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वाटिकिन रेडियो टिदी eसमाचार 1 पववभ मै सत पापा ामसस ितीन टदवसीय याा लयि जेनेववव कििफर वाटििन मसिी, 24 मई सन ् 2014 (सेदोि): मयपूवमै अपनी पिली तीन टदवसीय याा ि मलये , शननवार, 24 मई ि, रोम समयानुसार ातः आठ बजे वाटििन से रवाना, ववयापी िथमलि िलीमसया ि परमधमवगु सत पापा ामसस इस तीथवयाा ि थम पडाव जॉिवन पि चुिे िसत पापा ामसस ियि दूसरी अतररारीय ेररनति याा िवगत 28 वै वव युवा टदवस पर सत पापा ने ाजील ियाा िथी। ीतीय वारा पारपरि ऱप से "पववभूम" ििजानेवाले जॉिवन, कमलतीनी और इाएल मै सत पापा ामसस ियाा िउदेय पववभूममै नय घिती ीतीय जनता मै आशा िसंचार िरना सय, ेम, वााा व सावना को समि 1369 वा अंक 25 मई 2014 रवववार

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  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 1

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    पववत्रभमूम में सन्त पापा फ्ााँमसस िी तीन टदवसीय यात्रा शरुु

    जूलयि जेनेववव किस्िफर वाटििन मसिी, 24 मई सन ्2014 (सेदोि): मध्यपवूव में अपनी पिली तीन टदवसीय यात्रा िे मलये, शननवार, 24 मई िो, रोम समयानसुार प्रातः आठ बज ेवाटििन से रवाना, ववश्वव्यापी िाथमलि िलीमसया िे परमधमवगरुु सन्त पापा फ्ााँमसस इस तीथवयात्रा िे प्रथम पडाव जॉिवन पिुाँच चिेु िैं।

    सन्त पापा फ्ााँमसस िी यि दसूरी अन्तरराष्ट्रीय प्रेररनति यात्रा िै। ववगत वर्व 28 वें ववश्व यवुा टदवस पर सन्त पापा ने ब्राजील िी यात्रा िी थी।

    ख्रीस्तीयों द्वारा पारम्पररि रूप से "पववत्रभमूम" ििे जानेवाले जॉिवन, क़िमलस्तीनी क्षेत्र और इस्राएल में सन्त पापा फ्ााँमसस िी यात्रा िा उद्देश्य पववत्रभमूम में ननत्य घिती ख्रीस्तीय जनता में आशा िा सचंार िरना

    सत्य, प्रेम, वार्ाा व सद्भावना को समर्पिर् 1369 वााँ अंक 25 मई 2014 रवववार

    http://www.asianews.it/news-en/Nepal,-Muslim-leader-shot-to-death-while-leaving-a-mosque-22742.htmlhttp://www.asianews.it/news-en/Nepal,-Muslim-leader-shot-to-death-while-leaving-a-mosque-22742.html

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 2

    25 मई 2014 रवििार

    पवित्रभमूम में सन्त पापा फ्ााँमसस की तीन दििसीय यात्रा शरुु - 1

    सन्त पापा की यात्रा काथमिक-ऑरथोडोक्स साक्षात्कार की 50 िीीं िर्षगााँठ का समारोह - 2

    जॉडषन में सींत पापा का भव्य स्िागत - 3

    1,400 बच्चों ने ग्रहण ककया प्रथम परमप्रसाि - 4

    अम्मान में सींत पापा फ्ााँमसस का प्रिचन - 5

    रवििारीय चचन्तन िर्ष ‘अ’ पास्का का छठिााँ रवििार

    25 मई, 2014

    तथा समस्त धमों िे नेताओं से शांनत िेत ुिायव िरने िी अपील िरना िै।

    सन्त पापा फ्ााँमसस िी इस तीन टदवसीय यात्रा िी पवूव सन्ध्या ईराि िे प्राधधधमावध्यक्ष लईूस सािो ने ििा, "सन्त पापा मध्यपवूव िे ख्रीस्तीयों िे ददव िो मिससू िरत ेिैं तथा क्षेत्र में व्याप्त ित्याओ,ं ववनाश एव ंसघंर्ों िी पषृ्ट्ठभमूम में उनिा आगमन जीवन िा सन्देश िै। यि एि अपील िै कि इस क्षते्र िो दमघोंिू सिंि से बािर ननिलने िे मलये सभी पक्ष अपनी-अपनी स्स्थनत िे पनुरावलोिन िा सािस जुिायेँ।"

    ग़ौरतलब िै कि 20 वी ंशताब्दी िे द़ौरान ख्रीस्तीयों िी सखं्या में ननत्य धगरावि आती गई िै। िाल िे वर्ों में िुए अरबी सघंर्व, मसररया िे गिृयदु्ध तथा इस्लामी चरमपथं ने ख्रीस्तीयों िे पलायन िी प्रकिया िो और अधधि प्रश्रय टदया िै।

    इस शताब्दी िे आरम्भ में मध्य पवूव िे ख्रीस्तीयों िी सखं्या 20 प्रनतशत िुआ िरती थी जो इस समय मात्र 4 प्रनतशत रि गई िै। एि सदी पवूव क़िमलस्तीनी क्षेत्र िे बेथलिम शिर िी जनसखं्या परू्वतः ख्रीस्तीय थी जबकि आज यिााँ िी दो नतिाई जनता इस्लाम धमावनयुायी िै, इसी शिर में रवववार िो सन्त पापा फ्ााँमसस साववजननि ख्रीस्तयाग अवपवत िरेंगे।

    जैरूसालमे िे िाथमलि प्राधधधमावध्यक्ष फोआद त्वाल ने चेतावनी दी िै कि यटद पववत्रभमूम में ख्रीस्तीयों िे

    पलायन िी यिी प्रवसृ्त्त जारी रिी तो पववत्रभमूम शानदार आिर्वर्ों से भरा किन्त ुववश्वामसयों से खाली एि "आध्यास्त्मि डिजनीलैंि 'बन सिता िै।

    इस्राएल िी यटद बात िी जाये तो ख्रीस्तीयों िी सखं्या में यिााँ आशाजनि ववृद्ध देखी गई िै किन्त ुयि ििना मसु्श्िल िै कि उनिा जीवन सगुम एव ंसरल िै। यिूदी चरमपधंथयों िे िमलों से वे जूझ रिे िैं स्जनमें िई ख्रीस्तीय पणु्य स्थलों पर अकंित मभस्त्तधचत्रों में "अरब और ईसाइयों िो म़ौत" तथा "येस ुिचरा िैं" जैस ेघरृ्ात्मि एव ंअपिीनत विर वाकयाशं पढ़ने िो ममलत ेिैं।

    कफलीस्तीनी क्षते्र में भी ख्रीस्तीयों िा जीवन आसान निीं िै। सन ्2007 में, इस्लामी िट्टरपधंथयों ने गजा पट्टी िे एिमात्र ख्रीस्तीय पसु्तिालय िो आग िे िवाले िर उसिे मामलि िी ित्या िर दी थी। सन ्2010 में, पस्श्चमी ति पर ननममवत एिमात्र ख्रीस्तीय अनाथालय िो कफलीस्तीनी अधधिाररयों िे दबाव िे बाद बन्द िरना पडा था।

    इस सन्दभव में, सन्त पापा फ्ााँमसस िी तीन टदवसीय यात्रा मध्यपवूव िे अल्पसखं्यि ख्रीस्तीयों में सािस एव ंआशा िे सचंार िा सनुिरा अवसर प्रस्ततु िर सिती तथा उन्िें चुऩौनतयों िा सामना िरने िे मलये धैयव एव ंशस्कत प्रदान िर

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 3

    सिती िै।

    ईराि िे प्राधधधमावध्यक्ष लईूस सािो िित ेिैं: "अपने मनोबल िो उठाने िे मलये िम सन्त पापा से शांनत िे वचन सनुने िे मलये आतरु िैं। मध्यपवूव िे रास्तों एव ंगमलयों में इन टदनों एि िी सवाल िै और वि यि कि सन्त पापा ि़ौनसा सन्देश लेिर आ रिे िैं।"

    मध्यपवूव िी ख्रीस्तीय जनता िे समक्ष प्रस्ततु इन चुऩौनतयों िे बीच शननवार 24 मई िो सन्त पापा फ्ााँमसस ने जॉिवन िे अम्मान में अपनी तीथवयात्रा िा उदघािन किया।

    जॉिवन िे सम्राि अब्दल्लाि से मलुािात िे उपरान्त सन्त पापा अम्मान स्स्थत "अल िुसनै यथू मसिी" स्िेडियम में ख्रीस्तयाग अवपवत िरेंग ेतथा यदनव नदी िे ति िे परे, येस ुमसीि िे बपनतस्मा स्थल, बेथनी में मसररया एव ंईराि िे शरर्ाधथवयों िी भेंि िरेंगे।

    सन्त पापा िी यात्रा िाथमलि-ऑरथोिोकस साक्षात्िार िी 50 वीं वर्वगााँठ िा समारोि

    जूलयि जेनेववव किस्िफर

    अम्मान, 24 मई सन ्2014 (सेदोि): मध्यपवूव में 24 से 27 मई ति सन्त पापा फ्ााँमसस िी यात्रा िा प्रमखु उद्देश्य िाथमलि-ऑरथोिोकस साक्षात्िार िी 50 वी ंवर्वगााँठ िा समारोि मनाना िै।

    वाटििन ने ििा िै कि जॉिवन, कफलीस्तीनी क्षेत्र तथा इस्राएल में सन्त पापा प्रााँमसस िी तीथवयात्रा िा उद्देश्य 50 वर्ों पवूव, जैरूसालेम में सम्पन्न, सन्त पापा प़ौल र्ष्ट्िम तथा िॉनस्िेनिीनोपल िे ऑरथोिोकस प्राधधधमावध्यक्ष

    अथनागोरा िी ऐनतिामसि मलुािात िी 50 वी ंवर्वगााँठ िा समारोि मनाना िै।

    05 जनवरी सन ्1964 ई. िो सन्त पापा प़ौल र्ष्ट्िम ने प्राधधधमावध्यक्ष अथनागोरा से मलुािात िी थी। इसी ऐनतिामसि मलुािात िे स्मरर्ाथव सन्त पापा फ्ााँमसस अपनी मध्यपवूव यात्रा िे द़ौरान िॉनस्िेनिीनोपल िे वतवमान ऑरथोिोकस प्राधधधमावध्यक्ष बारथोलोम प्रथम से मलुािातें िरेंग ेतथा ख्रीस्त िे अनयुानययों िे बीच एिता िो नवीन वेग प्रदान िरेंगे।

    सन ्1050 ई. में ऑरथोिोकस ख्रीस्तीय, येस ुमसीि द्वारा स्थावपत साववभ़ौममि िाथमलि िलीमसया से अलग िो गये थे। िाल िे दशिों में, ख्रीस्तीय एितावद्धवि प्रयासों िे फलस्वरूप, दोनों िलीमसयाओं िे बीच पनुः रचनात्मि सम्बन्धों िी स्थापना िो सिी िै।

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 4

    जॉिवन में संत पापा िा भव्य स्वागत उर्ा नतिी, िी.एस.ए.

    वाटििन मसिी, शननवार, 24 मई 2014 (वीआर सेदोि)꞉ पववत्र भमूम में प्रेररनति यात्रा िे प्रथम पडाव जॉिवन में सम्राि अब्दलु्लाि द्ववतीय, शािी पररवार, अधधिाररयों एव ंजॉिन िी जनता ने सतं पापा फ्ााँमसस िा भव्य स्वागत किया गया।

    इस अवसर पर सतं पापा ने कफमलस्तीन एव ंईराि िे शरर्ाधथवयों िो उदारतापवूवि शरर् प्रदान िरने एव ंजरूरत मदंों िी सिायता िरने िे मलए उन्िें धन्यवाद टदया।

    मध्यपवूव में गभंीर तनाव िे मद्देनजर शानंत बनाये रखन ेिेत ुसतं पापा ने जॉिन िे अधधिाररयों िो उनिे सभी प्रयासों िे मलए धन्यवाद टदया तथा उन्िें प्रोत्सािन टदया। उन्िोंने ििा कि सीररया में चल रिे सघंर्व िो िम िरने तथा इस्राइली-कफमलस्तीनी तनाव िो खत्म िरने िे मलए तत्िाल शांनतपरू्व समाधान खोज ननिालने िी आवश्यिता िै।

    ऐसे सिंि िालीन समय में इस्लामी मलू्यों िो ध्यान में रखत ेिुए तथा अन्य धमों िी िद्र िरत ेिुए मसु्स्लम समाज िा नेततृ्व िरने िे मलए सतं पापा ने जॉिन िे सम्राि िी सरािना िी। उन्िोंने ििा, ″यिूटदयों, ख्रीस्तीयों और मसुलमानों िे बीच समझदारी लाने िेत ुअतंर धाममवि वाताव िी पिल िो जॉिन ने मित्वपरू्व योगदान टदया िै मैं आपिे इस सियोग िे प्रनत िृतज्ञ िूाँ।″

    सतं पापा ने जॉिनवासी ख्रीस्तीयों िा भी अमभवादन किया। उन्िोंने ख्रीस्तीय ववश्वास िा साक्ष्य प्रस्ततु िरने िे मलए उन्िें धन्यवाद टदया तथा आशा व्यकत िी कि उनिी धाममवि स्वततं्रता मध्यपवूव एव ंपरेू ववश्व में बनी रिे। उन्िोंने ख्रीस्तीयों िो देश िे प्रनत अपने उत्तरदानयत्यों िी याद टदलाई।

    अतं में उन्िोंने जॉिवन एव ंविााँ िे देशवामसयों िो उनिे स्वागत िेत ुधन्यवाद टदया। उन्िें शांनत एव ंसमवृद्ध िी शभुिामनाएाँ अवपवत िरत ेिुए अपना प्ररेरनति आशीवाद प्रदान किया।

    अम्मान में सन्त पापा फ्ााँमसस द्वारा अवपवत याग में 1,400 बच्चों ने ग्रिर् किया प्रथम परमप्रसाद

    जूलयि जेनेववव किस्िफर

    अम्मान, 24 मई सन ्2014 (सेदोि): अम्मान िे अन्तरराष्ट्रीय स्िेडियम में शननवार, 24 मई िो सन्त पापा फ्ााँमसस ने ख्रीस्तयाग अवपवत किया स्जसमें 1,400 बच्चों ने

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 5

    प्रथम परमप्रसाद ग्रिर् किया।

    अम्मान िे अल िुसनैी शािी प्रासाद में सम्राि अब्दल्लाि से मलुािात िे उपरान्त सन्त पापा लगभग 11 किलो मीिर दरू स्स्थत "अल िुसनै यथू मसिी" िॉम्प्लेकस में ननममवत अम्मान िे अन्तरराष्ट्रीय स्िेडियम गये जिााँ उन्िोंने जॉिवन िे लोगों िे मलये साववजननि ख्रीस्तयाग अवपवत किया।

    स्िेडियम में 25,000 व्यस्कतयों िे बठैने िी व्यवस्था िै किन्त ुस्िेडियम िे बािर िई ववशाल िेलेववजन पदों िी व्यवस्था िी गई थी ताकि ख्रीस्तयाग में शाममल िोने िे इच्छुि सभी श्रद्धालओु ंिो म़ौिा ममल सिे।

    इसी स्िेडियम में 10 मई सन ्2009 िो सन्त पापा बेनेडिकि 16 वें ने जॉिवन िे लोगों िे मलये ख्रीस्तयाग अवपवत किया था।

    अम्मान में संत पापा फ्ााँमसस िा प्रवचन

    जस्स्िन नतिी, ये.स.

    अम्मान, शननवार 24 मई, 2014 (सेदोि,वीआर) सतं पापा फ्ााँमसस ने अपने प्रवचन में ििा कि येस ुने अपने मशष्ट्यों से एि सिायि देने िी प्रनतज्ञा िरत ेिैं। सबसे बडा सिायि िै - स्वय ंयेस ुमसीि और दसूरा िै पववत्र आत्मा।

    पववत्र आत्मा तीन िायव िरता िै, वि तयैार िरता, अभ्यसं्जत िरता और भेजता िै। बपनतस्मा ससं्िार में येस ुिे ऊपर पववत्र आत्मा उतरा और उन्िें मसु्कत ममशन िे मलये तयैार किया। पववत्र आत्मा ने येस ु

    िो ववनम्र सेवा िे मलये तयैार किया ताकि वे मानव मसु्कत िे मलये अपने आप िो दे सिें ।

    पववत्र आत्मा ने माता मररया िो तयैार किया और उसी पववत्र आत्मा ने मसमओेन और अन्ना िो भी तयैार किया ताकि वे मसीिा िो देखें और पिचान सिें ।

    पववत्र आत्मा िा ममशन िै सामजंस्य लाना। पववत्र आत्मा खुद िी सामजंस्य िै जो चािता िै कि लोगों िे बीच शांनत िा ववस्तार िो। वि चािता िै कि ववमभन्न लोगों और उनिे ववचारों िी ववमभन्नताओ ंिे बीच िोई ऐसी बात न आ जाये जो शांनत िे मागव में बाधि बने।

    पववत्र आत्मा िमें अभ्यसं्जत िरता िै। इसिे द्वारा येस ुिे चेल ेयेस ुिे समान बन जात ेिैं वे शांनत और एिता में जीवन यापन िरने लग जात ेिैं।

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 6

    इतना िी निी ंपववत्र आत्मा एि और िायव िै कि वे अपने मशष्ट्य़ों िो अपने ममशन में भजेत िैं ताकि उनिे मशष्ट्य येस ुिे प्रेम िा साक्ष्य दे सिें ।

    उन्िोंने ििा, शांनत िो खरीदा निीं जा सिता यि एि वरदान िै स्जस ेधैयवपवूवि खोजने से यि प्राप्त िो जाता िै। शांनत िी भावना तब मजबतू िोती िै जब िम इस बात िो समझत ेिैं कि िम एि पररवार िे सदस्य िैं।

    आज िम प्राथवना िरें ताकि पववत्र आत्मा िमारी आत्मा िो तयैार िरे ताकि िम एि-दसूरे िो भाई-बिन रूप में देखें िम राजनीनति ववचारधाराओ,ं भार्ाओ,ं ससं्िृनतयों और धमों से जुडी ववमभन्नताओं पर ववजय प्राप्त िर सिें ।

    िम प्राथवना िरें कि पववत्र आत्मा िमारी गलनतयों, नासमझझयों और वववादों िो दरू िरें और िम नम्रतापवूवि शांनत िे प्रचारि बन सिें ।

    वर्व ‘अ’ पास्िा िा छठवााँ रवववार, 25 मई, 2014

    प्रेररत-चररत 8 : 5-8,14-17 सन्त पेत्रसु िा पिला पत्र 3 : 15-18

    सन्त योिन 14 : 15-21 जस्स्िन नतिी, ये.स.

    नसीरुद्दीन िी ििानी

    ममत्रो, आज मैं आपलोगों िो एि व्यस्कत िी ििानी बताता िूाँ स्जसिा नाम था नसीरुद्दीन। इस ििानी िो ििाननयों िे गरुू जेस्स्वि फादर िोनी

    िमेेल्लो बतलाया िरत ेथे। एि टदन िी बात िै नसीरुद्दीन अपना जन्म टदन मना रिा था। उसिे िई ममत्र उससे ममलने आये और िुछ-न-िुछ उपिार देिर चले गये। नसीरुद्दीन िे ममत्रों में एि ननिि िे ममत्र ने उसे उपिार िे रूप में एि बतख टदया। नसीरुद्दीन ने प्रसन्न िोिर उस बतख िी तरिारी बनायी और उसे झखलाया। उसिे ममत्र ने उसे बिुत पसदं किया कयोंकि बतख िी तरिारी बिुत िी स्वटदष्ट्ि बनी थी। पवव समाप्त िोने पर सभी अपने-अपने घर चले गये। नसीरुद्दीन िा ममत्र भी वापस चला गया। िुछ टदनों िे बाद बतख देनेवाले ममत्र िा ममत्र नसीरुद्दीन िे पास मेिमान आया। उसने अपने पररचय में अपने िो बत्तख देने वाले िा ममत्र ििा। नसीरुद्दीन ने उस िे मलये भी उत्तम भोज बनाया । भोजन खात ेसमय उस ममत्र ने नसीरुद्दीन िो याद टदलाया कि उसे बताया गया था कि जन्मटदन िी पािी में बतख िा सपू बिुत स्वटदष्ट्ि था उसे भी बत्तख िी िी सपू चाटिये। नसीरूद्दीन ने बतख िे बच ेिुए मााँस से िुछ सपू बनाया और इस ेपरोसा। उसने भी भोजन ग्रिर् किया और बडी िी सतंसु्ष्ट्ि िे साथ विााँ से चला गया। िुछ टदनों िे बाद उस बतख देनेवाले िा एि और ममत्र नसीरुद्धीन िे घर आया। उसने अपने पररचय में ििा कि वि बतख

    http://www.biblemitr.com/dailyreadingbible.php?BookID=67&Chapter=3&Verses=15-18http://www.biblemitr.com/dailyreadingbible.php?BookID=50&Chapter=14&Verses=15-21

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 7

    देनेवाले ममत्र िे ममत्र िा ममत्र िै। उसने भी याद टदलाया ममत्रों ने बतलाया कि जन्मटदन िे भोज पर बतख िी सपू बिुत अच्छी बनी थी। उसे भी बतख िा सपू चाटिये। नसीरुद्दीन िा धयैव जाता रिा। बतख िा मााँस और सपू सब समाप्त िो चिुा था। उसे समझ में निी ंआ रिा था कि उस व्यस्कत िो कया ििे और कया दे कयोंकि अब सप्ताि भर िो गये थे। तब नसीरुद्दीन िो एि उपाय सझूा। उन्िोंने सब्जी िी सपू बनायी और उस ममत्र िे ममत्र िे ममत्र िो टदया। सपू चखने िे बाद उस व्यस्कत ने ििा कि सपू तो िुछ फीिा िो गया िै। और बतख िे सपू िे समान निीं लगता। तब नसीरुद्दीन ने ििा कि यि सपू आपिे वप्रय ममत्र िे बतख िे सपू िे सपू िे सपू िे सपू िा सपू िै। तब उस व्यस्कत िो समझ में आ गया कि अब बिुत टदन िो गये िैं इसमलये इसे ताजा और स्वटदष्ट्ि निीं रखा जा सिता िै।

    येस ुने अपने इस धरा िो छोडने िे पिल ेिुछ धचह्न छोड जाना चाित ेथे ताकि चेले उस शस्कत से दनुनया में येस ुिे सदेंश िो प्रचार – प्रसार िरें। येस ुचाित ेथे कि उसिे चेले उनिे जीवन, दःुखभोग, मतृ्य ुऔर पनुरुत्थान िा व्यस्कतगत अनभुव िरें ताकि वे उसिे िायों िा बखान िर सिें । वे चाित ेथे उन्िें ईश्वर िी आत्मा प्राप्त िो ताकि वे उनिी सिायता से वे येस ुिे िायव िो आगे बढ़ा सिें । आइये िम उस अशं िो सनेु स्जसे सतं योिन िे ससुमाचार िे 14वें अध्याय िे 15 से 21 पदों से मलया गया िै।

    संत योिन 14, 15 - 21 15) यटद तमु मझुे प्यार िरोगे तो मेरी आज्ञाओं िा पालन िरोगे। 16) मैं वपता से प्राथवना िरूाँ गा और वि तमु्िें एि दसूरा सिायि प्रदान िरेगा, जो सदा तमु्िारे साथ रिेगा। 17) वि सत्य िा आत्मा िै स्जसे ससंार ग्रिर् निी ंिर सिता, कयोंकि वि उस ेन तो देखता और न पिचानता िै। तमु उस ेपिचानत ेिो, कयोंकि वि तमु्िारे साथ रिता और तमु में ननवास िरता िै। 18) मैं तमु लोगो िो अनाथ छोडिर निीं जाऊाँ गा, मैं तमु्िारे पास आऊाँ गा। 19) थोि ेिी समय बाद ससंार मझु ेकफर निीं देखेगा। तमु मझुे देखोगे कयोंकि मैं जीववत रिूाँगा और तमु भी जीववत रिोगे। 20) उस टदन तमु जान जाओगे कि मैं वपता में िूाँ, तमु मझु में िो और मैं तमु में। 21) जो मेरी आज्ञायें जानता और उनिा पालन िरता िै, विी मझुे प्यार िरता िै और जो मझुे प्यार िरता िै, उस ेमेरा वपता प्यार िरेगा और उसे मैं भी प्यार िरूाँ गा और उस पर अपने िो प्रिि िरूाँ गा।

    ववदाई उपिार

    ममत्रो, मेरा परूा ववश्वास िै कि आपने प्रभ ुिे टदव्य वचनों िो ध्यान से पढ़ा िै और इसिे द्वारा आपिो और आपिे पररवार िे सब सदस्यों िो आध्यास्त्मि लाभ िुए िैं। ममत्रो, आज िे ससुमाचार िी तीन बातों ने मझुे प्रभाववत किया िै। पिली बात तो िै कि येस ुिी पववत्र इच्छा कि व ेिमें िमारे मलये एि सिायि प्रदान िरेंगे। िमने िई बार एि दसूरे से ववदा लेने िे अनभुव प्राप्त किये िैं। िम जब ववदा लेत ेिैं तो िम िरत ेिैं अलववदा या कफर ममलेंगे या कफर िम लोगों िो शभुिामनायें देत ेया आशीवावद देत ेिैं। प्रभ ुयेस ुिी ववदाई िा तरीिा प्रभावपरू्व िै। वे अपने मशष्ट्यों से िि रिे िैं कि वे उनिे मलये एि सिायि भेजेंग ेजो सदा उनिे साथ रिेगा। येस ुअपने िायव और ममशन िे प्रनत इतने उत्सािी थे कि वे चाित ेथे कि िम उनिे

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 8

    मशष्ट्य उसिे िायों िो आगे बढ़ात ेरिें। येस ुिे सिायि भेजने िे पीछे दो बात नछपी िुई िै। पिली िी येस ुजानत े िैं कि ईश्वर िा िायव िरना इतना आसान निीं था न िै पर ईश्वर िे िायव िे मलये ईश्वरीय सिायता प्राप्त िोने से यि िायव इतना िटठन भी निीं िै कि इस परूा निीं किया जा सिे। सच्चाई तो यि िै कि ईश्वर िे िायव िो ईश्वरीय सिायता से िरने से इसमें स्जतनी खशुी और सतंोर् प्राप्त िोता िै वि और किसी िायव से निीं ममल सिता िै। इसमलये येस ुने अपने चेलों िो एि सिायि भेजने िा वादा िरिे एि ओर तो उन्िें अपना प्यार टदखाया तो दसूरी ओर उनिा सािस बढ़ाया कि वि सदा उनिे साथ बने रिेंगे। श्रोताओ मेरा तो टदल ििता िै कि किसी भी ववदाई में इससे अच्छी बात िो िी निीं सिती िै। प्रभ ुिा आत्मा अथावत ्स्वय ंप्रभ ुिी या िम ििें प्रभ ुिी आन्तररि शस्कत िी प्रभ ुने िमारे मलये छोड टदया िै।

    प्यार और आज्ञापालन

    ममत्रो, प्रभ ुिी स्जस दसूरी बात ने मझु ेप्रभाववत किया वि िै प्रभ ुिा यि ििना कि यटद तमु मझु ेप्यार िरोगे तो मेरी आज्ञाओ ंिा पालन िरोगे। ममत्रो, कया िमने िभी इस बात पर ववचार किया िै कि प्रेम िे साथ आज्ञा जुडी िुई िै ? िम िई बार सोचत ेिैं कि प्रेम िे साथ भावनायें, आदान-प्रदान, बमलदान और परस्पररि आदान प्रदान जडुी िोतीं िैं । यि सत्य भी िै पर आज प्रभ ुिमसे िि रिे िैं कि यटद तमु मझु ेप्यार िरत े िो तो तमु मेरी आज्ञाओं िा पालन िरोगे। ममत्रो, प्रभ ु येस ु ने ऐसा इस मलये ििा कयोंकि उन्िोंने अपने जीवन में जो िुछ भी मशक्षा दी उसिा सार था पे्रम। येस ुने यि मशक्षा न मस़िव अपने बातों से दी पर उन्िोंने इस िमव से भी िर टदखलाया और िमारे मलये अपने प्रार्ों िा बमलदान चढ़ाया। येस ुखुद िी ििा िरत ेथे उन्िें वपता ईश्वर न भेजा िै और वपता ईश्वर िी इच्छा परूी िरना िी उनिा ममशन था। ममत्रो, जब िम आज्ञा िा पालन िरत ेिैं तो िम इसिे द्वारा अपना पे्रम टदखात ेिैं। ससृ्ष्ट्ि िे आरंभ से िी पे्रम िे साथ आज्ञापालन जुडी िुई िै। ईश्वर ने आदम और िेवा से भी ििा था कि वे उसिी आज्ञा िा पालन िरें तब िी ईश्वर िे िृपापात्र बने रिेंगे और आज्ञा िा उल्लघंन िरत ेिी वे ईश्वरीय िृपा से दरू िो गये। ममत्रो, आज्ञापालन में ईश्वर िे प्रनत पे्रम छुपा िुआ तो िै आदर िी भावना बमलदान िै और ममशन िी पररपरू्वता िै। आज्ञापालन िे बारे में यिी ििा जा सिता िै कि िम किसी िायव िो इसमलये िरत े िैं कयोंकि किसी व्यस्कत ने िमसे ऐसा िरन िो ििा िै और उस िायव या िुक़्म िो िम इतनी वफादारी लगाव और सम्मान िे साथ परूा िरत ेया उसे परू्वता िी ओर ले जात ेिैं कि वि एि पे्रमपरू्व ममशन बन जाता िै।

    तीसरी बात िै कि िम येस ुिे व्यस्कतगत अनभुव और उनसे प्राप्त वरदानों िो मस़िव अपने मलये न रखें उसे दसूरों िो भी बतायें। ऐसा िरने से खुद िो तो सतंसु्ष्ट्ि ममलेगी िी दसूरे भी इससे लाभास्न्वत िो पायेंगे।

    व्यस्कतगत अनभुव

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 9

    आज प्रभ ुिमें आमतं्रत्रत िर रिे िैं इस बात िे मलये कि िम उनिा व्यस्कतगत अनभुव िरें उनिे मलू्यों िो जीवन में आत्मसात िरें और उनिे जीने दःुख उठाने मारे जाने और पनुजीववत िोने िे रिस्य िो इस गिराई से समझें कि िम इसिे बारे में दसूरों िो साक्ष्य दे सिें ।

    ममत्रो,इस बात िो भी जानना आवश्यि िै कि जब िम येस ुिे िायव में लग जात ेिैं तो िमें िई चुऩौनतयों िा सामना िरना पडता िै। येस ुिा रास्ता िााँिों िा िै िूस िा रास्ता िै जिााँ पग-पग व्यस्कत िो आम दनुनया से िि िर िदम बढ़ाने िी आवश्यिता िोती िै कयों दनुनयावी मलू्य और येस ुिे मलू्य एि साथ निीं ममलत ेिैं।

    इसिे साथ िी येस ुिे मशष्ट्यों िो यि भी निीं भलूना चाटिये कि वे अिेले निीं िैं येस ुिी टदव्य शस्कत सदा उनिे साथ िै। येस ुिा पथ िााँिों िा िै, िूस िा िै त्याग, तपस्या और चुऩौतीभरा िै पर मानव िे जीवन िी सफलता िा यिी राज िै। स्जस व्यस्कत ने येस ुिो पिचान मलया िै उसिे त़ौर तरीिा िा अपने जीवन में आत्मसात िर मलया िै विी येस ुिा सच्चा चेला िै और उसने ईश्वर इच्छा परूी िर ली िै और उसे उस शांनत िे परुस्िार िो पाने से िोई भी निीं रोि सिता स्जसे खदु प्रभ ुयेस ुिी देत ेिैं।

  • वाटिकिन रेडियो टिन्दी eसमाचार 10

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    रवि सींध्या -सोम प्रातः- यिुा कायषक्रम नई दिशाएाँ एिीं साप्तादहक कायषक्रमःचेतना जागरण

    सोम सींध्या -मींगि प्रातः- रवििारीय िेिितू प्राथषना से पिूष दिया गया सींत पापा का सींिेश

    मींगि सींध्या -बधु प्रातः किीमसयाई िस्तािेजःएक अध्ययन

    बधु सींध्या -गुरु प्रातः- साप्तादहक आमिशषन समारोह में सींत पापा का सींिेश और श्रोताओीं के पत्र

    गुरु सींध्या -शुक्र प्रातः-पवित्र धमषग्रींथ बाईबबिःएक पररचय

    शुक्र सींध्या -शनन प्रातः- सामनयक िोकोपकारी चचाष

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