोदड़ो की चार विशषाए बाइए|

5 Describe four main teachings of Buddhism 1+1+1+1=4

बौदध धम( की चारलिशकषाओ की वयाखया कर |

6 Explain that lsquoAin-i-Akbarirsquo is an extraordinary document of its time4

lsquoआइन-ए ndashअकबरीrsquo अपन समय की अविउततम पसक थी | वयाखया कीजिजए |

7 What do you think was the significance of the rituals associated with the Mahanavami dibba4

महानमी विडबबा स जड़ी धारमिमक काय(करमो का कया महत था |

8 What were the main provisions of the Permanent Settlement (Any four)1+1+1+1=4

सथाई बदोबस की चार मखय पराधान कया थ

9 Discuss the evidence that indicates planning and coordination on the part of the rebels 4

उन परमाणो की वयाखया कीजिजए जिजसस विदरोविहयो म योजना ए सहयोग का पा चला ह

Section-2

अनभाग -2

Value Based Question

10 The aim of the religion should be unity of mankind- keeping this statement in mind describe the relevance of Kabirrsquos teachings 4

मलय आधारित परशन

lsquoधम( का मखय उदशय मानमातर की एका होनी चाविहएrsquondash इस कतवय को धयान म रख हए कबीर की लिशकषाओ की परासविगका बाइए |

PART-C

खड lsquoस lsquo

11 Why all the Mughal Emperor given importance to Land revenue system Describe Land revenue system of the Mughal period 3+5=8

सभी मग़ल शासको न भमिम राजस परणाली को कयो महत ठिदया मग़ल काल की भमिम राजस परणाली की वयाखया कीजिजए |

12 In what way did Mahatma Gandhi transform the nature of the National Movement 8

महातमा गाधी न राषटरीयआदोलन की परकवि को विकस परकार परिररकि विकया

13What historical forces shaped the vision of the Constitution How was the term minority defined by different groups 4+4=8

विकन ऐविहालिसक कारणो न सविधान की रपरखा विनधा(रिर विकया अलपसखयको को विभिभनन दलो न विकस परकार परिरभाविष विकया

14 Discuss whether the Mahabharata could have been the work of a single author 8

कया महाभार विकसी एक लखक की रचना हो सकी ह विचना कीजिजए |

PART-D

खड ndashlsquoद lsquo

Passage based questions

सरो आधारिर परशन 73=21

Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उसक नीच लिलख परशनो क उततर लिलखिखए |

15 The anguish of the king

When the king DevanampiyaPiyadassi had been rulingfor eight years the (country of the) Kalingas (presentdaycoastal Orissa) was conquered by (him)One hundred and fifty thousand men were deported a hundred thousand were killed and many more died After that now that (the country of) the Kalingas has been taken Devanampiya (is devoted) to an intense study of Dhamma to the love of Dhamma and to instructing(the people) in DhammaThis is the repentance of Devanampiya on account of his conquest of the (country of the) Kalingas For this is considered very painful and deplorable by Devanampiya that while one is conquering an unconquered (country) slaughter death and deportation of people (take place) there hellip

i) Who was called Devenampiya Piyadassi 1ii) Mention the limitations of inscriptions as a source to history 3

iii) Explain the effects of the war of kalinga on Ashoka 3

ाजा की वदना

जब दानाविपय विपयदससी न अपन शासन क आठ ष( पर विकए ो उनहोन कसिलग(आधविनक टv उड़ीसा) पर विजय पराप की| ढड़ लाख परषो को विनषकाविष विकया गया एक लाख मार गए और इसस भी जयादा की मतय हए|

कसिलग पर शासन सथाविप करन क बाद दानाविपय धमम क गहन अधययन धमम क सनह और धमम क उपदश म डब गए ह|यही दनाविपय क लिलए कसिलग की विजय का पwााप ह| दानाविपय क लिलए यह बह दनादायी और परिनदनीय ह विक जब कोई राजय पर विजय पराप करा ह ो पराजिज राजी का हनन होा ह ाहा लोग मार जा ह विनषकाविष विकए जा ह|

1) दनाविपय विपयदससी विकस कहा जाा था 2) इविहास क सरो क रप म अभिभलखो की कया सीमाए ह3) कसिलग क यदध का अशोक पर कया परभा पड़ा

16The poor peasant

An excerpt from Bernierrsquos description of the peasantry inthe countrysideOf the vast tracts of country constituting the empire ofHindustan many are little more than sand or barrenmountains badly cultivated and thinly populatedEven a considerable portion of the good land remainsuntilled for want of labourers many of whom perish inconsequence of the bad treatment they experiencefrom Governors The poor people when they becomeincapable of discharging the demands of theirrapacious lords are not only often deprived of themeans of subsistence but are also made to lose theirchildren who are carried away as slaves Thus ithappens that the peasantry driven to despair by soexcessive a tyranny abandon the countryIn this instance Bernier was participating incontemporary debates in Europe concerning the natureof state and society and intended that his description ofMughal India would serve as a warning to those who didnot recognise the ldquomeritsrdquo of private property

i) what were the problems about cultivating the land according to Bernier 1ii) Why did peasantry abandon the land 3iii) Explain the reasons given by bernier for the exploitation of the peasants 3गीब किकसान

यहाb बरकिनयर दवारा गरामीण अचल म कषको क विषय म ठिदए गए विरण स एक उदधरण ठिदया जा रहा ह

परिहदसान क सामराजय क विशाल गरामीण अचलो म स कई कल रीली भमिमया या बजर प( ही ह| यहा विक खी अचछी नही ह और इन इलाको विक आबादी भी कम ह| यहाb क विक कविष योगय भमिम का एक बड़ा विहससा भी शरमिमको क अभा म कविषविहीन रह जाा ह इनम स कई शरमिमक गन(रो दवारा विकए गए बर वयहार क फलसरप मर जा ह| गरीब लोग जब अपन लोभी सामिमयो की मागो को पोरा करन म असमथ( हो जा ह ो उनह न कल जीन- विन(हनक साधनो स लिच कर ठिदया जाा ह बसतिलक उनह अपन बचचो स भी हाथ धोना पड़ा ह जिजनह दास बनाकर ल जाया जाा ह| इस परकार ऐसा होा ह विक इस अतय विनरकशा स हाश हो विकसान गाb छोडकर चल जा ह|

इस उदधरण म बरकिनयर राजय और समाज स सबममिनध यरोप म परचलिल तकालीन विादो म भाग ल रहा था और उसका परयास था विक मगल कालीन भार स सबममिनध उसका विरण यरोप म उन लोगो क लिलए एक चानी काय( करगा जो विनजी सामिमत की ldquoअचछाइयोrsquordquo को सीकार नही कर थ|

1) बरकिनयर क अनसार कविष-काय( की समसयाएb थी2) विकसान कयो कविष-काय( छोड़ रह थ3) बरकिनयर न विकसानो क शोषण क का कारण बाए थ

17The Nawab has left

Another song mourned the plight of the ruler who had to leave his motherland

Noble and peasant all wept togetherand all the world wept and wailed Alas The chief has biddenadieu to his country and gone abroad

i) Name the ruler the passage refers to 1ii) Under what pretext did the British annex Awadh What do you think was

the real reason 3iii) Why did people mourn during the departure of the king 3

नाबाब साहब जा चक ह |

एक और गी म ऐस शासक की दद(शा पर विलाप विकया जा रहा ह जिजस मजबरन अपनी माभमिम छोडनी पड़ी आभिभजा और विकसान सब रो रह थ | और सारा आलम रोा ndashलिचललाा था | हाय जान-ए-आलम दस स विदा लकर परदस चल गय ह |

1) यह अश विकस शासक क बार म ह2) विबरठिटश न विकन कारणो स अध का अमिधगरहण विकया आपक अनसार इसका ासविक कारण कया था3) राजा क जान पर लोग दखी कयो थ

181 On the same given map of India three centres of the Indian National Movement are marked as 1-3Identify and write their names

1+1+1=3ठिदय गए मानलिचतर पर भारीय राषटरीय आदोलन क ीन क दर 1-3 क अको स लिचखिनह ह उनक नाम लिलखिखए |

182 Locate the Harappa and Mohanjodaro on the same Map 1+1=2

हड़पपा और मोहजोदड़ो को उसी मानलिचतर पर दशा(ओ |

Note- For blind students only(in lieu of question no 17)

लिसफ( अध विदयारथिथयो क लिलए (परशन 17 क सथान पर )17 Write name of any five centres of Indian National Movement 5

विकनही पाbच भारीय राषटरीय आदोलन क कनदरो क नाम लिलखो |

END

उततमाला माडल परशनपतर १

१गह जौ दाल विल

२कना(टक म बासनना न

३यरोविपयनो और भारीयो क रहन क अलग अलग सथान I

४विनसथिaeligपज शहर शहरी वयसथा जल विनकास परणाली गह सथापतय दग( सनानागार I

५अ) विशव अविनतय ह और लगाार बदल रहा ह ब) इस कषणभगर दविनया म दःख मनषय क जीन का अनरकिनविह त ह स)मधयम माग( अपनाकर मनषय दविनया क दखो स मलिकत पा सका ह द)आषटाविगक माग( इ)अपरिहसा य)झठ न बोलना इतयाठिद I

वयाखया क साथ परतयक परिबद का

६ अ)मग़ल सामराजय की सरचना ए सगठन क बार म जानकारी दना I

ब)सामराजय क लिलए विकय गए यदध ए विजयो का ण(न करना I

स)सामानय लोगो क बार म जानकारिरयाb इकठठा करना I

द)वयसाय लिशकषा ससकवि धारमिमक परथाए दरबार का गठन परशासन और सना क बार म जानकारी उपलबध करना I

७अ)धारमिमक महतत ब) सामाजिजक महतत स) राजनीविक महतत सनय कषमा का परदश(न इ) परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट का असर I

८)अ)राजस को विनभिw विकया गया ब) राजाओ और ालकदारो को जमीदारो क रप म गvक विकया गया स) जमीदार जमीन क मालिलक नही थ बसतिलक कल राजस इकठठा करन ाल थ द) जमीदारो को कपनी को एक विनभिw रकम य समय म दनी पड़ी थी इ)अगर ऐसा करन म असफल हो जा थ ो नीलामी क दवारा राजस की परकि की जाी थी I

९)कई जगहो पर लोगो न विनयोजिज आकरमण विकया १८५६-५७ क दौरान गाb-गाb म चपावियाb बाटी गयी विहनद- मसथिसलम एका का परदश(न ए दोनो की भानाओ का खयाल रख हए कोई उदघोषणा की गयी सभी ग क लोगो को अपन साथ जोड़न क लिलए उनह विबरठिटश सरकार की दमनकारी नीवियो क बार म बाया गया था उनक परिरणामो स अग कराया गया I

१०ईशवर एक ह उस विकसी भी नाम स पकारा जा सका ह उनहोन ईशवर म पण( समप(ण की बा की उनहोन कम(काडो का विरोध विकया समाज म वयाप बराईयो को नकारा I

११यह मग़ल विततीय वयसथा क लिलए महतपण( था कविष स ही राजस की सा(मिधक परातविप होी थी I

मग़ल सामराजय की परशासविनक वयसथा क मखय अग मनसबदार कविष राजस पर ही विनभ(र थ I

इन महतपण( विबनदओ का ण(न कर ---

अ)कषको क परकार खदकाश और पाविहकाश I

ब)भमिम का गvकरण I

स)राजस सली क रीक I

द)राजस परबधन का कनदरीय विभाग I

इ) राजस इकठठा करन की परणाली और उसक अमिधकारी Iसमबमिध अनय महतपण( परिबद

१२अ)गाधीजी क परारभिभक आनदोलन ब)जनसमदाय की कषमा पर भरोसा स) औरो की भागीदारी द) विहनद ndash मसथिसलम एका इ) अशपशया क खिखलाफ य)सतयागरह अपरिहसा सविनय अजञा की नई कनीक र) समाज क सभी ग का सहयोग पराप करना जस वयापारी ग( ए उदयोगपवि Iअनय समबमिध परिबद

१३अ)भारीय राषटरीय आनदोलन ब)विबरठिटश भारीय परिरषद अमिधविनयम स) विबरठिटश शासन क दौरान सामाजिजक आनदोलन द)नहर रिरपोट( य) राषटरीय विचारधारा पर आधारिर धम(विनरपकषा र)राजय की परकवि

1) बीपी बहादर --- समदाय और धम( क आधार पर

2) एनजी रगा --- आरथिथक आधार पर 3) जयपाल सिसह ---अछो और अनसलिच जावियो

को अलपसखयक क रप म पारिरभाविष विकया 4) कछ न भाषाई अलपसखयक पर कजिनदर विकया 5) एच महा --- सिलग विभद क आधार पर

मविहलाओ को अलपसखयक कहा अनय समबमिध परिबद

१४उपमहादवीप की एक अवि महतपण( रचना --- १००००० शलोकऐसा मन जाा ह की वयास न इसकी रचना की लविकन विकसी एक लखक न इस नही लिलखा I

अ)कछ कहाविनया मखय कहानी स समबमिध नही ह

ब)कषतरीय परभद I

स)रचना का ीय चरण २० ईसाप( स २०० ईसी क बीच का ह I

द) कथनो क आधार पर यह नही कहा जा सका की विकसी एक लखक न इसकी रचना की I

य)विकास क विभिभनन चरण Iअनय समबमिध परिबद

१५ स १७ सरो आधारिर परशन ह जिजनका परशन की परकवि का अधययन करक दना ह I उततर अनचछदो म ही विनविह ह या उनस समबमिध ह I

१८१ अ चौरी चौरा ब अमसर स दाडी

१८ मानलिचतर पर सथिसथवि

१८ दषटीबामिध छातरो क लिलए ---- राषटरीय आनदोलन क कोई पाच क दर

Model Paper - II

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

Model Question Paper - II

CLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsa) Answer all the questions Marks are indicated against each

questionb) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachc) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachd) Part B section-II is a value based questione) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachf) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )g) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181

and 182)सामानय किनदश a) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह b) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क नही

होन चाविहए c) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा 100

हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह d) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स अमिधक

न हो e) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह f) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

Part ndash AAnswer all the questions given below 2x3=61 Mention the two sections of the Harappan settlements and

give one main feature of eachहड़पपाई विनास क दो खडो को परतयक की एक-एक विशषा क साथ लिलखिखए

2 Mention two features of the protest movement started by Nayanars and Alvarsनयनारो और अलरो दवाराचलाय गय विरोध आदोलन की दो विशषाओ को लिलखिखए

3 Explainany two observations made by the Buchanan that helped the English East India Company to expand its trade in India बकानन दवारा बाय गय दो विनरीकषणो को बाइय जिजसस ईसट इसथिणडया कमपनी को भार म वयापार बढ़ान म मदद मिमली

Part ndash BSection ndash I

Answer any ldquoFIVErdquo of the following questions 4x5= 204 Describe how did the archaeologists classify their finds

ण(न कीजिजए विक परातविद अपन खोजो को कस गvक कर ह5 How important were gender differences in early societies

Give reasons for your answerपरारभिभक समाज म सिलग विभद विकना महततपण( था अपन उततर क लिलए क( दीजिजए

6 Explain how the people of Vijaynagar obtained water for their needs

वयाखया कीजिजए विक विजयनगर क लोग अपनी आशयकता क लिलए जल कस पराप कर थ

7 ldquoThe Keeping of exact and detailed records was a major concern of the Mughaladministrationrdquo Justify the statementसही और विस दसाज रखना मगल परशासन की एक मखय विशषा थीrdquo इस कथन की सतया साविब कीजिजए

8 How did the American civil war affect the lives of ryots in Indiaअमरीकी लिसविल यदध न भारीय रयो क जीन को कस परभावि विकया

9 What was the policy of Subsidiary Alliance Explainसहायक समिध की नीवि कया थी वयाखया कीजिजए

Section ndash IIValue based question 2+2=410 lsquoMahatma Gandhi transformed the nature of the national

movement of Indiarsquo Explain giving examples from the decisions taken by him during the national movementlsquoमहातमा गाधी न राषटरीय आदोलन क सरप को बदल ठिदयाrsquo महातमा गाधी दवारा राषटरीय आदोलनो क समय लिलए गय विनण(यो का उदाहरण दकर वयाखया कीजिजए

Part ndash C Long Answer questions

Answer any ldquothreerdquo of the following questions 8X3=24

11 Discuss the main features of the Mauryan Administration मौय( परशासन क मखय विशषाआ की चचा( कीजिजए

12 Explain the ways in which panchayats and village headmen regulated rural society उन रीको की वयाखया कीजिजए जिजसक दवारा पचाय और गराम परधान गरामीण समाज को विनयमिमविकए

13 Describe the composition of Mughal nobility their characteristics and functions

मगल कलीनो की सरचना उनकी विशषाओ और काय का ण(न कीजिजए14 Explain the developments since March 1946 that led to the

partition of India माच( 1946 स हए परिर(नो को वयाखया कीजिजए जिजसक कारण भार का विभाजन हआ

Part ndash DPassage based questions 7x3=21 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

15 Why were Stupas BuiltldquoThis is an excerpt from the MahaparinibbanaSutta part of the SuttaPitaka As the Buddhalay dying Ananda asked him ldquoWhat are we to do Lord with remains of the Tathagata (another name for the Buddha)rdquoThe Buddha replied ldquoHinder not yourelvesAnanda by honouring the remains of theTathagata Be zealous be intent on your own goodrdquoBut when pressed further the Buddha said ldquoAt the four crossroads they should erect a thupa(Pali for stupa) to the Tathagata And whosoever shall there place garlands or perfumehellipormake a salutation there or become in its presence calm of heart that shall long be to them for aprofit and joyrdquo(i) What are the Stupas Who advised the Ananda to build the

Stupa 2(ii) From which chapter has this excerpt been taken It is a part

of which book 1

(iii) Who was the Tathagata What had he told about the importance of the stupa 2

(iv) Name any two places where the Stupas have been built 2

सतप कयो बनाय जात थयह उदधरण महापरिरविनबबान सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा हपरिरविना(ण स प( आनद न पछाभगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अशषो का कया करगबदध न कहा ldquoथाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करोldquoलविकन विशष आगरह करन पर बदध बोलldquoउनह थाग क लिलए चार महापथो क चौक पर थप (सप का पालिल रप) बनाना चाविहए जो भी हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नाएगा या हाb पर हदय म शावि लाएगा उन सबक लिलए ह लिचर काल क सख और आनद का करण बनगाldquo(i) सप विकस कह हआनद को सप बनान की सलाह विकसन ठिदया

2(ii) यह उदधरण विकस पाठ स लिलया गया ह यह विकस पसक का विहससा ह

1(iii) थाग कौन था उसन सप क महतत क बार म कया बाया

2(iv) कोई दो सथान का नाम बाइय जहाb सप बनाय गय ह

2

16 ON HORSE AND ON FOOTThis is how Ibn Battuta described the postal systemIn India the postal system is of two kinds The horse-post called lsquoUluqrsquo is run by royalhorses stationed at distance of every four miles The foot-post has three stations permit It iscalled lsquodawarsquo that is one third of a mile hellip Now at every third of a mile there is wellpopulated village outside which are three pavilions in which sit men with girded loins ready tostart Each of them carries a rod two cubits in length with copper bells at the top When thecourier starts from the city he holds the letter in one hand and the rod with its bells on theother and he runs as fast as he can When the men in the pavilion hear the ringing of bell theyget ready As soon as the courier reaches them one of them takes the letter from his and runs atthe top speed shaking the rod all the while until he reaches the next dawa And the sameprocess continues till the letter reaches its destination This foot-person is quicker than thehorse-post and often it is used to transport the fruit of Khurasan which are much desired inIndia

(i)Name the two kinds of postal System 1(ii) Explain how the foot post worked

2(iii) Why does Ibn-Battua think that the postal system in India was efficient

2(iv) How did the State encourage merchants in the 14th century

2अशव प औ पदलभार म दो परकार की डाक वयसथा ह अशव डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह हर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोड़ो दवारा सचालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो ह इस दाा कहा जाा ह और यह एक मील का एक-विहाई होा ह hellipअब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदशाहक शहर स यातरा आरभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर हाथ म घठिटयो सविह छड़ लिलए ह कषमानसार ज़ भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदशाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौड़ा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गवय सथान क पहbचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अशव डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

(i) दो परकार की डाक वयसथा क नाम बाइय 1(ii) वयाखया कीजिजए विक पदल डाक वयसथा कस काय( करी ह 2(iii) इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार म डाक वयसथा परभाकारी था 2(iv) 14 ी शाबदी म राजय न वयापारिरयो को कस परोतसाविह विकया 2

17 ldquoGovindBallabh Pant argued that in order to become a loyal citizen People had to stop focusingonly on the community and the self For the success of Democracy one must train himselfin the art of selfndashdiscipline In democracies one should care less for himself and more forothers There can not be any divided loyalty All loyalties must exclusively be centredround the State If in a democracy you create rival loyalties or you create a system inwhich any individual or group instead of suppressing his extravagance cares not forlarger or other interests then democracy is doomedrsquorsquo(i)Give three attributes of a loyal citizen in a democracy according to G B Pant 2(ii) What do you understand by lsquoSeparate Electoratersquo

1(iii) Why was the demand for Separate Electorate made during the drafting of

theConstitution 2(iv) Why was G B Pant against this demand Give two reasons

2गोपरिद बललभ प न कहा विक विनषठाान नागरिरक बनन क लिलए लोगो को समदाय और खद क बीच म रखकर सोचन की आद छोड़नी होगीलोकतर की सफ़ला क लिलए वयलिकत को आतमानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा-लोकतर म वयलिकत को अपन लिलए कम और औरो क लिलए जयादा विफ़कर करनी चाविहए यहाb खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाएb कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकतर म आप परविसपधv विनषठाएb रख द ह या विफर ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की बजाय हततर या अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकतर का डबना विनभिw ह(i) गोपरिद बललभ प क अनसार लोकतर म एक विनषठाादी नागरिरक क ीन अभिभलकषण कया ह 2(ii) पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 1(iii) सविधान लिलख समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गयी 2(iv) जी बी प इस माग क विरदध कयो थ दो कारण लिलखिखए 2

Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Champaran चमपारणb) Amritsar अमसर182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

उततमाला

माडल परशनपतर - II१ऊचा शहर ndash दग(

विनचला शहर ndash दग( स जयादा बड़ा

२ अ) जावि वयसथा क विरदधबी

ब)बामहनो क परभा का विरोध

स)जगह-जगह जाकर मिमल भजन गाए I (कोई दो )

अ)उसन वयापारिरक रप स महतपण( खविनजो की खोज की I

ब)जगल को कविष कषतर म परिररकि विकया गया I

४ अ)पराातवितक सामविगरयो का अधययन करक I

ब)हड़पपा क शहरो क लोग विभिभनन वयसाय ए सामाजिजक आरथिथक सथिसथवि क थI

स)शाधानो का अधययन सामाजिजक-आरथिथक विभिभननाओ क लिलए I

द) लोगो को दो शरभिणयो म गvक करना धनी और गरीब I

इ)इन शहरो म बनकर कषक वयापारी मछली मारन ाल इतयाठिद रह थ I

५) अ) सपभितत साधनो क लिलए I

ब)यमिधमिषठर दवारा दरौपदी को पास क खल म हार जाना यह लिसदध करा ह विक पतनी पवि क सपभितत क रप म जाी जाी थी I

स)मनसमवि क अनसार विपा की मतय क बाद सपभितत का बटारा पतरो क बीच म होा था बड़ पतर को विशष भाग मिमला था I

द)सतरीधन पर औरो का अमिधकार होा था I

इ)ऊची जावि की मविहलाय साधनो का उपभोग करी थी जस परभाी गपा I

६ अ) पराकविक साधनो स जो गभदरा नदी स पराप होी थी I

ब)पहाविड़या धाराओ क लिलए सरो का काय( करी थी I

स)शासको न जल को इकटठा करन क वयापक परयास विकय I

द)षा( क पानी को इकटठा करन क लिलए जलाशय बनाय गए I

इ)कमलपरम ालाब दवारा लिसचाई की वयसथा I

७ अ) दरबारी लखको का मीरबखशी विनरीकषण करा था य ाकयानाविश कह जा थ ए सभी दसाज और आदन का रिरकाड( इनक दवारा ही रखा जाा था जो दरबार म पश विकया जाा था I

ब)अखबारा म सभी रह की सचनाए जस दरबार म उपसथिसथवि पदो और पदवियो का दान राजनमियक लिशषटमडल विकसी अमिधकारी क सासथय क विषय म बादशाह दवारा ली गयी जानकारी I

स)समाचार ा और महतपण( शासकीय दसाज शाही डाक क जरिरय मग़ल शासन क अधीन कषतरो म एक छोर स दसर छोर क जा थ I

द)काफी दर सथिसथ पराीय राजधाविनयो स भी ा बादशाह को कछ ही ठिदनो म मिमल जाया कर थ I

इ)राजधानी स बहार ना अभिभजाो क परविविनमिध अथा राजप राजकमार था अधीनसथ शासक बड़ मनोयोग स इन उदघोषणाओ की नक़ल यार कर थ I

८ अ)परारभ म विबरठिटश कपास क लिलए अमरिरका पर विनभ(र थ दसर सरोो की लाश म लग गए I

ब)१८५७ म कपास पv सघ सथाविप विकया गया और मनचसटर कपास कपनी १८५९ म I

स)वयापारिरयो न शहरी साहकारो को अविगरम ठिदया ाविक गाो स कपास ल सक I

द)धनी विकसानो को इसस लाभ हआ पर बह बड़ी सखया म जो छोट ए गरीब विकसान थ कज( क जाल म फस गए I

इ)जब अमरिरकी गहयदध समाप हो गया ो हा कपास का उतपादन विफर स शर हो गया और विबरटन क भारीय कपास क विनया( म विगराट आयी I राजस की माग बढ़ा दी गयी ऋण का सरो सख गया I ऋणदाा न ऋण दन स मन कर ठिदया I

९ अ) सहायक समिध की नीवि को लजली न १७९८ म लाग विकया I

ब)सभी सथानीय शासको को विबरठिटश सका(र की गठबधन नीवि की श को सीकार करना था I

स)गठबधन म शामिमल राजयो को अपन कषतर क अग( एक विबरठिटश सनय परविविनमिध को रखना था I

द)उनकी सरकषा का दामियत विबरठिटश सरकार पर था I

इ)विबरठिटश परविविनमिध को सारी सविधाएb गठबधन म शामिमल राजय परदान कर थ I

१० अ) महातमा गाbधी न एक अपरिहसक आनदोलन शर विकया I

ब)विहनद ndash मसथिसलम एका को लकर उनहोन खिखलाफ आनदोलन क साथ असहयोग आनदोलन को जोड़ ठिदया I

स)चौरी-चौरा की घटना क बाद उनहोन असहयोग आनदोलन को ापस ल लिलया I

द)अशपशया का विरोध विकया I

इ)सदशी को आग बढान पर जोड़ ठिदया I

११ अ) कनदरीय परशासन सलाह क लिलए मवितरपरिरषद I

ब)दो राजधाविनया ndash पाटलीपतर और राजगीर पराीय क दर ndash भिकषला उsup2मियनी ोसाली सण(विगरिरI

स)सामराजय जिजला और गाो म विभाजिज था जिजल का परमख ndash सथाविनक और गाो का गरामिमक I

द)छः उपसमिमवियो म परवि समिमवि पाच सदसय थ और कल ीस सदसय I

पहली सनय समिमवि ndashनौसना दसरी ndash यााया और खान-पान ीसरीmdashपदल सविनको की चौथी ndash अशवारोविहयो की पाची ndash रथारोविहयो की छठीmdashहालिथयो का सचालन I

इ)यााया समिमवि उपकरणो को ल जान क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा करी थी I

य)अशोक न धमम-महामातर नामक नए अमिधकारीयो की विनयलिकत की I

१२ अ) गाb क बजग का सघ आमौर पर गाb क महतपण( लोग हआ कर थ जिजनक पास अपनी सपभितत क पशनी अमिधकार हआ कर थ I

ब)जिजन गाो म कई जावियो क लोग हो थ हा पचाय म विविधा पाई जाी थी I

स)पचाय का सरदार एक मखिखया होा था जिजस मकददम या मडल कह थ I

द)पचाय का खचा( गाb क उस आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I

इ)इस खजान स उन कर अमिधकारीयो की खाविरदारी का खचा( भी विकया जाा था जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ और दसरी ओर कोष का इसमाल पराकविक विपदाओ स विनपटन क लिलए भी होा था I

य)पचाय का एक बड़ा कम यह सलली करना था की लोग अपनी जावि की हदो क अनदर रह I

१३ अ) विभिभनन नजाीय था धारमिमक समह कोई भी दल इना बड़ा न हो विक राजय को चनौी द I

ब)अमिधकारी ग( गलदस क रप म रणिण फ़ादारी स बादशाह क साथ I

स)भारीय मल क दो शासकीय समहो ndash राजपो और भारीय मसलमानो न शाही सा म परश विकया I

द)जहाbगीर क समय ईराविनयो को उचच पद I

इ)सरकारी अमिधकारीयो क दजshy और पदो म दो रह क सखया ndash विषयक ओहद हो थ --- जाट और सार I

य)सनय अभिभयानो म अपनी सनाओ क साथ भाग ल थ और सामराजय क अमिधकारीयो क रप म भी काय( कर थ I

र)घड़सार लिसपाही शाही विनशान स पाशव( भाग म दाग गए उततम शरणी क घोड़ रख थ I

ल)ना-रकाब अभिभजाो का एक सरभिकष दल ndash परान या सनय अभिभयान म परविविनयकत विकया जाा I

१४अ)पराीय चनाो म कागरस न गर-मसथिसलमो का ९१३ म पराप विकया I

लीग न मसथिसलमो की सभी ३० सीटो पर जी दज( की ए आरभिकष सीटो पर ८६६ मसथिसलम मो को पराप विकया I

ब)माच( १९४६ म कविबनट मिमशन ठिदलली आया जिजसम ीन सदसय थ I मिमशन लीग की पाविकसान की माग का परीकषण करन आया था ए सतर भार की सचार रपरखा यार करन आया था I

स)ह एक कमजोर क दर क पकष म था जिजसक विनयतरण म कल विदशी मामल रकषा और सचार होा था पराीय सभाए ीन रह की होी ndash पहलीयाविन खड- अ म विहनद बहसखयक परान था ब ए स म मसथिसलम बहसखयक उततर पभिwम ए उततर प( क असम को लकर I

द )शरआ म सभी पारटिटयो न इस सीकार विकया लविकन लीग समहीकरण को अविनाय( करन की माग कर रही थी I

इ)कागरस चाही थी विक परानो को अपनी इचछा का समह चनन का अमिधकार मिमलना चाविहए लीग न इसका विरोध विकया I

य)कविबनट मिमशन योजना स अपना समथ(न ापस लन क बाद पाविकसान की माग को अमली जामा पहनान क लिलए लीग न परतयकष काय(ाही करन का फसला लिलया I

र)कलकतता म दगा भड़क उठा I

ल)पर अमसर म आगजनी और मारकाट हो रही थी I

)भारीय लिसपाही और पलिलसाल भी विहनद मसलमान या लिसख क रप म आचरण करन लग थ I

१५अ)पवितर सथान जहा बदध क शारीरिरक अशष सरभिकष रख जा थ ए उसकी पजा होी थी I

ब)महापरिरविनबबान सतत सतत विपटक

स)बदध का एक और नाम I थाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करो I

द)भरह और साbची

१६ अ)घड़सार डाक वयसथा और पदल डाक वयसथा

ब)ीन चरण ndashपरवि ीन मील पर असथान इस दाा कह ह और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb जिजसक बहार ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरमभ करन क लिलए बठ रह ह I

स)उसक अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा पचास ठिदनो म परी होी थी I गपचरो क दवारा दी गयी सारी जानकारिरया पाच ठिदनो म बादशाह को मिमल जाी थी I

द)सभी वयापारिरक माग पर सराय और विशराम गह बनाय गए I

१७ अ) स ndash अनशासन अपन लिलए कम और दसरो की जयादा विफ़कर करनी होगी I

ब)सभी अलपसखयको क लिलए पथक विना(लिचका I

स)सरकार म अलपसखयको की परभाी भमिमका I

द)अलपसखयक अलग-थलग हो जायग और कभी बहसखयक नही बन पाएग था उनक दवारा कही गयी बाो की परभाकारिरा नही रह जाएगी I

Model Question Paper - IIIHistory

Class ndash XIIWEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

7 MARKSBOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

General Instructions

Model Question Paper - IIICLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsh) Answer all the questions Marks are indicated against each

questioni) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachj) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachk) Part B section-II is a value based questionl) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachm) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )

n) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181 and 182)

सामानय किनदश g) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह h) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क

नही होन चाविहए i) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा

100 हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह j) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स

अमिधक न हो k) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह l) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

PART lsquoArsquo

ख़णड क

नीच ठिदए सभी परशनो क उततर दीजिजए

Answer all the questions given below

Q1 lsquoArt historians had to acquire familiarity with hagiographies of the Buddha in order to understand Buddhist sculpturersquo Analyze the statement with two examples 2

lsquoबौदध मरकिकला को समझन क लिलय कला इविहासकारो को बदध क चरिरतर लखन क बार म समझ बनानी पड़ीrsquo इस कथन का विशलषण दो उदाहरणो दवारा करिरए

Q2 Why were women considered an important resource in agrarian society Mention two reasons 2

गरामीण समाज म मविहलाय एक महतपण( सनसाधन कयो समझी जाी थी दो कारणो का उललख करिरए

Q3 Who were the Dubashes in colonial cities Explain one function they performed 2

औपविनलिशक शहरो म दभाश कौन थ उनक दवारा समपाठिद होन ाल एक काय( का उललख करिरए

PART lsquoBrsquo खणड ख

Section 1 अनभाग 1

विनमनलिलखिख म स विकनही ीन परशनो क उततर लिलखिखए

Answer any five of the following- 4x5 = 20

Q4 The problem of archaeological interpretations are perhaps most evident in attempts to reconstruct Harappan religious practices by the archaeologists Examine the statement with suitable examples

lsquoपराातवितक वयाखया की समसयाए b सभः सबस अमिधक हड़पपाई धारमिमक परथाओ क पनरकिनरमाण क परयासो म परातशाममिसतरयो क समकष आी हrsquo इस कथन का विशलशण उदाहरण सविह करिरए

Q5rdquoThe Dharmasutras and Dharmashastras also contained rules about the ideal lsquooccupationrsquo of the four categories or varnasrdquo Critically examine the statement

ldquoधम( सतरो और धम(शासतरो म चारो ग क लिलए lsquoआदश( जीविकाrsquo स जड़ कई विनयम मिमल हrdquo इस कथन का आलोचनातमक विचन करिरए

Q6 Explain Al-Barunirsquos description of caste-system What did he say about the rigidity of the caste-system

जावि वयसथा क सबध म अल-विबरनी की वयाखया पर चचा( कीजिजए जावि वयसथा की कठोरा क विषय म उसक कया विचार थ

Q7 Who were Andal and Karaikkal Ammaiyar What were their contributions and importance in the Indian Society 2+3

अडाल और करइककाल अममइयार कौन थ उनका योगदान कया था था भारीय समाज म कया महत था

Q8 Analyze how the Mughal emperorrsquos court procedures reflected his status and power 5

मगल समराट की दरबारी परविकरया समराट क सर था शकती को विकस परकार परदरथिश करी ह विशलषण कीजिजए

Q9 Critically evaluate the lsquoDeccan Riots Commissionrsquos reportrsquo

lsquoदककन दगा आयोगrsquo की रिरपोट( का आलोचनातमक मलयाकन कर

PART lsquoBrsquo खणड lsquoखrsquo

Section 2 अनभाग 2

Q10 Value based questions

Read the following value based passage given and answer the questions given below-

A Motherrsquos Advice

ldquoGandhari made one last appeal to her eldest son Duryodhana

By making peace you honour your father and me as well as your well-wishershellipit is the wise man who is in control of his senses who guards his kingdom Greed and anger drag a man away from his profits by defeating these two enemies a king conquers the earth hellip You will happily enjoy the earth my son along with the wise and heroic Pandavas hellip There is no good in a war no law (dharma) and profit (artha) let alone happiness nor is there (necessarily) victory in the end--donrsquot set your mind on warrdquo

माता की सलाह

ldquoगाधारी न अपन जयषठ पतर दयzधन स यदध न करन की विनी की

शाी की समिध करक म अपन विपा मर था अपन शभचछको का सममान करोगhelliphellipविकी परष जो अपनी इठिदरयो पर विनयतरण रखा ह ही अपन राजय की रखाली करा ह लालच और करोध आदमी को लाभ स दर खदड़कर ल जा ह इन दोनो शतरओ को पराजिज कर राजा समस धरी को जी सका हhelliphellipह पतर म विकी और ीर पाडो क साथ सानद इस धरी का भोग करोगयदध म कछ भी शभ नही होा न धम( और अथ( की परातविप होी ह और न ही परसनना की यदध क अ म सफ़ला मिमल यह भी ज़ररी नहीhelliphellipअपन मन को यदध म लिलप म करोhelliprdquo

Answer the following questions-

विनमनलिलखिख परशनो क उततर दीजिजए

Q101 Do you think that Gandharirsquos ldquopeacemakingrdquo advice was appropriate Give two reasons 2

कया आपको गाधारी की शाी समिध की सलाह उलिच लगी ह दो कारण बाइय

Q102 Why do you think that control of greed and anger are beneficial for human being and society Give three reasons 2

कया आपको ऐसा लगा ह विक लालच और करोध पर विनयनतरण मान ए समाज क विह म ह ीन कारण दीजिजए

PART C

खणड lsquoगrsquo

Long answer questions 8 x 3=24

Answer any THREE questions-

11 Why did Sanchi stupa survive while Amaravati stupa did not Support your answer with suitable examples

साbची का सप कयो बच गया जबविक अमराी सप नषट हो गया उदाहरण सविह उततर दीजिजए

Q12 Critically examine the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo in respect of Vijaynagar Empire Discuss whether the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo are appropriate description for the parts of the city for which these are used

विजयनगर राजय क सदभ( म lsquoराजकीय कनदरrsquo था lsquoपवितर कनदरrsquo की आलोचनातमक विचना करिरए था सपषट करिरए विक विजयनगर शहर क सदभ( म lsquoपवितर कनदरrsquo था lsquoराजकीय कनदरrsquo पदो का परयोग कहाb क उलिच ह

Q13 How were the panchayats formed during sixteenth and seventeenth centuries Explain their functions and authorities

सोलही और सतरही शाखिबदयो म पचायो का गठन विकस परकार होा था पचायो की काय(परणाली अमिधकारो ए सतता का उललख करिरए

Q14 Why did Mahatma Gandhi think Hindustani should be the national language How did the Constituent Assembly seek to resolve the language controversy

महातमा गाbधी को एसा कयो लगा था विक विहनदसानी राषटरीय भाषा होनी चाविहए सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला 5+5

PART D

खणड घ

Passage based questions 8x3 = 24

गददाश आधारिर परशन

Read the following extracts (Question No 17-19) carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो (परशन सखया 17-19) को धयानप(क पठिढ़ए और अ म पछ गय परशनो का उततर दीजिजए

Q15 What the Kingrsquos Officials Did

Here is an excerpt from the account of Megasthenes

Of the great officers of state somehelliphellipsuperintend the rivers measure the land as is done in Egypt and inspect the sluices by which water is led out from the main canals into their branches so that everyone may have an equal supply of it The same persons have charge also of the huntsmen and are entrusted with the power of rewarding or punishing them according to their deeds They collected the taxes and superintend the occupations connected with land as those of the woodcutters the carpenters the blacksmith and the miners

Questions

(i) Which empire is Megasthenes referring to 1

(ii) What similarity does Megasthenes tell about the officials of Egypt and this empire 2

(iii) Why was this work assigned to those officials who supervised the main gate of the canal water What more work did they perform 2

(iv) How many committees and sub-committees have been referred to by Megasthenes for the conduct of military activities 2

समराट क अधिधकाी कया - कया काय= कत थ

मगसथनीज़ क विरण का एक अश ठिदया गया ह

सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसतर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड़ जान ाल पानी क मख दवार का विनरीकषण कर ह ाविक हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर ह और लिशकारिरयो क विकरतयो क आधार पर उनह इनाम या दणड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका(ओ का भी विनरीकषण कर ह

परशन -

(1) मगसथनीज़ विकस सामराजय का उललख कर रहा ह 1

(2) मगसथनीज़ मिमसतर क अमिधकारिरयो और इस सामराजय क अमिधकारिरयो क मधय विकन समानाओ का उललख कर रहा ह 2

(3) यह काय( उन अमिधकारिरयो को कयो सौपा जाा था जो पानी क मख दवार का विनरीकषण कर थ इसक अविरिरकत अनय कया काय( कर थ 2

(4) मगसथनीज़ क अनसार सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए कौन सी समिमविया b और उपसमिमविया b विनयकत थी 2

Q16 DEHLI

Here is an excerpt from Ibn Batutarsquos account of Delhi often spelt as Dehli in texts of the period

The city of Delhi covers a wide area and has a large populationhellipthe rampart round the city is without parallel The breadth of its wall is eleven cubits and inside it are houses for the night sentry and gatekeepers Inside the ramparts there are store houses for storing edibles magazines ammunition ballistas and siege machines The grains that are stored can last for a long time without rottinghellipIn the interior of the rampart horsemen as well as infantrymen move from one end of the city to another The rampart is pierced through by windows which open on the side of the city and it is through these windows that light enters inside The lower part of the rampart is built of stone the upper part of bricks It has many towers close to one another There are 28 gates of this city which are called darwaza and of these the Budaun Darwaza is the greatest inside the Mandvi darwaza there is a grain market adjacent to the Gul darwaza there is an orchardhelliphellipIt has a fine cemetery in which graves have domes over them and those that do not have a dome have an arch for sure In the cemetery they sow flowers such as tuberose jasmine wild rose etc and flowers blossom there in all seasons

(i) How had Ibn-Batuta described the cities in the sub-continent 2

(ii) What was his description of Delhi 3

(iii) Mention any four changes in Delhi of today 2

दहली

ठिदलली जिजस तकालीन गरथो म अकसर दहली नाम स उदध विकया गया था का ण(न इबन बा इस परकार करा ह

ठिदलली बड़ कषतर म फला घनी जनसखया ाला शहर हhelliphellipशहर क चारो ओर बनी पराचीर अलनीय ह दीार की चौड़ाई गयारह हाथ (एक हाथ लगभग 20 इच क बराबर) ह और इसक भीर रावितर क पहरदार था दवारपालो क ककष ह पराचीरो क अदर खाददसामगरी हलिथयार बारद परकषपासतर था घरबदी म काम आन ाली मशीन क सगरह क लिलए भडारगरह बन हए थhelliphellipपराचीर क भीरी भाग म घड़सार था पदल सविनक शहर क एक स दसर छोर क आ-जा ह पराचीर म खिखड़विकयाb बनी ह जो शहर की ओर खली ह और इनही खिखड़कीयो क माधयम स परकाश अदर आा ह पराचीर का विनचला भाग पतथर स बना ह जबविक ऊपरिर भाग ईटो स इसम एक-दसर क पास-पास बनी कई मीनार ह इस शहर क अठटाईस दवार ह जिजनह दराज़ा कहा जाा ह और इनम स बदायb दराज़ा सबस विशाल ह माडी दराज़ क भीर एक अनाज मडी ह गल दराज़ क बगल म एक फलो का बगीचा हइस म एक बहरीन कबरगाह जिजसम बनी कबरो क ऊपर गबद बनाई गयी ह और जिजन कबरो पर गबद नही ह उनम विनभिw रप स महराब ह कबरगाह म कदाकार चमली था जगली गलाब जस फल उगाए जा ह और फल सभी मौसमो म खिखल रह ह

(1) उप-महादवीप क नगरो का ण(न इबन बा न विकस परकार विकया ह 2

(2) उसक दवारा ठिदलली का ठिदया गया विरण कया था 3

(3) आज की ठिदलली म आए विकनही चार परिर(नो का उललख कीजिजए 2

Q17 The jotedars of Dinajpur

Buchanan described the ways in which the jotedars of Dinajpur in North Bengal resisted being disciplined by the zamindar and undermined his power

Landlords do not like this class of men but it is evident that they are absolutely necessary unless the landlords themselves would advance money to their necessitous tenantryhelliphelliphellip

The jotedars who cultivate large portions of land are very refractory and know that the zamindars have no power over them They pay only a few rupees on account of their revenue and then fall in balance almost every kist (installment) they hold more lands than they are entitled to by their pottahs (deeds of contract) Should the zamindarrsquos officers in consequence summon them to the cutcherry and detain them for one or two hours with a view to reprimand them they immediately go and complain at the Fouzdarry Thana (Police Station) for imprisonment and at the munsiffrsquos (a judicial officer at the lower court) cutcherry for being dishonored and whilst the causes continue unsettled they instigate the petty ryots not to pay their revenue consequentlyhelliphellip

Questions

(i) Who were the jotedars 2

(ii) Describe the ways in which the jotedars resisted the authority of the zamindars 2

(iii) Why were they more powerful than the zamindars 2

(iv) By which names were they called 1

दिदनाजप क जोतदा

बकानन न बाया ह विक उततरी बगाल क ठिदनाजपर जिज़ल क जोदार विकस परकार ज़मीदार क अनशासन का परविरोध और उसकी शलिकत की अहलना विकया कर थ-

भसामी इस ग( क लोगो को पसद नही कर थ लविकन यह सपषट ह विक इन लोगो का होना बह ज़ररी था कयोविक इसक विबना ज़ररमद काशकारो को पसा उधार कौन दाhelliphelliphellip

जोदार जो बड़ी-बड़ी ज़मीन जो ह बह ही हठील और जिज़ददी ह और यह जान ह विक ज़मीनदारो का उनपर कोई श नही चला ो अपन राजस क रप म कछ थोड़ स रपय ही द दा ह और लगभग हर विकस म कछ-न-कछ बकाया रकम रह जाी ह उनक पास उनक पटट की हकदारी स ज़यादा ज़मीन ह ज़मीदार की रकम क कारण अगर अमिधकारी उनह कचहरी म बला थ और उनह डरान-धमकान क लिलए घट-दो-घट कचहरी म रोक ल ह ो र उनकी लिशकाय करन क लिलए फ़ौजदारी थाना (पलिलस थाना) या मसतिनसफ़ की कचहरी म पहbच जा ह और कह ह विक ज़मीदार क कारिरदो न उनका अपमान विकया ह इस परकार राजस की बकाया रकमो क मामल बड़ जा ह और जोदार छोट-छोट रय को राजस न दन क लिलए भड़का रह हhelliphelliphellip

(1) जोदार कौन थ 2

(2) ज़मीदार की सतता का परविरोध विकस परकार कर थ 2

(3) ज़मीदार की अपकषा आरथिथक रप म शलिकतशाली कयो थ 2

(4) उनह विकन नामो स पकारा जाा था 1

PART E खणड ङ

20 Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Rakhigarhi राखिखगडीb) Chanhudaro चनहदडो

182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

Note The following questions are only for the BLIND CANDIDATES in lieu of map question

Q20 Name five important Mahajanapadas 5

अथाor

Mention five important centers of national movement 5

For182

उततमाला

माडल परशनपतर ३ (१२ वी ककषा)

For Q21

1 बदध न जञान की परातविप एक कष क नीच धयान लगाकर पराप विकया I कष ndash जञान सप ndash महापरिरविना(ण चकर ndash परथम धमzपदश

2 २मविहलाय खो म परषो क साथ कध स कनधा मिमलाकर काय( करी थी I मविहलाय बआई विनराई और कटाई क साथ-साथ पकी हई फसल का दाना विनकालन का करीथी I

3 दभाष हो थ जो अगरजी और सथानीय भाषा दोनो म बोल सक थ I बलक टाउन क बाजार क नजदीक परपराग घरो म रह थ I विबरठिटश और भारीय समाज क बीच मधयसथ का काय( कर थ I

4 हड़पपा की लिलविप पढ़ी नही जा सकी ह I इसम ३७५ स ४०० क लिचनह ह I परातविदो का यह मानना ह की कछ ऐसी सए जिजनकी पहचान नही हो सकी ह ह धारमिमक महतत की ह I महरो क परीकषण की कोलिशश की गयी I मादी ndash सतरी मणमरकि गहनो स सजी हई परोविह राजा एक सिसग ाला जानर पौध का अलकरण याविन परकवि पजा आदय लिश I

५बराहमणो क लिलए दो का अधययन और अधयापन

कषवितरय ndash यदध परशासविनक नयाय दो का अधययन

शय ndash दो का अधययन कविष यगय करना वयापार शदरndash ीनो उचच ण की सा करना

६अलविबरनी न भार म वयाप जावि वयसथा का अनय जगहो की सामाजिजक वयसथा क साथ लना विकया I

-- बराहमणो की जावि वयसथा को उसन सीकार विकया I

अपवितरा को असीकार विकया ए इस परकवि क विनयमो क विरदध बाया I सय( हा को सचछ करा ह समदर म नमक पानी को गनदा होन स बचाा ह I

७अडाल ndash मविहला अलार स उसकी रचनाय गाई जाी ह

अममाईयार ndash लिश भकत अपन उददशय परातविप ह घोर पशया का माग( अपनाया I

इनकी रचनाओ न विप सततातमक आदश को चनौी दी I

८दरबार का क दरपरिबद ख़ था जिजसन सपरभ क काय को भौविक सरप परदान विकया I

शासक की कावि को सय( की कावि स पथक करन का काय( राजतर का परीक छरी कराी थी I

विकसी भी दरबारी को शासक दवारा ठिदया गया सथान उसकी महा का परीक था दरबार म मानय सबोधन लिशषटाचार था बोलन क विनयम विनधा(रिर विकय गए थ राजनमियक दो स भी ऐसा अपभिकष था खास मौको पर सजाट

९विबरठिटश सरकार न बबई सरकार को यह विनदshyश ठिदया की ह दककन दगो की जाच क लिलए एक आयोग का गठन कर I

आयोग न १८७८ म अपनी रिरपोट( परस की ससद म पछाछ की गयी कथन रिरकाड( विकय गए जिजल क कलकटर की रिरपोट( एकतर की गयी Iकारण ndash ऋण दााओ दवारा ऊb ची बयाज दर का लिलया जाना

१०१ हाb यदध स लाभ ए ख़शी नही मिमल सकी

१०२ लालच ए करोध पर विनयतरण मनषय को बजिदधमान बनाी ह यह यदध को रोकी ह ख़शी लाी ह I समाज म नविक मलयो को बढ़ाा दना जस माना पयार और अपरिहसा I

११साbची का सप इसलिलए बच गया कयोविक भोपाल की बगम न उस सरभिकष विकया था रल क ठकदारो की नजर उस पर नही पड़ी I शायद अमराी की खोज पहल हो गयी थी ए विदवान इस बा क महतत को समझ नही पाए थ I १७९६ म सथानीय राजा को अचानक अमराी क सप क अशष मिमल गए जब हा पर एक मठिदर बनाना चाह रह थ I १८५४ म गटर क कमिमशनर ालटर एलिलअ न अमराी की यातरा

की ए पभिwमी ोरण दवार को खोज विनकाला I अमराी क सप क कछ पतथर एलिशयाठिटक सोसाईटी आफ बगाल पहच I कछ लनदन क पहbच गए I

१२शाही क दर -- दभिकषण- पभिwम भाग म ६० मठिदर सममिममलिल मठिदरो और समपरदायो को परशरय दना शासको क लिलए महतपण( था जो इन द-सथलो म परविमिषठ दी- दाओ स समबनध क माधयम स अपनी सतता को सथाविप करन था धा परदान करन का परयास कर रह थ I

३० सरचनाओ की पहचान महलो क रप म की गयी ह I

कछ सरचनाय ndash महानमी विडबबा लोटस मठिदर असबल हजाराराम मठिदर I

पवितर क दर ndash कई मठिदर ---- पपादी मठिदर विरपाकष मठिदर विटठल मठिदर जन मठिदर I मठिदर सथापतय ndash गोपरम और मडप उकार गए समभ

१३गराम सभा ndash बजग की सभा य गाb क महतपण( वयलिकत थ ए सपभितत पर अनालिशक अमिधकार थाI

एक अलपतर जिजसम गाb क अलग अलग जावियो की नमाईदगी होी थी I छोट मोट और नीच कम करन ालो को इसम जगह नही मिमली थी पचाय का फसला सबको मानना पड़ा था I

मखिखया ndash मकददम या मडल गाb क बजग की सहमवि स चना होा था ए जब क इनका भरोसा इनपर रहा था भी क पद पर रह थ I

गाb क आमदनी ए खचshy का विहसाब- विकाब अपनी विनगरानी म कराना मखय काय( पचाय का खचा( गाb क आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I उन कर अमिधकारीयो की की खाविरदारी का खचा( जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ था पराकविक आपदाओ स विनपटन म कोष का इसमाल विकया जाा था इसक अलाा नहरो ए बाधो को बनान म I

१४गाधीजी क विचार ndash

विहनदसानी आम लोगो दवारा अचछी रह समझी जाी ह परिहदी ए उद( क मल स बनी यह भाषा बह लोगो क दवारा बोली जाी ह यह विविध ससकवियो क आदान परदान

स समदध हई एक साझी भाषा थी यह विविध समदायो क बीच सचार की आदश( भाषा हो सकी ह ए विहनद-मसथिसलम था उततर-दभिकषण को एकजट रख सकी ह I

भाषा समिमवि का गठन परिहदी क समथ(को ए विरोमिधयो क बीच क गविरोध को ोड़न क लिलए फाम(ल का विकास समिमवि क अनसार दनागरी लिलविप म लिलखी परिहदी भार की राजभाषा I

१५अ) मौय( सामराजय

ब)नदी विनरीकषक था भमिम को मापन ाल

स)लिशकारिरयो का विनरीकषण इनह इनाम या दड दना

द)सनय समिमवि --- नौ सना यााया ए पv स समबदध पदल सना घड़सार रथ ए हालिथयो की सना

१६अ)जनसखया विकलबदी दराजा घर बाजार मनोरजन

ब)जयादा जनसखया जयादा कषतरफल पराचीर रावितर पहरदारो और दवारपालो क ककष थ शहर क २८ दवार

स)कोइ चार परिर(न

१७अ)उततरी बगाल क धनी विकसान जो जररमद विकसानो को उधार द थ

ब)जमीदार दवारा जमा बढ़ान क सभी उपायो का विरोध जमीदारो को काम नही करन द थ

स)समझौो क मानदडो स जयादा जमीन उनक पास थी गाb म रह थ और गरीबो पर उनका विनयतरण था सथानीय वयापार पर उनका विनयतरण था और जररमदो को उधार द थ

द)मडल

LIST OF MAPSBook 1

1 P-2 Mature Harappan sites Harappa Banawali Kalibangan Balakot Rakhigadi Dholavira Nageshwar LothalMohenjodaro Chanhudaro Kot Diji2 P-30 Mahajanapada and cities Vajji Magadha Koshala Kuru Panchala Gandhara Avanti Rajgir Ujjain TaxilaVaranasi3 P-33 Distribution of Ashokan incriptions i Pataliputra ndash Capital of Ashokaii Major Rock Edicts ndash Girnar Sopara Sanchi Kalasi Shishupalgarhiii Pillar incriptions ndash Sanchi Topra Meerut Pillar Kaushambiiv Kingdom of Cholas Keralaputras and Pandyas4 P-43 Important kingdoms and towns i Kushans Shakas Satvahana Vakatakas Guptaii Citiestowns Mathura Kanauj Puhar Brahukachchha5 P-95 Major Buddhist Sites Nagarjunakonda Sanchi Amaravati LumbiniBook 21 P-174 Bidar Golconda Bijapur Vijayanagar Chandragiri Kanchipuram Mysore ThanjavurKolar2 P-214 Territories under Babur Akbar and Aurangzeb Delhi Agra Panipat Amber Ajmer Lahore GoaBook 31 P-297 Territoriescities under British Control in 1857 Punjab Sindh Bombay Madras Fort St David Masulipatnam Berar Bengal BiharOrrisa Avadh Surat Calcutta Dacca Chitagong Patna Benaras Allahabad and Lucknow2 P-305 Main centres of the Revolt Delhi Meerut Jhansi Lucknow Kanpur Azamgarh Calcutta Benaras Jabalpur Agra3 P-305 Important centres of the national movement Champaran Kheda Ahmedabad Benaras Amritsar Chauri-Chaura Lahore BardoliDandi Bombay (Quit India Resolution) Karachi

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विषय ीन

बधत जावि था ग( ndash आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ईसी )

विषय चार

विचारक विशवास और इमार - सासकविक विकास (लगभग 600 ईसा प( स ईसा स 600 क )

विषय पा bच

यावितरयो क नजरिरए - समाज क बार म उनकी समझ (लगभग दसी स सतरही सदी क)

विषय छः

भलिकत - सफी परपराए b

धारमिमक विशवासो म बदला और शरधदा गरथ (लगभग आठी स अठारही सदी क )

विषय सा

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर (लगभग चदही स सोलही सदी क )

विषय आठ

विकसान जमीदार और राजय

कविष समाज और मगल सामराजय (लगभग सोलही और सतरही सदी)

विषय नौ

राजा और विभिभनन ा - मगल दरबार (लगभग सोलही और सतरही सदी)

विषय दस

उपविनशबाद और दहा - सरकारी अभिभलखो का अधययन

विषय गयारह

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान

विषय बारह

औपविनलिशक शहर - नगर - योजना सथापतय

विषय रह

महातमा गाbधी और राषटरीय आदोलन सविनय अजञा और उसस आग

विषय चदह

विभाजन को समझना- राजनीवि समवि अनभ

विषय पदरह

सविधान का विनमा(ण - एक नए यग की शरआ

भाग - 2

अ आदश( परशन -पतर(हल सविह)

भाग - 3

मानलिचतरो की सची

पाठ - 01

ईट मनक था असथिसथयाb हड़पपा सभया

महतपण( विबनद

हड़पपा सभया का काल

प( हड़पपा 2600 ई प स पहल

परिरपक हड़पपा 2600 ई प स 1900 ई प क

उततर हड़पपा 1900 ई प क बाद

हड़पपा सभया का विसार

उततरी छोर मा bडा दभिकषणी छोर दमाबाद

पv छोर आलमगीरपर पभिwमी छोर सतकागदडोर

हड़पपा सभया की विशषाए

बसतिसयो क दो भाग थ 1 दग( 2 विनचला शहर

प( विनयोजिज जल विनकास वयसथा

हडपपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था

महरो क दवारा सदर कषतरो क साथ सपक( सभ हआ

विविनमय बाट क दवारा विकए जा थ बाट चट( नामक पतथर स बनाए जा थ य घनाकार हो थ और इनपर कछ भी अविक नही होा था

कछ परातविबदो को यह मानना था विक हडपपाई समाज का कोई शासक नही था जबविक दसर परातविबद का यह मानना था विक हा b कोई एक शासक क बजाए कई शासक हो थ

सड़को था गलिलयो को लगभग एकlsquoविगरडrsquo पदववि म बनाया गया था और य एक दसर को समकोण पर काटी थी

लिशलप काय म मनक बनाना शख की कटाई धाकम( महर विनमा(ण था बाट बनाना सममिममलिल थ

परशन १ हड़पपाई समाज म शासक और सरकार स समबमिध दो म बाए

हड़पपाई समाज म शासक की सथिसथवि को लकर विबदवानो म मभद ह ndash

१-कछ का मानना ह विक हड़पपाई सभया म एक स अमिधक शासक थ

२ ndashकछ का मानना ह विक सभी जगह एक समान सओ का पाया जाना एक समान बाट था कचच

सतरोो क पास नगर की सथिसथवि यह परमाभिण करा ह की हड़पपाई सभया म एक ही शासक थ

परशन २ हड़पपा सभया म मनक बनान क लिलए परयकत पदाथz की सची

बनाइए चचा( कर विक इन पदाथz को कस पराप विकया जाा था (2)

उततरः-मनको क विनमा(ण म परयकत पदाथा की विविधा उललखनीय हः कानvलिलयन (सदर लाल रग का) जसपर सफठिटक काट(ज था सलखड़ी जस पतथर ाbबा काbसा था सोन जसी धाएb था शख फया bनस और पककी मिमटटी सभी का परयोग मनक बनान म होा था

दो रीक जिजनक दवारा हड़पपाासी लिशलप-उतपादन ह माल पराप कर थ

1 उनहोन नागषर और बालाकोट म जहा b शख आसानी स उपलबध था बसतिसया b सथाविप की

2 उनहोन राजसथान क खडी अ चल ( ा bब क लिलए ) था दभिकषण भार (सोन क लिलए) जस कषतरो म अभिभयान भजा

परशन-३ अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी जानकारी कम कयो ह अपन क( स वयाखया कर (2)

उततरः-अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी कम जानकारी विनमनलिलखिख कारणो स ह

उस काल की लिलविप आज क पढ़ी नही जा सकी ह

कल पराातवितक अशषो का अधययन कर हए अनमान क आधार पर ही लिसनध घाटी सभया क विषय म (सभया का समय विकास आठिद का) जञान पराप कर पाए ह जबविक अनय सभयाओ क समबनध म जानकारी का मखय आधार उनकी लिलविप का पढ़ा जाना ह

परशन-४ हडपपा सभया क अघययन क दौरान कपरिनघम क मन म कया भरम था (2)

उततरः- आरभिभक बसतिसयो की पहचान क लिलए उनहोन चथी स साी शाबदी ईसी क बीच उपमहादवीप म आए चीनी बौदध ीथ(यावितरयो दवारा छोड़ गए ाो का परयोग विकया यहाb क विक कपरिनघम की मखय रलिच भी आरभिभक ऐविहालिसक लगभग

छठी शाबदी ईसा प( स चौथी शाबदी ईसी था उसक बाद क कालो ससबमिध परात म थी कई और लोगो की रह ही उनका भी यह मानना था विक भारीय इविहास का परारभ गगा की घाटी म पनप पहल शहरो क साथ ही हआ था

परशन-५ हड़पपा सभया क अधययन क दौरान माष(ल और कपरिनघम क दवारा अपनाए गए कनीक म कया अर था (2)

उततरः- माश(ल परासथल क सर विनयास को परी रह अनदखा कर पर टील म समान परिरमाण ाली विनयमिम कषविज इकाइयो क साथ-साथ उतखनन करन का परयास कर थ इसका यह अथ( हआ विक अलग-अलग सरो स सबदध होन पर भी एक इकाई विशष स पराप सभी परासओ को सामविहक रप स गvक कर ठिदया जाा था

परिरणामसरप इन खोजो क सदभ( क विषय म बहमलय जानकारी हमशा क लिलए लप हो जाी थी आरईएम वहीलर न इस समसया का विनदान विकया वहीलर न पहचाना विक एकसमान कषविज इकाइयो क आधार पर खदाई की बजाय टील क सर विनयास का अनसरणकरना अमिधक आशयक था

परशन-६ शाधान हड़पपा सभया म वयाप सामाजिजक विषमाओ को समझन का एक बहर सरो ह वयाखया कर (2)

उरः-1 शाधान का अधययन सामाजिजक विषमाओ को परखन की एक विमिध ह

2 हड़पपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था इन गz की बनाट एक दसर स भिभनन होी थी

3 कछ कबरो म ककाल क पास मदभाणड था आभषण मिमल ह जो इस ओर सक कर ह विक इन सओ का परयोग मतयपरा विकया जा सका ह परष ए सतरी दोनो क शाधानो स आभषण मिमल ह

परशन-७ हड़पपाई जल विनसारण परबध क बार म लख लिलख (4)

उरः- इस नगर की एक परमख विशषा इसका जल विनकास परबध था इस नगर की नालिलया b मिमटटी क गार चन और जिजपसम की बनी हई थी इनको बड़ी ईटो और पतथरो स ढ़का जाा था जिजनको ऊपर उठाकर उन नालिलयो की सफाई की जा सकी थी धरो स बाहर की छोटी नालिलया b सड़को क दोनो ओर बनी हई थी जो बड़ी और पककी नालिलयो म आकर मिमल जाी थी षा( क पानी क विनकास क लिलए बड़ी नालिलयो का घरा ढ़ाई स पा bच फट क था घरो स गद पानी क विनकास क लिलए सड़को क दोनो ओर गडढ बन हए थ इस थयो स यह परी होा ह विक सिसध घाटी क लोग अपन नगरो की सफाई की ओर बह धयान द थ

परशन-८ हड़पपाई समाज म शासको दवारा विकय जान ाल सभावि कायz की चचा( कीजिजए (4)

उततरः- विदवानो की राय ह - हड़पपाई समाज म शासको दवारा जठिटल फसल लन और उनह काया(तविन करन जस महतपण( काय( विकय जा थ इसक लिलए एक साकषय परस कर हए कह ह विक हड़पपाई परासओ म असाधारण एकरपा को ही ल जसा विक मदमाडो महरो बाटो था ईटो स सपषट ह

बसतिसयो की सथापना क बार म विनण(य लना बड़ी सखया म ईटो को बनाना शहरो म विशाल दीार सा(जविनक इमार उनक विनयोजन करन का काय( दग( क विनमा(ण स पहल चबरो का विनमा(ण काय( क बार म विनण(य लना लाखो की सखया म विभिभनन कायz क लिलए शरमिमको की वयसथा करना जस महतपण( ओर कठिठन काय( सभः शासक ही करा था ऽकछ परातविद यह मान ह विक लिसनध घाटी की समकालीन सभया मसोपोटामिमया क समान हड़पपाई लोगो म भी एक परोविह राजा होा था जो परासाद (महल) म रहा था लोग उस पतथर की मरकियो म आकार दकर सममान कर थ सभः धारमिमक अनषठान उनही क दवारा विकया या कराया जाा था कछ परातविद इस म क ह विक हड़पपाई समाज म शासक नही थ था सभी की सामाजिजक सथिसथवि समान थी दसर परातविद यह मान ह विक यहा कोई एक नही बसतिलक कई शासक थ जस मोहनजोदडो हड़पपा आठिद क अपन अलग-अलग राजा हो थ कछ और यह क( द थ विक यह एक ही राजय था जसा विक परासओ म समानाओ विनयोजिज बसतिसयो क कचच माल ईटो क आकार विनसथिषच अनपा था बसतिसयो क कचच माल क सतरोो क समीप ससथाविप होन स सपषट ह

परशन-९ आप यह कस कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी (4)

उततरः-हा b हम कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी विनमनलिलखिख उदाहरण इस बा को दशा( ह

नगर सविनयोजिज और घनी आबादी ाल थ

सड़क सीधी और चौड़ी थी

घर पककी लाल ईटो क बन थ और एक स अमिधक मजिजला म थ

परतयक घर म कआ सनानघर थ

जल विनकासी की उततम वयसथा थी जो मखय जल विनकासी स जड़ी थी

हड़पपा नगर म सा(जविनक भन दखन को मिमल ह

लोथल म डोकयाड( मिमल ह जिजसस पा चला ह विक मखय वयापारिरक कनदर रह थ

हड़पपा ससकवि क पन क बाद नगर विनयोजन लगभग भल गय और नगर जीन लगभग हजार ष( क दखन को नही मिमला

परशन-१० हड़पपाई लोगो की कविष परौदयोविगकी पर एक लख लिलख (4)

उरः-हड़पपाई लोगो का मखय वयसाय कविष था उतखनन क दौरान अनाज क दानो का पाया जाना इस ओर सक करा ह परिक कविष की विमिधयो का सपषट जानकारी नही मिमली ह खो क जोन क सक कालीबगन स मिमल ह महरो पर षभ का लिचतर पाया जाना भी इस ओर ही सक करा ह इस आधार पर परातविद अनमान लगा ह विक ख जोन क लिलए बलो का परयोग होा था

कई सथलो स मिमटटी क बन हल भी मिमल ह ऐस भी परमाण मिमल ह जिजसस यह पा चला ह विक दो फसल एक साथ भी उगाया जाी थी मखय कविष उपकरण कदाल थी था फसल काटन क लिलए लकड़ी क हतथो पर पतथर या धा क फलक लगाए जा थ अमिधकाष हड़पपा कषतरो म सिसचाई क साधनो को विकलिस विकया गया था कयोविक यह कषतर अध( षषक परभितत का ह सिसचाई क मखय साधन नहर और कए b थ अफगाविनसान म नहरो क अषष मिमल ह परायः सभी जगह कए b मिमल ह और धौलाीरा म जलाषय मिमला ह सभः सिसचाई ह इसम जल सचय विकया जाा होगा

परशन-११ चचा( कीजिजए विक परातविद विकस परकार अी का पनविनमा(ण कर ह (8)

उरः- 1 कई बार अपरतयकष साकषय का भी सहारा लना पड़ा ह और परतयकष ए अपरतयकष साकषय म समाना ढ bढ़ ह

2 भोजन अथा भोजय पदाथz की पहचान क लिलए मिमल अषषो म अनन अथा अनाज पीसन या पकान क यतर अथा बरनो का अधययन विकया जाा ह

3 परातविद परासओ को ढ़bढकर उनका अधययन कर अी का पनविनमा(ण कर ह परासओ की खोज उदयम का आरभ मातर ह

4 इसक बाद परातविद अपनी खोजो को गvक कर ह

5 परातविदो को सदभ( की रपरखा भी विकलिस करनी पड़ी ह

6 लिशलप उतपादन क कनदरो की पहचान क लिलए परसर विपणड औजार ा bबा-अयसक जसा कचचा माल इतयाठिद ढ़bढ ह

7 गvकरण का एक सामानय लिसदधा परयकत पदाथz जस पतथर मिमटटी धा असथिसथ स सबमिध होा ह

8 विकसी भी स को उसकी (मान उपयोग स जोड़ा जाा ह

9 सासकविक ए सामाजिजक भिभनना को जानन क लिलए कई अनय विमिधयो का परयोग कर ह शाधानो का अधययन ऐसा ही एक परयोग ह

10 परातविद विकसी परास की उपयोविगा को समझन का परयास उसक उतखनन सथल स भी कर ह

परशन - १२ अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिए-

एक lsquoआकरमणrsquo क साकषय डडमन लन एक सbकरी गली ह जिजसकी चड़ाई 3 स 6 फीट क परिरv ह

ह विबद जहाb यह गली पभिwम की ओर मड़ी ह 4 फीट था 2 इच की गहराई पर एक खोपड़ी का भाग था एक यसक की छाी था हाथ क ऊपरी भाग की हविडडया b मिमली थी य सभी बह भरभरी असथा म थी यह धड़ पीठ क बल गली म आड़ा पड़ा हआ था पभिwम की ओर 15 इच की दरी पर एक छोटी खोपड़ी क कछ टकड़ थ इस गली का नाम इनही अशषो पर आधारिर ह

जा bन माश(ल मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन 1931 स उदध 1925 म मोहनजोदड़ो क इसी भाग स सोलह लोगो क असथिसथ-पजर उन आभषणो सविह मिमल थ जो मतय क समय पहन हए थ

बह समय पwा 1947 म आरईएम वहीलर न जो भारीय पराातवितक सshyकषण क तकालीन डायरकटर जनरल थ इन पराातवितक साकषयो का उपमहादवीप म जञा पराचीनम गरथ ऋगद क साकषयो स सबध सथाविप करन का परयास विकया

उनहोन लिलखाः ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधस क कहा गया ह य दग( कहाb ह या थ पहल यह माना गया था विक य मिमथक मातर थ हड़पपा म हाल म हए उतखननो न मानो परिरदशय बदल ठिदया ह यहाb हम मखयः अनाय( परकार की एक बह विकलिस सभया पा ह जिजसम अब पराप जानकारी क अनसार विशाल विकलबठिदयाb की गई थी यह सदढ़ रप स सथिसथर सभया कस नषट हई हो सका ह जलाय सबधी आरथिथक अथा राजनीविक हयास न इस कमजोर विकया हो पर अमिधक सभाना इस बा की ह विक जानबझ कर था बड़ पमान पर विकए गए विनाश न इस अविम रप स समाप कर ठिदया यह मातर सयोग ही नही हो सका विक मोहनजोदड़ो क अविम चरण म आभास होा ह विक यहा b परषो मविहलाओ था बचचो का जनसहार विकया गया था पारिरसथिसथविक साकषयो क आधार पर इदर अभिभयकत माना जाा ह| आरईएम वहीलर हड़पपा 1946 एलिशएट इविडया ( जन(ल ) 1947 स उदध 1960 क दशक म जाज( डलस नामक परातविद न मोहनजोदड़ो म जनसहार क साकषयो पर साल उठाए उनहोन ठिदखाया विक उस सथान पर मिमल सभी असथिसथ-पजर एक ही काल स सबदध नही थः हालाbविक इनम स दो स विनभिw रप म सहार क सक मिमल ह पर अमिधकाश असथिसथयाb जिजन सदभ म मिमली ह इविग करी ह विक य अतय लापराही था शरदधाहीन रीक स बनाए गए शाधान थ शहर क अविम काल स सबदध विनाश का कोई सर नही ह वयापक सर पर अखिगनकाड क लिचहय नही ह चारो ओर फल हलिथयारो क बीच कचधारी सविनको क श नही ह दग( स जो शहर का एकमातर विकलबद भाग था अविम आतमरकषण क कोई साकषय नही मिमल ह जीएफडलस lsquoद मिमलिथकल मसकर एट मोहनजोदड़ोrsquo एकसपीडीशन 1964 स उदध जसा विक आप दख सक ह विक थयो का साधानीप(क पनरकिनरीकषण कभी-कभी प(v वयाखयाओ को परी रह स उलट दा ह

( क ) विकस परातविद न यह साकषय परस विकया ह ( 1 )

उततर जन माश(ल न यह साकषय अपनी पसक मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन म ठिदया ह

( ख ) हड़पपा सभया क विनाश क विकस क( की ओर यह अनचछद इशारा करा ह ( 1 )

उततर यह साकषय हड़पपा क विनाश म विदशी हमला की भमिमका की ओर इशारा करा ह

( ग ) कौन इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह और कयो ( 3 )

उततर- आर ई एम वहीलर इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह कयोविक ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधसक कहा गया ह

( घ ) विकसन और कस इसकी एक अलग वयाखया की ह ( 3 )

उततर- जाज( डलस न इस परमाण क विपरी लिसदधा का परविपादन विकया ह ो इस बा को मानन स विहचक ह विक यह हमला आयz न विकया था उनक अनसार जो ककाल यहा b मिमल ह ो हड़पपा काल क नही ह इस मातरा म ककाल मिमल ह था उनकी जो असथा ह उसस यह भी कहा जा सका ह विक यह एक बचड़खान का शाधान हो विकसी भी श पर शसतर क घा कोई हलिथयार जलन क अशष नही पराप हए ह

पाठ - 2राजा विकसान और नगरमहतपण( विबनद

- हड़पपा सभया क बाद लगभग 1500 षz क दौरान उपमहादवीप क विभिभनन भागो म कई परकार क विकास हए जस -ऋगद का लखन काय( कषक बसतिसयो का उदय अविम ससकार क नय रीक नगरो का उदय आठिद

- ऐविहालिसक सतरो अभिभलख गरथ लिसकक लिचतर आठिद

- अशोक क अभिभलख - बराहमी था खरोषठी लिलविपयो म लिलख गए ह

- छठी शाबदी म ई 0 प0 को एक महतपण( परिर(न काल माना जाा ह इसको राजयो नगरो लोह क परयोग और लिसकको क विकास स जोड़ा गया ह इस समय बौदव - जन धम( था अनय दाश(विनक विचारधाराओ का विकास हआ - बौदव - जन धमz क गरथो म सोलह महाजनपदो का उललख मिमला ह मखय ह

- सथिsup2 मगध कौशल कर पाचाल गाधार और अवि जस आठिद

अविलघ पर शन ( 02 अक ) परशन- 1 महापाषाण कया ह

उततरः- अ ई पपरथम सहसतराबदी क दौरान मधय और दभिकषण भार म पाए जान ाल पतथरो क बड - बड ढा bच ह

ब इनह कबरगाहो क ऊपर रखा जाा था शो क साथ विभिभनन परकार क लोह क उपकरण और औजारो को दफनाया जाा था

परशन-2 छठी शाबदी ई प को परारभिभक भारीय इविहास म एक महतपण( परिर(नकारी काल कयो कहा जाा था

उततरः- अ इस काल को परायः आरभिभक राजयो लोह क बढ परयोग और लिसकको क साथ जोडा जाा ह

ब इसी काल म बौदव और जन सविह विभिभनन दाश(विनक विचारधाराओ का उदय हआ

परशन- 3 धमम महामातत कौन थ

अ समराट असोक दवारा विनयकत विशष अमिधकारी

ब धमम क परचार क लिलए इनकी विनयलिकत की गई थी

परशन-4 मौयz क बार म जानन क लिलए कोई दो सरोो क नाम लिलखिखए

उततरः- अ) कौठिटलय का अथ(षासतर

ब) मगसथनीज का विरण - इविडका

स) असोक का अभिभलख

परशन-5 कषाण कौन थ

उततरः- चीन म रहन ाल एक कबायली जावि

अ मधय एलिशया स लकर पभिwमोततर भार क एक विशाल सामराजय म शासन

ब भार म सोन क लिसकक सबस पहल कषाणो न जारी विकया था

परशन-6 अशोक क अभिभलख विकन -विकन भाषाओ लिलविपयो म लिलख जा थ

उततरः- क भाषा-पराक भाषा बराहमी लिलविप म और यनानी भाषा-खरोषठी लिलविप म

परशन-७ सााहन शासको क लिलए मााए विकस परकार महतपण( थी अपन उततर क पकष म एक उदाहर दीजिजय

उततर-सााहन शासको क समय समाज मातरसातमक था कयोविक शासको क नाम क आग उनक माा

का नाम मिमला ह जस गौमीपतर ालिशसथिसथपतर

लघ पर शन ( ०४ अक ) परशन-८ मगध क एक शलिकतशाली राजय क रप म उदय क कारणो की चचा( कीजिजए

उततरः- 1 महताकाकषी शासक जस विममिमबसार अजाशतर महापदमननद

2 लोह की खान

3 उपजाऊ मिमटटी

4 जगली कषतरो म हाथी उपलबध थ जो सना का महतपण( अग था

5 दो राजधाविनया b थी राजगह विकल बद शहर था पाटली पतर - गगा क विकनार बसी हई थी

परशन-९ महाजनपदो की परमख पा bच विशषाओ की वयाखया कीजिजए

उततरः- 1 अमिधकाश महाजनपदो पर राजा का शासन होा था लविकन गण और सघ क नाम स परलिसदव राजयो म कई लोगो का समह शासन था

2 परतयक महाजनपदो की एक विकलबद राजधानी होी थी

3 सथायी सना जिजनह परायः कषक ग( स विनयकत विकया जाा था और विनयमिम नौकरशाही

4 धम(शासतर म शासक सविह अनय क लिलए विनयमो का विनधा(रण राजा कषवितरय ग( स

5 शासको का काम विकसानो वयापारिरयो और लिशलपकारो स कर सलना

परशन-१० अशोक क धमम क बार म लिलख 5

उततरः- 1 बडो का आदर करना

2 सनयालिसयो और बराहमणो क परवि उदारा

3 सको और दासो क साथ उदार वयहार

4 दसर क धम और परपराओ का आदर

5 धमम महामा की विनयलिकत

परशन-११ छठी शाबदी ई प स छठी शाबदी ई क कविष कषतर म हए मखय परिर(नो की उललख कीजिजए

उततरः- 1 कविष उतपादका को बढ़ान क लिलए लोह क फाल ाल हल का परयोग

2 गगा की घाटी म धान की रोपाई

3 सिसचाई क लिलए कओालाबो नहरो का परयोग

4 पजाब और राजसथान जस अध(षषक जमीनाल कषतरो म खी क लिलए कदाल का परयोग

5 उपज बढ़न स साधनो पर विनयतरण क कारण बड - बड जमीदार और गराम परधान अमिधक शलिकतशाली और विकसानो पर विनयतरण

6 शासक ग( भमिमदान क दवारा कविष को नए कषतरो म परोतसाविह करन की नीवि को अपनाया

परशन-१२ इविहास की पनः विनमा(ण म अभिभलख विकस रह सहाया कर ह

उततरः- 1 शासको ए उनकी उपलसतिबधयो क बार म जानकारी

2 लिलविप और भाषा की जानकारी

3 भमिमदान और अथ(वयसथा क बार म जानकारी

4 सामराजय का विसार

5 सामाजिजक और धारमिमक जीन क बार म जानकारी

परशन-१३ मौय( परशासन की परमख विशषाए कया थी 10

उततरः- 1 कनदरीय शासन - राजा का विनयतरण विधामियका काय(पालिलका नयायपालिलका सना था वितत पर था|

2 पराीय शासन - पराीय शासन कई पराो म बाट ठिदया गया था

3 सथानीय शासन - पाटलीपतर नगर का शासन 30 सदसयो क एक आयोग दवारा विकया जाा था

4 राजा सामराजय को उचच अमिधकारिरयो की सहाया स चलाा था

5 मौय( सामराजय क पा bच परमख राजनविक क दर

6 कानन और वयसथा

7 सगठिठ सना - मगसथनीज न सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवियो का उललख विकया ह

8 धमम परचार क लिलए धमम महामातत की विनयलिकत

9 भमिमकर सिसचाई और सड़को क परबध क लिलए विभिभनन अमिधकारी हो थ

10 गपचर विभाग - गपचर विभाग बह सदढ़ था

परशन-१४ विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

समराट क अमिधकारी कया - कया काय( कर थ

मगसथनीज क विरण का एक अश ठिदया गया ह सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख - रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर ह ाविक ह हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी विषकारिरयो का सचालन कर ह और विषकारिरयो क कतयो क आधार पर उनह इनाम या दड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका( का भी विनरीकषण कर ह

परशन- क सामराजय क महान अमिधकारिरयो क क(वयो की वयाखया कीजिजए (3)

उततरः- 1 सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर थ

2 कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर थ ाविक हर सथान पर पानी का समान परकि हो सक

3 यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर थ लिशकारिरयो क कतवितयो क आधार पर ईनाम या दड़ द थ कर सली कर थ भमिम स जड सभी वयसायो का विनरीकषण कर थ साथ ही लकडहारो बढ़ई लोहारो और खनन का(ओ का भी विनरीकषण कर थ

परशन-ख सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए विनयकत उपसमिमवियो की भमिमका की वयाखया कीजिजए उततरः- 1 सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवि का उललख मगासथविनज न विकया ह इन उपसमिमवि का काम नौसना यााया और खानपान पदल सना अषारोही रथारोविहयो और हालिथयो का सचालन करना था

2 दसरी समिमवि का दामियत विभिभनन परकार का था - उपकरणो को ढ़ोन क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा सविनको क लिलए भोजन जानरो क लिलए चार की वयसथा था सविनको क दखभाल क लिलए सको और लिशलपकारो की विनयलिकत करना

परशन-ग अशोक न अपन सामराजय को एकजट रखन क लिलए कया विकया (2)

उततरः- 1 अशोक न धमम क परचार क दवारा अपन सामराजय को एकजट रखन की कोलिशश की

2 धमम क परचार क लिलए धमम महामातत नाम स विशष अमिधकारिरयो की विनयलिकत की

पाठ - 3

बधत जावि था ग(आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ई )

महातपण( विबनद

- सामाजिजक इविहास - महाभार का उपयोग सामाजिजक इविहास की समसयाए जावि ग( कविबल आठिद की पनर(चना ह अनय सतरो

- ऐविहालिसक पषठ भमिम रचना क साधन - परिर(नो क परभा

- अभिभलख महाभार क सतरो था विषय

- बधा ए विाह परिरार विपविषक वयसथा विाह क विनयम सतरी का गरोतर माा का सथान

- सामाजिजक विशषाए ण( वयसथा अकषवितरय राजा जावि एकीकरण अधीना और सघष(

परशन 1 महाकावय का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततरः- एक लमबी कविा जिजसम विकसी नायक अथा राषटर क जीन उपलसतिबधयो का ण(न हो रामायण था महाभार इसक उदाहरण ह

परशन-2 मनसमवि का दो महत बाइए (2)

उततरः- 1 यह ातकालिलक समाज क विनयमो था परथाओ का ण(न दा ह

2 इसका परभा आज भी विहनदओ की जीन शली म ठिदखाई दा ह

परशनः- 3 महाभार का यदध कयो हआ था इसका कया परिरणाम हआ (2)

उततरः- महाभार का यदध जमीन था अमिधकारो को लकर हआ था इसम पाणडो की विजय हई

परशन- 4 कल था जावि का कया अथ( ह (2)

उततरः- ससक गरनथो म कल शबद का परयोग परिरार क लिलए और जावि का बाधो क बड समह क लिलए होा था

परशन-5 अ(विाह स कया ातपय( ह (2)

उततरः- अ(विाह म ाविहक सबध समह क मघय ही हो ह यह समह गोतर कल अथा जावि या विफर एक ही सथान पर बसन ालो का हो सका ह

परशन-6 चाडाल विकस कहा जाा था (2)

उततरः- पराचीन काल म ऐस काय( करन ाल लोग जिजनह उचच ग( रजिज माना था जस शो को दफन करना या जलाना म पशओ को उठाना था उनका चमड़ा विनकालना इतयाठिद

परशन-7 १००० ई० प० क बाद बराहमणो दवारा बाय गय गोतर क दो विनयम लिलखिखए

उततर - १-मविहलाओ क लिलए यह आशयक था विक विाह क पwा अपन विपा क गोतर को छोड़

अपन पवि का गोतर धारण कर

२-एक समान गोतर म विाह रजिज था

परशन-8 महाभार की भाषा था विषयस पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1महाभार को मलरप म ससक म लिलखा गया ह

2भाषा सरल सबोध ह

3यह एक गविशील गरथ ह

4इसक अनक पन(वयाखयाए b आसतिसत म आई

5इसक अनक परसगो को मरकिकला नाटय कला था नतय कला म दखा जा सका ह

परशन-9 महाभार क महत पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1भारीय ससकवि था विहनद धम( क विकास का लख जोखा ह

2यह एक बहआयामी गरथ ह

3समाज क सभी अग जस राजनीवि धम( दश(न था आदरश की झलक मिमली ह

4इसम यदध शावि सदगण दग(ण की वयाखया की गई ह

5भारीय इविहास का महतपण( सतरो ह रपक कथाए b सभः कालपविनक ह

परशन-10 महाभार काल क विदवीय चरण म (बारही स साी शाबदी ई प म) मिमलन ाल घरो क बार म बीबी लाल न कया लिलखा ह (4)

उततरः- 1 बीबी लाल को यहा b आबादी क पाच सरो क साकषय मिमल ह

2 इनम स दसरा ीसरा सर महतपण( ह

3 दसर सर क बार म बीबी लाल न पाया विक आास घरो की कोई विनभिw परिरयोजना नही थी

4 मिमटटी की बनी दीार था कचची मिमटटी की ईट अशय मिमली ह

5 कछ घरो की दीार सरकनडो की बनी थी

परशन-11 विकन मायनो म सामाजिजक अनबध की बौदध अधारणा समाज क उस बराहमणीय दमिषटकोण स भिभनन थी जो परषसकत पर आधारिर था

उततरः- 1 बौदध धम( न समाज की विषमा को सतय माना ह

2 यह विषमा नसरकिगक नही थी और न ही सथाई

3 बराहमणीय दमिषट स इस असमाना का आधार जनम ह

4 बौदध धम( न मान था नसपवि को शर स एक दसर पर परसपर विनभ(र माना ह

5 राजा लोगो दवारा चना जाा था जिजस साओ क बदल म कर ठिदया जाा था

परशन-12 पराचीनकाल क सामाजिजक मलयो क अधययन क लिलए महाभार एक अचछा सतरो ह (7)

उततरः- 1 महाभार मखय रप स सबमिधयो क बीच यदव की कहानी ह इसलिलए

इसम सामाजिजक जीन का झलक मिमली ह

2 समाज म विपतरलिशा का पालन होा था पक समपवि पर कल पतरो का अमिधकार था

3 पवितरयो का विाह गौतर क बाहर उलिच समय पर करना विपा का क(वय था

4 विलिशषट परिरारो म बहपवि परथा भी परचलिल थी दरौपदी क पा bच पवि थ

5 पतर क जनम को जयादा महतपण( समझा जाा था

6 कनयादान विपा का महतपण( कतत(वय माना जाा था

7 विाह क अनक परकार थ राकषसी विहविडमबा का भीम स विाह हआ था

8 माा का सथान सzचच था पाणडो न अपनी मा कनी की आजञा का सममान कर हय दरोपदी स विाह विकया था

9 महाभार ण था उनस जड़ वयसायो की जानकारी दा ह

10 परिरार म धद परष का अमिधपतय था

परशन-13 विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए और उसक अ म पछ गय परशनो क उततर दीजिजए (7) दरौपदी का विाह

उततरः- पाचाल नरश दपद न एक सयर का आयोजन विकया जिजसम यह श( रखी गई विक धनष की चाप चढा कर विनशान पर ीर मारा जाय विजा उनकी पतरी दरोपदी स विाह करन क लिलय चना जायगा अज(न न यह परवियोविगा जीी और दरौपदी न उस रमाला पहनाई पाणड उस लकर अपनी माा कनी क पास गय जिजनहोन विबना दख ही उनह लाई गई स को आपस म बाट लन को कहा जब कनी न दरौपदी को दखा ो उनह अपनी भल का अहसाह हआ विकन उनकी आजञा की अहलना नही की जा सकी थी बह सोचविचार क बाद यमिधमिषठर न विनण(य लिलया विक दरौपदी उन पाचो की पतनी होगी जब दरपद को यह बाया गया ो उनहोन इसका विरोध विकया विकन ऋविष वयास न उनह इस थय स अग कराया विक पाणड ास म इनदर क अार थ और उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था अः विनयवि न ही उन सबका साथ विनसथिषच कर ठिदया था वयास न यह भी बाया विक एक बार एक या सतरी न पवि परातविप क लिलए विष की आराधना की और उतसाह क अविरक म एक की बजाय पाच बार पवि परातविप का बर माग लिलया इसी सतरी न दरौपदी क रप म जनम लिलया था विष न उसकी पराथ(ना को परिरपण( विकया ह इन कहाविनयो स सषट होकर दरपद न इस विाह को अपनी सहमवि परदान की

1 पचाल नरश दरपद न अपनी पतरी का विाह करन क कयो परवियोविगा रखी(1)

2 वयास न राजा दरपद को दरौपदी का पाचो पाणड की पतनी बनन क लिलए कौन स दो थय ठिदय (3)

3 दरौपदी का विाह विकस परकार का विाह था इस परकार क विाह क परवि इविहासकारो क दो विचार बाइय (3)

उततर- 1 सयर का आयोजन विकया गया था जिजसक विजा स अपनी पतरी का विाह कर द

2 वयास न बाया विक पाणड इनदर क अार थ था उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था लिश न एक या सतरी को र ठिदया था जिजसन गली स पा bच बार पवि का र मा bग लिलया था उस सतरी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था

3 दरौपदी का विाह बहपवि का उदाहरण था इस परकार का विाह विलिशषट था बराहमणीय परपरा क अनरप न होन क कारण इस परकार क विाह को बराहमणो का समथ(न नही था

पाठ ndash 4

विचारक विशवास और ईमार महतपण( विबनद

- बौदध धम( का इविहास - साची सप पर बल

- विस सदभ( - ठिदक धम( जन धम( षणम शम बौदव धम( पर बल

- साची सप की खोज साची की मरकिया

- धारमिमक ाद -विाद बौदव धम( की पन(रचना

- पराचीन ठिदक धम( जन बौदव षण शल

- महाीर लिसदवाथ( ठिदककाल की उपासना रीवि

- हीनयान महायान (बौदव धम() शवामबर ठिदगमबर (जन धम()

- वितरविपटक जाक विपटक उपविनषद - लिलखिख सतरो

- जन बौदव धम( का परचार परसार मथरा - गाधार मरकिकलाए

- विबहार च सप आषटाविगक माग( बौदव क चार आय( सतय

02 अक ाल परशन

परशनः-1 बौदध धम( क चार मल सतय (आय( सतय) कौन स ह

उततरः-1 समपण ससार दखो स परिरपण( ह

2 सार दःखो का कोई-न-कोई कारण ह

3 दखो को राकन का एक माग( ह मनषय आषटाविगक माग( का अनसरण करक इन दखो और कषटो स छटकारा पा सका ह

परशनः- 2 छठी शाबदी ईप क काल म उतपनन होन ाल धारमिमक समपरदायो का गvकरण विकन भागो म विकया जा सका ह

उततरः- छठी शाबदी ईप क धारमिमक समपरदायो का गvकरण दो भागो म विकया जा सका हः

उततर- 1 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध विकया

2 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध न करक विकसी परान दी-दा को क दर बनाकर नीन लिसदधाो का परविपादन विकया

परशनः- 3 rdquoधम( चकरपर(नldquo स आप कया समझ ह

उततरः- rdquoधम( चकरपर(नldquo का अथ( ह धम( क चकर को घमाना जञान परातविप क बाद महातमा बदध न ाराणसी क पास सारनाथ क मगदा म मगदा म आषाढ़ परणिणमा को अपना जो परथम धमzपदश ठिदया उस rdquoधम( चकरपर(नldquo क नाम स जाना जाा ह

परशनः- 4 दो क महत पर परकाश डालिलए

उततरः- ठिदक साविहतय क सा(मिधक महतपण( गरथ द ह द सखया म चार ह- ऋगद सामद यजshyद और अथ(द ऋगद ठिदक साविहतय म सबस पराचीन गरथ ह यह गरथ पराचीन आयz क धारमिमक सामाजिजक आरथिथक ए राजनविक जीन पर परकाश डाला ह

परशनः- 5 सप कयो बनाए जा थ

उततरः- सप महातमा बदध अथा विकसी अनय पवितर भिभकष क अशषो जस-दा भसम आठिद अथा विकसी पवितर गरनथ पर बनाए जा थ अशष सप क आधार क कनदर म बनाए गए एक छोट स ककष म एक पठिटका म रख ठिदए जा थ

परशन 6-चार सामाजिजक ग( क नाम बाय जो बदध क अनयायी बन

उततर बदध क अनयायी विभिभनन सामाजिजक गz स आए जस

१ ndashधनी ग( क लोग

२ ndashशासक ग( क लोग

३-वयापारिरक ग( क लोग था

४ ndashलिशलपकार

(४ अक ाल परशन )परशनः- 7 आपक विचारानसार सतरी-परष सघ म कयो जा थ

उततरः- 1 ससारिरक विषयो स दर रहना चाह थ

2 हा b का जीन सादा अनशालिस था

3 हा लोग बौदध दश(न का अधययन कर सक थ

4 सघ म सभी का समान दजा( था

5 हाb लोग धमम क लिशकषक (उपदशक) बनाना चाह थ

परशनः- 8 जन धम( की महतपण( लिशकषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- 1 अपरिहसा पर जोर ठिदया गया

2 जाविाद क विरदध था कोई भी वयलिकत इस धम( को अपना सका था

3 उनहोन भगान क असतिसत को असीकार विकया

4 आतमा म विशवास कर थ

5 कम( काय( क लिसदधा म विशवास कर थ

परशनः- 9 साची सप क सरकषण म भोपाल की बगमो न कया योगदान ठिदया

उततरः- 1 उनहोन साची क सप क रख-रखा क लिलए धन का अनदान विकया

2 सलानजहा बगम न हा पर एक सगरहालय और अविलिथशाला बनान क लिलए भी अनदान ठिदए

3 यहा रहकर सर जान न साची पर पसक लिलखी जिजनह सलानजहा बगम न अनदान ठिदया

4 यठिद यह सप जीवि ह ो कल बगमो क योगदान स

5 यह साची का सप हमार दश की महतपण( ासकला ह जिजसकी सरकषा भोपाल की बगमो दवारा की गई

परशनः- 10 महातमा बदध की लिशकषाओ का उललख कीजिजए

महातमा बदध की लिशकषाए b-

उततर- 1 विशव अविनतय अथा( कषणभगर ह और यह विनरनर परिररकि हो रहा ह

2 विशव आतमाविहीन ह कयोविक यहाb कछ भी सथायी अथा शाशव नही ह

3 विशव म lsquoचार आय( (शरषठ) सतयrsquo ह य ह- दःख दःख समदाय दःखविनरोध और दःख विनरोध माग(

4 महातमा बदध कठोर पसया क विरदध थ(माधयम माग( पर बल द थ )

5 महातमा बदध न दस शीलो क पालन पर बल ठिदया ह

परशनः- 11 बौदध धम( क शीघरम विकास क कया कारण थ 8

उततरः-1 धम( की भाषा सरल थी जसा विक भगान बदध हमशा अपन उपदश आम बोलचाल भाषा म ठिदया कर थ

2 साधारण शदध धम( रीवि-रिराजो स पर था

3 अनकल ाारण कयोविक विहनद धम( म अगण की उतपभितत

4 विहनद धम( म बराईया कम(काड ए बलिल

5 परोविहो का च(स

6 विहनद धम( म धन का अपवयय

7 जाविाद ए छआछ का न होना

8 महातमा बदध का महान वयलिकतत अनय वयलिकतयो को परभावि करा था

9 भिभकष का अचछा वयहार चरिरतर

10 राजाओ दवारा सरकषण जस असोक हष(ध(न

अनचछद पर आधारिर पशनसप कयो बनाए जा थ

यह उदधरण महापरिरविना(ण सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा ह

महापरिरविना(ण स प( आनद न पछा-

भगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अषषो का कया करग

बदध न कहा ldquo थाग क अषषो को विषष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी

भलाई क लिलए परयास करोldquo

लविकन विशष आगरह करन पर बदध बोल -

rdquo उनह थाग क लिलए चार महापथो क चक पर थरप (सप का पालिल रप)ldquo बनाना चाविहए जो भी

हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नायगा या हाb पर हदय म शावि लायगा उन सबक लिलए

ह लिचरकाल क सख और आनद का कारण बनगा

1 यह उदधरण विकस मल पाठ स लिलया गया ह यह विकस गरथ का विहससा ह 1

2 सप कया हो ह आनद को सप बनान की सलाह विकसन दी थी 2

3 थाग कौन थ उनहोन सप का कया महत बाया था 2

4 विकनही ीन सथानो क नाम बाओ जहा b सप बनाए गय 2

उततरः- 1 यह उदधरण महापरिरविना(न सतत नामक मल पाठ स लिलया गया ह यह सततविपटक नामक गरथ का विहससा ह

2 सप बदव धम( स जड पवितर टील ह इनम बदव क शरीर क कछ अषष अथा उनक दवारा परयोग की गइरर विकसी स को गाड़ा गया था आनद को सप बनान की सलाह बदध न दी थी

3 थाग सय बदव थ उनहोन आनद को बाया विक जो कोई सप म धप या माला चढायगा या शीष नायगा अथा हा पर मन म शावि लायगा उसक लिलए सप लिचरकाल क शावि का कारण बनगा

4 भरह साची था सारनाथ

पाठ - 5यावितरयो क नजरिरए1 अल-विबरनी था विकाब-उल-विहनद

11 खारिरजम स पजाब क

अल-विबरनी का बचपन लिशकषा

खारिरजम क आकरमण क पwा सलान दवारा अल-विबरनी को बधक क रप म

गज़नी लाना

अल-विबरनी की भार क परवि रलिच उतपनन होना

अल-विबरनी क यातरा तता

विभिभनन भाषाओ का जञाा

12 विकाब-उल-विहनद

विलिशषट शली का परयोग

दकथाओ स लकर खगोल विजञान और लिचविकतसा सबधी कविया

2 इबन-बा का रिरहला

21 रिरहला इबन-बा दवारा लिलखा गया यातरा तता

सामाजिजक था पराकविक जीन की जानकारिरयो स भरपर

मधय रलिशया क रास लिसनध पहbचना

ठिदलली आकर महममद विबन गलक स मिमलना

ठिदलली का काज़ी विनयकत होना

मधयभार क रास मालाबार पहbचना

भार क अनक सथानो का भरमण

चीन की यातरा

भार क सामाजिजक आरथिथक राजनविक जीन का विरण परस करना

यातरा माग का सरभिकष न होना

22 जिजजञासाओ का उपयोग

मोरकको ापस जान क बाद अनभा को दज( विकए जान का आदश

3 फासा बरकिनयर

एक विलिशषट लिचविकतसक

एक परलिसदध फरासीसी जौहरी

भार की 6 बार यातरा

बहआयामी वयलिकतत

मगल दरबार स जड़ रहना

दारालिशकोह का लिचविकतसक

31 प( और पभिwम की लना

भारीय सथिसथवि की लना यरोपीय सथिसथवि

भारीय सथिसथवि को दयनीय बाना

उसकी कवि का अनक भाषाआ म अनाद

4 एक अपरिरलिच ससार की समझ

अल-विबरनी था ससकादी परपरा

अनक समसयाओ का सामना

पहली समसया भाषा धारमिमक असथा परथा म भिभनना ीसरा अभिभमान का होना

ससक गरथो का सहारा लना

42 अल-विबरनी का जावि वयसथा का ण(न

भार म बराहमणादी वयसथा

पराचीन फारस क सामाजिजक गz को दशा(ना

5 इबन बा था अनजान को जानन की उतकठा उपमहादवीप एक भिशवक

सचार तर का विहससा

नारिरयल और पान

इबनबा दवारा नारिरयल और पान का विरण

इबनबा और भारीय शहर

उपमहादवीप क शहरो का विरण

ठिदलली की परशसा

ठिदलली था दौलाबाद की लना

बाजार विभिभनन गविविमिधया क कनदर

शहरो की समजिदध का विरण

भारीय मालो का विनया(

53 सचार की एक अनठी परणाली

वयापारिरया की सविधा क लिलए वयापारिरक माग पर परी सविधाए

कशल काम परणाली

कशल गपचरो का होना

6 रकिनयर था अपविकलिस प(

रकिनयर दवारा भार की लना यरोप की विशषकर फरास स

रकिनयर का आलोकचनातमक अनःदमिषट था गहन लिचनन

भार को पभिwमी दविनया की लना म विनमन कोठिट का बाना

महतपण( विबनद -

अविलघ परशन (02 अक)

परशनः- 1 कोई दो यावितरया क नाम बाइए जिजनहोन मधयकाल (11 स 17 ी शाबदी) म भार की यातरा की

उततरः- 1 अल - विबरनी गयारही शाबदी म उजबविकसान स आया था

4 इबन बा चदही शाबदी म मोरकको स आया था

3 फरासा बरकिनयर सतरही शाबदी म फरास स आया था

परशन-2 अल - विबरनी क भार आन का कया उददशय था

उततरः- 1 उन लोगो क लिलए सहायक जो उनस (विहनदओ) धारमिमक विषयो पर चचा( करना चाह थ

2 ऐस लोगो क लिलए एक सचना का सगरह जो उनक साथ सबदध होना चाह ह

परशन-3 कया आपको लगा ह विक अल- विबरनी भारीय समाज क विषय म अपनी जानकारी और समझ क लिलए कल ससक क गरथो पर आभिशर रहा

उततरः- अल - विबरनी लगभग परी रह स बराहणो दवारा रलिच कवियो पर आभिशर रहा उसन भारीय समाज को समझन क लिलए अकसर दो पराणो

भगगीा पजलिल की कवियो था मनसमवि आठिद स अश उदघ विकए

परशन-4 भार म पाय जान ाल उन कषो का नाम बाइए जिजनह दखकर इबन बा को आwय( हआ

उततरः- 1 नारिरयल - नारिरयल क कष का फल मान लिसर स मल खाा ह

2 पान - पान एक ऐसा कष ह जिजस अगर - ला की रह उगाया जाा ह पान का कोई फल नही होा और इस कल इसकी पभिततयो क लिलए ही उगाया जाा ह

परशन-5 बरकिनयर न मगल सामराजय म कौन सी अमिधक जठिटल सचचाई की ओर इशारा विकया

उततरः- 1 ह कहा ह विक विषलपकारो क पास अपन उतपादो को बहर बनान का कोई परोतसाहन नही था कयोविक मनाफ का अमिधगरहण राजय दवारा कर लिलया जाा था

2 साथ ही ह यह भी माना ह विक पर विष स बड़ी मातरा म बहमलय धाएb भार म आी थी कयोविक उतपादो का सोन और चाbदी क बदल विनया( होा था

परशन 6-बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम बाइए सी परथा क बार म उसन कया लिलखा ह

बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम ह ndashटरल इन मग़ल एमपायर

सी परथा क बार म बरकिनयर न लिलखा ह विक कछ ममिसतरयाb सकषा स सी बनी थी जबविक कछ को

जबरदसी सी बनन क लिलए मजबर विकया जाा था

लघ परशन ( 04 अक ) परशन-7 अल - विबरनी न विकन rdquoअरोधो rdquo की चचा( की ह जो उसक अनसार समझ म बाधक थ

उततरः- अल - विबरनी न भार को समझन म विनमनलिलखिख अरोघो का सामना विकया -

1 भाषा की समसया - उसक अनसार ससक अरबी और फारसी स इनी भिभनन थी विक विचारो और लिसदवाो को एक भाषा स दसरी भाषा म अनाठिद करना आसान नही था

2 धारमिमक असथा और परथा म भिभनना - अल - विबरनी मसलमान था और उसक धारमिमक विषास और परथाए भार स भिभनन थी

3 सथानीय लोगो की आतमलीना था परथककरण की नीवि - अल ndash विबरनी क अनसार उसका ीसरा अरोध भारीयो की आतमलीना था परथककरण की नीवि थी

परशन-8 बरकिनयर क अनसार राजकीय भ - सामिमत क कया बर परभा पड

उततरः- 1 भधारक अपन बचचो को भमिम नही द सक थ इसलिलए उतपादन क सर को बनाए रखन और उसम बढ़ोरी क लिलए दरगामी विनष क परवि उदासीन थ

2 इस परकार इसन विनजी भ-सामिमत क अभा न rdquo बहर rdquo भधारको क ग( क उदय को रोका

3 इसक कारण कविष का विनाष हआ

4 इसक चल विकसानो का असीम उतपीड़न हआ

5 समाज क सभी गz क जीन सर म अनर पन की सथिसथवि उतपनन हई

परशन-9 सी परथा क विषय म बरकिनयर न कया लिलखा ह

उततरः- 1 यह एक करर परथा थी जिजसम विधा को अखिगन की भट चढ़ा ठिदया जाा था

2 विधा को सी होन क लिलए विष विकया जाा था

3 बाल विधाओ क परवि भी लोगो क मन म सहानभवि नही थी

4 सी होन ाली सतरी की चीख भी विकसी का ठिदल नही विपघला पाी थी

5 इस परविकरया म बरामहण था घर की बड़ी मविहलाए विहससा ली थी

परशन- 10 rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo विकसन लिलखी इसकी मखय विषषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo की रचना अल - विबरनी न की

इसकी मखय विषषाए b इस परकार ह -

1 यह विकाब अरबी म लिलखी गई ह

2 इसकी भाषा सरल और सपषट ह

3 यह एक विस गरथ ह जो सामाजिजक और धारमिमक जीन दश(न खगोल विजञान कानन आठिद विषयो पर लिलखी गई ह

4 इस विषयो क आधार पर अससी अधयायो म विभाजिज विकया गया ह

5 परतयक अधयाय का आरभभ एक परषन स होा ह और अ म ससकादी परमपराओ क आधार पर उसका ण(न विकया गया ह

विस परशन (08 अक )

परशन- 11 इबन बा दवारा दास परथा क सबध म ठिदए गए साकषयो का विचन कीजिजए

उततरः- 1 बाजारो म दास विकसी भी अनय स की रह खल - आम बच जा थ

2 य विनयमिम रप स भटसरप ठिदय जा थ

3 जब इबन बा सिसध पहचा ो उसन सलान महममद विबन गलक क लिलए भट सरप rdquoघोड़ऊट था दासrdquo खरीद

4 जब ह मलान पहचा ो उसन ग(नर को विकशमिमश था बदाम क साथ एक दास और धोड़ा भट क रप म द ठिदया था

5 इबन बा कहा ह विक सलान महममद विबन गलक न नसीरददीन नामक एक धम( उपदशक क परचन स परसनन होकर उस एक लाख टक (मदरा) था 200 दास ठिदय थ

6 इबन बा क विरण स परी होा ह विक दासो म काफी विभद था

7 सलान की सा म काय(र कछ दालिसया सगी और गायन म विनपण थी

8 सलान अपन अमीरो पर नजर रखन क लिलए दालिसयो को विनयकत करा था

9 दासो को समानयः घरल शरम क लिलए ही समाल विकया जाा था और इबन बा न इनकी साओ को पालकी या डोल म परषो और मविहलाओ को ल जान म विषष रप स अपरिरहाय( पाया

10 दासो की कीम विषष रप स उन दालिसयो की जिजनकी अषयका घरल शरम क लिलए थी बह कम होी थी

सतरो पर आधरिर परशन

घोड पर और पदल

डाक वयसथा का ण(न इबन बा इस परकार करा ह-

भार म दो परकार की डाक वयसथा ह अष डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह इर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोडो दवारा चालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स

दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अष डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

1 दो परकार की डाक परणालिलयो क नाम बाओ 1

2 पदल डाक वयसथा विकस परकार काम करी थी वयाखया कीजिजए 3

3 इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार की डाक वयसथा कशल ह 2

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को विकस परकार परोतसाविह करा था 1

उततरः- 1 दो परकार की डाक परणालिलयाb थी - अशव डाक परणाली था पदल डाक परणाली

2 पदल डाक वयसथा म परविमील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ जो एक मील का विहाई भाग होा था अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह

3 इबन बा क अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा करन म जहा b 50 ठिदन लग जा थ ही सलान क गपचरो की सचना पहचन म मातर पाbच ठिदन लग थ इबन बा डाक परणाली की कषला पर हरान था इस परणाली स वयापारिरयो क पास लमबी दरी क सचनाएb भजी जाी थी

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को परोतसाविह करन क लिलए विषष पग उठाा था उदाहरण क लिलए लगभग सभी वयापारिरक मागz पर सराय था विशरामगह बनाए गए थ

ण( वयसथा

अल - विबरनी ण( वयसथा का इस परकार उललख करा ह -

सबस ऊची जावि बराहमणो की ह जिजनक विषय म विहनदओ क गरथ हम बा ह विक बरहमन क लिसर स उतपनन हए थ कयोविक बरहम परकवि नामक शलिकत का ही दसरा नाम ह और लिसर शरीर का सबस ऊपरी भाग ह इसलिलए बराहमण परी परजावि क सबस चपरिनदा भाग ह इसी कारण स विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

अगली जावि कषवितरयो की ह जिजनका सजन ऐसा कहा जाा ह बरहमन क कधो और हाथो स हआ था उनका दजा( बराहमणो स अमिधक नीच नही ह

उनक पwा षय आ ह जिजनका उदभ बरहमन की जघाओ स हआ था

शदर जिजनका सजन उनक चरणो स हआ था

अविम दो गz क बीच अमिधक अनर नही ह लविकन इन गz क बीच भिभनना होन पर भी य एक साथ ही शहरो एक गाbो म रह ह समान घरो और आासो म मिमल - जल कर

1 अल - विबरनी दवारा रणिण ण( वयसथा का ण(न कीजिजए 3

2 कया आप इस परकार क ण( विभाजन को उलिच समझ ह क( सविह वयाखया कीजिजए 2

3 ासविक जीन म यह वयसथा विकस परकार इनी कड़ी भी नही थी वयाखया कीजिजए 2

उततरः- 1 अल - विबरनी न भार की ण(-वयसथा का उललख इस परकार विकया ह -

(1) बराहमण - बराहमणो की जावि सबस ऊची थी विहनद गरथो क अनसार उनकी उतपवि बरहमा क लिसर स हई थी कयोविक बरहम परकवि का दसरा नाम ह और लिसर शरीर का ऊपरी भाग ह इसलिलए विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

(2) कषतरीय - माना जाा ह विक कषतरीय बरहमा क कधो और हाथो स उतपनन हए थ उनका दजा( बरामहणो स अमिधक नीच नही ह

(3) षय - षय जावि वयसथा म ीसर सथान पर आ ह बरहमा की जघाओ स जनम थ

(4) शदर - इनका जनम बरहमा क चरणो स हआ था

अविम दो णz म अमिधक अनर नही ह य शहर और गाो म मिमल ndash जल कर रह थ

2 नही म इस परकार क ण( विभाजन को उलिच नही माना कयोविक जनम स कोई ऊचा - नीचा नही होा मनषय क अपन कम( उस ऊचा - नीचा बना ह

3 जावि वयसथा क विषय म अल - विबरनी का विरण परी रह स ससक गरथो क अधययन स परभावि था इन गरथो म बरामहणादी जावि वयसथा को सचालिल करन ाल विनयमो का परविपादन विकया गया था परन ासविक जीन म यह वयसथा इनी कड़ी नही थाी उदाहरण क लिलए जावि ndash वयसथा क अनग( न आन ाली शरभिणयो स परायः यह अपकषा की जावि थी विक विकसानो और जमीदारो को ससा शरम परदान कर भल ही य शरभिणयाb परायः सामाजिजक पराड़ना का विषकार होी थी विफर भी उनह आरथिथक तर म शामिमल विकया जाा था

मधयकाल क ीन यावितरयो का लनातमक अधययन

यातरी का नाम अल - विबरनी इबन - बा फरासा बरकिनयर

यातरा की ारीख गयारही शाबदी चदही शाबदी सतरही शाबद

दश जिजसस ह आए उजविकसान मोरकको फरास

विकाब जिजसकी रचना की

विकाब - उल - विहनद

रिरहला टरलस इन द मगल एमपायर

विकाब की भाषा अरबी अरबी अगरजी

शासक जिजसक शासनकाल म यातरा की

सलान महमद ग़ज़नी सलान महममद विबन गलक

मगल शासक शाहजहाb और औरगजब

विषयस जिजस पर उनहोन लिलखा

समाजिजक और धारमिमक जीन भारीय दश(न खगोलषासतर मापतर विजञान नयामियक वयसथा ऐविहालिसक

जञान जावि परथा नारिरयल और पान भारीय शहरो कविष वयापार था ाभिणजय सचार था डाक परणाली दास परथा सी परथा भमिम सामिमत विभिभनन परकार क नगर राजकीय कारखान मगल लिशलपकार काय( की परमाभिणका परमाभिणक मान ह परमाभिणक नही मान ह परमाभिणक मान ह

पाठ 6

भलिकत सफी परपराएb1 धारमिमक विशवासो और आचरणा की गगा-जमनी बनाट

साविहतय और मरकिकला म दी दा का दमिषटका होना

आराधना की परिरपाटी का विस होना

11 पजा परणालिलयो का समनय

दो परविकरयाओ का काय(र होना

एक बराहमणीय विचारधारा दसरा बराहमणो दवारा सतरी शदरो सामाजिजक ग की भाषाओ

को सीकार करना

मखय दा को जगननाथ क एक सरप म परस करना उदा उड़ीसा म परी

सथानीय दवियो को मखय दाओ की पतनी क रप म मानया

12 भद और सघष(

दी आराधना पदधवि को ावितरक नाम दना

ग( और ण( भद की अहलना

ठिदक द गाज होना पर परामाभिणका बन रहना

भलिकत रचनाएb भलिकत उपासना क अश होना

2 उपासना की कविाएb

परारभिभक भलिकत परपरा

भलिकत परपरा म विविधा

भलिकत परपरा क 2 ग(-सगण और विनग(ण

21 मिमलनाड क अलार और नयनार स

मिमल म विषण और लिशजी सवि

इषट का विनाससथल घोविष करना

22 जावि क परवि दमिषटकोण

असपशय जावियो का दवष

अलार और नयनार की रचनाओ क दो समान महत

23 सतरीभलिकत

ममिसतरयो दवारा विपसततातमक आदशाIgrave को चनौी

24 राजय क साथ सबध

मिमल भलिकत रचनाओ बौदध और जन धम( क परवि विरोध

विरोध का राजकीय अनदान की परविसपदरधा

कासय माओ का ढालना

सदर रा का विनमा(ण

चोल समराटो की स कवियो पर विशष कपा

3 कना(टक की ीर श परपरा

नीन आदोलन का उदय

अनयायी ीर श का सिलगाय कहलाए

सिलगायो दवारा पनज(नम पर परशनलिचनह

4 उततरी भार म धारमिमक उफान

उततर भार म लिश और विषण की उपासना

उततर भार क राजप राजयो का उतथान

धारमिमक नाआ का रठिढ़ादी साbच स बाहर होन क कारण दसकारी उतपादन का

विसार

क का आगमन

5 दशाल क नए ान-बान इसलामी परपराएb

711 ई म महममद विबन कालिसम अरब सनापवि दवारा सिसध विजय

सलन की सीमा का परसार

16 ी शाबदी म मगल सलन की सथापना

मसलमान शासको दवारा उलझा क माग(दश(न पर चलना

52 लोक परचलन म इसलाम

इसलाम क जान क बाद परिर(ना का पर उपमहादवीप म परभा

इसलाम का सदधाविक बाो पर बल दना

मालाबार ट पर बसन ाल मसलमान वयापारिरया दवारा सथानीय आचारा का मानना

53 समदायो क नाम

लोगो का गvकरण जनमसथान क आधार पर

ष( विनयमा का पालन न होना

6 सफी म का विकास

ईशवर की भलिकत और उसक आदश क पालन पर बल सविफयो दवारा करान की

वयाखया विनजी अनभो पर

61 खानगाह और लिसललिसला

12 ी शाबदी म सफी लिसललिसलो का गठन

पीर की मतय क पwा दरगाह भलिकतसथल क रप म

62 खानगाह क बाहर

रहसयादी फकीर का जीन

शरिरया की अहलना करन पर ब शरिरया कहलाना

7 उपमहादवीप म लिचशी लिसललिसला

71 लिचशी खानगाह म जीन

सथानीय परपराओ को आतमसा करना

72 लिचशी उपासना जिजयार और कवाली

मईनददीन दरगाह म 14 बार आना

कवालो दवारा रहसयादी गणगान

लिचशी उपासना पदधवि

73 भाषा और सपक(

लिचसतिशयो दवारा सथानीय भाषा अपनाना

सफी कविा का आरभ

74 सफी और राजय

लिचशी सपरदाय दवारा - सादगी का जीन

सफ सो की धम(विनषठा विदवा उनकी लोकविपरया का कारण आलिलया का मधयसथ होना

8 नीन भलिकत पथ

उततरी भार म साद और असहमवि

81 दीयसतर की बनाई कबीर

कबीर बानी म ीन विलिशषट परिरपाठिटयो का सकलन

कबीर दवारा परम सतय का ण(न

इसलामी दश(न क ईशवराद को समथ(न परिहदओ क बह दाद का खडन

कबीर को भलिकत माग( ठिदखान ाल गर रामाननद

82 बाबा गरनानक और पवितर शबद

गरनानक दवारा विनण(ण भलिकत का परचार

भगान उपासना क लिलए विनरर समरण नाम का जाप

आठिद गरथ साविहब का सकलन

83 मीराबाई भलिकतमय राजकमारा

भलिकत परपरा का सपरलिसदध कवियतरा

मारा दवारा जाविादी सामाजिजक रठिढ़या का उललघन

9 धारमिमक परपराओ क इविहासा का पनरकिनमा(ण

विचारो आसथाओ और आचारा को समझना

धारमिमक परपराओ का अनय परपराओ क अनसार परिररकि होना

परशन 1- भलिकत आदोलन का कया अथ( ह

उ 0 कई विहनद सो और सधारको न धारमिमक सधार लान क लिलए आदोलन चलाए जो भलिकत आदोलन क नाम म परलिसदध हआ अपनी भसथिकम को दषा(न क लिलए मठिदरो म दाओ क समकष उनकी सवि म गीो क माधयम स लीन हो जा थ

परशन 2- अलार कौन थ

उ 0 दभिकषण भार क विषण की उपासना करन ालो को अलार कहा जाा था

परशन 3- भलिकत आदोलन क चार परलिसदध सो क नाम लिलख

उ 0 रामाननद सामी कीर गरनानक द मीरा बाई

परशन 4- सफीाद स आप कया समझ ह

उ 0 सफी म क मल लिसदधान करान और हजर महममद की हदीस स मिमल ह सफी शबद मसथिसलम सो क लिलए परयोग विकया जाा ह सविफयो न करान की वयाखया अपन क आधार पर की सफी सो क विचारो को सफी ाद कहा जाा ह

परशन 5- सफी विचार धारा म मशvद का कया महत ह

उ 0 सफी विचार धारा क अनसार परतयक वयलिकत का कोई धारमिमक गर ( मशvद ) होना चाविहए जो विक उसका ईशवर स सपक( करा सक उनक आनसार जिजन वयलिकतयो का कोई गर अथा मशvद नही उनका कोई धम( नही

4 अक क परशन-परशन 6- भलिकत आदोलन क उदय क कारणो का विरण दीजिजए

उ 0 1- षण म का परभा

2- विहनद धम( की तरठिटया

3- इसलाम क फलन का भय

4- सफी म का परभा

5- महान सधारको का उदय

परशन 7- भलिकत आदोलन क मल लिसदधान पर परकाश डालिलए

उ 0 1- एक ईशवर म विशवास

2- शदध काय( करना

3- विष भात की भाना पर बल दना

4- परम भा स पजा करना

5- मरकि पजा का खणडन करना

6-जा पा का खणडन करना

7- गर भलिकत करना

परशन 8- भलिकत आदोलन क परभा और महत की चचा( कर

धारमिमक परभा

1- विहनद धम( की रकषा

2- वराहमण क परभा म कमी

3- इसलाम क परसार म ाध

4- लिसख म का उदय

5- बौदध म का पन

सामाजिजक था सासकविक परभा -

1- विहनद मसलमानो क सामाजिजक समबनधो म सधार

2- विनमन ग( म सधार

3- समाज सा की भाना को परोतसाहन -

4- लोगो म मिमशरण कला का विकास

5- साविहतवितयक विकास

परशन 9-सफी म क मखय लिसदधान कया थ

उ 0 1-अललाह स परम

2- सासारिरक सखो का तयाग

3- अविहसा था शाविाद म विशवास

4- माना स परम

5- मशvद की महतता

6- भौविक लिसदधान

7- अललाह की भलिकत म सगी था नतय का महत

परशन 10- अलारो ए नयनारो का जावि क परवि कया टटमिषट कोण था

उ 0 - नयनारो था अलारो न जावि परथा था बराहमणो की सचचा क विरदध सधार क लिलए परल आदोलन चलाया भलिकत आदोलन क सधारक भिभनन भिभनन जावियो स समबनध रख थ कछ लोग विनचली जावियो जस विकसानो मिमममिसतरयो था अछ जावियो स थ कछ बराहमण जावि स भी थ उनका विषास था विक उनकी धारमिमक पसक उनी ही महान थी जिजना विक द अलारो क मिमल भजन सचचाई और पवितरा क गहर विचारो स भर हए ह उनको षनौ द जाना जाा ह नयनारो का भजन आधयाममितमका स भर ह उनक भजन दभिकषण भार म लिश क सममान म गाय जा ह

08 अक क परशनपरशन 11- कबीर की लिशकषाओ की वयाखया कीजिजय उनहोन अपनी कविाओ क माधयम स lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का ण(न विकस परकार विकया ह

1- कबीर न आधयतवितयका पर बल ठिदया

2- उनहोन विहनद और मसलमन दोनो की रठिढयो की कट अलोचना की

3- कीर न ईशवर की एका पर लठिदया

4- मरकि पजा ीथ( यातरा ए अनय आडमबरो की आलोचना की

5- सी परथा और पदा( परथा का विरोध विकया

6- अचछ कमz का फल अशय मिमला ह

7- उनहोन परमातमा को विनराकार बाया ह

8- उनक अनसार भलिकत क माधयम स मोकष अथा( मलिकत पराप हो सकी ह

lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का विसार

1 विभिभनन परिरपाठिटयो का सहारा लना

2 इसलामी दश(न स परभावि होकर सतय को अललाह खदा हजर और पीर कह ह

3 दा दश(न स परभावि होकर सतय को अलख विनराकार बरमहन और आतमन कह कर

भी समबोमिध कर ह

परशनः- 12- सतरो पर आधारिर परशन ए उततर -

विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए था उस पर आधारिर परशनो क उततर दीजिजए

यह उदहरण उस फरमा(न (बादशाह क हकम नाम ) का अश ह जिजस 1598 म अकबर न जारी विकया

हमार बलद और मकदस (पवितर) जहन म पहचा ह विक यीश की मकदस जमा क पादरी खमबाय गजराज क शहर म इबाद क लिलए (विगरजाघर ) एक इमार की ामीर (विनमा(ण) करना चाह ह इसलिलए यह शाही फरमान जारी विकया जा रहा ह खमबाय क महानभा विकसी भी रह उनक रास म न आए और उनह विगरजाघर की ामीर करन द जिजसस अपनी इबाद कर सक यह जररी ह विक बादषाह क इस फरमान की हर रह स ामील (पालन ) हो

परशनः- 1 यह उदहरण कहा b स लिलया गया ह 1

परशन- 2 इस फरमान दवारा अकबर न गजरा क लोगो को कया आदश ठिदया 2

परशन- 3 यह आदश अकबर की विकस धारमिमक परभितत को दशा(ा ह 2

परशन- 4 कौन स लोग थ जिजनकी ओर बादशाह क फरमान को न मानन की आशका थी 2

उततरः- 1 यह उदहरण समराट अकबर क उस फरमान स लिलया गया ह जो उनहोन 1598 म जारी विकया था

2 इस फरमान क दवारा अकबर न गजरा क लोगो को आदष ठिदया विक उस ईसाई पादरी को विगरजाघर बनान द जो उस बनाना चाह ह

3 यह आदश अकबर की धारमिमक सहनशीला की परभितत को दशा(ा ह विक ह सभी धमz का समान आदर करा था

4 बादशाह को आषका थी विक सभः गर ईसाई इस फरमान को न मान

पाठ - 7

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर1 हमपी की खोज

कन(ल मकनजा दवारा हमपी भगनाष का सshyकषण

2 राय नायक था सलान

विजयनगर सामराजय की सथापना

भन विनमा(ण की कनीको का विकास

21 शासक और वयापारी

यदधकला अशवसना पर आधारिर होना

प(गालिलया दवारा पभिwमी ट पर वयापारिरक और सामाजिजक क दरो की

सथापना

22 राजय का चरमोतकष( था पन

राजनीवि म सतता क दादार

कषणद राय दवारा राजय का विसार था दढ़ीकरण

कषणद राय दवारा माb क नाम पर उपनगर की सथापना

कषणद राय क उततरामिधकारिरयो को चनौवियो का सामना

ालीकोट का यदध

रामराय की जोखिखम भरी नीवि

23 राय था नायक

सना दवारा विकलो पर विनयतरण

नायक अमरनायक की भमिमका

3 विजयनगर राजधानी था उसक परिरचछद

31 जलसपदा

कमलपरम जलाशय का विनमा(ण

32 विकल बठिदयाb था सड़क

फारस क शासक दवारा अबदर रsup2ाक को द क रप म कालीकट भजना

द का कालीकट की विकलबदी स परभावि होना

कविष कषतरो का विकलबद भभाग

नगरीय भाग की आरिरक विकलबदी

सरभिकष परशदवार विलिशषट सथापतय क नमन

इडो इसलामिमक शली का परयोग

33 शहरी कनदर

शहरी कनदर का उततरी पv कोना अमीरो का रिरहायशी कषतर

करb जलाशय नगर विनालिसया क पानी क सरो

4 राजकीय कनदर

सपरदायो और मठिदरो को राजा का सरकषण

सरचनाओ था मठिदरो म अर

41 महानमी विडबबा

सरचनाओ का नामकरण भनो क आकार था कायाIgrave क आधार पर

विशालकाय मच

42 राजकीय कनदर म सथिसथ अनय भन

(कमल) लोटस महल परिरषदीय सदन

मठिदर धारमिमक कनदर था राजकीय कनदर

5 धारमिमक कनदर

51 राजधानी का चयन

विरपाकष मठिदर धारमिमक मानयाओ स सबध

52 गोपरम और मणडप

गोपरम अथा राजकीय परशदवार

मठिदर परिरसरो की चारिरवितरक विशषा रथ गलिलया

6 महलो मठिदरो था बाजारो का अकन

परशन-1 हमपी नगर विकस नदी क विकनार बसा हआ ह 2

उततर गभदरा नदी क विकनार हमपी नगर बसा हआ ह

परशन- 2 पमपा विकस दी का नाम ह 2

उततर दी पमपा पा(ी का नाम ह

परशन-3 कालिलन मक जी कौन था उसका भारीय इविहास म कया योगदान था 2

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

परशन-4 हपी क मठिदरो की विषषाओ का ण(न कर 2

उततर हपी क मठिदर अतय अलक सभयकत मडप थ विविषषट अभिभलकषणो म मडप था लब सभो ाल गलिलयार को अकसर मठिदर परिरसर म सथिसथ द सथलो क चारो ओर बन थ सममिममलिल ह विटठल और हजारा राम मठिदर यहा b परमख ह

परशन-5 विजयनगर की जल आशयकाओ को विकस परकार परा विकया जाा था 2

उततर bगभदरा दवारा विनरमिम एक पराकविक कड ह यह नदी उततर म उततर प( ठिदशा म बही ह आसपास की पहाविड़यो स कई जलधाराए b आकर नदी म मिमली ह लगभग सभी धाराओ पर बा bध बनाकर अलग अलग हौज बनाए गए थ शषक कषतर होन क कारण पानी क सचय और इस शहर क ल जान क लिलए वयापक परबध करना आषयक ह सबस महतपण( हौज का विनमा(ण परारभिभक शाबदी क आरभिभक षz म हआ जिजस कमलपरम जलाषय कहा जाा ह

परशन- 6 शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को रखन क आपक विचार म कया फायद और नकसान थ 4

उततर विजयनगर शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को चारदीारी क अदर रखन स हमार विचार स अनक लाभ और हाविनयाb थी इसका विरण इस परकार ह-

कविष कषतर म खो क आसपास सामानयः साधारण जना और विकसान रह थ बागो और खो की रखाली करना आसान था

परायः मधयकालीन घराबदी का मखय उददशय परविपकष को खादय सामगरी स लिच कर जलदी स जलदी आतमसमप(ण (हलिथयार डालन क लिलए) क लिलए करना होा था

यदधकाल म शतरओ दवारा घराबदी कई महीनो क जारी रखी जाी थी यहाb क विक ष क चल सकी थी आमौर पर शासक ऐसी परिरसथिसथवियो स विनपटन क लिलए विकलबद कषतरो क भीर ही विशाल अननगारो का विनमा(ण करा थ

विजयनगर क शासको न पर कविष भ-भाग को बचान क लिलए एक अमिधक महगी था वयापक नीवि को अपनाया

विकलाबद खी योगय भमिम को चार दीारी क अदर रखन स नकसान यह था विक परायः बाहर रहन ाल विकसानो को आन जान म दवारपालो स इजाज लनी होी थी साथ ही शतर दवारा घराबदी होन पर बाहर स कविष क लिलए आशयक जरर पड़न पर बीज उ(रक यतर आठिद बाहर क बाजारो स लाना परायः कठिठन था

यठिद शतर पकष क दवारा काटी गई फसल को आग लगाकर जला ठिदया जाा ो आरथिथक हाविन बह वयापक हो सकी थी

परशन- 7 आपक विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का कया महतत था 4

उततर हमार विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का वयापक महतत था विजयनगर शहर क सबस ऊb च सथानो पर महानमी विडबबा नामक विशाल मच होा था इसकी सरचना स जड़ अनषठान सभः लिसमबर था अकटबर क शरद मासो म मनाए जान ाल दस ठिदन क विहनद तयौहार जिजस दशहरा (उततर भार) दगा(पजा (प बगाल) था नरावितर या महानमी (परायदवीपीय भार म) नामो स जाना जाा ह क महानमी क असर पर विनषपाठिद विकए जा थ इस असर पर विजयनगर शासक अपन रब ाक और अमिधराजय का परदश(न कर थ

इस असर पर होन ाल धमा(नषठानो म मरकि की पजा राजय क अशव की पजा था भसो और अनय जानरो की बलिल सममिममलिल थी नतय कशी परविसपधा( था साज लग घोड़ो हालिथयो था रथो और सविनको की शोभायातरा और साथ ही परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट इस असर क परमख आकष(ण थ

तयौहार क अतविनम ठिदन राजा अपनी था अपन नायको की सना का खल मदान म आयोजिज भवय समारोह म विनरीकषण करा था इस असर पर नायक राजा क लिलए बड़ी मातरा म भट था साथ ही विनय कर भी ला थ

परशन- 8 विजयनगर सामराजय क विभिभनन विरणो स आप विजयनगर क सामानय लोगो क जीन की कया छवि पा ह 4

उततर सामानय लोगो क बार म बह जयादा विरण पराप नही हो कयोविक सामानय लोगो क आासो जो अब असतिसत म पराप नही हए ह -

कषतर सshyकषण इविग कर ह विक इस पर कषतर म बह स पजा सथल और छोट मठिदर थ जो विविध परकार क सपरदायो क परचलन की ओर सक कर ह

विजयनगर सामराजय म साधारण लोग विभिभनन समपरदायो जस विहनद श षणो जन बौदध और इसलाम क अनयायी रह थ ह विभिभनन भाषाओ जस कननड़ मिमल लग ससक आठिद का परयोग कर थ

सामानय लोगो म कछ छोट वयापारी और कछ सौदागर भी थ जो गाो कसबो और छोट शहरो म रह थ इनम कछ वयापारी बदरगाह शहरो म भी रह थ सथानीय सओ जस मसाल मोी चदन आठिद क साथ-साथ कछ वयापारी घोड़ और हालिथयो का वयापार भी कर थ

विकसान शरमिमक दास आठिद को भी साधारण लोगो म शामिमल विकया जा सका था सामराजय म कछ सामानय बराहमण वयापारी और दास दालिसयाb भी थ साधारण लोग कविष काय क साथ-साथ विभिभनन परकार क थाकलिथ छोट समझ जान ाल काय( भी विकया कर थ

परशन- 9 विजय नगर सामराजय क उतथान म अमरनायक परणाली क महतत का मलयाकन कीजिजए 8

उततरः- इस सविनक परणाली का विजयनगर सामराजय क उतथान म महततपण( योगदान था जिजसका मलयाकन विनमनलिलखिख विबनदओ म ठिदखाया गया ह -

1 अमर नायक परणाली विजयनगर सामराजय की एक परमख राजनीविक खोज थी ऐसा परी होा ह विक इस परणाली क कई तत ठिदलली सलन की इकता परणाली स लिलए गए थ

2 अमर नायक सविनक कमाडर थ जिजनह राय दवारा परशासन क लिलए राजय कषतर ठिदय जा थ

3 विकसानो लिशलपकरमिमयो था वयापारिरयो स भ-राजस था अनय कर सल कर थ

4 राजस का कछ भाग मठिदरो था सिसचाई क साधनो क रख रखा क लिलए भी खच( विकया जाा था

5 अमर नायको क दल आशयका क समय विजयनगर क शासको को भी एक परभाी सविनक सहाया परदान कर थ

6 अमर नायक राजस का कछ भाग वयलिकतग उपयोग था घोड़ो और हालिथयो क विनधा(रिर दल क रख-रखा क लिलए अपन पास रख ल थ

7 य दल विजयनगर शासको को एक परभाी सविनक शलिकत परदान करन म सहायक हो थ जिजसकी मदद स उनहोन पर दभिकषणी परायदवीप को अपन विनयतरण म विकया

8 अमर नायक राजा को ष( म एक बार भट भजा कर थ और अपनी सामिमभलिकत परकट करन क लिलए राजकीय दरबार म उपहारो क साथ सय उपसथिसथ हआ कर थ

9 य अमर नायक राजा क विनयतरण म रह थ राजा कभी-कभी उनह एक स दसर सथान पर सथानारिर कर उन पर अपना विनयतरण दशा( थ

10 17 ी शाबदी म इनम स कई नायको न अपन सतर राजय सथाविप कर लिलए

अनचछद आधारिर परशनपरशन- 11

कालिलन मक जी

1754 ई म जनम कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया कह ह- विबरठिटश परशासन क सपरभा म आन स पहल दभिकषण भार खराब परबधन की दग(वि स लब समय क जझा रहा विजयनगर क अधययन स मक जी को यह विशवास हो गया विक कपनी - सथानीय लोगो क अलग अलग कबीलो जो इस समय भी जनसखया का एक बड़ा विहससा थ को अब भी परभावि करन ाल इनम स कई ससथाओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल कर सक थ

( क ) कालिलन मक जी कौन था 1

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की

( ख )कालिलन मक जी न विकस पराचीन शहर की खोज की 1

उततर हपी

( ग ) उनहोन सshyकषण कयो परारभ विकया 2

उततरः- भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

( घ ) कालिलन मक जी न अपना काय( विकन चरणो म परा विकया 3

उततर- स(परथम उनहोन मानलिचतर यार विकए विरपाकष मठिदर ए पपादी क पजारिरयो स जानकारिरया b इकटठी की उनहोन सथानीय परपराओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल की

विषय - 08

विकसान जमीदार और राजय1 विकसान और कविष उतपादन

भौगोलिलक विविधा

11 सरोा की लाश

ऐविहालिसक गरथ आइन-ए-अकबरी

गजरा महाराषटर था राजसथान स मिमलन ाल दसाज

12 विकसान और उनकी जमीन

खी वयलिकतग मिमसतिलकय क लिसदधा पर आधारिर होना

13 सिसचाई और कनीक

कविष का विसार

मानसन पर कविष पर आभिशर होना

सिसचाई क कवितरम उपाय अपनाना

कविष पशबल पर आधारिर होना

14 फसलो की भरमार

खरीफ रब की फसल

यरिरया क अलग-अलग विहससो स भार क फसला का आना

2 गरामीण समदाय

21 जावि और गरामीण माहौल

आबादी का समहा था जावि वयसथा को बधनी म बटना

राजपो की चचा( विकसानो क रप म

22 पचाय और मखिखया

पचाय म विविधा

गा क मखिखयो का चना गा क बजग दवारा

जावि की अहलना रोकन का मखय दामियत गा क मखिखया की शाठिदयाb जाविग

मानदडो क आधार पर

पचायो दवारा झगड़ा क समझौ

23 गरामीण दसकार

दसकारा का अमिधक सखया म गाbो म होना

दसकारो को जमीन का महाराषटर म पशनी अमिधकार

साओ का विविनमय

24 एक छोटा गणराजय

सामाजिजक सिलग क नाम पर समाज म गहरी विषमाए

3 कविष समाज म मविहलाएb

उतपादन परविकरया म योगदान

कछ कषतर मविहलाओ क लिलए सरभिकष करना

कपोषण क कारण मविहलाओ की मतय दर अमिधक होना

मविहलाओ दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान मविहलाओ को जमीदारी उततरामिधकार क रप म

4 जगल और कबील

41 बस हए गाbो क पर

यहाb क लोगो को गजारा जगल क उतपादा लिशकार और सथानारीय खी

राजय क जगल रकषाकच

42 जगलो म घसपठ

हालिथया का परयोग

मगलो दवारा लिशकार अभिभयानो का आयोजन

ाभिणसथिजयक खी का परसार

सामाजिजक कारणा स जगलालिसया क जीन म बदला आना

जगल क इलाको म नई ससकवि का विसार

5 जमीदार

जमीदारो को आरथिथक और सामाजिजक सविधाएb होना

सविनक ससाधन ाक का विहससा होना

मगलकालीन गाbो म सामाजिजक सबध एक विपरामिमड क रप म

जमीदारी दवारा बाजारी (हाटो) की सथापना

जमीदारी का विकसानो स आतमीया होना

6 भराजस परणाली

राजय का परशासन तर

भराजस क इजामा म 2 चरण

1 कार विनधा(रण

2 ासविक सली

7 चादी का बहा

वयापार म विसार

समदरी वयापार स नयी सओ का वयापार

8 अबलफज़ल की आइन-ए-अकबरी

अकबर क शासनकाल म 5 सशोधनो क पwा परा होना

ऐविहालिसक दासान का आइन अकबरी म ण(न शाही विनयम राजपतरो का सकलन

लिसललिसलार सकलन एक शाही कायद

ीन भाग परशासन का विरण

सबो क नीच इकाईयो का

सखयातमक आकड़ो म विशषाएb

आइन लोगो उनक पशो और वयसायो सामराजयादी वयसथा और उसक

उचचामिधकारिरयो की सचनाएb दनाला गरथ

अवि सभिकषप परशन (02 अक)

परशन 1 16 ी सदी क राजय अफसरो दवारा विकए जान ाल विभिभनन कारयो का ण(न कर

उततर- भ राजस सल करना भमिम की नाप करना रिरकाड( रखना आठिद

परशन 2 आइन ए- अकबरी क लखक कौन थ

उततर- अबल फजल अकबर का दरबारी लखक थ नरतनो म स एक थ

परशन 3 रय कौन थ य विकन परकार क थ

उततर- विकसान थ दो परकार- खद काश और पाविह काश खद काश उनही गा b म रह थ

जिजनम उनकी जमीन दी और पाविह काश खविहर थ जो दसर गाbो स ठक पर खी करन आ थी

परशन 4 आइन क माविबक विकन परकार की फसल ॠएb थी

उततर आइन - ए - अकबरी क अनसार कविष वयसथा म मखय रप स दो कविष ऋए थी खरीफ और रबी खरीफ का उदाहरण चाल और जार और रबी का उदाहरण गह b और चना

परशन 5 जिजनस -ए- कामिमल स कया अभिभपराय ह

उततर- सzततम फसल जस - कपास और गनना

सभिकषप परशन (4 अक)

परशन 6 पचाय क कायz का ण(न कीजिजए

(1) सामदामियक काय( जस विक मिमटी क छोट-छोट बाbध बनाना या नहर खोदना

(2) पराकविक आपदाओ स विनपटन की वयसथा करना

(3) गरामीण समाज क लिलए विनयम बनाना

(4) जावि की अहलना रोकना

(5) सजा दना जस - जमा(ना लगाना और समदाय स विनषकालिस करना

परशन 7 आइन ए- अकबरी का ण(न कीजिजए

(1) अकबर क सामराजय का झलक दषा(ना

(2) सविनक सगठन का ण(न करना

(3) सरकार क विभागो और परानो क बार म विसार स जानकारी दना

(4) राजस क सतरो था विहसाब रखना

(5) खविहर समाज का ण(न करना

परशन 8 कविष उतपादन म मविहलाओ की भमिमका का विरण कीजिजए

(1) मविहलाएb और मद( कध स कधा मिमलाकर खो म काम कर थ

(2) बआई विनराई और कटाई क साथ - साथ पकी हई फसल का दाना विनकालना

(3) स काना बरन बनान क लिलए मिमटी को साफ करना और ग bथना कपड़ो पर कढ़ाई करना जस दसकारी क काम करना

(4) बचचा पदा करना था उनका पालन पोषण करना

(5) परविबध जस पसथिषचमी भार म मविहलाओ को हल या कमहार का चाक छन की इजाज

नही थी बगाल म पान क बागान म परष नही कर सकी थी

परशन 9 भ- राजस कस विनधा(रिर विकया जाा था

(1) दीान पर राजय की विततीय वयसथा की दख रख करा था

(2) भ- राजस क दो चरण- जमा और हालिसल जमा विनधा(रिर रकम और हालिसल सचमच सली की गई रकम

(3) जी हई जमीन और जोन लायक जमीन दोनो की नपाई की गई

(4) राजस कम(चारिरयो की विनयलिकत भ - राजस सल करन क लिलए की गई

(5) ारकिषक रिरपzट यार करना

परशन 10 जबी वयसथा की परमख विषषाओ का ण(न कीजिजए

(1) जमीन की नाप अविनाय(

(2) भमिम का गvकरण -पोलज परौी चचर और बजर

(3) औस उपज का जञान रखना

(4) राजय का भाग विनसथिषच करना

(5) नकद मलय विनसथिषच करना

(6) भमिमकर एकवितर करना

लमब पर शन 08 अक परशन 11 जमीदार कौन थ उनक कया काय( थ

जमीदार गरामीण समाज क अभिभनन अग थ जो अपनी जमीन क मालिलक हो थ कविष उतपादन म परतयकष भागीदारी नही कर थ गरामीण समाज म उbची हलिसय क कारण उनह कछ विशष सामाजिजक और आरथिथक सविधाय मिमली हई थी समाज म उनकी उचच सथिसथवि क दो कारण थ पहला - जावि दसरा- उनक दवारा राजय को दी जान ाली विशष साय

काय(-

(1) भराजस सल करना

(2) राजा और विकसान क बीच मधयसथा करना

(3) सविनक टकविड़यो की वयसथा

(4) कविष भमिम का विकास करना

(5) विकसानो को कविष क लिलए ऋण दना

(6) अपनी जमीनो की फसल को बचना

(7) गा म बाजार (हाट) लगान की वयसथा करना

(8) जमीदारी की खरीद बच स गा की आरथिथक सथिसथ म सधार लाना

शरो आधारिर परशन-

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परषनो क उततर दीजिजए

नकद या जीनस

आइन स यह एक अनचछद ह-

अमील - गजार लिसफ( नकद लन की आद न डाल बसतिलक फसल भी लन क लिलए यार रह यह बाद ाला रीका कई रह स काम म लाया जा सका ह पहला कणक विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क अदाजा अगर कोई शक हो फसल को ीन अलगअलग पसिलदो म काटना चाविहए - अचछा मधयम और बदर और इस रह शक दर करना चाविहए अकसर अदाज स विकया गया जमीन का आकलन भी पया(प रप स सही नीजा दा ह दसरा बटाई जिजस भाओली भी कह ह (म) फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की मौजदगी म रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ी ह ना( - दषट - बजिदध और मककार घोखबाजी की नीय रख ह ीसर ख बटाई जब बीज बोन क बाद ख बाbट ल ह चौथ लाbग बटाई फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक (पकष) अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 1 कणक का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततर- विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क का मलब अदाजा ह

परशन 2 भ राजस सली की बटाई अथा भाओली परथा कuml सपषट कीजिजए (2)

उततर- इसम फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की उपसथिसथवि म

रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ ह

परशन 3 लाbग बटाई परथा की वयाखया कीजिजए (2)

उततर- फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक अपना - अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 4 भ राजस सली की कौन सी परथा आप अचछी समझ ह और कयो सपषट कीजिजए (2)

उततर- लाbग बटाई कयोविक सबको अपना - अपना विहससा मिमला ह और मनाफा मिमला ह

पाठ - 9शासक और इविततमगल दरबार (16 ी 17 ी शाखिबदया)

मगल दरबार (परान सदभ दवारा इविहास की पनर(चना)

विस सshyकषण-राजनीविक इविहास

खोज की कहानी-दरबारी कागजा (दसाज़)

उदाहरण-अकबरनामा बादशाहनामा

विचार-विमश(-नय राजनीविक सामाजिजक आरथिथक ए सासकविक इविहास

बाबर स औरगजब क औरगजब क अमिधकारी शरशाह सरी

परसाना-दरबारी इविहासकार-अबलफजल

मगलशासक और सामराजय-उलमा ग(

इविततो की रचना-शाहजहाbनामा आलमगीरनामा जक जहाbगीरी आठिद

कETH स फारसी की ओर

पाडलिलविपयो की रचना

रगीन लिचतर

आदश( राजय-सलह कल-जन-कलयाण मनसबदारी परथा

जहाbगीर था शाहजहाb का काल भ-विलास का काल

अकबर की फारमिमक नीवि राजप नीवि

औरगजब क समय कला को झटका

राजधाविनयाb नय शहर

मगल दरबार-झरोखा दश(न

पदवियाb उपहार भट कोरकिनश

शाही परिरार

सचना था सामराजय

पराीय शासन

सीमाओ स पर

ीथ(यातरा और वयापार गरओ क परवि असीम आसथा-धम( पर विमश(

मगल ासकला लिचतरकला सासकविक विकास

मगलहरम मगल कारखान

कनदरीय परशासन

अवि लघ परशन (2 अक)

पर1 कोरकिनश शबद क अथ( को सपषट कीजिजए

उततर कोरकिनश औपचारिरक अभिभादन का एक ऐसा रीका था जिजसम दरबारी दाएb हाथ की लहथी को ललाट पर रखकर आग की ओर लिसर झका थ

पर2 1526 स 1707 क क बीच भार म शासन करन ाल ष का नाम बाइए और इस श क ससथापक कौन थ

उततर मगल श और ससथापक बाबर

पर3 rsquoविकाबखानाrsquo शबद का अथ( कया ह

उततर rsquoविकाबखानाrsquo का शाखिबदक अनाद पसकालय ह यह एक ऐसा लखन गह था

जहा शासको दवारा सकलिल पाडलिलविपया रखी जाी था नई पाडलिलविपया यार की जाी थी

पर4 पाडलिलविपयो की सरचना म सलगन कछ लोगो क कायz को बाइए

उततर पाडलिलविपयो की रचना क विविध काय म बह लोग शामिमल हो थ इनम स कछ लोगो क दवारा कागज बनाना सलखन मिघसाई लिचतरकारी और जिजलदसाजी की जाी थी

पर5 बाबर की आतमकथा कौन-सी भाषा म लिलखी गई थी

उततर बाबर की आतमकथा rsquoजक बाबरीrsquo मल रप स कETH भाषा म लिलखी गई थी बाद म इस फारसी भाषा म बाबरनामा क नाम स अनाद विकया गया

लघ परशन (4 अक ) पर6 मगल सामराजय म शाही परिरार की ममिसतरयो दवारा विनभाई गई भमिमका का मलयाकन कीजिजए

उततर 1 मगल परिरार म शही परिरारो स आन ाली ममिसतरयो बगमो अगाहा म अर रखा जाा था

2 पममितनया और उनक अनक मविहलाए साधारण स साधारण काय( स लकर बजिदधमा स अलग-अलग काय का सपादन कर थ

3 नरजहा क बाद मल राविनयो और राजकमारिरयो न महततपण( विभिततय सरोो पर विनयतरण रखना शर विकया

4जहाbआरा रोषनआरा को ऊb च शाही मनसबदारो क समान ारकिषक आय होी थी

5 जहाbआरा को सर क बदरगाह स राजस पराप होा था

6 ससाधनो पर विनयतरण न मगल परिरार की महततपण( ममिसतरयो को इमारो या बागो क विनमा(ण का अमिधकार ठिदया था

7 चाbदनी चक की रपरखा जहाbआरा क दवारा बनाई गई

पर7 rsquoबादशाहनामाrsquo पर सकषप म ठिटपपणी लिलखिखए

उततर अबलफज़ाल एक विषषय अबदल हमीद लाहौरी बादषाह नामा क लखक क रप म जाना जाा ह इसकी योगयाओ क बार म सनकर बादषाह शाहजहाb न उस अकबर नामा क नमन पर अपन शासन का इविहास लिलखन क लिलए विनयकत विकया बादषाह नामा भी सरकारी इविहास ह इसकी ीन जिजलद (दफर) ह और परतयक जिजलद 10 चदर ष का बयोरा दी ह लाहौरी न बादषाह क शासन (1627 47) क पहल क दो दषको पर पहला दसरा दफर लिलखा इन जिजलदो म बाद म शाहजहाb क जीर सादलला खाb न सधार विकया

विस उततर (8 अक)

पर8 मनसबदारी क परणाली क गण और दोषो की विचना कीजिजए

उततर मनसबदारी परणाली क गण

1 समराट को सनय सगठन सबधी परशाविनयो स छटकारा ठिदलाना

2 योगयानसार पद परदान विकया जाना

3 परशासविनक वयय को सीमिम करना

4 सामराजय का विसार ए सथामियत परदान करना

5 मनसबदार कला और साविहतय क पोषक थ

मनसबदारी परणाली क दोष

1 भशाली जीन स धन को दरपयोग होना

2 विनधा(रिर सखया स कम सविनक

3 समराट क परवि सामी भलिकत का विकास नही होना

4 अमीरो था सरदारो म विदरोह की भाना पनपना

5 मगल सना का राषटरीय सना न बन पाना

6 शासक और सविनको क मधय सीध समपक( की कमी

अधयाय 10

उपविनषाद और दहा

1 बगाल और हाb क जमीदार

11 बद(ान म की गई नीलामी की घटना

- इसमरारी बदोबस

- नीलामी म बोली लगाना

- फजv विबकरी

12 अदान विकए गए राजस की समसया

- जमीदारिरयो का हसारण

- अकाल

- जमीदार भसामी न होकर राजस समाहा(

13 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ

- जमीदारो की असफला क विभिभनन कारण

14 जोदारो का उदय

15 जमीदारो की ओर स परविरोध

- फ़जv विबकरी क अग( ममिसतरयो क नाम पर सपभितत को सरभिकष करना

16 पाbची रिरपोट(

- ईसट इविडया कपनी क चीन और भार म वयापार क एकामिधकार को रदद करना

- कपनी का कशासन और अवयसथिसथ परशासन

- परर समिमवि

2 कदाल और हल

21 राजमहल की पहाविड़यो म

- बकानन क अनभ

- पहाड़ी लोगो का विनास वयसाय

- सथायी कविष का विसार

- पहाविड़या मखिखयाओ को ारकिषक भतता दकर कषतर म शावि सथाविप करना

- सथाल लोगो का आगमन

22 सथाल आगआ बासिशद

- पहाविड़या लोग जहाb उपदरी थ सथाल आदश( बासिशद

- सथालो क गाbो की जिदध

23 बकानन का विरण

- ईसट इविडया कपनी क लिलए बकानन दवारा पराकविक साधनो की खोज

- नो को कविष भमिम म बदलन क परयास

3 दहा म विदरोह

- बमबई दककन

- विकसानो दवारा साहकारी क बही-खा जलाना और अनाज़ लटना

- अहमदनगर म विदरोह

- अगरजो क सामन 1857 क विदरोह का दशय उपसथिसथ होना

- विगरफारिरयो का दौर

32 एक नई राजस परणाली

- 1810 क बाद खी की कीम बढ़ना

- औपविनलिशक सरकार दवारा भ-राजस म उपाय सोचना

- जमीदारो दवारा जमीनपटट पर दना और विकराए विक आमदनी पर विनभ(र होना

- बबई दककन म रयाड़ी का लाग होना

33 राजस की माbग और विकसान का कज(

- बबई म कठोराप(क राजस सल करना

- 1832 क बाद कविष उतपादो की कीमो म जी स विगराट आना

- अकाल की चपट म कविष पशधन और मनषय का आना

- 1840 क बाद कविष और आरथिथक सथिसथवि म सधार

34 विफर कपास म जी आई

- अमरिरका स कचचा माल (कपास) लन पर विबरठिटश का सिचवि होना

- 1857 म विबरटन म कपास आपरकि सघ की सथापना

- 1859 म मनचसटर काटन कपनी की सथापना

- भार म कपास की खी आरमभ करना

- 1861 म अमरिरका म गहयदध

- बमबई म कपास की खी को परोतसाहन दना

- दककन म गाbो क विकसानो को असीमिम ऋण उपलबध कराना

35 ऋण का सरो सख गया

- अमरिरका क गहयदध क बाद हाb कपास का उतपादन आरमभ हआ

- भारीय कपास क विनया( म विगराट

- विकसानो स ऋण ापस माbगना और राजस की माग को बढ़ाना

36 अनयाय का अनभ

- ऋणदाा का सदनहीन होना

- बयाज का मलधन स अमिधक होना

- 1859 म अगरजो दवारा परिरसीमन कानन बनाना

- दसाज और बधपतर अतयाचार परणाली स परीक होना

4 दककन दगा आयोग

बमबई सरकार दवारा 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट म दककन दगा आयोग का रिरपोट(

पश करना

2 अक क पर शन पर1 सथायी बदोबस कया था 2

उततर- भमिमकर या लगान इकटठा करन की परथा जो 1793 म अगरजी गन(र जनरल लाड( कान(ालिलस (1786-1793) न चलाई उस सथायी बदोबस कह ह इस वयसथा क अग( भमिम जमीदारो को सथायी रप स द दी गई इस भमिम कर वयसथा को सथायी बदोबस का नाम ठिदया गया

पर2 रयबारी बनदोबस कया था 2

उततर- अगरजी कमपनी न भार म लगान सल करन क अनक ढग चलाय उनम रयबारी भी एक था इसम सरकार का सबध जमीदारो स न होकर रय या विकसानो स सीधा होा था इसलिलए जमीदारो को बीच म कछ नही दना पड़ा था इस परथा को मदरास और बमबई म लाग विकया गया इस वयसथा म लगान की दर काफी ऊb ची थी जिजसक परिरणामसरप विकसान कज( लन क लिलए मजबर हो जा थ

पर3 भाड़ा पतर कया था 2

उततर- भाड़ा पतर एक ऐसा दसाज था जिजसम रय यह लिलखकर द थ विक साहकारो स जमीन और पश खी करन क लिलए भाड़ पर ल रह ह ास म यह जमीन और पश रय क ही हो थ जो ऋण न चका पान क कारण ऋणदाा न हलिथया लिलए थ

पर4 सथाल कौन थ उनक जीन की दा विशषाएb कया थी 2

उततर- सथाल लोग राजमहल पहाविड़यो की लहटी या विनचल भागो म रह थ हल स जाई करक खी कर थ उनह मदानो क जमीदार लोग खी क लिलए नई भमिम यार करन और खी का विसार करन क लिलए भाड़ पर लगा ल थ

पर5 दककन दगा आयोग स आप कया समझ ह 2

उततर- 1875 क बाद जो दककन म विकसानो दवारा दग विकए गए उनकी छानबीन करन क लिलए भार सरकार क दबा डालन पर बमबई की सरकार न जो जाbच आयोग बठाया उस दककन दगा आयोग कहा जाा ह इसकी रिरपzट 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट क सामन पश की गई

पर6 जोदार कौन थ 2

उततर- धनी विकसानो क समह को जोदार कहा जाा था जो 18 ी शाबदी क अ म जमीदारो की बड़ी मसीबो का लाभ उठाकर अपनी शलिकत बढ़ान म लग हए थ

4 अक क पर शन

पर7 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ 4

उततर- इसक अनक कारण थ-

1 आरमभ म राजस की दर और माग बह ऊb ची रखी गई थी कयोविक सरकाशकराचाच( सोची थी विक बाद म राजस की मागो को बढ़ाया नही जा सकगा

2 शर-षर म जमीदारो को अपनी-अपनी भमिमयो क सधार म अपन पास स बह धन वयय करना पड़ा जिजसक परिरणामसरप लगान का भगान करन क लिलए उनक पास धन की कमी हो गई

3 जमीदार लोग नए काननो को समझन म असमथ( रह इसलिलए राजस दन म कोाही करन लग जिजसक कारण राजस की राविष बढी चली गई

4 1790 क दषक म कविष उपज की कीम परायः काफी कम थी इसलिलए विकसान जमीदारो को अपना कर चकान म असफल रह ऐस म जब विकसानो स धन पराप नही हआ ो आग अगरजी राजस अमिधकारिरयो को धन कस चका सक थ

5 राजस की राविष ो एक समान रही थी परन कई बार सखा अकाल पड़न या अमिधक षा( क कारण फसल बबा(द हो जाी थी परन राजस स का सा ही बना रहा था जिजस परविकल परिरसथिसथवियो म चकाना काफी कठिठन हो जाा था

6 जमीदारो स सभी परषासविनक अमिधकार छीन लिलए गए थ और अपनी सनय टकविड़याb भी नही रख सक थ इस परकार विकसानो पर उनका विनयतरण काफी ढीला पड़ गया था ऐस म विकसानो स पसा कस सल विकया जा सका था

7 जमीदारो को कमजोर होा दखकर अनक गाb क मखिखया-जोदार या पविड बड़ परसनन हो थ कयोविक अब उनक विरदध शलिकत का परयोग नही कर सक थ ऐस म जमीदारो या उनक परविविनमिधयो जिजनह lsquolsquoअमलाrsquorsquo कह थ विकसानो स भमिमकर एकवितर करना काफी कठिठन हो जाा था

पर8 सथालो न विबरठिटश शासन क विरदध विदरोह कयो विकया 4

उततर- सथालो क विबठिटश शासन क विरदध विदरोह क विनमन कारण थ -

1 सथालो न जिजस जगली भमिम को बड़ी कठिठनाई स साफ करक खी योगय बनाया था अब उस पर अगरजी सरकार भारी कर लगा रही थी

2 उधर साहकार लोग भी विबरठिटश सरकार क अमिधकारिरयो स मिमलकर ऊb ची दर स सथालो को कज( दन लग थ और कज( न मिमलन पर उनकी भमिमयो को हलिथयान लग थ साहकार की इस कचषठा क पीछ विबरठिटष सरकार का हाथ था ऐसा सथाल लोगो न महसस विकया इसलिलए साहकारो को नही विबरठिटश सरकार को दोषी मानन लग थ

3 उधर जब जमीदारो न सथालो क विनसथिषच इलाक जिजस दामिमन-इ-कोह कहा जाा था पर अपन अमिधकार का दाा विकया ो सथाल लोग विबरठिटष नीवियो स और भयभी हो गए कयोविक उनक विचार म इस कचषठा क पीछ भी विबरठिटश सरकार का हाथ था

4 विबरठिटश सरकार जस-जस सदढ़ होी गई उसन पहाड़ी कषतरो को भी अपन दढ विनयतरण म लन का परयतन विकया ऐसा विबरठिटश सामारजय की सरकषा और आरथिथक सथिसथवि क लिलए आशयक माना गया ऐस म जब सथालो क इलाक पर विबरठिटश सरकार न अपना विनयतरण करन की सोची ो सथाल भड़क उठ और उनहोन 1855-56 म विबरठिटष सरकार क विरदध विदरोह कर ठिदया

पर9 पहाविड़या लोगो क बार म आप कया जान ह 4

उततर- 1 पहाविड़या लोग राजमहल पहाविड़यो क असली विनासी थ इस जगह को अपनी विनजी सपभितत समझ थ

2 पहाविड़या लोग झम खी कर थ जगल क छोट स विहसस म झाविड़या आठिद को काट कर और घास-फस को जलाकर जमीन साफ कर ल थ और राख की पोटाष स उपजाऊ बनी भमिम पर अपनी फसल उगा थ विफर कछ समय उस जमीन को खाली छोड़ द थ ाविक मिमटटी की उ(रा बनी रह

3 कदाल पहाविड़या लोगो क जीन का परीक बन गया था

4 इनका जीन परी रह जगल की उपज पर विनभ(र था जगलो स खान क लिलए फल था महआ क फल इकटठा कर थ और बचन क लिलए लकविड़या इकटठी कर थ

08 अक क परशन

पर10 विकसानो का इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क बार म कया समसयाऐ आी ह

उततर- विकसानो सबधी इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क दौरान आन ाली समसयाएb-

1 विकसानो स सबमिध इविहास लिलखन म कई सतरो ह जिजनम सरकार दवारा रख गए राजस अभिभलख सरकार दवारा विनयकत सshyकषणका(ओ क दवारा दी गई रिरपोटz पवितरकाए जिजनह हम सरकार की पकषधर कह सक ह सरकार दवारा विनयकत जाच आयोग की रिरपोट( अथा सरकार क विहमायी पा(गह या सोच रखन ाल अगरज यावितरयो क विरण और रिरपोट( आठिद शामिमल ह

2 ऐस ऐविहालिसक सतरोो पर दमिषटपा कर समय हम यह याद रखना होगा विक य सरकारी सतरो ह और घटनाओ क बार म सरकारी सरोकार और अथ( परविपरिबविब कर ह उदाहरणाथ( - दककन दगा आयोग स विषष रप स यह जाbच करन क लिलए कहा गया था विक कया सरकारी राजस का सर विदरोह का कारण था सपण( साकषय परस करन क बाद आयोग न यह सलिच विकया था विक माग विकसानो क गसस की जह नही थी

3 रिरपोट( का मखय सार ए दोष - इसम सारा दोष ऋणदााओ या साहकारो का ही था इसस यह बा सपषट होी ह विक औपविनविषक सरकार यह मानन को कभी भी यार नही थी विक जना म असोष या रोष कभी सरकारी काय(ाही क कारण भी उतपनन हआ था

4 सरकारी रिरपोट( इविहास क पनविनमा(ण क लिलए बहमलय सतरो लिसदध होी ह लविकन उनह हमषा साधानीप(क पढ़ा जाना चाविहए और समाचार पतरो गर-सरकारी ाो मिधक अभिभलखो और यथासभ मौखिखक सतरोो स सकलिल साकषय क साथ उनका मिमलान करक उनकी विशवसनीया की जाbच की जानी चाविहए

5 औपविनलिशक सरकार जना म वयाप असोष था रोष क लिलए सय को उततरदायी मानन क लिलए यार नही थी

पर11 ईसट इविडया कपनी न जमीदारो पर अपना विनयतरण बढ़ान क लिलए कया-कया कदम उठाए 4

उततर- 1 जमीदारो की सनय टकविड़यो को भग कर ठिदया गया

2 सीमा शलक समाप कर ठिदया गया

3 उनकी कचहरिरयो को कमपनी दवारा विनयकत कलकटर की दखरख म रख ठिदया गया

4 जमीदारो स सथानीय नयाय और सथानीय पलिलस की वयसथा करन की शलिकत छीन ली गई

5 समय क साथ-साथ कलकटर का काया(लय सतता क एक विकलपी कनदर क रप म उभर आया और जमीदार क अमिधकार को परी रह सीमिम ए परविबमिध कर ठिदया गया

अनचछद आधारिर परशन-

पाची रिरपोट( स उदध-

जमीदारो की हाल और जमीनो की नीलामी क बार म पाची रिरपोट( म कहा गया ह -

राजस समय पर नही सल विकया जाा था और काफी हद क जमीन समय-समय पर नीलामी पर बचन क लिलए रखी जाी थी सथानीय ष( 1203 दनसार सन 1796-97 म विबकरी क लिलए विजञाविप जमीन की विनधा(रिर रालिश (जममा) 2870061 लिसकका र थी और र ास म 1790416 र म बची गई और 1418756 रपय रालिश जममा क रप म पराप हई सथानीय स 1204 दानसार सन 1797 - 98 म 26661991 लिसकका रपय क लिलए जमीन विजञाविप की गई 2274076 लिसकका रपय की जमीन बची गई और करय राविष 2147580 लिसकका रपय थी बाकीदारो म कछ लोग दष क बह परान परिरारो म स थ य थ नाठिदया राजशाही विषनपर (सभी बगाल क) आठिद क राजा साल दर साल उनकी जागीरो क टट जान स उनकी हाल विगड़ गई उनह गरीबी और बबा(दी का सामना करना पड़ा और कछ मामलो म ो सा(जविनक विनधा(रण की रालिश को यथा बनाए रखन क लिलए राजस अमिधकारिरयो को भी काफी कठिठनाइया उठानी पड़ी

पर 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ 3

पर2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ 2

पर3 पा bची रिरपोट( कया थी 2

उततर 1

(क) राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमशा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततर 2

कछ बाकीदार परान परिरार स थः नठिदया राजशाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततर 3

पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परशासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परशासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

अधयाय - 11

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान1 विदरोह का ढरा(

- विदरोह की खबर एक शहर स दसर शहर पहbचना

- हर छानी म विदरोह का घटनाकरम

11 सनय विदरोह कस शर हए

- विदरोह क विभिभनन सक

- कही ोप का गोला दागना ो कही विबगल बजाना

- शासतरागार पर कबजा और सरकारी खजान को लट लाना

- सम सर विफरविगयो क खिखलाफ अपील जारी करना

- विदरोह म आम लोगो को शामिमल होना

12 सचार क माधयम

- अचछा सचार का सथाविप होना

- योजना समतविन और असरदार होना

- सामविहक विनण(य

13 ना 5 नाओ का उभरकर आना

14 अफाह और भविषयाभिणयाb

- विबरठिटश शासन क खिखलाफ अफाह फलाना

- लाड( हारडिडग क विरदध षड़यतर रचना

15 लोग अफाहो म विशवास कयो कर रह थ

- लोगो क जहन म डर सदह मल कारण

- सी परथा और विहनद विधा विाह

- अगरजी परणाली का हदयहीन परायी और दमनकारी होना

2 अध म विदरोह

21 एक विगलास चरीफल

- 1801 म अध स सहायक समिध की योजना

- 1851 म लाड( डलहौजी का बयान

- 1851 म अध का अमिधगरहण होना

22 दह स जान जा चकी थी

- ाजिजद अली शाह को कलकतता विनषकालिस करना

- अध स नाब क विनषकासन स जना को बहद दख और अपमान का सामना

23 विफरगी राज का आना और एक दविनया का खातमा

- अध क अमिधगरहण स कल नाब की गददी न छीनी जाना उसक ाललकदार को भी लाचार करना

- 1857 म एकमश बदोबस का लाग होना

- एक परी सामाजिजक वयसथा का भग होना

- परानी दविनया का खातमा

3 विदरोही कया चाह थ

31 एका की कलपना

- विदरोही विदरोविहयो दवारा सामाजिजक एका सथाविप करना

- विहनदसानी फौजिजयो को उनका हक ठिदलाना

- परिहद धम( और इसलाम की रकषा करना इसाई धम( को फलान स रोकना

32 उतपीड़न क परीको क खिखलाफ

- विफरगी राज क उतपीविड़न को रोकना

- विबरठिटश भराजस वयसथा को नकारना

- वयापक सा(जविनक भलाई को करना

33 कसथिलपक सतता की लाश

- विबरठिटश शासन क धस होन क बाद ठिदलली लखनऊ कानपर म कसथिलपक सतता की लाश

- परानी दरबारी ससकवि का सहारा लना

- मगल वयसथा स मिमली-जली वयसथा अपनाना

4 दमन

- अगरजी दवारा विदरोह कचलना आसान न होना

- माश(ल ला काम न आना

- अनक टकविड़यो दवारा हरक इलाका छाना जाना

- जमीदारो को फसलान का परयतन करना

- विकसानो का बरा हाल बनाना

5 विदरोह की छावियाb

- विदरोविहयो की घोषनाएb सचनाएb और पतर

- कल अगरजी दसाज ही आधार नही

- जना की भानाओ को भड़काना और परविशोधण क लिलए पररिर करना

51 रकषको का अभिभनदन

- अगरजी पदामिधकारिरयो का अभिभनदन

- विदरोह को कचलन ाल अमिधकारिरयो को महामविड करना

52 अगरज और और विबरटन की परविषठा

- अगरज औरो और बचचो को मन म भय पदा करना

- अगरजिजय और ईसाईय की रकषा

53 परविशोध और परदश(न

- अगरजी दवारा परविशोधातमक और सबक सीखन की योजना यार करना

54 दहश का परदश(न

- विदरोविहयो को मौ क घाट उार जाना

55 दया क लिलए कोई जगह नही

- अगरजो क हदय म दया की गजारिरश न होना

- खौफनाक दशय का उपसथिसथ होना

56 राषटरादी दशय कलपना

- विदरोविहयो म राषटरादी भाना का कट कट कर भरना

- विदरोही नाओ को राषटर नायको क रप म परस करना

- साविहतय और लिचतर म राषटरनायको की ीरगाथा का गणगान करना

अविलघ परशन ( 02 अक ) परशन 01 सहायक समिध को विकस गन(र जनरल दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल चार परमख शलिकतयो क नाम लिलखिखए

उततर सहायक समिध को गन(र जनरल लाड( लसली दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल परमख शलिकतयाb थी - हदराबाद अध मसर इतयाठिद

परशन 02 कानपर म विकस अगरज मविहला न भारीय लिसपाविहयो स ीराप(क अपनी रकषा की

उततर मिमस वहीलर

परशन 03 अध का अविम नाब कौन था उस पशन दकर कहाb भजा गया

उततर ाजिजद अली शाह अध का अविम नाब था उस पशन दकर कलकतता भज ठिदया गया

परशन 04 सामानय सा भv अमिधविनयम विकस गन(र जनरल क शासनकाल म था कब पारिर विकया गया

उततर सामानय सा भv अमिधविनयम 1856 म लाड( कपरिनग क शासनकाल म लाग विकया गया

लघ परशन ( 04 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क राजनविक ए परशासविनक कारणो का ण(न कर

उततर (क) विबरठिटश शासको की सामराजयादी नीवि

(ख) राजय अपहरण की नीवि

(ग) पशनो था उपामिधयो की समातविप

(घ) मगल समराट क परवि असममानजनक बा(

(ड) अध का विलय

(च) सहायक समिध का दरपयोग

परशन 02 1857 विदरोह की असफला क कया कारण थ

उततर (क) विदरोह का विनभिw विलिथ स प( विसफोट

(ख) अगरजो को दशी शासको का सहयोग पराप होना

(ग) उचच ग( का सहयोग न मिमलना

(घ) विदरोविहयो क सीमिम साधन

(ड) सामानय आदश( का अभा

(च) परविभाान विबरठिटश सनापवि

(छ) सचार-साधनो पर अगरजो का विनयतरण

परशन 03 1857 विदरोह क सरप का ण(न कर

उततर (क) सविनक विदरोह मातर-

(अ) 1857 क विदरोह की परमख आधारभमिम सविनको दवारा यार की गयी थी

(ब) विदरोह का सा(मिधक महतपण( था ातकालिलक कारण चबvाल कारसो का मामला था

(स) विदरोह का परसार सपण( दश म नही हआ यह उनही नगरो ए कषतरो क सीमिम रहा जहाb सविनक चौविकयाb और छाविनयाb थी

(द) विदरोह का दमन करन म विबरठिटश सरकार को अमिधक कठिठनाईयो का सामना नही करना पड़ा कयोविक इस सामानयजनो का सहयोग ए समथ(न पराप नही था

(ख) परथम सतरा सगराम-

(अ) लाखो कारीगरो विकसानो और लिसपाविहयो न कनध स कनधा मिमलाकर विबरठिटश सतता क खिखलाफ सघष( विकया घमककड़ सनयालिसयो फकीरो ए मदारिरयो दवारा गा-गा म इसका परचार-परसार विकया

(ब) आदोलन म विहनद-मसलमानो न एकजट होकर भाग लिलया सभी विदरोविहयो म एक म स बहादरशाह को अपना समराट सीकार विकया

(स) विदरोह क लगभग सभी कनदरो म जनसाधारण न विबरठिटश शासन क विरदध सविकरय भाग लिलया

(द) विदरोह का कषतर काफी वयापक था अनक दशी रिरयासो ए राजयो म शासक ग( क विबरठिटश सतता क सहयोग ए समथ(क बन रहन पर भी सना ए जना दवारा विदरोह म सविकरय भाग लिलया था

विस परशन ( 08 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क सामाजिजक आरथिथक धारमिमक ए सविनक कारणो का ण(न करो

उततर (क) आरथिथक कारण

(अ) समपदा का विनषकासन

(ब) भारीय उदयोग-धनधो था वयापार-ाभिणजय का विनाश

(स) भ-राजस की दर

(द) इनाम म पराप जागीरो को छीनना

(य) जनसामानय म बकारी और दरिरदरा

(ख) सामाजिजक कारण

(अ) भारीयो क साथ दवरयहार

(ब) भारीयो क सामाजिजक जीन म हसकषप

(स) पाwातय लिशकषा का परसार

(द) ईसाई धम( का परचार

(ग) सविनक कारण

(अ) भारीय सविनको म असोष

(ब) भारीय सविनको की अपकषाक अमिधक सखया

(स) सना का दोषपण( विरण

(द) सामानय सा भv अमिधविनयम

(य) चबvाल कारस

अनचछद पर आधारिर परशनविनमनलिलखिख अनचछद को पठिढ़ए और उततर दीजिजए-

विदरोही कया चाह थ इस विषय म हम 25 अगस 1857 ई 0 की आजमगढ़ घोषणा स महतपण( जानकारी मिमली ह

भाग- सरकारी कम(चारिरयो क विषय म-

lsquolsquoअब यह कोई रहसय की बा नही ह विक विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv हो ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी परशासविनक और सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सभी पद कल अगरजो को ही ठिदय जा ह इसलिलए विबरठिटश सा म काम करन ाल सभी भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए उनह 200-300 रपय मालिसक न मिमलगा और भविषय म ऊच पद मिमलगlsquolsquo

भाग- कारीगरो क विषय म-

इसम कोई सदह नही विक इगलड म विनरमिम सओ को ला-लाकर यरोपीयो न हमार बनकरो सी सतर बनान ालो बढ़ईयो लोहारो और मोलिचयो आठिद को बरोजगार कर ठिदया ह उनक काम-धनधो पर इस परकार अमिधकार जमा लिलया ह विक दशी कारीगरो की हर शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई ह बादशाही सरकार म दशी कारीगरो को राजाओ और अमीरो की सा म विनयकत विकया जाएगा विनःसदह इसस उनकी उननवि होगी इसलिलए इन कारीगरो को अगरजो की सा छोड़ दनी चाविहएlsquolsquo

परशन-01 भार म विबरठिटश माल की पहbच न कारीगरो को विकस परकार परभावि विकया

उततर भार म विबरठिटश म विनरमिम सओ की पहbच क कारण भारीय बनकर सी सतर बनान ाल बढ़ई लोहार मोची आठिद सभी दसकार ए लिशलपकार बरोजगार हो गए विबरटन क मशीन विनरमिम सस माल न भारीय बाजारो पर अमिधकार कर लिलया परिरणामसरप दशी कारीगरो की परतयक शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई

परशन-2 बादशाही सरकार की अधीना म कारीगरो की दशा विकस परकार उनन होगी

उततर बादशाही सरकार म दशी कारीगरो ए लिशलपकारो को अमीरो की सा म विनयकत विकया जायगी इसस उनकी उननवि होगी

परशन-3 सरकारी सा म विनयकत लोग विबरठिटश सरकार स कयो असनषट थ

उततर विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv होन ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी थी परशासविनक ए सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सार पद कल अगरजो को ही ठिदय जा थ इसलिलए सरकारी सा म विनयकत भारीय विबरठिटश सरकार स असनषट थ

परशन-4 विदरोही घोषणा म बार-बार विकस बा क लिलए अपील की गई

उततर विदरोही घोषणा म बार-बार इस बा क लिलए अपील की गई विक भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए

पाठ - 12

औपविनलिशक शहर

नगरीकरण नगर-योजना सथापतयमहतपण( विबनद

सरोः- 1 ईसट इविडया कपनी क रिरकाड(

2 जनगणना रिरपोट(

3 नगरपालिलकाओ क रिरपzट(

1900 - 1940 क नगरीय जनसखया 10 परविष स बढ़कर 13 परविष हो गई

18 ी शाबदी क अ क मदरास बमबई था कलकतता महतपण( बदरगाह नगर क रप म विकलिस हो चक थ

यााया क नए साधनो जस टराम बस घोड़ गाविड़या इतयाठिद न लोगो को अपन घरो स दर काम करन क सथान पर जाना सभ बना ठिदया

कई भारीय शासको न यरोपीय भन विनमा(ण शली को आधविनका था समया का परीक माना था इस शली क भन बनाकर अपनी शलिकत का परदष(न करन का परयास विकया

सथानीय लोगो की बसतिसयो को rdquo बलक टाऊनrdquo कहा जाा था अगरजो की बसतिसयो को बलक टाऊन स अलग रखन क लिलए बीच म दीार बनाई गई थी

पठ एक मिमल शबद ह जिजसका मलब होा ह बसी जबविक परम शबद गाb क लिलए इसमाल विकया जाा ह

परशन 1 औपविनलिशक सदभ( म शहरीकरण क रझानो को समझन क लिलए जनगणना सबधी आकड़ विकस हद क उपयोगी हो ह (2)

उततर औपविनविषक सदभ( म शहरीकरण क रझान को समझन क लिलए जनगणना सबधी आbकड़ बह उपयोगी हो ह

(अ) इसस शव और अष लोगो की कल जनसखया या आबादी को जानन म सहयोग मिमला ह

(ब) शव और अष टाऊन क विनमा(ण विसार और उनक जीन सबधी सर भयकर बीमारिरयो क जनसखया पर पड़ दषपरभा आठिद को जानन म भी जनगणना सबधी आbकड रन जानकारी दन ाल पठिटटयो का काय( कर ह

(स) जनगणना सबधी आbकड़ विभिभनन समदायो काय जावियो की जानकारी द ह

परशन 2 विबरठिटश शासन क दौरान लिसविल लाइनस कया थ (2)

उततर 1857 क विदरोह क बाद भार म अगरजो का रया विदरोह की लगाार आशका स य होन लगा था उनको लगा था विक शहरो की और अचछी रह विहफाज करना जररी ह और अगरजो को दविषयो क ख़र स दर जयादा सरभिकष पथक बसतिसयो म रहना चाविहए परान कसबो क इद(-विगद( चरागाहो और खो को साफ कर ठिदया गया लिसविल लाइनस क नाम स नए शहरी इलाक विकलिस विकए गए लिसविल लाइनस म कल गोरो को बसाया गया

परशन 3 औपविनलिशक शहरो म रिरकाड( सभालकर कयो रख जा थ (2)

उततर 1 जनसखया म हए बदलाो की जानकारी क लिलए

2 औपविनलिशक शहरो क विकास विक पनर(चना क लिलए

परशन 4 ीनो औपविनलिशक शहरो यथा मदरास बमबई और कलकतता का एक सामानय विषषा लिलख (2)

उततर मदरास बमबई और कलकतता ीनो शहरो की बसतिसयो म अगरजी ईसट इविडया कमपनी क वयापारिरक था परशासविनक काया(लय सथाविप विकय गए थ ीनो शहरो क पास बदरगाह विकलिस हए

परशन 5 कोई ीन प(ीय सथल क नाम लिलख जिजनकी सथपना अगरजो न भार म की थी

उततर लिशमला दारजिजलिलग माऊटआब

परषन 6 परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो म खद को विकस रह सथाविप विकया (4)

उततर परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो अथा( मदरास (चननई) बमबई (मबई) और कलकतता (कोलकाा) म कमपनी क एजनट क रप म रहना शर विकया

य सभी बसतिसयाb वयापारिरक और परषासविनक काया(लयो ाली थी इसलिलए भारीय वयापारिरयो को यह शहर सविधाजनक लग यह ीनो शहर बदरगाह थ और इनम सड़क यााया जहाजरानी क साथ-साथ कालार म रलो की सविधा पराप हो गई भारीय गरामीण वयापारी और फरी ाल शहरो म माल गाb स खरीदकर भी ला थ अनक भारीय वयापारी जब परान और मधयकालीन शहर उजड़ गए ो उनह छोड़कर इन बड़ शहरो म आ गए उनहोन वयापारिरक गविविमिधयाb करन क साथ-साथ उदयोग-धध भी गाए अपनी अविरिरकत पbजी इन शहरो म विनष की

वयापारिरक गविविमिधयो क बार म रख गए सरकारी रिरकाडz और विस बयौरो स कई परकार की जानकारी पराप कर थ शहरो की समसयाओ क समाधान क लिलए नगरपालिलकाओ स सहयोग लिलया गया अनक वयापारी इन बड़ शहरो क उपनगरीय

कषतरो म भी रहन लग उनहोन घोड़ागाड़ी और नए यााया क साधनो को भी परयोग विकया भारीय वयापारी कमपनी क वयापार म महततपण( भमिमका विनभा थ ममबई क रहन ाल वयापारी चीन को जान ाली अफीम क वयापार म विहससदार थ

उनहोन ममबई की अथ(वयसथा को माला राजसथान और सिसध जस अफीम उतपादक इलाको स जोड़न म सहाया दी कमपनी क साथ गठजोड़ एक मनाफ का सौदा था जिजसस कालार म एक पbजीपवि ग( का विकास हआ भारीय वयापारिरयो म सभी समदाय-पारसी माराड़ी कोकणी मसलमान गजराी बविनए बोहरा यहदी आठिद शामिमल थ

परशन 7 औपविनलिशक कलकतता म नगर विनयोजन पर सासथय और सरकषा की जररो क परभा का मलयाकन कीजिजए (4)

उततर भार म उपविनशााद का सीधा परभा नगर विनयोजन पर दमिषटगोचर होा था कमपनी ए अगरजी सरकार न भार क परमख बदरगाह ाल शहरो को विनयोजिज ढग स बसान का विचार विकया इन शहरो म एक शहर था-कलकतता जो बगाल सब का एक महतपण( शहर अगरजी सतता की राजधानी ए ाभिणजय का कनदर था कलकतता शहर क विनयोजन का परथम चरण लाड( लजली क काय(काल म परारभ हआ

(अ) सासथय क दमिषटकोण स बह सार बाजारो घाटो कविबरसानो और चम(षोधन इकाइयो को साफ विकया गया इनम स कछ को हटा ठिदया गया शहर का एक नीन नकषा यार विकया गया इसम सड़क क विकनार ए अनय अध कबजो को हटान की लिसफारिरष की गई 1817 म हजा था 1896 म पलग महामारी न कलकतता को अपनी चपट म ल लिलया

लिचविकतसक इसकी ठोस जह नही बा पाए परिक lsquoजनसासथयrsquo की अधारणा को बल मिमला सरकार ए जागरक नागरिरक (दवारकानाथ टगोर ए रसम जी कोासजी) यह मानन लग विक शहर को सासथयध(क बनाना आषयक ह अ 5 घनी आबादी ाली बसी था झोपविड़यो को हटाया गया सासथय क आधार पर वहाइट ए बलक टाउन जस नसली विभाजन हए

(ब) सरकषा कलकतता शहर क विनयोजन का भार सरकार न अपन ऊपर इसलिलए लिलया कयोविक यह शहर सरकषा क दमिषटकोण स सदनशील था

1756 म नाब लिसराजददौला न कलकतता पर हमला विकया था था कमपनी को करारी लिशकस दी थी

कमपनी न 1757 म जब लिसराजददौला कोपराजिज विकया उसक बाद उसन कलकतता शहर की विकलाबदी शर की ाविक आसानी स कलकतता पर हमला न विकया जा सक ीन गाb सानाी कोलकाा और गोविनदपर को मिमला कर कलकतता शहर बसाया गया फोट( विलिलयम क आसपास खली जगह छोड़ी गई ाविक हमलारो पर आसानी स गोलीबारी की जा सक

इस परकार यह सपषट रप स दखा जा सका ह विक कलकतता शहर क विनयोजन म सरकषा ए सासथय का वयापक परभा था

परशन 8 भार म औपविनलिशक शासन काल म नगरा की कया सथिसथवि थी (4)

उततर

1 गरामीण इलाको क गरीब रोजगार क लिलए शहरो की रफ भाग रह थ कई लोग आकष(क शहरी जीन क कारण भी नगरो की ओर खिखच चल आ रह थ

2 औपविनलिशक शासको न विनयमिम रप स सshyकषण कराए सा bसथिखयकीय आ bकड़ इकटठ विकए और समय-समय पर शहरो स सबमिध सरकारी रिरपोट( परकालिश की

3 मदरास बबई और कलकतता क नकश परान भारीय शहरो स काफी हद क अलग थ भनो का सथापतय कला बदल गया था

4 जिजन विहल सटशनो म चाय और काफी क बागान लगाए गए थ हा b बड़ी सखया म मजदर आन लग

5 शहरो म औरो क लिलए अनक असर थ कछ सधारको न मविहलाओ की लिशकषा का समथ(न विकया लविकन रठिढ़ाठिदयो न इसका विरोध विकया जस-जस समय बीा सा(जविनक सथानो पर मविहलाओ की उपसथिसथवि बढ़न लगी नौकरानी और फकटटरी मजदर लिशभिकषका और विफलम कलाकार क रप म शहरो क नए वयसायो म दाखिखल होन लगी

परशन 9 भार म छाविनयो क विकास का ण(न कर (08)

उततर अगरजी सामराजय की सरकषा क लिलए अगरजी सरकार न महतपण( सथानो पर छाविनयो की सथापना की उनहोन कई मल राजयो की सीमाओ पर राजय की उथल-पथल को विनयवितर करन था शासको की गविविमिधयो पर विनगरानी रखन क लिलए छाविनया b बनाई सन 1765 ईसी म लाड( रोबट( कलाई न अपनी सना रखन क लिलए छाविनयाb बनान की नीवि का विनमा(ण विकया इन छाविनयो म विबरठिटश सना को रखकर उनह सविनक परलिशकषण ठिदया जाा था और उनम सविनक जीन वयी करन और अनशासन म रहन की लिशकषा दी जाी थी उस समय भार म 62 छाविनया b थी भार म सबस महतपण( छाविनयाb लाहौर पशार विफरोज़पर आगरा बरली जालधर झा bसी नागपर मबई कलकतता मदरास ठिदलली आठिद थी भटिटडा म सथाविप की गई नई छानी दश की 62 छाविनयो म स सबस बड़ी छानी ह छाविनयो पर विनयतरण रखन ाला सबस बड़ा अमिधकारी डायरकटर जनरल होा ह यह छाविनयो का परशासन था छानी क बाहर था भीर की अचल सपभितत की दख-रख करा ह परतयक छानी का परशासन एक छानी बोड( चलाा ह छानी बोड( एक सायततशासी ससथा होी ह और इसक सभी कायz पर क दरीय रकषा मतरालय का विनयतरण होा ह छाविनयो पर क टोनमट एकट 1924 दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा चन हए परविविनमिधयो क अविरिरकत कछ सरकारी मनोनी सदसय भी हो ह नगर का सटशन कमाडर बोड( का परधान होा ह क दरीय सरकार पराथमिमक लिशकषा सड़को पर रोषनी का परबध था सड़को की मरमम का काय( करी ह

परशन 10 बमबई नगर म भन विकन-विकन भन विनमा(ण शलिलयो क अनसार बनाए गए (08)

उततर बमबई शहर म ठिदखन ाल विभिभनन औपविनलिशक भन विनमा(ण शली

( क ) नशासतरीय या विनयोकलालिसकल शली

बड़-बड़ सभो क पीछ रखागभिणीय सरचनाओ का विनमा(ण इस शली की विशषा थी यह शली मल रप स पराचीन रोम की भन विनमा(ण शली सविनकली थी जिजस यरोपीय पनजा(गरण क दौरान पनजvवि सशोमिध और लोकविपरय विकया गया

1 बमबई का टाउन हाल

2 एसतिलफसटन सक( ल या हारकिनमान सक( ल

( ख ) न-गालिथक शली

उची उठी हई छ नोकदार महराब और बारीक साज-सsup2ा इस शली की खालिसय होी ह गालिथक शली का जनम इमारो ख़ासौर स विगरजो स हआ था जो मधयकाल म उततरी यरोप म काफी बनाए गए

1 सलिचालय

2 बमबई विशवविदयालय

3 बमबई उचच नयायालय

4 विकटोरिरया टरमिमनस

( ग ) इडो-सारासविनक शली

एक नयी मिमभिशर सथापतय शली विकलिस हई जिजसम भारीय और यरोपीय दोनो रह की शलिलयो क त थ इडो शबद विहनद का सभिकषप रप था जबविक सारासविनक शबद का परयोग यरोप क लोग मसलमानो को सबोमिध करन क लिलए कर थ

परशन 11 अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिखएः-

गरामीण कषतरो की ओर पलायन

1857 म विबरठिटश सना दवारा शहर पर अमिधकार करन क बाद ठिदलली क लोगो न कया विकया इसका ण(न परलिसदध शायर मिमजा( ग़ालिलब इस पकरार कर ह दशमन को पराजिज करन और भगा दन क बाद विजाओ ( विबरठिटश ) न सभी ठिदशाओ स शहर को उजाड़ ठिदया जो सड़क पर मिमल उनह काट ठिदया गया दो स ीन ठिदनो क कशमीरी गट स चाbदनी चक क शहर की हर सड़क यदधभमिम बनी रही ीन दवार - अजमरी क( मान था ठिदलली अभी भी विदरोविहयो क कबज म थ इस परविशोधी आकरोश था घणा क नग नाच स लोगो क चहरो का रग उड़ गया और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन

ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

( क ) मिमजा( ग़ालिलब कौन था ( 1 )

उततर मिमजा( ग़ालिलब एक परलिसदध शायर था

( ख ) 1857 म ठिदलली म कया और कयो हो रहा था ( 2 )

उततर 1857 क विदरोह क दौरान ठिदलली पर विदरोविहयो का कबजा था पर शीघर ही उस विबरठिटश सना दवारा कबज म कर लिलया गया

( ग ) जब ठिदलली पर विबरठिटष सना क दवारा अमिधकार विकया जा रहा था ब कौन स ीन दवार विदरोविहयो क कबज म थ ( 2 )

उततर ीन दवार -अजमरी क( मान था ठिदलली विदरोविहयो क कबज म थ

( घ ) विबरठिटश सना दवारा ठिदलली पर अमिधकार क दौरान लोगो की कया सथिसथवि थी (2)

उततर लोगो क चहरो का रग उड़ गया था और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

पाठ - 13

महातमा गाधी और राषटरीय आदोलनसविनय अजञा और उसस आग- गाधीजी सतरा सगराम म भाग लन ाल सभी नाओ म सा(मिधक परभाशाली और सममाविन ह

- मोहनदास करमचद गाधी दभिकषण अफरीका म दो दशक रहन क बाद जनरी 1915 म भार ापस आए

- दभिकषण अफरीका म गाधीजी न पहली बार सतयागरह क रप म जानी गई अविहसातमक विरोध की अपनी विविषषठ कनीक का इसमाल विकया और विभिभनन धमz क बीच सौहादर बढ़ान का परयास विकया

- गोखल की सलाह स इस भमिम और इसक लोगो को जानन क लिलए गाधीजी न एक ष( की यातरा की

- उनकी पहली महतपण( सा(जविनक उपसथिसथवि फररी 1916 म बनारस विहनद विषविदयालय म क उदघाटन समारोह म हई

- अपनी भाषण की माधयम स उनहोन भारीय विविषषट ग( को आड हाथो लिलया और लाखो गरीब भारीयो का समथ(न विकया

- उनहोन सफला प(क 1917 म चमपारण सतयागरह और 1918 म खड़ा सतयागरह और अहमदाबाद कपड मिमल क मजदरो का समथ(न विकया

- 1919 दषभर म रोलट एकट क खिखलाफ अभिभयान रोलट सतयागरह स गाधीजी एक सचच राषटरीय ना बन

- 1920 जलिलयााला बाग हतयाकाड क बाद अगरजी शासन क खिखलाफ असहयोग आदोलन खिखलाफ आदालन का समथ(न अगरजो क साथ परी रह असहयोग सकल कालज और कचहरिरयो का बविहषकार

- चरी चोरा हतयाकाड और आदोलन ाविपस लना

- गा bधीजी एक लोकविपरय ना होन क कारण- आम लोगो की रह सतर पहन थ उनकी रह रह थ और उनकी रह ही भाषा बोल थ

- 1924 जल स रिरहा होन क बाद गाधीजी अपना घयान रचनातमक काय( जस चरखा को लोकविपरय बनाना विहनद - मसलमान एका छआछ को समाप करन म लगाया

- 1928 साईमन कमीशन गाधीजी का राजनीवि म पनः परष

- 1929 लाहोर म कागरस का अमिधशन पण( सराजय की माग

- 1930 दाडी माच( नमक कानन का उललघन

- दश क विशाल भाग म न कानन का उललघन फकटरी कामगरो का हड़ाल

-कीलो दवारा विबरठिटश अदालो का बविहषकार विदयारथिथयो दवारा सरकारी लिशकषा ससथानो का बविहषकार

- 1930 गोलमज सममलन कागरस न बविहषकार विकया

- 1931 गा bधी - इरकिन समझौा

- 1935 गन(मट आफ इविडया एकट

- 1937 पराो म चना 11 म स 8 पराो म कागरस की सरकार

- 1939 विदवीय विशव यदव कागरसी मवितरमडलो दवारा इसीफा

- 1940 मसलिलम लीग क दवारा परथक राषटर की माग

- 1942 विकरपस मिमशन की असफला भार छोडो आदोलन पर भार म जनआदोलन

- 1946 कविबनट मिमशन कागरस और मसथिसलम लीग को एक सघीय वयसथा पर राजी करन म असफला बगाल विबहार उततरपरदष और पजाब म सामपरदामियक दग

- 1946 लाड( माउटबटन का ायस राय बनना भार का विभाजन औपचारिरक सतता हसारण भार को सतरा की परातविप

- राजधानी म हो रह उतसो म गाधीजी की अनपसथिसथवि कलकतत म 24 घट क उपास

- बगाल म शावि सथापना क लिलए अभिभयान चलान क बाद गाधीजी का ठिदलली आगमन यहा b स दगागरस पजाब क जिजलो म जान क विबचार 30 जनरी 1948 नाथराम गोडस दवारा गाधीजी को गोली मारकर हतया कर दी गई

अवि लघ पर शन ( 02 अक ) परशन-1 दो परमख नाओ क नाम लिलखिखए जिजनहोन विभिभनन दशो क राषटर विनमा(ण म परमख भमिमका विनभाई

उततरः- (क)अमरिरका म जाज( ालिशगटन (ब) भार म महातमा गा bधी

परशन-2 लाल - बाल - पाल कौन थ

उततरः-(क) य आरभिभक उगर राषटरादी ना थ जिजनहोन अखिखल भारीय सर पर

राषटरादी आदोलन चलाया (ब) लाल - लाला लाजप राय बाल ndash बाल गगाधर विलक पाल विविपनन चनदर पाल

परशन-3 गा bधीजी दवारा भार म विकसानो और मजदरो क लिलए चलाए गए दो आदोलन क नाम लिलखिखए

उततर- (क) चमपारण सतयागरह - 1917 (नील विकसानो क लिलए) (ब) अहमदाबाद मिमल मजदर आदोलन (1918)

परशन-4 बनारस विहनद विशवविदयालय म गा bधीजी क भाषण का महत बाइए

उततरः- (क) गा bधीजी न मजदर गरीबो की ओर धयान न दन क कारण भारीय विलिशषट ग( को आड़ हाथो लिलया (ब) धनी और गरीबो क बीच की विषमा पर उनहोन लिचना परकट की उनक अनसार दश की मलिकत कल विकसानो क माधयम स ही हो सकी ह

परशन- 5 रौलट एकट कया ह

उततरः- (क) सतरा सगराम को कमजोर करन क लिलए रौलट दवारा यह कानन बनाया गया था

(ब) विकसी भी वयलिकत को विबना जा bच विकय काराास म डाला जा सका था

परशन- 6 चरखा को राषटरीय परीक क रप म कयो चना गया था

उततरः-(क) चरखा सालममिमबा और आतम सममान का परीक ह (ब) हजारो बरोजगार गरीबो को परक आमदनी परदान करन का साधन

परशन- 7 भारीय राषटरीय आदोलन म कागरस क लाहौर अमिधशन का कया महत था

उततरः-(क) कागरस न सराज क सथान पर पण( सराज को लकषय बनाया

(ब) 26 जनरी 1930 को सतरा ठिदस क रप म मनाना

परषनः-8 1931 क गा bधी-इरकिन समझौ का उललख कीजिजए

उततरः- अ) सविनय अजञा आदोलन को सथविग कर ठिदया गया

ब) इरकिन न सभी अपरिहसक कठिदयो को रिरहाई की बा मान ली

स) भारीयो को नमक बनान की छट

द) गा bधीजी दसर गोलमज सममलन म विहससा लन क लिलए राजी

परशन -9 विदवीय विशव यदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का दमिषटकोण कया था

उततरः- (क) गाधीजी और नहर दौनो ही विहटलर और नासथितसयो क कटटर आलोचक थ (ब) उनहोन फसला लिलया विक अगर अगरज यदध समाप होन क बाद भार को सतरा दन पर राजी हो ो कागरस उनक यदध परयासो म सहाया द सकी ह

लघ पर शन ( 04) अक परशन- 10 विकन कारणो स गाधीजी न असयोग आदोलन को चलाया यह आदोलन कयो सथविग करना पड़ा

उततरः- 1 रौलट कानन क विरोध म

2 जलिलया b ाला बाग हतयाकाड क अनयाय का परविकार करना

3 खिखलाफ आदोलन को समथ(न करन क लिलए

4 सराजय परातविप क लिलए

चौरी - चौरा म हई परिहसा को दख हए गाधीजी न असहयोग आदोलन को सथविग कर ठिदया कारण ह अविहसा क पजारी थ

परशन-11 दाड़ी माच( क महत को समझाइए

उततरः-1 विबरठिटश भार क सा(मिधक घभिण काननो म स एक जिजसन नमक क उतपादन और विकरय पर राजय को एकामिधकार द ठिदया था का उललघन विकया गया था

2 पहली बार राषटरीय आदोलन म ममिसतरयो न बढ़ - चढ़ कर भाग लिलया

3 दश क विशाल भाग म सरकारी काननो का उललघन विकया गया

4 अगरजो को अहसास हआ विक अब उनका राज बह ठिदनो क नही ठिटक सका

परशन-12 पथक विना(लिचका की समसया कया थी इस मदद पर कागरस दलिल गz क बीच कया मभद थ इस समसया का कया समाधान विनकाला गया

उततरः-1 पथक विना(लिचका की मा bग दलिल ग( दवारा उठाई गई जिजसम ह अपन लिलए भी चना कषतरो का आरकषण चाह थ

2 1931 क दसर गोलमज सममलन म दलिल ना डा0 भीमरा अमबडकर न कहा विक कागरस दलिलो का परविविनमिधत नही करी

3 उनक अनसार पथक विना(लिचका क दवारा ही दलिलो की आरथिथक सामाजिजक दशा को सधारा जा सका ह

4 गाधीजी न इसका विरोध विकया उनका मानना था विक विहनद समाज उचच और दलिल ग( म बट जायगा था दश की एका कमजोर होगी अः पना समझौ दवारा कागरस क भीर ही दलिलो को पथक विना(चन कषतर ठिदय गए था पथक विना(लिचका की समसया हल हो गई

दीघ( परशन ( 08 अक ) परशनः- 13 गाधीजी न विकस परकार राषटरीय आदोलन को जन आदोलन म बदल ठिदया

उततरः- 1 सरल सातवितक जीन शली

2 लोगो की भाषा विहनदी का परयोग

3 चमतकारी अफाह

4 सतय अविहसा

5सदशी और बविहषकार

6 चरखा का परयोग और खादी को लोकविपरय बनाना

7 ममिसतरयो दलिलो और गरीबो का उदधार

8 विहनद मसथिसलम एका 9 छआ - छ का उनमलन

10 समाज क परतयक ग( को बराबरी क नजरिरय स दखना और सभी को राषटरीय आदोलन म शामिमल करना

परशनः-14 ऐस सरोो की वयाखया कीजिजए जिजनस महातमा गाधी क राजनीविक जीन था भारीय राषटरीय आदोलन इविहास को पनः सतरबदध कर सक ह

उततरः- 1 आतमकथाए b और जीनी

2 समकालीन समाचार पतर

3 सा(जविनक सर

4 विनजी लखन

5 पलिलसकरमिमयो था अनय अमिधकारिरयो दवारा लिलख गए पतर और रिरपोट(

परशनः- 15 rdquoगाधीजी जहा b भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह

फलीrdquo सोदाहरण सपषट कीजिजए

उततरः- 1 सातवितक जीन शली

2 धोी और चरखा का परयोग

3 लोगो की बोलचाल की भाषा विहनदी का परयोग

4 चमपारन सतयागरह

5 असहयोग आदोलन म उनक दवारा सतय ए अविहसा का परयोग

6 गाधीजी जहाb भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह फल गई

6 गाधीजी क विरोध करन ाल क लिलए भयकर परिरणाम की कहाविनयाb भी थी उदाहरण क लिलए आलोचना करन ालो क घर रहसयातमक रप स विगर गए अथा उनकी फसल चौपट हो गई

परशनः-16 विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उसक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

नमक सतयागरह कयो

नमक विरोध का परीक कयो था इसक बार म महातमा गाधी न लिलखा ह-

परविठिदन पराप होन ाली सचनाओ स पा चला ह विक कस अनयायपण( रीक नमक कर को यार विकया गया ह विबना कर (जो कभी-कभी नमक क मलय का चदह गना क होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी अः यह राषटर की अतयामिधक महतपण( आषयका पर कर लगाी ह यह जना को इसक उतपादन स रोकी ह और परकवि न जिजस विबना विकसी शरम क उतपाठिद विकया उस नषट कर दी ह अः विकसी भी जह स विकसी चीज को सय उपयोग न करन दन था ऐस म उस चीज को नषट कर दन की इस अनयायपण( नीवि को विकसी भी विषषण दवारा नही बाया जा सका ह विभिभनन सतरोो स म भार क सभी भागो म इस राषटर समपवि को बलगाम ढ़ग स नषट विकय जान की कहाविनयाb सन रहा ह टनो न सही पर कई मन नमक कोकण ट पर नषट कर ठिदया गया ह दाणडी स भी इस रह की बा पा चली ह

जहाb कही भी ऐस कषतरो क आसपास रहन ाल लोगो दवारा अपनी वयलिकतग परयोग ह पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखी ह हाb र अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा ह जिजनका एक मातर काय( विबनाष करना होा ह इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खच( स ही नषट विकया जाा ह और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा ह नमक एकामिधकार एक रह स चरफा अभिभषाप ह यह लोगो को बहमलय सलभ गरामउदयोग स बलिच करा ह परकवि दवारा बहाय म उतपाठिद समपदा का यह अविषय विनाष करा ह इस विनाष का मलब ही ह और अमिधक राषटरीय खच( चथा और इस मख(ा का चरमोतकष( भख लोगो स हजार परविष स अमिधक की उगाही ह सामानय जन की उदासीना की जह

स ही लमब समय स यह कर असतिसत म बना रहा ह आज जना पया(प रप स जाग चकी ह अः इस कर को समाप करना होगा विकनी जलदी इस खतम कर ठिदया जायगा यह लोगो की कषमा पर विनभ(र करा ह

परशनः-1 नमक विरोध का परीक कयो था (2)

उततरः- क परतयक भारीय घर म नमक का परयोग अविनाय( था

ब लविकन इसक बाजद भारीयो को घरल परयोग क लिलए नमक बनान स रोका

गया और उनह दकानो स ऊच दामो पर खरीदन क लिलए बाधय विकया गया

परशनः-2 औपविनविषक सरकार क दवारा नमक को कयो नषट विकया जाा था (2)

उततरः- क अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था

ब विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

परशनः-3 महातमा गाधी नमक कर को अनय करो की लना म अमिधक दमनातमक कयो मान थ (2)

उततरः- अ अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चौदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

ब पराकविक नमक मिमलन ाल कषतर क आसपास वयलिकतग परयोग क लिलए पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखन स सरकारी अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा थ जिजनका एक मातर काय( विनाष होा था इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खचshy स नषट विकया जाा था और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा था

परशनः- 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ

परशनः- 2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ

परशनः- 3 पा bची रिरपोट( कया थी

उततरः- 1 (क)राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमषा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततरः- 2 कछ बाकीदार परान परिरार क थः नठिदया राजषाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततरः- 3 पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परषासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परषासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

पाठ - 14

विभाजन को समझना

1 बटार क कछ अनभ

- बयानो दवारा बटार को अनभ बयानका( पाविकसानी शोधका( भारीय

2 ऐविहालिसक मोह

21 बटारा या महाधस

- बटार स परिहद मसथिसलम ठिदलो को बाटना

- परिहद मसथिसलम दगो की भरमार

- नसली सझाया

22 रढ़ छवियो की ाक

- भार म पाविकसान और पाविकसान म भारीय स नफर का लिसललिसला

- एक-दसर पर छीटाकसी

- गल समवियो घणाकत छवियो का दौर

- सापरदामियक सशय और अविशवास

3 विभाजन कयो और कस हआ

31 एक लब इविहास का अविम चरण

- मसथिसलम लीग की सथापना

- लखनऊ समझौा 1916

- आय( समाज की सथापना

- परिहद महासभा का सविकरय होना

32 1937 म परविक चना और कागरसी मगलय

- परिहद और मसथिसलम नाओ की नासमझी

33 पाविकसान का परसा

- 1940 म मसथिसलम लीग की सगसगाहट

- महममद अली जिजनना की भमिमका

34 विभाजन का अचानक हो जाना

- 1940 का मसथिसलम लीग का परसा

- चधरी रहम अली लिसकनदर हयाखान महममद इकबाल और जिजनना क परयास

35 यदधोततर घटनाकरम

- 1946 म दबारा पराीय चना

- 1946 म मसथिसलम मदााओ क बीच मसथिसलम लीग लोकविपरय पाटTHORN

36 विभाजन का एक सभावि विकलप

- कविबनट मिमशन की सथापना

- कविबनट मिमशन की असफला

- सीमा गाbधी की भमिमका - विभाजन क कटटर विरोधी

37 विभाजन की ओर

- परतयकष काय(ाही ठिदस 1946

- मखय शहरो म दगो का भड़कना

4 कानन वयसथा नाश

- दगो क दौरान परिहसा और आगजनी की घटनाएb

- कानन वयसथा का चरमराना

41 महातमा गाbधी - एक अकली फज़

- नौआखली का दगा

- महातमा गाbधी दवारा हदय परिर(न पर जोर

5 बटार म और

51 औरो की बरामदगी

- औरो क साथ बदसलकी

52 इsup2 की रकषा

- औरो की असतिसमा की रकषा

- अनक औरो दवारा आतमहतया

6 कषतरीय विविधाएb

- विभिभनन कषतरो की विभिभनन समसयाएb

- परिहद मसथिसलम परिरारो का पलायन

7 मदद माना और सदभाना

8 मौखिखक गाही और इविहास

- बटार स जड़ी घटनाओ का सही विरण

- साविहतयकारो और कलाकारो दवारा बटार की पीड़ा का ण(न

- सरकारी दसाजो को भी आधार बनाना

33 हम हजारो सालो क दबाया गया

- दलिल जावियो क अमिधकारो की समसया

4 राजय की शलिकतयाb

- सघाद की ओर

- शलिकतयो का विभाजन

- सलिचयो का विनमा(ण

41 क दर विबखर जाएगा

- बहम शलिकतशाली क दर क पकष म

42 आज हम एक शलिकतशाली सरकार की आशयका ह

- एक शलिकतशाली क दर समय की माग

5 राषटर की भाषा

- परिहदी और मिमल आमन-सामन

- विहनदसानी परिहदी राजभाषा

51 परिहदी की विहमाय

- परिहदी राजभाषा बनी

52 च(स का भय

- दभिकषण म परिहदी का कड़ा विरोध

- चचा(ओ का दौर शर

- परिहदी राजभाषा क रप म सीकाय(

परशन 1 महाधश स कया ातपय( ह 2

उततर- इसका अथ( ह सामविहक जनसहार नाजी शासन क समय जम(नी म सरकारी विनकायो दवारा

विकया गया था

परशन 2 लखनऊ समझौा कया था घ 2

उततर- 1916 म लखनऊ म कागरस था मसथिसलम लीग क बीच आपसी ाल मल को लखनऊ

समझौा कहा जाा ह यह एक सयकत राजनीविक मच था

परशन 3 विदवीय विशवयदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का कया दरमिषटकोण कया था 2

उततर- कागरस इस श( पर विबरटन की यदध म सहाया करन क लिलए यार थी विक ह यदध क बाद

भार को सतर कर दन का सपषट घोषणा कर

परशन 4 भारीय राषटरीय कागरस न विभाजन को कयो सीकार विकया 2

उततर- क दश क अनक पराो म दग होन लग

ख चनाो म मसथिसलम लीग की सफला

परशन 5 जिजनना का विदव-राषटर लिसदधान कया था 2

उततर- जिजनना न विहनद था मसथिसलमो को दो अलग अलग समदाय बाया

दोनो समदाय साथ साथ नही रह सक उनह अलग अलग दो दशो म रहना चाविहए

परशन 6 1937 क पराीय चना म सयकत परा म सरकार गठन की घटना न विकस परकार भार म

मसथिसलम सामपरदामियकता को बढ़ाया 4

उततर- (1) 1937 क पराीय चना म कागरस को परा समथ(न मिमला

(2) मसथिसलम लीग भी सरकार म शामिमल हाना चाही थी कागरस न मसथिसलम लीग क परसा को ठकरा

ठिदया

(3) मसथिसलम लीग को महसस हआ विक कभी सरकार नही बना पाएगी

(4) राजनीविक सतता परातविप क लिलए उनह भार का बटारा एक विकलप ठिदखाई दन लगा

(5) सय को भार क सभी मसलमानो की पाटTHORN था कागरस का विहनदओ को पाटTHORN क रप म परचारिर करन लग

परशन 7- विबरठिटश भार का विभाजन कयो विकया गया 4

उततर- 1) अगरजो की फट डालो राजय करो की नीवि

2) मसथिसलम लीग का दरपरचार विक ही मसलमानो की एक मातर परविविनमिध ह

3) दसी रिरयासो का विभाजन क पकष म होना

4) सापरदामियक दगो का होना

5) मसथिसलम लीग दवारा 1946 म परतयकष काय(ाही ठिदस मनाकर विभाजन की माग को मजब करना

परशन 8 मौखिखक इविहास की अचछाइया था कमिमयो बाइए 4

उततर- 1) यह अनभो था समवियो को समझन का मौका दा ह

2) बटार जसी घटनाओ का सजी था बहरगी ा लिलखन का असर दा ह

3) मौखिखक इविहास समाज क गरीब कमजोर लोगो क अनभो भानाओ का महव दा ह

4) मौखिखक जानकारिरया सटीक नही होी ह

5) विनजी अनभो क आधार पर सामानयीकरण करना उलिच नही ह

परशन- 9 भार विभाजन क परिरणाम सरप मविहलाओ पर होन ाल परभाो की विचना कीजिजए 4

उततर- 1) औरो क अनभ भयाह था दखदः थ उनक साथ बलातकार लट अपहरण की घटनाए हई

2) मविहलाओ को बार-बार खरीदा और बचा गया

3) मविहलाओ को अजनविबयो क साथ जिजदगी विबान क लिलए मजबर विकया गया

4) सरकार मविहलाओ क परवि असदनशील रही

5) मविहलाओ को अपनी भानाए परकट करन नही ठिदया गया

6) मविहलाओ की इsup2 की रकषा क नाम पर उनह मार डाला गया

7) बदला लन की भाना स दसर समदाय की मविहलाओ की बइsup2ी की गई

8) दग क बाद ापस लौटन पर मविहलाओ को उनक परिरारो न सीकार नही विकया

9) लिसख उनकी मौ को आतमहतया नही अविप शहाद का दजा( द हअः उनकी समवि म परतयक ष( 13 माच( को ठिदलली क एक गरदवार म एक काय(करम का आयोजन विकया जाा ह

10) एक बार विफर अपनी जिजदगी क बार म फसला लन क उनक अमिधकार को नजरअदाज कर ठिदया गया

परशन 10 विनमनलिलखिख उदधरणो को धयानप(क पढ़ो था उसक बाद पछ गए परशनो का उततर दीजिजए

एक गोली भी नही चलाई गई

मन न जो लिलखा-

24 घट स भी जयादा कत दगाई भीड को इस विशाल वयासामियक शहर म बरोक टोक बाही फलान

दी गई बहरीन बाजारो को जलाकर राख कर ठिदया गया जबविक उपदर फलान ालो क उपर एक गोली भी नही चलाई गई

जिजला मजिजसटरट न अपन (विशाल पलिलस बल को शहर म माच( का आदश ठिदया और उसका कोई साथ(क इसमाल विकए विबना ापस बला लिलया)

1) यह सतरो विकस घटना की ओर सक करा ह उपदरवियो की भीड़ कया कर रही थी 2

2) आग चलकर 1947 म अमसर रकतपा का नजारा कयो बना 2

3) उततजिज भीड़ क परवि फौज और पलिलस का कया रख था 2

4) गाधी जी न सापरदामियक सौहा(द बढ़ान क लिलए कस परयतन विकया 2

उततर- (1) यह भार विभाजन क समय की एक घटना ह

(2) दगा करन ाली भीड़ न बाजारो को जला ठिदया था दकानो का लट लिलया परशासन का शहर पर

कोई विनयनतरण नही था

(3) उततजिज भीड़ को रोकन का परयास नही विकया गया सना पलिलस भी अपन समपरदाय क लोगो

की मदद कर रही थी पलिलस दसर सपरदाय पर हमला भी कर रही थी

(4) गाधीजी न विहनदओ मसलमानो को दसर का साथ दन था भरोसा रखन क लिलए समझाया

विषय 15 सविधान का विनमा(णमहतपण( परिबद

- नहर जी का उददषय परसा महत

- सविधान विनमा(ण क प( ातकालिलक समसयाय - राजनविक ऐकीकरण सापरदामियक दग

आरथिथक ससाधनो की कमी विसथाविपो की समसया - सविधान विनमा(ण की चनौी

- सविधान विनमा(ण - सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 म कविबनट मिमषन योजना क

अनसार विकया गया

- सविधान सभा म चचा( - जनम का परभा नागरिरको क अमिधकारो का विनधा(रण

अलपसखयो और दमिमो क अमिधकारो का परषन

- राषटरभाषा भाषा विाद गाधीजी क राषटरभाषा सबधी विचार विहनदी का समथ(न

- सविधान की विषषाएb - लिलखिख ए विषाल सविधान कनदर - राजय शलिकत विभाजन

सतर नयायपालिलका धम(विनपshyकषा ससदीय परणाली शलिकतषाली कनदर यसक मामिधकार

मौलिलक अमिधकार

02 अको ाल पर शन परशनः-1सविधान सभा का गठन कब और विकस योजना क अनसार विकया गया

उततरः- सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 ई म कविबनट मिमशन योजना क अनसार विकया गया

परशनः- 2अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का अमिधशन परथम बार कब और विकसकी अधयकषा म

हआ

उततरः- अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का परथम अमिधशन 1927 ई म एलौर क परलिसदध ना

दीान हादर एमरामचनदर राय की अधयकषा म हआ

परशनः-3सविधान सभा की परथम बठक कब और विकसकी अधयकषा म हई

उततरः- सविधान सभा की परथम बठक 9 ठिदसमबर 1946 ई को ससथिचचदाननद लिसनहा की अधयकषा म हई

परशनः-4 परारप समिमवि का गठन कब विकया गया इसक अधयकष कौन थ

उततरः- परारप समिमवि का गठन 29 अगस 1947 ई को विकया गया इसक अधयकष डाबीआरअमबडकर

परशनः- 5भारीय सविधान क दो असाद कौन स थ

उततर-1 भारीय सविधान का मौखिखक रप स अगरजी म होना

2 विकसी भी पद पर खड़ होन क लिलए कोई शकषभिणक योगया आशयक न होना

4 अको ाल परशन

परशनः-6महातमा गाधी कयो चाह थ विक विहनदसानी राषटरभाषा होनी चाविहए

उततरः-1इस आसानी स समझा बोला जा सका ह

2इस भारीय लोग जयादा परयोग म ला थ

3यह विहनद उद( क मल स बनी थी

4यह बहसासकविक भाषा थी

5इसम समय क साथ दसरी भाषाओ क शबद शामिमल हो गए

परशनः- 7हदराबाद को भारीय सघ का अग विकस परकार बनाया गया

उततरः-1यह रिरयास म लगभग 90 परविश जना विहनद थी

2शासक मसलमान होा था

3हदराबाद का विनज़ाम अपनी रिरयास को सतर रखना चाहा था

4भार सरकार न विनज़ाम क विरदध सविनक काय(ाही करन का विनण(य लिलया

5चार ठिदन क सघष( क बाद 17 लिसमबर 1948 ईको विनज़ाम न आतमसमप(ण कर ठिदया और भारीय सघ म सममिममलिल होना सीकार कर लिलया

परशनः- 8विभिभनन समहो दवारा lsquoअलपसखयकrsquo शबद को विकस परकार परिरभाविष विकया गया

उततरः- 1कछ लोग आठिदालिसयो को मदानी लोगो स अलग दखकर आठिदालिसयो को अलग आरकषण दना चाह थ

2अनय परकार क लोग दमिम ग( क लोगो को विहनदओ स अलग करक दख रह थ और ह उनक लिलए अमिधक सथानो का आरकषण चाह थ

3कछ विदवान मसलमानो को ही अलपसखयक कह रह थ

4लिसकख लोग क कछ सदसय लिसकख धम( म अनयामिययो को अलपसखयक का दजा( दन और अलपसखयको को सविधाय दन की माग कर रह थ

परशनः-9 उददशय परसाrsquo म विकन आदशz पर जोर ठिदया गया था

उततरः-1 परभा समपनन सतर भार की सथापना और उसक सभी भागो और सरकार क अगो को सभी परकार की शलिकत और अमिधकार जना स पराप होना

2 भार क सभी लोगो को सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक नयाय पद असर और कानन क समकष समाना कानन और सा(जविनक नविका क अग( विचार अभिभवयलिकत विशवास विनषठा पजा वयसाय सगठन और काय( की सतरा की गारटी दना

3अलपसखयको विपछड़ और जनजावि ाल कषतरो दलिल और अनय गz क लिलए सरकषा क समलिच उपाय करना

परशनः- 10 कौन सी ऐविहालिसक ाक थी जिजनहोन सविधान का सरप य विकया

उततरः-1 सविधान का सरप य करन ाली परथम ऐविहालिसक ाक भारीय राषटरीय कागरस थी

2 मसथिसलम लीग न दश क विभाजन को बढ़ाा ठिदया

3 उदारादी मसलमान राजनविक दलो स जड़ रह उनहोन भी भार को धम( विनरपकष बनाए रखन म सविधान क माधयम स आशवस विकया

4 दलिल और हरिरजनो क समथ(क नाओ न सविधान को कमजोर गz क लिलए सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक समाना और नयाय ठिदलान ाला आरकषण की वयसथा करन ाला छआछ का उनमलन करन ाला सरप परदान करन म योगदान ठिदया

5 एनजीरागा और जयपाल सिसह जस आठिदासी नाओ न सविधान का सरप य कर समय इस बा की ओर धयान दन क लिलए जोर ठिदया विक उनक समाज का गर मलालिसयो दवारा शोषण हआ ह

परशनः- 11 सविधान सभा क कछ सदसयो न उस समय की राजनीविक परिरसथिसथवि और एक मजब कनदर सरकार की जरर क बीच कया सबध दखा

उततर 1 परारभ म सननम जस सदसयो न कनदर क साथ राजयो को भी मजब करन की बा कही

2 डराफट कमटी क चयरमन डा बीआरअमबडकर न पहल ही घोषणा की थी विक एक शलिकतशाली और एकीक कनदर 1935 क इसथिणडया एकट क समान दश म एक शलिकतशाली कनदर की सथापना करना चाह ह

3 1946 और 1947 म दश क विभिभनन भागो म सापरदामियक दग और परिहसा क दशय ठिदखाई द रह थ

4 सयकत परा क एक सदसय बालकषण शमा( न इस बा पर जोर ठिदया की कनदर का शलिकतशाली होना जररी ह

5 भारीय राषटरीय कागरस दश क विभाजन क प( इस बा स सहम थी विक पराो को पया(प सायतता दी जायगी

6 भार म आरोविप औपविनलिशक शासन वयसथा चल रही थी इस दौरान उनक घठिट घटनाओ स क दराद की भाना को बढ़ाा मिमला

(08 अको ाल परशन)

परशनः-12 सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला

उततरः-1 1930 क बाद कागरस न यह सीकार कर लिलया था विक विहनदसानी को राषटरीय भाषा का दजा( ठिदया जाए

2 गाधी जी का मानना था विक विहनद और उद( क मल स बनी परिहदसानी भारीय जना क बह बड़ भाग की भाषा थी और यह विविध ससकवियो क आदान-परदान स समदध हई एक साझी भाषा थी

3 कागरस सदसय आरीधलकर न इस बा का समथ(न विकया की सविधान विनमा(ण की भाषा विहनदी होनी चाविहए

4 कई लोगो न धलकर की बा का विरोध विकया इसक बाद ज बहस शर हो गई

5 विरोमिधयो का यह मानना था विक विहनदी क लिलए हो रहा यह परचार पराीय भाषाओ की जड़ खोदन का परचार ह

6 समिमवि न राषटरीय भाषा क साल पर सझा ठिदया विक दनागरी लिलविप म लिलखी गई विहनदी भार की राजकीय भाषा होगी

7 सभी सदसयो न विहनदी की विहमाय को सीकार विकया लविकन इसक च(स असीकार कर ठिदया

8 मदरास क शरी टी ए रामसिलगम चठिटटयार न इस बा पर बल ठिदया विक जो कछ भी विकया जाय साधानीप(क विकया जाय यठिद आकरामक होकर विकया गया ो विहनदी का भला नही हो पायगा

9 शरी चठिटटयार क अनसार lsquolsquoजब हम एक साथ रहना चाह ह और एकीक राषटर की सथापना करना चाह ह ो परसपर समायोजन होना आशयक हrsquorsquo

10 आग चलकर दश की सभी भाषाओ को सचीबदध विकया गया

परशनः-13 दमिम समहो की सरकषा क पकष म विकए गए विभिभनन दाो पर चचा( कीजिजए

उततर 1 सविधान सभा म आसीन दमिम जावियो क कछ परविविनमिध सदसयो का आगरह था विक

असपशयो की समसया को कल सरकषण और बचा स हल नही विकया जा सका

2 हरिरजन सखया की दमिषट स अलपसखयक नही ह आबादी म उनका विहससा 20-25 परविश ह

3 परारभ म डा अबडकर न अलपसखयको क लिलए पथक विना(चन की माग की पर बाद म छोड़ दी

4 मधय परा क दमिम जावियो क एक परविविनमिध शरी कजखाणडलकर न सविधान सभा को कहा विक उनक लोगो क समदायो क लोगो को हजारो षz क दबाया गया ह

5 असपशया का उनमलन विकया जाय

6 विहनद मठिदरो को सभी जावियो क लिलए खोल ठिदया जाय

7 दमिम ग को विधामियको और सरकारी नौकरिरयो म आरकषण ठिदया जाय

8 इसक लिलए समाज की सोच म बदला लाना भी आशयक ह

9 सा(जविनक सथलो पर उनक साथ भदभा न विकया जाय

10 यदयविप समसयाय एकदम हल नही होगी लविकन लोकावितरक जना न इन पराधानो का

साग विकया ह

अनचछद पर आधारिर परशन

rdquoगोविनद ललभ पन का विचार था विक समदाय और खद को बीच म रखकर सोचन की आद को छोड़कर ही विनषठाान नागरिरक बना जा सका था उनक शबदो म-rdquoलोकनतर की सफला क लिलए वयलिकत को आतयानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा लोकनतर म वयलिकत को अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए यहा खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाए कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकनतर म आप परविसपथv विनषठाए रख द ह या ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की अपकषा हततर अथा अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकनतर का डबना विनभिw हldquo

परशनः- 1 पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 2

उततरः-पथक विना(लिचका का ातपय( ह lsquoपथक विना(चन कषतरrsquo 1909 ई क अमिधविनयम क अनग( मसलमानो क लिलए पथक चना कषतरो की वयसथा की गई थी इन कषतरो स कल मसलमान ही चन जा थ विबरठिटश परशासको क अनसार ऐसा अलपसखयक मसथिसलम समपरदाय क विहो की दमिषट स विकया गया ह

परशनः- 2 सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गई 2

उततरः- कछ लोगो का विचार था विक शासन म अलपसखयको की एक साथ(क भागीदारी सविनभिw करन क लिलए पथक विना(लिचका क अविरिरकत और कोई रासा नही था अः उनक दवारा सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग की गई

परशनः-3 गोविनद ललभ प पथक विना(लिचका की माग क विरदध कयो थ दो कारण दीजिजए 2

उततर 1 गोविनद ललभ पन का विचार था विकः यठिद पथक विना(लिचका क दवारा अलपसखयको को सदा क लिलए अलग-अलग कर ठिदया गया ो कभी भी सय को बहसखयको म रपानरिर नही कर पाएग

2 यठिद अलपसखयक पथक विना(लिचका स जीकर आ रह ो शासन म कभी परभाी योगदान नही द पाएग

परशनः-4 गोविनद ललभ पन क अनसार लोकनतर म विनषठाान नागरिरको म कौन-स ीन परमख अभिभलकषण होन चाविहए 2

उततर- 1 उस अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए

2 उसकी सारी विनषठाए कल राजय पर क ठिदर होनी चाविहए

3 उस आतमानशासन की कला म परलिशभिकष होना चाविहए

Model Paper -I

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN

MODEL QUESTION PAPER ndash I (2014-15)

SUBJECTHISTORY

TIME 3 hours CLASS-XII MARKS 80

GENERAL INSTRUCTIONS-

1 Answer all questions Some questions have choice

2 Marks are indicated against each question

3 Answers to questions carrying 2 marks (Part- A QNO 1 TO 3) should not exceed 30 words each

4 Answers to questions carrying 4 marks (Part -B Section- I Question no 4 to 9) should not exceed 80 words Part-B Section-II isa VALUE BASE QUESTION and compulsory (question no 10)

5 Answers to questions carrying 8marks (Part ndashC QNO 11 AND 14) should not exceed 350 words

6 Part D has questions based on three sources (QNO 15 16 and 17)The number of questions will be three carrying 7 marks each(no internal choice) The sources will be taken from the textbooks

7 Question no 181 and 182 are Map questions attach the Map with the answer script after compulsaroy

सामानय विनदshyश-

(1) सभी परशनो क उततर दीजिजए |परशनो क अक उनक सामन लिलख गए ह| (2) खड (अ) म 2 अक ाल ीन अवि लघउततरीय परशन ह जिजनकी शबद सीमा

30 शबद ह|(3) खड (ब) अनभाग -1 म 4 अक ाल लघ उततरीय परशन हजिजनकी शबद

सीमा 80 शबद ह|(4) खड(ब) अनभाग-2 म एक 4 अको कामलय आधारिर परशन अविनाय( ह (5) खड lsquoसrsquo म 8 अक क चार दीघ( उततरीय परशन हजिजनकी शबद सीमा 350

शबद ह|(6) खडlsquoदrsquo म 7 अक क ीन सरो आधारिर परशन ह|(7) खडlsquoयrsquo म 5 अकका मानलिचतर पर आधारिर परशन ह|मानलिचतर को उततर

पसतिसकाक साथ सलगन कर|दमिषटहीन विदयारथिथयो क लिलय मानलिचतर परशन क सथान पर एक अनय परशन ह|

PART-Aखड lsquoअrsquo

Answer all the questions given below

विनमनलिलखिख सभी परशनो क उततर दीजिजए-

1 List the four items of food available to people in Harappan cities 12+12+12+12=2

हड़पपा सभया क लिलय उपलबध चार खान की सओ की सची बनाइए

2Who started Virashaiva Tradition In which state it was became popular 1+1=2

ीरश परपरा को विकसन शर विकया था विकस राजय म यह परलिसदध हआ

3 What do the terms ldquoWhite ldquoandldquoBlackrdquo Town signify 2

lsquoसफ़दrsquo और lsquoकालाrsquo शहर स आप कया समझ ह

PART-B

खड lsquoबrsquo

Section-I

अनभाग-1

Answer any five of the following questions

विनमनलिलखिख परशनो म स विकनही पाbच क उततर दीजिजए-

4 Describe some of the distinctive featuresof Mohenjo-Daro (Any four)1+1+1+1=4

मोहजोदड़ो की चार विशषाए बाइए|

5 Describe four main teachings of Buddhism 1+1+1+1=4

बौदध धम( की चारलिशकषाओ की वयाखया कर |

6 Explain that lsquoAin-i-Akbarirsquo is an extraordinary document of its time4

lsquoआइन-ए ndashअकबरीrsquo अपन समय की अविउततम पसक थी | वयाखया कीजिजए |

7 What do you think was the significance of the rituals associated with the Mahanavami dibba4

महानमी विडबबा स जड़ी धारमिमक काय(करमो का कया महत था |

8 What were the main provisions of the Permanent Settlement (Any four)1+1+1+1=4

सथाई बदोबस की चार मखय पराधान कया थ

9 Discuss the evidence that indicates planning and coordination on the part of the rebels 4

उन परमाणो की वयाखया कीजिजए जिजसस विदरोविहयो म योजना ए सहयोग का पा चला ह

Section-2

अनभाग -2

Value Based Question

10 The aim of the religion should be unity of mankind- keeping this statement in mind describe the relevance of Kabirrsquos teachings 4

मलय आधारित परशन

lsquoधम( का मखय उदशय मानमातर की एका होनी चाविहएrsquondash इस कतवय को धयान म रख हए कबीर की लिशकषाओ की परासविगका बाइए |

PART-C

खड lsquoस lsquo

11 Why all the Mughal Emperor given importance to Land revenue system Describe Land revenue system of the Mughal period 3+5=8

सभी मग़ल शासको न भमिम राजस परणाली को कयो महत ठिदया मग़ल काल की भमिम राजस परणाली की वयाखया कीजिजए |

12 In what way did Mahatma Gandhi transform the nature of the National Movement 8

महातमा गाधी न राषटरीयआदोलन की परकवि को विकस परकार परिररकि विकया

13What historical forces shaped the vision of the Constitution How was the term minority defined by different groups 4+4=8

विकन ऐविहालिसक कारणो न सविधान की रपरखा विनधा(रिर विकया अलपसखयको को विभिभनन दलो न विकस परकार परिरभाविष विकया

14 Discuss whether the Mahabharata could have been the work of a single author 8

कया महाभार विकसी एक लखक की रचना हो सकी ह विचना कीजिजए |

PART-D

खड ndashlsquoद lsquo

Passage based questions

सरो आधारिर परशन 73=21

Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उसक नीच लिलख परशनो क उततर लिलखिखए |

15 The anguish of the king

When the king DevanampiyaPiyadassi had been rulingfor eight years the (country of the) Kalingas (presentdaycoastal Orissa) was conquered by (him)One hundred and fifty thousand men were deported a hundred thousand were killed and many more died After that now that (the country of) the Kalingas has been taken Devanampiya (is devoted) to an intense study of Dhamma to the love of Dhamma and to instructing(the people) in DhammaThis is the repentance of Devanampiya on account of his conquest of the (country of the) Kalingas For this is considered very painful and deplorable by Devanampiya that while one is conquering an unconquered (country) slaughter death and deportation of people (take place) there hellip

i) Who was called Devenampiya Piyadassi 1ii) Mention the limitations of inscriptions as a source to history 3

iii) Explain the effects of the war of kalinga on Ashoka 3

ाजा की वदना

जब दानाविपय विपयदससी न अपन शासन क आठ ष( पर विकए ो उनहोन कसिलग(आधविनक टv उड़ीसा) पर विजय पराप की| ढड़ लाख परषो को विनषकाविष विकया गया एक लाख मार गए और इसस भी जयादा की मतय हए|

कसिलग पर शासन सथाविप करन क बाद दानाविपय धमम क गहन अधययन धमम क सनह और धमम क उपदश म डब गए ह|यही दनाविपय क लिलए कसिलग की विजय का पwााप ह| दानाविपय क लिलए यह बह दनादायी और परिनदनीय ह विक जब कोई राजय पर विजय पराप करा ह ो पराजिज राजी का हनन होा ह ाहा लोग मार जा ह विनषकाविष विकए जा ह|

1) दनाविपय विपयदससी विकस कहा जाा था 2) इविहास क सरो क रप म अभिभलखो की कया सीमाए ह3) कसिलग क यदध का अशोक पर कया परभा पड़ा

16The poor peasant

An excerpt from Bernierrsquos description of the peasantry inthe countrysideOf the vast tracts of country constituting the empire ofHindustan many are little more than sand or barrenmountains badly cultivated and thinly populatedEven a considerable portion of the good land remainsuntilled for want of labourers many of whom perish inconsequence of the bad treatment they experiencefrom Governors The poor people when they becomeincapable of discharging the demands of theirrapacious lords are not only often deprived of themeans of subsistence but are also made to lose theirchildren who are carried away as slaves Thus ithappens that the peasantry driven to despair by soexcessive a tyranny abandon the countryIn this instance Bernier was participating incontemporary debates in Europe concerning the natureof state and society and intended that his description ofMughal India would serve as a warning to those who didnot recognise the ldquomeritsrdquo of private property

i) what were the problems about cultivating the land according to Bernier 1ii) Why did peasantry abandon the land 3iii) Explain the reasons given by bernier for the exploitation of the peasants 3गीब किकसान

यहाb बरकिनयर दवारा गरामीण अचल म कषको क विषय म ठिदए गए विरण स एक उदधरण ठिदया जा रहा ह

परिहदसान क सामराजय क विशाल गरामीण अचलो म स कई कल रीली भमिमया या बजर प( ही ह| यहा विक खी अचछी नही ह और इन इलाको विक आबादी भी कम ह| यहाb क विक कविष योगय भमिम का एक बड़ा विहससा भी शरमिमको क अभा म कविषविहीन रह जाा ह इनम स कई शरमिमक गन(रो दवारा विकए गए बर वयहार क फलसरप मर जा ह| गरीब लोग जब अपन लोभी सामिमयो की मागो को पोरा करन म असमथ( हो जा ह ो उनह न कल जीन- विन(हनक साधनो स लिच कर ठिदया जाा ह बसतिलक उनह अपन बचचो स भी हाथ धोना पड़ा ह जिजनह दास बनाकर ल जाया जाा ह| इस परकार ऐसा होा ह विक इस अतय विनरकशा स हाश हो विकसान गाb छोडकर चल जा ह|

इस उदधरण म बरकिनयर राजय और समाज स सबममिनध यरोप म परचलिल तकालीन विादो म भाग ल रहा था और उसका परयास था विक मगल कालीन भार स सबममिनध उसका विरण यरोप म उन लोगो क लिलए एक चानी काय( करगा जो विनजी सामिमत की ldquoअचछाइयोrsquordquo को सीकार नही कर थ|

1) बरकिनयर क अनसार कविष-काय( की समसयाएb थी2) विकसान कयो कविष-काय( छोड़ रह थ3) बरकिनयर न विकसानो क शोषण क का कारण बाए थ

17The Nawab has left

Another song mourned the plight of the ruler who had to leave his motherland

Noble and peasant all wept togetherand all the world wept and wailed Alas The chief has biddenadieu to his country and gone abroad

i) Name the ruler the passage refers to 1ii) Under what pretext did the British annex Awadh What do you think was

the real reason 3iii) Why did people mourn during the departure of the king 3

नाबाब साहब जा चक ह |

एक और गी म ऐस शासक की दद(शा पर विलाप विकया जा रहा ह जिजस मजबरन अपनी माभमिम छोडनी पड़ी आभिभजा और विकसान सब रो रह थ | और सारा आलम रोा ndashलिचललाा था | हाय जान-ए-आलम दस स विदा लकर परदस चल गय ह |

1) यह अश विकस शासक क बार म ह2) विबरठिटश न विकन कारणो स अध का अमिधगरहण विकया आपक अनसार इसका ासविक कारण कया था3) राजा क जान पर लोग दखी कयो थ

181 On the same given map of India three centres of the Indian National Movement are marked as 1-3Identify and write their names

1+1+1=3ठिदय गए मानलिचतर पर भारीय राषटरीय आदोलन क ीन क दर 1-3 क अको स लिचखिनह ह उनक नाम लिलखिखए |

182 Locate the Harappa and Mohanjodaro on the same Map 1+1=2

हड़पपा और मोहजोदड़ो को उसी मानलिचतर पर दशा(ओ |

Note- For blind students only(in lieu of question no 17)

लिसफ( अध विदयारथिथयो क लिलए (परशन 17 क सथान पर )17 Write name of any five centres of Indian National Movement 5

विकनही पाbच भारीय राषटरीय आदोलन क कनदरो क नाम लिलखो |

END

उततमाला माडल परशनपतर १

१गह जौ दाल विल

२कना(टक म बासनना न

३यरोविपयनो और भारीयो क रहन क अलग अलग सथान I

४विनसथिaeligपज शहर शहरी वयसथा जल विनकास परणाली गह सथापतय दग( सनानागार I

५अ) विशव अविनतय ह और लगाार बदल रहा ह ब) इस कषणभगर दविनया म दःख मनषय क जीन का अनरकिनविह त ह स)मधयम माग( अपनाकर मनषय दविनया क दखो स मलिकत पा सका ह द)आषटाविगक माग( इ)अपरिहसा य)झठ न बोलना इतयाठिद I

वयाखया क साथ परतयक परिबद का

६ अ)मग़ल सामराजय की सरचना ए सगठन क बार म जानकारी दना I

ब)सामराजय क लिलए विकय गए यदध ए विजयो का ण(न करना I

स)सामानय लोगो क बार म जानकारिरयाb इकठठा करना I

द)वयसाय लिशकषा ससकवि धारमिमक परथाए दरबार का गठन परशासन और सना क बार म जानकारी उपलबध करना I

७अ)धारमिमक महतत ब) सामाजिजक महतत स) राजनीविक महतत सनय कषमा का परदश(न इ) परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट का असर I

८)अ)राजस को विनभिw विकया गया ब) राजाओ और ालकदारो को जमीदारो क रप म गvक विकया गया स) जमीदार जमीन क मालिलक नही थ बसतिलक कल राजस इकठठा करन ाल थ द) जमीदारो को कपनी को एक विनभिw रकम य समय म दनी पड़ी थी इ)अगर ऐसा करन म असफल हो जा थ ो नीलामी क दवारा राजस की परकि की जाी थी I

९)कई जगहो पर लोगो न विनयोजिज आकरमण विकया १८५६-५७ क दौरान गाb-गाb म चपावियाb बाटी गयी विहनद- मसथिसलम एका का परदश(न ए दोनो की भानाओ का खयाल रख हए कोई उदघोषणा की गयी सभी ग क लोगो को अपन साथ जोड़न क लिलए उनह विबरठिटश सरकार की दमनकारी नीवियो क बार म बाया गया था उनक परिरणामो स अग कराया गया I

१०ईशवर एक ह उस विकसी भी नाम स पकारा जा सका ह उनहोन ईशवर म पण( समप(ण की बा की उनहोन कम(काडो का विरोध विकया समाज म वयाप बराईयो को नकारा I

११यह मग़ल विततीय वयसथा क लिलए महतपण( था कविष स ही राजस की सा(मिधक परातविप होी थी I

मग़ल सामराजय की परशासविनक वयसथा क मखय अग मनसबदार कविष राजस पर ही विनभ(र थ I

इन महतपण( विबनदओ का ण(न कर ---

अ)कषको क परकार खदकाश और पाविहकाश I

ब)भमिम का गvकरण I

स)राजस सली क रीक I

द)राजस परबधन का कनदरीय विभाग I

इ) राजस इकठठा करन की परणाली और उसक अमिधकारी Iसमबमिध अनय महतपण( परिबद

१२अ)गाधीजी क परारभिभक आनदोलन ब)जनसमदाय की कषमा पर भरोसा स) औरो की भागीदारी द) विहनद ndash मसथिसलम एका इ) अशपशया क खिखलाफ य)सतयागरह अपरिहसा सविनय अजञा की नई कनीक र) समाज क सभी ग का सहयोग पराप करना जस वयापारी ग( ए उदयोगपवि Iअनय समबमिध परिबद

१३अ)भारीय राषटरीय आनदोलन ब)विबरठिटश भारीय परिरषद अमिधविनयम स) विबरठिटश शासन क दौरान सामाजिजक आनदोलन द)नहर रिरपोट( य) राषटरीय विचारधारा पर आधारिर धम(विनरपकषा र)राजय की परकवि

1) बीपी बहादर --- समदाय और धम( क आधार पर

2) एनजी रगा --- आरथिथक आधार पर 3) जयपाल सिसह ---अछो और अनसलिच जावियो

को अलपसखयक क रप म पारिरभाविष विकया 4) कछ न भाषाई अलपसखयक पर कजिनदर विकया 5) एच महा --- सिलग विभद क आधार पर

मविहलाओ को अलपसखयक कहा अनय समबमिध परिबद

१४उपमहादवीप की एक अवि महतपण( रचना --- १००००० शलोकऐसा मन जाा ह की वयास न इसकी रचना की लविकन विकसी एक लखक न इस नही लिलखा I

अ)कछ कहाविनया मखय कहानी स समबमिध नही ह

ब)कषतरीय परभद I

स)रचना का ीय चरण २० ईसाप( स २०० ईसी क बीच का ह I

द) कथनो क आधार पर यह नही कहा जा सका की विकसी एक लखक न इसकी रचना की I

य)विकास क विभिभनन चरण Iअनय समबमिध परिबद

१५ स १७ सरो आधारिर परशन ह जिजनका परशन की परकवि का अधययन करक दना ह I उततर अनचछदो म ही विनविह ह या उनस समबमिध ह I

१८१ अ चौरी चौरा ब अमसर स दाडी

१८ मानलिचतर पर सथिसथवि

१८ दषटीबामिध छातरो क लिलए ---- राषटरीय आनदोलन क कोई पाच क दर

Model Paper - II

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

Model Question Paper - II

CLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsa) Answer all the questions Marks are indicated against each

questionb) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachc) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachd) Part B section-II is a value based questione) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachf) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )g) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181

and 182)सामानय किनदश a) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह b) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क नही

होन चाविहए c) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा 100

हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह d) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स अमिधक

न हो e) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह f) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

Part ndash AAnswer all the questions given below 2x3=61 Mention the two sections of the Harappan settlements and

give one main feature of eachहड़पपाई विनास क दो खडो को परतयक की एक-एक विशषा क साथ लिलखिखए

2 Mention two features of the protest movement started by Nayanars and Alvarsनयनारो और अलरो दवाराचलाय गय विरोध आदोलन की दो विशषाओ को लिलखिखए

3 Explainany two observations made by the Buchanan that helped the English East India Company to expand its trade in India बकानन दवारा बाय गय दो विनरीकषणो को बाइय जिजसस ईसट इसथिणडया कमपनी को भार म वयापार बढ़ान म मदद मिमली

Part ndash BSection ndash I

Answer any ldquoFIVErdquo of the following questions 4x5= 204 Describe how did the archaeologists classify their finds

ण(न कीजिजए विक परातविद अपन खोजो को कस गvक कर ह5 How important were gender differences in early societies

Give reasons for your answerपरारभिभक समाज म सिलग विभद विकना महततपण( था अपन उततर क लिलए क( दीजिजए

6 Explain how the people of Vijaynagar obtained water for their needs

वयाखया कीजिजए विक विजयनगर क लोग अपनी आशयकता क लिलए जल कस पराप कर थ

7 ldquoThe Keeping of exact and detailed records was a major concern of the Mughaladministrationrdquo Justify the statementसही और विस दसाज रखना मगल परशासन की एक मखय विशषा थीrdquo इस कथन की सतया साविब कीजिजए

8 How did the American civil war affect the lives of ryots in Indiaअमरीकी लिसविल यदध न भारीय रयो क जीन को कस परभावि विकया

9 What was the policy of Subsidiary Alliance Explainसहायक समिध की नीवि कया थी वयाखया कीजिजए

Section ndash IIValue based question 2+2=410 lsquoMahatma Gandhi transformed the nature of the national

movement of Indiarsquo Explain giving examples from the decisions taken by him during the national movementlsquoमहातमा गाधी न राषटरीय आदोलन क सरप को बदल ठिदयाrsquo महातमा गाधी दवारा राषटरीय आदोलनो क समय लिलए गय विनण(यो का उदाहरण दकर वयाखया कीजिजए

Part ndash C Long Answer questions

Answer any ldquothreerdquo of the following questions 8X3=24

11 Discuss the main features of the Mauryan Administration मौय( परशासन क मखय विशषाआ की चचा( कीजिजए

12 Explain the ways in which panchayats and village headmen regulated rural society उन रीको की वयाखया कीजिजए जिजसक दवारा पचाय और गराम परधान गरामीण समाज को विनयमिमविकए

13 Describe the composition of Mughal nobility their characteristics and functions

मगल कलीनो की सरचना उनकी विशषाओ और काय का ण(न कीजिजए14 Explain the developments since March 1946 that led to the

partition of India माच( 1946 स हए परिर(नो को वयाखया कीजिजए जिजसक कारण भार का विभाजन हआ

Part ndash DPassage based questions 7x3=21 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

15 Why were Stupas BuiltldquoThis is an excerpt from the MahaparinibbanaSutta part of the SuttaPitaka As the Buddhalay dying Ananda asked him ldquoWhat are we to do Lord with remains of the Tathagata (another name for the Buddha)rdquoThe Buddha replied ldquoHinder not yourelvesAnanda by honouring the remains of theTathagata Be zealous be intent on your own goodrdquoBut when pressed further the Buddha said ldquoAt the four crossroads they should erect a thupa(Pali for stupa) to the Tathagata And whosoever shall there place garlands or perfumehellipormake a salutation there or become in its presence calm of heart that shall long be to them for aprofit and joyrdquo(i) What are the Stupas Who advised the Ananda to build the

Stupa 2(ii) From which chapter has this excerpt been taken It is a part

of which book 1

(iii) Who was the Tathagata What had he told about the importance of the stupa 2

(iv) Name any two places where the Stupas have been built 2

सतप कयो बनाय जात थयह उदधरण महापरिरविनबबान सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा हपरिरविना(ण स प( आनद न पछाभगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अशषो का कया करगबदध न कहा ldquoथाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करोldquoलविकन विशष आगरह करन पर बदध बोलldquoउनह थाग क लिलए चार महापथो क चौक पर थप (सप का पालिल रप) बनाना चाविहए जो भी हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नाएगा या हाb पर हदय म शावि लाएगा उन सबक लिलए ह लिचर काल क सख और आनद का करण बनगाldquo(i) सप विकस कह हआनद को सप बनान की सलाह विकसन ठिदया

2(ii) यह उदधरण विकस पाठ स लिलया गया ह यह विकस पसक का विहससा ह

1(iii) थाग कौन था उसन सप क महतत क बार म कया बाया

2(iv) कोई दो सथान का नाम बाइय जहाb सप बनाय गय ह

2

16 ON HORSE AND ON FOOTThis is how Ibn Battuta described the postal systemIn India the postal system is of two kinds The horse-post called lsquoUluqrsquo is run by royalhorses stationed at distance of every four miles The foot-post has three stations permit It iscalled lsquodawarsquo that is one third of a mile hellip Now at every third of a mile there is wellpopulated village outside which are three pavilions in which sit men with girded loins ready tostart Each of them carries a rod two cubits in length with copper bells at the top When thecourier starts from the city he holds the letter in one hand and the rod with its bells on theother and he runs as fast as he can When the men in the pavilion hear the ringing of bell theyget ready As soon as the courier reaches them one of them takes the letter from his and runs atthe top speed shaking the rod all the while until he reaches the next dawa And the sameprocess continues till the letter reaches its destination This foot-person is quicker than thehorse-post and often it is used to transport the fruit of Khurasan which are much desired inIndia

(i)Name the two kinds of postal System 1(ii) Explain how the foot post worked

2(iii) Why does Ibn-Battua think that the postal system in India was efficient

2(iv) How did the State encourage merchants in the 14th century

2अशव प औ पदलभार म दो परकार की डाक वयसथा ह अशव डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह हर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोड़ो दवारा सचालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो ह इस दाा कहा जाा ह और यह एक मील का एक-विहाई होा ह hellipअब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदशाहक शहर स यातरा आरभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर हाथ म घठिटयो सविह छड़ लिलए ह कषमानसार ज़ भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदशाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौड़ा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गवय सथान क पहbचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अशव डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

(i) दो परकार की डाक वयसथा क नाम बाइय 1(ii) वयाखया कीजिजए विक पदल डाक वयसथा कस काय( करी ह 2(iii) इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार म डाक वयसथा परभाकारी था 2(iv) 14 ी शाबदी म राजय न वयापारिरयो को कस परोतसाविह विकया 2

17 ldquoGovindBallabh Pant argued that in order to become a loyal citizen People had to stop focusingonly on the community and the self For the success of Democracy one must train himselfin the art of selfndashdiscipline In democracies one should care less for himself and more forothers There can not be any divided loyalty All loyalties must exclusively be centredround the State If in a democracy you create rival loyalties or you create a system inwhich any individual or group instead of suppressing his extravagance cares not forlarger or other interests then democracy is doomedrsquorsquo(i)Give three attributes of a loyal citizen in a democracy according to G B Pant 2(ii) What do you understand by lsquoSeparate Electoratersquo

1(iii) Why was the demand for Separate Electorate made during the drafting of

theConstitution 2(iv) Why was G B Pant against this demand Give two reasons

2गोपरिद बललभ प न कहा विक विनषठाान नागरिरक बनन क लिलए लोगो को समदाय और खद क बीच म रखकर सोचन की आद छोड़नी होगीलोकतर की सफ़ला क लिलए वयलिकत को आतमानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा-लोकतर म वयलिकत को अपन लिलए कम और औरो क लिलए जयादा विफ़कर करनी चाविहए यहाb खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाएb कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकतर म आप परविसपधv विनषठाएb रख द ह या विफर ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की बजाय हततर या अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकतर का डबना विनभिw ह(i) गोपरिद बललभ प क अनसार लोकतर म एक विनषठाादी नागरिरक क ीन अभिभलकषण कया ह 2(ii) पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 1(iii) सविधान लिलख समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गयी 2(iv) जी बी प इस माग क विरदध कयो थ दो कारण लिलखिखए 2

Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Champaran चमपारणb) Amritsar अमसर182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

उततमाला

माडल परशनपतर - II१ऊचा शहर ndash दग(

विनचला शहर ndash दग( स जयादा बड़ा

२ अ) जावि वयसथा क विरदधबी

ब)बामहनो क परभा का विरोध

स)जगह-जगह जाकर मिमल भजन गाए I (कोई दो )

अ)उसन वयापारिरक रप स महतपण( खविनजो की खोज की I

ब)जगल को कविष कषतर म परिररकि विकया गया I

४ अ)पराातवितक सामविगरयो का अधययन करक I

ब)हड़पपा क शहरो क लोग विभिभनन वयसाय ए सामाजिजक आरथिथक सथिसथवि क थI

स)शाधानो का अधययन सामाजिजक-आरथिथक विभिभननाओ क लिलए I

द) लोगो को दो शरभिणयो म गvक करना धनी और गरीब I

इ)इन शहरो म बनकर कषक वयापारी मछली मारन ाल इतयाठिद रह थ I

५) अ) सपभितत साधनो क लिलए I

ब)यमिधमिषठर दवारा दरौपदी को पास क खल म हार जाना यह लिसदध करा ह विक पतनी पवि क सपभितत क रप म जाी जाी थी I

स)मनसमवि क अनसार विपा की मतय क बाद सपभितत का बटारा पतरो क बीच म होा था बड़ पतर को विशष भाग मिमला था I

द)सतरीधन पर औरो का अमिधकार होा था I

इ)ऊची जावि की मविहलाय साधनो का उपभोग करी थी जस परभाी गपा I

६ अ) पराकविक साधनो स जो गभदरा नदी स पराप होी थी I

ब)पहाविड़या धाराओ क लिलए सरो का काय( करी थी I

स)शासको न जल को इकटठा करन क वयापक परयास विकय I

द)षा( क पानी को इकटठा करन क लिलए जलाशय बनाय गए I

इ)कमलपरम ालाब दवारा लिसचाई की वयसथा I

७ अ) दरबारी लखको का मीरबखशी विनरीकषण करा था य ाकयानाविश कह जा थ ए सभी दसाज और आदन का रिरकाड( इनक दवारा ही रखा जाा था जो दरबार म पश विकया जाा था I

ब)अखबारा म सभी रह की सचनाए जस दरबार म उपसथिसथवि पदो और पदवियो का दान राजनमियक लिशषटमडल विकसी अमिधकारी क सासथय क विषय म बादशाह दवारा ली गयी जानकारी I

स)समाचार ा और महतपण( शासकीय दसाज शाही डाक क जरिरय मग़ल शासन क अधीन कषतरो म एक छोर स दसर छोर क जा थ I

द)काफी दर सथिसथ पराीय राजधाविनयो स भी ा बादशाह को कछ ही ठिदनो म मिमल जाया कर थ I

इ)राजधानी स बहार ना अभिभजाो क परविविनमिध अथा राजप राजकमार था अधीनसथ शासक बड़ मनोयोग स इन उदघोषणाओ की नक़ल यार कर थ I

८ अ)परारभ म विबरठिटश कपास क लिलए अमरिरका पर विनभ(र थ दसर सरोो की लाश म लग गए I

ब)१८५७ म कपास पv सघ सथाविप विकया गया और मनचसटर कपास कपनी १८५९ म I

स)वयापारिरयो न शहरी साहकारो को अविगरम ठिदया ाविक गाो स कपास ल सक I

द)धनी विकसानो को इसस लाभ हआ पर बह बड़ी सखया म जो छोट ए गरीब विकसान थ कज( क जाल म फस गए I

इ)जब अमरिरकी गहयदध समाप हो गया ो हा कपास का उतपादन विफर स शर हो गया और विबरटन क भारीय कपास क विनया( म विगराट आयी I राजस की माग बढ़ा दी गयी ऋण का सरो सख गया I ऋणदाा न ऋण दन स मन कर ठिदया I

९ अ) सहायक समिध की नीवि को लजली न १७९८ म लाग विकया I

ब)सभी सथानीय शासको को विबरठिटश सका(र की गठबधन नीवि की श को सीकार करना था I

स)गठबधन म शामिमल राजयो को अपन कषतर क अग( एक विबरठिटश सनय परविविनमिध को रखना था I

द)उनकी सरकषा का दामियत विबरठिटश सरकार पर था I

इ)विबरठिटश परविविनमिध को सारी सविधाएb गठबधन म शामिमल राजय परदान कर थ I

१० अ) महातमा गाbधी न एक अपरिहसक आनदोलन शर विकया I

ब)विहनद ndash मसथिसलम एका को लकर उनहोन खिखलाफ आनदोलन क साथ असहयोग आनदोलन को जोड़ ठिदया I

स)चौरी-चौरा की घटना क बाद उनहोन असहयोग आनदोलन को ापस ल लिलया I

द)अशपशया का विरोध विकया I

इ)सदशी को आग बढान पर जोड़ ठिदया I

११ अ) कनदरीय परशासन सलाह क लिलए मवितरपरिरषद I

ब)दो राजधाविनया ndash पाटलीपतर और राजगीर पराीय क दर ndash भिकषला उsup2मियनी ोसाली सण(विगरिरI

स)सामराजय जिजला और गाो म विभाजिज था जिजल का परमख ndash सथाविनक और गाो का गरामिमक I

द)छः उपसमिमवियो म परवि समिमवि पाच सदसय थ और कल ीस सदसय I

पहली सनय समिमवि ndashनौसना दसरी ndash यााया और खान-पान ीसरीmdashपदल सविनको की चौथी ndash अशवारोविहयो की पाची ndash रथारोविहयो की छठीmdashहालिथयो का सचालन I

इ)यााया समिमवि उपकरणो को ल जान क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा करी थी I

य)अशोक न धमम-महामातर नामक नए अमिधकारीयो की विनयलिकत की I

१२ अ) गाb क बजग का सघ आमौर पर गाb क महतपण( लोग हआ कर थ जिजनक पास अपनी सपभितत क पशनी अमिधकार हआ कर थ I

ब)जिजन गाो म कई जावियो क लोग हो थ हा पचाय म विविधा पाई जाी थी I

स)पचाय का सरदार एक मखिखया होा था जिजस मकददम या मडल कह थ I

द)पचाय का खचा( गाb क उस आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I

इ)इस खजान स उन कर अमिधकारीयो की खाविरदारी का खचा( भी विकया जाा था जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ और दसरी ओर कोष का इसमाल पराकविक विपदाओ स विनपटन क लिलए भी होा था I

य)पचाय का एक बड़ा कम यह सलली करना था की लोग अपनी जावि की हदो क अनदर रह I

१३ अ) विभिभनन नजाीय था धारमिमक समह कोई भी दल इना बड़ा न हो विक राजय को चनौी द I

ब)अमिधकारी ग( गलदस क रप म रणिण फ़ादारी स बादशाह क साथ I

स)भारीय मल क दो शासकीय समहो ndash राजपो और भारीय मसलमानो न शाही सा म परश विकया I

द)जहाbगीर क समय ईराविनयो को उचच पद I

इ)सरकारी अमिधकारीयो क दजshy और पदो म दो रह क सखया ndash विषयक ओहद हो थ --- जाट और सार I

य)सनय अभिभयानो म अपनी सनाओ क साथ भाग ल थ और सामराजय क अमिधकारीयो क रप म भी काय( कर थ I

र)घड़सार लिसपाही शाही विनशान स पाशव( भाग म दाग गए उततम शरणी क घोड़ रख थ I

ल)ना-रकाब अभिभजाो का एक सरभिकष दल ndash परान या सनय अभिभयान म परविविनयकत विकया जाा I

१४अ)पराीय चनाो म कागरस न गर-मसथिसलमो का ९१३ म पराप विकया I

लीग न मसथिसलमो की सभी ३० सीटो पर जी दज( की ए आरभिकष सीटो पर ८६६ मसथिसलम मो को पराप विकया I

ब)माच( १९४६ म कविबनट मिमशन ठिदलली आया जिजसम ीन सदसय थ I मिमशन लीग की पाविकसान की माग का परीकषण करन आया था ए सतर भार की सचार रपरखा यार करन आया था I

स)ह एक कमजोर क दर क पकष म था जिजसक विनयतरण म कल विदशी मामल रकषा और सचार होा था पराीय सभाए ीन रह की होी ndash पहलीयाविन खड- अ म विहनद बहसखयक परान था ब ए स म मसथिसलम बहसखयक उततर पभिwम ए उततर प( क असम को लकर I

द )शरआ म सभी पारटिटयो न इस सीकार विकया लविकन लीग समहीकरण को अविनाय( करन की माग कर रही थी I

इ)कागरस चाही थी विक परानो को अपनी इचछा का समह चनन का अमिधकार मिमलना चाविहए लीग न इसका विरोध विकया I

य)कविबनट मिमशन योजना स अपना समथ(न ापस लन क बाद पाविकसान की माग को अमली जामा पहनान क लिलए लीग न परतयकष काय(ाही करन का फसला लिलया I

र)कलकतता म दगा भड़क उठा I

ल)पर अमसर म आगजनी और मारकाट हो रही थी I

)भारीय लिसपाही और पलिलसाल भी विहनद मसलमान या लिसख क रप म आचरण करन लग थ I

१५अ)पवितर सथान जहा बदध क शारीरिरक अशष सरभिकष रख जा थ ए उसकी पजा होी थी I

ब)महापरिरविनबबान सतत सतत विपटक

स)बदध का एक और नाम I थाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करो I

द)भरह और साbची

१६ अ)घड़सार डाक वयसथा और पदल डाक वयसथा

ब)ीन चरण ndashपरवि ीन मील पर असथान इस दाा कह ह और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb जिजसक बहार ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरमभ करन क लिलए बठ रह ह I

स)उसक अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा पचास ठिदनो म परी होी थी I गपचरो क दवारा दी गयी सारी जानकारिरया पाच ठिदनो म बादशाह को मिमल जाी थी I

द)सभी वयापारिरक माग पर सराय और विशराम गह बनाय गए I

१७ अ) स ndash अनशासन अपन लिलए कम और दसरो की जयादा विफ़कर करनी होगी I

ब)सभी अलपसखयको क लिलए पथक विना(लिचका I

स)सरकार म अलपसखयको की परभाी भमिमका I

द)अलपसखयक अलग-थलग हो जायग और कभी बहसखयक नही बन पाएग था उनक दवारा कही गयी बाो की परभाकारिरा नही रह जाएगी I

Model Question Paper - IIIHistory

Class ndash XIIWEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

7 MARKSBOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

General Instructions

Model Question Paper - IIICLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsh) Answer all the questions Marks are indicated against each

questioni) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachj) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachk) Part B section-II is a value based questionl) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachm) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )

n) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181 and 182)

सामानय किनदश g) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह h) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क

नही होन चाविहए i) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा

100 हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह j) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स

अमिधक न हो k) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह l) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

PART lsquoArsquo

ख़णड क

नीच ठिदए सभी परशनो क उततर दीजिजए

Answer all the questions given below

Q1 lsquoArt historians had to acquire familiarity with hagiographies of the Buddha in order to understand Buddhist sculpturersquo Analyze the statement with two examples 2

lsquoबौदध मरकिकला को समझन क लिलय कला इविहासकारो को बदध क चरिरतर लखन क बार म समझ बनानी पड़ीrsquo इस कथन का विशलषण दो उदाहरणो दवारा करिरए

Q2 Why were women considered an important resource in agrarian society Mention two reasons 2

गरामीण समाज म मविहलाय एक महतपण( सनसाधन कयो समझी जाी थी दो कारणो का उललख करिरए

Q3 Who were the Dubashes in colonial cities Explain one function they performed 2

औपविनलिशक शहरो म दभाश कौन थ उनक दवारा समपाठिद होन ाल एक काय( का उललख करिरए

PART lsquoBrsquo खणड ख

Section 1 अनभाग 1

विनमनलिलखिख म स विकनही ीन परशनो क उततर लिलखिखए

Answer any five of the following- 4x5 = 20

Q4 The problem of archaeological interpretations are perhaps most evident in attempts to reconstruct Harappan religious practices by the archaeologists Examine the statement with suitable examples

lsquoपराातवितक वयाखया की समसयाए b सभः सबस अमिधक हड़पपाई धारमिमक परथाओ क पनरकिनरमाण क परयासो म परातशाममिसतरयो क समकष आी हrsquo इस कथन का विशलशण उदाहरण सविह करिरए

Q5rdquoThe Dharmasutras and Dharmashastras also contained rules about the ideal lsquooccupationrsquo of the four categories or varnasrdquo Critically examine the statement

ldquoधम( सतरो और धम(शासतरो म चारो ग क लिलए lsquoआदश( जीविकाrsquo स जड़ कई विनयम मिमल हrdquo इस कथन का आलोचनातमक विचन करिरए

Q6 Explain Al-Barunirsquos description of caste-system What did he say about the rigidity of the caste-system

जावि वयसथा क सबध म अल-विबरनी की वयाखया पर चचा( कीजिजए जावि वयसथा की कठोरा क विषय म उसक कया विचार थ

Q7 Who were Andal and Karaikkal Ammaiyar What were their contributions and importance in the Indian Society 2+3

अडाल और करइककाल अममइयार कौन थ उनका योगदान कया था था भारीय समाज म कया महत था

Q8 Analyze how the Mughal emperorrsquos court procedures reflected his status and power 5

मगल समराट की दरबारी परविकरया समराट क सर था शकती को विकस परकार परदरथिश करी ह विशलषण कीजिजए

Q9 Critically evaluate the lsquoDeccan Riots Commissionrsquos reportrsquo

lsquoदककन दगा आयोगrsquo की रिरपोट( का आलोचनातमक मलयाकन कर

PART lsquoBrsquo खणड lsquoखrsquo

Section 2 अनभाग 2

Q10 Value based questions

Read the following value based passage given and answer the questions given below-

A Motherrsquos Advice

ldquoGandhari made one last appeal to her eldest son Duryodhana

By making peace you honour your father and me as well as your well-wishershellipit is the wise man who is in control of his senses who guards his kingdom Greed and anger drag a man away from his profits by defeating these two enemies a king conquers the earth hellip You will happily enjoy the earth my son along with the wise and heroic Pandavas hellip There is no good in a war no law (dharma) and profit (artha) let alone happiness nor is there (necessarily) victory in the end--donrsquot set your mind on warrdquo

माता की सलाह

ldquoगाधारी न अपन जयषठ पतर दयzधन स यदध न करन की विनी की

शाी की समिध करक म अपन विपा मर था अपन शभचछको का सममान करोगhelliphellipविकी परष जो अपनी इठिदरयो पर विनयतरण रखा ह ही अपन राजय की रखाली करा ह लालच और करोध आदमी को लाभ स दर खदड़कर ल जा ह इन दोनो शतरओ को पराजिज कर राजा समस धरी को जी सका हhelliphellipह पतर म विकी और ीर पाडो क साथ सानद इस धरी का भोग करोगयदध म कछ भी शभ नही होा न धम( और अथ( की परातविप होी ह और न ही परसनना की यदध क अ म सफ़ला मिमल यह भी ज़ररी नहीhelliphellipअपन मन को यदध म लिलप म करोhelliprdquo

Answer the following questions-

विनमनलिलखिख परशनो क उततर दीजिजए

Q101 Do you think that Gandharirsquos ldquopeacemakingrdquo advice was appropriate Give two reasons 2

कया आपको गाधारी की शाी समिध की सलाह उलिच लगी ह दो कारण बाइय

Q102 Why do you think that control of greed and anger are beneficial for human being and society Give three reasons 2

कया आपको ऐसा लगा ह विक लालच और करोध पर विनयनतरण मान ए समाज क विह म ह ीन कारण दीजिजए

PART C

खणड lsquoगrsquo

Long answer questions 8 x 3=24

Answer any THREE questions-

11 Why did Sanchi stupa survive while Amaravati stupa did not Support your answer with suitable examples

साbची का सप कयो बच गया जबविक अमराी सप नषट हो गया उदाहरण सविह उततर दीजिजए

Q12 Critically examine the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo in respect of Vijaynagar Empire Discuss whether the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo are appropriate description for the parts of the city for which these are used

विजयनगर राजय क सदभ( म lsquoराजकीय कनदरrsquo था lsquoपवितर कनदरrsquo की आलोचनातमक विचना करिरए था सपषट करिरए विक विजयनगर शहर क सदभ( म lsquoपवितर कनदरrsquo था lsquoराजकीय कनदरrsquo पदो का परयोग कहाb क उलिच ह

Q13 How were the panchayats formed during sixteenth and seventeenth centuries Explain their functions and authorities

सोलही और सतरही शाखिबदयो म पचायो का गठन विकस परकार होा था पचायो की काय(परणाली अमिधकारो ए सतता का उललख करिरए

Q14 Why did Mahatma Gandhi think Hindustani should be the national language How did the Constituent Assembly seek to resolve the language controversy

महातमा गाbधी को एसा कयो लगा था विक विहनदसानी राषटरीय भाषा होनी चाविहए सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला 5+5

PART D

खणड घ

Passage based questions 8x3 = 24

गददाश आधारिर परशन

Read the following extracts (Question No 17-19) carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो (परशन सखया 17-19) को धयानप(क पठिढ़ए और अ म पछ गय परशनो का उततर दीजिजए

Q15 What the Kingrsquos Officials Did

Here is an excerpt from the account of Megasthenes

Of the great officers of state somehelliphellipsuperintend the rivers measure the land as is done in Egypt and inspect the sluices by which water is led out from the main canals into their branches so that everyone may have an equal supply of it The same persons have charge also of the huntsmen and are entrusted with the power of rewarding or punishing them according to their deeds They collected the taxes and superintend the occupations connected with land as those of the woodcutters the carpenters the blacksmith and the miners

Questions

(i) Which empire is Megasthenes referring to 1

(ii) What similarity does Megasthenes tell about the officials of Egypt and this empire 2

(iii) Why was this work assigned to those officials who supervised the main gate of the canal water What more work did they perform 2

(iv) How many committees and sub-committees have been referred to by Megasthenes for the conduct of military activities 2

समराट क अधिधकाी कया - कया काय= कत थ

मगसथनीज़ क विरण का एक अश ठिदया गया ह

सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसतर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड़ जान ाल पानी क मख दवार का विनरीकषण कर ह ाविक हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर ह और लिशकारिरयो क विकरतयो क आधार पर उनह इनाम या दणड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका(ओ का भी विनरीकषण कर ह

परशन -

(1) मगसथनीज़ विकस सामराजय का उललख कर रहा ह 1

(2) मगसथनीज़ मिमसतर क अमिधकारिरयो और इस सामराजय क अमिधकारिरयो क मधय विकन समानाओ का उललख कर रहा ह 2

(3) यह काय( उन अमिधकारिरयो को कयो सौपा जाा था जो पानी क मख दवार का विनरीकषण कर थ इसक अविरिरकत अनय कया काय( कर थ 2

(4) मगसथनीज़ क अनसार सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए कौन सी समिमविया b और उपसमिमविया b विनयकत थी 2

Q16 DEHLI

Here is an excerpt from Ibn Batutarsquos account of Delhi often spelt as Dehli in texts of the period

The city of Delhi covers a wide area and has a large populationhellipthe rampart round the city is without parallel The breadth of its wall is eleven cubits and inside it are houses for the night sentry and gatekeepers Inside the ramparts there are store houses for storing edibles magazines ammunition ballistas and siege machines The grains that are stored can last for a long time without rottinghellipIn the interior of the rampart horsemen as well as infantrymen move from one end of the city to another The rampart is pierced through by windows which open on the side of the city and it is through these windows that light enters inside The lower part of the rampart is built of stone the upper part of bricks It has many towers close to one another There are 28 gates of this city which are called darwaza and of these the Budaun Darwaza is the greatest inside the Mandvi darwaza there is a grain market adjacent to the Gul darwaza there is an orchardhelliphellipIt has a fine cemetery in which graves have domes over them and those that do not have a dome have an arch for sure In the cemetery they sow flowers such as tuberose jasmine wild rose etc and flowers blossom there in all seasons

(i) How had Ibn-Batuta described the cities in the sub-continent 2

(ii) What was his description of Delhi 3

(iii) Mention any four changes in Delhi of today 2

दहली

ठिदलली जिजस तकालीन गरथो म अकसर दहली नाम स उदध विकया गया था का ण(न इबन बा इस परकार करा ह

ठिदलली बड़ कषतर म फला घनी जनसखया ाला शहर हhelliphellipशहर क चारो ओर बनी पराचीर अलनीय ह दीार की चौड़ाई गयारह हाथ (एक हाथ लगभग 20 इच क बराबर) ह और इसक भीर रावितर क पहरदार था दवारपालो क ककष ह पराचीरो क अदर खाददसामगरी हलिथयार बारद परकषपासतर था घरबदी म काम आन ाली मशीन क सगरह क लिलए भडारगरह बन हए थhelliphellipपराचीर क भीरी भाग म घड़सार था पदल सविनक शहर क एक स दसर छोर क आ-जा ह पराचीर म खिखड़विकयाb बनी ह जो शहर की ओर खली ह और इनही खिखड़कीयो क माधयम स परकाश अदर आा ह पराचीर का विनचला भाग पतथर स बना ह जबविक ऊपरिर भाग ईटो स इसम एक-दसर क पास-पास बनी कई मीनार ह इस शहर क अठटाईस दवार ह जिजनह दराज़ा कहा जाा ह और इनम स बदायb दराज़ा सबस विशाल ह माडी दराज़ क भीर एक अनाज मडी ह गल दराज़ क बगल म एक फलो का बगीचा हइस म एक बहरीन कबरगाह जिजसम बनी कबरो क ऊपर गबद बनाई गयी ह और जिजन कबरो पर गबद नही ह उनम विनभिw रप स महराब ह कबरगाह म कदाकार चमली था जगली गलाब जस फल उगाए जा ह और फल सभी मौसमो म खिखल रह ह

(1) उप-महादवीप क नगरो का ण(न इबन बा न विकस परकार विकया ह 2

(2) उसक दवारा ठिदलली का ठिदया गया विरण कया था 3

(3) आज की ठिदलली म आए विकनही चार परिर(नो का उललख कीजिजए 2

Q17 The jotedars of Dinajpur

Buchanan described the ways in which the jotedars of Dinajpur in North Bengal resisted being disciplined by the zamindar and undermined his power

Landlords do not like this class of men but it is evident that they are absolutely necessary unless the landlords themselves would advance money to their necessitous tenantryhelliphelliphellip

The jotedars who cultivate large portions of land are very refractory and know that the zamindars have no power over them They pay only a few rupees on account of their revenue and then fall in balance almost every kist (installment) they hold more lands than they are entitled to by their pottahs (deeds of contract) Should the zamindarrsquos officers in consequence summon them to the cutcherry and detain them for one or two hours with a view to reprimand them they immediately go and complain at the Fouzdarry Thana (Police Station) for imprisonment and at the munsiffrsquos (a judicial officer at the lower court) cutcherry for being dishonored and whilst the causes continue unsettled they instigate the petty ryots not to pay their revenue consequentlyhelliphellip

Questions

(i) Who were the jotedars 2

(ii) Describe the ways in which the jotedars resisted the authority of the zamindars 2

(iii) Why were they more powerful than the zamindars 2

(iv) By which names were they called 1

दिदनाजप क जोतदा

बकानन न बाया ह विक उततरी बगाल क ठिदनाजपर जिज़ल क जोदार विकस परकार ज़मीदार क अनशासन का परविरोध और उसकी शलिकत की अहलना विकया कर थ-

भसामी इस ग( क लोगो को पसद नही कर थ लविकन यह सपषट ह विक इन लोगो का होना बह ज़ररी था कयोविक इसक विबना ज़ररमद काशकारो को पसा उधार कौन दाhelliphelliphellip

जोदार जो बड़ी-बड़ी ज़मीन जो ह बह ही हठील और जिज़ददी ह और यह जान ह विक ज़मीनदारो का उनपर कोई श नही चला ो अपन राजस क रप म कछ थोड़ स रपय ही द दा ह और लगभग हर विकस म कछ-न-कछ बकाया रकम रह जाी ह उनक पास उनक पटट की हकदारी स ज़यादा ज़मीन ह ज़मीदार की रकम क कारण अगर अमिधकारी उनह कचहरी म बला थ और उनह डरान-धमकान क लिलए घट-दो-घट कचहरी म रोक ल ह ो र उनकी लिशकाय करन क लिलए फ़ौजदारी थाना (पलिलस थाना) या मसतिनसफ़ की कचहरी म पहbच जा ह और कह ह विक ज़मीदार क कारिरदो न उनका अपमान विकया ह इस परकार राजस की बकाया रकमो क मामल बड़ जा ह और जोदार छोट-छोट रय को राजस न दन क लिलए भड़का रह हhelliphelliphellip

(1) जोदार कौन थ 2

(2) ज़मीदार की सतता का परविरोध विकस परकार कर थ 2

(3) ज़मीदार की अपकषा आरथिथक रप म शलिकतशाली कयो थ 2

(4) उनह विकन नामो स पकारा जाा था 1

PART E खणड ङ

20 Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Rakhigarhi राखिखगडीb) Chanhudaro चनहदडो

182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

Note The following questions are only for the BLIND CANDIDATES in lieu of map question

Q20 Name five important Mahajanapadas 5

अथाor

Mention five important centers of national movement 5

For182

उततमाला

माडल परशनपतर ३ (१२ वी ककषा)

For Q21

1 बदध न जञान की परातविप एक कष क नीच धयान लगाकर पराप विकया I कष ndash जञान सप ndash महापरिरविना(ण चकर ndash परथम धमzपदश

2 २मविहलाय खो म परषो क साथ कध स कनधा मिमलाकर काय( करी थी I मविहलाय बआई विनराई और कटाई क साथ-साथ पकी हई फसल का दाना विनकालन का करीथी I

3 दभाष हो थ जो अगरजी और सथानीय भाषा दोनो म बोल सक थ I बलक टाउन क बाजार क नजदीक परपराग घरो म रह थ I विबरठिटश और भारीय समाज क बीच मधयसथ का काय( कर थ I

4 हड़पपा की लिलविप पढ़ी नही जा सकी ह I इसम ३७५ स ४०० क लिचनह ह I परातविदो का यह मानना ह की कछ ऐसी सए जिजनकी पहचान नही हो सकी ह ह धारमिमक महतत की ह I महरो क परीकषण की कोलिशश की गयी I मादी ndash सतरी मणमरकि गहनो स सजी हई परोविह राजा एक सिसग ाला जानर पौध का अलकरण याविन परकवि पजा आदय लिश I

५बराहमणो क लिलए दो का अधययन और अधयापन

कषवितरय ndash यदध परशासविनक नयाय दो का अधययन

शय ndash दो का अधययन कविष यगय करना वयापार शदरndash ीनो उचच ण की सा करना

६अलविबरनी न भार म वयाप जावि वयसथा का अनय जगहो की सामाजिजक वयसथा क साथ लना विकया I

-- बराहमणो की जावि वयसथा को उसन सीकार विकया I

अपवितरा को असीकार विकया ए इस परकवि क विनयमो क विरदध बाया I सय( हा को सचछ करा ह समदर म नमक पानी को गनदा होन स बचाा ह I

७अडाल ndash मविहला अलार स उसकी रचनाय गाई जाी ह

अममाईयार ndash लिश भकत अपन उददशय परातविप ह घोर पशया का माग( अपनाया I

इनकी रचनाओ न विप सततातमक आदश को चनौी दी I

८दरबार का क दरपरिबद ख़ था जिजसन सपरभ क काय को भौविक सरप परदान विकया I

शासक की कावि को सय( की कावि स पथक करन का काय( राजतर का परीक छरी कराी थी I

विकसी भी दरबारी को शासक दवारा ठिदया गया सथान उसकी महा का परीक था दरबार म मानय सबोधन लिशषटाचार था बोलन क विनयम विनधा(रिर विकय गए थ राजनमियक दो स भी ऐसा अपभिकष था खास मौको पर सजाट

९विबरठिटश सरकार न बबई सरकार को यह विनदshyश ठिदया की ह दककन दगो की जाच क लिलए एक आयोग का गठन कर I

आयोग न १८७८ म अपनी रिरपोट( परस की ससद म पछाछ की गयी कथन रिरकाड( विकय गए जिजल क कलकटर की रिरपोट( एकतर की गयी Iकारण ndash ऋण दााओ दवारा ऊb ची बयाज दर का लिलया जाना

१०१ हाb यदध स लाभ ए ख़शी नही मिमल सकी

१०२ लालच ए करोध पर विनयतरण मनषय को बजिदधमान बनाी ह यह यदध को रोकी ह ख़शी लाी ह I समाज म नविक मलयो को बढ़ाा दना जस माना पयार और अपरिहसा I

११साbची का सप इसलिलए बच गया कयोविक भोपाल की बगम न उस सरभिकष विकया था रल क ठकदारो की नजर उस पर नही पड़ी I शायद अमराी की खोज पहल हो गयी थी ए विदवान इस बा क महतत को समझ नही पाए थ I १७९६ म सथानीय राजा को अचानक अमराी क सप क अशष मिमल गए जब हा पर एक मठिदर बनाना चाह रह थ I १८५४ म गटर क कमिमशनर ालटर एलिलअ न अमराी की यातरा

की ए पभिwमी ोरण दवार को खोज विनकाला I अमराी क सप क कछ पतथर एलिशयाठिटक सोसाईटी आफ बगाल पहच I कछ लनदन क पहbच गए I

१२शाही क दर -- दभिकषण- पभिwम भाग म ६० मठिदर सममिममलिल मठिदरो और समपरदायो को परशरय दना शासको क लिलए महतपण( था जो इन द-सथलो म परविमिषठ दी- दाओ स समबनध क माधयम स अपनी सतता को सथाविप करन था धा परदान करन का परयास कर रह थ I

३० सरचनाओ की पहचान महलो क रप म की गयी ह I

कछ सरचनाय ndash महानमी विडबबा लोटस मठिदर असबल हजाराराम मठिदर I

पवितर क दर ndash कई मठिदर ---- पपादी मठिदर विरपाकष मठिदर विटठल मठिदर जन मठिदर I मठिदर सथापतय ndash गोपरम और मडप उकार गए समभ

१३गराम सभा ndash बजग की सभा य गाb क महतपण( वयलिकत थ ए सपभितत पर अनालिशक अमिधकार थाI

एक अलपतर जिजसम गाb क अलग अलग जावियो की नमाईदगी होी थी I छोट मोट और नीच कम करन ालो को इसम जगह नही मिमली थी पचाय का फसला सबको मानना पड़ा था I

मखिखया ndash मकददम या मडल गाb क बजग की सहमवि स चना होा था ए जब क इनका भरोसा इनपर रहा था भी क पद पर रह थ I

गाb क आमदनी ए खचshy का विहसाब- विकाब अपनी विनगरानी म कराना मखय काय( पचाय का खचा( गाb क आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I उन कर अमिधकारीयो की की खाविरदारी का खचा( जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ था पराकविक आपदाओ स विनपटन म कोष का इसमाल विकया जाा था इसक अलाा नहरो ए बाधो को बनान म I

१४गाधीजी क विचार ndash

विहनदसानी आम लोगो दवारा अचछी रह समझी जाी ह परिहदी ए उद( क मल स बनी यह भाषा बह लोगो क दवारा बोली जाी ह यह विविध ससकवियो क आदान परदान

स समदध हई एक साझी भाषा थी यह विविध समदायो क बीच सचार की आदश( भाषा हो सकी ह ए विहनद-मसथिसलम था उततर-दभिकषण को एकजट रख सकी ह I

भाषा समिमवि का गठन परिहदी क समथ(को ए विरोमिधयो क बीच क गविरोध को ोड़न क लिलए फाम(ल का विकास समिमवि क अनसार दनागरी लिलविप म लिलखी परिहदी भार की राजभाषा I

१५अ) मौय( सामराजय

ब)नदी विनरीकषक था भमिम को मापन ाल

स)लिशकारिरयो का विनरीकषण इनह इनाम या दड दना

द)सनय समिमवि --- नौ सना यााया ए पv स समबदध पदल सना घड़सार रथ ए हालिथयो की सना

१६अ)जनसखया विकलबदी दराजा घर बाजार मनोरजन

ब)जयादा जनसखया जयादा कषतरफल पराचीर रावितर पहरदारो और दवारपालो क ककष थ शहर क २८ दवार

स)कोइ चार परिर(न

१७अ)उततरी बगाल क धनी विकसान जो जररमद विकसानो को उधार द थ

ब)जमीदार दवारा जमा बढ़ान क सभी उपायो का विरोध जमीदारो को काम नही करन द थ

स)समझौो क मानदडो स जयादा जमीन उनक पास थी गाb म रह थ और गरीबो पर उनका विनयतरण था सथानीय वयापार पर उनका विनयतरण था और जररमदो को उधार द थ

द)मडल

LIST OF MAPSBook 1

1 P-2 Mature Harappan sites Harappa Banawali Kalibangan Balakot Rakhigadi Dholavira Nageshwar LothalMohenjodaro Chanhudaro Kot Diji2 P-30 Mahajanapada and cities Vajji Magadha Koshala Kuru Panchala Gandhara Avanti Rajgir Ujjain TaxilaVaranasi3 P-33 Distribution of Ashokan incriptions i Pataliputra ndash Capital of Ashokaii Major Rock Edicts ndash Girnar Sopara Sanchi Kalasi Shishupalgarhiii Pillar incriptions ndash Sanchi Topra Meerut Pillar Kaushambiiv Kingdom of Cholas Keralaputras and Pandyas4 P-43 Important kingdoms and towns i Kushans Shakas Satvahana Vakatakas Guptaii Citiestowns Mathura Kanauj Puhar Brahukachchha5 P-95 Major Buddhist Sites Nagarjunakonda Sanchi Amaravati LumbiniBook 21 P-174 Bidar Golconda Bijapur Vijayanagar Chandragiri Kanchipuram Mysore ThanjavurKolar2 P-214 Territories under Babur Akbar and Aurangzeb Delhi Agra Panipat Amber Ajmer Lahore GoaBook 31 P-297 Territoriescities under British Control in 1857 Punjab Sindh Bombay Madras Fort St David Masulipatnam Berar Bengal BiharOrrisa Avadh Surat Calcutta Dacca Chitagong Patna Benaras Allahabad and Lucknow2 P-305 Main centres of the Revolt Delhi Meerut Jhansi Lucknow Kanpur Azamgarh Calcutta Benaras Jabalpur Agra3 P-305 Important centres of the national movement Champaran Kheda Ahmedabad Benaras Amritsar Chauri-Chaura Lahore BardoliDandi Bombay (Quit India Resolution) Karachi

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विषय पदरह

सविधान का विनमा(ण - एक नए यग की शरआ

भाग - 2

अ आदश( परशन -पतर(हल सविह)

भाग - 3

मानलिचतरो की सची

पाठ - 01

ईट मनक था असथिसथयाb हड़पपा सभया

महतपण( विबनद

हड़पपा सभया का काल

प( हड़पपा 2600 ई प स पहल

परिरपक हड़पपा 2600 ई प स 1900 ई प क

उततर हड़पपा 1900 ई प क बाद

हड़पपा सभया का विसार

उततरी छोर मा bडा दभिकषणी छोर दमाबाद

पv छोर आलमगीरपर पभिwमी छोर सतकागदडोर

हड़पपा सभया की विशषाए

बसतिसयो क दो भाग थ 1 दग( 2 विनचला शहर

प( विनयोजिज जल विनकास वयसथा

हडपपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था

महरो क दवारा सदर कषतरो क साथ सपक( सभ हआ

विविनमय बाट क दवारा विकए जा थ बाट चट( नामक पतथर स बनाए जा थ य घनाकार हो थ और इनपर कछ भी अविक नही होा था

कछ परातविबदो को यह मानना था विक हडपपाई समाज का कोई शासक नही था जबविक दसर परातविबद का यह मानना था विक हा b कोई एक शासक क बजाए कई शासक हो थ

सड़को था गलिलयो को लगभग एकlsquoविगरडrsquo पदववि म बनाया गया था और य एक दसर को समकोण पर काटी थी

लिशलप काय म मनक बनाना शख की कटाई धाकम( महर विनमा(ण था बाट बनाना सममिममलिल थ

परशन १ हड़पपाई समाज म शासक और सरकार स समबमिध दो म बाए

हड़पपाई समाज म शासक की सथिसथवि को लकर विबदवानो म मभद ह ndash

१-कछ का मानना ह विक हड़पपाई सभया म एक स अमिधक शासक थ

२ ndashकछ का मानना ह विक सभी जगह एक समान सओ का पाया जाना एक समान बाट था कचच

सतरोो क पास नगर की सथिसथवि यह परमाभिण करा ह की हड़पपाई सभया म एक ही शासक थ

परशन २ हड़पपा सभया म मनक बनान क लिलए परयकत पदाथz की सची

बनाइए चचा( कर विक इन पदाथz को कस पराप विकया जाा था (2)

उततरः-मनको क विनमा(ण म परयकत पदाथा की विविधा उललखनीय हः कानvलिलयन (सदर लाल रग का) जसपर सफठिटक काट(ज था सलखड़ी जस पतथर ाbबा काbसा था सोन जसी धाएb था शख फया bनस और पककी मिमटटी सभी का परयोग मनक बनान म होा था

दो रीक जिजनक दवारा हड़पपाासी लिशलप-उतपादन ह माल पराप कर थ

1 उनहोन नागषर और बालाकोट म जहा b शख आसानी स उपलबध था बसतिसया b सथाविप की

2 उनहोन राजसथान क खडी अ चल ( ा bब क लिलए ) था दभिकषण भार (सोन क लिलए) जस कषतरो म अभिभयान भजा

परशन-३ अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी जानकारी कम कयो ह अपन क( स वयाखया कर (2)

उततरः-अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी कम जानकारी विनमनलिलखिख कारणो स ह

उस काल की लिलविप आज क पढ़ी नही जा सकी ह

कल पराातवितक अशषो का अधययन कर हए अनमान क आधार पर ही लिसनध घाटी सभया क विषय म (सभया का समय विकास आठिद का) जञान पराप कर पाए ह जबविक अनय सभयाओ क समबनध म जानकारी का मखय आधार उनकी लिलविप का पढ़ा जाना ह

परशन-४ हडपपा सभया क अघययन क दौरान कपरिनघम क मन म कया भरम था (2)

उततरः- आरभिभक बसतिसयो की पहचान क लिलए उनहोन चथी स साी शाबदी ईसी क बीच उपमहादवीप म आए चीनी बौदध ीथ(यावितरयो दवारा छोड़ गए ाो का परयोग विकया यहाb क विक कपरिनघम की मखय रलिच भी आरभिभक ऐविहालिसक लगभग

छठी शाबदी ईसा प( स चौथी शाबदी ईसी था उसक बाद क कालो ससबमिध परात म थी कई और लोगो की रह ही उनका भी यह मानना था विक भारीय इविहास का परारभ गगा की घाटी म पनप पहल शहरो क साथ ही हआ था

परशन-५ हड़पपा सभया क अधययन क दौरान माष(ल और कपरिनघम क दवारा अपनाए गए कनीक म कया अर था (2)

उततरः- माश(ल परासथल क सर विनयास को परी रह अनदखा कर पर टील म समान परिरमाण ाली विनयमिम कषविज इकाइयो क साथ-साथ उतखनन करन का परयास कर थ इसका यह अथ( हआ विक अलग-अलग सरो स सबदध होन पर भी एक इकाई विशष स पराप सभी परासओ को सामविहक रप स गvक कर ठिदया जाा था

परिरणामसरप इन खोजो क सदभ( क विषय म बहमलय जानकारी हमशा क लिलए लप हो जाी थी आरईएम वहीलर न इस समसया का विनदान विकया वहीलर न पहचाना विक एकसमान कषविज इकाइयो क आधार पर खदाई की बजाय टील क सर विनयास का अनसरणकरना अमिधक आशयक था

परशन-६ शाधान हड़पपा सभया म वयाप सामाजिजक विषमाओ को समझन का एक बहर सरो ह वयाखया कर (2)

उरः-1 शाधान का अधययन सामाजिजक विषमाओ को परखन की एक विमिध ह

2 हड़पपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था इन गz की बनाट एक दसर स भिभनन होी थी

3 कछ कबरो म ककाल क पास मदभाणड था आभषण मिमल ह जो इस ओर सक कर ह विक इन सओ का परयोग मतयपरा विकया जा सका ह परष ए सतरी दोनो क शाधानो स आभषण मिमल ह

परशन-७ हड़पपाई जल विनसारण परबध क बार म लख लिलख (4)

उरः- इस नगर की एक परमख विशषा इसका जल विनकास परबध था इस नगर की नालिलया b मिमटटी क गार चन और जिजपसम की बनी हई थी इनको बड़ी ईटो और पतथरो स ढ़का जाा था जिजनको ऊपर उठाकर उन नालिलयो की सफाई की जा सकी थी धरो स बाहर की छोटी नालिलया b सड़को क दोनो ओर बनी हई थी जो बड़ी और पककी नालिलयो म आकर मिमल जाी थी षा( क पानी क विनकास क लिलए बड़ी नालिलयो का घरा ढ़ाई स पा bच फट क था घरो स गद पानी क विनकास क लिलए सड़को क दोनो ओर गडढ बन हए थ इस थयो स यह परी होा ह विक सिसध घाटी क लोग अपन नगरो की सफाई की ओर बह धयान द थ

परशन-८ हड़पपाई समाज म शासको दवारा विकय जान ाल सभावि कायz की चचा( कीजिजए (4)

उततरः- विदवानो की राय ह - हड़पपाई समाज म शासको दवारा जठिटल फसल लन और उनह काया(तविन करन जस महतपण( काय( विकय जा थ इसक लिलए एक साकषय परस कर हए कह ह विक हड़पपाई परासओ म असाधारण एकरपा को ही ल जसा विक मदमाडो महरो बाटो था ईटो स सपषट ह

बसतिसयो की सथापना क बार म विनण(य लना बड़ी सखया म ईटो को बनाना शहरो म विशाल दीार सा(जविनक इमार उनक विनयोजन करन का काय( दग( क विनमा(ण स पहल चबरो का विनमा(ण काय( क बार म विनण(य लना लाखो की सखया म विभिभनन कायz क लिलए शरमिमको की वयसथा करना जस महतपण( ओर कठिठन काय( सभः शासक ही करा था ऽकछ परातविद यह मान ह विक लिसनध घाटी की समकालीन सभया मसोपोटामिमया क समान हड़पपाई लोगो म भी एक परोविह राजा होा था जो परासाद (महल) म रहा था लोग उस पतथर की मरकियो म आकार दकर सममान कर थ सभः धारमिमक अनषठान उनही क दवारा विकया या कराया जाा था कछ परातविद इस म क ह विक हड़पपाई समाज म शासक नही थ था सभी की सामाजिजक सथिसथवि समान थी दसर परातविद यह मान ह विक यहा कोई एक नही बसतिलक कई शासक थ जस मोहनजोदडो हड़पपा आठिद क अपन अलग-अलग राजा हो थ कछ और यह क( द थ विक यह एक ही राजय था जसा विक परासओ म समानाओ विनयोजिज बसतिसयो क कचच माल ईटो क आकार विनसथिषच अनपा था बसतिसयो क कचच माल क सतरोो क समीप ससथाविप होन स सपषट ह

परशन-९ आप यह कस कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी (4)

उततरः-हा b हम कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी विनमनलिलखिख उदाहरण इस बा को दशा( ह

नगर सविनयोजिज और घनी आबादी ाल थ

सड़क सीधी और चौड़ी थी

घर पककी लाल ईटो क बन थ और एक स अमिधक मजिजला म थ

परतयक घर म कआ सनानघर थ

जल विनकासी की उततम वयसथा थी जो मखय जल विनकासी स जड़ी थी

हड़पपा नगर म सा(जविनक भन दखन को मिमल ह

लोथल म डोकयाड( मिमल ह जिजसस पा चला ह विक मखय वयापारिरक कनदर रह थ

हड़पपा ससकवि क पन क बाद नगर विनयोजन लगभग भल गय और नगर जीन लगभग हजार ष( क दखन को नही मिमला

परशन-१० हड़पपाई लोगो की कविष परौदयोविगकी पर एक लख लिलख (4)

उरः-हड़पपाई लोगो का मखय वयसाय कविष था उतखनन क दौरान अनाज क दानो का पाया जाना इस ओर सक करा ह परिक कविष की विमिधयो का सपषट जानकारी नही मिमली ह खो क जोन क सक कालीबगन स मिमल ह महरो पर षभ का लिचतर पाया जाना भी इस ओर ही सक करा ह इस आधार पर परातविद अनमान लगा ह विक ख जोन क लिलए बलो का परयोग होा था

कई सथलो स मिमटटी क बन हल भी मिमल ह ऐस भी परमाण मिमल ह जिजसस यह पा चला ह विक दो फसल एक साथ भी उगाया जाी थी मखय कविष उपकरण कदाल थी था फसल काटन क लिलए लकड़ी क हतथो पर पतथर या धा क फलक लगाए जा थ अमिधकाष हड़पपा कषतरो म सिसचाई क साधनो को विकलिस विकया गया था कयोविक यह कषतर अध( षषक परभितत का ह सिसचाई क मखय साधन नहर और कए b थ अफगाविनसान म नहरो क अषष मिमल ह परायः सभी जगह कए b मिमल ह और धौलाीरा म जलाषय मिमला ह सभः सिसचाई ह इसम जल सचय विकया जाा होगा

परशन-११ चचा( कीजिजए विक परातविद विकस परकार अी का पनविनमा(ण कर ह (8)

उरः- 1 कई बार अपरतयकष साकषय का भी सहारा लना पड़ा ह और परतयकष ए अपरतयकष साकषय म समाना ढ bढ़ ह

2 भोजन अथा भोजय पदाथz की पहचान क लिलए मिमल अषषो म अनन अथा अनाज पीसन या पकान क यतर अथा बरनो का अधययन विकया जाा ह

3 परातविद परासओ को ढ़bढकर उनका अधययन कर अी का पनविनमा(ण कर ह परासओ की खोज उदयम का आरभ मातर ह

4 इसक बाद परातविद अपनी खोजो को गvक कर ह

5 परातविदो को सदभ( की रपरखा भी विकलिस करनी पड़ी ह

6 लिशलप उतपादन क कनदरो की पहचान क लिलए परसर विपणड औजार ा bबा-अयसक जसा कचचा माल इतयाठिद ढ़bढ ह

7 गvकरण का एक सामानय लिसदधा परयकत पदाथz जस पतथर मिमटटी धा असथिसथ स सबमिध होा ह

8 विकसी भी स को उसकी (मान उपयोग स जोड़ा जाा ह

9 सासकविक ए सामाजिजक भिभनना को जानन क लिलए कई अनय विमिधयो का परयोग कर ह शाधानो का अधययन ऐसा ही एक परयोग ह

10 परातविद विकसी परास की उपयोविगा को समझन का परयास उसक उतखनन सथल स भी कर ह

परशन - १२ अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिए-

एक lsquoआकरमणrsquo क साकषय डडमन लन एक सbकरी गली ह जिजसकी चड़ाई 3 स 6 फीट क परिरv ह

ह विबद जहाb यह गली पभिwम की ओर मड़ी ह 4 फीट था 2 इच की गहराई पर एक खोपड़ी का भाग था एक यसक की छाी था हाथ क ऊपरी भाग की हविडडया b मिमली थी य सभी बह भरभरी असथा म थी यह धड़ पीठ क बल गली म आड़ा पड़ा हआ था पभिwम की ओर 15 इच की दरी पर एक छोटी खोपड़ी क कछ टकड़ थ इस गली का नाम इनही अशषो पर आधारिर ह

जा bन माश(ल मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन 1931 स उदध 1925 म मोहनजोदड़ो क इसी भाग स सोलह लोगो क असथिसथ-पजर उन आभषणो सविह मिमल थ जो मतय क समय पहन हए थ

बह समय पwा 1947 म आरईएम वहीलर न जो भारीय पराातवितक सshyकषण क तकालीन डायरकटर जनरल थ इन पराातवितक साकषयो का उपमहादवीप म जञा पराचीनम गरथ ऋगद क साकषयो स सबध सथाविप करन का परयास विकया

उनहोन लिलखाः ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधस क कहा गया ह य दग( कहाb ह या थ पहल यह माना गया था विक य मिमथक मातर थ हड़पपा म हाल म हए उतखननो न मानो परिरदशय बदल ठिदया ह यहाb हम मखयः अनाय( परकार की एक बह विकलिस सभया पा ह जिजसम अब पराप जानकारी क अनसार विशाल विकलबठिदयाb की गई थी यह सदढ़ रप स सथिसथर सभया कस नषट हई हो सका ह जलाय सबधी आरथिथक अथा राजनीविक हयास न इस कमजोर विकया हो पर अमिधक सभाना इस बा की ह विक जानबझ कर था बड़ पमान पर विकए गए विनाश न इस अविम रप स समाप कर ठिदया यह मातर सयोग ही नही हो सका विक मोहनजोदड़ो क अविम चरण म आभास होा ह विक यहा b परषो मविहलाओ था बचचो का जनसहार विकया गया था पारिरसथिसथविक साकषयो क आधार पर इदर अभिभयकत माना जाा ह| आरईएम वहीलर हड़पपा 1946 एलिशएट इविडया ( जन(ल ) 1947 स उदध 1960 क दशक म जाज( डलस नामक परातविद न मोहनजोदड़ो म जनसहार क साकषयो पर साल उठाए उनहोन ठिदखाया विक उस सथान पर मिमल सभी असथिसथ-पजर एक ही काल स सबदध नही थः हालाbविक इनम स दो स विनभिw रप म सहार क सक मिमल ह पर अमिधकाश असथिसथयाb जिजन सदभ म मिमली ह इविग करी ह विक य अतय लापराही था शरदधाहीन रीक स बनाए गए शाधान थ शहर क अविम काल स सबदध विनाश का कोई सर नही ह वयापक सर पर अखिगनकाड क लिचहय नही ह चारो ओर फल हलिथयारो क बीच कचधारी सविनको क श नही ह दग( स जो शहर का एकमातर विकलबद भाग था अविम आतमरकषण क कोई साकषय नही मिमल ह जीएफडलस lsquoद मिमलिथकल मसकर एट मोहनजोदड़ोrsquo एकसपीडीशन 1964 स उदध जसा विक आप दख सक ह विक थयो का साधानीप(क पनरकिनरीकषण कभी-कभी प(v वयाखयाओ को परी रह स उलट दा ह

( क ) विकस परातविद न यह साकषय परस विकया ह ( 1 )

उततर जन माश(ल न यह साकषय अपनी पसक मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन म ठिदया ह

( ख ) हड़पपा सभया क विनाश क विकस क( की ओर यह अनचछद इशारा करा ह ( 1 )

उततर यह साकषय हड़पपा क विनाश म विदशी हमला की भमिमका की ओर इशारा करा ह

( ग ) कौन इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह और कयो ( 3 )

उततर- आर ई एम वहीलर इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह कयोविक ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधसक कहा गया ह

( घ ) विकसन और कस इसकी एक अलग वयाखया की ह ( 3 )

उततर- जाज( डलस न इस परमाण क विपरी लिसदधा का परविपादन विकया ह ो इस बा को मानन स विहचक ह विक यह हमला आयz न विकया था उनक अनसार जो ककाल यहा b मिमल ह ो हड़पपा काल क नही ह इस मातरा म ककाल मिमल ह था उनकी जो असथा ह उसस यह भी कहा जा सका ह विक यह एक बचड़खान का शाधान हो विकसी भी श पर शसतर क घा कोई हलिथयार जलन क अशष नही पराप हए ह

पाठ - 2राजा विकसान और नगरमहतपण( विबनद

- हड़पपा सभया क बाद लगभग 1500 षz क दौरान उपमहादवीप क विभिभनन भागो म कई परकार क विकास हए जस -ऋगद का लखन काय( कषक बसतिसयो का उदय अविम ससकार क नय रीक नगरो का उदय आठिद

- ऐविहालिसक सतरो अभिभलख गरथ लिसकक लिचतर आठिद

- अशोक क अभिभलख - बराहमी था खरोषठी लिलविपयो म लिलख गए ह

- छठी शाबदी म ई 0 प0 को एक महतपण( परिर(न काल माना जाा ह इसको राजयो नगरो लोह क परयोग और लिसकको क विकास स जोड़ा गया ह इस समय बौदव - जन धम( था अनय दाश(विनक विचारधाराओ का विकास हआ - बौदव - जन धमz क गरथो म सोलह महाजनपदो का उललख मिमला ह मखय ह

- सथिsup2 मगध कौशल कर पाचाल गाधार और अवि जस आठिद

अविलघ पर शन ( 02 अक ) परशन- 1 महापाषाण कया ह

उततरः- अ ई पपरथम सहसतराबदी क दौरान मधय और दभिकषण भार म पाए जान ाल पतथरो क बड - बड ढा bच ह

ब इनह कबरगाहो क ऊपर रखा जाा था शो क साथ विभिभनन परकार क लोह क उपकरण और औजारो को दफनाया जाा था

परशन-2 छठी शाबदी ई प को परारभिभक भारीय इविहास म एक महतपण( परिर(नकारी काल कयो कहा जाा था

उततरः- अ इस काल को परायः आरभिभक राजयो लोह क बढ परयोग और लिसकको क साथ जोडा जाा ह

ब इसी काल म बौदव और जन सविह विभिभनन दाश(विनक विचारधाराओ का उदय हआ

परशन- 3 धमम महामातत कौन थ

अ समराट असोक दवारा विनयकत विशष अमिधकारी

ब धमम क परचार क लिलए इनकी विनयलिकत की गई थी

परशन-4 मौयz क बार म जानन क लिलए कोई दो सरोो क नाम लिलखिखए

उततरः- अ) कौठिटलय का अथ(षासतर

ब) मगसथनीज का विरण - इविडका

स) असोक का अभिभलख

परशन-5 कषाण कौन थ

उततरः- चीन म रहन ाल एक कबायली जावि

अ मधय एलिशया स लकर पभिwमोततर भार क एक विशाल सामराजय म शासन

ब भार म सोन क लिसकक सबस पहल कषाणो न जारी विकया था

परशन-6 अशोक क अभिभलख विकन -विकन भाषाओ लिलविपयो म लिलख जा थ

उततरः- क भाषा-पराक भाषा बराहमी लिलविप म और यनानी भाषा-खरोषठी लिलविप म

परशन-७ सााहन शासको क लिलए मााए विकस परकार महतपण( थी अपन उततर क पकष म एक उदाहर दीजिजय

उततर-सााहन शासको क समय समाज मातरसातमक था कयोविक शासको क नाम क आग उनक माा

का नाम मिमला ह जस गौमीपतर ालिशसथिसथपतर

लघ पर शन ( ०४ अक ) परशन-८ मगध क एक शलिकतशाली राजय क रप म उदय क कारणो की चचा( कीजिजए

उततरः- 1 महताकाकषी शासक जस विममिमबसार अजाशतर महापदमननद

2 लोह की खान

3 उपजाऊ मिमटटी

4 जगली कषतरो म हाथी उपलबध थ जो सना का महतपण( अग था

5 दो राजधाविनया b थी राजगह विकल बद शहर था पाटली पतर - गगा क विकनार बसी हई थी

परशन-९ महाजनपदो की परमख पा bच विशषाओ की वयाखया कीजिजए

उततरः- 1 अमिधकाश महाजनपदो पर राजा का शासन होा था लविकन गण और सघ क नाम स परलिसदव राजयो म कई लोगो का समह शासन था

2 परतयक महाजनपदो की एक विकलबद राजधानी होी थी

3 सथायी सना जिजनह परायः कषक ग( स विनयकत विकया जाा था और विनयमिम नौकरशाही

4 धम(शासतर म शासक सविह अनय क लिलए विनयमो का विनधा(रण राजा कषवितरय ग( स

5 शासको का काम विकसानो वयापारिरयो और लिशलपकारो स कर सलना

परशन-१० अशोक क धमम क बार म लिलख 5

उततरः- 1 बडो का आदर करना

2 सनयालिसयो और बराहमणो क परवि उदारा

3 सको और दासो क साथ उदार वयहार

4 दसर क धम और परपराओ का आदर

5 धमम महामा की विनयलिकत

परशन-११ छठी शाबदी ई प स छठी शाबदी ई क कविष कषतर म हए मखय परिर(नो की उललख कीजिजए

उततरः- 1 कविष उतपादका को बढ़ान क लिलए लोह क फाल ाल हल का परयोग

2 गगा की घाटी म धान की रोपाई

3 सिसचाई क लिलए कओालाबो नहरो का परयोग

4 पजाब और राजसथान जस अध(षषक जमीनाल कषतरो म खी क लिलए कदाल का परयोग

5 उपज बढ़न स साधनो पर विनयतरण क कारण बड - बड जमीदार और गराम परधान अमिधक शलिकतशाली और विकसानो पर विनयतरण

6 शासक ग( भमिमदान क दवारा कविष को नए कषतरो म परोतसाविह करन की नीवि को अपनाया

परशन-१२ इविहास की पनः विनमा(ण म अभिभलख विकस रह सहाया कर ह

उततरः- 1 शासको ए उनकी उपलसतिबधयो क बार म जानकारी

2 लिलविप और भाषा की जानकारी

3 भमिमदान और अथ(वयसथा क बार म जानकारी

4 सामराजय का विसार

5 सामाजिजक और धारमिमक जीन क बार म जानकारी

परशन-१३ मौय( परशासन की परमख विशषाए कया थी 10

उततरः- 1 कनदरीय शासन - राजा का विनयतरण विधामियका काय(पालिलका नयायपालिलका सना था वितत पर था|

2 पराीय शासन - पराीय शासन कई पराो म बाट ठिदया गया था

3 सथानीय शासन - पाटलीपतर नगर का शासन 30 सदसयो क एक आयोग दवारा विकया जाा था

4 राजा सामराजय को उचच अमिधकारिरयो की सहाया स चलाा था

5 मौय( सामराजय क पा bच परमख राजनविक क दर

6 कानन और वयसथा

7 सगठिठ सना - मगसथनीज न सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवियो का उललख विकया ह

8 धमम परचार क लिलए धमम महामातत की विनयलिकत

9 भमिमकर सिसचाई और सड़को क परबध क लिलए विभिभनन अमिधकारी हो थ

10 गपचर विभाग - गपचर विभाग बह सदढ़ था

परशन-१४ विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

समराट क अमिधकारी कया - कया काय( कर थ

मगसथनीज क विरण का एक अश ठिदया गया ह सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख - रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर ह ाविक ह हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी विषकारिरयो का सचालन कर ह और विषकारिरयो क कतयो क आधार पर उनह इनाम या दड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका( का भी विनरीकषण कर ह

परशन- क सामराजय क महान अमिधकारिरयो क क(वयो की वयाखया कीजिजए (3)

उततरः- 1 सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर थ

2 कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर थ ाविक हर सथान पर पानी का समान परकि हो सक

3 यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर थ लिशकारिरयो क कतवितयो क आधार पर ईनाम या दड़ द थ कर सली कर थ भमिम स जड सभी वयसायो का विनरीकषण कर थ साथ ही लकडहारो बढ़ई लोहारो और खनन का(ओ का भी विनरीकषण कर थ

परशन-ख सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए विनयकत उपसमिमवियो की भमिमका की वयाखया कीजिजए उततरः- 1 सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवि का उललख मगासथविनज न विकया ह इन उपसमिमवि का काम नौसना यााया और खानपान पदल सना अषारोही रथारोविहयो और हालिथयो का सचालन करना था

2 दसरी समिमवि का दामियत विभिभनन परकार का था - उपकरणो को ढ़ोन क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा सविनको क लिलए भोजन जानरो क लिलए चार की वयसथा था सविनको क दखभाल क लिलए सको और लिशलपकारो की विनयलिकत करना

परशन-ग अशोक न अपन सामराजय को एकजट रखन क लिलए कया विकया (2)

उततरः- 1 अशोक न धमम क परचार क दवारा अपन सामराजय को एकजट रखन की कोलिशश की

2 धमम क परचार क लिलए धमम महामातत नाम स विशष अमिधकारिरयो की विनयलिकत की

पाठ - 3

बधत जावि था ग(आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ई )

महातपण( विबनद

- सामाजिजक इविहास - महाभार का उपयोग सामाजिजक इविहास की समसयाए जावि ग( कविबल आठिद की पनर(चना ह अनय सतरो

- ऐविहालिसक पषठ भमिम रचना क साधन - परिर(नो क परभा

- अभिभलख महाभार क सतरो था विषय

- बधा ए विाह परिरार विपविषक वयसथा विाह क विनयम सतरी का गरोतर माा का सथान

- सामाजिजक विशषाए ण( वयसथा अकषवितरय राजा जावि एकीकरण अधीना और सघष(

परशन 1 महाकावय का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततरः- एक लमबी कविा जिजसम विकसी नायक अथा राषटर क जीन उपलसतिबधयो का ण(न हो रामायण था महाभार इसक उदाहरण ह

परशन-2 मनसमवि का दो महत बाइए (2)

उततरः- 1 यह ातकालिलक समाज क विनयमो था परथाओ का ण(न दा ह

2 इसका परभा आज भी विहनदओ की जीन शली म ठिदखाई दा ह

परशनः- 3 महाभार का यदध कयो हआ था इसका कया परिरणाम हआ (2)

उततरः- महाभार का यदध जमीन था अमिधकारो को लकर हआ था इसम पाणडो की विजय हई

परशन- 4 कल था जावि का कया अथ( ह (2)

उततरः- ससक गरनथो म कल शबद का परयोग परिरार क लिलए और जावि का बाधो क बड समह क लिलए होा था

परशन-5 अ(विाह स कया ातपय( ह (2)

उततरः- अ(विाह म ाविहक सबध समह क मघय ही हो ह यह समह गोतर कल अथा जावि या विफर एक ही सथान पर बसन ालो का हो सका ह

परशन-6 चाडाल विकस कहा जाा था (2)

उततरः- पराचीन काल म ऐस काय( करन ाल लोग जिजनह उचच ग( रजिज माना था जस शो को दफन करना या जलाना म पशओ को उठाना था उनका चमड़ा विनकालना इतयाठिद

परशन-7 १००० ई० प० क बाद बराहमणो दवारा बाय गय गोतर क दो विनयम लिलखिखए

उततर - १-मविहलाओ क लिलए यह आशयक था विक विाह क पwा अपन विपा क गोतर को छोड़

अपन पवि का गोतर धारण कर

२-एक समान गोतर म विाह रजिज था

परशन-8 महाभार की भाषा था विषयस पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1महाभार को मलरप म ससक म लिलखा गया ह

2भाषा सरल सबोध ह

3यह एक गविशील गरथ ह

4इसक अनक पन(वयाखयाए b आसतिसत म आई

5इसक अनक परसगो को मरकिकला नाटय कला था नतय कला म दखा जा सका ह

परशन-9 महाभार क महत पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1भारीय ससकवि था विहनद धम( क विकास का लख जोखा ह

2यह एक बहआयामी गरथ ह

3समाज क सभी अग जस राजनीवि धम( दश(न था आदरश की झलक मिमली ह

4इसम यदध शावि सदगण दग(ण की वयाखया की गई ह

5भारीय इविहास का महतपण( सतरो ह रपक कथाए b सभः कालपविनक ह

परशन-10 महाभार काल क विदवीय चरण म (बारही स साी शाबदी ई प म) मिमलन ाल घरो क बार म बीबी लाल न कया लिलखा ह (4)

उततरः- 1 बीबी लाल को यहा b आबादी क पाच सरो क साकषय मिमल ह

2 इनम स दसरा ीसरा सर महतपण( ह

3 दसर सर क बार म बीबी लाल न पाया विक आास घरो की कोई विनभिw परिरयोजना नही थी

4 मिमटटी की बनी दीार था कचची मिमटटी की ईट अशय मिमली ह

5 कछ घरो की दीार सरकनडो की बनी थी

परशन-11 विकन मायनो म सामाजिजक अनबध की बौदध अधारणा समाज क उस बराहमणीय दमिषटकोण स भिभनन थी जो परषसकत पर आधारिर था

उततरः- 1 बौदध धम( न समाज की विषमा को सतय माना ह

2 यह विषमा नसरकिगक नही थी और न ही सथाई

3 बराहमणीय दमिषट स इस असमाना का आधार जनम ह

4 बौदध धम( न मान था नसपवि को शर स एक दसर पर परसपर विनभ(र माना ह

5 राजा लोगो दवारा चना जाा था जिजस साओ क बदल म कर ठिदया जाा था

परशन-12 पराचीनकाल क सामाजिजक मलयो क अधययन क लिलए महाभार एक अचछा सतरो ह (7)

उततरः- 1 महाभार मखय रप स सबमिधयो क बीच यदव की कहानी ह इसलिलए

इसम सामाजिजक जीन का झलक मिमली ह

2 समाज म विपतरलिशा का पालन होा था पक समपवि पर कल पतरो का अमिधकार था

3 पवितरयो का विाह गौतर क बाहर उलिच समय पर करना विपा का क(वय था

4 विलिशषट परिरारो म बहपवि परथा भी परचलिल थी दरौपदी क पा bच पवि थ

5 पतर क जनम को जयादा महतपण( समझा जाा था

6 कनयादान विपा का महतपण( कतत(वय माना जाा था

7 विाह क अनक परकार थ राकषसी विहविडमबा का भीम स विाह हआ था

8 माा का सथान सzचच था पाणडो न अपनी मा कनी की आजञा का सममान कर हय दरोपदी स विाह विकया था

9 महाभार ण था उनस जड़ वयसायो की जानकारी दा ह

10 परिरार म धद परष का अमिधपतय था

परशन-13 विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए और उसक अ म पछ गय परशनो क उततर दीजिजए (7) दरौपदी का विाह

उततरः- पाचाल नरश दपद न एक सयर का आयोजन विकया जिजसम यह श( रखी गई विक धनष की चाप चढा कर विनशान पर ीर मारा जाय विजा उनकी पतरी दरोपदी स विाह करन क लिलय चना जायगा अज(न न यह परवियोविगा जीी और दरौपदी न उस रमाला पहनाई पाणड उस लकर अपनी माा कनी क पास गय जिजनहोन विबना दख ही उनह लाई गई स को आपस म बाट लन को कहा जब कनी न दरौपदी को दखा ो उनह अपनी भल का अहसाह हआ विकन उनकी आजञा की अहलना नही की जा सकी थी बह सोचविचार क बाद यमिधमिषठर न विनण(य लिलया विक दरौपदी उन पाचो की पतनी होगी जब दरपद को यह बाया गया ो उनहोन इसका विरोध विकया विकन ऋविष वयास न उनह इस थय स अग कराया विक पाणड ास म इनदर क अार थ और उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था अः विनयवि न ही उन सबका साथ विनसथिषच कर ठिदया था वयास न यह भी बाया विक एक बार एक या सतरी न पवि परातविप क लिलए विष की आराधना की और उतसाह क अविरक म एक की बजाय पाच बार पवि परातविप का बर माग लिलया इसी सतरी न दरौपदी क रप म जनम लिलया था विष न उसकी पराथ(ना को परिरपण( विकया ह इन कहाविनयो स सषट होकर दरपद न इस विाह को अपनी सहमवि परदान की

1 पचाल नरश दरपद न अपनी पतरी का विाह करन क कयो परवियोविगा रखी(1)

2 वयास न राजा दरपद को दरौपदी का पाचो पाणड की पतनी बनन क लिलए कौन स दो थय ठिदय (3)

3 दरौपदी का विाह विकस परकार का विाह था इस परकार क विाह क परवि इविहासकारो क दो विचार बाइय (3)

उततर- 1 सयर का आयोजन विकया गया था जिजसक विजा स अपनी पतरी का विाह कर द

2 वयास न बाया विक पाणड इनदर क अार थ था उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था लिश न एक या सतरी को र ठिदया था जिजसन गली स पा bच बार पवि का र मा bग लिलया था उस सतरी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था

3 दरौपदी का विाह बहपवि का उदाहरण था इस परकार का विाह विलिशषट था बराहमणीय परपरा क अनरप न होन क कारण इस परकार क विाह को बराहमणो का समथ(न नही था

पाठ ndash 4

विचारक विशवास और ईमार महतपण( विबनद

- बौदध धम( का इविहास - साची सप पर बल

- विस सदभ( - ठिदक धम( जन धम( षणम शम बौदव धम( पर बल

- साची सप की खोज साची की मरकिया

- धारमिमक ाद -विाद बौदव धम( की पन(रचना

- पराचीन ठिदक धम( जन बौदव षण शल

- महाीर लिसदवाथ( ठिदककाल की उपासना रीवि

- हीनयान महायान (बौदव धम() शवामबर ठिदगमबर (जन धम()

- वितरविपटक जाक विपटक उपविनषद - लिलखिख सतरो

- जन बौदव धम( का परचार परसार मथरा - गाधार मरकिकलाए

- विबहार च सप आषटाविगक माग( बौदव क चार आय( सतय

02 अक ाल परशन

परशनः-1 बौदध धम( क चार मल सतय (आय( सतय) कौन स ह

उततरः-1 समपण ससार दखो स परिरपण( ह

2 सार दःखो का कोई-न-कोई कारण ह

3 दखो को राकन का एक माग( ह मनषय आषटाविगक माग( का अनसरण करक इन दखो और कषटो स छटकारा पा सका ह

परशनः- 2 छठी शाबदी ईप क काल म उतपनन होन ाल धारमिमक समपरदायो का गvकरण विकन भागो म विकया जा सका ह

उततरः- छठी शाबदी ईप क धारमिमक समपरदायो का गvकरण दो भागो म विकया जा सका हः

उततर- 1 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध विकया

2 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध न करक विकसी परान दी-दा को क दर बनाकर नीन लिसदधाो का परविपादन विकया

परशनः- 3 rdquoधम( चकरपर(नldquo स आप कया समझ ह

उततरः- rdquoधम( चकरपर(नldquo का अथ( ह धम( क चकर को घमाना जञान परातविप क बाद महातमा बदध न ाराणसी क पास सारनाथ क मगदा म मगदा म आषाढ़ परणिणमा को अपना जो परथम धमzपदश ठिदया उस rdquoधम( चकरपर(नldquo क नाम स जाना जाा ह

परशनः- 4 दो क महत पर परकाश डालिलए

उततरः- ठिदक साविहतय क सा(मिधक महतपण( गरथ द ह द सखया म चार ह- ऋगद सामद यजshyद और अथ(द ऋगद ठिदक साविहतय म सबस पराचीन गरथ ह यह गरथ पराचीन आयz क धारमिमक सामाजिजक आरथिथक ए राजनविक जीन पर परकाश डाला ह

परशनः- 5 सप कयो बनाए जा थ

उततरः- सप महातमा बदध अथा विकसी अनय पवितर भिभकष क अशषो जस-दा भसम आठिद अथा विकसी पवितर गरनथ पर बनाए जा थ अशष सप क आधार क कनदर म बनाए गए एक छोट स ककष म एक पठिटका म रख ठिदए जा थ

परशन 6-चार सामाजिजक ग( क नाम बाय जो बदध क अनयायी बन

उततर बदध क अनयायी विभिभनन सामाजिजक गz स आए जस

१ ndashधनी ग( क लोग

२ ndashशासक ग( क लोग

३-वयापारिरक ग( क लोग था

४ ndashलिशलपकार

(४ अक ाल परशन )परशनः- 7 आपक विचारानसार सतरी-परष सघ म कयो जा थ

उततरः- 1 ससारिरक विषयो स दर रहना चाह थ

2 हा b का जीन सादा अनशालिस था

3 हा लोग बौदध दश(न का अधययन कर सक थ

4 सघ म सभी का समान दजा( था

5 हाb लोग धमम क लिशकषक (उपदशक) बनाना चाह थ

परशनः- 8 जन धम( की महतपण( लिशकषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- 1 अपरिहसा पर जोर ठिदया गया

2 जाविाद क विरदध था कोई भी वयलिकत इस धम( को अपना सका था

3 उनहोन भगान क असतिसत को असीकार विकया

4 आतमा म विशवास कर थ

5 कम( काय( क लिसदधा म विशवास कर थ

परशनः- 9 साची सप क सरकषण म भोपाल की बगमो न कया योगदान ठिदया

उततरः- 1 उनहोन साची क सप क रख-रखा क लिलए धन का अनदान विकया

2 सलानजहा बगम न हा पर एक सगरहालय और अविलिथशाला बनान क लिलए भी अनदान ठिदए

3 यहा रहकर सर जान न साची पर पसक लिलखी जिजनह सलानजहा बगम न अनदान ठिदया

4 यठिद यह सप जीवि ह ो कल बगमो क योगदान स

5 यह साची का सप हमार दश की महतपण( ासकला ह जिजसकी सरकषा भोपाल की बगमो दवारा की गई

परशनः- 10 महातमा बदध की लिशकषाओ का उललख कीजिजए

महातमा बदध की लिशकषाए b-

उततर- 1 विशव अविनतय अथा( कषणभगर ह और यह विनरनर परिररकि हो रहा ह

2 विशव आतमाविहीन ह कयोविक यहाb कछ भी सथायी अथा शाशव नही ह

3 विशव म lsquoचार आय( (शरषठ) सतयrsquo ह य ह- दःख दःख समदाय दःखविनरोध और दःख विनरोध माग(

4 महातमा बदध कठोर पसया क विरदध थ(माधयम माग( पर बल द थ )

5 महातमा बदध न दस शीलो क पालन पर बल ठिदया ह

परशनः- 11 बौदध धम( क शीघरम विकास क कया कारण थ 8

उततरः-1 धम( की भाषा सरल थी जसा विक भगान बदध हमशा अपन उपदश आम बोलचाल भाषा म ठिदया कर थ

2 साधारण शदध धम( रीवि-रिराजो स पर था

3 अनकल ाारण कयोविक विहनद धम( म अगण की उतपभितत

4 विहनद धम( म बराईया कम(काड ए बलिल

5 परोविहो का च(स

6 विहनद धम( म धन का अपवयय

7 जाविाद ए छआछ का न होना

8 महातमा बदध का महान वयलिकतत अनय वयलिकतयो को परभावि करा था

9 भिभकष का अचछा वयहार चरिरतर

10 राजाओ दवारा सरकषण जस असोक हष(ध(न

अनचछद पर आधारिर पशनसप कयो बनाए जा थ

यह उदधरण महापरिरविना(ण सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा ह

महापरिरविना(ण स प( आनद न पछा-

भगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अषषो का कया करग

बदध न कहा ldquo थाग क अषषो को विषष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी

भलाई क लिलए परयास करोldquo

लविकन विशष आगरह करन पर बदध बोल -

rdquo उनह थाग क लिलए चार महापथो क चक पर थरप (सप का पालिल रप)ldquo बनाना चाविहए जो भी

हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नायगा या हाb पर हदय म शावि लायगा उन सबक लिलए

ह लिचरकाल क सख और आनद का कारण बनगा

1 यह उदधरण विकस मल पाठ स लिलया गया ह यह विकस गरथ का विहससा ह 1

2 सप कया हो ह आनद को सप बनान की सलाह विकसन दी थी 2

3 थाग कौन थ उनहोन सप का कया महत बाया था 2

4 विकनही ीन सथानो क नाम बाओ जहा b सप बनाए गय 2

उततरः- 1 यह उदधरण महापरिरविना(न सतत नामक मल पाठ स लिलया गया ह यह सततविपटक नामक गरथ का विहससा ह

2 सप बदव धम( स जड पवितर टील ह इनम बदव क शरीर क कछ अषष अथा उनक दवारा परयोग की गइरर विकसी स को गाड़ा गया था आनद को सप बनान की सलाह बदध न दी थी

3 थाग सय बदव थ उनहोन आनद को बाया विक जो कोई सप म धप या माला चढायगा या शीष नायगा अथा हा पर मन म शावि लायगा उसक लिलए सप लिचरकाल क शावि का कारण बनगा

4 भरह साची था सारनाथ

पाठ - 5यावितरयो क नजरिरए1 अल-विबरनी था विकाब-उल-विहनद

11 खारिरजम स पजाब क

अल-विबरनी का बचपन लिशकषा

खारिरजम क आकरमण क पwा सलान दवारा अल-विबरनी को बधक क रप म

गज़नी लाना

अल-विबरनी की भार क परवि रलिच उतपनन होना

अल-विबरनी क यातरा तता

विभिभनन भाषाओ का जञाा

12 विकाब-उल-विहनद

विलिशषट शली का परयोग

दकथाओ स लकर खगोल विजञान और लिचविकतसा सबधी कविया

2 इबन-बा का रिरहला

21 रिरहला इबन-बा दवारा लिलखा गया यातरा तता

सामाजिजक था पराकविक जीन की जानकारिरयो स भरपर

मधय रलिशया क रास लिसनध पहbचना

ठिदलली आकर महममद विबन गलक स मिमलना

ठिदलली का काज़ी विनयकत होना

मधयभार क रास मालाबार पहbचना

भार क अनक सथानो का भरमण

चीन की यातरा

भार क सामाजिजक आरथिथक राजनविक जीन का विरण परस करना

यातरा माग का सरभिकष न होना

22 जिजजञासाओ का उपयोग

मोरकको ापस जान क बाद अनभा को दज( विकए जान का आदश

3 फासा बरकिनयर

एक विलिशषट लिचविकतसक

एक परलिसदध फरासीसी जौहरी

भार की 6 बार यातरा

बहआयामी वयलिकतत

मगल दरबार स जड़ रहना

दारालिशकोह का लिचविकतसक

31 प( और पभिwम की लना

भारीय सथिसथवि की लना यरोपीय सथिसथवि

भारीय सथिसथवि को दयनीय बाना

उसकी कवि का अनक भाषाआ म अनाद

4 एक अपरिरलिच ससार की समझ

अल-विबरनी था ससकादी परपरा

अनक समसयाओ का सामना

पहली समसया भाषा धारमिमक असथा परथा म भिभनना ीसरा अभिभमान का होना

ससक गरथो का सहारा लना

42 अल-विबरनी का जावि वयसथा का ण(न

भार म बराहमणादी वयसथा

पराचीन फारस क सामाजिजक गz को दशा(ना

5 इबन बा था अनजान को जानन की उतकठा उपमहादवीप एक भिशवक

सचार तर का विहससा

नारिरयल और पान

इबनबा दवारा नारिरयल और पान का विरण

इबनबा और भारीय शहर

उपमहादवीप क शहरो का विरण

ठिदलली की परशसा

ठिदलली था दौलाबाद की लना

बाजार विभिभनन गविविमिधया क कनदर

शहरो की समजिदध का विरण

भारीय मालो का विनया(

53 सचार की एक अनठी परणाली

वयापारिरया की सविधा क लिलए वयापारिरक माग पर परी सविधाए

कशल काम परणाली

कशल गपचरो का होना

6 रकिनयर था अपविकलिस प(

रकिनयर दवारा भार की लना यरोप की विशषकर फरास स

रकिनयर का आलोकचनातमक अनःदमिषट था गहन लिचनन

भार को पभिwमी दविनया की लना म विनमन कोठिट का बाना

महतपण( विबनद -

अविलघ परशन (02 अक)

परशनः- 1 कोई दो यावितरया क नाम बाइए जिजनहोन मधयकाल (11 स 17 ी शाबदी) म भार की यातरा की

उततरः- 1 अल - विबरनी गयारही शाबदी म उजबविकसान स आया था

4 इबन बा चदही शाबदी म मोरकको स आया था

3 फरासा बरकिनयर सतरही शाबदी म फरास स आया था

परशन-2 अल - विबरनी क भार आन का कया उददशय था

उततरः- 1 उन लोगो क लिलए सहायक जो उनस (विहनदओ) धारमिमक विषयो पर चचा( करना चाह थ

2 ऐस लोगो क लिलए एक सचना का सगरह जो उनक साथ सबदध होना चाह ह

परशन-3 कया आपको लगा ह विक अल- विबरनी भारीय समाज क विषय म अपनी जानकारी और समझ क लिलए कल ससक क गरथो पर आभिशर रहा

उततरः- अल - विबरनी लगभग परी रह स बराहणो दवारा रलिच कवियो पर आभिशर रहा उसन भारीय समाज को समझन क लिलए अकसर दो पराणो

भगगीा पजलिल की कवियो था मनसमवि आठिद स अश उदघ विकए

परशन-4 भार म पाय जान ाल उन कषो का नाम बाइए जिजनह दखकर इबन बा को आwय( हआ

उततरः- 1 नारिरयल - नारिरयल क कष का फल मान लिसर स मल खाा ह

2 पान - पान एक ऐसा कष ह जिजस अगर - ला की रह उगाया जाा ह पान का कोई फल नही होा और इस कल इसकी पभिततयो क लिलए ही उगाया जाा ह

परशन-5 बरकिनयर न मगल सामराजय म कौन सी अमिधक जठिटल सचचाई की ओर इशारा विकया

उततरः- 1 ह कहा ह विक विषलपकारो क पास अपन उतपादो को बहर बनान का कोई परोतसाहन नही था कयोविक मनाफ का अमिधगरहण राजय दवारा कर लिलया जाा था

2 साथ ही ह यह भी माना ह विक पर विष स बड़ी मातरा म बहमलय धाएb भार म आी थी कयोविक उतपादो का सोन और चाbदी क बदल विनया( होा था

परशन 6-बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम बाइए सी परथा क बार म उसन कया लिलखा ह

बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम ह ndashटरल इन मग़ल एमपायर

सी परथा क बार म बरकिनयर न लिलखा ह विक कछ ममिसतरयाb सकषा स सी बनी थी जबविक कछ को

जबरदसी सी बनन क लिलए मजबर विकया जाा था

लघ परशन ( 04 अक ) परशन-7 अल - विबरनी न विकन rdquoअरोधो rdquo की चचा( की ह जो उसक अनसार समझ म बाधक थ

उततरः- अल - विबरनी न भार को समझन म विनमनलिलखिख अरोघो का सामना विकया -

1 भाषा की समसया - उसक अनसार ससक अरबी और फारसी स इनी भिभनन थी विक विचारो और लिसदवाो को एक भाषा स दसरी भाषा म अनाठिद करना आसान नही था

2 धारमिमक असथा और परथा म भिभनना - अल - विबरनी मसलमान था और उसक धारमिमक विषास और परथाए भार स भिभनन थी

3 सथानीय लोगो की आतमलीना था परथककरण की नीवि - अल ndash विबरनी क अनसार उसका ीसरा अरोध भारीयो की आतमलीना था परथककरण की नीवि थी

परशन-8 बरकिनयर क अनसार राजकीय भ - सामिमत क कया बर परभा पड

उततरः- 1 भधारक अपन बचचो को भमिम नही द सक थ इसलिलए उतपादन क सर को बनाए रखन और उसम बढ़ोरी क लिलए दरगामी विनष क परवि उदासीन थ

2 इस परकार इसन विनजी भ-सामिमत क अभा न rdquo बहर rdquo भधारको क ग( क उदय को रोका

3 इसक कारण कविष का विनाष हआ

4 इसक चल विकसानो का असीम उतपीड़न हआ

5 समाज क सभी गz क जीन सर म अनर पन की सथिसथवि उतपनन हई

परशन-9 सी परथा क विषय म बरकिनयर न कया लिलखा ह

उततरः- 1 यह एक करर परथा थी जिजसम विधा को अखिगन की भट चढ़ा ठिदया जाा था

2 विधा को सी होन क लिलए विष विकया जाा था

3 बाल विधाओ क परवि भी लोगो क मन म सहानभवि नही थी

4 सी होन ाली सतरी की चीख भी विकसी का ठिदल नही विपघला पाी थी

5 इस परविकरया म बरामहण था घर की बड़ी मविहलाए विहससा ली थी

परशन- 10 rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo विकसन लिलखी इसकी मखय विषषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo की रचना अल - विबरनी न की

इसकी मखय विषषाए b इस परकार ह -

1 यह विकाब अरबी म लिलखी गई ह

2 इसकी भाषा सरल और सपषट ह

3 यह एक विस गरथ ह जो सामाजिजक और धारमिमक जीन दश(न खगोल विजञान कानन आठिद विषयो पर लिलखी गई ह

4 इस विषयो क आधार पर अससी अधयायो म विभाजिज विकया गया ह

5 परतयक अधयाय का आरभभ एक परषन स होा ह और अ म ससकादी परमपराओ क आधार पर उसका ण(न विकया गया ह

विस परशन (08 अक )

परशन- 11 इबन बा दवारा दास परथा क सबध म ठिदए गए साकषयो का विचन कीजिजए

उततरः- 1 बाजारो म दास विकसी भी अनय स की रह खल - आम बच जा थ

2 य विनयमिम रप स भटसरप ठिदय जा थ

3 जब इबन बा सिसध पहचा ो उसन सलान महममद विबन गलक क लिलए भट सरप rdquoघोड़ऊट था दासrdquo खरीद

4 जब ह मलान पहचा ो उसन ग(नर को विकशमिमश था बदाम क साथ एक दास और धोड़ा भट क रप म द ठिदया था

5 इबन बा कहा ह विक सलान महममद विबन गलक न नसीरददीन नामक एक धम( उपदशक क परचन स परसनन होकर उस एक लाख टक (मदरा) था 200 दास ठिदय थ

6 इबन बा क विरण स परी होा ह विक दासो म काफी विभद था

7 सलान की सा म काय(र कछ दालिसया सगी और गायन म विनपण थी

8 सलान अपन अमीरो पर नजर रखन क लिलए दालिसयो को विनयकत करा था

9 दासो को समानयः घरल शरम क लिलए ही समाल विकया जाा था और इबन बा न इनकी साओ को पालकी या डोल म परषो और मविहलाओ को ल जान म विषष रप स अपरिरहाय( पाया

10 दासो की कीम विषष रप स उन दालिसयो की जिजनकी अषयका घरल शरम क लिलए थी बह कम होी थी

सतरो पर आधरिर परशन

घोड पर और पदल

डाक वयसथा का ण(न इबन बा इस परकार करा ह-

भार म दो परकार की डाक वयसथा ह अष डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह इर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोडो दवारा चालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स

दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अष डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

1 दो परकार की डाक परणालिलयो क नाम बाओ 1

2 पदल डाक वयसथा विकस परकार काम करी थी वयाखया कीजिजए 3

3 इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार की डाक वयसथा कशल ह 2

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को विकस परकार परोतसाविह करा था 1

उततरः- 1 दो परकार की डाक परणालिलयाb थी - अशव डाक परणाली था पदल डाक परणाली

2 पदल डाक वयसथा म परविमील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ जो एक मील का विहाई भाग होा था अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह

3 इबन बा क अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा करन म जहा b 50 ठिदन लग जा थ ही सलान क गपचरो की सचना पहचन म मातर पाbच ठिदन लग थ इबन बा डाक परणाली की कषला पर हरान था इस परणाली स वयापारिरयो क पास लमबी दरी क सचनाएb भजी जाी थी

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को परोतसाविह करन क लिलए विषष पग उठाा था उदाहरण क लिलए लगभग सभी वयापारिरक मागz पर सराय था विशरामगह बनाए गए थ

ण( वयसथा

अल - विबरनी ण( वयसथा का इस परकार उललख करा ह -

सबस ऊची जावि बराहमणो की ह जिजनक विषय म विहनदओ क गरथ हम बा ह विक बरहमन क लिसर स उतपनन हए थ कयोविक बरहम परकवि नामक शलिकत का ही दसरा नाम ह और लिसर शरीर का सबस ऊपरी भाग ह इसलिलए बराहमण परी परजावि क सबस चपरिनदा भाग ह इसी कारण स विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

अगली जावि कषवितरयो की ह जिजनका सजन ऐसा कहा जाा ह बरहमन क कधो और हाथो स हआ था उनका दजा( बराहमणो स अमिधक नीच नही ह

उनक पwा षय आ ह जिजनका उदभ बरहमन की जघाओ स हआ था

शदर जिजनका सजन उनक चरणो स हआ था

अविम दो गz क बीच अमिधक अनर नही ह लविकन इन गz क बीच भिभनना होन पर भी य एक साथ ही शहरो एक गाbो म रह ह समान घरो और आासो म मिमल - जल कर

1 अल - विबरनी दवारा रणिण ण( वयसथा का ण(न कीजिजए 3

2 कया आप इस परकार क ण( विभाजन को उलिच समझ ह क( सविह वयाखया कीजिजए 2

3 ासविक जीन म यह वयसथा विकस परकार इनी कड़ी भी नही थी वयाखया कीजिजए 2

उततरः- 1 अल - विबरनी न भार की ण(-वयसथा का उललख इस परकार विकया ह -

(1) बराहमण - बराहमणो की जावि सबस ऊची थी विहनद गरथो क अनसार उनकी उतपवि बरहमा क लिसर स हई थी कयोविक बरहम परकवि का दसरा नाम ह और लिसर शरीर का ऊपरी भाग ह इसलिलए विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

(2) कषतरीय - माना जाा ह विक कषतरीय बरहमा क कधो और हाथो स उतपनन हए थ उनका दजा( बरामहणो स अमिधक नीच नही ह

(3) षय - षय जावि वयसथा म ीसर सथान पर आ ह बरहमा की जघाओ स जनम थ

(4) शदर - इनका जनम बरहमा क चरणो स हआ था

अविम दो णz म अमिधक अनर नही ह य शहर और गाो म मिमल ndash जल कर रह थ

2 नही म इस परकार क ण( विभाजन को उलिच नही माना कयोविक जनम स कोई ऊचा - नीचा नही होा मनषय क अपन कम( उस ऊचा - नीचा बना ह

3 जावि वयसथा क विषय म अल - विबरनी का विरण परी रह स ससक गरथो क अधययन स परभावि था इन गरथो म बरामहणादी जावि वयसथा को सचालिल करन ाल विनयमो का परविपादन विकया गया था परन ासविक जीन म यह वयसथा इनी कड़ी नही थाी उदाहरण क लिलए जावि ndash वयसथा क अनग( न आन ाली शरभिणयो स परायः यह अपकषा की जावि थी विक विकसानो और जमीदारो को ससा शरम परदान कर भल ही य शरभिणयाb परायः सामाजिजक पराड़ना का विषकार होी थी विफर भी उनह आरथिथक तर म शामिमल विकया जाा था

मधयकाल क ीन यावितरयो का लनातमक अधययन

यातरी का नाम अल - विबरनी इबन - बा फरासा बरकिनयर

यातरा की ारीख गयारही शाबदी चदही शाबदी सतरही शाबद

दश जिजसस ह आए उजविकसान मोरकको फरास

विकाब जिजसकी रचना की

विकाब - उल - विहनद

रिरहला टरलस इन द मगल एमपायर

विकाब की भाषा अरबी अरबी अगरजी

शासक जिजसक शासनकाल म यातरा की

सलान महमद ग़ज़नी सलान महममद विबन गलक

मगल शासक शाहजहाb और औरगजब

विषयस जिजस पर उनहोन लिलखा

समाजिजक और धारमिमक जीन भारीय दश(न खगोलषासतर मापतर विजञान नयामियक वयसथा ऐविहालिसक

जञान जावि परथा नारिरयल और पान भारीय शहरो कविष वयापार था ाभिणजय सचार था डाक परणाली दास परथा सी परथा भमिम सामिमत विभिभनन परकार क नगर राजकीय कारखान मगल लिशलपकार काय( की परमाभिणका परमाभिणक मान ह परमाभिणक नही मान ह परमाभिणक मान ह

पाठ 6

भलिकत सफी परपराएb1 धारमिमक विशवासो और आचरणा की गगा-जमनी बनाट

साविहतय और मरकिकला म दी दा का दमिषटका होना

आराधना की परिरपाटी का विस होना

11 पजा परणालिलयो का समनय

दो परविकरयाओ का काय(र होना

एक बराहमणीय विचारधारा दसरा बराहमणो दवारा सतरी शदरो सामाजिजक ग की भाषाओ

को सीकार करना

मखय दा को जगननाथ क एक सरप म परस करना उदा उड़ीसा म परी

सथानीय दवियो को मखय दाओ की पतनी क रप म मानया

12 भद और सघष(

दी आराधना पदधवि को ावितरक नाम दना

ग( और ण( भद की अहलना

ठिदक द गाज होना पर परामाभिणका बन रहना

भलिकत रचनाएb भलिकत उपासना क अश होना

2 उपासना की कविाएb

परारभिभक भलिकत परपरा

भलिकत परपरा म विविधा

भलिकत परपरा क 2 ग(-सगण और विनग(ण

21 मिमलनाड क अलार और नयनार स

मिमल म विषण और लिशजी सवि

इषट का विनाससथल घोविष करना

22 जावि क परवि दमिषटकोण

असपशय जावियो का दवष

अलार और नयनार की रचनाओ क दो समान महत

23 सतरीभलिकत

ममिसतरयो दवारा विपसततातमक आदशाIgrave को चनौी

24 राजय क साथ सबध

मिमल भलिकत रचनाओ बौदध और जन धम( क परवि विरोध

विरोध का राजकीय अनदान की परविसपदरधा

कासय माओ का ढालना

सदर रा का विनमा(ण

चोल समराटो की स कवियो पर विशष कपा

3 कना(टक की ीर श परपरा

नीन आदोलन का उदय

अनयायी ीर श का सिलगाय कहलाए

सिलगायो दवारा पनज(नम पर परशनलिचनह

4 उततरी भार म धारमिमक उफान

उततर भार म लिश और विषण की उपासना

उततर भार क राजप राजयो का उतथान

धारमिमक नाआ का रठिढ़ादी साbच स बाहर होन क कारण दसकारी उतपादन का

विसार

क का आगमन

5 दशाल क नए ान-बान इसलामी परपराएb

711 ई म महममद विबन कालिसम अरब सनापवि दवारा सिसध विजय

सलन की सीमा का परसार

16 ी शाबदी म मगल सलन की सथापना

मसलमान शासको दवारा उलझा क माग(दश(न पर चलना

52 लोक परचलन म इसलाम

इसलाम क जान क बाद परिर(ना का पर उपमहादवीप म परभा

इसलाम का सदधाविक बाो पर बल दना

मालाबार ट पर बसन ाल मसलमान वयापारिरया दवारा सथानीय आचारा का मानना

53 समदायो क नाम

लोगो का गvकरण जनमसथान क आधार पर

ष( विनयमा का पालन न होना

6 सफी म का विकास

ईशवर की भलिकत और उसक आदश क पालन पर बल सविफयो दवारा करान की

वयाखया विनजी अनभो पर

61 खानगाह और लिसललिसला

12 ी शाबदी म सफी लिसललिसलो का गठन

पीर की मतय क पwा दरगाह भलिकतसथल क रप म

62 खानगाह क बाहर

रहसयादी फकीर का जीन

शरिरया की अहलना करन पर ब शरिरया कहलाना

7 उपमहादवीप म लिचशी लिसललिसला

71 लिचशी खानगाह म जीन

सथानीय परपराओ को आतमसा करना

72 लिचशी उपासना जिजयार और कवाली

मईनददीन दरगाह म 14 बार आना

कवालो दवारा रहसयादी गणगान

लिचशी उपासना पदधवि

73 भाषा और सपक(

लिचसतिशयो दवारा सथानीय भाषा अपनाना

सफी कविा का आरभ

74 सफी और राजय

लिचशी सपरदाय दवारा - सादगी का जीन

सफ सो की धम(विनषठा विदवा उनकी लोकविपरया का कारण आलिलया का मधयसथ होना

8 नीन भलिकत पथ

उततरी भार म साद और असहमवि

81 दीयसतर की बनाई कबीर

कबीर बानी म ीन विलिशषट परिरपाठिटयो का सकलन

कबीर दवारा परम सतय का ण(न

इसलामी दश(न क ईशवराद को समथ(न परिहदओ क बह दाद का खडन

कबीर को भलिकत माग( ठिदखान ाल गर रामाननद

82 बाबा गरनानक और पवितर शबद

गरनानक दवारा विनण(ण भलिकत का परचार

भगान उपासना क लिलए विनरर समरण नाम का जाप

आठिद गरथ साविहब का सकलन

83 मीराबाई भलिकतमय राजकमारा

भलिकत परपरा का सपरलिसदध कवियतरा

मारा दवारा जाविादी सामाजिजक रठिढ़या का उललघन

9 धारमिमक परपराओ क इविहासा का पनरकिनमा(ण

विचारो आसथाओ और आचारा को समझना

धारमिमक परपराओ का अनय परपराओ क अनसार परिररकि होना

परशन 1- भलिकत आदोलन का कया अथ( ह

उ 0 कई विहनद सो और सधारको न धारमिमक सधार लान क लिलए आदोलन चलाए जो भलिकत आदोलन क नाम म परलिसदध हआ अपनी भसथिकम को दषा(न क लिलए मठिदरो म दाओ क समकष उनकी सवि म गीो क माधयम स लीन हो जा थ

परशन 2- अलार कौन थ

उ 0 दभिकषण भार क विषण की उपासना करन ालो को अलार कहा जाा था

परशन 3- भलिकत आदोलन क चार परलिसदध सो क नाम लिलख

उ 0 रामाननद सामी कीर गरनानक द मीरा बाई

परशन 4- सफीाद स आप कया समझ ह

उ 0 सफी म क मल लिसदधान करान और हजर महममद की हदीस स मिमल ह सफी शबद मसथिसलम सो क लिलए परयोग विकया जाा ह सविफयो न करान की वयाखया अपन क आधार पर की सफी सो क विचारो को सफी ाद कहा जाा ह

परशन 5- सफी विचार धारा म मशvद का कया महत ह

उ 0 सफी विचार धारा क अनसार परतयक वयलिकत का कोई धारमिमक गर ( मशvद ) होना चाविहए जो विक उसका ईशवर स सपक( करा सक उनक आनसार जिजन वयलिकतयो का कोई गर अथा मशvद नही उनका कोई धम( नही

4 अक क परशन-परशन 6- भलिकत आदोलन क उदय क कारणो का विरण दीजिजए

उ 0 1- षण म का परभा

2- विहनद धम( की तरठिटया

3- इसलाम क फलन का भय

4- सफी म का परभा

5- महान सधारको का उदय

परशन 7- भलिकत आदोलन क मल लिसदधान पर परकाश डालिलए

उ 0 1- एक ईशवर म विशवास

2- शदध काय( करना

3- विष भात की भाना पर बल दना

4- परम भा स पजा करना

5- मरकि पजा का खणडन करना

6-जा पा का खणडन करना

7- गर भलिकत करना

परशन 8- भलिकत आदोलन क परभा और महत की चचा( कर

धारमिमक परभा

1- विहनद धम( की रकषा

2- वराहमण क परभा म कमी

3- इसलाम क परसार म ाध

4- लिसख म का उदय

5- बौदध म का पन

सामाजिजक था सासकविक परभा -

1- विहनद मसलमानो क सामाजिजक समबनधो म सधार

2- विनमन ग( म सधार

3- समाज सा की भाना को परोतसाहन -

4- लोगो म मिमशरण कला का विकास

5- साविहतवितयक विकास

परशन 9-सफी म क मखय लिसदधान कया थ

उ 0 1-अललाह स परम

2- सासारिरक सखो का तयाग

3- अविहसा था शाविाद म विशवास

4- माना स परम

5- मशvद की महतता

6- भौविक लिसदधान

7- अललाह की भलिकत म सगी था नतय का महत

परशन 10- अलारो ए नयनारो का जावि क परवि कया टटमिषट कोण था

उ 0 - नयनारो था अलारो न जावि परथा था बराहमणो की सचचा क विरदध सधार क लिलए परल आदोलन चलाया भलिकत आदोलन क सधारक भिभनन भिभनन जावियो स समबनध रख थ कछ लोग विनचली जावियो जस विकसानो मिमममिसतरयो था अछ जावियो स थ कछ बराहमण जावि स भी थ उनका विषास था विक उनकी धारमिमक पसक उनी ही महान थी जिजना विक द अलारो क मिमल भजन सचचाई और पवितरा क गहर विचारो स भर हए ह उनको षनौ द जाना जाा ह नयनारो का भजन आधयाममितमका स भर ह उनक भजन दभिकषण भार म लिश क सममान म गाय जा ह

08 अक क परशनपरशन 11- कबीर की लिशकषाओ की वयाखया कीजिजय उनहोन अपनी कविाओ क माधयम स lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का ण(न विकस परकार विकया ह

1- कबीर न आधयतवितयका पर बल ठिदया

2- उनहोन विहनद और मसलमन दोनो की रठिढयो की कट अलोचना की

3- कीर न ईशवर की एका पर लठिदया

4- मरकि पजा ीथ( यातरा ए अनय आडमबरो की आलोचना की

5- सी परथा और पदा( परथा का विरोध विकया

6- अचछ कमz का फल अशय मिमला ह

7- उनहोन परमातमा को विनराकार बाया ह

8- उनक अनसार भलिकत क माधयम स मोकष अथा( मलिकत पराप हो सकी ह

lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का विसार

1 विभिभनन परिरपाठिटयो का सहारा लना

2 इसलामी दश(न स परभावि होकर सतय को अललाह खदा हजर और पीर कह ह

3 दा दश(न स परभावि होकर सतय को अलख विनराकार बरमहन और आतमन कह कर

भी समबोमिध कर ह

परशनः- 12- सतरो पर आधारिर परशन ए उततर -

विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए था उस पर आधारिर परशनो क उततर दीजिजए

यह उदहरण उस फरमा(न (बादशाह क हकम नाम ) का अश ह जिजस 1598 म अकबर न जारी विकया

हमार बलद और मकदस (पवितर) जहन म पहचा ह विक यीश की मकदस जमा क पादरी खमबाय गजराज क शहर म इबाद क लिलए (विगरजाघर ) एक इमार की ामीर (विनमा(ण) करना चाह ह इसलिलए यह शाही फरमान जारी विकया जा रहा ह खमबाय क महानभा विकसी भी रह उनक रास म न आए और उनह विगरजाघर की ामीर करन द जिजसस अपनी इबाद कर सक यह जररी ह विक बादषाह क इस फरमान की हर रह स ामील (पालन ) हो

परशनः- 1 यह उदहरण कहा b स लिलया गया ह 1

परशन- 2 इस फरमान दवारा अकबर न गजरा क लोगो को कया आदश ठिदया 2

परशन- 3 यह आदश अकबर की विकस धारमिमक परभितत को दशा(ा ह 2

परशन- 4 कौन स लोग थ जिजनकी ओर बादशाह क फरमान को न मानन की आशका थी 2

उततरः- 1 यह उदहरण समराट अकबर क उस फरमान स लिलया गया ह जो उनहोन 1598 म जारी विकया था

2 इस फरमान क दवारा अकबर न गजरा क लोगो को आदष ठिदया विक उस ईसाई पादरी को विगरजाघर बनान द जो उस बनाना चाह ह

3 यह आदश अकबर की धारमिमक सहनशीला की परभितत को दशा(ा ह विक ह सभी धमz का समान आदर करा था

4 बादशाह को आषका थी विक सभः गर ईसाई इस फरमान को न मान

पाठ - 7

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर1 हमपी की खोज

कन(ल मकनजा दवारा हमपी भगनाष का सshyकषण

2 राय नायक था सलान

विजयनगर सामराजय की सथापना

भन विनमा(ण की कनीको का विकास

21 शासक और वयापारी

यदधकला अशवसना पर आधारिर होना

प(गालिलया दवारा पभिwमी ट पर वयापारिरक और सामाजिजक क दरो की

सथापना

22 राजय का चरमोतकष( था पन

राजनीवि म सतता क दादार

कषणद राय दवारा राजय का विसार था दढ़ीकरण

कषणद राय दवारा माb क नाम पर उपनगर की सथापना

कषणद राय क उततरामिधकारिरयो को चनौवियो का सामना

ालीकोट का यदध

रामराय की जोखिखम भरी नीवि

23 राय था नायक

सना दवारा विकलो पर विनयतरण

नायक अमरनायक की भमिमका

3 विजयनगर राजधानी था उसक परिरचछद

31 जलसपदा

कमलपरम जलाशय का विनमा(ण

32 विकल बठिदयाb था सड़क

फारस क शासक दवारा अबदर रsup2ाक को द क रप म कालीकट भजना

द का कालीकट की विकलबदी स परभावि होना

कविष कषतरो का विकलबद भभाग

नगरीय भाग की आरिरक विकलबदी

सरभिकष परशदवार विलिशषट सथापतय क नमन

इडो इसलामिमक शली का परयोग

33 शहरी कनदर

शहरी कनदर का उततरी पv कोना अमीरो का रिरहायशी कषतर

करb जलाशय नगर विनालिसया क पानी क सरो

4 राजकीय कनदर

सपरदायो और मठिदरो को राजा का सरकषण

सरचनाओ था मठिदरो म अर

41 महानमी विडबबा

सरचनाओ का नामकरण भनो क आकार था कायाIgrave क आधार पर

विशालकाय मच

42 राजकीय कनदर म सथिसथ अनय भन

(कमल) लोटस महल परिरषदीय सदन

मठिदर धारमिमक कनदर था राजकीय कनदर

5 धारमिमक कनदर

51 राजधानी का चयन

विरपाकष मठिदर धारमिमक मानयाओ स सबध

52 गोपरम और मणडप

गोपरम अथा राजकीय परशदवार

मठिदर परिरसरो की चारिरवितरक विशषा रथ गलिलया

6 महलो मठिदरो था बाजारो का अकन

परशन-1 हमपी नगर विकस नदी क विकनार बसा हआ ह 2

उततर गभदरा नदी क विकनार हमपी नगर बसा हआ ह

परशन- 2 पमपा विकस दी का नाम ह 2

उततर दी पमपा पा(ी का नाम ह

परशन-3 कालिलन मक जी कौन था उसका भारीय इविहास म कया योगदान था 2

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

परशन-4 हपी क मठिदरो की विषषाओ का ण(न कर 2

उततर हपी क मठिदर अतय अलक सभयकत मडप थ विविषषट अभिभलकषणो म मडप था लब सभो ाल गलिलयार को अकसर मठिदर परिरसर म सथिसथ द सथलो क चारो ओर बन थ सममिममलिल ह विटठल और हजारा राम मठिदर यहा b परमख ह

परशन-5 विजयनगर की जल आशयकाओ को विकस परकार परा विकया जाा था 2

उततर bगभदरा दवारा विनरमिम एक पराकविक कड ह यह नदी उततर म उततर प( ठिदशा म बही ह आसपास की पहाविड़यो स कई जलधाराए b आकर नदी म मिमली ह लगभग सभी धाराओ पर बा bध बनाकर अलग अलग हौज बनाए गए थ शषक कषतर होन क कारण पानी क सचय और इस शहर क ल जान क लिलए वयापक परबध करना आषयक ह सबस महतपण( हौज का विनमा(ण परारभिभक शाबदी क आरभिभक षz म हआ जिजस कमलपरम जलाषय कहा जाा ह

परशन- 6 शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को रखन क आपक विचार म कया फायद और नकसान थ 4

उततर विजयनगर शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को चारदीारी क अदर रखन स हमार विचार स अनक लाभ और हाविनयाb थी इसका विरण इस परकार ह-

कविष कषतर म खो क आसपास सामानयः साधारण जना और विकसान रह थ बागो और खो की रखाली करना आसान था

परायः मधयकालीन घराबदी का मखय उददशय परविपकष को खादय सामगरी स लिच कर जलदी स जलदी आतमसमप(ण (हलिथयार डालन क लिलए) क लिलए करना होा था

यदधकाल म शतरओ दवारा घराबदी कई महीनो क जारी रखी जाी थी यहाb क विक ष क चल सकी थी आमौर पर शासक ऐसी परिरसथिसथवियो स विनपटन क लिलए विकलबद कषतरो क भीर ही विशाल अननगारो का विनमा(ण करा थ

विजयनगर क शासको न पर कविष भ-भाग को बचान क लिलए एक अमिधक महगी था वयापक नीवि को अपनाया

विकलाबद खी योगय भमिम को चार दीारी क अदर रखन स नकसान यह था विक परायः बाहर रहन ाल विकसानो को आन जान म दवारपालो स इजाज लनी होी थी साथ ही शतर दवारा घराबदी होन पर बाहर स कविष क लिलए आशयक जरर पड़न पर बीज उ(रक यतर आठिद बाहर क बाजारो स लाना परायः कठिठन था

यठिद शतर पकष क दवारा काटी गई फसल को आग लगाकर जला ठिदया जाा ो आरथिथक हाविन बह वयापक हो सकी थी

परशन- 7 आपक विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का कया महतत था 4

उततर हमार विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का वयापक महतत था विजयनगर शहर क सबस ऊb च सथानो पर महानमी विडबबा नामक विशाल मच होा था इसकी सरचना स जड़ अनषठान सभः लिसमबर था अकटबर क शरद मासो म मनाए जान ाल दस ठिदन क विहनद तयौहार जिजस दशहरा (उततर भार) दगा(पजा (प बगाल) था नरावितर या महानमी (परायदवीपीय भार म) नामो स जाना जाा ह क महानमी क असर पर विनषपाठिद विकए जा थ इस असर पर विजयनगर शासक अपन रब ाक और अमिधराजय का परदश(न कर थ

इस असर पर होन ाल धमा(नषठानो म मरकि की पजा राजय क अशव की पजा था भसो और अनय जानरो की बलिल सममिममलिल थी नतय कशी परविसपधा( था साज लग घोड़ो हालिथयो था रथो और सविनको की शोभायातरा और साथ ही परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट इस असर क परमख आकष(ण थ

तयौहार क अतविनम ठिदन राजा अपनी था अपन नायको की सना का खल मदान म आयोजिज भवय समारोह म विनरीकषण करा था इस असर पर नायक राजा क लिलए बड़ी मातरा म भट था साथ ही विनय कर भी ला थ

परशन- 8 विजयनगर सामराजय क विभिभनन विरणो स आप विजयनगर क सामानय लोगो क जीन की कया छवि पा ह 4

उततर सामानय लोगो क बार म बह जयादा विरण पराप नही हो कयोविक सामानय लोगो क आासो जो अब असतिसत म पराप नही हए ह -

कषतर सshyकषण इविग कर ह विक इस पर कषतर म बह स पजा सथल और छोट मठिदर थ जो विविध परकार क सपरदायो क परचलन की ओर सक कर ह

विजयनगर सामराजय म साधारण लोग विभिभनन समपरदायो जस विहनद श षणो जन बौदध और इसलाम क अनयायी रह थ ह विभिभनन भाषाओ जस कननड़ मिमल लग ससक आठिद का परयोग कर थ

सामानय लोगो म कछ छोट वयापारी और कछ सौदागर भी थ जो गाो कसबो और छोट शहरो म रह थ इनम कछ वयापारी बदरगाह शहरो म भी रह थ सथानीय सओ जस मसाल मोी चदन आठिद क साथ-साथ कछ वयापारी घोड़ और हालिथयो का वयापार भी कर थ

विकसान शरमिमक दास आठिद को भी साधारण लोगो म शामिमल विकया जा सका था सामराजय म कछ सामानय बराहमण वयापारी और दास दालिसयाb भी थ साधारण लोग कविष काय क साथ-साथ विभिभनन परकार क थाकलिथ छोट समझ जान ाल काय( भी विकया कर थ

परशन- 9 विजय नगर सामराजय क उतथान म अमरनायक परणाली क महतत का मलयाकन कीजिजए 8

उततरः- इस सविनक परणाली का विजयनगर सामराजय क उतथान म महततपण( योगदान था जिजसका मलयाकन विनमनलिलखिख विबनदओ म ठिदखाया गया ह -

1 अमर नायक परणाली विजयनगर सामराजय की एक परमख राजनीविक खोज थी ऐसा परी होा ह विक इस परणाली क कई तत ठिदलली सलन की इकता परणाली स लिलए गए थ

2 अमर नायक सविनक कमाडर थ जिजनह राय दवारा परशासन क लिलए राजय कषतर ठिदय जा थ

3 विकसानो लिशलपकरमिमयो था वयापारिरयो स भ-राजस था अनय कर सल कर थ

4 राजस का कछ भाग मठिदरो था सिसचाई क साधनो क रख रखा क लिलए भी खच( विकया जाा था

5 अमर नायको क दल आशयका क समय विजयनगर क शासको को भी एक परभाी सविनक सहाया परदान कर थ

6 अमर नायक राजस का कछ भाग वयलिकतग उपयोग था घोड़ो और हालिथयो क विनधा(रिर दल क रख-रखा क लिलए अपन पास रख ल थ

7 य दल विजयनगर शासको को एक परभाी सविनक शलिकत परदान करन म सहायक हो थ जिजसकी मदद स उनहोन पर दभिकषणी परायदवीप को अपन विनयतरण म विकया

8 अमर नायक राजा को ष( म एक बार भट भजा कर थ और अपनी सामिमभलिकत परकट करन क लिलए राजकीय दरबार म उपहारो क साथ सय उपसथिसथ हआ कर थ

9 य अमर नायक राजा क विनयतरण म रह थ राजा कभी-कभी उनह एक स दसर सथान पर सथानारिर कर उन पर अपना विनयतरण दशा( थ

10 17 ी शाबदी म इनम स कई नायको न अपन सतर राजय सथाविप कर लिलए

अनचछद आधारिर परशनपरशन- 11

कालिलन मक जी

1754 ई म जनम कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया कह ह- विबरठिटश परशासन क सपरभा म आन स पहल दभिकषण भार खराब परबधन की दग(वि स लब समय क जझा रहा विजयनगर क अधययन स मक जी को यह विशवास हो गया विक कपनी - सथानीय लोगो क अलग अलग कबीलो जो इस समय भी जनसखया का एक बड़ा विहससा थ को अब भी परभावि करन ाल इनम स कई ससथाओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल कर सक थ

( क ) कालिलन मक जी कौन था 1

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की

( ख )कालिलन मक जी न विकस पराचीन शहर की खोज की 1

उततर हपी

( ग ) उनहोन सshyकषण कयो परारभ विकया 2

उततरः- भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

( घ ) कालिलन मक जी न अपना काय( विकन चरणो म परा विकया 3

उततर- स(परथम उनहोन मानलिचतर यार विकए विरपाकष मठिदर ए पपादी क पजारिरयो स जानकारिरया b इकटठी की उनहोन सथानीय परपराओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल की

विषय - 08

विकसान जमीदार और राजय1 विकसान और कविष उतपादन

भौगोलिलक विविधा

11 सरोा की लाश

ऐविहालिसक गरथ आइन-ए-अकबरी

गजरा महाराषटर था राजसथान स मिमलन ाल दसाज

12 विकसान और उनकी जमीन

खी वयलिकतग मिमसतिलकय क लिसदधा पर आधारिर होना

13 सिसचाई और कनीक

कविष का विसार

मानसन पर कविष पर आभिशर होना

सिसचाई क कवितरम उपाय अपनाना

कविष पशबल पर आधारिर होना

14 फसलो की भरमार

खरीफ रब की फसल

यरिरया क अलग-अलग विहससो स भार क फसला का आना

2 गरामीण समदाय

21 जावि और गरामीण माहौल

आबादी का समहा था जावि वयसथा को बधनी म बटना

राजपो की चचा( विकसानो क रप म

22 पचाय और मखिखया

पचाय म विविधा

गा क मखिखयो का चना गा क बजग दवारा

जावि की अहलना रोकन का मखय दामियत गा क मखिखया की शाठिदयाb जाविग

मानदडो क आधार पर

पचायो दवारा झगड़ा क समझौ

23 गरामीण दसकार

दसकारा का अमिधक सखया म गाbो म होना

दसकारो को जमीन का महाराषटर म पशनी अमिधकार

साओ का विविनमय

24 एक छोटा गणराजय

सामाजिजक सिलग क नाम पर समाज म गहरी विषमाए

3 कविष समाज म मविहलाएb

उतपादन परविकरया म योगदान

कछ कषतर मविहलाओ क लिलए सरभिकष करना

कपोषण क कारण मविहलाओ की मतय दर अमिधक होना

मविहलाओ दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान मविहलाओ को जमीदारी उततरामिधकार क रप म

4 जगल और कबील

41 बस हए गाbो क पर

यहाb क लोगो को गजारा जगल क उतपादा लिशकार और सथानारीय खी

राजय क जगल रकषाकच

42 जगलो म घसपठ

हालिथया का परयोग

मगलो दवारा लिशकार अभिभयानो का आयोजन

ाभिणसथिजयक खी का परसार

सामाजिजक कारणा स जगलालिसया क जीन म बदला आना

जगल क इलाको म नई ससकवि का विसार

5 जमीदार

जमीदारो को आरथिथक और सामाजिजक सविधाएb होना

सविनक ससाधन ाक का विहससा होना

मगलकालीन गाbो म सामाजिजक सबध एक विपरामिमड क रप म

जमीदारी दवारा बाजारी (हाटो) की सथापना

जमीदारी का विकसानो स आतमीया होना

6 भराजस परणाली

राजय का परशासन तर

भराजस क इजामा म 2 चरण

1 कार विनधा(रण

2 ासविक सली

7 चादी का बहा

वयापार म विसार

समदरी वयापार स नयी सओ का वयापार

8 अबलफज़ल की आइन-ए-अकबरी

अकबर क शासनकाल म 5 सशोधनो क पwा परा होना

ऐविहालिसक दासान का आइन अकबरी म ण(न शाही विनयम राजपतरो का सकलन

लिसललिसलार सकलन एक शाही कायद

ीन भाग परशासन का विरण

सबो क नीच इकाईयो का

सखयातमक आकड़ो म विशषाएb

आइन लोगो उनक पशो और वयसायो सामराजयादी वयसथा और उसक

उचचामिधकारिरयो की सचनाएb दनाला गरथ

अवि सभिकषप परशन (02 अक)

परशन 1 16 ी सदी क राजय अफसरो दवारा विकए जान ाल विभिभनन कारयो का ण(न कर

उततर- भ राजस सल करना भमिम की नाप करना रिरकाड( रखना आठिद

परशन 2 आइन ए- अकबरी क लखक कौन थ

उततर- अबल फजल अकबर का दरबारी लखक थ नरतनो म स एक थ

परशन 3 रय कौन थ य विकन परकार क थ

उततर- विकसान थ दो परकार- खद काश और पाविह काश खद काश उनही गा b म रह थ

जिजनम उनकी जमीन दी और पाविह काश खविहर थ जो दसर गाbो स ठक पर खी करन आ थी

परशन 4 आइन क माविबक विकन परकार की फसल ॠएb थी

उततर आइन - ए - अकबरी क अनसार कविष वयसथा म मखय रप स दो कविष ऋए थी खरीफ और रबी खरीफ का उदाहरण चाल और जार और रबी का उदाहरण गह b और चना

परशन 5 जिजनस -ए- कामिमल स कया अभिभपराय ह

उततर- सzततम फसल जस - कपास और गनना

सभिकषप परशन (4 अक)

परशन 6 पचाय क कायz का ण(न कीजिजए

(1) सामदामियक काय( जस विक मिमटी क छोट-छोट बाbध बनाना या नहर खोदना

(2) पराकविक आपदाओ स विनपटन की वयसथा करना

(3) गरामीण समाज क लिलए विनयम बनाना

(4) जावि की अहलना रोकना

(5) सजा दना जस - जमा(ना लगाना और समदाय स विनषकालिस करना

परशन 7 आइन ए- अकबरी का ण(न कीजिजए

(1) अकबर क सामराजय का झलक दषा(ना

(2) सविनक सगठन का ण(न करना

(3) सरकार क विभागो और परानो क बार म विसार स जानकारी दना

(4) राजस क सतरो था विहसाब रखना

(5) खविहर समाज का ण(न करना

परशन 8 कविष उतपादन म मविहलाओ की भमिमका का विरण कीजिजए

(1) मविहलाएb और मद( कध स कधा मिमलाकर खो म काम कर थ

(2) बआई विनराई और कटाई क साथ - साथ पकी हई फसल का दाना विनकालना

(3) स काना बरन बनान क लिलए मिमटी को साफ करना और ग bथना कपड़ो पर कढ़ाई करना जस दसकारी क काम करना

(4) बचचा पदा करना था उनका पालन पोषण करना

(5) परविबध जस पसथिषचमी भार म मविहलाओ को हल या कमहार का चाक छन की इजाज

नही थी बगाल म पान क बागान म परष नही कर सकी थी

परशन 9 भ- राजस कस विनधा(रिर विकया जाा था

(1) दीान पर राजय की विततीय वयसथा की दख रख करा था

(2) भ- राजस क दो चरण- जमा और हालिसल जमा विनधा(रिर रकम और हालिसल सचमच सली की गई रकम

(3) जी हई जमीन और जोन लायक जमीन दोनो की नपाई की गई

(4) राजस कम(चारिरयो की विनयलिकत भ - राजस सल करन क लिलए की गई

(5) ारकिषक रिरपzट यार करना

परशन 10 जबी वयसथा की परमख विषषाओ का ण(न कीजिजए

(1) जमीन की नाप अविनाय(

(2) भमिम का गvकरण -पोलज परौी चचर और बजर

(3) औस उपज का जञान रखना

(4) राजय का भाग विनसथिषच करना

(5) नकद मलय विनसथिषच करना

(6) भमिमकर एकवितर करना

लमब पर शन 08 अक परशन 11 जमीदार कौन थ उनक कया काय( थ

जमीदार गरामीण समाज क अभिभनन अग थ जो अपनी जमीन क मालिलक हो थ कविष उतपादन म परतयकष भागीदारी नही कर थ गरामीण समाज म उbची हलिसय क कारण उनह कछ विशष सामाजिजक और आरथिथक सविधाय मिमली हई थी समाज म उनकी उचच सथिसथवि क दो कारण थ पहला - जावि दसरा- उनक दवारा राजय को दी जान ाली विशष साय

काय(-

(1) भराजस सल करना

(2) राजा और विकसान क बीच मधयसथा करना

(3) सविनक टकविड़यो की वयसथा

(4) कविष भमिम का विकास करना

(5) विकसानो को कविष क लिलए ऋण दना

(6) अपनी जमीनो की फसल को बचना

(7) गा म बाजार (हाट) लगान की वयसथा करना

(8) जमीदारी की खरीद बच स गा की आरथिथक सथिसथ म सधार लाना

शरो आधारिर परशन-

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परषनो क उततर दीजिजए

नकद या जीनस

आइन स यह एक अनचछद ह-

अमील - गजार लिसफ( नकद लन की आद न डाल बसतिलक फसल भी लन क लिलए यार रह यह बाद ाला रीका कई रह स काम म लाया जा सका ह पहला कणक विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क अदाजा अगर कोई शक हो फसल को ीन अलगअलग पसिलदो म काटना चाविहए - अचछा मधयम और बदर और इस रह शक दर करना चाविहए अकसर अदाज स विकया गया जमीन का आकलन भी पया(प रप स सही नीजा दा ह दसरा बटाई जिजस भाओली भी कह ह (म) फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की मौजदगी म रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ी ह ना( - दषट - बजिदध और मककार घोखबाजी की नीय रख ह ीसर ख बटाई जब बीज बोन क बाद ख बाbट ल ह चौथ लाbग बटाई फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक (पकष) अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 1 कणक का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततर- विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क का मलब अदाजा ह

परशन 2 भ राजस सली की बटाई अथा भाओली परथा कuml सपषट कीजिजए (2)

उततर- इसम फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की उपसथिसथवि म

रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ ह

परशन 3 लाbग बटाई परथा की वयाखया कीजिजए (2)

उततर- फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक अपना - अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 4 भ राजस सली की कौन सी परथा आप अचछी समझ ह और कयो सपषट कीजिजए (2)

उततर- लाbग बटाई कयोविक सबको अपना - अपना विहससा मिमला ह और मनाफा मिमला ह

पाठ - 9शासक और इविततमगल दरबार (16 ी 17 ी शाखिबदया)

मगल दरबार (परान सदभ दवारा इविहास की पनर(चना)

विस सshyकषण-राजनीविक इविहास

खोज की कहानी-दरबारी कागजा (दसाज़)

उदाहरण-अकबरनामा बादशाहनामा

विचार-विमश(-नय राजनीविक सामाजिजक आरथिथक ए सासकविक इविहास

बाबर स औरगजब क औरगजब क अमिधकारी शरशाह सरी

परसाना-दरबारी इविहासकार-अबलफजल

मगलशासक और सामराजय-उलमा ग(

इविततो की रचना-शाहजहाbनामा आलमगीरनामा जक जहाbगीरी आठिद

कETH स फारसी की ओर

पाडलिलविपयो की रचना

रगीन लिचतर

आदश( राजय-सलह कल-जन-कलयाण मनसबदारी परथा

जहाbगीर था शाहजहाb का काल भ-विलास का काल

अकबर की फारमिमक नीवि राजप नीवि

औरगजब क समय कला को झटका

राजधाविनयाb नय शहर

मगल दरबार-झरोखा दश(न

पदवियाb उपहार भट कोरकिनश

शाही परिरार

सचना था सामराजय

पराीय शासन

सीमाओ स पर

ीथ(यातरा और वयापार गरओ क परवि असीम आसथा-धम( पर विमश(

मगल ासकला लिचतरकला सासकविक विकास

मगलहरम मगल कारखान

कनदरीय परशासन

अवि लघ परशन (2 अक)

पर1 कोरकिनश शबद क अथ( को सपषट कीजिजए

उततर कोरकिनश औपचारिरक अभिभादन का एक ऐसा रीका था जिजसम दरबारी दाएb हाथ की लहथी को ललाट पर रखकर आग की ओर लिसर झका थ

पर2 1526 स 1707 क क बीच भार म शासन करन ाल ष का नाम बाइए और इस श क ससथापक कौन थ

उततर मगल श और ससथापक बाबर

पर3 rsquoविकाबखानाrsquo शबद का अथ( कया ह

उततर rsquoविकाबखानाrsquo का शाखिबदक अनाद पसकालय ह यह एक ऐसा लखन गह था

जहा शासको दवारा सकलिल पाडलिलविपया रखी जाी था नई पाडलिलविपया यार की जाी थी

पर4 पाडलिलविपयो की सरचना म सलगन कछ लोगो क कायz को बाइए

उततर पाडलिलविपयो की रचना क विविध काय म बह लोग शामिमल हो थ इनम स कछ लोगो क दवारा कागज बनाना सलखन मिघसाई लिचतरकारी और जिजलदसाजी की जाी थी

पर5 बाबर की आतमकथा कौन-सी भाषा म लिलखी गई थी

उततर बाबर की आतमकथा rsquoजक बाबरीrsquo मल रप स कETH भाषा म लिलखी गई थी बाद म इस फारसी भाषा म बाबरनामा क नाम स अनाद विकया गया

लघ परशन (4 अक ) पर6 मगल सामराजय म शाही परिरार की ममिसतरयो दवारा विनभाई गई भमिमका का मलयाकन कीजिजए

उततर 1 मगल परिरार म शही परिरारो स आन ाली ममिसतरयो बगमो अगाहा म अर रखा जाा था

2 पममितनया और उनक अनक मविहलाए साधारण स साधारण काय( स लकर बजिदधमा स अलग-अलग काय का सपादन कर थ

3 नरजहा क बाद मल राविनयो और राजकमारिरयो न महततपण( विभिततय सरोो पर विनयतरण रखना शर विकया

4जहाbआरा रोषनआरा को ऊb च शाही मनसबदारो क समान ारकिषक आय होी थी

5 जहाbआरा को सर क बदरगाह स राजस पराप होा था

6 ससाधनो पर विनयतरण न मगल परिरार की महततपण( ममिसतरयो को इमारो या बागो क विनमा(ण का अमिधकार ठिदया था

7 चाbदनी चक की रपरखा जहाbआरा क दवारा बनाई गई

पर7 rsquoबादशाहनामाrsquo पर सकषप म ठिटपपणी लिलखिखए

उततर अबलफज़ाल एक विषषय अबदल हमीद लाहौरी बादषाह नामा क लखक क रप म जाना जाा ह इसकी योगयाओ क बार म सनकर बादषाह शाहजहाb न उस अकबर नामा क नमन पर अपन शासन का इविहास लिलखन क लिलए विनयकत विकया बादषाह नामा भी सरकारी इविहास ह इसकी ीन जिजलद (दफर) ह और परतयक जिजलद 10 चदर ष का बयोरा दी ह लाहौरी न बादषाह क शासन (1627 47) क पहल क दो दषको पर पहला दसरा दफर लिलखा इन जिजलदो म बाद म शाहजहाb क जीर सादलला खाb न सधार विकया

विस उततर (8 अक)

पर8 मनसबदारी क परणाली क गण और दोषो की विचना कीजिजए

उततर मनसबदारी परणाली क गण

1 समराट को सनय सगठन सबधी परशाविनयो स छटकारा ठिदलाना

2 योगयानसार पद परदान विकया जाना

3 परशासविनक वयय को सीमिम करना

4 सामराजय का विसार ए सथामियत परदान करना

5 मनसबदार कला और साविहतय क पोषक थ

मनसबदारी परणाली क दोष

1 भशाली जीन स धन को दरपयोग होना

2 विनधा(रिर सखया स कम सविनक

3 समराट क परवि सामी भलिकत का विकास नही होना

4 अमीरो था सरदारो म विदरोह की भाना पनपना

5 मगल सना का राषटरीय सना न बन पाना

6 शासक और सविनको क मधय सीध समपक( की कमी

अधयाय 10

उपविनषाद और दहा

1 बगाल और हाb क जमीदार

11 बद(ान म की गई नीलामी की घटना

- इसमरारी बदोबस

- नीलामी म बोली लगाना

- फजv विबकरी

12 अदान विकए गए राजस की समसया

- जमीदारिरयो का हसारण

- अकाल

- जमीदार भसामी न होकर राजस समाहा(

13 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ

- जमीदारो की असफला क विभिभनन कारण

14 जोदारो का उदय

15 जमीदारो की ओर स परविरोध

- फ़जv विबकरी क अग( ममिसतरयो क नाम पर सपभितत को सरभिकष करना

16 पाbची रिरपोट(

- ईसट इविडया कपनी क चीन और भार म वयापार क एकामिधकार को रदद करना

- कपनी का कशासन और अवयसथिसथ परशासन

- परर समिमवि

2 कदाल और हल

21 राजमहल की पहाविड़यो म

- बकानन क अनभ

- पहाड़ी लोगो का विनास वयसाय

- सथायी कविष का विसार

- पहाविड़या मखिखयाओ को ारकिषक भतता दकर कषतर म शावि सथाविप करना

- सथाल लोगो का आगमन

22 सथाल आगआ बासिशद

- पहाविड़या लोग जहाb उपदरी थ सथाल आदश( बासिशद

- सथालो क गाbो की जिदध

23 बकानन का विरण

- ईसट इविडया कपनी क लिलए बकानन दवारा पराकविक साधनो की खोज

- नो को कविष भमिम म बदलन क परयास

3 दहा म विदरोह

- बमबई दककन

- विकसानो दवारा साहकारी क बही-खा जलाना और अनाज़ लटना

- अहमदनगर म विदरोह

- अगरजो क सामन 1857 क विदरोह का दशय उपसथिसथ होना

- विगरफारिरयो का दौर

32 एक नई राजस परणाली

- 1810 क बाद खी की कीम बढ़ना

- औपविनलिशक सरकार दवारा भ-राजस म उपाय सोचना

- जमीदारो दवारा जमीनपटट पर दना और विकराए विक आमदनी पर विनभ(र होना

- बबई दककन म रयाड़ी का लाग होना

33 राजस की माbग और विकसान का कज(

- बबई म कठोराप(क राजस सल करना

- 1832 क बाद कविष उतपादो की कीमो म जी स विगराट आना

- अकाल की चपट म कविष पशधन और मनषय का आना

- 1840 क बाद कविष और आरथिथक सथिसथवि म सधार

34 विफर कपास म जी आई

- अमरिरका स कचचा माल (कपास) लन पर विबरठिटश का सिचवि होना

- 1857 म विबरटन म कपास आपरकि सघ की सथापना

- 1859 म मनचसटर काटन कपनी की सथापना

- भार म कपास की खी आरमभ करना

- 1861 म अमरिरका म गहयदध

- बमबई म कपास की खी को परोतसाहन दना

- दककन म गाbो क विकसानो को असीमिम ऋण उपलबध कराना

35 ऋण का सरो सख गया

- अमरिरका क गहयदध क बाद हाb कपास का उतपादन आरमभ हआ

- भारीय कपास क विनया( म विगराट

- विकसानो स ऋण ापस माbगना और राजस की माग को बढ़ाना

36 अनयाय का अनभ

- ऋणदाा का सदनहीन होना

- बयाज का मलधन स अमिधक होना

- 1859 म अगरजो दवारा परिरसीमन कानन बनाना

- दसाज और बधपतर अतयाचार परणाली स परीक होना

4 दककन दगा आयोग

बमबई सरकार दवारा 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट म दककन दगा आयोग का रिरपोट(

पश करना

2 अक क पर शन पर1 सथायी बदोबस कया था 2

उततर- भमिमकर या लगान इकटठा करन की परथा जो 1793 म अगरजी गन(र जनरल लाड( कान(ालिलस (1786-1793) न चलाई उस सथायी बदोबस कह ह इस वयसथा क अग( भमिम जमीदारो को सथायी रप स द दी गई इस भमिम कर वयसथा को सथायी बदोबस का नाम ठिदया गया

पर2 रयबारी बनदोबस कया था 2

उततर- अगरजी कमपनी न भार म लगान सल करन क अनक ढग चलाय उनम रयबारी भी एक था इसम सरकार का सबध जमीदारो स न होकर रय या विकसानो स सीधा होा था इसलिलए जमीदारो को बीच म कछ नही दना पड़ा था इस परथा को मदरास और बमबई म लाग विकया गया इस वयसथा म लगान की दर काफी ऊb ची थी जिजसक परिरणामसरप विकसान कज( लन क लिलए मजबर हो जा थ

पर3 भाड़ा पतर कया था 2

उततर- भाड़ा पतर एक ऐसा दसाज था जिजसम रय यह लिलखकर द थ विक साहकारो स जमीन और पश खी करन क लिलए भाड़ पर ल रह ह ास म यह जमीन और पश रय क ही हो थ जो ऋण न चका पान क कारण ऋणदाा न हलिथया लिलए थ

पर4 सथाल कौन थ उनक जीन की दा विशषाएb कया थी 2

उततर- सथाल लोग राजमहल पहाविड़यो की लहटी या विनचल भागो म रह थ हल स जाई करक खी कर थ उनह मदानो क जमीदार लोग खी क लिलए नई भमिम यार करन और खी का विसार करन क लिलए भाड़ पर लगा ल थ

पर5 दककन दगा आयोग स आप कया समझ ह 2

उततर- 1875 क बाद जो दककन म विकसानो दवारा दग विकए गए उनकी छानबीन करन क लिलए भार सरकार क दबा डालन पर बमबई की सरकार न जो जाbच आयोग बठाया उस दककन दगा आयोग कहा जाा ह इसकी रिरपzट 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट क सामन पश की गई

पर6 जोदार कौन थ 2

उततर- धनी विकसानो क समह को जोदार कहा जाा था जो 18 ी शाबदी क अ म जमीदारो की बड़ी मसीबो का लाभ उठाकर अपनी शलिकत बढ़ान म लग हए थ

4 अक क पर शन

पर7 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ 4

उततर- इसक अनक कारण थ-

1 आरमभ म राजस की दर और माग बह ऊb ची रखी गई थी कयोविक सरकाशकराचाच( सोची थी विक बाद म राजस की मागो को बढ़ाया नही जा सकगा

2 शर-षर म जमीदारो को अपनी-अपनी भमिमयो क सधार म अपन पास स बह धन वयय करना पड़ा जिजसक परिरणामसरप लगान का भगान करन क लिलए उनक पास धन की कमी हो गई

3 जमीदार लोग नए काननो को समझन म असमथ( रह इसलिलए राजस दन म कोाही करन लग जिजसक कारण राजस की राविष बढी चली गई

4 1790 क दषक म कविष उपज की कीम परायः काफी कम थी इसलिलए विकसान जमीदारो को अपना कर चकान म असफल रह ऐस म जब विकसानो स धन पराप नही हआ ो आग अगरजी राजस अमिधकारिरयो को धन कस चका सक थ

5 राजस की राविष ो एक समान रही थी परन कई बार सखा अकाल पड़न या अमिधक षा( क कारण फसल बबा(द हो जाी थी परन राजस स का सा ही बना रहा था जिजस परविकल परिरसथिसथवियो म चकाना काफी कठिठन हो जाा था

6 जमीदारो स सभी परषासविनक अमिधकार छीन लिलए गए थ और अपनी सनय टकविड़याb भी नही रख सक थ इस परकार विकसानो पर उनका विनयतरण काफी ढीला पड़ गया था ऐस म विकसानो स पसा कस सल विकया जा सका था

7 जमीदारो को कमजोर होा दखकर अनक गाb क मखिखया-जोदार या पविड बड़ परसनन हो थ कयोविक अब उनक विरदध शलिकत का परयोग नही कर सक थ ऐस म जमीदारो या उनक परविविनमिधयो जिजनह lsquolsquoअमलाrsquorsquo कह थ विकसानो स भमिमकर एकवितर करना काफी कठिठन हो जाा था

पर8 सथालो न विबरठिटश शासन क विरदध विदरोह कयो विकया 4

उततर- सथालो क विबठिटश शासन क विरदध विदरोह क विनमन कारण थ -

1 सथालो न जिजस जगली भमिम को बड़ी कठिठनाई स साफ करक खी योगय बनाया था अब उस पर अगरजी सरकार भारी कर लगा रही थी

2 उधर साहकार लोग भी विबरठिटश सरकार क अमिधकारिरयो स मिमलकर ऊb ची दर स सथालो को कज( दन लग थ और कज( न मिमलन पर उनकी भमिमयो को हलिथयान लग थ साहकार की इस कचषठा क पीछ विबरठिटष सरकार का हाथ था ऐसा सथाल लोगो न महसस विकया इसलिलए साहकारो को नही विबरठिटश सरकार को दोषी मानन लग थ

3 उधर जब जमीदारो न सथालो क विनसथिषच इलाक जिजस दामिमन-इ-कोह कहा जाा था पर अपन अमिधकार का दाा विकया ो सथाल लोग विबरठिटष नीवियो स और भयभी हो गए कयोविक उनक विचार म इस कचषठा क पीछ भी विबरठिटश सरकार का हाथ था

4 विबरठिटश सरकार जस-जस सदढ़ होी गई उसन पहाड़ी कषतरो को भी अपन दढ विनयतरण म लन का परयतन विकया ऐसा विबरठिटश सामारजय की सरकषा और आरथिथक सथिसथवि क लिलए आशयक माना गया ऐस म जब सथालो क इलाक पर विबरठिटश सरकार न अपना विनयतरण करन की सोची ो सथाल भड़क उठ और उनहोन 1855-56 म विबरठिटष सरकार क विरदध विदरोह कर ठिदया

पर9 पहाविड़या लोगो क बार म आप कया जान ह 4

उततर- 1 पहाविड़या लोग राजमहल पहाविड़यो क असली विनासी थ इस जगह को अपनी विनजी सपभितत समझ थ

2 पहाविड़या लोग झम खी कर थ जगल क छोट स विहसस म झाविड़या आठिद को काट कर और घास-फस को जलाकर जमीन साफ कर ल थ और राख की पोटाष स उपजाऊ बनी भमिम पर अपनी फसल उगा थ विफर कछ समय उस जमीन को खाली छोड़ द थ ाविक मिमटटी की उ(रा बनी रह

3 कदाल पहाविड़या लोगो क जीन का परीक बन गया था

4 इनका जीन परी रह जगल की उपज पर विनभ(र था जगलो स खान क लिलए फल था महआ क फल इकटठा कर थ और बचन क लिलए लकविड़या इकटठी कर थ

08 अक क परशन

पर10 विकसानो का इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क बार म कया समसयाऐ आी ह

उततर- विकसानो सबधी इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क दौरान आन ाली समसयाएb-

1 विकसानो स सबमिध इविहास लिलखन म कई सतरो ह जिजनम सरकार दवारा रख गए राजस अभिभलख सरकार दवारा विनयकत सshyकषणका(ओ क दवारा दी गई रिरपोटz पवितरकाए जिजनह हम सरकार की पकषधर कह सक ह सरकार दवारा विनयकत जाच आयोग की रिरपोट( अथा सरकार क विहमायी पा(गह या सोच रखन ाल अगरज यावितरयो क विरण और रिरपोट( आठिद शामिमल ह

2 ऐस ऐविहालिसक सतरोो पर दमिषटपा कर समय हम यह याद रखना होगा विक य सरकारी सतरो ह और घटनाओ क बार म सरकारी सरोकार और अथ( परविपरिबविब कर ह उदाहरणाथ( - दककन दगा आयोग स विषष रप स यह जाbच करन क लिलए कहा गया था विक कया सरकारी राजस का सर विदरोह का कारण था सपण( साकषय परस करन क बाद आयोग न यह सलिच विकया था विक माग विकसानो क गसस की जह नही थी

3 रिरपोट( का मखय सार ए दोष - इसम सारा दोष ऋणदााओ या साहकारो का ही था इसस यह बा सपषट होी ह विक औपविनविषक सरकार यह मानन को कभी भी यार नही थी विक जना म असोष या रोष कभी सरकारी काय(ाही क कारण भी उतपनन हआ था

4 सरकारी रिरपोट( इविहास क पनविनमा(ण क लिलए बहमलय सतरो लिसदध होी ह लविकन उनह हमषा साधानीप(क पढ़ा जाना चाविहए और समाचार पतरो गर-सरकारी ाो मिधक अभिभलखो और यथासभ मौखिखक सतरोो स सकलिल साकषय क साथ उनका मिमलान करक उनकी विशवसनीया की जाbच की जानी चाविहए

5 औपविनलिशक सरकार जना म वयाप असोष था रोष क लिलए सय को उततरदायी मानन क लिलए यार नही थी

पर11 ईसट इविडया कपनी न जमीदारो पर अपना विनयतरण बढ़ान क लिलए कया-कया कदम उठाए 4

उततर- 1 जमीदारो की सनय टकविड़यो को भग कर ठिदया गया

2 सीमा शलक समाप कर ठिदया गया

3 उनकी कचहरिरयो को कमपनी दवारा विनयकत कलकटर की दखरख म रख ठिदया गया

4 जमीदारो स सथानीय नयाय और सथानीय पलिलस की वयसथा करन की शलिकत छीन ली गई

5 समय क साथ-साथ कलकटर का काया(लय सतता क एक विकलपी कनदर क रप म उभर आया और जमीदार क अमिधकार को परी रह सीमिम ए परविबमिध कर ठिदया गया

अनचछद आधारिर परशन-

पाची रिरपोट( स उदध-

जमीदारो की हाल और जमीनो की नीलामी क बार म पाची रिरपोट( म कहा गया ह -

राजस समय पर नही सल विकया जाा था और काफी हद क जमीन समय-समय पर नीलामी पर बचन क लिलए रखी जाी थी सथानीय ष( 1203 दनसार सन 1796-97 म विबकरी क लिलए विजञाविप जमीन की विनधा(रिर रालिश (जममा) 2870061 लिसकका र थी और र ास म 1790416 र म बची गई और 1418756 रपय रालिश जममा क रप म पराप हई सथानीय स 1204 दानसार सन 1797 - 98 म 26661991 लिसकका रपय क लिलए जमीन विजञाविप की गई 2274076 लिसकका रपय की जमीन बची गई और करय राविष 2147580 लिसकका रपय थी बाकीदारो म कछ लोग दष क बह परान परिरारो म स थ य थ नाठिदया राजशाही विषनपर (सभी बगाल क) आठिद क राजा साल दर साल उनकी जागीरो क टट जान स उनकी हाल विगड़ गई उनह गरीबी और बबा(दी का सामना करना पड़ा और कछ मामलो म ो सा(जविनक विनधा(रण की रालिश को यथा बनाए रखन क लिलए राजस अमिधकारिरयो को भी काफी कठिठनाइया उठानी पड़ी

पर 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ 3

पर2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ 2

पर3 पा bची रिरपोट( कया थी 2

उततर 1

(क) राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमशा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततर 2

कछ बाकीदार परान परिरार स थः नठिदया राजशाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततर 3

पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परशासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परशासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

अधयाय - 11

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान1 विदरोह का ढरा(

- विदरोह की खबर एक शहर स दसर शहर पहbचना

- हर छानी म विदरोह का घटनाकरम

11 सनय विदरोह कस शर हए

- विदरोह क विभिभनन सक

- कही ोप का गोला दागना ो कही विबगल बजाना

- शासतरागार पर कबजा और सरकारी खजान को लट लाना

- सम सर विफरविगयो क खिखलाफ अपील जारी करना

- विदरोह म आम लोगो को शामिमल होना

12 सचार क माधयम

- अचछा सचार का सथाविप होना

- योजना समतविन और असरदार होना

- सामविहक विनण(य

13 ना 5 नाओ का उभरकर आना

14 अफाह और भविषयाभिणयाb

- विबरठिटश शासन क खिखलाफ अफाह फलाना

- लाड( हारडिडग क विरदध षड़यतर रचना

15 लोग अफाहो म विशवास कयो कर रह थ

- लोगो क जहन म डर सदह मल कारण

- सी परथा और विहनद विधा विाह

- अगरजी परणाली का हदयहीन परायी और दमनकारी होना

2 अध म विदरोह

21 एक विगलास चरीफल

- 1801 म अध स सहायक समिध की योजना

- 1851 म लाड( डलहौजी का बयान

- 1851 म अध का अमिधगरहण होना

22 दह स जान जा चकी थी

- ाजिजद अली शाह को कलकतता विनषकालिस करना

- अध स नाब क विनषकासन स जना को बहद दख और अपमान का सामना

23 विफरगी राज का आना और एक दविनया का खातमा

- अध क अमिधगरहण स कल नाब की गददी न छीनी जाना उसक ाललकदार को भी लाचार करना

- 1857 म एकमश बदोबस का लाग होना

- एक परी सामाजिजक वयसथा का भग होना

- परानी दविनया का खातमा

3 विदरोही कया चाह थ

31 एका की कलपना

- विदरोही विदरोविहयो दवारा सामाजिजक एका सथाविप करना

- विहनदसानी फौजिजयो को उनका हक ठिदलाना

- परिहद धम( और इसलाम की रकषा करना इसाई धम( को फलान स रोकना

32 उतपीड़न क परीको क खिखलाफ

- विफरगी राज क उतपीविड़न को रोकना

- विबरठिटश भराजस वयसथा को नकारना

- वयापक सा(जविनक भलाई को करना

33 कसथिलपक सतता की लाश

- विबरठिटश शासन क धस होन क बाद ठिदलली लखनऊ कानपर म कसथिलपक सतता की लाश

- परानी दरबारी ससकवि का सहारा लना

- मगल वयसथा स मिमली-जली वयसथा अपनाना

4 दमन

- अगरजी दवारा विदरोह कचलना आसान न होना

- माश(ल ला काम न आना

- अनक टकविड़यो दवारा हरक इलाका छाना जाना

- जमीदारो को फसलान का परयतन करना

- विकसानो का बरा हाल बनाना

5 विदरोह की छावियाb

- विदरोविहयो की घोषनाएb सचनाएb और पतर

- कल अगरजी दसाज ही आधार नही

- जना की भानाओ को भड़काना और परविशोधण क लिलए पररिर करना

51 रकषको का अभिभनदन

- अगरजी पदामिधकारिरयो का अभिभनदन

- विदरोह को कचलन ाल अमिधकारिरयो को महामविड करना

52 अगरज और और विबरटन की परविषठा

- अगरज औरो और बचचो को मन म भय पदा करना

- अगरजिजय और ईसाईय की रकषा

53 परविशोध और परदश(न

- अगरजी दवारा परविशोधातमक और सबक सीखन की योजना यार करना

54 दहश का परदश(न

- विदरोविहयो को मौ क घाट उार जाना

55 दया क लिलए कोई जगह नही

- अगरजो क हदय म दया की गजारिरश न होना

- खौफनाक दशय का उपसथिसथ होना

56 राषटरादी दशय कलपना

- विदरोविहयो म राषटरादी भाना का कट कट कर भरना

- विदरोही नाओ को राषटर नायको क रप म परस करना

- साविहतय और लिचतर म राषटरनायको की ीरगाथा का गणगान करना

अविलघ परशन ( 02 अक ) परशन 01 सहायक समिध को विकस गन(र जनरल दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल चार परमख शलिकतयो क नाम लिलखिखए

उततर सहायक समिध को गन(र जनरल लाड( लसली दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल परमख शलिकतयाb थी - हदराबाद अध मसर इतयाठिद

परशन 02 कानपर म विकस अगरज मविहला न भारीय लिसपाविहयो स ीराप(क अपनी रकषा की

उततर मिमस वहीलर

परशन 03 अध का अविम नाब कौन था उस पशन दकर कहाb भजा गया

उततर ाजिजद अली शाह अध का अविम नाब था उस पशन दकर कलकतता भज ठिदया गया

परशन 04 सामानय सा भv अमिधविनयम विकस गन(र जनरल क शासनकाल म था कब पारिर विकया गया

उततर सामानय सा भv अमिधविनयम 1856 म लाड( कपरिनग क शासनकाल म लाग विकया गया

लघ परशन ( 04 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क राजनविक ए परशासविनक कारणो का ण(न कर

उततर (क) विबरठिटश शासको की सामराजयादी नीवि

(ख) राजय अपहरण की नीवि

(ग) पशनो था उपामिधयो की समातविप

(घ) मगल समराट क परवि असममानजनक बा(

(ड) अध का विलय

(च) सहायक समिध का दरपयोग

परशन 02 1857 विदरोह की असफला क कया कारण थ

उततर (क) विदरोह का विनभिw विलिथ स प( विसफोट

(ख) अगरजो को दशी शासको का सहयोग पराप होना

(ग) उचच ग( का सहयोग न मिमलना

(घ) विदरोविहयो क सीमिम साधन

(ड) सामानय आदश( का अभा

(च) परविभाान विबरठिटश सनापवि

(छ) सचार-साधनो पर अगरजो का विनयतरण

परशन 03 1857 विदरोह क सरप का ण(न कर

उततर (क) सविनक विदरोह मातर-

(अ) 1857 क विदरोह की परमख आधारभमिम सविनको दवारा यार की गयी थी

(ब) विदरोह का सा(मिधक महतपण( था ातकालिलक कारण चबvाल कारसो का मामला था

(स) विदरोह का परसार सपण( दश म नही हआ यह उनही नगरो ए कषतरो क सीमिम रहा जहाb सविनक चौविकयाb और छाविनयाb थी

(द) विदरोह का दमन करन म विबरठिटश सरकार को अमिधक कठिठनाईयो का सामना नही करना पड़ा कयोविक इस सामानयजनो का सहयोग ए समथ(न पराप नही था

(ख) परथम सतरा सगराम-

(अ) लाखो कारीगरो विकसानो और लिसपाविहयो न कनध स कनधा मिमलाकर विबरठिटश सतता क खिखलाफ सघष( विकया घमककड़ सनयालिसयो फकीरो ए मदारिरयो दवारा गा-गा म इसका परचार-परसार विकया

(ब) आदोलन म विहनद-मसलमानो न एकजट होकर भाग लिलया सभी विदरोविहयो म एक म स बहादरशाह को अपना समराट सीकार विकया

(स) विदरोह क लगभग सभी कनदरो म जनसाधारण न विबरठिटश शासन क विरदध सविकरय भाग लिलया

(द) विदरोह का कषतर काफी वयापक था अनक दशी रिरयासो ए राजयो म शासक ग( क विबरठिटश सतता क सहयोग ए समथ(क बन रहन पर भी सना ए जना दवारा विदरोह म सविकरय भाग लिलया था

विस परशन ( 08 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क सामाजिजक आरथिथक धारमिमक ए सविनक कारणो का ण(न करो

उततर (क) आरथिथक कारण

(अ) समपदा का विनषकासन

(ब) भारीय उदयोग-धनधो था वयापार-ाभिणजय का विनाश

(स) भ-राजस की दर

(द) इनाम म पराप जागीरो को छीनना

(य) जनसामानय म बकारी और दरिरदरा

(ख) सामाजिजक कारण

(अ) भारीयो क साथ दवरयहार

(ब) भारीयो क सामाजिजक जीन म हसकषप

(स) पाwातय लिशकषा का परसार

(द) ईसाई धम( का परचार

(ग) सविनक कारण

(अ) भारीय सविनको म असोष

(ब) भारीय सविनको की अपकषाक अमिधक सखया

(स) सना का दोषपण( विरण

(द) सामानय सा भv अमिधविनयम

(य) चबvाल कारस

अनचछद पर आधारिर परशनविनमनलिलखिख अनचछद को पठिढ़ए और उततर दीजिजए-

विदरोही कया चाह थ इस विषय म हम 25 अगस 1857 ई 0 की आजमगढ़ घोषणा स महतपण( जानकारी मिमली ह

भाग- सरकारी कम(चारिरयो क विषय म-

lsquolsquoअब यह कोई रहसय की बा नही ह विक विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv हो ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी परशासविनक और सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सभी पद कल अगरजो को ही ठिदय जा ह इसलिलए विबरठिटश सा म काम करन ाल सभी भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए उनह 200-300 रपय मालिसक न मिमलगा और भविषय म ऊच पद मिमलगlsquolsquo

भाग- कारीगरो क विषय म-

इसम कोई सदह नही विक इगलड म विनरमिम सओ को ला-लाकर यरोपीयो न हमार बनकरो सी सतर बनान ालो बढ़ईयो लोहारो और मोलिचयो आठिद को बरोजगार कर ठिदया ह उनक काम-धनधो पर इस परकार अमिधकार जमा लिलया ह विक दशी कारीगरो की हर शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई ह बादशाही सरकार म दशी कारीगरो को राजाओ और अमीरो की सा म विनयकत विकया जाएगा विनःसदह इसस उनकी उननवि होगी इसलिलए इन कारीगरो को अगरजो की सा छोड़ दनी चाविहएlsquolsquo

परशन-01 भार म विबरठिटश माल की पहbच न कारीगरो को विकस परकार परभावि विकया

उततर भार म विबरठिटश म विनरमिम सओ की पहbच क कारण भारीय बनकर सी सतर बनान ाल बढ़ई लोहार मोची आठिद सभी दसकार ए लिशलपकार बरोजगार हो गए विबरटन क मशीन विनरमिम सस माल न भारीय बाजारो पर अमिधकार कर लिलया परिरणामसरप दशी कारीगरो की परतयक शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई

परशन-2 बादशाही सरकार की अधीना म कारीगरो की दशा विकस परकार उनन होगी

उततर बादशाही सरकार म दशी कारीगरो ए लिशलपकारो को अमीरो की सा म विनयकत विकया जायगी इसस उनकी उननवि होगी

परशन-3 सरकारी सा म विनयकत लोग विबरठिटश सरकार स कयो असनषट थ

उततर विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv होन ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी थी परशासविनक ए सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सार पद कल अगरजो को ही ठिदय जा थ इसलिलए सरकारी सा म विनयकत भारीय विबरठिटश सरकार स असनषट थ

परशन-4 विदरोही घोषणा म बार-बार विकस बा क लिलए अपील की गई

उततर विदरोही घोषणा म बार-बार इस बा क लिलए अपील की गई विक भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए

पाठ - 12

औपविनलिशक शहर

नगरीकरण नगर-योजना सथापतयमहतपण( विबनद

सरोः- 1 ईसट इविडया कपनी क रिरकाड(

2 जनगणना रिरपोट(

3 नगरपालिलकाओ क रिरपzट(

1900 - 1940 क नगरीय जनसखया 10 परविष स बढ़कर 13 परविष हो गई

18 ी शाबदी क अ क मदरास बमबई था कलकतता महतपण( बदरगाह नगर क रप म विकलिस हो चक थ

यााया क नए साधनो जस टराम बस घोड़ गाविड़या इतयाठिद न लोगो को अपन घरो स दर काम करन क सथान पर जाना सभ बना ठिदया

कई भारीय शासको न यरोपीय भन विनमा(ण शली को आधविनका था समया का परीक माना था इस शली क भन बनाकर अपनी शलिकत का परदष(न करन का परयास विकया

सथानीय लोगो की बसतिसयो को rdquo बलक टाऊनrdquo कहा जाा था अगरजो की बसतिसयो को बलक टाऊन स अलग रखन क लिलए बीच म दीार बनाई गई थी

पठ एक मिमल शबद ह जिजसका मलब होा ह बसी जबविक परम शबद गाb क लिलए इसमाल विकया जाा ह

परशन 1 औपविनलिशक सदभ( म शहरीकरण क रझानो को समझन क लिलए जनगणना सबधी आकड़ विकस हद क उपयोगी हो ह (2)

उततर औपविनविषक सदभ( म शहरीकरण क रझान को समझन क लिलए जनगणना सबधी आbकड़ बह उपयोगी हो ह

(अ) इसस शव और अष लोगो की कल जनसखया या आबादी को जानन म सहयोग मिमला ह

(ब) शव और अष टाऊन क विनमा(ण विसार और उनक जीन सबधी सर भयकर बीमारिरयो क जनसखया पर पड़ दषपरभा आठिद को जानन म भी जनगणना सबधी आbकड रन जानकारी दन ाल पठिटटयो का काय( कर ह

(स) जनगणना सबधी आbकड़ विभिभनन समदायो काय जावियो की जानकारी द ह

परशन 2 विबरठिटश शासन क दौरान लिसविल लाइनस कया थ (2)

उततर 1857 क विदरोह क बाद भार म अगरजो का रया विदरोह की लगाार आशका स य होन लगा था उनको लगा था विक शहरो की और अचछी रह विहफाज करना जररी ह और अगरजो को दविषयो क ख़र स दर जयादा सरभिकष पथक बसतिसयो म रहना चाविहए परान कसबो क इद(-विगद( चरागाहो और खो को साफ कर ठिदया गया लिसविल लाइनस क नाम स नए शहरी इलाक विकलिस विकए गए लिसविल लाइनस म कल गोरो को बसाया गया

परशन 3 औपविनलिशक शहरो म रिरकाड( सभालकर कयो रख जा थ (2)

उततर 1 जनसखया म हए बदलाो की जानकारी क लिलए

2 औपविनलिशक शहरो क विकास विक पनर(चना क लिलए

परशन 4 ीनो औपविनलिशक शहरो यथा मदरास बमबई और कलकतता का एक सामानय विषषा लिलख (2)

उततर मदरास बमबई और कलकतता ीनो शहरो की बसतिसयो म अगरजी ईसट इविडया कमपनी क वयापारिरक था परशासविनक काया(लय सथाविप विकय गए थ ीनो शहरो क पास बदरगाह विकलिस हए

परशन 5 कोई ीन प(ीय सथल क नाम लिलख जिजनकी सथपना अगरजो न भार म की थी

उततर लिशमला दारजिजलिलग माऊटआब

परषन 6 परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो म खद को विकस रह सथाविप विकया (4)

उततर परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो अथा( मदरास (चननई) बमबई (मबई) और कलकतता (कोलकाा) म कमपनी क एजनट क रप म रहना शर विकया

य सभी बसतिसयाb वयापारिरक और परषासविनक काया(लयो ाली थी इसलिलए भारीय वयापारिरयो को यह शहर सविधाजनक लग यह ीनो शहर बदरगाह थ और इनम सड़क यााया जहाजरानी क साथ-साथ कालार म रलो की सविधा पराप हो गई भारीय गरामीण वयापारी और फरी ाल शहरो म माल गाb स खरीदकर भी ला थ अनक भारीय वयापारी जब परान और मधयकालीन शहर उजड़ गए ो उनह छोड़कर इन बड़ शहरो म आ गए उनहोन वयापारिरक गविविमिधयाb करन क साथ-साथ उदयोग-धध भी गाए अपनी अविरिरकत पbजी इन शहरो म विनष की

वयापारिरक गविविमिधयो क बार म रख गए सरकारी रिरकाडz और विस बयौरो स कई परकार की जानकारी पराप कर थ शहरो की समसयाओ क समाधान क लिलए नगरपालिलकाओ स सहयोग लिलया गया अनक वयापारी इन बड़ शहरो क उपनगरीय

कषतरो म भी रहन लग उनहोन घोड़ागाड़ी और नए यााया क साधनो को भी परयोग विकया भारीय वयापारी कमपनी क वयापार म महततपण( भमिमका विनभा थ ममबई क रहन ाल वयापारी चीन को जान ाली अफीम क वयापार म विहससदार थ

उनहोन ममबई की अथ(वयसथा को माला राजसथान और सिसध जस अफीम उतपादक इलाको स जोड़न म सहाया दी कमपनी क साथ गठजोड़ एक मनाफ का सौदा था जिजसस कालार म एक पbजीपवि ग( का विकास हआ भारीय वयापारिरयो म सभी समदाय-पारसी माराड़ी कोकणी मसलमान गजराी बविनए बोहरा यहदी आठिद शामिमल थ

परशन 7 औपविनलिशक कलकतता म नगर विनयोजन पर सासथय और सरकषा की जररो क परभा का मलयाकन कीजिजए (4)

उततर भार म उपविनशााद का सीधा परभा नगर विनयोजन पर दमिषटगोचर होा था कमपनी ए अगरजी सरकार न भार क परमख बदरगाह ाल शहरो को विनयोजिज ढग स बसान का विचार विकया इन शहरो म एक शहर था-कलकतता जो बगाल सब का एक महतपण( शहर अगरजी सतता की राजधानी ए ाभिणजय का कनदर था कलकतता शहर क विनयोजन का परथम चरण लाड( लजली क काय(काल म परारभ हआ

(अ) सासथय क दमिषटकोण स बह सार बाजारो घाटो कविबरसानो और चम(षोधन इकाइयो को साफ विकया गया इनम स कछ को हटा ठिदया गया शहर का एक नीन नकषा यार विकया गया इसम सड़क क विकनार ए अनय अध कबजो को हटान की लिसफारिरष की गई 1817 म हजा था 1896 म पलग महामारी न कलकतता को अपनी चपट म ल लिलया

लिचविकतसक इसकी ठोस जह नही बा पाए परिक lsquoजनसासथयrsquo की अधारणा को बल मिमला सरकार ए जागरक नागरिरक (दवारकानाथ टगोर ए रसम जी कोासजी) यह मानन लग विक शहर को सासथयध(क बनाना आषयक ह अ 5 घनी आबादी ाली बसी था झोपविड़यो को हटाया गया सासथय क आधार पर वहाइट ए बलक टाउन जस नसली विभाजन हए

(ब) सरकषा कलकतता शहर क विनयोजन का भार सरकार न अपन ऊपर इसलिलए लिलया कयोविक यह शहर सरकषा क दमिषटकोण स सदनशील था

1756 म नाब लिसराजददौला न कलकतता पर हमला विकया था था कमपनी को करारी लिशकस दी थी

कमपनी न 1757 म जब लिसराजददौला कोपराजिज विकया उसक बाद उसन कलकतता शहर की विकलाबदी शर की ाविक आसानी स कलकतता पर हमला न विकया जा सक ीन गाb सानाी कोलकाा और गोविनदपर को मिमला कर कलकतता शहर बसाया गया फोट( विलिलयम क आसपास खली जगह छोड़ी गई ाविक हमलारो पर आसानी स गोलीबारी की जा सक

इस परकार यह सपषट रप स दखा जा सका ह विक कलकतता शहर क विनयोजन म सरकषा ए सासथय का वयापक परभा था

परशन 8 भार म औपविनलिशक शासन काल म नगरा की कया सथिसथवि थी (4)

उततर

1 गरामीण इलाको क गरीब रोजगार क लिलए शहरो की रफ भाग रह थ कई लोग आकष(क शहरी जीन क कारण भी नगरो की ओर खिखच चल आ रह थ

2 औपविनलिशक शासको न विनयमिम रप स सshyकषण कराए सा bसथिखयकीय आ bकड़ इकटठ विकए और समय-समय पर शहरो स सबमिध सरकारी रिरपोट( परकालिश की

3 मदरास बबई और कलकतता क नकश परान भारीय शहरो स काफी हद क अलग थ भनो का सथापतय कला बदल गया था

4 जिजन विहल सटशनो म चाय और काफी क बागान लगाए गए थ हा b बड़ी सखया म मजदर आन लग

5 शहरो म औरो क लिलए अनक असर थ कछ सधारको न मविहलाओ की लिशकषा का समथ(न विकया लविकन रठिढ़ाठिदयो न इसका विरोध विकया जस-जस समय बीा सा(जविनक सथानो पर मविहलाओ की उपसथिसथवि बढ़न लगी नौकरानी और फकटटरी मजदर लिशभिकषका और विफलम कलाकार क रप म शहरो क नए वयसायो म दाखिखल होन लगी

परशन 9 भार म छाविनयो क विकास का ण(न कर (08)

उततर अगरजी सामराजय की सरकषा क लिलए अगरजी सरकार न महतपण( सथानो पर छाविनयो की सथापना की उनहोन कई मल राजयो की सीमाओ पर राजय की उथल-पथल को विनयवितर करन था शासको की गविविमिधयो पर विनगरानी रखन क लिलए छाविनया b बनाई सन 1765 ईसी म लाड( रोबट( कलाई न अपनी सना रखन क लिलए छाविनयाb बनान की नीवि का विनमा(ण विकया इन छाविनयो म विबरठिटश सना को रखकर उनह सविनक परलिशकषण ठिदया जाा था और उनम सविनक जीन वयी करन और अनशासन म रहन की लिशकषा दी जाी थी उस समय भार म 62 छाविनया b थी भार म सबस महतपण( छाविनयाb लाहौर पशार विफरोज़पर आगरा बरली जालधर झा bसी नागपर मबई कलकतता मदरास ठिदलली आठिद थी भटिटडा म सथाविप की गई नई छानी दश की 62 छाविनयो म स सबस बड़ी छानी ह छाविनयो पर विनयतरण रखन ाला सबस बड़ा अमिधकारी डायरकटर जनरल होा ह यह छाविनयो का परशासन था छानी क बाहर था भीर की अचल सपभितत की दख-रख करा ह परतयक छानी का परशासन एक छानी बोड( चलाा ह छानी बोड( एक सायततशासी ससथा होी ह और इसक सभी कायz पर क दरीय रकषा मतरालय का विनयतरण होा ह छाविनयो पर क टोनमट एकट 1924 दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा चन हए परविविनमिधयो क अविरिरकत कछ सरकारी मनोनी सदसय भी हो ह नगर का सटशन कमाडर बोड( का परधान होा ह क दरीय सरकार पराथमिमक लिशकषा सड़को पर रोषनी का परबध था सड़को की मरमम का काय( करी ह

परशन 10 बमबई नगर म भन विकन-विकन भन विनमा(ण शलिलयो क अनसार बनाए गए (08)

उततर बमबई शहर म ठिदखन ाल विभिभनन औपविनलिशक भन विनमा(ण शली

( क ) नशासतरीय या विनयोकलालिसकल शली

बड़-बड़ सभो क पीछ रखागभिणीय सरचनाओ का विनमा(ण इस शली की विशषा थी यह शली मल रप स पराचीन रोम की भन विनमा(ण शली सविनकली थी जिजस यरोपीय पनजा(गरण क दौरान पनजvवि सशोमिध और लोकविपरय विकया गया

1 बमबई का टाउन हाल

2 एसतिलफसटन सक( ल या हारकिनमान सक( ल

( ख ) न-गालिथक शली

उची उठी हई छ नोकदार महराब और बारीक साज-सsup2ा इस शली की खालिसय होी ह गालिथक शली का जनम इमारो ख़ासौर स विगरजो स हआ था जो मधयकाल म उततरी यरोप म काफी बनाए गए

1 सलिचालय

2 बमबई विशवविदयालय

3 बमबई उचच नयायालय

4 विकटोरिरया टरमिमनस

( ग ) इडो-सारासविनक शली

एक नयी मिमभिशर सथापतय शली विकलिस हई जिजसम भारीय और यरोपीय दोनो रह की शलिलयो क त थ इडो शबद विहनद का सभिकषप रप था जबविक सारासविनक शबद का परयोग यरोप क लोग मसलमानो को सबोमिध करन क लिलए कर थ

परशन 11 अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिखएः-

गरामीण कषतरो की ओर पलायन

1857 म विबरठिटश सना दवारा शहर पर अमिधकार करन क बाद ठिदलली क लोगो न कया विकया इसका ण(न परलिसदध शायर मिमजा( ग़ालिलब इस पकरार कर ह दशमन को पराजिज करन और भगा दन क बाद विजाओ ( विबरठिटश ) न सभी ठिदशाओ स शहर को उजाड़ ठिदया जो सड़क पर मिमल उनह काट ठिदया गया दो स ीन ठिदनो क कशमीरी गट स चाbदनी चक क शहर की हर सड़क यदधभमिम बनी रही ीन दवार - अजमरी क( मान था ठिदलली अभी भी विदरोविहयो क कबज म थ इस परविशोधी आकरोश था घणा क नग नाच स लोगो क चहरो का रग उड़ गया और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन

ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

( क ) मिमजा( ग़ालिलब कौन था ( 1 )

उततर मिमजा( ग़ालिलब एक परलिसदध शायर था

( ख ) 1857 म ठिदलली म कया और कयो हो रहा था ( 2 )

उततर 1857 क विदरोह क दौरान ठिदलली पर विदरोविहयो का कबजा था पर शीघर ही उस विबरठिटश सना दवारा कबज म कर लिलया गया

( ग ) जब ठिदलली पर विबरठिटष सना क दवारा अमिधकार विकया जा रहा था ब कौन स ीन दवार विदरोविहयो क कबज म थ ( 2 )

उततर ीन दवार -अजमरी क( मान था ठिदलली विदरोविहयो क कबज म थ

( घ ) विबरठिटश सना दवारा ठिदलली पर अमिधकार क दौरान लोगो की कया सथिसथवि थी (2)

उततर लोगो क चहरो का रग उड़ गया था और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

पाठ - 13

महातमा गाधी और राषटरीय आदोलनसविनय अजञा और उसस आग- गाधीजी सतरा सगराम म भाग लन ाल सभी नाओ म सा(मिधक परभाशाली और सममाविन ह

- मोहनदास करमचद गाधी दभिकषण अफरीका म दो दशक रहन क बाद जनरी 1915 म भार ापस आए

- दभिकषण अफरीका म गाधीजी न पहली बार सतयागरह क रप म जानी गई अविहसातमक विरोध की अपनी विविषषठ कनीक का इसमाल विकया और विभिभनन धमz क बीच सौहादर बढ़ान का परयास विकया

- गोखल की सलाह स इस भमिम और इसक लोगो को जानन क लिलए गाधीजी न एक ष( की यातरा की

- उनकी पहली महतपण( सा(जविनक उपसथिसथवि फररी 1916 म बनारस विहनद विषविदयालय म क उदघाटन समारोह म हई

- अपनी भाषण की माधयम स उनहोन भारीय विविषषट ग( को आड हाथो लिलया और लाखो गरीब भारीयो का समथ(न विकया

- उनहोन सफला प(क 1917 म चमपारण सतयागरह और 1918 म खड़ा सतयागरह और अहमदाबाद कपड मिमल क मजदरो का समथ(न विकया

- 1919 दषभर म रोलट एकट क खिखलाफ अभिभयान रोलट सतयागरह स गाधीजी एक सचच राषटरीय ना बन

- 1920 जलिलयााला बाग हतयाकाड क बाद अगरजी शासन क खिखलाफ असहयोग आदोलन खिखलाफ आदालन का समथ(न अगरजो क साथ परी रह असहयोग सकल कालज और कचहरिरयो का बविहषकार

- चरी चोरा हतयाकाड और आदोलन ाविपस लना

- गा bधीजी एक लोकविपरय ना होन क कारण- आम लोगो की रह सतर पहन थ उनकी रह रह थ और उनकी रह ही भाषा बोल थ

- 1924 जल स रिरहा होन क बाद गाधीजी अपना घयान रचनातमक काय( जस चरखा को लोकविपरय बनाना विहनद - मसलमान एका छआछ को समाप करन म लगाया

- 1928 साईमन कमीशन गाधीजी का राजनीवि म पनः परष

- 1929 लाहोर म कागरस का अमिधशन पण( सराजय की माग

- 1930 दाडी माच( नमक कानन का उललघन

- दश क विशाल भाग म न कानन का उललघन फकटरी कामगरो का हड़ाल

-कीलो दवारा विबरठिटश अदालो का बविहषकार विदयारथिथयो दवारा सरकारी लिशकषा ससथानो का बविहषकार

- 1930 गोलमज सममलन कागरस न बविहषकार विकया

- 1931 गा bधी - इरकिन समझौा

- 1935 गन(मट आफ इविडया एकट

- 1937 पराो म चना 11 म स 8 पराो म कागरस की सरकार

- 1939 विदवीय विशव यदव कागरसी मवितरमडलो दवारा इसीफा

- 1940 मसलिलम लीग क दवारा परथक राषटर की माग

- 1942 विकरपस मिमशन की असफला भार छोडो आदोलन पर भार म जनआदोलन

- 1946 कविबनट मिमशन कागरस और मसथिसलम लीग को एक सघीय वयसथा पर राजी करन म असफला बगाल विबहार उततरपरदष और पजाब म सामपरदामियक दग

- 1946 लाड( माउटबटन का ायस राय बनना भार का विभाजन औपचारिरक सतता हसारण भार को सतरा की परातविप

- राजधानी म हो रह उतसो म गाधीजी की अनपसथिसथवि कलकतत म 24 घट क उपास

- बगाल म शावि सथापना क लिलए अभिभयान चलान क बाद गाधीजी का ठिदलली आगमन यहा b स दगागरस पजाब क जिजलो म जान क विबचार 30 जनरी 1948 नाथराम गोडस दवारा गाधीजी को गोली मारकर हतया कर दी गई

अवि लघ पर शन ( 02 अक ) परशन-1 दो परमख नाओ क नाम लिलखिखए जिजनहोन विभिभनन दशो क राषटर विनमा(ण म परमख भमिमका विनभाई

उततरः- (क)अमरिरका म जाज( ालिशगटन (ब) भार म महातमा गा bधी

परशन-2 लाल - बाल - पाल कौन थ

उततरः-(क) य आरभिभक उगर राषटरादी ना थ जिजनहोन अखिखल भारीय सर पर

राषटरादी आदोलन चलाया (ब) लाल - लाला लाजप राय बाल ndash बाल गगाधर विलक पाल विविपनन चनदर पाल

परशन-3 गा bधीजी दवारा भार म विकसानो और मजदरो क लिलए चलाए गए दो आदोलन क नाम लिलखिखए

उततर- (क) चमपारण सतयागरह - 1917 (नील विकसानो क लिलए) (ब) अहमदाबाद मिमल मजदर आदोलन (1918)

परशन-4 बनारस विहनद विशवविदयालय म गा bधीजी क भाषण का महत बाइए

उततरः- (क) गा bधीजी न मजदर गरीबो की ओर धयान न दन क कारण भारीय विलिशषट ग( को आड़ हाथो लिलया (ब) धनी और गरीबो क बीच की विषमा पर उनहोन लिचना परकट की उनक अनसार दश की मलिकत कल विकसानो क माधयम स ही हो सकी ह

परशन- 5 रौलट एकट कया ह

उततरः- (क) सतरा सगराम को कमजोर करन क लिलए रौलट दवारा यह कानन बनाया गया था

(ब) विकसी भी वयलिकत को विबना जा bच विकय काराास म डाला जा सका था

परशन- 6 चरखा को राषटरीय परीक क रप म कयो चना गया था

उततरः-(क) चरखा सालममिमबा और आतम सममान का परीक ह (ब) हजारो बरोजगार गरीबो को परक आमदनी परदान करन का साधन

परशन- 7 भारीय राषटरीय आदोलन म कागरस क लाहौर अमिधशन का कया महत था

उततरः-(क) कागरस न सराज क सथान पर पण( सराज को लकषय बनाया

(ब) 26 जनरी 1930 को सतरा ठिदस क रप म मनाना

परषनः-8 1931 क गा bधी-इरकिन समझौ का उललख कीजिजए

उततरः- अ) सविनय अजञा आदोलन को सथविग कर ठिदया गया

ब) इरकिन न सभी अपरिहसक कठिदयो को रिरहाई की बा मान ली

स) भारीयो को नमक बनान की छट

द) गा bधीजी दसर गोलमज सममलन म विहससा लन क लिलए राजी

परशन -9 विदवीय विशव यदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का दमिषटकोण कया था

उततरः- (क) गाधीजी और नहर दौनो ही विहटलर और नासथितसयो क कटटर आलोचक थ (ब) उनहोन फसला लिलया विक अगर अगरज यदध समाप होन क बाद भार को सतरा दन पर राजी हो ो कागरस उनक यदध परयासो म सहाया द सकी ह

लघ पर शन ( 04) अक परशन- 10 विकन कारणो स गाधीजी न असयोग आदोलन को चलाया यह आदोलन कयो सथविग करना पड़ा

उततरः- 1 रौलट कानन क विरोध म

2 जलिलया b ाला बाग हतयाकाड क अनयाय का परविकार करना

3 खिखलाफ आदोलन को समथ(न करन क लिलए

4 सराजय परातविप क लिलए

चौरी - चौरा म हई परिहसा को दख हए गाधीजी न असहयोग आदोलन को सथविग कर ठिदया कारण ह अविहसा क पजारी थ

परशन-11 दाड़ी माच( क महत को समझाइए

उततरः-1 विबरठिटश भार क सा(मिधक घभिण काननो म स एक जिजसन नमक क उतपादन और विकरय पर राजय को एकामिधकार द ठिदया था का उललघन विकया गया था

2 पहली बार राषटरीय आदोलन म ममिसतरयो न बढ़ - चढ़ कर भाग लिलया

3 दश क विशाल भाग म सरकारी काननो का उललघन विकया गया

4 अगरजो को अहसास हआ विक अब उनका राज बह ठिदनो क नही ठिटक सका

परशन-12 पथक विना(लिचका की समसया कया थी इस मदद पर कागरस दलिल गz क बीच कया मभद थ इस समसया का कया समाधान विनकाला गया

उततरः-1 पथक विना(लिचका की मा bग दलिल ग( दवारा उठाई गई जिजसम ह अपन लिलए भी चना कषतरो का आरकषण चाह थ

2 1931 क दसर गोलमज सममलन म दलिल ना डा0 भीमरा अमबडकर न कहा विक कागरस दलिलो का परविविनमिधत नही करी

3 उनक अनसार पथक विना(लिचका क दवारा ही दलिलो की आरथिथक सामाजिजक दशा को सधारा जा सका ह

4 गाधीजी न इसका विरोध विकया उनका मानना था विक विहनद समाज उचच और दलिल ग( म बट जायगा था दश की एका कमजोर होगी अः पना समझौ दवारा कागरस क भीर ही दलिलो को पथक विना(चन कषतर ठिदय गए था पथक विना(लिचका की समसया हल हो गई

दीघ( परशन ( 08 अक ) परशनः- 13 गाधीजी न विकस परकार राषटरीय आदोलन को जन आदोलन म बदल ठिदया

उततरः- 1 सरल सातवितक जीन शली

2 लोगो की भाषा विहनदी का परयोग

3 चमतकारी अफाह

4 सतय अविहसा

5सदशी और बविहषकार

6 चरखा का परयोग और खादी को लोकविपरय बनाना

7 ममिसतरयो दलिलो और गरीबो का उदधार

8 विहनद मसथिसलम एका 9 छआ - छ का उनमलन

10 समाज क परतयक ग( को बराबरी क नजरिरय स दखना और सभी को राषटरीय आदोलन म शामिमल करना

परशनः-14 ऐस सरोो की वयाखया कीजिजए जिजनस महातमा गाधी क राजनीविक जीन था भारीय राषटरीय आदोलन इविहास को पनः सतरबदध कर सक ह

उततरः- 1 आतमकथाए b और जीनी

2 समकालीन समाचार पतर

3 सा(जविनक सर

4 विनजी लखन

5 पलिलसकरमिमयो था अनय अमिधकारिरयो दवारा लिलख गए पतर और रिरपोट(

परशनः- 15 rdquoगाधीजी जहा b भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह

फलीrdquo सोदाहरण सपषट कीजिजए

उततरः- 1 सातवितक जीन शली

2 धोी और चरखा का परयोग

3 लोगो की बोलचाल की भाषा विहनदी का परयोग

4 चमपारन सतयागरह

5 असहयोग आदोलन म उनक दवारा सतय ए अविहसा का परयोग

6 गाधीजी जहाb भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह फल गई

6 गाधीजी क विरोध करन ाल क लिलए भयकर परिरणाम की कहाविनयाb भी थी उदाहरण क लिलए आलोचना करन ालो क घर रहसयातमक रप स विगर गए अथा उनकी फसल चौपट हो गई

परशनः-16 विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उसक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

नमक सतयागरह कयो

नमक विरोध का परीक कयो था इसक बार म महातमा गाधी न लिलखा ह-

परविठिदन पराप होन ाली सचनाओ स पा चला ह विक कस अनयायपण( रीक नमक कर को यार विकया गया ह विबना कर (जो कभी-कभी नमक क मलय का चदह गना क होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी अः यह राषटर की अतयामिधक महतपण( आषयका पर कर लगाी ह यह जना को इसक उतपादन स रोकी ह और परकवि न जिजस विबना विकसी शरम क उतपाठिद विकया उस नषट कर दी ह अः विकसी भी जह स विकसी चीज को सय उपयोग न करन दन था ऐस म उस चीज को नषट कर दन की इस अनयायपण( नीवि को विकसी भी विषषण दवारा नही बाया जा सका ह विभिभनन सतरोो स म भार क सभी भागो म इस राषटर समपवि को बलगाम ढ़ग स नषट विकय जान की कहाविनयाb सन रहा ह टनो न सही पर कई मन नमक कोकण ट पर नषट कर ठिदया गया ह दाणडी स भी इस रह की बा पा चली ह

जहाb कही भी ऐस कषतरो क आसपास रहन ाल लोगो दवारा अपनी वयलिकतग परयोग ह पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखी ह हाb र अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा ह जिजनका एक मातर काय( विबनाष करना होा ह इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खच( स ही नषट विकया जाा ह और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा ह नमक एकामिधकार एक रह स चरफा अभिभषाप ह यह लोगो को बहमलय सलभ गरामउदयोग स बलिच करा ह परकवि दवारा बहाय म उतपाठिद समपदा का यह अविषय विनाष करा ह इस विनाष का मलब ही ह और अमिधक राषटरीय खच( चथा और इस मख(ा का चरमोतकष( भख लोगो स हजार परविष स अमिधक की उगाही ह सामानय जन की उदासीना की जह

स ही लमब समय स यह कर असतिसत म बना रहा ह आज जना पया(प रप स जाग चकी ह अः इस कर को समाप करना होगा विकनी जलदी इस खतम कर ठिदया जायगा यह लोगो की कषमा पर विनभ(र करा ह

परशनः-1 नमक विरोध का परीक कयो था (2)

उततरः- क परतयक भारीय घर म नमक का परयोग अविनाय( था

ब लविकन इसक बाजद भारीयो को घरल परयोग क लिलए नमक बनान स रोका

गया और उनह दकानो स ऊच दामो पर खरीदन क लिलए बाधय विकया गया

परशनः-2 औपविनविषक सरकार क दवारा नमक को कयो नषट विकया जाा था (2)

उततरः- क अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था

ब विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

परशनः-3 महातमा गाधी नमक कर को अनय करो की लना म अमिधक दमनातमक कयो मान थ (2)

उततरः- अ अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चौदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

ब पराकविक नमक मिमलन ाल कषतर क आसपास वयलिकतग परयोग क लिलए पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखन स सरकारी अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा थ जिजनका एक मातर काय( विनाष होा था इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खचshy स नषट विकया जाा था और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा था

परशनः- 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ

परशनः- 2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ

परशनः- 3 पा bची रिरपोट( कया थी

उततरः- 1 (क)राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमषा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततरः- 2 कछ बाकीदार परान परिरार क थः नठिदया राजषाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततरः- 3 पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परषासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परषासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

पाठ - 14

विभाजन को समझना

1 बटार क कछ अनभ

- बयानो दवारा बटार को अनभ बयानका( पाविकसानी शोधका( भारीय

2 ऐविहालिसक मोह

21 बटारा या महाधस

- बटार स परिहद मसथिसलम ठिदलो को बाटना

- परिहद मसथिसलम दगो की भरमार

- नसली सझाया

22 रढ़ छवियो की ाक

- भार म पाविकसान और पाविकसान म भारीय स नफर का लिसललिसला

- एक-दसर पर छीटाकसी

- गल समवियो घणाकत छवियो का दौर

- सापरदामियक सशय और अविशवास

3 विभाजन कयो और कस हआ

31 एक लब इविहास का अविम चरण

- मसथिसलम लीग की सथापना

- लखनऊ समझौा 1916

- आय( समाज की सथापना

- परिहद महासभा का सविकरय होना

32 1937 म परविक चना और कागरसी मगलय

- परिहद और मसथिसलम नाओ की नासमझी

33 पाविकसान का परसा

- 1940 म मसथिसलम लीग की सगसगाहट

- महममद अली जिजनना की भमिमका

34 विभाजन का अचानक हो जाना

- 1940 का मसथिसलम लीग का परसा

- चधरी रहम अली लिसकनदर हयाखान महममद इकबाल और जिजनना क परयास

35 यदधोततर घटनाकरम

- 1946 म दबारा पराीय चना

- 1946 म मसथिसलम मदााओ क बीच मसथिसलम लीग लोकविपरय पाटTHORN

36 विभाजन का एक सभावि विकलप

- कविबनट मिमशन की सथापना

- कविबनट मिमशन की असफला

- सीमा गाbधी की भमिमका - विभाजन क कटटर विरोधी

37 विभाजन की ओर

- परतयकष काय(ाही ठिदस 1946

- मखय शहरो म दगो का भड़कना

4 कानन वयसथा नाश

- दगो क दौरान परिहसा और आगजनी की घटनाएb

- कानन वयसथा का चरमराना

41 महातमा गाbधी - एक अकली फज़

- नौआखली का दगा

- महातमा गाbधी दवारा हदय परिर(न पर जोर

5 बटार म और

51 औरो की बरामदगी

- औरो क साथ बदसलकी

52 इsup2 की रकषा

- औरो की असतिसमा की रकषा

- अनक औरो दवारा आतमहतया

6 कषतरीय विविधाएb

- विभिभनन कषतरो की विभिभनन समसयाएb

- परिहद मसथिसलम परिरारो का पलायन

7 मदद माना और सदभाना

8 मौखिखक गाही और इविहास

- बटार स जड़ी घटनाओ का सही विरण

- साविहतयकारो और कलाकारो दवारा बटार की पीड़ा का ण(न

- सरकारी दसाजो को भी आधार बनाना

33 हम हजारो सालो क दबाया गया

- दलिल जावियो क अमिधकारो की समसया

4 राजय की शलिकतयाb

- सघाद की ओर

- शलिकतयो का विभाजन

- सलिचयो का विनमा(ण

41 क दर विबखर जाएगा

- बहम शलिकतशाली क दर क पकष म

42 आज हम एक शलिकतशाली सरकार की आशयका ह

- एक शलिकतशाली क दर समय की माग

5 राषटर की भाषा

- परिहदी और मिमल आमन-सामन

- विहनदसानी परिहदी राजभाषा

51 परिहदी की विहमाय

- परिहदी राजभाषा बनी

52 च(स का भय

- दभिकषण म परिहदी का कड़ा विरोध

- चचा(ओ का दौर शर

- परिहदी राजभाषा क रप म सीकाय(

परशन 1 महाधश स कया ातपय( ह 2

उततर- इसका अथ( ह सामविहक जनसहार नाजी शासन क समय जम(नी म सरकारी विनकायो दवारा

विकया गया था

परशन 2 लखनऊ समझौा कया था घ 2

उततर- 1916 म लखनऊ म कागरस था मसथिसलम लीग क बीच आपसी ाल मल को लखनऊ

समझौा कहा जाा ह यह एक सयकत राजनीविक मच था

परशन 3 विदवीय विशवयदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का कया दरमिषटकोण कया था 2

उततर- कागरस इस श( पर विबरटन की यदध म सहाया करन क लिलए यार थी विक ह यदध क बाद

भार को सतर कर दन का सपषट घोषणा कर

परशन 4 भारीय राषटरीय कागरस न विभाजन को कयो सीकार विकया 2

उततर- क दश क अनक पराो म दग होन लग

ख चनाो म मसथिसलम लीग की सफला

परशन 5 जिजनना का विदव-राषटर लिसदधान कया था 2

उततर- जिजनना न विहनद था मसथिसलमो को दो अलग अलग समदाय बाया

दोनो समदाय साथ साथ नही रह सक उनह अलग अलग दो दशो म रहना चाविहए

परशन 6 1937 क पराीय चना म सयकत परा म सरकार गठन की घटना न विकस परकार भार म

मसथिसलम सामपरदामियकता को बढ़ाया 4

उततर- (1) 1937 क पराीय चना म कागरस को परा समथ(न मिमला

(2) मसथिसलम लीग भी सरकार म शामिमल हाना चाही थी कागरस न मसथिसलम लीग क परसा को ठकरा

ठिदया

(3) मसथिसलम लीग को महसस हआ विक कभी सरकार नही बना पाएगी

(4) राजनीविक सतता परातविप क लिलए उनह भार का बटारा एक विकलप ठिदखाई दन लगा

(5) सय को भार क सभी मसलमानो की पाटTHORN था कागरस का विहनदओ को पाटTHORN क रप म परचारिर करन लग

परशन 7- विबरठिटश भार का विभाजन कयो विकया गया 4

उततर- 1) अगरजो की फट डालो राजय करो की नीवि

2) मसथिसलम लीग का दरपरचार विक ही मसलमानो की एक मातर परविविनमिध ह

3) दसी रिरयासो का विभाजन क पकष म होना

4) सापरदामियक दगो का होना

5) मसथिसलम लीग दवारा 1946 म परतयकष काय(ाही ठिदस मनाकर विभाजन की माग को मजब करना

परशन 8 मौखिखक इविहास की अचछाइया था कमिमयो बाइए 4

उततर- 1) यह अनभो था समवियो को समझन का मौका दा ह

2) बटार जसी घटनाओ का सजी था बहरगी ा लिलखन का असर दा ह

3) मौखिखक इविहास समाज क गरीब कमजोर लोगो क अनभो भानाओ का महव दा ह

4) मौखिखक जानकारिरया सटीक नही होी ह

5) विनजी अनभो क आधार पर सामानयीकरण करना उलिच नही ह

परशन- 9 भार विभाजन क परिरणाम सरप मविहलाओ पर होन ाल परभाो की विचना कीजिजए 4

उततर- 1) औरो क अनभ भयाह था दखदः थ उनक साथ बलातकार लट अपहरण की घटनाए हई

2) मविहलाओ को बार-बार खरीदा और बचा गया

3) मविहलाओ को अजनविबयो क साथ जिजदगी विबान क लिलए मजबर विकया गया

4) सरकार मविहलाओ क परवि असदनशील रही

5) मविहलाओ को अपनी भानाए परकट करन नही ठिदया गया

6) मविहलाओ की इsup2 की रकषा क नाम पर उनह मार डाला गया

7) बदला लन की भाना स दसर समदाय की मविहलाओ की बइsup2ी की गई

8) दग क बाद ापस लौटन पर मविहलाओ को उनक परिरारो न सीकार नही विकया

9) लिसख उनकी मौ को आतमहतया नही अविप शहाद का दजा( द हअः उनकी समवि म परतयक ष( 13 माच( को ठिदलली क एक गरदवार म एक काय(करम का आयोजन विकया जाा ह

10) एक बार विफर अपनी जिजदगी क बार म फसला लन क उनक अमिधकार को नजरअदाज कर ठिदया गया

परशन 10 विनमनलिलखिख उदधरणो को धयानप(क पढ़ो था उसक बाद पछ गए परशनो का उततर दीजिजए

एक गोली भी नही चलाई गई

मन न जो लिलखा-

24 घट स भी जयादा कत दगाई भीड को इस विशाल वयासामियक शहर म बरोक टोक बाही फलान

दी गई बहरीन बाजारो को जलाकर राख कर ठिदया गया जबविक उपदर फलान ालो क उपर एक गोली भी नही चलाई गई

जिजला मजिजसटरट न अपन (विशाल पलिलस बल को शहर म माच( का आदश ठिदया और उसका कोई साथ(क इसमाल विकए विबना ापस बला लिलया)

1) यह सतरो विकस घटना की ओर सक करा ह उपदरवियो की भीड़ कया कर रही थी 2

2) आग चलकर 1947 म अमसर रकतपा का नजारा कयो बना 2

3) उततजिज भीड़ क परवि फौज और पलिलस का कया रख था 2

4) गाधी जी न सापरदामियक सौहा(द बढ़ान क लिलए कस परयतन विकया 2

उततर- (1) यह भार विभाजन क समय की एक घटना ह

(2) दगा करन ाली भीड़ न बाजारो को जला ठिदया था दकानो का लट लिलया परशासन का शहर पर

कोई विनयनतरण नही था

(3) उततजिज भीड़ को रोकन का परयास नही विकया गया सना पलिलस भी अपन समपरदाय क लोगो

की मदद कर रही थी पलिलस दसर सपरदाय पर हमला भी कर रही थी

(4) गाधीजी न विहनदओ मसलमानो को दसर का साथ दन था भरोसा रखन क लिलए समझाया

विषय 15 सविधान का विनमा(णमहतपण( परिबद

- नहर जी का उददषय परसा महत

- सविधान विनमा(ण क प( ातकालिलक समसयाय - राजनविक ऐकीकरण सापरदामियक दग

आरथिथक ससाधनो की कमी विसथाविपो की समसया - सविधान विनमा(ण की चनौी

- सविधान विनमा(ण - सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 म कविबनट मिमषन योजना क

अनसार विकया गया

- सविधान सभा म चचा( - जनम का परभा नागरिरको क अमिधकारो का विनधा(रण

अलपसखयो और दमिमो क अमिधकारो का परषन

- राषटरभाषा भाषा विाद गाधीजी क राषटरभाषा सबधी विचार विहनदी का समथ(न

- सविधान की विषषाएb - लिलखिख ए विषाल सविधान कनदर - राजय शलिकत विभाजन

सतर नयायपालिलका धम(विनपshyकषा ससदीय परणाली शलिकतषाली कनदर यसक मामिधकार

मौलिलक अमिधकार

02 अको ाल पर शन परशनः-1सविधान सभा का गठन कब और विकस योजना क अनसार विकया गया

उततरः- सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 ई म कविबनट मिमशन योजना क अनसार विकया गया

परशनः- 2अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का अमिधशन परथम बार कब और विकसकी अधयकषा म

हआ

उततरः- अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का परथम अमिधशन 1927 ई म एलौर क परलिसदध ना

दीान हादर एमरामचनदर राय की अधयकषा म हआ

परशनः-3सविधान सभा की परथम बठक कब और विकसकी अधयकषा म हई

उततरः- सविधान सभा की परथम बठक 9 ठिदसमबर 1946 ई को ससथिचचदाननद लिसनहा की अधयकषा म हई

परशनः-4 परारप समिमवि का गठन कब विकया गया इसक अधयकष कौन थ

उततरः- परारप समिमवि का गठन 29 अगस 1947 ई को विकया गया इसक अधयकष डाबीआरअमबडकर

परशनः- 5भारीय सविधान क दो असाद कौन स थ

उततर-1 भारीय सविधान का मौखिखक रप स अगरजी म होना

2 विकसी भी पद पर खड़ होन क लिलए कोई शकषभिणक योगया आशयक न होना

4 अको ाल परशन

परशनः-6महातमा गाधी कयो चाह थ विक विहनदसानी राषटरभाषा होनी चाविहए

उततरः-1इस आसानी स समझा बोला जा सका ह

2इस भारीय लोग जयादा परयोग म ला थ

3यह विहनद उद( क मल स बनी थी

4यह बहसासकविक भाषा थी

5इसम समय क साथ दसरी भाषाओ क शबद शामिमल हो गए

परशनः- 7हदराबाद को भारीय सघ का अग विकस परकार बनाया गया

उततरः-1यह रिरयास म लगभग 90 परविश जना विहनद थी

2शासक मसलमान होा था

3हदराबाद का विनज़ाम अपनी रिरयास को सतर रखना चाहा था

4भार सरकार न विनज़ाम क विरदध सविनक काय(ाही करन का विनण(य लिलया

5चार ठिदन क सघष( क बाद 17 लिसमबर 1948 ईको विनज़ाम न आतमसमप(ण कर ठिदया और भारीय सघ म सममिममलिल होना सीकार कर लिलया

परशनः- 8विभिभनन समहो दवारा lsquoअलपसखयकrsquo शबद को विकस परकार परिरभाविष विकया गया

उततरः- 1कछ लोग आठिदालिसयो को मदानी लोगो स अलग दखकर आठिदालिसयो को अलग आरकषण दना चाह थ

2अनय परकार क लोग दमिम ग( क लोगो को विहनदओ स अलग करक दख रह थ और ह उनक लिलए अमिधक सथानो का आरकषण चाह थ

3कछ विदवान मसलमानो को ही अलपसखयक कह रह थ

4लिसकख लोग क कछ सदसय लिसकख धम( म अनयामिययो को अलपसखयक का दजा( दन और अलपसखयको को सविधाय दन की माग कर रह थ

परशनः-9 उददशय परसाrsquo म विकन आदशz पर जोर ठिदया गया था

उततरः-1 परभा समपनन सतर भार की सथापना और उसक सभी भागो और सरकार क अगो को सभी परकार की शलिकत और अमिधकार जना स पराप होना

2 भार क सभी लोगो को सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक नयाय पद असर और कानन क समकष समाना कानन और सा(जविनक नविका क अग( विचार अभिभवयलिकत विशवास विनषठा पजा वयसाय सगठन और काय( की सतरा की गारटी दना

3अलपसखयको विपछड़ और जनजावि ाल कषतरो दलिल और अनय गz क लिलए सरकषा क समलिच उपाय करना

परशनः- 10 कौन सी ऐविहालिसक ाक थी जिजनहोन सविधान का सरप य विकया

उततरः-1 सविधान का सरप य करन ाली परथम ऐविहालिसक ाक भारीय राषटरीय कागरस थी

2 मसथिसलम लीग न दश क विभाजन को बढ़ाा ठिदया

3 उदारादी मसलमान राजनविक दलो स जड़ रह उनहोन भी भार को धम( विनरपकष बनाए रखन म सविधान क माधयम स आशवस विकया

4 दलिल और हरिरजनो क समथ(क नाओ न सविधान को कमजोर गz क लिलए सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक समाना और नयाय ठिदलान ाला आरकषण की वयसथा करन ाला छआछ का उनमलन करन ाला सरप परदान करन म योगदान ठिदया

5 एनजीरागा और जयपाल सिसह जस आठिदासी नाओ न सविधान का सरप य कर समय इस बा की ओर धयान दन क लिलए जोर ठिदया विक उनक समाज का गर मलालिसयो दवारा शोषण हआ ह

परशनः- 11 सविधान सभा क कछ सदसयो न उस समय की राजनीविक परिरसथिसथवि और एक मजब कनदर सरकार की जरर क बीच कया सबध दखा

उततर 1 परारभ म सननम जस सदसयो न कनदर क साथ राजयो को भी मजब करन की बा कही

2 डराफट कमटी क चयरमन डा बीआरअमबडकर न पहल ही घोषणा की थी विक एक शलिकतशाली और एकीक कनदर 1935 क इसथिणडया एकट क समान दश म एक शलिकतशाली कनदर की सथापना करना चाह ह

3 1946 और 1947 म दश क विभिभनन भागो म सापरदामियक दग और परिहसा क दशय ठिदखाई द रह थ

4 सयकत परा क एक सदसय बालकषण शमा( न इस बा पर जोर ठिदया की कनदर का शलिकतशाली होना जररी ह

5 भारीय राषटरीय कागरस दश क विभाजन क प( इस बा स सहम थी विक पराो को पया(प सायतता दी जायगी

6 भार म आरोविप औपविनलिशक शासन वयसथा चल रही थी इस दौरान उनक घठिट घटनाओ स क दराद की भाना को बढ़ाा मिमला

(08 अको ाल परशन)

परशनः-12 सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला

उततरः-1 1930 क बाद कागरस न यह सीकार कर लिलया था विक विहनदसानी को राषटरीय भाषा का दजा( ठिदया जाए

2 गाधी जी का मानना था विक विहनद और उद( क मल स बनी परिहदसानी भारीय जना क बह बड़ भाग की भाषा थी और यह विविध ससकवियो क आदान-परदान स समदध हई एक साझी भाषा थी

3 कागरस सदसय आरीधलकर न इस बा का समथ(न विकया की सविधान विनमा(ण की भाषा विहनदी होनी चाविहए

4 कई लोगो न धलकर की बा का विरोध विकया इसक बाद ज बहस शर हो गई

5 विरोमिधयो का यह मानना था विक विहनदी क लिलए हो रहा यह परचार पराीय भाषाओ की जड़ खोदन का परचार ह

6 समिमवि न राषटरीय भाषा क साल पर सझा ठिदया विक दनागरी लिलविप म लिलखी गई विहनदी भार की राजकीय भाषा होगी

7 सभी सदसयो न विहनदी की विहमाय को सीकार विकया लविकन इसक च(स असीकार कर ठिदया

8 मदरास क शरी टी ए रामसिलगम चठिटटयार न इस बा पर बल ठिदया विक जो कछ भी विकया जाय साधानीप(क विकया जाय यठिद आकरामक होकर विकया गया ो विहनदी का भला नही हो पायगा

9 शरी चठिटटयार क अनसार lsquolsquoजब हम एक साथ रहना चाह ह और एकीक राषटर की सथापना करना चाह ह ो परसपर समायोजन होना आशयक हrsquorsquo

10 आग चलकर दश की सभी भाषाओ को सचीबदध विकया गया

परशनः-13 दमिम समहो की सरकषा क पकष म विकए गए विभिभनन दाो पर चचा( कीजिजए

उततर 1 सविधान सभा म आसीन दमिम जावियो क कछ परविविनमिध सदसयो का आगरह था विक

असपशयो की समसया को कल सरकषण और बचा स हल नही विकया जा सका

2 हरिरजन सखया की दमिषट स अलपसखयक नही ह आबादी म उनका विहससा 20-25 परविश ह

3 परारभ म डा अबडकर न अलपसखयको क लिलए पथक विना(चन की माग की पर बाद म छोड़ दी

4 मधय परा क दमिम जावियो क एक परविविनमिध शरी कजखाणडलकर न सविधान सभा को कहा विक उनक लोगो क समदायो क लोगो को हजारो षz क दबाया गया ह

5 असपशया का उनमलन विकया जाय

6 विहनद मठिदरो को सभी जावियो क लिलए खोल ठिदया जाय

7 दमिम ग को विधामियको और सरकारी नौकरिरयो म आरकषण ठिदया जाय

8 इसक लिलए समाज की सोच म बदला लाना भी आशयक ह

9 सा(जविनक सथलो पर उनक साथ भदभा न विकया जाय

10 यदयविप समसयाय एकदम हल नही होगी लविकन लोकावितरक जना न इन पराधानो का

साग विकया ह

अनचछद पर आधारिर परशन

rdquoगोविनद ललभ पन का विचार था विक समदाय और खद को बीच म रखकर सोचन की आद को छोड़कर ही विनषठाान नागरिरक बना जा सका था उनक शबदो म-rdquoलोकनतर की सफला क लिलए वयलिकत को आतयानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा लोकनतर म वयलिकत को अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए यहा खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाए कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकनतर म आप परविसपथv विनषठाए रख द ह या ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की अपकषा हततर अथा अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकनतर का डबना विनभिw हldquo

परशनः- 1 पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 2

उततरः-पथक विना(लिचका का ातपय( ह lsquoपथक विना(चन कषतरrsquo 1909 ई क अमिधविनयम क अनग( मसलमानो क लिलए पथक चना कषतरो की वयसथा की गई थी इन कषतरो स कल मसलमान ही चन जा थ विबरठिटश परशासको क अनसार ऐसा अलपसखयक मसथिसलम समपरदाय क विहो की दमिषट स विकया गया ह

परशनः- 2 सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गई 2

उततरः- कछ लोगो का विचार था विक शासन म अलपसखयको की एक साथ(क भागीदारी सविनभिw करन क लिलए पथक विना(लिचका क अविरिरकत और कोई रासा नही था अः उनक दवारा सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग की गई

परशनः-3 गोविनद ललभ प पथक विना(लिचका की माग क विरदध कयो थ दो कारण दीजिजए 2

उततर 1 गोविनद ललभ पन का विचार था विकः यठिद पथक विना(लिचका क दवारा अलपसखयको को सदा क लिलए अलग-अलग कर ठिदया गया ो कभी भी सय को बहसखयको म रपानरिर नही कर पाएग

2 यठिद अलपसखयक पथक विना(लिचका स जीकर आ रह ो शासन म कभी परभाी योगदान नही द पाएग

परशनः-4 गोविनद ललभ पन क अनसार लोकनतर म विनषठाान नागरिरको म कौन-स ीन परमख अभिभलकषण होन चाविहए 2

उततर- 1 उस अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए

2 उसकी सारी विनषठाए कल राजय पर क ठिदर होनी चाविहए

3 उस आतमानशासन की कला म परलिशभिकष होना चाविहए

Model Paper -I

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN

MODEL QUESTION PAPER ndash I (2014-15)

SUBJECTHISTORY

TIME 3 hours CLASS-XII MARKS 80

GENERAL INSTRUCTIONS-

1 Answer all questions Some questions have choice

2 Marks are indicated against each question

3 Answers to questions carrying 2 marks (Part- A QNO 1 TO 3) should not exceed 30 words each

4 Answers to questions carrying 4 marks (Part -B Section- I Question no 4 to 9) should not exceed 80 words Part-B Section-II isa VALUE BASE QUESTION and compulsory (question no 10)

5 Answers to questions carrying 8marks (Part ndashC QNO 11 AND 14) should not exceed 350 words

6 Part D has questions based on three sources (QNO 15 16 and 17)The number of questions will be three carrying 7 marks each(no internal choice) The sources will be taken from the textbooks

7 Question no 181 and 182 are Map questions attach the Map with the answer script after compulsaroy

सामानय विनदshyश-

(1) सभी परशनो क उततर दीजिजए |परशनो क अक उनक सामन लिलख गए ह| (2) खड (अ) म 2 अक ाल ीन अवि लघउततरीय परशन ह जिजनकी शबद सीमा

30 शबद ह|(3) खड (ब) अनभाग -1 म 4 अक ाल लघ उततरीय परशन हजिजनकी शबद

सीमा 80 शबद ह|(4) खड(ब) अनभाग-2 म एक 4 अको कामलय आधारिर परशन अविनाय( ह (5) खड lsquoसrsquo म 8 अक क चार दीघ( उततरीय परशन हजिजनकी शबद सीमा 350

शबद ह|(6) खडlsquoदrsquo म 7 अक क ीन सरो आधारिर परशन ह|(7) खडlsquoयrsquo म 5 अकका मानलिचतर पर आधारिर परशन ह|मानलिचतर को उततर

पसतिसकाक साथ सलगन कर|दमिषटहीन विदयारथिथयो क लिलय मानलिचतर परशन क सथान पर एक अनय परशन ह|

PART-Aखड lsquoअrsquo

Answer all the questions given below

विनमनलिलखिख सभी परशनो क उततर दीजिजए-

1 List the four items of food available to people in Harappan cities 12+12+12+12=2

हड़पपा सभया क लिलय उपलबध चार खान की सओ की सची बनाइए

2Who started Virashaiva Tradition In which state it was became popular 1+1=2

ीरश परपरा को विकसन शर विकया था विकस राजय म यह परलिसदध हआ

3 What do the terms ldquoWhite ldquoandldquoBlackrdquo Town signify 2

lsquoसफ़दrsquo और lsquoकालाrsquo शहर स आप कया समझ ह

PART-B

खड lsquoबrsquo

Section-I

अनभाग-1

Answer any five of the following questions

विनमनलिलखिख परशनो म स विकनही पाbच क उततर दीजिजए-

4 Describe some of the distinctive featuresof Mohenjo-Daro (Any four)1+1+1+1=4

मोहजोदड़ो की चार विशषाए बाइए|

5 Describe four main teachings of Buddhism 1+1+1+1=4

बौदध धम( की चारलिशकषाओ की वयाखया कर |

6 Explain that lsquoAin-i-Akbarirsquo is an extraordinary document of its time4

lsquoआइन-ए ndashअकबरीrsquo अपन समय की अविउततम पसक थी | वयाखया कीजिजए |

7 What do you think was the significance of the rituals associated with the Mahanavami dibba4

महानमी विडबबा स जड़ी धारमिमक काय(करमो का कया महत था |

8 What were the main provisions of the Permanent Settlement (Any four)1+1+1+1=4

सथाई बदोबस की चार मखय पराधान कया थ

9 Discuss the evidence that indicates planning and coordination on the part of the rebels 4

उन परमाणो की वयाखया कीजिजए जिजसस विदरोविहयो म योजना ए सहयोग का पा चला ह

Section-2

अनभाग -2

Value Based Question

10 The aim of the religion should be unity of mankind- keeping this statement in mind describe the relevance of Kabirrsquos teachings 4

मलय आधारित परशन

lsquoधम( का मखय उदशय मानमातर की एका होनी चाविहएrsquondash इस कतवय को धयान म रख हए कबीर की लिशकषाओ की परासविगका बाइए |

PART-C

खड lsquoस lsquo

11 Why all the Mughal Emperor given importance to Land revenue system Describe Land revenue system of the Mughal period 3+5=8

सभी मग़ल शासको न भमिम राजस परणाली को कयो महत ठिदया मग़ल काल की भमिम राजस परणाली की वयाखया कीजिजए |

12 In what way did Mahatma Gandhi transform the nature of the National Movement 8

महातमा गाधी न राषटरीयआदोलन की परकवि को विकस परकार परिररकि विकया

13What historical forces shaped the vision of the Constitution How was the term minority defined by different groups 4+4=8

विकन ऐविहालिसक कारणो न सविधान की रपरखा विनधा(रिर विकया अलपसखयको को विभिभनन दलो न विकस परकार परिरभाविष विकया

14 Discuss whether the Mahabharata could have been the work of a single author 8

कया महाभार विकसी एक लखक की रचना हो सकी ह विचना कीजिजए |

PART-D

खड ndashlsquoद lsquo

Passage based questions

सरो आधारिर परशन 73=21

Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उसक नीच लिलख परशनो क उततर लिलखिखए |

15 The anguish of the king

When the king DevanampiyaPiyadassi had been rulingfor eight years the (country of the) Kalingas (presentdaycoastal Orissa) was conquered by (him)One hundred and fifty thousand men were deported a hundred thousand were killed and many more died After that now that (the country of) the Kalingas has been taken Devanampiya (is devoted) to an intense study of Dhamma to the love of Dhamma and to instructing(the people) in DhammaThis is the repentance of Devanampiya on account of his conquest of the (country of the) Kalingas For this is considered very painful and deplorable by Devanampiya that while one is conquering an unconquered (country) slaughter death and deportation of people (take place) there hellip

i) Who was called Devenampiya Piyadassi 1ii) Mention the limitations of inscriptions as a source to history 3

iii) Explain the effects of the war of kalinga on Ashoka 3

ाजा की वदना

जब दानाविपय विपयदससी न अपन शासन क आठ ष( पर विकए ो उनहोन कसिलग(आधविनक टv उड़ीसा) पर विजय पराप की| ढड़ लाख परषो को विनषकाविष विकया गया एक लाख मार गए और इसस भी जयादा की मतय हए|

कसिलग पर शासन सथाविप करन क बाद दानाविपय धमम क गहन अधययन धमम क सनह और धमम क उपदश म डब गए ह|यही दनाविपय क लिलए कसिलग की विजय का पwााप ह| दानाविपय क लिलए यह बह दनादायी और परिनदनीय ह विक जब कोई राजय पर विजय पराप करा ह ो पराजिज राजी का हनन होा ह ाहा लोग मार जा ह विनषकाविष विकए जा ह|

1) दनाविपय विपयदससी विकस कहा जाा था 2) इविहास क सरो क रप म अभिभलखो की कया सीमाए ह3) कसिलग क यदध का अशोक पर कया परभा पड़ा

16The poor peasant

An excerpt from Bernierrsquos description of the peasantry inthe countrysideOf the vast tracts of country constituting the empire ofHindustan many are little more than sand or barrenmountains badly cultivated and thinly populatedEven a considerable portion of the good land remainsuntilled for want of labourers many of whom perish inconsequence of the bad treatment they experiencefrom Governors The poor people when they becomeincapable of discharging the demands of theirrapacious lords are not only often deprived of themeans of subsistence but are also made to lose theirchildren who are carried away as slaves Thus ithappens that the peasantry driven to despair by soexcessive a tyranny abandon the countryIn this instance Bernier was participating incontemporary debates in Europe concerning the natureof state and society and intended that his description ofMughal India would serve as a warning to those who didnot recognise the ldquomeritsrdquo of private property

i) what were the problems about cultivating the land according to Bernier 1ii) Why did peasantry abandon the land 3iii) Explain the reasons given by bernier for the exploitation of the peasants 3गीब किकसान

यहाb बरकिनयर दवारा गरामीण अचल म कषको क विषय म ठिदए गए विरण स एक उदधरण ठिदया जा रहा ह

परिहदसान क सामराजय क विशाल गरामीण अचलो म स कई कल रीली भमिमया या बजर प( ही ह| यहा विक खी अचछी नही ह और इन इलाको विक आबादी भी कम ह| यहाb क विक कविष योगय भमिम का एक बड़ा विहससा भी शरमिमको क अभा म कविषविहीन रह जाा ह इनम स कई शरमिमक गन(रो दवारा विकए गए बर वयहार क फलसरप मर जा ह| गरीब लोग जब अपन लोभी सामिमयो की मागो को पोरा करन म असमथ( हो जा ह ो उनह न कल जीन- विन(हनक साधनो स लिच कर ठिदया जाा ह बसतिलक उनह अपन बचचो स भी हाथ धोना पड़ा ह जिजनह दास बनाकर ल जाया जाा ह| इस परकार ऐसा होा ह विक इस अतय विनरकशा स हाश हो विकसान गाb छोडकर चल जा ह|

इस उदधरण म बरकिनयर राजय और समाज स सबममिनध यरोप म परचलिल तकालीन विादो म भाग ल रहा था और उसका परयास था विक मगल कालीन भार स सबममिनध उसका विरण यरोप म उन लोगो क लिलए एक चानी काय( करगा जो विनजी सामिमत की ldquoअचछाइयोrsquordquo को सीकार नही कर थ|

1) बरकिनयर क अनसार कविष-काय( की समसयाएb थी2) विकसान कयो कविष-काय( छोड़ रह थ3) बरकिनयर न विकसानो क शोषण क का कारण बाए थ

17The Nawab has left

Another song mourned the plight of the ruler who had to leave his motherland

Noble and peasant all wept togetherand all the world wept and wailed Alas The chief has biddenadieu to his country and gone abroad

i) Name the ruler the passage refers to 1ii) Under what pretext did the British annex Awadh What do you think was

the real reason 3iii) Why did people mourn during the departure of the king 3

नाबाब साहब जा चक ह |

एक और गी म ऐस शासक की दद(शा पर विलाप विकया जा रहा ह जिजस मजबरन अपनी माभमिम छोडनी पड़ी आभिभजा और विकसान सब रो रह थ | और सारा आलम रोा ndashलिचललाा था | हाय जान-ए-आलम दस स विदा लकर परदस चल गय ह |

1) यह अश विकस शासक क बार म ह2) विबरठिटश न विकन कारणो स अध का अमिधगरहण विकया आपक अनसार इसका ासविक कारण कया था3) राजा क जान पर लोग दखी कयो थ

181 On the same given map of India three centres of the Indian National Movement are marked as 1-3Identify and write their names

1+1+1=3ठिदय गए मानलिचतर पर भारीय राषटरीय आदोलन क ीन क दर 1-3 क अको स लिचखिनह ह उनक नाम लिलखिखए |

182 Locate the Harappa and Mohanjodaro on the same Map 1+1=2

हड़पपा और मोहजोदड़ो को उसी मानलिचतर पर दशा(ओ |

Note- For blind students only(in lieu of question no 17)

लिसफ( अध विदयारथिथयो क लिलए (परशन 17 क सथान पर )17 Write name of any five centres of Indian National Movement 5

विकनही पाbच भारीय राषटरीय आदोलन क कनदरो क नाम लिलखो |

END

उततमाला माडल परशनपतर १

१गह जौ दाल विल

२कना(टक म बासनना न

३यरोविपयनो और भारीयो क रहन क अलग अलग सथान I

४विनसथिaeligपज शहर शहरी वयसथा जल विनकास परणाली गह सथापतय दग( सनानागार I

५अ) विशव अविनतय ह और लगाार बदल रहा ह ब) इस कषणभगर दविनया म दःख मनषय क जीन का अनरकिनविह त ह स)मधयम माग( अपनाकर मनषय दविनया क दखो स मलिकत पा सका ह द)आषटाविगक माग( इ)अपरिहसा य)झठ न बोलना इतयाठिद I

वयाखया क साथ परतयक परिबद का

६ अ)मग़ल सामराजय की सरचना ए सगठन क बार म जानकारी दना I

ब)सामराजय क लिलए विकय गए यदध ए विजयो का ण(न करना I

स)सामानय लोगो क बार म जानकारिरयाb इकठठा करना I

द)वयसाय लिशकषा ससकवि धारमिमक परथाए दरबार का गठन परशासन और सना क बार म जानकारी उपलबध करना I

७अ)धारमिमक महतत ब) सामाजिजक महतत स) राजनीविक महतत सनय कषमा का परदश(न इ) परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट का असर I

८)अ)राजस को विनभिw विकया गया ब) राजाओ और ालकदारो को जमीदारो क रप म गvक विकया गया स) जमीदार जमीन क मालिलक नही थ बसतिलक कल राजस इकठठा करन ाल थ द) जमीदारो को कपनी को एक विनभिw रकम य समय म दनी पड़ी थी इ)अगर ऐसा करन म असफल हो जा थ ो नीलामी क दवारा राजस की परकि की जाी थी I

९)कई जगहो पर लोगो न विनयोजिज आकरमण विकया १८५६-५७ क दौरान गाb-गाb म चपावियाb बाटी गयी विहनद- मसथिसलम एका का परदश(न ए दोनो की भानाओ का खयाल रख हए कोई उदघोषणा की गयी सभी ग क लोगो को अपन साथ जोड़न क लिलए उनह विबरठिटश सरकार की दमनकारी नीवियो क बार म बाया गया था उनक परिरणामो स अग कराया गया I

१०ईशवर एक ह उस विकसी भी नाम स पकारा जा सका ह उनहोन ईशवर म पण( समप(ण की बा की उनहोन कम(काडो का विरोध विकया समाज म वयाप बराईयो को नकारा I

११यह मग़ल विततीय वयसथा क लिलए महतपण( था कविष स ही राजस की सा(मिधक परातविप होी थी I

मग़ल सामराजय की परशासविनक वयसथा क मखय अग मनसबदार कविष राजस पर ही विनभ(र थ I

इन महतपण( विबनदओ का ण(न कर ---

अ)कषको क परकार खदकाश और पाविहकाश I

ब)भमिम का गvकरण I

स)राजस सली क रीक I

द)राजस परबधन का कनदरीय विभाग I

इ) राजस इकठठा करन की परणाली और उसक अमिधकारी Iसमबमिध अनय महतपण( परिबद

१२अ)गाधीजी क परारभिभक आनदोलन ब)जनसमदाय की कषमा पर भरोसा स) औरो की भागीदारी द) विहनद ndash मसथिसलम एका इ) अशपशया क खिखलाफ य)सतयागरह अपरिहसा सविनय अजञा की नई कनीक र) समाज क सभी ग का सहयोग पराप करना जस वयापारी ग( ए उदयोगपवि Iअनय समबमिध परिबद

१३अ)भारीय राषटरीय आनदोलन ब)विबरठिटश भारीय परिरषद अमिधविनयम स) विबरठिटश शासन क दौरान सामाजिजक आनदोलन द)नहर रिरपोट( य) राषटरीय विचारधारा पर आधारिर धम(विनरपकषा र)राजय की परकवि

1) बीपी बहादर --- समदाय और धम( क आधार पर

2) एनजी रगा --- आरथिथक आधार पर 3) जयपाल सिसह ---अछो और अनसलिच जावियो

को अलपसखयक क रप म पारिरभाविष विकया 4) कछ न भाषाई अलपसखयक पर कजिनदर विकया 5) एच महा --- सिलग विभद क आधार पर

मविहलाओ को अलपसखयक कहा अनय समबमिध परिबद

१४उपमहादवीप की एक अवि महतपण( रचना --- १००००० शलोकऐसा मन जाा ह की वयास न इसकी रचना की लविकन विकसी एक लखक न इस नही लिलखा I

अ)कछ कहाविनया मखय कहानी स समबमिध नही ह

ब)कषतरीय परभद I

स)रचना का ीय चरण २० ईसाप( स २०० ईसी क बीच का ह I

द) कथनो क आधार पर यह नही कहा जा सका की विकसी एक लखक न इसकी रचना की I

य)विकास क विभिभनन चरण Iअनय समबमिध परिबद

१५ स १७ सरो आधारिर परशन ह जिजनका परशन की परकवि का अधययन करक दना ह I उततर अनचछदो म ही विनविह ह या उनस समबमिध ह I

१८१ अ चौरी चौरा ब अमसर स दाडी

१८ मानलिचतर पर सथिसथवि

१८ दषटीबामिध छातरो क लिलए ---- राषटरीय आनदोलन क कोई पाच क दर

Model Paper - II

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

Model Question Paper - II

CLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsa) Answer all the questions Marks are indicated against each

questionb) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachc) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachd) Part B section-II is a value based questione) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachf) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )g) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181

and 182)सामानय किनदश a) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह b) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क नही

होन चाविहए c) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा 100

हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह d) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स अमिधक

न हो e) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह f) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

Part ndash AAnswer all the questions given below 2x3=61 Mention the two sections of the Harappan settlements and

give one main feature of eachहड़पपाई विनास क दो खडो को परतयक की एक-एक विशषा क साथ लिलखिखए

2 Mention two features of the protest movement started by Nayanars and Alvarsनयनारो और अलरो दवाराचलाय गय विरोध आदोलन की दो विशषाओ को लिलखिखए

3 Explainany two observations made by the Buchanan that helped the English East India Company to expand its trade in India बकानन दवारा बाय गय दो विनरीकषणो को बाइय जिजसस ईसट इसथिणडया कमपनी को भार म वयापार बढ़ान म मदद मिमली

Part ndash BSection ndash I

Answer any ldquoFIVErdquo of the following questions 4x5= 204 Describe how did the archaeologists classify their finds

ण(न कीजिजए विक परातविद अपन खोजो को कस गvक कर ह5 How important were gender differences in early societies

Give reasons for your answerपरारभिभक समाज म सिलग विभद विकना महततपण( था अपन उततर क लिलए क( दीजिजए

6 Explain how the people of Vijaynagar obtained water for their needs

वयाखया कीजिजए विक विजयनगर क लोग अपनी आशयकता क लिलए जल कस पराप कर थ

7 ldquoThe Keeping of exact and detailed records was a major concern of the Mughaladministrationrdquo Justify the statementसही और विस दसाज रखना मगल परशासन की एक मखय विशषा थीrdquo इस कथन की सतया साविब कीजिजए

8 How did the American civil war affect the lives of ryots in Indiaअमरीकी लिसविल यदध न भारीय रयो क जीन को कस परभावि विकया

9 What was the policy of Subsidiary Alliance Explainसहायक समिध की नीवि कया थी वयाखया कीजिजए

Section ndash IIValue based question 2+2=410 lsquoMahatma Gandhi transformed the nature of the national

movement of Indiarsquo Explain giving examples from the decisions taken by him during the national movementlsquoमहातमा गाधी न राषटरीय आदोलन क सरप को बदल ठिदयाrsquo महातमा गाधी दवारा राषटरीय आदोलनो क समय लिलए गय विनण(यो का उदाहरण दकर वयाखया कीजिजए

Part ndash C Long Answer questions

Answer any ldquothreerdquo of the following questions 8X3=24

11 Discuss the main features of the Mauryan Administration मौय( परशासन क मखय विशषाआ की चचा( कीजिजए

12 Explain the ways in which panchayats and village headmen regulated rural society उन रीको की वयाखया कीजिजए जिजसक दवारा पचाय और गराम परधान गरामीण समाज को विनयमिमविकए

13 Describe the composition of Mughal nobility their characteristics and functions

मगल कलीनो की सरचना उनकी विशषाओ और काय का ण(न कीजिजए14 Explain the developments since March 1946 that led to the

partition of India माच( 1946 स हए परिर(नो को वयाखया कीजिजए जिजसक कारण भार का विभाजन हआ

Part ndash DPassage based questions 7x3=21 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

15 Why were Stupas BuiltldquoThis is an excerpt from the MahaparinibbanaSutta part of the SuttaPitaka As the Buddhalay dying Ananda asked him ldquoWhat are we to do Lord with remains of the Tathagata (another name for the Buddha)rdquoThe Buddha replied ldquoHinder not yourelvesAnanda by honouring the remains of theTathagata Be zealous be intent on your own goodrdquoBut when pressed further the Buddha said ldquoAt the four crossroads they should erect a thupa(Pali for stupa) to the Tathagata And whosoever shall there place garlands or perfumehellipormake a salutation there or become in its presence calm of heart that shall long be to them for aprofit and joyrdquo(i) What are the Stupas Who advised the Ananda to build the

Stupa 2(ii) From which chapter has this excerpt been taken It is a part

of which book 1

(iii) Who was the Tathagata What had he told about the importance of the stupa 2

(iv) Name any two places where the Stupas have been built 2

सतप कयो बनाय जात थयह उदधरण महापरिरविनबबान सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा हपरिरविना(ण स प( आनद न पछाभगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अशषो का कया करगबदध न कहा ldquoथाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करोldquoलविकन विशष आगरह करन पर बदध बोलldquoउनह थाग क लिलए चार महापथो क चौक पर थप (सप का पालिल रप) बनाना चाविहए जो भी हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नाएगा या हाb पर हदय म शावि लाएगा उन सबक लिलए ह लिचर काल क सख और आनद का करण बनगाldquo(i) सप विकस कह हआनद को सप बनान की सलाह विकसन ठिदया

2(ii) यह उदधरण विकस पाठ स लिलया गया ह यह विकस पसक का विहससा ह

1(iii) थाग कौन था उसन सप क महतत क बार म कया बाया

2(iv) कोई दो सथान का नाम बाइय जहाb सप बनाय गय ह

2

16 ON HORSE AND ON FOOTThis is how Ibn Battuta described the postal systemIn India the postal system is of two kinds The horse-post called lsquoUluqrsquo is run by royalhorses stationed at distance of every four miles The foot-post has three stations permit It iscalled lsquodawarsquo that is one third of a mile hellip Now at every third of a mile there is wellpopulated village outside which are three pavilions in which sit men with girded loins ready tostart Each of them carries a rod two cubits in length with copper bells at the top When thecourier starts from the city he holds the letter in one hand and the rod with its bells on theother and he runs as fast as he can When the men in the pavilion hear the ringing of bell theyget ready As soon as the courier reaches them one of them takes the letter from his and runs atthe top speed shaking the rod all the while until he reaches the next dawa And the sameprocess continues till the letter reaches its destination This foot-person is quicker than thehorse-post and often it is used to transport the fruit of Khurasan which are much desired inIndia

(i)Name the two kinds of postal System 1(ii) Explain how the foot post worked

2(iii) Why does Ibn-Battua think that the postal system in India was efficient

2(iv) How did the State encourage merchants in the 14th century

2अशव प औ पदलभार म दो परकार की डाक वयसथा ह अशव डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह हर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोड़ो दवारा सचालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो ह इस दाा कहा जाा ह और यह एक मील का एक-विहाई होा ह hellipअब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदशाहक शहर स यातरा आरभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर हाथ म घठिटयो सविह छड़ लिलए ह कषमानसार ज़ भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदशाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौड़ा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गवय सथान क पहbचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अशव डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

(i) दो परकार की डाक वयसथा क नाम बाइय 1(ii) वयाखया कीजिजए विक पदल डाक वयसथा कस काय( करी ह 2(iii) इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार म डाक वयसथा परभाकारी था 2(iv) 14 ी शाबदी म राजय न वयापारिरयो को कस परोतसाविह विकया 2

17 ldquoGovindBallabh Pant argued that in order to become a loyal citizen People had to stop focusingonly on the community and the self For the success of Democracy one must train himselfin the art of selfndashdiscipline In democracies one should care less for himself and more forothers There can not be any divided loyalty All loyalties must exclusively be centredround the State If in a democracy you create rival loyalties or you create a system inwhich any individual or group instead of suppressing his extravagance cares not forlarger or other interests then democracy is doomedrsquorsquo(i)Give three attributes of a loyal citizen in a democracy according to G B Pant 2(ii) What do you understand by lsquoSeparate Electoratersquo

1(iii) Why was the demand for Separate Electorate made during the drafting of

theConstitution 2(iv) Why was G B Pant against this demand Give two reasons

2गोपरिद बललभ प न कहा विक विनषठाान नागरिरक बनन क लिलए लोगो को समदाय और खद क बीच म रखकर सोचन की आद छोड़नी होगीलोकतर की सफ़ला क लिलए वयलिकत को आतमानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा-लोकतर म वयलिकत को अपन लिलए कम और औरो क लिलए जयादा विफ़कर करनी चाविहए यहाb खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाएb कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकतर म आप परविसपधv विनषठाएb रख द ह या विफर ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की बजाय हततर या अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकतर का डबना विनभिw ह(i) गोपरिद बललभ प क अनसार लोकतर म एक विनषठाादी नागरिरक क ीन अभिभलकषण कया ह 2(ii) पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 1(iii) सविधान लिलख समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गयी 2(iv) जी बी प इस माग क विरदध कयो थ दो कारण लिलखिखए 2

Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Champaran चमपारणb) Amritsar अमसर182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

उततमाला

माडल परशनपतर - II१ऊचा शहर ndash दग(

विनचला शहर ndash दग( स जयादा बड़ा

२ अ) जावि वयसथा क विरदधबी

ब)बामहनो क परभा का विरोध

स)जगह-जगह जाकर मिमल भजन गाए I (कोई दो )

अ)उसन वयापारिरक रप स महतपण( खविनजो की खोज की I

ब)जगल को कविष कषतर म परिररकि विकया गया I

४ अ)पराातवितक सामविगरयो का अधययन करक I

ब)हड़पपा क शहरो क लोग विभिभनन वयसाय ए सामाजिजक आरथिथक सथिसथवि क थI

स)शाधानो का अधययन सामाजिजक-आरथिथक विभिभननाओ क लिलए I

द) लोगो को दो शरभिणयो म गvक करना धनी और गरीब I

इ)इन शहरो म बनकर कषक वयापारी मछली मारन ाल इतयाठिद रह थ I

५) अ) सपभितत साधनो क लिलए I

ब)यमिधमिषठर दवारा दरौपदी को पास क खल म हार जाना यह लिसदध करा ह विक पतनी पवि क सपभितत क रप म जाी जाी थी I

स)मनसमवि क अनसार विपा की मतय क बाद सपभितत का बटारा पतरो क बीच म होा था बड़ पतर को विशष भाग मिमला था I

द)सतरीधन पर औरो का अमिधकार होा था I

इ)ऊची जावि की मविहलाय साधनो का उपभोग करी थी जस परभाी गपा I

६ अ) पराकविक साधनो स जो गभदरा नदी स पराप होी थी I

ब)पहाविड़या धाराओ क लिलए सरो का काय( करी थी I

स)शासको न जल को इकटठा करन क वयापक परयास विकय I

द)षा( क पानी को इकटठा करन क लिलए जलाशय बनाय गए I

इ)कमलपरम ालाब दवारा लिसचाई की वयसथा I

७ अ) दरबारी लखको का मीरबखशी विनरीकषण करा था य ाकयानाविश कह जा थ ए सभी दसाज और आदन का रिरकाड( इनक दवारा ही रखा जाा था जो दरबार म पश विकया जाा था I

ब)अखबारा म सभी रह की सचनाए जस दरबार म उपसथिसथवि पदो और पदवियो का दान राजनमियक लिशषटमडल विकसी अमिधकारी क सासथय क विषय म बादशाह दवारा ली गयी जानकारी I

स)समाचार ा और महतपण( शासकीय दसाज शाही डाक क जरिरय मग़ल शासन क अधीन कषतरो म एक छोर स दसर छोर क जा थ I

द)काफी दर सथिसथ पराीय राजधाविनयो स भी ा बादशाह को कछ ही ठिदनो म मिमल जाया कर थ I

इ)राजधानी स बहार ना अभिभजाो क परविविनमिध अथा राजप राजकमार था अधीनसथ शासक बड़ मनोयोग स इन उदघोषणाओ की नक़ल यार कर थ I

८ अ)परारभ म विबरठिटश कपास क लिलए अमरिरका पर विनभ(र थ दसर सरोो की लाश म लग गए I

ब)१८५७ म कपास पv सघ सथाविप विकया गया और मनचसटर कपास कपनी १८५९ म I

स)वयापारिरयो न शहरी साहकारो को अविगरम ठिदया ाविक गाो स कपास ल सक I

द)धनी विकसानो को इसस लाभ हआ पर बह बड़ी सखया म जो छोट ए गरीब विकसान थ कज( क जाल म फस गए I

इ)जब अमरिरकी गहयदध समाप हो गया ो हा कपास का उतपादन विफर स शर हो गया और विबरटन क भारीय कपास क विनया( म विगराट आयी I राजस की माग बढ़ा दी गयी ऋण का सरो सख गया I ऋणदाा न ऋण दन स मन कर ठिदया I

९ अ) सहायक समिध की नीवि को लजली न १७९८ म लाग विकया I

ब)सभी सथानीय शासको को विबरठिटश सका(र की गठबधन नीवि की श को सीकार करना था I

स)गठबधन म शामिमल राजयो को अपन कषतर क अग( एक विबरठिटश सनय परविविनमिध को रखना था I

द)उनकी सरकषा का दामियत विबरठिटश सरकार पर था I

इ)विबरठिटश परविविनमिध को सारी सविधाएb गठबधन म शामिमल राजय परदान कर थ I

१० अ) महातमा गाbधी न एक अपरिहसक आनदोलन शर विकया I

ब)विहनद ndash मसथिसलम एका को लकर उनहोन खिखलाफ आनदोलन क साथ असहयोग आनदोलन को जोड़ ठिदया I

स)चौरी-चौरा की घटना क बाद उनहोन असहयोग आनदोलन को ापस ल लिलया I

द)अशपशया का विरोध विकया I

इ)सदशी को आग बढान पर जोड़ ठिदया I

११ अ) कनदरीय परशासन सलाह क लिलए मवितरपरिरषद I

ब)दो राजधाविनया ndash पाटलीपतर और राजगीर पराीय क दर ndash भिकषला उsup2मियनी ोसाली सण(विगरिरI

स)सामराजय जिजला और गाो म विभाजिज था जिजल का परमख ndash सथाविनक और गाो का गरामिमक I

द)छः उपसमिमवियो म परवि समिमवि पाच सदसय थ और कल ीस सदसय I

पहली सनय समिमवि ndashनौसना दसरी ndash यााया और खान-पान ीसरीmdashपदल सविनको की चौथी ndash अशवारोविहयो की पाची ndash रथारोविहयो की छठीmdashहालिथयो का सचालन I

इ)यााया समिमवि उपकरणो को ल जान क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा करी थी I

य)अशोक न धमम-महामातर नामक नए अमिधकारीयो की विनयलिकत की I

१२ अ) गाb क बजग का सघ आमौर पर गाb क महतपण( लोग हआ कर थ जिजनक पास अपनी सपभितत क पशनी अमिधकार हआ कर थ I

ब)जिजन गाो म कई जावियो क लोग हो थ हा पचाय म विविधा पाई जाी थी I

स)पचाय का सरदार एक मखिखया होा था जिजस मकददम या मडल कह थ I

द)पचाय का खचा( गाb क उस आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I

इ)इस खजान स उन कर अमिधकारीयो की खाविरदारी का खचा( भी विकया जाा था जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ और दसरी ओर कोष का इसमाल पराकविक विपदाओ स विनपटन क लिलए भी होा था I

य)पचाय का एक बड़ा कम यह सलली करना था की लोग अपनी जावि की हदो क अनदर रह I

१३ अ) विभिभनन नजाीय था धारमिमक समह कोई भी दल इना बड़ा न हो विक राजय को चनौी द I

ब)अमिधकारी ग( गलदस क रप म रणिण फ़ादारी स बादशाह क साथ I

स)भारीय मल क दो शासकीय समहो ndash राजपो और भारीय मसलमानो न शाही सा म परश विकया I

द)जहाbगीर क समय ईराविनयो को उचच पद I

इ)सरकारी अमिधकारीयो क दजshy और पदो म दो रह क सखया ndash विषयक ओहद हो थ --- जाट और सार I

य)सनय अभिभयानो म अपनी सनाओ क साथ भाग ल थ और सामराजय क अमिधकारीयो क रप म भी काय( कर थ I

र)घड़सार लिसपाही शाही विनशान स पाशव( भाग म दाग गए उततम शरणी क घोड़ रख थ I

ल)ना-रकाब अभिभजाो का एक सरभिकष दल ndash परान या सनय अभिभयान म परविविनयकत विकया जाा I

१४अ)पराीय चनाो म कागरस न गर-मसथिसलमो का ९१३ म पराप विकया I

लीग न मसथिसलमो की सभी ३० सीटो पर जी दज( की ए आरभिकष सीटो पर ८६६ मसथिसलम मो को पराप विकया I

ब)माच( १९४६ म कविबनट मिमशन ठिदलली आया जिजसम ीन सदसय थ I मिमशन लीग की पाविकसान की माग का परीकषण करन आया था ए सतर भार की सचार रपरखा यार करन आया था I

स)ह एक कमजोर क दर क पकष म था जिजसक विनयतरण म कल विदशी मामल रकषा और सचार होा था पराीय सभाए ीन रह की होी ndash पहलीयाविन खड- अ म विहनद बहसखयक परान था ब ए स म मसथिसलम बहसखयक उततर पभिwम ए उततर प( क असम को लकर I

द )शरआ म सभी पारटिटयो न इस सीकार विकया लविकन लीग समहीकरण को अविनाय( करन की माग कर रही थी I

इ)कागरस चाही थी विक परानो को अपनी इचछा का समह चनन का अमिधकार मिमलना चाविहए लीग न इसका विरोध विकया I

य)कविबनट मिमशन योजना स अपना समथ(न ापस लन क बाद पाविकसान की माग को अमली जामा पहनान क लिलए लीग न परतयकष काय(ाही करन का फसला लिलया I

र)कलकतता म दगा भड़क उठा I

ल)पर अमसर म आगजनी और मारकाट हो रही थी I

)भारीय लिसपाही और पलिलसाल भी विहनद मसलमान या लिसख क रप म आचरण करन लग थ I

१५अ)पवितर सथान जहा बदध क शारीरिरक अशष सरभिकष रख जा थ ए उसकी पजा होी थी I

ब)महापरिरविनबबान सतत सतत विपटक

स)बदध का एक और नाम I थाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करो I

द)भरह और साbची

१६ अ)घड़सार डाक वयसथा और पदल डाक वयसथा

ब)ीन चरण ndashपरवि ीन मील पर असथान इस दाा कह ह और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb जिजसक बहार ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरमभ करन क लिलए बठ रह ह I

स)उसक अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा पचास ठिदनो म परी होी थी I गपचरो क दवारा दी गयी सारी जानकारिरया पाच ठिदनो म बादशाह को मिमल जाी थी I

द)सभी वयापारिरक माग पर सराय और विशराम गह बनाय गए I

१७ अ) स ndash अनशासन अपन लिलए कम और दसरो की जयादा विफ़कर करनी होगी I

ब)सभी अलपसखयको क लिलए पथक विना(लिचका I

स)सरकार म अलपसखयको की परभाी भमिमका I

द)अलपसखयक अलग-थलग हो जायग और कभी बहसखयक नही बन पाएग था उनक दवारा कही गयी बाो की परभाकारिरा नही रह जाएगी I

Model Question Paper - IIIHistory

Class ndash XIIWEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

7 MARKSBOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

General Instructions

Model Question Paper - IIICLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsh) Answer all the questions Marks are indicated against each

questioni) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachj) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachk) Part B section-II is a value based questionl) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachm) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )

n) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181 and 182)

सामानय किनदश g) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह h) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क

नही होन चाविहए i) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा

100 हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह j) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स

अमिधक न हो k) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह l) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

PART lsquoArsquo

ख़णड क

नीच ठिदए सभी परशनो क उततर दीजिजए

Answer all the questions given below

Q1 lsquoArt historians had to acquire familiarity with hagiographies of the Buddha in order to understand Buddhist sculpturersquo Analyze the statement with two examples 2

lsquoबौदध मरकिकला को समझन क लिलय कला इविहासकारो को बदध क चरिरतर लखन क बार म समझ बनानी पड़ीrsquo इस कथन का विशलषण दो उदाहरणो दवारा करिरए

Q2 Why were women considered an important resource in agrarian society Mention two reasons 2

गरामीण समाज म मविहलाय एक महतपण( सनसाधन कयो समझी जाी थी दो कारणो का उललख करिरए

Q3 Who were the Dubashes in colonial cities Explain one function they performed 2

औपविनलिशक शहरो म दभाश कौन थ उनक दवारा समपाठिद होन ाल एक काय( का उललख करिरए

PART lsquoBrsquo खणड ख

Section 1 अनभाग 1

विनमनलिलखिख म स विकनही ीन परशनो क उततर लिलखिखए

Answer any five of the following- 4x5 = 20

Q4 The problem of archaeological interpretations are perhaps most evident in attempts to reconstruct Harappan religious practices by the archaeologists Examine the statement with suitable examples

lsquoपराातवितक वयाखया की समसयाए b सभः सबस अमिधक हड़पपाई धारमिमक परथाओ क पनरकिनरमाण क परयासो म परातशाममिसतरयो क समकष आी हrsquo इस कथन का विशलशण उदाहरण सविह करिरए

Q5rdquoThe Dharmasutras and Dharmashastras also contained rules about the ideal lsquooccupationrsquo of the four categories or varnasrdquo Critically examine the statement

ldquoधम( सतरो और धम(शासतरो म चारो ग क लिलए lsquoआदश( जीविकाrsquo स जड़ कई विनयम मिमल हrdquo इस कथन का आलोचनातमक विचन करिरए

Q6 Explain Al-Barunirsquos description of caste-system What did he say about the rigidity of the caste-system

जावि वयसथा क सबध म अल-विबरनी की वयाखया पर चचा( कीजिजए जावि वयसथा की कठोरा क विषय म उसक कया विचार थ

Q7 Who were Andal and Karaikkal Ammaiyar What were their contributions and importance in the Indian Society 2+3

अडाल और करइककाल अममइयार कौन थ उनका योगदान कया था था भारीय समाज म कया महत था

Q8 Analyze how the Mughal emperorrsquos court procedures reflected his status and power 5

मगल समराट की दरबारी परविकरया समराट क सर था शकती को विकस परकार परदरथिश करी ह विशलषण कीजिजए

Q9 Critically evaluate the lsquoDeccan Riots Commissionrsquos reportrsquo

lsquoदककन दगा आयोगrsquo की रिरपोट( का आलोचनातमक मलयाकन कर

PART lsquoBrsquo खणड lsquoखrsquo

Section 2 अनभाग 2

Q10 Value based questions

Read the following value based passage given and answer the questions given below-

A Motherrsquos Advice

ldquoGandhari made one last appeal to her eldest son Duryodhana

By making peace you honour your father and me as well as your well-wishershellipit is the wise man who is in control of his senses who guards his kingdom Greed and anger drag a man away from his profits by defeating these two enemies a king conquers the earth hellip You will happily enjoy the earth my son along with the wise and heroic Pandavas hellip There is no good in a war no law (dharma) and profit (artha) let alone happiness nor is there (necessarily) victory in the end--donrsquot set your mind on warrdquo

माता की सलाह

ldquoगाधारी न अपन जयषठ पतर दयzधन स यदध न करन की विनी की

शाी की समिध करक म अपन विपा मर था अपन शभचछको का सममान करोगhelliphellipविकी परष जो अपनी इठिदरयो पर विनयतरण रखा ह ही अपन राजय की रखाली करा ह लालच और करोध आदमी को लाभ स दर खदड़कर ल जा ह इन दोनो शतरओ को पराजिज कर राजा समस धरी को जी सका हhelliphellipह पतर म विकी और ीर पाडो क साथ सानद इस धरी का भोग करोगयदध म कछ भी शभ नही होा न धम( और अथ( की परातविप होी ह और न ही परसनना की यदध क अ म सफ़ला मिमल यह भी ज़ररी नहीhelliphellipअपन मन को यदध म लिलप म करोhelliprdquo

Answer the following questions-

विनमनलिलखिख परशनो क उततर दीजिजए

Q101 Do you think that Gandharirsquos ldquopeacemakingrdquo advice was appropriate Give two reasons 2

कया आपको गाधारी की शाी समिध की सलाह उलिच लगी ह दो कारण बाइय

Q102 Why do you think that control of greed and anger are beneficial for human being and society Give three reasons 2

कया आपको ऐसा लगा ह विक लालच और करोध पर विनयनतरण मान ए समाज क विह म ह ीन कारण दीजिजए

PART C

खणड lsquoगrsquo

Long answer questions 8 x 3=24

Answer any THREE questions-

11 Why did Sanchi stupa survive while Amaravati stupa did not Support your answer with suitable examples

साbची का सप कयो बच गया जबविक अमराी सप नषट हो गया उदाहरण सविह उततर दीजिजए

Q12 Critically examine the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo in respect of Vijaynagar Empire Discuss whether the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo are appropriate description for the parts of the city for which these are used

विजयनगर राजय क सदभ( म lsquoराजकीय कनदरrsquo था lsquoपवितर कनदरrsquo की आलोचनातमक विचना करिरए था सपषट करिरए विक विजयनगर शहर क सदभ( म lsquoपवितर कनदरrsquo था lsquoराजकीय कनदरrsquo पदो का परयोग कहाb क उलिच ह

Q13 How were the panchayats formed during sixteenth and seventeenth centuries Explain their functions and authorities

सोलही और सतरही शाखिबदयो म पचायो का गठन विकस परकार होा था पचायो की काय(परणाली अमिधकारो ए सतता का उललख करिरए

Q14 Why did Mahatma Gandhi think Hindustani should be the national language How did the Constituent Assembly seek to resolve the language controversy

महातमा गाbधी को एसा कयो लगा था विक विहनदसानी राषटरीय भाषा होनी चाविहए सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला 5+5

PART D

खणड घ

Passage based questions 8x3 = 24

गददाश आधारिर परशन

Read the following extracts (Question No 17-19) carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो (परशन सखया 17-19) को धयानप(क पठिढ़ए और अ म पछ गय परशनो का उततर दीजिजए

Q15 What the Kingrsquos Officials Did

Here is an excerpt from the account of Megasthenes

Of the great officers of state somehelliphellipsuperintend the rivers measure the land as is done in Egypt and inspect the sluices by which water is led out from the main canals into their branches so that everyone may have an equal supply of it The same persons have charge also of the huntsmen and are entrusted with the power of rewarding or punishing them according to their deeds They collected the taxes and superintend the occupations connected with land as those of the woodcutters the carpenters the blacksmith and the miners

Questions

(i) Which empire is Megasthenes referring to 1

(ii) What similarity does Megasthenes tell about the officials of Egypt and this empire 2

(iii) Why was this work assigned to those officials who supervised the main gate of the canal water What more work did they perform 2

(iv) How many committees and sub-committees have been referred to by Megasthenes for the conduct of military activities 2

समराट क अधिधकाी कया - कया काय= कत थ

मगसथनीज़ क विरण का एक अश ठिदया गया ह

सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसतर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड़ जान ाल पानी क मख दवार का विनरीकषण कर ह ाविक हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर ह और लिशकारिरयो क विकरतयो क आधार पर उनह इनाम या दणड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका(ओ का भी विनरीकषण कर ह

परशन -

(1) मगसथनीज़ विकस सामराजय का उललख कर रहा ह 1

(2) मगसथनीज़ मिमसतर क अमिधकारिरयो और इस सामराजय क अमिधकारिरयो क मधय विकन समानाओ का उललख कर रहा ह 2

(3) यह काय( उन अमिधकारिरयो को कयो सौपा जाा था जो पानी क मख दवार का विनरीकषण कर थ इसक अविरिरकत अनय कया काय( कर थ 2

(4) मगसथनीज़ क अनसार सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए कौन सी समिमविया b और उपसमिमविया b विनयकत थी 2

Q16 DEHLI

Here is an excerpt from Ibn Batutarsquos account of Delhi often spelt as Dehli in texts of the period

The city of Delhi covers a wide area and has a large populationhellipthe rampart round the city is without parallel The breadth of its wall is eleven cubits and inside it are houses for the night sentry and gatekeepers Inside the ramparts there are store houses for storing edibles magazines ammunition ballistas and siege machines The grains that are stored can last for a long time without rottinghellipIn the interior of the rampart horsemen as well as infantrymen move from one end of the city to another The rampart is pierced through by windows which open on the side of the city and it is through these windows that light enters inside The lower part of the rampart is built of stone the upper part of bricks It has many towers close to one another There are 28 gates of this city which are called darwaza and of these the Budaun Darwaza is the greatest inside the Mandvi darwaza there is a grain market adjacent to the Gul darwaza there is an orchardhelliphellipIt has a fine cemetery in which graves have domes over them and those that do not have a dome have an arch for sure In the cemetery they sow flowers such as tuberose jasmine wild rose etc and flowers blossom there in all seasons

(i) How had Ibn-Batuta described the cities in the sub-continent 2

(ii) What was his description of Delhi 3

(iii) Mention any four changes in Delhi of today 2

दहली

ठिदलली जिजस तकालीन गरथो म अकसर दहली नाम स उदध विकया गया था का ण(न इबन बा इस परकार करा ह

ठिदलली बड़ कषतर म फला घनी जनसखया ाला शहर हhelliphellipशहर क चारो ओर बनी पराचीर अलनीय ह दीार की चौड़ाई गयारह हाथ (एक हाथ लगभग 20 इच क बराबर) ह और इसक भीर रावितर क पहरदार था दवारपालो क ककष ह पराचीरो क अदर खाददसामगरी हलिथयार बारद परकषपासतर था घरबदी म काम आन ाली मशीन क सगरह क लिलए भडारगरह बन हए थhelliphellipपराचीर क भीरी भाग म घड़सार था पदल सविनक शहर क एक स दसर छोर क आ-जा ह पराचीर म खिखड़विकयाb बनी ह जो शहर की ओर खली ह और इनही खिखड़कीयो क माधयम स परकाश अदर आा ह पराचीर का विनचला भाग पतथर स बना ह जबविक ऊपरिर भाग ईटो स इसम एक-दसर क पास-पास बनी कई मीनार ह इस शहर क अठटाईस दवार ह जिजनह दराज़ा कहा जाा ह और इनम स बदायb दराज़ा सबस विशाल ह माडी दराज़ क भीर एक अनाज मडी ह गल दराज़ क बगल म एक फलो का बगीचा हइस म एक बहरीन कबरगाह जिजसम बनी कबरो क ऊपर गबद बनाई गयी ह और जिजन कबरो पर गबद नही ह उनम विनभिw रप स महराब ह कबरगाह म कदाकार चमली था जगली गलाब जस फल उगाए जा ह और फल सभी मौसमो म खिखल रह ह

(1) उप-महादवीप क नगरो का ण(न इबन बा न विकस परकार विकया ह 2

(2) उसक दवारा ठिदलली का ठिदया गया विरण कया था 3

(3) आज की ठिदलली म आए विकनही चार परिर(नो का उललख कीजिजए 2

Q17 The jotedars of Dinajpur

Buchanan described the ways in which the jotedars of Dinajpur in North Bengal resisted being disciplined by the zamindar and undermined his power

Landlords do not like this class of men but it is evident that they are absolutely necessary unless the landlords themselves would advance money to their necessitous tenantryhelliphelliphellip

The jotedars who cultivate large portions of land are very refractory and know that the zamindars have no power over them They pay only a few rupees on account of their revenue and then fall in balance almost every kist (installment) they hold more lands than they are entitled to by their pottahs (deeds of contract) Should the zamindarrsquos officers in consequence summon them to the cutcherry and detain them for one or two hours with a view to reprimand them they immediately go and complain at the Fouzdarry Thana (Police Station) for imprisonment and at the munsiffrsquos (a judicial officer at the lower court) cutcherry for being dishonored and whilst the causes continue unsettled they instigate the petty ryots not to pay their revenue consequentlyhelliphellip

Questions

(i) Who were the jotedars 2

(ii) Describe the ways in which the jotedars resisted the authority of the zamindars 2

(iii) Why were they more powerful than the zamindars 2

(iv) By which names were they called 1

दिदनाजप क जोतदा

बकानन न बाया ह विक उततरी बगाल क ठिदनाजपर जिज़ल क जोदार विकस परकार ज़मीदार क अनशासन का परविरोध और उसकी शलिकत की अहलना विकया कर थ-

भसामी इस ग( क लोगो को पसद नही कर थ लविकन यह सपषट ह विक इन लोगो का होना बह ज़ररी था कयोविक इसक विबना ज़ररमद काशकारो को पसा उधार कौन दाhelliphelliphellip

जोदार जो बड़ी-बड़ी ज़मीन जो ह बह ही हठील और जिज़ददी ह और यह जान ह विक ज़मीनदारो का उनपर कोई श नही चला ो अपन राजस क रप म कछ थोड़ स रपय ही द दा ह और लगभग हर विकस म कछ-न-कछ बकाया रकम रह जाी ह उनक पास उनक पटट की हकदारी स ज़यादा ज़मीन ह ज़मीदार की रकम क कारण अगर अमिधकारी उनह कचहरी म बला थ और उनह डरान-धमकान क लिलए घट-दो-घट कचहरी म रोक ल ह ो र उनकी लिशकाय करन क लिलए फ़ौजदारी थाना (पलिलस थाना) या मसतिनसफ़ की कचहरी म पहbच जा ह और कह ह विक ज़मीदार क कारिरदो न उनका अपमान विकया ह इस परकार राजस की बकाया रकमो क मामल बड़ जा ह और जोदार छोट-छोट रय को राजस न दन क लिलए भड़का रह हhelliphelliphellip

(1) जोदार कौन थ 2

(2) ज़मीदार की सतता का परविरोध विकस परकार कर थ 2

(3) ज़मीदार की अपकषा आरथिथक रप म शलिकतशाली कयो थ 2

(4) उनह विकन नामो स पकारा जाा था 1

PART E खणड ङ

20 Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Rakhigarhi राखिखगडीb) Chanhudaro चनहदडो

182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

Note The following questions are only for the BLIND CANDIDATES in lieu of map question

Q20 Name five important Mahajanapadas 5

अथाor

Mention five important centers of national movement 5

For182

उततमाला

माडल परशनपतर ३ (१२ वी ककषा)

For Q21

1 बदध न जञान की परातविप एक कष क नीच धयान लगाकर पराप विकया I कष ndash जञान सप ndash महापरिरविना(ण चकर ndash परथम धमzपदश

2 २मविहलाय खो म परषो क साथ कध स कनधा मिमलाकर काय( करी थी I मविहलाय बआई विनराई और कटाई क साथ-साथ पकी हई फसल का दाना विनकालन का करीथी I

3 दभाष हो थ जो अगरजी और सथानीय भाषा दोनो म बोल सक थ I बलक टाउन क बाजार क नजदीक परपराग घरो म रह थ I विबरठिटश और भारीय समाज क बीच मधयसथ का काय( कर थ I

4 हड़पपा की लिलविप पढ़ी नही जा सकी ह I इसम ३७५ स ४०० क लिचनह ह I परातविदो का यह मानना ह की कछ ऐसी सए जिजनकी पहचान नही हो सकी ह ह धारमिमक महतत की ह I महरो क परीकषण की कोलिशश की गयी I मादी ndash सतरी मणमरकि गहनो स सजी हई परोविह राजा एक सिसग ाला जानर पौध का अलकरण याविन परकवि पजा आदय लिश I

५बराहमणो क लिलए दो का अधययन और अधयापन

कषवितरय ndash यदध परशासविनक नयाय दो का अधययन

शय ndash दो का अधययन कविष यगय करना वयापार शदरndash ीनो उचच ण की सा करना

६अलविबरनी न भार म वयाप जावि वयसथा का अनय जगहो की सामाजिजक वयसथा क साथ लना विकया I

-- बराहमणो की जावि वयसथा को उसन सीकार विकया I

अपवितरा को असीकार विकया ए इस परकवि क विनयमो क विरदध बाया I सय( हा को सचछ करा ह समदर म नमक पानी को गनदा होन स बचाा ह I

७अडाल ndash मविहला अलार स उसकी रचनाय गाई जाी ह

अममाईयार ndash लिश भकत अपन उददशय परातविप ह घोर पशया का माग( अपनाया I

इनकी रचनाओ न विप सततातमक आदश को चनौी दी I

८दरबार का क दरपरिबद ख़ था जिजसन सपरभ क काय को भौविक सरप परदान विकया I

शासक की कावि को सय( की कावि स पथक करन का काय( राजतर का परीक छरी कराी थी I

विकसी भी दरबारी को शासक दवारा ठिदया गया सथान उसकी महा का परीक था दरबार म मानय सबोधन लिशषटाचार था बोलन क विनयम विनधा(रिर विकय गए थ राजनमियक दो स भी ऐसा अपभिकष था खास मौको पर सजाट

९विबरठिटश सरकार न बबई सरकार को यह विनदshyश ठिदया की ह दककन दगो की जाच क लिलए एक आयोग का गठन कर I

आयोग न १८७८ म अपनी रिरपोट( परस की ससद म पछाछ की गयी कथन रिरकाड( विकय गए जिजल क कलकटर की रिरपोट( एकतर की गयी Iकारण ndash ऋण दााओ दवारा ऊb ची बयाज दर का लिलया जाना

१०१ हाb यदध स लाभ ए ख़शी नही मिमल सकी

१०२ लालच ए करोध पर विनयतरण मनषय को बजिदधमान बनाी ह यह यदध को रोकी ह ख़शी लाी ह I समाज म नविक मलयो को बढ़ाा दना जस माना पयार और अपरिहसा I

११साbची का सप इसलिलए बच गया कयोविक भोपाल की बगम न उस सरभिकष विकया था रल क ठकदारो की नजर उस पर नही पड़ी I शायद अमराी की खोज पहल हो गयी थी ए विदवान इस बा क महतत को समझ नही पाए थ I १७९६ म सथानीय राजा को अचानक अमराी क सप क अशष मिमल गए जब हा पर एक मठिदर बनाना चाह रह थ I १८५४ म गटर क कमिमशनर ालटर एलिलअ न अमराी की यातरा

की ए पभिwमी ोरण दवार को खोज विनकाला I अमराी क सप क कछ पतथर एलिशयाठिटक सोसाईटी आफ बगाल पहच I कछ लनदन क पहbच गए I

१२शाही क दर -- दभिकषण- पभिwम भाग म ६० मठिदर सममिममलिल मठिदरो और समपरदायो को परशरय दना शासको क लिलए महतपण( था जो इन द-सथलो म परविमिषठ दी- दाओ स समबनध क माधयम स अपनी सतता को सथाविप करन था धा परदान करन का परयास कर रह थ I

३० सरचनाओ की पहचान महलो क रप म की गयी ह I

कछ सरचनाय ndash महानमी विडबबा लोटस मठिदर असबल हजाराराम मठिदर I

पवितर क दर ndash कई मठिदर ---- पपादी मठिदर विरपाकष मठिदर विटठल मठिदर जन मठिदर I मठिदर सथापतय ndash गोपरम और मडप उकार गए समभ

१३गराम सभा ndash बजग की सभा य गाb क महतपण( वयलिकत थ ए सपभितत पर अनालिशक अमिधकार थाI

एक अलपतर जिजसम गाb क अलग अलग जावियो की नमाईदगी होी थी I छोट मोट और नीच कम करन ालो को इसम जगह नही मिमली थी पचाय का फसला सबको मानना पड़ा था I

मखिखया ndash मकददम या मडल गाb क बजग की सहमवि स चना होा था ए जब क इनका भरोसा इनपर रहा था भी क पद पर रह थ I

गाb क आमदनी ए खचshy का विहसाब- विकाब अपनी विनगरानी म कराना मखय काय( पचाय का खचा( गाb क आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I उन कर अमिधकारीयो की की खाविरदारी का खचा( जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ था पराकविक आपदाओ स विनपटन म कोष का इसमाल विकया जाा था इसक अलाा नहरो ए बाधो को बनान म I

१४गाधीजी क विचार ndash

विहनदसानी आम लोगो दवारा अचछी रह समझी जाी ह परिहदी ए उद( क मल स बनी यह भाषा बह लोगो क दवारा बोली जाी ह यह विविध ससकवियो क आदान परदान

स समदध हई एक साझी भाषा थी यह विविध समदायो क बीच सचार की आदश( भाषा हो सकी ह ए विहनद-मसथिसलम था उततर-दभिकषण को एकजट रख सकी ह I

भाषा समिमवि का गठन परिहदी क समथ(को ए विरोमिधयो क बीच क गविरोध को ोड़न क लिलए फाम(ल का विकास समिमवि क अनसार दनागरी लिलविप म लिलखी परिहदी भार की राजभाषा I

१५अ) मौय( सामराजय

ब)नदी विनरीकषक था भमिम को मापन ाल

स)लिशकारिरयो का विनरीकषण इनह इनाम या दड दना

द)सनय समिमवि --- नौ सना यााया ए पv स समबदध पदल सना घड़सार रथ ए हालिथयो की सना

१६अ)जनसखया विकलबदी दराजा घर बाजार मनोरजन

ब)जयादा जनसखया जयादा कषतरफल पराचीर रावितर पहरदारो और दवारपालो क ककष थ शहर क २८ दवार

स)कोइ चार परिर(न

१७अ)उततरी बगाल क धनी विकसान जो जररमद विकसानो को उधार द थ

ब)जमीदार दवारा जमा बढ़ान क सभी उपायो का विरोध जमीदारो को काम नही करन द थ

स)समझौो क मानदडो स जयादा जमीन उनक पास थी गाb म रह थ और गरीबो पर उनका विनयतरण था सथानीय वयापार पर उनका विनयतरण था और जररमदो को उधार द थ

द)मडल

LIST OF MAPSBook 1

1 P-2 Mature Harappan sites Harappa Banawali Kalibangan Balakot Rakhigadi Dholavira Nageshwar LothalMohenjodaro Chanhudaro Kot Diji2 P-30 Mahajanapada and cities Vajji Magadha Koshala Kuru Panchala Gandhara Avanti Rajgir Ujjain TaxilaVaranasi3 P-33 Distribution of Ashokan incriptions i Pataliputra ndash Capital of Ashokaii Major Rock Edicts ndash Girnar Sopara Sanchi Kalasi Shishupalgarhiii Pillar incriptions ndash Sanchi Topra Meerut Pillar Kaushambiiv Kingdom of Cholas Keralaputras and Pandyas4 P-43 Important kingdoms and towns i Kushans Shakas Satvahana Vakatakas Guptaii Citiestowns Mathura Kanauj Puhar Brahukachchha5 P-95 Major Buddhist Sites Nagarjunakonda Sanchi Amaravati LumbiniBook 21 P-174 Bidar Golconda Bijapur Vijayanagar Chandragiri Kanchipuram Mysore ThanjavurKolar2 P-214 Territories under Babur Akbar and Aurangzeb Delhi Agra Panipat Amber Ajmer Lahore GoaBook 31 P-297 Territoriescities under British Control in 1857 Punjab Sindh Bombay Madras Fort St David Masulipatnam Berar Bengal BiharOrrisa Avadh Surat Calcutta Dacca Chitagong Patna Benaras Allahabad and Lucknow2 P-305 Main centres of the Revolt Delhi Meerut Jhansi Lucknow Kanpur Azamgarh Calcutta Benaras Jabalpur Agra3 P-305 Important centres of the national movement Champaran Kheda Ahmedabad Benaras Amritsar Chauri-Chaura Lahore BardoliDandi Bombay (Quit India Resolution) Karachi

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हडपपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था

महरो क दवारा सदर कषतरो क साथ सपक( सभ हआ

विविनमय बाट क दवारा विकए जा थ बाट चट( नामक पतथर स बनाए जा थ य घनाकार हो थ और इनपर कछ भी अविक नही होा था

कछ परातविबदो को यह मानना था विक हडपपाई समाज का कोई शासक नही था जबविक दसर परातविबद का यह मानना था विक हा b कोई एक शासक क बजाए कई शासक हो थ

सड़को था गलिलयो को लगभग एकlsquoविगरडrsquo पदववि म बनाया गया था और य एक दसर को समकोण पर काटी थी

लिशलप काय म मनक बनाना शख की कटाई धाकम( महर विनमा(ण था बाट बनाना सममिममलिल थ

परशन १ हड़पपाई समाज म शासक और सरकार स समबमिध दो म बाए

हड़पपाई समाज म शासक की सथिसथवि को लकर विबदवानो म मभद ह ndash

१-कछ का मानना ह विक हड़पपाई सभया म एक स अमिधक शासक थ

२ ndashकछ का मानना ह विक सभी जगह एक समान सओ का पाया जाना एक समान बाट था कचच

सतरोो क पास नगर की सथिसथवि यह परमाभिण करा ह की हड़पपाई सभया म एक ही शासक थ

परशन २ हड़पपा सभया म मनक बनान क लिलए परयकत पदाथz की सची

बनाइए चचा( कर विक इन पदाथz को कस पराप विकया जाा था (2)

उततरः-मनको क विनमा(ण म परयकत पदाथा की विविधा उललखनीय हः कानvलिलयन (सदर लाल रग का) जसपर सफठिटक काट(ज था सलखड़ी जस पतथर ाbबा काbसा था सोन जसी धाएb था शख फया bनस और पककी मिमटटी सभी का परयोग मनक बनान म होा था

दो रीक जिजनक दवारा हड़पपाासी लिशलप-उतपादन ह माल पराप कर थ

1 उनहोन नागषर और बालाकोट म जहा b शख आसानी स उपलबध था बसतिसया b सथाविप की

2 उनहोन राजसथान क खडी अ चल ( ा bब क लिलए ) था दभिकषण भार (सोन क लिलए) जस कषतरो म अभिभयान भजा

परशन-३ अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी जानकारी कम कयो ह अपन क( स वयाखया कर (2)

उततरः-अनय सभयाओ की अपकषा लिसनध घाटी की सभया क विषय म हमारी कम जानकारी विनमनलिलखिख कारणो स ह

उस काल की लिलविप आज क पढ़ी नही जा सकी ह

कल पराातवितक अशषो का अधययन कर हए अनमान क आधार पर ही लिसनध घाटी सभया क विषय म (सभया का समय विकास आठिद का) जञान पराप कर पाए ह जबविक अनय सभयाओ क समबनध म जानकारी का मखय आधार उनकी लिलविप का पढ़ा जाना ह

परशन-४ हडपपा सभया क अघययन क दौरान कपरिनघम क मन म कया भरम था (2)

उततरः- आरभिभक बसतिसयो की पहचान क लिलए उनहोन चथी स साी शाबदी ईसी क बीच उपमहादवीप म आए चीनी बौदध ीथ(यावितरयो दवारा छोड़ गए ाो का परयोग विकया यहाb क विक कपरिनघम की मखय रलिच भी आरभिभक ऐविहालिसक लगभग

छठी शाबदी ईसा प( स चौथी शाबदी ईसी था उसक बाद क कालो ससबमिध परात म थी कई और लोगो की रह ही उनका भी यह मानना था विक भारीय इविहास का परारभ गगा की घाटी म पनप पहल शहरो क साथ ही हआ था

परशन-५ हड़पपा सभया क अधययन क दौरान माष(ल और कपरिनघम क दवारा अपनाए गए कनीक म कया अर था (2)

उततरः- माश(ल परासथल क सर विनयास को परी रह अनदखा कर पर टील म समान परिरमाण ाली विनयमिम कषविज इकाइयो क साथ-साथ उतखनन करन का परयास कर थ इसका यह अथ( हआ विक अलग-अलग सरो स सबदध होन पर भी एक इकाई विशष स पराप सभी परासओ को सामविहक रप स गvक कर ठिदया जाा था

परिरणामसरप इन खोजो क सदभ( क विषय म बहमलय जानकारी हमशा क लिलए लप हो जाी थी आरईएम वहीलर न इस समसया का विनदान विकया वहीलर न पहचाना विक एकसमान कषविज इकाइयो क आधार पर खदाई की बजाय टील क सर विनयास का अनसरणकरना अमिधक आशयक था

परशन-६ शाधान हड़पपा सभया म वयाप सामाजिजक विषमाओ को समझन का एक बहर सरो ह वयाखया कर (2)

उरः-1 शाधान का अधययन सामाजिजक विषमाओ को परखन की एक विमिध ह

2 हड़पपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था इन गz की बनाट एक दसर स भिभनन होी थी

3 कछ कबरो म ककाल क पास मदभाणड था आभषण मिमल ह जो इस ओर सक कर ह विक इन सओ का परयोग मतयपरा विकया जा सका ह परष ए सतरी दोनो क शाधानो स आभषण मिमल ह

परशन-७ हड़पपाई जल विनसारण परबध क बार म लख लिलख (4)

उरः- इस नगर की एक परमख विशषा इसका जल विनकास परबध था इस नगर की नालिलया b मिमटटी क गार चन और जिजपसम की बनी हई थी इनको बड़ी ईटो और पतथरो स ढ़का जाा था जिजनको ऊपर उठाकर उन नालिलयो की सफाई की जा सकी थी धरो स बाहर की छोटी नालिलया b सड़को क दोनो ओर बनी हई थी जो बड़ी और पककी नालिलयो म आकर मिमल जाी थी षा( क पानी क विनकास क लिलए बड़ी नालिलयो का घरा ढ़ाई स पा bच फट क था घरो स गद पानी क विनकास क लिलए सड़को क दोनो ओर गडढ बन हए थ इस थयो स यह परी होा ह विक सिसध घाटी क लोग अपन नगरो की सफाई की ओर बह धयान द थ

परशन-८ हड़पपाई समाज म शासको दवारा विकय जान ाल सभावि कायz की चचा( कीजिजए (4)

उततरः- विदवानो की राय ह - हड़पपाई समाज म शासको दवारा जठिटल फसल लन और उनह काया(तविन करन जस महतपण( काय( विकय जा थ इसक लिलए एक साकषय परस कर हए कह ह विक हड़पपाई परासओ म असाधारण एकरपा को ही ल जसा विक मदमाडो महरो बाटो था ईटो स सपषट ह

बसतिसयो की सथापना क बार म विनण(य लना बड़ी सखया म ईटो को बनाना शहरो म विशाल दीार सा(जविनक इमार उनक विनयोजन करन का काय( दग( क विनमा(ण स पहल चबरो का विनमा(ण काय( क बार म विनण(य लना लाखो की सखया म विभिभनन कायz क लिलए शरमिमको की वयसथा करना जस महतपण( ओर कठिठन काय( सभः शासक ही करा था ऽकछ परातविद यह मान ह विक लिसनध घाटी की समकालीन सभया मसोपोटामिमया क समान हड़पपाई लोगो म भी एक परोविह राजा होा था जो परासाद (महल) म रहा था लोग उस पतथर की मरकियो म आकार दकर सममान कर थ सभः धारमिमक अनषठान उनही क दवारा विकया या कराया जाा था कछ परातविद इस म क ह विक हड़पपाई समाज म शासक नही थ था सभी की सामाजिजक सथिसथवि समान थी दसर परातविद यह मान ह विक यहा कोई एक नही बसतिलक कई शासक थ जस मोहनजोदडो हड़पपा आठिद क अपन अलग-अलग राजा हो थ कछ और यह क( द थ विक यह एक ही राजय था जसा विक परासओ म समानाओ विनयोजिज बसतिसयो क कचच माल ईटो क आकार विनसथिषच अनपा था बसतिसयो क कचच माल क सतरोो क समीप ससथाविप होन स सपषट ह

परशन-९ आप यह कस कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी (4)

उततरः-हा b हम कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी विनमनलिलखिख उदाहरण इस बा को दशा( ह

नगर सविनयोजिज और घनी आबादी ाल थ

सड़क सीधी और चौड़ी थी

घर पककी लाल ईटो क बन थ और एक स अमिधक मजिजला म थ

परतयक घर म कआ सनानघर थ

जल विनकासी की उततम वयसथा थी जो मखय जल विनकासी स जड़ी थी

हड़पपा नगर म सा(जविनक भन दखन को मिमल ह

लोथल म डोकयाड( मिमल ह जिजसस पा चला ह विक मखय वयापारिरक कनदर रह थ

हड़पपा ससकवि क पन क बाद नगर विनयोजन लगभग भल गय और नगर जीन लगभग हजार ष( क दखन को नही मिमला

परशन-१० हड़पपाई लोगो की कविष परौदयोविगकी पर एक लख लिलख (4)

उरः-हड़पपाई लोगो का मखय वयसाय कविष था उतखनन क दौरान अनाज क दानो का पाया जाना इस ओर सक करा ह परिक कविष की विमिधयो का सपषट जानकारी नही मिमली ह खो क जोन क सक कालीबगन स मिमल ह महरो पर षभ का लिचतर पाया जाना भी इस ओर ही सक करा ह इस आधार पर परातविद अनमान लगा ह विक ख जोन क लिलए बलो का परयोग होा था

कई सथलो स मिमटटी क बन हल भी मिमल ह ऐस भी परमाण मिमल ह जिजसस यह पा चला ह विक दो फसल एक साथ भी उगाया जाी थी मखय कविष उपकरण कदाल थी था फसल काटन क लिलए लकड़ी क हतथो पर पतथर या धा क फलक लगाए जा थ अमिधकाष हड़पपा कषतरो म सिसचाई क साधनो को विकलिस विकया गया था कयोविक यह कषतर अध( षषक परभितत का ह सिसचाई क मखय साधन नहर और कए b थ अफगाविनसान म नहरो क अषष मिमल ह परायः सभी जगह कए b मिमल ह और धौलाीरा म जलाषय मिमला ह सभः सिसचाई ह इसम जल सचय विकया जाा होगा

परशन-११ चचा( कीजिजए विक परातविद विकस परकार अी का पनविनमा(ण कर ह (8)

उरः- 1 कई बार अपरतयकष साकषय का भी सहारा लना पड़ा ह और परतयकष ए अपरतयकष साकषय म समाना ढ bढ़ ह

2 भोजन अथा भोजय पदाथz की पहचान क लिलए मिमल अषषो म अनन अथा अनाज पीसन या पकान क यतर अथा बरनो का अधययन विकया जाा ह

3 परातविद परासओ को ढ़bढकर उनका अधययन कर अी का पनविनमा(ण कर ह परासओ की खोज उदयम का आरभ मातर ह

4 इसक बाद परातविद अपनी खोजो को गvक कर ह

5 परातविदो को सदभ( की रपरखा भी विकलिस करनी पड़ी ह

6 लिशलप उतपादन क कनदरो की पहचान क लिलए परसर विपणड औजार ा bबा-अयसक जसा कचचा माल इतयाठिद ढ़bढ ह

7 गvकरण का एक सामानय लिसदधा परयकत पदाथz जस पतथर मिमटटी धा असथिसथ स सबमिध होा ह

8 विकसी भी स को उसकी (मान उपयोग स जोड़ा जाा ह

9 सासकविक ए सामाजिजक भिभनना को जानन क लिलए कई अनय विमिधयो का परयोग कर ह शाधानो का अधययन ऐसा ही एक परयोग ह

10 परातविद विकसी परास की उपयोविगा को समझन का परयास उसक उतखनन सथल स भी कर ह

परशन - १२ अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिए-

एक lsquoआकरमणrsquo क साकषय डडमन लन एक सbकरी गली ह जिजसकी चड़ाई 3 स 6 फीट क परिरv ह

ह विबद जहाb यह गली पभिwम की ओर मड़ी ह 4 फीट था 2 इच की गहराई पर एक खोपड़ी का भाग था एक यसक की छाी था हाथ क ऊपरी भाग की हविडडया b मिमली थी य सभी बह भरभरी असथा म थी यह धड़ पीठ क बल गली म आड़ा पड़ा हआ था पभिwम की ओर 15 इच की दरी पर एक छोटी खोपड़ी क कछ टकड़ थ इस गली का नाम इनही अशषो पर आधारिर ह

जा bन माश(ल मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन 1931 स उदध 1925 म मोहनजोदड़ो क इसी भाग स सोलह लोगो क असथिसथ-पजर उन आभषणो सविह मिमल थ जो मतय क समय पहन हए थ

बह समय पwा 1947 म आरईएम वहीलर न जो भारीय पराातवितक सshyकषण क तकालीन डायरकटर जनरल थ इन पराातवितक साकषयो का उपमहादवीप म जञा पराचीनम गरथ ऋगद क साकषयो स सबध सथाविप करन का परयास विकया

उनहोन लिलखाः ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधस क कहा गया ह य दग( कहाb ह या थ पहल यह माना गया था विक य मिमथक मातर थ हड़पपा म हाल म हए उतखननो न मानो परिरदशय बदल ठिदया ह यहाb हम मखयः अनाय( परकार की एक बह विकलिस सभया पा ह जिजसम अब पराप जानकारी क अनसार विशाल विकलबठिदयाb की गई थी यह सदढ़ रप स सथिसथर सभया कस नषट हई हो सका ह जलाय सबधी आरथिथक अथा राजनीविक हयास न इस कमजोर विकया हो पर अमिधक सभाना इस बा की ह विक जानबझ कर था बड़ पमान पर विकए गए विनाश न इस अविम रप स समाप कर ठिदया यह मातर सयोग ही नही हो सका विक मोहनजोदड़ो क अविम चरण म आभास होा ह विक यहा b परषो मविहलाओ था बचचो का जनसहार विकया गया था पारिरसथिसथविक साकषयो क आधार पर इदर अभिभयकत माना जाा ह| आरईएम वहीलर हड़पपा 1946 एलिशएट इविडया ( जन(ल ) 1947 स उदध 1960 क दशक म जाज( डलस नामक परातविद न मोहनजोदड़ो म जनसहार क साकषयो पर साल उठाए उनहोन ठिदखाया विक उस सथान पर मिमल सभी असथिसथ-पजर एक ही काल स सबदध नही थः हालाbविक इनम स दो स विनभिw रप म सहार क सक मिमल ह पर अमिधकाश असथिसथयाb जिजन सदभ म मिमली ह इविग करी ह विक य अतय लापराही था शरदधाहीन रीक स बनाए गए शाधान थ शहर क अविम काल स सबदध विनाश का कोई सर नही ह वयापक सर पर अखिगनकाड क लिचहय नही ह चारो ओर फल हलिथयारो क बीच कचधारी सविनको क श नही ह दग( स जो शहर का एकमातर विकलबद भाग था अविम आतमरकषण क कोई साकषय नही मिमल ह जीएफडलस lsquoद मिमलिथकल मसकर एट मोहनजोदड़ोrsquo एकसपीडीशन 1964 स उदध जसा विक आप दख सक ह विक थयो का साधानीप(क पनरकिनरीकषण कभी-कभी प(v वयाखयाओ को परी रह स उलट दा ह

( क ) विकस परातविद न यह साकषय परस विकया ह ( 1 )

उततर जन माश(ल न यह साकषय अपनी पसक मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन म ठिदया ह

( ख ) हड़पपा सभया क विनाश क विकस क( की ओर यह अनचछद इशारा करा ह ( 1 )

उततर यह साकषय हड़पपा क विनाश म विदशी हमला की भमिमका की ओर इशारा करा ह

( ग ) कौन इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह और कयो ( 3 )

उततर- आर ई एम वहीलर इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह कयोविक ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधसक कहा गया ह

( घ ) विकसन और कस इसकी एक अलग वयाखया की ह ( 3 )

उततर- जाज( डलस न इस परमाण क विपरी लिसदधा का परविपादन विकया ह ो इस बा को मानन स विहचक ह विक यह हमला आयz न विकया था उनक अनसार जो ककाल यहा b मिमल ह ो हड़पपा काल क नही ह इस मातरा म ककाल मिमल ह था उनकी जो असथा ह उसस यह भी कहा जा सका ह विक यह एक बचड़खान का शाधान हो विकसी भी श पर शसतर क घा कोई हलिथयार जलन क अशष नही पराप हए ह

पाठ - 2राजा विकसान और नगरमहतपण( विबनद

- हड़पपा सभया क बाद लगभग 1500 षz क दौरान उपमहादवीप क विभिभनन भागो म कई परकार क विकास हए जस -ऋगद का लखन काय( कषक बसतिसयो का उदय अविम ससकार क नय रीक नगरो का उदय आठिद

- ऐविहालिसक सतरो अभिभलख गरथ लिसकक लिचतर आठिद

- अशोक क अभिभलख - बराहमी था खरोषठी लिलविपयो म लिलख गए ह

- छठी शाबदी म ई 0 प0 को एक महतपण( परिर(न काल माना जाा ह इसको राजयो नगरो लोह क परयोग और लिसकको क विकास स जोड़ा गया ह इस समय बौदव - जन धम( था अनय दाश(विनक विचारधाराओ का विकास हआ - बौदव - जन धमz क गरथो म सोलह महाजनपदो का उललख मिमला ह मखय ह

- सथिsup2 मगध कौशल कर पाचाल गाधार और अवि जस आठिद

अविलघ पर शन ( 02 अक ) परशन- 1 महापाषाण कया ह

उततरः- अ ई पपरथम सहसतराबदी क दौरान मधय और दभिकषण भार म पाए जान ाल पतथरो क बड - बड ढा bच ह

ब इनह कबरगाहो क ऊपर रखा जाा था शो क साथ विभिभनन परकार क लोह क उपकरण और औजारो को दफनाया जाा था

परशन-2 छठी शाबदी ई प को परारभिभक भारीय इविहास म एक महतपण( परिर(नकारी काल कयो कहा जाा था

उततरः- अ इस काल को परायः आरभिभक राजयो लोह क बढ परयोग और लिसकको क साथ जोडा जाा ह

ब इसी काल म बौदव और जन सविह विभिभनन दाश(विनक विचारधाराओ का उदय हआ

परशन- 3 धमम महामातत कौन थ

अ समराट असोक दवारा विनयकत विशष अमिधकारी

ब धमम क परचार क लिलए इनकी विनयलिकत की गई थी

परशन-4 मौयz क बार म जानन क लिलए कोई दो सरोो क नाम लिलखिखए

उततरः- अ) कौठिटलय का अथ(षासतर

ब) मगसथनीज का विरण - इविडका

स) असोक का अभिभलख

परशन-5 कषाण कौन थ

उततरः- चीन म रहन ाल एक कबायली जावि

अ मधय एलिशया स लकर पभिwमोततर भार क एक विशाल सामराजय म शासन

ब भार म सोन क लिसकक सबस पहल कषाणो न जारी विकया था

परशन-6 अशोक क अभिभलख विकन -विकन भाषाओ लिलविपयो म लिलख जा थ

उततरः- क भाषा-पराक भाषा बराहमी लिलविप म और यनानी भाषा-खरोषठी लिलविप म

परशन-७ सााहन शासको क लिलए मााए विकस परकार महतपण( थी अपन उततर क पकष म एक उदाहर दीजिजय

उततर-सााहन शासको क समय समाज मातरसातमक था कयोविक शासको क नाम क आग उनक माा

का नाम मिमला ह जस गौमीपतर ालिशसथिसथपतर

लघ पर शन ( ०४ अक ) परशन-८ मगध क एक शलिकतशाली राजय क रप म उदय क कारणो की चचा( कीजिजए

उततरः- 1 महताकाकषी शासक जस विममिमबसार अजाशतर महापदमननद

2 लोह की खान

3 उपजाऊ मिमटटी

4 जगली कषतरो म हाथी उपलबध थ जो सना का महतपण( अग था

5 दो राजधाविनया b थी राजगह विकल बद शहर था पाटली पतर - गगा क विकनार बसी हई थी

परशन-९ महाजनपदो की परमख पा bच विशषाओ की वयाखया कीजिजए

उततरः- 1 अमिधकाश महाजनपदो पर राजा का शासन होा था लविकन गण और सघ क नाम स परलिसदव राजयो म कई लोगो का समह शासन था

2 परतयक महाजनपदो की एक विकलबद राजधानी होी थी

3 सथायी सना जिजनह परायः कषक ग( स विनयकत विकया जाा था और विनयमिम नौकरशाही

4 धम(शासतर म शासक सविह अनय क लिलए विनयमो का विनधा(रण राजा कषवितरय ग( स

5 शासको का काम विकसानो वयापारिरयो और लिशलपकारो स कर सलना

परशन-१० अशोक क धमम क बार म लिलख 5

उततरः- 1 बडो का आदर करना

2 सनयालिसयो और बराहमणो क परवि उदारा

3 सको और दासो क साथ उदार वयहार

4 दसर क धम और परपराओ का आदर

5 धमम महामा की विनयलिकत

परशन-११ छठी शाबदी ई प स छठी शाबदी ई क कविष कषतर म हए मखय परिर(नो की उललख कीजिजए

उततरः- 1 कविष उतपादका को बढ़ान क लिलए लोह क फाल ाल हल का परयोग

2 गगा की घाटी म धान की रोपाई

3 सिसचाई क लिलए कओालाबो नहरो का परयोग

4 पजाब और राजसथान जस अध(षषक जमीनाल कषतरो म खी क लिलए कदाल का परयोग

5 उपज बढ़न स साधनो पर विनयतरण क कारण बड - बड जमीदार और गराम परधान अमिधक शलिकतशाली और विकसानो पर विनयतरण

6 शासक ग( भमिमदान क दवारा कविष को नए कषतरो म परोतसाविह करन की नीवि को अपनाया

परशन-१२ इविहास की पनः विनमा(ण म अभिभलख विकस रह सहाया कर ह

उततरः- 1 शासको ए उनकी उपलसतिबधयो क बार म जानकारी

2 लिलविप और भाषा की जानकारी

3 भमिमदान और अथ(वयसथा क बार म जानकारी

4 सामराजय का विसार

5 सामाजिजक और धारमिमक जीन क बार म जानकारी

परशन-१३ मौय( परशासन की परमख विशषाए कया थी 10

उततरः- 1 कनदरीय शासन - राजा का विनयतरण विधामियका काय(पालिलका नयायपालिलका सना था वितत पर था|

2 पराीय शासन - पराीय शासन कई पराो म बाट ठिदया गया था

3 सथानीय शासन - पाटलीपतर नगर का शासन 30 सदसयो क एक आयोग दवारा विकया जाा था

4 राजा सामराजय को उचच अमिधकारिरयो की सहाया स चलाा था

5 मौय( सामराजय क पा bच परमख राजनविक क दर

6 कानन और वयसथा

7 सगठिठ सना - मगसथनीज न सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवियो का उललख विकया ह

8 धमम परचार क लिलए धमम महामातत की विनयलिकत

9 भमिमकर सिसचाई और सड़को क परबध क लिलए विभिभनन अमिधकारी हो थ

10 गपचर विभाग - गपचर विभाग बह सदढ़ था

परशन-१४ विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

समराट क अमिधकारी कया - कया काय( कर थ

मगसथनीज क विरण का एक अश ठिदया गया ह सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख - रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर ह ाविक ह हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी विषकारिरयो का सचालन कर ह और विषकारिरयो क कतयो क आधार पर उनह इनाम या दड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका( का भी विनरीकषण कर ह

परशन- क सामराजय क महान अमिधकारिरयो क क(वयो की वयाखया कीजिजए (3)

उततरः- 1 सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर थ

2 कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर थ ाविक हर सथान पर पानी का समान परकि हो सक

3 यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर थ लिशकारिरयो क कतवितयो क आधार पर ईनाम या दड़ द थ कर सली कर थ भमिम स जड सभी वयसायो का विनरीकषण कर थ साथ ही लकडहारो बढ़ई लोहारो और खनन का(ओ का भी विनरीकषण कर थ

परशन-ख सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए विनयकत उपसमिमवियो की भमिमका की वयाखया कीजिजए उततरः- 1 सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवि का उललख मगासथविनज न विकया ह इन उपसमिमवि का काम नौसना यााया और खानपान पदल सना अषारोही रथारोविहयो और हालिथयो का सचालन करना था

2 दसरी समिमवि का दामियत विभिभनन परकार का था - उपकरणो को ढ़ोन क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा सविनको क लिलए भोजन जानरो क लिलए चार की वयसथा था सविनको क दखभाल क लिलए सको और लिशलपकारो की विनयलिकत करना

परशन-ग अशोक न अपन सामराजय को एकजट रखन क लिलए कया विकया (2)

उततरः- 1 अशोक न धमम क परचार क दवारा अपन सामराजय को एकजट रखन की कोलिशश की

2 धमम क परचार क लिलए धमम महामातत नाम स विशष अमिधकारिरयो की विनयलिकत की

पाठ - 3

बधत जावि था ग(आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ई )

महातपण( विबनद

- सामाजिजक इविहास - महाभार का उपयोग सामाजिजक इविहास की समसयाए जावि ग( कविबल आठिद की पनर(चना ह अनय सतरो

- ऐविहालिसक पषठ भमिम रचना क साधन - परिर(नो क परभा

- अभिभलख महाभार क सतरो था विषय

- बधा ए विाह परिरार विपविषक वयसथा विाह क विनयम सतरी का गरोतर माा का सथान

- सामाजिजक विशषाए ण( वयसथा अकषवितरय राजा जावि एकीकरण अधीना और सघष(

परशन 1 महाकावय का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततरः- एक लमबी कविा जिजसम विकसी नायक अथा राषटर क जीन उपलसतिबधयो का ण(न हो रामायण था महाभार इसक उदाहरण ह

परशन-2 मनसमवि का दो महत बाइए (2)

उततरः- 1 यह ातकालिलक समाज क विनयमो था परथाओ का ण(न दा ह

2 इसका परभा आज भी विहनदओ की जीन शली म ठिदखाई दा ह

परशनः- 3 महाभार का यदध कयो हआ था इसका कया परिरणाम हआ (2)

उततरः- महाभार का यदध जमीन था अमिधकारो को लकर हआ था इसम पाणडो की विजय हई

परशन- 4 कल था जावि का कया अथ( ह (2)

उततरः- ससक गरनथो म कल शबद का परयोग परिरार क लिलए और जावि का बाधो क बड समह क लिलए होा था

परशन-5 अ(विाह स कया ातपय( ह (2)

उततरः- अ(विाह म ाविहक सबध समह क मघय ही हो ह यह समह गोतर कल अथा जावि या विफर एक ही सथान पर बसन ालो का हो सका ह

परशन-6 चाडाल विकस कहा जाा था (2)

उततरः- पराचीन काल म ऐस काय( करन ाल लोग जिजनह उचच ग( रजिज माना था जस शो को दफन करना या जलाना म पशओ को उठाना था उनका चमड़ा विनकालना इतयाठिद

परशन-7 १००० ई० प० क बाद बराहमणो दवारा बाय गय गोतर क दो विनयम लिलखिखए

उततर - १-मविहलाओ क लिलए यह आशयक था विक विाह क पwा अपन विपा क गोतर को छोड़

अपन पवि का गोतर धारण कर

२-एक समान गोतर म विाह रजिज था

परशन-8 महाभार की भाषा था विषयस पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1महाभार को मलरप म ससक म लिलखा गया ह

2भाषा सरल सबोध ह

3यह एक गविशील गरथ ह

4इसक अनक पन(वयाखयाए b आसतिसत म आई

5इसक अनक परसगो को मरकिकला नाटय कला था नतय कला म दखा जा सका ह

परशन-9 महाभार क महत पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1भारीय ससकवि था विहनद धम( क विकास का लख जोखा ह

2यह एक बहआयामी गरथ ह

3समाज क सभी अग जस राजनीवि धम( दश(न था आदरश की झलक मिमली ह

4इसम यदध शावि सदगण दग(ण की वयाखया की गई ह

5भारीय इविहास का महतपण( सतरो ह रपक कथाए b सभः कालपविनक ह

परशन-10 महाभार काल क विदवीय चरण म (बारही स साी शाबदी ई प म) मिमलन ाल घरो क बार म बीबी लाल न कया लिलखा ह (4)

उततरः- 1 बीबी लाल को यहा b आबादी क पाच सरो क साकषय मिमल ह

2 इनम स दसरा ीसरा सर महतपण( ह

3 दसर सर क बार म बीबी लाल न पाया विक आास घरो की कोई विनभिw परिरयोजना नही थी

4 मिमटटी की बनी दीार था कचची मिमटटी की ईट अशय मिमली ह

5 कछ घरो की दीार सरकनडो की बनी थी

परशन-11 विकन मायनो म सामाजिजक अनबध की बौदध अधारणा समाज क उस बराहमणीय दमिषटकोण स भिभनन थी जो परषसकत पर आधारिर था

उततरः- 1 बौदध धम( न समाज की विषमा को सतय माना ह

2 यह विषमा नसरकिगक नही थी और न ही सथाई

3 बराहमणीय दमिषट स इस असमाना का आधार जनम ह

4 बौदध धम( न मान था नसपवि को शर स एक दसर पर परसपर विनभ(र माना ह

5 राजा लोगो दवारा चना जाा था जिजस साओ क बदल म कर ठिदया जाा था

परशन-12 पराचीनकाल क सामाजिजक मलयो क अधययन क लिलए महाभार एक अचछा सतरो ह (7)

उततरः- 1 महाभार मखय रप स सबमिधयो क बीच यदव की कहानी ह इसलिलए

इसम सामाजिजक जीन का झलक मिमली ह

2 समाज म विपतरलिशा का पालन होा था पक समपवि पर कल पतरो का अमिधकार था

3 पवितरयो का विाह गौतर क बाहर उलिच समय पर करना विपा का क(वय था

4 विलिशषट परिरारो म बहपवि परथा भी परचलिल थी दरौपदी क पा bच पवि थ

5 पतर क जनम को जयादा महतपण( समझा जाा था

6 कनयादान विपा का महतपण( कतत(वय माना जाा था

7 विाह क अनक परकार थ राकषसी विहविडमबा का भीम स विाह हआ था

8 माा का सथान सzचच था पाणडो न अपनी मा कनी की आजञा का सममान कर हय दरोपदी स विाह विकया था

9 महाभार ण था उनस जड़ वयसायो की जानकारी दा ह

10 परिरार म धद परष का अमिधपतय था

परशन-13 विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए और उसक अ म पछ गय परशनो क उततर दीजिजए (7) दरौपदी का विाह

उततरः- पाचाल नरश दपद न एक सयर का आयोजन विकया जिजसम यह श( रखी गई विक धनष की चाप चढा कर विनशान पर ीर मारा जाय विजा उनकी पतरी दरोपदी स विाह करन क लिलय चना जायगा अज(न न यह परवियोविगा जीी और दरौपदी न उस रमाला पहनाई पाणड उस लकर अपनी माा कनी क पास गय जिजनहोन विबना दख ही उनह लाई गई स को आपस म बाट लन को कहा जब कनी न दरौपदी को दखा ो उनह अपनी भल का अहसाह हआ विकन उनकी आजञा की अहलना नही की जा सकी थी बह सोचविचार क बाद यमिधमिषठर न विनण(य लिलया विक दरौपदी उन पाचो की पतनी होगी जब दरपद को यह बाया गया ो उनहोन इसका विरोध विकया विकन ऋविष वयास न उनह इस थय स अग कराया विक पाणड ास म इनदर क अार थ और उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था अः विनयवि न ही उन सबका साथ विनसथिषच कर ठिदया था वयास न यह भी बाया विक एक बार एक या सतरी न पवि परातविप क लिलए विष की आराधना की और उतसाह क अविरक म एक की बजाय पाच बार पवि परातविप का बर माग लिलया इसी सतरी न दरौपदी क रप म जनम लिलया था विष न उसकी पराथ(ना को परिरपण( विकया ह इन कहाविनयो स सषट होकर दरपद न इस विाह को अपनी सहमवि परदान की

1 पचाल नरश दरपद न अपनी पतरी का विाह करन क कयो परवियोविगा रखी(1)

2 वयास न राजा दरपद को दरौपदी का पाचो पाणड की पतनी बनन क लिलए कौन स दो थय ठिदय (3)

3 दरौपदी का विाह विकस परकार का विाह था इस परकार क विाह क परवि इविहासकारो क दो विचार बाइय (3)

उततर- 1 सयर का आयोजन विकया गया था जिजसक विजा स अपनी पतरी का विाह कर द

2 वयास न बाया विक पाणड इनदर क अार थ था उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था लिश न एक या सतरी को र ठिदया था जिजसन गली स पा bच बार पवि का र मा bग लिलया था उस सतरी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था

3 दरौपदी का विाह बहपवि का उदाहरण था इस परकार का विाह विलिशषट था बराहमणीय परपरा क अनरप न होन क कारण इस परकार क विाह को बराहमणो का समथ(न नही था

पाठ ndash 4

विचारक विशवास और ईमार महतपण( विबनद

- बौदध धम( का इविहास - साची सप पर बल

- विस सदभ( - ठिदक धम( जन धम( षणम शम बौदव धम( पर बल

- साची सप की खोज साची की मरकिया

- धारमिमक ाद -विाद बौदव धम( की पन(रचना

- पराचीन ठिदक धम( जन बौदव षण शल

- महाीर लिसदवाथ( ठिदककाल की उपासना रीवि

- हीनयान महायान (बौदव धम() शवामबर ठिदगमबर (जन धम()

- वितरविपटक जाक विपटक उपविनषद - लिलखिख सतरो

- जन बौदव धम( का परचार परसार मथरा - गाधार मरकिकलाए

- विबहार च सप आषटाविगक माग( बौदव क चार आय( सतय

02 अक ाल परशन

परशनः-1 बौदध धम( क चार मल सतय (आय( सतय) कौन स ह

उततरः-1 समपण ससार दखो स परिरपण( ह

2 सार दःखो का कोई-न-कोई कारण ह

3 दखो को राकन का एक माग( ह मनषय आषटाविगक माग( का अनसरण करक इन दखो और कषटो स छटकारा पा सका ह

परशनः- 2 छठी शाबदी ईप क काल म उतपनन होन ाल धारमिमक समपरदायो का गvकरण विकन भागो म विकया जा सका ह

उततरः- छठी शाबदी ईप क धारमिमक समपरदायो का गvकरण दो भागो म विकया जा सका हः

उततर- 1 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध विकया

2 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध न करक विकसी परान दी-दा को क दर बनाकर नीन लिसदधाो का परविपादन विकया

परशनः- 3 rdquoधम( चकरपर(नldquo स आप कया समझ ह

उततरः- rdquoधम( चकरपर(नldquo का अथ( ह धम( क चकर को घमाना जञान परातविप क बाद महातमा बदध न ाराणसी क पास सारनाथ क मगदा म मगदा म आषाढ़ परणिणमा को अपना जो परथम धमzपदश ठिदया उस rdquoधम( चकरपर(नldquo क नाम स जाना जाा ह

परशनः- 4 दो क महत पर परकाश डालिलए

उततरः- ठिदक साविहतय क सा(मिधक महतपण( गरथ द ह द सखया म चार ह- ऋगद सामद यजshyद और अथ(द ऋगद ठिदक साविहतय म सबस पराचीन गरथ ह यह गरथ पराचीन आयz क धारमिमक सामाजिजक आरथिथक ए राजनविक जीन पर परकाश डाला ह

परशनः- 5 सप कयो बनाए जा थ

उततरः- सप महातमा बदध अथा विकसी अनय पवितर भिभकष क अशषो जस-दा भसम आठिद अथा विकसी पवितर गरनथ पर बनाए जा थ अशष सप क आधार क कनदर म बनाए गए एक छोट स ककष म एक पठिटका म रख ठिदए जा थ

परशन 6-चार सामाजिजक ग( क नाम बाय जो बदध क अनयायी बन

उततर बदध क अनयायी विभिभनन सामाजिजक गz स आए जस

१ ndashधनी ग( क लोग

२ ndashशासक ग( क लोग

३-वयापारिरक ग( क लोग था

४ ndashलिशलपकार

(४ अक ाल परशन )परशनः- 7 आपक विचारानसार सतरी-परष सघ म कयो जा थ

उततरः- 1 ससारिरक विषयो स दर रहना चाह थ

2 हा b का जीन सादा अनशालिस था

3 हा लोग बौदध दश(न का अधययन कर सक थ

4 सघ म सभी का समान दजा( था

5 हाb लोग धमम क लिशकषक (उपदशक) बनाना चाह थ

परशनः- 8 जन धम( की महतपण( लिशकषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- 1 अपरिहसा पर जोर ठिदया गया

2 जाविाद क विरदध था कोई भी वयलिकत इस धम( को अपना सका था

3 उनहोन भगान क असतिसत को असीकार विकया

4 आतमा म विशवास कर थ

5 कम( काय( क लिसदधा म विशवास कर थ

परशनः- 9 साची सप क सरकषण म भोपाल की बगमो न कया योगदान ठिदया

उततरः- 1 उनहोन साची क सप क रख-रखा क लिलए धन का अनदान विकया

2 सलानजहा बगम न हा पर एक सगरहालय और अविलिथशाला बनान क लिलए भी अनदान ठिदए

3 यहा रहकर सर जान न साची पर पसक लिलखी जिजनह सलानजहा बगम न अनदान ठिदया

4 यठिद यह सप जीवि ह ो कल बगमो क योगदान स

5 यह साची का सप हमार दश की महतपण( ासकला ह जिजसकी सरकषा भोपाल की बगमो दवारा की गई

परशनः- 10 महातमा बदध की लिशकषाओ का उललख कीजिजए

महातमा बदध की लिशकषाए b-

उततर- 1 विशव अविनतय अथा( कषणभगर ह और यह विनरनर परिररकि हो रहा ह

2 विशव आतमाविहीन ह कयोविक यहाb कछ भी सथायी अथा शाशव नही ह

3 विशव म lsquoचार आय( (शरषठ) सतयrsquo ह य ह- दःख दःख समदाय दःखविनरोध और दःख विनरोध माग(

4 महातमा बदध कठोर पसया क विरदध थ(माधयम माग( पर बल द थ )

5 महातमा बदध न दस शीलो क पालन पर बल ठिदया ह

परशनः- 11 बौदध धम( क शीघरम विकास क कया कारण थ 8

उततरः-1 धम( की भाषा सरल थी जसा विक भगान बदध हमशा अपन उपदश आम बोलचाल भाषा म ठिदया कर थ

2 साधारण शदध धम( रीवि-रिराजो स पर था

3 अनकल ाारण कयोविक विहनद धम( म अगण की उतपभितत

4 विहनद धम( म बराईया कम(काड ए बलिल

5 परोविहो का च(स

6 विहनद धम( म धन का अपवयय

7 जाविाद ए छआछ का न होना

8 महातमा बदध का महान वयलिकतत अनय वयलिकतयो को परभावि करा था

9 भिभकष का अचछा वयहार चरिरतर

10 राजाओ दवारा सरकषण जस असोक हष(ध(न

अनचछद पर आधारिर पशनसप कयो बनाए जा थ

यह उदधरण महापरिरविना(ण सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा ह

महापरिरविना(ण स प( आनद न पछा-

भगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अषषो का कया करग

बदध न कहा ldquo थाग क अषषो को विषष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी

भलाई क लिलए परयास करोldquo

लविकन विशष आगरह करन पर बदध बोल -

rdquo उनह थाग क लिलए चार महापथो क चक पर थरप (सप का पालिल रप)ldquo बनाना चाविहए जो भी

हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नायगा या हाb पर हदय म शावि लायगा उन सबक लिलए

ह लिचरकाल क सख और आनद का कारण बनगा

1 यह उदधरण विकस मल पाठ स लिलया गया ह यह विकस गरथ का विहससा ह 1

2 सप कया हो ह आनद को सप बनान की सलाह विकसन दी थी 2

3 थाग कौन थ उनहोन सप का कया महत बाया था 2

4 विकनही ीन सथानो क नाम बाओ जहा b सप बनाए गय 2

उततरः- 1 यह उदधरण महापरिरविना(न सतत नामक मल पाठ स लिलया गया ह यह सततविपटक नामक गरथ का विहससा ह

2 सप बदव धम( स जड पवितर टील ह इनम बदव क शरीर क कछ अषष अथा उनक दवारा परयोग की गइरर विकसी स को गाड़ा गया था आनद को सप बनान की सलाह बदध न दी थी

3 थाग सय बदव थ उनहोन आनद को बाया विक जो कोई सप म धप या माला चढायगा या शीष नायगा अथा हा पर मन म शावि लायगा उसक लिलए सप लिचरकाल क शावि का कारण बनगा

4 भरह साची था सारनाथ

पाठ - 5यावितरयो क नजरिरए1 अल-विबरनी था विकाब-उल-विहनद

11 खारिरजम स पजाब क

अल-विबरनी का बचपन लिशकषा

खारिरजम क आकरमण क पwा सलान दवारा अल-विबरनी को बधक क रप म

गज़नी लाना

अल-विबरनी की भार क परवि रलिच उतपनन होना

अल-विबरनी क यातरा तता

विभिभनन भाषाओ का जञाा

12 विकाब-उल-विहनद

विलिशषट शली का परयोग

दकथाओ स लकर खगोल विजञान और लिचविकतसा सबधी कविया

2 इबन-बा का रिरहला

21 रिरहला इबन-बा दवारा लिलखा गया यातरा तता

सामाजिजक था पराकविक जीन की जानकारिरयो स भरपर

मधय रलिशया क रास लिसनध पहbचना

ठिदलली आकर महममद विबन गलक स मिमलना

ठिदलली का काज़ी विनयकत होना

मधयभार क रास मालाबार पहbचना

भार क अनक सथानो का भरमण

चीन की यातरा

भार क सामाजिजक आरथिथक राजनविक जीन का विरण परस करना

यातरा माग का सरभिकष न होना

22 जिजजञासाओ का उपयोग

मोरकको ापस जान क बाद अनभा को दज( विकए जान का आदश

3 फासा बरकिनयर

एक विलिशषट लिचविकतसक

एक परलिसदध फरासीसी जौहरी

भार की 6 बार यातरा

बहआयामी वयलिकतत

मगल दरबार स जड़ रहना

दारालिशकोह का लिचविकतसक

31 प( और पभिwम की लना

भारीय सथिसथवि की लना यरोपीय सथिसथवि

भारीय सथिसथवि को दयनीय बाना

उसकी कवि का अनक भाषाआ म अनाद

4 एक अपरिरलिच ससार की समझ

अल-विबरनी था ससकादी परपरा

अनक समसयाओ का सामना

पहली समसया भाषा धारमिमक असथा परथा म भिभनना ीसरा अभिभमान का होना

ससक गरथो का सहारा लना

42 अल-विबरनी का जावि वयसथा का ण(न

भार म बराहमणादी वयसथा

पराचीन फारस क सामाजिजक गz को दशा(ना

5 इबन बा था अनजान को जानन की उतकठा उपमहादवीप एक भिशवक

सचार तर का विहससा

नारिरयल और पान

इबनबा दवारा नारिरयल और पान का विरण

इबनबा और भारीय शहर

उपमहादवीप क शहरो का विरण

ठिदलली की परशसा

ठिदलली था दौलाबाद की लना

बाजार विभिभनन गविविमिधया क कनदर

शहरो की समजिदध का विरण

भारीय मालो का विनया(

53 सचार की एक अनठी परणाली

वयापारिरया की सविधा क लिलए वयापारिरक माग पर परी सविधाए

कशल काम परणाली

कशल गपचरो का होना

6 रकिनयर था अपविकलिस प(

रकिनयर दवारा भार की लना यरोप की विशषकर फरास स

रकिनयर का आलोकचनातमक अनःदमिषट था गहन लिचनन

भार को पभिwमी दविनया की लना म विनमन कोठिट का बाना

महतपण( विबनद -

अविलघ परशन (02 अक)

परशनः- 1 कोई दो यावितरया क नाम बाइए जिजनहोन मधयकाल (11 स 17 ी शाबदी) म भार की यातरा की

उततरः- 1 अल - विबरनी गयारही शाबदी म उजबविकसान स आया था

4 इबन बा चदही शाबदी म मोरकको स आया था

3 फरासा बरकिनयर सतरही शाबदी म फरास स आया था

परशन-2 अल - विबरनी क भार आन का कया उददशय था

उततरः- 1 उन लोगो क लिलए सहायक जो उनस (विहनदओ) धारमिमक विषयो पर चचा( करना चाह थ

2 ऐस लोगो क लिलए एक सचना का सगरह जो उनक साथ सबदध होना चाह ह

परशन-3 कया आपको लगा ह विक अल- विबरनी भारीय समाज क विषय म अपनी जानकारी और समझ क लिलए कल ससक क गरथो पर आभिशर रहा

उततरः- अल - विबरनी लगभग परी रह स बराहणो दवारा रलिच कवियो पर आभिशर रहा उसन भारीय समाज को समझन क लिलए अकसर दो पराणो

भगगीा पजलिल की कवियो था मनसमवि आठिद स अश उदघ विकए

परशन-4 भार म पाय जान ाल उन कषो का नाम बाइए जिजनह दखकर इबन बा को आwय( हआ

उततरः- 1 नारिरयल - नारिरयल क कष का फल मान लिसर स मल खाा ह

2 पान - पान एक ऐसा कष ह जिजस अगर - ला की रह उगाया जाा ह पान का कोई फल नही होा और इस कल इसकी पभिततयो क लिलए ही उगाया जाा ह

परशन-5 बरकिनयर न मगल सामराजय म कौन सी अमिधक जठिटल सचचाई की ओर इशारा विकया

उततरः- 1 ह कहा ह विक विषलपकारो क पास अपन उतपादो को बहर बनान का कोई परोतसाहन नही था कयोविक मनाफ का अमिधगरहण राजय दवारा कर लिलया जाा था

2 साथ ही ह यह भी माना ह विक पर विष स बड़ी मातरा म बहमलय धाएb भार म आी थी कयोविक उतपादो का सोन और चाbदी क बदल विनया( होा था

परशन 6-बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम बाइए सी परथा क बार म उसन कया लिलखा ह

बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम ह ndashटरल इन मग़ल एमपायर

सी परथा क बार म बरकिनयर न लिलखा ह विक कछ ममिसतरयाb सकषा स सी बनी थी जबविक कछ को

जबरदसी सी बनन क लिलए मजबर विकया जाा था

लघ परशन ( 04 अक ) परशन-7 अल - विबरनी न विकन rdquoअरोधो rdquo की चचा( की ह जो उसक अनसार समझ म बाधक थ

उततरः- अल - विबरनी न भार को समझन म विनमनलिलखिख अरोघो का सामना विकया -

1 भाषा की समसया - उसक अनसार ससक अरबी और फारसी स इनी भिभनन थी विक विचारो और लिसदवाो को एक भाषा स दसरी भाषा म अनाठिद करना आसान नही था

2 धारमिमक असथा और परथा म भिभनना - अल - विबरनी मसलमान था और उसक धारमिमक विषास और परथाए भार स भिभनन थी

3 सथानीय लोगो की आतमलीना था परथककरण की नीवि - अल ndash विबरनी क अनसार उसका ीसरा अरोध भारीयो की आतमलीना था परथककरण की नीवि थी

परशन-8 बरकिनयर क अनसार राजकीय भ - सामिमत क कया बर परभा पड

उततरः- 1 भधारक अपन बचचो को भमिम नही द सक थ इसलिलए उतपादन क सर को बनाए रखन और उसम बढ़ोरी क लिलए दरगामी विनष क परवि उदासीन थ

2 इस परकार इसन विनजी भ-सामिमत क अभा न rdquo बहर rdquo भधारको क ग( क उदय को रोका

3 इसक कारण कविष का विनाष हआ

4 इसक चल विकसानो का असीम उतपीड़न हआ

5 समाज क सभी गz क जीन सर म अनर पन की सथिसथवि उतपनन हई

परशन-9 सी परथा क विषय म बरकिनयर न कया लिलखा ह

उततरः- 1 यह एक करर परथा थी जिजसम विधा को अखिगन की भट चढ़ा ठिदया जाा था

2 विधा को सी होन क लिलए विष विकया जाा था

3 बाल विधाओ क परवि भी लोगो क मन म सहानभवि नही थी

4 सी होन ाली सतरी की चीख भी विकसी का ठिदल नही विपघला पाी थी

5 इस परविकरया म बरामहण था घर की बड़ी मविहलाए विहससा ली थी

परशन- 10 rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo विकसन लिलखी इसकी मखय विषषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo की रचना अल - विबरनी न की

इसकी मखय विषषाए b इस परकार ह -

1 यह विकाब अरबी म लिलखी गई ह

2 इसकी भाषा सरल और सपषट ह

3 यह एक विस गरथ ह जो सामाजिजक और धारमिमक जीन दश(न खगोल विजञान कानन आठिद विषयो पर लिलखी गई ह

4 इस विषयो क आधार पर अससी अधयायो म विभाजिज विकया गया ह

5 परतयक अधयाय का आरभभ एक परषन स होा ह और अ म ससकादी परमपराओ क आधार पर उसका ण(न विकया गया ह

विस परशन (08 अक )

परशन- 11 इबन बा दवारा दास परथा क सबध म ठिदए गए साकषयो का विचन कीजिजए

उततरः- 1 बाजारो म दास विकसी भी अनय स की रह खल - आम बच जा थ

2 य विनयमिम रप स भटसरप ठिदय जा थ

3 जब इबन बा सिसध पहचा ो उसन सलान महममद विबन गलक क लिलए भट सरप rdquoघोड़ऊट था दासrdquo खरीद

4 जब ह मलान पहचा ो उसन ग(नर को विकशमिमश था बदाम क साथ एक दास और धोड़ा भट क रप म द ठिदया था

5 इबन बा कहा ह विक सलान महममद विबन गलक न नसीरददीन नामक एक धम( उपदशक क परचन स परसनन होकर उस एक लाख टक (मदरा) था 200 दास ठिदय थ

6 इबन बा क विरण स परी होा ह विक दासो म काफी विभद था

7 सलान की सा म काय(र कछ दालिसया सगी और गायन म विनपण थी

8 सलान अपन अमीरो पर नजर रखन क लिलए दालिसयो को विनयकत करा था

9 दासो को समानयः घरल शरम क लिलए ही समाल विकया जाा था और इबन बा न इनकी साओ को पालकी या डोल म परषो और मविहलाओ को ल जान म विषष रप स अपरिरहाय( पाया

10 दासो की कीम विषष रप स उन दालिसयो की जिजनकी अषयका घरल शरम क लिलए थी बह कम होी थी

सतरो पर आधरिर परशन

घोड पर और पदल

डाक वयसथा का ण(न इबन बा इस परकार करा ह-

भार म दो परकार की डाक वयसथा ह अष डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह इर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोडो दवारा चालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स

दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अष डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

1 दो परकार की डाक परणालिलयो क नाम बाओ 1

2 पदल डाक वयसथा विकस परकार काम करी थी वयाखया कीजिजए 3

3 इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार की डाक वयसथा कशल ह 2

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को विकस परकार परोतसाविह करा था 1

उततरः- 1 दो परकार की डाक परणालिलयाb थी - अशव डाक परणाली था पदल डाक परणाली

2 पदल डाक वयसथा म परविमील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ जो एक मील का विहाई भाग होा था अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह

3 इबन बा क अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा करन म जहा b 50 ठिदन लग जा थ ही सलान क गपचरो की सचना पहचन म मातर पाbच ठिदन लग थ इबन बा डाक परणाली की कषला पर हरान था इस परणाली स वयापारिरयो क पास लमबी दरी क सचनाएb भजी जाी थी

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को परोतसाविह करन क लिलए विषष पग उठाा था उदाहरण क लिलए लगभग सभी वयापारिरक मागz पर सराय था विशरामगह बनाए गए थ

ण( वयसथा

अल - विबरनी ण( वयसथा का इस परकार उललख करा ह -

सबस ऊची जावि बराहमणो की ह जिजनक विषय म विहनदओ क गरथ हम बा ह विक बरहमन क लिसर स उतपनन हए थ कयोविक बरहम परकवि नामक शलिकत का ही दसरा नाम ह और लिसर शरीर का सबस ऊपरी भाग ह इसलिलए बराहमण परी परजावि क सबस चपरिनदा भाग ह इसी कारण स विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

अगली जावि कषवितरयो की ह जिजनका सजन ऐसा कहा जाा ह बरहमन क कधो और हाथो स हआ था उनका दजा( बराहमणो स अमिधक नीच नही ह

उनक पwा षय आ ह जिजनका उदभ बरहमन की जघाओ स हआ था

शदर जिजनका सजन उनक चरणो स हआ था

अविम दो गz क बीच अमिधक अनर नही ह लविकन इन गz क बीच भिभनना होन पर भी य एक साथ ही शहरो एक गाbो म रह ह समान घरो और आासो म मिमल - जल कर

1 अल - विबरनी दवारा रणिण ण( वयसथा का ण(न कीजिजए 3

2 कया आप इस परकार क ण( विभाजन को उलिच समझ ह क( सविह वयाखया कीजिजए 2

3 ासविक जीन म यह वयसथा विकस परकार इनी कड़ी भी नही थी वयाखया कीजिजए 2

उततरः- 1 अल - विबरनी न भार की ण(-वयसथा का उललख इस परकार विकया ह -

(1) बराहमण - बराहमणो की जावि सबस ऊची थी विहनद गरथो क अनसार उनकी उतपवि बरहमा क लिसर स हई थी कयोविक बरहम परकवि का दसरा नाम ह और लिसर शरीर का ऊपरी भाग ह इसलिलए विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

(2) कषतरीय - माना जाा ह विक कषतरीय बरहमा क कधो और हाथो स उतपनन हए थ उनका दजा( बरामहणो स अमिधक नीच नही ह

(3) षय - षय जावि वयसथा म ीसर सथान पर आ ह बरहमा की जघाओ स जनम थ

(4) शदर - इनका जनम बरहमा क चरणो स हआ था

अविम दो णz म अमिधक अनर नही ह य शहर और गाो म मिमल ndash जल कर रह थ

2 नही म इस परकार क ण( विभाजन को उलिच नही माना कयोविक जनम स कोई ऊचा - नीचा नही होा मनषय क अपन कम( उस ऊचा - नीचा बना ह

3 जावि वयसथा क विषय म अल - विबरनी का विरण परी रह स ससक गरथो क अधययन स परभावि था इन गरथो म बरामहणादी जावि वयसथा को सचालिल करन ाल विनयमो का परविपादन विकया गया था परन ासविक जीन म यह वयसथा इनी कड़ी नही थाी उदाहरण क लिलए जावि ndash वयसथा क अनग( न आन ाली शरभिणयो स परायः यह अपकषा की जावि थी विक विकसानो और जमीदारो को ससा शरम परदान कर भल ही य शरभिणयाb परायः सामाजिजक पराड़ना का विषकार होी थी विफर भी उनह आरथिथक तर म शामिमल विकया जाा था

मधयकाल क ीन यावितरयो का लनातमक अधययन

यातरी का नाम अल - विबरनी इबन - बा फरासा बरकिनयर

यातरा की ारीख गयारही शाबदी चदही शाबदी सतरही शाबद

दश जिजसस ह आए उजविकसान मोरकको फरास

विकाब जिजसकी रचना की

विकाब - उल - विहनद

रिरहला टरलस इन द मगल एमपायर

विकाब की भाषा अरबी अरबी अगरजी

शासक जिजसक शासनकाल म यातरा की

सलान महमद ग़ज़नी सलान महममद विबन गलक

मगल शासक शाहजहाb और औरगजब

विषयस जिजस पर उनहोन लिलखा

समाजिजक और धारमिमक जीन भारीय दश(न खगोलषासतर मापतर विजञान नयामियक वयसथा ऐविहालिसक

जञान जावि परथा नारिरयल और पान भारीय शहरो कविष वयापार था ाभिणजय सचार था डाक परणाली दास परथा सी परथा भमिम सामिमत विभिभनन परकार क नगर राजकीय कारखान मगल लिशलपकार काय( की परमाभिणका परमाभिणक मान ह परमाभिणक नही मान ह परमाभिणक मान ह

पाठ 6

भलिकत सफी परपराएb1 धारमिमक विशवासो और आचरणा की गगा-जमनी बनाट

साविहतय और मरकिकला म दी दा का दमिषटका होना

आराधना की परिरपाटी का विस होना

11 पजा परणालिलयो का समनय

दो परविकरयाओ का काय(र होना

एक बराहमणीय विचारधारा दसरा बराहमणो दवारा सतरी शदरो सामाजिजक ग की भाषाओ

को सीकार करना

मखय दा को जगननाथ क एक सरप म परस करना उदा उड़ीसा म परी

सथानीय दवियो को मखय दाओ की पतनी क रप म मानया

12 भद और सघष(

दी आराधना पदधवि को ावितरक नाम दना

ग( और ण( भद की अहलना

ठिदक द गाज होना पर परामाभिणका बन रहना

भलिकत रचनाएb भलिकत उपासना क अश होना

2 उपासना की कविाएb

परारभिभक भलिकत परपरा

भलिकत परपरा म विविधा

भलिकत परपरा क 2 ग(-सगण और विनग(ण

21 मिमलनाड क अलार और नयनार स

मिमल म विषण और लिशजी सवि

इषट का विनाससथल घोविष करना

22 जावि क परवि दमिषटकोण

असपशय जावियो का दवष

अलार और नयनार की रचनाओ क दो समान महत

23 सतरीभलिकत

ममिसतरयो दवारा विपसततातमक आदशाIgrave को चनौी

24 राजय क साथ सबध

मिमल भलिकत रचनाओ बौदध और जन धम( क परवि विरोध

विरोध का राजकीय अनदान की परविसपदरधा

कासय माओ का ढालना

सदर रा का विनमा(ण

चोल समराटो की स कवियो पर विशष कपा

3 कना(टक की ीर श परपरा

नीन आदोलन का उदय

अनयायी ीर श का सिलगाय कहलाए

सिलगायो दवारा पनज(नम पर परशनलिचनह

4 उततरी भार म धारमिमक उफान

उततर भार म लिश और विषण की उपासना

उततर भार क राजप राजयो का उतथान

धारमिमक नाआ का रठिढ़ादी साbच स बाहर होन क कारण दसकारी उतपादन का

विसार

क का आगमन

5 दशाल क नए ान-बान इसलामी परपराएb

711 ई म महममद विबन कालिसम अरब सनापवि दवारा सिसध विजय

सलन की सीमा का परसार

16 ी शाबदी म मगल सलन की सथापना

मसलमान शासको दवारा उलझा क माग(दश(न पर चलना

52 लोक परचलन म इसलाम

इसलाम क जान क बाद परिर(ना का पर उपमहादवीप म परभा

इसलाम का सदधाविक बाो पर बल दना

मालाबार ट पर बसन ाल मसलमान वयापारिरया दवारा सथानीय आचारा का मानना

53 समदायो क नाम

लोगो का गvकरण जनमसथान क आधार पर

ष( विनयमा का पालन न होना

6 सफी म का विकास

ईशवर की भलिकत और उसक आदश क पालन पर बल सविफयो दवारा करान की

वयाखया विनजी अनभो पर

61 खानगाह और लिसललिसला

12 ी शाबदी म सफी लिसललिसलो का गठन

पीर की मतय क पwा दरगाह भलिकतसथल क रप म

62 खानगाह क बाहर

रहसयादी फकीर का जीन

शरिरया की अहलना करन पर ब शरिरया कहलाना

7 उपमहादवीप म लिचशी लिसललिसला

71 लिचशी खानगाह म जीन

सथानीय परपराओ को आतमसा करना

72 लिचशी उपासना जिजयार और कवाली

मईनददीन दरगाह म 14 बार आना

कवालो दवारा रहसयादी गणगान

लिचशी उपासना पदधवि

73 भाषा और सपक(

लिचसतिशयो दवारा सथानीय भाषा अपनाना

सफी कविा का आरभ

74 सफी और राजय

लिचशी सपरदाय दवारा - सादगी का जीन

सफ सो की धम(विनषठा विदवा उनकी लोकविपरया का कारण आलिलया का मधयसथ होना

8 नीन भलिकत पथ

उततरी भार म साद और असहमवि

81 दीयसतर की बनाई कबीर

कबीर बानी म ीन विलिशषट परिरपाठिटयो का सकलन

कबीर दवारा परम सतय का ण(न

इसलामी दश(न क ईशवराद को समथ(न परिहदओ क बह दाद का खडन

कबीर को भलिकत माग( ठिदखान ाल गर रामाननद

82 बाबा गरनानक और पवितर शबद

गरनानक दवारा विनण(ण भलिकत का परचार

भगान उपासना क लिलए विनरर समरण नाम का जाप

आठिद गरथ साविहब का सकलन

83 मीराबाई भलिकतमय राजकमारा

भलिकत परपरा का सपरलिसदध कवियतरा

मारा दवारा जाविादी सामाजिजक रठिढ़या का उललघन

9 धारमिमक परपराओ क इविहासा का पनरकिनमा(ण

विचारो आसथाओ और आचारा को समझना

धारमिमक परपराओ का अनय परपराओ क अनसार परिररकि होना

परशन 1- भलिकत आदोलन का कया अथ( ह

उ 0 कई विहनद सो और सधारको न धारमिमक सधार लान क लिलए आदोलन चलाए जो भलिकत आदोलन क नाम म परलिसदध हआ अपनी भसथिकम को दषा(न क लिलए मठिदरो म दाओ क समकष उनकी सवि म गीो क माधयम स लीन हो जा थ

परशन 2- अलार कौन थ

उ 0 दभिकषण भार क विषण की उपासना करन ालो को अलार कहा जाा था

परशन 3- भलिकत आदोलन क चार परलिसदध सो क नाम लिलख

उ 0 रामाननद सामी कीर गरनानक द मीरा बाई

परशन 4- सफीाद स आप कया समझ ह

उ 0 सफी म क मल लिसदधान करान और हजर महममद की हदीस स मिमल ह सफी शबद मसथिसलम सो क लिलए परयोग विकया जाा ह सविफयो न करान की वयाखया अपन क आधार पर की सफी सो क विचारो को सफी ाद कहा जाा ह

परशन 5- सफी विचार धारा म मशvद का कया महत ह

उ 0 सफी विचार धारा क अनसार परतयक वयलिकत का कोई धारमिमक गर ( मशvद ) होना चाविहए जो विक उसका ईशवर स सपक( करा सक उनक आनसार जिजन वयलिकतयो का कोई गर अथा मशvद नही उनका कोई धम( नही

4 अक क परशन-परशन 6- भलिकत आदोलन क उदय क कारणो का विरण दीजिजए

उ 0 1- षण म का परभा

2- विहनद धम( की तरठिटया

3- इसलाम क फलन का भय

4- सफी म का परभा

5- महान सधारको का उदय

परशन 7- भलिकत आदोलन क मल लिसदधान पर परकाश डालिलए

उ 0 1- एक ईशवर म विशवास

2- शदध काय( करना

3- विष भात की भाना पर बल दना

4- परम भा स पजा करना

5- मरकि पजा का खणडन करना

6-जा पा का खणडन करना

7- गर भलिकत करना

परशन 8- भलिकत आदोलन क परभा और महत की चचा( कर

धारमिमक परभा

1- विहनद धम( की रकषा

2- वराहमण क परभा म कमी

3- इसलाम क परसार म ाध

4- लिसख म का उदय

5- बौदध म का पन

सामाजिजक था सासकविक परभा -

1- विहनद मसलमानो क सामाजिजक समबनधो म सधार

2- विनमन ग( म सधार

3- समाज सा की भाना को परोतसाहन -

4- लोगो म मिमशरण कला का विकास

5- साविहतवितयक विकास

परशन 9-सफी म क मखय लिसदधान कया थ

उ 0 1-अललाह स परम

2- सासारिरक सखो का तयाग

3- अविहसा था शाविाद म विशवास

4- माना स परम

5- मशvद की महतता

6- भौविक लिसदधान

7- अललाह की भलिकत म सगी था नतय का महत

परशन 10- अलारो ए नयनारो का जावि क परवि कया टटमिषट कोण था

उ 0 - नयनारो था अलारो न जावि परथा था बराहमणो की सचचा क विरदध सधार क लिलए परल आदोलन चलाया भलिकत आदोलन क सधारक भिभनन भिभनन जावियो स समबनध रख थ कछ लोग विनचली जावियो जस विकसानो मिमममिसतरयो था अछ जावियो स थ कछ बराहमण जावि स भी थ उनका विषास था विक उनकी धारमिमक पसक उनी ही महान थी जिजना विक द अलारो क मिमल भजन सचचाई और पवितरा क गहर विचारो स भर हए ह उनको षनौ द जाना जाा ह नयनारो का भजन आधयाममितमका स भर ह उनक भजन दभिकषण भार म लिश क सममान म गाय जा ह

08 अक क परशनपरशन 11- कबीर की लिशकषाओ की वयाखया कीजिजय उनहोन अपनी कविाओ क माधयम स lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का ण(न विकस परकार विकया ह

1- कबीर न आधयतवितयका पर बल ठिदया

2- उनहोन विहनद और मसलमन दोनो की रठिढयो की कट अलोचना की

3- कीर न ईशवर की एका पर लठिदया

4- मरकि पजा ीथ( यातरा ए अनय आडमबरो की आलोचना की

5- सी परथा और पदा( परथा का विरोध विकया

6- अचछ कमz का फल अशय मिमला ह

7- उनहोन परमातमा को विनराकार बाया ह

8- उनक अनसार भलिकत क माधयम स मोकष अथा( मलिकत पराप हो सकी ह

lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का विसार

1 विभिभनन परिरपाठिटयो का सहारा लना

2 इसलामी दश(न स परभावि होकर सतय को अललाह खदा हजर और पीर कह ह

3 दा दश(न स परभावि होकर सतय को अलख विनराकार बरमहन और आतमन कह कर

भी समबोमिध कर ह

परशनः- 12- सतरो पर आधारिर परशन ए उततर -

विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए था उस पर आधारिर परशनो क उततर दीजिजए

यह उदहरण उस फरमा(न (बादशाह क हकम नाम ) का अश ह जिजस 1598 म अकबर न जारी विकया

हमार बलद और मकदस (पवितर) जहन म पहचा ह विक यीश की मकदस जमा क पादरी खमबाय गजराज क शहर म इबाद क लिलए (विगरजाघर ) एक इमार की ामीर (विनमा(ण) करना चाह ह इसलिलए यह शाही फरमान जारी विकया जा रहा ह खमबाय क महानभा विकसी भी रह उनक रास म न आए और उनह विगरजाघर की ामीर करन द जिजसस अपनी इबाद कर सक यह जररी ह विक बादषाह क इस फरमान की हर रह स ामील (पालन ) हो

परशनः- 1 यह उदहरण कहा b स लिलया गया ह 1

परशन- 2 इस फरमान दवारा अकबर न गजरा क लोगो को कया आदश ठिदया 2

परशन- 3 यह आदश अकबर की विकस धारमिमक परभितत को दशा(ा ह 2

परशन- 4 कौन स लोग थ जिजनकी ओर बादशाह क फरमान को न मानन की आशका थी 2

उततरः- 1 यह उदहरण समराट अकबर क उस फरमान स लिलया गया ह जो उनहोन 1598 म जारी विकया था

2 इस फरमान क दवारा अकबर न गजरा क लोगो को आदष ठिदया विक उस ईसाई पादरी को विगरजाघर बनान द जो उस बनाना चाह ह

3 यह आदश अकबर की धारमिमक सहनशीला की परभितत को दशा(ा ह विक ह सभी धमz का समान आदर करा था

4 बादशाह को आषका थी विक सभः गर ईसाई इस फरमान को न मान

पाठ - 7

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर1 हमपी की खोज

कन(ल मकनजा दवारा हमपी भगनाष का सshyकषण

2 राय नायक था सलान

विजयनगर सामराजय की सथापना

भन विनमा(ण की कनीको का विकास

21 शासक और वयापारी

यदधकला अशवसना पर आधारिर होना

प(गालिलया दवारा पभिwमी ट पर वयापारिरक और सामाजिजक क दरो की

सथापना

22 राजय का चरमोतकष( था पन

राजनीवि म सतता क दादार

कषणद राय दवारा राजय का विसार था दढ़ीकरण

कषणद राय दवारा माb क नाम पर उपनगर की सथापना

कषणद राय क उततरामिधकारिरयो को चनौवियो का सामना

ालीकोट का यदध

रामराय की जोखिखम भरी नीवि

23 राय था नायक

सना दवारा विकलो पर विनयतरण

नायक अमरनायक की भमिमका

3 विजयनगर राजधानी था उसक परिरचछद

31 जलसपदा

कमलपरम जलाशय का विनमा(ण

32 विकल बठिदयाb था सड़क

फारस क शासक दवारा अबदर रsup2ाक को द क रप म कालीकट भजना

द का कालीकट की विकलबदी स परभावि होना

कविष कषतरो का विकलबद भभाग

नगरीय भाग की आरिरक विकलबदी

सरभिकष परशदवार विलिशषट सथापतय क नमन

इडो इसलामिमक शली का परयोग

33 शहरी कनदर

शहरी कनदर का उततरी पv कोना अमीरो का रिरहायशी कषतर

करb जलाशय नगर विनालिसया क पानी क सरो

4 राजकीय कनदर

सपरदायो और मठिदरो को राजा का सरकषण

सरचनाओ था मठिदरो म अर

41 महानमी विडबबा

सरचनाओ का नामकरण भनो क आकार था कायाIgrave क आधार पर

विशालकाय मच

42 राजकीय कनदर म सथिसथ अनय भन

(कमल) लोटस महल परिरषदीय सदन

मठिदर धारमिमक कनदर था राजकीय कनदर

5 धारमिमक कनदर

51 राजधानी का चयन

विरपाकष मठिदर धारमिमक मानयाओ स सबध

52 गोपरम और मणडप

गोपरम अथा राजकीय परशदवार

मठिदर परिरसरो की चारिरवितरक विशषा रथ गलिलया

6 महलो मठिदरो था बाजारो का अकन

परशन-1 हमपी नगर विकस नदी क विकनार बसा हआ ह 2

उततर गभदरा नदी क विकनार हमपी नगर बसा हआ ह

परशन- 2 पमपा विकस दी का नाम ह 2

उततर दी पमपा पा(ी का नाम ह

परशन-3 कालिलन मक जी कौन था उसका भारीय इविहास म कया योगदान था 2

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

परशन-4 हपी क मठिदरो की विषषाओ का ण(न कर 2

उततर हपी क मठिदर अतय अलक सभयकत मडप थ विविषषट अभिभलकषणो म मडप था लब सभो ाल गलिलयार को अकसर मठिदर परिरसर म सथिसथ द सथलो क चारो ओर बन थ सममिममलिल ह विटठल और हजारा राम मठिदर यहा b परमख ह

परशन-5 विजयनगर की जल आशयकाओ को विकस परकार परा विकया जाा था 2

उततर bगभदरा दवारा विनरमिम एक पराकविक कड ह यह नदी उततर म उततर प( ठिदशा म बही ह आसपास की पहाविड़यो स कई जलधाराए b आकर नदी म मिमली ह लगभग सभी धाराओ पर बा bध बनाकर अलग अलग हौज बनाए गए थ शषक कषतर होन क कारण पानी क सचय और इस शहर क ल जान क लिलए वयापक परबध करना आषयक ह सबस महतपण( हौज का विनमा(ण परारभिभक शाबदी क आरभिभक षz म हआ जिजस कमलपरम जलाषय कहा जाा ह

परशन- 6 शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को रखन क आपक विचार म कया फायद और नकसान थ 4

उततर विजयनगर शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को चारदीारी क अदर रखन स हमार विचार स अनक लाभ और हाविनयाb थी इसका विरण इस परकार ह-

कविष कषतर म खो क आसपास सामानयः साधारण जना और विकसान रह थ बागो और खो की रखाली करना आसान था

परायः मधयकालीन घराबदी का मखय उददशय परविपकष को खादय सामगरी स लिच कर जलदी स जलदी आतमसमप(ण (हलिथयार डालन क लिलए) क लिलए करना होा था

यदधकाल म शतरओ दवारा घराबदी कई महीनो क जारी रखी जाी थी यहाb क विक ष क चल सकी थी आमौर पर शासक ऐसी परिरसथिसथवियो स विनपटन क लिलए विकलबद कषतरो क भीर ही विशाल अननगारो का विनमा(ण करा थ

विजयनगर क शासको न पर कविष भ-भाग को बचान क लिलए एक अमिधक महगी था वयापक नीवि को अपनाया

विकलाबद खी योगय भमिम को चार दीारी क अदर रखन स नकसान यह था विक परायः बाहर रहन ाल विकसानो को आन जान म दवारपालो स इजाज लनी होी थी साथ ही शतर दवारा घराबदी होन पर बाहर स कविष क लिलए आशयक जरर पड़न पर बीज उ(रक यतर आठिद बाहर क बाजारो स लाना परायः कठिठन था

यठिद शतर पकष क दवारा काटी गई फसल को आग लगाकर जला ठिदया जाा ो आरथिथक हाविन बह वयापक हो सकी थी

परशन- 7 आपक विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का कया महतत था 4

उततर हमार विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का वयापक महतत था विजयनगर शहर क सबस ऊb च सथानो पर महानमी विडबबा नामक विशाल मच होा था इसकी सरचना स जड़ अनषठान सभः लिसमबर था अकटबर क शरद मासो म मनाए जान ाल दस ठिदन क विहनद तयौहार जिजस दशहरा (उततर भार) दगा(पजा (प बगाल) था नरावितर या महानमी (परायदवीपीय भार म) नामो स जाना जाा ह क महानमी क असर पर विनषपाठिद विकए जा थ इस असर पर विजयनगर शासक अपन रब ाक और अमिधराजय का परदश(न कर थ

इस असर पर होन ाल धमा(नषठानो म मरकि की पजा राजय क अशव की पजा था भसो और अनय जानरो की बलिल सममिममलिल थी नतय कशी परविसपधा( था साज लग घोड़ो हालिथयो था रथो और सविनको की शोभायातरा और साथ ही परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट इस असर क परमख आकष(ण थ

तयौहार क अतविनम ठिदन राजा अपनी था अपन नायको की सना का खल मदान म आयोजिज भवय समारोह म विनरीकषण करा था इस असर पर नायक राजा क लिलए बड़ी मातरा म भट था साथ ही विनय कर भी ला थ

परशन- 8 विजयनगर सामराजय क विभिभनन विरणो स आप विजयनगर क सामानय लोगो क जीन की कया छवि पा ह 4

उततर सामानय लोगो क बार म बह जयादा विरण पराप नही हो कयोविक सामानय लोगो क आासो जो अब असतिसत म पराप नही हए ह -

कषतर सshyकषण इविग कर ह विक इस पर कषतर म बह स पजा सथल और छोट मठिदर थ जो विविध परकार क सपरदायो क परचलन की ओर सक कर ह

विजयनगर सामराजय म साधारण लोग विभिभनन समपरदायो जस विहनद श षणो जन बौदध और इसलाम क अनयायी रह थ ह विभिभनन भाषाओ जस कननड़ मिमल लग ससक आठिद का परयोग कर थ

सामानय लोगो म कछ छोट वयापारी और कछ सौदागर भी थ जो गाो कसबो और छोट शहरो म रह थ इनम कछ वयापारी बदरगाह शहरो म भी रह थ सथानीय सओ जस मसाल मोी चदन आठिद क साथ-साथ कछ वयापारी घोड़ और हालिथयो का वयापार भी कर थ

विकसान शरमिमक दास आठिद को भी साधारण लोगो म शामिमल विकया जा सका था सामराजय म कछ सामानय बराहमण वयापारी और दास दालिसयाb भी थ साधारण लोग कविष काय क साथ-साथ विभिभनन परकार क थाकलिथ छोट समझ जान ाल काय( भी विकया कर थ

परशन- 9 विजय नगर सामराजय क उतथान म अमरनायक परणाली क महतत का मलयाकन कीजिजए 8

उततरः- इस सविनक परणाली का विजयनगर सामराजय क उतथान म महततपण( योगदान था जिजसका मलयाकन विनमनलिलखिख विबनदओ म ठिदखाया गया ह -

1 अमर नायक परणाली विजयनगर सामराजय की एक परमख राजनीविक खोज थी ऐसा परी होा ह विक इस परणाली क कई तत ठिदलली सलन की इकता परणाली स लिलए गए थ

2 अमर नायक सविनक कमाडर थ जिजनह राय दवारा परशासन क लिलए राजय कषतर ठिदय जा थ

3 विकसानो लिशलपकरमिमयो था वयापारिरयो स भ-राजस था अनय कर सल कर थ

4 राजस का कछ भाग मठिदरो था सिसचाई क साधनो क रख रखा क लिलए भी खच( विकया जाा था

5 अमर नायको क दल आशयका क समय विजयनगर क शासको को भी एक परभाी सविनक सहाया परदान कर थ

6 अमर नायक राजस का कछ भाग वयलिकतग उपयोग था घोड़ो और हालिथयो क विनधा(रिर दल क रख-रखा क लिलए अपन पास रख ल थ

7 य दल विजयनगर शासको को एक परभाी सविनक शलिकत परदान करन म सहायक हो थ जिजसकी मदद स उनहोन पर दभिकषणी परायदवीप को अपन विनयतरण म विकया

8 अमर नायक राजा को ष( म एक बार भट भजा कर थ और अपनी सामिमभलिकत परकट करन क लिलए राजकीय दरबार म उपहारो क साथ सय उपसथिसथ हआ कर थ

9 य अमर नायक राजा क विनयतरण म रह थ राजा कभी-कभी उनह एक स दसर सथान पर सथानारिर कर उन पर अपना विनयतरण दशा( थ

10 17 ी शाबदी म इनम स कई नायको न अपन सतर राजय सथाविप कर लिलए

अनचछद आधारिर परशनपरशन- 11

कालिलन मक जी

1754 ई म जनम कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया कह ह- विबरठिटश परशासन क सपरभा म आन स पहल दभिकषण भार खराब परबधन की दग(वि स लब समय क जझा रहा विजयनगर क अधययन स मक जी को यह विशवास हो गया विक कपनी - सथानीय लोगो क अलग अलग कबीलो जो इस समय भी जनसखया का एक बड़ा विहससा थ को अब भी परभावि करन ाल इनम स कई ससथाओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल कर सक थ

( क ) कालिलन मक जी कौन था 1

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की

( ख )कालिलन मक जी न विकस पराचीन शहर की खोज की 1

उततर हपी

( ग ) उनहोन सshyकषण कयो परारभ विकया 2

उततरः- भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

( घ ) कालिलन मक जी न अपना काय( विकन चरणो म परा विकया 3

उततर- स(परथम उनहोन मानलिचतर यार विकए विरपाकष मठिदर ए पपादी क पजारिरयो स जानकारिरया b इकटठी की उनहोन सथानीय परपराओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल की

विषय - 08

विकसान जमीदार और राजय1 विकसान और कविष उतपादन

भौगोलिलक विविधा

11 सरोा की लाश

ऐविहालिसक गरथ आइन-ए-अकबरी

गजरा महाराषटर था राजसथान स मिमलन ाल दसाज

12 विकसान और उनकी जमीन

खी वयलिकतग मिमसतिलकय क लिसदधा पर आधारिर होना

13 सिसचाई और कनीक

कविष का विसार

मानसन पर कविष पर आभिशर होना

सिसचाई क कवितरम उपाय अपनाना

कविष पशबल पर आधारिर होना

14 फसलो की भरमार

खरीफ रब की फसल

यरिरया क अलग-अलग विहससो स भार क फसला का आना

2 गरामीण समदाय

21 जावि और गरामीण माहौल

आबादी का समहा था जावि वयसथा को बधनी म बटना

राजपो की चचा( विकसानो क रप म

22 पचाय और मखिखया

पचाय म विविधा

गा क मखिखयो का चना गा क बजग दवारा

जावि की अहलना रोकन का मखय दामियत गा क मखिखया की शाठिदयाb जाविग

मानदडो क आधार पर

पचायो दवारा झगड़ा क समझौ

23 गरामीण दसकार

दसकारा का अमिधक सखया म गाbो म होना

दसकारो को जमीन का महाराषटर म पशनी अमिधकार

साओ का विविनमय

24 एक छोटा गणराजय

सामाजिजक सिलग क नाम पर समाज म गहरी विषमाए

3 कविष समाज म मविहलाएb

उतपादन परविकरया म योगदान

कछ कषतर मविहलाओ क लिलए सरभिकष करना

कपोषण क कारण मविहलाओ की मतय दर अमिधक होना

मविहलाओ दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान मविहलाओ को जमीदारी उततरामिधकार क रप म

4 जगल और कबील

41 बस हए गाbो क पर

यहाb क लोगो को गजारा जगल क उतपादा लिशकार और सथानारीय खी

राजय क जगल रकषाकच

42 जगलो म घसपठ

हालिथया का परयोग

मगलो दवारा लिशकार अभिभयानो का आयोजन

ाभिणसथिजयक खी का परसार

सामाजिजक कारणा स जगलालिसया क जीन म बदला आना

जगल क इलाको म नई ससकवि का विसार

5 जमीदार

जमीदारो को आरथिथक और सामाजिजक सविधाएb होना

सविनक ससाधन ाक का विहससा होना

मगलकालीन गाbो म सामाजिजक सबध एक विपरामिमड क रप म

जमीदारी दवारा बाजारी (हाटो) की सथापना

जमीदारी का विकसानो स आतमीया होना

6 भराजस परणाली

राजय का परशासन तर

भराजस क इजामा म 2 चरण

1 कार विनधा(रण

2 ासविक सली

7 चादी का बहा

वयापार म विसार

समदरी वयापार स नयी सओ का वयापार

8 अबलफज़ल की आइन-ए-अकबरी

अकबर क शासनकाल म 5 सशोधनो क पwा परा होना

ऐविहालिसक दासान का आइन अकबरी म ण(न शाही विनयम राजपतरो का सकलन

लिसललिसलार सकलन एक शाही कायद

ीन भाग परशासन का विरण

सबो क नीच इकाईयो का

सखयातमक आकड़ो म विशषाएb

आइन लोगो उनक पशो और वयसायो सामराजयादी वयसथा और उसक

उचचामिधकारिरयो की सचनाएb दनाला गरथ

अवि सभिकषप परशन (02 अक)

परशन 1 16 ी सदी क राजय अफसरो दवारा विकए जान ाल विभिभनन कारयो का ण(न कर

उततर- भ राजस सल करना भमिम की नाप करना रिरकाड( रखना आठिद

परशन 2 आइन ए- अकबरी क लखक कौन थ

उततर- अबल फजल अकबर का दरबारी लखक थ नरतनो म स एक थ

परशन 3 रय कौन थ य विकन परकार क थ

उततर- विकसान थ दो परकार- खद काश और पाविह काश खद काश उनही गा b म रह थ

जिजनम उनकी जमीन दी और पाविह काश खविहर थ जो दसर गाbो स ठक पर खी करन आ थी

परशन 4 आइन क माविबक विकन परकार की फसल ॠएb थी

उततर आइन - ए - अकबरी क अनसार कविष वयसथा म मखय रप स दो कविष ऋए थी खरीफ और रबी खरीफ का उदाहरण चाल और जार और रबी का उदाहरण गह b और चना

परशन 5 जिजनस -ए- कामिमल स कया अभिभपराय ह

उततर- सzततम फसल जस - कपास और गनना

सभिकषप परशन (4 अक)

परशन 6 पचाय क कायz का ण(न कीजिजए

(1) सामदामियक काय( जस विक मिमटी क छोट-छोट बाbध बनाना या नहर खोदना

(2) पराकविक आपदाओ स विनपटन की वयसथा करना

(3) गरामीण समाज क लिलए विनयम बनाना

(4) जावि की अहलना रोकना

(5) सजा दना जस - जमा(ना लगाना और समदाय स विनषकालिस करना

परशन 7 आइन ए- अकबरी का ण(न कीजिजए

(1) अकबर क सामराजय का झलक दषा(ना

(2) सविनक सगठन का ण(न करना

(3) सरकार क विभागो और परानो क बार म विसार स जानकारी दना

(4) राजस क सतरो था विहसाब रखना

(5) खविहर समाज का ण(न करना

परशन 8 कविष उतपादन म मविहलाओ की भमिमका का विरण कीजिजए

(1) मविहलाएb और मद( कध स कधा मिमलाकर खो म काम कर थ

(2) बआई विनराई और कटाई क साथ - साथ पकी हई फसल का दाना विनकालना

(3) स काना बरन बनान क लिलए मिमटी को साफ करना और ग bथना कपड़ो पर कढ़ाई करना जस दसकारी क काम करना

(4) बचचा पदा करना था उनका पालन पोषण करना

(5) परविबध जस पसथिषचमी भार म मविहलाओ को हल या कमहार का चाक छन की इजाज

नही थी बगाल म पान क बागान म परष नही कर सकी थी

परशन 9 भ- राजस कस विनधा(रिर विकया जाा था

(1) दीान पर राजय की विततीय वयसथा की दख रख करा था

(2) भ- राजस क दो चरण- जमा और हालिसल जमा विनधा(रिर रकम और हालिसल सचमच सली की गई रकम

(3) जी हई जमीन और जोन लायक जमीन दोनो की नपाई की गई

(4) राजस कम(चारिरयो की विनयलिकत भ - राजस सल करन क लिलए की गई

(5) ारकिषक रिरपzट यार करना

परशन 10 जबी वयसथा की परमख विषषाओ का ण(न कीजिजए

(1) जमीन की नाप अविनाय(

(2) भमिम का गvकरण -पोलज परौी चचर और बजर

(3) औस उपज का जञान रखना

(4) राजय का भाग विनसथिषच करना

(5) नकद मलय विनसथिषच करना

(6) भमिमकर एकवितर करना

लमब पर शन 08 अक परशन 11 जमीदार कौन थ उनक कया काय( थ

जमीदार गरामीण समाज क अभिभनन अग थ जो अपनी जमीन क मालिलक हो थ कविष उतपादन म परतयकष भागीदारी नही कर थ गरामीण समाज म उbची हलिसय क कारण उनह कछ विशष सामाजिजक और आरथिथक सविधाय मिमली हई थी समाज म उनकी उचच सथिसथवि क दो कारण थ पहला - जावि दसरा- उनक दवारा राजय को दी जान ाली विशष साय

काय(-

(1) भराजस सल करना

(2) राजा और विकसान क बीच मधयसथा करना

(3) सविनक टकविड़यो की वयसथा

(4) कविष भमिम का विकास करना

(5) विकसानो को कविष क लिलए ऋण दना

(6) अपनी जमीनो की फसल को बचना

(7) गा म बाजार (हाट) लगान की वयसथा करना

(8) जमीदारी की खरीद बच स गा की आरथिथक सथिसथ म सधार लाना

शरो आधारिर परशन-

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परषनो क उततर दीजिजए

नकद या जीनस

आइन स यह एक अनचछद ह-

अमील - गजार लिसफ( नकद लन की आद न डाल बसतिलक फसल भी लन क लिलए यार रह यह बाद ाला रीका कई रह स काम म लाया जा सका ह पहला कणक विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क अदाजा अगर कोई शक हो फसल को ीन अलगअलग पसिलदो म काटना चाविहए - अचछा मधयम और बदर और इस रह शक दर करना चाविहए अकसर अदाज स विकया गया जमीन का आकलन भी पया(प रप स सही नीजा दा ह दसरा बटाई जिजस भाओली भी कह ह (म) फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की मौजदगी म रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ी ह ना( - दषट - बजिदध और मककार घोखबाजी की नीय रख ह ीसर ख बटाई जब बीज बोन क बाद ख बाbट ल ह चौथ लाbग बटाई फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक (पकष) अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 1 कणक का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततर- विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क का मलब अदाजा ह

परशन 2 भ राजस सली की बटाई अथा भाओली परथा कuml सपषट कीजिजए (2)

उततर- इसम फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की उपसथिसथवि म

रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ ह

परशन 3 लाbग बटाई परथा की वयाखया कीजिजए (2)

उततर- फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक अपना - अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 4 भ राजस सली की कौन सी परथा आप अचछी समझ ह और कयो सपषट कीजिजए (2)

उततर- लाbग बटाई कयोविक सबको अपना - अपना विहससा मिमला ह और मनाफा मिमला ह

पाठ - 9शासक और इविततमगल दरबार (16 ी 17 ी शाखिबदया)

मगल दरबार (परान सदभ दवारा इविहास की पनर(चना)

विस सshyकषण-राजनीविक इविहास

खोज की कहानी-दरबारी कागजा (दसाज़)

उदाहरण-अकबरनामा बादशाहनामा

विचार-विमश(-नय राजनीविक सामाजिजक आरथिथक ए सासकविक इविहास

बाबर स औरगजब क औरगजब क अमिधकारी शरशाह सरी

परसाना-दरबारी इविहासकार-अबलफजल

मगलशासक और सामराजय-उलमा ग(

इविततो की रचना-शाहजहाbनामा आलमगीरनामा जक जहाbगीरी आठिद

कETH स फारसी की ओर

पाडलिलविपयो की रचना

रगीन लिचतर

आदश( राजय-सलह कल-जन-कलयाण मनसबदारी परथा

जहाbगीर था शाहजहाb का काल भ-विलास का काल

अकबर की फारमिमक नीवि राजप नीवि

औरगजब क समय कला को झटका

राजधाविनयाb नय शहर

मगल दरबार-झरोखा दश(न

पदवियाb उपहार भट कोरकिनश

शाही परिरार

सचना था सामराजय

पराीय शासन

सीमाओ स पर

ीथ(यातरा और वयापार गरओ क परवि असीम आसथा-धम( पर विमश(

मगल ासकला लिचतरकला सासकविक विकास

मगलहरम मगल कारखान

कनदरीय परशासन

अवि लघ परशन (2 अक)

पर1 कोरकिनश शबद क अथ( को सपषट कीजिजए

उततर कोरकिनश औपचारिरक अभिभादन का एक ऐसा रीका था जिजसम दरबारी दाएb हाथ की लहथी को ललाट पर रखकर आग की ओर लिसर झका थ

पर2 1526 स 1707 क क बीच भार म शासन करन ाल ष का नाम बाइए और इस श क ससथापक कौन थ

उततर मगल श और ससथापक बाबर

पर3 rsquoविकाबखानाrsquo शबद का अथ( कया ह

उततर rsquoविकाबखानाrsquo का शाखिबदक अनाद पसकालय ह यह एक ऐसा लखन गह था

जहा शासको दवारा सकलिल पाडलिलविपया रखी जाी था नई पाडलिलविपया यार की जाी थी

पर4 पाडलिलविपयो की सरचना म सलगन कछ लोगो क कायz को बाइए

उततर पाडलिलविपयो की रचना क विविध काय म बह लोग शामिमल हो थ इनम स कछ लोगो क दवारा कागज बनाना सलखन मिघसाई लिचतरकारी और जिजलदसाजी की जाी थी

पर5 बाबर की आतमकथा कौन-सी भाषा म लिलखी गई थी

उततर बाबर की आतमकथा rsquoजक बाबरीrsquo मल रप स कETH भाषा म लिलखी गई थी बाद म इस फारसी भाषा म बाबरनामा क नाम स अनाद विकया गया

लघ परशन (4 अक ) पर6 मगल सामराजय म शाही परिरार की ममिसतरयो दवारा विनभाई गई भमिमका का मलयाकन कीजिजए

उततर 1 मगल परिरार म शही परिरारो स आन ाली ममिसतरयो बगमो अगाहा म अर रखा जाा था

2 पममितनया और उनक अनक मविहलाए साधारण स साधारण काय( स लकर बजिदधमा स अलग-अलग काय का सपादन कर थ

3 नरजहा क बाद मल राविनयो और राजकमारिरयो न महततपण( विभिततय सरोो पर विनयतरण रखना शर विकया

4जहाbआरा रोषनआरा को ऊb च शाही मनसबदारो क समान ारकिषक आय होी थी

5 जहाbआरा को सर क बदरगाह स राजस पराप होा था

6 ससाधनो पर विनयतरण न मगल परिरार की महततपण( ममिसतरयो को इमारो या बागो क विनमा(ण का अमिधकार ठिदया था

7 चाbदनी चक की रपरखा जहाbआरा क दवारा बनाई गई

पर7 rsquoबादशाहनामाrsquo पर सकषप म ठिटपपणी लिलखिखए

उततर अबलफज़ाल एक विषषय अबदल हमीद लाहौरी बादषाह नामा क लखक क रप म जाना जाा ह इसकी योगयाओ क बार म सनकर बादषाह शाहजहाb न उस अकबर नामा क नमन पर अपन शासन का इविहास लिलखन क लिलए विनयकत विकया बादषाह नामा भी सरकारी इविहास ह इसकी ीन जिजलद (दफर) ह और परतयक जिजलद 10 चदर ष का बयोरा दी ह लाहौरी न बादषाह क शासन (1627 47) क पहल क दो दषको पर पहला दसरा दफर लिलखा इन जिजलदो म बाद म शाहजहाb क जीर सादलला खाb न सधार विकया

विस उततर (8 अक)

पर8 मनसबदारी क परणाली क गण और दोषो की विचना कीजिजए

उततर मनसबदारी परणाली क गण

1 समराट को सनय सगठन सबधी परशाविनयो स छटकारा ठिदलाना

2 योगयानसार पद परदान विकया जाना

3 परशासविनक वयय को सीमिम करना

4 सामराजय का विसार ए सथामियत परदान करना

5 मनसबदार कला और साविहतय क पोषक थ

मनसबदारी परणाली क दोष

1 भशाली जीन स धन को दरपयोग होना

2 विनधा(रिर सखया स कम सविनक

3 समराट क परवि सामी भलिकत का विकास नही होना

4 अमीरो था सरदारो म विदरोह की भाना पनपना

5 मगल सना का राषटरीय सना न बन पाना

6 शासक और सविनको क मधय सीध समपक( की कमी

अधयाय 10

उपविनषाद और दहा

1 बगाल और हाb क जमीदार

11 बद(ान म की गई नीलामी की घटना

- इसमरारी बदोबस

- नीलामी म बोली लगाना

- फजv विबकरी

12 अदान विकए गए राजस की समसया

- जमीदारिरयो का हसारण

- अकाल

- जमीदार भसामी न होकर राजस समाहा(

13 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ

- जमीदारो की असफला क विभिभनन कारण

14 जोदारो का उदय

15 जमीदारो की ओर स परविरोध

- फ़जv विबकरी क अग( ममिसतरयो क नाम पर सपभितत को सरभिकष करना

16 पाbची रिरपोट(

- ईसट इविडया कपनी क चीन और भार म वयापार क एकामिधकार को रदद करना

- कपनी का कशासन और अवयसथिसथ परशासन

- परर समिमवि

2 कदाल और हल

21 राजमहल की पहाविड़यो म

- बकानन क अनभ

- पहाड़ी लोगो का विनास वयसाय

- सथायी कविष का विसार

- पहाविड़या मखिखयाओ को ारकिषक भतता दकर कषतर म शावि सथाविप करना

- सथाल लोगो का आगमन

22 सथाल आगआ बासिशद

- पहाविड़या लोग जहाb उपदरी थ सथाल आदश( बासिशद

- सथालो क गाbो की जिदध

23 बकानन का विरण

- ईसट इविडया कपनी क लिलए बकानन दवारा पराकविक साधनो की खोज

- नो को कविष भमिम म बदलन क परयास

3 दहा म विदरोह

- बमबई दककन

- विकसानो दवारा साहकारी क बही-खा जलाना और अनाज़ लटना

- अहमदनगर म विदरोह

- अगरजो क सामन 1857 क विदरोह का दशय उपसथिसथ होना

- विगरफारिरयो का दौर

32 एक नई राजस परणाली

- 1810 क बाद खी की कीम बढ़ना

- औपविनलिशक सरकार दवारा भ-राजस म उपाय सोचना

- जमीदारो दवारा जमीनपटट पर दना और विकराए विक आमदनी पर विनभ(र होना

- बबई दककन म रयाड़ी का लाग होना

33 राजस की माbग और विकसान का कज(

- बबई म कठोराप(क राजस सल करना

- 1832 क बाद कविष उतपादो की कीमो म जी स विगराट आना

- अकाल की चपट म कविष पशधन और मनषय का आना

- 1840 क बाद कविष और आरथिथक सथिसथवि म सधार

34 विफर कपास म जी आई

- अमरिरका स कचचा माल (कपास) लन पर विबरठिटश का सिचवि होना

- 1857 म विबरटन म कपास आपरकि सघ की सथापना

- 1859 म मनचसटर काटन कपनी की सथापना

- भार म कपास की खी आरमभ करना

- 1861 म अमरिरका म गहयदध

- बमबई म कपास की खी को परोतसाहन दना

- दककन म गाbो क विकसानो को असीमिम ऋण उपलबध कराना

35 ऋण का सरो सख गया

- अमरिरका क गहयदध क बाद हाb कपास का उतपादन आरमभ हआ

- भारीय कपास क विनया( म विगराट

- विकसानो स ऋण ापस माbगना और राजस की माग को बढ़ाना

36 अनयाय का अनभ

- ऋणदाा का सदनहीन होना

- बयाज का मलधन स अमिधक होना

- 1859 म अगरजो दवारा परिरसीमन कानन बनाना

- दसाज और बधपतर अतयाचार परणाली स परीक होना

4 दककन दगा आयोग

बमबई सरकार दवारा 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट म दककन दगा आयोग का रिरपोट(

पश करना

2 अक क पर शन पर1 सथायी बदोबस कया था 2

उततर- भमिमकर या लगान इकटठा करन की परथा जो 1793 म अगरजी गन(र जनरल लाड( कान(ालिलस (1786-1793) न चलाई उस सथायी बदोबस कह ह इस वयसथा क अग( भमिम जमीदारो को सथायी रप स द दी गई इस भमिम कर वयसथा को सथायी बदोबस का नाम ठिदया गया

पर2 रयबारी बनदोबस कया था 2

उततर- अगरजी कमपनी न भार म लगान सल करन क अनक ढग चलाय उनम रयबारी भी एक था इसम सरकार का सबध जमीदारो स न होकर रय या विकसानो स सीधा होा था इसलिलए जमीदारो को बीच म कछ नही दना पड़ा था इस परथा को मदरास और बमबई म लाग विकया गया इस वयसथा म लगान की दर काफी ऊb ची थी जिजसक परिरणामसरप विकसान कज( लन क लिलए मजबर हो जा थ

पर3 भाड़ा पतर कया था 2

उततर- भाड़ा पतर एक ऐसा दसाज था जिजसम रय यह लिलखकर द थ विक साहकारो स जमीन और पश खी करन क लिलए भाड़ पर ल रह ह ास म यह जमीन और पश रय क ही हो थ जो ऋण न चका पान क कारण ऋणदाा न हलिथया लिलए थ

पर4 सथाल कौन थ उनक जीन की दा विशषाएb कया थी 2

उततर- सथाल लोग राजमहल पहाविड़यो की लहटी या विनचल भागो म रह थ हल स जाई करक खी कर थ उनह मदानो क जमीदार लोग खी क लिलए नई भमिम यार करन और खी का विसार करन क लिलए भाड़ पर लगा ल थ

पर5 दककन दगा आयोग स आप कया समझ ह 2

उततर- 1875 क बाद जो दककन म विकसानो दवारा दग विकए गए उनकी छानबीन करन क लिलए भार सरकार क दबा डालन पर बमबई की सरकार न जो जाbच आयोग बठाया उस दककन दगा आयोग कहा जाा ह इसकी रिरपzट 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट क सामन पश की गई

पर6 जोदार कौन थ 2

उततर- धनी विकसानो क समह को जोदार कहा जाा था जो 18 ी शाबदी क अ म जमीदारो की बड़ी मसीबो का लाभ उठाकर अपनी शलिकत बढ़ान म लग हए थ

4 अक क पर शन

पर7 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ 4

उततर- इसक अनक कारण थ-

1 आरमभ म राजस की दर और माग बह ऊb ची रखी गई थी कयोविक सरकाशकराचाच( सोची थी विक बाद म राजस की मागो को बढ़ाया नही जा सकगा

2 शर-षर म जमीदारो को अपनी-अपनी भमिमयो क सधार म अपन पास स बह धन वयय करना पड़ा जिजसक परिरणामसरप लगान का भगान करन क लिलए उनक पास धन की कमी हो गई

3 जमीदार लोग नए काननो को समझन म असमथ( रह इसलिलए राजस दन म कोाही करन लग जिजसक कारण राजस की राविष बढी चली गई

4 1790 क दषक म कविष उपज की कीम परायः काफी कम थी इसलिलए विकसान जमीदारो को अपना कर चकान म असफल रह ऐस म जब विकसानो स धन पराप नही हआ ो आग अगरजी राजस अमिधकारिरयो को धन कस चका सक थ

5 राजस की राविष ो एक समान रही थी परन कई बार सखा अकाल पड़न या अमिधक षा( क कारण फसल बबा(द हो जाी थी परन राजस स का सा ही बना रहा था जिजस परविकल परिरसथिसथवियो म चकाना काफी कठिठन हो जाा था

6 जमीदारो स सभी परषासविनक अमिधकार छीन लिलए गए थ और अपनी सनय टकविड़याb भी नही रख सक थ इस परकार विकसानो पर उनका विनयतरण काफी ढीला पड़ गया था ऐस म विकसानो स पसा कस सल विकया जा सका था

7 जमीदारो को कमजोर होा दखकर अनक गाb क मखिखया-जोदार या पविड बड़ परसनन हो थ कयोविक अब उनक विरदध शलिकत का परयोग नही कर सक थ ऐस म जमीदारो या उनक परविविनमिधयो जिजनह lsquolsquoअमलाrsquorsquo कह थ विकसानो स भमिमकर एकवितर करना काफी कठिठन हो जाा था

पर8 सथालो न विबरठिटश शासन क विरदध विदरोह कयो विकया 4

उततर- सथालो क विबठिटश शासन क विरदध विदरोह क विनमन कारण थ -

1 सथालो न जिजस जगली भमिम को बड़ी कठिठनाई स साफ करक खी योगय बनाया था अब उस पर अगरजी सरकार भारी कर लगा रही थी

2 उधर साहकार लोग भी विबरठिटश सरकार क अमिधकारिरयो स मिमलकर ऊb ची दर स सथालो को कज( दन लग थ और कज( न मिमलन पर उनकी भमिमयो को हलिथयान लग थ साहकार की इस कचषठा क पीछ विबरठिटष सरकार का हाथ था ऐसा सथाल लोगो न महसस विकया इसलिलए साहकारो को नही विबरठिटश सरकार को दोषी मानन लग थ

3 उधर जब जमीदारो न सथालो क विनसथिषच इलाक जिजस दामिमन-इ-कोह कहा जाा था पर अपन अमिधकार का दाा विकया ो सथाल लोग विबरठिटष नीवियो स और भयभी हो गए कयोविक उनक विचार म इस कचषठा क पीछ भी विबरठिटश सरकार का हाथ था

4 विबरठिटश सरकार जस-जस सदढ़ होी गई उसन पहाड़ी कषतरो को भी अपन दढ विनयतरण म लन का परयतन विकया ऐसा विबरठिटश सामारजय की सरकषा और आरथिथक सथिसथवि क लिलए आशयक माना गया ऐस म जब सथालो क इलाक पर विबरठिटश सरकार न अपना विनयतरण करन की सोची ो सथाल भड़क उठ और उनहोन 1855-56 म विबरठिटष सरकार क विरदध विदरोह कर ठिदया

पर9 पहाविड़या लोगो क बार म आप कया जान ह 4

उततर- 1 पहाविड़या लोग राजमहल पहाविड़यो क असली विनासी थ इस जगह को अपनी विनजी सपभितत समझ थ

2 पहाविड़या लोग झम खी कर थ जगल क छोट स विहसस म झाविड़या आठिद को काट कर और घास-फस को जलाकर जमीन साफ कर ल थ और राख की पोटाष स उपजाऊ बनी भमिम पर अपनी फसल उगा थ विफर कछ समय उस जमीन को खाली छोड़ द थ ाविक मिमटटी की उ(रा बनी रह

3 कदाल पहाविड़या लोगो क जीन का परीक बन गया था

4 इनका जीन परी रह जगल की उपज पर विनभ(र था जगलो स खान क लिलए फल था महआ क फल इकटठा कर थ और बचन क लिलए लकविड़या इकटठी कर थ

08 अक क परशन

पर10 विकसानो का इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क बार म कया समसयाऐ आी ह

उततर- विकसानो सबधी इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क दौरान आन ाली समसयाएb-

1 विकसानो स सबमिध इविहास लिलखन म कई सतरो ह जिजनम सरकार दवारा रख गए राजस अभिभलख सरकार दवारा विनयकत सshyकषणका(ओ क दवारा दी गई रिरपोटz पवितरकाए जिजनह हम सरकार की पकषधर कह सक ह सरकार दवारा विनयकत जाच आयोग की रिरपोट( अथा सरकार क विहमायी पा(गह या सोच रखन ाल अगरज यावितरयो क विरण और रिरपोट( आठिद शामिमल ह

2 ऐस ऐविहालिसक सतरोो पर दमिषटपा कर समय हम यह याद रखना होगा विक य सरकारी सतरो ह और घटनाओ क बार म सरकारी सरोकार और अथ( परविपरिबविब कर ह उदाहरणाथ( - दककन दगा आयोग स विषष रप स यह जाbच करन क लिलए कहा गया था विक कया सरकारी राजस का सर विदरोह का कारण था सपण( साकषय परस करन क बाद आयोग न यह सलिच विकया था विक माग विकसानो क गसस की जह नही थी

3 रिरपोट( का मखय सार ए दोष - इसम सारा दोष ऋणदााओ या साहकारो का ही था इसस यह बा सपषट होी ह विक औपविनविषक सरकार यह मानन को कभी भी यार नही थी विक जना म असोष या रोष कभी सरकारी काय(ाही क कारण भी उतपनन हआ था

4 सरकारी रिरपोट( इविहास क पनविनमा(ण क लिलए बहमलय सतरो लिसदध होी ह लविकन उनह हमषा साधानीप(क पढ़ा जाना चाविहए और समाचार पतरो गर-सरकारी ाो मिधक अभिभलखो और यथासभ मौखिखक सतरोो स सकलिल साकषय क साथ उनका मिमलान करक उनकी विशवसनीया की जाbच की जानी चाविहए

5 औपविनलिशक सरकार जना म वयाप असोष था रोष क लिलए सय को उततरदायी मानन क लिलए यार नही थी

पर11 ईसट इविडया कपनी न जमीदारो पर अपना विनयतरण बढ़ान क लिलए कया-कया कदम उठाए 4

उततर- 1 जमीदारो की सनय टकविड़यो को भग कर ठिदया गया

2 सीमा शलक समाप कर ठिदया गया

3 उनकी कचहरिरयो को कमपनी दवारा विनयकत कलकटर की दखरख म रख ठिदया गया

4 जमीदारो स सथानीय नयाय और सथानीय पलिलस की वयसथा करन की शलिकत छीन ली गई

5 समय क साथ-साथ कलकटर का काया(लय सतता क एक विकलपी कनदर क रप म उभर आया और जमीदार क अमिधकार को परी रह सीमिम ए परविबमिध कर ठिदया गया

अनचछद आधारिर परशन-

पाची रिरपोट( स उदध-

जमीदारो की हाल और जमीनो की नीलामी क बार म पाची रिरपोट( म कहा गया ह -

राजस समय पर नही सल विकया जाा था और काफी हद क जमीन समय-समय पर नीलामी पर बचन क लिलए रखी जाी थी सथानीय ष( 1203 दनसार सन 1796-97 म विबकरी क लिलए विजञाविप जमीन की विनधा(रिर रालिश (जममा) 2870061 लिसकका र थी और र ास म 1790416 र म बची गई और 1418756 रपय रालिश जममा क रप म पराप हई सथानीय स 1204 दानसार सन 1797 - 98 म 26661991 लिसकका रपय क लिलए जमीन विजञाविप की गई 2274076 लिसकका रपय की जमीन बची गई और करय राविष 2147580 लिसकका रपय थी बाकीदारो म कछ लोग दष क बह परान परिरारो म स थ य थ नाठिदया राजशाही विषनपर (सभी बगाल क) आठिद क राजा साल दर साल उनकी जागीरो क टट जान स उनकी हाल विगड़ गई उनह गरीबी और बबा(दी का सामना करना पड़ा और कछ मामलो म ो सा(जविनक विनधा(रण की रालिश को यथा बनाए रखन क लिलए राजस अमिधकारिरयो को भी काफी कठिठनाइया उठानी पड़ी

पर 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ 3

पर2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ 2

पर3 पा bची रिरपोट( कया थी 2

उततर 1

(क) राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमशा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततर 2

कछ बाकीदार परान परिरार स थः नठिदया राजशाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततर 3

पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परशासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परशासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

अधयाय - 11

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान1 विदरोह का ढरा(

- विदरोह की खबर एक शहर स दसर शहर पहbचना

- हर छानी म विदरोह का घटनाकरम

11 सनय विदरोह कस शर हए

- विदरोह क विभिभनन सक

- कही ोप का गोला दागना ो कही विबगल बजाना

- शासतरागार पर कबजा और सरकारी खजान को लट लाना

- सम सर विफरविगयो क खिखलाफ अपील जारी करना

- विदरोह म आम लोगो को शामिमल होना

12 सचार क माधयम

- अचछा सचार का सथाविप होना

- योजना समतविन और असरदार होना

- सामविहक विनण(य

13 ना 5 नाओ का उभरकर आना

14 अफाह और भविषयाभिणयाb

- विबरठिटश शासन क खिखलाफ अफाह फलाना

- लाड( हारडिडग क विरदध षड़यतर रचना

15 लोग अफाहो म विशवास कयो कर रह थ

- लोगो क जहन म डर सदह मल कारण

- सी परथा और विहनद विधा विाह

- अगरजी परणाली का हदयहीन परायी और दमनकारी होना

2 अध म विदरोह

21 एक विगलास चरीफल

- 1801 म अध स सहायक समिध की योजना

- 1851 म लाड( डलहौजी का बयान

- 1851 म अध का अमिधगरहण होना

22 दह स जान जा चकी थी

- ाजिजद अली शाह को कलकतता विनषकालिस करना

- अध स नाब क विनषकासन स जना को बहद दख और अपमान का सामना

23 विफरगी राज का आना और एक दविनया का खातमा

- अध क अमिधगरहण स कल नाब की गददी न छीनी जाना उसक ाललकदार को भी लाचार करना

- 1857 म एकमश बदोबस का लाग होना

- एक परी सामाजिजक वयसथा का भग होना

- परानी दविनया का खातमा

3 विदरोही कया चाह थ

31 एका की कलपना

- विदरोही विदरोविहयो दवारा सामाजिजक एका सथाविप करना

- विहनदसानी फौजिजयो को उनका हक ठिदलाना

- परिहद धम( और इसलाम की रकषा करना इसाई धम( को फलान स रोकना

32 उतपीड़न क परीको क खिखलाफ

- विफरगी राज क उतपीविड़न को रोकना

- विबरठिटश भराजस वयसथा को नकारना

- वयापक सा(जविनक भलाई को करना

33 कसथिलपक सतता की लाश

- विबरठिटश शासन क धस होन क बाद ठिदलली लखनऊ कानपर म कसथिलपक सतता की लाश

- परानी दरबारी ससकवि का सहारा लना

- मगल वयसथा स मिमली-जली वयसथा अपनाना

4 दमन

- अगरजी दवारा विदरोह कचलना आसान न होना

- माश(ल ला काम न आना

- अनक टकविड़यो दवारा हरक इलाका छाना जाना

- जमीदारो को फसलान का परयतन करना

- विकसानो का बरा हाल बनाना

5 विदरोह की छावियाb

- विदरोविहयो की घोषनाएb सचनाएb और पतर

- कल अगरजी दसाज ही आधार नही

- जना की भानाओ को भड़काना और परविशोधण क लिलए पररिर करना

51 रकषको का अभिभनदन

- अगरजी पदामिधकारिरयो का अभिभनदन

- विदरोह को कचलन ाल अमिधकारिरयो को महामविड करना

52 अगरज और और विबरटन की परविषठा

- अगरज औरो और बचचो को मन म भय पदा करना

- अगरजिजय और ईसाईय की रकषा

53 परविशोध और परदश(न

- अगरजी दवारा परविशोधातमक और सबक सीखन की योजना यार करना

54 दहश का परदश(न

- विदरोविहयो को मौ क घाट उार जाना

55 दया क लिलए कोई जगह नही

- अगरजो क हदय म दया की गजारिरश न होना

- खौफनाक दशय का उपसथिसथ होना

56 राषटरादी दशय कलपना

- विदरोविहयो म राषटरादी भाना का कट कट कर भरना

- विदरोही नाओ को राषटर नायको क रप म परस करना

- साविहतय और लिचतर म राषटरनायको की ीरगाथा का गणगान करना

अविलघ परशन ( 02 अक ) परशन 01 सहायक समिध को विकस गन(र जनरल दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल चार परमख शलिकतयो क नाम लिलखिखए

उततर सहायक समिध को गन(र जनरल लाड( लसली दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल परमख शलिकतयाb थी - हदराबाद अध मसर इतयाठिद

परशन 02 कानपर म विकस अगरज मविहला न भारीय लिसपाविहयो स ीराप(क अपनी रकषा की

उततर मिमस वहीलर

परशन 03 अध का अविम नाब कौन था उस पशन दकर कहाb भजा गया

उततर ाजिजद अली शाह अध का अविम नाब था उस पशन दकर कलकतता भज ठिदया गया

परशन 04 सामानय सा भv अमिधविनयम विकस गन(र जनरल क शासनकाल म था कब पारिर विकया गया

उततर सामानय सा भv अमिधविनयम 1856 म लाड( कपरिनग क शासनकाल म लाग विकया गया

लघ परशन ( 04 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क राजनविक ए परशासविनक कारणो का ण(न कर

उततर (क) विबरठिटश शासको की सामराजयादी नीवि

(ख) राजय अपहरण की नीवि

(ग) पशनो था उपामिधयो की समातविप

(घ) मगल समराट क परवि असममानजनक बा(

(ड) अध का विलय

(च) सहायक समिध का दरपयोग

परशन 02 1857 विदरोह की असफला क कया कारण थ

उततर (क) विदरोह का विनभिw विलिथ स प( विसफोट

(ख) अगरजो को दशी शासको का सहयोग पराप होना

(ग) उचच ग( का सहयोग न मिमलना

(घ) विदरोविहयो क सीमिम साधन

(ड) सामानय आदश( का अभा

(च) परविभाान विबरठिटश सनापवि

(छ) सचार-साधनो पर अगरजो का विनयतरण

परशन 03 1857 विदरोह क सरप का ण(न कर

उततर (क) सविनक विदरोह मातर-

(अ) 1857 क विदरोह की परमख आधारभमिम सविनको दवारा यार की गयी थी

(ब) विदरोह का सा(मिधक महतपण( था ातकालिलक कारण चबvाल कारसो का मामला था

(स) विदरोह का परसार सपण( दश म नही हआ यह उनही नगरो ए कषतरो क सीमिम रहा जहाb सविनक चौविकयाb और छाविनयाb थी

(द) विदरोह का दमन करन म विबरठिटश सरकार को अमिधक कठिठनाईयो का सामना नही करना पड़ा कयोविक इस सामानयजनो का सहयोग ए समथ(न पराप नही था

(ख) परथम सतरा सगराम-

(अ) लाखो कारीगरो विकसानो और लिसपाविहयो न कनध स कनधा मिमलाकर विबरठिटश सतता क खिखलाफ सघष( विकया घमककड़ सनयालिसयो फकीरो ए मदारिरयो दवारा गा-गा म इसका परचार-परसार विकया

(ब) आदोलन म विहनद-मसलमानो न एकजट होकर भाग लिलया सभी विदरोविहयो म एक म स बहादरशाह को अपना समराट सीकार विकया

(स) विदरोह क लगभग सभी कनदरो म जनसाधारण न विबरठिटश शासन क विरदध सविकरय भाग लिलया

(द) विदरोह का कषतर काफी वयापक था अनक दशी रिरयासो ए राजयो म शासक ग( क विबरठिटश सतता क सहयोग ए समथ(क बन रहन पर भी सना ए जना दवारा विदरोह म सविकरय भाग लिलया था

विस परशन ( 08 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क सामाजिजक आरथिथक धारमिमक ए सविनक कारणो का ण(न करो

उततर (क) आरथिथक कारण

(अ) समपदा का विनषकासन

(ब) भारीय उदयोग-धनधो था वयापार-ाभिणजय का विनाश

(स) भ-राजस की दर

(द) इनाम म पराप जागीरो को छीनना

(य) जनसामानय म बकारी और दरिरदरा

(ख) सामाजिजक कारण

(अ) भारीयो क साथ दवरयहार

(ब) भारीयो क सामाजिजक जीन म हसकषप

(स) पाwातय लिशकषा का परसार

(द) ईसाई धम( का परचार

(ग) सविनक कारण

(अ) भारीय सविनको म असोष

(ब) भारीय सविनको की अपकषाक अमिधक सखया

(स) सना का दोषपण( विरण

(द) सामानय सा भv अमिधविनयम

(य) चबvाल कारस

अनचछद पर आधारिर परशनविनमनलिलखिख अनचछद को पठिढ़ए और उततर दीजिजए-

विदरोही कया चाह थ इस विषय म हम 25 अगस 1857 ई 0 की आजमगढ़ घोषणा स महतपण( जानकारी मिमली ह

भाग- सरकारी कम(चारिरयो क विषय म-

lsquolsquoअब यह कोई रहसय की बा नही ह विक विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv हो ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी परशासविनक और सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सभी पद कल अगरजो को ही ठिदय जा ह इसलिलए विबरठिटश सा म काम करन ाल सभी भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए उनह 200-300 रपय मालिसक न मिमलगा और भविषय म ऊच पद मिमलगlsquolsquo

भाग- कारीगरो क विषय म-

इसम कोई सदह नही विक इगलड म विनरमिम सओ को ला-लाकर यरोपीयो न हमार बनकरो सी सतर बनान ालो बढ़ईयो लोहारो और मोलिचयो आठिद को बरोजगार कर ठिदया ह उनक काम-धनधो पर इस परकार अमिधकार जमा लिलया ह विक दशी कारीगरो की हर शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई ह बादशाही सरकार म दशी कारीगरो को राजाओ और अमीरो की सा म विनयकत विकया जाएगा विनःसदह इसस उनकी उननवि होगी इसलिलए इन कारीगरो को अगरजो की सा छोड़ दनी चाविहएlsquolsquo

परशन-01 भार म विबरठिटश माल की पहbच न कारीगरो को विकस परकार परभावि विकया

उततर भार म विबरठिटश म विनरमिम सओ की पहbच क कारण भारीय बनकर सी सतर बनान ाल बढ़ई लोहार मोची आठिद सभी दसकार ए लिशलपकार बरोजगार हो गए विबरटन क मशीन विनरमिम सस माल न भारीय बाजारो पर अमिधकार कर लिलया परिरणामसरप दशी कारीगरो की परतयक शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई

परशन-2 बादशाही सरकार की अधीना म कारीगरो की दशा विकस परकार उनन होगी

उततर बादशाही सरकार म दशी कारीगरो ए लिशलपकारो को अमीरो की सा म विनयकत विकया जायगी इसस उनकी उननवि होगी

परशन-3 सरकारी सा म विनयकत लोग विबरठिटश सरकार स कयो असनषट थ

उततर विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv होन ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी थी परशासविनक ए सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सार पद कल अगरजो को ही ठिदय जा थ इसलिलए सरकारी सा म विनयकत भारीय विबरठिटश सरकार स असनषट थ

परशन-4 विदरोही घोषणा म बार-बार विकस बा क लिलए अपील की गई

उततर विदरोही घोषणा म बार-बार इस बा क लिलए अपील की गई विक भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए

पाठ - 12

औपविनलिशक शहर

नगरीकरण नगर-योजना सथापतयमहतपण( विबनद

सरोः- 1 ईसट इविडया कपनी क रिरकाड(

2 जनगणना रिरपोट(

3 नगरपालिलकाओ क रिरपzट(

1900 - 1940 क नगरीय जनसखया 10 परविष स बढ़कर 13 परविष हो गई

18 ी शाबदी क अ क मदरास बमबई था कलकतता महतपण( बदरगाह नगर क रप म विकलिस हो चक थ

यााया क नए साधनो जस टराम बस घोड़ गाविड़या इतयाठिद न लोगो को अपन घरो स दर काम करन क सथान पर जाना सभ बना ठिदया

कई भारीय शासको न यरोपीय भन विनमा(ण शली को आधविनका था समया का परीक माना था इस शली क भन बनाकर अपनी शलिकत का परदष(न करन का परयास विकया

सथानीय लोगो की बसतिसयो को rdquo बलक टाऊनrdquo कहा जाा था अगरजो की बसतिसयो को बलक टाऊन स अलग रखन क लिलए बीच म दीार बनाई गई थी

पठ एक मिमल शबद ह जिजसका मलब होा ह बसी जबविक परम शबद गाb क लिलए इसमाल विकया जाा ह

परशन 1 औपविनलिशक सदभ( म शहरीकरण क रझानो को समझन क लिलए जनगणना सबधी आकड़ विकस हद क उपयोगी हो ह (2)

उततर औपविनविषक सदभ( म शहरीकरण क रझान को समझन क लिलए जनगणना सबधी आbकड़ बह उपयोगी हो ह

(अ) इसस शव और अष लोगो की कल जनसखया या आबादी को जानन म सहयोग मिमला ह

(ब) शव और अष टाऊन क विनमा(ण विसार और उनक जीन सबधी सर भयकर बीमारिरयो क जनसखया पर पड़ दषपरभा आठिद को जानन म भी जनगणना सबधी आbकड रन जानकारी दन ाल पठिटटयो का काय( कर ह

(स) जनगणना सबधी आbकड़ विभिभनन समदायो काय जावियो की जानकारी द ह

परशन 2 विबरठिटश शासन क दौरान लिसविल लाइनस कया थ (2)

उततर 1857 क विदरोह क बाद भार म अगरजो का रया विदरोह की लगाार आशका स य होन लगा था उनको लगा था विक शहरो की और अचछी रह विहफाज करना जररी ह और अगरजो को दविषयो क ख़र स दर जयादा सरभिकष पथक बसतिसयो म रहना चाविहए परान कसबो क इद(-विगद( चरागाहो और खो को साफ कर ठिदया गया लिसविल लाइनस क नाम स नए शहरी इलाक विकलिस विकए गए लिसविल लाइनस म कल गोरो को बसाया गया

परशन 3 औपविनलिशक शहरो म रिरकाड( सभालकर कयो रख जा थ (2)

उततर 1 जनसखया म हए बदलाो की जानकारी क लिलए

2 औपविनलिशक शहरो क विकास विक पनर(चना क लिलए

परशन 4 ीनो औपविनलिशक शहरो यथा मदरास बमबई और कलकतता का एक सामानय विषषा लिलख (2)

उततर मदरास बमबई और कलकतता ीनो शहरो की बसतिसयो म अगरजी ईसट इविडया कमपनी क वयापारिरक था परशासविनक काया(लय सथाविप विकय गए थ ीनो शहरो क पास बदरगाह विकलिस हए

परशन 5 कोई ीन प(ीय सथल क नाम लिलख जिजनकी सथपना अगरजो न भार म की थी

उततर लिशमला दारजिजलिलग माऊटआब

परषन 6 परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो म खद को विकस रह सथाविप विकया (4)

उततर परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो अथा( मदरास (चननई) बमबई (मबई) और कलकतता (कोलकाा) म कमपनी क एजनट क रप म रहना शर विकया

य सभी बसतिसयाb वयापारिरक और परषासविनक काया(लयो ाली थी इसलिलए भारीय वयापारिरयो को यह शहर सविधाजनक लग यह ीनो शहर बदरगाह थ और इनम सड़क यााया जहाजरानी क साथ-साथ कालार म रलो की सविधा पराप हो गई भारीय गरामीण वयापारी और फरी ाल शहरो म माल गाb स खरीदकर भी ला थ अनक भारीय वयापारी जब परान और मधयकालीन शहर उजड़ गए ो उनह छोड़कर इन बड़ शहरो म आ गए उनहोन वयापारिरक गविविमिधयाb करन क साथ-साथ उदयोग-धध भी गाए अपनी अविरिरकत पbजी इन शहरो म विनष की

वयापारिरक गविविमिधयो क बार म रख गए सरकारी रिरकाडz और विस बयौरो स कई परकार की जानकारी पराप कर थ शहरो की समसयाओ क समाधान क लिलए नगरपालिलकाओ स सहयोग लिलया गया अनक वयापारी इन बड़ शहरो क उपनगरीय

कषतरो म भी रहन लग उनहोन घोड़ागाड़ी और नए यााया क साधनो को भी परयोग विकया भारीय वयापारी कमपनी क वयापार म महततपण( भमिमका विनभा थ ममबई क रहन ाल वयापारी चीन को जान ाली अफीम क वयापार म विहससदार थ

उनहोन ममबई की अथ(वयसथा को माला राजसथान और सिसध जस अफीम उतपादक इलाको स जोड़न म सहाया दी कमपनी क साथ गठजोड़ एक मनाफ का सौदा था जिजसस कालार म एक पbजीपवि ग( का विकास हआ भारीय वयापारिरयो म सभी समदाय-पारसी माराड़ी कोकणी मसलमान गजराी बविनए बोहरा यहदी आठिद शामिमल थ

परशन 7 औपविनलिशक कलकतता म नगर विनयोजन पर सासथय और सरकषा की जररो क परभा का मलयाकन कीजिजए (4)

उततर भार म उपविनशााद का सीधा परभा नगर विनयोजन पर दमिषटगोचर होा था कमपनी ए अगरजी सरकार न भार क परमख बदरगाह ाल शहरो को विनयोजिज ढग स बसान का विचार विकया इन शहरो म एक शहर था-कलकतता जो बगाल सब का एक महतपण( शहर अगरजी सतता की राजधानी ए ाभिणजय का कनदर था कलकतता शहर क विनयोजन का परथम चरण लाड( लजली क काय(काल म परारभ हआ

(अ) सासथय क दमिषटकोण स बह सार बाजारो घाटो कविबरसानो और चम(षोधन इकाइयो को साफ विकया गया इनम स कछ को हटा ठिदया गया शहर का एक नीन नकषा यार विकया गया इसम सड़क क विकनार ए अनय अध कबजो को हटान की लिसफारिरष की गई 1817 म हजा था 1896 म पलग महामारी न कलकतता को अपनी चपट म ल लिलया

लिचविकतसक इसकी ठोस जह नही बा पाए परिक lsquoजनसासथयrsquo की अधारणा को बल मिमला सरकार ए जागरक नागरिरक (दवारकानाथ टगोर ए रसम जी कोासजी) यह मानन लग विक शहर को सासथयध(क बनाना आषयक ह अ 5 घनी आबादी ाली बसी था झोपविड़यो को हटाया गया सासथय क आधार पर वहाइट ए बलक टाउन जस नसली विभाजन हए

(ब) सरकषा कलकतता शहर क विनयोजन का भार सरकार न अपन ऊपर इसलिलए लिलया कयोविक यह शहर सरकषा क दमिषटकोण स सदनशील था

1756 म नाब लिसराजददौला न कलकतता पर हमला विकया था था कमपनी को करारी लिशकस दी थी

कमपनी न 1757 म जब लिसराजददौला कोपराजिज विकया उसक बाद उसन कलकतता शहर की विकलाबदी शर की ाविक आसानी स कलकतता पर हमला न विकया जा सक ीन गाb सानाी कोलकाा और गोविनदपर को मिमला कर कलकतता शहर बसाया गया फोट( विलिलयम क आसपास खली जगह छोड़ी गई ाविक हमलारो पर आसानी स गोलीबारी की जा सक

इस परकार यह सपषट रप स दखा जा सका ह विक कलकतता शहर क विनयोजन म सरकषा ए सासथय का वयापक परभा था

परशन 8 भार म औपविनलिशक शासन काल म नगरा की कया सथिसथवि थी (4)

उततर

1 गरामीण इलाको क गरीब रोजगार क लिलए शहरो की रफ भाग रह थ कई लोग आकष(क शहरी जीन क कारण भी नगरो की ओर खिखच चल आ रह थ

2 औपविनलिशक शासको न विनयमिम रप स सshyकषण कराए सा bसथिखयकीय आ bकड़ इकटठ विकए और समय-समय पर शहरो स सबमिध सरकारी रिरपोट( परकालिश की

3 मदरास बबई और कलकतता क नकश परान भारीय शहरो स काफी हद क अलग थ भनो का सथापतय कला बदल गया था

4 जिजन विहल सटशनो म चाय और काफी क बागान लगाए गए थ हा b बड़ी सखया म मजदर आन लग

5 शहरो म औरो क लिलए अनक असर थ कछ सधारको न मविहलाओ की लिशकषा का समथ(न विकया लविकन रठिढ़ाठिदयो न इसका विरोध विकया जस-जस समय बीा सा(जविनक सथानो पर मविहलाओ की उपसथिसथवि बढ़न लगी नौकरानी और फकटटरी मजदर लिशभिकषका और विफलम कलाकार क रप म शहरो क नए वयसायो म दाखिखल होन लगी

परशन 9 भार म छाविनयो क विकास का ण(न कर (08)

उततर अगरजी सामराजय की सरकषा क लिलए अगरजी सरकार न महतपण( सथानो पर छाविनयो की सथापना की उनहोन कई मल राजयो की सीमाओ पर राजय की उथल-पथल को विनयवितर करन था शासको की गविविमिधयो पर विनगरानी रखन क लिलए छाविनया b बनाई सन 1765 ईसी म लाड( रोबट( कलाई न अपनी सना रखन क लिलए छाविनयाb बनान की नीवि का विनमा(ण विकया इन छाविनयो म विबरठिटश सना को रखकर उनह सविनक परलिशकषण ठिदया जाा था और उनम सविनक जीन वयी करन और अनशासन म रहन की लिशकषा दी जाी थी उस समय भार म 62 छाविनया b थी भार म सबस महतपण( छाविनयाb लाहौर पशार विफरोज़पर आगरा बरली जालधर झा bसी नागपर मबई कलकतता मदरास ठिदलली आठिद थी भटिटडा म सथाविप की गई नई छानी दश की 62 छाविनयो म स सबस बड़ी छानी ह छाविनयो पर विनयतरण रखन ाला सबस बड़ा अमिधकारी डायरकटर जनरल होा ह यह छाविनयो का परशासन था छानी क बाहर था भीर की अचल सपभितत की दख-रख करा ह परतयक छानी का परशासन एक छानी बोड( चलाा ह छानी बोड( एक सायततशासी ससथा होी ह और इसक सभी कायz पर क दरीय रकषा मतरालय का विनयतरण होा ह छाविनयो पर क टोनमट एकट 1924 दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा चन हए परविविनमिधयो क अविरिरकत कछ सरकारी मनोनी सदसय भी हो ह नगर का सटशन कमाडर बोड( का परधान होा ह क दरीय सरकार पराथमिमक लिशकषा सड़को पर रोषनी का परबध था सड़को की मरमम का काय( करी ह

परशन 10 बमबई नगर म भन विकन-विकन भन विनमा(ण शलिलयो क अनसार बनाए गए (08)

उततर बमबई शहर म ठिदखन ाल विभिभनन औपविनलिशक भन विनमा(ण शली

( क ) नशासतरीय या विनयोकलालिसकल शली

बड़-बड़ सभो क पीछ रखागभिणीय सरचनाओ का विनमा(ण इस शली की विशषा थी यह शली मल रप स पराचीन रोम की भन विनमा(ण शली सविनकली थी जिजस यरोपीय पनजा(गरण क दौरान पनजvवि सशोमिध और लोकविपरय विकया गया

1 बमबई का टाउन हाल

2 एसतिलफसटन सक( ल या हारकिनमान सक( ल

( ख ) न-गालिथक शली

उची उठी हई छ नोकदार महराब और बारीक साज-सsup2ा इस शली की खालिसय होी ह गालिथक शली का जनम इमारो ख़ासौर स विगरजो स हआ था जो मधयकाल म उततरी यरोप म काफी बनाए गए

1 सलिचालय

2 बमबई विशवविदयालय

3 बमबई उचच नयायालय

4 विकटोरिरया टरमिमनस

( ग ) इडो-सारासविनक शली

एक नयी मिमभिशर सथापतय शली विकलिस हई जिजसम भारीय और यरोपीय दोनो रह की शलिलयो क त थ इडो शबद विहनद का सभिकषप रप था जबविक सारासविनक शबद का परयोग यरोप क लोग मसलमानो को सबोमिध करन क लिलए कर थ

परशन 11 अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिखएः-

गरामीण कषतरो की ओर पलायन

1857 म विबरठिटश सना दवारा शहर पर अमिधकार करन क बाद ठिदलली क लोगो न कया विकया इसका ण(न परलिसदध शायर मिमजा( ग़ालिलब इस पकरार कर ह दशमन को पराजिज करन और भगा दन क बाद विजाओ ( विबरठिटश ) न सभी ठिदशाओ स शहर को उजाड़ ठिदया जो सड़क पर मिमल उनह काट ठिदया गया दो स ीन ठिदनो क कशमीरी गट स चाbदनी चक क शहर की हर सड़क यदधभमिम बनी रही ीन दवार - अजमरी क( मान था ठिदलली अभी भी विदरोविहयो क कबज म थ इस परविशोधी आकरोश था घणा क नग नाच स लोगो क चहरो का रग उड़ गया और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन

ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

( क ) मिमजा( ग़ालिलब कौन था ( 1 )

उततर मिमजा( ग़ालिलब एक परलिसदध शायर था

( ख ) 1857 म ठिदलली म कया और कयो हो रहा था ( 2 )

उततर 1857 क विदरोह क दौरान ठिदलली पर विदरोविहयो का कबजा था पर शीघर ही उस विबरठिटश सना दवारा कबज म कर लिलया गया

( ग ) जब ठिदलली पर विबरठिटष सना क दवारा अमिधकार विकया जा रहा था ब कौन स ीन दवार विदरोविहयो क कबज म थ ( 2 )

उततर ीन दवार -अजमरी क( मान था ठिदलली विदरोविहयो क कबज म थ

( घ ) विबरठिटश सना दवारा ठिदलली पर अमिधकार क दौरान लोगो की कया सथिसथवि थी (2)

उततर लोगो क चहरो का रग उड़ गया था और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

पाठ - 13

महातमा गाधी और राषटरीय आदोलनसविनय अजञा और उसस आग- गाधीजी सतरा सगराम म भाग लन ाल सभी नाओ म सा(मिधक परभाशाली और सममाविन ह

- मोहनदास करमचद गाधी दभिकषण अफरीका म दो दशक रहन क बाद जनरी 1915 म भार ापस आए

- दभिकषण अफरीका म गाधीजी न पहली बार सतयागरह क रप म जानी गई अविहसातमक विरोध की अपनी विविषषठ कनीक का इसमाल विकया और विभिभनन धमz क बीच सौहादर बढ़ान का परयास विकया

- गोखल की सलाह स इस भमिम और इसक लोगो को जानन क लिलए गाधीजी न एक ष( की यातरा की

- उनकी पहली महतपण( सा(जविनक उपसथिसथवि फररी 1916 म बनारस विहनद विषविदयालय म क उदघाटन समारोह म हई

- अपनी भाषण की माधयम स उनहोन भारीय विविषषट ग( को आड हाथो लिलया और लाखो गरीब भारीयो का समथ(न विकया

- उनहोन सफला प(क 1917 म चमपारण सतयागरह और 1918 म खड़ा सतयागरह और अहमदाबाद कपड मिमल क मजदरो का समथ(न विकया

- 1919 दषभर म रोलट एकट क खिखलाफ अभिभयान रोलट सतयागरह स गाधीजी एक सचच राषटरीय ना बन

- 1920 जलिलयााला बाग हतयाकाड क बाद अगरजी शासन क खिखलाफ असहयोग आदोलन खिखलाफ आदालन का समथ(न अगरजो क साथ परी रह असहयोग सकल कालज और कचहरिरयो का बविहषकार

- चरी चोरा हतयाकाड और आदोलन ाविपस लना

- गा bधीजी एक लोकविपरय ना होन क कारण- आम लोगो की रह सतर पहन थ उनकी रह रह थ और उनकी रह ही भाषा बोल थ

- 1924 जल स रिरहा होन क बाद गाधीजी अपना घयान रचनातमक काय( जस चरखा को लोकविपरय बनाना विहनद - मसलमान एका छआछ को समाप करन म लगाया

- 1928 साईमन कमीशन गाधीजी का राजनीवि म पनः परष

- 1929 लाहोर म कागरस का अमिधशन पण( सराजय की माग

- 1930 दाडी माच( नमक कानन का उललघन

- दश क विशाल भाग म न कानन का उललघन फकटरी कामगरो का हड़ाल

-कीलो दवारा विबरठिटश अदालो का बविहषकार विदयारथिथयो दवारा सरकारी लिशकषा ससथानो का बविहषकार

- 1930 गोलमज सममलन कागरस न बविहषकार विकया

- 1931 गा bधी - इरकिन समझौा

- 1935 गन(मट आफ इविडया एकट

- 1937 पराो म चना 11 म स 8 पराो म कागरस की सरकार

- 1939 विदवीय विशव यदव कागरसी मवितरमडलो दवारा इसीफा

- 1940 मसलिलम लीग क दवारा परथक राषटर की माग

- 1942 विकरपस मिमशन की असफला भार छोडो आदोलन पर भार म जनआदोलन

- 1946 कविबनट मिमशन कागरस और मसथिसलम लीग को एक सघीय वयसथा पर राजी करन म असफला बगाल विबहार उततरपरदष और पजाब म सामपरदामियक दग

- 1946 लाड( माउटबटन का ायस राय बनना भार का विभाजन औपचारिरक सतता हसारण भार को सतरा की परातविप

- राजधानी म हो रह उतसो म गाधीजी की अनपसथिसथवि कलकतत म 24 घट क उपास

- बगाल म शावि सथापना क लिलए अभिभयान चलान क बाद गाधीजी का ठिदलली आगमन यहा b स दगागरस पजाब क जिजलो म जान क विबचार 30 जनरी 1948 नाथराम गोडस दवारा गाधीजी को गोली मारकर हतया कर दी गई

अवि लघ पर शन ( 02 अक ) परशन-1 दो परमख नाओ क नाम लिलखिखए जिजनहोन विभिभनन दशो क राषटर विनमा(ण म परमख भमिमका विनभाई

उततरः- (क)अमरिरका म जाज( ालिशगटन (ब) भार म महातमा गा bधी

परशन-2 लाल - बाल - पाल कौन थ

उततरः-(क) य आरभिभक उगर राषटरादी ना थ जिजनहोन अखिखल भारीय सर पर

राषटरादी आदोलन चलाया (ब) लाल - लाला लाजप राय बाल ndash बाल गगाधर विलक पाल विविपनन चनदर पाल

परशन-3 गा bधीजी दवारा भार म विकसानो और मजदरो क लिलए चलाए गए दो आदोलन क नाम लिलखिखए

उततर- (क) चमपारण सतयागरह - 1917 (नील विकसानो क लिलए) (ब) अहमदाबाद मिमल मजदर आदोलन (1918)

परशन-4 बनारस विहनद विशवविदयालय म गा bधीजी क भाषण का महत बाइए

उततरः- (क) गा bधीजी न मजदर गरीबो की ओर धयान न दन क कारण भारीय विलिशषट ग( को आड़ हाथो लिलया (ब) धनी और गरीबो क बीच की विषमा पर उनहोन लिचना परकट की उनक अनसार दश की मलिकत कल विकसानो क माधयम स ही हो सकी ह

परशन- 5 रौलट एकट कया ह

उततरः- (क) सतरा सगराम को कमजोर करन क लिलए रौलट दवारा यह कानन बनाया गया था

(ब) विकसी भी वयलिकत को विबना जा bच विकय काराास म डाला जा सका था

परशन- 6 चरखा को राषटरीय परीक क रप म कयो चना गया था

उततरः-(क) चरखा सालममिमबा और आतम सममान का परीक ह (ब) हजारो बरोजगार गरीबो को परक आमदनी परदान करन का साधन

परशन- 7 भारीय राषटरीय आदोलन म कागरस क लाहौर अमिधशन का कया महत था

उततरः-(क) कागरस न सराज क सथान पर पण( सराज को लकषय बनाया

(ब) 26 जनरी 1930 को सतरा ठिदस क रप म मनाना

परषनः-8 1931 क गा bधी-इरकिन समझौ का उललख कीजिजए

उततरः- अ) सविनय अजञा आदोलन को सथविग कर ठिदया गया

ब) इरकिन न सभी अपरिहसक कठिदयो को रिरहाई की बा मान ली

स) भारीयो को नमक बनान की छट

द) गा bधीजी दसर गोलमज सममलन म विहससा लन क लिलए राजी

परशन -9 विदवीय विशव यदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का दमिषटकोण कया था

उततरः- (क) गाधीजी और नहर दौनो ही विहटलर और नासथितसयो क कटटर आलोचक थ (ब) उनहोन फसला लिलया विक अगर अगरज यदध समाप होन क बाद भार को सतरा दन पर राजी हो ो कागरस उनक यदध परयासो म सहाया द सकी ह

लघ पर शन ( 04) अक परशन- 10 विकन कारणो स गाधीजी न असयोग आदोलन को चलाया यह आदोलन कयो सथविग करना पड़ा

उततरः- 1 रौलट कानन क विरोध म

2 जलिलया b ाला बाग हतयाकाड क अनयाय का परविकार करना

3 खिखलाफ आदोलन को समथ(न करन क लिलए

4 सराजय परातविप क लिलए

चौरी - चौरा म हई परिहसा को दख हए गाधीजी न असहयोग आदोलन को सथविग कर ठिदया कारण ह अविहसा क पजारी थ

परशन-11 दाड़ी माच( क महत को समझाइए

उततरः-1 विबरठिटश भार क सा(मिधक घभिण काननो म स एक जिजसन नमक क उतपादन और विकरय पर राजय को एकामिधकार द ठिदया था का उललघन विकया गया था

2 पहली बार राषटरीय आदोलन म ममिसतरयो न बढ़ - चढ़ कर भाग लिलया

3 दश क विशाल भाग म सरकारी काननो का उललघन विकया गया

4 अगरजो को अहसास हआ विक अब उनका राज बह ठिदनो क नही ठिटक सका

परशन-12 पथक विना(लिचका की समसया कया थी इस मदद पर कागरस दलिल गz क बीच कया मभद थ इस समसया का कया समाधान विनकाला गया

उततरः-1 पथक विना(लिचका की मा bग दलिल ग( दवारा उठाई गई जिजसम ह अपन लिलए भी चना कषतरो का आरकषण चाह थ

2 1931 क दसर गोलमज सममलन म दलिल ना डा0 भीमरा अमबडकर न कहा विक कागरस दलिलो का परविविनमिधत नही करी

3 उनक अनसार पथक विना(लिचका क दवारा ही दलिलो की आरथिथक सामाजिजक दशा को सधारा जा सका ह

4 गाधीजी न इसका विरोध विकया उनका मानना था विक विहनद समाज उचच और दलिल ग( म बट जायगा था दश की एका कमजोर होगी अः पना समझौ दवारा कागरस क भीर ही दलिलो को पथक विना(चन कषतर ठिदय गए था पथक विना(लिचका की समसया हल हो गई

दीघ( परशन ( 08 अक ) परशनः- 13 गाधीजी न विकस परकार राषटरीय आदोलन को जन आदोलन म बदल ठिदया

उततरः- 1 सरल सातवितक जीन शली

2 लोगो की भाषा विहनदी का परयोग

3 चमतकारी अफाह

4 सतय अविहसा

5सदशी और बविहषकार

6 चरखा का परयोग और खादी को लोकविपरय बनाना

7 ममिसतरयो दलिलो और गरीबो का उदधार

8 विहनद मसथिसलम एका 9 छआ - छ का उनमलन

10 समाज क परतयक ग( को बराबरी क नजरिरय स दखना और सभी को राषटरीय आदोलन म शामिमल करना

परशनः-14 ऐस सरोो की वयाखया कीजिजए जिजनस महातमा गाधी क राजनीविक जीन था भारीय राषटरीय आदोलन इविहास को पनः सतरबदध कर सक ह

उततरः- 1 आतमकथाए b और जीनी

2 समकालीन समाचार पतर

3 सा(जविनक सर

4 विनजी लखन

5 पलिलसकरमिमयो था अनय अमिधकारिरयो दवारा लिलख गए पतर और रिरपोट(

परशनः- 15 rdquoगाधीजी जहा b भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह

फलीrdquo सोदाहरण सपषट कीजिजए

उततरः- 1 सातवितक जीन शली

2 धोी और चरखा का परयोग

3 लोगो की बोलचाल की भाषा विहनदी का परयोग

4 चमपारन सतयागरह

5 असहयोग आदोलन म उनक दवारा सतय ए अविहसा का परयोग

6 गाधीजी जहाb भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह फल गई

6 गाधीजी क विरोध करन ाल क लिलए भयकर परिरणाम की कहाविनयाb भी थी उदाहरण क लिलए आलोचना करन ालो क घर रहसयातमक रप स विगर गए अथा उनकी फसल चौपट हो गई

परशनः-16 विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उसक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

नमक सतयागरह कयो

नमक विरोध का परीक कयो था इसक बार म महातमा गाधी न लिलखा ह-

परविठिदन पराप होन ाली सचनाओ स पा चला ह विक कस अनयायपण( रीक नमक कर को यार विकया गया ह विबना कर (जो कभी-कभी नमक क मलय का चदह गना क होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी अः यह राषटर की अतयामिधक महतपण( आषयका पर कर लगाी ह यह जना को इसक उतपादन स रोकी ह और परकवि न जिजस विबना विकसी शरम क उतपाठिद विकया उस नषट कर दी ह अः विकसी भी जह स विकसी चीज को सय उपयोग न करन दन था ऐस म उस चीज को नषट कर दन की इस अनयायपण( नीवि को विकसी भी विषषण दवारा नही बाया जा सका ह विभिभनन सतरोो स म भार क सभी भागो म इस राषटर समपवि को बलगाम ढ़ग स नषट विकय जान की कहाविनयाb सन रहा ह टनो न सही पर कई मन नमक कोकण ट पर नषट कर ठिदया गया ह दाणडी स भी इस रह की बा पा चली ह

जहाb कही भी ऐस कषतरो क आसपास रहन ाल लोगो दवारा अपनी वयलिकतग परयोग ह पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखी ह हाb र अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा ह जिजनका एक मातर काय( विबनाष करना होा ह इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खच( स ही नषट विकया जाा ह और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा ह नमक एकामिधकार एक रह स चरफा अभिभषाप ह यह लोगो को बहमलय सलभ गरामउदयोग स बलिच करा ह परकवि दवारा बहाय म उतपाठिद समपदा का यह अविषय विनाष करा ह इस विनाष का मलब ही ह और अमिधक राषटरीय खच( चथा और इस मख(ा का चरमोतकष( भख लोगो स हजार परविष स अमिधक की उगाही ह सामानय जन की उदासीना की जह

स ही लमब समय स यह कर असतिसत म बना रहा ह आज जना पया(प रप स जाग चकी ह अः इस कर को समाप करना होगा विकनी जलदी इस खतम कर ठिदया जायगा यह लोगो की कषमा पर विनभ(र करा ह

परशनः-1 नमक विरोध का परीक कयो था (2)

उततरः- क परतयक भारीय घर म नमक का परयोग अविनाय( था

ब लविकन इसक बाजद भारीयो को घरल परयोग क लिलए नमक बनान स रोका

गया और उनह दकानो स ऊच दामो पर खरीदन क लिलए बाधय विकया गया

परशनः-2 औपविनविषक सरकार क दवारा नमक को कयो नषट विकया जाा था (2)

उततरः- क अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था

ब विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

परशनः-3 महातमा गाधी नमक कर को अनय करो की लना म अमिधक दमनातमक कयो मान थ (2)

उततरः- अ अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चौदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

ब पराकविक नमक मिमलन ाल कषतर क आसपास वयलिकतग परयोग क लिलए पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखन स सरकारी अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा थ जिजनका एक मातर काय( विनाष होा था इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खचshy स नषट विकया जाा था और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा था

परशनः- 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ

परशनः- 2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ

परशनः- 3 पा bची रिरपोट( कया थी

उततरः- 1 (क)राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमषा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततरः- 2 कछ बाकीदार परान परिरार क थः नठिदया राजषाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततरः- 3 पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परषासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परषासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

पाठ - 14

विभाजन को समझना

1 बटार क कछ अनभ

- बयानो दवारा बटार को अनभ बयानका( पाविकसानी शोधका( भारीय

2 ऐविहालिसक मोह

21 बटारा या महाधस

- बटार स परिहद मसथिसलम ठिदलो को बाटना

- परिहद मसथिसलम दगो की भरमार

- नसली सझाया

22 रढ़ छवियो की ाक

- भार म पाविकसान और पाविकसान म भारीय स नफर का लिसललिसला

- एक-दसर पर छीटाकसी

- गल समवियो घणाकत छवियो का दौर

- सापरदामियक सशय और अविशवास

3 विभाजन कयो और कस हआ

31 एक लब इविहास का अविम चरण

- मसथिसलम लीग की सथापना

- लखनऊ समझौा 1916

- आय( समाज की सथापना

- परिहद महासभा का सविकरय होना

32 1937 म परविक चना और कागरसी मगलय

- परिहद और मसथिसलम नाओ की नासमझी

33 पाविकसान का परसा

- 1940 म मसथिसलम लीग की सगसगाहट

- महममद अली जिजनना की भमिमका

34 विभाजन का अचानक हो जाना

- 1940 का मसथिसलम लीग का परसा

- चधरी रहम अली लिसकनदर हयाखान महममद इकबाल और जिजनना क परयास

35 यदधोततर घटनाकरम

- 1946 म दबारा पराीय चना

- 1946 म मसथिसलम मदााओ क बीच मसथिसलम लीग लोकविपरय पाटTHORN

36 विभाजन का एक सभावि विकलप

- कविबनट मिमशन की सथापना

- कविबनट मिमशन की असफला

- सीमा गाbधी की भमिमका - विभाजन क कटटर विरोधी

37 विभाजन की ओर

- परतयकष काय(ाही ठिदस 1946

- मखय शहरो म दगो का भड़कना

4 कानन वयसथा नाश

- दगो क दौरान परिहसा और आगजनी की घटनाएb

- कानन वयसथा का चरमराना

41 महातमा गाbधी - एक अकली फज़

- नौआखली का दगा

- महातमा गाbधी दवारा हदय परिर(न पर जोर

5 बटार म और

51 औरो की बरामदगी

- औरो क साथ बदसलकी

52 इsup2 की रकषा

- औरो की असतिसमा की रकषा

- अनक औरो दवारा आतमहतया

6 कषतरीय विविधाएb

- विभिभनन कषतरो की विभिभनन समसयाएb

- परिहद मसथिसलम परिरारो का पलायन

7 मदद माना और सदभाना

8 मौखिखक गाही और इविहास

- बटार स जड़ी घटनाओ का सही विरण

- साविहतयकारो और कलाकारो दवारा बटार की पीड़ा का ण(न

- सरकारी दसाजो को भी आधार बनाना

33 हम हजारो सालो क दबाया गया

- दलिल जावियो क अमिधकारो की समसया

4 राजय की शलिकतयाb

- सघाद की ओर

- शलिकतयो का विभाजन

- सलिचयो का विनमा(ण

41 क दर विबखर जाएगा

- बहम शलिकतशाली क दर क पकष म

42 आज हम एक शलिकतशाली सरकार की आशयका ह

- एक शलिकतशाली क दर समय की माग

5 राषटर की भाषा

- परिहदी और मिमल आमन-सामन

- विहनदसानी परिहदी राजभाषा

51 परिहदी की विहमाय

- परिहदी राजभाषा बनी

52 च(स का भय

- दभिकषण म परिहदी का कड़ा विरोध

- चचा(ओ का दौर शर

- परिहदी राजभाषा क रप म सीकाय(

परशन 1 महाधश स कया ातपय( ह 2

उततर- इसका अथ( ह सामविहक जनसहार नाजी शासन क समय जम(नी म सरकारी विनकायो दवारा

विकया गया था

परशन 2 लखनऊ समझौा कया था घ 2

उततर- 1916 म लखनऊ म कागरस था मसथिसलम लीग क बीच आपसी ाल मल को लखनऊ

समझौा कहा जाा ह यह एक सयकत राजनीविक मच था

परशन 3 विदवीय विशवयदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का कया दरमिषटकोण कया था 2

उततर- कागरस इस श( पर विबरटन की यदध म सहाया करन क लिलए यार थी विक ह यदध क बाद

भार को सतर कर दन का सपषट घोषणा कर

परशन 4 भारीय राषटरीय कागरस न विभाजन को कयो सीकार विकया 2

उततर- क दश क अनक पराो म दग होन लग

ख चनाो म मसथिसलम लीग की सफला

परशन 5 जिजनना का विदव-राषटर लिसदधान कया था 2

उततर- जिजनना न विहनद था मसथिसलमो को दो अलग अलग समदाय बाया

दोनो समदाय साथ साथ नही रह सक उनह अलग अलग दो दशो म रहना चाविहए

परशन 6 1937 क पराीय चना म सयकत परा म सरकार गठन की घटना न विकस परकार भार म

मसथिसलम सामपरदामियकता को बढ़ाया 4

उततर- (1) 1937 क पराीय चना म कागरस को परा समथ(न मिमला

(2) मसथिसलम लीग भी सरकार म शामिमल हाना चाही थी कागरस न मसथिसलम लीग क परसा को ठकरा

ठिदया

(3) मसथिसलम लीग को महसस हआ विक कभी सरकार नही बना पाएगी

(4) राजनीविक सतता परातविप क लिलए उनह भार का बटारा एक विकलप ठिदखाई दन लगा

(5) सय को भार क सभी मसलमानो की पाटTHORN था कागरस का विहनदओ को पाटTHORN क रप म परचारिर करन लग

परशन 7- विबरठिटश भार का विभाजन कयो विकया गया 4

उततर- 1) अगरजो की फट डालो राजय करो की नीवि

2) मसथिसलम लीग का दरपरचार विक ही मसलमानो की एक मातर परविविनमिध ह

3) दसी रिरयासो का विभाजन क पकष म होना

4) सापरदामियक दगो का होना

5) मसथिसलम लीग दवारा 1946 म परतयकष काय(ाही ठिदस मनाकर विभाजन की माग को मजब करना

परशन 8 मौखिखक इविहास की अचछाइया था कमिमयो बाइए 4

उततर- 1) यह अनभो था समवियो को समझन का मौका दा ह

2) बटार जसी घटनाओ का सजी था बहरगी ा लिलखन का असर दा ह

3) मौखिखक इविहास समाज क गरीब कमजोर लोगो क अनभो भानाओ का महव दा ह

4) मौखिखक जानकारिरया सटीक नही होी ह

5) विनजी अनभो क आधार पर सामानयीकरण करना उलिच नही ह

परशन- 9 भार विभाजन क परिरणाम सरप मविहलाओ पर होन ाल परभाो की विचना कीजिजए 4

उततर- 1) औरो क अनभ भयाह था दखदः थ उनक साथ बलातकार लट अपहरण की घटनाए हई

2) मविहलाओ को बार-बार खरीदा और बचा गया

3) मविहलाओ को अजनविबयो क साथ जिजदगी विबान क लिलए मजबर विकया गया

4) सरकार मविहलाओ क परवि असदनशील रही

5) मविहलाओ को अपनी भानाए परकट करन नही ठिदया गया

6) मविहलाओ की इsup2 की रकषा क नाम पर उनह मार डाला गया

7) बदला लन की भाना स दसर समदाय की मविहलाओ की बइsup2ी की गई

8) दग क बाद ापस लौटन पर मविहलाओ को उनक परिरारो न सीकार नही विकया

9) लिसख उनकी मौ को आतमहतया नही अविप शहाद का दजा( द हअः उनकी समवि म परतयक ष( 13 माच( को ठिदलली क एक गरदवार म एक काय(करम का आयोजन विकया जाा ह

10) एक बार विफर अपनी जिजदगी क बार म फसला लन क उनक अमिधकार को नजरअदाज कर ठिदया गया

परशन 10 विनमनलिलखिख उदधरणो को धयानप(क पढ़ो था उसक बाद पछ गए परशनो का उततर दीजिजए

एक गोली भी नही चलाई गई

मन न जो लिलखा-

24 घट स भी जयादा कत दगाई भीड को इस विशाल वयासामियक शहर म बरोक टोक बाही फलान

दी गई बहरीन बाजारो को जलाकर राख कर ठिदया गया जबविक उपदर फलान ालो क उपर एक गोली भी नही चलाई गई

जिजला मजिजसटरट न अपन (विशाल पलिलस बल को शहर म माच( का आदश ठिदया और उसका कोई साथ(क इसमाल विकए विबना ापस बला लिलया)

1) यह सतरो विकस घटना की ओर सक करा ह उपदरवियो की भीड़ कया कर रही थी 2

2) आग चलकर 1947 म अमसर रकतपा का नजारा कयो बना 2

3) उततजिज भीड़ क परवि फौज और पलिलस का कया रख था 2

4) गाधी जी न सापरदामियक सौहा(द बढ़ान क लिलए कस परयतन विकया 2

उततर- (1) यह भार विभाजन क समय की एक घटना ह

(2) दगा करन ाली भीड़ न बाजारो को जला ठिदया था दकानो का लट लिलया परशासन का शहर पर

कोई विनयनतरण नही था

(3) उततजिज भीड़ को रोकन का परयास नही विकया गया सना पलिलस भी अपन समपरदाय क लोगो

की मदद कर रही थी पलिलस दसर सपरदाय पर हमला भी कर रही थी

(4) गाधीजी न विहनदओ मसलमानो को दसर का साथ दन था भरोसा रखन क लिलए समझाया

विषय 15 सविधान का विनमा(णमहतपण( परिबद

- नहर जी का उददषय परसा महत

- सविधान विनमा(ण क प( ातकालिलक समसयाय - राजनविक ऐकीकरण सापरदामियक दग

आरथिथक ससाधनो की कमी विसथाविपो की समसया - सविधान विनमा(ण की चनौी

- सविधान विनमा(ण - सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 म कविबनट मिमषन योजना क

अनसार विकया गया

- सविधान सभा म चचा( - जनम का परभा नागरिरको क अमिधकारो का विनधा(रण

अलपसखयो और दमिमो क अमिधकारो का परषन

- राषटरभाषा भाषा विाद गाधीजी क राषटरभाषा सबधी विचार विहनदी का समथ(न

- सविधान की विषषाएb - लिलखिख ए विषाल सविधान कनदर - राजय शलिकत विभाजन

सतर नयायपालिलका धम(विनपshyकषा ससदीय परणाली शलिकतषाली कनदर यसक मामिधकार

मौलिलक अमिधकार

02 अको ाल पर शन परशनः-1सविधान सभा का गठन कब और विकस योजना क अनसार विकया गया

उततरः- सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 ई म कविबनट मिमशन योजना क अनसार विकया गया

परशनः- 2अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का अमिधशन परथम बार कब और विकसकी अधयकषा म

हआ

उततरः- अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का परथम अमिधशन 1927 ई म एलौर क परलिसदध ना

दीान हादर एमरामचनदर राय की अधयकषा म हआ

परशनः-3सविधान सभा की परथम बठक कब और विकसकी अधयकषा म हई

उततरः- सविधान सभा की परथम बठक 9 ठिदसमबर 1946 ई को ससथिचचदाननद लिसनहा की अधयकषा म हई

परशनः-4 परारप समिमवि का गठन कब विकया गया इसक अधयकष कौन थ

उततरः- परारप समिमवि का गठन 29 अगस 1947 ई को विकया गया इसक अधयकष डाबीआरअमबडकर

परशनः- 5भारीय सविधान क दो असाद कौन स थ

उततर-1 भारीय सविधान का मौखिखक रप स अगरजी म होना

2 विकसी भी पद पर खड़ होन क लिलए कोई शकषभिणक योगया आशयक न होना

4 अको ाल परशन

परशनः-6महातमा गाधी कयो चाह थ विक विहनदसानी राषटरभाषा होनी चाविहए

उततरः-1इस आसानी स समझा बोला जा सका ह

2इस भारीय लोग जयादा परयोग म ला थ

3यह विहनद उद( क मल स बनी थी

4यह बहसासकविक भाषा थी

5इसम समय क साथ दसरी भाषाओ क शबद शामिमल हो गए

परशनः- 7हदराबाद को भारीय सघ का अग विकस परकार बनाया गया

उततरः-1यह रिरयास म लगभग 90 परविश जना विहनद थी

2शासक मसलमान होा था

3हदराबाद का विनज़ाम अपनी रिरयास को सतर रखना चाहा था

4भार सरकार न विनज़ाम क विरदध सविनक काय(ाही करन का विनण(य लिलया

5चार ठिदन क सघष( क बाद 17 लिसमबर 1948 ईको विनज़ाम न आतमसमप(ण कर ठिदया और भारीय सघ म सममिममलिल होना सीकार कर लिलया

परशनः- 8विभिभनन समहो दवारा lsquoअलपसखयकrsquo शबद को विकस परकार परिरभाविष विकया गया

उततरः- 1कछ लोग आठिदालिसयो को मदानी लोगो स अलग दखकर आठिदालिसयो को अलग आरकषण दना चाह थ

2अनय परकार क लोग दमिम ग( क लोगो को विहनदओ स अलग करक दख रह थ और ह उनक लिलए अमिधक सथानो का आरकषण चाह थ

3कछ विदवान मसलमानो को ही अलपसखयक कह रह थ

4लिसकख लोग क कछ सदसय लिसकख धम( म अनयामिययो को अलपसखयक का दजा( दन और अलपसखयको को सविधाय दन की माग कर रह थ

परशनः-9 उददशय परसाrsquo म विकन आदशz पर जोर ठिदया गया था

उततरः-1 परभा समपनन सतर भार की सथापना और उसक सभी भागो और सरकार क अगो को सभी परकार की शलिकत और अमिधकार जना स पराप होना

2 भार क सभी लोगो को सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक नयाय पद असर और कानन क समकष समाना कानन और सा(जविनक नविका क अग( विचार अभिभवयलिकत विशवास विनषठा पजा वयसाय सगठन और काय( की सतरा की गारटी दना

3अलपसखयको विपछड़ और जनजावि ाल कषतरो दलिल और अनय गz क लिलए सरकषा क समलिच उपाय करना

परशनः- 10 कौन सी ऐविहालिसक ाक थी जिजनहोन सविधान का सरप य विकया

उततरः-1 सविधान का सरप य करन ाली परथम ऐविहालिसक ाक भारीय राषटरीय कागरस थी

2 मसथिसलम लीग न दश क विभाजन को बढ़ाा ठिदया

3 उदारादी मसलमान राजनविक दलो स जड़ रह उनहोन भी भार को धम( विनरपकष बनाए रखन म सविधान क माधयम स आशवस विकया

4 दलिल और हरिरजनो क समथ(क नाओ न सविधान को कमजोर गz क लिलए सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक समाना और नयाय ठिदलान ाला आरकषण की वयसथा करन ाला छआछ का उनमलन करन ाला सरप परदान करन म योगदान ठिदया

5 एनजीरागा और जयपाल सिसह जस आठिदासी नाओ न सविधान का सरप य कर समय इस बा की ओर धयान दन क लिलए जोर ठिदया विक उनक समाज का गर मलालिसयो दवारा शोषण हआ ह

परशनः- 11 सविधान सभा क कछ सदसयो न उस समय की राजनीविक परिरसथिसथवि और एक मजब कनदर सरकार की जरर क बीच कया सबध दखा

उततर 1 परारभ म सननम जस सदसयो न कनदर क साथ राजयो को भी मजब करन की बा कही

2 डराफट कमटी क चयरमन डा बीआरअमबडकर न पहल ही घोषणा की थी विक एक शलिकतशाली और एकीक कनदर 1935 क इसथिणडया एकट क समान दश म एक शलिकतशाली कनदर की सथापना करना चाह ह

3 1946 और 1947 म दश क विभिभनन भागो म सापरदामियक दग और परिहसा क दशय ठिदखाई द रह थ

4 सयकत परा क एक सदसय बालकषण शमा( न इस बा पर जोर ठिदया की कनदर का शलिकतशाली होना जररी ह

5 भारीय राषटरीय कागरस दश क विभाजन क प( इस बा स सहम थी विक पराो को पया(प सायतता दी जायगी

6 भार म आरोविप औपविनलिशक शासन वयसथा चल रही थी इस दौरान उनक घठिट घटनाओ स क दराद की भाना को बढ़ाा मिमला

(08 अको ाल परशन)

परशनः-12 सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला

उततरः-1 1930 क बाद कागरस न यह सीकार कर लिलया था विक विहनदसानी को राषटरीय भाषा का दजा( ठिदया जाए

2 गाधी जी का मानना था विक विहनद और उद( क मल स बनी परिहदसानी भारीय जना क बह बड़ भाग की भाषा थी और यह विविध ससकवियो क आदान-परदान स समदध हई एक साझी भाषा थी

3 कागरस सदसय आरीधलकर न इस बा का समथ(न विकया की सविधान विनमा(ण की भाषा विहनदी होनी चाविहए

4 कई लोगो न धलकर की बा का विरोध विकया इसक बाद ज बहस शर हो गई

5 विरोमिधयो का यह मानना था विक विहनदी क लिलए हो रहा यह परचार पराीय भाषाओ की जड़ खोदन का परचार ह

6 समिमवि न राषटरीय भाषा क साल पर सझा ठिदया विक दनागरी लिलविप म लिलखी गई विहनदी भार की राजकीय भाषा होगी

7 सभी सदसयो न विहनदी की विहमाय को सीकार विकया लविकन इसक च(स असीकार कर ठिदया

8 मदरास क शरी टी ए रामसिलगम चठिटटयार न इस बा पर बल ठिदया विक जो कछ भी विकया जाय साधानीप(क विकया जाय यठिद आकरामक होकर विकया गया ो विहनदी का भला नही हो पायगा

9 शरी चठिटटयार क अनसार lsquolsquoजब हम एक साथ रहना चाह ह और एकीक राषटर की सथापना करना चाह ह ो परसपर समायोजन होना आशयक हrsquorsquo

10 आग चलकर दश की सभी भाषाओ को सचीबदध विकया गया

परशनः-13 दमिम समहो की सरकषा क पकष म विकए गए विभिभनन दाो पर चचा( कीजिजए

उततर 1 सविधान सभा म आसीन दमिम जावियो क कछ परविविनमिध सदसयो का आगरह था विक

असपशयो की समसया को कल सरकषण और बचा स हल नही विकया जा सका

2 हरिरजन सखया की दमिषट स अलपसखयक नही ह आबादी म उनका विहससा 20-25 परविश ह

3 परारभ म डा अबडकर न अलपसखयको क लिलए पथक विना(चन की माग की पर बाद म छोड़ दी

4 मधय परा क दमिम जावियो क एक परविविनमिध शरी कजखाणडलकर न सविधान सभा को कहा विक उनक लोगो क समदायो क लोगो को हजारो षz क दबाया गया ह

5 असपशया का उनमलन विकया जाय

6 विहनद मठिदरो को सभी जावियो क लिलए खोल ठिदया जाय

7 दमिम ग को विधामियको और सरकारी नौकरिरयो म आरकषण ठिदया जाय

8 इसक लिलए समाज की सोच म बदला लाना भी आशयक ह

9 सा(जविनक सथलो पर उनक साथ भदभा न विकया जाय

10 यदयविप समसयाय एकदम हल नही होगी लविकन लोकावितरक जना न इन पराधानो का

साग विकया ह

अनचछद पर आधारिर परशन

rdquoगोविनद ललभ पन का विचार था विक समदाय और खद को बीच म रखकर सोचन की आद को छोड़कर ही विनषठाान नागरिरक बना जा सका था उनक शबदो म-rdquoलोकनतर की सफला क लिलए वयलिकत को आतयानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा लोकनतर म वयलिकत को अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए यहा खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाए कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकनतर म आप परविसपथv विनषठाए रख द ह या ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की अपकषा हततर अथा अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकनतर का डबना विनभिw हldquo

परशनः- 1 पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 2

उततरः-पथक विना(लिचका का ातपय( ह lsquoपथक विना(चन कषतरrsquo 1909 ई क अमिधविनयम क अनग( मसलमानो क लिलए पथक चना कषतरो की वयसथा की गई थी इन कषतरो स कल मसलमान ही चन जा थ विबरठिटश परशासको क अनसार ऐसा अलपसखयक मसथिसलम समपरदाय क विहो की दमिषट स विकया गया ह

परशनः- 2 सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गई 2

उततरः- कछ लोगो का विचार था विक शासन म अलपसखयको की एक साथ(क भागीदारी सविनभिw करन क लिलए पथक विना(लिचका क अविरिरकत और कोई रासा नही था अः उनक दवारा सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग की गई

परशनः-3 गोविनद ललभ प पथक विना(लिचका की माग क विरदध कयो थ दो कारण दीजिजए 2

उततर 1 गोविनद ललभ पन का विचार था विकः यठिद पथक विना(लिचका क दवारा अलपसखयको को सदा क लिलए अलग-अलग कर ठिदया गया ो कभी भी सय को बहसखयको म रपानरिर नही कर पाएग

2 यठिद अलपसखयक पथक विना(लिचका स जीकर आ रह ो शासन म कभी परभाी योगदान नही द पाएग

परशनः-4 गोविनद ललभ पन क अनसार लोकनतर म विनषठाान नागरिरको म कौन-स ीन परमख अभिभलकषण होन चाविहए 2

उततर- 1 उस अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए

2 उसकी सारी विनषठाए कल राजय पर क ठिदर होनी चाविहए

3 उस आतमानशासन की कला म परलिशभिकष होना चाविहए

Model Paper -I

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN

MODEL QUESTION PAPER ndash I (2014-15)

SUBJECTHISTORY

TIME 3 hours CLASS-XII MARKS 80

GENERAL INSTRUCTIONS-

1 Answer all questions Some questions have choice

2 Marks are indicated against each question

3 Answers to questions carrying 2 marks (Part- A QNO 1 TO 3) should not exceed 30 words each

4 Answers to questions carrying 4 marks (Part -B Section- I Question no 4 to 9) should not exceed 80 words Part-B Section-II isa VALUE BASE QUESTION and compulsory (question no 10)

5 Answers to questions carrying 8marks (Part ndashC QNO 11 AND 14) should not exceed 350 words

6 Part D has questions based on three sources (QNO 15 16 and 17)The number of questions will be three carrying 7 marks each(no internal choice) The sources will be taken from the textbooks

7 Question no 181 and 182 are Map questions attach the Map with the answer script after compulsaroy

सामानय विनदshyश-

(1) सभी परशनो क उततर दीजिजए |परशनो क अक उनक सामन लिलख गए ह| (2) खड (अ) म 2 अक ाल ीन अवि लघउततरीय परशन ह जिजनकी शबद सीमा

30 शबद ह|(3) खड (ब) अनभाग -1 म 4 अक ाल लघ उततरीय परशन हजिजनकी शबद

सीमा 80 शबद ह|(4) खड(ब) अनभाग-2 म एक 4 अको कामलय आधारिर परशन अविनाय( ह (5) खड lsquoसrsquo म 8 अक क चार दीघ( उततरीय परशन हजिजनकी शबद सीमा 350

शबद ह|(6) खडlsquoदrsquo म 7 अक क ीन सरो आधारिर परशन ह|(7) खडlsquoयrsquo म 5 अकका मानलिचतर पर आधारिर परशन ह|मानलिचतर को उततर

पसतिसकाक साथ सलगन कर|दमिषटहीन विदयारथिथयो क लिलय मानलिचतर परशन क सथान पर एक अनय परशन ह|

PART-Aखड lsquoअrsquo

Answer all the questions given below

विनमनलिलखिख सभी परशनो क उततर दीजिजए-

1 List the four items of food available to people in Harappan cities 12+12+12+12=2

हड़पपा सभया क लिलय उपलबध चार खान की सओ की सची बनाइए

2Who started Virashaiva Tradition In which state it was became popular 1+1=2

ीरश परपरा को विकसन शर विकया था विकस राजय म यह परलिसदध हआ

3 What do the terms ldquoWhite ldquoandldquoBlackrdquo Town signify 2

lsquoसफ़दrsquo और lsquoकालाrsquo शहर स आप कया समझ ह

PART-B

खड lsquoबrsquo

Section-I

अनभाग-1

Answer any five of the following questions

विनमनलिलखिख परशनो म स विकनही पाbच क उततर दीजिजए-

4 Describe some of the distinctive featuresof Mohenjo-Daro (Any four)1+1+1+1=4

मोहजोदड़ो की चार विशषाए बाइए|

5 Describe four main teachings of Buddhism 1+1+1+1=4

बौदध धम( की चारलिशकषाओ की वयाखया कर |

6 Explain that lsquoAin-i-Akbarirsquo is an extraordinary document of its time4

lsquoआइन-ए ndashअकबरीrsquo अपन समय की अविउततम पसक थी | वयाखया कीजिजए |

7 What do you think was the significance of the rituals associated with the Mahanavami dibba4

महानमी विडबबा स जड़ी धारमिमक काय(करमो का कया महत था |

8 What were the main provisions of the Permanent Settlement (Any four)1+1+1+1=4

सथाई बदोबस की चार मखय पराधान कया थ

9 Discuss the evidence that indicates planning and coordination on the part of the rebels 4

उन परमाणो की वयाखया कीजिजए जिजसस विदरोविहयो म योजना ए सहयोग का पा चला ह

Section-2

अनभाग -2

Value Based Question

10 The aim of the religion should be unity of mankind- keeping this statement in mind describe the relevance of Kabirrsquos teachings 4

मलय आधारित परशन

lsquoधम( का मखय उदशय मानमातर की एका होनी चाविहएrsquondash इस कतवय को धयान म रख हए कबीर की लिशकषाओ की परासविगका बाइए |

PART-C

खड lsquoस lsquo

11 Why all the Mughal Emperor given importance to Land revenue system Describe Land revenue system of the Mughal period 3+5=8

सभी मग़ल शासको न भमिम राजस परणाली को कयो महत ठिदया मग़ल काल की भमिम राजस परणाली की वयाखया कीजिजए |

12 In what way did Mahatma Gandhi transform the nature of the National Movement 8

महातमा गाधी न राषटरीयआदोलन की परकवि को विकस परकार परिररकि विकया

13What historical forces shaped the vision of the Constitution How was the term minority defined by different groups 4+4=8

विकन ऐविहालिसक कारणो न सविधान की रपरखा विनधा(रिर विकया अलपसखयको को विभिभनन दलो न विकस परकार परिरभाविष विकया

14 Discuss whether the Mahabharata could have been the work of a single author 8

कया महाभार विकसी एक लखक की रचना हो सकी ह विचना कीजिजए |

PART-D

खड ndashlsquoद lsquo

Passage based questions

सरो आधारिर परशन 73=21

Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उसक नीच लिलख परशनो क उततर लिलखिखए |

15 The anguish of the king

When the king DevanampiyaPiyadassi had been rulingfor eight years the (country of the) Kalingas (presentdaycoastal Orissa) was conquered by (him)One hundred and fifty thousand men were deported a hundred thousand were killed and many more died After that now that (the country of) the Kalingas has been taken Devanampiya (is devoted) to an intense study of Dhamma to the love of Dhamma and to instructing(the people) in DhammaThis is the repentance of Devanampiya on account of his conquest of the (country of the) Kalingas For this is considered very painful and deplorable by Devanampiya that while one is conquering an unconquered (country) slaughter death and deportation of people (take place) there hellip

i) Who was called Devenampiya Piyadassi 1ii) Mention the limitations of inscriptions as a source to history 3

iii) Explain the effects of the war of kalinga on Ashoka 3

ाजा की वदना

जब दानाविपय विपयदससी न अपन शासन क आठ ष( पर विकए ो उनहोन कसिलग(आधविनक टv उड़ीसा) पर विजय पराप की| ढड़ लाख परषो को विनषकाविष विकया गया एक लाख मार गए और इसस भी जयादा की मतय हए|

कसिलग पर शासन सथाविप करन क बाद दानाविपय धमम क गहन अधययन धमम क सनह और धमम क उपदश म डब गए ह|यही दनाविपय क लिलए कसिलग की विजय का पwााप ह| दानाविपय क लिलए यह बह दनादायी और परिनदनीय ह विक जब कोई राजय पर विजय पराप करा ह ो पराजिज राजी का हनन होा ह ाहा लोग मार जा ह विनषकाविष विकए जा ह|

1) दनाविपय विपयदससी विकस कहा जाा था 2) इविहास क सरो क रप म अभिभलखो की कया सीमाए ह3) कसिलग क यदध का अशोक पर कया परभा पड़ा

16The poor peasant

An excerpt from Bernierrsquos description of the peasantry inthe countrysideOf the vast tracts of country constituting the empire ofHindustan many are little more than sand or barrenmountains badly cultivated and thinly populatedEven a considerable portion of the good land remainsuntilled for want of labourers many of whom perish inconsequence of the bad treatment they experiencefrom Governors The poor people when they becomeincapable of discharging the demands of theirrapacious lords are not only often deprived of themeans of subsistence but are also made to lose theirchildren who are carried away as slaves Thus ithappens that the peasantry driven to despair by soexcessive a tyranny abandon the countryIn this instance Bernier was participating incontemporary debates in Europe concerning the natureof state and society and intended that his description ofMughal India would serve as a warning to those who didnot recognise the ldquomeritsrdquo of private property

i) what were the problems about cultivating the land according to Bernier 1ii) Why did peasantry abandon the land 3iii) Explain the reasons given by bernier for the exploitation of the peasants 3गीब किकसान

यहाb बरकिनयर दवारा गरामीण अचल म कषको क विषय म ठिदए गए विरण स एक उदधरण ठिदया जा रहा ह

परिहदसान क सामराजय क विशाल गरामीण अचलो म स कई कल रीली भमिमया या बजर प( ही ह| यहा विक खी अचछी नही ह और इन इलाको विक आबादी भी कम ह| यहाb क विक कविष योगय भमिम का एक बड़ा विहससा भी शरमिमको क अभा म कविषविहीन रह जाा ह इनम स कई शरमिमक गन(रो दवारा विकए गए बर वयहार क फलसरप मर जा ह| गरीब लोग जब अपन लोभी सामिमयो की मागो को पोरा करन म असमथ( हो जा ह ो उनह न कल जीन- विन(हनक साधनो स लिच कर ठिदया जाा ह बसतिलक उनह अपन बचचो स भी हाथ धोना पड़ा ह जिजनह दास बनाकर ल जाया जाा ह| इस परकार ऐसा होा ह विक इस अतय विनरकशा स हाश हो विकसान गाb छोडकर चल जा ह|

इस उदधरण म बरकिनयर राजय और समाज स सबममिनध यरोप म परचलिल तकालीन विादो म भाग ल रहा था और उसका परयास था विक मगल कालीन भार स सबममिनध उसका विरण यरोप म उन लोगो क लिलए एक चानी काय( करगा जो विनजी सामिमत की ldquoअचछाइयोrsquordquo को सीकार नही कर थ|

1) बरकिनयर क अनसार कविष-काय( की समसयाएb थी2) विकसान कयो कविष-काय( छोड़ रह थ3) बरकिनयर न विकसानो क शोषण क का कारण बाए थ

17The Nawab has left

Another song mourned the plight of the ruler who had to leave his motherland

Noble and peasant all wept togetherand all the world wept and wailed Alas The chief has biddenadieu to his country and gone abroad

i) Name the ruler the passage refers to 1ii) Under what pretext did the British annex Awadh What do you think was

the real reason 3iii) Why did people mourn during the departure of the king 3

नाबाब साहब जा चक ह |

एक और गी म ऐस शासक की दद(शा पर विलाप विकया जा रहा ह जिजस मजबरन अपनी माभमिम छोडनी पड़ी आभिभजा और विकसान सब रो रह थ | और सारा आलम रोा ndashलिचललाा था | हाय जान-ए-आलम दस स विदा लकर परदस चल गय ह |

1) यह अश विकस शासक क बार म ह2) विबरठिटश न विकन कारणो स अध का अमिधगरहण विकया आपक अनसार इसका ासविक कारण कया था3) राजा क जान पर लोग दखी कयो थ

181 On the same given map of India three centres of the Indian National Movement are marked as 1-3Identify and write their names

1+1+1=3ठिदय गए मानलिचतर पर भारीय राषटरीय आदोलन क ीन क दर 1-3 क अको स लिचखिनह ह उनक नाम लिलखिखए |

182 Locate the Harappa and Mohanjodaro on the same Map 1+1=2

हड़पपा और मोहजोदड़ो को उसी मानलिचतर पर दशा(ओ |

Note- For blind students only(in lieu of question no 17)

लिसफ( अध विदयारथिथयो क लिलए (परशन 17 क सथान पर )17 Write name of any five centres of Indian National Movement 5

विकनही पाbच भारीय राषटरीय आदोलन क कनदरो क नाम लिलखो |

END

उततमाला माडल परशनपतर १

१गह जौ दाल विल

२कना(टक म बासनना न

३यरोविपयनो और भारीयो क रहन क अलग अलग सथान I

४विनसथिaeligपज शहर शहरी वयसथा जल विनकास परणाली गह सथापतय दग( सनानागार I

५अ) विशव अविनतय ह और लगाार बदल रहा ह ब) इस कषणभगर दविनया म दःख मनषय क जीन का अनरकिनविह त ह स)मधयम माग( अपनाकर मनषय दविनया क दखो स मलिकत पा सका ह द)आषटाविगक माग( इ)अपरिहसा य)झठ न बोलना इतयाठिद I

वयाखया क साथ परतयक परिबद का

६ अ)मग़ल सामराजय की सरचना ए सगठन क बार म जानकारी दना I

ब)सामराजय क लिलए विकय गए यदध ए विजयो का ण(न करना I

स)सामानय लोगो क बार म जानकारिरयाb इकठठा करना I

द)वयसाय लिशकषा ससकवि धारमिमक परथाए दरबार का गठन परशासन और सना क बार म जानकारी उपलबध करना I

७अ)धारमिमक महतत ब) सामाजिजक महतत स) राजनीविक महतत सनय कषमा का परदश(न इ) परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट का असर I

८)अ)राजस को विनभिw विकया गया ब) राजाओ और ालकदारो को जमीदारो क रप म गvक विकया गया स) जमीदार जमीन क मालिलक नही थ बसतिलक कल राजस इकठठा करन ाल थ द) जमीदारो को कपनी को एक विनभिw रकम य समय म दनी पड़ी थी इ)अगर ऐसा करन म असफल हो जा थ ो नीलामी क दवारा राजस की परकि की जाी थी I

९)कई जगहो पर लोगो न विनयोजिज आकरमण विकया १८५६-५७ क दौरान गाb-गाb म चपावियाb बाटी गयी विहनद- मसथिसलम एका का परदश(न ए दोनो की भानाओ का खयाल रख हए कोई उदघोषणा की गयी सभी ग क लोगो को अपन साथ जोड़न क लिलए उनह विबरठिटश सरकार की दमनकारी नीवियो क बार म बाया गया था उनक परिरणामो स अग कराया गया I

१०ईशवर एक ह उस विकसी भी नाम स पकारा जा सका ह उनहोन ईशवर म पण( समप(ण की बा की उनहोन कम(काडो का विरोध विकया समाज म वयाप बराईयो को नकारा I

११यह मग़ल विततीय वयसथा क लिलए महतपण( था कविष स ही राजस की सा(मिधक परातविप होी थी I

मग़ल सामराजय की परशासविनक वयसथा क मखय अग मनसबदार कविष राजस पर ही विनभ(र थ I

इन महतपण( विबनदओ का ण(न कर ---

अ)कषको क परकार खदकाश और पाविहकाश I

ब)भमिम का गvकरण I

स)राजस सली क रीक I

द)राजस परबधन का कनदरीय विभाग I

इ) राजस इकठठा करन की परणाली और उसक अमिधकारी Iसमबमिध अनय महतपण( परिबद

१२अ)गाधीजी क परारभिभक आनदोलन ब)जनसमदाय की कषमा पर भरोसा स) औरो की भागीदारी द) विहनद ndash मसथिसलम एका इ) अशपशया क खिखलाफ य)सतयागरह अपरिहसा सविनय अजञा की नई कनीक र) समाज क सभी ग का सहयोग पराप करना जस वयापारी ग( ए उदयोगपवि Iअनय समबमिध परिबद

१३अ)भारीय राषटरीय आनदोलन ब)विबरठिटश भारीय परिरषद अमिधविनयम स) विबरठिटश शासन क दौरान सामाजिजक आनदोलन द)नहर रिरपोट( य) राषटरीय विचारधारा पर आधारिर धम(विनरपकषा र)राजय की परकवि

1) बीपी बहादर --- समदाय और धम( क आधार पर

2) एनजी रगा --- आरथिथक आधार पर 3) जयपाल सिसह ---अछो और अनसलिच जावियो

को अलपसखयक क रप म पारिरभाविष विकया 4) कछ न भाषाई अलपसखयक पर कजिनदर विकया 5) एच महा --- सिलग विभद क आधार पर

मविहलाओ को अलपसखयक कहा अनय समबमिध परिबद

१४उपमहादवीप की एक अवि महतपण( रचना --- १००००० शलोकऐसा मन जाा ह की वयास न इसकी रचना की लविकन विकसी एक लखक न इस नही लिलखा I

अ)कछ कहाविनया मखय कहानी स समबमिध नही ह

ब)कषतरीय परभद I

स)रचना का ीय चरण २० ईसाप( स २०० ईसी क बीच का ह I

द) कथनो क आधार पर यह नही कहा जा सका की विकसी एक लखक न इसकी रचना की I

य)विकास क विभिभनन चरण Iअनय समबमिध परिबद

१५ स १७ सरो आधारिर परशन ह जिजनका परशन की परकवि का अधययन करक दना ह I उततर अनचछदो म ही विनविह ह या उनस समबमिध ह I

१८१ अ चौरी चौरा ब अमसर स दाडी

१८ मानलिचतर पर सथिसथवि

१८ दषटीबामिध छातरो क लिलए ---- राषटरीय आनदोलन क कोई पाच क दर

Model Paper - II

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

Model Question Paper - II

CLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsa) Answer all the questions Marks are indicated against each

questionb) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachc) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachd) Part B section-II is a value based questione) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachf) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )g) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181

and 182)सामानय किनदश a) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह b) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क नही

होन चाविहए c) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा 100

हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह d) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स अमिधक

न हो e) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह f) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

Part ndash AAnswer all the questions given below 2x3=61 Mention the two sections of the Harappan settlements and

give one main feature of eachहड़पपाई विनास क दो खडो को परतयक की एक-एक विशषा क साथ लिलखिखए

2 Mention two features of the protest movement started by Nayanars and Alvarsनयनारो और अलरो दवाराचलाय गय विरोध आदोलन की दो विशषाओ को लिलखिखए

3 Explainany two observations made by the Buchanan that helped the English East India Company to expand its trade in India बकानन दवारा बाय गय दो विनरीकषणो को बाइय जिजसस ईसट इसथिणडया कमपनी को भार म वयापार बढ़ान म मदद मिमली

Part ndash BSection ndash I

Answer any ldquoFIVErdquo of the following questions 4x5= 204 Describe how did the archaeologists classify their finds

ण(न कीजिजए विक परातविद अपन खोजो को कस गvक कर ह5 How important were gender differences in early societies

Give reasons for your answerपरारभिभक समाज म सिलग विभद विकना महततपण( था अपन उततर क लिलए क( दीजिजए

6 Explain how the people of Vijaynagar obtained water for their needs

वयाखया कीजिजए विक विजयनगर क लोग अपनी आशयकता क लिलए जल कस पराप कर थ

7 ldquoThe Keeping of exact and detailed records was a major concern of the Mughaladministrationrdquo Justify the statementसही और विस दसाज रखना मगल परशासन की एक मखय विशषा थीrdquo इस कथन की सतया साविब कीजिजए

8 How did the American civil war affect the lives of ryots in Indiaअमरीकी लिसविल यदध न भारीय रयो क जीन को कस परभावि विकया

9 What was the policy of Subsidiary Alliance Explainसहायक समिध की नीवि कया थी वयाखया कीजिजए

Section ndash IIValue based question 2+2=410 lsquoMahatma Gandhi transformed the nature of the national

movement of Indiarsquo Explain giving examples from the decisions taken by him during the national movementlsquoमहातमा गाधी न राषटरीय आदोलन क सरप को बदल ठिदयाrsquo महातमा गाधी दवारा राषटरीय आदोलनो क समय लिलए गय विनण(यो का उदाहरण दकर वयाखया कीजिजए

Part ndash C Long Answer questions

Answer any ldquothreerdquo of the following questions 8X3=24

11 Discuss the main features of the Mauryan Administration मौय( परशासन क मखय विशषाआ की चचा( कीजिजए

12 Explain the ways in which panchayats and village headmen regulated rural society उन रीको की वयाखया कीजिजए जिजसक दवारा पचाय और गराम परधान गरामीण समाज को विनयमिमविकए

13 Describe the composition of Mughal nobility their characteristics and functions

मगल कलीनो की सरचना उनकी विशषाओ और काय का ण(न कीजिजए14 Explain the developments since March 1946 that led to the

partition of India माच( 1946 स हए परिर(नो को वयाखया कीजिजए जिजसक कारण भार का विभाजन हआ

Part ndash DPassage based questions 7x3=21 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

15 Why were Stupas BuiltldquoThis is an excerpt from the MahaparinibbanaSutta part of the SuttaPitaka As the Buddhalay dying Ananda asked him ldquoWhat are we to do Lord with remains of the Tathagata (another name for the Buddha)rdquoThe Buddha replied ldquoHinder not yourelvesAnanda by honouring the remains of theTathagata Be zealous be intent on your own goodrdquoBut when pressed further the Buddha said ldquoAt the four crossroads they should erect a thupa(Pali for stupa) to the Tathagata And whosoever shall there place garlands or perfumehellipormake a salutation there or become in its presence calm of heart that shall long be to them for aprofit and joyrdquo(i) What are the Stupas Who advised the Ananda to build the

Stupa 2(ii) From which chapter has this excerpt been taken It is a part

of which book 1

(iii) Who was the Tathagata What had he told about the importance of the stupa 2

(iv) Name any two places where the Stupas have been built 2

सतप कयो बनाय जात थयह उदधरण महापरिरविनबबान सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा हपरिरविना(ण स प( आनद न पछाभगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अशषो का कया करगबदध न कहा ldquoथाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करोldquoलविकन विशष आगरह करन पर बदध बोलldquoउनह थाग क लिलए चार महापथो क चौक पर थप (सप का पालिल रप) बनाना चाविहए जो भी हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नाएगा या हाb पर हदय म शावि लाएगा उन सबक लिलए ह लिचर काल क सख और आनद का करण बनगाldquo(i) सप विकस कह हआनद को सप बनान की सलाह विकसन ठिदया

2(ii) यह उदधरण विकस पाठ स लिलया गया ह यह विकस पसक का विहससा ह

1(iii) थाग कौन था उसन सप क महतत क बार म कया बाया

2(iv) कोई दो सथान का नाम बाइय जहाb सप बनाय गय ह

2

16 ON HORSE AND ON FOOTThis is how Ibn Battuta described the postal systemIn India the postal system is of two kinds The horse-post called lsquoUluqrsquo is run by royalhorses stationed at distance of every four miles The foot-post has three stations permit It iscalled lsquodawarsquo that is one third of a mile hellip Now at every third of a mile there is wellpopulated village outside which are three pavilions in which sit men with girded loins ready tostart Each of them carries a rod two cubits in length with copper bells at the top When thecourier starts from the city he holds the letter in one hand and the rod with its bells on theother and he runs as fast as he can When the men in the pavilion hear the ringing of bell theyget ready As soon as the courier reaches them one of them takes the letter from his and runs atthe top speed shaking the rod all the while until he reaches the next dawa And the sameprocess continues till the letter reaches its destination This foot-person is quicker than thehorse-post and often it is used to transport the fruit of Khurasan which are much desired inIndia

(i)Name the two kinds of postal System 1(ii) Explain how the foot post worked

2(iii) Why does Ibn-Battua think that the postal system in India was efficient

2(iv) How did the State encourage merchants in the 14th century

2अशव प औ पदलभार म दो परकार की डाक वयसथा ह अशव डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह हर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोड़ो दवारा सचालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो ह इस दाा कहा जाा ह और यह एक मील का एक-विहाई होा ह hellipअब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदशाहक शहर स यातरा आरभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर हाथ म घठिटयो सविह छड़ लिलए ह कषमानसार ज़ भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदशाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौड़ा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गवय सथान क पहbचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अशव डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

(i) दो परकार की डाक वयसथा क नाम बाइय 1(ii) वयाखया कीजिजए विक पदल डाक वयसथा कस काय( करी ह 2(iii) इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार म डाक वयसथा परभाकारी था 2(iv) 14 ी शाबदी म राजय न वयापारिरयो को कस परोतसाविह विकया 2

17 ldquoGovindBallabh Pant argued that in order to become a loyal citizen People had to stop focusingonly on the community and the self For the success of Democracy one must train himselfin the art of selfndashdiscipline In democracies one should care less for himself and more forothers There can not be any divided loyalty All loyalties must exclusively be centredround the State If in a democracy you create rival loyalties or you create a system inwhich any individual or group instead of suppressing his extravagance cares not forlarger or other interests then democracy is doomedrsquorsquo(i)Give three attributes of a loyal citizen in a democracy according to G B Pant 2(ii) What do you understand by lsquoSeparate Electoratersquo

1(iii) Why was the demand for Separate Electorate made during the drafting of

theConstitution 2(iv) Why was G B Pant against this demand Give two reasons

2गोपरिद बललभ प न कहा विक विनषठाान नागरिरक बनन क लिलए लोगो को समदाय और खद क बीच म रखकर सोचन की आद छोड़नी होगीलोकतर की सफ़ला क लिलए वयलिकत को आतमानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा-लोकतर म वयलिकत को अपन लिलए कम और औरो क लिलए जयादा विफ़कर करनी चाविहए यहाb खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाएb कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकतर म आप परविसपधv विनषठाएb रख द ह या विफर ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की बजाय हततर या अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकतर का डबना विनभिw ह(i) गोपरिद बललभ प क अनसार लोकतर म एक विनषठाादी नागरिरक क ीन अभिभलकषण कया ह 2(ii) पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 1(iii) सविधान लिलख समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गयी 2(iv) जी बी प इस माग क विरदध कयो थ दो कारण लिलखिखए 2

Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Champaran चमपारणb) Amritsar अमसर182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

उततमाला

माडल परशनपतर - II१ऊचा शहर ndash दग(

विनचला शहर ndash दग( स जयादा बड़ा

२ अ) जावि वयसथा क विरदधबी

ब)बामहनो क परभा का विरोध

स)जगह-जगह जाकर मिमल भजन गाए I (कोई दो )

अ)उसन वयापारिरक रप स महतपण( खविनजो की खोज की I

ब)जगल को कविष कषतर म परिररकि विकया गया I

४ अ)पराातवितक सामविगरयो का अधययन करक I

ब)हड़पपा क शहरो क लोग विभिभनन वयसाय ए सामाजिजक आरथिथक सथिसथवि क थI

स)शाधानो का अधययन सामाजिजक-आरथिथक विभिभननाओ क लिलए I

द) लोगो को दो शरभिणयो म गvक करना धनी और गरीब I

इ)इन शहरो म बनकर कषक वयापारी मछली मारन ाल इतयाठिद रह थ I

५) अ) सपभितत साधनो क लिलए I

ब)यमिधमिषठर दवारा दरौपदी को पास क खल म हार जाना यह लिसदध करा ह विक पतनी पवि क सपभितत क रप म जाी जाी थी I

स)मनसमवि क अनसार विपा की मतय क बाद सपभितत का बटारा पतरो क बीच म होा था बड़ पतर को विशष भाग मिमला था I

द)सतरीधन पर औरो का अमिधकार होा था I

इ)ऊची जावि की मविहलाय साधनो का उपभोग करी थी जस परभाी गपा I

६ अ) पराकविक साधनो स जो गभदरा नदी स पराप होी थी I

ब)पहाविड़या धाराओ क लिलए सरो का काय( करी थी I

स)शासको न जल को इकटठा करन क वयापक परयास विकय I

द)षा( क पानी को इकटठा करन क लिलए जलाशय बनाय गए I

इ)कमलपरम ालाब दवारा लिसचाई की वयसथा I

७ अ) दरबारी लखको का मीरबखशी विनरीकषण करा था य ाकयानाविश कह जा थ ए सभी दसाज और आदन का रिरकाड( इनक दवारा ही रखा जाा था जो दरबार म पश विकया जाा था I

ब)अखबारा म सभी रह की सचनाए जस दरबार म उपसथिसथवि पदो और पदवियो का दान राजनमियक लिशषटमडल विकसी अमिधकारी क सासथय क विषय म बादशाह दवारा ली गयी जानकारी I

स)समाचार ा और महतपण( शासकीय दसाज शाही डाक क जरिरय मग़ल शासन क अधीन कषतरो म एक छोर स दसर छोर क जा थ I

द)काफी दर सथिसथ पराीय राजधाविनयो स भी ा बादशाह को कछ ही ठिदनो म मिमल जाया कर थ I

इ)राजधानी स बहार ना अभिभजाो क परविविनमिध अथा राजप राजकमार था अधीनसथ शासक बड़ मनोयोग स इन उदघोषणाओ की नक़ल यार कर थ I

८ अ)परारभ म विबरठिटश कपास क लिलए अमरिरका पर विनभ(र थ दसर सरोो की लाश म लग गए I

ब)१८५७ म कपास पv सघ सथाविप विकया गया और मनचसटर कपास कपनी १८५९ म I

स)वयापारिरयो न शहरी साहकारो को अविगरम ठिदया ाविक गाो स कपास ल सक I

द)धनी विकसानो को इसस लाभ हआ पर बह बड़ी सखया म जो छोट ए गरीब विकसान थ कज( क जाल म फस गए I

इ)जब अमरिरकी गहयदध समाप हो गया ो हा कपास का उतपादन विफर स शर हो गया और विबरटन क भारीय कपास क विनया( म विगराट आयी I राजस की माग बढ़ा दी गयी ऋण का सरो सख गया I ऋणदाा न ऋण दन स मन कर ठिदया I

९ अ) सहायक समिध की नीवि को लजली न १७९८ म लाग विकया I

ब)सभी सथानीय शासको को विबरठिटश सका(र की गठबधन नीवि की श को सीकार करना था I

स)गठबधन म शामिमल राजयो को अपन कषतर क अग( एक विबरठिटश सनय परविविनमिध को रखना था I

द)उनकी सरकषा का दामियत विबरठिटश सरकार पर था I

इ)विबरठिटश परविविनमिध को सारी सविधाएb गठबधन म शामिमल राजय परदान कर थ I

१० अ) महातमा गाbधी न एक अपरिहसक आनदोलन शर विकया I

ब)विहनद ndash मसथिसलम एका को लकर उनहोन खिखलाफ आनदोलन क साथ असहयोग आनदोलन को जोड़ ठिदया I

स)चौरी-चौरा की घटना क बाद उनहोन असहयोग आनदोलन को ापस ल लिलया I

द)अशपशया का विरोध विकया I

इ)सदशी को आग बढान पर जोड़ ठिदया I

११ अ) कनदरीय परशासन सलाह क लिलए मवितरपरिरषद I

ब)दो राजधाविनया ndash पाटलीपतर और राजगीर पराीय क दर ndash भिकषला उsup2मियनी ोसाली सण(विगरिरI

स)सामराजय जिजला और गाो म विभाजिज था जिजल का परमख ndash सथाविनक और गाो का गरामिमक I

द)छः उपसमिमवियो म परवि समिमवि पाच सदसय थ और कल ीस सदसय I

पहली सनय समिमवि ndashनौसना दसरी ndash यााया और खान-पान ीसरीmdashपदल सविनको की चौथी ndash अशवारोविहयो की पाची ndash रथारोविहयो की छठीmdashहालिथयो का सचालन I

इ)यााया समिमवि उपकरणो को ल जान क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा करी थी I

य)अशोक न धमम-महामातर नामक नए अमिधकारीयो की विनयलिकत की I

१२ अ) गाb क बजग का सघ आमौर पर गाb क महतपण( लोग हआ कर थ जिजनक पास अपनी सपभितत क पशनी अमिधकार हआ कर थ I

ब)जिजन गाो म कई जावियो क लोग हो थ हा पचाय म विविधा पाई जाी थी I

स)पचाय का सरदार एक मखिखया होा था जिजस मकददम या मडल कह थ I

द)पचाय का खचा( गाb क उस आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I

इ)इस खजान स उन कर अमिधकारीयो की खाविरदारी का खचा( भी विकया जाा था जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ और दसरी ओर कोष का इसमाल पराकविक विपदाओ स विनपटन क लिलए भी होा था I

य)पचाय का एक बड़ा कम यह सलली करना था की लोग अपनी जावि की हदो क अनदर रह I

१३ अ) विभिभनन नजाीय था धारमिमक समह कोई भी दल इना बड़ा न हो विक राजय को चनौी द I

ब)अमिधकारी ग( गलदस क रप म रणिण फ़ादारी स बादशाह क साथ I

स)भारीय मल क दो शासकीय समहो ndash राजपो और भारीय मसलमानो न शाही सा म परश विकया I

द)जहाbगीर क समय ईराविनयो को उचच पद I

इ)सरकारी अमिधकारीयो क दजshy और पदो म दो रह क सखया ndash विषयक ओहद हो थ --- जाट और सार I

य)सनय अभिभयानो म अपनी सनाओ क साथ भाग ल थ और सामराजय क अमिधकारीयो क रप म भी काय( कर थ I

र)घड़सार लिसपाही शाही विनशान स पाशव( भाग म दाग गए उततम शरणी क घोड़ रख थ I

ल)ना-रकाब अभिभजाो का एक सरभिकष दल ndash परान या सनय अभिभयान म परविविनयकत विकया जाा I

१४अ)पराीय चनाो म कागरस न गर-मसथिसलमो का ९१३ म पराप विकया I

लीग न मसथिसलमो की सभी ३० सीटो पर जी दज( की ए आरभिकष सीटो पर ८६६ मसथिसलम मो को पराप विकया I

ब)माच( १९४६ म कविबनट मिमशन ठिदलली आया जिजसम ीन सदसय थ I मिमशन लीग की पाविकसान की माग का परीकषण करन आया था ए सतर भार की सचार रपरखा यार करन आया था I

स)ह एक कमजोर क दर क पकष म था जिजसक विनयतरण म कल विदशी मामल रकषा और सचार होा था पराीय सभाए ीन रह की होी ndash पहलीयाविन खड- अ म विहनद बहसखयक परान था ब ए स म मसथिसलम बहसखयक उततर पभिwम ए उततर प( क असम को लकर I

द )शरआ म सभी पारटिटयो न इस सीकार विकया लविकन लीग समहीकरण को अविनाय( करन की माग कर रही थी I

इ)कागरस चाही थी विक परानो को अपनी इचछा का समह चनन का अमिधकार मिमलना चाविहए लीग न इसका विरोध विकया I

य)कविबनट मिमशन योजना स अपना समथ(न ापस लन क बाद पाविकसान की माग को अमली जामा पहनान क लिलए लीग न परतयकष काय(ाही करन का फसला लिलया I

र)कलकतता म दगा भड़क उठा I

ल)पर अमसर म आगजनी और मारकाट हो रही थी I

)भारीय लिसपाही और पलिलसाल भी विहनद मसलमान या लिसख क रप म आचरण करन लग थ I

१५अ)पवितर सथान जहा बदध क शारीरिरक अशष सरभिकष रख जा थ ए उसकी पजा होी थी I

ब)महापरिरविनबबान सतत सतत विपटक

स)बदध का एक और नाम I थाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करो I

द)भरह और साbची

१६ अ)घड़सार डाक वयसथा और पदल डाक वयसथा

ब)ीन चरण ndashपरवि ीन मील पर असथान इस दाा कह ह और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb जिजसक बहार ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरमभ करन क लिलए बठ रह ह I

स)उसक अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा पचास ठिदनो म परी होी थी I गपचरो क दवारा दी गयी सारी जानकारिरया पाच ठिदनो म बादशाह को मिमल जाी थी I

द)सभी वयापारिरक माग पर सराय और विशराम गह बनाय गए I

१७ अ) स ndash अनशासन अपन लिलए कम और दसरो की जयादा विफ़कर करनी होगी I

ब)सभी अलपसखयको क लिलए पथक विना(लिचका I

स)सरकार म अलपसखयको की परभाी भमिमका I

द)अलपसखयक अलग-थलग हो जायग और कभी बहसखयक नही बन पाएग था उनक दवारा कही गयी बाो की परभाकारिरा नही रह जाएगी I

Model Question Paper - IIIHistory

Class ndash XIIWEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

7 MARKSBOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

General Instructions

Model Question Paper - IIICLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsh) Answer all the questions Marks are indicated against each

questioni) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachj) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachk) Part B section-II is a value based questionl) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachm) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )

n) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181 and 182)

सामानय किनदश g) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह h) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क

नही होन चाविहए i) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा

100 हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह j) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स

अमिधक न हो k) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह l) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

PART lsquoArsquo

ख़णड क

नीच ठिदए सभी परशनो क उततर दीजिजए

Answer all the questions given below

Q1 lsquoArt historians had to acquire familiarity with hagiographies of the Buddha in order to understand Buddhist sculpturersquo Analyze the statement with two examples 2

lsquoबौदध मरकिकला को समझन क लिलय कला इविहासकारो को बदध क चरिरतर लखन क बार म समझ बनानी पड़ीrsquo इस कथन का विशलषण दो उदाहरणो दवारा करिरए

Q2 Why were women considered an important resource in agrarian society Mention two reasons 2

गरामीण समाज म मविहलाय एक महतपण( सनसाधन कयो समझी जाी थी दो कारणो का उललख करिरए

Q3 Who were the Dubashes in colonial cities Explain one function they performed 2

औपविनलिशक शहरो म दभाश कौन थ उनक दवारा समपाठिद होन ाल एक काय( का उललख करिरए

PART lsquoBrsquo खणड ख

Section 1 अनभाग 1

विनमनलिलखिख म स विकनही ीन परशनो क उततर लिलखिखए

Answer any five of the following- 4x5 = 20

Q4 The problem of archaeological interpretations are perhaps most evident in attempts to reconstruct Harappan religious practices by the archaeologists Examine the statement with suitable examples

lsquoपराातवितक वयाखया की समसयाए b सभः सबस अमिधक हड़पपाई धारमिमक परथाओ क पनरकिनरमाण क परयासो म परातशाममिसतरयो क समकष आी हrsquo इस कथन का विशलशण उदाहरण सविह करिरए

Q5rdquoThe Dharmasutras and Dharmashastras also contained rules about the ideal lsquooccupationrsquo of the four categories or varnasrdquo Critically examine the statement

ldquoधम( सतरो और धम(शासतरो म चारो ग क लिलए lsquoआदश( जीविकाrsquo स जड़ कई विनयम मिमल हrdquo इस कथन का आलोचनातमक विचन करिरए

Q6 Explain Al-Barunirsquos description of caste-system What did he say about the rigidity of the caste-system

जावि वयसथा क सबध म अल-विबरनी की वयाखया पर चचा( कीजिजए जावि वयसथा की कठोरा क विषय म उसक कया विचार थ

Q7 Who were Andal and Karaikkal Ammaiyar What were their contributions and importance in the Indian Society 2+3

अडाल और करइककाल अममइयार कौन थ उनका योगदान कया था था भारीय समाज म कया महत था

Q8 Analyze how the Mughal emperorrsquos court procedures reflected his status and power 5

मगल समराट की दरबारी परविकरया समराट क सर था शकती को विकस परकार परदरथिश करी ह विशलषण कीजिजए

Q9 Critically evaluate the lsquoDeccan Riots Commissionrsquos reportrsquo

lsquoदककन दगा आयोगrsquo की रिरपोट( का आलोचनातमक मलयाकन कर

PART lsquoBrsquo खणड lsquoखrsquo

Section 2 अनभाग 2

Q10 Value based questions

Read the following value based passage given and answer the questions given below-

A Motherrsquos Advice

ldquoGandhari made one last appeal to her eldest son Duryodhana

By making peace you honour your father and me as well as your well-wishershellipit is the wise man who is in control of his senses who guards his kingdom Greed and anger drag a man away from his profits by defeating these two enemies a king conquers the earth hellip You will happily enjoy the earth my son along with the wise and heroic Pandavas hellip There is no good in a war no law (dharma) and profit (artha) let alone happiness nor is there (necessarily) victory in the end--donrsquot set your mind on warrdquo

माता की सलाह

ldquoगाधारी न अपन जयषठ पतर दयzधन स यदध न करन की विनी की

शाी की समिध करक म अपन विपा मर था अपन शभचछको का सममान करोगhelliphellipविकी परष जो अपनी इठिदरयो पर विनयतरण रखा ह ही अपन राजय की रखाली करा ह लालच और करोध आदमी को लाभ स दर खदड़कर ल जा ह इन दोनो शतरओ को पराजिज कर राजा समस धरी को जी सका हhelliphellipह पतर म विकी और ीर पाडो क साथ सानद इस धरी का भोग करोगयदध म कछ भी शभ नही होा न धम( और अथ( की परातविप होी ह और न ही परसनना की यदध क अ म सफ़ला मिमल यह भी ज़ररी नहीhelliphellipअपन मन को यदध म लिलप म करोhelliprdquo

Answer the following questions-

विनमनलिलखिख परशनो क उततर दीजिजए

Q101 Do you think that Gandharirsquos ldquopeacemakingrdquo advice was appropriate Give two reasons 2

कया आपको गाधारी की शाी समिध की सलाह उलिच लगी ह दो कारण बाइय

Q102 Why do you think that control of greed and anger are beneficial for human being and society Give three reasons 2

कया आपको ऐसा लगा ह विक लालच और करोध पर विनयनतरण मान ए समाज क विह म ह ीन कारण दीजिजए

PART C

खणड lsquoगrsquo

Long answer questions 8 x 3=24

Answer any THREE questions-

11 Why did Sanchi stupa survive while Amaravati stupa did not Support your answer with suitable examples

साbची का सप कयो बच गया जबविक अमराी सप नषट हो गया उदाहरण सविह उततर दीजिजए

Q12 Critically examine the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo in respect of Vijaynagar Empire Discuss whether the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo are appropriate description for the parts of the city for which these are used

विजयनगर राजय क सदभ( म lsquoराजकीय कनदरrsquo था lsquoपवितर कनदरrsquo की आलोचनातमक विचना करिरए था सपषट करिरए विक विजयनगर शहर क सदभ( म lsquoपवितर कनदरrsquo था lsquoराजकीय कनदरrsquo पदो का परयोग कहाb क उलिच ह

Q13 How were the panchayats formed during sixteenth and seventeenth centuries Explain their functions and authorities

सोलही और सतरही शाखिबदयो म पचायो का गठन विकस परकार होा था पचायो की काय(परणाली अमिधकारो ए सतता का उललख करिरए

Q14 Why did Mahatma Gandhi think Hindustani should be the national language How did the Constituent Assembly seek to resolve the language controversy

महातमा गाbधी को एसा कयो लगा था विक विहनदसानी राषटरीय भाषा होनी चाविहए सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला 5+5

PART D

खणड घ

Passage based questions 8x3 = 24

गददाश आधारिर परशन

Read the following extracts (Question No 17-19) carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो (परशन सखया 17-19) को धयानप(क पठिढ़ए और अ म पछ गय परशनो का उततर दीजिजए

Q15 What the Kingrsquos Officials Did

Here is an excerpt from the account of Megasthenes

Of the great officers of state somehelliphellipsuperintend the rivers measure the land as is done in Egypt and inspect the sluices by which water is led out from the main canals into their branches so that everyone may have an equal supply of it The same persons have charge also of the huntsmen and are entrusted with the power of rewarding or punishing them according to their deeds They collected the taxes and superintend the occupations connected with land as those of the woodcutters the carpenters the blacksmith and the miners

Questions

(i) Which empire is Megasthenes referring to 1

(ii) What similarity does Megasthenes tell about the officials of Egypt and this empire 2

(iii) Why was this work assigned to those officials who supervised the main gate of the canal water What more work did they perform 2

(iv) How many committees and sub-committees have been referred to by Megasthenes for the conduct of military activities 2

समराट क अधिधकाी कया - कया काय= कत थ

मगसथनीज़ क विरण का एक अश ठिदया गया ह

सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसतर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड़ जान ाल पानी क मख दवार का विनरीकषण कर ह ाविक हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर ह और लिशकारिरयो क विकरतयो क आधार पर उनह इनाम या दणड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका(ओ का भी विनरीकषण कर ह

परशन -

(1) मगसथनीज़ विकस सामराजय का उललख कर रहा ह 1

(2) मगसथनीज़ मिमसतर क अमिधकारिरयो और इस सामराजय क अमिधकारिरयो क मधय विकन समानाओ का उललख कर रहा ह 2

(3) यह काय( उन अमिधकारिरयो को कयो सौपा जाा था जो पानी क मख दवार का विनरीकषण कर थ इसक अविरिरकत अनय कया काय( कर थ 2

(4) मगसथनीज़ क अनसार सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए कौन सी समिमविया b और उपसमिमविया b विनयकत थी 2

Q16 DEHLI

Here is an excerpt from Ibn Batutarsquos account of Delhi often spelt as Dehli in texts of the period

The city of Delhi covers a wide area and has a large populationhellipthe rampart round the city is without parallel The breadth of its wall is eleven cubits and inside it are houses for the night sentry and gatekeepers Inside the ramparts there are store houses for storing edibles magazines ammunition ballistas and siege machines The grains that are stored can last for a long time without rottinghellipIn the interior of the rampart horsemen as well as infantrymen move from one end of the city to another The rampart is pierced through by windows which open on the side of the city and it is through these windows that light enters inside The lower part of the rampart is built of stone the upper part of bricks It has many towers close to one another There are 28 gates of this city which are called darwaza and of these the Budaun Darwaza is the greatest inside the Mandvi darwaza there is a grain market adjacent to the Gul darwaza there is an orchardhelliphellipIt has a fine cemetery in which graves have domes over them and those that do not have a dome have an arch for sure In the cemetery they sow flowers such as tuberose jasmine wild rose etc and flowers blossom there in all seasons

(i) How had Ibn-Batuta described the cities in the sub-continent 2

(ii) What was his description of Delhi 3

(iii) Mention any four changes in Delhi of today 2

दहली

ठिदलली जिजस तकालीन गरथो म अकसर दहली नाम स उदध विकया गया था का ण(न इबन बा इस परकार करा ह

ठिदलली बड़ कषतर म फला घनी जनसखया ाला शहर हhelliphellipशहर क चारो ओर बनी पराचीर अलनीय ह दीार की चौड़ाई गयारह हाथ (एक हाथ लगभग 20 इच क बराबर) ह और इसक भीर रावितर क पहरदार था दवारपालो क ककष ह पराचीरो क अदर खाददसामगरी हलिथयार बारद परकषपासतर था घरबदी म काम आन ाली मशीन क सगरह क लिलए भडारगरह बन हए थhelliphellipपराचीर क भीरी भाग म घड़सार था पदल सविनक शहर क एक स दसर छोर क आ-जा ह पराचीर म खिखड़विकयाb बनी ह जो शहर की ओर खली ह और इनही खिखड़कीयो क माधयम स परकाश अदर आा ह पराचीर का विनचला भाग पतथर स बना ह जबविक ऊपरिर भाग ईटो स इसम एक-दसर क पास-पास बनी कई मीनार ह इस शहर क अठटाईस दवार ह जिजनह दराज़ा कहा जाा ह और इनम स बदायb दराज़ा सबस विशाल ह माडी दराज़ क भीर एक अनाज मडी ह गल दराज़ क बगल म एक फलो का बगीचा हइस म एक बहरीन कबरगाह जिजसम बनी कबरो क ऊपर गबद बनाई गयी ह और जिजन कबरो पर गबद नही ह उनम विनभिw रप स महराब ह कबरगाह म कदाकार चमली था जगली गलाब जस फल उगाए जा ह और फल सभी मौसमो म खिखल रह ह

(1) उप-महादवीप क नगरो का ण(न इबन बा न विकस परकार विकया ह 2

(2) उसक दवारा ठिदलली का ठिदया गया विरण कया था 3

(3) आज की ठिदलली म आए विकनही चार परिर(नो का उललख कीजिजए 2

Q17 The jotedars of Dinajpur

Buchanan described the ways in which the jotedars of Dinajpur in North Bengal resisted being disciplined by the zamindar and undermined his power

Landlords do not like this class of men but it is evident that they are absolutely necessary unless the landlords themselves would advance money to their necessitous tenantryhelliphelliphellip

The jotedars who cultivate large portions of land are very refractory and know that the zamindars have no power over them They pay only a few rupees on account of their revenue and then fall in balance almost every kist (installment) they hold more lands than they are entitled to by their pottahs (deeds of contract) Should the zamindarrsquos officers in consequence summon them to the cutcherry and detain them for one or two hours with a view to reprimand them they immediately go and complain at the Fouzdarry Thana (Police Station) for imprisonment and at the munsiffrsquos (a judicial officer at the lower court) cutcherry for being dishonored and whilst the causes continue unsettled they instigate the petty ryots not to pay their revenue consequentlyhelliphellip

Questions

(i) Who were the jotedars 2

(ii) Describe the ways in which the jotedars resisted the authority of the zamindars 2

(iii) Why were they more powerful than the zamindars 2

(iv) By which names were they called 1

दिदनाजप क जोतदा

बकानन न बाया ह विक उततरी बगाल क ठिदनाजपर जिज़ल क जोदार विकस परकार ज़मीदार क अनशासन का परविरोध और उसकी शलिकत की अहलना विकया कर थ-

भसामी इस ग( क लोगो को पसद नही कर थ लविकन यह सपषट ह विक इन लोगो का होना बह ज़ररी था कयोविक इसक विबना ज़ररमद काशकारो को पसा उधार कौन दाhelliphelliphellip

जोदार जो बड़ी-बड़ी ज़मीन जो ह बह ही हठील और जिज़ददी ह और यह जान ह विक ज़मीनदारो का उनपर कोई श नही चला ो अपन राजस क रप म कछ थोड़ स रपय ही द दा ह और लगभग हर विकस म कछ-न-कछ बकाया रकम रह जाी ह उनक पास उनक पटट की हकदारी स ज़यादा ज़मीन ह ज़मीदार की रकम क कारण अगर अमिधकारी उनह कचहरी म बला थ और उनह डरान-धमकान क लिलए घट-दो-घट कचहरी म रोक ल ह ो र उनकी लिशकाय करन क लिलए फ़ौजदारी थाना (पलिलस थाना) या मसतिनसफ़ की कचहरी म पहbच जा ह और कह ह विक ज़मीदार क कारिरदो न उनका अपमान विकया ह इस परकार राजस की बकाया रकमो क मामल बड़ जा ह और जोदार छोट-छोट रय को राजस न दन क लिलए भड़का रह हhelliphelliphellip

(1) जोदार कौन थ 2

(2) ज़मीदार की सतता का परविरोध विकस परकार कर थ 2

(3) ज़मीदार की अपकषा आरथिथक रप म शलिकतशाली कयो थ 2

(4) उनह विकन नामो स पकारा जाा था 1

PART E खणड ङ

20 Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Rakhigarhi राखिखगडीb) Chanhudaro चनहदडो

182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

Note The following questions are only for the BLIND CANDIDATES in lieu of map question

Q20 Name five important Mahajanapadas 5

अथाor

Mention five important centers of national movement 5

For182

उततमाला

माडल परशनपतर ३ (१२ वी ककषा)

For Q21

1 बदध न जञान की परातविप एक कष क नीच धयान लगाकर पराप विकया I कष ndash जञान सप ndash महापरिरविना(ण चकर ndash परथम धमzपदश

2 २मविहलाय खो म परषो क साथ कध स कनधा मिमलाकर काय( करी थी I मविहलाय बआई विनराई और कटाई क साथ-साथ पकी हई फसल का दाना विनकालन का करीथी I

3 दभाष हो थ जो अगरजी और सथानीय भाषा दोनो म बोल सक थ I बलक टाउन क बाजार क नजदीक परपराग घरो म रह थ I विबरठिटश और भारीय समाज क बीच मधयसथ का काय( कर थ I

4 हड़पपा की लिलविप पढ़ी नही जा सकी ह I इसम ३७५ स ४०० क लिचनह ह I परातविदो का यह मानना ह की कछ ऐसी सए जिजनकी पहचान नही हो सकी ह ह धारमिमक महतत की ह I महरो क परीकषण की कोलिशश की गयी I मादी ndash सतरी मणमरकि गहनो स सजी हई परोविह राजा एक सिसग ाला जानर पौध का अलकरण याविन परकवि पजा आदय लिश I

५बराहमणो क लिलए दो का अधययन और अधयापन

कषवितरय ndash यदध परशासविनक नयाय दो का अधययन

शय ndash दो का अधययन कविष यगय करना वयापार शदरndash ीनो उचच ण की सा करना

६अलविबरनी न भार म वयाप जावि वयसथा का अनय जगहो की सामाजिजक वयसथा क साथ लना विकया I

-- बराहमणो की जावि वयसथा को उसन सीकार विकया I

अपवितरा को असीकार विकया ए इस परकवि क विनयमो क विरदध बाया I सय( हा को सचछ करा ह समदर म नमक पानी को गनदा होन स बचाा ह I

७अडाल ndash मविहला अलार स उसकी रचनाय गाई जाी ह

अममाईयार ndash लिश भकत अपन उददशय परातविप ह घोर पशया का माग( अपनाया I

इनकी रचनाओ न विप सततातमक आदश को चनौी दी I

८दरबार का क दरपरिबद ख़ था जिजसन सपरभ क काय को भौविक सरप परदान विकया I

शासक की कावि को सय( की कावि स पथक करन का काय( राजतर का परीक छरी कराी थी I

विकसी भी दरबारी को शासक दवारा ठिदया गया सथान उसकी महा का परीक था दरबार म मानय सबोधन लिशषटाचार था बोलन क विनयम विनधा(रिर विकय गए थ राजनमियक दो स भी ऐसा अपभिकष था खास मौको पर सजाट

९विबरठिटश सरकार न बबई सरकार को यह विनदshyश ठिदया की ह दककन दगो की जाच क लिलए एक आयोग का गठन कर I

आयोग न १८७८ म अपनी रिरपोट( परस की ससद म पछाछ की गयी कथन रिरकाड( विकय गए जिजल क कलकटर की रिरपोट( एकतर की गयी Iकारण ndash ऋण दााओ दवारा ऊb ची बयाज दर का लिलया जाना

१०१ हाb यदध स लाभ ए ख़शी नही मिमल सकी

१०२ लालच ए करोध पर विनयतरण मनषय को बजिदधमान बनाी ह यह यदध को रोकी ह ख़शी लाी ह I समाज म नविक मलयो को बढ़ाा दना जस माना पयार और अपरिहसा I

११साbची का सप इसलिलए बच गया कयोविक भोपाल की बगम न उस सरभिकष विकया था रल क ठकदारो की नजर उस पर नही पड़ी I शायद अमराी की खोज पहल हो गयी थी ए विदवान इस बा क महतत को समझ नही पाए थ I १७९६ म सथानीय राजा को अचानक अमराी क सप क अशष मिमल गए जब हा पर एक मठिदर बनाना चाह रह थ I १८५४ म गटर क कमिमशनर ालटर एलिलअ न अमराी की यातरा

की ए पभिwमी ोरण दवार को खोज विनकाला I अमराी क सप क कछ पतथर एलिशयाठिटक सोसाईटी आफ बगाल पहच I कछ लनदन क पहbच गए I

१२शाही क दर -- दभिकषण- पभिwम भाग म ६० मठिदर सममिममलिल मठिदरो और समपरदायो को परशरय दना शासको क लिलए महतपण( था जो इन द-सथलो म परविमिषठ दी- दाओ स समबनध क माधयम स अपनी सतता को सथाविप करन था धा परदान करन का परयास कर रह थ I

३० सरचनाओ की पहचान महलो क रप म की गयी ह I

कछ सरचनाय ndash महानमी विडबबा लोटस मठिदर असबल हजाराराम मठिदर I

पवितर क दर ndash कई मठिदर ---- पपादी मठिदर विरपाकष मठिदर विटठल मठिदर जन मठिदर I मठिदर सथापतय ndash गोपरम और मडप उकार गए समभ

१३गराम सभा ndash बजग की सभा य गाb क महतपण( वयलिकत थ ए सपभितत पर अनालिशक अमिधकार थाI

एक अलपतर जिजसम गाb क अलग अलग जावियो की नमाईदगी होी थी I छोट मोट और नीच कम करन ालो को इसम जगह नही मिमली थी पचाय का फसला सबको मानना पड़ा था I

मखिखया ndash मकददम या मडल गाb क बजग की सहमवि स चना होा था ए जब क इनका भरोसा इनपर रहा था भी क पद पर रह थ I

गाb क आमदनी ए खचshy का विहसाब- विकाब अपनी विनगरानी म कराना मखय काय( पचाय का खचा( गाb क आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I उन कर अमिधकारीयो की की खाविरदारी का खचा( जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ था पराकविक आपदाओ स विनपटन म कोष का इसमाल विकया जाा था इसक अलाा नहरो ए बाधो को बनान म I

१४गाधीजी क विचार ndash

विहनदसानी आम लोगो दवारा अचछी रह समझी जाी ह परिहदी ए उद( क मल स बनी यह भाषा बह लोगो क दवारा बोली जाी ह यह विविध ससकवियो क आदान परदान

स समदध हई एक साझी भाषा थी यह विविध समदायो क बीच सचार की आदश( भाषा हो सकी ह ए विहनद-मसथिसलम था उततर-दभिकषण को एकजट रख सकी ह I

भाषा समिमवि का गठन परिहदी क समथ(को ए विरोमिधयो क बीच क गविरोध को ोड़न क लिलए फाम(ल का विकास समिमवि क अनसार दनागरी लिलविप म लिलखी परिहदी भार की राजभाषा I

१५अ) मौय( सामराजय

ब)नदी विनरीकषक था भमिम को मापन ाल

स)लिशकारिरयो का विनरीकषण इनह इनाम या दड दना

द)सनय समिमवि --- नौ सना यााया ए पv स समबदध पदल सना घड़सार रथ ए हालिथयो की सना

१६अ)जनसखया विकलबदी दराजा घर बाजार मनोरजन

ब)जयादा जनसखया जयादा कषतरफल पराचीर रावितर पहरदारो और दवारपालो क ककष थ शहर क २८ दवार

स)कोइ चार परिर(न

१७अ)उततरी बगाल क धनी विकसान जो जररमद विकसानो को उधार द थ

ब)जमीदार दवारा जमा बढ़ान क सभी उपायो का विरोध जमीदारो को काम नही करन द थ

स)समझौो क मानदडो स जयादा जमीन उनक पास थी गाb म रह थ और गरीबो पर उनका विनयतरण था सथानीय वयापार पर उनका विनयतरण था और जररमदो को उधार द थ

द)मडल

LIST OF MAPSBook 1

1 P-2 Mature Harappan sites Harappa Banawali Kalibangan Balakot Rakhigadi Dholavira Nageshwar LothalMohenjodaro Chanhudaro Kot Diji2 P-30 Mahajanapada and cities Vajji Magadha Koshala Kuru Panchala Gandhara Avanti Rajgir Ujjain TaxilaVaranasi3 P-33 Distribution of Ashokan incriptions i Pataliputra ndash Capital of Ashokaii Major Rock Edicts ndash Girnar Sopara Sanchi Kalasi Shishupalgarhiii Pillar incriptions ndash Sanchi Topra Meerut Pillar Kaushambiiv Kingdom of Cholas Keralaputras and Pandyas4 P-43 Important kingdoms and towns i Kushans Shakas Satvahana Vakatakas Guptaii Citiestowns Mathura Kanauj Puhar Brahukachchha5 P-95 Major Buddhist Sites Nagarjunakonda Sanchi Amaravati LumbiniBook 21 P-174 Bidar Golconda Bijapur Vijayanagar Chandragiri Kanchipuram Mysore ThanjavurKolar2 P-214 Territories under Babur Akbar and Aurangzeb Delhi Agra Panipat Amber Ajmer Lahore GoaBook 31 P-297 Territoriescities under British Control in 1857 Punjab Sindh Bombay Madras Fort St David Masulipatnam Berar Bengal BiharOrrisa Avadh Surat Calcutta Dacca Chitagong Patna Benaras Allahabad and Lucknow2 P-305 Main centres of the Revolt Delhi Meerut Jhansi Lucknow Kanpur Azamgarh Calcutta Benaras Jabalpur Agra3 P-305 Important centres of the national movement Champaran Kheda Ahmedabad Benaras Amritsar Chauri-Chaura Lahore BardoliDandi Bombay (Quit India Resolution) Karachi

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छठी शाबदी ईसा प( स चौथी शाबदी ईसी था उसक बाद क कालो ससबमिध परात म थी कई और लोगो की रह ही उनका भी यह मानना था विक भारीय इविहास का परारभ गगा की घाटी म पनप पहल शहरो क साथ ही हआ था

परशन-५ हड़पपा सभया क अधययन क दौरान माष(ल और कपरिनघम क दवारा अपनाए गए कनीक म कया अर था (2)

उततरः- माश(ल परासथल क सर विनयास को परी रह अनदखा कर पर टील म समान परिरमाण ाली विनयमिम कषविज इकाइयो क साथ-साथ उतखनन करन का परयास कर थ इसका यह अथ( हआ विक अलग-अलग सरो स सबदध होन पर भी एक इकाई विशष स पराप सभी परासओ को सामविहक रप स गvक कर ठिदया जाा था

परिरणामसरप इन खोजो क सदभ( क विषय म बहमलय जानकारी हमशा क लिलए लप हो जाी थी आरईएम वहीलर न इस समसया का विनदान विकया वहीलर न पहचाना विक एकसमान कषविज इकाइयो क आधार पर खदाई की बजाय टील क सर विनयास का अनसरणकरना अमिधक आशयक था

परशन-६ शाधान हड़पपा सभया म वयाप सामाजिजक विषमाओ को समझन का एक बहर सरो ह वयाखया कर (2)

उरः-1 शाधान का अधययन सामाजिजक विषमाओ को परखन की एक विमिध ह

2 हड़पपा सथलो स मिमल शाधानो म आमौर पर मको को गz म दफनाया जाा था इन गz की बनाट एक दसर स भिभनन होी थी

3 कछ कबरो म ककाल क पास मदभाणड था आभषण मिमल ह जो इस ओर सक कर ह विक इन सओ का परयोग मतयपरा विकया जा सका ह परष ए सतरी दोनो क शाधानो स आभषण मिमल ह

परशन-७ हड़पपाई जल विनसारण परबध क बार म लख लिलख (4)

उरः- इस नगर की एक परमख विशषा इसका जल विनकास परबध था इस नगर की नालिलया b मिमटटी क गार चन और जिजपसम की बनी हई थी इनको बड़ी ईटो और पतथरो स ढ़का जाा था जिजनको ऊपर उठाकर उन नालिलयो की सफाई की जा सकी थी धरो स बाहर की छोटी नालिलया b सड़को क दोनो ओर बनी हई थी जो बड़ी और पककी नालिलयो म आकर मिमल जाी थी षा( क पानी क विनकास क लिलए बड़ी नालिलयो का घरा ढ़ाई स पा bच फट क था घरो स गद पानी क विनकास क लिलए सड़को क दोनो ओर गडढ बन हए थ इस थयो स यह परी होा ह विक सिसध घाटी क लोग अपन नगरो की सफाई की ओर बह धयान द थ

परशन-८ हड़पपाई समाज म शासको दवारा विकय जान ाल सभावि कायz की चचा( कीजिजए (4)

उततरः- विदवानो की राय ह - हड़पपाई समाज म शासको दवारा जठिटल फसल लन और उनह काया(तविन करन जस महतपण( काय( विकय जा थ इसक लिलए एक साकषय परस कर हए कह ह विक हड़पपाई परासओ म असाधारण एकरपा को ही ल जसा विक मदमाडो महरो बाटो था ईटो स सपषट ह

बसतिसयो की सथापना क बार म विनण(य लना बड़ी सखया म ईटो को बनाना शहरो म विशाल दीार सा(जविनक इमार उनक विनयोजन करन का काय( दग( क विनमा(ण स पहल चबरो का विनमा(ण काय( क बार म विनण(य लना लाखो की सखया म विभिभनन कायz क लिलए शरमिमको की वयसथा करना जस महतपण( ओर कठिठन काय( सभः शासक ही करा था ऽकछ परातविद यह मान ह विक लिसनध घाटी की समकालीन सभया मसोपोटामिमया क समान हड़पपाई लोगो म भी एक परोविह राजा होा था जो परासाद (महल) म रहा था लोग उस पतथर की मरकियो म आकार दकर सममान कर थ सभः धारमिमक अनषठान उनही क दवारा विकया या कराया जाा था कछ परातविद इस म क ह विक हड़पपाई समाज म शासक नही थ था सभी की सामाजिजक सथिसथवि समान थी दसर परातविद यह मान ह विक यहा कोई एक नही बसतिलक कई शासक थ जस मोहनजोदडो हड़पपा आठिद क अपन अलग-अलग राजा हो थ कछ और यह क( द थ विक यह एक ही राजय था जसा विक परासओ म समानाओ विनयोजिज बसतिसयो क कचच माल ईटो क आकार विनसथिषच अनपा था बसतिसयो क कचच माल क सतरोो क समीप ससथाविप होन स सपषट ह

परशन-९ आप यह कस कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी (4)

उततरः-हा b हम कह सक ह विक हड़पपा ससकवि एक नागरीय सभया थी विनमनलिलखिख उदाहरण इस बा को दशा( ह

नगर सविनयोजिज और घनी आबादी ाल थ

सड़क सीधी और चौड़ी थी

घर पककी लाल ईटो क बन थ और एक स अमिधक मजिजला म थ

परतयक घर म कआ सनानघर थ

जल विनकासी की उततम वयसथा थी जो मखय जल विनकासी स जड़ी थी

हड़पपा नगर म सा(जविनक भन दखन को मिमल ह

लोथल म डोकयाड( मिमल ह जिजसस पा चला ह विक मखय वयापारिरक कनदर रह थ

हड़पपा ससकवि क पन क बाद नगर विनयोजन लगभग भल गय और नगर जीन लगभग हजार ष( क दखन को नही मिमला

परशन-१० हड़पपाई लोगो की कविष परौदयोविगकी पर एक लख लिलख (4)

उरः-हड़पपाई लोगो का मखय वयसाय कविष था उतखनन क दौरान अनाज क दानो का पाया जाना इस ओर सक करा ह परिक कविष की विमिधयो का सपषट जानकारी नही मिमली ह खो क जोन क सक कालीबगन स मिमल ह महरो पर षभ का लिचतर पाया जाना भी इस ओर ही सक करा ह इस आधार पर परातविद अनमान लगा ह विक ख जोन क लिलए बलो का परयोग होा था

कई सथलो स मिमटटी क बन हल भी मिमल ह ऐस भी परमाण मिमल ह जिजसस यह पा चला ह विक दो फसल एक साथ भी उगाया जाी थी मखय कविष उपकरण कदाल थी था फसल काटन क लिलए लकड़ी क हतथो पर पतथर या धा क फलक लगाए जा थ अमिधकाष हड़पपा कषतरो म सिसचाई क साधनो को विकलिस विकया गया था कयोविक यह कषतर अध( षषक परभितत का ह सिसचाई क मखय साधन नहर और कए b थ अफगाविनसान म नहरो क अषष मिमल ह परायः सभी जगह कए b मिमल ह और धौलाीरा म जलाषय मिमला ह सभः सिसचाई ह इसम जल सचय विकया जाा होगा

परशन-११ चचा( कीजिजए विक परातविद विकस परकार अी का पनविनमा(ण कर ह (8)

उरः- 1 कई बार अपरतयकष साकषय का भी सहारा लना पड़ा ह और परतयकष ए अपरतयकष साकषय म समाना ढ bढ़ ह

2 भोजन अथा भोजय पदाथz की पहचान क लिलए मिमल अषषो म अनन अथा अनाज पीसन या पकान क यतर अथा बरनो का अधययन विकया जाा ह

3 परातविद परासओ को ढ़bढकर उनका अधययन कर अी का पनविनमा(ण कर ह परासओ की खोज उदयम का आरभ मातर ह

4 इसक बाद परातविद अपनी खोजो को गvक कर ह

5 परातविदो को सदभ( की रपरखा भी विकलिस करनी पड़ी ह

6 लिशलप उतपादन क कनदरो की पहचान क लिलए परसर विपणड औजार ा bबा-अयसक जसा कचचा माल इतयाठिद ढ़bढ ह

7 गvकरण का एक सामानय लिसदधा परयकत पदाथz जस पतथर मिमटटी धा असथिसथ स सबमिध होा ह

8 विकसी भी स को उसकी (मान उपयोग स जोड़ा जाा ह

9 सासकविक ए सामाजिजक भिभनना को जानन क लिलए कई अनय विमिधयो का परयोग कर ह शाधानो का अधययन ऐसा ही एक परयोग ह

10 परातविद विकसी परास की उपयोविगा को समझन का परयास उसक उतखनन सथल स भी कर ह

परशन - १२ अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिए-

एक lsquoआकरमणrsquo क साकषय डडमन लन एक सbकरी गली ह जिजसकी चड़ाई 3 स 6 फीट क परिरv ह

ह विबद जहाb यह गली पभिwम की ओर मड़ी ह 4 फीट था 2 इच की गहराई पर एक खोपड़ी का भाग था एक यसक की छाी था हाथ क ऊपरी भाग की हविडडया b मिमली थी य सभी बह भरभरी असथा म थी यह धड़ पीठ क बल गली म आड़ा पड़ा हआ था पभिwम की ओर 15 इच की दरी पर एक छोटी खोपड़ी क कछ टकड़ थ इस गली का नाम इनही अशषो पर आधारिर ह

जा bन माश(ल मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन 1931 स उदध 1925 म मोहनजोदड़ो क इसी भाग स सोलह लोगो क असथिसथ-पजर उन आभषणो सविह मिमल थ जो मतय क समय पहन हए थ

बह समय पwा 1947 म आरईएम वहीलर न जो भारीय पराातवितक सshyकषण क तकालीन डायरकटर जनरल थ इन पराातवितक साकषयो का उपमहादवीप म जञा पराचीनम गरथ ऋगद क साकषयो स सबध सथाविप करन का परयास विकया

उनहोन लिलखाः ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधस क कहा गया ह य दग( कहाb ह या थ पहल यह माना गया था विक य मिमथक मातर थ हड़पपा म हाल म हए उतखननो न मानो परिरदशय बदल ठिदया ह यहाb हम मखयः अनाय( परकार की एक बह विकलिस सभया पा ह जिजसम अब पराप जानकारी क अनसार विशाल विकलबठिदयाb की गई थी यह सदढ़ रप स सथिसथर सभया कस नषट हई हो सका ह जलाय सबधी आरथिथक अथा राजनीविक हयास न इस कमजोर विकया हो पर अमिधक सभाना इस बा की ह विक जानबझ कर था बड़ पमान पर विकए गए विनाश न इस अविम रप स समाप कर ठिदया यह मातर सयोग ही नही हो सका विक मोहनजोदड़ो क अविम चरण म आभास होा ह विक यहा b परषो मविहलाओ था बचचो का जनसहार विकया गया था पारिरसथिसथविक साकषयो क आधार पर इदर अभिभयकत माना जाा ह| आरईएम वहीलर हड़पपा 1946 एलिशएट इविडया ( जन(ल ) 1947 स उदध 1960 क दशक म जाज( डलस नामक परातविद न मोहनजोदड़ो म जनसहार क साकषयो पर साल उठाए उनहोन ठिदखाया विक उस सथान पर मिमल सभी असथिसथ-पजर एक ही काल स सबदध नही थः हालाbविक इनम स दो स विनभिw रप म सहार क सक मिमल ह पर अमिधकाश असथिसथयाb जिजन सदभ म मिमली ह इविग करी ह विक य अतय लापराही था शरदधाहीन रीक स बनाए गए शाधान थ शहर क अविम काल स सबदध विनाश का कोई सर नही ह वयापक सर पर अखिगनकाड क लिचहय नही ह चारो ओर फल हलिथयारो क बीच कचधारी सविनको क श नही ह दग( स जो शहर का एकमातर विकलबद भाग था अविम आतमरकषण क कोई साकषय नही मिमल ह जीएफडलस lsquoद मिमलिथकल मसकर एट मोहनजोदड़ोrsquo एकसपीडीशन 1964 स उदध जसा विक आप दख सक ह विक थयो का साधानीप(क पनरकिनरीकषण कभी-कभी प(v वयाखयाओ को परी रह स उलट दा ह

( क ) विकस परातविद न यह साकषय परस विकया ह ( 1 )

उततर जन माश(ल न यह साकषय अपनी पसक मोहनजोदड़ो एड द इडस लिसविलाईजशन म ठिदया ह

( ख ) हड़पपा सभया क विनाश क विकस क( की ओर यह अनचछद इशारा करा ह ( 1 )

उततर यह साकषय हड़पपा क विनाश म विदशी हमला की भमिमका की ओर इशारा करा ह

( ग ) कौन इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह और कयो ( 3 )

उततर- आर ई एम वहीलर इस परमाण को ऋगद क साथ जोड़ा ह कयोविक ऋगद म पर शबद का उललख ह जिजसका अथ( ह पराचीर विकला या गढ़ आरयो क यदध क दा इदर को परदर अथा( गढ़-विधसक कहा गया ह

( घ ) विकसन और कस इसकी एक अलग वयाखया की ह ( 3 )

उततर- जाज( डलस न इस परमाण क विपरी लिसदधा का परविपादन विकया ह ो इस बा को मानन स विहचक ह विक यह हमला आयz न विकया था उनक अनसार जो ककाल यहा b मिमल ह ो हड़पपा काल क नही ह इस मातरा म ककाल मिमल ह था उनकी जो असथा ह उसस यह भी कहा जा सका ह विक यह एक बचड़खान का शाधान हो विकसी भी श पर शसतर क घा कोई हलिथयार जलन क अशष नही पराप हए ह

पाठ - 2राजा विकसान और नगरमहतपण( विबनद

- हड़पपा सभया क बाद लगभग 1500 षz क दौरान उपमहादवीप क विभिभनन भागो म कई परकार क विकास हए जस -ऋगद का लखन काय( कषक बसतिसयो का उदय अविम ससकार क नय रीक नगरो का उदय आठिद

- ऐविहालिसक सतरो अभिभलख गरथ लिसकक लिचतर आठिद

- अशोक क अभिभलख - बराहमी था खरोषठी लिलविपयो म लिलख गए ह

- छठी शाबदी म ई 0 प0 को एक महतपण( परिर(न काल माना जाा ह इसको राजयो नगरो लोह क परयोग और लिसकको क विकास स जोड़ा गया ह इस समय बौदव - जन धम( था अनय दाश(विनक विचारधाराओ का विकास हआ - बौदव - जन धमz क गरथो म सोलह महाजनपदो का उललख मिमला ह मखय ह

- सथिsup2 मगध कौशल कर पाचाल गाधार और अवि जस आठिद

अविलघ पर शन ( 02 अक ) परशन- 1 महापाषाण कया ह

उततरः- अ ई पपरथम सहसतराबदी क दौरान मधय और दभिकषण भार म पाए जान ाल पतथरो क बड - बड ढा bच ह

ब इनह कबरगाहो क ऊपर रखा जाा था शो क साथ विभिभनन परकार क लोह क उपकरण और औजारो को दफनाया जाा था

परशन-2 छठी शाबदी ई प को परारभिभक भारीय इविहास म एक महतपण( परिर(नकारी काल कयो कहा जाा था

उततरः- अ इस काल को परायः आरभिभक राजयो लोह क बढ परयोग और लिसकको क साथ जोडा जाा ह

ब इसी काल म बौदव और जन सविह विभिभनन दाश(विनक विचारधाराओ का उदय हआ

परशन- 3 धमम महामातत कौन थ

अ समराट असोक दवारा विनयकत विशष अमिधकारी

ब धमम क परचार क लिलए इनकी विनयलिकत की गई थी

परशन-4 मौयz क बार म जानन क लिलए कोई दो सरोो क नाम लिलखिखए

उततरः- अ) कौठिटलय का अथ(षासतर

ब) मगसथनीज का विरण - इविडका

स) असोक का अभिभलख

परशन-5 कषाण कौन थ

उततरः- चीन म रहन ाल एक कबायली जावि

अ मधय एलिशया स लकर पभिwमोततर भार क एक विशाल सामराजय म शासन

ब भार म सोन क लिसकक सबस पहल कषाणो न जारी विकया था

परशन-6 अशोक क अभिभलख विकन -विकन भाषाओ लिलविपयो म लिलख जा थ

उततरः- क भाषा-पराक भाषा बराहमी लिलविप म और यनानी भाषा-खरोषठी लिलविप म

परशन-७ सााहन शासको क लिलए मााए विकस परकार महतपण( थी अपन उततर क पकष म एक उदाहर दीजिजय

उततर-सााहन शासको क समय समाज मातरसातमक था कयोविक शासको क नाम क आग उनक माा

का नाम मिमला ह जस गौमीपतर ालिशसथिसथपतर

लघ पर शन ( ०४ अक ) परशन-८ मगध क एक शलिकतशाली राजय क रप म उदय क कारणो की चचा( कीजिजए

उततरः- 1 महताकाकषी शासक जस विममिमबसार अजाशतर महापदमननद

2 लोह की खान

3 उपजाऊ मिमटटी

4 जगली कषतरो म हाथी उपलबध थ जो सना का महतपण( अग था

5 दो राजधाविनया b थी राजगह विकल बद शहर था पाटली पतर - गगा क विकनार बसी हई थी

परशन-९ महाजनपदो की परमख पा bच विशषाओ की वयाखया कीजिजए

उततरः- 1 अमिधकाश महाजनपदो पर राजा का शासन होा था लविकन गण और सघ क नाम स परलिसदव राजयो म कई लोगो का समह शासन था

2 परतयक महाजनपदो की एक विकलबद राजधानी होी थी

3 सथायी सना जिजनह परायः कषक ग( स विनयकत विकया जाा था और विनयमिम नौकरशाही

4 धम(शासतर म शासक सविह अनय क लिलए विनयमो का विनधा(रण राजा कषवितरय ग( स

5 शासको का काम विकसानो वयापारिरयो और लिशलपकारो स कर सलना

परशन-१० अशोक क धमम क बार म लिलख 5

उततरः- 1 बडो का आदर करना

2 सनयालिसयो और बराहमणो क परवि उदारा

3 सको और दासो क साथ उदार वयहार

4 दसर क धम और परपराओ का आदर

5 धमम महामा की विनयलिकत

परशन-११ छठी शाबदी ई प स छठी शाबदी ई क कविष कषतर म हए मखय परिर(नो की उललख कीजिजए

उततरः- 1 कविष उतपादका को बढ़ान क लिलए लोह क फाल ाल हल का परयोग

2 गगा की घाटी म धान की रोपाई

3 सिसचाई क लिलए कओालाबो नहरो का परयोग

4 पजाब और राजसथान जस अध(षषक जमीनाल कषतरो म खी क लिलए कदाल का परयोग

5 उपज बढ़न स साधनो पर विनयतरण क कारण बड - बड जमीदार और गराम परधान अमिधक शलिकतशाली और विकसानो पर विनयतरण

6 शासक ग( भमिमदान क दवारा कविष को नए कषतरो म परोतसाविह करन की नीवि को अपनाया

परशन-१२ इविहास की पनः विनमा(ण म अभिभलख विकस रह सहाया कर ह

उततरः- 1 शासको ए उनकी उपलसतिबधयो क बार म जानकारी

2 लिलविप और भाषा की जानकारी

3 भमिमदान और अथ(वयसथा क बार म जानकारी

4 सामराजय का विसार

5 सामाजिजक और धारमिमक जीन क बार म जानकारी

परशन-१३ मौय( परशासन की परमख विशषाए कया थी 10

उततरः- 1 कनदरीय शासन - राजा का विनयतरण विधामियका काय(पालिलका नयायपालिलका सना था वितत पर था|

2 पराीय शासन - पराीय शासन कई पराो म बाट ठिदया गया था

3 सथानीय शासन - पाटलीपतर नगर का शासन 30 सदसयो क एक आयोग दवारा विकया जाा था

4 राजा सामराजय को उचच अमिधकारिरयो की सहाया स चलाा था

5 मौय( सामराजय क पा bच परमख राजनविक क दर

6 कानन और वयसथा

7 सगठिठ सना - मगसथनीज न सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवियो का उललख विकया ह

8 धमम परचार क लिलए धमम महामातत की विनयलिकत

9 भमिमकर सिसचाई और सड़को क परबध क लिलए विभिभनन अमिधकारी हो थ

10 गपचर विभाग - गपचर विभाग बह सदढ़ था

परशन-१४ विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

समराट क अमिधकारी कया - कया काय( कर थ

मगसथनीज क विरण का एक अश ठिदया गया ह सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख - रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर ह ाविक ह हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी विषकारिरयो का सचालन कर ह और विषकारिरयो क कतयो क आधार पर उनह इनाम या दड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका( का भी विनरीकषण कर ह

परशन- क सामराजय क महान अमिधकारिरयो क क(वयो की वयाखया कीजिजए (3)

उततरः- 1 सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर थ

2 कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड जान ाल पानी क मखदवार का विनरीकषण कर थ ाविक हर सथान पर पानी का समान परकि हो सक

3 यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर थ लिशकारिरयो क कतवितयो क आधार पर ईनाम या दड़ द थ कर सली कर थ भमिम स जड सभी वयसायो का विनरीकषण कर थ साथ ही लकडहारो बढ़ई लोहारो और खनन का(ओ का भी विनरीकषण कर थ

परशन-ख सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए विनयकत उपसमिमवियो की भमिमका की वयाखया कीजिजए उततरः- 1 सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए एक समिमवि और छः उपसमिमवि का उललख मगासथविनज न विकया ह इन उपसमिमवि का काम नौसना यााया और खानपान पदल सना अषारोही रथारोविहयो और हालिथयो का सचालन करना था

2 दसरी समिमवि का दामियत विभिभनन परकार का था - उपकरणो को ढ़ोन क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा सविनको क लिलए भोजन जानरो क लिलए चार की वयसथा था सविनको क दखभाल क लिलए सको और लिशलपकारो की विनयलिकत करना

परशन-ग अशोक न अपन सामराजय को एकजट रखन क लिलए कया विकया (2)

उततरः- 1 अशोक न धमम क परचार क दवारा अपन सामराजय को एकजट रखन की कोलिशश की

2 धमम क परचार क लिलए धमम महामातत नाम स विशष अमिधकारिरयो की विनयलिकत की

पाठ - 3

बधत जावि था ग(आरभिभक समाज

(लगभग 600 ई प 600 ई )

महातपण( विबनद

- सामाजिजक इविहास - महाभार का उपयोग सामाजिजक इविहास की समसयाए जावि ग( कविबल आठिद की पनर(चना ह अनय सतरो

- ऐविहालिसक पषठ भमिम रचना क साधन - परिर(नो क परभा

- अभिभलख महाभार क सतरो था विषय

- बधा ए विाह परिरार विपविषक वयसथा विाह क विनयम सतरी का गरोतर माा का सथान

- सामाजिजक विशषाए ण( वयसथा अकषवितरय राजा जावि एकीकरण अधीना और सघष(

परशन 1 महाकावय का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततरः- एक लमबी कविा जिजसम विकसी नायक अथा राषटर क जीन उपलसतिबधयो का ण(न हो रामायण था महाभार इसक उदाहरण ह

परशन-2 मनसमवि का दो महत बाइए (2)

उततरः- 1 यह ातकालिलक समाज क विनयमो था परथाओ का ण(न दा ह

2 इसका परभा आज भी विहनदओ की जीन शली म ठिदखाई दा ह

परशनः- 3 महाभार का यदध कयो हआ था इसका कया परिरणाम हआ (2)

उततरः- महाभार का यदध जमीन था अमिधकारो को लकर हआ था इसम पाणडो की विजय हई

परशन- 4 कल था जावि का कया अथ( ह (2)

उततरः- ससक गरनथो म कल शबद का परयोग परिरार क लिलए और जावि का बाधो क बड समह क लिलए होा था

परशन-5 अ(विाह स कया ातपय( ह (2)

उततरः- अ(विाह म ाविहक सबध समह क मघय ही हो ह यह समह गोतर कल अथा जावि या विफर एक ही सथान पर बसन ालो का हो सका ह

परशन-6 चाडाल विकस कहा जाा था (2)

उततरः- पराचीन काल म ऐस काय( करन ाल लोग जिजनह उचच ग( रजिज माना था जस शो को दफन करना या जलाना म पशओ को उठाना था उनका चमड़ा विनकालना इतयाठिद

परशन-7 १००० ई० प० क बाद बराहमणो दवारा बाय गय गोतर क दो विनयम लिलखिखए

उततर - १-मविहलाओ क लिलए यह आशयक था विक विाह क पwा अपन विपा क गोतर को छोड़

अपन पवि का गोतर धारण कर

२-एक समान गोतर म विाह रजिज था

परशन-8 महाभार की भाषा था विषयस पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1महाभार को मलरप म ससक म लिलखा गया ह

2भाषा सरल सबोध ह

3यह एक गविशील गरथ ह

4इसक अनक पन(वयाखयाए b आसतिसत म आई

5इसक अनक परसगो को मरकिकला नाटय कला था नतय कला म दखा जा सका ह

परशन-9 महाभार क महत पर परकाश डालिलए (4)

उततरः- 1भारीय ससकवि था विहनद धम( क विकास का लख जोखा ह

2यह एक बहआयामी गरथ ह

3समाज क सभी अग जस राजनीवि धम( दश(न था आदरश की झलक मिमली ह

4इसम यदध शावि सदगण दग(ण की वयाखया की गई ह

5भारीय इविहास का महतपण( सतरो ह रपक कथाए b सभः कालपविनक ह

परशन-10 महाभार काल क विदवीय चरण म (बारही स साी शाबदी ई प म) मिमलन ाल घरो क बार म बीबी लाल न कया लिलखा ह (4)

उततरः- 1 बीबी लाल को यहा b आबादी क पाच सरो क साकषय मिमल ह

2 इनम स दसरा ीसरा सर महतपण( ह

3 दसर सर क बार म बीबी लाल न पाया विक आास घरो की कोई विनभिw परिरयोजना नही थी

4 मिमटटी की बनी दीार था कचची मिमटटी की ईट अशय मिमली ह

5 कछ घरो की दीार सरकनडो की बनी थी

परशन-11 विकन मायनो म सामाजिजक अनबध की बौदध अधारणा समाज क उस बराहमणीय दमिषटकोण स भिभनन थी जो परषसकत पर आधारिर था

उततरः- 1 बौदध धम( न समाज की विषमा को सतय माना ह

2 यह विषमा नसरकिगक नही थी और न ही सथाई

3 बराहमणीय दमिषट स इस असमाना का आधार जनम ह

4 बौदध धम( न मान था नसपवि को शर स एक दसर पर परसपर विनभ(र माना ह

5 राजा लोगो दवारा चना जाा था जिजस साओ क बदल म कर ठिदया जाा था

परशन-12 पराचीनकाल क सामाजिजक मलयो क अधययन क लिलए महाभार एक अचछा सतरो ह (7)

उततरः- 1 महाभार मखय रप स सबमिधयो क बीच यदव की कहानी ह इसलिलए

इसम सामाजिजक जीन का झलक मिमली ह

2 समाज म विपतरलिशा का पालन होा था पक समपवि पर कल पतरो का अमिधकार था

3 पवितरयो का विाह गौतर क बाहर उलिच समय पर करना विपा का क(वय था

4 विलिशषट परिरारो म बहपवि परथा भी परचलिल थी दरौपदी क पा bच पवि थ

5 पतर क जनम को जयादा महतपण( समझा जाा था

6 कनयादान विपा का महतपण( कतत(वय माना जाा था

7 विाह क अनक परकार थ राकषसी विहविडमबा का भीम स विाह हआ था

8 माा का सथान सzचच था पाणडो न अपनी मा कनी की आजञा का सममान कर हय दरोपदी स विाह विकया था

9 महाभार ण था उनस जड़ वयसायो की जानकारी दा ह

10 परिरार म धद परष का अमिधपतय था

परशन-13 विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए और उसक अ म पछ गय परशनो क उततर दीजिजए (7) दरौपदी का विाह

उततरः- पाचाल नरश दपद न एक सयर का आयोजन विकया जिजसम यह श( रखी गई विक धनष की चाप चढा कर विनशान पर ीर मारा जाय विजा उनकी पतरी दरोपदी स विाह करन क लिलय चना जायगा अज(न न यह परवियोविगा जीी और दरौपदी न उस रमाला पहनाई पाणड उस लकर अपनी माा कनी क पास गय जिजनहोन विबना दख ही उनह लाई गई स को आपस म बाट लन को कहा जब कनी न दरौपदी को दखा ो उनह अपनी भल का अहसाह हआ विकन उनकी आजञा की अहलना नही की जा सकी थी बह सोचविचार क बाद यमिधमिषठर न विनण(य लिलया विक दरौपदी उन पाचो की पतनी होगी जब दरपद को यह बाया गया ो उनहोन इसका विरोध विकया विकन ऋविष वयास न उनह इस थय स अग कराया विक पाणड ास म इनदर क अार थ और उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था अः विनयवि न ही उन सबका साथ विनसथिषच कर ठिदया था वयास न यह भी बाया विक एक बार एक या सतरी न पवि परातविप क लिलए विष की आराधना की और उतसाह क अविरक म एक की बजाय पाच बार पवि परातविप का बर माग लिलया इसी सतरी न दरौपदी क रप म जनम लिलया था विष न उसकी पराथ(ना को परिरपण( विकया ह इन कहाविनयो स सषट होकर दरपद न इस विाह को अपनी सहमवि परदान की

1 पचाल नरश दरपद न अपनी पतरी का विाह करन क कयो परवियोविगा रखी(1)

2 वयास न राजा दरपद को दरौपदी का पाचो पाणड की पतनी बनन क लिलए कौन स दो थय ठिदय (3)

3 दरौपदी का विाह विकस परकार का विाह था इस परकार क विाह क परवि इविहासकारो क दो विचार बाइय (3)

उततर- 1 सयर का आयोजन विकया गया था जिजसक विजा स अपनी पतरी का विाह कर द

2 वयास न बाया विक पाणड इनदर क अार थ था उनकी पतनी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था लिश न एक या सतरी को र ठिदया था जिजसन गली स पा bच बार पवि का र मा bग लिलया था उस सतरी न ही दरौपदी क रप म जनम लिलया था

3 दरौपदी का विाह बहपवि का उदाहरण था इस परकार का विाह विलिशषट था बराहमणीय परपरा क अनरप न होन क कारण इस परकार क विाह को बराहमणो का समथ(न नही था

पाठ ndash 4

विचारक विशवास और ईमार महतपण( विबनद

- बौदध धम( का इविहास - साची सप पर बल

- विस सदभ( - ठिदक धम( जन धम( षणम शम बौदव धम( पर बल

- साची सप की खोज साची की मरकिया

- धारमिमक ाद -विाद बौदव धम( की पन(रचना

- पराचीन ठिदक धम( जन बौदव षण शल

- महाीर लिसदवाथ( ठिदककाल की उपासना रीवि

- हीनयान महायान (बौदव धम() शवामबर ठिदगमबर (जन धम()

- वितरविपटक जाक विपटक उपविनषद - लिलखिख सतरो

- जन बौदव धम( का परचार परसार मथरा - गाधार मरकिकलाए

- विबहार च सप आषटाविगक माग( बौदव क चार आय( सतय

02 अक ाल परशन

परशनः-1 बौदध धम( क चार मल सतय (आय( सतय) कौन स ह

उततरः-1 समपण ससार दखो स परिरपण( ह

2 सार दःखो का कोई-न-कोई कारण ह

3 दखो को राकन का एक माग( ह मनषय आषटाविगक माग( का अनसरण करक इन दखो और कषटो स छटकारा पा सका ह

परशनः- 2 छठी शाबदी ईप क काल म उतपनन होन ाल धारमिमक समपरदायो का गvकरण विकन भागो म विकया जा सका ह

उततरः- छठी शाबदी ईप क धारमिमक समपरदायो का गvकरण दो भागो म विकया जा सका हः

उततर- 1 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध विकया

2 समपरदाय जिजनहोन ठिदक धम( का खला परविरोध न करक विकसी परान दी-दा को क दर बनाकर नीन लिसदधाो का परविपादन विकया

परशनः- 3 rdquoधम( चकरपर(नldquo स आप कया समझ ह

उततरः- rdquoधम( चकरपर(नldquo का अथ( ह धम( क चकर को घमाना जञान परातविप क बाद महातमा बदध न ाराणसी क पास सारनाथ क मगदा म मगदा म आषाढ़ परणिणमा को अपना जो परथम धमzपदश ठिदया उस rdquoधम( चकरपर(नldquo क नाम स जाना जाा ह

परशनः- 4 दो क महत पर परकाश डालिलए

उततरः- ठिदक साविहतय क सा(मिधक महतपण( गरथ द ह द सखया म चार ह- ऋगद सामद यजshyद और अथ(द ऋगद ठिदक साविहतय म सबस पराचीन गरथ ह यह गरथ पराचीन आयz क धारमिमक सामाजिजक आरथिथक ए राजनविक जीन पर परकाश डाला ह

परशनः- 5 सप कयो बनाए जा थ

उततरः- सप महातमा बदध अथा विकसी अनय पवितर भिभकष क अशषो जस-दा भसम आठिद अथा विकसी पवितर गरनथ पर बनाए जा थ अशष सप क आधार क कनदर म बनाए गए एक छोट स ककष म एक पठिटका म रख ठिदए जा थ

परशन 6-चार सामाजिजक ग( क नाम बाय जो बदध क अनयायी बन

उततर बदध क अनयायी विभिभनन सामाजिजक गz स आए जस

१ ndashधनी ग( क लोग

२ ndashशासक ग( क लोग

३-वयापारिरक ग( क लोग था

४ ndashलिशलपकार

(४ अक ाल परशन )परशनः- 7 आपक विचारानसार सतरी-परष सघ म कयो जा थ

उततरः- 1 ससारिरक विषयो स दर रहना चाह थ

2 हा b का जीन सादा अनशालिस था

3 हा लोग बौदध दश(न का अधययन कर सक थ

4 सघ म सभी का समान दजा( था

5 हाb लोग धमम क लिशकषक (उपदशक) बनाना चाह थ

परशनः- 8 जन धम( की महतपण( लिशकषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- 1 अपरिहसा पर जोर ठिदया गया

2 जाविाद क विरदध था कोई भी वयलिकत इस धम( को अपना सका था

3 उनहोन भगान क असतिसत को असीकार विकया

4 आतमा म विशवास कर थ

5 कम( काय( क लिसदधा म विशवास कर थ

परशनः- 9 साची सप क सरकषण म भोपाल की बगमो न कया योगदान ठिदया

उततरः- 1 उनहोन साची क सप क रख-रखा क लिलए धन का अनदान विकया

2 सलानजहा बगम न हा पर एक सगरहालय और अविलिथशाला बनान क लिलए भी अनदान ठिदए

3 यहा रहकर सर जान न साची पर पसक लिलखी जिजनह सलानजहा बगम न अनदान ठिदया

4 यठिद यह सप जीवि ह ो कल बगमो क योगदान स

5 यह साची का सप हमार दश की महतपण( ासकला ह जिजसकी सरकषा भोपाल की बगमो दवारा की गई

परशनः- 10 महातमा बदध की लिशकषाओ का उललख कीजिजए

महातमा बदध की लिशकषाए b-

उततर- 1 विशव अविनतय अथा( कषणभगर ह और यह विनरनर परिररकि हो रहा ह

2 विशव आतमाविहीन ह कयोविक यहाb कछ भी सथायी अथा शाशव नही ह

3 विशव म lsquoचार आय( (शरषठ) सतयrsquo ह य ह- दःख दःख समदाय दःखविनरोध और दःख विनरोध माग(

4 महातमा बदध कठोर पसया क विरदध थ(माधयम माग( पर बल द थ )

5 महातमा बदध न दस शीलो क पालन पर बल ठिदया ह

परशनः- 11 बौदध धम( क शीघरम विकास क कया कारण थ 8

उततरः-1 धम( की भाषा सरल थी जसा विक भगान बदध हमशा अपन उपदश आम बोलचाल भाषा म ठिदया कर थ

2 साधारण शदध धम( रीवि-रिराजो स पर था

3 अनकल ाारण कयोविक विहनद धम( म अगण की उतपभितत

4 विहनद धम( म बराईया कम(काड ए बलिल

5 परोविहो का च(स

6 विहनद धम( म धन का अपवयय

7 जाविाद ए छआछ का न होना

8 महातमा बदध का महान वयलिकतत अनय वयलिकतयो को परभावि करा था

9 भिभकष का अचछा वयहार चरिरतर

10 राजाओ दवारा सरकषण जस असोक हष(ध(न

अनचछद पर आधारिर पशनसप कयो बनाए जा थ

यह उदधरण महापरिरविना(ण सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा ह

महापरिरविना(ण स प( आनद न पछा-

भगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अषषो का कया करग

बदध न कहा ldquo थाग क अषषो को विषष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी

भलाई क लिलए परयास करोldquo

लविकन विशष आगरह करन पर बदध बोल -

rdquo उनह थाग क लिलए चार महापथो क चक पर थरप (सप का पालिल रप)ldquo बनाना चाविहए जो भी

हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नायगा या हाb पर हदय म शावि लायगा उन सबक लिलए

ह लिचरकाल क सख और आनद का कारण बनगा

1 यह उदधरण विकस मल पाठ स लिलया गया ह यह विकस गरथ का विहससा ह 1

2 सप कया हो ह आनद को सप बनान की सलाह विकसन दी थी 2

3 थाग कौन थ उनहोन सप का कया महत बाया था 2

4 विकनही ीन सथानो क नाम बाओ जहा b सप बनाए गय 2

उततरः- 1 यह उदधरण महापरिरविना(न सतत नामक मल पाठ स लिलया गया ह यह सततविपटक नामक गरथ का विहससा ह

2 सप बदव धम( स जड पवितर टील ह इनम बदव क शरीर क कछ अषष अथा उनक दवारा परयोग की गइरर विकसी स को गाड़ा गया था आनद को सप बनान की सलाह बदध न दी थी

3 थाग सय बदव थ उनहोन आनद को बाया विक जो कोई सप म धप या माला चढायगा या शीष नायगा अथा हा पर मन म शावि लायगा उसक लिलए सप लिचरकाल क शावि का कारण बनगा

4 भरह साची था सारनाथ

पाठ - 5यावितरयो क नजरिरए1 अल-विबरनी था विकाब-उल-विहनद

11 खारिरजम स पजाब क

अल-विबरनी का बचपन लिशकषा

खारिरजम क आकरमण क पwा सलान दवारा अल-विबरनी को बधक क रप म

गज़नी लाना

अल-विबरनी की भार क परवि रलिच उतपनन होना

अल-विबरनी क यातरा तता

विभिभनन भाषाओ का जञाा

12 विकाब-उल-विहनद

विलिशषट शली का परयोग

दकथाओ स लकर खगोल विजञान और लिचविकतसा सबधी कविया

2 इबन-बा का रिरहला

21 रिरहला इबन-बा दवारा लिलखा गया यातरा तता

सामाजिजक था पराकविक जीन की जानकारिरयो स भरपर

मधय रलिशया क रास लिसनध पहbचना

ठिदलली आकर महममद विबन गलक स मिमलना

ठिदलली का काज़ी विनयकत होना

मधयभार क रास मालाबार पहbचना

भार क अनक सथानो का भरमण

चीन की यातरा

भार क सामाजिजक आरथिथक राजनविक जीन का विरण परस करना

यातरा माग का सरभिकष न होना

22 जिजजञासाओ का उपयोग

मोरकको ापस जान क बाद अनभा को दज( विकए जान का आदश

3 फासा बरकिनयर

एक विलिशषट लिचविकतसक

एक परलिसदध फरासीसी जौहरी

भार की 6 बार यातरा

बहआयामी वयलिकतत

मगल दरबार स जड़ रहना

दारालिशकोह का लिचविकतसक

31 प( और पभिwम की लना

भारीय सथिसथवि की लना यरोपीय सथिसथवि

भारीय सथिसथवि को दयनीय बाना

उसकी कवि का अनक भाषाआ म अनाद

4 एक अपरिरलिच ससार की समझ

अल-विबरनी था ससकादी परपरा

अनक समसयाओ का सामना

पहली समसया भाषा धारमिमक असथा परथा म भिभनना ीसरा अभिभमान का होना

ससक गरथो का सहारा लना

42 अल-विबरनी का जावि वयसथा का ण(न

भार म बराहमणादी वयसथा

पराचीन फारस क सामाजिजक गz को दशा(ना

5 इबन बा था अनजान को जानन की उतकठा उपमहादवीप एक भिशवक

सचार तर का विहससा

नारिरयल और पान

इबनबा दवारा नारिरयल और पान का विरण

इबनबा और भारीय शहर

उपमहादवीप क शहरो का विरण

ठिदलली की परशसा

ठिदलली था दौलाबाद की लना

बाजार विभिभनन गविविमिधया क कनदर

शहरो की समजिदध का विरण

भारीय मालो का विनया(

53 सचार की एक अनठी परणाली

वयापारिरया की सविधा क लिलए वयापारिरक माग पर परी सविधाए

कशल काम परणाली

कशल गपचरो का होना

6 रकिनयर था अपविकलिस प(

रकिनयर दवारा भार की लना यरोप की विशषकर फरास स

रकिनयर का आलोकचनातमक अनःदमिषट था गहन लिचनन

भार को पभिwमी दविनया की लना म विनमन कोठिट का बाना

महतपण( विबनद -

अविलघ परशन (02 अक)

परशनः- 1 कोई दो यावितरया क नाम बाइए जिजनहोन मधयकाल (11 स 17 ी शाबदी) म भार की यातरा की

उततरः- 1 अल - विबरनी गयारही शाबदी म उजबविकसान स आया था

4 इबन बा चदही शाबदी म मोरकको स आया था

3 फरासा बरकिनयर सतरही शाबदी म फरास स आया था

परशन-2 अल - विबरनी क भार आन का कया उददशय था

उततरः- 1 उन लोगो क लिलए सहायक जो उनस (विहनदओ) धारमिमक विषयो पर चचा( करना चाह थ

2 ऐस लोगो क लिलए एक सचना का सगरह जो उनक साथ सबदध होना चाह ह

परशन-3 कया आपको लगा ह विक अल- विबरनी भारीय समाज क विषय म अपनी जानकारी और समझ क लिलए कल ससक क गरथो पर आभिशर रहा

उततरः- अल - विबरनी लगभग परी रह स बराहणो दवारा रलिच कवियो पर आभिशर रहा उसन भारीय समाज को समझन क लिलए अकसर दो पराणो

भगगीा पजलिल की कवियो था मनसमवि आठिद स अश उदघ विकए

परशन-4 भार म पाय जान ाल उन कषो का नाम बाइए जिजनह दखकर इबन बा को आwय( हआ

उततरः- 1 नारिरयल - नारिरयल क कष का फल मान लिसर स मल खाा ह

2 पान - पान एक ऐसा कष ह जिजस अगर - ला की रह उगाया जाा ह पान का कोई फल नही होा और इस कल इसकी पभिततयो क लिलए ही उगाया जाा ह

परशन-5 बरकिनयर न मगल सामराजय म कौन सी अमिधक जठिटल सचचाई की ओर इशारा विकया

उततरः- 1 ह कहा ह विक विषलपकारो क पास अपन उतपादो को बहर बनान का कोई परोतसाहन नही था कयोविक मनाफ का अमिधगरहण राजय दवारा कर लिलया जाा था

2 साथ ही ह यह भी माना ह विक पर विष स बड़ी मातरा म बहमलय धाएb भार म आी थी कयोविक उतपादो का सोन और चाbदी क बदल विनया( होा था

परशन 6-बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम बाइए सी परथा क बार म उसन कया लिलखा ह

बरकिनयर क दवारा लिलखिख पसक का नाम ह ndashटरल इन मग़ल एमपायर

सी परथा क बार म बरकिनयर न लिलखा ह विक कछ ममिसतरयाb सकषा स सी बनी थी जबविक कछ को

जबरदसी सी बनन क लिलए मजबर विकया जाा था

लघ परशन ( 04 अक ) परशन-7 अल - विबरनी न विकन rdquoअरोधो rdquo की चचा( की ह जो उसक अनसार समझ म बाधक थ

उततरः- अल - विबरनी न भार को समझन म विनमनलिलखिख अरोघो का सामना विकया -

1 भाषा की समसया - उसक अनसार ससक अरबी और फारसी स इनी भिभनन थी विक विचारो और लिसदवाो को एक भाषा स दसरी भाषा म अनाठिद करना आसान नही था

2 धारमिमक असथा और परथा म भिभनना - अल - विबरनी मसलमान था और उसक धारमिमक विषास और परथाए भार स भिभनन थी

3 सथानीय लोगो की आतमलीना था परथककरण की नीवि - अल ndash विबरनी क अनसार उसका ीसरा अरोध भारीयो की आतमलीना था परथककरण की नीवि थी

परशन-8 बरकिनयर क अनसार राजकीय भ - सामिमत क कया बर परभा पड

उततरः- 1 भधारक अपन बचचो को भमिम नही द सक थ इसलिलए उतपादन क सर को बनाए रखन और उसम बढ़ोरी क लिलए दरगामी विनष क परवि उदासीन थ

2 इस परकार इसन विनजी भ-सामिमत क अभा न rdquo बहर rdquo भधारको क ग( क उदय को रोका

3 इसक कारण कविष का विनाष हआ

4 इसक चल विकसानो का असीम उतपीड़न हआ

5 समाज क सभी गz क जीन सर म अनर पन की सथिसथवि उतपनन हई

परशन-9 सी परथा क विषय म बरकिनयर न कया लिलखा ह

उततरः- 1 यह एक करर परथा थी जिजसम विधा को अखिगन की भट चढ़ा ठिदया जाा था

2 विधा को सी होन क लिलए विष विकया जाा था

3 बाल विधाओ क परवि भी लोगो क मन म सहानभवि नही थी

4 सी होन ाली सतरी की चीख भी विकसी का ठिदल नही विपघला पाी थी

5 इस परविकरया म बरामहण था घर की बड़ी मविहलाए विहससा ली थी

परशन- 10 rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo विकसन लिलखी इसकी मखय विषषाओ पर परकाश डालिलए

उततरः- rdquo विकाब - उल - परिहनद rdquo की रचना अल - विबरनी न की

इसकी मखय विषषाए b इस परकार ह -

1 यह विकाब अरबी म लिलखी गई ह

2 इसकी भाषा सरल और सपषट ह

3 यह एक विस गरथ ह जो सामाजिजक और धारमिमक जीन दश(न खगोल विजञान कानन आठिद विषयो पर लिलखी गई ह

4 इस विषयो क आधार पर अससी अधयायो म विभाजिज विकया गया ह

5 परतयक अधयाय का आरभभ एक परषन स होा ह और अ म ससकादी परमपराओ क आधार पर उसका ण(न विकया गया ह

विस परशन (08 अक )

परशन- 11 इबन बा दवारा दास परथा क सबध म ठिदए गए साकषयो का विचन कीजिजए

उततरः- 1 बाजारो म दास विकसी भी अनय स की रह खल - आम बच जा थ

2 य विनयमिम रप स भटसरप ठिदय जा थ

3 जब इबन बा सिसध पहचा ो उसन सलान महममद विबन गलक क लिलए भट सरप rdquoघोड़ऊट था दासrdquo खरीद

4 जब ह मलान पहचा ो उसन ग(नर को विकशमिमश था बदाम क साथ एक दास और धोड़ा भट क रप म द ठिदया था

5 इबन बा कहा ह विक सलान महममद विबन गलक न नसीरददीन नामक एक धम( उपदशक क परचन स परसनन होकर उस एक लाख टक (मदरा) था 200 दास ठिदय थ

6 इबन बा क विरण स परी होा ह विक दासो म काफी विभद था

7 सलान की सा म काय(र कछ दालिसया सगी और गायन म विनपण थी

8 सलान अपन अमीरो पर नजर रखन क लिलए दालिसयो को विनयकत करा था

9 दासो को समानयः घरल शरम क लिलए ही समाल विकया जाा था और इबन बा न इनकी साओ को पालकी या डोल म परषो और मविहलाओ को ल जान म विषष रप स अपरिरहाय( पाया

10 दासो की कीम विषष रप स उन दालिसयो की जिजनकी अषयका घरल शरम क लिलए थी बह कम होी थी

सतरो पर आधरिर परशन

घोड पर और पदल

डाक वयसथा का ण(न इबन बा इस परकार करा ह-

भार म दो परकार की डाक वयसथा ह अष डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह इर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोडो दवारा चालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स

दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अष डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

1 दो परकार की डाक परणालिलयो क नाम बाओ 1

2 पदल डाक वयसथा विकस परकार काम करी थी वयाखया कीजिजए 3

3 इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार की डाक वयसथा कशल ह 2

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को विकस परकार परोतसाविह करा था 1

उततरः- 1 दो परकार की डाक परणालिलयाb थी - अशव डाक परणाली था पदल डाक परणाली

2 पदल डाक वयसथा म परविमील ीन असथान हो थ इस दाा कह थ जो एक मील का विहाई भाग होा था अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गा होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लमबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदषाहक शहर स यातरा आरभभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर म घठिटयो सविह छड़ लिलय ह कषमानसार ज भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदषाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौडा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गनवय सथान क पहचन क यही परविकरया चली रही ह

3 इबन बा क अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा करन म जहा b 50 ठिदन लग जा थ ही सलान क गपचरो की सचना पहचन म मातर पाbच ठिदन लग थ इबन बा डाक परणाली की कषला पर हरान था इस परणाली स वयापारिरयो क पास लमबी दरी क सचनाएb भजी जाी थी

4 14 ी शाबदी म राजय वयापारिरयो को परोतसाविह करन क लिलए विषष पग उठाा था उदाहरण क लिलए लगभग सभी वयापारिरक मागz पर सराय था विशरामगह बनाए गए थ

ण( वयसथा

अल - विबरनी ण( वयसथा का इस परकार उललख करा ह -

सबस ऊची जावि बराहमणो की ह जिजनक विषय म विहनदओ क गरथ हम बा ह विक बरहमन क लिसर स उतपनन हए थ कयोविक बरहम परकवि नामक शलिकत का ही दसरा नाम ह और लिसर शरीर का सबस ऊपरी भाग ह इसलिलए बराहमण परी परजावि क सबस चपरिनदा भाग ह इसी कारण स विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

अगली जावि कषवितरयो की ह जिजनका सजन ऐसा कहा जाा ह बरहमन क कधो और हाथो स हआ था उनका दजा( बराहमणो स अमिधक नीच नही ह

उनक पwा षय आ ह जिजनका उदभ बरहमन की जघाओ स हआ था

शदर जिजनका सजन उनक चरणो स हआ था

अविम दो गz क बीच अमिधक अनर नही ह लविकन इन गz क बीच भिभनना होन पर भी य एक साथ ही शहरो एक गाbो म रह ह समान घरो और आासो म मिमल - जल कर

1 अल - विबरनी दवारा रणिण ण( वयसथा का ण(न कीजिजए 3

2 कया आप इस परकार क ण( विभाजन को उलिच समझ ह क( सविह वयाखया कीजिजए 2

3 ासविक जीन म यह वयसथा विकस परकार इनी कड़ी भी नही थी वयाखया कीजिजए 2

उततरः- 1 अल - विबरनी न भार की ण(-वयसथा का उललख इस परकार विकया ह -

(1) बराहमण - बराहमणो की जावि सबस ऊची थी विहनद गरथो क अनसार उनकी उतपवि बरहमा क लिसर स हई थी कयोविक बरहम परकवि का दसरा नाम ह और लिसर शरीर का ऊपरी भाग ह इसलिलए विहनद उनह मान जावि म सबस उततम मान ह

(2) कषतरीय - माना जाा ह विक कषतरीय बरहमा क कधो और हाथो स उतपनन हए थ उनका दजा( बरामहणो स अमिधक नीच नही ह

(3) षय - षय जावि वयसथा म ीसर सथान पर आ ह बरहमा की जघाओ स जनम थ

(4) शदर - इनका जनम बरहमा क चरणो स हआ था

अविम दो णz म अमिधक अनर नही ह य शहर और गाो म मिमल ndash जल कर रह थ

2 नही म इस परकार क ण( विभाजन को उलिच नही माना कयोविक जनम स कोई ऊचा - नीचा नही होा मनषय क अपन कम( उस ऊचा - नीचा बना ह

3 जावि वयसथा क विषय म अल - विबरनी का विरण परी रह स ससक गरथो क अधययन स परभावि था इन गरथो म बरामहणादी जावि वयसथा को सचालिल करन ाल विनयमो का परविपादन विकया गया था परन ासविक जीन म यह वयसथा इनी कड़ी नही थाी उदाहरण क लिलए जावि ndash वयसथा क अनग( न आन ाली शरभिणयो स परायः यह अपकषा की जावि थी विक विकसानो और जमीदारो को ससा शरम परदान कर भल ही य शरभिणयाb परायः सामाजिजक पराड़ना का विषकार होी थी विफर भी उनह आरथिथक तर म शामिमल विकया जाा था

मधयकाल क ीन यावितरयो का लनातमक अधययन

यातरी का नाम अल - विबरनी इबन - बा फरासा बरकिनयर

यातरा की ारीख गयारही शाबदी चदही शाबदी सतरही शाबद

दश जिजसस ह आए उजविकसान मोरकको फरास

विकाब जिजसकी रचना की

विकाब - उल - विहनद

रिरहला टरलस इन द मगल एमपायर

विकाब की भाषा अरबी अरबी अगरजी

शासक जिजसक शासनकाल म यातरा की

सलान महमद ग़ज़नी सलान महममद विबन गलक

मगल शासक शाहजहाb और औरगजब

विषयस जिजस पर उनहोन लिलखा

समाजिजक और धारमिमक जीन भारीय दश(न खगोलषासतर मापतर विजञान नयामियक वयसथा ऐविहालिसक

जञान जावि परथा नारिरयल और पान भारीय शहरो कविष वयापार था ाभिणजय सचार था डाक परणाली दास परथा सी परथा भमिम सामिमत विभिभनन परकार क नगर राजकीय कारखान मगल लिशलपकार काय( की परमाभिणका परमाभिणक मान ह परमाभिणक नही मान ह परमाभिणक मान ह

पाठ 6

भलिकत सफी परपराएb1 धारमिमक विशवासो और आचरणा की गगा-जमनी बनाट

साविहतय और मरकिकला म दी दा का दमिषटका होना

आराधना की परिरपाटी का विस होना

11 पजा परणालिलयो का समनय

दो परविकरयाओ का काय(र होना

एक बराहमणीय विचारधारा दसरा बराहमणो दवारा सतरी शदरो सामाजिजक ग की भाषाओ

को सीकार करना

मखय दा को जगननाथ क एक सरप म परस करना उदा उड़ीसा म परी

सथानीय दवियो को मखय दाओ की पतनी क रप म मानया

12 भद और सघष(

दी आराधना पदधवि को ावितरक नाम दना

ग( और ण( भद की अहलना

ठिदक द गाज होना पर परामाभिणका बन रहना

भलिकत रचनाएb भलिकत उपासना क अश होना

2 उपासना की कविाएb

परारभिभक भलिकत परपरा

भलिकत परपरा म विविधा

भलिकत परपरा क 2 ग(-सगण और विनग(ण

21 मिमलनाड क अलार और नयनार स

मिमल म विषण और लिशजी सवि

इषट का विनाससथल घोविष करना

22 जावि क परवि दमिषटकोण

असपशय जावियो का दवष

अलार और नयनार की रचनाओ क दो समान महत

23 सतरीभलिकत

ममिसतरयो दवारा विपसततातमक आदशाIgrave को चनौी

24 राजय क साथ सबध

मिमल भलिकत रचनाओ बौदध और जन धम( क परवि विरोध

विरोध का राजकीय अनदान की परविसपदरधा

कासय माओ का ढालना

सदर रा का विनमा(ण

चोल समराटो की स कवियो पर विशष कपा

3 कना(टक की ीर श परपरा

नीन आदोलन का उदय

अनयायी ीर श का सिलगाय कहलाए

सिलगायो दवारा पनज(नम पर परशनलिचनह

4 उततरी भार म धारमिमक उफान

उततर भार म लिश और विषण की उपासना

उततर भार क राजप राजयो का उतथान

धारमिमक नाआ का रठिढ़ादी साbच स बाहर होन क कारण दसकारी उतपादन का

विसार

क का आगमन

5 दशाल क नए ान-बान इसलामी परपराएb

711 ई म महममद विबन कालिसम अरब सनापवि दवारा सिसध विजय

सलन की सीमा का परसार

16 ी शाबदी म मगल सलन की सथापना

मसलमान शासको दवारा उलझा क माग(दश(न पर चलना

52 लोक परचलन म इसलाम

इसलाम क जान क बाद परिर(ना का पर उपमहादवीप म परभा

इसलाम का सदधाविक बाो पर बल दना

मालाबार ट पर बसन ाल मसलमान वयापारिरया दवारा सथानीय आचारा का मानना

53 समदायो क नाम

लोगो का गvकरण जनमसथान क आधार पर

ष( विनयमा का पालन न होना

6 सफी म का विकास

ईशवर की भलिकत और उसक आदश क पालन पर बल सविफयो दवारा करान की

वयाखया विनजी अनभो पर

61 खानगाह और लिसललिसला

12 ी शाबदी म सफी लिसललिसलो का गठन

पीर की मतय क पwा दरगाह भलिकतसथल क रप म

62 खानगाह क बाहर

रहसयादी फकीर का जीन

शरिरया की अहलना करन पर ब शरिरया कहलाना

7 उपमहादवीप म लिचशी लिसललिसला

71 लिचशी खानगाह म जीन

सथानीय परपराओ को आतमसा करना

72 लिचशी उपासना जिजयार और कवाली

मईनददीन दरगाह म 14 बार आना

कवालो दवारा रहसयादी गणगान

लिचशी उपासना पदधवि

73 भाषा और सपक(

लिचसतिशयो दवारा सथानीय भाषा अपनाना

सफी कविा का आरभ

74 सफी और राजय

लिचशी सपरदाय दवारा - सादगी का जीन

सफ सो की धम(विनषठा विदवा उनकी लोकविपरया का कारण आलिलया का मधयसथ होना

8 नीन भलिकत पथ

उततरी भार म साद और असहमवि

81 दीयसतर की बनाई कबीर

कबीर बानी म ीन विलिशषट परिरपाठिटयो का सकलन

कबीर दवारा परम सतय का ण(न

इसलामी दश(न क ईशवराद को समथ(न परिहदओ क बह दाद का खडन

कबीर को भलिकत माग( ठिदखान ाल गर रामाननद

82 बाबा गरनानक और पवितर शबद

गरनानक दवारा विनण(ण भलिकत का परचार

भगान उपासना क लिलए विनरर समरण नाम का जाप

आठिद गरथ साविहब का सकलन

83 मीराबाई भलिकतमय राजकमारा

भलिकत परपरा का सपरलिसदध कवियतरा

मारा दवारा जाविादी सामाजिजक रठिढ़या का उललघन

9 धारमिमक परपराओ क इविहासा का पनरकिनमा(ण

विचारो आसथाओ और आचारा को समझना

धारमिमक परपराओ का अनय परपराओ क अनसार परिररकि होना

परशन 1- भलिकत आदोलन का कया अथ( ह

उ 0 कई विहनद सो और सधारको न धारमिमक सधार लान क लिलए आदोलन चलाए जो भलिकत आदोलन क नाम म परलिसदध हआ अपनी भसथिकम को दषा(न क लिलए मठिदरो म दाओ क समकष उनकी सवि म गीो क माधयम स लीन हो जा थ

परशन 2- अलार कौन थ

उ 0 दभिकषण भार क विषण की उपासना करन ालो को अलार कहा जाा था

परशन 3- भलिकत आदोलन क चार परलिसदध सो क नाम लिलख

उ 0 रामाननद सामी कीर गरनानक द मीरा बाई

परशन 4- सफीाद स आप कया समझ ह

उ 0 सफी म क मल लिसदधान करान और हजर महममद की हदीस स मिमल ह सफी शबद मसथिसलम सो क लिलए परयोग विकया जाा ह सविफयो न करान की वयाखया अपन क आधार पर की सफी सो क विचारो को सफी ाद कहा जाा ह

परशन 5- सफी विचार धारा म मशvद का कया महत ह

उ 0 सफी विचार धारा क अनसार परतयक वयलिकत का कोई धारमिमक गर ( मशvद ) होना चाविहए जो विक उसका ईशवर स सपक( करा सक उनक आनसार जिजन वयलिकतयो का कोई गर अथा मशvद नही उनका कोई धम( नही

4 अक क परशन-परशन 6- भलिकत आदोलन क उदय क कारणो का विरण दीजिजए

उ 0 1- षण म का परभा

2- विहनद धम( की तरठिटया

3- इसलाम क फलन का भय

4- सफी म का परभा

5- महान सधारको का उदय

परशन 7- भलिकत आदोलन क मल लिसदधान पर परकाश डालिलए

उ 0 1- एक ईशवर म विशवास

2- शदध काय( करना

3- विष भात की भाना पर बल दना

4- परम भा स पजा करना

5- मरकि पजा का खणडन करना

6-जा पा का खणडन करना

7- गर भलिकत करना

परशन 8- भलिकत आदोलन क परभा और महत की चचा( कर

धारमिमक परभा

1- विहनद धम( की रकषा

2- वराहमण क परभा म कमी

3- इसलाम क परसार म ाध

4- लिसख म का उदय

5- बौदध म का पन

सामाजिजक था सासकविक परभा -

1- विहनद मसलमानो क सामाजिजक समबनधो म सधार

2- विनमन ग( म सधार

3- समाज सा की भाना को परोतसाहन -

4- लोगो म मिमशरण कला का विकास

5- साविहतवितयक विकास

परशन 9-सफी म क मखय लिसदधान कया थ

उ 0 1-अललाह स परम

2- सासारिरक सखो का तयाग

3- अविहसा था शाविाद म विशवास

4- माना स परम

5- मशvद की महतता

6- भौविक लिसदधान

7- अललाह की भलिकत म सगी था नतय का महत

परशन 10- अलारो ए नयनारो का जावि क परवि कया टटमिषट कोण था

उ 0 - नयनारो था अलारो न जावि परथा था बराहमणो की सचचा क विरदध सधार क लिलए परल आदोलन चलाया भलिकत आदोलन क सधारक भिभनन भिभनन जावियो स समबनध रख थ कछ लोग विनचली जावियो जस विकसानो मिमममिसतरयो था अछ जावियो स थ कछ बराहमण जावि स भी थ उनका विषास था विक उनकी धारमिमक पसक उनी ही महान थी जिजना विक द अलारो क मिमल भजन सचचाई और पवितरा क गहर विचारो स भर हए ह उनको षनौ द जाना जाा ह नयनारो का भजन आधयाममितमका स भर ह उनक भजन दभिकषण भार म लिश क सममान म गाय जा ह

08 अक क परशनपरशन 11- कबीर की लिशकषाओ की वयाखया कीजिजय उनहोन अपनी कविाओ क माधयम स lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का ण(न विकस परकार विकया ह

1- कबीर न आधयतवितयका पर बल ठिदया

2- उनहोन विहनद और मसलमन दोनो की रठिढयो की कट अलोचना की

3- कीर न ईशवर की एका पर लठिदया

4- मरकि पजा ीथ( यातरा ए अनय आडमबरो की आलोचना की

5- सी परथा और पदा( परथा का विरोध विकया

6- अचछ कमz का फल अशय मिमला ह

7- उनहोन परमातमा को विनराकार बाया ह

8- उनक अनसार भलिकत क माधयम स मोकष अथा( मलिकत पराप हो सकी ह

lsquolsquoपरम सतयrsquorsquo का विसार

1 विभिभनन परिरपाठिटयो का सहारा लना

2 इसलामी दश(न स परभावि होकर सतय को अललाह खदा हजर और पीर कह ह

3 दा दश(न स परभावि होकर सतय को अलख विनराकार बरमहन और आतमन कह कर

भी समबोमिध कर ह

परशनः- 12- सतरो पर आधारिर परशन ए उततर -

विनमनलिलखिख अनचछद को पठिढए था उस पर आधारिर परशनो क उततर दीजिजए

यह उदहरण उस फरमा(न (बादशाह क हकम नाम ) का अश ह जिजस 1598 म अकबर न जारी विकया

हमार बलद और मकदस (पवितर) जहन म पहचा ह विक यीश की मकदस जमा क पादरी खमबाय गजराज क शहर म इबाद क लिलए (विगरजाघर ) एक इमार की ामीर (विनमा(ण) करना चाह ह इसलिलए यह शाही फरमान जारी विकया जा रहा ह खमबाय क महानभा विकसी भी रह उनक रास म न आए और उनह विगरजाघर की ामीर करन द जिजसस अपनी इबाद कर सक यह जररी ह विक बादषाह क इस फरमान की हर रह स ामील (पालन ) हो

परशनः- 1 यह उदहरण कहा b स लिलया गया ह 1

परशन- 2 इस फरमान दवारा अकबर न गजरा क लोगो को कया आदश ठिदया 2

परशन- 3 यह आदश अकबर की विकस धारमिमक परभितत को दशा(ा ह 2

परशन- 4 कौन स लोग थ जिजनकी ओर बादशाह क फरमान को न मानन की आशका थी 2

उततरः- 1 यह उदहरण समराट अकबर क उस फरमान स लिलया गया ह जो उनहोन 1598 म जारी विकया था

2 इस फरमान क दवारा अकबर न गजरा क लोगो को आदष ठिदया विक उस ईसाई पादरी को विगरजाघर बनान द जो उस बनाना चाह ह

3 यह आदश अकबर की धारमिमक सहनशीला की परभितत को दशा(ा ह विक ह सभी धमz का समान आदर करा था

4 बादशाह को आषका थी विक सभः गर ईसाई इस फरमान को न मान

पाठ - 7

एक सामराजय की राजधानी विजयनगर1 हमपी की खोज

कन(ल मकनजा दवारा हमपी भगनाष का सshyकषण

2 राय नायक था सलान

विजयनगर सामराजय की सथापना

भन विनमा(ण की कनीको का विकास

21 शासक और वयापारी

यदधकला अशवसना पर आधारिर होना

प(गालिलया दवारा पभिwमी ट पर वयापारिरक और सामाजिजक क दरो की

सथापना

22 राजय का चरमोतकष( था पन

राजनीवि म सतता क दादार

कषणद राय दवारा राजय का विसार था दढ़ीकरण

कषणद राय दवारा माb क नाम पर उपनगर की सथापना

कषणद राय क उततरामिधकारिरयो को चनौवियो का सामना

ालीकोट का यदध

रामराय की जोखिखम भरी नीवि

23 राय था नायक

सना दवारा विकलो पर विनयतरण

नायक अमरनायक की भमिमका

3 विजयनगर राजधानी था उसक परिरचछद

31 जलसपदा

कमलपरम जलाशय का विनमा(ण

32 विकल बठिदयाb था सड़क

फारस क शासक दवारा अबदर रsup2ाक को द क रप म कालीकट भजना

द का कालीकट की विकलबदी स परभावि होना

कविष कषतरो का विकलबद भभाग

नगरीय भाग की आरिरक विकलबदी

सरभिकष परशदवार विलिशषट सथापतय क नमन

इडो इसलामिमक शली का परयोग

33 शहरी कनदर

शहरी कनदर का उततरी पv कोना अमीरो का रिरहायशी कषतर

करb जलाशय नगर विनालिसया क पानी क सरो

4 राजकीय कनदर

सपरदायो और मठिदरो को राजा का सरकषण

सरचनाओ था मठिदरो म अर

41 महानमी विडबबा

सरचनाओ का नामकरण भनो क आकार था कायाIgrave क आधार पर

विशालकाय मच

42 राजकीय कनदर म सथिसथ अनय भन

(कमल) लोटस महल परिरषदीय सदन

मठिदर धारमिमक कनदर था राजकीय कनदर

5 धारमिमक कनदर

51 राजधानी का चयन

विरपाकष मठिदर धारमिमक मानयाओ स सबध

52 गोपरम और मणडप

गोपरम अथा राजकीय परशदवार

मठिदर परिरसरो की चारिरवितरक विशषा रथ गलिलया

6 महलो मठिदरो था बाजारो का अकन

परशन-1 हमपी नगर विकस नदी क विकनार बसा हआ ह 2

उततर गभदरा नदी क विकनार हमपी नगर बसा हआ ह

परशन- 2 पमपा विकस दी का नाम ह 2

उततर दी पमपा पा(ी का नाम ह

परशन-3 कालिलन मक जी कौन था उसका भारीय इविहास म कया योगदान था 2

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

परशन-4 हपी क मठिदरो की विषषाओ का ण(न कर 2

उततर हपी क मठिदर अतय अलक सभयकत मडप थ विविषषट अभिभलकषणो म मडप था लब सभो ाल गलिलयार को अकसर मठिदर परिरसर म सथिसथ द सथलो क चारो ओर बन थ सममिममलिल ह विटठल और हजारा राम मठिदर यहा b परमख ह

परशन-5 विजयनगर की जल आशयकाओ को विकस परकार परा विकया जाा था 2

उततर bगभदरा दवारा विनरमिम एक पराकविक कड ह यह नदी उततर म उततर प( ठिदशा म बही ह आसपास की पहाविड़यो स कई जलधाराए b आकर नदी म मिमली ह लगभग सभी धाराओ पर बा bध बनाकर अलग अलग हौज बनाए गए थ शषक कषतर होन क कारण पानी क सचय और इस शहर क ल जान क लिलए वयापक परबध करना आषयक ह सबस महतपण( हौज का विनमा(ण परारभिभक शाबदी क आरभिभक षz म हआ जिजस कमलपरम जलाषय कहा जाा ह

परशन- 6 शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को रखन क आपक विचार म कया फायद और नकसान थ 4

उततर विजयनगर शहर क विकलबद कषतर म कविष कषतर को चारदीारी क अदर रखन स हमार विचार स अनक लाभ और हाविनयाb थी इसका विरण इस परकार ह-

कविष कषतर म खो क आसपास सामानयः साधारण जना और विकसान रह थ बागो और खो की रखाली करना आसान था

परायः मधयकालीन घराबदी का मखय उददशय परविपकष को खादय सामगरी स लिच कर जलदी स जलदी आतमसमप(ण (हलिथयार डालन क लिलए) क लिलए करना होा था

यदधकाल म शतरओ दवारा घराबदी कई महीनो क जारी रखी जाी थी यहाb क विक ष क चल सकी थी आमौर पर शासक ऐसी परिरसथिसथवियो स विनपटन क लिलए विकलबद कषतरो क भीर ही विशाल अननगारो का विनमा(ण करा थ

विजयनगर क शासको न पर कविष भ-भाग को बचान क लिलए एक अमिधक महगी था वयापक नीवि को अपनाया

विकलाबद खी योगय भमिम को चार दीारी क अदर रखन स नकसान यह था विक परायः बाहर रहन ाल विकसानो को आन जान म दवारपालो स इजाज लनी होी थी साथ ही शतर दवारा घराबदी होन पर बाहर स कविष क लिलए आशयक जरर पड़न पर बीज उ(रक यतर आठिद बाहर क बाजारो स लाना परायः कठिठन था

यठिद शतर पकष क दवारा काटी गई फसल को आग लगाकर जला ठिदया जाा ो आरथिथक हाविन बह वयापक हो सकी थी

परशन- 7 आपक विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का कया महतत था 4

उततर हमार विचार म महानमी विडबबा स सबदध अनषठानो का वयापक महतत था विजयनगर शहर क सबस ऊb च सथानो पर महानमी विडबबा नामक विशाल मच होा था इसकी सरचना स जड़ अनषठान सभः लिसमबर था अकटबर क शरद मासो म मनाए जान ाल दस ठिदन क विहनद तयौहार जिजस दशहरा (उततर भार) दगा(पजा (प बगाल) था नरावितर या महानमी (परायदवीपीय भार म) नामो स जाना जाा ह क महानमी क असर पर विनषपाठिद विकए जा थ इस असर पर विजयनगर शासक अपन रब ाक और अमिधराजय का परदश(न कर थ

इस असर पर होन ाल धमा(नषठानो म मरकि की पजा राजय क अशव की पजा था भसो और अनय जानरो की बलिल सममिममलिल थी नतय कशी परविसपधा( था साज लग घोड़ो हालिथयो था रथो और सविनको की शोभायातरा और साथ ही परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट इस असर क परमख आकष(ण थ

तयौहार क अतविनम ठिदन राजा अपनी था अपन नायको की सना का खल मदान म आयोजिज भवय समारोह म विनरीकषण करा था इस असर पर नायक राजा क लिलए बड़ी मातरा म भट था साथ ही विनय कर भी ला थ

परशन- 8 विजयनगर सामराजय क विभिभनन विरणो स आप विजयनगर क सामानय लोगो क जीन की कया छवि पा ह 4

उततर सामानय लोगो क बार म बह जयादा विरण पराप नही हो कयोविक सामानय लोगो क आासो जो अब असतिसत म पराप नही हए ह -

कषतर सshyकषण इविग कर ह विक इस पर कषतर म बह स पजा सथल और छोट मठिदर थ जो विविध परकार क सपरदायो क परचलन की ओर सक कर ह

विजयनगर सामराजय म साधारण लोग विभिभनन समपरदायो जस विहनद श षणो जन बौदध और इसलाम क अनयायी रह थ ह विभिभनन भाषाओ जस कननड़ मिमल लग ससक आठिद का परयोग कर थ

सामानय लोगो म कछ छोट वयापारी और कछ सौदागर भी थ जो गाो कसबो और छोट शहरो म रह थ इनम कछ वयापारी बदरगाह शहरो म भी रह थ सथानीय सओ जस मसाल मोी चदन आठिद क साथ-साथ कछ वयापारी घोड़ और हालिथयो का वयापार भी कर थ

विकसान शरमिमक दास आठिद को भी साधारण लोगो म शामिमल विकया जा सका था सामराजय म कछ सामानय बराहमण वयापारी और दास दालिसयाb भी थ साधारण लोग कविष काय क साथ-साथ विभिभनन परकार क थाकलिथ छोट समझ जान ाल काय( भी विकया कर थ

परशन- 9 विजय नगर सामराजय क उतथान म अमरनायक परणाली क महतत का मलयाकन कीजिजए 8

उततरः- इस सविनक परणाली का विजयनगर सामराजय क उतथान म महततपण( योगदान था जिजसका मलयाकन विनमनलिलखिख विबनदओ म ठिदखाया गया ह -

1 अमर नायक परणाली विजयनगर सामराजय की एक परमख राजनीविक खोज थी ऐसा परी होा ह विक इस परणाली क कई तत ठिदलली सलन की इकता परणाली स लिलए गए थ

2 अमर नायक सविनक कमाडर थ जिजनह राय दवारा परशासन क लिलए राजय कषतर ठिदय जा थ

3 विकसानो लिशलपकरमिमयो था वयापारिरयो स भ-राजस था अनय कर सल कर थ

4 राजस का कछ भाग मठिदरो था सिसचाई क साधनो क रख रखा क लिलए भी खच( विकया जाा था

5 अमर नायको क दल आशयका क समय विजयनगर क शासको को भी एक परभाी सविनक सहाया परदान कर थ

6 अमर नायक राजस का कछ भाग वयलिकतग उपयोग था घोड़ो और हालिथयो क विनधा(रिर दल क रख-रखा क लिलए अपन पास रख ल थ

7 य दल विजयनगर शासको को एक परभाी सविनक शलिकत परदान करन म सहायक हो थ जिजसकी मदद स उनहोन पर दभिकषणी परायदवीप को अपन विनयतरण म विकया

8 अमर नायक राजा को ष( म एक बार भट भजा कर थ और अपनी सामिमभलिकत परकट करन क लिलए राजकीय दरबार म उपहारो क साथ सय उपसथिसथ हआ कर थ

9 य अमर नायक राजा क विनयतरण म रह थ राजा कभी-कभी उनह एक स दसर सथान पर सथानारिर कर उन पर अपना विनयतरण दशा( थ

10 17 ी शाबदी म इनम स कई नायको न अपन सतर राजय सथाविप कर लिलए

अनचछद आधारिर परशनपरशन- 11

कालिलन मक जी

1754 ई म जनम कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की 1815 म उनह भार का पहला सshyयर जनरल बनाया गया और 1821 म उनकी मतय क इस पद पर बन रह भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया कह ह- विबरठिटश परशासन क सपरभा म आन स पहल दभिकषण भार खराब परबधन की दग(वि स लब समय क जझा रहा विजयनगर क अधययन स मक जी को यह विशवास हो गया विक कपनी - सथानीय लोगो क अलग अलग कबीलो जो इस समय भी जनसखया का एक बड़ा विहससा थ को अब भी परभावि करन ाल इनम स कई ससथाओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल कर सक थ

( क ) कालिलन मक जी कौन था 1

उततर कालिलन मक जी ईसट इविडया कपनी म काम कर थ 1754 म कालिलन मक जी का जनम हआ था कालिलन मक जी एक अभिभया सshyकषक था मानलिचतरकार क रप म परलिसजिदध हालिसल की

( ख )कालिलन मक जी न विकस पराचीन शहर की खोज की 1

उततर हपी

( ग ) उनहोन सshyकषण कयो परारभ विकया 2

उततरः- भार क अी को बहर ढग स समझन क लिलए और उपविनष क परषासन को आसान बनान क लिलए उनहोन इविहास स सबमिध सथानीय परपराओ का सकलन था ऐविहालिसक सथलो का सshyकषण करना आरभ विकया

( घ ) कालिलन मक जी न अपना काय( विकन चरणो म परा विकया 3

उततर- स(परथम उनहोन मानलिचतर यार विकए विरपाकष मठिदर ए पपादी क पजारिरयो स जानकारिरया b इकटठी की उनहोन सथानीय परपराओ काननो था रीवि रिराजो क विषय म बह महतपण( जानकारिरया b हालिसल की

विषय - 08

विकसान जमीदार और राजय1 विकसान और कविष उतपादन

भौगोलिलक विविधा

11 सरोा की लाश

ऐविहालिसक गरथ आइन-ए-अकबरी

गजरा महाराषटर था राजसथान स मिमलन ाल दसाज

12 विकसान और उनकी जमीन

खी वयलिकतग मिमसतिलकय क लिसदधा पर आधारिर होना

13 सिसचाई और कनीक

कविष का विसार

मानसन पर कविष पर आभिशर होना

सिसचाई क कवितरम उपाय अपनाना

कविष पशबल पर आधारिर होना

14 फसलो की भरमार

खरीफ रब की फसल

यरिरया क अलग-अलग विहससो स भार क फसला का आना

2 गरामीण समदाय

21 जावि और गरामीण माहौल

आबादी का समहा था जावि वयसथा को बधनी म बटना

राजपो की चचा( विकसानो क रप म

22 पचाय और मखिखया

पचाय म विविधा

गा क मखिखयो का चना गा क बजग दवारा

जावि की अहलना रोकन का मखय दामियत गा क मखिखया की शाठिदयाb जाविग

मानदडो क आधार पर

पचायो दवारा झगड़ा क समझौ

23 गरामीण दसकार

दसकारा का अमिधक सखया म गाbो म होना

दसकारो को जमीन का महाराषटर म पशनी अमिधकार

साओ का विविनमय

24 एक छोटा गणराजय

सामाजिजक सिलग क नाम पर समाज म गहरी विषमाए

3 कविष समाज म मविहलाएb

उतपादन परविकरया म योगदान

कछ कषतर मविहलाओ क लिलए सरभिकष करना

कपोषण क कारण मविहलाओ की मतय दर अमिधक होना

मविहलाओ दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान दवारा नयाय क लिलए पचाय स अपील

परिहद मसलमान मविहलाओ को जमीदारी उततरामिधकार क रप म

4 जगल और कबील

41 बस हए गाbो क पर

यहाb क लोगो को गजारा जगल क उतपादा लिशकार और सथानारीय खी

राजय क जगल रकषाकच

42 जगलो म घसपठ

हालिथया का परयोग

मगलो दवारा लिशकार अभिभयानो का आयोजन

ाभिणसथिजयक खी का परसार

सामाजिजक कारणा स जगलालिसया क जीन म बदला आना

जगल क इलाको म नई ससकवि का विसार

5 जमीदार

जमीदारो को आरथिथक और सामाजिजक सविधाएb होना

सविनक ससाधन ाक का विहससा होना

मगलकालीन गाbो म सामाजिजक सबध एक विपरामिमड क रप म

जमीदारी दवारा बाजारी (हाटो) की सथापना

जमीदारी का विकसानो स आतमीया होना

6 भराजस परणाली

राजय का परशासन तर

भराजस क इजामा म 2 चरण

1 कार विनधा(रण

2 ासविक सली

7 चादी का बहा

वयापार म विसार

समदरी वयापार स नयी सओ का वयापार

8 अबलफज़ल की आइन-ए-अकबरी

अकबर क शासनकाल म 5 सशोधनो क पwा परा होना

ऐविहालिसक दासान का आइन अकबरी म ण(न शाही विनयम राजपतरो का सकलन

लिसललिसलार सकलन एक शाही कायद

ीन भाग परशासन का विरण

सबो क नीच इकाईयो का

सखयातमक आकड़ो म विशषाएb

आइन लोगो उनक पशो और वयसायो सामराजयादी वयसथा और उसक

उचचामिधकारिरयो की सचनाएb दनाला गरथ

अवि सभिकषप परशन (02 अक)

परशन 1 16 ी सदी क राजय अफसरो दवारा विकए जान ाल विभिभनन कारयो का ण(न कर

उततर- भ राजस सल करना भमिम की नाप करना रिरकाड( रखना आठिद

परशन 2 आइन ए- अकबरी क लखक कौन थ

उततर- अबल फजल अकबर का दरबारी लखक थ नरतनो म स एक थ

परशन 3 रय कौन थ य विकन परकार क थ

उततर- विकसान थ दो परकार- खद काश और पाविह काश खद काश उनही गा b म रह थ

जिजनम उनकी जमीन दी और पाविह काश खविहर थ जो दसर गाbो स ठक पर खी करन आ थी

परशन 4 आइन क माविबक विकन परकार की फसल ॠएb थी

उततर आइन - ए - अकबरी क अनसार कविष वयसथा म मखय रप स दो कविष ऋए थी खरीफ और रबी खरीफ का उदाहरण चाल और जार और रबी का उदाहरण गह b और चना

परशन 5 जिजनस -ए- कामिमल स कया अभिभपराय ह

उततर- सzततम फसल जस - कपास और गनना

सभिकषप परशन (4 अक)

परशन 6 पचाय क कायz का ण(न कीजिजए

(1) सामदामियक काय( जस विक मिमटी क छोट-छोट बाbध बनाना या नहर खोदना

(2) पराकविक आपदाओ स विनपटन की वयसथा करना

(3) गरामीण समाज क लिलए विनयम बनाना

(4) जावि की अहलना रोकना

(5) सजा दना जस - जमा(ना लगाना और समदाय स विनषकालिस करना

परशन 7 आइन ए- अकबरी का ण(न कीजिजए

(1) अकबर क सामराजय का झलक दषा(ना

(2) सविनक सगठन का ण(न करना

(3) सरकार क विभागो और परानो क बार म विसार स जानकारी दना

(4) राजस क सतरो था विहसाब रखना

(5) खविहर समाज का ण(न करना

परशन 8 कविष उतपादन म मविहलाओ की भमिमका का विरण कीजिजए

(1) मविहलाएb और मद( कध स कधा मिमलाकर खो म काम कर थ

(2) बआई विनराई और कटाई क साथ - साथ पकी हई फसल का दाना विनकालना

(3) स काना बरन बनान क लिलए मिमटी को साफ करना और ग bथना कपड़ो पर कढ़ाई करना जस दसकारी क काम करना

(4) बचचा पदा करना था उनका पालन पोषण करना

(5) परविबध जस पसथिषचमी भार म मविहलाओ को हल या कमहार का चाक छन की इजाज

नही थी बगाल म पान क बागान म परष नही कर सकी थी

परशन 9 भ- राजस कस विनधा(रिर विकया जाा था

(1) दीान पर राजय की विततीय वयसथा की दख रख करा था

(2) भ- राजस क दो चरण- जमा और हालिसल जमा विनधा(रिर रकम और हालिसल सचमच सली की गई रकम

(3) जी हई जमीन और जोन लायक जमीन दोनो की नपाई की गई

(4) राजस कम(चारिरयो की विनयलिकत भ - राजस सल करन क लिलए की गई

(5) ारकिषक रिरपzट यार करना

परशन 10 जबी वयसथा की परमख विषषाओ का ण(न कीजिजए

(1) जमीन की नाप अविनाय(

(2) भमिम का गvकरण -पोलज परौी चचर और बजर

(3) औस उपज का जञान रखना

(4) राजय का भाग विनसथिषच करना

(5) नकद मलय विनसथिषच करना

(6) भमिमकर एकवितर करना

लमब पर शन 08 अक परशन 11 जमीदार कौन थ उनक कया काय( थ

जमीदार गरामीण समाज क अभिभनन अग थ जो अपनी जमीन क मालिलक हो थ कविष उतपादन म परतयकष भागीदारी नही कर थ गरामीण समाज म उbची हलिसय क कारण उनह कछ विशष सामाजिजक और आरथिथक सविधाय मिमली हई थी समाज म उनकी उचच सथिसथवि क दो कारण थ पहला - जावि दसरा- उनक दवारा राजय को दी जान ाली विशष साय

काय(-

(1) भराजस सल करना

(2) राजा और विकसान क बीच मधयसथा करना

(3) सविनक टकविड़यो की वयसथा

(4) कविष भमिम का विकास करना

(5) विकसानो को कविष क लिलए ऋण दना

(6) अपनी जमीनो की फसल को बचना

(7) गा म बाजार (हाट) लगान की वयसथा करना

(8) जमीदारी की खरीद बच स गा की आरथिथक सथिसथ म सधार लाना

शरो आधारिर परशन-

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उनक अ म पछ गए परषनो क उततर दीजिजए

नकद या जीनस

आइन स यह एक अनचछद ह-

अमील - गजार लिसफ( नकद लन की आद न डाल बसतिलक फसल भी लन क लिलए यार रह यह बाद ाला रीका कई रह स काम म लाया जा सका ह पहला कणक विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क अदाजा अगर कोई शक हो फसल को ीन अलगअलग पसिलदो म काटना चाविहए - अचछा मधयम और बदर और इस रह शक दर करना चाविहए अकसर अदाज स विकया गया जमीन का आकलन भी पया(प रप स सही नीजा दा ह दसरा बटाई जिजस भाओली भी कह ह (म) फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की मौजदगी म रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ी ह ना( - दषट - बजिदध और मककार घोखबाजी की नीय रख ह ीसर ख बटाई जब बीज बोन क बाद ख बाbट ल ह चौथ लाbग बटाई फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक (पकष) अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 1 कणक का अथ( सपषट कीजिजए (2)

उततर- विहनदी जबान म कण का मलब ह अनाज और क का मलब अदाजा ह

परशन 2 भ राजस सली की बटाई अथा भाओली परथा कuml सपषट कीजिजए (2)

उततर- इसम फसल काट कर जमा कर ल ह और विफर सभी पकषो की उपसथिसथवि म

रजामदी म बbटारा कर ह लविकन इसम कई समझदार विनरीकषको की जरर पड़ ह

परशन 3 लाbग बटाई परथा की वयाखया कीजिजए (2)

उततर- फसल काटन क बाद उसका ढर बना ल ह और विफर उस अपन म बाbट ल ह और हरक अपना - अपना विहससा घर ल जाा ह और उसस मनाफा कमाा ह

परशन 4 भ राजस सली की कौन सी परथा आप अचछी समझ ह और कयो सपषट कीजिजए (2)

उततर- लाbग बटाई कयोविक सबको अपना - अपना विहससा मिमला ह और मनाफा मिमला ह

पाठ - 9शासक और इविततमगल दरबार (16 ी 17 ी शाखिबदया)

मगल दरबार (परान सदभ दवारा इविहास की पनर(चना)

विस सshyकषण-राजनीविक इविहास

खोज की कहानी-दरबारी कागजा (दसाज़)

उदाहरण-अकबरनामा बादशाहनामा

विचार-विमश(-नय राजनीविक सामाजिजक आरथिथक ए सासकविक इविहास

बाबर स औरगजब क औरगजब क अमिधकारी शरशाह सरी

परसाना-दरबारी इविहासकार-अबलफजल

मगलशासक और सामराजय-उलमा ग(

इविततो की रचना-शाहजहाbनामा आलमगीरनामा जक जहाbगीरी आठिद

कETH स फारसी की ओर

पाडलिलविपयो की रचना

रगीन लिचतर

आदश( राजय-सलह कल-जन-कलयाण मनसबदारी परथा

जहाbगीर था शाहजहाb का काल भ-विलास का काल

अकबर की फारमिमक नीवि राजप नीवि

औरगजब क समय कला को झटका

राजधाविनयाb नय शहर

मगल दरबार-झरोखा दश(न

पदवियाb उपहार भट कोरकिनश

शाही परिरार

सचना था सामराजय

पराीय शासन

सीमाओ स पर

ीथ(यातरा और वयापार गरओ क परवि असीम आसथा-धम( पर विमश(

मगल ासकला लिचतरकला सासकविक विकास

मगलहरम मगल कारखान

कनदरीय परशासन

अवि लघ परशन (2 अक)

पर1 कोरकिनश शबद क अथ( को सपषट कीजिजए

उततर कोरकिनश औपचारिरक अभिभादन का एक ऐसा रीका था जिजसम दरबारी दाएb हाथ की लहथी को ललाट पर रखकर आग की ओर लिसर झका थ

पर2 1526 स 1707 क क बीच भार म शासन करन ाल ष का नाम बाइए और इस श क ससथापक कौन थ

उततर मगल श और ससथापक बाबर

पर3 rsquoविकाबखानाrsquo शबद का अथ( कया ह

उततर rsquoविकाबखानाrsquo का शाखिबदक अनाद पसकालय ह यह एक ऐसा लखन गह था

जहा शासको दवारा सकलिल पाडलिलविपया रखी जाी था नई पाडलिलविपया यार की जाी थी

पर4 पाडलिलविपयो की सरचना म सलगन कछ लोगो क कायz को बाइए

उततर पाडलिलविपयो की रचना क विविध काय म बह लोग शामिमल हो थ इनम स कछ लोगो क दवारा कागज बनाना सलखन मिघसाई लिचतरकारी और जिजलदसाजी की जाी थी

पर5 बाबर की आतमकथा कौन-सी भाषा म लिलखी गई थी

उततर बाबर की आतमकथा rsquoजक बाबरीrsquo मल रप स कETH भाषा म लिलखी गई थी बाद म इस फारसी भाषा म बाबरनामा क नाम स अनाद विकया गया

लघ परशन (4 अक ) पर6 मगल सामराजय म शाही परिरार की ममिसतरयो दवारा विनभाई गई भमिमका का मलयाकन कीजिजए

उततर 1 मगल परिरार म शही परिरारो स आन ाली ममिसतरयो बगमो अगाहा म अर रखा जाा था

2 पममितनया और उनक अनक मविहलाए साधारण स साधारण काय( स लकर बजिदधमा स अलग-अलग काय का सपादन कर थ

3 नरजहा क बाद मल राविनयो और राजकमारिरयो न महततपण( विभिततय सरोो पर विनयतरण रखना शर विकया

4जहाbआरा रोषनआरा को ऊb च शाही मनसबदारो क समान ारकिषक आय होी थी

5 जहाbआरा को सर क बदरगाह स राजस पराप होा था

6 ससाधनो पर विनयतरण न मगल परिरार की महततपण( ममिसतरयो को इमारो या बागो क विनमा(ण का अमिधकार ठिदया था

7 चाbदनी चक की रपरखा जहाbआरा क दवारा बनाई गई

पर7 rsquoबादशाहनामाrsquo पर सकषप म ठिटपपणी लिलखिखए

उततर अबलफज़ाल एक विषषय अबदल हमीद लाहौरी बादषाह नामा क लखक क रप म जाना जाा ह इसकी योगयाओ क बार म सनकर बादषाह शाहजहाb न उस अकबर नामा क नमन पर अपन शासन का इविहास लिलखन क लिलए विनयकत विकया बादषाह नामा भी सरकारी इविहास ह इसकी ीन जिजलद (दफर) ह और परतयक जिजलद 10 चदर ष का बयोरा दी ह लाहौरी न बादषाह क शासन (1627 47) क पहल क दो दषको पर पहला दसरा दफर लिलखा इन जिजलदो म बाद म शाहजहाb क जीर सादलला खाb न सधार विकया

विस उततर (8 अक)

पर8 मनसबदारी क परणाली क गण और दोषो की विचना कीजिजए

उततर मनसबदारी परणाली क गण

1 समराट को सनय सगठन सबधी परशाविनयो स छटकारा ठिदलाना

2 योगयानसार पद परदान विकया जाना

3 परशासविनक वयय को सीमिम करना

4 सामराजय का विसार ए सथामियत परदान करना

5 मनसबदार कला और साविहतय क पोषक थ

मनसबदारी परणाली क दोष

1 भशाली जीन स धन को दरपयोग होना

2 विनधा(रिर सखया स कम सविनक

3 समराट क परवि सामी भलिकत का विकास नही होना

4 अमीरो था सरदारो म विदरोह की भाना पनपना

5 मगल सना का राषटरीय सना न बन पाना

6 शासक और सविनको क मधय सीध समपक( की कमी

अधयाय 10

उपविनषाद और दहा

1 बगाल और हाb क जमीदार

11 बद(ान म की गई नीलामी की घटना

- इसमरारी बदोबस

- नीलामी म बोली लगाना

- फजv विबकरी

12 अदान विकए गए राजस की समसया

- जमीदारिरयो का हसारण

- अकाल

- जमीदार भसामी न होकर राजस समाहा(

13 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ

- जमीदारो की असफला क विभिभनन कारण

14 जोदारो का उदय

15 जमीदारो की ओर स परविरोध

- फ़जv विबकरी क अग( ममिसतरयो क नाम पर सपभितत को सरभिकष करना

16 पाbची रिरपोट(

- ईसट इविडया कपनी क चीन और भार म वयापार क एकामिधकार को रदद करना

- कपनी का कशासन और अवयसथिसथ परशासन

- परर समिमवि

2 कदाल और हल

21 राजमहल की पहाविड़यो म

- बकानन क अनभ

- पहाड़ी लोगो का विनास वयसाय

- सथायी कविष का विसार

- पहाविड़या मखिखयाओ को ारकिषक भतता दकर कषतर म शावि सथाविप करना

- सथाल लोगो का आगमन

22 सथाल आगआ बासिशद

- पहाविड़या लोग जहाb उपदरी थ सथाल आदश( बासिशद

- सथालो क गाbो की जिदध

23 बकानन का विरण

- ईसट इविडया कपनी क लिलए बकानन दवारा पराकविक साधनो की खोज

- नो को कविष भमिम म बदलन क परयास

3 दहा म विदरोह

- बमबई दककन

- विकसानो दवारा साहकारी क बही-खा जलाना और अनाज़ लटना

- अहमदनगर म विदरोह

- अगरजो क सामन 1857 क विदरोह का दशय उपसथिसथ होना

- विगरफारिरयो का दौर

32 एक नई राजस परणाली

- 1810 क बाद खी की कीम बढ़ना

- औपविनलिशक सरकार दवारा भ-राजस म उपाय सोचना

- जमीदारो दवारा जमीनपटट पर दना और विकराए विक आमदनी पर विनभ(र होना

- बबई दककन म रयाड़ी का लाग होना

33 राजस की माbग और विकसान का कज(

- बबई म कठोराप(क राजस सल करना

- 1832 क बाद कविष उतपादो की कीमो म जी स विगराट आना

- अकाल की चपट म कविष पशधन और मनषय का आना

- 1840 क बाद कविष और आरथिथक सथिसथवि म सधार

34 विफर कपास म जी आई

- अमरिरका स कचचा माल (कपास) लन पर विबरठिटश का सिचवि होना

- 1857 म विबरटन म कपास आपरकि सघ की सथापना

- 1859 म मनचसटर काटन कपनी की सथापना

- भार म कपास की खी आरमभ करना

- 1861 म अमरिरका म गहयदध

- बमबई म कपास की खी को परोतसाहन दना

- दककन म गाbो क विकसानो को असीमिम ऋण उपलबध कराना

35 ऋण का सरो सख गया

- अमरिरका क गहयदध क बाद हाb कपास का उतपादन आरमभ हआ

- भारीय कपास क विनया( म विगराट

- विकसानो स ऋण ापस माbगना और राजस की माग को बढ़ाना

36 अनयाय का अनभ

- ऋणदाा का सदनहीन होना

- बयाज का मलधन स अमिधक होना

- 1859 म अगरजो दवारा परिरसीमन कानन बनाना

- दसाज और बधपतर अतयाचार परणाली स परीक होना

4 दककन दगा आयोग

बमबई सरकार दवारा 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट म दककन दगा आयोग का रिरपोट(

पश करना

2 अक क पर शन पर1 सथायी बदोबस कया था 2

उततर- भमिमकर या लगान इकटठा करन की परथा जो 1793 म अगरजी गन(र जनरल लाड( कान(ालिलस (1786-1793) न चलाई उस सथायी बदोबस कह ह इस वयसथा क अग( भमिम जमीदारो को सथायी रप स द दी गई इस भमिम कर वयसथा को सथायी बदोबस का नाम ठिदया गया

पर2 रयबारी बनदोबस कया था 2

उततर- अगरजी कमपनी न भार म लगान सल करन क अनक ढग चलाय उनम रयबारी भी एक था इसम सरकार का सबध जमीदारो स न होकर रय या विकसानो स सीधा होा था इसलिलए जमीदारो को बीच म कछ नही दना पड़ा था इस परथा को मदरास और बमबई म लाग विकया गया इस वयसथा म लगान की दर काफी ऊb ची थी जिजसक परिरणामसरप विकसान कज( लन क लिलए मजबर हो जा थ

पर3 भाड़ा पतर कया था 2

उततर- भाड़ा पतर एक ऐसा दसाज था जिजसम रय यह लिलखकर द थ विक साहकारो स जमीन और पश खी करन क लिलए भाड़ पर ल रह ह ास म यह जमीन और पश रय क ही हो थ जो ऋण न चका पान क कारण ऋणदाा न हलिथया लिलए थ

पर4 सथाल कौन थ उनक जीन की दा विशषाएb कया थी 2

उततर- सथाल लोग राजमहल पहाविड़यो की लहटी या विनचल भागो म रह थ हल स जाई करक खी कर थ उनह मदानो क जमीदार लोग खी क लिलए नई भमिम यार करन और खी का विसार करन क लिलए भाड़ पर लगा ल थ

पर5 दककन दगा आयोग स आप कया समझ ह 2

उततर- 1875 क बाद जो दककन म विकसानो दवारा दग विकए गए उनकी छानबीन करन क लिलए भार सरकार क दबा डालन पर बमबई की सरकार न जो जाbच आयोग बठाया उस दककन दगा आयोग कहा जाा ह इसकी रिरपzट 1878 म विबरठिटश पारथिलयामट क सामन पश की गई

पर6 जोदार कौन थ 2

उततर- धनी विकसानो क समह को जोदार कहा जाा था जो 18 ी शाबदी क अ म जमीदारो की बड़ी मसीबो का लाभ उठाकर अपनी शलिकत बढ़ान म लग हए थ

4 अक क पर शन

पर7 राजस रालिश क भगान म जमीदार कयो चक कर थ 4

उततर- इसक अनक कारण थ-

1 आरमभ म राजस की दर और माग बह ऊb ची रखी गई थी कयोविक सरकाशकराचाच( सोची थी विक बाद म राजस की मागो को बढ़ाया नही जा सकगा

2 शर-षर म जमीदारो को अपनी-अपनी भमिमयो क सधार म अपन पास स बह धन वयय करना पड़ा जिजसक परिरणामसरप लगान का भगान करन क लिलए उनक पास धन की कमी हो गई

3 जमीदार लोग नए काननो को समझन म असमथ( रह इसलिलए राजस दन म कोाही करन लग जिजसक कारण राजस की राविष बढी चली गई

4 1790 क दषक म कविष उपज की कीम परायः काफी कम थी इसलिलए विकसान जमीदारो को अपना कर चकान म असफल रह ऐस म जब विकसानो स धन पराप नही हआ ो आग अगरजी राजस अमिधकारिरयो को धन कस चका सक थ

5 राजस की राविष ो एक समान रही थी परन कई बार सखा अकाल पड़न या अमिधक षा( क कारण फसल बबा(द हो जाी थी परन राजस स का सा ही बना रहा था जिजस परविकल परिरसथिसथवियो म चकाना काफी कठिठन हो जाा था

6 जमीदारो स सभी परषासविनक अमिधकार छीन लिलए गए थ और अपनी सनय टकविड़याb भी नही रख सक थ इस परकार विकसानो पर उनका विनयतरण काफी ढीला पड़ गया था ऐस म विकसानो स पसा कस सल विकया जा सका था

7 जमीदारो को कमजोर होा दखकर अनक गाb क मखिखया-जोदार या पविड बड़ परसनन हो थ कयोविक अब उनक विरदध शलिकत का परयोग नही कर सक थ ऐस म जमीदारो या उनक परविविनमिधयो जिजनह lsquolsquoअमलाrsquorsquo कह थ विकसानो स भमिमकर एकवितर करना काफी कठिठन हो जाा था

पर8 सथालो न विबरठिटश शासन क विरदध विदरोह कयो विकया 4

उततर- सथालो क विबठिटश शासन क विरदध विदरोह क विनमन कारण थ -

1 सथालो न जिजस जगली भमिम को बड़ी कठिठनाई स साफ करक खी योगय बनाया था अब उस पर अगरजी सरकार भारी कर लगा रही थी

2 उधर साहकार लोग भी विबरठिटश सरकार क अमिधकारिरयो स मिमलकर ऊb ची दर स सथालो को कज( दन लग थ और कज( न मिमलन पर उनकी भमिमयो को हलिथयान लग थ साहकार की इस कचषठा क पीछ विबरठिटष सरकार का हाथ था ऐसा सथाल लोगो न महसस विकया इसलिलए साहकारो को नही विबरठिटश सरकार को दोषी मानन लग थ

3 उधर जब जमीदारो न सथालो क विनसथिषच इलाक जिजस दामिमन-इ-कोह कहा जाा था पर अपन अमिधकार का दाा विकया ो सथाल लोग विबरठिटष नीवियो स और भयभी हो गए कयोविक उनक विचार म इस कचषठा क पीछ भी विबरठिटश सरकार का हाथ था

4 विबरठिटश सरकार जस-जस सदढ़ होी गई उसन पहाड़ी कषतरो को भी अपन दढ विनयतरण म लन का परयतन विकया ऐसा विबरठिटश सामारजय की सरकषा और आरथिथक सथिसथवि क लिलए आशयक माना गया ऐस म जब सथालो क इलाक पर विबरठिटश सरकार न अपना विनयतरण करन की सोची ो सथाल भड़क उठ और उनहोन 1855-56 म विबरठिटष सरकार क विरदध विदरोह कर ठिदया

पर9 पहाविड़या लोगो क बार म आप कया जान ह 4

उततर- 1 पहाविड़या लोग राजमहल पहाविड़यो क असली विनासी थ इस जगह को अपनी विनजी सपभितत समझ थ

2 पहाविड़या लोग झम खी कर थ जगल क छोट स विहसस म झाविड़या आठिद को काट कर और घास-फस को जलाकर जमीन साफ कर ल थ और राख की पोटाष स उपजाऊ बनी भमिम पर अपनी फसल उगा थ विफर कछ समय उस जमीन को खाली छोड़ द थ ाविक मिमटटी की उ(रा बनी रह

3 कदाल पहाविड़या लोगो क जीन का परीक बन गया था

4 इनका जीन परी रह जगल की उपज पर विनभ(र था जगलो स खान क लिलए फल था महआ क फल इकटठा कर थ और बचन क लिलए लकविड़या इकटठी कर थ

08 अक क परशन

पर10 विकसानो का इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क बार म कया समसयाऐ आी ह

उततर- विकसानो सबधी इविहास लिलखन म सरकारी सतरोो क उपयोग क दौरान आन ाली समसयाएb-

1 विकसानो स सबमिध इविहास लिलखन म कई सतरो ह जिजनम सरकार दवारा रख गए राजस अभिभलख सरकार दवारा विनयकत सshyकषणका(ओ क दवारा दी गई रिरपोटz पवितरकाए जिजनह हम सरकार की पकषधर कह सक ह सरकार दवारा विनयकत जाच आयोग की रिरपोट( अथा सरकार क विहमायी पा(गह या सोच रखन ाल अगरज यावितरयो क विरण और रिरपोट( आठिद शामिमल ह

2 ऐस ऐविहालिसक सतरोो पर दमिषटपा कर समय हम यह याद रखना होगा विक य सरकारी सतरो ह और घटनाओ क बार म सरकारी सरोकार और अथ( परविपरिबविब कर ह उदाहरणाथ( - दककन दगा आयोग स विषष रप स यह जाbच करन क लिलए कहा गया था विक कया सरकारी राजस का सर विदरोह का कारण था सपण( साकषय परस करन क बाद आयोग न यह सलिच विकया था विक माग विकसानो क गसस की जह नही थी

3 रिरपोट( का मखय सार ए दोष - इसम सारा दोष ऋणदााओ या साहकारो का ही था इसस यह बा सपषट होी ह विक औपविनविषक सरकार यह मानन को कभी भी यार नही थी विक जना म असोष या रोष कभी सरकारी काय(ाही क कारण भी उतपनन हआ था

4 सरकारी रिरपोट( इविहास क पनविनमा(ण क लिलए बहमलय सतरो लिसदध होी ह लविकन उनह हमषा साधानीप(क पढ़ा जाना चाविहए और समाचार पतरो गर-सरकारी ाो मिधक अभिभलखो और यथासभ मौखिखक सतरोो स सकलिल साकषय क साथ उनका मिमलान करक उनकी विशवसनीया की जाbच की जानी चाविहए

5 औपविनलिशक सरकार जना म वयाप असोष था रोष क लिलए सय को उततरदायी मानन क लिलए यार नही थी

पर11 ईसट इविडया कपनी न जमीदारो पर अपना विनयतरण बढ़ान क लिलए कया-कया कदम उठाए 4

उततर- 1 जमीदारो की सनय टकविड़यो को भग कर ठिदया गया

2 सीमा शलक समाप कर ठिदया गया

3 उनकी कचहरिरयो को कमपनी दवारा विनयकत कलकटर की दखरख म रख ठिदया गया

4 जमीदारो स सथानीय नयाय और सथानीय पलिलस की वयसथा करन की शलिकत छीन ली गई

5 समय क साथ-साथ कलकटर का काया(लय सतता क एक विकलपी कनदर क रप म उभर आया और जमीदार क अमिधकार को परी रह सीमिम ए परविबमिध कर ठिदया गया

अनचछद आधारिर परशन-

पाची रिरपोट( स उदध-

जमीदारो की हाल और जमीनो की नीलामी क बार म पाची रिरपोट( म कहा गया ह -

राजस समय पर नही सल विकया जाा था और काफी हद क जमीन समय-समय पर नीलामी पर बचन क लिलए रखी जाी थी सथानीय ष( 1203 दनसार सन 1796-97 म विबकरी क लिलए विजञाविप जमीन की विनधा(रिर रालिश (जममा) 2870061 लिसकका र थी और र ास म 1790416 र म बची गई और 1418756 रपय रालिश जममा क रप म पराप हई सथानीय स 1204 दानसार सन 1797 - 98 म 26661991 लिसकका रपय क लिलए जमीन विजञाविप की गई 2274076 लिसकका रपय की जमीन बची गई और करय राविष 2147580 लिसकका रपय थी बाकीदारो म कछ लोग दष क बह परान परिरारो म स थ य थ नाठिदया राजशाही विषनपर (सभी बगाल क) आठिद क राजा साल दर साल उनकी जागीरो क टट जान स उनकी हाल विगड़ गई उनह गरीबी और बबा(दी का सामना करना पड़ा और कछ मामलो म ो सा(जविनक विनधा(रण की रालिश को यथा बनाए रखन क लिलए राजस अमिधकारिरयो को भी काफी कठिठनाइया उठानी पड़ी

पर 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ 3

पर2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ 2

पर3 पा bची रिरपोट( कया थी 2

उततर 1

(क) राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमशा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततर 2

कछ बाकीदार परान परिरार स थः नठिदया राजशाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततर 3

पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परशासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परशासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

अधयाय - 11

विदरोही और राज

1857 का आदोलन और उसक वयाखयान1 विदरोह का ढरा(

- विदरोह की खबर एक शहर स दसर शहर पहbचना

- हर छानी म विदरोह का घटनाकरम

11 सनय विदरोह कस शर हए

- विदरोह क विभिभनन सक

- कही ोप का गोला दागना ो कही विबगल बजाना

- शासतरागार पर कबजा और सरकारी खजान को लट लाना

- सम सर विफरविगयो क खिखलाफ अपील जारी करना

- विदरोह म आम लोगो को शामिमल होना

12 सचार क माधयम

- अचछा सचार का सथाविप होना

- योजना समतविन और असरदार होना

- सामविहक विनण(य

13 ना 5 नाओ का उभरकर आना

14 अफाह और भविषयाभिणयाb

- विबरठिटश शासन क खिखलाफ अफाह फलाना

- लाड( हारडिडग क विरदध षड़यतर रचना

15 लोग अफाहो म विशवास कयो कर रह थ

- लोगो क जहन म डर सदह मल कारण

- सी परथा और विहनद विधा विाह

- अगरजी परणाली का हदयहीन परायी और दमनकारी होना

2 अध म विदरोह

21 एक विगलास चरीफल

- 1801 म अध स सहायक समिध की योजना

- 1851 म लाड( डलहौजी का बयान

- 1851 म अध का अमिधगरहण होना

22 दह स जान जा चकी थी

- ाजिजद अली शाह को कलकतता विनषकालिस करना

- अध स नाब क विनषकासन स जना को बहद दख और अपमान का सामना

23 विफरगी राज का आना और एक दविनया का खातमा

- अध क अमिधगरहण स कल नाब की गददी न छीनी जाना उसक ाललकदार को भी लाचार करना

- 1857 म एकमश बदोबस का लाग होना

- एक परी सामाजिजक वयसथा का भग होना

- परानी दविनया का खातमा

3 विदरोही कया चाह थ

31 एका की कलपना

- विदरोही विदरोविहयो दवारा सामाजिजक एका सथाविप करना

- विहनदसानी फौजिजयो को उनका हक ठिदलाना

- परिहद धम( और इसलाम की रकषा करना इसाई धम( को फलान स रोकना

32 उतपीड़न क परीको क खिखलाफ

- विफरगी राज क उतपीविड़न को रोकना

- विबरठिटश भराजस वयसथा को नकारना

- वयापक सा(जविनक भलाई को करना

33 कसथिलपक सतता की लाश

- विबरठिटश शासन क धस होन क बाद ठिदलली लखनऊ कानपर म कसथिलपक सतता की लाश

- परानी दरबारी ससकवि का सहारा लना

- मगल वयसथा स मिमली-जली वयसथा अपनाना

4 दमन

- अगरजी दवारा विदरोह कचलना आसान न होना

- माश(ल ला काम न आना

- अनक टकविड़यो दवारा हरक इलाका छाना जाना

- जमीदारो को फसलान का परयतन करना

- विकसानो का बरा हाल बनाना

5 विदरोह की छावियाb

- विदरोविहयो की घोषनाएb सचनाएb और पतर

- कल अगरजी दसाज ही आधार नही

- जना की भानाओ को भड़काना और परविशोधण क लिलए पररिर करना

51 रकषको का अभिभनदन

- अगरजी पदामिधकारिरयो का अभिभनदन

- विदरोह को कचलन ाल अमिधकारिरयो को महामविड करना

52 अगरज और और विबरटन की परविषठा

- अगरज औरो और बचचो को मन म भय पदा करना

- अगरजिजय और ईसाईय की रकषा

53 परविशोध और परदश(न

- अगरजी दवारा परविशोधातमक और सबक सीखन की योजना यार करना

54 दहश का परदश(न

- विदरोविहयो को मौ क घाट उार जाना

55 दया क लिलए कोई जगह नही

- अगरजो क हदय म दया की गजारिरश न होना

- खौफनाक दशय का उपसथिसथ होना

56 राषटरादी दशय कलपना

- विदरोविहयो म राषटरादी भाना का कट कट कर भरना

- विदरोही नाओ को राषटर नायको क रप म परस करना

- साविहतय और लिचतर म राषटरनायको की ीरगाथा का गणगान करना

अविलघ परशन ( 02 अक ) परशन 01 सहायक समिध को विकस गन(र जनरल दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल चार परमख शलिकतयो क नाम लिलखिखए

उततर सहायक समिध को गन(र जनरल लाड( लसली दवारा लाग विकया गया इस सीकार करन ाल परमख शलिकतयाb थी - हदराबाद अध मसर इतयाठिद

परशन 02 कानपर म विकस अगरज मविहला न भारीय लिसपाविहयो स ीराप(क अपनी रकषा की

उततर मिमस वहीलर

परशन 03 अध का अविम नाब कौन था उस पशन दकर कहाb भजा गया

उततर ाजिजद अली शाह अध का अविम नाब था उस पशन दकर कलकतता भज ठिदया गया

परशन 04 सामानय सा भv अमिधविनयम विकस गन(र जनरल क शासनकाल म था कब पारिर विकया गया

उततर सामानय सा भv अमिधविनयम 1856 म लाड( कपरिनग क शासनकाल म लाग विकया गया

लघ परशन ( 04 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क राजनविक ए परशासविनक कारणो का ण(न कर

उततर (क) विबरठिटश शासको की सामराजयादी नीवि

(ख) राजय अपहरण की नीवि

(ग) पशनो था उपामिधयो की समातविप

(घ) मगल समराट क परवि असममानजनक बा(

(ड) अध का विलय

(च) सहायक समिध का दरपयोग

परशन 02 1857 विदरोह की असफला क कया कारण थ

उततर (क) विदरोह का विनभिw विलिथ स प( विसफोट

(ख) अगरजो को दशी शासको का सहयोग पराप होना

(ग) उचच ग( का सहयोग न मिमलना

(घ) विदरोविहयो क सीमिम साधन

(ड) सामानय आदश( का अभा

(च) परविभाान विबरठिटश सनापवि

(छ) सचार-साधनो पर अगरजो का विनयतरण

परशन 03 1857 विदरोह क सरप का ण(न कर

उततर (क) सविनक विदरोह मातर-

(अ) 1857 क विदरोह की परमख आधारभमिम सविनको दवारा यार की गयी थी

(ब) विदरोह का सा(मिधक महतपण( था ातकालिलक कारण चबvाल कारसो का मामला था

(स) विदरोह का परसार सपण( दश म नही हआ यह उनही नगरो ए कषतरो क सीमिम रहा जहाb सविनक चौविकयाb और छाविनयाb थी

(द) विदरोह का दमन करन म विबरठिटश सरकार को अमिधक कठिठनाईयो का सामना नही करना पड़ा कयोविक इस सामानयजनो का सहयोग ए समथ(न पराप नही था

(ख) परथम सतरा सगराम-

(अ) लाखो कारीगरो विकसानो और लिसपाविहयो न कनध स कनधा मिमलाकर विबरठिटश सतता क खिखलाफ सघष( विकया घमककड़ सनयालिसयो फकीरो ए मदारिरयो दवारा गा-गा म इसका परचार-परसार विकया

(ब) आदोलन म विहनद-मसलमानो न एकजट होकर भाग लिलया सभी विदरोविहयो म एक म स बहादरशाह को अपना समराट सीकार विकया

(स) विदरोह क लगभग सभी कनदरो म जनसाधारण न विबरठिटश शासन क विरदध सविकरय भाग लिलया

(द) विदरोह का कषतर काफी वयापक था अनक दशी रिरयासो ए राजयो म शासक ग( क विबरठिटश सतता क सहयोग ए समथ(क बन रहन पर भी सना ए जना दवारा विदरोह म सविकरय भाग लिलया था

विस परशन ( 08 अक ) परशन 01 1857 विदरोह क सामाजिजक आरथिथक धारमिमक ए सविनक कारणो का ण(न करो

उततर (क) आरथिथक कारण

(अ) समपदा का विनषकासन

(ब) भारीय उदयोग-धनधो था वयापार-ाभिणजय का विनाश

(स) भ-राजस की दर

(द) इनाम म पराप जागीरो को छीनना

(य) जनसामानय म बकारी और दरिरदरा

(ख) सामाजिजक कारण

(अ) भारीयो क साथ दवरयहार

(ब) भारीयो क सामाजिजक जीन म हसकषप

(स) पाwातय लिशकषा का परसार

(द) ईसाई धम( का परचार

(ग) सविनक कारण

(अ) भारीय सविनको म असोष

(ब) भारीय सविनको की अपकषाक अमिधक सखया

(स) सना का दोषपण( विरण

(द) सामानय सा भv अमिधविनयम

(य) चबvाल कारस

अनचछद पर आधारिर परशनविनमनलिलखिख अनचछद को पठिढ़ए और उततर दीजिजए-

विदरोही कया चाह थ इस विषय म हम 25 अगस 1857 ई 0 की आजमगढ़ घोषणा स महतपण( जानकारी मिमली ह

भाग- सरकारी कम(चारिरयो क विषय म-

lsquolsquoअब यह कोई रहसय की बा नही ह विक विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv हो ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी परशासविनक और सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सभी पद कल अगरजो को ही ठिदय जा ह इसलिलए विबरठिटश सा म काम करन ाल सभी भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए उनह 200-300 रपय मालिसक न मिमलगा और भविषय म ऊच पद मिमलगlsquolsquo

भाग- कारीगरो क विषय म-

इसम कोई सदह नही विक इगलड म विनरमिम सओ को ला-लाकर यरोपीयो न हमार बनकरो सी सतर बनान ालो बढ़ईयो लोहारो और मोलिचयो आठिद को बरोजगार कर ठिदया ह उनक काम-धनधो पर इस परकार अमिधकार जमा लिलया ह विक दशी कारीगरो की हर शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई ह बादशाही सरकार म दशी कारीगरो को राजाओ और अमीरो की सा म विनयकत विकया जाएगा विनःसदह इसस उनकी उननवि होगी इसलिलए इन कारीगरो को अगरजो की सा छोड़ दनी चाविहएlsquolsquo

परशन-01 भार म विबरठिटश माल की पहbच न कारीगरो को विकस परकार परभावि विकया

उततर भार म विबरठिटश म विनरमिम सओ की पहbच क कारण भारीय बनकर सी सतर बनान ाल बढ़ई लोहार मोची आठिद सभी दसकार ए लिशलपकार बरोजगार हो गए विबरटन क मशीन विनरमिम सस माल न भारीय बाजारो पर अमिधकार कर लिलया परिरणामसरप दशी कारीगरो की परतयक शरणी भिभखमगो की सथिसथवि म पहbच गई

परशन-2 बादशाही सरकार की अधीना म कारीगरो की दशा विकस परकार उनन होगी

उततर बादशाही सरकार म दशी कारीगरो ए लिशलपकारो को अमीरो की सा म विनयकत विकया जायगी इसस उनकी उननवि होगी

परशन-3 सरकारी सा म विनयकत लोग विबरठिटश सरकार स कयो असनषट थ

उततर विबरठिटश सरकार क अधीन परशासविनक ए सविनक साओ म भv होन ाल भारीय लोगो को सममान नही मिमला उनका न कम होा ह और उनक पास कोई शलिकत नही होी थी परशासविनक ए सविनक दोनो साओ म परविषठा और धन ाल सार पद कल अगरजो को ही ठिदय जा थ इसलिलए सरकारी सा म विनयकत भारीय विबरठिटश सरकार स असनषट थ

परशन-4 विदरोही घोषणा म बार-बार विकस बा क लिलए अपील की गई

उततर विदरोही घोषणा म बार-बार इस बा क लिलए अपील की गई विक भारीयो को अपन मजहब और विहो की ओर धयान दना चाविहए था अगरजो क परवि अपनी फादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ दना चाविहए

पाठ - 12

औपविनलिशक शहर

नगरीकरण नगर-योजना सथापतयमहतपण( विबनद

सरोः- 1 ईसट इविडया कपनी क रिरकाड(

2 जनगणना रिरपोट(

3 नगरपालिलकाओ क रिरपzट(

1900 - 1940 क नगरीय जनसखया 10 परविष स बढ़कर 13 परविष हो गई

18 ी शाबदी क अ क मदरास बमबई था कलकतता महतपण( बदरगाह नगर क रप म विकलिस हो चक थ

यााया क नए साधनो जस टराम बस घोड़ गाविड़या इतयाठिद न लोगो को अपन घरो स दर काम करन क सथान पर जाना सभ बना ठिदया

कई भारीय शासको न यरोपीय भन विनमा(ण शली को आधविनका था समया का परीक माना था इस शली क भन बनाकर अपनी शलिकत का परदष(न करन का परयास विकया

सथानीय लोगो की बसतिसयो को rdquo बलक टाऊनrdquo कहा जाा था अगरजो की बसतिसयो को बलक टाऊन स अलग रखन क लिलए बीच म दीार बनाई गई थी

पठ एक मिमल शबद ह जिजसका मलब होा ह बसी जबविक परम शबद गाb क लिलए इसमाल विकया जाा ह

परशन 1 औपविनलिशक सदभ( म शहरीकरण क रझानो को समझन क लिलए जनगणना सबधी आकड़ विकस हद क उपयोगी हो ह (2)

उततर औपविनविषक सदभ( म शहरीकरण क रझान को समझन क लिलए जनगणना सबधी आbकड़ बह उपयोगी हो ह

(अ) इसस शव और अष लोगो की कल जनसखया या आबादी को जानन म सहयोग मिमला ह

(ब) शव और अष टाऊन क विनमा(ण विसार और उनक जीन सबधी सर भयकर बीमारिरयो क जनसखया पर पड़ दषपरभा आठिद को जानन म भी जनगणना सबधी आbकड रन जानकारी दन ाल पठिटटयो का काय( कर ह

(स) जनगणना सबधी आbकड़ विभिभनन समदायो काय जावियो की जानकारी द ह

परशन 2 विबरठिटश शासन क दौरान लिसविल लाइनस कया थ (2)

उततर 1857 क विदरोह क बाद भार म अगरजो का रया विदरोह की लगाार आशका स य होन लगा था उनको लगा था विक शहरो की और अचछी रह विहफाज करना जररी ह और अगरजो को दविषयो क ख़र स दर जयादा सरभिकष पथक बसतिसयो म रहना चाविहए परान कसबो क इद(-विगद( चरागाहो और खो को साफ कर ठिदया गया लिसविल लाइनस क नाम स नए शहरी इलाक विकलिस विकए गए लिसविल लाइनस म कल गोरो को बसाया गया

परशन 3 औपविनलिशक शहरो म रिरकाड( सभालकर कयो रख जा थ (2)

उततर 1 जनसखया म हए बदलाो की जानकारी क लिलए

2 औपविनलिशक शहरो क विकास विक पनर(चना क लिलए

परशन 4 ीनो औपविनलिशक शहरो यथा मदरास बमबई और कलकतता का एक सामानय विषषा लिलख (2)

उततर मदरास बमबई और कलकतता ीनो शहरो की बसतिसयो म अगरजी ईसट इविडया कमपनी क वयापारिरक था परशासविनक काया(लय सथाविप विकय गए थ ीनो शहरो क पास बदरगाह विकलिस हए

परशन 5 कोई ीन प(ीय सथल क नाम लिलख जिजनकी सथपना अगरजो न भार म की थी

उततर लिशमला दारजिजलिलग माऊटआब

परषन 6 परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो म खद को विकस रह सथाविप विकया (4)

उततर परमख भारीय वयापारिरयो न औपविनलिशक शहरो अथा( मदरास (चननई) बमबई (मबई) और कलकतता (कोलकाा) म कमपनी क एजनट क रप म रहना शर विकया

य सभी बसतिसयाb वयापारिरक और परषासविनक काया(लयो ाली थी इसलिलए भारीय वयापारिरयो को यह शहर सविधाजनक लग यह ीनो शहर बदरगाह थ और इनम सड़क यााया जहाजरानी क साथ-साथ कालार म रलो की सविधा पराप हो गई भारीय गरामीण वयापारी और फरी ाल शहरो म माल गाb स खरीदकर भी ला थ अनक भारीय वयापारी जब परान और मधयकालीन शहर उजड़ गए ो उनह छोड़कर इन बड़ शहरो म आ गए उनहोन वयापारिरक गविविमिधयाb करन क साथ-साथ उदयोग-धध भी गाए अपनी अविरिरकत पbजी इन शहरो म विनष की

वयापारिरक गविविमिधयो क बार म रख गए सरकारी रिरकाडz और विस बयौरो स कई परकार की जानकारी पराप कर थ शहरो की समसयाओ क समाधान क लिलए नगरपालिलकाओ स सहयोग लिलया गया अनक वयापारी इन बड़ शहरो क उपनगरीय

कषतरो म भी रहन लग उनहोन घोड़ागाड़ी और नए यााया क साधनो को भी परयोग विकया भारीय वयापारी कमपनी क वयापार म महततपण( भमिमका विनभा थ ममबई क रहन ाल वयापारी चीन को जान ाली अफीम क वयापार म विहससदार थ

उनहोन ममबई की अथ(वयसथा को माला राजसथान और सिसध जस अफीम उतपादक इलाको स जोड़न म सहाया दी कमपनी क साथ गठजोड़ एक मनाफ का सौदा था जिजसस कालार म एक पbजीपवि ग( का विकास हआ भारीय वयापारिरयो म सभी समदाय-पारसी माराड़ी कोकणी मसलमान गजराी बविनए बोहरा यहदी आठिद शामिमल थ

परशन 7 औपविनलिशक कलकतता म नगर विनयोजन पर सासथय और सरकषा की जररो क परभा का मलयाकन कीजिजए (4)

उततर भार म उपविनशााद का सीधा परभा नगर विनयोजन पर दमिषटगोचर होा था कमपनी ए अगरजी सरकार न भार क परमख बदरगाह ाल शहरो को विनयोजिज ढग स बसान का विचार विकया इन शहरो म एक शहर था-कलकतता जो बगाल सब का एक महतपण( शहर अगरजी सतता की राजधानी ए ाभिणजय का कनदर था कलकतता शहर क विनयोजन का परथम चरण लाड( लजली क काय(काल म परारभ हआ

(अ) सासथय क दमिषटकोण स बह सार बाजारो घाटो कविबरसानो और चम(षोधन इकाइयो को साफ विकया गया इनम स कछ को हटा ठिदया गया शहर का एक नीन नकषा यार विकया गया इसम सड़क क विकनार ए अनय अध कबजो को हटान की लिसफारिरष की गई 1817 म हजा था 1896 म पलग महामारी न कलकतता को अपनी चपट म ल लिलया

लिचविकतसक इसकी ठोस जह नही बा पाए परिक lsquoजनसासथयrsquo की अधारणा को बल मिमला सरकार ए जागरक नागरिरक (दवारकानाथ टगोर ए रसम जी कोासजी) यह मानन लग विक शहर को सासथयध(क बनाना आषयक ह अ 5 घनी आबादी ाली बसी था झोपविड़यो को हटाया गया सासथय क आधार पर वहाइट ए बलक टाउन जस नसली विभाजन हए

(ब) सरकषा कलकतता शहर क विनयोजन का भार सरकार न अपन ऊपर इसलिलए लिलया कयोविक यह शहर सरकषा क दमिषटकोण स सदनशील था

1756 म नाब लिसराजददौला न कलकतता पर हमला विकया था था कमपनी को करारी लिशकस दी थी

कमपनी न 1757 म जब लिसराजददौला कोपराजिज विकया उसक बाद उसन कलकतता शहर की विकलाबदी शर की ाविक आसानी स कलकतता पर हमला न विकया जा सक ीन गाb सानाी कोलकाा और गोविनदपर को मिमला कर कलकतता शहर बसाया गया फोट( विलिलयम क आसपास खली जगह छोड़ी गई ाविक हमलारो पर आसानी स गोलीबारी की जा सक

इस परकार यह सपषट रप स दखा जा सका ह विक कलकतता शहर क विनयोजन म सरकषा ए सासथय का वयापक परभा था

परशन 8 भार म औपविनलिशक शासन काल म नगरा की कया सथिसथवि थी (4)

उततर

1 गरामीण इलाको क गरीब रोजगार क लिलए शहरो की रफ भाग रह थ कई लोग आकष(क शहरी जीन क कारण भी नगरो की ओर खिखच चल आ रह थ

2 औपविनलिशक शासको न विनयमिम रप स सshyकषण कराए सा bसथिखयकीय आ bकड़ इकटठ विकए और समय-समय पर शहरो स सबमिध सरकारी रिरपोट( परकालिश की

3 मदरास बबई और कलकतता क नकश परान भारीय शहरो स काफी हद क अलग थ भनो का सथापतय कला बदल गया था

4 जिजन विहल सटशनो म चाय और काफी क बागान लगाए गए थ हा b बड़ी सखया म मजदर आन लग

5 शहरो म औरो क लिलए अनक असर थ कछ सधारको न मविहलाओ की लिशकषा का समथ(न विकया लविकन रठिढ़ाठिदयो न इसका विरोध विकया जस-जस समय बीा सा(जविनक सथानो पर मविहलाओ की उपसथिसथवि बढ़न लगी नौकरानी और फकटटरी मजदर लिशभिकषका और विफलम कलाकार क रप म शहरो क नए वयसायो म दाखिखल होन लगी

परशन 9 भार म छाविनयो क विकास का ण(न कर (08)

उततर अगरजी सामराजय की सरकषा क लिलए अगरजी सरकार न महतपण( सथानो पर छाविनयो की सथापना की उनहोन कई मल राजयो की सीमाओ पर राजय की उथल-पथल को विनयवितर करन था शासको की गविविमिधयो पर विनगरानी रखन क लिलए छाविनया b बनाई सन 1765 ईसी म लाड( रोबट( कलाई न अपनी सना रखन क लिलए छाविनयाb बनान की नीवि का विनमा(ण विकया इन छाविनयो म विबरठिटश सना को रखकर उनह सविनक परलिशकषण ठिदया जाा था और उनम सविनक जीन वयी करन और अनशासन म रहन की लिशकषा दी जाी थी उस समय भार म 62 छाविनया b थी भार म सबस महतपण( छाविनयाb लाहौर पशार विफरोज़पर आगरा बरली जालधर झा bसी नागपर मबई कलकतता मदरास ठिदलली आठिद थी भटिटडा म सथाविप की गई नई छानी दश की 62 छाविनयो म स सबस बड़ी छानी ह छाविनयो पर विनयतरण रखन ाला सबस बड़ा अमिधकारी डायरकटर जनरल होा ह यह छाविनयो का परशासन था छानी क बाहर था भीर की अचल सपभितत की दख-रख करा ह परतयक छानी का परशासन एक छानी बोड( चलाा ह छानी बोड( एक सायततशासी ससथा होी ह और इसक सभी कायz पर क दरीय रकषा मतरालय का विनयतरण होा ह छाविनयो पर क टोनमट एकट 1924 दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा बनाए गए विनयम लाग हो ह छानी बोडz म लोगो दवारा चन हए परविविनमिधयो क अविरिरकत कछ सरकारी मनोनी सदसय भी हो ह नगर का सटशन कमाडर बोड( का परधान होा ह क दरीय सरकार पराथमिमक लिशकषा सड़को पर रोषनी का परबध था सड़को की मरमम का काय( करी ह

परशन 10 बमबई नगर म भन विकन-विकन भन विनमा(ण शलिलयो क अनसार बनाए गए (08)

उततर बमबई शहर म ठिदखन ाल विभिभनन औपविनलिशक भन विनमा(ण शली

( क ) नशासतरीय या विनयोकलालिसकल शली

बड़-बड़ सभो क पीछ रखागभिणीय सरचनाओ का विनमा(ण इस शली की विशषा थी यह शली मल रप स पराचीन रोम की भन विनमा(ण शली सविनकली थी जिजस यरोपीय पनजा(गरण क दौरान पनजvवि सशोमिध और लोकविपरय विकया गया

1 बमबई का टाउन हाल

2 एसतिलफसटन सक( ल या हारकिनमान सक( ल

( ख ) न-गालिथक शली

उची उठी हई छ नोकदार महराब और बारीक साज-सsup2ा इस शली की खालिसय होी ह गालिथक शली का जनम इमारो ख़ासौर स विगरजो स हआ था जो मधयकाल म उततरी यरोप म काफी बनाए गए

1 सलिचालय

2 बमबई विशवविदयालय

3 बमबई उचच नयायालय

4 विकटोरिरया टरमिमनस

( ग ) इडो-सारासविनक शली

एक नयी मिमभिशर सथापतय शली विकलिस हई जिजसम भारीय और यरोपीय दोनो रह की शलिलयो क त थ इडो शबद विहनद का सभिकषप रप था जबविक सारासविनक शबद का परयोग यरोप क लोग मसलमानो को सबोमिध करन क लिलए कर थ

परशन 11 अनचछद आधारिर परशन

विनमनलिलखिख अरण को धयानप(क पढ़कर ठिदए गए परषनो का उततर लिलखिखएः-

गरामीण कषतरो की ओर पलायन

1857 म विबरठिटश सना दवारा शहर पर अमिधकार करन क बाद ठिदलली क लोगो न कया विकया इसका ण(न परलिसदध शायर मिमजा( ग़ालिलब इस पकरार कर ह दशमन को पराजिज करन और भगा दन क बाद विजाओ ( विबरठिटश ) न सभी ठिदशाओ स शहर को उजाड़ ठिदया जो सड़क पर मिमल उनह काट ठिदया गया दो स ीन ठिदनो क कशमीरी गट स चाbदनी चक क शहर की हर सड़क यदधभमिम बनी रही ीन दवार - अजमरी क( मान था ठिदलली अभी भी विदरोविहयो क कबज म थ इस परविशोधी आकरोश था घणा क नग नाच स लोगो क चहरो का रग उड़ गया और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन

ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

( क ) मिमजा( ग़ालिलब कौन था ( 1 )

उततर मिमजा( ग़ालिलब एक परलिसदध शायर था

( ख ) 1857 म ठिदलली म कया और कयो हो रहा था ( 2 )

उततर 1857 क विदरोह क दौरान ठिदलली पर विदरोविहयो का कबजा था पर शीघर ही उस विबरठिटश सना दवारा कबज म कर लिलया गया

( ग ) जब ठिदलली पर विबरठिटष सना क दवारा अमिधकार विकया जा रहा था ब कौन स ीन दवार विदरोविहयो क कबज म थ ( 2 )

उततर ीन दवार -अजमरी क( मान था ठिदलली विदरोविहयो क कबज म थ

( घ ) विबरठिटश सना दवारा ठिदलली पर अमिधकार क दौरान लोगो की कया सथिसथवि थी (2)

उततर लोगो क चहरो का रग उड़ गया था और बड़ी सखया म परष और मविहलाएb इन ीनो दवारो स हड़बड़ा कर पलायनकरन लग शहर क बाहर छोट गाbो और दसथलो म शरण ल अपनी ापसी क अनकल समय का इजार कर रह

पाठ - 13

महातमा गाधी और राषटरीय आदोलनसविनय अजञा और उसस आग- गाधीजी सतरा सगराम म भाग लन ाल सभी नाओ म सा(मिधक परभाशाली और सममाविन ह

- मोहनदास करमचद गाधी दभिकषण अफरीका म दो दशक रहन क बाद जनरी 1915 म भार ापस आए

- दभिकषण अफरीका म गाधीजी न पहली बार सतयागरह क रप म जानी गई अविहसातमक विरोध की अपनी विविषषठ कनीक का इसमाल विकया और विभिभनन धमz क बीच सौहादर बढ़ान का परयास विकया

- गोखल की सलाह स इस भमिम और इसक लोगो को जानन क लिलए गाधीजी न एक ष( की यातरा की

- उनकी पहली महतपण( सा(जविनक उपसथिसथवि फररी 1916 म बनारस विहनद विषविदयालय म क उदघाटन समारोह म हई

- अपनी भाषण की माधयम स उनहोन भारीय विविषषट ग( को आड हाथो लिलया और लाखो गरीब भारीयो का समथ(न विकया

- उनहोन सफला प(क 1917 म चमपारण सतयागरह और 1918 म खड़ा सतयागरह और अहमदाबाद कपड मिमल क मजदरो का समथ(न विकया

- 1919 दषभर म रोलट एकट क खिखलाफ अभिभयान रोलट सतयागरह स गाधीजी एक सचच राषटरीय ना बन

- 1920 जलिलयााला बाग हतयाकाड क बाद अगरजी शासन क खिखलाफ असहयोग आदोलन खिखलाफ आदालन का समथ(न अगरजो क साथ परी रह असहयोग सकल कालज और कचहरिरयो का बविहषकार

- चरी चोरा हतयाकाड और आदोलन ाविपस लना

- गा bधीजी एक लोकविपरय ना होन क कारण- आम लोगो की रह सतर पहन थ उनकी रह रह थ और उनकी रह ही भाषा बोल थ

- 1924 जल स रिरहा होन क बाद गाधीजी अपना घयान रचनातमक काय( जस चरखा को लोकविपरय बनाना विहनद - मसलमान एका छआछ को समाप करन म लगाया

- 1928 साईमन कमीशन गाधीजी का राजनीवि म पनः परष

- 1929 लाहोर म कागरस का अमिधशन पण( सराजय की माग

- 1930 दाडी माच( नमक कानन का उललघन

- दश क विशाल भाग म न कानन का उललघन फकटरी कामगरो का हड़ाल

-कीलो दवारा विबरठिटश अदालो का बविहषकार विदयारथिथयो दवारा सरकारी लिशकषा ससथानो का बविहषकार

- 1930 गोलमज सममलन कागरस न बविहषकार विकया

- 1931 गा bधी - इरकिन समझौा

- 1935 गन(मट आफ इविडया एकट

- 1937 पराो म चना 11 म स 8 पराो म कागरस की सरकार

- 1939 विदवीय विशव यदव कागरसी मवितरमडलो दवारा इसीफा

- 1940 मसलिलम लीग क दवारा परथक राषटर की माग

- 1942 विकरपस मिमशन की असफला भार छोडो आदोलन पर भार म जनआदोलन

- 1946 कविबनट मिमशन कागरस और मसथिसलम लीग को एक सघीय वयसथा पर राजी करन म असफला बगाल विबहार उततरपरदष और पजाब म सामपरदामियक दग

- 1946 लाड( माउटबटन का ायस राय बनना भार का विभाजन औपचारिरक सतता हसारण भार को सतरा की परातविप

- राजधानी म हो रह उतसो म गाधीजी की अनपसथिसथवि कलकतत म 24 घट क उपास

- बगाल म शावि सथापना क लिलए अभिभयान चलान क बाद गाधीजी का ठिदलली आगमन यहा b स दगागरस पजाब क जिजलो म जान क विबचार 30 जनरी 1948 नाथराम गोडस दवारा गाधीजी को गोली मारकर हतया कर दी गई

अवि लघ पर शन ( 02 अक ) परशन-1 दो परमख नाओ क नाम लिलखिखए जिजनहोन विभिभनन दशो क राषटर विनमा(ण म परमख भमिमका विनभाई

उततरः- (क)अमरिरका म जाज( ालिशगटन (ब) भार म महातमा गा bधी

परशन-2 लाल - बाल - पाल कौन थ

उततरः-(क) य आरभिभक उगर राषटरादी ना थ जिजनहोन अखिखल भारीय सर पर

राषटरादी आदोलन चलाया (ब) लाल - लाला लाजप राय बाल ndash बाल गगाधर विलक पाल विविपनन चनदर पाल

परशन-3 गा bधीजी दवारा भार म विकसानो और मजदरो क लिलए चलाए गए दो आदोलन क नाम लिलखिखए

उततर- (क) चमपारण सतयागरह - 1917 (नील विकसानो क लिलए) (ब) अहमदाबाद मिमल मजदर आदोलन (1918)

परशन-4 बनारस विहनद विशवविदयालय म गा bधीजी क भाषण का महत बाइए

उततरः- (क) गा bधीजी न मजदर गरीबो की ओर धयान न दन क कारण भारीय विलिशषट ग( को आड़ हाथो लिलया (ब) धनी और गरीबो क बीच की विषमा पर उनहोन लिचना परकट की उनक अनसार दश की मलिकत कल विकसानो क माधयम स ही हो सकी ह

परशन- 5 रौलट एकट कया ह

उततरः- (क) सतरा सगराम को कमजोर करन क लिलए रौलट दवारा यह कानन बनाया गया था

(ब) विकसी भी वयलिकत को विबना जा bच विकय काराास म डाला जा सका था

परशन- 6 चरखा को राषटरीय परीक क रप म कयो चना गया था

उततरः-(क) चरखा सालममिमबा और आतम सममान का परीक ह (ब) हजारो बरोजगार गरीबो को परक आमदनी परदान करन का साधन

परशन- 7 भारीय राषटरीय आदोलन म कागरस क लाहौर अमिधशन का कया महत था

उततरः-(क) कागरस न सराज क सथान पर पण( सराज को लकषय बनाया

(ब) 26 जनरी 1930 को सतरा ठिदस क रप म मनाना

परषनः-8 1931 क गा bधी-इरकिन समझौ का उललख कीजिजए

उततरः- अ) सविनय अजञा आदोलन को सथविग कर ठिदया गया

ब) इरकिन न सभी अपरिहसक कठिदयो को रिरहाई की बा मान ली

स) भारीयो को नमक बनान की छट

द) गा bधीजी दसर गोलमज सममलन म विहससा लन क लिलए राजी

परशन -9 विदवीय विशव यदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का दमिषटकोण कया था

उततरः- (क) गाधीजी और नहर दौनो ही विहटलर और नासथितसयो क कटटर आलोचक थ (ब) उनहोन फसला लिलया विक अगर अगरज यदध समाप होन क बाद भार को सतरा दन पर राजी हो ो कागरस उनक यदध परयासो म सहाया द सकी ह

लघ पर शन ( 04) अक परशन- 10 विकन कारणो स गाधीजी न असयोग आदोलन को चलाया यह आदोलन कयो सथविग करना पड़ा

उततरः- 1 रौलट कानन क विरोध म

2 जलिलया b ाला बाग हतयाकाड क अनयाय का परविकार करना

3 खिखलाफ आदोलन को समथ(न करन क लिलए

4 सराजय परातविप क लिलए

चौरी - चौरा म हई परिहसा को दख हए गाधीजी न असहयोग आदोलन को सथविग कर ठिदया कारण ह अविहसा क पजारी थ

परशन-11 दाड़ी माच( क महत को समझाइए

उततरः-1 विबरठिटश भार क सा(मिधक घभिण काननो म स एक जिजसन नमक क उतपादन और विकरय पर राजय को एकामिधकार द ठिदया था का उललघन विकया गया था

2 पहली बार राषटरीय आदोलन म ममिसतरयो न बढ़ - चढ़ कर भाग लिलया

3 दश क विशाल भाग म सरकारी काननो का उललघन विकया गया

4 अगरजो को अहसास हआ विक अब उनका राज बह ठिदनो क नही ठिटक सका

परशन-12 पथक विना(लिचका की समसया कया थी इस मदद पर कागरस दलिल गz क बीच कया मभद थ इस समसया का कया समाधान विनकाला गया

उततरः-1 पथक विना(लिचका की मा bग दलिल ग( दवारा उठाई गई जिजसम ह अपन लिलए भी चना कषतरो का आरकषण चाह थ

2 1931 क दसर गोलमज सममलन म दलिल ना डा0 भीमरा अमबडकर न कहा विक कागरस दलिलो का परविविनमिधत नही करी

3 उनक अनसार पथक विना(लिचका क दवारा ही दलिलो की आरथिथक सामाजिजक दशा को सधारा जा सका ह

4 गाधीजी न इसका विरोध विकया उनका मानना था विक विहनद समाज उचच और दलिल ग( म बट जायगा था दश की एका कमजोर होगी अः पना समझौ दवारा कागरस क भीर ही दलिलो को पथक विना(चन कषतर ठिदय गए था पथक विना(लिचका की समसया हल हो गई

दीघ( परशन ( 08 अक ) परशनः- 13 गाधीजी न विकस परकार राषटरीय आदोलन को जन आदोलन म बदल ठिदया

उततरः- 1 सरल सातवितक जीन शली

2 लोगो की भाषा विहनदी का परयोग

3 चमतकारी अफाह

4 सतय अविहसा

5सदशी और बविहषकार

6 चरखा का परयोग और खादी को लोकविपरय बनाना

7 ममिसतरयो दलिलो और गरीबो का उदधार

8 विहनद मसथिसलम एका 9 छआ - छ का उनमलन

10 समाज क परतयक ग( को बराबरी क नजरिरय स दखना और सभी को राषटरीय आदोलन म शामिमल करना

परशनः-14 ऐस सरोो की वयाखया कीजिजए जिजनस महातमा गाधी क राजनीविक जीन था भारीय राषटरीय आदोलन इविहास को पनः सतरबदध कर सक ह

उततरः- 1 आतमकथाए b और जीनी

2 समकालीन समाचार पतर

3 सा(जविनक सर

4 विनजी लखन

5 पलिलसकरमिमयो था अनय अमिधकारिरयो दवारा लिलख गए पतर और रिरपोट(

परशनः- 15 rdquoगाधीजी जहा b भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह

फलीrdquo सोदाहरण सपषट कीजिजए

उततरः- 1 सातवितक जीन शली

2 धोी और चरखा का परयोग

3 लोगो की बोलचाल की भाषा विहनदी का परयोग

4 चमपारन सतयागरह

5 असहयोग आदोलन म उनक दवारा सतय ए अविहसा का परयोग

6 गाधीजी जहाb भी गए ही उनकी चमतकारिरक शलिकतयो की अफाह फल गई

6 गाधीजी क विरोध करन ाल क लिलए भयकर परिरणाम की कहाविनयाb भी थी उदाहरण क लिलए आलोचना करन ालो क घर रहसयातमक रप स विगर गए अथा उनकी फसल चौपट हो गई

परशनः-16 विनमनलिलखिख अनचछद को धयानप(क पठिढ़ए और उसक अ म पछ गए परशनो क उततर दीजिजए

नमक सतयागरह कयो

नमक विरोध का परीक कयो था इसक बार म महातमा गाधी न लिलखा ह-

परविठिदन पराप होन ाली सचनाओ स पा चला ह विक कस अनयायपण( रीक नमक कर को यार विकया गया ह विबना कर (जो कभी-कभी नमक क मलय का चदह गना क होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी अः यह राषटर की अतयामिधक महतपण( आषयका पर कर लगाी ह यह जना को इसक उतपादन स रोकी ह और परकवि न जिजस विबना विकसी शरम क उतपाठिद विकया उस नषट कर दी ह अः विकसी भी जह स विकसी चीज को सय उपयोग न करन दन था ऐस म उस चीज को नषट कर दन की इस अनयायपण( नीवि को विकसी भी विषषण दवारा नही बाया जा सका ह विभिभनन सतरोो स म भार क सभी भागो म इस राषटर समपवि को बलगाम ढ़ग स नषट विकय जान की कहाविनयाb सन रहा ह टनो न सही पर कई मन नमक कोकण ट पर नषट कर ठिदया गया ह दाणडी स भी इस रह की बा पा चली ह

जहाb कही भी ऐस कषतरो क आसपास रहन ाल लोगो दवारा अपनी वयलिकतग परयोग ह पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखी ह हाb र अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा ह जिजनका एक मातर काय( विबनाष करना होा ह इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खच( स ही नषट विकया जाा ह और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा ह नमक एकामिधकार एक रह स चरफा अभिभषाप ह यह लोगो को बहमलय सलभ गरामउदयोग स बलिच करा ह परकवि दवारा बहाय म उतपाठिद समपदा का यह अविषय विनाष करा ह इस विनाष का मलब ही ह और अमिधक राषटरीय खच( चथा और इस मख(ा का चरमोतकष( भख लोगो स हजार परविष स अमिधक की उगाही ह सामानय जन की उदासीना की जह

स ही लमब समय स यह कर असतिसत म बना रहा ह आज जना पया(प रप स जाग चकी ह अः इस कर को समाप करना होगा विकनी जलदी इस खतम कर ठिदया जायगा यह लोगो की कषमा पर विनभ(र करा ह

परशनः-1 नमक विरोध का परीक कयो था (2)

उततरः- क परतयक भारीय घर म नमक का परयोग अविनाय( था

ब लविकन इसक बाजद भारीयो को घरल परयोग क लिलए नमक बनान स रोका

गया और उनह दकानो स ऊच दामो पर खरीदन क लिलए बाधय विकया गया

परशनः-2 औपविनविषक सरकार क दवारा नमक को कयो नषट विकया जाा था (2)

उततरः- क अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था

ब विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

परशनः-3 महातमा गाधी नमक कर को अनय करो की लना म अमिधक दमनातमक कयो मान थ (2)

उततरः- अ अनयायपण( रीक स नमक कानन को यार विकया गया था विबना कर (जो कभी - कभी नमक क मलय का चौदह गना होा था ) अदा विकय गए नमक क परयोग को रोकन क लिलए सरकार उस नमक को जिजसस ह लाभ पर नही बच पाी थी नषट कर दी थी

ब पराकविक नमक मिमलन ाल कषतर क आसपास वयलिकतग परयोग क लिलए पराकविक नमक उठा ल जान की समभाना ठिदखन स सरकारी अमिधकारी विनयकत कर ठिदय जा थ जिजनका एक मातर काय( विनाष होा था इस परकार बहमलय राषटरीय समपदा को राषटरीय खचshy स नषट विकया जाा था और लोगो क मह स नमक छीन लिलया जाा था

परशनः- 1 जमीदार समय पर ऋण चकान स कयो चक जा थ

परशनः- 2 उन परान परिरारो का उललख कीजिजए जो राजस नही चका पा थ

परशनः- 3 पा bची रिरपोट( कया थी

उततरः- 1 (क)राजस की रकम अतयमिधक थी

(ख) 1790 म राजस की रकम म विदव होन स इसका खराब परभा कविष उतपादन पर पड़ा विकसान समय पर कर नही द सक अः जमीदार भी राजस नही चका पा थ

(स) उतपादन हमषा समान रप स नही होा था इसलिलए भ-राजस एक समान नही था परन भ-राजस विनयमिम रप स दना पड़ा था

उततरः- 2 कछ बाकीदार परान परिरार क थः नठिदया राजषाही विषनपर आठिद य सभी बगाल जिजल स सबमिध थ

उततरः- 3 पा bची रिरपोट( सन 1813 म विबरठिटष ससद म पष की गई थी जो भार म ईसट इविडया कमपनी क परषासन म था विकरयाकलापो क बार म यार की गई थी यह रिरपोट( 1002 पषठो म थी 800 स अमिधक पषठो म जमीदारो और रयो की अरजिजया b भिभनन - भिभनन जिजलो क कलकटरो की रिरपोट राजस विरण स सबमिध सासथिखयकीय ालिलकाए b और अमिधकारिरयो दवारा बगाल और मदरास क राजस था नयामियक परषासन पर लिलखिख ठिटपपभिणया b शामिमल की गई थी

पाठ - 14

विभाजन को समझना

1 बटार क कछ अनभ

- बयानो दवारा बटार को अनभ बयानका( पाविकसानी शोधका( भारीय

2 ऐविहालिसक मोह

21 बटारा या महाधस

- बटार स परिहद मसथिसलम ठिदलो को बाटना

- परिहद मसथिसलम दगो की भरमार

- नसली सझाया

22 रढ़ छवियो की ाक

- भार म पाविकसान और पाविकसान म भारीय स नफर का लिसललिसला

- एक-दसर पर छीटाकसी

- गल समवियो घणाकत छवियो का दौर

- सापरदामियक सशय और अविशवास

3 विभाजन कयो और कस हआ

31 एक लब इविहास का अविम चरण

- मसथिसलम लीग की सथापना

- लखनऊ समझौा 1916

- आय( समाज की सथापना

- परिहद महासभा का सविकरय होना

32 1937 म परविक चना और कागरसी मगलय

- परिहद और मसथिसलम नाओ की नासमझी

33 पाविकसान का परसा

- 1940 म मसथिसलम लीग की सगसगाहट

- महममद अली जिजनना की भमिमका

34 विभाजन का अचानक हो जाना

- 1940 का मसथिसलम लीग का परसा

- चधरी रहम अली लिसकनदर हयाखान महममद इकबाल और जिजनना क परयास

35 यदधोततर घटनाकरम

- 1946 म दबारा पराीय चना

- 1946 म मसथिसलम मदााओ क बीच मसथिसलम लीग लोकविपरय पाटTHORN

36 विभाजन का एक सभावि विकलप

- कविबनट मिमशन की सथापना

- कविबनट मिमशन की असफला

- सीमा गाbधी की भमिमका - विभाजन क कटटर विरोधी

37 विभाजन की ओर

- परतयकष काय(ाही ठिदस 1946

- मखय शहरो म दगो का भड़कना

4 कानन वयसथा नाश

- दगो क दौरान परिहसा और आगजनी की घटनाएb

- कानन वयसथा का चरमराना

41 महातमा गाbधी - एक अकली फज़

- नौआखली का दगा

- महातमा गाbधी दवारा हदय परिर(न पर जोर

5 बटार म और

51 औरो की बरामदगी

- औरो क साथ बदसलकी

52 इsup2 की रकषा

- औरो की असतिसमा की रकषा

- अनक औरो दवारा आतमहतया

6 कषतरीय विविधाएb

- विभिभनन कषतरो की विभिभनन समसयाएb

- परिहद मसथिसलम परिरारो का पलायन

7 मदद माना और सदभाना

8 मौखिखक गाही और इविहास

- बटार स जड़ी घटनाओ का सही विरण

- साविहतयकारो और कलाकारो दवारा बटार की पीड़ा का ण(न

- सरकारी दसाजो को भी आधार बनाना

33 हम हजारो सालो क दबाया गया

- दलिल जावियो क अमिधकारो की समसया

4 राजय की शलिकतयाb

- सघाद की ओर

- शलिकतयो का विभाजन

- सलिचयो का विनमा(ण

41 क दर विबखर जाएगा

- बहम शलिकतशाली क दर क पकष म

42 आज हम एक शलिकतशाली सरकार की आशयका ह

- एक शलिकतशाली क दर समय की माग

5 राषटर की भाषा

- परिहदी और मिमल आमन-सामन

- विहनदसानी परिहदी राजभाषा

51 परिहदी की विहमाय

- परिहदी राजभाषा बनी

52 च(स का भय

- दभिकषण म परिहदी का कड़ा विरोध

- चचा(ओ का दौर शर

- परिहदी राजभाषा क रप म सीकाय(

परशन 1 महाधश स कया ातपय( ह 2

उततर- इसका अथ( ह सामविहक जनसहार नाजी शासन क समय जम(नी म सरकारी विनकायो दवारा

विकया गया था

परशन 2 लखनऊ समझौा कया था घ 2

उततर- 1916 म लखनऊ म कागरस था मसथिसलम लीग क बीच आपसी ाल मल को लखनऊ

समझौा कहा जाा ह यह एक सयकत राजनीविक मच था

परशन 3 विदवीय विशवयदध क परवि भारीय राषटरीय कागरस का कया दरमिषटकोण कया था 2

उततर- कागरस इस श( पर विबरटन की यदध म सहाया करन क लिलए यार थी विक ह यदध क बाद

भार को सतर कर दन का सपषट घोषणा कर

परशन 4 भारीय राषटरीय कागरस न विभाजन को कयो सीकार विकया 2

उततर- क दश क अनक पराो म दग होन लग

ख चनाो म मसथिसलम लीग की सफला

परशन 5 जिजनना का विदव-राषटर लिसदधान कया था 2

उततर- जिजनना न विहनद था मसथिसलमो को दो अलग अलग समदाय बाया

दोनो समदाय साथ साथ नही रह सक उनह अलग अलग दो दशो म रहना चाविहए

परशन 6 1937 क पराीय चना म सयकत परा म सरकार गठन की घटना न विकस परकार भार म

मसथिसलम सामपरदामियकता को बढ़ाया 4

उततर- (1) 1937 क पराीय चना म कागरस को परा समथ(न मिमला

(2) मसथिसलम लीग भी सरकार म शामिमल हाना चाही थी कागरस न मसथिसलम लीग क परसा को ठकरा

ठिदया

(3) मसथिसलम लीग को महसस हआ विक कभी सरकार नही बना पाएगी

(4) राजनीविक सतता परातविप क लिलए उनह भार का बटारा एक विकलप ठिदखाई दन लगा

(5) सय को भार क सभी मसलमानो की पाटTHORN था कागरस का विहनदओ को पाटTHORN क रप म परचारिर करन लग

परशन 7- विबरठिटश भार का विभाजन कयो विकया गया 4

उततर- 1) अगरजो की फट डालो राजय करो की नीवि

2) मसथिसलम लीग का दरपरचार विक ही मसलमानो की एक मातर परविविनमिध ह

3) दसी रिरयासो का विभाजन क पकष म होना

4) सापरदामियक दगो का होना

5) मसथिसलम लीग दवारा 1946 म परतयकष काय(ाही ठिदस मनाकर विभाजन की माग को मजब करना

परशन 8 मौखिखक इविहास की अचछाइया था कमिमयो बाइए 4

उततर- 1) यह अनभो था समवियो को समझन का मौका दा ह

2) बटार जसी घटनाओ का सजी था बहरगी ा लिलखन का असर दा ह

3) मौखिखक इविहास समाज क गरीब कमजोर लोगो क अनभो भानाओ का महव दा ह

4) मौखिखक जानकारिरया सटीक नही होी ह

5) विनजी अनभो क आधार पर सामानयीकरण करना उलिच नही ह

परशन- 9 भार विभाजन क परिरणाम सरप मविहलाओ पर होन ाल परभाो की विचना कीजिजए 4

उततर- 1) औरो क अनभ भयाह था दखदः थ उनक साथ बलातकार लट अपहरण की घटनाए हई

2) मविहलाओ को बार-बार खरीदा और बचा गया

3) मविहलाओ को अजनविबयो क साथ जिजदगी विबान क लिलए मजबर विकया गया

4) सरकार मविहलाओ क परवि असदनशील रही

5) मविहलाओ को अपनी भानाए परकट करन नही ठिदया गया

6) मविहलाओ की इsup2 की रकषा क नाम पर उनह मार डाला गया

7) बदला लन की भाना स दसर समदाय की मविहलाओ की बइsup2ी की गई

8) दग क बाद ापस लौटन पर मविहलाओ को उनक परिरारो न सीकार नही विकया

9) लिसख उनकी मौ को आतमहतया नही अविप शहाद का दजा( द हअः उनकी समवि म परतयक ष( 13 माच( को ठिदलली क एक गरदवार म एक काय(करम का आयोजन विकया जाा ह

10) एक बार विफर अपनी जिजदगी क बार म फसला लन क उनक अमिधकार को नजरअदाज कर ठिदया गया

परशन 10 विनमनलिलखिख उदधरणो को धयानप(क पढ़ो था उसक बाद पछ गए परशनो का उततर दीजिजए

एक गोली भी नही चलाई गई

मन न जो लिलखा-

24 घट स भी जयादा कत दगाई भीड को इस विशाल वयासामियक शहर म बरोक टोक बाही फलान

दी गई बहरीन बाजारो को जलाकर राख कर ठिदया गया जबविक उपदर फलान ालो क उपर एक गोली भी नही चलाई गई

जिजला मजिजसटरट न अपन (विशाल पलिलस बल को शहर म माच( का आदश ठिदया और उसका कोई साथ(क इसमाल विकए विबना ापस बला लिलया)

1) यह सतरो विकस घटना की ओर सक करा ह उपदरवियो की भीड़ कया कर रही थी 2

2) आग चलकर 1947 म अमसर रकतपा का नजारा कयो बना 2

3) उततजिज भीड़ क परवि फौज और पलिलस का कया रख था 2

4) गाधी जी न सापरदामियक सौहा(द बढ़ान क लिलए कस परयतन विकया 2

उततर- (1) यह भार विभाजन क समय की एक घटना ह

(2) दगा करन ाली भीड़ न बाजारो को जला ठिदया था दकानो का लट लिलया परशासन का शहर पर

कोई विनयनतरण नही था

(3) उततजिज भीड़ को रोकन का परयास नही विकया गया सना पलिलस भी अपन समपरदाय क लोगो

की मदद कर रही थी पलिलस दसर सपरदाय पर हमला भी कर रही थी

(4) गाधीजी न विहनदओ मसलमानो को दसर का साथ दन था भरोसा रखन क लिलए समझाया

विषय 15 सविधान का विनमा(णमहतपण( परिबद

- नहर जी का उददषय परसा महत

- सविधान विनमा(ण क प( ातकालिलक समसयाय - राजनविक ऐकीकरण सापरदामियक दग

आरथिथक ससाधनो की कमी विसथाविपो की समसया - सविधान विनमा(ण की चनौी

- सविधान विनमा(ण - सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 म कविबनट मिमषन योजना क

अनसार विकया गया

- सविधान सभा म चचा( - जनम का परभा नागरिरको क अमिधकारो का विनधा(रण

अलपसखयो और दमिमो क अमिधकारो का परषन

- राषटरभाषा भाषा विाद गाधीजी क राषटरभाषा सबधी विचार विहनदी का समथ(न

- सविधान की विषषाएb - लिलखिख ए विषाल सविधान कनदर - राजय शलिकत विभाजन

सतर नयायपालिलका धम(विनपshyकषा ससदीय परणाली शलिकतषाली कनदर यसक मामिधकार

मौलिलक अमिधकार

02 अको ाल पर शन परशनः-1सविधान सभा का गठन कब और विकस योजना क अनसार विकया गया

उततरः- सविधान सभा का गठन अकटबर 1946 ई म कविबनट मिमशन योजना क अनसार विकया गया

परशनः- 2अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का अमिधशन परथम बार कब और विकसकी अधयकषा म

हआ

उततरः- अखिखल भारीय राजय जन कानफर स का परथम अमिधशन 1927 ई म एलौर क परलिसदध ना

दीान हादर एमरामचनदर राय की अधयकषा म हआ

परशनः-3सविधान सभा की परथम बठक कब और विकसकी अधयकषा म हई

उततरः- सविधान सभा की परथम बठक 9 ठिदसमबर 1946 ई को ससथिचचदाननद लिसनहा की अधयकषा म हई

परशनः-4 परारप समिमवि का गठन कब विकया गया इसक अधयकष कौन थ

उततरः- परारप समिमवि का गठन 29 अगस 1947 ई को विकया गया इसक अधयकष डाबीआरअमबडकर

परशनः- 5भारीय सविधान क दो असाद कौन स थ

उततर-1 भारीय सविधान का मौखिखक रप स अगरजी म होना

2 विकसी भी पद पर खड़ होन क लिलए कोई शकषभिणक योगया आशयक न होना

4 अको ाल परशन

परशनः-6महातमा गाधी कयो चाह थ विक विहनदसानी राषटरभाषा होनी चाविहए

उततरः-1इस आसानी स समझा बोला जा सका ह

2इस भारीय लोग जयादा परयोग म ला थ

3यह विहनद उद( क मल स बनी थी

4यह बहसासकविक भाषा थी

5इसम समय क साथ दसरी भाषाओ क शबद शामिमल हो गए

परशनः- 7हदराबाद को भारीय सघ का अग विकस परकार बनाया गया

उततरः-1यह रिरयास म लगभग 90 परविश जना विहनद थी

2शासक मसलमान होा था

3हदराबाद का विनज़ाम अपनी रिरयास को सतर रखना चाहा था

4भार सरकार न विनज़ाम क विरदध सविनक काय(ाही करन का विनण(य लिलया

5चार ठिदन क सघष( क बाद 17 लिसमबर 1948 ईको विनज़ाम न आतमसमप(ण कर ठिदया और भारीय सघ म सममिममलिल होना सीकार कर लिलया

परशनः- 8विभिभनन समहो दवारा lsquoअलपसखयकrsquo शबद को विकस परकार परिरभाविष विकया गया

उततरः- 1कछ लोग आठिदालिसयो को मदानी लोगो स अलग दखकर आठिदालिसयो को अलग आरकषण दना चाह थ

2अनय परकार क लोग दमिम ग( क लोगो को विहनदओ स अलग करक दख रह थ और ह उनक लिलए अमिधक सथानो का आरकषण चाह थ

3कछ विदवान मसलमानो को ही अलपसखयक कह रह थ

4लिसकख लोग क कछ सदसय लिसकख धम( म अनयामिययो को अलपसखयक का दजा( दन और अलपसखयको को सविधाय दन की माग कर रह थ

परशनः-9 उददशय परसाrsquo म विकन आदशz पर जोर ठिदया गया था

उततरः-1 परभा समपनन सतर भार की सथापना और उसक सभी भागो और सरकार क अगो को सभी परकार की शलिकत और अमिधकार जना स पराप होना

2 भार क सभी लोगो को सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक नयाय पद असर और कानन क समकष समाना कानन और सा(जविनक नविका क अग( विचार अभिभवयलिकत विशवास विनषठा पजा वयसाय सगठन और काय( की सतरा की गारटी दना

3अलपसखयको विपछड़ और जनजावि ाल कषतरो दलिल और अनय गz क लिलए सरकषा क समलिच उपाय करना

परशनः- 10 कौन सी ऐविहालिसक ाक थी जिजनहोन सविधान का सरप य विकया

उततरः-1 सविधान का सरप य करन ाली परथम ऐविहालिसक ाक भारीय राषटरीय कागरस थी

2 मसथिसलम लीग न दश क विभाजन को बढ़ाा ठिदया

3 उदारादी मसलमान राजनविक दलो स जड़ रह उनहोन भी भार को धम( विनरपकष बनाए रखन म सविधान क माधयम स आशवस विकया

4 दलिल और हरिरजनो क समथ(क नाओ न सविधान को कमजोर गz क लिलए सामाजिजक आरथिथक और राजनीविक समाना और नयाय ठिदलान ाला आरकषण की वयसथा करन ाला छआछ का उनमलन करन ाला सरप परदान करन म योगदान ठिदया

5 एनजीरागा और जयपाल सिसह जस आठिदासी नाओ न सविधान का सरप य कर समय इस बा की ओर धयान दन क लिलए जोर ठिदया विक उनक समाज का गर मलालिसयो दवारा शोषण हआ ह

परशनः- 11 सविधान सभा क कछ सदसयो न उस समय की राजनीविक परिरसथिसथवि और एक मजब कनदर सरकार की जरर क बीच कया सबध दखा

उततर 1 परारभ म सननम जस सदसयो न कनदर क साथ राजयो को भी मजब करन की बा कही

2 डराफट कमटी क चयरमन डा बीआरअमबडकर न पहल ही घोषणा की थी विक एक शलिकतशाली और एकीक कनदर 1935 क इसथिणडया एकट क समान दश म एक शलिकतशाली कनदर की सथापना करना चाह ह

3 1946 और 1947 म दश क विभिभनन भागो म सापरदामियक दग और परिहसा क दशय ठिदखाई द रह थ

4 सयकत परा क एक सदसय बालकषण शमा( न इस बा पर जोर ठिदया की कनदर का शलिकतशाली होना जररी ह

5 भारीय राषटरीय कागरस दश क विभाजन क प( इस बा स सहम थी विक पराो को पया(प सायतता दी जायगी

6 भार म आरोविप औपविनलिशक शासन वयसथा चल रही थी इस दौरान उनक घठिट घटनाओ स क दराद की भाना को बढ़ाा मिमला

(08 अको ाल परशन)

परशनः-12 सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला

उततरः-1 1930 क बाद कागरस न यह सीकार कर लिलया था विक विहनदसानी को राषटरीय भाषा का दजा( ठिदया जाए

2 गाधी जी का मानना था विक विहनद और उद( क मल स बनी परिहदसानी भारीय जना क बह बड़ भाग की भाषा थी और यह विविध ससकवियो क आदान-परदान स समदध हई एक साझी भाषा थी

3 कागरस सदसय आरीधलकर न इस बा का समथ(न विकया की सविधान विनमा(ण की भाषा विहनदी होनी चाविहए

4 कई लोगो न धलकर की बा का विरोध विकया इसक बाद ज बहस शर हो गई

5 विरोमिधयो का यह मानना था विक विहनदी क लिलए हो रहा यह परचार पराीय भाषाओ की जड़ खोदन का परचार ह

6 समिमवि न राषटरीय भाषा क साल पर सझा ठिदया विक दनागरी लिलविप म लिलखी गई विहनदी भार की राजकीय भाषा होगी

7 सभी सदसयो न विहनदी की विहमाय को सीकार विकया लविकन इसक च(स असीकार कर ठिदया

8 मदरास क शरी टी ए रामसिलगम चठिटटयार न इस बा पर बल ठिदया विक जो कछ भी विकया जाय साधानीप(क विकया जाय यठिद आकरामक होकर विकया गया ो विहनदी का भला नही हो पायगा

9 शरी चठिटटयार क अनसार lsquolsquoजब हम एक साथ रहना चाह ह और एकीक राषटर की सथापना करना चाह ह ो परसपर समायोजन होना आशयक हrsquorsquo

10 आग चलकर दश की सभी भाषाओ को सचीबदध विकया गया

परशनः-13 दमिम समहो की सरकषा क पकष म विकए गए विभिभनन दाो पर चचा( कीजिजए

उततर 1 सविधान सभा म आसीन दमिम जावियो क कछ परविविनमिध सदसयो का आगरह था विक

असपशयो की समसया को कल सरकषण और बचा स हल नही विकया जा सका

2 हरिरजन सखया की दमिषट स अलपसखयक नही ह आबादी म उनका विहससा 20-25 परविश ह

3 परारभ म डा अबडकर न अलपसखयको क लिलए पथक विना(चन की माग की पर बाद म छोड़ दी

4 मधय परा क दमिम जावियो क एक परविविनमिध शरी कजखाणडलकर न सविधान सभा को कहा विक उनक लोगो क समदायो क लोगो को हजारो षz क दबाया गया ह

5 असपशया का उनमलन विकया जाय

6 विहनद मठिदरो को सभी जावियो क लिलए खोल ठिदया जाय

7 दमिम ग को विधामियको और सरकारी नौकरिरयो म आरकषण ठिदया जाय

8 इसक लिलए समाज की सोच म बदला लाना भी आशयक ह

9 सा(जविनक सथलो पर उनक साथ भदभा न विकया जाय

10 यदयविप समसयाय एकदम हल नही होगी लविकन लोकावितरक जना न इन पराधानो का

साग विकया ह

अनचछद पर आधारिर परशन

rdquoगोविनद ललभ पन का विचार था विक समदाय और खद को बीच म रखकर सोचन की आद को छोड़कर ही विनषठाान नागरिरक बना जा सका था उनक शबदो म-rdquoलोकनतर की सफला क लिलए वयलिकत को आतयानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा लोकनतर म वयलिकत को अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए यहा खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाए कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकनतर म आप परविसपथv विनषठाए रख द ह या ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की अपकषा हततर अथा अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकनतर का डबना विनभिw हldquo

परशनः- 1 पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 2

उततरः-पथक विना(लिचका का ातपय( ह lsquoपथक विना(चन कषतरrsquo 1909 ई क अमिधविनयम क अनग( मसलमानो क लिलए पथक चना कषतरो की वयसथा की गई थी इन कषतरो स कल मसलमान ही चन जा थ विबरठिटश परशासको क अनसार ऐसा अलपसखयक मसथिसलम समपरदाय क विहो की दमिषट स विकया गया ह

परशनः- 2 सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गई 2

उततरः- कछ लोगो का विचार था विक शासन म अलपसखयको की एक साथ(क भागीदारी सविनभिw करन क लिलए पथक विना(लिचका क अविरिरकत और कोई रासा नही था अः उनक दवारा सविधान विनमा(ण क समय पथक विना(लिचका की माग की गई

परशनः-3 गोविनद ललभ प पथक विना(लिचका की माग क विरदध कयो थ दो कारण दीजिजए 2

उततर 1 गोविनद ललभ पन का विचार था विकः यठिद पथक विना(लिचका क दवारा अलपसखयको को सदा क लिलए अलग-अलग कर ठिदया गया ो कभी भी सय को बहसखयको म रपानरिर नही कर पाएग

2 यठिद अलपसखयक पथक विना(लिचका स जीकर आ रह ो शासन म कभी परभाी योगदान नही द पाएग

परशनः-4 गोविनद ललभ पन क अनसार लोकनतर म विनषठाान नागरिरको म कौन-स ीन परमख अभिभलकषण होन चाविहए 2

उततर- 1 उस अपन लिलए कम था औरो क लिलए अमिधक लिचना करनी चाविहए

2 उसकी सारी विनषठाए कल राजय पर क ठिदर होनी चाविहए

3 उस आतमानशासन की कला म परलिशभिकष होना चाविहए

Model Paper -I

BLUE PRINT

CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN

MODEL QUESTION PAPER ndash I (2014-15)

SUBJECTHISTORY

TIME 3 hours CLASS-XII MARKS 80

GENERAL INSTRUCTIONS-

1 Answer all questions Some questions have choice

2 Marks are indicated against each question

3 Answers to questions carrying 2 marks (Part- A QNO 1 TO 3) should not exceed 30 words each

4 Answers to questions carrying 4 marks (Part -B Section- I Question no 4 to 9) should not exceed 80 words Part-B Section-II isa VALUE BASE QUESTION and compulsory (question no 10)

5 Answers to questions carrying 8marks (Part ndashC QNO 11 AND 14) should not exceed 350 words

6 Part D has questions based on three sources (QNO 15 16 and 17)The number of questions will be three carrying 7 marks each(no internal choice) The sources will be taken from the textbooks

7 Question no 181 and 182 are Map questions attach the Map with the answer script after compulsaroy

सामानय विनदshyश-

(1) सभी परशनो क उततर दीजिजए |परशनो क अक उनक सामन लिलख गए ह| (2) खड (अ) म 2 अक ाल ीन अवि लघउततरीय परशन ह जिजनकी शबद सीमा

30 शबद ह|(3) खड (ब) अनभाग -1 म 4 अक ाल लघ उततरीय परशन हजिजनकी शबद

सीमा 80 शबद ह|(4) खड(ब) अनभाग-2 म एक 4 अको कामलय आधारिर परशन अविनाय( ह (5) खड lsquoसrsquo म 8 अक क चार दीघ( उततरीय परशन हजिजनकी शबद सीमा 350

शबद ह|(6) खडlsquoदrsquo म 7 अक क ीन सरो आधारिर परशन ह|(7) खडlsquoयrsquo म 5 अकका मानलिचतर पर आधारिर परशन ह|मानलिचतर को उततर

पसतिसकाक साथ सलगन कर|दमिषटहीन विदयारथिथयो क लिलय मानलिचतर परशन क सथान पर एक अनय परशन ह|

PART-Aखड lsquoअrsquo

Answer all the questions given below

विनमनलिलखिख सभी परशनो क उततर दीजिजए-

1 List the four items of food available to people in Harappan cities 12+12+12+12=2

हड़पपा सभया क लिलय उपलबध चार खान की सओ की सची बनाइए

2Who started Virashaiva Tradition In which state it was became popular 1+1=2

ीरश परपरा को विकसन शर विकया था विकस राजय म यह परलिसदध हआ

3 What do the terms ldquoWhite ldquoandldquoBlackrdquo Town signify 2

lsquoसफ़दrsquo और lsquoकालाrsquo शहर स आप कया समझ ह

PART-B

खड lsquoबrsquo

Section-I

अनभाग-1

Answer any five of the following questions

विनमनलिलखिख परशनो म स विकनही पाbच क उततर दीजिजए-

4 Describe some of the distinctive featuresof Mohenjo-Daro (Any four)1+1+1+1=4

मोहजोदड़ो की चार विशषाए बाइए|

5 Describe four main teachings of Buddhism 1+1+1+1=4

बौदध धम( की चारलिशकषाओ की वयाखया कर |

6 Explain that lsquoAin-i-Akbarirsquo is an extraordinary document of its time4

lsquoआइन-ए ndashअकबरीrsquo अपन समय की अविउततम पसक थी | वयाखया कीजिजए |

7 What do you think was the significance of the rituals associated with the Mahanavami dibba4

महानमी विडबबा स जड़ी धारमिमक काय(करमो का कया महत था |

8 What were the main provisions of the Permanent Settlement (Any four)1+1+1+1=4

सथाई बदोबस की चार मखय पराधान कया थ

9 Discuss the evidence that indicates planning and coordination on the part of the rebels 4

उन परमाणो की वयाखया कीजिजए जिजसस विदरोविहयो म योजना ए सहयोग का पा चला ह

Section-2

अनभाग -2

Value Based Question

10 The aim of the religion should be unity of mankind- keeping this statement in mind describe the relevance of Kabirrsquos teachings 4

मलय आधारित परशन

lsquoधम( का मखय उदशय मानमातर की एका होनी चाविहएrsquondash इस कतवय को धयान म रख हए कबीर की लिशकषाओ की परासविगका बाइए |

PART-C

खड lsquoस lsquo

11 Why all the Mughal Emperor given importance to Land revenue system Describe Land revenue system of the Mughal period 3+5=8

सभी मग़ल शासको न भमिम राजस परणाली को कयो महत ठिदया मग़ल काल की भमिम राजस परणाली की वयाखया कीजिजए |

12 In what way did Mahatma Gandhi transform the nature of the National Movement 8

महातमा गाधी न राषटरीयआदोलन की परकवि को विकस परकार परिररकि विकया

13What historical forces shaped the vision of the Constitution How was the term minority defined by different groups 4+4=8

विकन ऐविहालिसक कारणो न सविधान की रपरखा विनधा(रिर विकया अलपसखयको को विभिभनन दलो न विकस परकार परिरभाविष विकया

14 Discuss whether the Mahabharata could have been the work of a single author 8

कया महाभार विकसी एक लखक की रचना हो सकी ह विचना कीजिजए |

PART-D

खड ndashlsquoद lsquo

Passage based questions

सरो आधारिर परशन 73=21

Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो को धयानप(क पठिढ़ए और उसक नीच लिलख परशनो क उततर लिलखिखए |

15 The anguish of the king

When the king DevanampiyaPiyadassi had been rulingfor eight years the (country of the) Kalingas (presentdaycoastal Orissa) was conquered by (him)One hundred and fifty thousand men were deported a hundred thousand were killed and many more died After that now that (the country of) the Kalingas has been taken Devanampiya (is devoted) to an intense study of Dhamma to the love of Dhamma and to instructing(the people) in DhammaThis is the repentance of Devanampiya on account of his conquest of the (country of the) Kalingas For this is considered very painful and deplorable by Devanampiya that while one is conquering an unconquered (country) slaughter death and deportation of people (take place) there hellip

i) Who was called Devenampiya Piyadassi 1ii) Mention the limitations of inscriptions as a source to history 3

iii) Explain the effects of the war of kalinga on Ashoka 3

ाजा की वदना

जब दानाविपय विपयदससी न अपन शासन क आठ ष( पर विकए ो उनहोन कसिलग(आधविनक टv उड़ीसा) पर विजय पराप की| ढड़ लाख परषो को विनषकाविष विकया गया एक लाख मार गए और इसस भी जयादा की मतय हए|

कसिलग पर शासन सथाविप करन क बाद दानाविपय धमम क गहन अधययन धमम क सनह और धमम क उपदश म डब गए ह|यही दनाविपय क लिलए कसिलग की विजय का पwााप ह| दानाविपय क लिलए यह बह दनादायी और परिनदनीय ह विक जब कोई राजय पर विजय पराप करा ह ो पराजिज राजी का हनन होा ह ाहा लोग मार जा ह विनषकाविष विकए जा ह|

1) दनाविपय विपयदससी विकस कहा जाा था 2) इविहास क सरो क रप म अभिभलखो की कया सीमाए ह3) कसिलग क यदध का अशोक पर कया परभा पड़ा

16The poor peasant

An excerpt from Bernierrsquos description of the peasantry inthe countrysideOf the vast tracts of country constituting the empire ofHindustan many are little more than sand or barrenmountains badly cultivated and thinly populatedEven a considerable portion of the good land remainsuntilled for want of labourers many of whom perish inconsequence of the bad treatment they experiencefrom Governors The poor people when they becomeincapable of discharging the demands of theirrapacious lords are not only often deprived of themeans of subsistence but are also made to lose theirchildren who are carried away as slaves Thus ithappens that the peasantry driven to despair by soexcessive a tyranny abandon the countryIn this instance Bernier was participating incontemporary debates in Europe concerning the natureof state and society and intended that his description ofMughal India would serve as a warning to those who didnot recognise the ldquomeritsrdquo of private property

i) what were the problems about cultivating the land according to Bernier 1ii) Why did peasantry abandon the land 3iii) Explain the reasons given by bernier for the exploitation of the peasants 3गीब किकसान

यहाb बरकिनयर दवारा गरामीण अचल म कषको क विषय म ठिदए गए विरण स एक उदधरण ठिदया जा रहा ह

परिहदसान क सामराजय क विशाल गरामीण अचलो म स कई कल रीली भमिमया या बजर प( ही ह| यहा विक खी अचछी नही ह और इन इलाको विक आबादी भी कम ह| यहाb क विक कविष योगय भमिम का एक बड़ा विहससा भी शरमिमको क अभा म कविषविहीन रह जाा ह इनम स कई शरमिमक गन(रो दवारा विकए गए बर वयहार क फलसरप मर जा ह| गरीब लोग जब अपन लोभी सामिमयो की मागो को पोरा करन म असमथ( हो जा ह ो उनह न कल जीन- विन(हनक साधनो स लिच कर ठिदया जाा ह बसतिलक उनह अपन बचचो स भी हाथ धोना पड़ा ह जिजनह दास बनाकर ल जाया जाा ह| इस परकार ऐसा होा ह विक इस अतय विनरकशा स हाश हो विकसान गाb छोडकर चल जा ह|

इस उदधरण म बरकिनयर राजय और समाज स सबममिनध यरोप म परचलिल तकालीन विादो म भाग ल रहा था और उसका परयास था विक मगल कालीन भार स सबममिनध उसका विरण यरोप म उन लोगो क लिलए एक चानी काय( करगा जो विनजी सामिमत की ldquoअचछाइयोrsquordquo को सीकार नही कर थ|

1) बरकिनयर क अनसार कविष-काय( की समसयाएb थी2) विकसान कयो कविष-काय( छोड़ रह थ3) बरकिनयर न विकसानो क शोषण क का कारण बाए थ

17The Nawab has left

Another song mourned the plight of the ruler who had to leave his motherland

Noble and peasant all wept togetherand all the world wept and wailed Alas The chief has biddenadieu to his country and gone abroad

i) Name the ruler the passage refers to 1ii) Under what pretext did the British annex Awadh What do you think was

the real reason 3iii) Why did people mourn during the departure of the king 3

नाबाब साहब जा चक ह |

एक और गी म ऐस शासक की दद(शा पर विलाप विकया जा रहा ह जिजस मजबरन अपनी माभमिम छोडनी पड़ी आभिभजा और विकसान सब रो रह थ | और सारा आलम रोा ndashलिचललाा था | हाय जान-ए-आलम दस स विदा लकर परदस चल गय ह |

1) यह अश विकस शासक क बार म ह2) विबरठिटश न विकन कारणो स अध का अमिधगरहण विकया आपक अनसार इसका ासविक कारण कया था3) राजा क जान पर लोग दखी कयो थ

181 On the same given map of India three centres of the Indian National Movement are marked as 1-3Identify and write their names

1+1+1=3ठिदय गए मानलिचतर पर भारीय राषटरीय आदोलन क ीन क दर 1-3 क अको स लिचखिनह ह उनक नाम लिलखिखए |

182 Locate the Harappa and Mohanjodaro on the same Map 1+1=2

हड़पपा और मोहजोदड़ो को उसी मानलिचतर पर दशा(ओ |

Note- For blind students only(in lieu of question no 17)

लिसफ( अध विदयारथिथयो क लिलए (परशन 17 क सथान पर )17 Write name of any five centres of Indian National Movement 5

विकनही पाbच भारीय राषटरीय आदोलन क कनदरो क नाम लिलखो |

END

उततमाला माडल परशनपतर १

१गह जौ दाल विल

२कना(टक म बासनना न

३यरोविपयनो और भारीयो क रहन क अलग अलग सथान I

४विनसथिaeligपज शहर शहरी वयसथा जल विनकास परणाली गह सथापतय दग( सनानागार I

५अ) विशव अविनतय ह और लगाार बदल रहा ह ब) इस कषणभगर दविनया म दःख मनषय क जीन का अनरकिनविह त ह स)मधयम माग( अपनाकर मनषय दविनया क दखो स मलिकत पा सका ह द)आषटाविगक माग( इ)अपरिहसा य)झठ न बोलना इतयाठिद I

वयाखया क साथ परतयक परिबद का

६ अ)मग़ल सामराजय की सरचना ए सगठन क बार म जानकारी दना I

ब)सामराजय क लिलए विकय गए यदध ए विजयो का ण(न करना I

स)सामानय लोगो क बार म जानकारिरयाb इकठठा करना I

द)वयसाय लिशकषा ससकवि धारमिमक परथाए दरबार का गठन परशासन और सना क बार म जानकारी उपलबध करना I

७अ)धारमिमक महतत ब) सामाजिजक महतत स) राजनीविक महतत सनय कषमा का परदश(न इ) परमख नायको और अधीनसथ राजाओ दवारा राजा और उसक अविलिथयो को दी जान ाली औपचारिरक भट का असर I

८)अ)राजस को विनभिw विकया गया ब) राजाओ और ालकदारो को जमीदारो क रप म गvक विकया गया स) जमीदार जमीन क मालिलक नही थ बसतिलक कल राजस इकठठा करन ाल थ द) जमीदारो को कपनी को एक विनभिw रकम य समय म दनी पड़ी थी इ)अगर ऐसा करन म असफल हो जा थ ो नीलामी क दवारा राजस की परकि की जाी थी I

९)कई जगहो पर लोगो न विनयोजिज आकरमण विकया १८५६-५७ क दौरान गाb-गाb म चपावियाb बाटी गयी विहनद- मसथिसलम एका का परदश(न ए दोनो की भानाओ का खयाल रख हए कोई उदघोषणा की गयी सभी ग क लोगो को अपन साथ जोड़न क लिलए उनह विबरठिटश सरकार की दमनकारी नीवियो क बार म बाया गया था उनक परिरणामो स अग कराया गया I

१०ईशवर एक ह उस विकसी भी नाम स पकारा जा सका ह उनहोन ईशवर म पण( समप(ण की बा की उनहोन कम(काडो का विरोध विकया समाज म वयाप बराईयो को नकारा I

११यह मग़ल विततीय वयसथा क लिलए महतपण( था कविष स ही राजस की सा(मिधक परातविप होी थी I

मग़ल सामराजय की परशासविनक वयसथा क मखय अग मनसबदार कविष राजस पर ही विनभ(र थ I

इन महतपण( विबनदओ का ण(न कर ---

अ)कषको क परकार खदकाश और पाविहकाश I

ब)भमिम का गvकरण I

स)राजस सली क रीक I

द)राजस परबधन का कनदरीय विभाग I

इ) राजस इकठठा करन की परणाली और उसक अमिधकारी Iसमबमिध अनय महतपण( परिबद

१२अ)गाधीजी क परारभिभक आनदोलन ब)जनसमदाय की कषमा पर भरोसा स) औरो की भागीदारी द) विहनद ndash मसथिसलम एका इ) अशपशया क खिखलाफ य)सतयागरह अपरिहसा सविनय अजञा की नई कनीक र) समाज क सभी ग का सहयोग पराप करना जस वयापारी ग( ए उदयोगपवि Iअनय समबमिध परिबद

१३अ)भारीय राषटरीय आनदोलन ब)विबरठिटश भारीय परिरषद अमिधविनयम स) विबरठिटश शासन क दौरान सामाजिजक आनदोलन द)नहर रिरपोट( य) राषटरीय विचारधारा पर आधारिर धम(विनरपकषा र)राजय की परकवि

1) बीपी बहादर --- समदाय और धम( क आधार पर

2) एनजी रगा --- आरथिथक आधार पर 3) जयपाल सिसह ---अछो और अनसलिच जावियो

को अलपसखयक क रप म पारिरभाविष विकया 4) कछ न भाषाई अलपसखयक पर कजिनदर विकया 5) एच महा --- सिलग विभद क आधार पर

मविहलाओ को अलपसखयक कहा अनय समबमिध परिबद

१४उपमहादवीप की एक अवि महतपण( रचना --- १००००० शलोकऐसा मन जाा ह की वयास न इसकी रचना की लविकन विकसी एक लखक न इस नही लिलखा I

अ)कछ कहाविनया मखय कहानी स समबमिध नही ह

ब)कषतरीय परभद I

स)रचना का ीय चरण २० ईसाप( स २०० ईसी क बीच का ह I

द) कथनो क आधार पर यह नही कहा जा सका की विकसी एक लखक न इसकी रचना की I

य)विकास क विभिभनन चरण Iअनय समबमिध परिबद

१५ स १७ सरो आधारिर परशन ह जिजनका परशन की परकवि का अधययन करक दना ह I उततर अनचछदो म ही विनविह ह या उनस समबमिध ह I

१८१ अ चौरी चौरा ब अमसर स दाडी

१८ मानलिचतर पर सथिसथवि

१८ दषटीबामिध छातरो क लिलए ---- राषटरीय आनदोलन क कोई पाच क दर

Model Paper - II

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CLASS- XII SUBJECT ndash HISTORY

WEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS7 MARKS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

BOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

Model Question Paper - II

CLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsa) Answer all the questions Marks are indicated against each

questionb) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachc) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachd) Part B section-II is a value based questione) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachf) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )g) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181

and 182)सामानय किनदश a) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह b) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क नही

होन चाविहए c) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा 100

हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह d) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स अमिधक

न हो e) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह f) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

Part ndash AAnswer all the questions given below 2x3=61 Mention the two sections of the Harappan settlements and

give one main feature of eachहड़पपाई विनास क दो खडो को परतयक की एक-एक विशषा क साथ लिलखिखए

2 Mention two features of the protest movement started by Nayanars and Alvarsनयनारो और अलरो दवाराचलाय गय विरोध आदोलन की दो विशषाओ को लिलखिखए

3 Explainany two observations made by the Buchanan that helped the English East India Company to expand its trade in India बकानन दवारा बाय गय दो विनरीकषणो को बाइय जिजसस ईसट इसथिणडया कमपनी को भार म वयापार बढ़ान म मदद मिमली

Part ndash BSection ndash I

Answer any ldquoFIVErdquo of the following questions 4x5= 204 Describe how did the archaeologists classify their finds

ण(न कीजिजए विक परातविद अपन खोजो को कस गvक कर ह5 How important were gender differences in early societies

Give reasons for your answerपरारभिभक समाज म सिलग विभद विकना महततपण( था अपन उततर क लिलए क( दीजिजए

6 Explain how the people of Vijaynagar obtained water for their needs

वयाखया कीजिजए विक विजयनगर क लोग अपनी आशयकता क लिलए जल कस पराप कर थ

7 ldquoThe Keeping of exact and detailed records was a major concern of the Mughaladministrationrdquo Justify the statementसही और विस दसाज रखना मगल परशासन की एक मखय विशषा थीrdquo इस कथन की सतया साविब कीजिजए

8 How did the American civil war affect the lives of ryots in Indiaअमरीकी लिसविल यदध न भारीय रयो क जीन को कस परभावि विकया

9 What was the policy of Subsidiary Alliance Explainसहायक समिध की नीवि कया थी वयाखया कीजिजए

Section ndash IIValue based question 2+2=410 lsquoMahatma Gandhi transformed the nature of the national

movement of Indiarsquo Explain giving examples from the decisions taken by him during the national movementlsquoमहातमा गाधी न राषटरीय आदोलन क सरप को बदल ठिदयाrsquo महातमा गाधी दवारा राषटरीय आदोलनो क समय लिलए गय विनण(यो का उदाहरण दकर वयाखया कीजिजए

Part ndash C Long Answer questions

Answer any ldquothreerdquo of the following questions 8X3=24

11 Discuss the main features of the Mauryan Administration मौय( परशासन क मखय विशषाआ की चचा( कीजिजए

12 Explain the ways in which panchayats and village headmen regulated rural society उन रीको की वयाखया कीजिजए जिजसक दवारा पचाय और गराम परधान गरामीण समाज को विनयमिमविकए

13 Describe the composition of Mughal nobility their characteristics and functions

मगल कलीनो की सरचना उनकी विशषाओ और काय का ण(न कीजिजए14 Explain the developments since March 1946 that led to the

partition of India माच( 1946 स हए परिर(नो को वयाखया कीजिजए जिजसक कारण भार का विभाजन हआ

Part ndash DPassage based questions 7x3=21 Read the following extracts carefully and answer the questions that follow

15 Why were Stupas BuiltldquoThis is an excerpt from the MahaparinibbanaSutta part of the SuttaPitaka As the Buddhalay dying Ananda asked him ldquoWhat are we to do Lord with remains of the Tathagata (another name for the Buddha)rdquoThe Buddha replied ldquoHinder not yourelvesAnanda by honouring the remains of theTathagata Be zealous be intent on your own goodrdquoBut when pressed further the Buddha said ldquoAt the four crossroads they should erect a thupa(Pali for stupa) to the Tathagata And whosoever shall there place garlands or perfumehellipormake a salutation there or become in its presence calm of heart that shall long be to them for aprofit and joyrdquo(i) What are the Stupas Who advised the Ananda to build the

Stupa 2(ii) From which chapter has this excerpt been taken It is a part

of which book 1

(iii) Who was the Tathagata What had he told about the importance of the stupa 2

(iv) Name any two places where the Stupas have been built 2

सतप कयो बनाय जात थयह उदधरण महापरिरविनबबान सतत स लिलया गया ह जो सतत विपटक का विहससा हपरिरविना(ण स प( आनद न पछाभगान हम थाग (बदध का दसरा नाम) क अशषो का कया करगबदध न कहा ldquoथाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करोldquoलविकन विशष आगरह करन पर बदध बोलldquoउनह थाग क लिलए चार महापथो क चौक पर थप (सप का पालिल रप) बनाना चाविहए जो भी हाb धप या माला चढ़ाएगा या हाb लिसर नाएगा या हाb पर हदय म शावि लाएगा उन सबक लिलए ह लिचर काल क सख और आनद का करण बनगाldquo(i) सप विकस कह हआनद को सप बनान की सलाह विकसन ठिदया

2(ii) यह उदधरण विकस पाठ स लिलया गया ह यह विकस पसक का विहससा ह

1(iii) थाग कौन था उसन सप क महतत क बार म कया बाया

2(iv) कोई दो सथान का नाम बाइय जहाb सप बनाय गय ह

2

16 ON HORSE AND ON FOOTThis is how Ibn Battuta described the postal systemIn India the postal system is of two kinds The horse-post called lsquoUluqrsquo is run by royalhorses stationed at distance of every four miles The foot-post has three stations permit It iscalled lsquodawarsquo that is one third of a mile hellip Now at every third of a mile there is wellpopulated village outside which are three pavilions in which sit men with girded loins ready tostart Each of them carries a rod two cubits in length with copper bells at the top When thecourier starts from the city he holds the letter in one hand and the rod with its bells on theother and he runs as fast as he can When the men in the pavilion hear the ringing of bell theyget ready As soon as the courier reaches them one of them takes the letter from his and runs atthe top speed shaking the rod all the while until he reaches the next dawa And the sameprocess continues till the letter reaches its destination This foot-person is quicker than thehorse-post and often it is used to transport the fruit of Khurasan which are much desired inIndia

(i)Name the two kinds of postal System 1(ii) Explain how the foot post worked

2(iii) Why does Ibn-Battua think that the postal system in India was efficient

2(iv) How did the State encourage merchants in the 14th century

2अशव प औ पदलभार म दो परकार की डाक वयसथा ह अशव डाक वयसथा जिजस उलक कहा जाा ह हर चार मील की दरी पर सथाविप राजकीय घोड़ो दवारा सचालिल होी ह पदल डाक वयसथा क परवि मील ीन असथान हो ह इस दाा कहा जाा ह और यह एक मील का एक-विहाई होा ह hellipअब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb होा ह जिजसक बाहर ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरभ क लिलए यार बठ रह ह उनम स परतयक क पास दो हाथ लबी एक छड़ होी ह जिजसक ऊपर ाब की घठिटयाb लगी होी ह जब सदशाहक शहर स यातरा आरभ करा ह ो एक हाथ म पतर था दसर हाथ म घठिटयो सविह छड़ लिलए ह कषमानसार ज़ भागा ह जब मडप म बठ लोग घठिटयो की आाज सन ह ो यार हो जा ह जस ही सदशाहक उनक पास पहbचा ह उनम स एक उसस पतर ला ह और ह छड़ विहला हए परी ाक स दौड़ा ह जब क ह अगल दाा क नही पहbच जाा पतर क अपन गवय सथान क पहbचन क यही परविकरया चली रही ह यह पदल डाक वयसथा अशव डाक वयसथा स अमिधक ीवर होी ह और इसका परयोग अकसर खरासान क फलो क परिरहन क लिलए होा ह जिजनह भार म बह पसद विकया जाा ह

(i) दो परकार की डाक वयसथा क नाम बाइय 1(ii) वयाखया कीजिजए विक पदल डाक वयसथा कस काय( करी ह 2(iii) इबन बा ऐसा कयो सोचा ह विक भार म डाक वयसथा परभाकारी था 2(iv) 14 ी शाबदी म राजय न वयापारिरयो को कस परोतसाविह विकया 2

17 ldquoGovindBallabh Pant argued that in order to become a loyal citizen People had to stop focusingonly on the community and the self For the success of Democracy one must train himselfin the art of selfndashdiscipline In democracies one should care less for himself and more forothers There can not be any divided loyalty All loyalties must exclusively be centredround the State If in a democracy you create rival loyalties or you create a system inwhich any individual or group instead of suppressing his extravagance cares not forlarger or other interests then democracy is doomedrsquorsquo(i)Give three attributes of a loyal citizen in a democracy according to G B Pant 2(ii) What do you understand by lsquoSeparate Electoratersquo

1(iii) Why was the demand for Separate Electorate made during the drafting of

theConstitution 2(iv) Why was G B Pant against this demand Give two reasons

2गोपरिद बललभ प न कहा विक विनषठाान नागरिरक बनन क लिलए लोगो को समदाय और खद क बीच म रखकर सोचन की आद छोड़नी होगीलोकतर की सफ़ला क लिलए वयलिकत को आतमानशासन की कला का परलिशकषण लना होगा-लोकतर म वयलिकत को अपन लिलए कम और औरो क लिलए जयादा विफ़कर करनी चाविहए यहाb खविड विनषठा क लिलए कोई जगह नही ह सारी विनषठाएb कल राजय पर कजिनदर होनी चाविहए यठिद विकसी लोकतर म आप परविसपधv विनषठाएb रख द ह या विफर ऐसी वयसथा खड़ी कर द ह जिजसम कोई वयलिकत या समह अपन अपवयय पर अकश लगान की बजाय हततर या अनय विहो की जरा भी पराह नही करा ो ऐस लोकतर का डबना विनभिw ह(i) गोपरिद बललभ प क अनसार लोकतर म एक विनषठाादी नागरिरक क ीन अभिभलकषण कया ह 2(ii) पथक विना(लिचका स आप कया समझ ह 1(iii) सविधान लिलख समय पथक विना(लिचका की माग कयो की गयी 2(iv) जी बी प इस माग क विरदध कयो थ दो कारण लिलखिखए 2

Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Champaran चमपारणb) Amritsar अमसर182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

उततमाला

माडल परशनपतर - II१ऊचा शहर ndash दग(

विनचला शहर ndash दग( स जयादा बड़ा

२ अ) जावि वयसथा क विरदधबी

ब)बामहनो क परभा का विरोध

स)जगह-जगह जाकर मिमल भजन गाए I (कोई दो )

अ)उसन वयापारिरक रप स महतपण( खविनजो की खोज की I

ब)जगल को कविष कषतर म परिररकि विकया गया I

४ अ)पराातवितक सामविगरयो का अधययन करक I

ब)हड़पपा क शहरो क लोग विभिभनन वयसाय ए सामाजिजक आरथिथक सथिसथवि क थI

स)शाधानो का अधययन सामाजिजक-आरथिथक विभिभननाओ क लिलए I

द) लोगो को दो शरभिणयो म गvक करना धनी और गरीब I

इ)इन शहरो म बनकर कषक वयापारी मछली मारन ाल इतयाठिद रह थ I

५) अ) सपभितत साधनो क लिलए I

ब)यमिधमिषठर दवारा दरौपदी को पास क खल म हार जाना यह लिसदध करा ह विक पतनी पवि क सपभितत क रप म जाी जाी थी I

स)मनसमवि क अनसार विपा की मतय क बाद सपभितत का बटारा पतरो क बीच म होा था बड़ पतर को विशष भाग मिमला था I

द)सतरीधन पर औरो का अमिधकार होा था I

इ)ऊची जावि की मविहलाय साधनो का उपभोग करी थी जस परभाी गपा I

६ अ) पराकविक साधनो स जो गभदरा नदी स पराप होी थी I

ब)पहाविड़या धाराओ क लिलए सरो का काय( करी थी I

स)शासको न जल को इकटठा करन क वयापक परयास विकय I

द)षा( क पानी को इकटठा करन क लिलए जलाशय बनाय गए I

इ)कमलपरम ालाब दवारा लिसचाई की वयसथा I

७ अ) दरबारी लखको का मीरबखशी विनरीकषण करा था य ाकयानाविश कह जा थ ए सभी दसाज और आदन का रिरकाड( इनक दवारा ही रखा जाा था जो दरबार म पश विकया जाा था I

ब)अखबारा म सभी रह की सचनाए जस दरबार म उपसथिसथवि पदो और पदवियो का दान राजनमियक लिशषटमडल विकसी अमिधकारी क सासथय क विषय म बादशाह दवारा ली गयी जानकारी I

स)समाचार ा और महतपण( शासकीय दसाज शाही डाक क जरिरय मग़ल शासन क अधीन कषतरो म एक छोर स दसर छोर क जा थ I

द)काफी दर सथिसथ पराीय राजधाविनयो स भी ा बादशाह को कछ ही ठिदनो म मिमल जाया कर थ I

इ)राजधानी स बहार ना अभिभजाो क परविविनमिध अथा राजप राजकमार था अधीनसथ शासक बड़ मनोयोग स इन उदघोषणाओ की नक़ल यार कर थ I

८ अ)परारभ म विबरठिटश कपास क लिलए अमरिरका पर विनभ(र थ दसर सरोो की लाश म लग गए I

ब)१८५७ म कपास पv सघ सथाविप विकया गया और मनचसटर कपास कपनी १८५९ म I

स)वयापारिरयो न शहरी साहकारो को अविगरम ठिदया ाविक गाो स कपास ल सक I

द)धनी विकसानो को इसस लाभ हआ पर बह बड़ी सखया म जो छोट ए गरीब विकसान थ कज( क जाल म फस गए I

इ)जब अमरिरकी गहयदध समाप हो गया ो हा कपास का उतपादन विफर स शर हो गया और विबरटन क भारीय कपास क विनया( म विगराट आयी I राजस की माग बढ़ा दी गयी ऋण का सरो सख गया I ऋणदाा न ऋण दन स मन कर ठिदया I

९ अ) सहायक समिध की नीवि को लजली न १७९८ म लाग विकया I

ब)सभी सथानीय शासको को विबरठिटश सका(र की गठबधन नीवि की श को सीकार करना था I

स)गठबधन म शामिमल राजयो को अपन कषतर क अग( एक विबरठिटश सनय परविविनमिध को रखना था I

द)उनकी सरकषा का दामियत विबरठिटश सरकार पर था I

इ)विबरठिटश परविविनमिध को सारी सविधाएb गठबधन म शामिमल राजय परदान कर थ I

१० अ) महातमा गाbधी न एक अपरिहसक आनदोलन शर विकया I

ब)विहनद ndash मसथिसलम एका को लकर उनहोन खिखलाफ आनदोलन क साथ असहयोग आनदोलन को जोड़ ठिदया I

स)चौरी-चौरा की घटना क बाद उनहोन असहयोग आनदोलन को ापस ल लिलया I

द)अशपशया का विरोध विकया I

इ)सदशी को आग बढान पर जोड़ ठिदया I

११ अ) कनदरीय परशासन सलाह क लिलए मवितरपरिरषद I

ब)दो राजधाविनया ndash पाटलीपतर और राजगीर पराीय क दर ndash भिकषला उsup2मियनी ोसाली सण(विगरिरI

स)सामराजय जिजला और गाो म विभाजिज था जिजल का परमख ndash सथाविनक और गाो का गरामिमक I

द)छः उपसमिमवियो म परवि समिमवि पाच सदसय थ और कल ीस सदसय I

पहली सनय समिमवि ndashनौसना दसरी ndash यााया और खान-पान ीसरीmdashपदल सविनको की चौथी ndash अशवारोविहयो की पाची ndash रथारोविहयो की छठीmdashहालिथयो का सचालन I

इ)यााया समिमवि उपकरणो को ल जान क लिलए बलगाविड़यो की वयसथा करी थी I

य)अशोक न धमम-महामातर नामक नए अमिधकारीयो की विनयलिकत की I

१२ अ) गाb क बजग का सघ आमौर पर गाb क महतपण( लोग हआ कर थ जिजनक पास अपनी सपभितत क पशनी अमिधकार हआ कर थ I

ब)जिजन गाो म कई जावियो क लोग हो थ हा पचाय म विविधा पाई जाी थी I

स)पचाय का सरदार एक मखिखया होा था जिजस मकददम या मडल कह थ I

द)पचाय का खचा( गाb क उस आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I

इ)इस खजान स उन कर अमिधकारीयो की खाविरदारी का खचा( भी विकया जाा था जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ और दसरी ओर कोष का इसमाल पराकविक विपदाओ स विनपटन क लिलए भी होा था I

य)पचाय का एक बड़ा कम यह सलली करना था की लोग अपनी जावि की हदो क अनदर रह I

१३ अ) विभिभनन नजाीय था धारमिमक समह कोई भी दल इना बड़ा न हो विक राजय को चनौी द I

ब)अमिधकारी ग( गलदस क रप म रणिण फ़ादारी स बादशाह क साथ I

स)भारीय मल क दो शासकीय समहो ndash राजपो और भारीय मसलमानो न शाही सा म परश विकया I

द)जहाbगीर क समय ईराविनयो को उचच पद I

इ)सरकारी अमिधकारीयो क दजshy और पदो म दो रह क सखया ndash विषयक ओहद हो थ --- जाट और सार I

य)सनय अभिभयानो म अपनी सनाओ क साथ भाग ल थ और सामराजय क अमिधकारीयो क रप म भी काय( कर थ I

र)घड़सार लिसपाही शाही विनशान स पाशव( भाग म दाग गए उततम शरणी क घोड़ रख थ I

ल)ना-रकाब अभिभजाो का एक सरभिकष दल ndash परान या सनय अभिभयान म परविविनयकत विकया जाा I

१४अ)पराीय चनाो म कागरस न गर-मसथिसलमो का ९१३ म पराप विकया I

लीग न मसथिसलमो की सभी ३० सीटो पर जी दज( की ए आरभिकष सीटो पर ८६६ मसथिसलम मो को पराप विकया I

ब)माच( १९४६ म कविबनट मिमशन ठिदलली आया जिजसम ीन सदसय थ I मिमशन लीग की पाविकसान की माग का परीकषण करन आया था ए सतर भार की सचार रपरखा यार करन आया था I

स)ह एक कमजोर क दर क पकष म था जिजसक विनयतरण म कल विदशी मामल रकषा और सचार होा था पराीय सभाए ीन रह की होी ndash पहलीयाविन खड- अ म विहनद बहसखयक परान था ब ए स म मसथिसलम बहसखयक उततर पभिwम ए उततर प( क असम को लकर I

द )शरआ म सभी पारटिटयो न इस सीकार विकया लविकन लीग समहीकरण को अविनाय( करन की माग कर रही थी I

इ)कागरस चाही थी विक परानो को अपनी इचछा का समह चनन का अमिधकार मिमलना चाविहए लीग न इसका विरोध विकया I

य)कविबनट मिमशन योजना स अपना समथ(न ापस लन क बाद पाविकसान की माग को अमली जामा पहनान क लिलए लीग न परतयकष काय(ाही करन का फसला लिलया I

र)कलकतता म दगा भड़क उठा I

ल)पर अमसर म आगजनी और मारकाट हो रही थी I

)भारीय लिसपाही और पलिलसाल भी विहनद मसलमान या लिसख क रप म आचरण करन लग थ I

१५अ)पवितर सथान जहा बदध क शारीरिरक अशष सरभिकष रख जा थ ए उसकी पजा होी थी I

ब)महापरिरविनबबान सतत सतत विपटक

स)बदध का एक और नाम I थाग क अशषो को विशष आदर दकर खद को म रोको धमzतसाही बनो अपनी भलाई क लिलए परयास करो I

द)भरह और साbची

१६ अ)घड़सार डाक वयसथा और पदल डाक वयसथा

ब)ीन चरण ndashपरवि ीन मील पर असथान इस दाा कह ह और यह एक मील का एक विहाई होा ह अब हर ीन मील पर घनी आबादी ाला एक गाb जिजसक बहार ीन मडप हो ह जिजसम लोग काय( आरमभ करन क लिलए बठ रह ह I

स)उसक अनसार सिसध स ठिदलली की यातरा पचास ठिदनो म परी होी थी I गपचरो क दवारा दी गयी सारी जानकारिरया पाच ठिदनो म बादशाह को मिमल जाी थी I

द)सभी वयापारिरक माग पर सराय और विशराम गह बनाय गए I

१७ अ) स ndash अनशासन अपन लिलए कम और दसरो की जयादा विफ़कर करनी होगी I

ब)सभी अलपसखयको क लिलए पथक विना(लिचका I

स)सरकार म अलपसखयको की परभाी भमिमका I

द)अलपसखयक अलग-थलग हो जायग और कभी बहसखयक नही बन पाएग था उनक दवारा कही गयी बाो की परभाकारिरा नही रह जाएगी I

Model Question Paper - IIIHistory

Class ndash XIIWEIGHTAGE OF MARKS BOOK- WISE

BOOKTYPE OF QUESTION

VSA2 MARKS

SA 4 MARKS

SOURCE BASED QUESTIONS

MAP MARKS

LONGANSWER8 MARKS

TOTAL

7 MARKSBOOK-1 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-2 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25BOOK-3 2(1) 4(2) 7(1) 8(1) 25MAP 5(1) 5PROJECT WORK

20

VALUE BASED QUESTION

4(1)

TOTAL 2(3)=6 4(6)=24 7(3)=21 5(1)=5 8(3)=24 100

Note ndash Value based question can be from Part-1 2 3 textbooks and carry 04 marks Accordingly teacher can reduce weightage of the corresponding sections

General Instructions

Model Question Paper - IIICLASS-XIIHISTORY

Time 3 hours Maximum Marks 80General Instructionsh) Answer all the questions Marks are indicated against each

questioni) Answers to questions carrying 2 marks (Part-A 1 to 3) should

not be exceed 30 words eachj) Answer to questions carrying 4 marks (Part-B section-I

question No 4 - 9)should not exceed 100 words eachk) Part B section-II is a value based questionl) Answer to questions carrying 8 marks (Part C Questions 11

and 14) should not exceed500 words eachm) Part D questions are based on three sources (Part D

Questions 151617 )

n) Attach the map with the answer scripts (Part E questions 181 and 182)

सामानय किनदश g) सभी परशनो क उततर दीजिजय परतयक परशन क अक उसकसामन लिलख ह h) ( भाग-क परशन 1 to 3)2 अक क परशनो क उततर 30 शबदो स जयादा क

नही होन चाविहए i) (भाग ndashख खड -I परशन 4 - 9)जिजनम परतयक क 4 अक ह शबद सीमा

100 हभाग -B खड ndashII एक मलय आधारित परशन ह j) 8 अको ाल परशन (भाग ग परशन 11 और 14) का उततर 500 शबदो स

अमिधक न हो k) भाग घ क परशन ीन सरोो पर आधारिर ह l) मानलिचतरो को उततरपसतिसका क साथ सलगन कीजिजय

PART lsquoArsquo

ख़णड क

नीच ठिदए सभी परशनो क उततर दीजिजए

Answer all the questions given below

Q1 lsquoArt historians had to acquire familiarity with hagiographies of the Buddha in order to understand Buddhist sculpturersquo Analyze the statement with two examples 2

lsquoबौदध मरकिकला को समझन क लिलय कला इविहासकारो को बदध क चरिरतर लखन क बार म समझ बनानी पड़ीrsquo इस कथन का विशलषण दो उदाहरणो दवारा करिरए

Q2 Why were women considered an important resource in agrarian society Mention two reasons 2

गरामीण समाज म मविहलाय एक महतपण( सनसाधन कयो समझी जाी थी दो कारणो का उललख करिरए

Q3 Who were the Dubashes in colonial cities Explain one function they performed 2

औपविनलिशक शहरो म दभाश कौन थ उनक दवारा समपाठिद होन ाल एक काय( का उललख करिरए

PART lsquoBrsquo खणड ख

Section 1 अनभाग 1

विनमनलिलखिख म स विकनही ीन परशनो क उततर लिलखिखए

Answer any five of the following- 4x5 = 20

Q4 The problem of archaeological interpretations are perhaps most evident in attempts to reconstruct Harappan religious practices by the archaeologists Examine the statement with suitable examples

lsquoपराातवितक वयाखया की समसयाए b सभः सबस अमिधक हड़पपाई धारमिमक परथाओ क पनरकिनरमाण क परयासो म परातशाममिसतरयो क समकष आी हrsquo इस कथन का विशलशण उदाहरण सविह करिरए

Q5rdquoThe Dharmasutras and Dharmashastras also contained rules about the ideal lsquooccupationrsquo of the four categories or varnasrdquo Critically examine the statement

ldquoधम( सतरो और धम(शासतरो म चारो ग क लिलए lsquoआदश( जीविकाrsquo स जड़ कई विनयम मिमल हrdquo इस कथन का आलोचनातमक विचन करिरए

Q6 Explain Al-Barunirsquos description of caste-system What did he say about the rigidity of the caste-system

जावि वयसथा क सबध म अल-विबरनी की वयाखया पर चचा( कीजिजए जावि वयसथा की कठोरा क विषय म उसक कया विचार थ

Q7 Who were Andal and Karaikkal Ammaiyar What were their contributions and importance in the Indian Society 2+3

अडाल और करइककाल अममइयार कौन थ उनका योगदान कया था था भारीय समाज म कया महत था

Q8 Analyze how the Mughal emperorrsquos court procedures reflected his status and power 5

मगल समराट की दरबारी परविकरया समराट क सर था शकती को विकस परकार परदरथिश करी ह विशलषण कीजिजए

Q9 Critically evaluate the lsquoDeccan Riots Commissionrsquos reportrsquo

lsquoदककन दगा आयोगrsquo की रिरपोट( का आलोचनातमक मलयाकन कर

PART lsquoBrsquo खणड lsquoखrsquo

Section 2 अनभाग 2

Q10 Value based questions

Read the following value based passage given and answer the questions given below-

A Motherrsquos Advice

ldquoGandhari made one last appeal to her eldest son Duryodhana

By making peace you honour your father and me as well as your well-wishershellipit is the wise man who is in control of his senses who guards his kingdom Greed and anger drag a man away from his profits by defeating these two enemies a king conquers the earth hellip You will happily enjoy the earth my son along with the wise and heroic Pandavas hellip There is no good in a war no law (dharma) and profit (artha) let alone happiness nor is there (necessarily) victory in the end--donrsquot set your mind on warrdquo

माता की सलाह

ldquoगाधारी न अपन जयषठ पतर दयzधन स यदध न करन की विनी की

शाी की समिध करक म अपन विपा मर था अपन शभचछको का सममान करोगhelliphellipविकी परष जो अपनी इठिदरयो पर विनयतरण रखा ह ही अपन राजय की रखाली करा ह लालच और करोध आदमी को लाभ स दर खदड़कर ल जा ह इन दोनो शतरओ को पराजिज कर राजा समस धरी को जी सका हhelliphellipह पतर म विकी और ीर पाडो क साथ सानद इस धरी का भोग करोगयदध म कछ भी शभ नही होा न धम( और अथ( की परातविप होी ह और न ही परसनना की यदध क अ म सफ़ला मिमल यह भी ज़ररी नहीhelliphellipअपन मन को यदध म लिलप म करोhelliprdquo

Answer the following questions-

विनमनलिलखिख परशनो क उततर दीजिजए

Q101 Do you think that Gandharirsquos ldquopeacemakingrdquo advice was appropriate Give two reasons 2

कया आपको गाधारी की शाी समिध की सलाह उलिच लगी ह दो कारण बाइय

Q102 Why do you think that control of greed and anger are beneficial for human being and society Give three reasons 2

कया आपको ऐसा लगा ह विक लालच और करोध पर विनयनतरण मान ए समाज क विह म ह ीन कारण दीजिजए

PART C

खणड lsquoगrsquo

Long answer questions 8 x 3=24

Answer any THREE questions-

11 Why did Sanchi stupa survive while Amaravati stupa did not Support your answer with suitable examples

साbची का सप कयो बच गया जबविक अमराी सप नषट हो गया उदाहरण सविह उततर दीजिजए

Q12 Critically examine the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo in respect of Vijaynagar Empire Discuss whether the terms lsquoRoyal Centrersquo and lsquoSacred Centrersquo are appropriate description for the parts of the city for which these are used

विजयनगर राजय क सदभ( म lsquoराजकीय कनदरrsquo था lsquoपवितर कनदरrsquo की आलोचनातमक विचना करिरए था सपषट करिरए विक विजयनगर शहर क सदभ( म lsquoपवितर कनदरrsquo था lsquoराजकीय कनदरrsquo पदो का परयोग कहाb क उलिच ह

Q13 How were the panchayats formed during sixteenth and seventeenth centuries Explain their functions and authorities

सोलही और सतरही शाखिबदयो म पचायो का गठन विकस परकार होा था पचायो की काय(परणाली अमिधकारो ए सतता का उललख करिरए

Q14 Why did Mahatma Gandhi think Hindustani should be the national language How did the Constituent Assembly seek to resolve the language controversy

महातमा गाbधी को एसा कयो लगा था विक विहनदसानी राषटरीय भाषा होनी चाविहए सविधान सभा न भाषा क विाद को हल करन क लिलए कया रासा विनकाला 5+5

PART D

खणड घ

Passage based questions 8x3 = 24

गददाश आधारिर परशन

Read the following extracts (Question No 17-19) carefully and answer the questions that follow

विनमनलिलखिख अनचछदो (परशन सखया 17-19) को धयानप(क पठिढ़ए और अ म पछ गय परशनो का उततर दीजिजए

Q15 What the Kingrsquos Officials Did

Here is an excerpt from the account of Megasthenes

Of the great officers of state somehelliphellipsuperintend the rivers measure the land as is done in Egypt and inspect the sluices by which water is led out from the main canals into their branches so that everyone may have an equal supply of it The same persons have charge also of the huntsmen and are entrusted with the power of rewarding or punishing them according to their deeds They collected the taxes and superintend the occupations connected with land as those of the woodcutters the carpenters the blacksmith and the miners

Questions

(i) Which empire is Megasthenes referring to 1

(ii) What similarity does Megasthenes tell about the officials of Egypt and this empire 2

(iii) Why was this work assigned to those officials who supervised the main gate of the canal water What more work did they perform 2

(iv) How many committees and sub-committees have been referred to by Megasthenes for the conduct of military activities 2

समराट क अधिधकाी कया - कया काय= कत थ

मगसथनीज़ क विरण का एक अश ठिदया गया ह

सामराजय क महान अमिधकारिरयो म स कछ नठिदयो की दख-रख और भमिम मापन का काम कर ह जसा विक मिमसतर म होा था कछ परमख नहरो स उपनहरो क लिलए छोड़ जान ाल पानी क मख दवार का विनरीकषण कर ह ाविक हर सथान पर पानी की समान परकि हो सक यही अमिधकारी लिशकारिरयो का सचालन कर ह और लिशकारिरयो क विकरतयो क आधार पर उनह इनाम या दणड द ह कर सली कर ह और भमिम स जड़ सभी वयसायो का विनरीकषण कर ह साथ ही लकड़हारो बढ़ई लोहारो और खननका(ओ का भी विनरीकषण कर ह

परशन -

(1) मगसथनीज़ विकस सामराजय का उललख कर रहा ह 1

(2) मगसथनीज़ मिमसतर क अमिधकारिरयो और इस सामराजय क अमिधकारिरयो क मधय विकन समानाओ का उललख कर रहा ह 2

(3) यह काय( उन अमिधकारिरयो को कयो सौपा जाा था जो पानी क मख दवार का विनरीकषण कर थ इसक अविरिरकत अनय कया काय( कर थ 2

(4) मगसथनीज़ क अनसार सविनक गविविमिधयो क सचालन क लिलए कौन सी समिमविया b और उपसमिमविया b विनयकत थी 2

Q16 DEHLI

Here is an excerpt from Ibn Batutarsquos account of Delhi often spelt as Dehli in texts of the period

The city of Delhi covers a wide area and has a large populationhellipthe rampart round the city is without parallel The breadth of its wall is eleven cubits and inside it are houses for the night sentry and gatekeepers Inside the ramparts there are store houses for storing edibles magazines ammunition ballistas and siege machines The grains that are stored can last for a long time without rottinghellipIn the interior of the rampart horsemen as well as infantrymen move from one end of the city to another The rampart is pierced through by windows which open on the side of the city and it is through these windows that light enters inside The lower part of the rampart is built of stone the upper part of bricks It has many towers close to one another There are 28 gates of this city which are called darwaza and of these the Budaun Darwaza is the greatest inside the Mandvi darwaza there is a grain market adjacent to the Gul darwaza there is an orchardhelliphellipIt has a fine cemetery in which graves have domes over them and those that do not have a dome have an arch for sure In the cemetery they sow flowers such as tuberose jasmine wild rose etc and flowers blossom there in all seasons

(i) How had Ibn-Batuta described the cities in the sub-continent 2

(ii) What was his description of Delhi 3

(iii) Mention any four changes in Delhi of today 2

दहली

ठिदलली जिजस तकालीन गरथो म अकसर दहली नाम स उदध विकया गया था का ण(न इबन बा इस परकार करा ह

ठिदलली बड़ कषतर म फला घनी जनसखया ाला शहर हhelliphellipशहर क चारो ओर बनी पराचीर अलनीय ह दीार की चौड़ाई गयारह हाथ (एक हाथ लगभग 20 इच क बराबर) ह और इसक भीर रावितर क पहरदार था दवारपालो क ककष ह पराचीरो क अदर खाददसामगरी हलिथयार बारद परकषपासतर था घरबदी म काम आन ाली मशीन क सगरह क लिलए भडारगरह बन हए थhelliphellipपराचीर क भीरी भाग म घड़सार था पदल सविनक शहर क एक स दसर छोर क आ-जा ह पराचीर म खिखड़विकयाb बनी ह जो शहर की ओर खली ह और इनही खिखड़कीयो क माधयम स परकाश अदर आा ह पराचीर का विनचला भाग पतथर स बना ह जबविक ऊपरिर भाग ईटो स इसम एक-दसर क पास-पास बनी कई मीनार ह इस शहर क अठटाईस दवार ह जिजनह दराज़ा कहा जाा ह और इनम स बदायb दराज़ा सबस विशाल ह माडी दराज़ क भीर एक अनाज मडी ह गल दराज़ क बगल म एक फलो का बगीचा हइस म एक बहरीन कबरगाह जिजसम बनी कबरो क ऊपर गबद बनाई गयी ह और जिजन कबरो पर गबद नही ह उनम विनभिw रप स महराब ह कबरगाह म कदाकार चमली था जगली गलाब जस फल उगाए जा ह और फल सभी मौसमो म खिखल रह ह

(1) उप-महादवीप क नगरो का ण(न इबन बा न विकस परकार विकया ह 2

(2) उसक दवारा ठिदलली का ठिदया गया विरण कया था 3

(3) आज की ठिदलली म आए विकनही चार परिर(नो का उललख कीजिजए 2

Q17 The jotedars of Dinajpur

Buchanan described the ways in which the jotedars of Dinajpur in North Bengal resisted being disciplined by the zamindar and undermined his power

Landlords do not like this class of men but it is evident that they are absolutely necessary unless the landlords themselves would advance money to their necessitous tenantryhelliphelliphellip

The jotedars who cultivate large portions of land are very refractory and know that the zamindars have no power over them They pay only a few rupees on account of their revenue and then fall in balance almost every kist (installment) they hold more lands than they are entitled to by their pottahs (deeds of contract) Should the zamindarrsquos officers in consequence summon them to the cutcherry and detain them for one or two hours with a view to reprimand them they immediately go and complain at the Fouzdarry Thana (Police Station) for imprisonment and at the munsiffrsquos (a judicial officer at the lower court) cutcherry for being dishonored and whilst the causes continue unsettled they instigate the petty ryots not to pay their revenue consequentlyhelliphellip

Questions

(i) Who were the jotedars 2

(ii) Describe the ways in which the jotedars resisted the authority of the zamindars 2

(iii) Why were they more powerful than the zamindars 2

(iv) By which names were they called 1

दिदनाजप क जोतदा

बकानन न बाया ह विक उततरी बगाल क ठिदनाजपर जिज़ल क जोदार विकस परकार ज़मीदार क अनशासन का परविरोध और उसकी शलिकत की अहलना विकया कर थ-

भसामी इस ग( क लोगो को पसद नही कर थ लविकन यह सपषट ह विक इन लोगो का होना बह ज़ररी था कयोविक इसक विबना ज़ररमद काशकारो को पसा उधार कौन दाhelliphelliphellip

जोदार जो बड़ी-बड़ी ज़मीन जो ह बह ही हठील और जिज़ददी ह और यह जान ह विक ज़मीनदारो का उनपर कोई श नही चला ो अपन राजस क रप म कछ थोड़ स रपय ही द दा ह और लगभग हर विकस म कछ-न-कछ बकाया रकम रह जाी ह उनक पास उनक पटट की हकदारी स ज़यादा ज़मीन ह ज़मीदार की रकम क कारण अगर अमिधकारी उनह कचहरी म बला थ और उनह डरान-धमकान क लिलए घट-दो-घट कचहरी म रोक ल ह ो र उनकी लिशकाय करन क लिलए फ़ौजदारी थाना (पलिलस थाना) या मसतिनसफ़ की कचहरी म पहbच जा ह और कह ह विक ज़मीदार क कारिरदो न उनका अपमान विकया ह इस परकार राजस की बकाया रकमो क मामल बड़ जा ह और जोदार छोट-छोट रय को राजस न दन क लिलए भड़का रह हhelliphelliphellip

(1) जोदार कौन थ 2

(2) ज़मीदार की सतता का परविरोध विकस परकार कर थ 2

(3) ज़मीदार की अपकषा आरथिथक रप म शलिकतशाली कयो थ 2

(4) उनह विकन नामो स पकारा जाा था 1

PART E खणड ङ

20 Map Question 5marks181 On the given political outline map of India Locate and label the following 2 ठिदए गय भार क राजनीविक मानलिचतर पर विनमनलिलखिख को दशा(इय और उनक नाम अविक कीजिजएa) Rakhigarhi राखिखगडीb) Chanhudaro चनहदडो

182 On the same map three places related to Indian National Movement have been markedas 1 2 and 3 Identify them and write their names on the lines drawn near them 3उसी मानलिचतर म भारीय राषटरीय आदोलन स जड़ ीन सथान 1 2 और 3 क रप म परदरथिश ह उनह पहचाविनए और उनक नाम उनक विनकट ठिदए गय रखाओ पर लिलखिखए

Note The following questions are only for the BLIND CANDIDATES in lieu of map question

Q20 Name five important Mahajanapadas 5

अथाor

Mention five important centers of national movement 5

For182

उततमाला

माडल परशनपतर ३ (१२ वी ककषा)

For Q21

1 बदध न जञान की परातविप एक कष क नीच धयान लगाकर पराप विकया I कष ndash जञान सप ndash महापरिरविना(ण चकर ndash परथम धमzपदश

2 २मविहलाय खो म परषो क साथ कध स कनधा मिमलाकर काय( करी थी I मविहलाय बआई विनराई और कटाई क साथ-साथ पकी हई फसल का दाना विनकालन का करीथी I

3 दभाष हो थ जो अगरजी और सथानीय भाषा दोनो म बोल सक थ I बलक टाउन क बाजार क नजदीक परपराग घरो म रह थ I विबरठिटश और भारीय समाज क बीच मधयसथ का काय( कर थ I

4 हड़पपा की लिलविप पढ़ी नही जा सकी ह I इसम ३७५ स ४०० क लिचनह ह I परातविदो का यह मानना ह की कछ ऐसी सए जिजनकी पहचान नही हो सकी ह ह धारमिमक महतत की ह I महरो क परीकषण की कोलिशश की गयी I मादी ndash सतरी मणमरकि गहनो स सजी हई परोविह राजा एक सिसग ाला जानर पौध का अलकरण याविन परकवि पजा आदय लिश I

५बराहमणो क लिलए दो का अधययन और अधयापन

कषवितरय ndash यदध परशासविनक नयाय दो का अधययन

शय ndash दो का अधययन कविष यगय करना वयापार शदरndash ीनो उचच ण की सा करना

६अलविबरनी न भार म वयाप जावि वयसथा का अनय जगहो की सामाजिजक वयसथा क साथ लना विकया I

-- बराहमणो की जावि वयसथा को उसन सीकार विकया I

अपवितरा को असीकार विकया ए इस परकवि क विनयमो क विरदध बाया I सय( हा को सचछ करा ह समदर म नमक पानी को गनदा होन स बचाा ह I

७अडाल ndash मविहला अलार स उसकी रचनाय गाई जाी ह

अममाईयार ndash लिश भकत अपन उददशय परातविप ह घोर पशया का माग( अपनाया I

इनकी रचनाओ न विप सततातमक आदश को चनौी दी I

८दरबार का क दरपरिबद ख़ था जिजसन सपरभ क काय को भौविक सरप परदान विकया I

शासक की कावि को सय( की कावि स पथक करन का काय( राजतर का परीक छरी कराी थी I

विकसी भी दरबारी को शासक दवारा ठिदया गया सथान उसकी महा का परीक था दरबार म मानय सबोधन लिशषटाचार था बोलन क विनयम विनधा(रिर विकय गए थ राजनमियक दो स भी ऐसा अपभिकष था खास मौको पर सजाट

९विबरठिटश सरकार न बबई सरकार को यह विनदshyश ठिदया की ह दककन दगो की जाच क लिलए एक आयोग का गठन कर I

आयोग न १८७८ म अपनी रिरपोट( परस की ससद म पछाछ की गयी कथन रिरकाड( विकय गए जिजल क कलकटर की रिरपोट( एकतर की गयी Iकारण ndash ऋण दााओ दवारा ऊb ची बयाज दर का लिलया जाना

१०१ हाb यदध स लाभ ए ख़शी नही मिमल सकी

१०२ लालच ए करोध पर विनयतरण मनषय को बजिदधमान बनाी ह यह यदध को रोकी ह ख़शी लाी ह I समाज म नविक मलयो को बढ़ाा दना जस माना पयार और अपरिहसा I

११साbची का सप इसलिलए बच गया कयोविक भोपाल की बगम न उस सरभिकष विकया था रल क ठकदारो की नजर उस पर नही पड़ी I शायद अमराी की खोज पहल हो गयी थी ए विदवान इस बा क महतत को समझ नही पाए थ I १७९६ म सथानीय राजा को अचानक अमराी क सप क अशष मिमल गए जब हा पर एक मठिदर बनाना चाह रह थ I १८५४ म गटर क कमिमशनर ालटर एलिलअ न अमराी की यातरा

की ए पभिwमी ोरण दवार को खोज विनकाला I अमराी क सप क कछ पतथर एलिशयाठिटक सोसाईटी आफ बगाल पहच I कछ लनदन क पहbच गए I

१२शाही क दर -- दभिकषण- पभिwम भाग म ६० मठिदर सममिममलिल मठिदरो और समपरदायो को परशरय दना शासको क लिलए महतपण( था जो इन द-सथलो म परविमिषठ दी- दाओ स समबनध क माधयम स अपनी सतता को सथाविप करन था धा परदान करन का परयास कर रह थ I

३० सरचनाओ की पहचान महलो क रप म की गयी ह I

कछ सरचनाय ndash महानमी विडबबा लोटस मठिदर असबल हजाराराम मठिदर I

पवितर क दर ndash कई मठिदर ---- पपादी मठिदर विरपाकष मठिदर विटठल मठिदर जन मठिदर I मठिदर सथापतय ndash गोपरम और मडप उकार गए समभ

१३गराम सभा ndash बजग की सभा य गाb क महतपण( वयलिकत थ ए सपभितत पर अनालिशक अमिधकार थाI

एक अलपतर जिजसम गाb क अलग अलग जावियो की नमाईदगी होी थी I छोट मोट और नीच कम करन ालो को इसम जगह नही मिमली थी पचाय का फसला सबको मानना पड़ा था I

मखिखया ndash मकददम या मडल गाb क बजग की सहमवि स चना होा था ए जब क इनका भरोसा इनपर रहा था भी क पद पर रह थ I

गाb क आमदनी ए खचshy का विहसाब- विकाब अपनी विनगरानी म कराना मखय काय( पचाय का खचा( गाb क आम खजान स चला था जिजसम हर वयलिकत अपना योगदान दा था I उन कर अमिधकारीयो की की खाविरदारी का खचा( जो समय-समय पर गाb का दौरा विकया कर थ था पराकविक आपदाओ स विनपटन म कोष का इसमाल विकया जाा था इसक अलाा नहरो ए बाधो को बनान म I

१४गाधीजी क विचार ndash

विहनदसानी आम लोगो दवारा अचछी रह समझी जाी ह परिहदी ए उद( क मल स बनी यह भाषा बह लोगो क दवारा बोली जाी ह यह विविध ससकवियो क आदान परदान

स समदध हई एक साझी भाषा थी यह विविध समदायो क बीच सचार की आदश( भाषा हो सकी ह ए विहनद-मसथिसलम था उततर-दभिकषण को एकजट रख सकी ह I

भाषा समिमवि का गठन परिहदी क समथ(को ए विरोमिधयो क बीच क गविरोध को ोड़न क लिलए फाम(ल का विकास समिमवि क अनसार दनागरी लिलविप म लिलखी परिहदी भार की राजभाषा I

१५अ) मौय( सामराजय

ब)नदी विनरीकषक था भमिम को मापन ाल

स)लिशकारिरयो का विनरीकषण इनह इनाम या दड दना

द)सनय समिमवि --- नौ सना यााया ए पv स समबदध पदल सना घड़सार रथ ए हालिथयो की सना

१६अ)जनसखया विकलबदी दराजा घर बाजार मनोरजन

ब)जयादा जनसखया जयादा कषतरफल पराचीर रावितर पहरदारो और दवारपालो क ककष थ शहर क २८ दवार

स)कोइ चार परिर(न

१७अ)उततरी बगाल क धनी विकसान जो जररमद विकसानो को उधार द थ

ब)जमीदार दवारा जमा बढ़ान क सभी उपायो का विरोध जमीदारो को काम नही करन द थ

स)समझौो क मानदडो स जयादा जमीन उनक पास थी गाb म रह थ और गरीबो पर उनका विनयतरण था सथानीय वयापार पर उनका विनयतरण था और जररमदो को उधार द थ

द)मडल

LIST OF MAPSBook 1

1 P-2 Mature Harappan sites Harappa Banawali Kalibangan Balakot Rakhigadi Dholavira Nageshwar LothalMohenjodaro Chanhudaro Kot Diji2 P-30 Mahajanapada and cities Vajji Magadha Koshala Kuru Panchala Gandhara Avanti Rajgir Ujjain TaxilaVaranasi3 P-33 Distribution of Ashokan incriptions i Pataliputra ndash Capital of Ashokaii Major Rock Edicts ndash Girnar Sopara Sanchi Kalasi Shishupalgarhiii Pillar incriptions ndash Sanchi Topra Meerut Pillar Kaushambiiv Kingdom of Cholas Keralaputras and Pandyas4 P-43 Important kingdoms and towns i Kushans Shakas Satvahana Vakatakas Guptaii Citiestowns Mathura Kanauj Puhar Brahukachchha5 P-95 Major Buddhist Sites Nagarjunakonda Sanchi Amaravati LumbiniBook 21 P-174 Bidar Golconda Bijapur Vijayanagar Chandragiri Kanchipuram Mysore ThanjavurKolar2 P-214 Territories under Babur Akbar and Aurangzeb Delhi Agra Panipat Amber Ajmer Lahore GoaBook 31 P-297 Territoriescities under British Control in 1857 Punjab Sindh Bombay Madras Fort St David Masulipatnam Berar Bengal BiharOrrisa Avadh Surat Calcutta Dacca Chitagong Patna Benaras Allahabad and Lucknow2 P-305 Main centres of the Revolt Delhi Meerut Jhansi Lucknow Kanpur Azamgarh Calcutta Benaras Jabalpur Agra3 P-305 Important centres of the national movement Champaran Kheda Ahmedabad Benaras Amritsar Chauri-Chaura Lahore BardoliDandi Bombay (Quit India Resolution) Karachi

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