ि 9विक स्तर पर आज भ प्रासंविक ह 9 कविल्य...

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दिनक 26दितɾर, 2018 ेस विि िविक र पर आज भी ासंविक है कौवि और चाण का अथशा दशथन - ोफे सर शुभदा जोशी "कौदिʞ ने बुक कीदग, एकउि् ि, ऑदिि और िै दत क भी वणन दकय है " ि शय िे ही न ɑ होत है - ोफे िर अ दम चवणक और बौ िशणन म चेतन के दवषय र भी ई चचण िफी िशणन और वेि िशणन की िमनतओ र भी की गई कयणशल िची बौ भरतीय न अयन दवʷदवलय म आधुदनक रे म भरतीय िशणन क लेखन दवषय र आयोदजत 5 दिविीय कयणशल के िू िरे दिन च और कौदिʞ के अणश˓ र गहन चचण की गई मुɾई दवʷदवलय की ोफे िर शुभि जोशी ने कह दक आज के भरतीय और अ रणʼ गय ररेो म कौदिʞ और च क अणश˓ ूरी तरह िदगक है उनक कहन दक कौदिʞ ने बुक कीदग(जी लेखन) , एकउि् ि(लेख) और ऑदिि(िɼर) क दज दकय गय है िर जोशी क कहन दक कौदिʞ क कहन है अगर रज य श िक म लोगो के तुदʼकर के दलए कयण करने लगे (जैि की आज के रजनेत वोि के दलए करते ह ),तो जनत को चदहए दक ऐिे शिक को ि िे हि िे उनक कहन दक कौदिʞ ने अने अणश˓ म जगल की िदि िे होने वली आय , अदधकररयो की कयणिदत, ि दिːम, को बेहि ˙ʼत के ि उʟेखखत दकय है िॉर शुभि जोशी क कहन दक उि िौर क अण श˓ ʩवहररक िशणन र आधरत कयणशल के िू िरे ि म िशय के दवषय र चचण की गई भरतीय िशणदनक अनु िधन ररषि के ूवण दनिेशक िर अ दम ने कह दक िशय िे ही िही न ɑ होत है और ये िशय ही दजि को जɉ िेत है इिी ि म लखनऊ दवʷदवलय के ोफे िर के िी िेय ने चवणक िशणन और बौ िशणन म चेतन () की अवधर र चचण की चवणक िशणन के अनुिर शरीर म भौदतक रखˑदयो के कर चेतन य न दनदमणत होती है और हम जो भी अनुभव होते ह वो आ ही के अनुभव होते ह चवणक िशणन कहत है दक आ शरीर क ही गु है और बौ िशणन ने इिक ख िन दकय है बौ िशणन क कहन है दक चेतन शरीर के बहर िे आती है दवशखि्नम के अिर दवʷदवलय के ोफे िर जॉजण दवर ने कह दक भरतीय िशणन म theology और िशणन को अलग करन चदहए तभी भरतीय िशणन आगे बढ़ेग और िेश के िशणन दवषय के छो को लभ चेग अदतम ि म िूफी िशणन और वेि िशणन के बीच भी चचण की गई शदतदनके तन के ोफे िर दिरजुल इˠम ने कह दक वेि िशणन के ैतवि और अैतवि की िूफी िशणन िे िमनत है

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  • दिन ांक 26दितम्बर, 2018

    पे्रस विज्ञप्ति

    िैविक स्तर पर आज भी प्रासंविक है कौविल्य और चाणक्य का अर्थशास्त्र दशथन - प्रोफेसर शुभदा

    जोशी

    "कौदिल्य ने बुक कीद ांग, एक उांि्ि, ऑदिि और िैक्स द्धदत क भी वर्णन दकय है"

    िांशय िे ही ज्ञ न प्र प्त होत है- प्रोफेिर अरुर् दमश्र

    च व णक और बौद्ध िशणन में चेतन के दवषय र भी हुई चच ण

    िूफी िशणन और वेि न्त िशणन की िम नत ओां र भी की गई क यणश ल

    ि ांची बौद्ध भ रतीय ज्ञ न अध्ययन दवश्वदवद्य लय में आधुदनक ररपे्रक्ष्य में भ रतीय िशणन क लेखन दवषय र

    आयोदजत 5 दिविीय क यणश ल के िूिरे दिन च र्क्य और कौदिल्य के अर्णश स्त्र र गहन चच ण की गई। मुम्बई

    दवश्वदवद्य लय की प्रोफेिर शुभि जोशी ने कह दक आज के भ रतीय और अन्त र णष्ट्र ीगय ररपे्रक्ष्यो में कौदिल्य और च र्क्य

    क अर्णश स्त्र ूरी तरह प्र िांदगक है। उनक कहन र् दक कौदिल्य ने बुक कीद ांग( ांजी लेखन) , एक उांि्ि(लेख ) और

    ऑदिि(िम्पररक्षर्) क दजक्र दकय गय है।

    िॉक्टर जोशी क कहन र् दक कौदिल्य क कहन है अगर र ज य श िक म त्र लोगोां के तुदष्ट्करर् के दलए क यण

    करने लगे (जैि की आज के र जनेत वोि के दलए करते हैं ),तो जनत को च दहए दक ऐिे श िक को ि िे हि िे।

    उनक कहन र् दक कौदिल्य ने अ ने अर्णश स्त्र में जांगल की िां दि िे होने व ली आय , अदधक ररयोां की

    क यण ध्िदत, िैक्स दिस्टम, को बेहि स्पष्ट्त के ि र् उले्लखखत दकय है। िॉक्टर शुभि जोशी क कहन र् दक उि िौर

    क अर्ण श स्त्र व्य वह ररक िशणन र आध ररत र् ।

    क यणश ल के िूिरे ित्र में िांशय के दवषय र चच ण की गई। भ रतीय ि शणदनक अनुिांध न ररषि के ूवण दनिेशक

    िॉक्टर अरुर् दमश्र ने कह दक िांशय िे ही िही ज्ञ न प्र प्त होत है और ये िांशय ही दजज्ञ ि को जन्म िेत है। इिी ित्र में

    लखनऊ दवश्वदवद्य लय के प्रोफेिर के िी ांिेय ने च व णक िशणन और बौद्ध िशणन में चेतन (आत्म ) की अवध रर् र चच ण

    की।

    च व णक िशणन के अनुि र शरीर में भौदतक ररखिदर्योां के क रर् चेतन य ज्ञ न दनदमणत होती है और हमें जो भी

    अनुभव होते हैं वो आत्म ही के अनुभव होते हैं। च व णक िशणन कहत है दक आत्म शरीर क ही गुर् है और बौद्ध िशणन ने

    इिक खांिन दकय है। बौद्ध िशणन क कहन है दक चेतन शरीर के ब हर िे आती है।

    दवश ख ि्नम के अांिर दवश्वदवद्य लय के प्रोफेिर जॉजण दवक्टर ने कह दक भ रतीय िशणन में theology और िशणन

    को अलग करन च दहए तभी भ रतीय िशणन आगे बढ़ेग और िेश के िशणन दवषय के छ त्रोां को ल भ हुांचेग ।

    अांदतम ित्र में िूफी िशणन और वेि न्त िशणन के बीच भी चच ण की गई। श ांदतदनकेतन के प्रोफेिर दिर जुल इस्ल म

    ने कह दक वेि न्त िशणन के दै्वतव ि और अदै्वतव ि की िूफी िशणन िे िम नत है।

  • इिी कडी में 27 दितम्बिर को रवीन्द्रफन र् िैगौर के भ रतीय िशणन र चच ण की ज येगी एवां आधुदनक भ रतीय दवच र

    र भी गहन दचन्त्न होग । भो ल के िॉ रहम न अली भ रत में मखिरोां के आदकण िेक्च र के दवक ि र अ नी शोध प्रिुद त

    करें गे।