इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - islam ahmadiyya...क...

208

Upload: others

Post on 21-Jun-2020

30 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

Page 1: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल
Page 2: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल
Page 3: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

इसलामी उस की

फिलासिी(इसलामी नियमो की दलारशनिकतला)

खक नमरलाश गलाम अहमद कलानदयलािी

मसीह मौऊद व महदी मला’हद अनहससलाम

Page 4: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल
Page 5: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

िलाम पसतक - इसलामी उस की निलासिी (इसलामी नियमो की दलारशनिकतला)

Name of Book : "Islami Usool Ki Philosophy" (The Philosophy of the Teachings of Islam)

खक - नमरलाश गलाम अहमद कलानदयलािी मसीह मौऊद व महदी मला’हद अनहससलामWritten By : Mirza Ghulam Ahmad Qadiani

The Promised Messiah and Mahdias

अिवलादक - अनसलार अहमद एम.ए. बी.एड. आिसश इि अरनबकTranslated By : Ansar Ahmad M.A. B.Ed. Hon's in Arabic

टलाइप सनटग - तसिीम अहमद बटटType Setting : Tasneem Ahmad Buttसखयला - 1000Quantity : 1000

परकलारि वरश - जिवरी 2014Year of Publication : January 2014

परकलारक - िरलारत िशर व इरलाअत, कलानदयलािPublisher : Nazarat Nashr-o-Ishaat, Qadian

मदरक - िज उमर नपरनटग परस, कलानदयलािPrinter : Fazle Umar Printing Press,

Qadian, 143516 Distt. Gurdaspur (Punjab) INDIA

ISBN - 81-7912-011-2

Page 6: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

खक कला परिचयहररत नमरलाश गलाम अहमद मसीह व महदी मौऊद अनहससलाम

नजिकला जनम 1835 ई. म कलानदयलाि (भलारत) म हआ। आजीवि कआशि क अधययि तथला ईशवर-भकत क परनत सम नपशत रह। जब आपि यह दखला नक इसलाम को चलारो ओर स अनरषट आकरमणो कला निरलािला बिलायला जला रहला ह, मसमलािो की बडी दयिीय अवसथला ह तथला धमश, नवशवलास तथला रकला क सममख समनपशत होतला परतीत हो रहला ह और धमश कव िलाम-मलातर रर रह गयला ह तो आपि इसलाम की शरषठतला को परमलानणत करि कला महलाि कलायश आरभ नकयला। आपि अपिी रचिलाओ (नजसम बरलाहीि अहमनदयला िलामक रचिला भी सकममनत ह) भलारणो, सभलारणो तथला धलानमशक चचलाशओ म यह तकक परसतत नकयला नक इसलाम एक सजीव धमश ह और कव यही एक धमश ह नजसकला अिसरण करक मिषय अपि सरषटला क सलाथ समबनध सथलानपत कर सकतला ह तथला उसस वलातलाशलाप कला सौभलागय परलापत कर सकतला ह। पनवतर कआशि की नरकलाओ और नवधलाि कला उदशय मलािव को िनतक, बौनधिक एव आधयलाकमक रप स पररपणश करिला ह।

आप ि यह घोरणला की नक खदला ि मझ बलाइब, पनवतर कआशि तथला हदीस म वनणशत भनवषयवलानणयो क अिरप मसीह व महदी निय त नकयला ह। 1889 ई. म आपि अपि समदलाय क सदसयो स बअत िला आरभ नकयला। आज आपकला समदलाय नवशव क 198 दरो म सथलानपत हो चकला ह। आप की 91 रचिलाओ म स अनधकलार उदश भलारला म ह।

1908 ई. म हररत मसीह मौऊद अनहससलाम क सवगशवलास क पशलात हररत मौवी िरदीि रनर. आपक परथम खीिला (उततरलानधकलारी) बि। 1914 ई. म हररत मौवी िरदीि रनर. क सवगशवलास क पशलात

Page 7: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

हररत नमरलाश बरीरदीि महमद अहमद रनर. जो हररत मसीह मौऊद अनहससलाम क सपतर भी थ आपक नवितीय खीिला निवलाशनचत हए। आपकी नखलाित कला कलायशकला गभग 52 वरश तक रहला। 1965 ई. म नवितीय उततरलानधकलारी क सवगशवलासी होि क पशलात हररत मसीह मौऊद अनहससलाम क पौतर हररत नमरलाश िलानसर अहमद रनह. नखलाित क पद पर आसीि हए। गभग 17 वरश क सफ ितव क उपरलानत 1982 ई. म इिक सवगशवलास क उपरलानत इिक छोट भलाई हररत नमरलाश तलानहर अहमद रनह. चतथश खीिला क रप म निवलाशनचत हए। नजिक विलारला अहमनदयला समदलाय को वतशमलाि नवशव-खयलानत एव मलानयतला तथला रकत परलापत हई।

19 अपर 2003 ई. को आपक सवगशवलास क उपरलानत हररत नमरलाश मसरर अहमद सलानहब पचम खीिला (उततरलानधकलारी) क रप म निवलाशनचत हए। आप जमलाअत अहमनदयला क वतशमलाि खीिला ह। तथला आपको हररत नमरलाश गलाम अहमद अनहससलाम क परपौतर होि कला सौभलागय परलापत ह।

Page 8: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

फिषय सची फिषय पषठ

परलाकथि s इसलाम 1 दलावला और परमलाण इलहलामी नकतलाब पर आधलाररत होिला आवशयक ह 3परशन न. 1 मलािव की रलारीररक, िनतक एव आधयलाकमक अवसथलाए 3 परथम अवसथला ः तलामनसक वनतत 3 नवितीय अवसथला ः रलाजनसक वनतत 4 ततीय अवसथला ः सलाकतवक वनतत 5 जीवलामला खदला की सकषट ह 15 जीवलामला (रह) कला पिजशनम 16 मिषय कला करनमक नवकलास 17 सवलाभलानवक अवसथलाओ तथला नरषटलाचलार म अनतर 19

पनवतर कआशि कला म उदशय ः सधलारो क तीि उपलाय 21 सधलार की अयनत आवशयकतला पर हररत महममद मसतिलास.अ.व. कला परलादभलाशव 22 कआशिी नरकला कला वलासतनवक उदशय तीि परकलार क सधलार ह 24 सवलाभलानवक अवसथलाए नवकनसत होकर सदलाचलार बि जलाती ह 24 वलासतनवक सदलाचलार 26 खलक और खलक 27 तीि परकलार क सधलार 29 परथम सधलार - परलाकनतक अवसथला 29 सअर कला निरध 35 दसरला सधलार ः चररतर निमलाशण (मलािव आचरण की अवसथलाए) 37 दरलाचलार कला यलाग ः सचचररतरतला एव सयम क पलाच उपलाय 38 इसलामी पदद की निलासिी 44 भलाई पहचलाि क परकलार 53 कमला, नयलाय, उपकलार एव पररजिो की सहलायतला 55

Page 9: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

वलासतनवक वीरतला 63 सचचलाई 65 धयश 67 परजला स सहलािभनत 69 एक शरषठतम अकसतव की खोज 70 हररत महममद सलानहब कला अरब म परलादभलाशव ः एक िीनत 74 पनवतर कआशि कला ससलार पर उपकलार 75 खदला क अकसतव क तकक 76 खदला क अकसतव की नवररतलाए 80 तीसरला सधलार - अधयलाकमक अवसथलाए 89 कलाफरी और रजबीी ररबत की वलासतनवकतला 100 रजबी कला परभलाव 102 अललाह तआला स पणश अधयलाकमक सबध पदला करि कला सलाधि 110परशन न. 2 म योपरलानत मिषय की यला अवसथला होती ह ? 114 परोक क तीि रहसय 118 अधयलाम जलाि कला परथम रहसय 119 जलाि क तीि परकलार 121 तीि ोक 121 अधयलाम जलाि कला दसरला रहसय 128 अधयलाम जलाि कला तीसरला रहसय 133परशन न. 3 ससलार म मलािव जीवि कला म उदशय यला ह तथला वह नकस परकलार परलापत हो सकतला ह ? 135 मलािव जीवि की परलाकपत कला सलाधि 138 म उदशय की परलाकपत कला परथम सलाधि 138 म उदशय की परलाकपत कला दसरला सलाधि 139 म उदशय की परलाकपत कला तीसरला सलाधि 139 म उदशय की परलाकपत कला चौथला सलाधि 140 म उदशय की परलाकपत कला पलाचवला सलाधि 141

Page 10: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

म उदशय की परलाकपत कला छठला सलाधि 141 म उदशय की परलाकपत कला सलातवला सलाधि 144 म उदशय की परलाकपत कला आठवला सलाधि 145परशन न. 4 इस ोक और परोक म हमलार कममो कला परभलाव यला ह ? 146 पनवतर कआशि म आई हई नवनभनि वसतओ की कसमो की वलासतनवकतला 149परशन न. 5 नवदला अथलाशत जलाि एव आम जलाि क सलाधि और मलाधयम यला-यला ह ? 156 मलािव परकनत की वलासतनवकतला 160 इलहलाम स यला अनभपरलाय ह ? 164 इसलाम की नवररतला 168 वतला कला खदला स वलातलाशलाप एव समबोधि स सममलानित होिला 168 पणश जलाि कला सलाधि खदला कला इलहलाम (ईरवलाणी) ह ? 170 हररत महममद सलानहब क जीवि क दो यग 174 हररत महममद सलानहब क यधिो कला उदशय 179

Page 11: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(i)

एक सजजि सवलामी सलाध नरवगण चनदर िलामक जो तीि चलार वरश तक नहनदओ की कलायसथ जलानत कला सधलार और सवला कला कलायश करत रह थ। सन 1892 ई. म उनह यह नवचलार आयला नक जब तक सब ोग एक ि हो कोई लाभ ि होगला। अनततः उनह एक धलानमशक सममि आयोनजत करि कला परसतलाव सझला। अतः इस परकलार कला पहला जसला अजमर म हआ। तपशलात वह 1896 ई. म दसर सममि क नए लाहौर क वलातलावरण को उनचत समझकर उसकी तयलारी म ग गए।

सवलामी जी ि इस धलानमशक सममि क परबनध क नए एक कमटी बिलाई। नजसक अधयक मलासटर दगलाश परसलाद तथला चीि सकरटरी चीि कोटट लाहौर क एक नहनद पीडर लाला धिपतरलाय बी. ए. ए. ए. बी. थ। सममि क नए 26, 27, 28 नदसमबर सन 1896 ई. की नतनथयला निधलाशररत हई तथला सममि की कलायशवलाही क नए निमिननखत छः मॉडरटर मिोिीत नकए गए ः-1. रलाय बहलादर परतो चनद सलानहब जज चीि कोटट पजलाब2. खलाि बहलादर रख खदला बखर सलानहब जज समला कॉर कोटट लाहौर3. रलाय बहलादर पनडत रलाधला नकरि कौ पीडर चीि कोटट भतपवश

गविशर जमम4. हररत मौवी हकीम िरदीिरनर. सलानहब रलाही वद5. रलाय भवलािीदलास सलानहब एम. ए. अनतररत सनटमणट अफसर जहम6. जिलाब सरदलार जवलाहर नसह सलानहब सकरटरी खलासला कमटी लाहौर

सवलामी नरवगण चनदर सलानहब ि कमटी की ओर स जसला कला नवजलापि दत हए, मसमलािो ईसलाइयो तथला आयश सजजिो को रपथ दी ररपोटट जसला-ए-आरम मरलानहब पषठ - 253, 254 नसदीकी परस लाहौर स सन 1897 ई. म परकलानरत। ररपोटट जसला-ए-आरम मरलानहब पषठ - 253, 254 नसदीकी परस लाहौर स सन 1897 ई. म परकलानरत।

Page 12: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(ii)

नक उिक परनसधि नवविलाि इस जलस म अपि-अपि धमश की नवररतलाए अवशय वणशि कर तथला नखला नक जो धममो क महलाि जलस कला लाहौर क टलाउि हला म होिला निधलाशररत हआ ह उसक उदशय यही ह नक सचच धमश की नवररतलाए तथला गण एक सभय और नरनकत ोगो क सलावशजनिक जलस म परकट होकर उसकला परम हदयो म बठ जलाए तथला उसक परमलाण एव तकमो को ोग भी परकलार समझ । इस परकलार परयक धमश क सममलानित उपदरक को अवसर नम नक वह अपि धमश की सचचलाइयला दसरो क हदयो म बठला द तथला शरोतलाओ को भी यह अवसर परलापत हो नक व उि सब महलािभलावो क जलस म परयक भलारण की दसर क भलारण क सलाथ त िला कर तथला जहला सय की झक दख उस सवीकलार कर ।

आजक धलानमशक वलाद-नववलादो क कलारण हदयो म सच धमश को जलात करि की इचछला भी पलाई जलाती ह तथला इसक नए उततम उपलाय यही नवनदत होतला ह नक समसत धलानमशक नवविलाि जो आदर एव िसीहत करिला अपिला अलाचरण रखत ह एक सथलाि पर एकतर हो तथला अपि-अपि धमश की नवररतलाए नवजलापि म नदए गए परशिो की पलाबनदी क सलाथ वणशि कर। इस बड धममो क सममि म जो धमश सचच परमशवर की ओर स होगला वह अपिी नवरर चमक अवशय नदखलाएगला। इसी उदशय स इस जलस को परसतलानवत नकयला ह। परयक जलानत क बजगश उपदरक भी भलानत जलाित ह नक अपि धमश की सचचलाई परकट करिला उि कला कततशवय ह। अतः इस उदशय क नए नजस अवसथला म यह जसला आयोनजत हआ ह नक सचचलाइयला परकट हो तो खदला ि उि को इस उदशय को पणश करि कला अब अचछला अवसर नदयला ह जो हमरला मिषय क अनधकलार म िही होतला।

नफर उनह पररणला दत हए नखला ः-“यला म सवीकलार कर सकतला ह नक जो वयकत दसरो को एक घलातक

Page 13: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(iii)

रोग म गरसत समझतला ह तथला नवशवलास रखतला ह नक उसकी सरकला मरी दवला म ह और मलािव जलानत की सहलािभनत कला दलावला भी करतला ह वह ऐस अवसर पर नक गरीब रोगी उस उपचलार क नए बलात ह वह जलािबझ कर पह बचलाए ? मरला हदय इस बलात क नए तडप रहला ह नक यह निणशय हो जलाए नक कौि सला धमश वलासतव म सचचलाइयो स भरला हआ ह तथला मर पलास व रबद िही नजिक विलारला म अपि इस सचच जोर कला वणशि कर सक।”

इस धलानमशक जलस अथवला धलानमशक महोसव लाहौर म सकममनत होि क नए नभनि-नभनि धममो क परनतनिनधयो ि सवलामी जी कला निमतरण सवीकलार नकयला तथला नदसमबर 1896 ई. क बड नदि की छनटटयो म धलानमशक महोसव कला अलायोजि हआ नजसम नभनि-नभनि धममो क परनतनिनधयो ि महोसव कमटी की ओर स घोनरत पलाच परशिो पर भलारण नदए जो कमटी की ओर स उततर दि क उदशय स पह ही परकलानरत कर नदए गए थ तथला उिक उततरो क नए कमटी की ओर स यह रतश गलाई गई थी नक भलारण दि वलाला अपि वणशि को यथलासभव उस नकतलाब तक सीनमत रख नजस वह धलानमशक तौर पर पनवतर सवीकलार कर चकला ह। परशि य थ ः- 1. मिषय की रलारीररक, िनतक और अधयलाकमक अवसथलाए।2. मलािव जीवि क बलाद (परोक) की अवसथला3. ससलार म मलािव-अकसतव कला म उदशय यला ह और वह उदशय

नकस परकलार पणश हो सकतला ह ?4. इस ोक (ससलार) तथला परोक म कममो कला यला परभलाव होतला ह ?5. जलाि और अधयलाम जलाि क सलाधि यला-यला ह ?

इस जलस म जो 26 नदसमबर स 29 नदसमबर तक हआ - सिलाति धमश, नहनद धमश, आयश समलाज, फी नथकर, बरहम समलाज, थयोसोिीक सोसलायटी, रीजि ऑि हलारमिी, ईसलाइयत, इसलाम और नसख धमश क परनतनिनधयो ि भलारण नदए नकनत इि समसत भलारणो म स कव एक ही भलारण उि परशिो कला वलासतनवक और पणश उततर थला। नजस समय

Page 14: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(iv)

यह भलारण हररत मौवी अबद करीम नसयलाकोटीरनर. अयनत मधर सवर म पढ रह थ उस समय कला दशय वणशि िही नकयला जला सकतला। नकसी भी धमश कला कोई वयकत िही थला जो वलाह-वलाह और बहत उततम कला िलारला बनद ि कर रहला हो, कोई वयकत ि थला नजस पर आम नवसमनत तथला झमि वलाी अवसथला ि छलाई हो। वणशि री अयनत रोचक एव सवशनपरय थी। इसस बढकर इस निबध की खबी और यला होगी नक नवरोधी भी परसनितला और हरलािी परकट कर रह थ। परनसधि अगररी अखबलार “नसनव एणड नमन टी गरट” लाहौर ि ईसलाई होि क बलावजद कव इसी निबनध की उचचकोनट की पररसला नखी और इसी को उलखिीय वणशि नकयला।

यह निबनध जमलाअत अहमनदयला क परवतशक हररत नमरलाश गलाम अहमद सलानहब कलानदयलािी कला नखला हआ थला। इस निबनध क निधलाशररत समय म समलापत ि होि क कलारण 29 नदसमबर कला नदि बढलायला गयला। “पजलाब आबररवर” ि इस निबध की पररसला म कलाम क कलाम भर नदए। पसला अखबलार, चौदहवी सदी, सलानदक अखबलार, “मखनबर दकि” तथला अखबलार “जिर व गौहर आसिी” ककततला इयलानद समसत अखबलार सवशसममत तौर पर इस निबध की पररसला कर रह थ। अनय जलानतयो तथला अनय धमलाशियलानययो ि इस निबध को सवशशरषठ सवीकलार नकयला। इस धलानमशक महोसव क सकरटरी धिपत रलाय बी.ए. ए.ए.बी. पीडर चीि कोटट पजलाब “ररपोटट जलसला-ए-आरम मरलानहब” (धमश महोसव) म इस भलारण क सबध म नखत ह ः-

“पनडत गोवधशि दलास क भलारण क पशलात आध घणट कला अवकलार थला, परनत चनक अवकलार क पशलात एक परनसधि वकी की ओर स भलारण होिला थला, इसनए अनधकलार रनच रखि वला ोगो ि अपि-अपि स थलाि को ि छोडला। डढ बजि म अभी बहत समय रहतला थला नक इसलानमयला कलाज कला नवरला मकलाि रीघर-रीघर भरि

Page 15: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(v)

गला तथला कछ ही नमिटो म भर गयला। उस समय गभग सलात-आठ हरलार क मधय ोग थ। नवनभनि धममो और नमलतो तथला सोसलायनटयो क अनधकलार नरनकत ोग मौजद थ, यदनप कनसशयला, मर तथला िरश नितलानत बड सतर पर उपबध नकयला परनत सकडो ोगो को खडला होि क अनतररत और कछ ि बि पडला। इि खड हए रनच रखि वला ोगो म बड-बड रईस, पजलाब क उचच अनधकलारी ोग, परकलाणड नवविलाि, बररसटर, वकी, परोिसर, एसटला अनससटट, डलाटर, निषकरश यह नक नवनभनि नवभलागो क उचच वगश क हर परकलार क ोग मौजद थ। इि ोगो क इस परकलार एकतर होि तथला नितलानत धयश और गभीरतला क सलाथ जोर स निरनतर चलार-पलाच घणट तक खड रहि स सपषट परकट होतला ह नक इि धिलाढ‍य ोगो को कहला तक इस पनवतर पररणला स सहलािभनत थी। भलारण क खक सवय तो जलस म मौजद ि थ परनत उनहोि सवय अपि एक नवरर नरषय मौवी अबद करीम सलानहब नसयलाकोटी को निबनध पढि क नए भजला हआ थला। इस निबनध क नए यदनप कमटी की ओर स कव दो घट ही थ परनत जलस म मौजद ोगो को सलामलानयतयला इस निबनध स कछ ऐसी रनच पदला हो गई नक मॉडरटर ोगो ि नितलानत जोर और परसनितलापवशक आजला दी नक जब तक यह निबनध समलापत ि हो तब तक जलस की कलायशवलाही को समलापत ि नकयला जलाए। उि कला इस परकलार कहिला दरशको की इचछला क सरलासर अिक थला, योनक जब निधलाशररत समय-सीमला क गररि पर मौवी अब यसि मबलारक अी सलानहब ि अपिला समय भी इस निबनध क समलापत होि क नए द नदयला। अतः उपकसथत सजजिो एव मॉडरटर ोगो ि खरी स िलारला गलात हए मौवी सलानहब कला धनयवलाद नकयला। जलस की कलायशवलाही सलाढ चलार बज समलापत हो जलािी थी नकनत सभी की इचछला को दखकर जलस की कलायशवलाही सलाढ पलाच बज तक जलारी रखिला पडी योनक यह निबनध गभग चलार घणट म

Page 16: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(vi)

समलापत हआ तथला परलारभ स अनत तक अपि अनदर बरलाबर रनच और मलानयतला रखतला थला।”

नवनचतर बलात यह ह नक जलस क आयोजि स पवश 21 नदसमबर 1896 ई. को जमलाअत अहमनदयला क परवतशक ि अपि निबनध क नवजयी होि क सबध म अललाह तआला स सचिला पलाकर एक नवजलापि परकलानरत नकयला नजसकी परनतननप निमिननखत ह ः-

सतयलाफिलाफषयो क फए एक महलान शि सनशमहलाि धमश महोसव* जो लाहौर टलाउि हला म 26, 27, 28

नदसमबर 1896 ई. को होगला उसम इस नविीत कला एक निबनध कआशि ररीि की नवररतलाओ तथला चमकलारो क बलार म पढला जलाएगला। यह वह निबनध ह जो मलािव रकतयो स शरषठतम तथला खदला क निरलािो म स एक निरलाि तथला उसक नवरर समथशि स नखला गयला ह। इसम कआशि ररीि की उि सचचलाइयो एव अधयलाम जलािो कला उलख नकयला ह नजिस सयश क समलाि परकलारमलाि हो जलाएगला नक वलासतव म यह खदला कला कलाम (वलाणी) तथला समसत ोको क परनतपलाक की नकतलाब ह तथला जो वयकत इस निबध को परलारभ स अनत तक पलाचो परशिो क उततर सिगला, म नवशवलास रखतला ह नक उसम एक ियला ईमलाि पदला होगला तथला उसम एक ियला परकलार चमक उठगला तथला खदला तआला क पनवतर कलाम की एक सवलाागपणश वयलाखयला उसक हलाथ म * सवलामी नरवगण चनदर सलानहब ि अपि नवजलापि म मसमलािो, ईसलाइयो तथला आयश सजजिो को रपथ दी थी नक उिक परनसधि नवविलाि इस जलस म अपि-अपि धमश की नवररतलाए अवशय वणशि कर। अतः हम सवलामी जी को सचिला दत ह नक हम इस महलाि परकलार क सममलाि क नए आप की इचछला को पणश करि क नए तयलार हो गए ह और खदला ि चलाहला तो हमलारला निबध इस जलस म पढला जलाएगला। इसलाम वह धमश ह नजसक मधय म खदला कला िलाम आि स, सचच मसमलाि को पणश आजलापलाि कला निददर दतला ह परनत अब हम दखग नक आपक भलाई आयमो और पलादररयो को अपि परमशवर अथवला यीर की परनतषठला कला नकतिला धयलाि ह और व ऐस महलाि पनवतर िलाम पर उपकसथत होि क नए तयलार ह यला िही ? इसी स

Page 17: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(vii)

आ जलाएगी। मरला भलारण मलािवीय वयथश बलातो तथला डीगो स पनवतर ह। मझ इस समय कव परजला की सहलािभनत ि इस नवजलापि नखि क नए नववर नकयला ह तलानक व कआशि ररीि क सौनदयश को दख नक हमलार नवरोनधयो कला नकतिला अनयलाय ह नक व अधकलार स परम करत और परकलार स घणला करत ह। मझ सवशज खदला ि इलहलाम विलारला सनचत नकयला ह नक यह वह निबध ह जो सब पि फिजयी होगला तथला इसम सचचलाई और बनधिमततला एव अधयलाम जलाि कला वह परकलार ह जो दसरी जलानतयला इस रतश पर नक उपकसथत हो तथला उस आरभ स अनत तक सि रनमशनदला हो जलाएगी और कदलानप समथश ि होगी नक अपिी नकतलाबो की यह नवररतलाए नदखला सक चलाह व ईसलाई हो, चलाह सिलाति धमश वला अथवला कोई अनय, योनक खदला तआला ि यह इरलादला नकयला ह नक उस नदि उसकी पनवतर नकतलाब कला परदरशि हो। मि कशि की अवसथला म उसक सबध म दखला नक मर मकलाि पर परोक स एक हलाथ मलारला गयला तथला उस हलाथ क छि स उस मकलाि म स एक उजव परकलार निकला जो चलारो और फ गयला तथला मर हलाथो पर भी उसकला परकलार पडला। तब एक वयकत जो मर पलास खडला थला वह उचच सवर म बोला -

یبر

بت خ ر

بر خ

ڪ ا لل

ا

इसकी वयलाखयला यह ह नक उस मकलाि स अनभपरलाय मरला हदय ह जो परकलार सथ तथला परकलारो क उतरि कला सथ ह और व परकलार कआशिी जलाि ह और ‘खबर’ स अनभपरलाय समसत खरलाब धमश ह नजिम नरकक (खदला कला भलागीदलार बिलािला) और नबदअत (ररीअत क आदरो म अपिी ओर स नकसी िई बलात कला समलावर) की नमलावट ह तथला मिषय को खदला कला सथलाि नदयला गयला यला खदला की नवररतलाओ को उिक यथोनचत सथलाि स िीच नगरला नदयला ह। अतः मझ बतलायला गयला नक इस निबनध क उनचत तौर पर परसलार क पशलात झठ धममो कला झठ ख जलाएगला और कआशिी सचचलाई परनतनदि पथवी पर परसलाररत होती जलाएगी,

Page 18: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(viii)

यहला तक नक अपिला चकर परला कर। अनततः मरला हदय कशि की अवसथला स इलहलाम की ओर फरला गयला और मझ यह इलहलाम हआ -

متینما ق

وم ا

یق الل

ان

معک الل

ان

अथलाशत खदला तर सलाथ ह और खदला वही खडला होतला जहला त खडला हो। य रबद खदलाई समथशि क सचक ह। अब म अनधक ि नखकर परयक को यही सचिला दतला ह नक इि अधयलाम जलािो को सिि क नए कछ हलानि सहि करक भी आिला पड तो भी सममि की निधलाशररत नतनथ पर लाहौर अवशय पधलार नक उिकी बनधि और ईमलाि को इस स व लाभ परलापत होग नक व सोच भी िही सकत होग। सलामती हो उस पर नजसि सनमलागश कला अिसरण नकयला।

विनीत - विरजा गलजि अहिद कजवदयजन21, वदसमबर - 1896 ई.

उनचत मलाम होतला ह नक िमि क तौर पर दो तीि अखबलारो की रलायो कला िीच उलख कर नदयला जलाए ः-

फसफि एणड फमफटी गजट (लाहौि) न फखला ः-“इस सममि म शरोतलाओ की हलानदशक एव नवरर रनच नमरलाश गलाम

अहमद कलानदयलािी क भलारण क सलाथ थी, जो इसलाम क समथशि और सरकला म दक एव परकलाणड ह। इस भलारण को सिि क नए दर और निकट स नवनभनि समपरदलायो कला एक नवरला समह उमड पडला थला। चनक नमरलाश सलानहब सवय िही आ सकत थ, इसनए यह भलारण उिक एक नरषय एव मरी अबद करीम सलानहब नसयलाकोटी ि पढकर सिलायला। 27, नदसमबर को भलारण तीि घट तक होतला रहला तथला ोगो ि अयनत परसनितला और धयलािपवशक उस सिला, नकनत अभी कव एक परशि समलापत हआ। मौवी अबद करीम सलानहब ि वलादला नकयला नक

Page 19: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(ix)

यनद समय नमला तो रर भलाग भी सिला दगला। इसनए परबनधि कमटी और अधयक ि यह परसतलाव सवीकलार कर नयला नक 29 नदसमबर कला नदि बढला नदयला जलाए।” (अिवलाद)अखबलाि “चौहिी सी” (िलािफपनडी) न हजित मसीह मौऊ अफहससलाम क इस िलाषण पि फनमनफफखत समीकला की ः-

“इि भलारणो म सबस उततम भलारण जो सममि की परलाणवलाय थी नमरलाश गलाम अहमद कलानदयलािी कला भलारण थला नजस सपरनसधि, सरस एव सबोध भलारी वतला मौवी अबद करीम नसयलाकोटी ि नितलानत उततम ढग स पढकर सिलायला। यह भलारण दो नदि म समलापत हआ, जो मोटलाई म सौ बड पषठ तक होगला। अतः मौवी अबद करीम सलानहब ि भलारण आरभ नकयला और कसला आरभ नकयला नक समसत शरोतला टट हो गए। एक-एक वलाय पर वलाह-वलाह क सवर बनद थ और परलायः एक-एक वलाय को पिः पढि क नए उपकसथत सजजिो की ओर स मलाग की जलाती थी। जीवि-पयशनत हमलार कलािो ि ऐसला सनदर और परभलावोपलादक भलारण िही सिला। अनय धममो म स नजति ोगो ि भलारण नदए, सय तो यह ह नक व सममि क निधलाशररत परशिो क उततर भी िही थ। समलानयतयला वतला कव चौथ परशि पर ही रह तथला रर परशिो को उनहोि बहत कम परसतत नकयला तथला अनधकलार ोग तो ऐस भी थ जो बोत तो बहत थ परनत उसम सजीवतला नबलक ि थी नसवलाए नमरलाश सलानहब क भलारण क जो इि परशिो कला पथक-पथक नवसतत तथला पणश उततर थला, नजस दरशको ि नितलानत धयलाि और रनच स सिला तथला बडला बहमलय और महतवपणश नवचलार नकयला। हम नमरलाश सलानहब क मरीद (नरषय) िही ह और ि उि स हमलारला कोई सबध ह नकनत हम नयलाय कला खि कभी िही कर सकत और ि कोई सौमय और सही अनतरलामला रखि वलाला वयकत उस उनचत समझ सकतला ह।

Page 20: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(x)

नमरलाश सलानहब ि समसत परशिो क उततर (यथोनचत) कआशि ररीि स नदए तथला समसत बड-बड नियम एव इसलाम की रलाखलाओ को बौनधिक तकमो विलारला तथला दरशिरलासतरीय परमलाणो क सलाथ ससकजजत नकयला। पह बौनधिक तकमो विलारला दरशिरलासतरीय समसयला को नसधि करिला तपशलात खदला क कलाम को बतौर उधिरण पढिला एक अद‍भत रलाि नदखलातला थला।

नमरलाश सलानहब ि ि कव कआशिी समसयलाओ की दलारशनिकतला वणशि की अनपत कआशि क रबदो की फलासिी भी सलाथ-सलाथ वणशि कर दी। अतः नमरलाश सलानहब कला भलारण हर परकलार स पणश और परभलावोपलादक भलारण थला नजसम असखय जलािो, वलासतनवकतलाओ, आदर एव रहसयो क मोती चमक रह थ तथला आधयलाम क दरशि कला ऐस ढग स वणशि नकयला गयला थला नक समसत धममो वला सतबध रह गए थ। नकसी वयकत क भलारण क समय इति ोग एकतर िही थ नजति नक नमरलाश सलानहब क भलारण क सलाथ। समपणश हला िीच स ऊपर तक भरला हआ थला तथला शरोतला पणश धयलाि स सि रह थ। नमरलाश सलानहब क भलारण क समय तथला अनय वतलाओ क भलारणो क अनतर क नए इतिला कहिला पयलाशपत ह नक नमरलाश सलानहब क भलारण क समय ोग इस परकलार आ आकर नगर जस रहद पर मकखयला नकनत दसरो क भलारणो क समय आिनद क अभलाव क कलारण उठ कर च जलात थ। मौवी महममद हसि बटलावी कला भलारण नबलक मलामी थला। वही मललाई नवचलार थ नजनह ोग परनतनदि सित ह। उसम कोई नवनचतर बलात ि थी तथला मौवी सलानहब क दसर भलारण क समय कई ोग उठ कर च गए थ। मौवी सलानहब को अपिला भलारण पणश करि क नए कछ अनतररत नमिट दि की अिमनत भी िही दी गई।”

(अखबलार “चौदहवी सदी” रलावनपनडी, 1 िरवरी 1897 ई.)अखबलाि “जनि ि गौहि आफसिी” ककतला न 24 जनििी 1897 ई. क परकलाशन म “धमम महोतसि लाहौि म आयोफजत”

Page 21: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(xi)

औि “ितह इसलाम” क ोहि शीषमक स फखला -“इसस पवश नक हम सममि की कलायशवलाही क बलार म बलात कर

हम यह बतला दिला आवशयक ह नक हमलार अखबलार क कलामो म जसला नक उसक दरशको पर सपषट होगला यह बहस हो चकी ह नक इस धमश महोसव म इसलाम की वकलात क नए सबस योगय वयकत कौि थला। हमलार एक सममलाििीय पतरकलार ि सवशपरथम मकसतषक को पकपलात स ररत करक तथला सय को दकषटगत रख कर हजित फमजलाम गलाम अहम िईस कलाफयलान को अपन फिचलाि म चनला थला, नजिक सलाथ हमलार एक अनय आदरणीय सजजि ि अपि पतरलाचलार म सहमनत परकट की थी। जिलाब मौवी सययद िखरदीि सलानहब िखर ि बड रोर क सलाथ इस चिि क बलार म जो अपिी आरलाद तलानककक तथला बहमलय रलाय ोगो क समक परसतत की थी उसम हररत नमरलाश गलाम अहमद सलानहब रईस कलानदयलाि, जिलाब सर सययद अहमद सलानहब आि अीगढ को चिला थला और सलाथ ही इस इसलामी वकलात की पचची निमिननखत सजजिो क िलाम निकी थी। मौवी अब सईद महममद हसि सलानहब बटलावी, जिलाब मौवी हलाजी सययद महममद अी सलानहब कलािपरी और मौवी अहमद हसि सलानहब अरीमलाबलादी। यहला यह वणशि कर दिला भी अिनचत ि होगला नक हमलार एक सथलािीय अखबलार क सवलाददलातला ि जिलाब मौवी अबद हक सलानहब दहवी खक ‘तफसीर हककलािी’ कला इस कलायश क नए निवलाशचि नकयला थला।”

तपशलात सवलामी नरवगण चनदर क नवजलापि स उस भलाग को िक करक नजसम उनहोि नहनदसतलाि क नवनभनि धममो क नवविलािो को बहत रमश नदला-नदला कर अपि-अपि धमश क जौहर नदखलाि क नए ब लायला थला। यह अखबलार नखतला ह :-

“इस जलस क नवजलापिो आनद क दखि तथला निमतरणो क पहचि पर नहनदसतलाि क नकि-नकि नवविलािो क सवलानभमलाि ि पनवतर इसलाम

Page 22: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(xii)

धमश की वकलात क नए जोर नदखलायला तथला उनहोि कहला तक इसलामी समथशि कला बीडला उठलाकर परमलाणो एव तकमो क मलाधयम स कआशि क रोब कला नसकला अनय धममो क हदय पर बठलाि कला परयि नकयला ह।

हम नवशवसिीय सतरो स जलात हआ ह नक सममि क कलायशकतलाशओ ि नवरर तौर पर हररत नमरलाश गलाम अहमद सलानहब तथला सर सययद अहमद सलानहब को जलस म भलाग ि क नए पतर नखला थला। हररत नमरलाश सलानहब तो तबीयत की खरलाबी क कलारण सवय सममि म भलाग ि सक नकनत अपिला निबध भजकर अपि एक नवरर नरषय जिलाब मौवी अबद करीम सलानहब नसयलाकोटी को उस पढि क नए नियत नकयला, परनत सर सययद ि जलस म भलाग ि तथला निबध भजि स पथकतला रखी। यह इस कलारण ि थला नक वह वधि हो चक ह तथला ऐस सममिो म भलाग ि योगय िही रह ह और ि इस कलारण थला नक उनही नदिो मरठ म एजकरि कलानफस कला आयोजि तय हो चकला थला अनपत इसकला कलारण यह थला नक धलानमशक सममि उिक धयलाि योगय िही, योनक उनहोि अपि पतर म नजस हम खदला ि चलाहला तो अपि अखबलार म नकसी अनय समय नखग सपषट नख नदयला ह नक वह कोई उपदरक यला िसीहत करि वला यला मौवी िही, यह कलायश उपदर दि वलाो एव िसीहत करि वलाो कला ह। सममि क परोगरलाम को दखि तथला छलाि-बीि करि स यह जलात हआ ह नक जिलाब मौवी सययद महममद अी कलािपरी, जिलाब मौवी अबद हक सलानहब दहवी और जिलाब मौवी अहमद हसि सलानहब अरीमलाबलादी ि इस जलस की ओर कोई जोर स धयलाि िही नदयला और ि हमलार पनवतर नवविलाि-वगश म स नकसी अनय योगय वयकत ि अपिला निबनध पढि यला पढवलाि कला सकलप बतलायला। हला दो एक उमला ि बहत सलाहस करक नजसम हम ह कदम रखला परनत उटला। इसनए उनहोि यला तो निधलाशररत नवरयो पर कोई बलात ि की यला नबिला सर-पर

Page 23: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(xiii)

की बलात हलाक दी जसला नक हमलारी बलाद की ररपोटट स सपषट होगला। अतः जलस की कलायशवलाही स यही नसधि होतला ह नक कि हजित फमजलाम गलाम अहम सलाफहब िईस कलाफयलान थ फजनहोन इस मकलाब क म लान म इसलामी पहिलानी कला पिला हक अला फकयला ह औि इस फनिलामचन को सचचला फकयला ह जो फिशष तौि पि सिय आप को इसलामी िकी फनयकत किन म परलावर, रलावनपणडी, रलाहपर, भरला, खरलाब, नसयलाकोट, जमम, वरीरलाबलाद, लाहौर, अमतसर, गरदलासपर, नधयलािला, नरमला, दही, अमबलाला, ररयलासत पनटयलाला, दहरलादि, इलाहलाबलाद, मदरलास, बमबई, हदरलाबलाद दकि, बगोर इयलानद नहनदसतलाि क नवनभनि इसलामी समपरदलायो स वकलात िलामो क विलारला हसतलाकरो स ससकजजत होकर अम म आयला थला। सय तो यह नसधि होतला ह नक यफ इस सममन म हजित फमजलाम सलाफहब कला फनबनध न होतला तो इसलाफमयो पि अनय धमलामिममबयो क समक अपमलान औि फनमजजतला कला फतक गतला फकनत खला क शमकतशलाी हलाथ न पफितर इसलाम को फगिन स बचला फयला अफपत उस इस फनबनध क दलािला ऐसी फिजय परलान की फक फमतर तो फमतर फििोधी िी सिलािलाफिक जोश स यह कह उठ फक यह फनबनध सब स शषठ ह, शषठ ह। अतः निबनध की समलाकपत पर वलासतनवकतला परनतविकनवियो क मख पर इस परकलार जलारी हो चकी थी नक अब इसलाम की सचचलाई सपषट हई तथला इसलाम को नवजय परलापत हई जो चयि कय पर गि वला तीर क समलाि परकलारमलाि नदि म उनचत निकला। अब इसक नवरोध म कछ कहि की गजलायर ह ही िही अनपत वह हमलार गवश कला कलारण ह। इसनए इसम इसलामी वभव और परतलाप ह तथला इसी म इसलामी शरषठतला तथला सय भी यही ह।

यदनप धमश महोसव कला नहनदसतलाि म यह दसरला अवसर थला नकनत इसि अपिी मलाि-मयलाशदला तथला वभव एव परनतषठला की दकषट स

Page 24: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(xiv)

समसत नहनदसतलािी कलागरसो एव कलानफनसो को परलानजत कर नदयला ह। नहनदसतलाि की नवनभनि ररयलासतो क रईस ोग इसम सकममनत हए और हम नितलानत परसनितलापवशक यह परकट करिला चलाहत ह नक हमलार मदरलास ि भी इस म भलाग नयला ह। सममि की रनच यहला तक बढी नक नवजलापि म परकलानरत तीि नदिो पर एक नदि बढलािला पडला। अनधवरि की कलायशकलाररणी कमटी ि लाहौर म सब स अनधक नवरला सथलाि इसलानमयला कलाज परसतलानवत नकयला नकनत खदला की परजला की इतिी अनधक भीड थी नक सथलाि की कमतला अपयलाशपत नसधि हई। सममि की महलाितला कला यह पयलाशपत परमलाण ह नक समपणश पजलाब क परनतकषठत ोगो क अनतररत चीि कोटट तथला इलाहलाबलाद क हलाईकोटट क सममलाििीय जज बलाब परतो चनदर सलानहब तथला शरी बिजची नितलानत परसनितलापवशक सममि म सकममनत हए।”

यह निबनध पह धमश महोसव लाहौर की ररपोटट म नबिला नकसी कमी क यथलावत परकलानरत हआ और जमलाअत अहमनदयला की ओर स “इसलामी उस की फलासिी” रीरशक क अनतगशत पसतक क रप म इसक कई ससकरण उदश और अगररी म परकलानरत हो चक ह। इसक अनतररत इसकला अिवलाद फच, डच, सपनिर, अरबी, जमशि इयलानद भलारलाओ म भी परकलानरत हो चकला ह तथला इस पर बड-बड दलारशनिको तथला नवदरी अखबलारो पनतरकलाओ क समपलादको ि भी अनतयततम समीकलाए नखी तथला पकशमी नवचलारको ि भी इस भलारण की उलखिीय सरलाहिला की। उदलाहरणतयला -

1. फरिसट टलाइमज एणड फमिि ि नखला - “निशय ही वह वयकत जो यरोप और अमरीकला को इस रग म सबोनधत करतला ह कोई सलाधलारण वयकत िही हो सकतला।”

2. “सपरीचअ जिन” बोसटन ि नखला - “यह पसतक मलािव जलानत क नए एक रधि रभ सनदर ह।”

Page 25: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

(xv)

3. “थयोसोिीक बक नोटस” ि नखला - “यह पसतक महममद (स.अ.व.) क धमश की उततम और मिोहर कनत ह।”

4. “इमणडयन िीफिय” ि नखला ः- “इस पसतक क नवचलार परकलारमलाि, ठोस और बनधिमततला स भरपर ह तथला अधययिकतलाश क मख स सहसला उसकी पररसला निकती ह।”

5. “ममसम िीफिय” ि नखला ः- “इस पसतक कला अधययिकतलाश इसम बहत स सचच, गढ, वलासतनवक और परलाणवधिशक नवचलार पलाएगला।”

(“नसनसला अहमनदयला” खक हररत सलानहबरलादला नमरलाश बरीर अहमद सलानहब स उधिररत)

इस निबनध की यह नवररतला ह नक इसम नकसी अनय धमश पर आकरमण िही नकयला गयला अनपत कव इसलाम की नवररतलाए वणशि की गई ह तथला परशिो क उततर कआशि मजीद ही स नदए गए ह और इस परकलार स नदए गए ह नक नजि स इसलाम कला समसत धममो स पणश, उततम तथला सवशशरषठ होिला नसधि होतला ह।

इस पसतक म अधयलाकमक जलाि स ओतपरोत निबध क नहनदी अिवलाद को “इसलामी नियमो की दलारशनिकतला” कला िलाम नदयला गयला ह। यह अिवलाद जिलाब अनसलार अहमद एम.ए. बी.एड. आिसश इि अरनबक ि नकयला ह। इस समय दर क अनधकलार भलागो म नहनदी कला परचलार-परसलार बढतला जला रहला ह। इसी को दकषटगत रखत हए िरलारत िशर व इरलाअत ि जमलाअत अहमनदयला क वतशमलाि पचम खीिला हररत नमरलाश मसरर अहमद सलानहब की अिमनत और आजला स परकला नरत करि कला सौभलागय परलापत कर रही ह। आरला ह नक यह अिवलाद समसत दरवलानसयो को लाभ उठलाि कला अवसर परदलाि करगला। परमशवर स यही हमलारी कलामिला ह।

हलानिर मखदम ररीििलानरर िशर व इरलाअत, कलानदयलाि

Page 26: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल
Page 27: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

1 इसलामी उस की फिलासिी

नबकसमललानहरटहमलानिरटहीमिहमदोह व िसली अला रस ननह करीम

इसलामलािला औि परमलाण इलहलामी फकतलाब पि आधलारित होनला

अलािशयक हआज इस रभ सवशधमश महोसव म नजसकला उदशय यह ह नक

परयक आमनतरत सजजि नवजलापि म नदए गए परशिो की पलाबनदी करत हए अपि अपि धमश की नवररतलाए वणशि कर। म इसलाम धमश की नवररतलाओ कला वणशि करगला।

इस स पवश नक म अपि नवरय कला आरमभ कर इतिला बतला दिला उनचत समझतला ह नक मि इस बलात कला नवरर रप स धयलाि रखला ह नक जो कछ वणशि कर खदला तआला क पनवतर कलाम कआशि करीम स कर योनक मर निकट यह बहत आवशयक ह नक परयक वयकत जो नकसी धमश गरनथ कला पलाबनद हो और उस धमश गरनथ को खदला कला गरनथ समझतला हो वह परयक बलात म उसी धमशगरनथ क उधिरणो विलारला उततर द और अपिी वकलात क अनधकलारो को इतिला नवरला ि कर जस वह एक िवीि धमशगरनथ की रचिला कर रहला ह। अतः आज हम कआशि करीम की नवररतलाओ को परमलानणत करिला ह और उसक चमकलारो को परदनरशत करिला ह। इसनए उनचत ह नक हम नकसी बलात को परसतत करि म उसक अपि वणशि स बलाहर ि जलाए तथला उसी क सकत यला उसकी अपिी वयलाखयला क अिसलार यला उसी की आयतो क उधिरणो स परयक उदशय कला उलख कर तलानक दरशको को नवनभनि नवचलारो की त िला करि म आसलािी हो। चनक परयक सजजि जो धमशगरनथ क पलाबनद ह अपि-अपि इलहलामी धमशगरनथ क वणशि क पलाबनद रहग और

Page 28: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

2इसलामी उस की फिलासिी

उसी धमशगरनथ क कथि परसतत करग। इसनए हम ि यहला हदीसो क वणशि को छोड नदयला ह, योनक समसत हदीस कआशि करीम स ही ी गई ह और वह पणश धमशगरनथ ह नजस पर समसत पसतको कला अनत ह। अतः आज कआशि करीम कला वभव परकट होि कला नदि ह और खदला स दआ मलागत ह नक वह इस कलायश म हमलारला सहलायक हो। तथलासत।

Page 29: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

3 इसलामी उस की फिलासिी

परथम परशन कला उतिमलानि की शलािीरिक, नफतक औि अधयलामतमक अिसथलाए

आदरणीय दरशको को धयलाि रह नक इस नवरय क परलारनभक पषठो म भनमकला सबधी कछ इबलारत ह जो परयक रप म असबनधत परतीत होती ह परनत म उततरो को समझि क नए पह उिकला समझिला नितलानत आवशयक ह। इसनए भलारण को सर और सगम बिलाि क नए नवरय को परलारभ करि स पवश इि इबलारतो कला उलख नकयला गयला तलानक म नवरय समझि म कनठिलाई ि हो।

मलानि की तीन परकलाि की अिसथलाएसपषट हो नक परथम परशि मलािव की सवलाभलानवक, िनतक एव

अधयलाकमक अवसथलाओ क सबध म ह। अतः जलात होिला चलानहए नक खदला तआला क पनवतर कलाम कआशि करीम ि इि तीिो अवसथलाओ कला इस परकलार नवभलाजि नकयला ह नक उि तीिो क पथक-पथक तीि सरोत यला तीि उद‍गम निकशत नकए ह नजिम स पथक-पथक य तीिो अवसथलाए निकती ह।

परथम अिसथला ः तलामफसक िफतपरथम उद‍गम जो समपणश सवलाभलानवक अवसथलाओ कला सरोत ह

उसकला िलाम कआशि करीम ि तलामनसक वनतत रखला ह जसला नक पनवतर कआशि कला कथि ह -

1 यसि - 54

Page 30: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

4इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत तलामनसक वनतत म यह नवररतला ह नक वह मिषय को बरलाई की ओर जो उसकी नवररतला क नवरधि और उसकी िनतक अवसथलाओ क नवपरीत ह झकलाती ह तथला अनपरय और अिनचत मलागमो पर चलािला चलाहती ह। अतः असति और बरलाइयो की ओर जलािला मिषय की एक अवसथला ह जो िनतक अवसथला स पवश उस पर सवलाभलानवक तौर पर छलायी रहती ह। यह अवसथला उस समय तक सवलाभलानवक कहलाती ह जब तक नक मिषय बनधि और अधयलाम जलाि की छतर-छलायला म िही चतला अनपत परओ क समलाि खलाि-पीि, सोि-जलागि अथवला करोध और उततजिला नदखलाि इयलानद बलातो म सवलाभलानवक भलाविलाओ क अधीि रहतला ह और जब मिषय बनधि और अधयलाम जलाि क परलामरश स सवलाभलानवक अवसथलाओ म नियतरण लाकर और अभीषट उदशय कला धयलाि रखतला ह। उस समय इि तीिो अवसथलाओ कला िलाम सवलाभलानवक अवसथलाए िही रहतला अनपत उस समय य अवसथलाए िनतक अवसथलाए कहलाती ह। जसला नक आग भी इसकला कछ वणशि आएगला।

फदतीय अिसथला ः िलाजफसक िफतिनतक अवसथलाओ क उद‍गम कला िलाम कआशि करीम म रलाजनसक

वनतत ह। जसला नक कआशि करीम म खदला कला कथि ह -

अथलाशत म उस वनतत की सौगध खलातला ह जो बरलाई क कलामो और परयक असत ि पर सवय को सरनकत करती ह। यह रलाजनसक वनतत मलािव अवसथलाओ कला दसरला उद‍गम ह नजस स िनतक अवसथलाए पदला होती ह और इस शरणी पर पहच कर मिषय पलारनवक वनततयो स मकत पलातला ह। यहला रलाजनसक वनतत की सौगध खलािला उस सममलाि दि हत ह जस वह तलामनसक वनतत स रलाजनसक वनतत बि कर उनिनत करक सरह अनक यलामः - 3

Page 31: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

5 इसलामी उस की फिलासिी

खदला क दरबलार म सममलाि पलाि क योगय हो गई। इस अवसथला कला िलाम रलाजनसक इसनए रखला गयला नक वह मिषय को बरलाई पर भसशिला करती ह और इस बलात पर कभी सहमत िही होती नक मिषय अपिी सवलाभलानवक आवशयकतलाओ पर निरकर होकर च और परओ क समलाि जीवियलापि कर वरन यह चलाहतला ह नक उसस महलाि चररतर एव उच आदरश कला परदरशि हो और मलािव जीवि क समसत कतरो म कोई अिनचत कलायश ि हो और सवलाभलानवक भलाविलाए तथला सवलाभलानवक इचछलाए ब नधि क परलामरश स परकट हो। चनक वह वनतत अिनतक कमश पर भसशिला करती ह इसनए उसकला िलाम रलाजनसक वनतत ह अथलाशत बहत भसशिला करि वलाी वनतत। रलाजनसक वनतत को यदनप सवलाभलानवक आवग पसनद िही अनपत सवय की भसशिला करती रहती ह परनत रभ कलायमो क करि पर पणश रप स समथश भी िही हो सकती तथला कभी ि कभी सवलाभलानवक आवग उस पर नवजयी हो जलात ह तब उसकला पति हो जलातला ह और ठोकर खलाती ह। मलािो वह एक निबश बचच क समलाि होती ह जो नगरिला िही चलाहतला परनत निबश तला क कलारण नगरतला ह, नफर अपिी कमरोरी पर परलायकशत करतला ह। अतः यह मिोवनतत मि की वह िनतक अवसथला ह जब मिोवनतत उकषट नरषटलाचलारो को अपि अनदर एकतर करती ह और उदणडतला को अनपरय समझती ह परनत पणश रप स उि पर नवजय परलापत िही कर सकती।

तीसिी अिसथला ः सलामतिक िफतनफर एक तीसरला सरोत ह नजस अधयलाकमक अवसथलाओ कला उद‍गम

कहिला चलानहए। कआशि करीम ि इस उद‍गम कला िलाम सलाकतवक वनतत रखला ह। जसला नक उसकला कथि ह -

सरह अिजर - 28 स 31

Page 32: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

6इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत ह पणश रलाकनतमय एव सनतोरयत वनतत जो खदला स रला ननत और सनतोर परलापत कर चकी ह अपि खदला की ओर वलापस ची आ। त उस स परसनि और वह तझ स परसनि ह। अतः मर बनदो म सकममनत हो जला और मर सवगश क अनदर आ जला।

यह वह शरणी ह नजसस वनतत समसत कमरोररयो स मकत पला कर अधयलाकमक रकतयो स भर जलाती ह तथला खदला तआला स ऐसला घनिषट एव अटट सबध सथलानपत कर ती ह नक उसक नबिला जीनवत भी िही रह सकती। नजस परकलार ज कला सवभलाव ऊपर स िीच की ओर नगरि कला ह और अपिी अनधकतला तथला बलाधलाओ क दर होि क कलारण उसकला परवलाह बड वग स होतला ह इसी परकलार वह आमला खदला की ओर बडी तीवर गनत स बहती ची जलाती ह। खदला तआला कला इसी की ओर सकत ह नक ह वह वनतत जो खदला की ओर समपणश सनतोर और रलाकनत स आरलाम पला गई ह उसकी ओर वलापस ची आ। अतः वह इसी जीवि म ि नक म योपरलात एक महलाि पररवतशि लाती ह और इसी ससलार म ि नक दसर सथलाि पर उस एक सवगश परलापत होतला ह और जसला नक इस आयत म उलख ह नक अपि रबब की ओर अथलाशत परनतपलाक की ओर वलापस आ। ऐसला ही उस समय वह खदला स पोरण पलाती ह और खदला कला परम उसकला भोजि होतला ह और इसी जीविदलानयिी सरोत स जपलाि करती ह। इसनए म य स मकत पलाती ह। जसला नक पनवतर कआशि म एक अनय सथलाि पर अललाह तआला कला कथि ह -

अथलाशत नजसि भौनतक आवगो स अपिी वनतत को पनवतर रखला वह मकत पला गयला। वह तबलाह िही होगला परनत नजसि भौनतक आवगो म जो सवलाभलानवक आवग ह सवय को छपला नदयला वह जीवि स निरलार हो गयला।

सरह अशरमस - 10-11

Page 33: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

7 इसलामी उस की फिलासिी

अतः य तीि अवसथलाए ह नजनह दसर रबदो म सवलाभलानवक, िनतक और अधयलाकमक अवसथलाए कह सकत ह और चनक सवलाभलानवक इचछलाए अपिी चरम सीमला पर पहचकर बहत भयलािक हो जलाती ह और परलायः नरषटलाचलार और आधयलाकमकतला कला सवशिलार कर दती ह। इसनए खदला तआला क पनवतर गरनथ कआशि म उनह तलामनसक वनतत की अवसथलाओ क िलाम स पकलारला गयला ह। यनद परशि यह हो नक मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ पर कआशि करीम कला यला परभलाव ह और वह उिक सबध म यला निददर दतला ह और वयलावहलाररक तौर पर उिको नकस सीमला तक रखिला चलाहतला ह। अतः सपषट हो नक कआशि करीम की दकषट स मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ कला उसकी िनतक और अधयलाकमक अवसथलाओ स नितलानत घनिषठ सबध ह यहला तक नक मिषय क खलाि-पलाि सबधी ढग भी मिषय की भौनतक और अधयलाकमक अवसथलाओ पर परभलावी होत ह और यनद इि सवलाभलानवक अवसथलाओ स ररीअत क निददरलािसलार कलाम नयला जलाए तो जसला नक िमक की खलाि म पड कर परयक वसत िमक ही हो जलाती ह इसी परकलार य समसत अवसथलाए िनतक ही हो जलाती ह और आधयला कमकतला पर नितलानत गहरला परभलाव डलाती ह। इसीनए कआशि करीम ि समसत उपलासिलाओ (इबलादतो) और आनतररक रधितलाओ क उदशय तथला नविय और नविमरतला क उदशयो स रलारीररक रधितलाओ तथला रलारीररक नियमो एव रलारीररक सत ि पर बहत ब नदयला ह तथला नवचलार करि क समय यही निलासिी नितलानत उपयत नवनदत होती ह नक रलारीररक बिलावटो कला आमला (रह) पर रकतरलाी परभलाव पडतला ह जसला नक हम दखत ह नक हमलार सवलाभलानवक नकरयलाए कलायश यदनप परयक रप स रलारीररक ह परनत हमलारी आधयलाकमक अवसथलाओ पर उिकला परभलाव अवशय ह। उदलाहरणतयला जब हमलारी आख रोिला आरभ कर और यदनप कनतरम रप स ही रोए परनत तकण उि आसओ की एक जलाला उठ कर हदय पर जला पडती ह। तब हदय भी आखो कला अिसरण करक

Page 34: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

8इसलामी उस की फिलासिी

रोकगरसत हो जलातला ह। इसी परकलार जब हम कनतरम तौर पर हसिला आरभ कर तो हदय म भी एक परफलतला पदला हो जलाती ह। यह भी दखला जलातला ह नक रलारीररक सजदह भी आमला म नविय और नविमरतला की अवसथला को जनम दतला ह। इसक मकलाब पर हम यह भी दखत ह नक जब हम गदशि को ऊचला खीचकर और वक को उभलार कर च तो इस परकलार कला चिला हम म एक परकलार कला अनभमलाि और अहभलाव पदला करतला ह। अतः इि उदलाहरणो स भी भलानत सपषट हो जलातला ह नक रलारीररक बिलावट स अधयलाकमक अवसथलाओ कला परभलानवत होिला अवशयभलावी ह।

इसी परकलार बहत स अिभवो स यह सपषट हो गयला ह नक नभनि-नभनि परकलार क भोजिो कला भी मलािनसक और हलानदशक रकतयो पर परभलाव अवशय ह। उदलाहरणतयला तनिक नवचलार कीनजए नक जो ोग कभी मलास िही खलात रिः रिः उिकी वीर-भलाविला कम हो जलाती ह यहला तक नक हदय क बहत कमरोर हो जलात ह तथला एक ईशवर परदतत और पररसिीय रकत को खो बठत ह। इसकी सलाकय खदला क परकनत क नियम स इस परकलार पर भी नमती ह नक परओ म स नजति रलाकलाहलारी पर ह कोई भी उिम स वह वीरतला िही रखतला जो एक मलासलाहलारी पर रखतला ह। पनकयो म भी यही परलाकनतक नवधलाि दखला जलातला ह। अतः इसम यला सनदह ह नक िनतकतला पर भोजिो कला परभलाव अवशय ह। हला जो ोग नदि-रलात मलास खलाि पर ही ब दत ह और रलाकलाहलारी भोजिो कला बहत ही कम सवि करत ह व भी रलाीितला और नविय क आचरण म कम हो जलात ह और मधय मलागश कला अिसरण करि वला दोिो आचरणो क सवलामी होत ह। इसी दरदनरशतला की दकषट स खदला तआला ि कआशि करीम म कहला ह -

सरह अआ’रलाि - 32

Page 35: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

9 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत मलास भी खलाओ और अनय वसतए भी खलाओ परनत नकसी वसत कला सीमला स बढकर सवि ि करो तलानक उसकला िनतक अवसथला पर दषपरभलाव ि पड और तलानक यह अनधकतला सवलासथय क नए हलानिकलारक भी ि हो। जसला नक रलारीररक कलायमो तथला कममो कला परभलाव आमला पर पडतला ह इसी परकलार कभी आमला कला परभलाव ररीर पर भी जला पडतला ह। नजस वयकत को कोई रोक पहच अनत म उसक ितर छक पडत ह और नजस परसनितला हो अनत म वह मसकरलातला ह। हमलारला खलािला-पीिला, सोिला-जलागिला, गनत करिला, आरलाम करिला, सलाि करिला इयलानद नजति भी सवलाभलानवक कलायश ह य समसत कलायश हमलारी अधयलाकमक अवसथला पर अवशय परभलाव डलात ह। हमलारी रलारीररक बिलावट कला हमलारी मलािवतला स गहरला सबध ह। मकसतषक क एक भलाग पर चोट गि स सहसला समरण रकत जलाती रहती ह और दसर स थलाि पर चोट गि स चतिला रकत समलापत हो जलाती ह। सकरमण की एक नवरलात वलाय नकतिी रीघरतला स ररीर पर परभलाव डलाकर नफर हदय को परभलानवत करती ह और दखत-दखत वह आनतररक वयवसथला नजसक सलाथ िनतकतला की समपणश वयवसथला सगि ह असत-वयसत होि गती ह यहला तक नक मिषय पलाग होकर कछ ही पो म गरर जलातला ह। अतः रलारीररक आघलात भी अद‍भत परनतनकरयला नदखलात ह नजि स परमलानणत होतला ह नक आमला और ररीर कला एक ऐसला सबध ह नक इस रहसय को खोिला मिषय कला कलाम िही। इस क अनतररत इस अटट सबध क परमलाण पर यह तकक ह नक नवचलार करि स जलात होतला ह नक आमला की जििी ररीर ही ह। गभशवती कसतरयो क गभश म आमला कभी ऊपर स िही नगरती अनपत वह एक परकलार ह जो वीयश म ही छपला होतला ह और ररीर क नवकलास क सलाथ वह भी नवकनसत होतला जलातला ह। खदला तआला कला पनवतर कलाम (वलाणी) हम समझलातला ह नक आमला उस ररीर म स ही परकट हो जलाती ह जो वीयश स गभलाशरय म तयलार होती ह। जसला नक

Page 36: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

10इसलामी उस की फिलासिी

अललाह तआला कला कआशि करीम म कथि ह -

अथलाशत नफर हम उस ररीर को जो गभलाशरय म तयलार हआ थला एक अनय पदलायर क रप म लात ह तथला उसको एक िवीि सकषट कला रप परदलाि करत ह नजस आमला कला िलाम दत ह। खदला असीम वरदलािो कला सरोत ह तथला ऐसला अनवितीय सरषटला ह नक उसक सदर कोई िही।

अललाह तआला ि यह जो कहला नक हम उसी ररीर म स एक अनय सकषट परकट करत ह, यह एक गहरला रहसय ह जो आमला की वलासतनवकतला परदनरशत कर रहला ह और उि नितलानत घनिषठ सबधो की ओर सकत कर रहला ह जो आमला और ररीर क मधय कसथत ह। यह सकत हम इस बलात की भी नरकला दतला ह नक मिषय की समसत रलारीररक तथला सवलाभलानवक नकरयलाए और कथि जब खदला तआला क नए और उसक मलागश म परदनरशत होि ग तो उि स भी यही अौनकक दरशि समबधि ह अथलाशत उि निशछ कलायमो म भी आरभ स ही एक आमला गपत होती ह नजस परकलार नक वीयश म गपत थी तथला जस जस इि नकरयलाओ स एक ररीर कला निमलाशण होतला जलाए वह आमला चमकती जलाती ह और जब वह ररीर अपिी पणशतला को पहच जलातला ह तो सहसला वह आमला अपिी पणश झक क सलाथ चमक उठती ह और अपिी आमला की हनसयत स अपि अकसतव को नदखला दती ह और जीवि की सपषट गनत परलारभ हो जलाती ह। जस ही नकरयलाओ कला पणश ररीर तयलार हो जलातला ह वस ही तरनत नबजी क समलाि एक वसत अनदर स अपिी खी-ख ी चमक नदखलािला आरभ कर दती ह। यह वही यग होतला ह नजसक सबध म अललाह तआला ि कआशि करीम म दषटलात क तौर पर कहला ह -

सरह अमोनमिि - 15 सरह अनहजर - 30

Page 37: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

11 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत जब मि उसकला ररीर बिला नयला और परकलार की झनकयो की पणश अनभवयकत कर ी और अपिी रह उसम फक दी तो तम सब ोग उसक नए पथवी पर सजदह करत हए नगर जलाओ। अतः इस आयत म यही सकत ह नक जब नकरयलाओ कला ररीर पणश रप स तयलार हो जलातला ह तो उस ररीर म वह रह (आमला) चमक उठती ह नजस खदला तआला अपि अकसतव की ओर समबधि करतला ह योनक भौनतक जीवि की समलाकपत क पशलात वह ढलाचला तयलार होतला ह। इस नए खदला कला परकलार जो पह मनद थला सहसला भडक उठतला ह और अनिवलायश होतला ह नक खदला क ऐस वभव को दखकर परयक ितमसतक हो और उसकी ओर खीचला जलाए। अतः परयक उस परकलार को दखकर ितमसतक होतला ह और सवलाभलानवक तौर पर उस ओर आतला ह नसवलाए रतलाि क जो अधकलार स नमतरतला रखतला ह। यहला एक और रहसय वणशि करिला लाभ स खलाी िही

और वह यह ह नक गभलाशरय म जो बचचला पदला होतला ह वह चलार मलाह दस नदि क पशलात गनत करतला ह और यह समय सभवतः उस समय स आधला समय ह। नजस समय तक बचचला गभलाशरय क एकलानतवलास म रहतला ह। अतः जसला नक जिीि अथलाशत गभलाशरय क अनदर कला बचचला चौथ महीि अपि जीवि कला चमकलार नदखलातला ह और विसपनत रप स परलाणी रप म आ जलातला ह। यही परकनत कला नियम आधयलाकमक सकषट म पलायला जलातला ह अथलाशत नजस परकलार जिीि गभलाशरय क एकलानतवलास म अपि आनतररक निवलास कला गभग आधला समय वयतीत करक नफर जीवि क कण परकट करतला ह और जीवि की पणश झक नदखलातला ह। यही अवसथला आधयलाकमक जीवि क नए परलारबध ह। मिषय कला उततम जीवि जो नवघि जलािकनदरयो क नवघि की गदनगयो और मनितलाओ स पनवतर ह जो अनधकलार ोगो को दकषटगत रखत

इस निरलाि स कर पषठ 15 क निरलाि तक की इबलारत म मसौद म मौजद ह जबनक ररपोटट और परथम ससकरण म नखि स रह गई। वतशमलाि ससकरण म इस हररत खीित मसीह पचम की अिमनत स सकममनत नकयला जला रहला ह। (परकलारक)

Page 38: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

12इसलामी उस की फिलासिी

हए अससी वरश तक होतला ह और अससी कला आधला चलाीस ह जो चलार क रबद स बहत समलाि ह अथलाशत इस चलार महीि स नजसकी गणिला समलापत होि पर गभलाशरय क बचच को जीवि की रह (आमला) नमती ह। अतः उनचत अिभव नसधि करतला ह नक जब मिषय अपि उततम जीवि कला आधला भलाग अथलाशत चलाीस वरश जो गभलाशरय क चलार महीि क समलाि ह तय कर तला ह यला उस क सर पर पहच जलातला ह, तब यनद उसक खमीर म सचचलाई की रह होती ह तो वह रह उस नवरर समय पर आकर अपि सपषट कण नदखलाती ह और गनत करिला आरभ कर दती ह।

यह बलात नकसी पर गपत िही होगी नक चलाीस वरश स पवश परलायः मिषय पर अधकलार क समय कला परभ व रहतला ह योनक सलात-आठ वरश तो बचपि म ही गररत ह नफर पचचीस-छबबीस वरश तक जलािो की परलाकपत म वयसत रहतला ह यला ख -कद म िषट करतला ह और नफर इसक पशलात नववलाह हो जलाि और पिी त थला बचचला हो जलाि क कलारण अथवला यो ही सवलाभलानवक तौर पर सलासलाररक इचछलाए उस पर नवजयी होती ह तथला सलासलाररक धि-सपनततयो एव सममलािो क नए िलािला परकलार की इचछलाए और उमग जनम ती ह तथला आिनदो की तकपत क नए नवचलार चरम सीमला तक पहच जलातला ह और यनद परमशवर की ओर परवतत भी हो तो ससलार की इचछलाए नकसी सीमला तक सलाथ होती ह। यनद दआ भी कर तो सभवतः ससलार क नए अनधक करतला ह और यनद रोए भी तो कदलानचत उसम सलासलाररक उदशयो की नमौिी होती ह। आनखरत क नदि पर बहत कमरोर ईमलाि होतला ह और यनद हो भी तो मरि म अभी मबला समय नवनदत होतला ह और नजस परकलार नकसी िहर कला बलाध टट कर आस-पलास की पथवी को तबलाह करतला चला जलातला ह, उसी परकलार कलामभलाविलाओ की बलाढ जीवि को अयनत खतर म डला दती ह। इस अवसथला म वह आनखरत की बलारीक-बलारीक बलातो को कब सवीकलार कर सकतला ह अनपत धलानमशक बलातो पर हसतला और उपहलास करतला ह तथला अपि िीरस तककरलासतर और निरथशक दरशिरलासतर

Page 39: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

13 इसलामी उस की फिलासिी

को परदनरशत करतला ह, हला यनद सवभलाव म सदलाचलार हो तो खदला को भी मलाितला ह परनत हलानदशक शरधिला और निषठला स िही मलाितला अनपत अपिी सफतलाओ की रतश स। यनद सलासलाररक मिोकलामिलाए परलापत हो गई तो खदला कला अनयथला रतलाि कला।

अतः इस यवलावसथला म बहत गभीर कसथनत होती ह और यनद खदला की कपला सलाथ ि द तो िकक क गड म नगर जलातला ह। सच तो यह ह नक यही आय समसत बरलाइयो की जड ह। इसी आय म मिषय अनधकतर रीरीररक रोगो तथला कछ गपत रोग खरीद तला ह। इस कचची आय की गनतयो स परलायः सचच और अपररवतशिीय खदला स नवमख हो जलातला ह। अतः यह वह समय ह नजस म खदला कला भय कम कलामवलासिला की इचछला तथला मिोवनतत कला परभ व होतला ह और नकसी िसीहत करि वला की बलात िही सितला। इसी समय की गनतयो कला पररणलाम जीवि पयशनत भगतिला पडतला ह। नफर जब चलाीस वरश तक पहचतला ह जो यवलावसथला क बला और पर कछ-कछ नगरि आरभ हो जलात ह। अब सवय ही उि बहत सी गनतयो पर कजजत होतला ह नजि पर िसीहत करि वला सर पीट कर रह गए थ। मिोवनतत क आवग सवय ही कम होत च जलात ह, योनक रलारीररक अवसथला की दकषट स आय क पति कला समय भी आरभ हो जलातला ह। वह उपदरवी रत अब कहला पदला होतला ह जो पह पदला होतला थला, वह अगो की रकत और जवलािी कला मसती भरला आिनद कहला रर रहतला ह जो पह थला। अब तो पति और घलाट कला समय आतला जलातला ह तथला इस पर निरनतर उि बजगमो की मौत दखिी पडती ह जो अपिी आय स बहत अनधक थ अनपत परलायः मय और परलारबध स छोटो की मौत भी कमर तोडती ह और सभवतः उस समय म मलातला-नपतला की कबरो म जला टत ह और ससलार क असथलायी होि क बहत स उदलाहरण परकट हो जलात ह और खदला तआला उसक समक एक दपशण रख दतला ह नक दख ससलार की यह कहलािी ह और नजसक नए त मरतला ह उसकला अजलाम यह ह। तब अपिी नपछी गनतयो को उकठला की दकषट स दखतला ह और उस पर एक भलारी

Page 40: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

14इसलामी उस की फिलासिी

पररवतशि आतला ह और एक िए ससलार कला आरभ होतला ह इस रतश पर नक सवभलाव म िकी रखतला हो और उिम स हो जो ब लाए गए ह। इसी बलार म अललाह तआला कला कथि ह -

अथलाशत हमि मिषय को यह वसीयत की ह नक त अपि मलातला-नपतला स िकी कर। दख तरी मला ि तर नए यला कषट उठलाए। वह तर गभश म होि क कलारण मब समय तक कषट म रही और दखो एव कषटो स तझ जनम नदयला, तर दध नपलाि और गभश म रहि स तीस महीि तक उसि कषट उठलाए। पिः कहतला ह नक जब िक मिषय चलाीस वरश कला हो जलातला ह और पररपकव बनधि को पहचतला ह तब उस खदला की वसीयत यलाद आती ह और कहतला ह नक ह मर परनतपलाक ! अब मझ सलामथयश द नक तरी उि ि’मतो कला आभलार परकट कर जो मझ पर और मर मला-बलाप पर ह। ह मर परनतपलाक ! अब मझ सलामथयश द नक तरी उि ि’मतो कला आभलार परकट कर जो मझ पर और मर मला-बलाप पर ह। ह मर परनतपलाक ! अब त मझ स वह कलायश करला नजस स त परसनि हो जलाए और मरी सनतलाि को मर नए योगयतला परदलाि कर

अअहकलाफ-16

Page 41: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

15 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत यनद मि मला-बलाप क पक म गती की तो ऐसला ि हो नक व भी कर और यनद मझ पर कोई आवलारगी कला समय रहला तो ऐसला ि हो नक उि पर आए। ह मर खदला ! अब म पशलातलाप करतला ह और म तर आजलाकलाररयो म स हो गयला ह। अतः खदला ि इस आयत म सपषट कर नदयला नक िक बनदो पर चलाीसवला वरश बडला रभ आतला ह तथला नजसम सचचलाई की रह ह वह रह अवशय चलाीसव वरश म गनत करती ह। खदला क अनधकलार बजगश िबी भी इसी चलाीसव वरश पर अवतररत हए ह। अतः हमलार सरदलार एव सवलामी हररत महममद मसतिलास.अ.व. चलाीसव वरश म ही खदला की परजला क सधलार क नए अवतररत हए।

जीिलातमला खला की समटि हम पिः अपिी नपछी बलात की ओर आतला ह नक यह बलात नितलानत

उनचत और सही ह नक आमला एक सकम परकलार ह नजसकी उपनतत इस ररीर क अनदर ही स होती ह जो गभलाशरय म पोरण पलाती ह। उपनतत स अनभपरलाय यह ह नक उसकी परथम अवसथला गपत और अदशय होती ह नफर सपषट रप स परकट हो जलाती ह और परलारभ म उसकला बीज-रप वीयश म ही नवदमलाि होतला ह। निःसनदह वह आकलारीय खदला क इरलाद और उसकी आजला तथला इचछलािसलार उसकला सबध एक अजलात रप म वीयश स होतला ह। वीयश कला यह एक परकलानरत और परकलारमलाि जौहर ह। िही कह सकत नक वह वीयश कला ऐसला भलाग ह जसला नक ररीर ररीर कला भलाग होतला ह परनत यह भी िही कह सकत नक उसकला उद‍भव कही बलाहर स होतला ह यला पथवी पर नगर कर वीयश क ततव स नम जलातला ह अनपत वह वीयश म ऐसला गपत होतला ह जसला नक पथर क गभश म अकगि होती ह। खदला की पनवतर वलाणी कआशि कला यह उदशय िही ह नक आमला पथक तौर पर आकलार यला अनतररक स पथवी पर नगरती ह और नफर नकसी सयोग स वीयश क सलाथ नमकर गभलाशरय क अनदर ची जलाती ह अनपत

Page 42: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

16इसलामी उस की फिलासिी

यह नवचलार नकसी परकलार भी उनचत िही ठहर सकतला। यनद हम ऐसला नवचलार कर तो परकनत कला नियम हम नमथयला पर ठहरलातला ह। हम परनतनदि दखत ह नक गनद और बलासी खलािो म तथला गनद घलावो म हरलारो कीड पड जलात ह, म कपडो म सकडो जए पड जलात ह, मिषय क पट क अनदर भी कदददलाि इयलानद पदला हो जलात ह। परनत यला हम कह सकत ह नक व बलाहर स आत ह यला आकलार स उतरत नकसी को नदखलाई दत ह। अतः उनचत बलात यह ह नक आतमला शिीि म स ही फनकती ह और इसी तकक स उसकला सकषट होिला भी परमलानणत होतला ह।

जीिलातमला कला पनजमनमअब इस वणशि स हमलारला उदशय यह ह नक नजस सवशरकतमलाि

खदला ि आमला को पणश कदरत क सलाथ ररीर म स ही निकलाला ह उसकला यही इरलादला मलाम होतला ह नक आमला क पिजशनम को भी ररीर क विलारला ही वयत कर। आमला की नकरयलाए हमलार ररीर की नकरयलाओ पर आधलाररत ह। हम नजस ओर ररीर को खीचत ह आमला भी अनिवलायश तौर पर पीछ-पीछ नखची ची आती ह। इसनए मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ की ओर धयलाि दिला खदला तआला की वलाणी पनवतर कआशि कला कलायश ह। यही कलारण ह नक कआशि करीम ि मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ क सधलार क नए बहत धयलाि नदयला ह। मिषय कला हसिला, रोिला, खलािला-पीिला, पहििला, सोिला, बोिला, मौि रहिला, नववलाह करिला, अनववलानहत रहिला, चिला-ठहरिला तथला बलाहय पनवतरतला इयलानद क नियमो कला पलाि करिला और रोग और निरोग की अवसथला म नवनरषट नियमो कला पलाि करिला, इि समसत नवरयो पर आदरो कला उलख ह और मिषय की रलारीररक अवसथलाओ को अधयलाकमक अवसथलाओ पर बहत ही परभलावी ठहरलायला नदयला ह। यनद इि आदरो कला नवसतलारपवशक उलख नकयला जलाए तो म यह िही सोच सकतला नक इस वतवय को सिलाि क नए कोई यथषठ समय नम सक ?

Page 43: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

17 इसलामी उस की फिलासिी

मनषय कला करफमक फिकलासम जब खदला तआला की पनवतर वलाणी कआशि पर नवचलार करतला ह

और दखतला ह नक उसि योकर अपिी नरकलाओ म मिषय को उसकी सवलाभलानवक अवसथलाओ क सधलार क नियम परदलाि कर नफर रिः रिः नवकलास की ओर अगरसर नकयला ह और उचच शरणी की अधयलाकमक अवसथला तक पहचलािला चलाहला ह तो मझ यह आधयलाम स भरपर नियम ऐसला परतीत होतला ह नक परथम खदला ि यह चलाहला ह नक मिषय को उठि-बठि, खलाि-पीि, बलातचीत करि तथला रहि-सहि क समसत परकलार क वयलावहलाररक जलािो की नरकला द कर उस अमलािनरक परमपरलाओ स मकत द और पलारनवकतला को पहचलािि की पणश रकत परदलाि कर एक तचछ शरणी की िनतक अवसथला नजस सभयतला और रलाीितला की सजला दी जला सकती ह नसखलाए। नफर मिषय की सवलाभलानवक आदतो को नजनह दसर रबदो म दरलाचरण (तमोगण) कह सकत ह सत ि पर लाए तलानक वह सत ि पलाकर उच आरचरण क रग म आ जलाए, परनत य दोिो नव नधयला वलासतव म एक ही ह योनक सवलाभलानवक अवसथलाओ क सधलार स सब नधत ह कव निमि और उचच शरणी क अनतर ि इिको दो भलागो म नवभलानजत कर नदयला ह और उस सवचछनद िीनतवलाि खदला ि सदलाचलार की वयवसथला को इस परकलार स परसतत नकयला ह नजस स मिषय चररतर क निमि सतर स उठ कर सदलाचलार क उच सतर तक पहच सक।

फिकलास कला तीसिला चिणयह रखला ह नक मिषय अपि वलासतनवक सरषटला क परम और

परसनितला म ीि हो जलाए और उसकला समपणश अकसतव खदला क नए हो जलाए। यह वह शरणी ह नजस समरण करलाि क नए मसमलािो क धमश कला िलाम इसलाम रखला योनक इसलाम इस बलात कला िलाम ह नक मिषय कला पणश रप स खदला क नए हो जलािला तथला अपिला कछ रर ि रखिला जसला नक अललाह तआला कला कथि ह -

Page 44: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

18इसलामी उस की फिलासिी

अनिला - अथलाशत मकत परलापत वह वयकत ह जो अपि अकसतव

को खदला क नए और खदला क मलागश म समनपशत कर द और ि कव िीयत स अनपत रभ कममो विलारला अपिी सचचलाई को नदखलाए। जो वयकत ऐसला कर उसकला परनतफ खदला क यहला सरनकत हो चकला और ऐस ोगो पर ि कछ भय ह और ि व रोकगरसत होग। कह मरी िमलार (उपलासिला) और मरला बनदलाि और मरला जीनवत रहिला और मरला मरिला उस खदला क नए ह जो समपणश बरहमलाणड कला परनतपलाक ह। कोई वसत और कोई वयकत उसकला भलागीदलार िही और सकषट की उसक सलाथ नकसी परकलार की भलागीदलारी िही। मझ यही आदर ह नक म ऐसला कर और इसलाम कला सचचला और पणश अियलायी अथलाशत खदला क मलागश म अपि समपणश अकसतव को समनपशत करि वलाला सवशपरथम सरह अबकरह - 113 सरह अअनआम - 163, 164 सरह अअनआम - 154 सरह अला इमरलाि - 32

Page 45: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

19 इसलामी उस की फिलासिी

म ह। एकमलातर यही मरला मलागश ह। अतः आओ मर मलागश पर चो और उसक नवपरीत कोई मलागश ि अपिलाओ नक खदला स दर जला पडोग। उिको कह द नक यनद खदला स परम करत हो तो आओ मरला अिसरण करो और मर बतलाए मलागश पर चो तलानक खदला भी तम स परम कर और तमहलार पलाप कमला कर और वह तो बहत कमला करि वलाला और अयनत दयला ह।

सिलािलाफिक अिसथलाओ एि फशटिलाचलाि म अनति तथला जीि-हतयला कला खणडन

अब हम मिषय क उि तीि सतरो कला प थक-पथक वणशि करग, परनत परथम यह समरण करलािला आवशयक ह नक सवलाभलानवक अवसथलाओ कला उद‍गम और सरोत तलामनसक वनतत ह खदला तआला की पनवतर वलाणी म सकतो क अिसलार िनतक अवसथलाओ स कोई पथक वसत िही ह योनक खदला की पनवतर वलाणी ि समपणश परलाकनतक रकतयो एव रलारीररक इचछलाओ तथला मलागो को सवलाभलानवक अवसथलाओ क अनतगशत रखला ह और वही सवलाभलानवक अवसथलाए ह जो इचछलािसलार अिकरम, सत ि तथला यथलासथलाि और यथलाअवसर परयोग करि क पशलात नरषटलाचलार कला रप धलारण कर ती ह। ठीक इसी परकलार िनतक अवसथलाए अधयलाकमक अवसथलाओ स नभनि िही ह वरन यही िनतक अवसथलाए ह जो खदला म पणश तनमयतला और आमरनधि तथला खदला की ओर पणश यलाग, पणश परम, पणश तलीितला, पणश सनतोर एव सनतकषट तथला अललाह तआला स िलातला जोड कर आधयलाकमकतला कला रप धलारण कर ती ह।

सवलाभलानवक अवसथलाए जब तक नरषटलाचलार क रप म ि आए मिषय को नकसी परकलार पररसिीय िही बिलाती, योनक व दसर परलानणयो अनपत सथ पदलाथमो म भी पलाई जलाती ह। इसी परकलार एकमलातर नरषटलाचलार की परलाकपत भी मिषय को अधयलाकमक जीवि परदलाि िही कर सकती अनपत एक वयकत खदला तआला क अकसतव कला इनकलारी रह कर

Page 46: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

20इसलामी उस की फिलासिी

अचछ नरषटलाचलार कला परदरशि कर सकतला ह। दीितला यला नवरला-हदयतला, मतरीभलाव रखिला यला बरलाई कला यलाग करिला तथला उदणड और दषट मिषयो क मकलाब पर ि आिला य समसत सवलाभलानवक अवसथलाए ह तथला ऐसी बलात ह जो एक अयोगय वयकत को भी परलापत हो सकती ह जो मकत क वलासतनवक उद‍गम स वनचत और अपररनचत मलातर ह कनतपय पर भी दीि सवभलाव क होत ह तथला अपि सवलामी स घ नम जलाि और नसधलाए जलाि स मतरीभलाव भी नदखलात ह। निरनतर डडला मलारि पर भी कोई मकलाबला िही करत परनत नफर भी उिको मिषय िही कहला जला सकतला कहला यह नक उि नवररतलाओ क कलारण उनह महलामलािव की उपलानध द दी जलाए। ठीक इसी परकलार बरी स बरी आसथला रखि वलाला वरन एक दषकमची भी इि बलातो कला पलाबनद हो सकतला ह।

सभव ह नक मिषय दयला म उस सीमला तक पहच जलाए नक यनद उसक अपि ही घलाव म कीड पड उिको भी मलारिला उनचत ि समझ तथला परलानणयो कला धयलाि इस सीमला तक रख नक जए जो सर म पडत ह यला व कीड जो पट और आतो म तथला मकसतषक म पदला होत ह उनह भी हलानि पहचलािला ि चलाह अनपत म सवीकलार कर सकतला ह नक नकसी की दयला इस सीमला तक पहच नक वह रहद खलािला यलाग द योनक वह बहत स जीवो को िषट करि क पशलात परलापत होतला ह और म सवीकलार करतला ह नक कोई कसतरी स भी पथक रह योनक वह निरीह मग कला रत ह और उस बचलार कला वध करि और बचचो स पथक करि क पशलात उपबध हो सकती ह। इसी परकलार मझ इस स भी इनकलार िही नक कोई मोनतयो क परयोग को भी यलाग द तथला ररम को पहििला भी छोड द, योनक य दोिो वसतए निरीह कीडो कला हिि करि स परलापत होती ह अनपत म यहला तक मलाितला ह नक कोई वयकत कषट क समय जोको क गलाि स भी इनकलार कर और सवय कषट सहि कर और निरीह जोको की मय कला इचछक ि हो। अनततः यनद कोई मलाि यला ि मलाि परनत म मलाितला ह नक कोई वयकत अपिी दयला

Page 47: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

21 इसलामी उस की फिलासिी

को उस चरम नबनद तक पहचला द नक ज म निनहत कीटलाणओ को बचलाि क नए सवय को समलापत कर । म यह सब कछ सवीकलार करतला ह परनत म कदलानप सवीकलार िही कर सकतला नक य समसत सवलाभलानवक अवसथलाए नरषटलाचलार कहला सकती ह यला कव इनही स व आनतररक मनितलाए धोई जला सकती ह नजिकला अकसतव खदला तआला क नमलाप म बलाधक ह। म कभी सवीकलार िही करगला नक इस परकलार कला निरीह और अनहसला नपरय बििला नजसम कई पर और पकी मिषय की अपकला अनधक अनहसला नपरय ह, उचच मलािवतला की परलाकपत कला कलारण हो सकतला ह अनपत मर निकट यह परकनत क नियम स डलाई ह और परसनितला क भलारी नरषटलाचलार क नवपरीत तथला उस ि’मत कला खणडि करिला ह जो परकनत ि हम परदलाि की ह अनपत वह आधयलाकमकतला परयक नरषटलाचलार को यथलासथलाि परयोग करि क पशलात और नफर खदला क मलागमो म विलादलारी क सलाथ चि तथला उसी कला हो जलाि स परलापत होती ह। जो उसकला हो जलातला ह उसकला यही कण ह नक वह उसक नबिला जीनवत ही िही रह सकतला। खदला को पहचलािि वलाला (अधयलाम जलािी) एक मछी ह जो खदला क हलाथ स बन दी गई और उस कला ज खदला कला परम ह।

सधलाि क तीन उपलाय तथला सधलाि की फनतलानत आिशयकतला क समय हजित महममस.अ.ि. कला अितरित होनलाअब म पवश नवरय की ओर ौटतला ह। म अभी वणशि कर चकला ह

नक मलािव पररकसथनतयो क उद‍गम तीि ह - अथलाशत 1. तलामनसक वनतत (तमोगण) 2. रलाजनसक वनतत (रजोगण) 3. सलाकतवक वनतत (सतोगण) तथला सधलार क भी उपलाय तीि ह -

परथम यह नक असभय ोगो को उस निमि सतर क नरषटलाचलार पर सथलानपत नकयला जलाए नक व खलाि-पीि और नववलाह आनद सलामलानजक मलामो म मलािवतला क नियमो पर च। ि िग नफर ि कततो की

Page 48: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

22इसलामी उस की फिलासिी

भलानत मदमो को खलाि वला हो तथला ि कोई असभयतला परकट कर। यह सवलाभलानवक अवसथलाओ क सधलारो म स निमि सतर कला सधलार ह नक यनद उदलाहरणतयला पोटट बयर क जगी ोगो म स नकसी वयकत को मलािवतला क नियमो की नरकला दिी हो तो सवशपरथम मलािवतला क परलारनभक छोट-छोट आचरणो तथला नरषटलाचलार क ढगो की नरकला दी जलाए।

फदतीय परकलार कला सधलार यह ह नक जब कोई मिषय मलािव सभयतला क बलाहय नियम गरहण कर तो उस मलािवतला क बड- बड नरषटलाचलार नसखलाए जलाए और मिषय की नजतिी भी रकतयला निनहत ह उि सब को उनचत समय और उनचत अवसर पर परयोग करि की नरकला दी जलाए।

ततीय परकलार कला सधलार यह ह नक जो ोग उततम नरषटलाचलार गरहण कर चक ह ऐस िीरस सयनमयो को परम और नमि क ररबत कला रसलासवलादि करलायला जलाए। य तीि सधलार ह जो कआशि करीम ि वणशि नकए ह।

सधलाि की पणम आिशयकतला क समय हजित महममस.अ.ि. कला परलािलामि

हमलार सरदलार और परवला िबीस.अ.व. ऐस समय म अवतररत हए थ जब नक ससलार परयक दकषट स खरलाब और िषट हो चकला थला। जसला नक अललाह तआला कला कथि ह -

अथलाशत जग भी नबगड गए और दररयला भी नबगड गए। यह इस बलात की ओर सकत ह नक ोग अह-नकतलाब कहलात ह व भी नबगड गए और जो दसर ोग ह नजनह खदला की वलाणी (इलहलाम)कला पलािी िही नमला व भी नबगड गए। अतः कआशि करीम कला कलायश वलासतव म मदमो को जीनवत करिला थला। जसला नक उसकला कथि ह - सरह अरकम - 42

Page 49: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

23 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत यह बलात जलाि ो नक अब अललाह तआला िए नसर स पथवी को उसक मरि क पशलात जीनवत करि गला ह। उस यग म अरब की दरला नितलानत परतला क पहची हई थी और उिम कोई मलािव वयवसथला रर िही रही थी और उिकी दकषट म समसत पलाप गवश कला सथलाि थ, एक-एक वयकत सकडो पकियला करतला थला, अवध भोजि उिक निकट एक नरकलार थला, मलातलाओ क सलाथ नववलाह करिला वध समझत थ। इसीनए अललाह तआला को कहिला पडला नक -

अथलाशत आज तमहलारी मलातलाए तम पर अवध हो गई। इसी परकलार व मर हए पर कला मलास भी खलात थ, अनपत मिषय कला मलास भी खला जलात थ। ससलार कला कोई भी पलाप िही जो व िही करत थ, अनधकलार परोक क इनकलारी थ, उिम स अनधकतर खदला क अकसतव को भी िही मलाित थ। डनकयो कला अपि हलाथ स वध कर दत थ, अिलाथो कला वध करक उि कला धि खलात थ। परयक म तो मिषय थ परनत बनधि स सवशथला वनचत थ, ि जजला थी, ि सकोच ि सवलानभमलाि। मनदरला को पलािी क समलाि पीत थ। नजस कला वयनभचलार म परथम िमबर होतला थला वही जलानत कला सरदलार कहलातला थला। अजलाितला इतिी थी नक आस-पलास की समसत जलानतयो ि उिकला िलाम अिपढ रख नदयला थला। ऐस समय म और ऐसी जलानतयो क सधलार क नए हमलार सरदलार हररत िबी करीमस.अ.व. कला मकला िगर म परलादभलाशव हआ। अतः व तीि परकलार क सधलार नजि कला हम अभी वणशि कर चक ह उिकला वलासतव म यही समय थला। अतः इसी कलारण कआमन किीम ससलार क समसत मलागश-दरशिो की अपकला पणशतम होि कला दलावला करतला ह योनक ससलार क अनय धमश गरनथो को इि तीि परकलार क सधलारो सरह अहदीद - 18 सरह अ कनि सला - 24

Page 50: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

24इसलामी उस की फिलासिी

कला अवसर परलापत िही हआ अनपत यह सवनणशम अवसर कआशि करीम को ही परलापत हआ। कआशि करीम कला यह उदशय थला नक परतला की सीमला तक पहच चक मिषय को परतला स निकला कर पिः मिषय बिलाए नफर मिषय स नरषटलाचलार वलाला मिषय बिलाए और नरषटलाचलारी मिषय स खदला वलाला मिषय बिलाए। इसीनए कआशि करीम क म म य तीि उदशय निनहत ह।

कआमनी फशकला कला म उदशय तीन परकलाि क सधलाि हइस स पवश नक हम तीि सधलारो कला नवसतलारपवशक वणशि कर यह

वणशि करिला भी आवशयक समझत ह नक कआशि करीम म ऐसी कोई नरकला िही जो बलात मलाििी पड अनपत समपणश कआशि कला उदशय कव तीि सधलार ह और उसकी समसत नरकलाओ कला सलारलार यही तीि सधलार ह। रर समसत आदर इि सधलारो क नए सलाधि मलातर ह तथला नजस परकलार नकसी समय डलाटर को भी एक रोगी क सवलासथय को ठीक करि क नए कभी चीर-फलाड करि, कभी मरहम गलाि की आवशयकतला पडती ह। इसी परकलार कआशि की नरकला ि भी मलािव सहलािभनत क नए उि सलाधिो को यथला-सथलाि परयोग नकयला ह और उसक समसत मआररफ अथलाशत जलाि की बलातो, वसीयतो तथला सलाधिो कला म उदशय यह ह नक मिषयो को उिकी सवलाभलानवक अवसथलाओ स जो अपि अनदर नहसक परओ जसला रग रखती ह उठलाकर िनतक अवसथलाओ क उचच सतर तक पहचलाए और नफर िनतक अवसथलाओ स आधयलाकमकतला क अपलार सलागर तक पहचलाए।

सिलािलाफिक अिसथलाए सतन दलािला फशटिलाचलाि कला रप धलािण कि ती ह।

हम पह वणशि कर चक ह नक सवलाभलानवक अवसथलाए िनतक अवसथलाओ स कछ नभनि वसत िही अनपत वही अवसथलाए ह जो सति तथला यथलास थलाि परयोग करि स तथला बनधि की अिमनत और परलामरश स

Page 51: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

25 इसलामी उस की फिलासिी

कलाम म लाि स िनतक अवसथलाओ कला रप धलारण कर ती ह तथला इसस पवश नक वह बनधि और जलाि की बलातो क सधलार और परलामरश स जलारी हो यदनप व कस ही नरषटलाचलार स समरप हो वलासतव म नरषटलाचलार िही होत अनपत सवभलाव की एक सहसला गनत होती ह जसला नक यनद एक कतत यला एक बकरी स अपि सवलामी क सलाथ परम यला नविय परकट हो तो उस कतत को सरी िही कहग और ि उस बकरी कला िलाम सभय आचरण वलाी रखग। इसी परकलार हम एक भनडए यला रर को उिक नहसक होि क कलारण असभय और दःरी िही कहग अनपत जसला नक वणशि नकयला गयला िनतक अवसथला सथलाि, नवचलार तथला समय को पहचलािि क पशलात आरभ होती ह तथला एक ऐसला मिषय जो बनधि और यकत स कलाम िही तला वह उि दध पीत बचचो क समलाि ह नजिक हदय और मकसतषक पर अभी बौनधिक रकत की छलायला िही पडी यला उि पलागो क समलाि जो बनधि और नववक खो बठत ह। सपषट ह नक जो वयकत दध पीतला बचचला यला पलाग हो वह परलायः ऐसी हरकत परकट करतला ह जो नरषटलाचलार क सलाथ समलाितला रखती ह परनत कोई बनधिमलाि उिकला िलाम नरषटलाचलार िही रख सकतला, योनक व नकरयलाए सभयतला और अवसरवलानदतला क सरोत स िही निकती अनपत व सवलाभलानवक तौर पर पररणलाओ क सलामि आि क समय जलारी होती जलाती ह। जसला नक मिषय कला बचचला पदला होत ही मला की छलानतयो की ओर मख करतला ह और एक मगद कला बचला पदला होत ही दलािला चगि क नए दौडतला ह, जोक कला बचचला अपि अनदर जोक की आदत रखतला ह और सलाप कला बचचला सलाप की आदत परकट करतला ह और रर कला बचचला रर की आदत नदखलातला ह। नवरर तौर पर मिषय क बचच को धयलािपवशक दखिला चलानहए नक वह कस पदला होत ही मलािव-आदत नदखलािला आरभ कर दतला ह और नफर जब वरश यला डढ वरश कला हआ तो व सवलाभलानवक परवनततयला बहत सपषट हो जलाती ह। उदलाहरणतयला पह नजस परकलार स रोतला थला अब पह की अपकला रोिला नकसी सीमला तक ऊच सवर म हो जलातला ह। इसी परकलार हसिला ठहलाक की सीमला तक

Page 52: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

26इसलामी उस की फिलासिी

पहच जलातला ह और आखो म भी जलाि बझ कर दखि क कण पदला हो जलात ह तथला उस आय म एक अनय बलात सवलाभलानवक तौर पर पदला हो जलाती ह अपिी सहमनत यला असहमनत कला परदरशि नवरर नकरयलाओ विलारला करि गतला ह तथला नकसी को मलारतला और नकसी को कछ दिला चलाहतला ह परनत य समसत नकरयलाए वलासतव म सवलाभलानवक ही होती ह। अतः ऐस बच कला सदर एक जगी मिषय भी ह नजस मलािव-सभयतला स बहत ही कम भलाग नमला ह। वह भी अपि परयक कथि और कमश तथला अपि परयक नकरयला-कलाप म सवलाभलानवक नकरयलाओ कला ही परदरशि करतला ह और अपि सवलाभलानवक सवगो क अधीि रहतला ह। उसकी कोई बलात उि आनतररक रकतयो की सोच-नवचलार स िही निकती अनपत जो कछ सवलाभलानवक तौर पर उसक अनदर पदला हआ ह वह बलाहय पररणलाओ स यथलायोगय निकतला चला जलातला ह। यह सभव ह नक उसकी सवलाभलानवक भलाविलाए जो उसक अनदर स नकसी पररणला स बलाहर आती ह व सब की सब बरी ि हो अनपत कछ उिक अचछ नरषटलाचलार क अिरप हो परनत गभीर नचनति तथला सकम नवचलार क सलाथ उिकला कोई समबनध िही होतला और यनद नकसी सीमला तक हो भी तो वह सवलाभलानवक सवगो क परभ व क कलारण नवशवसिीय िही होतला अनपत नजस ओर अनधकतला ह उसी ओर को नवशवसिीय समझला जलाएगला।

िलासतफिक फशटिलाचलािअतः ऐस वयकत की ओर वलासतनवक नरषटलाचलार समबधि िही कर

सकत, नजस पर सवलाभलानवक सवग परओ, बचचो और पलागो क समलाि नवजयी ह और जो अपि जीवि को गभग वनय परओ क समलाि वयतीत करतला ह अनपत वलासतनवक तौर पर अचछ बर नरषटलाचलार कला यग उस समय स आरभ होतला ह नक जब मिषय की ईशवरपरदतत बनधि पररपकव हो कर उसक विलारला अचछलाई यला बरलाई यला दो बरलाइयो यला दो अचछलाइयो की शरणी म अनतर कर सक। नफर अचछ मलागश को यलागि स अपि हदय म

Page 53: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

27 इसलामी उस की फिलासिी

एक उकठला पलाए तथला दषकमश करि स सवय को कजजत और रनमशनदला दख। यह मिषय क जीवि कला दसरला यग ह नजस खदला की पनवतर वलाणी कआमन शिीि म िलाजफसक िफत कला नलाम नदयला गयला ह परनत समरण रह नक एक असभय वयकत को रलाजनसक वनतत

की अवसथला तक पहचलाि क नए कव सलाधलारण उपदर पयलाशपत िही होत अनपत आवशयक होतला ह नक उसको खदला को पहचलािि कला इतिला भलाग नम नजसस वह अपि जनम को निरथशक और वयथश ि समझ तलानक खदला को पहचलािि स उसम सचच नरषटलाचलार पदला हो। इसी कलारण खदला तआला क सलाथ-सलाथ सचच खदला की पहचलाि क नए धयलािलाकरशण नकयला ह और नवशवलास नदलायला ह नक परयक कमश और आचरण कला एक पररणलाम होतला ह जो उसक जीवि म अधयलाकमक आरलाम यला अधयलाकमक अरलाब कला कलारण होतला ह तथला दसर जीवि म ख -ख तौर पर अपिला परभलाव नदखलाएगला। अतः रलाजनसक वनतत की शरणी पर मिषय को बनधि, खदला की पहचलाि तथला पनवतर अनतरलामला स इतिला भलाग परलापत होतला ह नक वह दषकमश पर सवय की भसशिला करतला ह तथला सकमश कला अनभ लारी और ोप रहतला ह। यह वही शरणी ह नक नजसम मिषय उततम नरषटलाचलार परलापत करतला ह।

खलक औि खलकयहला अचछला होगला नक म खलक क रबद की भी कछ पररभलारला कर

द। अतः जलाििला चलानहए नक खलक ख क रबर स बलाहय पदलायर कला िलाम ह और खलक ‘ख’ क पर स आनतररक पदलायर कला िलाम ह और चनक आनतररक पदलायर नरषटलाचलार स ही परलाकलाषठला को पहचती ह ि कव सवलाभलानवक भलाविलाओ स। इसनए नरषटलाचलार पर ही यह रबद बोला गयला ह सवलाभलानवक भलाविलाओ पर िही बोला गयला और नफर यह बलात भी उलखिीय ह नक जसला नक जिसलाधलारण नवचलार करत ह नक खलक कव वह मिोवनतत जो बर कलामो पर घणला परकट करती ह, भसशिला करती ह नजसस मिषय पछतलातला ह। इस अरबी म िफस ववलामः कहत ह। (अिवलादक)

Page 54: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

28इसलामी उस की फिलासिी

सहिरीतला, िमरतला और नविय कला िलाम ह यह उिकी भ ह अनपत जो कछ बलाहय अगो क मकलाब म अनतःकरण म मलािवीय नवररतलाओ की अवसथलाए रखी गई ह उि समसत अवसथलाओ कला िलाम खलक ह। उदलाहरणतयला मिषय आख स रोतला ह तथला इसकला पररक हदय म एक करणला कला रकत ह वह जब खदला परदतत बनधि क विलारला यथलासथलाि परय त हो तो वह एक खलक ह। इसी परकलार मिषय हलाथो स रतर कला मकलाबला करतला ह तो इस नकरयला कला पररक भलाव हदय म एक रकत ह नजस रजलाअत (वीरतला) कहत ह। अतः जब मिषय यथलासथलाि और यथलाअवसर इस रकत को परयोग म लातला ह तो उसकला िलाम भी ‘खलक’ ह तथला इसी परकलार मिषय कभी हलाथो क विलारला अयलाचलार-पीनडतो को अयलाचलाररयो स बचलािला चलाहतला ह अथवला दररदरो और भखो को कछ दिला चलाहतला ह अथवला नकसी अनय परकलार स मलािव जलानत की सवला करिला चलाहतला ह। इस नकरयला कला पररक भलाव हदय म एक रकत ह नजस रहम (दयला) कहत ह तथला कभी मिषय अपि हलाथो विलारला अयलाचलारी को दणड दतला ह तो इस नकरयला कला पररक भलाव हदय म एक रकत ह नजस इकनतकलाम (परनतरोध) कहत ह और कभी मिषय आकरमण क मकलाब पर आकरमण करिला िही चलाहतला और अयलाचलारी को कमला करतला ह। इस नकरयला कला पररक भलाव हदय म एक रकत ह नजस कमला और सहिरीतला कहत ह तथला कभी मिषय मलािव जलानत को लाभ पहचलाि क नए अपि हलाथो स कलाम तला ह यला परो स यला हदय और मकसतषक स तथला उिक कलयलाण क नए अपिी पजी वयय करतला ह तो इस नकरयला कला पररक भलाव हदय म एक रकत ह नजस ‘सखलावत’ (दलािरीतला) कहत ह। अतः जब मिषय इि समसत रकतयो को यथलासथलाि तथला यथलाअवसर परयोग करतला ह तो उस समय उसकला िलाम ‘खलक’ रखला जलातला ह। अललाह तआला हमलार िबीस.अ.व. को समबोनधत करक कहतला ह -

सरह अकम - 5

Page 55: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

29 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत त एक महलाि खलक पर सथलानपत ह अतः इसी वयलाखयलािसलार इसक अथश ह अथलाशत यह नक नरषटलाचलार क समसत परकलार दलािरीतला, वीरतला, नयलाय, दयला, उपकलार, सचचलाई और सलाहस आनद तझ म एकतर ह। अतः मिषय क हदय म नजतिी रकतयला पलाई जलाती ह जसला नक नरषटतला, जजला, ईमलािदलारी, री, सवलानभमलाि, दढतला, असमत, सयम, सत ि, सहलािभनत। इसी परकलार वीरतला, दलािरीतला, कमला, धयश, उपकलार, शरधिला और निषठला इयलानद जब य समसत सवलाभलानवक अवसथलाए बनधि और नवचलार क परलामरश विलारला यथलाअवसर परकट की जलाएगी तो सब कला िलाम नरषटलाचलार (अखलाक) होगला और य समसत नरषटलाचलार वलासतव म मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाए त थला सवलाभलानवक आवग ह और कव उस समय नरषटलाचलार कला िलाम नदयला जलातला ह जब उिको यथलाअवसर दढसकलप होकर उिकला परयोग नकयला जलाए। चनक मिषय क सवलाभलानवक गणो म स एक गण यह भी ह नक वह उनिनतरी परलाणी ह। इसनए वह सचच धमश क अिसरण और ससगो तथला उततम नरकलाओ स ऐस सवलाभलानवक सवगो को नरषटलाचलार क रप म आतला ह और यह कला मलािव क अनतररत नकसी अनय परलाणी को परलापत िही।

परथम सधलाि अथलामत सिलािलाफिक अिसथलाएअब हम कआशि करीम क तीिो सधलारो म स परथम सधलार कला जो

निमि सतर की सवलाभलानवक अवसथलाओ क सबध म ह वणशि करत ह और यह सधलार नरषटलाचलार क नवनभनि कतरो म स वह कतर ह नजस नरषटलाचलार (अदब) कला िलाम नदयला जलातला ह अथलाशत वह नरषटतला नजस कला पलाि करिला असभय ोगो को उिकी सवलाभलानवक अवसथलाओ को खलाि-पलाि तथला नववलाह आनद, रहि-सहि की बलातो म सनत ि पर ककनदरत करती ह तथला इस निकषट जीवि स मकत परदलाि करती ह जो रलाकसो, परओ तथला नहसक परओ क समलाि हो जसला नक अललाह तआला कआशि करीम म

Page 56: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

30इसलामी उस की फिलासिी

समसत आचरणो क बलार म कहतला ह -

सरह अ कनि सला - 24 सरह अ कनि सला - 20 सरह अ कनि सला - 23 सरह अमलाइदह - 6 सरह अ कनि सला - 30

Page 57: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

31 इसलामी उस की फिलासिी

सरह अ अनआम - 152 सरह अ नि र - 28 सरह अ नि र - 29 सरह अबकरह - 190 सरह अ कनि सला - 87 सरह अ मलाइदह - 91 सरह अ मलाइदह - 4 सरह अ मलाइदह - 5

Page 58: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

32इसलामी उस की फिलासिी

सरह अमजलादः - 12 सरह अआरलाि - 32 सरह अअहरलाब - 71 सरह अमदकससर - 5, 6 सरह कमलाि - 20 सरह अबकरह - 198 सरह अ मलाइदह - 7 सरह अजरलाररयलात - 20 सरह अकनि सला - 4

Page 59: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

33 इसलामी उस की फिलासिी

अनिला ः- अथलाशत तम पर तमहलारी मलातलाए अवध (हरलाम) की गई और इसी परकलार तमहलारी बनटयला और तमहलारी बहि और तमहलारी फनफयला और तमहलारी खलालाए (मलानसयला) और तमहलारी भतीनजयला और तमहलारी भलािनजयला और तमहलारी व मलातलाए नजनहोि तमह दध नपलायला और तमहलारी दध ररीक बहि और तमहलारी पकियो की मलाए (सलास) और तमहलारी पकियो क पह पनतयो स डनकयला नजि स तम समभोग कर चक हो और यनद तम ि उिस समभोग िही नकयला तो कोई पलाप िही और तमहलार सग बटो की पकियला और इसी परकलार एक ही समय म दो बहि। य सब कलाम जो पह होत थ आज तम पर अवध नकए गए। तमहलार नए यह भी वध ि होगला नक बलात कसतरयो क वलाररस बि जलाओ, यह भी वध िही नक तम उि कसतरयो को निकलाह म लाओ जो तमहलार नपतलाओ की पकियला थी जो पह हो चकला वह हो चकला। चररतरवलाि कसतरयला जो तमहलारी सजलातीय हो यला तम स पह अह नकतलाब म स तमहलार नए वध ह नक उिस नववलाह करो परनत जब महर निधलाशररत होकर निकलाह हो जलाए। परनत दरलाचलार और गपत नमतरतला कदलानप वध िही। अरब क असभय ोगो म नजस वयकत क सनतलाि ि होती थी कछ म यह ररवलाज थला नक उिकी पिी सनतलाि क नए दसर स नमतरतला करती थी। कआशि करीम ि इस बलात को अवध कर नदयला मसलानिहत (दरलाचलार) इसी कपरथला कला दसरला िलाम ह।

पिः कहला नक तम आमहयला ि करो अपिी सनतलाि कला वध ि करो तथला दसर क घरो म असभय ोगो की तरह सवय नबिला आजला परवर ि करो, आजला िला आवशयक ह और जब तम दसर क घरो म जलाओ तो परवर करत ही अससलामो अकम कहो और यनद उि घरो म कोई ि हो तो जब तक कोई घर वलाला आजला ि द उि घरो म मत जलाओ और घर कला सवलामी यह कह नक वलापस च जलाओ तो सरह अकनि सला - 5

Page 60: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

34इसलामी उस की फिलासिी

तम वलापस च जलाओ तथला घरो म दीवलारो पर स कद कर ि जलायला करो वरन घरो म उि घरो क दरवलारो म स जलाओ और यनद तमह कोई सलाम कह तो उस उस स अचछला सलाम कहो तथला ररलाब और जआ, मनतशपजला और रकि िला य सब अपनवतर और रतलािी कलायश ह इिस बचो। मतक पर कला मलास मत खलाओ, सअर कला मलास मत खलाओ, मनतशयो क चढलाव मत खलाओ, नगरकर मरला हआ मत खलाओ, सीग गि स मरला हआ मत खलाओ, नहसक परओ कला चीर-फलाड नकयला हआ मत खलाओ, मनतश पर चढलायला हआ मत खलाओ योनक य सब मरदलार (मतक) कला आदर रखत ह। यनद य ोग पछ नक नफर यला खलाए ? तो यह उततर द नक ससलार की समसत पनवतर वसतए खलाओ कव मतक और मतक क समलाि तथला अपनवतर वसतए मत खलाओ।

यनद सभलाओ म तमह कहला जलाए नक खकर बठो अथलाशत दसरो को स थलाि दो तो रीघर स थलाि खला कर दो तलानक दसर बठ और यनद कहला जलाए नक तम उठ जलाओ तो नफर नबिला कहला सिी क उठ जलाओ। मलास, दला आनद सब वसतए पनवतर हो निःसनदह खलाओ परनत एक ओर की अनधकतला ि करो तथला अपवयय और आवशयकतला स अनधक खलाि स सवय को बचलाओ। वयथश बलात मत नकयला करो, यथोनचत बलात नकयला करो, अपि वसतर सवचछ रखो, ररीर और घर को और महल को तथला परयक सथलाि को जहला तमहलारला उठिला बठिला हो गनदगी तथला मनितला स सरनकत रखो अथलाशत सलाि करत रहो और घरो को सवचछ रखि की आदत डलाो (समय की आवशयकतला क अपवलाद क) चि म भी ि बहत तीवर चो और ि बहत धीमी गनत स। मधयम गनत पर दकषट रखो, ि बहत ऊचला बोला करो ि बहत िीचला, जब यलातरला करो तो हर परकलार स यलातरला कला परबनध कर नयला करो और पयलाशपत पलाथय (मलागश कला खलािला और वयय) नयला करो तलानक भीख मलागि स बचो, पिी स सभोग करि क उपरलानत सलाि कर नयला करो, जब भोजि करो तो

Page 61: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

35 इसलामी उस की फिलासिी

मलागि वला को भी द नदयला करो और कतत को भी डला नदयला करो और दसर पनकयो को भी। यनद सभव हो तो अिलाथ डनकयला नजि कला तम पलाि-पोरण करत हो उि स निकलाह करि म कोई आपनतत िही, परनत यनद तम दखो नक चनक व लावलाररस ह कदलानचत तमहलारला हदय उि पर अयलाचलार कर तो मलातला-नपतला और सबनधयो वलाी कसतरयला स नववलाह करो जो तमहलारला सममलाि कर और उिकला तमह भय रह। एक, दो, तीि, चलार तक कर सकत हो इस रतश पर नक नयलाय करो और यनद नयलाय िही कर सकत तो नफर एक ही को पयलाशपत समझो यदनप तमह आवशयकतला ही यो ि पड जलाए। चलार की जो सीमला निधलाशररत कर दी गई ह वह इस नहत स ह तलानक तम परलािी आदतो क कलारण सीमला कला उलघि ि करो अथलाशत सकडो कसतरयो स नववलाह ि करि ग जलाओ यला यह नक वयनभचलार की ओर ि झक जलाओ तथला अपिी पकियो को महर दो।

अतः कआशि ररीि की नरकलािसलार यह परथम सधलार ह नजसम मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ को असभय आचरणो स हटला कर मलािवतला क सलामलाि तथला सभयतला की ओर परवतत नकयला गयला ह। इस नरकला म अभी उचच आचरणो की कछ चचलाश िही हई अनपत य कव मलािवतला क नियम ह।

हम उलख कर चक ह नक इस नरकला की यह आवशयकतला इसनए पडी थी नक हमलार िबीस.अ.व. नजस जलानत क सधलार क नए आए थ वह असभयतला म समसत जलानतयो स अगरसर थी। उिम नकसी भी पह स मलािवतला कला कोई आचरण रर िही रहला थला। अतः आवशयक थला नक सवशपरथम उनह मलािवतला क बलाहय आचरणो की नरकला दी जलाती।

सअि कला हिलाम (फनषध) होनलायहला एक नवरर बलात समरण रखि योगय ह और वह यह ह नक सअर

कला मलास खलाि कला जो निरध नकयला गयला ह खदला ि आरभ स उसक िलाम म ही हरलाम की ओर सकत नकयला ह अरबी भलारला म सअर को नखनरीर

Page 62: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

36इसलामी उस की फिलासिी

कहत ह। नखनरीर कला रबद नखनर और अर की सनध स बिला ह नजसक अथश ह नक म इस बहत अपनवतर और खरलाब दखतला ह। ‘नखनर’ क अथश बहत बरला ‘अर’ क अथश “म दखतला ह”। अतः इस परलाणी कला िलाम जो खदला तआला ि आरभ स रखला ह वही इसकी अपनवतरतला को परमलानणत करतला ह और बडला नवनचतर सयोग यह ह नक नहनदी म इस परलाणी को सअर कहत ह। यह रबद भी ‘स’ और ‘अर’ स बिला ह नजसक अथश य ह नक म इसको बहत बरला दखतला ह। इस स आशयश िही करिला चलानहए नक ‘स’ कला रबद अरबी योकर हो सकतला ह योनक हमि अपिी पसतक ‘नमििरटहमलाि’ म नसधि नकयला ह नक समसत भलारलाओ की जििी अरबी भलारला ह और अरबी क रबद परयक भलारला म ि कव एक-दो अनपत हरलारो नम हए ह। अतः सअर अरबी रबद ह इसीनए नहनदी म सअर कला अिवलाद ‘बरला’ ह। इसनए इस परलाणी को ‘बरला’ कहत ह। इसम कछ सनदह िही नक उस यग म जबनक समसत ससलार की भलारला अरबी थी, इस दर म यह िलाम इस परलाणी कला अरबी म परनसधि थला जो नखनरीर कला समलािलाथशक ह नफर अब तक यलादगलार रर रह गई। हला यह सभव ह नक ससकत म इसक निकट-निकट यही रबद पररवनतशत होकर कछ और बि गयला हो परनत सही रबद यही ह योनक अपि िलामकरण कला कलारण सलाथ रखतला ह नजस पर रबद नखनरीर ठोस गवलाह ह और यह अथश जो इस रबद क ह अथलाशत बहत खरलाब। इसकी वयलाखयला की आवशयकतला िही। इस बलात कला नकस जलाि िही नक यह परलाणी परथम शरणी कला गनदगी खलाि वलाला एव नि शजज और बहयला ह। अब इसक निरध होि कला कलारण सपषट ह नक परकनत कला नियम यही चलाहतला ह नक ऐस गनद और खरलाब परलाणी क मलास कला परभलाव ररीर और आमला पर भी अपनवतर ही हो योनक हम नसधि कर चक ह नक भोजि कला भी मिषय की आमला पर अवशय परभलाव होतला ह। अतः इसम कछ सनदह िही नक ऐस दषट कला परभलाव भी बरला ही पडगला। जसला नक यिलािी वदो ि इसलाम स पवश ही यह रहसय परकट

Page 63: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

37 इसलामी उस की फिलासिी

नकयला ह नक इस परलाणी कला मलास नवरर तौर पर जजला की नवररतला को कम करतला ह और नि शजजतला को बढलातला ह तथला सअर कला खलािला भी इस ररीअत म निनरधि ह नक मतक पर खलाि वला को भी अपि रग म लातला ह तथला बलाहय सवलासथय क नए भी हलानिकलारक ह और नजि परओ कला रत अनदर ही रहतला ह जसला गला घोटला हआ यला लाठी स मलारला हआ। यह समसत पर वलासतव म मरदलार (मतक) क आदर म ही ह। यला मदद कला रत अनदर रहि स अपिी कसथनत पर रह सकतला ह ? िही अनपत आदरश होि क कलारण बहत रीघर दनरत हो जलाएगला और अपिी दगशनध स समसत मलास को खरलाब करगला तथला रत क कीटलाण जो िवीि अनवरण स भी नसधि हए ह मरकर ररीर म एक नवरलात दगशनध फला दग।

फदतीय सधलाि मनषय की नफतक अिसथलाए

दसरला भलाग सधलार कला कआशि की नरकलािसलार यह ह नक सवलाभलानवक अवसथलाओ को उनचत रतमो क सलाथ परनतबनधत करक उचकोनट क नरषटलाचलार तक पहचलायला जलाए। अतः सपषट रह नक यह भलाग बहत बडला ह। यनद इस भलाग को हम नवसतलारपवशक वणशि कर अथलाशत समसत व नरषटलाचलार यहला नखिला चलाह जो कआशि करीम ि वणशि नकए तो यह ख इतिला नवरला हो जलाएगला नक समय इसक दसव भलाग क नए भी पयलाशपत ि होगला। इसनए उचचकोनट क कछ नरषटलाचलार िमि क तौर पर वणशि नकए जलात ह।

अतः जलात होिला चलानहए नक नरषटलाचलार दो परकलार क ह। परथम व नरषटलाचलार नजिक मलाधयम स मिषय बरलाई यलागि पर समथश होतला ह नवितीय व नरषटलाचलार नजिक मलाधयम स मिषय भलाई पहचलाि पर समथश होतला ह। बरलाई यलागि क अथश म व नरषटलाचलार सकममनत ह नजिक विलारला मिषय परयि करतला ह नक तलानक अपिी जीभ यला अपि हलाथ यला अपिी आख यला अपि नकसी अग विलारला दसर क धि और सममलाि यला

Page 64: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

38इसलामी उस की फिलासिी

परलाण को हलानि ि पहचलाए अथवला हलानि पहचलाि यला मलाि-हलानि कला इरलादला ि कर तथला भलाई पहचलाि क अथश म समसत व नरषटलाचलार सकममनत ह नजिक विलारला मिषय परयि करतला ह नक अपिी जीभ यला अपि हलाथ यला अपि धि यला अपि जलाि अथवला नकसी अनय मलाधयम स दसर क धि यला सममलाि को लाभ पहचला सक यला उसक परतलाप यला सममलाि को परकट करि कला इरलादला कर सक यला यनद नकसी ि उस पर कोई अयलाचलार नकयला थला तो वह अयलाचलारी नजस दणड कला पलातर थला उसको कमला कर सक तथला इस परकलार उसको कषट और रलारीररक अरलाब तथला आनथशक कनतपनतश स सरनकत रहि कला लाभ पहचला सक यला उस ऐसला दणड द सक जो वलासतव म उसक नए सरलासर दयला ह।

िलाचलाि क तयलाग स सबफधत फशटिलाचलाि - जननफरिय फनयतरणअतः सपषट हो नक व नरषटलाचलार जो बरलाई यलागि क नए

वलासतनवक सरषटला ि निधलाशररत नकए व अरबी भलारला म जो समसत मलािव नवचलारो तथला बिलावट एव नरषटलाचलार को परकट करि क नए अपि अनदर एक अक ला रबद रखती ह। चलार िलाम नदए गए ह। अतः

परथम फशटिलाचलाि - इहसलाि (احصــان) िलामक ह और इस रबद स अनभपरलाय वह नवरर िक आचरण ह जो परर और सतरी की सनतलािोपनतत की रकत स सबध रखतला ह और महनसि (محصــن) यला महनसिला उस परर यला उस सतरी को कहला जलाएगला जो वयनभचलार यला उसकी परलारनभक नकरयलाओ स पथक रह कर उस वयनभचलार स सवय को नियतरण म रख। नजसकला पररणलाम दोिो क नए इस ससलार म अपमलाि और परतलाडिला और परोक म आनखरत कला अरलाब और सब नधयो क नए अपमलाि क अनतररत बहत बडी हलानि ह। उदलाहरणतयला जो वयकत नकसी की पिी स अवध हरकत करि वलाला हो यला उदलाहरणतयला वयनभचलार तो िही परनत उसकी परलारनभक नकरयलाए परर और सतरी दोिो

Page 65: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

39 इसलामी उस की फिलासिी

स परकट हो तो कछ सनदह िही नक उस सवलानभमलािी पीनडत परर की ऐसी पिी को जो वयनभचलार करलाि पर सहमत हो गई थी यला वयनभचलार भी करला चकी थी तलाक दिी पडगी तथला बचचो पर भी यनद उस सतरी क पट स होग बडी फट पडगी और घर कला सवलामी यह समसत हलानि उस पनततला क कलारण सहि करगला।

यहला समरण रह यह नरषटलाचलार नजसकला िलाम इहसलाि यला सतीव ह अथलाशत रभ आचरण यह इसी अवसथला म नरषटलाचलार कहलाएगला जबनक ऐसला वयकत जो बरी दकषट स यला वयनभचलार की रकत अपि अनदर रखतला ह अथलाशत परकनत ि व रकतयला उस द रखी ह नजि क विलारला उस अपरलाध को नकयला जला सकतला ह इस बर कमश स सवय को बचलाए और यनद बचचला होि क कलारण यला िपसक होि यला बहत बढला होि क कलारण उसम यह रकत मौजद ि हो तो ऐसी कसथनत म हम उस इस नरषटलाचलार स नजसकला िलाम इहसलाि यला सतीव ह की सजला िही द सकत। हला यह अवशय ह नक सतीव यला इहसलाि की इसम एक सवलाभलानवक अवसथला ह परनत हम बलारमबलार नख चक ह नक सवलाभलानवक अवसथलाओ को नरषटलाचलार की सजला यो िही दी जला सकती अनपत उस समय नरषटलाचलार की शरखला म सकममनत की जलाएगी जबनक बनधि की छतर-छलायला म होकर यथलासथलाि जलारी हो यला जलारी होि की योगयतला पदला कर । अतः जसला नक म उलख कर चकला ह नक बचच और िपसक और ऐस ोग जो नकसी यकत स सवय को िपसक कर इस नरषटलाचलार कला चररतलाथश िही ठहर सकत यदनप परयक म सतीव और इहसलाि क रग म अपिला जीवि वयतीत कर अनपत समसत पररकसथनतयो म उिक सतीव और इहसलाि कला िलाम सवलाभलानवक अवस थला होगला ि नक कछ और। चनक यह अपनवतर कलायश और उसकी परलाथनमक नकरयलाए नजस परकलार परर स हो सकती ह उसी परकलार सतरी स भी हो सकती ह। अतः खदला की पनवतर नकतलाब कआशि ररीि म परर-सतरी दोिो क नए यह नरकला दी गई ह ः-

Page 66: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

40इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत ईमलािदलारो को जो परर ह कह द नक आखो को उि कसतरयो को नजिस निकलाह वध ह बचलाए रख और ऐसी कसतरयो को ख तौर स ि दख जो कलामवलासिला को उततनजत करि कला कलारण हो सकती हो तथला ऐस अवसरो पर सवकपि दकषट की आदत डला और अपि गपत अगो को यथलासभव बचलाए। इसी परकलार कलािो को भी ऐसी कसतरयो स नजि स निकलाह वध ह बचलाए अथलाशत परलाई कसतरयो क गलाि-बजलाि और मधर एव सरीी आवलार ि सि उिकी सनदरतला क नकसस ि सि। यह सरह अनिर - 31-32 सरह बिी इसरलाई - 33 सरह अनिर - 34 सरह अहदीद - 28

Page 67: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

41 इसलामी उस की फिलासिी

दकषट और हदय की पनवतरतला रहि क नए उततम उपलाय ह। इसी परकलार ईमलािदलार और मोनमि कसतरयो को कह द नक व भी अपिी आखो को उि पररो को दखि स बचलाए नजिस निकलाह वध ह और अपि कलािो को भी ऐस पररो स बचलाए अथलाशत उिकी कलामोततजक आवलार ि सि और अपि गपतलागो को पदद म रख और अपि सौनदयश वला अगो को नकसी ऐस परर क समक ि खो नजिस निकलाह वध ह और अपिी ओढिी को सर पर इस परकलार नक गदशि स होकर सर पर आ जलाए अथलाशत गदशि और दोिो कलाि तथला सर और किपनटयला सब चलादर क पदद म रह तथला अपि परो को पथवी पर ितशनकयो क समलाि ि मलार। यह वह उपलाय ह नजसकला पलाि करिला ठोकर स बचला सकतला ह।

सिला उपलाय बचि क नए यह ह नक खदला तआला की ओर धयलाि द और उस स दआ कर तलानक ठोकर स बचलाए और भ स मकत द। वयनभचलार क निकट मत जलाओ अथलाशत ऐस आयोजिो स दर रहो नजिस हदय म यह नवचलार भी जनम सकतला हो तथला उि मलागमो को धलारण ि करो नजि स उस पलाप क होि की सभलाविला हो। जो वयनभचलार करतला ह वह बरलाई को चरम सीमला तक पहचला दतला ह। वयनभचलार कला मलागश बहत बरला ह अथलाशत अभीषट कय म बलाधक ह और तमहलार अकनतम कय की परलाकपत क नए बहत खतरिलाक ह और जो निकलाह ि कर सक तो चलानहए नक वह अपिी पनवतरतला को दसर उपलायो स बचलाए। उदलाहरणतयला रोरला रख यला कम खलाए यला अपिी रलारीररक रकतयो को कम करि क नए कठोर पररशरम वला कलायश कर। ोगो ि य भी उपलाय निकला ह नक व हमरला जलािबझ कर अनववलानहत रह यला िपसक बि और नकसी ढग स सनयलास धलारण कर परनत हमि मिषय पर य आदर अनिवलायश िही नकए। इसी नए व इि नबदअतो एव कपरथलाओ को पणश रप स निभला िही सक। खदला कला यह कहिला नक हमलारला यह आदर िही नक ोग िपसक बि। यह इस बलात की ओर सकत ह नक यनद खदला कला आदर होतला तो

Page 68: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

42इसलामी उस की फिलासिी

सब ोग इस आदर कला पलाि करि म समथश होत तो ऐसी अवसथला म ोगो की सनतलाि की समलाकपत हो कर ससलार कला कभी कला अनत हो चकला होतला तथला यनद इस परकलार स ही पनवतरतला एव सयम परलापत करिला हो नक परर क नग को कलाट द तो यह एक दकषट स अथलाशत दसर रबदो म सरषटला पर आकप ह नजसि वह अग बिलायला तथला जबनक पणय कला समसत आधलार इस बलात पर ह नक एक रकत नवदमलाि हो और नफर मिषय खदला तआला स भयभीत होकर इस रकत की दनरत भलाविलाओ तथला अिनचत उततजिलाओ कला मकलाबला करतला रह और उसक लाभो स लाभलाकनवत होकर दो परकलार कला पणय परलापत कर। अतः सपषट ह नक ऐस अग को िषट कर दि म दोिो पणयो स वनचत रहला। पणय तो नवपरीत भलाविला क होत हए और नफर उसक नवपरीत सघरश करि स परलापत होतला ह, परनत नजसम बचच क समलाि वह रकत ही िही रही उस यला पणय परलापत होगला। यला बचच को अपि सयम कला पणय परलापत हो सकतला ह ?

सचचरितर एि सलाचलािी िहन क फए पलाच उपलायइि आयतो म खदला तआला ि खलक, इहसलाि अथलाशत सचचररतरतला

तथला रधि आचरण परलाकपत क नए कव उचच नरकला ही िही दी अनपत मिषय को सदलाचलारी रहि क नए पलाच उपलाय भी बतला नदए ह व य ह - 1. अपिी आखो को उस स नजस स निकलाह वध ह दकषट डलाि स

बचलािला।2. कलािो को नजि पररो / कसतरयो स निकलाह वध ह की आवलार सिि

स बचलािला। 3. नजि पररो / कसतरयो स निकलाह वध ह की कहलानियला ि सििला। 4. ऐस समसत आयोजिो नजिम इस दषकमश क पदला होि की सभलाविला

हो सवय को बचलािला। 5. यनद निकलाह ि हो तो रोर रखिला इयलानद।

Page 69: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

43 इसलामी उस की फिलासिी

यहला हम बड दलाव क सलाथ कहत ह नक यह उचच नरकला इि सब उपलायो क सलाथ जो कआशि ररीि ि वणशि की ह कव इसलाम ही स नवरषय ह। यहला यह बलात समरण रखि क योगय ह और वह यह ह नक चनक मिषय की वह सवलाभलानवक अवसथला जो कलाम-वलासिलाओ कला सरोत ह नजस स मिषय नबिला नकसी पणश पररवतशि क पथक िही हो सकतला यही ह नक उसकी कलाम-भलाविलाए अवसर एव सथलाि अपि अिक पलाकर उततनजत होि स िही रह सकती यला यो कहो नक बड खतर म पड जलाती ह। इसनए खदला तआला ि हम यह नरकला िही दी नक हम उि कसतरयो को नजि स निकलाह वध ह निःसकोच दख तो नयला कर तथला उिक समपणश सौनदयमो क दरशि भी कर नयला कर और उिक ि य आनद क समसत भलाव भी दख परनत पनवतर दकषट स दख ! और ि हम यह नरकला दी ह नक हम उि परलाई यवला कसतरयो कला गलािला बजलािला सि और उिकी सनदरतला क नकसस भी सिला कर परनत पनवतर भलाविला स सि अनपत हम चतलाविी ह नक हम उि कसतरयो को नजि स निकलाह वध ह और उिक सौनदयश क सथलािो को कदलानप ि दख ि पनवतर दकषट स और ि अपनव तर दकषट स तथला उिकी सरीी आवलार और उिकी सनदरतला क नकसस ि सि। ि पनवतर नवचलार स ि अपनवतर नवचलार स अनपत हम चलानहए नक उिक सिि और दखि स घणला रख उसी परकलार जस नक मतक पर कला मलास खलाि स घणला करत ह तलानक ठोकर ि खलाए योनक आवशयक ह नक सवचछनद दकषट स नकसी समय ठोकर ग। अतः चनक खदला तआला चलाहतला ह नक हमलार ितर, हदय तथला हमलारी भलाविलाए सब पनवतर रह। इसनए उसि यह उचच शरणी की नरकला दी। इसम यला सनदह ह नक सवचछनदतला ठोकर कला कलारण हो जलाती ह। यनद हम एक भख कतत क आग िमश-िमश रोनटयला रख द और नफर हम आरला रख नक उस कतत क हदय म उि रोनटयो क खलाि कला नवचलार तक उपनि ि हो तो हम अपि इस नवचलार म गती पर ह। इसनए खदला तआला ि चलाहला नक

Page 70: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

44इसलामी उस की फिलासिी

कलामवलासिला सबधी रकतयो को गपत कलायशवलानहयो कला अवसर भी ि नम और ऐसला कोई भी आयोजि सलामि ि आए नजस स इस परकलार की बरी नकरयलाए उपनि हो सक।

इसलामी प द की यही फिलासिी ह और यही ररीअत कला आदर ह। खला की फकतलाब कआशि म पदद स अनभपरलाय यह िही नक कव कसतरयो को कनदयो की तरह कद म रखला जलाए। यह उि मखमो कला नवचलार ह नजिको इसलामी नसधिलानतो कला जलाि िही अनपत अभीषट यह ह नक सतरी-परर दोिो को सवततरतलापवशक परसपर दखि तथला अपिी सनदरतला नदखलाि स रोकला जलाए योनक इसम दोिो की भलाई ह। अनत म यह भी समरण रह नक उचटती दकषट स अिनचत दकषट डलाि स सवय को बचला िला और दसरी उनचत दरशिीय वसतओ को दखिला। इस पधिनत को अरबी भलारला म ‘गजरबसर’ (दकषट को िीच रखिला) कहत ह और परयक सयमी जो अपि हदय को पनवतर रखिला चलाहतला ह उस िही चलानहए नक परओ की भलानत नजस ओर चलाह निःसकोच दकषट उठलाकर दखतला अनपत उसक नए इस सलामलानजक जीवि म दकषट को िीच रखि कला अभयसत होिला आवशयक ह। यह वह रभ आचरण ह नजसस उसकी यह सवलाभलानवक परवनतत एक महलाि आचरण क रप म आ जलाएगी और उसकी सलामलानजक आवशयकतला म भी अनतर िही आएगला। यही वह नरषटलाचलार ह नजस इहसलाि और इफित (सयम और सदलाचलार) कहत ह।

बरलाई-यलागि क परकलारो म स दसरला परकलार वह नरषटलाचलार ह नजस अमलाित और ईमलािदलारी कहत ह अथलाशत दसर क धि पर ररलारत और बर नवचलार स अनधकलार करक उसको कषट पहचलाि पर सहमत ि होिला।

अतः सपषट हो नक अमलाित और ईमलािदलारी मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ म स एक अवसथला ह। इसीनए एक दध पीतला बचचला भी जो अपिी अलपलाय क कलारण अपिी सवलाभलानवक सलादगी पर होतला ह तथला अलपलाय क कलारण अभी बरी आदतो कला अभयसत िही होतला दसरो की

Page 71: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

45 इसलामी उस की फिलासिी

वसतओ स इतिी घणला रखतला ह नक दसरी सतरी कला दध भी कनठिलाई स पीतला ह। यनद उस बसधी क समय म कोई और दध नपलाि वलाी निय त ि हो तो चतिला क समय म उस दसरी सतरी कला दध नपलािला नितलानत कनठि हो जलातला ह और वह अपि परलाण पर बहत कषट उठलातला ह त थला सभव ह नक उस कषट स मरि क निकट हो जलाए नकनत दसरी सतरी क दध स सवलाभलानवक तौर पर अपरसनि होतला ह। इतिी घणला कला यला रहसय ह ? यही नक वह मला को छोडकर दसर की वसत की ओर मख करि स सवलाभलानवक तौर पर घणला करतला ह। अतः हम जब एक गभीर दकषट स बचच की इस आदत को दखत और उस पर नवचलार करत ह और नवचलार करत-करत उसक इस सवभलाव की तह तक च जलात ह तो हम पर नबलक सपषट हो जलातला ह नक यह सवभलाव नक दसर की वसत स इतिी घणला करतला ह यहला तक नक अपि परलाणो को खतर म डला तला ह। यही अमलाित और ईमलािदलारी की जड ह तथला ईमलािदलारी क नरषटलाचलार म कोई वयकत सचचला िही ठहर सकतला जब तक बचच क समलाि अनय क धि क बलार म भी उसक हदय म सचची ििरत और घणला पदला ि हो जलाए, परनत बचचला इस सवभलाव को यथलासथलाि परयोग िही करतला तथला अपिी मखशतला क कलारण बहत स कषट सहि कर तला ह। अतः उसकला यह सवभलाव कव एक सवलाभलानवक अवसथला ह नजस वह सहसला परकट करतला ह इसनए यह नकरयला उसक नरषटलाचलार म सकममनत िही हो सकती। यनद मलािव-परकनत म अमलाित और ईमलािदलारी क नरषटलाचलार कला वही वलासतनवक म ह तथलानप जसला नक नरर इस अिनचत नकरयला स धलानमशक और ईमलािदलार िही कहला सकतला, इसी परकलार वह वयकत भी इस नरषटलाचलार स नवभनरत िही हो सकतला जो इस सवलाभलानवक म परवनतत कला यथलासथलाि परयोग िही करतला अमीि (धरोहर को सरनकत रखि वलाला) और ईमलािदलार बििला बहत कनठि ह जब तक मिषय समसत पहओ कला पलाि कर अमीि और ईमलािदलार िही हो सकतला। इसम अललाह तआला

Page 72: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

46इसलामी उस की फिलासिी

ि उदलाहरण क तौर पर निमिननखत आयतो म अमलाित कला ढग समझलायला ह और वह यह ह ः-

अनिला - अथलाशत यनद कोई तम म स ऐसला धिवलाि हो जो बनधि ि रखतला हो। उदलाहरणतयला अिलाथ यला अवयसक हो और भय हो नक वह अपिी मखशतला स अपि धि को िषट कर दगला तो तम (बतौर कोटट आि वलाडट‍स क) वह समसत धि नजस पर वयलापलार और आजीनवकला कला नसनसला चतला ह उि मखमो क सपदश मत करो तथला उस धि म स आवशयकतलािसलार उिक भोजि और वसतरो क नए द नदयला करो और उनह रभकममो की अचछी बलात समझलात रहो अथलाशत ऐसी बलात नजि स उिकी बनधि और समझ बढ तथला एक परकलार स उिकला यथलायोगय सरह अकनि सला - 6, 7 सरह अकनि सला - 10, 11

Page 73: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

47 इसलामी उस की फिलासिी

परनरकण हो जलाए तथला अिपढ अिभवहीि ि रह। यनद व वयलापलारी क बट ह तो उनह वयलापलार क ढग नसखलाओ और यनद कोई अनय वयवसलाय रखत हो तो उस वयवसलाय क यथलायोगय उिको पररपकव कर दो। अतः उनह सलाथ-सलाथ नरकला दत जलाओ तथला अपिी नरकला की कभी-कभी परीकला भी त जलाओ नक तम ि जो कछ नसखलायला उनहोि समझला भी ह यला िही। नफर जब नववलाह क योगय हो जलाए अथलाशत आय गभग अठलारह वरश तक पहच जलाए और तम दखो नक उि म अपि धि क परबनध की बौनधिक रकत पदला हो गई ह तो उिकला धि उिक सपदश कर दो और अपवयय क तौर पर उिकला धि वयय ि करो और ि इस भय स धि को रीघरतला स खचश करो नक यनद य बड हो जलाएग तो अपिला धि ग। जो वयकत धिवलाि हो उसक नए उनचत िही नक उसक धि म स कछ मरदरी परनत एक निधशि वयकत उनचत मरदरी सकतला ह।

अरब म धि क सरकको क नए यह रीनत परनस धि थी नक यनद अिलाथो क सरकक उि क धि म स िला चलाहत तो यथलासभव यह नियम जलारी रखत नक अिलाथ क धि को वयलापलार म गलाि स जो कछ लाभ हो उसम स सवय भी त। म पजी को िषट ि करत। अतः इसी परमपरला की ओर सकत ह नक तम भी ऐसला करो और नफर कहला नक जब तम अिलाथो क धि वलापस करि गो तो गवलाहो क समक उनह उिकला धि वलापस दो और जो वयकत मय क निकट हो तथला उसक बचच कमरोर और अलपलाय क हो तो उस ऐसी वसीयत िही करिी चलानहए नक नजसम बचचो क अनधकलार को हलानि पहच। जो ोग इस परकलार अिलाथ कला धि खलात ह नजसस अिलाथ पर अयलाचलार हो जलाए तो वह धि िही अनपत अकगि खलात ह और अनत म भसम कर दि वलाी अकगि म डला जलाएग।

अतः दखो खदला तआला ि अमलाित और ईमलािदलारी क नकति

Page 74: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

48इसलामी उस की फिलासिी

पह बतलाए। इसनए वलासतनवक ईमलािदलारी और अमलाित वही ह जो इि समसत पहओ की दकषट स हो और यनद बनधिमततला क नियतरण विलारला ईमलािदलारी म इि समसत पहओ को दकषटगत ि रखला हो तो ऐसी ईमलािदलारी और अमलाित म अिक परकलार स गपत बईमलािी छपी होगी।

नफर दसर सथलाि पर कहला -

अथलाशत परसपर एक दसर क मला को अवध तौर पर मत खलायला

सरह अबकरह - 189 सरह अकनि सला - 59 सरह अअनिला - 59 सरह बिी इसरलाई - 36 सरह अशरअरला - 184 सरह अकनि सला - 3

Page 75: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

49 इसलामी उस की फिलासिी

करो और ि अपि धि को रलासको को ररशवत क तौर पर पहचलायला करो तलानक इस परकलार स रलासको क सहयोग स दसर क धि को दबला ो। धरोहरो को उिक मलानको को वलापस द नदयला करो। खदला गबि (बईमलािी) करि वलाो को नमतर िही रखतला। जब तम मलापो तो परला मलापो, जब तम तोो तो परी और दोररनहत त ला स तोो तथला नकसी परकलार स ोगो को उिक धि की हलानि ि पहचलाओ तथला उपदरव की िीयत स पथवी पर भरमण ि करो अथलाशत इस िीयत स नक चोरी कर यला डलाकला डला यला नकसी की जब कतर यला नकसी अनय अवध ढग स परलाए मला पर कबरला कर। तपशलात कहला नक तम अचछी वसतओ क बद म बरी और निकषट वसतए ि नदयला करो अथलाशत नजस परकलार दसरो कला धि दबला िला अवध ह इसी परकलार खरलाब और नवकत वसतए बचिला यला उततम वसत क बद म बरी और निकषट वसतए ि नदयला करो अथलाशत नजस परकलार दसरो कला धि दबला िला अवध ह इसी परकलार खरलाब वसतए बचिला, उततम वसत क बद म बरी वसत दिला भी अवध ह।

इि समसत आयतो म खदला तआला ि बईमलािी क समसत ढग वणशि कर नदए तथला खदला कला कलाम (वलाणी) परयक दकषट स ऐसला पणश ह नक नजसम नकसी बईमलािी कला कोई अर रर िही रहला। कव यह िही कहला नक त चोरी ि कर, तलानक एक मखश यह ि समझ नक कव चोरी मर नए अवध ह परनत अनय सभी दषकमश मर नए वध ह। इस सवलाागपणश वलाय म यह सकम ततव निनहत ह नजसक विलारला समसत अवध ढगो को निरध कर नदयला गयला ह। इसनए यनद कोई इस परनतभला स अमलाित और ईमलािदलारी की कछ बलातो कला परदरशि भी कर तो उसकी यह नकरयला उसकी ईमलािदलारी क अनतगशत िही आ सकती अनपत एक सवलाभलानवक नकरयला होगी जो नववक और परनतभला स ररत ह।

तीसिला परकलाि बरलाई यलागि कला नरषटलाचलार कला वह परकलार ह नजस अरबी म हदिला और हौि कहत ह अथलाशत दसर को अयलाचलार क मलागश स रलारीररक पीडला ि पहचलािला तथला बरलाई स ररत मिषय होिला तथला मतरी

Page 76: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

50इसलामी उस की फिलासिी

क सलाथ जीवि वयतीत करिला। अतः निःसनदह मतरी भलाव एक उचच शरणी कला नरषटलाचलार ह और मलािवतला क नए यथलासभव आवशयक। इस नरषटलाचलार क अिरप बचच म जो सवलाभलानवक म परवनतत होती ह नजस क सति स यह नरषटलाचलार बितला ह उलित ह अथलाशत अिरलाग ह। यह तो सपषट ह नक मिषय कव सवलाभलानवक अवसथला म अथलाशत उस अवसथला म नक जब मिषय बनधि स अपररनचत होतला ह मतरी क नवरय को समझ िही सकतला और ि यधि क अथश को समझ सकतला ह। अतः उस समय नमतरतला की एक वनतत उसम पलाई जलाती ह वही मतरी भलाव कला म ह परनत चनक वह बनधि, नवचलार और हदय की नवरर पररणला स धलारण िही की जलाती इसनए उस नरषटलाचलार िही कहला जला सकतला अनपत नरषटलाचलार तो तब कहला जलाएगला नक जब मिषय निशयपवशक सवय को सर सवभलाव बिला कर मतरी भलाव क नरषटलाचलार को यथलासथलाि परयोग कर कसथनत क नवरधि परयोग करि स बच। इसम अललाह तआला यह नरकला दतला ह ः-

सरह अअनिला - 2 सरह अकनि सला - 129 सरह अअनिला - 62 सरह अफरकलाि - 64 सरह अफरकलाि - 73

Page 77: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

51 इसलामी उस की फिलासिी

अतः आपस म मतरी भलाव अपिलाओ। मतरी म भ लाई ह। जब व मतरी (स ह) की ओर झक तो तम भी झक जलाओ। खदला क िक बनद स ह करि क सलाथ पथवी पर चत ह और यनद व कोई ऐसी वयथश बलात नकसी स सि जो यधि और डलाई की एक भनमकला हो तो बजगमो क समलाि उसकी उपकला करक च जलात ह और छोटी-छोटी बलात पर डिला आरभ िही कर दत अथलाशत जब तक कोई अनधक कषट ि पहच उस समय तक डलाई करि को अचछला िही समझत तथला स ह करि क अवसर को पहचलािि कला यही नसधिलानत ह नक छोटी-छोटी बलातो को नवचलार म ि लाए और कमला कर द। गव कला रबद जो इस आयत म आयला ह। अतः सपषट रह नक अरबी भलारला म गव उस नकरयला को कहत ह नक उदलाहरणतयला एक वयक त ररलारत स ऐसी वयथश बलात कर यला कषट पहचलाि की िीयत स उसस ऐसला कय परकट हो नक वलासतव म उसस कछ ऐसी हलानि यला कनत िही पहचती। अतः स ह करि कला यह कण ह नक ऐस बहदला कषट को कमला कर और बजगमो जस आचरण कला पला ि कर परनत यनद कषट कव गव तो ि हो परनत उसस वलासतनवक तौर पर परलाण यला धि यला सममलाि को हलानि पहच तो मतरी भलाव क नरषटलाचलार कला इस स कछ सबध िही अनपत यनद ऐस पलाप को कमला नकयला जलाए तो इस नरषटलाचलार कला िलाम अफव (कमला) ह। नजस खदला ि चलाहला तो इसक पशलात वणशि नकयला जलाएगला। तपशलात खदला कला कथि ह नक यनद कोई वयक त ररलारत स कछ बकवलास कर तो तम िकी क सलाथ उस स ह करि वला उततर दो तब इस आचरण स रतर भी नमतर हो जलाएगला। अतः स ह करि क ढग विलारला इस परकलार कमला करिला कव इस शरणी की बरलाई ह नजस स कोई हलानि ि पहची हो कव रतर की बकवलास हो। सरह हला मीम अससजदह - 35

Page 78: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

52इसलामी उस की फिलासिी

चौथला परकलाि बरलाई यलागि क नरषटलाचलार म स ररफक (िमची) और अचछी बलात कहिला ह और यह नरषटलाचलार नजस सवलाभलानवक अवसथला स उपनि होतला ह उसकला िलाम तलाकत अथलाशत हसमख सवभलाव ह। बचचला जब तक बलात करि पर समथश िही होतला िमची और अचछी बलात क सथलाि पर हसमख सवभलाव कला परदरशि करतला ह। यही इस बलात कला परमलाण ह नक िमची की जड जहला स यह रलाखला निकती ह हसमख सवभलाव ह। हसमख होिला एक रकत ह और िमची एक नरषटलाचलार ह जो इस रकत को यथलासथलाि परयोग करि स पदला हो जलातला ह। इसम खदला तआला की नरकला यह ह ः-

सरह अबकरह - 84 सरह अहजरलात - 12 सरह अहजरलात - 13 सरह बिी इसरलाई - 37

Page 79: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

53 इसलामी उस की फिलासिी

अनिला ः- अथलाशत ोगो को व बलात कहो जो वलासतव म अचछी हो। एक जलानत दसरी जलानत स उपहलास ि कर सभव ह नक नजिस उपहलास नकयला गयला ह वही अचछी हो। कछ मनहलाए कछ अनय मनहलाओ स उपहलास ि कर। हो सकतला ह नक नजिस उपहलास नकयला गयला ह वही शरषठ हो। दोर मत गलाओ, अपि ोगो क बर-बर िलाम मत रखो, बदगमलािी की बलात मत करो और ि दोरो को करद-करद कर पछो, एक दसर की नरकलायत मत करो, नकसी क बलार म वह आरोप यला इलरलाम मत गलाओ नजसकला तमहलार पलास कोई परमलाण िही और समरण रखो नक परयक अग स नहसलाब नयला जलाएगला तथला कलाि, आख और हदय परयक स पछला जलाएगला।

िलाई पहचलान क परकलािअब बरलाई यलागि क परकलार समलापत हो चक। अब हम भलाई

पहचलाि क परकलारो कला वणशि करत ह दसरला परकलार उि नरषटलाचलारो कला जो भलाई पहचलाि स सबध रखत ह। उिम स परथम फशटिलाचलाि अफि (कमला) ह। अथलाशत नकसी क पलाप को कमला कर दिला। इसम भलाई पहचलािला यह ह नक जो पलाप करतला ह वह एक हलानि पहचलातला ह और इस योगय होतला ह नक उसको भी हलानि पहचलाई जलाए, दणड नदलायला जलाए, बनदी बिलायला जलाए, जमलाशिला करलायला जलाए यला सवय ही उस पर हलाथ उठलायला जलाए। अतः उसको कमला कर दिला उनचत हो तो उसक पक म भलाई पहचलािला ह। इसम करआि करीम की नरकला यह ह ः-

अथलाशत िक मिषय व ह जो करोध क सथलाि पर अपिला करोध पी जलात ह और कमला करि क स थलाि पर पलाप को कमला करत ह। अपरलाध कला दणड उतिला ही नदयला जलाए नजतिला अपरलाध नकयला गयला हो परनत जो सरह आ इमरलाि - 135 सरह अशररला - 41

Page 80: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

54इसलामी उस की फिलासिी

वयकत पलाप को कमला कर द और ऐस अवसर पर कमला कर द नक उसस कोई सधलार होतला हो, कोई बरलाई पदला ि होती हो अथलाशत नबलक कमला क सथलाि पर हो ि नक अनय सथलाि पर तो उसकला वह परनतफ पलाएगला।

इस आयत स सपषट ह नक कआशि की नरकला यह िही नक अकलारण और हर सथलाि पर बरलाई कला मकलाबला ि नकयला जलाए तथला उपदरनवयो और अयलाचलाररयो को दणड ि नदयला जलाए अनपत यह नरकला ह नक दखिला चलानहए वह सथलाि एव अवसर कमला करि कला ह यला दणड दि कला। अतः ऐस अवसर पर अपरलाधी तथला समलाज क नए जो कछ वलासतव म अचछला और कलयलाणकलारी हो वही बलात अपिलाई जलाए। एक समय अपरलाधी पलाप कमला करि स तौबला करतला ह* तथला नकसी समय पलाप कमला करि स और भी निडर हो जलातला ह। अतः खदला तआला कहतला ह नक अनधो की तिह कि पलाप कमला किन की आत मत डलाो अनपत धयलािपवशक दख नयला करो नक वलासतनवक िकी नकस बलात म ह कमला करि म यला दणड दि म। अतः जो बलात यथलासथलाि तथला यथलावसर हो वही करो।

ोगो को दखि स सपषट हो जलातला ह नक जस कछ ोग विरभलाव पर बहत ोप होत ह यहला तक नक दलादो-परदलादो क विरो को समरण रखत ह। इसी परकलार कछ ोग कमला और िमची को चरम सीमला तक पहचला दत ह तथला कभी-कभी इस आदत की अनधकतला स नि शजजतला तक पहच जलाती ह और ऐसी जजलाजिक रलाीितला और कमला कला उिस परदरशि होतला ह जो सरलासर सवलानभमलाि और मयलाशदला क सवशथला नवपरीत होतला ह अनपत ऐसला करक अपिी सचचररतरतला पर सवय धबबला गलात ह तथला ऐसी कमला कला पररणलाम यह होतला ह नक सब ोग तरलानह-तरलानह कर उठत ह। इनही खरलानबयो की दकषट स कआमन किीम म परयक नरषटलाचलार क नए सथलाि एव अवसर की रतश गला दी ह और ऐस नरषटलाचलार की सवीकनत * परथम ससकरण म कीर खीचला हआ वलाय नखि स रह गयला ह जब नक म मसौदला तथला ररपोटट म यह वलाय मौजद ह। (परकलारक)

Page 81: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

55 इसलामी उस की फिलासिी

िही दी जो असमय परदनरशत हो।समरण रह नक अकी कमला को नरषटलाचलार िही कह सकत अनपत वह

एक सवलाभलानवक रकत ह जो बचचो म भी पलाई जलाती ह। बचच को नजसक हलाथ स चोट ग जलाए चलाह ररलारत स ही ग कछ समय क पशलात इस बलात को भ ला दतला ह और नफर उसक पलास परम स जलातला ह और यनद ऐस वयकत ि उसक वध करि कला भी इरलादला नकयला हो तब भी कव मीठी बलात पर परसनि हो जलातला ह। अतः ऐसी कमला नकसी भी परकलार नरषटलाचलार म सकममनत िही होगी। नरषटलाचलार म उसी रप म सकममनत होगी जब हम उस यथला अवसर परयोग करग अनयथला कव एक सवलाभलानवक रकत होगी। ससलार म ऐस ोग बहत कम ह जो सवलाभलानवक रकत और नरषटलाचलार म अनतर कर सकत ह। हम बलार-बलार कह चक ह नक वलासतनवक नरषटलाचलार और सवलाभलानवक अवसथलाओ म यह अनतर ह नक नरषटलाचलार हमरला सथलाि और अवसर की पलाबदी अपि सलाथ रखतला ह और सवलाभलानवक रकत असमय भी परकट हो जलाती ह। यो तो परओ म गलाय म भी कोई बरलाई िही ह और बकरी भी हदय की गरीब ह परनत हम उिको कव इसी कलारण स यह िही कह सकत नक उिम इस आचरण की नवररतला नवदमलाि ह योनक उिको समय और अवसर को समझि की बनधि िही दी गई। खदला की िीनत तथला खदला की सचची और पणश नकतलाब ि परयक नरषटलाचलार क सलाथ सथलाि और अवसर की रतश गला दी ह।

सिला फशटिलाचलाि िलाई पहचलान क नरषटलाचलारो म स अ (नयलाय) ह और तीसिला अहसलान (उपकलार) और चौथला ‘ईतलाए नरकबलाश’ (निकट सबनधयो को दिला तथला सहलायतला) जसला नक अललाह तआला कला कथि ह ः-

सरह अनिह - 91

Page 82: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

56इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत अललाह तआला कला यह आदर ह नक भलाई क बद भलाई करो और यनद नयलाय स बढकर उपकलार कला अवसर और सथलाि हो तो वहला उपकलार करो और यनद उपकलार स बढकर निकट सबनधयो की तरह सवलाभलानवक जोर स िकी करि कला अवसर हो तो वहला सवलाभलानवक सहलािभनत स िकी करो। खदला तआला इस स मिला करतला ह नक तम सत ि की सीमलाओ कला अनतकरमण करो यला उपकलार क बलार म तम स अिनचत नकरयलाए परदनरशत हो योनक य नकरयलाए ब नधिसगत िही अथलाशत यह नक तम असमय उपकलार करो यला यथलासमय उपकलार करि स सकोच करो यला यह नक तम अवसर पर निकट सबनधयो को धि आनद दि तथला सहलायतला करि क नरषटलाचलार म कछ कमी करि गो यला सीमला स अनधक दयलावकषट करो। इस आयत म भलाई पहचलाि की तीि शरनणयो कला वणशि ह -

परथम यह शरणी नक भलाई क बद म भलाई की जलाए। यह तो निमि कोनट कला पणय ह और सलाधलारण शरणी कला सरी मिषय भी इस नरषटलाचलार कला परदरशि कर सकतला ह नक अपि भलाई करि वलाो क सलाथ भलाई करतला रह।

सिी शरणी इस स कछ कनठि ह और वह यह नक भलाई म सवय ही पह करिला और नकसी क हक क नबिला उपकलार क तौर पर उस लाभ पहचलािला। यह नरषटलाचलार मधयम शरणी कला ह। अनधकतर ोग गरीबो पर उपकलार करत ह तथला उपकलार म यह एक गपत दोर ह नक उपकलार करि वलाला सोचतला ह नक मि उपकलार नकयला ह और कम स कम वह अपि उपकलार क बद म कतजतला यला दआ चलाहतला ह और यनद कोई कतज उसकला नवरोधी हो तो उसकला िलाम कतघि रखतला ह। कभी अपि उपकलार क कलारण उस पर सलामथयश स अनधक भलार डला दतला ह और उस को अपिला उपकलार समरण करलातला ह जसला नक अललाह तआला ि उपकलार करि वलाो को सतकक करि क नए कहला ह ः-

सरह अबकरह - 265

Page 83: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

57 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत ह उपकलार करि वलाो ! अपि दलाि-पणयो को नजि की िीव सय पर होिी चलानहए उपकलार समरण करलाि और कषट दि क सलाथ िषट मत करो। अथलाशत सदक (दलाि) कला रबद नसदक स बिला ह। अतः यनद हदय म सय और निषकपटतला ि रह तो वह दलाि, दलाि िही रहतला अनपत एक नदखलाव कला कलायश होतला ह। इसनए उपकलारी म यह एक दोर होतला ह नक कभी करोध म आकर अपिला उपकलार भी समरण करला दतला ह। इसी कलारण खदला तआला ि उपकलाररयो को सतकक नकयला।

तीसिी शरणी भलाई पहचलाि की खदला तआला ि यह वणशि की ह नक उपकलार कला नवचलार नबलक ि हो और ि कतजतला पर दकषट हो अनपत एक ऐसी सहलािभनत क आवग स भलाई की जलाए जसला नक एक बहत निकट सबधी उदलाहरणतयला मला मलातर सहलािभनत क जोर स अपि बट स भलाई करती ह यह भलाई पहचलाि की वह अकनतम शरणी ह नजसस आग उनिनत करिला सभव िही, परनत खदला तआला ि भलाई पहचलाि क इि समसत परकलारो को सथलाि और अवसर स समबधि कर नदयला ह और कनथत आयत म सपषट तौर पर कह नदयला ह नक यनद य भलाइयला अपि अपि सथलाि पर परयत िही होगी तो नफर य बरलाइयला हो जलाएगी, नयलाय क सथलाि पर अशीतलाए हो जलाएगी अथलाशत सीमला कला इतिला अनतकरमण करिला नक अपनवतर कसथनत हो जलाए और ऐसला ही उपकलार क सथलाि पर अिपकलार की कसथनत निक आएगी नजस बनधि एव आमला कभी सवीकलार िही कर सकती तथला यह सीमला कला अनतकरमण निकट सबनधयो की सहलायतला करि क कतर म भी उनचत िही। अनपत बगय बि जलाएगला अथलाशत वह बमौकला सहलािभनत कला जोर एक बरी कसथनत को जनम दगला। वलासतव म बगय उस वरलाश को कहत ह जो सीमला स अनधक बरस जलाए और खतो को िषट कर द और यला उनचत हक स अनधक करिला भी बगय ह। इसनए इि तीिो म स जो यथलासमय जलारी िही होगला

Page 84: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

58इसलामी उस की फिलासिी

वही बरला आचरण हो जलाएगला। इसीनए इि तीिो क सला थ अवसर और सथलाि की रतश गला दी ह। यहला समरण रह नक अकला नयलाय यला उपकलार यला निकट सबनधयो स हमददची को नरषटलाचलार िही कह सकत अनपत मिषय म य सब सवलाभलानवक अवसथलाए तथला सवलाभलानवक रकतयला ह नक जो बचचो म भी बनधि क अकसतव स पवश पलाई जलाती ह परनत नरषटलाचलार क नए बनधि रतश ह तथला यह रतश ह नक परयक सवलाभलानवक रकत यथलावसर परयोग हो।

नफर उपकलाि (इहसलाि) क बलार म और भी आवशयक निददर कआमन शिीि म ह और सभी अनि लाम क सलाथ जो नवरषय करि क नए आतला ह परयोग करक अवसर और सथलाि को दकषटगत रखि की ओर सकत नकयला ह, जसला नक उसकला कथि ह ः-

सरह अबकरह - 268 सरह अबकरह - 265 सरह अबकरह - 196 सरह अदहर - 6, 7

Page 85: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

59 इसलामी उस की फिलासिी

सरह अदहर - 9, 10 सरह अबकरह - 178 सरह अफरकलाि - 68 सरह अरटअद - 22 सरह अजरलाररयलात - 20 सरह आ इमरलाि - 135 सरह अरटअद - 23 सरह अततौबह - 60

Page 86: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

60इसलामी उस की फिलासिी

अनिला - यह ह नक ह ईमलाि वलाो ! तम उस धि म स ोगो को दलाि, उपकलार, पणय इयलानद क रप म दो। जो तमहलारी पनवतर कमलाई ह अथलाशत नजसम चोरी, ररशवत, बईमलािी यला गबि कला धि यला अयलाचलार क धि की नमलावट िही तथला तमहलार हदय स यह कनवचलार दर रह नक अपनवतर धि ोगो को दलाि क रप म दो। दसरी बलात यह ह नक अपि दलाि-पणय और हमददची को उपकलार जतलाकर और कषट दकर िषट मत करो अथलाशत अपि कतज को कभी यह ि जतलाओ नक हमि तझ यह नदयला थला और ि उसको कषट दो नक इस परकलार तमहलारला उपकलार िषट होगला और ि ऐसला ढग धलारण करो नक तम अपि धि को नदखलाव क नए वयय करो। खदला की परजला स उपकलार करो नक खदला उपकलार करि वलाो को नमतर रखतला ह। जो ोग वलासतनवक कलयलाण सरह आ इमरलाि - 93 सरह बिी इसरलाई - 27 सरह अकनि सला - 37, 38

Page 87: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

61 इसलामी उस की फिलासिी

और भलाई करि वला ह उिको व पयला नपलाए जलाएग नजिम कलाफर नमला हआ होगला अथलाशत ससलार की जि, उकठलाए तथला अपनवतर इचछलाए उिक हदय स दर कर दी जलाएगी। कलाफर किर स निकला ह और किर अरबी रबदकोर म दबलाि और ढकि को कहत ह। तलापयश यह नक उिकी अवध भलाविलाए दबला दी जलाएगी और पनवतर हदय वला हो जलाएग और अधयलाम जलाि की रीततला उनह पहचगी।

पिः खदला कला कथि ह नक व ोग परय क नदि उस झरि कला ज नपएग नजसकला व आज अपि हलाथ स निमलाशण कर रह ह। यहला सवगश की निलासिी कला एक गहरला रहसय बतलायला ह नजस समझिला हो समझ ।

तपशलात‍ कहला नक वलासतनवक अथमो म भलाई करि वलाो कला यह सवभलाव ह नक व मलातर खदला क परम क नए वह भोजि जो आप पसनद करत ह दररदरो, अिलाथो तथला कनदयो को नखलात ह और कहत ह नक हम तम पर कोई उपकलार िही करत अनपत यह कलायश कव इसनए करत ह नक खदला हम स परसनि हो तथला यह सवला उसक मख क नए ह हम तम स ि तो कोई बदला चलाहत ह और ि यह चलाहत ह नक तम हमलारला आभलार परकट करत नफरो। यह इस बलात की ओर सकत ह नक भलाई पहचलाि कला तीसरला परकलार जो मलातर सहलािभनत क आवग स ह व उस पणश करत ह। सचच कलयलाणकलारी ोगो कला यह सवभलाव होतला ह नक खदला की परसनितला क नए अपि निकट सबनधयो की अपि धि स सहलायतला करत ह तथला उस धि म स अिलाथो की परनतजला, उिकला पोरण तथला नरकला आनद पर वयय करत रहत ह और दररदरो को दररदरतला तथला भख स बचलात ह। यलानतरयो तथला मलागि वलाो की सवला करत ह और उस धि को दलासो को मत करलाि क नए और ऋणी ोगो को ऋण स म त करलाि क नए भी दत ह तथला अपि दनिक वययो म ि तो अपवयय करत ह और ि ही कपणतला कला परदरशि करत ह वरन मधय मलागश पर चत ह। नमि क सथलाि पर नमत ह और

Page 88: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

62इसलामी उस की फिलासिी

खदला स डरत ह, उिक धि म मलागि वलाो और ि बोि वलाो कला भी भलाग होतला ह। ि बोि वलाो स अनभपरलाय कतत, नबकलयला, नचनडयला, ब , गध, बकररयला तथला अनय वसतए ह। व कषटो तथला कम आय होि पर और दनभशक क समय म दलाि दि म कपणतला िही नदखलात अनपत आय की कमी की दरला म भी अपिी सलामथयश क अिसलार दलाि करत ह। व कभी गपत दलाि दत ह और कभी परयक। गपत इसनए तलानक नदखलाव स बच और परयक इसनए तलानक दसरो को पररणला द। दलाि-पणय इयलानद पर जो धि नदयला जलाए उसम यह धयलाि रहिला चलानहए नक परथम नजति दीि एव दररदर ह उिको नदयला जलाए। हला जो दलाि म आए धि की दख-रख कर यला उसक नए वयवसथला एव परबनध कर उिको दलाि क धि स कछ धि नम सकतला ह तथला नकसी को बरलाई स बचलाि क नए भी इस धि म स द सकत ह। इसी परकलार वह धि दलासो को म त करलाि क नए तथला दीिो, ऋनणयो तथला आपदलागरसत ोगो की सहलायतला क नए तथला इसी परकलार क अनय कलायमो म जो मलातर खदला क नए हो वह धि वयय होगला। तम वलासतनवक पणय को कदलानप परलापत िही कर सकत जब तक नक मलािव जलानत की हमददची म वह धि वयय ि करो जो तमहलारला नपरय धि ह। निधशिो कला अनधकलार उनह दो, दररदरो को दलाि दो, यलानतरयो की सवला करो और वयथश क खचमो स सवय को बचलाओ अथलाशत नववलाह-रलानदयो म और भलानत-भलानत क भोग-नवलास क अवसरो पर और डकला पदला होि की रसमो म जो अपवयय नकयला जलातला ह उस स सवय को बचलाओ, तम मलातला-नपतला स भलाई करो, निकट सबनधयो स, अिलाथो स, दररदरो स तथला पडोसी स जो तमहलारला निकटसथ ह और पडोसी जो अपररनचत ह और यलातरी स, िौकर, दलास, घोड, बकरी, ब, गलाय तथला अनय परओ आनद स जो तमहलार अनधकलार म हो अचछला वयवहलार करो योनक खदला को जो तमहलारला खदला ह यही आदत पसनद ह। वह उपकला करि वलाो और सवलानथशयो स परम िही करतला और ऐस ोगो को िही चलाहतला

Page 89: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

63 इसलामी उस की फिलासिी

जो कपण ह तथला ोगो को कपणतला (कजसी) की नरकला दत ह और अपि धि को गपत रखत ह अथलाशत दीि-दखी ोगो को कहत ह नक हमलार पलास कछ िही।

िलासतफिक िीितलामिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ म स एक अवसथला वह ह नजस

वीरतला की सजला दी जलाती ह जसला नक दध पीतला बचचला भी इसी रकत क कलारण कभी अकगि म हलाथ डलाि गतला ह, योनक मिषय कला बचचला मलािवतला क परभव क सवलाभलानवक जौहर क कलारण भयभीत करि वला िमिो स पवश नकसी वसत स भी िही डरतला। इसी अवसथला म मिषय सवशथला निभचीक होकर ररो तथला अनय जगी दररनदो कला भी मकलाबला करतला ह तथला कई ोगो स डि क नए अकला निकतला ह तथला ोग जलाित ह नक बडला बहलादर ह परनत यह कव एक सवलाभलानवक अवसथला ह जो अनय दररनदो म पलाई जलाती ह अनपत कततो म भी पलाई जलाती ह तथला वलासतनवक वीरतला जो सथलाि और अवसर क सलाथ नवरर ह और जो उचचकोनट क नरषटलाचलारो म स एक नरषटलाचलार ह और वह समय और कसथनत की उि नकरयलाओ कला िलाम ह नजिकला िलाम खदला तआला क पनवतर कलाम म इस परकलार पर आयला ह ः-

सरह अबकरह - 178 सरह अरटअद - 23 सरह आ इमरलाि - 174

Page 90: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

64इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत परलाकरमी व ह नक जब डलाई कला अवसर आ पड तो भलागत िही। उिकला धयश डलाई और कनठिलाइयो क समय म खदला की परसनितला क नए होतला ह तथला उसक चहर क अनभलारी होत ह ि नक वीरतला परदरशि क। उनह डरलायला जलातला ह नक ोग तमह दणड दि क नए सहमत हो गए ह। अतः तम ोगो स डरो। अतः डरलाि स उिकला ईमलाि और भी बढतला ह और कहत ह नक खदला हम पयलाशपत ह अथलाशत उिकी वीरतला कततो और दररनदो क समलाि िही होती जो कव सवलाभलानवक आवग पर आधलाररत हो नजसकला झकलाव एक ही पह पर हो अनपत उिकी वीरतला दो पह रखती ह। कभी तो व अपिी वयकतगत वीरतला स अपिी कलामभलाविलाओ कला मकलाबला करत ह और उि पर नवजय परलापत करत ह और कभी जब दखत ह नक रतर कला मकलाबला नहत म ह तो ि कव मिोवग स अनपत सचचलाई की सहलायतला क नए रतर कला मकलाबला करत ह परनत ि सवय पर भरोसला करक अनपत खदला पर भरोसला करक वीरतला कला परदरशि करत ह तथला उिकी वीरतला म आडमबर और अनभमलाि िही होतला और ि मिोवनतत कला अिसरण अनपत हर परकलार स खदला की परसनितला ही परमख होती ह।

इि आयतो म यह समझलायला गयला ह नक वलासतनवक वीरतला कला म धयश और दढतला ह और कलामभलाविला यला नवपनतत जो रतरओ क समलाि आकरमण कर उसक मकलाब पर कदम जमलाए रखिला तथला कलायर होकर भलाग ि जलािला यही वीरतला ह। अतः मिषय और दररनद की वीरतला म बडला अनतर ह। दररनदला एक ही पह पर अपि आवग और बबशरतला स कलाम तला ह और मिषय जो वलासतनवक वीरतला रखतला ह वह समय और कसथनत क अिसलार सघरश करतला ह अथवला उस छोड दतला ह।

सरह अअनिला - 48

Page 91: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

65 इसलामी उस की फिलासिी

सचचलाई मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ म स जो अवसथला उसकी

सवलाभला नवक नवररतला ह एक सचचलाई ह। मिषय जब तक कोई सवलाथशपणश उदशय उसकला पररक ि हो झठ बोिला िही चलाहतला तथला झठ अपिलाि म अपि हदय म एक परकलार की घणला और सकोच पलातला ह। इसी कलारण स नजस वयकत कला सपषट झठ नसधि हो जलाए उस स अपरसनि होतला ह और उस नतरसकलार की दकषट स दखतला ह, परनत कव यही सवलाभलानवक अवसथला नरषटलाचलार म सकममनत िही हो सकती अनपत बचच और पलाग भी इसक पलाबनद रह सकत ह। अतः वलासतनवकतला यही ह नक जब तक मिषय इि सवलाथशपणश उदशयो स पथक ि हो जो सच बोि म बलाधक होत ह तब तक वलासतनवक तौर पर सयवलादी िही ठहर सकतला, योनक यनद मिषय कव ऐसी बलातो म सय बो नजिम उसकी कछ हलानि िही तथला अपि सममलाि, धि अथवला परलाण की कनत क समय झठ बो जलाए और सय बोि स मौि रह तो उस पलागो और बचो पर यला शरषठतला ह ? यला पलाग और अवयसक डक भी ऐसला सय िही बोत ? ससलार म ऐसला कोई भी िही होगला नक जो नबिला नकसी पररणला क अकलारण झठ बो। अतः ऐसला सय जो नकसी हलानि क समय छोडला जलाए वलासतनवक नरषटलाचलार म कदलानप सकममनत िही होगला। सय बोि कला बडला सथलाि और अवसर वही ह नजस म अपि परलाण, धि अथवला सममलाि कला भय हो। इसम खदला की नरकला यह ह ः-

सरह अहजज - 31 सरह अबकरह - 283

Page 92: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

66इसलामी उस की फिलासिी

अनिला ः- मनतशयो की पजला और झठ बोि स बचो अथलाशत झठ भी एक मनतश ह नजस पर भरोसला करि वलाला खदला कला भरोसला यलाग दतला ह। अतः झठ बोि स खदला भी हलाथ स जलातला ह। नफर कहला नक जब तम सचची गवलाही क नए ब लाए जलाओ तो जलाि स इनकलार मत करो, तथला सचची गवलाही को मत छपलाओ और जो छपलाएगला उस कला हदय पलापी ह तथला जब तम बोो तो वही बलात मख पर लाओ जो नबलक सय और नयलाय की बलात ह यदनप तम अपि नकसी निकट सबधी पर सरह अबकरह - 284 सरह अअनआम - 153 सरह अकनि सला - 136 सरह अमलाइदह - 9 सरह अअहरलाब - 36 सरह अअसर - 4 सरह अफरकलाि - 73

Page 93: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

67 इसलामी उस की फिलासिी

गवलाही दो। सय और नयलाय पर सथलानपत हो जलाओ तथला चलानहए नक तमहलारी परयक गवलाही खदला क नए हो। झठ मत बोो यदनप सय बोि स तमहलार परलाणो को कनत पहच यला उस स तमहलार मलातला-नपतला को कनत पहच अथवला अनय निकट सबनधयो को जस बट इयलानद को, और चलानहए नक नकसी जलानत की रतरतला तमह सचची गवलाही म बलाधक ि हो। सचच परर और सचची कसतरयला बड-बड परनतफ पलाएग। उिकी आदत ह नक दसरो को भी सय बोि की िसीहत करत ह तथला झठो की सभलाओ म िही बठत।

धयममिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ म स एक धयश ह जो उस उि

सकटो, रोगो तथला दःखो पर करिला पडतला ह जो उस पर हमरला आत रहत ह तथला मिषय बहत कछ रोि-पीटि क पशलात धयश धलारण करतला ह परनत यह जलात होिला चलानहए नक खदला की पनवतर नकतलाब क अिसलार वह धयश नरषटलाचलार म िही ह अनपत वह एक अवसथला ह जो थक जलाि क पशलात आवशयक तौर पर परकट हो जलाती ह अथलाशत मिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ म स यह भी एक अवसथला ह नक वह सकट क आि क समय पह रोतला-पीटतला, नचललातला ह अनततः बहत सी गमची निकला कर जोर थम जलातला ह और चरम सीमला तक पहच कर पीछ हटिला पडतला ह। अतः य दोिो नकरयलाए सवलाभलानवक अवसथलाए ह इिकला नरषटलाचलार स कछ सबध िही अनपत इसक सबध म नरषटलाचलार यह ह नक जब कोई वसत अपि हलाथ स जलाती रह तो उस वसत को खदला तआला की अमलाित समझ कर मख पर कोई नरकलायत ि लाए और यह कह कर नक खदला कला थला, खदला ि नयला और हम उसकी परसनितला क सलाथ परसनि ह। इस नरषटलाचलार क सबध म खदला तआला कला पनवतर कलाम कआशि ररीि हम यह नरकला दतला ह ः-

Page 94: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

68इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत ह मोनमिो ! हम तमह इस परकलार स परखत रहग नक तम पर कभी कोई भयलावह अवसथला वयलापत होगी और कभी गरीबी और भख तमहलार सलाथ गी होगी और कभी तमहलारी आनथशक हलानि होगी और कभी परलाणो पर आपदला आएगी और कभी अपि परयलासो म नवफ होग तथला तमहलार परयिो क यथलायोगय पररणलाम िही निकग और कभी तमहलारी नपरय सनतलाि मय कला नरकलार होगी। अतः उि ोगो को खरखबरी हो नक जब उनह कोई सकट पहच तो व कहत ह नक हम खदला की वसतए और उसकी धरोहर तथला उसक दलास ह अतः सय यही ह नक नजसकी धरोहर ह उसकी ओर ौट। यही ोग ह नजि पर खदला की कपलाए ह और यही ोग ह जो खदला क मलागश को पला गए।

अतः इस नरषटलाचलार कला िलाम धयश तथला खदला की परसनितला क सलाथ परसनि होिला ह और एक परकलार स इस नरषटलाचलार कला िलाम नयलाय भी ह, योनक जब खदला तआला मिषय क समपणश जीवि म उसकी इचछला क अिसलार कलाम करतला ह एव हरलारो बलात उसकी इचछलािसलार परकट करतला ह और मिषय की इचछलािसलार उस इतिी ि’मत द रखी ह नक मिषय उनह नगि िही सकतला तो नफर यह नयलायसगत रतश िही नक यनद वह कभी अपिी इचछलािसलार भी करलािला चलाह तो मिषय मख फर और उसकी इचछला क सलाथ सहमत ि हो तथला वलाद-नववलाद कर यला अधमची और पथ-भरषट हो जलाए। सरह अबकरह - 156 स 158

Page 95: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

69 इसलामी उस की फिलासिी

परजला की सहलानिफतमिषय की सवलाभलानवक बलातो म स जो उसक सवभलाव क सलाथ

सगि ह परजला की सहलािभनत कला आवग जो उसकी परवनत म ह। जलानतगत समथशि कला जोर सवलाभलानवक तौर पर परयक धमश क ोगो म पलायला जलातला ह और परलायः दखला गयला ह नक अनधकतर ोग सवलाभलानवक मिोवगो क अधीि होकर अपिी सजलातीय हमददची क निनमतत दसरो पर अयलाचलार कर दत ह जस उनह मलािव िही समझत। अतः इस अवसथला को नरषटलाचलार िही कह सकत। यह कव एक सवलाभलानवक आवग ह और यनद धयलािपवशक दखला जलाए तो यह अवसथला कौवो आनद पनकयो म भी पलाई जलाती ह नक एक कौव क मरि पर हरलारो कौव एकतर हो जलात ह, परनत यह वनतत मिषय क नरषटलाचलार म उस समय सकममनत होगी जबनक यह सहलािभनत नयलाय यथलासथलाि एव यथलावसर हो। उस समय यह एक महलाि नरषटलाचलार होगला, नजसकला िलाम अरबी म ‘मवलासलात’ और िलारसी म हमददची ह। इसी की ओर अललाह तआला ि कआशि ररीि म सकत नकयला ह ः-

सरह अमलाइदह - 3 सरह अकनि सला - 105 सरह अकनि सला - 106 सरह अकनि सला - 108

Page 96: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

70इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत अपिी जलानत की हमददची और सहलायतला कव रभ कलायमो म करिी चलानहए तथला अयलाचलार और जलम क कलायमो म उिकी सहलायतला कदलानप िही करिी चलानहए। तथला जलानत की हमददची म तपर रहो, थको मत और गबि करि वलाो की ओर स ि झगडो। जो गबि करि स िही रकत खदला तआला गबि करि वलाो को नमतर िही रखतला।

एक सिवोतककटि अमसतति की खोजमिषय की सवलाभलानवक अवसथलाओ म स एक अवसथला एक

सववोकषट हसती की खोज ह जो उसक सवभलाव कला अनिवलायश अग ह नजसक नए मिषय क अनतःकरण म एक आकरशण मौजद ह और इस खोज कला परभलाव उसी समय स महसस होि गतला ह जब नक बचचला मला क गभश स बलाहर आतला ह, योनक बचचला पदला होत ही सवशपरथम अपिी अधयलाकमक नवररतला कला जो परदरशि करतला ह वह यही ह नक मला की ओर झकतला ह तथला सवलाभलानवक तौर पर मला कला परम रखतला ह और नफर जयो-जयो उसकी जलािकनदरयो कला नवकलास होतला जलातला ह तथला परकनत भी निखरती जलाती ह यह परम कला आकरशण जो उसक अनदर निनहत थला अपिला रग-रप सपषट तौर पर नदखलातला चला जलातला ह नफर तो यह होतला ह नक अपिी मला की गोद क अनतररत अनयतर कही आरलाम िही पलातला और उसकला पणश आरलाम उसी क महरबलाि आच म होतला ह और यनद मला स पथक कर नदयला जलाए तथला दर डला नदयला जलाए तो उसकला समसत आरलाम समलापत हो जलातला ह, यदनप उसक आग ि’मतो कला एक ढर डला नदयला जलाए तब भी वह अपिी सचची खरी मला क आच म ही दखतला ह तथला उसक नबिला नकसी परकलार आरलाम िही पलातला। अतः वह परम कला आकरशण जो उस अपिी मला क परनत पदला होतला ह वह यला वसत ह ?

वलासतव म यह वही आकरशण ह जो िलासतफिक उपलासय क नए

Page 97: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

71 इसलामी उस की फिलासिी

बचच की परकनत म रखला गयला ह अनपत परयक स थलाि पर जो मिषय परम सबध पदला करतला ह वलासतव म वही आकरशण कलाम कर रहला ह और परयक सथलाि पर जो यह परमपणम जोश नदखलातला ह वलासतव म वह उसी परम कला एक परनतनबमब ह जस दसरी वसतओ को उठला-उठला कर एक खोई हई वसत को खोज रहला ह नजसकला अब िलाम भ गयला ह। अतः मिषय कला धि यला सनतलाि यला पिी स परम करिला यला नकसी मधर सवर क गीत की ओर उसकी आमला कला आकनरशत होत जलािला वलासतव म उसी खोए हए फपरयतम की खोज ह। चनक मिषय इस सकम स सकम हसती को जो अकगि क समलाि परयक म गपत और सब पर छपी ह अपिी भौनतक आखो स दख िही सकतला और ि अपिी अपणश बनधि स उस पला सकतला ह। इसनए उसकी पहचलाि क बलार म मिषय को बडी-बडी गनतयला गी ह और भो क कलारण उसकला अनधकलार दसरो को नदयला गयला ह। खदला ि कआशि करीम म यह नकतिला उततम उदलाहरण नदयला ह नक ससलार एक ऐस रीरमह क समलाि ह नजसकी पथवी कला िरश नितलानत उजव रीरो स बिलायला गयला ह और नफर उि रीरो क िीच पलािी छोडला गयला जो बड वग स च रहला ह। अब परयक दकषट जो रीरो पर पडती ह वह अपिी गती स उि रीरो को भी पलािी समझ ती ह और नफर मिषय उि रीरो पर चि स ऐसला डरतला ह जसला नक पलािी स डरिला चलानहए जबनक वह वलासतव म रीर ह परनत सलाि और उजव। अतः य बड-बड गरह जो नदखलाई दत ह जस सयश और चनदरमला आनद य वही सलाफ रीर ह नजिकी गती स उपलासिला की गई तथला उिक िीच एक उचच रकत कलाम कर रही ह जो उि रीरो क पदद म पलािी क समलाि बडी तीवरतला स च रही ह और सकषटपजको की दकषट की यह गती ह नक इनही रीरो की ओर समबधि कर रह ह जो उिक नीच की शमकत नदखला रही ह। इस आयत की यही वयलाखयला ह ः-

Page 98: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

72इसलामी उस की फिलासिी

अतः चनक खदला तआला की हसती अयनत परकलारमलाि होि क बलावजद नफर भी नितलानत गपत ह। इसनए उसकी पहचलाि क नए कव यह भौनतक वयवसथला जो हमलारी दकषट क सलामि ह पयलाशपत ि थी तथला यही कलारण ह नक ऐसी वयवसथला पर निभशर रहि वला इसक बलावजद नक इस सदढ एव परौढ वयवसथला को जो सकडो चमकलारो पर आधलाररत ह बहत धयलािपवशक दखत रह अनपत खगो, भौनतकी तथला दरशिरलासतर म व महलाि कौर नदखलाए नक जस पथवी और आकलार क अनदर घस गए परनत नफर भी सनदह एव सरयो स मकत ि पला सक और उिक अनधकलार ोग नभनि-नभनि परकलार की गनतयो म नपत हो गए और निरथशक भरमो म पडकर कही क कही च गए। यनद उस सकषट क रचनयतला क अकसतव की ओर उिकला कछ धयलाि गयला भी तो मलातर इतिला नक उचचतम और शरषठ वयवसथला को दखकर उिक हदय म यह आयला नक इस शरषठ सकषट कला जो िीनतगत वयवसथला अपि सलाथ रखती ह कोई सरषटला अवशय होिला चलानहए परनत सपषट ह नक यह नवचलार अपणश और जलाि दोरपणश ह योनक यह कहिला नक इस सकषट क नए एक सरषटला की आवशयकतला ह इस दसर कथि स कदलानप समलाि िही हो सकतला नक वह खदला वलासतव म ह भी। अतः यह उिकला अिमलानित जलाि थला जो हदय को सनतकषट और मि को रलाकनत परदलाि िही कर सकतला और ि सदहो को हदय स पणशतयला दर कर सकतला ह और ि यह ऐसला पयलाला ह नजस स पणश अधयलाम जलाि की पयलास बझ सक जो मलािव-परकनत को गलाई गई अनपत ऐसला अपणश अधयलाम जलाि नितलानत खतरिलाक होतला ह योनक बहत रोर डलाि क पशलात नफर अनततः सब कछ वयथश नसधि होतला ह और पररणलाम कछ िही निकतला।

इसनए जब तक खदला तआला सवय अपि मौजद होि को अपिी सरह अनिम - 45

Page 99: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

73 इसलामी उस की फिलासिी

पनवतर वलाणी विलारला परकट ि कर जसला नक उसि अपिी नकरयला स परकट नकयला तब तक कव नकरयला कला दखिला सनतोर िही द सकतला ह। उदलाहरणतयला यनद हम ऐसी कोठरी को दख नजसम यह बलात नवनचतर हो नक अनदर स कनडयला गलाई गई ह तो इस कलायश स हम सवशपरथम यह अवशय नवचलार करग नक कोई मिषय अनदर ह नजसि अनदर स कडी को गलायला ह योनक बलाहर स अनदर की रजीरो को गलािला असभव ह, परनत जब एक अवनध तक अनपत वरमो तक बलारमबलार आवलार दि क बलावजद उस मिषय की ओर स कोई आवलार ि आए तो अनत म हमलारी यह रलाय नक कोई अनदर ह बद जलाएगी और यह सोचग नक अनदर कोई िही अनपत नकसी कटिीनत स अनदर की ककनडयला गलाई गई ह। यह दरला उि दलारशनिको की ह नजनहोि इस जगत की कव बलाहय घटिलाओ तक ही अपिी नवचलार रकत को सीनमत कर नदयला ह। यह बडी भ ह नक खदला को एक मतक क समलाि समझला जलाए, नजसको कबर स निकलािला कव मिषय कला कलायश ह। यनद खदला ऐसला ह नक कव मलािव-परयलास ि उसकला पतला गलायला ह तो ऐस खदला क बलार म हमलारी समसत आरलाए वयथश ह अनपत खदला तो वही ह जो सदव स तथला अिलानदकला स सवय “म मौज ह” कह कर ोगो को अपिी ओर ब लातला रहला ह। यह बडी धषटतला होगी नक हम ऐसला सोच नक उस पहचलािि म मिषय कला उस पर उपकलार ह और यनद दलारशनिक ि होत तो जस वह गपत कला गपत ही रहतला तथला यह कहिला नक खदला योकर बो सकतला ह, यला उसकी जीभ ह ? यह भी एक बडी नि शजजतला ह। यला उसि भौनतक हलाथो क नबिला समसत सौर जगत तथला पथवी की रचिला िही की, यला वह भौनतक आखो क नबिला समसत ससलार को िही दखतला, यला वह भौनतक कलािो क नबिला हमलारी आवलार िही सितला। अतः यला यह आवशयक ि थला नक इसी परकलार वह बलात भी कर। यह बलात कदलानप उनचत िही नक खदला कला बोिला आग िही अनपत पीछ रह गयला ह। हम उसक वलातलाश लाप एव समबोधि को नकसी यग नवरर तक सीनमत िही

Page 100: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

74इसलामी उस की फिलासिी

कर सकत। निःसनदह वह अब भी ढढि वलाो को इलहलामी झरि स तपत करि को तयलार ह जसला नक पह थला और अब भी उसक वरदलाि क ऐस विलार ख ह जस नक पह थ। हला मिषय की आवशयकतलाए अपिी चरम सीमला पर पहचकर ररीअत (धमश-नवधलाि) और नियम भी अपिी चरम सीमला को पहच गए तथला समसत ररसलात और िबववत अपि अकनतम नबनद पर आकर जो हमलार सरदलार हररत महममदस.अ.व. कला अकसतव थला अपिी सवलाागपणश समपणशतला को पहच गई।

हजित महमम िसललाहस.अ.ि. कला अिब म परलािलामि ःएक नीफत

इस अकनतम परकलार कला अरब स परकट होिला िीनत स ररत ि थला। अरब वह बिी इसरलाई की जलानत थी जो इसरलाई स पथक होकर खदला की िीनत स िलारलाि क जगो म डला दी गई थी तथला िलारलाि क अथश ह दो भलागि वला। अतः नजिको सवय हररत इबरलाहीमअ. ि बिी इसरलाई स पथक कर नदयला थला उिकला तौरलात की ररीअत म कछ भलाग िही रहला थला, जसला नक नखला ह नक व इसहलाक क सलाथ नहससला िही पलाएग।

अतः सबध रखि वलाो ि उनह छोड नदयला और नकसी दसर स उिकला सबध और ररशतला ि थला तथला अनय समसत दरो म कछ-कछ इबलादतो की रसम और आदर पलाए जलात थ, नजसस जलात होतला ह नक उिको नकसी समय िनबयो की नरकला पहची थी, परनत कव अरब कला दर ही एक ऐसला दर थला जो इि नरकलाओ स नबलक अपररनचत थला तथला समसत ससलार स नपछडला हआ थला। इसनए अनत म उिकी बलारी आई और उसकी िबववत सलावशभौनमक ठहरी तलानक समसत दरो को उि वरदलािो स पिः लाभलाकनवत कर और जो नवकलार आ गयला थला उस दर कर। अतः पनवतर कआशि जस पणश गरनथ क पशलात नकस गरनथ की परतीकला कर नजसि मलािव सधलार कला समसत उततरदलानयव अपि हलाथ म नयला और परलाचीि गरनथो क समलाि

Page 101: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

75 इसलामी उस की फिलासिी

कव एक जलानत स ही अपिला सबध सथलानपत िही नकयला अनपत समसत जलानतयो कला सधलार चलाहला तथला ोगो क परनरकण क समसत चरण वणशि नकए। जगी ोगो को मलािवतला क नियम नसखलाए। नफर मलािवीय रप परदलाि करि क पशलात उचचकोनट क नरषटलाचलार कला पलाठ पढलायला।

कआमन किीम कला ससलाि पि उपकलािससलार पर यह उपकलार कआशि ि ही नकयला नक सवलाभलानवक

अवसथलाओ तथला उचचकोनट क नरषटलाचलारो म अनतर करक नदखलायला और जब सवलाभलानवक अवसथलाओ स निकलाकर उचचकोनट क नरषटलाचलार क उचच स थलाि तक पहचलायला तो कव उसी को पयलाशपत ि समझला अनपत जो अनय कनठि कलायश रर थला अथलाशत अधयलाकमक अवसथलाओ क सतर तक पहचि क नए पनवतर अधयलाम जलाि क मलागश खो नदए और ि कव खो नदए अनपत लाखो ोगो को उस तक पहचला भी नदयला। अतः इस परकलार स तीिो परकलार की नरकला नजसकला म पह वणशि कर चकला ह बडी सफतलापवशक वणशि की ह। अतः चनक वह समसत नरकलाओ कला नजि पर धलानमशक परनरकणो की आवशयकतलाओ कला आधलार ह परयक परकलार स समपणश ह इसनए उसि यह दलावला नकयला नक मि ही धलानमशक नरकला क कतर को चरम सीमला तक पहचलायला। जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत आज मि तमहलारला धमश पणश नकयला और तम पर अपिी ि’मत को परला कर नदयला और म तमहलारला धमश इसलाम ठहरला कर परसनि हआ अथलाशत धमश कला परम कय वह बलात ह जो इसलाम क अथश म पलाई सरह अमलाइदह - 4

Page 102: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

76इसलामी उस की फिलासिी

जलाती ह अथलाशत यह नक कव खदला क नए हो जलािला और अपिी मकत अपि अकसतव की कबलाशिी स चलाहिला, ि नकसी अनय मलागश स। इस िीयत तथला इस इरलाद को नकरयलामक रप म परदनरशत कर दिला। यह वह नबनद ह नजस पर समसत नवररतलाओ कला अनत होतला ह। अतः नजस खदला को दलारशनिको ि ि पहचलािला कआमन न उस सचच खला कला पतला बतलायला। कआशि ि खदला की पहचलाि परदलाि करि क नए दो उपलाय रख ह। परथम - वह उपलाय नजसक अिसलार मलािव बनधि बौनधिक तकमो को पदला करि म बहत सदढ और परकलारमलाि हो जलाती ह और गती करि स बच जलाती ह तथला फदतीय अधयलाकमक उपलाय यह ह नक नजस हम तीसर परशि क उततर म खदला ि चलाहला तो वणशि करग।

अललाह तआला क अमसतति क परमलाणअब द नखए नक बौनधिक तौर पर कआशि ररीि म खदला क

अकसतव पर यला-यला उततम और अनवितीय परमलाण नदए ह। जसला नक एक सथलाि पर कहला ह ः-

अथलाशत खदला वह खदला ह नजसि परयक वसत को यथलायोगय जनम नदयला नफर उस वसत को यथलावशयक नवकनसत होि कला मलागश भी परदनरशत नकयला। अब यनद आयत क भलावलाथश पर दकषट रख कर मिषय स कर समसत जचरो और थचरो और पनकयो तक की बिलावट को दखला जलाए तो खदला की कदरत यलाद आती ह नक परयक वसत की बिलावट उसक अिरप ही नवनदत होती ह। पलाठक सवय नवचलार कर योनक यह नवरय बहत नवरला ह।

खला तआला क अमसतति पि सिला परमलाण कआमन शिीि न खला तआला कला समसत कलािणो कला कलािण होनला ठहिलायला ह। सरह तलाहला - 51

Page 103: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

77 इसलामी उस की फिलासिी

जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत समसत कलारणो और नजि कला कोई कलारण हो कला समपणश करम तर रबब पर समलापत हो जलातला ह। नववरण इस परमलाण कला यह ह नक गहरी दकषट डलाि स जलात होगला नक य ससलार की समसत वसतए कलारणो तथला नजि क नए कलारण ह क करम म समबधि ह। इसी कलारण ससलार म नभनि-नभनि परकलार की नवदलाए पदला हो गई ह योनक सकषटयो कला कोई भलाग वयवसथला स बलाहर िही। इस सकषट रपी वक म उसकला कोई भलाग जड क सथलाि पर कलायशरत ह तथला कोई रलाखला क रप म। यह तो सपषट ह नक कलारण कला आधलार यला तो सवय वह कलारण ही होगला यला उसकला अकसतव नकसी दसर कलारण क अकसतव पर निभशर होगला और नफर यह दसरला कलारण नकसी अनय कलारण पर इसी परकलार कलारणो कला करम आग भी ह। यह तो उनचत िही नक इस सीनमत ससलार म कलारणो और कलायमो कला करम कही जलाकर समलापत ि हो तथला असीम हो तो अनिवलायश तौर पर मलाििला पडला नक यह करम अवशय नकसी अकनतम कलारण पर जलाकर समलापत हो जलातला ह। अतः नजस पर इस समसत सकषट कला अनत ह वही खदला ह। आख खो कर दख ो नक आयत अपि सनकपत रबदो म नकस परकलार इस उपरोत परमलाण को सपषट कर रही ह नजसकला अथश यह ह नक समपणश करम कला चरम नबनद तरला रबब ही ह। नफर अपि अकसतव पर एक और परमलाण यह नदयला जसला नक उसकला कथि ह ः-

सरह अनिजम - 43 सरह यलासीि - 41

Page 104: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

78इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत सयश चनदरमला को पकड िही सकतला और ि रलात जो चनदरमला को परकट करि वलाी ह नदि पर जो सयश को परकटि करि वलाला ह कछ आनधपय कर सकती ह अथलाशत इिम स कोई अपिी निधलाशररत सीमला स बलाहर िही जलातला। यनद उि क पीछ कोई वयवसथलापक ि हो तो यह समसत सकषटकरम असत-वयस त हो जलाए। यह तकक खगो रलासतर पर नवचलार करि वलाो क नए अयनत लाभपरद ह योनक आकलारीय गरहो क इतिी बडी रलाि वला असखय गो ह नजिक तनिक असत-वयसत होि स समसत ससलार कला नविलार हो सकतला ह। यह खदला की कसी सचची कदरत ह नक व ि परसपर टकरलात ह और ि बला भर गनत बदत और ि इतिी अवनध तक कलाम दि स कछ नघस और ि उिक क-परमो म कछ नवकलार आयला। यनद सर पर कोई सरकक िही तो योकर इतिला नवरला कलारखलािला असखय वरमो स सवय च रहला ह। इनही िीनतयो की ओर सकत करक खदला तआला कला दसर सथलाि पर कथि ह ः-

अथलाशत यला खदला क अकसतव म सनदह हो सकतला ह नजसि ऐस आकलार और ऐसी पथवी बिलाई।

नफर खदला तआला अपि अकसतव पर एक और सकम परमलाण दतला ह और वह यह ह ः-

अथलाशत परयक वसत िलारवलाि ह और जो रर रहि वलाला अिशवर ह वह खदला ह जो परतलाप वलाला और महलाि ह।

दनखए यनद हम कलपिला कर नक ऐसला हो जलाए नक पथवी टकड-टकड हो जलाए और आकलारीय गरह भी टकड-टकड हो जलाए सरह इबरलाहीम - 11 सरह अरटहमलाि - 27, 28

Page 105: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

79 इसलामी उस की फिलासिी

और इि को समलापत करि वलाी ऐसी वलाय च जो उि वसतओ क समसत निरलाि नमटला द परनत नफर भी बनधि इस बलात को मलािती और सवीकलार करती ह अनपत सही अनतरलामला उस अवशय समझती ह नक इस समसत वसतओ क नमट जलाि क पशलात भी एक वसत रर रह जलाए नजस पर मय ि आए और अपिी पही अवसथला पर यथलावत रह। अतः वह वही खदला ह नजसि समसत िलारवलाि वसतओ को पदला नकयला और सवय मय क हसतकप स सरनकत रहला।

पिः अपि अकसतव पर एक और परमलाण कआशि ररीि म परसतत करतला ह -

अथलाशत मि रहो (आमलाओ) को कहला नक यला म तमहलारला रबब िही ? उनहोि कहला यो िही।

इस आयत म खदला तआला नकसस क रग म रहो (आमलाओ) की उस नवररतला कला वणशि करतला ह जो उसि उिकी परकनत म रखी हई ह और वह यह ह नक कोई आमला अपिी परकनत एव सवभलाव की दकषट स खदला तआला कला इनकलार िही कर सकती। कव इनकलार करि वलाो को अपि नवचलार म परमलाण ि नमि क कलारण इनकलार ह परनत इस इनकलार क बलावजद व इस बलात को मलाित ह नक परयक िवीि बलात क नए एक िवीि बलात निकलाि वलाला अवशय ह। ससलार म ऐसला कोई मखश िही नक यनद उदलाहरणतयला उसक ररीर म कोई रोग परकट हो तो वह इस बलात पर आगरह कर नक इसक पीछ इस रोग क परकट होि कला कोई कलारण िही। यनद ससलार कला यह नसनसला कलारण और कलायश स समबधि ि होतला तो समय स पवश यह बतला दिला नक अमक नतनथ को तिलाि आएगला यला आधी अथवला सयश यला चनदर गरहण होगला

सरह अआरलाि - 173

Page 106: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

80इसलामी उस की फिलासिी

यला अमक समय रोगी मर जलाएगला यला अमक समय तक रोग क सलाथ एक अमक रोग ग जलाएगला। य समसत बलात असभव हो जलाती। अतः ऐसला अनवरक यदनप खदला क अकसतव कला इकरलार िही करतला परनत एक परकलार स तो उसि इकरलार कर ही नदयला नक वह भी हमलार समलाि पररणलामो क नए कलारणो की खोज म ह। अतः यह भी एक परकलार कला इकरलार ह यदनप पणश इकरलार िही। इसक अनतररत यनद नकसी उपलाय स खदला क अकसतव क एक इनकलारी को ऐस तौर पर बहोर नकयला जलाए नक वह इस घनटयला जीवि क नवचलारो स नबलक पथक होकर और समसत इरलादो स निनबत होकर उचच हसती क अधीि हो जलाए तो वह इस अवसथला म खदला क अकसतव को सवीकलार करगला, इनकलार िही करगला जसला नक इस पर बड-बड अिभवी ोगो कला अिभव सलाकी ह। अतः ऐसी ही अवसथला की ओर इस आयत म सकत ह और आयत कला तलापयश यह ह नक खदला क अकसतव कला इनकलार कव इस अधम जीवि तक ह अनयथला म सवभलाव म उस हसती क परनत सवीकनत भरी हई ह।

खला तआला की फिशषतलाएय अललाह तआला क अकसतव क परमलाण ह नजिकला हम ि

उदलाहरण क रप म उलख नकयला ह। तपशलात यह भी जलात होिला चलानहए नक नजस खदला की ओर स हम कआशि ररीि ि बलायला ह उसकी उसि य नवररतलाए बतलाई ह ः-

सरह अहशर - 23 सरह अिलानतहः - 4

Page 107: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

81 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत वह खदला जो एक तथला भलागीदलाररनहत ह नजसक अनतररत कोई भी उपलासिला एव अिसरण क योगय िही। यह इसनए कहला नक सरह अहशर - 24 सरह अहशर - 25 सरह अबकरः - 21 सरह अिलानतहः - 2-4 सरह अबकरः - 187 सरह अबकरः - 256 सरह अइखलास - 2-5

Page 108: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

82इसलामी उस की फिलासिी

यनद वह भलागीदलाररनहत ि हो तो कदलानचत उसकी रकत पर रतर की रकत नवजयी हो जलाए। ऐसी कसथनत म खदला की खदलाई खतर म रहगी और यह जो कहला नक उसक अनतररत कोई उपलासिला क योगय िही। इस स तलापयश यह ह नक वह ऐसला पणश खदला ह नजसकी नवररतलाए और गण तथला कौर ऐस उचच कोनट क और ब नद ह नक यनद ससलार की समसत वसतओ म स पणश नवररतलाओ क कलारण एक खदला को चििला चलाह यला हदय म अचछ स अचछी और उचच स उचच खदला की नवररतलाए मलाि तो वह सववोततम खदला नक नजस स बढकर कोई उचच िही हो सकतला। वही खदला ह नजसकी उपलासिला म नकसी निकषट को भलागीदलार बिलािला अनयलाय ह। पिः कहला ह नक वह अनतयलाशमी ह अथलाशत अपिी हसती को सवय ही जलाितला ह। उसक अकसतव को कोई पररनध म िही सकतला। हम सयश, चनदरमला और परयक सकषट को सर स पर तक दख सकत ह परनत खदला कला सरलापला दखि म असमथश ह। पिः कहला नक वह आनमशशहलादह ह अथलाशत कोई वसत उसकी दकषट स पदद म िही ह। यह उनचत िही नक वह खदला कहला कर नफर वसतओ क जलाि स लापरवलाह हो। वह इस ससलार क कण-कण पर अपिी दकषट रखतला ह परनत मिषय िही रख सकतला। वह जलाितला ह नक कब इस वयवसथला को तोड दगला और परय आएगला। उसक अनतररत कोई िही जलाितला नक ऐसला कब होगला ? अतः वही खदला ह जो इि समसत समयो को जलाितला ह। पिः कहला - ھوالرحمــنअथलाशत वह परलानणयो की हसती और उिक कलायमो स पह मलातर अपिी कपला स ि नकसी उदशय स और ि नकसी कमशफ स उिक नए आरलाम क सलामलाि उपबध करतला ह। जसला नक सयश और पथवी और अनय समसत वसतओ को हमलार अकसतव तथला हमलार कममो क अकसतव स पवश हमलार नए बिला नदयला। इस कपला दलाि कला िलाम खदला की नकतलाब म रहमलानियत (कपलातला) ह तथला इस कलायश की दकषट स खदला तआला रहमलाि (कपला) कहलातला ह। नफर उसकला

Page 109: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

83 इसलामी उस की फिलासिी

कथि ह नक अिरहीम। अथलाशत वह खदला रभ कममो कला रभ परनतफ दतला ह तथला नकसी क पररशरम को वयथश िही करतला। इस कलायश की दकषट स िहीम (दयला) कहलातला ह और इस नवररतला को रहीनमयत (दयलातला) की सजला दी गई ह। नफर कहला - मलाफक यौफमदीन अथलाशत वह खदला परयक कला परनतफ अपि हलाथ म रखतला ह उसकला कोई ऐसला वयवसथलापक िही नजस उसि पथवी और आकलार कला रलासि सौप नदयला हो और सवय पथक होकर बठला हो और कछ ि करतला हो तथला वही वयवस थलापक सब कछ परनतफ और दणड दतला हो यला भनवषय म दि वलाला हो। पिः कहला - (अमनक कददस) अथलाशत वह खदला बलादरलाह ह नजस पर कोई दोर िही। यह सपषट ह नक मलािवीय रलासि दोररनहत िही। यनद उदलाहरणतयला समसत परजला दर स निषकलानसत हो कर दसर दर की ओर पलायि कर जलाए तो नफर बलादरलाही सथलानपत िही रह सकती यला यनद समसत परजला दनभशक कला नरकलार हो जलाए तो नफर रलाजसव कहला स आए और यनद रलासि म रहि वला ोग उस स बहस आरभ कर द नक तझ म हम स अनधक यला ह तो वह अपिी कौि सी योगयतला नसधि कर। अतः खदला तआला की बलादरलाही ऐसी िही ह। वह एक प म समसत दरो को समलापत करक अनय सकषटयला पदला कर सकतला ह। यनद वह ऐसला सरषटला और रकतरलाी ि होतला तो नफर अनयलाय क अनतररत उसकी बलादरलाहत ि च सकती योनक वह ससलार को एक बलार कमला और मकत दकर नफर दसरला ससलार कहला स लातला। यला मकत परलापत ोगो को ससलार म भजि क नए नफर पकडतला और अनयलाय क मलागश स अपिी कमला और मकत परदलाि करि को वलापस तला तो ऐसी अवसथला म उसकी खदलाई म अनतर आतला और सलासलाररक बलादरलाहो क समलाि दोरी बलादरलाह होतला जो ससलार क नए नियम बिलात ह, बलात-बलात पर नबगडत ह तथला अपि सवलाथश क अवसरो पर जब दखत ह नक अनयलाय क नबिला चलारला

Page 110: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

84इसलामी उस की फिलासिी

िही जो अनयलाय एव अयलाचलार को मला कला दध समझ कर पी त ह। उदलाहरणतयला बलादरलाही कलािि वध रखतला ह नक एक जयलाि को बचलाि क नए एक िौकला क सवलारो को तबलाही म डला नदयला जलाए और िषट नकयला जलाए, परनत खदला क सलामि तो यह नववरतला िही आिी चलानहए। यनद खदला पणश रकतरलाी, रनय स पदला करि वलाला ि होतला तो वह यला तो रकतहीि रलाजलाओ क समलाि रकत क सथलाि पर अयलाचलार स कलाम तला और यला नयलायकतलाश बि कर खदलाई को ही छोड बठतला अनपत खदला कला जयलाि समसत रकतयो क सलाथ सचच नयलाय पर च रहला ह।

पिः कहला ह - الســام (अससलाम) अथलाशत वह खदला जो समसत दोरो, नवपनततयो और सकटो स सरनकत ह अनपत सरकला दि वलाला ह इसक अथश ही सपषट ह, योनक यनद वह सवय ही सकटो म पडतला, ोगो क हलाथ स मलारला जलातला तथला अपि इरलादो म असफ रहतला तो इस बर आदरश को दखकर हदय नकस परकलार सनतोर धलारण करत नक ऐसला खदला हम अवशय ही सकटो स मकत दगला। अतः अललाह तआला झठ उपलासयो क नवरय म कहतला ह ः-

नजि ोगो को तम खदला बिलाए बठ हो व तो ऐस ह नक यनद सब नमकर एक मखी पदला करिला चलाह तो कभी पदला ि कर सक यदनप एक दसर की सहलायतला भी कर अनपत यनद मखी उिकी वसत छीि सरह अहजज - 74-75

Page 111: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

85 इसलामी उस की फिलासिी

कर जलाए तो उिम रकत िही नक व मखी स वह वसत वलापस सक। उिक उपलासक बनधि तथला रकत स कमरोर ह। यला खदला ऐस हआ करत ह ? खदला तो वह ह जो समसत रकतरलाी ोगो स अनधक रकतरलाी और सब पर नवजय पलाि वलाला ह। ि उस कोई पकड सक, ि मलार सक। जो ोग ऐसी गनतयो म पडत ह व खदला क महतव को िही समझत तथला िही जलाित नक खदला कसला होिला चलानहए। पिः कहला नक खदला रलाकनत परदलाि करि वलाला और अपि चमकलारो तथला अपि एक होि पर परमलाण दि वलाला ह। यह इस बलात की ओर सकत ह नक सचच खदला पर नवशवलास रखि वलाला नकसी सभला म कजजत िही हो सकतला और ि खदला क सलामि कजजत होगला, योनक उसक पलास रकतरलाी परमलाण होत ह, परनत कनतरम खदला कला मलािि वलाला बडी नविनवधला और कनठिलाई म फसला होतला ह वह परमलाणो कला वणशि करि क सथलाि पर परयक निरथशक बलात को रहसय म सकममनत करतला ह तलानक उपहलास ि हो तथला परमलानणत गनतयो को गपत रखिला चलाहतला ह।

अललाह तआला कला कथि ह नक -

अथलाशत वह सब कला रकक ह और सब पर नवजयी तथला नबगड हए कलायमो को बिलाि वलाला और उसकला अकसतव अयनत निःसपह ह। (अथलाशत उस नकसी सहलायक की आवशयकतला िही) तपशलात कहला -

अथलाशत वह ऐसला खदला ह नक वह ररीरो कला भी पदला करि वलाला तथला आमलाओ कला भी पदला करि वलाला ह। गभलाशरय म नरर को आकनत दि वलाला (जसी चलाह रक बिलाि वलाला) ह। समसत रभ िलाम नजिकी सरह अहशर - 24 सरह अहशर - 25

Page 112: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

86इसलामी उस की फिलासिी

कलपिला की जला सकती ह सब उसी क िलाम ह। पिः कथि ह नक -

अथलाशत आकलार क ोग भी उसक िलाम की पनवतरतला को समरण करत ह और पथवी पर रहि वला ोग भी। इस आयत म यह सकत नकयला गयला ह नक आकलारीय गरहो म आबलादी ह और व ोग भी खदला क निददरो कला पलाि करत ह और पिः कहला

अथलाशत खदला बडला सलामथयशवलाि ह। यह उपलासको क नए सलाविला की बलात ह योनक यनद खदला तआला असमथश हो और समथश ि हो तो ऐस खदला स यो आरला रख। पिः उसकला कथि ह -

अथलाशत वही खदला ह जो समसत ोको कला परनतपलाक, कपला, दयला और परनतफ तथला दणड क नदि कला सवय मलानक ह इस अनधकलार को नकसी क हलाथ म िही नदयला, परयक पकलारि वला की पकलार को सिि वलाला त थला उततर दि वलाला ह अथलाशत दआओ कला सवीकलार करि वलाला। पिः कहला -

सरह अहशर - 25 सरह अबकरः - 21 सरह अिलानतहः - 2-4 सरह अबकरः - 187

Page 113: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

87 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत हमरला रहि वलाला और समसत परलाणो कला परलाण और सब क अकसतव कला सहलारला। यह इसनए कहला नक वह अजर-अमर ि हो तो उसक जीवि क बलार म भी सरय रहगला नक कदलानचत हम स पवश मय को परलापत ि हो जलाए। पिः कहला -

वह खदला अक ला खदला ह। ि वह नकसी कला बटला और ि कोई उसकला बटला, और ि कोई उसक समलाि और ि कोई उसकला सजलातीय।

समरण रह नक खदला तआला क एकशवरवलाद को उनचत रप स सवीकलार करिला तथला उसम कमी-बरी ि करिला यह वह नयलाय ह नजस मिषय अपि वलासतनवक सवलामी क नए करतला ह। यह समसत भलाग िनतक नरकला कला ह जो कआशि करीम की नरकला म स नयला गयला। इसम नियम यह ह नक खदला तआला ि समसत नरषटलाचलारो को नयिलानधकतला स बचलायला ह और परयक नरषटलाचलार को इस अवसथला म नरषटलाचलार की सजला दी ह नक जब अपिी वलासतनवक और उनचत सीमला स कम यला अनधक ि हो। यह तो सपषट ह नक वलासतनवक भलाई वही होती ह जो दो सीमलाओ क मधय म होती ह अथलाशत कमी-बरी यला नयिलानधकतला क मधय होती ह। परयक आदत जो मधय की ओर आकनरशत कर और मधय सथ पर सथलानपत कर वही पणश सदलाचलार को जनम दती ह। सथलाि और अवसर कला पहचलाििला एक मधय मलागश ह। उदलाहरणतयला यनद करक अपिला बीज समय स पवश बो द यला समय गरर जलाि क पशलात बोए। दोिो अवसथलाओ म वह मधय मलागश को छोडतला ह। कलयलाण, सय और िीनत सब मधय मलागश म ह और मधय अवसरवलानदतला म यला यो समझ ो नक सय वह वसत ह जो सदव दो नवरोधी असयो क मधय म होती ह तथला इसम कछ सनदह िही नक उनचत अवसर को समझ िला मिषय को मधय म रखतला ह और खदला को पहचलािि क सबध म मधय की पहचलाि यह ह नक खदला की नवररतलाए वणशि करि म सरह अबकरः - 256

Page 114: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

88इसलामी उस की फिलासिी

ि तो िकलारलामक नवररतलाओ क पक की ओर झक जलाए और ि खदला की भौनतक वसतओ क समलाि ठहरलाए। यही पधिनत कआशि ररीि ि खदला तआला की नवररतलाओ क वणशि करि म अपिलाई ह। वरन वह यह भी कहतला ह नक खदला दखतला, सितला, जलाितला, बोतला और वलातलाश लाप करतला ह और नफर सकषट की समलाितला स बचलाि क नए यह भी कहतला ह

अथलाशत खदला क अकसतव और उसकी नवररतलाओ म उसकला कोई भलागीदलार िही उसक नए सकषट (मखक) स उपमलाए मत दो। अतः खदला की हसती को उपमला तथला दोररनहत करि क बीच-बीच रखिला यही मधय मलागश ह। अतः इसलाम की समपणश नरकला सत ि वलाी नरकला ह। सरह िलानतहला भी सत ि कला निददर दती ह योनक खदला तआला कला कथि ह

मगजब अनहम स अनभपरलाय व ोग ह जो खदला तआला क नवरधि करोध की रकत कला परयोग करक नहसलावनतत कला अिसरण करत ह और ‘जवलालीि’ स अनभपरलाय व ोग ह जो परओ वलाी रकतयो कला अिसरण करत ह और मधयमलागश वह ह नजस रबद स यलाद नकयला ह। अतः इस मबलारक उममत क नए कआशि ररीि म मधय मलागश कला निददर ह। खदला तआला ि तौरलात म परनतरोध सबधी बलातो पर ब नदयला थला और इजी म कमला और मलािी पर ब नदयला थला और इस उममत को अवसर पहचलािि तथला मधय की नरकला नमी। सरह अशररला - 12 सरह अनिह - 75 सरह अिलानतहः - 7

Page 115: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

89 इसलामी उस की फिलासिी

अतः अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत हम ि तमह मधय पर अम करि वला बिलायला और तमह मधय की नरकला दी। अतः सौभलागयरलाी ह व ोग जो मधय मलागश पर चत ह।

ھاوسط

مورا

یرال

خ

आधयलामतमक अिसथलाएतीसरला परशि अथलाशत यह नक आधयलामतमक अिसथलाए कयला ह ?

सपषट रह नक हम इस स पवश वणशि कर चक ह नक कआशि करीम क निददरलािसलार आधयलाकमक अवस थलाओ कला सरोत और उदगम सलाकतवक वनतत (जो आमला म सनतोर पदला करती ह) ह जो मिषय को चररतरवलाि होि की शरणी स खदला वलाला होि की शरणी तक पहचलाती ह। जसला नक अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत खदला क सलाथ आरलाम परलापत मिोवनतत ! अपि रबब की ओर वलापस ची आ। वह तझ स परसनि त उस स परसनि। अतः मर बनदो म सकममनत हो जला और मर सवगश क अनदर आ जला।

यहला उनचत ह नक हम आधयलाकमक अवसथलाओ कला वणशि करि क नए इस आयत की वयलाखयला नकसी सीमला तक सपषटतलापवशक वणशि कर। अतः समरण रखिला चलानहए नक उचच शरणी की आधयलाकमक सरह अबकरः - 144 तफसीर करतबी, भलाग - 2 पषठ 154 सरह अिजर - 28-31

Page 116: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

90इसलामी उस की फिलासिी

अवसथला मिषय क इस भौनतक जीवि म यह ह नक खदला क सलाथ आरलाम पला जलाए तथला उसकला समपणश सनतोर, हरश और आिनद खदला म ही हो जलाए। यही वह अवसथला ह नजस दसर रबदो म सिगगीय जीिन कहला जलातला ह। इस अवसथला म मिषय अपिी पणश निषठला, रधितला और विला क बद म एक िकद सवगश पला तला ह तथला दसर ोगो की दकषट वलादला नदए गए सवगश पर होती ह तथला यह मौजद सवगश म परवर करतला ह। इसी शरणी पर पहचकर मिषय समझतला ह नक वह इबलादत नजस कला बोझ उसक सर पर डलाला गयला ह वलासतव म वही एक ऐसला भोजि ह नजस स उसकी आमला पोरण पलाती ह और नजस पर उसक आधयलाकमक जीवि की बडी भलारी निभशरतला ह और उसक पररणलाम की परलाकपत नकसी अनय ोक म िही अनपत इसी जगत म परलापत होती ह नक व समसत भसशिलाए जो मिषय की रलाजनसक वनतत विलारला मिषय क अपनवतर जीवि पर पडती ह और नफर भी रभ इचछलाओ को भी परकलार उभलार िही सकती और बरी इचछलाओ स घणला िही नदला सकती और ि कलयलाण करि पर ठहरि की पणश रकत परदलाि कर सकती ह उस पनवतर पररणला स पररवनतशत हो जलाती ह जो सलाकतवक वनतत क पोरण और नवकलास कला परलारनभक रप होती ह। इस शरणी पर पहचकर समय आ जलातला ह नक मिषय पणश कलयलाण परलापत कर और अब समसत कलामभलाविलाए सवय नरनथ होि गती ह और आमला पर एक ऐसी रलाकतदलानयिी वलाय चि गती ह नजस स मिषय को पह दोरो पर रनमशनदगी होि गती ह। उस समय मलािवीय परकनत पर एक बडी करलाकनत आती ह तथला सवभलाव म एक महलाि पररवतशि पदला होतला ह और मिषय अपिी पवश अवसथलाओ स बहत ही दर जला पडतला ह, उस सवचछ और सलाफ नकयला जलातला ह तथला खदला िकी क परम को अपि हलाथ स उसक हदय पर अनकत कर दतला ह और बरलाई की दगशनध अपि हलाथ स उसक हदय स बलाहर फक दतला ह, सचचलाई की समसत सिला हदय

Page 117: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

91 इसलामी उस की फिलासिी

रपी रहर म आ जलाती ह और सवभलाव क समसत मडपो पर सचचलाई कला आनधपय हो जलातला ह और सय की नवजय होती ह और असय भलाग जलातला ह तथला अपि रसतर फक दतला ह। उस वयकत क हदय पर खदला कला हलाथ होतला ह तथला परयक कदम खदला की छतर छलायला म चतला ह। अतः खदला तआला निमिन नखत आयतो म इनही बलातो की ओर सकत करतला ह ः-

अथलाशत खदला ि मोनमिो क हदय म ईमलाि को अपि हलाथ स नख नदयला ह और नजबरलाई क विलारला उिकी सहलायतला की। ह मोनमिो ! उसि ईमलाि को तमहलारला नपरयतम बिला नदयला और उसकला अौनकक सौनदयश एव सनदरतला तमहलार हदय म बठला दी तथला कफ, दरलाचलार तथला पलाप क परनत तमहलार हदय म घणला उपनि कर दी और बर मलागमो कला घनणत होिला तमहलार हदय म जमला नदयला। यह सब कछ खदला की कपला और दयला स हआ। सय आयला और असय भलाग गयला और असय सय क सलामि कब ठहर सकतला थला।

अतः य समसत सकत उस आधयलाकमक अवसथला की ओर ह जो सरह अमजलादह - 23 सरह अहजरलात - 8-9 सरह बिी इसरलाई - 82

Page 118: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

92इसलामी उस की फिलासिी

तीसरी शरणी पर मिषय को परलापत होती ह और मिषय को आखो कला सचचला परकलार कभी िही नम सकतला जब तक उस यह अवसथला परलापत ि हो तथला खदला तआला ि यह जो कहला ह नक मि उिक हदय म ईमलाि अपि हलाथ स नखला और नजबरलाई स उिकी सहलायतला की। यह इस बलात की ओर सकत ह नक मिषय को सचचलाई, पनवतरतला एव रधितला कभी परलापत िही हो सकती जब तक आकलारीय सहलायतला उसक सलाथ ि हो। रलाजनसक वनतत की शरणी पर मिषय की यह दरला होती ह नक बलार-बलार पशलातलाप करतला और बलार-बलार नगरतला ह अनपत परलायः अपिी सलामथयश स निरलार हो जलातला ह तथला अपि रोग को असलाधय समझ तला ह। और एक समय तक ऐसला ही रहतला ह और नफर जब निधलाशररत समय पणश हो जलातला ह तो रलात यला नदि को सहसला एक जयोनत उस पर उतरती ह तथला उस जयोनत म खदलाई रकत निनहत होती ह। उस जयोनत क आि क सला थ ही उसक अनदर एक अद‍भत पररवतशि उपनि हो जलातला ह तथला इस अौनकक पररवतशि क पीछ एक अगोचर तथला रकतरलाी सततला क हलाथ कला आभलास होतला ह तथला एक नवनचतर अवसथला सलामि आ जलाती ह। उस समय मिषय को जलात होतला ह नक वह सवय खदला ह तथला आखो म वह जयोनत आ जलाती ह जो पह िही थी परनत उस मलागश को योकर परलापत कर और उस जयोनत को योकर पलाए। अतः जलात होिला चलानहए नक इस ससलार म नजस घटिलाओ क ससलार कला िलाम नदयला जलातला ह। परयक पररणलाम क नए एक कलारण ह और परयक नकरयला क नए एक पररक ह और परयक परकलार कला जलाि परलापत करि क नए एक मलागश ह नजस नसरलात-मसतकीम (सद‍मलागश) कहत ह। ससलार म कोई भी ऐसी वसत िही जो उि नियमो की पलाबनदी नकए नबिला परलापत हो सक जो परकनत ि अिलानदकला स उसक नए निधलाशररत कर रख ह। परकनत कला नियम बतला रहला ह नक परयक वसत की परलाकपत क नए एक सद‍मलागश ह तथला उसकी परलाकपत उस सवलाभलानवक मलागश पर चकर ही हो सकती ह। उदलाहरणतयला यनद हम एक अनधकलारमय कमर म बठ हो और सयश क परकलार की आवशयकतला हो तो

Page 119: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

93 इसलामी उस की फिलासिी

हमलार नए यह सद‍मलागश (नसरलात मसतकीम) ह नक हम उस नखडकी को खो द जो सयश की ओर ह। तब सहसला सयश कला परकलार अनदर आकर हम परकलानरत कर दगला। अतः सपषट ह नक इसी परकलार खदला क सचच और वलासतनवक वरदलाि पलाि क नए भी कोई नखडकी होगी तथला पनवतर आधयलाकमकतला की परलाकपत क नए कोई नवरर उपलाय होगला और वह यह ह नक आधयलाकमक बलातो क नए सद‍मलागश की खोज कर जसला नक हम अपि जीवि की समसत बलातो म अपिी सफतलाओ क नए सद‍मलागश की खोज करत रहत ह परनत यला वह यह उपलाय ह नक हम कव अपिी ही बनधि क ब पर और अपिी ही सवय निनमशत बलातो स खदला क नमि की खोज कर ? यला मलातर हमलार अपि ही तकक एव अपिी ही दलारशनि कतला स उसक व विलार हम पर ख सकत ह नजिकला खिला उसक रकतरलाी हलाथ पर निभशर ह। निशय समझो नक यह नबलक उनचत िही ह। हम उस जीनवत तथला सदव सथलानपत रहि वला (खदला) को मलातर अपिी ही यकतयो स कदलानप िही पला सकत अनपत उस मलागश म सद‍मलागश कव यह ह नक परथम हम अपिला जीवि अपिी समसत रकतयो क सलाथ खदला तआला क मलागश म समनपशत करक नफर खदला क नमि क नए दआ म तपर रह तलानक खदला को खदला क ही मलाधयम स पलाए।

एक पयलािी आदआओ म सवशनपरय दआ जो हम खदला स मलागि और उसक समक

अपिी आवशयकतलाए रखि कला उनचत समय एव अवसर नसखलाती ह और सवलाभलानवक आधयलाकमक आवग कला िकरला हमलार सलामि रखती ह वह दआ ह जो दयला खदला ि अपिी पनवतर पसतक कआशि करीम म अथलाशत सरह िलानतहला म हम नसखलाई ह और वह यह ह -

समसत पनवतर पररसलाए जो हो सकती ह उस खदला क नए ह जो सरह अफलानतहः - 1-2

Page 120: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

94इसलामी उस की फिलासिी

समसत ोको कला सरषटला और परनतपलाक ह

वही खदला जो हमलार कममो स पवश अपिी कपला स सलाधि जटलाि वलाला ह और हमलार कममो क पशलात दयला क सलाथ परनतफ दि वलाला ह।

वह खदला जो परनतफ (नहसलाब-नकतलाब) क नदवस कला वही एक सवलामी ह नकसी अनय को वह नदि िही सौपला गयला।

ह उत समसत नवररतलाओ क सवलामी ! हम तरी ही उपलासिला करत ह और हम परयक कलायश म तझ स ही रकत चलाहत ह। यहला हम क रबद स उपलासिला कला इकरलार करिला इस बलात की ओर सकत करतला ह नक हमलारी समसत रकतयला तरी उपलासिला म गी हई ह और तरी चौखट पर झक हए ह योनक मिषय अपिी आनतररक रकतयो की दकषट स एक जमलाअत तथला एक उममत ह। इस परकलार समसत रकतयो स (ति, मि, धि स) खदला को सजदह करिला यही वह अवसथला ह नजस इसलाम कहत ह।

हम अपि सीध मलागश पर चला और उस पर दढतला परदलाि करक उि ोगो कला मलागश नदखला नजि पर तरला इिलाम ह और तरी कपला क पलातर हो गए ह।

सरह अिलानतहः - 3 सरह अिलानतहः - 4 सरह अिलानतहः - 5 सरह अिलानतहः - 6-7 सरह अिलानतहः - 7

Page 121: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

95 इसलामी उस की फिलासिी

और हम उि ोगो क मलागमो स बचला नजि पर तरला परकोप ह और जो तझ तक िही पहच सक तथला मलागश स भटक गए। तथलासत। ह खदला ऐसला ही कर।

य आयत समझला रही ह नक खदला तआला क इिलाम जो दसर रबदो म वरदलाि कहलात ह उनही पर उतरत ह जो खदला क मलागश म अपि जीवि की करबलािी दकर और अपिला समपणश अकसतव उसक मलागश म समनपशत करक तथला उसकी परसनितला म ीि होकर नफर इस कलारण दआ म ग रहत ह तलानक मिषय को जो कछ आधयलाकमक ि’मतो, उसक सलानिधय, नमि तथला उसक वलातलाशलापो एव समबोधिो म स नम सकतला ह वह सब उिको नम और इस दआ क सलाथ अपिी समसत रकतयो स उपलासिलाए करत ह तथला पलाप स बचत और खदला क विलार पर पड रहत ह। जहला तक उिक नए सभव ह सवय को बरलाई स बचलात ह तथला खदला क परकोप क मलागमो स दर रहत ह। चनक व एक उच सलाहस और शरधिला क सलाथ खदला को ढढत ह, इसनए उस पला त ह, व खदला की पनवतर पहचलाि क पयलाो स तपत नकए जलात ह। इस आयत म जो दढतला कला वणशि नकयला यह इस बलात की ओर सकत ह नक सचला और पणश वरदलाि जो आधयलाकमक जगत तक पहचलातला ह पणश दढतला स समबधि ह तथला पणश दढतला स अनभपरलाय शरधिला और निषठला की एक ऐसी अवसथला ह नजस कोई परीकला हलानि ि पहचला सक अथलाशत ऐसला सबध हो नजस ि तवलार कलाट सक ि अकगि जला सक और ि कोई दसरी नवपनतत हलानि पहचला सक। नपरयजिो की मौत उसस पथक ि कर सक, नपरयजिो कला नवयोग उसम नवघि ि डला सक, अपमलाि कला भय कछ रोब ि डला सक, भयलावह दखो स मलारला जलािला हदय को रमलातर भी भयभीत ि कर सक। अतः यह विलार बहत सकीणश ह और यह मलागश जहला स गररिला बहत दषकर ह। कनठिलाइयो स भरला ह नक खद, सौ बलार खद !!

Page 122: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

96इसलामी उस की फिलासिी

अललाह तआला इसी की ओर इि आयतो म सकत करतला ह ः-

अथलाशत उनह कह द नक यनद तमहलार बलाप और तमहलार बट और तमहलार भलाई और तमहलारी पकियला और तमहलारी नबरलादरी और तमहलार व धि जो तम ि पररशरम स कमलाए ह और तमहलारला वयलापलार नजसक बनद होि कला तमह भय ह तथला तमहलारी हवनयला जो तमह नपरय ह खदला और उसक रस स तथला उसक मलागश म अपि परलाण नयौछलावर करि स अनधक नपरय ह तो तम उस समय की परतीकला करो जब तक नक खदला तआला आदर जलारी कर तथला खदला दषक नमशयो को कभी अपिला मलागश िही नदखलाएगला।

इि आयतो स सपषट होतला ह नक जो ोग खदला की परसनितला को छोड कर अपि सबनधयो तथला धि स परम करत ह और खदला की दकषट म दरलाचलारी ह व अवशय तबलाह होग, योनक उनहोि गर को खदला पर परलाथनमकतला दी। यह वह तीसरी शरणी ह नजसम वह वयकत खदला वलाला बितला ह जो उसक नए हरलारो नवपनततयो म सवय को डला द और खदला की ओर ऐसी शरधिला और निषकपटतला स झक जलाए नक खदला क अनतररत उसकला कोई ि रह जस सब मर गए। अतः सय तो यह ह नक जब तक हम सवय ि मर जीनवत खदला नदखलाई िही द सकतला। खदला सरह अततौबः - 24

Page 123: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

97 इसलामी उस की फिलासिी

क परकट होि कला वही नदि होतला ह नक जब हमलार भौनतक जीवि पर मय आ जलाए। हम उस समय तक अध ह जब तक गर को दखि स अध ि हो जलाए। हम मदलाश ह जब तक खदला क हलाथ म मदद की तरह ि हो जलाए। जब हमलारला मह ठीक-ठीक उसक सलामि पडगला तब वह वलासतनवक दढतला जो समसत कलामभलाविलाओ कला दमि करक उि पर नवजयी होती ह हम परलापत िही होगी और यही वह दढतला ह नजसस कलामवलासिला क जीवि पर म य आ जलाती ह।

हमलारी दढतला यह ह नक जसला नक खदला कला कथि ह नक ः-

अथलाशत यह नक करबलािी (बन) क समलाि मर आग अपिी गदशि रख दो। इसी परकलार हम उस समय दढतला की शरणी परलापत कर सकग जब हमलार अकसतव क समसत टकड और हमलारी मिोवनत की समपणश रकतयला इसी कलायश म तपर हो जलाए और हमलारी म य और हमलारला जीवि उसी क नए हो जलाए, जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत कह ! मरी िमलार, मरला बनदलाि, मरला जीवि, मरला मरण सब खदला क नए ह और जब मिषय कला परम खदला क परनत इस सीमला तक पहच जलाए नक उसकला मरिला और जीनवत रहिला अपि नए िही अनपत खदला ही क नए हो जलाए। तब खदला जो हमरला स परम करि वलाो क सलाथ परम करतला आयला ह उस पर अपि परम को उतलारतला ह और इि दोिो परमो क सयोग स मिषय क अनतःकरण म एक परकलार जनम तला ह नजस ससलार िही पहचलाितला और ि समझ सकतला ह और सदलामलाओ और खदला क भज हए पररो कला इसीनए वध हआ सरह अबकरः - 113 सरह अअनआम - 163

Page 124: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

98इसलामी उस की फिलासिी

नक ससलार ि उिको िही पहचलािला। व इसीनए धोखबलार और सवलाथची कहलाए नक ससलार उि क परकलारमलाि चहर को दख ि सकला जसला नक उसकला कथि ह ः

अथलाशत व ोग जो इनकलारी ह तरी ओर दखत तो ह परनत उनह नदखलाई िही दतला।

अतः जब वह परकलार पदला होतला ह तो उस परकलार क जनम ि क नदि स एक सलासलाररक वयकत आधयलाकमक परर हो जलातला ह। वह जो परयक अकसतव कला सवलामी ह उसक अनदर बोतला ह और अपिी झनकयला नदखलातला ह तथला उसक हदय को जो पनवतर परम स ओत-परोत ह अपिी रलाजधलािी बिलातला ह और तभी स यह वयकत एक अौनकक पररवतशि पला कर एक ियला वयकत हो जलातला ह। वह इसक नए एक ियला खदला हो जलातला ह और िए सवभलावो तथला नियम परकट करतला ह। यह िही नक वह एक ियला खदला ह यला सवभलाव िवीि ह, परनत वही खदला सलामलानय सवभलावो स नबक नभनि होतला ह नजसस सलासलाररक दरशिरलासतर सवशथला अपररनचत ह और यह वयकत जसला नक अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत मिषयो म स व उच शरणी क मिषय ह जो खदला की परसनितला म ीि हो जलात ह। व अपि परलाण बचत ह और खदला की इचछला को खरीदत ह। यही व ोग ह नजि पर खदला की दयला ह। इसी सरह अआरलाि - 199 सरह अबकरः - 208

Page 125: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

99 इसलामी उस की फिलासिी

परकलार वह वयकत जो आधयलाकमक अवसथला की शरणी तक पहच गयला ह खदला क मलागश म कबलाशि हो जलातला ह।

खदला तआला इस आयत म कहतला ह नक समसत दखो स वह वयकत मकत पलातला ह जो मर मलागश म परलाण को बच दतला ह और कनठि पररशरम क सलाथ अपिी इस अवसथला कला परमलाण दतला ह नक वह खदला कला ह और अपि समपणश अकसतव को एक ऐसी वसत समझतला ह जो खदला की आजलाकलाररतला और सकषट की सवला क नए बिलाई गई ह और नफर वलासतनवक रभ कमश जो परयक रकत स सबनधत ह ऐसी रनच तथला हलानदशक नविय स करतला ह नक जस वह अपि आजलाकलारी होि क दपशण म अपि वलासतनवक नपरयतम को दख रहला ह तथला उसकला इरलादला खदला तआला क इरलाद क समरप हो जलातला ह और समसत आिनद उसक आजलापलाि म पलातला ह और समसत रभ कमश कषट विलारला िही अनपत आिद और सख क आकरशण स परकट होि गत ह वह िकद सवगश ह जो आधयलाकमक मिषय को इसी जीवि म नमतला ह और वह सवगश जो म योपरलानत नमगला, वह वलासतव म इसी कला परनतनबमब और परतीक ह नजस परोक म खदला की कदरत सलाकलार रप धलारण करक नदखलाएगी। इसी की और सकत करत हए अललाह तआला कहतला ह ः-

सरह अरटहमलाि - 47 सरह अदहर - 22 सरह अदहर - 6-7

Page 126: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

100इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत जो वयकत खदला तआला स भयभीत ह और उसकी शरषठतला और परतलाप क पद स डरला हआ ह उसक नए दो सवगश ह। एक यह ोक और दसरला परोक। ऐस ोग जो खदला म ीि ह खदला ि उनह वह ररबत नपलायला ह नजसि उिक हदय और नवचलारो तथला शरधिला को पनवतर कर नदयला। िक बनद वह ररबत पी रह ह नजसम कपर की नमलावट ह और व उस झरि स पीत ह नजस व सवय ही चीरत ह।

कलाफिी (कपि) औि जजबीी (सोठ) शिबत की िलासतफिकतला

म पह भी वणशि कर चकला ह नक कलाफर (कपर) कला रबद इस आयत म इसनए नयला गयला ह नक अरबी रबदकोर म “किर” दबलाि और ढकि को कहत ह। अतः यह इस बलात की ओर सकत ह नक उनहोि ऐसी निषकपटतला स सब को यलाग कर तथला खदला की ओर परवतत होि कला मधर रसपलाि नकयला ह नक सलासलाररक परमलाकगि नबलक ठणडी पड गई ह। यह नियम की बलात ह नक समसत आवग हदय की सरह अदहर - 18-19 सरह अदहर - 5 सरह बिी इसरलाई - 73

Page 127: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

101 इसलामी उस की फिलासिी

भलाविलाओ स ही जनम त ह और जब हदय दनरत नवचलारो स बहत ही दर चला जलाए और उि स कछ सबध भी रर ि रह तो व आवग भी रिः रिः कम होि गत ह यहला तक नक नमट जलात ह। अतः यहला खदला तआला कला उदशय यही ह और वह इस आयत म यही समझलातला ह नक उसकी ओर पणशरप स झक गए व कलामभलाविलाओ स बहत ही दर निक गए तथला खदला की ओर ऐस झक गए नक ससलाररक दौड-धप स उिक हदय ठणड हो गए और उिक आवग इस परकलार दब गए जस नक कपर नवर तवो को दबला दतला ह।

नफर िरमलायला नक व ोग उस कपरी पयला क पशलात व पयला पीत ह नजि म सोठ की नमौिी ह। अतः जलात होिला चलानहए नक रजबी (सोठ) दो रबदो स नमनशरत ह। अथलाशत रिला और जब स। रिला अरबी रबदकोर म ऊपर चढि को कहत ह और जब पवशत को। इसक नमनशरत अथश य ह नक पवशत पर चढ गयला। अतः जलात होिला चलानहए नक एक नवर रोग क दर होि क पशलात पणश रप स सवसथ होि तक दो अवसथलाए आती ह।

एक वह अवसथला जबनक नवर ततव (पीप) की तीवरतला सवशथला जलाती रहती ह और भयलािक ततवो कला जोर सधलार की ओर जलाि गतला ह और कई अवसथलाओ कला अिमलाि भी भलानत गरर जलातला ह और एक नविलारकलारी तफलाि जो उठला थला िीच दब जलातला ह परनत अभी तक अगो म कमरोरी रर होती ह, कोई रकत कला कलायश िही हो सकतला। अभी मदमो क समलाि नगरतला-पडतला चतला ह और दसरी वह अवसथला ह नक जब वलासतनवक सवलासथय अपिी पवश अवसथला म वलापस आतला और ररीर म रकत आ जलाती ह तथला रकत क यथलावत होि स यह उसलाह पदला हो जलातला ह नक निःसकोच पवशत क ऊपर चढ जलाए तथला हलानदशक परसनितला स ऊची घलानटयो पर दौडतला चला जलाए। अतः सलाधि की तीसरी शरणी म इस अवसथला क दरशि होत ह। ऐसी अवसथला क

Page 128: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

102इसलामी उस की फिलासिी

नवरय म अललाह तआला कनथत आयत म सकत करतला ह नक नितलानत शरणी क खदला वला ोग व पयला पीत ह नजिम रजबी (सोठ) नमी हई ह अथलाशत वह आधयलाकमक अवसथला की पणश रकत परलापत करक बडी-बडी घलानटयो पर चढ जलात ह और उिक विलारला बड कनठि कलायश समपनि होत ह और खदला तआला क मलागश म आशयशजिक तपरतला परदनरशत करत ह।

जजबी (सोठ) कला परिलाियहला यह भी सपषट रह नक नचनकसला-रलासतर क अिसलार सोठ वह

औरनध ह जो ररीर की आनतररक गमची को बहत रकत दती ह तथला दसतो को रोकती ह और उसकला िलाम रजबी इसीनए रखला गयला ह नक जस वह निबश को ऐसला रकतरलाी बिलाती ह तथला ऐसी गमची पहचलाती ह नजसस वह पवशतो पर चढ सक। इि आमि-सलामि की आयतो को परसतत करि स नजि म एक सथलाि पर कपर कला वणशि ह और एक सथलाि पर रजबी (सोठ) कला। खदला तआला कला यह उदशय ह नक अपि बनदो को समझलाए नक जब मिषय कलामभलाविलाओ स नवमख होकर िकी की ओर अगरसर होतला ह तो सवशपरथम उस अगरसर होि क पशलात यह अवस थला पदला होती ह नक उसक नवर ततव िीच दबलाए जलात ह तथला कलामभलाविलाए कम होि गती ह, जसला नक कपर नवर ततवो को दबला तला ह। इसीनए वह हरला और टलायफलाइड म लाभपरद ह। नफर जब नवर ततवो कला वग नबलक जलातला रह और एक कमरोर सवलासथय जो दबश तला क सलाथ जडला होतला ह परलापत हो जलाए तो नफर दसरला कनठि कलायश यह ह नक दबश रोगी सोठ क ररबत स रकत पलातला ह तथला सोठ कला ररबत खदला तआला की सनदरतला एव सौनदयश की एक झक ह जो आमला कला भोजि ह। जब इस झक स मिषय रकत गरहण करतला ह तो नफर ब नद और ऊची घलानटयो पर चढि क योगय हो जलातला ह त थला खदला तआला क मलागश म ऐस आशयशजिक

Page 129: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

103 इसलामी उस की फिलासिी

कनठि कलायश परदनरशत करतला ह नक जब तक यह परमलाकगि नकसी क हदय म उपनि ि हो ऐस कलायश कदलानप परदनरशत िही कर सकतला। अतः खदला तआला ि यहला इि दोिो अवसथलाओ को समझलाि क नए अरबी भलारला क दो रबदो स कलाम नयला ह। एक कलाफर (कपर) स जो िीच दबलाि वला को कहत ह और दसर रजबी (सोठ) स जो ऊपर चढि वला को कहत ह अतः इस मलागश म भी सलाधको क नए दो अवसथलाए ह।

उपरोत आयत कला रर भलाग यह ह -

अथलाशत हमि इनकलार करि वलाो क नए जो सचचलाई को सवीकलार करिला िही चलाहत रजीर तयलार कर दी ह और गदशि क तौक और एक भडकती अकगि की पट। इस आयत कला तलापयश यह ह नक जो ोग सचच हदय स खदला तआला को िही ढढत उि पर खदला की ओर स मलार पडती ह व ससलार की नवपनततयो म ऐस गरसत रहत ह नक जस परो म रजीर पडी हई ह और सलासलाररक कलायमो म ऐस सर झकलाए होत ह नक जस उिकी गदशि म एक तौक ह जो उनह आकलार की ओर सर िही उठलाि दतला और उिक हदयो म ोभ और मोह की एक जलाला गी रहती ह नक यह धि परलापत हो जलाए तथला यह समपनतत नम जलाए और अमक दर हमलार अनधकलार म आ जलाए और हम अमक रतर पर नवजय पलाए। इतिला रपयला हो, इतिला धि हो। चनक खदला तआला इिको अयोगय दखतला ह तथला दषकममो म वयसत पलातला ह। इसनए य तीिो नवपनततयला उिको गला दतला ह। यहला इस बलात की ओर भी सकत ह नक जब मिषय स कोई नकरयला पणश होती ह तो उसी क अिसलार खदला तआला भी अपिी ओर स एक नकरयला करतला ह। उदलाहरणतयला मिषय नजस समय अपिी कोठरी क समसत विलारो को बनद कर द तो सरह अदहर - 5

Page 130: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

104इसलामी उस की फिलासिी

मिषय की ओर स इस नकरयला क पशलात खदला तआला की ओर स यह परनतनकरयला होगी नक वह उस कोठरी म अधकलार पदला कर दगला योनक जो बलात खदला तआला क परकनत क नियम म हमलार कलायमो क नए एक अनिवलायश पररणलाम क तौर पर निकशत हो चकी ह व सब खदला तआला क कलायश ह। कलारण यह नक वही सब कलारणो कला कलारण ह। इसी परकलार यनद उदलाहरणतयला कोई वयकत घलातक नवर खला तो उस की इस नकरयला क पशलात खदला तआला कला यह कलायश होगला नक उस मय द दगला। इसी परकलार यनद कोई ऐसला अिनचत कलायश कर जो नकसी असलाधय रोग कला कलारण हो तो उसकी इस नकरयला क पशलात खदला तआला कला यह कलायश होगला नक वह असलाधय रोग उसको पकड गला। अतः नजस परकलार हमलार सलासलाररक जीवि म सपषट नदखलाई दतला ह नक हमलारी परयक नकरयला क नए एक आवशयक पररणलाम ह और वह पररणलाम खदला तआला कला कलायश ह। इसी परकलार धमश क सबध म भी यही नियम ह जसला नक खदला तआला कला इि दो उदलाहरणो म सपषट तौर पर कथि ह -

अथलाशत नजि ोगो ि यह कलायश नकयला नक उनहोि खदला तआला की नजजलासला म परला-परला परयि नकयला तो इस कलायश क नए अनिवलायश तौर पर हमलारी यह परनतनकरयला होगी नक हम उनह अपिला मलागश नदखला दग तथला नजि ोगो ि टढलापि अपिलायला और सद‍मलागश पर चिला ि चलाहला तो इसक नवरय म हमलारला कलायश यह होगला नक हम उिक हदयो को टढला कर दग। नफर इस अवसथला को और अनधक सपषट करि क नए बतलायला गयला - सरह अनकबत - 70 सरह अससि - 6

Page 131: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

105 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत जो वयकत इस ससलार म अनधला रहला वह आि वला ससलार म भी अनधला ही होगला अनपत अधो स भी अनधक निकषट। यह इस बलात की ओर सकत ह नक िक ोगो को खदला क दरशि इसी ससलार म हो जलात ह और वह इसी ससलार म अपि उस नपरयतम कला दरशि परलापत कर त ह नजसक नए व सब कछ खो दत ह। अतः इस आयत कला भलावलाथश यही ह नक सवगश क जीवि की िीव इसी ससलार म पडती ह और िलारकीय अधपि की जड भी इसी ससलार कला अपनवतर और अधकलारमय जीवि ह और पिः कहला -

अथलाशत जो ोग ईमलाि लात और रभ कमश करत ह उि बलागो क वलाररस ह नजिक िीच िहर बह रही ह। इस आयत म खदला तआला ि ईमलाि को बलाग क सलाथ उपमला दी ह नजसक िीच िहर बहती ह।

अतः सपषट रह नक इस सथलाि पर एक उचच शरणी की निलासिी क रप म बतलायला गयला ह नक जो सबध िहरो कला बलाग क सलाथ ह वही सबध कममो कला ईमलाि क सलाथ ह। अतः जसला नक कोई बलाग नबिला पलािी क हरला भरला िही रह सकतला। ऐसला ही कोई ईमलाि नबिला रभ कममो क जीनवत ईमलाि िही कहला सकतला। यनद ईमलाि हो और कमश ि हो तो वह ईमलाि तचछ ह और यनद कमश हो और ईमलाि ि हो तो व कमश

सरह बिी इसरलाई - 73 सरह अबकरः - 26

Page 132: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

106इसलामी उस की फिलासिी

आडमबर ह। इसलामी सवगश की यही वलासतनवकतला ह नक वह इस ससलार क ईमलाि और कमश कला एक परनतनबमब ह, वह कोई िई वसत िही जो बलाहर स आकर मिषय को नमगी अनपत मिषय कला सवगश मिषय क अनदर ही स निकतला ह और परयक कला सवगश उसी कला ईमलाि और उसी क रभ कमश ह, नजिकला आिनद इसी ससलार म आरभ हो जलातला ह और गपत तौर पर ईमलाि और कममो क बलाग नदखलाई दत ह और िहर भी नदखलाई दती ह परनत परोक म यही बलाग ख तौर पर महसस होग। खदला तआला की पनवतर नरकला हम यही बतलाती ह नक सचचला, पनवतर, सदढ तथला पणश ईमलाि जो खदला और उसकी नवररतलाओ और उसकी इचछलाओ क सबध म हो। वह सनदर सवगश और फ वलाला वक ह और रभ कमश उस सवगश की िहर ह जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत वह ईमलािी वलाय (कनमला) जो परयक नयिलानधकतला, दोर, नवकलार, झठ और अशीतला स पनवतर और परयक परकलार स पणश हो उस वक क समलाि ह जो परयक दोर स पनवतर हो, नजसकी जड पथवी म सथलानपत और रलाखलाए आकलार म हो और सदव अपि फ दतला हो और उस पर ऐसला समय कभी िही आतला नक उसकी रलाखलाओ म फ ि हो। इस वणशि म खदला तआला ि ईमलािी कनमला को हमरला फदलार वक स उपमला दकर उसक तीि कण वणशि नकए ः-(1) परथम यह नक उसकी जड जो म भलावलाथश स अनभपरलाय ह मिषय की हदय रपी पथवी म सदढ हो अथलाशत मलािव-परकनत और मलािव अनतरलामला ि उसकी सचचलाई और वलासतनवकतला को सवीकलार कर नयला हो।

सरह इबरलाहीम - 25-26

Page 133: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

107 इसलामी उस की फिलासिी

(2) सिला कण यह ह नक उस “कनमला” की रलाखलाए आकलार म हो अथलाशत अपि सलाथ औनचय रखतला हो और आकलारीय परकनत कला नियम जो खदला कला कमश ह उसक अिसलार हो। तलापयश यह ह नक उसक औनचय और वलासतनवकतला क तकक परकनत क नियम स निक सकत ह तथला व तकक ऐस उचच हो नक जस आकलार म ह नजि तक आरोप कला हलाथ िही पहच सकतला। (3) तीसिला कण यह ह नक वह फ जो खलाि योगय ह अिशवर और समलापत होि वलाला ि हो अथलाशत नकरयलामक अभयलास क पशलात उसकी बरकत तथला परभलाव हमरला और हर यग म परकट होत रह और ससलार उसकला अिभव करतला रह, यह िही नक नकसी नवरर यग तक परकट होकर नफर आग बनद हो जलाए।

पिः कहला ः-

अथलाशत अपनवतर कनमला उस वक क समलाि ह जो पथवी म स उखडला हआ हो अथलाशत मलािव-सवभलाव उस सवीकलार िही करतला और वह नकसी परकलार स सथलानपत िही होतला ि बौनधिक तकमो विलारला और ि कछ परकनत क नियम की दकषट स और ि अनतरलामला की दकषट स। कव नकससला और कहलािी क रप म होतला ह और जसला नक कआशि करीम ि परोक म ईमलाि क पनवतर वको को अगर, अिलार और उततम-उततम मवो स उपमला दी ह और वणशि नकयला ह नक उस नदि वह सलाकलात उि मवो क रप म होग और नदखलाई दग। इसी परकलार बईमलािी क बर वक कला िलाम परोक म रककम (थहर) रखला। जसला नक उसकला कथि ह ः- सरह इबरलाहीम - 27

Page 134: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

108इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत तम बतलाओ नक सवगश क बलाग अचछ ह यला रककम (थहर) कला वक जो अयलाचलाररयो क नए एक नवपनतत ह। वह एक वक ह जो िकक की जड स निकतला ह अथलाशत अनभमलाि और अहकलार स जनम तला ह। यही िकक की जड ह इसकला गचछला ऐसला ह जसला नक रतलाि कला सर। रतलाि क अथश ह तबलाह होि वलाला। यह रबद “रत” स निकला ह। सलारलार यह ह नक उसकला खलािला मय को परलापत होिला ह। पिः कहला नक थहर कला वक उि िलारनकयो कला भोजि ह जो सोच समझ कर पलाप करत ह। वह भोजि ऐसला ह जसला नक गला हआ तलाबला खोत हए पलािी क समलाि पट म जोर मलारि वलाला। नफर िलारकी को समबोनधत करक कहतला ह नक इस वक को चख। त सममलाि वलाला और बजगश ह। यह कनमला अयनत आकरोर कला ह, इसकला सलारलार यह ह नक यनद त अनभमलाि ि करतला तथला अपिी बजगची और सममलाि कला धयलाि रखकर सय स मख ि फरतला तो आज य कडवलाहट तझ ि उठलािी पडती। यह आयत इस बलात की ओर भी सकत करती ह

सरह अससलािलात - 63-66 सरह अदखलाि - 44-47,50

Page 135: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

109 इसलामी उस की फिलासिी

नक वलासतव म यह रबद रककम कला ‘जक’ और ‘अम’ स बिला ह और ‘अम’

कला सनकपत रप ह नजस म एक अकर आरभ कला और एक अकर

अनत कला मौजद ह तथला परयोग की अनधकतला क कलारण रला को ‘र’ क सलाथ बद नदयला ह। अतः वणशि कला सलारलार यह ह नक जसला नक अललाह तआला ि इसी ससलार क ईमलािी वलायो की सवगश क सलाथ उपमला दी ह इसी परकलार इस ससलार क बईमलािी क वलाय को थहर क सलाथ उपमला दी और उसको िकक कला वक ठहरलायला तथला सपषट कर नदयला नक सवगश और िकक की जड इसी ससलार स आरभ होती ह जसला नक िकक क अधयलाय म एक अनय सथलाि पर कहला ह ः-

अथलाशत िरक वह अकगि ह नक खदला कला परकोप उसकला सरोत ह और पलाप स भडकती ह। पह हदय पर नवजय परलापत करती ह। यह इस बलात की ओर सकत ह नक उस अकगि की वलासतनवक जड व रोक और उकठलाए और पीडलाए ह जो हदय को पकडती ह योनक समसत आधयलाकमक अरलाब सवशपरथम हदय स ही आरभ होत ह और नफर समसत ररीर पर छला जलात ह। नफर एक सथलाि पर पिः कहला -

अथलाशत िकक की अकगि कला ईधि नजस स वह अकगि हमरला भडकती रहती ह। दो वसतए ह एक वह मिषय जो सचच खदला को

सरह अदखलाि - 50 सरह अहमरः - 7-8 सरह अबकरः - 25

Page 136: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

110इसलामी उस की फिलासिी

छोड कर अनय-अनय वसतओ की उपलासिला करत ह यला उिकी इचछला स उिकी उपलासिला की जलाती ह। जसला नक कहला -

अथलाशत तम और तमहलार झठ उपलासय, जो मिषय होकर खदला कहलात रह, िकक म डला जलाएग।

(2) िकक कला दसरला ईधि मनतशयला ह। तलापयश यह ह नक उि वसतओ कला अकसतव ि होतला तो िकक भी ि होतला। अतः इि समसत आयतो स सपषट ह नक खदला तआला क पनवतर कलाम म सवगश और िकक इस भौनतक ससलार क समलाि िही ह अनपत इि दोिो कला सरोत और उद‍गम आधयलाकमक बलात ह। हला व वसतए परोक म सथ रप म नदखलाई दगी परनत इस भौनतक ससलार म िही होगी।

अललाह तआला स पणम आधयलामतमक सबध पला किन कला मलाधयम

अब हम पिः अपि पवश नवरय की ओर ौटत हए कहत ह नक खदला क सलाथ आधयलाकमक तथला पणश सबध पदला होि कला सलाधि जो हम कआशि करीम ि नसखलायला ह इसलाम और िलानतहला की दआ ह, अथलाशत परथम अपिला समपणश जीवि खदला क मलागश म समनपशत कर दिला तथला नफर उस दआ म ग रहिला जो मसमलािो को सरह िलानतहला म नसखलाई गई ह। समपणश इसलाम कला सलार य दोिो वसतए ह। इसलाम और िलानतहला की दआ, ससलार म खदला तक पहचि और वलासतनवक मोक कला ज पीि क नए यही एक उततम सलाधि ह अनपत यही एकमलातर सलाधि ह जो परकनत क नियम ि मिषय की उचचतम उनिनत और खदला स नमि क नए निकशत नकयला ह और खदला को वही पलात ह जो सवय को इसलाम क बोध की आधयलाकमक अकगि म डलात ह और सरह अअनबयला - 99

Page 137: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

111 इसलामी उस की फिलासिी

िलानतहला की दआ म ीि रहत ह। इसलाम यला वसत ह ? वही जती हई अकगि जो हमलार निकषट

जीवि को भसम करक और हमलार झठ उपलासयो को जला कर सचच एव पनवतर उपलासय खदला क आग हमलार परलाण, हमलार धि तथला हमलारी परनतषठला की कबलाशिी परसतत करती ह। ऐस झरि म परवर करक हम एक िए जीवि कला ज पीत ह और हमलारी समसत आधयलाकमक रकतयला खदला स इस परकलार जड जलाती ह जस नक एक सबध को दसर सबध स जोड नदयला जलातला ह। नबजी की अकगि क समलाि एक अकगि हमलार अनदर स निकती ह और एक अकगि हम पर ऊपर स उतरती ह। इि दोिो जलालाओ क नमि स हमलार समसत ोभ-लाच और अललाह क अनतररत कला परम भसम हो जलातला ह और हम अपि पह जीवि स मर जलात ह। इस अवसथला कला िलाम पनवतर कआशि की दकषट स इसलाम ह। इसलाम स हमलारी कलामभलाविलाओ को म य आती ह और नफर दआ स हम िए नसर स जीनवत होत ह इस दसर जीवि क नए खदला क इलहलाम की आवशयकतला ह। इसी शरणी पर पहचि कला िलाम ‘नकला-ए-इलाही’ ह। अथलाशत खदला स नमि तथला उसक दरशि और उस दखिला ह। इस शरणी पर पहचकर मिषय कला खदला स ऐसला नमलाप होतला ह नक जस वह उसकी आख स दखतला ह और उस रकत दी जलाती ह और उसकी समसत जलािकनदरयला और समसत आनतररक रकतयला परकला नरत की जलाती ह तथला पनवतर जीवि कला आकरशण बड रोर स आरभ हो जलातला ह। इसी अवसथला पर आकर खदला मिषय क ितर बि जलातला ह नजसक सलाथ वह दखतला ह, जीभ हो जलातला ह नजसक सलाथ वह बोतला ह और हलाथ हो जलातला ह नजसक सलाथ वह आकरमण करतला ह और कलाि हो जलातला ह नजसक सलाथ वह सितला ह और पर हो जलातला ह नजसक सलाथ वह चतला ह। इसी अवसथला की ओर अललाह तआला क इस कथि म सकत ह ः-

Page 138: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

112इसलामी उस की फिलासिी

यह उसकला हलाथ खदला तआला कला हलाथ ह जो उिक हलाथो पर ह और इसी परकलार खदला तआला कला कथि ह -

अथलाशत जो त ि चलायला त ि िही अनपत खदला ि चलायला। अतः इस अवसथला पर खदला तआला क सलाथ परगलाढ एकतला हो जलाती ह और खदला तआला की पनवतर इचछला आमला क कण-कण म समला जलाती ह और व िनतक रकतयला जो कमरोर थी इस शरणी म सदढ पवशतो क समलाि अट नदखलाई दती ह। बनधि और नववक नितलानत कोमतला पर आ जलात ह। य अथश उस आयत क ह जसला नक अललाह तआला कला कहिला ह -

इस अवसथला म परम और अिरलाग की िहर इस परकलार स जोर मलारती ह नक खदला तआला क नए मरिला और खदला तआला क नए हरलारो दःख उठलािला तथला अपमलानित होिला ऐसला सर हो जलातला ह नक जस एक हलकला सला नतिकला तोडिला ह ऐसला वयकत खदला तआला की ओर नखचला चला जलातला ह और वह िही जलाितला नक कौि खीच रहला ह। एक परोक कला हलाथ उस उठलाए नफरतला ह तथला अललाह तआला की इचछलाओ को पणश करिला उसक जीवि कला मखय उदशय हो जलातला ह। इस अवसथला म खदला तआला बहत ही निकट नदखलाई दतला ह। जसला नक उसि कहला ह -

सरह अितह - 11 सरह अअनिला - 18 सरह अमजलादः - 23 सरह कलाि - 17

Page 139: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

113 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत हम उस स उसकी परलाणधमिी स अनधक निकट ह। ऐसी अवसथला म इस शरणी कला वयकत ऐसला होतला ह नक नजस परकलार फ पररपकव होकर सवय वक स नगर जलातला ह। इसी परकलार इस शरणी क वयकत क समसत निकषट सबध समलापत हो जलात ह। उसकला अपि खदला स ऐसला घनिषठ सबध हो जलातला ह और वह ससलार स दर चला जलातला ह और खदला तआला क वलातलाश लापो एव समबोधिो स सममलाि पलातला ह। इस शरणी की परलाकपत क नए अब भी विलार ख ह जस नक पह ख हए थ और अब भी खदला तआला की नवरर कपला नजजलासओ को यह ि’मत परदलाि करतला ह जसला नक पह परदलाि करतला थला, परनत यह शरणी मलातर मौनखक निरथशक बलातो क सलाथ परलापत िही होती और ि ही अिगश बलातो तथला डीगो स यह विलार ख तला ह। चलाहि वला बहत ह परनत पलाि वला कम। इस कला यला कलारण ह ? यही नक यह शरणी सचच पररशरम, सचची तपरतला पर निभशर ह। बलात परय तक नकयला करो, इसस यला हो सकतला ह। सचचलाई स उस अकगि पर कदम रखिला नजसक भय स अनय ोग भलागत ह। इस मलागश की पही रतश ह यनद नकरयलामक पररशरम िही तो डीग मलारिला वयथश ह। इस बलार म अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत यनद मर बनद मर सबध म परशि कर नक वह कहला ह तो उनह कह नक वह तम स बहत ही निकट ह (खदला कला कथि ह नक) म दआ करि वला की दआ सितला ह। अतः चलानहए नक वह दआओ स मर नमलाप को खोज और मझ पर अट नवशवलास रख तलानक सफ हो। सरह अबकरः - 187

Page 140: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

114इसलामी उस की फिलासिी

फदतीय परशनमतयोपिलानत मनषय की कयला शला होती ह ?

अतः इस परशि क उततर म यह निवदि ह नक म य क पशलात मिषय की जो भी दरला होती ह वलासतव म वह कोई िई दरला िही होती वरन वही सलासलाररक जीवि की दरलाए अनधक सपषटतला स वयत हो जलाती ह। मिषय की जो कछ आसथलाओ तथला कममो की कसथनत रभ यला अरभ होती ह वह इस ससलार म गपत तौर पर उसक अनदर होती ह तथला उसकला नवरिलारक यला नवर मलािव अकसतव पर एक गपत परभलाव डलातला ह परनत आि वला ससलार (परोक) म ऐसला िही रहगला अनपत व समसत पररकसथनतयला ख तौर पर अपिला चहरला नदखलाएगी। इस कला िमिला सवपिलावसथला क ससलार म पलायला जलातला ह नक मिषय क ररीर पर नजस परकलार क ततव छलाए होत ह सवपि म उसी परकलार की रलारीररक पररकसथनतयला दकषटगोचर होती ह जब कोई तीवर जर चढि को होतला ह तो सवपि म बहधला अकगि और अकगि की जलाला नदखलाई दती ह तथला इसी परकलार शषमला सबधी जरो तथला िज क सरलाव और जकलाम की अनधकतला म मिषय सवय को ज म दखतला ह।

अतः नजस परकलार क रोगो क नए ररीर ि तयलारी की हो वही पररकसथनतयला सलाकलात तौर पर सवपि म दकषटगोचर हो जलाती ह। अतः सवपि क नसनस पर नवचलार करि स परयक मिषय समझ सकतला ह नक परोक म भी खदला कला यही नियम ह योनक नजस परकलार सवपि हम म एक नवरर पररवतशि पदला करक आधयलाकमकतला को भौनतक रप म पररवनतशत करक नदखलातला ह उस ोक म भी ऐसला ही होगला और उस

Page 141: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

115 इसलामी उस की फिलासिी

नदि हमलार कमश और कममो क पररणलाम भौनतक रप म परकट होग तथला हम जो कछ इस ससलार स गपत तौर पर सलाथ जलाएग वह सब उस नदि हमलार चहर पर नदखलाई दगला और जसला नक मिषय जो कछ सवपि म भलानत-भलानत क सलाकलात रप दखतला ह वह कभी िही सोचतला नक य अवलासतनवक रप ह अनपत उनह वलासतनवक वसतए समझतला ह। इसी परकलार उस ोक म होगला अनपत खदला तआला इि सलाकलात रपो क विलारला अपिी िवीि रकत परदनरशत करगला। चनक वह सवलाागपणश रकत ह। अतः यनद हम सलाकलात रपो कला िलाम भी ि और यह कह नक वह खदला की रकत स एक िवीि उप नतत ह तो यह कहिला सवशथला उनचत, वलासतनवक और तककसगत ह। खदला तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत कोई भी िकी करि वलाला मिषय िही जलाितला नक व यला-यला ि’मत ह जो उसक नए गपत ह। अतः खदला तआला ि उि समसत ि’मतो को गपत ठहरलायला नजि कला इस ोक की ि’मतो म कोई िमिला िही। यह तो सपषट ह नक ससलार की ि’मत हम पर गपत िही तथला दध, अिलार और अगर आनद को हम जलाित ह और हमरला य वसतए खलात ह। अतः इस स नवनदत हआ नक व वसतए नभनि ह और उि वसतओ की इि वसतओ स कव िलाम की समलाितला ह। अतः नजसि सवगश को सलासलाररक वसतओ कला सगरह समझला उसि पनवतर कआशि कला एक अकर भी िही समझला।

इस आयत की वयलाखयला म नजसकला अभी मि वणशि नकयला ह हमलार परमनपरय अवतलार हररत महममद मसतिलास.अ.व. कला कथि ह नक सवगश और उसकी ि’मत व वसतए ह जो ि कभी नकसी आख ि दखी और ि नकसी कलाि ि सिी और ि हदयो म कभी गररी। हलालानक हम ससलार की

सरह अससजदः - 18

Page 142: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

116इसलामी उस की फिलासिी

ि’मतो को आखो स भी दखत ह और कलािो स भी सित ह और हदय म उिकला आभलास भी होतला ह। अतः जबनक खदला तआला और उसकला रस उि वसतओ को सवशथला अिोखी वसतए बतलातला ह तो हम उस समय कआशि स दर जला पडत ह। यनद यह नवचलार करत ह नक सवगश म भी ससलार कला ही दध होगला जो गलायो और भसो स दोहि नकयला जलातला ह जस दध दि वला जलािवरो क वहला रवड क रवड मौजद होग और वको पर मधमकखयो ि बहत स छतत गलाए हए होग और िररशत खोज करक वह रहद निकला ग और िहरो म डला ग। यला ऐस नवचलार उस नरकला स कछ अिकतला रखत ह जो इि आयतो म मौजद ह नक ससलार ि उि वसतओ को कभी िही दखला और व वसतए आमला को परकलानरत करती ह और खदला को पहचलािि क जलाि को बढलाती ह जो आधयलाकमक भोजि ह, यदनप उि भोजिो की समपणश रप रखला भौनतक रप पर परकट की गई ह परनत सलाथ ही सलाथ यह भी बतलायला गयला ह नक उिकला उदगम आमला और ईमलािदलारी ह। कोई यह ि समझ नक पनवतर कआशि की निमिननखत आयत म यह पलायला जलातला ह नक सवगश म जो-जो ि’मत दी जलाएगी उि ि’मतो को दखकर सवगश म रहि वला ोग उनह पहचलाि ग नक यही ि’मत हम पह भी नमी थी, जसला नक अललाह तआला कला कथि ह -

अथलाशत जो ोग ईमलाि लाि वला तथला रभ कमश करि वला ह नजिम तनिक भी खरलाबी िही उिको रभ सनदर द नक व इस सवगश क वलाररस ह नजसक िीच िहर बहती ह जब व परोक म उि अौनकक वको क सरह अबकरः - 26

Page 143: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

117 इसलामी उस की फिलासिी

उि फो म स जो इस भौनतक जीवि म ही उिको नम चक थ पलाएग तो कहग नक य तो व फ ह जो हम पह ही नदए गए थ योनक व उि फो को उि पह फो क समलाि पलाएग। अतः यह धलारणला नक पह फो स अनभपरलाय ससलार की भौनतक ि’मत ह सवशथला भ ह और आयत क सपषट अथश तथला उसक भलाव क नबलक नवपरीत ह अनपत अललाह तआला कला इस आयत म यह कथि ह नक जो ोग ईमलाि लाए और रभ कमश नकए उनहोि अपि हलाथ स एक सवगश की रचिला की ह नजसक वक ईमलाि और नजसकी िहर रभ कमश ह। इसी सवगश कला व भनवषय म भी फ खलाएग और वह फ अनधक सपषट और मधर होगला। चनक व आधयलाकमक तौर पर उसी फ को ससलार म खला चक होग, इसनए दसर ससलार (परोक) म उि फो को पहचलाि ग और कहग नक य तो वही फ मलाम होत ह जो पह हमलार खलाि म आ चक ह और व इि फो को उस पह भोजि क समलाि पलाएग। अतः यह आयत सपषट रप स बतला रही ह नक जो ोग ससलार म खदला क परम और पयलार कला भोजि खलात ह अब भौनतक रप म उनह वही भोजि नमगला और चनक व परीत और परमलािनद कला अिभव कर चक थ और उसकी कसथनत स अवगत थ, इसनए उिकी आमला को वह यग समरण हो आएगला नक जब व एकलात म और रलानतर क अधकलारमय कणो म परमपवशक अपि वलासतनवक परम नपरय खदला को समरण करत और उस समरण स आिनद उठलात थ।

इसनए यहला भौनतक भोजिो की कछ चचलाश िही और यनद नकसी क हदय म यह नवचलार उपनि हो नक जब आधयलाकमक तौर पर अधयलाम जलानियो को यह भोजि ससलार म नम चकला थला तो नफर यह कहिला योकर उनचत हो सकतला ह नक व ऐसी ि’मत ह नक ससलार म ि नकसी ि दखी, ि सिी और ि नकसी क हदय म गररी तथला इस अवसथला म इि दोिो बलातो म नवरोधलाभलास पलायला जलातला ह तो इस कला उततर यह ह नक नवरोधलाभलास उस अवसथला म होतला नक जब इस आयत म ससलार की ि’मत अभीषट

Page 144: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

118इसलामी उस की फिलासिी

होती, परनत जब यहला ससलार की ि’मत अभीषट िही ह। जो कछ अधयलाम जलािी को अधयलाम क रप म नमतला ह वह वलासतव म परोक की ि’मत होती ह नजसकला िमिला परोसलानहत करि क नए पह ही नदयला जलातला ह।

समरण रखिला चलानहए नक खदला वलाला वयकत ससलार क ोगो म स िही होतला। इसी नए तो ससलार उस स वर रखतला ह अनपत वह तो पलारौनकक जगत स होतला ह इसनए उस पलारौनकक ि’मत नमती ह। सलासलाररक वयकत सलासलाररक ि’मत पलातला ह और पलारौनकक वयकत पलारौनकक ि’मत परलापत करतला ह। अतः यह सवशथला सय ह नक व ि’मत ससलार क कलािो, ससलार क हदयो त थला ससलार क ितरो स गपत रखी गई परनत नजसक सलासलाररक जीवि पर म य आ जलाए और वह पयलाला उस आधयलाकमक तौर पर नपलायला जलाए जो परोक म भौनतक रप म नपलायला जलाएगला उसको यह पीिला उस समय समरण हो आएगला जबनक वही पयलाला भौनतक रप म उस नदयला जलाएगला, परनत यह भी सय ह नक वह वयकत उस ि’मत स ससलार क ितरो और कलािो आनद को सवशथला अि नभ ज समझगला। चनक वह ससलार म थला यदनप ससलार म स िही थला इसनए वह भी सलाकय दगला नक वह ससलार की ि’मतो स िही। ि ससलार म उसक ितरो ि ऐसी ि’मत दखी ि कलाि ि सिी और ि हदय म उसकला सचलार हआ परनत पलारौनकक जीवि म उसक िमि दख जो ससलार म स िही थ अनपत वह आि वला जगत की एक सचिला थी और उसी स उसकला सबध थला, ससलार स उसकला कछ सबध िही थला।

पिोक (आफखित) क सबध म तीन कआमनी िहसयअब सधिलाकनतक मलापदणड क तौर पर यह बलात भी समरण रखिी

चलानहए नक म योपरलात नजि अवसथलाओ कला सलामिला करिला पडतला ह, कआशि ररीि ि उनह तीि परकलारो म नवभलानजत नकयला ह और आनखरत क नवरय म पनवतर कआशि ि य तीि गढ रहसय बतलाए ह नजिकला हम यहला पथक-पथक वणशि करत ह।

Page 145: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

119 इसलामी उस की फिलासिी

अधयलातम जलान कला परथम िहसयअधयलाम जलाि कला परथम रहसय यह ह नक कआशि करीम बलार-बलार

यही कहतला ह नक परोक (आनखरत) कोई िवीि वसत िही ह अनपत उसक समसत दशय इसी सलासलाररक जीवि क परनतनबमब और परनतछलायला ह जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत हमि इसी ससलार म परयक वयकत क कममो कला परभलाव उसकी गदशि स बलाध रखला ह और उनही गपत परभलावो को हम परय क नदि परकट करग और एक ख -ख कममो क परपतर क रप म नदखलाएग।

इस आयत म जो ‘तलाइर’ कला रबद ह तो उसक नवरय म सपषट हो नक तलाइर वलासतव म पकी को कहत ह। नफर रपक क तौर पर इस स अनभपरलाय कमश भी नयला गयला ह योनक परयक कमश चलाह अचछला हो यला बरला वह समपनि होि क पशलात पकी क समलाि उड जलातला ह और उसकला पररशरम यला आिनद समलापत हो जलातला ह तथला हदय पर उसकी मनितला यला कोमतला रर रह जलाती ह।

यह कआशि कला नियम ह नक परयक कमश गपत तौर पर अपि निरलाि जमलातला रहतला ह। मिषय कला नजस परकलार कला कमश होतला ह उसी क अिसलार खदला तआला की ओर स एक परनतनकरयला होती ह और वह परनतनकरयला उस पलाप यला उसक पणय को िषट िही होि दती अनपत उस क निरलाि हदय पर, मख पर, ितरो पर, हलाथो पर, परो पर नख जलात ह तथला यही गपत तौर पर कममो कला एक परपतर ह जो पलारौनकक जीवि म सपषट रप स वयत हो जलाएगला। सरह बिी इसरलाई - 14

Page 146: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

120इसलामी उस की फिलासिी

नफर दसर सथलाि पर सवगश वलाो क नवरय म अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत उस नदि भी ईमलाि कला परकलार जो गपत तौर पर मोनमिो को परलापत ह सपषट तौर पर उिक आग और उिक दलानहिी ओर दौडतला हआ नदखलाई दगला। नफर एक अनय सथलाि पर दरलाचलाररयो को समबोनधत करत हए कहला ह ः-

अथलाशत ससलार क अयनधक मोह-मलायला ि तमह परोक की खोज स रोक नदयला, यहला तक नक तम कबरो म जला पड, ससलार स हदय मत गलाओ, तमह रीघर ही नवनदत हो जलाएगला नक ससलार स हदय गलािला अचछला िही। म पिः कहतला ह नक तमह रीघर ही नवनदत हो जलाएगला नक ससलार स हदय गलािला अचछला िही। यनद तमह वलासतनवक जलाि हो तो तम िकक को इसी ससलार म दख ोग। नफर बरशख क ससलार (यमोक) म नवशवलास क ितरो क सलाथ दखोग नफर मदमो को उठलाए जलाि की अवसथला म पणश रप स पकड म आ जलाओग और तम पर वह अरलाब पणश रप स आ जलाएगला और कव मौनखक िही अनपत तमह परयक रप स िकक कला जलाि परलापत हो जलाएगला। सरह अहदीद - 13 सरह अततकलासर - 2-9

Page 147: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

121 इसलामी उस की फिलासिी

जलान क तीन परकलािइि आयतो म खदला तआला ि सपषट तौर पर बतला नदयला ह नक

दषकनमशयो क नए इसी ससलार म िलारकी जीवि गपत तौर पर होतला ह और यनद नवचलार कर तो अपि िकक को इसी ससलार म दख ग। यहला अललाह तआला ि जलाि को तीि भलागो म नवभत नकयला ह। अथलाशत (1) जलाि विलारला परलापत नवशवलास, (2) आखो स दखकर परलापत नवशवलास और (3) अिभव विलारला परलापत अट नवशवलास। तथला सलामलानय वयकत को समझि क नए इि तीिो जलािो क उदलाहरण ह नक यनद एक वयकत दर स नकसी सथलाि पर बहत सला धआ दख और धए स मकसतषक अकगि की ओर चला जलाए तथला अकगि क अकसतव पर नवशवलास कर तथला इस नवचलार स नक धए और अकगि म एक अटट सबध त थला पणश अनिवलायशतला ह। जहला धआ होगला आवशयक ह नक अकगि भी हो। अतः इस जलाि कला िलाम जलाि विलारला नवशवलास ह और नफर जब अकगि की जलाला दख तो उसकला िलाम आखो स नवशवलास ह और जब उस अकगि म सवय ही परवर कर जलाए तो उस जलाि कला िलाम अट नवशवलास ह। अतः अललाह तआला कला कथि ह नक िकक क अकसतव कला जलाि विलारला नवशवलास तो इसी ससलार म हो सकतला ह नफर बररख क ससलार म (यमोक म) आखो दखला नवशवलास परलापत होगला तथला मदमो क जीनवत होि म वही जलाि अट नवशवलास की पणश शरणी तक पहचगला।

तीन ोक (अिसथलाए)यहला सपषट हो नक कआशि की नरकलािसलार तीि ोक नसधि होत ह। परथम - ोक नजसकला िलाम कमश की अवसथला तथला परथम जनम

ह। मिषय इसी ोक म अचछलाई यला बरलाई को अनजशत करतला ह और यदनप पलारौनकक जीवि की अवसथला िनकयो क नए उनिनत ह परनत वह मलातर खदला की कपला स ह। मिषय क कमश कला उिम हसतकप िही।

Page 148: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

122इसलामी उस की फिलासिी

फदतीय - दसर ोक कला िलाम बररख (यमोक) ह। वलासतव म बरशख रबद अरबी रबदकोर म उस वसत को कहत ह जो वसतओ क मधय म नसथत हो। चनक यह यग परय क बलाद मदमो क पिः जीनवत होि तथला परथम जनम क मधय कसथत ह इसनए इसकला िलाम बरशख ह, परनत यह रबद अिलानदकला स जब स नक ससलार की िीव पडी मधय ोक क नए परय त हआ ह। इसनए इस रबद म मधय ोक क अकसतव पर एक महलाि सलाकय छपी हई ह। हम पसतक नमििरटहमलाि म नसधि कर चक ह नक अरबी क रबद व रबद ह जो खदला क मख स निक ह और ससलार म यही एकमलातर भलारला ह जो पिीत खदला की भलारला तथला अिलानद एव समसत नवदलाओ कला उदगम तथला समसत भलारलाओ की जििी और खदला की वहयी कला परथम कनदर ह। इसनए नक समसत अरबी खदला की वलाणी थी जो अिलानदकला स खदला क सलाथ-सलाथ थी। पिः वही पनवतर वलाणी ससलार म अवतररत हई और ससलार ि उसस अपिी बोनयला और भलारलाए बिलाई तथला अरबी भलारला खदला कला अकनतम कनदर इसनए ठहरी नक खदला तआला कला अकनतम गरनथ जो पनवतर कआशि ह अरबी भलारला म अवतररत हआ। अतः बरशख अरबी रबद ह जो रख और बरट क सयोग स बिला ह। नजसक अथश य ह नक कममो क करि कला मलागश समलापत हो गयला और एक गपतलावसथला म पड गयला। बरशख की अवसथला वह अवसथला ह नक जब यह असथलायी मलािव पजर असत-वयसत होि की ओर जलाि गतला ह तथला आमला और ररीर पथक हो जलात ह और जसला नक दखला गयला ह नक ररीर नकसी गढ म डला नदयला जलातला ह और आमला भी एक परकलार क गढ म पड जलाती ह नजस पर रबद रख बोला जलातला ह योनक वह आमला अचछ यला बर कलायमो क करि की सलामथयश िही रखती नक नजस परकलार ररीर क समबनधो स उसक विलारला समपनि हो सकत थ। यह तो सपषट ह नक हमलारी आमला कला अचछला सवलासथय ररीर पर निभशर ह। मकसतषक क एक नवरर भलाग पर चोट गि स समरण रकत कीण हो जलाती ह और दसर भलाग पर आघलात

Page 149: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

123 इसलामी उस की फिलासिी

पहचि स नवचलार और चतिला रकत जलाती रहती ह तथला समसत बनधि और बोध समलापत हो जलात ह। मकसतषक म जब नकसी परकलार कला तिलाव आ जलाए यला सजि उपनि हो जलाए, रत यला कोई अनय ततव ठहर जलाए और नकसी पणश गरकनथ यला अपणश गरकनथ को जनम द तो सलाथ ही मचछलाश, नमगची यला खलामोरी कला आकरमण हो जलातला ह। अतः हमलारला परलािला अिभव हम निकशत तौर पर नसखलातला ह नक हमलारी आमला रलारीररक बधि क नबिला सवशथला बकलार ह। अतः हमलारला यह नवचलार सवशथला निरथशक ह नक नकसी समय म हमलारी एकमलातर आमला नजसक सलाथ ररीर िही ह कोई आिनद परलापत कर सकती ह। यनद हम नकसस क तौर पर उसको सवीकलार कर तो कर परनत ब नधि उस कदलानप सवीकलार िही करगी योनक इसक सलाथ कोई बौनधिक तकक िही। हम नबलक िही समझ सकत नक वह हमलारी आमला जो ररीर क छोट स छोट नवकलार क समय बकलार हो कर बठ जलाती ह वह उस नदि योकर अपिी पणश अवसथला पर रहगी जबनक ररीर क सबधो स सवशथला वनचत की जलाएगी। यला हम परनतनदि कला अिभव िही समझलातला नक आमला क सवलासथय क नए ररीर कला सवसथ रहिला आवशयक ह। जब हम म स एक वयकत नबलक वधि और जजशर हो जलातला ह तो सलाथ ही उसकी आमला भी वधि हो जलाती ह। उसकी समसत जलाि सबधी पजी वधिलावसथला कला चोर चरला जलातला ह। जसला नक अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत मिषय वधि होकर ऐसी दरला को पहच जलातला ह जहला नरनकत होकर पिः अनरनकत बि जलातला ह। अतः हमलारला यह अिभव इस बलात पर पयलाशपत परमलाण ह नक आमला ररीर क अभलाव म कछ भी िही। नफर यह नवचलार भी मिषय को वलासतनवक सचचलाई की ओर धयलाि नदलातला ह नक यनद आमला ररीर क नबिला कछ होती तो खदला तआला कला यह कलायश निरथशक ठहरतला नक उसको अकलारण िशवर ररीर क सरह अहजज - 6

Page 150: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

124इसलामी उस की फिलासिी

सलाथ जोड नदयला, और नफर यह भी नवचलारणीय ह नक खदला तआला ि मिषय को असीम उनिनत क नए पदला नकयला ह। अतः नजस अवसथला म मिषय इस अलप जीवि की उनिनत को ररीर क सहयोग क नबिला परलापत िही कर सकतला तो योकर आरला रख नक इि असीम नवकलासो को जो अपलार ह ररीर क सहयोग क नबिला सवय ही परलापत कर गला।

अतः इि समसत तकमो स यही नसधि होतला ह नक आमला क पणश कलायमो क नए इसलामी नसधिलानतो की दकषट स आमला क नए ररीर कला सथलायी सबध अनिवलायश ह। यदनप मयोपरलानत यह िशवर ररीर आमला स पथक हो जलातला ह तथलानप परोक म असथलायी तौर पर परयक आमला को अपि कममो कला फ भोगि क नए ररीर नमतला ह। वह ररीर उस ररीर क परकलारो म स िही होतला अनपत एक परकलार स यला एक अधकलार स जसी नक कममो की अवसथला हो ररीर तयलार होतला ह, यदनप नक उस ससलार म पहचकर मिषय क कमश ही ररीर कला रप धलारण कर त ह, इसी परकलार खदला की पनवतर वलाणी कआशि म इसकला बलार-बलार वणशि हआ ह तथला कछ ररीर परकलारीय और कछ अनधकलारमय बतलाए गए ह जो करमरः कममो क परकलार अथवला कममो क अधकलार स तयलार होत ह यह भद नितलानत सकम भद ह परनत तकक रनहत िही। पणश मलािव इसी जीवि म इस भौनतक अवसथला म रहत हए एक परकलारीय अौनकक अकसतव परलापत कर सकतला ह। कशिो क जगत म इसक बहत स उदलाहरण ह, यदनप ऐस वयकत को समझलािला कनठि होतला ह जो कव एक मोटी बनधि की सीमला तक ठहरला हआ ह परनत नजनह कशिो क ससलार म स कछ भलाग परलापत ह व इस परकलार क ररीर को जो कममो विलारला निनमशत होतला ह आशयश और पथकतला की दकषट स िही दखग अनपत इस ख स एक अौनकक आिनद की परलाकपत होगी।

अतः वह ररीर जो कममो क अिसलार परलापत होतला ह वही परोक म अचछलाई और बरलाई क परनतफ कला कलारण हो जलातला ह। म इसम अिभव रखतला ह। मझ कशिी तौर पर नबलक जलागि की अवसथला

Page 151: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

125 इसलामी उस की फिलासिी

म अिको बलार कछ मतको स भट करि कला सयोग हआ ह तथला मि कछ पलानपयो तथला पथभरषटो कला ररीर ऐसला कलाला दखला ह नक जस वह धए स निनमशत नकयला गयला ह। इसनए म इस कच स वयकतगत तौर पर पररनचत ह। म सपषट रबदो म कहतला ह नक जसला नक खदला तआला कला कथि ह ऐसला ही अवशय म योपरलात परयक को एक ररीर नमतला ह चलाह परकलारमय हो अथवला अधकलारमय। मिषय की यह भ होगी यनद वह इि अयनत सकम अधयलाम जलािो को कव बनधि विलारला नसधि करिला चलाह अनपत जलात होिला चलानहए नक नजस परकलार आख मधर वसत कला सवलाद िही बतला सकती और ि जीभ नकसी वसत को दख सकती ह ऐसला ही व परय क जलाि जो कशिो क मलाधयम स परलापत हो सकत ह कव बनधि क मलाधयम स उिकी समसयला कला समलाधलाि िही हो सकतला। खदला तआला ि इस ससलार म अजलात बलातो को जलािि क नए पथक-पथक मलाधयम रख ह। अतः परयक वसत को उसक मलाधयम क विलारला ढढो तो उस पला ोग।

एक अनय बलात भी समरण रखि योगय ह नक खदला ि उि ोगो को जो दरलाचलार और पथ-भरषटतला म नपत हो गए अपिी वलाणी म मतक की सजला दी ह और सदलामलाओ को जीनवत ठहरलायला ह। इसम रहसय यह ह नक जो ोग खदला तआला स लापरवलाह हए उि क जीवि क सलाधि जो खलािला-पीिला तथला कलामवलासिलाओ कला अिसरण थला कट गए और अधयलाकमक भोजि स उिकला कोई भलाग ि थला। अतः व वलासतव म मर गए तथला व कव अरलाब उठलाि क नए जीनवत होग। इसी रहसय की ओर अललाह तआला ि सकत नकयला ह। जसला नक वह कहतला ह ः-

सरह तलाहला - 75

Page 152: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

126इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत जो वयकत अपरलाधी बि कर खदला क पलास आएगला तो उसकला नठकलािला िकक ह वह उसम ि मरगला और ि जीनवत रहगला परनत जो ोग खदला तआला क परमी ह व म य स िही डरत योनक उिकी रोटी और पलािी उिक सलाथ होतला ह। नफर बरशख (यमोक) क बलाद वह यग ह नजस को मदमो क उठलाए जलाि कला ोक कहत ह। उस यग म परयक आमला अचछी हो यला बरी, सदलाचलारी हो यला दरलाचलारी एक परयक ररीर परलापत करगी। यह नदि खदला की उि पणश झनकयो क नए निधलाशररत नकयला गयला ह नजसम परयक मिषय अपि परनतफ क चरम नबनद तक पहचगला। यह आशयश िही करिला चलानहए नक खदला स वह योकर हो सकगला, योनक वह परयक परकलार की रकत कला सवलामी ह जो चलाहतला ह करतला ह। जसला नक सवय उसकला कथि ह ः-

अथलाशत यला मिषय ि िही दखला नक हमि उस को एक पलािी की सरह यलासीि - 78-80 सरह यलासीि - 82-84

Page 153: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

127 इसलामी उस की फिलासिी

एक बद स उपनि नकयला ह जो गभलाशरय म डलाी गई थी नफर वह एक झगडला मिषय बि गयला, हमलार नए बलात बिलाि गला और अपिला जनम भ गयला और कहि गला - यह योकर सभव ह नक जब हनडियला भी िही बचगी तो नफर भी मिषय िए नसर स जीनवत हो जलाएगला ? ऐसी रकत वलाला कौि ह जो उस जीनवत करगला। उिको कह - वही जीनवत करगला नजसि पह उस पदला नकयला थला और वह हर परकलार स और हर मलागश स जीनवत करिला जलाितला ह। उसक आदर की यह रलाि ह नक जब नकसी वसत क होि कला नवचलार करतला ह तो कव यही कहतला ह नक हो। अतः वह वसत उपनि हो जलाती ह। अतः वह हसती पनवतर ह नजस कला परयक वसत पर अनधकलार ह। तम सब उसी की ओर ौटोग।

अतः इि आयतो म अललाह तआला ि कहला ह नक खदला क समक कोई वसत अिहोिी िही, नजसि तचछ मिषय को पलािी की एक बद स उपनि नकयला, यला वह दसरी बलार उपनि करि स असमथश ह ?

यहला अिलाडी ोगो की ओर स एक और परशि उठलायला जला सकतला ह और वह यह ह नक नजस पररकसथनत म तीसरला ोक जो मदमो को उठलाए जलाि कला ोक ह मबी अवनध क पशलात आएगला तो इस अवसथला म परयक अचछ और बर मिषय क नए बजशख कला ोक (यमोक) बतौर हवलालात क हआ जो एक वयथश बलात मलाम होती ह। इसकला उततर यह ह नक ऐसला समझिला सवशथला भ ह जो अजलाितलावर पदला होती ह अनपत खदला तआला की पनवतर वलाणी कआशि म अचछ और बर क परनतफ क नए दो सथलाि पलाए जलात ह। एक बरशख-ोक नजसम गपत तौर पर परयक वयकत अपिला परनतफ पलाएगला। बर ोग मयोपरलानत ही िकक म परवर करग िक ोग मयोपरलात ही सवगश म आरलाम पलाएग। अतः इस परकलार की आयत पनवतर कआशि म पयलाशपत मलातरला म ह नक अक ी मय क सलाथ परयक मिषय अपि कममो कला परनतफ दख तला ह, जसला नक खदला तआला एक सवगचीय क नवरय

Page 154: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

128इसलामी उस की फिलासिी

म सचिला दतला ह और कहतला ह ः-

अथलाशत उसको कहला गयला नक त सवगश म परवर कर और इसी परकलार एक िलारकी को सनचत करक कहतला ह ः-

अथलाशत एक सवगचीय कला एक नमतर िलारकी थला। जब व दोिो मर गए तो सवगचीय हरलाि थला नक मरला नमतर कहला ह। अतः उस नदखलायला गयला नक वह िकक म ह। इसनए परनतफ और दणड की कलायशवलाही तो अनवमब आरभ हो जलाती ह तथला िलारकी िकक म और सवगचीय सवगश म जलात ह, परनत तपशलात एक और उचच झक कला नदि ह जो खदला की महलाि िीनत ि उस नदि को परकट करि की मलाग की ह योनक उसि मिषय को इसनए उपनि नकयला तलानक वह सरषटला क रप म पहचलािला जलाए और वह नफर सब कला िलार करगला तलानक वह अपि महला परकोप क सलाथ पहचलािला जलाए और नफर एक नदि सब को पणश जीवि परदलाि करक एक मदलाि म एकतर करगला तलानक वह अपि महलारकतरलाी होि क सलाथ पहचलािला जलाए। अतः जलात होिला चलानहए नक कनथत रहसयो म स यह परथम रहसय थला नजस कला वणशि हआ।

अधयलातम जलान कला सिला िहसयअधयलाम जलाि कला दसरला रहसय नजस कला परोक क नवरय म

कआशि ररीि ि वणशि नकयला ह वह यह ह नक परोक म व समसत बलात जो ससलार म आधयलाकमक थी भौनतक तौर पर सलाकलार होगी चलाह परोक म बरशख की शरणी हो यला पिः उठलाए जलाि की। इस बलार म सरह यलासीि - 27 सरह अससलािलात - 56

Page 155: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

129 इसलामी उस की फिलासिी

जो कछ खदला तआला ि कहला ह उसम स एक आयत यह ह ः-

अथलाशत जो वयकत इस ससलार म (आधयलाकमक तौर पर) अधला होगला वह परोक म भी अधला होगला। इस आयत कला उदशय यह ह नक इस ोक (ससलार) कला अधयलाकमक अधलापि उस ोक (परोक) म भौनतक तौर पर मौजद और महसस होगला। इसी परकलार दसरी आयत म ह ः-

अथलाशत इस िलारकी वयकत को पकडो, इसकी गदशि म कडला (तौक) डलाो नफर इस िकक म जलाओ नफर ऐसी रजीर म जो िलाप म सततर गर ह उस को जकड दो। जलात होिला चलानहए नक इि आयतो म परकट नकयला नक ससलार कला अधयलाकमक अरलाब परोक म भौनतक तौर पर परकट होगला। अतः गदशि कला तौक सलासलाररक इचछलाओ कला नजसि मिषय क सर को पथवी की ओर झकला रखला थला वह दसर ससलार (परोक) म परयक रप म नदखलाई दगला और ऐसी ही सलासलाररक बधिो की रजीर परो म पडी हई नदखलाई दगी और सलासलाररक आकलाकलाओ की जि की अकगि परयक रप म भडकती हई नदखलाई दगी।

पलापी मिषय सलासलाररक जीवि म मोह-मलायला कला एक िकक अपि अनदर रखतला ह और असफतलाओ म इस िकक की यलातिलाओ कला अिभव करतला ह। अतः जब नक अपिी िशवर कलामवलासिलाओ स दर सरह बिी इसरलाई - 73 सरह अहलाककः - 31-33

Page 156: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

130इसलामी उस की फिलासिी

फकला जलाएगला और हमरला की निरलारला छला जलाएगी। खदला तआला उि उकठलाओ को भौनतक अकगि क रप म उस पर परकट करगला। जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत उिम और उिकी इकचछत वसतओ म पथकतला डला दी जलाएगी और यही अरलाब की जड होगी और नफर जो यह कहला नक सततर गर की रजीर म उस जकडो। यह इस बलात की ओर सकत ह नक एक पलापी परलायः सततर वरश की आय पला तला ह अनपत कई ऐस वरश भी नमत ह नक अलपलाय तथला वधिलावसथला की आय पथक करक नफर इतिला सलाफ और रधि भलाग आय कला उस परलापत होतला ह जो बनधिमततला, पररशरम तथला कलायश योगय होतला ह, परनत वह दभलाशगयरलाी अपि उततम जीवि क सततर वरश ससलार की बधिो म वयतीत कर दतला ह और रजीर स सवततर होिला िही चलाहतला। अतः खदला तआला इस आयत म िरमलातला ह नक वही सततर वरश जो उसि ससलार क बधिो म वयतीत नकए थ परोक म रजीर क समलाि सलाकलार हो जलाएग जो सततर गर की होगी। परयक गर एक वरश क सथलाि पर बोला गयला ह।

यहला यह समरण रखिला चलानहए नक खदला तआला अपिी ओर स बनद पर कोई नवपनतत िही डलातला अनपत वह मिषय क अपि ही दषकमश उसक सममख रख दतला ह। नफर अपि इसी नियम को परकट करि म एक अनय सथलाि पर खदला कला कथि ह ः-

सरह सबला - 55 सरह अमरसलात - 31-32

Page 157: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

131 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत ह दरलाचलाररयो ! पथभरषटो ! नतरकोणी छलायला की ओर चो नजसकी तीि रलाखलाए ह जो छलायला कला कलाम िही द सकती और ि गमची स बचला सकती ह। इस आयत म तीि रलाखलाओ स अनभपरलाय पलारनवक रकत, करर रकत एव अनियनतरत कलपिला रकत ह। जो ोग इि तीिो रकतयो को नरषटलाचलार क रप म िही लात तथला उिकला सति िही करत, उिकी य रकतयला परय म इस परकलार स परदनरशत होगी नक जस तीि रलाखलाए नबिला पततो क खडी ह तथला गमची स िही बचला सकती और व गमची स जग।

नफर इसी परकलार खदला तआला अपि इसी नियम को परकट करि क नए सवगचीय ोगो क परनत कहतला ह -

अथलाशत उस नदि त दखगला नक मोनमिो कला यह परकलार जो ससलार म गपत तौर पर ह परयक तौर पर उिक आग तथला उिक दलानहिी ओर दौडतला होगला।

नफर एक अनय आयत म कहला ह ः-

अथलाशत उस नदि कछ मह कला हो जलाएग और कछ सफद तथला परकलारयत हो जलाएग।

नफर एक अनय आयत म कथि ह ः-

सरह अहदीद - 13 सरह अला-ए-इमरलाि - 107

Page 158: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

132इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत वह सवगश जो सयनमयो को नदयला जलाएगला। उसकी उपमला एक बलाग स दी जला सकती ह नजसम रधि निमश पलािी की िहर ह जो कभी दनरत िही होतला तथला उसम उस दध की िहर ह नजसकला सवलाद कभी पररवनतशत िही होतला तथला उसम उस मनदरला की िहर ह जो सरलासर आिददलायक ह नजिम मलादकतला िही होती तथला उसम उस रहद की िहर ह जो अयनत सवचछ ह नजसक सलाथ कोई मनितला िही।

यहला सपषट तौर पर कहला गयला ह नक इस सवगश को उदलाहरण क तौर पर यो समझ ो नक उि समसत वसतओ की अपलार और अगनणत िहर ह। वह जीवि कला पलािी जो अधयलाम जलािी ससलार म आधयलाकमक रप म पीतला ह उसम परयक रप म मौजद ह तथला वह अधयलाकमक दध नजस स वह दध पीत बचच क समलाि ससलार म आधयलाकमक तौर पर पोरण पलातला ह सवगश म परयक- परयक नदखलाई दगला और वह खदला क परम की ररलाब नजस स वह ससलार म आधयलाकमक तौर पर हमरला मसत रहतला थला तथला अब सवगश म परयक-परयक उसकी िहर नदखलाई दगी तथला वह ईमलाि रपी मधरतला कला रहद जो ससलार म आधयलाकमक रप म अधयलाम जलािी क मख म जलातला ह वह सवगश म वयत रप म और परयक िहरो क समलाि नदखलाई दगला और परयक सवगचीय अपिी िहरो तथला बलागो क सलाथ अपिी आधयलाकमक अवसथला कला सपषट रप नदखला दगला और खदला भी उस नदि सवगचीय ोगो क नए पदमो स बलाहर आ जलाएगला। अतः आधयलाकमक अवसथलाए गपत िही रहगी अनपत भौनतक रप म दकषटगोचर होगी।

सरह महममद - 16

Page 159: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

133 इसलामी उस की फिलासिी

अधयलातम जलान कला तीसिला िहसयअधयलाम जलाि कला तीसरला रहसय यह ह नक परोक म असीनमत

उनिनत होगी। इस बलार म अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत जो ोग ससलार म ईमलाि कला परकलार रखत ह परय क नदि उि कला परकलार उिक आग तथला उिक दलानहिी ओर दौडतला होगला, व हमरला यही कहत रहग नक ह खदला ! हमलार परकलार को चरम सीमला तक पहचला द और हम अपिी कमला रपी छलायला म । त परयक वसत पर समथश ह।

इस आयत म यह जो कहला गयला ह नक व हमरला यही कहत रहग नक हमलार परकलार को चरम सीमला तक पहचला। यह असीनमत उनिनत की ओर सकत ह अथलाशत उनह परकलार कला एक कमला पररलापत होगला नफर दसरला कमला दकषटगोचर होगला। उस दखकर परथम कमला को अपणश पलाएग। अतः दसर कमला की परलाकपत क नए नविती करग और जब वह परलापत होगला तो उि पर कमला की एक तीसरी शरणी परकट होगी। नफर उस दखकर पह कमलाो को तचछ समझग तथला उसकी इचछला करग। यही उनिनत की चरम सीमला ह नजसकी इचछला ह जो “अतनमम” (पणश कर द) रबद स समझी जलाती ह।

अतः इसी परकलार उनिनत और नवकलासो कला असीम करम चला जलाएगला पति कभी िही होगला और ि कभी सवगश स निकला जलाएग अनपत परनतनदि आग बढग तथला पीछ ि हटग तथला यह जो कहला नक सरह अततहरीम - 9

Page 160: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

134इसलामी उस की फिलासिी

व हमरला अपिी कमला चलाहग। यहला परशि यह ह नक जब सवगश म परवर कर गए तो नफर कमला म यला कमी रह गई और जब सब पलाप कमला कर नदए गए तो नफर कमलायलाचिला की यला आवशयकतला रही ? इसकला उततर यह ह नक कमला क म अथश य ह नक कठोर एव अपणश अवसथला को िीच दबलािला और ढलाकिला। अतः सवगचीय इस बलात की इचछला करग नक पणश कमला परलापत कर और सवशथला परकलार म डब जलाए। व दसरी अवसथला को दखकर पही अवसथला को अपणश पलाएग। अतः चलाहग नक पही अवसथला िीच दबलाई जलाए। पिः ततीय अवसथला को दखकर उनह इस बलात की इचछला होगी नक दसरी अवसथला की अपकला कमलादलाि अनधक हो अथलाशत पही तचछ अवसथला िीच दबलाई जलाए और उस छपला नदयला जलाए। इसी परकलार असीनमत कमला क इचछक रहग। यह वही कमला तथला मलािी कला रबद ह जो कछ अजलािी ोग बतौर आरोप हमलार िबीस.अ.व. क सबध म परसतत नकयला करत ह। अतः दरशको ि यहला स समझ नयला होगला नक कमला की यही इचछला मलािव कला गवश ह। जो वयकत नकसी सतरी क पट स पदला हआ नफर हमरला क नए कमला को अपिी आदत िही बिलातला वह कीडला ह ि नक इनसलाि और ितरहीि ह ि नक ितरवलाि और अपनवतर ह ि नक पनवतर।

सलारलार यह ह नक पनवतर कआशि क अिसलार िकक और सवगश वलासतव म दोिो मलािव जीवि क परनतनबमब और परनतछलायला ह, कोई ऐसी िवीि भौनतक वसत िही ह नक जो दसर सथलाि स आए। यह सय ह नक व दोिो भौनतक तौर स सलाकलार होग, परनत व म आधयलाकमक अवस थलाओ क परनतनबमब और परनतछलायला होग। हम ोग ऐस सवगश पर आसथला िही रखत नक कव भौनतक तौर पर एक पथवी पर वक गलाए गए हो और ि ऐस िकक को मलाित ह नजसम वलासतव म गनधक क पथर ह अनपत इसलामी आसथलानसलाि सिगम-नकक उनही कममो क परफतफबमब ह जो मनषय ससलाि म कितला ह।

Page 161: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

135 इसलामी उस की फिलासिी

तीसिला परशनससलाि म मलानि जीिन क म उदशय कयला ह

औि ि फकस परकलाि परलापत हो सकत ह ?

इस परशि कला उततर यह ह नक यदनप, नभनि-नभनि सवभलाव रखि वला मिषय अपि अलप जलाि तथला उसलाहहीितला स अपि जीवि क नभनि-नभनि परकलार क उदशय बतलात ह तथला व कव सलासलाररक उदशयो तथला आकलाकलाओ तक चकर आग ठहर जलात ह नकनत मिषय कला वह परमोदशय जो खदला तआला अपि पनवतर गरनथ कआशि म वणशि करतला ह। वह यह ह ः-

अथलाशत मि नजनि तथला मिषयो को इसनए पदला नकयला ह नक व मझ पहचलाि तथला मरी उपलासिला कर। अतः इस आयत क अिसलार मलािव जीवि कला म उदशय खदला तआला की उपलासिला करिला तथला आधयलाकमक जलाि की परलाकपत एव उसी क नए हो जलािला ह। यह तो सपषट ह नक मिषय को तो यह शरणी परलापत िही ह नक अपि जीवि कला कय अपि अनधकलार स सवय ही निकशत कर योनक मिषय ि अपिी इचछला स आतला ह और ि अपिी इचछला स वलापस जलाएगला अनपत वह

सरह अजरलाररयलात - 57

Page 162: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

136इसलामी उस की फिलासिी

सरषटला की एक सकषट ह नजस सरषटला ि सकषट क रर समसत परलानणयो की अपकला अयततम तथला शरषठ रकतयला परदलाि की, उसी ि उसक जीवि कला एक उदशय भी निकशत कर रखला ह। चलाह कोई इस उदशय को समझ यला ि समझ, परनत मलािव-जीवि कला उदशय निःसनदह खदला की उपलासिला, अधयलाम जलाि परलापत करिला तथला खदला म नवीि हो जलािला ही ह। जसला नक अललाह तआला पनवतर कआशि म एक अनय सथलाि पर कहतला ह ः-

अथलाशत वह धमश नजसम खदला की सही पहचलाि तथला उसकी उपलासिला उनचत ढग स की जलाती ह वह इसलाम ह। इसलाम धमश मलािव परकनत म रखला गयला ह। खदला तआला ि मिषय को इसलाम क अिरप पदला नकयला तथला इसलाम क नए पदला नकयला अथलाशत यह चलाहला नक मिषय अपिी समसत रकतयो क सलाथ उसकी उपलासिला, उसकला आजलापलाि कर और उसक परम म ग जलाए। इसीनए उस सवशरकतमलाि और दयला (खदला) ि मिषय को समसत रकतयला इसलाम धमश क यथलायोगय परदलाि की ह।

इि कआशि की आयतो की वयलाखयला बहत नवसतत ह। हम इस नवरय म नकसी सीमला तक दसर परशि क तीसर भलाग म उलख भी कर चक ह नकनत अब हम सनकपत तौर पर यह बतलािला चलाहत ह नक मिषय को जो कछ बलाहय तथला आनतररक अवयव अथवला जो सरह अला इमरलाि - 20 सरह अरकम - 30-31

Page 163: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

137 इसलामी उस की फिलासिी

कछ रकतयला परदलाि की गई ह उिकला वलासतनवक उदशय खदला की पहचलाि तथला उसकी उपलासिला तथला उस स परम करिला ह। इसी कलारण मिषय ससलार म सहसतरो वयवसलाय करक नफर भी खदला तआला क अनतररत सचची समनधि अनयतर कही िही पलातला। बडला धिवलाि होकर, बडला पद पलाकर, बडला वयलापलारी बिकर, बड सलामरलाजय तक पहच कर, महलाि दलारशनिक कहला कर भी अनत म सलासलाररक आकलाकलाओ एव उकठलाओ की पीडला कर जलातला ह और उसकला हदय सदव ससलार म डब रहि स उस अपरलाधी बिलातला रहतला ह तथला उसक छ-परपचो एव अिनचत कलायमो म उसकी अनतरलामला कभी भी सहमत िही होती। एक मिीरी वयकत इस समसयला को इस परकलार भी समझ सकतला ह नक नजस वसत की रकतयला अचछ स अचछ कमश कर सकती ह नफर आग जलाकर ठहर जलाती ह वही सववोततम कलायश उसकी उपनतत कला मखय कय समझला जलातला ह। उदलाहरणतयला ब कला कलायश उततम ढग स ह चलािला अथवला नसचलाई करिला अथवला भलार ढोिला ह। उसकी रकतयो म इसस अनधक कछ भी नसधि िही हआ। अतः ब क जीवि कला उदशय यही तीि बलात ह, इस स अनधक कोई रकत उसम िही पलाई जलाती, परनत जब हम मलािव रकतयो को टटोत ह नक इिम सववोततम रकत कौि सी ह तो यही नसधि होतला ह नक उसम सववोकषट खदला की अनभलारला नवदमलाि ह। यहला तक नक वह चलाहतला ह नक खदला क परम म ऐसला नविमर और ीि हो नक उसकला अपिला कछ भी रर ि रह सब कछ खदला कला हो जलाए। वह खलाि-पीि और सोि आनद सवलाभलानवक नकरयलाओ म अनय परलानणयो को अपिला बडला भलागीदलार समझतला ह। कला-कौर म कछ पर मिषय स भी बहत आग ह अनपत मधमकखयला भी परयक पषप कला रस निकला कर इतिला उततम रहद तयलार करती ह नक अब तक उस कला म मिषय को सफतला परलापत िही हई। अतः सपषट ह नक मिषय की वलासतनवक सफतला खदला क नमि म ह। अतः उसक

Page 164: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

138इसलामी उस की फिलासिी

जीवि कला म उदशय यही ह नक खदला तआला की ओर उसक हदय क कपलाट ख।

मलानि जीिन की परलामपत क सलाधनहला यनद परशि यह हो नक यह उदशय नकस परकलार परलापत हो सकतला

ह और नकि सलाधिो स मिषय उस पला सकतला ह। परथम सलाधन - अतः सपषट हो नक सबस परथम सलाधि जो इस

उदशय-परलाकपत क नए रतश ह वह यह ह नक खदला तआला को उनचत तौर पर पहचलािला जलाए और सचच खदला पर नवशवलास नकयला जलाए योनक यनद परथम पग ही गत ह। उदलाहरणतयला यनद कोई वयकत, पकी यला पर अथवला ततवो अथवला मिषय क बचच को ही खदला समझ बठला ह तो नफर दसर पगो म उसक सद‍मलागश पर चि की आरला िही की जला सकती। सचचला खदला उसक अनभलानरयो को सहलायतला दतला ह, परनत एक मतक दसर मतक की यला सहलायतला कर सकतला ह ? इसम अललाह तआला ि यला खब उपमला दी ह और वह यह ह ः-

अथलाशत दआ करि योगय वही सचचला खदला ह जो परयक बलात पर समथश ह और जो ोग उसक अनतररत अनय दवी-दवतलाओ को उपलासय बिला त ह तो व उिकी नकसी दआ कला उततर िही द सकत उिकला उदलाहरण ऐसला ही ह नक जस कोई ज की ओर हलाथ फलाए और कह ह ज ! त मर मख म आ जला तो यला वह उसक मख म सरह अरटअद - 15

Page 165: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

139 इसलामी उस की फिलासिी

आ जलाएगला कदलानप िही। अतः जो ोग सचच खदला स अपररनचत ह उिकी समसत दआए वयथश ह।

सिला सलाधन - खदला तआला क उस अौनकक सौनदयश की जलािकलारी परलापत करिला ह जो सवलाागपणश होि की दकषट स उसम पलायला जलातला ह योनक सौनदयश एक ऐसी वसत ह नक सवलाभलानवक रप स हदय उसकी ओर आकनरशत होतला जलातला ह तथला उसक दखि स सवलाभलानवक तौर पर परम हो जलातला ह। अतः खदला तआला कला सौनदयश, उसकला एकतव, उसकी महलाितला, बजगची तथला नवररतलाए ह जसला नक पनवतर कआशि म उसकला कथि ह ः-

अथलाशत खदला अपि अकसतव, अपिी नवररतला तथला अपि परतलाप म एक ह उसकला कोई भलागीदलार िही, सब उसक महतलाज ह, कण-कण उसी स जीवि परलापत करतला ह जो समसत वसतओ क नए वरदलाि कला सरोत ह नकनत सवय नकसी स लाभ परलापत िही, वह ि नकसी कला पतर ह ि नकसी कला नपतला ह तथला हो भी योकर नक उसकला कोई सजलातीय िही। कआशि ि बलारमबलार खदला की अिपमतला परसतत करक तथला उसकी महलाितला परदनरशत करक ोगो कला धयलाि इस ओर आकनरशत नकयला ह नक दखो ऐसला खदला हदयो कला मिोवलानछत ह ि नक मतक, दबश, अलप दयलावलाि तथला अलप रकतमलाि।

तीसिला सलाधन - जो म उदशय की परलाकपत क नए दसर सतर कला सोपलाि ह खदला तआला क उपकलारो स अवगत होिला ह योनक परम की पररक दो ही वसतए ह - सौनदयश अथवला उपकलार तथला खदला तआला की

सरह अ-इखलास - 2-5

Page 166: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

140इसलामी उस की फिलासिी

उपकलार-जनय नवररतलाओ कला सलारलार सरह िलानतहला म पलायला जलातला ह। जसला नक पनवतर कआशि म अललाह तआला कला कथि ह ः-

योनक सपषट ह नक पणश उपकलार इसम ह नक खदला तआला अपि बनदो को मलातर िलाकसत स उपनि कर और नफर हमरला उसकला परनतपलाि उि क सलाथ हो और वही परयक वसत कला सवय सहलारला हो तथला उसकी समसत परकलार की कपलाए उसक बनदो क नए परकट हई हो तथला उसकला उपकलार अिनत हो नक नजिकी गणिला ि की जला सक। अतः ऐस उपकलारो को खदला तआला ि बलारमबलार समरण करलायला ह। जसला नक एक सथलाि पर उसकला कथि ह ः-

अथलाशत यनद खदला तआला की ि’मतो की गणिला करिला चलाहो तो उनह कदलानप िही नगि सकोग।

चौथला सलाधन - खदला तआला ि मिषय को अपि म उदशय की परलाकपत क नए आ को बतलायला ह। जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत तम दआ करो म सवीकलार करगला। खदला तआला ि बलार-बलार परलाथशिला करि क नए परररत नकयला ह तलानक मिषय अपिी रकत स िही अनपत खदला को खदला ही की रकत स परलापत कर।

सरह अ-िलानतहः - 2-4 सरह इबरलाहीम - 35 सरह अ-मो’नमि - 61

Page 167: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

141 इसलामी उस की फिलासिी

पलाचिला सलाधन - म उदशय की परलाकपत क नए खदला तआला ि तपसयला बतलायला ह अथलाशत अपिला धि खदला क मलागश म वयय करि स तथला अपिी रकतयो को खदला तआला क मलागश म खचश करि और अपि परलाणो को उसी क मलागश म खचश करि तथला अपिी बनधि खदला क मलागश म वयय करि आनद सलाधिो स उसकी खोज की जलाए। जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत अपिी धि-समपनततयो, अपि परलाणो, अपिी मिोवनततयो उिकी समसत रकतयो क सलाथ खदला क मलागश म वयय करो और हमि जो कछ बनधि, जलाि, नववक तथला कला-कौर आनद तमह नदयला ह वह सब कछ खदला क मलागश म गलाओ। जो ोग हमलार मलागश म समसत सलाधिो विलारला भरसक परयलास करत ह हम उनह अपिला मलागश नदखला नदयला करत ह।

छठला सलाधन - म उदशय की परलाकपत क नए खदला तआला ि छठला सलाधि दढतला बतलायला ह अथलाशत इस मलागश म उसलाहहीि, असमथश ि हो तथला थक ि जलाए तथला परीकला स भयभीत ि हो। जसला नक अललाह तआला कला कथि ह ः-

सरह अततोबः - 41 सरह अबकरः - 4 सरह अ-अनकबत - 70

Page 168: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

142इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत व ोग नजनहोि कहला नक हमलारला रबब अललाह ह तथला झठ खदलाओ को यलाग नदयला, नफर अपि वचि पर दढ रह तथला नभनि-नभनि परकलार की परीकलाओ एव नवपनततयो क समय दढ रह, उि पर खदला क िररशत (दत) उतरत ह और उनह धयश नदलात हए कहत ह नक तम भय मत करो, ि ही रोक करो, परसनिनचतत हो तथला हरवोललास स पररपणश रहो नक तम इस परसनितला क वलाररस हो गए नजसकला तमह वलादला नदयला गयला ह हम इस ोक म तथला परोक म तमहलार नमतर ह।

यहला इि वलायो म यह सकत ह नक इस दढतला स खदला तआला की परसनितला की परलाकपत होती ह। यह सय ह नक दढतला चमकलार स शरषठ ह। दढतला कला पणश रप यह ह नक अपि चलारो ओर नवपनततयो को वयलापत दख तथला खदला क मलागश म परलाण तथला मलाि-सममलाि को घोर सकट म पलाए तथला कोई धयश दि वलाी बलात नदखलाई ि दती हो यहला तक नक खदला तआला भी परीकला क रप म धयश दि वला कशि, इलहलाम यला सवपि को बनद कर द तथला भयलािक अवसथला म छोड द। उस समय िपसकतला ि नदखलाए त थला कलायरो क समलाि कदम पीछ ि हटलाए तथला विलादलारी की नवररतला म कोई नवघि पदला ि कर, शरधिला और दढतला म कोई बलाधला ि डला, अपमलाि पर परसनि हो, म य को परसनितलापवशक ग स गला । ऐसी नवकरला अवसथलाओ म दढ सकलप रहि क नए नकसी नमतर की परतीकला ि कर नक वह मरी कछ सहलायतला कर। ि उस समय खदला की रभ सचिलाओ क अनभलारी हो नक समय बहत गभीर और सवदिरी ह तथला सवशथला असहलाय, नववर और सवशथला निबश होि तथला नकसी क विलारला सलाविला ि नमि क बलावजद भी सीध सरह हलामीम अससजदः - 31-32

Page 169: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

143 इसलामी उस की फिलासिी

खड हो जलाए और जो भी हो कह कर गदशि को आग रख द तथला खदला की इचछला क आग वलाद-नववलाद ि कर तथला बचिी एव चीकलार कला परदरशि ि कर जब तक नक परीकला पणश ि हो जलाए यही दढतला ह नजसस खदला नमतला ह, यही वह वसत ह नजसकी रस ो, िनबयो, ऋनरयो तथला रहीदो की ध स अब तक सगनध आ रही ह। इसी की ओर अललाह तआला इस दआ म सकत कर रहला ह ः-

अथलाशत ह हमलार खदला ! हम सीधला मलागश नदखला। वही मलागश नजस पर तरला परसकलार होतला ह और त परसनि हो जलातला ह। एक अनय कथि म इसी की ओर सकत ह ः-

ह हमलार परनतपलाक खदला ! इस सकट म हमलार हदय म सतोर उतलार नजस स धयश आ जलाए और ऐसला कर नक हमलारी मय इसलाम पर हो।

जलात होिला चलानहए नक दःखो और कषटो क समय म खदला तआला अपि नपरय भतो क हदय पर एक परकलार उतलारतला ह, नजसस रकत पलाकर कषटो क सलाथ सघरश करि म उनह सतोर परलापत होतला ह तथला व नवशवलास की मधरतला म उि बनडयो को चमत ह जो खदला क मलागश म उिक परो म डलाी गई।

जब खदला वला परर (वी) पर नवप नततयला आती ह तथला म य क कण परकट हो जलात ह तो वह अपि कपला एव दयला परनतपलाक स वयथश कला नववलाद आरभ िही करतला नक मझ इि नवपनततयो स बचला योनक उस समय निशय ही करतला की दआ म आगरह करिला सरह अिलानतहः - 6-7 सरह अ-आ’रलाि - 127

Page 170: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

144इसलामी उस की फिलासिी

खदला स यधि करि क समलाि ह तथला उसकी पणश सहमनत क नवरधि ह अनपत सचचला परमी कषटो और नवपनततयो क आि पर पग और भी आग बढलातला ह तथला उस समय परलाणो को तचछ समझ कर तथला परलाणो स परम को अकनतम नवदलाई दकर पणशतयला अपि सवलामी की इचछला क अधीि हो जलातला ह। इस क सबध म अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत खदला कला नपरय भत खदला क मलागश म परलाणो कला बनदलाि दतला ह तथला उसक बद म खदला तआला की इचछला खरीद तला ह। य वही ोग ह जो खदला तआला की नवरर दयला क पलातर ह। अतः वह दढतला नजसस खदला नमतला ह उसकी भलाविला यही ह नजसकला वणशि नकयला जला चकला ह। नजसको समझिला हो समझ ।

सलातिला सलाधन - म उदशय की परलाकपत क नए सदलामला पररो की सगनत तथला उिक पणश आदरमो को दखिला तथला उिकला अिसरण करिला ह। अतः जलात होिला चलानहए नक पगमबरो एव अवतलारो की आवशयकतलाओ म स एक यह भी आवशयकतला ह नक मिषय सवलाभलानवक रप स पणश आदरश चलाहतला ह और पणश आदरश रनच और सलाहस को बढलातला ह तथला जो आदरश पर िही चतला वह मनदगलामी होकर पथ-भरषट हो जलातला ह। इसी की ओर अललाह तआला ि इस पनवतर कथि म सकत नकयला ह -

सरह अबकरह - 208 सरह अततौबः - 119 सरह अिलानतहः - 7

Page 171: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

145 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत तम उि ोगो की सगनत म रहो जो सयनिषठ ह तथला उि ोगो क मलागश सीखो नजि पर तम स पवश कपला हो चकी ह।

आठिला सलाधन - म उदशय की परलाकपत क नए खदला तआला की ओर स पनवतर कशि, पनवतर ईरवलाणी तथला पनवतर सवपि परलापत करिला ह। चनक खदला की ओर यलातरला करिला एक अयनत सकमतम और कनठि मलागश ह त थला उसक सलाथ िलािला परकलार की नवपनततयला और दःख ग हए ह। सभव ह नक मिषय इस अजलात मलागश म भटक जलाए अथवला निरलार हो जलाए त थला आग पग बढलािला यलाग द। इसनए खदला की दयला ि चलाहला नक अपिी ओर स इस यलातरला म सलाथ ही सलाथ उस सलाविला दती रह तथला उसक हदय म सलाहस पदला करती रह और उसकी रनच म वनधि करती रह। अतः उसकला नियम उस मलागश क यलानतरयो क सलाथ इस परकलार ह नक समय-समय पर अपिी वलाणी और इलहलाम स उिको सलाविला परदलाि करतला ह त थला उि पर परकट करतला ह नक म तमहलार सलाथ ह। तब वह रकत पलाकर पणश उसलाहपवशक उस यलातरला को पणश करत ह। अतः इस बलार म खदला तआला कला कथि ह ः-

इसी परकलार और भी कई उपलाय ह नजिकला पनवतर कआशि म वणशि नकयला ह परनत खद नक ख क मब होि की आरकला क कलारण हम उिकला वणशि िही कर सकत।

सरह यिस - 65

Page 172: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

146इसलामी उस की फिलासिी

चौथला परशनकमम अथलामत कममो कला परिलाि इस ोक

तथला पिोक म कयला होतला ह ?इस परशि कला उततर वही ह जो हम पह वणशि कर चक ह नक

खदला तआला की सचची और पणश ररीअत कला परभलाव जो मलािव जीवि म उसक हदय पर होतला ह वह यह ह नक उसको पलारनवक अवसथला स मिषय बिला द, नफर इनसलाि स नरषटलाचलारी इनसलाि बिला द और नफर नरषटलाचलारी मिषय स खदला वलाला मिषय बिला द तथला इस जीवि म नकरयलामक ररीअत कला एक परभलाव यह ह नक सचची ररीअत पर सथलानपत हो जलाि स ऐस वयकत कला मलािव जलानत पर यह परभलाव होतला ह नक वह रिः रिः उिक अनधकलारो को पहचलाितला ह तथला नयलाय, उपकलार और सहलािभनत की रकतयो को यथलासथलाि परयोग करतला ह और खदला ि उस जो कछ जलाि, अपिी पहचलाि, धि और समनधि म स भलाग नदयला ह सब ोगो को यथलायोगय उि ि’मतो म भलागीदलार कर दतला ह। वह समपणश मलािव-जलानत पर सयश क समलाि अपिला समसत परकलार डलातला ह तथला चनदरमला क समलाि खदला तआला स परकलार पलाकर वह परकलार दसरो तक पहचलातला ह, वह नदि क समलाि परकलारमलाि हो कर ोगो को िकी और कलयलाण क मलागश नदखलातला ह, वह रलानतर क समलाि परयक निबश क दोरो पर पदलाश डलातला ह तथला थक हए ोगो को आरलाम पहचलातला ह, वह आकलार क समलाि परयक को अपिी छलायला त सथलाि दतला ह और यथलासमय अपिी वरदलाि-वकषट बरसलातला ह, वह पथवी की भलानत पणश

Page 173: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

147 इसलामी उस की फिलासिी

नविय स परयक वयकत को ऐशवयश क नए बतौर िरश क हो जलातला ह और सब को अपि परम रपी आच म तला तथला उिक नए भलानत-भलानत क आधयलाकमक मव परसतत करतला ह। अतः पणश ररीअत कला यही परभलाव ह नक पणश ररीअत पर सथलानपत होि वलाला खदला और परजला क अनधकलारो को चरमोकरश पर पहचला दतला ह, वह खदला म खो जलातला ह और परजला कला सचचला सवक बि जलातला ह। यह तो नकरयलामक ररीअत कला इस जीवि म उस पर परभलाव ह परनत इस जीवि क पशलात जो परभलाव ह वह यह ह नक खदला कला आधयलाकमक नमि उस नदि उसक ख -ख दरशि क तौर पर उस नदखलाई दगला और खदला की परजला की सवला जो उसि खदला क परम म होकर की नजसकला पररक ईमलाि और रभ कममो की इचछला थी वह सवगश क वको और िहरो की भलानत सलाकलार होकर नदखलाई दगी। इसम खदला तआला कला आदर यह ह ः-

सरह अशरमस - 2-16

Page 174: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

148इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत कसम ह सयश और उसक परकलार की और कसम ह चनदरमला की जो सयश क पीछ आए अिसरण कर। अथलाशत सयश स परकलार परलापत कर और नफर सयश क समलाि उस परकलार को दसरो तक पहचला द और कसम ह नदि की जब वह सयश क परकलार को नदखला द और मलागमो को सपषट कर, और कसम ह रलानतर की जब अधकलार कर और अपि अनधकलार क परद म सब को और कसम ह आकलार की तथला उस म कलारण की जो आकलार की इस परकलार की बिलावट कला कलारण हआ और कसम ह पथवी की और उस उदशय की जो पथवी क इस परकलार क नबछौि कला कलारण हआ और कसम ह हर परलाण क उस कमला की नजसि इि सब वसतओ क सलाथ उस बरलाबर कर नदयला अथलाशत व कौर जो पथक-पथक तौर पर इि वसतओ म पलाए जलात ह। पणश मलािव की मिोवनतत इि सब को अपि अनदर एकतर रखती ह और जस य समसत वसतए मिषयो की पथक-पथक तौर पर सवला कर रही ह। पणश मलािव इि समसत सवलाओ को अकला करतला ह जसला नक म अभी उलख कर चकला ह। पिः कहतला ह नक वह वयकत मकत पला गयला और मय स बच गयला नजसि इस परकलार स मिोवनतत को पनवतर नकयला अथलाशत सयश, चनदरमला और पथवी इयलानद क समलाि खदला म ीि होकर खदला की परजला कला सवक बिला।

समरण रह नक जीवि स अनभपरलाय अिशवर जीवि ह जो भनवषय म पणश मलािव को परलापत होगला। यह इस बलात की ओर सकत ह नक नकरयलामक ररीअत कला फ भलावी जीवि म अिशवर जीवि ह जो खदला क दरशि रपी भोजि स हमरला सथलानपत रहगला। पिः कहला - वह वयकत तबलाह हो गयला और जीवि स निरलार हो गयला नजस ि अपिी मिोवनतत को ध म नमला नदयला और उस नजि कौरो की योगयतलाए दी गई थी उनह परलापत ि नकयला और अपनवतर जीवि वयतीत करक वलापस गयला। नफर उदलाहरण क तौर पर कहला - समद कला नकससला उस दभलाशगयरलाी क नकसस क समलाि ह। उनहोि उस ऊटिी को घलाय नकयला जो खदला

Page 175: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

149 इसलामी उस की फिलासिी

की ऊटिी कहलाती थी और उस अपि झरि स पलािी पीि स रोकला। अतः उस वयकत ि वलासतव म खदला की ऊटिी को घलाय नकयला और उस उस झरि स वनचत रखला। यह इस बलात की ओर सकत ह नक मिषय की मिोवनतत खदला की ऊटिी ह नजस पर वह सवलार होतला ह अथलाशत मिषय कला हदय खदला की झनकयो कला परकटि सथ ह और उस ऊटिी कला पलािी खदला कला परम और उसकी पहचलाि ह नजस स वह जीनवत रहती ह। पिः कहला - समद ि जब ऊटिी को घलाय नकयला और उस उसक पलािी स रोकला तो उि पर अरलाब उतरला और खदला तआला ि इस बलात की नबलक परवलाह ि की नक उिक मरि क पशलात उिक बचचो और नवधवलाओ की यला दरला होगी। अतः इसी परकलार जो वयकत उस ऊटिी अथलाशत मिोवनतत को घलाय करतला ह और उस पणशतला तक पहचलािला िही चलाहतला और पलािी पीि स रोकतला ह वह भी तबलाह होगला।

पफितर कआमन म अललाह तआला की फिफिनन िसतओ की कसम खलान की फिलासिी

यहला यह भी समरण रह नक खदला कला सयश और चनदरमला आनद की कसम खलािला एक अयनत सकम िीनत पर आधलाररत ह नजस स हमलार अनधकलार नवरोधी अजलाि होि क कलारण आपनतत कर बठत ह नक खदला को कसमो की यला आवशयकतला पडी और उसि सकषट की यो कसम खलाई ? परनत उिकी समझ भौनतक ह ि नक आधयलाकमक। इसनए व सचच अधयलाम जलािो को समझ िही सकत। अतः सपषट हो नक कसम खलाि कला म उदशय यह होतला ह नक कसम खलाि वलाला अपि दलाव क नए एक सलाकय परसतत करिला चलाहतला ह, योनक नजस दलाव पर अनय कोई सलाकय िही होती वह सलाकी क सथलाि पर खदला तआला की कसम खलातला ह इसनए नक खदला अनतयलाशमी ह और परयक मकदम म वह परथम ससकरण म “मकदम” की बजलाए “मकसद” नखला ह जो नखि की भ नवनदत होती ह जबनक म मसौदला और ररपोटट म मकदमः नखला ह जो सही मलाम होतला ह। (परकलारक)

Page 176: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

150इसलामी उस की फिलासिी

परथम सलाकी ह। मलािो वह खदला की सलाकय इस परकलार परसतत करतला ह नक यनद खदला तआला इस कसम क पशलात चप रहला और उस पर अरलाब ि उतलारला तो जस उसि उस वयकत क बयलाि पर गवलाहो की भलानत महर गला दी। इसनए सकषट को िही चलानहए नक दसरी सकषट की कसम खलाए, योनक सकषट अनतयलाशमी िही और ि झठी कसम पर दणड दि पर समथश ह, परनत खदला की कसम इि आयतो म इि अथमो स िही जसला नक सकषट की कसम म अनभपरलाय नयला जलातला ह वरन उसम यह अललाह कला नियम ह नक खदला क दो परकलार क कलायश ह - एक बदीही (नितलानत सपषट) जो सब की समझ म आ सकत ह और उिम नकसी को मतभद िही। दसर व कलायश जो कलालपनिक ह नजिम ोग धोखला खला जलात ह और परसपर मतभद रखत ह। इसनए खदला ि चलाहला नक नितलानत सपषट कलायमो की सलाकय स कलालपनिक कलायमो को ोगो की दकषट म परमलानणत कर।

अतः यह तो सपषट ह नक सयश, चनदरमला, नदि-रलात तथला आकलार और पथवी म व नवररतलाए वलासतव म पलाई जलाती ह नजि कला हम वणशि कर चक ह परनत जो इस परकलार की नवररतलाए मिषय की परलाणवलाय म नवदमलाि ह उि स परयक वयकत अवगत िही। इसनए खदला ि अपि नितलानत सपषट कलायमो को खोि क नए बतौर गवलाह क कलालपनिक कलायमो को परसतत नकयला ह। जसला नक उसकला कथि ह नक यनद तम इि नवररतलाओ क परनत सनदह म हो जो मलािव परलाणवलाय म पलाई जलाती ह तो चनदरमला और सयश आनद पर नवचलार करो नक उिम नितलानत सपषट तौर पर य नवररतलाए मौजद ह। तम जलाित हो नक मिषय एक घ ससलार ह नजसक हदय म समपणश ससलार कला मलािनचतर सनकपत तौर पर अनकत ह। अतः जब यह परमलानणत ह नक बहतत ससलार क बड-बड गरह य नवररतलाए अपि अनदर रखत ह और इसी परकलार सकषटयो को लाभ पहचला रह ह तो मिषय जो इि सब स बडला कहलातला ह और

Page 177: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

151 इसलामी उस की फिलासिी

बडी शरणी कला उपनि नकयला गयला ह वह योकर इि नवररतलाओ स ररत और वनचत होगला। िही अनपत उसम भी सयश क समलाि जलाि और बनधि कला परकलार ह नजस क मलाधयम स वह समसत ससलार को परकलानरत कर सकतला ह और चनदरमला की भलानत वह खदला तआला स कशि और इलहलाम तथला वहयी (ईरवलाणी) कला परकलार पलातला ह और दसरो तक नजनहोि अभी तक मलािव कमला परलापत िही नकयला उस परकलार को पहचलातला ह। नफर योकर कह सकत ह नक िबववत नमथयला ह और समसत ररसलात और ररीअत तथला धलानमशक गरनथ मिषय की धोखबलारी और सवलाथश परलायणतला ह। यह भी दखत हो नक नदि क उदय होि स समसत मलागश परकलानरत हो जलात ह, समसत ऊच-िीच सथलाि दकषटगोचर हो जलात ह अतः पणश मलािव अधयलाकमक परकलार कला नदि ह उसक चढि स परयक मलागश परकलानरत हो जलातला ह वह सय-मलागश को नदखला दतला ह नक कहला और नकधर ह योनक ईमलािदलारी और सचचलाई कला वही परकलारमलाि नदि ह। इसी परकलार यह भी दख रह ह नक रलात नकस परकलार थक-हलारो को सथलाि दती ह। समपणश नदि क थक और चोट खलाए मरदर रलानतर क दयला रपी आच म परसनितलापवशक सोत ह और पररशरमो स आरलाम पलात ह और रलानतर परयक क नए एक परकलार स पदलाश डलाि वलाी भी ह। इसी परकलार खदला क पहच हए बनद ससलार को आरलाम दि क नए आत ह। खदला क वहयी और इलहलाम पलाि वला समसत बनधिमलािो को कनठि पररशरम और तपसयला स आरलाम दत ह, उिक कलारण बड-बड अधयलाम जलाि सरतलापवशक ह हो जलात ह। इसी परकलार खदला की वहयी मलािव-बनधि क दोरो को छपलाती ह जसला नक रलानतर छपलाती ह, उसक अपनवतर दोरो को ससलार पर परकट िही होि दती योनक बनधिमलाि ोग वहयी क परकलार को पलाकर अनदर ही अनदर अपिी भ ो कला सधलार कर त ह और खदला क पनवतर इलहलाम की बरकत स सवय को अपि दोरो को सलावशजनिक होि स बचला त ह। यही कलारण ह नक अफलाति की तरह

Page 178: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

152इसलामी उस की फिलासिी

इसलाम क नकसी दलारशनिक ि नकसी मनतश पर मगद की बन िही चढलाई। चनक अफलाति इलहलाम क परकलार स वनचत थला, इसनए धोखला खला गयला और ऐसला दलारशनिक कहला कर उसस यह घनणत और मखशतलापणश कय हआ। परनत इसलाम क दलारशनिको को इस परकलार क अपनवतर और मखशतलापणश कयो स हमलार परम नपरय रस करीमस.अ.व. क अिसरण ि बचला नयला। अतः दखो कसला परमलानणत हआ नक इलहलाम बनधिमलािो क नए रलानतर क समलाि दोर छपलाि कला कलायश करतला ह।

आप ोग यह भी जलाित ह नक खदला क पहच हए बनद आकलार क समलाि परयक थक हए बनद को अपिी छतरछलायला म त ह, नवरर तौर पर पनवतर हसती (खदला) क अनबयला और इलहलाम पलाि वला सलामलानयतयला आकलार क समलाि वरदलाि की वरलाश बरसलात ह। इसी परकलार पथवी की नवररतला भी अपि अनदर रखत ह। उिकी पनवतर हसती स नभनि-नभनि परकलार क उचच जलािो क वक निकत ह नजि की छलायला और फ तथला फो स ोग लाभ परलापत करत ह। अतः यह खला ख ला परकनत कला नियम ह जो हमलारी दकषट क समक ह उसी गपत नियम कला एक सलाकी ह नजसकी सलाकय को खदला तआला ि इि आयतो म कसमो क रप म परसतत नकयला ह। अतः दखो नक यह नकतिी िीनतसगत वलाणी ह जो पनवतर कआशि म पलाई जलाती ह। यह उसक मख स निकी ह जो एक अिपढ और जग म रहि वलाला थला। यनद यह खदला की वलाणी ि होती तो इस परकलार सलामलानय बनधि वला और व समसत ोग जो नरनकत कहलात ह उसक अधयलाम जलाि क इस सकम रहसय को समझि स असमथश होकर आरोप क रप म उस ि दखत। यह सलामलानय सी बलात ह नक मिषय जब एक बलात को नकसी पह स भी अपिी अलप बनधि क सलाथ िही समझ सकतला, तब एक बनधिमततलापणश बलात को आरोप क योगय ठहरला तला ह और उसकला आरोप इस बलात कला सलाकी हो जलातला ह नक वह बनधिमततलापणश रहसय

Page 179: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

153 इसलामी उस की फिलासिी

सलामलानय बनधि सतरो स शरषठ और उचचतम थला। तभी तो बनधिमलािो ि बनधिमलाि कहला कर नफर भी उस पर आपनतत की। परनत अब जब नक यह भद ख गयला तो अब इस क पशलात कोई बनधिमलाि इस पर आपनतत खडी िही करगला अनपत उस स आिद परलापत करगला।

समरण रह नक पनवतर कआशि ि वहयी और इलहलाम क अिलानदकलाीि नियम पर परकनत क नियम स सलाकय लाि क नए एक अनय सथलाि म भी इसी परकलार की कसम खलाई ह और वह यह ह ः-

अथलाशत उस आकलार की कसम ह नजसकी ओर स वरलाश आती ह और उस पथवी की कसम ह जो वरलाश स भलानत-भलानत की सकबरयला निकलाती ह नक यह कआशि खदला की वलाणी ह और उसी की वहयी ह और यह सय और असय म फसला करि वलाला ह और वयथश तथला निरथशक िही अथलाशत कसमय िही आयला वरन मौसम क मह क समलाि आयला ह।

अतः खदला तआला ि पनवतर कआशि क परमलाण क नए जो उसकी पनवतर वलाणी ह एक ख -ख परकनत क नियम को कसम क रप म परसतत नकयला अथलाशत परकनत क नियम म सदव यह बलात दकषटगोचर होती ह नक आवशयकतलाओ क समय आकलार स वरलाश होती ह और पथवी की हररयलाी कला समसत आधलार आकलारीय वरलाश पर ह। यनद आकलार स वरलाश ि हो तो रिः रिः कए भी सख जलात ह। अतः पथवी क ज कला अकसतव भी आकलारीय वरलाश पर निभशर ह। इसी कलारण जब भी आकलार स ज की वरलाश होती ह तो पथवी क कओ कला ज सतर ऊपर चढ

सरह अततलाररक - 12-15

Page 180: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

154इसलामी उस की फिलासिी

आतला ह। यो चढ आतला ह ? उस कला यही कलारण ह आकलारीय ज पथवी क ज को ऊपर की ओर खीचतला ह। यही सबध खदला की वहयी और मलािव बनधि म ह। खदला की वहयी अथलाशत खदला कला इलहलाम आकलार कला ज ह और मलािव बनधि पथवी कला ज ह और यह ज सदव आकलार क ज स जो इलहलाम ह परनरकण पलातला ह और यनद आकलारीय ज अथलाशत वहयी होिला बनद हो जलाए तो यह पथवी कला ज भी धीर-धीर सख जलातला ह। यला इसक नए यह तकक पयलाशपत िही नक जब एक मबला यग गरर जलातला ह और कोई इलहलाम परलापत पथवी पर जनम िही तला तो बनधिमलािो की बनधि नितलानत नवकलारगरसत हो जलाती ह नजस परकलार पला नथशव ज सख जलातला और दनरत हो जलातला ह। इस समझि क नए उस यग पर एक दकषट डलािला आवशयक ह जो हमलार िबीस.अ.व. क परलादभलाशव स पवश अपिला रग समसत ससलार म नदखला रहला थला। चनक उस समय हररत मसीह क यग पर छः सौ वरश गरर चक थ और इस अवनध म कोई इलहलाम पलाि वलाला पदला िही हआ थला। अतएव समसत ससलार ि अपिी दरला को खरलाब कर नदयला थला। परयक दर कला इनतहलास पकलार-पकलार कर कह रहला ह नक हररत महममद सलानहब क यग म, परनत आप क परलादभलाशव स पवश समसत ससलार क नवचलार नवकलारगरसत हो चक थ। ऐसला यो हआ थला और उसकला कलारण यला थला ? यही तो थला नक इलहलाम कला करम कलाफी समय तक रक गयला थला। आकलारीय रलासि कव बनधि क हलाथ म थला। अतः इस अपणश बनधि ि ोगो को नकि-नकि नवकलारो म डलाला, इस कौि िही जलाितला। दखो खदला की वलाणी कला ज जब मब समय तक िही बरसला तो समसत अको कला ज नकस परकलार सख गयला।

अतः इि कसमो म अललाह तआला ि यही परकनत कला नियम परसतत नकयला ह और कहला ह नक तम नवचलार करक दखो नक यला खदला कला यह सदढ और अट परकनत कला नियम िही नक पथवी की समपणश

Page 181: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

155 इसलामी उस की फिलासिी

हररयलाी कला आधलार आकलारीय ज ह। इसनए इस गपत परकनत क नियम क परनत जो खदला क इलहलाम कला करम ह यह परयक परकनत कला नियम बतौर सलाकी क ह। अतः इस सलाकी स लाभ परलापत करो और कव बनधि को अपिला मलागश-दरशक ि बिलाओ नक वह ऐसला ज िही जो आकलारीय ज क अनतररत मौजद रह सक। नजस परकलार आकलारीय ज की यह नवररतला ह नक उसकला ज चलाह नकसी कए म पड यला ि पड वह अपि सवलाभलानवक गण स समसत कओ क ज-सतर को ऊपर चढला दतला ह। इसी परकलार जब खदला की वलाणी पलाि वलाला अवतलार ससलार म परकट होतला ह चलाह कोई बनधिमलाि उसकला अिसरण कर यला ि कर, परनत उस खदला की वलाणी पलाि वला अवतलार क यग म सवय सलासलाररक बनधिजीनवयो म ऐसला परकलार और रधितला आ जलाती ह नक इसस पवश मौजद ि थी। ोग अकलारण सय को खोजिला आरभ कर दत ह और परोक स एक गनत उिकी नवचलार-रकत म पदला हो जलाती ह। अतः यह समसत बौनधिक उनिनत और हलानदशक जोर उस खदला की वलाणी पलाि वला क आि स पदला हो जलातला ह और नवररतयला पथवी क जो को ऊपर उठलातला ह। जब तम दखो नक धममो की नजजलासला म परयक वयकत खडला हो गयला ह और पला नथशव ज म कछ उबला आयला ह तो उठो और सचत हो जलाओ और निशय समझो नक आकलार स रोर की वरलाश हई ह और नकसी हदय पर ईरवलाणी की वरलाश हो गई ह।

Page 182: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

156इसलामी उस की फिलासिी

पलाचिला परशनजलान एि आतम जलान क कयला-कयला सलाधन ह ?

इस परशि क उततर म सपषट हो नक इस बलार म पनवतर कआशि ि नजति नवसतलार क सलाथ वणशि नकयला ह उसकी चचलाश करि की तो यहला नकसी परकलार गजलायर िही परनत बतौर िमिला कछ वणशि नकयला जलातला ह।

अतः नवनदत होिला चलानहए नक कआशि करीम ि जलाि क तीि परकलार बतलाए ह - (1) इलम यकीि (अिमलानित जलाि), (2) एि यकीि (दकषटगत जलाि), (3) हकक यकीि (परयोगलामक जलाि)। जसला नक हम इसस पवश सरह अलहलाकोमततकलासर की वयलाखयला म वणशि कर चक ह नक इलम यकीि वह ह नक अभीषट वसत को नकसी मलाधयम स सीध तौर पर जलात नकयला जलाए जसला नक हम धए स अकगि क अकसतव को परमलानणत करत ह परनत हमि अकगि को दखला िही परनत धए को दखला ह नजस स हम अकगि क अकसतव पर नवशवलास आयला। यह इलम यकीि (अिमलाि विलारला जलाि) ह और यनद हमि अकगि को ही दख नयला ह तो यह पनवतर कआशि क वणशि क अिसलार अथलाशत सरह अलहलाकोमततकलासर क अिसलार जलाि की शरनणयो म स ऐि यकीि (दकषटगत जलाि) कला िलाम नदयला ह और यनद हम उस अकगि म परवर भी कर गए ह तो जलाि की इस शरणी कला िलाम पनवतर कआशि क वणशि क अिसलार हकक यकीि (परयोगलामक जलाि) ह। सरह अलहलाकोमततकलासर को अब दोबलारला नखि की आवशयकतला िही। दरशकगण उस सथलाि स इस वयलाखयला को दख ।

अतः जलाििला चलानहए नक परथम परकलार कला जलाि अथलाशत इलम यकीि उसकला सलाधि बनधि और सिी हई बलात ह। अललाह तआला

Page 183: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

157 इसलामी उस की फिलासिी

िलारनकयो ोगो को एक वततलानत क रप म कहतला ह ः-

अथलाशत िलारकी कहग नक यनद हम बनधिमलाि होत और धमश तथला आसथला को उनचत उपलायो स आरमलात यला पणश बनधिमलािो और अनवरको क खो तथला भलारणो को धयलािपवशक सित तो आज िकक म ि पडत। यह आयत इस दसरी आयत क अिक ह जहला अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत अललाह तआला मिषयो को उिक जलाि की कमतला स अनधक नकसी बलात को सवीकलार करि क नए कषट िही दतला और वही आसथलाए परसतत करतला ह नजिकला समझिला मिषय की योगयतला की सीमला म ह तलानक उसक आदर मिषय की सलामथयश स बलाहर ि हो।

इि आयतो म इस बलात की ओर भी सकत ह नक मिषय कलािो क मलाधयम स भी अिमलानित जलाि परलापत कर सकतला ह। उदलाहरणतयला हमि नदि तो िही दखला कव दखि वलाो स उस रहर कला अकसतव सिला ह, परनत यला हम सनदह कर सकत ह नक कदलानचत उि सब ि झठ बो नदयला होगला यला उदलाहरण क तौर पर हमि नवशववयलापी समरलाट कला यग िही पलायला और ि नवशववयलापी कला मख दखला ह, परनत यला हम इस बलात म कछ भी सनदह ह नक आमगीर चगतलाई समरलाटो म स एक समरलाट थला। अतः ऐसला नवशवलास यो परलापत हआ ? इसकला उततर यही ह नक कव सिि की निरनतरतला स। अतः इसम सनदह िही नक सििला भी अिमलानित जलाि की शरणी तक पहचलातला ह। िनबयो क धमश गरनथ यनद

सरह अमलक - 11 सरह अबकरह - 287

Page 184: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

158इसलामी उस की फिलासिी

सिि क करम म कछ नवघि ि रखत हो तो व भी सि हए जलाि कला एक सलाधि ह, परनत यनद एक धमशगरनथ परमशवर कला गरनथ कहला कर नफर उदलाहरणतयला उसकी पचलास-सलाठ परनतयला पलाई जलाए और व एक दसर की नवरोधी हो तो यदनप नकसी सदसय ि नवशवलास भी कर नयला हो नक उिम स दो चलार सही और वलासतनवक ह और रर बिलावटी और जलाी, परनत अनवरक क नए ऐसला जलाि जो नकसी पणश अनवरण पर आधलाररत िही, निरथशक होगला और पररणलाम यह होगला नक व सब धमशगरनथ अपि नवरोधलाभलास क कलारण रदी और अनव शवसिीय ठहरग और कदलानप वध िही होगला नक ऐस नवरोधलाभलासी वणशिो को नकसी जलाि कला सलाधि समझला जलाए, योनक जलाि की पररभलारला यह ह नक वह एक नवशवसिीय अधयलाम जलाि परदलाि कर और नवरोधलाभलासो स भर धमशगरनथो म नवशवसिीय अधयलाम जलाि कला पलायला जलािला सभव िही।

यहला समरण रह पनवतर कआशि कव सिि की सीमला तक सीनमत िही ह योनक उसम मिषयो क समझलाि क नए बड उनचत और अकलाट‍य तकक ह और नजतिी आसथलाए, नसधिलानत और आदर उसि परसतत नकए ह उिम स कोई भी ऐसी बलात िही नजसम आगरह एव ब परयोग नकयला गयला हो जसला नक उसि सवय कहला ह नक य सब आसथलाए आनद मलािव-सवभलाव म पवश स अनकत ह और पनवतर कआशि कला िलाम “फजकर” रखला ह। जसला नक उसकला कथि ह -

अथलाशत यह कआशि बरकत वलाला कोई िई वसत िही लायला अनपत जो कछ मलािव-सवभलाव और सकषट म भरला पडला ह उस समरण करलातला ह। पिः एक स थलाि पर कहतला ह ः-

सरह अअनबयला - 51 सरह अबकरह - 257

Page 185: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

159 इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत यह धमश कोई बलात बलात मिवलािला िही चलाहतला अनपत परयक बलात क तकक परसतत करतला ह। इसक अनतररत पनवतर कआशि म हदयो को परकलानरत करि क नए एक अधयलाकमक नवररतला भी ह जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत पनवतर कआशि अपि अौनकक अदभत गणो स समसत रोगो को दर करतला ह इसनए इस कही स िक की हई नकतलाब िही कह सकत वरन वह अपि सलाथ उचच कोनट क अकलाट‍य तकक रखतला और उसम एक चमकतला हआ परकलार पलायला जलातला ह। इसी परकलार बौनधिक तकक जो उनचत भनमकलाओ स निक हए हो निःसनदह इलम यकीि (अिमलानित जलाि) तक पहचलात ह। इसी की ओर अललाह तआला निमिननखत आयतो म सकत करतला ह। जसला नक उसकला कथि ह ः-

अथलाशत जब मिीरी और बनधिमलाि ोग पथवी और आकलार क गरहो की बिलावट म नवचलार करत और रलात-नदि की नयिलानधकतला क कलारणो को सकम दकषट स दखत ह। तो उनह इस वयवसथला पर दकषट

सरह यिस - 58 सरह आ इमरलाि - 191-192

Page 186: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

160इसलामी उस की फिलासिी

डलाि स खदला तआला क अकसतव पर परमलाण नमतला ह। अतः वह अनधक परकटि क नए खदला स सहलायतला चलाहत ह और उस खड होकर, बठ कर, करवट पर टकर समरण करत ह नजस स उिकी बनधि रधि एव करलागर हो जलाती ह। अतः जब व अपि नववक क मलाधयम स आकलार और पथवी क गरहो की उततम और शरषठ रचिला पर नवचलार करत ह तो सहसला बो उठत ह नक ऐसी उततम और सदढ वयवस थला कदलानप नमथयला और वयथश िही अनपत वलासतनवक रचनयतला कला चहरला नदखला रही ह। अतः व ससलार क रचनयतला क उपलासय होि कला इकरलार करक यह सतनतगलाि करत ह नक ह मर खदला ! त इसस पनवतर ह नक कोई तर अकसतव स इनकलार कर तझ अधम नवररतलाओ स पररनसत कर। अतः त हम िरकलाकगि स बचला अथलाशत तझ स इनकलार करिला सलाकलात िकक ह और समसत आरलाम और रलाकनत तझ म और तझ पहचलािि म ह। जो वयकत तरी सचची पहचलाि स वनचत रहला वह वलासतव म इसी ससलार म अकगि म ह।

मलानि परककफत की िलासतफिकतलाइसी परकलार एक जलाि क विलारला मलािव अनतरलामला भी ह नजसकला िलाम

खदला की नकतलाब म मलािव सवभलाव रखला ह जसला नक अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत खदला कला सवभलाव नजस क अिरप मिषय की उप नतत हई ह वह सवरप यला ह ? यही ह नक खदला तआला को एक भलागीदलाररनहत, समपणश बरहमलाणड कला सरषटला, जनम-मरण स पनवतर समझिला और हम अनतरलामला को अिमलानित जलाि की शरणी पर इसनए कहत ह नक यदनप परयक तौर पर उसम एक जलाि स दसर जलाि की ओर जलािला सरह अरकम - 31

Page 187: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

161 इसलामी उस की फिलासिी

िही जलातला जसला नक धए क जलाि स अकगि क जलाि की ओर जलािला पलायला जलातला ह, परनत एक परकलार क सकम तौर पर जलािला इसम अवशय पलायला जलातला ह और वह यह ह नक परयक वसत म खदला ि एक अजलात नवररतला रखी ह जो मौनखक यला ननखत तौर पर वणशि िही की जला सकती नकनत उस वसत पर दकषट डलाि और उसकी कलपिला करि स अनवमब उस नवररतला की ओर मकसतषक चला जलातला ह। अतः वह नवररतला उस अकसतव को ऐसी अनिवलायश होती ह जसला नक अकगि को धआ अनिवलायश ह। उदलाहरणतयला जब हम खदला तआला की हसती की ओर धयलाि दत ह नक कसी होिी चलानहए, यला खदला ऐसला होिला चलानहए नक हमलार समलाि पदला हो और हमलारी तरह दःख उठलाए और हमलार समलाि म य को परलापत हो तो हमलारला हदय तरनत इस कलपिला स दखतला और अनतरलामला कलापती ह और इतिी उततजिला नदखलाती ह नक जस उस नवचलार को धक दती ह और कह उठती ह नक वह खदला नजसकी रकतयो पर समपणश आरलाओ कला आधलार ह वह समसत हलानियो स पनवतर, पणश और दढ चलानहए और हमलार हदय म जब भी खदला कला नवचलार आतला ह तो उसी समय एकशवरवलाद और खदला म धए और अकगि की भलानत अनपत उसस भी अनधक पणश सनवकलाई कला आभलास होतला ह। इसनए जो जलाि हम हमलारी अनतरलामला क विलारला जलात होतला ह वह अलािमलानित जलाि की शरणी म सकममनत ह परनत इस पर एक और शरणी ह जो दकषटगत जलाि कहलाती ह। इस शरणी स इस परकलार कला जलाि अनभपरलाय ह नक जब हमलार नवशवलास और उस वसत म नजस पर नकसी परकलार कला नवशवलास नकयला गयला ह तथला मधय म कोई मलाधयम ि हो। उदलाहरणतयला जब हम घरलाण रकत (सघि की रकत) क मलाधयम स एक सगध यला दगशनध को मलाम करत ह और यला हम सवलाद रकत क मलाधयम स मधर यला िमकीि सवलाद कला जलाि परलापत करत ह यला सपरश रकत क मलाधयम स गमश यला सदश को मलाम करत ह तो

Page 188: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

162इसलामी उस की फिलासिी

यह समसत जलािकलाररयला हमलार दख हए जलाि क परकलार म सकममनत ह परनत परोक क नवरय म हमलारला दरशिरलासतर तब दकषटगत जलाि की सीमला तक पहचतला ह नक जब हम सीध तौर पर इलहलाम पलाए, खदला की आवलार को अपि कलािो स सि और खदला क सलाफ और सही कशिो को अपिी आखो स दख। हम निःसनदह पणश अधयलाम जलाि को परलापत करि क नए नबिला नकसी मलाधयम क इलहलाम क महतलाज ह और हम इस पणश अधयलाम जलाि की अपि हदय म भख और पयलास भी पलात ह। यनद खदला तआला ि हमलार नए पह स इस अधयलाम जलाि कला सलामलाि उपबध िही नकयला तो हम यह पयलास और भख यो गला दी ह। यला हम इस जीवि म जो हमलार परोक क भणडलार क नए यही मलापदणड ह इस बलात पर सहमत हो सकत ह नक हम उस सय, सब, समपणश और सजीव खदला पर कव नकसस और कहलानियो क रप म ईमलाि लाए अथवला मलातर बौनधिक जलाि को ही पयलाशपत समझ जो अब तक अपणश और अधरला जलाि ह। यला खदला क सचच परनमयो और वलासतनवक अिरलानगयो कला हदय िही चलाहतला नक उस नपरयतम की वलाणी कला आिनद परलापत कर ? यला नजनहोि खदला क नए समसत ससलार को ठोकर मलार दी, हदय नदयला, परलाणो को नदयला, व इस बलात पर परसनि हो सकत ह नक कव एक धनम परकलार म खड रह कर मरत रह और उस सय क सयश क दरशि ि कर ? यला यह सय िही ह नक उस सजीव खदला कला अिमौजद (म मौजद ह) कहिला अधयलाम जलाि की वह शरणी परदलाि करतला ह नक यनद ससलार क समसत दलारशनिको की सवरनचत पसतक एक ओर रख और एक ओर खदला कला “अिमौजद” कहिला रख तो इसक सममख व समसत पसतक अधम और तचछ ह। अतः जो दलारशनिक कहला कर अध रह व हम यला नरकला दग। यनद खदला तआला क सयलानभलानरयो को पणश अधयलाम जलाि दि कला इरलादला नकयला ह तो उसि अवशय ही अपि वलातलाशलाप तथला समबोधिो कला मलागश ख ला

Page 189: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

163 इसलामी उस की फिलासिी

रखला ह। इस बलार म पनवतर कआशि यह कहतला ह ः-

अथलाशत ह खदला हम वह सीधला मलागश बतला जो मलागश उि ोगो कला ह नजि पर तरला इिलाम हआ ह।

यहला इिलाम स अनभपरलाय इलहलाम और कशि आनद अधयलाकमक जलाि ह जो मिषय को सीध तौर पर नमत ह। इसी परकलार एक अनय सथलाि पर कहतला ह ः-

अथलाशत जो ोग खदला पर ईमलाि लाकर पणश रप स दढ रहत ह उि पर खदला तआला क िररशत उतरत ह और य उिको इलहलाम करत ह नक तम नकसी परकलार कला भय और रोक ि करो। तमहलार नए वह सवगश ह नजसक बलार म तमह वलादला नदयला गयला ह। खदला क सदलाचलारी ोग रोक और भय क समय खदला क इलहलाम पलात ह और िररशत उतर कर उिको धयश दत ह। नफर एक अनय आयत म कहला ह ः-

अथलाशत खदला क नपरय ोगो को इलहलाम और खदला क वलातलाशलाप विलारला इस ससलार म रभ सनदर नमतला ह और परोक म भी नमगला।

सरह अिलानतहः - 6-7 सरह हलाम मीम अससजदह - 31 सरह यिस - 65

Page 190: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

164इसलामी उस की फिलासिी

इलहलाम स कयला अफिपरलाय ह ?समरण रह नक यहला इलहलाम क रबद स यह अनभपरलाय िही ह नक

सवककलपत नवचलारो स कोई बलात हदय म पड जलाए जसला नक जब कनव दोहला बिलाि कला परयलास करतला ह अथवला एक पकत बिला कर दसरी सोचतला रहतला ह तो उसक हदय म दसरी पकत पड जलाती ह। अतः इस परकलार स हदय म पड जलािला ईरवलाणी (इलहलाम) िही ह अनपत यह खदला क परकनत क नियम क अिसलार अपिी सोच-नवचलार कला एक पररणलाम ह। जो वयकत अचछी बलात सोचतला ह यला बरी बलातो क नए नवचलार करतला ह उसकी खोज क अिसलार उसक हदय म कोई बलात अवशय पड जलाती ह। एक वयकत उदलाहरणतयला िक और सचचला वयकत ह जो सचचलाई क समथशि म कछ दोह बिलातला ह और दसरला वयकत जो एक गनदला और अपनवतर वयकत ह अपि दोहो म झठ कला समथशि करतला ह और सचचो को गलानयला निकलातला ह तो निःसनदह य दोिो कछ ि कछ दोह बिला

ग अनपत कछ आशयश िही वह सचच कला रतर जो झठ कला समथशि करतला ह सथलायी अभयलास क कलारण उसकला दोहला उततम हो। इसनए यनद कव हदय म पड जलाि कला िलाम इलहलाम ह तो नफर एक बदमलार कनव जो सय और ईमलािदलारो कला रतर और हमरला सय क नवरोध क नए खिी उठलातला और झठ बिलाि स कलाम तला ह खदला कला इलहलाम पलाि वलाला कहलाएगला। ससलार म उपनयलासो आनद म वणशि र ी म जलादई परभलाव पलाए जलात ह और तम दखत हो नक इस परकलार क सवशथला असय परनत निरनतर ख ोगो क हदयो म पडत ह। यला हम उिको इलहलाम कह सकत ह ? वरन यनद इलहलाम कव हदय म कछ बलात पड जलाि कला िलाम ह तो एक चोर भी इलहलाम पलाि वलाला कहला सकतला ह, योनक वह परलायः नवचलार करक सध गलाि क अचछ-अचछ उपलाय निकला तला ह और डलाकला मलारि तथला निदवोर कला खि करि की उततम यकतयला उसक हदय म गरर जलाती ह तो यला यह उनचत ह नक हम इि समसत अपनवतर

Page 191: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

165 इसलामी उस की फिलासिी

उपलायो कला िलाम इलहलाम रख द ? कदलानप िही। अनपत यह उि ोगो कला नवचलार ह नजि को अब तक सचच खदला की खबर िही जो सवय नवरर वलातलाश लाप स हदयो को सलाविला दतला और अजलािो को अधयलाकमक जलािो स अपिी पहचलाि परदलाि करतला ह। इलहलाम (ईरवलाणी) यला वसत ह ? वह पनवतर और सलामथयशवलाि खदला कला एक उसी क विलारला चि हए बनद क सलाथ, उसक सलाथ नजस वह चििला चलाहतला ह एक जीनवत और रकतरलाी वलाणी क सलाथ वलातलाश लाप और समबोधि ह। अतः जब यह वलातलाश लाप एव समबोधि पयलाशपत और सनतोरजिक करम क सलाथ आरभ हो जलाए और उसम दनरत नवचलार सकममनत ि हो और ि अपणश और निरथशक रबद हो और कलाम आिदमय, िीनतसगत और वभवरलाी हो तो वह खदला कला कलाम ह नजस स वह अपि बनद को सला विला दिला चलाहतला ह और सवय को उस पर परकट करतला ह। हला कभी एक वलातलाश लाप मलातर परीकला क तौर पर होतला ह और ऐसला वलातलाश लाप पणश रप स त थला कलयलाणकलारी सलामलाि सलाथ िही रखतला। इसम खदला तआला क बनद को उसकी परलारनभक अवसथला म परखला जलातला ह तलानक वह इलहलाम कला थोडला सला सवलाद कर नफर निकशत तौर पर अपिला कमश और कथि इलहलाम पलाि वलाो क समलाि बिलाए यला ठोकर खलाए। अतः यनद वह वलासतनवक ईमलािदलारी सयनिषठो क समलाि िही अपिलातला तो उस ि’मत की नवररतला स वनचत रह जलातला ह और कव निरथशक रखी बघलारिला उसक हलाथ म होतला ह। करोडो िक बनदो को इलहलाम होतला रहला ह परनत उिकला पद खदला क निकट एक सतर कला िही, वरन खदला क पनवतर िबी जो परथम शरणी पर पणश रधितला स खदला कला इलहलाम पलाि वला ह व भी पद म समलाि िही। खदला तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत कछ िनबयो को कछ िनबयो पर शरषठतला ह। इसस नसधि सरह अबकरः - 254

Page 192: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

166इसलामी उस की फिलासिी

होतला ह नक इलहलाम मलातर कपला ह और शरषठतला क होि म इसको कोई हसतकप िही अनपत शरषठतला उस शरधिला, निषठला और विलादलारी क महतव पर आधलाररत ह नजस खदला जलाितला ह। हला इलहलाम भी यनद अपिी बरकत वलाी रतमो क सलाथ हो तो वह भी उिकला एक फ ह। इसम कछ सनदह िही नक यनद इलहलाम इस रप म हो नक मिषय एक परशि करतला ह और खदला उसकला उततर दतला ह। इसी परकलार एक करम क सलाथ परशिोततर हो और खदलाई वभव तथला अौनकक परकलार इलहलाम म पलायला जलाए तथला परोक क जलाि अथवला रधि अधयलाम जलािो पर आधलाररत हो तो वह खदला कला इलहलाम ह। खदला क इलहलाम म यह आवशयक ह नक नजस परकलार एक नमतर दसर नमतर स नमकर परसपर बलातचीत करतला ह इसी परकलार रबब और उिक बनद म परसपर बलातचीत हो और जब वह नकसी बलात म परशि कर तो उसक उततर म एक आिनददलायक और सबोध कलाम खदला तआला की ओर स सि नजसम अपिी मिोवनतत और सोच-नवचलार कला कछ भी अर ि हो और वह वलातलाशलाप एव समबोधि उसक नए दलाि रप म हो जलाए तो वह खदला कला कलाम ह और ऐसला बनदला खदला क समक नपरय ह, परनत इस शरणी कला इलहलाम जो खदला की ओर स अौनकक दलाि हो और सजीव तथला पनवतर इलहलाम कला करम अपि बनद को खदला स परलापत हो और रधितला तथला पनवतरतला क सलाथ हो, यह परसकलार उि ोगो क अनतररत नकसी को िही नमतला जो ईमलाि, विलादलारी और रभ कममो म उनिनत कर तथला उि कतरो म नजस कला हम वणशि िही कर सकत, सचचला और पनवतर इलहलाम खदला की परनतषठला क बड-बड चमकलार नदखलातला ह। बहधला एक अयनत चमकदलार परकलार उपनि होतला ह तथला उसक सलाथ ही एक वभवपणश और चमकदलार इलहलाम आतला ह। इस स बढकर और यला होगला नक इलहलाम पलाि वलाला उस हसती स बलात करतला ह जो धरती और आकलार कला सरषटला ह। ससलार म खदला कला दरशि यही ह नक वह

Page 193: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

167 इसलामी उस की फिलासिी

खदला स बलात कर परनत हमलार इस वणशि म मिषय की वह अवसथला सकममनत िही ह नक नकसी की जीभ पर ब नठकलािला कोई रबद यला वलाय यला दोहला जलारी हो और उसक सलाथ कोई वलातलाशलाप यला समबोधि ि हो अनपत ऐसला वयकत खदला की परीकला म नगरफतलार ह योनक खदला इस ढग स भी ससत और लापरवलाह बनदो की परीकला तला ह नक कभी कोई वलाय यला इबलारत नकसी क हदय पर यला जीभ पर जलारी की जलाती ह और वह वयकत अनध क समलाि हो जलातला ह। िही जलाितला नक वह इबलारत कहला स आई। खदला स यला रतलाि स। अतः ऐस वलायो स कमलायलाचिला आवशयक ह परनत यनद एक सदलामला और िक बनद को नबिला नकसी पदद क खदला कला वलातलाशलाप आरभ हो जलाए तथला समबोधि और वलातलाशलाप क तौर पर एक परकलारमलाि, आिनददलायक, सलाथशक, िीनतसगत वलाणी पणश वभव क सलाथ उस सिलाई द और कम स कम अिको बलार उस ऐसला सयोग हआ हो नक खदला म और उसम नबलक जलागि की अवसथला म दस बलार परशिोततर हआ हो। उसि परशि नकयला और खदला ि उततर नदयला नफर उसी समय नबलक जलागि की अवसथला म उसि कछ और कहला और खदला ि उसकला भी उततर नदयला। नफर सनविय निवदि नकयला खदला ि उसकला भी उततर नदयला। इसी परकलार दस बलार तक खदला म और उसम बलात होती रही और खदला ि अिको बलार उसकी दआए सवीकलार की हो। उततम एव शरषठ अधयलाम जलािो पर उस सनचत नकयला हो, भलावी घटिलाओ स अवगत नकयला हो और अपि ससपषट वलातलाशलाप स बलार-बलार क परशिोततर म उस सममलानित नकयला हो तो ऐस वयकत को खदला तआला कला नितलानत कतज होिला चलानहए, योनक खदला ि मलातर अपिी कपला स अपि समसत बनदो म स उस चि नयला और उि सदलामलाओ कला उस उततरलानधकलारी बिला नदयला जो उसस पवश गरर चक ह। यह ि’मत नितलानत दशभ और सौभलागय की बलात ह नजस यह परलापत हई उसक पशलात जो कछ ह तचछ ह।

Page 194: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

168इसलामी उस की फिलासिी

इसलाम की फिशषतलाइस पद और शरणी क ोग इसलाम म सदव जनम त रह ह तथला

एक इसलाम ही ह नजसम खदला बनद क निकट होकर उस स बलात करतला, वह उसक अनदर बोतला ह और उसक हदय म अपिला आसि बिलातला और उसक अनदर स उस आकलार की ओर खीचतला ह और उस व समसत ि’मत परदलाि करतला ह जो पहो को परदलाि की गई। खद ह नक अधला ससलार िही जलाितला नक मिषय निकट होत-होत कहला तक पहच जलातला ह व सवय तो कदम िही उठलात और यनद जो कदम उठलाए तो यला तो उस को कलानिर ठहरलायला जलातला ह और यला उस उपलासय ठहरला कर खदला कला सथलाि द नदयला जलातला ह। य दोिो कय अनयलाय ह एक अनधकतला की सीमला स बलाहर जलाि स और दसरला नयितला की सीमला क बलाहर जलाि स पदला हआ परनत मिीरी को चलानहए नक वह निरसलानहत ि हो तथला उस सथलाि और उस पद कला इनकलारी ि रह और उस पद वला कला अपमलाि ि कर और ि उसकी पजला आरभ कर द। इस पद पर खदला तआला उस बनद स व सबध परकट करतला ह नक जस अपिी खदलाई की चलादर उस पर डला दतला ह और ऐसला वयकत खदला क दखि कला दपशण बि जलातला ह। यही रहसय ह जो हमलार िबीस.अ.व. ि कहला नक नजस ि मझ दखला खदला को दख नयला। इसनए बनद क नए यह बहत बडी चतलाविी ह और उस पर समसत सलाधिलाए समलापत हो जलाती ह और पणश सतोर परलापत होतला ह।

िकतला कला खला क िलातलामलाप एि समबोधन स सममलाफनत होनला

मलािव जलानत पर यह बहत बडला अनयलाय होगला यनद म इस समय परकट ि कर नक वह पद नजसकी मि य पररभलारलाए की ह और वह वलातलाशलाप और समबोधि कला पद नजसकी अभी मि वयलाखयला की ह वह सब कछ मझ खदला की कपला ि परदलाि नकयला ह तलानक म अनधो को

Page 195: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

169 इसलामी उस की फिलासिी

आखो स दखि की रकत परदलाि कर और ढढि वलाो को उस खोए हए कला पतला द और सचचलाई को सवीकलार करि वलाो को उस पनवतर झरि की खरखबरी सिलाऊ नजसकी चचलाश बहतो म ह और पलाि वला थोड ह। म शरोतलाओ को नवशवलास नदलातला ह नक वह खदला नजसक नमि म मिषय की मकत और अिशवर समनधि ह वह पनवतर कआशि क अिसरण क अनतररत अनयतर कदलानप िही नम सकती। कलार जो मि दखला ह ोग दख और जो मि सिला ह वह ोग सि और कहलानियो को छोड द तथला वलासतनवकतला की ओर दौड। वह पणश जलाि कला सलाधि नजस स खदला नदखलाई दतला ह, वह म उतलारि वलाला ज नजसस समसत सनदह दर हो जलात ह, वह दपशण नजसस उस शरषठतम हसती क दरशि हो जलात ह, खदला कला वह वलातलाशलाप एव समबोधि ह नजसकला म अभी वणशि कर चकला ह नजसकी आमला म सचचलाई की अनभलारला ह वह उठ और खोज। म सच-सच कहतला ह नक यनद आमलाओ म सचची खोज की गि और पयलास पदला हो जलाए तो ोग उस मलागश को ढढ और खोजि ग, परनत यह मलागश नकस ढग और उपलाय स खगला और आवरण नकस उपचलार स उठगला। म समसत अनभला नरयो को नवशवलास नदलातला ह नक कव इसलाम ही ह जो इस मलागश की खरखबरी दतला ह और अनय जलानतयला तो खदला क इलहलाम पर मब समय स महर गला चकी ह। अतः निशय ही समझो नक यह खदला की ओर स महर िही वरन वनचत रहि क कलारण मिषय एक बहलािला पदला कर तला ह और निशय ही यह समझो नक नजस परकलार यह सभव िही नक हम नबिला आखो क दख सक यला नबिला कलािो क सि सक यला नबिला जीभ क बो सक। इसी परकलार यह भी सभव िही नक नबिला कआशि क उस परम नपरय खदला क दरशि कर सक। म जवलाि थला अब बढला हआ परनत मि कोई ि पलायला नजसि इस पनवतर और अौनकक झरि क नबिला इस ससपषट जलाि कला पयलाला नपयला हो।

Page 196: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

170इसलामी उस की फिलासिी

पणम जलान कला सलाधन खला तआला कला इलहलाम ह

ह नपरय सजजिो ! ह नपरय ोगो ! कोई मिषय खदला क इरलादो म उसस झगडला िही कर सकतला। निशय ही समझो नक पणश जलाि कला सलाधि खदला तआला कला इलहलाम ह जो खदला तआला क पनवतर िनबयो को नमला। तपशलात उस खदला ि जो वरदलाि रपी सलागर ह यह कदलानप ि चलाहला नक भनवषय म उस इलहलाम को महर गला द और इस परकलार स ससलार कला नविलार कर अनपत उसक इलहलाम, वलातलाश लाप और समबोधिो क विलार सदव ख ह। हला उिको उिक मलागमो स ढढो तब व तमह आसलािी स नम जलाएग। वह जीवि कला ज आकलार स आयला और अपि उनचत सथलाि पर ठहरला अब तमह यला करिला चलानहए तलानक तम उस ज को पी सको। यही करिला चलानहए नक नगरत-पडत उस झरि तक पहचो नफर अपिला मह उस झरि क आग रख दो तलानक उस जीवि रपी ज स तपत हो जलाओ। मिषय की समपणश भलाई इसी म ह नक जहला परकलार कला पतला ग उसी ओर दौड और जहला उस खोए हए नमतर कला निरलाि नम उसी मलागश को अपिलाए। दखत हो नक सदव आकलार स परकलार उतरतला ह और पथवी पर पडतला ह, उसी परकलार मलागश-दरशि कला सचला परकलार आकलार स ही उतरतला ह। मिषय की अपिी ही बलात और अपिी ही अटक उस सचला जलाि परदलाि िही कर सकती। यला तम खदला को खदला की झक क नबिला पला सकत हो यला तम उस आकलारीय परकलार क नबिला अधर म दख सकत हो यनद तम दख सकत हो तो कदलानचत यहला भी दख ो नकनत हमलारी आख यदनप दखि वलाी हो तथलानप आकलारीय परकलार की महतलाज ह और हमलार कलाि यदनप सिि वला हो तथलानप उस वलाय क महतलाज ह जो खदला की ओर स चती ह। वह खदला सचला खदला िही ह जो मौि ह और समसत निभशरतला

Page 197: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

171 इसलामी उस की फिलासिी

हमलारी अटको पर ह अनपत पणश और सजीव खदला वह ह जो अपि अकसतव कला सवय पतला द। आकलारीय नखडनकयला ख ि को ह, रीघर ही परलातः उदय होि वलाला ह। मबलारक व जो उठ बठ और अब सच खदला को ढढ। वही खदला नजस पर कोई कला चकर और नवपनतत िही आती, नजसक परतलाप की चमक को कभी कोई दघशटिला परभलानवत िही करती। पनवतर कआशि म अललाह तआला कला कथि ह ः-

अथलाशत खदला ही ह जो हर प आकलार और पथवी कला परकलार ह उस स परयक सथलाि पर परकलार पडतला ह सयश कला वही सयश ह। पथवी क समसत परलानणयो कला वही परलाण ह। सचला एव सजीव खदला वही ह। मबलारक वह जो उस सवीकलार कर।

जलान कला तीसिला सलाधन - व बलात ह जो अिभव विलारला एव परयोगलामक जलाि क सतर पर ह और व समसत कनठिलाइयला, सकट और कषट ह जो खदला क िनबयो और सचचो को नवरोनधयो विलारला यला आकलारीय परलारबध स पहचत ह तथला इस परकलार क दखो और कषटो स व समसत ररीअत क निददर जो मलातर जलाि क तौर पर मिषय क हदय म थ उस पर लाग हो कर नकरयलामक रप म आ जलात ह और नफर कमश की पथवी स पोरण और नवकलास पला कर पणशतला तक पहच जलात ह और उि निददरो क पलािकतलाशओ कला अपिला ही अकसतव खदला क निददरो की एक पणश पसतक हो जलाती ह और व समसत नरषटलाचलार कमला और परनतकलार (इकनतकलाम), धयश और दयला आनद जो कव मकसतषक और हदय म भर हए थ अब समपणश अगो को नकरयलामक अभयलास की बरकत स पकषट नमती ह जसला नक अललाह तआला कला कथि ह

सरह अनिर - 36

Page 198: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

172इसलामी उस की फिलासिी

अथलाशत हम तमह भय, भख और धि की हलानि तथला परलाणो की कनत एव परयलास वयथश जलाि और सनतलाि की म य हो जलाि स परीकला ग। अथलाशत य समसत सकट परलारबध क तौर पर यला रतर विलारला तमह पहचग। अतः उि ोगो को खरखबरी हो जो सकट क समय कव यह कहत ह नक हम खदला की धरोहर ह और खदला की ओर ौटग। उि ोगो पर खदला कला दरद और बडी दयला ह और यही व ोग ह जो मलागशदरशि की चरम सीमला तक पहच चक ह अथलाशत कव उस जलाि को कोई बडलाई और महलाितला िही दी जला सकती जो कव मकसतषक और हदय म भरला हआ हो अनपत वलासतव म जलाि वह ह जो बनधि स उतर कर समसत अगो को परनरनकत और परभलानवत कर और समरण रकत क ससमरण नकरयलामक रग म दकषटगोचर हो। इसनए जलाि को सदढ करि और उस नवकनसत करि कला यह बडला सलाधि ह नक नकरयलामक तौर पर उसक निरलाि अपि सरह अबकरः - 156-158 सरह अला इमरलाि - 187

Page 199: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

173 इसलामी उस की फिलासिी

अगो म अनकत कर । कोई तचछ जलाि भी नकरयलामक अभयलास क नबिला अपिी परलाकलाषठला को िही पहचतला। उदलाहरणतयला दीघश समय स हमलार जलाि म यह बलात ह नक रोटी पकलािला नितलानत सर बलात ह और इस म कोई अनधक बलारीकी िही। कव इतिला ह नक आटला गध कर एक-एक रोटी की मलातरला क अिसलार आट क पड बिलाए और उनह दोिो हलाथो को परसपर नमलाि स चौड करक तव पर डला द और इधर-उधर उटला कर और अकगि पर सक कर रख । रोटी पक जलाएगी। यह तो हमलारला कव जलाि कला रखी बघलारिला ह परनत जब हम अिभवहीितला की कसथनत म पकलाि ग तो परथम हम पर यही सकट आएगला नक आट को उसक उनचत ठहरलाव पर रख सक अनपत यला तो पथर सला रहगला और यला पतला हो कर ग ग बिलाि क योगय हो जलाएगला और यनद मर-मर कर, थक-थक कर गध भी नयला तो रोटी की यह दरला होगी नक कछ जगी और कछ पकगी, मधय म नटनकयला रहगी और कई ओर स कलाि निक हए होग। जबनक हम पचलास वरश तक रोटी पकती हई दखत रह। अतः मलातर जलाि क दणड सवरप जो नकरयलामक अभयलास क अनतगशत िही आयला कई सर आट को वयथश करग। नफर जबनक छोटी स छोटी बलात म हमलार जलाि की यह दरला ह तो बडी-बडी बलातो म नकरयलामक अभयलास क अनतररत कव जलाि पर योकर भरोसला रख। अतः खदला तआला इि आयतो म यह नरकला दतला ह नक जो कषट म तम पर डलातला ह वह भी जलाि और अिभव कला सलाधि ह अथलाशत इि स तमहलारला जलाि पणश होतला ह। नफर आग खदला तआला कहतला ह नक तमहलार अपि धि और परलाणो की कनत विलारला तमहलारी परीकला ी जलाएगी, ोग तमहलार धि टग, तमहलारला वध करग और तम यहनदयो तथला ईसलाइयो और मनशरको क हलाथ स बहत ही सतलाए जलाओग, व तमहलार परनत बहत कछ कषटदलायक बलात नए कहग। अतः यनद तम धयश स कलाम ोग और अिनचत बलातो स बचोग तो यह सलाहस और वीरतला कला कलायश होगला। इि समसत आयतो कला

Page 200: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

174इसलामी उस की फिलासिी

तलापयश यह ह नक रभ जलाि वही होतला ह जो कमश-सतर पर अपिी चमक नदखलाए तथला अरभ जलाि वह ह जो कव जलाि की सीमला तक रह कभी नकरयलामक रप तक ि पहच।

जलात होिला चलानहए नजस परकलार धि वयलापलार स बढतला ह और फतला-फ तला ह उसी परकलार जलाि अभयलास विलारला अपिी आधयलाकमक परलाकलाषठला को पहचतला ह। अतः जलाि को परलाकलाषठला तक पहचलाि कला बडला सलाधि नकरयलामक अभयलास ह, अभयलास स जलाि म परकलार आ जलातला ह और यह समझो नक जलाि कला नकरयलामक जलाि-सतर तक पहचिला यला होतला ह। यही तो ह नक नकरयलामक तौर पर उसक परयक कोि कला परीकण नकयला जलाए। अतः इसलाम म ऐसला ही हआ। खदला तआला ि पनवतर कआशि क विलारला ोगो को जो कछ नरकला दी उनह यह अवसर नदयला नक नकरयलामक तौर पर उस नरकला को चमकला द और उसक परकलार स भर जलाए।

हजित महमम सलललाहो अफह िसलम क जीिन क ो यग

इसी उदशय स खदला तआला ि हमलार िबीस.अ.व. क जीवि को दो भलागो म नवभलानजत कर नदयला।

एक भलाग दखो और सकटो तथला कषटो कला और दसरला भलाग नवजय अथलाशत सफतलाओ कला तलानक सकटो क समय म व आचरण परकट हो जो सकटो क समय वयत हआ करत ह तथला नवजय और अनधकलार क समय म व आचरण नसधि हो जो नबिला अनधकलार क नसधि िही होत। अतः ऐसला ही आहररतस.अ.व. क दोिो परकलार क आचरण दोिो यगो और दोिो अवसथलाओ क आि स पणश सपषटतला क सलाथ नसधि हो गए। अतः वह सकटो कला यग जो हमलार िबीस.अ.व. पर तरह वरश तक मकला म रहला, उस यग क जीवि चररतर कला अधययि करि स नितलानत सपषट

Page 201: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

175 इसलामी उस की फिलासिी

तौर पर जलात होतला ह नक आहररतस.अ.व. ि व नरषटलाचलार जो सकटो क समय पणश सयनिषठ को परदनरशत करि चलानहए अथलाशत खदला पर भरोसला करिला, रोि-पीटि स बचिला, तथला अपि कलायश म आसय ि करिला, नकसी क आतक स भयभीत ि होिला इस परकलार नदखला नदए नक कलानिर ऐसी दढतला को दखकर ईमलाि लाए और सलाकय दी नक जब तक नकसी कला पणश भरोसला खदला पर ि हो उस समय तक ऐसी दढतला तथला ऐसी सहिरीतला िही आ सकती।

नफर जब दसरला यग आयला अथलाशत नवजय और अनधकलार तथला समनधि कला यग, तो उस यग म भी आपस. क उचच नरषटलाचलार कमला करिला, दलािरीतला तथला वीरतला क ऐस उकषट रप म परदनरशत हए नक कलानिरो कला एक बडला नगरोह उनही नरषटलाचलारो को दखकर ईमलाि लायला। कषट दि वलाो को कमला नकयला, रहर स निकलाि वलाो को अमि नदयला, उिक महतलाजो को धि स धिवलाि कर नदयला और अनधकलार पलाकर अपि बड-बड रतरओ को कमला कर नदयला। अतः बहत स ोगो ि आपस. क नरषटलाचलार दख कर सलाकय दी नक जब तक कोई सयनिषट वयकत खदला की ओर स ि आए य नरषटलाचलार कदलानप िही नदखला सकतला। यही कलारण ह नक आपक रतरओ क परलाि विर सहसला दर हो गए। आप कला बडला भलारी आचरण नजस आपि नसधि करक नदखला नदयला वह थला जो पनवतर कआशि म वणशि नकयला गयला ह और वह यह ह नक ः-

अथलाशत उिको कह द नक मरी उपलासिला, मरला बनदलाि, मरला मरिला, मरला जीनवत रहिला खदला क नए ह अथलाशत उस कला परतलाप परकट करि क नए तथला उसक बनदो को आरलाम दि क नए ह तलानक मर मरि स उिको जीवि परलापत हो। यहला जो खदला क मलागश म तथला बनदो क

सरह अअनआम - 163

Page 202: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

176इसलामी उस की फिलासिी

कलयलाण क नए मरि कला वणशि नकयला गयला ह उस स कोई यह नवचलार ि कर नक िऊजनबललाह आपस. ि असभय और मखमो की तरह वलासतव म आमहयला कला निशय कर नयला थला। इस भरम स नक सवय को नकसी हनथयलार विलारला क करक तबलाह करिला अनय ोगो को लाभ पहचलाएगला अनपत आप इि बहदला बलातो क कटटर नवरोधी थ तथला कआशि ऐसी आमहयला करि वला को घोर अपरलाधी और दणडिीय ठहरलातला ह। जसला नक उसकला कथि ह नक ः-

अथलाशत आमहयला ि करो और अपि हलाथो स अपिी म य क कलारण ि बिो तथला यह सपषट ह नक उदलाहरणतयला यनद खलानद क पट म ददश हो और रद उस पर दयला करक अपिला सर फोड तो रद ि खलानद क पक म कोई भलाई कला कलायश िही नकयला अनपत अपि सर को मखशतलापणश कलायश करक अकलारण फोडला। भलाई कला कलायश तब होतला जब रद खलानद क नए उनचत और लाभपरद उपलाय स परयलास करतला त थला उसक नए उततम दवलाए उपबध करतला तथला नचनकसला क नियमो क अिसलार उसकला उपचलार करतला, परनत उसक सर फोडि स रद को तो कोई लाभ िही पहचला। उसि अकलारण अपि अकसतव क एक अचछ अग को कषट पहचलायला। अतः इस आयत कला अथश यह ह नक आहररतस.अ.व. ि वलासतनवक सहलािभनत और पररशरम करि स मलािव जलानत की मकत क नए परलाणो को समनपशत कर नदयला थला तथला दआ और परचलार क सलाथ तथला उि क अनयलाय और अयलाचलार सहि करि तथला परयक उनचत एव िीनतगत उपलाय क सलाथ अपि परलाण और आरलाम को उस मलागश म नयौछलावर कर नदयला थला। जसला नक अललाह तआला कला कथि ह ः-

सरह अबकरः - 196

Page 203: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

177 इसलामी उस की फिलासिी

यला त इस रोक और कनठि पररशरम म जो ोगो क नए सहि कर रहला ह सवय को नमटला दगला और यला उि ोगो क नए जो सय को सवीकलार िही करत त निरलार हो-हो कर अपि परलाण द दगला। अतः जलानत क नए परलाण दि कला िीनतसगत उपलाय यही ह नक जलानत क कलयलाण क नए परकनत क नियम क लाभपरद मलागमो क अिसलार अपि परलाणो को सकट म डला और उनचत उपलायो विलारला अपि परलाणो को बनदलाि कर द ि यह नक जलानत को कठोर नवपनतत यला पथ-भरषटतला म दख कर तथला भयकर अवसथला म पलाकर अपि सर पर पथर मलार यला दो-तीि रतती सनखयला खला कर इस ससलार स कच कर जलाए और समझ नक हम ि अपिी इस अिनचत नकरयला स जलानत को मकत द दी ह। यह मदमो कला कलायश िही ह कसतरयो वलाी आदत ह और कम सलाहसी ोगो की सदव स यही पधिनत ह नक सकट को सहिरी ि पलाकर तरनत आमहयला की ओर दौडत ह। ऐसी आमहयला की यदनप बलाद म नकतिी भी वयलाखयलाए की जलाए परनत यह गनतनवनध निःसनदह बनधि और बनधिमलािो कला दोर ह परनत सपषट ह नक ऐस वयकत कला धयश और रतर कला मकलाबला ि करिला नवशवसिीय िही ह, नजस इकनतकलाम (परनतकलार) कला अवसर ही ि नमला योनक यला मलाम ह नक यनद वह इकनतकलाम पर समथश होतला तो यला कछ करतला। जब तक मिषय पर वह यग ि आए जो एक सकटो कला यग ह और एक रकत और रलासि तथला समनधि कला यग हो, उस समय तक उसस सचच नरषटलाचलार कदलानप परकट िही हो सकत। सपषट ह

सरह अबकरः - 156-158 सरह अिलानतर - 9

Page 204: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

178इसलामी उस की फिलासिी

नक जो वयकत कव निबशतला, दररदरतला तथला अधीितला की अवसथला म ोगो की मलार खलातला मर जलाए तथला अनधकलार और रलासि और समनधि कला यग ि पलाए उसक नरषटलाचलार म स कछ भी नसधि ि होगला और यनद रणभनम म उपकसथत िही हआ तो यह भी परमलानणत ि होगला नक वह हदय कला बहलादर थला यला कलायर। उस क नरषटलाचलार क सबध म हम कछ िही कह सकत योनक हम िही जलाित, हम यला मलाम ह नक यनद वह अपि रतरओ पर अनधकलार पलातला तो उिस यला वयवहलार करतला और यनद वह धिवलाि हो जलातला तो उस धि को एकतर करतला यला ोगो को दतला और यनद वह नकसी रणभनम म आतला तो पछ दबला कर भलाग जलातला यला वीरो क समलाि हलाथ नदखलातला परनत खदला की कपला ि हमलार िबीस.अ.व. को उि नरषटलाचलारो को परकट करि कला अवसर नदयला। अतः दलािरीतला, वीरतला, रलाीितला, कमला त थला नयलाय अपि-अपि अवसर पर ऐसी पणशतला क सलाथ परकट हए नक समसत ससलार म उसकला उदलाहरण ढढिला दशभ ह। अपि दोिो यगो म निबशतला और सबतला, दररदरतला और समनधि म समसत ससलार को नदखला नदयला नक वह पनवतर हसती उचच शरणी क नरषटलाचलार की सगरहीतला थी और कोई मलािव आचरण उततम आचरणो म स ऐसला िही ह जो उसक परकट होि क नए आप को खदला तआला ि एक अवसर ि नदयला। वीरतला, दलािरीतला, दढतला, कमला, रलाीितला आनद समसत उततम नरषटलाचलार इस तौर पर नसधि हो गए नक ससलार म उसकला उदलाहरण खोजिला दशभ ह। हला यह सय ह नक नजनहोि अयलाचलार को चरम सीमला तक पहचला नदयला और इसलाम को नमटलािला चलाहला खदला ि उि को भी दणड नदए नबिला िही छोडला योनक उनह नबिला दणड छोडिला जस सचचो को उिक परो क िीच कचकर तबलाह करिला थला।

Page 205: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

179 इसलामी उस की फिलासिी

आहजित सलललाहो अफह िसलम क यदो कला उदशय

आहररतस.अ.व. क यधिो कला यह उदशय कदलानप ि थला नक अकलारण ही ोगो कला वध नकयला जलाए। व अपि पवशजो क दर स निषकलानसत नकए गए थ और बहत स निदवोर मसमलाि परर और कसतरयला रहीद कर नदए गए थ और अभी अयलाचलारी अयलाचलार करि स रकत िही थ। इसलाम की नरकला म बलाधलाए डलात थ। अतः खदला क सरकला क नियम ि यह चलाहला नक पीनडतो को नविलार स बचला । अतः नजनहोि तवलार उठलाई थी उनही क सलाथ तवलार कला मकलाबला हआ। क करि वलाो कला उपदरव दर करि क नए परनतरकलामक यधि हए और उस समय हए जबनक अयलाचलारी सवभलाव रखि वला ोग सचचो को नमटलािला चलाहत थ। इस अवसथला म यनद इसलाम परनतरकलामक यधि ि करतला तो हरलारो निदवोर बचचो और कसतरयो कला बडी िरसतला स वध होकर अनततः इसलाम नमट जलातला।

समरण रह नक हमलार नवरोनधयो कला यह नवचलार बडला अनयलायपणश ह नक व नवचलार करत ह नक इलहलामी निददरि ऐसला होिला चलानहए नजसम नकसी सथलाि और नकसी अवसर म रतरओ क मकलाब की नरकला ि हो और सदव रलाीितला और िमरतला की र ी म अपि परम और दयला को परकट कर। ऐस ोग अपि नवचलार म खदला कला बडला सममलाि कर रह ह नक जो उसकी समसत नवररतलाओ को कव िमरतला और रलाीितला पर ही समलापत करत ह परनत इस नवरय म सोच-नवचलार करि वलाो पर सरतलापवशक सपषट हो सकतला ह नक य ोग मोटी और सपषट गती म गरसत ह। खदला क परकनत क नियम पर दकषट डलाि स सपषट तौर पर नसधि होतला ह नक ससलार क नए वह सलाकलात दयला अवशय ह परनत वह दयला सदव परयक अवसथला म िमची और रलाीितला क रग म परकट िही होती अनपत वह सवशथला दयला की मलाग स एक होनरयलार उपचलारक

Page 206: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल

180इसलामी उस की फिलासिी

क समलाि कभी हम मधर ररबत नपलातला ह और कभी कडवी औरनध दतला ह। उसकी दयला मलािव जलानत पर इस परकलार आती ह जस हम म स एक वयकत अपि समपणश अकसतव पर दयला रखतला ह। इस बलात म नकसी को सनदह िही हो सकतला नक हम म स परयक वयकत अपि समपणश अकसतव स परम रखतला ह और यनद कोई हमलार एक बला को उखलाडिला चलाह तो हम उस पर बहत अपरसनि होत ह परनत इसक बलावजद हमलारला परम जो हम अपि अकसतव स रखत ह हमलार समपणश अकसतव म नवभलानजत ह और हमलार समसत अग हमलार नए नपरय ह। हम नकसी की कनत िही चलाहत परनत नफर भी यह बलात नितलानत सपषट तौर पर परमलानणत ह नक हम अपि समसत अगो स एक ही शरणी तथला एक समलाि परम िही रखत अनपत गपतलागो कला परम नजि पर हमलार उदशयो की बहत कछ निभशरतला ह, हमलार हदयो पर नवजयी होती ह। इसी परकलार हमलारी दकषट म एक ही अग क परम की अपकला समसत अगो कला परम बहत अ नधक होतला ह। इसनए जब कभी हमलार नए कोई ऐसला अवसर आ पडतला ह नक एक अग की सरकला कम शरणी क अग क घलाय करि यला कलाटि यला तोडि पर निभशर होती ह तो हम परलाण को बचलाि क नए निःसकोच उसी अग क घलाय करि यला कलाटि पर तयलार हो जलात ह और यदनप उस समय हमलार हदय म यह दख भी होतला ह नक हम अपि एक नपरय अग को घलाय करत यला कलाटत ह परनत इस नवचलार स उस अग कला नवकलार नकसी दसर सवसथ अग को भी सलाथ म तबलाह ि कर हम कलाटि क नए नववर हो जलात ह। अतः इसी उदलाहरण स समझ िला चलानहए नक खदला भी जब दखतला ह नक उसक सचच झठो क हलाथो स तबलाह होत ह और खरलाबी फती ह तो सचचो क परलाणो की रकला और खरलाबी को दर करि क नए उनचत यकत परयोग म लातला ह चलाह आकलार स चलाह पथवी स। इसनए नक वह जसला नक दयला ह वसला ही िीनतवलाि भी ह।

अहमदो नललाह रकबब आमीि

Page 207: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल
Page 208: इस्लामी उसू् की फ़ि्लास़िी - Islam Ahmadiyya...क पद पर आस ह ए। गभग 17 वर श क सफ त व क उपरल