विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

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Page 1: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

||वि���कचू�डा�मणि� (शं�करा�चू�र्य�)|| http://sanskritdocuments.org/all_sa/viveknew_sa.html

स����दा�न्तसिसद्धा�न्तगो�चूरा� तमगो�चूराम� |

गो�वि�न्दा� पराम�नन्दा� सद्गु�रुं� प्र�त�ऽस्म्र्यहम� ||१||

जन्त�न�� नराजन्म दुर्ल�भमत* प+�स्त्�� तत� वि�प्रत�

तस्म�द्वै.दिदाकधम�म�गो�परात� वि�द्वैत्त्�मस्म�त्पराम� |

आत्म�न�त्मवि���चून� स्�न+भ�� ब्रह्मा�त्मन� स�स्थि6वित*

म+सि7न8 शंतजन्मक�दि9स+क: त.* प+ण्र्य.र्वि�=न� र्लभ्र्यत� ||२||

दुर्ल�भ� त्रर्यम��.तद्दे���न+ग्रहह�त+कम� |

मन+ष्र्यत्�� म+म+क्षु+त्�� मह�प+रुंषस�श्रर्य* ||३||

र्लब्ध्�� कथसिचून्नराजन्म दुर्ल�भ�

तत्र�विप प+�स्त्�� श्र+वितप�रादाशं�नम� |

र्यस्त्��त्मम+7L न र्यत�त म�ढधN*

स ह्या�त्मह� स्�� वि�विनहन्त्र्यसदा�ग्रह�त� ||४||

इत* क� न्�स्तिस्त म�ढ�त्म� र्यस्त+ स्��थS प्रम�द्यवित |

दुर्ल�भ� म�न+ष� दा�ह� प्र�प्र्य तत्र�विप पLरुंषम� ||५||

�दान्त+ शं�स्त्र�णि� र्यजन्त+ दा���न�

क+ ��न्त+ कम��णि� भजन्त+ दा��त�* |

आत्म.क्र्यबो�ध�न वि�न�विप म+सि7*

न सिसध्र्यवित ब्रह्माशंत�न्तरा�ऽविप ||६||

अम:तत्�स्र्य न�शं�स्तिस्त वि�त्ते�न�त्र्य�� विह श्र+वित* |

ब्र�Nवित कम��� म+7� राह�त+त्�� स्फु+ 9� र्यत* ||७||

Page 2: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अत� वि�म+क्त्र्य. प्रर्यत�त� वि�द्वै�न�

स�न्र्यस्तबो�ह्या�थ�स+खस्पृ:ह* सन� |

सन्त� मह�न्त� सम+प�त्र्य दा�सिशंक�

त�न�पदिदाष्टा�थ�सम�विहत�त्म� ||८||

उद्धारा�दा�त्मन�त्म�न� मग्न� स�स�रा��रिराधL |

र्य�गो�रूढत्�म�स�द्य सम्र्यग्दाशं�नविनष्ठर्य� ||९||

स�न्र्यस्र्य स��कम��णि� भ�बोन्धवि�म+7र्य� |

र्यत्र्यत�� पस्थिण्डात.धiरा.रा�त्म�भ्र्य�स उपस्थि6त.* ||१०||

सिचूत्तेस्र्य शं+द्धार्य� कम� न त+ �स्त�पर्लब्धर्य� |

�स्त+सिसद्धिद्धार्वि�=चू�रा�� न किंक=सिचूत्कम�क�दि9णिभ* ||११||

सम्र्यग्विग्�चू�रात* सिसद्धा� राज्जु+तत्त्���ध�रा�� |

भ्रा�न्त�दिदातमह�सप�भर्यदु*खवि�न�सिशंनN ||१२||

अथ�स्र्य विनश्चर्य� दृष्टा� वि�चू�रा�� विहत�सि7त* |

न स्न�न�न न दा�न�न प्र���र्यमशंत�न �� ||१३||

अधिधक�रिरा�म�शं�स्त� फर्लसिसद्धिद्धार्वि�=शं�षत* |

उप�र्य� दा�शंक�र्ल�द्य�* सन्त्र्यस्तिस्मन्सहक�रिरा�* ||१४||

अत� वि�चू�रा* कत�व्यो� द्धिजज्ञा�स�रा�त्म�स्त+न* ||

सम�स�द्य दार्य�सिसन्ध+� गो+रुं� ब्रह्मावि�दुत्तेमम� ||१५||

म�ध��N प+रुंष� वि�द्वै�न+ह�प�हवि�चूक्षु�* |

अधिधक�र्य��त्मवि�द्य�र्य�म+7र्लक्षु�र्लणिक्षुत* ||१६||

वि���विकन� वि�रा7स्र्य शंम�दिदागो+�शं�सिर्लन* |

Page 3: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

म+म+क्षु�रा�� विह ब्रह्माद्धिजज्ञा�स�र्य�ग्र्यत� मत� ||१७||

स�धन�न्र्यत्र चूत्��रिरा कसिथत�विन मनNविषणिभ* |

र्य�ष+ सत्स्��� सधिन्नष्ठ� र्यदाभ��� न सिसध्र्यवित ||१८||

आदाL विनत्र्य�विनत्र्य�स्त+वि���क* परिरागोण्र्यत� |

इह�म+त्रफर्लभ�गोवि�रा�गोस्तदानन्तराम� |

शंम�दिदाष9�कसम्पणित्तेम+�म+क्षु+त्�धिमवित स्फु+ 9म� ||१९||

ब्रह्मा सत्र्य� जगोन्मिन्मथ्र्य�त्र्य���रूप� वि�विनश्चर्य* |

स�ऽर्य� विनत्र्य�विनत्र्य�स्त+वि���क* सम+दा�हृत* ||२०||

तद्वै.रा�ग्र्य� द्धिजह�स� र्य� दाशं�नश्र���दिदाणिभ* |

दा�ह�दिदाब्रह्मापर्य�न्त� ह्याविनत्र्य� भ�गो�स्त+विन ||२१||

वि�राज्र्य वि�षर्यव्रा�त�द्दे�षदृष्ट्या� म+हुम+�हु* |

स्�र्लक्ष्र्य� विनर्यत��6� मनस* शंम उच्र्यत� ||२२||

वि�षर्य�भ्र्य* परा��त्र्य� 6�पन� स्�स्�गो�र्लक� |

उभर्य�ष�धिमद्धिन्�र्य���� स दाम* परिराक�र्वित=त* |

बो�ह्या�न�र्लम्बोन� �:त्ते�रा�ष�परावितरुंत्तेम� ||२३||

सहन� स��दु*ख�न�मप्रतNक�राप���कम� |

सिचून्त�वि�र्ल�पराविहत� स� वितवितक्षु� विनगोद्यत� ||२४||

शं�स्त्रस्र्य गो+रुं��क्र्यस्र्य सत्र्यबो+द्ध्य�ध�रा�म� |

स� श्रद्धा� कसिथत� सद्धि�र्य�र्य� �स्त�पर्लभ्र्यत� ||२५||

स��दा� 6�पन� बो+द्धा�* शं+द्धा� ब्रह्माणि� स��दा� |

तत्सम�ध�नधिमत्र्य+7� न त+ सिचूत्तेस्र्य र्ल�र्लनम� ||२६||

Page 4: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अह�क�रा�दिदादा�ह�न्त�न� बोन्ध�नज्ञा�नकस्थि�पत�न� |

स्�स्�रूप��बो�ध�न म�7+ धिमच्छा� म+म+क्षु+त� ||२७||

मन्दामध्र्यमरूप�विप �.रा�ग्र्य�� शंम�दिदान� |

प्रस�दा�न गो+रा�* स�र्य� प्र�:द्धा� स�र्यत� फर्लम� ||२८||

�.रा�ग्र्य� चू म+म+क्षु+त्�� तNव्रा� र्यस्र्य त+ वि�द्यत� |

तस्तिस्मन्न���थ��न्त* स्र्य+* फर्ल�न्त* शंम�दार्य* ||२९||

एतर्य�म�न्दात� र्यत्र वि�रा7त्�म+म+क्षुर्य�* |

मराL सर्लNर्ल�त्तेत्र शंम�दा�भ��नम�त्रत� ||३०||

म�क्षुक�रा�स�मग्र्र्य�� भसि7रा�� गोराNर्यसN |

स्�स्�रूप�न+सन्ध�न� भसि7रिरात्र्यणिभधNर्यत� ||३१||

स्��त्मतत्त्��न+सन्ध�न� भसि7रिरात्र्यपरा� जगो+* |

उ7स�धनस�पन्नस्तत्त्�द्धिजज्ञा�स+रा�त्मन* |

उपसNदा�द्गु�रुं� प्र�ज्ञ्र्य� र्यस्म�द्बन्धवि�म�क्षु�म� ||३२||

श्र�वित्रर्य�ऽ�:द्धिजन�ऽक�महत� र्य� ब्रह्मावि�त्तेम* |

ब्रह्माण्र्य+परात* शं�न्त� विनरिरान्धन इ��नर्ल* |

अह�त+कदार्य�सिसन्ध+बो�न्ध+रा�नमत�� सत�म� ||३३||

तम�रा�ध्र्य गो+रुं� भक्त्र्य� प्रह्वप्रश्रर्यस��न.* |

प्रसन्न� तमन+प्र�प्र्य प:च्छा�ज्ज्ञा�तव्योम�त्मन* ||३४||

स्��धिमन्नमस्त� नतर्ल�कबोन्ध�

क�रुंण्र्यसिसन्ध� पवितत� भ��ब्धL |

म�म+द्धारा�त्मNर्यक9�क्षुदृष्ट्या�

Page 5: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

ऋज्व्यो�वितक�रुंण्र्यस+ध�णिभ�:ष्ट्या� ||३५||

दु���रास�स�रादा��ग्विग्नतप्त�

दा�ध�र्यम�न� दुरादृष्टा��त.* |

भNत� प्रपन्न� परिराप�विह म:त्र्य�*

शंराण्र्यमन्र्यद्यदाह� न ज�न� ||३६||

शं�न्त� मह�न्त� विन�सन्तिन्त सन्त�

�सन्त��र्ल�कविहत� चूरान्त* |

तN���* स्�र्य� भNमभ������ जन�-

नह�त+न�न्र्य�नविप त�रार्यन्त* ||३७||

अर्य� स्�भ��* स्�त ए� र्यत्परा-

श्रम�पन�दाप्र��� मह�त्मन�म� |

स+ध��शं+रा�ष स्�र्यमक� कक� शं-

प्रभ�णिभतप्त�म�वित णिक्षुकिंत= विकर्ल ||३८||

ब्रह्मा�नन्दारास�न+भ�वितकसिर्लत.* प�त�* स+शंNत.र्य+�त.*

र्य+ष्मद्वै�क्कर्लशं�स्थिज्�त.* श्र+वितस+ख.���क्र्य�म:त.* स�चूर्य |

स�तप्त� भ�त�पदा��दाहनज्��र्ल�णिभरा�न� प्रभ�

धन्र्य�स्त� भ�दा�क्षु�क्षु�गोत�* प�त्रNक: त�* स्�Nक: त�* ||३९||

कथ� तरा�र्य� भ�सिसन्ध+म�त�

क� �� गोवितमS कतम�ऽस्त्र्य+प�र्य* |

ज�न� न विकस्थि�चूत्क: पर्य�ऽ� म�� प्रभ�

स�स�रादु*खक्षुवितम�तन+ष्� ||४०||

Page 6: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तथ� �दान्त� शंरा��गोत� स्��

स�स�रादा���नर्लत�पतप्तम� |

विनराNक्ष्र्य क�रुंण्र्यरास���दृष्ट्या�

दाद्य�दाभNकिंत= सहस� मह�त्म� ||४१||

वि�द्वै�न� स तस्म� उपसणित्तेमNर्य+ष�

म+म+क्षु�� स�ध+ र्यथ�7क�रिरा�� |

प्रशं�न्तसिचूत्ते�र्य शंम�न्तिन्�त�र्य

तत्त्��पदा�शं� क: पर्य.� क+ र्य��त� ||४२||

म� भ.ष्टा वि�द्वै�स्त� न�स्त्र्यप�र्य*

स�स�रासिसन्ध�स्तरा��ऽस्त्र्य+प�र्य* |

र्य�न.� र्य�त� र्यतर्य�ऽस्र्य प�रा�

तम�� म�गो� त� विनर्दिदा=शं�धिम ||४३||

अस्त्र्य+प�र्य� मह�न्कणिश्चत्स�स�राभर्यन�शंन* |

त�न तNत्��� भ��म्भो�धिंध= पराम�नन्दाम�प्स्र्यसिस ||४४||

��दा�न्त�थ�वि�चू�रा�� ज�र्यत� ज्ञा�नम+त्तेमम� |

त�न�त्र्यन्तिन्तकस�स�रादु*खन�शं� भ�त्र्यन+ ||४५||

श्रद्धा�भसि7ध्र्य�नर्य�गो�म्म+म+क्षु�*

म+7� हSत�न्�सि7 स�क्षु�च्छा�त�गोi* |

र्य� �� एत�ष्��� वितष्ठत्र्यम+ष्र्य

म�क्षु�ऽवि�द्य�कस्थि�पत�द्दे�हबोन्ध�त� ||४६||

अज्ञा�नर्य�गो�त्पराम�त्मनस्त�

ह्यान�त्मबोन्धस्तत ए� स�स:वित* |

Page 7: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तर्य�र्वि�=��क�दिदातबो�ध�धि�*

अज्ञा�नक�र्य� प्रदाह�त्सम�र्लम� ||४७||

सिशंष्र्य उ��चू |

क: पर्य� श्र�र्यत�� स्��धिमन्प्रश्नो�ऽर्य� वि�र्यत� मर्य� |

र्यदुत्तेरामह� श्र+त्�� क: त�थ�* स्र्य�� भ�न्म+ख�त� ||४८||

क� न�म बोन्ध* कथम�ष आगोत*

कथ� प्रवितष्ठ�स्र्य कथ� वि�म�क्षु* |

क�ऽस��न�त्म� पराम* क आत्म�

तर्य�र्वि�=��क* कथम�तदुच्र्यत�म� ||४९||

श्रNगो+रुं��चू |

धन्र्य�ऽसिस क: तक: त्र्य�ऽसिस प�वि�त त� क+ र्ल� त्�र्य� |

र्यदावि�द्य�बोन्धम+क्त्र्य� ब्रह्माNभवि�त+धिमच्छासिस ||५०||

ऋ�म�चूनकत��रा* विपत+* सन्तिन्त स+त�दार्य* |

बोन्धम�चूनकत�� त+ स्�स्म�दान्र्य� न कश्चन ||५१||

मस्तकन्र्यस्तभ�रा�दा�दु�*खमन्र्य.र्विन=��र्य�त� |

क्षु+ध�दिदाक: तदु*ख� त+ वि�न� स्��न न क� नसिचूत� ||५२||

पथ्र्यमLषधस��� चू वि�र्यत� र्य�न रा�विगो�� |

आरा�ग्र्यसिसद्धिद्धादृ�ष्टा�ऽस्र्य न�न्र्य�न+धिष्ठतकम��� ||५३||

�स्त+स्�रूप� स्फु+ 9बो�धचूक्षु+ष�

स्��न.� ��द्य� न त+ पस्थिण्डात�न |

चून्�स्�रूप� विनजचूक्षु+ष.�

Page 8: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

ज्ञा�तव्योमन्र्य.रा�गोम्र्यत� विकम� ||५४||

अवि�द्य�क�मकम��दिदाप�शंबोन्ध� वि�म�सिचूत+म� |

क* शंक्न+र्य�विद्वैन�त्म�न� क�पक�दि9शंत.राविप ||५५||

न र्य�गो�न न स��ख्र्य�न कम��� न� न वि�द्यर्य� |

ब्रह्मा�त्म.कत्�बो�ध�न म�क्षु* सिसध्र्यवित न�न्र्यथ� ||५६||

�N��र्य� रूपसLन्दार्य� तन्त्रN��दानसLष्ठ�म� |

प्रज�राञ्जनम�त्र� तन्न स�म्रा�ज्र्य�र्य क�पत� ||५७||

��ग्�.खराN शंब्दा�राN शं�स्त्रव्यो�ख्र्य�नकLशंर्लम� |

�.दुष्र्य� वि�दुष�� तद्वै��7र्य� न त+ म+7र्य� ||५८||

अवि�ज्ञा�त� परा� तत्त्�� शं�स्त्र�धNवितस्त+ विनष्फर्ल� |

वि�ज्ञा�त�ऽविप परा� तत्त्�� शं�स्त्र�धNवितस्त+ विनष्फर्ल� ||५९||

शंब्दाज�र्ल� मह�राण्र्य� सिचूत्तेभ्राम�क�रा�म� |

अत* प्रर्यत्न�ज्ज्ञा�तव्यो� तत्त्�ज्ञा.स्तत्त्�म�त्मन* ||६०||

अज्ञा�नसप�दाष्टास्र्य ब्रह्माज्ञा�नLषध� वि�न� |

विकम+ ��दा.श्च शं�स्त्र.श्च विकम+ मन्त्र.* विकमLषध.* ||६१||

न गोच्छावित वि�न� प�न� व्यो�धिधराLषधशंब्दात* |

वि�न�ऽपरा�क्षु�न+भ�� ब्रह्माशंब्दा.न� म+च्र्यत� ||६२||

अक: त्�� दृश्र्यवि�र्लर्यमज्ञा�त्�� तत्त्�म�त्मन* |

ब्रह्माशंब्दा.* क+ त� म+सि7रुंसि7म�त्रफर्ल.न:���म� ||६३||

अक: त्�� शंत्र+स�ह�रामगोत्��ग्विखर्लभ�णिश्रर्यम� |

रा�ज�हधिमवित शंब्दा�न्न� रा�ज� भवि�त+मह�वित ||६४||

Page 9: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

आप्त�क्तिं7= खनन� तथ�परिरासिशंर्ल�द्य+त्कष��� स्�Nक: किंत=

विनक्षु�प* समप�क्षुत� नविह बोविह* शंब्दा.स्त+ विनगो�च्छावित |

तद्वैदा�ब्रह्मावि�दा�पदा�शंमननध्र्य�न�दिदाणिभर्ल�भ्र्यत�

म�र्य�क�र्य�वितरा�विहत� स्�ममर्ल� तत्त्�� न दुर्य+�सि7णिभ* ||६५||

तस्म�त्स��प्रर्यत्न�न भ�बोन्धवि�म+7र्य� |

स्�.रा�� र्यत्न* कत�व्यो� रा�गो�दा�वि�� पस्थिण्डात.* ||६६||

र्यस्त्�र्य�द्य क: त* प्रश्नो� �राNर्य��छा�स्त्रवि�न्मत* |

स�त्रप्र�र्य� विनगो�ढ�थ8 ज्ञा�तव्योश्च म+म+क्षु+णिभ* ||६७||

शं:�+ष्���विहत� वि�द्वैन्र्यन्मर्य� सम+दा�र्य�त� |

तदा�तच्छ्र���त्सद्य� भ�बोन्ध�विद्वैम�क्ष्र्यस� ||६८||

म�क्षुस्र्य ह�त+* प्रथम� विनगोद्यत�

�.रा�ग्र्यमत्र्यन्तमविनत्र्य�स्त+ष+ |

तत* शंमश्च�विप दामस्तिस्तवितक्षु�

न्र्य�स* प्रस7�ग्विखर्लकम���� भ:शंम� ||६९||

तत* शं:वितस्तन्मनन� सतत्त्�-

ध्र्य�न� सिचूरा� विनत्र्यविनरान्तरा� म+न�* |

तत�ऽवि�क�प� पराम�त्र्य वि�द्वै�न�

इह.� विन����स+ख� सम:च्छावित ||७०||

र्यद्ब�द्धाव्यो� त��दा�नNम�त्म�न�त्मवि���चूनम� |

तदुच्र्यत� मर्य� सम्र्यक� श्र+त्��त्मन्र्य�ध�रार्य ||७१||

मज्जु�स्थि6म�दा*पर्लरा7चूम�-

Page 10: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

त्�गो�ह्वर्य.ध��त+णिभरा�णिभरान्तिन्�तम� |

प�दा�रुं�क्षु�भ+जप:ष्ठमस्तक. *

अङ्गै.रुंप�ङ्गै.रुंपर्य+7म�तत� ||७२||

अह�मम�वितप्रसिथत� शंराNरा�

म�ह�स्पृदा� 6�र्लधिमतNर्य�त� बो+ध.* |

नभ�नभस्�द्देहन�म्बो+भ�मर्य*

स�क्ष्म�णि� भ�त�विन भ�न्तिन्त त�विन ||७३||

परास्पृरा��शं.र्मिम=सिर्लत�विन भ�त्��

6�र्ल�विन चू 6�र्लशंराNराह�त�* |

म�त्र�स्तदा�र्य� वि�षर्य� भ�न्तिन्त

शंब्दा�दार्य* प�चू स+ख�र्य भ�7+ * ||७४||

र्य एष+ म�ढ� वि�षर्य�ष+ बोद्धा�

रा�गो�रुंप�शं�न स+दुदा�म�न |

आर्य�न्तिन्त विनर्य��न्त्र्यध ऊध्��म+च्चैः.*

स्�कम�दूत�न ज��न नNत�* ||७५||

शंब्दा�दिदाणिभ* प�चूणिभरा�� प�चू

प�चूत्�म�प+* स्�गो+��न बोद्धा�* |

क+ राङ्गैम�तङ्गैपतङ्गैमNन-

भ:ङ्गै� नरा* प�चूणिभरास्थि�चूत* विकम� ||७६||

दा�ष�� तNव्रा� वि�षर्य* क: ष्�सप�वि�ष�दाविप |

वि�ष� विनहन्तिन्त भ�7�रा� �ष्टा�रा� चूक्षु+ष�प्र्यर्यम� ||७७||

Page 11: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

वि�षर्य�शं�मह�प�शं�द्य� वि�म+7* स+दुस्त्र्यज�त� |

स ए� क�पत� म+क्त्र्य. न�न्र्य* ष9�शं�स्त्र��द्यविप ||७८||

आप�त�.रा�ग्र्य�त� म+म+क्षु�न�

भ��स्तिब्धप�रा� प्रवितर्य�त+म+द्यत�न� |

आशं�ग्रह� मज्जुर्यत�ऽन्तरा�र्ल�

विनगो:ह्या कण्ठे� वि�विन�त्र्य� ��गो�त� ||७९||

वि�षर्य�ख्र्यग्रह� र्य�न स+वि�राक्त्र्यसिसन� हत* |

स गोच्छावित भ��म्भो�ध�* प�रा� प्रत्र्य�ह�र्जिज=त* ||८०||

वि�षमवि�षर्यम�गो�गो�च्छात�ऽनच्छाबो+द्धा�*

प्रवितपदामणिभर्य�त� म:त्र्य+राप्र्य�ष वि�द्धिद्धा |

विहतस+जनगो+रूक्त्र्य� गोच्छात* स्�स्र्य र्य+क्त्र्य�

प्रभ�वित फर्लसिसद्धिद्धा* सत्र्यधिमत्र्य�� वि�द्धिद्धा ||८१||

म�क्षुस्र्य क��क्षु� र्यदिदा �. त��स्तिस्त

त्र्यज�वितदूरा�विद्वैषर्य�न्तिन्�ष� र्यथ� |

पNर्य�ष�त्ते�षदार्य�क्षुम�ज��-

प्रशं�न्तिन्तदा�न्तNभ�ज विनत्र्यम�दारा�त� ||८२||

अन+क्षु�� र्यत्परिराहृत्र्य क: त्र्य�

अन�द्यवि�द्य�क: तबोन्धम�क्षु�म� |

दा�ह* परा�थ8ऽर्यमम+ष्र्य प�ष��

र्य* सज्जुत� स स्�मन�न हन्तिन्त ||८३||

शंराNराप�ष��थi सन� र्य आत्म�न� दिदादृक्षुवित |

Page 12: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

ग्र�ह� दा�रुंधिधर्य� ध:त्�� नदिदा तत+� स गोच्छावित ||८४||

म�ह ए� मह�म:त्र्य+म+�म+क्षु���प+रा�दिदाष+ |

म�ह� वि�विनर्जिज=त� र्य�न स म+सि7पदामह�वित ||८५||

म�ह� जविह मह�म:त्र्य+� दा�हदा�रास+त�दिदाष+ |

र्य� द्धिजत्�� म+नर्य� र्य�न्तिन्त तविद्वैष्��* पराम� पदाम� ||८६||

त्�ङ्मां��सरुंधिधरास्न�र्य+म�दा�मज्जु�स्थि6स�क+ र्लम� |

प��� म�त्रप+राNष�भ्र्य�� 6�र्ल� विनन्द्यधिमदा� �प+* ||८७||

प�चूNक: त�भ्र्य� भ�त�भ्र्य* 6�र्ल�भ्र्य* प���कम��� |

सम+त्पन्नधिमदा� 6�र्ल� भ�गो�र्यतनम�त्मन* |

अ�6� ज�गोरास्तस्र्य 6�र्ल�थ��न+भ�� र्यत* ||८८||

बो�ह्या�द्धिन्�र्य.* 6�र्लपदा�थ�स����

स्रक्चून्दानस्त्र्र्य�दिदावि�सिचूत्ररूप�म� |

करा�वित जN�* स्�र्यम�तदा�त्मन�

तस्म�त्प्रशंस्तिस्त��प+ष�ऽस्र्य ज�गोरा� ||८९||

स���ऽविप बो�ह्यास�स�रा* प+रुंषस्र्य र्यदा�श्रर्य* |

वि�द्धिद्धा दा�हधिमदा� 6�र्ल� गो:ह�द्गु«हम�धिधन* ||९०||

6�र्लस्र्य सम्भो�जरा�मरा��विन धम��*

6L�र्य�दार्य� बोहुवि�ध�* सिशंशं+त�द्य�6�* |

����श्रम�दिदाविनर्यम� बोहुध�ऽमर्य�* स्र्य+*

प�ज��म�नबोहुम�नम+ख� वि�शं�ष�* ||९१||

बो+द्धा�द्धिन्�र्य�णि� श्र��� त्�गोणिक्षु

Page 13: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

घ्रा��� चू द्धिजव्ह� वि�षर्य��बो�धन�त� |

��क्प�णि�प�दा� गो+दामप्र्य+प6*

कमSद्धिन्�र्य�णि� प्र���न कम�स+ ||९२||

विनगोद्यत�ऽन्त*करा�� मन�धN*

अह�क: वितणिश्चत्तेधिमवित स्��:णित्तेणिभ* |

मनस्त+ स�क�पवि�क�पन�दिदाणिभ*

बो+द्धिद्धा* पदा�थ��ध्र्य�स�र्यधम�त* ||९३||

अत्र�णिभम�न�दाहधिमत्र्यह�क: वित* |

स्��थ��न+सन्ध�नगो+��न सिचूत्तेम� ||९४||

प्र���प�नव्यो�न�दा�नसम�न� भ�त्र्यसL प्र��* |

स्�र्यम�� �:णित्तेभ�दा�विद्वैक: वितभ�दा�त्स+���ससिर्लर्ल�दिदा�त� ||९५||

��गो�दिदा प�चू श्र���दिदा प�चू

प्र���दिदा प�चू�भ्राम+ख�विन प�चू |

बो+द्ध्य�द्यवि�द्य�विप चू क�मकम��N

प+र्य�ष्टाक� स�क्ष्मशंराNराम�हु* ||९६||

इदा� शंराNरा� शं:�+ स�क्ष्मस�सिज्ञात�

सिर्लङ्गै� त्�प�चूNक: तसम्भो�म� |

स��सन� कम�फर्ल�न+भ��क�

स्��ज्ञा�नत�ऽन�दिदारुंप�धिधरा�त्मन* ||९७||

स्�प्नो� भ�त्र्यस्र्य वि�भक्त्र्य�6�

स्�म�त्रशं�ष�� वि�भ�वित र्यत्र |

स्�प्नो� त+ बो+द्धिद्धा* स्�र्यम�� ज�ग्रत�

Page 14: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

क�र्लNनन�न�वि�ध��सन�णिभ* ||९८||

कत्र��दिदाभ��� प्रवितपद्य रा�जत�

र्यत्र स्�र्य� भ�वित ह्यार्य� परा�त्म� |

धNम�त्रक�प�धिधराशं�षस�क्षुN

न सिर्लप्र्यत� तत्क: तकम�र्ल�शं.* |

र्यस्म�दासङ्गैस्तत ए� कम�णिभ*

न सिर्लप्र्यत� विकस्थि�चूदुप�धिधन� क: त.* ||९९||

स��व्यो�प:वितकरा�� सिर्लङ्गैधिमदा� स्र्य�स्थिच्चैःदा�त्मन* प+�स* |

��स्र्य�दिदाकधिम� तक्ष्�स्त�न.��त्म� भ�त्र्यसङ्गै�ऽर्यम� ||१००||

अन्धत्�मन्दात्�प9+त्�धम��*

सLगो+ण्र्य�.गो+ण्र्य�शं�द्धिद्धा चूक्षु+ष* |

बो�धिधर्य�म�कत्�म+ख�स्तथ.�

श्र�त्र�दिदाधम�� न त+ ��त्ते+रा�त्मन* ||१०१||

उच्छ्��सविन*श्वा�सवि�ज:म्भो�क्षु+त�

प्रस्र्यन्दान�द्य+त्�म��दिदाक�* वि�र्य�* |

प्र���दिदाकम��णि� �दान्तिन्त तज्ञा�*

प्र��स्र्य धम���शंन�विपप�स� ||१०२||

अन्त*करा�म�त�ष+ चूक्षु+रा�दिदाष+ �ष्म�णि� |

अहधिमत्र्यणिभम�न�न वितष्ठत्र्य�भ�सत�जस� ||१०३||

अह�क�रा* स वि�ज्ञा�र्य* कत�� भ�7�णिभम�न्र्यर्यम� |

सत्त्��दिदागो+�र्य�गो�न चू��6�त्रर्यमश्नो+त� ||१०४||

Page 15: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

वि�षर्य���म�न+क� �र्य� स+खN दु*खN वि�पर्य�र्य� |

स+ख� दु*ख� चू तद्धाम�* सदा�नन्दास्र्य न�त्मन* ||१०५||

आत्म�थ�त्��न विह प्र�र्य�न्तिन्�षर्य� न स्�त* विप्रर्य* |

स्�त ए� विह स�Sष�म�त्म� विप्रर्यतम� र्यत*

तत आत्म� सदा�नन्दा� न�स्र्य दु*ख� कदा�चून ||१०६||

र्यत्स+ष+प्तL विनर्वि�=षर्य आत्म�नन्दा�ऽन+भ�र्यत� |

श्र+वित* प्रत्र्यक्षुम.वितह्यामन+म�न� चू ज�ग्रवित ||१०७||

अव्यो7न�म्नN पराम�शंशंसि7*

अन�द्यवि�द्य� वित्रगो+��न्मित्मक� परा� |

क�र्य��न+म�र्य� स+धिधर्य.� म�र्य�

र्यर्य� जगोत्स��धिमदा� प्रस�र्यत� ||१०८||

सन्न�प्र्यसन्न�प्र्य+भर्य�न्मित्मक� न�

णिभन्न�प्र्यणिभन्न�प्र्य+भर्य�न्मित्मक� न� |

स�ङ्गै�प्र्यनङ्गै� ह्या�भर्य�न्मित्मक� न�

मह���त�ऽविन��चूनNर्यरूप� ||१०९||

शं+द्धा�द्वैर्यब्रह्मावि�भ�धन�श्र्य�

सप�भ्राम� राज्जु+वि���कत� र्यथ� |

राजस्तम*सत्त्�धिमवित प्रसिसद्धा�

गो+��स्तदा�र्य�* प्रसिथत.* स्�क�र्य�* ||११०||

वि�क्षु�पशं7� राजस* वि�र्य�न्मित्मक�

र्यत* प्र�:णित्ते* प्रस:त� प+रा��N |

रा�गो�दार्य�ऽस्र्य�* प्रभ�न्तिन्त विनत्र्य�

Page 16: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

दु*ख�दार्य� र्य� मनस� वि�क�रा�* ||१११||

क�म* ��ध� र्ल�भदाम्भो�द्यस�र्य�

अह�क�रा�ष्र्य��मत्सरा�द्य�स्त+ घो�रा�* |

धम�� एत� रा�जस�* प+म्प्र�:णित्ते*

र्यस्म�दा�ष� त�ज� बोन्धह�त+* ||११२||

एष�ऽऽ�:वितन��म तम�गो+�स्र्य

शंसि7म�र्य� �स्त्��भ�सत�ऽन्र्यथ� |

स.ष� विनदा�न� प+रुंषस्र्य स�स:त�*

वि�क्षु�पशं7� * प्र��स्र्य ह�त+* ||११३||

प्रज्ञा���नविप पस्थिण्डात�ऽविप चूत+रा�ऽप्र्यत्र्यन्तस�क्ष्म�त्मदृगो�-

व्यो�र्लNढस्तमस� न ��णित्ते बोहुध� स�बो�धिधत�ऽविप स्फु+ 9म� |

भ्रा�न्त्र्य�रा�विपतम�� स�ध+ कर्लर्यत्र्य�र्लम्बोत� तद्गु���न�

हन्त�सL प्रबोर्ल� दुरान्ततमस* शंसि7म�हत्र्य��:वित* ||११४||

अभ��न� �� वि�पराNतभ��न�

अस�भ��न� वि�प्रवितपणित्तेरास्र्य�* |

स�सगो�र्य+7� न वि�म+�चूवित ध्रु+��

वि�क्षु�पशंसि7* क्षुपर्यत्र्यजस्रम� ||११५||

अज्ञा�नम�र्लस्र्यजडात्�विन��-

प्रम�दाम�ढत्�म+ख�स्तम�गो+��* |

एत.* प्रर्य+7� नविह ��णित्ते किंक=सिचून�

विन��र्ल+�त्स्तम्भो�दा�� वितष्ठवित ||११६||

सत्त्�� वि�शं+द्धा� जर्ल�त्तेथ�विप

Page 17: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

त�भ्र्य�� धिमसिर्लत्�� सरा��र्य क�पत� |

र्यत्र�त्मविबोम्बो* प्रवितविबोन्मिम्बोत* सन�

प्रक�शंर्यत्र्यक� इ��ग्विखर्ल� जडाम� ||११७||

धिमश्रस्र्य सत्त्�स्र्य भ�न्तिन्त धम��*

त्�म�विनत�द्य� विनर्यम� र्यम�द्य�* |

श्रद्धा� चू भसि7श्च म+म+क्षुत� चू

दा.�N चू सम्पणित्तेरासधिन्न�:णित्ते* ||११८||

वि�शं+द्धासत्त्�स्र्य गो+��* प्रस�दा*

स्��त्म�न+भ�वित* पराम� प्रशं�न्तिन्त* |

त:न्तिप्त* प्रहष�* पराम�त्मविनष्ठ�

र्यर्य� सदा�नन्दारास� सम:च्छावित ||११९||

अव्यो7म�तन्मित्त्रगो+�.र्विन=रुं7�

तत्क�रा�� न�म शंराNराम�त्मन* |

स+ष+न्तिप्तरा�तस्र्य वि�भक्त्र्य�6�

प्रर्लNनस�Sद्धिन्�र्यबो+द्धिद्धा�:णित्ते* ||१२०||

स��प्रक�राप्रधिमवितप्रशं�न्तिन्त*

बोNज�त्मन��स्थि6वितरा�� बो+द्धा�* |

स+ष+न्तिप्तरा�तस्र्य विकर्ल प्रतNवित*

किंक=सिचून्न ��द्मीNवित जगोत्प्रसिसद्धा�* ||१२१||

दा�ह�द्धिन्�र्यप्र��मन�ऽहम�दार्य*

स�S वि�क�रा� वि�षर्य�* स+ख�दार्य* |

व्यो�म�दिदाभ�त�न्र्यग्विखर्ल� न वि�श्वा�

Page 18: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अव्यो7पर्य�न्तधिमदा� ह्यान�त्म� ||१२२||

म�र्य� म�र्य�क�र्य� स�� महदा�दिदादा�हपर्य�न्तम� |

असदिदादामन�त्मतत्त्�� वि�द्धिद्धा त्�� मरुंमराNसिचूक�क�पम� ||१२३||

अथ त� स�प्र�क्ष्र्य�धिम स्�रूप� पराम�त्मन* |

र्यविद्वैज्ञा�र्य नरा� बोन्ध�न्म+7* क. ��र्यमश्नो+त� ||१२४||

अस्तिस्त कणिश्चत्स्�र्य� विनत्र्यमह�प्रत्र्यर्यर्लम्बोन* |

अ�6�त्रर्यस�क्षुN सन्प�चूक�शंवि�र्लक्षु�* ||१२५||

र्य� वि�ज�न�वित सकर्ल� ज�ग्रत्स्�प्नोस+ष+न्तिप्तष+ |

बो+द्धिद्धातद्वै«णित्तेस���मभ��महधिमत्र्यर्यम� ||१२६||

र्य* पश्र्यवित स्�र्य� स�� र्य� न पश्र्यवित कश्चन |

र्यश्च�तर्यवित बो+द्ध्य�दिदा न तद्य� चू�तर्यत्र्यर्यम� ||१२७||

र्य�न वि�श्वाधिमदा� व्यो�प्त� र्य� न व्यो�प्नो�वित विक�चून |

अभ�रूपधिमदा� स�� र्य� भ�न्त्र्यमन+भ�त्र्यर्यम� ||१२८||

र्यस्र्य सधिन्नधिधम�त्र�� दा�ह�द्धिन्�र्यमन�धिधर्य* |

वि�षर्य�ष+ स्�क�र्य�ष+ �त�न्त� प्र�रिरात� इ� ||१२९||

अहङ्� क�रा�दिदादा�ह�न्त� वि�षर्य�श्च स+ख�दार्य* |

��द्यन्त� घो9�दा� र्य�न विनत्र्यबो�धस्�रूविप�� ||१३०||

एष�ऽन्तरा�त्म� प+रुंष* प+रा���

विनरान्तरा�खण्डास+ख�न+भ�वित* |

सदा.करूप* प्रवितबो�धम�त्र�

र्य�न�विषत� ��गोस�श्चरान्तिन्त ||१३१||

Page 19: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अत्र.� सत्त्��त्मविन धNगो+ह�र्य��

अव्यो�क: त�क�शं उशंत्प्रक�शं* |

आक�शं उच्चैः. रावि��त्प्रक�शंत�

स्�त�जस� वि�श्वाधिमदा� प्रक�शंर्यन� ||१३२||

ज्ञा�त� मन�ऽह�क: वितवि�वि�र्य����

दा�ह�द्धिन्�र्यप्र��क: तवि�र्य���म� |

अर्य�ऽग्विग्न�त्ते�नन+�त�म�न�

न चू�ष्टात� न� वि�करा�वित विक�चून ||१३३||

न ज�र्यत� न� धिम्रार्यत� न �ध�त�

न क्षुNर्यत� न� वि�करा�वित विनत्र्य* |

वि�र्लNर्यम�न�ऽविप �प+ष्र्यम+स्तिष्म-

न्न र्लNर्यत� क+ म्भो इ��म्बोरा� स्�र्यम� ||१३४||

प्रक: वितवि�क: वितणिभन्न* शं+द्धाबो�धस्�भ��*

सदासदिदादामशं�ष� भ�सर्यधिन्नर्वि�=शं�ष* |

वि�र्लसवित पराम�त्म� ज�ग्रदा�दिदाष्��6�-

स्�हमहधिमवित स�क्षु�त्स�णिक्षुरूप�� बो+द्धा�* ||१३५||

विनर्यधिमतमनस�म+� त्�� स्�म�त्म�नम�त्मन�

र्यर्यमहधिमवित स�क्षु�विद्वैद्धिद्धा बो+द्धिद्धाप्रस�दा�त� |

जविनमरा�तरा�गो�प�रास�स�रासिसन्ध+�

प्रतरा भ� क: त�थ8 ब्रह्मारूप�� स�6* ||१३६||

अत्र�न�त्मन्र्यहधिमवित मवितबो�न्ध एष�ऽस्र्य प+�स*

प्र�प्त�ऽज्ञा�न�ज्जुननमरा�क्र्ल�शंस�प�तह�त+* |

Page 20: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

र्य�न.��र्य� �प+रिरादामसत्सत्र्यधिमत्र्य�त्मबो+द्ध्य�

प+ष्र्यत्र्य+क्षुत्र्य�वित वि�षर्य.स्तन्त+णिभ* क�शंक: द्वैत� ||१३७||

अतस्मिंस्म=स्तद्ब�द्धिद्धा* प्रभ�वित वि�म�ढस्र्य तमस�

वि���क�भ���द्वै. स्फु+ रावित भ+जगो� राज्जु+धिधष�� |

तत�ऽनथ�व्रा�त� विनपतवित सम�दा�त+राधिधक*

तत� र्य�ऽसदा�ग्र�ह* स विह भ�वित बोन्ध* शं:�+ सख� ||१३८||

अखण्डाविनत्र्य�द्वैर्यबो�धशंक्त्र्य�

स्फु+ रान्तम�त्म�नमनन्त�.भ�म� |

सम��:��त्र्य��:वितशंसि7रा�ष�

तम�मर्यN रा�हुरिरा��क� विबोम्बोम� ||१३९||

वितरा�भ�त� स्��त्मन्र्यमर्लतरात�ज��वित प+म�न�

अन�त्म�न� म�ह�दाहधिमवित शंराNरा� कर्लर्यवित |

तत* क�म��धप्रभ:वितणिभराम+� बोन्धनगो+�.*

परा� वि�क्षु�प�ख्र्य� राजस उरुंशंसि7व्यो�थर्यवित ||१४०||

मह�म�हग्र�हग्रसनगोसिर्लत�त्म��गोमन�

धिधर्य� न�न��6�� स्�र्यमणिभनर्य�स्तद्गु��तर्य� |

अप�रा� स�सरा� वि�षर्यवि�षप�रा� जर्लविनधL

विनमज्र्य�न्मज्र्य�र्य� भ्रामवित क+ मवित* क+ स्थित्सतगोवित* ||१४१||

भ�न+प्रभ�स�जविनत�भ्रापङ्� सि7*

भ�न+� वितरा�ध�र्य वि�ज:म्भोत� र्यथ� |

आत्म�दिदात�ह�क: वितरा�त्मतत्त्��

तथ� वितरा�ध�र्य वि�ज:म्भोत� स्�र्यम� ||१४२||

Page 21: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

क�सिर्लतदिदानन�थS दुर्दिदा=न� स�न्�म�घो.*

व्योथर्यवित विहम������र्य+रुंग्र� र्यथ.त�न� |

अवि�राततमस�त्मन्र्य��:त� म�ढबो+द्धिंद्धा=

क्षुपर्यवित बोहुदु*ख.स्तNव्रावि�क्षु�पशंसि7* ||१४३||

एत�भ्र्य�म�� शंसि7भ्र्य�� बोन्ध* प+�स* सम�गोत* |

र्य�भ्र्य�� वि�म�विहत� दा�ह� मत्��ऽत्म�न� भ्रामत्र्यर्यम� ||१४४||

बोNज� स�स:वितभ�धिमजस्र्य त+ तम� दा�ह�त्मधNराङ्� क+ रा�

रा�गो* प�र्ल�मम्बो+ कम� त+ �प+* स्कन्ध�ओऽस�* शं�ग्विखक�* |

अग्र��Nद्धिन्�र्यस�हवितश्च वि�षर्य�* प+ष्प�णि� दु*ख� फर्ल�

न�न�कम�सम+��� बोहुवि�ध� भ�7�त्र जN�* खगो* ||१४५||

अज्ञा�नम�र्ल�ऽर्यमन�त्मबोन्ध�

न.सर्विगो=क�ऽन�दिदारानन्त ईरिरात* |

जन्म�प्र्यर्यव्यो�धिधजरा�दिदादु*ख-

प्र��हप�त� जनर्यत्र्यम+ष्र्य ||१४६||

न�स्त्र.न� शंस्त्र.राविनर्ल�न �धि�न�

छा�त्ते+� न शंक्र्य� न चू कम�क�दि9णिभ* |

वि���कवि�ज्ञा�नमह�सिसन� वि�न�

ध�त+* प्रस�दा�न सिशंत�न मञ्ज+न� ||१४७||

श्र+वितप्रम��.कमत�* स्�धम�

विनष्ठ� तर्य.��त्मवि�शं+द्धिद्धारास्र्य |

वि�शं+द्धाबो+द्धा�* पराम�त्म��दान�

त�न.� स�स�रासम�र्लन�शं* ||१४८||

Page 22: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

क�शं.रान्नमर्य�द्य.* प�चूणिभरा�त्म� न स��:त� भ�वित |

विनजशंसि7सम+त्पन्न.* शं.��र्लप9र्ल.रिरा��म्बो+ ��पN6म� ||१४९||

तच्छा.��र्ल�पनर्य� सम्र्यक� ससिर्लर्ल� प्रतNर्यत� शं+द्धाम� |

त:ष्��सन्त�पहरा� सद्य* सLख्र्यप्रदा� परा� प+�स* ||१५०||

प�चू�न�मविप क�शं�न�मप��दा� वि�भ�त्र्यर्य� शं+द्धा* |

विनत्र्य�नन्दा.करास* प्रत्र्यग्र�प* परा* स्�र्य�ज्र्य�वित* ||१५१||

आत्म�न�त्मवि���क* कत�व्यो� बोन्धम+7र्य� वि�दुष� |

त�न.��नन्दा� भ�वित स्�� वि�ज्ञा�र्य सस्थिच्चैःदा�नन्दाम� ||१५२||

म+ञ्ज�दिदाषNक�धिम� दृश्र्य�गो��त�

प्रत्र्य�चूम�त्म�नमसङ्गैमवि�र्यम� |

वि�वि�च्र्य तत्र प्रवि�र्ल�प्र्य स��

तदा�त्मन� वितष्ठवित र्य* स म+7* ||१५३||

दा�ह�ऽर्यमन्नभ�न�ऽन्नमर्यस्त+ क�शं*

चू�न्न�न जN�वित वि�नश्र्यवित तविद्वैहNन* |

त्�क्चूम�म��सरुंधिधरा�स्थि6प+राNषरा�सिशं*

न�र्य� स्�र्य� भवि�त+मह�वित विनत्र्यशं+द्धा* ||१५४||

प��� जन�राधिधम:त�राविप न�र्यमस्तिस्त

ज�तक्षु�* क्षु�गो+��ऽविनर्यतस्�भ��* |

न.क� जडाश्च घो9�त्परिरादृश्र्यम�न*

स्��त्म� कथ� भ�वित भ��वि�क�रा��त्ते� ||१५५||

प�णि�प�दा�दिदाम�न्दा�ह� न�त्म� व्योङ्गै�ऽविप जN�न�त� |

Page 23: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तत्तेच्छा7� रान�शं�च्चैः न विनर्यम्र्य� विनर्य�मक* ||१५६||

दा�हतद्धाम�तत्कम�तदा�6�दिदास�णिक्षु�* |

सत ए� स्�त*सिसद्धा� तद्वै.र्लक्षुण्र्यम�त्मन* ||१५७||

शं�र्यरा�सिशंम��ससिर्लप्त� मर्लप��8ऽवितकश्मर्ल* |

कथ� भ��दार्य� ��त्ते� स्�र्यम�तविद्वैर्लक्षु�* ||१५८||

त्�ङ्मां��सम�दा�ऽस्थि6प+राNषरा�शं�-

�ह�मकिंत= म�ढजन* करा�वित |

वि�र्लक्षु�� ��णित्ते वि�चू�राशंNर्ल�

विनजस्�रूप� पराम�थ� भ�तम� ||१५९||

दा�ह�ऽहधिमत्र्य�� जडास्र्य बो+द्धिद्धा*

दा�ह� चू जN�� वि�दुषस्त्�ह�धN* |

वि���कवि�ज्ञा�न�त� मह�त्मन�

ब्रह्मा�हधिमत्र्य�� मवित* सदा�त्मविन ||१६०||

अत्र�त्मबो+द्धिंद्धा= त्र्यज म�ढबो+द्धा�

त्�ङ्मां��सम�दा�ऽस्थि6प+राNषरा�शंL |

स���त्मविन ब्रह्माणि� विनर्वि�=क�प�

क+ रुंष्� शं�न्तिंन्त= पराम�� भजस्� ||१६१||

दा�ह�द्धिन्�र्य�दा��सवित भ्राम�दिदात��

वि�द्वै�नह�त�� न जह�वित र्य��त� |

त��न्न तस्र्य�स्तिस्त वि�म+सि7��त��-

प्र्यस्त्��ष ��दा�न्तनर्य�न्तदाशंi ||१६२||

Page 24: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

छा�र्य�शंराNरा� प्रवितविबोम्बोगो�त्र�

र्यत्स्�प्नोदा�ह� हृदिदा कस्थि�पत�ङ्गै� |

र्यथ�त्मबो+द्धिद्धास्त� न�स्तिस्त क�सिचू-

ज्जुN�च्छाराNरा� चू तथ.� म�ऽस्त+ ||१६३||

दा�ह�त्मधNरा�� न:��मसद्धिद्धार्य��

जन्म�दिदादु*खप्रभ�स्र्य बोNजम� |

र्यतस्ततस्त्�� जविह त�� प्रर्यत्न�त�

त्र्य7� त+ सिचूत्ते� न प+नभ���शं� ||१६४||

कमSद्धिन्�र्य.* प�चूणिभरास्थि�चूत�ऽर्य�

प्र��� भ��त्प्र��मर्यस्त+ क�शं* ||

र्य�न�त्म��नन्नमर्य�ऽन+प���*

प्र�त�त�ऽसL सकर्लवि�र्य�स+ ||१६५||

न.��त्म�विप प्र��मर्य� ��र्य+वि�क�रा�

गोन्त�ऽऽगोन्त� ��र्य+�दान्तबो�विहरा�ष* |

र्यस्म�ग्वित्कस्थि�चूत्क्��विप न ��त्तेNष्टामविनष्टा�

स्�� ��न्र्य� �� विक�चून विनत्र्य� परातन्त्र* ||१६६||

ज्ञा�न�द्धिन्�र्य�णि� चू मनश्च मन�मर्य* स्र्य�त�

क�शं� मम�हधिमवित �स्त+वि�क�पह�त+* |

स�ज्ञा�दिदाभ�दाकर्लन�कसिर्लत� बोर्लNर्य��-

स्तत्प���क�शंमणिभप�र्य� वि�ज:म्भोत� र्य* ||१६७||

प�चू�द्धिन्�र्य.* प�चूणिभरा�� ह�त:णिभ*

प्रचूNर्यम�न� वि�षर्य�ज्र्यध�रार्य� |

Page 25: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

ज�ज्��र्यम�न� बोहु��सन�न्धन.*

मन�मर्य�ग्विग्नदा�हवित प्रप�चूम� ||१६८||

न ह्यास्त्र्यवि�द्य� मनस�ऽवितरिरा7�

मन� ह्यावि�द्य� भ�बोन्धह�त+* |

तस्तिस्मन्तिन्�नष्टा� सकर्ल� वि�नष्टा�

वि�ज:स्तिम्भोत�ऽस्तिस्मन्सकर्ल� वि�ज:म्भोत� ||१६९||

स्�प्नो�ऽथ�शं�न्र्य� स:जवित स्�शंक्त्र्य�

भ�क्त्र�दिदावि�श्वा� मन ए� स��म� |

तथ.� ज�ग्रत्र्यविप न� वि�शं�ष*

तत्स��म�तन्मनस� वि�ज:म्भो�म� ||१७०||

स+ष+न्तिप्तक�र्ल� मनसिस प्रर्लNन�

न.��स्तिस्त विकस्थि�चूत्सकर्लप्रसिसद्धा�* |

अत� मन*कस्थि�पत� ए� प+�स*

स�स�रा एतस्र्य न �स्त+त�ऽस्तिस्त ||१७१||

��र्य+न�ऽऽनNर्यत� म�ध* प+नस्त�न.� नNर्यत� |

मनस� क�प्र्यत� बोन्ध� म�क्षुस्त�न.� क�प्र्यत� ||१७२||

दा�ह�दिदास��वि�षर्य� परिराक�प्र्य रा�गो�

बोध्न�वित त�न प+रुंष� पशं+�द्गु���न |

�.रास्र्यमत्र वि�ष�त� स+�+ध�र्य पश्च�दा�

एन� वि�म�चूर्यवित तन्मन ए� बोन्ध�त� ||१७३||

तस्म�न्मन* क�रा�मस्र्य जन्त�*

बोन्धस्र्य म�क्षुस्र्य चू �� वि�ध�न� |

Page 26: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

बोन्धस्र्य ह�त+म�सिर्लन� राज�गो+�.*

म�क्षुस्र्य शं+द्धा� वि�राजस्तमस्कम� ||१७४||

वि���क�.रा�ग्र्यगो+��वितरा�क�-

च्छा+ द्धात्�म�स�द्य मन� वि�म+क्त्र्य. |

भ�त्र्यत� बो+द्धिद्धामत� म+म+क्षु�-

स्त�भ्र्य�� दृढ�भ्र्य�� भवि�तव्योमग्र� ||१७५||

मन� न�म मह�व्यो�घ्रा� वि�षर्य�राण्र्यभ�धिमष+ |

चूरात्र्यत्र न गोच्छान्त+ स�ध�� र्य� म+म+क्षु�* ||१७६||

मन* प्रस�त� वि�षर्य�नशं�ष�न�

6�र्ल�त्मन� स�क्ष्मतर्य� चू भ�7+ * |

शंराNरा����श्रमज�वितभ�दा�न�

गो+�वि�र्य�ह�त+फर्ल�विन विनत्र्यम� ||१७७||

अस�गोसिचूद्रूपमम+� वि�म�ह्या

दा�ह�द्धिन्�र्यप्र��गो+�.र्विन=बोद्ध्य |

अह�मम�वित भ्रामर्यत्र्यजस्र�

मन* स्�क: त्र्य�ष+ फर्ल�पभ+सि7ष+ ||१७८||

अध्र्य�सदा�ष�त्प+रुंषस्र्य स�स:वित*

अध्र्य�सबोन्धस्त्�म+न.� कस्थि�पत* |

राजस्तम�दा�ष�त�ऽवि���विकन�

जन्म�दिदादु*खस्र्य विनदा�नम�तत� ||१७९||

अत* प्र�हुम�न�ऽवि�द्य�� पस्थिण्डात�स्तत्त्�दार्शिशं=न* |

Page 27: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

र्य�न.� भ्रा�म्र्यत� वि�श्वा� ��र्य+न���भ्रामण्डार्लम� ||१८०||

तन्मन*शं�धन� क�र्य� प्रर्यत्न�न म+म+क्षु+�� |

वि�शं+द्धा� सवित चू.तस्तिस्मन्म+सि7* कराफर्ल�र्यत� ||१८१||

म�क्षु.कसक्त्र्य� वि�षर्य�ष+ रा�गो�

विनम���र्य स�न्र्यस्र्य चू स��कम� |

सच्छ्रद्धार्य� र्य* श्र���दिदाविनष्ठ�

राज*स्�भ��� स ध+न�वित बो+द्धा�* ||१८२||

मन�मर्य� न�विप भ��त्परा�त्म�

ह्या�द्यन्त�त्त्��त्परिरा��धिमभ���त� |

दु*ख�त्मकत्��विद्वैषर्यत्�ह�त�*

�ष्टा� विह दृश्र्य�त्मतर्य� न दृष्टा* ||१८३||

बो+द्धिद्धाबो+�द्धा�द्धिन्�र्य.* स�ध� स�:णित्ते* कत:�र्लक्षु�* |

वि�ज्ञा�नमर्यक�शं* स्र्य�त्प+�स* स�स�राक�रा�म� ||१८४||

अन+व्राजस्थिच्चैःत्प्रवितविबोम्बोशंसि7*

वि�ज्ञा�नस�ज्ञा* प्रक: त�र्वि�=क�रा* |

ज्ञा�नवि�र्य���नहधिमत्र्यजस्र�

दा�ह�द्धिन्�र्य�दिदाष्�णिभमन्र्यत� भ:शंम� ||१८५||

अन�दिदाक�र्ल�ऽर्यमह�स्�भ���

जN�* समस्तव्यो�ह�रा��ढ� |

करा�वित कम��ण्र्यविप प�����सन*

प+ण्र्य�न्र्यप+ण्र्य�विन चू तत्फर्ल�विन ||१८६||

Page 28: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

भ+ङ्� 7� वि�सिचूत्र�स्�विप र्य�विनष+ व्राज-

न्न�र्य�वित विनर्य��त्र्यध ऊध्��म�ष* |

अस्र्य.� वि�ज्ञा�नमर्यस्र्य ज�ग्रत�-

स्�प्नो�द्य�6�* स+खदु*खभ�गो* ||१८७||

दा�ह�दिदाविनष्ठ�श्रमधम�कम�-

गो+��णिभम�न* सतत� मम�वित |

वि�ज्ञा�नक�शं�ऽर्यमवितप्रक�शं*

प्रक: ष्टास�धिन्नध्र्य�शं�त्परा�त्मन* |

अत� भ�त्र्य�ष उप�धिधरास्र्य

र्यदा�त्मधN* स�सरावित भ्राम�� ||१८८||

र्य�ऽर्य� वि�ज्ञा�नमर्य* प्र���ष+ हृदिदा स्फु+ रात्र्यर्य� ज्र्य�वित* |

क� 96* सन्न�त्म� कत�� भ�7� भ�त्र्य+प�धिध6* ||१८९||

स्�र्य� परिराच्छा�दाम+प�त्र्य बो+द्धा�*

त�दा�त्म्र्यदा�ष�� परा� म:ष�त्मन* |

स���त्मक* सन्नविप �Nक्षुत� स्�र्य�

स्�त* प:थक्त्��न म:दा� घो9�विन� ||१९०||

उप�धिधसम्बोन्ध�शं�त्परा�त्म�

ह्या�प�धिधधम��नन+भ�वित तद्गु��* |

अर्य�वि�क�रा�नवि�क�रिरा�ग्विन्ह�त�

सदा.करूप�ऽविप परा* स्�भ���त� ||१९१||

सिशंष्र्य उ��चू |

Page 29: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

भ्राम���प्र्यन्र्यथ� ��ऽस्त+ जN�भ��* परा�त्मन* |

तदुप�ध�रान�दिदात्��न्न�न�दा�न��शं इष्र्यत� ||१९२||

अत�ऽस्र्य जN�भ���ऽविप विनत्र्य� भ�वित स�स:वित* |

न विन�तSत तन्म�क्षु* कथ� म� श्रNगो+रा� �दा ||१९३||

श्रNगो+रुंरुं��चू |

सम्र्यक्प:ष्टा� त्�र्य� वि�द्वैन्स��ध�न�न तच्छा:�+ |

प्र�म�णि�क� न भ�वित भ्रा�न्त्र्य� म�विहतक�पन� ||१९४||

भ्रा�न्तिंन्त= वि�न� त्�सङ्गैस्र्य विनन्मिष्�र्यस्र्य विनरा�क: त�* |

न घो9�त�थ�सम्बोन्ध� नभस� नNर्लत�दिदा�त� ||१९५||

स्�स्र्य �ष्टा+ र्विन=गो+��स्र्य�वि�र्यस्र्य

प्रत्र्यग्बो�ध�नन्दारूपस्र्य बो+द्धा�* |

भ्रा�न्त्र्य� प्र�प्त� जN�भ��� न सत्र्य�

म�ह�प�र्य� न�स्त्र्य�स्त+स्�भ���त� ||१९६||

र्य��दा�भ्रा�न्तिन्तस्त��दा���स्र्य सत्ते�

धिमथ्र्य�ज्ञा�न�ज्जु:स्तिम्भोतस्र्य प्रम�दा�त� |

राज्ज्��� सप8 भ्रा�न्तिन्तक�र्लNन ए�

भ्रा�न्त�न��शं� न.� सप8ऽविप तद्वैत� ||१९७||

अन�दिदात्�मवि�द्य�र्य�* क�र्य�स्र्य�विप तथ�ष्र्यत� |

उत्पन्न�र्य�� त+ वि�द्य�र्य�म�वि�द्यकमन�द्यविप ||१९८||

प्रबो�ध� स्�प्नो�त्स�� सहम�र्ल� वि�नश्र्यवित |

अन�द्यपNदा� न� विनत्र्य� प्र�गोभ�� इ� स्फु+ 9म� ||१९९||

Page 30: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अन�दा�राविप वि�ध्��स* प्र�गोभ��स्र्य �Nणिक्षुत* |

र्यद्ब�द्ध्य+प�धिधसम्बोम्ध�त्परिराकस्थि�पतम�त्मविन ||२००||

जN�त्�� न तत�ऽन्र्यस्त+ स्�रूप�� वि�र्लक्षु�* |

सम्बोन्धस्त्��त्मन� बो+द्ध्य� धिमथ्र्य�ज्ञा�नप+रा*सरा* ||२०१||

वि�विन�:णित्तेभ���त्तेस्र्य सम्र्यग्ज्ञा�न�न न�न्र्यथ� |

ब्रह्मा�त्म.कत्�वि�ज्ञा�न� सम्र्यग्ज्ञा�न� श्र+त�म�तम� ||२०२||

तदा�त्म�न�त्मन�* सम्र्यग्विग्���क� न.� सिसध्र्यवित |

तत� वि���क* कत�व्यो* प्रत्र्यगो�त्मसदा�त्मन�* ||२०३||

जर्ल� प�क�दात्र्यन्त� प�क�प�र्य� जर्ल� स्फु+ 9म� |

र्यथ� भ�वित तथ�त्म�विप दा�ष�भ��� स्फु+ 9प्रभ* ||२०४||

असधिन्न�:त्तेL त+ सदा�त्मन� स्फु+ 9�

प्रतNवितरा�तस्र्य भ��त्प्रतNचू* |

तत� विनरा�स* करा�Nर्य ए�

सदा�त्मन* स�ध्�हम�दिदा�स्त+न* ||२०५||

अत� न�र्य� परा�त्म� स्र्य�विद्वैज्ञा�नमर्यशंब्दाभ�क� |

वि�क�रिरात्��ज्जुडात्��च्चैः परिरास्थिच्छान्नत्�ह�त+त* |

दृश्र्यत्��द्व्यणिभचू�रिरात्��न्न�विनत्र्य� विनत्र्य इष्र्यत� ||२०६||

आनन्दाप्रवितविबोम्बोचू+न्मिम्बोततन+�:�णित्तेस्तम�ज:स्तिम्भोत�

स्र्य�दा�नन्दामर्य* विप्रर्य�दिदागो+�क* स्��ष्टा�थ�र्ल�भ�दार्य* |

प+ण्र्यस्र्य�न+भ�� वि�भ�वित क: वितन�म�नन्दारूप* स्�र्य�

स�8 नन्दावित र्यत्र स�ध+ तन+भ:न्म�त्र* प्रर्यत्न� वि�न� ||२०७||

Page 31: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

आनन्दामर्यक�शंस्र्य स+ष+प्तL स्फु� र्वित=रुंत्क9� |

स्�प्नोज�गोरार्य�राNषदिदाष्टास�दाशं�न�वि�न� ||२०८||

न.��र्यम�नन्दामर्य* परा�त्म�

स�प�धिधकत्��त्प्रक: त�र्वि�=क�रा�त� |

क�र्य�त्�ह�त�* स+क: तवि�र्य�र्य�

वि�क�रास�घो�तसम�विहतत्��त� ||२०९||

प�चू�न�मविप क�शं�न�� विनष�ध� र्य+सि7त* श्र+त�* |

तधिन्नष�ध��धिध स�क्षुN बो�धरूप�ऽ�सिशंष्र्यत� ||२१०||

र्य�ऽर्यम�त्म� स्�र्य�ज्र्य�वित* प�चूक�शंवि�र्लक्षु�* |

अ�6�त्रर्यस�क्षुN सधिन्नर्वि�=क�रा� विनराञ्जन* |

सदा�नन्दा* स वि�ज्ञा�र्य* स्��त्मत्��न वि�पणिश्चत� ||२११||

सिशंष्र्य उ��चू |

धिमथ्र्य�त्��न विनविषद्धा�ष+ क�शं�ष्��त�ष+ प�चूस+ |

स���भ��� वि�न� विकस्थि�चून्न पश्र्य�म्र्यत्र ह� गो+रा� |

वि�ज्ञा�र्य� विकम+ �स्त्�स्तिस्त स्��त्मन�ऽऽत्मवि�पणिश्चत� ||२१२||

श्रNगो+रुंरुं��चू |

सत्र्यम+7� त्�र्य� वि�दाधिन्नप+��ऽसिस वि�चू�रा�� |

अहम�दिदावि�क�रा�स्त� तदाभ���ऽर्यमप्र्यन+ ||२१३||

स�S र्य�न�न+भ�र्यन्त� र्य* स्�र्य� न�न+भ�र्यत� |

तम�त्म�न� ��दिदात�रा� वि�दिद्दे बो+द्ध्य� स+स�क्ष्मर्य� ||२१४||

तत्स�णिक्षुक� भ��त्तेत्तेद्यद्यद्य�न�न+भ�र्यत� |

Page 32: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

कस्र्य�प्र्यनन+भ�त�थS स�णिक्षुत्�� न�पर्य+ज्र्यत� ||२१५||

असL स्�स�णिक्षुक� भ��� र्यत* स्��न�न+भ�र्यत� |

अत* परा� स्�र्य� स�क्षु�त्प्रत्र्यगो�त्म� न चू�तरा* ||२१६||

ज�ग्रत्स्�प्नोस+ष+न्तिप्तष+ स्फु+ 9तरा� र्य�ऽसL सम+ज्जु:म्भोत�

प्रत्र्यग्र�पतर्य� सदा�हमहधिमत्र्यन्त* स्फु+ रान्न.कध� |

न�न�क�रावि�क�राभ�विगोन इम�न� पश्र्यन्नह�धNम+ख�न�

विनत्र्य�नन्दासिचूदा�त्मन� स्फु+ रावित त� वि�द्धिद्धा स्�म�त� हृदिदा ||२१७||

घो9�दाक� विबोन्मिम्बोतमक� विबोम्बो-

म�र्ल�क्र्य म�ढ� रावि�म�� मन्र्यत� |

तथ� सिचूदा�भ�सम+प�धिधस�6�

भ्रा�न्त्र्य�हधिमत्र्य�� जडा�ऽणिभमन्र्यत� ||२१८||

घो9� जर्ल� तद्गुतमक� विबोम्बो�

वि�ह�र्य स�� वि�विनराNक्ष्र्यत�ऽक� * |

त96 एतन्मित्त्रतर्य��भ�सक*

स्�र्य�प्रक�शं� वि�दुष� र्यथ� तथ� ||२१९||

दा�ह� धिधर्य� सिचूत्प्रवितविबोम्बोम���

वि�स:ज्र्य बो+द्धाL विनविहत� गो+ह�र्य�म� |

�ष्टा�राम�त्म�नमखण्डाबो�ध�

स��प्रक�शं� सदासविद्वैर्लक्षु�म� ||२२०||

विनत्र्य� वि�भ+� स��गोत� स+स�क्ष्म�

अन्तबो�विह*शं�न्र्यमनन्र्यम�त्मन* |

वि�ज्ञा�र्य सम्र्यङ्� विनजरूपम�तत�

Page 33: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

प+म�न� वि�प�प्म� वि�राज� वि�म:त्र्य+* ||२२१||

वि�शं�क आनन्दाघोन� वि�पणिश्चत�

स्�र्य� क+ तणिश्चन्न विबोभ�वित कणिश्चत� |

न�न्र्य�ऽस्तिस्त पन्था� भ�बोन्धम+7� *

वि�न� स्�तत्त्���गोम� म+म+क्षु�* ||२२२||

ब्रह्मा�णिभन्नत्�वि�ज्ञा�न� भ�म�क्षुस्र्य क�रा�म� |

र्य�न�विद्वैतNर्यम�नन्दा� ब्रह्मा सम्पद्यत� बो+ध.* ||२२३||

ब्रह्माभ�तस्त+ स�स:त्र्य. वि�द्वै�न्न��त�त� प+न* |

वि�ज्ञा�तव्योमत* सम्र्यग्ब्रह्मा�णिभन्नत्�म�त्मन* ||२२४||

सत्र्य� ज्ञा�नमनन्त� ब्रह्मा वि�शं+द्धा� परा� स्�त*सिसद्धाम� |

विनत्र्य�नन्दा.करास� प्रत्र्यगोणिभन्न� विनरान्तरा� जर्यवित ||२२५||

सदिदादा� पराम�द्वै.त� स्�स्म�दान्र्यस्र्य �स्त+न�ऽभ���त� |

न ह्यान्र्यदास्तिस्त विकस्थि�चूत� सम्र्यक� पराम�थ�तत्त्�बो�धदाशं�र्य�म� ||२२६||

र्यदिदादा� सकर्ल� वि�श्वा� न�न�रूप� प्रतNतमज्ञा�न�त� |

तत्स�� ब्रह्मा.� प्रत्र्यस्त�शं�षभ��न�दा�षम� ||२२७||

म:त्क�र्य�भ�त�ऽविप म:दा� न णिभन्न*

क+ म्भो�ऽस्तिस्त स��त्र त+ म:त्स्�रूप�त� |

न क+ म्भोरूप� प:थगोस्तिस्त क+ म्भो*

क+ त� म:ष� कस्थि�पतन�मम�त्र* ||२२८||

क� न�विप म:द्धि�न्नतर्य� स्�रूप�

घो9स्र्य स�दाशं�धिर्यत+� न शंक्र्यत� |

Page 34: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अत� घो9* कस्थि�पत ए� म�ह�-

न्म:दा�� सत्र्य� पराम�थ�भ�तम� ||२२९||

सदा�ब्रह्माक�र्य� सकर्ल� सदा���

तन्म�त्रम�तन्न तत�ऽन्र्यदास्तिस्त |

अस्तNवित र्य� �सि7 न तस्र्य म�ह�

वि�विनगो�त� विनदि�त�त्प्रज�प* ||२३०||

ब्रह्मा.��दा� वि�श्वाधिमत्र्य�� ���N

श्रLतN ब्र�त�ऽथ��विनष्ठ� �रिराष्ठ� |

तस्म�दा�तदा�ब्रह्माम�त्र� विह वि�श्वा�

न�धिधष्ठ�न�द्धि�न्नत�ऽऽरा�विपतस्र्य ||२३१||

सत्र्य� र्यदिदा स्र्य�ज्जुगोदा�तदा�त्मन�ऽ

न तत्त्�ह�विनर्विन=गोम�प्रम��त� |

असत्र्य��दिदात्�मपNसिशंत+* स्र्य�-

न्न.तत्त्रर्य� स�ध+ विहत� मह�त्मन�म� ||२३२||

ईश्वारा� �स्त+तत्त्�ज्ञा� न चू�ह� त�ष्��स्थि6त* |

न चू मत्6�विन भ�त�नNत्र्य��म�� व्योचूNक्र्ल:पत� ||२३३||

र्यदिदा सत्र्य� भ��विद्वैश्वा� स+ष+प्त�म+पर्लभ्र्यत�म� |

र्यन्न�पर्लभ्र्यत� विकस्थि�चूदात�ऽसत्स्�प्नो�न्म:ष� ||२३४||

अत* प:थङ्� न�स्तिस्त जगोत्परा�त्मन*

प:थक्प्रतNवितस्त+ म:ष� गो+��दिदा�त� |

आरा�विपतस्र्य�स्तिस्त विकमथ��त्ते�ऽ-

Page 35: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

धिधष्ठ�नम�भ�वित तथ� भ्राम�� ||२३५||

भ्रा�न्तस्र्य र्यद्यदा�भ्रामत* प्रतNत�

ब्रह्मा.� तत्ते�जत� विह शं+सि7* |

इदा�तर्य� ब्रह्मा सदा.� रूप्र्यत�

त्��रा�विपत� ब्रह्माणि� न�मम�त्रम� ||२३६||

अत* परा� ब्रह्मा सदाविद्वैतNर्य�

वि�शं+द्धावि�ज्ञा�नघोन� विनराञ्जनम� |

प्र�शं�न्तम�द्यन्तवि�हNनमवि�र्य�

विनरान्तरा�नन्दारासस्�रूपम� ||२३७||

विनरास्तम�र्य�क: तस��भ�दा�

विनत्र्य� स+ख� विनष्कर्लमप्रम�र्यम� |

अरूपमव्यो7मन�ख्र्यमव्योर्य�

ज्र्य�वित* स्�र्य� विकस्थि�चूदिदादा� चूक�स्तिस्त ||२३८||

ज्ञा�त:ज्ञा�र्यज्ञा�नशं�न्र्यमनन्त� विनर्वि�=क�पकम� |

क� �र्ल�खण्डासिचून्म�त्र� परा� तत्त्�� वि�दुबो+�ध�* ||२३९||

अह�र्यमन+प�दा�र्य� मन���चू�मगो�चूराम� |

अप्रम�र्यमन�द्यन्त� ब्रह्मा प���मह� मह* ||२४०||

तत्त्��पदा�भ्र्य�मणिभधNर्यम�नर्य�*

ब्रह्मा�त्मन�* शं�धिधतर्य�र्य�दा�त्थम� |

श्र+त्र्य� तर्य�स्तत्त्�मसNवित सम्र्यगो�

एकत्�म�� प्रवितप�द्यत� म+हु* ||२४१-

एक्र्य� तर्य�र्ल�णिक्षुतर्य�न� ��च्र्यर्य�*

Page 36: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

विनगोद्यत�ऽन्र्य�न्र्यवि�रुंद्धाधर्मिम=��* |

खद्य�तभ�न्��रिरा� रा�जभ:त्र्यर्य�*

क� प�म्बो+रा�श्र्य�* पराम��+म��8* ||२४२||

तर्य�र्वि�=रा�ध�ऽर्यम+प�धिधकस्थि�पत�

न ��स्त�* कणिश्चदुप�धिधरा�ष* |

ईशंस्र्य म�र्य� महदा�दिदाक�रा��

जN�स्र्य क�र्य� शं:�+ प�चूक�शंम� ||२४३||

एत��+प�धN पराजN�र्य�स्तर्य�*

सम्र्यङ्� विनरा�स� न परा� न जN�* |

रा�ज्र्य� नरा�न्�स्र्य भ9स्र्य ख�9क*

तर्य�राप�ह� न भ9� न रा�ज� ||२४४||

अथ�त आदा�शं इवित श्र+वित* स्�र्य�

विनष�धवित ब्रह्माणि� कस्थि�पत� द्वैर्यम� |

श्र+वितप्रम���न+गो:हNतबो�ध�-

त्तेर्य�र्विन=रा�स* करा�Nर्य ए� ||२४५||

न�दा� न�दा� कस्थि�पतत्��न्न सत्र्य�

राज्जु+दृष्टाव्यो�र्ल�त्स्�प्नो�च्चैः |

इत्थ� दृश्र्य� स�ध+र्य+क्त्र्य� व्योप�ह्या

ज्ञा�र्य* पश्च�दा�कभ��स्तर्य�र्य�* ||२४६||

ततस्त+ तL र्लक्षु�र्य� स+र्लक्ष्र्यL

तर्य�राखण्डा.करासत्�सिसद्धार्य� |

न�र्ल� जहत्र्य� न तथ�ऽजहत्र्य�

Page 37: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

विकन्त�भर्य�थ��न्मित्मकर्य.� भ�व्योम� ||२४७||

स दा��दात्ते�ऽर्यधिमतNह चू.कत�

वि�रुंद्धाधम��शंमप�स्र्य कथ्र्यत� |

र्यथ� तथ� तत्त्�मसNवित��क्र्य�

वि�रुंद्धाधम��न+भर्यत्र विहत्�� ||२४८||

स�र्लक्ष्र्य सिचून्म�त्रतर्य� सदा�त्मन�*

अखण्डाभ��* परिराचूNर्यत� बो+ध.* |

ए�� मह���क्र्यशंत�न कथ्र्यत�

ब्रह्मा�त्मन�रा.क्र्यमखण्डाभ��* ||२४९||

अ6�र्लधिमत्र्य�तदासधिन्नरास्र्य

सिसद्धा� स्�त� व्यो�म�दाप्रतक्र्य�म� |

अत� म:ष�म�त्रधिमदा� प्रतNत�

जहNविह र्यत्स्��त्मतर्य� गो:हNतम� |

ब्रह्मा�हधिमत्र्य�� वि�शं+द्धाबो+द्ध्य�

वि�द्धिद्धा स्�म�त्म�नमखण्डाबो�धम� ||२५०||

म:त्क�र्य� सकर्ल� घो9�दिदा सतत� म:न्म�त्रम���विहत�

तद्वैत्सज्जुविनत� सदा�त्मकधिमदा� सन्म�त्रम���ग्विखर्लम� |

र्यस्म�न्न�स्तिस्त सत* परा� विकमविप तत्सत्र्य� स आत्म� स्�र्य�

तस्म�त्तेत्त्�मसिस प्रशं�न्तममर्ल� ब्रह्मा�द्वैर्य� र्यत्पराम� ||२५१||

विन��कस्थि�पतदा�शंक�र्लवि�षर्यज्ञा�त्र�दिदा स�� र्यथ�

धिमथ्र्य� तद्वैदिदाह�विप ज�ग्रवित जगोत्स्��ज्ञा�नक�र्य�त्�त* |

र्यस्म�दा��धिमदा� शंराNराकरा�प्र���हम�द्यप्र्यसत�

Page 38: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तस्म�त्तेत्त्�मसिस प्रशं�न्तममर्ल� ब्रह्मा�द्वैर्य� र्यत्पराम� ||२५२||

र्यत्र भ्रा�न्त्र्य� कस्थि�पत तविद्वै��क�

तत्तेन्म�त्र� न.� तस्म�विद्वैणिभन्नम� |

स्�प्नो� नष्टा� स्�प्नोवि�श्वा� वि�सिचूत्र�

स्�स्म�द्धि�न्न� विकन्न+ दृष्टा� प्रबो�ध� ||२५३||

ज�वितनNवितक+ र्लगो�त्रदूरागो�

न�मरूपगो+�दा�ष�र्जिज=तम� |

दा�शंक�र्लवि�षर्य�वित�र्वित= र्यदा�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२५४||

र्यत्परा� सकर्ल��गोगो�चूरा�

गो�चूरा� वि�मर्लबो�धचूक्षु+ष* |

शं+द्धासिचूद्घनमन�दिदा �स्त+ र्यदा�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२५५||

षडा�णिभरूर्मिम=णिभरार्य�विगो र्य�विगोहृदा�-

भ�वि�त� न करा�.र्वि�=भ�वि�तम� |

बो+द्ध्य��द्यमन�द्यमस्तिस्त र्यदा�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२५६||

भ्रा�न्तिन्तकस्थि�पतजगोत्कर्ल�श्रर्य�

स्��श्रर्य� चू सदासविद्वैर्लक्षु�म� |

विनष्कर्ल� विनरुंपम�न�द्धिद्धा र्यदा�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२५७||

जन्म�:द्धिद्धापरिरा�त्र्यपक्षुर्य-

Page 39: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

व्यो�धिधन�शंनवि�हNनमव्योर्यम� |

वि�श्वास:ष्ट्या�वि�घो�तक�रा��

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२५८||

अस्तभ�दामनप�स्तर्लक्षु��

विनस्तराङ्गैजर्लरा�सिशंविनश्चर्लम� |

विनत्र्यम+7मवि�भ7म�र्वित= र्यदा�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२५९||

एकम�� सदान�कक�रा��

क�रा��न्तराविनरा�स्र्यक�रा�म� |

क�र्य�क�रा�वि�र्लक्षु�� स्�र्य�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२६०||

विनर्वि�=क�पकमन�पमक्षुरा�

र्यत्क्षुरा�क्षुरावि�र्लक्षु�� पराम� |

विनत्र्यमव्योर्यस+ख� विनराञ्जन�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२६१||

र्यविद्वैभ�वित सदान�कध� भ्राम�-

न्न�मरूपगो+�वि�वि�र्य�त्मन� |

ह�म�त्स्�र्यमवि�वि�र्य� सदा�

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२६२||

र्यच्चैःक�स्त्र्यनपरा� परा�त्परा�

प्रत्र्यगो�करासम�त्मर्लक्षु�म� |

सत्र्यसिचूत्स+खमनन्तमव्योर्य�

Page 40: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

ब्रह्मा तत्त्�मसिस भ��र्य�त्मविन ||२६३||

उ7मथ�धिममम�त्मविन स्�र्य�

भ��र्य�त्प्रसिथतर्य+सि7णिभर्मिध=र्य� |

स�शंर्य�दिदाराविहत� करा�म्बो+�त�

त�न तत्त्�विनगोम� भवि�ष्र्यवित ||२६४||

सम्बो�धम�त्र� परिराशं+द्धातत्त्��

वि�ज्ञा�र्य स�घो� न:प�च्चैः स.न्र्य� |

तदा�श्रर्य* स्��त्मविन स��दा� स्थि6त�

वि�र्ल�पर्य ब्रह्माणि� वि�श्वाज�तम� ||२६५||

बो+द्धाL गो+ह�र्य�� सदासविद्वैर्लक्षु��

ब्रह्मा�स्तिस्त सत्र्य� परामविद्वैतNर्यम� |

तदा�त्मन� र्य�ऽत्र �स�द्गु�ह�र्य��

प+नन� तस्र्य�ङ्गैगो+ह�प्र��शं* ||२६६||

ज्ञा�त� �स्त+न्र्यविप बोर्ल�तN ��सन�ऽन�दिदारा�ष�

कत�� भ�7�प्र्यहधिमवित दृढ� र्य�ऽस्र्य स�स�राह�त+* |

प्रत्र्यग्दृष्ट्या�ऽऽत्मविन विन�सत� स�पन�र्य� प्रर्यत्न�-

न्म+क्तिं7= प्र�हुस्तदिदाह म+नर्य� ��सन�त�न�� र्यत� ||२६७||

अह� मम�वित र्य� भ��� दा�ह�क्षु�दा��न�त्मविन |

अध्र्य�स�ऽर्य� विनरास्तव्यो� वि�दुष� स्��त्मविनष्ठर्य� ||२६८||

ज्ञा�त्�� स्�� प्रत्र्यगो�त्म�न� बो+द्धिद्धातद्वै«णित्तेस�णिक्षु�म� |

स�ऽहधिमत्र्य�� सद्वै«त्त्र्य�ऽन�त्मन्र्य�त्ममकिंत= जविह ||२६९||

Page 41: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

र्ल�क�न+�त�न� त्र्यक्त्�� त्र्यक्त्�� दा�ह�न+�त�नम� |

शं�स्त्र�न+�त�न� त्र्यक्त्�� स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२७०||

र्ल�क��सनर्य� जन्त�* शं�स्त्र��सनर्य�विप चू |

दा�ह��सनर्य� ज्ञा�न� र्यथ��न्न.� ज�र्यत� ||२७१

स�स�राक�रा�गो:हम�क्षुधिमच्छा�-

रार्य�मर्य� प�दाविनबोन्धशं:�खर्लम� |

�दान्तिन्त तज्ज्ञा�* प9+ ��सन�त्रर्य�

र्य�ऽस्म�विद्वैम+7* सम+प.वित म+सि7म� ||२७२||

जर्ल�दिदास�सगो��शं�त्प्रभ�त-

दुगो�न्धध�त�ऽगोरुंदिदाव्यो��सन� |

स�घोष���न.� वि�भ�वित सम्र्य-

ग्विग्�ध�र्यम�न� सवित बो�ह्यागोन्ध� ||२७३||

अन्त*णिश्रत�नन्तदूरान्त��सन�-

ध�र्लNवि�सिर्लप्त� पराम�त्म��सन� |

प्रज्ञा�वितस�घोष��त� वि�शं+द्धा�

प्रतNर्यत� चून्दानगोन्ध�त� स्फु+ 9म� ||२७४||

अन�त्म��सन�ज�र्ल.स्तिस्तरा�भ�त�त्म��सन� |

विनत्र्य�त्मविनष्ठर्य� त�ष�� न�शं� भ�वित स्�र्य� स्फु+ 9म� ||२७५||

र्यथ� र्यथ� प्रत्र्यगो�स्थि6त� मन*

तथ� तथ� म+�चूवित बो�ह्या��सन�म� |

विन*शं�षम�क्षु� सवित ��सन�न��

Page 42: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

आत्म�न+भ�वित* प्रवितबोन्धशं�न्र्य� ||२७६||

स्��त्मन्र्य�� सदा� स्थि6त्�� मन� नश्र्यवित र्य�विगोन* |

��सन�न�� क्षुर्यश्च�त* स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२७७||

तम� द्वै�भ्र्य�� राज* सत्त्��त्सत्त्�� शं+द्धा�न नश्र्यवित |

तस्म�त्सत्त्�म�ष्टाभ्र्य स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२७८||

प्र�राब्ध� प+ष्र्यवित �प+रिरावित विनणिश्चत्र्य विनश्चर्ल* |

ध.र्य�म�र्लम्ब्र्य र्यत्न�न स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२७९||

न�ह� जN�* परा� ब्रह्मा�त्र्यतद्व्य��:णित्तेप���कम� |

��सन���गोत* प्र�प्तस्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२८०||

श्र+त्र्य� र्य+क्त्र्य� स्��न+भ�त्र्य� ज्ञा�त्�� स����त्म्र्यम�त्मन* |

क्�सिचूदा�भ�सत* प्र�प्तस्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२८१||

अन�दा�नवि�सगो��भ्र्य�मNषन्न�स्तिस्त वि�र्य� म+न�* |

तदा�कविनष्ठर्य� विनत्र्य� स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२८२||

तत्त्�मस्र्य�दिदा��क्र्य�त्थब्रह्मा�त्म.कत्�बो�धत* |

ब्रह्माण्र्य�त्मत्�दा�र्ढ्या��र्य स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२८३||

अह�भ��स्र्य दा�ह�ऽस्तिस्मधिन्न*शं�षवि�र्लर्य��धिध |

स��ध�न�न र्य+7�त्म� स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२८४||

प्रतNवितजi�जगोत�* स्�प्नो���वित र्य��त� |

त��धिन्नरान्तरा� वि�द्वैन्स्��ध्र्य�स�पनर्य� क+ रुं ||२८५||

विन��र्य� र्ल�क��त��र्य�* शंब्दा�दा�राविप वि�स्म:त�* |

क्�सिचून्न��सरा� दात्त्�� सिचून्तर्य�त्म�नम�त्मविन ||२८६||

Page 43: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

म�त�विपत्र�म�र्ल��Âत� मर्लम��समर्य� �प+* |

त्र्यक्त्�� चू�ण्डा�र्ल�द्देÂरा� ब्रह्माNभ�र्य क: तN भ� ||२८७||

घो9�क�शं� मह�क�शं इ��त्म�न� परा�त्मविन |

वि�र्ल�प्र्य�खण्डाभ���न त�ष्�N भ� सदा� म+न� ||२८८||

स्�प्रक�शंमधिधष्ठ�न� स्�र्य�भ�र्य सदा�त्मन� |

ब्रह्मा�ण्डामविप विपण्डा�ण्डा� त्र्यज्र्यत�� मर्लभ�ण्डा�त� ||२८९||

सिचूदा�त्मविन सदा�नन्दा� दा�ह�रूढ�मह�धिधर्यम� |

विन��श्र्य सिर्लङ्गैम+त्स:ज्र्य क� �र्ल� भ� स��दा� ||२९०||

र्यत्र.ष जगोदा�भ�स� दाप���न्त* प+रा� र्यथ� |

तदा�ब्रह्मा�हधिमवित ज्ञा�त्�� क: तक: त्र्य� भवि�ष्र्यसिस ||२९१||

र्यत्सत्र्यभ�त� विनजरूपम�द्य�

सिचूदाद्वैर्य�नन्दामरूपमवि�र्यम� |

तदा�त्र्य धिमथ्र्य��प+रुंत्स:ज�त

शं.र्ल�ष�द्वै�षम+प�त्तेम�त्मन* ||२९२||

स���त्मन� दृश्र्यधिमदा� म:ष.�

न.��हमथ�* क्षुणि�कत्�दाशं�न�त� |

ज�न�म्र्यह� स��धिमवित प्रतNवित*

क+ त�ऽहम�दा�* क्षुणि�कस्र्य सिसध्र्य�त� ||२९३||

अह�पदा�थ�स्त्�हम�दिदास�क्षुN

विनत्र्य� स+ष+प्त��विप भ��दाशं�न�त� |

ब्र�त� ह्याज� विनत्र्य इवित श्र+वित* स्�र्य�

Page 44: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तत्प्रत्र्यगो�त्म� सदासविद्वैर्लक्षु�* ||२९४||

वि�क�रिरा��� स��वि�क�रा��त्ते�

विनत्र्य�वि�क�रा� भवि�त+� समह�वित |

मन�राथस्�प्नोस+ष+न्तिप्तष+ स्फु+ 9�

प+न* प+नदृ�ष्टामसत्त्�म�तर्य�* ||२९५||

अत�ऽणिभम�न� त्र्यज म��सविपण्डा�

विपण्डा�णिभम�विनन्र्यविप बो+द्धिद्धाकस्थि�पत� |

क�र्लत्रर्य�बो�ध्र्यमखण्डाबो�ध�

ज्ञा�त्�� स्�म�त्म�नम+प.विह शं�न्तिन्तम� ||२९६||

त्र्यज�णिभम�न� क+ र्लगो�त्रन�म-

रूप�श्रम�ष्����शं��णिश्रत�ष+ |

सिर्लङ्गैस्र्य धम��नविप कत:�त�दिंदा=-

स्त्र्य7� भ��खण्डास+खस्�रूप* ||२९७||

सन्त्र्यन्र्य� प्रवितबोन्ध�* प+�स* स�स�राह�त�� दृष्टा�* |

त�ष�म��� म�र्ल� प्रथमवि�क�रा� भ�त्र्यह�क�रा* ||२९८||

र्य��त्स्र्य�त्स्�स्र्य सम्बोन्ध�ऽह�क�रा�� दुरा�त्मन� |

त��न्न र्ल�शंम�त्र�विप म+सि7��त�� वि�र्लक्षु�� ||२९९||

अह�क�राग्रह�न्म+7* स्�रूपम+पपद्यत� |

चून्��विद्वैमर्ल* प���* सदा�नन्दा* स्�र्य�प्रभ* ||३००||

र्य� �� प+रा� स�ऽहधिमवित प्रतNत�

बो+द्ध्य� प्रक्र्ल:प्तस्तमस�ऽवितम�ढर्य� |

Page 45: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तस्र्य.� विन*शं�षतर्य� वि�न�शं�

ब्रह्मा�त्मभ��* प्रवितबोन्धशं�न्र्य* ||३०१||

ब्रह्मा�नन्दाविनधिधम�ह�बोर्ल�त�ऽह�क�राघो�रा�विहन�

स���ष्ट्या�त्मविन राक्ष्र्यत� गो+�मर्य.श्चण्डा�न्मिस्त्रणिभम�स्तक. *

वि�ज्ञा�न�ख्र्यमह�सिसन� श्र+वितमत� वि�स्थिच्छाद्य शंNष�त्रर्य�

विनम���र्य�विहधिमम� विनधिंध= स+खकरा� धNरा�ऽन+भ�7+� क्षुम* ||३०२||

र्य��द्वै� र्यग्वित्कस्थि�चूविद्वैषदा�षस्फु� र्वित=रास्तिस्त चू�द्दे�ह� |

कथम�रा�ग्र्य�र्य भ��त्तेद्वैदाहन्त�विप र्य�विगोन� म+क्त्र्य. ||३०३||

अहम�ऽत्र्यन्तविन�:त्त्र्य� तत्क: तन�न�वि�क�पस�हृत्र्य� |

प्रत्र्य7त्त्�वि���क�दिदादामहमस्मNवित वि�न्दात� तत्त्�म� ||३०४||

अह�क�रा� कत�र्य�हधिमवित मकिंत= म+�चू सहस�

वि�क�रा�त्मन्र्य�त्मप्रवितफर्लज+विष स्�स्थि6वितम+विष |

र्यदाध्र्य�स�त्प्र�प्त� जविनम:वितजरा�दु*खबोहुर्ल�

प्रतNचूणिश्चन्म�तSस्त� स+खतन�* स�स:वितरिरार्यम� ||३०५||

सदा.करूपस्र्य सिचूदा�त्मन� वि�भ�-

रा�नन्दाम�तSरान�द्यक�तS* |

न.��न्र्यथ� क्��प्र्यवि�क�रिरा�स्त�

वि�न�हमध्र्य�समम+ष्र्य स�स:वित* ||३०६||

तस्म�दाह�क�राधिमम� स्�शंत्र+�

भ�7+ गो�र्ल� कण्9क�त्प्रतNतम� |

वि�स्थिच्छाद्य वि�ज्ञा�नमह�सिसन� स्फु+ 9�

भ+ङ्� क्ष्��त्मस�म्रा�ज्र्यस+ख� र्यथ�ष्टाम� ||३०७||

Page 46: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तत�ऽहम�दा�र्वि�=विन�त्र्य� �:त्तिंत्ते=

स�त्र्य7रा�गो* पराम�थ�र्ल�भ�त� |

त�ष्�Å सम�स्स्��त्मस+ख�न+भ�त्र्य�

प����त्मन� ब्रह्माणि� विनर्वि�=क�प* ||३०८||

सम�र्लक: त्ते�ऽविप मह�नह� प+न*

व्यो+�र्ल�ग्विखत* स्र्य�द्यदिदा चू�तस� क्षु�म� |

स�जNव्यो वि�क्षु�पशंत� करा�वित

नभस्�त� प्र��:विष ��रिरादा� र्यथ� ||३०९||

विनगो:ह्या शंत्र�राहम�ऽ�क�शं*

क्�सिचून्न दा�र्य� वि�षर्य�न+सिचून्तर्य� |

स ए� स�जN�नह�त+रास्र्य

प्रक्षुN�जम्बोNरातरा�रिरा��म्बो+ ||३१०||

दा�ह�त्मन� स�स्थि6त ए� क�मN

वि�र्लक्षु�* क�मधिर्यत� कथ� स्र्य�त� |

अत�ऽथ�सन्ध�नपरात्�म��

भ�दाप्रसक्त्र्य� भ�बोन्धह�त+* ||३११||

क�र्य�प्र�ध�न�द्ब�जप्र�:द्धिद्धा* परिरादृश्र्यत� |

क�र्य�न�शं�द्ब�जन�शंस्तस्म�त्क�र्य� विनरा�धर्य�त� ||३१२||

��सन��:द्धिद्धात* क�र्य� क�र्य��:द्ध्य� चू ��सन� |

�ध�त� स��थ� प+�स* स�स�रा� न विन�त�त� ||३१३||

स�स�राबोन्धवि�स्थिच्छात्त्र्य. तदा� द्वैर्य� प्रदाह�द्यवित* |

Page 47: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

��सन��:द्धिद्धारा�त�भ्र्य�� सिचून्तर्य� वि�र्यर्य� बोविह* ||३१४||

त�भ्र्य�� प्र�ध�म�न� स� स�त� स�स:वितम�त्मन* |

त्रर्य���� चू क्षुर्य�प�र्य* स����6�स+ स��दा� ||३१५||

स��त्र स��त* स��ब्रह्माम�त्र��र्ल�कन.* |

स�����सन�दा�र्ढ्या��त्तेत्त्रर्य� र्लर्यमश्नो+त� ||३१६||

वि�र्य�न�शं� भ��स्थिच्चैःन्त�न�शं�ऽस्म�द्वै�सन�क्षुर्य* |

��सन�प्रक्षुर्य� म�क्षु* स� जN�न्म+सि7रिराष्र्यत� ||३१७||

सद्वै�सन�स्फु� र्वित=वि�ज:म्भो�� सवित

ह्यासL वि�र्लNन�प्र्यहम�दिदा��सन� |

अवितप्रक: ष्टा�प्र्यरुं�प्रभ�र्य��

वि�र्लNर्यत� स�ध+ र्यथ� तधिमस्र� ||३१८||

तमस्तम*क�र्य�मनथ�ज�र्ल�

न दृश्र्यत� सत्र्य+दिदात� दिदान�शं� |

तथ�ऽद्वैर्य�नन्दारास�न+भ�तL

न.��स्तिस्त बोन्ध� न चू दु*खगोन्ध* ||३१९||

दृश्र्य� प्रतNत� प्रवि�र्ल�पर्यन्सन�

सन्म�त्रम�नन्दाघोन� वि�भ��र्यन� |

सम�विहत* सन्बोविहरान्तरा� ��

क�र्ल� नर्य�थ�* सवित कम�बोन्ध� ||३२०||

प्रम�दा� ब्रह्माविनष्ठ�र्य�� न कत�व्यो* कदा�चून |

प्रम�दा� म:त्र्य+रिरात्र्य�ह भगो��न्ब्रह्मा�* स+त* ||३२१||

Page 48: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

न प्रम�दा�दानथ8ऽन्र्य� ज्ञा�विनन* स्�स्�रूपत* |

तत� म�हस्तत�ऽह�धNस्तत� बोन्धस्तत� व्योथ� ||३२२||

वि�षर्य�णिभम+ख� दृष्टा��� वि�द्वै��समविप वि�स्म:वित* |

वि�क्षु�पर्यवित धNदा�ष.र्य8ष� ज�राधिम� विप्रर्यम� ||३२३||

र्यथ�पक: ष्टा� शं.��र्ल� क्षु�म�त्र� न वितष्ठवित |

आ�:��वित तथ� म�र्य� प्र�ज्ञा� ��विप परा�ङ्मां�खम� ||३२४||

र्लक्ष्र्यच्र्य+त� चू�द्यदिदा सिचूत्तेमNषदा�

बोविहम+�ख� सधिन्नपत�त्तेतस्तत* |

प्रम�दात* प्रच्र्य+तक� सिर्लकन्दुक*

स�प�नपङ्� 7L पवितत� र्यथ� तथ� ||३२५||

वि�षर्य�ष्��वि�शंच्चैः�त* स�क�पर्यवित तद्गु���न� |

सम्र्यक्स�क�पन�त्क�म* क�म�त्प+�स* प्र�त�नम� ||३२६||

अत* प्रम�दा�न्न परा�ऽस्तिस्त म:त्र्य+*

वि���विकन� ब्रह्मावि�दा* सम�धL |

सम�विहत* सिसद्धिद्धाम+प.वित सम्र्यक�

सम�विहत�त्म� भ� स��ध�न* ||३२७||

तत* स्�रूपवि�भ्रा�शं� वि�भ्राष्टास्त+ पतत्र्यध* |

पविततस्र्य वि�न� न�शं� प+नन��रा�ह ईक्ष्र्यत� ||३२८||

स�क�प� �ज�र्य�त्तेस्म�त्स���नथ�स्र्य क�रा�म� |

जN�त� र्यस्र्य क. ��र्य� वि�दा�ह� स चू क� �र्ल* |

र्यग्वित्कस्थि�चूत� पश्र्यत� भ�दा� भर्य� ब्र�त� र्यज+*श्र+वित* ||३२९||

Page 49: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

र्यदा� कदा� ��विप वि�पणिश्चदा�ष

ब्रह्माण्र्यनन्त�ऽप्र्य�+म�त्रभ�दाम� |

पश्र्यत्र्यथ�म+ष्र्य भर्य� तदा.�

र्यद्वै�णिक्षुत� णिभन्नतर्य� प्रम�दा�त� ||३३०||

श्र+वितस्म:वितन्र्य�र्यशंत.र्विन=विषद्धा�

दृश्र्य�ऽत्र र्य* स्��त्ममकिंत= करा�वित |

उप.वित दु*ख�परिरा दु*खज�त�

विनविषद्धाकत�� स मसिर्लम्र्ल+चू� र्यथ� ||३३१||

सत्र्य�णिभस�ध�नरात� वि�म+7�

महत्त्�म�त्मNर्यम+प.वित विनत्र्यम� |

धिमथ्र्य�णिभसन्ध�नरातस्त+ नश्र्य�दा�

दृष्टा� तदा�तद्यदाचूLराचूLरार्य�* ||३३२||

र्यवितरासदान+सन्धिंन्ध= बोन्धह�त+� वि�ह�र्य

स्�र्यमर्यमहमस्मNत्र्य�त्मदृष्ट्या.� वितष्ठ�त�

स+खर्यवित नन+ विनष्ठ� ब्रह्माणि� स्��न+भ�त्र्य�

हरावित परामवि�द्य�क�र्य�दु*ख� प्रतNतम� ||३३३||

बो�ह्या�न+सन्मिन्ध* परिरा�ध�र्य�त्फर्ल�

दु���सन�म�� ततस्तत�ऽधिधक�म� |

ज्ञा�त्�� वि���क. * परिराहृत्र्य बो�ह्या�

स्��त्म�न+सन्धिंन्ध= वि�दाधNत विनत्र्यम� ||३३४||

बो�ह्या� विनरुंद्धा� मनस* प्रसन्नत�

मन*प्रस�दा� पराम�त्मदाशं�नम� |

Page 50: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तस्तिस्मन्स+दृष्टा� भ�बोन्धन�शं�

बोविहर्विन=रा�ध* पदा�N वि�म+7� * ||३३५||

क* पस्थिण्डात* सन्सदासविद्वै��क�

श्र+वितप्रम��* पराम�थ�दाशंi |

ज�नग्विन्ह क+ र्य��दासत�ऽ�र्लम्बो�

स्�प�तह�त�* सिशंशं+�न्म+म+क्षु+* ||३३६||

दा�ह�दिदास�ससि7मत� न म+सि7*

म+7स्र्य दा�ह�द्यणिभमत्र्यभ��* |

स+प्तस्र्य न� ज�गोरा�� न ज�ग्रत*

स्�प्नोस्तर्य�र्भिभ=न्नगो+��श्रर्यत्��त� ||३३७||

अन्तबो�विह* स्�� स्थि6राजङ्गैम�ष+

ज्ञा�त्��ऽऽत्मन�ध�रातर्य� वि�र्ल�क्र्य |

त्र्य7�ग्विखर्ल�प�धिधराखण्डारूप*

प����त्मन� र्य* स्थि6त एष म+7* ||३३८||

स���त्मन� बोन्धवि�म+सि7ह�त+*

स���त्मभ���न्न परा�ऽस्तिस्त कणिश्चत� |

दृश्र्य�ग्रह� सत्र्य+पपद्यत�ऽसL

स���त्मभ���ऽस्र्य सदा�त्मविनष्ठर्य� ||३३९||

दृश्र्यस्र्य�ग्रह�� कथ� न+ घो9त� दा�ह�त्मन� वितष्ठत�

बो�ह्या�थ��न+भ�प्रस7मनसस्तत्तेग्वित्�र्य�� क+ ��त* |

स�न्र्यस्त�ग्विखर्लधम�कम�वि�षर्य.र्विन=त्र्य�त्मविनष्ठ�परा.*

तत्त्�ज्ञा.* करा�Nर्यम�त्मविन सदा�नन्दा�च्छा+ णिभर्य�त्नत* ||३४०||

Page 51: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

स���त्मसिसद्धार्य� णिभक्षु�* क: तश्र��कम��* |

सम�धिंध= वि�दाध�त्र्य�ष� शं�न्त� दा�न्त इवित श्र+वित* ||३४१||

आरूढशं7� राहम� वि�न�शं*

कत+�न्न शंक्र्य सहस�विप पस्थिण्डात.* |

र्य� विनर्वि�=क�प�ख्र्यसम�धिधविनश्चर्ल�*

त�नन्तरा�ऽनन्तभ�� विह ��सन�* ||३४२||

अह�बो+द्ध्य.� म�विहन्र्य� र्य�जधिर्यत्��ऽऽ�:त�बो�र्ल�त� |

वि�क्षु�पशंसि7* प+रुंष� वि�क्षु�पर्यवित तद्गु��.* ||३४३||

वि�क्षु�पशंसि7वि�जर्य� वि�षम� वि�ध�त+�

विन*शं�षम��रा�शंसि7विन�:त्त्र्यभ��� |

दृग्दृश्र्यर्य�* स्फु+ 9पर्य�जर्ल�विद्वैभ�गो�

नश्र्य�त्तेदा��रा�म�त्मविन चू स्�भ���त� |

विन*स�शंर्य�न भ�वित प्रवितबोन्धशं�न्र्य�

वि�क्षु�प�� न विह तदा� र्यदिदा चू�न्म:ष�थS ||३४४||

सम्र्यग्विग्���क* स्फु+ 9बो�धजन्र्य�

वि�भज्र्य दृग्दृश्र्यपदा�थ�तत्त्�म� |

सिछानणित्ते म�र्य�क: तम�हबोन्ध�

र्यस्म�विद्वैम+7स्त+ प+नन� स�स:वित* ||३४५||

परा��रा.कत्�वि���क�ग्विन्ह*

दाहत्र्यवि�द्य�गोहन� ह्याशं�षम� |

किंक= स्र्य�त्प+न* स�सरा�स्र्य बोNज�

अद्वै.तभ��� सम+प�र्य+ष�ऽस्र्य ||३४६||

Page 52: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

आ�रा�स्र्य विन�:णित्तेभ��वित विह सम्र्यक्पदा�थ�दाशं�नत* |

धिमथ्र्य�ज्ञा�नवि�न�शंस्तविद्वैक्षु�पजविनतदु*खविन�:णित्ते* ||३४७||

एतन्मित्त्रतर्य� दृष्टा� सम्र्यग्रज्जु+स्�रूपवि�ज्ञा�न�त� |

तस्म�द्वैस्त+सतत्त्�� ज्ञा�तव्यो� बोन्धम+7र्य� वि�दुष� ||३४८||

अर्य�ऽग्विग्नर्य�गो�दिदा� सत्समन्�र्य�न�

म�त्र�दिदारूप�� वि�ज:म्भोत� धN* |

तत्क�र्य�म�तद्देÈवि�तर्य� र्यत� म:ष�

दृष्टा� भ्रामस्�प्नोमन�राथ�ष+ ||३४९||

तत� वि�क�रा�* प्रक: त�राह�म+ख�

दा�ह��स�न� वि�षर्य�श्च स�S |

क्षु��ऽन्र्यथ�भ�वि�तर्य� ह्यामNष�-

मसत्त्�म�त्म� त+ कदा�विप न�न्र्यथ� ||३५०||

विनत्र्य�द्वैर्य�खण्डासिचूदा�करूप�

बो+द्ध्य�दिदास�क्षुN सदासविद्वैर्लक्षु�* |

अह�पदाप्रत्र्यर्यर्लणिक्षुत�थ�*

प्रत्र्यक� सदा�नन्दाघोन* परा�त्म� ||३५१||

इत्थ� वि�पणिश्चत्सदासविद्वैभज्र्य

विनणिश्चत्र्य तत्त्�� विनजबो�धदृष्ट्या� |

ज्ञा�त्�� स्�म�त्म�नमखण्डाबो�ध�

त�भ्र्य� वि�म+7* स्�र्यम�� शं�म्र्यवित ||३५२||

अज्ञा�नहृदार्यग्रन्था�र्विन=*शं�षवि�र्लर्यस्तदा� |

Page 53: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

सम�धिधन�ऽवि�क�प�न र्यदा�ऽद्वै.त�त्मदाशं�नम� ||३५३||

त्�महधिमदाधिमतNर्य� क�पन� बो+द्धिद्धादा�ष�त�

प्रभ�वित पराम�त्मन्र्यद्वैर्य� विनर्वि�=शं�ष� |

प्रवि�र्लसवित सम�ध��स्र्य स�8 वि�क�प�

वि�र्लर्यनम+पगोच्छा�द्वैस्त+तत्त्���ध:त्र्य� ||३५४||

शं�न्त� दा�न्त* पराम+परात* क्षु�न्तिन्तर्य+7* सम�धिंध=

क+ ��धिन्नत्र्य� कर्लर्यवित र्यवित* स्�स्र्य स���त्मभ��म� |

त�न�वि�द्य�वितधिमराजविनत�न्स�ध+ दाग्ध्�� वि�क�प�न�

ब्रह्मा�क: त्र्य� विन�सवित स+ख� विनन्मिष्�र्य� विनर्वि�=क�प* ||३५५||

सम�विहत� र्य� प्रवि�र्ल�प्र्य बो�ह्या�

श्र�त्र�दिदा चू�त* स्�मह� सिचूदा�त्मविन |

त ए� म+7� भ�प�शंबोन्ध.*

न�न्र्य� त+ प�रा�क्ष्र्यकथ�णिभध�धिर्यन* ||३५६||

उप�धिधभ�दा�त्स्�र्यम�� णिभद्यत�

चू�प�ध्र्यप�ह� स्�र्यम�� क� �र्ल* |

तस्म�दुप�ध�र्वि�=र्लर्य�र्य वि�द्वै�न�

�स�त्सदा�ऽक�पसम�धिधविनष्ठर्य� ||३५७||

सवित स7� नरा� र्य�वित स���� ह्या�कविनष्ठर्य� |

क�9क� भ्रामरा� ध्र्य�र्यन� भ्रामरात्��र्य क�पत� ||३५८||

वि�र्य�न्तरा�ससि7मप�स्र्य क�9क�

ध्र्य�र्यन्नसिर्लत्�� ह्यासिर्लभ��म:च्छावित |

तथ.� र्य�गोN पराम�त्मतत्त्��

Page 54: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

ध्र्य�त्�� सम�र्य�वित तदा�कविनष्ठर्य� ||३५९||

अतN� स�क्ष्म� पराम�त्मतत्त्��

न 6�र्लदृष्ट्या� प्रवितपत्ते+मह�वित |

सम�धिधन�त्र्यन्तस+स�क्ष्म�:त्र्य�

ज्ञा�तव्योम�र्य�रावितशं+द्धाबो+द्धिद्धाणिभ* ||३६०||

र्यथ� स+��� प+9प�कशं�धिधत�

त्र्यक्त्�� मर्ल� स्��त्मगो+�� सम:च्छावित |

तथ� मन* सत्त्�राजस्तम�मर्ल�

ध्र्य�न�न सन्त्र्यज्र्य सम�वित तत्त्�म� ||३६१||

विनरान्तरा�भ्र्य�स�शं�त्तेदिदात्थ�

पक्�� मन� ब्रह्माणि� र्लNर्यत� र्यदा� |

तदा� सम�धिध* सवि�क�प�र्जिज=त*

स्�त�ऽद्वैर्य�नन्दारास�न+भ��क* ||३६२||

सम�धिधन�ऽन�न समस्त��सन�-

ग्रन्था�र्वि�=न�शं�ऽग्विखर्लकम�न�शं* |

अन्तबो�विह* स��त ए� स��दा�

स्�रूपवि�स्फु� र्वित=रार्यत्नत* स्र्य�त� ||३६३||

श्र+त�* शंतगो+�� वि�द्य�न्मनन� मनन�दाविप |

विनदिदाध्र्य�स� र्लक्षुगो+�मनन्त� विनर्वि�=क�पकम� ||३६४||

विनर्वि�=क�पकसम�धिधन� स्फु+ 9�

ब्रह्मातत्त्�म�गोम्र्यत� ध्रु+�म� |

न�न्र्यथ� चूर्लतर्य� मन�गोत�*

Page 55: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

प्रत्र्यर्य�न्तरावि�धिमणिश्रत� भ��त� ||३६५||

अत* सम�धत्स्� र्यत�द्धिन्�र्य* सन�

विनरान्तरा� शं�न्तमन�* प्रतNसिचू |

वि�ध्��सर्य ध्��न्तमन�द्यवि�द्यर्य�

क: त� सदा�कत्�वि�र्ल�कन�न ||३६६||

र्य�गोस्र्य प्रथमद्वै�रा� ��ङ्� विनरा�ध�ऽपरिराग्रह* |

विनरा�शं� चू विनराNह� चू विनत्र्यम�क�न्तशंNर्लत� ||३६७||

एक�न्तस्थि6वितरिराद्धिन्�र्य�पराम�� ह�त+दा�मश्च�तस*

स�रा�ध� करा�� शंम�न वि�र्लर्य� र्य�र्य�दाह���सन� |

त�न�नन्दारास�न+भ�वितराचूर्ल� ब्र�ह्माN सदा� र्य�विगोन*

तस्म�स्थिच्चैःत्तेविनरा�ध ए� सतत� क�र्य�* प्रर्यत्न� म+न�* ||३६८||

��चू� विनर्यच्छा�त्मविन त� विनर्यच्छा

बो+द्धाL धिधर्य� र्यच्छा चू बो+द्धिद्धास�णिक्षुणि� |

त� चू�विप प����त्मविन विनर्वि�=क�प�

वि�र्ल�प्र्य शं�न्तिंन्त= पराम�� भजस्� ||३६९||

दा�हप्र���द्धिन्�र्यमन�बो+द्ध्य�दिदाणिभरुंप�धिधणिभ* |

र्य.र्य��:�त्ते�*सम�र्य�गोस्तत्ते����ऽस्र्य र्य�विगोन* ||३७०||

तधिन्न�:त्त्र्य� म+न�* सम्र्यक� स�8पराम�� स+खम� |

स�दृश्र्यत� सदा�नन्दारास�न+भ�वि�प्र्ल�* ||३७१||

अन्तस्त्र्य�गो� बोविहस्त्र्य�गो� वि�रा7स्र्य.� र्य+ज्र्यत� |

त्र्यजत्र्यन्तबो�विह*सङ्गै� वि�रा7स्त+ म+म+क्षुर्य� ||३७२||

Page 56: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

बोविहस्त+ वि�षर्य.* सङ्गै� तथ�न्तराहम�दिदाणिभ* |

वि�रा7 ए� शंक्न�वित त्र्य7+� ब्रह्माणि� विनधिष्ठत* ||३७३||

�.रा�ग्र्यबो�धL प+रुंषस्र्य पणिक्षु�त�

पक्षुL वि�ज�नNविह वि�चूक्षु� त्�म� |

वि�म+सि7सLध�ग्रर्लत�धिधरा�ह��

त�भ्र्य�� वि�न� न�न्र्यतरा�� सिसध्र्यवित ||३७४||

अत्र्यन्त�.रा�ग्र्य�त* सम�धिध*

सम�विहतस्र्य.� दृढप्रबो�ध* |

प्रबो+द्धातत्त्�स्र्य विह बोन्धम+सि7*

म+7�त्मन� विनत्र्यस+ख�न+भ�वित* ||३७५||

�.रा�ग्र्य�न्न परा� स+खस्र्य जनक� पश्र्य�धिम �श्र्य�त्मन*

तच्चैः�च्छा+ द्धातरा�त्मबो�धसविहत� स्��रा�ज्र्यस�म्रा�ज्र्यध+क� |

एतद्देÈ��रामजस्रम+सि7र्य+�त�र्य�स्म�त्त्�मस्म�त्परा�

स��त्र�स्पृ:हर्य� सदा�त्मविन सदा� प्रज्ञा�� क+ रुं श्र�र्यस� ||३७६||

आशं�� सिछास्थिन्द्धा वि�ष�पम�ष+ वि�षर्य�ष्��ष.� म:त्र्य�* क: वित-

स्त्र्यक्त्�� ज�वितक+ र्ल�श्रम�ष्�णिभमकिंत= म+�चू�वितदूरा�ग्वित्�र्य�* |

दा�ह�दा��सवित त्र्यज�त्मधिधष��� प्रज्ञा�� क+ रुंष्��त्मविन

त्�� �ष्टा�स्र्यमन�ऽसिस विनद्वै�र्यपरा� ब्रह्मा�सिस र्यद्वैस्त+त* ||३७७||

र्लक्ष्र्य� ब्रह्माणि� म�नस� दृढतरा� स�6�प्र्य बो�ह्या�द्धिन्�र्य�

स्�6�न� वि�विन��श्र्य विनश्चर्लतन+श्च�प�क्ष्र्य दा�हस्थि6वितम� |

ब्रह्मा�त्म.क्र्यम+प�त्र्य तन्मर्यतर्य� चू�खण्डा�:त्त्र्य�ऽविनशं�

ब्रह्मा�नन्दारास� विपबो�त्मविन म+दा� शं�न्र्य.* विकमन्र्य.भ:�शंम� ||३७८||

Page 57: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अन�त्मसिचून्तन� त्र्यक्त्�� कश्मर्ल� दु*खक�रा�म� |

सिचून्तर्य�त्म�नम�नन्दारूप� र्यन्म+सि7क�रा�म� ||३७९||

एष स्�र्य�ज्र्य�वितराशं�षस�क्षुN

वि�ज्ञा�नक�शं� वि�र्लसत्र्यजस्रम� |

र्लक्ष्र्य� वि�ध�र्य.नमसविद्वैर्लक्षु�-

मखण्डा�:त्त्र्य�ऽऽत्मतर्य�ऽन+भ��र्य ||३८०||

एतमच्छा�न्नर्य� �:त्त्र्य� प्रत्र्यर्य�न्तराशं�न्र्यर्य� |

उ�र्ल�खर्यन्तिन्�ज�नNर्य�त्स्�स्�रूपतर्य� स्फु+ 9म� ||३८१||

अत्र�त्मत्�� दृढ�क+ ��न्नहम�दिदाष+ स�त्र्यजन� |

उदा�सNनतर्य� त�ष+ वितष्ठ�त्स्फु+ 9घो9�दिदा�त� ||३८२||

वि�शं+द्धामन्त*करा�� स्�रूप�

विन��श्र्य स�णिक्षुण्र्य�बो�धम�त्र� |

शंन.* शंन.र्विन=श्चर्लत�म+प�नर्यन�

प��� स्�म���न+वि�र्ल�कर्य�त्तेत* ||३८३||

दा�ह�द्धिन्�र्यप्र��मन�ऽहम�दिदाणिभ*

स्��ज्ञा�नक्र्ल:प्त.राग्विखर्ल.रुंप�धिधणिभ* |

वि�म+7म�त्म�नमखण्डारूप�

प��� मह�क�शंधिम���र्ल�कर्य�त� ||३८४||

घो9कर्लशंक+ स�र्लस�सिचूम+ख्र्य.*

गोगोनम+प�धिधशंत.र्वि�=म+7म�कम� |

भ�वित न वि�वि�ध� तथ.� शं+द्धा�

Page 58: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

परामहम�दिदावि�म+7म�कम�� ||३८५||

ब्रह्मा�दिदास्तम्बोपर्य�न्त� म:ष�म�त्र� उप�धर्य* |

तत* प��� स्�म�त्म�न� पश्र्य�दा�क�त्मन� स्थि6तम� ||३८६||

र्यत्र भ्रा�न्त्र्य� कस्थि�पत� तविद्वै��क�

तत्तेन्म�त्र� न.� तस्म�विद्वैणिभन्नम� |

भ्रा�न्त�न��शं� भ�वित दृष्टा�विहतत्त्��

राज्जु+स्तद्वैविद्वैश्वाम�त्मस्�रूपम� ||३८७||

स्�र्य� ब्रह्मा� स्�र्य� वि�ष्�+* स्�र्यधिमन्�* स्�र्य� सिशं�* |

स्�र्य� वि�श्वाधिमदा� स�� स्�स्म�दान्र्यन्न विक�चून ||३८८||

अन्त* स्�र्य� चू�विप बोविह* स्�र्य� चू

स्�र्य� प+रास्त�त� स्�र्यम�� पश्च�त� |

स्�र्य� ह्या���च्र्य�� स्�र्यमप्र्य+दा�च्र्य��

तथ�परिराष्टा�त्स्�र्यमप्र्यधस्त�त� ||३८९||

तराङ्गैफ� नभ्रामबो+द्ब�दा�दिदा

स�� स्�रूप�� जर्ल� र्यथ� तथ� |

सिचूदा�� दा�ह�द्यहमन्तम�तत�

स�� सिचूदा��.करास� वि�शं+द्धाम� ||३९०||

सदा���दा� स�� जगोदा�गोत� ��ङ्मांनसर्य�*

सत�ऽन्र्यन्न�स्त्र्य�� प्रक: वितपरासNन्मिम्न स्थि6त�त* |

प:थक� किंक= म:त्स्न�र्य�* कर्लशंघो9क+ म्भो�द्य�गोत�

�दात्र्य�ष भ्रा�न्तस्त्�महधिमवित म�र्य�मदिदारार्य� ||३९१||

Page 59: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

वि�र्य�समणिभह�रा�� र्यत्र न�न्र्यदिदावित श्र+वित* |

ब्र�Nवित द्वै.तरा�विहत्र्य� धिमथ्र्य�ध्र्य�सविन�:त्तेर्य� ||३९२||

आक�शं�धिन्नम�र्लविनर्वि�=क�प�

विन*सNमविन*स्पृन्दानविनर्वि�=क�राम� |

अन्तबो�विह*शं�न्र्यमनन्र्यमद्वैर्य�

स्�र्य� परा� ब्रह्मा विकमस्तिस्त बो�ध्र्यम� ||३९३||

�7व्यो� विकम+ वि�द्यत�ऽत्र बोहुध� ब्रह्मा.� जN�* स्�र्य�

ब्रह्मा.तज्जुगोदा�तत� न+ सकर्ल� ब्रह्मा�विद्वैतNर्य� श्र+वित* |

ब्रह्मा.��हधिमवित प्रबो+द्धामतर्य* स�त्र्य7बो�ह्या�* स्फु+ 9�

ब्रह्माNभ�र्य �सन्तिन्त सन्ततसिचूदा�नन्दा�त्मन.तदा�ध्रु+�म� ||३९४||

जविह मर्लमर्यक�शं�ऽह�धिधर्य�त्थ�विपत�शं��

प्रसभमविनर्लक�प� सिर्लङ्गैदा�ह�ऽविप पश्च�त� |

विनगोमगोदिदातक�र्तिंत= विनत्र्यम�नन्दाम�र्तिंत=

स्�र्यधिमवित परिराचूNर्य ब्रह्मारूप�� वितष्ठ ||३९५||

शं��क�रा� र्य���जवित मन+जस्त��दाशं+सिचू*

परा�भ्र्य* स्र्य�त्क्र्ल�शं� जननमरा�व्यो�धिधविनर्लर्य* |

र्यदा�त्म�न� शं+द्धा� कर्लर्यवित सिशं��क�रामचूर्लम�

तदा� त�भ्र्य� म+7� भ�वित विह तदा�ह श्र+वितराविप ||३९६||

स्��त्मन्र्य�रा�विपत�शं�ष�भ�स�स्त+विनरा�सत* |

स्�र्यम�� परा� ब्रह्मा प���मद्वैर्यमवि�र्यम� ||३९७||

सम�विहत�र्य�� सवित सिचूत्ते�:त्तेL

परा�त्मविन ब्रह्माणि� विनर्वि�=क�प� |

Page 60: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

न दृश्र्यत� कणिश्चदार्य� वि�क�प*

प्रज�पम�त्र* परिरासिशंष्र्यत� र्यत* ||३९८||

असत्क�प� वि�क�प�ऽर्य� वि�श्वाधिमत्र्य�क�स्त+विन |

विनर्वि�=क�रा� विनरा�क�रा� विनर्वि�=शं�ष� णिभदा� क+ त* ||३९९||

�ष्टा+दाशं�नदृश्र्य�दिदाभ��शं�न्र्य.क�स्त+विन |

विनर्वि�=क�रा� विनरा�क�रा� विनर्वि�=शं�ष� णिभदा� क+ त* ||४००||

क�प���� इ��त्र्यन्तपरिराप���क�स्त+विन |

विनर्वि�=क�रा� विनरा�क�रा� विनर्वि�=शं�ष� णिभदा� क+ त* ||४०१||

त�जसN� तम� र्यत्र प्रर्लNन� भ्रा�न्तिन्तक�रा�म� |

अविद्वैतNर्य� परा� तत्त्�� विनर्वि�=शं�ष� णिभदा� क+ त* ||४०२||

एक�त्मक� परा� तत्त्�� भ�दा��त�� कथ� �स�त� |

स+ष+प्तL स+खम�त्र�र्य�� भ�दा* क� न��र्ल�विकत* ||४०३||

न ह्यास्तिस्त वि�श्वा� परातत्त्�बो�ध�त�

सदा�त्मविन ब्रह्माणि� विनर्वि�=क�प� |

क�र्लत्रर्य� न�प्र्यविहराNणिक्षुत� गो+��

न ह्याम्बो+विबोन्दुम:�गोत:स्थिष्�क�र्य�म� ||४०४||

म�र्य�म�त्रधिमदा� द्वै.तमद्वै.त� पराम�थ�त* |

इवित ब्र�त� श्र+वित* स�क्षु�त्स+ष+प्त��न+भ�र्यत� ||४०५||

अनन्र्यत्�मधिधष्ठ�न�दा�रा�प्र्यस्र्य विनराNणिक्षुतम� |

पस्थिण्डात. राज्जु+सप��दाL वि�क�प� भ्रा�न्तिन्तजN�न* ||४०६||

सिचूत्तेम�र्ल� वि�क�प�ऽर्य� सिचूत्ते�भ��� न कश्चन |

Page 61: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

अतणिश्चत्ते� सम�ध�विह प्रत्र्यग्र�प� परा�त्मविन ||४०७||

विकमविप सततबो�ध� क� �र्ल�नन्दारूप�

विनरुंपममवित��र्ल� विनत्र्यम+7� विनराNहम� |

विनरा�धिधगोगोन�भ� विनष्कर्ल� विनर्वि�=क�प�

हृदिदा कर्लर्यवित वि�द्वै�न� ब्रह्मा प��� सम�धL ||४०८||

प्रक: वितवि�क: वितशं�न्र्य� भ��न�तNतभ���

समरासमसम�न� म�नसम्बोन्धदूराम� |

विनगोम�चूनसिसद्धा� विनत्र्यमस्मत्प्रसिसद्धा�

हृदिदा कर्लर्यवित वि�द्वै�न� ब्रह्मा प��� सम�धL ||४०९||

अजराममरामस्त�भ���स्त+स्�रूप�

स्तिस्तधिमतससिर्लर्लरा�सिशंप्रख्र्यम�ख्र्य�वि�हNनम� |

शंधिमतगो+�वि�क�रा� शं�श्वात� शं�न्तम�क�

हृदिदा कर्लर्यवित वि�द्वै�न� ब्रह्मा प��� सम�धL ||४१०||

सम�विहत�न्त*करा�* स्�रूप�

वि�र्ल�कर्य�त्म�नमखण्डा�.भ�म� |

वि�स्थिच्छास्थिन्द्धा बोन्ध� भ�गोन्धगोन्मिन्धत�

र्यत्न�न प+�स्त्�� सफर्लNक+ रुंष्� ||४११-

स�8प�धिधवि�विनम+�7� सस्थिच्चैःदा�नन्दामद्वैर्यम� |

भ��र्य�त्म�नम�त्म6� न भ�र्य* क�पस�ऽध्�न� ||४१२||

छा�र्य�� प+�स* परिरादृश्र्यम�न�-

म�भ�सरूप�� फर्ल�न+भ�त्र्य� |

शंराNराम�रा�च्छा��धिन्नरास्त�

Page 62: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

प+नन� स�धत्ते इदा� मह�त्म� ||४१३||

सततवि�मर्लबो�ध�नन्दारूप� सम�त्र्य

त्र्यज जडामर्लरूप�प�धिधम�त� स+दूरा� |

अथ प+नराविप न.ष स्मर्य�त�� ��न्त�स्त+

स्मरा�वि�षर्यभ�त� क�पत� क+ त्सन�र्य ||४१४||

सम�र्लम�तत्परिरादा�ह्या ��L

सदा�त्मविन ब्रह्माणि� विनर्वि�=क�प� |

तत* स्�र्य� विनत्र्यवि�शं+द्धाबो�ध�-

नन्दा�त्मन� वितष्ठवित वि�द्वैरिराष्ठ* ||४१५||

प्र�राब्धस�त्रग्रसिथत� शंराNरा�

प्रर्य�त+ �� वितष्ठत+ गो�रिरा� स्रक� |

न तत्प+न* पश्र्यवित तत्त्���त्ते�-

| अऽनन्दा�त्मविन ब्रह्माणि� र्लNन�:णित्ते* ||४१६||

अखण्डा�नन्दाम�त्म�न� वि�ज्ञा�र्य स्�स्�रूपत* |

विकधिमच्छान� कस्र्य �� ह�त�दाSह� प+ष्��वित तत्त्�वि�त� ||४१७||

स�सिसद्धास्र्य फर्ल� त्��तज्जुN�न्म+7स्र्य र्य�विगोन* |

बोविहरान्त* सदा�नन्दारास�स्��दानम�त्मविन ||४१८||

�.रा�ग्र्यस्र्य फर्ल� बो�ध� बो�धस्र्य�परावित* फर्लम� |

स्��नन्दा�न+भ��च्छा�न्तिन्तरा�ष.��परात�* फर्लम� ||४१९||

र्यद्य+त्तेरा�त्तेरा�भ��* प���प���न्त+ विनष्फर्लम� |

विन�:णित्ते* पराम� त:न्तिप्तरा�नन्दा�ऽन+पम* स्�त* ||४२०||

Page 63: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

दृष्टादु*ख�ष्�न+द्वै�गो� वि�द्य�र्य�* प्रस्त+त� फर्लम� |

र्यत्क: त� भ्रा�न्तिन्त��र्ल�र्य�� न�न� कम� ज+गो+स्तिप्सतम� |

पश्च�न्नरा� वि���क� न तत्कथ� कत+�मह�वित ||४२१||

वि�द्य�फर्ल� स्र्य�दासत� विन�:णित्ते*

प्र�:णित्तेराज्ञा�नफर्ल� तदा�णिक्षुतम� |

तज्ज्ञा�ज्ञार्य�र्य�न्म:गोत:स्थिष्�क�दाL

न�चू�विद्वैदा�� दृष्टाफर्ल� विकमस्म�त� ||४२२||

अज्ञा�नहृदार्यग्रन्था�र्वि�=न�शं� र्यद्यशं�षत* |

अविनच्छा�र्वि�=षर्य* किंक= न+ प्र�:त्ते�* क�रा�� स्�त* ||४२३||

��सन�न+दार्य� भ�ग्र्य� �.रा�गोस्र्य तदा��धिध* |

अह�भ���दार्य�भ��� बो�धस्र्य पराम��धिध* |

र्लNन�:त्ते.रान+त्पणित्तेम�र्य��दा�परात�स्त+ स� ||४२४||

ब्रह्मा�क�रातर्य� सदा� स्थि6ततर्य� विनम+�7बो�ह्या�थ�धN-

रान्र्य���दिदातभ�ग्र्यभ�गोकर्लन� विन��र्ल+�द्ब�र्ल�त� |

स्�प्नो�र्ल�विकतर्ल�क�ज्जुगोदिदादा� पश्र्यन्क्�सिचू�र्लब्धधN-

रा�स्त� कणिश्चदानन्तप+ण्र्यफर्लभ+ग्धन्र्य* स म�न्र्य� भ+वि� ||४२५||

स्थि6तप्रज्ञा� र्यवितरार्य� र्य* सदा�नन्दामश्नो+त� |

ब्रह्माण्र्य�� वि�र्लNन�त्म� विनर्वि�=क�रा� वि�विनन्मिष्�र्य* ||४२६||

ब्रह्मा�त्मन�* शं�धिधतर्य�रा�कभ����गो�विहनN |

विनर्वि�=क�प� चू सिचून्म�त्र� �:णित्ते* प्रज्ञा�वित कथ्र्यत� |

स+स्थि6त�ऽसL भ��द्यस्र्य स्थि6तप्रज्ञा* स उच्र्यत� ||४२७||

Page 64: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

र्यस्र्य स्थि6त� भ��त्प्रज्ञा� र्यस्र्य�नन्दा� विनरान्तरा* |

प्रप�चू� वि�स्म:तप्र�र्य* स जN�न्म+7 इष्र्यत� ||४२८||

र्लNनधNराविप ज�गोर्वित= ज�ग्रद्धाम�वि��र्जिज=त* |

बो�ध� विन���सन� र्यस्र्य स जN�न्म+7 इष्र्यत� ||४२९||

शं�न्तस�स�राकर्लन* कर्ल���नविप विनष्कर्ल* |

र्यस्र्य सिचूत्ते� वि�विनणिश्चन्त� स जN�न्म+7 इष्र्यत� ||४३०||

�त�म�न�ऽविप दा�ह�ऽस्तिस्म�छा�र्य��दान+�र्वित=विन |

अहन्त�ममत�ऽभ��� जN�न्म+7स्र्य र्लक्षु�म� ||४३१||

अतNत�नन+सन्ध�न� भवि�ष्र्यदावि�चू�रा�म� |

औदा�सNन्र्यमविप प्र�प्त� जN�न्म+7स्र्य र्लक्षु�म� ||४३२||

गो+�दा�षवि�सिशंष्टा�ऽस्तिस्मन्स्�भ���न वि�र्लक्षु�� |

स��त्र समदार्शिशं=त्�� जN�न्म+7स्र्य र्लक्षु�म� ||४३३||

इष्टा�विनष्टा�थ�सम्प्र�प्तL समदार्शिशं=तर्य�ऽऽत्मविन |

उभर्यत्र�वि�क�रिरात्�� जN�न्म+7स्र्य र्लक्षु�म� ||४३४||

ब्रह्मा�नन्दारास�स्��दा�स7सिचूत्तेतर्य� र्यत�* |

अन्तबो�विहरावि�ज्ञा�न� जN�न्म+7स्र्य र्लक्षु�म� ||४३५||

दा�ह�द्धिन्�र्य�दाL कत�व्यो� मम�ह�भ���र्जिज=त* |

औदा�सNन्र्य�न र्यस्तिस्तष्ठ�त्स जN�न्म+7र्लक्षु�* ||४३६||

वि�ज्ञा�त आत्मन� र्यस्र्य ब्रह्माभ��* श्र+त�बो�र्ल�त� |

भ�बोन्धवि�विनम+�7* स जN�न्म+7र्लक्षु�* ||४३७||

दा�ह�द्धिन्�र्य�ष्�ह�भ�� इदा�भ��स्तदान्र्यक� |

Page 65: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

र्यस्र्य न� भ�त* क्��विप स जN�न्म+7 इष्र्यत� ||४३८||

न प्रत्र्यग्ब्रह्मा��भSदा� कदा�विप ब्रह्मासगो�र्य�* |

प्रज्ञार्य� र्य� वि�ज�विनवित स जN�न्म+7र्लक्षु�* ||४३९||

स�ध+णिभ* प�ज्र्यम�न�ऽस्तिस्मन्पNड्यम�न�ऽविप दुज�न.* |

समभ��� भ��द्यस्र्य स जN�न्म+7र्लक्षु�* ||४४०||

र्यत्र प्रवि�ष्टा� वि�षर्य�* परा�रिरात�

नदा�प्र��ह� इ� ��रिरारा�शंL |

सिर्लनन्तिन्त सन्म�त्रतर्य� न वि�वि�र्य��

उत्प�दार्यन्त्र्य�ष र्यवितर्वि�=म+7* ||४४१||

वि�ज्ञा�तब्रह्मातत्त्�स्र्य र्यथ�प��� न स�स:वित* |

अस्तिस्त चू�न्न स वि�ज्ञा�तब्रह्माभ��� बोविहम+�ख* ||४४२||

प्र�चूNन��सन���गो�दासL स�सरातNवित चू�त� |

न सदा�कत्�वि�ज्ञा�न�न्मन्दा� भ�वित ��सन� ||४४३||

अत्र्यन्तक�म+कस्र्य�विप �:णित्ते* क+ ण्ठेवित म�तरिरा |

तथ.� ब्रह्माणि� ज्ञा�त� प����नन्दा� मनNविष�* ||४४४||

विनदिदाध्र्य�सनशंNर्लस्र्य बो�ह्याप्रत्र्यर्य ईक्ष्र्यत� |

ब्र�Nवित श्र+वितरा�तस्र्य प्र�राब्ध� फर्लदाशं�न�त� ||४४५||

स+ख�द्यन+भ�� र्य��त्ते��त्प्र�राब्धधिमष्र्यत� |

फर्ल�दार्य* वि�र्य�प��8 विनन्मिष्�र्य� न विह क+ त्रसिचूत� ||४४६||

अह� ब्रह्मा�वित वि�ज्ञा�न�त्क�पक�दि9शंत�र्जिज=तम� |

सस्थि�चूत� वि�र्लर्य� र्य�वित प्रबो�ध�त्स्�प्नोकम��त� ||४४७||

Page 66: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

र्यत्क: त� स्�प्नो��र्ल�र्य�� प+ण्र्य� �� प�पम+�बो�म� |

स+प्त�स्तित्थतस्र्य विकन्तत्स्र्य�त्स्�गो��र्य नराक�र्य �� ||४४८||

स्�मसङ्गैम+दा�सNन� परिराज्ञा�र्य नभ� र्यथ� |

न स्थिÌष्र्यवित चू र्यस्थिक्कस्थि�चूत्कदा�सिचू��वि�कम�णिभ* ||४४९||

न नभ� घो9र्य�गो�न स+रा�गोन्ध�न सिर्लप्र्यत� |

तथ�त्म�प�धिधर्य�गो�न तद्धाम�न�� सिर्लप्र्यत� ||४५०||

ज्ञा�न�दार्य�त्प+रा�राब्ध� कम�ज्ञा�न�न्न नश्र्यवित |

अदात्�� स्�फर्ल� र्लक्ष्र्यम+दिद्देश्र्य�त्स:ष्टाबो���त� ||४५१||

व्यो�घ्राबो+द्ध्य� वि�विनम+�7� बो��* पश्च�त्ते+ गो�मतL |

न वितष्ठवित सिछानत्र्य�� र्लक्ष्र्य� ��गो�न विनभ�राम� ||४५२||

प्र�राब्ध� बोर्ल�त्तेरा� खर्ल+ वि�दा�� भ�गो�न तस्र्य क्षुर्य*

सम्र्यग्ज्ञा�नहुत�शंन�न वि�र्लर्य* प्र�क्स�सिचूत�गो�धिमन�म� |

ब्रह्मा�त्म.क्र्यम��क्ष्र्य तन्मर्यतर्य� र्य� स��दा� स�स्थि6त�*

त�ष�� तन्मित्त्रतर्य� नविह क्�सिचूदाविप ब्रह्मा.� त� विनगो+��म� ||४५३||

उप�धिधत�दा�त्म्र्यवि�हNनक� �र्ल-

ब्रह्मा�त्मन.��त्मविन वितष्ठत� म+न�* |

प्र�राब्धस���कथ� न र्य+7�

स्�प्नो�थ�स�बोन्धकथ�� ज�ग्रत* ||४५४||

न विह प्रबो+द्धा* प्रवितभ�सदा�ह�

दा�ह�पर्य�विगोन्र्यविप चू प्रप�चू� |

करा�त्र्यहन्त�� ममत�विनदान्त��

Page 67: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

विकन्त+ स्�र्य� वितष्ठवित ज�गोरा�� ||४५५||

न तस्र्य धिमथ्र्य�थ�समथ�न�च्छा�

न स�ग्रहस्तज्जुगोत�ऽविप दृष्टा* |

तत्र�न+�:णित्तेर्य�दिदा चू�न्म:ष�थS

न विन�र्य� म+7 इतNष्र्यत� ध्रु+�म� ||४५६||

तद्वैत्परा� ब्रह्माणि� �त�म�न*

सदा�त्मन� वितष्ठवित न�न्र्यदा�क्षुत� |

स्म:वितर्य�थ� स्�प्नोवि�र्ल�विकत�थS

तथ� वि�दा* प्र�शंनम�चून�दाL ||४५७||

कम��� विनर्मिम=त� दा�ह* प्र�राब्ध� तस्र्य क�प्र्यत�म� |

न�न�दा�रा�त्मन� र्य+7� न.��त्म� कम�विनर्मिम=त* ||४५८||

अज� विनत्र्य* शं�श्वात इवित ब्र�त� श्र+वितराम�घो��क� |

तदा�त्मन� वितष्ठत�ऽस्र्य क+ त* प्र�राब्धक�पन� ||४५९||

प्र�राब्ध� सिसध्र्यवित तदा� र्यदा� दा�ह�त्मन� स्थि6वित* |

दा�ह�त्मभ��� न.��ष्टा* प्र�राब्ध� त्र्यज्र्यत�मत* ||४६०||

शंराNरास्र्य�विप प्र�राब्धक�पन� भ्रा�न्तिन्तरा�� विह |

अध्र्यस्तस्र्य क+ त* सत्त्�मसत्र्यस्र्य क+ त� जविन* |

अज�तस्र्य क+ त� न�शं* प्र�राब्धमसत* क+ त* ||४६१||

ज्ञा�न�न�ज्ञा�नक�र्य�स्र्य सम�र्लस्र्य र्लर्य� र्यदिदा |

वितष्ठत्र्यर्य� कथ� दा�ह इवित शंङ्� क��त� जडा�न� ||४६२||

सम�ध�त+� बो�ह्यादृष्ट्या� प्र�राब्ध� �दावित श्र+वित* |

Page 68: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

न त+ दा�ह�दिदासत्र्यत्�बो�धन�र्य वि�पणिश्चत�म� ||४६३||

परिराप���मन�द्यन्तमप्रम�र्यमवि�वि�र्यम� |

एकम���द्वैर्य� ब्रह्मा न�ह न�न�स्तिस्त विक�चून ||४६४||

सद्घन� सिचूद्घन� विनत्र्यम�नन्दाघोनमवि�र्यम� |

एकम���द्वैर्य� ब्रह्मा न�ह न�न�स्तिस्त विक�चून ||४६५||

प्रत्र्यगो�करास� प���मनन्त� स��त�म+खम� |

एकम���द्वैर्य� ब्रह्मा न�ह न�न�स्तिस्त विक�चून ||४६६||

अह�र्यमन+प�दा�र्यमन�दा�र्यमन�श्रर्यम� |

एकम���द्वैर्य� ब्रह्मा न�ह न�न�स्तिस्त विक�चून ||४६७||

विनगो+��� विनष्कर्ल� स�क्ष्म� विनर्वि�=क�प� विनराञ्जनम� |

एकम���द्वैर्य� ब्रह्मा न�ह न�न�स्तिस्त विक�चून ||४६८||

अविनरूप्र्य स्�रूप� र्यन्मन���चू�मगो�चूराम� |

एकम���द्वैर्य� ब्रह्मा न�ह न�न�स्तिस्त विक�चून ||४६९||

सत्सम:द्धा� स्�त*सिसद्धा� शं+द्धा� बो+द्धामनNदृशंम� |

एकम���द्वैर्य� ब्रह्मा न�ह न�न�स्तिस्त विक�चून ||४७०||

विनरास्तरा�गो� वि�विनरास्तभ�गो�*

शं�न्त�* स+दा�न्त� र्यतर्य� मह�न्त* |

वि�ज्ञा�र्य तत्त्�� पराम�तदान्त�

प्र�प्त�* परा�� विन�:�वितम�त्मर्य�गो�त� ||४७१||

भ��नपNदा� परातत्त्�म�त्मन*

स्�रूपम�नन्दाघोन� वि�चू�र्य� |

Page 69: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

वि�ध�र्य म�ह� स्�मन*प्रकस्थि�पत�

म+7* क: त�थ8 भ�त+ प्रबो+द्धा* ||४७२||

सम�धिधन� स�ध+वि�विनश्चर्ल�त्मन�

पश्र्य�त्मतत्त्�� स्फु+ 9बो�धचूक्षु+ष� |

विन*स�शंर्य� सम्र्यगो��णिक्षुतश्च�-

च्छा�त* पदा�थ8 न प+नर्वि�=क�प्र्यत� ||४७३||

स्�स्र्य�वि�द्य�बोन्धसम्बोन्धम�क्षु�-

त्सत्र्यज्ञा�न�नन्दारूप�त्मर्लब्धL |

शं�स्त्र� र्य+सि7दाSसिशंक�सि7* प्रम���

चू�न्त*सिसद्धा� स्��न+भ�वित* प्रम��म� ||४७४||

बोन्ध� म�क्षुश्च त:न्तिप्तश्च सिचून्त�ऽऽरा�ग्र्यक्षु+ध�दार्य* |

स्��न.� ��द्य� र्यज्ज्ञा�न� परा�ष�म�न+म�विनकम� ||४७५||

त9स्थि6त� बो�धर्यन्तिन्त गो+रा�* श्र+तर्य� र्यथ� |

प्रज्ञार्य.� तरा�विद्वैद्वै�नNश्वारा�न+गो:हNतर्य� ||४७६||

स्��न+भ�त्र्य� स्�र्य� ज्ञा�त्�� स्�म�त्म�नमखस्थिण्डातम� |

स�सिसद्धा* सम्म+ख� वितष्ठ�धिन्नर्वि�=क�प�त्मन�ऽऽत्मविन ||४७७||

��दा�न्तसिसद्धा�न्तविनरुंसि7रा�ष�

ब्रह्मा.� जN�* सकर्ल� जगोच्चैः |

अखण्डारूपस्थि6वितरा�� म�क्षु�

ब्रह्मा�विद्वैतNर्य� श्र+तर्य* प्रम��म� ||४७८||

इवित गो+रुं�चून�च्छा�वितप्रम���त�

Page 70: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

पराम�गोम्र्य सतत्त्�म�त्मर्य+क्त्र्य� |

प्रशंधिमतकरा�* सम�विहत�त्म�

क्�सिचूदाचूर्ल�क: वितरा�त्मविनष्ठत�ऽभ�त� ||४७९||

विकस्थि�चूत्क�र्ल� सम�ध�र्य परा� ब्रह्माणि� म�नसम� |

उत्थ�र्य पराम�नन्दा�दिदादा� �चूनमब्र�Nत� ||४८०||

बो+द्धिद्धार्वि�=नष्टा� गोसिर्लत� प्र�:णित्ते*

ब्रह्मा�त्मन�रा�कतर्य�ऽधिधगोत्र्य� |

इदा� न ज�न�ऽप्र्यविनदा� न ज�न�

किंक= �� विकर्यद्वै� स+खमस्त्र्यप�राम� ||४८१||

��चू� �7+ मशंक्र्यम�� मनस� मन्त+� न �� शंक्र्यत�

स्��नन्दा�म:तप�राप�रिरातपराब्रह्मा�म्बो+ध���भ�म� |

अम्भो�रा�सिशंवि�शंN����र्विष=कसिशंर्ल�भ��� भजन्म� मन�

र्यस्र्य��शं��शंर्ल�� वि�र्लNनमध+न�ऽऽनन्दा�त्मन� विन�:�तम� ||४८२||

क्� गोत� क� न �� नNत� क+ त्र र्लNनधिमदा� जगोत� |

अध+न.� मर्य� दृष्टा� न�स्तिस्त किंक= महदा��तम� ||४८३||

किंक= ह�र्य� विकम+प�दा�र्य� विकमन्र्यत्किंत्क= वि�र्लक्षु�म� |

अखण्डा�नन्दापNर्य�षप��S ब्रह्मामह����� ||४८४||

न विकस्थि�चूदात्र पश्र्य�धिम न शं:��धिम न ��दा�म्र्यहम� |

स्��त्मन.� सदा�नन्दारूप���स्तिस्म वि�र्लक्षु�* ||४८५||

नम� नमस्त� गो+रा�� मह�त्मन�

वि�म+7सङ्गै�र्य सदुत्तेम�र्य |

Page 71: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

विनत्र्य�द्वैर्य�नन्दारासस्�रूविप��

भ�म्न� सदा�ऽप�रादार्य�म्बो+ध�म्न� ||४८६||

र्यत्क9�क्षुशंसिशंस�न्�चूद्धिन्�क�-

प�तध�तभ�त�पजश्रम* |

प्र�प्त��नहमखण्डा�.भ��-

नन्दाम�त्मपदामक्षुर्य� क्षु��त� ||४८७||

धन्र्य�ऽह� क: तक: त्र्य�ऽह� वि�म+7�ऽह� भ�ग्रह�त� |

विनत्र्य�नन्दास्�रूप�ऽह� प��8ऽह� त्�दान+ग्रह�त� ||४८८||

असङ्गै�ऽहमनङ्गै�ऽहमसिर्लङ्गै�ऽहमभङ्गै�रा* |

प्रशं�न्त�ऽहमनन्त�ऽहममर्ल�ऽह� सिचूरान्तन* ||४८९||

अकत��हमभ�7�हमवि�क�रा�ऽहमवि�र्य* |

शं+द्धाबो�धस्�रूप�ऽह� क� �र्ल�ऽह� सदा�सिशं�* ||४९०||

�ष्टा+* श्र�त+��7+ * कत+�भ87+ र्वि�=णिभन्न ए��हम� |

विनत्र्यविनरान्तराविनन्मिष्�र्यविन*सNम�सङ्गैप���बो�ध�त्म� ||४९१||

न�हधिमदा� न�हमदा�ऽप्र्य+भर्य�रा�भ�सक� परा� शं+द्धाम� |

बो�ह्या�भ्र्यन्तराशं�न्र्य� प��� ब्रह्मा�विद्वैतNर्यम���हम� ||४९२||

विनरुंपममन�दिदातत्त्�� त्�महधिमदामदा इवित क�पन�दूराम� |

विनत्र्य�नन्दा.करास� सत्र्य� ब्रह्मा�विद्वैतNर्यम���हम� ||४९३||

न�रा�र्य��ऽह� नराक�न्तक�ऽह�

प+रा�न्तक�ऽह� प+रुंष�ऽहमNशं* |

अखण्डाबो�ध�ऽहमशं�षस�क्षुN

Page 72: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

विनराNश्वारा�ऽह� विनराह� चू विनम�म* ||४९४||

स�Sष+ भ�त�ष्�हम�� स�स्थि6त�

ज्ञा�न�त्मन�ऽन्तबो�विहरा�श्रर्य* सन� |

भ�7� चू भ�ग्र्य� स्�र्यम�� स��

र्यद्यत्प:थग्दृष्टाधिमदान्तर्य� प+रा� ||४९५||

मय्र्यखण्डास+ख�म्भो�धL बोहुध� वि�श्वा�Nचूर्य* |

उत्पद्यन्त� वि�र्लNर्यन्त� म�र्य�म�रुंतवि�भ्राम�त� ||४९६||

6+र्ल�दिदाभ��� मधिर्य कस्थि�पत� भ्राम�-

दा�रा�विपत�न+स्फु+ रा��न र्ल�क. * |

क�र्ल� र्यथ� क�पक�त्सरा�र्य-

�त्��� दार्य� विनष्कर्लविनर्वि�=क�प� ||४९७||

आरा�विपत� न�श्रर्यदूषक� भ��त�

कदा�विप म�ढ.रावितदा�षदूविषत.* |

न�र्दि�=करा�त्र्य�षराभ�धिमभ�गो�

मराNसिचूक���रिरा मह�प्र��ह* ||४९८||

आक�शं��र्ल�पवि�दूरागो�ऽह�

आदिदात्र्य���स्र्यवि�र्लक्षु��ऽहम� |

अह�र्य��धिन्नत्र्यवि�विनश्चर्ल�ऽह�

अम्भो�धिध�त्प�रावि��र्जिज=त�ऽहम� ||४९९||

न म� दा�ह�न सम्बोन्ध� म�घो�न�� वि�ह�र्यस* |

अत* क+ त� म� तद्धाम�� ज�ग्रत्स्�प्नोस+ष+प्तर्य* ||५००||

Page 73: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

उप�धिधरा�र्य�वित स ए� गोच्छावित

स ए� कम��णि� करा�वित भ+ङ्� 7� |

स ए� जNर्य�न� धिम्रार्यत� सदा�ह�

क+ र्ल�दि��धिन्नश्चर्ल ए� स�स्थि6त* ||५०१||

न म� प्र�:णित्तेन� चू म� विन�:णित्ते*

सदा.करूपस्र्य विनरा�शंकस्र्य |

एक�त्मक� र्य� विनवि�डा� विनरान्तरा�

व्यो�म�� प���* स कथ� न+ चू�ष्टात� ||५०२||

प+ण्र्य�विन प�प�विन विनरिराद्धिन्�र्यस्र्य

विनश्च�तस� विनर्वि�=क: त�र्विन=रा�क: त�* |

क+ त� मम�खण्डास+ख�न+भ�त�*

ब्र�त� ह्यानन्��गोतधिमत्र्यविप श्र+वित* ||५०३||

छा�र्यर्य� स्पृ:ष्टाम+ष्�� �� शंNत� �� स+ष्ठ+ दु*ष्ठ+ �� |

न स्पृ:शंत्र्य�� र्यग्वित्कस्थि�चूत्प+रुंष� तविद्वैर्लक्षु�म� ||५०४||

न स�णिक्षु�� स�क्ष्र्यधम��* स�स्पृ:शंन्तिन्त वि�र्लक्षु�म� |

अवि�क�राम+दा�सNन� गो:हधम��* प्रदा�प�त� ||५०५||

रा��र्य�थ� कम�णि� स�णिक्षुभ���

���र्य�थ� दा�हविनर्य�मकत्�म� |

राज्जु�र्य�थ�ऽऽरा�विपत�स्त+सङ्गै*

तथ.� क� 96सिचूदा�त्मन� म� ||५०६||

कत��विप �� क�राधिर्यत�विप न�ह�

भ�7�विप �� भ�जधिर्यत�विप न�हम� |

Page 74: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

�ष्टा�विप �� दाशं�धिर्यत�विप न�ह�

स�ऽह� स्�र्य�ज्र्य�वितरानNदृगो�त्म� ||५०७||

चूर्लत्र्य+प�धL प्रवितविबोम्बोर्लL�र्य-

मLप�धिधक� म�ढधिधर्य� नर्यन्तिन्त |

स्�विबोम्बोभ�त� रावि��विद्वैविनन्मिष्�र्य�

कत��स्तिस्म भ�7�स्तिस्म हत�ऽस्तिस्म ह�वित ||५०८||

जर्ल� ��विप 6र्ल� ��विप र्ल+ठेत्��ष जडा�त्मक* |

न�ह� वि�सिर्लप्र्य� तद्धाम�घो�9धम�न�भ� र्यथ� ||५०९||

कत:�त्�भ�7: त्�खर्लत्�मत्तेत�-

जडात्�बोद्धात्�वि�म+7त�दार्य* |

बो+द्धा�र्वि�=क�प� न त+ सन्तिन्त �स्त+त*

स्�स्तिस्मन्परा� ब्रह्माणि� क� �र्ल�ऽद्वैर्य� ||५१०||

सन्त+ वि�क�रा�* प्रक: त�दा�शंध� शंतध� सहस्रध� ��विप |

किंक= म�ऽसङ्गैसिचूतस्त.न� घोन* क्�सिचूदाम्बोरा� स्पृ:शंवित ||५११||

अव्यो7�दिदा6�र्लपर्य�न्तम�तत�

वि�श्वा� र्यत्र�भ�सम�त्र� प्रतNतम� |

व्यो�मप्रख्र्य� स�क्ष्मम�द्यन्तहNन�

ब्रह्मा�द्वै.त� र्यत्तेदा���हमस्तिस्म ||५१२||

स���ध�रा� स���स्त+प्रक�शं�

स���क�रा� स��गो� स��शं�न्र्यम� |

विनत्र्य� शं+द्धा� विनश्चर्ल� विनर्वि�=क�प�

Page 75: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

ब्रह्मा�द्वै.त� र्यत्तेदा���हमस्तिस्म ||५१३||

र्यत्प्रत्र्यस्त�शं�षम�र्य�वि�शं�ष�

प्रत्र्यग्र�प� प्रत्र्यर्य�गोम्र्यम�नम� |

सत्र्यज्ञा�न�नन्तम�नन्दारूप�

ब्रह्मा�द्वै.त� र्यत्तेदा���हमस्तिस्म ||५१४||

विनन्मिष्�र्य�ऽस्म्र्यवि�क�रा�ऽस्तिस्म

विनष्कर्ल�ऽस्तिस्म विनरा�क: वित* |

विनर्वि�=क�प�ऽस्तिस्म विनत्र्य�ऽस्तिस्म

विनरा�र्लम्बो�ऽस्तिस्म विनद्वै�र्य* ||५१५||

स���त्मक�ऽह� स�8ऽह� स���तNत�ऽहमद्वैर्य* |

क� �र्ल�खण्डाबो�ध�ऽहम�नन्दा�ऽह� विनरान्तरा* ||५१६||

स्��रा�ज्र्यस�म्रा�ज्र्यवि�भ�वितरा�ष�

भ�त्क: प�श्रNमविहमप्रस�दा�त� |

प्र�प्त� मर्य� श्रNगो+रा�� मह�त्मन�

नम� नमस्त�ऽस्त+ प+नन�म�ऽस्त+ ||५१७||

मह�स्�प्नो� म�र्य�क: तजविनजरा�म:त्र्य+गोहन�

भ्रामन्त� स्थिक्र्लश्र्यन्त� बोहुर्लतरात�प.रान+दिदानम� |

अह�क�राव्यो�घ्राव्योसिथतधिमममत्र्यन्तक: पर्य�

प्रबो�ध्र्य प्रस्��प�त्परामवि�त��न्म�मसिस गो+रा� ||५१८||

नमस्तस्म. सदा.कस्म. कस्म.सिचून्महस� नम* |

र्यदा�तविद्वैश्वारूप�� रा�जत� गो+रुंरा�ज त� ||५१९||

इवित नतम�र्ल�क्र्य सिशंष्र्य�र्य�

Page 76: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

समधिधगोत�त्मस+ख� प्रबो+द्धातत्त्�म� |

प्रम+दिदातहृदार्य� स दा�सिशंक� न्�*

प+नरिरादाम�ह �चू* परा� मह�त्म� ||५२०||

ब्रह्माप्रत्र्यर्यसन्तवितज�गोदात� ब्रह्मा.� तत्स��त*

पश्र्य�ध्र्य�त्मदृशं� प्रशं�न्तमनस� स���स्��6�स्�विप |

रूप�दान्र्यदा��णिक्षुत� विकमणिभतश्चक्षु+ष्मत�� दृश्र्यत�

तद्वैदा�ब्रह्मावि�दा* सत* विकमपरा� बो+द्धा�र्वि�=ह�रा�स्पृदाम� ||५२१||

कस्त�� परा�नन्दारास�न+भ�वित-

म:त्स:ज्र्य शं�न्र्य�ष+ राम�त वि�द्वै�न� |

चून्�� मह�ह्ला�दिदाविन दा�प्र्यम�न�

सिचूत्र�न्दुम�र्ल�कधिर्यत+� क इच्छा�त� ||५२२||

असत्पदा�थ��न+भ��न विकस्थि�चून�

न ह्यास्तिस्त त:न्तिप्तन� चू दु*खह�विन* |

तदाद्वैर्य�नन्दारास�न+भ�त्र्य�

त:प्त* स+ख� वितष्ठ सदा�त्मविनष्ठर्य� ||५२३||

स्�म�� स��थ� पश्र्यन्मन्र्यम�न* स्�मद्वैर्यम� |

स्��नन्दामन+भ+ञ्ज�न* क�र्ल� नर्य मह�मत� ||५२४||

अखण्डाबो�ध�त्मविन विनर्वि�=क�प�

वि�क�पन� व्यो�न्मिम्न प+राप्रक�पनम� |

तदाद्वैर्य�नन्दामर्य�त्मन� सदा�

शं�न्तिंन्त= परा�म�त्र्य भजस्� मLनम� ||५२५||

त�ष्�Nम�6� पराम�पशं�न्तिन्त*

Page 77: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

बो+द्धा�रासत्क�पवि�क�पह�त�* |

ब्रह्मा�त्मन� ब्रह्मावि�दा� मह�त्मन�

र्यत्र�द्वैर्य�नन्दास+ख� विनरान्तराम� ||५२६||

न�स्तिस्त विन���सन�न्मLन�त्परा� स+खक: दुत्तेमम� |

वि�ज्ञा�त�त्मस्�रूपस्र्य स्��नन्दारासप�धिर्यन* ||५२७||

गोच्छा�स्तिस्तष्ठन्न+पवि�शं�छार्य�न� ��ऽन्र्यथ�विप �� |

र्यथ�च्छार्य� �स�विद्वैद्वै�न�त्म�रा�म* सदा� म+विन* ||५२८||

न दा�शंक�र्ल�सनदिदाग्र्यम�दिदा-

र्लक्ष्र्य�द्यप�क्षु�ऽप्रवितबोद्धा�:त्ते�* |

स�सिसद्धातत्त्�स्र्य मह�त्मन�ऽस्तिस्त

स्���दान� क� विनर्यम�द्य�6� ||५२९||

घो9�ऽर्यधिमवित वि�ज्ञा�त+� विनर्यम* क�ऽन्���क्षुत� |

वि�न� प्रम��स+ष्ठ+ त्�� र्यस्तिस्मन्सवित पदा�थ�धN* ||५३०||

अर्यम�त्म� विनत्र्यसिसद्धा* प्रम��� सवित भ�सत� |

न दा�शं� न�विप क�र्ल� न शं+द्धिंद्धा= ��प्र्यप�क्षुत� ||५३१||

दा��दात्ते�ऽहम�त्र्य�तविद्वैज्ञा�न� विनराप�क्षुकम� |

तद्वैदा�ब्रह्मावि�दा�ऽप्र्यस्र्य ब्रह्मा�हधिमवित ��दानम� ||५३२||

भ�न+न�� जगोत्स�� भ�सत� र्यस्र्य त�जस� |

अन�त्मकमसत्ते+च्छा� किंक= न+ तस्र्य��भ�सकम� ||५३३||

��दाशं�स्त्रप+रा���विन भ�त�विन सकर्ल�न्र्यविप |

र्य�न�थ��न्तिन्त त� विकन्न+ वि�ज्ञा�त�रा� प्रक�शंर्य�त� ||५३४||

Page 78: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

एष स्�र्य�ज्र्य�वितरानन्तशंसि7*

आत्म�ऽप्रम�र्य* सकर्ल�न+भ�वित* |

र्यम�� वि�ज्ञा�र्य वि�म+7बोन्ध�

जर्यत्र्यर्य� ब्रह्मावि�दुत्तेम�त्तेम* ||५३५||

न ग्विखद्यत� न� वि�षर्य.* प्रम�दात�

न सज्जुत� न�विप वि�राज्र्यत� चू |

स्�स्तिस्मन्सदा� ��डावित नन्दावित स्�र्य�

विनरान्तरा�नन्दारास�न त:प्त* ||५३६||

क्षु+ध�� दा�हव्योथ�� त्र्यक्त्�� बो�र्ल* ��डावित �स्त+विन* |

तथ.� वि�द्वै�न� रामत� विनम�म� विनराह� स+खN ||५३७||

सिचून्त�शं�न्र्यमदा.न्र्यभ.क्षुमशंन� प�न� सरिराद्वै�रिराष+

स्��तन्त्र्र्य�� विनरा�क+ शं� स्थि6वितराभNर्विन=�� श्मशं�न� �न� |

�स्त्र� क्षु�र्लनशं�ष��दिदाराविहत� दिदाग्��स्त+ शंय्र्य� महN

स�चू�रा� विनगोम�न्त�Nसिथष+ वि�दा�� ��डा� परा� ब्रह्माणि� ||५३८||

वि�म�नम�र्लम्ब्र्य शंराNराम�तदा�

भ+नक्त्र्यशं�ष�न्तिन्�षर्य�न+पस्थि6त�न� |

परा�च्छार्य� बो�र्ल�दा�त्म��त्ते�

र्य�ऽव्यो7सिर्लङ्गै�ऽनन+ष7बो�ह्या* ||५३९||

दिदागोम्बोरा� ��विप चू स�म्बोरा� ��

त्�गोम्बोरा� ��विप सिचूदाम्बोरा6* |

उन्मत्ते�द्वै�विप चू बो�र्ल�द्वै�

विपशं�चू�द्वै�विप चूरात्र्य�न्र्य�म� ||५४०||

Page 79: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

क�म�धिन्नष्क�मरूपN स�श्चरात्र्य�कचू�रा� म+विन* |

स्��त्मन.� सदा� त+ष्टा* स्�र्य� स���त्मन� स्थि6त* ||५४१||

क्�सिचून्म�ढ� वि�द्वै�न� क्�सिचूदाविप मह�रा�जवि�भ�*

क्�सिचूदा�भ्रा�न्त* सLम्र्य* क्�सिचूदाजगोरा�चू�राकसिर्लत* |

क्�सिचूत्प�त्रNभ�त* क्�सिचूदा�मत* क्��प्र्यवि�दिदात*

चूरात्र्य��� प्र�ज्ञा* सततपराम�नन्दास+ग्विखत* ||५४२||

विनध�न�ऽविप सदा� त+ष्टा�ऽप्र्यसह�र्य� मह�बोर्ल* |

विनत्र्यत:प्त�ऽप्र्यभ+ञ्ज�न�ऽप्र्यसम* समदाशं�न* ||५४३||

अविप क+ ��न्नक+ ����श्च�भ�7� फर्लभ�ग्र्यविप |

शंराNर्य�प्र्यशंराNर्यSष परिरास्थिच्छान्न�ऽविप स��गो* ||५४४||

अशंराNरा� सदा� सन्तधिमम� ब्रह्मावि�दा� क्�सिचूत� |

विप्रर्य�विप्रर्य� न स्पृ:शंतस्तथ.� चू शं+भ�शं+भ� ||५४५||

6�र्ल�दिदासम्बोन्ध�त�ऽणिभम�विनन*

स+ख� चू दु*ख� चू शं+भ�शं+भ� चू |

वि�ध्�स्तबोन्धस्र्य सदा�त्मन� म+न�*

क+ त* शं+भ� ��ऽप्र्यशं+भ� फर्ल� �� ||५४६||

तमस� ग्रस्त���न�दाग्रस्त�ऽविप रावि�ज�न.* |

ग्रस्त इत्र्य+च्र्यत� भ्रा�न्त्र्य�� ह्याज्ञा�त्�� �स्त+र्लक्षु�म� ||५४७||

तद्वैद्दे�ह�दिदाबोन्ध�भ्र्य� वि�म+7� ब्रह्मावि�त्तेमम� |

पश्र्यन्तिन्त दा�विह�न्म�ढ�* शंराNरा�भ�सदाशं�न�त� ||५४८||

अविहर्विन=���र्यनÅ ��र्य� म+क्त्�� दा�ह� त+ वितष्ठवित |

Page 80: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

इतस्ततश्च��र्यम�न� र्यग्वित्कस्थि�चूत्प्र����र्य+न� ||५४९||

स्त्र�तस� नNर्यत� दा�रुं र्यथ� विनम्न�न्नत6र्लम� |

दा.��न नNर्यत� दा�ह� र्यथ�क�र्ल�पभ+सि7ष+ ||५५०||

प्र�राब्धकम�परिराकस्थि�पत��सन�णिभ*

स�स�रिरा�च्चैःरावित भ+सि7ष+ म+7दा�ह* |

सिसद्धा* स्�र्य� �सवित स�णिक्षु�दात्र त�ष्�Å

चू�स्र्य म�र्लधिम� क�पवि�क�पशं�न्र्य* ||५५१||

न.��द्धिन्�र्य�णि� वि�षर्य�ष+ विनर्य+�7 एष

न.��पर्य+�7 उपदाशं�नर्लक्षु�6* |

न.� वि�र्य�फर्लमपNषदा��क्षुत� स

स्��नन्दास�न्�रासप�नस+मत्तेसिचूत्ते* ||५५२||

र्लक्ष्र्य�र्लक्ष्र्यगोकिंत= त्र्यक्त्�� र्यस्तिस्तष्ठ�त्क� �र्ल�त्मन� |

सिशं� ए� स्�र्य� स�क्षु�दार्य� ब्रह्मावि�दुत्तेम* ||५५३||

जN�न्न�� सदा� म+7* क: त�थ8 ब्रह्मावि�त्तेम* |

उप�धिधन�शं�दा�ब्रह्मा.� सन� ब्रह्मा�प्र्य�वित विनद्वै�र्यम� ||५५४||

शं.र्ल�ष� ��षस����भ��र्य�श्च र्यथ� प+म�न� |

तथ.� ब्रह्मावि�च्छ्र�ष्ठ* सदा� ब्रह्मा.� न�परा* ||५५५||

र्यत्र क्��विप वि�शंN�� सत्प��धिम� तरा���प+* पतत�त� |

ब्रह्माNभ�तस्र्य र्यत�* प्र�गो�� तस्थिच्चैःदाग्विग्नन� दाग्धम� ||५५६||

सदा�त्मविन ब्रह्माणि� वितष्ठत� म+न�*

प����ऽद्वैर्य�नन्दामर्य�त्मन� सदा� |

Page 81: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

न दा�शंक�र्ल�द्य+सिचूतप्रतNक्षु�

त्�ङ्मां��सवि�9�विपण्डावि�सज�न�र्य ||५५७||

दा�हस्र्य म�क्षु� न� म�क्षु� न दाण्डास्र्य कमण्डार्ल�* |

अवि�द्य�हृदार्यग्रन्मिन्थाम�क्षु� म�क्षु� र्यतस्तत* ||५५८||

क+ �र्य�र्य�मथ नद्य�� �� सिशं�क्षु�त्र�ऽविप चूत्�रा� |

प�� पतवित चू�त्ते�न तरा�* किंक= न+ शं+भ�शं+भम� ||५५९||

पत्रस्र्य प+ष्पस्र्य फर्लस्र्य न�शं�दा�-

दा�ह�द्धिन्�र्यप्र��धिधर्य�� वि�न�शं* |

न.��त्मन* स्�स्र्य सदा�त्मकस्र्य�-

नन्दा�क: त��:�क्षु�दास्तिस्त चू.ष* ||५६०||

प्रज्ञा�नघोन इत्र्य�त्मर्लक्षु�� सत्र्यस�चूकम� |

अन�द्यLप�धिधकस्र्य.� कथर्यन्तिन्त वि�न�शंनम� ||५६१||

अवि�न�शंN �� अरा�ऽर्यम�त्म�वित श्र+वितरा�त्मन* |

प्रब्र�Nत्र्यवि�न�सिशंत्�� वि�नश्र्यत्स+ वि�क�रिराष+ ||५६२||

प�ष���:क्षुत:�ध�न्र्यकडाङ्� करा�द्य�

दाग्ध� भ�न्तिन्त विह म:दा�� र्यथ� तथ.� |

दा�ह�द्धिन्�र्य�स+मन आदिदा समस्तदृश्र्य�

ज्ञा�न�ग्विग्नदाग्धम+पर्य�वित परा�त्मभ��म� ||५६३||

वि�र्लक्षु�� र्यथ� ध्��न्त� र्लNर्यत� भ�न+त�जसिस |

तथ.� सकर्ल� दृश्र्य� ब्रह्माणि� प्रवि�र्लNर्यत� ||५६४||

घो9� नष्टा� र्यथ� व्यो�म व्यो�म.� भ�वित स्फु+ 9म� |

Page 82: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

तथ.��प�धिधवि�र्लर्य� ब्रह्मा.� ब्रह्मावि�त्स्�र्यम� ||५६५||

क्षुNरा� क्षुNरा� र्यथ� णिक्षुप्त� त.र्ल� त.र्ल� जर्ल� जर्ल� |

स�र्य+7म�कत�� र्य�वित तथ�ऽऽत्मन्र्य�त्मवि�न्म+विन* ||५६६||

ए�� वि�दा�हक. ��र्य� सन्म�त्रत्�मखस्थिण्डातम� |

ब्रह्माभ��� प्रपद्य.ष र्यवितन���त�त� प+न* ||५६७||

सदा�त्म.कत्�वि�ज्ञा�नदाग्ध�वि�द्य�दिदा�ष्म��* |

अम+ष्र्य ब्रह्माभ�तत्��दा� ब्रह्मा�* क+ त उ��* ||५६८||

म�र्य�क्र्ल:प्तL बोन्धम�क्षुL न स्त* स्��त्मविन �स्त+त* |

र्यथ� राज्जुL विनन्मिष्�र्य�र्य�� सप��भ�सवि�विनगो�मL ||५६९||

आ�:त�* सदासत्त्��भ्र्य�� �7व्यो� बोन्धम�क्षु�� |

न��:वितब्र�ह्मा�* क�सिचूदान्र्य�भ���दान��:तम� |

र्यद्यस्त्र्यद्वै.तह�विन* स्र्य�दा� द्वै.त� न� सहत� श्र+वित* ||५७०||

बोन्ध�चू म�क्षु�चू म:ष.� म�ढ�

बो+द्धा�गो+��� �स्त+विन क�पर्यन्तिन्त |

दृगो��:किंत= म�घोक: त�� र्यथ� रा�L

र्यत�ऽद्वैर्य�ऽसङ्गैसिचूदा�तदाक्षुराम� ||५७१||

अस्तNवित प्रत्र्यर्य� र्यश्च र्यश्च न�स्तNवित �स्त+विन |

बो+द्धा�रा�� गो+����तL न त+ विनत्र्यस्र्य �स्त+न* ||५७२||

अतस्तL म�र्यर्य� क्र्ल:प्तL बोन्धम�क्षुL न चू�त्मविन |

विनष्कर्ल� विनन्मिष्�र्य� शं�न्त� विनरा�द्य� विनराञ्जन� |

अविद्वैतNर्य� परा� तत्त्�� व्यो�म�त्क�पन� क+ त* ||५७३||

Page 83: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

न विनरा�ध� न चू�त्पणित्तेन� बोद्धा� न चू स�धक* |

न म+म+क्षु+न� �. म+7 इत्र्य�ष� पराम�थ�त� ||५७४||

सकर्लविनगोमचू�डा�स्��न्तसिसद्धा�न्तरूप�

पराधिमदामवितगो+ह्या� दार्शिशं=त� त� मर्य�द्य |

अपगोतकसिर्लदा�ष� क�मविनम+�7बो+द्धिंद्धा=

स्�स+त�दासक: त्त्��� भ�न्मिव्योत्�� म+म+क्षु+म� ||५७५||

इवित श्र+त्�� गो+रा����क्र्य� प्रश्रर्य�� क: त�नवित* |

स त�न समन+ज्ञा�त� र्यर्यL विनम+�7बोन्धन* ||५७६||

गो+रुंरा�� सदा�नन्दासिसन्धL विनम�ग्नम�नस* |

प��र्यन्�स+ध�� स��� वि�चूचू�रा विनरान्तरा* ||५७७||

इत्र्य�चू�र्य�स्र्य सिशंष्र्यस्र्य स���दा�न�त्मर्लक्षु�म� |

विनरूविपत� म+म+क्षु���� स+खबो�ध�पपत्तेर्य� ||५७८||

विहतधिमदाम+पदा�शंम�दि�र्यन्त��

वि�विहतविनरास्तसमस्तसिचूत्तेदा�ष�* |

भ�स+खवि�रात�* प्रशं�न्तसिचूत्ते�*

श्र+वितरासिसक� र्यतर्य� म+म+क्षु�� र्य� ||५७९||

स�स�रा�ध्�विन त�पभ�न+विकरा�प्र��Âतदा�हव्योथ�-

ग्विखन्न�न�� जर्लक��क्षुर्य� मरुंभ+वि� भ्रा�न्त्र्य� परिराभ्रा�म्र्यत�म� |

अत्र्य�सन्नस+ध�म्बो+धिंध= स+खकरा� ब्रह्मा�द्वैर्य� दाशं�र्य-

त्र्य�ष� शंङ्� कराभ�रातN वि�जर्यत� विन����स�दा�धिर्यनN ||५८०||

||इवित शं�करा�चू�र्य�वि�रासिचूत� वि���कचू�डा�मणि� ||

Page 84: विवेकचूडामणि ( शंकराचार्य)

||ॐ तत्सत� ||