मज़दे स्वूर वग्ष क िन्त्र पक्ष ...मज द र...

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मुकेश गी 1 रवरी को व मी अण जेटली ने बीजेपी सरकार का चौथा बजट पेश वकया वजसके एक विन पहले आवथक सव स वकया गया। बजट के बाि टीवी चैनल पर होने वाले बहस नामक माशे म 'आवथक ववशेष' ारा इस बा पर भारी सना जाई गयी वक मोिी-जेटली जोड़ी ने नोटबिी के बाि जना के क से पसीजकर उह राह िेने के वलए जाने का म ँह नह खोला, ववीय अनशासन बनाये रखा है और अपनी मी वबलक ल बि रखी है! मलब मजि र-वकसान को श करने के वलए ालू पैसा च नह वकया, बस जबानी जमा-च से ही काम चला विया। उनकी इस बहाि री और मावलक बके से वािारी पर 'बाजार' अथा सरमायेिार बका ास ौर पर विा हो गया है! यह बजट नोटबिी के बाि कपररवसथव म पेश वकया गया था वजसकी वजह से िेश के अविकांश आम मेहनकश लोग ने भारी परेशानी झेली थी, बड़ी ािाि म उोग और अय कारोबार म स सी से बड़ी ािाि म मजि र बेरोजगार हुए, छोटे काम-ििे करने वाले रीब लोग बाह हुए और पहले ही 2 साल सूखा झेल चके वकसान अपनी नयी सल को औने-पौने िाम पर बेचने को मजबूर हुए थे। काला िन, ज नोट, आंकवाि को वमटाने और कैशलेस अथवयवसथा बनाने के नाम पर की गयी नोटबिी के िौरान हुई इस भारी कली के िौरान िानमी मोिी ने जना से कहा था वक अगर वह िशवह के वलए इस परेशानी को सहन करने का तयाग कर ो िेश की बहु ससमसयाएँ हल हगी, अथवयवसथा को बहु ि रगामी लाभ होगा और बाि का जीवन सखि होगा। ऐसी भी बर आयी थ वक मोिी समथक जना को समझा रहे थे वक नोटबिी से अमीर का जो काला िन जब होगा उससे मोिी जी उनके जनिन खा म एक अचछी रकम जमा करा िगे। इसके साथ ही मधय वग को भी मीविया के ारा टै कस म भारी छूट वमलने के सबजबा विखाये जा रहे थे। इसवलए इस बजट से बहु सारे आम लोग बड़ा ायिा होने की जबरिस उममीि लगाये हुए थे। पर 31 जनवरी को बजट से पहले स वकये जाने वाले आवथक सम बाया गया वक नोटबिी के असर ctk fcxqy esgurd'k tkx] fpaxkjh ls yxsxh vkx! नरे मोदी – यनी झूठ बोलने की मशीन के नये करनमे ''हम लूटमर नहीं, करने आये ह!" बन जबि उूलन सव नहीं, बन जबि बवरोधी संघ के सव नहीं! 6 पँच रजों म एक बर फिर बवकहीनि क चुनव : 16 7 (पेज 10 पर जरी) मससक समचरप l पूरक 55 l व 6, अंक 12 l रवरी 2017 l पँच पये l 16 पृ पाँच राजय म वविानसभा चनाव की शआ हो चकी है। ये शबि वलखे जाने क पंजाब, उराखणि और गोवा म वोट पड़ चके ह और उर िेश म भी िो चरण की वोवटंग हो चकी है। हमसे विर से चनने के वलए कहा गया है। अगले पाँच वष के वलए इन राजय म पू ँजीपव वग के मामल का बिन कौन करेगा, यह य करने के वलए विर से हम चनने के वलए कहा जा रहा है। वपछले 65 वष म राजय के विानसभा चनाव और संसिीय चनाव म वासव म इसी बा का िै़सला होा आया है वक अगले पाँच वष क पू ँजीपव वग की 'मैनेवजंग कमेटी' का काम पू ँजीपव वग की कौन-सी पाट करेगी। इस बार भी कछ अलग नह हो रहा है। इन चनाव म माम चनावी पू ँजीवािी पावटय के बीच कया समीकरण काम कर रहे ह, उनकी बेहि संेप म चचा करने के बाि हम इस पर चचा करगे वक ावकारी कमयवनसट पाट का पू ँजीवािी चनाव म बारे म कया ख होना चावहए। चुनवी खेल के समीकरइन पाँच राजय के चनाव म सबसे महतवपूण उर िेश का चनाव है जो वक जनसंखया की व से सबसे बड़ा राजय है। इसीवलए उर िेश के चनाव को 2019 के लोकसभा चनाव का सटेज ररहसल भी कहा जा रहा है। उर िेश के चनावी मैिान म एक ओर भाजपा-नी राीय जनवािी गठबिन है ो ि सरी ओर सपा-कांेस गठजोड़। िवल पहचान की चनावी पू ँजीवािी राजनीव करने वाली मायावी की बहुजन समाज पाट भी मजबूी से मैिान म है। साथ ही, उर िेश के चनाव म हमेशा की रह सथानीय टटप ँवजया िल, सथानीय प और छ टभैया नेाओं की भरमार है जो हमेशा अपने सारे वकलप ख ले रखे ह और 'जर पड़ने पर गिे को भी बाप बना लो' की गौरवशाली भारीय टटप ँवजया राजनीवक परमपरा पर अमल करे ह। पवमी उर िेश म मजरनगर और शामली म िंग और सामिावयक नाव के कारण पैिा हुआ वीकरण पहले से कम हुआ है, मगर विर भी वह पूरी रह तम नह हुआ है। भाजपा इसी सामिावयक नाव को और भड़का कर वोट का सामिावयक वीकरण करने के यास म लगी हुई है। कयवक नोटबिी के कारण और साथ ही जाट को आरण िेने के अपने वायिे पर अमल नह करने के कारण सामिावयक वीकरण के कारण भाजपा के प म आये जाट वोट वापस वखसककर अवज वसंह के राीय लोक िल या विर सपा-कांेस गठजोड़ की रि जा सके ह। अवि और पूव उर िेश म भी नोटबिी के कारण भाजपा के वोट आिार म भारी कटौी होने की समभावना है। लेवकन अवम समय पर सपा की आररक कलह के कारण वोट का झान भाजपा की ओर जा सका है। साथ ही, बसपा की चनौी को भी सपा-कांेस गठबिन कम करके नह आँक सका है। अवखलेश यािशहर म वकये अपने ववकास काय और गाँव म सड़क व अय वनमाण काय के आिार पर साथ ही चनाव म मफ बिरबाँट की घोषणाओं के बूे अपने वोट को पका करने का यास कर रहे ह। कई राजनीवक ववेषक का मानना है वक सपा के आररक कलह के न कसान के अलावा अवखलेश यािव को ायिा भी वमला है। उनकी यह छवव गयी है वक सपा को गणिा ाक और अराजका से अवखलेश यािव ने म कर विया है और अब अगर उह सा वमले ो वे माम वकास काय कर सके ह। इन समीकरण पर बहु लमबी बहस वासव म मजि र वग के वलए बहु ासंवगक नह है। कारण यह है वक इन सभी पावटय का वग चरमजि र-ववरोिी है। हर िल, हर पाट, हर संगठन और हर ववचारिारा व राजनीव का एक वग चरर होा है। ि सरे शबि म कोई भी राजनीव और वचारिारा वकसी न वकसी वग की सेवा करी है। ऐसे म, अगर हम उर िेश म चनावी अखाड़े म उरी माम पावटय की बा कर ो हम िेख सके ह वक वे वकन वग की नमाइिगकरी ह। कांेस और भाजपा बड़े पू ँजीपव वग के वह की नमाइिगी करी ह। (पेज 8 पर जरी) मद र वग के ि प के करी बिबनसध क सवल सदक मल नोटबी के सये म बजट और आक सवर: अव की हलि को झूठों से छिपने और रीबों की कीमि पर ैलीशहों को यद पहँचने क खेल

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  • मकेुश त्यागी 1 फ़रवरी को ववत्त मन्त्ी अरुण

    जेटली ने बीजेपी सरकार का चौथा बजट पेश वकया वजसके एक विन पहले आवथथिक सववे प्रस्त्ु वकया गया। बजट के बाि टीवी चनैलों पर होने वाले बहस नामक ्माश े में 'आवथथिक ववशषेज्ों' द्ारा इस बा् पर भारी प्रसन्न्ा ज्ाई गयी वक मोिी-जेटली जोड़ी ने नोटबन्िी के बाि जन्ा के कष्ों से पसीजकर उन्हें राह् िनेे के वलए ख़जाने का मतुहँ नहीं

    खोला, ववत्तीय अनतुशासन बनाये रखा ह ैऔर अपनी मतुट्ी वबलकतु ल बन्ि रखी ह!ै म्लब मजिरू-वकसानों को ख़तुश करने के वलए फ़ाल् ू पैसा ख़चथि नहीं वकया, बस जबानी जमा-ख़चथि से ही काम चला विया। उनकी इस बहाितुरी और मावलक ्बके से वफ़ािारी पर 'बाजार' अथाथि् सरमायेिार ्बका ख़ास ्ौर पर वफ़िा हो गया ह!ै

    यह बजट नोटबन्िी के बाि की पररवसथव् में पेश वकया गया था वजसकी

    वजह से िशे के अविकांश आम महेन्कश लोगों ने भारी परेशानी झलेी थी, बड़ी ्ािाि में उद्ोग और अन्य कारोबार में सतुस्ी से बड़ी ्ािाि में मजिरू बेरोजगार हुए, छोटे काम-िन्ि ेकरने वाले ग़रीब लोग ्बाह हुए और पहले ही 2 साल सखूा झले चतुके वकसान अपनी नयी फ़सल को औने-पौने िामों पर बेचने को मजबरू हुए थे। काला िन, फ़जज़ी नोट, आ्ंकवाि को वमटाने और कैशलेस अथथिवयवसथा बनाने के नाम

    पर की गयी नोटबन्िी के िौरान हुई इस भारी ्कलीफ़ के िौरान प्रिानमन्त्ी मोिी ने जन्ा से कहा था वक अगर वह िशेवह् के वलए इस परेशानी को सहन करने का तयाग करें ्ो िशे की बहु् सी समसयाए ँ हल होंगी, अथथिवयवसथा को बहु् िरूगामी लाभ होगा और बाि का जीवन सतुखि होगा। ऐसी भी ख़बरें आयी थीं वक मोिी समथथिक जन्ा को समझा रह े थे वक नोटबन्िी से अमीरों का जो काला िन जब् होगा उससे मोिी जी

    उनके जनिन खा्ों में एक अचछी रकम जमा करा िेंगे। इसके साथ ही मधय वगथि को भी मीविया के द्ारा टैकस में भारी छूट वमलने के सबजबाग़ विखाये जा रह ेथे। इसवलए इस बजट से बहु् सारे आम लोग बड़ा फ़ायिा होने की जबरिस् उममीि लगाये हुए थे।

    पर 31 जनवरी को बजट से पहले प्रस्त्ु वकये जाने वाले आवथथिक सववे में ब्ाया गया वक नोटबन्िी के असर

    ctk fcxqy esgurd'k tkx] fpaxkjh ls yxsxh vkx!

    नरेन्द्र मोदी – ययानी झूठ बोलने की मशीन के नये कयारनयामे

    ''हम लूटमयार नही,ं क्यान्ति करने आये हैं!"

    बबनया क्यान्ति जयाबि उन्लून सम्भव नही,ं बबनया जयाबि बवरोधी संघर्षों के क्यान्ति सम्भव नही!ं 6

    पयाचँ रयाजो ंमें एक बयार फिर बवकल्पहीनिया कया चुनयाव :

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    (पेज 10 पर जयारी)

    मयाससक समयाचयारपत्र l पूरयाांक 55 l वर््ष 6, अकं 12 l फ़रवरी 2017 l पयाचँ रुपये l 16 पृष्ठ

    पाँच राजयों में वविानसभा चतुनावों की शतुरुआ् हो चतुकी ह।ै ये शबि वलख ेजाने ्क पंजाब, उत्तराखणि और गोवा में वोट पड़ चतुके हैं और उत्तर प्रिशे में भी िो चरणों की वोवटंग हो चतुकी ह।ै हमसे विर से चतुनने के वलए कहा गया ह।ै अगले पाँच वषषों के वलए इन राजयों में पूँजीपव् वगथि के मामलों का प्रबन्िन कौन करेगा, यह ्य करने के वलए विर से हमें चतुनने के वलए कहा जा रहा ह।ै वपछले 65 वषषों में राजयों के वविानसभा चतुनावों और संसिीय चतुनावों में वास्व में इसी बा् का ि़ैसला हो्ा आया ह ै वक अगले पाँच वषषों ्क पूँजीपव् वगथि की 'मनेैवजंग कमटेी' का काम पूँजीपव् वगथि की कौन-सी पाटज़ी करेगी। इस बार भी कतु छ अलग नहीं हो रहा ह।ै इन चतुनावों में ्माम चतुनावी पूँजीवािी पावटथियों के बीच कया समीकरण काम कर रह ेहैं, उनकी बेहि संके्प में चचाथि करने

    के बाि हम इस प्रश्न पर चचाथि करेंगे वक क्ावन््कारी कमयतुवनसट पाटज़ी का पूँजीवािी चतुनावों में बारे में कया रुख होना चावहए।

    चुनयावी खेल के समीकररइन पाँच राजयों के चतुनावों में सबसे

    महतवपणूथि उत्तर प्रिशे का चतुनाव ह ैजो वक जनसंखया की दृवष् से सबसे बड़ा राजय ह।ै इसीवलए उत्तर प्रिशे के चतुनावों को 2019 के लोकसभा चतुनावों का सटेज ररहसथिल भी कहा जा रहा ह।ै उत्तर प्रिशे के चतुनावी मिैान में एक ओर भाजपा-नी् राष्ट्ीय जनवािी गठबन्िन ह ै ्ो िसूरी ओर सपा-कांग्ेस गठजोड़। िवल् पहचान की चतुनावी पूँजीवािी राजनीव् करने वाली मायाव्ी की बहुजन समाज पाटज़ी भी मजबू् ी से मिैान में ह।ै साथ ही, उत्तर प्रिशे के चतुनावों में हमशेा की ्रह सथानीय टटपतुँवजया िलों, सथानीय क्त्पों और छतु टभयैा ने्ाओ ं

    की भरमार ह ै जो हमशेा अपने सारे ववकलप खतुले रख्े हैं और 'जरूर् पड़ने पर गि े को भी बाप बना लो' की गौरवशाली भार्ीय टटपतुँवजया राजनीव्क परमपरा पर अमल कर्े हैं। पवचिमी उत्तर प्रिशे में मतुजफ़फ़रनगर और शामली में िगंों और सामप्रिावयक ्नाव के कारण पिैा हुआ ध्तुवीकरण पहले से कम हुआ ह,ै मगर विर भी वह परूी ्रह ख़तम नहीं हुआ ह।ै भाजपा इसी सामप्रिावयक ्नाव को और भड़का कर वोटों का सामप्रिावयक ध्तुवीकरण करने के प्रयासों में लगी हुई ह।ै कयोंवक नोटबन्िी के कारण और साथ ही जाटों को आरक्ण िनेे के अपने वायि ेपर अमल नहीं करने के कारण सामप्रिावयक ध्तुवीकरण के कारण भाजपा के पक् में आये जाट वोट वापस वखसककर अवज् वसंह के

    राष्ट्ीय लोक िल या विर सपा-कांग्ेस गठजोड़ की ्रि जा सक्े हैं। अवि और पवूज़ी उत्तर प्रिशे में भी नोटबन्िी के कारण भाजपा के वोट आिार में भारी कटौ्ी होने की समभावना ह।ै लेवकन अवन््म समय पर सपा की आन््ररक कलह के कारण वोटों का रुझान भाजपा की ओर जा सक्ा ह।ै साथ ही, बसपा की चतुनौ्ी को भी सपा-कांग्ेस गठबन्िन कम करके नहीं आकँ सक्ा ह।ै अवखलेश यािव शहरों में वकये अपने ववकास कायथि और गाँवों में सड़क व अन्य वनमाथिण कायथि के आिार पर साथ ही चतुनावों में मतुफ् बन्िरबाँट की घोषणाओ ंके बू् े अपने वोट को पकका करने का प्रयास कर रह ेहैं। कई राजनीव्क ववशे्षकों का मानना ह ैवक सपा के आन््ररक कलह के नतुकसानों के अलावा अवखलेश यािव को फ़ायिा भी वमला ह।ै उनकी यह छवव गयी ह ै वक सपा को गतुणिा

    ्ाक्ों और अराजक्ा से अवखलेश यािव ने मतुक्त कर विया ह ै और अब अगर उन्हें सत्ता वमले ्ो वे ्माम ववकास कायथि कर सक्े हैं।

    इन समीकरणों पर बहु् लमबी बहस वास्व में मजिरू वगथि के वलए बहु् प्रासंवगक नहीं ह।ै कारण यह ह ैवक इन सभी पावटथियों का वगथि चररत् मजिरू-ववरोिी ह।ै हर िल, हर पाटज़ी, हर संगठन और हर ववचारिारा व राजनीव् का एक वगथि चररत् हो्ा ह।ै िसूरे शबिों में कोई भी राजनीव् और ववचारिारा वकसी न वकसी वगथि की सेवा कर्ी ह।ै ऐसे में, अगर हम उत्तर प्रिशे में चतुनावी अखाड़े में उ्री ्माम पावटथियों की बा् करें ्ो हम िखे सक्े हैं वक वे वकन वगषों की नतुमाइन्िगी कर्ी हैं।

    कांग्ेस और भाजपा बड़े पूँजीपव् वगथि के वह्ों की नतुमाइन्िगी कर्ी हैं।

    (पेज 8 पर जयारी)

    मज़दूर वग्ष के स्विन्त्र पक्ष के क्यान्तिकयारी प्रबिबनसधत्व कया सवयालसम्यादक मण्डल

    नोटबन्ी के सयाये में बजट और आर्थिक सववेक्षर: अथि्षव्यवस्या की ख़स्या हयालि को झूठो ंसे छिपयाने और ग़रीबो ंकी कीमि पर थैिलीशयाहो ंको फ़यायदया पहँचयाने कया खेल

  • मज़दूर बबगुल की वेबसयाइटwww.mazdoorbigul.net

    इस वेबसाइट पर दिसमबर 2007 से अब तक दबगुल के सभी अंक क्रमवार, उससे पहले के कुछ अंकों की सामग्ी तथा राहुल ़फाउण्ेशन से प्रकादशत सभी दबगुल पुद्तकाए ँउपलब्ध हैं। दबगुल के प्रवेशांक से लेकर नवमबर

    2007 तक के सभी अंक भी वेबसाइट पर क्रमशः उपलब्ध कराये जा रहे हैं।मज़िूर दबगुल का हर नया अंक प्रकादशत होते ही वेबसाइट पर दन:शुलक

    पढा जा सकता है।आप इस फेसबुक पेज के ज़ररेये भी ‘मज़िूर दबगुल’ से जुड़ सकते हैं:

    www.facebook.com/MazdoorBigul

    ‘‘बरुुजुआ अख़बार पूँरी की विशाल राशशयो ंके दम पर चलत ेहैं। मज़दूरो ंके अख़बार ख़ुद मज़दूरो ंद्ारा इकट्ा ककये गये पैसे से चलत ेहैं।’’ - लेबनन

    1. ‘मज़िूर दबगुल’ वयापक मेहनतकश आबािी के बीच क्राद्तकारी राजनीदतक दशक्षक और प्रचारक का काम करेगा। यह मज़िूरों के बीच क्राद्तकारी वैज्ादनक दवचार्धारा का प्रचार करेगा और सचची सव्वहारा सं् ककृ दत का प्रचार करेगा। यह िुदनया की क्राद्तयों के इदतहास और दशक्षाओ ंसे, अपने िेश के वग्व सघंर्षों और मज़िूर आ्िोलन के इदतहास और सबक से मज़िूर वग्व को पररदचत करायेगा तथा तमाम पूजँीवािी अफवाहों-कुप्रचारों का भण्ाफोड़ करेगा।

    2. ‘मज़िूर दबगुल’ भारतीय क्राद्त के ्वरूप, रा्ते और सम्याओ ंके बारे में क्राद्तकारी कमयुदन्टों के बीच जारी बहसों को दनयदमत रूप से छापेगा और ‘दबगुल’ िेश और िुदनया की राजनीदतक घटनाओ ंऔर आदथ्वक द्थदतयों के सही दवशे्र्ण से मज़िूर वग्व को दशदक्षत करने का काम करेगा।

    3. ‘मज़िूर दबगुल’ ्वयं ऐसी बहसें लगातार चलायेगा तादक मज़िूरों की राजनीदतक दशक्षा हो तथा वे सही लाइन की सोच-समझ से लैस होकर क्राद्तकारी पाटटी के बनने की प्रदक्रया में शादमल हो सकें और वयवहार में सही लाइन के सतयापन का आ्धार तैयार हो।

    4. ‘मज़िूर दबगुल’ मज़िूर वग्व के बीच राजनीदतक प्रचार और दशक्षा की कार्ववाई चलाते हुए सव्वहारा क्राद्त के ऐदतहादसक दमशन से उसे पररदचत करायेगा, उसे आदथ्वक सघंर्षों के साथ ही राजनीदतक अद्धकारों के दलए भी लड़ना दसखायेगा, िुअ्नी-चव्नीवािी भूजाछोर ‘‘कमयुदन्टों” और पूजँीवािी पादट्वयों के िुमछलले या वयदतिवािी-अराजकतावािी टे््यूदनयनों से आगाह करते हुए उसे हर तरह के अथ्ववाि और स्ुधारवाि से लड़ना दसखायेगा तथा उसे सचची क्राद्तकारी चेतना से लैस करेगा। यह सव्वहारा की क़तारों से क्राद्तकारी भरती के काम में सहयोगी बनेगा।

    5. ‘मज़िूर दबगुल’ मज़िूर वग्व के क्राद्तकारी दशक्षक, प्रचारक और आह्ानकता्व के अदतररति क्राद्तकारी सगंठनकता्व और आ्िोलनकता्व की भी भूदमका दनभायेगा।

    ‘मज़दूर बबगुल’ कया स्वरूप, उदे्श्य और जज़ मे्दयाररययाँ

    प्प्रय पयाठको, बहि से सदसो ंको ‘मज़दूर बबगुल’ बनयममि भेजया जया रहया है, लेककन कयाफ़ी ़

    समय से हमें उनकी ओर से न कोई जवयाब नही ंममलया और न ही बकयायया रयाजश। आपको बियाने की ज़रूरि नही ंकक मज़दूरो ंकया यह अख़बयार लगयाियार आर्थिक समसया के बीच ही बनकयालनया होिया है और इसे जयारी रखने के छलए हमें आपके सहयोग की ज़रूरि है। अगर आपको ‘मज़दूर बबगुल’ कया प्रकयाशन ज़रूरी लगिया है और आप इसके अकं पयािे रहनया चयाहिे हैं िो हमयारया अनरुोध है कक आप कृपयया जल्द से जल्द अपनी सदसिया रयाजश भेज दें। आप हमें मनीआर्षर भेज सकिे हैं यया सीधे बैंक खयािे में जमया करया सकिे हैं।

    मनीआरॅ्षर के छलए पिया:मज़दूर बबगुल, द्यारया जनचेिनयारी-68, बनरयालयानगर, लखनऊ-226020बैंक खयािे कया बववररः Mazdoor Bigul खयािया संखयाः 0762002109003787, IFSC: PUNB0076200पंजयाब नेशनल बैंक, बनशयािगंज शयाखया, लखनऊ

    सदसियाः वयार्र्क: 70 रुपये (रयाकख़च्ष सकहि); आजीवन: 2000 रुपयेमज़दूर बबगुल के बयारे में ककसी भी सूचनया के छलए आप हमसे इन मयाध्यमो ं

    से सम्क्ष कर सकिे हैंःफ़ोनः 0522-2786782, 8853093555, 9936650658ईमेलः bigulakhbar@gmail।com फे़सबुक: www।facebook।com/MazdoorBigul

    मज़दूर बबगुलसमपािकीय काया्वलय ः 69 ए-1, बाबा का पुरवा, पेपरदमल रो्, दनशातगंज, लखनऊ-226006 फोन: 8853093555दिलली समपक्व ः बी-100, मुकु्ि दवहार, करावलनगर, दिलली-94, फोनः 011-64623928 ईमेल ः bigulakhbar@gmail।comमूलय ः एक प्रदत - रु। 5/- वादर््वक - रु। 70/- (्ाक ख़च्व सदहत) आजीवन सि्यता - रु। 2000/-

    ‘मज़दूर बबगुल’ मज़दूरो ंकया अपनया अख़बयार है। यह आपकी दनयदमत आदथ्वक मिि के दबना नहीं चल सकता।

    दबगुल के दलए सहयोग भेदजये/जुटाइये। सहयोग कूपन मँगाने के दलए मज़िूर दबगुल काया्वलय को दलदखये।

    मज़दूर बबगुल के छलए अपने कयारख़याने, दफ़्तर यया बस्ी की ररपोटटें, लेख, पत्र यया सुझयाव आप इन िरीक़ो ंसे भेज सकिे हैंः

    िाक से भजेने का प्ा: मज़िूर दबगुल, द्ारा जनचेतना, ्ी-68, दनरालानगर, लखनऊ-226020ईमले से भजेने का प्ा: bigulakhbar@gmail।com

    2 मज़दूर बबगुल, फ़रवरी 2017

    पँूजीपबियो ंके पयास दज्षनो ंअख़बयार और टीवी चैनल हैं। मज़दूरो ंके पयास है उनकी आवयाज़ 'मज़दूर बबगुल'!

    इसे हर मज़दूर के पयास पहँचयाने में हमयारया सयाथि दें।

    भोरगढ़ (ददल्ी) के मज़दूरो ंकया नयारकीय जीवन और उससे सीखे कुि सबक

    मैं वपछले िो महीने से भोरगढ़ के विलली वेवलिंग कमपनी ए-280, में काम कर रहा हू।ं इसमें केबल (्ार) बन्ा ह।ै मैंने इन िो महीनों में ही इस इलाके में काम करने वाले मजिरूों की जो हाल् िखेी वह बहु् ही खराब ह।ै भोरगढ़ में अविक्र पलावसटक लाइन की कमपवनयां ह।ै इसके अलावा ब थ्िन, गत्ता, रबर, केबल आवि की िैकट्ी ह।ै सभी कमपवनयों में औस्न मात् 8-10 लड़के काम कर्े हैं अविक्र कमपवनयों में माल ठेके पर बन्ा ह।ै छोटी कमपवनयों में मजिरू हमशेा मावलक की नजरों के सामने हो्ा ह ैमजिरू एक काम ख्म भी नहीं कर पा्ा ह ैवक मावलक िसूरा काम ब्ा िे् ा ह ैवक अब ये कर लेना। भोरगढ़ में वज्नी भी िैवकट्यां ह ैउसमें अविक्र प्रिषूण वाली (काली-पीली गन्िगी वाली) िैवकट्यां हैं। सभी कमपवनयों में िलू-वमट्ी हमशेा उड़्ा रह्ा ह।ै मैं वजस कमपनी में काम कर्ा हू ंउसमें केबल की रबर बनाने में पाउिर (वमट्ी) का इस्ेमाल हो्ा ह।ै वमट्ी इ्नी सखूी और हलकी हो्ी ह ै वक हमशेा उड़्ी रह्ी हह।ै आखंों से उ्ना विखाई ्ो नहीं िे् ा वकन््तु शाम को जब अपने शरीर की हाल् िखे्े हैं ्ो परूा शरीर और वसर वमट्ी से भरा हो्ा ह।ै नाक, मतुहं के जररये िेिड़ों ्क जा्ा ह।ै इस कारण मजिरूों को हमशेा टी.वी., कैं सर, पथरी जैसी गंभीर बीमाररयां होने का ख्रा बना रह्ा ह।ै जो पाउिर केबल के रबर के ऊपर लगाया जा्ा ह ैउससे ् ो हाथ पर काला-काला हो जा्ा ह।ै जलन एवं खतुजली हो्ी रह्ी ह।ै इन सबसे सतुरक्ा के वलए सरकार ने जो वनयम बना रख े हैं (विखावटी वनयम)। नाक, मतुहं ढंकने के वलए कपड़े िनेा, हाथों के वलए िस्ाने, शाम को छतु ट्ी के समय गतुड़ िनेा आवि। इनमें से वकसी भी वनयम का पालन मावलक, ठेकेिार नहीं कर्ा ह।ै सभी वनयम-काननू को अपनी जेब में रखकर चल्ा ह।ै मजबरून मजिरू को इस गन्िगी से बचने के वलए खतुि कमपनी में एक सेट पतुराना कपड़ा रखना पड़्ा ह।ै और काम के समय उसी को पहनकर काम कर्ा ह।ै लेवकन रोज उसी गन्ि ेकपड़े को पहनकर काम करने

    से बीमाररयों का ख्रा और बढ़ जा्ा ह।ै एक अन्य सें चतुररयन प्रा.वल. केबल कमपनी एि-1775 में प्ा वकया ्ो प्ा लगा वक इस कमपनी के सा् लोगों को टी.बी. हो चतुका ह।ै उस गन्ि ेकपड़े से अगर मावलक की कतु सज़ी या अन्य सामान साि कररये ्ो कहगेा वक गन्िा करेगा कया, साि कपड़े से साि करो। लेवकन मजिरू उसी ्रह के गन्ि ेकपड़े पहनकर रोज काम कर्ा ह।ै

    एक ्ो इन कमपवनयों में लंच एवं छतु ट्ी का समय कोई नहीं हो्ा ह ैअगर लंच का समय हो गया और आप काम कर रह ेहैं ्ो ठेकेिार कहगेा अरे आि ेघटें बाि लंच कर लेना ये काम ्ब ्क ख्म हो जायेगा। छतु ट्ी के समय भी उसी ्रह वक इ्ना काम कर ले उसके बाि छतु ट्ी कर लेना। लेवकन अगर वकसी विन आप 10 वमनट लेट आइये ्ो मावलक परूा वहसाब पछेूगा वक कयों लेट आये। यह कमपनी ह ै कोई िमथिशाला नहीं। यही हाल् लगभग सभी िैवकट्यों की ह ै कहीं भी मजिरूों की वचन््ा वकसी मावलक, ठेकेिार को नहीं हो्ी उसे वसिथि मतुनािे की वचन््ा हो्ी ह।ै

    विलली सरकार इन िैवकट्यों को मतुखय विलली से उजाड़कर भोरगढ़ में इसवलए बसायी गयी थी कयोंवक सरकार का कहना था वक इन िैवकट्यों से वनकलने वाला ितुआ,ँ वमट्ी एवं शोर से इन इलाकों में रहने वाले लोगों (िन्नासेठों) का सवास्थय खराब हो रहा ह ै लोगों का कई ्रह की बीमाररयां हो जा्ी ह।ै इसवलए इन िैवकट्यों को विलली के बाहरी इलाके में लगाओ। लेवकन इन्हीं िैवकट्यों के िलू-वमट्ी में सारा विन काम करने वाले मजिरूों की सरकार को कोई वचन््ा नहीं ह।ै

    कम मजिरू होने के कारण इन िैवकट्यों में मावलकों से मजिरू अपनी कोई मांग नहीं मनवा पा्ा। कयोंवक हमारी ्ाक् छोटी हो्ी ह ै उसमें भी एक-िो मजिरू, िोरमनै मावलक का चमचा ही हो्ा ह।ै वकसी चीज का ववरोि करने पर मावलक ्तुरं् उन मजिरूों को वनकालकर नयी भ्ज़ी ले ले्ा ह।ै 5-7 मजिरू ्तुरं् वमल भी जा्ा ह।ै ववरोि करने वाले मजिरूों का

    पैसा भी मारा जा्ा ह।ै मजिरूों के पास इ्ना समय भी नहीं हो्ा वक वह यहां-वहां भाग िौड़ करे कयोंवक काम छूटने के बाि नया काम भी ढंूढ़ना हो्ा ह ैकयोंवक इ्नी कम ्नखवाह में मजिरू के पास कतु छ बच्ा नहीं ह ैवक वह एक विन भी बैठ कर वब्ाये। और ऐसे भी मजिरूों को प्ा ह ैवक भाग िौड़ करने से कोई िायिा नहीं होगा। कयोंवक सरकार, पतुवलस सब मावलकों के साथ ही हो्े हैं।

    िोस्ो, ऐसे समय में मैं कहना चाहूगंा वक हमारे पास वसिथि एक ही रास्ा ह ै वक खतुि को संगवठ् करना पड़ेगा, वसिथि एक िैकट्ी के मजिरूों को नहीं बवलक उस परेू िैकट्ी इलाके के मजिरूों को। हम वजस बललॉक में काम कर्े हैं या वजस इलाके में काम कर्े हैं उस परेू इलाके की यवूनयन, जहां रह्े हैं उस इलाके का संगठन। जैसे परेू बललॉक का यवूनयन या भोरगढ़ के मजिरूों का यवूनयन या शाहपतुर के महेन्कशों का संगठन। कयोंवक जब ्क हम बड़ी ्ाक् नहीं बनेंगे। मावलक हम लोगों की वजन्िवगयों से खले्ा रहगेा। अभी कम मजिरूों का ववरोि होने से मावलक असानी से उसको बिा िे् ा ह,ै लेवकन जब हमारी बड़ी ्ाक् होगी ्ो वकसी भी एक कमपनी से वकसी मजिरू को वे वनकालने पर उस परेू इलाके के िैवकट्यों के मजिरूों का हड़्ाल, ववरोि प्रिशथिन करना या वजस इलाके में रह्े हैं वहां के संगठन का उस िैकट्ी के ववरुद्ध िरना प्रिशथिन होगा ्ब मावलक को झतुकाना आसान होगा कयोंवक जब सभी िैवकट्यों में हड़्ाल होगा ्ो इ्ने मजिरूों को मावलक नहीं वनकाल सक्ा कयोंवक इ्ने मजिरू उसको ्तुरं् कहां वमलेगा।

    हमारे पास यही एक रास्ा ह ैिोस्ो। हम कब ्क यूं ही घतुट-घतुटकर जी्े रहेंगे, आज नहीं ्ो कल हमें लड़ना ही होगा ्ो कयों न आज से ही शतुरुआ् की जाये ्ावक हमारा कल और आने वाली पीढ़ी का आज खतुशहाल हो सके। िोस्ो, जानवरों की ्रह हजार विन जीने से अचछा ह ै वक इसंान की ्रह परेू सवावभमान के साथ एक विन वजया जाये।

    – मुकेश (भोरगढ)

    आपस की बयाि

  • मज़दूर बबगुल, फ़रवरी 2017 3

    वपछले विनों कतु छ औद्ोवगक मजिरूों के साथ मतुलाका् हुई वजनके काम कर्े समय हाथों की उँगवलयाँ कट गयीं या परेू-परेू हाथ ही कट गये। लतुवियाना के औद्ोवगक इलाके में अकसर ही मजिरूों के साथ हािसे हो्े रह्े हैं। शरीर के अगं कटने से लेकर मौ् ्क होना आम बा् बन चतुकी ह।ै मजिरू के साथ हािसा होने पर कारख़ाना मावलकों का वयवहार मामले को रफ़ा-िफ़ा करने वाला ही हो्ा ह।ै बहु् सारे मसलों में ्ो मावलक मजिरूों का इलाज ्क नहीं करवा्े, मतुआवजा िनेा ्ो िरू की बा् ह।ै

    क्ावन््कारी अख़बार ‘मजिरू वबगतुल’ का प्रचार कर्े समय ढणिारी, लतुवियाना के गणपव् चौक में एक मजिरू और् के साथ मतुलाका् हुई। इस और् की बाए ँहाथ की िोनों बड़ी उँगवलयाँ काम कर्े हुए मशीन में आ जाने के कारण कट गयी हैं। फ़ोकल पवाइणट िेज-7 में साइवकल के पतुजवे बनाने वाले इस कारख़ाने का नाम उस और् ने रौटर ब्ाया वजसमें वह साल भर से काम कर रही ह।ै हलेपर के रूप में भ्ज़ी हुई इस और् को प्रबन्िकों की ओर से मशीन चलाने के वलए िबाव िाला गया, वजस कारण यह हािसा हुआ। कारख़ाने में लगभग 150 मजिरू काम कर्े हैं वजनमें ्ीन और े्ं हैं। यहाँ मजिरूों को श्रम काननूों के अनतुसार कोई अविकार नहीं वमल्ा। यह हािसा होने पर बाकी मजिरूों ने मावलक पर िबाव िाला ्ो इस और् का ईएसआई

    कािथि बनाया गया। लेवकन अब महीना बी्ने पर मावलक ने कोई मतुआवजा या आवथथिक सहाय्ा नहीं की, जखमी हाल् में भी काम करने के वलए कारख़ाने बतुलाया जा रहा ह।ै कारख़ाना मावलकों द्ारा मजिरूों के साथ की जा रही गतुणिागिज़ी का प्ा इस बा् से लग्ा ह ैवक काम से हटाये जाने के िर के कारण यह और् कारख़ाने का और अपना नाम नहीं ब्ाना चाह्ी।

    ऐसी ही घटना राम बरोश के साथ हुई। कतु छ विन पहले वह मजिरू पतुस्कालय में आया। वह मजिरू लतुवियाना की एक टेकसटाइल फै़कटरी में वपछले एक साल से काम कर रहा था। काम कर्े समय उसका िावहना हाथ मशीन में आकर कट गया। मावलक ने इलाज करवाने और मतुआवजा िनेे का आश्ासन विया लेवकन वास्व में मावलक ने कोई मिि नहीं की और अपनी बा् से पलट गया।

    इस मजिरू का ईएसआई कािथि नहीं बना था, इसवलए उसे बयाज पर पैसा लेकर इलाज करवाना पड़ रहा ह।ै मावलक ने उसे फै़कटरी आने से सख् मना कर विया ह।ै अब राम बरोश बेकार और असहाय घमू रहा ह।ै

    मजिरू बस्ी रणजी् नगर, शरेपतुर में भी ्तुलसार इजंीवनयसथि फै़कटरी में काम करने वाले िो मजिरूों से बा् हुई। इसमें से एक सयूाथि यािव ने ब्ाया वक सतुरक्ा के प्रबन्ि न होने और जयािा माल बनाने के िबाव के चल्े कारख़ाने में मजिरूों को अकसर चोटें लग्ी रह्ी हैं। सयूाथि का हाथ कटने से एक महीना पहले भी एक मजिरू की उसी फै़कटरी में उँगवलयाँ कट गयी थीं। इस कारख़ाने में भी लगभग 150 मजिरू काम कर्े हैं लेवकन वकसी

    मजिरू का ईएसआई कािथि नहीं बना ह।ै इसके चल्े मजिरूों को अपने ख़चवे पर इलाज करवाना पड़्ा ह।ै

    फ़ोकल पवाइणट, िेज-5 में बजाज संस इणिसट्ीज वलवमटेि

    कमपनी का कारख़ाना ह,ै जहाँ ऑटो पाट्थिस बन्े हैं। इस फै़कटरी में भी अकसर ही मशीनों में खराबी और काम के अतयविक बोझ के चल्े उँगवलयाँ और हाथ कट्े रह्े हैं। ऐसी घटना होने पर प्रबन्िक कोवशश कर्े हैं वक िसूरे मजिरूों को इसका प्ा न चले।

    ये ्ो महज चन्ि उिाहरण हैं, लतुवियाना में ऐसे हािसे आम िखेने को वमल्े हैं। खस्ाहाल मशीनों को ठीक न करवाने, उतपािन बढ़ाने के वलए काम के बोझ, कतु शल मजिरूों की जगह कम वे्न पर अकतु शल मजिरूों से काम करवाने आवि कारणों से ऐसे हािसे जयािा हो्े हैं। इस सबके पीछे एक ही कारण ह ै- पूँजीपव्यों की अविक से अविक मतुनाफ़़ा कमाने की भखू।

    पूँजीपव्यों का मतुनाफ़़ा ्ो बढ़्ा रह्ा ह ै लेवकन मजिरू अपावहज हो्े रह्े हैं और कई बार ्ो वजन्िगी से भी हाथ िो बैठ्े हैं। कारख़ाने, खे् , खिानें जहाँ पर जीवन वनवाथिह के वलए वस्तुओ ंका उतपािन हो्ा ह ै पूँजीवािी वयवसथा के अन्िर मजिरूों के वलए ये कोई या्ना वशववरों से कम नहीं ह।ै यहाँ पर वह अपनी जान हथेली पर रखकर काम कर्े हैं। मावलक मजिरूों को मशीन का पतुजाथि समझ्े हैं, इसके खराब होने

    या टूटने पर उठाकर बाहर िें क विया जा्ा ह ै और उसकी जगह नया पतुजाथि (मजिरू) विट कर विया जा्ा ह।ै

    मजिरूों के साथ ऐसी िककेशावहयाँ लगा्ार बढ़्ी जा रही हैं। बहु् थोड़े मजिरूों को ही श्रम काननूों के ्ह् फै़कटरी पहचान पत्, हावजरी कािथि, ईएसआई, ईपीएफ़, वावषथिक छतु व ट्याँ, वावषथिक बोनस, बटू-विज़ी, हािसों से सतुरक्ा के प्रबन्ि आवि अविकार वमल पा्े हैं। अविक्र मजिरूों को इन अविकारों से वंवच् रखा जा रहा ह।ै शासन-प्रशासन हमशेा मावलकों का ही साथ िे् ा ह।ै ऐसी घटनाओ ंको रोकने के वलए मजिरूों को ख़तुि आगे आना होगा। मजिरू अपनी संगवठ् ्ाक् के िम पर ही अपनी सतुरक्ा कर सक्े हैं।

    - रयाजबवन्र

    िारूहड़ेा की ऑमकैस कमपनी में वपछले 15-20 सालों से काम कर रह ेश्रवमकों को प्रबन्िन ने एक फ़रवरी को अचानक वबना वकसी नोवटस के काम से वनकाल विया। कमपनी प्रबन्िन ने वबना कोई कारण ब्ाये या नोवटस विये 344 श्रवमकों को एक साथ काम से बाहर कर विया। यह घटना अपने आप में ऑटोमोबाइल सेकटर के वलए कोई नयी बा् नहीं ह,ै आये विन वकसी न वकसी फै़कटरी-कारख़ाने के मावलक अपने मतुनाफे़ को बढ़ाने और मजिरूों के अविकारों को कतु चलने के वलए मनमजज़ी से काम पर रखने और वनकालने की चाल अपना रह ेहैं। लेवकन ऑमकैस के मजिरूों ने चतुपचाप बैठकर इस अन्याय को सहने की बजाए इसके वख़लाफ़ संघषथि का वबगतुल िँूक विया ह।ै साथ ही उन्होंने प्रबन्िन के सामने यह भी साफ़ कर विया ह ै वक जब ्क उनकी माँगें नहीं मानी जा्ीं ्ब ्क वे अपना संघषथि जारी रखेंगे। वनकाले गये लगभग 400 मजिरूों ने िीसी रेवाड़ी के िफ़्र के आगे प्रिशथिन वकया और श्रम एवं समझौ्ा अविकारी के कायाथिलय ्क रैली वनकाली। कमपनी प्रबन्िन काम न होने की ितुहाई िकेर मजिरूों को काम से वनकालने की बा् को जायज ठहरा रहा

    ह।ै उन सभी ठेकेिारों का कलॉन्टै्कट ख़तम वकया जा रहा ह ैवजन ठेकेिारों के जररये श्रवमक वनयतुक्त वकये गये थे। जबवक

    असली मामला कतु छ और ही ह।ै श्रवमकों का कहना ह ै वक प्रबन्िन उन्हें इसवलए वनकाल रहा ह ैकयोंवक आगामी अपै्रल

    में सेटलमणेट के वक़् कमपनी को इन सभी मजिरूों को सथायी करना पड़्ा। कयोंवक 15 सालों से ठेके पर होने के

    बावजिू ये लोग मतुखय उतपािन पट्ी पर कायथिर् होने के कारण सथाई वकये जाने के िावेिार हो जा्े। कमपनी प्रबन्िन

    ने बड़ी चालाकी से मजिरूों को सथायी करने से बचने के वलए यह सब वकया।

    परेू सेकटर में मजिरूों का ठेकेिारी प्रथा के नाम पर भयंकर शोषण जारी ह।ै ्करीबन हर कारख़ाने में मजिरूों से सथायी प्रकृव् का काम मतुखय उतपािन पट्ी पर करवाया जा्ा ह ै वकन््तु उनकी वनयतुवक्त ठेकेिारों के माधयम से की जा्ी ह ै और उन्हें एक सथायी मजिरू को वमलने वाले ्माम हक-अविकारों से वंवच् रखा जा्ा ह।ै ऑमकैस प्रबन्िन ने सेकटर में मौजिू वकसी भी िसूरे प्रबन्िन की ही ्रह ्माम श्रम काननूों को ्ाक पर रखकर मजिरूों को हररयाणा सरकार द्ारा घोवष् न्यनू्म वे्न (जोवक पहले से भी बहु् कम ह)ै न िनेे की प्रथा को जारी रखा ह।ै इसके

    वख़लाफ़ मजिरूों ने कोटथि में अपील िायर की वजसकी कायथिवाही के ्ह् 30 जनवरी को प्रबन्िन को वपछले 1 जतुलाई

    से बकाया समे् भतुग्ान करने का नोवटस विया। इसके पहले भी मजिरूों ने इस अन्याय के वख़लाफ़ 10 फ़रवरी 2016 को एक विन की हड़्ाल की थी। इसमें उनके समथथिन में ऑमकैस ग्तुप के ही अन्य कारख़ानों के मजिरूों ने साथ विया था। ऑमकैस कमपनी से वनकाले गये मजिरूों ने 8 फ़रवरी को फै़कटरी गेट से 100 मीटर िरू अपनी सभा चलायी और फै़कटरी के भी्र काम कर रह ेमजिरू सावथयों से भी उनके संघषथि का समथथिन करने का आह्ान वकया। जो आज फै़कटरी गेट के बाहर खड़े मजिरूों के साथ हो रहा ह ैवो कल को फै़कटरी के भी्र काम कर रह ेश्रवमकों से साथ भी होगा। और यह हाला् वसफ़थि ऑमकैस की फै़कटरी के मजिरूों ्क सीवम् नहीं ह ै बवलक परेू गतुिगाँव-िारूहड़ेा-बवाल औद्ोवगक पट्ी में काम कर रह ेहर मजिरू की यही कहानी ह।ै ठेके पर सालों साल खटने के बाि जब सथायी करने और बढ़ा हुआ वे्न और बाकी सब सहूल े्ं िनेे का समय आ्ा ह ै्ो फै़कटरी प्रबन्िन बड़ी आसानी से ठेका प्रथा का फ़ायिा उठा्े हुए मजिरूों के प्रव् अपनी सारी वजममिेाररयों से हाथ िो ले्े हैं।

    – बबगुल प्रबिबनसध

    ऑमैक्स के संघर््षरि मज़दूरो ंकया संघर््ष जज़दंयाबयाद !

    असधक से असधक मनुयाफ़़ेे के लयालच में मज़दूरो ंकी जज़न्मगयो ंके सयाथि खखलवयाड़ करिे कयारख़यानया मयाछलक

  • 4 मज़दूर बबगुल, फ़रवरी 2017

    ितुवनया की ख़बूसरू् इमार्ों का वनमाथिण करने वाले, अपने हाथों से वमट्ी से अनाज, पतथरों से हीरे ्राशने वाले, बंजर जमीन को इसंान के रहने लायक बनाने वाले सजृकों के अपने रहने की जगहों की पररवसथव्याँ बहु् भयानक हैं। ितुवनया के वकसी भी कोने में िखे लीवजए हर जगह मजिरूों-महेन्कशों के साथ िककेशाही हो्ी ह।ै ितुवनया की जरूर े्ं परूी करने के वलए विन-रा् एक करके अपनी जान की बाजी लगाकर, ख़्रनाक मशीनों पर अपने हाथ-पैर कटाकर काम करने वाले मजिरू ख़तुि सभी बतुवनयािी जरूर्ों से वंवच् रह जा्े हैं। वजस जगह वे अपने पररवार के साथ समय वब्ाने व आराम करने के वलए रह े हैं वहाँ के हाला् शबिों में बयान नहीं वकये जा सक्े। ऐसी ही हाल् लतुवियाना की ईिबलयएूस कालोनी (आवथथिक ्ौर पर कमजोर लोगों की कालोनी) की ह।ै

    जैसा वक नाम से ही सपष् ह ैवक यह ग़रीब लोगों की कालोनी ह।ै यहाँ लोगों के घरों के सामने वाली जगहों और कूड़ा िें कने वाली जगहों में कोई फ़कथि नजर नहीं आ्ा। गवलयाँ वकसी गन्ि े्ालाब से कम नहीं। लोगों के कमरों ्क गन्िा पानी जा्ा ह।ै यह पानी बाररश का ही नहीं बवलक सीवरेज का भी हो्ा ह।ै जगह-जगह पीने वाले पानी की पाइप भी टूटी हुई हैं। अकसर फ़कथि करना मतुव्कल हो जा्ा ह ैवक खड़ा पानी सीवरेज जाम के चल्े ह ैया पीने वाले पाइप के टूटने के कारण। गन्िा पानी पीने वाले पानी में वमल जा्ा ह ैऔर बीमाररयाँ िैल्ी हैं। वपछले विनों गन्िगी के चल्े काफ़ी

    बीमाररयाँ िैली हैं। कई लोगों की मौ् भी हुई ह।ै कमरों ्क बिब ूिैली रह्ी ह।ै ऐसी जगह इसंान ्ो कया पशतुओ ंके रहने लायक भी नहीं ह।ै

    नगर-वनगम प्रशासन की बा् करें ्ो इसका लोगों की समसयाओ ंकी ् रफ़ कोई धयान नहीं। वबगतुल मजिरू िस्ा, टेकसटाइल-हौजरी कामगार यवूनयन, स्ती मजिरू संगठन जैसे जनपक्िर संगठनों के ने्तृव में कई बार लोगों ने नगर-

    वनगम अफ़सरों को कालोनी की बतुरी पररवसथव्यों के बारे में िरना-प्रिशथिनों के जररये भी जानकारी िी ह ै लेवकन काम चलाऊ ररपेयर से नगर-वनगम आगे नहीं बढ़्ा। लोगों के िबाव के चल्े सीवरेज में िणिे मारकर काम चला विया जा्ा ह ैजब वक सीवरेज की सफ़ाई मशीन से करने की जरूर् ह।ै जब से कालोनी बनी ह ैकभी भी इसकी मशीनों से सफ़ाई नहीं करवाई गयी। पीने वाले पानी की टूटी हुई पाइपों पर वलफ़ाफे़ बाँिकर

    वमट्ी िाल िी जा्ी ह ैजबवक पाइप गल चतुके हैं और इन्हें बिलने की जरूर् ह।ै अगर साफ़-सफ़ाई के वनयवम् प्रबन्ि की बा् करें ्ो एक भी सफ़ाई कमथिचारी पकके ्ौर पर नहीं लगाया गया ह।ै लोगों को अपने स्र पर पैसे िकेर साफ़-सफ़ाई करवानी पड़्ी ह।ै अविक्र सीवरेज ठीक करवाने के वलए भी लोगों को पैसे ख़चथि करने पड़्े हैं। कालोनी के वलए कम से कम सौ पकके सफ़ाई कमथिचाररयों

    की जरूर् ह।ै लेवकन यहाँ नगर वनगम बहु् िबाव पड़ने पर कतु छ सफ़ाई कमथिचाररयों को भजे िे् ा ह।ै

    नगर वनगम अफ़सर ्ो ‘लोगों का कसरू ह’ै कहकर पलला झाड़ने की कोवशश कर्े हैं। कभी वे कह्े हैं वक लोग सफ़ाई नहीं रख्े, कभी कह्े हैं वक आबािी बहु् अविक हो गयी ह।ै लेवकन कालोनी की सफ़ाई के वलए बाकायिा सफ़ाई कमथिचाररयों की पककी ि्यटूी न लगाने और ग़रीबों की

    समसयाओ ं की ्रफ़ धयान न िनेे की बा् को वे हमशेा टालने की कोवशश कर्े हैं। अगर लोग सफ़ाई नहीं रख्े और आबािी पहले से अविक हो गयी ह ै्ो कया नगर वनगम को लोगों की परवाह करनी छोड़ िनेी चावहए? लोगों में साफ़-सफ़ाई के प्रव् जागरूक्ा िैलाने की नगर वनगम की कोई वज़ममिेारी नहीं? वैसे ्ो बढ़ी आबािी के मत्ु ावबक़ भी वयवसथा करना कोई मतुव्कल काम नहीं

    ह ै लेवकन वास्व में ऐसी कोई समसया ह ै भी नहीं। नगर वनगम के अफ़सर सरकारी वयवसथा को िोष वछपाने के वलए जन्ा को िोषी ठहरा्े हैं।

    वोट-बटोरू पावटथियाँ लोगों को ्रह-्रह की बा े्ं करके लोगों को अपने भ्रमजाल में िँसा्ी रह्ी हैं। लोग इनकी बा्ों में िँसकर इनसे सतुिार की उममीिें पालने लग्े हैं। वपछले विनों पंजाब में वविानसभा चतुनाव हुए हैं।

    वोट-बटोरू ने्ाओ ं ने लोगों के सामने झठू के महल खड़े वकये वक अगर उन्हें वोट विये जायेंगे ्ो वे लोगों के वलए सहूल े्ं मतुहयैा करवायेंगे। ईिबलयएूस कालोनी के लोग भी इनके भ्रमजाल का वशकार हैं। उन्हें लग्ा ह ैवक उन्होंने वजसे वोट विया ह ैवह ने्ा उनके ितुख िरू करने आयेगा। लेवकन लोगों की समसयाए ँ इन वोट-बटोरू पूँजीवािी पावटथियों के एजेणिे पर नहीं हैं। चतुनाव प्रचार के िौरान कई पावटथियों के लीिर

    कालोनी में आये। लोगों ने उन्हें अपनी समसयाए ँब्ायीं। लोगों द्ारा बा् करने पर उन्होंने समसयाए ँिरू करने का वािा वकया। लेवकन न ्ो चतुनाव प्रचार से पहले ये ने्ा लोग जन्ा में विखायी िे् े हैं और न ही चतुनाव होने के बाि। समसयाए ँबनी हुई हैं।

    मजिरू 12-14 घणटे कारख़ानों में हि्वियाँ गला्े हैं। घरों पर भी और े्ं-बचच े शालों के बणिल बनाने व कारख़ाने के अन्य काम घरों पर करने में वयस् रह्े हैं। घर का गतुजारा चलाने के वलए कमाई करने के वलए उन्हें रा्-रा् भर जागकर काम करना पड़्ा ह।ै रोज कमाकर खाने वाले लोग समय की कमी के चल्े कालोनी की समसयाओ ंके बारे में सोचने और संघषथि के वलए अविक समय नहीं वनकाल पा्े। मकान मावलकों और वकरायेिारों की एक-िसूरे से अलग रहने की मानवसक्ा भी काफ़ी िैली ह।ै लोगों में एकजतुट्ा की भावना की बड़ी कमी ह।ै

    लेवकन अगर लोगों को सचच ेजनपक्िर संगठन लगा्ार जागरूक करने, लामबन्ि व संगवठ् करने का काम करें ्ो लोग वोट-बटोरू पावटथियों के जाल में से बाहर आ सक्े हैं, लोगों में एकजतुट्ा की भावना पैिा की जा सक्ी ह ैऔर जन्ा को बड़े स्र पर संगवठ् करके संघषषों की राह पर आगे बढ़ाया जा सक्ा ह।ै अनेकों बार वववभन्न मसलों पर हुए संघषषों में चाह ेछोटे स्र पर ही सही लोगों ने िखेा ह ैवक अगर वे एकजतुट होकर संघषथि कर्े हैं ्ो उनकी समसयाए ँहल हो सक्ी हैं।

    - बलजीि

    बी्ी 8 फ़रवरी को स्ती मजिरू संगठन द्ारा ई.िबलय.ूएस. कालोनी, लतुवियाना में सीवरेज, पीने के पानी और साफ़-सफ़ाई की समसयाओ ं के बारे में मीवटंग की गयी। वस्तयों ने नगर-वनगम के वख़लाफ़ रोष वयक्त वकया। ई.िबलय.ूएस. कालोनी में लमबे समय से सीवरेज जाम होने और पेयजल की पाईपें लीक होनी के समसया चल रही ह।ै इसके बारे में इलाके के लोगों ने कई बार नगर-वनगम कायाथिलय पर वशकाय् िजथि करवाई ह ैलेवकन ठीक से समसया हल नहीं की जा्ी। सीवरेज का गन्िा पानी पेयजल वाली पाईपों में चले जाने से लोगों को बीमाररयाँ लग रही हैं। लोगों भारी रोष ह।ै इस बारे में इसी विन बलजी्, नररन्िर सोनी, सवब्ा, वबन्िरावव् व वचन््ािवेी ने जोनल कवमश्रर को वमलकर माँग-पत् भी विया और कहा वक समसयाओ ंका िौरी ्ौर पर हल वकया जाये नहीं ् ो मजबरून लोगों को प्रिशथिन करना पड़ेगा। जनसंघषथि के िर से अगले ही विन सीवरेज वनकासी की समसया ठीक कर िी गयी। लेवकन यह वसफ़थि आवंशक जी् हुई ह,ै असल मसला पकके हल का ह ैजो पानी की पाईपों के नये पाईप िालने, सीवरेज पाइपों की मशीनों से सफ़ाई, और पकके ्ौर पर सफ़ाई कमथिचारी लगाने से ही हल हो सक्ा ह।ै जोनल कवमश्रर ने कहा ् ो ह ैवक समसयाए ँहल की जायेगँी लेवकन इ्ना पकका ह ैवक लोगों को समसयाए ँठीक ढंग से हल करवाने के वलए एकजतुट संघषथि ्ो लड़ना ही पड़ेगा।

    - बबगुल संवयाददयािया, लुसधययानया

    ग़रीबो ंकी बस्ी ईरब्लएूस कयालोनी (लुसधययानया) में बुरी ररहयायशी पररस्स्बियया ँऔर सरकयारी व्यवस्या बेरुख़ी

    स्ती मज़दूर संगठन ने सीवरेज बनकयासी की समसया हल करवयाई

    अवनल सटील पलांट कतु ण ्िली (सोनीप्, हररयाणा) में हैं। इस कमपनी में टावर का सामान बन्ा ह।ै यहां ठेकेिारी पर काम हो्ा ह।ै इसमें काम करने वाले अविक्र मजिरू उ. प्र. वबहार और उड़ीसा के हैं। इन सब मजिरूों को ठेकेिार ितु सलाकर ला्े हैं वक कमपनी में सारी सतुवविा ह।ै िो महीने के बाि िंि कटना शतुरू हो जायेगा, ई.एस.आई. कािथि बन जायेगा। एक साल में एक बार बोनस भी वमलेगा, आठ घटें काम करने का 5500 रु. वमलेगा और ओवर टाइम का िबल वमलेगा। 24 घटें का काम हो्ा ह।ै छोटे-छोटे पतुजजें बन्े हैं वज्नी मजज़ी हो उ्ना ही काम करो। रहने के वलए जगह भी वमलेगी और नाइट लगाने पर अलग से 50 रु. वमलेगा खाना खाने के वलए। इन बा्ों की जलेबी में गांव के वे गरीब िंस जा्े हैं वजन्हें शहर की िैवकट्यों के बारे में उ्ना प्ा नहीं हो्ा। ये भोले-भाले मजिरू इन सब बा्ों से अपने वलए सवगथि की कल ्पना करने लग्े हैं पर इन्हें यह कहां प्ा हो्ा ह ैवक वजस सवगथि की ्लाश में वे जा रह ेहैं वह सवगथि नहीं नकथि कतुं ि ह।ै ठेकेिार उनको वहां से लाने के वलए अपना वकराया भी लगा िे् े हैं। पर यहां आने के साथ ही उनके सवगथि की कलपना टूटने लग्ी ह ैऔर नकथि कतुं ि की असवलय् नजर आने लग्ी ह।ै यहां उन्हें रहने के वलए जो कमरा वमल्ा

    ह ैउसमें 15 से 20 मजिरूों को रहना पि्ा ह।ै िैकट्ी में काम पर जा्े ही उन्हें प्ा चल्ा ह ैवक वे छोटे-छोटे पतुजवे 50 वकलो से लकर 450 वकलो ्क के हैं। यहां वजयाई का काम हो्ा ह।ै लोह े को ्ेजाब के टैंक में िालने पर जो बिबिूार ्ीखी ितुगगंि वनकल्ी ह ैवह िम घोंटने वाली हो्ी ह।ै इससे सतुरक्ा का कोई सामान नहीं विया जा्ा। ्ेजाब के टैंक में सिाई करने के बाि इन पर वसलवर का कलर वकया जा्ा ह।ै प्रिषूण का वशकार होने के कारण टी.बी. िम ेजैसी बीमाररयों के वशकार होने लग्े हैं। बहु्-से मजिरू ्ो कमर्ोड़ महेन् से राह् के वलए गांजा, शराब, भांग इतयावि का सेवन करने लग्े हैं। मजबरूी में मजिरूों को काम करना ही पड़्ा ह ैकयोंवक उनके पास वापस जाने के वलए वकराया ्क नहीं हो्ा। और ठेकेिार उनका पैसा इस हफ्े िेंगे उस हफ्े िेंगे कहकर टरका्ा रह्ा ह।ै जब कोई एक-िो महीने काम करने के बाि बहु् वजि कर्ा ह ै्ो 4000-4200 रु. के वहसाब से उसका वहसाब बना िे् े हैं। ओवरटाइम िबल का ्ो सवाल ही नहीं पिैा हो्ा। वसंगल रेट पर बना ओवरटाइम का पैसा लटका िे् े हैं। विर ितुकान से सामान, कमरा इन सबका वहसाब करने के बाि 1500 या 2000 रु. पकड़ा िे् े हैं। 10 या 12 विन का पैसा रोक ले्े हैं वक जब गांव

    से आओगे ्ब वमलेगा। जब मजिरू यह कह्े हैं वक परूा वहसाब िो अब उन्हें नहीं आना ह ै्ो या ्ो विर वहसाब िनेे से मना कर िे् े हैं या िो महीने बाि ले लेना यह कह्े हैं। सहज ही समझा जा सक्ा ह ै वक वक िो महीने बाि कोई गांव से आयेगा ्ो बच ेपैसे के बराबर ्ो वकराया ही खचथि हो जायेगा। िरवरी में आनंि नाम के एक मजिरू के पैर में चोट लग गयी ्ो एक बार िवाई विला िी और 500 रु. िकेर कहा गांव चले जाओ। और वहसाब नहीं विया। इस ्रह गांव से लाये गये मजिरूों से गतुलामों की ्रह काम वलया जा्ा ह।ै वे आ्े ्ो हैं ्माम ्रह के सपने लेकर लेवकन यहां वमल्ा ह ै कमर्ोड़ महेन्, नशा और बीमारी। और अकसर कम उम्र के लड़कों को ही वे पकड़्े हैं। कतु ल लोग इ्नी या्नाओ ं को झले्े हुए यह कह्े थे वक सब कमषों का िल ह ैया ऊपर वाले की मजज़ी ह ैपर अब इन बा्ों में मरेा कोई ववश्ास नहीं रहा कयोंवक हम अब अपनी आखंों से िखे रह ेहैं वक हमारा कमथि और िल सब बनाने के मावलक, ठेकेिार, सतुपरवाइजर हैं जो हमारी महेन् चसूकर इसी िर्ी पर अपने वलए सवगथि ्था हमारे वलए नकथि बना्े हैं।

    – रयामयाधयार (कंु रली, सोनीपि)

    मज़दूरो ंको स्वग्ष कया झयासँया देकर नक्ष कंुर में रयालया जयािया है

  • मज़दूर बबगुल, फ़रवरी 2017 5

    सत्ता में आने के बाि से ही मोिी सरकार लगा्ार सवचछ्ा अवभयान का वढंढोरा पीट रही ह।ै हाथों में झाड़़ु लेकर फ़ोटो वखचंवाने से लेकर टीवी, अख़बार, रेवियो में जमकर पैसा ख़चथि कर ववज्ापन के माधयम से जागरूक्ा िैलाने की बा् हो रही ह।ै पर असल में सवचछ भार् बनाने के वलए वजस चीज की बतुवनयािी जरूर् ह ै उस पर कोई ख़चथि नहीं वकया जा रहा ह।ै मतुमबई जैसे महानगर में जहाँ 60 फ़ीसिी आबािी झतुगगी झोपवड़यों में रह्ी ह ैव बतुवनयािी जरूर्ों से ववंच् ह,ै वहाँ सावथिजवनक शौचालयों की हाल् िखेकर इसका अन्िाजा लगाया जा सक्ा ह।ै

    सावथिजवनक शौचालयों के इन्हीं जजथिर हाला् का न्ीजा हाल ही में मतुमबई में कई लोगों की मौ् के रूप में सामने आया। बी्ी 3 फ़रवरी को मानखतुिथि के इवन्िरानगर में एक सावथिजवनक शौचालय का फ़शथि सेवपटक टैंक में िसँ गया। उस वक़् शौचालय में 20-25 लोग मौजिू थे। जयािा्र लोग उस गन्िगी में वगर पड़े। फ़ायर वरिगेि व पतुवलस की गाड़ी लगभग एक घणटे बाि पहुचँी व ्ब ्क इलाके के लोगों ने ही अपने प्रयास से अविकांश को वनकाल वलया था। पतुवलस व मतुखयिारा के समाचार पत्ों ने ्ीन वयवक्तयों हरीश टीकेकर (उम्र 40), गणशे सोनी (40) मोहममि असंारी (36) की मौ् की पतुवष् की ह।ै पर इलाके के लोगों के अनतुसार कतु ल 7 वयवक्तयों की मौ् हुई। 1 वयवक्त की पहचान नहीं हो पायी (यद्वप उसकी लाश वनकाली गयी थी) व ् ीन वयवक्तयों को उस टैंक से वनकाला ही नहीं गया। इस झतुगगी बस्ी में ऐस ेभी बहु् से लोग हैं जो अकेले रह्े हैं व बाहर से मजिरूी करने आ्े हैं। ऐस ेमें ये ्ीन वयवक्त कौन थे, इसकी भी पहचान नहीं हो पायी। पर

    िबी जबान में कई लोगों ने यह कहा वक उस घटना के बाि से इलाके के ्ीन लोग गायब हैं।

    यह शौचालय महािा (महाराष्ट् हाउवसंग एणि एररया िवलपमणेट ऑथोररटी) द्ारा वसफ़थि िस साल पहले बनाया गया था। इसके वनमाथिण में घवटया वनमाथिण सामग्ी के इस्ेमाल का अन्िाजा इसी से लगाया जा सक्ा ह।ै ये वजस वविायक के फ़णि से बना वो बाि में महािा के चयैरमने भी बने। ऐसे वक्ने ही सावथिजवनक शौचालय व मकान उन्होंने बनवाये होंगे व उनकी हाल् कया होगी, ये अन्िाजा लगाना कवठन नहीं ह।ै शौचालय की जजथिर हाला् के बारे में वहाँ के वनवावसयों ने लगा्ार वशकाय े्ं भी की थीं पर वजस ठेकेिार को ये शौचालय रखरखाव के वलए ठेके पर विया गया था, उसके कानों पर जूँ भी नहीं रेंगी। ठेकेिार को अभी हाल ही में महािा से 9 लाख रुपये का भतुग्ान भी मरमम् हे् तु वकया गया था पर वो सब भी उसकी मतुनाफेे़़ की भेंट चढ़ गये।

    वजन ्ीन वयवक्तयों की मौ् की पतुवष् हुई ह ैवे सब अपने घर के इकलौ्े कमाने वाले सिसय थे। लोगों की मौ् की वज़ममिेार सरकारी संसथा महािा की ्रफ़ से मृ् कों को कोई मतुआवजा भी नहीं विया गया ह।ै वैस े ्ो अभी मतुमबई में चतुनावों का मौसम चल रहा ह।ै महानगरपावलका के चतुनावों के कारण गली-गली में पाषथिि पि के प्रतयाशी लोगों के आगे हाथ जोड़ रह ेहैं पर वसफ़थि मधयम वगथि ्क के ही आगे। ग़रीब आबािी के बीच इस ्रह की ितुखिायी घटना होने पर भी वकसी ने्ा मन्त्ी का न पहुचँना यह ब्ा्ा ह ैवक ग़रीब आबािी की ्माम सारी राजनैव्क पावटथियों के वलए कया अहवमय् ह ै।

    बवज्यापनो ंपर जमकर ख़च्ष पर ज़रूरी कयामो ंपर ख़च्षने को पैसया नही ं

    नरेन्द्र मोिी सरकार के सत्ता में आ्े ही सवचछ्ा अवभयान की जो नौटंकी शतुरू हुई थी, वो अभी भी जारी ह।ै टीवी पर अवम्ाभ बचचन से लेकर नोटों पर सवचछ्ा अवभयान का प्रचार करने पर ्ो जमकर लतुटाया जा रहा ह ै पर सावथिजवनक सतुवविाओ ंपर न के बराबर ख़चथि वकया जा रहा ह।ै सरकार ने नवमबर 2015 से एक ववशषे टैकस भी इस बाब् लगाया था। सवचछ भार् सैस नाम के इस कर से जहाँ वपछले आि ेववत्त वषथि में 3901 करोड़ रुपये जतुटे वहीं इस ववत्त वषथि में लगभग 10000 करोड़ रुपया जतुटेगा। इस पैसे का इस्ेमाल कर जरूर्मन्िों को बेह्र शौचालय सतुवविा मतुहयैा करवायी जा सक्ी थी पर इस पैसे का जयािा्र इस्ेमाल गाँवों में शौचालय बनाने के नाम पर व ववज्ापन के वलए वकया जा रहा ह।ै एक ररपोटथि के अनतुसार ऐसे जयािा्र शौचालय वसफ़थि पेपर पर बन रह े हैं हकीक् में नहीं। विसमबर 2015 में एक संसथा द्ारा 10 वज़लों में वकये गये एक सववे के अनतुसार ब्ाये गये शौचालयों में 29 प्रव्श् वसफ़थि काग़जों पर हैं जबवक 36 प्रव्श् इस्ेमाल वकये जाने लायक ही नहीं हैं। 2014-15 में सरकार द्ारा 212.57 करोड़ रुपये ववज्ापनों पर ख़चथि वकये गये, वहीं 2015-16 में यह ख़चथि बढ़कर 293.14 करोड़ हो गया।

    मतुमबई शहर की बा् की जाये ्ो यहाँ प�