११व ाँ ववश्व ह िंदी सम्मेलन : आगे बढ़ते...

9
११व वव हदी समेलन : आगे बढ़ते कदम -- मॉरीशस से लौटकर अण अणणव खरे यारहवा वव हहदी समेलन भारत से बाहर भारत कहलाने वाले तथा हद महासागर के दिण पिम म थथत ववव के ेठतम दशनीय वीप म से एक मॉरीस म १८ से २० अगथत के मय आयोित कया गया | वश भारतीय धान मी अटल बबहारी बािपेई िके आकथमक ननधन के फलथवऱप प वश ननधाशररत अनेक कायशम म अनतम समय पर परवतशन ककए िने के बावि द समेलन अनेक अथ म महवप णश रहा | लगातार द सरी बार समेलन को भाषा पर क हित रखा गया | इस बार समेलन का म य ववषय "हहदी ववव और भारतीय सथक नत" था | समेलन म भाग लेने बीस से अधधक दे के दो हिार से भी यादा नतननधध मॉरीस पह िथे | आठ समानातर स म ववभत इस समेलन म वभभन ववषय पर साथशक ििई और थताव पारत ह | पहली बार नतभाधगय के भलए हदए गए वषय पर आलेख पाठन का दो-हदवसीय स भी रखा गया िसम प रे ववव से १५३ हहदी सेववय को ि ना गया था | झे भी इस स म "हदी कसाथक नतक ववरासत" पर आलेख वािन का अवसर ात ह | ौयोधगकी म

Upload: others

Post on 04-Jan-2020

35 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • ११व ाँ ववश्व ह िंदी सम्मेलन : आगे बढ़ते कदम

    -- मॉरीशस से लौटकर अरुण अणणव खरे –

    ग्यारहवााँ ववश्व हहन्दी सम्मेलन भारत से बाहर भारत कहलाने वाले तथा हहिंद महासागर के दक्षिण पश्श्िम में श्थथत ववश्व के शे्रष्ठतम दर्शनीय द्वीपों में से एक मॉरीर्स में १८ से २० अगथत के मध्य आयोश्ित ककया गया | पवूश भारतीय प्रधान मिंत्री अटल बबहारी बािपेई िी के आकश्थमक ननधन के फलथवरूप पवूश ननधाशररत अनेक कायशक्रमों में अिंनतम समय पर पररवतशन ककए िाने के बाविूद सम्मेलन अनेक अथों में महत्वपणूश रहा | लगातार दसूरी बार सम्मेलन को भाषा पर कें हित रखा गया | इस बार सम्मेलन का मखु्य ववषय "हहिंदी ववश्व और भारतीय सिंथकृनत" था | सम्मेलन में भाग लेने बीस से अधधक देर्ों के दो हिार से भी ज्यादा प्रनतननधध मॉरीर्स पहुाँि ेथे |

    आठ समानान्तर सत्रों में ववभक्त इस सम्मेलन में ववभभन्न ववषयों पर साथशक ििाश हुई और प्रथताव पाररत हुए | पहली बार प्रनतभाधगयों के भलए हदए गए ववषयों पर आलखे पाठन का दो-हदवसीय सत्र भी रखा गया श्िसमें परेू ववश्व से १५३ हहन्दी सेववयों को िनुा गया था | मझु े भी इस सत्र में "हहन्दी की सािंथकृनतक ववरासत" पर आलेख वािन का अवसर प्राप्त हुआ | प्रौद्योधगकी में

  • हहन्दी को भी इस बार सम्मेलन में प्रमखुता से थथान भमला तथा भववष्य की प्रौद्योधगकी पर सारगभभशत ववमर्श हुआ |ववश्व हहन्दी सम्मेलन का आयोिन थवामी वववेकानिंद अन्तराशष्रीय सभागार पररसर में ककया गया था श्िसे गोथवामी तलुसी दास नगर नाम हदया गया था |मखु्य सभागार का नामकरण मॉरीर्स के प्रेमििंद कहे िान े वाले साहहत्यकार अभभमन्य ु अनत के नाम पर ककया गया था | अन्य कि श्िनमें ववभभन्नसमानान्तर सत्रों का आयोिन ककया गया था, गोपालदास ‘नीरि’, भानमुनत नागदान, सरुुि प्रसाद मिंगर “भगत” िैसे हहन्दी सेववयों तथा मणणलाल डॉक्टर,राय कृष्णदास, महावीर प्रसाद द्वववेदी, पिंडडत नरदेव वेदालिंकार तथा बबक्रम भसिंह रामलाला िैसे ववद्वानों के नाम पर रखे गए थे | आयोिन थथल पर ही भारत तथा मॉरीर्स के अनके प्रकार्कों और सिंथथाओिं ने अपने-अपने थटाल भी लगाए थे | माइक्रोसाफ्ट और ववकीपीडडया के थटाल आकषशण के कें ि थे | श्िस हाल में इस प्रदर्शनी को लगाया गया था उसका नाम राय कृष्णदास के नाम पर रखा गया था |

    सम्मेलन के उदघाटन से दो हदन पवूश, पवूश प्रधान मिंत्री अटल बबहारी बािपेयी के ननधन के फलथवरूप सम्मेलन की रूपरेखा में अिंनतम समय पर पररवतशन करना पड़ा | मॉरीर्स ने भी भारत के र्ोक में र्ाभमल होकर तीन हदवसीय राष्रीय र्ोक की घोषणा की थी | सभी िगहों पर भारत और मॉरीर्स के ध्वि झकेु हुए थे | राष्रीय र्ोक की छाया में हो रहे सम्मेलन के उदघाटन सत्र के प्रारम्भ में उन्हें दो भमनट का मौन रख कर श्रद्धािंिभल दी गई | तत्पश्िात भारत और

  • मॉरीर्स के राष्रगीत हुए | ववदेर् मिंत्री सषुमा थवराि और मॉरीर्स की भर्िामिंत्री लीला देवी दकुन लछुमन ने दीप िलाकर कायशक्रम का उद्घाटन ककया | कें िीय हहन्दी सिंथथान आगरा के ववदेर्ी छात्रों द्वारा सरथवती विंदना के पश्िात महात्मा गािंधी सिंथथान मॉरीर्स के ववद्याधथशयों न े हहन्दी-गान प्रथतुत ककया | इसके बाद लीला देवी दकुन लछुमन ने थवागत भाषण हदया तथा प्रधानमिंत्री प्रवीण कुमार िगन्नाथ ने इस अवसर पर दो डाक हटकट िारी ककए | गोवा की राज्यपाल मदृलुा भसन्हा न े गगनािंिल के ववर्षेािंक तथा ववदेर् राज्यमिंत्री एम०िे०अकबर न ेअभभमन्य ुअनत की पथुतक "वप्रया" का लोकापशण ककया |

    ववदेर् मिंत्री सषुमा थवराि ने अपने प्रथतावना वक्तव्य में कहा - "इस सम्मेलन में एक साथ दो तरह के भाव उभर कर आ रहे हैं | पहला र्ोक का भाव दसूरा सिंतोष का भाव | अटल िी के ननधन पर र्ोक की छाया इस सम्मेलन पर है ककिं तु दसूरा सिंतोष का भाव भी है कक समिूा हहन्दी-ववश्व अटल िी को श्रद्धािंिभल देन ेके भलए यहााँ उपश्थथत है |" मॉरीर्स के प्रधानमिंत्री प्रवीण कुमार िगन्नाथ ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में अटल िी को भावभीनी श्रद्धािंिभल देत ेहुए कहा - "भारत माता न ेएक वीर रािनतेा, बदु्धधमान, कतशव्यपणूश हहन्दी सेवी खो हदया है |" उन्होंन ेआगे कहा कक अब मॉरीर्स का साइबर टॉवर अटल बबहारी के नाम से िाना िाएगा |

  • उदघाटन सत्र के तुरन्त बाद "भोपाल से मॉरीर्स" तक की यात्रा पर ििाश की िानी थी श्िसे ननरथत कर अटल िी की श्रद्धािंिभल सभा आयोश्ित की गई |देर् ववदेर् से पधारे अनेक हहन्दी सेववयों ने अटल िी को याद करत ेहुए अपने श्रद्धासमुन अवपशत ककए, श्िनमें प्रमखु थे - पश्श्िम बिंगाल के राज्यपाल केर्री नाथ बत्रपाठी, मॉरीर्स के पवूश प्रधानमिंत्री अननरुद्ध िगन्नाथ, िीन से आए श्ियािंग िीग खेइना, गोवा की राज्यपाल मदृलुा भसन्हा, तिाककथतान के िावेद,बत्रननदाद के रामप्रसाद परर्रुाम, अमेररका के सरुेंि गिंभीर व मदृलु कृनत,नीदरलणै्ड की डॉ. पशु्ष्पता अवथथी, रूस के डॉ. अन्ना िनेोकोवा, दक्षिण कोररया की डॉ. युिंग की, िापान के प्रो. माधिदा, मॉरीर्स के ववनोदबाला अरुण व इिंगलणै्ड के ननणखल कौभर्क आहद | इस सत्र का सिंिालन अर्ोक िक्रधर ने ककया |

    भोिनावकार् के पश्िात समानान्तर सत्रों का भसलभसला प्रारम्भ हुआ | पहले हदन - भाषा और लोक सिंथकृनत के अन्तसशम्बन्ध, प्रौद्योधगकी के माध्यम से हहन्दी सहहत भारतीय भाषाओिं का ववकास, हहन्दी भर्िण में भारतीय सिंथकृनत और हहन्दी साहहत्य में सािंथकृनतक धििंतन पर िार समानान्तर सत्रों में वविार ववमर्श हुआ | महात्मा गािंधी अन्तराशष्रीय हहन्दी ववश्वववद्यालय के कुलपनत प्रो. धगरीश्वर भमश्र ने अभभमन्य ु अनत सभागार में आयोश्ित "भाषा और लोक सिंथकृनत के अन्तसशम्बन्ध" ववषय पर बीि वक्तव्य देत े हुए कहा - "सिंथकृनत एक प्राणी है और भाषा उसका प्राण | लोक सिंथकृनत हमारे िीवन का अिंर् है |लोक में व्यश्क्त नहीिं समाि महत्वपणूश है |" इस ववमर्श को अमेररका से आई डॉ. मदृलु कीनतश, डॉ. सररता बधु ुतथा डॉ. पणूणशमा बमशन न ेलोक कलाओिं, लोक गीतों, कहावतों तथा महुावरों के उदाहरण देते हुए आगे बढ़ाया | इस सत्र की अध्यिता गोवा की राज्यपाल मदृलुा भसन्हा न ेकी |

    "हहन्दी साहहत्य में सािंथकृनतक धििंतन" सत्र का आयोिन गोपालदास नीरि कि में हुआ श्िसकी अध्यिता डॉ. रािरानी गोबबन न ेकी | डॉ. नरेंि कोहली ने बीि वक्तव्य देते हुए तुलसीदास के महाकाव्य रामिररत मानस के सािंथकृनतक सिंदभों पर प्रकार् डाला और उसकी प्रासिंधगकता को थपष्ट ककया | डॉ. पीके हरदयाल और हरीर् नवल न ेउनकी बात को आगे बढ़ाया | इस सत्र में अनेक ववद्वानों ने अपने मत रखे श्िनमें प्रमखु थे - डॉ. थवणश अननल, डॉ. श्रीननवास

  • पाण्डये, डॉ. रिंिना, डॉ. रािेर् श्रीवाथतव, डॉ. सत्यकेतु, डॉ. ओमप्रकार् पाण्डये, डॉ. सदानिंद गुप्त और डॉ. उदय प्रताप भसिंह |

    तीसरा समानान्तर सत्र "हहन्दी भर्िण में भारतीय सिंथकृनत" पर था | सरुेंि गिंभीर ने बीि वक्तव्य देत ेहुए कहा - "अमेररका में लगभग सौ ववश्वववद्यालयों में हहन्दी पढ़ाई िाती है | अमेररका में सभी र्कै्षिक ववषयों के मानक तैयार ककए गए हैं | ववदेर्ी भाषाओिं के अन्तगशत पााँि 'सी' आते हैं - कम्यनुनकेर्न,कल्िर, कनेक्र्न, कम्पेररिन और कम्यनूनटीि | इन सबको समेककत ककया िाता है | सिंथकृनत की छोटी-छोटी बातें ववद्याधथशयों को बताई िाती हैं |" थवीडन से आए हैंस वेसलर वेि ने कहा - "आि हम बहु सिंथकृनत की दनुनया में रहते हैं | अलग-अलग भाषाओिं की अलग-अलग सिंथकृनत होती है | िमशनी और फ्ााँस के ननवासी हहन्दी सीखते हैं | हहन्दी खतरे में नहीिं है |" इस सत्र में आनिंद वधशन र्माश, हरिेंि ििंद, प्रो. बत्रभवुन नाथ र्कु्ला, प्रो. िी गोपीनाथन, प्रो. वेंकटेश्वर मन्नार और प्रो. अतलु कोठारी ने भी अपने वविार रखे | इस सत्र की अध्यिता उदय नारायण गिंगू ने की और समन्वयक की भभूमका का ननवाशह प्रो. निंद ककर्ोर पाण्डये न ेककया |

    प्रौद्योधगकी के माध्यम से हहन्दी सहहत भारतीय भाषाओिं का ववकास सत्र में सी-डके द्वारा ववकभसत 'कण्ठथथ' साफ्टवयेर का लोकापशण हुआ तथा 'ननकष' साफ्टवेयर का प्रथतनुतकरण ककया गया | 'कण्ठथथ' साफ्टवेयर एक अनवुाद प्रणाली है श्िससे अनवुाद की प्रकक्रया को सहि बनाया गया है | यह एक तरह से डाटाबेस की तरह कायश करता है श्िसमें थत्रोत भाषा के वाक्यों और लक्षित

  • भाषा के अनवुाहदत वाक्यों को एक साथ रखा िाता है िो अनवुादक के भलए मददगार होत ेहैं | 'ननकष' अिंगे्रिी तथा दसूरी ववदेर्ी भाषाओिं के समकि हहन्दी दिता का साफ्टवेयर है श्िसके अन्तगशत भर्िण, परीिण और प्रमाणीकरण की कल्पना को साकार ककया िा रहा है | इसके माध्यम से श्रवण, भाषण, वािन और लेखन के आधारभतू ज्ञान के साथ ही कौर्ल का परीिण ककया िा सकेगा | प्रो. वविय कुमार मल्होत्रा ने भारतीय भाषाओिं में थपेल िकेर, ग्रामर िकेर और डीटीपी साफ्टवेयर की आवश्यकता पर िोर हदया | सी-डके के डॉ. हेमिंत दरबारी ने भारतीय भाषा प्रौद्योधगकी के ववकास में सी-डके द्वारा ककए िा रहे प्रयासों की िानकारी दी | माइक्रोसाफ्ट के बालेंद ु दधीधि न े भाषा प्रौद्योधगकी के ववथतार पर अपने वविार रखे | महात्मा गािंधी सिंथथान मॉरीर्स के प्रध्यापक डॉ. ववनय गुदारी ने सिूना प्रौद्योधगकी के माध्यम से हहन्दी एविं भारतीय भाषाओिं के ववकास के बारे में बताया | इस सत्र की अध्यिता करते हुए गहृ राज्य मिंत्री ककरण ररश्ििु ने कहा - "आि प्रद्यौधगकी हमारी र्श्क्त बन गई है |" महावीर प्रसाद द्वववेदी कि में सम्पन्न एक अन्य समानान्तर सत्र में ववश्व हहन्दी सम्मेलन की ववभर्ष्ट ियन सभमनत द्वारा ियननत आलेखों का वािन हुआ | पहले हदन लगभग िालीस ववद्वानों द्वारा आलेखों का पाठ ककया गया | मेरे अनतररक्त इस सत्र में वािन करने वाले अन्य प्रनतभागी थे - रािेर् कुमार यादव, प्रो. श्योराि भसिंह, डॉ. मध ुभारद्वाि, प्रणव र्ाथत्री, मदृलुा श्रीवाथतव, रित रानी आयश, के श्रीलता, कला िोर्ी, डॉ. माला भमश्रा, डॉ. सिंध्या गगश, डॉ. रामकुमार ितुवेदी, नीरि मिंिीत, डॉ. सिंध्या मभलक, ममता नतवारी, डॉ. भर्रीन कुरैर्ी, डॉ. कल्पना गवली, रामाराव वामनकर, डॉ. तषृा र्माश, डॉ. थनेहलता पाठक आहद |

    सम्मेलन के दसूरे हदन - कफल्मों के माध्यम से भारतीय सिंथकृनत का सिंरिण, सिंिार माध्यम और भारतीय सिंथकृनत, प्रवासी सिंसार: भाषा और सिंथकृनत तथा हहन्दी बाल साहहत्य और भारतीय सिंथकृनत, ववषयों पर समानान्तर सत्रों का आयोिन ककया गया | अभभमन्य ु अनत सभागार में आयोश्ित "कफल्मों के माध्यम से भारतीय सिंथकृनत का सिंरिण" सत्र की अध्यिता सेंसर बोडश के ियेरमनै प्रसनू िोर्ी ने की | बीि वक्तव्य में र्भर् दकु्खन ने कहा - "सिंथकृनत

  • उतनी ही परुानी है श्ितनी कक मानवता | सिंथकृनत रहन-सहन और आिार-व्यवहार से बनती है | इनकी छवव भारतीय भसनेमा में देखने को भमलती है | कफल्मों ने सिंथकृनत को लाखों हदलों तक पहुाँिाया है |" अपनी बात के समथशन में उन्होंन ेप्यासा, कागि के फूल, मदर इश्ण्डया, मण्डी, बािार, मलु्क, उपकार और बाडशर िैसी कफल्मों के उदाहरण हदए तथा महाभारत, िाणक्य और रामायण िैसे सीररयल का उल्लेख ककया | पररििाश को मानव सिंसाधन ववकास राज्य मिंत्री सत्यपाल भसिंह और अभभनेत्री वाणी बत्रपाठी न ेआगे बढ़ाया | प्रसनू िोर्ी ने कहा - "िब ववश्व बाहर की ओर देख रहा था तब भारत अन्दर की ओर देख रहा था | यह उसे आश्त्मक सखु दे रहा था |" उन्होंने आगे कहा - "िब दो सिंथकृनतयााँ भमलती हैं तो एक नई सिंथकृनत िन्मती है श्िसमें अतीत की गिंध होती है और वतशमान की खुर्ब ू|" इस सत्र में अर्ोक िक्रधर, सीताराम, गरुमीत भसिंह, कुमदु र्माश और लभलता बत्रपाठी ने अपने प्रश्नों द्वारा सत्र को रोिकता प्रदान की | "सिंिार माध्यम और भारतीय सिंथकृनत" सत्र की अध्यिता सत्यदेव टेंगर ने की | वररष्ठ पत्रकार र्भर् र्खेर ने बीि वक्तव्य हदया | वीके कुहठयाला, वववेक गुप्ता, िगदीर् उपासने, केसन बधु,ु सत्यदेव प्रीतम, रामबाब ूबत्रपाठी और ननमशला भरुाडड़या ने अपने वविार प्रथतुत ककए | इस सत्र का आयोिन सरुुि प्रसाद मिंगर 'भगत' कि में ककया गया तथा सिंिालन राम मोहन पाठक ने ककया | गोपाल दास नीरि सभागार में "हहन्दी बाल साहहत्य और भारतीय सिंथकृनत" ववषय का सत्र सम्पन्न हुआ | बीि वक्तव्य देत े हुए हदववक रमेर् ने कहा - "श्ितना भी सिृनात्मक साहहत्य होता है वह सिंथकृनत ही होता है |" देवेंि मेवाड़ी ने सरूदास, तलुसीदास और सभुिा कुमारी िौहान की कववताओिं से बाल साहहत्य का सिंदभश िोड़ा | डॉ. अलका धनपत ने मॉरीर्स में बाल साहहत्य की ववथतार से ििाश की | सरुेंि ववक्रम ने कहा - "आि का बाल साहहत्य सपाटबयानी से इतर गिंभीर लेखन कर रहा है |" बाली से आई ऊषा परुी के साथ ही मोहन लाल छीपा, धगररराि र्रण और ्मनोहर परुी ने भी अपने वविार रखे | सत्र का सिंयोिन डॉ. मध ु पिंत ने ककया िबकक अध्यिता देवपतु्र पबत्रका के सम्पादक कृष्ण कुमार अथथाना ने की |

  • "प्रवासी सिंसार: भाषा और सिंथकृनत" पर आधाररत सत्र की अध्यिता कमल ककर्ोर गोयनका न ेकी | सिंयोिन का दानयत्व नारायण कुमार ने ननभाया | अपने बीि वक्तव्य में पे्रम िन्मेिय न ेकहा - "प्रवासी देर्ों में भाषा और सिंथकृनत पहिान का सबसे सर्क्त माध्यम है |" मॉरीर्स के पवूश प्रधान मिंत्री अननरुद्ध िगन्नाथ ने कहा - "हहन्दी में हथतािर कर सकने के कारण ही मॉरीर्स के नागररकों को वोट का अधधकार भमला था |" गुयाना के हररर्िंकर र्माश, बत्रननदाद के रवव महाराि, अमेररका की मदृलु कीनतश, बिटेन की र्लै अग्रवाल, भसिंगापरु की सिंध्या भसिंह और गलुर्न सखुलाल ने भी अपने वविार रखे |

    सम्मेलन-थथल पर प्रनतभागी लेखकों की पथुतकों के लोकापशण हेतु प्रथक से एक मिंि भी बनाया गया था | तीन हदनों में पिास से अधधक लेखकों की पथुतकों का लोकापशण इस मिंि पर ककया गया | पहले हदन मेरे व्यिंग्य-सिंग्रह "हैर्, टैग और मैं" का ववश्व-लोकापशण गगनािंिल के सम्पादक हरीर् नवल और प्रवासी सिंसार के सम्पादक राकेर् पाण्ड ेद्वारा ककया गया | मॉरीर्स की डॉ. अलका धनपत भी मिंि पर उपश्थथत थी |

    सम्मेलन के तीसरे तथा अिंनतम हदन समापन समारोह में मखु्य अनतधथ के रूप में मॉरीर्स के कायशवाहक राष्रपनत परमभर्वम वपल्ल ैवायापरुी उपश्थथत थे | सबसे पहले सभी आठों सत्रों में प्राप्त अनरु्िंसाओिं का वािन ककया गया | इस अवसर पर मॉरीर्स एविं र्षे ववश्व के १८-१८ हहन्दी-सेवी ववद्वानों को ववश्व हहन्दी सम्मान से सम्माननत ककया गया | इनके अनतररक्त दो भारतीय (सी डके पणेु व दक्षिण भारत हहन्दी प्रिार सभा) और तीन ववदेर्ी सिंथथाओिं (तोक्यो यनूनवभसशटीि ऑफ़ फारेन थटडीि, हहन्दी प्रिाररणी सभा मॉरीर्स व आयशसभा मॉरीर्स) को भी सम्माननत ककया गया | मॉरीर्स के दो भर्िकों भर्वपिून गौतम लालबबहारी तथा नारायणी हीरामन को सवशशे्रष्ठ हहन्दी भर्िक सम्मान प्रदान ककया गया |

    मॉरीर्स न े सम्मेलन को सफल बनान े के भलए काफी पररश्रम ककया था | अनतधथयों को एयरपोटश से लाने-ले िान ेसे लेकर कायशक्रम थथल पर खान-पान

  • की यथोधित व्यवथथा थी | दसूरे हदन मॉरीर्स के प्रमखु थथानों - अप्रवासी घाट, ववश्व हहन्दी सधिवालय और महात्मा गािंधी सिंथथान, के भ्रमण की व्यवथथा भी आयोिकों द्वारा की गई थी | हर समारोह में कुछ कभमयााँ रह ही िाती हैं अतएव इसमें भी रहीिं | हहन्दी सम्मेलन में हहन्दी के साहहत्यकारों को दरू रखने का औधित्य समझ में नहीिं आया | वपछले सम्मलेन में भी यह कमी थी | साहहत्यकार ही ववश्व में हहन्दी भाषा का परिम फहराए हुए हैं | अनेक लोग यह ििाश करत े भी देखे गए कक अटल िी को श्रद्धािंिभल देने के साथ ही ककतना अच्छा होता अभभमन्य ु अनत और गोपाल दास नीरि को भी मौन रखकर श्रद्धािंिभल दी िाती | कुछ समानान्तर सत्रों में पवूश घोवषत अध्यिों को बदल हदया गया श्िसकी सिूना समय रहते लोगों को नहीिं भमल सकी | सवाशधधक अव्यवश्थथत आलेख पाठन का सत्र रहा | प्रनतभाधगयों को कि तक की सिूना पाने के भलए भटकत े देखा गया िबकक इस सम्मेलन में इस तरह का आयोिन पहली बार हो रहा था श्िसको लेकर प्रनतभाधगयों में िबदशथत उत्साह था |

    --- --- --- ---

    अरुण अणणव खरे डी-1/35 द ननश नगर

    ोशिंग ब द रोड, भोप ल (०प्र०म ( , वपन :462026

    मोब ० :9893007744 ई मेल: [email protected]