तेरे होने का इक अहसास ही मुस्कान लाता...
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तेरे होने का इक अहसास ही मुस्कान लाता है नजर में तू ही तू ,दि�ल को भी बस तू तो भाता है मेरी हर बात में बस जिजक्र तेरा ही तो होता हैतू आखि�र कोन है जिजसपे हमेशा प्यार आता है कभी तू मुस्कुराता है ,कभी न�रे दि��ाता है कभी शबनम की बूं�े बन के ,नेह बूं�े गि&राता है तेरी परछाइयों से ,सायों से घर सवांरता है कभी मरहम तू ,��+ दि�ल कभी �ु� बन के आता है दि�ये की रोशनी है तू ,अंधेरो को हटाता है तू पूजा का वो मजि.�र है जो मन पावन बनाता है समु.�र सा है &हरा तू ,घना तरुवर की छाया सा तू �ेके होंसला हर�म ,गिब�रने से बचाता है शालिलनी शमा2