त्र 0भासिक ऩत्रत्रका · ुइच 0। सिनभा औय...

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जनवयी - भाच , 2013 | दिण ऩूवच येरवे , खगऩुय कायखाना | (ैभासिक ऩका) ऩाार हेत ऩता िऩादक खगऩुय कायखाना दऩचण याजबाषा अनुबाग, भुम कामच फॊधक कामाचरम, खगऩुय कायखाना ऩोट : खगऩुय-721301 (ऩसिभ फॊगार) येरवे पोन - 63108 भोफाइर- 09933615074 सॊरक सीताराम सॊकू भुम कामच फॊधक धान सॊऩादक के 0 ऩी0 अधधकारी उऩ भुम याजबाषा अधधकायी एवॊ उऩ भुम फजरी इॊजीननमय(कायखाना) सॊऩादक समीर कु मार मजुमदार तारके वर शमाप सहायक सॊऩादक वेद काश सम तकनीकसॊऩादक उदय कु मार सम िनमय इॊजीननमय (आई. टी.) वषप : 1 अॊक : 1

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Page 1: त्र 0भासिक ऩत्रत्रका · ुइच 0। सिनभा औय जन-िर्ाय भाध्मभों न इि बाषा क नम

खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 1

जनवयी - भारच, 2013 | दकषिण ऩवच यरव, खडगऩय कायखाना |

(तरभासिक ऩतरतरका)

ऩतरारार हत ऩता िॊऩादक

खडगऩय कायखाना दऩचण

याजबाषा अनबाग,

भखम कामच परफॊधक कामाचरम,

खडगऩय कायखाना ऩोसट : खडगऩय-721301

(ऩसिरभ फॊगार)

यरव पोन - 63108

भोफाइर- 09933615074

सॊरक

सीताराम ससॊक

भखम कामच परफॊधक

परधान सॊऩादक

क0 ऩी0 अधधकारी उऩ भखम याजबाषा अधधकायी एवॊ

उऩ भखम तरफजरी इॊजीननमय(कायखाना)

सॊऩादक

समीर कमार मजमदार

तारकशवर शमाप

सहायक सॊऩादक

वद परकाश समशर

तकनीकी सॊऩादक

उदय कमार समशर िीननमय इॊजीननमय (आई. टी.)

वषप : 1 अॊक : 1

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 2

ह ॊदी कनदर ियकाय की याजबाषा । एक तय ि म दि क उततय ि दकषिण औय ऩयफ ि ऩसिरभ

क छोय को जोडती । इि तय म अघोषषत याषटरबाषा औय िॊऩकच बाषा । बायतीम यरो भ सथाषऩत

याजबाषा षवबाग कामाचरमीन षवषमो क सरए ह ॊदी क परमोग ऩय षविष रऩ ि धमान यखता । खडगऩय

कायखाना क ह ॊदी अनबाग ि खडगऩय कायखाना दऩचण का म ऩ रा अॊक, जो आठ ऩषटठो का , आऩक

िभि । इि ननकारन का उददशम दयअिर म य ा कक जमादा ि जमादा रोगो तक म ऩ ॊर औय

कायखान की षवषवध गनतषवधधमो क िाथ याजबाषा ह ॊदी क परराय-परिाय एवॊ परमोग-परिाय ि िॊफॊधधत

उददशमो की ऩनत च ियर एवॊ ि ज रऩ भ कय िक।

जिा कक आज क दौय भ रोगो क ऩाि िभम का अबाव , अत: म िॊवाद ऩतरतरका िॊिऩ भ आवशमक िरनाओॊ क िाथ-िाथ रघ कथाओॊ, कषवताओॊ, क ाननमो, िॊकषिपत रयऩोटो, िभिाभनमक

गनतषवधधमो व घटनाओॊ आहद को अऩन भ िभट ए , जो िभम की भाॊग ।

खडगऩय कायखाना दऩचण तरभासिक िॊवाद ऩतरतरका यर ऩरयवाय क िदसमो क सरए िरनापरद

उऩमोगी जानकारयमो एवॊ याजबाषा िॊफॊधी जञान को फढान भ ि मोगी फनगी, भ ऐिी उमभीद कयता ॉ औय

अऩनी ओय ि िबकाभनाएॊ दता ॉ।

-- शरी सीताराम ससॊक , मखय कायप परबॊधक

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 3

िन 1949 भ ह ॊदी को िॊध की याजबाषा ोन का गौयव सभरन क फाद ि अफ तक इिन वमाऩक परगनत की । िरना एवॊ परौधोधगकी ह ॊदी क परराय-परिाय भ एक तय ि ि ामक इच । सिनभा औय जन-िॊराय भाधमभो न इि बाषा को नम अॊदाज औय तवय हदए ।

यर का ऩया इनत ाि इि एक छोटी घटना ि िर ोता , जफ जमि वाट न राम की कटरी का ढककन, बाऩ की िककत ि ह रत दखा। कपय वाषटऩ इॊजन फन औय यर ऩरयव न की एक नइच क ानी िर इच। मककत मा तकनीकी की कोइच बाषा न ीॊ ोती। भ सितषटक भ तरफजरी की तय कोइच षवराय रभकता औय इिि नए-नए आषवषटकाय व परफॊधन क ितर िाभन आत । बाषा तो फाद भ िभझान मा वमाखमा कयन आती ।

ाॉ, बाषा का भ ततव तफ फढ जाता जफ भ अऩन षवरायो को दियो तक िॊपरषषत कयत । इिक भाधमभ ि अऩनी िोर औय बावनाएॊ सऩषटट रऩ ि िाभन वार को िभझाना रा त । दननमा भ फ त-िी बाषाएॊ औय इनभ ि अनक षवरपत ोन क कगाय । एक आशरमचजनक व दबाचगमऩणच फदराव आमा - अॊगररी का भो औय भातबाषा क परनत ीन बावना फढी , जो खतयनाक बी । िर क ा जाए तो कइच बाषाएॊ खतय भ ।

भ ककिी तकनीकी िबद को रा ककिी व ककिी बी बाषा का ो, महद उिभ अथच की वमाऩकता फोध का बाव तो उि जमो-का-तमो धवनदमातभकता का धमान यखत ए दवनागयी सरषऩ भ -फ- सरख िकत , उि ह ॊदी क वाकम भ मथोधरत सथान ऩय यख िकत । ह ॊदी ऐिी बाषा जो अऩनी वाकम-िॊयरना भ िफको िभाह त कय रती ।

खडगऩय कायखाना दऩचण िॊवाद ऩतरतरका इिी परकाय तकनीकी एवॊ बाषा, िाह तम, करा औय षवजञान क िॊगभ का उदा यण फनगी, ऐिी भयी भानदमता , ऐिी आिा ।

क0 ऩी0 अधधकारी उऩ भखम याजबाषा अधधकायी, खडगऩय कायखाना

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 4

1. भारत माता ससमतरानॊदन ऩॊत 5

2. गीत कदार नाथ अगरवाऱ 5

3. सभक सयपकाॊत तरतरऩाठी ननराऱा 5

4. एक कहानी ऐसी भी तारकशवर शमाप 6-13

5. राजभाषा ननयम एवॊ अधधननयम 14-19

6. करो योग रहो ननरोग सतीश कमार (योग सशक) 20-21

7. वषप 2012 क दौरान राजभाषा की परगनत म ककए गए उलऱखनीय कायप 22-24

8. गजऱ दषयॊत कमार 25

9. गजऱ नर महममद नर 25

10. ज जनदगी (कववता) सशव शॊकर दास 26

11. कववताएॊ महदर ससॊह शखावत उतसाही 26

12. सचराइप (ऱघकथा) महदर ससॊह शखावत उतसाही 27

13. वह तो अमर ह (ऱघकथा) तारकशवर शमाप ववकास 27

14. हषापनतरक तो होगा ही (कववता) 29

15. खडगऩर कारखान की गनतववधधयाॊ 30

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 5

बायत भाता (िसभतरानॊदन ऩॊत की कषवता)

बायत भाता गराभ वासिनी

खतो भ परा शमाभर धर बया भरा-िा आॊरर गॊगा-मभना भ आॊि-जर सभटटी की परनतभा उदासिनी।

दनदम जड डत अऩरक नत धरतवन, अधयो भ धरय नीयव योदन मग-मग क तभ ि षवषणण भन, व अऩन घय भ परवासिनी।

तीि कोहट िनदतान नगन तन, अधच िधधत, िोषषत, ननयसतर जन भढ, अिभम, असिकषित, ननधचन नतभसतक तर-तर ननवासिनी।

सवणच िसम ऩय ऩद-तर रॊहठत धयणी-िा िह षटण भन कॊ हठत करॊ दन कसभऩत अधय भौन सिभत या गरसित ियहदनदद ासिनी।

धरननतत बकहट कषिनतज नतसभयाॊककत नसभत नमन वाषटऩाचछाहदत, आनन शरी छामा िसि उऩसभत, जञान भढ गीता परकासिनी।

िपर आज उिका तऩ िॊमभ, षऩरा अह ॊिा-सतनदम िधऩभ, यती जन-भन-बम, बव-तन-भरभ, जग-जननी जीवन षवकासिनी।

कदाय नाथ अगरवार क गीत भाॉझी न फजाओ फॊिी भया भन डोरता भया भन डोरता जि ऩर-ऩर डोरता जर का ज ाज जि ऩर-ऩर डोरता भाॉझी न फजाओ फॊिी भया परण टटता भया परन टटता जि तण टटता तन का ननवाि जि फन-फन टटता भाॉझी न फजाओ फॊिी भया तन झभता भया तन झभता तया तन झभता भया तन तया तन एक फन झभता।

सबिक (िमचकाॊत तरतरऩाठी ननयारा की कषवता)

व आता - दो टक करज क कयता ऩछताता ऩथ ऩय आता।

ऩट-ऩीठ दोनो सभरकय एक,

रर य ा रकहटमा टक,

भटठी-बय दान को - बख सभटान को भॊ पटी ऩयानी झोरी का पराता - दो टक करज क कयता ऩछताता ऩथ ऩय आता।

िाथ दो फचर बी िदा ाथ पराए,

फाम ि व भरत ए ऩट को ररत,

औय दाह ना दमा-दषषट ऩान की ओय फढाए। बख ि िख ओॊठ जफ जात दाता-बागम षवधाता ि कमा ऩात ? - घॊट आॊिओॊ क ऩीकय य जात। राट य जठी ऩततर व िबी िडक ऩय खड ए, औय झऩट रन को उनि कतत बी अड ए।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 6

एक क ानी ऐिी बी -तारकशवर शमाप

खफियती क िबी कामर ोत । कछ छऩ-छऩकय नन ाया कयत तो कछ तरफना ककिी

िभय ा- मा क आॉख पाड तफतक दखा कयत जफतक उनक िाभन खफियती छाइच य ती ।

ऩ र आऩ ककिी खफियत मौवना की कलऩना कय जजि आऩन अफ तक दखी न ीॊ। फि भान र कक इि ऩय ज ाॊ भ कोइच उवचिी मा भनका ो ी न ीॊ िकती। रककन कलऩना भ ज कलऩना ी न ीॊ ोती। कलऩनाएॊ िाकाय बी आ कयती । तबी तो इि रखक को म क ानी गढन की न ीॊ फसरक कीकत फमाॊ कयन की आवशमकता आन ऩडी।

....तो इि क ानी की यभोरा ी व खफियत तरफना ऩॊख वारी ऩयी जजिका ऩ रा सिकाय भया दोसत िमचफरी ऩयािय आ। वि ऩयािय को सभरा कछ बी न ीॊ ऩय फवज पमाय भ भाया गमा। दयअिर इकतयपा पमाय ोता ी ऐिा । भ भन ी भन म ऩार र कक पराॊ भया मा भयी तो भ ज भान रन ि ी उि ऩय अऩना अधधकाय मा पमाय न ीॊ ो जाता। क त बी कक पमाय ककमा न ीॊ जाता फसरक ो जाता । रककन पमाय ोता ी ककतना । आज तो पमाय क ीॊ िकि फझान का जरयमा तो क ीॊ कोइच खयीदी जान वारी वसत। जो भारदाय व तो योज ी खयीदता । बौनतकतावादी िोर िामद म ी । अफ आऩ एक अचछा कराकाय अथवा कषव ो तो म कदाषऩ भरभ भत ऩारो कक कक तम ायी करा अथवा कषवता ऩय यीझकय कोइच फारा आऩि भ बफत कय फठ। ाॉ, आऩ करा औय कषवता की फदौरत अथा दौरत क सवाभी क िाथ-िाथ ऊॉ र सटटि वार बी तो ननशरम ी ऐिा भरभ ऩार िकत । रककन म बी िराइच न ीॊ । पमाय कयन अथवा ोन भ फ त ि पकटय काभ कयत । खय, ज ाॉ तक भयी फात तो भन पमाय न ीॊ ककमा। रककन पमाय को कापी कयीफ ि उगत, फढत, ... ,ऊऩजत औय ऩरत दखा । मो क तो फडी फायीकी ि अनबव ककमा । ऐि ी पमाय की क ाननमो भ म बी एक क ानी ो िकती , महद इिकी फनावट आऩको बरी रग। अगय बरी रग गइच तो क ानी ो गइच। तो इि क ानी भ बी कइच ितरधाय , कइच ऩातर औय कइच इिभ न ीॊ िो कछ न कछ आॊसिक परबाव तो ऩडगा ी। कपय बी एक परशन आऩको फायफाय भथता य गा कक आखखय यभोरा न अऩनी खफियती कौडी क भोर कमो फर दी। व बी एक तरफगड ए उमरदयाज कराि-वन अधधकायी की भातर अॊक-िामनी फनन क सरए। व अधधकायी बी ऐिा कक उिकी रर तो य िार एक नइच िादी कय औय ऩयानी को टाता रर।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 7

.....तो भय अजीज शरी िमचफरी ऩयािय जी इि क ानी भ एक रखक की बसभका भ । व ऩ र ऐि न ीॊ थ कक जजि बी दख सरए उिी क दीवान ो गए। वि बी न ीॊ थ कक ककिी बी छर-छफीरी ऩय अऩना िाया ऩगाय उडात य औय िवचसव रट जान ऩय अॉखखमन ि रोय फ ात य । उनका अऩना षवराय था। व भानत थ कक इि परकाय का खर-खरना ऩागरऩन क सिवा औय कछ न ीॊ। कारज क हदनो भ ऩयािय जी ककिी नोना नाभक रडकी ि ऐि छर गए कक उनद पमाय कयन मा ो जान ि बी नपयत । उनकी नजयो भ पमाय वािना का ऐिा खर जो ककिी बी भदान ऩय ककिी बी खखराडी ि खरा जा िकता । फि खरन भ भाह य ोना राह ए। जीतन ऩय दढ षवशवाि ोना राह ए। औय ज ाॉ तक िभऩचण का िवार तो रकषम की पराषऩत भ इिकी अ भ बसभका ोती । आज ऩयािय का फि एक ी धभच कषवताइच कयना, िय गढना, .......औय वकत क भतातरफक क ानी क ना मा वमॊगम क भाधमभ ि ककिी का बजा राटना मा बजा खोरना। ऩय सवमॊ यपयी अथवा अॊऩामय की बसभका भ य त ए गोर दगवा दना अथवा ऊॉ गरी क इिायो ि ककिी उमद खखराडी को आउट कयाय द दना ी उनका रकषम न ीॊ ोता फसरक म बी जता दना व अऩना कतचवम िभझत कक फचर अगरी फाय रॊघी भत भायना अथवा फाउॊिय भत प कना अनदमथा भदान ि फा य बी कय हदए जा िकत ो। षऩछर वषच भ िमचफरी ऩयािय ि सभरा था। उनद ीॊ हदनो जाना कक अचछी क ानी कि सरखी जाती । व क ानी रखन ऩय खफ फनतमाम। फतान रग थ, िभाचजी, आऩ तो भरत: कषव ो िो कषवताइच ऩय ी जमादा धमान दो। भगय कषवताइच कयना बी आिान न ीॊ जिा कक तभ िोरत ो। इिकी बी अऩनी वमवसथा । कामद-कानन , अनिािन । रककन आज म ी िभझा जान रगा कक कषवता सरखना तो फाएॊ-दाएॊ ाथ का खर । ककिी भॊर ऩय जोड-तोड का गखणत फठाकय रढ जाओ औय तकफॊदी का ि ाया रकय रतीफ िना डारो, ो गइच कषवता । म ाॉ बी भ क ना रा ॉगा कक कषवता सरखी न ीॊ जाती फसरक सरखा जाती । रककन क ानी भ विी फात न ीॊ। बाषा ऩय अधधकाय क िाथ-िाथ कथा क न की बी अऩनी िरी ोती । म जरयी न ीॊ कक िबी क ानीकाय एक-दिय क ितर का ी इसतभार कय । आज दखत ो कक क ानी क न की जो षवकाि-मातरा व ऩ र की अऩ िा कापी रतगाभी ो रकी । कबी ठठऩन हदखाना ऩडता तो कबी क ानी को आग फढान क सरए कलऩना क घोड की ऩीठ ऩय राफक भायना बी अननवामच ो जाता । रककन ाॉ, भयी याम भ क ानी व ी अचछी ोगी जो तभ योज अऩन िभाज भ दखत ो। उि ी सरखो तो जमादा अचछा ोगा । अऩनी ऩयवीन ऩय ी सरखो। ऩाय रग तो कनपॊ कवा ऩय सरखो मा कनरटवा ऩय ी सरख भायो। फाजायवाद ऩय धमान दो कक कि कोइच िाह तम क फाजाय भ क ाननमाॉ मा कषवताएॊ फर य ा । ककिी नतमाॊगना ऩय सरखो

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 8

कक कि व तरफकी, ककन-ककन क िाथ खरी, क ाॉ य ी औय क ाॉ-क ाॉ गइच फि। अगय म िफ बी जरयी न रग तो भझ ऩय ी कोइच टीका-हटपऩणी कयत ए यभोरा मा ऩयवीन क िाथ जोड-घटा दो जो उिन ककिी औय क िाथ जोडा-घटामा ो। रककन ाॉ, नाभ ऩरयवतचन ऩय अवशम धमान दना, न ी ॊतो रन क दन बी ऩय िकत ॊ।

इि तय ऩयािय जी ि सभरन क फाद भ आज एक िार फाद कछ सरख य ा ॉ। इि क ानी भ जमादा कीकत औय कभ कलऩना का आधाय तो ऩय जो ऩायदिी । कोइच अऩायदसिचता न ीॊ। कीकत बी औय अपिाना बी। इि तय भ अफ क ानी िर कयता ॉ।

ऩयािय जी य योज की तय कयिी ऩय षवयाजभान औय कछ सरख य । व कयिी ऩय फठ-फठ दो-राय हदन थोडा खा-ऩीकय बी य िकत , महद व क ानी सरखन फठ गए ो तो। िामद म ी ककिी अपिानाननगाय की ऩ री ितच तो न ीॊ। न ी। ऩयािय जी की खासिमत म य ी कक व अऩनी यरनाओॊ भ िबदो की ितयॊगी गोहटमाॊ भनभाकपक तरफछान भ उसताद । अऩनी गोहटमो की रार ि फड-फड धाकड िाह तमकायो को बी भात कयत आएॊ । व तफतक िॊतषटट न ीॊ ोत जफतक भनरा ी यरना तमाय न कय र। कबी-कबी तो धडा धड ऩय क ऩय ऩनदन को पाडकय यददी की टोकयी भ डार हदमा कयत जि उनद ोन कछ पारत गोज दी ो। रककन जो यददी की टोकयी भ फकाय िभझ कय डारी दी गइ उि बी महद कोइच ासिर कय र तो फ त काभ की िाभगरी ो जाएगी। ऩय ऩयािय जी क सरए व पारत की रीज थीॊ। इिी तय गीत-गामकी की नय बी उनभ ऩमाचपत रऩ ि षवधभान थीॊ ऩय उनका एक ी निा था क ानी सरखना। व बी न तो परभरॊद की तय औय न ी जननदर की तय । व तो िदाअत िन भॊटो क पन । क ीॊ ि बी िरआत कय िकत । अॊत बी उनकी पराम: य क ाननमो का खद-फ-खद रा-जवाफ ो जाता था । भझ तो अफ तक िभझ भ न ीॊ आमा कक ऐिी करा उनद ोन ककिि िीखी। ऩय आज की रघऩतरतरकाओॊ क िॊऩादक उनकी क ाननमो का तववजो न ीॊ दत। आखखय ककतन िॊऩादक अचछ रखको की कदय कयत ? रककन ऩयािय जी इन िफकी ऩयवा न ीॊ कयत। व खारी िभम को खारी न ीॊ िभझत । िभम ी उनकी अिरी ऩॉजी । वकत न जो बी उनद हदखामा, उनद जो बी हदमा, उि व ि सर सवीकाय ककए । जो बी भॊथन क परसवरऩ परापत ककए उि अऩनी क ाननमो भ छोड हदए । रा र अऩन सरए यख सरए औय क ाननमो क भाधमभ ि अभत अऩन ऩाठको को द हदए । िर क ा जाए तो कलऩना क िागय भ उनक जिा गोता रगाना औय अऩनी एक-एक क ानी भ य िखद औय दखद षवषमो ऩय कथा भ फनतमाना ी इतना परबाविारी ोता कक भ एक हदन उनद अऩना गर भान फठा।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 9

बरा कौन ो िकता जो िीऩी क भख भ सवानत की फॉद डार-डारकय ऩ र वाकमाॊिो का िजन कय औय फाद भ कोय कागदो ऩय परबाष जोिी की तय एक ी फठक भ अऩन षपरम ऩाठको क सरए क ानी का गौ य फनाता य औय कागद कायता य ।

जफ तक भ ऩयािय जी ि ऩरयधरत न ीॊ आ था तफतक ऩयािय जी भय सरए फि कषव आ कयत थ। शरॊगाय-यि की कषवताएॊ सरखा कयत थ। आज क कषवमो की तय राया-गोफय, सभटटी, अरकतया, फरातकाय, भरषटटाराय, भॊहदय-भसिजद आहद ऩय न तो कषवता यरन क सरए करभ रराए औय न ी ककिी भॊर ि फकफकाए। कबी उनका परभ यभोरा ि था तो उिकी आबा भ, उिकी माद भ, उिक सरए, अऩन सरए, ..... औय कबी-कबी यभोरा क आसिको को तडऩान क सरए बी आसिकाना गजर सरखत य । यभोरा थी बी फडी रोट कयन वारी फाइचि वषीमा एक अनत आधननक फारा। मधषऩ ऐिा क ा जाता कक उवचिी धरय मौवना तथा िॊदरयमो भ शरषटठा । ऩय न ीॊ । यभोरा क फाद ी कोइच रडकी, मवती, ... मा कोइच तरफऩािा मा भसररका ियावत नजय आएगी। िफ ऩय बायी रगी थी यभोरा जफ भन उि ऩ री फाय दखा था। ऩता न ीॊ, अफ किी रग य ी ोगी? िना व एक िादीिदा औय भिा ियाफ भ डफ ए एक तरफगडर आकपिय की धभचऩतनी थी। अफ तो व खदी इतना ऩीती कक उिका र या किा य ा ोगा, दखन वार जान। एक िभम म ी ऩयािय जी यभोरा को अॊक-िामनी फनाना रा त थ। ऩयािय जी क िाथ काभ कयन वारा अथवा उनक ि य का कौन ऩरष ोगा जो यभोरा को ऩान की रा न ककमा ोगा। गौय वणच क धऩ-धऩ जजसभ औय भरामभ तवरा, कभय ि नीर तक पर कि, गोराकाय वतय र सतन, सिॊ नी जिी ऩतरा कहटतट, .... औय बायी ननतॊफ क िाथ-िाथ बयी आॉखो ि योिनी तरफखयन वारी यभोरा ऩय ककतनी बी शरॊगाय-यि की कषवताएॊ कासरदाि जि भ ाकषव बी सरखत तो यभोरा क रऩ का वणचन पीका ी ऩडता। भथन भनतचमाॊ, नतचकी मा रवयधारयणी रा खजया ो की ो अथवा भ ाफसरऩयभ की सिलऩ, िफ यभोरा क आग ऩानी बयती इच नजय आएॊगीॊ। यभोरा की भौसरकता का डपरीकट ढॉढ रना फड ि फड कपलभी ननभाचताओॊ क सरए बी टढी-खीय ी िातरफत ोगा।

क न का असबपराम कक कषव ो मा रखक, धोफी ो मा फढइच ..... मा कोइच औय, ऩय करा की भगाभयीधरका भ एक ि फढकय एक फषिजीवी इि तय धोखा खा फठत कक उठन का िऊय ी न ीॊ ोता। भानता ॉ-कषव िॊवदनिीर ोता । कबी राॊद औय तायो भ अऩना पमाय ढॉढता तो कबी उिी को जरी इच योटी का टकडा िभझकय बखो की तय टट ऩडता । तो कमा ऩयािय जी बी उि राॊद-िी यभोरा ऩय वि ी टट ऩडना रा त थ जि कोइच यड-राइचट

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 10

एरयमा भ जाकय ककिी मौन। ऩय यभोरा तो क ीॊ औय पॊ ि रकी थी। कइमो क िाथ उिक रयशत फन औय टट। ऩय िफक िफ रऩमो क फर ऩय। कर ककिी यानॊद क िाथ रयमाती य ी तो ऩयिो ककिी झा िा फ क िाथ झाॊिा दती इच हदखी। ककतन भनदनवय याणा औय कभराऩनत उिक फा ऩाि भ िख की तराि ककए ऩय अॊत भ व एक अधधकायी की तीियी फीवी फनकय िफकी आिा ऩय ऩानी पय दी। व ि य ि जफ षवदा इच तो इिी ि य क एक सभजर ा गासरब को पट-पटकय योत ए दखा गमा। ऩय ऩयािय जी वि ी फन य जि कबी थ।

यभोरा बायतीम यर भ िॊपरनत रखा षवबाग भ ि ामक षवतत िरा काय थी। उिी षवबाग भ ऩयािय जी उऩ षवतत िरा काय एवॊ भखम रखा अधधकायी थ। रककन यभोरा क परनत इि ऩयािय नाभ क कषववय ऩय कछ अिय ी न ीॊ ोता। कोइच फारा उनक षवबाग क िभसत कसभचमो एवॊ अधधकारयमो की नीॊद उडा यखी ो औय उिी खफियत फारा ऩय एक कॊ वाया कषव भ ज कषवता ी सरख औय उिि कोइच वासता न यख ा, कमा िॊबव ? ऩय भया भानना कक जफ य ककिी ऩय कछ-कछ ोता ोगा तो ऩयािय जी ऩय बी ोता ी ोगा। अगय आ न ीॊ ोता तो व ऐि ी भझि क त कक िभाचजी महद क ानी ी सरखना तो यभोराफाइच ऩय सरख । ाॉ, म औय फात ऩयािय जी क िाथ य ी ोगी कक व कबी ककिी नोना नाभक रडकी ि छर जा रक थ। दियी फात म बी ो िकती कक ऩयािय जी कषवता सरखन क परनत इतना िभषऩचत थ कक उनद िझता बी न ीॊ ोगा कक ऐिी छमभक-छलरो ऩय व सरख बी तो कमा सरख। रककन कषव भातर कषवता भ ी खोमा न ीॊ य ता। यभोरा न कषव ऩयािय को दगा हदमा था ऩय उनद भारभ तक बी न ीॊ था कक ऩयी-िी खफियत फारा उनद िफकछ भान रकी थी। व भीयाफाइच की तय बर ी अऩन ऩयािय कषटण की परभदीवानी न फनी औय अऩन िाॊवय क सरए गीत न गाती कपयती य ी ऩय भन ी भन ऩयािय को फ त ऩ र ी ऩनत ऩयभशवय भानकय ऩजन रगी थी। रककन आधननकता की रकारौध योिनी भ व बी ऩयािय को उिी तय बरा फठी जि आजकर की रडककमाॊ परभ ककिी औय ि कयती औय िादी ककिी औय ि। आज की रडककमाॊ िादी उिी ि कयती जो कापी धनाढम ो, ऩदनाभधनदम ो, .... औय उिकी ठाटिा ी का जजकर र ॊओय ोता ो । रा बर ी व ऩरष की िॊजञा भ बी धगना न जाता ो। िो यभोरा न एक वरयषटठ अधधकायी सभसटय घोष क िाथ कोटच भयज कय रीॊ। इि तय सभसटय घोष जि काभक अधधकायी की व तीियी ऩतनी फन गइच। यभोरा फि म ी जानती थी कक घोष की ऩवच दोनो ऩनतनमाॉ योग-वमाधध क कायण भय गइ। ऩय िादी कयन क फाद यभोरा को ऩता ररा कक उिका भदच घोष ककिी बी मवती ि िादी न ीॊ कयता फसरक उि बोगमा की वसत भानकय तफ तक बागा कयता जफ बोगमा बोगम की वसत न य जाए। औय कछ िार फाद यभोरा बी

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 11

ऩरयतमकता क रऩ भ हदखन रगी। रककन व सवारॊफी ोन क कायण भयी-सभटी न ीॊ। व तो कोटच भ कि दामय कय उि घोष की ऐिी-तिी कय दी कक एक हदन घोष का ाटच अटक आ औय व दननमा ि ररता फना।

जिा कक यभोरा की कोख ि कोइच िॊतान न ीॊ कमोकक घोष न एक हदन उि िया-ऩान कया कय उिकी निफॊदी कया दी थी। इधय ऩयािय जी की िादी ननभचरा जी क िाथ ो गइच।

ऩयाियजी क दो ऩतर औय दो ऩतरतरमाॊ जो कापी फड ो गए । रककन घोष क भयन क फाद यभोरा न ककिी ि बी िादी न ीॊ की। व तो आज बी अऩनी भाॊग भ सिॊदय बयती जि कबी घोष क जजनददा य न ऩय बया कयती थी। रोग क त कक व भीया की तय ककिी कषटण की दीवानी । क ीॊ व ऩयािय की दीवानी तो न ीॊ। कछ बी ो िकता ऩय क ानी म ीॊ खतभ न ीॊ ोती।

फीत हदनो की फात । भ कषववय ऩयािय की िध: परकासित परफॊध-कावम एक औय भीयाफाइच ऩढ य ा था तो एकफायगी िोरन ऩय भजफय ो गमा कक क ीॊ म कावम यभोरा ऩय तो सरखा न ीॊ गमा। ऩय िफकछ विा न ीॊ रगा। ाॉ, कछ-कछ ऩॊककतमो भ इिका ए िाि जरय आ। िो भन बी तम कय सरमा कक एक क ानी यभोरा क नाभ सरख ी डारॊ। म बी तम कय सरमा कक क ानी का िीषचक बी एक औय भीयाफाइच ी ोगा। भ जजतना यभोरा क फाय भ जानता आमा ॉ व ी सरखन का परमाि बी ककमा । अनतिमोककतऩणच फातो को फभतरफ आग फढाना औय ककिी परकाय की गरत िरना दना, भ क ानी भ उधरत न ीॊ िभझता। ाॉ, इि क ानी भ कछ ऐिा यखना वाज जफ िभझ य ा ॉ कक रग कक क ानी क ी जा य ी ।

तो कषव ऩयािय जी को एक न एक हदन यभोरा ऩय परफॊध-कावम सरखना ी ऩडा। रककन रोक-रजजा को ताक ऩय यखकय न ीॊ फसरक क ा जाए तो परभ को परभ यि भ ियाफोय कय। कोइच जरयी न ीॊ कक िफक िफ फाफा तरिीदाि, ियदाि औय कासरदाि की तय भ ाकावम ी सरख। रककन हदनकय की तय उवचिी ऩय तो सरखा ी जा िकता । िो ऩयािय जी न परफॊध-कावम सरख भाया। जजि तय ऩौयाखणक कथाओॊ भ भनका, उवचिी, यॊबा, नतरोततभा आहद अपियाओॊ क फाय भ खफियती का फखान सभरता उिि यतती बय कभ न ीॊ ऩयवीन फखान भ। म ऩयवीन कोइच औय न ीॊ फसरक यभोरा ी । अऩन रऩ-रावणम ि आकषषचत कयन वारी म ऩयवीन मानी कक यभोरा कोइच भोननका रषवॊसकी, ऩाभरा, फाडोि, शवत ननिा, अथवा कोइच गभिभ याम, यवीना यभानी तो न ीॊ कक जजि ऩय भीडडमावारो की तय कछ बी सरखा जाता

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 12

य । ाॉ, अगय ऩयवीन बी ऐिा न ीॊ ोती तो ऩयािय जी क फदर व घोष को ी कमो रनती ? ऩयवीन अऩन रऩजार भ ऩयािय को पॊ िाकय आखखय कमा धथमा िकती थी ? कावम-िॊगर , क ानी-िॊगर मा रघकथा िॊगर ो की व ऩसतक जो फाजाय भ तरफकती ी न ीॊ। आखखय एक िाह तमकाय की ऩतनी फनकय व कफ तक उिक िाथ घटती य ती। रककन िफ िाह तमकायो की तो ऐिी दिा न ीॊ । इिका भतरफ म आ ककमा कक ऩयवीन न जो िोरा, गरत था। व खद बी तो यरव भ नौकयी कयती थी, उिक ऩनत महद ऩयाियजी ोत तो उिकी जजनददगी भ कमा कभी य जाती? ऩय उिक निीफ भ तो ऩगरी फनना सरखा था। िो आज िडक ऩय ऩय अिय, ऩय अिय, .. क ती कपयती । ऩय अिय मानी ऩयािय ी तो व क ती । रॊकक व इि ि य भ न ीॊ इिसरए उिक दवाया ऩय अिय, ऩय अिय, .. क न का असबपराम कोइच दिया न ीॊ ननकार िकता। रककन व ऩयािय ी क ा कयती । व गाती बी - ऩय अिय ोगा न ीॊ ऩय भया अिय ऩय अिय, ऩय अिय। आज उिक ऩाि कमा न ीॊ ोता जो आज ऩयािय जी क ऩाि । ऩयािय जी क ऩाि काय , फॊगरा , ..... औय ऩाठको, परकािको ि रकय ह ॊदी िाह तम भ उनका नाभ । ाॉ, आज ऩयािय जी क ऩाि ऩयवीन न ीॊ रककन ऩयवीन ि अचछी ऩतनी जरय । ो िकता था ऩयवीन बी अचछी ऩतनी िातरफत ोती। ऩय न ीॊ। योभाॊि औय िकि क खर भ खरी इच औय भदान जीतन वारी कोइच रडकी अचछी ऩतनी फनती बी कमा ?

वि ऩयवीन नन ामत खफियत तो थी ी, िाथ ी िॊभराॊत ऩरयवाय ि तालरकात यखती थी। उिकी भाॉ िरभा खातन ज ाॉ इसरासभमा जासभमा षवशवषवधारम भ पराधमाऩक य रकी थीॊ व ीॊ उिक वासरद हदलरी दयदिचन भ फ त िभम तक नदमज यीडय की बसभका भ नजय आत थ। रककन दबाचगम म य ा कक एक यर दघचटना भ ऩयवीन क भाॉ-फाऩ को कार क गार भ जाना ऩडा। उि दघचटना भ फरी सिपच उन दोनो की इकरौती फटी ऩयवीन। उिक रराजान ि र न उिकी ऩयवरयि की। ऩढामा-सरखामा औय नौकयी कयन की छट दी। ऩयवीन न अऩन फरफत नौकयी तो ऩा गइच ऩय आधननकता की रकारौध योिनी भ इि तय खोती ररी गइच कक व खद को ी बर गइच। नतीजा जो ोना था आ। अकिय दखा गमा कक िफ कछ रट जान ऩय आदभी बटक जाता । ऐिो भ ि ी कछ ऩागर बी ो जात । तो ऩागर ऩयवीन बी इच। रककन एक-दो भा तक ी। उिका आगय क ऩागरखान भ ऩयािय जी न इराज कयवामा। व ठीक बी ो गइच। ऩय उिन दफाया नौकयी न कयन की परनतजञा कय री। आज व एक विाशरभ की िॊरारक । इिी क िाथ उिन िाह तम िवा ि जड उन तभाभ ह ॊदी ऩटटी क िाह तमकायो क सरए एक िाह नतमक िॊसथा बी खोर यखी जो य वषच ककिी न ककिी फड िाह तमकाय को

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 13

ऩयसकत कयती । व खद बी एक िरझी इच पराखमात रखखका । ऩय कमा उिक िाह तम रखन को ऩयािय ि टकय दखा जा िकता ?

ार ी भ ऩयवीन िाह तम िॊसथा की ओय ि जफ रबधपरनतषटठ कषववय ऩयािय जी को िमभाननत ककमा गमा तो फ त ि परशन अनदम िाह तमकायो दवाया उठाए गए। कइमो का क ना था कक ऩयािय जी को ऩयसकत न ीॊ ककमा जाना राह ए कमोकक उनका िॊफॊध ऩयवीन ि था। ऩय परशन म उठता - कमा ऐि ककिी फड िाह तमकाय को कदाषऩ ऩयसकत न ीॊ कयना राह ए जो इि परकाय की िॊसथा क िॊसथाऩक क कयीफी ो? तफ तो िाह तमकायो को ककिी बी िॊसथा ि ऩरयधरत बी न ीॊ ोना राह ए। कमा कोइच ऩ र ि ी म तम कयक ररता कक व ऐिा िाह तम सरखगा कक ऩयसकत ी ोगा। अगय ाॉ, तो ियकायी सतय ऩय हदए जान िाह तम क षवषवध ऩयसकाय बी उनद ीॊ रोगो को हदमा जाता जो ऩवचननमोजजत तयीक ि सरख जात । आखखय ककतन िाह तमकायो को अफ तक ऩयसकत ककमा गमा , जजनद ोन ऩय-ऩीडा ऩय अऩनी रखनी का ऩरयरम अनोख ढॊग ि हदमा? िर क ा जाए तो ढऩोयिॊखखमो को ी अफ तक ऩयसकत ोन का िौबागम परापत आ । अगय न ीॊ तो परभरॊद, ननयारा, िरि भहटमानी, भककतफोध आहद जि िमराट रखकोकषवमो को कमो दयककनाय यखा गमा? दयककनाय तो ऩयवीन जिी अनिािनफि रखखका औय िभाजिवी बी य ी औय ऩयािय जिा अिाधायण कषव बी। कायण फि इनकी ऩषटठ-बसभमाॊ य ीॊ। िर भ भ बी तो म ी जानता य ा कक यभोरा उपच ऩयवीन ियाफ ऩय जीती , भदचखोय , भॉ पट , .......औय हदरपयफ रखखकाओॊ की तय नायी-षवभिच को कनदर भ यखत ए ऩयािय जी ि क ानी सरखवाती औय छऩवाती , िो रराच भ । ऩय न ीॊ। िफ अपवा , िफ घारभर की याजनीनत। जजि तय एक जनवादी रखक को परगनतिीर रखक िॊध वार पतवा जायी कयत कक उनद म ऩयसकाय न ीॊ हदमा जाना राह ए औय एक परगनतिीर रखक को जनवादी रखक िॊघ वार म घोषषत कयत कक व तो िाह तम थोड ी सरखता फसरक करया पराता । ... औय इन दोनो ि इतय य न वार ऩय तो परशन ी न ीॊ उठामा जाता। कमोकक दोनो रखक िॊघो का अऩना िाह नतमक ठका जो । इनका अऩना रोकतॊतर ररता । व बी ठीक इिी तय जि अऩन दि भ रोकतॊतर परता-परता औय याजतॊतर ररता । तो िावधान ! कोइच बी रखक भत फनना। ऩयवीन भत फनना। ऩयािय भत फनना। ऩय रोकतॊतर ऩय धमान अवशम दना कमोकक िचरा रखक ी रोकतॊतर का िचरा र या जो ोता ।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 14

बायतीम िॊषवधान क अनचछद 343 ि 351 तक याजबाषा नीनत एवॊ ननमभो की जानकायी दी गइच । उऩयाकत अनचछद क अॊतगचत ननमनसरखखत आदि :-

बायतीम िॊषवधान क अनचछद 343, याजबाषा अधधननमभ 1963 (मथा िॊिोधधत 1967) तथा उिक अनिाय फनाए गए याजबाषा ननमभ, 1976 एवॊ िभम-िभम ऩय जायी ियकायी आदिो क अनिाय याजबाषा ह नददी को ियकायी काभ काज भ अॊगरजी का सथान रना ।

उऩयोकत क अनिाय ह नददी का कामचिाधक जञान यखन वार कभचरारयमो को कवर हदन-परनतहदन क ियकायी काभकाज भ परमकत काभकाजी ह नददी का अभमाि कयवाना ी परभख उíशम ।

भारत का सॊववधान - भाग 5 (120)ए भाग 6 (210) और भाग 17 क अनसार अनचछद 348 क उऩफॊधो क अधीन य त ए िॊिद भ कामच ह नददी भ मा अॊगरजी भ ककमा जाएगा। ऩयनदत मथासिथनत याजमिबा का िबाऩनत मा रोकिबा का अधमि अथवा ऐि रऩ भ कामच कयन वारा वमककत ककिी िदसम को बी ह नददी मा अॊगरजी भ अऩनी ऩमाचपत असबवमककत न ीॊ कय िकता, अऩनी भातबाषा भ िदन को िॊफोधधत कयन की अनजञा द िकगा।

षवधानिबा का अधमि मा षवधान ऩरयषद का िबाऩनत अथवा ऐि रऩ भ कामच कयन वारा वमककत ककिी िदसम को, जो उऩमय कत बाषाओॊ भ ि ककिी भ अऩनी ऩमाचपत असबवमककत न ीॊ कय िकता, अऩनी भातबाषा भ िदन को िॊफोधधत कयन की अनजञा द िकगा। ककनदत म अनचछद जमभ-कशभीय ऩय राग न ीॊ ।

अनचछद 343 क अनिाय िॊघ की याजबाषा ह नददी औय सरषऩ दवनागयी ोगी। िॊघ क याजकीम परमोजनो क सरए परमोग ोन वार अॊको का रऩ बायतीम अॊको का अनरतयारीम रऩ ोगा।

अनचछद 344 क अनिाय याषटरऩनत दवाया तीि िदसमो की एक िसभनत गहठत की जाएगी जजिभ 20 रोकिबा क िदसम एवॊ 10 याजमिबा क िदसम ोग जो कक करभि: रोकिबा एवॊ याजमिबा क िदसमो दवाया अनऩाती परनतननधधतव ऩिनत क अनिाय एकर िॊकरभणीम भत दवाया ननवाचधरत ोग।

इि अनचछद क अॊतगचत बाषाओॊ की अषटटभ अनिरी दी गइच जो ननमनसरखखत :-

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 15

1. अिसभमा 2. उड डमा 3. उदय 4. कनदनड 5. कशभीयी 6. गजयाती 7. तसभर 8. तरग 9. ऩॊजाफी 10. फॊगरा 11. भयाठी 12. भरमारभ 13. िॊसकत 14. सिनदधी 15. ह नददी 16. नऩारी 17. कोकणी 18. भखणऩयी 19. भधथरी 20. िॊथारी 21. डोगयी 22. फोडो अनचछद 345ए 346 एवॊ 347 क उऩफनदधो क अधीन य त ए याजम का षवधान भणडर षवधध दवाया उि याजम क याजकीम परमोजनो भ ि िफ मा ककिी क सरए परमोग क अथच उि याजम भ परमकत ोन वारी बाषाओॊ भ ि ककिी एक मा अनक को मा ह नददी को अॊगीकाय कय िकगा, ऩयनदत जफ तक याजम का षवधान भणडर षवधध दवाया इिि अनदमथा उऩफनदध न कय तफ तक उि याजम क बीतय याजकीम परमोजनो क सरए अॊगरजी बाषा परमोग की जाती य गी।

अनचछद 348 उचरतभ नदमामारम एवॊ उचर नदमामारम की कामचवाह मो क सरए ।

अनचछद 349 क अनिाय िॊषवधान क परायॊब ोन क ऩनदर वषो की कारावधध तक परमोग की जान वारी बाषा क सरए उऩफनदध कयन वारा कोइच षवधमक मा िॊिोधन िॊिद क ककिी िदन भ याषटरऩनत की ऩवच भॊजयी क तरफना ऩन:सथाषऩत मा परसताषवत न ीॊ ककमा जाएगा।

अनचछद 351 क त त ह नददी बाषा का परमोग-परिाय फढाना एवॊ षवकाि कयना ताकक व बायत की िाभासिक िॊसकनत क िफ ततवो की असबवमककत का भाधमभ ो िक तथा उिकी आतभीमता भ सतिऩ ककम तरफना ह नददसतानी औय अषटटभ अनिरी भ उसररखखत अनदम बायतीम बाषाओॊ क िाथ जिी औय ऩदावरी को आतभिात कयत ए तथा ज ाॉ तक आवशमक मा वाॊछनीम ो व ाॉ उिक िबद-बॊडाय क सरए परसतत िॊसकत तथा गखणत अनदम बाषाओॊ ि िबद गर ण कयत ए उिकी िभषि िननसिरत कयना िॊघ का कतचवम ोगा।

1963 का अधधननयम सॊखया 19 (10 मइप 1963 को जारी)

इि याजबाषा अधधननमभ 1963 क ा जाता । जजि 1965 क 26व हदन राग ककमा गमा।

इि ननमभ क त त धाया 33 का अनऩारन िननसिरत ककमा जाता । इि ननमभ क अॊतगचत आन वार ननमनसरखखत कागजात अननवामच रऩ ि दषवबाषी रऩ भ ी जायी ककम जान ।

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काननी दसतावज / Legal Documents

1 िाभानदम आदि, ऩरयऩतर, कामाचरम आदि आहद

(General Orders, Circulars, Office Orders etc.)

7 ननषवदा-परारऩ (Forms of Tender)

2 िॊकलऩ (Resolution) 8 िॊषवदाएॉ (Contracts)

3 ननमभ (Rules) 9 कयाय(Agreements)

4 ऩयि षवजञषऩतमाॉ (Press Communiques) 10 राइिि(Licences)

5 परिािननक मा अनदम रयऩोटच (Administrative or

Other Reports) 11 ऩयसभट (Permits)

6 िरनाएॉ (Notices) 12 अधधिरनाएॉ (Notifications)

13 िॊिद भ परसतनत त परिािननक औय अनदम रयऩोटच (Adminidtrative and other to be laid in

Parliament) 14 िॊिद भ परसतनत त िािकीम कागजात (Official papers to be laid in Parliament)

भ तवऩणच:- भौजदा कानन क भतातरफक, कोइच बी अधधकायी उकत दसतावज कवर एक बाषा भ जायी कयन क सरए पराधधकत न ीॊ । बायत क याषटरऩनत बी उकत पररख एक बाषा भ ननषटऩाहदतजायी कयन की अनभनत कनदर ियकाय क ककिी अधधकायी को न ीॊ द िकत।

Important: Under the existing law,no railway officer is authorised to execute/issue any of the above documents unilingually.Even the President of India can’t permit any Central Government Officer to execute/ issue above documents in one language.

िॊदबच :- याजबाषा अधधननमभ,1963 मथा, िॊिोधधत 1967 की धाया 33 एवॊ 4.4 तथा याजबाषा; िॊघ क िािकीम परमोजनो क सरए परमोगि ननमभ,1967 मथा िॊिोधधत, 1987 का ननमभ - 6

Refrence:Section 3.3 and 4.4 of the Official Languages Act, 1963,as amended in 1967 and Rules6 of the Official Language (use For Official purpose of the Union) Rules.1976,as amended in 1987

1950 भ राग बायतीम िॊषवधान क अनचछद 343 (1) क अनिाय दवनागयी भ सरखखत ''ह नददी'' िॊघ की याजबाषा रककन अनचछद 343 (2) क अनिाय म वमवसथा दी गइच कक िॊषवधान क राग ोन क िभम ि 15 वषच की अवधध तक अथाचत िन 1965 तक िॊघ क िबी ियकायी कामो क सरए ऩ र की बाॊनत अॊगरजी बाषा का परमोग ोता य गा। म वमवसथा इिसरए की गइच थी कक इि फीर ह नददी न जानन वार ह नददी िीख जामग औय ह नददी बाषा को

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परिािननक कामो क सरए िबी परकाय ि ििभ फनामा जा िकगा। उऩमय कत 15 वषो की अवधध भ बी अथाचत 1965 क ऩ र बी याषटरऩनत आदि दवाया ककिी काभ क सरए अॊगरजी क अरावा ह नददी क परमोग की अनभनत द िकत । अनचछद 343 (3) भ िॊिद को म अधधकाय हदमा गमा कक व 1965 क फाद बी ियकायी काभकाज भ अॊगरजी का परमोग जायी यखन क फाय भ वमवसथा कय िकती । अनचछद 344 भ म क ा गमा कक िॊषवधान परायॊब ोन क 5 वषो क फाद औय कपय उिक 10 वषच फाद याषटरऩनत एक आमोग फनाएॊग जो अनदम फातो क िाथ-िाथ िॊघ क ियकायी काभकाज भ ह नददी बाषा क उततयोततय परमोग क फाय भ औय िॊघ क याजकीम परमोजनो भ ि िफ मा ककिी क सरए अॊगरजी बाषा क परमोग ऩय योक रगाए जान क फाय भ याषटरऩनत को सिपारयि कयगा। अनचछद क खणड 4 क अनिाय 30 िॊिद िदसमो की एक िसभनत क गठन की बी वमवसथा की गइच।

1950 म हहनदी को सॊघ की राजभाषा घोवषत ककया गया।

1955 भ िॊषवधान की धाया 344 क अनिाय एक याजबाषा आमोग फनामा गमा जजिन अऩनी रयऩोटच 1956 भ परसतत की। उऩयोकत रयऩोटच ऩय षवराय कयन क सरए 1957 भ एक िॊिदीम िसभनत फनाइच गइच। दोनो की याम म थी की 1965 क फाद बी अॊगरजी का परमोग ररत य ना राह ए।

धारा 3 (4) क अनिाय अधधननमभ क ननमभ फनात िभम म िननसिरत कय रना ोगा कक महद कनदरीम ियकाय का कोइच कभचरायी ह नददी मा अॊगरजी भ ि ककिी एक ी बाषा भ परवीण ो तो व अऩना ियकाय काभकाज उिी बाषा भ कय िकता औय कवर इि आधाय ऩय कक व दोनो बाषाओॊ भ परवीण न ीॊ , उिका कोइच अह त न ीॊ ोना राह ए।

अधधननमभ की धाया 3(5) भ म उऩफनदध ककमा गमा कक उऩमय कत षवसबनदन कामो क सरए अॊगरजी का परमोग जायी यखन िॊफॊधी वमवसथा तफ तक जायी य गी जफ तक ह नददी को याजबाषा क रऩ भ न अऩनान वार िबी याजमो क षवधान भॊडर अॊगरजी क परमोग को खतभ कयन क सरए आवशमक िॊकलऩ ऩारयत न कय औय इन िॊकलऩो ऩय षवराय कयन क फाद िॊिद का परतमक िदन बी इिी आिम का िॊकलऩ ऩारयत न कय द।

अधधननमभ की धाया 7 क अनिाय ककिी याजम का याजमऩार याषटरऩनत की ऩवच ि भनत ि उि याजम क उचर नदमामारम दवाया हदए अथवा ऩारयत ककिी ननणचम, डडकरी अथवा आदि क सरए अॊगरजी बाषा क अरावा, ह नददी अथवा याजम की याजबाषा का परमोग पराधधकत कय िकता ।

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तथाषऩ, महद कोइच ननणचम, डडकरी मा आदि अॊगरजी ि सबनदन ककिी बी बाषा भ हदमा मा ऩारयत ककमा जाता तो उिक िाथ-िाथ िॊफॊधधत उचर नदमामारम क पराधधकाय ि अॊगरजी बाषा भ उिका अनवाद बी हदमा जामगा। अफ तक उततय परदि, भधम परदि, याजसथान

औय तरफ ाय क याजमऩारो न अऩन उचर नदमामारमोॊ भ उऩमय कत उíशमो क सरए याषटरऩनत ि ह नददी क परमोग की अनभनत री ।

राजभाषा ननयम - 1976

इि ननमभ क अॊतगचत कनदर ियकाय क कामाचरमो ि ''क'' ितर क ककिी याजमिॊघ याजम ितर (उततय परदि, भधम परदि, याजसथान, रयमाणा, ह भारर परदि, झायखणड, उततयाॊरर औय अॊडभान ननकोफाय दवीऩ िभ ) को मा ऐि याजमो भ सिथत ककिी अनदम कामाचरम मा वमककत को बज जान वार ऩतर आहद ह नददी भ बज जामग। महद ककिी खाि भाभर भ ऐिा कोइच ऩतर अॊगरजी भ बजा जाता तो उिका ह नददी अनवाद बी िाथ बजा जाएगा।

कनदर ियकाय क कामाचरमो ि ''ख'' ितर क ककिी याजम मा िॊघ याजम ितर (ऩॊजाफ, गजयात औय भ ायाषटर तथा रॊडीगढ िॊघ याजम ितर) क परिािनो को बज जान वार ऩतर आहद िाभानदमत: ह नददी भ बज जाऐॊग। महद ऐिा कोइच ऩतर अॊगरजी भ बजा जाता तो उिका ह नददी अनवाद बी िाथ बजा जाएगा। इन याजमो भ य न वार ककिी वमककत को बज जान वार ऩतराहद ह नददी मा अॊगरजी ककिी बी बाषा भ ो िकत ।

कनदरीम ियकाय क कामाचरमो भ ''ग'' ितर क ककिी याजम मा िॊघ याजम ितर (''क'' औय ''ख'' ितर भ िासभर न ोन वार िबी याजम औय िॊघ याजम ितर) क ककिी कामाचरम मा वमककत को ऩतराहद अॊगरजी भ बज जाऐॊग। महद कोइच ऩतर ह नददी भ बजा जाता तो उिका अॊगरजी अनवाद िाथ बजा जाएगा।

ह नददी भ परापत ऩतराहद क उततय अननवामच रऩ ि ह नददी भ ी हदए जाएॊग। ह नददी भ सरख मा ह नददी भ सतािय ककए गए आवदनो मा असबवदनो क उततय बी ह नददी भ हदए जामग। जजन कामाचरमो क 80 परनतित मा उिि अधधक कभचरारयमो को ह नददी का कामचिाधक जञान उनह ननयम 10 (4) क अॊतगपत अधधसधरत ककया जायगा।

नोट : जजि कभचरायी न िवा भ आन क ऩ र भहियक मा उिक फयाफय मा उिि उचर ऩयीिा, ककिी फोडच, षवशवषवधारम मा पराइवट िॊसथा ि, ह नददी ऐधरछक, ननमसभत अनतरयकत मा वकसरऩक षवषम क रऩ भ, मा भाधमभ क रऩ भ रकय, 60: अॊको ि ऩाि की ो, अथवा

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जजि कभचरायी की भातबाषा ह नददी तथा जो ह नददी भ अऩन षवरायो को ठीक परकाय ि असबवमकत कय िकता , अथवा जजि ह नददी क िवा-कारीन परसििण ि छट सभरी इच , उि पराजञ ऩयीिा ऩाि कयन ऩय वमककतक वतन ऩान का अधधकायी न ीॊ िभझा जाएगा।

परबोध ऩरीा: वमककतक वतन कवर उनद ीॊ अयाजऩतरतरत ियकायी कभचरारयमो को हदमा जाएगा, जजनक सरए परफोध ऩाठÓकरभ अॊनतभ ऩाठÓकरभ क रऩ भ ननधाचरयत ककमा गमा , औय जो इि ऩयीिा को 55: अॊक मा इिि अधधक अॊक रकय ऩाि कयत ।

परवीण ऩरीा: वमककतक वतन कवर उनद ीॊ ियकायी कभचरारयमो को हदमा जाएगा, जजनक सरए परवीण अॊनतभ ऩाठÓकरभ क रऩ भ ननधाचरयत ककमा गमा । अयाजऩतरतरत कभचरारयमो को 55: अॊक परापत कयन ऩय। याजऩतरतरत कभचरारयमो को 60: अॊक परापत कयन ऩय।

पराऻ ऩरीा - वमककत वतन कवर उनद ीॊ ियकायी कभचरारयमो को हदमा जाएगा, जजनक सरए परफोध ऩाठÓकरभ, अननतभ ऩाठÓकरभ क रऩ भ ननधाचरयत ककमा गमा ।

हहनदी की ववसभनन ऩरीाएॉ ऩास करन ऩर ननमनानसार ऩरसकार हदय जायग :-

परवीण - 56% to 59% Rs. 600/- परवीण - 60% to 69% Rs. 1200/- परवीण - 70% & above Rs. 1800/- पराजञ - 56% to 59% Rs. 800/- पराजञ - 60% to 69% Rs. 1600/- पराजञ - 70% & above Rs. 2400/-

बायत ियकाय क अधीन ग भॊतरारम दवाया याजबाषा ह नददी क परराय-परिाय त परनतवषच हदिा-ननदि जायी ककम जात । जजिक अनिाय कनदर ियकाय क िबी भॊतरारमो, उऩकरभो, ननगभो आहद भ आगाभी वषच क सरए ग भॊतरारम दवाया याजबाषा क परराय-परिाय का रकषम ननधाचरयत ककमा जाता ।

इिक अरावा कनदर ियकाय क कभचरारयमो क फीर याजबाषा का परराय-परिाय फढान एवॊ उनद ह नददी भ कामच कयन क सरए परोतिाह त कयन क सरए षवसबनदन सतय ऩय याजबाषा षवबाग दवाया कइच िाॊसकनतक कामचकरभ एवॊ परनतमोधगताएॉ आमोजजत कयन का बी ननदि जायी ककमा गमा । इिक अॊतगचत हटपऩण एवॊ परारऩ रखन परनतमोधगता, ननफनदध परनतमोधगता एवॊ वाक परनतमोधगताएॉ आमोजजत की जाती ।

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मोग िाधना िकषभ वमामाभ, पराणामाभ एवॊ आिनो का िसभभशरण । म ाॉ भ सिपच परणामाभ क फाय भ िॊकषिपत षववयण परसतत कय य ा ॉ।

Sequential operation of “Pranayam.”

1. भवषतरका परणायाम :- भधमभ गनत ि रॊफी अवधध तक दोनो नाको ि िाॊि रना औय कपय दोनो नाक ि िाॊि छोडना। अऩन धमान को भराधाय रकर मानन यीढ की डडी क आखखयी तरफनदद ऩय कननरत यखना । (िभम अवधध 5 सभनट)

2. कऩाऱभाॊनत :- इि पराणामाभ भ भखणऩय रकर मानन नासब ऩय यखना औय एक िकणड भ एक फाय क ह िाफ ि एक झटक ि सिपच िाॊि को छोडना । िाॊि रन की कोइच आवशमकता न ीॊ । इचशवय न भाय ियीय की िॊयरना ऐिी की कक जरयत की िाॊि सवत: बीतय ररी जाती । भन भ ओभ एक, ओभ दो, ओभ तीन, ....... जऩत य ना औय िाॊि को छोडत य ना । ऩट को अॊदय खीॊरन की जरयत न ीॊ , ऩट सवत: अॊदय ररा जाता । (िभम अवधध - 10 ि 15 सभनट )

3. बाहय पराणायाम :- भर फॊद, उददीम फॊद, जरॊधय फॊद मानन तरतरफॊध क िभम इि पराणामाभ को तीन फाय कयना । िाॊि को दोनो नाक ि खीॊरकय उि छोडना । िाॊि को योककय यखना औय ऩट को अॊदय की तयप अऩनी िभतानिाय खीॊर रना तथा गयदन को झका रना । अऩनी िभतानिाय िाॊि योककय फठना कपय जफ ऐिा रग कक अफ िाॊि छोडना तो िाॊि छोड दना औय दो ि तीन फाय िाभानदम रऩ ि िाॊि छोडना औय रना ।

ऩन: इि परककरमा को दो याना ।

तीन फाय इि परककरमा को कयना ।

4. अधगनसार :- तरफलकर फा म पराणामाभ की तय दोनो नाक ि िाॊि रकय इि छोड दना कपय न तो िाॊि रनी , न ी छोडना । िाॊि योककय अऩनी िभतानिाय ऩट को रायो हदिाओॊ भ घभाना ।

इि ककरमा को दो फाय कयना ।

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5. उजजायी :- गर को िखत यखत ए नाक ि अऩनी िभतानिाय िाॊि खीॊरना औय गर को झकाकय िाॊि योककय फठना । कछ दय फाद गयदन उठाकय दामीॊ नाक को फॊदकय फामीॊ नाक ि िाॊि छोड दना ।

इि ककरमा को दो फाय कयना थामयामड ि फरन का म याभफाण ।

6. अनऱोम-ववऱोम :- दामीॊ नाक फॊदकय फामीॊ नाक ि िाॊि रना औय कपय फामीॊ नाक फॊदकय दामीॊ नाक ि िाॊि छोडना। जजि नाक ि िाॊि छोडत उिी ि रना । इिी फात को माद यखना । इि ककरमा को 10 ि 15 सभनट परनतहदन कयना ।

अॊगसरमो ि आॉखो को फॊद कय रना तथा अॊगठ ि दोनो कानो को फॊद कय नाक ि िाॊि खीॊरना औय नाक ि ी ओभ का नाद कयत ए िाॊि को छोडना । इि ककरमा को ऩाॊर फाय कयना ।

7. उदगीथ :- इि ककरमा भ दोनो नाक ि िाॊि खीॊरकय, भॉ ि ओभ का नाद कयत ए िाॊि को छोडना । इि ककरमा को बी ऩाॊर फाय कयना ।

8. धयान:-इिक फाद कछ दय तक धमान भ फठना तथा धीभी गनत ि िाॊि रना औय छोडना । कयीफ दो सभनट फाद, दोनो ाथो की थसरमो को ऊऩय उठाकय आऩि भ यगडना जफ तक थसरमाॊ गयभ न ो जाॊम । इिक फाद इन गयभ थसरमो को अऩनी फॊद आॉखो की ऩरको ऩय यखकय , आॉखो को खोर दना ।

सतीश कमार (योग सशक) वरयषटठ भॊडर िॊयिा अधधकायी,

खडगऩय भॊडर, द.ऩ.यरव, (भोफाइर - 09002085670)

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1. हहनदी कायपशाऱाओॊ एवॊ तकनीकी सॊगोवषठयो का आयोजन: वाषषचक कामचकरभ 2012 क अनिाय दो कामचिाराएॊ आमोजजत कयन का ननदि था जो करभि: भारच 2012 नतभा ी तथा सितॊफय 2012 नतभा ी भ िॊऩनदन की गइ जजनभ कर 25 यरकसभचमो को ह नददी भ कामच कयन क सरए परसिकषित ककमा गमा। इिी तय उतऩादन कभचिारा एवॊ िवायी डडबफा कभचिारा, खडगऩय कायखाना दवाया ह नददी तकनीकी िॊगोषटठी का आमोजन बी ककमा गमा।

2. हहनदी भाषा परसशण: ितर जनवयी-भइच, 2012 क दौयान ह नददी परसििण मोजना क त त 5 कभचरारयमो न पराजञ की ऩयीिा भ िपरता परापत कीॊ। जञात ो कक कर 2068 परसििण मोगम कभचरारयमो भ ि 1947 कभचरारयमो न ह ॊदी बाषा परसििण परापत कय रक औय 121 कभचरारयमो को ह ॊदी बाषा परसििण हदमा जाना िष ।

3. वबसाइट का दववभाषीकरण: खडगऩय कायखाना का वफिाइट का दषवबाषीकयण मननकोड िभधथचत पोट का उऩमोग ऩणचत: ऩया कय सरमा गमा । वफिाइट का ऩता www.kharagpurworkshop.org ऩय जाकय Hindi Version ऩय ककरक कय इि दखा जा िकता ।

4. राजभाषा ऩखवाडा-2012: खडगऩय कायखाना, दकषिण ऩवच यरव न याजबाषा ऩखवाडा-2012 हदनाॊक 14.09.2012 ि 28.09.2012 क दौयान भनामा। ऩखवाड क अॊतगचत ह ॊदी भ षवषवध परकाय की परनतमोधगताएॊ इि परकाय आमोजजत की गइ:-

(क) हहॊदी ननबॊध परनतयोधगता: हदनाॊक 19.09.2012 को याषटरीम याजनीनत - बत, वतचभान औय बषवषटम अथवा ह ॊदी क षवकाि भ कॊ पमटय औय इॊटयनट की बसभका षवषम ऩय ह ॊदी ननफॊध परनतमोधगता का आमोजन ककमा गमा।

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(ख) हहॊदी वाक परनतयोधगता: हदनाॊक 20.09.2012 को गयीफी औय ऩतन भ भरषटटाराय का दतम षवषम ऩय ह ॊदी वाक परनतमोधगता का आमोजन ककमा गमा ।

(ग) हहॊदी हटपऩण एवॊ परारऩ ऱखन परनतयोधगता: हदनाॊक 25.09.2012 को ह ॊदी हटपऩण एवॊ परारऩ रखन परनतमोधगता का आमोजन ककमा गमा।

(घ) हहॊदी ककवज परनतयोधगता: हदनाॊक 22.09.2012 को ह ॊदी ककवज परनतमोधगता का आमोजन ककमा गमा।

(र) राजभाषा परदशपनी का आयोजन: हदनाॊक 27.09.2012 को याजबाषा परदिचनी का आमोजन ऩमचविक परसििण कनदर, खडगऩय क परिाग भ ककमा गमा। खडगऩय कायखान क षवसबनदन षवबागो क दवाया याजबाषा परदिचनी रगाइच गइच। कायखान क भारडडबफा कभचिारा, यिामनी एवॊ धातषवद षवबाग तथा भखम कामच परफॊधक कामाचरम को याजबाषा परदिचनी रगाए जान क सरए शरी िीतायात सिॊक, भखम कामच परयफॊधक क कय कभरो ि करभि: परथभ, दषवतीम एवॊ ततीम ऩयसकाय त नकद यासि परदान की गइच।

(छ) राजभाषा ऩखवाडा समाऩन समारोह: इिी तय हदनाॊक 27 सितमफय को ी याजबाषा ऩखवाडा क िभाऩन िभायो क अविय ऩय ऩमचविक परसििण कनदर, खडगऩय क परिाग भ शरी िीतायाभ सिॊक, भखम कामच परफॊधक की अधमिता भ िाॊसकनतक कामचकरभ क त त नतम, गीत, िॊगीत, कावम ऩाठ आहद का आमोजन ककमा गमा। इि िभायो की षविष उऩरतरफध य ी वरयषटठ कषवमो की कषवताओॊ का ऩाठ औय गामन। कायखान क ी कराधभी कभचरारयमो इि भतच रऩ हदमा।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 24

कामचकरभ की िभाषऩत ऩय ज ाॉ शरी िीतायाभ सिॊक, भखम कामच परफॊधक, न करडय वषच क दौयान कायखान भ याजबाषा क परराय-परिाय एवॊ परमोग-परिाय की हदिा भ ककए गए कामो का उलरख ककमा व ीॊ डा0 यावत न ह ॊदी अनवादकोि ामको ऩय ियकायी तॊतर की ननबचयता को ासमासऩद फतामा औय क ा कक भौसरक रऩ ि ह ॊदी भ काभकाज कयन की जरयत । उि भर काम भ बर िधाय क सरए याजबाषा षवबाग का ि मोग सरमा जाना राह ए।

अॊत भ ह ॊदी की षवषवध परनतमोधगताओॊ भ परथभ, दषवतीम, ततीम एवॊ िाॊतवना सथान परापत कयन वार कभचरारयमो को शरी फी0 परबाकय, उऩ भखम माॊतरतरक इॊजीननमय(उतऩादन), शरी क0ऩी0अधधकायी, उऩ भखम याजबाषा अधधकायी एवॊ डा0 याजीव कभाय यावत क कय कभरो ि नकद ऩयसकाय क िाथ परभाणऩतर परदान ककए गए। की गइच। भॊर िॊरारन शरी तायकशवय िभाच षवकाि औय धनदमवाद जञाऩन शरी ओभपरकाि ऩाणडम, ि ामक तरफजरी इॊजीननमय न ककमा।

5. राजभाषा ऩसतकाऱय हत नइप ऩसतको की खरीद: जिा कक ननयारा कनदरीम याजबाषा ऩसतकारम, याजबाषा अनबाग, खडगऩय कायखाना भ रगबग 3000 ऩसतक । अधधकारयमो एवॊ कभचरारयमो क आगर ऩय इि ऩसतकारम त नइच ऩसतको की खयीद की गइ। म ऩसतक : ननयारा यरनावरी (आठ खॊडो भ), उवचिी व यसिभयधथ-याभधायी सिॊ हदनकय , जमिॊकय परिाद की शरषटठ क ाननमाॉ, िॊसकनत क राय अधमाम, ननफॊधो की दननमा-ननयार, भयी षपरम क ाननमाॉ-अजञम, अवाया भिी ा-षवषटण परबाकय, भानि का ॊि-अभतरार नागय, अभमदम दो खॊडो भ-नयनदर को री, बायतीम दिचन दो खॊडो भ-डा0 याधाकषटणन,िॊरनमता-भ ादवी वभाच आहद।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 25

दषटमॊत कभाय की गजर क ाॉ तो तम था रयागाॊ य एक घय क सरए, क ाॉ रयाग भमसिय न ीॊ ि य क सरए।

म ाॉ दयखतो क िाम भ धऩ रगती , ररो म ाॉ ि रर औय उमर बय क सरए।

न ो कभीज तो घटनो ि ऩट ढक रग, म रोग ककतन भनासिफ इि िपय क सरए।

ख दा न ि ी आदभी का खवाफ ि ी, कोइच िीन नजाया तो नजय क सरए।

वो भतभइन कक ऩतथय षऩघर न ीॊ िकता, भ फकयाय ॉ आवाज भ अिय क सरए।

जजम तो अऩन फगीर भ गरभो य क तर, भय तो गय की गसरमो भ गरभो य क सरए।

नय भ मभद नय की तीन गजर ।।एक।। तया योना बी कमा योना पकीय, िकन हदर बी कमा खोना पकीय।

पकीयो की तय किा म जीना, तया ोना बी कमा ोना पकीय।

त अऩन आऩ भ षवशवाि तो बय, तया जाॊगय ी , िोना पकीय।

इि िाकाय त अफ, कफ कयगा, पकत िऩना ी कमा ढोना पकीय।

अगय फोना तो कपय आग फो द, म कमा यदभ धआॊ फोना पकीय।

अॊधयो क अॊधय ि ननकर जा, तझ अफ नय भ ोना पकीय।

।।दो।। बख क औय पमाि क भॊजय, भॊ क फर षवकाि क भॊजय। धॊध ी धॊध ननगा ो भ, दय रगत , ऩाि क भॊजय। ऩय न तन ऩ इि तय ि कछ, उरयमाॊ-उरयमाॊ सरफाि क भॊजय। िीयनी गभ इच जफानो की, कडव-कडव सभठाि क भॊजय। िाॊऩ, िॊघ ए ि रगत , नय ोिो वाि क भॊजय।

।।तीन।। ो य ा समा आिभाॊ दखो, य तयप उठ य ा धआॊ दखो। भ ी खतो भ औय िडको ऩय, भय य ा ॉ म ाॉ-व ाॉ दखो। भझको जो दखना दखॊगा, आऩ गजरो भ क किाॊ दखो। भयी बाषा भ तषऩि अफ बी, आऩ अऩनी जया जफाॊ दखो। राय ि फघयी क भॊजय , रो म खारी ऩड भकाॊ दखो।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 26

कषवता ज जनददगी ......

सशव शॊकर दास, वररषठ सकशन इॊजीननयर, तरब.र.सटा.-आ.म. ज जनददगी का िायाॊि कमा ककि जञात ककि ऩडाव ऩय कफ उतय आए यात ोठो ऩय आत-आत थभ जाए कपय फात िफ इिि अॊजान ररती-कपयती कामा िॊग अकीणच भामा जार जनदभ ि भतम तक जीवन का अनत भरभ जार खोन-ऩान क आऩाधाऩी भ सिधथर âदम औय उरझी ऩथ मातरा ज जनददगी की िौगात परबावी रॊद रम कछ टटत रयशत थकी इच िी िाॊि ज य फझ मादो क तीय औय कछ ना कय ऩान की फफिी ..... 00000

भ र सिॊ िखावत उतिा ी की दो कषवताएॊ ।।एक।। ननकरी रह मा दि जाय क गफन क भाभर भ दि कयोड खरच कयन क फाद - दि वषो क उऩयाॊत जाॊर कभटी रयऩोटच कयाइच भ मा - ननषटकषच ननकरा - खोदा ऩ ाड ननकरी रह मा। ।।दो।। बाऱ कववता आग फढग अचछ-अचछ काभ कयग जीवन को िपर फनाना , िचर ऩथ ऩय िदा रर भ जीवन भ नाभ कभाना । ऩर-ऩर का उऩमोग कय भ एक ऩर बी ना गॊवाना , फया ककिी का न ीॊ कय भ िफको म ऩाठ ऩढाना । कय ऩरयशरभ कहठन िदा भ अऩनी भॊजजर को ऩाना , ऩीछ कबी न भड कय दख आग ी फढ त जाना ।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 27

रघकथाएॊ िचराइच - महदर ससॊह शखावत उतसाही

आज कपय िभाच को पोन रगामा तो व फोरा - बाइच, आज तो भ जमऩय ि फा य ॉ। कर तक आना ोगा ! कपय आऩका काभ कय दॉगा।

भन ऩछा - आऩ क ाॉ ऩय ो िभाच जी।

व फोर - अबी फतामा ना ! जमऩय ि फा य ॉ।

भन कपय ऩछा - जमऩय ि फा य क ाॉ ऩय?

उनक भॉ ि ननकर गमा - हदलरी भ।

- ठीक तो भ आऩक आकपि भ आमा आ था, इिसरए क हटन भ राम ऩीकय जाऊॉ गा। कपय ऩयिो ी आऊॉ गा। - भन क ा।

म िनत ी व झट ि फोर - अय, क हटन भ भत आना। आज तो क हटन फॊद ।

-न ीॊ-न ीॊ आज तो क टीन खरी इच , भ तो क टीन ि फोर य ा ॉ।-क त ए भन पोन काट हदमा।

अफ िभाच जी को दखो तो जि काटो तो खन न ीॊ। व झट ि इधय उधय दखन रग। भ उनक फगर भ ी खडा ोकय पोन कय य ा था। व अऩन एक सभतर क िाथ आकपि की क टीन भ फठकय राम ऩी य

थ। भझ दखत ी िभच ि ऩानी-ऩानी ो गम।

अगर ी ऩर भय भॉ ि ननकरा गमा - कोइच फात न ीॊ, भ बी हदलरी ि ी फोर य ा था... !

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व तो अभय -तारकशवर शमाप ववकास

जाह यातौय ऩय व अऩन नाभ क आग न तो कबी डा0 सरखा औय न ी खमातरबध रखक भोती फी.ए. की तय परबाष एभ.ए.। औय तो औय व न तो ऩदनाभधनदम था औय न पररि, जरि अथवा इिी परकाय क ककिी औय रखक िॊघ का िदसम य ा कक उिकी वा वा ी भ ककिी रि का िदसमरखककषवआरोरक उिकी ह भाकत कय। कपय बी व भिा अऩनी रखनी िाह तम औय ऩतरकारयता क ितर भ कोया कागद ऩय त ननफाचध गनत भ ररामा कयता ताकक उतकषटटता क सिखय ऩय व बी हदख। उिक आरखो क पराम: य वाकम-षवनदमाि इतन ियर, ि ज औय आभ तथा खाि ऩाठको क सरए ज ाॉ षवरायोतजक व उततभोततभ ोत थ, व ीॊ गॊबीय बी। व उतकषटट सरखता था, परखय परवकता था औय ऩाठक उिकी दाद दत थ। म ी न ीॊ, व ककरकट का यसिमा था, िधरन तडरकय का

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 28

पन था, कभाय गॊधवच का दीवाना था, ...... औय गाॉधीजी का ऩयभ अनमामी था। खद ! व ऩाॉर अकतफय, िन दो जाय नौ की भधम यातरतर भ भ छोडकय िामद व ीॊ ररा गमा ज ाॉ भ िबी को एक हदन जाना ी ोगा। ऩॊरततव ि ननसभचत उिका ियीय ऩॊरततव भ षवरीन ो गमा।

रककन व भाय फीर न य त ए बी इतना ऩाि कक उिक ोन का ए िाि महद आऩ एक गॊबीय ऩाठक, रखक मा ऩतरकाय ो तो भिा कयत य ोग। दयअिर व तो सरखत-ऩढत ए इतना सवनाभधनदम ो रका था कक उि कार कमा (?), कार का फाऩ बी कछ न ीॊ तरफगाड ऩामा। कार तो अरॊसबत य ा कक उिक इतन

दीवान (?) याजनता, ऩतरकाय, िभाजिवी औय खरो ि जड इतन रोगो क अरावा फ त ि रोग। व बी इॊदौय क फडवा क ऩाि नभचदा तीय सिथत खडी घाट ऩय। िो आज बी व । रककन भातर िाह तमकायऩतरकाय परबाि न ीॊ फसरक बायतभाता का िऩत परबाष। परबाष जोिी। तो कमा आ (?) आज भाय फीर तो न ी ननयारा , न ी परभरॊद, .... औय न ी षवषटणयाव ऩयाडकय। रककन म िबी जजॊदा , नाभवय । तो ऩाठको, रखको, ..... व िोधाधथचमो ! उि िाह तम भ ढॉढ ना, ऩतरकारयता की ककताफो भ ढॉढना। व अभय । व परबाष बी था औय उचर कोहट का रखक ऩॊडडत जोिी बी।

कया आऩ जानत ह

भनषटम न धयती ऩय अनक िॊदय ऩरो का ननभाचण ककमा । िाथ ी िाथ परकनत न बी ऩरो का ननभाचण ककमा । परकनत दवाया ननसभचत म ऩर रीन भ सिॊककएॊग नाभक िाजन ऩय । इिकी ऊॉ राइच 312 भी. तथा इिका पराव 45 भी. ।

धयती ऩय ऊषटभीम परबाव क कायण कसिऩमन िागय भ जर का सतय ऊऩय ोना िर ो गमा । ऐिा बी ो िकता षवशव क भ ादवीऩो भ इि परबाव क कायण फाढ आ जाए।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 29

कषवताएॊ हषापनतरक तो होगा ही अनोखा िपय, ननसिरॊत िपय जी ाॉ, यर िपय ! इककीिवीॊ िदी का िफि िसता िपय तो दय ककि फात की ! िताबदी क िाथ-िाथ अफ जन िताबदी बी बायतीम परानदतो की याजधानी ि बायत की याजधानी तक का िपय याजधानी एकिपरि ि रगाताय, फायमफाय, वातानकसरत शरखणमो का र बयऩय भजा एक वाखणजजमक जीत अखॊड गणकायी, िवचदा राबकायी तो षाचनतयक ोगा ी ! इककीिवीॊ िदी - अथाचत कमपमटय मग तो भायी बायतीम यर ऩीछ कमो ? रीजजए, कमपमटय ि, भोफाइर ि,... फको क रनदन ि आयिण हटकट िमनमान शरणी का, वातानकसरत परथभ हटमय, दषवतीम-ततीम हटमय का हटकट औय घभन ननकर ऩड ऩटना ि हदलरी, रखनऊ ि ऩयी, सिभट गइच दयी

अफ किी भजफयी ? जया फताइए न ! रीजजए बयऩय आनॊद, ियकषित फ तय िपय का अनबव रा भडवायानी ऩ ाडी का िपय मा ऩॊजाफ क ऩमचटन सथर का अनबव। जाइए जनाफ ! ऩय ऩरयवाय क िाथ उततय ि दकषिण मा ऩयफ ि ऩसिरभ दखखए ! ऩय बायत को नहदमो, झीरो, ऩवचतो, िभरो, ...... औय ऐनत ासिक तीथच सथरो को ो जाएगा हदर फाग-फाग जजिि तन-भन आनॊहदत ोग ी षाचनतयक ोगा ी।

ववरार तरब ॊद ह ॊदी बाषा बायत की आधधकारयक बाषा । दवनागयी सरषऩ भ सरखी गइच िाह जतमक ह नददी भखमत िॊसकत बाषा ि परबाषवत । मदमषऩ बायत भ फ त िाय याषटरीम वमाऩाय अॊगरजी औय बायतीम िॊषवधान भ भानदमता परापत अनदम बाषाओॊ भ बी ककमा जाता , रककन दि क िफि फडी ह सि भ फोरी जान वारी बाषा ह ॊदी ी । म आशरमच की फात न ीॊ कक ह नददी बाषी िभदाम भॉयीिि, दकषिण अफरीका, फाॊगरादि, मभन, औय मगाॊडा भ बी ऩाए जात । िॊिाय की कोइच बी बाषा ऐिी न ीॊ , जो ियरता औय असबवमककत की िभता भ ह ॊदी की फयाफयी कय िक। इिकी सरखावट औय उचरायण भ आशरमचजनक अनरऩता । जजि कायण इिका सरखना औय ऩढना आिान ।

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खडगऩर कारखाना दऩपण | वषप : 1 अॊक : 1 | जनवरी - मारप, 2013 | 30