1,85,423वरण क 1,85,423 बच च हर स ल व य प रद षण सच च ह...

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आवरण कथा 1,85,423 ब हर साल वायु दूषण स होन वाल िनचल फेफ के संमण के चलत असमय मौत के मुंह म जा रह ह बावजूद इसके नीित िनयंता व सरकार इन मौत पर है खामोश। अनिल अशिी शर ओर नेक नर की गहरी पताल 28-40Cover Story.indd 28 22/10/19 12:11 PM

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Page 1: 1,85,423वरण क 1,85,423 बच च हर स ल व य प रद षण सच च ह नच व लच नचल फ फड क स क रमण क चलतच असमय

आवरण कथा

1,85,423बचच हर साल वाय परदषण सच होनच वालच िनचलच फफडो क सकरमण

क चलतच असमय मौत क मह म जा रहच हबावजद इसक नीित िनयता व सरकार इन मौतो पर ह खामोश। अनिल अशवििी शर मा ओर नविविक नरश की गहरी पडताल

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Page 2: 1,85,423वरण क 1,85,423 बच च हर स ल व य प रद षण सच च ह नच व लच नचल फ फड क स क रमण क चलतच असमय

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आवरण कथा

गर आप सास नही ल सकत तो फिर आपक फलए कोई भी चीज मायन नही रखती। यह बात फनचल ििडो क सकरमण (एलआरआई) की मार झल रह मासम मोहममद अनस पर परी तरह लाग होती ह। उस एक-एक सास लन और छोडन म तकलीि ह। वह तीन वरष का ह। या य कह फक उसन अपनी फजदगी क अभी तक महज 1,095 फदन ही इस धरती पर गजार ह। इस छोट स जीवनकाल म ही करीब हर हफत उस असपताल पहचना पडा ह। सभव ह फक वह अचरज म हो फक उसका साया बनकर रहन वाली मा और फपता भी उसकी सासो की तकलीि को दर करन म मददगार नही ह।

अनस का पररवार राजसान म जयपर ससत शासती नगर म मदीना मससजद क पास एक मफजला मकान म रहता ह। सास

की तकलीि बढ जान क बाद उस 12 अकटटबर, 2019 को जयपर म ही जक लोन असपताल म भतती कराया गया। उसक असपताल क पचच म बीमारी का नाम बोकाइफटस नयमोफनया फलखा गया ह। करीब एक हफत की दख-रख क बाद अनस को असपताल स दवा और कछ नसीहत क सा छटी द दी गई ह। फचफकतसको न पररवार को समझाया ह फक बचो क ििड अफत सवदनशील होत ह और उनह अनस का कम स कम पाच वरष की उमर तक फवशर धयान रखना होगा।

जक लोन क फचफकतसक अनस का एकसर फदखात ह। इसम म दायी ओर फनचल ििडो म वाय मागष (बोकी) क पास कछ सिद धधला सा जमा ह। यह बताता ह फक बच क वाय मागष म रकावट ह। यह एकयट यानी जलदी-जलदी होन वाला फनचल ििड का सकरमण ह। यह कयो हआ ह? इस सवाल क जवाब

राजसान की राजधानी जयपर ससत बचचो क सरकारी जक लोन असपताल म ननचल फफडचो क सकरमण स पीनडत तीन वरषीय मोहममद अनस। मोहममद अनस का एकसर,

नजसम फफड का सकरमण साफ-साफ नदख रहा ह (नीच)

अ वििक विशरा / सीएसई

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म अनस का इलाज करन वाल चिचकतसक तजपाल महावत डाउन ट अरथ को बतात ह, “असपताल म चसरफ अनस का ही एक मामला नही ह। बचचो क ऐस मामल रोजाना आत ह। चजनम चनिल ररडचो म परशानी या सकरमण (लोअर रसपरटरी इरकशन - एलआरआई) होता ह। यह बकटीररया और वायरस क कारण भी होता ह। इस बात स भी इनकार नही चकया जा सकता चक इसम वाय परदषण की भी भचमका हो सकती ह।” अकसर चिचकतसक बचचो क तातकाचलक लकषणचो को समझकर इलाज शर कर दत ह। समय की कमी और जयादा लोगचो का इलाज करन क दबाव म मरीजचो क सामाचजक, आचरथक और पयाथवरणीय पहलओ को कस चहसटी क तौर पर दजथ नही चकया जाता। ऐस म जररी रा चक अनस क चनिल ररडचो क सकरमण म वाय परदषण क परभाव को भी खोजन की कोचशश की जाए। इस बार म अनस क चपता मोहममद उसमान बतात ह चक बच क जनम क 10 चदन बाद ही उस सास की तकलीर शर हो गई री। डॉकटर न तब कहा रा चक बच को एलजजी हई ह। उसक शवसन ततर क ऊपरी चहसस म परशानी री। हालाचक अब उसकी परशानी शवसन ततर क चनिल चहसस म पहि गई ह। वह भागयशाली ह चक राजधानी म ही घर और असपताल होन की वजह स जब भी उस सास की तकलीर बढती ह उस कछ

चकलोमीटर क दायर म ही जलदी चिचकतसा चमल जाती ह। लचकन राजसरान क दर-दराज इलाकचो स जयपर आकर इलाज कराना अब भी कई लोगचो क चलए सवपन ह। तमाम बीमार बच राजधानी क असपताल का मह नही दख पात। अनस वाय परदषण जचनत चनिल ररड क सकरमण स जझन वाला चसरफ एक पीचडत नही ह। भारतीय आयचवथजान अनसधान पररषद (आईसीएमआर), पबलक हलर राउडशन ऑर इचडया (पीएिएरआई) और द इसटीटट रॉर हलर मचटकस एड इवलयएशन (आईएिएमई) क साझा अधययन गलोबल बडडन ऑर चडजीज (जीबीडी), 2017 क मताचबक वाय परदषण जचनत चनिल ररडचो क सकरमण क कारण उततर भारत सबस जयादा परभाचवत ह। इसम पाि वषथ स कम उमर क बचचो की मतयदर क मामल म राजसरान पर दश म शीषथ पर ह। यहा एक लाख बचचो की आबादी म वाय परदषण जचनत एलआरआई क कारण बचचो की मतय दर 126.04 ह। सार ही राजधानी जयपर दश क 122 सवाथचधक परदचषत शहरचो की सरकारी सिी म भी शाचमल ह (दख : वाय परदषण स नौचनहालचो की मौत, पषठ 33)।

राजसरान म वाय परदषण क कारण सबस जयादा बचचो की मौत क आकड को दखत हए वाय परदषण क मासम पीचडतचो की हमारी तलाश यही स शर हई। चनिल ररड क सकरमण और वाय परदषण क परमख घटक पाचटटिकलट मटर 2.5 क बीि

एक अहम कडी जडती ह। जो अनस क ररडचो की बीमारी क कारकचो तक भी ल जाती ह। अनस अपनी सासचो क जररए ऐस कण भी ररडचो तक पहिा रहा ह जो उसक शरीर क अनय अगचो को भी नकसान पहिा सकत ह।

दिखाई न िन वाला घर क बाहर का परिषणअनस का घर जयपर क शासतरी नगर की एक सघन बसती म ह। मखय सडक स कछ दर यहा गली म कछ मोटरसाइचकल आती-जाती ह। हालाचक, मखय सडक पर मोटर वाहनचो का आना-जाना बना हआ ह। अनस का पररवार बाहरी वातावरण म वाहनचो क परदषण की बात स अनजान ह। हालाचक, अनस क घर क इदथ-चगदथ क वातावरण म परदषण कणचो को मापन वाला राजसरान परदषण चनयतरण बोडटि (आरपीसीबी) का सटशन आखचो स न चदखाई दन वाला एक खतरनाक सि आकडचो म उजागर करता ह। आरपीसीबी क वाय परदषण मापन वाल सटशन क मताचबक जयपर क शासतरी नगर इलाक म वाय गणवतता जयादातर चदन खराब सतर पर ही रहती ह। मदीना मबसजद स सबस नजदीकी परदषण मापन वाला सटशन पचलस कचमशनरी पर बसरत ह। इस सटशन क आकड बतात ह चक इस कषतर म वषथ 2018 क दौरान 63 रीसदी चदन हवा म खतरनाक पाचटटिकलट मटर 2.5 का सतर

24 घटचो क आधार पर सामानय सतर (60 माइकरोगाम परचत घन मीटर) स अचधक रहा ह। वही, 2019 म अभी तक 32 रीसदी चदन ऐस रह ह जब पीएम 2.5 का सतर अपन सामानय सतर स अचधक ररकॉडटि चकया गया ह। 2019 का यह आकडा अभी इसचलए कम ह कयचोचक ठड म हवा की गणवतता और खराब होगी तो जयादातर खराब वाय गणवतता वाल चदन अगल तीन महीनचो म जडग।

हवा म मौजद परदषण म पाचटटिकलट मटर की उपबसरचत ही हवा क जहरीली होन की पबषट करती ह। जब हम पाचटटिकलट मटर 2.5 कहत ह तो इसका आशय होता ह चक ऐस महीन कण जो आखचो स न चदखाई द और जो शवसन मागथ क जररए ररडचो क चनिल चहसस म आसानी स पहि जाए। मनषय क चसर क एक बाल का वयास 50 स 70 माइकरोन होता ह। ऐस म आप अदाजा लगा सकत ह चक 2.5 माइकरोन वाला कण चकतना महीन होगा। पीएम 2.5 का सोत गाचडयचो का इजन, जचवक घटक, धात आचद होत ह। वही, 10 माइकरोन वयास वाल पाचटटिकलट मटर ऊपरी शवसन ततर को ही नकसान पहिाता ह। जनथल एनवायरमटल साइस एड टकोलॉजी म परकाचशत एक शोध न पररवश म मौजद महीन पाचटटिकलट मटर 2.5 को वबशवक रोगचो क चलए सबस बडा कसरवार ठहराया ह। कदीय परदषण चनयतरण बोडटि (सीपीसीबी) क मताचबक यचद लब समय तक कोई भी वयबकत सामानय मानकचो

वाय परदषण जनित निचल फफडो क सकरमण (एलआरआई) क कारण पाच वषष स कम उमर क बचो की मतय दर क मामल म राजसाि दश म शीषष साि पर मौजद ह

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आवरण कथाआवरण कथास परदषण की जद म ह उस शवसन और ववविनन रोगो का सामना करना पड सकता ह। खासतौर स बचो और वदो म इसका असर जलदी और जादा हो सकता ह। ऐस म अनस क घर क बाहर का परदषण और उसक वनचल फफडो क सकरमण क बीच एक कडी अपन आप ही जड जाती ह। दश क अन राजो क मकाबल राजसान म वा परदषण जवनत वनचल फफड क सकरमण क कारण बचो की मत दर को सबस अविक ह? 2017 म परकावशत द लसट की ररपोटट क मतावबक राजसान न वसफफ वनमन आ वगग वाल राजो क समहो म स एक ह बललक राज म पावटटकलट मटर 2.5 का सालाना सतर अपन सालाना सामान मानक (40 माइकरोगाम परवत घन मीटर) स दोगना जादा 93.4 माइकरोगाम परवत घन मीटर तक ररकॉरट वका गा ह। इन आकडो स इतर जपर म लसत जक लोन असपताल क अिीकषक व मवरवसन वविाग क वविागाधकष अशोक गपता राउन ट अ ग को बतात ह वक सवासथ सवाओ का वरलीवर न हो पाना और बवनादी सरचना का अिाव बचो की मत दर को बढान वाला परमख कारक ह। ह िी दखा गा ह वक बचो की रोग परवतरोिक कषमता काफी कम होती ह। ऐस म उनक फफडो का सकरमण होन का जोवखम अविक होता ह। इसी वलए राजसान म परवतवषग बचो क शवसन रोग क मामल म काफी बढोततरी हई ह। उनहोन बताा वक जपर स 100 स 150 वकलोमीटर की पररवि म बस हए आस-पास वजलो स ही मरीज सम स इलाज करान आत ह। इनम दौसा, अलवर, करौली, िरतपर, सीकर परमख ह। कई मामल ऐस होत ह, जब कस परी तरह वबगड चका होता ह, तब ही व राजिानी पहचत ह। ऐस म गामीण कषतो को धान म रखत हए सवासथ सवाओ को पहचाना अब िी बडी चनौती ह।

जक लोन असपताल म दो दशक क िीतर बाहय रोग वविाग (ओपीरी) और ितती होन वाल वविाग (आईपीरी) म बचो की सखा म चार गना तक बढोततरी हई ह। इनम खासतौर स शवसन रोग क मरीज बचो की सखा सबस जादा ह। आकडो क मतावबक वषग 2000 म ओपीरी म कल 105,908 बचो न इलाज कराा ा और इसम 22,762 बच ववविनन तरह क शवसन रोग स पीवडत । जबवक 2018 म ओपीरी म कल 445,398 बच इलाज करान पहच इनम ववविनन शवसन रोग स पीवडत बचो की सखा 168,687 तक पहच गई । इसी तरह ितती होन वाल बचो क आकडो म िी दो दशक म करीब चार गना बढोततरी हई ह। वषग 2000 म ितती होन वाल बचो की सखा 19,685 ी तब इसम 2,442 बच शवसन रोग का इलाज करान आए । जबवक 2018 म कल 56,013 बच ितती हए और इसम 11,584 बच ऐस ितती हए जो शवसन रोग स पीवडत । ओपीरी ा ितती होन वाल बचो म सास रोग क तहत एकट बोकाइवटस ा बोकाइवटस और नमोवना ानी वनचल फफडो क सकरमण क मामलो म बीत दो दशक म जबरदसत बढोततरी हई ह। वषग 2000 म ओपीरी म अकल एकट बोकाइवटस क वसफफ 294 मामल सामन आए जबवक 2018 म 42,562 बच एकट बोकाइवटस क आए ह। इसी तरह स 2000 म नमोवना क 4,020 मामल आए लवकन 2018 म ह आकडा 24,556 तक पहच गा। इस तरह स वा परदषण

बचचा की मौत क सबस बड कचारक 0-5 वरष आय वरष क बचचो की मौत क कारकचो म डायररया क मकाबल एलआरआई स मौतचो पर नियतरण की रनत ससत ह

िवजात नवकार परोटीि एिजजी का कपरोरण

निचल फफड का सकरमण (एलआरआई) खसरा

डायररया मनििजाइनटस

पदाइशी बीमारी टाइफाइड टीबी अनय

मलररया

गानफक सरोत:गलरोबल बडडि ऑफ नडजीज २०१७ | मािनचतर सरोत: द लसट २०१७; मतय क आकड गलरोबल बडडि ऑफ नडजीज २०१७

1990

2000

2010

2017

8,48,835.86

7,43,361.18

5,66,825.93

4,39,126.69

2,94,663.12

1,85,422.88

5,76,308.38

4,33,827.39

4,69,455.34

3,32,644.62

1,90,826.53

1,02,655.91

432134.62

3,28,617.99

1,95,574.22

1,35,804.13

1,12,523.37

98,428.80

94,953.81

82,456.21

47,983.78

43,621.86

29,251.90

22,996.58

89,513.60

66,886.85

38,134.68

19,267.41

1,19,538.54

92,165.15

50,999.39

16,366.94

53,315.31

41,608.54

28,945.60

16,056.17

25,535.23

20,133.16

15,161.98

11,291.11

40,407.39

30,423.45

16,693.49

9,737.29

23%एलआरआई स मौत म गिरावट

(1990-2000)

33%एलआरआई स मौत म गिरावट

(२०००-20१0)

37%एलआरआई स मौत म गिरावट

(२०१०-20१७)

इफरोगानफक: सजीत | शरोध और नवशलरण: शाभवी शकला, नववक नमशा अनय इफरोगानफक क नलए www.downtoearth.org.in/infographics पर जाए

29%डायररया स मौत

म गिरावट (1990-2000)

43%डायररया स मौत

म गिरावट (२०००-20१0)

46%डायररया स मौत

म गिरावट (२०००-20१0)

32 | नवबर 2019

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00 मौत की दर परतत 100,000 आबादी : वाय परदषण क कारण एलआरआई स मौतो की दर (0-5 वषष) आकड का वषष : 2017

00 वाय परदषण क कारण एलआरआई स मौतो की दर : (5-14 वषष आय वरष) मतय दर परतत 100,000 आबादी आकड का वषष : 2017

पीएम २.५ का सालाना सतर मानक (२०१७)

घर क भीतर धआ परदषण स मौत की दर (सॉतलड फयल) परतत एक लाख बाहरी वातावरण म वाय परदषण स मौत की दर परतत एक लाख

राजसान 126.04 | 2.1767.47 58.56

मधय परदश 85.51 | 2.4249.9 35.6

गजरात 39.16 | 0.821.2 17.96

महाराषटर 22.32 | 0.88.32 14

गोवा 16.46 | 0.422.84 6.85

कनानाटक 21.62 | 0.7811.6 10.02

तममलनाड 9.94 | 0.793.08 6.85

उततर परदश 111.58 | 2.5939.22 72.66

मिहार 105.95 | 3.4646.63 59.32

नागालड 99.24 | 0.9357.11 42.13

असम 78.53 | 1.8951.61 26.93

मसककम 35.14 | 1.1513.68 21.46

जममम और कशमीर 59.9 | 1.43

25.17 34.73

उततराखड 46.28 | 1.0716.47 29.82

महमाचल परदश 36.35 | 0.8118.7 17.65

हररयाणा 56.44 | 0.9916.3 40.14

मदलली41.81 | 1.230.19 41.62

पजाि39.55 | 0.639.41 30.14

मरिपरा 89.96 | 1.4154.08 35.88

मघालय 68.92 | 1.0945.14 23.78

ममजोरम 66.58 | 0.8331.93 34.65

छततीसगढ 69.3 | 2.58

45.33 23.77

पकशचम िगाल 50.03 | 1.1425.31 24.72

तलगाना 18.19 | 0.567.13 11.06

अरणाचल परदश 29.6 | 0.81

19.29 10.31

ओमडशा 65.52 | 1.9241.56 23.96

आधर परदश 23.48 | 0.3811.15 12.33

करल 4.38 | 0.2

2.41 1.97

झारखड 63.37 | 2.6836.86 26.51

वाय परदमषण स नौमनहालो की मौत उततर भारत म पीएम 2.5 का परदषण जहा-जहा मानको स जयादा ह, वही बचो की मौत क आकड भी भयावह ह

तजन बचो का शरीर तवकास करम क जतिल चरणो स रजर रहा ह, व वाय परदषण स होन वाल सवासथय खतरो क परतत जयादा सवदनशील होत ह

सवासथय क मलए खतर बडो की तलना म बच दोरनी तजी स सास लत ह। अपन शरीर क वजन क अनरप तजतनी हवा सास क माधयम स खीचनी चातहए, व उसस अतधक खीचत ह। इसस वायजतनत सकम परदषक आसानी स बचो क फफडो म चल जात ह और शवसन समबधी बीमाररयो को जनम दत ह

य अतयत सकम कण रकत-मससतषक अवरोध (बलड-बन बररयर) को भी पार कर सकत ह, जो तक बचो म कम परततरोधी होत ह। यह बचो म तचडतचडाहि पदा करन क साथ ही मससतषक की कोतशकाओ को नकसान पहचा सकत ह और कई बार मससतषक क अदर होन वाल सजानातमक तवकास को सथायी तौर पर हातन पहचा सकत ह

य परदषक भण क तवकास को भी नकारातमक तौर पर परभातवत कर सकत ह। परदषक कण रभषनाल की तिसलयो को पार करक मससतषक क तवकास म अवरोध पदा करत ह। यह बाद म बचो म बौतधिक तवकास पर नकारातमक परभाव डालत ह, तजसस उनक वयवहार पर असर पडता ह

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आवरण कथा

की दिनो-दिन बढोततरी क साथ ही बचो म दनचल फफड क मामलो म बढोततरी को नकारा नही जा सकता ह।

राजसथान म दसफफ बाहरी परिषण ही बचो क फफडो को नकसान नही पहचा रहा ह, बलक यह घर क भीतर होन वाल परिषण क मामल म भी शीषष पर ह। जीबीडी, 2017 क आकडो क मतादबक घर क भीतर होन वाल धआ परिषण क कारण पाच वषष स कम उमर वाल एक लाख बचो की आबािी म 67.47 बच मर जात ह। राजधानी जयपर स लकर गामीण कतो म अब भी सभी क पास एलपीजी न होन या दफर वयवहार म बिलाव न हो पान क कारण और आदथषक तगी जसी वजहो स च ह का चलन अब भी ह। च ह म इसतमाल दकए जान वाली लकडी, सखी पतती, गोबर क उपल, कोयला, ससत ईधन आदि क कारण उठन वाला धआ न दसफफ मा को बलक उसक बच क फफडो को जबरिसत तरीक स नकसान पहचाता ह।

12 अक टबर, 2019 को ही जयपर क जक लोन असपताल म 4 वषष क दवशाल का भतती भी हआ ह। दवशाल जयपर स 79 दकलोमीर िर िौसा दजल क सथल गाव का रहन वाला ह। असपताल क दचदकतसको न बताया दक दवशाल को अपनी उमर क दहसाब स करीब 16 दकलो का होना चादहए लदकन वह 8 दकलो का ही ह। वादित वजन स दबककल आधा। बहि िबला और कमजोर दवशाल खसरा क बाि बोकाइदस नयमोदनया यानी दनचल फफडो क सकरमण स पीदडत हआ ह। दवशाल क दपता

मजिरी करत ह और मा गदहणी ह।दवशाल की िखरख कर रही उनकी मा बताती ह दक घर

म च ह पर ही खाना पकता ह। िो साल पहल उनक घर गस कनकशन पहचा ह। हालादक, च ह का खाना ही सबको पसि ह इसदलए गस पर खाना नही पकाया जाता। लकदडया और सखी पदततया ही च ह म इसतमाल की जाती ह। घर म धआ होता ह लदकन वह कहती ह दक सवाि तो च ह का ही ह। यह सवाि उनक बच क सवासथय पर असर डाल रहा ह लदकन वह इसस अनजान ह। सास की बीमारी स जझता दवशाल एक उिाहरण भर ह। िश क सभी दहससो म कई बिनसीब बच भी ह जो इलाज क दलए असपताल की डोढी तक नही पहच पात।

निमन आय वरग वाल राजयो म अनिक मौत2017 म वाय परिषण क कारण मौतो को लकर जारी ि लस की ररपो ट क मतादबक पाद टककल म र 2.5 क मामल म भारत िदनया म शीषष परिदषत िशो की सची म नपाल, नाइजीररया, कतर क बाि चौथ सथान पर ह। 2017 म भारत का सालाना औसत पीएम 2.5 सतर 89.8 माइकरोगाम परदत घन मीर ररकॉडट दकया गया जो दक अपन सालाना सामानय मानक 40 माइकरोगाम परदत घन मीर स िोगना जयािा ह। जबदक 2017 म दनमन आय वगष म शादमल दबहार, मधय परिश, झारखड, उततर परिश, राजसथान, िततीसगढ, ओदडशा, असम सभी राजयो म सालाना पीएम 2.5

राजसान की राजधानी जयपर म दौसा जजल क सल गाव म रहन वाला चार वरषीय जवशाल कपोरण और वाय परदरण जजनत एलआरआई स गरजसत ह

वििक

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वाय परदषण स दमा क गभीर अटक आ सकत ह जो जानलवा साबित हो सकत ह

मानसिक दकषता पर बरा अिर बककक आर समथ

वाय परदषण व अनय पय यावरणीय परदषणो क खतरो क सदरया म बचो की सथिततय तबलककल अलग ह। पहली बत यह तक बचच आकर म छोट होतच ह। उनक बॉडी सरफस एररय अतिक होत ह, अतः गममी क खतर उन पर अतिक होत ह।

दसर, बचच जयद और तचजी सच सस लचतच ह। वच परतत यतनट वजन क तहसब सच जयद हव खीचतच ह, इसतलए वयको की तलन म उन पर वय परदषण क खतर अतिक होत ह। तीसर, उनक बतनयदी मनतसक कययाकलप री अलग होतच ह। मसलन वच वयको की अपचक अलग तरह सच परदषण खीचतच ह। चौथिी बत यह तक उनक शरीररक तवकस सथिर नही होत, बसलक उनक अगो म लगतर नयच कययाकलप तवकतसत होतच रहतच ह। ऐसच म वयको को लचकर तकए गए शोि क आिर पर तनकलच मयनच परयः बचो क कम क नही होतच ह। पचवी बत यह तक उनक परततरकी ततर व सरकतमक तसटम वयको की तरह तवकतसत नही होतच। छठ, बचो को लब जीन होत ह, इसतलए बचो की कोतशकओ क ममली असर क कसर म तबदील होनच क तलए कफी वकत तमल जत ह। सतव, अनय आय वगया क तवपरीत बचच तकसी दसरच यनी म क तन क मधयम सच दषण की चपचट म आ सकतच ह। आठव, वच अलग तरह सच वयवहर करतच ह, अतः जयद असरतकत होतच ह। मसलन हथि म लगच परदषक और जमीन पर फल परदषण। नौव व अहम तक बचच अपनी सरक को लचकर परी तरह सच वयको पर तनरयार रहतच ह कयोतक उनक पस खद की सरक की कमत नही होती। समनय वय परदषण सच बचो क वथय पर पररव परदषक ततवो क जलनच य परदतषत ईिन क करण पडत ह। बचो पर इसक पररव को चर वगगो म तवरतजत तकय गय ह।

तकसी नवजत क जनम क वकत उसम जो तदककत होती ह और उस पर जो पररव पडतच ह, वो मखय तौर पर गरयावती म क जोतखमो पर तनरयार करत ह। इसम कम वजन, बौनपन और समय सच पवया जनम लचन आतद शतमल ह। यच थितपत हो चक ह तक बचो म इस तरह की बीमररय हर परकर क वय परदषण क चलतच होती ह। यच तशश मतय दर और बचो क वथय को री पररतवत करत ह। खस कर बौनपन ररत की बडी समय ह और इसक आकड गरीब अफीकी दचशो क समकक ह। बौनपन क पीछ पौसटक आहर की कमी अहम करण ह, जबतक पोषक आहर क

ममलच म ररत की सथितत उतनी खरब नही ह।ररत समचत दतनयरर म अतिकश छोट

बचो की मौत की मखय वजह तनमोतनय ह। हलतक, परदषण म सकमक जीवण नही होतच ह लचतकन यच मन जत ह तक बचो म तवकतसत रोग परततरोिक तसटम को बरी तरह सच दबत ह। इससच परकततक रप सच तयर हए जीवणओ को तवकतसत होनच म मदद तमलती ह।

ररतीय बचो म दम कफी समनय रोग ह, जो हो सकत ह तक बढ रह ह। हलतक, यच अब तक पट नही हो सक ह तक समनय वय परदषण दम क परमख करण ह, मगर यच जरर सफ ह तक वय परदषण सच दम क अटक आ सकतच ह, जो बहत गरीर होत ह और

जनलचव री हो सकत ह। अतः यच जररी ह तक आबदी को इस अटक सच बचय जए। हल क शोि सकत दच रहच ह तक वय परदषण और खस कर ओजोन री इसक एक करण हो सकत ह। मनतसक दकत यनी आईकय क करण अतिकशतः बचपन म लचड व कीटनशक जसच परदषणो क असर सच जड हआ ह। बहत सरच शोिो म पत चल ह तक परदषण क करण बचो की मनतसक दकत पर असर पडत ह। लचतकन, वय परदषण सच होनच वली अनय बीमररयो क आकलन को बोझ क चलतच लचड की तरह इन शोिो क पररणमो को वीकययात नही तमली नही ह। तफर री, अब तक ककछ अचछ शोि हए ह और अगलच ककछ वषगो म ककछ और शोि समनच आएगच, तजससच नजररय बदलचग। जयदतर शोि कतथित “लइफ कोसया” एपरोच क जररए तकए गए ह। इससच पत चलत ह तक जीवनकल और वयक उमर क कई रोग शरआती जीवन की घटनओ मसलन जनम क समय वजन और परदषण सच पररतवत होतच ह। यह परतकय परी तरह सच पट नही ह और इसक जोतखमो क तहसब अरी तक नही तकय ज सक ह। लचतकन, शोि म जो तथय समनच आए ह, वच हरन करनचवलच ह। हम यह सनतच ह तक हम ककछ ऐस कर रहच ह तजससच हमरच बचो की बतनयदी मनतसक कमत पररतवत हो रही ह और बहत तकफयती तरीक सच इस समय क समिन तकय ज सकत ह, लचतकन इसको लचकर हमरी परतततकय आतदमकलीन ह।

(लचखक कतलफोतनयाय तवशवतवदलय, बककलच म गलोबल एनवयरमटल हचलथि व ककल ऑफ पसबलक हचलथि क परोफसर व नई

तदलली सथित कोलबोरचतटव कलीन एअर पॉतलसी सटर म तनदचशक ह)

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आवरण कथा

का सतर सामानय स अधिक रहा ह। मधय और उचच आय वरग वाल राजयो क मकाबल इन राजयो म 0 स 5 वरग की मतय दर भी अधिक ह। पीएम 2.5 क सालाना सतर और राजयो म वाय परदरण जधनत धनचल फफड क सकरमण स 5 वरग स कम उमर क बचचो की मौत क ररशत को आकडो म दखा जा सकता ह।

द लसट की ररपोटट क मताधबक धबहार म 2017 म पाधटटकलट मटर (पीएम) 2.5 का सालाना औसत सतर 169.4 माइकरोगाम परधत घन मीटर ररकॉरट धकया रया था। मतलब सामानय स करीब चार रना जयादा हवा म जहरीला परदरण था। पीएम 2.5 का सामानय सतर 40 माइकरोगाम परधत घन मीटर होता ह। ऐस म इस खतरनाक परदरण वाल वरग म यधद जीबीरी, 2017 क मताधबक धबहार म पाच वरग स कम उमर वाल बचचो की मतय क आकड को दख तो यहा परधत लाख बचचो की आबादी पर मतय दर 105.95 थी। इसी तरह स उततर परदश म सालाना पीएम 2.5 का औसत सतर 174.7 माइकरोगाम परधत घन मीटर ररकॉरट धकया रया था। जबधक यहा पाच वरग स कम उमर क बचचो की परधत लाख आबादी पर मतय दर 111.58 ह। पाच वरग स कम उमर की मतय दर क मामल म उततर परदश दसरा तो धबहार दश म तीसर सथान पर ह। यह दोनो ही राजय धनमन आय वरग म भी शाधमल ह।

जबधक उचच आय वरग वाल राजयो म जहा पीएम 2.5 का सतर कम ह वहा बचचो की मतयदर भी कम ह। धमसाल क तौर पर करल म पीएम 2.5 का सालाना परदरण सतर 17.3 माइकरोगाम

परधत घन मीटर ह, सामानय मानक 40 माइकरोगाम परधत घन मीटर स भी काफी कम। ऐस म यहा परधत लाख आबादी पर 5 वरग स कम उमर क बचचो की मतय दर महज 4.38 ही ह(दख, बचचो की मौत क सबस बड कारक, पषठ 32)।

घर क भीतर का परदरण (इनरोर पॉलयशन) और बाहरी परदरण (आउटरोर पॉलयशन) क आिार पर यधद राजयो की ससथधत दख तो उततर परदश म बाहरी यानी पररवश का परदरण जयादा खतरनाक ह। यहा घर क भीतर ठोस ईिन क िए स एक लाख बचचो की आबादी म पाच वरग स कम उमर क बचचो की मतयदर 39.22 ह, जबधक बाहरी पररवश म एक लाख की आबादी म बचचो की मतयदर 72.66 ह। इसी तरह धबहार म पररवशी वाय परदरण स जधनत एलआरआई क कारण एक लाख की आबादी म पाच वरग स कम उमर क बचचो की मतय दर 59.32 ह जबधक घर क भीतर ठोस ईिन क िए स होन वाल वाय परदरण क कारण परधत लाख आबादी म बचचो की मतयदर 46.63 ह।

इनरोर पॉलयशन और उसक कारण एलआरआई स होन वाली नवजात बचचो की मौत क मामल म धदलली की ससथधत इतनी भयावह नही ह। मसलन धदलली म इनरोर पॉलयशन क कारण एक लाख आबादी म 0.19 ही पाच वरग स कम उमर क बचच दम तोडत ह। जबधक पजाब म परधत लाख आबादी म 9.41 और हररयाणा म एक लाख की आबादी म 16.3 पाच वरग क कम उमर क बचचो की मौत होती ह।

ठोस ईधन यानी चलह म लकडी, उपलह, कोयला, सखी पततिया, ससा ईधन आति का इसहमाल धआ और वाय परिषण का जनक

विकास

चौध

री / स

ीएसई

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परदषित हवा क कारण गरभवती की कोख और उसम पल रह बच को सबस अषिक खतरा

टाइम बम ह जहरीली हवा

भारत म जहरीली हवा क कारण पाच वरष स कम उमर वाल बचचो की सबस जादा समपवष मौत हो रही ह। ह बहद चचताजनक बात ह। वरष 2016 म जारी चवशव सवासथ सगठन की ररपोरट क मताचबक बाहरी और घर क भीतरी परदरण क कारण पाच वरष स कम उमर वाल 1,01,788 बच समपवष दम तोड दत ह। इसका मतलब वा परदरण क कारण परचत घर करीब 12 बचचो की असम ही मौत हो जा रही ह। इनम स बाहरी परदरण क कारण जान गवान वाल बचचो की सखा 7 ह। मरन वाल बचचो म स आध स जादा लडचका ह। भारती बच ऐसी हवा म सास ल रह ह जो चवशव सवासथ सगठन की गाइडलाइन क अनरप नही ह।

एचिा म अफगाचनसतान और पाचकसतान ही ऐस दि ह जहा वा परदरण क कारण मौतचो की दर भारत क बाद सबस जादा ह। वही, चवशव आच षक मच क मताचबक भारत दचना की सातवी सबस बडी अ षववसा ह। ऐस म ह ससचत सवीकार ोग नही ह। हम अचरज म डालन वाल सबत ह खलासा करत ह चक माताओ की कोख और उसम पल रहा बचा इस तरह की असरचषित हवा की जद म रहन क चलत िाद ही जीचवत रहन क सघरष म चवजी हो। परदचरत हवा क कारण गभषवती मचहला की कोख और उसम पल रह बच को सबस जादा खतरा ह। इसी वजह स सम पवष बच का जनम, जनम क सम कम वजन और जनमजात चवकारचो क मामल बढ ह।

चििओ की मौत और बाहरी व घर क भीतर होन वाल वा परदरण क बीच एक मजबत ररशता ह। चििओ क फफड सबस जादा परदरण और हवा जचनत दषपरभावचो क चलए सवदनिील होत ह। वा परदरण म बचचो की वचधि और चवकास पर काफी ताकतवर तरीक स असर डालता ह। िरआती सतर ह परभाव चदमाग और तचरिका चवकास और फफडचो की का षषिमता पर पडत ह। वही, जहरीली हवा क जद म रहन स बचचो म कसर और मोरापा जसी समसाए भी बढ जाती ह। अधन ह पात ह चक पाषवरणी परदरण क कारण तचरिका तरि सबधी चवकार भी बचचो म पदा होत ह। खासतौर स बचचो म अतचधक चचलता सबधी, बचधिमता म कमी और चबगड हए तचरिका चवकास जसी परिाचना दखी गई ह। बचचो क फफड जो चक पररकपव होन की परचरिा म होत ह ऐस म वा परदरण फफड क काम करन की षिमता और चवकास म बाधा पदा करत ह। बच क जनम पवष जो भी दषपरभाव वह परदरण क कारण झलता ह उसस बच म कसर होन का उच सतरी जोचखम होता ह। वा परदरण का िरआती

सतर पर ही पडन वाला दषपरभाव न चसफफ फफडचो क चवकास को बाचधत कर सकता ह बसक फफडचो की का षषिमता को भी मद कर सकता ह ऐस म िरआती दषपरभाव झलन वाल को वसक होन तक लाइलाज फफड की बीमारी स भी गजरना पड सकता ह। वही गभाषवसा क दौरान चद कोई मचहला वा परदरण क जद म रही ह तो ह भी सभव ह चक बाद म उस हद रोग भी झलना पड। कई रोग बचपन म ही पलन लगत ह जो वसक उमर तक आकर अपना असर चदखा सक ह।

भारती िहरचो म भी अपन चौकान वाल सबत ह। कदी परदरण चनरिण बोडट और निनल चचतरजन कसर ररसचष इसरीटर न एक

चवसतत अधन म ह बताा ह चक चदली म हर तीसर बच का फफड चबगडा हआ ह। वही, बडी सखा म बचचो म फफफसी रकतसाव क भी सकत ह। चदली क परल चसर इसरीटर न अपन अधन म बताा ह चक चदली जस परदचरत िहरचो म बच छोर फफडचो क सा कस बड हो रह ह। इसक अलावा सममॉग (धआ चमचरित धध) सरज की रोिनी को भी रोक रहा ह और बचचो व कइचो म चवराचमन डी क अविोरण म बाधा पदा कर रहा ह। इस तरह की उदासी और कामत क सदह क बावजद वा परदरण क चवरधि कारषवाई इन घातक रझानचो को उलर सकती ह। अचछी खबर ह ह चक वा गणवता परदरण म सधार सवासथ जोचखम को भी कम कर सकता ह।

चीन न कड वा परदरण चवचनमन की िरआत कर इसक ‘पहल और बाद म परभाव’ का आकलन चका ह। चीन म उतसजषन म 20 की नारकी कमी होत ही नवजात चिि की मत दर म कमी, नवजात अवचध क दौरान 63 परचतित की कमी, चविरकर स तचरिका और सचार परणाली स जडी मौतचो म कमी पाई गई ह। चद परदरक ततवचो म कमी होती ह तो जद म रहन वाली माताओ का जोचखम भी कम होता ह। उनम भण का चवकास और बच क जीचवत रहन की सभावना बढ जाती ह। ह हम एक मजबत कदम उठान क चलए परोतसाचहत करता ह। अकसर महतवाकाषिी का ष ोजनाओ को आच षक परभाव क डर स हतोतसाचहत चका जाता ह। लचकन वा परदरण स जड िमन की लागत हमिा सवासथ और पाषवरणी लागतचो स कम होती ह। बचचो पर जहरीली हवा का हाचनकारक परभाव एक सम बम ह, जो चक गभीर बीमाररचो की बकाब महामारी क रप म चवसफोर करन की परतीषिा कर रहा ह।

(लचखका सीएसई की का षकारी चनदिक ह)

अनषमता रायचौिरी

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आवरण कथाजोखिम म नौखनहालो की जानजीबीडी, 2017 क आकडो क मताबबक दश म 0 स 5 वरष आय वाल बचो का जीवन वाय परदरण क कारण सबस जयादा जोबिम म ह। 2017 म बवबिनन कारणो स 0 स 5 वरष आय वाल मासम बचो की कल 10.35 लाि मौत हई ह। इनम 17.9 फीसदी यानी वरष 2017 म 1.85 लाि मौत बनचल फफड क सकरमण (एलआरआई) स हई जबबक एलआरआई होन का परबल कारक वाय परदरण ही ह और उसक सबस बड बशकार पाच वरष स कम उमर क बच ही ह। वही, यबद मतय क कारको की बात की जाए तो 0 स 5 वरष आय वाल बचो क आय समह म सबस जयादा मतय नवजात बवकार क कारण होती ह। इसक बाद मौत क कारको म दसर सान पर वाय परदरण जबनत बनचल फफड का सकरमण ह।

नवजात बवकार स होन वाली मौत म अपररपकव अवसा म समयपवष जनम, बकसी वायरस या एजट की उपससबत क कारण बदमाग का सही स काम न करना ह। इसक बाद शवसन सबधी बीमारी म बचो म बनचल फफड का सकरमण ही सबस जयादा ह। वही, 5 स 14 वरष की उमर आय वगष म बनचल फफड का सकरमण बहद कम ह। 2017 म परबत लाि आबादी म

अबधकतम मतयदर 3 तक ही ह। इस आय वगष म असमा की समसया काफी जयादा ह। िासतौर स 6 स लकर 14 वरष क सककली बचो का सडको पर टरबफक परदरण स सामना होता ह। वही, जो बच बाहर नही जात और घर क िीतर धए का बशकार होत ह उनम िी असमा की समसया पाई जाती ह। जयपर ससत इसटीटट ऑफ रससपरटरी बडजीज म बडपाटटमट ऑफ पलममॉनरी मबडबसन की शीत बसह न डाउन ट अ ष स बताया बक 6 स 7 वरष आय वगष क बचो म िारी टरबफक क दौरान परदरण का दषपरिाव जयादा पडता ह। बचो म 1.53 गना जयादा असमा पदा होन का जोबिम होता ह।

कोि क बचो पर मडरा रहा ितराकोि म पल रह बचो की बजदगी पर वाय परदरण का सवाषबधक ितरा मडरा रहा ह। बदलली क गर तग बहादर असपताल म गिषवती मबहलाओ की बचबकतसा करन वाली बकरण गलररया बताती ह बक गिषवती मबहलाओ की कोि म मौजद बच को सबस जयादा ितरा घर क िीतर होन वाल परदरण का होता ह। उनहोन बताया बक एक अधययन न इस बात की पसषट की ह बक वाय परदरण का भण म मौजद बच पर वासतबवक असर या दषपरिाव कया होता ह? यह बात दिी गई ह बक 28 बदन की

उमर स नीच वाल यानी नवजात बचो स लकर पाच वरष स कम उमर क बचो म आतररक बवकास की परबकरया को वाय परदरण परिाबवत करता ह। धए स मबहलाओ और गिषवती मबहलाओ को करमॉबनक ऑबसटसकटव पलममॉनरी बडजीज (सीओपीडी) नामक बीमारी होन का िी ितरा रहता ह। ठोस ईधन स िाना पकाना िी धआ और वाय परदरण का एक अहम जनक ह जो बनमन आय वाल राजयो म परबल कारक क तौर पर मौजद ह।

यबनवबसषटी ऑफ पसलवबनया क पमॉपलशन सटडीज सटर एड बडपाटटमट ऑफ सोबशयोलमॉजी बविाग क आशीर गपता न ठोस ईधन क बाहरी कारक, बलग और िारत म वयसक शवसन सवासथय बवरय पर शोध बकया ह। यह शोध अगसत, 2019 म परकाबशत बकया गया। इसम बताया गया ह बक सीओपीडी क कारण दबनया म सवाषबधक मौत होती ह। सीओपीडी का अ ष ह बक फफडो क वाय मागष का बाबधत हो जाना। यह बीमारी धए क कारण होती ह। शोध पतर क मताबबक उच आय वाल दशो म तबाकक का धआ सीओपीडी का परमि कारक ह। वही, लकडी, उपल, कोयला, चारकोल और फसल अवशर को ईधन क तौर पर घर म चलह पर इसतमाल करना बनमन आय वाल दशो म सीओपीडी का परमि कारण ह।

राहत की िबर, कल मतय म कमी जीबीडी, 2017 क आकडो क मताबबक 0 स 5 वरष उमर वगष म सिी कारको की वजह स होन वाली कल मतय क आकडो म तीन दशक म बडी कमी आई ह। 1990 म बवबिनन कारको स दश म कल 28 लाि स अबधक 5 वरष की उमर वाल बचो की मौत हई ी जबबक 2017 म यह घटकर 10.35 लाि हो गई ह। हालाबक, वाय परदरण क कारण होन वाली शवसन सबधी बीमारी म बगरावट का आकडा बहत ही कम ह। आकडो क बवशलरण म यह सपषट बदिाई दता ह बक बजन रोगो पर सरकार की ओर स िासा धयान बदया गया उनपर बनयतरण पाया गया लबकन वाय परदरण स जबनत बीमाररयो म बगरावट जस की तस ह। सधार क जो िी परयास 1990 स 2010 क बीच हए उनकी रफतार 2010 स 2017 म काफी मद पड गई ह।

मौत क सबस बड कारको म शाबमल वाय परदरण की अनदिी अब िी जारी ह। जीबीडी, 2017 क मताबबक िसरा, डायररया और परोटीन एलजजी क कपोरण व टीबी रोग स गरबसत होन वाल बचो की सखया म कमी आई ह। हालाबक, बचताजनक यह ह बक पाच वरष स कम उमर क बचो की मतय क मामल म सबस बड कारक वाय परदरण जबनत एलआरआई क आकडो म बगरावट की रफतार काफी मद ह। सा ही पाच

1990 स 2017 तक पाच वरष स कम उमर क बचचो की मतय क लिए एिआरआई ही दसरा सबस बडा कारक ह। वरष २००० स राजसान क ही बचचो क सबस बड असपताि जक िोन म एिआरआई क मामिचो म १४४ गयना बढोततरी हयई ह

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18 वरष की उमर तक शववत बचचो की तलना म भारतीय बचचो क फफड का आकार 20 फीसदी छोटा होता ह

कोशिकाओ म कसर का खतराएस क छाबडा

वाय परदषण की सथानिक समसथा सन दि ो क वकत चरम पर होती ह। ह समची आबथाी क सवथासथ पर बरथा परभथाव डथालती ह। हथालथानक, आबथाी म अनतसव िशील खथासकर बचो म इसकथा असर अनिक ही ह। बचो पर वथा परषण क परनतकल असर पडि क कई कथारण ह। जनम क बथा लगथातथार फफड कथा बढत जथािथा, शरीर की रोग परनतरोिक कषमतथा कथा नवकनसत होिथा और जथाथा सनरि जीविशली इि कथारणो म परमख ह। बच जथाथा वकत घरो स बथाहर रहत ह और इस ौरथाि व जथाथा सनरि होत ह। नलहथाजथा वसको की तलिथा म बच जथाथा परनषत हवथा सथास क मथाधम स अ र खीचत ह।

बचो को बथाहरी वथातथावरण क सथा ही घर क भीतर मौज वथा परषण की मथार भी झलिी पडती ह। बच जब सकल जथाि लथाक िही होत, तो जथाथा वकत घरो म नबतथात ह और इस ौरथाि घरो क भीतर मौज परनषत हवथा उनह कथाफी िकसथाि पहचथाती ह। खथासतौर स जो घर हवथाथार (वनिलिड) िही होत और जहथा बथाोमथास ईिि कथा इसतमथाल ऊजथादि जररतो क नलए परमखतथा स नकथा जथातथा ह, वहथा बचो को शवसि सबिी जनिल रोगो कथा सथामिथा करिथा पडतथा ह। इसम सबस जथाथा असर फफडो पर पडतथा ह।

भथारत व अन शो म हए तमथाम शोिो म परमथानणत हआ ह नक परनषत कषतो म पलि-बढिवथाल बचो म ऊपरी और निचली शवथास सबिी सरिमण कथा खतरथा जथाथा होतथा ह। उनह एलजजी व मथा होि की जथाथा सभथाविथा रहती ह। मथा क पवदिवतजी कमजोररो क कथारण उनह असपतथाल म भतजी करथाि की जररत भी पड सकती ह। सच तो ह नक वथा परषण कथा िकथारथातमक असर जनम स पहल ही नखि लगतथा ह। हथाल क वषषो म सथामि आथा ह नक जो गभदिवती मनहलथाए परनषत हवथा क अनिक सपकक म रहती ह, उिम गभदिपथात, सम स पहल बच कथा जनम, िवजथात क वजि म कमी व िवजथात कथा मतजनम आन कथा खतरथा बिथा रहतथा ह। अनिक परनषत कषतो म बढ रह बचो क फफडो कथा सवथासथ खरथाब होतथा ह और इसकी वजह स अनिक सवथासथ सवथाए लिी पडती ह। ह आन दिक बोझ बढथातथा ह और इसस शकषनणक परशदिि भी परभथानवत होतथा ह। नलली म हमि बचो क फफडो क नवकथास पर एक शोि नकथा। िवजथात बचो क फफड जनम क बथा आठ वषदि तक बढत रहत ह। तब तक फफडो म वथा क आथाि-परथाि की सभी इकथाइथा नवकनसत िही हो पथाती। जब बचो की लमबथाई बढती ह, तो फफड भी बढत ह। हमथार शोि क पररणथामो

स पतथा चलथा नक आठ वषदि की उमर तक शवत िसल क बचो और भथारती बचो कथा नवकथास कमोबश एक-सथा होतथा ह, नजसकथा मतलब ह नक ोिो क फफडो कथा नवकथास भी एक समथाि होतथा ह। हथालथानक, इसक बथा भथारती बचो म फफडो की वनधि र बह िीमी होती ह और 18 वषदि की उमर तक फफडो कथा आकथार 15 स 20 फीसी छोिथा ही रह जथातथा ह। इस फकक क पीछ आिवनशक, पौषिक आहथार और वथा परषण समत अन पथादिवरणी कथारण हो सकत ह। अमररकथा म हए एक शोि ि भी हमथार शोि पररणथामो पर महर लगथाई ह। नजि बचो कथा पथालि-पोषण जथाथा परनषत इलथाको म होतथा ह, उि बचो म फफडो क नवकथास की रफतथार

िीमी होि कथा खतरथा होतथा ह। एक अन शोि म पतथा चलथा ह नक जो असमथा स पीनडत लडनकथा व लडक ओजोि क उच-सतर वथाल कषतो म जथाथा वकत नबतथात ह, उिक फफड कम कथाम करत ह। फफडो कथा छोिथा आकथार शथारीररक नरिथा-कलथापो को भी परभथानवत करतथा ह नजसस बच खलक क कषत म बहतर परशदिि िही कर पथात ह कोनक खलक क नलए मजबती और ि दि की जररत पडती ह। इसक सथा ही छोि फफडो क सथा वसक होि क िकसथाि भी ह। इसस फफड क कछ रोगो जस फफडो म हवथा की आवथाजथाही म रकथावि क खतर बढ जथात ह। वथा परषण स बचो की कोनशकथाओ म कसर होि की आशकथा रहती ह, नजसस कसर रोगो कथा खतरथा बढ जथातथा ह।

सबत भी ह नक वथा परषण कम करि स बचो क सवथासथ की सरकषथा करि म म नमल सकती ह। भी नखथा ह नक परषण नितण उपथाो क बथा बचो कथा पथालि-पोषण अगर सथाफ आबोहवथा म नकथा जथाए, तो उिक फफड बहतर ढग स कथाम करत ह। शोि म पतथा चलथा ह नक वथा की गणवतथा म सिथार होि स बचो म मथा क लकषण कम नख, चथाह उनह मथा हो था ि हो। नजि समथाो म वथा की गणवतथा म सबस जथाथा सिथार आथा, उि सम थाो क बचो म नितम लकषण नमल। अन शोिो म पतथा चलथा ह नक नजि वषषो म परषण कम हए उि वषषो म बचो म ीघदिकथानलक कफ, कठ म सजि, जकथाम और ित शो क लकषण कम नख। अतः वथा परषण को निनतत करिथा बथाल सवथासथ क स भदि म समथाज और रथाटर क नलए वथासतनवक लथाभ कथा वथाथा करतथा ह।

(लखक िई नलली षसत परथाइमस सपरसपनशएनलिी असपतथाल म पलमिरी, सलीप व नरिनिकल कर मनडनसि क नवभथागथाधकष ह)

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आवरण कथावरष स कम उमर क बचचो की मतय क लिए नवजात लवकारचो क बाद एिआरआई दसरा सबस बडा कारक ह। नवजात ानी 28 लदन की उमर वाि बच होत जो जनम सबधी लवकारचो क कारण दम तोड दत ह। 1990 स 2000 तक एक दशक क दौरान कि मत य क आकड म 20 फीसदी की कमी आई जबलक 2000 स 2010 तक 32 फीसदी की कमी दजष की गई। जबलक 2010 स 2017 तक भी 32 फीसदी की कमी दजष की गई। ानी मतय दर पर लनतरण की रफतार भी थम सी गई ह। इस मामि पर भारती आयलवषजान ससथान (एमस), नई लदलिी क फफडा रोग लवशरज लवज हडा न कहा लक लजनह हम बीमार राज कहत ह, उनम ही बचचो की मतय दर सबस जादा ह। ऐसी ससथलत इसलिए ह कचोलक सवासथ सवाए बहतर नही हो पाई ह। जबलक डाररा, खसरा और अन का षकरमचो को िक लका गा लजसम जागरकता क बाद सयधार हयआ ह। लद वाय परदरण को िक लका जाए तो शवसन और फफडचो क रोग स बचचो की मत य पर रोकथाम सभव ह।

बीत कछ वरषो स ह गौर लका गा ह लक दीपाविी क बाद असपतािचो म सास की तकिीफ बढ जान क बाद बडी सखा म बचचो को असपतािचो म भतती करना पडता ह। इतना ही नही,

दीपाविी क वकत भि ही लदलिी-एनसीआर म सजग रहन का अिामष बजा लदा जाता ह िलकन दसरी राजधालना और छोट परदलरत शहर तक खतर क घटी की आवाज नही पहयचती। पटाखचो स भी लनकिन वाि खतरनाक धयए और पीएम 2.5 क सबस जादा लशकार बच ही होत ह।

2018 म उचतम नााि न लदलिी-एनसीआर म दीपाविी क दौरान पटाखचो को जिान और दागन पर लनतरण का आदश लदा था। इसक बाद जन, 2019 म पटाखचो स बचचो क सवासथ पर पडन वाि परभाव को िकर एक अधन परकालशत लका गा। इस शोध पतर को महाराषटर क सालवतरीबाई फि पयण लवशवलवदाि क इटरलडसपिनरी सककि ऑफ हलथ साइसज और चसट ररसचष फाउडशन की ओर स लका गा था। इसक परमयख शोधकताष आर शाह थ। शोध पतर क मयतालबक ऐस पटाख लजनक नजदीक जाकर बचचो को उसका इसतमाि करना पडता ह व पालटटिकिट मटर 2.5 क दयषपरभाव को झित ह। अधन म सक टबिट म सबस जादा पीएम 2.5 का परदरण पाा गा। इसक बाद चटाई (गारिड), लफर पयिपयि, छरछररा, चकरी और अनार पीएम 2.5 का परदरण पदा करत ह। इसक न लसफफ तातकालिक दयषपरभाव हो सकत ह बसलक दीघष अवलध वाि फफडचो क सकरमण भी परशान कर सकत ह।

एमस क लवज हडा कहत ह, “आज भी शवसन रोग और लनमोलना बचचो की मौत का सबस बडा कारण ह। खासतौर स

बचचो म फफड छोट होत ह और इसी दौरान व जादा सास ित ह िलकन परदरण की उतनी ही मातरा उनक फफडचो म भी जाती ह लजतनी लकसी वसक क। ऐसी ससथलत म न लसफफ बचचो क फफड परदरण की मार को झिन म असमथष होत ह बसलक उनक अन ऑगषन भी इसकी चपट म आ जात ह।” (दख, परदरण का बचचो पर परभाव, पषठ 37)

बचचो की मौत क जिमममदार कौन? वाय परदरण पर लनतरण क लिए कोई ठोस का ष ोजना जमीन पर नही उतारी जा सकी ह। आईआईटी कानपयर की ओर स 30 लसतबर को जपयर म वाय परदरण पर लनतरण क लिए डाफट पिान परदरण लनतरण बोडटि को लदा गा ह। इसम परदरण क कारणचो म डीजि बसचो , टररलफक जाम, अवध बस सटड, ररहाशी इिाक म औदोलगक इकाइा व अब भी 20 फीसदी घरचो म एिपीजी न होन, पराकलतक धि जसी समसाओ को लचसनहत लका गा ह। इस डाफट पर कब तक जमीनी काम शयर होगा? इस सवाि का जवाब राजसथान परदरण लनतरण बोडटि क पास अभी नही ह। डाफट पर लवभागवार बठक होगी इसक बाद ही काम शयर होगा। वही, ईट भटचो की लचमनी को लजग-जग करन

क आदश पर भी अभी तक राजसथान म पािन नही हो पाा ह। हाि ही म परदरण लनतरण बोडटि न सभी समीका अलधकाररचो को पतर लिखकर वसतय ससथलत बतान को कहा ह। तीन महीन बीत गए ह, अभी तक बोडटि को ससथलत नही मािम ह। लबहार की राजधानी पटना म वाय परदरण क कारण बचचो पर पडन वाि परभाव को िकर पाच वरष पवष पटना मलडकि कॉिज व असपताि (पीएमसीएच) मलडकि कॉिज और परदरण लनतरण बोडटि न अधन लका था। इस अधन म शालमि लचलकतसक लनगम परकाश न बताा लक जहा सघन आबादी और वाहनचो की जबरदसत सखा थी वहा वाय परदरण अलधक रहा। इसका जादा असर 5 वरष स कम उमर क बचचो क फफडचो पर पडा। लबहार परदरण लनतरण बोडटि व एमस पटना क साथ लमिकर वाय परदरण और उसक परभाव को िकर अधन की शयरआत की ह। इस अधन म शालमि एमस क नीरज अगरवाि न बताा लक इसम तीन वरष िगग। राज मासम की मौतचो स लचलतत नही लदखाई दत। वही, इन राजचो क लजिचो क एकशन पिान क बार म सोचना अभी काफी दर की कौडी होगी।

बहरहाि जब तक आप ह ररपोटटि पढ कर खतम करग तब तक इस दश म पाच वरष स कम उमर वाि 10 स जादा मासम बचचो की मौत लनचि फफड क सकरमण स हो चयकी होगी। आलखरकार इसका लजममदार कौन होगा?

(साथ म शामभवी शयकिा )

डायरिया, खसिा जसी बीमारियो को लकय ककया गया तो उसस होन वाली बचो की मौतो म कमी आई लककन वाय परदषण की अनदखी स उपजी बीमारिया आज भी बचो क जीवन की काल बनी हई ह

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