से लाग ू करने के खलाफ वरोध दश न ......• जल क...

17
28 सतबर 2019 - समाचार वलेषण सामाय अययन 2 से संबंधत राजयवथा और शासन : वर सम ने नागरकता वधेयक को फर से लाग करने के खलाफ वरोध दशन कया : संग : वर राय गैर-सरकार संगठन ने नागरकता (संशोधन) वधेयक को फर से लाग करने के सरकार मंशा के खलाफ वरोध करने का फै सला कया है नागरकता संशोधन वधेयक : नागरकता संशोधन वधेयक अफगानतान, बांलादेश और पाकतान से अपसंयक सम दाय से आए अवैध वासय को भारतीय नागरकता के लए पा होने अन मत देता है इस वधेयक के जरए अफगानतान, बांलादेश और पाकतान के हंद ओं , सख, बौध, जैन, पारसय और ईसाईय को बना वैध दतावेज के भारतीय नागरकता देने का ताव रखा है इसके लए उनके नवास काल को 11 वष से घटाकर छह वष कर दया गया है यानी अब ये शरणाथ 6 साल बाद भारतीय नागरकता के लए आवेदन कर सकते वतमान आवयकता 12 वष के वास है वधेयक यह ावधान करता है भारत के वासी नागरक काडधारक का पंजीकरण रद कया जा सकता है यद वे कसी कान का उलंघन करते जनवर 2019 तावत कान को लोकसभा ने मंज दे थी लेकन रायसभा इसे पेश नहं कया गया थाचंताएँ और आलोचनाएँ : वधेयक को वदेशी सम दाय के लए एक जनसांियकय खतरा माना जाता है बांलादेश, पाकतान और अफगानतान से गैर-िलम अपसंयक को नागरकता देने के के कदम को एक बड़ा खतरा माना जा रहा है , जो लोकतं भावना को भावत करेगा

Upload: others

Post on 10-Mar-2020

17 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • 28 �सत�बर 2019 - समाचार �व�लेषण

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत राज�यव�था और शासन : पवू��र समहू� ने नाग�रकता �वधेयक को �फर से लागू करने के �खलाफ �वरोध �दश�न �कया :

    �संग : • पवू��र रा�य� म� गैर-सरकार� संगठन� ने नाग�रकता (संशोधन) �वधेयक को �फर से लागू करने के सरकार क� मंशा के �खलाफ �वरोध करने का फैसला �कया है।

    नाग�रकता संशोधन �वधेयक : • नाग�रकता संशोधन �वधेयक अफगा�न�तान, बां�लादेश और पा�क�तान से कुछ अ�पसं�यक समदुाय� से आए अवधै �वा�सय� को भारतीय नाग�रकता के �लए पा� होने क� अनमु�त देता है।

    • इस �वधेयक के ज�रए अफगा�न�तान, बां�लादेश और पा�क�तान के �हदंओु,ं �सख�, बौ�ध�, जनै, पार�सय� और ईसाईय� को �बना वधै द�तावेज के भारतीय नाग�रकता देने का ��ताव रखा है। इसके �लए उनके �नवास काल को 11 वष� से घटाकर छह वष� कर �दया गया है। यानी अब ये शरणाथ� 6 साल बाद ह� भारतीय नाग�रकता के �लए आवेदन कर सकत ेह�। वत�मान आव�यकता 12 वष� के �वास क� है।

    • �वधेयक यह �ावधान करता है �क भारत के �वासी नाग�रक काड�धारक� का पंजीकरण र�द �कया जा सकता है य�द वे �कसी काननू का उ�लंघन करत ेह�।

    • जनवर� 2019 म� ��ता�वत काननू को लोकसभा ने मंजरू� दे द� थी ले�कन रा�यसभा म� इसे पेश नह�ं �कया गया था।

    �चतंाएँ और आलोचनाएँ : • �वधेयक को �वदेशी समदुाय� के �लए एक जनसांि�यक�य खतरा माना जाता है।

    • बां�लादेश, पा�क�तान और अफगा�न�तान से गैर-मिु�लम अ�पसं�यक� को नाग�रकता देने के क� � के कदम को एक बड़ा खतरा माना जा रहा है, जो लोकतं� क� भावना को �भा�वत करेगा।

  • • �वधेयक अवधै �वा�सय� को धम� के आधार पर नाग�रकता के �लए यो�य बनाता है। यह सं�वधान के अन�ुछेद 14 का उ�लंघन कर सकता है जो समानता के अ�धकार क� गारंट� देता है।

    • �वधेयक के अनसुार अफगा�न�तान, बां�लादेश और पा�क�तान के अवधै �वासी जो मिु�लम ह�, अ�य अ�पसं�यक जो �बल म� व�ण�त समहू� से संबं�धत नह�ं ह� (जसेै यहूद�), या नाि�तक जो �कसी धा�म�क समहू के साथ पहचान नह� ंरखत ेह�, वे नाग�रकता के पा� नह�ं ह�गे, इसे भी अन�ुछेद 14 के उ�लंघन के �प म� देखा जाता है।

    • इस �वधेयक को इस �े� म� अवधै �वा�सय� क� नाग�रकता को �वाभा�वक बनाने का �यास माना जाता है। नाग�रक समाज समहू� ने ��ता�वत �वधेयक के वत�मान �व�प का कड़ा �वरोध �कया है जो भारतीय नाग�रक बनने के मानदंड� को �श�थल करके देश क� नाग�रकता और आ�जन मानदंड� म� भार� बदलाव करना चाहता है।

    • �वधेयक �कसी भी काननू के उ�लंघन के �लए OCI (भारत का �वदेशी नाग�रक) पंजीकरण को र�द करने क� अनमु�त देता है। इसम� कई �कार के उ�लंघन शा�मल हो सकत ेह�, िजनम� मामलू� अपराध (जसेै- नो-पा�क� ग ज़ोन म� पा�क� ग) शा�मल ह�।

    �या यह नाग�रक� के रा���य रिज�टर (NRC) के साथ �व��ध-उ�दे�य� पर है? • NRC को बां�लादेश और अ�य देश� से आए अवधै �वा�सय� को अलग करने के �लए नाग�रकता अ�ध�नयम के तहत अ�यतन �कया गया था।

    • �वरासत डटेा (1951 के NRC डटेा क� साम�ूहक सचूी) और 24 माच� 1971 तक मतदाता सचूी का �व�लेषण NRC को अपडटे करने के �लए �कया गया था।

    • संशोधन 1 जनवर� 1966 और 24 माच� 1974 के बीच बां�लादेश से असम आए गैर-मिु�लम अ�पसं�यक� को नाग�रकता �ा�त करने का माग� �श�त करता है।

    • जातीय अस�मया समहू� और �े�ीय दल� का कहना है �क यह NRC को नकारता है।

    �ववरण : • नॉथ� ई�ट फोरम फॉर इंडीजेनस पीपल (NEFIP) ने आठ उ�र-पवू� रा�य� क� सभी �वधानसभाओ ंको �वधेयक के �खलाफ ��ताव लाने को कहा है।

  • • उ�ह�ने क� � से �वदेशी लोग� के अ�धकार� पर संय�ुत रा�� घोषणा को लागू करने के �लए आव�यक कदम उठाने का आ�ह �कया है।

    • NEFIP सात पवू��र रा�य� के 250 सामािजक संगठन� का एक समहू है।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत �वा��य : वाय ु�दषूण से �दल का दौरा पड़ने क� संभावना बढ़� :

    �संग : • एक अ�ययन से पता चला है �क वाय ु�दषूण �दय रोग� के �लए ध�ूपान के समक� हो सकता है।

    �चतंाएं : • अ�ययन म� पाया गया �क लगभग 35% रोगी, िजनम� कोई पारंप�रक जो�खम कारक नह�ं था, वाय ु�दषूण से जड़ु ेकारण� के कारण �दय रोग� (CAD) से पी�ड़त ह�।

    • इससे पहले, वाय ु�दषूण केवल �वसन रोग� से ह� जड़ुा हुआ था। • हाल के �दन� म�, कई नदैा�नक अ�ययन� ने �दय रोग� के कारण के �प म� वाय ु�दषूण क� भ�ूमका को सा�बत �कया है। • यह पाया गया है �क वाय ु�दषूण के कारण ध�ूपान से कह�ं अ�धक लोग �भा�वत होत� है। • एक लाख भारतीय� म� से, लगभग 200 लोग वाय ु�दषूण के कारण �दल क� बीमा�रय� से ��त ह�।

    �ववरण : • अ�ययन �ी जयदेव इं�ट��यटू ऑफ का�ड �योवा�कुलर साइंसेज एंड �रसच� �वारा आयोिजत �कया गया था, जो �क NIMHANS और स�ट जॉन �रसच� स�टर, ब�गल�ु जसेै सं�थान� के साथ जड़ुा हुआ है।

    • अ�ययन 29 �सतंबर को मनाये जाने वाले �व�व �दय �दवस से एक �दन पहले जार� �कया गया था।

    • उन लोग� पर गहन शोध �कया गया िजनम� कोई भी जो�खम वाले कारक नह�ं थे, िज�ह� �दय रोग थे, उ�ह�ने खलुासा �कया �क उनके र�त म� ह�मो�लो�बन का �तर अ�धक था। ले�कन िजस तरह के कारबॉ�सीहेमो�लो�बन का �तर �वशषे �प से �ाइवर� म� देखा गया है वह एक �व�थ कारक के �प म� वाय ु�दषूण को उजागर नह�ं करता है।

  • • अ�ययन इस त�य पर �काश डालता है �क अ�धकतर यवुा भारतीय �दय रोग� क� चपेट म� ह� और वाय ु�दषूण �दल के दौरे के �लए एक उभरता हुआ जो�खम कारक है।

    • �रपोट� म� कहा गया है �क ब�गल�ु म� प�रवहन उ�सज�न के �मखु �ोत� म� से एक है। ब�गल�ु म� PM10 का वा�ष�क औसत अभी भी रा���य प�रवेश वाय ुगुणव�ा मानक� से लगभग 1.5 गुना है, जो �वा��य पर ��तकूल �भाव डाल सकता है।

    रा���य प�रवेशी वाय ुगुणव�ा मानक : • रा���य प�रवेशी वाय ुगुणव�ा मानक क� ��य �दषूण �नयं�ण बोड� �वारा �नधा��रत प�रवेशी वाय ुगुणव�ा का मानक ह� जो देश भर म� लागू ह�।

    • क� ��य �दषूण �नयं�ण बोड� को वाय ु(�दषूण क� रोकथाम और �नयं�ण) अ�ध�नयम, 1981 �वारा यह शि�त �दान क� गई है।

    • वाय ुगुणव�ा क� माप आठ �दषूक�, अथा�त,् PM2.5, स�फर डाइऑ�साइड (SO2), नाइ�ोजन डाइऑ�साइड (NO2), PM10, लेड (Pb), काब�न मोनोऑ�साइड (CO), ओजोन, अमो�नया (NH3) पर आधा�रत है।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत �वा��य : �स�लको�सस का इलाज कर�, न �क ट�बी का : म�य �देश खनन कम�

    �संग : • �स�लको�सस से पी�ड़त म�य �देश के गंज बासोड़ा िजले के ख�नक� ने इलाज हेत ुपया��त मआुवजे के �लए खदु को संग�ठत करने और तपे�दक के बजाय �स�लको�सस के सह� उपचार के �लए सरकार से अपील करने का फैसला �कया है।

    म�ुदा : • िजले के 40 गांव� के लगभग 10,000 ख�नक सांस क� बीमार� के खतरे का सामना कर रहे ह�।

    • गंज बासोड़ा के पथार गांव म�, जहाँ आ�दवासी सरपंच खदु एक ख�नक है, सह�रया जनजा�त के 600 लोग� म� 40 म�हलाओ ंने अपने प�त को �स�लको�सस बीमार� के कारण खो चकु� ह�।

  • • �स�लको�सस एक बीमार� है जो सांस लेने के दौरान �स�लका कण� और टूटे प�थर� क� धलू क� वजह से होती है। जाग�कता क� कमी के कारण इसे अ�सर तपे�दक समझा जाता है। • इस बीमार� को लाइलाज माना जाता है, ले�कन अगर समय पर सावधानी बरती जाए तो लोग खदु को इससे बचा सकत ेह�।

    • यह देखा गया है �क सरकार �स�लको�सस क� सीमा को �वीकार करने के �लए तयैार नह�ं है, और इसके बजाय ट�बी का इलाज करने के �लए तयैार है।

    �स�लको�सस : • यह एक �कार का �यावसा�यक फेफड़ा रोग है जो साँस लेने के दौरान �स�लका कण� के कारण होता है, और फेफड़� क� द�वार� पर धीरे-धीरे जम कर एक मोट� परत बना लेत ेह�। इससे फेफड़ ेठ�क से फैलना और �सकुड़ना बंद कर देत ेह�। इससे सांस लेने म� काफ� तकल�फ होती है। धीरे-धीरे सांस लेने क� परू� ���या को यह �भा�वत करता है और आ�खरकार आदमी क� मौत हो जाती है।

    • यह एक �कार का �यमूोको�नयो�सस है। • इसे ख�नक के फ�थस, �ाइंडर के अ�थमा, कु�हार के रोट आ�द के �प म� भी जाना जाता है। • �स�लको�सस के ल�ण सांस क� तकल�फ, खांसी, बखुार, और �सयानो�सस (नील� �वचा) है। • �स�लको�सस एक �थायी बीमार� है िजसका कोई इलाज नह�ं है।

    • �स�लको�सस को रोकने का सबसे अ�छा तर�का काय�-�थान क� ग�त�व�धय� क� पहचान करना है, जहाँ �वसनीय ���टल�य �स�लका धलू का उ�पादन होता हो और �फर धलू को ख�म या �नयं��त �कया जा सकता हो।

    • जहां धलू �नकलती है वहां वाटर ��े (पानी क� बौछार) का उपयोग �कया जा सकता है। श�ुक वाय ु�फ़�ट�रगं के मा�यम से भी धलू को भी �नयं��त �कया जा सकता है।

    • गुड़ (एक पारंप�रक चीनी) (JAGGERY) म� �स�लको�सस के �खलाफ एक �नवारक कार�वाई क� �मता है।

    �ववरण : • ��मक जोधपरु क� राज ूदेवी से �ेरणा ले रहे ह�, िज�ह�ने �स�लको�सस के कारण अपने प�त क� म�ृय ुके बाद, लगभग 25,000 ख�नक� को संग�ठत �कया और उनके अ�धकार� को हा�सल �कया।

  • • �यमूोको�नयो�सस (Pneumoconiosis) बोड� रो�गय� को �माणप� जार� करता है, िजससे वे सरकार क� �व�ीय सहायता हेत ुपा� बनत ेह�। • भारत म� �स�लको�सस को ख�म करने क� म�ुय चनुौती उ�योग� का अनौपचा�रक, अ�नयं��त �े�� म� होना है जो भारत के कारखाना अ�ध�नयम (1948) जसेै वधैा�नक काननू� के �नयं�ण म� नह�ं आत ेह�।

    • अनौपचा�रक �े� म� �स�लको�सस �भा�वत ��मक वधैा�नक संर�ण के हकदार नह�ं होत ेह�, जो उ�ह� खतरनाक वातावरण या ��तप�ूत � से वं�चत कर देगा िजसके कारण उ�ह� काम छोड़ना पड़ जाता है।

    • �नरंतर अनावरण से �च�क�सक� को बीमार� का �बंधन करना मिु�कल हो जाता है।

    • इसके अलावा, भारत म� अ�धकांश �ाथ�मक देखभाल �च�क�सक� को �यावसा�यक �वा��य रोग� के �बंधन के �लए ��श��त नह�ं �कया जाता है।

    • �स�लका के साथ लंबे समय तक संपक� म� रहने पर ��मक� म� तपे�दक सं�मण का खतरा बढ़ जाता है और पहले से मौजदू फु�फुसीय तपे�दक बढ़ जाता है। �वभेदक �नदान (Differential diagnosis) एक चनुौती बनी हुई है।

    भावी कदम : • �स�लका के संपक� म� आने वाले ��मक� को �ाथ�मक, मा�य�मक और ततृीयक �तर क� �वा��य स�ुवधाओ ंम� �न: श�ुक नदैा�नक और उपचार क� स�ुवधा के साथ-साथ रो�गय� को परामश� �दया जाता है �क वे धलू भर� साँस लेने से कैसे बच� और बीमार� क� ग�त को कैसे रोक� ।

    • �थानीय भाषा म� म�ु�त सचूना साम�ी के मा�यम से जाग�कता बढ़ाई जानी चा�हए।

    • �स�लको�सस-जो�खम वाले िजल� म� �स�लको�सस �वा��य देखभाल इकाइय� क� �थापना क� ज�रत है, जहां छाती का ए�स-रे और फु�फुसीय काय� पर��ण �कया जाता हो।

    • सम�ुचत �नगरानी स�ुनि�चत करने के �लए गैर-सरकार� संगठन� क� स��य भागीदार� के साथ �स�लका का उपयोग करने वाले उ�योग� का �नय�मत �नर��ण �कया जाना चा�हए।

  • • �स�लका धलू के �बंधन के �लए लागत �भावी इंजी�नय�रगं �नयं�ण उपाय� को �वक�सत करने और बढ़ावा देने क� आव�यकता है।

    • भारत म� एक �स�लको�सस �नयं�ण काय��म �था�पत �कया जाना चा�हए। • �स�लको�यबूर�लो�सस के बढ़ने जसैी संभावना वाले लोग� के �बंधन क� �दशा म� संशो�धत भारतीय रा���य तपे�दक �नयं�ण काय��म के तहत �यापक �दशा�नद�श� क� आव�यकता है।

    �न�कष� : • �स�लको�सस और �स�लको�यबूर�लो�सस के �बंधन म� कई नदैा�नक और प�रचालन चनुौ�तय� के बावजदू, भारत सरकार के पास रोकथाम, उपचार, पनुवा�स, मआुवजा और अनवुत� पर एक �यापक नी�त ढांचा तयैार करने का अवसर है। �स�लको�सस और �स�लको�यबूरकुलो�सस के बोझ के द�तावेजीकरण के �लए स��य मामले क� खोज पर कार�वाई क� ज�रत है।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत अतंरा����य संबंध : पंचशील �स�धांत शां�त के �लए होना चा�हए :

    �संग : • चीनी दतू ने भारत से नेह�वाद� यगु म� शां�तपणू� सह-अि�त�व के �स�धांत का पालन करने का आ�ह �कया।

    �ववरण : • पीप�ुस �रपि�लक ऑफ चाइना क� �थापना क� 70 वीं वष�गांठ का ज�न मनाने के �लए आयोिजत एक साव�ज�नक �वागत समारोह म�, राजदतू ने कहा �क 2018 म� वहुान �शखर स�मेलन के बाद भारत-चीन ��वप�ीय संबंध� को एक नया बढ़ावा �मला है और परुाने मतभेद� को संबो�धत �कया जा रहा है।

    पंचशील सं�ध : • पंचशील सं�ध या शां�तपणू� सह-अि�त�व के पांच �स�धांत भारत और चीन के बीच संबंध� के आधार के �स�धांत� क� एक �ृंखला है।

    • पंचशील सं�ध का पहला औपचा�रक सं�हताकरण चीन के �त�बत �े� और भारत के बीच �यापार और सहयोग के �लए दोन� देश� के बीच समझौत ेके �प म� था।

  • • इस समझौत ेपर त�काल�न भारतीय �धानमं�ी जवाहरलाल नेह� और चीनी �धानमं�ी झोउ एनलाई (Zhou Enlai) ने 29 अ�लै 1954 को ह�ता�र �कए थे।

    • शां�तपणू� सह-अि�त�व के पांच �स�धांत ह�- 1. एक दसूरे क� �े�ीय अखंडता और सं�भतुा के �लए पार�प�रक स�मान 2. पार�प�रक गैर-आ�ामकता 3. पार�प�रक गैर-ह�त�ेप 4. समानता और पार�प�रक लाभ 5. शां�तपणू� सह-अि�त�व

    सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से संबं�धत पया�वरण और पा�रि�थ�तक� : अप�श�ट �बंधन पर �यान क� ��त करने के �लए 10 वष�य �व�छता योजना :

    �संग : • जल शि�त मं�ालय के पेयजल और �व�छता �वभाग (DDWS) ने 10 वष�य �ामीण �व�छता रणनी�त (2019-2029) श�ु क� है।

    अब तक क� �ग�त : 2014 म� SBM-G के लॉ�च के बाद से, • �ामीण �े�� म� 10 करोड़ से अ�धक शौचालय बनाए गए ह�। • 5.9 लाख से अ�धक गांव�, 699 िजल� और 35 रा�य� / क� �शा�सत �देश� ने खदु को खलेु म� शौच म�ुत (ODF) घो�षत �कया है। • हाल के वष� म�, भारत म� एक �व�छता �ां�त देखी गई है, और SBM-G ने खदु को एक जन आदंोलन म� बदल �दया है।

    �ववरण : • �ामीण �व�छता रणनी�त �व�छ भारत �मशन �ामीण (SBM-G) के तहत �ा�त �व�छता �यवहार प�रवत�न को बनाए रखने पर �यान क� ��त करेगी और यह स�ुनि�चत करेगी �क कोई भी पीछे न छूटे।

  • • इसका उ�दे�य ठोस और तरल अप�श�ट �बंधन तक पहंुच बढ़ाना है।

    • 10 साल क� रणनी�त रा�य� / क� �शा�सत �देश� क� �मता को मजबतू बनाने, IEC (सचूना, �श�ा और संचार), ज�ैवक अप�श�ट �बंधन, �लाि�टक अप�श�ट �बंधन, �ेवाटर �बंधन और �लकै वाटर �बंधन के मा�यम से �मशन के लाभ को बनाए रखने के अपने �यास� को जार� रखने क� आव�यकता पर क� ��त है।

    • यह रणनी�त रा�य सरकार� और अ�य �हतधारक� के परामश� से DDWS �वारा तयैार क� गई है।

    • यह ODF �लस के �लए अपनी योजना म� �थानीय सरकार�, नी�त �नधा�रक�, काया��वयनकता�ओ ंऔर अ�य संबं�धत �हतधारक� का माग�दश�न करने के �लए एक �परेखा तयैार करता है, जहां हर कोई शौचालय का उपयोग करता है, और ��येक गांव म� ठोस और तरल अप�श�ट �बंधन होता है।

    • यह रणनी�त �वकास सहयो�गय�, नाग�रक समाज और अतंर-सरकार� भागीदार� के साथ संभा�वत सहयोग के बारे म� भी बताती है। यह �व�छता �व�पोषण के �लए अ�भनव मॉडल पर भी �काश डालती है।

    सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत अ�तरा����य संबंध : संपादक�य : अन�ुछेद 370 पर इ�ला�मक सहयोग संगठन क� �ट�पणी :

    �संग : • नई �द�ल� �वारा ज�म ूऔर क�मीर के �वशषे दज� को र�द करने के फैसले के बाद इ�ला�मक सहयोग संगठन (OIC) ने भारत से क�मीर म� अपने काय� को "रोकने" और संय�ुत रा�� सरु�ा प�रषद के ��ताव� का पालन करने के �लए कहा।

    • क�मीर पर OIC संपक� समहू के �वदेश मं��य� ने संय�ुत रा�� महासभा के 74 व� स� क� बठैक के दौरान ज�म ूऔर क�मीर म� अन�ुछेद 370 को र�द करने के भारत सरकार के फैसले और दो क� � शा�सत �देश� म� रा�य के �वभाजन पर चचा� क�।

    �या इसका भारत पर कोई �भाव है?

  • • 1990 के दशक के म�य से, जब यह संपक� समहू बना था, तब इसने पा�क�तान क� ओर से कई बयान जार� �कए थे। सऊद� अरब, अज़रबजैान, तकु�, नाइजर जसेै देश� ने सरकार के काय� क� आलोचना करत ेहुए बयान जार� �कए ह�।

    • ले�कन 57 देश� क� सद�यता का दावा करने वाले संगठन का �व�व मामल� म� बहुत ह� मामलू� �भाव है। • समहू के सभी देश अपनी-अपनी �ाथ�मकताओ ं के आधार पर बयान जार� करत ेरहे ह�।

    • उदाहरण के �लए, संय�ुत अरब अमीरात ने अन�ुछेद 370 पर नई �द�ल� के कदम पर एक ह�त ेसे अ�धक समय बाद, �धानमं�ी नर�� मोद� पर अपने सव��च नाग�रक परु�कार, ऑड�र ऑफ जायद को स�मा�नत �कया और घो�षत �कया �क क�मीर भारत का आतं�रक मामला था। • OIC सद�य रा��� के बीच के म�ुद� क� बात आती है तो OIC का संघष� समाधान का �रकॉड� खराब है।

    • �यावहा�रक �प म�, ज�म-ूक�मीर के �लए एक �वशषे दतू �नय�ुत करने स�हत, क�मीर पर �यान क� ��त करने का समहू का �यास �नरथ�क है।

    भावी कदम : • इस संगठन का गठन धा�म�क तज� पर हुआ था, ले�कन भरूाजनी�तक �हत� क� प�ूत � के �लए, इसम� भीतर से सधुार क� आव�यकता है। यह पा�क�तान को आतंकवाद पर अपनी रा�� नी�त को बदलने के �लए कहकर इसक� श�ु कर सकता है।

    • य�द OIC अपने सद�य� के बेहतर �दश�न या सऊद� अरब और यमन के बीच म�य�थता करने के �लए कुछ उपयोगी उपाय करता है तो OIC आने वाले �दन� म� बहुत बेहतर करेगा।

    • इसी समय नई �द�ल� को भी द�ुनया को यह �दखाना होगा �क उसक� नई क�मीर नी�त सभी क�मी�रय� के �हत म� है।

    इ�ला�मक सहयोग संगठन (OIC) : • इ�ला�मक सहयोग संगठन (OIC) संय�ुत रा�� के बाद दसूरा सबसे बड़ा अतंर-सरकार� संगठन है िजसम� चार महा�वीप� के कुल 57 देश इसके सद�य है।

  • • इस संगठन क� �थापना 25 �सतंबर 1969 को मोर�को के राबट म� हुए ऐ�तहा�सक �शखर स�मेलन म� क� गई थी। OIC के चाट�र को 1972 म� अपनाया गया।

    • इसका म�ुयालय जे�दा (सऊद� अरब) म� ि�थत है।

    • इसका उ�दे�य सद�य देश� के म�य आ�थ�क सामािजक सां�कृ�तक, व�ैा�नक और अ�य मह�वपणू� �े�� म� इ�लामी एकजटुता को �ो�साहन देना तथा अतंररा���य संगठन� से जड़ु ेसद�य� के म�य परामश� क� �यव�था करना, �कसी भी �प म� �व�यमान उप�नवेशवाद क� समाि�त तथा जातीय अलगाव और भेदभाव क� समाि�त के �लये �यास करना, �याय पर आधा�रत अतंररा���य शां�त और सरु�ा के �वकास के �लये आव�यक कदम उठाना, �व�व के सभी मसुलमान� क� ग�रमा, �वतं�ता और रा���य अ�धकार� क� र�ा करने के �लये उनके संघष� को मजबतूी �दान करना तथा सद�य देश� और अ�य देश� के म�य सहयोग और तालमेल को �ो�सा�हत करने के �लये एक उपय�ुत वातावरण तयैार करना है।

    मह�वपणू� त�य :

    1. �व� आयोग : • �व� आयोग एक संवधैा�नक �नकाय है जो स�वधंान केअन�ुछेद 280 के तहत रा��प�त �वारा क� � से रा�य� के �लए �व�ीय संसाधन� के ह�तांतरण क� �सफा�रश करने हेत ुहर पांच साल म� गठन �कया जाता है।

    • आयोग उन �स�धांत� को भी तय करता है िजन पर रा�य� को अनदुान �दया जाएगा।

    • आयोग का यह कत��य है �क वह रा��प�त को उन कर� क� श�ुध आय के �वतरण, जो क� � और रा�य� के बीच �वभािजत क� जानी ह� या हो सकती ह�, और ऐसी आय से संबं�धत शयेर� के रा�य� के बीच आवंटन के �लए �सफा�रश� दे।

    • क� � और रा�य� के बीच �व�ीय संबंध� का वण�न करना भी �व� आयोग क� िज़�मेदार� है। यह गैर-योजना राज�व संसाधन� के �वचलन के उ�दे�य को भी परूा करता है।

    • इसका गठन रा��प�त �वारा �कया जाता है और आयोग म� सभी �नयिु�तयां भी रा��प�त �वारा ह� क� जाती ह�। व��मान �व� आयोग (15वां) का गठन �ी N.K. �सहं क� आ�य�ता म� �कया गया है।

  • • �व� आयोग म� एक अ�य� और चार अ�य सद�य होत ेह�, िज�ह� रा��प�त �वारा �नय�ुत �कया जाता है।

    2. आपदा ��तरोधी संरचना के �लए गठबंधन : • भारत ने आपदा ��तरोधी संरचना के �लए गठबंधन (CDRI) बनाने के अपने इरादे क� घोषणा क� है, जो देश� को ब�ुनयाद� ढांचा प�रयोजनाओ ंके �डजाइन और �नमा�ण म� मदद करेगा ता�क ये �ाकृ�तक आपदाओ ंऔर जलवाय ुप�रवत�न के �भाव का सामना कर सके।

    • यह पहल भारत �वारा य.ूके., ऑ��े�लया, �फजी और मालद�व जसेै देश� के साथ �ाकृ�तक आपदाओ ंसे मकुाबला करने हेत ुब�ुनयाद� ढांचे के �नमा�ण के �लए श�ु क� गई है।

    • CDRI एक �वचार के �प म� पहल� बार नवंबर 2016 म� आपदा जो�खम म� कमी पर एक ए�शयाई मं�ी�तर�य स�मेलन के उ�घाटन के अवसर पर भारत के �धानमं�ी �वारा उ�ले�खत �कया गया था।

    • इसे 35 से अ�धक देश� के साथ �वचार-�वमश� के मा�यम से �वक�सत �कया गया है। • CDRI ने पा�रि�थ�तक�य अवसंरचना म� लचीलता �वक�सत करने, �वा��य और �श�ा पर ठोस जोर देने के साथ सामािजक अवसंरचना और प�रवहन, दरूसंचार, ऊजा� और पानी पर �वशषे �यान देने के साथ आ�थ�क ब�ुनयाद� ढांचे पर �यान क� ��त करने क� योजना बनाई है।

    • गठबंधन का अ�थायी स�चवालय �द�ल� म� NDMA म�ुयालय से संचा�लत होगा, जो भारत सरकार �वारा CDRI के �लए अलग से �नधा��रत धनरा�श का उपयोग करेगा।

    • यह माना जाता है �क CDRI �ान का सजृन और आदान-�दान करने और सद�य देश� को तकनीक� ब�ुनयाद� स�ुवधा �णाल� �वक�सत करने म� तकनीक� सहायता, ��श�ण और वकालत �दान करने के �लए एक मंच के �प म� उभर सकता है।

    �वचार यह है- • यह �वचार इस बात पर है �क िजन देश� म� �ाकृ�तक या मानव �न�म�त आपदाओ ंका �भाव पड़ता है, वहां मौजदूा ब�ुनयाद� ढाँचा वत�मान संकट के साथ-साथ भ�व�य के जो�खम� का सामना करने के �लए �कस �कार ससुि�जत है।

  • • यह �वचार उन मानक� को �वक�सत करने के �लए है जो इन चनुौ�तय� का सामना कर सक� और लोग� को रेल, सड़क�, हवाई अ�ड� या पलु� जसेै ब�ुनयाद� ढांचे के �डजाइन और �नमा�ण के �लए ��श��त कर सक� जो आपदा के म�देनजर कम �भाव डाल�गे।

    • �ान सजृन और आदान-�दान के �लए एक मंच के �प म� �था�पत, CDRI देश-�व�श�ट और विै�वक ग�त�व�धय� का संचालन करेगा।

    • CDRI का उ�दे�य ब�ुनयाद� सेवाओ ंतक साव�भौ�मक पहंुच के �व�तार और सतत �वकास ल�य� म� �न�हत सम�ृ�ध को स�म करने के उ�दे�य� को �ा�त करना है, जब�क आपदा जो�खम �यनूीकरण के �लए स�दाई �ेमवक� और पे�रस जलवाय ुसमझौत ेके अतंथ��त�छेदन पर काम करना भी है।

    3. दशहरा उ�सव : • दशहरा 10 �दन� का �योहार है, िजसक� श�ुआत नवरा�� (नवरा�� का अथ� नौ-रात�) और आ�खर� �दन �वजयदशमी से होती है।

    • 15 वीं शता�द� क� श�ुआत म� �वजयनगर सा�ा�य के राजाओ ंके साथ दशहरा उ�सव श�ु हुआ था।

    • इस �योहार ने 14 वीं शता�द� के �वजयनगर सा�ा�य म� एक ऐ�तहा�सक भ�ूमका �नभाई, जहां इसे महानवमी कहा जाता था और उ�सव को ह�पी के हजारा राम मं�दर क� बाहर� द�वार क� कलाकृ�त म� �दखाया गया है। • महा नवरा�� दशहरा महो�सव क� श�ुआत मसैरू म� राजा वोडयेार �थम (Wodeyar-1) ने क� थी।

    • मसैरू द��ण भारतीय रा�य कना�टक के �मखु शहर� म� से एक है। आजाद� के बाद तक, यह मसैरू के त�काल�न महाराज वोडयेस� क� राजधानी थी।

    4. धा�म�क उ�दे�य� के �लए सड़क को अव��ध करने का अ�धकार नह�ं : उ�च �यायालय • कना�टक के उ�च �यायालय ने वहृद ब�गलोर महानगर पा�लका स�हत ब�गल�ू के सभी शहर� नगर �नगम� को साव�ज�नक सड़क� और फुटपाथ� का अ�थायी �प से उपयोग करने के �लए �सं�करण अन�ुयोग� पर �दशा�नद�श जार� �कए ह�।

  • • �यायालय ने घोषणा क� है �क धा�म�क �योहार� या काय� के �लए सड़क� और फुटपाथ� पर अ�थायी ढांचे लगाने क� अनमु�त से इनकार करना भारत के सं�वधान के तहत धम� के म�ुत पेश,े अ�यास और �सार के �लए �वतं�ता का अ�धकार उ�लंघन नह�ं होगा।

    • इस बात का उ�लेख करत ेहुए �क धा�म�क उ�दे�य के �लए �कसी को साव�ज�नक सड़क� और ग�लय� का उपयोग करने का अ�धकार नह�ं �मल सकता है, पीठ ने कहा �क "भारतीय सं�वधान के अन�ुछेद 25 (अतं:करण क� और धम� को अबाध �प से मानने, आचरण और �चार करने क� �वतं�ता: कोई भी �यि�त �कसी भी धम� को मान सकता है और उसका �चार-�सार कर सकता है) के तहत अ�धकार साव�ज�नक सड़क और फुटपाथ तक नह�ं है।

    • ब�च ने यह �प�ट �कया �क धा�म�क �योहार� और काय� पर इसका संदभ� सभी धम� और समदुाय� पर लागू है।

    • हालां�क, �यायालय ने ये भी कहा �क अ�थायी संरचनाओ ंको रखने क� अनमु�त केवल यह स�ुनि�चत करने के बाद ह� द� जा सकती है �क ऐसी संरचनाएं �कसी भी यातायात बाधा का कारण नह�ं बन�गी।

    5. चीफ ऑफ �टाफ कमेट� (COSC) : • चीफ ऑफ �टाफ कमेट� (COSC) म� थल सेना, नौसेना और वाय ुसेना के �मखु शा�मल ह� और सबसे व�र�ठ सद�य को इसका अ�य� �नय�ुत �कया जाता है।

    • COSC के अ�य� को तीन सेवाओ ंके बीच तालमेल स�ुनि�चत करने और देश के सामने मौजदू बाहर� सरु�ा चनुौ�तय� से �नपटने के �लए एक साझा रणनी�त तयैार करने का काम स�पा गया है।

    • यह एक अ�त�र�त भ�ूमका है और इसका काय�काल बहुत छोटा होता है। • सरकार ने हालां�क घोषणा क� है �क वह एक चीफ ऑफ �डफ� स �टाफ (CDS) क� �नयिु�त करेगी, जो वत�मान ��कोणीय स�म�त (COSC) क� जगह लेगा।

    नोट : चीफ ऑफ �डफ� स �टाफ और चीफ ऑफ �टा�स कमेट� के बारे म� जानकार� के �लए 20 अग�त का समाचार �व�लेषण पढ़�।

    UPSC �ारं�भक पर��ा के �लए अ�यास ��न :

    ��न 1. "चाबहार बंदरगाह" के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�।

  • 1. चाबहार बंदरगाह अदन क� खाड़ी म� ि�थत है। 2. यह मकरान तट पर ि�थत है। 3. यह एकमा� ईरानी बंदरगाह है िजसक� सम�ु तक सीधी पहंुच है।

    �दए गए कथन म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 और 3 (c) केवल 2 (d) केवल 3

    उ�र : b �प�ट�करण : चाबहार बंदरगाह ओमान क� खाड़ी म� ि�थत है। यह द��ण-पवू� ईरान म� मकरान तट, चाबहार पर ि�थत है। यह एकमा� ईरानी बंदरगाह है, िजसक� सम�ु तक सीधी पहंुच है।

    ��न 2. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. कॉल मनी, नो�टस मनी और टम� मनी द�घा�व�ध फंड ह�। 2. कॉल मनी दर म� �गरावट तरलता म� व�ृ�ध का संकेत देती है।

    �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2

    उ�र : b �प�ट�करण : कॉल मनी, नो�टस मनी और टम� मनी लघअुव�ध फंड ह�। 1 �दन के �लए �न�धयां उधार लेने अथवा देने को ‘कॉल मनी’ कहा जाता है। जब 2 �दन से 14 �दन के बीच क� अव�ध के �लए धन उधार �लया अथवा �दया जाता है तो उसे ‘नो�टस मनी’ कहा जाता है। 14 �दन से अ�धक क� अव�ध के �लए �न�धयां उधार लेने / देने को ‘टम� मनी’ कहा जाता है। कॉल मनी / नो�टस मनी माक� ट सबसे अ�धक तरल मनी माक� ट है और �याज दर� के �लए �दन-��त�दन का सचूक है। कॉल मनी दर म� �गरावट तरलता म� व�ृ�ध का संकेत देती है।

  • ��न 3. इ�ला�मक सहयोग संगठन (OIC) के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. OIC का संय�ुत रा�� म� �थायी ��त�न�धमंडल ह�। 2. यह संय�ुत रा�� के बाद दसूरा सबसे बड़ा अतंर-सरकार� संगठन है। 3. यह अतंररा���य शां�त और स�भाव को बढ़ावा देने क� भावना म� मिु�लम द�ुनया के �हत� क� र�ा और सरु�ा के �लए काम करता है।

    �दए गए कथन� म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 3 (c) केवल 1 और 2 (d) 1, 2 और 3

    उ�र : d �प�ट�करण : �व-�या�या�मक

    ��न 4. �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�। 1. नंदनकानन �ाणी उ�यान द�ुनया म� भारतीय प�गो�लन का एकमा� संर��त �जनन क� � है। 2. यह भारत का एकमा� �ा�ण उ�यान है जो वाज़ा (World Association of Zoos and Aquariums) का एक सं�थागत सद�य है।

    �दए गए कथन म� से कौन सा सह� है / ह�? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोन� (d) न तो 1 और न ह� 2

    उ�र : c �प�ट�करण : नंदनकानन, भवुने�वर, ओ�डशा के पास ि�थत है। सफ़ेद बाघ� और मेला�नि�टक बाघ� का �जनन वाला यह �व�व का पहला �च�ड़याघर है। नंदनकानन द�ुनया म� भारतीय प�गो�लन का एकमा� संर�ण �जनन क� � है। यह भारत का एकमा� �ा�ण उ�यान है जो वाज़ा (WAZA- World Association of Zoos and Aquariums) का

  • एक सं�थागत सद�य है। यह भारत का पहला �च�ड़याघर है जहाँ ल�ुत�ाय रैटल संर�ण म� पदैा हुआ था। यह ओ�डशा म� ओपन �ब�ड �टॉक� (वगुल�) के �लए दसूरा सबसे बड़ी अडं ेदेने का �थान है।

    UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न :

    ��न 1. वत�मान प�र��य म� जहां �स�लको�सस खनन �े� म� एक �यावसा�यक �वा��य खतरा बना हुआ है, भारत को �भावी उपचार के �लए तपे�दक से �स�लको�सस के �वभेदक �नदान पर जोर देने के साथ एक �यापक �स�लको�सस �नयं�ण काय��म क� आव�यकता है। चचा� कर�। (15 अकं, 250 श�द)

    ��न 2. नाग�रकता संशोधन �वधेयक, 2019 से संबं�धत �ववाद� क� जांच कर�। पवू��र रा�य �यापक �प से इसका �वरोध �य� कर रहे ह�? (15 अकं, 250 श�द)