संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! ·...

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मुके श असीम पिछले व म बीजेिी सरकार के मंपय-अफसर और उनके नजदीकअरशापय ारा हर कुछ महीन बाद यह दावा बारमबार दोहराया जाता रहा है पक भारतीय अरवयवसरा म बाजामाँग से अपिक उतिादन का संकट अब हल होने लगा है और चार ओर वृप व पवकास की 'हरी किल' पनकलती नजर आने लगी ह। पिछले पदन एक बार पफर से यही बात रजव बक और पव मंालय ारा इस आिार िर कही गयी है पक उोग की सरापित मता का योग, जो कई साल से औसतन 70-72% के दायरे के आस-िास चल रहा रा, अब वह बढ़कर लगभग 74% हो गया है। उनके अनुसार इसका पनषक है पक कुल बाजार माँग म वृप हो रही है पजससे औोपगक पवकास होगा तरा नये रोगार सृपजत हगे। लेपकन इसका पवेण करते हुए हम यहाँ पदखायगे पक िू ँजीवादी उतिादन वयवसरा के चारपक अपत-उतिादन के संकट की त िर ही वतमान संकट का यह 'समािान' भी सरापित उोग म बडी तादाद म पदवापलयेिन ारा ही हो रहा है। उोग के एक पहससे के बनद होकर कबाड म तबदील होने और उतिादक शप के पवनाश से बचे हुए उोग को एक तातकापलक राहत की साँस पमल जाती है। लेपकन उोग को पमल रही यह राहत की साँस पदवापलया हुए उोग के पमक को भारी तादाद म बेरोगारी, कंगाली और भूख कपनदगी की ओर िकेल देने की बडकीमत चुकाकर ा हो रही है। अतः इससे बाजार म माँग के संकट का कोई समािान होने वाला नह। यह राहत की साँस असराई व बहुत संप समय के पलए है। उसके बाद यह और गहन, और जानलेवा पविप को जनम देगी। पिछले कुछ व के इपतहास को देख तो बाजार म माँग के संकट की वजह से उोग के सरापित मता से कम िर काम कर िाने से उनकी लाभदता म पगरावट हुई है। इससे बहुत सारे उोग उतिादन मता के पवसतार हेतु पनवेश की गयी सराई िू ँजी की बडी माा िर ऋणदाताओं की मूल देनदारी ही नह उस िर बयाज तक चुकाने म असमर हो गए ह। इसका नतीजा बक ारा पदए गए कज की वसूली म संकट और कज के डूब जाने म सामने आया। लगभग 12- 14 लाख करोड िये के बक कज इस तरह दबाव म आ गए। लगभग 9 लाख करोड अभी एनिीए ह जबपक बीजेिी सरकार के िहले साढ़े तीन व म ही करीब िौने तीन लाख के कज बक को बे खाते म (राइट ऑ) डालने िडे। इस संखया म भी इसका बयाज शापमल नह है। इससे बक िर भी िू ँजी का संकट िैदा हुआ और सरकार ारा आम मेहनतकश जनता िर बढ़ाये गए कर, डीजल-िेोल-पबजली के दाम म वृप, पशा-सवासय, आपद कलयाण कायम म खच से कटौती कर जुटाई गयी रकम से लाख करोड िय किजी बक को जीपवत रखने के पलए उनम डालनी िडी। दिवादिया कानून उोग और बक दोन म आये इस संकट से पनिटने हेतु बीजेिी सरकार एक नया पदवापलया कानून लेकर आयी और उसके पलए नई अदालत यू ँ तो पिछले कई व से भारतीय समाज एक भीण सामापजक-आपरक- राजनीपतक और नैपतक संकट से गुर रहा है, िरनतु अैल के महीने म सुपखय म रही कुछ घटनाएँ इस ओर सा इशारा कर रही ह पक यह चतुपदक संकट अिनी िराकाा िर जा िहुँचा है। जहाँ एक ओर कठुआ और उननाव की बबर घटनाओं ने यह सापबत पकया पक ापससट दररंदगी के सबसे वीभतस ि का सामना औरत को करना िड रहा है वह द सरी ओर नयायिापलका ारा असीमाननद जैसे भगवा आतंकी और माया कोडनानी जैसे नरसंहारक को बाइजजत बरी करने और जपसटस लोया की संपदगि मौत की उचचतम नयायालय ारा जाँच तक कराने से इनकार करने के बाद भारत के िू ँजीवादी लोकतं का बचा-खुचा आपखरी सतमभ भी मदो होता नर आया। कहने की रत नह पक ये सब ासीवाद के गहराते अँिेरे के ही लण ह। हालात चीख-चीख कर गवाही दे रहे हपक संकट के इस अँिेरे को संपविान, कानून और आपिकारक संसराओं िर भरोसा पटकाने की बजाय जनबल के बूते ही चीरा जा सकता है। कठुआ और उव म हैवनियत की इह बहुत हुआ नारी िर वार---’ और बेटी बचाओ---’ जैसे नारे देकर सा म आई केन की मोदी सरकार और मपहलाओं के समान की रा के पत पतबता का दावा करने वाली उर देश की योगी सरकार की कलई कठुआ और उननाव की घटना के बाद खुल गयी है। उननाव म भाजिा पविायक कुलदीि पसंह सगर ारा पकए गए गग रेि की पशकार 17 वय िीपड़ता के नयाय न पमलने िर मुखयमी आवास के सामने आतमदाह की कोपशश करने िर मजबूर होने के बावजूद कोई सुनवाई होना तो र उलटे उसके पिता की बेरहमी से िीट- िट कर हतया कर दी जाती है। कठुआ म तो 8 वय बचची के सार िाशपवकता की सारी हद िार करने वाली दरंदगी करने के बाद बलातकारय के ि म रैली पनकाली जाती है पजसम जमू व कशमीर सरकार के भाजिाई नेता सपहत पहनद िम के तमाम ठेकेदार बेशम से भारत माता की जय‘, ‘जय ीराम’ जैसे नार और पतरंगे की आड म बलातकार व हतया के पघनौने अिराि को जाय ठहराने की कोपशश करते ह। भारत माता की जय’, ‘जय ीराम’ जैसे नार और पतरंगे का इसतेमाल दंगे कराने, पवरोपिय को देशोही करार देने और ाचार के आरोपिय को बचाने के पलए तो िहले से पकया जाता रहा है, लेपकन अब तो इनका इसतेमाल बलातकार जैसे जघनय कृतय को तोिने और ढाँकने के पलए पकया जा रहा है! यही नह, ‘दैपनक जागरणऔर नयूजैसे संघ िररवार के भिुओं ने बेशम की सारी हद िार करते हुए बलातकाररय के बचाव म इस झ ठ का चार पकया पक कठुआ म बची के सार बलातकार हुआ ही नह रा। अभी सारा देश कठुआ और उननाव की पदल दहला देने वाली घटनाओं िर ोभ और आोश म सुलग ही रहा रा पक सासाराम और सूरत सपहत कई और जगह से बलातकार के बहु त जघनय हमल की बर भी सामने आय। इन घटनाओं के बाद जब ऐसा लग रहा रा पक भारतीय समाज अिने ितन के रसातल म जा िहुँचा है उसी बीच इंदौर से खबर आई पक वहाँ 8 महीने की बचची के सार द षकम करके उसकी हतया कर दी गयी। कहने की रत नह पक ये घटनाएँ तो पय िर होने वाले हमल का एक बहुत छोटा-सा पहसा ह। जयादातर घटनाएँ तो सामने ही नह आ िात। 2012 म पनभया करण के बाद िूरे देश म गुससे और शम की लहर फै ल गयरी, लेपकन उसके बावजूद आज कनंगी सचचाई ये है पक बलातकार, गगरेि ctk fcxqy esgurd'k tkx] fpaxkjh ls yxsxh vkx! हमि पू ँ जीवद को तबह िही ं कय तो पू ँ जीवद पृी को तबह कर दग दुनिय म सबस अधिक बरोगरों वल दश बि भरत अरर य मदूर दवस की ऐनतहधसक नवरसत 13 स पर कनब लुटरों-हरों-बलरयों क गगरोह स दश को बचि होग! 16 9 मधसक समचरप l पूरक 67 l वर 8, अंक 2 l अैल 2018 l पँच पय l 16 पृ सदक मल (पज 8 पर जरी) (पज 10 पर जरी) संघी फधससों क खल एकजुट हो! सरकरी आँकडों की हवबी और अरव की हल असलयत

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Page 1: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मकश असीमपिछल वरषो म बीजिी सरकार क

मपरियो-अफसरो और उनक नजदीकी अरथशापरियो दारा हर कछ महीनो बाद यह दावा बारमबार दोहराया जाता रहा ह पक भारतीय अरथवयवसरा म बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट अब हल होन लगा ह और चारो ओर वपधि व पवकास की हरी कोिल पनकलती नजर आन लगी ह पिछल पदनो एक बार पफर स यही बात ररजवथ बक और पवतत मरिालय दारा इस आिार िर कही गयी ह पक उदोगो की सरापित कषमता का परयोग जो कई साल स औसतन 70-72 क दायर क आस-िास चल

रहा रा अब वह बढ़कर लगभग 74 हो गया ह उनक अनसार इसका पनषकरथ ह पक कल बाजार माग म वपधि हो रही ह पजसस औदोपगक पवकास होगा तरा नय रोजगार सपजत होग

लपकन इसका पवशरण करत हए हम यहा पदखायग पक िजीवादी उतिादन वयवसरा क चाररपरिक अपत-उतिादन क सकट की तजथ िर ही वतथमान सकट का यह समािान भी सरापित उदोगो म बडी तादाद म पदवापलयिन दारा ही हो रहा ह उदोगो क एक पहसस क बनद होकर कबाड म तबदील होन और उतिादक शपति क पवनाश स बच हए उदोगो को एक तातकापलक राहत की

सास पमल जाती ह लपकन उदोगो को पमल रही यह राहत की सास पदवापलया हए उदोगो क शरपमको को भारी तादाद म बरोजगारी कगाली और भख की पजनदगी की ओर िकल दन की बडी कीमत चकाकर परापत हो रही ह अतः इसस बाजार म माग क सकट का कोई समािान होन वाला नही यह राहत की सास असराई व बहत सपकषपत समय क पलए ह उसक बाद यह और गहन और जानलवा पविपतत को जनम दगी

पिछल कछ वरषो क इपतहास को दख तो बाजार म माग क सकट की वजह स उदोगो क सरापित कषमता स कम िर काम कर िान स उनकी लाभपरदता म

पगरावट हई ह इसस बहत सार उदोग उतिादन कषमता क पवसतार हत पनवश की गयी सराई िजी की बडी मारिा िर ऋणदाताओ की मल दनदारी ही नही उस िर बयाज तक चकान म असमरथ हो गए ह इसका नतीजा बको दारा पदए गए कजषो की वसली म सकट और कजथ क डब जान म सामन आया लगभग 12-14 लाख करोड रिय क बक कजथ इस तरह दबाव म आ गए लगभग 9 लाख करोड अभी एनिीए ह जबपक बीजिी सरकार क िहल साढ़ तीन वरषो म ही करीब िौन तीन लाख क कजथ बको को बट खात म (राइट ऑफ) डालन िड इस सखया म भी इसका बयाज

शापमल नही ह इसस बको िर भी िजी का सकट िदा हआ और सरकार दारा आम महनतकश जनता िर बढ़ाय गए करो डीजल-िटोल-पबजली क दामो म वपधि पशकषा-सवासथय आपद कलयाण कायथकरमो म खचथ स कटौती कर जटाई गयी रकम स लाखो करोड रियो की िजी बको को जीपवत रखन क पलए उनम डालनी िडी

दिवादिया कानन उदोग और बको दोनो म आय इस

सकट स पनिटन हत बीजिी सरकार एक नया पदवापलया कानन लकर आयी और उसक पलए नई अदालत

य तो पिछल कई वरषो स भारतीय समाज एक भीरण सामापजक-आपरथक-राजनीपतक और नपतक सकट स गजर रहा ह िरनत अपरल क महीन म सपखथयो म रही कछ घटनाए इस ओर साफ इशारा कर रही ह पक यह चतपदथक सकट अिनी िराकाषा िर जा िहचा ह जहा एक ओर कठआ और उननाव की बबथर घटनाओ न यह सापबत पकया पक फापससट दररदगी क सबस वीभतस रि का सामना औरतो को करना िड रहा ह वही दसरी ओर नयायिापलका दारा असीमाननद जस भगवा आतकी और माया कोडनानी जस नरसहारको को बाइजजत बरी करन और जपसटस लोया की सपदगि मौत की उचचतम नयायालय दारा जाच तक करान स इनकार करन क बाद भारत क िजीवादी लोकतरि का

बचा-खचा आपखरी सतमभ भी जमीदोज होता नजर आया कहन की जररत नही पक य सब फासीवाद क गहरात अिर क ही लकषण ह हालात चीख-चीख कर गवाही द रह हपक सकट क इस अिर को सपविान कानन और आपिकाररक ससराओ िर भरोसा पटकान की बजाय जनबल क बत ही चीरा जा सकता हकठआ और उननाव म हवनानियत

की इनतहनाlsquoबहत हआ नारी िर वार---rsquo और

lsquoबटी बचाओ---rsquo जस नार दकर सतता म आई कनदर की मोदी सरकार और मपहलाओ क सममान की रकषा क परपत परपतबधिता का दावा करन वाली उततर परदश की योगी सरकार की कलई कठआ और उननाव की घटना क बाद खल गयी ह उननाव म भाजिा पविायक

कलदीि पसह सगर दारा पकए गए गग रि की पशकार 17 वरषीय िीपडता क नयाय न पमलन िर मखयमरिी आवास क सामन आतमदाह की कोपशश करन िर मजबर होन क बावजद कोई सनवाई होना तो दर उलट उसक पिता की बरहमी स िीट-िीट कर हतया कर दी जाती ह कठआ म तो 8 वरषीय बचची क सार िाशपवकता की सारी हद िार करन वाली दररदगी करन क बाद बलातकाररयो क िकष म रली पनकाली जाती ह पजसम जमम व कशमीर सरकार क भाजिाई नता सपहत पहनद िमथ क तमाम ठकदार बशमषी स lsquoभारत माता की जयlsquo lsquoजय शरीरामrsquo जस नारो और पतरग की आड म बलातकार व हतया क पघनौन अिराि

को जायज ठहरान की कोपशश करत ह lsquoभारत माता की जयrsquo lsquoजय शरीरामrsquo जस नारो और पतरग का इसतमाल दग करान पवरोपियो को दशदरोही करार दन और भरषाचार क आरोपियो को बचान क पलए तो िहल स पकया जाता रहा ह लपकन अब तो इनका इसतमाल बलातकार जस जघनय कतय को तोिन और ढाकन क पलए पकया जा रहा ह यही नही lsquoदपनक जागरणrsquo और lsquoजी नयजrsquo जस सघ िररवार क भोिओ न बशमषी की सारी हद िार करत हए बलातकाररयो क बचाव म इस झठ का परचार पकया पक कठआ म बचची क सार बलातकार हआ ही नही रा

अभी सारा दश कठआ और उननाव की पदल दहला दन वाली घटनाओ िर कषोभ और आकरोश म सलग ही रहा रा

पक सासाराम और सरत सपहत कई और जगहो स बलातकार क बहत जघनय हमलो की खबर भी सामन आयी इन घटनाओ क बाद जब ऐसा लग रहा रा पक भारतीय समाज अिन ितन क रसातल म जा िहचा ह उसी बीच इदौर स खबर आई पक वहा 8 महीन की बचची क सार दषकमथ करक उसकी हतया कर दी गयी कहन की जररत नही पक य घटनाए तो परियो िर होन वाल हमलो का एक बहत छोटा-सा पहससा ह जयादातर घटनाए तो सामन ही नही आ िाती

2012 म पनभथया परकरण क बाद िर दश म गसस और शमथ की लहर फल गयी री लपकन उसक बावजद आज की नगी सचचाई य ह पक बलातकार गगरि

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हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगना

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारत

अनररनाषटीय मजदर ददवस की ऐनतहनाधसक नवरनासत 13

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना16 9

मनाधसक समनाचनारपतर l परनााक 67 l वरष 8 अक 2 l अपल 2018 l पनाच रपयत l 16 पषठ

समनादक मणडल

(पतज 8 पर जनारी)

(पतज 10 पर जनारी)

सघी फनाधससो कत खि लनाफ एकजट हो

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत

मजदर नबगल की वतबसनाइटwwwmazdoorbigulnet

इस वबसाइट पर दिसमबर 2007 स अब तक दबगि क सभी अक करमवार उसस पहि क कछ अको की सामगी तथा राहि फाउणशन स परकादशत सभी दबगि पदतकाए उपिबध ह दबगि क परवशाक स िकर नवमबर

2007 तक क सभी अक भी वबसाइट पर करमशः उपिबध कराय जा रह हमजिर दबगि का हर नया अक परकादशत होत ही वबसाइट पर दनशलक

पढा जा सकता हआप इस फसबक पज क जररय भी lsquoमजिर दबगिrsquo स जड सकत ह

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1 lsquoमजिर दबगिrsquo वयापक महनतकश आबािी क बीच करादतकारी राजनीदतक दशकषक और परचारक का काम करगा यह मजिरो क बीच करादतकारी वजादनक दवचारधारा का परचार करगा और सचची सववहारा स कक दत का परचार करगा यह िदनया की करादतयो क इदतहास और दशकषाओ स अपन िश क वगव सघरषो और मजिर आिोिन क इदतहास और सबक स मजिर वगव को पररदचत करायगा तथा तमाम पजीवािी अफवाहो-कपरचारो का भणाफोड करगा

2 lsquoमजिर दबगिrsquo भारतीय करादत क वरप रात और समयाओ क बार म करादतकारी कमयदनटो क बीच जारी बहसो को दनयदमत रप स छापगा और lsquoदबगिrsquo िश और िदनया की राजनीदतक घटनाओ और आदथवक दथदतयो क सही दवशरण स मजिर वगव को दशदकषत करन का काम करगा

3 lsquoमजिर दबगिrsquo वय ऐसी बहस िगातार चिायगा तादक मजिरो की राजनीदतक दशकषा हो तथा व सही िाइन की सोच-समझ स िस होकर करादतकारी पाटटी क बनन की परदकरया म शादमि हो सक और वयवहार म सही िाइन क सतयापन का आधार तयार हो

4 lsquoमजिर दबगिrsquo मजिर वगव क बीच राजनीदतक परचार और दशकषा की कारववाई चिात हए सववहारा करादत क ऐदतहादसक दमशन स उस पररदचत करायगा उस आदथवक सघरषो क साथ ही राजनीदतक अदधकारो क दिए भी िडना दसखायगा िअनी-चवनीवािी भजाछोर कमयदनटो और पजीवािी पादटवयो क िमछलि या वयदतिवािी-अराजकतावािी टयदनयनो स आगाह करत हए उस हर तरह क अथववाि और सधारवाि स िडना दसखायगा तथा उस सचची करादतकारी चतना स िस करगा यह सववहारा की कतारो स करादतकारी भरती क काम म सहयोगी बनगा

5 lsquoमजिर दबगिrsquo मजिर वगव क करादतकारी दशकषक परचारक और आहानकताव क अदतररति करादतकारी सगठनकताव और आिोिनकताव की भी भदमका दनभायगा

lsquoमजदर नबगलrsquo कना सवरप उदतशय और जज मतदनाररयना

पपय पनाठको बहत सत सदसो को lsquoमजदर नबगलrsquo नियगमत भतजना जना रहना ह लतककि कनाफी

समय सत हम उिकी ओर सत ि कोई जवनाब िही गमलना और ि ही बकनायना रनाजश आपको बतनाित की जररत िही कक मजदरो कना यह अिबनार लगनातनार आररक समसना कत बीच ही निकनालिना होतना ह और इसत जनारी रखित कत ललए हम आपकत सहयोग की जररत ह अगर आपको lsquoमजदर नबगलrsquo कना पकनाशि जररी लगतना ह और आप इसकत अक पनातत रहिना चनाहतत ह तो हमनारना अिरोि ह कक आप कपयना जलद सत जलद अपिी सदसतना रनाजश भतज द आप हम मिीआरषर भतज सकतत ह यना सीित बक खनातत म जमना करना सकतत ह

मिीआरषर कत ललए पतना मजदर नबगल दनारना जिचततिनारी-68 निरनालनािगर लखिऊ-226020बक खनातत कना नववरर Mazdoor Bigul खनातना सखना 0762002109003787 IFSC PUNB0076200पजनाब ितशिल बक निशनातगज शनाखना लखिऊ

सदसतना वनाररक 70 रपयत (रनाकिचष सकहत) आजीवि 2000 रपयतमजदर नबगल कत बनारत म ककसी भी सचिना कत ललए आप हमसत इि मनाधयमो

सत समकष कर सकतत ह ःफोि 0522-4108495 8853093555 9936650658ईमतल bigulakhbargmailcom फत सबक wwwfacebookcomMazdoorBigul

मजदर नबगलसमपािकीय कायाविय ः 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 फोन 8853093555दिलिी समपकव ः बी-100 मकि दवहार कराविनगर दिलिी-94 फोनः 011-64623928 ईमि ः bigulakhbargmailcomमलय ः एक परदत - 5- रपय वादरवक - 70- रपय (ाक खचव सदहत) आजीवन सियता - 2000- रपय

मजदर नबगल कत ललए अपित कनारिनाित दफतर यना बसी की ररपोटट लतख पतर यना सझनाव आप इि तरीको सत भतज सकतत हः

डाक स भजन का िता मजिर दबगि दारा जनचतना ी-68 दनरािानगर िखनऊ-226020ईमल स भजन का िता bigulakhbargmailcom

2 मजदर नबगल अपल 2018

बरजआ अखबार परी की विशाल राशशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अखबार खद मज़दरो दारा इकटा ककय गय पस स चलत ह - लतनििlsquoमजदर नबगलrsquo मजदरो कना अपिना अिबनार ह

यह आपकी दनयदमत आदथवक मिि क दबना नही चि सकता दबगि क दिए सहयोग भदजयजटाइय

सहयोग कपन मगान क दिए मजिर दबगि कायाविय को दिदखय

पजीपनतयो कत पनास दजषिो अिबनार और टीवी चिल ह मजदरो कत पनास ह उिकी आवनाज मजदर नबगल इसत हर मजदर कत पनास पहचनाित म हमनारना सनार द

आपस की बनात

यह पतर हम मजदर बिगल की पाठक बिनदर कौर न भजा ह बिनदर कौर बिगापर म घरल नौकर क तौर पर काम करती ह पर मजदर बिगल को वहाटिएपप क माधयम ि बनयबमत तौर पर पढती ह तमाम िार पढ-बलख मजदर जो आज िहद कम तनखाहो पर अलग-अलग काम कर रह ह राजनीबतक तौर पर िहद िचत ह और िमय-िमय पर बिगल को पतर बलखत रहत ह फोन करत रहत ह ऐि म हम अनय िाबियो ि भी अपील करत ह बक ो मजदर बिगल को पतर बलखकर अपन जीन क िार म जरर िताय ताबक दशभर क मजदरो को पता चल बक जाबत धमम कतर ि पर िभी मजदरो की माग और हालत एक ही ह

बिनदर कौर का पतर हम यहा बिना बकिी िमपादन क द रह ह

कोई कहता ह इगपलश म मडकोई कहता हलिरकोई वरकर तो कोई नौकरानीआि लोग हम बस नाम दत हहमार घर क हालात कया हआिको नही मालमहमारी भारा म यहा रहन को बस मजबरी का नाम दत ह

हमारा नाम पबनदर कौर ह हमारी आय 25 साल ह हम िजाब क रहन

वाल ह हमार िास भारत म कोई काम नही रा इसपलए हम पसगािर म काम करन क पलए आय घर का सारा काम खाना बनाना आपद करन

22 पसतमबर 2017 को हम पसगािर म आय हम जस-जस लडपकयो को पमल हम िता चला पक वो कस रहती ह उनको कया-कया सहन करना िडता ह यहा िर छोटी-छोटी बात िर झगडा गापल या सहना आिा भखा रहना घर म कद रहना और हमशा डर क नीच दब रहना आम बात ह

एक पदन जब हम ऐजसी म गय तो हम कया दखत ह पक एक लडकी घर स भागकर आयी हई ह िछन िर िता चला पक पजस घर म वो काम करती री वह घरवाल उस बहत िरशान करत र जब वो लोग घर म होत र तो उसस काम करवात जब घर स जात तो उस बािकर जात र यहा तक पक गलती होन िर उस मारत र रपिड या जत स उसक बाल िकडकर भी मारत र उसका बाहर तो आना-जाना बनद रा ही उसका फोन तक भी तोड पदया गया रा जब एक पदन व लोग उस बािकर नही गय तो वह पखडकी स भाग आयी उसका िासिोटथ भी उसक िास नही रा

रपववार को सबको छटटी होती ह हमन रपववार की छटटी ली तो बहत-सी लडपकयो स बात करन का मौका

पमला उनम स एक लडकी न बताया पक मझस तीन-तीन बार एक पदन म घर साफ करवात ह एक और लडकी न बताया पक एक बार मझस किडा जल गया गलती स तो मडम न मरी िीठ िर आईरन बॉकस लगा पदया एक और लडकी पमली री ऐजसी म उसका नाम मनपजनदर रा और वह िजाब क जलनिर शहर की री वह एमए िास री खलती भी री खलो म उस गोलड मडल भी पमल चका ह मजबरी म पसगािर आ गयी उसन बताया पक दीदी मझ य लोग हमशा गाली पनकाल कर बात करत ह कोई गलती हो तो बोलत ह - अनिढ़-गवार कही की िता नही कहा स आयी ह िरा पदन एक काम को 2-2 या 3-3 बार करवात ह छटटी क िस भी नही दत 6 महीन हो गय एक भी छटटी नही दी बाहर जात ह तो लॉक करक जात ह

बशक खबसरत होगीितरर और शीश की इमारतलपकन कद ह यहा माऐ बहन बपटयाhellipऔर कद ह उनकी आखो क सिन आिकी सारी

नबनदर कौर दसगापर

नवदतशो म मजदरी कर रही भनारतीय मकहलना मजदरो की हनालत

अभतिवथ सतर िर ह खती म मशीनो क आन क सार बड िमान िर मजदर बाहर आ रह ह वही िजीवादी आपरथक सकट क कारण नय रोजगार उदोगो म भी नही िदा हो रह ऐस ही समय म दशभर म सामपरदापयक और जापतगत तनाव बढ़ाया जा रहा ह आम जनता क हक-अपिकार छीन जा रह ह एससीएसटी कानन 1989 म बदलाव भी िहल स ही दमन-उतिीडन झल रही दपलत आबादी को ओर अिर म िकलगा हम इसक पवरधि एकजट होना िडगा य पजममदारी आज दश क मजदरो और नौजवानो क कनि िर ह पक वो इसको जलद स जलद समझ ल हम पहटलर क समय क एक

कपव िासटर पनमोलर क शबदो को याद करना िडगा अगर वो आज यहा होत तो यही कहत

िहल वो आय दपलतो क पलएम कछ नही बोला कयोपक म दपलत नही रापफर वो आय मसलमानो क पलएम कछ नही बोला कयोपक म मसलमान भी नही रापफर वो आय मजदरो क पलएम कछ नही बोला म मजदर भी नही राऔर पफर वो आय मर पलएतब तक कोई नही बचा रा जो मर पलए बोलता

एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

(पतज 7 सत आगत )

मजदर नबगल अपल 2018 3

सतरियो पर बढतत हमलो कत खखलनाफ दतशभर म पदशषिउननाव और कठआ की दररदगी और दश भर

म मपहलाओ क पखलाफ बढ़ती यौन पहसा और उसक दोपरयो को भाजिा-सघ दारा सरकषण पदय जान क पवरोि म िर दश म लोगो का आकरोश फट िडा ह दश क हर राजय म और लगभग सभी छोट-बड शहरो म इन घटनाओ क पवरोि म परदशथन हए दिलिी करि इिाहाबाि िखनऊ मबई सदहत िश म कई जगहो पर तो आम िोगो न अपनी कािोदनयो क आसपास ऐस पोटर या बनर िगा दिय दक यहा पर बदचचया रहती ह यहा भाजपा और सघ क िोगो का आना मना ह

रिी मपति लीग रिी मजदर सगठन नौजवान भारत सभा और पदशा छारि सगठन न अिन सभी कायथकषरिो म पवपभनन सगठनो क सार साझा पवरोि परदशथनो म भी पहससदारी की और इस मद िर अलग स भी लोगो क बीच लगातार अपभयान चलाया

िखनऊ म रिी मपति लीग की िहल िर 10 अपरल को जीिीओ िर पवरोि परदशथन हआ पजसम पवपभनन सगठनो क लोगो न भाग पलया इसक अलावा शहर क पवपभनन इलाको म िोसटर परदशथनी और िचच क माधयम स यह सदश लोगो तक िहचाया जा रहा ह पक दश भर म मपहलाओ क पखलाफ बढ़ती पहसा की जडो की पशनाखत कर फापससट दररदगी को नसतनाबद करन की तयारी क पलए लोगो को एकजट होना होगा इस मपहम क तहत किररला हजरतगज खदरा लोपहया िाकथ रलव ऑपफस डालीगज आपद जगहो िर परदशथनी लगाई गई उननाव और कठआ क मद की मीपडया कवरज की वजह स लोगो म समसया की मल वजह जानन की पजजासा पदखी हालापक लोगो म इस भरम का भी असर पदखा पक सखत कानन बना दन स समसया का समािान हो जायगा जसा पक उममीद री कई जगहो िर ऐस पहनदतववापदयो स भी सामना हो जो बशमषी स बलातकार की इन घटनाओ को पहनद-मपसलम रग दन की कोपशश कर रह र लपकन आम लोगो न खद ही बलातकाररयो का समरथन करत सपघयो को आड हारो पलया और व भाग खड हए शहर क पवपभनन सगठनो की ओर स मपहलाओ िर पहसा क पवरोि म 16 स लकर 24 अपरल तक चलाय साझा अपभयान म भी रिी मपति लीग न पहससा पलया पजसक तहत 16 अपरल को हए पवरोि माचथ म पविानसभा क सामन पसरत भाजिा कायाथलय क सामन िहचत ही माचथ म शापमल परियो का गससा फट िडा और भाजिा तरा सघ क पखलाफ दर तक उगर नारबाजी की गयी

दिलिी क ससद मागथ िर कठआ और उननाव क दोपरयो को सजा पदलान और बढ़त रिी पवरोिी अिरािो क पखलाफ आवाज उठात हए सकडो की सखया म आम नागररक छारि यवा इकट हए रिी मपति लीग नौजवान भारत सभा और पदशा छारि सगठन न भी इस परदशथन म पहससदारी की और कहा पक कठआ और उननाव म हए बलातकारो की बबथरता और इन अिरािो क दोपरयो को सतता म बठ नता-मपरियो दारा बचान की कवायद बहद ही शमथनाक ह मोदी सरकार दारा lsquoनय इपडयाrsquo का जो गबबारा फलाया जा रहा ह उसकी सचचाई को वासतव म बढ़त हए रिी पवरोिी दपलत और अलिसखयक पवरोिी आम महनतकश अवाम और मजदर पवरोिी घटनाओ स बखबी समझा जा सकता ह इस परदशथन क माधयम स परदशथनकाररयो न बलातकाररयो को सख़त सजा दन की माग को उठाया उनहोन कहा पक इस वयवसरा म जहा हर चीज उिभोग का एक माल बना दी गयी ह वहा परियो को भी उिभोग की वसत स अलग और कछ नही समझ जाता पितसततातमक मानपसकता को िजीवाद वह उिजाऊ जमीन परदान करता ह

पजसम परियो क पखलाफ बबथर स बबथर अिराि आम घटनाए बन जात ह ऐस म चाह पकसी भी िाटषी की सरकार आय चाह कागजो िर पजतन भी कानन बना पलए जाए परियो की सरकषा एक बडा सवाल रहता ह ऐस म बढ़त रिी पवरोिी अिरािो का जवाब दन क पलए हर नयायपपरय छारि यवा नागररक को एकजट होना होगा और इस समाज क

िोर-िोर म िठी पितसततामक सोच पजस िजीवादी वयवसरा फलन-फलन म मदद कर रही ह जड स उखाड फ कना होगा

दिलिी की शाहाबाद डरी म पदलली घरल कामगार यपनयन रिी मपति लीग रिी मजदर सगठन और नौजवान भारत सभा दारा बलातकारो क पवरोि म अपभयान चलाया गया पदलली घरल कामगार यपनयन की बीना न कहा पक रिी पवरोिी बबथर अिरािो को अजाम दन वाल लोग आज lsquoजय शरी रामrsquo क नारो और पतरग झड की आड म खद को बचान म लग ह इतना ही नही भाजिा स लकर कागरस जसी तमाम चनावबाज िापटथयो क नता मरिी खलआम बलातकाररयो क समरथन और िकष म खड हए नजर आ रह ह इस परदशथन क दौरान वयािक रि स िचाथ पवतरण करत हए आम महनतकश

आबादी स रिी पवरोिी अिरािो क पखलाफ आवाज उठान और एकजट होन का आहान पकया गया सार म कठआ और उननाव क बलातकाररयो को कडी स कडी सजा पबना पकसी पवलब क पदय जान की माग की गयी कायथकताथओ न मपहलाओ क सकवाड बनान और आतम-रकषा क पलए परपशकषण कमि लगान की बात कही परदशथन क दौरान घरल

कामगार मपहलाओ न भी बात रखी16 अपरल को िदधयाना दजिा क

इसाफिसनद जनवादी जनसगठनो दारा कठआ उननाव सरत काणड सपहत दश म परियो क पखलाफ लगातार बढ़त जा रह पघनौन अिरािो क पखलाफ रोर परदशथन पकया व डीसी लपियाना को भारत सरकार क नाम मागिरि सौिा सगठनो न शहीद करतार पसह सराभा िाकथ भाई बाला चौक स लघ सपचवालय तक िदल माचथ भी पकया भारत सरकार को भज मागिरि क जररय माग की गयी पक उननाव व कठआ काणड क िीपडतो को इसाफ पदया जाय दोपरयो को सख़त स सख़त सजाए दी जाय उननाव काणड क मखय दोरी कलदीि सगर की पविानसभा सदसयता खाररज की जाय उिरोति मामलो म दोपरयो को सरकारी सरिरसती दन वालो को भी

सख़त सजाए दी जाय कठआ काणड क मामल म आरोपियो क िकष म सामपरदापयक परदशथन करन वाल भाजिा पविायको क पखलाफ सख़त कारथवाई की जाय उिरोति मामलो सपहत परियो क पखलाफ बलातकार जस पघनौन अिरािो क मामल म फासट टक अदालतो म पनिटाए जाय अिरापियो को सरकारी सरिरसती दना बनद हो

सगठनो का कहना ह पक आरएसएस भाजिा व अनय पहनदतववादी सगठनो दारा इन हमलो को भी सामपरदापयक रगत दी जा रही ह उततर परदश म कलदीि सगर और उसक सहयोपगयो दारा सामपहक बलातकार जस पघनौन अिराि को अजाम दन क बाद भी अिरािी लमब समय तक आजाद घमत रह ह िीपडता और उसक िररवार को डरात-िमकात रह ह िीपडता क पिता को पजस ढग स िपलस पहरासत म कतल पकया गया उसस यह सिष ह पक अिरापियो को सरकार िपलस परशासन की सरिरसती हापसल ह सगठनो का यह भी मानना ह पक पहनदतवी सामपरदापयक फासीवादी आरएसएस क उभार कनदर व पवपभनन राजयो म भाजिा सरकार बनन क इस दौर म परियो क पखलाफ अिराि िहल पकसी भी समय स कही अपिक भयानक हद तक बढ़ चक ह

सगठनो न परियो क पखलाफ लगातार बढ़त जा रह अिरािो अिरापियो को सरकारी सरिरसती और अनय जन मदो िर जनता को सगपठत सघरथ क पलए आग आन का आहान पकया ह

रोर परदशथन म पबगल मजदर दसता कारखाना मजदर यपनयन टकसटाइल-हौजरी कामगार यपनयन नौजवान भारत सभा जमहरी अपिकार सभा मोलडर एणड सटील वकथ जथ यपनयन मजदर अपिकार सघरथ अपभयान सीआईटीय तकथ शील सोसाइटी शहीद भगत पसह नौजवान सभा इकलाबी कनदर िजाब रलव िशनजथ वलफयर एसोपसएशन लोक मच िजाब िजाब लोक सभयाचारक मच लोक मोचाथ िजाब लोक एकता सगठन इकलाबी नौजवान पवदारषी मच अजाद पहनद पनमाथण मजदर यपनयन आपद सगठन शापमल र

इलाहाबाद गोरखिर दहरादन गापज याबाद और वाराणसी म भी रिी मपति लीग और नौजवान भारत सभा न इन घटनाओ क पवरोि म अपभयान चलाया और कई जगहो िर पवरोि परदशथन पकय

ककसी भी रप म बलनातनार कना समरषि करित वनालनात कत ललए इस समनाज म कोई जगह िही होिी चनाकहए

4 मजदर नबगल अपल 2018

परतयक बड शहर म एक या एक स जयादा मपलन बपसतया होती ह जहा मजदर वगथ ठसा हआ पजनदगी पबताता ह यह सच ह पक गरीबी अकसर अमीरो क महलो की आस-िास की नजर न आन वाली गपलयो म बसती ह लपकन आमतौर िर इसक पलए खशहाल वगषो की नजरो स दर एक अलग जगह द दी गयी ह जहा यह सघरथ म उलझी रह सक य मपलन बपसतया इगलणड क परतयक बड शहर म लगभग एक ही तरह स वयवपसरत ह ndash शहर क सबस घपटया पहससो म बन सबस घपटया मकान अकसर लमबी कतारो म बनी एक या दमपजली झपगगया शायद तहखानो को भी रहन क पलए इसतमाल म लात हए हमशा बतरतीब ढग स बनी हई दो या तीन कमरो और एक रसोई क य मकान लनदन क कछ पहससो को छोडकर िर इगलणड म मजदर वगथ की सामानय ररहायश ह गपलया अकसर कचची ऊबड-खाबड गनदी और कचर स भरी रहती ह जहा सीवर या गटर तो नही होता ह लपकन सडानि मारत रक हए िानी क गडढो की कोई कमी नही होती ह इसक अलावा साफ हवा की आवाजाही म िर इलाक क घपटया और बतरतीब पनमाथण की वजह स रकावट आती ह और चपक एक बहद छोट पहसस म बहत स इसान ठस हए रहत ह यहा िाय जान वाल वातावरण की कलिना आसानी स की जा सकती ह और अचछ मौसम म गपलयो का इसतमाल सखान वाली जगह क तौर िर होता ह जहा गील किडो स लद तार एक घर स दसर घर तक लटकत रहत ह

ऊिर की िपतियो म अगर इगलणड का पजकर न हो तो पदलली की शाहाबाद डयरी म एक बार भी जान वाला वयपति आसानी स यह मान सकता ह पक यह पववरण यही का ह लपकन यह उधिरण मजदरो क महान पशकषक और नता फडररक एगलस की परपसधि िसतक lsquoइगलणड म मजदर वगथ की दशा स पलया गया ह यह िसतक एगलस न आज स लगभग 175 साल िहल इगलणड क मजदरो क हालात क बार म पलखी री िजीवाद क उदय क सार

ही िदा हए मजदर वगथ की पजनदगी क हालात सभी दशो म लगभग एक जस ही दयनीय रह ह पसफथ वकत का फकथ हो सकता ह भारत जस पिछड िजीवादी दश म मजदर वगथ की पजनदगी क हालात और भी बदतर ह

शाहाबाद डयरी पदलली क बाहरी

इलाक म पसरत एक बसती ह जहा बहत बडी तादाद म मजदर आबादी रहती ह यहा क मजदर आस-िास क औदोपगक इलाको जस शाहाबाद डयरी बवाना नरला बादली जहागीर िरी आपद म काम करत ह बसती की मपहलाए कारखानो म काम करन क अलावा आस-िास की मधयवगषीय कॉलोपनयो म घरल कामगार क रि म काम करती ह जसा पक भारत की हर मजदर बसती का हाल ह शाहाबाद डयरी म भी जररी बपनयादी सपविाए नही क बराबर ह पजस आबादी की वजह स शहरो की चकाचौि कायम रहती ह वह खद एक अिरी दपनया म रहन क पलए मजबर कर दी गयी ह

शाहाबाद डयरी की सबस गरीब मजदर आबादी बसती क िीछ क पनचल पहसस म रहन को मजबर ह जहा बड-बड झीलनमा गडढो म िानी सडता रहता ह और पजसम स एक नाला पनकलता ह इन गडढो क चारो ओर तरा नाल क दोनो तरफ मजदरो न पकसी तरह जोड-

तोड करक अिनी झपगगया बनायी हई ह बाररश म यहा कया हालत होती ह इसका अनदाजा इस बात स आसानी स लगाया जा सकता ह पक नाल का गनदा िानी घरो म घस आता ह घरो स बाहर पनकल2ना महाल हो जाता ह और तरह-तरह की बीमाररया फल जाती ह गौरतलब ह पक पदलली म सबस जयादा डग क मरीजो की सखया वाल इलाको म शाहाबाद डरी भी ह

शाहाबाद डरी की कल आबादी लगभग एक लाख ह लपकन अभी दो साल िहल तक यहा कोई सावथजपनक शौचालय नही रा पजसकी वजह स लोगो को िास क खाली सनसान मदान म खल म ही शौच जाना िडता रा

मपहलाओ-बपचचयो को अकसर ना पसफथ छडखानी का सामना करना िडता रा बपलक बलातकार जसी वीभतस घटनाए यहा बहत सामानय-सी बात री शौचालय न होन की वजह स िरशानी का आलम यह रा पक माए अिन बचचो को रात म सोत वकत खाना या िानी तक

नही दती री तापक रात म शौच जान स बचा जा सक नौजवान भारत सभा क नततव म जब बसती क मजदरो न शौचालय बनवान क पलए जझार सघरथ चलाया तब जाकर सरकार न सावथजपनक शौचालय बनवाय लपकन य भी कल आबादी को दखत हए नाकाफी ह

यहा 12वी ककषा तक का पसफथ एक सरकारी सकल रा पजस 2016 म तब बनद कर पदया गया रा जब यहा एक बचच की करणट लगन स मौत हो गयी री और अभी तक उसको दोबारा शर नही पकया गया ह इस सकल क बचच तीन पकलोमीटर स भी जयादा दर पसरत िल परहादिर क एक सकल म टासफर कर पदय गय इसकी वजह स बहत स बचचो खासकर लडपकयो

का तो सकल जाना ही छट गया इसक अलावा यहा तीन पराइमरी सकल ह पजनक हाल इतन बहाल ह पक यहा एक कलास म 70-70 80-80 बचच िढ़त ह न तो िानी की कोई सपविा ह और न ही टॉयलट साफ-सरर ह इसक चलत सभी बचचो को और खासकर छारिाओ को इस वजह स बहत िरशानी उठानी िडती ह

िीन क िानी की बात कर तो हालात और भी भयावह नजर आत ह यहा िानी की िाइिलाइन नही पबछायी गयी ह इसपलए िीन क िानी की सपलाई टकरो क जररय होती ह आबादी क पहसाब स पजतन टकर आन चापहए उसक आि स भी कम आत ह कजरीवाल सरकार

क हवाई दावो की सचचाई यहा िता चलती ह कजरीवाल न चनाव स िहल पदलली की जनता स वादा पकया रा पक परतयक घर को परपतपदन 700 लीटर िानी पमलगा और जहा िानी की लाइन नही ह वहा िाइिलाइन पबछायी जायगी हकीकत यह ह पक हर घर म लोगो न दो-तीन पलापसटक क 20-20 लीटर वाल जार रख हए ह और िानी का टकर आन िर व इन जारो म िानी भरत ह गौरतलब ह पक टकर दारा भी लोगो को िानी परपतपदन नही महयया कराया जाता ह बपलक दो पदन म एक बार ही टकर आता ह इसस साफ ह पक हर घर म परपतपदन पसफथ 20 लीटर िीन का िानी ही सरकार क दारा उिलबि कराया जा रहा ह

इस वजह स आय पदन िानी को लकर लोगो क बीच झगड होत रहत ह अभी कछ पदन िहल ही पदलली म वजीरिर क मजदर इलाक म िानी क टकर स िानी िहल लन क मद िर झगडा हो गया पजसम एक बजगथ और उसक बट की मौत हो गयी आिको मधय वगथ क बहत स लोग कहत पमल जायग पक मजदर तो होत ही झगडाल ह बात-बात िर लडाई-झगडा करन को उतार रहत ह लपकन अगर व अिन एसी घरो स बाहर आकर मजदरो की पजनदगी क हालात का जायजा लग तो उनह िता चल जायगा पक कस यह मनाफाखोर वयवसरा मजदरो को इतनी सघरथिणथ पजनदगी जीन को मजबर कर दती ह पक उनह िानी जसी बपनयादी जररत क पलए भी लडना िडता ह लपकन पजन लोगो क घरो म िाइिलाइन स िानी आता हो और जो उस िानी का इसतमाल िीन क पलए ही नही बपलक अिनी गापडया िोन और अिन िालत कततो को नहलान क पलए भी करत ह उनस इस बात की उममीद नही की जा सकती

अनत म मजदरो की पजनदगी क य भयावह हालात पसफथ शाहाबाद डयरी म नही ह बपलक िर भारत म एक जस ह मनाफ िर पटकी इस आदमखोर िजीवादी वयवसरा म इसक अलावा और कोई उममीद नही की जा सकती

ndash दबगि सवाििाता

शनाहनाबनाद रतयरी कत मजदरो की जजनदगी कत िनारकीय हनालनात

लपनन क जनमपदवस (22 अपरल) क अवसर िर उततराखणड क मजदरो का माग-िरिक आनदोलन की शरआत पबगल मजदर दसता व रिी मजदर सगठन दारा की गई| हररदार क रोशनाबाद म माग-िरिक स समबपनित परचार अपभयान चलात हए िचाथ पवतरण पकया गया और मजदरो क हको-अपिकारो क बार म तफसील स बातचीत की गयी|

उततराखणड क मजदरो क 24 सरिीय मागो म स एक नयनतम वतन क सवाल िर बात रखत हए वतिाओ न कहा पक उततराखणड म नयनतम वतन आस-िास क राजयो (पदललीहररयाणाउततर

परदश) क नयनतम वतन स बहत ही कम हजबपक जीवन-जीन की मलभत सपविओ क मलयो व महगाई आपद म कोई अतर नही ह| नयनतम वतन का सवाल वयपति क गररमामय जीवन और भरण-िोरण स जडा हआ ह| ऐस म उततराखणड क मजदरो का नयनतम वतन कम स कम पदलली राजय सरकार क नयनतम वतन क बराबर होना चापहए| हालापक इस वतन िर भी पदलली हाईकोटथ न सखत पटपिणी की री पक lsquorsquoकया आि 16000- रिय म अिन िररवार का गजर-बसर कर सकत हrsquorsquo और पदलली क िजीिपतयो की वतन न

बढान की यापचका को खाररज करन क सार इस तकथ को को भी खाररज पकया रा पकrsquorsquoनयनतम वतन बढ़ जान स पनवश म कमी आएगी और उतिादन घटगा|rsquorsquo

अभी उततराखणड म 251- रिय दपनक और मापसक मपहला व िरर मजदरो को अलग-अलग 5500- स 8000-रिय तक दत ह| एक ही परकपत का काम करन वाल रिी-िरर की मजदरी म भी काफी अतर ह| माग-िरिक म इस असमानता को खतम कर समान कायथ क पलए समान वतन दन क कानन को सखती स लाग करन की माग की

गयी ह|बीस-सरिी मागिरिक की मखय माग

य ह1 उततराखणड क मजदरो का

नयनतम वतन दपनक 512 रिय और मापसक 16182 रिय पकया जाय

2 ठका पररा को खतम पकया जाय पनयपमत परकपत क कामो म लग सभी ठका मजदरो को पनयपमत पकया जाय

3 एक ही परकपत क काम का सरिी और िरर मजदरो को समान वतन पदया जाय

4 काम क घणट आठ पकय जाय और ओवरटाइम का डबल रट स

भगतान पकया जाय 5 सभी मजदरो को िहचान-िरि

वतन पसलि ईएसआई िीएफ की सपविा दी जाय

6 पसडकल औदोपगक कषरि म 90 पदन तक काम कर चक सभी मजदरो का पसडकल की तरफ स िहचान-िरि बनाया जाय

7 मजदरो क पलए आिपनक सपविायकत असिताल उनक बचचो क पलए सकल और ससत राशन की दकान खोली जाय

lsquoउतरनाखणड कत मजदरो कना मनाग-पतरक आनदोलिrsquo की शरआत

मजदर नबगल अपल 2018 5

गजरात का सरत शहर टकसटाइल उदोग का एक बडा कनदर ह यहा टकसटाइल उदोग म कई हजार मजदर काम करत ह दश भर क औदोपगक इलाको की तरह यहा भी मजदर बहद असरपकषत पसरपतयो म काम करत ह हाल म जारी एक शोि अधययन न सरत क टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच 84 घातक दघथटनाओ का बयौरा जमा पकया ह पजनम कम स कम 114 मजदरो की मौत हो गयी औदोपगक सरकषा एव सवासथय पनदशालय स आरटीआई क जररए पमली जानकाररयो क अनसार इस दौरान 375 स अपिक मजदरो को गमभीर चोट भी आयी ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर कारखानो म ईएसआई योजनाओ को ठीक स लाग नही पकया जाता पजसक कारण बहत स बीमा वाल मजदर भी पवकलाग होन िर पमलन वाली दखभाल और सहायता स वपचत रह जात ह जयादातर मजदर तो ईएसआई की सपविा स ही वपचत ह

गजरात क अलग बनदरगाह क बार म तो अब बहत लोग जान चक ह जहा िरान जहाजो को तोडन म लग मजदर आय पदन जानलवा दघथटनाओ और बीमाररयो का पशकार होत रहत ह अब lsquoसरत क टकसटाइल उदोग म मजदरो क हालातrsquo शीरथक इस ररिोटथ स गजरात क एक और परमख उदोग की असली तसवीर सामन आ रही ह वडोदरा म पसरत lsquoिीिलस टपनग एड ररसचथ सटरrsquo (िीटीआरसी) क जगदीश िटल दारा तयार की गयी यह ररिोटथ बताती ह पक य आकड हालात की िरी तसवीर सामन नही लात कयोपक बहत स कारखान तो रपजसटडथ ही नही ह और उनक आकड सरकारी पवभागो क िास होत ही नही ह इस ससरा न अखबारो की कतरनो की जाच स भी िता लगाया पक सरत म टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच

121 मजदरो की मौत हई और 126 गमभीर रि स घायल हो गय लपकन ररिोटथ यह भी कहती ह पक काम िर होन वाली चोटो या मौतो की जयादातर खबर अखबारो या जनता तक िहचती ही नही कयोपक बहतर कारखान रपजसटडथ नही ह और उनम काम करन वाल मजदरो का भी कोई लखा-जोखा नही रहता

यह कोई नयी बात नही ह पकसी भी

औदोपगक इलाक म काम करन वाला मजदर या मजदर कायथकताथ इस बात को जानता ह कछ साल िहल पदलली क बादली औदोपगक कषरि म पबगल मजदर दसता दारा आरटीआई क तहत उदोग पवभाग शरम पवभाग और पदलली िपलस स यह जानकारी मागी गयी पक पिछल तीन महीनो म यहा क कारखानो म पकतनी दघथटनाए हई और उनम मरन या घायल होन वाल मजदरो की सखया पकतनी ह उदोग पवभाग और शरम पवभाग क िास तो कोई जानकारी ही नही री पदलली िपलस न बताया पक उस दौरान बादली क कारखानो म

पकसी मजदर की मतय नही हई और चार मजदर घायल हए जबपक पबगल मजदर दसता न खद उनही तीन महीनो म कम स कम 6 मजदरो की मौत नाम-ित क सार दजथ की री

ररिोटथ कहती ह पक साल दर साल इतनी बडी सखया म दघथटनाए होती रहती ह पफर भी सरकारी पवभाग िरी तरह आख मद रहत ह ररिोटथ क अनसार

सरत म 1991-95 क बीच 100 घातक दघथटनाए हई पफर 2007 और 2008 म करमश 46 और 36 दघथटनाए दजथ की गयी लपकन इनह रोकन क पलए कोई ठोस कदम नही उठाय गय उलट पनयम-कायद को ताक िर रखकर काम करन वाल कारखानो की सखया बढ़ती ही चली गयी

ररिोटथ क अनसार य आकड सरत क टकसटाइल कारखानो म िशागत सवासथय और सरकषा क हालात की बहद पचनताजनक तसवीर िश करत ह दघथटनाओ क कारणाो िर नजर डाल तो 2012 और 2015 क बीच हई 121

घातक दघथटनाओ म स 30 जलन क कारण हई जबपक 27 पबजली का करणट लगन स हई 23 दघथटनाओ का कारण lsquorsquoदो सतहो क बीच कचलनाrsquorsquo बताया गया ह कारखानो की भीतरी तसवीर स वापकफ कोई भी वयपति इसका मतलब समझ सकता ह इसक अलावा बहत सी मौत दम घटन ऊचाई स पगरन आग और पवसफोट मशीन म फसन

गस आपद कारणो स हई ह जयादातर दघथटनाए जानलवा कयो बन जाती ह इसका कारण कारखानो की हालत स जडा हआ ह ररिोटथ म पदय गय एक उदाहरण स इस समझा जा सकता ह सरत क सयथिर इडपसटयल एसटट म अपविनी कमार रोड िर एक िावरलम यपनट म 3 अकटबर 2015 को सबह 1145 बज आग लगी दघथटना क दौरान जयादातर मजदर तो बाहर आ गय लपकन नीला नायक और कषणा पलमजा नाम क दो मजदर दसरी मपजल िर फस रह गय फायर परिगड न जब तक दोनो को पनकाला तब तक मपहला मजदर की

दम घटन स मौत हो चकी री ररिोटथ बताती ह lsquorsquoआग दसरी मपजल िर शर हई और तीसरी मपजल तक फल गयी मशीन इस तरह रखी गयी री पक दो मशीनो क बीच म पबलकल जगह नही री और चलन क रासत पबलकल सकर हो गय र रासतो म ही कचचा माल और तयार माल क बणडल भी ढर लगाकर रख गय र कारखान म 200 मजदर र गराउणड फलोर क मजदर तो बाहर पनकल गय लपकन दसरी और तीसरी मपजलो क मजदर फस रह गयrsquorsquo

ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर मामलो म मरन या घायल होन वाल मजदरो को मआवजा या तो पमलता ही नही या पफर बहत कम पमलता ह ररिोटथ म अजय राज यादव (18 साल) का उदाहरण पदया गया ह पजसक सार सरत की एक इमरिॉयडरी यपनट म काम करत समय दघथटना हई मशीन म किडा लगात समय परस मशीन क रोल म उसका बाया हार फस गया उसकी तीन उगपलया काटनी िडी और चौरी बजान हो चकी ह ररिोटथ कहती ह lsquorsquoमपडकल पवशरज न उसकी पवकलागता 47 परपतशत बतायी लपकन उस कोई मआवजा नही पमला यपनट ईएसआई कानन क तहत रपजसटडथ री लपकन उस मजदर को ईएसआई काडथ नही पदया गया राrsquorsquo एक मजदर यपनयन की ओर स दो साल तक चली काननी कारथवाई क बाद सरानीय कोटथ न अजय को 288685 रिय मआवजा और 86605 रिय जमाथना दन का आदश पदया इसक बाद मापलक न उस मजदर को काम स पनकाल पदया पिछल िाच साल स उस मामल की सनवाई अभी जारी ह और अजय को एक भी िसा मआवजा नही पमला ह सरत की मजदर बपसतयो म आिको ऐस बहत स मामलो क बार म सनन को पमलगा

ndash दबगि सवाििाता

गजरनात मॉरल कना ििी चतहरना सरत कना टतकसटनाइल उदोग यना मजदरो कना कतलगनाह

17 अपरल की रात को दपकषणी पदलली क नवादा औदोपगक कषरि म एक फकटी म शॉटथसपकथ ट स आग लगन की वजह स 3 मजदरो की मौत हो गयी जब फकटी क अदर आग भडकी तो मजदरो न अिनी जान बचान क पलए फकटी स बाहर पनकलन की कोपशश की मगर फकटी का दरवाजा बाहर स बद होन क कारण वो अदर ही घट-घट कर मर गय

गौर करन वाली बात ह पक सरकारी आकडो क मतापबक मरन वाल मजदरो की सखया 3 बतायी जा रही ह लपकन मजदरो का कहना ह पक फकटी म रात की पशफट म काम करन 7 मजदर गय र पजनम स बाकी 4 अब लािता ह मरन वालो म स दो मजदर पबजली परस ऑिरटर र यह आग रात करीब 10 बज क आस-िास लगी दर रात को फकटररयो म अवि रि स काम करान क पलए फकटी मापलक कारखानो का

दरवाजा बाहर स बद करवा दत ह यह पररा गर-काननी होन क बावजद भी बहद आम ह

अिन सारी मजदरो की फकटी क मापलक की लािरवाही क कारण हई मौत क पखलाफ मजदरो म बहद गससा रा पजसक चलत मजदरो न हडताल कर दी और अिन सापरयो क पलए इनसाफ की माग उठात हए फकटररयो क बाहर परदशथन कर रह ह नवादा औदोपगक कषरि म ऐसी कई फकटररया ह और सभी की कहानी एक जसी ह मजदरो क आकरोश स घबराकर िहल तो कछ फकटी मापलक उनह अिनी हडताल वािस लन का दबाव बनान उनक िास गए लपकन जब मजदरो न उनकी बात मानन स इकार कर पदया तो उनह डरान-िमकान लग और एक मजदर क सार मार-िीट की पजसक बाद मजदरो म रोर और भी बढ़ गया एक तरफ उनक

3 सापरयो की हतया की जाती ह तो दसरी तरफ नयाय की माग उठान और शरम कानन लाग करन की माग करन िर उनक सार मापलक िपलस-परशासन स बखौफ होकर मार-िीट करत ह

यह ररिोटथ पलख जान तक नवादा औदोपगक कषरि क सकडो मजदर हडताल िर ह और अिन अपिकारो क पलए सघरथरत ह ऐसी पकसी भी घटना क बाद मवाअजा दन स बचन क पलए अकसर फकटी मापलक मजदरो को िहचान िरि तक नही दत दघथटना क नाम िर लगन वाली ऐसी आग पसफथ और पसफथ मापलक की लािरवाही का नतीजा होती ह ऐस म जब मजदर हडताल कर अिन पलए इनसाफ की माग कर रह ह तो पदलली की सरकार घोड बच कर सो रही ह और वो भी तब जब जनवरी स लकर अपरल तक यह दश की राजिानी पदलली म हई ऐसी चौरी बडी

घटना ह बवाना म लगी भीरण आग क बाद सरकार न कई वाद तो पकय र लपकन उनक वाद पकस कदर खोखल ह यह बवाना क बाद सलतानिरी की जता फकटी नरला की फकटी और अब नवादा म लगी आग स साफ हो गया ह इन सभी दघथटनाओ म सरकारी आकडो क मतापबक 28 मजदरो की मौत हो चकी ह कया राजिानी क महनतकशो की पजनदगी की कीमत सरकार की नजर म कछ भी नही ह कयो बार-बार ऐसी दघथटनाए होन िर भी सतता म बठ नताओ की नीद नही टट रही ह

पदलली क तमाम औदोपगक कषरिो म मजदरो क हालात बहद खराब ह सभी शरम काननो को ताक िर रख कर मजदरो स अमानवीय िररपसरपतयो म काम करवाया जाता ह और उनह जानबझ कर मौत क मह म िकला जाता ह जयादातर मजदरो क िास

कोई िहचान िरि तक नही ह और न ही इलाक की पकसी भी फकटी म नयनतम वतन पदया जाता ह पबगल मजदर दसता क कायथकताथ नवादा क मजदरो की इस हडताल म शर स पशरकत कर रह ह पबगल क सारी अनत न बताया पक अब तक इस आग म जल कर मरन वाल मजदरो क फकटी मापलक को पगरफ़तार तक नही पकया गया ह उलटा जब स मजदर फकटररयो क बाहर इकठा हो रह ह तब स वहा अपिक सखया म िपलसबल तनात पकया जा रहा ह और मजदरो की हडताल को तोडन का परयास पकया जा रहा ह लगभग 500 मजदर अभी भी फकटररयो क बाहर ह और काम म सरकषा और मआवज क अपिकार क पलए लड रह ह

ndash दबगि सवाििाता

ददलली कत मौत कत कनारिनािो कना कहर जनारी अब िवनादना की कॉकरी फकटी म आग लगित सत कम सत कम 3 मजदरो की मौत

6 मजदर नबगल अपल 2018

मनीश मिोिाराजसरान म बरोजगारी की हालत

िर दश की तरह ही भयानक ह राजसरान म पिछल 7 सालो म मारि 255 लाख सरकारी नौकररया पनकली और इनक पलए 1 करोड 8 लाख 23 हजार आवदन पकय गय यानी पक हर िद क पलए 44 अभयपरथयो क बीच मकाबला हआ राजसरान म हाल ही म रीट की िरीकषा हई पजसम कवल 54 हजार िद र (शर म कवल 34 हजार िद र जो पक चनावी साल होन क कारण चालाकी स बढ़ाय गय) और लगभग 10 लाख नौजवानो न िरीकषा दी लपकन उसम भी भतषी अटक गयी कयोपक राजसरान सरकार की कापहली क कारण ििर आउट हो गया कलकथ गरड िरीकषा म 6 लाख स अपिक उममीदवारो न िरीकषा दी री िपलस कासटबल 2017 की िरीकषा म 5500 िद र पजसक पलए 17 लाख आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 310 लोगो न आवदन पकया पविानसभा म चिरासी भतषी िरीकषा क पलए 18 िदो क पलए 18 हजार आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 1 हजार लोगो न फामथ भरा सब इसिकटर 2016 की िरीकषा म 300 िदो क पलए तीन लाख लोगो न आवदन पकया रा पवविपवदालय सहायक 2015 म हई भतषी क पलए महज 33 हजार िदो क पलए 10 लाख बरोजगा रो न आव दन पकया रा आरटट 2011 म दोनो सतरो िर करीब 10 लाख 79 हजार िरीकषारषी शापमल हए भाजिा सरकार न इस साल

चनावी वरथ होन क कारण जनता को बवकफ बनान क पलए घोरणाओ क िकोड तलत हए बताया पक वह 2018 म एक लाख नौकररया दगी पकनत हकीकत यह ह पक राजय म अब तक लपमबत 93000 नौकररयो िर ही इन लोगो न पनयपति नही दी ह और य िद अब तक लपमबत ह पिछल एक दशक स कागरस और भाजिा की िजीवादी सरकारो दारा सरकारी नौकररयो का पनकाला जाना लगभग बनद पकया जा चका ह परदश म िवथ सरकार क कायथकाल म पनकली 76 हजार भपतथया कब तक लपमबत ह जाच-िडताल म सामन आया पक पिछल 5-6 सालो स कई भपतथयाा लपमबत ह और िद खाली िड हए ह एलडीसी भतषी 2013 क 7500 िद खाली ह िवथवतषी कागरस सरकार म साल 2013 म पनकली य पनयपतिया आज भी लपमबत ह वतथमान सरकार क कायथकाल म ही 18 हजार भपतथया लपमबत ह इसक अलावा िजीवादी सरकार यह बदमाशी भी करती ह पक भतषी की घोरणा करक ऐन समय िर भतषी बनद करवा दती ह राजसरान अिीनसर मनरिालपयक एव सवा चयन बोडथ की ओर स कमपयटर ऑिरटर परोगरापमग अपससटणट क 402 िदो क पलए एक लाख 19 हजार फॉमथ भर गय लपकन िरीकषा की पनिाथररत पतपर स 2 पदन िहल भतषी पनरसत कर दी गयी िीडबलयडी म कपनष अपभयनता क िद िर 600 िदो िर पनयपतिया पनकली पजसम 1 लाख स अपिक आवदन आय

िर िरीकषा पतपर स 4 पदन िहल इस भी पनरसत कर पदया गया इसक अलावा कई मामलो म जानबझकर पनयपतिया नही दी जा रही ह राजसरान लोक सवा आयोग न 2013 म कपनष पलपिक क िदो िर 6000 िदो की भतषी पनकाली पजसम िरीकषा क बाद पजला आवणटन हआ लपकन अभी तक पनयपति नही दी गयी ह िचायत राज पवभाग म कपनष पलपिक क िदो िर 9200 िदो िर 2013 की भतषी अटकी हई ह राजसरान लोक सवा आयोग क तहत कई हजार िदो िर भतषी अटकी हई ह

इसक अलावा राजसरान सरकार आरिीएससी (RPSC) राजसरान अिीनसर और मनरिालपयक सवा चयन बोडथ (RSMSSB) िचायती पवभाग आपद समय िर सही तरीक स िरीकषा नही करान क पलए कखयात ह राजसरान का हर यवा जानता ह पक अकसर इनक ििर सटर दारा बनाय गय परशनिरिो िर हाईकोटथ म ररट लगती रहती ह और भतषी अटक जाती ह 2013 की एलडीसी (LDC) जपनयर अकाउणटणट की भतषी अब तक अटकी हई ह कई बार परशनिरि आउट हो जात ह इसपलए उति ससराओ की जवाबदही तय की जानी चापहए िरान ििर सटरो को हटाकर िारदपशथता क सार िरीकषा करवात हए परशनिरि एनसीईआरटी (NCERT) की िाठय िसतको क पहसाब स बनवाय जान चापहए तापक हर साल परशनो क उततर को लकर अनावशयक पववाद ना िदा हो व

भपतथया कोटथ म ना अटक आज जस समय म नौजवानो की एक मखय माग तो यही बनती ह पक तमाम रकी हई भपतथया तरनत भरी जाय नय िद सपजत पकय और हर साल लगभग 15 लाख सरकारी नौकररया दी जाय जो पक वसनिरा सरकार का वादा भी रा इसक अलावा कयोपक राजसरान म कई-कई साल तक भतषी नही पनकली ह इसपलए आय सीमा को भी 35 स बढ़ाकर 40 पकया जाना चापहए उिर कागरस की जनपवरोिी नीपतयो को आग बढ़ात हए य सरकार भी पशकषा सवासथय रोडवज आपद का सारा काम ठक िर द रही ह आगनबाडी कमथचारी आशा वकथ र आपद सब ठक िर ह मसलन राजसरान म सरकारी सकलो को खतम करक उनको िीिीिी मोड क नाम िर पनजी िजीवादी लटरो को पदया जा रहा ह पशकषा म रोडवज म असितालो आपद म सारा काम सरकार ठक िर द रही ह पजसस बतहाशा महगाई बढ़ रही ह और य बपनयादी मलभत सपविाए जनता की िहच स दर होती जा रही ह

इसपलए एक ओर आज क समय म हम समान पशकषा-वयवसरा और गाव-शहर म रोजगार की गारणटी क पलए लडना होगा तो दसरी ओर हम पनयपमत पकसम क काम म ठका पररा खतम करवान क पलए भी लडना होगा हम भारत सरकार िर जनदबाव बनाकर ठका मजदरी को िरी तरह समापत करवान क पलए लडना होगा भारत सरकार न

1970 क ठका मजदरी (उनमलन व पवपनयमन) अपिपनयम म वायदा भी पकया रा पक वो ठका पररा खतम करगी िर उलट ठकाकरण बढ़ता गया शरम का ठकाकरण िरी तरह बनद होना चापहए कयोपक यह मजदरो को अरपकषत बनाता ह उनह सगपठत होन की कषमता स वपचत करता ह उनकी मजदरी को कम करता ह उनह गलामी जसी कायथ-पसरपतयो म िकलता ह और रोजगार की एक शतथ भी िरा नही करता न यह रोजमराथ क काम की गारणटी करता ह और न पकसी परकार की आपरथक-सामापजक सरकषा दता ह यह मजदर वगथ को आपरथक और राजनीपतक तौर िर कमजोर करता ह और उनस लडन की ताकत छीनता ह इसपलए ठका पररा को समापत करना बरोजगार नौजवानो और मजदरो की भी एक परमख राजनीपतक माग बनती ह एक और बात हम आिस म समझनी होगी पक मौजदा तमाम चनावी िापटथयो का मकसद ही आम जनता को ठगना ह इसपलए हम इस या उस चनावी मदारी की िछ िकडन की बजाय करापनतकारी जनानदोलनो क दारा सरकार िर अिनी मागो क पलए दवाब बनाना चापहए िमथ-जापत-आरकषण-मपनदर-मपसजद-गाय वगरह क नाम िर पकय जा रह बटवार की राजनीपत को समझकर हम आिस म फौलादी एकजटता कायम करक सरकारी अनयाय और िजीवादी अनिरगदषी क पखलाफ आवाज उठानी होगी

रनामरनाजय म रनाजसनाि म पसरी भयकर बतरोजगनारी

दजस िश का इदतहास नही होता उसका कोई भदवषय भी नही हो सकता और जो पीढी अपन इदतहास व परमपरा को नही जानती वो अपना भदवषय व आिशव भी नही गढ सकती

अिन दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत व िरमिरा स िररपचत करान शहीद करापनतकाररयो क सिनो पवचारो लकयो और आदशषो की यादपदहानी क मकसद स उततराखणड राज य क पवपभनन पजलो व कसबो म नौजवान भारत सभा रिी मपति लीग व पबगल मजदर दसता दारा समपत सकलि यारिा पनकाली गयी समपत सकलि यारिा उततराखणड चनदरशखर आजाद क शहादत पदवस (27 फरवरी) स शर होकर भगतपसह सखदव व राजगर क शहादत पदवस (23 माचथ) तक चलायी गयी

तीन चरणो म चलन वाली इस यारिा का िहला चरण गढ़वाल कषरि की घाटी और तराई कषरि म चला दसरा चरण गढ़वाल क िहाडी कषरि म चलाया गया और तीसर चरण म कमाऊ क िहाडी व तराई कषरि म चलान क बाद दहरादन म समपत सकलि सभा क सार इस यारिा का समािन पकया गया इस िरी यारिा क दौरान वयािक िचाथ पवतरण नककड सभा गोषी िसतक-िोसटर परदशथनी व पफलम सकीपनग आपद की गयी

िहल चरण की शरआत दहरादन म 27 फरवरी को भारतीय महनतकश

जनता की करापनतकारी चतना क परतीक चनदरशखर आजाद और आज का समय पवचार-गोषी स की गयी इसक बाद 9 माचथ तक यह यारिा दहरादन हररदार रढ़की ऋपरकश क पवपभनन इलाको म कपनदरत रही 7-8 माचथ को अनतरराषटीय मपहला पदवस क अवसर िर एमकिी कॉलज दहरादन म रिी मपति स समबपनित िोसटर परदशथनी लगायी गयी और जबबार िटल की पफलम सबह की सकीपनग की गयी

यारिा का दसरा चरण 10-14 माचथ तक चला इस दौरान शरीनगर और उसक आस-िास क इलाको म वयािक िचाथ पवतरण करत हए नककड सभाए की गयी 14 माचथ को डोईवाला क पडगरी कॉलज म छारिो क बीच समिकथ एव वयािक िचाथ पवतरण क सार दसर चरण की यारिा का अपनतम िडाव िरा हआ

यारिा का तीसरा चरण 15 माचथ स 22 माचथ तक कमाऊ रीजन क रामनगर कालाढगी हलदानी ननीतान अलमोडा पिरौरागढ़ खटीमा रदरिर और काशीिर स होत हए दहरादन म समपत सकलि सभा क सार समापत हआ समपत सकलि सभा म मौजद नौजवानो नागररको व बपधिजीपवयो न मशाल क समकष शिर ली पक सामपरदापयक फासीवादी ताकतो दारा दश को जापत िमथ नसल रग भारा व राषटीयता क आिार िर बाटन क खनी मसबो को कामयाब नही होन दग दश म दपमत शोपरत-उतिीपड त दपलतो परियो

अलिसखयको िर होन वाल अतयाचार-दमन को बदाथशत नही करग महनतकश जनता की करापनतकारी एकजटता को बनाय रखन और सगपठत करन की हरसमभव कोपशश करग दशी-पवदशी िजी की लट और अनयाय-उतिीडन की बपनयाद िर कायम सामापजक-राजनीपतक-आपरथक ढाच क बरकस समता नयाय और मानवीय गररमा की बपनयाद िर एक नय समाज क पनमाथण क पलए जारी सघरथ म एक सचच इकलाबी पसिाही की भपमका पनभायग

यारिा क दौरान नककड सभाओ म वतिाओ न कहा पक आजादी क सात दशको क बाद भी आज महनतकश जनता की पसरपत लगातार बद स बदतर होती गयी ह पशकषा सवासथय रोजगार भोजन व आवास जस बपनयादी अपिकार भी लगातार पछनत गय ह जनता की नमाइनदगी करन का दावा करन वाली सभी चनावी िापटथयो का चाल-चहरा व चरररि भी बनकाब हो चका ह जनता की माला जिन वाली य िापटथया िजीिपतयो व बहराषटीय पनगमो की सवा-चाकरी म अिना ईमान तक पगरवी रखन म कोई गरज नही करती ह कॉरिोरटो की लट और शोरण को जारी रखन और सगम बनान क पलए दश की िपलस-फौज-नौकरशाही व नयायिापलका भी अिना काम बखबी पनभा रही ह जन-पवरोिी नीपतयो दमन शोरण स होन वाल असनतोर स जनता

का धयान भटकान क पलए आज तमाम सामपरदापयक फासीवादी ताकत िर दश म काम कर रही ह इनका एक ही मकसद ह पक इस दश क गरीब महनतकशो को जापत-िमथ-समपरदाय म बाटकर िजी की सवा की जाय इसक पलए य ताकत तमाम िापमथक परतीको का इसतमाल कर रही ह और छदम राषटवाद क नारो स नौजवानो-महनतकशो को भरपमत कर रही ह हम इनक रडयनरिो को िहचानकर इनक नािाक इरादो का भणडाफोड करना होगा इन ताकतो स लडकर ही इस दश क नौजवान-महनतकश करापनतकारी िररवतथन क सघरथ को अिन असली मकाम तक िहचा सकत ह

इन फापससट गणडा-पगरोहो का सामना यारिा क दौरान भी हआ यारिा क तीसर चरण म पिरौरागढ़ परवास क दौरान पिरौरागढ़ क पडगरी कॉलज म भगतपसह और करापनतकारी आनदोलन िर िोसटर परदशथनी लगायी गयी री इस परदशथनी को दखत ही सघी लमिटो का पगरोह कॉलज क परशासपनक दल-बल को सार लकर िहच गया आत ही यह पगरोह हलला-हगामा करन लगा पक लाल रग को कमिस म नही रहन दग इस िर वहा क तमाम छारिो न कहा पक लाल रग नही तो भगवा भी नही काफी बहस-मबाहस और छारिो क पवरोि क बाद कॉलज का परशासपनक अमला बकफट िर आ गया सघी पगरोहो को भी छारिो की दढ़ता दखकर

वहा स पखसक लना ही मनापसब लगा इसक बाद कॉलज म ही भगतपसह िर आिाररत पफलम की सकीपनग की गयी दरअसल इन भगवािाररयो को पदककत लाल रग स नही बपलक पवचार तकथ णा और वजापनकता स ह य फापससट दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत और करापनतकाररयो को याद पकय जान स इसपलए भी डरत ह कयोपक य अचछी तरह जानत ह पक आम छारिो-नौजवानो और महनतकशो को इनक असली एजणड व आजादी की लडाई स इनकी गदारी का जब िता चलगा तब इनका कया हशर होगा इसपलए य कभी नही चाहत पक जनता अिन वा सतपवक इपतहास और करापनतकारी सघरषो की पवरासत स िररपचत हो

िरी यारिा क दौरान उततराखणड क नागररको बपधिजीपवयो और छारिो-नौजवानो का बहत ही सहयोग और सार रहा जहा भी यारिा टोली गयी लोगो न रकवान और कायथकरम की जगह महया करान म बहत मदद की नककड सभाओ क दौरान भी लोगो न इस िर अपभयान को बहत ही सराहा और कहा पक आज इस तरह क अपभयानो व करापनतकारी पवकलि को खडा करन की बहत ही सख़त जररत ह

ndash दबगि सवाििाता

सनत सकलप यनातरना उतरनाखणड म गजना िनारना भगतधसह को यनाद करगत ndash फनाधससो को िही सहगत

मजदर नबगल अपल 2018 7

सतिनारनायर(अपखल भारतीय जापत पवरोिी मच

महाराषट) नयारिापलका जब पकसी अतयनत

महतविणथ मद िर पनणथय सनाती ह तो उसक राजनीपतक-आपरथक-सामापजक कारण समझना बहद जररी हो जाता ह बीती 20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा एससीएसटी एकट िर भी एक ऐसा ही फसला सनाया गया सपरीम कोटथ न एक कस की सनवाई क दौरान कहा पक एससीएसटी एकट का दरियोग होता ह और ऐस म भपवषय म एफआईआर तभी दजथ की जा सकगी जब उसकी परारपमभक जाच वररष िपलस अपिकारी कर लगा सार ही कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर रोक भी हटा दी गयी ह दशभर म दपलत पवरोिी जापतगत नफरत व पहसा का लमबा इपतहास रहा ह व इस फसल क कछ ही पदन बाद 29 माचथ क पदन गजरात म एक दपलत की हतया पसफथ इसपलए कर दी गयी पक वो घोडा रखता रा एससीएसटी एकट क बावजद भी दश म हर घणट दपलतो क पखलाफ 5 स जयादा हमल दजथ होत ह हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह अगर दपलत मपहलाओ की बात की जाय तो उनकी पसरपत तो और भी भयानक ह परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार का पशकार होती ह पिछल दस सालो 2007-2017 म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत बढ़ोततरी हई ह 2016 म 48000 स जयादा मामल दजथ हए ह

आि खद ही दपखय काननो का पकतना दरियोग होता ह

यहा दी गयी तापलका स भी यह सिष ह पक दपलतो क पवरधि हए बबथर स बबथर हतयाकाणडो म भी सजाए पबलकल नही हई सार ही राषटीय अिराि ररकॉडथ बयरो क आकडो क अनसार एससीएसटी एकट म चाजथशीट 78 परपतशत कस म फाइल हई ह इसस भी िता चलता ह पक अिराि हआ ह िर अनत म अिराि पसपधि तक बहत ही कम

कस िहच िात ह य चनद आकड साफ बता रह ह पक 70 साल की आजादी क बाद भी गरीब दपलत आबादी हक-अपिकारो स वपचत ह बबथर दपलत उतिीडन की घटनाओ और उसक बाद कारथवाई क नाम िर खानािपतथ य पदखाती ह पक सरकार िपलस-परशासन स लकर कोटथ तक म जापतगत मानपसकता स गरसत लोग भर िड ह यही कारण ह पक दपलतो िर हमल करन वाल जयादातर अिरािी बच पनकलत ह दशभर म एससीएसटी कानन क तहत वस भी वतथमान म दपलत उतिीडन क मामल की एफआईआर दजथ कराना सबस मपशकल काम होता ह सार ही िपलस परशासन का रवया मामल म सजाओ का परपतशत काफी कम कर दता ह दसरा इस कानन म गलत कस दजथ करान िर िीपडत क पवरधि आईिीसी की िारा 182 क अनतगथत कस दजथ करक दपणडत करन का पराविान िहल स ही ह इसी परकार अपगरम जमानत पमलन तरा उचच अपिकाररयो की अनमपत स ही पगरफ़तारी करन का आदश इस एकट क डर को पबलकल खतम कर दगा िहल ही इस एकट क अनतगथत सजा पमलन की दर बहत कम ह इस परकार कल पमला कर एससीएसटी एकट क दरियोग को रोकन क इराद स सपरीम कोटथ दारा पदय गय पदशा-पनदचश दपलतो की रकषा की बजाय आरोिी क पहत म ही खड पदखायी दत ह पजसस दपलत उतिीडन की घटनाओ म बढ़ोततरी ही होगी

नयायिापलका की सवतनरिता का बहत ढोल िीटा जाता ह िर हापलया

कछ पनणथयो स य सिष हो रहा ह पक आरएसएस की मोदी सरकार अिन जजो को पनयपति दकर तमाम पनणथय िाररत करवा रही ह हाल ही म जज लोया कस म भी सपरीम कोटथ न जो भपमका अिनायी ह वो इस बात की िपष करती ह एससीएसटी एकट म बदलाव का जब य फसला सनाया गया रा तो उसस िहल कई महीनो तक लगातार दशभर म बरोजगार यवको क परदशथन चल रह र इस एक फसल न ना पसफथ उस मद को दबा पदया बपलक नौजवानो-महनतकशो क बीच जापतगत दीवार भी बडी कर दी फसल क बाद लोग आरकषण खतम करन जसी मागो को लकर आग आन लग िर समाज म दपलत व गर-दपलत क बीच की खाई िहल स और बडी हो गयी 2 अपरल को दशभर म इस कानन म बदलाव क पखलाफ जब परदशथन हए तो तमाम उचच जातीय लोगो न दपलतो िर हमल पकय मधयपरदश क गवापलयर म तो बाकायदा पिसतौल लकर दपलतो को गोपलया मारता वयपति सामन आया इस फसल स जो खल मोदी सरकार खलना चाहती री वो िरा होता नजर आ रहा ह

गजरनात मॉरल दशभर म गजरात मॉडल की बहत

बात होती ह िर असल म य मॉडल कया ह य मॉडल ह मजदरो-महनतकशो की लट की खली छट और दपलतो क दमन की भी खली छट इसका एक परमाण य ह

पक दशभर म जहा एससीएसटी एकट म अिराि पसधि होन की दर 284 परपतशत

ह वही गजरात म इसकी छह गना कम 34 परपतशत ह गजरात म मजदरो की हडताल बहत कम होती ह कयोपक वहा बबथरतम दमन पकया जाता ह इसी मॉडल को आज दशभर म मोदी सरकार लाग कर रही ह पसफथ इस कानन को ही नही बपलक दश-भर म आजकल जनता क अलग-अलग पहससो क सरकषण क पलए बन पवपभनन काननो को कमजोर करन का समय चल रहा ह कछ कानन सीि ससद म बदल जा रह ह तो पकसी म कोटथ दारा सजान लकर िररवतथन पकय जा रह ह मोदी सरकार पवपभनन शरम काननो को वयािार करन की आसानी क नाम िर बदलन की योजना लमब समय स बना रही ह और इसका डाफट तयार ह जापहर ह पक वया िार आसान तभी होता ह जब मजदरो का शोरण बढ़ता ह ऐसा ही एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह सपरीम कोटथ का फसला साफ तौर िर दशाथता ह पक मोदी सरकार दारा आकडो की अनदखी करत हए कमजोर दलील रखी गयी ह असल म भाजिा और आरएसएस इस कानन को पनषपरभावी बनाना चाहती ह ऐस म सभी गरीब महनतकश आबादी और इसाफिसनद लोगो को इस कानन म िररवतथन क पवरधि एकजट होकर दपलतो िर बढ़त अतयाचारो क पखलाफ सघरथ करन की जररत ह कयोपक य एक-एक कर कभी दपलत कभी मजदर तो कभी मपहलाओ क हको क सरकषण क पलए बन काननो को पनषपरभावी बनात रहग

दश म कानन दो तरह क होत ह एक वो कानन जो जनता क एक पहसस

या सार पहसस क हक-अपिकारो स समबपनित होत ह (जस मपहलाओ क पवरधि होन वाल अिरािो क पलए बन कानन मजदरो क हको-अपिकारो स समबपनित कानन दपलतो िर अतयाचार रोकन क पलए बन कानन आपद) और दसर कानन वो होत ह जो जनता का दमन-उतिीडन करन क पलए सरकार व परशासन को ताकत दत ह (जस िपलस को एनकाउणटर की ताकत दना फौज को कछ इलाको म पवशरापिकार यानी एनकाउणटर व पगरफ़तार करन की इजाजत दना) हमार दश की सरकार चाह वह कागरस की रही हो या अभी भाजिा वाली सरकार हो वो सिष तौर िर िजीिपतयो क पहतो का परपतपनपितव करती ह उनक पहतो क पलए वो जहा मजदरो क अपिकारो को लगातार कम कर रही ह वही सरकार क दमन क अपिकारो को बढ़ा रही ह फजषी मामलो म मारपत क मजदरो को चार साल तक जल म रखना दश की जलो म दपसयो साल तक मपसलम नौजवानो को रखना और बाद म पनददोर कहकर छोड दना फजषी एनकाउणटर म लोगो को मार दना - य उसी क उदाहरण ह अभी आिार काडथ को अपनवायथ बनाकर भी सरकार और परशासन अिन दमन क दायर को बढ़ान की योजना बना रहा ह लपकन सरकार और परशासन य भी जानत ह पक अगर लोगो क अपिकारो को एक सार छीना तो बगावत हो जायगी इसपलए वो िीर-िीर छीनत ह और सार ही छीनत समय भी जनता क बीच जापतगत और िापमथक झगड लगा दत ह जसा पक अभी एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह जनता को दपलत और गर-दपलत क बीच बाटा जा रहा ह आज वो अगर जनता क एक पहसस क पलए आय ह तो कल हमार पलए भी जरर आयग भारत की िजीवादी राजयसतता (सरकार और िपलस-परशासन) सिष तौर िर गरीब पवरोिी दपलत पवरोिी और मपहला पवरोिी ह यानी इस िजीवादी राजयसतता का एक जापतगत चरररि भी ह और लपगक चरररि भी यह समझकर ही हम इसक पवरधि सघरथ कर सकत ह

आज दशभर म बरोजगारी

20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा आरपकषत दपलत आबादी िर होन वाल अतयाचार क पखलाफ 1989 म बन कानन को कमजोर करन का फसला सनाया गया पजसक अनसार कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर स रोक को हटा पदया गया ह इस फसल का दशभर म पवरोि हआ और 2 अपरल को कानन क बदलाव क पवरोि म भारत बनद का भी आहान पकया गया रा नौजवान भारत सभा न

भी सरकार दारा एससीएसटी एकट को कमजोर करन क पवरोि म महाराषट क ममबई िण और अहमदनगर इलाको म अपभयान चलाया

ममबई म अपभयान मखयतः लललभाई कमिाउणड साठ नगर जापकर हसन नगर टाटानगर बगन बारी मणडाला महाराषट नगर आपद इलाको म चलाया गया सार-सार यपनवपसथटी म छारिो क बीच भी िचच बाट गय जगह-जगह नककड सभाए की गयी और िचच बाट गय नककड सभाओ क दौरान नौजवान भारत सभा क बबन न बात रखत हए कहा पक अगर आज

दपलत उतिीडन समबनिी घटनाओ का आकडा उठाकर दख तो िता चलगा पक हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह और परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार की पशकार होती ह 2007 स लकर 2017 क बीच म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत की बढ़ोतरी हई ह 2016 म ही पसफथ 48000 स जयादा मामल दजथ ह ऐस म काननो को कमजोर बनाना सरकार की दपलत पवरोिी मानपसकता को जापहर करता ह

िण म 2 अपरल को नौजवान भारत सभा लोकायत और अनय परगपतशील सगठनो न पमलकर एक पवरोि परदशथन

का आयोजन पकया इसम नौजवान भारत सभा की तरफ स बात रखत हए अपभजीत न कहा पक एनसीआरबी की ररिोटथ क अनसार 2014-2016 क बीच म भाजिा शापसत िाच राजयो म दपलतो िर अतयाचार क सबस जयादा मामल दजथ ह भाजिा सरकार आन क बाद ऊना सहारनिर जसी घटनाए भी हमार सामन आयी ह आज जररी ह पक इस मनवादी फासीवादी सरकार क पखलाफ सघरथ करन क पलए हम तयार रह

अहमदनगर म पसधिारथ कॉलोनी और नय आटथस कॉलज म इसी पवरय िर िचाथ पवतरण पकया गया और नककड

सभाए भी की गयी नककड सभा म बात रखत हए सोमनार न कहा - अहमदनगर म दपलत उतिीडन की कई घटनाए दखन को पमली ह चाह वह जवाखड हो या पफर पनपतन आग की घटना हो जो समाज म मौजद जापतगत उतिीडन की तसवीर सामन ला दती ह आज जररी ह इन जापतगत उतिीडनो क पखलाफ आवाज उठायी जाय सार-सार जनता को सगपठत करक काननो को कमजोर करन की कोपशशो को नाकाम पकया जाए

ndash दबगि सवाििाता

सपीम कोटष दनारना एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

एससीएसटी एक को कमजोर करित कत खखलनाफ िौभनास दनारना महनारनाषट म चलनायना गयना अजभयनाि(पतज 2 पर जनारी)

पकतन दपलतो की हतया

कब और कहा नयापयक िररणाम

44 पकलवनमनी तपमलनाड 25 पदसमबर 1968 सभी आरोपियो को बरी कर पदया गया13 चनदर आनधरपरदश 6 अगसत 6 1991 2014 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया10 नागरी पबहार 11 नवमबर 1998 माचथ 2013 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया22 शकर बीघा गाव पबहार 25 जनवरी 1999 जनवरी 2015 म सभी आरोिी बरी21 बरानी टोला पबहार 11 जलाई 1996 अपरल 2012 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया32 पमयािर पबहार 2000 2013 म सभी को छोड पदया गया58 लकमणिर बार 1 पदसमबर 1997 2013 म सभी को छोड पदया गया1 महाराषट का परपसधि पनपतन आग कस पजसम

एक नौजवान को िर गाव क सामन मार पदया गया रा 28 अपरल 2014

23 नवमबर 2017 क पदन सबको छोड पदया गया

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 2: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मजदर नबगल की वतबसनाइटwwwmazdoorbigulnet

इस वबसाइट पर दिसमबर 2007 स अब तक दबगि क सभी अक करमवार उसस पहि क कछ अको की सामगी तथा राहि फाउणशन स परकादशत सभी दबगि पदतकाए उपिबध ह दबगि क परवशाक स िकर नवमबर

2007 तक क सभी अक भी वबसाइट पर करमशः उपिबध कराय जा रह हमजिर दबगि का हर नया अक परकादशत होत ही वबसाइट पर दनशलक

पढा जा सकता हआप इस फसबक पज क जररय भी lsquoमजिर दबगिrsquo स जड सकत ह

wwwfacebookcomMazdoorBigul

1 lsquoमजिर दबगिrsquo वयापक महनतकश आबािी क बीच करादतकारी राजनीदतक दशकषक और परचारक का काम करगा यह मजिरो क बीच करादतकारी वजादनक दवचारधारा का परचार करगा और सचची सववहारा स कक दत का परचार करगा यह िदनया की करादतयो क इदतहास और दशकषाओ स अपन िश क वगव सघरषो और मजिर आिोिन क इदतहास और सबक स मजिर वगव को पररदचत करायगा तथा तमाम पजीवािी अफवाहो-कपरचारो का भणाफोड करगा

2 lsquoमजिर दबगिrsquo भारतीय करादत क वरप रात और समयाओ क बार म करादतकारी कमयदनटो क बीच जारी बहसो को दनयदमत रप स छापगा और lsquoदबगिrsquo िश और िदनया की राजनीदतक घटनाओ और आदथवक दथदतयो क सही दवशरण स मजिर वगव को दशदकषत करन का काम करगा

3 lsquoमजिर दबगिrsquo वय ऐसी बहस िगातार चिायगा तादक मजिरो की राजनीदतक दशकषा हो तथा व सही िाइन की सोच-समझ स िस होकर करादतकारी पाटटी क बनन की परदकरया म शादमि हो सक और वयवहार म सही िाइन क सतयापन का आधार तयार हो

4 lsquoमजिर दबगिrsquo मजिर वगव क बीच राजनीदतक परचार और दशकषा की कारववाई चिात हए सववहारा करादत क ऐदतहादसक दमशन स उस पररदचत करायगा उस आदथवक सघरषो क साथ ही राजनीदतक अदधकारो क दिए भी िडना दसखायगा िअनी-चवनीवािी भजाछोर कमयदनटो और पजीवािी पादटवयो क िमछलि या वयदतिवािी-अराजकतावािी टयदनयनो स आगाह करत हए उस हर तरह क अथववाि और सधारवाि स िडना दसखायगा तथा उस सचची करादतकारी चतना स िस करगा यह सववहारा की कतारो स करादतकारी भरती क काम म सहयोगी बनगा

5 lsquoमजिर दबगिrsquo मजिर वगव क करादतकारी दशकषक परचारक और आहानकताव क अदतररति करादतकारी सगठनकताव और आिोिनकताव की भी भदमका दनभायगा

lsquoमजदर नबगलrsquo कना सवरप उदतशय और जज मतदनाररयना

पपय पनाठको बहत सत सदसो को lsquoमजदर नबगलrsquo नियगमत भतजना जना रहना ह लतककि कनाफी

समय सत हम उिकी ओर सत ि कोई जवनाब िही गमलना और ि ही बकनायना रनाजश आपको बतनाित की जररत िही कक मजदरो कना यह अिबनार लगनातनार आररक समसना कत बीच ही निकनालिना होतना ह और इसत जनारी रखित कत ललए हम आपकत सहयोग की जररत ह अगर आपको lsquoमजदर नबगलrsquo कना पकनाशि जररी लगतना ह और आप इसकत अक पनातत रहिना चनाहतत ह तो हमनारना अिरोि ह कक आप कपयना जलद सत जलद अपिी सदसतना रनाजश भतज द आप हम मिीआरषर भतज सकतत ह यना सीित बक खनातत म जमना करना सकतत ह

मिीआरषर कत ललए पतना मजदर नबगल दनारना जिचततिनारी-68 निरनालनािगर लखिऊ-226020बक खनातत कना नववरर Mazdoor Bigul खनातना सखना 0762002109003787 IFSC PUNB0076200पजनाब ितशिल बक निशनातगज शनाखना लखिऊ

सदसतना वनाररक 70 रपयत (रनाकिचष सकहत) आजीवि 2000 रपयतमजदर नबगल कत बनारत म ककसी भी सचिना कत ललए आप हमसत इि मनाधयमो

सत समकष कर सकतत ह ःफोि 0522-4108495 8853093555 9936650658ईमतल bigulakhbargmailcom फत सबक wwwfacebookcomMazdoorBigul

मजदर नबगलसमपािकीय कायाविय ः 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 फोन 8853093555दिलिी समपकव ः बी-100 मकि दवहार कराविनगर दिलिी-94 फोनः 011-64623928 ईमि ः bigulakhbargmailcomमलय ः एक परदत - 5- रपय वादरवक - 70- रपय (ाक खचव सदहत) आजीवन सियता - 2000- रपय

मजदर नबगल कत ललए अपित कनारिनाित दफतर यना बसी की ररपोटट लतख पतर यना सझनाव आप इि तरीको सत भतज सकतत हः

डाक स भजन का िता मजिर दबगि दारा जनचतना ी-68 दनरािानगर िखनऊ-226020ईमल स भजन का िता bigulakhbargmailcom

2 मजदर नबगल अपल 2018

बरजआ अखबार परी की विशाल राशशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अखबार खद मज़दरो दारा इकटा ककय गय पस स चलत ह - लतनििlsquoमजदर नबगलrsquo मजदरो कना अपिना अिबनार ह

यह आपकी दनयदमत आदथवक मिि क दबना नही चि सकता दबगि क दिए सहयोग भदजयजटाइय

सहयोग कपन मगान क दिए मजिर दबगि कायाविय को दिदखय

पजीपनतयो कत पनास दजषिो अिबनार और टीवी चिल ह मजदरो कत पनास ह उिकी आवनाज मजदर नबगल इसत हर मजदर कत पनास पहचनाित म हमनारना सनार द

आपस की बनात

यह पतर हम मजदर बिगल की पाठक बिनदर कौर न भजा ह बिनदर कौर बिगापर म घरल नौकर क तौर पर काम करती ह पर मजदर बिगल को वहाटिएपप क माधयम ि बनयबमत तौर पर पढती ह तमाम िार पढ-बलख मजदर जो आज िहद कम तनखाहो पर अलग-अलग काम कर रह ह राजनीबतक तौर पर िहद िचत ह और िमय-िमय पर बिगल को पतर बलखत रहत ह फोन करत रहत ह ऐि म हम अनय िाबियो ि भी अपील करत ह बक ो मजदर बिगल को पतर बलखकर अपन जीन क िार म जरर िताय ताबक दशभर क मजदरो को पता चल बक जाबत धमम कतर ि पर िभी मजदरो की माग और हालत एक ही ह

बिनदर कौर का पतर हम यहा बिना बकिी िमपादन क द रह ह

कोई कहता ह इगपलश म मडकोई कहता हलिरकोई वरकर तो कोई नौकरानीआि लोग हम बस नाम दत हहमार घर क हालात कया हआिको नही मालमहमारी भारा म यहा रहन को बस मजबरी का नाम दत ह

हमारा नाम पबनदर कौर ह हमारी आय 25 साल ह हम िजाब क रहन

वाल ह हमार िास भारत म कोई काम नही रा इसपलए हम पसगािर म काम करन क पलए आय घर का सारा काम खाना बनाना आपद करन

22 पसतमबर 2017 को हम पसगािर म आय हम जस-जस लडपकयो को पमल हम िता चला पक वो कस रहती ह उनको कया-कया सहन करना िडता ह यहा िर छोटी-छोटी बात िर झगडा गापल या सहना आिा भखा रहना घर म कद रहना और हमशा डर क नीच दब रहना आम बात ह

एक पदन जब हम ऐजसी म गय तो हम कया दखत ह पक एक लडकी घर स भागकर आयी हई ह िछन िर िता चला पक पजस घर म वो काम करती री वह घरवाल उस बहत िरशान करत र जब वो लोग घर म होत र तो उसस काम करवात जब घर स जात तो उस बािकर जात र यहा तक पक गलती होन िर उस मारत र रपिड या जत स उसक बाल िकडकर भी मारत र उसका बाहर तो आना-जाना बनद रा ही उसका फोन तक भी तोड पदया गया रा जब एक पदन व लोग उस बािकर नही गय तो वह पखडकी स भाग आयी उसका िासिोटथ भी उसक िास नही रा

रपववार को सबको छटटी होती ह हमन रपववार की छटटी ली तो बहत-सी लडपकयो स बात करन का मौका

पमला उनम स एक लडकी न बताया पक मझस तीन-तीन बार एक पदन म घर साफ करवात ह एक और लडकी न बताया पक एक बार मझस किडा जल गया गलती स तो मडम न मरी िीठ िर आईरन बॉकस लगा पदया एक और लडकी पमली री ऐजसी म उसका नाम मनपजनदर रा और वह िजाब क जलनिर शहर की री वह एमए िास री खलती भी री खलो म उस गोलड मडल भी पमल चका ह मजबरी म पसगािर आ गयी उसन बताया पक दीदी मझ य लोग हमशा गाली पनकाल कर बात करत ह कोई गलती हो तो बोलत ह - अनिढ़-गवार कही की िता नही कहा स आयी ह िरा पदन एक काम को 2-2 या 3-3 बार करवात ह छटटी क िस भी नही दत 6 महीन हो गय एक भी छटटी नही दी बाहर जात ह तो लॉक करक जात ह

बशक खबसरत होगीितरर और शीश की इमारतलपकन कद ह यहा माऐ बहन बपटयाhellipऔर कद ह उनकी आखो क सिन आिकी सारी

नबनदर कौर दसगापर

नवदतशो म मजदरी कर रही भनारतीय मकहलना मजदरो की हनालत

अभतिवथ सतर िर ह खती म मशीनो क आन क सार बड िमान िर मजदर बाहर आ रह ह वही िजीवादी आपरथक सकट क कारण नय रोजगार उदोगो म भी नही िदा हो रह ऐस ही समय म दशभर म सामपरदापयक और जापतगत तनाव बढ़ाया जा रहा ह आम जनता क हक-अपिकार छीन जा रह ह एससीएसटी कानन 1989 म बदलाव भी िहल स ही दमन-उतिीडन झल रही दपलत आबादी को ओर अिर म िकलगा हम इसक पवरधि एकजट होना िडगा य पजममदारी आज दश क मजदरो और नौजवानो क कनि िर ह पक वो इसको जलद स जलद समझ ल हम पहटलर क समय क एक

कपव िासटर पनमोलर क शबदो को याद करना िडगा अगर वो आज यहा होत तो यही कहत

िहल वो आय दपलतो क पलएम कछ नही बोला कयोपक म दपलत नही रापफर वो आय मसलमानो क पलएम कछ नही बोला कयोपक म मसलमान भी नही रापफर वो आय मजदरो क पलएम कछ नही बोला म मजदर भी नही राऔर पफर वो आय मर पलएतब तक कोई नही बचा रा जो मर पलए बोलता

एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

(पतज 7 सत आगत )

मजदर नबगल अपल 2018 3

सतरियो पर बढतत हमलो कत खखलनाफ दतशभर म पदशषिउननाव और कठआ की दररदगी और दश भर

म मपहलाओ क पखलाफ बढ़ती यौन पहसा और उसक दोपरयो को भाजिा-सघ दारा सरकषण पदय जान क पवरोि म िर दश म लोगो का आकरोश फट िडा ह दश क हर राजय म और लगभग सभी छोट-बड शहरो म इन घटनाओ क पवरोि म परदशथन हए दिलिी करि इिाहाबाि िखनऊ मबई सदहत िश म कई जगहो पर तो आम िोगो न अपनी कािोदनयो क आसपास ऐस पोटर या बनर िगा दिय दक यहा पर बदचचया रहती ह यहा भाजपा और सघ क िोगो का आना मना ह

रिी मपति लीग रिी मजदर सगठन नौजवान भारत सभा और पदशा छारि सगठन न अिन सभी कायथकषरिो म पवपभनन सगठनो क सार साझा पवरोि परदशथनो म भी पहससदारी की और इस मद िर अलग स भी लोगो क बीच लगातार अपभयान चलाया

िखनऊ म रिी मपति लीग की िहल िर 10 अपरल को जीिीओ िर पवरोि परदशथन हआ पजसम पवपभनन सगठनो क लोगो न भाग पलया इसक अलावा शहर क पवपभनन इलाको म िोसटर परदशथनी और िचच क माधयम स यह सदश लोगो तक िहचाया जा रहा ह पक दश भर म मपहलाओ क पखलाफ बढ़ती पहसा की जडो की पशनाखत कर फापससट दररदगी को नसतनाबद करन की तयारी क पलए लोगो को एकजट होना होगा इस मपहम क तहत किररला हजरतगज खदरा लोपहया िाकथ रलव ऑपफस डालीगज आपद जगहो िर परदशथनी लगाई गई उननाव और कठआ क मद की मीपडया कवरज की वजह स लोगो म समसया की मल वजह जानन की पजजासा पदखी हालापक लोगो म इस भरम का भी असर पदखा पक सखत कानन बना दन स समसया का समािान हो जायगा जसा पक उममीद री कई जगहो िर ऐस पहनदतववापदयो स भी सामना हो जो बशमषी स बलातकार की इन घटनाओ को पहनद-मपसलम रग दन की कोपशश कर रह र लपकन आम लोगो न खद ही बलातकाररयो का समरथन करत सपघयो को आड हारो पलया और व भाग खड हए शहर क पवपभनन सगठनो की ओर स मपहलाओ िर पहसा क पवरोि म 16 स लकर 24 अपरल तक चलाय साझा अपभयान म भी रिी मपति लीग न पहससा पलया पजसक तहत 16 अपरल को हए पवरोि माचथ म पविानसभा क सामन पसरत भाजिा कायाथलय क सामन िहचत ही माचथ म शापमल परियो का गससा फट िडा और भाजिा तरा सघ क पखलाफ दर तक उगर नारबाजी की गयी

दिलिी क ससद मागथ िर कठआ और उननाव क दोपरयो को सजा पदलान और बढ़त रिी पवरोिी अिरािो क पखलाफ आवाज उठात हए सकडो की सखया म आम नागररक छारि यवा इकट हए रिी मपति लीग नौजवान भारत सभा और पदशा छारि सगठन न भी इस परदशथन म पहससदारी की और कहा पक कठआ और उननाव म हए बलातकारो की बबथरता और इन अिरािो क दोपरयो को सतता म बठ नता-मपरियो दारा बचान की कवायद बहद ही शमथनाक ह मोदी सरकार दारा lsquoनय इपडयाrsquo का जो गबबारा फलाया जा रहा ह उसकी सचचाई को वासतव म बढ़त हए रिी पवरोिी दपलत और अलिसखयक पवरोिी आम महनतकश अवाम और मजदर पवरोिी घटनाओ स बखबी समझा जा सकता ह इस परदशथन क माधयम स परदशथनकाररयो न बलातकाररयो को सख़त सजा दन की माग को उठाया उनहोन कहा पक इस वयवसरा म जहा हर चीज उिभोग का एक माल बना दी गयी ह वहा परियो को भी उिभोग की वसत स अलग और कछ नही समझ जाता पितसततातमक मानपसकता को िजीवाद वह उिजाऊ जमीन परदान करता ह

पजसम परियो क पखलाफ बबथर स बबथर अिराि आम घटनाए बन जात ह ऐस म चाह पकसी भी िाटषी की सरकार आय चाह कागजो िर पजतन भी कानन बना पलए जाए परियो की सरकषा एक बडा सवाल रहता ह ऐस म बढ़त रिी पवरोिी अिरािो का जवाब दन क पलए हर नयायपपरय छारि यवा नागररक को एकजट होना होगा और इस समाज क

िोर-िोर म िठी पितसततामक सोच पजस िजीवादी वयवसरा फलन-फलन म मदद कर रही ह जड स उखाड फ कना होगा

दिलिी की शाहाबाद डरी म पदलली घरल कामगार यपनयन रिी मपति लीग रिी मजदर सगठन और नौजवान भारत सभा दारा बलातकारो क पवरोि म अपभयान चलाया गया पदलली घरल कामगार यपनयन की बीना न कहा पक रिी पवरोिी बबथर अिरािो को अजाम दन वाल लोग आज lsquoजय शरी रामrsquo क नारो और पतरग झड की आड म खद को बचान म लग ह इतना ही नही भाजिा स लकर कागरस जसी तमाम चनावबाज िापटथयो क नता मरिी खलआम बलातकाररयो क समरथन और िकष म खड हए नजर आ रह ह इस परदशथन क दौरान वयािक रि स िचाथ पवतरण करत हए आम महनतकश

आबादी स रिी पवरोिी अिरािो क पखलाफ आवाज उठान और एकजट होन का आहान पकया गया सार म कठआ और उननाव क बलातकाररयो को कडी स कडी सजा पबना पकसी पवलब क पदय जान की माग की गयी कायथकताथओ न मपहलाओ क सकवाड बनान और आतम-रकषा क पलए परपशकषण कमि लगान की बात कही परदशथन क दौरान घरल

कामगार मपहलाओ न भी बात रखी16 अपरल को िदधयाना दजिा क

इसाफिसनद जनवादी जनसगठनो दारा कठआ उननाव सरत काणड सपहत दश म परियो क पखलाफ लगातार बढ़त जा रह पघनौन अिरािो क पखलाफ रोर परदशथन पकया व डीसी लपियाना को भारत सरकार क नाम मागिरि सौिा सगठनो न शहीद करतार पसह सराभा िाकथ भाई बाला चौक स लघ सपचवालय तक िदल माचथ भी पकया भारत सरकार को भज मागिरि क जररय माग की गयी पक उननाव व कठआ काणड क िीपडतो को इसाफ पदया जाय दोपरयो को सख़त स सख़त सजाए दी जाय उननाव काणड क मखय दोरी कलदीि सगर की पविानसभा सदसयता खाररज की जाय उिरोति मामलो म दोपरयो को सरकारी सरिरसती दन वालो को भी

सख़त सजाए दी जाय कठआ काणड क मामल म आरोपियो क िकष म सामपरदापयक परदशथन करन वाल भाजिा पविायको क पखलाफ सख़त कारथवाई की जाय उिरोति मामलो सपहत परियो क पखलाफ बलातकार जस पघनौन अिरािो क मामल म फासट टक अदालतो म पनिटाए जाय अिरापियो को सरकारी सरिरसती दना बनद हो

सगठनो का कहना ह पक आरएसएस भाजिा व अनय पहनदतववादी सगठनो दारा इन हमलो को भी सामपरदापयक रगत दी जा रही ह उततर परदश म कलदीि सगर और उसक सहयोपगयो दारा सामपहक बलातकार जस पघनौन अिराि को अजाम दन क बाद भी अिरािी लमब समय तक आजाद घमत रह ह िीपडता और उसक िररवार को डरात-िमकात रह ह िीपडता क पिता को पजस ढग स िपलस पहरासत म कतल पकया गया उसस यह सिष ह पक अिरापियो को सरकार िपलस परशासन की सरिरसती हापसल ह सगठनो का यह भी मानना ह पक पहनदतवी सामपरदापयक फासीवादी आरएसएस क उभार कनदर व पवपभनन राजयो म भाजिा सरकार बनन क इस दौर म परियो क पखलाफ अिराि िहल पकसी भी समय स कही अपिक भयानक हद तक बढ़ चक ह

सगठनो न परियो क पखलाफ लगातार बढ़त जा रह अिरािो अिरापियो को सरकारी सरिरसती और अनय जन मदो िर जनता को सगपठत सघरथ क पलए आग आन का आहान पकया ह

रोर परदशथन म पबगल मजदर दसता कारखाना मजदर यपनयन टकसटाइल-हौजरी कामगार यपनयन नौजवान भारत सभा जमहरी अपिकार सभा मोलडर एणड सटील वकथ जथ यपनयन मजदर अपिकार सघरथ अपभयान सीआईटीय तकथ शील सोसाइटी शहीद भगत पसह नौजवान सभा इकलाबी कनदर िजाब रलव िशनजथ वलफयर एसोपसएशन लोक मच िजाब िजाब लोक सभयाचारक मच लोक मोचाथ िजाब लोक एकता सगठन इकलाबी नौजवान पवदारषी मच अजाद पहनद पनमाथण मजदर यपनयन आपद सगठन शापमल र

इलाहाबाद गोरखिर दहरादन गापज याबाद और वाराणसी म भी रिी मपति लीग और नौजवान भारत सभा न इन घटनाओ क पवरोि म अपभयान चलाया और कई जगहो िर पवरोि परदशथन पकय

ककसी भी रप म बलनातनार कना समरषि करित वनालनात कत ललए इस समनाज म कोई जगह िही होिी चनाकहए

4 मजदर नबगल अपल 2018

परतयक बड शहर म एक या एक स जयादा मपलन बपसतया होती ह जहा मजदर वगथ ठसा हआ पजनदगी पबताता ह यह सच ह पक गरीबी अकसर अमीरो क महलो की आस-िास की नजर न आन वाली गपलयो म बसती ह लपकन आमतौर िर इसक पलए खशहाल वगषो की नजरो स दर एक अलग जगह द दी गयी ह जहा यह सघरथ म उलझी रह सक य मपलन बपसतया इगलणड क परतयक बड शहर म लगभग एक ही तरह स वयवपसरत ह ndash शहर क सबस घपटया पहससो म बन सबस घपटया मकान अकसर लमबी कतारो म बनी एक या दमपजली झपगगया शायद तहखानो को भी रहन क पलए इसतमाल म लात हए हमशा बतरतीब ढग स बनी हई दो या तीन कमरो और एक रसोई क य मकान लनदन क कछ पहससो को छोडकर िर इगलणड म मजदर वगथ की सामानय ररहायश ह गपलया अकसर कचची ऊबड-खाबड गनदी और कचर स भरी रहती ह जहा सीवर या गटर तो नही होता ह लपकन सडानि मारत रक हए िानी क गडढो की कोई कमी नही होती ह इसक अलावा साफ हवा की आवाजाही म िर इलाक क घपटया और बतरतीब पनमाथण की वजह स रकावट आती ह और चपक एक बहद छोट पहसस म बहत स इसान ठस हए रहत ह यहा िाय जान वाल वातावरण की कलिना आसानी स की जा सकती ह और अचछ मौसम म गपलयो का इसतमाल सखान वाली जगह क तौर िर होता ह जहा गील किडो स लद तार एक घर स दसर घर तक लटकत रहत ह

ऊिर की िपतियो म अगर इगलणड का पजकर न हो तो पदलली की शाहाबाद डयरी म एक बार भी जान वाला वयपति आसानी स यह मान सकता ह पक यह पववरण यही का ह लपकन यह उधिरण मजदरो क महान पशकषक और नता फडररक एगलस की परपसधि िसतक lsquoइगलणड म मजदर वगथ की दशा स पलया गया ह यह िसतक एगलस न आज स लगभग 175 साल िहल इगलणड क मजदरो क हालात क बार म पलखी री िजीवाद क उदय क सार

ही िदा हए मजदर वगथ की पजनदगी क हालात सभी दशो म लगभग एक जस ही दयनीय रह ह पसफथ वकत का फकथ हो सकता ह भारत जस पिछड िजीवादी दश म मजदर वगथ की पजनदगी क हालात और भी बदतर ह

शाहाबाद डयरी पदलली क बाहरी

इलाक म पसरत एक बसती ह जहा बहत बडी तादाद म मजदर आबादी रहती ह यहा क मजदर आस-िास क औदोपगक इलाको जस शाहाबाद डयरी बवाना नरला बादली जहागीर िरी आपद म काम करत ह बसती की मपहलाए कारखानो म काम करन क अलावा आस-िास की मधयवगषीय कॉलोपनयो म घरल कामगार क रि म काम करती ह जसा पक भारत की हर मजदर बसती का हाल ह शाहाबाद डयरी म भी जररी बपनयादी सपविाए नही क बराबर ह पजस आबादी की वजह स शहरो की चकाचौि कायम रहती ह वह खद एक अिरी दपनया म रहन क पलए मजबर कर दी गयी ह

शाहाबाद डयरी की सबस गरीब मजदर आबादी बसती क िीछ क पनचल पहसस म रहन को मजबर ह जहा बड-बड झीलनमा गडढो म िानी सडता रहता ह और पजसम स एक नाला पनकलता ह इन गडढो क चारो ओर तरा नाल क दोनो तरफ मजदरो न पकसी तरह जोड-

तोड करक अिनी झपगगया बनायी हई ह बाररश म यहा कया हालत होती ह इसका अनदाजा इस बात स आसानी स लगाया जा सकता ह पक नाल का गनदा िानी घरो म घस आता ह घरो स बाहर पनकल2ना महाल हो जाता ह और तरह-तरह की बीमाररया फल जाती ह गौरतलब ह पक पदलली म सबस जयादा डग क मरीजो की सखया वाल इलाको म शाहाबाद डरी भी ह

शाहाबाद डरी की कल आबादी लगभग एक लाख ह लपकन अभी दो साल िहल तक यहा कोई सावथजपनक शौचालय नही रा पजसकी वजह स लोगो को िास क खाली सनसान मदान म खल म ही शौच जाना िडता रा

मपहलाओ-बपचचयो को अकसर ना पसफथ छडखानी का सामना करना िडता रा बपलक बलातकार जसी वीभतस घटनाए यहा बहत सामानय-सी बात री शौचालय न होन की वजह स िरशानी का आलम यह रा पक माए अिन बचचो को रात म सोत वकत खाना या िानी तक

नही दती री तापक रात म शौच जान स बचा जा सक नौजवान भारत सभा क नततव म जब बसती क मजदरो न शौचालय बनवान क पलए जझार सघरथ चलाया तब जाकर सरकार न सावथजपनक शौचालय बनवाय लपकन य भी कल आबादी को दखत हए नाकाफी ह

यहा 12वी ककषा तक का पसफथ एक सरकारी सकल रा पजस 2016 म तब बनद कर पदया गया रा जब यहा एक बचच की करणट लगन स मौत हो गयी री और अभी तक उसको दोबारा शर नही पकया गया ह इस सकल क बचच तीन पकलोमीटर स भी जयादा दर पसरत िल परहादिर क एक सकल म टासफर कर पदय गय इसकी वजह स बहत स बचचो खासकर लडपकयो

का तो सकल जाना ही छट गया इसक अलावा यहा तीन पराइमरी सकल ह पजनक हाल इतन बहाल ह पक यहा एक कलास म 70-70 80-80 बचच िढ़त ह न तो िानी की कोई सपविा ह और न ही टॉयलट साफ-सरर ह इसक चलत सभी बचचो को और खासकर छारिाओ को इस वजह स बहत िरशानी उठानी िडती ह

िीन क िानी की बात कर तो हालात और भी भयावह नजर आत ह यहा िानी की िाइिलाइन नही पबछायी गयी ह इसपलए िीन क िानी की सपलाई टकरो क जररय होती ह आबादी क पहसाब स पजतन टकर आन चापहए उसक आि स भी कम आत ह कजरीवाल सरकार

क हवाई दावो की सचचाई यहा िता चलती ह कजरीवाल न चनाव स िहल पदलली की जनता स वादा पकया रा पक परतयक घर को परपतपदन 700 लीटर िानी पमलगा और जहा िानी की लाइन नही ह वहा िाइिलाइन पबछायी जायगी हकीकत यह ह पक हर घर म लोगो न दो-तीन पलापसटक क 20-20 लीटर वाल जार रख हए ह और िानी का टकर आन िर व इन जारो म िानी भरत ह गौरतलब ह पक टकर दारा भी लोगो को िानी परपतपदन नही महयया कराया जाता ह बपलक दो पदन म एक बार ही टकर आता ह इसस साफ ह पक हर घर म परपतपदन पसफथ 20 लीटर िीन का िानी ही सरकार क दारा उिलबि कराया जा रहा ह

इस वजह स आय पदन िानी को लकर लोगो क बीच झगड होत रहत ह अभी कछ पदन िहल ही पदलली म वजीरिर क मजदर इलाक म िानी क टकर स िानी िहल लन क मद िर झगडा हो गया पजसम एक बजगथ और उसक बट की मौत हो गयी आिको मधय वगथ क बहत स लोग कहत पमल जायग पक मजदर तो होत ही झगडाल ह बात-बात िर लडाई-झगडा करन को उतार रहत ह लपकन अगर व अिन एसी घरो स बाहर आकर मजदरो की पजनदगी क हालात का जायजा लग तो उनह िता चल जायगा पक कस यह मनाफाखोर वयवसरा मजदरो को इतनी सघरथिणथ पजनदगी जीन को मजबर कर दती ह पक उनह िानी जसी बपनयादी जररत क पलए भी लडना िडता ह लपकन पजन लोगो क घरो म िाइिलाइन स िानी आता हो और जो उस िानी का इसतमाल िीन क पलए ही नही बपलक अिनी गापडया िोन और अिन िालत कततो को नहलान क पलए भी करत ह उनस इस बात की उममीद नही की जा सकती

अनत म मजदरो की पजनदगी क य भयावह हालात पसफथ शाहाबाद डयरी म नही ह बपलक िर भारत म एक जस ह मनाफ िर पटकी इस आदमखोर िजीवादी वयवसरा म इसक अलावा और कोई उममीद नही की जा सकती

ndash दबगि सवाििाता

शनाहनाबनाद रतयरी कत मजदरो की जजनदगी कत िनारकीय हनालनात

लपनन क जनमपदवस (22 अपरल) क अवसर िर उततराखणड क मजदरो का माग-िरिक आनदोलन की शरआत पबगल मजदर दसता व रिी मजदर सगठन दारा की गई| हररदार क रोशनाबाद म माग-िरिक स समबपनित परचार अपभयान चलात हए िचाथ पवतरण पकया गया और मजदरो क हको-अपिकारो क बार म तफसील स बातचीत की गयी|

उततराखणड क मजदरो क 24 सरिीय मागो म स एक नयनतम वतन क सवाल िर बात रखत हए वतिाओ न कहा पक उततराखणड म नयनतम वतन आस-िास क राजयो (पदललीहररयाणाउततर

परदश) क नयनतम वतन स बहत ही कम हजबपक जीवन-जीन की मलभत सपविओ क मलयो व महगाई आपद म कोई अतर नही ह| नयनतम वतन का सवाल वयपति क गररमामय जीवन और भरण-िोरण स जडा हआ ह| ऐस म उततराखणड क मजदरो का नयनतम वतन कम स कम पदलली राजय सरकार क नयनतम वतन क बराबर होना चापहए| हालापक इस वतन िर भी पदलली हाईकोटथ न सखत पटपिणी की री पक lsquorsquoकया आि 16000- रिय म अिन िररवार का गजर-बसर कर सकत हrsquorsquo और पदलली क िजीिपतयो की वतन न

बढान की यापचका को खाररज करन क सार इस तकथ को को भी खाररज पकया रा पकrsquorsquoनयनतम वतन बढ़ जान स पनवश म कमी आएगी और उतिादन घटगा|rsquorsquo

अभी उततराखणड म 251- रिय दपनक और मापसक मपहला व िरर मजदरो को अलग-अलग 5500- स 8000-रिय तक दत ह| एक ही परकपत का काम करन वाल रिी-िरर की मजदरी म भी काफी अतर ह| माग-िरिक म इस असमानता को खतम कर समान कायथ क पलए समान वतन दन क कानन को सखती स लाग करन की माग की

गयी ह|बीस-सरिी मागिरिक की मखय माग

य ह1 उततराखणड क मजदरो का

नयनतम वतन दपनक 512 रिय और मापसक 16182 रिय पकया जाय

2 ठका पररा को खतम पकया जाय पनयपमत परकपत क कामो म लग सभी ठका मजदरो को पनयपमत पकया जाय

3 एक ही परकपत क काम का सरिी और िरर मजदरो को समान वतन पदया जाय

4 काम क घणट आठ पकय जाय और ओवरटाइम का डबल रट स

भगतान पकया जाय 5 सभी मजदरो को िहचान-िरि

वतन पसलि ईएसआई िीएफ की सपविा दी जाय

6 पसडकल औदोपगक कषरि म 90 पदन तक काम कर चक सभी मजदरो का पसडकल की तरफ स िहचान-िरि बनाया जाय

7 मजदरो क पलए आिपनक सपविायकत असिताल उनक बचचो क पलए सकल और ससत राशन की दकान खोली जाय

lsquoउतरनाखणड कत मजदरो कना मनाग-पतरक आनदोलिrsquo की शरआत

मजदर नबगल अपल 2018 5

गजरात का सरत शहर टकसटाइल उदोग का एक बडा कनदर ह यहा टकसटाइल उदोग म कई हजार मजदर काम करत ह दश भर क औदोपगक इलाको की तरह यहा भी मजदर बहद असरपकषत पसरपतयो म काम करत ह हाल म जारी एक शोि अधययन न सरत क टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच 84 घातक दघथटनाओ का बयौरा जमा पकया ह पजनम कम स कम 114 मजदरो की मौत हो गयी औदोपगक सरकषा एव सवासथय पनदशालय स आरटीआई क जररए पमली जानकाररयो क अनसार इस दौरान 375 स अपिक मजदरो को गमभीर चोट भी आयी ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर कारखानो म ईएसआई योजनाओ को ठीक स लाग नही पकया जाता पजसक कारण बहत स बीमा वाल मजदर भी पवकलाग होन िर पमलन वाली दखभाल और सहायता स वपचत रह जात ह जयादातर मजदर तो ईएसआई की सपविा स ही वपचत ह

गजरात क अलग बनदरगाह क बार म तो अब बहत लोग जान चक ह जहा िरान जहाजो को तोडन म लग मजदर आय पदन जानलवा दघथटनाओ और बीमाररयो का पशकार होत रहत ह अब lsquoसरत क टकसटाइल उदोग म मजदरो क हालातrsquo शीरथक इस ररिोटथ स गजरात क एक और परमख उदोग की असली तसवीर सामन आ रही ह वडोदरा म पसरत lsquoिीिलस टपनग एड ररसचथ सटरrsquo (िीटीआरसी) क जगदीश िटल दारा तयार की गयी यह ररिोटथ बताती ह पक य आकड हालात की िरी तसवीर सामन नही लात कयोपक बहत स कारखान तो रपजसटडथ ही नही ह और उनक आकड सरकारी पवभागो क िास होत ही नही ह इस ससरा न अखबारो की कतरनो की जाच स भी िता लगाया पक सरत म टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच

121 मजदरो की मौत हई और 126 गमभीर रि स घायल हो गय लपकन ररिोटथ यह भी कहती ह पक काम िर होन वाली चोटो या मौतो की जयादातर खबर अखबारो या जनता तक िहचती ही नही कयोपक बहतर कारखान रपजसटडथ नही ह और उनम काम करन वाल मजदरो का भी कोई लखा-जोखा नही रहता

यह कोई नयी बात नही ह पकसी भी

औदोपगक इलाक म काम करन वाला मजदर या मजदर कायथकताथ इस बात को जानता ह कछ साल िहल पदलली क बादली औदोपगक कषरि म पबगल मजदर दसता दारा आरटीआई क तहत उदोग पवभाग शरम पवभाग और पदलली िपलस स यह जानकारी मागी गयी पक पिछल तीन महीनो म यहा क कारखानो म पकतनी दघथटनाए हई और उनम मरन या घायल होन वाल मजदरो की सखया पकतनी ह उदोग पवभाग और शरम पवभाग क िास तो कोई जानकारी ही नही री पदलली िपलस न बताया पक उस दौरान बादली क कारखानो म

पकसी मजदर की मतय नही हई और चार मजदर घायल हए जबपक पबगल मजदर दसता न खद उनही तीन महीनो म कम स कम 6 मजदरो की मौत नाम-ित क सार दजथ की री

ररिोटथ कहती ह पक साल दर साल इतनी बडी सखया म दघथटनाए होती रहती ह पफर भी सरकारी पवभाग िरी तरह आख मद रहत ह ररिोटथ क अनसार

सरत म 1991-95 क बीच 100 घातक दघथटनाए हई पफर 2007 और 2008 म करमश 46 और 36 दघथटनाए दजथ की गयी लपकन इनह रोकन क पलए कोई ठोस कदम नही उठाय गय उलट पनयम-कायद को ताक िर रखकर काम करन वाल कारखानो की सखया बढ़ती ही चली गयी

ररिोटथ क अनसार य आकड सरत क टकसटाइल कारखानो म िशागत सवासथय और सरकषा क हालात की बहद पचनताजनक तसवीर िश करत ह दघथटनाओ क कारणाो िर नजर डाल तो 2012 और 2015 क बीच हई 121

घातक दघथटनाओ म स 30 जलन क कारण हई जबपक 27 पबजली का करणट लगन स हई 23 दघथटनाओ का कारण lsquorsquoदो सतहो क बीच कचलनाrsquorsquo बताया गया ह कारखानो की भीतरी तसवीर स वापकफ कोई भी वयपति इसका मतलब समझ सकता ह इसक अलावा बहत सी मौत दम घटन ऊचाई स पगरन आग और पवसफोट मशीन म फसन

गस आपद कारणो स हई ह जयादातर दघथटनाए जानलवा कयो बन जाती ह इसका कारण कारखानो की हालत स जडा हआ ह ररिोटथ म पदय गय एक उदाहरण स इस समझा जा सकता ह सरत क सयथिर इडपसटयल एसटट म अपविनी कमार रोड िर एक िावरलम यपनट म 3 अकटबर 2015 को सबह 1145 बज आग लगी दघथटना क दौरान जयादातर मजदर तो बाहर आ गय लपकन नीला नायक और कषणा पलमजा नाम क दो मजदर दसरी मपजल िर फस रह गय फायर परिगड न जब तक दोनो को पनकाला तब तक मपहला मजदर की

दम घटन स मौत हो चकी री ररिोटथ बताती ह lsquorsquoआग दसरी मपजल िर शर हई और तीसरी मपजल तक फल गयी मशीन इस तरह रखी गयी री पक दो मशीनो क बीच म पबलकल जगह नही री और चलन क रासत पबलकल सकर हो गय र रासतो म ही कचचा माल और तयार माल क बणडल भी ढर लगाकर रख गय र कारखान म 200 मजदर र गराउणड फलोर क मजदर तो बाहर पनकल गय लपकन दसरी और तीसरी मपजलो क मजदर फस रह गयrsquorsquo

ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर मामलो म मरन या घायल होन वाल मजदरो को मआवजा या तो पमलता ही नही या पफर बहत कम पमलता ह ररिोटथ म अजय राज यादव (18 साल) का उदाहरण पदया गया ह पजसक सार सरत की एक इमरिॉयडरी यपनट म काम करत समय दघथटना हई मशीन म किडा लगात समय परस मशीन क रोल म उसका बाया हार फस गया उसकी तीन उगपलया काटनी िडी और चौरी बजान हो चकी ह ररिोटथ कहती ह lsquorsquoमपडकल पवशरज न उसकी पवकलागता 47 परपतशत बतायी लपकन उस कोई मआवजा नही पमला यपनट ईएसआई कानन क तहत रपजसटडथ री लपकन उस मजदर को ईएसआई काडथ नही पदया गया राrsquorsquo एक मजदर यपनयन की ओर स दो साल तक चली काननी कारथवाई क बाद सरानीय कोटथ न अजय को 288685 रिय मआवजा और 86605 रिय जमाथना दन का आदश पदया इसक बाद मापलक न उस मजदर को काम स पनकाल पदया पिछल िाच साल स उस मामल की सनवाई अभी जारी ह और अजय को एक भी िसा मआवजा नही पमला ह सरत की मजदर बपसतयो म आिको ऐस बहत स मामलो क बार म सनन को पमलगा

ndash दबगि सवाििाता

गजरनात मॉरल कना ििी चतहरना सरत कना टतकसटनाइल उदोग यना मजदरो कना कतलगनाह

17 अपरल की रात को दपकषणी पदलली क नवादा औदोपगक कषरि म एक फकटी म शॉटथसपकथ ट स आग लगन की वजह स 3 मजदरो की मौत हो गयी जब फकटी क अदर आग भडकी तो मजदरो न अिनी जान बचान क पलए फकटी स बाहर पनकलन की कोपशश की मगर फकटी का दरवाजा बाहर स बद होन क कारण वो अदर ही घट-घट कर मर गय

गौर करन वाली बात ह पक सरकारी आकडो क मतापबक मरन वाल मजदरो की सखया 3 बतायी जा रही ह लपकन मजदरो का कहना ह पक फकटी म रात की पशफट म काम करन 7 मजदर गय र पजनम स बाकी 4 अब लािता ह मरन वालो म स दो मजदर पबजली परस ऑिरटर र यह आग रात करीब 10 बज क आस-िास लगी दर रात को फकटररयो म अवि रि स काम करान क पलए फकटी मापलक कारखानो का

दरवाजा बाहर स बद करवा दत ह यह पररा गर-काननी होन क बावजद भी बहद आम ह

अिन सारी मजदरो की फकटी क मापलक की लािरवाही क कारण हई मौत क पखलाफ मजदरो म बहद गससा रा पजसक चलत मजदरो न हडताल कर दी और अिन सापरयो क पलए इनसाफ की माग उठात हए फकटररयो क बाहर परदशथन कर रह ह नवादा औदोपगक कषरि म ऐसी कई फकटररया ह और सभी की कहानी एक जसी ह मजदरो क आकरोश स घबराकर िहल तो कछ फकटी मापलक उनह अिनी हडताल वािस लन का दबाव बनान उनक िास गए लपकन जब मजदरो न उनकी बात मानन स इकार कर पदया तो उनह डरान-िमकान लग और एक मजदर क सार मार-िीट की पजसक बाद मजदरो म रोर और भी बढ़ गया एक तरफ उनक

3 सापरयो की हतया की जाती ह तो दसरी तरफ नयाय की माग उठान और शरम कानन लाग करन की माग करन िर उनक सार मापलक िपलस-परशासन स बखौफ होकर मार-िीट करत ह

यह ररिोटथ पलख जान तक नवादा औदोपगक कषरि क सकडो मजदर हडताल िर ह और अिन अपिकारो क पलए सघरथरत ह ऐसी पकसी भी घटना क बाद मवाअजा दन स बचन क पलए अकसर फकटी मापलक मजदरो को िहचान िरि तक नही दत दघथटना क नाम िर लगन वाली ऐसी आग पसफथ और पसफथ मापलक की लािरवाही का नतीजा होती ह ऐस म जब मजदर हडताल कर अिन पलए इनसाफ की माग कर रह ह तो पदलली की सरकार घोड बच कर सो रही ह और वो भी तब जब जनवरी स लकर अपरल तक यह दश की राजिानी पदलली म हई ऐसी चौरी बडी

घटना ह बवाना म लगी भीरण आग क बाद सरकार न कई वाद तो पकय र लपकन उनक वाद पकस कदर खोखल ह यह बवाना क बाद सलतानिरी की जता फकटी नरला की फकटी और अब नवादा म लगी आग स साफ हो गया ह इन सभी दघथटनाओ म सरकारी आकडो क मतापबक 28 मजदरो की मौत हो चकी ह कया राजिानी क महनतकशो की पजनदगी की कीमत सरकार की नजर म कछ भी नही ह कयो बार-बार ऐसी दघथटनाए होन िर भी सतता म बठ नताओ की नीद नही टट रही ह

पदलली क तमाम औदोपगक कषरिो म मजदरो क हालात बहद खराब ह सभी शरम काननो को ताक िर रख कर मजदरो स अमानवीय िररपसरपतयो म काम करवाया जाता ह और उनह जानबझ कर मौत क मह म िकला जाता ह जयादातर मजदरो क िास

कोई िहचान िरि तक नही ह और न ही इलाक की पकसी भी फकटी म नयनतम वतन पदया जाता ह पबगल मजदर दसता क कायथकताथ नवादा क मजदरो की इस हडताल म शर स पशरकत कर रह ह पबगल क सारी अनत न बताया पक अब तक इस आग म जल कर मरन वाल मजदरो क फकटी मापलक को पगरफ़तार तक नही पकया गया ह उलटा जब स मजदर फकटररयो क बाहर इकठा हो रह ह तब स वहा अपिक सखया म िपलसबल तनात पकया जा रहा ह और मजदरो की हडताल को तोडन का परयास पकया जा रहा ह लगभग 500 मजदर अभी भी फकटररयो क बाहर ह और काम म सरकषा और मआवज क अपिकार क पलए लड रह ह

ndash दबगि सवाििाता

ददलली कत मौत कत कनारिनािो कना कहर जनारी अब िवनादना की कॉकरी फकटी म आग लगित सत कम सत कम 3 मजदरो की मौत

6 मजदर नबगल अपल 2018

मनीश मिोिाराजसरान म बरोजगारी की हालत

िर दश की तरह ही भयानक ह राजसरान म पिछल 7 सालो म मारि 255 लाख सरकारी नौकररया पनकली और इनक पलए 1 करोड 8 लाख 23 हजार आवदन पकय गय यानी पक हर िद क पलए 44 अभयपरथयो क बीच मकाबला हआ राजसरान म हाल ही म रीट की िरीकषा हई पजसम कवल 54 हजार िद र (शर म कवल 34 हजार िद र जो पक चनावी साल होन क कारण चालाकी स बढ़ाय गय) और लगभग 10 लाख नौजवानो न िरीकषा दी लपकन उसम भी भतषी अटक गयी कयोपक राजसरान सरकार की कापहली क कारण ििर आउट हो गया कलकथ गरड िरीकषा म 6 लाख स अपिक उममीदवारो न िरीकषा दी री िपलस कासटबल 2017 की िरीकषा म 5500 िद र पजसक पलए 17 लाख आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 310 लोगो न आवदन पकया पविानसभा म चिरासी भतषी िरीकषा क पलए 18 िदो क पलए 18 हजार आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 1 हजार लोगो न फामथ भरा सब इसिकटर 2016 की िरीकषा म 300 िदो क पलए तीन लाख लोगो न आवदन पकया रा पवविपवदालय सहायक 2015 म हई भतषी क पलए महज 33 हजार िदो क पलए 10 लाख बरोजगा रो न आव दन पकया रा आरटट 2011 म दोनो सतरो िर करीब 10 लाख 79 हजार िरीकषारषी शापमल हए भाजिा सरकार न इस साल

चनावी वरथ होन क कारण जनता को बवकफ बनान क पलए घोरणाओ क िकोड तलत हए बताया पक वह 2018 म एक लाख नौकररया दगी पकनत हकीकत यह ह पक राजय म अब तक लपमबत 93000 नौकररयो िर ही इन लोगो न पनयपति नही दी ह और य िद अब तक लपमबत ह पिछल एक दशक स कागरस और भाजिा की िजीवादी सरकारो दारा सरकारी नौकररयो का पनकाला जाना लगभग बनद पकया जा चका ह परदश म िवथ सरकार क कायथकाल म पनकली 76 हजार भपतथया कब तक लपमबत ह जाच-िडताल म सामन आया पक पिछल 5-6 सालो स कई भपतथयाा लपमबत ह और िद खाली िड हए ह एलडीसी भतषी 2013 क 7500 िद खाली ह िवथवतषी कागरस सरकार म साल 2013 म पनकली य पनयपतिया आज भी लपमबत ह वतथमान सरकार क कायथकाल म ही 18 हजार भपतथया लपमबत ह इसक अलावा िजीवादी सरकार यह बदमाशी भी करती ह पक भतषी की घोरणा करक ऐन समय िर भतषी बनद करवा दती ह राजसरान अिीनसर मनरिालपयक एव सवा चयन बोडथ की ओर स कमपयटर ऑिरटर परोगरापमग अपससटणट क 402 िदो क पलए एक लाख 19 हजार फॉमथ भर गय लपकन िरीकषा की पनिाथररत पतपर स 2 पदन िहल भतषी पनरसत कर दी गयी िीडबलयडी म कपनष अपभयनता क िद िर 600 िदो िर पनयपतिया पनकली पजसम 1 लाख स अपिक आवदन आय

िर िरीकषा पतपर स 4 पदन िहल इस भी पनरसत कर पदया गया इसक अलावा कई मामलो म जानबझकर पनयपतिया नही दी जा रही ह राजसरान लोक सवा आयोग न 2013 म कपनष पलपिक क िदो िर 6000 िदो की भतषी पनकाली पजसम िरीकषा क बाद पजला आवणटन हआ लपकन अभी तक पनयपति नही दी गयी ह िचायत राज पवभाग म कपनष पलपिक क िदो िर 9200 िदो िर 2013 की भतषी अटकी हई ह राजसरान लोक सवा आयोग क तहत कई हजार िदो िर भतषी अटकी हई ह

इसक अलावा राजसरान सरकार आरिीएससी (RPSC) राजसरान अिीनसर और मनरिालपयक सवा चयन बोडथ (RSMSSB) िचायती पवभाग आपद समय िर सही तरीक स िरीकषा नही करान क पलए कखयात ह राजसरान का हर यवा जानता ह पक अकसर इनक ििर सटर दारा बनाय गय परशनिरिो िर हाईकोटथ म ररट लगती रहती ह और भतषी अटक जाती ह 2013 की एलडीसी (LDC) जपनयर अकाउणटणट की भतषी अब तक अटकी हई ह कई बार परशनिरि आउट हो जात ह इसपलए उति ससराओ की जवाबदही तय की जानी चापहए िरान ििर सटरो को हटाकर िारदपशथता क सार िरीकषा करवात हए परशनिरि एनसीईआरटी (NCERT) की िाठय िसतको क पहसाब स बनवाय जान चापहए तापक हर साल परशनो क उततर को लकर अनावशयक पववाद ना िदा हो व

भपतथया कोटथ म ना अटक आज जस समय म नौजवानो की एक मखय माग तो यही बनती ह पक तमाम रकी हई भपतथया तरनत भरी जाय नय िद सपजत पकय और हर साल लगभग 15 लाख सरकारी नौकररया दी जाय जो पक वसनिरा सरकार का वादा भी रा इसक अलावा कयोपक राजसरान म कई-कई साल तक भतषी नही पनकली ह इसपलए आय सीमा को भी 35 स बढ़ाकर 40 पकया जाना चापहए उिर कागरस की जनपवरोिी नीपतयो को आग बढ़ात हए य सरकार भी पशकषा सवासथय रोडवज आपद का सारा काम ठक िर द रही ह आगनबाडी कमथचारी आशा वकथ र आपद सब ठक िर ह मसलन राजसरान म सरकारी सकलो को खतम करक उनको िीिीिी मोड क नाम िर पनजी िजीवादी लटरो को पदया जा रहा ह पशकषा म रोडवज म असितालो आपद म सारा काम सरकार ठक िर द रही ह पजसस बतहाशा महगाई बढ़ रही ह और य बपनयादी मलभत सपविाए जनता की िहच स दर होती जा रही ह

इसपलए एक ओर आज क समय म हम समान पशकषा-वयवसरा और गाव-शहर म रोजगार की गारणटी क पलए लडना होगा तो दसरी ओर हम पनयपमत पकसम क काम म ठका पररा खतम करवान क पलए भी लडना होगा हम भारत सरकार िर जनदबाव बनाकर ठका मजदरी को िरी तरह समापत करवान क पलए लडना होगा भारत सरकार न

1970 क ठका मजदरी (उनमलन व पवपनयमन) अपिपनयम म वायदा भी पकया रा पक वो ठका पररा खतम करगी िर उलट ठकाकरण बढ़ता गया शरम का ठकाकरण िरी तरह बनद होना चापहए कयोपक यह मजदरो को अरपकषत बनाता ह उनह सगपठत होन की कषमता स वपचत करता ह उनकी मजदरी को कम करता ह उनह गलामी जसी कायथ-पसरपतयो म िकलता ह और रोजगार की एक शतथ भी िरा नही करता न यह रोजमराथ क काम की गारणटी करता ह और न पकसी परकार की आपरथक-सामापजक सरकषा दता ह यह मजदर वगथ को आपरथक और राजनीपतक तौर िर कमजोर करता ह और उनस लडन की ताकत छीनता ह इसपलए ठका पररा को समापत करना बरोजगार नौजवानो और मजदरो की भी एक परमख राजनीपतक माग बनती ह एक और बात हम आिस म समझनी होगी पक मौजदा तमाम चनावी िापटथयो का मकसद ही आम जनता को ठगना ह इसपलए हम इस या उस चनावी मदारी की िछ िकडन की बजाय करापनतकारी जनानदोलनो क दारा सरकार िर अिनी मागो क पलए दवाब बनाना चापहए िमथ-जापत-आरकषण-मपनदर-मपसजद-गाय वगरह क नाम िर पकय जा रह बटवार की राजनीपत को समझकर हम आिस म फौलादी एकजटता कायम करक सरकारी अनयाय और िजीवादी अनिरगदषी क पखलाफ आवाज उठानी होगी

रनामरनाजय म रनाजसनाि म पसरी भयकर बतरोजगनारी

दजस िश का इदतहास नही होता उसका कोई भदवषय भी नही हो सकता और जो पीढी अपन इदतहास व परमपरा को नही जानती वो अपना भदवषय व आिशव भी नही गढ सकती

अिन दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत व िरमिरा स िररपचत करान शहीद करापनतकाररयो क सिनो पवचारो लकयो और आदशषो की यादपदहानी क मकसद स उततराखणड राज य क पवपभनन पजलो व कसबो म नौजवान भारत सभा रिी मपति लीग व पबगल मजदर दसता दारा समपत सकलि यारिा पनकाली गयी समपत सकलि यारिा उततराखणड चनदरशखर आजाद क शहादत पदवस (27 फरवरी) स शर होकर भगतपसह सखदव व राजगर क शहादत पदवस (23 माचथ) तक चलायी गयी

तीन चरणो म चलन वाली इस यारिा का िहला चरण गढ़वाल कषरि की घाटी और तराई कषरि म चला दसरा चरण गढ़वाल क िहाडी कषरि म चलाया गया और तीसर चरण म कमाऊ क िहाडी व तराई कषरि म चलान क बाद दहरादन म समपत सकलि सभा क सार इस यारिा का समािन पकया गया इस िरी यारिा क दौरान वयािक िचाथ पवतरण नककड सभा गोषी िसतक-िोसटर परदशथनी व पफलम सकीपनग आपद की गयी

िहल चरण की शरआत दहरादन म 27 फरवरी को भारतीय महनतकश

जनता की करापनतकारी चतना क परतीक चनदरशखर आजाद और आज का समय पवचार-गोषी स की गयी इसक बाद 9 माचथ तक यह यारिा दहरादन हररदार रढ़की ऋपरकश क पवपभनन इलाको म कपनदरत रही 7-8 माचथ को अनतरराषटीय मपहला पदवस क अवसर िर एमकिी कॉलज दहरादन म रिी मपति स समबपनित िोसटर परदशथनी लगायी गयी और जबबार िटल की पफलम सबह की सकीपनग की गयी

यारिा का दसरा चरण 10-14 माचथ तक चला इस दौरान शरीनगर और उसक आस-िास क इलाको म वयािक िचाथ पवतरण करत हए नककड सभाए की गयी 14 माचथ को डोईवाला क पडगरी कॉलज म छारिो क बीच समिकथ एव वयािक िचाथ पवतरण क सार दसर चरण की यारिा का अपनतम िडाव िरा हआ

यारिा का तीसरा चरण 15 माचथ स 22 माचथ तक कमाऊ रीजन क रामनगर कालाढगी हलदानी ननीतान अलमोडा पिरौरागढ़ खटीमा रदरिर और काशीिर स होत हए दहरादन म समपत सकलि सभा क सार समापत हआ समपत सकलि सभा म मौजद नौजवानो नागररको व बपधिजीपवयो न मशाल क समकष शिर ली पक सामपरदापयक फासीवादी ताकतो दारा दश को जापत िमथ नसल रग भारा व राषटीयता क आिार िर बाटन क खनी मसबो को कामयाब नही होन दग दश म दपमत शोपरत-उतिीपड त दपलतो परियो

अलिसखयको िर होन वाल अतयाचार-दमन को बदाथशत नही करग महनतकश जनता की करापनतकारी एकजटता को बनाय रखन और सगपठत करन की हरसमभव कोपशश करग दशी-पवदशी िजी की लट और अनयाय-उतिीडन की बपनयाद िर कायम सामापजक-राजनीपतक-आपरथक ढाच क बरकस समता नयाय और मानवीय गररमा की बपनयाद िर एक नय समाज क पनमाथण क पलए जारी सघरथ म एक सचच इकलाबी पसिाही की भपमका पनभायग

यारिा क दौरान नककड सभाओ म वतिाओ न कहा पक आजादी क सात दशको क बाद भी आज महनतकश जनता की पसरपत लगातार बद स बदतर होती गयी ह पशकषा सवासथय रोजगार भोजन व आवास जस बपनयादी अपिकार भी लगातार पछनत गय ह जनता की नमाइनदगी करन का दावा करन वाली सभी चनावी िापटथयो का चाल-चहरा व चरररि भी बनकाब हो चका ह जनता की माला जिन वाली य िापटथया िजीिपतयो व बहराषटीय पनगमो की सवा-चाकरी म अिना ईमान तक पगरवी रखन म कोई गरज नही करती ह कॉरिोरटो की लट और शोरण को जारी रखन और सगम बनान क पलए दश की िपलस-फौज-नौकरशाही व नयायिापलका भी अिना काम बखबी पनभा रही ह जन-पवरोिी नीपतयो दमन शोरण स होन वाल असनतोर स जनता

का धयान भटकान क पलए आज तमाम सामपरदापयक फासीवादी ताकत िर दश म काम कर रही ह इनका एक ही मकसद ह पक इस दश क गरीब महनतकशो को जापत-िमथ-समपरदाय म बाटकर िजी की सवा की जाय इसक पलए य ताकत तमाम िापमथक परतीको का इसतमाल कर रही ह और छदम राषटवाद क नारो स नौजवानो-महनतकशो को भरपमत कर रही ह हम इनक रडयनरिो को िहचानकर इनक नािाक इरादो का भणडाफोड करना होगा इन ताकतो स लडकर ही इस दश क नौजवान-महनतकश करापनतकारी िररवतथन क सघरथ को अिन असली मकाम तक िहचा सकत ह

इन फापससट गणडा-पगरोहो का सामना यारिा क दौरान भी हआ यारिा क तीसर चरण म पिरौरागढ़ परवास क दौरान पिरौरागढ़ क पडगरी कॉलज म भगतपसह और करापनतकारी आनदोलन िर िोसटर परदशथनी लगायी गयी री इस परदशथनी को दखत ही सघी लमिटो का पगरोह कॉलज क परशासपनक दल-बल को सार लकर िहच गया आत ही यह पगरोह हलला-हगामा करन लगा पक लाल रग को कमिस म नही रहन दग इस िर वहा क तमाम छारिो न कहा पक लाल रग नही तो भगवा भी नही काफी बहस-मबाहस और छारिो क पवरोि क बाद कॉलज का परशासपनक अमला बकफट िर आ गया सघी पगरोहो को भी छारिो की दढ़ता दखकर

वहा स पखसक लना ही मनापसब लगा इसक बाद कॉलज म ही भगतपसह िर आिाररत पफलम की सकीपनग की गयी दरअसल इन भगवािाररयो को पदककत लाल रग स नही बपलक पवचार तकथ णा और वजापनकता स ह य फापससट दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत और करापनतकाररयो को याद पकय जान स इसपलए भी डरत ह कयोपक य अचछी तरह जानत ह पक आम छारिो-नौजवानो और महनतकशो को इनक असली एजणड व आजादी की लडाई स इनकी गदारी का जब िता चलगा तब इनका कया हशर होगा इसपलए य कभी नही चाहत पक जनता अिन वा सतपवक इपतहास और करापनतकारी सघरषो की पवरासत स िररपचत हो

िरी यारिा क दौरान उततराखणड क नागररको बपधिजीपवयो और छारिो-नौजवानो का बहत ही सहयोग और सार रहा जहा भी यारिा टोली गयी लोगो न रकवान और कायथकरम की जगह महया करान म बहत मदद की नककड सभाओ क दौरान भी लोगो न इस िर अपभयान को बहत ही सराहा और कहा पक आज इस तरह क अपभयानो व करापनतकारी पवकलि को खडा करन की बहत ही सख़त जररत ह

ndash दबगि सवाििाता

सनत सकलप यनातरना उतरनाखणड म गजना िनारना भगतधसह को यनाद करगत ndash फनाधससो को िही सहगत

मजदर नबगल अपल 2018 7

सतिनारनायर(अपखल भारतीय जापत पवरोिी मच

महाराषट) नयारिापलका जब पकसी अतयनत

महतविणथ मद िर पनणथय सनाती ह तो उसक राजनीपतक-आपरथक-सामापजक कारण समझना बहद जररी हो जाता ह बीती 20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा एससीएसटी एकट िर भी एक ऐसा ही फसला सनाया गया सपरीम कोटथ न एक कस की सनवाई क दौरान कहा पक एससीएसटी एकट का दरियोग होता ह और ऐस म भपवषय म एफआईआर तभी दजथ की जा सकगी जब उसकी परारपमभक जाच वररष िपलस अपिकारी कर लगा सार ही कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर रोक भी हटा दी गयी ह दशभर म दपलत पवरोिी जापतगत नफरत व पहसा का लमबा इपतहास रहा ह व इस फसल क कछ ही पदन बाद 29 माचथ क पदन गजरात म एक दपलत की हतया पसफथ इसपलए कर दी गयी पक वो घोडा रखता रा एससीएसटी एकट क बावजद भी दश म हर घणट दपलतो क पखलाफ 5 स जयादा हमल दजथ होत ह हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह अगर दपलत मपहलाओ की बात की जाय तो उनकी पसरपत तो और भी भयानक ह परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार का पशकार होती ह पिछल दस सालो 2007-2017 म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत बढ़ोततरी हई ह 2016 म 48000 स जयादा मामल दजथ हए ह

आि खद ही दपखय काननो का पकतना दरियोग होता ह

यहा दी गयी तापलका स भी यह सिष ह पक दपलतो क पवरधि हए बबथर स बबथर हतयाकाणडो म भी सजाए पबलकल नही हई सार ही राषटीय अिराि ररकॉडथ बयरो क आकडो क अनसार एससीएसटी एकट म चाजथशीट 78 परपतशत कस म फाइल हई ह इसस भी िता चलता ह पक अिराि हआ ह िर अनत म अिराि पसपधि तक बहत ही कम

कस िहच िात ह य चनद आकड साफ बता रह ह पक 70 साल की आजादी क बाद भी गरीब दपलत आबादी हक-अपिकारो स वपचत ह बबथर दपलत उतिीडन की घटनाओ और उसक बाद कारथवाई क नाम िर खानािपतथ य पदखाती ह पक सरकार िपलस-परशासन स लकर कोटथ तक म जापतगत मानपसकता स गरसत लोग भर िड ह यही कारण ह पक दपलतो िर हमल करन वाल जयादातर अिरािी बच पनकलत ह दशभर म एससीएसटी कानन क तहत वस भी वतथमान म दपलत उतिीडन क मामल की एफआईआर दजथ कराना सबस मपशकल काम होता ह सार ही िपलस परशासन का रवया मामल म सजाओ का परपतशत काफी कम कर दता ह दसरा इस कानन म गलत कस दजथ करान िर िीपडत क पवरधि आईिीसी की िारा 182 क अनतगथत कस दजथ करक दपणडत करन का पराविान िहल स ही ह इसी परकार अपगरम जमानत पमलन तरा उचच अपिकाररयो की अनमपत स ही पगरफ़तारी करन का आदश इस एकट क डर को पबलकल खतम कर दगा िहल ही इस एकट क अनतगथत सजा पमलन की दर बहत कम ह इस परकार कल पमला कर एससीएसटी एकट क दरियोग को रोकन क इराद स सपरीम कोटथ दारा पदय गय पदशा-पनदचश दपलतो की रकषा की बजाय आरोिी क पहत म ही खड पदखायी दत ह पजसस दपलत उतिीडन की घटनाओ म बढ़ोततरी ही होगी

नयायिापलका की सवतनरिता का बहत ढोल िीटा जाता ह िर हापलया

कछ पनणथयो स य सिष हो रहा ह पक आरएसएस की मोदी सरकार अिन जजो को पनयपति दकर तमाम पनणथय िाररत करवा रही ह हाल ही म जज लोया कस म भी सपरीम कोटथ न जो भपमका अिनायी ह वो इस बात की िपष करती ह एससीएसटी एकट म बदलाव का जब य फसला सनाया गया रा तो उसस िहल कई महीनो तक लगातार दशभर म बरोजगार यवको क परदशथन चल रह र इस एक फसल न ना पसफथ उस मद को दबा पदया बपलक नौजवानो-महनतकशो क बीच जापतगत दीवार भी बडी कर दी फसल क बाद लोग आरकषण खतम करन जसी मागो को लकर आग आन लग िर समाज म दपलत व गर-दपलत क बीच की खाई िहल स और बडी हो गयी 2 अपरल को दशभर म इस कानन म बदलाव क पखलाफ जब परदशथन हए तो तमाम उचच जातीय लोगो न दपलतो िर हमल पकय मधयपरदश क गवापलयर म तो बाकायदा पिसतौल लकर दपलतो को गोपलया मारता वयपति सामन आया इस फसल स जो खल मोदी सरकार खलना चाहती री वो िरा होता नजर आ रहा ह

गजरनात मॉरल दशभर म गजरात मॉडल की बहत

बात होती ह िर असल म य मॉडल कया ह य मॉडल ह मजदरो-महनतकशो की लट की खली छट और दपलतो क दमन की भी खली छट इसका एक परमाण य ह

पक दशभर म जहा एससीएसटी एकट म अिराि पसधि होन की दर 284 परपतशत

ह वही गजरात म इसकी छह गना कम 34 परपतशत ह गजरात म मजदरो की हडताल बहत कम होती ह कयोपक वहा बबथरतम दमन पकया जाता ह इसी मॉडल को आज दशभर म मोदी सरकार लाग कर रही ह पसफथ इस कानन को ही नही बपलक दश-भर म आजकल जनता क अलग-अलग पहससो क सरकषण क पलए बन पवपभनन काननो को कमजोर करन का समय चल रहा ह कछ कानन सीि ससद म बदल जा रह ह तो पकसी म कोटथ दारा सजान लकर िररवतथन पकय जा रह ह मोदी सरकार पवपभनन शरम काननो को वयािार करन की आसानी क नाम िर बदलन की योजना लमब समय स बना रही ह और इसका डाफट तयार ह जापहर ह पक वया िार आसान तभी होता ह जब मजदरो का शोरण बढ़ता ह ऐसा ही एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह सपरीम कोटथ का फसला साफ तौर िर दशाथता ह पक मोदी सरकार दारा आकडो की अनदखी करत हए कमजोर दलील रखी गयी ह असल म भाजिा और आरएसएस इस कानन को पनषपरभावी बनाना चाहती ह ऐस म सभी गरीब महनतकश आबादी और इसाफिसनद लोगो को इस कानन म िररवतथन क पवरधि एकजट होकर दपलतो िर बढ़त अतयाचारो क पखलाफ सघरथ करन की जररत ह कयोपक य एक-एक कर कभी दपलत कभी मजदर तो कभी मपहलाओ क हको क सरकषण क पलए बन काननो को पनषपरभावी बनात रहग

दश म कानन दो तरह क होत ह एक वो कानन जो जनता क एक पहसस

या सार पहसस क हक-अपिकारो स समबपनित होत ह (जस मपहलाओ क पवरधि होन वाल अिरािो क पलए बन कानन मजदरो क हको-अपिकारो स समबपनित कानन दपलतो िर अतयाचार रोकन क पलए बन कानन आपद) और दसर कानन वो होत ह जो जनता का दमन-उतिीडन करन क पलए सरकार व परशासन को ताकत दत ह (जस िपलस को एनकाउणटर की ताकत दना फौज को कछ इलाको म पवशरापिकार यानी एनकाउणटर व पगरफ़तार करन की इजाजत दना) हमार दश की सरकार चाह वह कागरस की रही हो या अभी भाजिा वाली सरकार हो वो सिष तौर िर िजीिपतयो क पहतो का परपतपनपितव करती ह उनक पहतो क पलए वो जहा मजदरो क अपिकारो को लगातार कम कर रही ह वही सरकार क दमन क अपिकारो को बढ़ा रही ह फजषी मामलो म मारपत क मजदरो को चार साल तक जल म रखना दश की जलो म दपसयो साल तक मपसलम नौजवानो को रखना और बाद म पनददोर कहकर छोड दना फजषी एनकाउणटर म लोगो को मार दना - य उसी क उदाहरण ह अभी आिार काडथ को अपनवायथ बनाकर भी सरकार और परशासन अिन दमन क दायर को बढ़ान की योजना बना रहा ह लपकन सरकार और परशासन य भी जानत ह पक अगर लोगो क अपिकारो को एक सार छीना तो बगावत हो जायगी इसपलए वो िीर-िीर छीनत ह और सार ही छीनत समय भी जनता क बीच जापतगत और िापमथक झगड लगा दत ह जसा पक अभी एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह जनता को दपलत और गर-दपलत क बीच बाटा जा रहा ह आज वो अगर जनता क एक पहसस क पलए आय ह तो कल हमार पलए भी जरर आयग भारत की िजीवादी राजयसतता (सरकार और िपलस-परशासन) सिष तौर िर गरीब पवरोिी दपलत पवरोिी और मपहला पवरोिी ह यानी इस िजीवादी राजयसतता का एक जापतगत चरररि भी ह और लपगक चरररि भी यह समझकर ही हम इसक पवरधि सघरथ कर सकत ह

आज दशभर म बरोजगारी

20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा आरपकषत दपलत आबादी िर होन वाल अतयाचार क पखलाफ 1989 म बन कानन को कमजोर करन का फसला सनाया गया पजसक अनसार कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर स रोक को हटा पदया गया ह इस फसल का दशभर म पवरोि हआ और 2 अपरल को कानन क बदलाव क पवरोि म भारत बनद का भी आहान पकया गया रा नौजवान भारत सभा न

भी सरकार दारा एससीएसटी एकट को कमजोर करन क पवरोि म महाराषट क ममबई िण और अहमदनगर इलाको म अपभयान चलाया

ममबई म अपभयान मखयतः लललभाई कमिाउणड साठ नगर जापकर हसन नगर टाटानगर बगन बारी मणडाला महाराषट नगर आपद इलाको म चलाया गया सार-सार यपनवपसथटी म छारिो क बीच भी िचच बाट गय जगह-जगह नककड सभाए की गयी और िचच बाट गय नककड सभाओ क दौरान नौजवान भारत सभा क बबन न बात रखत हए कहा पक अगर आज

दपलत उतिीडन समबनिी घटनाओ का आकडा उठाकर दख तो िता चलगा पक हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह और परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार की पशकार होती ह 2007 स लकर 2017 क बीच म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत की बढ़ोतरी हई ह 2016 म ही पसफथ 48000 स जयादा मामल दजथ ह ऐस म काननो को कमजोर बनाना सरकार की दपलत पवरोिी मानपसकता को जापहर करता ह

िण म 2 अपरल को नौजवान भारत सभा लोकायत और अनय परगपतशील सगठनो न पमलकर एक पवरोि परदशथन

का आयोजन पकया इसम नौजवान भारत सभा की तरफ स बात रखत हए अपभजीत न कहा पक एनसीआरबी की ररिोटथ क अनसार 2014-2016 क बीच म भाजिा शापसत िाच राजयो म दपलतो िर अतयाचार क सबस जयादा मामल दजथ ह भाजिा सरकार आन क बाद ऊना सहारनिर जसी घटनाए भी हमार सामन आयी ह आज जररी ह पक इस मनवादी फासीवादी सरकार क पखलाफ सघरथ करन क पलए हम तयार रह

अहमदनगर म पसधिारथ कॉलोनी और नय आटथस कॉलज म इसी पवरय िर िचाथ पवतरण पकया गया और नककड

सभाए भी की गयी नककड सभा म बात रखत हए सोमनार न कहा - अहमदनगर म दपलत उतिीडन की कई घटनाए दखन को पमली ह चाह वह जवाखड हो या पफर पनपतन आग की घटना हो जो समाज म मौजद जापतगत उतिीडन की तसवीर सामन ला दती ह आज जररी ह इन जापतगत उतिीडनो क पखलाफ आवाज उठायी जाय सार-सार जनता को सगपठत करक काननो को कमजोर करन की कोपशशो को नाकाम पकया जाए

ndash दबगि सवाििाता

सपीम कोटष दनारना एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

एससीएसटी एक को कमजोर करित कत खखलनाफ िौभनास दनारना महनारनाषट म चलनायना गयना अजभयनाि(पतज 2 पर जनारी)

पकतन दपलतो की हतया

कब और कहा नयापयक िररणाम

44 पकलवनमनी तपमलनाड 25 पदसमबर 1968 सभी आरोपियो को बरी कर पदया गया13 चनदर आनधरपरदश 6 अगसत 6 1991 2014 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया10 नागरी पबहार 11 नवमबर 1998 माचथ 2013 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया22 शकर बीघा गाव पबहार 25 जनवरी 1999 जनवरी 2015 म सभी आरोिी बरी21 बरानी टोला पबहार 11 जलाई 1996 अपरल 2012 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया32 पमयािर पबहार 2000 2013 म सभी को छोड पदया गया58 लकमणिर बार 1 पदसमबर 1997 2013 म सभी को छोड पदया गया1 महाराषट का परपसधि पनपतन आग कस पजसम

एक नौजवान को िर गाव क सामन मार पदया गया रा 28 अपरल 2014

23 नवमबर 2017 क पदन सबको छोड पदया गया

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 3: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मजदर नबगल अपल 2018 3

सतरियो पर बढतत हमलो कत खखलनाफ दतशभर म पदशषिउननाव और कठआ की दररदगी और दश भर

म मपहलाओ क पखलाफ बढ़ती यौन पहसा और उसक दोपरयो को भाजिा-सघ दारा सरकषण पदय जान क पवरोि म िर दश म लोगो का आकरोश फट िडा ह दश क हर राजय म और लगभग सभी छोट-बड शहरो म इन घटनाओ क पवरोि म परदशथन हए दिलिी करि इिाहाबाि िखनऊ मबई सदहत िश म कई जगहो पर तो आम िोगो न अपनी कािोदनयो क आसपास ऐस पोटर या बनर िगा दिय दक यहा पर बदचचया रहती ह यहा भाजपा और सघ क िोगो का आना मना ह

रिी मपति लीग रिी मजदर सगठन नौजवान भारत सभा और पदशा छारि सगठन न अिन सभी कायथकषरिो म पवपभनन सगठनो क सार साझा पवरोि परदशथनो म भी पहससदारी की और इस मद िर अलग स भी लोगो क बीच लगातार अपभयान चलाया

िखनऊ म रिी मपति लीग की िहल िर 10 अपरल को जीिीओ िर पवरोि परदशथन हआ पजसम पवपभनन सगठनो क लोगो न भाग पलया इसक अलावा शहर क पवपभनन इलाको म िोसटर परदशथनी और िचच क माधयम स यह सदश लोगो तक िहचाया जा रहा ह पक दश भर म मपहलाओ क पखलाफ बढ़ती पहसा की जडो की पशनाखत कर फापससट दररदगी को नसतनाबद करन की तयारी क पलए लोगो को एकजट होना होगा इस मपहम क तहत किररला हजरतगज खदरा लोपहया िाकथ रलव ऑपफस डालीगज आपद जगहो िर परदशथनी लगाई गई उननाव और कठआ क मद की मीपडया कवरज की वजह स लोगो म समसया की मल वजह जानन की पजजासा पदखी हालापक लोगो म इस भरम का भी असर पदखा पक सखत कानन बना दन स समसया का समािान हो जायगा जसा पक उममीद री कई जगहो िर ऐस पहनदतववापदयो स भी सामना हो जो बशमषी स बलातकार की इन घटनाओ को पहनद-मपसलम रग दन की कोपशश कर रह र लपकन आम लोगो न खद ही बलातकाररयो का समरथन करत सपघयो को आड हारो पलया और व भाग खड हए शहर क पवपभनन सगठनो की ओर स मपहलाओ िर पहसा क पवरोि म 16 स लकर 24 अपरल तक चलाय साझा अपभयान म भी रिी मपति लीग न पहससा पलया पजसक तहत 16 अपरल को हए पवरोि माचथ म पविानसभा क सामन पसरत भाजिा कायाथलय क सामन िहचत ही माचथ म शापमल परियो का गससा फट िडा और भाजिा तरा सघ क पखलाफ दर तक उगर नारबाजी की गयी

दिलिी क ससद मागथ िर कठआ और उननाव क दोपरयो को सजा पदलान और बढ़त रिी पवरोिी अिरािो क पखलाफ आवाज उठात हए सकडो की सखया म आम नागररक छारि यवा इकट हए रिी मपति लीग नौजवान भारत सभा और पदशा छारि सगठन न भी इस परदशथन म पहससदारी की और कहा पक कठआ और उननाव म हए बलातकारो की बबथरता और इन अिरािो क दोपरयो को सतता म बठ नता-मपरियो दारा बचान की कवायद बहद ही शमथनाक ह मोदी सरकार दारा lsquoनय इपडयाrsquo का जो गबबारा फलाया जा रहा ह उसकी सचचाई को वासतव म बढ़त हए रिी पवरोिी दपलत और अलिसखयक पवरोिी आम महनतकश अवाम और मजदर पवरोिी घटनाओ स बखबी समझा जा सकता ह इस परदशथन क माधयम स परदशथनकाररयो न बलातकाररयो को सख़त सजा दन की माग को उठाया उनहोन कहा पक इस वयवसरा म जहा हर चीज उिभोग का एक माल बना दी गयी ह वहा परियो को भी उिभोग की वसत स अलग और कछ नही समझ जाता पितसततातमक मानपसकता को िजीवाद वह उिजाऊ जमीन परदान करता ह

पजसम परियो क पखलाफ बबथर स बबथर अिराि आम घटनाए बन जात ह ऐस म चाह पकसी भी िाटषी की सरकार आय चाह कागजो िर पजतन भी कानन बना पलए जाए परियो की सरकषा एक बडा सवाल रहता ह ऐस म बढ़त रिी पवरोिी अिरािो का जवाब दन क पलए हर नयायपपरय छारि यवा नागररक को एकजट होना होगा और इस समाज क

िोर-िोर म िठी पितसततामक सोच पजस िजीवादी वयवसरा फलन-फलन म मदद कर रही ह जड स उखाड फ कना होगा

दिलिी की शाहाबाद डरी म पदलली घरल कामगार यपनयन रिी मपति लीग रिी मजदर सगठन और नौजवान भारत सभा दारा बलातकारो क पवरोि म अपभयान चलाया गया पदलली घरल कामगार यपनयन की बीना न कहा पक रिी पवरोिी बबथर अिरािो को अजाम दन वाल लोग आज lsquoजय शरी रामrsquo क नारो और पतरग झड की आड म खद को बचान म लग ह इतना ही नही भाजिा स लकर कागरस जसी तमाम चनावबाज िापटथयो क नता मरिी खलआम बलातकाररयो क समरथन और िकष म खड हए नजर आ रह ह इस परदशथन क दौरान वयािक रि स िचाथ पवतरण करत हए आम महनतकश

आबादी स रिी पवरोिी अिरािो क पखलाफ आवाज उठान और एकजट होन का आहान पकया गया सार म कठआ और उननाव क बलातकाररयो को कडी स कडी सजा पबना पकसी पवलब क पदय जान की माग की गयी कायथकताथओ न मपहलाओ क सकवाड बनान और आतम-रकषा क पलए परपशकषण कमि लगान की बात कही परदशथन क दौरान घरल

कामगार मपहलाओ न भी बात रखी16 अपरल को िदधयाना दजिा क

इसाफिसनद जनवादी जनसगठनो दारा कठआ उननाव सरत काणड सपहत दश म परियो क पखलाफ लगातार बढ़त जा रह पघनौन अिरािो क पखलाफ रोर परदशथन पकया व डीसी लपियाना को भारत सरकार क नाम मागिरि सौिा सगठनो न शहीद करतार पसह सराभा िाकथ भाई बाला चौक स लघ सपचवालय तक िदल माचथ भी पकया भारत सरकार को भज मागिरि क जररय माग की गयी पक उननाव व कठआ काणड क िीपडतो को इसाफ पदया जाय दोपरयो को सख़त स सख़त सजाए दी जाय उननाव काणड क मखय दोरी कलदीि सगर की पविानसभा सदसयता खाररज की जाय उिरोति मामलो म दोपरयो को सरकारी सरिरसती दन वालो को भी

सख़त सजाए दी जाय कठआ काणड क मामल म आरोपियो क िकष म सामपरदापयक परदशथन करन वाल भाजिा पविायको क पखलाफ सख़त कारथवाई की जाय उिरोति मामलो सपहत परियो क पखलाफ बलातकार जस पघनौन अिरािो क मामल म फासट टक अदालतो म पनिटाए जाय अिरापियो को सरकारी सरिरसती दना बनद हो

सगठनो का कहना ह पक आरएसएस भाजिा व अनय पहनदतववादी सगठनो दारा इन हमलो को भी सामपरदापयक रगत दी जा रही ह उततर परदश म कलदीि सगर और उसक सहयोपगयो दारा सामपहक बलातकार जस पघनौन अिराि को अजाम दन क बाद भी अिरािी लमब समय तक आजाद घमत रह ह िीपडता और उसक िररवार को डरात-िमकात रह ह िीपडता क पिता को पजस ढग स िपलस पहरासत म कतल पकया गया उसस यह सिष ह पक अिरापियो को सरकार िपलस परशासन की सरिरसती हापसल ह सगठनो का यह भी मानना ह पक पहनदतवी सामपरदापयक फासीवादी आरएसएस क उभार कनदर व पवपभनन राजयो म भाजिा सरकार बनन क इस दौर म परियो क पखलाफ अिराि िहल पकसी भी समय स कही अपिक भयानक हद तक बढ़ चक ह

सगठनो न परियो क पखलाफ लगातार बढ़त जा रह अिरािो अिरापियो को सरकारी सरिरसती और अनय जन मदो िर जनता को सगपठत सघरथ क पलए आग आन का आहान पकया ह

रोर परदशथन म पबगल मजदर दसता कारखाना मजदर यपनयन टकसटाइल-हौजरी कामगार यपनयन नौजवान भारत सभा जमहरी अपिकार सभा मोलडर एणड सटील वकथ जथ यपनयन मजदर अपिकार सघरथ अपभयान सीआईटीय तकथ शील सोसाइटी शहीद भगत पसह नौजवान सभा इकलाबी कनदर िजाब रलव िशनजथ वलफयर एसोपसएशन लोक मच िजाब िजाब लोक सभयाचारक मच लोक मोचाथ िजाब लोक एकता सगठन इकलाबी नौजवान पवदारषी मच अजाद पहनद पनमाथण मजदर यपनयन आपद सगठन शापमल र

इलाहाबाद गोरखिर दहरादन गापज याबाद और वाराणसी म भी रिी मपति लीग और नौजवान भारत सभा न इन घटनाओ क पवरोि म अपभयान चलाया और कई जगहो िर पवरोि परदशथन पकय

ककसी भी रप म बलनातनार कना समरषि करित वनालनात कत ललए इस समनाज म कोई जगह िही होिी चनाकहए

4 मजदर नबगल अपल 2018

परतयक बड शहर म एक या एक स जयादा मपलन बपसतया होती ह जहा मजदर वगथ ठसा हआ पजनदगी पबताता ह यह सच ह पक गरीबी अकसर अमीरो क महलो की आस-िास की नजर न आन वाली गपलयो म बसती ह लपकन आमतौर िर इसक पलए खशहाल वगषो की नजरो स दर एक अलग जगह द दी गयी ह जहा यह सघरथ म उलझी रह सक य मपलन बपसतया इगलणड क परतयक बड शहर म लगभग एक ही तरह स वयवपसरत ह ndash शहर क सबस घपटया पहससो म बन सबस घपटया मकान अकसर लमबी कतारो म बनी एक या दमपजली झपगगया शायद तहखानो को भी रहन क पलए इसतमाल म लात हए हमशा बतरतीब ढग स बनी हई दो या तीन कमरो और एक रसोई क य मकान लनदन क कछ पहससो को छोडकर िर इगलणड म मजदर वगथ की सामानय ररहायश ह गपलया अकसर कचची ऊबड-खाबड गनदी और कचर स भरी रहती ह जहा सीवर या गटर तो नही होता ह लपकन सडानि मारत रक हए िानी क गडढो की कोई कमी नही होती ह इसक अलावा साफ हवा की आवाजाही म िर इलाक क घपटया और बतरतीब पनमाथण की वजह स रकावट आती ह और चपक एक बहद छोट पहसस म बहत स इसान ठस हए रहत ह यहा िाय जान वाल वातावरण की कलिना आसानी स की जा सकती ह और अचछ मौसम म गपलयो का इसतमाल सखान वाली जगह क तौर िर होता ह जहा गील किडो स लद तार एक घर स दसर घर तक लटकत रहत ह

ऊिर की िपतियो म अगर इगलणड का पजकर न हो तो पदलली की शाहाबाद डयरी म एक बार भी जान वाला वयपति आसानी स यह मान सकता ह पक यह पववरण यही का ह लपकन यह उधिरण मजदरो क महान पशकषक और नता फडररक एगलस की परपसधि िसतक lsquoइगलणड म मजदर वगथ की दशा स पलया गया ह यह िसतक एगलस न आज स लगभग 175 साल िहल इगलणड क मजदरो क हालात क बार म पलखी री िजीवाद क उदय क सार

ही िदा हए मजदर वगथ की पजनदगी क हालात सभी दशो म लगभग एक जस ही दयनीय रह ह पसफथ वकत का फकथ हो सकता ह भारत जस पिछड िजीवादी दश म मजदर वगथ की पजनदगी क हालात और भी बदतर ह

शाहाबाद डयरी पदलली क बाहरी

इलाक म पसरत एक बसती ह जहा बहत बडी तादाद म मजदर आबादी रहती ह यहा क मजदर आस-िास क औदोपगक इलाको जस शाहाबाद डयरी बवाना नरला बादली जहागीर िरी आपद म काम करत ह बसती की मपहलाए कारखानो म काम करन क अलावा आस-िास की मधयवगषीय कॉलोपनयो म घरल कामगार क रि म काम करती ह जसा पक भारत की हर मजदर बसती का हाल ह शाहाबाद डयरी म भी जररी बपनयादी सपविाए नही क बराबर ह पजस आबादी की वजह स शहरो की चकाचौि कायम रहती ह वह खद एक अिरी दपनया म रहन क पलए मजबर कर दी गयी ह

शाहाबाद डयरी की सबस गरीब मजदर आबादी बसती क िीछ क पनचल पहसस म रहन को मजबर ह जहा बड-बड झीलनमा गडढो म िानी सडता रहता ह और पजसम स एक नाला पनकलता ह इन गडढो क चारो ओर तरा नाल क दोनो तरफ मजदरो न पकसी तरह जोड-

तोड करक अिनी झपगगया बनायी हई ह बाररश म यहा कया हालत होती ह इसका अनदाजा इस बात स आसानी स लगाया जा सकता ह पक नाल का गनदा िानी घरो म घस आता ह घरो स बाहर पनकल2ना महाल हो जाता ह और तरह-तरह की बीमाररया फल जाती ह गौरतलब ह पक पदलली म सबस जयादा डग क मरीजो की सखया वाल इलाको म शाहाबाद डरी भी ह

शाहाबाद डरी की कल आबादी लगभग एक लाख ह लपकन अभी दो साल िहल तक यहा कोई सावथजपनक शौचालय नही रा पजसकी वजह स लोगो को िास क खाली सनसान मदान म खल म ही शौच जाना िडता रा

मपहलाओ-बपचचयो को अकसर ना पसफथ छडखानी का सामना करना िडता रा बपलक बलातकार जसी वीभतस घटनाए यहा बहत सामानय-सी बात री शौचालय न होन की वजह स िरशानी का आलम यह रा पक माए अिन बचचो को रात म सोत वकत खाना या िानी तक

नही दती री तापक रात म शौच जान स बचा जा सक नौजवान भारत सभा क नततव म जब बसती क मजदरो न शौचालय बनवान क पलए जझार सघरथ चलाया तब जाकर सरकार न सावथजपनक शौचालय बनवाय लपकन य भी कल आबादी को दखत हए नाकाफी ह

यहा 12वी ककषा तक का पसफथ एक सरकारी सकल रा पजस 2016 म तब बनद कर पदया गया रा जब यहा एक बचच की करणट लगन स मौत हो गयी री और अभी तक उसको दोबारा शर नही पकया गया ह इस सकल क बचच तीन पकलोमीटर स भी जयादा दर पसरत िल परहादिर क एक सकल म टासफर कर पदय गय इसकी वजह स बहत स बचचो खासकर लडपकयो

का तो सकल जाना ही छट गया इसक अलावा यहा तीन पराइमरी सकल ह पजनक हाल इतन बहाल ह पक यहा एक कलास म 70-70 80-80 बचच िढ़त ह न तो िानी की कोई सपविा ह और न ही टॉयलट साफ-सरर ह इसक चलत सभी बचचो को और खासकर छारिाओ को इस वजह स बहत िरशानी उठानी िडती ह

िीन क िानी की बात कर तो हालात और भी भयावह नजर आत ह यहा िानी की िाइिलाइन नही पबछायी गयी ह इसपलए िीन क िानी की सपलाई टकरो क जररय होती ह आबादी क पहसाब स पजतन टकर आन चापहए उसक आि स भी कम आत ह कजरीवाल सरकार

क हवाई दावो की सचचाई यहा िता चलती ह कजरीवाल न चनाव स िहल पदलली की जनता स वादा पकया रा पक परतयक घर को परपतपदन 700 लीटर िानी पमलगा और जहा िानी की लाइन नही ह वहा िाइिलाइन पबछायी जायगी हकीकत यह ह पक हर घर म लोगो न दो-तीन पलापसटक क 20-20 लीटर वाल जार रख हए ह और िानी का टकर आन िर व इन जारो म िानी भरत ह गौरतलब ह पक टकर दारा भी लोगो को िानी परपतपदन नही महयया कराया जाता ह बपलक दो पदन म एक बार ही टकर आता ह इसस साफ ह पक हर घर म परपतपदन पसफथ 20 लीटर िीन का िानी ही सरकार क दारा उिलबि कराया जा रहा ह

इस वजह स आय पदन िानी को लकर लोगो क बीच झगड होत रहत ह अभी कछ पदन िहल ही पदलली म वजीरिर क मजदर इलाक म िानी क टकर स िानी िहल लन क मद िर झगडा हो गया पजसम एक बजगथ और उसक बट की मौत हो गयी आिको मधय वगथ क बहत स लोग कहत पमल जायग पक मजदर तो होत ही झगडाल ह बात-बात िर लडाई-झगडा करन को उतार रहत ह लपकन अगर व अिन एसी घरो स बाहर आकर मजदरो की पजनदगी क हालात का जायजा लग तो उनह िता चल जायगा पक कस यह मनाफाखोर वयवसरा मजदरो को इतनी सघरथिणथ पजनदगी जीन को मजबर कर दती ह पक उनह िानी जसी बपनयादी जररत क पलए भी लडना िडता ह लपकन पजन लोगो क घरो म िाइिलाइन स िानी आता हो और जो उस िानी का इसतमाल िीन क पलए ही नही बपलक अिनी गापडया िोन और अिन िालत कततो को नहलान क पलए भी करत ह उनस इस बात की उममीद नही की जा सकती

अनत म मजदरो की पजनदगी क य भयावह हालात पसफथ शाहाबाद डयरी म नही ह बपलक िर भारत म एक जस ह मनाफ िर पटकी इस आदमखोर िजीवादी वयवसरा म इसक अलावा और कोई उममीद नही की जा सकती

ndash दबगि सवाििाता

शनाहनाबनाद रतयरी कत मजदरो की जजनदगी कत िनारकीय हनालनात

लपनन क जनमपदवस (22 अपरल) क अवसर िर उततराखणड क मजदरो का माग-िरिक आनदोलन की शरआत पबगल मजदर दसता व रिी मजदर सगठन दारा की गई| हररदार क रोशनाबाद म माग-िरिक स समबपनित परचार अपभयान चलात हए िचाथ पवतरण पकया गया और मजदरो क हको-अपिकारो क बार म तफसील स बातचीत की गयी|

उततराखणड क मजदरो क 24 सरिीय मागो म स एक नयनतम वतन क सवाल िर बात रखत हए वतिाओ न कहा पक उततराखणड म नयनतम वतन आस-िास क राजयो (पदललीहररयाणाउततर

परदश) क नयनतम वतन स बहत ही कम हजबपक जीवन-जीन की मलभत सपविओ क मलयो व महगाई आपद म कोई अतर नही ह| नयनतम वतन का सवाल वयपति क गररमामय जीवन और भरण-िोरण स जडा हआ ह| ऐस म उततराखणड क मजदरो का नयनतम वतन कम स कम पदलली राजय सरकार क नयनतम वतन क बराबर होना चापहए| हालापक इस वतन िर भी पदलली हाईकोटथ न सखत पटपिणी की री पक lsquorsquoकया आि 16000- रिय म अिन िररवार का गजर-बसर कर सकत हrsquorsquo और पदलली क िजीिपतयो की वतन न

बढान की यापचका को खाररज करन क सार इस तकथ को को भी खाररज पकया रा पकrsquorsquoनयनतम वतन बढ़ जान स पनवश म कमी आएगी और उतिादन घटगा|rsquorsquo

अभी उततराखणड म 251- रिय दपनक और मापसक मपहला व िरर मजदरो को अलग-अलग 5500- स 8000-रिय तक दत ह| एक ही परकपत का काम करन वाल रिी-िरर की मजदरी म भी काफी अतर ह| माग-िरिक म इस असमानता को खतम कर समान कायथ क पलए समान वतन दन क कानन को सखती स लाग करन की माग की

गयी ह|बीस-सरिी मागिरिक की मखय माग

य ह1 उततराखणड क मजदरो का

नयनतम वतन दपनक 512 रिय और मापसक 16182 रिय पकया जाय

2 ठका पररा को खतम पकया जाय पनयपमत परकपत क कामो म लग सभी ठका मजदरो को पनयपमत पकया जाय

3 एक ही परकपत क काम का सरिी और िरर मजदरो को समान वतन पदया जाय

4 काम क घणट आठ पकय जाय और ओवरटाइम का डबल रट स

भगतान पकया जाय 5 सभी मजदरो को िहचान-िरि

वतन पसलि ईएसआई िीएफ की सपविा दी जाय

6 पसडकल औदोपगक कषरि म 90 पदन तक काम कर चक सभी मजदरो का पसडकल की तरफ स िहचान-िरि बनाया जाय

7 मजदरो क पलए आिपनक सपविायकत असिताल उनक बचचो क पलए सकल और ससत राशन की दकान खोली जाय

lsquoउतरनाखणड कत मजदरो कना मनाग-पतरक आनदोलिrsquo की शरआत

मजदर नबगल अपल 2018 5

गजरात का सरत शहर टकसटाइल उदोग का एक बडा कनदर ह यहा टकसटाइल उदोग म कई हजार मजदर काम करत ह दश भर क औदोपगक इलाको की तरह यहा भी मजदर बहद असरपकषत पसरपतयो म काम करत ह हाल म जारी एक शोि अधययन न सरत क टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच 84 घातक दघथटनाओ का बयौरा जमा पकया ह पजनम कम स कम 114 मजदरो की मौत हो गयी औदोपगक सरकषा एव सवासथय पनदशालय स आरटीआई क जररए पमली जानकाररयो क अनसार इस दौरान 375 स अपिक मजदरो को गमभीर चोट भी आयी ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर कारखानो म ईएसआई योजनाओ को ठीक स लाग नही पकया जाता पजसक कारण बहत स बीमा वाल मजदर भी पवकलाग होन िर पमलन वाली दखभाल और सहायता स वपचत रह जात ह जयादातर मजदर तो ईएसआई की सपविा स ही वपचत ह

गजरात क अलग बनदरगाह क बार म तो अब बहत लोग जान चक ह जहा िरान जहाजो को तोडन म लग मजदर आय पदन जानलवा दघथटनाओ और बीमाररयो का पशकार होत रहत ह अब lsquoसरत क टकसटाइल उदोग म मजदरो क हालातrsquo शीरथक इस ररिोटथ स गजरात क एक और परमख उदोग की असली तसवीर सामन आ रही ह वडोदरा म पसरत lsquoिीिलस टपनग एड ररसचथ सटरrsquo (िीटीआरसी) क जगदीश िटल दारा तयार की गयी यह ररिोटथ बताती ह पक य आकड हालात की िरी तसवीर सामन नही लात कयोपक बहत स कारखान तो रपजसटडथ ही नही ह और उनक आकड सरकारी पवभागो क िास होत ही नही ह इस ससरा न अखबारो की कतरनो की जाच स भी िता लगाया पक सरत म टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच

121 मजदरो की मौत हई और 126 गमभीर रि स घायल हो गय लपकन ररिोटथ यह भी कहती ह पक काम िर होन वाली चोटो या मौतो की जयादातर खबर अखबारो या जनता तक िहचती ही नही कयोपक बहतर कारखान रपजसटडथ नही ह और उनम काम करन वाल मजदरो का भी कोई लखा-जोखा नही रहता

यह कोई नयी बात नही ह पकसी भी

औदोपगक इलाक म काम करन वाला मजदर या मजदर कायथकताथ इस बात को जानता ह कछ साल िहल पदलली क बादली औदोपगक कषरि म पबगल मजदर दसता दारा आरटीआई क तहत उदोग पवभाग शरम पवभाग और पदलली िपलस स यह जानकारी मागी गयी पक पिछल तीन महीनो म यहा क कारखानो म पकतनी दघथटनाए हई और उनम मरन या घायल होन वाल मजदरो की सखया पकतनी ह उदोग पवभाग और शरम पवभाग क िास तो कोई जानकारी ही नही री पदलली िपलस न बताया पक उस दौरान बादली क कारखानो म

पकसी मजदर की मतय नही हई और चार मजदर घायल हए जबपक पबगल मजदर दसता न खद उनही तीन महीनो म कम स कम 6 मजदरो की मौत नाम-ित क सार दजथ की री

ररिोटथ कहती ह पक साल दर साल इतनी बडी सखया म दघथटनाए होती रहती ह पफर भी सरकारी पवभाग िरी तरह आख मद रहत ह ररिोटथ क अनसार

सरत म 1991-95 क बीच 100 घातक दघथटनाए हई पफर 2007 और 2008 म करमश 46 और 36 दघथटनाए दजथ की गयी लपकन इनह रोकन क पलए कोई ठोस कदम नही उठाय गय उलट पनयम-कायद को ताक िर रखकर काम करन वाल कारखानो की सखया बढ़ती ही चली गयी

ररिोटथ क अनसार य आकड सरत क टकसटाइल कारखानो म िशागत सवासथय और सरकषा क हालात की बहद पचनताजनक तसवीर िश करत ह दघथटनाओ क कारणाो िर नजर डाल तो 2012 और 2015 क बीच हई 121

घातक दघथटनाओ म स 30 जलन क कारण हई जबपक 27 पबजली का करणट लगन स हई 23 दघथटनाओ का कारण lsquorsquoदो सतहो क बीच कचलनाrsquorsquo बताया गया ह कारखानो की भीतरी तसवीर स वापकफ कोई भी वयपति इसका मतलब समझ सकता ह इसक अलावा बहत सी मौत दम घटन ऊचाई स पगरन आग और पवसफोट मशीन म फसन

गस आपद कारणो स हई ह जयादातर दघथटनाए जानलवा कयो बन जाती ह इसका कारण कारखानो की हालत स जडा हआ ह ररिोटथ म पदय गय एक उदाहरण स इस समझा जा सकता ह सरत क सयथिर इडपसटयल एसटट म अपविनी कमार रोड िर एक िावरलम यपनट म 3 अकटबर 2015 को सबह 1145 बज आग लगी दघथटना क दौरान जयादातर मजदर तो बाहर आ गय लपकन नीला नायक और कषणा पलमजा नाम क दो मजदर दसरी मपजल िर फस रह गय फायर परिगड न जब तक दोनो को पनकाला तब तक मपहला मजदर की

दम घटन स मौत हो चकी री ररिोटथ बताती ह lsquorsquoआग दसरी मपजल िर शर हई और तीसरी मपजल तक फल गयी मशीन इस तरह रखी गयी री पक दो मशीनो क बीच म पबलकल जगह नही री और चलन क रासत पबलकल सकर हो गय र रासतो म ही कचचा माल और तयार माल क बणडल भी ढर लगाकर रख गय र कारखान म 200 मजदर र गराउणड फलोर क मजदर तो बाहर पनकल गय लपकन दसरी और तीसरी मपजलो क मजदर फस रह गयrsquorsquo

ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर मामलो म मरन या घायल होन वाल मजदरो को मआवजा या तो पमलता ही नही या पफर बहत कम पमलता ह ररिोटथ म अजय राज यादव (18 साल) का उदाहरण पदया गया ह पजसक सार सरत की एक इमरिॉयडरी यपनट म काम करत समय दघथटना हई मशीन म किडा लगात समय परस मशीन क रोल म उसका बाया हार फस गया उसकी तीन उगपलया काटनी िडी और चौरी बजान हो चकी ह ररिोटथ कहती ह lsquorsquoमपडकल पवशरज न उसकी पवकलागता 47 परपतशत बतायी लपकन उस कोई मआवजा नही पमला यपनट ईएसआई कानन क तहत रपजसटडथ री लपकन उस मजदर को ईएसआई काडथ नही पदया गया राrsquorsquo एक मजदर यपनयन की ओर स दो साल तक चली काननी कारथवाई क बाद सरानीय कोटथ न अजय को 288685 रिय मआवजा और 86605 रिय जमाथना दन का आदश पदया इसक बाद मापलक न उस मजदर को काम स पनकाल पदया पिछल िाच साल स उस मामल की सनवाई अभी जारी ह और अजय को एक भी िसा मआवजा नही पमला ह सरत की मजदर बपसतयो म आिको ऐस बहत स मामलो क बार म सनन को पमलगा

ndash दबगि सवाििाता

गजरनात मॉरल कना ििी चतहरना सरत कना टतकसटनाइल उदोग यना मजदरो कना कतलगनाह

17 अपरल की रात को दपकषणी पदलली क नवादा औदोपगक कषरि म एक फकटी म शॉटथसपकथ ट स आग लगन की वजह स 3 मजदरो की मौत हो गयी जब फकटी क अदर आग भडकी तो मजदरो न अिनी जान बचान क पलए फकटी स बाहर पनकलन की कोपशश की मगर फकटी का दरवाजा बाहर स बद होन क कारण वो अदर ही घट-घट कर मर गय

गौर करन वाली बात ह पक सरकारी आकडो क मतापबक मरन वाल मजदरो की सखया 3 बतायी जा रही ह लपकन मजदरो का कहना ह पक फकटी म रात की पशफट म काम करन 7 मजदर गय र पजनम स बाकी 4 अब लािता ह मरन वालो म स दो मजदर पबजली परस ऑिरटर र यह आग रात करीब 10 बज क आस-िास लगी दर रात को फकटररयो म अवि रि स काम करान क पलए फकटी मापलक कारखानो का

दरवाजा बाहर स बद करवा दत ह यह पररा गर-काननी होन क बावजद भी बहद आम ह

अिन सारी मजदरो की फकटी क मापलक की लािरवाही क कारण हई मौत क पखलाफ मजदरो म बहद गससा रा पजसक चलत मजदरो न हडताल कर दी और अिन सापरयो क पलए इनसाफ की माग उठात हए फकटररयो क बाहर परदशथन कर रह ह नवादा औदोपगक कषरि म ऐसी कई फकटररया ह और सभी की कहानी एक जसी ह मजदरो क आकरोश स घबराकर िहल तो कछ फकटी मापलक उनह अिनी हडताल वािस लन का दबाव बनान उनक िास गए लपकन जब मजदरो न उनकी बात मानन स इकार कर पदया तो उनह डरान-िमकान लग और एक मजदर क सार मार-िीट की पजसक बाद मजदरो म रोर और भी बढ़ गया एक तरफ उनक

3 सापरयो की हतया की जाती ह तो दसरी तरफ नयाय की माग उठान और शरम कानन लाग करन की माग करन िर उनक सार मापलक िपलस-परशासन स बखौफ होकर मार-िीट करत ह

यह ररिोटथ पलख जान तक नवादा औदोपगक कषरि क सकडो मजदर हडताल िर ह और अिन अपिकारो क पलए सघरथरत ह ऐसी पकसी भी घटना क बाद मवाअजा दन स बचन क पलए अकसर फकटी मापलक मजदरो को िहचान िरि तक नही दत दघथटना क नाम िर लगन वाली ऐसी आग पसफथ और पसफथ मापलक की लािरवाही का नतीजा होती ह ऐस म जब मजदर हडताल कर अिन पलए इनसाफ की माग कर रह ह तो पदलली की सरकार घोड बच कर सो रही ह और वो भी तब जब जनवरी स लकर अपरल तक यह दश की राजिानी पदलली म हई ऐसी चौरी बडी

घटना ह बवाना म लगी भीरण आग क बाद सरकार न कई वाद तो पकय र लपकन उनक वाद पकस कदर खोखल ह यह बवाना क बाद सलतानिरी की जता फकटी नरला की फकटी और अब नवादा म लगी आग स साफ हो गया ह इन सभी दघथटनाओ म सरकारी आकडो क मतापबक 28 मजदरो की मौत हो चकी ह कया राजिानी क महनतकशो की पजनदगी की कीमत सरकार की नजर म कछ भी नही ह कयो बार-बार ऐसी दघथटनाए होन िर भी सतता म बठ नताओ की नीद नही टट रही ह

पदलली क तमाम औदोपगक कषरिो म मजदरो क हालात बहद खराब ह सभी शरम काननो को ताक िर रख कर मजदरो स अमानवीय िररपसरपतयो म काम करवाया जाता ह और उनह जानबझ कर मौत क मह म िकला जाता ह जयादातर मजदरो क िास

कोई िहचान िरि तक नही ह और न ही इलाक की पकसी भी फकटी म नयनतम वतन पदया जाता ह पबगल मजदर दसता क कायथकताथ नवादा क मजदरो की इस हडताल म शर स पशरकत कर रह ह पबगल क सारी अनत न बताया पक अब तक इस आग म जल कर मरन वाल मजदरो क फकटी मापलक को पगरफ़तार तक नही पकया गया ह उलटा जब स मजदर फकटररयो क बाहर इकठा हो रह ह तब स वहा अपिक सखया म िपलसबल तनात पकया जा रहा ह और मजदरो की हडताल को तोडन का परयास पकया जा रहा ह लगभग 500 मजदर अभी भी फकटररयो क बाहर ह और काम म सरकषा और मआवज क अपिकार क पलए लड रह ह

ndash दबगि सवाििाता

ददलली कत मौत कत कनारिनािो कना कहर जनारी अब िवनादना की कॉकरी फकटी म आग लगित सत कम सत कम 3 मजदरो की मौत

6 मजदर नबगल अपल 2018

मनीश मिोिाराजसरान म बरोजगारी की हालत

िर दश की तरह ही भयानक ह राजसरान म पिछल 7 सालो म मारि 255 लाख सरकारी नौकररया पनकली और इनक पलए 1 करोड 8 लाख 23 हजार आवदन पकय गय यानी पक हर िद क पलए 44 अभयपरथयो क बीच मकाबला हआ राजसरान म हाल ही म रीट की िरीकषा हई पजसम कवल 54 हजार िद र (शर म कवल 34 हजार िद र जो पक चनावी साल होन क कारण चालाकी स बढ़ाय गय) और लगभग 10 लाख नौजवानो न िरीकषा दी लपकन उसम भी भतषी अटक गयी कयोपक राजसरान सरकार की कापहली क कारण ििर आउट हो गया कलकथ गरड िरीकषा म 6 लाख स अपिक उममीदवारो न िरीकषा दी री िपलस कासटबल 2017 की िरीकषा म 5500 िद र पजसक पलए 17 लाख आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 310 लोगो न आवदन पकया पविानसभा म चिरासी भतषी िरीकषा क पलए 18 िदो क पलए 18 हजार आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 1 हजार लोगो न फामथ भरा सब इसिकटर 2016 की िरीकषा म 300 िदो क पलए तीन लाख लोगो न आवदन पकया रा पवविपवदालय सहायक 2015 म हई भतषी क पलए महज 33 हजार िदो क पलए 10 लाख बरोजगा रो न आव दन पकया रा आरटट 2011 म दोनो सतरो िर करीब 10 लाख 79 हजार िरीकषारषी शापमल हए भाजिा सरकार न इस साल

चनावी वरथ होन क कारण जनता को बवकफ बनान क पलए घोरणाओ क िकोड तलत हए बताया पक वह 2018 म एक लाख नौकररया दगी पकनत हकीकत यह ह पक राजय म अब तक लपमबत 93000 नौकररयो िर ही इन लोगो न पनयपति नही दी ह और य िद अब तक लपमबत ह पिछल एक दशक स कागरस और भाजिा की िजीवादी सरकारो दारा सरकारी नौकररयो का पनकाला जाना लगभग बनद पकया जा चका ह परदश म िवथ सरकार क कायथकाल म पनकली 76 हजार भपतथया कब तक लपमबत ह जाच-िडताल म सामन आया पक पिछल 5-6 सालो स कई भपतथयाा लपमबत ह और िद खाली िड हए ह एलडीसी भतषी 2013 क 7500 िद खाली ह िवथवतषी कागरस सरकार म साल 2013 म पनकली य पनयपतिया आज भी लपमबत ह वतथमान सरकार क कायथकाल म ही 18 हजार भपतथया लपमबत ह इसक अलावा िजीवादी सरकार यह बदमाशी भी करती ह पक भतषी की घोरणा करक ऐन समय िर भतषी बनद करवा दती ह राजसरान अिीनसर मनरिालपयक एव सवा चयन बोडथ की ओर स कमपयटर ऑिरटर परोगरापमग अपससटणट क 402 िदो क पलए एक लाख 19 हजार फॉमथ भर गय लपकन िरीकषा की पनिाथररत पतपर स 2 पदन िहल भतषी पनरसत कर दी गयी िीडबलयडी म कपनष अपभयनता क िद िर 600 िदो िर पनयपतिया पनकली पजसम 1 लाख स अपिक आवदन आय

िर िरीकषा पतपर स 4 पदन िहल इस भी पनरसत कर पदया गया इसक अलावा कई मामलो म जानबझकर पनयपतिया नही दी जा रही ह राजसरान लोक सवा आयोग न 2013 म कपनष पलपिक क िदो िर 6000 िदो की भतषी पनकाली पजसम िरीकषा क बाद पजला आवणटन हआ लपकन अभी तक पनयपति नही दी गयी ह िचायत राज पवभाग म कपनष पलपिक क िदो िर 9200 िदो िर 2013 की भतषी अटकी हई ह राजसरान लोक सवा आयोग क तहत कई हजार िदो िर भतषी अटकी हई ह

इसक अलावा राजसरान सरकार आरिीएससी (RPSC) राजसरान अिीनसर और मनरिालपयक सवा चयन बोडथ (RSMSSB) िचायती पवभाग आपद समय िर सही तरीक स िरीकषा नही करान क पलए कखयात ह राजसरान का हर यवा जानता ह पक अकसर इनक ििर सटर दारा बनाय गय परशनिरिो िर हाईकोटथ म ररट लगती रहती ह और भतषी अटक जाती ह 2013 की एलडीसी (LDC) जपनयर अकाउणटणट की भतषी अब तक अटकी हई ह कई बार परशनिरि आउट हो जात ह इसपलए उति ससराओ की जवाबदही तय की जानी चापहए िरान ििर सटरो को हटाकर िारदपशथता क सार िरीकषा करवात हए परशनिरि एनसीईआरटी (NCERT) की िाठय िसतको क पहसाब स बनवाय जान चापहए तापक हर साल परशनो क उततर को लकर अनावशयक पववाद ना िदा हो व

भपतथया कोटथ म ना अटक आज जस समय म नौजवानो की एक मखय माग तो यही बनती ह पक तमाम रकी हई भपतथया तरनत भरी जाय नय िद सपजत पकय और हर साल लगभग 15 लाख सरकारी नौकररया दी जाय जो पक वसनिरा सरकार का वादा भी रा इसक अलावा कयोपक राजसरान म कई-कई साल तक भतषी नही पनकली ह इसपलए आय सीमा को भी 35 स बढ़ाकर 40 पकया जाना चापहए उिर कागरस की जनपवरोिी नीपतयो को आग बढ़ात हए य सरकार भी पशकषा सवासथय रोडवज आपद का सारा काम ठक िर द रही ह आगनबाडी कमथचारी आशा वकथ र आपद सब ठक िर ह मसलन राजसरान म सरकारी सकलो को खतम करक उनको िीिीिी मोड क नाम िर पनजी िजीवादी लटरो को पदया जा रहा ह पशकषा म रोडवज म असितालो आपद म सारा काम सरकार ठक िर द रही ह पजसस बतहाशा महगाई बढ़ रही ह और य बपनयादी मलभत सपविाए जनता की िहच स दर होती जा रही ह

इसपलए एक ओर आज क समय म हम समान पशकषा-वयवसरा और गाव-शहर म रोजगार की गारणटी क पलए लडना होगा तो दसरी ओर हम पनयपमत पकसम क काम म ठका पररा खतम करवान क पलए भी लडना होगा हम भारत सरकार िर जनदबाव बनाकर ठका मजदरी को िरी तरह समापत करवान क पलए लडना होगा भारत सरकार न

1970 क ठका मजदरी (उनमलन व पवपनयमन) अपिपनयम म वायदा भी पकया रा पक वो ठका पररा खतम करगी िर उलट ठकाकरण बढ़ता गया शरम का ठकाकरण िरी तरह बनद होना चापहए कयोपक यह मजदरो को अरपकषत बनाता ह उनह सगपठत होन की कषमता स वपचत करता ह उनकी मजदरी को कम करता ह उनह गलामी जसी कायथ-पसरपतयो म िकलता ह और रोजगार की एक शतथ भी िरा नही करता न यह रोजमराथ क काम की गारणटी करता ह और न पकसी परकार की आपरथक-सामापजक सरकषा दता ह यह मजदर वगथ को आपरथक और राजनीपतक तौर िर कमजोर करता ह और उनस लडन की ताकत छीनता ह इसपलए ठका पररा को समापत करना बरोजगार नौजवानो और मजदरो की भी एक परमख राजनीपतक माग बनती ह एक और बात हम आिस म समझनी होगी पक मौजदा तमाम चनावी िापटथयो का मकसद ही आम जनता को ठगना ह इसपलए हम इस या उस चनावी मदारी की िछ िकडन की बजाय करापनतकारी जनानदोलनो क दारा सरकार िर अिनी मागो क पलए दवाब बनाना चापहए िमथ-जापत-आरकषण-मपनदर-मपसजद-गाय वगरह क नाम िर पकय जा रह बटवार की राजनीपत को समझकर हम आिस म फौलादी एकजटता कायम करक सरकारी अनयाय और िजीवादी अनिरगदषी क पखलाफ आवाज उठानी होगी

रनामरनाजय म रनाजसनाि म पसरी भयकर बतरोजगनारी

दजस िश का इदतहास नही होता उसका कोई भदवषय भी नही हो सकता और जो पीढी अपन इदतहास व परमपरा को नही जानती वो अपना भदवषय व आिशव भी नही गढ सकती

अिन दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत व िरमिरा स िररपचत करान शहीद करापनतकाररयो क सिनो पवचारो लकयो और आदशषो की यादपदहानी क मकसद स उततराखणड राज य क पवपभनन पजलो व कसबो म नौजवान भारत सभा रिी मपति लीग व पबगल मजदर दसता दारा समपत सकलि यारिा पनकाली गयी समपत सकलि यारिा उततराखणड चनदरशखर आजाद क शहादत पदवस (27 फरवरी) स शर होकर भगतपसह सखदव व राजगर क शहादत पदवस (23 माचथ) तक चलायी गयी

तीन चरणो म चलन वाली इस यारिा का िहला चरण गढ़वाल कषरि की घाटी और तराई कषरि म चला दसरा चरण गढ़वाल क िहाडी कषरि म चलाया गया और तीसर चरण म कमाऊ क िहाडी व तराई कषरि म चलान क बाद दहरादन म समपत सकलि सभा क सार इस यारिा का समािन पकया गया इस िरी यारिा क दौरान वयािक िचाथ पवतरण नककड सभा गोषी िसतक-िोसटर परदशथनी व पफलम सकीपनग आपद की गयी

िहल चरण की शरआत दहरादन म 27 फरवरी को भारतीय महनतकश

जनता की करापनतकारी चतना क परतीक चनदरशखर आजाद और आज का समय पवचार-गोषी स की गयी इसक बाद 9 माचथ तक यह यारिा दहरादन हररदार रढ़की ऋपरकश क पवपभनन इलाको म कपनदरत रही 7-8 माचथ को अनतरराषटीय मपहला पदवस क अवसर िर एमकिी कॉलज दहरादन म रिी मपति स समबपनित िोसटर परदशथनी लगायी गयी और जबबार िटल की पफलम सबह की सकीपनग की गयी

यारिा का दसरा चरण 10-14 माचथ तक चला इस दौरान शरीनगर और उसक आस-िास क इलाको म वयािक िचाथ पवतरण करत हए नककड सभाए की गयी 14 माचथ को डोईवाला क पडगरी कॉलज म छारिो क बीच समिकथ एव वयािक िचाथ पवतरण क सार दसर चरण की यारिा का अपनतम िडाव िरा हआ

यारिा का तीसरा चरण 15 माचथ स 22 माचथ तक कमाऊ रीजन क रामनगर कालाढगी हलदानी ननीतान अलमोडा पिरौरागढ़ खटीमा रदरिर और काशीिर स होत हए दहरादन म समपत सकलि सभा क सार समापत हआ समपत सकलि सभा म मौजद नौजवानो नागररको व बपधिजीपवयो न मशाल क समकष शिर ली पक सामपरदापयक फासीवादी ताकतो दारा दश को जापत िमथ नसल रग भारा व राषटीयता क आिार िर बाटन क खनी मसबो को कामयाब नही होन दग दश म दपमत शोपरत-उतिीपड त दपलतो परियो

अलिसखयको िर होन वाल अतयाचार-दमन को बदाथशत नही करग महनतकश जनता की करापनतकारी एकजटता को बनाय रखन और सगपठत करन की हरसमभव कोपशश करग दशी-पवदशी िजी की लट और अनयाय-उतिीडन की बपनयाद िर कायम सामापजक-राजनीपतक-आपरथक ढाच क बरकस समता नयाय और मानवीय गररमा की बपनयाद िर एक नय समाज क पनमाथण क पलए जारी सघरथ म एक सचच इकलाबी पसिाही की भपमका पनभायग

यारिा क दौरान नककड सभाओ म वतिाओ न कहा पक आजादी क सात दशको क बाद भी आज महनतकश जनता की पसरपत लगातार बद स बदतर होती गयी ह पशकषा सवासथय रोजगार भोजन व आवास जस बपनयादी अपिकार भी लगातार पछनत गय ह जनता की नमाइनदगी करन का दावा करन वाली सभी चनावी िापटथयो का चाल-चहरा व चरररि भी बनकाब हो चका ह जनता की माला जिन वाली य िापटथया िजीिपतयो व बहराषटीय पनगमो की सवा-चाकरी म अिना ईमान तक पगरवी रखन म कोई गरज नही करती ह कॉरिोरटो की लट और शोरण को जारी रखन और सगम बनान क पलए दश की िपलस-फौज-नौकरशाही व नयायिापलका भी अिना काम बखबी पनभा रही ह जन-पवरोिी नीपतयो दमन शोरण स होन वाल असनतोर स जनता

का धयान भटकान क पलए आज तमाम सामपरदापयक फासीवादी ताकत िर दश म काम कर रही ह इनका एक ही मकसद ह पक इस दश क गरीब महनतकशो को जापत-िमथ-समपरदाय म बाटकर िजी की सवा की जाय इसक पलए य ताकत तमाम िापमथक परतीको का इसतमाल कर रही ह और छदम राषटवाद क नारो स नौजवानो-महनतकशो को भरपमत कर रही ह हम इनक रडयनरिो को िहचानकर इनक नािाक इरादो का भणडाफोड करना होगा इन ताकतो स लडकर ही इस दश क नौजवान-महनतकश करापनतकारी िररवतथन क सघरथ को अिन असली मकाम तक िहचा सकत ह

इन फापससट गणडा-पगरोहो का सामना यारिा क दौरान भी हआ यारिा क तीसर चरण म पिरौरागढ़ परवास क दौरान पिरौरागढ़ क पडगरी कॉलज म भगतपसह और करापनतकारी आनदोलन िर िोसटर परदशथनी लगायी गयी री इस परदशथनी को दखत ही सघी लमिटो का पगरोह कॉलज क परशासपनक दल-बल को सार लकर िहच गया आत ही यह पगरोह हलला-हगामा करन लगा पक लाल रग को कमिस म नही रहन दग इस िर वहा क तमाम छारिो न कहा पक लाल रग नही तो भगवा भी नही काफी बहस-मबाहस और छारिो क पवरोि क बाद कॉलज का परशासपनक अमला बकफट िर आ गया सघी पगरोहो को भी छारिो की दढ़ता दखकर

वहा स पखसक लना ही मनापसब लगा इसक बाद कॉलज म ही भगतपसह िर आिाररत पफलम की सकीपनग की गयी दरअसल इन भगवािाररयो को पदककत लाल रग स नही बपलक पवचार तकथ णा और वजापनकता स ह य फापससट दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत और करापनतकाररयो को याद पकय जान स इसपलए भी डरत ह कयोपक य अचछी तरह जानत ह पक आम छारिो-नौजवानो और महनतकशो को इनक असली एजणड व आजादी की लडाई स इनकी गदारी का जब िता चलगा तब इनका कया हशर होगा इसपलए य कभी नही चाहत पक जनता अिन वा सतपवक इपतहास और करापनतकारी सघरषो की पवरासत स िररपचत हो

िरी यारिा क दौरान उततराखणड क नागररको बपधिजीपवयो और छारिो-नौजवानो का बहत ही सहयोग और सार रहा जहा भी यारिा टोली गयी लोगो न रकवान और कायथकरम की जगह महया करान म बहत मदद की नककड सभाओ क दौरान भी लोगो न इस िर अपभयान को बहत ही सराहा और कहा पक आज इस तरह क अपभयानो व करापनतकारी पवकलि को खडा करन की बहत ही सख़त जररत ह

ndash दबगि सवाििाता

सनत सकलप यनातरना उतरनाखणड म गजना िनारना भगतधसह को यनाद करगत ndash फनाधससो को िही सहगत

मजदर नबगल अपल 2018 7

सतिनारनायर(अपखल भारतीय जापत पवरोिी मच

महाराषट) नयारिापलका जब पकसी अतयनत

महतविणथ मद िर पनणथय सनाती ह तो उसक राजनीपतक-आपरथक-सामापजक कारण समझना बहद जररी हो जाता ह बीती 20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा एससीएसटी एकट िर भी एक ऐसा ही फसला सनाया गया सपरीम कोटथ न एक कस की सनवाई क दौरान कहा पक एससीएसटी एकट का दरियोग होता ह और ऐस म भपवषय म एफआईआर तभी दजथ की जा सकगी जब उसकी परारपमभक जाच वररष िपलस अपिकारी कर लगा सार ही कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर रोक भी हटा दी गयी ह दशभर म दपलत पवरोिी जापतगत नफरत व पहसा का लमबा इपतहास रहा ह व इस फसल क कछ ही पदन बाद 29 माचथ क पदन गजरात म एक दपलत की हतया पसफथ इसपलए कर दी गयी पक वो घोडा रखता रा एससीएसटी एकट क बावजद भी दश म हर घणट दपलतो क पखलाफ 5 स जयादा हमल दजथ होत ह हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह अगर दपलत मपहलाओ की बात की जाय तो उनकी पसरपत तो और भी भयानक ह परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार का पशकार होती ह पिछल दस सालो 2007-2017 म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत बढ़ोततरी हई ह 2016 म 48000 स जयादा मामल दजथ हए ह

आि खद ही दपखय काननो का पकतना दरियोग होता ह

यहा दी गयी तापलका स भी यह सिष ह पक दपलतो क पवरधि हए बबथर स बबथर हतयाकाणडो म भी सजाए पबलकल नही हई सार ही राषटीय अिराि ररकॉडथ बयरो क आकडो क अनसार एससीएसटी एकट म चाजथशीट 78 परपतशत कस म फाइल हई ह इसस भी िता चलता ह पक अिराि हआ ह िर अनत म अिराि पसपधि तक बहत ही कम

कस िहच िात ह य चनद आकड साफ बता रह ह पक 70 साल की आजादी क बाद भी गरीब दपलत आबादी हक-अपिकारो स वपचत ह बबथर दपलत उतिीडन की घटनाओ और उसक बाद कारथवाई क नाम िर खानािपतथ य पदखाती ह पक सरकार िपलस-परशासन स लकर कोटथ तक म जापतगत मानपसकता स गरसत लोग भर िड ह यही कारण ह पक दपलतो िर हमल करन वाल जयादातर अिरािी बच पनकलत ह दशभर म एससीएसटी कानन क तहत वस भी वतथमान म दपलत उतिीडन क मामल की एफआईआर दजथ कराना सबस मपशकल काम होता ह सार ही िपलस परशासन का रवया मामल म सजाओ का परपतशत काफी कम कर दता ह दसरा इस कानन म गलत कस दजथ करान िर िीपडत क पवरधि आईिीसी की िारा 182 क अनतगथत कस दजथ करक दपणडत करन का पराविान िहल स ही ह इसी परकार अपगरम जमानत पमलन तरा उचच अपिकाररयो की अनमपत स ही पगरफ़तारी करन का आदश इस एकट क डर को पबलकल खतम कर दगा िहल ही इस एकट क अनतगथत सजा पमलन की दर बहत कम ह इस परकार कल पमला कर एससीएसटी एकट क दरियोग को रोकन क इराद स सपरीम कोटथ दारा पदय गय पदशा-पनदचश दपलतो की रकषा की बजाय आरोिी क पहत म ही खड पदखायी दत ह पजसस दपलत उतिीडन की घटनाओ म बढ़ोततरी ही होगी

नयायिापलका की सवतनरिता का बहत ढोल िीटा जाता ह िर हापलया

कछ पनणथयो स य सिष हो रहा ह पक आरएसएस की मोदी सरकार अिन जजो को पनयपति दकर तमाम पनणथय िाररत करवा रही ह हाल ही म जज लोया कस म भी सपरीम कोटथ न जो भपमका अिनायी ह वो इस बात की िपष करती ह एससीएसटी एकट म बदलाव का जब य फसला सनाया गया रा तो उसस िहल कई महीनो तक लगातार दशभर म बरोजगार यवको क परदशथन चल रह र इस एक फसल न ना पसफथ उस मद को दबा पदया बपलक नौजवानो-महनतकशो क बीच जापतगत दीवार भी बडी कर दी फसल क बाद लोग आरकषण खतम करन जसी मागो को लकर आग आन लग िर समाज म दपलत व गर-दपलत क बीच की खाई िहल स और बडी हो गयी 2 अपरल को दशभर म इस कानन म बदलाव क पखलाफ जब परदशथन हए तो तमाम उचच जातीय लोगो न दपलतो िर हमल पकय मधयपरदश क गवापलयर म तो बाकायदा पिसतौल लकर दपलतो को गोपलया मारता वयपति सामन आया इस फसल स जो खल मोदी सरकार खलना चाहती री वो िरा होता नजर आ रहा ह

गजरनात मॉरल दशभर म गजरात मॉडल की बहत

बात होती ह िर असल म य मॉडल कया ह य मॉडल ह मजदरो-महनतकशो की लट की खली छट और दपलतो क दमन की भी खली छट इसका एक परमाण य ह

पक दशभर म जहा एससीएसटी एकट म अिराि पसधि होन की दर 284 परपतशत

ह वही गजरात म इसकी छह गना कम 34 परपतशत ह गजरात म मजदरो की हडताल बहत कम होती ह कयोपक वहा बबथरतम दमन पकया जाता ह इसी मॉडल को आज दशभर म मोदी सरकार लाग कर रही ह पसफथ इस कानन को ही नही बपलक दश-भर म आजकल जनता क अलग-अलग पहससो क सरकषण क पलए बन पवपभनन काननो को कमजोर करन का समय चल रहा ह कछ कानन सीि ससद म बदल जा रह ह तो पकसी म कोटथ दारा सजान लकर िररवतथन पकय जा रह ह मोदी सरकार पवपभनन शरम काननो को वयािार करन की आसानी क नाम िर बदलन की योजना लमब समय स बना रही ह और इसका डाफट तयार ह जापहर ह पक वया िार आसान तभी होता ह जब मजदरो का शोरण बढ़ता ह ऐसा ही एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह सपरीम कोटथ का फसला साफ तौर िर दशाथता ह पक मोदी सरकार दारा आकडो की अनदखी करत हए कमजोर दलील रखी गयी ह असल म भाजिा और आरएसएस इस कानन को पनषपरभावी बनाना चाहती ह ऐस म सभी गरीब महनतकश आबादी और इसाफिसनद लोगो को इस कानन म िररवतथन क पवरधि एकजट होकर दपलतो िर बढ़त अतयाचारो क पखलाफ सघरथ करन की जररत ह कयोपक य एक-एक कर कभी दपलत कभी मजदर तो कभी मपहलाओ क हको क सरकषण क पलए बन काननो को पनषपरभावी बनात रहग

दश म कानन दो तरह क होत ह एक वो कानन जो जनता क एक पहसस

या सार पहसस क हक-अपिकारो स समबपनित होत ह (जस मपहलाओ क पवरधि होन वाल अिरािो क पलए बन कानन मजदरो क हको-अपिकारो स समबपनित कानन दपलतो िर अतयाचार रोकन क पलए बन कानन आपद) और दसर कानन वो होत ह जो जनता का दमन-उतिीडन करन क पलए सरकार व परशासन को ताकत दत ह (जस िपलस को एनकाउणटर की ताकत दना फौज को कछ इलाको म पवशरापिकार यानी एनकाउणटर व पगरफ़तार करन की इजाजत दना) हमार दश की सरकार चाह वह कागरस की रही हो या अभी भाजिा वाली सरकार हो वो सिष तौर िर िजीिपतयो क पहतो का परपतपनपितव करती ह उनक पहतो क पलए वो जहा मजदरो क अपिकारो को लगातार कम कर रही ह वही सरकार क दमन क अपिकारो को बढ़ा रही ह फजषी मामलो म मारपत क मजदरो को चार साल तक जल म रखना दश की जलो म दपसयो साल तक मपसलम नौजवानो को रखना और बाद म पनददोर कहकर छोड दना फजषी एनकाउणटर म लोगो को मार दना - य उसी क उदाहरण ह अभी आिार काडथ को अपनवायथ बनाकर भी सरकार और परशासन अिन दमन क दायर को बढ़ान की योजना बना रहा ह लपकन सरकार और परशासन य भी जानत ह पक अगर लोगो क अपिकारो को एक सार छीना तो बगावत हो जायगी इसपलए वो िीर-िीर छीनत ह और सार ही छीनत समय भी जनता क बीच जापतगत और िापमथक झगड लगा दत ह जसा पक अभी एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह जनता को दपलत और गर-दपलत क बीच बाटा जा रहा ह आज वो अगर जनता क एक पहसस क पलए आय ह तो कल हमार पलए भी जरर आयग भारत की िजीवादी राजयसतता (सरकार और िपलस-परशासन) सिष तौर िर गरीब पवरोिी दपलत पवरोिी और मपहला पवरोिी ह यानी इस िजीवादी राजयसतता का एक जापतगत चरररि भी ह और लपगक चरररि भी यह समझकर ही हम इसक पवरधि सघरथ कर सकत ह

आज दशभर म बरोजगारी

20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा आरपकषत दपलत आबादी िर होन वाल अतयाचार क पखलाफ 1989 म बन कानन को कमजोर करन का फसला सनाया गया पजसक अनसार कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर स रोक को हटा पदया गया ह इस फसल का दशभर म पवरोि हआ और 2 अपरल को कानन क बदलाव क पवरोि म भारत बनद का भी आहान पकया गया रा नौजवान भारत सभा न

भी सरकार दारा एससीएसटी एकट को कमजोर करन क पवरोि म महाराषट क ममबई िण और अहमदनगर इलाको म अपभयान चलाया

ममबई म अपभयान मखयतः लललभाई कमिाउणड साठ नगर जापकर हसन नगर टाटानगर बगन बारी मणडाला महाराषट नगर आपद इलाको म चलाया गया सार-सार यपनवपसथटी म छारिो क बीच भी िचच बाट गय जगह-जगह नककड सभाए की गयी और िचच बाट गय नककड सभाओ क दौरान नौजवान भारत सभा क बबन न बात रखत हए कहा पक अगर आज

दपलत उतिीडन समबनिी घटनाओ का आकडा उठाकर दख तो िता चलगा पक हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह और परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार की पशकार होती ह 2007 स लकर 2017 क बीच म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत की बढ़ोतरी हई ह 2016 म ही पसफथ 48000 स जयादा मामल दजथ ह ऐस म काननो को कमजोर बनाना सरकार की दपलत पवरोिी मानपसकता को जापहर करता ह

िण म 2 अपरल को नौजवान भारत सभा लोकायत और अनय परगपतशील सगठनो न पमलकर एक पवरोि परदशथन

का आयोजन पकया इसम नौजवान भारत सभा की तरफ स बात रखत हए अपभजीत न कहा पक एनसीआरबी की ररिोटथ क अनसार 2014-2016 क बीच म भाजिा शापसत िाच राजयो म दपलतो िर अतयाचार क सबस जयादा मामल दजथ ह भाजिा सरकार आन क बाद ऊना सहारनिर जसी घटनाए भी हमार सामन आयी ह आज जररी ह पक इस मनवादी फासीवादी सरकार क पखलाफ सघरथ करन क पलए हम तयार रह

अहमदनगर म पसधिारथ कॉलोनी और नय आटथस कॉलज म इसी पवरय िर िचाथ पवतरण पकया गया और नककड

सभाए भी की गयी नककड सभा म बात रखत हए सोमनार न कहा - अहमदनगर म दपलत उतिीडन की कई घटनाए दखन को पमली ह चाह वह जवाखड हो या पफर पनपतन आग की घटना हो जो समाज म मौजद जापतगत उतिीडन की तसवीर सामन ला दती ह आज जररी ह इन जापतगत उतिीडनो क पखलाफ आवाज उठायी जाय सार-सार जनता को सगपठत करक काननो को कमजोर करन की कोपशशो को नाकाम पकया जाए

ndash दबगि सवाििाता

सपीम कोटष दनारना एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

एससीएसटी एक को कमजोर करित कत खखलनाफ िौभनास दनारना महनारनाषट म चलनायना गयना अजभयनाि(पतज 2 पर जनारी)

पकतन दपलतो की हतया

कब और कहा नयापयक िररणाम

44 पकलवनमनी तपमलनाड 25 पदसमबर 1968 सभी आरोपियो को बरी कर पदया गया13 चनदर आनधरपरदश 6 अगसत 6 1991 2014 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया10 नागरी पबहार 11 नवमबर 1998 माचथ 2013 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया22 शकर बीघा गाव पबहार 25 जनवरी 1999 जनवरी 2015 म सभी आरोिी बरी21 बरानी टोला पबहार 11 जलाई 1996 अपरल 2012 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया32 पमयािर पबहार 2000 2013 म सभी को छोड पदया गया58 लकमणिर बार 1 पदसमबर 1997 2013 म सभी को छोड पदया गया1 महाराषट का परपसधि पनपतन आग कस पजसम

एक नौजवान को िर गाव क सामन मार पदया गया रा 28 अपरल 2014

23 नवमबर 2017 क पदन सबको छोड पदया गया

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 4: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

4 मजदर नबगल अपल 2018

परतयक बड शहर म एक या एक स जयादा मपलन बपसतया होती ह जहा मजदर वगथ ठसा हआ पजनदगी पबताता ह यह सच ह पक गरीबी अकसर अमीरो क महलो की आस-िास की नजर न आन वाली गपलयो म बसती ह लपकन आमतौर िर इसक पलए खशहाल वगषो की नजरो स दर एक अलग जगह द दी गयी ह जहा यह सघरथ म उलझी रह सक य मपलन बपसतया इगलणड क परतयक बड शहर म लगभग एक ही तरह स वयवपसरत ह ndash शहर क सबस घपटया पहससो म बन सबस घपटया मकान अकसर लमबी कतारो म बनी एक या दमपजली झपगगया शायद तहखानो को भी रहन क पलए इसतमाल म लात हए हमशा बतरतीब ढग स बनी हई दो या तीन कमरो और एक रसोई क य मकान लनदन क कछ पहससो को छोडकर िर इगलणड म मजदर वगथ की सामानय ररहायश ह गपलया अकसर कचची ऊबड-खाबड गनदी और कचर स भरी रहती ह जहा सीवर या गटर तो नही होता ह लपकन सडानि मारत रक हए िानी क गडढो की कोई कमी नही होती ह इसक अलावा साफ हवा की आवाजाही म िर इलाक क घपटया और बतरतीब पनमाथण की वजह स रकावट आती ह और चपक एक बहद छोट पहसस म बहत स इसान ठस हए रहत ह यहा िाय जान वाल वातावरण की कलिना आसानी स की जा सकती ह और अचछ मौसम म गपलयो का इसतमाल सखान वाली जगह क तौर िर होता ह जहा गील किडो स लद तार एक घर स दसर घर तक लटकत रहत ह

ऊिर की िपतियो म अगर इगलणड का पजकर न हो तो पदलली की शाहाबाद डयरी म एक बार भी जान वाला वयपति आसानी स यह मान सकता ह पक यह पववरण यही का ह लपकन यह उधिरण मजदरो क महान पशकषक और नता फडररक एगलस की परपसधि िसतक lsquoइगलणड म मजदर वगथ की दशा स पलया गया ह यह िसतक एगलस न आज स लगभग 175 साल िहल इगलणड क मजदरो क हालात क बार म पलखी री िजीवाद क उदय क सार

ही िदा हए मजदर वगथ की पजनदगी क हालात सभी दशो म लगभग एक जस ही दयनीय रह ह पसफथ वकत का फकथ हो सकता ह भारत जस पिछड िजीवादी दश म मजदर वगथ की पजनदगी क हालात और भी बदतर ह

शाहाबाद डयरी पदलली क बाहरी

इलाक म पसरत एक बसती ह जहा बहत बडी तादाद म मजदर आबादी रहती ह यहा क मजदर आस-िास क औदोपगक इलाको जस शाहाबाद डयरी बवाना नरला बादली जहागीर िरी आपद म काम करत ह बसती की मपहलाए कारखानो म काम करन क अलावा आस-िास की मधयवगषीय कॉलोपनयो म घरल कामगार क रि म काम करती ह जसा पक भारत की हर मजदर बसती का हाल ह शाहाबाद डयरी म भी जररी बपनयादी सपविाए नही क बराबर ह पजस आबादी की वजह स शहरो की चकाचौि कायम रहती ह वह खद एक अिरी दपनया म रहन क पलए मजबर कर दी गयी ह

शाहाबाद डयरी की सबस गरीब मजदर आबादी बसती क िीछ क पनचल पहसस म रहन को मजबर ह जहा बड-बड झीलनमा गडढो म िानी सडता रहता ह और पजसम स एक नाला पनकलता ह इन गडढो क चारो ओर तरा नाल क दोनो तरफ मजदरो न पकसी तरह जोड-

तोड करक अिनी झपगगया बनायी हई ह बाररश म यहा कया हालत होती ह इसका अनदाजा इस बात स आसानी स लगाया जा सकता ह पक नाल का गनदा िानी घरो म घस आता ह घरो स बाहर पनकल2ना महाल हो जाता ह और तरह-तरह की बीमाररया फल जाती ह गौरतलब ह पक पदलली म सबस जयादा डग क मरीजो की सखया वाल इलाको म शाहाबाद डरी भी ह

शाहाबाद डरी की कल आबादी लगभग एक लाख ह लपकन अभी दो साल िहल तक यहा कोई सावथजपनक शौचालय नही रा पजसकी वजह स लोगो को िास क खाली सनसान मदान म खल म ही शौच जाना िडता रा

मपहलाओ-बपचचयो को अकसर ना पसफथ छडखानी का सामना करना िडता रा बपलक बलातकार जसी वीभतस घटनाए यहा बहत सामानय-सी बात री शौचालय न होन की वजह स िरशानी का आलम यह रा पक माए अिन बचचो को रात म सोत वकत खाना या िानी तक

नही दती री तापक रात म शौच जान स बचा जा सक नौजवान भारत सभा क नततव म जब बसती क मजदरो न शौचालय बनवान क पलए जझार सघरथ चलाया तब जाकर सरकार न सावथजपनक शौचालय बनवाय लपकन य भी कल आबादी को दखत हए नाकाफी ह

यहा 12वी ककषा तक का पसफथ एक सरकारी सकल रा पजस 2016 म तब बनद कर पदया गया रा जब यहा एक बचच की करणट लगन स मौत हो गयी री और अभी तक उसको दोबारा शर नही पकया गया ह इस सकल क बचच तीन पकलोमीटर स भी जयादा दर पसरत िल परहादिर क एक सकल म टासफर कर पदय गय इसकी वजह स बहत स बचचो खासकर लडपकयो

का तो सकल जाना ही छट गया इसक अलावा यहा तीन पराइमरी सकल ह पजनक हाल इतन बहाल ह पक यहा एक कलास म 70-70 80-80 बचच िढ़त ह न तो िानी की कोई सपविा ह और न ही टॉयलट साफ-सरर ह इसक चलत सभी बचचो को और खासकर छारिाओ को इस वजह स बहत िरशानी उठानी िडती ह

िीन क िानी की बात कर तो हालात और भी भयावह नजर आत ह यहा िानी की िाइिलाइन नही पबछायी गयी ह इसपलए िीन क िानी की सपलाई टकरो क जररय होती ह आबादी क पहसाब स पजतन टकर आन चापहए उसक आि स भी कम आत ह कजरीवाल सरकार

क हवाई दावो की सचचाई यहा िता चलती ह कजरीवाल न चनाव स िहल पदलली की जनता स वादा पकया रा पक परतयक घर को परपतपदन 700 लीटर िानी पमलगा और जहा िानी की लाइन नही ह वहा िाइिलाइन पबछायी जायगी हकीकत यह ह पक हर घर म लोगो न दो-तीन पलापसटक क 20-20 लीटर वाल जार रख हए ह और िानी का टकर आन िर व इन जारो म िानी भरत ह गौरतलब ह पक टकर दारा भी लोगो को िानी परपतपदन नही महयया कराया जाता ह बपलक दो पदन म एक बार ही टकर आता ह इसस साफ ह पक हर घर म परपतपदन पसफथ 20 लीटर िीन का िानी ही सरकार क दारा उिलबि कराया जा रहा ह

इस वजह स आय पदन िानी को लकर लोगो क बीच झगड होत रहत ह अभी कछ पदन िहल ही पदलली म वजीरिर क मजदर इलाक म िानी क टकर स िानी िहल लन क मद िर झगडा हो गया पजसम एक बजगथ और उसक बट की मौत हो गयी आिको मधय वगथ क बहत स लोग कहत पमल जायग पक मजदर तो होत ही झगडाल ह बात-बात िर लडाई-झगडा करन को उतार रहत ह लपकन अगर व अिन एसी घरो स बाहर आकर मजदरो की पजनदगी क हालात का जायजा लग तो उनह िता चल जायगा पक कस यह मनाफाखोर वयवसरा मजदरो को इतनी सघरथिणथ पजनदगी जीन को मजबर कर दती ह पक उनह िानी जसी बपनयादी जररत क पलए भी लडना िडता ह लपकन पजन लोगो क घरो म िाइिलाइन स िानी आता हो और जो उस िानी का इसतमाल िीन क पलए ही नही बपलक अिनी गापडया िोन और अिन िालत कततो को नहलान क पलए भी करत ह उनस इस बात की उममीद नही की जा सकती

अनत म मजदरो की पजनदगी क य भयावह हालात पसफथ शाहाबाद डयरी म नही ह बपलक िर भारत म एक जस ह मनाफ िर पटकी इस आदमखोर िजीवादी वयवसरा म इसक अलावा और कोई उममीद नही की जा सकती

ndash दबगि सवाििाता

शनाहनाबनाद रतयरी कत मजदरो की जजनदगी कत िनारकीय हनालनात

लपनन क जनमपदवस (22 अपरल) क अवसर िर उततराखणड क मजदरो का माग-िरिक आनदोलन की शरआत पबगल मजदर दसता व रिी मजदर सगठन दारा की गई| हररदार क रोशनाबाद म माग-िरिक स समबपनित परचार अपभयान चलात हए िचाथ पवतरण पकया गया और मजदरो क हको-अपिकारो क बार म तफसील स बातचीत की गयी|

उततराखणड क मजदरो क 24 सरिीय मागो म स एक नयनतम वतन क सवाल िर बात रखत हए वतिाओ न कहा पक उततराखणड म नयनतम वतन आस-िास क राजयो (पदललीहररयाणाउततर

परदश) क नयनतम वतन स बहत ही कम हजबपक जीवन-जीन की मलभत सपविओ क मलयो व महगाई आपद म कोई अतर नही ह| नयनतम वतन का सवाल वयपति क गररमामय जीवन और भरण-िोरण स जडा हआ ह| ऐस म उततराखणड क मजदरो का नयनतम वतन कम स कम पदलली राजय सरकार क नयनतम वतन क बराबर होना चापहए| हालापक इस वतन िर भी पदलली हाईकोटथ न सखत पटपिणी की री पक lsquorsquoकया आि 16000- रिय म अिन िररवार का गजर-बसर कर सकत हrsquorsquo और पदलली क िजीिपतयो की वतन न

बढान की यापचका को खाररज करन क सार इस तकथ को को भी खाररज पकया रा पकrsquorsquoनयनतम वतन बढ़ जान स पनवश म कमी आएगी और उतिादन घटगा|rsquorsquo

अभी उततराखणड म 251- रिय दपनक और मापसक मपहला व िरर मजदरो को अलग-अलग 5500- स 8000-रिय तक दत ह| एक ही परकपत का काम करन वाल रिी-िरर की मजदरी म भी काफी अतर ह| माग-िरिक म इस असमानता को खतम कर समान कायथ क पलए समान वतन दन क कानन को सखती स लाग करन की माग की

गयी ह|बीस-सरिी मागिरिक की मखय माग

य ह1 उततराखणड क मजदरो का

नयनतम वतन दपनक 512 रिय और मापसक 16182 रिय पकया जाय

2 ठका पररा को खतम पकया जाय पनयपमत परकपत क कामो म लग सभी ठका मजदरो को पनयपमत पकया जाय

3 एक ही परकपत क काम का सरिी और िरर मजदरो को समान वतन पदया जाय

4 काम क घणट आठ पकय जाय और ओवरटाइम का डबल रट स

भगतान पकया जाय 5 सभी मजदरो को िहचान-िरि

वतन पसलि ईएसआई िीएफ की सपविा दी जाय

6 पसडकल औदोपगक कषरि म 90 पदन तक काम कर चक सभी मजदरो का पसडकल की तरफ स िहचान-िरि बनाया जाय

7 मजदरो क पलए आिपनक सपविायकत असिताल उनक बचचो क पलए सकल और ससत राशन की दकान खोली जाय

lsquoउतरनाखणड कत मजदरो कना मनाग-पतरक आनदोलिrsquo की शरआत

मजदर नबगल अपल 2018 5

गजरात का सरत शहर टकसटाइल उदोग का एक बडा कनदर ह यहा टकसटाइल उदोग म कई हजार मजदर काम करत ह दश भर क औदोपगक इलाको की तरह यहा भी मजदर बहद असरपकषत पसरपतयो म काम करत ह हाल म जारी एक शोि अधययन न सरत क टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच 84 घातक दघथटनाओ का बयौरा जमा पकया ह पजनम कम स कम 114 मजदरो की मौत हो गयी औदोपगक सरकषा एव सवासथय पनदशालय स आरटीआई क जररए पमली जानकाररयो क अनसार इस दौरान 375 स अपिक मजदरो को गमभीर चोट भी आयी ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर कारखानो म ईएसआई योजनाओ को ठीक स लाग नही पकया जाता पजसक कारण बहत स बीमा वाल मजदर भी पवकलाग होन िर पमलन वाली दखभाल और सहायता स वपचत रह जात ह जयादातर मजदर तो ईएसआई की सपविा स ही वपचत ह

गजरात क अलग बनदरगाह क बार म तो अब बहत लोग जान चक ह जहा िरान जहाजो को तोडन म लग मजदर आय पदन जानलवा दघथटनाओ और बीमाररयो का पशकार होत रहत ह अब lsquoसरत क टकसटाइल उदोग म मजदरो क हालातrsquo शीरथक इस ररिोटथ स गजरात क एक और परमख उदोग की असली तसवीर सामन आ रही ह वडोदरा म पसरत lsquoिीिलस टपनग एड ररसचथ सटरrsquo (िीटीआरसी) क जगदीश िटल दारा तयार की गयी यह ररिोटथ बताती ह पक य आकड हालात की िरी तसवीर सामन नही लात कयोपक बहत स कारखान तो रपजसटडथ ही नही ह और उनक आकड सरकारी पवभागो क िास होत ही नही ह इस ससरा न अखबारो की कतरनो की जाच स भी िता लगाया पक सरत म टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच

121 मजदरो की मौत हई और 126 गमभीर रि स घायल हो गय लपकन ररिोटथ यह भी कहती ह पक काम िर होन वाली चोटो या मौतो की जयादातर खबर अखबारो या जनता तक िहचती ही नही कयोपक बहतर कारखान रपजसटडथ नही ह और उनम काम करन वाल मजदरो का भी कोई लखा-जोखा नही रहता

यह कोई नयी बात नही ह पकसी भी

औदोपगक इलाक म काम करन वाला मजदर या मजदर कायथकताथ इस बात को जानता ह कछ साल िहल पदलली क बादली औदोपगक कषरि म पबगल मजदर दसता दारा आरटीआई क तहत उदोग पवभाग शरम पवभाग और पदलली िपलस स यह जानकारी मागी गयी पक पिछल तीन महीनो म यहा क कारखानो म पकतनी दघथटनाए हई और उनम मरन या घायल होन वाल मजदरो की सखया पकतनी ह उदोग पवभाग और शरम पवभाग क िास तो कोई जानकारी ही नही री पदलली िपलस न बताया पक उस दौरान बादली क कारखानो म

पकसी मजदर की मतय नही हई और चार मजदर घायल हए जबपक पबगल मजदर दसता न खद उनही तीन महीनो म कम स कम 6 मजदरो की मौत नाम-ित क सार दजथ की री

ररिोटथ कहती ह पक साल दर साल इतनी बडी सखया म दघथटनाए होती रहती ह पफर भी सरकारी पवभाग िरी तरह आख मद रहत ह ररिोटथ क अनसार

सरत म 1991-95 क बीच 100 घातक दघथटनाए हई पफर 2007 और 2008 म करमश 46 और 36 दघथटनाए दजथ की गयी लपकन इनह रोकन क पलए कोई ठोस कदम नही उठाय गय उलट पनयम-कायद को ताक िर रखकर काम करन वाल कारखानो की सखया बढ़ती ही चली गयी

ररिोटथ क अनसार य आकड सरत क टकसटाइल कारखानो म िशागत सवासथय और सरकषा क हालात की बहद पचनताजनक तसवीर िश करत ह दघथटनाओ क कारणाो िर नजर डाल तो 2012 और 2015 क बीच हई 121

घातक दघथटनाओ म स 30 जलन क कारण हई जबपक 27 पबजली का करणट लगन स हई 23 दघथटनाओ का कारण lsquorsquoदो सतहो क बीच कचलनाrsquorsquo बताया गया ह कारखानो की भीतरी तसवीर स वापकफ कोई भी वयपति इसका मतलब समझ सकता ह इसक अलावा बहत सी मौत दम घटन ऊचाई स पगरन आग और पवसफोट मशीन म फसन

गस आपद कारणो स हई ह जयादातर दघथटनाए जानलवा कयो बन जाती ह इसका कारण कारखानो की हालत स जडा हआ ह ररिोटथ म पदय गय एक उदाहरण स इस समझा जा सकता ह सरत क सयथिर इडपसटयल एसटट म अपविनी कमार रोड िर एक िावरलम यपनट म 3 अकटबर 2015 को सबह 1145 बज आग लगी दघथटना क दौरान जयादातर मजदर तो बाहर आ गय लपकन नीला नायक और कषणा पलमजा नाम क दो मजदर दसरी मपजल िर फस रह गय फायर परिगड न जब तक दोनो को पनकाला तब तक मपहला मजदर की

दम घटन स मौत हो चकी री ररिोटथ बताती ह lsquorsquoआग दसरी मपजल िर शर हई और तीसरी मपजल तक फल गयी मशीन इस तरह रखी गयी री पक दो मशीनो क बीच म पबलकल जगह नही री और चलन क रासत पबलकल सकर हो गय र रासतो म ही कचचा माल और तयार माल क बणडल भी ढर लगाकर रख गय र कारखान म 200 मजदर र गराउणड फलोर क मजदर तो बाहर पनकल गय लपकन दसरी और तीसरी मपजलो क मजदर फस रह गयrsquorsquo

ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर मामलो म मरन या घायल होन वाल मजदरो को मआवजा या तो पमलता ही नही या पफर बहत कम पमलता ह ररिोटथ म अजय राज यादव (18 साल) का उदाहरण पदया गया ह पजसक सार सरत की एक इमरिॉयडरी यपनट म काम करत समय दघथटना हई मशीन म किडा लगात समय परस मशीन क रोल म उसका बाया हार फस गया उसकी तीन उगपलया काटनी िडी और चौरी बजान हो चकी ह ररिोटथ कहती ह lsquorsquoमपडकल पवशरज न उसकी पवकलागता 47 परपतशत बतायी लपकन उस कोई मआवजा नही पमला यपनट ईएसआई कानन क तहत रपजसटडथ री लपकन उस मजदर को ईएसआई काडथ नही पदया गया राrsquorsquo एक मजदर यपनयन की ओर स दो साल तक चली काननी कारथवाई क बाद सरानीय कोटथ न अजय को 288685 रिय मआवजा और 86605 रिय जमाथना दन का आदश पदया इसक बाद मापलक न उस मजदर को काम स पनकाल पदया पिछल िाच साल स उस मामल की सनवाई अभी जारी ह और अजय को एक भी िसा मआवजा नही पमला ह सरत की मजदर बपसतयो म आिको ऐस बहत स मामलो क बार म सनन को पमलगा

ndash दबगि सवाििाता

गजरनात मॉरल कना ििी चतहरना सरत कना टतकसटनाइल उदोग यना मजदरो कना कतलगनाह

17 अपरल की रात को दपकषणी पदलली क नवादा औदोपगक कषरि म एक फकटी म शॉटथसपकथ ट स आग लगन की वजह स 3 मजदरो की मौत हो गयी जब फकटी क अदर आग भडकी तो मजदरो न अिनी जान बचान क पलए फकटी स बाहर पनकलन की कोपशश की मगर फकटी का दरवाजा बाहर स बद होन क कारण वो अदर ही घट-घट कर मर गय

गौर करन वाली बात ह पक सरकारी आकडो क मतापबक मरन वाल मजदरो की सखया 3 बतायी जा रही ह लपकन मजदरो का कहना ह पक फकटी म रात की पशफट म काम करन 7 मजदर गय र पजनम स बाकी 4 अब लािता ह मरन वालो म स दो मजदर पबजली परस ऑिरटर र यह आग रात करीब 10 बज क आस-िास लगी दर रात को फकटररयो म अवि रि स काम करान क पलए फकटी मापलक कारखानो का

दरवाजा बाहर स बद करवा दत ह यह पररा गर-काननी होन क बावजद भी बहद आम ह

अिन सारी मजदरो की फकटी क मापलक की लािरवाही क कारण हई मौत क पखलाफ मजदरो म बहद गससा रा पजसक चलत मजदरो न हडताल कर दी और अिन सापरयो क पलए इनसाफ की माग उठात हए फकटररयो क बाहर परदशथन कर रह ह नवादा औदोपगक कषरि म ऐसी कई फकटररया ह और सभी की कहानी एक जसी ह मजदरो क आकरोश स घबराकर िहल तो कछ फकटी मापलक उनह अिनी हडताल वािस लन का दबाव बनान उनक िास गए लपकन जब मजदरो न उनकी बात मानन स इकार कर पदया तो उनह डरान-िमकान लग और एक मजदर क सार मार-िीट की पजसक बाद मजदरो म रोर और भी बढ़ गया एक तरफ उनक

3 सापरयो की हतया की जाती ह तो दसरी तरफ नयाय की माग उठान और शरम कानन लाग करन की माग करन िर उनक सार मापलक िपलस-परशासन स बखौफ होकर मार-िीट करत ह

यह ररिोटथ पलख जान तक नवादा औदोपगक कषरि क सकडो मजदर हडताल िर ह और अिन अपिकारो क पलए सघरथरत ह ऐसी पकसी भी घटना क बाद मवाअजा दन स बचन क पलए अकसर फकटी मापलक मजदरो को िहचान िरि तक नही दत दघथटना क नाम िर लगन वाली ऐसी आग पसफथ और पसफथ मापलक की लािरवाही का नतीजा होती ह ऐस म जब मजदर हडताल कर अिन पलए इनसाफ की माग कर रह ह तो पदलली की सरकार घोड बच कर सो रही ह और वो भी तब जब जनवरी स लकर अपरल तक यह दश की राजिानी पदलली म हई ऐसी चौरी बडी

घटना ह बवाना म लगी भीरण आग क बाद सरकार न कई वाद तो पकय र लपकन उनक वाद पकस कदर खोखल ह यह बवाना क बाद सलतानिरी की जता फकटी नरला की फकटी और अब नवादा म लगी आग स साफ हो गया ह इन सभी दघथटनाओ म सरकारी आकडो क मतापबक 28 मजदरो की मौत हो चकी ह कया राजिानी क महनतकशो की पजनदगी की कीमत सरकार की नजर म कछ भी नही ह कयो बार-बार ऐसी दघथटनाए होन िर भी सतता म बठ नताओ की नीद नही टट रही ह

पदलली क तमाम औदोपगक कषरिो म मजदरो क हालात बहद खराब ह सभी शरम काननो को ताक िर रख कर मजदरो स अमानवीय िररपसरपतयो म काम करवाया जाता ह और उनह जानबझ कर मौत क मह म िकला जाता ह जयादातर मजदरो क िास

कोई िहचान िरि तक नही ह और न ही इलाक की पकसी भी फकटी म नयनतम वतन पदया जाता ह पबगल मजदर दसता क कायथकताथ नवादा क मजदरो की इस हडताल म शर स पशरकत कर रह ह पबगल क सारी अनत न बताया पक अब तक इस आग म जल कर मरन वाल मजदरो क फकटी मापलक को पगरफ़तार तक नही पकया गया ह उलटा जब स मजदर फकटररयो क बाहर इकठा हो रह ह तब स वहा अपिक सखया म िपलसबल तनात पकया जा रहा ह और मजदरो की हडताल को तोडन का परयास पकया जा रहा ह लगभग 500 मजदर अभी भी फकटररयो क बाहर ह और काम म सरकषा और मआवज क अपिकार क पलए लड रह ह

ndash दबगि सवाििाता

ददलली कत मौत कत कनारिनािो कना कहर जनारी अब िवनादना की कॉकरी फकटी म आग लगित सत कम सत कम 3 मजदरो की मौत

6 मजदर नबगल अपल 2018

मनीश मिोिाराजसरान म बरोजगारी की हालत

िर दश की तरह ही भयानक ह राजसरान म पिछल 7 सालो म मारि 255 लाख सरकारी नौकररया पनकली और इनक पलए 1 करोड 8 लाख 23 हजार आवदन पकय गय यानी पक हर िद क पलए 44 अभयपरथयो क बीच मकाबला हआ राजसरान म हाल ही म रीट की िरीकषा हई पजसम कवल 54 हजार िद र (शर म कवल 34 हजार िद र जो पक चनावी साल होन क कारण चालाकी स बढ़ाय गय) और लगभग 10 लाख नौजवानो न िरीकषा दी लपकन उसम भी भतषी अटक गयी कयोपक राजसरान सरकार की कापहली क कारण ििर आउट हो गया कलकथ गरड िरीकषा म 6 लाख स अपिक उममीदवारो न िरीकषा दी री िपलस कासटबल 2017 की िरीकषा म 5500 िद र पजसक पलए 17 लाख आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 310 लोगो न आवदन पकया पविानसभा म चिरासी भतषी िरीकषा क पलए 18 िदो क पलए 18 हजार आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 1 हजार लोगो न फामथ भरा सब इसिकटर 2016 की िरीकषा म 300 िदो क पलए तीन लाख लोगो न आवदन पकया रा पवविपवदालय सहायक 2015 म हई भतषी क पलए महज 33 हजार िदो क पलए 10 लाख बरोजगा रो न आव दन पकया रा आरटट 2011 म दोनो सतरो िर करीब 10 लाख 79 हजार िरीकषारषी शापमल हए भाजिा सरकार न इस साल

चनावी वरथ होन क कारण जनता को बवकफ बनान क पलए घोरणाओ क िकोड तलत हए बताया पक वह 2018 म एक लाख नौकररया दगी पकनत हकीकत यह ह पक राजय म अब तक लपमबत 93000 नौकररयो िर ही इन लोगो न पनयपति नही दी ह और य िद अब तक लपमबत ह पिछल एक दशक स कागरस और भाजिा की िजीवादी सरकारो दारा सरकारी नौकररयो का पनकाला जाना लगभग बनद पकया जा चका ह परदश म िवथ सरकार क कायथकाल म पनकली 76 हजार भपतथया कब तक लपमबत ह जाच-िडताल म सामन आया पक पिछल 5-6 सालो स कई भपतथयाा लपमबत ह और िद खाली िड हए ह एलडीसी भतषी 2013 क 7500 िद खाली ह िवथवतषी कागरस सरकार म साल 2013 म पनकली य पनयपतिया आज भी लपमबत ह वतथमान सरकार क कायथकाल म ही 18 हजार भपतथया लपमबत ह इसक अलावा िजीवादी सरकार यह बदमाशी भी करती ह पक भतषी की घोरणा करक ऐन समय िर भतषी बनद करवा दती ह राजसरान अिीनसर मनरिालपयक एव सवा चयन बोडथ की ओर स कमपयटर ऑिरटर परोगरापमग अपससटणट क 402 िदो क पलए एक लाख 19 हजार फॉमथ भर गय लपकन िरीकषा की पनिाथररत पतपर स 2 पदन िहल भतषी पनरसत कर दी गयी िीडबलयडी म कपनष अपभयनता क िद िर 600 िदो िर पनयपतिया पनकली पजसम 1 लाख स अपिक आवदन आय

िर िरीकषा पतपर स 4 पदन िहल इस भी पनरसत कर पदया गया इसक अलावा कई मामलो म जानबझकर पनयपतिया नही दी जा रही ह राजसरान लोक सवा आयोग न 2013 म कपनष पलपिक क िदो िर 6000 िदो की भतषी पनकाली पजसम िरीकषा क बाद पजला आवणटन हआ लपकन अभी तक पनयपति नही दी गयी ह िचायत राज पवभाग म कपनष पलपिक क िदो िर 9200 िदो िर 2013 की भतषी अटकी हई ह राजसरान लोक सवा आयोग क तहत कई हजार िदो िर भतषी अटकी हई ह

इसक अलावा राजसरान सरकार आरिीएससी (RPSC) राजसरान अिीनसर और मनरिालपयक सवा चयन बोडथ (RSMSSB) िचायती पवभाग आपद समय िर सही तरीक स िरीकषा नही करान क पलए कखयात ह राजसरान का हर यवा जानता ह पक अकसर इनक ििर सटर दारा बनाय गय परशनिरिो िर हाईकोटथ म ररट लगती रहती ह और भतषी अटक जाती ह 2013 की एलडीसी (LDC) जपनयर अकाउणटणट की भतषी अब तक अटकी हई ह कई बार परशनिरि आउट हो जात ह इसपलए उति ससराओ की जवाबदही तय की जानी चापहए िरान ििर सटरो को हटाकर िारदपशथता क सार िरीकषा करवात हए परशनिरि एनसीईआरटी (NCERT) की िाठय िसतको क पहसाब स बनवाय जान चापहए तापक हर साल परशनो क उततर को लकर अनावशयक पववाद ना िदा हो व

भपतथया कोटथ म ना अटक आज जस समय म नौजवानो की एक मखय माग तो यही बनती ह पक तमाम रकी हई भपतथया तरनत भरी जाय नय िद सपजत पकय और हर साल लगभग 15 लाख सरकारी नौकररया दी जाय जो पक वसनिरा सरकार का वादा भी रा इसक अलावा कयोपक राजसरान म कई-कई साल तक भतषी नही पनकली ह इसपलए आय सीमा को भी 35 स बढ़ाकर 40 पकया जाना चापहए उिर कागरस की जनपवरोिी नीपतयो को आग बढ़ात हए य सरकार भी पशकषा सवासथय रोडवज आपद का सारा काम ठक िर द रही ह आगनबाडी कमथचारी आशा वकथ र आपद सब ठक िर ह मसलन राजसरान म सरकारी सकलो को खतम करक उनको िीिीिी मोड क नाम िर पनजी िजीवादी लटरो को पदया जा रहा ह पशकषा म रोडवज म असितालो आपद म सारा काम सरकार ठक िर द रही ह पजसस बतहाशा महगाई बढ़ रही ह और य बपनयादी मलभत सपविाए जनता की िहच स दर होती जा रही ह

इसपलए एक ओर आज क समय म हम समान पशकषा-वयवसरा और गाव-शहर म रोजगार की गारणटी क पलए लडना होगा तो दसरी ओर हम पनयपमत पकसम क काम म ठका पररा खतम करवान क पलए भी लडना होगा हम भारत सरकार िर जनदबाव बनाकर ठका मजदरी को िरी तरह समापत करवान क पलए लडना होगा भारत सरकार न

1970 क ठका मजदरी (उनमलन व पवपनयमन) अपिपनयम म वायदा भी पकया रा पक वो ठका पररा खतम करगी िर उलट ठकाकरण बढ़ता गया शरम का ठकाकरण िरी तरह बनद होना चापहए कयोपक यह मजदरो को अरपकषत बनाता ह उनह सगपठत होन की कषमता स वपचत करता ह उनकी मजदरी को कम करता ह उनह गलामी जसी कायथ-पसरपतयो म िकलता ह और रोजगार की एक शतथ भी िरा नही करता न यह रोजमराथ क काम की गारणटी करता ह और न पकसी परकार की आपरथक-सामापजक सरकषा दता ह यह मजदर वगथ को आपरथक और राजनीपतक तौर िर कमजोर करता ह और उनस लडन की ताकत छीनता ह इसपलए ठका पररा को समापत करना बरोजगार नौजवानो और मजदरो की भी एक परमख राजनीपतक माग बनती ह एक और बात हम आिस म समझनी होगी पक मौजदा तमाम चनावी िापटथयो का मकसद ही आम जनता को ठगना ह इसपलए हम इस या उस चनावी मदारी की िछ िकडन की बजाय करापनतकारी जनानदोलनो क दारा सरकार िर अिनी मागो क पलए दवाब बनाना चापहए िमथ-जापत-आरकषण-मपनदर-मपसजद-गाय वगरह क नाम िर पकय जा रह बटवार की राजनीपत को समझकर हम आिस म फौलादी एकजटता कायम करक सरकारी अनयाय और िजीवादी अनिरगदषी क पखलाफ आवाज उठानी होगी

रनामरनाजय म रनाजसनाि म पसरी भयकर बतरोजगनारी

दजस िश का इदतहास नही होता उसका कोई भदवषय भी नही हो सकता और जो पीढी अपन इदतहास व परमपरा को नही जानती वो अपना भदवषय व आिशव भी नही गढ सकती

अिन दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत व िरमिरा स िररपचत करान शहीद करापनतकाररयो क सिनो पवचारो लकयो और आदशषो की यादपदहानी क मकसद स उततराखणड राज य क पवपभनन पजलो व कसबो म नौजवान भारत सभा रिी मपति लीग व पबगल मजदर दसता दारा समपत सकलि यारिा पनकाली गयी समपत सकलि यारिा उततराखणड चनदरशखर आजाद क शहादत पदवस (27 फरवरी) स शर होकर भगतपसह सखदव व राजगर क शहादत पदवस (23 माचथ) तक चलायी गयी

तीन चरणो म चलन वाली इस यारिा का िहला चरण गढ़वाल कषरि की घाटी और तराई कषरि म चला दसरा चरण गढ़वाल क िहाडी कषरि म चलाया गया और तीसर चरण म कमाऊ क िहाडी व तराई कषरि म चलान क बाद दहरादन म समपत सकलि सभा क सार इस यारिा का समािन पकया गया इस िरी यारिा क दौरान वयािक िचाथ पवतरण नककड सभा गोषी िसतक-िोसटर परदशथनी व पफलम सकीपनग आपद की गयी

िहल चरण की शरआत दहरादन म 27 फरवरी को भारतीय महनतकश

जनता की करापनतकारी चतना क परतीक चनदरशखर आजाद और आज का समय पवचार-गोषी स की गयी इसक बाद 9 माचथ तक यह यारिा दहरादन हररदार रढ़की ऋपरकश क पवपभनन इलाको म कपनदरत रही 7-8 माचथ को अनतरराषटीय मपहला पदवस क अवसर िर एमकिी कॉलज दहरादन म रिी मपति स समबपनित िोसटर परदशथनी लगायी गयी और जबबार िटल की पफलम सबह की सकीपनग की गयी

यारिा का दसरा चरण 10-14 माचथ तक चला इस दौरान शरीनगर और उसक आस-िास क इलाको म वयािक िचाथ पवतरण करत हए नककड सभाए की गयी 14 माचथ को डोईवाला क पडगरी कॉलज म छारिो क बीच समिकथ एव वयािक िचाथ पवतरण क सार दसर चरण की यारिा का अपनतम िडाव िरा हआ

यारिा का तीसरा चरण 15 माचथ स 22 माचथ तक कमाऊ रीजन क रामनगर कालाढगी हलदानी ननीतान अलमोडा पिरौरागढ़ खटीमा रदरिर और काशीिर स होत हए दहरादन म समपत सकलि सभा क सार समापत हआ समपत सकलि सभा म मौजद नौजवानो नागररको व बपधिजीपवयो न मशाल क समकष शिर ली पक सामपरदापयक फासीवादी ताकतो दारा दश को जापत िमथ नसल रग भारा व राषटीयता क आिार िर बाटन क खनी मसबो को कामयाब नही होन दग दश म दपमत शोपरत-उतिीपड त दपलतो परियो

अलिसखयको िर होन वाल अतयाचार-दमन को बदाथशत नही करग महनतकश जनता की करापनतकारी एकजटता को बनाय रखन और सगपठत करन की हरसमभव कोपशश करग दशी-पवदशी िजी की लट और अनयाय-उतिीडन की बपनयाद िर कायम सामापजक-राजनीपतक-आपरथक ढाच क बरकस समता नयाय और मानवीय गररमा की बपनयाद िर एक नय समाज क पनमाथण क पलए जारी सघरथ म एक सचच इकलाबी पसिाही की भपमका पनभायग

यारिा क दौरान नककड सभाओ म वतिाओ न कहा पक आजादी क सात दशको क बाद भी आज महनतकश जनता की पसरपत लगातार बद स बदतर होती गयी ह पशकषा सवासथय रोजगार भोजन व आवास जस बपनयादी अपिकार भी लगातार पछनत गय ह जनता की नमाइनदगी करन का दावा करन वाली सभी चनावी िापटथयो का चाल-चहरा व चरररि भी बनकाब हो चका ह जनता की माला जिन वाली य िापटथया िजीिपतयो व बहराषटीय पनगमो की सवा-चाकरी म अिना ईमान तक पगरवी रखन म कोई गरज नही करती ह कॉरिोरटो की लट और शोरण को जारी रखन और सगम बनान क पलए दश की िपलस-फौज-नौकरशाही व नयायिापलका भी अिना काम बखबी पनभा रही ह जन-पवरोिी नीपतयो दमन शोरण स होन वाल असनतोर स जनता

का धयान भटकान क पलए आज तमाम सामपरदापयक फासीवादी ताकत िर दश म काम कर रही ह इनका एक ही मकसद ह पक इस दश क गरीब महनतकशो को जापत-िमथ-समपरदाय म बाटकर िजी की सवा की जाय इसक पलए य ताकत तमाम िापमथक परतीको का इसतमाल कर रही ह और छदम राषटवाद क नारो स नौजवानो-महनतकशो को भरपमत कर रही ह हम इनक रडयनरिो को िहचानकर इनक नािाक इरादो का भणडाफोड करना होगा इन ताकतो स लडकर ही इस दश क नौजवान-महनतकश करापनतकारी िररवतथन क सघरथ को अिन असली मकाम तक िहचा सकत ह

इन फापससट गणडा-पगरोहो का सामना यारिा क दौरान भी हआ यारिा क तीसर चरण म पिरौरागढ़ परवास क दौरान पिरौरागढ़ क पडगरी कॉलज म भगतपसह और करापनतकारी आनदोलन िर िोसटर परदशथनी लगायी गयी री इस परदशथनी को दखत ही सघी लमिटो का पगरोह कॉलज क परशासपनक दल-बल को सार लकर िहच गया आत ही यह पगरोह हलला-हगामा करन लगा पक लाल रग को कमिस म नही रहन दग इस िर वहा क तमाम छारिो न कहा पक लाल रग नही तो भगवा भी नही काफी बहस-मबाहस और छारिो क पवरोि क बाद कॉलज का परशासपनक अमला बकफट िर आ गया सघी पगरोहो को भी छारिो की दढ़ता दखकर

वहा स पखसक लना ही मनापसब लगा इसक बाद कॉलज म ही भगतपसह िर आिाररत पफलम की सकीपनग की गयी दरअसल इन भगवािाररयो को पदककत लाल रग स नही बपलक पवचार तकथ णा और वजापनकता स ह य फापससट दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत और करापनतकाररयो को याद पकय जान स इसपलए भी डरत ह कयोपक य अचछी तरह जानत ह पक आम छारिो-नौजवानो और महनतकशो को इनक असली एजणड व आजादी की लडाई स इनकी गदारी का जब िता चलगा तब इनका कया हशर होगा इसपलए य कभी नही चाहत पक जनता अिन वा सतपवक इपतहास और करापनतकारी सघरषो की पवरासत स िररपचत हो

िरी यारिा क दौरान उततराखणड क नागररको बपधिजीपवयो और छारिो-नौजवानो का बहत ही सहयोग और सार रहा जहा भी यारिा टोली गयी लोगो न रकवान और कायथकरम की जगह महया करान म बहत मदद की नककड सभाओ क दौरान भी लोगो न इस िर अपभयान को बहत ही सराहा और कहा पक आज इस तरह क अपभयानो व करापनतकारी पवकलि को खडा करन की बहत ही सख़त जररत ह

ndash दबगि सवाििाता

सनत सकलप यनातरना उतरनाखणड म गजना िनारना भगतधसह को यनाद करगत ndash फनाधससो को िही सहगत

मजदर नबगल अपल 2018 7

सतिनारनायर(अपखल भारतीय जापत पवरोिी मच

महाराषट) नयारिापलका जब पकसी अतयनत

महतविणथ मद िर पनणथय सनाती ह तो उसक राजनीपतक-आपरथक-सामापजक कारण समझना बहद जररी हो जाता ह बीती 20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा एससीएसटी एकट िर भी एक ऐसा ही फसला सनाया गया सपरीम कोटथ न एक कस की सनवाई क दौरान कहा पक एससीएसटी एकट का दरियोग होता ह और ऐस म भपवषय म एफआईआर तभी दजथ की जा सकगी जब उसकी परारपमभक जाच वररष िपलस अपिकारी कर लगा सार ही कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर रोक भी हटा दी गयी ह दशभर म दपलत पवरोिी जापतगत नफरत व पहसा का लमबा इपतहास रहा ह व इस फसल क कछ ही पदन बाद 29 माचथ क पदन गजरात म एक दपलत की हतया पसफथ इसपलए कर दी गयी पक वो घोडा रखता रा एससीएसटी एकट क बावजद भी दश म हर घणट दपलतो क पखलाफ 5 स जयादा हमल दजथ होत ह हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह अगर दपलत मपहलाओ की बात की जाय तो उनकी पसरपत तो और भी भयानक ह परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार का पशकार होती ह पिछल दस सालो 2007-2017 म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत बढ़ोततरी हई ह 2016 म 48000 स जयादा मामल दजथ हए ह

आि खद ही दपखय काननो का पकतना दरियोग होता ह

यहा दी गयी तापलका स भी यह सिष ह पक दपलतो क पवरधि हए बबथर स बबथर हतयाकाणडो म भी सजाए पबलकल नही हई सार ही राषटीय अिराि ररकॉडथ बयरो क आकडो क अनसार एससीएसटी एकट म चाजथशीट 78 परपतशत कस म फाइल हई ह इसस भी िता चलता ह पक अिराि हआ ह िर अनत म अिराि पसपधि तक बहत ही कम

कस िहच िात ह य चनद आकड साफ बता रह ह पक 70 साल की आजादी क बाद भी गरीब दपलत आबादी हक-अपिकारो स वपचत ह बबथर दपलत उतिीडन की घटनाओ और उसक बाद कारथवाई क नाम िर खानािपतथ य पदखाती ह पक सरकार िपलस-परशासन स लकर कोटथ तक म जापतगत मानपसकता स गरसत लोग भर िड ह यही कारण ह पक दपलतो िर हमल करन वाल जयादातर अिरािी बच पनकलत ह दशभर म एससीएसटी कानन क तहत वस भी वतथमान म दपलत उतिीडन क मामल की एफआईआर दजथ कराना सबस मपशकल काम होता ह सार ही िपलस परशासन का रवया मामल म सजाओ का परपतशत काफी कम कर दता ह दसरा इस कानन म गलत कस दजथ करान िर िीपडत क पवरधि आईिीसी की िारा 182 क अनतगथत कस दजथ करक दपणडत करन का पराविान िहल स ही ह इसी परकार अपगरम जमानत पमलन तरा उचच अपिकाररयो की अनमपत स ही पगरफ़तारी करन का आदश इस एकट क डर को पबलकल खतम कर दगा िहल ही इस एकट क अनतगथत सजा पमलन की दर बहत कम ह इस परकार कल पमला कर एससीएसटी एकट क दरियोग को रोकन क इराद स सपरीम कोटथ दारा पदय गय पदशा-पनदचश दपलतो की रकषा की बजाय आरोिी क पहत म ही खड पदखायी दत ह पजसस दपलत उतिीडन की घटनाओ म बढ़ोततरी ही होगी

नयायिापलका की सवतनरिता का बहत ढोल िीटा जाता ह िर हापलया

कछ पनणथयो स य सिष हो रहा ह पक आरएसएस की मोदी सरकार अिन जजो को पनयपति दकर तमाम पनणथय िाररत करवा रही ह हाल ही म जज लोया कस म भी सपरीम कोटथ न जो भपमका अिनायी ह वो इस बात की िपष करती ह एससीएसटी एकट म बदलाव का जब य फसला सनाया गया रा तो उसस िहल कई महीनो तक लगातार दशभर म बरोजगार यवको क परदशथन चल रह र इस एक फसल न ना पसफथ उस मद को दबा पदया बपलक नौजवानो-महनतकशो क बीच जापतगत दीवार भी बडी कर दी फसल क बाद लोग आरकषण खतम करन जसी मागो को लकर आग आन लग िर समाज म दपलत व गर-दपलत क बीच की खाई िहल स और बडी हो गयी 2 अपरल को दशभर म इस कानन म बदलाव क पखलाफ जब परदशथन हए तो तमाम उचच जातीय लोगो न दपलतो िर हमल पकय मधयपरदश क गवापलयर म तो बाकायदा पिसतौल लकर दपलतो को गोपलया मारता वयपति सामन आया इस फसल स जो खल मोदी सरकार खलना चाहती री वो िरा होता नजर आ रहा ह

गजरनात मॉरल दशभर म गजरात मॉडल की बहत

बात होती ह िर असल म य मॉडल कया ह य मॉडल ह मजदरो-महनतकशो की लट की खली छट और दपलतो क दमन की भी खली छट इसका एक परमाण य ह

पक दशभर म जहा एससीएसटी एकट म अिराि पसधि होन की दर 284 परपतशत

ह वही गजरात म इसकी छह गना कम 34 परपतशत ह गजरात म मजदरो की हडताल बहत कम होती ह कयोपक वहा बबथरतम दमन पकया जाता ह इसी मॉडल को आज दशभर म मोदी सरकार लाग कर रही ह पसफथ इस कानन को ही नही बपलक दश-भर म आजकल जनता क अलग-अलग पहससो क सरकषण क पलए बन पवपभनन काननो को कमजोर करन का समय चल रहा ह कछ कानन सीि ससद म बदल जा रह ह तो पकसी म कोटथ दारा सजान लकर िररवतथन पकय जा रह ह मोदी सरकार पवपभनन शरम काननो को वयािार करन की आसानी क नाम िर बदलन की योजना लमब समय स बना रही ह और इसका डाफट तयार ह जापहर ह पक वया िार आसान तभी होता ह जब मजदरो का शोरण बढ़ता ह ऐसा ही एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह सपरीम कोटथ का फसला साफ तौर िर दशाथता ह पक मोदी सरकार दारा आकडो की अनदखी करत हए कमजोर दलील रखी गयी ह असल म भाजिा और आरएसएस इस कानन को पनषपरभावी बनाना चाहती ह ऐस म सभी गरीब महनतकश आबादी और इसाफिसनद लोगो को इस कानन म िररवतथन क पवरधि एकजट होकर दपलतो िर बढ़त अतयाचारो क पखलाफ सघरथ करन की जररत ह कयोपक य एक-एक कर कभी दपलत कभी मजदर तो कभी मपहलाओ क हको क सरकषण क पलए बन काननो को पनषपरभावी बनात रहग

दश म कानन दो तरह क होत ह एक वो कानन जो जनता क एक पहसस

या सार पहसस क हक-अपिकारो स समबपनित होत ह (जस मपहलाओ क पवरधि होन वाल अिरािो क पलए बन कानन मजदरो क हको-अपिकारो स समबपनित कानन दपलतो िर अतयाचार रोकन क पलए बन कानन आपद) और दसर कानन वो होत ह जो जनता का दमन-उतिीडन करन क पलए सरकार व परशासन को ताकत दत ह (जस िपलस को एनकाउणटर की ताकत दना फौज को कछ इलाको म पवशरापिकार यानी एनकाउणटर व पगरफ़तार करन की इजाजत दना) हमार दश की सरकार चाह वह कागरस की रही हो या अभी भाजिा वाली सरकार हो वो सिष तौर िर िजीिपतयो क पहतो का परपतपनपितव करती ह उनक पहतो क पलए वो जहा मजदरो क अपिकारो को लगातार कम कर रही ह वही सरकार क दमन क अपिकारो को बढ़ा रही ह फजषी मामलो म मारपत क मजदरो को चार साल तक जल म रखना दश की जलो म दपसयो साल तक मपसलम नौजवानो को रखना और बाद म पनददोर कहकर छोड दना फजषी एनकाउणटर म लोगो को मार दना - य उसी क उदाहरण ह अभी आिार काडथ को अपनवायथ बनाकर भी सरकार और परशासन अिन दमन क दायर को बढ़ान की योजना बना रहा ह लपकन सरकार और परशासन य भी जानत ह पक अगर लोगो क अपिकारो को एक सार छीना तो बगावत हो जायगी इसपलए वो िीर-िीर छीनत ह और सार ही छीनत समय भी जनता क बीच जापतगत और िापमथक झगड लगा दत ह जसा पक अभी एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह जनता को दपलत और गर-दपलत क बीच बाटा जा रहा ह आज वो अगर जनता क एक पहसस क पलए आय ह तो कल हमार पलए भी जरर आयग भारत की िजीवादी राजयसतता (सरकार और िपलस-परशासन) सिष तौर िर गरीब पवरोिी दपलत पवरोिी और मपहला पवरोिी ह यानी इस िजीवादी राजयसतता का एक जापतगत चरररि भी ह और लपगक चरररि भी यह समझकर ही हम इसक पवरधि सघरथ कर सकत ह

आज दशभर म बरोजगारी

20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा आरपकषत दपलत आबादी िर होन वाल अतयाचार क पखलाफ 1989 म बन कानन को कमजोर करन का फसला सनाया गया पजसक अनसार कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर स रोक को हटा पदया गया ह इस फसल का दशभर म पवरोि हआ और 2 अपरल को कानन क बदलाव क पवरोि म भारत बनद का भी आहान पकया गया रा नौजवान भारत सभा न

भी सरकार दारा एससीएसटी एकट को कमजोर करन क पवरोि म महाराषट क ममबई िण और अहमदनगर इलाको म अपभयान चलाया

ममबई म अपभयान मखयतः लललभाई कमिाउणड साठ नगर जापकर हसन नगर टाटानगर बगन बारी मणडाला महाराषट नगर आपद इलाको म चलाया गया सार-सार यपनवपसथटी म छारिो क बीच भी िचच बाट गय जगह-जगह नककड सभाए की गयी और िचच बाट गय नककड सभाओ क दौरान नौजवान भारत सभा क बबन न बात रखत हए कहा पक अगर आज

दपलत उतिीडन समबनिी घटनाओ का आकडा उठाकर दख तो िता चलगा पक हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह और परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार की पशकार होती ह 2007 स लकर 2017 क बीच म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत की बढ़ोतरी हई ह 2016 म ही पसफथ 48000 स जयादा मामल दजथ ह ऐस म काननो को कमजोर बनाना सरकार की दपलत पवरोिी मानपसकता को जापहर करता ह

िण म 2 अपरल को नौजवान भारत सभा लोकायत और अनय परगपतशील सगठनो न पमलकर एक पवरोि परदशथन

का आयोजन पकया इसम नौजवान भारत सभा की तरफ स बात रखत हए अपभजीत न कहा पक एनसीआरबी की ररिोटथ क अनसार 2014-2016 क बीच म भाजिा शापसत िाच राजयो म दपलतो िर अतयाचार क सबस जयादा मामल दजथ ह भाजिा सरकार आन क बाद ऊना सहारनिर जसी घटनाए भी हमार सामन आयी ह आज जररी ह पक इस मनवादी फासीवादी सरकार क पखलाफ सघरथ करन क पलए हम तयार रह

अहमदनगर म पसधिारथ कॉलोनी और नय आटथस कॉलज म इसी पवरय िर िचाथ पवतरण पकया गया और नककड

सभाए भी की गयी नककड सभा म बात रखत हए सोमनार न कहा - अहमदनगर म दपलत उतिीडन की कई घटनाए दखन को पमली ह चाह वह जवाखड हो या पफर पनपतन आग की घटना हो जो समाज म मौजद जापतगत उतिीडन की तसवीर सामन ला दती ह आज जररी ह इन जापतगत उतिीडनो क पखलाफ आवाज उठायी जाय सार-सार जनता को सगपठत करक काननो को कमजोर करन की कोपशशो को नाकाम पकया जाए

ndash दबगि सवाििाता

सपीम कोटष दनारना एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

एससीएसटी एक को कमजोर करित कत खखलनाफ िौभनास दनारना महनारनाषट म चलनायना गयना अजभयनाि(पतज 2 पर जनारी)

पकतन दपलतो की हतया

कब और कहा नयापयक िररणाम

44 पकलवनमनी तपमलनाड 25 पदसमबर 1968 सभी आरोपियो को बरी कर पदया गया13 चनदर आनधरपरदश 6 अगसत 6 1991 2014 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया10 नागरी पबहार 11 नवमबर 1998 माचथ 2013 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया22 शकर बीघा गाव पबहार 25 जनवरी 1999 जनवरी 2015 म सभी आरोिी बरी21 बरानी टोला पबहार 11 जलाई 1996 अपरल 2012 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया32 पमयािर पबहार 2000 2013 म सभी को छोड पदया गया58 लकमणिर बार 1 पदसमबर 1997 2013 म सभी को छोड पदया गया1 महाराषट का परपसधि पनपतन आग कस पजसम

एक नौजवान को िर गाव क सामन मार पदया गया रा 28 अपरल 2014

23 नवमबर 2017 क पदन सबको छोड पदया गया

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 5: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मजदर नबगल अपल 2018 5

गजरात का सरत शहर टकसटाइल उदोग का एक बडा कनदर ह यहा टकसटाइल उदोग म कई हजार मजदर काम करत ह दश भर क औदोपगक इलाको की तरह यहा भी मजदर बहद असरपकषत पसरपतयो म काम करत ह हाल म जारी एक शोि अधययन न सरत क टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच 84 घातक दघथटनाओ का बयौरा जमा पकया ह पजनम कम स कम 114 मजदरो की मौत हो गयी औदोपगक सरकषा एव सवासथय पनदशालय स आरटीआई क जररए पमली जानकाररयो क अनसार इस दौरान 375 स अपिक मजदरो को गमभीर चोट भी आयी ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर कारखानो म ईएसआई योजनाओ को ठीक स लाग नही पकया जाता पजसक कारण बहत स बीमा वाल मजदर भी पवकलाग होन िर पमलन वाली दखभाल और सहायता स वपचत रह जात ह जयादातर मजदर तो ईएसआई की सपविा स ही वपचत ह

गजरात क अलग बनदरगाह क बार म तो अब बहत लोग जान चक ह जहा िरान जहाजो को तोडन म लग मजदर आय पदन जानलवा दघथटनाओ और बीमाररयो का पशकार होत रहत ह अब lsquoसरत क टकसटाइल उदोग म मजदरो क हालातrsquo शीरथक इस ररिोटथ स गजरात क एक और परमख उदोग की असली तसवीर सामन आ रही ह वडोदरा म पसरत lsquoिीिलस टपनग एड ररसचथ सटरrsquo (िीटीआरसी) क जगदीश िटल दारा तयार की गयी यह ररिोटथ बताती ह पक य आकड हालात की िरी तसवीर सामन नही लात कयोपक बहत स कारखान तो रपजसटडथ ही नही ह और उनक आकड सरकारी पवभागो क िास होत ही नही ह इस ससरा न अखबारो की कतरनो की जाच स भी िता लगाया पक सरत म टकसटाइल उदोग म 2012-15 क बीच

121 मजदरो की मौत हई और 126 गमभीर रि स घायल हो गय लपकन ररिोटथ यह भी कहती ह पक काम िर होन वाली चोटो या मौतो की जयादातर खबर अखबारो या जनता तक िहचती ही नही कयोपक बहतर कारखान रपजसटडथ नही ह और उनम काम करन वाल मजदरो का भी कोई लखा-जोखा नही रहता

यह कोई नयी बात नही ह पकसी भी

औदोपगक इलाक म काम करन वाला मजदर या मजदर कायथकताथ इस बात को जानता ह कछ साल िहल पदलली क बादली औदोपगक कषरि म पबगल मजदर दसता दारा आरटीआई क तहत उदोग पवभाग शरम पवभाग और पदलली िपलस स यह जानकारी मागी गयी पक पिछल तीन महीनो म यहा क कारखानो म पकतनी दघथटनाए हई और उनम मरन या घायल होन वाल मजदरो की सखया पकतनी ह उदोग पवभाग और शरम पवभाग क िास तो कोई जानकारी ही नही री पदलली िपलस न बताया पक उस दौरान बादली क कारखानो म

पकसी मजदर की मतय नही हई और चार मजदर घायल हए जबपक पबगल मजदर दसता न खद उनही तीन महीनो म कम स कम 6 मजदरो की मौत नाम-ित क सार दजथ की री

ररिोटथ कहती ह पक साल दर साल इतनी बडी सखया म दघथटनाए होती रहती ह पफर भी सरकारी पवभाग िरी तरह आख मद रहत ह ररिोटथ क अनसार

सरत म 1991-95 क बीच 100 घातक दघथटनाए हई पफर 2007 और 2008 म करमश 46 और 36 दघथटनाए दजथ की गयी लपकन इनह रोकन क पलए कोई ठोस कदम नही उठाय गय उलट पनयम-कायद को ताक िर रखकर काम करन वाल कारखानो की सखया बढ़ती ही चली गयी

ररिोटथ क अनसार य आकड सरत क टकसटाइल कारखानो म िशागत सवासथय और सरकषा क हालात की बहद पचनताजनक तसवीर िश करत ह दघथटनाओ क कारणाो िर नजर डाल तो 2012 और 2015 क बीच हई 121

घातक दघथटनाओ म स 30 जलन क कारण हई जबपक 27 पबजली का करणट लगन स हई 23 दघथटनाओ का कारण lsquorsquoदो सतहो क बीच कचलनाrsquorsquo बताया गया ह कारखानो की भीतरी तसवीर स वापकफ कोई भी वयपति इसका मतलब समझ सकता ह इसक अलावा बहत सी मौत दम घटन ऊचाई स पगरन आग और पवसफोट मशीन म फसन

गस आपद कारणो स हई ह जयादातर दघथटनाए जानलवा कयो बन जाती ह इसका कारण कारखानो की हालत स जडा हआ ह ररिोटथ म पदय गय एक उदाहरण स इस समझा जा सकता ह सरत क सयथिर इडपसटयल एसटट म अपविनी कमार रोड िर एक िावरलम यपनट म 3 अकटबर 2015 को सबह 1145 बज आग लगी दघथटना क दौरान जयादातर मजदर तो बाहर आ गय लपकन नीला नायक और कषणा पलमजा नाम क दो मजदर दसरी मपजल िर फस रह गय फायर परिगड न जब तक दोनो को पनकाला तब तक मपहला मजदर की

दम घटन स मौत हो चकी री ररिोटथ बताती ह lsquorsquoआग दसरी मपजल िर शर हई और तीसरी मपजल तक फल गयी मशीन इस तरह रखी गयी री पक दो मशीनो क बीच म पबलकल जगह नही री और चलन क रासत पबलकल सकर हो गय र रासतो म ही कचचा माल और तयार माल क बणडल भी ढर लगाकर रख गय र कारखान म 200 मजदर र गराउणड फलोर क मजदर तो बाहर पनकल गय लपकन दसरी और तीसरी मपजलो क मजदर फस रह गयrsquorsquo

ररिोटथ यह भी बताती ह पक जयादातर मामलो म मरन या घायल होन वाल मजदरो को मआवजा या तो पमलता ही नही या पफर बहत कम पमलता ह ररिोटथ म अजय राज यादव (18 साल) का उदाहरण पदया गया ह पजसक सार सरत की एक इमरिॉयडरी यपनट म काम करत समय दघथटना हई मशीन म किडा लगात समय परस मशीन क रोल म उसका बाया हार फस गया उसकी तीन उगपलया काटनी िडी और चौरी बजान हो चकी ह ररिोटथ कहती ह lsquorsquoमपडकल पवशरज न उसकी पवकलागता 47 परपतशत बतायी लपकन उस कोई मआवजा नही पमला यपनट ईएसआई कानन क तहत रपजसटडथ री लपकन उस मजदर को ईएसआई काडथ नही पदया गया राrsquorsquo एक मजदर यपनयन की ओर स दो साल तक चली काननी कारथवाई क बाद सरानीय कोटथ न अजय को 288685 रिय मआवजा और 86605 रिय जमाथना दन का आदश पदया इसक बाद मापलक न उस मजदर को काम स पनकाल पदया पिछल िाच साल स उस मामल की सनवाई अभी जारी ह और अजय को एक भी िसा मआवजा नही पमला ह सरत की मजदर बपसतयो म आिको ऐस बहत स मामलो क बार म सनन को पमलगा

ndash दबगि सवाििाता

गजरनात मॉरल कना ििी चतहरना सरत कना टतकसटनाइल उदोग यना मजदरो कना कतलगनाह

17 अपरल की रात को दपकषणी पदलली क नवादा औदोपगक कषरि म एक फकटी म शॉटथसपकथ ट स आग लगन की वजह स 3 मजदरो की मौत हो गयी जब फकटी क अदर आग भडकी तो मजदरो न अिनी जान बचान क पलए फकटी स बाहर पनकलन की कोपशश की मगर फकटी का दरवाजा बाहर स बद होन क कारण वो अदर ही घट-घट कर मर गय

गौर करन वाली बात ह पक सरकारी आकडो क मतापबक मरन वाल मजदरो की सखया 3 बतायी जा रही ह लपकन मजदरो का कहना ह पक फकटी म रात की पशफट म काम करन 7 मजदर गय र पजनम स बाकी 4 अब लािता ह मरन वालो म स दो मजदर पबजली परस ऑिरटर र यह आग रात करीब 10 बज क आस-िास लगी दर रात को फकटररयो म अवि रि स काम करान क पलए फकटी मापलक कारखानो का

दरवाजा बाहर स बद करवा दत ह यह पररा गर-काननी होन क बावजद भी बहद आम ह

अिन सारी मजदरो की फकटी क मापलक की लािरवाही क कारण हई मौत क पखलाफ मजदरो म बहद गससा रा पजसक चलत मजदरो न हडताल कर दी और अिन सापरयो क पलए इनसाफ की माग उठात हए फकटररयो क बाहर परदशथन कर रह ह नवादा औदोपगक कषरि म ऐसी कई फकटररया ह और सभी की कहानी एक जसी ह मजदरो क आकरोश स घबराकर िहल तो कछ फकटी मापलक उनह अिनी हडताल वािस लन का दबाव बनान उनक िास गए लपकन जब मजदरो न उनकी बात मानन स इकार कर पदया तो उनह डरान-िमकान लग और एक मजदर क सार मार-िीट की पजसक बाद मजदरो म रोर और भी बढ़ गया एक तरफ उनक

3 सापरयो की हतया की जाती ह तो दसरी तरफ नयाय की माग उठान और शरम कानन लाग करन की माग करन िर उनक सार मापलक िपलस-परशासन स बखौफ होकर मार-िीट करत ह

यह ररिोटथ पलख जान तक नवादा औदोपगक कषरि क सकडो मजदर हडताल िर ह और अिन अपिकारो क पलए सघरथरत ह ऐसी पकसी भी घटना क बाद मवाअजा दन स बचन क पलए अकसर फकटी मापलक मजदरो को िहचान िरि तक नही दत दघथटना क नाम िर लगन वाली ऐसी आग पसफथ और पसफथ मापलक की लािरवाही का नतीजा होती ह ऐस म जब मजदर हडताल कर अिन पलए इनसाफ की माग कर रह ह तो पदलली की सरकार घोड बच कर सो रही ह और वो भी तब जब जनवरी स लकर अपरल तक यह दश की राजिानी पदलली म हई ऐसी चौरी बडी

घटना ह बवाना म लगी भीरण आग क बाद सरकार न कई वाद तो पकय र लपकन उनक वाद पकस कदर खोखल ह यह बवाना क बाद सलतानिरी की जता फकटी नरला की फकटी और अब नवादा म लगी आग स साफ हो गया ह इन सभी दघथटनाओ म सरकारी आकडो क मतापबक 28 मजदरो की मौत हो चकी ह कया राजिानी क महनतकशो की पजनदगी की कीमत सरकार की नजर म कछ भी नही ह कयो बार-बार ऐसी दघथटनाए होन िर भी सतता म बठ नताओ की नीद नही टट रही ह

पदलली क तमाम औदोपगक कषरिो म मजदरो क हालात बहद खराब ह सभी शरम काननो को ताक िर रख कर मजदरो स अमानवीय िररपसरपतयो म काम करवाया जाता ह और उनह जानबझ कर मौत क मह म िकला जाता ह जयादातर मजदरो क िास

कोई िहचान िरि तक नही ह और न ही इलाक की पकसी भी फकटी म नयनतम वतन पदया जाता ह पबगल मजदर दसता क कायथकताथ नवादा क मजदरो की इस हडताल म शर स पशरकत कर रह ह पबगल क सारी अनत न बताया पक अब तक इस आग म जल कर मरन वाल मजदरो क फकटी मापलक को पगरफ़तार तक नही पकया गया ह उलटा जब स मजदर फकटररयो क बाहर इकठा हो रह ह तब स वहा अपिक सखया म िपलसबल तनात पकया जा रहा ह और मजदरो की हडताल को तोडन का परयास पकया जा रहा ह लगभग 500 मजदर अभी भी फकटररयो क बाहर ह और काम म सरकषा और मआवज क अपिकार क पलए लड रह ह

ndash दबगि सवाििाता

ददलली कत मौत कत कनारिनािो कना कहर जनारी अब िवनादना की कॉकरी फकटी म आग लगित सत कम सत कम 3 मजदरो की मौत

6 मजदर नबगल अपल 2018

मनीश मिोिाराजसरान म बरोजगारी की हालत

िर दश की तरह ही भयानक ह राजसरान म पिछल 7 सालो म मारि 255 लाख सरकारी नौकररया पनकली और इनक पलए 1 करोड 8 लाख 23 हजार आवदन पकय गय यानी पक हर िद क पलए 44 अभयपरथयो क बीच मकाबला हआ राजसरान म हाल ही म रीट की िरीकषा हई पजसम कवल 54 हजार िद र (शर म कवल 34 हजार िद र जो पक चनावी साल होन क कारण चालाकी स बढ़ाय गय) और लगभग 10 लाख नौजवानो न िरीकषा दी लपकन उसम भी भतषी अटक गयी कयोपक राजसरान सरकार की कापहली क कारण ििर आउट हो गया कलकथ गरड िरीकषा म 6 लाख स अपिक उममीदवारो न िरीकषा दी री िपलस कासटबल 2017 की िरीकषा म 5500 िद र पजसक पलए 17 लाख आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 310 लोगो न आवदन पकया पविानसभा म चिरासी भतषी िरीकषा क पलए 18 िदो क पलए 18 हजार आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 1 हजार लोगो न फामथ भरा सब इसिकटर 2016 की िरीकषा म 300 िदो क पलए तीन लाख लोगो न आवदन पकया रा पवविपवदालय सहायक 2015 म हई भतषी क पलए महज 33 हजार िदो क पलए 10 लाख बरोजगा रो न आव दन पकया रा आरटट 2011 म दोनो सतरो िर करीब 10 लाख 79 हजार िरीकषारषी शापमल हए भाजिा सरकार न इस साल

चनावी वरथ होन क कारण जनता को बवकफ बनान क पलए घोरणाओ क िकोड तलत हए बताया पक वह 2018 म एक लाख नौकररया दगी पकनत हकीकत यह ह पक राजय म अब तक लपमबत 93000 नौकररयो िर ही इन लोगो न पनयपति नही दी ह और य िद अब तक लपमबत ह पिछल एक दशक स कागरस और भाजिा की िजीवादी सरकारो दारा सरकारी नौकररयो का पनकाला जाना लगभग बनद पकया जा चका ह परदश म िवथ सरकार क कायथकाल म पनकली 76 हजार भपतथया कब तक लपमबत ह जाच-िडताल म सामन आया पक पिछल 5-6 सालो स कई भपतथयाा लपमबत ह और िद खाली िड हए ह एलडीसी भतषी 2013 क 7500 िद खाली ह िवथवतषी कागरस सरकार म साल 2013 म पनकली य पनयपतिया आज भी लपमबत ह वतथमान सरकार क कायथकाल म ही 18 हजार भपतथया लपमबत ह इसक अलावा िजीवादी सरकार यह बदमाशी भी करती ह पक भतषी की घोरणा करक ऐन समय िर भतषी बनद करवा दती ह राजसरान अिीनसर मनरिालपयक एव सवा चयन बोडथ की ओर स कमपयटर ऑिरटर परोगरापमग अपससटणट क 402 िदो क पलए एक लाख 19 हजार फॉमथ भर गय लपकन िरीकषा की पनिाथररत पतपर स 2 पदन िहल भतषी पनरसत कर दी गयी िीडबलयडी म कपनष अपभयनता क िद िर 600 िदो िर पनयपतिया पनकली पजसम 1 लाख स अपिक आवदन आय

िर िरीकषा पतपर स 4 पदन िहल इस भी पनरसत कर पदया गया इसक अलावा कई मामलो म जानबझकर पनयपतिया नही दी जा रही ह राजसरान लोक सवा आयोग न 2013 म कपनष पलपिक क िदो िर 6000 िदो की भतषी पनकाली पजसम िरीकषा क बाद पजला आवणटन हआ लपकन अभी तक पनयपति नही दी गयी ह िचायत राज पवभाग म कपनष पलपिक क िदो िर 9200 िदो िर 2013 की भतषी अटकी हई ह राजसरान लोक सवा आयोग क तहत कई हजार िदो िर भतषी अटकी हई ह

इसक अलावा राजसरान सरकार आरिीएससी (RPSC) राजसरान अिीनसर और मनरिालपयक सवा चयन बोडथ (RSMSSB) िचायती पवभाग आपद समय िर सही तरीक स िरीकषा नही करान क पलए कखयात ह राजसरान का हर यवा जानता ह पक अकसर इनक ििर सटर दारा बनाय गय परशनिरिो िर हाईकोटथ म ररट लगती रहती ह और भतषी अटक जाती ह 2013 की एलडीसी (LDC) जपनयर अकाउणटणट की भतषी अब तक अटकी हई ह कई बार परशनिरि आउट हो जात ह इसपलए उति ससराओ की जवाबदही तय की जानी चापहए िरान ििर सटरो को हटाकर िारदपशथता क सार िरीकषा करवात हए परशनिरि एनसीईआरटी (NCERT) की िाठय िसतको क पहसाब स बनवाय जान चापहए तापक हर साल परशनो क उततर को लकर अनावशयक पववाद ना िदा हो व

भपतथया कोटथ म ना अटक आज जस समय म नौजवानो की एक मखय माग तो यही बनती ह पक तमाम रकी हई भपतथया तरनत भरी जाय नय िद सपजत पकय और हर साल लगभग 15 लाख सरकारी नौकररया दी जाय जो पक वसनिरा सरकार का वादा भी रा इसक अलावा कयोपक राजसरान म कई-कई साल तक भतषी नही पनकली ह इसपलए आय सीमा को भी 35 स बढ़ाकर 40 पकया जाना चापहए उिर कागरस की जनपवरोिी नीपतयो को आग बढ़ात हए य सरकार भी पशकषा सवासथय रोडवज आपद का सारा काम ठक िर द रही ह आगनबाडी कमथचारी आशा वकथ र आपद सब ठक िर ह मसलन राजसरान म सरकारी सकलो को खतम करक उनको िीिीिी मोड क नाम िर पनजी िजीवादी लटरो को पदया जा रहा ह पशकषा म रोडवज म असितालो आपद म सारा काम सरकार ठक िर द रही ह पजसस बतहाशा महगाई बढ़ रही ह और य बपनयादी मलभत सपविाए जनता की िहच स दर होती जा रही ह

इसपलए एक ओर आज क समय म हम समान पशकषा-वयवसरा और गाव-शहर म रोजगार की गारणटी क पलए लडना होगा तो दसरी ओर हम पनयपमत पकसम क काम म ठका पररा खतम करवान क पलए भी लडना होगा हम भारत सरकार िर जनदबाव बनाकर ठका मजदरी को िरी तरह समापत करवान क पलए लडना होगा भारत सरकार न

1970 क ठका मजदरी (उनमलन व पवपनयमन) अपिपनयम म वायदा भी पकया रा पक वो ठका पररा खतम करगी िर उलट ठकाकरण बढ़ता गया शरम का ठकाकरण िरी तरह बनद होना चापहए कयोपक यह मजदरो को अरपकषत बनाता ह उनह सगपठत होन की कषमता स वपचत करता ह उनकी मजदरी को कम करता ह उनह गलामी जसी कायथ-पसरपतयो म िकलता ह और रोजगार की एक शतथ भी िरा नही करता न यह रोजमराथ क काम की गारणटी करता ह और न पकसी परकार की आपरथक-सामापजक सरकषा दता ह यह मजदर वगथ को आपरथक और राजनीपतक तौर िर कमजोर करता ह और उनस लडन की ताकत छीनता ह इसपलए ठका पररा को समापत करना बरोजगार नौजवानो और मजदरो की भी एक परमख राजनीपतक माग बनती ह एक और बात हम आिस म समझनी होगी पक मौजदा तमाम चनावी िापटथयो का मकसद ही आम जनता को ठगना ह इसपलए हम इस या उस चनावी मदारी की िछ िकडन की बजाय करापनतकारी जनानदोलनो क दारा सरकार िर अिनी मागो क पलए दवाब बनाना चापहए िमथ-जापत-आरकषण-मपनदर-मपसजद-गाय वगरह क नाम िर पकय जा रह बटवार की राजनीपत को समझकर हम आिस म फौलादी एकजटता कायम करक सरकारी अनयाय और िजीवादी अनिरगदषी क पखलाफ आवाज उठानी होगी

रनामरनाजय म रनाजसनाि म पसरी भयकर बतरोजगनारी

दजस िश का इदतहास नही होता उसका कोई भदवषय भी नही हो सकता और जो पीढी अपन इदतहास व परमपरा को नही जानती वो अपना भदवषय व आिशव भी नही गढ सकती

अिन दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत व िरमिरा स िररपचत करान शहीद करापनतकाररयो क सिनो पवचारो लकयो और आदशषो की यादपदहानी क मकसद स उततराखणड राज य क पवपभनन पजलो व कसबो म नौजवान भारत सभा रिी मपति लीग व पबगल मजदर दसता दारा समपत सकलि यारिा पनकाली गयी समपत सकलि यारिा उततराखणड चनदरशखर आजाद क शहादत पदवस (27 फरवरी) स शर होकर भगतपसह सखदव व राजगर क शहादत पदवस (23 माचथ) तक चलायी गयी

तीन चरणो म चलन वाली इस यारिा का िहला चरण गढ़वाल कषरि की घाटी और तराई कषरि म चला दसरा चरण गढ़वाल क िहाडी कषरि म चलाया गया और तीसर चरण म कमाऊ क िहाडी व तराई कषरि म चलान क बाद दहरादन म समपत सकलि सभा क सार इस यारिा का समािन पकया गया इस िरी यारिा क दौरान वयािक िचाथ पवतरण नककड सभा गोषी िसतक-िोसटर परदशथनी व पफलम सकीपनग आपद की गयी

िहल चरण की शरआत दहरादन म 27 फरवरी को भारतीय महनतकश

जनता की करापनतकारी चतना क परतीक चनदरशखर आजाद और आज का समय पवचार-गोषी स की गयी इसक बाद 9 माचथ तक यह यारिा दहरादन हररदार रढ़की ऋपरकश क पवपभनन इलाको म कपनदरत रही 7-8 माचथ को अनतरराषटीय मपहला पदवस क अवसर िर एमकिी कॉलज दहरादन म रिी मपति स समबपनित िोसटर परदशथनी लगायी गयी और जबबार िटल की पफलम सबह की सकीपनग की गयी

यारिा का दसरा चरण 10-14 माचथ तक चला इस दौरान शरीनगर और उसक आस-िास क इलाको म वयािक िचाथ पवतरण करत हए नककड सभाए की गयी 14 माचथ को डोईवाला क पडगरी कॉलज म छारिो क बीच समिकथ एव वयािक िचाथ पवतरण क सार दसर चरण की यारिा का अपनतम िडाव िरा हआ

यारिा का तीसरा चरण 15 माचथ स 22 माचथ तक कमाऊ रीजन क रामनगर कालाढगी हलदानी ननीतान अलमोडा पिरौरागढ़ खटीमा रदरिर और काशीिर स होत हए दहरादन म समपत सकलि सभा क सार समापत हआ समपत सकलि सभा म मौजद नौजवानो नागररको व बपधिजीपवयो न मशाल क समकष शिर ली पक सामपरदापयक फासीवादी ताकतो दारा दश को जापत िमथ नसल रग भारा व राषटीयता क आिार िर बाटन क खनी मसबो को कामयाब नही होन दग दश म दपमत शोपरत-उतिीपड त दपलतो परियो

अलिसखयको िर होन वाल अतयाचार-दमन को बदाथशत नही करग महनतकश जनता की करापनतकारी एकजटता को बनाय रखन और सगपठत करन की हरसमभव कोपशश करग दशी-पवदशी िजी की लट और अनयाय-उतिीडन की बपनयाद िर कायम सामापजक-राजनीपतक-आपरथक ढाच क बरकस समता नयाय और मानवीय गररमा की बपनयाद िर एक नय समाज क पनमाथण क पलए जारी सघरथ म एक सचच इकलाबी पसिाही की भपमका पनभायग

यारिा क दौरान नककड सभाओ म वतिाओ न कहा पक आजादी क सात दशको क बाद भी आज महनतकश जनता की पसरपत लगातार बद स बदतर होती गयी ह पशकषा सवासथय रोजगार भोजन व आवास जस बपनयादी अपिकार भी लगातार पछनत गय ह जनता की नमाइनदगी करन का दावा करन वाली सभी चनावी िापटथयो का चाल-चहरा व चरररि भी बनकाब हो चका ह जनता की माला जिन वाली य िापटथया िजीिपतयो व बहराषटीय पनगमो की सवा-चाकरी म अिना ईमान तक पगरवी रखन म कोई गरज नही करती ह कॉरिोरटो की लट और शोरण को जारी रखन और सगम बनान क पलए दश की िपलस-फौज-नौकरशाही व नयायिापलका भी अिना काम बखबी पनभा रही ह जन-पवरोिी नीपतयो दमन शोरण स होन वाल असनतोर स जनता

का धयान भटकान क पलए आज तमाम सामपरदापयक फासीवादी ताकत िर दश म काम कर रही ह इनका एक ही मकसद ह पक इस दश क गरीब महनतकशो को जापत-िमथ-समपरदाय म बाटकर िजी की सवा की जाय इसक पलए य ताकत तमाम िापमथक परतीको का इसतमाल कर रही ह और छदम राषटवाद क नारो स नौजवानो-महनतकशो को भरपमत कर रही ह हम इनक रडयनरिो को िहचानकर इनक नािाक इरादो का भणडाफोड करना होगा इन ताकतो स लडकर ही इस दश क नौजवान-महनतकश करापनतकारी िररवतथन क सघरथ को अिन असली मकाम तक िहचा सकत ह

इन फापससट गणडा-पगरोहो का सामना यारिा क दौरान भी हआ यारिा क तीसर चरण म पिरौरागढ़ परवास क दौरान पिरौरागढ़ क पडगरी कॉलज म भगतपसह और करापनतकारी आनदोलन िर िोसटर परदशथनी लगायी गयी री इस परदशथनी को दखत ही सघी लमिटो का पगरोह कॉलज क परशासपनक दल-बल को सार लकर िहच गया आत ही यह पगरोह हलला-हगामा करन लगा पक लाल रग को कमिस म नही रहन दग इस िर वहा क तमाम छारिो न कहा पक लाल रग नही तो भगवा भी नही काफी बहस-मबाहस और छारिो क पवरोि क बाद कॉलज का परशासपनक अमला बकफट िर आ गया सघी पगरोहो को भी छारिो की दढ़ता दखकर

वहा स पखसक लना ही मनापसब लगा इसक बाद कॉलज म ही भगतपसह िर आिाररत पफलम की सकीपनग की गयी दरअसल इन भगवािाररयो को पदककत लाल रग स नही बपलक पवचार तकथ णा और वजापनकता स ह य फापससट दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत और करापनतकाररयो को याद पकय जान स इसपलए भी डरत ह कयोपक य अचछी तरह जानत ह पक आम छारिो-नौजवानो और महनतकशो को इनक असली एजणड व आजादी की लडाई स इनकी गदारी का जब िता चलगा तब इनका कया हशर होगा इसपलए य कभी नही चाहत पक जनता अिन वा सतपवक इपतहास और करापनतकारी सघरषो की पवरासत स िररपचत हो

िरी यारिा क दौरान उततराखणड क नागररको बपधिजीपवयो और छारिो-नौजवानो का बहत ही सहयोग और सार रहा जहा भी यारिा टोली गयी लोगो न रकवान और कायथकरम की जगह महया करान म बहत मदद की नककड सभाओ क दौरान भी लोगो न इस िर अपभयान को बहत ही सराहा और कहा पक आज इस तरह क अपभयानो व करापनतकारी पवकलि को खडा करन की बहत ही सख़त जररत ह

ndash दबगि सवाििाता

सनत सकलप यनातरना उतरनाखणड म गजना िनारना भगतधसह को यनाद करगत ndash फनाधससो को िही सहगत

मजदर नबगल अपल 2018 7

सतिनारनायर(अपखल भारतीय जापत पवरोिी मच

महाराषट) नयारिापलका जब पकसी अतयनत

महतविणथ मद िर पनणथय सनाती ह तो उसक राजनीपतक-आपरथक-सामापजक कारण समझना बहद जररी हो जाता ह बीती 20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा एससीएसटी एकट िर भी एक ऐसा ही फसला सनाया गया सपरीम कोटथ न एक कस की सनवाई क दौरान कहा पक एससीएसटी एकट का दरियोग होता ह और ऐस म भपवषय म एफआईआर तभी दजथ की जा सकगी जब उसकी परारपमभक जाच वररष िपलस अपिकारी कर लगा सार ही कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर रोक भी हटा दी गयी ह दशभर म दपलत पवरोिी जापतगत नफरत व पहसा का लमबा इपतहास रहा ह व इस फसल क कछ ही पदन बाद 29 माचथ क पदन गजरात म एक दपलत की हतया पसफथ इसपलए कर दी गयी पक वो घोडा रखता रा एससीएसटी एकट क बावजद भी दश म हर घणट दपलतो क पखलाफ 5 स जयादा हमल दजथ होत ह हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह अगर दपलत मपहलाओ की बात की जाय तो उनकी पसरपत तो और भी भयानक ह परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार का पशकार होती ह पिछल दस सालो 2007-2017 म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत बढ़ोततरी हई ह 2016 म 48000 स जयादा मामल दजथ हए ह

आि खद ही दपखय काननो का पकतना दरियोग होता ह

यहा दी गयी तापलका स भी यह सिष ह पक दपलतो क पवरधि हए बबथर स बबथर हतयाकाणडो म भी सजाए पबलकल नही हई सार ही राषटीय अिराि ररकॉडथ बयरो क आकडो क अनसार एससीएसटी एकट म चाजथशीट 78 परपतशत कस म फाइल हई ह इसस भी िता चलता ह पक अिराि हआ ह िर अनत म अिराि पसपधि तक बहत ही कम

कस िहच िात ह य चनद आकड साफ बता रह ह पक 70 साल की आजादी क बाद भी गरीब दपलत आबादी हक-अपिकारो स वपचत ह बबथर दपलत उतिीडन की घटनाओ और उसक बाद कारथवाई क नाम िर खानािपतथ य पदखाती ह पक सरकार िपलस-परशासन स लकर कोटथ तक म जापतगत मानपसकता स गरसत लोग भर िड ह यही कारण ह पक दपलतो िर हमल करन वाल जयादातर अिरािी बच पनकलत ह दशभर म एससीएसटी कानन क तहत वस भी वतथमान म दपलत उतिीडन क मामल की एफआईआर दजथ कराना सबस मपशकल काम होता ह सार ही िपलस परशासन का रवया मामल म सजाओ का परपतशत काफी कम कर दता ह दसरा इस कानन म गलत कस दजथ करान िर िीपडत क पवरधि आईिीसी की िारा 182 क अनतगथत कस दजथ करक दपणडत करन का पराविान िहल स ही ह इसी परकार अपगरम जमानत पमलन तरा उचच अपिकाररयो की अनमपत स ही पगरफ़तारी करन का आदश इस एकट क डर को पबलकल खतम कर दगा िहल ही इस एकट क अनतगथत सजा पमलन की दर बहत कम ह इस परकार कल पमला कर एससीएसटी एकट क दरियोग को रोकन क इराद स सपरीम कोटथ दारा पदय गय पदशा-पनदचश दपलतो की रकषा की बजाय आरोिी क पहत म ही खड पदखायी दत ह पजसस दपलत उतिीडन की घटनाओ म बढ़ोततरी ही होगी

नयायिापलका की सवतनरिता का बहत ढोल िीटा जाता ह िर हापलया

कछ पनणथयो स य सिष हो रहा ह पक आरएसएस की मोदी सरकार अिन जजो को पनयपति दकर तमाम पनणथय िाररत करवा रही ह हाल ही म जज लोया कस म भी सपरीम कोटथ न जो भपमका अिनायी ह वो इस बात की िपष करती ह एससीएसटी एकट म बदलाव का जब य फसला सनाया गया रा तो उसस िहल कई महीनो तक लगातार दशभर म बरोजगार यवको क परदशथन चल रह र इस एक फसल न ना पसफथ उस मद को दबा पदया बपलक नौजवानो-महनतकशो क बीच जापतगत दीवार भी बडी कर दी फसल क बाद लोग आरकषण खतम करन जसी मागो को लकर आग आन लग िर समाज म दपलत व गर-दपलत क बीच की खाई िहल स और बडी हो गयी 2 अपरल को दशभर म इस कानन म बदलाव क पखलाफ जब परदशथन हए तो तमाम उचच जातीय लोगो न दपलतो िर हमल पकय मधयपरदश क गवापलयर म तो बाकायदा पिसतौल लकर दपलतो को गोपलया मारता वयपति सामन आया इस फसल स जो खल मोदी सरकार खलना चाहती री वो िरा होता नजर आ रहा ह

गजरनात मॉरल दशभर म गजरात मॉडल की बहत

बात होती ह िर असल म य मॉडल कया ह य मॉडल ह मजदरो-महनतकशो की लट की खली छट और दपलतो क दमन की भी खली छट इसका एक परमाण य ह

पक दशभर म जहा एससीएसटी एकट म अिराि पसधि होन की दर 284 परपतशत

ह वही गजरात म इसकी छह गना कम 34 परपतशत ह गजरात म मजदरो की हडताल बहत कम होती ह कयोपक वहा बबथरतम दमन पकया जाता ह इसी मॉडल को आज दशभर म मोदी सरकार लाग कर रही ह पसफथ इस कानन को ही नही बपलक दश-भर म आजकल जनता क अलग-अलग पहससो क सरकषण क पलए बन पवपभनन काननो को कमजोर करन का समय चल रहा ह कछ कानन सीि ससद म बदल जा रह ह तो पकसी म कोटथ दारा सजान लकर िररवतथन पकय जा रह ह मोदी सरकार पवपभनन शरम काननो को वयािार करन की आसानी क नाम िर बदलन की योजना लमब समय स बना रही ह और इसका डाफट तयार ह जापहर ह पक वया िार आसान तभी होता ह जब मजदरो का शोरण बढ़ता ह ऐसा ही एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह सपरीम कोटथ का फसला साफ तौर िर दशाथता ह पक मोदी सरकार दारा आकडो की अनदखी करत हए कमजोर दलील रखी गयी ह असल म भाजिा और आरएसएस इस कानन को पनषपरभावी बनाना चाहती ह ऐस म सभी गरीब महनतकश आबादी और इसाफिसनद लोगो को इस कानन म िररवतथन क पवरधि एकजट होकर दपलतो िर बढ़त अतयाचारो क पखलाफ सघरथ करन की जररत ह कयोपक य एक-एक कर कभी दपलत कभी मजदर तो कभी मपहलाओ क हको क सरकषण क पलए बन काननो को पनषपरभावी बनात रहग

दश म कानन दो तरह क होत ह एक वो कानन जो जनता क एक पहसस

या सार पहसस क हक-अपिकारो स समबपनित होत ह (जस मपहलाओ क पवरधि होन वाल अिरािो क पलए बन कानन मजदरो क हको-अपिकारो स समबपनित कानन दपलतो िर अतयाचार रोकन क पलए बन कानन आपद) और दसर कानन वो होत ह जो जनता का दमन-उतिीडन करन क पलए सरकार व परशासन को ताकत दत ह (जस िपलस को एनकाउणटर की ताकत दना फौज को कछ इलाको म पवशरापिकार यानी एनकाउणटर व पगरफ़तार करन की इजाजत दना) हमार दश की सरकार चाह वह कागरस की रही हो या अभी भाजिा वाली सरकार हो वो सिष तौर िर िजीिपतयो क पहतो का परपतपनपितव करती ह उनक पहतो क पलए वो जहा मजदरो क अपिकारो को लगातार कम कर रही ह वही सरकार क दमन क अपिकारो को बढ़ा रही ह फजषी मामलो म मारपत क मजदरो को चार साल तक जल म रखना दश की जलो म दपसयो साल तक मपसलम नौजवानो को रखना और बाद म पनददोर कहकर छोड दना फजषी एनकाउणटर म लोगो को मार दना - य उसी क उदाहरण ह अभी आिार काडथ को अपनवायथ बनाकर भी सरकार और परशासन अिन दमन क दायर को बढ़ान की योजना बना रहा ह लपकन सरकार और परशासन य भी जानत ह पक अगर लोगो क अपिकारो को एक सार छीना तो बगावत हो जायगी इसपलए वो िीर-िीर छीनत ह और सार ही छीनत समय भी जनता क बीच जापतगत और िापमथक झगड लगा दत ह जसा पक अभी एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह जनता को दपलत और गर-दपलत क बीच बाटा जा रहा ह आज वो अगर जनता क एक पहसस क पलए आय ह तो कल हमार पलए भी जरर आयग भारत की िजीवादी राजयसतता (सरकार और िपलस-परशासन) सिष तौर िर गरीब पवरोिी दपलत पवरोिी और मपहला पवरोिी ह यानी इस िजीवादी राजयसतता का एक जापतगत चरररि भी ह और लपगक चरररि भी यह समझकर ही हम इसक पवरधि सघरथ कर सकत ह

आज दशभर म बरोजगारी

20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा आरपकषत दपलत आबादी िर होन वाल अतयाचार क पखलाफ 1989 म बन कानन को कमजोर करन का फसला सनाया गया पजसक अनसार कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर स रोक को हटा पदया गया ह इस फसल का दशभर म पवरोि हआ और 2 अपरल को कानन क बदलाव क पवरोि म भारत बनद का भी आहान पकया गया रा नौजवान भारत सभा न

भी सरकार दारा एससीएसटी एकट को कमजोर करन क पवरोि म महाराषट क ममबई िण और अहमदनगर इलाको म अपभयान चलाया

ममबई म अपभयान मखयतः लललभाई कमिाउणड साठ नगर जापकर हसन नगर टाटानगर बगन बारी मणडाला महाराषट नगर आपद इलाको म चलाया गया सार-सार यपनवपसथटी म छारिो क बीच भी िचच बाट गय जगह-जगह नककड सभाए की गयी और िचच बाट गय नककड सभाओ क दौरान नौजवान भारत सभा क बबन न बात रखत हए कहा पक अगर आज

दपलत उतिीडन समबनिी घटनाओ का आकडा उठाकर दख तो िता चलगा पक हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह और परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार की पशकार होती ह 2007 स लकर 2017 क बीच म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत की बढ़ोतरी हई ह 2016 म ही पसफथ 48000 स जयादा मामल दजथ ह ऐस म काननो को कमजोर बनाना सरकार की दपलत पवरोिी मानपसकता को जापहर करता ह

िण म 2 अपरल को नौजवान भारत सभा लोकायत और अनय परगपतशील सगठनो न पमलकर एक पवरोि परदशथन

का आयोजन पकया इसम नौजवान भारत सभा की तरफ स बात रखत हए अपभजीत न कहा पक एनसीआरबी की ररिोटथ क अनसार 2014-2016 क बीच म भाजिा शापसत िाच राजयो म दपलतो िर अतयाचार क सबस जयादा मामल दजथ ह भाजिा सरकार आन क बाद ऊना सहारनिर जसी घटनाए भी हमार सामन आयी ह आज जररी ह पक इस मनवादी फासीवादी सरकार क पखलाफ सघरथ करन क पलए हम तयार रह

अहमदनगर म पसधिारथ कॉलोनी और नय आटथस कॉलज म इसी पवरय िर िचाथ पवतरण पकया गया और नककड

सभाए भी की गयी नककड सभा म बात रखत हए सोमनार न कहा - अहमदनगर म दपलत उतिीडन की कई घटनाए दखन को पमली ह चाह वह जवाखड हो या पफर पनपतन आग की घटना हो जो समाज म मौजद जापतगत उतिीडन की तसवीर सामन ला दती ह आज जररी ह इन जापतगत उतिीडनो क पखलाफ आवाज उठायी जाय सार-सार जनता को सगपठत करक काननो को कमजोर करन की कोपशशो को नाकाम पकया जाए

ndash दबगि सवाििाता

सपीम कोटष दनारना एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

एससीएसटी एक को कमजोर करित कत खखलनाफ िौभनास दनारना महनारनाषट म चलनायना गयना अजभयनाि(पतज 2 पर जनारी)

पकतन दपलतो की हतया

कब और कहा नयापयक िररणाम

44 पकलवनमनी तपमलनाड 25 पदसमबर 1968 सभी आरोपियो को बरी कर पदया गया13 चनदर आनधरपरदश 6 अगसत 6 1991 2014 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया10 नागरी पबहार 11 नवमबर 1998 माचथ 2013 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया22 शकर बीघा गाव पबहार 25 जनवरी 1999 जनवरी 2015 म सभी आरोिी बरी21 बरानी टोला पबहार 11 जलाई 1996 अपरल 2012 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया32 पमयािर पबहार 2000 2013 म सभी को छोड पदया गया58 लकमणिर बार 1 पदसमबर 1997 2013 म सभी को छोड पदया गया1 महाराषट का परपसधि पनपतन आग कस पजसम

एक नौजवान को िर गाव क सामन मार पदया गया रा 28 अपरल 2014

23 नवमबर 2017 क पदन सबको छोड पदया गया

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 6: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

6 मजदर नबगल अपल 2018

मनीश मिोिाराजसरान म बरोजगारी की हालत

िर दश की तरह ही भयानक ह राजसरान म पिछल 7 सालो म मारि 255 लाख सरकारी नौकररया पनकली और इनक पलए 1 करोड 8 लाख 23 हजार आवदन पकय गय यानी पक हर िद क पलए 44 अभयपरथयो क बीच मकाबला हआ राजसरान म हाल ही म रीट की िरीकषा हई पजसम कवल 54 हजार िद र (शर म कवल 34 हजार िद र जो पक चनावी साल होन क कारण चालाकी स बढ़ाय गय) और लगभग 10 लाख नौजवानो न िरीकषा दी लपकन उसम भी भतषी अटक गयी कयोपक राजसरान सरकार की कापहली क कारण ििर आउट हो गया कलकथ गरड िरीकषा म 6 लाख स अपिक उममीदवारो न िरीकषा दी री िपलस कासटबल 2017 की िरीकषा म 5500 िद र पजसक पलए 17 लाख आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 310 लोगो न आवदन पकया पविानसभा म चिरासी भतषी िरीकषा क पलए 18 िदो क पलए 18 हजार आवदन आय यानी पक एक िद क पलए 1 हजार लोगो न फामथ भरा सब इसिकटर 2016 की िरीकषा म 300 िदो क पलए तीन लाख लोगो न आवदन पकया रा पवविपवदालय सहायक 2015 म हई भतषी क पलए महज 33 हजार िदो क पलए 10 लाख बरोजगा रो न आव दन पकया रा आरटट 2011 म दोनो सतरो िर करीब 10 लाख 79 हजार िरीकषारषी शापमल हए भाजिा सरकार न इस साल

चनावी वरथ होन क कारण जनता को बवकफ बनान क पलए घोरणाओ क िकोड तलत हए बताया पक वह 2018 म एक लाख नौकररया दगी पकनत हकीकत यह ह पक राजय म अब तक लपमबत 93000 नौकररयो िर ही इन लोगो न पनयपति नही दी ह और य िद अब तक लपमबत ह पिछल एक दशक स कागरस और भाजिा की िजीवादी सरकारो दारा सरकारी नौकररयो का पनकाला जाना लगभग बनद पकया जा चका ह परदश म िवथ सरकार क कायथकाल म पनकली 76 हजार भपतथया कब तक लपमबत ह जाच-िडताल म सामन आया पक पिछल 5-6 सालो स कई भपतथयाा लपमबत ह और िद खाली िड हए ह एलडीसी भतषी 2013 क 7500 िद खाली ह िवथवतषी कागरस सरकार म साल 2013 म पनकली य पनयपतिया आज भी लपमबत ह वतथमान सरकार क कायथकाल म ही 18 हजार भपतथया लपमबत ह इसक अलावा िजीवादी सरकार यह बदमाशी भी करती ह पक भतषी की घोरणा करक ऐन समय िर भतषी बनद करवा दती ह राजसरान अिीनसर मनरिालपयक एव सवा चयन बोडथ की ओर स कमपयटर ऑिरटर परोगरापमग अपससटणट क 402 िदो क पलए एक लाख 19 हजार फॉमथ भर गय लपकन िरीकषा की पनिाथररत पतपर स 2 पदन िहल भतषी पनरसत कर दी गयी िीडबलयडी म कपनष अपभयनता क िद िर 600 िदो िर पनयपतिया पनकली पजसम 1 लाख स अपिक आवदन आय

िर िरीकषा पतपर स 4 पदन िहल इस भी पनरसत कर पदया गया इसक अलावा कई मामलो म जानबझकर पनयपतिया नही दी जा रही ह राजसरान लोक सवा आयोग न 2013 म कपनष पलपिक क िदो िर 6000 िदो की भतषी पनकाली पजसम िरीकषा क बाद पजला आवणटन हआ लपकन अभी तक पनयपति नही दी गयी ह िचायत राज पवभाग म कपनष पलपिक क िदो िर 9200 िदो िर 2013 की भतषी अटकी हई ह राजसरान लोक सवा आयोग क तहत कई हजार िदो िर भतषी अटकी हई ह

इसक अलावा राजसरान सरकार आरिीएससी (RPSC) राजसरान अिीनसर और मनरिालपयक सवा चयन बोडथ (RSMSSB) िचायती पवभाग आपद समय िर सही तरीक स िरीकषा नही करान क पलए कखयात ह राजसरान का हर यवा जानता ह पक अकसर इनक ििर सटर दारा बनाय गय परशनिरिो िर हाईकोटथ म ररट लगती रहती ह और भतषी अटक जाती ह 2013 की एलडीसी (LDC) जपनयर अकाउणटणट की भतषी अब तक अटकी हई ह कई बार परशनिरि आउट हो जात ह इसपलए उति ससराओ की जवाबदही तय की जानी चापहए िरान ििर सटरो को हटाकर िारदपशथता क सार िरीकषा करवात हए परशनिरि एनसीईआरटी (NCERT) की िाठय िसतको क पहसाब स बनवाय जान चापहए तापक हर साल परशनो क उततर को लकर अनावशयक पववाद ना िदा हो व

भपतथया कोटथ म ना अटक आज जस समय म नौजवानो की एक मखय माग तो यही बनती ह पक तमाम रकी हई भपतथया तरनत भरी जाय नय िद सपजत पकय और हर साल लगभग 15 लाख सरकारी नौकररया दी जाय जो पक वसनिरा सरकार का वादा भी रा इसक अलावा कयोपक राजसरान म कई-कई साल तक भतषी नही पनकली ह इसपलए आय सीमा को भी 35 स बढ़ाकर 40 पकया जाना चापहए उिर कागरस की जनपवरोिी नीपतयो को आग बढ़ात हए य सरकार भी पशकषा सवासथय रोडवज आपद का सारा काम ठक िर द रही ह आगनबाडी कमथचारी आशा वकथ र आपद सब ठक िर ह मसलन राजसरान म सरकारी सकलो को खतम करक उनको िीिीिी मोड क नाम िर पनजी िजीवादी लटरो को पदया जा रहा ह पशकषा म रोडवज म असितालो आपद म सारा काम सरकार ठक िर द रही ह पजसस बतहाशा महगाई बढ़ रही ह और य बपनयादी मलभत सपविाए जनता की िहच स दर होती जा रही ह

इसपलए एक ओर आज क समय म हम समान पशकषा-वयवसरा और गाव-शहर म रोजगार की गारणटी क पलए लडना होगा तो दसरी ओर हम पनयपमत पकसम क काम म ठका पररा खतम करवान क पलए भी लडना होगा हम भारत सरकार िर जनदबाव बनाकर ठका मजदरी को िरी तरह समापत करवान क पलए लडना होगा भारत सरकार न

1970 क ठका मजदरी (उनमलन व पवपनयमन) अपिपनयम म वायदा भी पकया रा पक वो ठका पररा खतम करगी िर उलट ठकाकरण बढ़ता गया शरम का ठकाकरण िरी तरह बनद होना चापहए कयोपक यह मजदरो को अरपकषत बनाता ह उनह सगपठत होन की कषमता स वपचत करता ह उनकी मजदरी को कम करता ह उनह गलामी जसी कायथ-पसरपतयो म िकलता ह और रोजगार की एक शतथ भी िरा नही करता न यह रोजमराथ क काम की गारणटी करता ह और न पकसी परकार की आपरथक-सामापजक सरकषा दता ह यह मजदर वगथ को आपरथक और राजनीपतक तौर िर कमजोर करता ह और उनस लडन की ताकत छीनता ह इसपलए ठका पररा को समापत करना बरोजगार नौजवानो और मजदरो की भी एक परमख राजनीपतक माग बनती ह एक और बात हम आिस म समझनी होगी पक मौजदा तमाम चनावी िापटथयो का मकसद ही आम जनता को ठगना ह इसपलए हम इस या उस चनावी मदारी की िछ िकडन की बजाय करापनतकारी जनानदोलनो क दारा सरकार िर अिनी मागो क पलए दवाब बनाना चापहए िमथ-जापत-आरकषण-मपनदर-मपसजद-गाय वगरह क नाम िर पकय जा रह बटवार की राजनीपत को समझकर हम आिस म फौलादी एकजटता कायम करक सरकारी अनयाय और िजीवादी अनिरगदषी क पखलाफ आवाज उठानी होगी

रनामरनाजय म रनाजसनाि म पसरी भयकर बतरोजगनारी

दजस िश का इदतहास नही होता उसका कोई भदवषय भी नही हो सकता और जो पीढी अपन इदतहास व परमपरा को नही जानती वो अपना भदवषय व आिशव भी नही गढ सकती

अिन दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत व िरमिरा स िररपचत करान शहीद करापनतकाररयो क सिनो पवचारो लकयो और आदशषो की यादपदहानी क मकसद स उततराखणड राज य क पवपभनन पजलो व कसबो म नौजवान भारत सभा रिी मपति लीग व पबगल मजदर दसता दारा समपत सकलि यारिा पनकाली गयी समपत सकलि यारिा उततराखणड चनदरशखर आजाद क शहादत पदवस (27 फरवरी) स शर होकर भगतपसह सखदव व राजगर क शहादत पदवस (23 माचथ) तक चलायी गयी

तीन चरणो म चलन वाली इस यारिा का िहला चरण गढ़वाल कषरि की घाटी और तराई कषरि म चला दसरा चरण गढ़वाल क िहाडी कषरि म चलाया गया और तीसर चरण म कमाऊ क िहाडी व तराई कषरि म चलान क बाद दहरादन म समपत सकलि सभा क सार इस यारिा का समािन पकया गया इस िरी यारिा क दौरान वयािक िचाथ पवतरण नककड सभा गोषी िसतक-िोसटर परदशथनी व पफलम सकीपनग आपद की गयी

िहल चरण की शरआत दहरादन म 27 फरवरी को भारतीय महनतकश

जनता की करापनतकारी चतना क परतीक चनदरशखर आजाद और आज का समय पवचार-गोषी स की गयी इसक बाद 9 माचथ तक यह यारिा दहरादन हररदार रढ़की ऋपरकश क पवपभनन इलाको म कपनदरत रही 7-8 माचथ को अनतरराषटीय मपहला पदवस क अवसर िर एमकिी कॉलज दहरादन म रिी मपति स समबपनित िोसटर परदशथनी लगायी गयी और जबबार िटल की पफलम सबह की सकीपनग की गयी

यारिा का दसरा चरण 10-14 माचथ तक चला इस दौरान शरीनगर और उसक आस-िास क इलाको म वयािक िचाथ पवतरण करत हए नककड सभाए की गयी 14 माचथ को डोईवाला क पडगरी कॉलज म छारिो क बीच समिकथ एव वयािक िचाथ पवतरण क सार दसर चरण की यारिा का अपनतम िडाव िरा हआ

यारिा का तीसरा चरण 15 माचथ स 22 माचथ तक कमाऊ रीजन क रामनगर कालाढगी हलदानी ननीतान अलमोडा पिरौरागढ़ खटीमा रदरिर और काशीिर स होत हए दहरादन म समपत सकलि सभा क सार समापत हआ समपत सकलि सभा म मौजद नौजवानो नागररको व बपधिजीपवयो न मशाल क समकष शिर ली पक सामपरदापयक फासीवादी ताकतो दारा दश को जापत िमथ नसल रग भारा व राषटीयता क आिार िर बाटन क खनी मसबो को कामयाब नही होन दग दश म दपमत शोपरत-उतिीपड त दपलतो परियो

अलिसखयको िर होन वाल अतयाचार-दमन को बदाथशत नही करग महनतकश जनता की करापनतकारी एकजटता को बनाय रखन और सगपठत करन की हरसमभव कोपशश करग दशी-पवदशी िजी की लट और अनयाय-उतिीडन की बपनयाद िर कायम सामापजक-राजनीपतक-आपरथक ढाच क बरकस समता नयाय और मानवीय गररमा की बपनयाद िर एक नय समाज क पनमाथण क पलए जारी सघरथ म एक सचच इकलाबी पसिाही की भपमका पनभायग

यारिा क दौरान नककड सभाओ म वतिाओ न कहा पक आजादी क सात दशको क बाद भी आज महनतकश जनता की पसरपत लगातार बद स बदतर होती गयी ह पशकषा सवासथय रोजगार भोजन व आवास जस बपनयादी अपिकार भी लगातार पछनत गय ह जनता की नमाइनदगी करन का दावा करन वाली सभी चनावी िापटथयो का चाल-चहरा व चरररि भी बनकाब हो चका ह जनता की माला जिन वाली य िापटथया िजीिपतयो व बहराषटीय पनगमो की सवा-चाकरी म अिना ईमान तक पगरवी रखन म कोई गरज नही करती ह कॉरिोरटो की लट और शोरण को जारी रखन और सगम बनान क पलए दश की िपलस-फौज-नौकरशाही व नयायिापलका भी अिना काम बखबी पनभा रही ह जन-पवरोिी नीपतयो दमन शोरण स होन वाल असनतोर स जनता

का धयान भटकान क पलए आज तमाम सामपरदापयक फासीवादी ताकत िर दश म काम कर रही ह इनका एक ही मकसद ह पक इस दश क गरीब महनतकशो को जापत-िमथ-समपरदाय म बाटकर िजी की सवा की जाय इसक पलए य ताकत तमाम िापमथक परतीको का इसतमाल कर रही ह और छदम राषटवाद क नारो स नौजवानो-महनतकशो को भरपमत कर रही ह हम इनक रडयनरिो को िहचानकर इनक नािाक इरादो का भणडाफोड करना होगा इन ताकतो स लडकर ही इस दश क नौजवान-महनतकश करापनतकारी िररवतथन क सघरथ को अिन असली मकाम तक िहचा सकत ह

इन फापससट गणडा-पगरोहो का सामना यारिा क दौरान भी हआ यारिा क तीसर चरण म पिरौरागढ़ परवास क दौरान पिरौरागढ़ क पडगरी कॉलज म भगतपसह और करापनतकारी आनदोलन िर िोसटर परदशथनी लगायी गयी री इस परदशथनी को दखत ही सघी लमिटो का पगरोह कॉलज क परशासपनक दल-बल को सार लकर िहच गया आत ही यह पगरोह हलला-हगामा करन लगा पक लाल रग को कमिस म नही रहन दग इस िर वहा क तमाम छारिो न कहा पक लाल रग नही तो भगवा भी नही काफी बहस-मबाहस और छारिो क पवरोि क बाद कॉलज का परशासपनक अमला बकफट िर आ गया सघी पगरोहो को भी छारिो की दढ़ता दखकर

वहा स पखसक लना ही मनापसब लगा इसक बाद कॉलज म ही भगतपसह िर आिाररत पफलम की सकीपनग की गयी दरअसल इन भगवािाररयो को पदककत लाल रग स नही बपलक पवचार तकथ णा और वजापनकता स ह य फापससट दश क करापनतकारी आनदोलन की पवरासत और करापनतकाररयो को याद पकय जान स इसपलए भी डरत ह कयोपक य अचछी तरह जानत ह पक आम छारिो-नौजवानो और महनतकशो को इनक असली एजणड व आजादी की लडाई स इनकी गदारी का जब िता चलगा तब इनका कया हशर होगा इसपलए य कभी नही चाहत पक जनता अिन वा सतपवक इपतहास और करापनतकारी सघरषो की पवरासत स िररपचत हो

िरी यारिा क दौरान उततराखणड क नागररको बपधिजीपवयो और छारिो-नौजवानो का बहत ही सहयोग और सार रहा जहा भी यारिा टोली गयी लोगो न रकवान और कायथकरम की जगह महया करान म बहत मदद की नककड सभाओ क दौरान भी लोगो न इस िर अपभयान को बहत ही सराहा और कहा पक आज इस तरह क अपभयानो व करापनतकारी पवकलि को खडा करन की बहत ही सख़त जररत ह

ndash दबगि सवाििाता

सनत सकलप यनातरना उतरनाखणड म गजना िनारना भगतधसह को यनाद करगत ndash फनाधससो को िही सहगत

मजदर नबगल अपल 2018 7

सतिनारनायर(अपखल भारतीय जापत पवरोिी मच

महाराषट) नयारिापलका जब पकसी अतयनत

महतविणथ मद िर पनणथय सनाती ह तो उसक राजनीपतक-आपरथक-सामापजक कारण समझना बहद जररी हो जाता ह बीती 20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा एससीएसटी एकट िर भी एक ऐसा ही फसला सनाया गया सपरीम कोटथ न एक कस की सनवाई क दौरान कहा पक एससीएसटी एकट का दरियोग होता ह और ऐस म भपवषय म एफआईआर तभी दजथ की जा सकगी जब उसकी परारपमभक जाच वररष िपलस अपिकारी कर लगा सार ही कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर रोक भी हटा दी गयी ह दशभर म दपलत पवरोिी जापतगत नफरत व पहसा का लमबा इपतहास रहा ह व इस फसल क कछ ही पदन बाद 29 माचथ क पदन गजरात म एक दपलत की हतया पसफथ इसपलए कर दी गयी पक वो घोडा रखता रा एससीएसटी एकट क बावजद भी दश म हर घणट दपलतो क पखलाफ 5 स जयादा हमल दजथ होत ह हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह अगर दपलत मपहलाओ की बात की जाय तो उनकी पसरपत तो और भी भयानक ह परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार का पशकार होती ह पिछल दस सालो 2007-2017 म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत बढ़ोततरी हई ह 2016 म 48000 स जयादा मामल दजथ हए ह

आि खद ही दपखय काननो का पकतना दरियोग होता ह

यहा दी गयी तापलका स भी यह सिष ह पक दपलतो क पवरधि हए बबथर स बबथर हतयाकाणडो म भी सजाए पबलकल नही हई सार ही राषटीय अिराि ररकॉडथ बयरो क आकडो क अनसार एससीएसटी एकट म चाजथशीट 78 परपतशत कस म फाइल हई ह इसस भी िता चलता ह पक अिराि हआ ह िर अनत म अिराि पसपधि तक बहत ही कम

कस िहच िात ह य चनद आकड साफ बता रह ह पक 70 साल की आजादी क बाद भी गरीब दपलत आबादी हक-अपिकारो स वपचत ह बबथर दपलत उतिीडन की घटनाओ और उसक बाद कारथवाई क नाम िर खानािपतथ य पदखाती ह पक सरकार िपलस-परशासन स लकर कोटथ तक म जापतगत मानपसकता स गरसत लोग भर िड ह यही कारण ह पक दपलतो िर हमल करन वाल जयादातर अिरािी बच पनकलत ह दशभर म एससीएसटी कानन क तहत वस भी वतथमान म दपलत उतिीडन क मामल की एफआईआर दजथ कराना सबस मपशकल काम होता ह सार ही िपलस परशासन का रवया मामल म सजाओ का परपतशत काफी कम कर दता ह दसरा इस कानन म गलत कस दजथ करान िर िीपडत क पवरधि आईिीसी की िारा 182 क अनतगथत कस दजथ करक दपणडत करन का पराविान िहल स ही ह इसी परकार अपगरम जमानत पमलन तरा उचच अपिकाररयो की अनमपत स ही पगरफ़तारी करन का आदश इस एकट क डर को पबलकल खतम कर दगा िहल ही इस एकट क अनतगथत सजा पमलन की दर बहत कम ह इस परकार कल पमला कर एससीएसटी एकट क दरियोग को रोकन क इराद स सपरीम कोटथ दारा पदय गय पदशा-पनदचश दपलतो की रकषा की बजाय आरोिी क पहत म ही खड पदखायी दत ह पजसस दपलत उतिीडन की घटनाओ म बढ़ोततरी ही होगी

नयायिापलका की सवतनरिता का बहत ढोल िीटा जाता ह िर हापलया

कछ पनणथयो स य सिष हो रहा ह पक आरएसएस की मोदी सरकार अिन जजो को पनयपति दकर तमाम पनणथय िाररत करवा रही ह हाल ही म जज लोया कस म भी सपरीम कोटथ न जो भपमका अिनायी ह वो इस बात की िपष करती ह एससीएसटी एकट म बदलाव का जब य फसला सनाया गया रा तो उसस िहल कई महीनो तक लगातार दशभर म बरोजगार यवको क परदशथन चल रह र इस एक फसल न ना पसफथ उस मद को दबा पदया बपलक नौजवानो-महनतकशो क बीच जापतगत दीवार भी बडी कर दी फसल क बाद लोग आरकषण खतम करन जसी मागो को लकर आग आन लग िर समाज म दपलत व गर-दपलत क बीच की खाई िहल स और बडी हो गयी 2 अपरल को दशभर म इस कानन म बदलाव क पखलाफ जब परदशथन हए तो तमाम उचच जातीय लोगो न दपलतो िर हमल पकय मधयपरदश क गवापलयर म तो बाकायदा पिसतौल लकर दपलतो को गोपलया मारता वयपति सामन आया इस फसल स जो खल मोदी सरकार खलना चाहती री वो िरा होता नजर आ रहा ह

गजरनात मॉरल दशभर म गजरात मॉडल की बहत

बात होती ह िर असल म य मॉडल कया ह य मॉडल ह मजदरो-महनतकशो की लट की खली छट और दपलतो क दमन की भी खली छट इसका एक परमाण य ह

पक दशभर म जहा एससीएसटी एकट म अिराि पसधि होन की दर 284 परपतशत

ह वही गजरात म इसकी छह गना कम 34 परपतशत ह गजरात म मजदरो की हडताल बहत कम होती ह कयोपक वहा बबथरतम दमन पकया जाता ह इसी मॉडल को आज दशभर म मोदी सरकार लाग कर रही ह पसफथ इस कानन को ही नही बपलक दश-भर म आजकल जनता क अलग-अलग पहससो क सरकषण क पलए बन पवपभनन काननो को कमजोर करन का समय चल रहा ह कछ कानन सीि ससद म बदल जा रह ह तो पकसी म कोटथ दारा सजान लकर िररवतथन पकय जा रह ह मोदी सरकार पवपभनन शरम काननो को वयािार करन की आसानी क नाम िर बदलन की योजना लमब समय स बना रही ह और इसका डाफट तयार ह जापहर ह पक वया िार आसान तभी होता ह जब मजदरो का शोरण बढ़ता ह ऐसा ही एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह सपरीम कोटथ का फसला साफ तौर िर दशाथता ह पक मोदी सरकार दारा आकडो की अनदखी करत हए कमजोर दलील रखी गयी ह असल म भाजिा और आरएसएस इस कानन को पनषपरभावी बनाना चाहती ह ऐस म सभी गरीब महनतकश आबादी और इसाफिसनद लोगो को इस कानन म िररवतथन क पवरधि एकजट होकर दपलतो िर बढ़त अतयाचारो क पखलाफ सघरथ करन की जररत ह कयोपक य एक-एक कर कभी दपलत कभी मजदर तो कभी मपहलाओ क हको क सरकषण क पलए बन काननो को पनषपरभावी बनात रहग

दश म कानन दो तरह क होत ह एक वो कानन जो जनता क एक पहसस

या सार पहसस क हक-अपिकारो स समबपनित होत ह (जस मपहलाओ क पवरधि होन वाल अिरािो क पलए बन कानन मजदरो क हको-अपिकारो स समबपनित कानन दपलतो िर अतयाचार रोकन क पलए बन कानन आपद) और दसर कानन वो होत ह जो जनता का दमन-उतिीडन करन क पलए सरकार व परशासन को ताकत दत ह (जस िपलस को एनकाउणटर की ताकत दना फौज को कछ इलाको म पवशरापिकार यानी एनकाउणटर व पगरफ़तार करन की इजाजत दना) हमार दश की सरकार चाह वह कागरस की रही हो या अभी भाजिा वाली सरकार हो वो सिष तौर िर िजीिपतयो क पहतो का परपतपनपितव करती ह उनक पहतो क पलए वो जहा मजदरो क अपिकारो को लगातार कम कर रही ह वही सरकार क दमन क अपिकारो को बढ़ा रही ह फजषी मामलो म मारपत क मजदरो को चार साल तक जल म रखना दश की जलो म दपसयो साल तक मपसलम नौजवानो को रखना और बाद म पनददोर कहकर छोड दना फजषी एनकाउणटर म लोगो को मार दना - य उसी क उदाहरण ह अभी आिार काडथ को अपनवायथ बनाकर भी सरकार और परशासन अिन दमन क दायर को बढ़ान की योजना बना रहा ह लपकन सरकार और परशासन य भी जानत ह पक अगर लोगो क अपिकारो को एक सार छीना तो बगावत हो जायगी इसपलए वो िीर-िीर छीनत ह और सार ही छीनत समय भी जनता क बीच जापतगत और िापमथक झगड लगा दत ह जसा पक अभी एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह जनता को दपलत और गर-दपलत क बीच बाटा जा रहा ह आज वो अगर जनता क एक पहसस क पलए आय ह तो कल हमार पलए भी जरर आयग भारत की िजीवादी राजयसतता (सरकार और िपलस-परशासन) सिष तौर िर गरीब पवरोिी दपलत पवरोिी और मपहला पवरोिी ह यानी इस िजीवादी राजयसतता का एक जापतगत चरररि भी ह और लपगक चरररि भी यह समझकर ही हम इसक पवरधि सघरथ कर सकत ह

आज दशभर म बरोजगारी

20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा आरपकषत दपलत आबादी िर होन वाल अतयाचार क पखलाफ 1989 म बन कानन को कमजोर करन का फसला सनाया गया पजसक अनसार कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर स रोक को हटा पदया गया ह इस फसल का दशभर म पवरोि हआ और 2 अपरल को कानन क बदलाव क पवरोि म भारत बनद का भी आहान पकया गया रा नौजवान भारत सभा न

भी सरकार दारा एससीएसटी एकट को कमजोर करन क पवरोि म महाराषट क ममबई िण और अहमदनगर इलाको म अपभयान चलाया

ममबई म अपभयान मखयतः लललभाई कमिाउणड साठ नगर जापकर हसन नगर टाटानगर बगन बारी मणडाला महाराषट नगर आपद इलाको म चलाया गया सार-सार यपनवपसथटी म छारिो क बीच भी िचच बाट गय जगह-जगह नककड सभाए की गयी और िचच बाट गय नककड सभाओ क दौरान नौजवान भारत सभा क बबन न बात रखत हए कहा पक अगर आज

दपलत उतिीडन समबनिी घटनाओ का आकडा उठाकर दख तो िता चलगा पक हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह और परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार की पशकार होती ह 2007 स लकर 2017 क बीच म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत की बढ़ोतरी हई ह 2016 म ही पसफथ 48000 स जयादा मामल दजथ ह ऐस म काननो को कमजोर बनाना सरकार की दपलत पवरोिी मानपसकता को जापहर करता ह

िण म 2 अपरल को नौजवान भारत सभा लोकायत और अनय परगपतशील सगठनो न पमलकर एक पवरोि परदशथन

का आयोजन पकया इसम नौजवान भारत सभा की तरफ स बात रखत हए अपभजीत न कहा पक एनसीआरबी की ररिोटथ क अनसार 2014-2016 क बीच म भाजिा शापसत िाच राजयो म दपलतो िर अतयाचार क सबस जयादा मामल दजथ ह भाजिा सरकार आन क बाद ऊना सहारनिर जसी घटनाए भी हमार सामन आयी ह आज जररी ह पक इस मनवादी फासीवादी सरकार क पखलाफ सघरथ करन क पलए हम तयार रह

अहमदनगर म पसधिारथ कॉलोनी और नय आटथस कॉलज म इसी पवरय िर िचाथ पवतरण पकया गया और नककड

सभाए भी की गयी नककड सभा म बात रखत हए सोमनार न कहा - अहमदनगर म दपलत उतिीडन की कई घटनाए दखन को पमली ह चाह वह जवाखड हो या पफर पनपतन आग की घटना हो जो समाज म मौजद जापतगत उतिीडन की तसवीर सामन ला दती ह आज जररी ह इन जापतगत उतिीडनो क पखलाफ आवाज उठायी जाय सार-सार जनता को सगपठत करक काननो को कमजोर करन की कोपशशो को नाकाम पकया जाए

ndash दबगि सवाििाता

सपीम कोटष दनारना एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

एससीएसटी एक को कमजोर करित कत खखलनाफ िौभनास दनारना महनारनाषट म चलनायना गयना अजभयनाि(पतज 2 पर जनारी)

पकतन दपलतो की हतया

कब और कहा नयापयक िररणाम

44 पकलवनमनी तपमलनाड 25 पदसमबर 1968 सभी आरोपियो को बरी कर पदया गया13 चनदर आनधरपरदश 6 अगसत 6 1991 2014 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया10 नागरी पबहार 11 नवमबर 1998 माचथ 2013 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया22 शकर बीघा गाव पबहार 25 जनवरी 1999 जनवरी 2015 म सभी आरोिी बरी21 बरानी टोला पबहार 11 जलाई 1996 अपरल 2012 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया32 पमयािर पबहार 2000 2013 म सभी को छोड पदया गया58 लकमणिर बार 1 पदसमबर 1997 2013 म सभी को छोड पदया गया1 महाराषट का परपसधि पनपतन आग कस पजसम

एक नौजवान को िर गाव क सामन मार पदया गया रा 28 अपरल 2014

23 नवमबर 2017 क पदन सबको छोड पदया गया

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 7: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मजदर नबगल अपल 2018 7

सतिनारनायर(अपखल भारतीय जापत पवरोिी मच

महाराषट) नयारिापलका जब पकसी अतयनत

महतविणथ मद िर पनणथय सनाती ह तो उसक राजनीपतक-आपरथक-सामापजक कारण समझना बहद जररी हो जाता ह बीती 20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा एससीएसटी एकट िर भी एक ऐसा ही फसला सनाया गया सपरीम कोटथ न एक कस की सनवाई क दौरान कहा पक एससीएसटी एकट का दरियोग होता ह और ऐस म भपवषय म एफआईआर तभी दजथ की जा सकगी जब उसकी परारपमभक जाच वररष िपलस अपिकारी कर लगा सार ही कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर रोक भी हटा दी गयी ह दशभर म दपलत पवरोिी जापतगत नफरत व पहसा का लमबा इपतहास रहा ह व इस फसल क कछ ही पदन बाद 29 माचथ क पदन गजरात म एक दपलत की हतया पसफथ इसपलए कर दी गयी पक वो घोडा रखता रा एससीएसटी एकट क बावजद भी दश म हर घणट दपलतो क पखलाफ 5 स जयादा हमल दजथ होत ह हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह अगर दपलत मपहलाओ की बात की जाय तो उनकी पसरपत तो और भी भयानक ह परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार का पशकार होती ह पिछल दस सालो 2007-2017 म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत बढ़ोततरी हई ह 2016 म 48000 स जयादा मामल दजथ हए ह

आि खद ही दपखय काननो का पकतना दरियोग होता ह

यहा दी गयी तापलका स भी यह सिष ह पक दपलतो क पवरधि हए बबथर स बबथर हतयाकाणडो म भी सजाए पबलकल नही हई सार ही राषटीय अिराि ररकॉडथ बयरो क आकडो क अनसार एससीएसटी एकट म चाजथशीट 78 परपतशत कस म फाइल हई ह इसस भी िता चलता ह पक अिराि हआ ह िर अनत म अिराि पसपधि तक बहत ही कम

कस िहच िात ह य चनद आकड साफ बता रह ह पक 70 साल की आजादी क बाद भी गरीब दपलत आबादी हक-अपिकारो स वपचत ह बबथर दपलत उतिीडन की घटनाओ और उसक बाद कारथवाई क नाम िर खानािपतथ य पदखाती ह पक सरकार िपलस-परशासन स लकर कोटथ तक म जापतगत मानपसकता स गरसत लोग भर िड ह यही कारण ह पक दपलतो िर हमल करन वाल जयादातर अिरािी बच पनकलत ह दशभर म एससीएसटी कानन क तहत वस भी वतथमान म दपलत उतिीडन क मामल की एफआईआर दजथ कराना सबस मपशकल काम होता ह सार ही िपलस परशासन का रवया मामल म सजाओ का परपतशत काफी कम कर दता ह दसरा इस कानन म गलत कस दजथ करान िर िीपडत क पवरधि आईिीसी की िारा 182 क अनतगथत कस दजथ करक दपणडत करन का पराविान िहल स ही ह इसी परकार अपगरम जमानत पमलन तरा उचच अपिकाररयो की अनमपत स ही पगरफ़तारी करन का आदश इस एकट क डर को पबलकल खतम कर दगा िहल ही इस एकट क अनतगथत सजा पमलन की दर बहत कम ह इस परकार कल पमला कर एससीएसटी एकट क दरियोग को रोकन क इराद स सपरीम कोटथ दारा पदय गय पदशा-पनदचश दपलतो की रकषा की बजाय आरोिी क पहत म ही खड पदखायी दत ह पजसस दपलत उतिीडन की घटनाओ म बढ़ोततरी ही होगी

नयायिापलका की सवतनरिता का बहत ढोल िीटा जाता ह िर हापलया

कछ पनणथयो स य सिष हो रहा ह पक आरएसएस की मोदी सरकार अिन जजो को पनयपति दकर तमाम पनणथय िाररत करवा रही ह हाल ही म जज लोया कस म भी सपरीम कोटथ न जो भपमका अिनायी ह वो इस बात की िपष करती ह एससीएसटी एकट म बदलाव का जब य फसला सनाया गया रा तो उसस िहल कई महीनो तक लगातार दशभर म बरोजगार यवको क परदशथन चल रह र इस एक फसल न ना पसफथ उस मद को दबा पदया बपलक नौजवानो-महनतकशो क बीच जापतगत दीवार भी बडी कर दी फसल क बाद लोग आरकषण खतम करन जसी मागो को लकर आग आन लग िर समाज म दपलत व गर-दपलत क बीच की खाई िहल स और बडी हो गयी 2 अपरल को दशभर म इस कानन म बदलाव क पखलाफ जब परदशथन हए तो तमाम उचच जातीय लोगो न दपलतो िर हमल पकय मधयपरदश क गवापलयर म तो बाकायदा पिसतौल लकर दपलतो को गोपलया मारता वयपति सामन आया इस फसल स जो खल मोदी सरकार खलना चाहती री वो िरा होता नजर आ रहा ह

गजरनात मॉरल दशभर म गजरात मॉडल की बहत

बात होती ह िर असल म य मॉडल कया ह य मॉडल ह मजदरो-महनतकशो की लट की खली छट और दपलतो क दमन की भी खली छट इसका एक परमाण य ह

पक दशभर म जहा एससीएसटी एकट म अिराि पसधि होन की दर 284 परपतशत

ह वही गजरात म इसकी छह गना कम 34 परपतशत ह गजरात म मजदरो की हडताल बहत कम होती ह कयोपक वहा बबथरतम दमन पकया जाता ह इसी मॉडल को आज दशभर म मोदी सरकार लाग कर रही ह पसफथ इस कानन को ही नही बपलक दश-भर म आजकल जनता क अलग-अलग पहससो क सरकषण क पलए बन पवपभनन काननो को कमजोर करन का समय चल रहा ह कछ कानन सीि ससद म बदल जा रह ह तो पकसी म कोटथ दारा सजान लकर िररवतथन पकय जा रह ह मोदी सरकार पवपभनन शरम काननो को वयािार करन की आसानी क नाम िर बदलन की योजना लमब समय स बना रही ह और इसका डाफट तयार ह जापहर ह पक वया िार आसान तभी होता ह जब मजदरो का शोरण बढ़ता ह ऐसा ही एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह सपरीम कोटथ का फसला साफ तौर िर दशाथता ह पक मोदी सरकार दारा आकडो की अनदखी करत हए कमजोर दलील रखी गयी ह असल म भाजिा और आरएसएस इस कानन को पनषपरभावी बनाना चाहती ह ऐस म सभी गरीब महनतकश आबादी और इसाफिसनद लोगो को इस कानन म िररवतथन क पवरधि एकजट होकर दपलतो िर बढ़त अतयाचारो क पखलाफ सघरथ करन की जररत ह कयोपक य एक-एक कर कभी दपलत कभी मजदर तो कभी मपहलाओ क हको क सरकषण क पलए बन काननो को पनषपरभावी बनात रहग

दश म कानन दो तरह क होत ह एक वो कानन जो जनता क एक पहसस

या सार पहसस क हक-अपिकारो स समबपनित होत ह (जस मपहलाओ क पवरधि होन वाल अिरािो क पलए बन कानन मजदरो क हको-अपिकारो स समबपनित कानन दपलतो िर अतयाचार रोकन क पलए बन कानन आपद) और दसर कानन वो होत ह जो जनता का दमन-उतिीडन करन क पलए सरकार व परशासन को ताकत दत ह (जस िपलस को एनकाउणटर की ताकत दना फौज को कछ इलाको म पवशरापिकार यानी एनकाउणटर व पगरफ़तार करन की इजाजत दना) हमार दश की सरकार चाह वह कागरस की रही हो या अभी भाजिा वाली सरकार हो वो सिष तौर िर िजीिपतयो क पहतो का परपतपनपितव करती ह उनक पहतो क पलए वो जहा मजदरो क अपिकारो को लगातार कम कर रही ह वही सरकार क दमन क अपिकारो को बढ़ा रही ह फजषी मामलो म मारपत क मजदरो को चार साल तक जल म रखना दश की जलो म दपसयो साल तक मपसलम नौजवानो को रखना और बाद म पनददोर कहकर छोड दना फजषी एनकाउणटर म लोगो को मार दना - य उसी क उदाहरण ह अभी आिार काडथ को अपनवायथ बनाकर भी सरकार और परशासन अिन दमन क दायर को बढ़ान की योजना बना रहा ह लपकन सरकार और परशासन य भी जानत ह पक अगर लोगो क अपिकारो को एक सार छीना तो बगावत हो जायगी इसपलए वो िीर-िीर छीनत ह और सार ही छीनत समय भी जनता क बीच जापतगत और िापमथक झगड लगा दत ह जसा पक अभी एससीएसटी कानन क मामल म हो रहा ह जनता को दपलत और गर-दपलत क बीच बाटा जा रहा ह आज वो अगर जनता क एक पहसस क पलए आय ह तो कल हमार पलए भी जरर आयग भारत की िजीवादी राजयसतता (सरकार और िपलस-परशासन) सिष तौर िर गरीब पवरोिी दपलत पवरोिी और मपहला पवरोिी ह यानी इस िजीवादी राजयसतता का एक जापतगत चरररि भी ह और लपगक चरररि भी यह समझकर ही हम इसक पवरधि सघरथ कर सकत ह

आज दशभर म बरोजगारी

20 माचथ को सपरीम कोटथ दारा आरपकषत दपलत आबादी िर होन वाल अतयाचार क पखलाफ 1989 म बन कानन को कमजोर करन का फसला सनाया गया पजसक अनसार कोटथ दारा जारी पदशा-पनदचशो क बाद अब एससीएसटी एकट क तहत दजथ मामलो म ततकाल पगरफ़तारी िर रोक लगा दी गयी ह और सार ही अपगरम जमानत िर स रोक को हटा पदया गया ह इस फसल का दशभर म पवरोि हआ और 2 अपरल को कानन क बदलाव क पवरोि म भारत बनद का भी आहान पकया गया रा नौजवान भारत सभा न

भी सरकार दारा एससीएसटी एकट को कमजोर करन क पवरोि म महाराषट क ममबई िण और अहमदनगर इलाको म अपभयान चलाया

ममबई म अपभयान मखयतः लललभाई कमिाउणड साठ नगर जापकर हसन नगर टाटानगर बगन बारी मणडाला महाराषट नगर आपद इलाको म चलाया गया सार-सार यपनवपसथटी म छारिो क बीच भी िचच बाट गय जगह-जगह नककड सभाए की गयी और िचच बाट गय नककड सभाओ क दौरान नौजवान भारत सभा क बबन न बात रखत हए कहा पक अगर आज

दपलत उतिीडन समबनिी घटनाओ का आकडा उठाकर दख तो िता चलगा पक हर पदन दो दपलतो की हतया कर दी जाती ह और परपतपदन औसतन 6 परिया बलातकार की पशकार होती ह 2007 स लकर 2017 क बीच म दपलत पवरोिी अिरािो म 66 परपतशत की बढ़ोतरी हई ह 2016 म ही पसफथ 48000 स जयादा मामल दजथ ह ऐस म काननो को कमजोर बनाना सरकार की दपलत पवरोिी मानपसकता को जापहर करता ह

िण म 2 अपरल को नौजवान भारत सभा लोकायत और अनय परगपतशील सगठनो न पमलकर एक पवरोि परदशथन

का आयोजन पकया इसम नौजवान भारत सभा की तरफ स बात रखत हए अपभजीत न कहा पक एनसीआरबी की ररिोटथ क अनसार 2014-2016 क बीच म भाजिा शापसत िाच राजयो म दपलतो िर अतयाचार क सबस जयादा मामल दजथ ह भाजिा सरकार आन क बाद ऊना सहारनिर जसी घटनाए भी हमार सामन आयी ह आज जररी ह पक इस मनवादी फासीवादी सरकार क पखलाफ सघरथ करन क पलए हम तयार रह

अहमदनगर म पसधिारथ कॉलोनी और नय आटथस कॉलज म इसी पवरय िर िचाथ पवतरण पकया गया और नककड

सभाए भी की गयी नककड सभा म बात रखत हए सोमनार न कहा - अहमदनगर म दपलत उतिीडन की कई घटनाए दखन को पमली ह चाह वह जवाखड हो या पफर पनपतन आग की घटना हो जो समाज म मौजद जापतगत उतिीडन की तसवीर सामन ला दती ह आज जररी ह इन जापतगत उतिीडनो क पखलाफ आवाज उठायी जाय सार-सार जनता को सगपठत करक काननो को कमजोर करन की कोपशशो को नाकाम पकया जाए

ndash दबगि सवाििाता

सपीम कोटष दनारना एससीएसटी कनािि म बदलनाव - जिकहतो म बित कनाििो को कमजोर यना ितम करित कना गजरनात मॉरल

एससीएसटी एक को कमजोर करित कत खखलनाफ िौभनास दनारना महनारनाषट म चलनायना गयना अजभयनाि(पतज 2 पर जनारी)

पकतन दपलतो की हतया

कब और कहा नयापयक िररणाम

44 पकलवनमनी तपमलनाड 25 पदसमबर 1968 सभी आरोपियो को बरी कर पदया गया13 चनदर आनधरपरदश 6 अगसत 6 1991 2014 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया10 नागरी पबहार 11 नवमबर 1998 माचथ 2013 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया22 शकर बीघा गाव पबहार 25 जनवरी 1999 जनवरी 2015 म सभी आरोिी बरी21 बरानी टोला पबहार 11 जलाई 1996 अपरल 2012 म सभी आरोपियो को छोड पदया गया32 पमयािर पबहार 2000 2013 म सभी को छोड पदया गया58 लकमणिर बार 1 पदसमबर 1997 2013 म सभी को छोड पदया गया1 महाराषट का परपसधि पनपतन आग कस पजसम

एक नौजवान को िर गाव क सामन मार पदया गया रा 28 अपरल 2014

23 नवमबर 2017 क पदन सबको छोड पदया गया

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 8: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

8 मजदर नबगल अपल 2018

और पघनौनी छडखानी की घटनाए कम होन की बजाय बढ़ती ही जा रही ह बलातकाररयो को सख़त स सख़त सजा पदलान और िीपडतो को इसाफ व सरकषा क पलए सडको िर उतरन क सार ही हम इस सवाल िर भी सोचना ही होगा पक परियो और बपचचयो िर बबथर हमलो और बलातकार की घटनाए इस कदर कयो बढ़ती जा रही ह और इनक पलए कौन-सी ताकत पजममदार ह अिन आकरोश को गहराई दकर हम इस सवाल का भी जवाब ढढना होगा पक आपखर हमार समाज म कलदीि पसह सगर और साझीराम जस फापससट दररद ककरमतत की तरह कयो िनि रह ह को बढ रही ह औरतो कत खिलनाफ

बबषर कहसनाइसम कोई शक नही ह पक हजारो

सालो स चला आ रहा समाज का पितसततातमक ढाचा औरतो को िररो स कमतर समझन और उनक उतिीडन को नयायसगत ठहरान की मानपसकता िदा करता ह और समाज क िोर-िोर म समायी यह मानपसकता बलातकार जस जघनय कतय क परपत भी उदासीनता िदा करती ह पजसस ऐसी घटनाओ को बढ़ावा पमलता ह लपकन अिन आि म यह कारण औरतो क पखलाफ बढ़ती बबथर पहसा को िरी तरह स समझन म नाकाफी ह ऐपतहापसक िषभपम क सार ही सार हम मौजदा सामापजक-आपरथक िररवश क उन िहलओ को बारीकी स समझना होगा जो ऐसी बबथरता को बढ़ावा द रह ह सकडो वरषो की औिपनवपशक गलामी की वजह स ठहरावगरसत रह भारतीय समाज म आजादी क बाद जो िजीवादी सामापजक-आपरथक ढाचा रोिा गया वह औरतो को बराबर का नागररक समझन की बजाय उनह उिभोग की

वसत समझन की मानपसकता को िाल-िोस रहा ह खासकर पिछली चौराई सदी स जारी नवउदारवाद क दौर म भोग-पवलास और lsquoखाओ-पियो ऐश-करोrsquo की ससकपत बहत तजी स फली ह जयादा स जयादा मनाफा कमान की अनिी हवस म औरतो का इसतमाल उतिादो को बचन क पलए और महज मनोरजन की वसत समझन क पलए पकया जाता ह पजसकी बानगी भापत-भापत क फहड पवजािनो पफलमो और टीवी सीररयलो गानो आपद म दखी जा सकती ह बलातकारी और लमिट ततव भोग-पवलास िर पटक इस िजीवादी तरि स जपनत ससकपत क ही उतिाद ह लपकन बलातकार जस जघनय कतय को अजाम दन वालो क अलावा भी समाज म िररो की अचछी-खासी आबादी ऐसी मानपसकता स गरसत होती ह जो औरतो को बलिवथक अिन अिीन कर लना चाहती ह समाज म बड िमान िर फली इस रिी-पवरोिी मानपसकता का एक उदाहरण कठआ की घटना क सपखथयो म रहन क दौरान सामन आया जब बहत बडी सखया म लोगो न कठआ म गग रि की वहपशयाना हरकत को दखन क पलए िोनथ साइटस िर िीपडता बचची क नाम को खोजा यह िजीवादी सामापजक-सासकपतक-नपतक ितन की िराकाषा नही तो और कया ह नवउदारवाद क पिछल कछ दशको म एक नविनाढय वगथ िदा हआ ह पजस लगता ह िस क बत िर वह सबकछ खरीद सकता ह िस क बल िर औरतो को अिीन करना इस वगथ क पलए सामापजक परपतषा का पवरय होता ह यही नही नवउदारवादी दौर म समाज क रसातल िर मजदरो क बीच भी एक आवारा लमिट िपतत वगथ भी िदा हआ ह जो िजीवादी अमानवीकरण की सभी हदो को िार कर चका ह पजसकी

बानगी घपणत पकसम की यौन पहसाओ म अकसर सामन आती ह

इसक अपतररति िजीवादी सकट क दौर म फल-फल रही फासीवादी और िापमथक कटरिरी ताकत सचतन तौर िर परियो की आजादी िर अकश लगान और उनको पफर स चलह-चौखट तक सीपमत करन की मानपसकता लगातार िरोस रही ह य ताकत बलातकार और यौन अिरािो क पलए औरतो को ही पजममदार ठहरान की मानपसकता लगातार समाज म फलाती ह पजसकी वजह स आम लोग भी अिरापियो िर नकल कसन क पलए सडको िर उतरन की बजाय लडपकयो और औरतो िर िाबनदी लगात ह यही नही पहनदतववादी फासीवादी ताकत यौन पहसा को एक राजनीपतक उिकरण की भापत इसतमाल करक अलिसखयक समदाय म खौफ भरन की पघनौनी सापजश रच रही ह गौरतलब ह पक दहितव क दवचारक सावरकर न भी अपनी दकताब lsquolsquoभारतीय इदतहास क छह गौरवशािी यगrsquorsquo म दहि मिषो दारा मदिम औरतो क साथ बिातकार को यायसगत ठहराया था उततर परिश का मखयमती बनन स पहि योगी आदितयनाथ की एक जनसभा म मदिम मदहिाओ की िाश को उनकी कबर स दनकािकर बिातकार कहन की बात कही गयी थी और आदितयनाथ मच पर बठ मौन सहमदत ि रह थ कठआ की वीभतस घटना भी बकरवाल मपसलम समदाय को उनक गाव स खदडन क मकसद स अजाम दी गयी री lsquoपहनद एकता मचrsquo क बनर तल बलातकाररयो क बचाव म रली पनकालना यह साफ पदखाता ह पक इस मामल म बलातकार जस घपणत अिराि का उियोग एक राजनीपतक मकसद स पकया गया रा

बलातकार की घटनाओ म बढ़ोततरी का एक कारण यह भी ह पक पजन सासदो और पविायको को कानन क पनमाथण की पजममदारी पमली ह व सवय औरतो क भकषक क रि म सामन आ रह ह उननाव की घटना म यह सिष तौर िर सामन आया एसोदसएशन ऑफ मोकरदटक राइटस की एक ररपोटव क मतादबक िश म 51 सासि और दवधायको पर बिातकार और अपहरण सदहत मदहिाओ क दखिाफ अपराधो क सगीन आरोप ह गौरतलब ह पक इनम सबस अदधक सखया lsquoबटी बचाओrsquo का वाग कर रही भारतीय जनता पाटटी क सियो की ह पिछल कछ समय स भाजिा गणडो मवापलयो दगाइयो और बलातकाररयो की शरणसरली बनकर उभर रही ह पजसम सभी िापटथयो क अिरािी शरण ल रह ह यही नही समाज को नपतकता का िाठ िढ़ान वाल और ससकारो की दहाई दन वाल आसाराम रामिाल और राम रहीम जस बाबा बलातकार क सगीन अिराि म पलपत िाय गय ह जो पबना राजनीपतक सरिरसती क इतन पघनौन अिरािो को अजाम द ही नही सकत र

औरतो कत खिलनाफ बढती कहसना रोकित कत ललए ककयना कना जनाए

जसा पक हमन ऊिर इपगत पकया रा फासीवादी दौर म िजीवादी लोकतरि की रही-सही ससराए भी खोखली हो चकी ह पविापयका और कायथिापलका की सडाि तो बहत िहल ही लोगो क सामन आ चकी री अब नयायिापलका और मीपडया क सतभ भी िल चाटत नजर आ रह ह ऐस म सपविान कानन और तमाम सरकारी ससराओ क भरोस रहकर औरतो और बपचचयो क सार होन वाली बबथरता को रोका नही जा सकता ह इसकी बजाय हम आम

लोगो की सगपठत ताकत िर भरोसा करना होगा दश भर म बलातकार और छडखानी जसी घटनाओ को रोकन क पलए गली-मोहललो और बपसतयो क सतर िर मपहला-पहसा पवरोिी चौकसी दसत बनान होग पजनह गली-मोहलल क लमिट ततवो दार क ठको और अशील सामगरी का पवतरण करन वाली दकानो िर हलला बोलकर धवसत करना होगा औरतो को आतम रकषा क परपशकषण क पलए परोतसापहत करना भी बहद जररी ह इसक अपतररति उन दपकयानसी और िापमथक कटरिरी ताकतो क पखलाफ पनरनतर अपभयान चलान की जररत ह जो औरतो को िरो की जती समझन वाली पितसततातमक मानपसकता क पवराणओ को फलन-फलन क पलए अनकल िररवश तयार करती ह सार ही हम मौजदा वयवसरा क दायर क भीतर परियो को बराबरी क अपिकार क पलए सघरथ को भी गपत दनी होगी

उिरोति तातकापलक कदम उठाना पनससदह जररी ह िरनत औरतो क पखलाफ होन वाली बबथर पहसा क कारणो को समझन क बाद इसम कोई शक नही रह जाता पक इस पहसा को जड स समापत करन क पलए एक लमबी लडाई की जररत ह यह लडाई हजारो सालो स चल आ रह िरर परिान सामापजक ढाच और ा िजीवादी वयवसरा को नसतनाबद करक समानता व नयाय िर आिाररत शोरण व उतिीडन पवहीन सामापजक व आपरथक ढाच क पनमाथण करन की लडाई स जडी ह यह लडाई ऐस समाज क पनमाथण स जडी ह जहा औरत उिभोग करन वाल माल की बजाय एक आजाद नागररक हो इसपलए रिी मपति की लडाई समाज क करापनतकारी िररवतथन की लडाई क अपभनन अग क रि म लडी जानी चापहए

सतना पर कनानबज लटतरो-हतनारो-बलनातनाररयो कत गगरोह सत दतश को बचनािना होगना(पतज 1 सत आगत)

हम वयनापक िनागररक पनतरोि सगकठत करिना होगना ननायपनाललकना भी सतनारढ पनाटटी की दनासी बि चकी ह इिसत ननाय की उमीद मखषतना होगी उननाव और कठआ कत बलनातनारी भतड़डयो कत पकष म ककसी भी कक स कना तकष दतित वनालत और तब कहना रत जसी बनात करित वनालो कना सनामनाजजक बकहषनार ककयना जनािना चनाकहए परत दतश म जगह-जगह पोसर लग रहत ह सघी और भनाजपना िततना यहना पवतश ि कर यहना सतरियना और बसतचियना रहती ह िनागररको को ऐसत पोसर गनाव-गनाव और शहरो कत मोहलत-मोहलत म लगनाित चनाकहए सघी भोप बि चकत टीवी चिलो कत बकहषनार कत ललए पचच-पोसर निकनालकर घर-घर अजभयनाि चलनाित की जररत ह यदद आप अपित बचिो की कहफनाजत चनाहतत ह तो उन हर पकनार कत िनारमक कटटरपथरयो दनारना चलनायत जना रहत सलो सत बनाहर निकनाललयत अब भी होश म िही आयत तो यह दतश जीित लनायक िही रहतगना निषकरियतना हतनारो बलनातनाररयो और उिकत सरपरस फनाधसस रनाजिततनाओ कना मिोबल बढना रही ह

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 9: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

कदवता कक षणपलिवीिथवी पदवस क अवसर िर 22

अपरल को िरी दपनया म ियाथवरण को बचान की पचता परकट करत हए कायथकरम हए 1970 म इसकी शरआत अमररका स हई और यह बात अनायास नही लगती पक इसक पलए 22 अपरल का पदन चना गया जो लपनन का जनमपदन ह लपनन क बहान करापत िर बात हो इसस बहतर तो यही होगा पक ियाथवरण क पवनाश िर अकमथक पचताय परकट की जाए और लोगो को ही कोसा जाय पक अगर व अिनी आदत नही बदलग और ियाथवरण की पचता नही करग तो वह पदन दर नही जब िरती िर कयामत आ जायगी यानी सामापजक बदलाव क बार म नही महापवनाश क पदन क बार म सोचो हालीवड वाल इस महापवनाश की रीम िर सालाना कई पफलम बनात ह

िथवी पदवस िर पवपभनन बजथआ सरकार सामाजयवादी दशो की जबा बोलन वाली अतरराषटीय एजपसया और दशी-पवदशी िजीिपतयो की फपडग स चलन वाल एनजीओ सबस अपिक परोगराम करत ह इनम लोगो को िड लगान पफजलखचषी की उिभोतिा ससकपत स बचन नपदयो को साफ

करन तालाबो और जगलो को बचान पलापसटक का इसतमाल न करन आपद-आपद की राय दी जाती ह ऐसा लगता ह मानो जनता और जनता की बरी आदत या मशीनीकरण या आिपनकता ही ियाथवरण-पवनाश क पलए दोरी ह इस तरह असली अिरािी को िरद क िीछ छिा पदया जाता ह और सारी पजममदारी लोगो िर डाल दी जाती ह

िथवी क ियाथवरण और िाररपसरपतक-तरि क पवनाश क पलए लोग और उनकी बरी आदत नही बपलक मनाफ की अनिी हवस और गलाकाट होड पजममदार ह य िजीिपत ह जो कारखानो की गनदगी स नपदयो समनदर आकाश और हवा को दपरत करत ह और अवपशष-शोिन की तकनीक मौजद होत हए भी सारी गनदगी वातावरण म परवापहत करक अिना िसा बचात ह य िजीिपत ह जो मनाफ क पलए जनपटक बीजो कीटनाशको और रसायनो स खती की िरी जमीन को िाट दत ह य िजीिपत ह जो सवचछ और िननथवीकरणीय ऊजाथ-सोतो की मौजदगी क बावजद और तकनीक की मौजदगी क बावजद जीवाशम ईिन का इसतमाल करक धरवो की आइस कपस क पिघलन गलपशयरो क पसकडन ओजोन

िरत म छद कर दन और गलोबल वापमथग जसी खतरनाक ियाथवरणीय समसयाओ क पलए पजममदार ह य िजीिपत ह जो वन-सिदा क पलए और खपनजो क पलए अिािि जगलो का पवनाश कर रह ह य िजीिपत ह जो बाजारो क बटवार और मनाफ की होड क पलए पवनाशकारी यधि लडत ह और सवाथपिक परदरण िदा करन वाल दपनया क पवशालतम उदोग ndash हपरयारो क उदोग को खडा करत ह

अराजकता िजीवादी उतिादन-परणाली का अपनवायथ अनतपनथपहत ततव होती ह मनाफ क पलए गलाकाट होड करत िजीिपत पसफथ अिन मनाफ क बार म सोचत ह व मनषयता क या सवय अिन भी दरगामी भपवषय क बार म नही सोच सकत िजीवादी वयवसरा क दरगामी भपवषय क बार म सोचन का काम िजीिपतयो की मनपजग कमटी यानी सरकार का होता ह िर वह भी िजीिपतयो क दरगामी पहत क बार म इतनी दर तक नही सोच सकती पक िथवी और ियाथवरण को बचान क पलए कारगर कदम उठा सक िजीवादी वयवसराकी परकपत ही ऐसी होती ह पक उसम िमिान-पनरि और मद-पनरि का परचार भी होता ह और बीडी-पसगरट-शराब का भी परचार

होता ह और पबकरी होती ह िजीवादी वयवसरा म हर समसया का समािान अिन-आि म सवय समसया बन जाता ह कीटनाशको-रसायनो क दषपरभाव स बचन क पलए ऑगथपनक फड का परचार होता ह और दखत ही दखत उसकी एक पवराट इनडसटी खडी हो जाती ह मनाफा कटन का एक नया कषरि पवकपसत हो जाता ह कलीन एनजषी का शोर मचता ह और सौर ऊजाथ िवन ऊजाथ उतिादन क सकटर म दतयाकार दशी-पवदशी इजारदार घरान िदा हो जात ह िरानी समसया भी मौजद रहती ह और उस दर करन क नाम िर मनाफा कटन का नया सकटर और नयी समसयाए िदा हो जाती ह सौर ऊजाथ और िवन ऊजाथ क उिकरण बनान वाली कमिपनया भी खपनजो क पलए परकपत का अिािि पवनाश करती ह और जमकर हवा-िानी को परदपरत करती ह

कछ सादा जीवन उचच पवचार टाइि लोग परकपत की ओर वािसी का पमतवययी होन का नारा दकर समसया का हल ढढ लना चाहत ह व आिपनकता तकनोलोजी और उिभोतिा-ससकपत स छटकारा िान का सझाव दत ह िहली बात यह पक दोर आिपनकता या तकनोलोजी

का नही ह पवजान और तकनोलोजी का इसतमाल यपद मनाफ को क दर म न रखकर सामापजक पहत को क दर म रखकर होगा तो वह लगातार मानव जीवन को उननत बनान का काम करती रहगी दसरी बात जबतक समाज का िजीवादी ढाचा बना रहगा तबतक हम एक-एक नागररक को उिभोतिा ससकपत स दर करन का आधयापतमक टाइि चाह पजतना आनदोलन चला ल इसस कछ नही होगा हमारी चतना और ससकपत सामापजक िररवश स पनिाथररत होती ह और लोभ-लाभ क सामापजक ढाच को बदल पबना उिभोतिा ससकपत क परभाव को समापत नही पकया जा सकता तीसरी बात आम लोगो की बरी आदतो स ियाथवरण को 1-2 परपतशत ही नकसान होता ह (और व बरी आदत भी अिना सामान बचकर मनाफा कमान क पलए िजीिपत ही िदा करत ह) ियाथवरण को 98-99 परपतशत नकसान िजीवादी उतिादन खपनजो क अपनयपरित दोहन जीवाशम ईिन क इसतमाल मनाफ की होड स जनम पवनाशकारी यधिो और यधि-सामगरी क उतिादन क पवशालतम वपविक उदोगो आपद स होता ह िजीवाद जब ियाथवरण-पवनाश को

(पतज 10 पर जनारी)

मजदर नबगल अपल 2018 9पथी ददवस (22 अपल) कत मौकत पर

अगर हमित पजीवनाद को तबनाह िही ककयना तो पजीवनाद पथी को तबनाह कर दतगनापयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मकश असीमनापज यो क आपिितय वाल कषरिो

म उनक पखलाफ होन वाली जनता की िहली बगावतो म स एक 75 वरथ िहल 19 अपरल 1943 को वारसा िोलड क यहदी बाड म शर हआ पवदरोह रा यहा कछ सौ बहादर नौजवान यहदी योधिाओ न पसफथ रोड-स छोट हपरयारो क बल िर 29 पदन तक नापजयो क िाच हजार सटॉमथटर िर सपनको का अतयनत वीरता स सामना पकया रा इन वीर नौजवानो न इनम स एक क शबदो म तय पकया रा पक शरिो सपहत मतय शरि रपहत मतय स सदर ह और उनका दढ़ पनशचय रा पक व मरन स िहल अपिक स अपिक फापससटो को मार पगरायग इसपलए यह पवदरोह तभी समापत हो िाया रा जब नाजी फौज न िरी बसती म पवदरोपहयो क पठकानो वाली इमारतो को ही जलाकर िरी तरह राख कर पदया इस शानदार पवदरोह क वीरोपचत सघरथ न दपनया भर क फापससट पवरोिी सगराम म पररणा की नई जान फकी री इसको आज सभी सवीकार करत ह मगर पजस बात की चचाथ बहत कम होती ह वह यह पक यह कोई सवतःसफतथ बगावत नही री बपलक इस पवदरोह की तयारी और नततव नौजवान कमयपनसटो और अनय वामिरी समहो क फापससट पवरोिी मोचच न पकया रा

िोलड िर कबज क कछ सपताह म ही जमथन नापजयो न वारसा की 4 लाख यहदी आबादी को शर आबादी स

अलग कर 10 फट ऊची दीवारो स पघर एक छोट स बाड म जान को पववश कर पदया रा इसक बाद इसम अनय सरानो स लाय गय 5 लाख और यहपदयो को भी भर पदया गया रा हालत ऐस समझी जा सकती ह पक वारसा शहर की 30 आबादी उसक 26 सरान म ठस दी गई री ढाई मील लमबी इस बसती म इसस िहल पसफथ डढ़ लाख आबादी री कई-कई िररवार एक ही कमर म रहन को मजबर र भोजन की बहद कमी री गरीबी भखमरी और बीमारी चरम िर री 1942 आत-आत हालत यह री पक हर महीन 5 हजार लोग बीमारी व किोरण स जान गवा रह र

लपकन इस पवकट पसरपत म भी फासीवाद क चरररि की सही समझ क अभाव म यहदी नततव की आरपमभक परपतपकरया नापजयो क सार सहयोग और जलम को बदाथशत करत हए वति गजारन की री उनका मानना रा पक समय गजरन क सार यह मसीबत भी गजर जायगी यहा तक पक बसती म गपठत यहदी िरररद नापजयो को यहदी पवरोिी नीपतयो को लाग करन म सहयोग भी कर रही री इसका सवाभापवक िररणाम भारी नाउममीदी और अवसाद का माहौल रा घोर हताशा की पसरपत म कमयपनसट िाटषी और अनय वामिरी समहो न परपतरोि की सामपहक चतना पवकपसत करन और घोर पविपतत क इस वति को सारथक राजनीपतक आनदोलन म बदलन हत बाड म सागठपनक कायषो

की शरआत की भख व घोर हताशा क अनिकार िणथ पदनो म नौजवान सगठनो की इकाइयो न सामापजक-मनोवजापनक सहार का भी काम पकया इनक कायषो म नाजी-पवरोिी सापहतय पवतरण क सार अतयत सीपमत उिलबि भोजन क सामपहक सहभाग क मानवीय सवदना-सहायता क कायथ भी शापमल र जो अवसाद क माहौल म जोश को बनाय रखन म मदद करत र एक नौजवान कमयपनसट डोरा गोलडकॉनथ न पलखा रा बाड क उस कठोर रिासदीिणथ जीवन म पजस पदन मरा अिन सगठन स सिकथ सरापित हआ वह पदन मर पलए सबस परसननता िणथ पदनो म स एक रा

1942 आन तक पवपभनन नौजवान सगठन एक फासीवाद पवरोिी बलॉक गपठत कर चक र इसक घोरणािरि म नाजी कबज क पखलाफ सामानय मागो और सशरि फासीवाद पवरोि क आिार िर यधि िवथ क िॉिलर फट क पवचार क अनसार सभी परगपतशील शपतियो क राषटीय मोचच की अिील री फासीवाद पवरोिी बलॉक न अिन अखबार डर रफ क दो अक भी परकापशत पकय र पजनम नापजयो क पखलाफ जारी सोपवयत परपतरोि की परशसा करत हए बाड वापसयो स लाल सना दारा आसनन मपति तक आशा बनाय रखन का आहान भी रा इस बलॉक क मखय नता सिन म फापससटो क पखलाफ इटरनशनल परिगड म लड चक कमयपनसट पिकस कापटथन र लपकन जन 1942 म

पिकस कापटथन की हतया और नौजवान कमयपनसटो क भारी दमन स यह बलॉक पनपषकरय हो गया इसक कछ महीन बाद यहदी लडाक सगठन का पनमाथण हआ पजसन पवपभनन परपतरोिी कारथवाइया शर की पजसम नापजयो क सहयोगी यहदी िपलसवालो िर हमल भी शापमल र इस वति तक बडी तादाद म बाड स यहपदयो को यातना कनदरो म ल जान का काम भी शर हो चका रा 18 जनवरी 1943 को ऑपविटज क यातना कनदर म ल जाय जात कपदयो म पमलकर सगठन क योधिाओ न नाजी सपनको िर हमला बोल पदया पजसम कई नाजी सपनक मार गए और कछ कदी भागन म सफल हए

कछ समय बाद जब यह सिष हो चका रा पक पहटलर का इरादा सभी यहपदयो का सफाया करन का रा तो बाड म अगली नाजी कारथवाई क समय पवदरोह का फसला पकया गया 19 अपरल को एसएस जनरल सटर ि न 5 हजार सपनको क सार बाड म रह रह यहपदयो क अपनतम सफाय क पलए जब वहा परवश पकया तो इस हपरयारबनद परपशपकषत फौज क पखलाफ 220 पवदरोपहयो न मारि पिसतौलो और मोलोतोव कॉकटल क सार छतो तहखानो आपद स आकरमण शर कर पदया पजसम काफी नाजी सपनक मार गय बौखलाय नापजयो न लडन क बजाय परपतरोि क कनदरो को वयवपसरत रि स एक-एक कर आग जलाकर राख करना शर पकया एक पवदरोही क

शबदो म - हम फापससटो स नही आग की लिटो स िरापजत हए हालापक अपरल 1943 क अनत तक सभी पवदरोही समह एक सार काम करन का सयोजन खो चक र पफर भी नततवकारी समह दारा पघर जान िर 8 मई को सामपहक आतमहतया कर पलय जान तक वयािक परपतरोि जारी रहा 16 मई तक िरा बाडा खणडहर बनाया जा चका रा और मारि 40 पवदरोही ही वहा स जीपवत पनकल िान म कामयाब हए पजनम स कई न बाद म 1944 म वारसा शहर की नाजी पवरोिी आम बगावत म भी भाग पलया और अिना बपलदान पदया

इस भयानक सघरथ क बीच भी य नौजवान पवदरोही अिन समाजवादी पवचारो-आदशषो िर अपडग रह भीरण लडाई क बीच भी 1 मई 1943 को मई पदवस का आयोजन एक उललखनीय घटना री इस मई पदवस क आयोजन म भाग लन वाल मारक एडलमान न इसका वणथन इन शबदो म पकया ह -

हम जानत र पक उस पदन िरी दपनया म मई पदवस मनाया जा रहा रा और हर जगह सारथक सशति शबद बोल जा रह र लपकन कभी भी इटरनशनल इतनी पभनन इतनी रिासद पसरपतयो म नही गाया गया होगा जबपक एक िरा राषट मतय का पशकार हो रहा रा जल हए खणडहरो म गीत क बोल गजायमान हो रह र य बता रह र पक बाड म मौजद समाजवादी नौजवान अब भी लड रह

वनारसना घतटटो कत िौजवनािो कना फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह हम पतररत करतना रहतगना

(पतज 12 पर जनारी)

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 10: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

रोकन क पलए और इसक परभाव स लोगो को बचान क पलए कछ करता ह तो उस भी मनाफा कटन का सािन बना दता ह दखत-दखत हवा और िानी शधि करन वाली मशीनो स बाजार िट जाता ह नपदयो को साफ करन वाली बडी-बडी मशीनो का उतिादन होन लगता ह नए जगल लगान क नाम िर ठकदार और सरकारी अमल-चाकर चादी काटन लगत ह तब कछ नासमझ भोल-भल लोगो की मखथता िजीवादी वयवसरा क काम आती ह य सत-महातमा टाइि लोग आम जनता को मोपबलाइज करक नपदयो-तालाबो की सफाई म लग जात ह व पजतना साफ करत ह िजीवादी उतिादन उसस

कई गना अपिक गदा करता ह इसतरह जनता स मफत व िजीवाद की गद साफ करात ह और जनता को या परकपत को इसका कोई लाभ भी नही पमलता य नकनीयत किमडक इस बात को नही समझ िात पक िरी वयवसरा ही यपद परदरण क पलए पजममदार ह तो इस वयवसरा क भीतर जनशपति को जागत और लामबनद करक रोडा परदरण अगर व दर भी कर लग तो इसस कछ नही होगा उलट उनका यह सदपरयास शासक वगथ और इस वयवसरा क पलए एक सिीड-रिकर का एक सफटी-वालव का और एक पवभरम िदा करन वाल िरद का ही काम करगा इतनी शपति यपद व यह परचार करन म लगात पक ियाथवरण-पवनाश का मखया कारण मनाफ िर

पटकी उतिादन की वयवसरा ह अतः यपद िरती को बचाना ह तो िजीवाद को एक गहरी करि म दफन करना होगा तो उनका शरम कछ सारथक भी होता

ियाथवरण पवनाश िर िजीवाद-सामाजयवाद क ककमथ कटघर म न आय इसक पलए दशी-पवदशी िजीिपतयो की एजपसयो और टसटो स पवतत-िोपरत एनजीओ िथवी पदवस खब जोर-शोर स मनात ह व ियाथवरण पवनाश क पलए जगलो क कटन परकपत क अपनयपरित दोहन रसायनो िर पनभथर खती जीवाशम ईिन क इसतमाल और पफजलखचथ उिभोतिा-ससकपत आपद की खब बात करत ह िर यह कततई नही बतात पक इसक पलए िजीिपतयो की मनाफाखोरी और िजीवादी

वयवसरा पजममदार ह िजीिपतयो की दानशीलता क भरोस चलन वाल कलीन पभखमगो की य ससराए भला ऐसा कर भी कस सकती ह ियाथवरण-सिारवाद का खोमचा सजाय य लोग दरअसल िजीवादी पवभरम को ही माल क रि म बचत ह य िजीवादी वयवसरा की सरकषा-िपति िोख की टटी और सिीड-रिकर का काम करत ह यह एनजीओ रिाड परगपतशीलता पबना महनताना पदय िजीवाद की गनदगी जनता स साफ करवाती ह

ियाथवरण का सवाल सामापजक-आपरथक वयवसरा स जडा हआ ह िजीवादी मनाफ की अिी हवस और होड उतिादक मनषय क सार ही परकपत को भी पनचोड रही ह िरती क

ियाथवरण को बचाना ह तो िजीवाद को दफनाना होगा िजीवादी समाज म जनता को यपद वयवसरा-सजग बनाए पबना ियाथवरण-सजग बनाया जाएगा तो होगा यह पक िजीवाद दारा चारो ओर भर दी गयी गनदगी को जनता ियाथवरण बचन की पचता स सराबोर होकर रोडा-बहत साफ करती रहगी तापक िजीवाद उस पफर गदा कर सक यापन ियाथवरण-सिारवाद स परररत लोग िजीवाद को रोडा और रिीपडग सिस और रिीपदग सिस महया करान स अपिक कछ भी नही करत इसीपलय सामाजयवापदयो और दशी िजीिपतयो दारा पवतत-िोपरत एनजीओ नटवकथ ियाथवरण को लकर िथवी पदवस िर इतना पचपतत हो जाता ह

10 मजदर नबगल अपल 2018

सरापित की गयी बताया गया पक इसस सकटगरसत उदोगो को नय अपिक िजी व परभावी परबिन वाल मापलकान म हसतातररत करन स िनजषीवन पमलगा िजी का बहतर परयोग होगा और उदोगो क िनजषीवन स शरपमको क रोजगार भी सरपकषत होग िर नतीजा कया हआ अब तक जो कजथदार कमिपनया इन नई अदालतो म िनजषीवन क पलए भजी गयी ह उनम स इलकटो सटील या पबनानी सीमट जस कछ पगन-चन ही ह पजनक पलए उनम लगी कल िजी तो दर रही पसफथ बको क बकाया कजथ की रापश स भी बहत कम अराथत लगभग औन-िौन दामो िर कछ खरीदार परापत हए ह और उनक िनजषीवन की कोई सभावना अभी भी शर ह यदपि उसम भी अभी काननी पववादो क लमब चलन की शका बनी हई ह शर अपिकाश ऋणगरसत उदोग इन दामो िर भी कोई खरीदार नही िा रह ह और उनकी जमीन इमारतो मशीनो लनदाररयो को कबाड क दामो िर बचकर उनह करि म अपतम रि स दफना दन का काम पफलहाल जारी ह इकोनॉपमक टाइमस की 20 अपरल की ररिोटथ क अनसार पदवापलया अदालत म गयी कमिपनयो म स 81 को अब तक ऐस ही कबाड-भगार म बचकर बनद पकया जा चका ह तरा और 100 स अपिक इसी कगार िर िहच चकी ह दसरी ओर अब तक एक ऋणदाता कमिनी का भी िनजषीवन अपतम मपजल तक नही िहच िाया ह अभी ऐसी और जो कमिपनया भी पदवापलया अदालत म ह अब तक क तजबच स उनक िररणाम का भी अदाजा लगाया जा सकता ह

िर यह सब पकस कीमत िर हो रहा ह एक कमिनी आलोक इडसटीज का उदाहरण लत ह लगभग 12 हजार पनयपमत कमथचाररयो सपहत 18 हजार कल कपमथयो वाली इस कमिनी िर बको का 29500 करोड रिया बकाया रा सार ही इसक दो लाख शयरिारको की िजी भी लगी री अनमानतः कल िजी कम स कम साठ-सततर हजार करोड रही होगी िर कई परयासो क बाद इसक पलए ररलायस व जएम फाइनशल न 5050 करोड रिय की अपिकतम बोली

लगाई पजस ऋणदाता बको न सवीकार नही पकया अब पदवापलया कानन म समािान की 270 पदन की पनपशचत अवपि 14 अपरल को िरी हो चकी ह और इस कमिनी की समिपततयो को भगार म बचकर अब इस करि म दफना पदया जायगा तरा इसक 18 हजार शरपमक बरोजगार हो जायग शरपमको क शोरण की झलक िान क पलए यह तथय भी जानन लायक ह पक इतनी बडी कमिनी का 18 हजार कपमथयो िर सालाना खचथ 283 करोड ही रा - औसतन 145 लाख सालाना इसम स भी परबनिको को पनकाल द तो शर शरपमको को पदय जान वाल मामली वतन की कलिना की जा सकती ह िर िजीवादी वयवसरा और उसकी मनपजग कमटी मोदी सरकार दारा पदय गय समािान न इन 18 हजार शरपमको उनक िररवारो तरा इनक सहार चलन वाल छोट काम-िि वालो स जीवन का वह सहारा भी छीन पलया ह सार ही इस कमिनी को माल सपलाई करन वाल कई लघ उदोगो म पजनकी नौकरी चली जाएगी वह पगनती हम मालम नही इसी तरह की और सब बनद हो रही कमिपनयो क पकतन शरपमक अिनी जीपवका खो चक ह या खोन जा रह ह उसकी तादाद बहत बडी ह

गहरनातना ऋर सकट लपकन कया इसस ऋण सकट की

पसरपत म कोई सिार आ रहा ह इकरा और पकरपसल दोनो परमख भारतीय रपटग एजपसयो क अनसार बको क कजथ डबन का पसलपसला अभी और तज होगा इस सकट का पशखर अभी दर ह कल एनिीए बको दारा पदए कल कजथ क साढ़ 11 तक िहचन का अनमान ह तीसरी कमिनी कयर रपटगस न 31 माचथ 2017 को 20 लाख करोड रिय का कल कजथ वाली 2314 कमिपनयो का एक पवशरण पकया ह इसक अनसार 478 लाख करोड कजथ अराथत कल कजथ का 24 वाली 578 कमिपनयो का अपरल-पदसबर 2017 की अवपि का बयाज कवरज अनिात 1 स कम रा अराथत इनका कल मनाफा इनकी बयाज की दनदारी स भी कम रा आसानी स समझा जा सकता ह पक इनम स जयादा क कजथ क डब जान

की िरी समभावना ह सार ही बको म बहत सारा पछिा एनिीए भी मौजद ह सावथजपनक कषरि क बको की पसरपत तो अपिक सिष ह लपकन बहतर मीपडया परबनिन वाल पनजी बको म भारी पछिा एनिीए सामन आ रहा ह ररजवथ बक की ऑपडट म िाया गया ह पक एचडीएफसी आईसीआईसीआई यस बक कोटक मपहदरा और इडस इड बक सभी म िाया गया ह पक पिछल दोनो वरषो म इनहोन गलत खात दशाथकर अिन एनिीए पछिाय र और इनकी वासतपवक मारिा कछ मामलो म तो घोपरत मारिा क दोगनी तक िायी गयी इसस भी सिष ह पक डब कजथ की समसया पसफथ सावथजपनक बको की नही बपलक िरी िजीवादी अरथवयवसरा क सकट का िररणाम ह पसरपत इतनी पवकट ह पक कछ मामलो म तो ररजवथ बक न बको को यह भी छट दी ह पक व अिना िरा घाटा एक सार घोपरत न कर बपलक उस चार पतमापहयो म समायोपजत कर पदखाय

निवतश कहना सत आयत पदवापलया कानन की परपकरया स इन

कमिपनयो का िनरधिार कयो समभव नही हो रहा ह इसक पलए अभी की आपरथक पसरपत म पनवश क माहौल को समझना आवशयक ह सटर फॉर मॉनीटररग इपडयन इकोनॉमी दारा परकापशत आकडो क अनसार माचथ 2018 म खतम पवततीय वरथ म पवपभनन कमिपनयो दारा 7 लाख 63 हजार करोड रिय की िजी पनवश वाली िवथ योजनाओ क परोजकट रदी की टोकरी म डाल पदय गय इनम स 40 अराथत 3 लाख 33 हजार करोड तो अपतम 3 महीन म ही रद हए अगर अरथवयवसरा म वपधि की हरी कोिल उगती नजर आ रही ह तो ऐसा कयो कयजड डॉट कॉम म परकापशत इपडया रपटगस क मखय अरथशारिी दवदर ित क बयान क अनसार कछ वरथ िहल तक परोजकट म दरी की वजह सही समय िर पनयामको की अनमपत न पमलना रा िर अब िवथ पनिाथररत परोजकट इसपलए रद पकय जा रह ह कयोपक िीमी आपरथक वपधि क कारण बाजार म माग का अभाव ह अराथत मोदी क ईज ऑफ डइग पबजनस म िजीिपतयो को शरम काननो

सपहत सभी तरह क पनयम-कायदो म दी जा रही तमाम ढील क बावजद माग की कमी क चलत नया पनवश ठि ह खास तौर िर सटील और पवदत कषरिो की कमिपनयो िर भारी दबाव ह वस भी कम लागत िर अपिकतम उतिादन क पलए सराई िजी म भारी पनवश की िजीवादी परपतयोपगता क कारण भारतीय कॉिदोरट कषरि का कजथ पिछल वरषो क मकाबल अिन सवदोचच सतर िर ह पजस चकान की कषमता पगरती लाभपरदता की वजह स परभापवत ह िवथ पनिाथररत पनवश योजनाओ को रद करती कमिपनया सकटगरसत कमिपनयो क िनरधिार म रपच कस ल सकती ह

बढती बतरोजगनारी इस आपरथक पसरपत का ही िररणाम

ह पक कछ वरथ िहल तक जहा हम रोजगार सजन की पगरती दर की चचाथ कर रह र वहा अब वासतपवक पसरपत कल रोजगार की पगरती सखया म िररवपतथत हो चकी ह ररजवथ बक और KLEMS न सयति रि स 2015-16 तक का रोजगार डाटा 27 माचथ 2018 को जारी पकया ह इसक अनसार 2012-13 2014-15 और 2015-16 अराथत अपतम 4 म स 3 वरषो म दश म कल रोजगार की तादाद घटी ह 2016 क ही िाचव रोजगार सवचकषण क अनसार दश म पसफथ 60 लोग ही ऐस र जो साल भर रोजगार िा सक र 40 अराथत हर 5 म स 2 तलाश क बावजद आपशक रोजगार िा सक र या पबलकल नही इसकी मखय वजह ह पक कपर म सराई िजी म पनवश (यरिीकरण पवदतीकरण) बढ़न स उसम 2005-06 स ही शरम शपति की जररत अराथत कल रोजगार की तादाद पनरतर कम हो रही ह लपकन कछ वरषो तक कपर स फालत हए शरपमक उदोग या सवा कषरि खास तौर िर पनमाथण कषरि म खि जा रह र हालापक इन कषरिो म पमलन वाली मजदरी बमपशकल जीन लायक री लपकन अब उदोग-सवा कषरि भी इतन नय रोजगार सपजत नही कर रह पक कपर स अपतररति हए शरपमको को खिा सक उिरोति वरषो म रोजगार म यह पगरावट तब री जब अरथवयवसरा म तज वपधि बताई जा रही री इसक बाद क दो

सालो म तो नोटबदी और जीएसटी क असर स बडी मारिा म पनमाथण उदोग सवा कषरिो म करोडो नौकररया कम होन की बात िहल ही जगजापहर ह

सार ही बरोजगारो की भारी फौज क चलत माग और िपतथ क पनयम स शरम शपति का बाजार मलय भी पगरा ह अभी जो रोजगार ह भी व सराई नही बपलक उसस 50-60 कम मजदरी वाल ठकाअसराई रोजगार ह 22 माचथ की पमट की ररिोटथ क अनसार 1997-98 म सगपठत कषरि क पवपनमाथण उदोग म पसफथ 16 ठका शरपमक र 2014-15 म 35 हो गए अब मोदी सरकार न तो इसको और जोर स बढ़ावा दना शर पकया ह अराथत इन 17 वरषो म तमाम तज वपधि क दावो क बीच पनयपमत शरपमको की तादाद म पसफथ आिा परपतशत सालाना वपधि हई कछ उदोगो म तो अब ठका शरपमक आि स भी जयादा ह वजह - ठका शरपमको को पनयपमत शरपमको स औसतन 60 कम मजदरी दी जाती ह

साफ ह पक इस पसरपत म उिभोग माग और उतिादक शपतियो म पनवश माग क दोनो सोतो क पवसतार की समभावनाए बहत कम ह इसस हम समझ सकत ह पक िजीवाद क अपनवायथ िररणाम अपत-उतिादन क सकट न उदोग क एक बड पहसस को पदवापलया कर उसम लगी सराई िजी (उतिादक शपति या कषमता) को नष कर पदया ह पजसस शर जीपवत बच िजीिपतयो को एक तातकापलक जीवनदान पमला ह और उनकी सरापित उतिादन कषमता का परयोग रोडा बढ़ सकता ह इस ही िजीवादी अरथशारिी वपधि की हरी कोिल बता रह ह पकनत इसका नतीजा बड िमान िर बरोजगारी ह पफर यह तातकापलक राहत की सास सकट क मल कारण को समापत नही करती िजीवाद क आपरथक पनयम स शर िजीिपतयो क बीच भी शरपमको को कम कर सराई िजी म अपिक पनवश की यह परवपतत काम करती ही रहगी इसपलए बाजार माग स अपिक उतिादन का सकट इसस हल होन वाला नही ह बपलक यह शीघर ही सकट क एक नय और भी गहन व मरणातक दौर को जनम दगा

सरकनारी आकडो की हवनाबनाजी और अरषवयवसना की िसनाहनाल असललयत(पतज 1 सत आगत)

(पतज 9 सत आगत)पयनाषवरर को लतकर एिजीओ-पथरयो की रोरी लचननाओ सत िही बचतगी यत िरती

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 11: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मजदर नबगल अपल 2018 11

वलादीपमर इलयीच लपनन मजदर वगथ क महान नता पशकषक और दपनया की िहली सफल मजदर करापनत क नता र लपनन क नततव म सोपवयत सघ म िहल समाजवादी राजय की सरािना हई री पजसन दपनया को पदखा पदया पक शोरण-उतिीडन क बनिनो स मति होकर महनतकश जनता कस-कस चमतकार कर सकती ह

लपनन का जनम 22 अपरल 1870 को रस क पसमबीसकथ नामक एक छोट-स शहर म हआ रा उनक पिता पशकषा पवभाग म अपिकारी र उन पदनो रस म जारशाही का पनरकश शासन रा और मजदर तरा पकसान आबादी भयकर शोरण और उतिीडन का पशकार री दसरी ओर िजीिपत जागीरदार और जारशाही क अफसर ऐयाशीभरी पजनदगी पबतात र लपनन क बड भाई अलकसानदर एक करापनतकारी सगठन क सदसय र पजसन रसी बादशाह

(पजस जार कहत र) को मारन की कोपशश की री लपनन 13 वरथ क र तभी अलकसानदर को जार की हतया क परयास क जमथ म फासी िर चढ़ा पदया गया रा उनकी बडी बहन आनना को भी पगरफ़तार कर जल म डाल पदया गया रा इन घटनाओ न उनक पदलो-पदमाग िर गहरा असर डाला और पनरकश जारशाही क परपत उनक मन म गहरी नफरत भर दी लपकन सार ही उनह यह भी लगन लगा पक अलकसानदर का रासता रसी जनता की मपति का रासता नही हो सकता

कानन की िढ़ाई करन क दौरान उनहोन पवदापरथयो क पवरोि परदशथनो म पहससा लना शर पकया और कालथ माकसथ तरा फडररक एगलस की रचनाओ स उनका िररचय हआ रसी करापनतकारी पवचारक पलखानोव दारा बनाय गय lsquoशरपमक मपति दलrsquo म वह सपकरय हए पफर व रस क सबस बड

औदोपगक शहर सणट िीटसथबगथ आकर मजदरो को सगपठत करन क काम म जट गय उनहोन अिन सापरयो क सार पमलकर मजदरो क कई अधययन मणडल शर पकय और पफर lsquoशरपमक मपति क पलए सघरथ की सणट िीटसथबगथ लीगrsquo नामक सगठन म सबको एकजट पकया लपनन न उस समय करापनतकारी आनदोलन म फल गलत पवचारो क पखलाफ सघरथ चलाया और सरापित कर पदया पक एक करापनतकारी िाटषी की अगवाई म मजदर करापनत क दारा ही रसी जनता की मपशकलो का अनत हो सकता ह उनहोन कहा पक मजदरो को कवल अिनी तनख़वाह बढ़वान और कछ सपविाए हापसल करन की लडाई म नही उलझ रहना चापहए बपलक उनह सतता अिन हार म लन क पलए सघरथ करना चापहए

लपनन न बताया पक करापनत करन क पलए मजदर वगथ की एक करापनतकारी िाटषी का होना जररी ह इस िाटषी की रीढ़ ऐस कायथकताथ होन चापहए जो िरी तरह स कवल करापनत क लकय को ही समपिथत हो उनहोन ऐस कायथकताथओ को िशवर करापनतकारी कहा इस िाटषी का पनमाथण एक करापनतकारी मजदर अखबार क माधयम स शर होगा और यह जनता क बीच अिनी जड गहरी जमा लगी उनहोन कहा पक करापनतकारी िाटषी िरी तरह खली होकर काम नही कर सकती उसका कनदरीय ढाचा गपत रहना चापहए तापक िजीवादी सरकार उस खतम नही कर सक अिनी परपसधि िसतक lsquoकया करrsquo म उनहोन सवथहारा वगथ की नय ढग की करापनतकारी िाटषी क सागठपनक उसलो को परसतत पकया पजसक अलग-अलग िहलओ को पवकपसत करन का काम व आपखरी समय तक करत रह

लपनन न अिन पवशरण स यह पदखाया पक सामाजयवाद िजीवाद की अपनतम अवसरा ह और सवथहारा करापनतया सामाजयवाद क यग का अनत कर दगी उनहोन यह भी बताया पक बड-बड िजीवादी दशो न गरीब और पिछड दशो को लटकर उसक एक पहसस स अिन दश क मजदरो को कछ सपविाए द दी ह इस वजह स इगलणड फास जमथनी जस दशो म मजदरो का एक पहससा lsquoअपभजात मजदरrsquo बन गया ह और अब इसक पलए करापनत का कोई मतलब नही रह गया ह ऐस ही मजदरो क बीच नकली लाल झणड वाली सशोिनवादी िापटथयो का आिार ह लपनन न कहा पक पिछड दश सामाजयवाद की जजीर की कमजोर कपडया ह और अब िहल इनही दशो म करापनतया होगी

करापनत क अिन पसधिानत को लपनन न अकटबर करापनत क जररए साकार कर पदखाया करापनत क बाद रातोरात भपम-समबनिी आजािरि जारी करक जमीन िर जमीदारो का मापलकाना पबना मआवज क खतम कर पदया गया और जमीन इसतमाल क पलए पकसानो को द दी गयी पकसानो को लगान स मति कर पदया गया और तमाम खपनज ससािन जगल और जलाशय जनता की समिपतत हो गय सभी कारखान राजय की समिपतत बन गय और तमाम पवदशी कजच जबत कर पलय गय

लपनन क नततव म मजदरो का राज कायम होत ही सारी दपनया क लटर िजीिपत बौखला उठ मजदरो क राज को खन की नपदयो म डबो दन क पलए जनरल दपनपकन कोलचाक वागल और ितलयरा जस जारशाही क िरान जनरलो को फौज-फाट स लस करक

भजा गया इिर-उिर पबखर गय वित गाडषो क दसत और करापनत-पवरोपियो क पवपभनन गटो न जगह-जगह लडाई और मार-काट मचा रखी री इसी बीच अठारह दशो की सनाओ न एक सार रस िर हमला बोल पदया सार लटरो को यकीन रा पक समाजवादी सतता बस कछ ही पदनो की महमान ह मजदरो को भला राज-काज चलाना कहा आता ह लपकन लपनन को मजदरो िर अटट भरोसा रा उनक आहान िर और कमयपनसट िाटषी की अगवाई म सार दश क महनतकश अिन राजय की पहफाजत करन क पलए उठ खड हए 1917 स 1921 तक रस म भीरण गहयधि चलता रहा लपकन आपखरकार शोरको को कचल पदया गया और लपनन की दखरख म समाजवादी पनमाथण का काम जोर-शोर स शर हो गया 1918 म करापनत क दशमनो की सापजश क तहत एक हतयारी दारा चलायी गयी गोपलयो स लपनन बरी तरह घायल हो गय र कछ सपताह बाद वह पफर काम िर लौट आय लपकन कभी िरी तरह सवसर नही हो सक 21 जनवरी 1924 को पसफथ 53 वरथ की उम म लपनन का पनिन हो गया लपनन की मतय क बाद जोसफ सतापलन न उनक काम को आग बढ़ाया उनहोन ही माकसथवादी पवचारिारा को माकसथवाद-लपननवाद का नाम पदया

सवथहारा वगथ क महान पशकषको mdash माकसथ एगलस लपनन सतापलन और माओ तस-तङ क पवचार िजीवाद और सामाजयवाद को खतम कर समाजवाद कायम करन क सघरथ म महनतकश जनता को राह पदखात रहग

मजदर वगष कत महनाि िततना और जशकषक लतनिि

148व जनमददवस (22 अपल) कत अवसर पर

1 पजस पदन लपनन नही रहकहत ह शव की पनगरानी म तनात एक सपनक नअिन सापरयो को बताया म यकीन नही करना चाहता रा इस िरम भीतर गया और उनक कान म पचललाया lsquoइपलचशोरक आ रह हrsquo वह पहल भी नहीतब म जान गया पक वो जा चक ह 2 जब कोई भला आदमी जाना चाहतो आि कस रोक सकत ह उसउस बताइय पक अभी कयो ह उसकी जररतयही तरीका ह उस रोकन का 3 और कया चीज रोक सकती री भला लपनन को जान स 4 सोचा उस सपनक नजब वो सनग शोरक आ रह हउठ िडग वो चाह पजतन बीमार होशायद वो बसापखयो िर चल आयशायद वो इजाजत द द पक

उनह उठाकर ल आया जाय लपकनउठ ही िडग वो और आकरसामना करग शोरको का 5 जानता रा वो सपनक पक लपननसारी उमर लडत रह रशोरको क पखलाफ 6 और वो सपनक शापमल राशीत परासाद िर िाव म और घर लौटना चाहता राकयोपक वहा बाटी जा रही री जमीनतब लपनन न उसस कहा रा अभी यही रको शोरक अब भी मौजद हऔर जब तक मौजद ह शोरणलडत रहना होगा उसक पखलाफजब तक तमहारा वजद हतमह लडना होगा उसक पखलाफ 7 जो कमजोर ह व लडत नही रोड मजबतशायद घट भर तक लडत हजो ह और भी मजबत व लडत ह कई बरस तक

सबस मजबत होत ह व जो लडत रहत ह तापजनदगीवही ह पजनक बगर दपनया नही चलती 9 जब लपनन नही रह औरलोगो को उनकी याद आईजीत हापसल हो चकी री मगरदश रा तबाहो-बबाथदलोग उठकर बढ़ चल र मगररासता रा अपियाराजब लपनन नही रहफटिार िर बठ सपनक रोय औरमजदरो न अिनी मशीनो िर काम बद कर पदया और मरटया भीच ली 10 जब लपनन गयतो य ऐसा रा जस िड न कहा िपततयो सम चलता ह 11 तब स गजर गय िदरह बरसदपनया का छठवा पहससा आजाद ह अब शोरण स

lsquoशोरक आ रह हrsquo इस िकार िरजनता पफर उठ खडी होती हहमशा की तरहजझन क पलए तयार 12 लपनन बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय मवो र हमार पशकषकवो हमार सार पमलकर लडत रहवो बसत हमजदर वगथ क पवशाल हदय म (1935) क टाटा ndash वाद सगीत क सार गायी जान वाली सगीत रचना जो पराय वणथनातमक और कई भागो म होती ह (कछ-कछ हमार पबरहा की तरह) इस क टाटा क सगीत को अपतम रि पदया रा रिष क सारी और महान जमथन सगीतकार हानस आइसलर न इस रचना का आठवा भाग lsquoइकलाबी की शान म कसीदाrsquo रिष न िहलिहल 1933 म गोकषी क उिनयास lsquoमाrsquo िर आिाररत अिन नाटक क पलए पलखा रा

अनवाि सतयम

िदनन क जमदिवस (22 अपरि) पर बटटोलट बरषट की कदवता क कछ अश

लतनिि की मत पर क टनाटना

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 12: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

12 मजदर नबगल अपल 2018

(दसरी ककशत)पिछली पकशत म हमन सोपवयत

सघ म िसतकालयो की सरािना और सोपवयत सरकार की तरफ स इसक फलाव और आम लोगो तक िहचान क पलए उठाय गय कदमो क बार म जाना रा और सार ही दखा रा पक भारत म इसक मकाबल िसतकालयो क पवसतार क पलए परयास बहत ही िीम रह ह और पिछल कछ समय स तो कनदर और राजय सरकारो का इस ओर पबलकल ही धयान नही ह इस बार हम कला क ससरानो का जायजा लग और इसको भी भारत की पसरपत क मकाबल म समझन की कोपशश करग

िहल हम नाटकघरो और पफलम परोजकटरो एव पफलम सकरीनो की बात करग 1917 की समाजवादी करापनत को अजाम दन वाली बालशपवक िाटषी कला की अहपमयत क परपत िरी सचत री वह जानती री पक कला लोगो क आपतमक जीवन को ऊचा उठान उनको ससकत बनान म पकतनी सहायक होती ह अभी जब पसनमा अिन शरआती दौर म ही रा तो हम उसी समय िर ही लपनन का वह परपसधि करन पमलता ह जो उनहोन लनाचासकषी क सार अिनी मलाकात क दौरान कहा रा सब कलाओ म स पसनमा हमार पलए सबस जयादा महतविणथ ह करापनत क फौरन बाद ही स सोपवयत सरकार की तरफ स बालशपवक िाटषी की इस समझ िर अमल का काम भी शर हो गया जलद ही य परयास पकय गय पक िर सोपवयत सघ म ससकपत क कनदरो का पवसतार पकया जाय

हापसल आकडो क मतापबक साल 1914 म (1956 की सीमाओ क मतापबक न पक 1914 क अकल रस की सीमाओ क मतापबक) रस म कल 172 नाटकघर र इनम घमनत नाटकघर कोई नही रा 1949 म यह सखया बढ़कर 696 नाटकघरो तक िहच गयी और 1956 म 508 नाटकघर सोपवयत सघ म मौजद र पजनम स 423 तो अचल (सरायी) र जबपक 85 नाटकघर घमनत र घमनत नाटकघर सरापित करन क िीछ मकसद यह रा पक इनको दर-दराज क इलाको म दगथम इलाको म या पफर यधि क मोचषो िर भी भजा जा सकता रा यह सवाल उठना लापजमी ह पक 1949 म यपद 696 नाटकघर र तो 1956 म यह सखया घटकर 508 कयो रह गयी यहा हम सोपवयत नागररको क सामापजक जीवन क एक अनय पदलचसि िहल स वाबसता होत ह नाटकघरो की सरािना और उनम होत नाटक कोई एकतरफा चीज नही री लोग इन नाटको को दखत और सराहत र और सार ही खराब खल गय नाटको को दशथको की नािसनदगी का सामना भी करना िडता रा इस तरह सोपवयत सघ म नाटको का मचन एक जीवनत अमल रा पजसम दशथक भी बराबर क भागीदार र इसीपलए साल 1948-49 क दौरान कछ नाटकघरो का पवसतार होन स और कछ नाटकघर जो पक दशथको क सौनदयाथतमक सतर िर खर नही उतर सक

र उनक बनद हो जान स हम नाटकघरो की इस कल सखया म पगरावट नजर आती ह सखया म इस पगरावट का लोगो की रपच िर कोई खास असर नही िडा रा बपलक नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया िहल की अिकषा बढ़ती गयी जस पक 1948 म नाटकघरो म जान वाल लोगो की सखया 590 करोड री जो पक 1955 म बढ़कर 78 करोड हो गयी

पजस तरह दर-दराज क और रस स बाहर क इलाको म भी िसतकालयो का परसार पकया गया रा उसी तरह सोपवयत सरकार की तरफ स ऐस इलाको म भी नाटकघरो का पवसतार पकया गया पजनम या तो करापनत स िहल कोई नाटकघर रा ही नही या पफर बहत कम र पमसाल क तौर िर तकथ मपनसतान आमषीपनया ताजीपकसतान पकरगीजसतान म 1914 म एक भी नाटकघर नही रा इन दशो म 1946 तक करमवार 12 28 16 और 10 नाटकघर सरापित पकय जा चक र जबपक उजबपकसतान कजाखसतान जापजथया अजरबजान पलरआपनया और लातपवया म 1914 म करमवार 1 2 3 2 1 और 2 नाटकघर र जो पक 1946 म बढ़कर करमवार 47 41 47 28 11 और 13 हो गय एक अनय पदलचसि बात यह ह पक कल नाटकघरो म स कछ तो खास बचचो और पकशोरो क पलए ही र जस पक 1954 म कल 513 नाटकघरो म स 101 खास बचचो और पकशोरो क पलए ही आरपकषत र

अब बात करत ह पफलम परोजकटरो की सोपवयत सघ म साल 1950 म कल 21600 पसनमाघर र पजनम कल सीट 30 लाख री यह सखया िाच सालो म ही यानी 1955 तक बढ़कर 33300 पसनमाघर और 45 लाख सीट हो गयी सोपवयत सघ की यपद 1956 की सीमाओ को मानकर चल तो यहा 1914 म कल 1510 पफलम परोजकटर र यह सखया 1933 म 27578 और 1954 तक 52288 तक हो गयी री यहा एक और बात गौरतलब ह पक 1941-45 तक यानी यधि क समय म पफलम परोजकटरो की सखया आिी रह गयी री यानी वह यधि म तबाह हो गय र सोपवयत सरकार की यह नीपत री पक िसतकालय सोपवयत सघ क हर कषरि म िहचन चापहए न पक कवल रस या यकरन (जो पक सोपवयत सघ क दो सबस बड भ-भाग र) म ही कपनदरत होकर रह जान चापहए यह नीपत जारशाही क समय स पबलकल उलट री कयोपक उस वकत हर सासकपतक गपतपवपि का कनदर रस या यकरन का इलाका होता रा और उसम भी रस का वह इलाका जो यरोि की सीमाओ क सार लगता रा एपशयाई इलाक को पबलकल अनदखा पकया जाता रा उनको जबरदसती अिन सार नतरी करक रखा जाता रा और उनक ऊिर रसी परभतव कायम करक रखा जाता रा लपकन करापनत क बाद य हालात बदल 1914 म ऐस कई इलाक र जहा या तो एक भी पफलम-परोजकटर नही रा (जस पक तापजपकसतान का इलाका)

या पफर 5-6 परोजकटर ही र (जस पक एसतोपनया तकथ मपनसतान आमषीपनया पकपगथजसतान पलरआपनया आपद) लपकन 1954 तक पसरपत काफी बदली हई री तापजपकसतान म 1933 तक 44 और 1954 तक 361 पफलम-परोजकटर आ चक र यही परगपत ऊिर पगनाय गय इलाको क मामल म भी री पजनको भी सकडो की पगनती म पफलम-परोजकटर परदान पकय गय र

सोपवयत सरकार की ओर स पसनमा को कला क इस सबस नय और उननत रि को पदय गय बढ़ाव क चलत अचछा पसनमा दखना सोपवयत लोगो क जीवन का एक जररी अग बनता जा रहा रा पमसाल क पलए साल 1950 म कल 1143965000 पटकट पबकी री यानी 114 करोड स भी जयादा िाच साल क अनदर ही यह सखया दो गना स जयादा बढ़कर साल 1955 म 2505450000 तक िहच चकी री साल 1959 म सोपवयत सघ की आबादी लगभग 20 करोड री यानी सोपवयत सघ की कल आबादी म स 25 ऐसी री जो हर हफ़त पसनमा दखन जा रही री सोपवयत सघ म अमररका या भारत क मकाबल साल म कम ही पफलम बनती री लपकन उस वकत यह एक आम बात री सवाल पगनती का नही गण का ह गौर करन की बात ह पक यपद सोपवयत सघ म उस वकत कम पफलम बनती री तो पफर इतनी पटकट कस पबक जाती री साफ ह पक सोपवयत सघ म दसर दशो की पफलम पजसम भारत की पफलम भी शापमल री पदखान को तरजीह दी जाती री यह एक सीिा सरल सा तकथ ह लपकन यह उन कतसा-परचारको को एक अचछा जवाब ह जो सोपवयत सघ क ऊिर य दोर लगात ह पक वहा िपशचमी दशो क कला-सापहतय को आन नही पदया जाता रा

सोपवयत सघ क बार म ऊिर पदय गय आकडो क बाद अब जरा भारत की पसरपत िर एक नजर डालत ह हालापक भारत म हम ऐसी ससराओ क बार म कोई भी सरकारी या आपिकाररक आकड नही पमलत नाटय-घरो क बार म भारत क पलए हम कोई आकड नही पमलत लपकन यपद सीि परकषणो क आिार िर अनदाजा लगाना हो तो कोई अचछी तसवीर सामन नही आती पमसाल क तौर िर इस समय चणडीगढ़ म टगोर परयटर और िजाब कला भवन दो ही सरापित नाटय-घर ह यपद िजाब की बात कर तो अमतसर जालनिर िपटयाला वगरा म ही कोई नाटय-घर नजर आत ह लपकन इसक अलावा बाकी िजाब म पसरपत बजर ही ह यपद पदलली को दख तो इतन बड शहर क पलहाज स इनकी सखया बहत ही कम ह यानी िजाब और पदलली और इसक आस-िास की करोडो की आबादी क पलए भी शायद ही 30-35 नाटय-घर होग इसी तरह उततर परदश की कल आबादी इस समय 20 करोड क लगभग ह यानी पजतनी पक सोपवयत सघ की आबादी 1955 म री इतन बड राजय म बमपशकल 50 या 60 नाटय-घर

होग और उनम स भी अनक की हालत खसता ह ऊिर स जो नाटय-घर ह भी उनम भी महनतकश आबादी तो दर पनमन मधयम वगथ क लोग भी शायद ही कभी नाटक दखन जा िात ह

यह बात दरसत ह पक सालाना पफलम बनान क मामल म तो भारत का पसनमा (बालीवड और अनय कषरिीय पसनमा) दपनया म िहल नमबर िर ह लपकन यह पसफथ पगनती क पलहाज स ह गण क पलहाज स नही लपकन इस समय भी पसनमा सकरीन इस दश की आबादी और पवसतार क पलहाज स काफी कम ह भारत म इस समय कल पसनमा सकरीन (मलटीपलकस और पसगल सकरीनो को पमलाकर) 10000 स कछ कम ह लपकन इनका फलाव बहत असमान ह पमसाल क पलए यपद हम पसफथ आनधरपरदश और करल को पगन तो इन दो राजयो म ही 4000 क करीब पसनमा सकरीन ह जबपक िवदोततर म असम को छोडकर सात राजयो - अरणाचल परदश पमजोरम नगालणड पसपककम परििरा मपणिर मघालय म कल पफलम सकरीनो की पगनती पसफथ 27 ही ह और इसम स भी अकल मपणिर म 10 सकरीन ह आबादी क पलहाज स सकरीनो क घनतव की बात कर तो पसरपत और भी साफ होती ह सोपवयत सघ म 1955 म 20 करोड की आबादी क िीछ 33300 पफलम सकरीन री जबपक भारत म इस समय 120 करोड की आबादी क िीछ 10000 सकरीन ही ह यानी सोपवयत सघ म 10 लाख की आबादी क िीछ 166 सकरीन री जबपक भारत म 10 लाख की आबादी क िीछ पसफथ 8 सकरीन ही ह घनतव क मामल म तो अमररका म भी साल 2014 तक 10 लाख क िीछ 125 सकरीन ही री लोगो की पसनमा दखन की रपच को पवचार तो हम दखत ह पक साल 2016 म भारत म कल 220 करोड पटकट पबकी री जबपक सोपवयत सघ म 1955 म 250 करोड स जयादा पटकट पबकी री याद रह पक सोपवयत सघ म 1955 क समय की आबादी स भारत की अब की आबादी भी 6 गना स जयादा ह इतना जरर ह पक 1955 म टलीपवजन की िररघटना अभी आम नही हई री जबपक आज क भारत म इनकी सखया काफी जयादा ह लपकन उस समय

सोपवयत सघ म यपद टीवी आम होता तो पसनमा जान वालो की आबादी बढ़ती या कम होती यह एक कयास की बात हो जायगी अभी हमार िास जो तथय ह उसी क आिार िर बात करना ठीक होगा इतना जरर ह पक सोपवयत समाज म अकल अिन कमरो म बठकर टीवी क आग धयान लगान क बजाय सामापजक जीवन सामापजक मनोरजन को अपिक परोतसापहत पकया जाता भारत म लोगो की पसनमा तक कम िहच की एक वजह पसनमा की पटकटो का महगा होना भी ह सोपवयत सघ म ऐसा नही रा वहा िर चपक पसनमा िर पकसी का पनजी सवापमतव नही रा इसीपलए इसस कोई मनाफा नही कमाया जा सकता रा बपलक इसका मकसद ही लोगो तक इस आिपनक और महान ईजाद को िहचाना रा इसीपलए इतन कम समय म ही वहा िर पसनमाघरो का इतना जाल पबछा और लोगो तक इसकी इतनी िहच हो सकी

िसतकालयो क बाद हमन सोपवयत सघ म करापनतकारी दौर क समय म (सतापलन की मतय तक) नाटय-घरो और पसनमा क कषरि म हई जबरदसत परगपत को दखा इन आकडो क बाद हमन इस पसरपत की भारत क सार तलना की और दखा पक कस भारत म हम 70 साल स िजीवादी रासत िर चलकर भी अभी सोपवयत सघ क महज छततीस सालो क करापनतकारी समाजवादी दौर की उिलपबियो स भी पकतना िीछ ह इसस यही सापबत होता ह पक मानवता की असल बहतरी सापहतय-कला की परगपत की असल बपनयाद पसफथ एक ऐस समाज म रखी जा सकती ह जहा िर पक बहसखयक आबादी की रोटी किडा मकान जसी बपनयादी जररत िरी हो चकी हो और ऐसा समाज एक समाजवादी समाज ही हो सकता ह ना पक िजीवादी समाज जहा पक आबादी का बाहलय अभी भी अिनी बपनयादी जररतो की िपतथ क पलए अिनी पजनदगी का जयादा समय खचथ कर दता ह इस लख क अगल पहसस म हम सोपवयत सघ म हई सासकपतक परगपत क एक अनय िहल को दखग

- मनािव

सोनवयत सघ म सनासनतक पगनत - एक जनायजना

र और मतय का सामना करत हए भी अिन आदशषो को तयाग नही रह र

आज जब इजराइली पजयनवादी खद गाजा म पफपलसतीनी जनता क सार नापजयो जसा बरताव कर रह ह तब वारसा क यहदी बाड क इन फासीवाद पवरोिी योधिाओ की पवरासत बहत अहम ह कयोपक इनहोन अिना सघरथ एक समपरदाय क रि म नही बपलक फासीवाद और िजीवाद क पखलाफ अनतरराषटीयतावादी पवविवयािी सघरथ क अग क रि म सचापलत पकया रा|

एक अपत शपतिशाली आततायी क पखलाफ इन रोड स पवदरोपहयो क इस शानदार सघरथ न फापससटो स लड रह सिन क ररिपबलकनो फ च कमयपनसटो उनक िोपलश दशवापसयो यातना कनदरो म बनद यहपदयो स लकर दपनया भर क फापससट पवरोपियो को पररणा दी री| उनकी कहानी होलोकॉसट की नशसता और नाउममीदी क बीच उस मानवीय वीरता का शानदार उदाहरण ह जो बदतरीन पसरपतयो म भी यह मानन को राजी नही पक आग बढ़न का रासता बनद हो चका ह

फनाधसस-नवरोिी वीरतनापरष नवदोह(पतज 9 सत आगत)

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 13: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

यह गारा आिम स बस उनक पलए ह जो पजनदगी स पयार करत ह और जो आजाद इनसानो की तरह जीना चाहत ह आि सबक पलए नही आिम स बस उनक पलए जो हर उस चीज स नफरत करत ह जो अनयायिणथ और गलत ह जो भख बदहाली और बघर होन म कोई कलयाणकारी ततव नही दखत आिम स उनक पलए पजनह वह समय याद ह जब एक करोड बीस लाख बरोजगार सनी आखो स भपवषय की ओर ताक रह र

यह एक गारा ह उनक पलए पजनहोन भख स तडित बचच या िीडा स छटिटात इनसान की मनद िडती कराह सनी ह उनक पलए पजनहोन बनदको की गडगडाहट सनी ह और टारिीडो क दाग जान की आवाज िर कान लगाय हो उनक पलए पजनहोन फापसजम दारा पबछायी गयी लाशो का अमबार दखा ह उनक पलए पजनहोन यधि क दानव की मासिपशयो को मजबत बनाया रा और बदल म पजनह एटमी मौत का खौफ पदया गया रा

यह गारा उनक पलए ह उन माताओ क पलए जो अिन बचचो को मरता नही बपलक पजनदा दखना चाहती ह उन महनतकशो क पलए जो जानत ह पक फापससट सबस िहल मजदर यपनयनो को ही तोडत ह उन भतिवथ सपनको क पलए पजनह मालम ह पक जो लोग यधिो को जनम दत ह व खद लडाई म नही उतरत उन छारिो क पलए जो जानत ह पक आजादी और जान को अलग-अलग नही पकया जा सकता उन बपधिजीपवयो क पलए पजनकी मौत पनपशचत ह यपद फापसजम पजनदा रहता ह उन नीगरो लोगो क पलए जो जानत ह पक पजम-करोrsquo और परपतपकरयावाद दोनो एक ही पसकक क दो िहल ह उन यहपदयो क पलए पजनहोन पहटलर स सीखा पक यहदी पवरोि की भावना असल म कया होती ह और यह गारा बचचो क पलए सार बचचो क पलए हर रग हर नसल हर आसरा-िमथ क बचचो क पलए उन सबक पलए पलखी गयी ह तापक उनका भपवषय जीवन स भरिर हो मौत स नही

यह गारा ह जनता की शपति की उनक अिन उस पदन की पजस उनहोन सवय चना रा और पजस पदन व अिनी एकता और शपति का िवथ मनात ह यह वह पदन ह जो अमररकी मजदर वगथ का ससार को उिहार रा और पजस िर हम हमशा फखर रहगा

उनोित आपको यह िही बतनायनाhellipसकल म आिन इपतहास की

जो िसतक िढ़ी होगी उनम उनहोन यह नही बताया होगा पक मई पदवस की शरआत कस हई री लपकन हमार अतीत म बहत कछ उदातत रा और साहस स भरिर रा पजस इपतहास क िननो स बहत साविानी स पमटा पदया

गया ह कहा जाता ह पक मई पदवस पवदशी िररघटना ह लपकन पजन लोगो न 1886 म पशकागो म िहल मई पदवस की रचना की री उनक पलए इसम कछ भी बाहर का नही रा उनहोन इस दसी सत स बना रा उजरती मजदरी की वयवसरा इनसानो का जो हशर करती ह उसक परपत उनका गससा पकसी बाहरी सोत स नही आया रा

िहला मई पदवस 1886 म पशकागो नगर म मनाया गया उसकी भी एक िवथिीपठका री पजसक दशयो को याद कर लना अनियति नही होगा 1886 क एक दशक िहल स अमररकी

मजदर वगथ जनम और पवकास की परपकरया स गजर रहा रा यह नया दश जो रोड-स समय म एक महासागर स दसर महासागर तक फल गया रा उसन शहर िर शहर बनाय मदानो िर रलो का जाल पबछा पदया घन जगलो को काटकर साफ पकया और अब वह पववि का िहला औदोपगक दश बनन जा रहा रा और ऐसा करत हए वह उन लोगो िर ही टट िडा पजनहोन अिनी महनत स यह सब समभव बनाया रा वह सबकछ बनाया रा पजस अमररका कहा जाता रा और उनक जीवन की एक-एक बद पनचोड ली

रिी-िरर और यहा तक पक बचच भी अमररका की नयी फकटररयो म हाडतोड महनत करत र बारह घणट का काम का पदन आम चलन रा चौदह घणट का काम भी बहत

असामानय नही रा और कई जगहो िर बचच भी एक-एक पदन म सोलह और अठारह घणट तक काम करत र मजदरी बहत ही कम हआ करती री वह अकसर दो जन रोटी क पलए भी नाकाफी होती री और बार-बार आन वाली मनदी की कडवी पनयपमतता क सार बड िमान िर बरोजगारी क दौर आन लग सरकारी पनरिाजाओ क जररय शासन रोजमराथ की बात री

िरनत अमररकी मजदर वगथ रीढ़पवहीन नही रा उसन यह पसरपत सवीकार नही की उस पकसमत म बदी बात मानकर सहन नही पकया उसन

मकाबला पकया और िरी दपनया क महनतकशो को जझारिन का िाठ िढ़ाया ऐसा जझारिन पजसकी आज भी कोई दसरी पमसाल नही पमलती

1877 म वसट वजषीपनया परदश क मापटथनसबगथ म रल-हडताल शर हई हपरयारबनद िपलस बला ली गयी और मजदरो क सार एक छोटी लडाई क बाद हडताल कचल दी गयी लपकन कवल सरानीय तौर िर जो पचनगारी भडकी री वह जवाला बन गयी बालटीमोर और ओहायो रलमागथ बनद हआ पफर िपनसलवपनया बनद हआ और पफर एक क बाद दसरी रल कमिपनयो का चकका जाम होता चला गया और आपखरकार एक छोटा-सा सरानीय उभार इपतहास म उस समय तक जात सबस बडी रल हडताल बन गया दसर उदोग भी उसम शापमल

हो गय और कई इलाको म यह रल-हडताल एक आम हडताल म तबदील हो गयी

िहली बार सरकार और सार ही मापलको को भी िता चला पक मजदर की ताकत कया हो सकती ह उनहोन िपलस और फौज बलायी जगह-जगह जासस तनात पकय गय कई जगहो िर जमकर लडाइया हई सणट लई म नागररक परशासन क अपिकाररयो न हपरयार डाल पदय और नगर मजदर वगथ क हवाल कर पदया उन लोमहरथक उभारो म पकतन हताहत हए होग उनह आज कोई नही पगन सकता िरनत

हताहतो की सखया बहत बडी रही होगी इस िर कोई भी पजसन तथयो का अधययन पकया ह सनदह नही कर सकता

हडताल आपखरकार टट गयी िरनत अमररकी मजदरो न अिनी भजाए फला दी री और उनम नयी जागरकता का सचार हो रहा रा परसव-वदना समापत हो चकी री और अब वह वयसक होन लगा रा

अगला दशक सघरथ का दौर रा आरमभ म अपसततव का सघरथ और पफर सगठन बनान का सघरथ सरकार न 1877 को आसानी स नही भलाया अमररका क अनक शहरो म शरिागारो का पनमाथण होन लगा मखय सडक चौडी की जान लगी तापक गटपलग मशीनगन उनह अिन पनयनरिण म रख सक एक मजदर-पवरोिी पराइवट

िपलस सगठन पिकरटन एजसी का गठन पकया गया और मजदरो क पखलाफ उठाय गय कदम अपिक स अपिक दमनकारी होत चल गय वस तो अमरीका म दषपरचार क तौर िर लाल खतर शबद का इसतमाल 1830 क दशक स ही होता चला आया रा लपकन उस अब एक ऐस डरावन हौव का रि द पदया गया जो आज परतयकष तौर िर हमार सामन ह

िरनत मजदरो न इस चिचाि सवीकार नही पकया उनहोन भी अिन भपमगत सगठन बनाय भपमगत रि म जनम सगठन नाइटस ऑफ लबर क सदसयो की सखया 1886 तक 700000 स जयादा हो गयी री नवजात अमररकन फडरशन ऑफ लबर का मजदर यपनयनो की सवपचछक ससरा क रि म गठन पकया गया समाजवाद पजसक लकयो म एक लकय रा यह ससरा बहत तज रफ़तार स पवकपसत होती चली गयी यह वगथ-सचत और जझार री और अिनी मागो िर टस-स-मस न होन वाली री एक नया नारा बलनद हआ एक नयी दो टक ससिष माग िश की गयी आठ घणट काम आठ घणट आराम आठ घणट मनोरजन

1886 तक अमररकी मजदर नौजवान योधिा बन चका रा जो अिनी ताकत िरखन क पलए मौक की तलाश कर रहा रा उसका मकाबला करन क पलए सरकारी शरिागारो का पनमाथण पकया गया रा िर व नाकाफी र पिकरटनो का पराइवट िपलस दल भी काफी नही रा न ही गटपलग मशीनगन सगपठत मजदर अिन कदम बढ़ा रहा रा और उसका एकमारि जझार नारा दश और यहा तक पक िरती क आर-िार गज रहा रा एक पदन म आठ घणट का काम mdash इसस जरा भी जयादा नही

1886 क उस जमान म पशकागो जझार वामिकषी मजदर आनदोलन का कनदर रा यही पशकागो म सयति मजदर परदशथन क पवचार न जनम पलया एक पदन जो उनका पदन हो पकसी और का नही एक पदन जब व अिन औजार रख दग और कनि स कनिा पमलाकर अिनी शपति का परदशथन करग

िहली मई को मजदर वगथ क पदवस जनता क पदवस क रि म चना गया परदशथन स काफी िहल ही आठ घणटा सघ नाम की एक ससरा गपठत की गयी यह आठ घणटा सघ एक सयति मोचाथ रा पजसम अमररकन फडरशन ऑफ लबर नाइटस ऑफ लबर और समाजवादी मजदर िाटषी शापमल र पशकागो की सणटल लबर यपनयन भी पजसम सबस अपिक जझार वामिकषी यपनयन शापमल री इसस जडी री

पशकागो स हई शरआत कोई

मजदर नबगल अपल 2018 13

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िही

(पतज 14 पर जनारी)

अनररनाषटीय मजदर ददवस (1 मई) कत अवसर पर

ndash हनावरष फनास ndashवरव 1947 क मई दिवस क अवसर पर दिखा गया परदसदध अमररकी उपयासकार हाव व फाट का यह िख

मई दिवस की गौरवशािी परमपराओ की याि एक ऐस समय म करता ह जब अमररका म िमब सघरषो स हादसि मजिर अदधकारो पर हमिा बोिा जा रहा था आज भारत म िशी-दविशी पजी की दमिी-जिी ताकत न शरम पर जबरित हमिा बोि दिया ह ऐस म यह िख आज भारत क मजिरो क दिए दिखा गया महसस होता ह और मई दिवस की यह गाथा उतसाह और जोश स भर िती ह इसका अनवाि 1946 क नौसना दवदोह म शादमि रह lsquoमजिर दबगिrsquo क वयोवकदध सहयोगी सरद कमार न दकया था mdash स

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 14: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

14 मजदर नबगल अपल 2018

(पतज 13 सत आगत)

यह एक गनारना हhellip पर आप सबकत ललए िहीमामली बात नही री मई पदवस की िवथवला म एकजटता क पलए आयोपजत सभा म 25000 मजदर उिपसरत हए और जब मई पदवस आया तो उसम भाग लन क पलए पशकागो क हजारो मजदर अिन औजार छोडकर फकटररयो स पनकलकर माचथ करत हए जनसभाओ म शापमल होन िहचन लग और उस समय भी जबपक मई पदवस का आरमभ ही हआ रा मधय वगथ क हजारो लोग मजदरो की कतारो म शापमल हए और समरथन का यह सवरि अमररका क कई अनय शहरो म भी दोहराया गया

और आज की तरह उस वकत भी बड िजीिपतयो न जवाबी हमला पकया mdash रतििात आतक नयापयक हतया को जररया बनाया गया दो पदन बाद मकापमथक रीिर कारखान म जहा हडताल चल रही री एक आम सभा िर िपलस न हमला पकया उसम छह मजदरो की हतया हई अगल पदन इस जघनय कारथवाई क पवरधि ह माकच ट चौक िर जब मजदरो न परदशथन पकया तो िपलस न उन िर पफर हमला पकया कही स एक बम फ का गया पजसक फटन स कई मजदर और िपलसवाल मार गय इस बात का कभी िता नही चल िाया पक बम पकसन फ का रा इसक बावजद चार अमररकी मजदर नताओ को फासी द दी गयी उस अिराि क पलए जो उनहोन कभी पकया ही नही रा और पजसक पलए व पनददोर पसधि हो चक र

इन वीर शहीदो म स एक ऑगसट सिाइस न फासी क तखत स घोरणा की

एक वकत आयगा जब हमारी खामोशी उन आवाजो स जयािा ताकतवर दसदध होगी दजनका तम आज गिा घोट रह हो समय न इन शबदो की सचचाई को परमापणत कर पदया ह पशकागो न दपनया को मई पदवस पदया और इस बासठव मई पदवस िर करोडो की सखया म एकरि दपनयाभर क लोग ऑगसट सिाइस की भपवषयवाणी को सच सापबत कर रह ह

पशकागो म हए परदशथन क तीन वरथ बाद ससारभर क मजदर नता बासतीय पकल िर िाव (पजसक सार फासीसी करापनत की शरआत हई) की सौवी सालपगरह मनान क पलए िररस म जमा हए एक-एक करक अनक दशो क नताओ न भारण पदया

आपखर म अमरीपकयो क बोलन की बारी आयी जो मजदर हमार मजदर वगथ का परपतपनपितव कर रहा रा खडा हआ और पबलकल सरल और दो टक भारा म उसन आठ घणट क कायथपदवस क सघरथ की कहानी बयान की पजसकी िररणपत 1886 म ह माकच ट का शमथनाक काणड रा

उसन पहसा खरजी बहादरी का जो सजीव पचरि िश पकया उस सममलन म आय परपतपनपि वरषो तक नही भल सक उसन बताया पक िासथनस न कस मतय का वरण पकया रा जबपक उसस कहा गया रा पक अगर वह अिन सापरयो स गदारी कर और कषमा माग तो उस फासी नही दी जायगी उसन शरोताओ को बताया पक कस दस आयररश खान मजदरो को िनपसलवपनया म इसपलए फासी दी गयी री पक उनहोन मजदरो क सगपठत होन क अपिकार क पलए सघरथ पकया रा उसन उन वासतपवक लडाइयो क बार म बताया जो मजदरो न हपरयारबनद पिकरटनो स लडी री और उसन और भी बहत कछ बताया जब उसन अिना भारण समापत पकया तो िररस कागरस न पनमनपलपखत परसताव िास पकया

कागरस फसला करती ह पक राजयो क अपिकाररयो स कायथ पदवस को काननी ढग स घटाकर आठ घणट करन की माग करन क पलए और सार ही िररस कागरस क अनय पनणथयो को पकरयापनवत करन क पलए समसत दशो और नगरो स महनतकश अवाम एक पनिाथररत पदन एक महान अनतरराषटीय परदशथन सगपठत करग चपक अमररकन फडरशन ऑफ लबर िहली मई 1890 को ऐसा ही परदशथन करन का फसला कर

चका ह अत यह पदन अनतरराषटीय परदशथन क पलए सवीकार पकया जाता ह पवपभनन दशो क मजदरो को परतयक दश म पवदमान िररपसरपतयो क अनसार यह परदशथन अवशय आयोपजत करना चापहए

तो इस पनशचय िर अमल पकया गया और मई पदवस िर ससार की िरोहर बन गया अचछी चीज पकसी एक जनता या राषट की समिपतत नही होती एक क बाद दसर दश क मजदर जयो-जयो मई पदवस को अिन जीवन अिन सघरषो अिनी आशाओ का अपवभाजय अग बनात गय व मानकर चलन लग पक यह पदन उनका ह और यह भी सही ह कयोपक िथवी िर मौजद समसत राषटो क बरकस हम राषटो का राषट ह सभी लोगो और सभी ससकपतयो का समचचय हऔर आज कत मई ददवस की कना नवशतरतना ह

पिछल मई पदवस गत आिी शताबदी क सघरषो को परकाश-सतमभो की भापत आलोपकत करत ह इस शताबदी क आरमभ म मई पदवस क ही पदन मजदर वगथ न िरायी िरती को हडिन की सामाजयवादी कारथवाइयो की सबस िहल भतसथना की री मई पदवस क ही अवसर िर मजदरो न नवजात समाजवादी राजय सोपवयत सघ का समरथन करन क पलए आवाज बलनद की री मई पदवस क अवसर िर ही हमन अिनी भरिर शपति स असगपठतो क सगठन का समारोह मनाया रा

लपकन बीत पकसी भी मई पदवस िर कभी ऐस अपनषसचक लपकन सार ही इतन आशा भर भपवषय-सकत नही पदखायी पदय र पजतना पक आज क मई पदवस िर हो रहा ह िहल कभी हमार िास जीतन को इतना कछ नही रा िहल कभी हमार खोन को इतना कछ नही रा

जनता क पलए अिनी बात कह िाना आसान नही ह लोगो क िास अखबार या मच नही ह और न ही सरकार म शापमल हमार चन गय

परपतपनपियो की बहसखया जनता की सवा करती ह रपडयो जनता का नही ह और न पफलम बनान वाली मशीनरी उसकी ह बड कारोबारो की इजारदारी अचछी तरह सरापित हो चकी ह काफी अचछी तरह mdash लपकन लोगो िर तो पकसी का एकापिकार नही ह

जनता की ताकत उसकी अिनी ताकत ह मई पदवस उसका अिना पदवस ह अिनी यह ताकत परदपशथत करन का पदन ह कदम स कदम पमलाकर बढ़त लाखो लोगो की कतारो क बीच अलग स एक आवाज बलनद हो रही ह यह वकत ह पक व लोग जो अमररका को फापसजम क हवाल करन िर आमादा ह इस आवाज को सन

उनह यह बतान का वकत ह पक वासतपवक मजदरी लगभग िचास परपतशत घट गयी ह पक घरो म अनाज क कनसतर खाली ह पक यहा अमररका म अपिकापिक लोग भख की चिट म आ रह ह

यह वकत ह शरम पवरोिी काननो क पखलाफ आवाज बलनद करन का दो सौ स जयादा शरम पवरोिी काननो क पवियक कागरस क समकष पवचारािीन आ रह ह जो यकीनन मजदरो को उसी तरह तोड डालन क रासत खोल दग पजस तरह पहटलर क नाजीवाद न जमथन मजदरो को तोड डाला रा

सगपठत अमररकी मजदरो क पलए आख खोलकर यह तथय दखन का वकत आ गया ह पक यह मजदरो की एकता कायम करन की आपखरी घडी ह वरना बहत दर हो जायगी और एकताबधि करन क पलए सगपठत मजदर रहग ही नही

आि यहा िढ़ रह ह गारा उन लोगो की जो बारह स िनदरह घणट रोज काम करत र आि िढ़ रह ह गारा उस सरकार की जो आतक और पनरिाजाओ क बल िर चल रही ह

यह ह उन लोगो का लकय जो आज शरपमको को चकनाचर करना चाहत ह व अिन अचछ पदनो को पफर वािस

लाना चाहत ह इसका सबत यनाइटड माइन क खपनक मजदरो क मामल म सपरीम कोटथ का फसला ह आि जब मई पदवस क अवसर िर माचथ करग तो आि उनह अिना जवाब दग

वकत आ गया ह यह समझन का पक अमररकी सामाजय क आहान का यनान तकषी और चीन म हसतकषि स कया ररशता ह सामाजय की कीमत कया ह जो दपनया िर राज कर दपनया को बचान क पलए चीख रह ह उनह दसर सामाजयो क अजाम को याद करना चापहए उनह यह आकना चापहए पक पजनदगी और िन दोनो अरषो म यधि की कया कीमत होती ह

वकत आ गया ह यह दखन क पलए जाग उठन का पक कमयपनसटो क िीछ पशकारी कतत छोड जान का कया अरथ ह कया एक भी ऐसा कोई दश ह जहा कमयपनसट िाटषी को गरकाननी घोपरत पकया जाना फापसजम की िवथिीपठका न रहा हो कया ऐसा कोई एक भी दश ह जहा कमयपनसटो को रासत स हटात ही मजदर यपनयनो को चकनाचर न कर पदया गया हो

वकत आ गया ह पक हम हालात की कीमत को समझ कमयपनसटो को परतापडत करन क अपभयान की कीमत रा सगपठत मजदरो को पठकान लगाना mdash उसकी कीमत ह फापसजम और आज ऐसा कौन ह जो इस बात को सवीकार नही करगा पक फापसजम की कीमत मौत ह

मई दिवस इस िश क समत वतततादपरय नागररको क दिए परदतगादमयो को जवाब िन का वकत ह किम दमिाकर आग बढत हए िाखो-िाख िोगो की एक ही आवाज बिि हो रही ह mdash मई दिवस परिशवन म हमार साथ आइय और मौत क सौिागरो को अपना जवाब िीदजय

सोचना अघोघ को यह सब सोचना पकसी जख़म को करदन स कम नही नजर आ रहा उस पदन की घटना क बाद दोनो भाई आिस म कभी बात नही कर िाय जीवन की आिािािी क कारण दोनो भाइयो की िाराए बदल गयी री अब सब समझ म आ रहा रा पमल म काम करन वाल सभी मजदर र लपकन कब पहनद-मपसलम या जापतयो म बट गय िता भी नही चला

अब महसस हो रहा ह पक रोजी-रोटी स बडा मदा मपनदर को बनान क पलए न जान पकतनी पनयोपजत तयारी की गयी ह शायद इस बात का लोग अनदाजा कभी नही लगा सक ग और हम पबना तयारी क मजदर आनदोलन को सफल बनान की नाकाम कोपशश कर रह र य तो भला हो मासटर रतन पसह का पजनकी वजह स हम जस यवा बालक िापमथक

कटरता स बच गय वरना आज हमार सभी दोसत मजदर आनदोलन का झणडा उठान की जगह मपनदर आनदोलन का झणडा उठात

खर मजदरो न लमबी लडाई लडी और पमल पफर स चाल हो गयी सभी को लगा पक शायद यह हमार आनदोलन की वजह स चाल हई ह लपकन कारण एक रा पफर स पनजी हारो म िागा पमल को सौिना यहा यह बात सिष समझ म आ गयी पक दपनया का सबस बडा सगठन होन का दावा करन वाल लोग मपनदर आनदोलन तो चला सकत ह लपकन मजदरो की पजनदगी स उनका कोई लना-दना नही यही स अघोघ क जीवन म एक नया पवचार का जनम लना शर कर दता ह

अब यह पमल बड सठ क िास जा चकी री नय-नय बहान बनाकर बढ़ अिापहज और बीमार मजदरो को

पनकाला जान लगा इस परपकरया को अफसर लोग छटनी कह रह र

पमल मापलक न िहली बार िागा पमल क मजदरो की मपडकल जाच करायी उसी ररिोटथ म िता चला पक न पसफथ पमल म काम करन वाल मजदर खासी फफड की बीमारी और दम की चिट म ह बपलक उस पमल की जद म आन वाला परतयक नागररक दम जसी बीमारी का पशकार ह अघोघ और उसक पमरिो को िहली बार िता चला रा पक मजदरो को खान क पलए गड कयो पदया जाता रा सोलह बरस क बाद िता चला पक रई का महीन स महीन कचरा भी गड खान स अनदर चला जाता ह

नय मापलक न बहत लोगो को पनकाल भी पदया लपकन वह छह महीन स जयादा पमल नही चला सका और पफर िागा पमल बनद कर दी पमल बनद होन स िहल पकसी िाटषी का झणडा मजदरो

क बीच नही पदखायी दता रा पकनत पमल बनद होत ही लाल रग का झणडा हमशा मजदरो की मीपटग म पदखायी दन लगा नील-िील-हर झणडो की सखया िीर-िीर बढ़न लगी लाल झणडो की सखया िीर-िीर कम होन लगी पमल मापलक न मजदर यपनयनो क कछ नताओ को खरीद पलया उनका आिस म झगडा करा पदया िागा पमल समरथक यपनयन आिस म पभड गय उस झगड म अघोघ पसह क पिता क िर म लोह का सररया घस गया

अघोघ क पिता न पकसी की भी पशकायत िपलस या यपनयन म नही की बस इतना ही कहा हम सभी मजदर ह एक-दसर को समझ िान और न समझा िान म नाकाम रह

यह बात भी फल चकी री पक मजदर आिस म झगड नही र बपलक पमल मापलको न उनह आिस म

लडवाया तापक मजदरो की एकता खतम हो जब झगडा हो गया तो पमल मापलक को भी िागा पमल बनद करन का मौका पमल गया और बदनाम हो गया मजदर आनदो लन

सरानीय लोग समझत र पक मजदर यपनयन की वजह स पमल बनद हई ह लपकन मासटर रतन पसह लोगो को पदन-रात समझान म लग रह पक यपनयन की वजह स पमल बनद नही हो रही ह और पसफथ यही पमल बनद हो रही ह बपलक िर दश म किडा पमल और िागा पमल बनद हो रही ह यह सरकार की नीपतयो क कारण बनद हो रही ह लोक कलयाणकारी नीपतयो स िीछ हटन क कारण बनद हो रही ह कछ िजीिपत घरानो को फायदा िहचान क पलए बनद हो रही ह

(पतज 15 सत आगत)

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 15: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मजदर नबगल अपल 2018 15

गाव क लोग भी पकसी न पकसी बहान िागापमल क गट िर घणटो वकत पबताकर पमल चलन की आशा भरी बातो को अिन सार ल जात यह िहली बार नही हआ रा जब यह िागापमल बनद हई ह इसस िहल भी कई बार बनद हो चकी री कछ पदन बाद पफर स चलन लगती री पफर स पजनदगी सरिट दौडन लगती री

लपकन इस बार पमल जयादा ही पदन बनद हो गयी इसी समय राम जनमभपम का मदा भी उठन लगा रा अघोघ पसह घर-घर िचच बाटन और एक-एक रोटी जटान का काम करता रा वह जोर-जोर स नारा भी लगाता रा मपनदर वही बनायग उस याद नही पक उसन ऐसा कयो पकया जबपक दसरी तरफ पमल क मजदर पमल चलान क पलए िरन िर बठ हए र

यह िहली बार दखा गया पक हडताल भी नही हई और पमल बनद हो चकी ह पमल मजदरो की कोई गलती भी नही री न ही पमल मापलक और मजदरो म वतन को लकर झगडा हआ रा मजदर अचछी तरह स जानत ह हर साल कछ-न-कछ बढ़ता ही ह चाह 100 रिय ही कयो न बढ़ पफर सरकारी जसी नौकरी ह फणड बोनस रहना सब पमलता हhellip इसस अचछी जगह िर नौकरी नही पमल सकती इसपलए कभी भी पमल और मजदरो म पववाद भी नही हआ

लमब समय तक पमल बनद होन क कारण कसब म िहली बार ऐसा हो रहा रा हडताल करन वाल मजदरो की सखया लगातार कम हो रही री रग-पबरग झणडो की सखया बढ़ रही री पहि एक झणा मजिरो की आवाज होती थी अब न जान दकतन रगो क झणो क नीच मजिर दबखरकर एकता का गीत गान िग

रोजी-रोटी क मद को छोडकर मपनदर-मपसजद का मदा जयादा बडा बन गया रा दो तरह क समानानतर आनदोलन यहा साफ पदखायी द रह र मजदर आनदोलन और राम मपनदर आनदोलन अखबार म जो खबर आ रही री उनम भी मपनदर आनदोलन की खबर जयादा री इस कसब म होन वाली मपनदर आनदोलन रली की भी कई बार फोटो सपहत खबर आयी लपकन सकडो गावो को आपरथक-सामापजक सख दन वाली िागा पमल और मजदर खबरो स नदारद रा

अघोघ क पिताजी 23 वरथ इसी कमिनी म काम कर चक र उनह बस इस बात का दख ह पक इस उम म कोई दसरा काम कर नही सकत फफड खराब हो चक ह यह अकल अघोघ क पिता की कहानी नही ह बपलक परतयक मजदर की कहानी ह कयोपक इस पमल क

लगभग सभी मजदर काम करत समय न जान पकस रई क महीन कण रोज जो पनगलत र

मासटर रतन पसह मजदर आनदोलन स परतयकष-अपरतयकष रि स जडा हआ रा मजदरो का िलायन रकन का नाम नही ल रहा रा तब उनहोन तय पकया मजदरो क सार पमलकर कछ-न-कछ करना चापहए इस कपठन समय म मासटर जी अघोघ क घर आय

म एक सरकारी नौकर ह सरकार की खाता ह कभी भी सरकार क पखलाफ आवाज नही उठा सकता लपकन तम अिन दोसतो और पिता को सार लकर एक काम जरर कर सकत हो

कया उस काम का िसा पमलगा अघोघ न कहा

नही लपकन यपद हम लोग सफल हो गय तो सबका फायदा होगा रतन पसह न कहा

लपकन मासटर जी काम कया ह अघोघ क पिता बोल

म कल आऊगा आि अिन जानन वाल मजदरो को और तम अघोघhellip अिन दोसतो को लकर आना पफर हम सब पमलकर िागा पमल को चलवान का तरीका पनकालग रतन पसह न अिनी योजना बतायी

जब सरकार ही नही चलाना चाहती तो आि और हम कया कर सकत ह यह पनणथय सरकार न पलया ह लडाई तो सरकार स ही लडनी िडगी अघोघ पसह न कहा

हा तमहारी बात ठीक ह लपकन सरकार तो बदल जाती ह पफर तमहारी बबाथदी का पजममदार कौन हआ कया उसकी िहचान हम ह हमार िास जयादा समय नही ह कल शाम छ बज पफर आऊगा यपद आि लोगो क िास समय हो तो पमल लना

अघोघ क पिताजी न अिन सार क 20 लोगो को बलावा भजा लपकन सभी कही-न-कही मजदरी करन गय हए र यपद काम न कर तो भखो मरन स कोई नही रोक सकता रा खर इतना सब होन िर भी ठीक समय िर अघोघ क पिता सपहत सात लोग और अघोघ सपहत उसक कछ दोसत पवपिन बणटी भवन राजीव अलताफ बॉबी पबलल पजतनदर और योगश भी िहच गय

मासटर रतन पसह न अिना बग खोला और कछ िचच उसम स पनकालकर उलटन-िलटन लग पफर कछ समय बाद उनहोन अिना चशमा लगाया और बोल म जो बात कह रहा ह उस गौर स सनना यपद कोई बात समझ म न आय तो बीच म ही िछ लना यह िागा पमल अब िरी तरह स बनद होन जा रही ह इस िागा पमल को पिछल कई सालो म कई िजीिपतयो न खरीदा लपकन सब अिन

हार खड करक चलत बन सरकार की भी कोई इचछा नही ह पक इस िागा पमल को चलाय कारण साफ ह भारत सरकार न अभी कछ पदन िहल पवदशी कमिपनयो क सार समझौता पकया ह पवदशी वसतओ स आयात-पनयाथत कर हटा पदया गया ह उस कर क हटत ही पवदशी िागा भी ससत दामो िर भारत म आन लगा ह सरकार भी पववि बाजार क मतापबक काम कर रही ह अिन मजदरो क पलए उनक िास कोई योजना नही ह

अघोघ पसह न सवाल पकया कया पफर अब कछ नही हो सकता ह

हो सकता ह मजदर अिनी लडाई खद लड रहा ह मजदरो क सार यहा क सरानीय लोग पकसान भी नही ह सबको इस लडाई म शापमल करना िडगा

लपकन पकसान मजदरो क सार कयो लडगा

दोनो ही महनतकश वगथ ह दोनो को ही लटकर कछ िरजीवी अिनी सतता को अननतकाल तक जीपवत रखना चाहत ह हम दोनो को आवाहन करन और अिन सार लडन क पलए तयार करना ह आि लोग आसिास क गाव म जाकर लोगो स आवाहन करो पक वो भी आिकी लडाई म सार द और म यहा मजदरो और िढ़-पलख लोगो तक अिनी बात िहचाता ह मासटर जी न अिनी िरी योजना बतायी

हम अिनी बात लोगो को कस समझायग अघोघ न िरशान होत हए कहा

म एक िरचा पलखकर लाया ह इसको सभी तक िहचाना ह लोगो को एक पनपशचत तारीख को िागा पमल क गट न 1 िर एकपरित करना ह तब जाकर शायद कोई बात बन सक मासटर रतन पसह न अिनी िरी रिरखा परसतत की

ठीक ह हम तयार ह अघोघ क पिता न कहा

पकनत हम तयार नही ह यपद हम िचाथ बाटग तो कल का खाना कहा स जटायग पवपिन क पिता न कहा

भाई जब पमल चल जायगी तो सबको भरिट भोजन तो पमल ही जायगा वरना हम सब भख ही मर जायग अघोघ क पिता न कहा

ठीक ह हम कोपशश करग पवपिन क पिता बोल

अघोघ और उसक पमरिो न कई पदन साइपकल िर और िदल चलकर िचच बाटन का काम पकया कछ जगह सकारातमक रख भी नजर आया लपकन अनदाज लगाना मपशकल रा पक पकतन लोग समरथन म आयग िीर-िीर िचाथ बाटन क काम म लोग कम होन लग सबको एक ही पचनता पचता क समान खा रही री दाना-िानी का जगाड कस हो खर वह पदन भी आ गया जब लोग इकटा हए बहत-सी िापटथयो क नता

पकसान सगठन भी शापमल हए पमल को चलवान क पलए बारी-बारी स िरन िर बठन क पदन तय कर पदय गय दखत-ही-दखत महीनो बीत गय लपकन सरकार तो कया पकसी क सर िर ज तक न रगी

लपकन अयोधया आनदोलन क पलए बस भर-भर कर जा रही री पजला कलकटट तक मजदरो को ल जान क पलए कोई वाहन तक नसीब नही हआ सभी मजदर अिन-अिन पकराय स िहच और कछ लोग तो िदल या साइपकल तक स भी गय र लपकन कही भी कोई सनवाई नही हई कया कनदर की सरकार कया राजय की सरकार सभी तक पमल चाल करवान का सनदश िहचाया गया दसर राजय क नता भी िरना सरल तक आय भारण और आविासन पदया फोटो पखचवाया नयज म खबर दकर चलत बन पकसानो क सबस बड नता को भी बलाया गया लपकन पकसान भी मजदर क सार नही आ सक

जस-जस मपनदर आनदोलन िरवान चढ़ रहा रा वस-वस मजदर आनदोलन दम तोड रहा रा मजदरो न भी इिर-उिर जीवन चलान क पलए काम-िनिा ढढ़ना शर कर पदया

पकसी को भी कोई रासता नजर नही आ रहा रा उस कपठन समय म अघोघ को यह समझ नही आ रहा रा पक मजदर आनदोलन कमजोर कयो हो रहा ह पजस मपनदर स िर कसब क लोगो को कछ भी लना-दना नही ह वह यहा क पदलो-पदमाग तक घर बना चका ह अघोघ और उसक दोसत इस पवरय को समझन क पलए मासटर रतन पसह क सार एक बठक करत ह

मासटर जी न कहा मपनदर मपसजद का मदा इसीपलए जानबझकर छडा गया ह तापक जनता क मलभत मदो और लडाई स लोगो का धयान हटाया जा सक नयी आपरथक नीपतयो क कारण उजड रह मजदरो क सार पकसान नही जड रह ह पकसान इसपलए आिक सार नही ह कयोपक सीि तौर िर अभी उनको कोई नकसान नही हआ ह पजस पदन व भी इन नीपतयो क पशकार होग तब व भी सडक िर आयग लपकन तब तक शायद बहत दर हो चकी होगी

अघोघ पसह को अभी तक यह समझ नही आ रहा रा पक इस तरफ पकसी का धयान कयो नही जा रहा ह जबपक इस पमल स सबकी रोजी-रोटी जडी ह पफर कयो एक सार पमलकर लडा नही जा रहा इस पवरय म कयो नही सोचा जा रहा कयो न पमलकर मोचदो पनकाला जाय

मझ लगता ह मासटर जी ठीक ही कह रह ह पकसी का इस तरफ धयान न जाय इसपलए भगवान का जाि एक परायोपजत आयोजन जसा नजर आन लगा रा िीर-िीर मानन लग र पक

मासटर रतन पसह िागल नही ह व सही ह अघोघ बोला

माहौल ऐसा बनता जा रहा रा पक कछ लोग कहन भी लग भगवान का नाम लो एक वकत िानी िीकर अिना गजारा करो भगवान सब ठीक कर दग

मजिर दमि क गट पर धरन पर जान िग तो िसरी तरफ जवान होन जा रही यवा पीढी मदिर बनान क अदभयान म सबह-शाम उन गदियो म चककर िगा रही थी जहा खाना खान तक क दिए अनाज का एक िाना भी नसीब नही था

अब िीर-िीर अघोघ को सारी कहानी याद आन लगी री मपनदर आनदोलन एक पदन म समभव नही हआ िरचन वाल लाला जी का लडका सरश अघोघ क दोसतो म स एक रा वही अघोघ पसह सपहत कसब क बचचो को सबह-शाम शाखा म बलान का काम करता रा उसी सरश क कारण भाई स िहली बार झगडा हआ रा तब बड भाई न बहत समझाया रा पक तम शाखा जाना छोड दो अिन काम-िाम िढ़ाई-पलखाई िर धयान दो उस समय अघोघ न उनकी एक बात भी नही सनी और उनको खरी-खरी सना दी म शाखा इसपलए जाता ह तापक हमार पहनद भाई हमार सार रह पहनद िमथ को बचाया जा सक उस समय बड भाई क िास भी कोई जयाादा पवकलि नही र उनहोन एक पवकलि सझाया -

अगर तमह जववॉइन ही करना ह तो िशरथ िि को जववॉइन करो कम-स-कम तिवार और दतशि तो दमिग दजसस तम अपनी सरकषा कर सकत हो

पदलो-पदमाग को िता भी नही चला पक दोनो भाई कसी-कसी बात करन लग र यह भी िता नही चला कब अघोघ पहनद-मसलमान की बात करन लगा रा जबपक दोनो क सबस जयादा दोसत तो मपसलम ही र माता-पिता क सबस नजदीकी दोसत भी मपसलम ही र जब िककी कालोनी वाल पवजय की वजह स बड भाई को िीटन आय र तो राही साहब की वजह स ही बडा भाई बच िाया रा गलशन चाचा तो आज भी हमार सार खाना खात ह शमीम चाचा क यहा ही तो अघोघ न मछली खाना सीखा रा िरा िररवार आपसतक रा लपकन मा-बाि कछ नही कहत र उनका बस इतना कहना रा पक बचच ह जब बड होग तो अिन आि खाना छोड दग

यह सब कया हो रहा रा कछ समझ नही आ रहा रा यह सब पसफथ अघोघ ही महसस नही कर रहा रा एक िरी िीढ़ी क पदलो-पदमाग िीर-िीर बदलन लग र

पकतना तकलीफदह ह यह सब

िश की आबािी का िगभग एक दतहाई दहसा आज औदोदगक मजिर बन चका ह और उसकी सखया िगातार बढ रही ह िदकन इस दवशाि आबािी का दचतण हमार सादहतय स िगभग गायब ह जयािातर िखक इन मजिरो की िदनया स ही अनजान ह तो व भिा दिख कस हर नगर और महानगर म या उसक पास औदोदगक कद और मजिरो की बदतया ह िदकन वहा कोई िखक जाता नही ऐस पररदशय म यवा िखक एमएम चदा का िघ उपयास परोतोर (दवतार) अपनी ओर धयान खीचता ह दिलिी क पास क एक कब म दथत एक दवशाि सरकारी धागादमि उसक मजिरो और उनक नौजवान हो रह बचचो क माधयम स यह उस िौर का एक रखादचत परतत करता ह जब एक ओर उिारीकरण-दनजीकरण की नीदतयो क िाग होन क साथ सरकारी कारखानो की बिी छटनी आदि का दसिदसिा तज हो रहा था जगह-जगह मजिरो क आिोिन उठ रह थ िसरी ओर राम मदिर आिोिन को हवा िी जा रही थी मजिर आिोिन क दबखरन और जनता की एकता को तोडन की कोदशशो की झिक भी इसम िखी जा सकती ह हािादक उपयास का किवर छोटा ह और कई बातो को थोड सरिीकक त ढग स परतत करता ह िदकन उन दिनो की एक तवीर हमार सामन उकरन म यह सफि ह ायम बकस स परकादशत इस िघ उपयास का एक अश हम यहा मजिर दबगि क पाठको क दिए आभार सदहत परतत कर रह ह mdash समपािक

पोसोर ndash मजदरो कत जीवि पर आिनाररत एक लघ उपननास कत अश

(पतज 14 पर जनारी)

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी

Page 16: संघी फनाधस कंसते ख़िोलनाफ़ एकजुट हो! · मुकेश असीम पिछले वर्षों में बीजेिी

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो िखनऊ स मददत समपािक सखदविर अदभनव l समपाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमि रो दनशातगज िखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l April 2018 RNI No UPHIN201036551

ाक पजीयन SSPLWNP-3192017-2019पररण ाकघर आरएमएस चारबाग िखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 20 परतयक माह

दनियना म सबसत अधिक बतरोजगनारो वनालना दतश बिना भनारतसतयपरकाश

लबर बयरो क हाल म जारी आकडो न मोदी सरकार क लमब-चौड दावो की िोल खोल दी ह और उस सचचाई को आकडो की शकल म हमार सामन रख पदया ह पजस आम लोग अिन अनभवो स लगातार महसस कर रह ह भारत को दपनया म सबस अपिक बरोजगारो वाला दश होन का गौरव हापसल हो गया ह समावशी पवकास सचकाक म दपनया म भारत साठव सरान िर िहच गया ह यानी अिन िडोपसयो स भी काफी नीच

आकड बतात ह पक दश म रोजगार लगातार घट रहा ह और सव-रोजगार क अवसर कम हो रह ह सामापजक-आपरथक असमानता लगातार बढ़ती जा रही ह लपकन इसी क सार दश म हो रह lsquorsquoपवकासrsquorsquo का दसरा िहल यह ह पक भारत की अरथवयवसरा को दपनया म सबस तजी स बढ़न वाला बताया जा रहा ह lsquoपबजनस एकसपसपबपलटी इडकसrsquo यानी वयवसाय करन म सपविाओ आपद क मामल म हम 30 सीढ़ी ऊिर चढ़ गय ह

सच यही ह पक जस-जस दश म पवकास हो रहा ह वस-वस यहा असमानता आसमान छती जा रही ह अमीरो और गरीबो क बीच की दरी लगातार बढ़ती जा रही ह आजादी क बाद स ही दश क नय सततािाररयो न पवकास का जो रासता चना रा उस िर चलत हए इसी पदशा म समाज आग बढ़ रहा रा लपकन पिछल तीन दशको स जारी पनजीकरण और उदारीकरण की नीपतयो न इस रफ़तार को बहत तज कर पदया ह दश क सार ससािन मटीभर लोगो क हारो म पसमटत जा रह ह इस दौर म दश म दौलत क िदा होन की रफ़तार बहत तज रही ह बहराषटीय पवततीय सवाए कमिनी करपडट सइस गलोबल क अनसार वरथ 2000 स भारत म मौजद समिदा क कल मलय म हर साल 99 परपतशत की दर स बढ़ोततरी

हो रही ह जबपक दपनया क िमान िर यह औसतन पसफथ 6 परपतशत रहा ह लपकन पजन लोगो की महनत क बल िर यह समिदा िदा हो रही ह व इसस िरी तरह वपचत ह

समाचार एजसी एएनआई की एक ररिोटथ क अनसार दश म सावथजपनक ससािनो क पवतरण म असमानता बहत बढ़ गयी ह और आबादी का लगभग एक-पतहाई पहससा अब भी गरीबी रखा क नीच जीता ह हालत यह ह पक 2017 क वपविक भख सचकाक म भारत पखसक कर 100व िर िहच गया ह (2016 म हम 97व सरान िर र) बगलादश शरीलका मयामार और कई अफीकी दश भी इस मामल म भारत स बहतर पसरपत म हlsquoऑकसफमrsquo की ररिोटथ lsquoबढ़ता

अतर भारत असमानता ररिोटथ 2018rsquo क मतापबक दपनया क िमान िर पसफथ एक परपतशत लोगो क हारो म दपनया की कल दौलत का 50 परपतशत ह भारत म एक परपतशत लोगो क हारो म दश की 58 परपतशत समिपतत ह (कछ ररिोटषो क अनसार यह और भी जयादा ह) और कवल 57 अरबिपतयो क िास इतनी दौलत ह जो दश की 70 परपतशत आबादी की कल समिपतत क बराबर ह

भारत आबादी क पलहाज स दपनया का दसरा सबस बडा दश ह दश की 65 परपतशत आबादी की औसत उम 35 साल स कम ह पकसी भी समाज क पलए इतनी बडी यवा आबादी एक बहत बडी ताकत होती लपकन भारत म इस आबादी का बडा पहससा बरोजगार ह आपरथक सहकार और पवकास सगठन क आकडो क अनसार दश म रोजगार स वपचत यवाओ की सखया बहत अपिक ह पजसक कारण समाज म असनतोर बढ़ रहा ह

इसी तरह दश की कल कामगार आबादी म परियो की भागीदारी अभी कवल 27 परपतशत ह (कामगार आबादी म घरल काम और दखभाल

जस कामो को नही जोडा जाता पजनक पलए कोई भगतान नही होता) पववि बक क अनमान बतात ह पक 2004-05 स लकर 2011-12 क बीच 196 परपतशत परिया कामगार आबादी स बाहर पनकल गयी जोपक बहत बडी सखया ह हालापक य आकड िरी तसवीर नही बतात कयोपक परियो की एक अचछी-खासी आबादी घरो िर रहकर बहद काम दामो िर िीसरट आपद िर पकय जान वाल कामो स जडी ह जो अकसर ऐसी गणनाओ स बाहर ही रह जाती ह अनतरराषटीय मदरा कोर का अनमान ह पक अगर भारत म कामगार परियो की सखया िररो क बराबर हो जाय तो दश क सकल घरल उतिाद (जीडीिी) म 27 परपतशत की बढ़ोततरी हो जायगी ऐस हवाई अनमानो िर हसा ही जा सकता ह कयोपक जब िहल स मौजद कामगार आबादी क ही बड पहसस को काम नही पमल रहा ह तो परियो की इस पवशाल आबादी क पलए रोजगार कहा स आयगा लपकन सरकार और दशी-पवदशी िजीिपतयो की ससराए औरतो को काम म लगान क पलए तरह-तरह की योजनाए इसपलए बना रही ह कयोपक उनस कम मजदरी िर जयादा काम कराय जा सकत ह व यह भी सोचत ह पक परियो को गलाम बनाकर रहना भी जयादा आसान होगा

पिछल कछ सालो स पसकल इपडया मक इन इपडया परिानमरिी रोजगार सजन कायथकरम परिानमरिी रोजगार परोतसाहन योजना परिानमरिी कौशल पवकास योजना जसी तरह-तरह की योजनाए बनायी गयी ह लपकन इन योजनाओ क दफ़तर और परचार सभालन वाल लोगो को रोजगार दन क अलावा दश म बरोजगारी कम करन की पदशा म इसस कोई परगपत नही हई ह जयादातर योजनाए तो चनावी घोरणाओ की तरह पबना पकसी तयारी क शर कर दी गयी ह उदोगो की जररतो और यवाओ को पसखाए जा रह कौशलो म कोई तालमल

ही नही ह और अपिकाश मामलो म दी जा रही टपनग इतनी घपटया ह पक उसस कोई रोजगार नही पमल सकता

वशविक मनदी िोटबनदी और जीएसटी की मनार

पजन उदोगो म सबस अपिक रोजगार पमलता रा उनकी हालत ितली ह lsquoलाइव पमटrsquo अखबार क अनसार न कवल इन कमिपनयो क पनयाथत की हालत खसता ह बपलक औदोपगक उतिादन क आकड भी बतात ह पक इन सकटरो म वपधि बहत ससत ह इतना ही नही शरम-सघन उतिादो का आयात बढ़ रहा ह इन सबक चलत रोजगार की हालत और भी बदतर होन वाली ह

भारत क शरम-सघन उदोगो जस टकसटाइल आभरण और हीर-जवाहरात चमडा आपद का पनयाथत घट रहा ह पिछल साल जलाई म जीएसटी लाग होन क बाद स इसम पगरावट तजी स जारी ह इसस िहल नोटबनदी क दौरान सरत क आभरण उदोग स हजारो मजदरो सपहत दश म लाखो मजदरो का काम छट गया रा पजनम स बहत स अब भी खाली बठ ह चमडा टकसटाइल हसतपशलि खलकद क सामान फनषीचर और मनयफकचररग क अनय सामानो क औदोपगक उतिादन सचकाक म पिछल वरथ अपरल स तजी स पगरावट आयी ह पजन सकटरो म शरम-सघनता कम ह यानी जहा रोजगार भी कम िदा होता ह व अब रोडा उबर ह

ररिोटथ कहती ह पक नीरव मोदी और महल चौकसी जस महारपरयो क कारनामो क बाद आभरण और जवाहरात उदोग क पलए बको स कजथ पमलन म कपठनाई होगी पजसका भी सीिा असर रोजगार िर िडगा

टकसटाइल उदोग म िडोसी दशो बगलादश और पवयतनाम क सार तीखी परपतसििाथ ह निाल भी अिनी ससती शरमशपति टकसटाइल कमिपनयो की सवा म लगान क पलए तजी स एसईजड आपद बनान म लगा ह इस कारण इस

कषरि म पनकट भपवषय म रोजगार बढ़न की समभावना कम ही लग रही ह भारत स पनयाथत होन वाल टकसटाइल म सबस बडा पहससा िाग तौपलयो और पसल-पसलाए किडो का ह पिछल करीब िर साल भारत स िाग का पनयाथत घटा ह जन 2017 स सयति अरब अमीरात को होन वाल पनयाथत म 45 परपतशत की पगरावट क कारण पसल-पसलाए किडो क पनयाथत की हालत खराब रही ह टास-िपसपफक भागीदारी और यरोिीय सघ-पवयतनाम मति वयािार समझौत क बाद पवयतनाम की इस बाजार म पहससदारी और बढ़गी पजसका सीिा असर भारत िर िडगा भारत क पनयाथतो क एक बड खरीदार अमररका म बढ़त सरकषणवाद क कारण भी भारत क पनयाथतको की मायसी बढ़ सकती ह मोदी भति चाह पजतनी डोनालड टमि की भपति कर ल सच यही ह पक टमि सकट स जझती अमररकी अरथवयवसरा का पहत दखगा न पक भारत क िजीिपतयो का

कल पमलाकर सबस जयादा रोजगार दन वाल सकटरो की हालत म सिार जलदी होता नही पदख रहा ह पनमाथण उदोग भी ऐसी ही हालत स गजर रहा ह दशभर म लाखो फलट खाली िड ह और पनमाथण गपतपवपियो म भारी ससती बनी हई ह ररिोटथ क अनसार उतिाद और पनयाथत म कमजोरी का असर समगर उिभोग िर भी िडगा पजसक असर स सवा उदोग म भी ससती आ सकती ह गरामीण अरथवयसरा िर इसक नतीज पदखन भी शर हो गय ह

दश िर राज कर रह जमला-नरशो की बातो िर मत जाइय कौवा कान ल गया की तजथ िर कोई पकसी क पखलाफ आिको भडका द तो आखो िर िटी बािकर आग म कदन मत लपगय दश-समाज और अिनी पजनदगी की असली तसवीर को िहचापनय और असली सवालो िर लडन की तयारी कररय वरना कल तक बचान क पलए कछ बचगा ही नही

रोजगनार लगनातनार घट रहना ह और सव-रोजगनार कत अवसर कम हो रहत ह

लतबर बरो कत आकडो ित खोली सरकनारी ढोल की पोल

पजीवनाद ndash दो कनाटषि 19वी सदी 20वी सदी

21वी सदी

19वी + 20वी