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Videha ÕवदेहÕ थम मैिथली पाक ई पऽका १५ जुलाई २००८ (वष १ मास ७ अंक १४) http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संःकृताम् मानुषीिमह संःकृताम् मानुषीिमह संःकृताम् मानुषीिमह संःकृताम् 1 'िवदेह िवदेह िवदेह िवदेह' ' ' १५ १५ १५ १५ जुलाई जुलाई जुलाई जुलाई २००८ २००८ २००८ २००८ ( ( ( ( वषᭅ वषᭅ वषᭅ वषᭅ मास मास मास मास अंक अंक अंक अंक १४ १४ १४ १४ ) ) ) एिह अंकमे अिछ एिह अंकमे अिछ एिह अंकमे अिछ एिह अंकमे अिछ: : :- ᮰ी रामा᮰य झा ᮰ी रामा᮰य झा ᮰ी रामा᮰य झा ᮰ी रामा᮰य झा ' ' 'रामरंग रामरंग रामरंग रामरंग' ' ' ( ( (१९२८ १९२८ १९२८ १९२८- - - ) ) ) ििᮧिस िस ' ' ' अिभनव भातख᭛डे अिभनव भातख᭛डे अिभनव भातख᭛डे अिभनव भातख᭛डे' ' ' ' क े र जीवन आऽ क ृ ितक िवषयमे िवतृत िनबंधक अिगला भाग िवदेहक संगीत क े र जीवन आऽ क ृ ितक िवषयमे िवतृत िनबंधक अिगला भाग िवदेहक संगीत क े र जीवन आऽ क ृ ितक िवषयमे िवतृत िनबंधक अिगला भाग िवदेहक संगीत क े र जीवन आऽ क ृ ितक िवषयमे िवतृत िनबंधक अिगला भाग िवदेहक संगीत िशᭃा तंभमे। गजे᭠ ठाक ु र ᳇ारा लेल गेल साᭃा᭜कार सिहत। िशᭃा तंभमे। गजे᭠ ठाक ु र ᳇ारा लेल गेल साᭃा᭜कार सिहत। िशᭃा तंभमे। गजे᭠ ठाक ु र ᳇ारा लेल गेल साᭃा᭜कार सिहत। िशᭃा तंभमे। गजे᭠ ठाक ु र ᳇ारा लेल गेल साᭃा᭜कार सिहत। .संपादकᳱय २.संदेश: १. . . . नाटक नाटक नाटक नाटक नो नो नो नो एंᮝी एंᮝी एंᮝी एंᮝी: : : : मा ᮧिवश मा ᮧिवश मा ᮧिवश मा ᮧिवश ᮰ी उदय नारायण ᳲसह ᮰ी उदय नारायण ᳲसह ᮰ी उदय नारायण ᳲसह ᮰ी उदय नारायण ᳲसह ' ' 'निचक े ता निचक े ता निचक े ता निचक े ता' ' ' मैिथली सािह᭜यक सुᮧिस ᮧयोगधमᱮ नाटककार ᮰ी निचके ताजीक टटका नाटक मैिथली सािह᭜यक सुᮧिस ᮧयोगधमᱮ नाटककार ᮰ी निचके ताजीक टटका नाटक मैिथली सािह᭜यक सुᮧिस ᮧयोगधमᱮ नाटककार ᮰ी निचके ताजीक टटका नाटक मैिथली सािह᭜यक सुᮧिस ᮧयोगधमᱮ नाटककार ᮰ी निचके ताजीक टटका नाटक, जे िवगत जे िवगत जे िवगत जे िवगत २५ २५ २५ २५ वषᭅक मौनभंगक पात् पाठकक स᭥मुख वषᭅक मौनभंगक पात् पाठकक स᭥मुख वषᭅक मौनभंगक पात् पाठकक स᭥मुख वषᭅक मौनभंगक पात् पाठकक स᭥मुख तुत भ ᮧतुत भ ᮧतुत भ ᮧतुत भ' ' ' ' रहल अिछ। रहल अिछ। रहल अिछ। रहल अिछ। सवᭅᮧथम िवदेहमे एकरा सवᭅᮧथम िवदेहमे एकरा सवᭅᮧथम िवदेहमे एकरा सवᭅᮧथम िवदेहमे एकरा धारावािहक ᱨपे ँ ई धारावािहक ᱨपेँ ई धारावािहक ᱨपेँ ई धारावािहक ᱨपेँ ई-ᮧकािशत कएल जा रहल ᮧकािशत कएल जा रहल ᮧकािशत कएल जा रहल ᮧकािशत कएल जा रहल अिछ। पढ़ू अिछ। पढ़ू अिछ। पढ़ू अिछ। पढ़ू नाटकक चाᳯरम क᭨लोलक पिहल खेप। नाटकक चाᳯरम क᭨लोलक पिहल खेप। नाटकक चाᳯरम क᭨लोलक पिहल खेप। नाटकक चाᳯरम क᭨लोलक पिहल खेप। महᱬवपूणᭅ सूचना: ᮰ीमान् निचके ताजीक नाटक "नो एंᮝी: मा ᮧिवश" केर 'िवदेह' मे ई-ᮧकािशत ᱨप देिख कए एकर ᳲᮧट ᱨपमे ᮧकाशनक लेल 'िवदेह' के र समᭃ "᮰ुित काशन" केर ᮧताव आयल छल, एकर सूचना 'िवदेह' ᳇ारा ᮰ी निचकेताजीकेँ देल गेलि᭠ह। अहाँके ँ ई सूिचत करैत हषᭅ भए रहल अिछ, जे ᮰ी निचके ता जी एकर ᳲᮧट ᱨप करबाक वीकृित दए देलि᭠ह। एिहसँ संबंिधत नवीनतम सूचना पाठकके ँ 'िवदेह'क सूचना-स᭥पकᭅ -अ᭠वेषण तंभमे भेटैत रहति᭠ह। नो ए᭠ᮝी मा ᮧिवश (४ अकᳱय मैिथली नाटक) (c) ᮰ी उदय नारायण ᳲसह "निचके ता" काशक: ᮰ुित पि᭣लके शन (एिह पुतकक ISBN No. शीᮖ 'िवदेह'क सूचना-स᭥पकᭅ -अ᭠वेषण तंभमे देल जायत) २. . . . ग ग - - - अ.१. . . . कथा कथा कथा कथा किनयाँ किनयाँ किनयाँ किनयाँ-पुतरा पुतरा पुतरा पुतरा- ᮰ी सुभाष च᭠ यादव ᮰ी सुभाष च᭠ यादव ᮰ी सुभाष च᭠ यादव ᮰ी सुभाष च᭠ यादव २. . . . ᮧब᭠ध ᮧब᭠ध ᮧब᭠ध ᮧब᭠ध- डॉ पालन झा डॉ पालन झा डॉ पालन झा डॉ पालन झा (साहेब रामदास साहेब रामदास साहेब रामदास साहेब रामदास) आ. . . . आ᭟या᭜म आ᭟या᭜म आ᭟या᭜म आ᭟या᭜म- ᮰ी मैिथलीपु ᮧदीप ᮰ी मैिथलीपु ᮧदीप ᮰ी मैिथलीपु ᮧदीप ᮰ी मैिथलीपु ᮧदीप २. . . . दैिनकᳱ दैिनकᳱ दैिनकᳱ दैिनकᳱ- ᭔योित ᭔योित ᭔योित ᭔योित इ. . . . उप᭠यास उप᭠यास उप᭠यास उप᭠यास सह᮲बाढ़िन सह᮲बाढ़िन सह᮲बाढ़िन सह᮲बाढ़िन ( ( (आगाँ आगाँ आगाँ आगाँ) ) )

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  • Videha Õ�वदेहÕ ूथम मैिथली पा��क ई प�ऽका १५ जुलाई २००८ (वष� १ मास ७ अंक १४)

    http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्

    1

    'िवदेहिवदेहिवदेहिवदेह'''' १५ १५ १५ १५ जलुाई जलुाई जलुाई जलुाई २००८२००८२००८२००८ ( ( ( ( वषवषवषवष ११११ मासमासमासमास ७७७७ अकंअकंअकंअकं १४१४१४१४ )))) एिह अकंम ेअिछएिह अकंम ेअिछएिह अकंम ेअिछएिह अकंम ेअिछ::::-

    ी रामा य झा ी रामा य झा ी रामा य झा ी रामा य झा ''''रामरंगरामरंगरामरंगरामरंग'''' ((((१९२८१९२८१९२८१९२८---- )))) िस िस िस िस '''' अिभनव भातख डेअिभनव भातख डेअिभनव भातख डेअिभनव भातख डे' ' ' ' केर जीवन आऽ कृितक िवषयम े िव ततृ िनबधंक अिगला भाग िवदहेक सगंीत केर जीवन आऽ कृितक िवषयम े िव ततृ िनबधंक अिगला भाग िवदहेक सगंीत केर जीवन आऽ कृितक िवषयम े िव ततृ िनबधंक अिगला भाग िवदहेक सगंीत केर जीवन आऽ कृितक िवषयम े िव ततृ िनबधंक अिगला भाग िवदहेक सगंीत िश ा तभंमे। गजे ठाकुर ारा लले गले सा ा कार सिहत।िश ा तभंमे। गजे ठाकुर ारा लले गले सा ा कार सिहत।िश ा तभंमे। गजे ठाकुर ारा लले गले सा ा कार सिहत।िश ा तभंमे। गजे ठाकुर ारा लले गले सा ा कार सिहत।

    .संपादक य २.संदेश:

    ११११. . . . नाटकनाटकनाटकनाटक नोनोनोनो एं ीएं ीएं ीएं ी: : : : मा िवशमा िवशमा िवशमा िवश ी उदय नारायण सह ी उदय नारायण सह ी उदय नारायण सह ी उदय नारायण सह ''''निचकेतानिचकेतानिचकेतानिचकेता''''

    मैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटकमैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटकमैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटकमैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटक,,,, ज े िवगत ज े िवगत ज े िवगत ज े िवगत २५ २५ २५ २५ वषक मौनभगंक प ात ्पाठकक स मखुवषक मौनभगंक प ात ्पाठकक स मखुवषक मौनभगंक प ात ्पाठकक स मखुवषक मौनभगंक प ात ्पाठकक स मखु ततु भततु भततु भततु भ' ' ' ' रहल अिछ। रहल अिछ। रहल अिछ। रहल अिछ।

    सव थम िवदहेम ेएकरासव थम िवदहेम ेएकरासव थम िवदहेम ेएकरासव थम िवदहेम ेएकरा धारावािहक पे ँईधारावािहक पे ँईधारावािहक पे ँईधारावािहक पे ँई---- कािशत कएल जा रहल कािशत कएल जा रहल कािशत कएल जा रहल कािशत कएल जा रहल अिछ। पढ़ूअिछ। पढ़ूअिछ। पढ़ूअिछ। पढ़ू नाटकक चा रम क लोलक पिहल खपे।नाटकक चा रम क लोलक पिहल खपे।नाटकक चा रम क लोलक पिहल खपे।नाटकक चा रम क लोलक पिहल खपे।

    मह वपूण सूचना: ीमान् निचकेताजीक नाटक "नो एं ी: मा िवश" केर 'िवदहे' मे ई- कािशत प देिख कए एकर ट पमे काशनक लले 'िवदेह' केर सम " िुत

    काशन" केर ताव आयल छल, एकर सूचना 'िवदेह' ारा ी निचकेताजीकँे दले गलेि ह। अहाँकँे ई सूिचत करैत हष भए रहल अिछ, ज े ी निचकेता जी एकर ट

    प करबाक वीकृित दए दलेि ह। एिहसँ संबंिधत नवीनतम सूचना पाठककँे 'िवदेह'क सूचना-स पक-अ वेषण तंभमे भेटैत रहति ह।

    नो ए ी मा िवश (४ अ क य मैिथली नाटक)

    (c) ी उदय नारायण सह "निचकेता"

    काशक: ुित पि लकेशन (एिह पु तकक ISBN No. शी 'िवदेह'क सूचना-स पक-अ वेषण तंभमे देल जायत)

    २२२२. . . . ग ग ग ग ----

    अअअअ....११११. . . . कथाकथाकथाकथा किनयाँकिनयाँकिनयाँकिनयाँ----पतुरापतुरापतुरापतुरा---- ी सभुाष च यादव ी सभुाष च यादव ी सभुाष च यादव ी सभुाष च यादव २२२२. . . . ब धब धब धब ध---- डॉ पालन झाडॉ पालन झाडॉ पालन झाडॉ पालन झा ((((साहेब रामदाससाहेब रामदाससाहेब रामदाससाहेब रामदास))))

    आआआआ. . . . आ या मआ या मआ या मआ या म---- ी मिैथलीपु दीप ी मिैथलीपु दीप ी मिैथलीपु दीप ी मिैथलीपु दीप २२२२. . . . दैिनकदैिनकदैिनकदैिनक ---- योितयोितयोितयोित

    इइइइ. . . . उप यासउप यासउप यासउप यास सह बाढ़िन सह बाढ़िन सह बाढ़िन सह बाढ़िन ((((आगाँआगाँआगाँआगाँ))))

  • Videha Õ�वदेहÕ ूथम मैिथली पा��क ई प�ऽका १५ जुलाई २००८ (वष� १ मास ७ अंक १४)

    http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्

    2

    ईईईईशोध लखेशोध लखेशोध लखेशोध लखे: : : : मायान द िम क इितहास बोधमायान द िम क इितहास बोधमायान द िम क इितहास बोधमायान द िम क इितहास बोध ((((आगाँआगाँआगाँआगाँ))))

    सगंम े ी मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादवजीसगंम े ी मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादवजीसगंम े ी मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादवजीसगंम े ी मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादवजी ारा लले गले सा ा कार।ारा लले गले सा ा कार।ारा लले गले सा ा कार।ारा लले गले सा ा कार।

    ३३३३. . . . पपपप

    िव मृिव मृिव मृिव मृत किव वत किव वत किव वत किव व. . . . रामजी चौधरीरामजी चौधरीरामजी चौधरीरामजी चौधरी,,,,गजे ठाकुर गजे ठाकुर गजे ठाकुर गजे ठाकुर

    ी गगंशे गुजंनी गगंशे गुजंनी गगंशे गुजंनी गगंशे गुजंन योित झा चौधरी योित झा चौधरी योित झा चौधरी योित झा चौधरी

    महाका महाका महाका महाका महाभारत महाभारत महाभारत महाभारत ((((आगाँआगाँआगाँआगाँ) ) ) )

    ४४४४.. .. .. .. सं कृत मिैथली िश ासं कृत मिैथली िश ासं कृत मिैथली िश ासं कृत मिैथली िश ा((((आगाँआगाँआगाँआगाँ))))

    ी आ ाचरण झा ी आ ाचरण झा ी आ ाचरण झा ी आ ाचरण झा

    ५५५५. . . . िमिथला कलािमिथला कलािमिथला कलािमिथला कला((((आगाँआगाँआगाँआगाँ))))

    ६६६६....पाबिनपाबिनपाबिनपाबिन----सं कारसं कारसं कारसं कार---- तीथतीथतीथतीथ ---- पंचदेवोपासक भूिम िमिथला--डॉ फु ल कुमार सह ’मौन’

    र ार ार ार ा----ब धनपर िवशषेब धनपर िवशषेब धनपर िवशषेब धनपर िवशषे नूतन झानूतन झानूतन झानूतन झा ((((िमिथलाक िमिथलाक िमिथलाक िमिथलाक पाबिनपाबिनपाबिनपाबिन----ितहारक कैलडरितहारक कैलडरितहारक कैलडरितहारक कैलडर))))

    ७७७७. . . . सगंीत िश ासगंीत िश ासगंीत िश ासगंीत िश ा ---- ी रामा य झा 'रामरंग'

  • Videha Õ�वदेहÕ ूथम मैिथली पा��क ई प�ऽका १५ जुलाई २००८ (वष� १ मास ७ अंक १४)

    http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्

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    ८८८८. . . . बालाना ंकृतेबालाना ंकृतेबालाना ंकृतेबालाना ंकृते---- ११११....नकैा बिनजारा नकैा बिनजारा नकैा बिनजारा नकैा बिनजारा २२२२. . . . दवेीजी दवेीजी दवेीजी दवेीजी ((((भागभागभागभाग तीनतीनतीनतीन))))

    ९९९९. . . . प ी बधंप ी बधंप ी बधंप ी बधं ((((आगाँआगाँआगाँआगाँ) ) ) ) प ीप ीप ीप ी----सं ाहक ी िव ानदं झा प ीकार सं ाहक ी िव ानदं झा प ीकार सं ाहक ी िव ानदं झा प ीकार सं ाहक ी िव ानदं झा प ीकार (((( िस मोहनजीिस मोहनजीिस मोहनजीिस मोहनजी ))))

    १०१०१०१०. . . . सं कृत िमिथलासं कृत िमिथलासं कृत िमिथलासं कृत िमिथला

    ११११११११. . . . पोथी समी ापोथी समी ापोथी समी ापोथी समी ा: : : : पकंज पराशरपकंज पराशरपकंज पराशरपकंज पराशर: : : : समयकँे अकानतैसमयकँे अकानतैसमयकँे अकानतैसमयकँे अकानतै

    १२१२१२१२....मिैथली भाषापाकमिैथली भाषापाकमिैथली भाषापाकमिैथली भाषापाक

    १३१३१३१३. . . . रचनारचनारचनारचना लखेनलखेनलखेनलखेन ((((आगाँआगाँआगाँआगाँ))))

    14141414. . . . VIDEHA FOR NON RESIDENT MAITHILSVIDEHA FOR NON RESIDENT MAITHILSVIDEHA FOR NON RESIDENT MAITHILSVIDEHA FOR NON RESIDENT MAITHILS (Festivals of Mithila date(Festivals of Mithila date(Festivals of Mithila date(Festivals of Mithila date----list)list)list)list)----

    1.1.1.1.Videha Mithila Tirbhukti Tirhut...Videha Mithila Tirbhukti Tirhut...Videha Mithila Tirbhukti Tirhut...Videha Mithila Tirbhukti Tirhut...

    2.The Comet2.The Comet2.The Comet2.The Comet----English translation of Gajendra Thakur's English translation of Gajendra Thakur's English translation of Gajendra Thakur's English translation of Gajendra Thakur's Maithili Novel Sahasrabadhani by JyotiMaithili Novel Sahasrabadhani by JyotiMaithili Novel Sahasrabadhani by JyotiMaithili Novel Sahasrabadhani by Jyoti

    मह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूना:(:(:(:(११११)))) िव मृत किव व. रामजी चौधरी (1878-1952)पर शोध-लेख िवदेहक पिहल अँकमे ई- कािशत भेल छल।तकर बाद नकर पु ी दगुान द चौधरी, ाम- पुर,थाना-अंधरा-ठाढ़ी, िजला-मधुबनी किवजीक अ कािशत पा डुिलिप िवदेह कायालयकँे डाकसँ िवदेहमे काशनाथ पठओलि ह अिछ। ई गोट-पचासेक प िवदहेमे नवम अंकसँ धारावािहक पेँ ई- कािशत भ' रहल अिछ।

    मह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूना:(:(:(:(२२२२)))) 'िवदेह' ारा कएल गेल शोधक आधार पर मैिथली-अं ेजी आऽ अं ेजी-मैिथली श द कोश (संपादक गजे ठाकुर आऽ नागे कुमार झा) कािशत करबाओल जा' रहल अिछ। काशकक, काशन ितिथक, पु तक- ाि क िविधक आऽ पोथीक मू यक सूचना एिह पृ पर शी दले जायत।

    मह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूना:(:(:(:(३३३३)))) 'िवदहे' ारा धारावािहक प ेई- कािशत कएल जा' रहल गजे ठाकुरक 'सह बाढ़िन'(उप यास), 'ग प-गु छ'(कथा सं ह) , 'भालस र' (प सं ह), 'बालानां कृते', 'एका क सं ह', 'महाभारत' 'बु च रत' (महाका )आऽ 'या ा वृ ांत' िवदहेमे संपूण ई- काशनक बाद ट फॉममे कािशत होएत।

    काशकक, काशन ितिथक, पु तक- ाि क िविधक आऽ पोथीक मू यक सूचना एिह पृ पर शी दले जायत।

    मह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूनामह वपणू सचूना ((((४४४४):):):):मह वपूण सूचना: ीमान् निचकेताजीक नाटक "नो एं ी: मा िवश" केर 'िवदेह' मे ई- कािशत प देिख कए एकर ट पमे काशनक लले 'िवदहे' केर सम " ुित काशन" केर ताव आयल छल, एकर सूचना 'िवदेह' ारा ी निचकेताजीकँे दले गेलि ह। अहाँकँे ई सूिचत करैत हष भए रहल अिछ, जे ी निचकेता जी एकर ट प करबाक वीकृित दए दलेि ह।

    नो ए ी मा िवश (४ अ क य मैिथली नाटक) (c) ी उदय नारायण सह "निचकेता"

    काशक: ुित पि लकेशन (एिह पु तकक ISBN No. शी दले जायत)

    मह वपणू सचूना मह वपणू सचूना मह वपणू सचूना मह वपणू सचूना ((((५५५५):):):): मैिथली लोक रंग (मैलोरंग) सं था ारा ६ अग त २००८ कँे ीराम से टर, म डी हाउस, नई द लीमे साँझ साढ़े छ बजेसँ राित ९ बजे ध र मैिथली नाटक-गीत-संगीत सं याक आयोन भए रहल अिछ। फेर ७ िसत बर २००८ कँे िमिथलांगन सं था ारा ीराम से टर, म डी हाउस, नई द लीमे साँझ पाँच बजेसँ मैिथली नाटक-गीत-संगीत सं याक आयोजन होएत।

    िवदेह ( दनांक १५ जलुाई २००८)

  • Videha Õ�वदेहÕ ूथम मैिथली पा��क ई प�ऽका १५ जुलाई २००८ (वष� १ मास ७ अंक १४)

    http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्

    4

    ११११....सपंादक य सपंादक य सपंादक य सपंादक य २२२२....सदंेशसदंेशसदंेशसदंेश

    ११११....सपंादक यसपंादक यसपंादक यसपंादक य वष: १ मास: ७ अंक:१४

    मा यवर,

    िवदेहक नव अंक (अंक १४, दनांक १५ जलुाई सन् २००८) ई पि लश भऽ गले अिछ। एिह हेतु लॉग ऑन क http://www.videha.co.in |

    एिह अंकमे निचकेताजीक नाटक नो एं ी: मा िवश चा रम क लोलक पिहल खपे ई- कािशत भ’ रहल अिछ। ग गेश गुंजन जीक प आऽ िव मृत किव रामजी

    चौधरीक अ कािशत प सेहो ई- कािशत भए रहल अिछ। ी मौन जी, मैिथलीपु दीप, ी सुभाषच यादव, ी पालन झा आऽ ी आ ाचरण झा जीक रचना

    सेहो ई- कािशत कएल गेल अिछ।

    ी मायान द जीक इ टर ूललेि ह ी डॉ. िशव साद यादव। तकर पिहल भाग सेहो तुत अिछ।

    शेष थायी तंभ यथावत अिछ।

    अपनेक रचना आऽ ित याक ती ामे। व र रचनाकार अपन रचना ह तिलिखत पमे सेहो नीचाँ िलखल पता पर पठा सकैत छिथ।

    गजे ठाकुर

    ३८९, पॉकेट-सी, से टर-ए, बस तकंुज,नव देहली-११००७०.फै स:०११-४१७७१७२५

    [email protected] [email protected]

    २२२२....सदंेशसदंेशसदंेशसदंेश

    १. ी ोी ोी ोी ो. . . . उदय नारायण सह उदय नारायण सह उदय नारायण सह उदय नारायण सह """"निचकेतानिचकेतानिचकेतानिचकेता""""- जे काज अहाँ कए रहल छी तकर चरचा एक दन मैिथली भाषाक इितहासमे होएत। आन द भए रहल अिछ, ई जािन कए

    जे एतेक गोट मैिथल "िवदहे" ई जनलकँे प ढ़ रहल छिथ।

    २. ी डॉी डॉी डॉी डॉ. . . . गगंशे गुजंनगगंशे गुजंनगगंशे गुजंनगगंशे गुजंन- "िवदेह" ई जनल दखेल। सूचना ौ ोिगक केर उपयोग मैिथलीक हेतु कएल ई तु य यास अिछ। दवेनागरीमे टाइप करबामे एिह ६५ वषक उम रमे क होइत अिछ, देवनागरी टाइप करबामे मदित देनाइ स पादक, "िवदेह" केर सेहो दािय व।

    ३. ी रामा य झा ी रामा य झा ी रामा य झा ी रामा य झा """"रामरंगरामरंगरामरंगरामरंग""""- "अपना" िमिथलासँ संबंिधत...िवषय व तुसँ अवगत भेल ँ।...शषे सभ कुशल अिछ।

    ४. ी जे ि पाठीी जे ि पाठीी जे ि पाठीी जे ि पाठी, , , , सािहसािहसािहसािह य अकादमीय अकादमीय अकादमीय अकादमी- इंटरनेट पर थम मैिथली पाि क पि का "िवदहे" केर लेल बाधाई आऽ शभुकामना वीकार क ।

    ५. ी फु लकुमार सह ी फु लकुमार सह ी फु लकुमार सह ी फु लकुमार सह """"मौनमौनमौनमौन""""- थम मैिथली पाि क पि का "िवदेह" क काशनक समाचार जािन कनेक च कत मुदा बेसी आ ला दत भेल ँ। कालच कँे पकिड़ जािह दरूदिृ क प रचय दले ,ँ ओिह लले हमर मंगलकामना।

    ६. ी डॉी डॉी डॉी डॉ. . . . िशव साद यादविशव साद यादविशव साद यादविशव साद यादव- ई जािन अपार हष भए रहल अिछ, जे नव सूचना- ाि तक े मे मैिथली प का रताकँे वशे दअएबाक साहिसक कदम उठाओल अिछ।

    प का रतामे एिह कारक नव योगक हम वागत करैत छी, संगिह "िवदहे"क सफलताक शुभकामना।

  • Videha Õ�वदेहÕ ूथम मैिथली पा��क ई प�ऽका १५ जुलाई २००८ (वष� १ मास ७ अंक १४)

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    ७. ी आ ाचरण झाी आ ाचरण झाी आ ाचरण झाी आ ाचरण झा- कोनो प -पि काक काशन- ता मे मैिथली पि काक काशनमे के कतेक सहयोग करताह- ई तऽ भिव य कहत। ई हमर ८८ वषमे ७५ वषक अनुभव रहल। एतेक पैघ महान य मे हमर ापूण आ ित ा होयत- यावत ठीक-ठाक छी/ रहब।

    ८. ी िवजय ठाकुरी िवजय ठाकुरी िवजय ठाकुरी िवजय ठाकुर, िमिशगन िव िव ालय- "िवदहे" पि काक अंक देखल ,ँ स पूण टीम बधाईक पा अिछ। पि काक मंगल भिव य हेतु हमर शुभकामना वीकार

    कएल जाओ।

    ९९९९.... ी सभुाषच यादवी सभुाषच यादवी सभुाषच यादवी सभुाषच यादव---- ई-पि का ’िवदेह’ क बारेमे जािन स ता भेल। ’िवदेह’ िनर तर प लिवत-पुि पत हो आऽ चतु दक अपन सुगंध पसारय से कामना अिछ।

    १०१०१०१०.... ी मिैथलीपु दीपी मिैथलीपु दीपी मिैथलीपु दीपी मिैथलीपु दीप- ई-पि का ’िवदेह’ केर सफलताक भगवतीसँ कामना। हमर पणू सहयोग रहत।

    ११११११११....डॉडॉडॉडॉ. . . . ी भीमनाथ झाी भीमनाथ झाी भीमनाथ झाी भीमनाथ झा- ’िवदहे’ इ टरनेट पर अिछ तँे ’िवदेह’ नाम उिचत आर कतेक पे ँएकर िववरण भए सकैत अिछ। आइ-काि ह मोनमे उ गे रहैत अिछ, मुदा

    शी पूण सहयोग देब।

    १२१२१२१२.... ी रामभरोस कापिड़ मरी रामभरोस कापिड़ मरी रामभरोस कापिड़ मरी रामभरोस कापिड़ मर, जनकपुरधाम- "िवदेह" ऑनलाइन देिख रहल छी। मैिथलीकँे अ तरा ीय जगतमे प ँचले ँतकरा लले हा दक बधाई। िमिथला र

    सभक संकलन अपूव। नेपालोक सहयोग भेटत से िव ास करी।

    १३१३१३१३. . . . ी राजन दन लालदासी राजन दन लालदासी राजन दन लालदासी राजन दन लालदास---- ’िवदेह’ ई-पि काक मा यमसँ बड़ नीक काज कए रहल छी, नाितक एिहठाम दखेल ँ। एकर वा षक अ क जखन ि ट िनकालब तँ हमरा

    पठायब। कलक ामे ब त गोटेकँे हम साइटक पता िलखाए देने िछयि ह। मोन तँ होइत अिछ जे द ली आिब कए आशीवाद दैत ,ँ मुदा उमर आब बेशी भए गले।

    शुभकामना दशे-िवदेशक मैिथलकँे जोड़बाक लले।

    १४१४१४१४. . . . डॉडॉडॉडॉ. . . . ी मेशकंर सही मेशकंर सही मेशकंर सही मेशकंर सह- "िवदहे"क िनः वाथ मातृभाषानुरागसँ े रत छी, एकर िनिम जे हमर सेवाक योजन हो, तँ सूिचत करी।

    (c)२००८. सवािधकार लेखकाधीन आ’ जतय लेखकक नाम निह अिछ ततय संपादकाधीन।

    िवदेह (पाि क) संपादक- गजे ठाकुर। एतय कािशत रचना सभक कॉपीराइट लखेक लोकिनक लगमे रहति ह, मा एकर थम काशनक/ आकाइवक/ अं ेजी-

    सं कृत अनुवादक ई- काशन/ आकाइवक अिधकार एिह ई पि काकँे छैक। रचनाकार अपन मौिलक आऽ अ कािशत रचना (जकर मौिलकताक संपूण उ रदािय व लेखक गणक म य छि ह) [email protected] आ क [email protected] कँे मेल अटैचमे टक पमँे .doc, .docx आ’ .txt फॉमटमे पठा सकैत

    छिथ। रचनाक संग रचनाकार अपन संि प रचय आ’ अपन कैन कएल गले फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौिलक अिछ,

    आऽ पिहल काशनक हेतु िवदहे (पाि क) ई पि काकँे दले जा रहल अिछ। मेल ा होयबाक बाद यथासंभव शी ( सात दनक भीतर) एकर काशनक अंकक सूचना देल जायत। एिह ई पि काकँे ीमित ल मी ठाकुर ारा मासक 1 आ’ 15 ितिथकँे ई कािशत कएल जाइत अिछ।

    ११११. . . . नाटक नाटक नाटक नाटक

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    ी उदय नारायण सह ी उदय नारायण सह ी उदय नारायण सह ी उदय नारायण सह ‘‘‘‘निचकेतानिचकेतानिचकेतानिचकेता’’’’ ज मज मज मज म----१९५१ १९५१ १९५१ १९५१ ईईईई. . . . कलक ाम।ेकलक ाम।ेकलक ाम।ेकलक ाम।े १९६६ १९६६ १९६६ १९६६ म ेम ेम ेम े १५ १५ १५ १५ वषक उ म ेपिहल का सं ह वषक उ म ेपिहल का सं ह वषक उ म ेपिहल का सं ह वषक उ म ेपिहल का सं ह ‘‘‘‘कवयो वदि तकवयो वदि तकवयो वदि तकवयो वदि त’’’’।।।। १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ ‘‘‘‘अमतृ य पु ाःअमतृ य पु ाःअमतृ य पु ाःअमतृ य पु ाः’ (’ (’ (’ (किवता किवता किवता किवता सकंलनसकंलनसकंलनसकंलन) ) ) ) आऽ आऽ आऽ आऽ ‘‘‘‘नायकक नाम जीवननायकक नाम जीवननायकक नाम जीवननायकक नाम जीवन’ (’ (’ (’ (नाटकनाटकनाटकनाटक))))|||| १९७४ १९७४ १९७४ १९७४ म ेम ेम ेम े‘‘‘‘एक छल राजाएक छल राजाएक छल राजाएक छल राजा’/ ’’/ ’’/ ’’/ ’नाटकक ललेनाटकक ललेनाटकक ललेनाटकक लले’ (’ (’ (’ (नाटकनाटकनाटकनाटक))))। । । । १९७६१९७६१९७६१९७६----७७ ७७ ७७ ७७ ‘‘‘‘ याव नयाव नयाव नयाव न’/’/’/’/ ’’’’रामलीलारामलीलारामलीलारामलीला’(’(’(’(नाटकनाटकनाटकनाटक))))। । । । १९७८१९७८१९७८१९७८म ेजनक आऽ म ेजनक आऽ म ेजनक आऽ म ेजनक आऽ अ य एकाकं । अ य एकाकं । अ य एकाकं । अ य एकाकं । १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ ‘‘‘‘अनु रणअनु रणअनु रणअनु रण’(’(’(’(किवताकिवताकिवताकिवता----सकंलनसकंलनसकंलनसकंलन))))। । । । १९८८ १९८८ १९८८ १९८८ ‘‘‘‘ि यवंदाि यवंदाि यवंदाि यवंदा’’’’ ((((ना टकाना टकाना टकाना टका))))। । । । १९९७१९९७१९९७१९९७----‘‘‘‘रवी नाथक रवी नाथक रवी नाथक रवी नाथक बालबालबालबाल----सािह यसािह यसािह यसािह य’(’(’(’(अनवुादअनवुादअनवुादअनवुाद))))। । । । १९९८ १९९८ १९९८ १९९८ ‘‘‘‘अनकृुितअनकृुितअनकृुितअनकृुित’’’’---- आधिुनक मिैथली आधिुनक मिैथली आधिुनक मिैथली आधिुनक मिैथली किवताक बगंलाम ेअनवुादकिवताक बगंलाम ेअनवुादकिवताक बगंलाम ेअनवुादकिवताक बगंलाम ेअनवुाद,,,, सगंिह बगंलाम ेदटूा किवता सकंलन। सगंिह बगंलाम ेदटूा किवता सकंलन। सगंिह बगंलाम ेदटूा किवता सकंलन। सगंिह बगंलाम ेदटूा किवता सकंलन। १९९९ १९९९ १९९९ १९९९ ‘‘‘‘अ ुओ प रहासअ ुओ प रहासअ ुओ प रहासअ ुओ प रहास’’’’। । । । २००२ २००२ २००२ २००२ ‘‘‘‘खाम खयेालीखाम खयेालीखाम खयेालीखाम खयेाली’’’’। । । । २००६२००६२००६२००६म ेम ेम ेम े‘‘‘‘म यमपु ष एकवचनम यमपु ष एकवचनम यमपु ष एकवचनम यमपु ष एकवचन’(’(’(’(किवता सं ह। किवता सं ह। किवता सं ह। किवता सं ह। भाषाभाषाभाषाभाषा----िव ानक े म ेदसटा पोथी आऽ द ूसयस ँबशेी शोधिव ानक े म ेदसटा पोथी आऽ द ूसयस ँबशेी शोधिव ानक े म ेदसटा पोथी आऽ द ूसयस ँबशेी शोधिव ानक े म ेदसटा पोथी आऽ द ूसयस ँबशेी शोध----प कािशतप कािशतप कािशतप कािशत। । । । १४ १४ १४ १४ टा पीटा पीटा पीटा पी....एचएचएचएच....डीडीडीडी. . . . आऽ आऽ आऽ आऽ २९ २९ २९ २९ टा एमटा एमटा एमटा एम.... फलफलफलफल. . . . शोधशोधशोधशोध----कमक दशा िनदश। बड़ौदाकमक दशा िनदश। बड़ौदाकमक दशा िनदश। बड़ौदाकमक दशा िनदश। बड़ौदा, , , , सरूतसरूतसरूतसरूत, , , , द ली द ली द ली द ली आऽ हदैराबाद िवआऽ हदैराबाद िवआऽ हदैराबाद िवआऽ हदैराबाद िव....िविविविव....म ेअ यापन। सं ित िनदेशकम ेअ यापन। सं ित िनदेशकम ेअ यापन। सं ित िनदेशकम ेअ यापन। सं ित िनदेशक,,,, के ीय भारतीय भाषा सं थानके ीय भारतीय भाषा सं थानके ीय भारतीय भाषा सं थानके ीय भारतीय भाषा सं थान,,,, मसैरू।मसैरू।मसैरू।मसैरू।

    नो एं ी नो एं ी नो एं ी नो एं ी : : : : मा िवशमा िवशमा िवशमा िवश

    ((((चा रचा रचा रचा र----अकं य मिैथली नाटकअकं य मिैथली नाटकअकं य मिैथली नाटकअकं य मिैथली नाटक))))

    नाटककार उदय नारायण सहनाटककार उदय नारायण सहनाटककार उदय नारायण सहनाटककार उदय नारायण सह ‘‘‘‘निचकेतानिचकेतानिचकेतानिचकेता’’’’ िनदेशकिनदेशकिनदेशकिनदेशक, , , , क ीय क ीय क ीय क ीय भारतीय भारतीय भारतीय भारतीय भाषा सं थानभाषा सं थानभाषा सं थानभाषा सं थान,,,, मसैरूमसैरूमसैरूमसैरू

    ((((मैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटकमैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटकमैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटकमैिथली सािह यक सु िस योगधम नाटककार ी निचकेताजीक टटका नाटक,,,, ज ेिवगत ज ेिवगत ज ेिवगत ज ेिवगत २५ २५ २५ २५ वषक मौनवषक मौनवषक मौनवषक मौन भगंक प ात ्पाठकक स मखु ततु भभगंक प ात ्पाठकक स मखु ततु भभगंक प ात ्पाठकक स मखु ततु भभगंक प ात ्पाठकक स मखु ततु भ’’’’ रहल अिछ।रहल अिछ।रहल अिछ।रहल अिछ।))))

    चा रम क लोलक पिहल खपे चा रम क लोलक पिहल खपे चा रम क लोलक पिहल खपे चा रम क लोलक पिहल खपे जारीजारीजारीजारी................िवदहेक एिह चौदहम अकं िवदहेक एिह चौदहम अकं िवदहेक एिह चौदहम अकं िवदहेक एिह चौदहम अकं १५ १५ १५ १५ जलुाई जलुाई जलुाई जलुाई २००८२००८२००८२००८ स।ँस।ँस।ँस।ँ

    नो एं ी नो एं ी नो एं ी नो एं ी : : : : मा िवशमा िवशमा िवशमा िवश

    चा रम क लोल पिहलचा रम क लोल पिहलचा रम क लोल पिहलचा रम क लोल पिहल खपेखपेखपेखपे

    चतथु क लोलचतथु क लोलचतथु क लोलचतथु क लोल

    [जेना-जेना मंच पर काश उजागर होइत अिछ त’ देखल जायत जे यमराज िच गु क रिज र केर चे कग क’ रहल छिथ। आ बाँक सब गोटे सशकं िच लए ठाढ़ छिथ। कछुये दरे मे यमराजक सबटा ‘चे कग’ भ’ जाइत छिन। ओ रिज र पर सँ मुड़ी उठौने अपन च मा कँे खोलैत नंदी कँे कछु इशारा करैत छिथ।]

    नंदी : (सीना तािन कए मले ीक क ान जकाँ उ वरमे) सब यो सुनै....

    भंृगी : (आर जोर सँ) सुनू....सुनू...सनू- उ-उ-उ !

    नंदी : (आदेश करैत छिथ) “आगे दखेगेा....! आगे देख !”

    (कहैत देरी सब यो अगुआ कए सचेत भेने सामने देखै लागैत छिथ ; मा यमराज आ िच गु िव ाि तक मु ा मे छिथ।)

    भंृगी : (जे एक-द ूगोटे भूल क’ रहल छिथ नका स हारैत छिथ---) ‘हे यू ! टड इरे ट... टड इन आ रो !’ (जे कनेको टेढ़-घ च जकाँ ठाढ़ो छलाह, से सोझ भ’ जाइत छिथ, सचेत सेहो आ लगैछ जेना एकटा दशक दिस मँुह कैने ठाढ़ पंि बना नेने होिथ।)

    नंदी : (पुनः सेनाकँे आदेश देबाक वर मे) सा-व-धा-न! (सब यो ‘सावधान’ अथात् ‘अटेनशन’ केर भंिगमा मे ठाढ़ भ’ जाइत छिथ।) िव- ा-म! (सब यो ‘िव ाम’ क अव थामे आिब जाइत छिथ।)

    भंृगी : (दिहना दिस ‘माच’ क’ कए चलबाक आदेश दैत) दािहने मुड़गेा--दािहने मोड़ ! (सभ यो त ण दिहना दिस घु र जाइत छिथ।)

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    नंदी : (आदेश करैत) आगे बढ़ेगा ! आ-ग-ेए-ए बढ ! (सब यो ब ढ़ जाइत छिथ।) एक-दो-एक-दो-एक-दो-एक ! एक ! एक !

    [सब गोटे माच करैत मंचक दिहना दिस होइत यमराज-िच गु कँे पार करैत संपूण मंचक आगाँ सँ पाछाँ होइत घु र बाम दिस होइत पुनः जे जतय छल त िह आिब जाइत छिथ। तखनिह भंृगीक वर सुनल जाइछ ‘हॉ ट’ त’ सब थि ह जाइत छिथ.... निह त’ नंदी एक - दो चिलये रहल छल।]

    िच गु : (सभक ‘माच’ समा भ’ गलेाक बाद) उपि थत येक ि सँ हम कह ैचाहैत िछयिन ज ेएत’ उपि थत सब यो एकटा मूल धारणाक िशकार भेल छिथ—सभक मोन मे एकटा म छिन ज ेपृ वी पर सँ एतय एक बे र आिब गेलाक मतलब ेइयैह ज ेआब ओ वगक ार मे आिब गेल छिथ। आब मा ती ा करै पड़तिन... धीरज ध’ लेताह आ तकर बादे सभकँे भेटतिन ओ परु कार जकरा लले कतेको म ,कतेको क —सबटा वीकाय भ’ जाइछ।

    नेताजी : (आ य होइत) तखन क ई सबटा म मा छल, एकटा भूल धारणा छल---जे किहयो स य भ’ निह सकैत अिछ ?

    िच गु : ठीक बुझल ँ आब---ई सबटा म छल।

    नंदी : सपना निह...

    भंृगी : मा बुझबाक दोष छल...

    वामपंथी : तखन ई दरब ा, दरब ा निह छल.... कछु आन व तु छल....?

    िच गु : ई दरब ा कोनो माया- ार निह िथक....आई सँ कतेको युग पिहने ई खजुतो छल, बंदो होइत छल...!

    नेताजी : मुदा आब?

    अनुचर 1 : आब ई निञ खुजैत अिछ क ?

    अनचर 2 : जँ हम सब सामने जा कए तार वर मे पकुा र- पुका र कए कही—‘खुिल जो िसमिसम्’ तैय निह कछु हैत!

    नंदी : ई कोनो ‘अलीबाबा चालीस चोर’ क िख सा िथक थोड़…े

    भंृगी : आ ई कोनो धन-र क गुफा िथक थोड़े !

    वामपंथी : त’ ई दरब ाक पाछाँ छइ कोन चीज ?

    नेता : क छइ ओिह पार ?

    अनुचर 1 : मंदा कनी ?

    अनुचर 2 : वैत रणी ?

    अिभनेता : आ क बड़का टा कला जकर सबटा कोठरी सँ आिब रहल हो दबल वरँे ककर दनक आह ट...नोर बहाबैत आ मा सब...!

    चोर : आ क एकटा नदी- कनारक िवशाल शमशान - घाट,जतय ज र रहल हो हजारक हजार िचता...ह न कानैत आ मीय जन...?

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    बाजारी : निह त’ भ’ सकैछ एकटा बड़का बजारे छइ जतय दन-राित जबरद त खरीद-िब चिल रहल हो।

    िभख-मंगनी : इहो त’ भ’ सकैछ ज ेघु रते भेटत एकटा बड़का टा सड़क बाट काटैत एकटा आन राजपथक आ दनूुक मोड़ पर हाथ आ झोरा पसारैत ठाढ़ अिछ लाखो लोग- भुखमरी, बा ढ़ , दंगा फसाद सँ उजड़ल उपटल लोग....

    र ीवला : निञ त’ एकटा ब-ड़-क टा केर ‘ड पग ाउंड’ जतय सबटा व तु वहार क’ क’ कए लोग सब फेकै जाय होइक—र ी सँ ल’ कए जूठ-काँट, पुरनका टूटल भाँगल चीज सँ ल’ कए ताजा िबना वा रसक लहास...

    ेिमका : क आयाितत अवांिछत स ः जनमल कोनो िशश.ु..

    ेमी : क या िशशु, हजारोक हजार, जकरा सबकँे ुणे कँे कोिखसँ उपा र कए फकल गले हो...

    वामपंथी : अथवा हजारो हजार बदं होइत कारखानाक बजैत सीटी आ लाखो प रवारक जरैत भूखल-थाकल चूि ह-चपाटी....

    नेताजी : ई त’ अह जानै छी जे दरब ाक ओिह पार क छइ... हम सब त’ मा अ दाजे क’ सकै छी ज ेभ रसक ओ हर हजारोक हजार अनकहल दःुखक कथा उमिड़-घुमिड़ रहल छइ अथवा छइ एकटा िवशाल आन दक लहर ज ेअपनाकँे रो क नेने होइक ई देखबाक लले ज े दरब ा देने के आओत अिगला बे र...

    िच गु : ई सबटा एक साथ छैक ओिह पार, ठीक जेना पृ वी पर रचल जाय छइ वग सँ ल’ कए नक - सबटा ठाम ! जे यो नदीक एिह पार छइ तकरा लाग ैछइ ने जािन सबटा खुशी भ रसक छइ ओिह पार !

    नंदी : भ रसक नीक जकाँ देखने निह हैब ओिह दरब ा आ देबार दिस !

    भंृगी : एखन देखब त’ ऊपर एकटा कोना मे लट क रहल अिछ बोड—“नो ए ी!”

    नेताजी : (आ य होइत) आँय!

    (सब यो घु र कय दरब ा दस दैखैत छिथ)

    सब यो : “नो एं ी ?”

    ( काश अथवा पॉट-लाइट ओिह बोड पर पड़ैत अिछ)

    नेताजी : ई त’ निञ छल पता ककर .. निह त’...

    िच गु : निह त?

    नेताजी : (िवमष होइत) निह त’....पता निह....निह त’ क क रत ँ....

    वामपंथी : मुदा आब ? आब क हैत ?

    अिभनेता : आब क करब हम सब ?

    नेता : आब क हैत ?

    (िच गु कछु निह बाजैत छिथ आ नंदी-भंृगी सेहो चुप रहैत छिथ । एक पल केर लले जेना समय थि ह गेल होइक।)

  • Videha Õ�वदेहÕ ूथम मैिथली पा��क ई प�ऽका १५ जुलाई २००८ (वष� १ मास ७ अंक १४)

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    9

    अनुचर 1 : यमराजेसँ पूछल जाइन !

    अनुचर 2 : (घबड़ा कए) के पछूत गय ? अह जाउ ने ! (के ँनी सँ ठेलैत छिथ।)

    अनुचर 1 : निञ-निञ.... हम निञ ? (पछुआ अबैत छिथ।)

    अनुचर 2 : तखन नेताजीए सँ किहयिन जे ओ फ रछा लेिथ !

    अनुचर य : नेताजी ! (नेताजीकँे घु र कए देखैते दरेी दनूु जेना इशारा क’ कए कहैत होिथ पछूबा दय।

    नेताजी : (िविच श द बजैत छिथ- कंठ सूिख जाइत छिन) ह..ह...!

    [नेताजी कछु ने बािज पबैत छिथ आ ने पुिछए सकैत छिथ। मा यमराजक लग जा कए ठाढ़ भ’ जाइत छिथ। यमराज रिज र मे एक बे र दैखैत छिथ, एक बे र नेताजी दस]

    यमराज : बदरी िवशाल िमसर !

    नेताजी : (जेना कठघरामे ठाढ़ अपन वीकारोि दैत होिथ) जी !

    यमराज : आयु पचपन !

    नेताजी : (अ प वरँे) साढ़े ितरपन !

    नंदी : असली उम र बताउ !

    भंृगी : स ट फकेट-बला निञ !

    नेताजी : जी पचपन !

    यमराज : ज म भा मासे, कृ ण प ,े योदश घ टका, षड्-ि शंित पल, पंचदश िवपल... ज म-रािश धनु...ल -वृि क, रोिहणी न , गण-मनु य, योिन-सप, योग-शु ल, वग माजार, करण- शकुिन!

    [जेना-जेना यमराज बाजैत चिल जाइत छिथ— काश कम होइत मंचक बामे दिस मा रहैत अिछ जािह आलोक मे यमराज आ मुड़ी झुकौने नेताजी प लखा दैत छिथ। बाँक सभक उपर मि म काश। नंदी यमराजक दंड कँे धैने नकर पाछाँ सीना तािन कए ठाढ़ छिथ, भंृगी टूल पर पोथीक िवशेष पृ पर आँगरु रखने रिज रकँे धैने छिथ। िच गु लग ेमे ठाढ़ छिथ, यमराजक वर मे धीरे-धीरे जेना ित विन सुनल जाइत छिन-एना लािग रहल हो।]

    नेताजी : जी !

    यमराज : ( ंकार दैत) अहाँ कँे दैखैत छी ‘शश योग’ छैक...( ोक पढ़ैत छिथ अथवा पाछाँ सँ ित व त वरँे ‘ि रकॉडड’ उ ारण सुनल जाइत अिछ-)

    “भूपो वा सिचवो वनाचलरतः सेनापितः कूरधीःधातोवाद-िवनोद-वंचनपरो दाता सरोषे णः।

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    तेज वी िनजमातृभि िनरत: शूरोऽिसतांग सुखी

    जातः स ितमायुरेित शशके जार याशीलवान्

    अथात—नेता बनब त’ अहाँक भागमे िलखल अिछ आ स दखन सेवक आ अनुचर-अनुयायी सँ घेरल रहब सेहो िलखल अिछ.... छोट-मोट अ याय निह कैने होइ—से निह...मुदा ब त गोटे अहाँक नाम ल’ कए अपराध करै जाइ छल—से बात प । वहै ज े कतेको जननेता कँे होइ छिन..कखन देिखयो कए अनठा दैत छल ।ँ बाजै मे बड़ पटु छी से त’ प ेअिछ.. मुदा ई क देिख रहल छी—नुका चोरा कए िववाहक अित र ो ेम करबा दय.. स ये एहन कछु चिल रहल अिछ क ?”

    नेता : ( प त: एहन गोपनीय बात सब सुिन कए अ यंत लि त भ’ जाइत छिथ। नक दनूु बगल मे ठाढ़ दनूु अनुचर अकास दिस मूड़ी उठा कए ए हर-ओ हर देखै लागै छिथ जेना ओसब कछु निह सुिन रहल छिथ) निह...माने ..तेहन कछु निह..

    िच गु : (मु क दैत) मुदा कनी-मनी...?.निह?

    नेता : ह,ँ वैह.... बझुू ज.े..

    यमराज : सब बुिझ गले .ँ...

    िच गु : मुदा ओ कहै छिथ नकर उमर भेलिन पचपन और शश-योग कहै छइ जीिवत रहताह स र सँ बेसी उम र ध र तखन ?

    यमराज : तखन बात त’ प जे समय सँ पिहनिह अहाँ कोनो घृ य राजनैितक च ांतक िशकार बनैत एतय पठाओल गले छी। (मोटका रिज र कँे ब करैत छिथ--)

    नेता : तकर माने ?

    यमराज : तकर माने ठीक तिहना जेना एिह चा र गोट सैिनक कँे एत’ ऐबाक आव यकता निह छल... ओहो सब अह जकाँ .. माने इयैह ज ेअहाँ मु छी, घु र सकै छी राजनीितक जगत मे... एतय कतारमे ठाढ़ रहबाक कोनो दरकारे निह...

    नेता : आँय ! (कहैत दरेी दनूु अनुचर आन दक अित र काश करैत नका भ रपाँज पकिड़ लैत छिथ। संगिह कनेक देर मे नारेबाजी सेहो शु क दैत छिथ।)

    [नेताजीक आगाँ दटूा सैिनक सेहो मंच सँ िन ांत होइत छिथ।]

    यमराज : (नेताजीक संगिह िखस क जा रह ैचाहै छिथ से देिख कए, दनूु अनुचर सँ) अहाँ सभ कत’ जा रहल छी ? (दनूुक परै थि ह जाइत छिन।) क ? निह बाजल ँ कछु ?

    अनुचर 1 : आ.. जी.. हम सब..नेताजी... जा रहल छिथ त...

    यमराज : कोनो त-व निह चलत..(घु र कए) िच गु !

    िच गु : जी ?

    यमराज : नीक जकाँ उ टा-पु टा कए, देखू त’ रिज र मे िहनका सब दय क िलखल छिन...

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    िच गु : जी !....(अनुचर 1 कँे देखा कए) राजनीितक जगतमे बदरी िवशाल बाबू जतेक मार-काट कैने- करौने छिथ—से सबटा िहनके दनूुक कृपासँ होइ छलिन....

    अनुचर 1 : (आपि जताबैत) निह... माने...

    यमराज : (डाँटैत) चोप! कोनो-माने ताने निह...

    िच गु : (आदेश दैत) सोझ ेभुनै केर कड़ाही मे ल’ जा कए फकल जाय !

    (कहैत दरेी नंदी आ भंृगी अनुचर 1 आ अनुचर 2 कँे दनूु दिस सँ ध’ कए बाहर ल’ जाइत छिथ—ओ हर बाँक मृत सैिनक मे सँ द ूगोटे िहनका ल’ कए आगाँ बढ़ैत छिथ आ नंदी-भंृगी अपन-अपन थान पर घु र आबैत छिथ।)

    ेमी युगल : (दनूु आर धीरज निह रािख पबैत छिथ) आ हम सब ?

    ेमी : हमरा दनूुकँे क हैत ?

    ेिमका : ई हमरा कतेको कालसँ घु र चलबा लले कहैत छलाह... मुदा हमही निह सुिन रहल छिलयिन !

    ेमी : क एहन निह भ’ सकैत अिछ जे.....

    बाजारी : (आगाँ बढ़ैत) ह.े... िहनका दनूु कँे अव य एकबेर िजनगी देबाक मौका देल जाइन...

    िच गु : से कयै ?

    बाजारी : देखू...एत त’ हम क यादान क’ कए िववाह करबा देिलयिन... मुदा व तुतः त’ ई दनूु गोटे अपन-अपन प रवारक ज े यो अिभभावक छिथ तिनका सभक आशीवाद निह भे ट सकलिन।

    भ ि 2 : ...आ त दनूु गोटे िनि त कैने छलाह जे जीयब त’ संगिह आ मरब त’ संगिह..मुदा आब त’ हम सब िववाह कैये देने छी...

    बाजारी ि : त हमरा लगछै ज े दनूु प रवारो आब मािन लेताह...

    भ ि 1 : भ’ सकैछ आब प ातापो क’ रहल छिथ।

    यमराज : बड़ बेस...

    िच गु : आ ज ँएखन अ खड़ दैखौता त’ अहाँ सब नका लोकिनकँे समझा बझुा’ सकबिन क निह ?

    भ ि 1,2 : अव य...अव य !

    यमराज : बेस... तखन (नंदी-भंृगीकँे) एिह दनूु बालक-बािलका आ िहनका दनूुक एत का अिभभावक लोकिनकँे र ता देखा दय ...

    [नंदी-भंृगी ेमी- ेिमका आ ओिह तीनू गोटेकँे (दनूु भ ि आ बाजारी वृ कँे) र ता देखा कए बाहर ल’ जाइत छिथ...पाछू-पाछू ढोल-िपपही बजा कए ‘माच’ करैत बाहर ल’ जाइत छिथ। तखन रिह जाइत छिथ जेसब तािह सबमे सँ अिभनेता अगुआ आब ैछिथ।]

    िच गु : (जेना यमराज कँे अिभनेताक प रचय द’ रहल छिथ) ई िववके कुमार भेलाह... (नंदी सँ) पृ पाँच सौ अड़तीस...

    अिभनेता : (आ य-च कत होइत, िच गु सँ) अहाँ कँे हमर पृ ो मोन अिछ...करोड़ो मनु खमे....? ई त’ आ यक ग प भेल...

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    िच गु : एिह मे अचरजक कोन बात? एतेक कछु करैत रहैत छी जे बे र-बे र ओिह पृ पर ‘ए ी’ करै-टा पड़ै अिछ...त.....

    नंदी : (जेना घोषणा क’ रहल होिथ...) पृ. 538, िववके कुमार उफ.....?

    अिभनेता : (टोकैत) ह ेकथी लय दोसर-दोसर नाम सब लै जाइ छी ? बड़ मोस कल सँ त’ अपन जाित-पाित कँे पाछाँ छोड़ा सकल.... आ तखन ए आिब कए....?

    िच गु : आगाँ बढ़’! नाम छोिड़ दहक !

    नंदी : आगाँ रकाड त’ ई कह ैअिछ जे ओना ई छलाह त’ ब मामूली ि , तखन अपन कुशलता सँ, आओर सौभा यो सँ, प ँिच गले छिथ िशखर पर... पाइ ब त कमौलिन.. (झु क कए नीक जकाँ रिज र मे सँ पढ़ैत...) दान- यान सेहो कैने छिथ... ततबा निह जतबा क’ सकैत छलाह अनेक मिहला सँ िहनक नाम कँे जोड़ल जाइ छिन...अफवािह कँे अपने पिस करै छिथ... एिह मामलामे बदनामे रहलाह... आ त पा रवा रक जीवन सुखद निह छलिन... िनःसंतान छिथ, प ीकँे यािग देताह तािहसँ पिहनिह वहै छोिड़ कए चिल गेलीह...व तुतः प ीक कहब छलिन ई असलमे नपुंसक छलाह...

    अिभनेता : (नंदी कँे थ हबैत) क सभक सामने अंट-संट प ढ़ रहल छी पोथासँ ? प ी छोिड़ कए चिल गलेीह… नीक कैलीह, एखन सुखी छिथ एकटा अधेड़ उमरक नवयुवकक संग.े... मीिडया बला सभसँ पाइ भेटलिन आ क कहानी बनब ैलगलीह... ‘अफसाना’.... ज ेिबकत ब बेसी।

    िच गु : से ओ सब जाय दहक ...ई कह आर कोन िवशेष बात सभ दज छैक..

    भंृगी : (ओहो झु क कए देिख रहल छलाह रिज र मे, आब रहल निह गलेिन---) िहनक ज ेक िम छिन, श ुक सं या तािहसँ ब त गुना बेसी छिन।

    यमराज : से त’ वाभािवके.....

    भंृगी : िहनक श ुप कहैत अिछ ई नुका–चोरा कए कतेको वामपंथी गो ी कँे मदित करैत छलाह.... ब तो तािह तरहक संगठन कँे ....

    वामपंथी : ( ितवादक वरमे) कथमिप निह... ई सब फूिस बािज रहल छी अहाँसब....

    भंृगी : बािज कहाँ रहल छी यौ कामरेड? हम त’ मा प ढ़ रहल छी--!

    वामपंथी : िहनका सन ‘बुज आ’ गो ीक सद य कखन करत गै मदित कोनो सा यवादीक ? असंभव !

    अिभनेता : कयै ? सा यवाद पर अह सभक ज मिस अिधकार छै क ? आन यो ‘सा य’ क क पना निह क’ सकैत अिछ ?

    वामपंथी : ( ं या मक वर) कयैक निह ? क पनाक घोड़ा पर के लगाम लगा सकैत अिछ ?

    क , जतेक मज क पना करै जाऊ ! मुदा हम सब छी वा तिवक जगत् मे वा तव कँे भोिग रहल छी...

    अिभनेता : वा तवमे भोगी छी अहाँ सब, भोगक लालसा मे ‘सा य’ दय गेल ँिबस र ‘वाद’टा मोन रहल ... वाद-िववाद मे काज मे आबैत अिछ....!

    िच गु : वाद-िववाद सँ काज कोन ? कहबाक ता पय ई जे िववके कुमार जीक िववेक भ रसक बड़ बेसी काज करैत छिन...त.....

    यमराज : (गंभीर मु ामे) म्-म्-म् ! (नंदी सँ) तखन देख ैछी िवप सँ बैसी सप ेमे सबटा प ढ़ रहल छी...

    िच गु : तकर अलाव े...ई िहनक अकाल आगमन िथकिन.... टंटमैनक बालक छल अ व थ, गेल छल छु ी ल’ क’ अपन घर... त’ ई अपनिह टंट करै लगलाह...

    अिभनेता : (िब ँसैत) किनय टा चकू भ’ गलेैक क पहाड़ी पर सँ खिस पड़ल .ँ...

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    यमराज : किनये-किनये भूल-चूक मे बदिल जाइत अिछ इितहास आ परुाण...सबटा पु य बहा जाइत अिछ तिनके पापसँ ! मुदा जे हो (नंदी सँ) िहनका एखन ँअनेक दन जीबाक छिन.. पठा दयौक पृ वी पर...

    वामपंथी : (अगुआ कए) आ हम ? हमर क हैत ? (एक बे र यमराज तँ एक बे र िच गु दिस देखैत छिथ। मा भंृगी सस मान अिभनेताकँे बाहर प ँचाब ैजाइत छिथ।)

    यमराज : अहाँक कथा मे तँ वग-नक कोनो टा निह अिछ...ने छी हम आ ने िच गु ...

    वामपंथी : जी, से त’...(कहै जाइत छलाह ‘अव य !’ मुदा तािह सँ पिहनिह टोकल जाइत छिथ।)

    िच गु : सैह जखन बात छैक त’ अहाँ अपने िवचार क अपन भिव य....(पॉ कट सँ एकटा मु ाकँे ‘टॉस’ करबाक भंिगमा मे.....) क क कह ैछी ‘िचत’ क ‘पट’?

    वामपंथी : हमर िव ास आ हमर िश ा कछु आने तरहक छल, मुदा ज े य क’ रहल छी (कहैत देवार....यमराज...िच गु आ द कँे देखाबैत छिथ) तकरे अ वीकार कोना क ?

    यमराज : कयैक ? ईहो त’ भ’ सकैछ जे आँिख धोखा द’ रहल अिछ...ई सबटा एकटा दःु व मा िथक... क पलोक मा िथक...ई, जतय घुसै जायब त’ देखब बोड पर टांगल अिछ---‘नो ए ी’!

    वामपंथी : तखन ?

    िच गु : तखन क ?

    वामपंथी : तखन हम क क ?

    यमराज : (गंभीर मु ामे) पिहने ई क ... िवषम के िथक ? मनु ख क कृित ?

    वामपंथी : दनूु...

    यमराज : के कम के बेसी ?

    वामपंथी : कृित मे तैय क ‘ ाकृितक याय’ (नैचरल जि टस)

    काजक’ रहल अिछ, मुदा मनु खक वभावक आधारे

    अ याय पर ठाढ़ अिछ...

    यमराज : क अहाँक राजनीित एहन अ याय कँे दरू निह क’ सकैत अिछ ?

    वामपंथी : यास करैत अिछ...

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    यमराज : ठीक अिछ... तखन िहनको तीनू गोटे कँे नेने जाऊ ! (चोर उच ा आ पॉ कट-मारक दिस देखा क’ बाजैत छिथ) आ देखू िहनका सब कँे बदिल सकै छी वा निह ?

    वामपंथी : बेस....

    [कहैत पॉ कट-मार आ उच ा नका लग चिल आब ैछिथ। चोर कनेक इत ततः करैत छिथ आ अंत मे पूिछ दैत छिथ जाय सँ पूव…]

    चोर : तखन एिह सँ आगाँ ?

    यमराज-िच गु -नंदी : (ए िह संग) ‘नो एन ी’...

    [कहैत देरी तीनू गोटे कँे साथ ल’ कए वामपंथी युवा वाहर जैबाक लले उ त होइत छिथ क तावत् अिभनेता कँे छोिड़ कए भंृगी घु र कए मंच पर वशे क’ रहल छलाह।]

    यमराज : मा िवश....

    िच गु : कदाचन!

    [चा गोटे एक पलक लले च कैत थ हैत छिथ ....तकर बाद ेिन ांत होइत छिथ। नका सभक थानक पाछाँ भंृगी आगाँ बढ़ैत छिथ यमराजक दिस।]

    (((( मशमशमशमश::::))))

    अ.१.कथा सुभाषच यादव २. ब ध (साहेबरामदास-डॉ.पालन झा)

    आआआआ....११११. . . . मिैथलीपु दीपमिैथलीपु दीपमिैथलीपु दीपमिैथलीपु दीप---- आ याि मकआ याि मकआ याि मकआ याि मक िनब ध िनब ध िनब ध िनब ध २२२२....दैिनक योितदैिनक योितदैिनक योितदैिनक योित

    इइइइ. . . . सह बाढ़िन

    ईईईई.... शोध लखे सगंिह मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादव जीक लले गले सा ा कारक शोध लखे सगंिह मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादव जीक लले गले सा ा कारक शोध लखे सगंिह मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादव जीक लले गले सा ा कारक शोध लखे सगंिह मायान द िम जीस ँडॉ िशव साद यादव जीक लले गले सा ा कारक पिहल भागपिहल भागपिहल भागपिहल भाग १. कथा- ी सुभाषच यादव २. ब ध डॉ. पालन झा (साहेब रामदास)

    १. ी सुभाष च यादव, कथाकार, समी क एव ं अनुवादक। जवाहरलाल नेह िव िव ालयसँ िह दीमे एम.ए. तथा पी.एह.डी.।

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    15

    स ित अ य , ातको र िह दी िवभाग, भूपे नारायण मंडल िव िव ालय, पि मी प रसर, सहरसा, िबहार। छह टा पोथी कािशत। मैिथलीमे लगभग स रटा

    कथा कािशत। िमिथली, बंगला तथा अं जेीमे पर पर अनुवाद कािशत। भूतपूव सद य, सािह य अकादमी मैिथली परामश-मंडल, मैिथली अकादमी काय-सिमित,

    िबहार सरकार सां कृितक नीित-िनधारण सिमित।

    कथा किनयाँ-पुतरा

    जेना टांग छानै छिञ, तिहना ऊ लड़क हमर पएर पाँजमे धऽ ललेक आ बादरु जकाँ लट क गले। ओकर हालत देख ममता लागल। ेनक ओइ िड बामे ठाढ़ भेल-भेल

    लड़क था क कऽ चूर भऽ गले रहय। किनय काल पिहने नीचेमे क ना बठैल आऽ बैठलो निञ गलेए तऽ लट क गेल।

    िड बामे पएर रोपएके जगह निञ छिञ। लोग रेड़ कऽ चढ़ए-ए, रेड़ कऽ उतरए-ए। धीया-पूता हवा लय औनाइ छै, पाइन लय कानए छै। सबहक जी ाकुल छिञ। लोग

    छटपटा रहल-ए।

    हम अपनो घटंो द ूघटंा सऽ ठाढ़ रही। ठाढ़ भेल-भेल पएरमे दरद अय लागल। मन करय लुद िसन बैठ जाइ। तखैिनय द ूटा सीट खाली भेल,ै जइ पर तीन गोटय बैठल।

    तेसर हम रही जे बैठब क , बस कनेटा पोन रोपल । ऊ लड़क सस र कऽ हमरा लग चिल आयल। पिहने ठाढ़ रहल, फेर बठै गले। फेर बैठल-ेबैठल हमर टांगमे लट क

    गेल। जखिन ऊ ठाढ़ रहय तऽ बापक बाँिहमे लटकल रहय। ओकरा हम बड़ी काल लटकल देखने रिहऐ। ओकर बाप अखैिनय ठाढ़े छिञ। छोट बहीन आ भाय ओकरेबगलमे नीचेमे बैठल धा रहल छिञ।

    ऊ जे टांग छानने अिछ, से हमरा िबदागरी जकाँ लािग रहल-ए। जाइ काल बेटी जेना बापक टांग छािन लिञ छिञ, तेहने सन। ने ऊ, कानिञ-ए, ने हम कानिञ छी।

    ले कन ओकर क , ओकर असहाय अव था उदास कऽ रहल-ए। हम िन ल-िन पंद बैठल छी। होइए हमर सुगबुगी सऽ ओकर िबसबास, ओकर असरा कतौ िछना निञ

    जाइ। हाथ सस र जाइ छिञ तऽ ऊ फेर टांग पकिड़ लिञ-ए।

    लड़क दबुड़-पातर आऽ पोरगर छिञ। हाथमे घड़ी। लाि टकक झोरामे राखल मोबाइल। लाग ैछिञ नौ-दस सालक रहय। मगर कहलक ज ेबारह सालके अिछ। सतमामेपढ़ै-ए आऽ मिमऔत भाइक िबयाहमे जा रहल-ए।

    बेर-बेर ज ेहाथ सस र जाइत रहए से आब ऊ हमर ठ न पर मूड़ी रािख देलक-ए। जेना हम ओकर माय होइअइ। ओकर माय संगमे निञ छिञ। कतय छिञ ओकर माय?

    जकर कनहा पर, पीठ पर, जाँघ पर कतओ ऊ मूड़ी रािख सकैत रहय। हम ओकर माथपर हाथ देिलऐ। ऊ अओर िनचेन भऽ गेल जेना।

  • Videha Õ�वदेहÕ ूथम मैिथली पा��क ई प�ऽका १५ जुलाई २००८ (वष� १ मास ७ अंक १४)

    http://www.videha.co.in/ मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्मानुषीिमह संःकृताम ्

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    एक बेर गाड़ीक ध ा सऽ ऊ सस र गले; सोझ भेल आऽ आँिख खोललक। एक गोटय कललकए- “द�