k.p.jyotish-3

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  ys[kd%& uanfd’kksj vxzoky nsokl okys मो नमकार   एक लख लखा था पराशर पदत पर उसम  म  लखा था एक नयम िजस भाव का फल हम  चाहए उस भाव पर जो िट या भाव वामी  साथ जो िथत हो या भाव वामी पर िट डाल  उन दसा तर  ।उस भाव का फल मल कसी दसा कसी का तर लबा होता सह समय नकालन  क लय यह दख  क भाव का वामी कहा िथत जहा िथत हो वहा  लन का वामी कोण आव  तब या लन का वामी जहा िथत हो वहा  स  भाव का वामी कोण आव  तब या लन का और भाव का वामी एक जगह आव  तब इस नयम आधार पर मन  एक क     डल पर उदाहरण सहत बताया भी था इस पर हमार सब   बहन  कहा  एक क     डल रह ह    इस पर बताओ इनका ववाह कोनसी दसा तर होगा और ववाह कब ह   होगा मो बतान  का याश कर रहा ह    नच  जम क    डल जो डटल बहन जी  द उस आधार पर बनाई  

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K.P.Jyotish-3

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