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काशितवाय की पुतक राजा और उसका राय अयाय तीन Manuscript

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  • प्रकाशितवाक्य की पसु्तक

    राजा और उसका राज्य अध्याय तीन

    Manuscript

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    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    © थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़ 2012 के द्वारा

    सवागचधकार सरुचित। इस प्रकाशन के मकसी भी भार् क प्रकाशक, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़, इनक रप रेशन, 316, लाइव ओक्स बलुवेार्ग , कैसलबरी, फ्ल ररर्ा 32707 की चलचित अनमुमत के मबना समीिा, मटप्पणी, या अध्ययन के उदे्दशय ंके चलए संचिप्त उद्धरण ंके अमतररक् त मकसी भी रूप मे ंया मकसी भी तरह के लाभ के चलए पनुः प्रकचशत नही ंमकया जा सकता।

    पमवत्रशास्ट्त्र के सभी उद्धरण बाइबल स साइटी ऑफ़ इंमर्या की महन्दी की पमवत्र बाइबल स ेचलए र्ए है।ं सवागचधकार © The Bible Society of India

    थर्ग ममलमेनयम मममनस्ट्रीज़ की सेवकाई के मवषय मे ं1997 मे ंस्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़ एक लाभमनरपिे ससुमाचाररक मसीही सेवकाई ह ैज पूरे

    संसार के चलए मफु्त मे ंबाइबल आधाररत चशिा प्रदान करने के चलए प्रमतबद्ध ह।ै

    संसार के शिए मफ़ु्त मे ंबाइबि आधाररत शिक्षा।

    हमारा लक्ष्य संसार भर के हज़ार ंपासवान ंऔर मसीही अर्वु ंक मफ़ु्त मे ंमसीही चशिा प्रदान करना ह ैचजन्हे ंसेवकाई के चलए पयागप्त प्रचशिण प्राप्त नही ंहआु ह।ै हम इस लक्ष्य क अंग्रेजी, अरबी, मनर्ाररन, रूसी, और स्ट्पमैनश भाषाओ ंमे ंअमद्वतीय मल्टीमीमर्या सेममनारी पाठ्यक्रम की रचना करने और उन्हे ंमवश्व भर मे ंमवतररत करने के द्वारा पूरा कर रहे है।ं हमारे पाठयक्रम का अनवुाद सहभार्ी सवेकाइय ंके द्वारा दजगन भर स ेअचधक अन्य भाषाओ ंमे ंभी मकया जा रहा ह।ै पाठ्यक्रम मे ंग्रामिक वीमर्य स, चलचित मनदशे, और इंटरनटे संसाधन पाए जाते है।ं इसकी रचना ऐस ेकी र्ई ह ैमक इसका प्रय र् ऑनलाइन और सामदुामयक अध्ययन द न ंसंदभों मे ंस्ट्कूल ,ं समूह ,ं और व्यमिर्त रूप ंमे ंमकया जा सकता ह।ै

    वषों के प्रयास ंस ेहमने अच्छी मवषय-वस्ट्त ुऔर र्णुवत्ता स ेपररपूणग परुस्ट्कार-प्राप्त मल्टीमीमर्या अध्ययन ंकी रचना करने की बहतु ही मकफ़ायती मवचध क मवकचसत मकया ह।ै हमारे लिेक और संपादक धमगवजै्ञामनक रूप से प्रचशचित चशिक है,ं हमारे अनवुादक धमगवजै्ञामनक रूप से दि है ंऔर लक्ष्य-भाषाओ ंके मातभृाषी है,ं और हमारे अध्याय ंमे ंसंसार भर के सकैड ंसम्मामनत सेममनारी प्र फ़ेसर ंऔर पासवान ंके र्हन मवचार शाममल है।ं इसके अमतररि हमारे ग्रामिक मर्जाइनर, चचत्रकार, और प्र र्यूससग अत्याधमुनक उपकरण ंऔर तकनीक ंका प्रय र् करन ेके द्वारा उत्पादन के उच्चतम स्ट्तर ंका पालन करते है।ं

    अपने मवतरण के लक्ष्य ंक पूरा करन ेके चलए थर्ग ममलेमनयम ने कलीचसयाओ,ं सेममनाररय ,ं बाइबल स्ट्कूल ,ं ममशनररय ,ं मसीही प्रसारक ,ं सटेलाइट टेलीमवजन प्रदाताओ,ं और अन्य संर्ठन ंके साथ रणनीमतक सहभामर्ताए ँस्ट्थामपत की है।ं इन संबंध ंके िलस्ट्वरूप स्ट्थानीय अर्वु ,ं पासवान ,ं और सेममनारी मवद्याचथगय ंतक अनके मवमर्ओ अध्ययन ंक पहुचँाया जा चकुा ह।ै हमारी वेबसाइट भी मवतरण के माध्यम के रूप मे ंकायग करती ह ैऔर हमारे अध्याय ंके अमतररि साममग्रय ंक भी प्रदान करती ह,ै चजसमे ंऐस ेमनदशे भी शाममल है ंमक अपने चशिण समदुाय क कैसे आरंभ मकया जाए।

    थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज a 501(c)(3) कारप रेशन के रूप मे ंIRS के द्वारा मान्यता प्राप्त ह।ै हम आचथगक रूप से कलीचसयाओ ंके टकै्स-र्ीर्क्टीबल य र्दान ,ं संस्ट्थान ,ं व्यापार ंऔर ल र् ंपर आधाररत है।ं हमारी सेवकाइग के बारे मे ंअचधक जानकारी के चलए और यह जानने के चलए मक आप मकस प्रकार इसमे ंसहभार्ी ह सकते है,ं कृपया हमारी वबैसाइट http://thirdmill.org क दिेे।ं

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    ववषय-वस्त ुपररचय ............................................................................................................. 1 राजत्व ............................................................................................................. 2

    परमशे्वर का राजत्व .................................................................................................... 2 मसीह का राजत्व ...................................................................................................... 7

    कृपा ................................................................................................................ 9 परुाना वनयम ........................................................................................................... 11 नया वनयम ............................................................................................................. 14

    मसीह की मवजय ............................................................................................... 14 पमवत्र आत्मा की सामर्थयग ................................................................................... 15

    प्रकाशितवाक्य की पसु्तक ......................................................................................... 17 ववश्वासयोग्यता ................................................................................................. 20

    स्स्िरता ................................................................................................................ 21 आराधना .............................................................................................................. 25

    अतीत का छुटकारा ........................................................................................... 26 वतगमान का सम्मान ............................................................................................ 27 भमवष्य की आशीषे ं............................................................................................ 30

    पररणाम .......................................................................................................... 32 अंवतम श्राप ............................................................................................................ 33 अंवतम आिीषे ं........................................................................................................ 35

    समृि का नवीनीकरण.......................................................................................... 35 मवश्वव्यापी मंमदर ............................................................................................... 39 अनंत राज्य ....................................................................................................... 40

    उपसंहार ......................................................................................................... 41

  • प्रकाशितवाक्य की पसु्तक अध्याय तीन

    राजा और उसका राज्य

    -1-

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    परिचय

    यीि ुके पकड़वाए जान ेके बाद, उसे पपन्तसु पपलातसु के सामने लाया गया, और पपलातसु ने उससे पूछा पक क्या वह यहूपदय ों का राजा ह।ै यीि ुने इस प्रश्न का उत्तर सीध-ेसीध ेनहीों पदया। इसकी अपेक्षा उसने यह कहा, "मेरा राज्य इस सोंसार का नहीों ह ै. . . मेरा राज्य यहा ाँ का नहीों ह।ै" अब पपलातसु कैसर क जानता था और उसने उसके महल क देखा था। उस ेअच्छी तरह स ेमालूम था पक एक राजा कैसा पदखाई दतेा ह।ै और यह व्यपि ज उसके सामने खड़ा था पकसी भी तरह स ेराजा जसैा नहीों था। कल्पना करेों पक यीि ुके िब्द उसके शलए पकतन ेअपवश्वसनीय रहे ह ोंग।े

    िायद आज के समय के अपवश्वासी भी यह प्रश्न पूछते ह ों पक क्या यीि ुवास्तव मेों एक राजा ह ैभी या नहीों। आशखरकार, यपद हम अपने चार ों ओर देखेों, त पूरे सोंसार मेों परमेश्वर के राज्य के पवर ध क आसानी स ेदेखा जा सकता ह।ै परोंत ुयीि ुका पपलातसु क पदया उत्तर प्रकाशितवाक्य की पसु्तक का एक सबसे महत्वपूर्ण पवषय ह।ै यीि ुवास्तव मेों एक राजा के समान राज्य करता ह,ै परोंत ुउसका राज्य इस सोंसार का नहीों ह।ै और प्रकाशितवाक्य की पसु्तक हमेों यह आिा देती ह ैपक उसका राज्य आने वाला ह।ै हम इसका अनभुव अभी आोंशिक रूप स ेकर सकते हैों, परोंत ुहम इसका अनभुव पूरी तरह स ेतब करेोंगे जब मसीह वापस आएगा। और क्य ोंपक इस सोंसार मेों अोंपतम पवजय मसीह की ह गी, इसशलए यीि ुहमेों उसके पनुरागमन तक उससे पे्रम करने और उसके प्रपत पवश्वासय ग्य बने रहने के शलए बलुाता ह।ै

    यह प्रकाशितवाक्य की पसु्तक की हमारी श्रोंखला का तीसरा अध्याय ह ैऔर हमन ेइसका िीषणक "राजा और उसका राज्य" पदया ह।ै यह अध्याय इस बात की ख ज करेगा पक कैस ेपरमेश्वर के राज्य का केों द्रीय पवषय पूरी प्रकाशितवाक्य की पूरी पसु्तक मेों पाया जाता ह ैऔर इसकी सभी पवपभन्न शिक्षाओों क आपस मेों ज ड़ता ह।ै

    पहले के एक अध्याय मेों, हमन ेकहा था पक परमेश्वर अपने िासन मेों ऐस ेराज्य करता ह ैज प्राचीन अोंतराणष्ट्रीय सोंशधय ों के सदरि ह,ै पविेषकर व ेज महान सम्राट ों या सजुरेन और उनकी सवेा करनेवाले वासल राज्य ों के बीच ह ती थीों। हमने इन सोंशधय ों या वाचाओों की तीन पविेषताओों क भी दिाणया था ज परमेश्वर के अपने ल ग ों के साथ सोंबोंध मेों भी पाई जाती हैों : अपने वासल के प्रपत सजुरेन की कृपा अपन ेल ग ों के प्रपत परमेश्वर की कृपा के समानाोंतर ह।ै ज पवश्वासय ग्यता या आज्ञाकाररता सजुरेन अपने वासल स ेचाहता था वह उसी पवश्वासय ग्यता के समानाोंतर ह ैज परमेश्वर अपने ल ग ों से चाहता ह।ै और वासल के पररर्ाम ज वासल की पवश्वासय ग्यता या पवश्वासघात स ेपनकलेोंगे व ेउन आिीष ों और श्ाप ों के समानाोंतर हैों ज परमेश्वर अपने पवश्वासय ग्य और अपवश्वासय ग्य ल ग ों क क्रमिः देता ह।ै वाचा की य ेतीन ों पविेषताएाँ प्रकाशितवाक्य की पूरी पसु्तक मेों मखु्य रूप स ेपाए जाती हैों।

    ”राजा और उसका राज्य” पर आधाररत हमारा अध्याय चार भाग ों मेों बाोंटा गया ह ैज पक म टे तौर पर इन प्राचीन वाचाओों के बपुनयादी स्वरूप का अनसुरर् करत ेहैों। पहला, हम उस राजत्व पर ध्यान देोंग ेज परमेश्वर एक ईश्वरीय सजुरेन या सम्राट के रूप मेों रखता ह,ै और साथ ही साथ उस राजत्व पर भी शजस ेयीि ुपरमेश्वर के वासल राजा के रूप मेों रखता ह।ै दूसरा, हम यह ख ज करेोंग ेपक प्रकाशितवाक्य अपने वाचाई ल ग ों के प्रपत परमेश्वर की कृपा क कैसे प्रकट करता ह।ै तीसरा, हम पवश्वासय ग्यता की उस ितण क दखेेोंगे शजसकी माोंग परमेश्वर अपने ल ग ों स ेकरता ह।ै और चौथा, हम उन पररर्ाम ों की ओर मडेु़ोंग ेज परमेश्वर के

  • प्रकाशितवाक्य की पसु्तक अध्याय तीन : राजा और उसका राज्य

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    प्रपत पवश्वासय ग्यता और अपवश्वासय ग्यता के फलस्वरूप पनकलते हैों। इसशलए आइए ईश्वरीय सजुरेन के रूप मे ंपरमेश्वर के राजत्व और उसके वासल के रूप मे ंयीि ुके साथ आरंभ करेों।

    िाजत्व

    परमेश्वर और यीि ुके राजत्व पर हमारी चचाण द पवषय ों पर केों पद्रत ह गी ह।ै पहला, हम सारी सरपि पर सजुरेन के रूप मेों परमेश्वर के राजत्व का सवके्षर् करेोंग।े और दूसरा, हम परमेश्वर के वासल या सेवक राजा के रूप मेों मसीह के राजत्व का वर्णन करेोंग।े आइए परमेश्वर के राजत्व क दखेने के द्वारा आरोंभ करेों।

    पिमशे्वि का िाजत्व पपवत्रिास्त्र के बहतु स ेभाग, जसैे भजन 113:19, परमेश्वर का वर्णन सोंपूर्ण सरपि पर सवणसामथी राजा

    और िासक के रूप मेों करत ेहैों। उसके पास अपन ेद्वारा बनाई गई हर वस्त ुपर पूरा सामर्थयण और अशधकार ह।ै और वह ब्रह्ांर् और उसके सारे प्राशर्य ों पर िासन करने के द्वारा अपने उस सामर्थयण और अशधकार क कायण मेों लाता ह।ै

    पिमशे्वि के पास सािी सषृ्टि पि शासन किन ेका अधिकाि ह ैकययोंष्टक वह सषृ्टिकर्ाा ह।ै उसने इसकी िचना की ह।ै यह सषृ्टि उसकी ह,ै औि पिमशे्वि के पास इस पि शासन किन ेका अधिकाि ह।ै औि भजन सोंष्टहर्ा मेों एक अनचु्छेद ह ै— भजन सोंष्टहर्ा 24:1-2 — जय इस बार् कय ष्टबल्कुल स्पि कि दरे्ा ह ैष्टक यह सत्य ह ै: "पथृ्वी औि जय कुछ उस मेों ह ैयहयवा ही का ह,ै जगर् औि उस मेों ष्टनवास किनवेाल ेभी। कययोंष्टक उसी न ेउसकी नीोंव समदु्यों के ऊपि दढृ़ किके िखी, औि महानदयों के ऊपि स्स्िि ष्टकया ह।ै" अर्ः वह इसका स्वामी ह।ै वह इस पि शासन किर्ा ह ैकययोंष्टक उसने इस ेबनाया ह।ै यह उसकी ह।ै

    डॉ. िॉबर्ा बी. धचज्म, जूष्टनयि

    पिमशे्वि अपन ेअधिकाि कय स्वयों के बाहि स ेप्राप्त नहीों किर्ा ह।ै वह उसका अपना अधिकाि ह।ै उसकी ष्टवशेषर्ाए,ँ सब की सब, आधिकारिक हैों। पिोंर् ुष्टनधिर् रूप से, यह उस र्िह का अधिकाि नहीों ह ैजसैा ष्टक हम मनषुययों के रूप मेों दखेर् ेहैों, जय अत्याचािी, या द्वषेपूर्ा, या मनमाना हय सकर्ा ह।ै यह अधिकाि अच्छा ह ैकययोंष्टक पिमशे्वि अच्छा ह।ै पिोंर् ुहम उसके अधिकाि पि भियसा कि सकर् ेहैों कययोंष्टक उसके पास एक अद्भरु् ट्रकै रिकॉडा ह।ै ष्टनधिर् रूप से, उसके अधिकाि का सबसे बडा प्रमार् हमािे पापयों के धलए अपन ेपतु्र कय भजेना औि हमािे िमी ठहिाए जान ेके धलए उसका ष्टिि से जी उठाना ह।ै कयई अन्य दशानशास्त्र, कयई अन्य ईश्वि दूि स ेइस र्िह का उत्ति दने ेनहीों आर्ा। अर्ः पिमशे्वि का अधिकाि अपन ेआप मेों ह,ै पिोंर् ुयह यीश ुमसीह मेों बाि-बाि प्रमाधर्र् हयर्ा ह।ै

  • प्रकाशितवाक्य की पसु्तक अध्याय तीन : राजा और उसका राज्य

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    डॉ. ष्टवधलयम एडगि

    प्रकाशितवाक्य की पसु्तक लगातार परमेश्वर क सारी सरपि के महान राजा के रूप मेों दिाणती हईु बात करती ह,ै और सोंपूर्ण ब्रह्ाोंड पर उसके सपक्रय, िपििाली िासन पर बल देती ह।ै हम इसे प्रकाशितवाक्य 1:4-6 मेों यूहन्ना द्वारा अपने पाठक ों क शलखे अपभवादन मेों दखेते हैों। हम इसे प्रकाशितवाक्य 4-5 मेों स्वगीय शसोंहासन कक्ष के पववरर् मेों दखेते हैों। हम इसे इस तर्थय मेों भी देखते हैों पक प्रत्यके राष्ट्र की भीड़ परमेश्वर के स्वगीय शसोंहासन के सामने इकट्ठी ह ती ह ैऔर प्रकाशितवाक्य 7:9-10 मेों उसकी स्तपुत करती ह।ै हम इस ेइस तर्थय मेों भी दखे सकते हैों पक स्वगणदूत भी पद 11 और 12 मेों यही कायण करते हैों। और हम इस ेिेष पसु्तक मेों परमेश्वर के अपने शसोंहासन पर पवराजमान ह ने के पनयपमत उल्लखे ों मेों दखेते हैों।

    केवल एक उदाहरर् के रूप मेों, सनुेों पक प्रकाशितवाक्य 1:4-6 मेों यूहन्ना ने एशिया माइनर की कलीशसयाओों का अपभवादन कैसे पकया ह ै:

    यूहन्ना की ओि स ेआधसया की सार् कलीधसयाओों के नाम : उसकी ओि स ेजय ह ैऔि जय िा औि जय आनवेाला ह;ै औि उन सार् आत्माओों की ओि स ेजय उसके धसोंहासन के सामन ेहैों, औि यीश ुमसीह की ओि स ेजय ष्टवश्वसाययग्य साक्षी औि मिे हओुों मेों स ेजी उठनवेालयों मेों पष्टहलौठा औि पथृ्वी के िाजाओों का हाष्टकम ह,ै र्मुहेों अनगु्रह औि शास्न्र् ष्टमलर्ी िह।े वह हम स ेपे्रम िखर्ा ह,ै औि उसने अपन ेलहू के द्वािा हमेों पापयों स ेछुडाया ह,ै औि हमेों एक िाज्य औि अपने ष्टपर्ा पिमशे्वि के धलय ेयाजक भी बना ष्टदया; उसी की मष्टहमा औि पिाक्रम यगुानयुगु िह।े आमीन (प्रकाधशर्वाकय 1:4-6)।

    ध्यान देों पक इन थ डे़ स ेपद ों मेों परमेश्वर के राज्य के बारे मेों पकतन ेउल्लखे हैों। परमेश्वर अपने शसोंहासन पर ह;ै यीि ुपरर्थवी के राजाओों पर िासन करता ह;ै और कलीशसया वह राज्य ह ैज परमेश्वर की सवेा करती ह।ै

    पष्टवत्रशास्त्र मेों पिमशे्वि का िाज्य ष्टवषय बहरु् ही ष्टवस्र्रृ् ष्टवषय ह,ै औि हि कयई इस बार् स ेसहमर् ह ैष्टक यह यीश ुकी धशक्षा का मखु्य सोंदशे िा। र्य पिमशे्वि के िाज्य का कया अिा ह?ै अोंर्र्ः इसका अिा यह ह ैष्टक पिमशे्वि िाजा ह,ै ष्टक पिमशे्वि प्रभरु्ा-सोंपन्न ह,ै ष्टक पिमशे्वि ही प्रभ ुह,ै ष्टक वही ब्रह्ाोंड का सवोच्च प्रभ ुह।ै पष्टवत्रशास्त्र मेों अपने किनयों औि उल्लखेयों के आिाि पि वास्र्व मेों पष्टवत्रशास्त्र मेों इसके दय मखु्य केों द् हैों। एक यह ह ैष्टक पिमशे्वि आिोंभ स ेलकेि अोंर् र्क सब वस्र्ओुों पि सवोच्च प्रभ ुह ै— अिाार्् पूिे इष्टर्हास मेों, हि समय मेों, हि एक स्िान पि, पिमशे्वि ही िाजा ह।ै दूसिा ह ैमानवीय इष्टर्हास पि औि सब मनषुययों पि उसके प्रभतु्व के आिाि पि उस िाजत्व का प्रकर्ीकिर्।

    डॉ. माका एल. स्ट्रॉस

    पिमशे्वि का िाज्य उन लयगयों पि सही, औि सच्चा शासन ह ैजय अपन ेजीवनयों पि पिमशे्वि के अधिकािपूर्ा दाव ेकय उधचर् रूप से स्वीकाि किर् ेहैों, जय पे्रम के साि, भियसे के साि, पूिी र्िह स ेऔि अपनी इच्छा के साि पिमशे्वि के सवोच्च प्रभतु्व के प्रष्टर् समपार् किर्े हैों। अब, इसका अिा यह ह ैष्टक कलीधसया एक अिा मेों पिमशे्वि के िाज्य का दशृ्य प्रकर्ीकिर् ह।ै कलीधसया वह माध्यम ह ैधजसमेों पिमशे्वि का िाज्य

  • प्रकाशितवाक्य की पसु्तक अध्याय तीन : राजा और उसका राज्य

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    वर्ामान मेों सषृ्टि, औि इष्टर्हास मेों दषृ्टिगयचि बनाया जार्ा ह।ै पिोंर् ुवह समपार् धजसका हम अब अनभुव किर् ेहैों वह र्य केवल पूवागामी ह।ै अोंर्र्ः पिमशे्वि सब बार्यों कय नया कि दगेा। पिमशे्वि प्रत्यके शत्र ुकय नि कि दगेा। हमेों पिमशे्वि कय धसद्ध रूप से जानने, औि पूिी र्िह से उसकी आज्ञा मानन ेमेों हमािे सामन ेआनवेाली प्रत्यके रूकावर् कय पिमशे्वि दूि कि दगेा। वह उन सब बािाओों कय हर्ा दगेा। यह ह ैपिमशे्वि की पिम प्रष्टर्ज्ञा। पिोंर् ुअभी हम अपन ेजीवनयों पि पिमशे्वि के उद्धाि औि पिमशे्वि के प्रभतु्व कय यीश ुमेों स्वीकाि किने के द्वािा अपनी इच्छा के साि, पे्रम के साि औि स्वर्ोंत्रर्ा के साि पूवााभासी रूप मेों शाष्टमल हयर्े हैों। औि इसके द्वािा कलीधसया िाज्य के अोंष्टर्म विदान की गवाही दरे्ी ह ैधजसकी प्रष्टर्ज्ञा एस्खार्ॉन, अिाार्् अोंर् समय मेों ह।ै

    डॉ. स्र्ीव ब्लकैमयिे

    प्राचीन मध्य-पूवी सम्राट ों के समान परमेश्वर ने अपने सेवक ों क पनयिु पकया पक व ेउसकी आज्ञाओों क पूरा करेों — अथाणत् उन वासल सवेक ों क ज उसकी ओर से उसके राज्य पर िासन करेों और उसका सोंचालन करेों। सामान्य िब्द ों मेों, परमेश्वर न ेवाचाई प्रिासक ों के उत्तराशधकार की अधीनता मेों यह कायण मनषु्ट्यजापत क पदया।

    जसैा पक हमने पहले के एक अध्याय मेों दखेा था, वाचाई प्रिासन उन छः मखु्य वाचाओों मेों पवकशसत हआु ज परमेश्वर ने अपने ल ग ों के साथ बााँधी थीों : आदम, नूह, अब्राहम, मूसा, दाऊद, और मसीह के साथ बााँधी गई वाचाएाँ। पहली द वाचाओों — आदम और नूह के साथ — ने परमेश्वर क सोंपूर्ण परर्थवी के सजुरेन राजा के रूप मेों पहचाना, और मनषु्ट्य जापत क एक वासल राष्ट्र के रूप मेों शचपित पकया ज परर्थवी पर उसकी इच्छा क पूरा करता ह।ै इन वाचाओों की ितों के तहत, परमशे्वर की सवोच्चता अभी भी इस परर्थवी की सारी जापतय ों पर पाई जाती ह;ै हर एक व्यपि उसके प्रपत जवाबदहे ह।ै

    आदम और नूह के साथ अपनी वाचाओों के बाद, परमेश्वर ने अब्राहम, मूसा और दाऊद के साथ वाचा बााँधी, शजसने उसके िासन क एक पविेष रूप मेों प्राचीन इस्राएल तक फैला पदया।

    एक उदाहरर् के तौर पर, सपुनए पनगणमन 19:4-6 मेों परमेश्वर प्राचीन इस्राएल स ेक्या कहता ह ै:

    र्मु न ेदखेा ह ैष्टक मैों न ेष्टमधिययों स ेकया-कया ष्टकया; र्मु कय मानय उकाब पक्षी के पोंखयों पि चढ़ाकि अपने पास ल ेआया हू।ँ इसधलय ेअब यष्टद र्मु ष्टनश्चय मिेी मानयग,े औि मिेी वाचा का पालन कियग,े र्य सब लयगयों मेों से र्मु ही मिेा ष्टनज िन ठहियग;े समस्र् पथृ्वी र्य मिेी ह।ै औि र्मु मिेी दसृ्षर् मेों याजकयों का िाज्य औि पष्टवत्र जाष्टर् ठहियगे (ष्टनगामन 19:4-6)।

    इस अनचु्छेद मेों, परमेश्वर ने इस्राएशलय ों क वह उपकार याद पदलाया ज उसने उन्हेों पमस्र की गलुामी स ेछुड़ान ेके समय उन पर पकया था। उसने इस्राएशलय ों की इस शजम्मदेारी का उल्लखे पकया पक वे उस वाचा के प्रपत आज्ञाकाररता के द्वारा पवश्वासय ग्यता क प्रकट करेों ज वह उनके साथ बााँध रहा था। और उसन ेउन्हेों प्राप्त ह नवेाली आिीष ों के पररर्ाम ों क दिाणया यपद व ेवाचा के प्रपत आज्ञाकारी बने रहते हैों।

    पविेष रूप से दाऊद के साथ बााँधी गई वाचा मेों, परमेश्वर ने दाऊद के राजवोंि क अपने ल ग ों के शलए परमेश्वर की आिीष और दोंड के माध्यम के रूप मेों स्थापपत पकया। इस वाचा का उल्लखे 2 िमूएल 7:1-

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    17 और भजन 89 और भजन 132 मेों पकया गया ह।ै यह दिाणती ह ैपक दाऊद के वोंि परमेश्वर के वासल राजा थे। उन्ह ोंने परमेश्वर के सामने इस्राएल के पूरे राज्य क प्रस्ततु पकया। अन्य सब वाचाओों के समान परमेश् वर न ेउपकार क प्रकट पकया, पवश् वासय ग्यता की अपेक्षा की और दाऊद के घराने क उसकी आिीष ों और दोंड के पररर्ाम ों क याद कराया।

    इस्राएल के इपतहास मेों बाद मेों दाऊद का वोंि इतनी बरुी तरह स ेपवफल रहा पक सोंपूर्ण इस्राएल राष्ट्र परमेश् वर के श्ाप के अधीन बोंधआुई मेों चला गया। परोंत ुबोंधआुई मेों भी इस्राएल के भपवष्ट्यवक् ताओों ने भपवष्ट्यवार्ी की पक अोंत के पदन ों मेों परमेश् वर दाऊद के धमी पतु्र के द्वारा अपनी वाचा क पफर स ेनया करेगा। पयमणयाह 31:31 मेों पयमणयाह भपवष्ट्यवक् ता ने इस नवीनीकरर् का वर्णन नई वाचा के रूप मेों पकया ह।ै यह नई वाचा परमेश्वर के उपकार का परम प्रकटीकरर् ह गी। वह अपने ल ग ों के मन ों क पररवपतणत कर देगा तापक व ेउसके प्रपत पवश्वासय ग्य रहेों। वे उसकी वाचा की अनोंतकाल की आिीष ों का आनोंद लेोंगे, और व ेपफर कभी श्ापपत न ह ोंग।े साथ ही साथ, परमेश्वर उन सबक दोंड दगेा शजन्ह ोंने उसका, उसके वासल राजा का और उसके राज्य के ल ग ों का पवर ध पकया था।

    दाऊद और प्राचीन इस्राएल के साथ परमेश्वर की वाचाओों का उदे्दश्य हमेिा से यही था पक व ेउनकी आिीष ों क दाऊद और इस्राएल से आग ेभी बढ़ाएाँ। दाऊद के घराने पर परमेश्वर के राज्य का उदे्दश्य इस्राएल के सोंपूर्ण राष्ट्र पर उपकार करना था, और इस्राएल की आिीष ों का उदे्दश्य सोंपूर्ण सोंसार पर उपकार करना था। हम इसे भजन 2, 67; यिायाह 2:2-4; और आम स 9:11-15 मेों दखे सकत ेहैों। परमेश्वर दाऊद के घराने स ेछुड़ानवेाल ेक भेजेगा, और वह छुड़ानवेाला इस्राएल क बचाएगा। और इस्राएल के द्वारा, वह पूरी सरपि क बचाएगा।

    इस समय, परमेश्वर कलीशसया क मसीह के द्वारा छुड़ा रहा ह,ै और हमेों अपने पपवत्र, वाचाई ल ग ों मेों िापमल कर रहा ह।ै इसके फलस्वरूप, कलीशसया अब परुाने पनयम के इस्राएल के राष्ट्र के साथ एक राज्य ह।ै

    सपुनए प्रकाशितवाक्य 1:5-6 मेों इस वाचाई सोंबोंध क पकस प्रकार अपभव्यि पकया गया ह ै:

    यीश ुमसीह . . . हम स ेपे्रम िखर्ा ह,ै औि उसन ेअपन ेलहू के द्वािा हमेों पापयों स ेछुडाया ह,ै औि हमेों एक िाज्य औि अपने ष्टपर्ा पिमशे्वि के धलय ेयाजक भी बना ष्टदया (प्रकाधशर्वाकय 1:5-6)।

    य ेपद दिाणते हैों पक क्य ोंपक यीि ुहमेों हमारे पाप ों स ेस्वतोंत्र करने के शलए मरा, इसशलए हम अब परमेश्वर की पनज सोंपपत्त और राष्ट्र हैों। हमारे पास अब वही पद ह ैज परमेश्वर ने परुाने पनयम मेों इस्राएल क पदया था : "एक राज्य और याजक।"

    परमेश्वर ने पनगणमन 19:6 मेों प्राचीन इस्राएल क यह पद पदया था, जहााँ वाचा की एक आिीष यह थी पक इस्राएल "याजक ों का राज्य और एक पपवत्र जापत" ह गा।

    सष्टदययों स ेबहरु् से लयगयों न ेपिमशे्वि के िाज्य की प्रकृष्टर् के बािे मेों र्का -ष्टवर्का ष्टकया ह।ै यह ऐसा स्पि ष्टवविर् ह ैधजस ेहम बाइबल मेों पार् ेहैों, पिोंर् ुष्टिि भी यह एक बडे ष्टववाद का ियर् िहा ह ैष्टक इसका एक सही अिा कया ह।ै मिेे ष्टवचाि स ेहम यह कह सकर्े हैों ष्टक यह आिािभूर् रूप स ेअपन ेसाि मेों पिमशे्वि का िाज्य इस सोंसाि मेों, कलीधसया मेों, व्यष्टिगर् मानवीय हृदय मेों पिमशे्वि के शासन का वर्ान किर्ा ह,ै र्ाष्टक

  • प्रकाशितवाक्य की पसु्तक अध्याय तीन : राजा और उसका राज्य

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    जब मैों औि आप पष्टवत्रशास्त्र के अनसुाि पिमशे्वि के अनसुाि जीवन जीर् ेहैों, र्य हम कह सकर् ेहैों ष्टक हम पिमशे्वि के िाज्य मेों सहभागी हय िह ेहैों।

    — डॉ. जॉन ऑस्वाल्र्

    पिमशे्वि का िाज्य कया ह।ै ष्टनधिर् रूप स ेहम इसका वर्ान कई रूपयों मेों कि सकर् ेहैों, पिोंर् ुमिेे ष्टवचाि स ेयह कहना एक एक सहायक र्िीका हयगा ष्टक यह वहा ँह ैजहा ँपिमशे्वि का िाज्य स्िाष्टपर् हयर्ा ह ै— यह वह के्षत्र ह ैधजसमेों पिमशे्वि का िाज्य उसके िाजा के द्वािा स्िाष्टपर् ष्टकया जार्ा ह ैजय पिमशे्वि की स्र्षु्टर्, पिमशे्वि की मष्टहमा की ओि अगवुाई किर्ा ह,ै औि पथृ्वी पि जीवन के सभी प्रकाि के रूपयों मेों सिुाि लार्ा ह।ै औि इसधलए हम पिमशे्वि के िाज्य कय यीश ुकी धशक्षाओों मेों बहरु् ही महत्वपूर्ा रूपयों मेों पार् ेहैों। औि नए ष्टनयम मेों यह पार् ेहैों ष्टक यीश ुवह िाजा ह ैजय बडी सामथ्या के साि हमािे सोंसाि मेों पिमशे्वि के िाज्य कय ला िहा ह।ै इसके धलए र्कनीकी शब्द ष्टवस्ियर् ह।ै यहा ँएक सेोंि ह;ै अपन ेमसीहा-रूपी िाजा के माध्यम स ेहमािे सोंसाि मेों पिमशे्वि का एक बहरु् ही सामिी प्रवशे ह।ै िाज्य कया ह ैकय स्पि किन ेका एक बहरु् अच्छा र्िीका िमाववज्ञानी ष्टगयिहािडस फ़यस से आर्ा ह,ै औि वह कहर्ा ह ैष्टक िाज्य वहा ँआर्ा ह ैजहा ँससुमाचाि िैलर्ा ह,ै जहा ँमन परिवष्टर्ार् हय जार् ेहैों, जहा ँपाप औि गलष्टर्ययों पि ष्टवजय प्राप्त कि ली जार्ी ह,ै जहा ँिाष्टमाकर्ा की खरे्ी की जार्ी ह,ै औि जहा ँपिमशे्वि के साि जीष्टवर् सोंगष्टर् स्िाष्टपर् की जार्ी ह।ै

    — डॉ. ब्रैोंडन क्रय

    परमेश्वर का लक्ष्य हमेिा से अपने स्वगीय राज्य क परर्थवी पर फैलाना, और इस परर्थवी क पवश्वासय ग्य ल ग ों से भरना रहा ह।ै स्वगण मेों, परमेश्वर की इच्छा पहल ेसे ही शसद्धता स ेपूरी ह ती ह।ै परोंत ुपरर्थवी पर, उसके रचे गए प्रार्ी अक्सर उसकी इच्छा पूरी करने स ेइनकार कर दतेे हैों। व ेपरमेश्वर क राजा के रूप मेों स्वीकार करने से इनकार कर देते हैों, और इस सोंसार के राज्य अक्सर परमेश्वर के िासन का पवर ध करते हैों। इसशलए जब यीि ुने प्रभ ुकी प्राथणना की, त उसकी पवनती यह थी पक एक पदन य ेसारे पवर धी राज्य पराशजत कर पदए जाएाँ, तापक केवल परमेश्वर का राज्य ही बना रह।े

    सपुनए पकस प्रकार प्रकाशितवाक्य 11:15 भपवष्ट्य के उस पदन के बारे मेों बात करता ह ै:

    जगर् का िाज्य हमािे प्रभ ुका औि उसके मसीह का हय गया, औि वह यगुानयुगु िाज्य किेगा (प्रकाधशर्वाकय 11:15)।

    परमेश्वर का पविेष राज्य तब तक बना रहगेा जब तक यह इस पूरे सोंसार पर पवजय प्राप्त नहीों कर लतेा और इसे भर नहीों देता। यह बाइबल की भपवष्ट्यवार्ी की अोंपतम मोंशजल ह।ै जब यीि ुमपहमा मेों वापस आएगा, त परमेश्वर का पविेष िासन परर्थवी के प्रत्यके राज्य क अपन ेमेों समा लगेा। यही आिा पयमणयाह 31:31-34 मेों, जकयाणह 14:9 मेों, और पपवत्रिास्त्र के कई अन्य अनचु्छेद ों मेों प्रकट की गई ह।ै

    परमेश्वर का राजत्व उन सारी उपमाओों स ेकहीों बढ़कर ह ैज प्राचीन मध्य-पूवण मेों पाई जाती हैों। प्राचीन सोंसार मेों, मानवीय सजुरेन कभी भी उस भलाई या उपकार क पूरा नहीों करत ेथ ेशजनकी प्रपतज्ञा उन्ह ोंन ेअपनी वाचाओों मेों की थी। उन्ह ोंने कभी अपन ेअधीन राजाओों की पवश्वासय ग्यता क शसद्धता के साथ नहीों जााँचा,

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    और न ही उन्ह ोंने कभी वाचाई पररर्ाम ों क शसद्धता के साथ पवतररत पकया। परोंत ुपरमेश्वर की वाचा मेों हमारा ईश्वरीय सजुरेन अपनी भलाई या उपकार की प्रपतज्ञाओों क पूर्ण रूप स ेपूरा करता ह।ै वह शसद्धता स ेहमारी पवश्वासय ग्यता क जााँचता ह।ै और वह वाचा की आिीष ों और श्ाप ों के पररर्ाम ों के रूप मेों उशचत दोंड और अनिुासन प्रदान करता ह।ै और जसैे पक हम दखेने वाले हैों, उसने अपने राजकीय पतु्र के रूप मेों यीि ुमसीह क हमारे बदले परमेश्वर के प्रपत पवश्वासय ग्य बनन ेऔर हमारी अपवश्वासय ग्यता के पररर्ाम ों क सहन करने के शलए भेजा तापक हम उसमेों उद्धार क प्राप्त कर सकेों ।

    परमेश्वर के सावणभौपमक राजत्व की इस समझ क मन मेों रखत ेहएु, अब हम परमेश्वर के सवेक या वासल राजा के रूप मेों मसीह के राजत्व के सोंबोंशधत पवषय की ओर मडु़त ेहैों।

    मसीह का िाजत्व

    यीश ुके िाजत्व कय दाऊद के प्राचीन िाजत्व के प्रकाश मेों दखेा जाना चाष्टहए कययोंष्टक यीश ुही आदशा दाऊद ह।ै वह हा-मशीआख, अिाार्् मसीहा ह।ै औि ष्टनस्सोंदहे पिुान ेष्टनयम मेों दाऊद का िाजत्व उस पद्धष्टर् के अनसुाि ह ैधजसे हम प्राचीन मध्य-पूवा के सोंसाि मेों दखेर्े हैों, अिाार्् सजुिेन-वासल सोंबोंि जहा ँसजुिेन, अिाार् िाजा सामान्यर्ः एक सोंधि के माध्यम स ेअपने अिीन लयगयों पि शासन किर्ा ह।ै औि दाऊद इस सोंसाि पि पिमशे्वि का चनुा हआु शासक ह।ै औि इसधलए एक ऐसा भाव ह ैधजसमेों पिमशे्वि न ेअपने बदल ेशासन किने के धलए दाऊद कय एक उप-शासक के रूप मेों चनुा। औि ष्टनस्सोंदहे यीश ुही वह ह ैजय अोंर्र्ः उसे पूिा किर्ा ह।ै

    — डॉ. िॉबर्ा बी. धचज्म, जूष्टनयि

    यीि ुके बारे मेों ब्रह्ाोंड के सजुरेन की अपेक्षा एक वासल या सेवक राजा के रूण प मेों स चना पवशचत्र लग सकता ह।ै आशिरकार, यीि ुपरमेश्वर ह,ै और परमेश्वर उन सब वस्तओुों का सरपिकताण और िासक ह ैज अस्स्तत्व मेों हैों। हम बड़ी मजबूती के साथ यह पपुि करते हैों पक यीि ुपूर्ण रूप स ेईश्वरीय ह,ै परोंत ुयह याद रखना महत्वपूर्ण ह ैपक यीि ुकेवल परमेश्वर ही नहीों ह।ै वह पूर्ण रूप स ेमानवीय भी ह।ै और एक मनषु्ट्य के रूप मेों, वह अपन ेपपता दाऊद के मानवीय शसोंहासन पर पवराजमान ह,ै शजसने परमेश्वर के वासल राष्ट्र, अथाणत् प्राचीन इस्राएल पर राजा ह न ेके मानवीय कायणभार क सोंभाला था। इस भाव मेों, यीि ुका राजत्व एक मानवीय कायणभार ह।ै और इसशलए, यीि ुपरमेश्वर का वासल राजा ह,ै ठीक वसैे ही जसैे परुाने पनयम मेों दाऊद था।

    बाइबल की वाचाई सोंिचना वास्र्व मेों प्राचीन मध्य-पूवी िाजाओों के बीच पाई जानवेाली सोंधि मेों ष्टनष्टहर् ह।ै औि अकसि सजुिेन बडा िाजा हयर्ा िा औि इस वाचा मेों बडे िाजा के साि सोंबोंधिर् एक वासल िाजा हयर्ा िा। प्रकाधशर्वाकय की पसु्र्क मेों िाजा — दाऊदवोंशी िाजा — के रूप मेों यीश ुकय यहूदा के गयत्र का धसोंह कहर्ी ह।ै औि इसधलए ऐसी भाषा कुछ बार्यों कय प्रकर् किर्ी ह।ै एक बार् जय यह दशाार्ी ह ैवह यह ह ैष्टक यीश ुन केवल यह प्रकर् किर्ा ह ैष्टक पिमशे्वि कौन ह,ै बस्ल्क वह सचे्च मनषु्यत्व, अिाार्् मनषुय हयन ेकी सोंपूर्ा प्रकृष्टर् कय भी प्रकर् किर्ा ह।ै औि इस प्रकाि नए ष्टनयम मेों दाऊद के पतु्र की अपनी भूष्टमका मेों पिमशे्वि के पतु्र सोंबोंिी भाषा वास्र्व

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    मेों दाऊदवोंशी िाजा, मसीहा के रूप मेों अकसि उसकी भूष्टमका का उल्लखे किर्ी ह।ै औि उस भाव मेों वह ऐष्टर्हाधसक प्रजा कय प्रस्र्रु् किर्ा ह।ै प्रकाधशर्वाकय की पसु्र्क के ष्टवषय मेों यह सब जाष्टर्ययों मेों िैल ेहएु पिमशे्वि के लयग हैों, औि वह हमािा िाजा, अिाार्् ष्टपर्ा के सामन ेहमािा प्रष्टर्ष्टनधि, या सजुिेन ह।ै अर्ः वह इष्टर्हास मेों, औि वर्ामान मेों हमािा िाजा ह,ै एक सोंपूर्ा मानवीय प्रार्ी ह ैजय ष्टपर्ा के सामन ेअपने लयगयों का प्रष्टर्ष्टनधित्व किर्ा ह।ै ष्टनस्सोंदहे, वह पिमशे्वि का भी हमािे सामन ेप्रष्टर्ष्टनधित्व किर्ा ह,ै पिोंर् ुयह इस सच्चाई कय िुोंिला नहीों किर्ा ष्टक वह पूर्ा रूप स ेमानवीय भी ह ैऔि पिमशे्वि के सामन ेहमािा प्रष्टर्ष्टनधित्व किर्ा ह।ै

    — डॉ. ग्रगे पिैी

    मसीह नाम एक िीषणक ह ैज सीध ेतौर पर दाऊदवोंिी राजा के कायणभार क दिाणता ह।ै मसीह िब्द का सामान्य अथण ह,ै अपभपषि जन। यह परुान ेपनयम का िब्द ह ैशजसका दाऊदवोंिी राजाओों के शलए बार-बार प्रय ग पकया जाता था क्य ोंपक जब व ेअपना कायणभार सोंभालते थ ेत उनका अपभषके पकया जाता था। हम इस े2 इपतहास 6:42; भजन 2:2, 6; भजन 18:50; भजन 20:6, 9; और भजन 45:1-2 जसै ेस्थान ों पर देिते हैों। इसी कारर्, यीि ुक भी प्रकाशितवाक्य 11:15 और 12:10 जसैे स्थान ों पर परमेश्वर के मसीह के रूप मेों सोंब शधत पकया गया ह।ै वह परमेश्वर का अपभपषि जन, अथाणत् उसका वासल राजा ह।ै

    दाऊद के महान पतु्र के रूप मेों यीि ुनई वाचा के उन सभी पहलओुों क पूरा करता ह ैशजनकी प्रतीक्षा परुान ेपनयम मेों की जाती थी। यीि ुमेों परमेश् वर के महानतम उपकार क प्रकट पकया गया ह।ै स्वयों मसीह ने हमारे बदले मेों पवश् वासय ग्यता की सारी मा ाँग ों क पूरा पकया ह।ै जब वह हमारे बदले मरा त उसने वाचाई श्ाप ों के पररर्ाम ों क सहा। और जब वह मरतक ों मेों से जी उठा और स्वगण पर चढ़ गया त उसने वाचा की आिीष ों के पररर्ाम ों क प्राप्त पकया।

    यीि ुने कू्रस पर मरने और मरतक ों मेों स ेजी उठन ेके द्वारा परमशे्वर के मानवीय वासल राजा ह ने के अपने पद क प्राप्त पकया। उसकी मरत्य ुने पाप के उस सारे अशधकार क हटा पदया शजसस ेवह परमेश्वर के ल ग ों क द षी ठहरा और नाि कर सकता था।

    जसैा पक हम प्रकाशितवाक्य 12:10-11 मेों पढ़त ेहैों :

    अब हमािे पिमशे्वि का उद्धाि औि सामथ्या औि िाज्य औि उसके मसीह का अधिकाि प्रगर् हआु ह,ै कययोंष्टक हमािे भाइययों पि दयष लगानवेाला, जय िार् ष्टदन हमािे पिमशे्वि के सामने उन पि दयष लगाया किर्ा िा, ष्टगिा ष्टदया गया ह।ै व ेममेन ेके लहू के कािर् . . . जयवन्र् हएु (प्रकाधशर्वाकय 12:10-11)।

    कू्रस पर मसीह के बशलदान के कारर् ितैान क हरा पदया गया ह।ै और मसीह के पास अब परमेश्वर के राज्य मेों अशधकार ह ैतापक उसका उद्धार उसके ल ग ों क पमल सके।

    और यीि ुकी आज्ञाकाररता ने उसे मरतक ों मेों स ेजी उठने का परुस्कार प्रदान पकया और उस ेअशधकार का ऐसा स्थान पदया ज मनषु्ट्य, स्वगणदूत या दिुात्मा के पकसी भी रशचत अशधकार स ेकहीों ऊाँ चा ह।ै

    और उसन ेमत्ती 28:18-19 मेों अपने पनुरुत्थान के बाद यह कहा :

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    स्वगा औि पथृ्वी का सािा अधिकाि मझु ेष्टदया गया ह।ै इसधलय ेर्मु जाओ, सब जाष्टर्ययों के लयगयों कय चेला बनाओ (मत्ती 28:18-19)।

    पनस्सोंदेह, अपने ईश्वरीय स्वभाव मेों यीि ुने कभी अशधकार क प्राप्त नहीों पकया। उसके पास यह हमेिा स ेथा। परोंत ुजब वह मरतक ों मेों से जी उठा, त यीि ुने कहा पक पपता ने उसे जापतय ों पर राजा ह न ेका अशधकार पदया ह,ै अथाणत् वह पूरे स्वगण और परर्थवी पर पपता का मानवीय वासल राजा बन गया था।

    अपने पनुरुत्थान के बाद, जब यीि ुस्वगण पर चढ़ गया, त वह राजा के रूप मेों शसोंहासन पर बठैाया गया। नया पनयम इसे इब्रापनय ों 1:3; 10:12, और 12:2 जसैे अनचु्छेद ों मेों स्पि करता ह,ै जहााँ यह कहता ह ैपक यीि ुपपता परमेश्वर के दापहने हाथ बठै गया। यह रूपक दिाणता ह ैपक पपता महान राजा या सजुरेन ह,ै और पक यीि,ु उसका पतु्र वह मानवीय वासल राजा ह ैज उसकी सवेा करता और उसका प्रपतपनशधत्व करता ह।ै यीि ुदाऊद के घराने, और परर्थवी के अन्य सब मानवीय राज्य ों का अोंपतम राजा ह।ै और उसके द्वारा पूरा सोंसार नया बनाया जाएगा। शसोंहासन पर पवराजमान ह ने के बाद स ेयीि ुने राजा के रूप मेों कलीशसया पर राज्य पकया ह।ै और वह परर्थवी की छ र तक उद्धार पहुाँचान ेके द्वारा अपने राज्य का पवस्तार कर रहा ह।ै

    मानवीय राजाओों की पवपरीतता मेों, परमेश्वर ने अपने पतु्र क कू्रस का मूल्य चकुाकर हमारा छुटकारा म ल लेने के शलए एक शसद्ध वासल राजा के रूप मेों भेजा ह।ै उसने अपने परर्थवी के जीवन मेों पूरी पवश्वासय ग्यता क प्रकट पकया और हमारी अपवश्वासय ग्यता के पररर्ाम ों का दःुख सहा और उसन ेयह कू्रस के ऊपर पकया। उसने हमारी क्षमा और पवश्वासय ग्यता क म ल लनेे के शलए अपना जीवन द ेपदया, और वह हमेों बचाना और सरुक्षा देना पनरोंतर जारी रखता ह।ै हमेों चापहए पक हम अपने उपकारी परमेश्वर और राजा के प्रपत पवश्वासय ग्य आज्ञाकाररता मेों अपभव्यि पे्रमपूर्ण आदर के साथ उसके अनगु्रहकारी िासन के प्रपत प्रत्यतु्तर देों।

    अब जबपक हमने परमेश्वर पपता के सजुरेन राजत्व और यीि ुके वासल राजत्व के बारे मेों ख ज कर ली ह,ै इसशलए आइए अब हम यह देखेों पक प्रकाशितवाक्य की पसु्तक परमेश्वर के राज्य के आधार पर परमेश्वर की कृपा का वर्णन कैसे करती ह।ै

    कृपा

    वाचा के सजुरेन ह ने के रूप मेों परमेश्वर की कृपा क प्रकाशितवाक्य की पूरी पसु्तक मेों कई रूप ों मेों देखा जा सकता ह।ै मनस्ट्संदहे, उसकी सबसे बडी कृपा अपने पतु्र क हमारे पाप ों के शलए मरने हते ुभेजना थी। इस पवषय का उल्लखे प्रकाशितवाक्य 1:5; 5:9-10; 7:14; और 14:3-4 जसैे कई स्थान ों पर पकया गया ह।ै

    परोंत ुहम परमेश्वर की राजकीय कृपा क इस बात मेों भी देखते हैों पक वह पकस प्रकार ल ग ों क अपने पास बलुाता ह ैऔर हमेों अपने राज्य का भाग बनाता ह,ै जसैे पक प्रकाशितवाक्य 1:6; 11:15; और 17:14 मेों।

    अपनी दया मेों उसने अपने ल ग ों क कई प्रकार के दोंड से बचाया शजनकी चेतावनी अपवश्वाशसय ों के पवरूद्ध दी गई थी, जसैे पक प्रकाशितवाक्य 7:3-4 और 9:4 मेों।

    यहा ाँ तक पक प्रकाशितवाक्य की कलीशसयाओों क दी गई भपवष्ट्यवार्ी-सोंबोंधी चेतावपनया ाँ भी हमारे शलए कृपा से भरे हएु अवसर हैों तापक हम पश्चाताप करेों। परमशे्वर ने अपने दोंड क र का तापक ल ग ों के पास

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    द ष स ेबचने का अवसर पमले। यूहन्ना ने इस प्रकार की कृपा का वर्णन प्रकाशितवाक्य 2:5, 16, 21 और 3:3,19 मेों पकया ह।ै

    परोंत ुप्रकाशितवाक्य मेों परमेश्वर के अनगु्रह और दया का िायद बार-बार प्रकट तरीका आस्त्मक यदु्ध के बीच अपने ल ग ों क बचाना ह।ै अतः इस अध्याय मेों हम अपने पवचार-पवमिण क परमेश्वर की राजा-रूपी कर पा पर केों पद्रत करेोंगे, पविेष रूप से इस पर पक वह कैसे अपने ल ग ों क इन सोंघषों मेों नाि ह ने स ेबचाता ह।ै

    मिेे ष्टहसाब से आस्त्मक यदु्ध प्रत्यके सचे्च मसीही की वास्र्ष्टवकर्ा ह।ै यह इस बार् कय समझना ह ैष्टक एक आस्त्मक जगर् ह,ै ष्टक शरै्ान ह,ै औि यह ष्टक व ेआत्माए,ँ अिाार्् शरै्ान हमेों पोंसद नहीों किर्ा ह।ै यष्टद शरै्ान न ेयीश ुपि आक्रमर् ष्टकया, र्य आप यह कल्पना कि भी सकर् ेहैों ष्टक शरै्ान आज के ष्टवश्वासी पि भी आक्रमर् किेगा, औि हमेों इसके धलए र्यैाि िहना ह।ै जब यीश ुष्टदकापधुलस जार्ा ह ैर्य पहली बार् यष्टद यह हयर्ी ह ैष्टक वह वहा ँएक दिुात्मा स ेभिे हएु व्यष्टि कय दखेर्ा ह,ै र्य आप कल्पना कि सकर् ेहैों ष्टक दिुात्मा स ेभिे हयने जसैी बार्ेों आज भी हयर्ी हैों, औि हमेों इस ेबडी गोंभीिर्ा से लनेा ह,ै औि हमेों सषु्टनधिर् किना ह ैष्टक जसैा वह पष्टवत्र ह ैवसै ेही हम पष्टवत्र हैों र्ाष्टक हम इस ेगोंभीिर्ा स ेल ेसकेों ।

    — डॉ. मरै् फ्रीडमनै

    नए पनयम मेों, आस्त्मक यदु्ध मखु्य रूप स ेपाप के पवरूद्ध हमारे अपने आोंतररक सोंघषण नहीों हैों, बस्ल्क य ेपरमेश्वर और इस सोंसार मेों कायणरत बरुी आस्त्मक िपिय ों के बीच चलते रहनेवाला एक यदु्ध ह।ै और इस सोंघषण मेों परमेश्वर का काम करने एक तरीका इन बरुी िपिय ों के पवरूद्ध अपने राज्य की रक्षा करना ह।ै जसैा पक हमने पहले के एक अध्याय मेों उल्लेख पकया था, प्रकाशितवाक्य की पसु्तक अक्सर परमशे्वर के अलौशलक के्षत्र और स्वगणदूत ों और दिुात्माओों के र्रैलौमकक के्षत्र की कायण-प्रर्ाली क प्रकट करती ह,ै और प्राकर पतक के्षत्र, जहााँ हम रहते हैों, पर उनके प्रभाव के बारे मेों बात करती ह।ै और मसीपहय ों के जीवन ों के सारे आस्त्मक यदु्ध का सार यह ह ैपक य ेर्रैलौमकक िपियााँ एक दूसरे के साथ लडती रहती हैों, पक व ेहमारे सोंसार पर प्रभाव डालती हैों, पक व ेहमारे जीवन क नकुसान पहुाँचाने और हमेों परमेश्वर के प्रपत अपवश्वासय ग्य बनान ेका प्रयास करती हैों, और पक परमशे्वर हमेों ितैानी प्रभाव और उसके कायों स ेबचाने के शलए स्वगणदूत ों क पनयिु करता ह।ै

    मसीष्टहययों के धलए आस्त्मक यदु्ध का ष्टवषय बहरु् ही जष्टर्ल हयर्ा ह ैकययोंष्टक यह प्रत्यके व्यष्टि के धलए अलग-अलग रूप मेों प्रकर् हयर्ा ह।ै औि इसका एक परिर्ाम यह हयर्ा ह ैष्टक जब मसीही इस ष्टवषय पि चचाा किर् ेहैों, र्य व ेअकसि चिम सीमाओों पि चले जार्े हैों। एक चिम सीमा यह ह ैष्टक लयग उन सािी बार्यों कय प्रकृष्टर् या ष्टवज्ञान के आिाि पि स्पि किन ेका प्रयास किर् ेहैों जय घष्टर्र् हयर्ा ह,ै औि व ेआस्त्मक यदु्ध की वास्र्ष्टवकर्ा कय नजिअोंदाज कि दरे् ेहैों। पिोंर् ुघष्टर्र् हयनवेाली सब बार्यों कय ष्टवज्ञान के द्वािा आसानी से स्पि नहीों ष्टकया जा सकर्ा। दूसिी चिम सीमा यह ह ैष्टक लयग हि बार् के पीछे दिुात्माओों कय दखेर् ेहैों औि सब बार्यों मेों आस्त्मक र्किाव कय दखेर्े हैों। मैों सयचर्ा हू ँष्टक सच्चाई कहीों इन दयनयों के बीच मेों ह।ै जब हम आिािना सभा के धलए र्यैाि हयर्े हैों, या ष्टिि ष्टकसी आस्त्मक, ससुमाचारिक काया मेों सष्टक्रय रूप से

  • प्रकाशितवाक्य की पसु्तक अध्याय तीन : राजा और उसका राज्य

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    शाष्टमल हयर् ेहैों, या ष्टिि दूसिे लयगयों की आस्त्मक रूप से सहायर्ा किर् ेहैों, र्य हम अकसि आस्त्मक ष्टवियि का सामना किर् ेहैों। यह ष्टकसी बीमािी मेों, या आपकी सहायर्ा किने के धलए ष्टकसी अधिकािी की अष्टनच्छा मेों प्रकर् हय सकर्ा ह।ै यह शायद अचानक आई बािाए ँहय सकर्ी हैों धजन्हेों आप सामान्य रूप स ेस्पि न कि पाए।ँ वास्र्व मेों, हमािा भौष्टर्क सोंसाि पूिी र्िह स ेआस्त्मक सोंसाि के प्रभाव मेों ह।ै औि इसी कािर् बहरु् सी भौष्टर्क प्रष्टक्रयाए ँजय हमािे जीवनयों मेों काया किर्ी हैों, वे आस्त्मक सोंसाि की घर्नाओों कय भी दशाा सकर्ी हैों। पिोंर् ुइन घर्नाओों का कािर् मखु्य ष्टबोंद ुनहीों ह।ै उनके शायद आस्त्मक कािर् हयों, या शायद व ेहमािे पाप का परिर्ाम हयों। पिोंर् ुहम जहा ँकहीों भी हयों औि हमािे साि जय भी हयर्ा हय, हमेों यह समझना चाष्टहए ष्टक हमािा प्रभ ुहमािी सिुक्षा किर्ा ह।ै हम उसकी सामथ्या – उसकी शष्टि पि ष्टनभाि हय सकर् ेहैों। हम उससे सहायर्ा प्राप्त कि सकर् ेहैों। औि यह हमेों भियसा दरे्ा ह,ै चाहे हम ष्टकसी भी प्रकाि के आस्त्मक प्रकर्ीकिर् का सामना किर् ेहयों। वास्र्ष्टवकर्ा यह ह ैष्टक हम अपन ेप्रभ,ु शिीि औि आत्मा से सोंबोंधिर् हैों। औि हमािे स्वगीय ष्टपर्ा की इच्छा के ष्टबना हमािे धसि का एक बाल भी नहीों ष्टगि सकर्ा। इसी कािर्, ष्टकसी भी र्िह के आस्त्मक सोंघषा मेों, हम शाोंर् औि आश्वस्र् िह सकर्े हैों ष्टक ष्टवजय प्रभ ुकी हयगी, औि — उसके साि — हमािी भी हयगी।

    िेव्ह. आइवन बसे्पालयव

    मसीपहय ों क आस्त्मक यदु्ध �