7 16 11 बेहहसाब बढ़िरी महँगाई यान के...

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'बहुत हुई महँगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार' के लुभावने नारे से बेहहसाब महँगाई की मार झेल रहजनता के एक हहससे को भरमाकर उसके वोट बटोरने के बाद भाजपा की अपनमहँगाई तो द र हो गयी, मगर आम लोग पर महँगी कीमत का कहर टूट पडा है। मोदी सरकार के आने के बाद ही रेल, गैस, पेोल-डील की कीमत म भारबढोरी हुई। दाल की कीमत 60-70 पये से बढकर सीधे 200 पये तक पहुँच गय और उसके महीन बाद नीचे उतरी भ तो 120-130 पर अटकी हुई ह। खाने-पीने और बु हनयादी रत की ची की महँगाई बेरोकटोक बढहै। इस महँगाई ने देश की तीन-चौथाई से भी अहधक आबादी के सामने जीने का संकट पैदा कर हदया है। सहय से लेकर अनाज और द ध तक के बेहहसाब बढते दाम ने मेहनतकश जनता के साथ-साथ हनमन मधयवगय आबादी तक के हलए पेटभर पौहक खाना खा पाना द भर बना हदया है। रेल-बस के भाडे, असपताल की फीस-दवाएँ, सकूल-कॉलेज के खच, हबजली-पानी, मकान के भाडे—हर ची म जैसे आग लगी हुई है। ऊपर से जीएसटी ने आम लोग के इसतेमाल की अहधकांश चपर टैकस का बोझ बढा हदया है। मोदी सरकार के आने के बाद सहवस टै कस 12.5 हतशत से बढाकर 18 हतशत हकया जा चुका है। मगर इतनी बडी आबादी के हलए जीने का संकट पैदा करने वाली महँगाई अब अख़बार और टीवी चैनल कसुहखय से बाहर हो चुकी है। दरअसल उचच मधय और खाते-पीते मधय वग की आमदनी म हपछले कुछ समय से लगातार जो बढोरी हो रही है उसके कारण उन पर इस महँगाई का जयादा असर नह होता। द सरे, इस वग की आमदनी का एक छोटा-सा हहससा ही खाने-पीने की ची पर खच होता है। इसकी आमदनी का बडा हहससा मनोरंजन, कपड, कार-बाइक, टीवी- ओवन-ह जैसे सामान आहद पर खच होता है। मगर इस महँगाई ने ग़रीब के हलए तो जीना द भर बना हदया है। इस महँगाई ने देश की भारी आबादी के हलए हालात हकतने मुहकल कर हदये ह इसका अनदाा लगाने के हलए बस इस तथय को याद कर लेना री है हक देश की लगभग तीन-चौथाई आबादी हत वयह हसफ 30 से 40 पये रोाना पर गुारा करती है। देश के करीब 50 करोड असंगहित मद र पर महँगाई की मार सबसे बुरी तरह पड रही है। शहर म करोड मद र उोग म 10-10, 12- 12 घणटे काम करके 6000 से 8000 पये महीना कमा पाते ह। इसम से भी माहलक बात-बात पर पैसे काट लेता है। लगभग एक हतहाई से लेकर आधी मद री मकान के हकराये, हबजली, बस भाडे आहद म चली जाती है। बाकी लगभग सारी कमाई हकसी तरह अपने और परवार का पेट भरने म चली जा रही है। दाल तो ग़रीब के भोजन से पहले ही ग़ायब हो चुकी थ अब आलू- पया-टमाटर-साग जैसी सहयाँ भी खा पाना उनके हलए मुहकल होता जा रहा है। कुछ वर पहले गुजरात के पाँच हल म ग़रीब के परवार के बीच एक संसथा के सवण म पाया गया था हक महँगाई के कारण परवार की आमदनका 74 हतशत खाने-पीने पर खच हो जाता है। पहले जो पररवार सुबह नाता, हिर हदन और रात का खाना खाते थे उनम से 60 हतशत अब हदन म हसि दो बार खाते ह। 57 हतशत लोग बहुत री होने पर ही डॉकटर के पास जाते ह। 40 हतशत पररवार म चाय ctk fcxqy esgurd'k tkx] fpaxkjh ls yxsxh vkx! रा य ा नति–जनिा के लिए बच-खुच ा सुतिधाएँ भ बाजार के मगरमच के हिािे जएसट : कॉरपरेट पे करम, जनिा पे ससिम का एक और औजार मुम आबाद बने का ममथक 11 बेहहसाब बि महँगाई यान ग़रब के ख़ििाफ सरकार का िुटेरा यु 16 7 माससक समाचारप l पूराक 60 l िर 7, अक 5 l जुिाई 2017 l पाँच पये l 16 पृ (पेज 8 पर जार) सादक मि आधार पर सरकारी बरसी की वजह का है? मुके श असीम मोदी सरकार ारा आधार के दायरे को वयापक बनाने का काय हनरनतर जारी है। 2009 म जब ततकालीन यूपीए सरकार ारा आधार काड बनाने की योजना शु की गयी थी, तो कहा गया था हक इसम पंजीकरण करवाना सवैहचछक होगा। इसका उपयोग शंका की हसथहत म हकसी वयह की सहपहचान को सु हनहत करना होगा। उस वत इसका मसद बताया गया था, लाभकारी कायम को रतमनद ग़रीब-वंहचत तक पहुँचाना, छ लाभ लेने वाल को अलग करना, ाचार को कम करना, सरकारी योजनाओं को पारदश और कुशल बनाना, आहद। जनता को यह समझाने की कोहशश की गयी हक सरकारी योजनाओं का लाभ उिाने के हलए हम अपने अहधकार और हनजता से कुछ समझौता तो करना ही पडेगा और हर वयह की पहचान और हर जानकारी सरकार के पास होने से वह ग़रीब के फायदे के हलए न हसफ सही नीहतयाँ बना पायेगी, बहक उनका फायदा भी सही वयहय तक पहुँचा पायेगी, हजससे ग़रीबी हमटाने म सिलता हमलेगी। लेहकन इतने साल म इसके लागू होने का तजुबा कया बता रहा है? हालाँ हक कहने के हलए यह अभी भी सवैहचछक है, ले हकन न हसफ सरकारी योजनाओं का लाभ ा करने बहक दैनहनदन जीवन के री काम- काज के हलए भी इसे आवयक बनाया जा रहा है - चाहे सकूली पढाई हो, बक खाता हो, राशन या मोबाइल लेना हो, असपताल म इलाज से लेकर सकू ल म बचच को हमलने वाला दोपहर का भोजन, वेतन से पीएफ-पशन ा करना, कुछ भी काम करना हो वतमान सरकार एक-एक कर तयेक काय के हलए आधार का होना अहनवाय कर रही है, ताहक आधार बनवाये बगै़र हकसी वयह का रोमरा का साधारण जीवन ही नामुमहकन और उसकी हसथहत समाज से बहहषकत जैसी हो जाये। इस सबसे यह तो सप ही है हक आधार का असली मसद जनता तक पारदहशता और कुशलता से नागरक सुहवधाएँ पहुँचाना नह है। तो हिर मसद कया है? ग़रब का राशन-पशन ब कर सरकार बचि सरकार का कहना है हक आधार के ारा वयहय की सही पहचान के ारा सरकारी योजनाओं म होने वाली चोरी और ाचार को कम हकया गया है, हजससे इनके ख़च म भारी बचत हुई है, हजसे हवकास काय म लगाया जायेगा। इस बचत का कोई हवसतत हववरण आज तक कह उपलध नह है, ले हकन आधार अथॉरटी के मुहखया ए बी पाणडे ने 12 जुलाई को इहणडयन एकसेस म हव ब क के एक अधययन के हवाले से आधार ारा फ-नली सुहवधा ा करने वाल को समा कर 56 हार करोड पये की बचत का दावा हकया है। वैसे इस ररपोट के मूल को पढने से पता चलता है हक हजन योजनाओं म यह बचत बतायी गयी है, उन पर कुल ख़च ही इतना है! ले हकन बचत की रम हजतनी भी हो उससे जयादा री यह हवेरण है हक यबचत हकस तरह और कहाँ से हो रही है। इस बचत के ोत का एक उदाहरण 11 जुलाई के द हनद काहशत ररपोट से हमलता है। इसके अनुसार कनाटक के ोहवडेणट फणड हवभाग से पशन पाने वाले 5 लाख म से 30% अथात डेढ लाख पशनर को 2 महीने से उनकी पशन ा नह हुई है कयहक उसको आधार से जोड हदया गया है। अभी पशनर ारा साल (पेज 9 पर जार) यह सरकार की जनतिरध, कॉरपरेट-पर नतिय का निजा है

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बहत हई महगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार क लभावन नार स बहहसाब महगाई की मार झल रही जनता क एक हहसस को भरमाकर उसक वोट बटोरन क बाद भाजपा की अपनी महगाई तो दर हो गयी मगर आम लोगो पर महगी कीमतो का कहर टट पडा ह मोदी सरकार क आन क बाद ही रल गस पटोल-डीजल की कीमतो म भारी बढोततरी हई दालो की कीमत 60-70 रपय स बढकर सीध 200 रपय तक पहच गयी और उसक महीनो बाद नीच उतरी भी तो 120-130 पर अटकी हई ह खान-पीन और बहनयादी जररतो की चीजो की महगाई बरोकटोक बढी ह इस महगाई न दश की तीन-चौथाई स भी अहधक आबादी क सामन जीन

का सकट पदा कर हदया ह सहजयो स लकर अनाज और दध तक क बहहसाब बढत दामो न महनतकश जनता क साथ-साथ हनमन मधयवगगीय आबादी तक क हलए पटभर पौहटिक खाना खा पाना दभर बना हदया ह रल-बस क भाड असपताल की फीस-दवाए सकल-कॉलज क खचच हबजली-पानी मकानो क भाडmdashहर चीज म जस आग लगी हई ह ऊपर स जीएसटी न आम लोगो क इसतमाल की अहधकाश चीजो पर टकस का बोझ बढा हदया ह मोदी सरकार क आन क बाद सहवविस टकस 125 परहतशत स बढाकर 18 परहतशत हकया जा चका ह

मगर इतनी बडी आबादी क हलए जीन का सकट पदा करन वाली महगाई

अब अख़बारो और टीवी चनलो की सहखवियो स बाहर हो चकी ह दरअसल उचच मधय और खात-पीत मधय वगवि की आमदनी म हपछल कछ समय स लगातार जो बढोततरी हो रही ह उसक कारण उन पर इस महगाई का जयादा असर नही होता दसर इस वगवि की आमदनी का एक छोटा-सा हहससा ही खान-पीन की चीजो पर खचवि होता ह इसकी आमदनी का बडा हहससा मनोरजन कपडो कार-बाइक टीवी-ओवन-हरिज जस सामानो आहद पर खचवि होता ह मगर इस महगाई न ग़रीबो क हलए तो जीना दभर बना हदया ह

इस महगाई न दश की भारी आबादी

क हलए हालात हकतन महकल कर हदय ह इसका अनदाजा लगान क हलए बस इस तथय को याद कर लना जररी ह हक दश की लगभग तीन-चौथाई आबादी परहत वयहति हसफवि 30 स 40 रपय रोजाना पर गजारा करती ह दश क करीब 50 करोड असगहित मजदरो पर महगाई की मार सबस बरी तरह पड रही ह शहरो म करोडो मजदर उदोगो म 10-10 12-12 घणट काम करक 6000 स 8000 रपय महीना कमा पात ह इसम स भी माहलक बात-बात पर पस काट लता ह लगभग एक हतहाई स लकर आधी मजदरी मकान क हकराय हबजली बस भाड आहद म चली जाती ह बाकी लगभग सारी कमाई हकसी तरह अपन और पररवार का पट भरन म चली जा

रही ह दाल तो ग़रीबो क भोजन स पहल ही ग़ायब हो चकी थी अब आल-पयाज-टमाटर-साग जसी सहजया भी खा पाना उनक हलए महकल होता जा रहा ह

कछ वरवि पहल गजरात क पाच हजलो म ग़रीबो क पररवारो क बीच एक ससथा क सवचकषण म पाया गया था हक महगाई क कारण पररवार की आमदनी का 74 परहतशत खान-पीन पर खचवि हो जाता ह पहल जो पररवार सबह नाता हिर हदन और रात का खाना खात थ उनम स 60 परहतशत अब हदन म हसिवि दो बार खात ह 57 परहतशत लोग बहत जररी होन पर ही डॉकटर क पास जात ह 40 परहतशत पररवारो म चाय

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राषटरीय सासथय नरीतिndashजनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाए भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

11बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध

167

माससक समाचारपतर l परााक 60 l िरष 7 अोक 5 l जिाई 2017 l पाच रपय l 16 पषठ

(पज 8 पर जाररी)

समादक मणडि

आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का हमकश असीम

मोदी सरकार दारा आधार क दायर को वयापक बनान का कायवि हनरनतर जारी ह 2009 म जब ततकालीन यपीए सरकार दारा आधार काडवि बनान की योजना शर की गयी थी तो कहा गया था हक इसम पजीकरण करवाना सवहचछक होगा इसका उपयोग शका की हसथहत म हकसी वयहति की सही पहचान को सहनहचित करना होगा उस वकत इसका मकसद बताया गया था लाभकारी कायविकरमो को जररतमनद ग़रीबो-वहचतो तक पहचाना छदम लाभ लन वालो को अलग करना भरटिाचार को कम करना सरकारी योजनाओ को पारदशगी और कशल बनाना आहद जनता को यह समझान की कोहशश की

गयी हक सरकारी योजनाओ का लाभ उिान क हलए हम अपन अहधकारो और हनजता स कछ समझौता तो करना ही पडगा और हर वयहति की पहचान और हर जानकारी सरकार क पास होन स वह ग़रीबो क फायद क हलए न हसफवि सही नीहतया बना पायगी बहक उनका फायदा भी सही वयहतियो तक पहचा पायगी हजसस ग़रीबी हमटान म सिलता हमलगी लहकन इतन सालो म इसक लाग होन का तजबावि कया बता रहा ह

हालाहक कहन क हलए यह अभी भी सवहचछक ह लहकन न हसफवि सरकारी योजनाओ का लाभ परापत करन बहक दनहनदन जीवन क जररी काम-काज क हलए भी इस आवयक बनाया

जा रहा ह - चाह सकली पढाई हो बक खाता हो राशन या मोबाइल लना हो असपताल म इलाज स लकर सकल म बचचो को हमलन वाला दोपहर का भोजन वतन स पीएफ-पशन परापत करना कछ भी काम करना हो वतविमान सरकार एक-एक कर परतयक कायवि क हलए आधार का होना अहनवायवि कर रही ह ताहक आधार बनवाय बगर हकसी वयहति का रोजमरावि का साधारण जीवन ही नाममहकन और उसकी हसथहत समाज स बहहषकक त जसी हो जाय इस सबस यह तो सपटि ही ह हक आधार का असली मकसद जनता तक पारदहशविता और कशलता स नागररक सहवधाए पहचाना नही ह तो हिर मकसद कया ह

ग़ररीबछ ो का राशन-पशन बनद कर सरकाररी बचि

सरकार का कहना ह हक आधार क दारा वयहतियो की सही पहचान क दारा सरकारी योजनाओ म होन वाली चोरी और भरटिाचार को कम हकया गया ह हजसस इनक ख़चवि म भारी बचत हई ह हजस हवकास कायवि म लगाया जायगा इस बचत का कोई हवसतकत हववरण आज तक कही उपलध नही ह लहकन आधार अथॉररटी क महखया ए बी पाणड न 12 जलाई को इहणडयन एकसपरस म हवशव बक क एक अधययन क हवाल स आधार दारा फजगी-नकली सहवधा परापत करन वालो को समापत कर 56 हजार करोड रपय की बचत का दावा हकया ह वस इस ररपोटवि क मल

को पढन स पता चलता ह हक हजन योजनाओ म यह बचत बतायी गयी ह उन पर कल ख़चवि ही इतना ह लहकन बचत की रकम हजतनी भी हो उसस जयादा जररी यह हवशरण ह हक यह बचत हकस तरह और कहा स हो रही ह

इस बचत क सोत का एक उदाहरण 11 जलाई क द हहनद म परकाहशत ररपोटवि स हमलता ह इसक अनसार कनाविटक क परोहवडणट फणड हवभाग स पशन पान वाल 5 लाख म स 30 अथावित डढ लाख पशनरो को 2 महीन स उनकी पशन परापत नही हई ह कयोहक उसको आधार स जोड हदया गया ह अभी पशनरो दारा साल

(पज 9 पर जाररी)

यह सरकार की जनतिरछधरी कॉरपछरट-परसत नरीतियछ ो का निरीजा ह

बरजआ अखबार परी की विशाल राशशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अखबार खद मज़दरो दारा इकटा ककय गय पस स चलत ह - ितननlsquoमजदर तबगिrsquo मजदरछ ो का अपना अिबार ह

यह आपकी नियनमत आन थिक मदद क नििा िही चल सकता निगल क नलए सहयोग भनियिटाइय

सहयोग कपि मगाि क नलए मज़दर निगल कायाथिलय को नलनिय

मजदर तबगि क लिए अपन कारिान दफतर या बसतरी की ररपछटट िख पतर या सझाि आप इन िररीकछ ो स भज सकि हः

डाक स भजन का पता मज़दर निगल दारा ििचतिा डी-68 निरालािगर लििऊ-226020ईमल स भजन का पता bigulakhbargmailcom

2 मजदर तबगि जिाई 2017

पजरीपतियछ ो क पास दजषनछ ो अिबार और टरीिरी चनि ह मजदरछ ो क पास ह उनकी आिाज मजदर तबगि

इस हर मजदर क पास पहचान म हमारा साथ द

म हबहार का रहन वाला ह 2010 म मजबरी क कारण पहली बार अपना गाव छोडकर हदली आना पडा मझ दहनयादारी क बार म पता नही था कछ हदन काम की तलाश म हदली म जगह-जगह घम और अनत म वजीरपर म झगगी म रहन लग गाव क मकाबल झगगी म रहना हबकल अलग था झगगी म आि-बाय-आि कमरा था पानी की मारामारी अलग स थी यही मझ सटील पलाणट म काम भी हमल गया यहा तजाब का काम होता था हजसम सटील की चपटी पहततयो को तजाब म डालकर साफ हकया जाता ह तजाब का धआ लगातार सास म घलता रहता ह और काम करत हए अनदर स गला कटता हआ महसस होता ह तजाब कही हगर जाय तो अलग समसया होती ह हपछल हफत तजाब म काम करत हए मरी आख म तजाब हगर गया था आख जात-जात बची ह माहलक और मनीम

की गाहलया अलग स सननी पडती ह बिन का समय नही आराम करन का समय नही अगर रक तो माहलक गाली दता ह या काम दता ह म काम करत-करत परशान हो गया कयोहक महनत करन क बावजद पसा नही बच पाता था मन तय हकया हक हकसी बहतर जगह काम करगा सटील क काम की जानकारी थी तो सोचा हक इस काम म हाथ अाजमाऊगा वजीरपर स अलग हभवाडी और गजरात म काम की बात सनी थी काम करत-करत फकटरी म सना था हक राजसथान क हभवाडी म माहलक पसा अचछा दता ह और ऊपर स सरकषा का भी इनतजाम ह वजीरपर स बहतर जगह लगी तो अपना बोररया-हबसतर बाधकर म हभवाडी चला गया पर यहा भी हालत वजीरपर जस ही थ वही तजाब का पलाणट और माहलक और मनीम की गाहलया पर लगा हक जब हर जगह हालत एक जसी ह तो

इधर-उधर भटकन म कोई लाभ नही ह मन हभवाडी म ही काम करन का िसला हकया हजनदगी क कछ साल हभवाडी म बीत गय पर अब यहा हजनदगी नकवि लगन लगी थी तो सामान उिाकर म गडगाव आ गया यहा भी हालात वस ही थ पर एक रहववार की शाम को पाकवि म कछ यहनयन वालो को मीहटग करत दखा वहा मझ हबगल अख़बार हमला एक यहनयन वाल न बताया हक हबगल का काम वजीरपर म भी ह और वहा सटील मजदरो की यहनयन भी ह मन तरनत वजीरपर जान का िसला हकया यहा 2014 म हडताल हई थी पर अभी मजदरो की एकता हबखरी हई ह पर अब म यहनयन की मीहटग म आता ह और फकटरी म हबगल लकर जाता ह ताहक इस हालात क बार म सबको समझा सक

अममि मछदरी वजीरपर

हदली क वजीरपर इलाक म हपछल 2-3 महीन स मनदी चल रही ह नोटबनदी क बाद भी इस तरह स काम मनदा हो गया था अख़बार म पढा ह - जीएसटी लाग हआ ह माहलक कह रह ह हक व बबाविद हो रह ह कछ माहलको न अपनी फकटररया बनद कर दी ह जो लोग गाव गय थ व गाव म ही रक कयोहक यहा काम नही ह और माहलक हकसी भी बात पर हहसाब द दता ह पर फकटररया चल भी रही ह पहल 12 घणट काम होता था तो अब 8 घणट काम होता ह माहलक तो अब भी कमा रहा ह मजदर की तो नौकरी जाती ह पर माहलक का मनाफा चलता रहता ह मरी फकटरी क

माहलक पर जीएसटी का जयादा असर नही लगता ह य तो ख़ब 12 घणट हम जतवाता ह यह हबकल पस का भखा ह हपछल हफत माहलक क भाई की मौत हो गयी थी इलाक क सार माहलक फकटरी पर इकठा थ माहलक न फकटरी बनद करन को कहा और हमन राहत की सास ली पर उसन कहा हक कही मत जाना फकटरी म ही रहना एक घणट क भीतर ही माहलक कछ पील रग का दरवय लकर आया और उस फकटरी क गट पर हछडका और हम बोला िटािट काम शर करो माहलक का भाई मर या कोई और इस कमान स मतलब ह हम मजदरो को तो य जानवर समझता ह

वजीरपर म लमब समय स मनदी चल रही ह पर बबाविद तो हम मजदर ही होत ह माहलक कोिी म रहता ह गाडी म आता ह और रोज फकटरी क अनदर बनाय हए एसी कमर म बिकर दार पीता रहता ह हपछल 10 सालो म फकटरी स इन लोगो न जबरदसत मनाफा कमाया ह पर जब मजदर अपना हक मागता ह तो मनदी का रोना रोता ह मोदी हो या कजरीवाल सब माहलको क ही सग ह इनकी जमात को बस पसा दीखता ह

तिष वजीरपर िणडा रोला मजदर

म काम करि-करि परशान हछ गया कछ ोहक महनि करन क बािजद पसा नहरी ो बच पािा

मालिक का भाई मर या कछई और इस कमान स मििब ह

मजदर तबगि की िबसाइटwwwmazdoorbigulnet

इस विसाइट पर नदसमिर 2007 स अि तक निगल क सभी अक करमवार उसस पहल क कछ अको की सामगी ता राहल फाउणडशि स परकानशत सभी निगल पनतकाए उपलबध ह निगल क परवशाक स लकर िवमिर

2007 तक क सभी अक भी विसाइट पर करमशः उपलबध कराय िा रह हमज़दर निगल का हर िया अक परकानशत होत ही विसाइट पर निशलक

पढा िा सकता हआप इस फसिक पि क ज़ररय भी lsquoमज़दर निगलrsquo स िड सकत ह

wwwfacebookcomMazdoorBigul

1 lsquoमज़दर निगलrsquo वयापक महितकश आिादी क िीच करानतकारी राििीनतक नशकषक और परचारक का काम करगा यह मज़दरो क िीच करानतकारी वजानिक नवचारधारा का परचार करगा और सचची सवथिहारा स कक नत का परचार करगा यह दनिया की करानतयो क इनतहास और नशकषाओ स अपि दश क वगथि सघरषो और मज़दर आदोलि क इनतहास और सिक स मज़दर वगथि को पररनचत करायगा ता तमाम पिीवादी अफवाहो-कपरचारो का भणडाफोड करगा

2 lsquoमज़दर निगलrsquo भारतीय करानत क वरप रात और समयाओ क िार म करानतकारी कमयनिटो क िीच िारी िहसो को नियनमत रप स छापगा और lsquoनिगलrsquo दश और दनिया की राििीनतक घटिाओ और आन थिक ननतयो क सही नवशरण स मज़दर वगथि को नशनकषत करि का काम करगा

3 lsquoमज़दर निगलrsquo वय ऐसी िहस लगातार चलायगा तानक मज़दरो की राििीनतक नशकषा हो ता व सही लाइि की सोच-समझ स लस होकर करानतकारी पाटटी क ििि की परनकरया म शानमल हो सक और वयवहार म सही लाइि क सतयापि का आधार तयार हो

4 lsquoमज़दर निगलrsquo मज़दर वगथि क िीच राििीनतक परचार और नशकषा की कारथिवाई चलात हए सवथिहारा करानत क ऐनतहानसक नमशि स उस पररनचत करायगा उस आन थिक सघरषो क सा ही राििीनतक अनधकारो क नलए भी लडिा नसिायगा दअिी-चविीवादी भिाछोर कमयनिटो और पिीवादी पानटथियो क दमछलल या वयनतिवादी-अरािकतावादी टडयनियिो स आगाह करत हए उस हर तरह क अ थिवाद और सधारवाद स लडिा नसिायगा ता उस सचची करानतकारी चतिा स लस करगा यह सवथिहारा की कतारो स करानतकारी भरती क काम म सहयोगी ििगा

5 lsquoमज़दर निगलrsquo मज़दर वगथि क करानतकारी नशकषक परचारक और आहािकताथि क अनतररति करानतकारी सगठिकताथि और आदोलिकताथि की भी भनमका निभायगा

lsquoमजदर तबगिrsquo का सरप उदशय और जज मदाररया

परिय पाठकछ बहि स सदसछ ो कछ lsquoमजदर तबगिrsquo तनयममि भजा जा रहा ह िहकन काफी

समय स हम उनकी ओर स न कछई जिाब नहरी ो ममिा और न हरी बकाया राजश आपकछ बिान की जररि नहरी ो हक मजदरछ ो का यह अिबार िगािार आरथक समसा क बरीच हरी तनकािना हछिा ह और इस जाररी रखन क लिए हम आपक सहयछग की जररि ह अगर आपकछ lsquoमजदर तबगिrsquo का रिकाशन जरररी िगिा ह और आप इसक अोक पाि रहना चाहि ह िछ हमारा अनरछध ह हक आप कपया जलद स जलद अपनरी सदसिा राजश भज द आप हम मनरीआरषर भज सकि ह या सरीध बक खाि म जमा करा सकि ह

मनरीआरषर क लिए पिामजदर तबगि दारा जनचिनाररी-68 तनरािानगर िखनऊ-226020बक खाि का तििररः Mazdoor Bigul खािा सो खाः 0762002109003787 IFSC PUNB0076200पोजाब नशनि बक तनशािगोज शाखा िखनऊ

सदसिाः िाररक 70 रपय (राकिचष सहहि) आजरीिन 2000 रपयमजदर तबगि क बार म हकसरी भरी सचना क लिए आप हमस इन माधयमछ ो

स समकष कर सकि हःफछनः 0522-4108495 8853093555 9721481546ईमिः bigulakhbargmailcom फसबक wwwfacebookcomMazdoorBigul

मजदर तबगिसमपादकीय कायाथिलय ः 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 फोि 8853093555नदलली समपकथि ः िी-100 मकद नवहार करावलिगर नदलली-94 फोिः 011-64623928 ईमल ः bigulakhbargmailcomमलय ः एक परनत - र 5- वानरथिक - र 70- (डाक खचथि सनहत) आिीवि सदयता - र 2000-

जब िक मानि-मानि का सखभाग नहरी ो सम हछगाशममि न हछगा कछिाहि सो घरष नहरी ो कम हछगा

mdash रामधाररी ससोह ददनकर

मजदर तबगि जिाई 2017 3

हपछल महीन की 27 तारीख़ स हदली की आगनवाडी की महहलाए अपनी यहनयन lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo क नतकतव म हडताल पर ह समाचार हलख जान तक उनका धरना और करहमक भख हडताल मखयमनती अरहवनद कजरीवाल क आवास पर जारी ह लहकन अपन को lsquoआम आदमीrsquo कहन वाली कजरीवाल सरकार क कान पर ज तक नही रग रही ह हडताल म हजारो की सखया म वकवि सवि और ह पसवि शाहमल हो रह ह

हड़िाि की पिषपरीहठका जसा हक पहल भी 2015 म हबगल

क पननो पर ख़बर आ चकी ह हक हडताल जीतन क बाद मखयमनती कजरीवाल न सवय एक हलहखत समझौता हकया था हजसम उनहोन हमारी सारी मागो को कबल हकया था लहकन दो साल बीत जान क बाद भी अभी तक सरकार न हमारी मखय मागो को लाग नही हकया हपछल दो सालो स महहलाओ न यहनयन क साथ कभी हदली सहचवालय म तो कभी कजरीवाल क आवास पर परदशविन हकया लहकन जब कोई सनवाई नही हई तो उनहोन िसला हलया हक आन वाल नगर हनगम क चनाव म आगनवाडी की महहलाए lsquoआम आदमी पाटगी lsquo का पणवि बहहषकार करगी

आम आदमी पाटगी का नगर हनगम चनाव म बरी तरह स हारन का एक बडा कारण आगनवाडी की वकवि सवि और ह पसवि क दारा हकया गया बहहषकार भी था चनाव क बाद हार स बौखलायी कजरीवाल सरकार न आगनवाडी की ग़रीब महहलाओ स बदला हनकालना शर कर हदया

हदली क उपमखयमनती मनीर हससोहदया हजसक पास हशकषा और महहला बाल हवकास हवभाग भी ह न हदली क खसताहाल पड सरकारी सकलो का कभी हनरीकषण नही हकया लहकन अलग-अलग आगनवाडी म जाकर हनरीकषण करना शर कर हदया आगनवाडी क खसता हालत जसहक खाना ख़राब आना बचचो का न आना रहजसटर म फजगी एणटी होना इतयाहद क हलए ग़रीब कायविकताविओ और सहाहयकाओ को हजममदार पाया और तीन कायविकताविओ को lsquoटहमविनटrsquo करन का फरमान सना हदया जबहक आगनवाडी म खान म गडबडी क हलए व एनजीओ हजममदार ह हजनह वहा क खान का टणडर हमलता ह हपछल हदनो एक अगजी दहनक lsquoइहणडयन एकसपरसrsquo म एक ख़बर छपी थी हक हजन एनजीओ को हदली क सरकारी सकलो म मधयानतर भोजन क हलए लकहलसट कर हदया गया था व एनजीओ अब भी आगनवाडी म खाना दन का काम कर रह ह और इन एनजीओ का ररता परतयकष या अपरतयकष तौर पर lsquoआम आदमी पाटगीrsquo स जड एनजीओ lsquoकबीरrsquo और lsquoपररवतविनrsquo स ह जाहहर ह हक अपन ही लोगो दारा हकय गय घपल-घोटालो क हलए मनीर हससोहदया आगनवाडी की ग़रीब महहलाओ को हजममदार िहरा

रहा ह और उनह हदली की जनता क सामन बदनाम भी कर रहा ह दसरी ओर सपरवाइजर और सीडीपीओ इन महहलाओ पर दबाव डालकर रहजसटर म फजगी नाम डलवाती ह लहकन हकसी सपरवाइजर या सीडीपीओ पर आज तक हकसी परकार की कोई कारविवाई नही हई ह सरकार एक तरफ आगनवाडी को जानबझकर ख़राब कर रही ह और दसरी तरफ पलसकलो (यहा भी अपन ही लोगो को) को लाइसस द रही ह और मनीर हससोहदया इन सबका हजममदार आगनवाडी की ग़रीब वकवि सवि और ह पसवि को िहरा रहा ह य इनका असली चररत ह

सरकार की इस बदल की कारविवाई की वजह स आगनवाडी की महहलाओ म जबरदसत गससा भरा हआ था और व आनदोलन की राह पर चलन का मन बना रही थी

10 जन को lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo

न आग की योजना क हलए एक बिक बलाई और िसला हलया हक आगामी 24 जन को हदली सहचवालय पर 1 हदन का चतावनी परदशविन हकया जायगा 24 जन को करीब हजार की सखया म महहलाए हदली सहचवालय पहची भारी सखया म महहलाओ को दखकर सरकार घबरा गयी और मनीर हससोहदया क ओएसडी न परहतहनहधमणडल को बातचीत क हलए बलाया ओएसडी न यहनयन को 27 जन को मनीर हससोहदया स बातचीत का हनमनतण हदया

हड़िाि की शरआि 27 जन को जब भारी सखया म

महहलाए मनीर हससोहदया क बगल (हालाहक य आम आदमी ह और चनाव स पहल इनह बगल गाडी सरकषा आहद नही चाहहए थी) पर पहची तो पहल पहलस न बरीकड लगा हदया और अनदर आन स ही मना कर हदया लहकन जब महहलाओ का दबाव बढता

गया तो पाच महहलाओ को यहनयन की सचालक हशवानी क साथ बात करन क हलए अनदर जान हदया गया लहकन हससोहदया बात करन स जयादा महहलाओ को डरान क मड म था जब उस मालम चला हक महहलाओ क साथ यहनयन की साथी हशवानी भी आयी ह तो उसन बात करन स ही मना कर हदया साफ ह हक यह हससोहदया का गरजनवादी और असवधाहनक रवया था

मनीर हससोहदया की इस दग़ाबाजी स महहलाओ का रोर और बढ गया और अब य कजरीवाल और हससोहदया स आर-पार की लडाई क हलए तयार थी और तब यहनयन न 30 जन को हदली सहचवालय पर हवराट जटान का आहान हकया

30 जन को होन वाल परदशविन को लकर कजरीवाल सरकार म जबरदसत खलबली मची हई थी तरह-तरह की दलाल यहनयन धाहमविक कटटरवादी

सगिन व आम आदमी पाटगी क हपछलगगओ न परदशविन को समथविन दन क बहान आनदोलन को ख़तम करन की कोहशश की लहकन यहनयन न इस तरह क हकसी भी सगिन का समथविन लन स साफ इनकार कर हदया 30 जन को लगभग दस हजार की भारी सखया म महहलाओ न परदशविन म हहससदारी की ऐसा लग रहा था जस कोई जनसलाब उमड गया हो परदशविन म यहनयन न यह िसला हकया हक मखयमनती सवय आकर हमस हमलकर हमारी सारी मागो को परा कर वरना हम यही डट रहग और ररग रोड जाम करग लहकन जब मखयमनती या सरकार का कोई परहतहनहध हमलन को तयार नही हआ तो महहलाओ न ररग रोड को चार घणट तक जाम रखा उसक बाद यहनयन न आम सहमहत स यह िसला हलया हक आगामी तीन जलाई स मखयमनती अरहवनद कजरीवाल क बगल पर अहनहचितकालीन हडताल की जायगी

तब स उनकी हडताल जारी ह और 6 जलाई स व करहमक भख हडताल पर ह

हड़िाि िछड़न क लिए दिाि यतनयन कजररीिाि क साथ

जब आगनवाडी की महहलाओ की यह जझार हडताल परी हदली म िल गयी और लगभग सभी आगनवाहडयो म काम परी तरह िपप हो गया तब स तरह-तरह क हबचौहलय दलाल और मजदरो क साथ ग़दारी करन का ररकॉडवि बना चकी दलाल यहनयन अपन काम म लग गयी और कजरीवाल का साथ दन लगी

इन दलाल यहनयन म सबस अगणी नाम सीट की कमला वाली यहनयन का ह सीट हजनका इहतहास मजदरो क साथ ग़दारी का ह बगाल स लकर करल तक हजनकी माता चनावी पाटगी माकपा मजदरो पर गोहलया बरसा चकी ह जो गणडो स हपटवान और माहलको का ख ला साथ दन क हलए बदनाम ह वह भला हदली म आगनवाडी की

महहलाओ स ग़दारी करन और उनकी हडताल तडवान म पीछ कस रह सकती थी कमला जो पहल भी 2015 म हडताल तडवान क हलए आयी थी लहकन महहलाओ न उस भगा हदया था अब वह तरह-तरह की चालो क जररय यह काम करन लगी पहल वह यहनयन को समथविन दन क बहान हडताल म घसन की कोहशश कर रही थी लहकन उसकी यह चाल जब कामयाब नही हई तो वह यहनयन क साहथयो क हखलाफ कतसा-परचार करन म जट गयी इसस भी जब काम नही बना तो कमला और सीट न अपना नाम बदल कर lsquoसवतनत आगनवाडी कमविचारी और सहाहयका सघrsquo क नाम स पचावि हनकाला और महहलाओ म भरम िलान का काम हकया और 10 जलाई को मनीर हससोहदया क आवास को घरन का आहान हकया जबहक यहनयन पहल ही मनीर हससोहदया स उसक घर पर मलाकात करन गयी थी पर वहा बात न बन पान

क कारण ही हडताल का हनणविय हलया गया था जाहहर ह हक कमला की यह चाल हडताल तोडन की ही थी

लहकन कमला और सीट की ग़दारी का पदाविफाश आगनवाडी की महहलाओ न दमदार तरीक स हकया हससोहदया क घर पर कमला अपनी 3 चमहचयो क साथ ही पहची और उसका परदशविन परी तरह स lsquoफलॉप शोrsquo साहबत हआ

दसरा एक दलाल रामकरण ह हजसन 2015 म ही आगनवाडी क साथ शर हए आशा वकवि सवि क आनदोलन को डबान का काम हकया था इस हडताल की शरआत म रामकरण खलकर कजरीवाल सरकार और आम आदमी पाटगी की परवी कर रहा था और महहलाओ क सामन बडी-बडी डीग हाक रहा था हक अगर व lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo को छोडकर उसक साथ आ जाय तो वह उनका कजरीवाल क साथ समझौता करवा दगा और सारी माग मनवा दगा अब वह यह झि िला रहा ह हक हशवानी की वजह स ही माग परी नही हो रही ह रामकरण हजसन आशा वकवि सवि क साथ ग़दारी की और अब वही काम वह आगनवाडी की महहलाओ क साथ करन की कोहशश कर रहा था लहकन महहलाओ न उस माकल जबाब हदया

सोचन वाली बात तो यह ह हक एक तरफ कजरीवाल और हससोहदया हमारी यहनयन स बात करन को तयार नही होत ह हजनक साथ आगनवाडी की महहलाए ह लहकन उन सारी दलाल यहनयनो स बात करन को राजी ह हजनक साथ कोई नही ह ऊपर स यह ldquoकजरीवाल और हससोहदया गगrdquo झिी अफवाह िलान म माहहर ह हद तो तब हो गयी जब हससोहदया न एक फजगी यहनयन lsquoहदली आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि एसोहसएशनrsquo हजसम सपरवाइजर और सीडीपीओ शाहमल थ क साथ हमलकर lsquoमानदय बढान कीrsquo और हडताल ख़तम होन की घोरणा भी कर दी इसी स इस दोमही कजरीवाल सरकार और आम आदमी पाटगी क चररत का पता चलता ह

कनदर म भाजपा की िासीवादी मोदी सरकार तो ख ल तौर पर मजदरो की हवरोधी ह ही लहकन हदली का य नटवरलाल जो हक छोट बहनय-वयापारी का परहतहनहधतव करता ह हकसी भी मायन म मोदी स कम नही ह हजन तथाकहथत lsquoहलबरल जनrsquo का भरोसा इस नटवरलाल पर ह और जो इस मोदी का हवकप समझ रह ह उनह भी अब अपनी आख खोल लनी चाहहए

सरकार और दलाल यहनयनो की सारी कोहशशो क बावजद आगनवाडी की महहलाए अपनी यहनयन lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo क नतकतव म शानदार तरीक स अपनी हडताल को चला रही ह और अपनी एकता क दम पर जरर हदली सरकार को झकायगी

mdash निगल सवाददाता

ददलरी आगनिाड़री की महहिाओो की हड़िाि जाररी ह

4 मजदर तबगि जिाई 2017

उजाड की सरकारी कोहशशो क हखलाफ गजरी 9 जलाई को राजीव गाधी कालोनी उजाडा हवरोधी सघरवि कमटी क आहान पर चतावनी रली की गयी इस रली क जररय कालोनी हनवासी मजदरो-महनतकशो न लहधयाना परशासन को सखत चतावनी दी ह हक अगर उनह जबरदसती उजाडन की कोहशश की गयी तो व इसक हखलाफ हकसी भी हद तक सखत सघरवि लडन को तयार ह

वतिाओ न कहा हक बड अमीरो दारा सरकारी समपहततयो पर हकए कजो क हखलाफ सरकार कोई कारविवाई नही करती लहकन ग़रीबो को उजाडन क हलए हमशा कमर कस रहती ह इसस सरकारी वयवसथा का पजीपरसत और जनहवरोधी चररत सपटि होता ह सघरवि कमटी का कहना ह हक सरकार का रवया हबकल भी सहन नही हकया जायगा लोग अपनी हजनदगी-भर की ख़न-पसीन की कमाई स बनाय घर नाजायज तौर पर तोड जान क हखलाफ सखत स सखत सघरवि लडग

चतावनी रली को lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo क सयोजक राजहवनदर क अलावा लखहवनदर तजपाल हवजनदर कमार हवशवनाथ (बाबा) गोपाल हरीनाथ नारायण दास आहद न समबोहधत हकया

- तबगि सो िाददािा िसधयाना

lsquoराजरीि गाधरी कािछनरी उजाड़ तिरछधरी सो घरष कमटरीrsquo क आहान

पर चिािनरी रिरी हई

हबनौला (गडगाव) हसथत मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) क िका वकवि रो को हनकाल जान क हवरदध सघरवि दमन क बावजद जारी ह

िका वकवि रो क सघरवि क सातव हदन 7 जलाई 2017 को पहलस गाली-गलौच क साथ धरना-सथल को ख़ाली करन की धमकी दन लगी इस पर ऑटोमोबाइल इणडसटी काणटकट वकवि सवि यहनयन (एआईसीडयय) क साथी अननत और शाम न पहलस को सही तरीक स बात करन क हलए कहा और वकवि रो को गाडी म डालन स रोका पहलस स हगरफतारी का वारणट मागा और धरन वाली जगह तथा रहन-िहरन वाली जगह पर हकसी भी तरह क धरना-परदशविन न करन क बार म सट-आडविर क बार म पछा वकवि रो न भी बताया हक व लोग एक पराइवट वयहति क पलाट म बि ह और जब सडक भी बित ह तो एक हकनार बित ह हकसी भी तरह स टहिक या हकस वयहति को परशान नही कर रह पहलस न न तो कोई हगरफतारी का वारणट और न ही सट-आडविर जसा कोई भी कागज हदखाया और न ही कोई तकवि सना उटा दो मजदर साहथयो नीरज और यशपाल क साथ-साथ यहनयन क अननत और शाम को पहलस गाडी म डालकर ल गयी और जात हए बाकी वकवि रो को धमकी दी हक पाच हमनट म जगह ख़ाली कर दो वरना तम सबको उिाकर ल जायग गाली-गलौच और मारपीट थान म भी जारी रहा जब चारो अननत और शाम न अपन साहथयो को बतान की बात करन

की कोहशश की तो सबक फोन रासत म ही छीन हलय थ यह ह दश म अपन अहधकार की बात करन पर माहलक-िकदार-पहलस-परशासन क गिजोड का काम करन का तरीका

जात रह हक मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) म 1 जलाई 2017 को लगभग सभी सवा सौ िका शरहमको को हबना हकसी नोहटस क एक साथ हनकाल कर बाहर हदया और कहा हक उनक िकदार - नहा एणटरपराइजज तथा शरी एणटरपराइजज का िका रद कर हदया गया अगर काम करना चाहत ह तो अपन िकदार स पछो और अपना काम कही ओर ढढ लो िीक इसी तरह करीब दो महीन पहल माकवि एगजासट कमपनी क िका वकवि रो दारा िकदार क हख़ लाफ यहनयन बनान और अपनी मागो को रखन पर बाहर का रासता हदखाया था

वस तो शरम हवभाग दारा नोहटस हमलन पर ही कमपनी परबनधन न वकवि रो को हनकालन की अपनी योजना की तयारी शर कर दी थी 23 जन को यहनयन न अपनी मागो क हलए अपना हडमाणड नोहटस लगाया था इस पर तब करीब 50-60 नय वकवि रो को कमपनी म ओवरटाइम बनद करन क हलए लाया गया ह और परान वकवि रो को कहा हक हकसी को काम पर नही हनकाला जायगा नय लोगो को बी-हशफट म काम करवाया जायगा असल म यह झिा आशवासन ह असली मशा तो नय वकवि रो को टहनग दकर परान वकवि रो को हनकालना थी

और 30 जन को ही कमपनी न जब वकवि र काम कर रह थ तो कमपनी म परबनधन न नोहटस लगा लगा हदया था हजसम 1 जलाई 2017 स वकवि रो को बाहर हकया जा रहा ह और कहा जा रहा हक आपक िकदारो का िका ख़तम हकया जा रहा ह 30 तारीख़ को ही शरम हवभाग म 23 तारीख़ क हडमाणड नोहटस की तारीख़ थी हजसम यहनयन क लोगो तथा कमपनी को आना था यहनयन क लोग तो पहच लहकन कमपनी न अपनी तरफ स अपनी कमपनी क दसर पलाणट क वयहति को भज हदया था पहल तो कमपनी क दारा भज गय वयहति न हकसी भी तरह क हडमाणड नोहटस स इकार कर हदया इस पर शरम हवभाग न 10 जलाई 2017 को दोबारा तारीख़ तय की हजसम दो पाहटवियो को बलाया था उसक बाद 19 जलाई 2017 की तारीख़ द दी ह इस बीच कमपनी दारा 20-30 वकवि रो को कमपनी म ही रखा जाता ह उनह अनदर ही खाना हखलाया जाता ह कछ शरहमको को गाडी म भरकर लाया जाता ह और हिर काम ख़तम होन पर ही गाडी म भर कर कही दर भज हदया जाता ह माहलक इतना डरा हआ ह हक हकसी भी तरह स नय शरहमको को धरन पर बि पर बि हए शरहमको न हमलन-जलन नही हदया जाता ह

लहकन वासतहवक कारण महज िका ख़तम करना नही ह बहक एक महीन पहल स वकवि रो न यहनयन फाइल मीनाकषी पोलीमसवि िका शरहमक सगिन

यतनयन बनान की कछजशश और माग उठान पर ठका शरममकछ ो कछ कमनरी न तनकािा सो घरष जाररी

24 जन को कमपनी न गट पर एकाएक तालाबदी का नोहटस हचपका हदया और करीब 320 शरहमको को एक झटक म हबना हकसी नोहटस क सडक पर ला हदया य शरहमक हपछल 25-30 साल स सथायी तौर पर काम कर रह थ जब गडगाव स कमपनी को हबनौला म हशफट हकया था उसी वकत इन शरहमको को भी हशफट हकया गया था तालाबदी क बार म न तो कमपनी की यहनयन (ऑटोमकस कमविचारी यहनयन जो एचएमएस स सबदध ह) को पता था और और न ही हकसी मजदर को पता था ऑटोमकस हलहमटड (औमकस ऑटो हलहमटड की यहनट) गडगाव स जयपर रोड पर हबनौला म हसथत ऑटोपाटविस कमपनी ह

तालाबनदी की नोहटस लगन पर यहनयन क लोग गट पर बि गय और मशीन और जररी उपकरण को कमपनी स बाहर जान स रोकन लग यहनयन बार-बार तालाबदी क काननी दसतावज की हदखान की माग करती रही परबनधन न सरकषा क बहान पहलस को बलाया और हिर स पहलस स हमलीभगत करक अपनी मशीनो-उपकरणो को हनकलवान की कोहशश करन लगी लहकन शरहमक भी डट रह पहलस न 200 मीटर क दायर म हकसी भी तरह क धरन-परदशविन न करन क सट-आडविर की बात करत हए अपनी परानी चाल चली लहकन जब सट-आडविर की कॉपी पहलस स मागी गयी तो पहलस कछ भी नही हदखा पायी थान म जान पर पहल तो पहलसवालो न यह कहा हक मशीन-उपकरण आहद तो

कमपनी की परापटगी ह वह जब चाह इस हनकाल सकती ह यहनयन न ग़र-काननी तालाबदी क बार म जाच करन क हलए कहा परबनधन दारा तालाबदी क हकसी काननी नोहटस की कॉपी तालाबदी क हलए पराथविना-पत की कॉपी हकसी भी तरह स तालाबदी क हलए हाहन-लाभ का यौर की कॉपी पश नही कर पायी यहनयन डीसी स हमली और उनको झि सट-आडविर तथा ग़र-काननी तालाबदी क बार म बताया और यही बात शरम हवभाग को बतायी दोनो ही एक दसर पर टालत रह याहन न तो पहलस हकसी सटndashआडविर की कॉपी और न ही परबनधन तालाबदी क हलए काननी सबत पश कर पाय और न ही शरम हवभाग दारा कोई िोस कदम कमपनी क हख़ लाफ उिाया गया जबहक शरम हवभाग खद मान रहा ह हक कमपनी क पास कोई काननी तालाबदी का दसतावज नही ह शरहमक धरन-परदशविन की कारविवाई म डट हए ह डीसी न हतपकषीय वातावि क हलए कमपनी परबनधन तथा यहनयन को 18 जलाई को दोबारा बलाया ह

इस चीज की चचावि करना भी जररी ह हक इस कमपनी म हपछल 20-25 सालो म 30-40 शरहम को क हाथ कट ह और हकसी का हाथ बाज अगिा और कछ शरहमको का तो एक बार जयादा कटा ह और कई शरहमको क तो पर कट ह आज तक हकसी को कोई उहचत मआवजा नही हमला

14 जलाई को ऑटोमकस यहनयन क

हपछल कछ महीनो स राजीव गाधी कालोनी उजाडन की तयाररया पर जोरो स की जा रही ह 21 अपरल को कालोनी तोडन क हलए नगर हनगम न भारी सखया म पहलस बलाकर कालोनी पर हमला हकया था कछ घर तोड भी हदय गय लहकन लोगो क बहादरी भर सखत हवरोध क चलत परशासन को पीछ हटना पडा लहकन परशासन चप नही बिा ह कभी भी कालोनी तोडन की कारविवाई दबारा हो सकती ह पजीपहतयो दारा यह कालोनी ख़ाली करवान की अपीलो पर हाईकोटवि का आदश भी आ चका ह हक यहा क हनवाहसयो को रहन क हलए कोई अनय जगह दकर यह जगह ख़ाली करवायी जाय

इस कालोनी म दस हजार स अहधक पररवार रहत ह कालोनी हनवाहसयो क राशन काडवि वोटर काडवि हबजली मीटर आधार काडवि बन हए ह यहा धमविशाला क हनमाविण व अनय कामो क हलए सरकारी गाणट भी जारी होती रही ह जब कारख़ाना माहलको को जररत थी तो यहा फोकल पवाइणट क हबकल बीच सरकारी जमीन पर मजदर बसती बसन दी गयी लोगो न अपनी महनत स पकक घर बना हलय अब जब पजीपहतयो को इस बशकीमती जमीन की जररत आन पडी ह तो कालोनी तोडन की कोहशश

की जा रही ह लोगो को जो फलट दन की बात

कही जा रही ह व भी रहन लायक नही ह 25 गज की जगह म चार महजला इमारत खडी की गयी ह य चार फलट अलग-अगल अलॉट हकय जायग य फलट बहद सकर और नीची छत वाल ह यहा एक पररवार का रह पाना भी समभव नही ह और य फलट हाहसल करन क हलए लोगो क सामन ऐसी शतत रखी जा रही ह हक बहसखयक कालोनी हनवाहसयो क हलए य शतत परा कर पाना समभव नही ह और घर क बदल घर भी नही हदय जा रह बहक हदय जा रह फलटो की कीमत मागी जा रही ह

पजीपहत बको क कजवि हडप कर जात ह व सरकारी जमीनो पर सरआम कज करत ह कोई कारविवाई नही

होती एक तरफ पजीपहतयो क हलए भारी कजवि माफी और दसरी ओर ग़रीबो की बहसतयो का उजाडना शासको का यही चररत ह होना तो यह चाहहए था हक लोगो को उजाडन की

जगह इस कालोनी को काननी घोहरत हकया जाय लोगो को सारी सहहलयत दी जाय सवासथय हशकषा साफ-सफाई पककी गहलया हबजली-पानी आहद क पखता परबनध हकय जाय लहकन सरकार तो लोगो को उजाडन पर आमादा ह

कारख़ाना मजदर यहनयन की पहलकदमी पर lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo का गिन हकया गया ह इसक नतकतव म लोग सघरवि की राह पर ह हबगल मजदर दसता लोगो क कनध स कनधा हमलाकर सघरवि म साथ द रहा ह उजाड क हखलाफ हाईकोटवि म भी अजगी दायर की गयी ह हाईकोटवि म कछ जनपकषधर वकील हनश क कस लड रह ह लहकन मसला तो जनता की एकजटता स ही

हल होना ह जनता क सखत एकजट सघरवि स ही हकमरानो की उजाड की साहजशो को नाकाम हकया जा सकता ह सघरवि कमटी इसी राह पर ह जनता को लामबनद कर रही ह कछ धनधबाज तथाकहथत परधानो न कालोनी बचान क नाम पर लोगो स हजारो रपए इकट करन शर कर हदय ह यह उनका पसा कमान का पराना तरीका ह व हबजली पानी साफ-सफाई आधार काडवि आहद मसलो स जडी हर समसया पर लोगो स पस ऐित रह ह हजारो पररवारो पर टट पड उजाड क इस कहर को भी य धनधबाज पसा कमान क हलए इसतमाल कर रह ह य सघरवि कमटी क हखलाफ तरह-तरह का झि परचाररत कर रह ह लहकन कालोनी हनवासी इनकी असहलयत पहचान रह ह कछ लोगो को छोडकर बाकी लोग इनक चगल स आजाद ह

दस हजार स अहधक पररवारो क उजाड की यह सरकारी कोहशश कोई छोटा मसला नही ह सभी इसाफपसनद लोगो को इस उजाड क हखलाफ सघरवि की राह चल लोगो क कनध स कनधा हमलान क हलए आग आना चाहहए उनक हक म जोरदार आवाज उिनी चाहहए

ndash िखतिनदर

िसधयाना म राजरीि गाधरी कािछनरी क हजारछ ो मजदर पररिार बसतरी उजाड़न क ख़खिाफ सो घरष की राह पर

ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

(पज 5 पर जाररी) (पज 5 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 5

हाल ही म नोएडा क महागन मॉडविन अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला क साथ जो घटना हई ह वह दश क लाखो-करोडो घरल कामगार महहलाओ क साथ होन वाली रोज-रोज की बबविरता और अमानवीयता का एक परमाण ह साथ ही साथ यह इस बात का भी परमाण ह हक खात-पीत मधय वगवि क धनपशओ की बबविरता बलगाम हो चकी ह

हम दखत ह हक पजी की मार स उजड कर लाखो लोग रोजगार की तलाश म दरदराज इलाको स हनकलकर शहरो की ओर आ रह ह पजीवाद न जहा मटीभर आबादी को ऐशो-आराम क तमाम सरजाम हदय ह वही अहधकाश आबादी को भयानक ग़रीबी और भखमरी क हालात म धकल हदया ह हमार दश म घरल कामगारो की एक बहत बडी आबादी काम करती ह एक अनमान क मताहबक उनकी कल सखया 10 करोड ह हजसम सती परर और

बचच भी शाहमल ह यह आबादी बहत हबखरी हई ह और बहद नारकीय जीवन हबता रही ह हजस घटना का हम हजकर करन जा रह ह वह नोएडा क सकटर 78 हसथत महागन मॉडनवि अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला जोहरा बीबी क साथ 11 जलाई की घटना ह इस घटना न साहबत कर हदया ह हक यह आबादी लमब समय तक चप नही बिगी और दर-सवर अपन हको क हलए जरर आवाज उिायगी

घटना की शरआत 11 जलाई को हई महागन क फलट नबर 12 म दो घरल कामगार औरत काम करती ह इनम स एक ममता बीबी खाना बनाती ह और दसरी जोहरा बीबी झाड -पोछा लगाती ह घटना वाल हदन दोनो न अपनी दो महीन स बकाया तनखवाह मागी तो उनस कहा गया हक शाम को

आकर पस ल जाना उस हदन शाम को जोहरा बाकी पाच घरो का काम हनपटान क बाद अपन पस लन पहची मालहकन न उसस कछ काम कराया और इसी बीच उस पर पसवि स रपय चरान का आरोप लगा हदया जोहरा क मताहबक उसन मारपीट भी की एक अखबार क अनसार मालहकन का आरोप ह हक उसक पसवि क दस हजार जोहरा न चराय ह और दसर अख़बार क अनसार मालहकन न 17 हजार रपय चरान का आरोप लगाया और जोहरा न दस हजार रपय चरान की बात मजर भी कर ली एक अख़बार क अनसार मालहकन पदाहधकाररयो स हशकायत करन की बात कहकर अदर गयी तो जोहरा पकड जान क डर स मोबाइल वही छोडकर भाग गयी जोहरा का कहना ह हक वह छोड कर नही गयी बहक उसका मोबाइल छीन हलया गया वस चोरी की बात पहलस या पदाहधकररयो स तब तक नही बतायी गयी जब तक हक

जोहरा क बरी हालत म हमलन क बाद हगामा नही हो गया

शाम हो जान क बाद भी जोहरा वापस घर नही पहची तो उसक पहत अदल सततार रात करीब आि बज अपनी बीवी को ढढन महागन अपाटविमट पर पहच चौकीदार न कामकाजी लोगो क हलए बन रहजसटर को दखकर बताया हक जोहरा क आन का समय तो दजवि ह लहकन जान का नही दो चौकीदार उनक साथ बारह नबर फलट पर गय लहकन मालहकन न कह हदया हक उस कछ नही मालम पहत क सौ नबर पर िोन करन क दो घट बाद पहलस आयी और अदल सततार क साथ हिर स 12 नबर क फलट म गयी मगर खानापरी करक लौट आयी अपनी झगगी बसती म वापस आकर पडोहसयो को घटना बतान पर सबकी राय बनी हक सबह-

सबह महागन पर चलकर पछा जाय सबह जोहरा क पहत क साथ बसती क कािी लोग महागन क गट पर पहच और जोहरा का पता लगान क हलए हगामा हकया इस दबाव म पहलस आयी और करीब छह बज जोहरा को चौकीदारो क साथ महहला पहलस हकसी सामान की तरह उिाकर बाहर लायी वह अदधविबहोशी की हालत म थी और िीक स बोल भी नही पा रही थी हकसी तरह उसन बताया हक उस पर चोरी का आरोप लगाकर मालहकन न मारा-पीटा उसका मोबाइल छीन हलया इस पर भीड उततहजत हो गयी और भीतर घसन की कोहशश करन लगी गाडडो न उनह भीतर जान स रोका उनक साथ गाली-गलौज और अभदरता की व लोग पहल स ही परशान थ और गसस म भी थ महागन क गट पर तोडिोड हई और पहलस तथा चौकीदारो क बावजद कई लोग मालहकन क फलट तक पहच गय आरोप लगाया गया ह हक कछ लोग

फलट का शीशा वगरह तोडकर अदर घस गय हजसस मालहकन और उसका बटा डरकर बाथरम म हछप गय घटना क बाद दोनो तरि स परथम सचना ररपोटवि दजवि हई महागन की तरि स अलग-अलग तीन एफआईआर और जोहरा की तरि स कल एक

तमाम अख़बारो न इस ख़बर को इस तरह बताया जस हक जोहरा क घरवाल और आसपास क लोग दगाई थ लटर थ या हिर हतयार थ हजनहोन खात-पीत मधयवगवि क घरो को अपन हमल का हनशाना बनाया बहरहाल पजीवादी मीहडया स इसस जयादा की उममीद की भी नही जा सकती ह हद तो तब हो गयी जब सोशल मीहडया िसबक टहवटर और वहाटसऐप पर इस तरीक क सनदश परसाररत होन लग हक नोएडा को मालदा बनाया जा रहा ह

हक नोएडा महसलम आतकवाहदयो का गढ बन गया ह असल म मामला तो घरल मजदरी करन वाली एक महहला कामगार स जडा हआ था लहकन इस सामपरदाहयक रग हदया जान लगा सोशल मीहडया पर दषपरचार म सहकरय बहतर लोगो क िसबक अकाउणट दखन पर पता चला हक य लोग या तो मोदीभति थ या कही-न-कही भाजपा की हवचारधारा सघ की हवचारधारा और हहनदतव की हवचारधारा स परभाहवत ह कोई हडगवार का समथविक था तो कोई सावरकर का पजक था या हिर कोई हहनद राषटवाद का झणडा उिान वाला था इसस यह भी पता चलता ह हक मधय वगवि क व तमाम लोग जो आज हहनदतववादी हवचारधारा का समथविन कर रह ह जो राषटवाद क नार लगा रह ह असल म उनह दश क करोडो-करोड महनतकशो की हजनदगी स कोई लगाव नही ह इसक िीक हवपरीत उनक भीतर महनतकश वगवि क लोगो क परहत बहत

नफरत भरी हई ह व कामगारो को कीड-मकौडो स जयादा कछ नही समझत व शायद यह समझत ह हक ग़रीब लोग उनकी सवा क हलए ही बन ह और इसहलए उनक साथ lsquoइसतमाल करो और ि कोrsquo वाला घहटया बताविव करत ह

महागन क सदसयो दारा कामकाज करन वालो को बागलादशी बताए जान पर पहलस न इनकी नागररकता की जाच करन की बात शर कर दी जबहक पहलस का एक अहधकारी जोहरा को भारतीय नागररक पहल ही बता चका था महागन स करीब एक हकलोमीटर दर रहन वाल य लोग पहचिम बगाल क कचहबहार हजल क रहन वाल ह हजनम स कई 10-15 साल पहल ही यहा आकर बस गय थ बसती की महहलाओ न थान पर परदशविन करक अपना भारतीय हनवाविचन काडवि और आधार काडवि भी सबको हदखाया

इस परी घटना क दौरान पहलस महकमा महागन अपाटविमणट क रहन वाल करोडपहतयो क पकष म काम कर रहा था उनहोन यह मानन स ही मना कर हदया हक जोहरा क साथ उसकी

मालहकन न मारपीट की ह और उस महागन अपाटविमणट म ही बनद करक रखा हआ ह जब सबह बसती क लोग महागन अपाटविमणट पहच तो मजबर होकर पहलस को वहा आना पडा और तब पता चला हक जोहरा को सचमच म एक कमर म बनद करक रखा गया था उसक साथ मारपीट की गयी थी जब उस इलाज क हलए असपताल ल जाया जा रहा था तो वह रासत-भर उहटया करती रही उसकी हालत बहद खराब थी बाद म पता चला हक पहलस वालो न ख़द ही जोहरा की तरफ स एक एफआईआर दजवि की ह लहकन वह इस तरह स की गयी थी हक परा मामला ही कमजोर पड जाय इसक साथ ही साथ जोहरा क हखलाफ भी एक झिी एफआईआर दजवि करवायी गयी हजसम उस पर 17000 रपय चोरी करन का मनगढनत आरोप लगाया गया था पहल बताया गया हक चोरी करत हए जोहरा का एक वीहडयो ह लहकन बाद म पता चला हक यह दावा एकदम झिा था और ऐसा कोई वीहडयो था ही नही आमतौर पर यही होता ह हक ग़रीब मजदर जब भी अपन हको क हलए आवाज उिात ह तो उनह चोर लटरा साहबत करन की कोहशश की जाती ह ताहक उनकी आवाज को दबाया जा सक इसक साथ ही पहलस वालो न उसी हदन रात क अधर म जोहरा की बसती पर छापा मारा और करीब 50 लोगो को रात म उिा हलया अगल हदन उनम स 13 लोगो क हखलाफ एफआईआर दजवि की गयी और उनह हगरफतार कर उन पर सगीन धाराओ म मकदमा दायर हकया गया इसक तीन ही हदन बाद अहतकरमण बताकर उस परी बसती को बलडोजर चलाकर धवसत कर हदया गया यह सब कछ बताता ह हक आज ग़रीब हबखरी हई आबादी क हलए अपन हको क हलए आवाज उिाना हकतना महकल हो गया ह और जब तक हक व सगहित नही हो जात ह तब तक उनक सामन य महकल बनी रहगी साथ ही साथ यह घटना बताती ह हक आम महनतकशो की एकता को तोडन और उनक हखलाफ नफरत िलान क हलए िासीवादी ताकत बशमगी क साथ धमवि का इसतमाल करती ह ताहक असली मद पर पदावि डाला जा सक

mdash तनपश

नछएरा म जछहरा क साथ हई घटना घरि कामगारछ ो क साथ बबषरिा की एक बानगरी

अलावा अनय कई यहनयनो - मीनाकषी पॉलीमसवि परा हल मटो आटविम माकवि एगजासट दारा गडगाव क हज ला परशासन क ऑहफस पर रोर परदशविन हकया गया और शरमायति को जापन हदया गया हजसम ऑटोमकस कमपनी क शरहमको को गर-काननी तरीक स तालाबदी करक हनकालन क अलावा मटो आटविम स हनकाल गय 45 सथायी व 120 असथायी शरहमको को काम पर वाहपस लन माकवि एगजासट दारा कई वरडो स कायविरत िका शरहमको को ग़र-काननी ढग स नौकरी स हनकालन और मीनाकषी पॉलीमसवि क शरहमको का मदा भी रखा गया

हिलहाल हकसी भी कमपनी का मदा शरम

हवभाग-परशासन-सरकार दारा हल होता नही आ रहा ह आज महज जापनो धरन-परदशविनो स माहलकपरसत हवभागो व सरकारो को कोई असर नही पड रहा ह जररत ह गडगाव-मानसर-धारहडा-बावल स लकर हभवाडी-खशखडा-नीमराना तक ऑटो सकटर क सभी मजदरो की िौलादी एकता कायम की जाय और वयापक सतर पर जझार आनदोलन खडा हकया जाय

mdash निगल सवाददाता

(एमपीडीएसएस) क नाम स लगायी थी हिलहाल हपछल एक महीन स 8252 क हहसाब स पमणट हकया जाता ह इसस पहल 7977 क हहसाब पमणट होता था मखय मागो म छटटी गट पास बोनस क टीन पमणट सलीप पहचान पत पीएफ एगरीमणट 3 स 5 परान वकवि रो को पकका हकया जाना लच की सहवधा चाय-पानी की सही वयवसथा फसटविऐड कीट सरकषा उपायो एगजॉसट फन व पखो आहद की माग थी लहकन कमपनी को न तो वकवि रो की माग गवारा थीऔर न ही यहनयन

मीनाकषी पोलीमसवि परा हल कमपनी की

शरआत 2007 क आसपास हई इसकी कल हमलाकर सात इकाइया ह हबनौला क अलावा मानसर गडगाव नीमराना यपी म दादरी हररदार म दो पलाणट ह एमपीपीएल हबनौला ऑटो पाटविस की कमपनी ह हजसम अलग-अलग कमपहनयो क हलए िट रसट असबहलग हडसक बक ईनरवज कररशना मारहत क हलए बाईक क सटणड मोटर पमप का ढककन आहद बनता ह

दमन क बावजद िका वकवि रो न अपन सघरवि को आग बढान का हनणविय हकया ह

mdash निगल सवाददाता

(पज 4 स आग) (पज 4 स आग)

मरीनाकरी पछिरीमसष का आनदछिन ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

6 मजदर तबगि जिाई 2017

गाय क नाम पर िासीवाहदयो न जो गणडागदगी और कतलोगारत दशभर म मचा रखी ह वह हकसी स हछपी नही ह ldquoगौ-रकषकrdquo गणड मोदी क सतता म आन क बाद बख़ौफ घम रह ह और नयी-नयी घटनाओ को अजाम द रह ह इन घटनाओ पर दश क परधानमनती नरनदर मोदी परी बशमगी स चपपी धारण हकय रह जब दहनयाभर म थ-थ होन लगी तो कह हदया हक महातमा गाधी इन हतयाओ को िीक नही कहत हवरोध और बढा तो एक और बयान द हदया हक गौरकषा क नाम पर गणडई बदावित नही की जायगी मगर गौ-गणडो को भी पता ह हक य सब बयान दसरो को सनान क हलए ह इसीहलए मोदी कछ भी कहत रह गाय क नाम पर हतयाए और गणडागदगी लगातार जारी ह इन गौ-गणडो को सरकारी शह हाहसल ह लगभग सारी ही घटनाओ म पहलस की भहमका मकदशविक वाली बनी हई ह कही-कही पहलस ख़द ldquoदोहरयोrdquo को गौ-गणडो क हवाल कर रही ह यह परा काम पहलस और तथाकहथत गौरकषा दलो की हमलीभगत स चल रहा ह कई ऐस वीहडयो भी सामन आय ह जहा पहलस वाल इन घटनाओ पर हसत हए पाय गय ह गौ-रकषको क हलए यह एक मनाफ वाला धनधा भी बन रहा ह अख़बारो म छप लोगो क हवहभनन बयानो स पता चलता ह हक कई सथानो पर गौ-रकषको न पस लकर ldquoदोहरयोrdquo को बरी हकया ह और अगर आप पस नही द सकत तो सजा क हकदार तो हो ही कई जगह य तथाकहथत गौरकषक ख़द ही गाय बचत पकड गय ह इसक साथ ही मसलमानो पर झि मकदमो का दौर भी शर हआ ह गोवश हतया और असथायी परवास अथवा हनयावित हनयमन कानन 1995 क तहत हसफवि राजसथान म 73 मकदम दजवि हए जो बाद म झि साहबत हए

हम कवल हपछल डढ वरडो की घटनाओ पर एक सरसरी नजर डालत ह जो य दशाविती ह हक यह कछ अलग-

थलग घटनाए नही बहक मामलो की एक परी लडी ह जयादातर घटनाए मीहडया तक पहचन स पहल ही दम तोड दती ह

4 माचवि 2015 को महाराषट सरकार न गाय का मास खान पर पाबनदी लगा दी हकसी क पास स मास हमलन पर नय कानन क अनसार पाच वरवि की सजा और 10000 रपय जमाविना लाग हकया गया महाराषट म 1976 का कानन हसफवि गाय मारन पर पाबनदी लगाता था हजसको हक बदलकर बल और साड तक बढाया गया 16 माचवि 2015 को हररयाणा सरकार न एक हबल पास हकया हजसक मताहबक गाय का मास खान पर पाबनदी लगायी गयी और खान पर 5 वरवि की सखत सजा और 50000 रपय तक जमाविना लाग हआ

30 मई 2015 को अदल ग़फर करशी नाम क वयहति को हबरलोका राजसथान म पीट-पीटकर मौत क घाट उतार हदया गया उसक बार म सोशल मीहडया पर लगातार यह ख़बर िलायी गयी हक एक तयौहार क हलए उसन 200 गाय मारी ह हजारो की हगनती म भीड न उसको मौत क घाट उतार हदया

29 अगसत 2015 को हदली क मयर हवहार इलाक क हचला गाव म भडकी हई भीड का चार डाइवरो स झगडा हआ जो भसो को एक बचडखान म छोडन जा रह थ

28 हसतमबर 2015 दादरी क महममद अख़लाक को ldquoभीडrdquo न गाय मारन क शक म वहशी तरीक स पीट-पीट कर मार हदया उनक गाव क महनदर स लाउडसपीकर पर ऐलान करक सकडो की भीड इकटा की गयी हजसन उनक घर पर हमला करक उनक पररवार क सामन ही अख़लाक की हतया कर दी और उनक बट को अधमरा कर हदया

6 अकटबर 2015 को कनाविटक म एक भसो-गायो क वयापारी हजस पर बजरग दल क कायविकताविओ न लोह की

छडो स हमला कर हदया न भाग कर अपनी जाच बचायी हजसक बार म हकसी न यह अफवाह िलायी हक वह एक गौ-तसकर ह

9 अकटबर 2016 को यपी क मनपरी हजल म भडकी हई भीड न गाय मारन की एक अफवाह क चलत उतपात मचाया

9 अकटबर 2015 को शरीनगर क एक टक पर ऊधमपर म दहकषणपनथी कायविकताविओ न पटोल बम स हमला हकया हजसम दो कमीरी नागररक और एक पहलस वाला सवार था एक नागररक की बाद म इलाज क दौरान मौत हो गयी

16 अकटबर 2015 को हहमाचल परदश क हसरमौर हजल म भीड न एक वयहति को गौ-तसकरी क दोर म मौत क घाट उतार हदया

3 हदसमबर 2015 को हररयाणा क पलवल हजल म हहसक घटनाए हई जब भीड न मास लकर जा रहा एक टक रोक हलया

3 जनवरी 2016 को मधय परदश क हखरहकया रलव सटशन पर गौ-रकषको न एक जोड पर यह कहकर हमला हकया हक वह गौ-मास लकर जा रहा ह उनक पास कछ भी नही हमला

18 माचवि 2016 को झारखणड क लातहार म मजलम असारी और उसक 15 वरगीय बट को पीटा गया और बाद म पड पर लटकाकर िासी द दी गयी जो हक एक पश मल म गाय लकर जा रह थ गौ-रकषक हजनहोन इस काम को अजाम हदया बजरग दल क सदसय ह

5 अपरल 2016 को करकषत हररयाणा म मसतन असारी जो हक भस लकर जा रहा था उसको गौ-रकषको दारा मौत क घाट उतार हदया गया इस मकदम म पजाब और हररयाणा हाई कोटवि न 9 मई को सीबीआई जाच क हनदचश हदय ह

2 जन 2016 को राजसथान क परतापगढ म गौ-रकषको न एक महसलम वयापारी को बरी तरह पीटा और उसको नगा करक तसवीर खीची

10 जन 2016 को गडगाव म दो वयहतियो क साथ बीफ-टासपोटविर होन क शक म बरी तरह मारपीट की गयी और गाय का गोबर खान क हलए मजबर हकया गया

10 जलाई 2016 को कनाविटक क कोपा म बजरग दल दारा एक दहलत पररवार पर गौ-मास होन क शक म हमला हकया गया

11 जलाई 2016 को गजरात ऊना म गौ-रकषको दारा दहलत पररवार क सात सदसयो दारा मरी हई गाय की खाल उतारन क ldquoदोरrdquo म बरी तरह मार-पीटकर नगा घमाया गया

26 जलाई 2016 को मधयपरदश क मनदसौर रलव सटशन पर दो महसलम औरतो क पास गौ-मास होन क शक म उनक साथ बरी तरह मार-पीट की गयी

30 जलाई 2016 मजफफरनगर म एक मसलमान पररवार पर गाय मारन क शक म भडकी हई भीड न हमला हकया

5 अगसत 2016 को लखनऊ म दहलत नौजवानो को मरी हई गाय की खाल उतारन स मना करन पर बरी तरह मारा-पीटा गया

18 अगसत 2016 को परवीण नाम क वयहति को कनाविटक म गौ-तसकरी करन क शक म मौत क घाट उतार हदया गया बाद म पता चला हक वह भाजपा कायविकतावि था

अगसत 2016 म आनधर परदश म हबजली का करट लगन स मरी एक गाय की खाल उतारन क हलए बलाय गय दो दहलत भाइयो पर करीब 100 गौ-गणडो न यह कहकर हमला कर हदया हक उनहोन गाय को चराकर मारा ह

24 अगसत 2016 को हररयाणा क मवात म एक मसलमान पररवार पर गौ-रकषको न हमला हकया दो नौजवानो को मौत क घाट उतार हदया गया दो बरी तरह जखमी हए उनकी बहन क साथ गग रप हकया गया

18 हसतमबर 2016 को महममद

अयब नाम का वयहति जो एक बल और एक बछड को लकर जा रहा था रासत म हादसा होन क कारण बछडा मर जाता ह गौ-रकषक अयब क साथ बरी तरह मार-पीट करत ह जो हादस स तो बच जाता ह लहकन इन ldquoदशभतिोrdquo की मार न झलन क कारण असपताल म दम तोड दता ह

1 अपरल 2017 को राजसथान क अलवर हज ल म मवशी ख़रीदकर लौट रह महसलम डरी वयापाररयो पर हमला हकया गया मवहशयो की खरीद क काननी काग़जात हदखान क बाद भी उनह बरी तरह मारा गया हजसस बजगवि पहल ख़ान की 3 अपरल को मौत हो गयी सघ पररवार की साधवी कमल न हतयार गौ-गणडो की तलना भगतहसह स की

21 अपरल 2017 को जमम-कमीर क ररयासी हज ल म गौ-गणडो न बजार पररवार पर हमला करक 9 साल की बचची सहहत कई महहलाओ को लोह की छडो स बरी तरह पीटा इसी हदन हदली म भी गौ-गणडो न भस ल जा रह कछ वयापाररयो पर हमला हकया पहलस न उटा उन वयापाररयो को ही पश कररता कानन म हगरफतार कर हलया

20 जन 2017 को हररयाणा क बलभगढ म टन म जनद नाम क हकशोर को पीट-पीट कर मार हदया गया सीट को लकर हए हववाद क बाद उस पर झोल म बीफ रखन का आरोप लगाकर हमला हकया गया

13 जलाई 2017 को उततर परदश क मनपरी क पास भीड न टन म याता कर रह 10 लोगो क महसलम पररवार पर हमला हकया और बजगडो महहलाओ और हवकलाग लडक तक को लोह की छडो स बरी तरह मारा

य तो चनद एक घटनाए ह सरकार और सघ पररवार की शह पाय हए य गणडा हगरोह और उनमादी भीड लगातार दशभर म आतक मचाय हए ह

- राजजनदर ससोह

गाय क नाम पर गौ-रकक गणडछ ो क तपछि दछ िरषो क कारनामछ ो पर एक नजर

हपछडी और दहकयानसी म य-मानयताओ क नाम पर हसतयो को ग़लाम बनान और तमाम तरह क बबविर अमानवीय वयवहार का हशकार बनान का चलन हवश वभर म आज भी मौजद ह आपन मधयकाल म दास परथा सती परथा या धाहमविक कमविकाणडो क चलत हसतयो की बहल चढान या मार दन क बार म सना या पढा जरर होगा मगर आज भी बाल-हववाह क नाम पर लाखो हसतयो की हजनदगी की बहल दी जाती ह मधयपववि अरिीका दहकषण एहशया और भारत हसतयो को सामनती म य-मानयताओ म बाधन म सबस आग ह यनीसफ (यनाइटड नशनस हचडन एमरजसी िणड) की ररपोटवि क मताहबक बाल हववाह क मामल म बगलादश का पहला और भारत का दसरा सथान ह

द हसटीजन (9 मई 2017) की ख़बर क अनसार भारत की 22 याहन लगभग 24 करोड आबादी 10-19 वरवि की ह यहा 47 लडहकयो का हववाह 5-15 वरवि की आय म ही कर हदया जाता ह याहन परतयक दो लडहकयो म स एक लडकी क बाहलग होन स पहल ही

हववाह कर हदया जाता ह भारत म वस तो हर राजय म बाल-हववाह क नाम पर ननही हजनदहगयो को बबाविद करना जारी ह लहकन उततर परदश राजसथान हबहार झारखणड पहचिम बगाल और मधय परदश इसम सबस आग ह

बाल हववाह क कारण वस तो लडक और लडकी दोनो का ही मानहसक और शारीररक हवकास िीक ढग स नही हो पाता कयोहक जो आय उनकी हजनदगी क बार म सीखन की होती ह उस तथाकहथत हववाह बनधन म बाध हदया जाता ह लहकन लडहकयो क हलए यह परमपरा बहद भयानक ह लडकी को अहसास भी नही होता हक वह हकस जजीर म बधन जा रही ह सीबीएन नयज क एक ररपोटविर अहमत बदी न राजसथान म वीना नाम की लडकी हजसकी आय हसिवि 8 वरवि थी उस हववाह क समय जोर-जोर स रोत हए दख उसकी दादी स कारण पछा तो उसन जवाब हदया हक इसको पता नही ह हक हववाह कया होता ह या अभी वह घर की दख-रख क परहत सचत नही हई इसहलए थोडा डरी हई ह लहकन जदी ही उसको आदत पड जाएगी मरा भी हववाह

छोटी आय म हो गया था अहमत आग बतात ह हक राजसथान म अपरल स मई क महीन म यहा रात को हजारो की सखया म गपत हववाह करवाय जात ह हजसम हववाह करन वालो की आय 5-19 वरवि तक होती ह कछ की आय इतनी छोटी होती ह हक उनक मा-बाप गोद म उिाकर लात ह शहरो क मकाबल गावो और दहलतो म बाल-हववाह 3 परहतशत जयादा होत ह हववाह क बाद अकसर लडहकयो क पढन-हलखन पर भी पाबनदी लगा दी जाती ह

बाल हववाह हसतयो क हलए मानहसक क साथ-साथ शारीररक पीडा भी लकर आत ह हववाह होत ही लडकी स बचच की अपकषा की जाती ह हजसका पररणाम अकसर बचच क जनम क समय बचच या मा की मौत होती ह भारत म 18 वरवि की आय स पहल बचच को जनम दत समय बडी सखया म बचच मौत का हशकार हो जात ह और जो पदा होत ह उनका शारीररक हवकास सही ढग स नही हो पाता हसतयो को हजनदगी भर क हलए मानहसक और शारीररक तकलीफ झलनी पडती ह हसतया बचचदानी क रोग

कमजोरी तथा कई गमभीर बीमाररयो का हशकार होती ह एक लडकी की हजनदगी को बचपन स गहतहीन और नीरस बनान की परहकरया चलती ह उसको अपना ससार पररवार तक ही सीहमत करना पडता ह लडकी को बस एक हपता या पहत की समपहतत बना हदया जाता ह

आज सरकार दारा भल ही हसतयो की आजादी या इन हपछडी हई म य-मानयताओ को रोकन क हलए कई कानन बना हदए गए ह (बाल-हववाह रोकथाम हबल 1998 बाल हववाह रोकथाम हबल 2006 आहद) इनम बाल-हववाह करन या करवान वाल को जल या जमाविन की सजा का परावधान ह लहकन य बस कागजो तक ही सीहमत ह कयोहक तथयो स साि पता चलता ह हक हसतयो को बराबरी क अहधकार दन या आजादी क हलए उनहोन हकतन कदम उिाय ह बहक परहतहदन कई ऐस उदाहरण हमलत ह जो मौजदा सरकार और समाज क क बहचचयो क परहत वयवहार को दशावित ह पजीवादी मीहडया खलआम सरकार स शह पाकर हसतयो को सामनती म य-मानयताओ क चौखट म रहन क हलए

परररत करता ह भारत म 70 परहतशत हसतया परहतहदन घरल हहसा का हशकार होती ह हर 20 हमनट बाद एक सती बलातकार का हशकार होती ह और 80 परहतशत हसतया हकसी न हकसी रप म शारीररक छडछाड का हशकार होती ह तथय बतात ह हक हसतयो की सरकषा आजादी या बराबरी का मामला सरकार क हलए कोई बहत गमभीर बात नही ह

पजीवाद न जनता को ग़लाम और हपछडा बनाय रखन क हलए तमाम तरह क सामनती म य-मानयताओ क साथ समझौता करक न हसफवि उनह बनाय रखा ह बहक लगातार बढावा भी द रहा ह इस पजीवादी समाज वयवसथा को उखाड ि कन क हलए राजनीहतक और आहथविक सघरवि चलान क साथ ही हपछडी सोच और सस कक हत स भी लडना होगा पहल क सघरडो और सामाहजक पररवतविन दारा हसतयो न कछ हद तक सममान स जीन का हक पाया ह बराबरी का हक पान क हलए पजीवादी वयवसथा को ही बदलना होगा

ndash तबनरी

इकीसिरी ो सदरी म भरी ननरी ो जजनदमगयछ ो कछ बाि तििाह की बलि चढा रहा ह समाज

मजदर तबगि जिाई 2017 7

मधय परदश जो भारत का दसरा बडा राजय ह 2015-16 क दौरान यहा हर रोज 64 बचचो की मौत का आकडा सामन आया ह नवजात बचचो की मौत का यह आकडा हकसी अफीकी दश क मकाबल भी बदतर और भयानक ह

पहल तो मधय परदश की भाजपा सरकार न 2015-16 वरवि क दौरान योपर हजल म कपोरण स हई बचचो की मौतो क आकड तोड-मरोड कर पश हकय महहला और बाल हवकास मनती अचविना हचटहनस न हवधान सभा म दावा हकया था हक इस

वरवि क दौरान हकसी भी बचच की मौत कपोरण स नही हई जबहक सवासथय हवभाग न हाईकोटवि म ररपोटवि सौपी थी हक इस हजल म 2015-16 क दौरान 116 बचचो की मौत कपोरण की वजह स हई ह जब झि आकड पश करन क हलए सरकार की चारो ओर स थ-थ हई तो सरकार को सचचाई पश करनी पडी महहला और बाल हवकास मनती अचविना न राजय हवधान सभा म यह भी माना हक 0-6 वरवि तक क 25440 बचच एक वरवि क अनदर दसत और खसर जस रोगो क

कारण अपनी जान गवा दत ह मधय परदश भारत म ग़रीबी रखा क

नीच सबस जयादा आबादी वाल 14 राजयो म शाहमल ह और सबस अहधक मकतय दर वाल राजयो म स एक ह यहा 1000 क पीछ 52 बचचो की मौत एक वरवि की आय स पहल ही हो जाती ह और नवजात बचचो का वजन ढाई हकलोगाम स भी कम होता ह भारत म 31 परहतशत बचचो का कद आय क अनसार कम ह और 42 परहतशत बचचो का वजन भी उनकी आय क मताहबक कम ह भारत

क कल कपोहरत बचचो म 60 परहतशत मधयपरदश और झारखणड क ह

बचचो क सवासथय क हलए हवजान क मताहबक तीन वरवि तक क बचच को परहतहदन 300 हमलीगाम दध की जररत होती ह जबहक उनह हसफवि 80 हमलीगाम दध ही हमल पाता ह पररणामसवरप कपोरण क कारण उनका शरीर बीमाररयो का मकाबला नही कर पाता हजा तथा बखार जसी बीमाररयो स बचचो की मकतय दर लगातार बढती जाती ह

बचचो की हो रही इन मौतो को हम

पराकक हतक मौत नही कह सकत बहक य कतल ह जहा एक ओर अनाज गोदामो म पडा-पडा सड रहा ह वही दसरी ओर य हालात ह हक बचच जनम लन स पहल या पदा होत ही मौत क मह म चल जा रह ह

हवकास क बड-बड दाव करन वाली भाजपा का धयान जनकयाण की ओर न होकर गौरकषा जस झि मदो तक कहनदरत ह मधय परदश जस राजयो क हालात भाजपा सरकार क हवकास क दावो का असली चहरा पश करत ह

ndash बिजरीि

मधय रिदश म रछजाना 64 बचछ ो की मौि

2014 म जब दश म राषटवादी सरकार आयी थी तो और बहत सार वादो क साथndashसाथ सवासथय कषत म यगपरवतविक बदलाव लान का वादा भी हकया था तकरीबन एक वरवि बाद सरकार को अपना यह वादा याद आया तो 2015 म राषटीय सवासथय नीहत का मसहवदा बनाकर घोरणा की गयी हिर दो वरवि मसहवद को सशोहधत करन म लगा हदय मसहवद पर दो वरडो की लमबी महनत क बाद लोगो को उममीद थी हक नयी सवासथय नीहत म सवासथय सहवधाओ को बहतर बनान क हलए जरर कछ-न-कछ होगा लहकन नया तो कया हमलना था लोगो को जो कछ पहल हमला हआ था वह भी छीनन की तयारी ह

आजाद भारत की पहली सवासथय नीहत आजादी क 36 वरवि बाद 1983 म बनी थी उस समय बड-बड ऐलान हए उद य तय हकय गय मगर हाल यह ह हक जो उद य वरवि 2000 तक हाहसल करन की कसम खायी गयी थी आज तक उनक नजदीक भी नही पहचा गया हिर 2002 म वाजपयी सरकार दारा सवासथय नीहत म सशोधन हकय गय और कहा गया हक सवासथय सहवधाओ क हलए अहधक पसा हदया जायगा सवासथय सहवधाओ की वयवसथा को पनःसगहित करन की बात की गयी लहकन कछ भी नही बदला न तो सवासथय क हलए अहधक पस हदय गय और न ही वयवसथा को िीक करन क हलए कछ हकया गया बहक हबकल उटा हआ 2002 स लकर अब तक हनजी सवासथय कषत अब तक की सबस तज रफतार स बढा ह सरकार क पास पजीकक त कल ऐलोपहथक डॉकटरो म स महज 11 परहतशत सरकारी सवासथय वयवसथा म ह और बीमारी पर होन वाला ख़चावि भारत म ग़रीबी क अहम कारणो म स एक बन गया ह

अब जब राषटवादी िल अचछी तरह स हखला हआ ह तो हिर स नयी राषटीय सवासथय नीहत लायी गयी ह 2015 क मसहवद म यह वादा हकया गया था हक lsquoसवासथय को एक बहनयादी अहधकारrsquo बनाया जायगा और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo का हसदधानत लाग हकया जायगा लहकन इसस मोदी सरकार एकदम मकर गयी ह सवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo की जगह नयी नीहत म सवासथय सहवधाओ को भरोसमनद बनान का जमला उछाला गया ह सरकार का कहना ह हक lsquoसवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo समभव बनान क हलए

वयवसथा नही ह लहकन वयवसथा बनी कयो नही और बनानी हकस ह इसक बार म सरकार न न तो कोई जवाब हदया ह और न ही कोई योजना ह यानी सवासथय सहवधाओ को सबक हलए सलभ बनान क काम को अब नीहतगत और काननी तौर पर भी िणड बसत म डाल हदया गया ह और सरकार हर तरह की जवाबदही स हनकलकर भाग गयी ह हालाहक भारतीय सहवधान क नीहत हनदचशक हसदधानतो क मताहबक सभी क हलए सवासथय सहवधाए दना सरकार क कतविवयो म आता ह

2015 की सवासथय नीहत क मसहवद म मोदी सरकार न वादा हकया था हक 2020 तक सवासथय सहवधाओ पर ख़चवि बढाकर सकल घरल उतपादन का 25 कर हदया जायगा हिलहाल यह 1 क इदवि-हगदवि रहता ह अब यह समय-सीमा बढाकर 2025 कर दी गयी ह यह भी धयान दन योगय ह हक हवशव सतर पर यह ख़चावि कल घरल उतपाद का औसतन 49 ह (अथावित 2025 तक हम वहशवक औसत क भी आध म पहच जायग वह भी अगर सरकार एक बार हिर न मकरी तब) हमार पडोसी शरीलका जस ग़रीब दश भी इस मामल म हमस आग ह जब ख़चवि की सकीम ऐसी हो तो मफत दवाइया मफत टसट मफत इमरजसी सवासथय सहवधाए दन की घोरणाओ म हकतनी गमभीरता होगी यह समझन म हकसी कम बहदध क वयहति को भी कोई महकल नही होगी लहकन मोदी और उसक सवासथय मनती जपी नडडा चाहत ह हक उनकी मफत घोरणाओ पर लोग यकीन कर इस वरवि क राषटीय बजट म हवतत मनती जटली न यह भरम खडा करन की कोहशश की हक सरकार सवासथय पर ख़चवि बढा रही ह लहकन अगर हम हपछल 10 वरडो का ररकाडवि दखत ह तो यह कोहशश ख़ाली हलफाफा हदखायी दती ह 2015-2016 क कनदरीय बजट म सवासथय कषत क हलए दी गयी राहश म उसस पहल क वरवि क मकाबल 57 की कटौती कर दी गयी थी 2016-2017 म 5 बढाया गया और अब 2017-2018 क हलए कछ और वकहदध की गयी ह लहकन 2017-2018 की यह आरहकषत राहश अब भी 2011-12 क सवासथय बजट स नीच ह यह ह हवतत मनती की जादहगरी ऊपर स जो राहश बजट म रखी जाती ह वह परी ख़चवि नही की जाती जस 2011-12 क वरवि म 20000 करोड रपय म स 4000 करोड रपय स अहधक ख़चच ही नही गय वस जो पस ख़चवि होत ह व भी वासतव म (नौकरशाहो-नताओ क हहसस हनकाल कर) कहा होत ह यह

सबको पता ही ह इस नयी सवासथय नीहत का सबस

घहटया पहल हनजी कषत क हलए राह साफ करना ह भारत म पहल ही सवासथय क कल कषत म स 70 क करीब हहसस पर हनजी कषत का कजा ह हजनम अपोलो फोहटविस मदानता टाटा जस बड कारपोरट असपतालो स लकर कसबो तक म खल हनजी नहसिग होम शाहमल ह हपछल एक-डढ दशक म कारपोरट असपतालो का ररकाडवि-तोड िलाव हआ ह इनहोन एक हद तक हनजी नहसिग होमो को भी हनगल हलया ह इसक साथ ही बची-खची सरकारी सवासथय वयवसथा क अनदर भी हनजी कषत की घसपि बढी ह हजला-सतरीय असपताल महडकल कॉलज और बड महडकल ससथानो म पराइवट-पहलक-पाटविनरहशप क नाम पर बहत सारी सहवधाए हनजी हाथो म सौपी जा चकी ह या सौपन की तयारी ह यह कस हकया जाता ह इसकी कछ हमसाल पजाब क महडकल कॉलजो म हमलती ह पहटयाला क महडकल कॉलज म एमआरआई सकन कनदर को सरकार न एक हनजी ससथान को द रखा ह चहक महडकल कॉलज की इमारत म बन इस कनदर क माहलको को दसर हनजी सकन सणटरो की तरह डॉकटरो को कट नही दना पडता इसहलए इसक रट कम ह और सरकार इसकी ससती दरो को ऐस पश करती ह जस इसन कोई अदत कारनामा कर हदखाया हो जबहक सरकार को शमवि आनी चाहहए हक 4-5 करोड की मशीन लगान पर तकनीकी सटाफ का ख़चावि उिाकर यह सहवधा बहद कम दरो पर उपलध करायी जा सकती ह मगर सरकार ऐसा करन की कोई इचछा नही रखती अमकतसर क महडकल कॉलज म चलती सकन की दो मशीनो म स एक मशीन भी इसी तरह िक पर ह सार पजाब क सरकारी असपतालो और हडसपसररयो म दवाइयो की सपलाई (हजतनी भी ह) क हलए पराइवट कमपहनयो स दवाइया ख़रीदी जाती ह कयोहक दवाइया बनान वाल सरकारी ससथान या तो बनद हकय जा चक ह या बनद जसी हालत म ह सरकारी असपतालो म ऑपरशन क समय मरीज को बहोश करन क हलए कमीशन दकर पराइवट डॉकटरो को बलाया जाता ह और भी कई तरह की सहवधाओ को इसी तरह ldquoिक पर दनrdquo का नाम दकर हनजीकरण हकया जा चका ह लगभग सार राजयो म अहधक या कम यही अमल जारी ह

लहकन अभी भी काफी कछ ह हजस पर हनजीकरण की मार नही पडी जस इन असपतालो की परयोगशालाए अभी हनजी

हाथो म नही गयी अटासाउणड सकन और एकसर आहद जस छोट सकन भी हनजी हाथो स बच हए ह सबस बडी बात यह ह हक इस सतर क असपताल अभी कारपोरट सकटर क सीध हनयनतण म नही आय ह दसरा अभी तक पराइमरी सवासथय कनदरो और हडसपसररयो का ताना-बाना भी काफी हद तक हनजीकरण स अछता ह कारपोरट असपतालो की हगदध-नजर इन पर लगी हई ह 2015 क मसहवद म सरकार हनजी कषत क असपतालो और डॉकटरो दारा ग़लत ढग स काम करन क बार म बयान द रही थी अब वही लोग दध क धल हो गय ह 2017 की सवासथय नीहत म कहा गया ह हक पराथहमक सवासथय सहवधाओ को परी तरह काम करन योगय बनान क हलए ndash ख़ासकर शहरी कषतो क उन लोगो तक पहच करन क हलए हजनह सवासथय सहवधाए नही हमलती और मधयवगगीय आबादी को फीस क बदल सहवधाए दन क हलए सरकार ह थ एणड वलनस कनदर (फ सी हकसम क नाम सोचन म हमार दश क नताओ और अफसरो का दहनया म कोई मकाबला नही कर सकता) चलान क हलए हनजी कषत स पाटविनरहशप करगी यानी गावो म ऐसी कोई आबादी नही ह हजस सवासथय सहवधाए नही हमलती दसरा सरकार ख़द मानती ह हक अभी तक पराथहमक सवासथय कनदर भी ढग स नही चल (दश क आजाद होन स 70 वरवि बाद भी) तीसरा अब पराथहमक सवासथय कनदरो म 2-5-10 रपय की पचगी वाला जमाना जान वाला ह मधयवगगीय कौन होगा इसकी पररभारा तय नही ख़र हो सकता ह हक ग़रीबी रखा स ऊपर वाल सार लोग मधयवगवि म शाहमल कर हदय जाय यहा हम यह बता द हक भारत की बशमवि सरकार उस वयहति को ग़रीब नही मानती ह जो परहत महीना 960 रपय (गाव म) और 1410 रपय (शहर म) ख़चवि सकता ह (2014 म हनधाविररत ग़रीबी रखा क अनसार)

2017 की सवासथय नीहत म यह भी कहा गया ह हक सरकार हनजी कषत क साथ भागीदारी करक जन सवासथय सहवधाओ की कहमयो को परा करगी इसम टसट-सकन ऐमबलस सहवधाए लड बक पनवाविस क साथ जडी सहवधाए तकलीफ घटान वाली सहवधाए मनोरोहगयो क हलए सहवधाए टलीमडीसन सहवधाए कम होन वाली बीमाररयो क इलाज की सहवधाए शाहमल होगी यानी इनम सटाफ को छोडकर बाकी सब कछ हनजी कषत म होगा सटाफ म जयादातर हहससा िक दारा भतगी हो रहा ह एक तरह वह भी हनजी कषत

ही ह मतलब साफ ह हक सरकारी नाम तल हनजी दकान सरकार दारा हगनायी गयी कहमयो को िीक करन क हलए कोई भी योजना या इरादा कही दजवि नही ह यानी हनजी वयवसथा पकका काम ह कोई तातकाहलक योजना नही ह ऐसी कोहशश पहल भी जारी ह राजसथान छततीसगढ मधय परदश और उततर परदश म इन सकीमो क लाग करन की कोहशश हो रही ह लहकन इन कोहशशो का लगातार हवरोध हो रहा ह वासतव म राषटीय सवासथय नीहत 2017 का दसतावज लोगो को सवासथय दन क हलए नीहत का दसतावज नही ह बहक यह जन-सवासथय सहवधाओ का बचा-खचा हहससा भी तबाह करन परी सवासथय वयवसथा को हनजी कषत क हाथो म दन बहसखयक लोगो को सवासथय सहवधाए दन स बशमगी क साथ मना करन और पस वालो क हलए lsquoअहत आधहनकrsquo सवासथय सहवधाए कायम करन और हनजी असपतालो को खलकर लटन क हलए माहौल तयार करक दन का दसतावज ह अमबाहनयो-अडाहनयो की सरकार स और उममीद भी कया की जा सकती ह असल म मौजदा पजीवादी आहथविक वयवसथा म सभी लोगो को सवासथय सहवधाए दन का उद य परा करना न तो समभव ह और न ही इस वयवसथा का ऐसा कोई मकसद ही ह जो जन-सवासथय वयवसथा 1947 क बाद खडी की गयी थी वह भी आजादी क बाद लोगो की उममीदो को बहत जदी न टटन दन क हलए और महामाररयो को िलन स रोकन क हलए बनायी गयी थी हजनकी चपट म अमीरो क भी आ जान का ख़तरा बना रहता था भारतीय पजीपहतयो की भी उस समय इतनी औकात नही थी हक सवासथय कषत को मनाफ क हलए लट सक लहकन 1991 क बाद पररहसथहतया एकदम बदल गयी ह अब भारतीय पजी यह समझ चकी ह (और उसकी औकात भी इतनी ही हो चकी ह) हक सवासथय कषत मनाफा कमान का एक ऐसा कषत ह जहा कभी मनदी नही आती यह पजी हनवश का सबस सरहकषत कषत ह (हालाहक यह भी पजीपहतयो की ग़लतफहमी ही ह) 1991 क बाद स सरकार लगातार जन-सवासथय वयवसथा को तोडन तबाह करन िक पर दन और हनजी कषत की सवासथय सहवधाओ क हलए अनकल पररहसथहतया तयार करन म लगी हई ह मोदी सरकार इसम और बढ-चढकर काम कर रही ह कयोहक यह पजी की सबस बशमवि और वफादार सवक ह

ndash िखतिनदर

राषटरीय सासथय नरीति 2017 ndash जनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाओो कछ भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि कर दन का दसतािज

8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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बरजआ अखबार परी की विशाल राशशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अखबार खद मज़दरो दारा इकटा ककय गय पस स चलत ह - ितननlsquoमजदर तबगिrsquo मजदरछ ो का अपना अिबार ह

यह आपकी नियनमत आन थिक मदद क नििा िही चल सकता निगल क नलए सहयोग भनियिटाइय

सहयोग कपि मगाि क नलए मज़दर निगल कायाथिलय को नलनिय

मजदर तबगि क लिए अपन कारिान दफतर या बसतरी की ररपछटट िख पतर या सझाि आप इन िररीकछ ो स भज सकि हः

डाक स भजन का पता मज़दर निगल दारा ििचतिा डी-68 निरालािगर लििऊ-226020ईमल स भजन का पता bigulakhbargmailcom

2 मजदर तबगि जिाई 2017

पजरीपतियछ ो क पास दजषनछ ो अिबार और टरीिरी चनि ह मजदरछ ो क पास ह उनकी आिाज मजदर तबगि

इस हर मजदर क पास पहचान म हमारा साथ द

म हबहार का रहन वाला ह 2010 म मजबरी क कारण पहली बार अपना गाव छोडकर हदली आना पडा मझ दहनयादारी क बार म पता नही था कछ हदन काम की तलाश म हदली म जगह-जगह घम और अनत म वजीरपर म झगगी म रहन लग गाव क मकाबल झगगी म रहना हबकल अलग था झगगी म आि-बाय-आि कमरा था पानी की मारामारी अलग स थी यही मझ सटील पलाणट म काम भी हमल गया यहा तजाब का काम होता था हजसम सटील की चपटी पहततयो को तजाब म डालकर साफ हकया जाता ह तजाब का धआ लगातार सास म घलता रहता ह और काम करत हए अनदर स गला कटता हआ महसस होता ह तजाब कही हगर जाय तो अलग समसया होती ह हपछल हफत तजाब म काम करत हए मरी आख म तजाब हगर गया था आख जात-जात बची ह माहलक और मनीम

की गाहलया अलग स सननी पडती ह बिन का समय नही आराम करन का समय नही अगर रक तो माहलक गाली दता ह या काम दता ह म काम करत-करत परशान हो गया कयोहक महनत करन क बावजद पसा नही बच पाता था मन तय हकया हक हकसी बहतर जगह काम करगा सटील क काम की जानकारी थी तो सोचा हक इस काम म हाथ अाजमाऊगा वजीरपर स अलग हभवाडी और गजरात म काम की बात सनी थी काम करत-करत फकटरी म सना था हक राजसथान क हभवाडी म माहलक पसा अचछा दता ह और ऊपर स सरकषा का भी इनतजाम ह वजीरपर स बहतर जगह लगी तो अपना बोररया-हबसतर बाधकर म हभवाडी चला गया पर यहा भी हालत वजीरपर जस ही थ वही तजाब का पलाणट और माहलक और मनीम की गाहलया पर लगा हक जब हर जगह हालत एक जसी ह तो

इधर-उधर भटकन म कोई लाभ नही ह मन हभवाडी म ही काम करन का िसला हकया हजनदगी क कछ साल हभवाडी म बीत गय पर अब यहा हजनदगी नकवि लगन लगी थी तो सामान उिाकर म गडगाव आ गया यहा भी हालात वस ही थ पर एक रहववार की शाम को पाकवि म कछ यहनयन वालो को मीहटग करत दखा वहा मझ हबगल अख़बार हमला एक यहनयन वाल न बताया हक हबगल का काम वजीरपर म भी ह और वहा सटील मजदरो की यहनयन भी ह मन तरनत वजीरपर जान का िसला हकया यहा 2014 म हडताल हई थी पर अभी मजदरो की एकता हबखरी हई ह पर अब म यहनयन की मीहटग म आता ह और फकटरी म हबगल लकर जाता ह ताहक इस हालात क बार म सबको समझा सक

अममि मछदरी वजीरपर

हदली क वजीरपर इलाक म हपछल 2-3 महीन स मनदी चल रही ह नोटबनदी क बाद भी इस तरह स काम मनदा हो गया था अख़बार म पढा ह - जीएसटी लाग हआ ह माहलक कह रह ह हक व बबाविद हो रह ह कछ माहलको न अपनी फकटररया बनद कर दी ह जो लोग गाव गय थ व गाव म ही रक कयोहक यहा काम नही ह और माहलक हकसी भी बात पर हहसाब द दता ह पर फकटररया चल भी रही ह पहल 12 घणट काम होता था तो अब 8 घणट काम होता ह माहलक तो अब भी कमा रहा ह मजदर की तो नौकरी जाती ह पर माहलक का मनाफा चलता रहता ह मरी फकटरी क

माहलक पर जीएसटी का जयादा असर नही लगता ह य तो ख़ब 12 घणट हम जतवाता ह यह हबकल पस का भखा ह हपछल हफत माहलक क भाई की मौत हो गयी थी इलाक क सार माहलक फकटरी पर इकठा थ माहलक न फकटरी बनद करन को कहा और हमन राहत की सास ली पर उसन कहा हक कही मत जाना फकटरी म ही रहना एक घणट क भीतर ही माहलक कछ पील रग का दरवय लकर आया और उस फकटरी क गट पर हछडका और हम बोला िटािट काम शर करो माहलक का भाई मर या कोई और इस कमान स मतलब ह हम मजदरो को तो य जानवर समझता ह

वजीरपर म लमब समय स मनदी चल रही ह पर बबाविद तो हम मजदर ही होत ह माहलक कोिी म रहता ह गाडी म आता ह और रोज फकटरी क अनदर बनाय हए एसी कमर म बिकर दार पीता रहता ह हपछल 10 सालो म फकटरी स इन लोगो न जबरदसत मनाफा कमाया ह पर जब मजदर अपना हक मागता ह तो मनदी का रोना रोता ह मोदी हो या कजरीवाल सब माहलको क ही सग ह इनकी जमात को बस पसा दीखता ह

तिष वजीरपर िणडा रोला मजदर

म काम करि-करि परशान हछ गया कछ ोहक महनि करन क बािजद पसा नहरी ो बच पािा

मालिक का भाई मर या कछई और इस कमान स मििब ह

मजदर तबगि की िबसाइटwwwmazdoorbigulnet

इस विसाइट पर नदसमिर 2007 स अि तक निगल क सभी अक करमवार उसस पहल क कछ अको की सामगी ता राहल फाउणडशि स परकानशत सभी निगल पनतकाए उपलबध ह निगल क परवशाक स लकर िवमिर

2007 तक क सभी अक भी विसाइट पर करमशः उपलबध कराय िा रह हमज़दर निगल का हर िया अक परकानशत होत ही विसाइट पर निशलक

पढा िा सकता हआप इस फसिक पि क ज़ररय भी lsquoमज़दर निगलrsquo स िड सकत ह

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1 lsquoमज़दर निगलrsquo वयापक महितकश आिादी क िीच करानतकारी राििीनतक नशकषक और परचारक का काम करगा यह मज़दरो क िीच करानतकारी वजानिक नवचारधारा का परचार करगा और सचची सवथिहारा स कक नत का परचार करगा यह दनिया की करानतयो क इनतहास और नशकषाओ स अपि दश क वगथि सघरषो और मज़दर आदोलि क इनतहास और सिक स मज़दर वगथि को पररनचत करायगा ता तमाम पिीवादी अफवाहो-कपरचारो का भणडाफोड करगा

2 lsquoमज़दर निगलrsquo भारतीय करानत क वरप रात और समयाओ क िार म करानतकारी कमयनिटो क िीच िारी िहसो को नियनमत रप स छापगा और lsquoनिगलrsquo दश और दनिया की राििीनतक घटिाओ और आन थिक ननतयो क सही नवशरण स मज़दर वगथि को नशनकषत करि का काम करगा

3 lsquoमज़दर निगलrsquo वय ऐसी िहस लगातार चलायगा तानक मज़दरो की राििीनतक नशकषा हो ता व सही लाइि की सोच-समझ स लस होकर करानतकारी पाटटी क ििि की परनकरया म शानमल हो सक और वयवहार म सही लाइि क सतयापि का आधार तयार हो

4 lsquoमज़दर निगलrsquo मज़दर वगथि क िीच राििीनतक परचार और नशकषा की कारथिवाई चलात हए सवथिहारा करानत क ऐनतहानसक नमशि स उस पररनचत करायगा उस आन थिक सघरषो क सा ही राििीनतक अनधकारो क नलए भी लडिा नसिायगा दअिी-चविीवादी भिाछोर कमयनिटो और पिीवादी पानटथियो क दमछलल या वयनतिवादी-अरािकतावादी टडयनियिो स आगाह करत हए उस हर तरह क अ थिवाद और सधारवाद स लडिा नसिायगा ता उस सचची करानतकारी चतिा स लस करगा यह सवथिहारा की कतारो स करानतकारी भरती क काम म सहयोगी ििगा

5 lsquoमज़दर निगलrsquo मज़दर वगथि क करानतकारी नशकषक परचारक और आहािकताथि क अनतररति करानतकारी सगठिकताथि और आदोलिकताथि की भी भनमका निभायगा

lsquoमजदर तबगिrsquo का सरप उदशय और जज मदाररया

परिय पाठकछ बहि स सदसछ ो कछ lsquoमजदर तबगिrsquo तनयममि भजा जा रहा ह िहकन काफी

समय स हम उनकी ओर स न कछई जिाब नहरी ो ममिा और न हरी बकाया राजश आपकछ बिान की जररि नहरी ो हक मजदरछ ो का यह अिबार िगािार आरथक समसा क बरीच हरी तनकािना हछिा ह और इस जाररी रखन क लिए हम आपक सहयछग की जररि ह अगर आपकछ lsquoमजदर तबगिrsquo का रिकाशन जरररी िगिा ह और आप इसक अोक पाि रहना चाहि ह िछ हमारा अनरछध ह हक आप कपया जलद स जलद अपनरी सदसिा राजश भज द आप हम मनरीआरषर भज सकि ह या सरीध बक खाि म जमा करा सकि ह

मनरीआरषर क लिए पिामजदर तबगि दारा जनचिनाररी-68 तनरािानगर िखनऊ-226020बक खाि का तििररः Mazdoor Bigul खािा सो खाः 0762002109003787 IFSC PUNB0076200पोजाब नशनि बक तनशािगोज शाखा िखनऊ

सदसिाः िाररक 70 रपय (राकिचष सहहि) आजरीिन 2000 रपयमजदर तबगि क बार म हकसरी भरी सचना क लिए आप हमस इन माधयमछ ो

स समकष कर सकि हःफछनः 0522-4108495 8853093555 9721481546ईमिः bigulakhbargmailcom फसबक wwwfacebookcomMazdoorBigul

मजदर तबगिसमपादकीय कायाथिलय ः 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 फोि 8853093555नदलली समपकथि ः िी-100 मकद नवहार करावलिगर नदलली-94 फोिः 011-64623928 ईमल ः bigulakhbargmailcomमलय ः एक परनत - र 5- वानरथिक - र 70- (डाक खचथि सनहत) आिीवि सदयता - र 2000-

जब िक मानि-मानि का सखभाग नहरी ो सम हछगाशममि न हछगा कछिाहि सो घरष नहरी ो कम हछगा

mdash रामधाररी ससोह ददनकर

मजदर तबगि जिाई 2017 3

हपछल महीन की 27 तारीख़ स हदली की आगनवाडी की महहलाए अपनी यहनयन lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo क नतकतव म हडताल पर ह समाचार हलख जान तक उनका धरना और करहमक भख हडताल मखयमनती अरहवनद कजरीवाल क आवास पर जारी ह लहकन अपन को lsquoआम आदमीrsquo कहन वाली कजरीवाल सरकार क कान पर ज तक नही रग रही ह हडताल म हजारो की सखया म वकवि सवि और ह पसवि शाहमल हो रह ह

हड़िाि की पिषपरीहठका जसा हक पहल भी 2015 म हबगल

क पननो पर ख़बर आ चकी ह हक हडताल जीतन क बाद मखयमनती कजरीवाल न सवय एक हलहखत समझौता हकया था हजसम उनहोन हमारी सारी मागो को कबल हकया था लहकन दो साल बीत जान क बाद भी अभी तक सरकार न हमारी मखय मागो को लाग नही हकया हपछल दो सालो स महहलाओ न यहनयन क साथ कभी हदली सहचवालय म तो कभी कजरीवाल क आवास पर परदशविन हकया लहकन जब कोई सनवाई नही हई तो उनहोन िसला हलया हक आन वाल नगर हनगम क चनाव म आगनवाडी की महहलाए lsquoआम आदमी पाटगी lsquo का पणवि बहहषकार करगी

आम आदमी पाटगी का नगर हनगम चनाव म बरी तरह स हारन का एक बडा कारण आगनवाडी की वकवि सवि और ह पसवि क दारा हकया गया बहहषकार भी था चनाव क बाद हार स बौखलायी कजरीवाल सरकार न आगनवाडी की ग़रीब महहलाओ स बदला हनकालना शर कर हदया

हदली क उपमखयमनती मनीर हससोहदया हजसक पास हशकषा और महहला बाल हवकास हवभाग भी ह न हदली क खसताहाल पड सरकारी सकलो का कभी हनरीकषण नही हकया लहकन अलग-अलग आगनवाडी म जाकर हनरीकषण करना शर कर हदया आगनवाडी क खसता हालत जसहक खाना ख़राब आना बचचो का न आना रहजसटर म फजगी एणटी होना इतयाहद क हलए ग़रीब कायविकताविओ और सहाहयकाओ को हजममदार पाया और तीन कायविकताविओ को lsquoटहमविनटrsquo करन का फरमान सना हदया जबहक आगनवाडी म खान म गडबडी क हलए व एनजीओ हजममदार ह हजनह वहा क खान का टणडर हमलता ह हपछल हदनो एक अगजी दहनक lsquoइहणडयन एकसपरसrsquo म एक ख़बर छपी थी हक हजन एनजीओ को हदली क सरकारी सकलो म मधयानतर भोजन क हलए लकहलसट कर हदया गया था व एनजीओ अब भी आगनवाडी म खाना दन का काम कर रह ह और इन एनजीओ का ररता परतयकष या अपरतयकष तौर पर lsquoआम आदमी पाटगीrsquo स जड एनजीओ lsquoकबीरrsquo और lsquoपररवतविनrsquo स ह जाहहर ह हक अपन ही लोगो दारा हकय गय घपल-घोटालो क हलए मनीर हससोहदया आगनवाडी की ग़रीब महहलाओ को हजममदार िहरा

रहा ह और उनह हदली की जनता क सामन बदनाम भी कर रहा ह दसरी ओर सपरवाइजर और सीडीपीओ इन महहलाओ पर दबाव डालकर रहजसटर म फजगी नाम डलवाती ह लहकन हकसी सपरवाइजर या सीडीपीओ पर आज तक हकसी परकार की कोई कारविवाई नही हई ह सरकार एक तरफ आगनवाडी को जानबझकर ख़राब कर रही ह और दसरी तरफ पलसकलो (यहा भी अपन ही लोगो को) को लाइसस द रही ह और मनीर हससोहदया इन सबका हजममदार आगनवाडी की ग़रीब वकवि सवि और ह पसवि को िहरा रहा ह य इनका असली चररत ह

सरकार की इस बदल की कारविवाई की वजह स आगनवाडी की महहलाओ म जबरदसत गससा भरा हआ था और व आनदोलन की राह पर चलन का मन बना रही थी

10 जन को lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo

न आग की योजना क हलए एक बिक बलाई और िसला हलया हक आगामी 24 जन को हदली सहचवालय पर 1 हदन का चतावनी परदशविन हकया जायगा 24 जन को करीब हजार की सखया म महहलाए हदली सहचवालय पहची भारी सखया म महहलाओ को दखकर सरकार घबरा गयी और मनीर हससोहदया क ओएसडी न परहतहनहधमणडल को बातचीत क हलए बलाया ओएसडी न यहनयन को 27 जन को मनीर हससोहदया स बातचीत का हनमनतण हदया

हड़िाि की शरआि 27 जन को जब भारी सखया म

महहलाए मनीर हससोहदया क बगल (हालाहक य आम आदमी ह और चनाव स पहल इनह बगल गाडी सरकषा आहद नही चाहहए थी) पर पहची तो पहल पहलस न बरीकड लगा हदया और अनदर आन स ही मना कर हदया लहकन जब महहलाओ का दबाव बढता

गया तो पाच महहलाओ को यहनयन की सचालक हशवानी क साथ बात करन क हलए अनदर जान हदया गया लहकन हससोहदया बात करन स जयादा महहलाओ को डरान क मड म था जब उस मालम चला हक महहलाओ क साथ यहनयन की साथी हशवानी भी आयी ह तो उसन बात करन स ही मना कर हदया साफ ह हक यह हससोहदया का गरजनवादी और असवधाहनक रवया था

मनीर हससोहदया की इस दग़ाबाजी स महहलाओ का रोर और बढ गया और अब य कजरीवाल और हससोहदया स आर-पार की लडाई क हलए तयार थी और तब यहनयन न 30 जन को हदली सहचवालय पर हवराट जटान का आहान हकया

30 जन को होन वाल परदशविन को लकर कजरीवाल सरकार म जबरदसत खलबली मची हई थी तरह-तरह की दलाल यहनयन धाहमविक कटटरवादी

सगिन व आम आदमी पाटगी क हपछलगगओ न परदशविन को समथविन दन क बहान आनदोलन को ख़तम करन की कोहशश की लहकन यहनयन न इस तरह क हकसी भी सगिन का समथविन लन स साफ इनकार कर हदया 30 जन को लगभग दस हजार की भारी सखया म महहलाओ न परदशविन म हहससदारी की ऐसा लग रहा था जस कोई जनसलाब उमड गया हो परदशविन म यहनयन न यह िसला हकया हक मखयमनती सवय आकर हमस हमलकर हमारी सारी मागो को परा कर वरना हम यही डट रहग और ररग रोड जाम करग लहकन जब मखयमनती या सरकार का कोई परहतहनहध हमलन को तयार नही हआ तो महहलाओ न ररग रोड को चार घणट तक जाम रखा उसक बाद यहनयन न आम सहमहत स यह िसला हलया हक आगामी तीन जलाई स मखयमनती अरहवनद कजरीवाल क बगल पर अहनहचितकालीन हडताल की जायगी

तब स उनकी हडताल जारी ह और 6 जलाई स व करहमक भख हडताल पर ह

हड़िाि िछड़न क लिए दिाि यतनयन कजररीिाि क साथ

जब आगनवाडी की महहलाओ की यह जझार हडताल परी हदली म िल गयी और लगभग सभी आगनवाहडयो म काम परी तरह िपप हो गया तब स तरह-तरह क हबचौहलय दलाल और मजदरो क साथ ग़दारी करन का ररकॉडवि बना चकी दलाल यहनयन अपन काम म लग गयी और कजरीवाल का साथ दन लगी

इन दलाल यहनयन म सबस अगणी नाम सीट की कमला वाली यहनयन का ह सीट हजनका इहतहास मजदरो क साथ ग़दारी का ह बगाल स लकर करल तक हजनकी माता चनावी पाटगी माकपा मजदरो पर गोहलया बरसा चकी ह जो गणडो स हपटवान और माहलको का ख ला साथ दन क हलए बदनाम ह वह भला हदली म आगनवाडी की

महहलाओ स ग़दारी करन और उनकी हडताल तडवान म पीछ कस रह सकती थी कमला जो पहल भी 2015 म हडताल तडवान क हलए आयी थी लहकन महहलाओ न उस भगा हदया था अब वह तरह-तरह की चालो क जररय यह काम करन लगी पहल वह यहनयन को समथविन दन क बहान हडताल म घसन की कोहशश कर रही थी लहकन उसकी यह चाल जब कामयाब नही हई तो वह यहनयन क साहथयो क हखलाफ कतसा-परचार करन म जट गयी इसस भी जब काम नही बना तो कमला और सीट न अपना नाम बदल कर lsquoसवतनत आगनवाडी कमविचारी और सहाहयका सघrsquo क नाम स पचावि हनकाला और महहलाओ म भरम िलान का काम हकया और 10 जलाई को मनीर हससोहदया क आवास को घरन का आहान हकया जबहक यहनयन पहल ही मनीर हससोहदया स उसक घर पर मलाकात करन गयी थी पर वहा बात न बन पान

क कारण ही हडताल का हनणविय हलया गया था जाहहर ह हक कमला की यह चाल हडताल तोडन की ही थी

लहकन कमला और सीट की ग़दारी का पदाविफाश आगनवाडी की महहलाओ न दमदार तरीक स हकया हससोहदया क घर पर कमला अपनी 3 चमहचयो क साथ ही पहची और उसका परदशविन परी तरह स lsquoफलॉप शोrsquo साहबत हआ

दसरा एक दलाल रामकरण ह हजसन 2015 म ही आगनवाडी क साथ शर हए आशा वकवि सवि क आनदोलन को डबान का काम हकया था इस हडताल की शरआत म रामकरण खलकर कजरीवाल सरकार और आम आदमी पाटगी की परवी कर रहा था और महहलाओ क सामन बडी-बडी डीग हाक रहा था हक अगर व lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo को छोडकर उसक साथ आ जाय तो वह उनका कजरीवाल क साथ समझौता करवा दगा और सारी माग मनवा दगा अब वह यह झि िला रहा ह हक हशवानी की वजह स ही माग परी नही हो रही ह रामकरण हजसन आशा वकवि सवि क साथ ग़दारी की और अब वही काम वह आगनवाडी की महहलाओ क साथ करन की कोहशश कर रहा था लहकन महहलाओ न उस माकल जबाब हदया

सोचन वाली बात तो यह ह हक एक तरफ कजरीवाल और हससोहदया हमारी यहनयन स बात करन को तयार नही होत ह हजनक साथ आगनवाडी की महहलाए ह लहकन उन सारी दलाल यहनयनो स बात करन को राजी ह हजनक साथ कोई नही ह ऊपर स यह ldquoकजरीवाल और हससोहदया गगrdquo झिी अफवाह िलान म माहहर ह हद तो तब हो गयी जब हससोहदया न एक फजगी यहनयन lsquoहदली आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि एसोहसएशनrsquo हजसम सपरवाइजर और सीडीपीओ शाहमल थ क साथ हमलकर lsquoमानदय बढान कीrsquo और हडताल ख़तम होन की घोरणा भी कर दी इसी स इस दोमही कजरीवाल सरकार और आम आदमी पाटगी क चररत का पता चलता ह

कनदर म भाजपा की िासीवादी मोदी सरकार तो ख ल तौर पर मजदरो की हवरोधी ह ही लहकन हदली का य नटवरलाल जो हक छोट बहनय-वयापारी का परहतहनहधतव करता ह हकसी भी मायन म मोदी स कम नही ह हजन तथाकहथत lsquoहलबरल जनrsquo का भरोसा इस नटवरलाल पर ह और जो इस मोदी का हवकप समझ रह ह उनह भी अब अपनी आख खोल लनी चाहहए

सरकार और दलाल यहनयनो की सारी कोहशशो क बावजद आगनवाडी की महहलाए अपनी यहनयन lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo क नतकतव म शानदार तरीक स अपनी हडताल को चला रही ह और अपनी एकता क दम पर जरर हदली सरकार को झकायगी

mdash निगल सवाददाता

ददलरी आगनिाड़री की महहिाओो की हड़िाि जाररी ह

4 मजदर तबगि जिाई 2017

उजाड की सरकारी कोहशशो क हखलाफ गजरी 9 जलाई को राजीव गाधी कालोनी उजाडा हवरोधी सघरवि कमटी क आहान पर चतावनी रली की गयी इस रली क जररय कालोनी हनवासी मजदरो-महनतकशो न लहधयाना परशासन को सखत चतावनी दी ह हक अगर उनह जबरदसती उजाडन की कोहशश की गयी तो व इसक हखलाफ हकसी भी हद तक सखत सघरवि लडन को तयार ह

वतिाओ न कहा हक बड अमीरो दारा सरकारी समपहततयो पर हकए कजो क हखलाफ सरकार कोई कारविवाई नही करती लहकन ग़रीबो को उजाडन क हलए हमशा कमर कस रहती ह इसस सरकारी वयवसथा का पजीपरसत और जनहवरोधी चररत सपटि होता ह सघरवि कमटी का कहना ह हक सरकार का रवया हबकल भी सहन नही हकया जायगा लोग अपनी हजनदगी-भर की ख़न-पसीन की कमाई स बनाय घर नाजायज तौर पर तोड जान क हखलाफ सखत स सखत सघरवि लडग

चतावनी रली को lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo क सयोजक राजहवनदर क अलावा लखहवनदर तजपाल हवजनदर कमार हवशवनाथ (बाबा) गोपाल हरीनाथ नारायण दास आहद न समबोहधत हकया

- तबगि सो िाददािा िसधयाना

lsquoराजरीि गाधरी कािछनरी उजाड़ तिरछधरी सो घरष कमटरीrsquo क आहान

पर चिािनरी रिरी हई

हबनौला (गडगाव) हसथत मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) क िका वकवि रो को हनकाल जान क हवरदध सघरवि दमन क बावजद जारी ह

िका वकवि रो क सघरवि क सातव हदन 7 जलाई 2017 को पहलस गाली-गलौच क साथ धरना-सथल को ख़ाली करन की धमकी दन लगी इस पर ऑटोमोबाइल इणडसटी काणटकट वकवि सवि यहनयन (एआईसीडयय) क साथी अननत और शाम न पहलस को सही तरीक स बात करन क हलए कहा और वकवि रो को गाडी म डालन स रोका पहलस स हगरफतारी का वारणट मागा और धरन वाली जगह तथा रहन-िहरन वाली जगह पर हकसी भी तरह क धरना-परदशविन न करन क बार म सट-आडविर क बार म पछा वकवि रो न भी बताया हक व लोग एक पराइवट वयहति क पलाट म बि ह और जब सडक भी बित ह तो एक हकनार बित ह हकसी भी तरह स टहिक या हकस वयहति को परशान नही कर रह पहलस न न तो कोई हगरफतारी का वारणट और न ही सट-आडविर जसा कोई भी कागज हदखाया और न ही कोई तकवि सना उटा दो मजदर साहथयो नीरज और यशपाल क साथ-साथ यहनयन क अननत और शाम को पहलस गाडी म डालकर ल गयी और जात हए बाकी वकवि रो को धमकी दी हक पाच हमनट म जगह ख़ाली कर दो वरना तम सबको उिाकर ल जायग गाली-गलौच और मारपीट थान म भी जारी रहा जब चारो अननत और शाम न अपन साहथयो को बतान की बात करन

की कोहशश की तो सबक फोन रासत म ही छीन हलय थ यह ह दश म अपन अहधकार की बात करन पर माहलक-िकदार-पहलस-परशासन क गिजोड का काम करन का तरीका

जात रह हक मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) म 1 जलाई 2017 को लगभग सभी सवा सौ िका शरहमको को हबना हकसी नोहटस क एक साथ हनकाल कर बाहर हदया और कहा हक उनक िकदार - नहा एणटरपराइजज तथा शरी एणटरपराइजज का िका रद कर हदया गया अगर काम करना चाहत ह तो अपन िकदार स पछो और अपना काम कही ओर ढढ लो िीक इसी तरह करीब दो महीन पहल माकवि एगजासट कमपनी क िका वकवि रो दारा िकदार क हख़ लाफ यहनयन बनान और अपनी मागो को रखन पर बाहर का रासता हदखाया था

वस तो शरम हवभाग दारा नोहटस हमलन पर ही कमपनी परबनधन न वकवि रो को हनकालन की अपनी योजना की तयारी शर कर दी थी 23 जन को यहनयन न अपनी मागो क हलए अपना हडमाणड नोहटस लगाया था इस पर तब करीब 50-60 नय वकवि रो को कमपनी म ओवरटाइम बनद करन क हलए लाया गया ह और परान वकवि रो को कहा हक हकसी को काम पर नही हनकाला जायगा नय लोगो को बी-हशफट म काम करवाया जायगा असल म यह झिा आशवासन ह असली मशा तो नय वकवि रो को टहनग दकर परान वकवि रो को हनकालना थी

और 30 जन को ही कमपनी न जब वकवि र काम कर रह थ तो कमपनी म परबनधन न नोहटस लगा लगा हदया था हजसम 1 जलाई 2017 स वकवि रो को बाहर हकया जा रहा ह और कहा जा रहा हक आपक िकदारो का िका ख़तम हकया जा रहा ह 30 तारीख़ को ही शरम हवभाग म 23 तारीख़ क हडमाणड नोहटस की तारीख़ थी हजसम यहनयन क लोगो तथा कमपनी को आना था यहनयन क लोग तो पहच लहकन कमपनी न अपनी तरफ स अपनी कमपनी क दसर पलाणट क वयहति को भज हदया था पहल तो कमपनी क दारा भज गय वयहति न हकसी भी तरह क हडमाणड नोहटस स इकार कर हदया इस पर शरम हवभाग न 10 जलाई 2017 को दोबारा तारीख़ तय की हजसम दो पाहटवियो को बलाया था उसक बाद 19 जलाई 2017 की तारीख़ द दी ह इस बीच कमपनी दारा 20-30 वकवि रो को कमपनी म ही रखा जाता ह उनह अनदर ही खाना हखलाया जाता ह कछ शरहमको को गाडी म भरकर लाया जाता ह और हिर काम ख़तम होन पर ही गाडी म भर कर कही दर भज हदया जाता ह माहलक इतना डरा हआ ह हक हकसी भी तरह स नय शरहमको को धरन पर बि पर बि हए शरहमको न हमलन-जलन नही हदया जाता ह

लहकन वासतहवक कारण महज िका ख़तम करना नही ह बहक एक महीन पहल स वकवि रो न यहनयन फाइल मीनाकषी पोलीमसवि िका शरहमक सगिन

यतनयन बनान की कछजशश और माग उठान पर ठका शरममकछ ो कछ कमनरी न तनकािा सो घरष जाररी

24 जन को कमपनी न गट पर एकाएक तालाबदी का नोहटस हचपका हदया और करीब 320 शरहमको को एक झटक म हबना हकसी नोहटस क सडक पर ला हदया य शरहमक हपछल 25-30 साल स सथायी तौर पर काम कर रह थ जब गडगाव स कमपनी को हबनौला म हशफट हकया था उसी वकत इन शरहमको को भी हशफट हकया गया था तालाबदी क बार म न तो कमपनी की यहनयन (ऑटोमकस कमविचारी यहनयन जो एचएमएस स सबदध ह) को पता था और और न ही हकसी मजदर को पता था ऑटोमकस हलहमटड (औमकस ऑटो हलहमटड की यहनट) गडगाव स जयपर रोड पर हबनौला म हसथत ऑटोपाटविस कमपनी ह

तालाबनदी की नोहटस लगन पर यहनयन क लोग गट पर बि गय और मशीन और जररी उपकरण को कमपनी स बाहर जान स रोकन लग यहनयन बार-बार तालाबदी क काननी दसतावज की हदखान की माग करती रही परबनधन न सरकषा क बहान पहलस को बलाया और हिर स पहलस स हमलीभगत करक अपनी मशीनो-उपकरणो को हनकलवान की कोहशश करन लगी लहकन शरहमक भी डट रह पहलस न 200 मीटर क दायर म हकसी भी तरह क धरन-परदशविन न करन क सट-आडविर की बात करत हए अपनी परानी चाल चली लहकन जब सट-आडविर की कॉपी पहलस स मागी गयी तो पहलस कछ भी नही हदखा पायी थान म जान पर पहल तो पहलसवालो न यह कहा हक मशीन-उपकरण आहद तो

कमपनी की परापटगी ह वह जब चाह इस हनकाल सकती ह यहनयन न ग़र-काननी तालाबदी क बार म जाच करन क हलए कहा परबनधन दारा तालाबदी क हकसी काननी नोहटस की कॉपी तालाबदी क हलए पराथविना-पत की कॉपी हकसी भी तरह स तालाबदी क हलए हाहन-लाभ का यौर की कॉपी पश नही कर पायी यहनयन डीसी स हमली और उनको झि सट-आडविर तथा ग़र-काननी तालाबदी क बार म बताया और यही बात शरम हवभाग को बतायी दोनो ही एक दसर पर टालत रह याहन न तो पहलस हकसी सटndashआडविर की कॉपी और न ही परबनधन तालाबदी क हलए काननी सबत पश कर पाय और न ही शरम हवभाग दारा कोई िोस कदम कमपनी क हख़ लाफ उिाया गया जबहक शरम हवभाग खद मान रहा ह हक कमपनी क पास कोई काननी तालाबदी का दसतावज नही ह शरहमक धरन-परदशविन की कारविवाई म डट हए ह डीसी न हतपकषीय वातावि क हलए कमपनी परबनधन तथा यहनयन को 18 जलाई को दोबारा बलाया ह

इस चीज की चचावि करना भी जररी ह हक इस कमपनी म हपछल 20-25 सालो म 30-40 शरहम को क हाथ कट ह और हकसी का हाथ बाज अगिा और कछ शरहमको का तो एक बार जयादा कटा ह और कई शरहमको क तो पर कट ह आज तक हकसी को कोई उहचत मआवजा नही हमला

14 जलाई को ऑटोमकस यहनयन क

हपछल कछ महीनो स राजीव गाधी कालोनी उजाडन की तयाररया पर जोरो स की जा रही ह 21 अपरल को कालोनी तोडन क हलए नगर हनगम न भारी सखया म पहलस बलाकर कालोनी पर हमला हकया था कछ घर तोड भी हदय गय लहकन लोगो क बहादरी भर सखत हवरोध क चलत परशासन को पीछ हटना पडा लहकन परशासन चप नही बिा ह कभी भी कालोनी तोडन की कारविवाई दबारा हो सकती ह पजीपहतयो दारा यह कालोनी ख़ाली करवान की अपीलो पर हाईकोटवि का आदश भी आ चका ह हक यहा क हनवाहसयो को रहन क हलए कोई अनय जगह दकर यह जगह ख़ाली करवायी जाय

इस कालोनी म दस हजार स अहधक पररवार रहत ह कालोनी हनवाहसयो क राशन काडवि वोटर काडवि हबजली मीटर आधार काडवि बन हए ह यहा धमविशाला क हनमाविण व अनय कामो क हलए सरकारी गाणट भी जारी होती रही ह जब कारख़ाना माहलको को जररत थी तो यहा फोकल पवाइणट क हबकल बीच सरकारी जमीन पर मजदर बसती बसन दी गयी लोगो न अपनी महनत स पकक घर बना हलय अब जब पजीपहतयो को इस बशकीमती जमीन की जररत आन पडी ह तो कालोनी तोडन की कोहशश

की जा रही ह लोगो को जो फलट दन की बात

कही जा रही ह व भी रहन लायक नही ह 25 गज की जगह म चार महजला इमारत खडी की गयी ह य चार फलट अलग-अगल अलॉट हकय जायग य फलट बहद सकर और नीची छत वाल ह यहा एक पररवार का रह पाना भी समभव नही ह और य फलट हाहसल करन क हलए लोगो क सामन ऐसी शतत रखी जा रही ह हक बहसखयक कालोनी हनवाहसयो क हलए य शतत परा कर पाना समभव नही ह और घर क बदल घर भी नही हदय जा रह बहक हदय जा रह फलटो की कीमत मागी जा रही ह

पजीपहत बको क कजवि हडप कर जात ह व सरकारी जमीनो पर सरआम कज करत ह कोई कारविवाई नही

होती एक तरफ पजीपहतयो क हलए भारी कजवि माफी और दसरी ओर ग़रीबो की बहसतयो का उजाडना शासको का यही चररत ह होना तो यह चाहहए था हक लोगो को उजाडन की

जगह इस कालोनी को काननी घोहरत हकया जाय लोगो को सारी सहहलयत दी जाय सवासथय हशकषा साफ-सफाई पककी गहलया हबजली-पानी आहद क पखता परबनध हकय जाय लहकन सरकार तो लोगो को उजाडन पर आमादा ह

कारख़ाना मजदर यहनयन की पहलकदमी पर lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo का गिन हकया गया ह इसक नतकतव म लोग सघरवि की राह पर ह हबगल मजदर दसता लोगो क कनध स कनधा हमलाकर सघरवि म साथ द रहा ह उजाड क हखलाफ हाईकोटवि म भी अजगी दायर की गयी ह हाईकोटवि म कछ जनपकषधर वकील हनश क कस लड रह ह लहकन मसला तो जनता की एकजटता स ही

हल होना ह जनता क सखत एकजट सघरवि स ही हकमरानो की उजाड की साहजशो को नाकाम हकया जा सकता ह सघरवि कमटी इसी राह पर ह जनता को लामबनद कर रही ह कछ धनधबाज तथाकहथत परधानो न कालोनी बचान क नाम पर लोगो स हजारो रपए इकट करन शर कर हदय ह यह उनका पसा कमान का पराना तरीका ह व हबजली पानी साफ-सफाई आधार काडवि आहद मसलो स जडी हर समसया पर लोगो स पस ऐित रह ह हजारो पररवारो पर टट पड उजाड क इस कहर को भी य धनधबाज पसा कमान क हलए इसतमाल कर रह ह य सघरवि कमटी क हखलाफ तरह-तरह का झि परचाररत कर रह ह लहकन कालोनी हनवासी इनकी असहलयत पहचान रह ह कछ लोगो को छोडकर बाकी लोग इनक चगल स आजाद ह

दस हजार स अहधक पररवारो क उजाड की यह सरकारी कोहशश कोई छोटा मसला नही ह सभी इसाफपसनद लोगो को इस उजाड क हखलाफ सघरवि की राह चल लोगो क कनध स कनधा हमलान क हलए आग आना चाहहए उनक हक म जोरदार आवाज उिनी चाहहए

ndash िखतिनदर

िसधयाना म राजरीि गाधरी कािछनरी क हजारछ ो मजदर पररिार बसतरी उजाड़न क ख़खिाफ सो घरष की राह पर

ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

(पज 5 पर जाररी) (पज 5 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 5

हाल ही म नोएडा क महागन मॉडविन अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला क साथ जो घटना हई ह वह दश क लाखो-करोडो घरल कामगार महहलाओ क साथ होन वाली रोज-रोज की बबविरता और अमानवीयता का एक परमाण ह साथ ही साथ यह इस बात का भी परमाण ह हक खात-पीत मधय वगवि क धनपशओ की बबविरता बलगाम हो चकी ह

हम दखत ह हक पजी की मार स उजड कर लाखो लोग रोजगार की तलाश म दरदराज इलाको स हनकलकर शहरो की ओर आ रह ह पजीवाद न जहा मटीभर आबादी को ऐशो-आराम क तमाम सरजाम हदय ह वही अहधकाश आबादी को भयानक ग़रीबी और भखमरी क हालात म धकल हदया ह हमार दश म घरल कामगारो की एक बहत बडी आबादी काम करती ह एक अनमान क मताहबक उनकी कल सखया 10 करोड ह हजसम सती परर और

बचच भी शाहमल ह यह आबादी बहत हबखरी हई ह और बहद नारकीय जीवन हबता रही ह हजस घटना का हम हजकर करन जा रह ह वह नोएडा क सकटर 78 हसथत महागन मॉडनवि अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला जोहरा बीबी क साथ 11 जलाई की घटना ह इस घटना न साहबत कर हदया ह हक यह आबादी लमब समय तक चप नही बिगी और दर-सवर अपन हको क हलए जरर आवाज उिायगी

घटना की शरआत 11 जलाई को हई महागन क फलट नबर 12 म दो घरल कामगार औरत काम करती ह इनम स एक ममता बीबी खाना बनाती ह और दसरी जोहरा बीबी झाड -पोछा लगाती ह घटना वाल हदन दोनो न अपनी दो महीन स बकाया तनखवाह मागी तो उनस कहा गया हक शाम को

आकर पस ल जाना उस हदन शाम को जोहरा बाकी पाच घरो का काम हनपटान क बाद अपन पस लन पहची मालहकन न उसस कछ काम कराया और इसी बीच उस पर पसवि स रपय चरान का आरोप लगा हदया जोहरा क मताहबक उसन मारपीट भी की एक अखबार क अनसार मालहकन का आरोप ह हक उसक पसवि क दस हजार जोहरा न चराय ह और दसर अख़बार क अनसार मालहकन न 17 हजार रपय चरान का आरोप लगाया और जोहरा न दस हजार रपय चरान की बात मजर भी कर ली एक अख़बार क अनसार मालहकन पदाहधकाररयो स हशकायत करन की बात कहकर अदर गयी तो जोहरा पकड जान क डर स मोबाइल वही छोडकर भाग गयी जोहरा का कहना ह हक वह छोड कर नही गयी बहक उसका मोबाइल छीन हलया गया वस चोरी की बात पहलस या पदाहधकररयो स तब तक नही बतायी गयी जब तक हक

जोहरा क बरी हालत म हमलन क बाद हगामा नही हो गया

शाम हो जान क बाद भी जोहरा वापस घर नही पहची तो उसक पहत अदल सततार रात करीब आि बज अपनी बीवी को ढढन महागन अपाटविमट पर पहच चौकीदार न कामकाजी लोगो क हलए बन रहजसटर को दखकर बताया हक जोहरा क आन का समय तो दजवि ह लहकन जान का नही दो चौकीदार उनक साथ बारह नबर फलट पर गय लहकन मालहकन न कह हदया हक उस कछ नही मालम पहत क सौ नबर पर िोन करन क दो घट बाद पहलस आयी और अदल सततार क साथ हिर स 12 नबर क फलट म गयी मगर खानापरी करक लौट आयी अपनी झगगी बसती म वापस आकर पडोहसयो को घटना बतान पर सबकी राय बनी हक सबह-

सबह महागन पर चलकर पछा जाय सबह जोहरा क पहत क साथ बसती क कािी लोग महागन क गट पर पहच और जोहरा का पता लगान क हलए हगामा हकया इस दबाव म पहलस आयी और करीब छह बज जोहरा को चौकीदारो क साथ महहला पहलस हकसी सामान की तरह उिाकर बाहर लायी वह अदधविबहोशी की हालत म थी और िीक स बोल भी नही पा रही थी हकसी तरह उसन बताया हक उस पर चोरी का आरोप लगाकर मालहकन न मारा-पीटा उसका मोबाइल छीन हलया इस पर भीड उततहजत हो गयी और भीतर घसन की कोहशश करन लगी गाडडो न उनह भीतर जान स रोका उनक साथ गाली-गलौज और अभदरता की व लोग पहल स ही परशान थ और गसस म भी थ महागन क गट पर तोडिोड हई और पहलस तथा चौकीदारो क बावजद कई लोग मालहकन क फलट तक पहच गय आरोप लगाया गया ह हक कछ लोग

फलट का शीशा वगरह तोडकर अदर घस गय हजसस मालहकन और उसका बटा डरकर बाथरम म हछप गय घटना क बाद दोनो तरि स परथम सचना ररपोटवि दजवि हई महागन की तरि स अलग-अलग तीन एफआईआर और जोहरा की तरि स कल एक

तमाम अख़बारो न इस ख़बर को इस तरह बताया जस हक जोहरा क घरवाल और आसपास क लोग दगाई थ लटर थ या हिर हतयार थ हजनहोन खात-पीत मधयवगवि क घरो को अपन हमल का हनशाना बनाया बहरहाल पजीवादी मीहडया स इसस जयादा की उममीद की भी नही जा सकती ह हद तो तब हो गयी जब सोशल मीहडया िसबक टहवटर और वहाटसऐप पर इस तरीक क सनदश परसाररत होन लग हक नोएडा को मालदा बनाया जा रहा ह

हक नोएडा महसलम आतकवाहदयो का गढ बन गया ह असल म मामला तो घरल मजदरी करन वाली एक महहला कामगार स जडा हआ था लहकन इस सामपरदाहयक रग हदया जान लगा सोशल मीहडया पर दषपरचार म सहकरय बहतर लोगो क िसबक अकाउणट दखन पर पता चला हक य लोग या तो मोदीभति थ या कही-न-कही भाजपा की हवचारधारा सघ की हवचारधारा और हहनदतव की हवचारधारा स परभाहवत ह कोई हडगवार का समथविक था तो कोई सावरकर का पजक था या हिर कोई हहनद राषटवाद का झणडा उिान वाला था इसस यह भी पता चलता ह हक मधय वगवि क व तमाम लोग जो आज हहनदतववादी हवचारधारा का समथविन कर रह ह जो राषटवाद क नार लगा रह ह असल म उनह दश क करोडो-करोड महनतकशो की हजनदगी स कोई लगाव नही ह इसक िीक हवपरीत उनक भीतर महनतकश वगवि क लोगो क परहत बहत

नफरत भरी हई ह व कामगारो को कीड-मकौडो स जयादा कछ नही समझत व शायद यह समझत ह हक ग़रीब लोग उनकी सवा क हलए ही बन ह और इसहलए उनक साथ lsquoइसतमाल करो और ि कोrsquo वाला घहटया बताविव करत ह

महागन क सदसयो दारा कामकाज करन वालो को बागलादशी बताए जान पर पहलस न इनकी नागररकता की जाच करन की बात शर कर दी जबहक पहलस का एक अहधकारी जोहरा को भारतीय नागररक पहल ही बता चका था महागन स करीब एक हकलोमीटर दर रहन वाल य लोग पहचिम बगाल क कचहबहार हजल क रहन वाल ह हजनम स कई 10-15 साल पहल ही यहा आकर बस गय थ बसती की महहलाओ न थान पर परदशविन करक अपना भारतीय हनवाविचन काडवि और आधार काडवि भी सबको हदखाया

इस परी घटना क दौरान पहलस महकमा महागन अपाटविमणट क रहन वाल करोडपहतयो क पकष म काम कर रहा था उनहोन यह मानन स ही मना कर हदया हक जोहरा क साथ उसकी

मालहकन न मारपीट की ह और उस महागन अपाटविमणट म ही बनद करक रखा हआ ह जब सबह बसती क लोग महागन अपाटविमणट पहच तो मजबर होकर पहलस को वहा आना पडा और तब पता चला हक जोहरा को सचमच म एक कमर म बनद करक रखा गया था उसक साथ मारपीट की गयी थी जब उस इलाज क हलए असपताल ल जाया जा रहा था तो वह रासत-भर उहटया करती रही उसकी हालत बहद खराब थी बाद म पता चला हक पहलस वालो न ख़द ही जोहरा की तरफ स एक एफआईआर दजवि की ह लहकन वह इस तरह स की गयी थी हक परा मामला ही कमजोर पड जाय इसक साथ ही साथ जोहरा क हखलाफ भी एक झिी एफआईआर दजवि करवायी गयी हजसम उस पर 17000 रपय चोरी करन का मनगढनत आरोप लगाया गया था पहल बताया गया हक चोरी करत हए जोहरा का एक वीहडयो ह लहकन बाद म पता चला हक यह दावा एकदम झिा था और ऐसा कोई वीहडयो था ही नही आमतौर पर यही होता ह हक ग़रीब मजदर जब भी अपन हको क हलए आवाज उिात ह तो उनह चोर लटरा साहबत करन की कोहशश की जाती ह ताहक उनकी आवाज को दबाया जा सक इसक साथ ही पहलस वालो न उसी हदन रात क अधर म जोहरा की बसती पर छापा मारा और करीब 50 लोगो को रात म उिा हलया अगल हदन उनम स 13 लोगो क हखलाफ एफआईआर दजवि की गयी और उनह हगरफतार कर उन पर सगीन धाराओ म मकदमा दायर हकया गया इसक तीन ही हदन बाद अहतकरमण बताकर उस परी बसती को बलडोजर चलाकर धवसत कर हदया गया यह सब कछ बताता ह हक आज ग़रीब हबखरी हई आबादी क हलए अपन हको क हलए आवाज उिाना हकतना महकल हो गया ह और जब तक हक व सगहित नही हो जात ह तब तक उनक सामन य महकल बनी रहगी साथ ही साथ यह घटना बताती ह हक आम महनतकशो की एकता को तोडन और उनक हखलाफ नफरत िलान क हलए िासीवादी ताकत बशमगी क साथ धमवि का इसतमाल करती ह ताहक असली मद पर पदावि डाला जा सक

mdash तनपश

नछएरा म जछहरा क साथ हई घटना घरि कामगारछ ो क साथ बबषरिा की एक बानगरी

अलावा अनय कई यहनयनो - मीनाकषी पॉलीमसवि परा हल मटो आटविम माकवि एगजासट दारा गडगाव क हज ला परशासन क ऑहफस पर रोर परदशविन हकया गया और शरमायति को जापन हदया गया हजसम ऑटोमकस कमपनी क शरहमको को गर-काननी तरीक स तालाबदी करक हनकालन क अलावा मटो आटविम स हनकाल गय 45 सथायी व 120 असथायी शरहमको को काम पर वाहपस लन माकवि एगजासट दारा कई वरडो स कायविरत िका शरहमको को ग़र-काननी ढग स नौकरी स हनकालन और मीनाकषी पॉलीमसवि क शरहमको का मदा भी रखा गया

हिलहाल हकसी भी कमपनी का मदा शरम

हवभाग-परशासन-सरकार दारा हल होता नही आ रहा ह आज महज जापनो धरन-परदशविनो स माहलकपरसत हवभागो व सरकारो को कोई असर नही पड रहा ह जररत ह गडगाव-मानसर-धारहडा-बावल स लकर हभवाडी-खशखडा-नीमराना तक ऑटो सकटर क सभी मजदरो की िौलादी एकता कायम की जाय और वयापक सतर पर जझार आनदोलन खडा हकया जाय

mdash निगल सवाददाता

(एमपीडीएसएस) क नाम स लगायी थी हिलहाल हपछल एक महीन स 8252 क हहसाब स पमणट हकया जाता ह इसस पहल 7977 क हहसाब पमणट होता था मखय मागो म छटटी गट पास बोनस क टीन पमणट सलीप पहचान पत पीएफ एगरीमणट 3 स 5 परान वकवि रो को पकका हकया जाना लच की सहवधा चाय-पानी की सही वयवसथा फसटविऐड कीट सरकषा उपायो एगजॉसट फन व पखो आहद की माग थी लहकन कमपनी को न तो वकवि रो की माग गवारा थीऔर न ही यहनयन

मीनाकषी पोलीमसवि परा हल कमपनी की

शरआत 2007 क आसपास हई इसकी कल हमलाकर सात इकाइया ह हबनौला क अलावा मानसर गडगाव नीमराना यपी म दादरी हररदार म दो पलाणट ह एमपीपीएल हबनौला ऑटो पाटविस की कमपनी ह हजसम अलग-अलग कमपहनयो क हलए िट रसट असबहलग हडसक बक ईनरवज कररशना मारहत क हलए बाईक क सटणड मोटर पमप का ढककन आहद बनता ह

दमन क बावजद िका वकवि रो न अपन सघरवि को आग बढान का हनणविय हकया ह

mdash निगल सवाददाता

(पज 4 स आग) (पज 4 स आग)

मरीनाकरी पछिरीमसष का आनदछिन ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

6 मजदर तबगि जिाई 2017

गाय क नाम पर िासीवाहदयो न जो गणडागदगी और कतलोगारत दशभर म मचा रखी ह वह हकसी स हछपी नही ह ldquoगौ-रकषकrdquo गणड मोदी क सतता म आन क बाद बख़ौफ घम रह ह और नयी-नयी घटनाओ को अजाम द रह ह इन घटनाओ पर दश क परधानमनती नरनदर मोदी परी बशमगी स चपपी धारण हकय रह जब दहनयाभर म थ-थ होन लगी तो कह हदया हक महातमा गाधी इन हतयाओ को िीक नही कहत हवरोध और बढा तो एक और बयान द हदया हक गौरकषा क नाम पर गणडई बदावित नही की जायगी मगर गौ-गणडो को भी पता ह हक य सब बयान दसरो को सनान क हलए ह इसीहलए मोदी कछ भी कहत रह गाय क नाम पर हतयाए और गणडागदगी लगातार जारी ह इन गौ-गणडो को सरकारी शह हाहसल ह लगभग सारी ही घटनाओ म पहलस की भहमका मकदशविक वाली बनी हई ह कही-कही पहलस ख़द ldquoदोहरयोrdquo को गौ-गणडो क हवाल कर रही ह यह परा काम पहलस और तथाकहथत गौरकषा दलो की हमलीभगत स चल रहा ह कई ऐस वीहडयो भी सामन आय ह जहा पहलस वाल इन घटनाओ पर हसत हए पाय गय ह गौ-रकषको क हलए यह एक मनाफ वाला धनधा भी बन रहा ह अख़बारो म छप लोगो क हवहभनन बयानो स पता चलता ह हक कई सथानो पर गौ-रकषको न पस लकर ldquoदोहरयोrdquo को बरी हकया ह और अगर आप पस नही द सकत तो सजा क हकदार तो हो ही कई जगह य तथाकहथत गौरकषक ख़द ही गाय बचत पकड गय ह इसक साथ ही मसलमानो पर झि मकदमो का दौर भी शर हआ ह गोवश हतया और असथायी परवास अथवा हनयावित हनयमन कानन 1995 क तहत हसफवि राजसथान म 73 मकदम दजवि हए जो बाद म झि साहबत हए

हम कवल हपछल डढ वरडो की घटनाओ पर एक सरसरी नजर डालत ह जो य दशाविती ह हक यह कछ अलग-

थलग घटनाए नही बहक मामलो की एक परी लडी ह जयादातर घटनाए मीहडया तक पहचन स पहल ही दम तोड दती ह

4 माचवि 2015 को महाराषट सरकार न गाय का मास खान पर पाबनदी लगा दी हकसी क पास स मास हमलन पर नय कानन क अनसार पाच वरवि की सजा और 10000 रपय जमाविना लाग हकया गया महाराषट म 1976 का कानन हसफवि गाय मारन पर पाबनदी लगाता था हजसको हक बदलकर बल और साड तक बढाया गया 16 माचवि 2015 को हररयाणा सरकार न एक हबल पास हकया हजसक मताहबक गाय का मास खान पर पाबनदी लगायी गयी और खान पर 5 वरवि की सखत सजा और 50000 रपय तक जमाविना लाग हआ

30 मई 2015 को अदल ग़फर करशी नाम क वयहति को हबरलोका राजसथान म पीट-पीटकर मौत क घाट उतार हदया गया उसक बार म सोशल मीहडया पर लगातार यह ख़बर िलायी गयी हक एक तयौहार क हलए उसन 200 गाय मारी ह हजारो की हगनती म भीड न उसको मौत क घाट उतार हदया

29 अगसत 2015 को हदली क मयर हवहार इलाक क हचला गाव म भडकी हई भीड का चार डाइवरो स झगडा हआ जो भसो को एक बचडखान म छोडन जा रह थ

28 हसतमबर 2015 दादरी क महममद अख़लाक को ldquoभीडrdquo न गाय मारन क शक म वहशी तरीक स पीट-पीट कर मार हदया उनक गाव क महनदर स लाउडसपीकर पर ऐलान करक सकडो की भीड इकटा की गयी हजसन उनक घर पर हमला करक उनक पररवार क सामन ही अख़लाक की हतया कर दी और उनक बट को अधमरा कर हदया

6 अकटबर 2015 को कनाविटक म एक भसो-गायो क वयापारी हजस पर बजरग दल क कायविकताविओ न लोह की

छडो स हमला कर हदया न भाग कर अपनी जाच बचायी हजसक बार म हकसी न यह अफवाह िलायी हक वह एक गौ-तसकर ह

9 अकटबर 2016 को यपी क मनपरी हजल म भडकी हई भीड न गाय मारन की एक अफवाह क चलत उतपात मचाया

9 अकटबर 2015 को शरीनगर क एक टक पर ऊधमपर म दहकषणपनथी कायविकताविओ न पटोल बम स हमला हकया हजसम दो कमीरी नागररक और एक पहलस वाला सवार था एक नागररक की बाद म इलाज क दौरान मौत हो गयी

16 अकटबर 2015 को हहमाचल परदश क हसरमौर हजल म भीड न एक वयहति को गौ-तसकरी क दोर म मौत क घाट उतार हदया

3 हदसमबर 2015 को हररयाणा क पलवल हजल म हहसक घटनाए हई जब भीड न मास लकर जा रहा एक टक रोक हलया

3 जनवरी 2016 को मधय परदश क हखरहकया रलव सटशन पर गौ-रकषको न एक जोड पर यह कहकर हमला हकया हक वह गौ-मास लकर जा रहा ह उनक पास कछ भी नही हमला

18 माचवि 2016 को झारखणड क लातहार म मजलम असारी और उसक 15 वरगीय बट को पीटा गया और बाद म पड पर लटकाकर िासी द दी गयी जो हक एक पश मल म गाय लकर जा रह थ गौ-रकषक हजनहोन इस काम को अजाम हदया बजरग दल क सदसय ह

5 अपरल 2016 को करकषत हररयाणा म मसतन असारी जो हक भस लकर जा रहा था उसको गौ-रकषको दारा मौत क घाट उतार हदया गया इस मकदम म पजाब और हररयाणा हाई कोटवि न 9 मई को सीबीआई जाच क हनदचश हदय ह

2 जन 2016 को राजसथान क परतापगढ म गौ-रकषको न एक महसलम वयापारी को बरी तरह पीटा और उसको नगा करक तसवीर खीची

10 जन 2016 को गडगाव म दो वयहतियो क साथ बीफ-टासपोटविर होन क शक म बरी तरह मारपीट की गयी और गाय का गोबर खान क हलए मजबर हकया गया

10 जलाई 2016 को कनाविटक क कोपा म बजरग दल दारा एक दहलत पररवार पर गौ-मास होन क शक म हमला हकया गया

11 जलाई 2016 को गजरात ऊना म गौ-रकषको दारा दहलत पररवार क सात सदसयो दारा मरी हई गाय की खाल उतारन क ldquoदोरrdquo म बरी तरह मार-पीटकर नगा घमाया गया

26 जलाई 2016 को मधयपरदश क मनदसौर रलव सटशन पर दो महसलम औरतो क पास गौ-मास होन क शक म उनक साथ बरी तरह मार-पीट की गयी

30 जलाई 2016 मजफफरनगर म एक मसलमान पररवार पर गाय मारन क शक म भडकी हई भीड न हमला हकया

5 अगसत 2016 को लखनऊ म दहलत नौजवानो को मरी हई गाय की खाल उतारन स मना करन पर बरी तरह मारा-पीटा गया

18 अगसत 2016 को परवीण नाम क वयहति को कनाविटक म गौ-तसकरी करन क शक म मौत क घाट उतार हदया गया बाद म पता चला हक वह भाजपा कायविकतावि था

अगसत 2016 म आनधर परदश म हबजली का करट लगन स मरी एक गाय की खाल उतारन क हलए बलाय गय दो दहलत भाइयो पर करीब 100 गौ-गणडो न यह कहकर हमला कर हदया हक उनहोन गाय को चराकर मारा ह

24 अगसत 2016 को हररयाणा क मवात म एक मसलमान पररवार पर गौ-रकषको न हमला हकया दो नौजवानो को मौत क घाट उतार हदया गया दो बरी तरह जखमी हए उनकी बहन क साथ गग रप हकया गया

18 हसतमबर 2016 को महममद

अयब नाम का वयहति जो एक बल और एक बछड को लकर जा रहा था रासत म हादसा होन क कारण बछडा मर जाता ह गौ-रकषक अयब क साथ बरी तरह मार-पीट करत ह जो हादस स तो बच जाता ह लहकन इन ldquoदशभतिोrdquo की मार न झलन क कारण असपताल म दम तोड दता ह

1 अपरल 2017 को राजसथान क अलवर हज ल म मवशी ख़रीदकर लौट रह महसलम डरी वयापाररयो पर हमला हकया गया मवहशयो की खरीद क काननी काग़जात हदखान क बाद भी उनह बरी तरह मारा गया हजसस बजगवि पहल ख़ान की 3 अपरल को मौत हो गयी सघ पररवार की साधवी कमल न हतयार गौ-गणडो की तलना भगतहसह स की

21 अपरल 2017 को जमम-कमीर क ररयासी हज ल म गौ-गणडो न बजार पररवार पर हमला करक 9 साल की बचची सहहत कई महहलाओ को लोह की छडो स बरी तरह पीटा इसी हदन हदली म भी गौ-गणडो न भस ल जा रह कछ वयापाररयो पर हमला हकया पहलस न उटा उन वयापाररयो को ही पश कररता कानन म हगरफतार कर हलया

20 जन 2017 को हररयाणा क बलभगढ म टन म जनद नाम क हकशोर को पीट-पीट कर मार हदया गया सीट को लकर हए हववाद क बाद उस पर झोल म बीफ रखन का आरोप लगाकर हमला हकया गया

13 जलाई 2017 को उततर परदश क मनपरी क पास भीड न टन म याता कर रह 10 लोगो क महसलम पररवार पर हमला हकया और बजगडो महहलाओ और हवकलाग लडक तक को लोह की छडो स बरी तरह मारा

य तो चनद एक घटनाए ह सरकार और सघ पररवार की शह पाय हए य गणडा हगरोह और उनमादी भीड लगातार दशभर म आतक मचाय हए ह

- राजजनदर ससोह

गाय क नाम पर गौ-रकक गणडछ ो क तपछि दछ िरषो क कारनामछ ो पर एक नजर

हपछडी और दहकयानसी म य-मानयताओ क नाम पर हसतयो को ग़लाम बनान और तमाम तरह क बबविर अमानवीय वयवहार का हशकार बनान का चलन हवश वभर म आज भी मौजद ह आपन मधयकाल म दास परथा सती परथा या धाहमविक कमविकाणडो क चलत हसतयो की बहल चढान या मार दन क बार म सना या पढा जरर होगा मगर आज भी बाल-हववाह क नाम पर लाखो हसतयो की हजनदगी की बहल दी जाती ह मधयपववि अरिीका दहकषण एहशया और भारत हसतयो को सामनती म य-मानयताओ म बाधन म सबस आग ह यनीसफ (यनाइटड नशनस हचडन एमरजसी िणड) की ररपोटवि क मताहबक बाल हववाह क मामल म बगलादश का पहला और भारत का दसरा सथान ह

द हसटीजन (9 मई 2017) की ख़बर क अनसार भारत की 22 याहन लगभग 24 करोड आबादी 10-19 वरवि की ह यहा 47 लडहकयो का हववाह 5-15 वरवि की आय म ही कर हदया जाता ह याहन परतयक दो लडहकयो म स एक लडकी क बाहलग होन स पहल ही

हववाह कर हदया जाता ह भारत म वस तो हर राजय म बाल-हववाह क नाम पर ननही हजनदहगयो को बबाविद करना जारी ह लहकन उततर परदश राजसथान हबहार झारखणड पहचिम बगाल और मधय परदश इसम सबस आग ह

बाल हववाह क कारण वस तो लडक और लडकी दोनो का ही मानहसक और शारीररक हवकास िीक ढग स नही हो पाता कयोहक जो आय उनकी हजनदगी क बार म सीखन की होती ह उस तथाकहथत हववाह बनधन म बाध हदया जाता ह लहकन लडहकयो क हलए यह परमपरा बहद भयानक ह लडकी को अहसास भी नही होता हक वह हकस जजीर म बधन जा रही ह सीबीएन नयज क एक ररपोटविर अहमत बदी न राजसथान म वीना नाम की लडकी हजसकी आय हसिवि 8 वरवि थी उस हववाह क समय जोर-जोर स रोत हए दख उसकी दादी स कारण पछा तो उसन जवाब हदया हक इसको पता नही ह हक हववाह कया होता ह या अभी वह घर की दख-रख क परहत सचत नही हई इसहलए थोडा डरी हई ह लहकन जदी ही उसको आदत पड जाएगी मरा भी हववाह

छोटी आय म हो गया था अहमत आग बतात ह हक राजसथान म अपरल स मई क महीन म यहा रात को हजारो की सखया म गपत हववाह करवाय जात ह हजसम हववाह करन वालो की आय 5-19 वरवि तक होती ह कछ की आय इतनी छोटी होती ह हक उनक मा-बाप गोद म उिाकर लात ह शहरो क मकाबल गावो और दहलतो म बाल-हववाह 3 परहतशत जयादा होत ह हववाह क बाद अकसर लडहकयो क पढन-हलखन पर भी पाबनदी लगा दी जाती ह

बाल हववाह हसतयो क हलए मानहसक क साथ-साथ शारीररक पीडा भी लकर आत ह हववाह होत ही लडकी स बचच की अपकषा की जाती ह हजसका पररणाम अकसर बचच क जनम क समय बचच या मा की मौत होती ह भारत म 18 वरवि की आय स पहल बचच को जनम दत समय बडी सखया म बचच मौत का हशकार हो जात ह और जो पदा होत ह उनका शारीररक हवकास सही ढग स नही हो पाता हसतयो को हजनदगी भर क हलए मानहसक और शारीररक तकलीफ झलनी पडती ह हसतया बचचदानी क रोग

कमजोरी तथा कई गमभीर बीमाररयो का हशकार होती ह एक लडकी की हजनदगी को बचपन स गहतहीन और नीरस बनान की परहकरया चलती ह उसको अपना ससार पररवार तक ही सीहमत करना पडता ह लडकी को बस एक हपता या पहत की समपहतत बना हदया जाता ह

आज सरकार दारा भल ही हसतयो की आजादी या इन हपछडी हई म य-मानयताओ को रोकन क हलए कई कानन बना हदए गए ह (बाल-हववाह रोकथाम हबल 1998 बाल हववाह रोकथाम हबल 2006 आहद) इनम बाल-हववाह करन या करवान वाल को जल या जमाविन की सजा का परावधान ह लहकन य बस कागजो तक ही सीहमत ह कयोहक तथयो स साि पता चलता ह हक हसतयो को बराबरी क अहधकार दन या आजादी क हलए उनहोन हकतन कदम उिाय ह बहक परहतहदन कई ऐस उदाहरण हमलत ह जो मौजदा सरकार और समाज क क बहचचयो क परहत वयवहार को दशावित ह पजीवादी मीहडया खलआम सरकार स शह पाकर हसतयो को सामनती म य-मानयताओ क चौखट म रहन क हलए

परररत करता ह भारत म 70 परहतशत हसतया परहतहदन घरल हहसा का हशकार होती ह हर 20 हमनट बाद एक सती बलातकार का हशकार होती ह और 80 परहतशत हसतया हकसी न हकसी रप म शारीररक छडछाड का हशकार होती ह तथय बतात ह हक हसतयो की सरकषा आजादी या बराबरी का मामला सरकार क हलए कोई बहत गमभीर बात नही ह

पजीवाद न जनता को ग़लाम और हपछडा बनाय रखन क हलए तमाम तरह क सामनती म य-मानयताओ क साथ समझौता करक न हसफवि उनह बनाय रखा ह बहक लगातार बढावा भी द रहा ह इस पजीवादी समाज वयवसथा को उखाड ि कन क हलए राजनीहतक और आहथविक सघरवि चलान क साथ ही हपछडी सोच और सस कक हत स भी लडना होगा पहल क सघरडो और सामाहजक पररवतविन दारा हसतयो न कछ हद तक सममान स जीन का हक पाया ह बराबरी का हक पान क हलए पजीवादी वयवसथा को ही बदलना होगा

ndash तबनरी

इकीसिरी ो सदरी म भरी ननरी ो जजनदमगयछ ो कछ बाि तििाह की बलि चढा रहा ह समाज

मजदर तबगि जिाई 2017 7

मधय परदश जो भारत का दसरा बडा राजय ह 2015-16 क दौरान यहा हर रोज 64 बचचो की मौत का आकडा सामन आया ह नवजात बचचो की मौत का यह आकडा हकसी अफीकी दश क मकाबल भी बदतर और भयानक ह

पहल तो मधय परदश की भाजपा सरकार न 2015-16 वरवि क दौरान योपर हजल म कपोरण स हई बचचो की मौतो क आकड तोड-मरोड कर पश हकय महहला और बाल हवकास मनती अचविना हचटहनस न हवधान सभा म दावा हकया था हक इस

वरवि क दौरान हकसी भी बचच की मौत कपोरण स नही हई जबहक सवासथय हवभाग न हाईकोटवि म ररपोटवि सौपी थी हक इस हजल म 2015-16 क दौरान 116 बचचो की मौत कपोरण की वजह स हई ह जब झि आकड पश करन क हलए सरकार की चारो ओर स थ-थ हई तो सरकार को सचचाई पश करनी पडी महहला और बाल हवकास मनती अचविना न राजय हवधान सभा म यह भी माना हक 0-6 वरवि तक क 25440 बचच एक वरवि क अनदर दसत और खसर जस रोगो क

कारण अपनी जान गवा दत ह मधय परदश भारत म ग़रीबी रखा क

नीच सबस जयादा आबादी वाल 14 राजयो म शाहमल ह और सबस अहधक मकतय दर वाल राजयो म स एक ह यहा 1000 क पीछ 52 बचचो की मौत एक वरवि की आय स पहल ही हो जाती ह और नवजात बचचो का वजन ढाई हकलोगाम स भी कम होता ह भारत म 31 परहतशत बचचो का कद आय क अनसार कम ह और 42 परहतशत बचचो का वजन भी उनकी आय क मताहबक कम ह भारत

क कल कपोहरत बचचो म 60 परहतशत मधयपरदश और झारखणड क ह

बचचो क सवासथय क हलए हवजान क मताहबक तीन वरवि तक क बचच को परहतहदन 300 हमलीगाम दध की जररत होती ह जबहक उनह हसफवि 80 हमलीगाम दध ही हमल पाता ह पररणामसवरप कपोरण क कारण उनका शरीर बीमाररयो का मकाबला नही कर पाता हजा तथा बखार जसी बीमाररयो स बचचो की मकतय दर लगातार बढती जाती ह

बचचो की हो रही इन मौतो को हम

पराकक हतक मौत नही कह सकत बहक य कतल ह जहा एक ओर अनाज गोदामो म पडा-पडा सड रहा ह वही दसरी ओर य हालात ह हक बचच जनम लन स पहल या पदा होत ही मौत क मह म चल जा रह ह

हवकास क बड-बड दाव करन वाली भाजपा का धयान जनकयाण की ओर न होकर गौरकषा जस झि मदो तक कहनदरत ह मधय परदश जस राजयो क हालात भाजपा सरकार क हवकास क दावो का असली चहरा पश करत ह

ndash बिजरीि

मधय रिदश म रछजाना 64 बचछ ो की मौि

2014 म जब दश म राषटवादी सरकार आयी थी तो और बहत सार वादो क साथndashसाथ सवासथय कषत म यगपरवतविक बदलाव लान का वादा भी हकया था तकरीबन एक वरवि बाद सरकार को अपना यह वादा याद आया तो 2015 म राषटीय सवासथय नीहत का मसहवदा बनाकर घोरणा की गयी हिर दो वरवि मसहवद को सशोहधत करन म लगा हदय मसहवद पर दो वरडो की लमबी महनत क बाद लोगो को उममीद थी हक नयी सवासथय नीहत म सवासथय सहवधाओ को बहतर बनान क हलए जरर कछ-न-कछ होगा लहकन नया तो कया हमलना था लोगो को जो कछ पहल हमला हआ था वह भी छीनन की तयारी ह

आजाद भारत की पहली सवासथय नीहत आजादी क 36 वरवि बाद 1983 म बनी थी उस समय बड-बड ऐलान हए उद य तय हकय गय मगर हाल यह ह हक जो उद य वरवि 2000 तक हाहसल करन की कसम खायी गयी थी आज तक उनक नजदीक भी नही पहचा गया हिर 2002 म वाजपयी सरकार दारा सवासथय नीहत म सशोधन हकय गय और कहा गया हक सवासथय सहवधाओ क हलए अहधक पसा हदया जायगा सवासथय सहवधाओ की वयवसथा को पनःसगहित करन की बात की गयी लहकन कछ भी नही बदला न तो सवासथय क हलए अहधक पस हदय गय और न ही वयवसथा को िीक करन क हलए कछ हकया गया बहक हबकल उटा हआ 2002 स लकर अब तक हनजी सवासथय कषत अब तक की सबस तज रफतार स बढा ह सरकार क पास पजीकक त कल ऐलोपहथक डॉकटरो म स महज 11 परहतशत सरकारी सवासथय वयवसथा म ह और बीमारी पर होन वाला ख़चावि भारत म ग़रीबी क अहम कारणो म स एक बन गया ह

अब जब राषटवादी िल अचछी तरह स हखला हआ ह तो हिर स नयी राषटीय सवासथय नीहत लायी गयी ह 2015 क मसहवद म यह वादा हकया गया था हक lsquoसवासथय को एक बहनयादी अहधकारrsquo बनाया जायगा और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo का हसदधानत लाग हकया जायगा लहकन इसस मोदी सरकार एकदम मकर गयी ह सवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo की जगह नयी नीहत म सवासथय सहवधाओ को भरोसमनद बनान का जमला उछाला गया ह सरकार का कहना ह हक lsquoसवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo समभव बनान क हलए

वयवसथा नही ह लहकन वयवसथा बनी कयो नही और बनानी हकस ह इसक बार म सरकार न न तो कोई जवाब हदया ह और न ही कोई योजना ह यानी सवासथय सहवधाओ को सबक हलए सलभ बनान क काम को अब नीहतगत और काननी तौर पर भी िणड बसत म डाल हदया गया ह और सरकार हर तरह की जवाबदही स हनकलकर भाग गयी ह हालाहक भारतीय सहवधान क नीहत हनदचशक हसदधानतो क मताहबक सभी क हलए सवासथय सहवधाए दना सरकार क कतविवयो म आता ह

2015 की सवासथय नीहत क मसहवद म मोदी सरकार न वादा हकया था हक 2020 तक सवासथय सहवधाओ पर ख़चवि बढाकर सकल घरल उतपादन का 25 कर हदया जायगा हिलहाल यह 1 क इदवि-हगदवि रहता ह अब यह समय-सीमा बढाकर 2025 कर दी गयी ह यह भी धयान दन योगय ह हक हवशव सतर पर यह ख़चावि कल घरल उतपाद का औसतन 49 ह (अथावित 2025 तक हम वहशवक औसत क भी आध म पहच जायग वह भी अगर सरकार एक बार हिर न मकरी तब) हमार पडोसी शरीलका जस ग़रीब दश भी इस मामल म हमस आग ह जब ख़चवि की सकीम ऐसी हो तो मफत दवाइया मफत टसट मफत इमरजसी सवासथय सहवधाए दन की घोरणाओ म हकतनी गमभीरता होगी यह समझन म हकसी कम बहदध क वयहति को भी कोई महकल नही होगी लहकन मोदी और उसक सवासथय मनती जपी नडडा चाहत ह हक उनकी मफत घोरणाओ पर लोग यकीन कर इस वरवि क राषटीय बजट म हवतत मनती जटली न यह भरम खडा करन की कोहशश की हक सरकार सवासथय पर ख़चवि बढा रही ह लहकन अगर हम हपछल 10 वरडो का ररकाडवि दखत ह तो यह कोहशश ख़ाली हलफाफा हदखायी दती ह 2015-2016 क कनदरीय बजट म सवासथय कषत क हलए दी गयी राहश म उसस पहल क वरवि क मकाबल 57 की कटौती कर दी गयी थी 2016-2017 म 5 बढाया गया और अब 2017-2018 क हलए कछ और वकहदध की गयी ह लहकन 2017-2018 की यह आरहकषत राहश अब भी 2011-12 क सवासथय बजट स नीच ह यह ह हवतत मनती की जादहगरी ऊपर स जो राहश बजट म रखी जाती ह वह परी ख़चवि नही की जाती जस 2011-12 क वरवि म 20000 करोड रपय म स 4000 करोड रपय स अहधक ख़चच ही नही गय वस जो पस ख़चवि होत ह व भी वासतव म (नौकरशाहो-नताओ क हहसस हनकाल कर) कहा होत ह यह

सबको पता ही ह इस नयी सवासथय नीहत का सबस

घहटया पहल हनजी कषत क हलए राह साफ करना ह भारत म पहल ही सवासथय क कल कषत म स 70 क करीब हहसस पर हनजी कषत का कजा ह हजनम अपोलो फोहटविस मदानता टाटा जस बड कारपोरट असपतालो स लकर कसबो तक म खल हनजी नहसिग होम शाहमल ह हपछल एक-डढ दशक म कारपोरट असपतालो का ररकाडवि-तोड िलाव हआ ह इनहोन एक हद तक हनजी नहसिग होमो को भी हनगल हलया ह इसक साथ ही बची-खची सरकारी सवासथय वयवसथा क अनदर भी हनजी कषत की घसपि बढी ह हजला-सतरीय असपताल महडकल कॉलज और बड महडकल ससथानो म पराइवट-पहलक-पाटविनरहशप क नाम पर बहत सारी सहवधाए हनजी हाथो म सौपी जा चकी ह या सौपन की तयारी ह यह कस हकया जाता ह इसकी कछ हमसाल पजाब क महडकल कॉलजो म हमलती ह पहटयाला क महडकल कॉलज म एमआरआई सकन कनदर को सरकार न एक हनजी ससथान को द रखा ह चहक महडकल कॉलज की इमारत म बन इस कनदर क माहलको को दसर हनजी सकन सणटरो की तरह डॉकटरो को कट नही दना पडता इसहलए इसक रट कम ह और सरकार इसकी ससती दरो को ऐस पश करती ह जस इसन कोई अदत कारनामा कर हदखाया हो जबहक सरकार को शमवि आनी चाहहए हक 4-5 करोड की मशीन लगान पर तकनीकी सटाफ का ख़चावि उिाकर यह सहवधा बहद कम दरो पर उपलध करायी जा सकती ह मगर सरकार ऐसा करन की कोई इचछा नही रखती अमकतसर क महडकल कॉलज म चलती सकन की दो मशीनो म स एक मशीन भी इसी तरह िक पर ह सार पजाब क सरकारी असपतालो और हडसपसररयो म दवाइयो की सपलाई (हजतनी भी ह) क हलए पराइवट कमपहनयो स दवाइया ख़रीदी जाती ह कयोहक दवाइया बनान वाल सरकारी ससथान या तो बनद हकय जा चक ह या बनद जसी हालत म ह सरकारी असपतालो म ऑपरशन क समय मरीज को बहोश करन क हलए कमीशन दकर पराइवट डॉकटरो को बलाया जाता ह और भी कई तरह की सहवधाओ को इसी तरह ldquoिक पर दनrdquo का नाम दकर हनजीकरण हकया जा चका ह लगभग सार राजयो म अहधक या कम यही अमल जारी ह

लहकन अभी भी काफी कछ ह हजस पर हनजीकरण की मार नही पडी जस इन असपतालो की परयोगशालाए अभी हनजी

हाथो म नही गयी अटासाउणड सकन और एकसर आहद जस छोट सकन भी हनजी हाथो स बच हए ह सबस बडी बात यह ह हक इस सतर क असपताल अभी कारपोरट सकटर क सीध हनयनतण म नही आय ह दसरा अभी तक पराइमरी सवासथय कनदरो और हडसपसररयो का ताना-बाना भी काफी हद तक हनजीकरण स अछता ह कारपोरट असपतालो की हगदध-नजर इन पर लगी हई ह 2015 क मसहवद म सरकार हनजी कषत क असपतालो और डॉकटरो दारा ग़लत ढग स काम करन क बार म बयान द रही थी अब वही लोग दध क धल हो गय ह 2017 की सवासथय नीहत म कहा गया ह हक पराथहमक सवासथय सहवधाओ को परी तरह काम करन योगय बनान क हलए ndash ख़ासकर शहरी कषतो क उन लोगो तक पहच करन क हलए हजनह सवासथय सहवधाए नही हमलती और मधयवगगीय आबादी को फीस क बदल सहवधाए दन क हलए सरकार ह थ एणड वलनस कनदर (फ सी हकसम क नाम सोचन म हमार दश क नताओ और अफसरो का दहनया म कोई मकाबला नही कर सकता) चलान क हलए हनजी कषत स पाटविनरहशप करगी यानी गावो म ऐसी कोई आबादी नही ह हजस सवासथय सहवधाए नही हमलती दसरा सरकार ख़द मानती ह हक अभी तक पराथहमक सवासथय कनदर भी ढग स नही चल (दश क आजाद होन स 70 वरवि बाद भी) तीसरा अब पराथहमक सवासथय कनदरो म 2-5-10 रपय की पचगी वाला जमाना जान वाला ह मधयवगगीय कौन होगा इसकी पररभारा तय नही ख़र हो सकता ह हक ग़रीबी रखा स ऊपर वाल सार लोग मधयवगवि म शाहमल कर हदय जाय यहा हम यह बता द हक भारत की बशमवि सरकार उस वयहति को ग़रीब नही मानती ह जो परहत महीना 960 रपय (गाव म) और 1410 रपय (शहर म) ख़चवि सकता ह (2014 म हनधाविररत ग़रीबी रखा क अनसार)

2017 की सवासथय नीहत म यह भी कहा गया ह हक सरकार हनजी कषत क साथ भागीदारी करक जन सवासथय सहवधाओ की कहमयो को परा करगी इसम टसट-सकन ऐमबलस सहवधाए लड बक पनवाविस क साथ जडी सहवधाए तकलीफ घटान वाली सहवधाए मनोरोहगयो क हलए सहवधाए टलीमडीसन सहवधाए कम होन वाली बीमाररयो क इलाज की सहवधाए शाहमल होगी यानी इनम सटाफ को छोडकर बाकी सब कछ हनजी कषत म होगा सटाफ म जयादातर हहससा िक दारा भतगी हो रहा ह एक तरह वह भी हनजी कषत

ही ह मतलब साफ ह हक सरकारी नाम तल हनजी दकान सरकार दारा हगनायी गयी कहमयो को िीक करन क हलए कोई भी योजना या इरादा कही दजवि नही ह यानी हनजी वयवसथा पकका काम ह कोई तातकाहलक योजना नही ह ऐसी कोहशश पहल भी जारी ह राजसथान छततीसगढ मधय परदश और उततर परदश म इन सकीमो क लाग करन की कोहशश हो रही ह लहकन इन कोहशशो का लगातार हवरोध हो रहा ह वासतव म राषटीय सवासथय नीहत 2017 का दसतावज लोगो को सवासथय दन क हलए नीहत का दसतावज नही ह बहक यह जन-सवासथय सहवधाओ का बचा-खचा हहससा भी तबाह करन परी सवासथय वयवसथा को हनजी कषत क हाथो म दन बहसखयक लोगो को सवासथय सहवधाए दन स बशमगी क साथ मना करन और पस वालो क हलए lsquoअहत आधहनकrsquo सवासथय सहवधाए कायम करन और हनजी असपतालो को खलकर लटन क हलए माहौल तयार करक दन का दसतावज ह अमबाहनयो-अडाहनयो की सरकार स और उममीद भी कया की जा सकती ह असल म मौजदा पजीवादी आहथविक वयवसथा म सभी लोगो को सवासथय सहवधाए दन का उद य परा करना न तो समभव ह और न ही इस वयवसथा का ऐसा कोई मकसद ही ह जो जन-सवासथय वयवसथा 1947 क बाद खडी की गयी थी वह भी आजादी क बाद लोगो की उममीदो को बहत जदी न टटन दन क हलए और महामाररयो को िलन स रोकन क हलए बनायी गयी थी हजनकी चपट म अमीरो क भी आ जान का ख़तरा बना रहता था भारतीय पजीपहतयो की भी उस समय इतनी औकात नही थी हक सवासथय कषत को मनाफ क हलए लट सक लहकन 1991 क बाद पररहसथहतया एकदम बदल गयी ह अब भारतीय पजी यह समझ चकी ह (और उसकी औकात भी इतनी ही हो चकी ह) हक सवासथय कषत मनाफा कमान का एक ऐसा कषत ह जहा कभी मनदी नही आती यह पजी हनवश का सबस सरहकषत कषत ह (हालाहक यह भी पजीपहतयो की ग़लतफहमी ही ह) 1991 क बाद स सरकार लगातार जन-सवासथय वयवसथा को तोडन तबाह करन िक पर दन और हनजी कषत की सवासथय सहवधाओ क हलए अनकल पररहसथहतया तयार करन म लगी हई ह मोदी सरकार इसम और बढ-चढकर काम कर रही ह कयोहक यह पजी की सबस बशमवि और वफादार सवक ह

ndash िखतिनदर

राषटरीय सासथय नरीति 2017 ndash जनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाओो कछ भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि कर दन का दसतािज

8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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मजदर तबगि जिाई 2017 3

हपछल महीन की 27 तारीख़ स हदली की आगनवाडी की महहलाए अपनी यहनयन lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo क नतकतव म हडताल पर ह समाचार हलख जान तक उनका धरना और करहमक भख हडताल मखयमनती अरहवनद कजरीवाल क आवास पर जारी ह लहकन अपन को lsquoआम आदमीrsquo कहन वाली कजरीवाल सरकार क कान पर ज तक नही रग रही ह हडताल म हजारो की सखया म वकवि सवि और ह पसवि शाहमल हो रह ह

हड़िाि की पिषपरीहठका जसा हक पहल भी 2015 म हबगल

क पननो पर ख़बर आ चकी ह हक हडताल जीतन क बाद मखयमनती कजरीवाल न सवय एक हलहखत समझौता हकया था हजसम उनहोन हमारी सारी मागो को कबल हकया था लहकन दो साल बीत जान क बाद भी अभी तक सरकार न हमारी मखय मागो को लाग नही हकया हपछल दो सालो स महहलाओ न यहनयन क साथ कभी हदली सहचवालय म तो कभी कजरीवाल क आवास पर परदशविन हकया लहकन जब कोई सनवाई नही हई तो उनहोन िसला हलया हक आन वाल नगर हनगम क चनाव म आगनवाडी की महहलाए lsquoआम आदमी पाटगी lsquo का पणवि बहहषकार करगी

आम आदमी पाटगी का नगर हनगम चनाव म बरी तरह स हारन का एक बडा कारण आगनवाडी की वकवि सवि और ह पसवि क दारा हकया गया बहहषकार भी था चनाव क बाद हार स बौखलायी कजरीवाल सरकार न आगनवाडी की ग़रीब महहलाओ स बदला हनकालना शर कर हदया

हदली क उपमखयमनती मनीर हससोहदया हजसक पास हशकषा और महहला बाल हवकास हवभाग भी ह न हदली क खसताहाल पड सरकारी सकलो का कभी हनरीकषण नही हकया लहकन अलग-अलग आगनवाडी म जाकर हनरीकषण करना शर कर हदया आगनवाडी क खसता हालत जसहक खाना ख़राब आना बचचो का न आना रहजसटर म फजगी एणटी होना इतयाहद क हलए ग़रीब कायविकताविओ और सहाहयकाओ को हजममदार पाया और तीन कायविकताविओ को lsquoटहमविनटrsquo करन का फरमान सना हदया जबहक आगनवाडी म खान म गडबडी क हलए व एनजीओ हजममदार ह हजनह वहा क खान का टणडर हमलता ह हपछल हदनो एक अगजी दहनक lsquoइहणडयन एकसपरसrsquo म एक ख़बर छपी थी हक हजन एनजीओ को हदली क सरकारी सकलो म मधयानतर भोजन क हलए लकहलसट कर हदया गया था व एनजीओ अब भी आगनवाडी म खाना दन का काम कर रह ह और इन एनजीओ का ररता परतयकष या अपरतयकष तौर पर lsquoआम आदमी पाटगीrsquo स जड एनजीओ lsquoकबीरrsquo और lsquoपररवतविनrsquo स ह जाहहर ह हक अपन ही लोगो दारा हकय गय घपल-घोटालो क हलए मनीर हससोहदया आगनवाडी की ग़रीब महहलाओ को हजममदार िहरा

रहा ह और उनह हदली की जनता क सामन बदनाम भी कर रहा ह दसरी ओर सपरवाइजर और सीडीपीओ इन महहलाओ पर दबाव डालकर रहजसटर म फजगी नाम डलवाती ह लहकन हकसी सपरवाइजर या सीडीपीओ पर आज तक हकसी परकार की कोई कारविवाई नही हई ह सरकार एक तरफ आगनवाडी को जानबझकर ख़राब कर रही ह और दसरी तरफ पलसकलो (यहा भी अपन ही लोगो को) को लाइसस द रही ह और मनीर हससोहदया इन सबका हजममदार आगनवाडी की ग़रीब वकवि सवि और ह पसवि को िहरा रहा ह य इनका असली चररत ह

सरकार की इस बदल की कारविवाई की वजह स आगनवाडी की महहलाओ म जबरदसत गससा भरा हआ था और व आनदोलन की राह पर चलन का मन बना रही थी

10 जन को lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo

न आग की योजना क हलए एक बिक बलाई और िसला हलया हक आगामी 24 जन को हदली सहचवालय पर 1 हदन का चतावनी परदशविन हकया जायगा 24 जन को करीब हजार की सखया म महहलाए हदली सहचवालय पहची भारी सखया म महहलाओ को दखकर सरकार घबरा गयी और मनीर हससोहदया क ओएसडी न परहतहनहधमणडल को बातचीत क हलए बलाया ओएसडी न यहनयन को 27 जन को मनीर हससोहदया स बातचीत का हनमनतण हदया

हड़िाि की शरआि 27 जन को जब भारी सखया म

महहलाए मनीर हससोहदया क बगल (हालाहक य आम आदमी ह और चनाव स पहल इनह बगल गाडी सरकषा आहद नही चाहहए थी) पर पहची तो पहल पहलस न बरीकड लगा हदया और अनदर आन स ही मना कर हदया लहकन जब महहलाओ का दबाव बढता

गया तो पाच महहलाओ को यहनयन की सचालक हशवानी क साथ बात करन क हलए अनदर जान हदया गया लहकन हससोहदया बात करन स जयादा महहलाओ को डरान क मड म था जब उस मालम चला हक महहलाओ क साथ यहनयन की साथी हशवानी भी आयी ह तो उसन बात करन स ही मना कर हदया साफ ह हक यह हससोहदया का गरजनवादी और असवधाहनक रवया था

मनीर हससोहदया की इस दग़ाबाजी स महहलाओ का रोर और बढ गया और अब य कजरीवाल और हससोहदया स आर-पार की लडाई क हलए तयार थी और तब यहनयन न 30 जन को हदली सहचवालय पर हवराट जटान का आहान हकया

30 जन को होन वाल परदशविन को लकर कजरीवाल सरकार म जबरदसत खलबली मची हई थी तरह-तरह की दलाल यहनयन धाहमविक कटटरवादी

सगिन व आम आदमी पाटगी क हपछलगगओ न परदशविन को समथविन दन क बहान आनदोलन को ख़तम करन की कोहशश की लहकन यहनयन न इस तरह क हकसी भी सगिन का समथविन लन स साफ इनकार कर हदया 30 जन को लगभग दस हजार की भारी सखया म महहलाओ न परदशविन म हहससदारी की ऐसा लग रहा था जस कोई जनसलाब उमड गया हो परदशविन म यहनयन न यह िसला हकया हक मखयमनती सवय आकर हमस हमलकर हमारी सारी मागो को परा कर वरना हम यही डट रहग और ररग रोड जाम करग लहकन जब मखयमनती या सरकार का कोई परहतहनहध हमलन को तयार नही हआ तो महहलाओ न ररग रोड को चार घणट तक जाम रखा उसक बाद यहनयन न आम सहमहत स यह िसला हलया हक आगामी तीन जलाई स मखयमनती अरहवनद कजरीवाल क बगल पर अहनहचितकालीन हडताल की जायगी

तब स उनकी हडताल जारी ह और 6 जलाई स व करहमक भख हडताल पर ह

हड़िाि िछड़न क लिए दिाि यतनयन कजररीिाि क साथ

जब आगनवाडी की महहलाओ की यह जझार हडताल परी हदली म िल गयी और लगभग सभी आगनवाहडयो म काम परी तरह िपप हो गया तब स तरह-तरह क हबचौहलय दलाल और मजदरो क साथ ग़दारी करन का ररकॉडवि बना चकी दलाल यहनयन अपन काम म लग गयी और कजरीवाल का साथ दन लगी

इन दलाल यहनयन म सबस अगणी नाम सीट की कमला वाली यहनयन का ह सीट हजनका इहतहास मजदरो क साथ ग़दारी का ह बगाल स लकर करल तक हजनकी माता चनावी पाटगी माकपा मजदरो पर गोहलया बरसा चकी ह जो गणडो स हपटवान और माहलको का ख ला साथ दन क हलए बदनाम ह वह भला हदली म आगनवाडी की

महहलाओ स ग़दारी करन और उनकी हडताल तडवान म पीछ कस रह सकती थी कमला जो पहल भी 2015 म हडताल तडवान क हलए आयी थी लहकन महहलाओ न उस भगा हदया था अब वह तरह-तरह की चालो क जररय यह काम करन लगी पहल वह यहनयन को समथविन दन क बहान हडताल म घसन की कोहशश कर रही थी लहकन उसकी यह चाल जब कामयाब नही हई तो वह यहनयन क साहथयो क हखलाफ कतसा-परचार करन म जट गयी इसस भी जब काम नही बना तो कमला और सीट न अपना नाम बदल कर lsquoसवतनत आगनवाडी कमविचारी और सहाहयका सघrsquo क नाम स पचावि हनकाला और महहलाओ म भरम िलान का काम हकया और 10 जलाई को मनीर हससोहदया क आवास को घरन का आहान हकया जबहक यहनयन पहल ही मनीर हससोहदया स उसक घर पर मलाकात करन गयी थी पर वहा बात न बन पान

क कारण ही हडताल का हनणविय हलया गया था जाहहर ह हक कमला की यह चाल हडताल तोडन की ही थी

लहकन कमला और सीट की ग़दारी का पदाविफाश आगनवाडी की महहलाओ न दमदार तरीक स हकया हससोहदया क घर पर कमला अपनी 3 चमहचयो क साथ ही पहची और उसका परदशविन परी तरह स lsquoफलॉप शोrsquo साहबत हआ

दसरा एक दलाल रामकरण ह हजसन 2015 म ही आगनवाडी क साथ शर हए आशा वकवि सवि क आनदोलन को डबान का काम हकया था इस हडताल की शरआत म रामकरण खलकर कजरीवाल सरकार और आम आदमी पाटगी की परवी कर रहा था और महहलाओ क सामन बडी-बडी डीग हाक रहा था हक अगर व lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo को छोडकर उसक साथ आ जाय तो वह उनका कजरीवाल क साथ समझौता करवा दगा और सारी माग मनवा दगा अब वह यह झि िला रहा ह हक हशवानी की वजह स ही माग परी नही हो रही ह रामकरण हजसन आशा वकवि सवि क साथ ग़दारी की और अब वही काम वह आगनवाडी की महहलाओ क साथ करन की कोहशश कर रहा था लहकन महहलाओ न उस माकल जबाब हदया

सोचन वाली बात तो यह ह हक एक तरफ कजरीवाल और हससोहदया हमारी यहनयन स बात करन को तयार नही होत ह हजनक साथ आगनवाडी की महहलाए ह लहकन उन सारी दलाल यहनयनो स बात करन को राजी ह हजनक साथ कोई नही ह ऊपर स यह ldquoकजरीवाल और हससोहदया गगrdquo झिी अफवाह िलान म माहहर ह हद तो तब हो गयी जब हससोहदया न एक फजगी यहनयन lsquoहदली आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि एसोहसएशनrsquo हजसम सपरवाइजर और सीडीपीओ शाहमल थ क साथ हमलकर lsquoमानदय बढान कीrsquo और हडताल ख़तम होन की घोरणा भी कर दी इसी स इस दोमही कजरीवाल सरकार और आम आदमी पाटगी क चररत का पता चलता ह

कनदर म भाजपा की िासीवादी मोदी सरकार तो ख ल तौर पर मजदरो की हवरोधी ह ही लहकन हदली का य नटवरलाल जो हक छोट बहनय-वयापारी का परहतहनहधतव करता ह हकसी भी मायन म मोदी स कम नही ह हजन तथाकहथत lsquoहलबरल जनrsquo का भरोसा इस नटवरलाल पर ह और जो इस मोदी का हवकप समझ रह ह उनह भी अब अपनी आख खोल लनी चाहहए

सरकार और दलाल यहनयनो की सारी कोहशशो क बावजद आगनवाडी की महहलाए अपनी यहनयन lsquoहदली सटट आगनवाडी वकवि सवि एणड ह पसवि यहनयनrsquo क नतकतव म शानदार तरीक स अपनी हडताल को चला रही ह और अपनी एकता क दम पर जरर हदली सरकार को झकायगी

mdash निगल सवाददाता

ददलरी आगनिाड़री की महहिाओो की हड़िाि जाररी ह

4 मजदर तबगि जिाई 2017

उजाड की सरकारी कोहशशो क हखलाफ गजरी 9 जलाई को राजीव गाधी कालोनी उजाडा हवरोधी सघरवि कमटी क आहान पर चतावनी रली की गयी इस रली क जररय कालोनी हनवासी मजदरो-महनतकशो न लहधयाना परशासन को सखत चतावनी दी ह हक अगर उनह जबरदसती उजाडन की कोहशश की गयी तो व इसक हखलाफ हकसी भी हद तक सखत सघरवि लडन को तयार ह

वतिाओ न कहा हक बड अमीरो दारा सरकारी समपहततयो पर हकए कजो क हखलाफ सरकार कोई कारविवाई नही करती लहकन ग़रीबो को उजाडन क हलए हमशा कमर कस रहती ह इसस सरकारी वयवसथा का पजीपरसत और जनहवरोधी चररत सपटि होता ह सघरवि कमटी का कहना ह हक सरकार का रवया हबकल भी सहन नही हकया जायगा लोग अपनी हजनदगी-भर की ख़न-पसीन की कमाई स बनाय घर नाजायज तौर पर तोड जान क हखलाफ सखत स सखत सघरवि लडग

चतावनी रली को lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo क सयोजक राजहवनदर क अलावा लखहवनदर तजपाल हवजनदर कमार हवशवनाथ (बाबा) गोपाल हरीनाथ नारायण दास आहद न समबोहधत हकया

- तबगि सो िाददािा िसधयाना

lsquoराजरीि गाधरी कािछनरी उजाड़ तिरछधरी सो घरष कमटरीrsquo क आहान

पर चिािनरी रिरी हई

हबनौला (गडगाव) हसथत मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) क िका वकवि रो को हनकाल जान क हवरदध सघरवि दमन क बावजद जारी ह

िका वकवि रो क सघरवि क सातव हदन 7 जलाई 2017 को पहलस गाली-गलौच क साथ धरना-सथल को ख़ाली करन की धमकी दन लगी इस पर ऑटोमोबाइल इणडसटी काणटकट वकवि सवि यहनयन (एआईसीडयय) क साथी अननत और शाम न पहलस को सही तरीक स बात करन क हलए कहा और वकवि रो को गाडी म डालन स रोका पहलस स हगरफतारी का वारणट मागा और धरन वाली जगह तथा रहन-िहरन वाली जगह पर हकसी भी तरह क धरना-परदशविन न करन क बार म सट-आडविर क बार म पछा वकवि रो न भी बताया हक व लोग एक पराइवट वयहति क पलाट म बि ह और जब सडक भी बित ह तो एक हकनार बित ह हकसी भी तरह स टहिक या हकस वयहति को परशान नही कर रह पहलस न न तो कोई हगरफतारी का वारणट और न ही सट-आडविर जसा कोई भी कागज हदखाया और न ही कोई तकवि सना उटा दो मजदर साहथयो नीरज और यशपाल क साथ-साथ यहनयन क अननत और शाम को पहलस गाडी म डालकर ल गयी और जात हए बाकी वकवि रो को धमकी दी हक पाच हमनट म जगह ख़ाली कर दो वरना तम सबको उिाकर ल जायग गाली-गलौच और मारपीट थान म भी जारी रहा जब चारो अननत और शाम न अपन साहथयो को बतान की बात करन

की कोहशश की तो सबक फोन रासत म ही छीन हलय थ यह ह दश म अपन अहधकार की बात करन पर माहलक-िकदार-पहलस-परशासन क गिजोड का काम करन का तरीका

जात रह हक मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) म 1 जलाई 2017 को लगभग सभी सवा सौ िका शरहमको को हबना हकसी नोहटस क एक साथ हनकाल कर बाहर हदया और कहा हक उनक िकदार - नहा एणटरपराइजज तथा शरी एणटरपराइजज का िका रद कर हदया गया अगर काम करना चाहत ह तो अपन िकदार स पछो और अपना काम कही ओर ढढ लो िीक इसी तरह करीब दो महीन पहल माकवि एगजासट कमपनी क िका वकवि रो दारा िकदार क हख़ लाफ यहनयन बनान और अपनी मागो को रखन पर बाहर का रासता हदखाया था

वस तो शरम हवभाग दारा नोहटस हमलन पर ही कमपनी परबनधन न वकवि रो को हनकालन की अपनी योजना की तयारी शर कर दी थी 23 जन को यहनयन न अपनी मागो क हलए अपना हडमाणड नोहटस लगाया था इस पर तब करीब 50-60 नय वकवि रो को कमपनी म ओवरटाइम बनद करन क हलए लाया गया ह और परान वकवि रो को कहा हक हकसी को काम पर नही हनकाला जायगा नय लोगो को बी-हशफट म काम करवाया जायगा असल म यह झिा आशवासन ह असली मशा तो नय वकवि रो को टहनग दकर परान वकवि रो को हनकालना थी

और 30 जन को ही कमपनी न जब वकवि र काम कर रह थ तो कमपनी म परबनधन न नोहटस लगा लगा हदया था हजसम 1 जलाई 2017 स वकवि रो को बाहर हकया जा रहा ह और कहा जा रहा हक आपक िकदारो का िका ख़तम हकया जा रहा ह 30 तारीख़ को ही शरम हवभाग म 23 तारीख़ क हडमाणड नोहटस की तारीख़ थी हजसम यहनयन क लोगो तथा कमपनी को आना था यहनयन क लोग तो पहच लहकन कमपनी न अपनी तरफ स अपनी कमपनी क दसर पलाणट क वयहति को भज हदया था पहल तो कमपनी क दारा भज गय वयहति न हकसी भी तरह क हडमाणड नोहटस स इकार कर हदया इस पर शरम हवभाग न 10 जलाई 2017 को दोबारा तारीख़ तय की हजसम दो पाहटवियो को बलाया था उसक बाद 19 जलाई 2017 की तारीख़ द दी ह इस बीच कमपनी दारा 20-30 वकवि रो को कमपनी म ही रखा जाता ह उनह अनदर ही खाना हखलाया जाता ह कछ शरहमको को गाडी म भरकर लाया जाता ह और हिर काम ख़तम होन पर ही गाडी म भर कर कही दर भज हदया जाता ह माहलक इतना डरा हआ ह हक हकसी भी तरह स नय शरहमको को धरन पर बि पर बि हए शरहमको न हमलन-जलन नही हदया जाता ह

लहकन वासतहवक कारण महज िका ख़तम करना नही ह बहक एक महीन पहल स वकवि रो न यहनयन फाइल मीनाकषी पोलीमसवि िका शरहमक सगिन

यतनयन बनान की कछजशश और माग उठान पर ठका शरममकछ ो कछ कमनरी न तनकािा सो घरष जाररी

24 जन को कमपनी न गट पर एकाएक तालाबदी का नोहटस हचपका हदया और करीब 320 शरहमको को एक झटक म हबना हकसी नोहटस क सडक पर ला हदया य शरहमक हपछल 25-30 साल स सथायी तौर पर काम कर रह थ जब गडगाव स कमपनी को हबनौला म हशफट हकया था उसी वकत इन शरहमको को भी हशफट हकया गया था तालाबदी क बार म न तो कमपनी की यहनयन (ऑटोमकस कमविचारी यहनयन जो एचएमएस स सबदध ह) को पता था और और न ही हकसी मजदर को पता था ऑटोमकस हलहमटड (औमकस ऑटो हलहमटड की यहनट) गडगाव स जयपर रोड पर हबनौला म हसथत ऑटोपाटविस कमपनी ह

तालाबनदी की नोहटस लगन पर यहनयन क लोग गट पर बि गय और मशीन और जररी उपकरण को कमपनी स बाहर जान स रोकन लग यहनयन बार-बार तालाबदी क काननी दसतावज की हदखान की माग करती रही परबनधन न सरकषा क बहान पहलस को बलाया और हिर स पहलस स हमलीभगत करक अपनी मशीनो-उपकरणो को हनकलवान की कोहशश करन लगी लहकन शरहमक भी डट रह पहलस न 200 मीटर क दायर म हकसी भी तरह क धरन-परदशविन न करन क सट-आडविर की बात करत हए अपनी परानी चाल चली लहकन जब सट-आडविर की कॉपी पहलस स मागी गयी तो पहलस कछ भी नही हदखा पायी थान म जान पर पहल तो पहलसवालो न यह कहा हक मशीन-उपकरण आहद तो

कमपनी की परापटगी ह वह जब चाह इस हनकाल सकती ह यहनयन न ग़र-काननी तालाबदी क बार म जाच करन क हलए कहा परबनधन दारा तालाबदी क हकसी काननी नोहटस की कॉपी तालाबदी क हलए पराथविना-पत की कॉपी हकसी भी तरह स तालाबदी क हलए हाहन-लाभ का यौर की कॉपी पश नही कर पायी यहनयन डीसी स हमली और उनको झि सट-आडविर तथा ग़र-काननी तालाबदी क बार म बताया और यही बात शरम हवभाग को बतायी दोनो ही एक दसर पर टालत रह याहन न तो पहलस हकसी सटndashआडविर की कॉपी और न ही परबनधन तालाबदी क हलए काननी सबत पश कर पाय और न ही शरम हवभाग दारा कोई िोस कदम कमपनी क हख़ लाफ उिाया गया जबहक शरम हवभाग खद मान रहा ह हक कमपनी क पास कोई काननी तालाबदी का दसतावज नही ह शरहमक धरन-परदशविन की कारविवाई म डट हए ह डीसी न हतपकषीय वातावि क हलए कमपनी परबनधन तथा यहनयन को 18 जलाई को दोबारा बलाया ह

इस चीज की चचावि करना भी जररी ह हक इस कमपनी म हपछल 20-25 सालो म 30-40 शरहम को क हाथ कट ह और हकसी का हाथ बाज अगिा और कछ शरहमको का तो एक बार जयादा कटा ह और कई शरहमको क तो पर कट ह आज तक हकसी को कोई उहचत मआवजा नही हमला

14 जलाई को ऑटोमकस यहनयन क

हपछल कछ महीनो स राजीव गाधी कालोनी उजाडन की तयाररया पर जोरो स की जा रही ह 21 अपरल को कालोनी तोडन क हलए नगर हनगम न भारी सखया म पहलस बलाकर कालोनी पर हमला हकया था कछ घर तोड भी हदय गय लहकन लोगो क बहादरी भर सखत हवरोध क चलत परशासन को पीछ हटना पडा लहकन परशासन चप नही बिा ह कभी भी कालोनी तोडन की कारविवाई दबारा हो सकती ह पजीपहतयो दारा यह कालोनी ख़ाली करवान की अपीलो पर हाईकोटवि का आदश भी आ चका ह हक यहा क हनवाहसयो को रहन क हलए कोई अनय जगह दकर यह जगह ख़ाली करवायी जाय

इस कालोनी म दस हजार स अहधक पररवार रहत ह कालोनी हनवाहसयो क राशन काडवि वोटर काडवि हबजली मीटर आधार काडवि बन हए ह यहा धमविशाला क हनमाविण व अनय कामो क हलए सरकारी गाणट भी जारी होती रही ह जब कारख़ाना माहलको को जररत थी तो यहा फोकल पवाइणट क हबकल बीच सरकारी जमीन पर मजदर बसती बसन दी गयी लोगो न अपनी महनत स पकक घर बना हलय अब जब पजीपहतयो को इस बशकीमती जमीन की जररत आन पडी ह तो कालोनी तोडन की कोहशश

की जा रही ह लोगो को जो फलट दन की बात

कही जा रही ह व भी रहन लायक नही ह 25 गज की जगह म चार महजला इमारत खडी की गयी ह य चार फलट अलग-अगल अलॉट हकय जायग य फलट बहद सकर और नीची छत वाल ह यहा एक पररवार का रह पाना भी समभव नही ह और य फलट हाहसल करन क हलए लोगो क सामन ऐसी शतत रखी जा रही ह हक बहसखयक कालोनी हनवाहसयो क हलए य शतत परा कर पाना समभव नही ह और घर क बदल घर भी नही हदय जा रह बहक हदय जा रह फलटो की कीमत मागी जा रही ह

पजीपहत बको क कजवि हडप कर जात ह व सरकारी जमीनो पर सरआम कज करत ह कोई कारविवाई नही

होती एक तरफ पजीपहतयो क हलए भारी कजवि माफी और दसरी ओर ग़रीबो की बहसतयो का उजाडना शासको का यही चररत ह होना तो यह चाहहए था हक लोगो को उजाडन की

जगह इस कालोनी को काननी घोहरत हकया जाय लोगो को सारी सहहलयत दी जाय सवासथय हशकषा साफ-सफाई पककी गहलया हबजली-पानी आहद क पखता परबनध हकय जाय लहकन सरकार तो लोगो को उजाडन पर आमादा ह

कारख़ाना मजदर यहनयन की पहलकदमी पर lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo का गिन हकया गया ह इसक नतकतव म लोग सघरवि की राह पर ह हबगल मजदर दसता लोगो क कनध स कनधा हमलाकर सघरवि म साथ द रहा ह उजाड क हखलाफ हाईकोटवि म भी अजगी दायर की गयी ह हाईकोटवि म कछ जनपकषधर वकील हनश क कस लड रह ह लहकन मसला तो जनता की एकजटता स ही

हल होना ह जनता क सखत एकजट सघरवि स ही हकमरानो की उजाड की साहजशो को नाकाम हकया जा सकता ह सघरवि कमटी इसी राह पर ह जनता को लामबनद कर रही ह कछ धनधबाज तथाकहथत परधानो न कालोनी बचान क नाम पर लोगो स हजारो रपए इकट करन शर कर हदय ह यह उनका पसा कमान का पराना तरीका ह व हबजली पानी साफ-सफाई आधार काडवि आहद मसलो स जडी हर समसया पर लोगो स पस ऐित रह ह हजारो पररवारो पर टट पड उजाड क इस कहर को भी य धनधबाज पसा कमान क हलए इसतमाल कर रह ह य सघरवि कमटी क हखलाफ तरह-तरह का झि परचाररत कर रह ह लहकन कालोनी हनवासी इनकी असहलयत पहचान रह ह कछ लोगो को छोडकर बाकी लोग इनक चगल स आजाद ह

दस हजार स अहधक पररवारो क उजाड की यह सरकारी कोहशश कोई छोटा मसला नही ह सभी इसाफपसनद लोगो को इस उजाड क हखलाफ सघरवि की राह चल लोगो क कनध स कनधा हमलान क हलए आग आना चाहहए उनक हक म जोरदार आवाज उिनी चाहहए

ndash िखतिनदर

िसधयाना म राजरीि गाधरी कािछनरी क हजारछ ो मजदर पररिार बसतरी उजाड़न क ख़खिाफ सो घरष की राह पर

ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

(पज 5 पर जाररी) (पज 5 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 5

हाल ही म नोएडा क महागन मॉडविन अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला क साथ जो घटना हई ह वह दश क लाखो-करोडो घरल कामगार महहलाओ क साथ होन वाली रोज-रोज की बबविरता और अमानवीयता का एक परमाण ह साथ ही साथ यह इस बात का भी परमाण ह हक खात-पीत मधय वगवि क धनपशओ की बबविरता बलगाम हो चकी ह

हम दखत ह हक पजी की मार स उजड कर लाखो लोग रोजगार की तलाश म दरदराज इलाको स हनकलकर शहरो की ओर आ रह ह पजीवाद न जहा मटीभर आबादी को ऐशो-आराम क तमाम सरजाम हदय ह वही अहधकाश आबादी को भयानक ग़रीबी और भखमरी क हालात म धकल हदया ह हमार दश म घरल कामगारो की एक बहत बडी आबादी काम करती ह एक अनमान क मताहबक उनकी कल सखया 10 करोड ह हजसम सती परर और

बचच भी शाहमल ह यह आबादी बहत हबखरी हई ह और बहद नारकीय जीवन हबता रही ह हजस घटना का हम हजकर करन जा रह ह वह नोएडा क सकटर 78 हसथत महागन मॉडनवि अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला जोहरा बीबी क साथ 11 जलाई की घटना ह इस घटना न साहबत कर हदया ह हक यह आबादी लमब समय तक चप नही बिगी और दर-सवर अपन हको क हलए जरर आवाज उिायगी

घटना की शरआत 11 जलाई को हई महागन क फलट नबर 12 म दो घरल कामगार औरत काम करती ह इनम स एक ममता बीबी खाना बनाती ह और दसरी जोहरा बीबी झाड -पोछा लगाती ह घटना वाल हदन दोनो न अपनी दो महीन स बकाया तनखवाह मागी तो उनस कहा गया हक शाम को

आकर पस ल जाना उस हदन शाम को जोहरा बाकी पाच घरो का काम हनपटान क बाद अपन पस लन पहची मालहकन न उसस कछ काम कराया और इसी बीच उस पर पसवि स रपय चरान का आरोप लगा हदया जोहरा क मताहबक उसन मारपीट भी की एक अखबार क अनसार मालहकन का आरोप ह हक उसक पसवि क दस हजार जोहरा न चराय ह और दसर अख़बार क अनसार मालहकन न 17 हजार रपय चरान का आरोप लगाया और जोहरा न दस हजार रपय चरान की बात मजर भी कर ली एक अख़बार क अनसार मालहकन पदाहधकाररयो स हशकायत करन की बात कहकर अदर गयी तो जोहरा पकड जान क डर स मोबाइल वही छोडकर भाग गयी जोहरा का कहना ह हक वह छोड कर नही गयी बहक उसका मोबाइल छीन हलया गया वस चोरी की बात पहलस या पदाहधकररयो स तब तक नही बतायी गयी जब तक हक

जोहरा क बरी हालत म हमलन क बाद हगामा नही हो गया

शाम हो जान क बाद भी जोहरा वापस घर नही पहची तो उसक पहत अदल सततार रात करीब आि बज अपनी बीवी को ढढन महागन अपाटविमट पर पहच चौकीदार न कामकाजी लोगो क हलए बन रहजसटर को दखकर बताया हक जोहरा क आन का समय तो दजवि ह लहकन जान का नही दो चौकीदार उनक साथ बारह नबर फलट पर गय लहकन मालहकन न कह हदया हक उस कछ नही मालम पहत क सौ नबर पर िोन करन क दो घट बाद पहलस आयी और अदल सततार क साथ हिर स 12 नबर क फलट म गयी मगर खानापरी करक लौट आयी अपनी झगगी बसती म वापस आकर पडोहसयो को घटना बतान पर सबकी राय बनी हक सबह-

सबह महागन पर चलकर पछा जाय सबह जोहरा क पहत क साथ बसती क कािी लोग महागन क गट पर पहच और जोहरा का पता लगान क हलए हगामा हकया इस दबाव म पहलस आयी और करीब छह बज जोहरा को चौकीदारो क साथ महहला पहलस हकसी सामान की तरह उिाकर बाहर लायी वह अदधविबहोशी की हालत म थी और िीक स बोल भी नही पा रही थी हकसी तरह उसन बताया हक उस पर चोरी का आरोप लगाकर मालहकन न मारा-पीटा उसका मोबाइल छीन हलया इस पर भीड उततहजत हो गयी और भीतर घसन की कोहशश करन लगी गाडडो न उनह भीतर जान स रोका उनक साथ गाली-गलौज और अभदरता की व लोग पहल स ही परशान थ और गसस म भी थ महागन क गट पर तोडिोड हई और पहलस तथा चौकीदारो क बावजद कई लोग मालहकन क फलट तक पहच गय आरोप लगाया गया ह हक कछ लोग

फलट का शीशा वगरह तोडकर अदर घस गय हजसस मालहकन और उसका बटा डरकर बाथरम म हछप गय घटना क बाद दोनो तरि स परथम सचना ररपोटवि दजवि हई महागन की तरि स अलग-अलग तीन एफआईआर और जोहरा की तरि स कल एक

तमाम अख़बारो न इस ख़बर को इस तरह बताया जस हक जोहरा क घरवाल और आसपास क लोग दगाई थ लटर थ या हिर हतयार थ हजनहोन खात-पीत मधयवगवि क घरो को अपन हमल का हनशाना बनाया बहरहाल पजीवादी मीहडया स इसस जयादा की उममीद की भी नही जा सकती ह हद तो तब हो गयी जब सोशल मीहडया िसबक टहवटर और वहाटसऐप पर इस तरीक क सनदश परसाररत होन लग हक नोएडा को मालदा बनाया जा रहा ह

हक नोएडा महसलम आतकवाहदयो का गढ बन गया ह असल म मामला तो घरल मजदरी करन वाली एक महहला कामगार स जडा हआ था लहकन इस सामपरदाहयक रग हदया जान लगा सोशल मीहडया पर दषपरचार म सहकरय बहतर लोगो क िसबक अकाउणट दखन पर पता चला हक य लोग या तो मोदीभति थ या कही-न-कही भाजपा की हवचारधारा सघ की हवचारधारा और हहनदतव की हवचारधारा स परभाहवत ह कोई हडगवार का समथविक था तो कोई सावरकर का पजक था या हिर कोई हहनद राषटवाद का झणडा उिान वाला था इसस यह भी पता चलता ह हक मधय वगवि क व तमाम लोग जो आज हहनदतववादी हवचारधारा का समथविन कर रह ह जो राषटवाद क नार लगा रह ह असल म उनह दश क करोडो-करोड महनतकशो की हजनदगी स कोई लगाव नही ह इसक िीक हवपरीत उनक भीतर महनतकश वगवि क लोगो क परहत बहत

नफरत भरी हई ह व कामगारो को कीड-मकौडो स जयादा कछ नही समझत व शायद यह समझत ह हक ग़रीब लोग उनकी सवा क हलए ही बन ह और इसहलए उनक साथ lsquoइसतमाल करो और ि कोrsquo वाला घहटया बताविव करत ह

महागन क सदसयो दारा कामकाज करन वालो को बागलादशी बताए जान पर पहलस न इनकी नागररकता की जाच करन की बात शर कर दी जबहक पहलस का एक अहधकारी जोहरा को भारतीय नागररक पहल ही बता चका था महागन स करीब एक हकलोमीटर दर रहन वाल य लोग पहचिम बगाल क कचहबहार हजल क रहन वाल ह हजनम स कई 10-15 साल पहल ही यहा आकर बस गय थ बसती की महहलाओ न थान पर परदशविन करक अपना भारतीय हनवाविचन काडवि और आधार काडवि भी सबको हदखाया

इस परी घटना क दौरान पहलस महकमा महागन अपाटविमणट क रहन वाल करोडपहतयो क पकष म काम कर रहा था उनहोन यह मानन स ही मना कर हदया हक जोहरा क साथ उसकी

मालहकन न मारपीट की ह और उस महागन अपाटविमणट म ही बनद करक रखा हआ ह जब सबह बसती क लोग महागन अपाटविमणट पहच तो मजबर होकर पहलस को वहा आना पडा और तब पता चला हक जोहरा को सचमच म एक कमर म बनद करक रखा गया था उसक साथ मारपीट की गयी थी जब उस इलाज क हलए असपताल ल जाया जा रहा था तो वह रासत-भर उहटया करती रही उसकी हालत बहद खराब थी बाद म पता चला हक पहलस वालो न ख़द ही जोहरा की तरफ स एक एफआईआर दजवि की ह लहकन वह इस तरह स की गयी थी हक परा मामला ही कमजोर पड जाय इसक साथ ही साथ जोहरा क हखलाफ भी एक झिी एफआईआर दजवि करवायी गयी हजसम उस पर 17000 रपय चोरी करन का मनगढनत आरोप लगाया गया था पहल बताया गया हक चोरी करत हए जोहरा का एक वीहडयो ह लहकन बाद म पता चला हक यह दावा एकदम झिा था और ऐसा कोई वीहडयो था ही नही आमतौर पर यही होता ह हक ग़रीब मजदर जब भी अपन हको क हलए आवाज उिात ह तो उनह चोर लटरा साहबत करन की कोहशश की जाती ह ताहक उनकी आवाज को दबाया जा सक इसक साथ ही पहलस वालो न उसी हदन रात क अधर म जोहरा की बसती पर छापा मारा और करीब 50 लोगो को रात म उिा हलया अगल हदन उनम स 13 लोगो क हखलाफ एफआईआर दजवि की गयी और उनह हगरफतार कर उन पर सगीन धाराओ म मकदमा दायर हकया गया इसक तीन ही हदन बाद अहतकरमण बताकर उस परी बसती को बलडोजर चलाकर धवसत कर हदया गया यह सब कछ बताता ह हक आज ग़रीब हबखरी हई आबादी क हलए अपन हको क हलए आवाज उिाना हकतना महकल हो गया ह और जब तक हक व सगहित नही हो जात ह तब तक उनक सामन य महकल बनी रहगी साथ ही साथ यह घटना बताती ह हक आम महनतकशो की एकता को तोडन और उनक हखलाफ नफरत िलान क हलए िासीवादी ताकत बशमगी क साथ धमवि का इसतमाल करती ह ताहक असली मद पर पदावि डाला जा सक

mdash तनपश

नछएरा म जछहरा क साथ हई घटना घरि कामगारछ ो क साथ बबषरिा की एक बानगरी

अलावा अनय कई यहनयनो - मीनाकषी पॉलीमसवि परा हल मटो आटविम माकवि एगजासट दारा गडगाव क हज ला परशासन क ऑहफस पर रोर परदशविन हकया गया और शरमायति को जापन हदया गया हजसम ऑटोमकस कमपनी क शरहमको को गर-काननी तरीक स तालाबदी करक हनकालन क अलावा मटो आटविम स हनकाल गय 45 सथायी व 120 असथायी शरहमको को काम पर वाहपस लन माकवि एगजासट दारा कई वरडो स कायविरत िका शरहमको को ग़र-काननी ढग स नौकरी स हनकालन और मीनाकषी पॉलीमसवि क शरहमको का मदा भी रखा गया

हिलहाल हकसी भी कमपनी का मदा शरम

हवभाग-परशासन-सरकार दारा हल होता नही आ रहा ह आज महज जापनो धरन-परदशविनो स माहलकपरसत हवभागो व सरकारो को कोई असर नही पड रहा ह जररत ह गडगाव-मानसर-धारहडा-बावल स लकर हभवाडी-खशखडा-नीमराना तक ऑटो सकटर क सभी मजदरो की िौलादी एकता कायम की जाय और वयापक सतर पर जझार आनदोलन खडा हकया जाय

mdash निगल सवाददाता

(एमपीडीएसएस) क नाम स लगायी थी हिलहाल हपछल एक महीन स 8252 क हहसाब स पमणट हकया जाता ह इसस पहल 7977 क हहसाब पमणट होता था मखय मागो म छटटी गट पास बोनस क टीन पमणट सलीप पहचान पत पीएफ एगरीमणट 3 स 5 परान वकवि रो को पकका हकया जाना लच की सहवधा चाय-पानी की सही वयवसथा फसटविऐड कीट सरकषा उपायो एगजॉसट फन व पखो आहद की माग थी लहकन कमपनी को न तो वकवि रो की माग गवारा थीऔर न ही यहनयन

मीनाकषी पोलीमसवि परा हल कमपनी की

शरआत 2007 क आसपास हई इसकी कल हमलाकर सात इकाइया ह हबनौला क अलावा मानसर गडगाव नीमराना यपी म दादरी हररदार म दो पलाणट ह एमपीपीएल हबनौला ऑटो पाटविस की कमपनी ह हजसम अलग-अलग कमपहनयो क हलए िट रसट असबहलग हडसक बक ईनरवज कररशना मारहत क हलए बाईक क सटणड मोटर पमप का ढककन आहद बनता ह

दमन क बावजद िका वकवि रो न अपन सघरवि को आग बढान का हनणविय हकया ह

mdash निगल सवाददाता

(पज 4 स आग) (पज 4 स आग)

मरीनाकरी पछिरीमसष का आनदछिन ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

6 मजदर तबगि जिाई 2017

गाय क नाम पर िासीवाहदयो न जो गणडागदगी और कतलोगारत दशभर म मचा रखी ह वह हकसी स हछपी नही ह ldquoगौ-रकषकrdquo गणड मोदी क सतता म आन क बाद बख़ौफ घम रह ह और नयी-नयी घटनाओ को अजाम द रह ह इन घटनाओ पर दश क परधानमनती नरनदर मोदी परी बशमगी स चपपी धारण हकय रह जब दहनयाभर म थ-थ होन लगी तो कह हदया हक महातमा गाधी इन हतयाओ को िीक नही कहत हवरोध और बढा तो एक और बयान द हदया हक गौरकषा क नाम पर गणडई बदावित नही की जायगी मगर गौ-गणडो को भी पता ह हक य सब बयान दसरो को सनान क हलए ह इसीहलए मोदी कछ भी कहत रह गाय क नाम पर हतयाए और गणडागदगी लगातार जारी ह इन गौ-गणडो को सरकारी शह हाहसल ह लगभग सारी ही घटनाओ म पहलस की भहमका मकदशविक वाली बनी हई ह कही-कही पहलस ख़द ldquoदोहरयोrdquo को गौ-गणडो क हवाल कर रही ह यह परा काम पहलस और तथाकहथत गौरकषा दलो की हमलीभगत स चल रहा ह कई ऐस वीहडयो भी सामन आय ह जहा पहलस वाल इन घटनाओ पर हसत हए पाय गय ह गौ-रकषको क हलए यह एक मनाफ वाला धनधा भी बन रहा ह अख़बारो म छप लोगो क हवहभनन बयानो स पता चलता ह हक कई सथानो पर गौ-रकषको न पस लकर ldquoदोहरयोrdquo को बरी हकया ह और अगर आप पस नही द सकत तो सजा क हकदार तो हो ही कई जगह य तथाकहथत गौरकषक ख़द ही गाय बचत पकड गय ह इसक साथ ही मसलमानो पर झि मकदमो का दौर भी शर हआ ह गोवश हतया और असथायी परवास अथवा हनयावित हनयमन कानन 1995 क तहत हसफवि राजसथान म 73 मकदम दजवि हए जो बाद म झि साहबत हए

हम कवल हपछल डढ वरडो की घटनाओ पर एक सरसरी नजर डालत ह जो य दशाविती ह हक यह कछ अलग-

थलग घटनाए नही बहक मामलो की एक परी लडी ह जयादातर घटनाए मीहडया तक पहचन स पहल ही दम तोड दती ह

4 माचवि 2015 को महाराषट सरकार न गाय का मास खान पर पाबनदी लगा दी हकसी क पास स मास हमलन पर नय कानन क अनसार पाच वरवि की सजा और 10000 रपय जमाविना लाग हकया गया महाराषट म 1976 का कानन हसफवि गाय मारन पर पाबनदी लगाता था हजसको हक बदलकर बल और साड तक बढाया गया 16 माचवि 2015 को हररयाणा सरकार न एक हबल पास हकया हजसक मताहबक गाय का मास खान पर पाबनदी लगायी गयी और खान पर 5 वरवि की सखत सजा और 50000 रपय तक जमाविना लाग हआ

30 मई 2015 को अदल ग़फर करशी नाम क वयहति को हबरलोका राजसथान म पीट-पीटकर मौत क घाट उतार हदया गया उसक बार म सोशल मीहडया पर लगातार यह ख़बर िलायी गयी हक एक तयौहार क हलए उसन 200 गाय मारी ह हजारो की हगनती म भीड न उसको मौत क घाट उतार हदया

29 अगसत 2015 को हदली क मयर हवहार इलाक क हचला गाव म भडकी हई भीड का चार डाइवरो स झगडा हआ जो भसो को एक बचडखान म छोडन जा रह थ

28 हसतमबर 2015 दादरी क महममद अख़लाक को ldquoभीडrdquo न गाय मारन क शक म वहशी तरीक स पीट-पीट कर मार हदया उनक गाव क महनदर स लाउडसपीकर पर ऐलान करक सकडो की भीड इकटा की गयी हजसन उनक घर पर हमला करक उनक पररवार क सामन ही अख़लाक की हतया कर दी और उनक बट को अधमरा कर हदया

6 अकटबर 2015 को कनाविटक म एक भसो-गायो क वयापारी हजस पर बजरग दल क कायविकताविओ न लोह की

छडो स हमला कर हदया न भाग कर अपनी जाच बचायी हजसक बार म हकसी न यह अफवाह िलायी हक वह एक गौ-तसकर ह

9 अकटबर 2016 को यपी क मनपरी हजल म भडकी हई भीड न गाय मारन की एक अफवाह क चलत उतपात मचाया

9 अकटबर 2015 को शरीनगर क एक टक पर ऊधमपर म दहकषणपनथी कायविकताविओ न पटोल बम स हमला हकया हजसम दो कमीरी नागररक और एक पहलस वाला सवार था एक नागररक की बाद म इलाज क दौरान मौत हो गयी

16 अकटबर 2015 को हहमाचल परदश क हसरमौर हजल म भीड न एक वयहति को गौ-तसकरी क दोर म मौत क घाट उतार हदया

3 हदसमबर 2015 को हररयाणा क पलवल हजल म हहसक घटनाए हई जब भीड न मास लकर जा रहा एक टक रोक हलया

3 जनवरी 2016 को मधय परदश क हखरहकया रलव सटशन पर गौ-रकषको न एक जोड पर यह कहकर हमला हकया हक वह गौ-मास लकर जा रहा ह उनक पास कछ भी नही हमला

18 माचवि 2016 को झारखणड क लातहार म मजलम असारी और उसक 15 वरगीय बट को पीटा गया और बाद म पड पर लटकाकर िासी द दी गयी जो हक एक पश मल म गाय लकर जा रह थ गौ-रकषक हजनहोन इस काम को अजाम हदया बजरग दल क सदसय ह

5 अपरल 2016 को करकषत हररयाणा म मसतन असारी जो हक भस लकर जा रहा था उसको गौ-रकषको दारा मौत क घाट उतार हदया गया इस मकदम म पजाब और हररयाणा हाई कोटवि न 9 मई को सीबीआई जाच क हनदचश हदय ह

2 जन 2016 को राजसथान क परतापगढ म गौ-रकषको न एक महसलम वयापारी को बरी तरह पीटा और उसको नगा करक तसवीर खीची

10 जन 2016 को गडगाव म दो वयहतियो क साथ बीफ-टासपोटविर होन क शक म बरी तरह मारपीट की गयी और गाय का गोबर खान क हलए मजबर हकया गया

10 जलाई 2016 को कनाविटक क कोपा म बजरग दल दारा एक दहलत पररवार पर गौ-मास होन क शक म हमला हकया गया

11 जलाई 2016 को गजरात ऊना म गौ-रकषको दारा दहलत पररवार क सात सदसयो दारा मरी हई गाय की खाल उतारन क ldquoदोरrdquo म बरी तरह मार-पीटकर नगा घमाया गया

26 जलाई 2016 को मधयपरदश क मनदसौर रलव सटशन पर दो महसलम औरतो क पास गौ-मास होन क शक म उनक साथ बरी तरह मार-पीट की गयी

30 जलाई 2016 मजफफरनगर म एक मसलमान पररवार पर गाय मारन क शक म भडकी हई भीड न हमला हकया

5 अगसत 2016 को लखनऊ म दहलत नौजवानो को मरी हई गाय की खाल उतारन स मना करन पर बरी तरह मारा-पीटा गया

18 अगसत 2016 को परवीण नाम क वयहति को कनाविटक म गौ-तसकरी करन क शक म मौत क घाट उतार हदया गया बाद म पता चला हक वह भाजपा कायविकतावि था

अगसत 2016 म आनधर परदश म हबजली का करट लगन स मरी एक गाय की खाल उतारन क हलए बलाय गय दो दहलत भाइयो पर करीब 100 गौ-गणडो न यह कहकर हमला कर हदया हक उनहोन गाय को चराकर मारा ह

24 अगसत 2016 को हररयाणा क मवात म एक मसलमान पररवार पर गौ-रकषको न हमला हकया दो नौजवानो को मौत क घाट उतार हदया गया दो बरी तरह जखमी हए उनकी बहन क साथ गग रप हकया गया

18 हसतमबर 2016 को महममद

अयब नाम का वयहति जो एक बल और एक बछड को लकर जा रहा था रासत म हादसा होन क कारण बछडा मर जाता ह गौ-रकषक अयब क साथ बरी तरह मार-पीट करत ह जो हादस स तो बच जाता ह लहकन इन ldquoदशभतिोrdquo की मार न झलन क कारण असपताल म दम तोड दता ह

1 अपरल 2017 को राजसथान क अलवर हज ल म मवशी ख़रीदकर लौट रह महसलम डरी वयापाररयो पर हमला हकया गया मवहशयो की खरीद क काननी काग़जात हदखान क बाद भी उनह बरी तरह मारा गया हजसस बजगवि पहल ख़ान की 3 अपरल को मौत हो गयी सघ पररवार की साधवी कमल न हतयार गौ-गणडो की तलना भगतहसह स की

21 अपरल 2017 को जमम-कमीर क ररयासी हज ल म गौ-गणडो न बजार पररवार पर हमला करक 9 साल की बचची सहहत कई महहलाओ को लोह की छडो स बरी तरह पीटा इसी हदन हदली म भी गौ-गणडो न भस ल जा रह कछ वयापाररयो पर हमला हकया पहलस न उटा उन वयापाररयो को ही पश कररता कानन म हगरफतार कर हलया

20 जन 2017 को हररयाणा क बलभगढ म टन म जनद नाम क हकशोर को पीट-पीट कर मार हदया गया सीट को लकर हए हववाद क बाद उस पर झोल म बीफ रखन का आरोप लगाकर हमला हकया गया

13 जलाई 2017 को उततर परदश क मनपरी क पास भीड न टन म याता कर रह 10 लोगो क महसलम पररवार पर हमला हकया और बजगडो महहलाओ और हवकलाग लडक तक को लोह की छडो स बरी तरह मारा

य तो चनद एक घटनाए ह सरकार और सघ पररवार की शह पाय हए य गणडा हगरोह और उनमादी भीड लगातार दशभर म आतक मचाय हए ह

- राजजनदर ससोह

गाय क नाम पर गौ-रकक गणडछ ो क तपछि दछ िरषो क कारनामछ ो पर एक नजर

हपछडी और दहकयानसी म य-मानयताओ क नाम पर हसतयो को ग़लाम बनान और तमाम तरह क बबविर अमानवीय वयवहार का हशकार बनान का चलन हवश वभर म आज भी मौजद ह आपन मधयकाल म दास परथा सती परथा या धाहमविक कमविकाणडो क चलत हसतयो की बहल चढान या मार दन क बार म सना या पढा जरर होगा मगर आज भी बाल-हववाह क नाम पर लाखो हसतयो की हजनदगी की बहल दी जाती ह मधयपववि अरिीका दहकषण एहशया और भारत हसतयो को सामनती म य-मानयताओ म बाधन म सबस आग ह यनीसफ (यनाइटड नशनस हचडन एमरजसी िणड) की ररपोटवि क मताहबक बाल हववाह क मामल म बगलादश का पहला और भारत का दसरा सथान ह

द हसटीजन (9 मई 2017) की ख़बर क अनसार भारत की 22 याहन लगभग 24 करोड आबादी 10-19 वरवि की ह यहा 47 लडहकयो का हववाह 5-15 वरवि की आय म ही कर हदया जाता ह याहन परतयक दो लडहकयो म स एक लडकी क बाहलग होन स पहल ही

हववाह कर हदया जाता ह भारत म वस तो हर राजय म बाल-हववाह क नाम पर ननही हजनदहगयो को बबाविद करना जारी ह लहकन उततर परदश राजसथान हबहार झारखणड पहचिम बगाल और मधय परदश इसम सबस आग ह

बाल हववाह क कारण वस तो लडक और लडकी दोनो का ही मानहसक और शारीररक हवकास िीक ढग स नही हो पाता कयोहक जो आय उनकी हजनदगी क बार म सीखन की होती ह उस तथाकहथत हववाह बनधन म बाध हदया जाता ह लहकन लडहकयो क हलए यह परमपरा बहद भयानक ह लडकी को अहसास भी नही होता हक वह हकस जजीर म बधन जा रही ह सीबीएन नयज क एक ररपोटविर अहमत बदी न राजसथान म वीना नाम की लडकी हजसकी आय हसिवि 8 वरवि थी उस हववाह क समय जोर-जोर स रोत हए दख उसकी दादी स कारण पछा तो उसन जवाब हदया हक इसको पता नही ह हक हववाह कया होता ह या अभी वह घर की दख-रख क परहत सचत नही हई इसहलए थोडा डरी हई ह लहकन जदी ही उसको आदत पड जाएगी मरा भी हववाह

छोटी आय म हो गया था अहमत आग बतात ह हक राजसथान म अपरल स मई क महीन म यहा रात को हजारो की सखया म गपत हववाह करवाय जात ह हजसम हववाह करन वालो की आय 5-19 वरवि तक होती ह कछ की आय इतनी छोटी होती ह हक उनक मा-बाप गोद म उिाकर लात ह शहरो क मकाबल गावो और दहलतो म बाल-हववाह 3 परहतशत जयादा होत ह हववाह क बाद अकसर लडहकयो क पढन-हलखन पर भी पाबनदी लगा दी जाती ह

बाल हववाह हसतयो क हलए मानहसक क साथ-साथ शारीररक पीडा भी लकर आत ह हववाह होत ही लडकी स बचच की अपकषा की जाती ह हजसका पररणाम अकसर बचच क जनम क समय बचच या मा की मौत होती ह भारत म 18 वरवि की आय स पहल बचच को जनम दत समय बडी सखया म बचच मौत का हशकार हो जात ह और जो पदा होत ह उनका शारीररक हवकास सही ढग स नही हो पाता हसतयो को हजनदगी भर क हलए मानहसक और शारीररक तकलीफ झलनी पडती ह हसतया बचचदानी क रोग

कमजोरी तथा कई गमभीर बीमाररयो का हशकार होती ह एक लडकी की हजनदगी को बचपन स गहतहीन और नीरस बनान की परहकरया चलती ह उसको अपना ससार पररवार तक ही सीहमत करना पडता ह लडकी को बस एक हपता या पहत की समपहतत बना हदया जाता ह

आज सरकार दारा भल ही हसतयो की आजादी या इन हपछडी हई म य-मानयताओ को रोकन क हलए कई कानन बना हदए गए ह (बाल-हववाह रोकथाम हबल 1998 बाल हववाह रोकथाम हबल 2006 आहद) इनम बाल-हववाह करन या करवान वाल को जल या जमाविन की सजा का परावधान ह लहकन य बस कागजो तक ही सीहमत ह कयोहक तथयो स साि पता चलता ह हक हसतयो को बराबरी क अहधकार दन या आजादी क हलए उनहोन हकतन कदम उिाय ह बहक परहतहदन कई ऐस उदाहरण हमलत ह जो मौजदा सरकार और समाज क क बहचचयो क परहत वयवहार को दशावित ह पजीवादी मीहडया खलआम सरकार स शह पाकर हसतयो को सामनती म य-मानयताओ क चौखट म रहन क हलए

परररत करता ह भारत म 70 परहतशत हसतया परहतहदन घरल हहसा का हशकार होती ह हर 20 हमनट बाद एक सती बलातकार का हशकार होती ह और 80 परहतशत हसतया हकसी न हकसी रप म शारीररक छडछाड का हशकार होती ह तथय बतात ह हक हसतयो की सरकषा आजादी या बराबरी का मामला सरकार क हलए कोई बहत गमभीर बात नही ह

पजीवाद न जनता को ग़लाम और हपछडा बनाय रखन क हलए तमाम तरह क सामनती म य-मानयताओ क साथ समझौता करक न हसफवि उनह बनाय रखा ह बहक लगातार बढावा भी द रहा ह इस पजीवादी समाज वयवसथा को उखाड ि कन क हलए राजनीहतक और आहथविक सघरवि चलान क साथ ही हपछडी सोच और सस कक हत स भी लडना होगा पहल क सघरडो और सामाहजक पररवतविन दारा हसतयो न कछ हद तक सममान स जीन का हक पाया ह बराबरी का हक पान क हलए पजीवादी वयवसथा को ही बदलना होगा

ndash तबनरी

इकीसिरी ो सदरी म भरी ननरी ो जजनदमगयछ ो कछ बाि तििाह की बलि चढा रहा ह समाज

मजदर तबगि जिाई 2017 7

मधय परदश जो भारत का दसरा बडा राजय ह 2015-16 क दौरान यहा हर रोज 64 बचचो की मौत का आकडा सामन आया ह नवजात बचचो की मौत का यह आकडा हकसी अफीकी दश क मकाबल भी बदतर और भयानक ह

पहल तो मधय परदश की भाजपा सरकार न 2015-16 वरवि क दौरान योपर हजल म कपोरण स हई बचचो की मौतो क आकड तोड-मरोड कर पश हकय महहला और बाल हवकास मनती अचविना हचटहनस न हवधान सभा म दावा हकया था हक इस

वरवि क दौरान हकसी भी बचच की मौत कपोरण स नही हई जबहक सवासथय हवभाग न हाईकोटवि म ररपोटवि सौपी थी हक इस हजल म 2015-16 क दौरान 116 बचचो की मौत कपोरण की वजह स हई ह जब झि आकड पश करन क हलए सरकार की चारो ओर स थ-थ हई तो सरकार को सचचाई पश करनी पडी महहला और बाल हवकास मनती अचविना न राजय हवधान सभा म यह भी माना हक 0-6 वरवि तक क 25440 बचच एक वरवि क अनदर दसत और खसर जस रोगो क

कारण अपनी जान गवा दत ह मधय परदश भारत म ग़रीबी रखा क

नीच सबस जयादा आबादी वाल 14 राजयो म शाहमल ह और सबस अहधक मकतय दर वाल राजयो म स एक ह यहा 1000 क पीछ 52 बचचो की मौत एक वरवि की आय स पहल ही हो जाती ह और नवजात बचचो का वजन ढाई हकलोगाम स भी कम होता ह भारत म 31 परहतशत बचचो का कद आय क अनसार कम ह और 42 परहतशत बचचो का वजन भी उनकी आय क मताहबक कम ह भारत

क कल कपोहरत बचचो म 60 परहतशत मधयपरदश और झारखणड क ह

बचचो क सवासथय क हलए हवजान क मताहबक तीन वरवि तक क बचच को परहतहदन 300 हमलीगाम दध की जररत होती ह जबहक उनह हसफवि 80 हमलीगाम दध ही हमल पाता ह पररणामसवरप कपोरण क कारण उनका शरीर बीमाररयो का मकाबला नही कर पाता हजा तथा बखार जसी बीमाररयो स बचचो की मकतय दर लगातार बढती जाती ह

बचचो की हो रही इन मौतो को हम

पराकक हतक मौत नही कह सकत बहक य कतल ह जहा एक ओर अनाज गोदामो म पडा-पडा सड रहा ह वही दसरी ओर य हालात ह हक बचच जनम लन स पहल या पदा होत ही मौत क मह म चल जा रह ह

हवकास क बड-बड दाव करन वाली भाजपा का धयान जनकयाण की ओर न होकर गौरकषा जस झि मदो तक कहनदरत ह मधय परदश जस राजयो क हालात भाजपा सरकार क हवकास क दावो का असली चहरा पश करत ह

ndash बिजरीि

मधय रिदश म रछजाना 64 बचछ ो की मौि

2014 म जब दश म राषटवादी सरकार आयी थी तो और बहत सार वादो क साथndashसाथ सवासथय कषत म यगपरवतविक बदलाव लान का वादा भी हकया था तकरीबन एक वरवि बाद सरकार को अपना यह वादा याद आया तो 2015 म राषटीय सवासथय नीहत का मसहवदा बनाकर घोरणा की गयी हिर दो वरवि मसहवद को सशोहधत करन म लगा हदय मसहवद पर दो वरडो की लमबी महनत क बाद लोगो को उममीद थी हक नयी सवासथय नीहत म सवासथय सहवधाओ को बहतर बनान क हलए जरर कछ-न-कछ होगा लहकन नया तो कया हमलना था लोगो को जो कछ पहल हमला हआ था वह भी छीनन की तयारी ह

आजाद भारत की पहली सवासथय नीहत आजादी क 36 वरवि बाद 1983 म बनी थी उस समय बड-बड ऐलान हए उद य तय हकय गय मगर हाल यह ह हक जो उद य वरवि 2000 तक हाहसल करन की कसम खायी गयी थी आज तक उनक नजदीक भी नही पहचा गया हिर 2002 म वाजपयी सरकार दारा सवासथय नीहत म सशोधन हकय गय और कहा गया हक सवासथय सहवधाओ क हलए अहधक पसा हदया जायगा सवासथय सहवधाओ की वयवसथा को पनःसगहित करन की बात की गयी लहकन कछ भी नही बदला न तो सवासथय क हलए अहधक पस हदय गय और न ही वयवसथा को िीक करन क हलए कछ हकया गया बहक हबकल उटा हआ 2002 स लकर अब तक हनजी सवासथय कषत अब तक की सबस तज रफतार स बढा ह सरकार क पास पजीकक त कल ऐलोपहथक डॉकटरो म स महज 11 परहतशत सरकारी सवासथय वयवसथा म ह और बीमारी पर होन वाला ख़चावि भारत म ग़रीबी क अहम कारणो म स एक बन गया ह

अब जब राषटवादी िल अचछी तरह स हखला हआ ह तो हिर स नयी राषटीय सवासथय नीहत लायी गयी ह 2015 क मसहवद म यह वादा हकया गया था हक lsquoसवासथय को एक बहनयादी अहधकारrsquo बनाया जायगा और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo का हसदधानत लाग हकया जायगा लहकन इसस मोदी सरकार एकदम मकर गयी ह सवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo की जगह नयी नीहत म सवासथय सहवधाओ को भरोसमनद बनान का जमला उछाला गया ह सरकार का कहना ह हक lsquoसवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo समभव बनान क हलए

वयवसथा नही ह लहकन वयवसथा बनी कयो नही और बनानी हकस ह इसक बार म सरकार न न तो कोई जवाब हदया ह और न ही कोई योजना ह यानी सवासथय सहवधाओ को सबक हलए सलभ बनान क काम को अब नीहतगत और काननी तौर पर भी िणड बसत म डाल हदया गया ह और सरकार हर तरह की जवाबदही स हनकलकर भाग गयी ह हालाहक भारतीय सहवधान क नीहत हनदचशक हसदधानतो क मताहबक सभी क हलए सवासथय सहवधाए दना सरकार क कतविवयो म आता ह

2015 की सवासथय नीहत क मसहवद म मोदी सरकार न वादा हकया था हक 2020 तक सवासथय सहवधाओ पर ख़चवि बढाकर सकल घरल उतपादन का 25 कर हदया जायगा हिलहाल यह 1 क इदवि-हगदवि रहता ह अब यह समय-सीमा बढाकर 2025 कर दी गयी ह यह भी धयान दन योगय ह हक हवशव सतर पर यह ख़चावि कल घरल उतपाद का औसतन 49 ह (अथावित 2025 तक हम वहशवक औसत क भी आध म पहच जायग वह भी अगर सरकार एक बार हिर न मकरी तब) हमार पडोसी शरीलका जस ग़रीब दश भी इस मामल म हमस आग ह जब ख़चवि की सकीम ऐसी हो तो मफत दवाइया मफत टसट मफत इमरजसी सवासथय सहवधाए दन की घोरणाओ म हकतनी गमभीरता होगी यह समझन म हकसी कम बहदध क वयहति को भी कोई महकल नही होगी लहकन मोदी और उसक सवासथय मनती जपी नडडा चाहत ह हक उनकी मफत घोरणाओ पर लोग यकीन कर इस वरवि क राषटीय बजट म हवतत मनती जटली न यह भरम खडा करन की कोहशश की हक सरकार सवासथय पर ख़चवि बढा रही ह लहकन अगर हम हपछल 10 वरडो का ररकाडवि दखत ह तो यह कोहशश ख़ाली हलफाफा हदखायी दती ह 2015-2016 क कनदरीय बजट म सवासथय कषत क हलए दी गयी राहश म उसस पहल क वरवि क मकाबल 57 की कटौती कर दी गयी थी 2016-2017 म 5 बढाया गया और अब 2017-2018 क हलए कछ और वकहदध की गयी ह लहकन 2017-2018 की यह आरहकषत राहश अब भी 2011-12 क सवासथय बजट स नीच ह यह ह हवतत मनती की जादहगरी ऊपर स जो राहश बजट म रखी जाती ह वह परी ख़चवि नही की जाती जस 2011-12 क वरवि म 20000 करोड रपय म स 4000 करोड रपय स अहधक ख़चच ही नही गय वस जो पस ख़चवि होत ह व भी वासतव म (नौकरशाहो-नताओ क हहसस हनकाल कर) कहा होत ह यह

सबको पता ही ह इस नयी सवासथय नीहत का सबस

घहटया पहल हनजी कषत क हलए राह साफ करना ह भारत म पहल ही सवासथय क कल कषत म स 70 क करीब हहसस पर हनजी कषत का कजा ह हजनम अपोलो फोहटविस मदानता टाटा जस बड कारपोरट असपतालो स लकर कसबो तक म खल हनजी नहसिग होम शाहमल ह हपछल एक-डढ दशक म कारपोरट असपतालो का ररकाडवि-तोड िलाव हआ ह इनहोन एक हद तक हनजी नहसिग होमो को भी हनगल हलया ह इसक साथ ही बची-खची सरकारी सवासथय वयवसथा क अनदर भी हनजी कषत की घसपि बढी ह हजला-सतरीय असपताल महडकल कॉलज और बड महडकल ससथानो म पराइवट-पहलक-पाटविनरहशप क नाम पर बहत सारी सहवधाए हनजी हाथो म सौपी जा चकी ह या सौपन की तयारी ह यह कस हकया जाता ह इसकी कछ हमसाल पजाब क महडकल कॉलजो म हमलती ह पहटयाला क महडकल कॉलज म एमआरआई सकन कनदर को सरकार न एक हनजी ससथान को द रखा ह चहक महडकल कॉलज की इमारत म बन इस कनदर क माहलको को दसर हनजी सकन सणटरो की तरह डॉकटरो को कट नही दना पडता इसहलए इसक रट कम ह और सरकार इसकी ससती दरो को ऐस पश करती ह जस इसन कोई अदत कारनामा कर हदखाया हो जबहक सरकार को शमवि आनी चाहहए हक 4-5 करोड की मशीन लगान पर तकनीकी सटाफ का ख़चावि उिाकर यह सहवधा बहद कम दरो पर उपलध करायी जा सकती ह मगर सरकार ऐसा करन की कोई इचछा नही रखती अमकतसर क महडकल कॉलज म चलती सकन की दो मशीनो म स एक मशीन भी इसी तरह िक पर ह सार पजाब क सरकारी असपतालो और हडसपसररयो म दवाइयो की सपलाई (हजतनी भी ह) क हलए पराइवट कमपहनयो स दवाइया ख़रीदी जाती ह कयोहक दवाइया बनान वाल सरकारी ससथान या तो बनद हकय जा चक ह या बनद जसी हालत म ह सरकारी असपतालो म ऑपरशन क समय मरीज को बहोश करन क हलए कमीशन दकर पराइवट डॉकटरो को बलाया जाता ह और भी कई तरह की सहवधाओ को इसी तरह ldquoिक पर दनrdquo का नाम दकर हनजीकरण हकया जा चका ह लगभग सार राजयो म अहधक या कम यही अमल जारी ह

लहकन अभी भी काफी कछ ह हजस पर हनजीकरण की मार नही पडी जस इन असपतालो की परयोगशालाए अभी हनजी

हाथो म नही गयी अटासाउणड सकन और एकसर आहद जस छोट सकन भी हनजी हाथो स बच हए ह सबस बडी बात यह ह हक इस सतर क असपताल अभी कारपोरट सकटर क सीध हनयनतण म नही आय ह दसरा अभी तक पराइमरी सवासथय कनदरो और हडसपसररयो का ताना-बाना भी काफी हद तक हनजीकरण स अछता ह कारपोरट असपतालो की हगदध-नजर इन पर लगी हई ह 2015 क मसहवद म सरकार हनजी कषत क असपतालो और डॉकटरो दारा ग़लत ढग स काम करन क बार म बयान द रही थी अब वही लोग दध क धल हो गय ह 2017 की सवासथय नीहत म कहा गया ह हक पराथहमक सवासथय सहवधाओ को परी तरह काम करन योगय बनान क हलए ndash ख़ासकर शहरी कषतो क उन लोगो तक पहच करन क हलए हजनह सवासथय सहवधाए नही हमलती और मधयवगगीय आबादी को फीस क बदल सहवधाए दन क हलए सरकार ह थ एणड वलनस कनदर (फ सी हकसम क नाम सोचन म हमार दश क नताओ और अफसरो का दहनया म कोई मकाबला नही कर सकता) चलान क हलए हनजी कषत स पाटविनरहशप करगी यानी गावो म ऐसी कोई आबादी नही ह हजस सवासथय सहवधाए नही हमलती दसरा सरकार ख़द मानती ह हक अभी तक पराथहमक सवासथय कनदर भी ढग स नही चल (दश क आजाद होन स 70 वरवि बाद भी) तीसरा अब पराथहमक सवासथय कनदरो म 2-5-10 रपय की पचगी वाला जमाना जान वाला ह मधयवगगीय कौन होगा इसकी पररभारा तय नही ख़र हो सकता ह हक ग़रीबी रखा स ऊपर वाल सार लोग मधयवगवि म शाहमल कर हदय जाय यहा हम यह बता द हक भारत की बशमवि सरकार उस वयहति को ग़रीब नही मानती ह जो परहत महीना 960 रपय (गाव म) और 1410 रपय (शहर म) ख़चवि सकता ह (2014 म हनधाविररत ग़रीबी रखा क अनसार)

2017 की सवासथय नीहत म यह भी कहा गया ह हक सरकार हनजी कषत क साथ भागीदारी करक जन सवासथय सहवधाओ की कहमयो को परा करगी इसम टसट-सकन ऐमबलस सहवधाए लड बक पनवाविस क साथ जडी सहवधाए तकलीफ घटान वाली सहवधाए मनोरोहगयो क हलए सहवधाए टलीमडीसन सहवधाए कम होन वाली बीमाररयो क इलाज की सहवधाए शाहमल होगी यानी इनम सटाफ को छोडकर बाकी सब कछ हनजी कषत म होगा सटाफ म जयादातर हहससा िक दारा भतगी हो रहा ह एक तरह वह भी हनजी कषत

ही ह मतलब साफ ह हक सरकारी नाम तल हनजी दकान सरकार दारा हगनायी गयी कहमयो को िीक करन क हलए कोई भी योजना या इरादा कही दजवि नही ह यानी हनजी वयवसथा पकका काम ह कोई तातकाहलक योजना नही ह ऐसी कोहशश पहल भी जारी ह राजसथान छततीसगढ मधय परदश और उततर परदश म इन सकीमो क लाग करन की कोहशश हो रही ह लहकन इन कोहशशो का लगातार हवरोध हो रहा ह वासतव म राषटीय सवासथय नीहत 2017 का दसतावज लोगो को सवासथय दन क हलए नीहत का दसतावज नही ह बहक यह जन-सवासथय सहवधाओ का बचा-खचा हहससा भी तबाह करन परी सवासथय वयवसथा को हनजी कषत क हाथो म दन बहसखयक लोगो को सवासथय सहवधाए दन स बशमगी क साथ मना करन और पस वालो क हलए lsquoअहत आधहनकrsquo सवासथय सहवधाए कायम करन और हनजी असपतालो को खलकर लटन क हलए माहौल तयार करक दन का दसतावज ह अमबाहनयो-अडाहनयो की सरकार स और उममीद भी कया की जा सकती ह असल म मौजदा पजीवादी आहथविक वयवसथा म सभी लोगो को सवासथय सहवधाए दन का उद य परा करना न तो समभव ह और न ही इस वयवसथा का ऐसा कोई मकसद ही ह जो जन-सवासथय वयवसथा 1947 क बाद खडी की गयी थी वह भी आजादी क बाद लोगो की उममीदो को बहत जदी न टटन दन क हलए और महामाररयो को िलन स रोकन क हलए बनायी गयी थी हजनकी चपट म अमीरो क भी आ जान का ख़तरा बना रहता था भारतीय पजीपहतयो की भी उस समय इतनी औकात नही थी हक सवासथय कषत को मनाफ क हलए लट सक लहकन 1991 क बाद पररहसथहतया एकदम बदल गयी ह अब भारतीय पजी यह समझ चकी ह (और उसकी औकात भी इतनी ही हो चकी ह) हक सवासथय कषत मनाफा कमान का एक ऐसा कषत ह जहा कभी मनदी नही आती यह पजी हनवश का सबस सरहकषत कषत ह (हालाहक यह भी पजीपहतयो की ग़लतफहमी ही ह) 1991 क बाद स सरकार लगातार जन-सवासथय वयवसथा को तोडन तबाह करन िक पर दन और हनजी कषत की सवासथय सहवधाओ क हलए अनकल पररहसथहतया तयार करन म लगी हई ह मोदी सरकार इसम और बढ-चढकर काम कर रही ह कयोहक यह पजी की सबस बशमवि और वफादार सवक ह

ndash िखतिनदर

राषटरीय सासथय नरीति 2017 ndash जनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाओो कछ भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि कर दन का दसतािज

8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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4 मजदर तबगि जिाई 2017

उजाड की सरकारी कोहशशो क हखलाफ गजरी 9 जलाई को राजीव गाधी कालोनी उजाडा हवरोधी सघरवि कमटी क आहान पर चतावनी रली की गयी इस रली क जररय कालोनी हनवासी मजदरो-महनतकशो न लहधयाना परशासन को सखत चतावनी दी ह हक अगर उनह जबरदसती उजाडन की कोहशश की गयी तो व इसक हखलाफ हकसी भी हद तक सखत सघरवि लडन को तयार ह

वतिाओ न कहा हक बड अमीरो दारा सरकारी समपहततयो पर हकए कजो क हखलाफ सरकार कोई कारविवाई नही करती लहकन ग़रीबो को उजाडन क हलए हमशा कमर कस रहती ह इसस सरकारी वयवसथा का पजीपरसत और जनहवरोधी चररत सपटि होता ह सघरवि कमटी का कहना ह हक सरकार का रवया हबकल भी सहन नही हकया जायगा लोग अपनी हजनदगी-भर की ख़न-पसीन की कमाई स बनाय घर नाजायज तौर पर तोड जान क हखलाफ सखत स सखत सघरवि लडग

चतावनी रली को lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo क सयोजक राजहवनदर क अलावा लखहवनदर तजपाल हवजनदर कमार हवशवनाथ (बाबा) गोपाल हरीनाथ नारायण दास आहद न समबोहधत हकया

- तबगि सो िाददािा िसधयाना

lsquoराजरीि गाधरी कािछनरी उजाड़ तिरछधरी सो घरष कमटरीrsquo क आहान

पर चिािनरी रिरी हई

हबनौला (गडगाव) हसथत मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) क िका वकवि रो को हनकाल जान क हवरदध सघरवि दमन क बावजद जारी ह

िका वकवि रो क सघरवि क सातव हदन 7 जलाई 2017 को पहलस गाली-गलौच क साथ धरना-सथल को ख़ाली करन की धमकी दन लगी इस पर ऑटोमोबाइल इणडसटी काणटकट वकवि सवि यहनयन (एआईसीडयय) क साथी अननत और शाम न पहलस को सही तरीक स बात करन क हलए कहा और वकवि रो को गाडी म डालन स रोका पहलस स हगरफतारी का वारणट मागा और धरन वाली जगह तथा रहन-िहरन वाली जगह पर हकसी भी तरह क धरना-परदशविन न करन क बार म सट-आडविर क बार म पछा वकवि रो न भी बताया हक व लोग एक पराइवट वयहति क पलाट म बि ह और जब सडक भी बित ह तो एक हकनार बित ह हकसी भी तरह स टहिक या हकस वयहति को परशान नही कर रह पहलस न न तो कोई हगरफतारी का वारणट और न ही सट-आडविर जसा कोई भी कागज हदखाया और न ही कोई तकवि सना उटा दो मजदर साहथयो नीरज और यशपाल क साथ-साथ यहनयन क अननत और शाम को पहलस गाडी म डालकर ल गयी और जात हए बाकी वकवि रो को धमकी दी हक पाच हमनट म जगह ख़ाली कर दो वरना तम सबको उिाकर ल जायग गाली-गलौच और मारपीट थान म भी जारी रहा जब चारो अननत और शाम न अपन साहथयो को बतान की बात करन

की कोहशश की तो सबक फोन रासत म ही छीन हलय थ यह ह दश म अपन अहधकार की बात करन पर माहलक-िकदार-पहलस-परशासन क गिजोड का काम करन का तरीका

जात रह हक मीनाकषी पोलीमसवि पराइवट हलहमटड (एमपीपीएल) म 1 जलाई 2017 को लगभग सभी सवा सौ िका शरहमको को हबना हकसी नोहटस क एक साथ हनकाल कर बाहर हदया और कहा हक उनक िकदार - नहा एणटरपराइजज तथा शरी एणटरपराइजज का िका रद कर हदया गया अगर काम करना चाहत ह तो अपन िकदार स पछो और अपना काम कही ओर ढढ लो िीक इसी तरह करीब दो महीन पहल माकवि एगजासट कमपनी क िका वकवि रो दारा िकदार क हख़ लाफ यहनयन बनान और अपनी मागो को रखन पर बाहर का रासता हदखाया था

वस तो शरम हवभाग दारा नोहटस हमलन पर ही कमपनी परबनधन न वकवि रो को हनकालन की अपनी योजना की तयारी शर कर दी थी 23 जन को यहनयन न अपनी मागो क हलए अपना हडमाणड नोहटस लगाया था इस पर तब करीब 50-60 नय वकवि रो को कमपनी म ओवरटाइम बनद करन क हलए लाया गया ह और परान वकवि रो को कहा हक हकसी को काम पर नही हनकाला जायगा नय लोगो को बी-हशफट म काम करवाया जायगा असल म यह झिा आशवासन ह असली मशा तो नय वकवि रो को टहनग दकर परान वकवि रो को हनकालना थी

और 30 जन को ही कमपनी न जब वकवि र काम कर रह थ तो कमपनी म परबनधन न नोहटस लगा लगा हदया था हजसम 1 जलाई 2017 स वकवि रो को बाहर हकया जा रहा ह और कहा जा रहा हक आपक िकदारो का िका ख़तम हकया जा रहा ह 30 तारीख़ को ही शरम हवभाग म 23 तारीख़ क हडमाणड नोहटस की तारीख़ थी हजसम यहनयन क लोगो तथा कमपनी को आना था यहनयन क लोग तो पहच लहकन कमपनी न अपनी तरफ स अपनी कमपनी क दसर पलाणट क वयहति को भज हदया था पहल तो कमपनी क दारा भज गय वयहति न हकसी भी तरह क हडमाणड नोहटस स इकार कर हदया इस पर शरम हवभाग न 10 जलाई 2017 को दोबारा तारीख़ तय की हजसम दो पाहटवियो को बलाया था उसक बाद 19 जलाई 2017 की तारीख़ द दी ह इस बीच कमपनी दारा 20-30 वकवि रो को कमपनी म ही रखा जाता ह उनह अनदर ही खाना हखलाया जाता ह कछ शरहमको को गाडी म भरकर लाया जाता ह और हिर काम ख़तम होन पर ही गाडी म भर कर कही दर भज हदया जाता ह माहलक इतना डरा हआ ह हक हकसी भी तरह स नय शरहमको को धरन पर बि पर बि हए शरहमको न हमलन-जलन नही हदया जाता ह

लहकन वासतहवक कारण महज िका ख़तम करना नही ह बहक एक महीन पहल स वकवि रो न यहनयन फाइल मीनाकषी पोलीमसवि िका शरहमक सगिन

यतनयन बनान की कछजशश और माग उठान पर ठका शरममकछ ो कछ कमनरी न तनकािा सो घरष जाररी

24 जन को कमपनी न गट पर एकाएक तालाबदी का नोहटस हचपका हदया और करीब 320 शरहमको को एक झटक म हबना हकसी नोहटस क सडक पर ला हदया य शरहमक हपछल 25-30 साल स सथायी तौर पर काम कर रह थ जब गडगाव स कमपनी को हबनौला म हशफट हकया था उसी वकत इन शरहमको को भी हशफट हकया गया था तालाबदी क बार म न तो कमपनी की यहनयन (ऑटोमकस कमविचारी यहनयन जो एचएमएस स सबदध ह) को पता था और और न ही हकसी मजदर को पता था ऑटोमकस हलहमटड (औमकस ऑटो हलहमटड की यहनट) गडगाव स जयपर रोड पर हबनौला म हसथत ऑटोपाटविस कमपनी ह

तालाबनदी की नोहटस लगन पर यहनयन क लोग गट पर बि गय और मशीन और जररी उपकरण को कमपनी स बाहर जान स रोकन लग यहनयन बार-बार तालाबदी क काननी दसतावज की हदखान की माग करती रही परबनधन न सरकषा क बहान पहलस को बलाया और हिर स पहलस स हमलीभगत करक अपनी मशीनो-उपकरणो को हनकलवान की कोहशश करन लगी लहकन शरहमक भी डट रह पहलस न 200 मीटर क दायर म हकसी भी तरह क धरन-परदशविन न करन क सट-आडविर की बात करत हए अपनी परानी चाल चली लहकन जब सट-आडविर की कॉपी पहलस स मागी गयी तो पहलस कछ भी नही हदखा पायी थान म जान पर पहल तो पहलसवालो न यह कहा हक मशीन-उपकरण आहद तो

कमपनी की परापटगी ह वह जब चाह इस हनकाल सकती ह यहनयन न ग़र-काननी तालाबदी क बार म जाच करन क हलए कहा परबनधन दारा तालाबदी क हकसी काननी नोहटस की कॉपी तालाबदी क हलए पराथविना-पत की कॉपी हकसी भी तरह स तालाबदी क हलए हाहन-लाभ का यौर की कॉपी पश नही कर पायी यहनयन डीसी स हमली और उनको झि सट-आडविर तथा ग़र-काननी तालाबदी क बार म बताया और यही बात शरम हवभाग को बतायी दोनो ही एक दसर पर टालत रह याहन न तो पहलस हकसी सटndashआडविर की कॉपी और न ही परबनधन तालाबदी क हलए काननी सबत पश कर पाय और न ही शरम हवभाग दारा कोई िोस कदम कमपनी क हख़ लाफ उिाया गया जबहक शरम हवभाग खद मान रहा ह हक कमपनी क पास कोई काननी तालाबदी का दसतावज नही ह शरहमक धरन-परदशविन की कारविवाई म डट हए ह डीसी न हतपकषीय वातावि क हलए कमपनी परबनधन तथा यहनयन को 18 जलाई को दोबारा बलाया ह

इस चीज की चचावि करना भी जररी ह हक इस कमपनी म हपछल 20-25 सालो म 30-40 शरहम को क हाथ कट ह और हकसी का हाथ बाज अगिा और कछ शरहमको का तो एक बार जयादा कटा ह और कई शरहमको क तो पर कट ह आज तक हकसी को कोई उहचत मआवजा नही हमला

14 जलाई को ऑटोमकस यहनयन क

हपछल कछ महीनो स राजीव गाधी कालोनी उजाडन की तयाररया पर जोरो स की जा रही ह 21 अपरल को कालोनी तोडन क हलए नगर हनगम न भारी सखया म पहलस बलाकर कालोनी पर हमला हकया था कछ घर तोड भी हदय गय लहकन लोगो क बहादरी भर सखत हवरोध क चलत परशासन को पीछ हटना पडा लहकन परशासन चप नही बिा ह कभी भी कालोनी तोडन की कारविवाई दबारा हो सकती ह पजीपहतयो दारा यह कालोनी ख़ाली करवान की अपीलो पर हाईकोटवि का आदश भी आ चका ह हक यहा क हनवाहसयो को रहन क हलए कोई अनय जगह दकर यह जगह ख़ाली करवायी जाय

इस कालोनी म दस हजार स अहधक पररवार रहत ह कालोनी हनवाहसयो क राशन काडवि वोटर काडवि हबजली मीटर आधार काडवि बन हए ह यहा धमविशाला क हनमाविण व अनय कामो क हलए सरकारी गाणट भी जारी होती रही ह जब कारख़ाना माहलको को जररत थी तो यहा फोकल पवाइणट क हबकल बीच सरकारी जमीन पर मजदर बसती बसन दी गयी लोगो न अपनी महनत स पकक घर बना हलय अब जब पजीपहतयो को इस बशकीमती जमीन की जररत आन पडी ह तो कालोनी तोडन की कोहशश

की जा रही ह लोगो को जो फलट दन की बात

कही जा रही ह व भी रहन लायक नही ह 25 गज की जगह म चार महजला इमारत खडी की गयी ह य चार फलट अलग-अगल अलॉट हकय जायग य फलट बहद सकर और नीची छत वाल ह यहा एक पररवार का रह पाना भी समभव नही ह और य फलट हाहसल करन क हलए लोगो क सामन ऐसी शतत रखी जा रही ह हक बहसखयक कालोनी हनवाहसयो क हलए य शतत परा कर पाना समभव नही ह और घर क बदल घर भी नही हदय जा रह बहक हदय जा रह फलटो की कीमत मागी जा रही ह

पजीपहत बको क कजवि हडप कर जात ह व सरकारी जमीनो पर सरआम कज करत ह कोई कारविवाई नही

होती एक तरफ पजीपहतयो क हलए भारी कजवि माफी और दसरी ओर ग़रीबो की बहसतयो का उजाडना शासको का यही चररत ह होना तो यह चाहहए था हक लोगो को उजाडन की

जगह इस कालोनी को काननी घोहरत हकया जाय लोगो को सारी सहहलयत दी जाय सवासथय हशकषा साफ-सफाई पककी गहलया हबजली-पानी आहद क पखता परबनध हकय जाय लहकन सरकार तो लोगो को उजाडन पर आमादा ह

कारख़ाना मजदर यहनयन की पहलकदमी पर lsquoराजीव गाधी कालोनी उजाड हवरोधी सघरवि कमटीrsquo का गिन हकया गया ह इसक नतकतव म लोग सघरवि की राह पर ह हबगल मजदर दसता लोगो क कनध स कनधा हमलाकर सघरवि म साथ द रहा ह उजाड क हखलाफ हाईकोटवि म भी अजगी दायर की गयी ह हाईकोटवि म कछ जनपकषधर वकील हनश क कस लड रह ह लहकन मसला तो जनता की एकजटता स ही

हल होना ह जनता क सखत एकजट सघरवि स ही हकमरानो की उजाड की साहजशो को नाकाम हकया जा सकता ह सघरवि कमटी इसी राह पर ह जनता को लामबनद कर रही ह कछ धनधबाज तथाकहथत परधानो न कालोनी बचान क नाम पर लोगो स हजारो रपए इकट करन शर कर हदय ह यह उनका पसा कमान का पराना तरीका ह व हबजली पानी साफ-सफाई आधार काडवि आहद मसलो स जडी हर समसया पर लोगो स पस ऐित रह ह हजारो पररवारो पर टट पड उजाड क इस कहर को भी य धनधबाज पसा कमान क हलए इसतमाल कर रह ह य सघरवि कमटी क हखलाफ तरह-तरह का झि परचाररत कर रह ह लहकन कालोनी हनवासी इनकी असहलयत पहचान रह ह कछ लोगो को छोडकर बाकी लोग इनक चगल स आजाद ह

दस हजार स अहधक पररवारो क उजाड की यह सरकारी कोहशश कोई छोटा मसला नही ह सभी इसाफपसनद लोगो को इस उजाड क हखलाफ सघरवि की राह चल लोगो क कनध स कनधा हमलान क हलए आग आना चाहहए उनक हक म जोरदार आवाज उिनी चाहहए

ndash िखतिनदर

िसधयाना म राजरीि गाधरी कािछनरी क हजारछ ो मजदर पररिार बसतरी उजाड़न क ख़खिाफ सो घरष की राह पर

ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

(पज 5 पर जाररी) (पज 5 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 5

हाल ही म नोएडा क महागन मॉडविन अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला क साथ जो घटना हई ह वह दश क लाखो-करोडो घरल कामगार महहलाओ क साथ होन वाली रोज-रोज की बबविरता और अमानवीयता का एक परमाण ह साथ ही साथ यह इस बात का भी परमाण ह हक खात-पीत मधय वगवि क धनपशओ की बबविरता बलगाम हो चकी ह

हम दखत ह हक पजी की मार स उजड कर लाखो लोग रोजगार की तलाश म दरदराज इलाको स हनकलकर शहरो की ओर आ रह ह पजीवाद न जहा मटीभर आबादी को ऐशो-आराम क तमाम सरजाम हदय ह वही अहधकाश आबादी को भयानक ग़रीबी और भखमरी क हालात म धकल हदया ह हमार दश म घरल कामगारो की एक बहत बडी आबादी काम करती ह एक अनमान क मताहबक उनकी कल सखया 10 करोड ह हजसम सती परर और

बचच भी शाहमल ह यह आबादी बहत हबखरी हई ह और बहद नारकीय जीवन हबता रही ह हजस घटना का हम हजकर करन जा रह ह वह नोएडा क सकटर 78 हसथत महागन मॉडनवि अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला जोहरा बीबी क साथ 11 जलाई की घटना ह इस घटना न साहबत कर हदया ह हक यह आबादी लमब समय तक चप नही बिगी और दर-सवर अपन हको क हलए जरर आवाज उिायगी

घटना की शरआत 11 जलाई को हई महागन क फलट नबर 12 म दो घरल कामगार औरत काम करती ह इनम स एक ममता बीबी खाना बनाती ह और दसरी जोहरा बीबी झाड -पोछा लगाती ह घटना वाल हदन दोनो न अपनी दो महीन स बकाया तनखवाह मागी तो उनस कहा गया हक शाम को

आकर पस ल जाना उस हदन शाम को जोहरा बाकी पाच घरो का काम हनपटान क बाद अपन पस लन पहची मालहकन न उसस कछ काम कराया और इसी बीच उस पर पसवि स रपय चरान का आरोप लगा हदया जोहरा क मताहबक उसन मारपीट भी की एक अखबार क अनसार मालहकन का आरोप ह हक उसक पसवि क दस हजार जोहरा न चराय ह और दसर अख़बार क अनसार मालहकन न 17 हजार रपय चरान का आरोप लगाया और जोहरा न दस हजार रपय चरान की बात मजर भी कर ली एक अख़बार क अनसार मालहकन पदाहधकाररयो स हशकायत करन की बात कहकर अदर गयी तो जोहरा पकड जान क डर स मोबाइल वही छोडकर भाग गयी जोहरा का कहना ह हक वह छोड कर नही गयी बहक उसका मोबाइल छीन हलया गया वस चोरी की बात पहलस या पदाहधकररयो स तब तक नही बतायी गयी जब तक हक

जोहरा क बरी हालत म हमलन क बाद हगामा नही हो गया

शाम हो जान क बाद भी जोहरा वापस घर नही पहची तो उसक पहत अदल सततार रात करीब आि बज अपनी बीवी को ढढन महागन अपाटविमट पर पहच चौकीदार न कामकाजी लोगो क हलए बन रहजसटर को दखकर बताया हक जोहरा क आन का समय तो दजवि ह लहकन जान का नही दो चौकीदार उनक साथ बारह नबर फलट पर गय लहकन मालहकन न कह हदया हक उस कछ नही मालम पहत क सौ नबर पर िोन करन क दो घट बाद पहलस आयी और अदल सततार क साथ हिर स 12 नबर क फलट म गयी मगर खानापरी करक लौट आयी अपनी झगगी बसती म वापस आकर पडोहसयो को घटना बतान पर सबकी राय बनी हक सबह-

सबह महागन पर चलकर पछा जाय सबह जोहरा क पहत क साथ बसती क कािी लोग महागन क गट पर पहच और जोहरा का पता लगान क हलए हगामा हकया इस दबाव म पहलस आयी और करीब छह बज जोहरा को चौकीदारो क साथ महहला पहलस हकसी सामान की तरह उिाकर बाहर लायी वह अदधविबहोशी की हालत म थी और िीक स बोल भी नही पा रही थी हकसी तरह उसन बताया हक उस पर चोरी का आरोप लगाकर मालहकन न मारा-पीटा उसका मोबाइल छीन हलया इस पर भीड उततहजत हो गयी और भीतर घसन की कोहशश करन लगी गाडडो न उनह भीतर जान स रोका उनक साथ गाली-गलौज और अभदरता की व लोग पहल स ही परशान थ और गसस म भी थ महागन क गट पर तोडिोड हई और पहलस तथा चौकीदारो क बावजद कई लोग मालहकन क फलट तक पहच गय आरोप लगाया गया ह हक कछ लोग

फलट का शीशा वगरह तोडकर अदर घस गय हजसस मालहकन और उसका बटा डरकर बाथरम म हछप गय घटना क बाद दोनो तरि स परथम सचना ररपोटवि दजवि हई महागन की तरि स अलग-अलग तीन एफआईआर और जोहरा की तरि स कल एक

तमाम अख़बारो न इस ख़बर को इस तरह बताया जस हक जोहरा क घरवाल और आसपास क लोग दगाई थ लटर थ या हिर हतयार थ हजनहोन खात-पीत मधयवगवि क घरो को अपन हमल का हनशाना बनाया बहरहाल पजीवादी मीहडया स इसस जयादा की उममीद की भी नही जा सकती ह हद तो तब हो गयी जब सोशल मीहडया िसबक टहवटर और वहाटसऐप पर इस तरीक क सनदश परसाररत होन लग हक नोएडा को मालदा बनाया जा रहा ह

हक नोएडा महसलम आतकवाहदयो का गढ बन गया ह असल म मामला तो घरल मजदरी करन वाली एक महहला कामगार स जडा हआ था लहकन इस सामपरदाहयक रग हदया जान लगा सोशल मीहडया पर दषपरचार म सहकरय बहतर लोगो क िसबक अकाउणट दखन पर पता चला हक य लोग या तो मोदीभति थ या कही-न-कही भाजपा की हवचारधारा सघ की हवचारधारा और हहनदतव की हवचारधारा स परभाहवत ह कोई हडगवार का समथविक था तो कोई सावरकर का पजक था या हिर कोई हहनद राषटवाद का झणडा उिान वाला था इसस यह भी पता चलता ह हक मधय वगवि क व तमाम लोग जो आज हहनदतववादी हवचारधारा का समथविन कर रह ह जो राषटवाद क नार लगा रह ह असल म उनह दश क करोडो-करोड महनतकशो की हजनदगी स कोई लगाव नही ह इसक िीक हवपरीत उनक भीतर महनतकश वगवि क लोगो क परहत बहत

नफरत भरी हई ह व कामगारो को कीड-मकौडो स जयादा कछ नही समझत व शायद यह समझत ह हक ग़रीब लोग उनकी सवा क हलए ही बन ह और इसहलए उनक साथ lsquoइसतमाल करो और ि कोrsquo वाला घहटया बताविव करत ह

महागन क सदसयो दारा कामकाज करन वालो को बागलादशी बताए जान पर पहलस न इनकी नागररकता की जाच करन की बात शर कर दी जबहक पहलस का एक अहधकारी जोहरा को भारतीय नागररक पहल ही बता चका था महागन स करीब एक हकलोमीटर दर रहन वाल य लोग पहचिम बगाल क कचहबहार हजल क रहन वाल ह हजनम स कई 10-15 साल पहल ही यहा आकर बस गय थ बसती की महहलाओ न थान पर परदशविन करक अपना भारतीय हनवाविचन काडवि और आधार काडवि भी सबको हदखाया

इस परी घटना क दौरान पहलस महकमा महागन अपाटविमणट क रहन वाल करोडपहतयो क पकष म काम कर रहा था उनहोन यह मानन स ही मना कर हदया हक जोहरा क साथ उसकी

मालहकन न मारपीट की ह और उस महागन अपाटविमणट म ही बनद करक रखा हआ ह जब सबह बसती क लोग महागन अपाटविमणट पहच तो मजबर होकर पहलस को वहा आना पडा और तब पता चला हक जोहरा को सचमच म एक कमर म बनद करक रखा गया था उसक साथ मारपीट की गयी थी जब उस इलाज क हलए असपताल ल जाया जा रहा था तो वह रासत-भर उहटया करती रही उसकी हालत बहद खराब थी बाद म पता चला हक पहलस वालो न ख़द ही जोहरा की तरफ स एक एफआईआर दजवि की ह लहकन वह इस तरह स की गयी थी हक परा मामला ही कमजोर पड जाय इसक साथ ही साथ जोहरा क हखलाफ भी एक झिी एफआईआर दजवि करवायी गयी हजसम उस पर 17000 रपय चोरी करन का मनगढनत आरोप लगाया गया था पहल बताया गया हक चोरी करत हए जोहरा का एक वीहडयो ह लहकन बाद म पता चला हक यह दावा एकदम झिा था और ऐसा कोई वीहडयो था ही नही आमतौर पर यही होता ह हक ग़रीब मजदर जब भी अपन हको क हलए आवाज उिात ह तो उनह चोर लटरा साहबत करन की कोहशश की जाती ह ताहक उनकी आवाज को दबाया जा सक इसक साथ ही पहलस वालो न उसी हदन रात क अधर म जोहरा की बसती पर छापा मारा और करीब 50 लोगो को रात म उिा हलया अगल हदन उनम स 13 लोगो क हखलाफ एफआईआर दजवि की गयी और उनह हगरफतार कर उन पर सगीन धाराओ म मकदमा दायर हकया गया इसक तीन ही हदन बाद अहतकरमण बताकर उस परी बसती को बलडोजर चलाकर धवसत कर हदया गया यह सब कछ बताता ह हक आज ग़रीब हबखरी हई आबादी क हलए अपन हको क हलए आवाज उिाना हकतना महकल हो गया ह और जब तक हक व सगहित नही हो जात ह तब तक उनक सामन य महकल बनी रहगी साथ ही साथ यह घटना बताती ह हक आम महनतकशो की एकता को तोडन और उनक हखलाफ नफरत िलान क हलए िासीवादी ताकत बशमगी क साथ धमवि का इसतमाल करती ह ताहक असली मद पर पदावि डाला जा सक

mdash तनपश

नछएरा म जछहरा क साथ हई घटना घरि कामगारछ ो क साथ बबषरिा की एक बानगरी

अलावा अनय कई यहनयनो - मीनाकषी पॉलीमसवि परा हल मटो आटविम माकवि एगजासट दारा गडगाव क हज ला परशासन क ऑहफस पर रोर परदशविन हकया गया और शरमायति को जापन हदया गया हजसम ऑटोमकस कमपनी क शरहमको को गर-काननी तरीक स तालाबदी करक हनकालन क अलावा मटो आटविम स हनकाल गय 45 सथायी व 120 असथायी शरहमको को काम पर वाहपस लन माकवि एगजासट दारा कई वरडो स कायविरत िका शरहमको को ग़र-काननी ढग स नौकरी स हनकालन और मीनाकषी पॉलीमसवि क शरहमको का मदा भी रखा गया

हिलहाल हकसी भी कमपनी का मदा शरम

हवभाग-परशासन-सरकार दारा हल होता नही आ रहा ह आज महज जापनो धरन-परदशविनो स माहलकपरसत हवभागो व सरकारो को कोई असर नही पड रहा ह जररत ह गडगाव-मानसर-धारहडा-बावल स लकर हभवाडी-खशखडा-नीमराना तक ऑटो सकटर क सभी मजदरो की िौलादी एकता कायम की जाय और वयापक सतर पर जझार आनदोलन खडा हकया जाय

mdash निगल सवाददाता

(एमपीडीएसएस) क नाम स लगायी थी हिलहाल हपछल एक महीन स 8252 क हहसाब स पमणट हकया जाता ह इसस पहल 7977 क हहसाब पमणट होता था मखय मागो म छटटी गट पास बोनस क टीन पमणट सलीप पहचान पत पीएफ एगरीमणट 3 स 5 परान वकवि रो को पकका हकया जाना लच की सहवधा चाय-पानी की सही वयवसथा फसटविऐड कीट सरकषा उपायो एगजॉसट फन व पखो आहद की माग थी लहकन कमपनी को न तो वकवि रो की माग गवारा थीऔर न ही यहनयन

मीनाकषी पोलीमसवि परा हल कमपनी की

शरआत 2007 क आसपास हई इसकी कल हमलाकर सात इकाइया ह हबनौला क अलावा मानसर गडगाव नीमराना यपी म दादरी हररदार म दो पलाणट ह एमपीपीएल हबनौला ऑटो पाटविस की कमपनी ह हजसम अलग-अलग कमपहनयो क हलए िट रसट असबहलग हडसक बक ईनरवज कररशना मारहत क हलए बाईक क सटणड मोटर पमप का ढककन आहद बनता ह

दमन क बावजद िका वकवि रो न अपन सघरवि को आग बढान का हनणविय हकया ह

mdash निगल सवाददाता

(पज 4 स आग) (पज 4 स आग)

मरीनाकरी पछिरीमसष का आनदछिन ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

6 मजदर तबगि जिाई 2017

गाय क नाम पर िासीवाहदयो न जो गणडागदगी और कतलोगारत दशभर म मचा रखी ह वह हकसी स हछपी नही ह ldquoगौ-रकषकrdquo गणड मोदी क सतता म आन क बाद बख़ौफ घम रह ह और नयी-नयी घटनाओ को अजाम द रह ह इन घटनाओ पर दश क परधानमनती नरनदर मोदी परी बशमगी स चपपी धारण हकय रह जब दहनयाभर म थ-थ होन लगी तो कह हदया हक महातमा गाधी इन हतयाओ को िीक नही कहत हवरोध और बढा तो एक और बयान द हदया हक गौरकषा क नाम पर गणडई बदावित नही की जायगी मगर गौ-गणडो को भी पता ह हक य सब बयान दसरो को सनान क हलए ह इसीहलए मोदी कछ भी कहत रह गाय क नाम पर हतयाए और गणडागदगी लगातार जारी ह इन गौ-गणडो को सरकारी शह हाहसल ह लगभग सारी ही घटनाओ म पहलस की भहमका मकदशविक वाली बनी हई ह कही-कही पहलस ख़द ldquoदोहरयोrdquo को गौ-गणडो क हवाल कर रही ह यह परा काम पहलस और तथाकहथत गौरकषा दलो की हमलीभगत स चल रहा ह कई ऐस वीहडयो भी सामन आय ह जहा पहलस वाल इन घटनाओ पर हसत हए पाय गय ह गौ-रकषको क हलए यह एक मनाफ वाला धनधा भी बन रहा ह अख़बारो म छप लोगो क हवहभनन बयानो स पता चलता ह हक कई सथानो पर गौ-रकषको न पस लकर ldquoदोहरयोrdquo को बरी हकया ह और अगर आप पस नही द सकत तो सजा क हकदार तो हो ही कई जगह य तथाकहथत गौरकषक ख़द ही गाय बचत पकड गय ह इसक साथ ही मसलमानो पर झि मकदमो का दौर भी शर हआ ह गोवश हतया और असथायी परवास अथवा हनयावित हनयमन कानन 1995 क तहत हसफवि राजसथान म 73 मकदम दजवि हए जो बाद म झि साहबत हए

हम कवल हपछल डढ वरडो की घटनाओ पर एक सरसरी नजर डालत ह जो य दशाविती ह हक यह कछ अलग-

थलग घटनाए नही बहक मामलो की एक परी लडी ह जयादातर घटनाए मीहडया तक पहचन स पहल ही दम तोड दती ह

4 माचवि 2015 को महाराषट सरकार न गाय का मास खान पर पाबनदी लगा दी हकसी क पास स मास हमलन पर नय कानन क अनसार पाच वरवि की सजा और 10000 रपय जमाविना लाग हकया गया महाराषट म 1976 का कानन हसफवि गाय मारन पर पाबनदी लगाता था हजसको हक बदलकर बल और साड तक बढाया गया 16 माचवि 2015 को हररयाणा सरकार न एक हबल पास हकया हजसक मताहबक गाय का मास खान पर पाबनदी लगायी गयी और खान पर 5 वरवि की सखत सजा और 50000 रपय तक जमाविना लाग हआ

30 मई 2015 को अदल ग़फर करशी नाम क वयहति को हबरलोका राजसथान म पीट-पीटकर मौत क घाट उतार हदया गया उसक बार म सोशल मीहडया पर लगातार यह ख़बर िलायी गयी हक एक तयौहार क हलए उसन 200 गाय मारी ह हजारो की हगनती म भीड न उसको मौत क घाट उतार हदया

29 अगसत 2015 को हदली क मयर हवहार इलाक क हचला गाव म भडकी हई भीड का चार डाइवरो स झगडा हआ जो भसो को एक बचडखान म छोडन जा रह थ

28 हसतमबर 2015 दादरी क महममद अख़लाक को ldquoभीडrdquo न गाय मारन क शक म वहशी तरीक स पीट-पीट कर मार हदया उनक गाव क महनदर स लाउडसपीकर पर ऐलान करक सकडो की भीड इकटा की गयी हजसन उनक घर पर हमला करक उनक पररवार क सामन ही अख़लाक की हतया कर दी और उनक बट को अधमरा कर हदया

6 अकटबर 2015 को कनाविटक म एक भसो-गायो क वयापारी हजस पर बजरग दल क कायविकताविओ न लोह की

छडो स हमला कर हदया न भाग कर अपनी जाच बचायी हजसक बार म हकसी न यह अफवाह िलायी हक वह एक गौ-तसकर ह

9 अकटबर 2016 को यपी क मनपरी हजल म भडकी हई भीड न गाय मारन की एक अफवाह क चलत उतपात मचाया

9 अकटबर 2015 को शरीनगर क एक टक पर ऊधमपर म दहकषणपनथी कायविकताविओ न पटोल बम स हमला हकया हजसम दो कमीरी नागररक और एक पहलस वाला सवार था एक नागररक की बाद म इलाज क दौरान मौत हो गयी

16 अकटबर 2015 को हहमाचल परदश क हसरमौर हजल म भीड न एक वयहति को गौ-तसकरी क दोर म मौत क घाट उतार हदया

3 हदसमबर 2015 को हररयाणा क पलवल हजल म हहसक घटनाए हई जब भीड न मास लकर जा रहा एक टक रोक हलया

3 जनवरी 2016 को मधय परदश क हखरहकया रलव सटशन पर गौ-रकषको न एक जोड पर यह कहकर हमला हकया हक वह गौ-मास लकर जा रहा ह उनक पास कछ भी नही हमला

18 माचवि 2016 को झारखणड क लातहार म मजलम असारी और उसक 15 वरगीय बट को पीटा गया और बाद म पड पर लटकाकर िासी द दी गयी जो हक एक पश मल म गाय लकर जा रह थ गौ-रकषक हजनहोन इस काम को अजाम हदया बजरग दल क सदसय ह

5 अपरल 2016 को करकषत हररयाणा म मसतन असारी जो हक भस लकर जा रहा था उसको गौ-रकषको दारा मौत क घाट उतार हदया गया इस मकदम म पजाब और हररयाणा हाई कोटवि न 9 मई को सीबीआई जाच क हनदचश हदय ह

2 जन 2016 को राजसथान क परतापगढ म गौ-रकषको न एक महसलम वयापारी को बरी तरह पीटा और उसको नगा करक तसवीर खीची

10 जन 2016 को गडगाव म दो वयहतियो क साथ बीफ-टासपोटविर होन क शक म बरी तरह मारपीट की गयी और गाय का गोबर खान क हलए मजबर हकया गया

10 जलाई 2016 को कनाविटक क कोपा म बजरग दल दारा एक दहलत पररवार पर गौ-मास होन क शक म हमला हकया गया

11 जलाई 2016 को गजरात ऊना म गौ-रकषको दारा दहलत पररवार क सात सदसयो दारा मरी हई गाय की खाल उतारन क ldquoदोरrdquo म बरी तरह मार-पीटकर नगा घमाया गया

26 जलाई 2016 को मधयपरदश क मनदसौर रलव सटशन पर दो महसलम औरतो क पास गौ-मास होन क शक म उनक साथ बरी तरह मार-पीट की गयी

30 जलाई 2016 मजफफरनगर म एक मसलमान पररवार पर गाय मारन क शक म भडकी हई भीड न हमला हकया

5 अगसत 2016 को लखनऊ म दहलत नौजवानो को मरी हई गाय की खाल उतारन स मना करन पर बरी तरह मारा-पीटा गया

18 अगसत 2016 को परवीण नाम क वयहति को कनाविटक म गौ-तसकरी करन क शक म मौत क घाट उतार हदया गया बाद म पता चला हक वह भाजपा कायविकतावि था

अगसत 2016 म आनधर परदश म हबजली का करट लगन स मरी एक गाय की खाल उतारन क हलए बलाय गय दो दहलत भाइयो पर करीब 100 गौ-गणडो न यह कहकर हमला कर हदया हक उनहोन गाय को चराकर मारा ह

24 अगसत 2016 को हररयाणा क मवात म एक मसलमान पररवार पर गौ-रकषको न हमला हकया दो नौजवानो को मौत क घाट उतार हदया गया दो बरी तरह जखमी हए उनकी बहन क साथ गग रप हकया गया

18 हसतमबर 2016 को महममद

अयब नाम का वयहति जो एक बल और एक बछड को लकर जा रहा था रासत म हादसा होन क कारण बछडा मर जाता ह गौ-रकषक अयब क साथ बरी तरह मार-पीट करत ह जो हादस स तो बच जाता ह लहकन इन ldquoदशभतिोrdquo की मार न झलन क कारण असपताल म दम तोड दता ह

1 अपरल 2017 को राजसथान क अलवर हज ल म मवशी ख़रीदकर लौट रह महसलम डरी वयापाररयो पर हमला हकया गया मवहशयो की खरीद क काननी काग़जात हदखान क बाद भी उनह बरी तरह मारा गया हजसस बजगवि पहल ख़ान की 3 अपरल को मौत हो गयी सघ पररवार की साधवी कमल न हतयार गौ-गणडो की तलना भगतहसह स की

21 अपरल 2017 को जमम-कमीर क ररयासी हज ल म गौ-गणडो न बजार पररवार पर हमला करक 9 साल की बचची सहहत कई महहलाओ को लोह की छडो स बरी तरह पीटा इसी हदन हदली म भी गौ-गणडो न भस ल जा रह कछ वयापाररयो पर हमला हकया पहलस न उटा उन वयापाररयो को ही पश कररता कानन म हगरफतार कर हलया

20 जन 2017 को हररयाणा क बलभगढ म टन म जनद नाम क हकशोर को पीट-पीट कर मार हदया गया सीट को लकर हए हववाद क बाद उस पर झोल म बीफ रखन का आरोप लगाकर हमला हकया गया

13 जलाई 2017 को उततर परदश क मनपरी क पास भीड न टन म याता कर रह 10 लोगो क महसलम पररवार पर हमला हकया और बजगडो महहलाओ और हवकलाग लडक तक को लोह की छडो स बरी तरह मारा

य तो चनद एक घटनाए ह सरकार और सघ पररवार की शह पाय हए य गणडा हगरोह और उनमादी भीड लगातार दशभर म आतक मचाय हए ह

- राजजनदर ससोह

गाय क नाम पर गौ-रकक गणडछ ो क तपछि दछ िरषो क कारनामछ ो पर एक नजर

हपछडी और दहकयानसी म य-मानयताओ क नाम पर हसतयो को ग़लाम बनान और तमाम तरह क बबविर अमानवीय वयवहार का हशकार बनान का चलन हवश वभर म आज भी मौजद ह आपन मधयकाल म दास परथा सती परथा या धाहमविक कमविकाणडो क चलत हसतयो की बहल चढान या मार दन क बार म सना या पढा जरर होगा मगर आज भी बाल-हववाह क नाम पर लाखो हसतयो की हजनदगी की बहल दी जाती ह मधयपववि अरिीका दहकषण एहशया और भारत हसतयो को सामनती म य-मानयताओ म बाधन म सबस आग ह यनीसफ (यनाइटड नशनस हचडन एमरजसी िणड) की ररपोटवि क मताहबक बाल हववाह क मामल म बगलादश का पहला और भारत का दसरा सथान ह

द हसटीजन (9 मई 2017) की ख़बर क अनसार भारत की 22 याहन लगभग 24 करोड आबादी 10-19 वरवि की ह यहा 47 लडहकयो का हववाह 5-15 वरवि की आय म ही कर हदया जाता ह याहन परतयक दो लडहकयो म स एक लडकी क बाहलग होन स पहल ही

हववाह कर हदया जाता ह भारत म वस तो हर राजय म बाल-हववाह क नाम पर ननही हजनदहगयो को बबाविद करना जारी ह लहकन उततर परदश राजसथान हबहार झारखणड पहचिम बगाल और मधय परदश इसम सबस आग ह

बाल हववाह क कारण वस तो लडक और लडकी दोनो का ही मानहसक और शारीररक हवकास िीक ढग स नही हो पाता कयोहक जो आय उनकी हजनदगी क बार म सीखन की होती ह उस तथाकहथत हववाह बनधन म बाध हदया जाता ह लहकन लडहकयो क हलए यह परमपरा बहद भयानक ह लडकी को अहसास भी नही होता हक वह हकस जजीर म बधन जा रही ह सीबीएन नयज क एक ररपोटविर अहमत बदी न राजसथान म वीना नाम की लडकी हजसकी आय हसिवि 8 वरवि थी उस हववाह क समय जोर-जोर स रोत हए दख उसकी दादी स कारण पछा तो उसन जवाब हदया हक इसको पता नही ह हक हववाह कया होता ह या अभी वह घर की दख-रख क परहत सचत नही हई इसहलए थोडा डरी हई ह लहकन जदी ही उसको आदत पड जाएगी मरा भी हववाह

छोटी आय म हो गया था अहमत आग बतात ह हक राजसथान म अपरल स मई क महीन म यहा रात को हजारो की सखया म गपत हववाह करवाय जात ह हजसम हववाह करन वालो की आय 5-19 वरवि तक होती ह कछ की आय इतनी छोटी होती ह हक उनक मा-बाप गोद म उिाकर लात ह शहरो क मकाबल गावो और दहलतो म बाल-हववाह 3 परहतशत जयादा होत ह हववाह क बाद अकसर लडहकयो क पढन-हलखन पर भी पाबनदी लगा दी जाती ह

बाल हववाह हसतयो क हलए मानहसक क साथ-साथ शारीररक पीडा भी लकर आत ह हववाह होत ही लडकी स बचच की अपकषा की जाती ह हजसका पररणाम अकसर बचच क जनम क समय बचच या मा की मौत होती ह भारत म 18 वरवि की आय स पहल बचच को जनम दत समय बडी सखया म बचच मौत का हशकार हो जात ह और जो पदा होत ह उनका शारीररक हवकास सही ढग स नही हो पाता हसतयो को हजनदगी भर क हलए मानहसक और शारीररक तकलीफ झलनी पडती ह हसतया बचचदानी क रोग

कमजोरी तथा कई गमभीर बीमाररयो का हशकार होती ह एक लडकी की हजनदगी को बचपन स गहतहीन और नीरस बनान की परहकरया चलती ह उसको अपना ससार पररवार तक ही सीहमत करना पडता ह लडकी को बस एक हपता या पहत की समपहतत बना हदया जाता ह

आज सरकार दारा भल ही हसतयो की आजादी या इन हपछडी हई म य-मानयताओ को रोकन क हलए कई कानन बना हदए गए ह (बाल-हववाह रोकथाम हबल 1998 बाल हववाह रोकथाम हबल 2006 आहद) इनम बाल-हववाह करन या करवान वाल को जल या जमाविन की सजा का परावधान ह लहकन य बस कागजो तक ही सीहमत ह कयोहक तथयो स साि पता चलता ह हक हसतयो को बराबरी क अहधकार दन या आजादी क हलए उनहोन हकतन कदम उिाय ह बहक परहतहदन कई ऐस उदाहरण हमलत ह जो मौजदा सरकार और समाज क क बहचचयो क परहत वयवहार को दशावित ह पजीवादी मीहडया खलआम सरकार स शह पाकर हसतयो को सामनती म य-मानयताओ क चौखट म रहन क हलए

परररत करता ह भारत म 70 परहतशत हसतया परहतहदन घरल हहसा का हशकार होती ह हर 20 हमनट बाद एक सती बलातकार का हशकार होती ह और 80 परहतशत हसतया हकसी न हकसी रप म शारीररक छडछाड का हशकार होती ह तथय बतात ह हक हसतयो की सरकषा आजादी या बराबरी का मामला सरकार क हलए कोई बहत गमभीर बात नही ह

पजीवाद न जनता को ग़लाम और हपछडा बनाय रखन क हलए तमाम तरह क सामनती म य-मानयताओ क साथ समझौता करक न हसफवि उनह बनाय रखा ह बहक लगातार बढावा भी द रहा ह इस पजीवादी समाज वयवसथा को उखाड ि कन क हलए राजनीहतक और आहथविक सघरवि चलान क साथ ही हपछडी सोच और सस कक हत स भी लडना होगा पहल क सघरडो और सामाहजक पररवतविन दारा हसतयो न कछ हद तक सममान स जीन का हक पाया ह बराबरी का हक पान क हलए पजीवादी वयवसथा को ही बदलना होगा

ndash तबनरी

इकीसिरी ो सदरी म भरी ननरी ो जजनदमगयछ ो कछ बाि तििाह की बलि चढा रहा ह समाज

मजदर तबगि जिाई 2017 7

मधय परदश जो भारत का दसरा बडा राजय ह 2015-16 क दौरान यहा हर रोज 64 बचचो की मौत का आकडा सामन आया ह नवजात बचचो की मौत का यह आकडा हकसी अफीकी दश क मकाबल भी बदतर और भयानक ह

पहल तो मधय परदश की भाजपा सरकार न 2015-16 वरवि क दौरान योपर हजल म कपोरण स हई बचचो की मौतो क आकड तोड-मरोड कर पश हकय महहला और बाल हवकास मनती अचविना हचटहनस न हवधान सभा म दावा हकया था हक इस

वरवि क दौरान हकसी भी बचच की मौत कपोरण स नही हई जबहक सवासथय हवभाग न हाईकोटवि म ररपोटवि सौपी थी हक इस हजल म 2015-16 क दौरान 116 बचचो की मौत कपोरण की वजह स हई ह जब झि आकड पश करन क हलए सरकार की चारो ओर स थ-थ हई तो सरकार को सचचाई पश करनी पडी महहला और बाल हवकास मनती अचविना न राजय हवधान सभा म यह भी माना हक 0-6 वरवि तक क 25440 बचच एक वरवि क अनदर दसत और खसर जस रोगो क

कारण अपनी जान गवा दत ह मधय परदश भारत म ग़रीबी रखा क

नीच सबस जयादा आबादी वाल 14 राजयो म शाहमल ह और सबस अहधक मकतय दर वाल राजयो म स एक ह यहा 1000 क पीछ 52 बचचो की मौत एक वरवि की आय स पहल ही हो जाती ह और नवजात बचचो का वजन ढाई हकलोगाम स भी कम होता ह भारत म 31 परहतशत बचचो का कद आय क अनसार कम ह और 42 परहतशत बचचो का वजन भी उनकी आय क मताहबक कम ह भारत

क कल कपोहरत बचचो म 60 परहतशत मधयपरदश और झारखणड क ह

बचचो क सवासथय क हलए हवजान क मताहबक तीन वरवि तक क बचच को परहतहदन 300 हमलीगाम दध की जररत होती ह जबहक उनह हसफवि 80 हमलीगाम दध ही हमल पाता ह पररणामसवरप कपोरण क कारण उनका शरीर बीमाररयो का मकाबला नही कर पाता हजा तथा बखार जसी बीमाररयो स बचचो की मकतय दर लगातार बढती जाती ह

बचचो की हो रही इन मौतो को हम

पराकक हतक मौत नही कह सकत बहक य कतल ह जहा एक ओर अनाज गोदामो म पडा-पडा सड रहा ह वही दसरी ओर य हालात ह हक बचच जनम लन स पहल या पदा होत ही मौत क मह म चल जा रह ह

हवकास क बड-बड दाव करन वाली भाजपा का धयान जनकयाण की ओर न होकर गौरकषा जस झि मदो तक कहनदरत ह मधय परदश जस राजयो क हालात भाजपा सरकार क हवकास क दावो का असली चहरा पश करत ह

ndash बिजरीि

मधय रिदश म रछजाना 64 बचछ ो की मौि

2014 म जब दश म राषटवादी सरकार आयी थी तो और बहत सार वादो क साथndashसाथ सवासथय कषत म यगपरवतविक बदलाव लान का वादा भी हकया था तकरीबन एक वरवि बाद सरकार को अपना यह वादा याद आया तो 2015 म राषटीय सवासथय नीहत का मसहवदा बनाकर घोरणा की गयी हिर दो वरवि मसहवद को सशोहधत करन म लगा हदय मसहवद पर दो वरडो की लमबी महनत क बाद लोगो को उममीद थी हक नयी सवासथय नीहत म सवासथय सहवधाओ को बहतर बनान क हलए जरर कछ-न-कछ होगा लहकन नया तो कया हमलना था लोगो को जो कछ पहल हमला हआ था वह भी छीनन की तयारी ह

आजाद भारत की पहली सवासथय नीहत आजादी क 36 वरवि बाद 1983 म बनी थी उस समय बड-बड ऐलान हए उद य तय हकय गय मगर हाल यह ह हक जो उद य वरवि 2000 तक हाहसल करन की कसम खायी गयी थी आज तक उनक नजदीक भी नही पहचा गया हिर 2002 म वाजपयी सरकार दारा सवासथय नीहत म सशोधन हकय गय और कहा गया हक सवासथय सहवधाओ क हलए अहधक पसा हदया जायगा सवासथय सहवधाओ की वयवसथा को पनःसगहित करन की बात की गयी लहकन कछ भी नही बदला न तो सवासथय क हलए अहधक पस हदय गय और न ही वयवसथा को िीक करन क हलए कछ हकया गया बहक हबकल उटा हआ 2002 स लकर अब तक हनजी सवासथय कषत अब तक की सबस तज रफतार स बढा ह सरकार क पास पजीकक त कल ऐलोपहथक डॉकटरो म स महज 11 परहतशत सरकारी सवासथय वयवसथा म ह और बीमारी पर होन वाला ख़चावि भारत म ग़रीबी क अहम कारणो म स एक बन गया ह

अब जब राषटवादी िल अचछी तरह स हखला हआ ह तो हिर स नयी राषटीय सवासथय नीहत लायी गयी ह 2015 क मसहवद म यह वादा हकया गया था हक lsquoसवासथय को एक बहनयादी अहधकारrsquo बनाया जायगा और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo का हसदधानत लाग हकया जायगा लहकन इसस मोदी सरकार एकदम मकर गयी ह सवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo की जगह नयी नीहत म सवासथय सहवधाओ को भरोसमनद बनान का जमला उछाला गया ह सरकार का कहना ह हक lsquoसवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo समभव बनान क हलए

वयवसथा नही ह लहकन वयवसथा बनी कयो नही और बनानी हकस ह इसक बार म सरकार न न तो कोई जवाब हदया ह और न ही कोई योजना ह यानी सवासथय सहवधाओ को सबक हलए सलभ बनान क काम को अब नीहतगत और काननी तौर पर भी िणड बसत म डाल हदया गया ह और सरकार हर तरह की जवाबदही स हनकलकर भाग गयी ह हालाहक भारतीय सहवधान क नीहत हनदचशक हसदधानतो क मताहबक सभी क हलए सवासथय सहवधाए दना सरकार क कतविवयो म आता ह

2015 की सवासथय नीहत क मसहवद म मोदी सरकार न वादा हकया था हक 2020 तक सवासथय सहवधाओ पर ख़चवि बढाकर सकल घरल उतपादन का 25 कर हदया जायगा हिलहाल यह 1 क इदवि-हगदवि रहता ह अब यह समय-सीमा बढाकर 2025 कर दी गयी ह यह भी धयान दन योगय ह हक हवशव सतर पर यह ख़चावि कल घरल उतपाद का औसतन 49 ह (अथावित 2025 तक हम वहशवक औसत क भी आध म पहच जायग वह भी अगर सरकार एक बार हिर न मकरी तब) हमार पडोसी शरीलका जस ग़रीब दश भी इस मामल म हमस आग ह जब ख़चवि की सकीम ऐसी हो तो मफत दवाइया मफत टसट मफत इमरजसी सवासथय सहवधाए दन की घोरणाओ म हकतनी गमभीरता होगी यह समझन म हकसी कम बहदध क वयहति को भी कोई महकल नही होगी लहकन मोदी और उसक सवासथय मनती जपी नडडा चाहत ह हक उनकी मफत घोरणाओ पर लोग यकीन कर इस वरवि क राषटीय बजट म हवतत मनती जटली न यह भरम खडा करन की कोहशश की हक सरकार सवासथय पर ख़चवि बढा रही ह लहकन अगर हम हपछल 10 वरडो का ररकाडवि दखत ह तो यह कोहशश ख़ाली हलफाफा हदखायी दती ह 2015-2016 क कनदरीय बजट म सवासथय कषत क हलए दी गयी राहश म उसस पहल क वरवि क मकाबल 57 की कटौती कर दी गयी थी 2016-2017 म 5 बढाया गया और अब 2017-2018 क हलए कछ और वकहदध की गयी ह लहकन 2017-2018 की यह आरहकषत राहश अब भी 2011-12 क सवासथय बजट स नीच ह यह ह हवतत मनती की जादहगरी ऊपर स जो राहश बजट म रखी जाती ह वह परी ख़चवि नही की जाती जस 2011-12 क वरवि म 20000 करोड रपय म स 4000 करोड रपय स अहधक ख़चच ही नही गय वस जो पस ख़चवि होत ह व भी वासतव म (नौकरशाहो-नताओ क हहसस हनकाल कर) कहा होत ह यह

सबको पता ही ह इस नयी सवासथय नीहत का सबस

घहटया पहल हनजी कषत क हलए राह साफ करना ह भारत म पहल ही सवासथय क कल कषत म स 70 क करीब हहसस पर हनजी कषत का कजा ह हजनम अपोलो फोहटविस मदानता टाटा जस बड कारपोरट असपतालो स लकर कसबो तक म खल हनजी नहसिग होम शाहमल ह हपछल एक-डढ दशक म कारपोरट असपतालो का ररकाडवि-तोड िलाव हआ ह इनहोन एक हद तक हनजी नहसिग होमो को भी हनगल हलया ह इसक साथ ही बची-खची सरकारी सवासथय वयवसथा क अनदर भी हनजी कषत की घसपि बढी ह हजला-सतरीय असपताल महडकल कॉलज और बड महडकल ससथानो म पराइवट-पहलक-पाटविनरहशप क नाम पर बहत सारी सहवधाए हनजी हाथो म सौपी जा चकी ह या सौपन की तयारी ह यह कस हकया जाता ह इसकी कछ हमसाल पजाब क महडकल कॉलजो म हमलती ह पहटयाला क महडकल कॉलज म एमआरआई सकन कनदर को सरकार न एक हनजी ससथान को द रखा ह चहक महडकल कॉलज की इमारत म बन इस कनदर क माहलको को दसर हनजी सकन सणटरो की तरह डॉकटरो को कट नही दना पडता इसहलए इसक रट कम ह और सरकार इसकी ससती दरो को ऐस पश करती ह जस इसन कोई अदत कारनामा कर हदखाया हो जबहक सरकार को शमवि आनी चाहहए हक 4-5 करोड की मशीन लगान पर तकनीकी सटाफ का ख़चावि उिाकर यह सहवधा बहद कम दरो पर उपलध करायी जा सकती ह मगर सरकार ऐसा करन की कोई इचछा नही रखती अमकतसर क महडकल कॉलज म चलती सकन की दो मशीनो म स एक मशीन भी इसी तरह िक पर ह सार पजाब क सरकारी असपतालो और हडसपसररयो म दवाइयो की सपलाई (हजतनी भी ह) क हलए पराइवट कमपहनयो स दवाइया ख़रीदी जाती ह कयोहक दवाइया बनान वाल सरकारी ससथान या तो बनद हकय जा चक ह या बनद जसी हालत म ह सरकारी असपतालो म ऑपरशन क समय मरीज को बहोश करन क हलए कमीशन दकर पराइवट डॉकटरो को बलाया जाता ह और भी कई तरह की सहवधाओ को इसी तरह ldquoिक पर दनrdquo का नाम दकर हनजीकरण हकया जा चका ह लगभग सार राजयो म अहधक या कम यही अमल जारी ह

लहकन अभी भी काफी कछ ह हजस पर हनजीकरण की मार नही पडी जस इन असपतालो की परयोगशालाए अभी हनजी

हाथो म नही गयी अटासाउणड सकन और एकसर आहद जस छोट सकन भी हनजी हाथो स बच हए ह सबस बडी बात यह ह हक इस सतर क असपताल अभी कारपोरट सकटर क सीध हनयनतण म नही आय ह दसरा अभी तक पराइमरी सवासथय कनदरो और हडसपसररयो का ताना-बाना भी काफी हद तक हनजीकरण स अछता ह कारपोरट असपतालो की हगदध-नजर इन पर लगी हई ह 2015 क मसहवद म सरकार हनजी कषत क असपतालो और डॉकटरो दारा ग़लत ढग स काम करन क बार म बयान द रही थी अब वही लोग दध क धल हो गय ह 2017 की सवासथय नीहत म कहा गया ह हक पराथहमक सवासथय सहवधाओ को परी तरह काम करन योगय बनान क हलए ndash ख़ासकर शहरी कषतो क उन लोगो तक पहच करन क हलए हजनह सवासथय सहवधाए नही हमलती और मधयवगगीय आबादी को फीस क बदल सहवधाए दन क हलए सरकार ह थ एणड वलनस कनदर (फ सी हकसम क नाम सोचन म हमार दश क नताओ और अफसरो का दहनया म कोई मकाबला नही कर सकता) चलान क हलए हनजी कषत स पाटविनरहशप करगी यानी गावो म ऐसी कोई आबादी नही ह हजस सवासथय सहवधाए नही हमलती दसरा सरकार ख़द मानती ह हक अभी तक पराथहमक सवासथय कनदर भी ढग स नही चल (दश क आजाद होन स 70 वरवि बाद भी) तीसरा अब पराथहमक सवासथय कनदरो म 2-5-10 रपय की पचगी वाला जमाना जान वाला ह मधयवगगीय कौन होगा इसकी पररभारा तय नही ख़र हो सकता ह हक ग़रीबी रखा स ऊपर वाल सार लोग मधयवगवि म शाहमल कर हदय जाय यहा हम यह बता द हक भारत की बशमवि सरकार उस वयहति को ग़रीब नही मानती ह जो परहत महीना 960 रपय (गाव म) और 1410 रपय (शहर म) ख़चवि सकता ह (2014 म हनधाविररत ग़रीबी रखा क अनसार)

2017 की सवासथय नीहत म यह भी कहा गया ह हक सरकार हनजी कषत क साथ भागीदारी करक जन सवासथय सहवधाओ की कहमयो को परा करगी इसम टसट-सकन ऐमबलस सहवधाए लड बक पनवाविस क साथ जडी सहवधाए तकलीफ घटान वाली सहवधाए मनोरोहगयो क हलए सहवधाए टलीमडीसन सहवधाए कम होन वाली बीमाररयो क इलाज की सहवधाए शाहमल होगी यानी इनम सटाफ को छोडकर बाकी सब कछ हनजी कषत म होगा सटाफ म जयादातर हहससा िक दारा भतगी हो रहा ह एक तरह वह भी हनजी कषत

ही ह मतलब साफ ह हक सरकारी नाम तल हनजी दकान सरकार दारा हगनायी गयी कहमयो को िीक करन क हलए कोई भी योजना या इरादा कही दजवि नही ह यानी हनजी वयवसथा पकका काम ह कोई तातकाहलक योजना नही ह ऐसी कोहशश पहल भी जारी ह राजसथान छततीसगढ मधय परदश और उततर परदश म इन सकीमो क लाग करन की कोहशश हो रही ह लहकन इन कोहशशो का लगातार हवरोध हो रहा ह वासतव म राषटीय सवासथय नीहत 2017 का दसतावज लोगो को सवासथय दन क हलए नीहत का दसतावज नही ह बहक यह जन-सवासथय सहवधाओ का बचा-खचा हहससा भी तबाह करन परी सवासथय वयवसथा को हनजी कषत क हाथो म दन बहसखयक लोगो को सवासथय सहवधाए दन स बशमगी क साथ मना करन और पस वालो क हलए lsquoअहत आधहनकrsquo सवासथय सहवधाए कायम करन और हनजी असपतालो को खलकर लटन क हलए माहौल तयार करक दन का दसतावज ह अमबाहनयो-अडाहनयो की सरकार स और उममीद भी कया की जा सकती ह असल म मौजदा पजीवादी आहथविक वयवसथा म सभी लोगो को सवासथय सहवधाए दन का उद य परा करना न तो समभव ह और न ही इस वयवसथा का ऐसा कोई मकसद ही ह जो जन-सवासथय वयवसथा 1947 क बाद खडी की गयी थी वह भी आजादी क बाद लोगो की उममीदो को बहत जदी न टटन दन क हलए और महामाररयो को िलन स रोकन क हलए बनायी गयी थी हजनकी चपट म अमीरो क भी आ जान का ख़तरा बना रहता था भारतीय पजीपहतयो की भी उस समय इतनी औकात नही थी हक सवासथय कषत को मनाफ क हलए लट सक लहकन 1991 क बाद पररहसथहतया एकदम बदल गयी ह अब भारतीय पजी यह समझ चकी ह (और उसकी औकात भी इतनी ही हो चकी ह) हक सवासथय कषत मनाफा कमान का एक ऐसा कषत ह जहा कभी मनदी नही आती यह पजी हनवश का सबस सरहकषत कषत ह (हालाहक यह भी पजीपहतयो की ग़लतफहमी ही ह) 1991 क बाद स सरकार लगातार जन-सवासथय वयवसथा को तोडन तबाह करन िक पर दन और हनजी कषत की सवासथय सहवधाओ क हलए अनकल पररहसथहतया तयार करन म लगी हई ह मोदी सरकार इसम और बढ-चढकर काम कर रही ह कयोहक यह पजी की सबस बशमवि और वफादार सवक ह

ndash िखतिनदर

राषटरीय सासथय नरीति 2017 ndash जनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाओो कछ भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि कर दन का दसतािज

8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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मजदर तबगि जिाई 2017 5

हाल ही म नोएडा क महागन मॉडविन अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला क साथ जो घटना हई ह वह दश क लाखो-करोडो घरल कामगार महहलाओ क साथ होन वाली रोज-रोज की बबविरता और अमानवीयता का एक परमाण ह साथ ही साथ यह इस बात का भी परमाण ह हक खात-पीत मधय वगवि क धनपशओ की बबविरता बलगाम हो चकी ह

हम दखत ह हक पजी की मार स उजड कर लाखो लोग रोजगार की तलाश म दरदराज इलाको स हनकलकर शहरो की ओर आ रह ह पजीवाद न जहा मटीभर आबादी को ऐशो-आराम क तमाम सरजाम हदय ह वही अहधकाश आबादी को भयानक ग़रीबी और भखमरी क हालात म धकल हदया ह हमार दश म घरल कामगारो की एक बहत बडी आबादी काम करती ह एक अनमान क मताहबक उनकी कल सखया 10 करोड ह हजसम सती परर और

बचच भी शाहमल ह यह आबादी बहत हबखरी हई ह और बहद नारकीय जीवन हबता रही ह हजस घटना का हम हजकर करन जा रह ह वह नोएडा क सकटर 78 हसथत महागन मॉडनवि अपाटविमणट म एक घरल कामगार महहला जोहरा बीबी क साथ 11 जलाई की घटना ह इस घटना न साहबत कर हदया ह हक यह आबादी लमब समय तक चप नही बिगी और दर-सवर अपन हको क हलए जरर आवाज उिायगी

घटना की शरआत 11 जलाई को हई महागन क फलट नबर 12 म दो घरल कामगार औरत काम करती ह इनम स एक ममता बीबी खाना बनाती ह और दसरी जोहरा बीबी झाड -पोछा लगाती ह घटना वाल हदन दोनो न अपनी दो महीन स बकाया तनखवाह मागी तो उनस कहा गया हक शाम को

आकर पस ल जाना उस हदन शाम को जोहरा बाकी पाच घरो का काम हनपटान क बाद अपन पस लन पहची मालहकन न उसस कछ काम कराया और इसी बीच उस पर पसवि स रपय चरान का आरोप लगा हदया जोहरा क मताहबक उसन मारपीट भी की एक अखबार क अनसार मालहकन का आरोप ह हक उसक पसवि क दस हजार जोहरा न चराय ह और दसर अख़बार क अनसार मालहकन न 17 हजार रपय चरान का आरोप लगाया और जोहरा न दस हजार रपय चरान की बात मजर भी कर ली एक अख़बार क अनसार मालहकन पदाहधकाररयो स हशकायत करन की बात कहकर अदर गयी तो जोहरा पकड जान क डर स मोबाइल वही छोडकर भाग गयी जोहरा का कहना ह हक वह छोड कर नही गयी बहक उसका मोबाइल छीन हलया गया वस चोरी की बात पहलस या पदाहधकररयो स तब तक नही बतायी गयी जब तक हक

जोहरा क बरी हालत म हमलन क बाद हगामा नही हो गया

शाम हो जान क बाद भी जोहरा वापस घर नही पहची तो उसक पहत अदल सततार रात करीब आि बज अपनी बीवी को ढढन महागन अपाटविमट पर पहच चौकीदार न कामकाजी लोगो क हलए बन रहजसटर को दखकर बताया हक जोहरा क आन का समय तो दजवि ह लहकन जान का नही दो चौकीदार उनक साथ बारह नबर फलट पर गय लहकन मालहकन न कह हदया हक उस कछ नही मालम पहत क सौ नबर पर िोन करन क दो घट बाद पहलस आयी और अदल सततार क साथ हिर स 12 नबर क फलट म गयी मगर खानापरी करक लौट आयी अपनी झगगी बसती म वापस आकर पडोहसयो को घटना बतान पर सबकी राय बनी हक सबह-

सबह महागन पर चलकर पछा जाय सबह जोहरा क पहत क साथ बसती क कािी लोग महागन क गट पर पहच और जोहरा का पता लगान क हलए हगामा हकया इस दबाव म पहलस आयी और करीब छह बज जोहरा को चौकीदारो क साथ महहला पहलस हकसी सामान की तरह उिाकर बाहर लायी वह अदधविबहोशी की हालत म थी और िीक स बोल भी नही पा रही थी हकसी तरह उसन बताया हक उस पर चोरी का आरोप लगाकर मालहकन न मारा-पीटा उसका मोबाइल छीन हलया इस पर भीड उततहजत हो गयी और भीतर घसन की कोहशश करन लगी गाडडो न उनह भीतर जान स रोका उनक साथ गाली-गलौज और अभदरता की व लोग पहल स ही परशान थ और गसस म भी थ महागन क गट पर तोडिोड हई और पहलस तथा चौकीदारो क बावजद कई लोग मालहकन क फलट तक पहच गय आरोप लगाया गया ह हक कछ लोग

फलट का शीशा वगरह तोडकर अदर घस गय हजसस मालहकन और उसका बटा डरकर बाथरम म हछप गय घटना क बाद दोनो तरि स परथम सचना ररपोटवि दजवि हई महागन की तरि स अलग-अलग तीन एफआईआर और जोहरा की तरि स कल एक

तमाम अख़बारो न इस ख़बर को इस तरह बताया जस हक जोहरा क घरवाल और आसपास क लोग दगाई थ लटर थ या हिर हतयार थ हजनहोन खात-पीत मधयवगवि क घरो को अपन हमल का हनशाना बनाया बहरहाल पजीवादी मीहडया स इसस जयादा की उममीद की भी नही जा सकती ह हद तो तब हो गयी जब सोशल मीहडया िसबक टहवटर और वहाटसऐप पर इस तरीक क सनदश परसाररत होन लग हक नोएडा को मालदा बनाया जा रहा ह

हक नोएडा महसलम आतकवाहदयो का गढ बन गया ह असल म मामला तो घरल मजदरी करन वाली एक महहला कामगार स जडा हआ था लहकन इस सामपरदाहयक रग हदया जान लगा सोशल मीहडया पर दषपरचार म सहकरय बहतर लोगो क िसबक अकाउणट दखन पर पता चला हक य लोग या तो मोदीभति थ या कही-न-कही भाजपा की हवचारधारा सघ की हवचारधारा और हहनदतव की हवचारधारा स परभाहवत ह कोई हडगवार का समथविक था तो कोई सावरकर का पजक था या हिर कोई हहनद राषटवाद का झणडा उिान वाला था इसस यह भी पता चलता ह हक मधय वगवि क व तमाम लोग जो आज हहनदतववादी हवचारधारा का समथविन कर रह ह जो राषटवाद क नार लगा रह ह असल म उनह दश क करोडो-करोड महनतकशो की हजनदगी स कोई लगाव नही ह इसक िीक हवपरीत उनक भीतर महनतकश वगवि क लोगो क परहत बहत

नफरत भरी हई ह व कामगारो को कीड-मकौडो स जयादा कछ नही समझत व शायद यह समझत ह हक ग़रीब लोग उनकी सवा क हलए ही बन ह और इसहलए उनक साथ lsquoइसतमाल करो और ि कोrsquo वाला घहटया बताविव करत ह

महागन क सदसयो दारा कामकाज करन वालो को बागलादशी बताए जान पर पहलस न इनकी नागररकता की जाच करन की बात शर कर दी जबहक पहलस का एक अहधकारी जोहरा को भारतीय नागररक पहल ही बता चका था महागन स करीब एक हकलोमीटर दर रहन वाल य लोग पहचिम बगाल क कचहबहार हजल क रहन वाल ह हजनम स कई 10-15 साल पहल ही यहा आकर बस गय थ बसती की महहलाओ न थान पर परदशविन करक अपना भारतीय हनवाविचन काडवि और आधार काडवि भी सबको हदखाया

इस परी घटना क दौरान पहलस महकमा महागन अपाटविमणट क रहन वाल करोडपहतयो क पकष म काम कर रहा था उनहोन यह मानन स ही मना कर हदया हक जोहरा क साथ उसकी

मालहकन न मारपीट की ह और उस महागन अपाटविमणट म ही बनद करक रखा हआ ह जब सबह बसती क लोग महागन अपाटविमणट पहच तो मजबर होकर पहलस को वहा आना पडा और तब पता चला हक जोहरा को सचमच म एक कमर म बनद करक रखा गया था उसक साथ मारपीट की गयी थी जब उस इलाज क हलए असपताल ल जाया जा रहा था तो वह रासत-भर उहटया करती रही उसकी हालत बहद खराब थी बाद म पता चला हक पहलस वालो न ख़द ही जोहरा की तरफ स एक एफआईआर दजवि की ह लहकन वह इस तरह स की गयी थी हक परा मामला ही कमजोर पड जाय इसक साथ ही साथ जोहरा क हखलाफ भी एक झिी एफआईआर दजवि करवायी गयी हजसम उस पर 17000 रपय चोरी करन का मनगढनत आरोप लगाया गया था पहल बताया गया हक चोरी करत हए जोहरा का एक वीहडयो ह लहकन बाद म पता चला हक यह दावा एकदम झिा था और ऐसा कोई वीहडयो था ही नही आमतौर पर यही होता ह हक ग़रीब मजदर जब भी अपन हको क हलए आवाज उिात ह तो उनह चोर लटरा साहबत करन की कोहशश की जाती ह ताहक उनकी आवाज को दबाया जा सक इसक साथ ही पहलस वालो न उसी हदन रात क अधर म जोहरा की बसती पर छापा मारा और करीब 50 लोगो को रात म उिा हलया अगल हदन उनम स 13 लोगो क हखलाफ एफआईआर दजवि की गयी और उनह हगरफतार कर उन पर सगीन धाराओ म मकदमा दायर हकया गया इसक तीन ही हदन बाद अहतकरमण बताकर उस परी बसती को बलडोजर चलाकर धवसत कर हदया गया यह सब कछ बताता ह हक आज ग़रीब हबखरी हई आबादी क हलए अपन हको क हलए आवाज उिाना हकतना महकल हो गया ह और जब तक हक व सगहित नही हो जात ह तब तक उनक सामन य महकल बनी रहगी साथ ही साथ यह घटना बताती ह हक आम महनतकशो की एकता को तोडन और उनक हखलाफ नफरत िलान क हलए िासीवादी ताकत बशमगी क साथ धमवि का इसतमाल करती ह ताहक असली मद पर पदावि डाला जा सक

mdash तनपश

नछएरा म जछहरा क साथ हई घटना घरि कामगारछ ो क साथ बबषरिा की एक बानगरी

अलावा अनय कई यहनयनो - मीनाकषी पॉलीमसवि परा हल मटो आटविम माकवि एगजासट दारा गडगाव क हज ला परशासन क ऑहफस पर रोर परदशविन हकया गया और शरमायति को जापन हदया गया हजसम ऑटोमकस कमपनी क शरहमको को गर-काननी तरीक स तालाबदी करक हनकालन क अलावा मटो आटविम स हनकाल गय 45 सथायी व 120 असथायी शरहमको को काम पर वाहपस लन माकवि एगजासट दारा कई वरडो स कायविरत िका शरहमको को ग़र-काननी ढग स नौकरी स हनकालन और मीनाकषी पॉलीमसवि क शरहमको का मदा भी रखा गया

हिलहाल हकसी भी कमपनी का मदा शरम

हवभाग-परशासन-सरकार दारा हल होता नही आ रहा ह आज महज जापनो धरन-परदशविनो स माहलकपरसत हवभागो व सरकारो को कोई असर नही पड रहा ह जररत ह गडगाव-मानसर-धारहडा-बावल स लकर हभवाडी-खशखडा-नीमराना तक ऑटो सकटर क सभी मजदरो की िौलादी एकता कायम की जाय और वयापक सतर पर जझार आनदोलन खडा हकया जाय

mdash निगल सवाददाता

(एमपीडीएसएस) क नाम स लगायी थी हिलहाल हपछल एक महीन स 8252 क हहसाब स पमणट हकया जाता ह इसस पहल 7977 क हहसाब पमणट होता था मखय मागो म छटटी गट पास बोनस क टीन पमणट सलीप पहचान पत पीएफ एगरीमणट 3 स 5 परान वकवि रो को पकका हकया जाना लच की सहवधा चाय-पानी की सही वयवसथा फसटविऐड कीट सरकषा उपायो एगजॉसट फन व पखो आहद की माग थी लहकन कमपनी को न तो वकवि रो की माग गवारा थीऔर न ही यहनयन

मीनाकषी पोलीमसवि परा हल कमपनी की

शरआत 2007 क आसपास हई इसकी कल हमलाकर सात इकाइया ह हबनौला क अलावा मानसर गडगाव नीमराना यपी म दादरी हररदार म दो पलाणट ह एमपीपीएल हबनौला ऑटो पाटविस की कमपनी ह हजसम अलग-अलग कमपहनयो क हलए िट रसट असबहलग हडसक बक ईनरवज कररशना मारहत क हलए बाईक क सटणड मोटर पमप का ढककन आहद बनता ह

दमन क बावजद िका वकवि रो न अपन सघरवि को आग बढान का हनणविय हकया ह

mdash निगल सवाददाता

(पज 4 स आग) (पज 4 स आग)

मरीनाकरी पछिरीमसष का आनदछिन ऑटछमकस म िािाबोदरी क ख़ि िाफ आनदछिन

6 मजदर तबगि जिाई 2017

गाय क नाम पर िासीवाहदयो न जो गणडागदगी और कतलोगारत दशभर म मचा रखी ह वह हकसी स हछपी नही ह ldquoगौ-रकषकrdquo गणड मोदी क सतता म आन क बाद बख़ौफ घम रह ह और नयी-नयी घटनाओ को अजाम द रह ह इन घटनाओ पर दश क परधानमनती नरनदर मोदी परी बशमगी स चपपी धारण हकय रह जब दहनयाभर म थ-थ होन लगी तो कह हदया हक महातमा गाधी इन हतयाओ को िीक नही कहत हवरोध और बढा तो एक और बयान द हदया हक गौरकषा क नाम पर गणडई बदावित नही की जायगी मगर गौ-गणडो को भी पता ह हक य सब बयान दसरो को सनान क हलए ह इसीहलए मोदी कछ भी कहत रह गाय क नाम पर हतयाए और गणडागदगी लगातार जारी ह इन गौ-गणडो को सरकारी शह हाहसल ह लगभग सारी ही घटनाओ म पहलस की भहमका मकदशविक वाली बनी हई ह कही-कही पहलस ख़द ldquoदोहरयोrdquo को गौ-गणडो क हवाल कर रही ह यह परा काम पहलस और तथाकहथत गौरकषा दलो की हमलीभगत स चल रहा ह कई ऐस वीहडयो भी सामन आय ह जहा पहलस वाल इन घटनाओ पर हसत हए पाय गय ह गौ-रकषको क हलए यह एक मनाफ वाला धनधा भी बन रहा ह अख़बारो म छप लोगो क हवहभनन बयानो स पता चलता ह हक कई सथानो पर गौ-रकषको न पस लकर ldquoदोहरयोrdquo को बरी हकया ह और अगर आप पस नही द सकत तो सजा क हकदार तो हो ही कई जगह य तथाकहथत गौरकषक ख़द ही गाय बचत पकड गय ह इसक साथ ही मसलमानो पर झि मकदमो का दौर भी शर हआ ह गोवश हतया और असथायी परवास अथवा हनयावित हनयमन कानन 1995 क तहत हसफवि राजसथान म 73 मकदम दजवि हए जो बाद म झि साहबत हए

हम कवल हपछल डढ वरडो की घटनाओ पर एक सरसरी नजर डालत ह जो य दशाविती ह हक यह कछ अलग-

थलग घटनाए नही बहक मामलो की एक परी लडी ह जयादातर घटनाए मीहडया तक पहचन स पहल ही दम तोड दती ह

4 माचवि 2015 को महाराषट सरकार न गाय का मास खान पर पाबनदी लगा दी हकसी क पास स मास हमलन पर नय कानन क अनसार पाच वरवि की सजा और 10000 रपय जमाविना लाग हकया गया महाराषट म 1976 का कानन हसफवि गाय मारन पर पाबनदी लगाता था हजसको हक बदलकर बल और साड तक बढाया गया 16 माचवि 2015 को हररयाणा सरकार न एक हबल पास हकया हजसक मताहबक गाय का मास खान पर पाबनदी लगायी गयी और खान पर 5 वरवि की सखत सजा और 50000 रपय तक जमाविना लाग हआ

30 मई 2015 को अदल ग़फर करशी नाम क वयहति को हबरलोका राजसथान म पीट-पीटकर मौत क घाट उतार हदया गया उसक बार म सोशल मीहडया पर लगातार यह ख़बर िलायी गयी हक एक तयौहार क हलए उसन 200 गाय मारी ह हजारो की हगनती म भीड न उसको मौत क घाट उतार हदया

29 अगसत 2015 को हदली क मयर हवहार इलाक क हचला गाव म भडकी हई भीड का चार डाइवरो स झगडा हआ जो भसो को एक बचडखान म छोडन जा रह थ

28 हसतमबर 2015 दादरी क महममद अख़लाक को ldquoभीडrdquo न गाय मारन क शक म वहशी तरीक स पीट-पीट कर मार हदया उनक गाव क महनदर स लाउडसपीकर पर ऐलान करक सकडो की भीड इकटा की गयी हजसन उनक घर पर हमला करक उनक पररवार क सामन ही अख़लाक की हतया कर दी और उनक बट को अधमरा कर हदया

6 अकटबर 2015 को कनाविटक म एक भसो-गायो क वयापारी हजस पर बजरग दल क कायविकताविओ न लोह की

छडो स हमला कर हदया न भाग कर अपनी जाच बचायी हजसक बार म हकसी न यह अफवाह िलायी हक वह एक गौ-तसकर ह

9 अकटबर 2016 को यपी क मनपरी हजल म भडकी हई भीड न गाय मारन की एक अफवाह क चलत उतपात मचाया

9 अकटबर 2015 को शरीनगर क एक टक पर ऊधमपर म दहकषणपनथी कायविकताविओ न पटोल बम स हमला हकया हजसम दो कमीरी नागररक और एक पहलस वाला सवार था एक नागररक की बाद म इलाज क दौरान मौत हो गयी

16 अकटबर 2015 को हहमाचल परदश क हसरमौर हजल म भीड न एक वयहति को गौ-तसकरी क दोर म मौत क घाट उतार हदया

3 हदसमबर 2015 को हररयाणा क पलवल हजल म हहसक घटनाए हई जब भीड न मास लकर जा रहा एक टक रोक हलया

3 जनवरी 2016 को मधय परदश क हखरहकया रलव सटशन पर गौ-रकषको न एक जोड पर यह कहकर हमला हकया हक वह गौ-मास लकर जा रहा ह उनक पास कछ भी नही हमला

18 माचवि 2016 को झारखणड क लातहार म मजलम असारी और उसक 15 वरगीय बट को पीटा गया और बाद म पड पर लटकाकर िासी द दी गयी जो हक एक पश मल म गाय लकर जा रह थ गौ-रकषक हजनहोन इस काम को अजाम हदया बजरग दल क सदसय ह

5 अपरल 2016 को करकषत हररयाणा म मसतन असारी जो हक भस लकर जा रहा था उसको गौ-रकषको दारा मौत क घाट उतार हदया गया इस मकदम म पजाब और हररयाणा हाई कोटवि न 9 मई को सीबीआई जाच क हनदचश हदय ह

2 जन 2016 को राजसथान क परतापगढ म गौ-रकषको न एक महसलम वयापारी को बरी तरह पीटा और उसको नगा करक तसवीर खीची

10 जन 2016 को गडगाव म दो वयहतियो क साथ बीफ-टासपोटविर होन क शक म बरी तरह मारपीट की गयी और गाय का गोबर खान क हलए मजबर हकया गया

10 जलाई 2016 को कनाविटक क कोपा म बजरग दल दारा एक दहलत पररवार पर गौ-मास होन क शक म हमला हकया गया

11 जलाई 2016 को गजरात ऊना म गौ-रकषको दारा दहलत पररवार क सात सदसयो दारा मरी हई गाय की खाल उतारन क ldquoदोरrdquo म बरी तरह मार-पीटकर नगा घमाया गया

26 जलाई 2016 को मधयपरदश क मनदसौर रलव सटशन पर दो महसलम औरतो क पास गौ-मास होन क शक म उनक साथ बरी तरह मार-पीट की गयी

30 जलाई 2016 मजफफरनगर म एक मसलमान पररवार पर गाय मारन क शक म भडकी हई भीड न हमला हकया

5 अगसत 2016 को लखनऊ म दहलत नौजवानो को मरी हई गाय की खाल उतारन स मना करन पर बरी तरह मारा-पीटा गया

18 अगसत 2016 को परवीण नाम क वयहति को कनाविटक म गौ-तसकरी करन क शक म मौत क घाट उतार हदया गया बाद म पता चला हक वह भाजपा कायविकतावि था

अगसत 2016 म आनधर परदश म हबजली का करट लगन स मरी एक गाय की खाल उतारन क हलए बलाय गय दो दहलत भाइयो पर करीब 100 गौ-गणडो न यह कहकर हमला कर हदया हक उनहोन गाय को चराकर मारा ह

24 अगसत 2016 को हररयाणा क मवात म एक मसलमान पररवार पर गौ-रकषको न हमला हकया दो नौजवानो को मौत क घाट उतार हदया गया दो बरी तरह जखमी हए उनकी बहन क साथ गग रप हकया गया

18 हसतमबर 2016 को महममद

अयब नाम का वयहति जो एक बल और एक बछड को लकर जा रहा था रासत म हादसा होन क कारण बछडा मर जाता ह गौ-रकषक अयब क साथ बरी तरह मार-पीट करत ह जो हादस स तो बच जाता ह लहकन इन ldquoदशभतिोrdquo की मार न झलन क कारण असपताल म दम तोड दता ह

1 अपरल 2017 को राजसथान क अलवर हज ल म मवशी ख़रीदकर लौट रह महसलम डरी वयापाररयो पर हमला हकया गया मवहशयो की खरीद क काननी काग़जात हदखान क बाद भी उनह बरी तरह मारा गया हजसस बजगवि पहल ख़ान की 3 अपरल को मौत हो गयी सघ पररवार की साधवी कमल न हतयार गौ-गणडो की तलना भगतहसह स की

21 अपरल 2017 को जमम-कमीर क ररयासी हज ल म गौ-गणडो न बजार पररवार पर हमला करक 9 साल की बचची सहहत कई महहलाओ को लोह की छडो स बरी तरह पीटा इसी हदन हदली म भी गौ-गणडो न भस ल जा रह कछ वयापाररयो पर हमला हकया पहलस न उटा उन वयापाररयो को ही पश कररता कानन म हगरफतार कर हलया

20 जन 2017 को हररयाणा क बलभगढ म टन म जनद नाम क हकशोर को पीट-पीट कर मार हदया गया सीट को लकर हए हववाद क बाद उस पर झोल म बीफ रखन का आरोप लगाकर हमला हकया गया

13 जलाई 2017 को उततर परदश क मनपरी क पास भीड न टन म याता कर रह 10 लोगो क महसलम पररवार पर हमला हकया और बजगडो महहलाओ और हवकलाग लडक तक को लोह की छडो स बरी तरह मारा

य तो चनद एक घटनाए ह सरकार और सघ पररवार की शह पाय हए य गणडा हगरोह और उनमादी भीड लगातार दशभर म आतक मचाय हए ह

- राजजनदर ससोह

गाय क नाम पर गौ-रकक गणडछ ो क तपछि दछ िरषो क कारनामछ ो पर एक नजर

हपछडी और दहकयानसी म य-मानयताओ क नाम पर हसतयो को ग़लाम बनान और तमाम तरह क बबविर अमानवीय वयवहार का हशकार बनान का चलन हवश वभर म आज भी मौजद ह आपन मधयकाल म दास परथा सती परथा या धाहमविक कमविकाणडो क चलत हसतयो की बहल चढान या मार दन क बार म सना या पढा जरर होगा मगर आज भी बाल-हववाह क नाम पर लाखो हसतयो की हजनदगी की बहल दी जाती ह मधयपववि अरिीका दहकषण एहशया और भारत हसतयो को सामनती म य-मानयताओ म बाधन म सबस आग ह यनीसफ (यनाइटड नशनस हचडन एमरजसी िणड) की ररपोटवि क मताहबक बाल हववाह क मामल म बगलादश का पहला और भारत का दसरा सथान ह

द हसटीजन (9 मई 2017) की ख़बर क अनसार भारत की 22 याहन लगभग 24 करोड आबादी 10-19 वरवि की ह यहा 47 लडहकयो का हववाह 5-15 वरवि की आय म ही कर हदया जाता ह याहन परतयक दो लडहकयो म स एक लडकी क बाहलग होन स पहल ही

हववाह कर हदया जाता ह भारत म वस तो हर राजय म बाल-हववाह क नाम पर ननही हजनदहगयो को बबाविद करना जारी ह लहकन उततर परदश राजसथान हबहार झारखणड पहचिम बगाल और मधय परदश इसम सबस आग ह

बाल हववाह क कारण वस तो लडक और लडकी दोनो का ही मानहसक और शारीररक हवकास िीक ढग स नही हो पाता कयोहक जो आय उनकी हजनदगी क बार म सीखन की होती ह उस तथाकहथत हववाह बनधन म बाध हदया जाता ह लहकन लडहकयो क हलए यह परमपरा बहद भयानक ह लडकी को अहसास भी नही होता हक वह हकस जजीर म बधन जा रही ह सीबीएन नयज क एक ररपोटविर अहमत बदी न राजसथान म वीना नाम की लडकी हजसकी आय हसिवि 8 वरवि थी उस हववाह क समय जोर-जोर स रोत हए दख उसकी दादी स कारण पछा तो उसन जवाब हदया हक इसको पता नही ह हक हववाह कया होता ह या अभी वह घर की दख-रख क परहत सचत नही हई इसहलए थोडा डरी हई ह लहकन जदी ही उसको आदत पड जाएगी मरा भी हववाह

छोटी आय म हो गया था अहमत आग बतात ह हक राजसथान म अपरल स मई क महीन म यहा रात को हजारो की सखया म गपत हववाह करवाय जात ह हजसम हववाह करन वालो की आय 5-19 वरवि तक होती ह कछ की आय इतनी छोटी होती ह हक उनक मा-बाप गोद म उिाकर लात ह शहरो क मकाबल गावो और दहलतो म बाल-हववाह 3 परहतशत जयादा होत ह हववाह क बाद अकसर लडहकयो क पढन-हलखन पर भी पाबनदी लगा दी जाती ह

बाल हववाह हसतयो क हलए मानहसक क साथ-साथ शारीररक पीडा भी लकर आत ह हववाह होत ही लडकी स बचच की अपकषा की जाती ह हजसका पररणाम अकसर बचच क जनम क समय बचच या मा की मौत होती ह भारत म 18 वरवि की आय स पहल बचच को जनम दत समय बडी सखया म बचच मौत का हशकार हो जात ह और जो पदा होत ह उनका शारीररक हवकास सही ढग स नही हो पाता हसतयो को हजनदगी भर क हलए मानहसक और शारीररक तकलीफ झलनी पडती ह हसतया बचचदानी क रोग

कमजोरी तथा कई गमभीर बीमाररयो का हशकार होती ह एक लडकी की हजनदगी को बचपन स गहतहीन और नीरस बनान की परहकरया चलती ह उसको अपना ससार पररवार तक ही सीहमत करना पडता ह लडकी को बस एक हपता या पहत की समपहतत बना हदया जाता ह

आज सरकार दारा भल ही हसतयो की आजादी या इन हपछडी हई म य-मानयताओ को रोकन क हलए कई कानन बना हदए गए ह (बाल-हववाह रोकथाम हबल 1998 बाल हववाह रोकथाम हबल 2006 आहद) इनम बाल-हववाह करन या करवान वाल को जल या जमाविन की सजा का परावधान ह लहकन य बस कागजो तक ही सीहमत ह कयोहक तथयो स साि पता चलता ह हक हसतयो को बराबरी क अहधकार दन या आजादी क हलए उनहोन हकतन कदम उिाय ह बहक परहतहदन कई ऐस उदाहरण हमलत ह जो मौजदा सरकार और समाज क क बहचचयो क परहत वयवहार को दशावित ह पजीवादी मीहडया खलआम सरकार स शह पाकर हसतयो को सामनती म य-मानयताओ क चौखट म रहन क हलए

परररत करता ह भारत म 70 परहतशत हसतया परहतहदन घरल हहसा का हशकार होती ह हर 20 हमनट बाद एक सती बलातकार का हशकार होती ह और 80 परहतशत हसतया हकसी न हकसी रप म शारीररक छडछाड का हशकार होती ह तथय बतात ह हक हसतयो की सरकषा आजादी या बराबरी का मामला सरकार क हलए कोई बहत गमभीर बात नही ह

पजीवाद न जनता को ग़लाम और हपछडा बनाय रखन क हलए तमाम तरह क सामनती म य-मानयताओ क साथ समझौता करक न हसफवि उनह बनाय रखा ह बहक लगातार बढावा भी द रहा ह इस पजीवादी समाज वयवसथा को उखाड ि कन क हलए राजनीहतक और आहथविक सघरवि चलान क साथ ही हपछडी सोच और सस कक हत स भी लडना होगा पहल क सघरडो और सामाहजक पररवतविन दारा हसतयो न कछ हद तक सममान स जीन का हक पाया ह बराबरी का हक पान क हलए पजीवादी वयवसथा को ही बदलना होगा

ndash तबनरी

इकीसिरी ो सदरी म भरी ननरी ो जजनदमगयछ ो कछ बाि तििाह की बलि चढा रहा ह समाज

मजदर तबगि जिाई 2017 7

मधय परदश जो भारत का दसरा बडा राजय ह 2015-16 क दौरान यहा हर रोज 64 बचचो की मौत का आकडा सामन आया ह नवजात बचचो की मौत का यह आकडा हकसी अफीकी दश क मकाबल भी बदतर और भयानक ह

पहल तो मधय परदश की भाजपा सरकार न 2015-16 वरवि क दौरान योपर हजल म कपोरण स हई बचचो की मौतो क आकड तोड-मरोड कर पश हकय महहला और बाल हवकास मनती अचविना हचटहनस न हवधान सभा म दावा हकया था हक इस

वरवि क दौरान हकसी भी बचच की मौत कपोरण स नही हई जबहक सवासथय हवभाग न हाईकोटवि म ररपोटवि सौपी थी हक इस हजल म 2015-16 क दौरान 116 बचचो की मौत कपोरण की वजह स हई ह जब झि आकड पश करन क हलए सरकार की चारो ओर स थ-थ हई तो सरकार को सचचाई पश करनी पडी महहला और बाल हवकास मनती अचविना न राजय हवधान सभा म यह भी माना हक 0-6 वरवि तक क 25440 बचच एक वरवि क अनदर दसत और खसर जस रोगो क

कारण अपनी जान गवा दत ह मधय परदश भारत म ग़रीबी रखा क

नीच सबस जयादा आबादी वाल 14 राजयो म शाहमल ह और सबस अहधक मकतय दर वाल राजयो म स एक ह यहा 1000 क पीछ 52 बचचो की मौत एक वरवि की आय स पहल ही हो जाती ह और नवजात बचचो का वजन ढाई हकलोगाम स भी कम होता ह भारत म 31 परहतशत बचचो का कद आय क अनसार कम ह और 42 परहतशत बचचो का वजन भी उनकी आय क मताहबक कम ह भारत

क कल कपोहरत बचचो म 60 परहतशत मधयपरदश और झारखणड क ह

बचचो क सवासथय क हलए हवजान क मताहबक तीन वरवि तक क बचच को परहतहदन 300 हमलीगाम दध की जररत होती ह जबहक उनह हसफवि 80 हमलीगाम दध ही हमल पाता ह पररणामसवरप कपोरण क कारण उनका शरीर बीमाररयो का मकाबला नही कर पाता हजा तथा बखार जसी बीमाररयो स बचचो की मकतय दर लगातार बढती जाती ह

बचचो की हो रही इन मौतो को हम

पराकक हतक मौत नही कह सकत बहक य कतल ह जहा एक ओर अनाज गोदामो म पडा-पडा सड रहा ह वही दसरी ओर य हालात ह हक बचच जनम लन स पहल या पदा होत ही मौत क मह म चल जा रह ह

हवकास क बड-बड दाव करन वाली भाजपा का धयान जनकयाण की ओर न होकर गौरकषा जस झि मदो तक कहनदरत ह मधय परदश जस राजयो क हालात भाजपा सरकार क हवकास क दावो का असली चहरा पश करत ह

ndash बिजरीि

मधय रिदश म रछजाना 64 बचछ ो की मौि

2014 म जब दश म राषटवादी सरकार आयी थी तो और बहत सार वादो क साथndashसाथ सवासथय कषत म यगपरवतविक बदलाव लान का वादा भी हकया था तकरीबन एक वरवि बाद सरकार को अपना यह वादा याद आया तो 2015 म राषटीय सवासथय नीहत का मसहवदा बनाकर घोरणा की गयी हिर दो वरवि मसहवद को सशोहधत करन म लगा हदय मसहवद पर दो वरडो की लमबी महनत क बाद लोगो को उममीद थी हक नयी सवासथय नीहत म सवासथय सहवधाओ को बहतर बनान क हलए जरर कछ-न-कछ होगा लहकन नया तो कया हमलना था लोगो को जो कछ पहल हमला हआ था वह भी छीनन की तयारी ह

आजाद भारत की पहली सवासथय नीहत आजादी क 36 वरवि बाद 1983 म बनी थी उस समय बड-बड ऐलान हए उद य तय हकय गय मगर हाल यह ह हक जो उद य वरवि 2000 तक हाहसल करन की कसम खायी गयी थी आज तक उनक नजदीक भी नही पहचा गया हिर 2002 म वाजपयी सरकार दारा सवासथय नीहत म सशोधन हकय गय और कहा गया हक सवासथय सहवधाओ क हलए अहधक पसा हदया जायगा सवासथय सहवधाओ की वयवसथा को पनःसगहित करन की बात की गयी लहकन कछ भी नही बदला न तो सवासथय क हलए अहधक पस हदय गय और न ही वयवसथा को िीक करन क हलए कछ हकया गया बहक हबकल उटा हआ 2002 स लकर अब तक हनजी सवासथय कषत अब तक की सबस तज रफतार स बढा ह सरकार क पास पजीकक त कल ऐलोपहथक डॉकटरो म स महज 11 परहतशत सरकारी सवासथय वयवसथा म ह और बीमारी पर होन वाला ख़चावि भारत म ग़रीबी क अहम कारणो म स एक बन गया ह

अब जब राषटवादी िल अचछी तरह स हखला हआ ह तो हिर स नयी राषटीय सवासथय नीहत लायी गयी ह 2015 क मसहवद म यह वादा हकया गया था हक lsquoसवासथय को एक बहनयादी अहधकारrsquo बनाया जायगा और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo का हसदधानत लाग हकया जायगा लहकन इसस मोदी सरकार एकदम मकर गयी ह सवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo की जगह नयी नीहत म सवासथय सहवधाओ को भरोसमनद बनान का जमला उछाला गया ह सरकार का कहना ह हक lsquoसवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo समभव बनान क हलए

वयवसथा नही ह लहकन वयवसथा बनी कयो नही और बनानी हकस ह इसक बार म सरकार न न तो कोई जवाब हदया ह और न ही कोई योजना ह यानी सवासथय सहवधाओ को सबक हलए सलभ बनान क काम को अब नीहतगत और काननी तौर पर भी िणड बसत म डाल हदया गया ह और सरकार हर तरह की जवाबदही स हनकलकर भाग गयी ह हालाहक भारतीय सहवधान क नीहत हनदचशक हसदधानतो क मताहबक सभी क हलए सवासथय सहवधाए दना सरकार क कतविवयो म आता ह

2015 की सवासथय नीहत क मसहवद म मोदी सरकार न वादा हकया था हक 2020 तक सवासथय सहवधाओ पर ख़चवि बढाकर सकल घरल उतपादन का 25 कर हदया जायगा हिलहाल यह 1 क इदवि-हगदवि रहता ह अब यह समय-सीमा बढाकर 2025 कर दी गयी ह यह भी धयान दन योगय ह हक हवशव सतर पर यह ख़चावि कल घरल उतपाद का औसतन 49 ह (अथावित 2025 तक हम वहशवक औसत क भी आध म पहच जायग वह भी अगर सरकार एक बार हिर न मकरी तब) हमार पडोसी शरीलका जस ग़रीब दश भी इस मामल म हमस आग ह जब ख़चवि की सकीम ऐसी हो तो मफत दवाइया मफत टसट मफत इमरजसी सवासथय सहवधाए दन की घोरणाओ म हकतनी गमभीरता होगी यह समझन म हकसी कम बहदध क वयहति को भी कोई महकल नही होगी लहकन मोदी और उसक सवासथय मनती जपी नडडा चाहत ह हक उनकी मफत घोरणाओ पर लोग यकीन कर इस वरवि क राषटीय बजट म हवतत मनती जटली न यह भरम खडा करन की कोहशश की हक सरकार सवासथय पर ख़चवि बढा रही ह लहकन अगर हम हपछल 10 वरडो का ररकाडवि दखत ह तो यह कोहशश ख़ाली हलफाफा हदखायी दती ह 2015-2016 क कनदरीय बजट म सवासथय कषत क हलए दी गयी राहश म उसस पहल क वरवि क मकाबल 57 की कटौती कर दी गयी थी 2016-2017 म 5 बढाया गया और अब 2017-2018 क हलए कछ और वकहदध की गयी ह लहकन 2017-2018 की यह आरहकषत राहश अब भी 2011-12 क सवासथय बजट स नीच ह यह ह हवतत मनती की जादहगरी ऊपर स जो राहश बजट म रखी जाती ह वह परी ख़चवि नही की जाती जस 2011-12 क वरवि म 20000 करोड रपय म स 4000 करोड रपय स अहधक ख़चच ही नही गय वस जो पस ख़चवि होत ह व भी वासतव म (नौकरशाहो-नताओ क हहसस हनकाल कर) कहा होत ह यह

सबको पता ही ह इस नयी सवासथय नीहत का सबस

घहटया पहल हनजी कषत क हलए राह साफ करना ह भारत म पहल ही सवासथय क कल कषत म स 70 क करीब हहसस पर हनजी कषत का कजा ह हजनम अपोलो फोहटविस मदानता टाटा जस बड कारपोरट असपतालो स लकर कसबो तक म खल हनजी नहसिग होम शाहमल ह हपछल एक-डढ दशक म कारपोरट असपतालो का ररकाडवि-तोड िलाव हआ ह इनहोन एक हद तक हनजी नहसिग होमो को भी हनगल हलया ह इसक साथ ही बची-खची सरकारी सवासथय वयवसथा क अनदर भी हनजी कषत की घसपि बढी ह हजला-सतरीय असपताल महडकल कॉलज और बड महडकल ससथानो म पराइवट-पहलक-पाटविनरहशप क नाम पर बहत सारी सहवधाए हनजी हाथो म सौपी जा चकी ह या सौपन की तयारी ह यह कस हकया जाता ह इसकी कछ हमसाल पजाब क महडकल कॉलजो म हमलती ह पहटयाला क महडकल कॉलज म एमआरआई सकन कनदर को सरकार न एक हनजी ससथान को द रखा ह चहक महडकल कॉलज की इमारत म बन इस कनदर क माहलको को दसर हनजी सकन सणटरो की तरह डॉकटरो को कट नही दना पडता इसहलए इसक रट कम ह और सरकार इसकी ससती दरो को ऐस पश करती ह जस इसन कोई अदत कारनामा कर हदखाया हो जबहक सरकार को शमवि आनी चाहहए हक 4-5 करोड की मशीन लगान पर तकनीकी सटाफ का ख़चावि उिाकर यह सहवधा बहद कम दरो पर उपलध करायी जा सकती ह मगर सरकार ऐसा करन की कोई इचछा नही रखती अमकतसर क महडकल कॉलज म चलती सकन की दो मशीनो म स एक मशीन भी इसी तरह िक पर ह सार पजाब क सरकारी असपतालो और हडसपसररयो म दवाइयो की सपलाई (हजतनी भी ह) क हलए पराइवट कमपहनयो स दवाइया ख़रीदी जाती ह कयोहक दवाइया बनान वाल सरकारी ससथान या तो बनद हकय जा चक ह या बनद जसी हालत म ह सरकारी असपतालो म ऑपरशन क समय मरीज को बहोश करन क हलए कमीशन दकर पराइवट डॉकटरो को बलाया जाता ह और भी कई तरह की सहवधाओ को इसी तरह ldquoिक पर दनrdquo का नाम दकर हनजीकरण हकया जा चका ह लगभग सार राजयो म अहधक या कम यही अमल जारी ह

लहकन अभी भी काफी कछ ह हजस पर हनजीकरण की मार नही पडी जस इन असपतालो की परयोगशालाए अभी हनजी

हाथो म नही गयी अटासाउणड सकन और एकसर आहद जस छोट सकन भी हनजी हाथो स बच हए ह सबस बडी बात यह ह हक इस सतर क असपताल अभी कारपोरट सकटर क सीध हनयनतण म नही आय ह दसरा अभी तक पराइमरी सवासथय कनदरो और हडसपसररयो का ताना-बाना भी काफी हद तक हनजीकरण स अछता ह कारपोरट असपतालो की हगदध-नजर इन पर लगी हई ह 2015 क मसहवद म सरकार हनजी कषत क असपतालो और डॉकटरो दारा ग़लत ढग स काम करन क बार म बयान द रही थी अब वही लोग दध क धल हो गय ह 2017 की सवासथय नीहत म कहा गया ह हक पराथहमक सवासथय सहवधाओ को परी तरह काम करन योगय बनान क हलए ndash ख़ासकर शहरी कषतो क उन लोगो तक पहच करन क हलए हजनह सवासथय सहवधाए नही हमलती और मधयवगगीय आबादी को फीस क बदल सहवधाए दन क हलए सरकार ह थ एणड वलनस कनदर (फ सी हकसम क नाम सोचन म हमार दश क नताओ और अफसरो का दहनया म कोई मकाबला नही कर सकता) चलान क हलए हनजी कषत स पाटविनरहशप करगी यानी गावो म ऐसी कोई आबादी नही ह हजस सवासथय सहवधाए नही हमलती दसरा सरकार ख़द मानती ह हक अभी तक पराथहमक सवासथय कनदर भी ढग स नही चल (दश क आजाद होन स 70 वरवि बाद भी) तीसरा अब पराथहमक सवासथय कनदरो म 2-5-10 रपय की पचगी वाला जमाना जान वाला ह मधयवगगीय कौन होगा इसकी पररभारा तय नही ख़र हो सकता ह हक ग़रीबी रखा स ऊपर वाल सार लोग मधयवगवि म शाहमल कर हदय जाय यहा हम यह बता द हक भारत की बशमवि सरकार उस वयहति को ग़रीब नही मानती ह जो परहत महीना 960 रपय (गाव म) और 1410 रपय (शहर म) ख़चवि सकता ह (2014 म हनधाविररत ग़रीबी रखा क अनसार)

2017 की सवासथय नीहत म यह भी कहा गया ह हक सरकार हनजी कषत क साथ भागीदारी करक जन सवासथय सहवधाओ की कहमयो को परा करगी इसम टसट-सकन ऐमबलस सहवधाए लड बक पनवाविस क साथ जडी सहवधाए तकलीफ घटान वाली सहवधाए मनोरोहगयो क हलए सहवधाए टलीमडीसन सहवधाए कम होन वाली बीमाररयो क इलाज की सहवधाए शाहमल होगी यानी इनम सटाफ को छोडकर बाकी सब कछ हनजी कषत म होगा सटाफ म जयादातर हहससा िक दारा भतगी हो रहा ह एक तरह वह भी हनजी कषत

ही ह मतलब साफ ह हक सरकारी नाम तल हनजी दकान सरकार दारा हगनायी गयी कहमयो को िीक करन क हलए कोई भी योजना या इरादा कही दजवि नही ह यानी हनजी वयवसथा पकका काम ह कोई तातकाहलक योजना नही ह ऐसी कोहशश पहल भी जारी ह राजसथान छततीसगढ मधय परदश और उततर परदश म इन सकीमो क लाग करन की कोहशश हो रही ह लहकन इन कोहशशो का लगातार हवरोध हो रहा ह वासतव म राषटीय सवासथय नीहत 2017 का दसतावज लोगो को सवासथय दन क हलए नीहत का दसतावज नही ह बहक यह जन-सवासथय सहवधाओ का बचा-खचा हहससा भी तबाह करन परी सवासथय वयवसथा को हनजी कषत क हाथो म दन बहसखयक लोगो को सवासथय सहवधाए दन स बशमगी क साथ मना करन और पस वालो क हलए lsquoअहत आधहनकrsquo सवासथय सहवधाए कायम करन और हनजी असपतालो को खलकर लटन क हलए माहौल तयार करक दन का दसतावज ह अमबाहनयो-अडाहनयो की सरकार स और उममीद भी कया की जा सकती ह असल म मौजदा पजीवादी आहथविक वयवसथा म सभी लोगो को सवासथय सहवधाए दन का उद य परा करना न तो समभव ह और न ही इस वयवसथा का ऐसा कोई मकसद ही ह जो जन-सवासथय वयवसथा 1947 क बाद खडी की गयी थी वह भी आजादी क बाद लोगो की उममीदो को बहत जदी न टटन दन क हलए और महामाररयो को िलन स रोकन क हलए बनायी गयी थी हजनकी चपट म अमीरो क भी आ जान का ख़तरा बना रहता था भारतीय पजीपहतयो की भी उस समय इतनी औकात नही थी हक सवासथय कषत को मनाफ क हलए लट सक लहकन 1991 क बाद पररहसथहतया एकदम बदल गयी ह अब भारतीय पजी यह समझ चकी ह (और उसकी औकात भी इतनी ही हो चकी ह) हक सवासथय कषत मनाफा कमान का एक ऐसा कषत ह जहा कभी मनदी नही आती यह पजी हनवश का सबस सरहकषत कषत ह (हालाहक यह भी पजीपहतयो की ग़लतफहमी ही ह) 1991 क बाद स सरकार लगातार जन-सवासथय वयवसथा को तोडन तबाह करन िक पर दन और हनजी कषत की सवासथय सहवधाओ क हलए अनकल पररहसथहतया तयार करन म लगी हई ह मोदी सरकार इसम और बढ-चढकर काम कर रही ह कयोहक यह पजी की सबस बशमवि और वफादार सवक ह

ndash िखतिनदर

राषटरीय सासथय नरीति 2017 ndash जनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाओो कछ भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि कर दन का दसतािज

8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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6 मजदर तबगि जिाई 2017

गाय क नाम पर िासीवाहदयो न जो गणडागदगी और कतलोगारत दशभर म मचा रखी ह वह हकसी स हछपी नही ह ldquoगौ-रकषकrdquo गणड मोदी क सतता म आन क बाद बख़ौफ घम रह ह और नयी-नयी घटनाओ को अजाम द रह ह इन घटनाओ पर दश क परधानमनती नरनदर मोदी परी बशमगी स चपपी धारण हकय रह जब दहनयाभर म थ-थ होन लगी तो कह हदया हक महातमा गाधी इन हतयाओ को िीक नही कहत हवरोध और बढा तो एक और बयान द हदया हक गौरकषा क नाम पर गणडई बदावित नही की जायगी मगर गौ-गणडो को भी पता ह हक य सब बयान दसरो को सनान क हलए ह इसीहलए मोदी कछ भी कहत रह गाय क नाम पर हतयाए और गणडागदगी लगातार जारी ह इन गौ-गणडो को सरकारी शह हाहसल ह लगभग सारी ही घटनाओ म पहलस की भहमका मकदशविक वाली बनी हई ह कही-कही पहलस ख़द ldquoदोहरयोrdquo को गौ-गणडो क हवाल कर रही ह यह परा काम पहलस और तथाकहथत गौरकषा दलो की हमलीभगत स चल रहा ह कई ऐस वीहडयो भी सामन आय ह जहा पहलस वाल इन घटनाओ पर हसत हए पाय गय ह गौ-रकषको क हलए यह एक मनाफ वाला धनधा भी बन रहा ह अख़बारो म छप लोगो क हवहभनन बयानो स पता चलता ह हक कई सथानो पर गौ-रकषको न पस लकर ldquoदोहरयोrdquo को बरी हकया ह और अगर आप पस नही द सकत तो सजा क हकदार तो हो ही कई जगह य तथाकहथत गौरकषक ख़द ही गाय बचत पकड गय ह इसक साथ ही मसलमानो पर झि मकदमो का दौर भी शर हआ ह गोवश हतया और असथायी परवास अथवा हनयावित हनयमन कानन 1995 क तहत हसफवि राजसथान म 73 मकदम दजवि हए जो बाद म झि साहबत हए

हम कवल हपछल डढ वरडो की घटनाओ पर एक सरसरी नजर डालत ह जो य दशाविती ह हक यह कछ अलग-

थलग घटनाए नही बहक मामलो की एक परी लडी ह जयादातर घटनाए मीहडया तक पहचन स पहल ही दम तोड दती ह

4 माचवि 2015 को महाराषट सरकार न गाय का मास खान पर पाबनदी लगा दी हकसी क पास स मास हमलन पर नय कानन क अनसार पाच वरवि की सजा और 10000 रपय जमाविना लाग हकया गया महाराषट म 1976 का कानन हसफवि गाय मारन पर पाबनदी लगाता था हजसको हक बदलकर बल और साड तक बढाया गया 16 माचवि 2015 को हररयाणा सरकार न एक हबल पास हकया हजसक मताहबक गाय का मास खान पर पाबनदी लगायी गयी और खान पर 5 वरवि की सखत सजा और 50000 रपय तक जमाविना लाग हआ

30 मई 2015 को अदल ग़फर करशी नाम क वयहति को हबरलोका राजसथान म पीट-पीटकर मौत क घाट उतार हदया गया उसक बार म सोशल मीहडया पर लगातार यह ख़बर िलायी गयी हक एक तयौहार क हलए उसन 200 गाय मारी ह हजारो की हगनती म भीड न उसको मौत क घाट उतार हदया

29 अगसत 2015 को हदली क मयर हवहार इलाक क हचला गाव म भडकी हई भीड का चार डाइवरो स झगडा हआ जो भसो को एक बचडखान म छोडन जा रह थ

28 हसतमबर 2015 दादरी क महममद अख़लाक को ldquoभीडrdquo न गाय मारन क शक म वहशी तरीक स पीट-पीट कर मार हदया उनक गाव क महनदर स लाउडसपीकर पर ऐलान करक सकडो की भीड इकटा की गयी हजसन उनक घर पर हमला करक उनक पररवार क सामन ही अख़लाक की हतया कर दी और उनक बट को अधमरा कर हदया

6 अकटबर 2015 को कनाविटक म एक भसो-गायो क वयापारी हजस पर बजरग दल क कायविकताविओ न लोह की

छडो स हमला कर हदया न भाग कर अपनी जाच बचायी हजसक बार म हकसी न यह अफवाह िलायी हक वह एक गौ-तसकर ह

9 अकटबर 2016 को यपी क मनपरी हजल म भडकी हई भीड न गाय मारन की एक अफवाह क चलत उतपात मचाया

9 अकटबर 2015 को शरीनगर क एक टक पर ऊधमपर म दहकषणपनथी कायविकताविओ न पटोल बम स हमला हकया हजसम दो कमीरी नागररक और एक पहलस वाला सवार था एक नागररक की बाद म इलाज क दौरान मौत हो गयी

16 अकटबर 2015 को हहमाचल परदश क हसरमौर हजल म भीड न एक वयहति को गौ-तसकरी क दोर म मौत क घाट उतार हदया

3 हदसमबर 2015 को हररयाणा क पलवल हजल म हहसक घटनाए हई जब भीड न मास लकर जा रहा एक टक रोक हलया

3 जनवरी 2016 को मधय परदश क हखरहकया रलव सटशन पर गौ-रकषको न एक जोड पर यह कहकर हमला हकया हक वह गौ-मास लकर जा रहा ह उनक पास कछ भी नही हमला

18 माचवि 2016 को झारखणड क लातहार म मजलम असारी और उसक 15 वरगीय बट को पीटा गया और बाद म पड पर लटकाकर िासी द दी गयी जो हक एक पश मल म गाय लकर जा रह थ गौ-रकषक हजनहोन इस काम को अजाम हदया बजरग दल क सदसय ह

5 अपरल 2016 को करकषत हररयाणा म मसतन असारी जो हक भस लकर जा रहा था उसको गौ-रकषको दारा मौत क घाट उतार हदया गया इस मकदम म पजाब और हररयाणा हाई कोटवि न 9 मई को सीबीआई जाच क हनदचश हदय ह

2 जन 2016 को राजसथान क परतापगढ म गौ-रकषको न एक महसलम वयापारी को बरी तरह पीटा और उसको नगा करक तसवीर खीची

10 जन 2016 को गडगाव म दो वयहतियो क साथ बीफ-टासपोटविर होन क शक म बरी तरह मारपीट की गयी और गाय का गोबर खान क हलए मजबर हकया गया

10 जलाई 2016 को कनाविटक क कोपा म बजरग दल दारा एक दहलत पररवार पर गौ-मास होन क शक म हमला हकया गया

11 जलाई 2016 को गजरात ऊना म गौ-रकषको दारा दहलत पररवार क सात सदसयो दारा मरी हई गाय की खाल उतारन क ldquoदोरrdquo म बरी तरह मार-पीटकर नगा घमाया गया

26 जलाई 2016 को मधयपरदश क मनदसौर रलव सटशन पर दो महसलम औरतो क पास गौ-मास होन क शक म उनक साथ बरी तरह मार-पीट की गयी

30 जलाई 2016 मजफफरनगर म एक मसलमान पररवार पर गाय मारन क शक म भडकी हई भीड न हमला हकया

5 अगसत 2016 को लखनऊ म दहलत नौजवानो को मरी हई गाय की खाल उतारन स मना करन पर बरी तरह मारा-पीटा गया

18 अगसत 2016 को परवीण नाम क वयहति को कनाविटक म गौ-तसकरी करन क शक म मौत क घाट उतार हदया गया बाद म पता चला हक वह भाजपा कायविकतावि था

अगसत 2016 म आनधर परदश म हबजली का करट लगन स मरी एक गाय की खाल उतारन क हलए बलाय गय दो दहलत भाइयो पर करीब 100 गौ-गणडो न यह कहकर हमला कर हदया हक उनहोन गाय को चराकर मारा ह

24 अगसत 2016 को हररयाणा क मवात म एक मसलमान पररवार पर गौ-रकषको न हमला हकया दो नौजवानो को मौत क घाट उतार हदया गया दो बरी तरह जखमी हए उनकी बहन क साथ गग रप हकया गया

18 हसतमबर 2016 को महममद

अयब नाम का वयहति जो एक बल और एक बछड को लकर जा रहा था रासत म हादसा होन क कारण बछडा मर जाता ह गौ-रकषक अयब क साथ बरी तरह मार-पीट करत ह जो हादस स तो बच जाता ह लहकन इन ldquoदशभतिोrdquo की मार न झलन क कारण असपताल म दम तोड दता ह

1 अपरल 2017 को राजसथान क अलवर हज ल म मवशी ख़रीदकर लौट रह महसलम डरी वयापाररयो पर हमला हकया गया मवहशयो की खरीद क काननी काग़जात हदखान क बाद भी उनह बरी तरह मारा गया हजसस बजगवि पहल ख़ान की 3 अपरल को मौत हो गयी सघ पररवार की साधवी कमल न हतयार गौ-गणडो की तलना भगतहसह स की

21 अपरल 2017 को जमम-कमीर क ररयासी हज ल म गौ-गणडो न बजार पररवार पर हमला करक 9 साल की बचची सहहत कई महहलाओ को लोह की छडो स बरी तरह पीटा इसी हदन हदली म भी गौ-गणडो न भस ल जा रह कछ वयापाररयो पर हमला हकया पहलस न उटा उन वयापाररयो को ही पश कररता कानन म हगरफतार कर हलया

20 जन 2017 को हररयाणा क बलभगढ म टन म जनद नाम क हकशोर को पीट-पीट कर मार हदया गया सीट को लकर हए हववाद क बाद उस पर झोल म बीफ रखन का आरोप लगाकर हमला हकया गया

13 जलाई 2017 को उततर परदश क मनपरी क पास भीड न टन म याता कर रह 10 लोगो क महसलम पररवार पर हमला हकया और बजगडो महहलाओ और हवकलाग लडक तक को लोह की छडो स बरी तरह मारा

य तो चनद एक घटनाए ह सरकार और सघ पररवार की शह पाय हए य गणडा हगरोह और उनमादी भीड लगातार दशभर म आतक मचाय हए ह

- राजजनदर ससोह

गाय क नाम पर गौ-रकक गणडछ ो क तपछि दछ िरषो क कारनामछ ो पर एक नजर

हपछडी और दहकयानसी म य-मानयताओ क नाम पर हसतयो को ग़लाम बनान और तमाम तरह क बबविर अमानवीय वयवहार का हशकार बनान का चलन हवश वभर म आज भी मौजद ह आपन मधयकाल म दास परथा सती परथा या धाहमविक कमविकाणडो क चलत हसतयो की बहल चढान या मार दन क बार म सना या पढा जरर होगा मगर आज भी बाल-हववाह क नाम पर लाखो हसतयो की हजनदगी की बहल दी जाती ह मधयपववि अरिीका दहकषण एहशया और भारत हसतयो को सामनती म य-मानयताओ म बाधन म सबस आग ह यनीसफ (यनाइटड नशनस हचडन एमरजसी िणड) की ररपोटवि क मताहबक बाल हववाह क मामल म बगलादश का पहला और भारत का दसरा सथान ह

द हसटीजन (9 मई 2017) की ख़बर क अनसार भारत की 22 याहन लगभग 24 करोड आबादी 10-19 वरवि की ह यहा 47 लडहकयो का हववाह 5-15 वरवि की आय म ही कर हदया जाता ह याहन परतयक दो लडहकयो म स एक लडकी क बाहलग होन स पहल ही

हववाह कर हदया जाता ह भारत म वस तो हर राजय म बाल-हववाह क नाम पर ननही हजनदहगयो को बबाविद करना जारी ह लहकन उततर परदश राजसथान हबहार झारखणड पहचिम बगाल और मधय परदश इसम सबस आग ह

बाल हववाह क कारण वस तो लडक और लडकी दोनो का ही मानहसक और शारीररक हवकास िीक ढग स नही हो पाता कयोहक जो आय उनकी हजनदगी क बार म सीखन की होती ह उस तथाकहथत हववाह बनधन म बाध हदया जाता ह लहकन लडहकयो क हलए यह परमपरा बहद भयानक ह लडकी को अहसास भी नही होता हक वह हकस जजीर म बधन जा रही ह सीबीएन नयज क एक ररपोटविर अहमत बदी न राजसथान म वीना नाम की लडकी हजसकी आय हसिवि 8 वरवि थी उस हववाह क समय जोर-जोर स रोत हए दख उसकी दादी स कारण पछा तो उसन जवाब हदया हक इसको पता नही ह हक हववाह कया होता ह या अभी वह घर की दख-रख क परहत सचत नही हई इसहलए थोडा डरी हई ह लहकन जदी ही उसको आदत पड जाएगी मरा भी हववाह

छोटी आय म हो गया था अहमत आग बतात ह हक राजसथान म अपरल स मई क महीन म यहा रात को हजारो की सखया म गपत हववाह करवाय जात ह हजसम हववाह करन वालो की आय 5-19 वरवि तक होती ह कछ की आय इतनी छोटी होती ह हक उनक मा-बाप गोद म उिाकर लात ह शहरो क मकाबल गावो और दहलतो म बाल-हववाह 3 परहतशत जयादा होत ह हववाह क बाद अकसर लडहकयो क पढन-हलखन पर भी पाबनदी लगा दी जाती ह

बाल हववाह हसतयो क हलए मानहसक क साथ-साथ शारीररक पीडा भी लकर आत ह हववाह होत ही लडकी स बचच की अपकषा की जाती ह हजसका पररणाम अकसर बचच क जनम क समय बचच या मा की मौत होती ह भारत म 18 वरवि की आय स पहल बचच को जनम दत समय बडी सखया म बचच मौत का हशकार हो जात ह और जो पदा होत ह उनका शारीररक हवकास सही ढग स नही हो पाता हसतयो को हजनदगी भर क हलए मानहसक और शारीररक तकलीफ झलनी पडती ह हसतया बचचदानी क रोग

कमजोरी तथा कई गमभीर बीमाररयो का हशकार होती ह एक लडकी की हजनदगी को बचपन स गहतहीन और नीरस बनान की परहकरया चलती ह उसको अपना ससार पररवार तक ही सीहमत करना पडता ह लडकी को बस एक हपता या पहत की समपहतत बना हदया जाता ह

आज सरकार दारा भल ही हसतयो की आजादी या इन हपछडी हई म य-मानयताओ को रोकन क हलए कई कानन बना हदए गए ह (बाल-हववाह रोकथाम हबल 1998 बाल हववाह रोकथाम हबल 2006 आहद) इनम बाल-हववाह करन या करवान वाल को जल या जमाविन की सजा का परावधान ह लहकन य बस कागजो तक ही सीहमत ह कयोहक तथयो स साि पता चलता ह हक हसतयो को बराबरी क अहधकार दन या आजादी क हलए उनहोन हकतन कदम उिाय ह बहक परहतहदन कई ऐस उदाहरण हमलत ह जो मौजदा सरकार और समाज क क बहचचयो क परहत वयवहार को दशावित ह पजीवादी मीहडया खलआम सरकार स शह पाकर हसतयो को सामनती म य-मानयताओ क चौखट म रहन क हलए

परररत करता ह भारत म 70 परहतशत हसतया परहतहदन घरल हहसा का हशकार होती ह हर 20 हमनट बाद एक सती बलातकार का हशकार होती ह और 80 परहतशत हसतया हकसी न हकसी रप म शारीररक छडछाड का हशकार होती ह तथय बतात ह हक हसतयो की सरकषा आजादी या बराबरी का मामला सरकार क हलए कोई बहत गमभीर बात नही ह

पजीवाद न जनता को ग़लाम और हपछडा बनाय रखन क हलए तमाम तरह क सामनती म य-मानयताओ क साथ समझौता करक न हसफवि उनह बनाय रखा ह बहक लगातार बढावा भी द रहा ह इस पजीवादी समाज वयवसथा को उखाड ि कन क हलए राजनीहतक और आहथविक सघरवि चलान क साथ ही हपछडी सोच और सस कक हत स भी लडना होगा पहल क सघरडो और सामाहजक पररवतविन दारा हसतयो न कछ हद तक सममान स जीन का हक पाया ह बराबरी का हक पान क हलए पजीवादी वयवसथा को ही बदलना होगा

ndash तबनरी

इकीसिरी ो सदरी म भरी ननरी ो जजनदमगयछ ो कछ बाि तििाह की बलि चढा रहा ह समाज

मजदर तबगि जिाई 2017 7

मधय परदश जो भारत का दसरा बडा राजय ह 2015-16 क दौरान यहा हर रोज 64 बचचो की मौत का आकडा सामन आया ह नवजात बचचो की मौत का यह आकडा हकसी अफीकी दश क मकाबल भी बदतर और भयानक ह

पहल तो मधय परदश की भाजपा सरकार न 2015-16 वरवि क दौरान योपर हजल म कपोरण स हई बचचो की मौतो क आकड तोड-मरोड कर पश हकय महहला और बाल हवकास मनती अचविना हचटहनस न हवधान सभा म दावा हकया था हक इस

वरवि क दौरान हकसी भी बचच की मौत कपोरण स नही हई जबहक सवासथय हवभाग न हाईकोटवि म ररपोटवि सौपी थी हक इस हजल म 2015-16 क दौरान 116 बचचो की मौत कपोरण की वजह स हई ह जब झि आकड पश करन क हलए सरकार की चारो ओर स थ-थ हई तो सरकार को सचचाई पश करनी पडी महहला और बाल हवकास मनती अचविना न राजय हवधान सभा म यह भी माना हक 0-6 वरवि तक क 25440 बचच एक वरवि क अनदर दसत और खसर जस रोगो क

कारण अपनी जान गवा दत ह मधय परदश भारत म ग़रीबी रखा क

नीच सबस जयादा आबादी वाल 14 राजयो म शाहमल ह और सबस अहधक मकतय दर वाल राजयो म स एक ह यहा 1000 क पीछ 52 बचचो की मौत एक वरवि की आय स पहल ही हो जाती ह और नवजात बचचो का वजन ढाई हकलोगाम स भी कम होता ह भारत म 31 परहतशत बचचो का कद आय क अनसार कम ह और 42 परहतशत बचचो का वजन भी उनकी आय क मताहबक कम ह भारत

क कल कपोहरत बचचो म 60 परहतशत मधयपरदश और झारखणड क ह

बचचो क सवासथय क हलए हवजान क मताहबक तीन वरवि तक क बचच को परहतहदन 300 हमलीगाम दध की जररत होती ह जबहक उनह हसफवि 80 हमलीगाम दध ही हमल पाता ह पररणामसवरप कपोरण क कारण उनका शरीर बीमाररयो का मकाबला नही कर पाता हजा तथा बखार जसी बीमाररयो स बचचो की मकतय दर लगातार बढती जाती ह

बचचो की हो रही इन मौतो को हम

पराकक हतक मौत नही कह सकत बहक य कतल ह जहा एक ओर अनाज गोदामो म पडा-पडा सड रहा ह वही दसरी ओर य हालात ह हक बचच जनम लन स पहल या पदा होत ही मौत क मह म चल जा रह ह

हवकास क बड-बड दाव करन वाली भाजपा का धयान जनकयाण की ओर न होकर गौरकषा जस झि मदो तक कहनदरत ह मधय परदश जस राजयो क हालात भाजपा सरकार क हवकास क दावो का असली चहरा पश करत ह

ndash बिजरीि

मधय रिदश म रछजाना 64 बचछ ो की मौि

2014 म जब दश म राषटवादी सरकार आयी थी तो और बहत सार वादो क साथndashसाथ सवासथय कषत म यगपरवतविक बदलाव लान का वादा भी हकया था तकरीबन एक वरवि बाद सरकार को अपना यह वादा याद आया तो 2015 म राषटीय सवासथय नीहत का मसहवदा बनाकर घोरणा की गयी हिर दो वरवि मसहवद को सशोहधत करन म लगा हदय मसहवद पर दो वरडो की लमबी महनत क बाद लोगो को उममीद थी हक नयी सवासथय नीहत म सवासथय सहवधाओ को बहतर बनान क हलए जरर कछ-न-कछ होगा लहकन नया तो कया हमलना था लोगो को जो कछ पहल हमला हआ था वह भी छीनन की तयारी ह

आजाद भारत की पहली सवासथय नीहत आजादी क 36 वरवि बाद 1983 म बनी थी उस समय बड-बड ऐलान हए उद य तय हकय गय मगर हाल यह ह हक जो उद य वरवि 2000 तक हाहसल करन की कसम खायी गयी थी आज तक उनक नजदीक भी नही पहचा गया हिर 2002 म वाजपयी सरकार दारा सवासथय नीहत म सशोधन हकय गय और कहा गया हक सवासथय सहवधाओ क हलए अहधक पसा हदया जायगा सवासथय सहवधाओ की वयवसथा को पनःसगहित करन की बात की गयी लहकन कछ भी नही बदला न तो सवासथय क हलए अहधक पस हदय गय और न ही वयवसथा को िीक करन क हलए कछ हकया गया बहक हबकल उटा हआ 2002 स लकर अब तक हनजी सवासथय कषत अब तक की सबस तज रफतार स बढा ह सरकार क पास पजीकक त कल ऐलोपहथक डॉकटरो म स महज 11 परहतशत सरकारी सवासथय वयवसथा म ह और बीमारी पर होन वाला ख़चावि भारत म ग़रीबी क अहम कारणो म स एक बन गया ह

अब जब राषटवादी िल अचछी तरह स हखला हआ ह तो हिर स नयी राषटीय सवासथय नीहत लायी गयी ह 2015 क मसहवद म यह वादा हकया गया था हक lsquoसवासथय को एक बहनयादी अहधकारrsquo बनाया जायगा और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo का हसदधानत लाग हकया जायगा लहकन इसस मोदी सरकार एकदम मकर गयी ह सवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo की जगह नयी नीहत म सवासथय सहवधाओ को भरोसमनद बनान का जमला उछाला गया ह सरकार का कहना ह हक lsquoसवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo समभव बनान क हलए

वयवसथा नही ह लहकन वयवसथा बनी कयो नही और बनानी हकस ह इसक बार म सरकार न न तो कोई जवाब हदया ह और न ही कोई योजना ह यानी सवासथय सहवधाओ को सबक हलए सलभ बनान क काम को अब नीहतगत और काननी तौर पर भी िणड बसत म डाल हदया गया ह और सरकार हर तरह की जवाबदही स हनकलकर भाग गयी ह हालाहक भारतीय सहवधान क नीहत हनदचशक हसदधानतो क मताहबक सभी क हलए सवासथय सहवधाए दना सरकार क कतविवयो म आता ह

2015 की सवासथय नीहत क मसहवद म मोदी सरकार न वादा हकया था हक 2020 तक सवासथय सहवधाओ पर ख़चवि बढाकर सकल घरल उतपादन का 25 कर हदया जायगा हिलहाल यह 1 क इदवि-हगदवि रहता ह अब यह समय-सीमा बढाकर 2025 कर दी गयी ह यह भी धयान दन योगय ह हक हवशव सतर पर यह ख़चावि कल घरल उतपाद का औसतन 49 ह (अथावित 2025 तक हम वहशवक औसत क भी आध म पहच जायग वह भी अगर सरकार एक बार हिर न मकरी तब) हमार पडोसी शरीलका जस ग़रीब दश भी इस मामल म हमस आग ह जब ख़चवि की सकीम ऐसी हो तो मफत दवाइया मफत टसट मफत इमरजसी सवासथय सहवधाए दन की घोरणाओ म हकतनी गमभीरता होगी यह समझन म हकसी कम बहदध क वयहति को भी कोई महकल नही होगी लहकन मोदी और उसक सवासथय मनती जपी नडडा चाहत ह हक उनकी मफत घोरणाओ पर लोग यकीन कर इस वरवि क राषटीय बजट म हवतत मनती जटली न यह भरम खडा करन की कोहशश की हक सरकार सवासथय पर ख़चवि बढा रही ह लहकन अगर हम हपछल 10 वरडो का ररकाडवि दखत ह तो यह कोहशश ख़ाली हलफाफा हदखायी दती ह 2015-2016 क कनदरीय बजट म सवासथय कषत क हलए दी गयी राहश म उसस पहल क वरवि क मकाबल 57 की कटौती कर दी गयी थी 2016-2017 म 5 बढाया गया और अब 2017-2018 क हलए कछ और वकहदध की गयी ह लहकन 2017-2018 की यह आरहकषत राहश अब भी 2011-12 क सवासथय बजट स नीच ह यह ह हवतत मनती की जादहगरी ऊपर स जो राहश बजट म रखी जाती ह वह परी ख़चवि नही की जाती जस 2011-12 क वरवि म 20000 करोड रपय म स 4000 करोड रपय स अहधक ख़चच ही नही गय वस जो पस ख़चवि होत ह व भी वासतव म (नौकरशाहो-नताओ क हहसस हनकाल कर) कहा होत ह यह

सबको पता ही ह इस नयी सवासथय नीहत का सबस

घहटया पहल हनजी कषत क हलए राह साफ करना ह भारत म पहल ही सवासथय क कल कषत म स 70 क करीब हहसस पर हनजी कषत का कजा ह हजनम अपोलो फोहटविस मदानता टाटा जस बड कारपोरट असपतालो स लकर कसबो तक म खल हनजी नहसिग होम शाहमल ह हपछल एक-डढ दशक म कारपोरट असपतालो का ररकाडवि-तोड िलाव हआ ह इनहोन एक हद तक हनजी नहसिग होमो को भी हनगल हलया ह इसक साथ ही बची-खची सरकारी सवासथय वयवसथा क अनदर भी हनजी कषत की घसपि बढी ह हजला-सतरीय असपताल महडकल कॉलज और बड महडकल ससथानो म पराइवट-पहलक-पाटविनरहशप क नाम पर बहत सारी सहवधाए हनजी हाथो म सौपी जा चकी ह या सौपन की तयारी ह यह कस हकया जाता ह इसकी कछ हमसाल पजाब क महडकल कॉलजो म हमलती ह पहटयाला क महडकल कॉलज म एमआरआई सकन कनदर को सरकार न एक हनजी ससथान को द रखा ह चहक महडकल कॉलज की इमारत म बन इस कनदर क माहलको को दसर हनजी सकन सणटरो की तरह डॉकटरो को कट नही दना पडता इसहलए इसक रट कम ह और सरकार इसकी ससती दरो को ऐस पश करती ह जस इसन कोई अदत कारनामा कर हदखाया हो जबहक सरकार को शमवि आनी चाहहए हक 4-5 करोड की मशीन लगान पर तकनीकी सटाफ का ख़चावि उिाकर यह सहवधा बहद कम दरो पर उपलध करायी जा सकती ह मगर सरकार ऐसा करन की कोई इचछा नही रखती अमकतसर क महडकल कॉलज म चलती सकन की दो मशीनो म स एक मशीन भी इसी तरह िक पर ह सार पजाब क सरकारी असपतालो और हडसपसररयो म दवाइयो की सपलाई (हजतनी भी ह) क हलए पराइवट कमपहनयो स दवाइया ख़रीदी जाती ह कयोहक दवाइया बनान वाल सरकारी ससथान या तो बनद हकय जा चक ह या बनद जसी हालत म ह सरकारी असपतालो म ऑपरशन क समय मरीज को बहोश करन क हलए कमीशन दकर पराइवट डॉकटरो को बलाया जाता ह और भी कई तरह की सहवधाओ को इसी तरह ldquoिक पर दनrdquo का नाम दकर हनजीकरण हकया जा चका ह लगभग सार राजयो म अहधक या कम यही अमल जारी ह

लहकन अभी भी काफी कछ ह हजस पर हनजीकरण की मार नही पडी जस इन असपतालो की परयोगशालाए अभी हनजी

हाथो म नही गयी अटासाउणड सकन और एकसर आहद जस छोट सकन भी हनजी हाथो स बच हए ह सबस बडी बात यह ह हक इस सतर क असपताल अभी कारपोरट सकटर क सीध हनयनतण म नही आय ह दसरा अभी तक पराइमरी सवासथय कनदरो और हडसपसररयो का ताना-बाना भी काफी हद तक हनजीकरण स अछता ह कारपोरट असपतालो की हगदध-नजर इन पर लगी हई ह 2015 क मसहवद म सरकार हनजी कषत क असपतालो और डॉकटरो दारा ग़लत ढग स काम करन क बार म बयान द रही थी अब वही लोग दध क धल हो गय ह 2017 की सवासथय नीहत म कहा गया ह हक पराथहमक सवासथय सहवधाओ को परी तरह काम करन योगय बनान क हलए ndash ख़ासकर शहरी कषतो क उन लोगो तक पहच करन क हलए हजनह सवासथय सहवधाए नही हमलती और मधयवगगीय आबादी को फीस क बदल सहवधाए दन क हलए सरकार ह थ एणड वलनस कनदर (फ सी हकसम क नाम सोचन म हमार दश क नताओ और अफसरो का दहनया म कोई मकाबला नही कर सकता) चलान क हलए हनजी कषत स पाटविनरहशप करगी यानी गावो म ऐसी कोई आबादी नही ह हजस सवासथय सहवधाए नही हमलती दसरा सरकार ख़द मानती ह हक अभी तक पराथहमक सवासथय कनदर भी ढग स नही चल (दश क आजाद होन स 70 वरवि बाद भी) तीसरा अब पराथहमक सवासथय कनदरो म 2-5-10 रपय की पचगी वाला जमाना जान वाला ह मधयवगगीय कौन होगा इसकी पररभारा तय नही ख़र हो सकता ह हक ग़रीबी रखा स ऊपर वाल सार लोग मधयवगवि म शाहमल कर हदय जाय यहा हम यह बता द हक भारत की बशमवि सरकार उस वयहति को ग़रीब नही मानती ह जो परहत महीना 960 रपय (गाव म) और 1410 रपय (शहर म) ख़चवि सकता ह (2014 म हनधाविररत ग़रीबी रखा क अनसार)

2017 की सवासथय नीहत म यह भी कहा गया ह हक सरकार हनजी कषत क साथ भागीदारी करक जन सवासथय सहवधाओ की कहमयो को परा करगी इसम टसट-सकन ऐमबलस सहवधाए लड बक पनवाविस क साथ जडी सहवधाए तकलीफ घटान वाली सहवधाए मनोरोहगयो क हलए सहवधाए टलीमडीसन सहवधाए कम होन वाली बीमाररयो क इलाज की सहवधाए शाहमल होगी यानी इनम सटाफ को छोडकर बाकी सब कछ हनजी कषत म होगा सटाफ म जयादातर हहससा िक दारा भतगी हो रहा ह एक तरह वह भी हनजी कषत

ही ह मतलब साफ ह हक सरकारी नाम तल हनजी दकान सरकार दारा हगनायी गयी कहमयो को िीक करन क हलए कोई भी योजना या इरादा कही दजवि नही ह यानी हनजी वयवसथा पकका काम ह कोई तातकाहलक योजना नही ह ऐसी कोहशश पहल भी जारी ह राजसथान छततीसगढ मधय परदश और उततर परदश म इन सकीमो क लाग करन की कोहशश हो रही ह लहकन इन कोहशशो का लगातार हवरोध हो रहा ह वासतव म राषटीय सवासथय नीहत 2017 का दसतावज लोगो को सवासथय दन क हलए नीहत का दसतावज नही ह बहक यह जन-सवासथय सहवधाओ का बचा-खचा हहससा भी तबाह करन परी सवासथय वयवसथा को हनजी कषत क हाथो म दन बहसखयक लोगो को सवासथय सहवधाए दन स बशमगी क साथ मना करन और पस वालो क हलए lsquoअहत आधहनकrsquo सवासथय सहवधाए कायम करन और हनजी असपतालो को खलकर लटन क हलए माहौल तयार करक दन का दसतावज ह अमबाहनयो-अडाहनयो की सरकार स और उममीद भी कया की जा सकती ह असल म मौजदा पजीवादी आहथविक वयवसथा म सभी लोगो को सवासथय सहवधाए दन का उद य परा करना न तो समभव ह और न ही इस वयवसथा का ऐसा कोई मकसद ही ह जो जन-सवासथय वयवसथा 1947 क बाद खडी की गयी थी वह भी आजादी क बाद लोगो की उममीदो को बहत जदी न टटन दन क हलए और महामाररयो को िलन स रोकन क हलए बनायी गयी थी हजनकी चपट म अमीरो क भी आ जान का ख़तरा बना रहता था भारतीय पजीपहतयो की भी उस समय इतनी औकात नही थी हक सवासथय कषत को मनाफ क हलए लट सक लहकन 1991 क बाद पररहसथहतया एकदम बदल गयी ह अब भारतीय पजी यह समझ चकी ह (और उसकी औकात भी इतनी ही हो चकी ह) हक सवासथय कषत मनाफा कमान का एक ऐसा कषत ह जहा कभी मनदी नही आती यह पजी हनवश का सबस सरहकषत कषत ह (हालाहक यह भी पजीपहतयो की ग़लतफहमी ही ह) 1991 क बाद स सरकार लगातार जन-सवासथय वयवसथा को तोडन तबाह करन िक पर दन और हनजी कषत की सवासथय सहवधाओ क हलए अनकल पररहसथहतया तयार करन म लगी हई ह मोदी सरकार इसम और बढ-चढकर काम कर रही ह कयोहक यह पजी की सबस बशमवि और वफादार सवक ह

ndash िखतिनदर

राषटरीय सासथय नरीति 2017 ndash जनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाओो कछ भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि कर दन का दसतािज

8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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मजदर तबगि जिाई 2017 7

मधय परदश जो भारत का दसरा बडा राजय ह 2015-16 क दौरान यहा हर रोज 64 बचचो की मौत का आकडा सामन आया ह नवजात बचचो की मौत का यह आकडा हकसी अफीकी दश क मकाबल भी बदतर और भयानक ह

पहल तो मधय परदश की भाजपा सरकार न 2015-16 वरवि क दौरान योपर हजल म कपोरण स हई बचचो की मौतो क आकड तोड-मरोड कर पश हकय महहला और बाल हवकास मनती अचविना हचटहनस न हवधान सभा म दावा हकया था हक इस

वरवि क दौरान हकसी भी बचच की मौत कपोरण स नही हई जबहक सवासथय हवभाग न हाईकोटवि म ररपोटवि सौपी थी हक इस हजल म 2015-16 क दौरान 116 बचचो की मौत कपोरण की वजह स हई ह जब झि आकड पश करन क हलए सरकार की चारो ओर स थ-थ हई तो सरकार को सचचाई पश करनी पडी महहला और बाल हवकास मनती अचविना न राजय हवधान सभा म यह भी माना हक 0-6 वरवि तक क 25440 बचच एक वरवि क अनदर दसत और खसर जस रोगो क

कारण अपनी जान गवा दत ह मधय परदश भारत म ग़रीबी रखा क

नीच सबस जयादा आबादी वाल 14 राजयो म शाहमल ह और सबस अहधक मकतय दर वाल राजयो म स एक ह यहा 1000 क पीछ 52 बचचो की मौत एक वरवि की आय स पहल ही हो जाती ह और नवजात बचचो का वजन ढाई हकलोगाम स भी कम होता ह भारत म 31 परहतशत बचचो का कद आय क अनसार कम ह और 42 परहतशत बचचो का वजन भी उनकी आय क मताहबक कम ह भारत

क कल कपोहरत बचचो म 60 परहतशत मधयपरदश और झारखणड क ह

बचचो क सवासथय क हलए हवजान क मताहबक तीन वरवि तक क बचच को परहतहदन 300 हमलीगाम दध की जररत होती ह जबहक उनह हसफवि 80 हमलीगाम दध ही हमल पाता ह पररणामसवरप कपोरण क कारण उनका शरीर बीमाररयो का मकाबला नही कर पाता हजा तथा बखार जसी बीमाररयो स बचचो की मकतय दर लगातार बढती जाती ह

बचचो की हो रही इन मौतो को हम

पराकक हतक मौत नही कह सकत बहक य कतल ह जहा एक ओर अनाज गोदामो म पडा-पडा सड रहा ह वही दसरी ओर य हालात ह हक बचच जनम लन स पहल या पदा होत ही मौत क मह म चल जा रह ह

हवकास क बड-बड दाव करन वाली भाजपा का धयान जनकयाण की ओर न होकर गौरकषा जस झि मदो तक कहनदरत ह मधय परदश जस राजयो क हालात भाजपा सरकार क हवकास क दावो का असली चहरा पश करत ह

ndash बिजरीि

मधय रिदश म रछजाना 64 बचछ ो की मौि

2014 म जब दश म राषटवादी सरकार आयी थी तो और बहत सार वादो क साथndashसाथ सवासथय कषत म यगपरवतविक बदलाव लान का वादा भी हकया था तकरीबन एक वरवि बाद सरकार को अपना यह वादा याद आया तो 2015 म राषटीय सवासथय नीहत का मसहवदा बनाकर घोरणा की गयी हिर दो वरवि मसहवद को सशोहधत करन म लगा हदय मसहवद पर दो वरडो की लमबी महनत क बाद लोगो को उममीद थी हक नयी सवासथय नीहत म सवासथय सहवधाओ को बहतर बनान क हलए जरर कछ-न-कछ होगा लहकन नया तो कया हमलना था लोगो को जो कछ पहल हमला हआ था वह भी छीनन की तयारी ह

आजाद भारत की पहली सवासथय नीहत आजादी क 36 वरवि बाद 1983 म बनी थी उस समय बड-बड ऐलान हए उद य तय हकय गय मगर हाल यह ह हक जो उद य वरवि 2000 तक हाहसल करन की कसम खायी गयी थी आज तक उनक नजदीक भी नही पहचा गया हिर 2002 म वाजपयी सरकार दारा सवासथय नीहत म सशोधन हकय गय और कहा गया हक सवासथय सहवधाओ क हलए अहधक पसा हदया जायगा सवासथय सहवधाओ की वयवसथा को पनःसगहित करन की बात की गयी लहकन कछ भी नही बदला न तो सवासथय क हलए अहधक पस हदय गय और न ही वयवसथा को िीक करन क हलए कछ हकया गया बहक हबकल उटा हआ 2002 स लकर अब तक हनजी सवासथय कषत अब तक की सबस तज रफतार स बढा ह सरकार क पास पजीकक त कल ऐलोपहथक डॉकटरो म स महज 11 परहतशत सरकारी सवासथय वयवसथा म ह और बीमारी पर होन वाला ख़चावि भारत म ग़रीबी क अहम कारणो म स एक बन गया ह

अब जब राषटवादी िल अचछी तरह स हखला हआ ह तो हिर स नयी राषटीय सवासथय नीहत लायी गयी ह 2015 क मसहवद म यह वादा हकया गया था हक lsquoसवासथय को एक बहनयादी अहधकारrsquo बनाया जायगा और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo का हसदधानत लाग हकया जायगा लहकन इसस मोदी सरकार एकदम मकर गयी ह सवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo की जगह नयी नीहत म सवासथय सहवधाओ को भरोसमनद बनान का जमला उछाला गया ह सरकार का कहना ह हक lsquoसवासथय को बहनयादी अहधकारrsquo और lsquoसबको सवासथय सहवधाएrsquo समभव बनान क हलए

वयवसथा नही ह लहकन वयवसथा बनी कयो नही और बनानी हकस ह इसक बार म सरकार न न तो कोई जवाब हदया ह और न ही कोई योजना ह यानी सवासथय सहवधाओ को सबक हलए सलभ बनान क काम को अब नीहतगत और काननी तौर पर भी िणड बसत म डाल हदया गया ह और सरकार हर तरह की जवाबदही स हनकलकर भाग गयी ह हालाहक भारतीय सहवधान क नीहत हनदचशक हसदधानतो क मताहबक सभी क हलए सवासथय सहवधाए दना सरकार क कतविवयो म आता ह

2015 की सवासथय नीहत क मसहवद म मोदी सरकार न वादा हकया था हक 2020 तक सवासथय सहवधाओ पर ख़चवि बढाकर सकल घरल उतपादन का 25 कर हदया जायगा हिलहाल यह 1 क इदवि-हगदवि रहता ह अब यह समय-सीमा बढाकर 2025 कर दी गयी ह यह भी धयान दन योगय ह हक हवशव सतर पर यह ख़चावि कल घरल उतपाद का औसतन 49 ह (अथावित 2025 तक हम वहशवक औसत क भी आध म पहच जायग वह भी अगर सरकार एक बार हिर न मकरी तब) हमार पडोसी शरीलका जस ग़रीब दश भी इस मामल म हमस आग ह जब ख़चवि की सकीम ऐसी हो तो मफत दवाइया मफत टसट मफत इमरजसी सवासथय सहवधाए दन की घोरणाओ म हकतनी गमभीरता होगी यह समझन म हकसी कम बहदध क वयहति को भी कोई महकल नही होगी लहकन मोदी और उसक सवासथय मनती जपी नडडा चाहत ह हक उनकी मफत घोरणाओ पर लोग यकीन कर इस वरवि क राषटीय बजट म हवतत मनती जटली न यह भरम खडा करन की कोहशश की हक सरकार सवासथय पर ख़चवि बढा रही ह लहकन अगर हम हपछल 10 वरडो का ररकाडवि दखत ह तो यह कोहशश ख़ाली हलफाफा हदखायी दती ह 2015-2016 क कनदरीय बजट म सवासथय कषत क हलए दी गयी राहश म उसस पहल क वरवि क मकाबल 57 की कटौती कर दी गयी थी 2016-2017 म 5 बढाया गया और अब 2017-2018 क हलए कछ और वकहदध की गयी ह लहकन 2017-2018 की यह आरहकषत राहश अब भी 2011-12 क सवासथय बजट स नीच ह यह ह हवतत मनती की जादहगरी ऊपर स जो राहश बजट म रखी जाती ह वह परी ख़चवि नही की जाती जस 2011-12 क वरवि म 20000 करोड रपय म स 4000 करोड रपय स अहधक ख़चच ही नही गय वस जो पस ख़चवि होत ह व भी वासतव म (नौकरशाहो-नताओ क हहसस हनकाल कर) कहा होत ह यह

सबको पता ही ह इस नयी सवासथय नीहत का सबस

घहटया पहल हनजी कषत क हलए राह साफ करना ह भारत म पहल ही सवासथय क कल कषत म स 70 क करीब हहसस पर हनजी कषत का कजा ह हजनम अपोलो फोहटविस मदानता टाटा जस बड कारपोरट असपतालो स लकर कसबो तक म खल हनजी नहसिग होम शाहमल ह हपछल एक-डढ दशक म कारपोरट असपतालो का ररकाडवि-तोड िलाव हआ ह इनहोन एक हद तक हनजी नहसिग होमो को भी हनगल हलया ह इसक साथ ही बची-खची सरकारी सवासथय वयवसथा क अनदर भी हनजी कषत की घसपि बढी ह हजला-सतरीय असपताल महडकल कॉलज और बड महडकल ससथानो म पराइवट-पहलक-पाटविनरहशप क नाम पर बहत सारी सहवधाए हनजी हाथो म सौपी जा चकी ह या सौपन की तयारी ह यह कस हकया जाता ह इसकी कछ हमसाल पजाब क महडकल कॉलजो म हमलती ह पहटयाला क महडकल कॉलज म एमआरआई सकन कनदर को सरकार न एक हनजी ससथान को द रखा ह चहक महडकल कॉलज की इमारत म बन इस कनदर क माहलको को दसर हनजी सकन सणटरो की तरह डॉकटरो को कट नही दना पडता इसहलए इसक रट कम ह और सरकार इसकी ससती दरो को ऐस पश करती ह जस इसन कोई अदत कारनामा कर हदखाया हो जबहक सरकार को शमवि आनी चाहहए हक 4-5 करोड की मशीन लगान पर तकनीकी सटाफ का ख़चावि उिाकर यह सहवधा बहद कम दरो पर उपलध करायी जा सकती ह मगर सरकार ऐसा करन की कोई इचछा नही रखती अमकतसर क महडकल कॉलज म चलती सकन की दो मशीनो म स एक मशीन भी इसी तरह िक पर ह सार पजाब क सरकारी असपतालो और हडसपसररयो म दवाइयो की सपलाई (हजतनी भी ह) क हलए पराइवट कमपहनयो स दवाइया ख़रीदी जाती ह कयोहक दवाइया बनान वाल सरकारी ससथान या तो बनद हकय जा चक ह या बनद जसी हालत म ह सरकारी असपतालो म ऑपरशन क समय मरीज को बहोश करन क हलए कमीशन दकर पराइवट डॉकटरो को बलाया जाता ह और भी कई तरह की सहवधाओ को इसी तरह ldquoिक पर दनrdquo का नाम दकर हनजीकरण हकया जा चका ह लगभग सार राजयो म अहधक या कम यही अमल जारी ह

लहकन अभी भी काफी कछ ह हजस पर हनजीकरण की मार नही पडी जस इन असपतालो की परयोगशालाए अभी हनजी

हाथो म नही गयी अटासाउणड सकन और एकसर आहद जस छोट सकन भी हनजी हाथो स बच हए ह सबस बडी बात यह ह हक इस सतर क असपताल अभी कारपोरट सकटर क सीध हनयनतण म नही आय ह दसरा अभी तक पराइमरी सवासथय कनदरो और हडसपसररयो का ताना-बाना भी काफी हद तक हनजीकरण स अछता ह कारपोरट असपतालो की हगदध-नजर इन पर लगी हई ह 2015 क मसहवद म सरकार हनजी कषत क असपतालो और डॉकटरो दारा ग़लत ढग स काम करन क बार म बयान द रही थी अब वही लोग दध क धल हो गय ह 2017 की सवासथय नीहत म कहा गया ह हक पराथहमक सवासथय सहवधाओ को परी तरह काम करन योगय बनान क हलए ndash ख़ासकर शहरी कषतो क उन लोगो तक पहच करन क हलए हजनह सवासथय सहवधाए नही हमलती और मधयवगगीय आबादी को फीस क बदल सहवधाए दन क हलए सरकार ह थ एणड वलनस कनदर (फ सी हकसम क नाम सोचन म हमार दश क नताओ और अफसरो का दहनया म कोई मकाबला नही कर सकता) चलान क हलए हनजी कषत स पाटविनरहशप करगी यानी गावो म ऐसी कोई आबादी नही ह हजस सवासथय सहवधाए नही हमलती दसरा सरकार ख़द मानती ह हक अभी तक पराथहमक सवासथय कनदर भी ढग स नही चल (दश क आजाद होन स 70 वरवि बाद भी) तीसरा अब पराथहमक सवासथय कनदरो म 2-5-10 रपय की पचगी वाला जमाना जान वाला ह मधयवगगीय कौन होगा इसकी पररभारा तय नही ख़र हो सकता ह हक ग़रीबी रखा स ऊपर वाल सार लोग मधयवगवि म शाहमल कर हदय जाय यहा हम यह बता द हक भारत की बशमवि सरकार उस वयहति को ग़रीब नही मानती ह जो परहत महीना 960 रपय (गाव म) और 1410 रपय (शहर म) ख़चवि सकता ह (2014 म हनधाविररत ग़रीबी रखा क अनसार)

2017 की सवासथय नीहत म यह भी कहा गया ह हक सरकार हनजी कषत क साथ भागीदारी करक जन सवासथय सहवधाओ की कहमयो को परा करगी इसम टसट-सकन ऐमबलस सहवधाए लड बक पनवाविस क साथ जडी सहवधाए तकलीफ घटान वाली सहवधाए मनोरोहगयो क हलए सहवधाए टलीमडीसन सहवधाए कम होन वाली बीमाररयो क इलाज की सहवधाए शाहमल होगी यानी इनम सटाफ को छोडकर बाकी सब कछ हनजी कषत म होगा सटाफ म जयादातर हहससा िक दारा भतगी हो रहा ह एक तरह वह भी हनजी कषत

ही ह मतलब साफ ह हक सरकारी नाम तल हनजी दकान सरकार दारा हगनायी गयी कहमयो को िीक करन क हलए कोई भी योजना या इरादा कही दजवि नही ह यानी हनजी वयवसथा पकका काम ह कोई तातकाहलक योजना नही ह ऐसी कोहशश पहल भी जारी ह राजसथान छततीसगढ मधय परदश और उततर परदश म इन सकीमो क लाग करन की कोहशश हो रही ह लहकन इन कोहशशो का लगातार हवरोध हो रहा ह वासतव म राषटीय सवासथय नीहत 2017 का दसतावज लोगो को सवासथय दन क हलए नीहत का दसतावज नही ह बहक यह जन-सवासथय सहवधाओ का बचा-खचा हहससा भी तबाह करन परी सवासथय वयवसथा को हनजी कषत क हाथो म दन बहसखयक लोगो को सवासथय सहवधाए दन स बशमगी क साथ मना करन और पस वालो क हलए lsquoअहत आधहनकrsquo सवासथय सहवधाए कायम करन और हनजी असपतालो को खलकर लटन क हलए माहौल तयार करक दन का दसतावज ह अमबाहनयो-अडाहनयो की सरकार स और उममीद भी कया की जा सकती ह असल म मौजदा पजीवादी आहथविक वयवसथा म सभी लोगो को सवासथय सहवधाए दन का उद य परा करना न तो समभव ह और न ही इस वयवसथा का ऐसा कोई मकसद ही ह जो जन-सवासथय वयवसथा 1947 क बाद खडी की गयी थी वह भी आजादी क बाद लोगो की उममीदो को बहत जदी न टटन दन क हलए और महामाररयो को िलन स रोकन क हलए बनायी गयी थी हजनकी चपट म अमीरो क भी आ जान का ख़तरा बना रहता था भारतीय पजीपहतयो की भी उस समय इतनी औकात नही थी हक सवासथय कषत को मनाफ क हलए लट सक लहकन 1991 क बाद पररहसथहतया एकदम बदल गयी ह अब भारतीय पजी यह समझ चकी ह (और उसकी औकात भी इतनी ही हो चकी ह) हक सवासथय कषत मनाफा कमान का एक ऐसा कषत ह जहा कभी मनदी नही आती यह पजी हनवश का सबस सरहकषत कषत ह (हालाहक यह भी पजीपहतयो की ग़लतफहमी ही ह) 1991 क बाद स सरकार लगातार जन-सवासथय वयवसथा को तोडन तबाह करन िक पर दन और हनजी कषत की सवासथय सहवधाओ क हलए अनकल पररहसथहतया तयार करन म लगी हई ह मोदी सरकार इसम और बढ-चढकर काम कर रही ह कयोहक यह पजी की सबस बशमवि और वफादार सवक ह

ndash िखतिनदर

राषटरीय सासथय नरीति 2017 ndash जनिा क लिए बचरी-खचरी सासथय सतिधाओो कछ भरी बाजार क मगरमचछ ो क हिाि कर दन का दसतािज

8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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8 मजदर तबगि जिाई 2017

(पज 13 स आग)पर भी पडगा हजसस कजवि लकर यह वगवि कार घर और ख़शहाली क और साधनो का आननद ल रहा था यही वह वगवि ह हजसकी आहथविक तरककी पर ररटल बहकग रीयल एसटट आटोमोबाइल कषत काफी हद तक हनभविर रहा ह इन कषतो पर भी इसक बर परभाव की समभावनाए जतायी जा रही ह

ldquoअचानकrdquo आकर खड हए मौजदा खतर को लकर सरकार कापपोरट और मौजदा वयवसथा क सवक बौहदधक वगवि दारा अपन-अपन तकवि पश हकए जा रह

ह सबस मखय तकवि जो पश हकया जा रहा ह वह ह ऑटोमशन का यह परचार हकया जा रहा ह हक नई तकनीक आन स जहा 10 लोगो की जररत थी वहा अब हसिवि 3 की ह कापपोरट मनािा बढान और मकाबल म हटक रहन क हलए इस जररी मानता ह सरकार क पास भी इसका कोई िोस हल नही ह मीहडया म चल रही चचाविओ म भी यह माना जा रहा ह हक नई तकनीक को रोका नही जा सकता लहकन लाखो की सखया म अपना रोजगार गवा रह इजीहनयरो क हलए कोई हल भी नही हमल रहा और

यह हल हमल भी नही सकता कयोहक इन सारी चचाविओ म जो चीज गायब ह वह ह मनाि पर हटकी यह मौजदा पजीवादी वयवसथा हजसम पजीवाद क हलए जररी ह हक मकाबल म हटक रहन क हलए अपनी लागत कम कर ऐसा वह या तो वतन कम करक कर सकती ह या नई तकनीक लाकर कम स कम शरहमको स अहधक उतपादन करवाकर नही तो यह भी हो सकता ह हक नई तकनीक स शरहमको क काम क घणट घटाए जान स अहधक स अहधक लोगो को रोजगार महया करवाया जा सक तकनीक हजस

एक दतय की तरह पश हकया जा रहा ह उस मनषय क हलए वरदान क रप म उसकी हजनदगी आसान करन क हलए इसतमाल हकया जा सकता ह लहकन कयोहक मनािा इस वयवसथा की मखय चालक शहति इसहलए हकसी पजीपहत स उसकी मनहजग कमटीndashसरकारndashस यह उममीद नही की जा सकती ह हक वह ऐसा करगी इसहलए मौजदा समसया क हल क हलए इस वयवसथा क सवको दारा दौडाए जा रह अकल क घौड इस वयवसथा क अनदर ही चककर लगा-लगा कर हाि रह ह lsquolsquoउजरती शरम और

पजीrsquorsquo म कालवि माकसवि की कही यह बात मौजदा हालात पर परी तरह लाग होती ह -

ldquoइस यदध की हवलकषणता यह ह हक इसकी लडाइया शरम की िौज को भतगी करन स अहधक हनकालन स जीती जाती ह जनरल पजीपहत एक दसर स इस बात म मकाबला करत ह हक उनम स कौन उदोग क सबस अहधक हसपाहहयो को हनकाल सकता हrsquorsquo

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

क हलए दध का इसतमाल बनद हो गया ह महगाई क कारण बहत स लोग बस आहद क बजाय कई-कई हकलोमीटर पदल चलकर काम पर जात ह आज ऐसी हालत दश क लगभग सभी राजयो म ह नोटबनदी और उसक बाद हई छटनी न दश क करोडो महनतकशो पर मसीबतो का पहाड और भी वजनी बना हदया ह

ऐसी भीरण महगाई क पहल ही हालत यह थी हक दश की तीन-चौथाई आबादी क भोजन म हवटाहमन और परोटीन जस जररी पौहटिक ततव लगातार कम होत जा रह थ परहसदध अथविशासती उतसा पटनायक न एक अधययन म बताया ह हक दश म परहत वयहति औसत खाद उपलधता बगाल म 1942-43 म आय भीरण अकाल क हदनो क बराबर पहच चकी ह गामीण कषतो म बहतर पररवारो को दोनो वति या सपताह क सातो हदन भरपट खाना नही हमलता मनमोहन हसह सरकार न सवीकार हकया था हक रोज लगभग दस हजार बचच कपोरण और उसस होन वाली बीमाररयो क कारण मर जात ह हवशरजो क अनसार वासतहवक सखया इसस बहत अहधक ह

2012 क नयटीशन यरो क गामीण भारत क आहखरी सवच क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गामीण को 550 कलोरी ऊजावि 13 गाम परोटीन 5 हमगा आइरन 250 हमगा कहसयम और 500 हमगा हवटाहमन ए परहतहदन कम हमल रहा ह इसी तरह 3 वरवि स कम की उमर क बचचो को 300 हमलीलीटर परहतहदन की आवयकता क मकाबल औसतन 80 हमली दध ही परहतहदन हमल पा रहा ह सवच यह भी बताता ह हक जहा 1979 म औसतन दहनक जररत क लायक परोटीन ऊजावि कहशयम तथा आइरन उपलध था वही 2012 आत-आत हसफवि कहशयम ही जररी माता म हमल पा रहा ह जबहक परोटीन दहनक जररत का 85 ऊजावि 75 तथा आइरन मात 50 ही उपलध ह हसफवि हवटाहमन ए ही एक ऐसा पोरक ततव ह हजसकी माता 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लहकन वह भी 2012 म घटकर दहनक जररत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह हक सवच क अनसार 35 गामीण

सती-परर कपोहरत ह और 42 बचच मानक सतर स कम वजन वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकडा ह जनसखया क ग़रीब हहसस म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीहवका यरो नाम क सगिन दारा दहकषण राजसथान क गावो म हकय गय एक सवच क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक हतहाई को सजी नतीजा आधी माए और उनक बचच कपोहरत थ

हदली और ममबई सहहत शहरो की झगगी-झोपहडयो म रहन वाली एक चौथाई अथावित 10 करोड अतयनत ग़रीब लोग भी भख और कपोरण का उतना ही हशकार ह और जस-जस हम भारत क आहथविक महाशहति बनन की चचावि सनत ह भख पीहडत लोगो की तादाद घटन क बजाय बढती जाती ह यनीसि क अनसार भारत म हर साल 5 वरवि स कम आय क 10 लाख बचच कपोरण समबनधी कारणो स मकतय का हशकार होत ह सामानय स कम वजन वाल 5 साल तक क बचचो की सखया का हववरण दख तो पता लगगा हक हवकहसत दशो को तो भल ही जाइय बाजील चीन दहकषण अरिीका जस तीसरी दहनया क दश भी छोहडय शहरी बचचो क कपोरण क मामल म हम बागलादश-पाहकसतान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पाहकसतान म 25 दहकषण अरिीका म 12 बाजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी हदली और आहथविक राजधानी कह जान वाल ममबई की हसथहत को थोडा और हवसतार स जानत ह कयोहक यहा क बार म जयादा जानकारी उपलध ह इसस बाकी शहरो की हसथहत का अनमान लगाया जा सकता ह इन दोनो की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड लोग सलम या झोपडपटटी म रहत ह जो भारी भीड ग़रीबी और कपोरण क कनदर ह

अहधकाश मजदर पररवारो म बचचो क हलए भी दध नही नसीब होता मजदर औरत जाकर अपन बचच क lsquoबॉडी मास इडकसrsquo की जाच तो नही करा सकती ह लहकन दखकर ही जाना जा सकता ह हक य बचच कपोरण क हशकार होत ह सरकारी पमान स औदोहगक मजदर को परहतहदन कम स कम 2700 कलोरी

भोजन हमलना चाहहए भारी काम करन वालो को कम स कम 3000 कलोरी हमलना चाहहए लहकन वासतव म अहधकतर मजदर रोज-रोज जो खाना खात ह उसस पट भल ही भर जाय मगर हदन भर काम करन क हलए जररी सनतहलत और पौहटिक भोजन वह नही होता ऊपर स इन मजदरो को कभी भी परा आराम नही हमलता जयादातर मजदर रोज 12-13 घणट काम करत ह और अकसर हफत म सातो हदन हबना छटटी क काम करत ह ऐस म शरीर अनदर ही अनदर कमजोर होता जाता ह

हवशव सवासथय सगिन क पमान स अगर हकसी इलाक की 60 परहतशत आबादी कपोरण की हशकार ह तो उस इलाक को rdquoअकालगसतrdquo घोहरत करक राहत क हवशर उपाय करन चाहहए इस पमान क हहसाब स तो दश की राजधानी हदली की आधी स जयादा आबादी को ततकाल अकालगसत घोहरत हकया जाना चाहहए हनहचित ही भारत सरकार ऐसा नही करगी कयोहक ऐसा करन का मतलब होगा यह सवीकार करना हक तथाकहथत हवकास की उसकी नीहतया ऊपर की 15 परहतशत आबादी क हलए ख़शहाली का सवगवि और बाकी जनता क हलए बदहाली का नकवि पदा कर रही ह दश क करीब 60 परहतशत बचच खन की कमी स गसत ह और 5 साल स कम उमर क बचचो क मौत क 50 िीसदी मामलो का कारण कपोरण होता ह सयति राषट की एक ररपोटवि क अनसार 63 िीसदी भारतीय बचच अकसर भख सोत ह और 60 िीसदी कपोरण गसत ह हदली म अनधाधनध हवकास क साथ-साथ झहगगयो या कचची बहसतयो म रहन वालो की सखया बहत तजी स बढी ह और लगभग 70 लाख तक पहच चकी ह इन बहसतयो म न तो साि पीन का पानी ह और न शौचालय और सीवर की उहचत वयवसथा ह जगह-जगह गनदा पानी और कचरा इकटा होकर सडता रहता ह और पहल स ही कमजोर लोगो क शरीर अनक बीमाररयो का हशकार होत रहत ह

दरअसल कीमत बढन क हलए पजीवादी नीहतया ही हजममदार ह महगाई की असली वजह यह ह हक खती की उपज क कारोबार पर बड वयापाररयो सटोररयो और कालाबाजाररयो का कजा ह य ही हजनसो (चीजो) क दाम

तय करत ह और जानबझकर बाजार म कमी पदा करक चीजो क दाम बढात ह हपछल कछ वरडो म कक हर उपज और खदरा कारोबार क कषत को बडी कमपहनयो क हलए खोल दन क सरकार क िसल स हसथहत और हबगड गयी ह अपनी भारी पजी और ताकत क बल पर य कमपहनया बाजार पर परा हनयनतण कायम कर सकती ह और मनमानी कीमत तय कर सकती ह मोदी सरकार आन क बाद दालो की कीमत आसमान पर पहच जान का बडा कारण मोदी क चहत पजीपहत अडानी की कमपनी दारा हकया गया करीब ढाई लाख करोड का घोटाला था

अदानी न हसगापर की हवलमार कमपनी क साथ एक सयति उदम की शरआत की हजसका मकसद था भारत म खाद पदाथडो की हबकरी करना इसका नाम अदानी-हवलमार रखा गया जो भारत म िाचयविन क नाम स खाद पदाथडो की हबकरी करती ह अदानी न पर भारत म कक हर परधान राजयो क कक हर उतपादो की भारी माता जमाखोरी की ताहक बाद म महग दाम म बच सक मगर समसया यह थी हक एक तय सीमा स अहधक खाद पदाथडो को इकठा करक नही रखा जा सकता तब उनक चहत मोदी काम आय और मोदी सरकार न अरहर मग और उरद की दाल क भणडारण की माता पर स सीमा एक सरकारी कानन क तहत हटाकर अदानी की महकल आसान कर दी उसक बाद अदानी की कमपनी न परहतहदन 300 टन दाल मात 30 रपय परहत हकलो क दाम स इकठा करना शर हकया कमपनी न 100 लाख टन स जयादा दालो स अपन गोदामो को भर हदया अब जब बाजार म दाल की हकलत हो गयी तो अदानी न 30 रपय म खरीदी हई दाल 150 स 200 रपय म बचकर हजारो करोड रपय बना हलय य तो महज एक उदाहरण ह

पजीवादी नीहतयो क कारण अनाजो क उतपादन म कमी आती जा रही ह भारत ही नही परी दहनया म आज खती सकट म ह पजीवाद म उदोग क मकाबल खती का हपछडना तो लाहजमी ही होता ह लहकन भमणडलीकरण क दौर की नीहतयो न इस समसया को और गमभीर बना हदया ह अमीर दशो की सरकार अपन िामविरो को भारी सहसडी दकर खती को मनाि का सौदा

बनाय हए ह लहकन तीसरी दहनया क दशो म सरकारी उपकषा और पजी की मार न छोट और मझोल हकसानो की कमर तोड दी ह सामराजयवादी दशो की एगीहबजनस कमपहनयो और दशी उदोगपहतयो की मनाफाख़ोरी स खती की लागत लगातार बढ रही ह और बहत बडी हकसान आबादी क हलए खती करक जी पाना महकल होता जा रहा ह इसका सीधा असर उन दशो म खादानन उतपादन पर पड रहा ह

महनतकश जनता की मजदरी म लगातार आ रही हगरावट क कारण उसकी खरीदन की शहति कम होती जा रही ह हदहाडी पर काम करन वाली लगभग 50 करोड आबादी आज स 10 साल पहल हजतना कमाती थी आज भी बमहकल उतना ही कमा पाती ह जबहक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह इसस जयादा मानवदरोही बात और कया हो सकती ह हक हजस दश म आज भी करोडो बचच रोज रात को भख सोत ह वहा 35 स 40 परहतशत अनाज गोदामो और रखरखाव की कमी क कारण सड जाता ह एकसपरस-व अतयाधहनक हवाईअडडो सटहडयमो आहद पर लाखो करोड रपय खचवि करन वाली सरकार आज तक इतन गोदाम नही बनवा सकी हक लोगो का पट भरन क हलए अनाज को सडन स बचाया जा सक

महगाई पजीवादी समाज म खतम हो ही नही सकती जब तक चीजो का उतपादन और हवतरण मनािा कमान क हलए होता रहगा तब तक महगाई दर नही हो सकती कामगारो की मजदरी और चीजो क दामो म हमशा दरी बनी रहगी मजदर वगवि हसिवि अपनी मजदरी म बढोततरी क हलए लडकर कछ नही हाहसल कर सकता वह लडकर पजीपहत स थोडी मजदरी बढवान म कामयाब भी हो जाता ह तो पजीपहत चीजो क दाम बढाकर हिर उस लट लता ह यह हसलहसला लगातार चलता रहता ह मजदर की हालत वही की वही बनी रहती ह इसहलए मजदरो को मजदरी बढान क हलए लडन क साथ-साथ मजदरी की परी वयवसथा को ख़तम करन क हलए भी लडना होगा

बहहसाब बढिरी महगाई यानरी ग़ररीबछ ो क ख़ििाफ सरकार का िटरा यदध(पज 1 स आग)

मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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मजदर तबगि जिाई 2017 9

म एक बार हदया जान वाला जीहवत होन का सहटविहिकट दन स काम नही चलगा बहक उनह ख़द बक आहद म जाकर हाथ की छाप को मशीन दारा सतयापन करा कर ख़द को जीहवत होन का परमाण दना होगा लहकन पशनरो की एक बडी सखया अतयनत वकदध और बीमारी स अशति होती ह उनक हलए पहल आधार बनवाना और हिर बक जाकर अपन जीहवत होन का सतयापन कराना बहद महकल होगा इस वकदधावसथा म कछ क हाथ तो इस जहवक सचना इकठा और सतयाहपत करन म भी असमथवि होग नतीजा यह हक व जीवन भर की महनत क बाद पायी अपनी ही कमाई की बचत स परापत पशन क सहार स भी सबस अहधक जररत क वकत वहचत कर हदय जायग लहकन मौजदा सतताधारी इस अनयाय और लट न कहकर बचत बता रह ह यह हसफवि एक राजय की हसथहत ह समपणवि दश म ऐसी सखया का अनमान लगाया जा सकता ह

यह हसथहत तो सरकारी नौकरी म रह चक तलनातमक रप स हशहकषत और सकषम वयहतियो की ह गावो म वकदधावसथा पशन पान वाल ग़रीब अहशहकषत कमजोर वयहतियो की हालत कया होगी हजनक हलए शहर म बक जाना भी महकल ह हसफवि राजसथान म ही जब सामाहजक सरकषा पशन को आधार स जोडा गया तो हजनक पास आधार नही था या हजनकी जानकारी म ग़लहतया थी ऐस 10 लाख स अहधक लोगो को मकत या डपलीकट कहकर उनकी पशन बनद कर दी गयी लहकन जब हशकायतो क बाद कछ सामाहजक सगिनो न जाच की तो पाया गया हक इनम स बहसखया मकत नही बहक जीहवत थ लहकन य सब लोग अतयनत ग़रीब वकदध असहाय हवधवा महहलाए आहद थ हजनह परशासहनक तनत न एक झटक म 500 रपय महीना पशन स वहचत कर हदया नवभारत टाइमस की एक ररपोटवि क अनसार हबहार म एक गाव का नाम पानापर करायत ह लहकन उस गाव म आधार बनान वालो न सब आधार क पतो म उसका नाम पानापर करत कर हदया अब वकदधावसथा पशन वाल हवभाग न पता मल न खान क कारण इस गाव क सब वकदधो की पशन रोक दी ह

10 जलाई क कच नयज म झारखणड की सावविजहनक राशन परणाली पर आधार क परभाव क बार म हकय गय एक सवच की हवसतकत ररपोटवि क अनसार इसन राशन हवतरण म पहल स मौजद समसयाओ क साथ नयी परशाहनयो को जोडकर एक बडी सखया म ग़रीब लोगो को ससत सावविजहनक राशन की सहवधा स वहचत कर हदया ह रहजसटर म एणटी क बावजद राशन न दन या कम माता म दन की समसया तो आधार स हल होन

का सवाल ही नही था करीब 15 और लोग हाथ की छाप की जहवक सचना क सतयापन न होन स हर महीन राशन स वहचत हो रह ह कयोहक किोर शरम स हघस हाथो का सतयापन करन म मशीन असमथवि ह हजन लोगो को राशन हमल भी रहा ह उनह भी नटवकवि या हबजली न होन मशीन की खराबी या सवविर डाउन होन क कारण अकसर एक स जयादा बार चककर लगान क हलए मजबर होना पड रहा ह अथावित एक और मजदरी स हाथ धोना दसर आन-जान का अहतररति ख़चवि वहन करन क मजबरी इसक अहतररति व लोग ह जो हकसी वजह स आधार नही बनवा पाय ह इनको तो अब परशासहनक वयवसथा दारा जीहवत नागररक होन की मानयता ही नही दी जा रही ह

सवय सरकारी आकडो क अनसार अब तक 115 करोड आधार बनाय गय ह सवाभाहवक तौर पर ही इसम स कछ वयहतियो की मकतय हो चकी ह और 86 लाख आधार रद भी हकय गय ह भारत की जनसखया अभी 130 करोड स अहधक ह अथावित लगभग 20 करोड नागररको क पास आधार नही ह य हनर-आधार लोग कौन ह आधार की शरआत क समय कहा गया था हक हजन क पास कोई पहचानपत नही ह व कयाणकारी योजनाओ क लाभ स वहचत रह जात ह और आधार क दारा उनह पहचानपत दन स व भी इन योजनाओ का लाभ ल सक ग लहकन आधार बनात समय पहल स कोई पहचानपत होना ही एक आवयकता ह तो इन लोगो का आधार भी नही बनता हालाहक पररचयदाता क दारा भी आधार दन का परावधान ह लहकन उस तरह स मात 2 लाख अथावित नगणय आधार ही आज तक जारी हए ह इस तरह जो सबस ग़रीब असहाय और कमजोर लोग ह तथा सरकारी योजनाओ क लाभ स पहल ही वहचत ह उनह अब इसस परी तरह बाहर कर हदया गया ह अब तो राशनकाडवि हो या पशन हर जगह इन लोगो को फजगी या मकत घोहरत कर इनक नामो को इन योजनाओ क लाभाहथवियो की सची म स ही काट हदया जा रहा ह इस परकार आधार दश क ग़रीब लोगो को जो थोडी-बहत सरकारी कयाणकारी योजनाए ह भी उनक भी लाभ स वहचत करन का एक बडा औजार बन गया ह

जहा तक आधार क दारा हवहभनन लाभकारी योजनाओ क सथान पर सीध कश दन का सवाल ह उसम आधार कया कर सकता ह वयहति की सही पहचान की बात को अगर मान भी हलया जाय तो हकस वयहति को फायदा हदया जाय यह तय करन का काम तो उसी राजनीहतक-परशासहनक तनत का ह हजसका अभी ह हिर यह कश हवतरण क हलए बक का एजणट और एक हबचौहलया बन जाता ह जो आधार

क सतयापन क जररय कश दता ह इसम कछ सवचाहलत नही ह और लट-खसोट का तनत न हसफवि जयो का तयो ह बहक आधार क जररय लाभ क अहधकारी को परशान कर लाभ स वहचत करन क बहान उनक पास और बढ जात ह झारखणड हदली छततीसगढ गजरात सब राजयो म जहा भी इस जररी बनाया गया ह वहा न हसफवि इसस कायविकशलता घटी ह बहक यह सावविजहनक सवाओ स ग़रीब और असहाय वयहतियो - आहदवाहसयो दहलतो वकदधो महहलाओ-हवधवाओ अपगो - को वहचत करन का जररया बन गया ह तथा इन सवाओ म भरटिाचार और चोरी को बढा रहा ह

वस तो भरटिाचार व चोरी को रोकन क नाम पर लाय गय आधार का अपना परा ढाचा ही भरटिाचार पर हटका ह 12 जलाई क हहनदसतान टाइमस की ररपोटवि क अनसार अब तक आधार बनान वाली साढ 6 लाख एजहसयो म स 34 हजार स अहधक को भरटि और जालसाजीपणवि गहतहवहधयो म हलपत पाया गया ह इसम फजगी दसतावज पर आधार बनाना पसा लकर पता बदलना आहद शाहमल ह आधार बनवान क हलए हदय गय दसतावज इनक पास ही छोड हदय गय ह हजनका दरपयोग करन म इनक ऊपर कोई रोकथाम नही ह इसस भी बढकर जो हाथ और आखो की जहवक जानकारी आधार बनवान क इनहोन एकत की थी परहतहलहप भी इनक पास ही छोड दी गयी ह हजसका इसतमाल य दसरो क नाम पर कर सकत ह इसी तरह जब ररलाइस हजओ या हकसी बक को आधार सतयापन क हलए हाथ सकन कराया जाता ह तो उनक पास भी यह रह जाता ह और व इसको पनः उपयोग कर सकत ह ऐस मामल पहल ही सामन आ चक ह उपरोति ररपोटवि म ही लातहार झारखणड क मामल का हजकर ह हक जब एक बजगवि पहत-पतनी बहकग एजणट क पास अपनी पशन का पसा हनकालन गय तो पता चला हक वह तो पहल ही हनकाला जा चका ह ख़द आधार अथॉररटी क अनसार हसफवि छोटी हनजी एजहसया ही नही एहकसस बक दना बक बक ऑफ इहणडया और एनएसडीएल जस बड बक और ससथाए इन भरटि गहतहवहधयो म हलपत पाय गय ह इसस आधार दारा भरटिाचार और चोरी को समापत करन क मकसद की बात परी तरह ग़लत हसदध होती ह

इस परकार भरटिाचार म कमी नही बहक सबस ग़रीब वहचत लोगो को इन योजनाओ क लाभ स वहचत करना ही आधार स होन वाली बचत का मखय आधार ह और सरकार बता रही ह हक यही ग़रीब लोग ही चोरी कर रह थ हजनह अब इसस रोक हदया गया ह यह ऐसी शासन वयवसथा ही कर सकती ह जो सबको सवासथय सहवधाए उपलध न होन को समसया नही

मानती बहक उसकी नजर म जो लोग बगर पहचान का सबत हदय इलाज करवाना चाहत ह व मरीज समसया ह ऐसी हकमत क हलए पयाविपत माता म भोजन की अनपलधता और बचचो म बढता कपोरण समसया नही ह बहक बग़र पहचान का सबत हदय सकल म हमड ड मील लन आ गय बचच समसया ह यह हसफवि ऐसी हकमत कर सकती ह जो ग़रीब महनतकश लोगो की ग़रीबी का कारण वतविमान वयवसथा म हनहहत शोरण को नही मानती बहक उसकी नजर म य सब लोग काहहल कामचोर भरटि ह जो महनती परहतभाशाली पजीपहतयो क परराथवि स कमाय धन को हमड ड मील राशन और इलाज आहद क जररय लट लना चाहत ह इसहलए यह हकमत ऐसी ताकत चाहती ह हक वह जब हजस अपराधी या सनदहासपद मान उसकी पहचान कर उस य सहवधाए लन क बहान इस तथाकहथत लट स रोक सक

तनगरानरी िनतरसाथ ही बक खातो स लकर

मोबाइल फोन तक म आधार को जररी करना बताता ह हक यह एक ऐसी हनगरानी वयवसथा भी ह जो दश क हर नागररक को हर समय उसक चाह हबना ही पहचान कर सक उसकी हर गहतहवहध पर नजर रख सक और जहा जब चाह उस हकसी गहतहवहध स रोक सक उसस ख़फा हो जाय तो उसका राशन वतन पशन सकल म बचच क दाहखल असपताल म इलाज मोबाइल पर बात करन इणटरनट क जररय कछ करन-पढन पसतकालय स कोई हकताब लन कही जान क हलए टनबस का हटकट लन अथावित हकसी भी सहवधा स वहचत कर सक आधार असल म सवाविहधक वहचत जररतमनदो को लाभकारी योजनाओ क फायद स वहचत करन और सरकारी तनत क करीहबयो को फायदा पहचान का औजार तो ह ही साथ म यह नागररको पर हनग़हबानी और जाससी करन का तनत ह जो न हसफवि हमारी हनजता का हनन करता ह बहक हमार जनताहनतक अहधकारो को कचलन गला घोटन का िनदा तयार कर रहा ह न हसफवि सार सरकारी कयाण कायविकरम हजनम पहल स ही बहत सी खाहमया थी अब परी तरह बरबाद हकय जा रह ह बहक हमार दनहनदन जीवन क हर कषत पर सरकारी तनत का हशकजा कसन और जनताहनतक आजादी और अहभवयहति का गला घोटन की भी तयारी की जा रही ह

नायपालिका की भममकायही पर हम उचचतम नयायालय

की भहमका पर भी ग़ौर करत ह हजस जनतनत सहवधान और नागररक अहधकारो का रकषक बताया जाता ह और हजसस बहत स जनवादी-हलबरल लोग जनवादी अहधकारो की हहफाजत

की उममीद रखत ह यह सच ह हक उचचतम नयायालय न कई बार सरकार को कहा ह हक वह आधार सचना की उहचत सरकषा का कानन बनाय बग़र इस आग न बढाय और इस हकसी भी सावविजहनक सवा क हलए आवयक न कर लहकन सरकार जब ऐसा करती ह तो उसको रोकना तो छोहडय उचचतम नयायालय उसकी सनवाई क हलए भी तयार नही होता अभी तक ऐसी सनवाई नही हई ह उलट ख़द इस नयायालय न ही मोबाइल हसम काडवि क हलए आधार सतयापन को जररी करन का आदश भी द हदया ह आधार की अहनवायविता को चनौती दन क हलए कई लोग उचचतम नयायालय जा चक ह काफी सनवाई क बाद 11 अगसत 2015 को इसकी एक खणडपीि न िसला हदया हक यह एक महतवपणवि हवरय ह और इसकी सनवाई और िसला एक नौ सदसयीय सहवधान पीि को करना चाहहए इसकी हसफाररश भी मखय नयायाधीश स कर दी और तब तक क हलए सरकार स इस अहनवायवि न बनान क हलए कहा लहकन याहचकाकताविओ दारा कई बार समरण हदलाय जान क बावजद भी यह सहवधान पीि नही बनायी गयी इस बीच म सरकार एक क बाद एक बहत स कायडो क हलए आधार को अहनवायवि कर भी चकी ह

सपरीम कोटवि क ही पहल हनदचश क अनसार सरकार क इस कदम पर रोक लगान क हलए कई याहचकाकतावि हवहभनन पीिो क पास जा चक ह लहकन वह इस पर िसला दन क बजाय सहवधान पीि क हलए इस छोड द रह ह लमब इनतजार क 23 महीन क बाद अब मखय नयायाधीश न सहवधान पीि दारा 18-19 जलाई को इसकी सनवाई की तारीख़ दी ह लहकन इस बीच सनवाई क इनतजार म सरकार पहल ही आधार को बहत स कायडो क हलए परभावी रप स अहनवायवि बना बहत स नागररको को आधार बनवा लन क हलए हववश कर चकी ह अथावित अब नयायालय क िसल का कोई बहत अथवि रह नही गया ह नोटबनदी क वकत भी हम यही हसथहत दख चक ह उस मामल पर भी वकत पर सनवाई करन क बजाय सपरीम कोटवि न इसी महीन कछ हदन पहल सरकार को नोहटस दकर पछा ह हक जनता को परान नोट बदलन का पयाविपत मौका कयो नही हदया गया अथावित हचहडया क खत चग लन क बाद रखवाली क इनतजाम की बात की जा रही ह जो परी तरह बमतलब ह इस तरह हम पात ह हक वतविमान पजीवादी वयवसथा म ससद और नयायालय जस अग सतताधारी वगवि क आकरमण स जनता क अहधकारो की रकषा म कोई परभावी भहमका हनभान क औजार नही ह

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आधार पर सरकारी जबरदसी की वजह का ह(पज 1 स आग)

10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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10 मजदर तबगि जिाई 2017

लचछदार गपपबाजी क हलए परहसदध परधानमनती मोदी न बीती 17 अपरल को एक चररटबल असपताल की नीव रखत हए कहा हक सरकार डॉकटरो की महगी बाणडड दवाइया हलखन की आदत को दरसत करन क हलए जद ही सखत कानन बना रही ह ताहक लोग ससती दवाइया ख़रीद सक

मोदी का यह बयान भी उनक अब तक क बयानो की तरह आम जनता को असल मद स भटकाकर रखन और अपन भतिो स वाह-वाह करवान क अलावा कछ ख़ास असर डालन वाला नही ह असल म यह सावविजहनक सवासथय सहवधाओ क कषत म जनता को ससता इलाज उपलध करवान म सरकार की अपनी नाकाहमयो पर पदावि डालन और अपन आकाओ सवासथय कषत म ढरो मनाफा कमान वाली घरल और बहराषटीय कमपहनयो का चसत तरीक स बचाव करन क हलए मोदी का सोचा-समझा एक नसखा ही था

परधानमनती मोदी क इस बयान क बाद भारतीय महडकल काउहसल और पजाब सरकार क सवासथय हवभाग दारा सभी डॉकटरो को हसफवि lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन क आदश हदय गय जहा जनररक और बाणडड दवाइयो का मसला आम जनता क हलए तो समझना पचीदा ह ही वही डॉकटरो क हशहवर म भी मोदी क इस बयान और भारतीय महडकल काउहसल क हनदचशो क बार म अपनी-अपनी समझ क मताहबक चचावि चलती रही और जयादातर डॉकटर lsquoजनररक दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क चककरो म उलझत दख गय पजाब क एक डॉकटरो क सगिन दारा परधानमनती और महडकल काउहसल ऑफ इहणडया को हलखत म इन हनदचशो को सपटि करन क हलए कहा गया

मोदी दारा डॉकटरो को चतावनी स जमीनी सतर पर आम जनता पर हकतना असर पडगा इस मसल को समझन क हलए पहल lsquoबाणडडrsquo और lsquoजनररक

दवाइयाrsquo और दवाइयो क lsquoजनररक नामrsquo क फकवि को समझना पडगा जब कोई दवा कमपनी हकसी नयी दवाई की खोज करती ह तो वह कमपनी उस दवाई को बनान और बचन का एकाहधकार (पटणट) हाहसल करती ह और दवाई क रासायहनक नाम क अलावा एक अलग नाम पर बचती ह हजसको lsquoबाणडड दवाईrsquo कहा जाता ह पटणट आमतौर पर 20 वरवि तक का हो सकता ह यह तकवि हदया जाता ह हक इस समय क दौरान कमपनी दवाई की खोज इस हवकहसत करन क ख़चच और दवाई को परमोट करन क ख़चच पर करती ह जबहक असल म कमपनी मनाफो क अमबार लगा रही होती ह जब एक ख़ास दवाई बनान का अहधकार हकसी कमपनी क पास ख़तम हो जाता ह तो यह दवाई बनान का अहधकार बाकी कमपहनयो को भी हाहसल हो जाता ह और हिर व कमपहनया भी दवाई को रासायहनक नाम क अलावा एक अलग ख़ास नाम पर बचती ह हजस lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo कहा जाता ह आमतौर पर lsquoबाणडड दवाईrsquo और lsquoबाणडड जनररक दवाईrsquo की ररटल कीमत लगभग एक जसी होती ह तीसरा नमबर आता ह lsquoजनररक दवाइयोrsquo का जो हसफवि रासायहनक नाम पर हबकती ह इन दवाइयो की पहकग पर रासायहनक नाम क अलावा कमपनी दारा हदया गया एक अलग नाम नही हलखा होता

अब जनररक दवाइयो क बार म िलाय गय भरमजाल की छानबीन करत ह और दखत ह हक डॉकटरो को lsquoजनररक दवाइयाrsquo या lsquoजनररक नामrsquo स दवाइया हलखन का फरमान सचमच कारगर ह या एक सरकारी हवाई बात क हबना और कछ नही ह

lsquoइहणडयन फामचकालाजीrsquo जनरल क सवचकषण म खलासा हकया गया ह हक lsquoबाणडडrsquo दवाइयो पर परचन माजविन 25-30 ह और बाणडड जनररक दवाइयो पर यह माजविन 201 स 1016 तक ह भारत की दवाई की

कमपहनयो का सकल घरल उतपादन 1 लाख करोड ह हजसम हसफवि 10 हहससा जनररक दवाइयो का ह 90 घरल दवाइयो का बाजार बाणडड जनररक दवाइयो का ह भारत की जररी दवाइयो की सची म शाहमल दवाइयो का उतपादन हसफवि 12 ह बाजार का 45 हहससा एक स अहधक दवाइयो की जडकर बनी दवाइयो का ह जो हक 45000 करोड बनता ह और य दवाइया जनररक नही ह इन आकडो स काफी सपटि हो जाता ह अगर डॉकटर परी तरह जनररक नाम या दवाइयो का रासायहनक नाम हलखना भी लाग कर दत तो भी आम जनता को इसका ख़ास फकवि नही पडगा कयोहक बाजार का बडा हहससा पहल ही बाणडड जनररक दवाइयो का ह अगर डॉकटर दवाई का जनररक नाम भी हलखता ह तो ररटल दवाइयो का दकानदार तय करगा हक हकस कमपनी की दवाई दनी ह और वह उसी कमपनी की दवाई बचगा हजसम उसको जयादा मनाफा होगा और इसस आम जनता की लट वस ही बरकरार रहगी जनररक दवाइयो को जनता तक पहचान क हलए 2008 म कनदर सरकार न lsquoजन औरहधrsquo नाम की ससती दवाइयो क सटोर खोलन का काम शर हकया और इन 9 वरडो म कछ सटोर चल रह ह लहकन अकसर दवाइयो का सटॉक ख़तम हआ रहता ह भारत म इस समय कल लगभग 8 लाख िटकर दवाइयो क सटोर ह इसक मकाबल इस समय दशभर म जन औरहध सटोरो की हगनती 10000 स भी कम ह और इनक दर हसथत होन क कारण जनता इनका लाभ नही ल पाती

बहराषटीय फामावि कमपहनयो को खलआम लट क हलए छोड कर हसफवि डॉकटरो पर नकल कसन स और सरकार दारा अपनी हजममदाररयो स मह मोडन स जनता की हो रही लट कम नही होन वाली दवा कमपहनया अपनी दवाइयो क नाम डॉकटरो को रटान क हलए हरसमभव हथकणड इसतमाल करती ह तोहफो क रप म कहमशन क अलावा हिमो की

हटकट कार सोना और हवदश याता तक उपलध करवाती ह जॉनसन और िजर जसी कमपहनया दवाइयो की खोज और हवकास करन क ख़चच स दगणा ख़चावि हसफवि अपनी दवाइयो क परचार पर ख़चवि करती ह अमररका की एक कमपनी का 349 हबहलयन डॉलर का वाहरविक ख़चवि डॉकटरो असपतालो तथा बाकी सवासथय कमविचाररयो को ख़श करन पर लगता ह डॉकटरो क सममलनो को दवाई और महडकल साजो-सामान बनवान वाली कमपहनया सपानसर करती ह इस वरवि क जनवरी क महीन म 7 बड सममलन भारत क हवहभनन राजयो म हए हजनका बजट कई करोड रपय का था हपछल महीन हए एक सममलन का बजट 17 स 20 करोड था और इसम पलहटनम सपानसर स 3 करोड और डायमणड सपानसर स 2 करोड हलया गया

पजीवादी आहथविक वयवसथा म सरकार पजीपहत वगवि की मनहजग कमटी क रप म काम करती ह हजसका हसफवि एक ही एक काम पजीपहतयो क हलए दश म महनतकश जनता की लट क हलए साजगार माहौल बनाकर रखना ह इसी क तहत जनता क हलए भरम भी पदा करना होता ह हक सरकार जनता क हलए कछ-न-कछ कर रही ह और पजीपहतयो दारा की जा रही लट पर पदावि डालना बरकरार रहता ह भारत म 1990 क बाद नवउदारवादी नीहतया लाग होन क ढाई दशको बाद मोदी सरकार क आन स तो हकमरानो का यह जन-हवरोधी चहरा परी तरह नगा-सिद सामन आ चका ह सावविजहनक सवासथय सवाओ को हसफवि ग़रीबो क पराथहमक इलाज तक सीहमत हकया जा रहा ह लगातार आउटसोहसिग तथा अनय योजनाओ दारा हनजीकरण हकया जा रहा ह योजना आयोग की ररपोटवि क मताहबक 3 करोड 90 लाख जनता हर वरवि महग इलाज क कारण ग़रीबी रखा स नीच जा रही ह मरीज क इलाज क कल ख़चवि का 70 हहससा दवाइयो पर ख़चवि होता ह गामीण कषतो म 47 और शहरी कषतो म 31

जनता अपना इलाज कजावि लकर या घर बचकर करवाती ह

भारत म 30 जनता अपना इलाज ही नही करवा पाती हपछल 10 वरडो म टीबी स होन वाली मौतो की सखया दगनी हई ह पाच वरवि स कम आय क बचचो की मकतय दर कल मकतय दर की आधा ह सवासथय ख़चवि सकल घरल उतपादन (जीडीपी) का 13 फीसदी हहससा दहनया-भर म नीच स 12व सथान पर ह 27 कल मौतो क समय पर डॉकटरी सहलत न हमलन क कारण होती ह

जहा एक ओर सरकारी दवा कारख़ान तरह-तरह क बहानो क तहत बनद हकय जा रह ह इसक हवपरीत हनजी कषत म 10500 दवाई की कमपहनया ह भारत म लगभग 900 दवाइया बनती ह और 62000 हभनन-हभनन नामो स दहनया-भर म आयात होन वाली 20 दवाइया भारत म बनी होती ह भारत 200 दशो म दवाइया हनयावित करता ह एडस की 80 दवाइया भारत म बनकर जाती ह भारत की दवाई का उदोग दहनया म माता क हहसाब स तीसर सथान पर ह हवशव म खाई जान वाली 3 गोहलयो म स 1 गोली भारत म बनी होती ह अमररका म 40 जनररक दवाइया भारत की बनी होती ह भारत को दहनया की फामचसी कहा जाता ह इसस साफ अनदाजा लगाया जा सकता ह हक बहराषटीय कमपहनया भारत स ससती शरम शहति को चसती ह और भारत की ग़रीब महनतकश जनता स हरसमभव तरीक स मनाफा कमान क हलए उस चसती-हनचोडती रहती ह

जब तक मनाफ पर आधाररत इस पजीवादी वयवसथा का ख़ातमा नही होता तब तक यह लट जारी रहगी पजीवादी सरकार पजीपहतयो क हहतो क हलए आम जनता क अहधकार छीनती रहगी इसक अलावा इनस और उममीद भी कया की जा सकती ह

ndash रॉ जशन जरीदा

जनररक दिाओो क बार म मछदरी की खछखिरी बाि और जमरीनरी सचाई

इधर कछ हदनो स राजसथान क अलवर-जयपर हजलो क गावो-शहरो म हवा की तजी स िलती इस अफवाह क चलत दहशत िली हई ह हक पहल तो सोत समय रहसयमय तरीक स महहलाओ क बालो की चोटी कट जाती ह हिर उस महहला की छाती पर हतशल का हनशान बन जाता ह और उसक बाद या तो वह महहला बहोश हो जाती ह या उसकी मकतय हो जाती ह वस तो गावो म अहधकतर लोग अनधहवशवासी ही होत ह परनत महहलाए जोहक अहधकतर अनपढ होती ह इस अफवाह क चलत अहधक दहशत म ह धाहमविक आसथा क चलत महहलाए कही महनदरो म परसाद चढा रही ह तो कही घरो क दरवाजो पर महनदी और हदी स पजो की छाप बना रही ह वस तो इस तरह की यह कोई नयी घटना नही ह साल भर पहल यह अफवाह उडी थी

हक रात म कोई गह पीसन की चककी पर हथौड स पीटता ह और हिर उसक बाद उस घर म कछ अनहोनी घहटत हो जाती ह इस तरह की घटनाओ स कोई भी समझदार और ताहकवि क वयहति यह सोचन पर जरर मजबर होगा हक अनपढ महहलाओ की बात छोड भी द तो बाकी पढी-हलखी जनता भी आहखर इन अफवाहो को सच कयो मानन लगती ह वस तो सरकार भी अफवाहो को अनहतक व ग़रकाननी मानती ह परनत कभी भी उन लोगो की हशनाखत नही की जाती जो अफवाह िलान क दोरी होत ह कछ नयज चनल भी इस तरह की अफवाहो को सनसनीखज ख़बर क रप म चलाकर टीआरपी बटोरन का काम करत ह आरएसएस बजरग दल जस हहनद कटटरपनथी सगिन वहाटसएप क जररय इस अफवाह का इसतमाल मसलमानो क हखलाफ नफरत भडकान

म कर रह ह उनका कहना ह हक एक महसलम ताहनतक हगरोह हहनद महहलाओ की जनसखया घटान क हलए यह सब कर रहा ह हहनद कटटरपहनथयो क इन धतवितापणवि कक तयो स यह आशका होती ह जस यह अफवाह ख़द इन लोगो दारा ही िलायी गयी हो खर सचचाई जो भी हो सोचन लायक बात यह ह हक समाज म इस तरह की अफवाह तजी स कयो िल जाती ह जबहक सही तथयपरक बात नही िल पाती इसका कारण हमार सामाहजक तान-बान म मौजद ह हम हजस समाज म रहत ह वहा सवाल करना तकवि करना बहस करना चीजो को वजाहनक तरीक स समझ लना हम नही सीख पात पररवार स लकर सकल-कॉलजो म भयकर रप स मधययगीन हपछडापन मौजद ह हमारा रहन-सहन खान-पान वशभरा बोलचाल इतयाहद बशक आधहनक हो गय हो लहकन

हमारी सोच हमार हवचार अभी बहद हपछड हए ह और इस हपछडपन क हलए सरकार हपरणट मीहडया सहहत इलकटोहनक मीहडया हशकषण-ससथान टलीहवजन एव हिम ससथान समान रप स दोरी ह

अगर सरकार चाह तो इन सबक माधयम स लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जा सकती ह परनत हकसी भी पाटगी की सरकार ऐसा नही करती ह सवाल उिता ह कयो कयोहक ऊपर वहणवित इन तमाम ससथानो पर कॉरपोरट घरानो का कजा ह उनका काम लोगो को हशहकषत करना नही बहक कवल और कवल जस भी हो मनाफा बटोरना होता ह नता-महनतयो को उनक हहसस का मनाफा महीन-की-महीन पहचा हदया जाता ह इस तरह मनाफा कटन का यह गोरखधनधा चलता रहता ह सरकार को जागरक

जनता की नही बहक भडचाल चलन वाली जनता की जररत होती ह उस यह बख़बी पता होता ह हक अगर लोगो को बहतर ताहकवि क एव वजाहनक हशकषा दी जायगी तो व सोचन-समझन लगग उनको हकसी भी तरीक स मखवि नही बनाया जा सकगा जाहत-धमवि क नाम पर आपस म बाटा नही जा सकगा ऐस म उनकी चनावी फसल कस तयार हो सकगी

सरकार और उसक तमाम परकार क हपट जनता को अनधहवशवासी और कपमणडक बनाय रखना चाहत ह लोगो की चतना हर समभव तरीक स कनद कर दना चाहत ह ताहक व भयकर रप स िलती ग़रीबी बरोजगारी महगाई बदहाली जसी जवलनत समसयाओ को भलकर तमाम परकार की बहसर-पर की ऊल-जलल बातो म उलझ रह

तिजय राहरी (अििर स लचटरी)

उड़िरी हई अफिाह सछिरी हई जनिा

मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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मजदर तबगि जिाई 2017 11

तनिश शकाहम अकसर ऐसा सनन को हमलता

ह हक भारत म महसलम तजी स आबादी बढा रह ह हजसस हहनदओ को ख़तरा ह सोशल मीहडया पर य ldquoतथयrdquo बहत जोर-शोर स िलाया जाता ह वाटसअप पर मसज िलाय जात ह हक भारत म महसलम बहत तजी स अपनी जनसखया बढा रह ह और ऐसा ही रहा तो भारत 2050 तक महसलम बहल राषट बन जायगा (हालाहक कछ समय पहल तक य 2040 तक होन वाला था)

हिर कछ लोग डर जात ह उनका ख़न अपन धमवि और मातकभहम की रकषा करन क हलए उबाल मारन लगता ह हिर वो उस मसज को शयर कर क अपन सचच हहनद होन का सबत द दत ह हबना य जान हक पोसट म कही गयी बात हकतनी हद तक सही ह इस परकार आम जन की भावनाओ का इसतमाल कर धाहमविक सगिन लोगो का धमवि क नाम पर धरवीकरण करक राजनीहतक फायदा उिात ह इन पाहटवियो या सगिनो क आईटी सल दारा य मसज बनाय जात ह और हिर उनक कायविकतावि इनको सकडो गपो म िला दत ह जयादातर मामलो म िलाया गया मसज या तो पणवितः झि होता ह या उसम सच हसफवि एक अश होता ह जब कोई झि लमब समय तक समाज म परचाररत हकया जाता ह तो लोगो को वो एक परचहलत सतय लगन लगता ह इस लख म हम महसलम जनसखया क बार म आरएसएस दारा िलाय गय कई झिो की जाच-पडताल करग

पहिा ममथक मसलिम 4 शाददया करि ह और काफी जादा बच पदा करि ह

आपको बार-बार य सनन और पढन को हमल सकता ह हक महसलम कई शाहदया करत ह और जयादा बचच पदा करत ह लोग इस तथय की परमाहणकता की जाच हकय हबना इसको सच मानन लगत ह कई लोग य उदाहरण भी दन लगत ह हक उनक िला गाव म िला महसलम वयहति न 3 शाहदया की ह आइए हहनदओ क बीच इस परचहलत मानयता की पडताल कर

एक छोट-स आकड स य परचहलत सतय भरभराकर हबखर जाता ह हक भारत म 1000 महसलम पररो पर हकतनी महसलम महहलाए ह 2011 की जनगणना क हहसाब स भारत म 1000 महसलम पररो पर 951 महसलम महहलाए ह यानी अगर हर वयहति एक ही शादी कर तो भी 1000 महसलम पररो म स 49 अहववाहहत रह जात ह ऐस म य सोचन-मात स हदमाग़ हबदक उिता ह हक हर महसलम कई शाहदया करता ह अगर यह मान भी ल हक कछ महसलमो न एक स जयादा शाहदया की तो यह भी तय ह हक उसी अनपात म अहववाहहत महसलम पररो की सखया भी बढ जायगी

पर सघी अब भी हार नही मानता ह वो तकवि करता ह हक दरअसल महसलम लव हजहाद कर रह ह यानी महसलम

हहनद लडहकयो को िसलाकर उनस शादी कर रह ह इसहलए एक महसलम कई-कई शाहदया कर पाता ह इस झि का कोई आकडा सहघयो क पास नही ह अनतरधाहमविक शाहदयो म दो तरह की शाहदया होती ह एक तो जो हम आमतौर पर जानत ह हजसम दो अलग-अलग धमडो क लोग अपनी मजगी स शादी करत ह दसर परकार की शादी वो होती ह हजसम महसलम लडक एक साहजश क तहत हहनद लडहकयो को िासकर शादी कर लत ह और उनका धमवि-पररवतविन करा दत ह दभाविगय स दसर परकार की शादी या तो वाटसअप िसबक पर या तो सहघयो क हदमाग़ म पायी जाती ह 2014 म जब चनावो क पहल लव हजहाद का मदा उिाया गया तो सघी पर दश म इसका एक ही उदाहरण यपी क मरि म हदखा पाय थ बाद म पता चला हक वो मामला भी झिा था और सथानीय हवधायक और लडकी क हपता न लडकी पर दबाव बनाकर उसस ऐसा बलवाया था (इस ख़बर क हलए यह हलक दखा जा सकता ह - httpwwwthehinducomnewsnationalother-statesfor-meeruts-love-jihad-couple-3year-courtship-ends-in-nikaharticle7953238ece)

इस परकार सघ और बीजपी का लव हजहाद का एकमात मामला िसस हो गया अब तो भति इतन वयाकल हो गय ह हक उनहोन मशहर हकरकटर जहीर ख़ान और अहभनती सागररका घटग की शादी को भी लव हजहाद करार हदया ह

इस बार म अगर हम तथयो की बात कर तो राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण क 2005-06 क आकडो पर आधाररत एक ररसचवि क अनसार भारत म कवल 21 शाहदया ही अनतरधाहमविक होती ह इसक अहतररति अगर आकडो की बात कर तो इसी ररपोटवि क अनसार 2005-06 म भारत म 2 लोग एक स जयादा ववाहहक समबनधो म थ धाहमविक आबादी क हहसाब स हहनदओ म 177 और महसलमो म 255 लोग ऐस थ यहा ग़ौर करन वाली बात यह भी ह हक य आकड तब ह जब हहनद कोड हबल एक स अहधक शाहदयो को वधता नही दता जबहक महसलम पसविनल लॉ बोडवि एक स अहधक शाहदयो को सशतवि मानयता दता ह इस परकार य हबकल साफ ह हक 1000 महसलमो पर 951 महसलम महहलाओ का होना अनतरधाहमविक हववाह का मात 21 होना और महसलमो म बस 255 का एक स जयादा शादी करना य ऐस तीन आकड ह जो सघ क दारा िलाय जान वाल झि की हवा हनकालन क हलए काफी ह

दसरा ममथक मसलिम इिनरी िजरी स आबादरी बढा रह हक सन 2050 िक भारि मसलिम बहि दश बन जायगा

राषटीय सवयसवक सघ दारा िलाय गय सबस परचहलत झिो म स यह भी एक ह लोगो क हदमाग़ म असरकषा

भरक ही इनकी रााजनीहत िल-िल सकती ह आइए दखत ह हक सघ की इस परचहलत उदोरणा म हकतना दम ह

आरएसएस काफी पहल स य बात िलाता रहा ह हक भारत म महसलम बहत जयादा बचच पदा कर अपनी आबादी बढा कर भारत को इसलाहमक म क बनाना चाहत ह इस मामल म एक मज की बात यह ह हक आरएसएस की परचार मशीनरी भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ आग सरकाती रहती ह कछ साल पहल तक य बोलत थ हक भारत 2035 तक इसलाहमक दश बन जायगा हिर बाद म इसको 2040 कहना शर कर हदया और अब कहा जा रहा हक भारत 2050 तक महसलम बहल राषट हो जायगा अब चहक अमररकी ससथा हपउ ररसचवि सणटर न यह बता हदया ह हक 2050 तक भारत म करीब 31 करोड महसलम और 130 करोड हहनद होग तो हो सकता ह हक अब आरएसएस हिर भारत क इसलाहमक म क बनन की तारीख़ को सरकाकर 2060 या 2070 कर द हिर भी िीक-िाक आबादी सघ की परचार मशीनरी दारा िलाय इस भहवषय क हौवव पर यकीन कर लती ह और ख़द को असरहकषत महसस करन लगती ह इसहलए यह जानना जररी ह हक भहवषय क इस हौवव का कया वाकई म अहसततव ह कया इस बात की समभावना ह हक भारत आग कभी 2070 म या 2100 म या 2150 म इसलाहमक राषट बन जायगा

इसक हलए हम थोडा जनसखया हवजान को सकषप म समझन की कोहशश करग

हकसी भी दश की जनसखया वकहदध दर कई कारको पर हनभविर करती ह जस हक जनम दर मकतय दर परवास यवा आबादी इतयाहद य कारक ख़द दश की सामाहजक और आहथविक पररहसथहतयो पर हनभविर करत ह

सामानयतः जनसखया एकरखीय करम (1 2 3 4 5) या गणातमक करम (1 2 4 8 16) म नही बढती ह जापान व इगलणड जस कई हवकहसत दशो की जनसखया वकहदध दर ऋणातमक ह कछ की बढन की दर जयादा ह तो कछ ऐस दश ह हजनकी जनसखया तो बढ रही ह पर वकहदध दर लगातार कम हो रही ह हकसी दश की जनसखया कस बढगी यह वहा की सामाहजक आहथविक पररहसथहतया तय करती ह अगर एक लमब समय क जनसखया हवकास को दख तो पजीवाद क आन क बाद हपछल 200 सालो म औदोहगक कराहनतया हई हजसक बाद हवकहसत दशो म पहल जनसखया तजी स बढी जनसखया वकहदध की यह दर बाद म कम होती गयी और अब वो सपन जापान जस कई दशो म ऋणातमक भी हो चकी ह इगलणड की जनसखया क उदाहरण स इसको समझा जा सकता ह

1801 - 83 लाख1851 - 18 करोड (वकहदध - 117)1901 - 31 करोड (वकहदध - 72)1951 - 42 करोड (वकहदध - 36)

2001 - 49 करोड (वकहदध - 17)हम दख सकत ह हक हर 50 सालो

म जनसखया क बढन की दर कम होती गयी ह शर म जो आबादी 50 सालो म 117 बढ गयी वही बाद म 50 सालो म मात 17 बढी जनसखया अभी भी बढ रही ह पर वकहदध दर घटती जा रही ह हिलहाल हम आग बढत ह

हजन दशो म औदोहगकीकरण और नयी उतपादक शहतियो का हवकास बाद म हआ वहा बाद म जनसखया बढनी शर हई और भारत और चीन उनम स एक ह भारत म 1900 स 1950 तक जनसखया 65 बढी जबहक 1950 स 2000 तक क 50 सालो म 183 बढी इस परकार हम दख सकत ह हक हकसी दश या राजय की जनसखया वकहदध दर एक हसथर मान न होकर वहा की आहथविक व सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह जब दश म नयी उतपादन पदधहत हवकहसत हो जाती ह और उतपादन तजी स बढन लगता ह तो जनसखया तजी स बढती ह लहकन एक समय क बाद हचहकतसा और हशकषा क हवकास क बाद लोगो की जीवन परतयाशा बढन स लोग छोट पररवार की तरफ मडत जात ह आज की नयी उतपादन पदधहत और बाजार वयवसथा म एकल पररवार (छोट पररवार) परान बड व सयति पररवारो की जगह लत जा रह ह साथ ही इस पजीवादी वयवसथा म सामाहजक और आहथविक हवकास म एक हसथरता या जडता आ जाती ह हजसका परभाव जनसखया पर भी पडता ह

जनसखया की यह बढत एक सनतकपत सतर तक पहचन क बाद या तो हसथर हो जाती ह या उसक बाद बहत धीर-धीर घटती या बढती ह भारत ऐस दशो म आता ह जहा जनसखया अभी अपन सनतकपतता क सतर तक नही पहची ह भारत की जनसखया अभी भी बढ रही ह लहकन उसक बढन की दर तजी स कम हो रही ह 1961 स अभी तक क वकहदध दर क आकड दखत ह -

1961 स 71 क बीच 248 1971 स 81 क बीच 25 1981 स 91 क बीच 249 1991 स 2001 क बीच 20 2001 स 2011 क बीच 167 हम दख सकत ह हक शर क तीन

दशको तक जनसखया एक समान दर स बढी और 1980 क बाद स य दर तजी स कम होन लगी और अभी 24 स घटकर 167 रह गयी ह इस पर दौर म हहनद और महसलम आबादी की वकहदध दर अलग-अलग दखत ह

नहदओ की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 23761971 स 1981 क बीच 2501 1981 स 1991 क बीच 23921991 स 2001 क बीच 17892001 स 2011 क बीच 1543मनलमो की वकनधि दर1961 स 1971 क बीच 33191971 स 1981 क बीच 3045 1981 स 1991 क बीच 30331991 स 2001 क बीच 2952001 स 2011 क बीच 2347

साथ ही परहत महहला जनन दर (TFR) (यह एक पमाना ह हजसस यह पता चलता ह हक एक औरत अपन पर जीवन म हकतन बचचो को जनम दती ह) दखत ह

राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क अनसार परहत महहला जनन दर इस परकार ह

1991-92हहनद महहलाए - 33महसलम महहलाए - 441998-99हहनद महहलाए - 278महसलम महहलाए - 3592005-06हहनद महहलाए - 259महसलम महहलाए - 340परहत महहला जनन दर समझन

क हलए अगर 100 हहनद और 100 महसलम महहलाओ का उदाहरण ल तो 1991 म 100 हहनद महहलाए अपन पर जीवनकाल म 330 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 259 बचच रह गय इसी परकार 1991 म 100 महसलम महहलाए 440 बचच पदा कर रही थी जो 2005 म घटकर 340 रह गय यहा धयान दन वाली बात यह ह हक हकसी जनसखया को हसथर रखन क हलए कल जनन दर 21 होना चाहहए

इन दोनो आकडो को दख क बताया जा सकता ह हक भारत की आबादी तो बढ रही ह पर इसक बढन की दर लगातार कम होती जा रही ह

2050 म का हछगा जनसखया का पवाविनमान लगान

क हलए हम परान आकडो का टणड (चलन) दखत ह हपछल 5 दशको क आकडो क आधार पर भहवषय का एक पवाविनमान लगाया जा सकता ह आइए हम 2050 म भारत की जनसखया और भारत म हहनद और महसलम की जनसखया हनकालत ह और दखत ह हक आरएसएस दारा िलायी गयी बात हकतनी सही ह

जनसखया क पवाविनमान क हलए कई पदधहतया इसतमाल की जाती ह हम उनम स एक उपयति पदधहत Decreamental increase method का इसतमाल करग जब कोई जनसखया बढती ह पर उसक बढन की दर घटती ह तो यह पदधहत सनतोरजनक अनमान दती ह जनसखया पररवतविन क हलए कछ आकहसमक घटनाओ (यदध पराकक हतक आपदा महामारी इतयाहद) क परभाव को अनदखा करत हए हम आग गणना करग हमार पास हपछल 5 दशको की जनसखया और वकहदध दर क आकड ह यह मानत हए हक हबना हकसी हसतकषप क यह जनसखया इसी चलन स बढगी तो इन आकडो क आधार पर हनमन हनषकरवि हनकलग -

अगल 4 दशको क बाद 2050 म भारत की जनसखया करीब 175 करोड होगी

भारत म हहनदओ की जनसखया अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

(पज 12 पर जाररी)

12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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12 मजदर तबगि जिाई 2017

2011-21 12432021-31 9402031-41 6402041-51 4002051 म भारत म हहनदओ की

जनसखया करीब 12926 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (130 करोड) क काफी करीब ह

अगर महसलमो की जनसखया दख तो वो अगल 4 दशको तक हनमन दर स बढगी

2011-21 20222021-31 16722031-41 13722041-51 10222051 म भारत म मसलमानो की

जनसखया करीब 3152 करोड हो जायगी जो हपऊ ररसचवि सणटर क हदय गय आकड (31 करोड) क काफी करीब ह

इसक बाद हहनदओ की जनसखया वकहदध दर करीब हसथर हो जायगी जबहक महसलम जनसखया वकहदध दर आग क एक-दो दशको तक घटती रहगी इस आधार पर यह अनमान लगाया जा सकता ह हक 2071 आत-आत महसलमो की जनसखया वकहदध दर हहनदओ की जनसखया वकहदध दर क लगभग बराबर हो जायगी जो हक 4 स 5 क बीच होगी 2071 म भारत की जनसखया करीब 192 करोड होगी हजसम हहनदओ की जनसखया 140 करोड व मसलमानो की जनसखया 35 करोड क करीब रहगी साथ ही भारत की जनसखया वकहदध म भी हसथरता आयगी और जनसखया या तो हसथर हो जायगी या बहत धीर-धीर बढगी

हिर भी अगर इसक बाद 2071 तक की वकहदध दर को आग अगर हसथर मानकर गणना कर तो 2100 म भारत की जनसखया करीब 216 करोड हो जायगी हजसम हहनदओ की जनसखया 157 करोड व महसलमो की जनसखया 39 करोड क करीब होगी सदी क अहनतम दो दशको स जनसखया घटनी भी शर हो सकती ह

ऊपर की इन गणनाओ स यह हबकल साफ हो जाता ह हक 2050 2070 या 2100 म भारत एक हहनद बाहय वाला दश ही रहगा जहा महसलमो की अहधकतम आबादी 39 करोड (कल आबादी का 18) स आग नही जायगी जबहक हहनदओ की जनसखया 157 करोड (कल आबादी का 72) क करीब रहगी

आरएसएस को एक बार हिर अपनी तारीख़ अब और हखसकानी चाहहए कयोहक अब उनकी बात सिद झि लगन लगी ह

दरअसल हकसी भी आबादी की वकहदध दर उसकी आहथविक और सामाहजक पररहसथहतयो पर हनभविर करती ह न हक उसक धमवि पर राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण दारा हकय गय सवच म यह बात अचछ स सामन आती ह हाईसकल स कम पढ हहनद

हाईसकल स जयादा पढ हहनदओ स जयादा बचच पदा करत ह ऐसी ही बात महसलमो क हलए भी सही ह हशकषा का सतर आहथविक हालत यवा आबादी का परहतशत आहद कारक ह जो जनसखया वकहदध दर को परभाहवत करत ह इसक हलए कछ तथय नीच हदय जा रह ह जो इसको सही स समझात ह

करल भारत म सबस कम जनसखया वकहदध दर वाला राजय ह 2011 की जनगणना क अनसार करल की जनसखया 44 की दर स बढी जबहक हबहार की जनसखया 25 की दर स बढी

कछ लोग मानत ह हक महसलम पररवार हनयोजन नही अपनात राषटीय पररवार सवासथय सवचकषण 2005-06 क आकडो क हहसाब स दख तो

1991-92 म 377 हहनद महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 502 हो गयी वही 1991-92 म 22 महसलम महहलाए पररवार हनयोजन अपना रही थी जो 2005-06 म बढकर 364 हो गयी जाहहर ह हक महसलम महहलाओ म पररवार हनयोजन क परहत जागरकता हहनद महहलाओ क मकाबल अभी भी काफी कम ह पर उनम वकहदध जयादा ह हहनद महहलाओ म जहा 15 सालो म 125 जयादा महहलाओ न पररवार हनयोजन अपनाया वही महसलम महहलाओ म यह वकहदध 144 रही

इसक अहतररति और भी कई छोट कारण ह जो महसलम आबादी की अहधक वकहदध दर क हलए हजममदार ह

1 हहनदओ क मकाबल महसलमो म सती-परर अनपात जयादा ह हहनदओ म 1000 पररो पर जहा 939 महहलाए ह वही महसलमो म 1000 पररो पर 951 महहलाए ह

2 एनएफएचएस 2005-06 क हहसाब स एक हहनद की जीवन परतयाशा 65 साल ह जबहक महसलम की जीवन परतयाशा उनस 3 साल जयादा 68 साल ह

3 हहनदओ म 5 वरवि स कम उमर क बचचो की मकतय दर महसलमो स जयादा ह हहनदओ म परहत 1000 बचचो पर 5 वरवि स कम उमर की मकतय दर जहा 76 ह वही महसलमो म यह सखया 70 ह

सचचर कमटी की ररपोटवि और जनसखया वकहदध क आकड एक साथ रख जाय तो महसलम जनसखया वकहदध दर क जयादा होन का वासतहवक कारण पता चलता ह सचचर कमटी की ररपोटवि (2006) क हहसाब स 2004-05 म भारत म जहा औसत 227 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी वही महसलमो म 31 आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी शहरो म यह आकडा और भयानक ह जहा 384 महसलम आबादी ग़रीबी रखा क नीच थी

इसी ररपोटवि क अनसार भारत म राषटीय साकषरता जहा 2001 म 65 थी हजसम हहनदओ की साकषरता 708 थी वही महसलमो की साकषरता मात 591 थी शहरो म

जहा हहनदओ म साकषरता 85 थी वही शहरो म ही महसलमो की साकषरता 701 थी 6 स 14 साल क 25 महसलम बचचो न या तो कभी हवदालय का मह नही दखा था या पढाई छोड दी थी जबहक हहनदओ म यह 9 था

जनसखया और एनएफएचएस क आकड यह हदखात ह हक भारत म खराब आहथविक हालत और कम पढाई सतर वाली आबादी जयादा बचच पदा करती ह इसक पीछ कई कारण होत ह ग़रीब पररवार होन स हजतन बचच होग उतन जयादा काम करन वाल लोग होग ऐसी मानहसकता होती ह जो अहधक बचच पदा करन क हलए एक वजह बनती ह इसक अहतररति ग़रीब आबादी क बचच कपोरण व अनय छोटी-छोटी बीमाररयो स सही इलाज न हमल पान क कारण कई बार मर जात ह साथ ही ग़रीब इलाको स बचचो क ग़ायब होन की घटनाए भी आम होती ह हजनको भीख मागन और अमीरो क हलए हकडनी हनकालन क इसतमाल म लाया जाता ह इसहलए यह आबादी थोडी असरकषा की भावना म भी अहधक बचच पदा करती ह पररवार हनयोजन क परहत गर जागरकता भी जयादा बचच होन क पीछ एक कारण ह

ऊपर की गणनाओ स हम दख चक ह हक भारत आग कभी भी इसलाहमक राषट नही बन सकता पर अगर सघ क िासीवाद का तीवर परहतरोध नही हकया गया तो एक हदन यह इसलाहमक राषट जसा जरर बन जायगा जहा

- गर-हहनदओ क हर तयौहार-उतसव पर रोक होगी

- गर-हहनदओ को दोयम दजच का नागररक समझ जायगा

- लडहकयो का जीनस-टीशटवि पहनना गर-काननी होगा

- लडहकयो का रात 8 बज घर स बाहर हनकलना परहतबहनधत होगा

- शादी स पहल पयार परहतबहनधत होगा पाकवि म परमी यगलो क बिन पर पहलस दोनो को पीटगी और राखी बधवायगी

- मनसमकहत की आलोचना करन वालो की गदविन काटी जायगी

- अपन हक क हलए आवाज उिाना ग़र-काननी होगा

तब भारत एक इसलाहमक म क नही होगा जबहक एक इसलाहमक म क जसा हहनद राषट होगा

ममथक 3 पाहकसतान म आजादरी क समय 15 हहनद थ जछ आज बस 15 रह गय ह इसका कारर उनका कतआम और धमाषनतरर ह

अकसर सघ वाल पाहकसतान म हहनदओ की कम हो रही जनसखया क बार म बतात ह हक कस पाहकसतान म महसलमो न वहा हहनद जनसखया को जो आजादी क वकत 1947 म 15 थी को घटाकर अब 15 कर हदया ह यह झि भी आरएसएस दारा िलाय गय उन सकडो झिो म स एक

ह हजसका इसतमाल व महसलमो क हख़लाफ हहनद लोगो को भडकान म करत ह िसबक वाटसअप व अनय नटवहकि ग साइटो पर य ऐसा महसलम हवरोधी परचार करत ह और जयादातर लोग इनकी साहजशो म िस भी जात ह

पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया क बार म अगर आकडो की बात कर तो यह सही ह हक 1947 म पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया 15 थी और यह भी सही ह हक आज उनकी जनसखया 16 ह पर बीच की कहानी ग़ायब कर दन पर इसस यही हनषकरवि हनकल सकता ह हक इस बीच बड पमान पर पाहकसतान म हहनदओ का कतलआम हकया गया इसीहलए य अधरा तथय एक साहजशपणवि झि बन जाता ह

पानकताि म नहदओ का परनतशत

1931 151941 141951 131961 141981 151998 162011 2 वही भारतीय पिाि म मनलमो

की ििसखया का परनतशत 1931- 5241941- 3231951- 081961- 1941971- 0841981- 101991- 122001- 156ऊपर 1931 और 1941 क

आकड उन इलाको क ह जो 1947 क बाद पाहकसतान म चल गय आकडो स साफ दखा जा सकता ह हक 1951 आत-आत दोनो ही हहससो म जनसखया क परहतशत म बडा बदलाव आ चका था

इसका कारण यह ह हक 1947 क बाद जो दोनो दशो म दग हए हजसक िलसवरप दोनो दशो स बड पमान पर हवसथापन हआ व साथ ही बहत सार लोग मार भी गय इस कारण स 1951 आत-आत पाहकसतान म हहनदओ की जनसखया कवल 13 रह गयी िीक ऐसा ही भारतीय पजाब म भी हआ जहा 1947 म महसलमो की सखया 33 थी वो 1951 म 08 रह गयी जो अब 16 ह

अगर इस तथय को भी ग़लत तरीक स हदखाया जाय तो यह लग सकता ह हक पजाब म महसलमो का बड पमान पर नरसहार हआ ह पर ऐसा नही ह जनसखया क आकड इस बात को साहबत कर दत ह हक पाहकसतान म हहनदओ की आबादी का घटना और भारतीय पजाब म महसलमो की आबादी का घटना दोनो ही आजादी क बाद बड पमान पर हए हवसथापनो क िलसवरप हए थ और यह परहकरया 1951 तक की जनगणना म परी हो

चकी थी 1951 क बाद पाहकसतान म हहनदओ की आबादी थोडी ही सही पर बढी ह

सघ और उसक तमाम अनरगी सगिन ऐस झि िलाकर हहनद जनता म महसलमो क परहत हवदर पदा करन की कोहशश करत ह इसक अलावा ऐस हजारो झि होत ह जो रोज सोशल मीहडया पर िलाय जात ह इतन हक सबका जवाब दना समभव भी नही ह उनकी एक नीहत यही ह हक हम झि बोलत जायग तम हकतनो का पदाविफाश करोग तम जब तक एक का पदाविफाश करोग हम 256 और झि बोल चक होग और हमारा झि करोडो लोगो तक पहच चका होगा

आज हजारो की सखया म ऐसी िक नयज वबसाइट भी ककरमततो की तरह उग आयी ह इनका काम ही यही ह हक फोटोशॉप करो अफीका की वीहडयो को भारत का बनाकर हदखाओ या अख़बार की ख़बर का शीरविक बदल दो कछ भी करो पर लोगो की आख म लगातार धल झोककर अपनी सामपरदाहयक राजनीहत चमकात जाओ हजारो लोग इनक साइबर सल म काम कर रह ह हजनह बाकायदा वतन हमलता ह

आज हम हर झि का पदाविफाश तो नही कर सकत पर आरएसएस की हवचारधारा को पकडना जररी ह उसकी िासीवादी हवचारधारा क हलए यह जररी ह हक वो एक आबादी को दसर की नजर म द मन साहबत कर द जमविनी क हहटलर न भी यहहदयो क हखलाफ ऐसा झिा परचार बड सतर पर हकया था उसक परचार मनती गोएबस का कहना था हक एक झि को सौ बार बोलो तो वो सच बन जाता ह

हहनद ससकक हत की रकषा भारत माता की जय हहनद धमवि ख़तर म ह आहद नारो क पीछ य दरअसल अमबानी-अडानी जस माहलको की सवा म लीन ह और जनता की जब स आहखरी पसा भी छीन लन को आतर ह साथ ही मनदी क दौर म सरकार की लटरी नीहतयो स पदा हए असनतोर को महसलमो की तरफ मोड दना चाहत ह आज हर इसाफपसनद नागररक का यह कतविवय ह हक वो इनका हवरोध कर कयोहक अगर हम आज चप बि गय तो कल हमारी बारी आयगी जसा हक जमविनी क कहव पासटर हनमोलर न कहा था -पहल व आय कमययनिसटो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म कमययनिसट िही थानिर व आय टड यनियि वालो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म टड यनियि म िही थानिर व आय यहनियो क नलएऔर म कय छ िही बोलाकयोनक म यहिी िही थानिर व मर नलए आयऔर तब तक कोई िही बचा थाजो मर नलए बोलता

(पज 11 स आग)

मसलिम आबादरी बढन का ममथक

मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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मजदर तबगि जिाई 2017 13

2014 म मोदी क नतकतव वाली भाजपा सरकार करोडो नय रोजगार पदा करन क वाद क साथ सतता म आयी थी दश को सामपरदाहयक रग म रगन सघ क लोगो की गणडागदगी दहलतो और अपसखयको को दबान सघ क हहनदतवी एजणड को लाग करन म मोदी सरकार न बड कदम तो जरर उिाय ह लहकन नया रोजगार पदा नही हआ अभी-अभी ही मोदी सरकार परी बशमगी स अपन तीन वरवि पर होन का जशन मनाकर हटी ह वह भी उस समय जब भारत म रोजगार क पकष स सबस सरहकषत मान जान वाल सचना तकनीक कषत म काम कर रह लाखो इजीहनयरो क हसर पर छटनी की तलवार लटक रही ह

भारत म नय रोजगार पदा होन की दर हपछल दो दशको क दौरान सबस कम पर पहची ह भारत म हर वरवि 15 लाख इजीहनयर शरम बाजार म शाहमल होत ह इनम स हसफवि 5 लाख ही रोजगार हाहसल कर पात ह हजनम दश की मशहर और बडी इजीहनयररग ससथाओ क अलावा बडी हगनती म मशरम की तरह उग नय-नय इजीहनयररग कॉलजो

और यनीवहसविहटयो म हडगररया लकर हनकल नौजवानो की ह

मौजदा हालात य ह हक आईआईटी जसी ससथाओ म स इस वरवि 66 फीसदी हवदाथगी ही कमपस पलसमणट क दौरान रोजगार हाहसल कर पाय इजीहनयररग करन क बाद हालत यह ह हक बडी सखया म नौजवान गल म हडगरी लटकाकर नौकरी क हलए धकक खा रह ह जो रोजगार हाहसल करन म कामयाब हो भी जात ह व भी छोटी-छोटी कमपहनयो म 10 स 15 हजार तक वतन पर लगातार छटनी क डर स काम कर रह ह आईटी कषत की बहराषटीय कमपहनयो म रोजगार हाहसल करना मधयवगवि का सपना रहा ह कजवि लकर या अपनी हजनदगी की परी कमाई लगा कर मधयवगवि का एक बडा हहससा अपन बचचो पर हनवश करता ह लहकन अब यह सपना लगातार टट रहा ह

कारपोरट ससकक हत स लबरज इजीहनयररग और सचना तकनीक कषत का यह वगवि हजसक हदमाग़ म पशवर कॉलजो-यनीवहसविहटयो और कारपोरट टहनग ससथाओ दारा यह हवचार कट-

कटकर भरा जाता ह हक इस कषत म वही तरककी कर सकता ह जो काहबल ह आपको मकाबल क हलए तयार रहना चाहहए नही तो कोई और तमह हरा कर आग हनकल जायगा कमपनी क हलए जी-जान स काम करो कमपनी की तरककी का मतलब ह आपकी तरककी यह हवचार हदमाग़ म भरा जाता ह हक हजसन बडी कमपनी म रोजगार हाहसल कर हलया ह वह दसरो स जरर ही बहतर होगा इस वगवि की समझ क मताहबक यहनयन स जडना धरना-परदशविन करना हसफवि नाकाम और नाकाहबल लोगो का काम था मकाबल की अनधी दौड म दसरो को पीछ छोडन का हवचार इस वगवि की सोच म पढाई क समय स ही भरा जाता रहा ह लहकन मौजदा झटक न इस अहसास करवा हदया ह हक वह भी पजीपहतयो क हलए मनाफा बटोरन का हसफवि एक साधन-मात ही ह अब यह वगवि भी सघरवि करन और यहनयन म एकजट होन की जररत महसस कर रहा ह

हपछल कछ महीनो म दश की सात बडी सचना तकनीक कषत की कमपहनयो

न हजारो इजीहनयरो को बाहर का रासता हदखाया ह यह भी ख़बर ह हक इसी वरवि लगभग 56000 इस कषत क कमविचाररयो की नौकररया हछनन का ख़तरा ह हड हणटर की ररपोटवि क मताहबक आन वाल तीन वरडो क हलए हर वरवि पौन दो लाख स 2 लाख इजीहनयर अपनी नौकररया खो सकत ह महकनसी कारपोरशन की यह ररपोटवि ह हक आन वाल तीन स चार वरडो तक सचना तकनीक कषत की लगभग आधी शरम-शहति ग़र-परासहगक हो जायगी

य छटहनया हसफवि सचना तकनीक कमपहनयो म ही नही बहक हपछल एक वरवि क दौरान दश क टलीकॉम कषत म लगभग 10000 लोगो की छटनी की जा चकी ह फाइनहशयल एकसपरस क मताहबक इस कषत म इस वरवि लगभग 30 स 40 हजार लोगो को अपन रोजगार स हाथ धोना पड सकता ह एचडीएफसी बक म अकटबर 2016 स माचवि 2017 तक 16000 मलाहजम अपना रोजगार गवा चक ह दश की सबस बडी इजीहनयररग कमपनी एल एणड टी दारा हपछल महीन 14000 कमविचाररयो को

हनकाला गया था

मौजदा हािािछ ो क लिए कौन ह जजमदार

मनदी की हशकार हवशव अथविवयवसथा क सामन अब यही हवकप ह हक वह नयी तकनीक लाकर बाजार म अहधक स अहधक पजी हनवश कर और इसक साथ ही शरम पर अपना ख़चावि कम कर ताहक मनाफ की दर बढाई जा सक हजसका नतीजा बरोजगारी क बढन ख़रीद-शहति क कम होन म हनकल रहा ह और हजसस मनाफा हिर कम हो रहा ह

मौजदा समय म सचना तकनीक (आईटी) कषत भी इस समसया स जझ रहा ह 15000 करोड की आईटी उदोग (मोदी सरकार का कहना ह हक इस दोगना हकया जायगा) का दश क सकल घरल उतपादन म 93 फीसदी हहससा ह यह भी समभावना जतायी जा रही ह हक इस कषत क कमविचाररयो का रोजगार हछनन का असर बहकग कषत

भारि म सचना िकनरीक (आईटरी) कतर क िाखछ ो कमषचाररयछ ो पर िटकी छटनरी की िििार

हमारी राय म हमार कामो की शरआत हजस सगिन को हम बनाना चाहत ह उसक हनमाविण की हदशा म हमारा पहला कदम एक अहखल रसी राजनीहतक अख़बार की सथापना होना चाहहए हम कह सकत ह हक वही वह मखय सत ह हजस पकड कर हम सगिन का लगातार हवकास कर सक ग और उस गहरा और हवसतकत बना सक ग हम सबस जयादा जररत एक अख़बार की ही ह उसक हबना हसदधानतपणवि वयवहसथत और चौमखी परचार और आनदोलन क उस कायवि को हम नही कर सकत जो सामाहजक-जनवादी पाटगी का आमतौर स मखय और सथायी काम ह और इस समय जब हक राजनीहत तथा समाजवाद स समबहनधत सवालो क हवरय म जनता क वयापकतम हहससो म हदलचसपी पदा हो गयी ह यह काम और भी जररी बन गया ह वयहतिगत कारविवाइयो सथानीय पचडो पहतकाओ आहद क रप म चलन वाल हछटपट आनदोलन को एक आम वयवहसथत आनदोलन क जररए बल पहचान की आवयकता कभी इतनी तीवरता स नही महसस की गयी थी हजतनी आज की जा रही ह और इस काम को कवल एक हनयहमत रप स हनकलन वाल अख़बार की मदद स ही हकया जा सकता ह हबना हकसी अहतशयोहति क कहा जा सकता ह हक इस तथय स हक अख़बार हकतनी जदी-जदी और हकतनी हनयहमतता स हनकलता (और हवतररत हकया जाता) ह इस बात का िीक-िीक अनदाजा लगाया जा सकता ह हक हमारी लडाक कारविवाइयो क इस मखय और सवाविहधक महतवपणवि अग को हकतनी अचछी तरह स परा हकया जा रहा ह इसक अलावा हमार अख़बार को अहखल रसी होना चाहहए छप शद क माधयम स जनता और सरकार को परभाहवत करन क हलए

अपन परयासो को यहद हम सयति नही कर सकत तोmdashऔर जब तक ऐसा नही कर सकत तब तकmdashपरभाव डालन क दसर अहधक जहटल अहधक कहिन हकनत साथ ही अहधक हनणावियक तरीको को जोडकर और सगहित करक उनका इसतमाल करन का हवचार मात कापहनक होगा ननह-ननह टकडो म बट होन तथा सामाहजक-जनवाहदयो क अहधकाश लोगो क लगभग पर तौर स सथानीय कामो म डब रहन क कारण हमार आनदोलन को सवविपरथम हवचारधारातमक रप स और हिर वयावहाररक-सागिहनक रप स भी नकसान पहचता ह सथानीय कामो म इस तरह डब रहन क कारण सामाहजक-जनवाहदयो का दहटिकोण उनकी गहतहवहधयो का दायरा तथा गपत रप स काम करन तथा अपनी तयारी को कायम रखन की उनकी कायवि-हनपणता सकहचत हो जाती ह हजस अहसथरता तथा हजस ढलमलपन का ऊपर उलख हकया गया ह उसकी गहरी जड आनदोलन क हछतराव की इसी अवसथा म पायी जा सकती ह इस कमजोरी को दर करन और हवहभनन सथानीय आनदोलनो को एक अहवभाहजत अहखल-रसी आनदोलन का रप दन क हलए आवयक पहला कदम एक अहखल रसी अख़बार की सथापना करना होना चाहहए अनत म हम हनहचित रप स एक राजनीहतक अख़बार की आवयकता ह एक राजनीहतक मखपत क हबना हकसी राजनीहतक आनदोलन की ऐस हकसी आनदोलन की जो इस नाम को धारण करन का अहधकारी हो आज क यरोप म कपना तक नही की जा सकती इस तरह क अख़बार क हबना हम अपन

काम को राजनीहतक असनतोर और हवरोध क तमाम ततवो को एक जगह एकहतत करन और उसक दारा सवविहारा वगवि क कराहनतकारी आनदोलन म जीवन सचार करन क काम को कदाहप परा नही कर सकत

पहला कदम हमन उिा हलया ह आहथविक िकटरी समबनधी भणडािोड करन क हलए मजदर वगवि क अनदर हमन एक जोश पदा कर हदया ह अब हम अगला कदम उिाना चाहहए जनसखया क उस परतयक अग क अनदर हजसम हकहचत भी राजनीहतक चतना पदा हो गयी ह हम राजनीहतक भणडािोड करन क हलए जोश जागकत करन का कदम उिाना चाहहए इस बात स हम हतोतसाहहत नही होना चाहहए हक राजनीहतक भणडािोड की आवाज आज इतनी कमजोर अर सहमी हई ह और इतनी कम उिती ह इसकी वजह यह नही ह हक पहलस की हनरकशता क सामन लोगो न पर तौर स हहथयार डाल हदय ह बहक इसकी वजह यह ह हक जो लोग भणडािोड करन की कषमता रखत ह और उसक हलए तयार ह उनक पास ऐसा कोई मच नही ह जहा स व बोल सक उनक पास उतसक और उतसाह हदलान वाल ऐस शरोता नही ह हजनस व बोल सक जनता क बीच उनह वह शहति कही नही हदखलायी दती हजसकी अदालत म सवविशहतिशाली रसी सरकार क हखलाफ अपनी हशकायत करन स उनह कोई लाभ होगा

परनत आज यह सब तजी स बदल रहा ह अब ऐसी शहति पदा हो गयी हmdashयह शहति ह कराहनतकारी सवविहारा वगवि उसन न कवल उनकी बात सनन और राजनीहतक सघरवि क आहानो का

समथविन करन की बहक साहसपवविक सवय मोचावि लन की भी अपनी ततपरता परदहशवित कर दी ह जारशाही रस की सरकार क राषटवयापी भणडािोड क हलए अब हम एक मच परसतत कर सकत ह और हमारा कतविवय ह हक इस काम को हम परा कर ऐसा मच एक सामाहजक-जनवादी अख़बार ही हो सकता ह रस का मजदर वगवि रसी समाज क दसर वगडो तथा अनय सतर क लोगो स हभनन ह राजनीहतक जान परापत करन म यह बराबर हदलचसपी हदखलाता ह और गर-काननी साहहतय की लगातार (कवल तीवर उथल-पथल क कालो म ही नही) तथा भारी मात म माग करता ह ऐस समय म जबहक जनता की इस तरह की माग साि-साि हदखलायी दती ह जबहक अनभवी कराहनतकारी नताओ की टहनग (हशकषा-दीकषा) शर हो चकी ह और जबहक बड शहरो क मजदर इलाको और िकटरी की बहसतयो और आबाहदयो म कािी मात म सकहनदरत हो जान की वजह स मजदर वगवि उन कषतो का वसततः माहलक बन गया ह तब सवविहारा वगवि क हलए राजनीहतक अख़बार हनकालन का काम भी सवविथा समभव बन गया ह सवविहारा वगवि क माधयम स शहर क हनमन-पजीपहत वगवि दहातो क दसतकारो और हकसानो तक अख़बार पहच जायगा और इस परकार वह जनता का एक वासतहवक राजनीहतक समाचारपत बन जायगा

लहकन अख़बार की भहमका मात हवचारो का परचार करन राजनीहतक हशकषा दन तथा राजनीहतक सहयोगी भरती करन क काम तक ही नही सीहमत होती अख़बार कवल सामहहक परचारक और सामहहक आनदोलनकतावि का ही

नही बहक एक सामहहक सगिनकतावि का भी काम करता ह इस दहटि स उसकी तलना हकसी बनती हई इमारत क चारो ओर खड हकय गय बहलयो क ढाच स की जा सकती ह इस ढाच स इमारत की रपरखा सपटि हो जाती ह और इमारत बनान वालो को एक दसर क पास आन-जान म सहायता हमलती ह हजसस व काम का बटवारा कर सकत ह और अपन सगहित शरम क सयति पररणामो पर हवचार-हवहनमय कर सकत ह अख़बार की मदद और उसक माधयम स सवाभाहवक रप स एक सथायी सगिन खडा हो जायगा जो न कवल सथानीय गहतहवहधयो म बहक हनयहमत आम कायडो म भी हहससा लगा और अपन सदसयो को इस बात की टहनग दगा हक राजनीहतक घटनाओ का व सावधानी स हनरीकषण करत रह उनक महतव और आबादी क हवहभनन अगो पर उनक परभाव का म याकन कर और ऐस कारगर उपाय हनकाल हजनक दारा कराहनतकारी पाटगी उन घटनाओ को परभाहवत कर अख़बार क हलए हनयहमत रप स सामगी जमा करन तथा उसक हनयहमत हवतरण की वयवसथा कायम करन क मात पराहवहधक काम क हलए भी आवयक होगा हक एकताबदध पाटगी क ऐस सथानीय एजनटो का जाल हबछा हदया जाय जो एक-दसर क साथ हनरनतर समपकवि रखग आम हालात की जानकारी परापत करग अहखल रसी कायवि-योजना क अनतगवित अपन हनधाविररत कायडो को हनयहमत रप स परा करन क आदी हो जायग और हवहभनन कराहनतकारी कारविवाइयो क सगिन-कायवि क दारा अपनी शहति की परीकषा करग

(परनसधि लि कहा स शर कर क अश इकरा क चौ अक

मई 1901 म परकानशत)

(पज 8 पर जाररी)

अिबार किि सामहहक रिचारक और सामहहक आनदछिनकिाष हरी नहरी ो बलकि सामहहक सो गठनकिाष का भरी काम करिा ह

वीआई लनिि

14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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14 मजदर तबगि जिाई 2017

- निगरीिमई महीन क आहखरी तीन हफतो म

उततरी कोररया न लगातार तीन हमसाइल टसट हकय ह अगर हपछल डढ वरडो की बात कर तो 2016 क शर स लकर अब तक उततरी कोररया दजविनो हमसाइल टसट और दो परमाण धमाक कर चका ह इसक साथ ही उततरी कोररया को ldquoगमभीर नतीजrdquo भगतन की अमररकी सामराजयवादी धमहकया एक बार हिर ख़बरो म ह अमररका 1950 क दशक क कोररया यदध स लकर अब तक लगातार उततरी कोररया को ldquoहवशव शाहनत और सरकषाrdquo क हलए ख़तरा बताता रहा ह सामराजयवादी मीहडया तनत स लकर हॉलीवड हिमो तक सब तरह-तरह की झिी सनसनीखज कहाहनया बनाकर अमररका क परचार को सचचाई का जामा पहनान म आज तक लग हए ह लहकन कया उततरी कोररया जसा एक ग़रीब दश जो चारो तरफ स अमररकी फौजी शहति स हघरा हआ ह वाकई कोई ख़तरा ह कया उततरी कोररया दहनया को तबाह करन म लगा हआ ह उततरी कोररया दारा बार-बार हमसाइल और परमाण परीकषण करन क पीछ कया कारण ह इन परशनो क जवाब जानन क हलए हम उततरी कोररया क अहसततव म आन का इहतहास जानना होगा

1910 म कोररया पर जापानी सामराजयवाद कजा कर लता ह इसस पहल कोररया पर कोररयाई सतनत का राज था जापाहनयो न कजा करन क बाद कोररया की जनता पर भयकर ज म हकय कोररयाई भारा पर पाबनदी लगा दी गयी कोररया की जनता को जापानी नाम रखन क हलए मजबर हकया गया और इलाक की भयकर आहथविक और इसानी लट की गयी 1945 म जब दसर हवशव यदध क ख़तम होत-होत जापान हमत शहतियो स हार गया तो उस समय कोररया म सोहवयत और अमररकी सनाए मौजद थी इसक साथ कोररया की घरल राजनीहतक ताकत भी सहकरय थी हजनम मखय थी - कमयहनसट और राषटवादी जो कोररया की महति क हलए लड रही थी इसक अलावा दहकषणपनथी ताकत भी मौजद थी 1945 म यदध की समाहपत क बाद सोहवयत यहनयन और सामराजयवादी ताकत हजनका चौधरी अब अमररका था उनक बीच समझौता हो गया और तय हो गया हक 1948 तक कोररया म आम चनाव करवाकर सतता सथानीय सरकार क सपदवि कर दी जाय तब तक सोहवयत फौज और अमररकी फौज अपन-अपन अहधकार-कषतो म बनी रह लहकन अमररका इस समझौत स इकार कर गया कयोहक कोररया क घरल हालात साफ बता रह थ हक चनाव होन पर कमयहनसटो और राषटवाहदयो का गट सतता म आयगा और ऐसा अमररका हकसी हालत म भी नही चाहता था समझौत स इनकार करन क बाद अमररका न कोररया क दो हहससो म असथायी बटवार को अलग-अलग दशो का रप द हदया व इस और पकका करन क हलए दहकषणपनथी नता हसगमान री को कोररया का राषटपहत बना हदया हसगमान री क राषटपहत बनत ही कोररया क दहकषणी हहसस जो अब दहकषणी कोररया हो गया था म कमयहनसटो की धरपकड

और कतलआम शर हो गया इसी दौरान दहकषणी कोररया क एक टाप ldquoजजrdquo म वामपहनथयो क नतकतव म बग़ावत हो गयी इस बग़ावत को कचलन क हलए कोररया की फौज न अपन अमररकी अफसरो की हाहजरी म लगभग 60000 लोगो का कतलआम हकया और इस टाप क दो-हतहाई गावो को जलाकर राख कर हदया इस कतलआम को हपछल समय म दहकषणी कोररया सरकारी तौर पर मान चका ह

इसी दौरान 1950 म कोररया क राषटवाहदयो और कमयहनसटो न दश को इकटा करन क हलए हमला शर हकया यहा 1950-1953 का चार-वरगीय कोररया यदध का आरमभ हआ उस समय हवशव सतर पर समाजवादी हशहवर अहसततव म आ चका था और समाजवादी हशहवर और पजीवादी हशहवर का अनतरहवरोध हवशवसतर पर मखय अनतरहवरोध बना हआ था उततरी कोररया और दहकषणी कोररया की सरहद समाजवादी और पजीवादी हशहवर क टकराव का हबनद बन गयी थी उततरी कोररया को सोहवयत यहनयन की हहमायत हाहसल थी जबहक दहकषणी कोररया को अमररकी सामराजयवाद अपना फौजी हिकाना बनाकर रखन क हलए हर कीमत पर अलग दश बनाय रखना चाहता था शर म उततरी कोररया को सिलता हमली और उसन दहकषणी कोररया की फौजो को एक छोट स कषत म धकल हदया इस मोड पर अमररका सीध ही यदध म शाहमल हो गया उसन दहकषणी कोररया को यदध क साजो-सामान दन क साथ ही 300000 अमररकी फौजी भी यदध म धकल हदय उततरी कोररया पर अमररकी जहाजो न ldquoकापचट बॉहमबगrdquo की इस भारी बमबारी म हबना कोई हनशाना बाध अनधाधनध बम ि क जात ह अमररका न इस बमबारी क पहल हदन उततरी कोररया क आबादी वाल कषतो म 650 टन बम ि क बाद म यह माता बढकर 800 टन परहतहदन हो गयी अकल उततरी कोररया पर इतन बम ि क गय हजतन हवशव यदध क दौरान अमररका न पर परशानत कषत म नही ि क थ इसक पररणामसवरप उततरी कोररया मलब का एक ढर बन गया पर उततरी कोररया म एक महजल स अहधक वाली एक भी इमारत नही बची रह गयी याल नदी पर बन बाधो को हनशाना बनाया गया हजसक कारण बड इलाक म बाढ आयी और फसल तबाह हो गयी कमयहनसटो क परभाव वाल इलाको म सामराजयवाहदयो दारा बड-बड कतलआम हकय गय हजनम सबस बडा कतलआम lsquoबोडो लीग कतलआमrsquo ह हजसम अनदाजन 2 स 10 लाख क बीच कमयहनसट उनक हमददडो और साधारण नागररको औरतो और बचचो को मार डाला गया

कमयहनसट हार रह थ उधर साफ हो रहा था हक अमररका का हनशाना हसफवि कोररया ही नही बहक कराहनतकारी चीन भी ह अमररकी सामराजयवाद कराहनतकारी चीन क हखलाफ परमाण बम इसतमाल करन की धमहकया दन लग गया था पररणामसवरप चीन भी उततर कोररया क पकष म यदध म शाहमल हो गया नय हसर स ताकतवर होकर कमयहनसटो न

दहकषणी कोररया और अमररकी फौजो को 1950 क कज वाल इलाक तक धकल हदया लहकन यह सपटि हो रहा था हक कोई भी मकममल जीत परापत नही कर सकगा यदधबनदी का समझौता हो गया लहकन शाहनत सहनध नही हई और आज तक भी उततरी और दहकषणी कोररया म शाहनत सहनध नही हई ह कयोहक अमररकी सामराजयवाद यह चाहता ही नही चार वरवि चल कोररयाई यदध म मरन वाली जनता की हगनती 25 लाख स ऊपर होन का अनदाजा ह हजनम 9 लाख चीनी फौजी भी शाहमल ह इस तरह यह यदध हवयतनाम यदध हजतना ही भयकर था और सामराजयवाहदयो की करतत भी उतनी ही मानवता-हवरोधी और वहशी थी इस ऐहतहाहसक पकषठभहम को दखत कोई भी सवाभाहवक ही समझ सकता ह हक उततरी कोररया की जनता अमररकी सामराजयवाहदयो पर हकतना हवशवास कर सकती ह

1953 का यदध ख़तम होन और सताहलन की मौत क बाद उततरी कोररया की अनतरराषटीय समाजवादी हशहवर म डावाडोल पररहसथहत रही और उसन सशोधनवादी सोहवयत यहनयन और माओवादी चीन दोनो स समबनध बनाय रखन की नीहत अपनायी 1976 म माओ क हनधन और पजीवाद की पनसथाविपना क बाद उततरी कोररया सोहवयत सघ क और नजदीक हो गया और चीन स दरी बनानी शर कर दी दहकषणी कोररया और उततरी कोररया की सरहद सोहवयत सामराजयवाहदयो और अमररकी सामराजयवाहदयो की कलह का हबनद बन गयी इस पर अरस क दौरान अमररका न दहकषणी कोररया म परमाण हहथयार तनात करक रख हए थ पररणामसवरप कई दशको तक उततरी कोररया की जनता परमाण हमल क साय म जीती रही इसक जवाब म उततरी कोररया न ख़द परमाण हहथयार हवकहसत करन कोहशश आरमभ की अब चाह अमररका यह कहता ह हक दहकषणी कोररया स उसन परमाण हहथयार हटा हलय ह लहकन अमररकी ldquoसचrdquo का हवशवास कौन कर 1991 म सोहवयत सघ क टटन क बाद एक बार हिर उततरी कोररया न चीन स समबनध सधारन शर हकय 1994 म हकम उल-सग (उततरी कोररया क पहल राषटपहत) की मौत क बाद उततरी कोररया न अमररका स एक समझौत क तहत परमाण हहथयार बनान क कायविकरम को िपप करन की बात मानी ताहक अमररका उततरी कोररया को हबजली पदा करन क हलए परमाण ररएकटर लगान द लहकन अमररका न यह समझौता कभी भी लाग नही हकया और 2002 म इस समझौत का अनत हो गया लहकन उततरी कोररया अपना परा जोर लगान क बावजद अभी तक ऐसी कोई फौजी ताकत नही बना पाया ह हक वह अमररका क हलए सीध रप म ख़तरा हो उसक सार ldquoसनयrdquo कायविकरम का मकसद दहकषणी कोररया और जापान पर हमल की धमकी दकर अमररकी हमल स अपना बचाव करना ह जो हक इराक लीहबया तथा अनय दशो की अमररका दारा की गयी हालत को दखत हए समझा जा सकता ह

सामराजयवाहदयो की किपतली

सयति राषट न उततरी कोररया पर हपछल 60 वरडो स वयापाररक पाबहनदया लगा रखी ह उततरी कोररया इस समय हवशव म सबस अलग-थलग पडा दश ह हजसक चलत उततरी कोररया की साधारण जनता को भयकर महकलो का सामना करना पड रहा ह 1991 स पहल सोहवयत यहनयन क साथ होत वयापार और उसस हमलती सहायता क बल पर उततरी कोररया इन पाबहनदयो का असर ख़तम करन म कामयाब था लहकन सोहवयत यहनयन टटन क बाद उततरी कोररया की अथविवयवसथा और सामाहजक वयवसथा बरी तरह स हहल गयी ह एक ओर वयापाररक पाबहनदया और दसरी तरफ 1990 क दशक म सखा और खराब हई फसलो क कारण उततरी कोररया म अनाज की उपलधता बरी तरह स परभाहवत हई ह और इसक अलावा दवाइया और महडकल साजो-सामान का हनयावित भी पाबहनदयो क घर म होन क चलत उततरी कोररया की सवासथय वयवसथा भी बरी हालत म ह 1990 क दशक म कपोरण और सवासथय सहवधाओ क ख़तम होन क कारण 10 लाख स अहधक लोगो क ग़र-पराकक हतक तौर पर मार जान का अनमान ह अब उततरी कोररया अपन वयापार क हलए लगभग परी तरह चीन पर हनभविर ह हजसका चीन परा लाभ ल रहा ह

बदि हािाि बदि रोग1950 क कोररया यदध क समय चीन

और उततरी कोररया म शर हए फौजी गिबनधन को 1961 म बाकायदा एक समझौत का रप हदया गया हजसक तहत यह तय हआ हक चीन हकसी भी सामराजयवादी हमल की हालत म उततरी कोररया की सरकषा करगा 1976 म चीन म परहतकराहनतकारी तखतापलट होन क बाद भी यह समझौता लाग रहा ह हालाहक अब इसक पीछ पजीवादी हहत थ न हक सामराजयवाहदयो क हखलाफ सयति मोचच की भावना भल ही अभी भी 2021 तक इस समझौत की अवहध बनी हई ह लहकन बदलती पररहसथहतयो न चीन का रख़ भी बदलना शर कर हदया ह चीन क अनदर हभनन-हभनन बहदधजीवी वगडो (पजीवादी क हथक टक जो राषटीय सरकषा ससथा कहमशन माहहर आहद नामो स ख़द को छपाकर रखत ह) म समझौत को नय हालात की नजर म दखन की आवाज उिनी शर हो गयी ह पजीवादी चीन क हहत चाहत ह हक ऐस यदध स बचा जाय जो इस कषत म हछड और चीन क हलए वयापक तबाही लकर आय लहकन इसक साथ ही व हकसी भी सरत म उततरी कोररया म सतता-पररवतविन या कोररया की एकता की सरत म समच कोररया को अमररकी फौजी अडड क रप म नही दखना चाहत कयोहक ऐसी हालत म चीन की कोररया स लगन वाली 1400 हकलोमीटर सरहद सीधी अमररकी मोचावि बन जायगी अमररकी सामराजयवादी भी चीन की उलझन भरी हालत को समझ रहा ह टमप एक ओर चीन को सीररया और अफगाहनसतान पर हमसाइल दागकर धमहकया द रहा ह दसरी ओर टमप का हडपटी माइक पस ldquoसभी हल समभव हrdquo की कटनीहत खल रहा ह जापान का परधानमनती हशबो

ऐब उततरी कोररया स हनपटन क हलए अमररका का परा साथ दन का ldquoवादाrdquo कर रहा ह घरल पररहसथहतयो और अनतरराषटीय राजनीहत क मदनजर चीन का उततरी कोररया क परहत बदला रख़ अब खलक सामन आ रहा ह

चीन अब एक ओर अमररका को ldquoसयमrdquo क इसतमाल और कोई ऐसी हसथहत न पदा करन की सलाह द रहा ह हजसक चलत उस उततरी कोररया क अहधकार म यदध म उतरना पड लहकन इन खोखली बातो क पदच तल वह भी अमररकी सर म सर हमलाकर उततरी कोररया को पाबहनदयो का डर न हसफवि हदखा ही रहा ह बहक लाग भी कर रहा ह उततरी कोररया का तीन-चौथाई वयापार चीन स ह इस चीन उततरी कोररया का हाथ मरोडन का सही नतिा मान रहा ह इस वरवि फरवरी स चीन न उततरी कोररया स कोयला ख़रीदना बनद कर हदया ह उततरी कोररया की हवदशी मदरा का 40 हहससा कोयला बचन स ही हाहसल होता ह इसक साथ ही दसर खहनजो की ख़रीद भी कम कर दी गयी ह उततरी कोररया पटोहलयम क हलए परी तरह हनयावित हजसका सोत चीन ही ह उस पर ही हनभविर ह चीन न हवाई जहाजो म इसतमाल हकया जान वाला पटोल सपलाई करना बनद कर हदया ह और बाकी पटोहलयम पदाथडो की सपलाई बनद करन की धमकी भी द रहा ह चीन क इन सभी कदमो का मकसद उततरी कोररया क परमाण परीकषण रोकना ह ताहक कोई भी समभाहवत अमररकी हमल को रोका जा सक हिलहाल उततरी कोररया चीन की सलाहो और गीदड भभहकयो को सन नही रहा ह हजसक पीछ असली कारण उततरी कोररया को एक ओर तरफ स हहमायत हमलन की उममीद बधी ह

सामराजयवादी दहनया म इस समय अमररका और रस क समबनध हबगड हए ह रस न पहल सीररया म अमररकी ldquoअशवमधी घोडrdquo की राह रोकी ह अब वह इस घोड की लगाम उततरी कोररया म कसन की तयारी कर रहा ह जस-जस चीन उततरी कोररया की परमाण कायविकरम रोकन की कोहशश कर रहा ह रस उस न हसफवि परोतसाहहत कर रहा ह बहक उततरी कोररया का नया ldquoगाहडवियनrdquo बनकर सामन आ रहा ह टमप की धमहकयो क जवाब म रस न अमररका को ऐसा कोई भी ldquoदससाहसवादी कदमrdquo उिान क हखलाफ चतावनी दी ह रस का तल उततरी कोररया क जहाजो और पमपो पर चीनी तल की जगह लनी शर कर चका ह और रस की बनदरगाह वलादीवोसतोक स उततरी कोररया की बनदरगाह राहजन तक पररवहन तजी स बढ रहा ह उततरी कोररया को हमल सोहवयत दौर क सार कजच रस न पहल ही माफ कर हदय ह य ह सामराजयवादी दशो की हमतताए-शतताए सामराजयवादी दशो क आपसी अनतरहवरोध इतन उलझ होत ह हक य एक तरफ सलझन की आस बधात ह तो हकसी दसरी तरफ और उलझन लगत ह सीररया म रस और चीन इराक और सीररया स साझा मोचावि खोल रह ह लहकन कोररया तक पहचत-पहचत रस क हहत चीनी हहतो स टकरान लगत ह

उततररी कछररया क ममसाइि पररीकर और िरीखरी हछिरी अनतर-सामाजयिादरी किह

(पज 15 पर जाररी)

मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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मजदर तबगि जिाई 2017 15

सामपरदाहयकता सदव ससकक हत की दहाई हदया करती ह उस अपन असली रप म हनकलन म शायद लजजा आती ह इसहलए वह उस गध की भाहत जो हसह की खाल ओढकर जगल म जानवरो पर रोब जमाता हिरता था ससकक हत का खोल ओढकर आती ह हहनद अपनी ससकक हत को कयामत तक सरहकषत रखना चाहता ह मसलमान अपनी ससकक हत को दोनो ही अभी तक अपनी-अपनी ससकक हत को अछती समझ रह ह यह भल गय ह हक अब न कही हहनद ससकक हत ह न महसलम ससकक हत और न कोई अनय ससकक हत अब ससार म कवल एक ससकक हत ह और वह ह आहथविक ससकक हत मगर आज भी हहनद और महसलम ससकक हत का रोना रोय चल जात ह हालाहक ससकक हत का धमवि स कोई समबनध नही आयवि ससकक हत ह ईरानी ससकक हत ह अरब ससकक हत ह हहनद महतविपजक ह तो कया मसलमान कबपजक और सथान-पजक नही ह ताहजय को शबवित और शीरीनी कौन चढाता ह महसजद को ख़दा का घर कौन समझता ह अगर मसलमानो म एक समपरदाय ऐसा ह जो बड स बड पगमबरो क सामन हसर झकाना भी कफ समझता ह तो हहनदओ म भी एक ऐसा ह जो दवताओ को पतथर क टकड और नहदयो को पानी की धारा और धमविगनथो को गपोड समझता ह यहा तो हम दोनो ससकक हतयो म कोई अनतर नही हदखता

तो कया भारा का अनतर ह हबकल नही मसलमान उदवि को अपनी हमली भारा कह ल मगर मदरासी मसलमान क हलए उदवि वसी ही अपररहचत वसत ह जस मदरासी हहनद क हलए ससकक त हहनद या मसलमान हजस परानत म रहत ह सवविसाधारण की भारा बोलत ह चाह वह उदवि हो या हहनदी बगला हो या मरािी बगाली मसलमान उसी तरह उदवि नही बोल सकता और न समझ सकता ह हजस तरह बगाली हहनद दोनो एक ही भारा बोलत ह सीमापरानत का हहनद उसी तरह पतो बोलता ह जस वहा का मसलमान

हिर कया पहनाव म अनतर ह सीमापरानत क हहनद और मसलमान हसतयो की तरह करता और ओढनी पहनत-ओढत ह हहनद परर भी मसलमानो की तरह कलाह और पगडी बाधता ह अकसर दोनो ही दाढी भी रखत ह बगाल म जाइए वहा हहनद और मसलमान हसतया दोनो ही साडी पहनती ह हहनद और मसलमान परर दोनो करता और धोती पहनत ह तहमद की परथा बहत हाल म चली ह जब स सामपरदाहयकता न जोर पकडा ह

खान-पान को लीहजए अगर मसलमान मास खात ह तो हहनद भी अससी फीसदी मास खात ह ऊच दरज क हहनद भी शराब पीत ह ऊच दरज क मसलमान भी नीच दरज क हहनद भी शराब पीत ह नीच दरज क मसलमान भी मधयवगवि क हहनद या तो बहत कम शराब पीत ह या भग क गोल चढात ह हजसका नता हमारा पणडा-पजारी कलास ह मधयवगवि क मसलमान भी बहत कम शराब पीत ह हा कछ लोग अफीम की पीनक अवय लत ह मगर इस पीनकबाजी म हहनद भाई मसलमानो स

पीछ नही ह हा मसलमान गाय की कबाविनी करत ह और उनका मास खात ह लहकन हहनदओ म भी ऐसी जाहतया मौजद ह जो गाय का मास खाती ह यहा तक हक मकतक मास भी नही छोडती हालाहक बहधक और मकतक मास म हवशर अनतर नही ह ससार म हहनद ही एक जाहत ह जो गो-मास को अखाद या अपहवत समझती ह तो कया इसहलए हहनदओ को समसत हवशव स धमवि-सगाम छड दना चाहहए

सगीत और हचतकला भी ससकक हत का एक अग ह लहकन यहा भी हम कोई सासकक हतक भद नही पात वही राग-रागहनया दोनो गात ह और मग़लकाल की हचतकला स भी हम पररहचत ह नाटय कला पहल मसलमानो म न रही हो लहकन आज इस सीग म भी हम मसलमान को उसी तरह पात ह जस हहनदओ को

हिर हमारी समझ म नही आता हक वह कौन सी ससकक हत ह हजसकी रकषा क हलए सामपरदाहयकता इतना जोर बाध रही ह वासतव म ससकक हत की पकार कवल ढोग ह हनरा पाखणड शीतल छाया म बि हवहार करत ह यह सीध-साद आदहमयो को सामपरदाहयकता की ओर घसीट लान का कवल एक मनत ह और कछ नही हहनद और महसलम ससकक हत क रकषक वही महानभाव और वही समदाय ह हजनको अपन ऊपर अपन दशवाहसयो क ऊपर और सतय क ऊपर कोई भरोसा नही इसहलए अननत तक एक ऐसी शहति की जररत समझत ह जो उनक झगडो म सरपच का काम करती रह

इन ससथाओ को जनता क सख-दख स कोई मतलब नही उनक पास ऐसा कोई सामाहजक या राजनीहतक कायविकरम नही ह हजस राषट क सामन रख सक उनका काम कवल एक-दसर का हवरोध करक सरकार क सामन फररयाद करना ह व ओहदो और ररयायतो क हलए एक-दसर स चढा-ऊपरी करक जनता पर शासन करन म शासक क सहायक बनन क हसवा और कछ नही करत

मसलमान अगर शासको का दामन पकडकर कछ ररयायत पा गया ह तो हहनद कयो न सरकार का दामन पकड और कयो न मसलमानो की भाहत सख़रवि बन जाय यही उनकी मनोवकहतत ह कोई ऐसा काम सोच हनकालना हजसस हहनद और मसलमान दोनो एक राषट का उदधार कर सक उनकी हवचार-

शहति स बाहर ह दोनो ही सामपरदाहयक ससथाए मधयवगवि क धहनको जमीदारो ओहददारो और पदलोलपो की ह उनका कायविकषत अपन समदाय क हलए ऐस अवसर परापत करना ह हजसस वह जनता पर शासन कर सक जनता पर आहथविक और वयावसाहयक परभतव जमा सक साधारण जनता क सख-दख स उनह कोई परयोजन नही अगर सरकार की हकसी नीहत स जनता को कछ लाभ होन की आशा ह और इन समदायो को कछ कषहत पहचन का भय ह तो व तरनत उसका हवरोध करन को तयार हो जायग अगर और जयादा गहराई तक जाय तो हम इन ससथाओ म अहधकाश ऐस सजजन हमलग हजनका कोई न कोई हनजी हहत लगा हआ ह और कछ न सही तो हककाम क बगलो पर उनकी रसोई ही सरल हो जाती ह एक हवहचत बात ह हक इन सजजनो की अफसरो की हनगाह म बडी इजजत ह इनकी व बडी ख़ाहतर करत ह

इसका कारण इसक हसवा और कया ह हक व समझत ह ऐसो पर ही उनका परभतव हटका हआ ह आपस म ख़ब लड जाओ ख़ब एक-दसर को नकसान पहचाय जाओ उनक पास फररयाद हलय जाओ हिर उनह हकसका नाम ह व अमर ह मजा यह ह हक बाजो न यह पाखणड िलाना भी शर कर हदया ह हक हहनद अपन बत पर सवराज परापत कर सकत ह इहतहास स उसक उदाहरण भी हदय जात ह इस तरह की ग़लतफहहमया िला कर इसक हसवा हक मसलमानो म और जयादा बदगमानी िल और कोई नतीजा नही हनकल सकता अगर कोई जमाना था तो कोई ऐसा काल भी था जब हहनदओ क जमान म मसलमानो न अपना सामराजय सथाहपत हकया था उन जमानो को भल जाइए वह मबारक हदन होगा जब हमार शालाओ म इहतहास उिा हदया जायगा यह जमाना सामपरदाहयक अभयदय का नही ह यह आहथविक यग ह और आज वही नीहत सिल होगी हजसस जनता अपनी आहथविक समसयाओ को हल कर सक हजसस यह अनधहवशवास यह धमवि क नाम पर हकया गया पाखणड यह नीहत क नाम पर ग़रीबो को दहन की कक पा हमटाई जा सक जनता को आज ससकक हतयो की रकषा करन का न अवकाश ह न जररत lsquoससकक हतrsquo अमीरो पटभरो का बहिकरो का वयसन ह दररदरो क हलए पराणरकषा ही सबस बडी समसया ह

उस ससकक हत म था ही कया हजसकी व रकषा कर जब जनता महछवित थी तब उस पर धमवि और ससकक हत का मोह छाया हआ था जयो-जयो उसकी चतना जागकत होती जाती ह वह दखन लगी ह हक यह ससकक हत कवल लटरो की ससकक हत थी जो राजा बनकर हवदान बनकर जगत सि बनकर जनता को लटती थी उस आज अपन जीवन की रकषा की जयादा हचनता ह जो ससकक हत की रकषा स कही आवयक ह उस परान ससकक हत म उसक हलए मोह का कोई कारण नही ह और सामपरदाहयकता उसकी आहथविक समसयाओ की तरफ स आख बनद हकय हए ऐस कायविकरम पर चल रही ह हजसस उसकी पराधीनता हचरसथायी बनी रहगी

चरीि क महाकति पाबछ नरदा

क जनमददिस (12 जिाई) क अिसर पर

सड़कछ ो चौराहछ ो पर मौि और िाश(लमिी कनवता क अश)

अपन उन शहीदो क नाम परउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनहोन हमारी लपतभलम कोरकतपलालित कर लदया हउन लोगो क ललएम दणड की माग करता हलिनक लनददश परयह अनयाय यह ख़न हआउसक ललए म दणड की माग करता हलिशासघातीिो इन शिो पर खड़ होन की लहममत रखता हउसक ललए मरी माग हउस दणड दो उस दणड दोलिन लोगो न हतयारो को माफ कर लदया हउनक ललए म दणड की माग करता हम चारो ओर हाथ मलतघमता नही रह सकताम उनह भल नही सकताम उनक ख़न स सन हाथो कोछ नही सकताम उनक ललए दणड चाहता हम नही चाहता लक उनह यहा-िहारािदत बनाकर भि लदया िायम यह भी नही चाहतालक ि लोग यही छप रहम चाहता हउन पर मकदमा चलयही इस खल आसमान क नीचठीक यहीम उनह दलणडत होत दखना चाहता ह

म उन शहीदो स बात करना चाहता हलगता ह ि लोग यही हमर भाइयो सघरष िारी रहगाअपनी लड़ाई हम िारी रखगकल-कारख़ानो म खत-खललहानो मगली-गली म यह लड़ाई िारी रहगीनमकशोरा क खदानो मयह लड़ाई िारी रहगीयह लड़ाई िारी रहगीिकषहीन समतल भलम परताब की भटठियो म धधक उठगीलाल-हरी लपटसबह-सबह कोयल का काला धआभरता िा रहा ह लिन कोठटरयो मिही खीची िायगीयदध की रखाऔर हमार हदयो मय झणड िो तमहार ख़न क गिाह हिब तक इनकी सखयाकई गना बढ़ नही िातीलसफष लहरात ही नही रहऔर तजी स फड़फड़ान लगअकषय िसनत क इनतजार मलाखो-हजार पतो की तरह

जनमददिस (31 जिाई क अिसर पर)

सामपरदापयकिा और सो सति

रिमचनद

इसकी एक और हमसाल टमप की ताजा अरब याता क बाद उभरी पररहसथहत म भी हदखती ह अमररका इविरान को काब म करन क हलए 41 इसलाहमक दशो का गट कायम करन की सकीम म ह इस गट म शाहमल होन वालो की जो सची चौधरी न जारी की ह उसम पाहकसतान की पचगी भी हनकल आयी ह पाहकसतान न इविरान स हबगाडना चाहता ह और न ही चीन की नाराजगी झल सकता ह पाहकसतान न गट

म शाहमल होन क बार म सोचन क हलए अमररका स कछ समय की मोहलत मागी ली अमररका न पाहकसतान की इस पराथविना क जवाब म 18 करोड डॉलर की एक ldquoसहायताrdquo को कजच म बदल हदया ह पाहकसतान का ऊट हकस करवट बिता ह यह अभी दखना ह

कोररया का हपछली एक सदी का इहतहास और इसका वतविमान इस बात की गवाही भरता ह हक कस अमररका छोट दशो को अपन सनय अडड बनाकर हवरोहधयो को घरन क हलए इसतमाल करता ह और

उनकी आहथविक लट करता ह जो दश इसकी इस ldquoपररयोजनाrdquo म शाहमल नही होता उस ldquoशतान दशrdquo घोहरत करक अलग-थलग करना वयापाररक पाबहनदया लगाकर ग़रीबी म धकलना इसका मखय हहथयार ह और अगर कोई यह भी झल जाता ह तो सीधा फौजी हमला सीररया इराक लीहबया अफग़ाहनसतान सामराजयवादी चालो का हशकार बनन वालो की फहररसत बहत लमबी ह

उततर कछररया(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी कातयायिी नसहा दारा 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006 स परकानशत और उही क दारा मलटीमीनडयम 310 सिय गाधी परम फज़ािाद रोड लििऊ स मनदरत समपादक सिनवदर अनभिव l समपाकीय पता 69 ए-1 िािा का परवा पपरनमल रोड निशातगि लििऊ-226006

16 Mazdoor Bigul l Monthly l July 2017 RNI No UPHIN201036551

डाक पिीयि SSPLWNP-3192017-2019पररण डाकघर आरएमएस चारिाग लििऊ

पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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पररण नतन नदिाक 20 परतयक माह

मकश असरीमआहखर कनदर-राजयो म सतताधारी

सभी पाहटवियो न पणवि सहमहत स जीएसटी की दर और हनयम तय कर 1 जलाई स इस लाग कर हदया पजीपहत वगवि क सभी सगिनो कारपोरट हनयहनतत मीहडया और आहथविक हवशरजो दारा इस ऐहतहाहसक आहथविक सधार बताकर इसकी भारी वाहवाही की जा रही ह जीएसटी कानन बनान म एक राय स सहमहत जतान वाल कछ हवपकषी भी हसफवि इस बात की आलोचना कर रह ह हक इस बगर परी तयारी क लाग हकया जा रहा ह तो कया माना जाय हक परी तयारी स लाग होन पर यह जनता क हहत म होता लहकन इस हकसम की आलोचना एक समान हहतो वाल वगवि-रहहत समाज म ही की जा सकती ह हकनत हमारा समाज ऐसा समानता पर आधाररत समाज नही ह इसम जहा एक ओर 81 समपहतत क माहलक 10 लोग ह वही ग़रीबी म जीत बहसखयक मजदर-हकसान और बहत स छोट काम-धनध करन वाल लोग भी ह इस समाज म कोई भी नीहत ऐसी नही हो सकती जो सब वगडो क हलए समान हहतकारी हो और हर नीहत का हवशरण इस आधार पर होना चाहहए हक इसका फायदा हकस तबक को होगा नकसान हकस तबक को ऐस वगवि हवभाहजत ग़र-बराबरी और शोरण पर आधाररत समाज म परतयक नीहत का हवहभनन वगडो की हजनदगी पर असर समझ बग़र की गयी कोई भी चचावि हनरथविक या गमराह करन वाली ह इस दहटिकोण स इसक कछ अहम हबनदओ की चचावि जररी ह

जीएसटी उतपादन और हबकरी की परतयक अवसथा म जोड गय म य पर लगन वाला कर ह हजस अहनतम ख़रीदार या उपभोगकतावि को चकाना होता ह ऐस करो को अपरतयकष कर कहा जाता ह कयोहक य कहन क हलए उतपादक पर लगत ह लहकन इनह चकाता उपभोतिा ह पजीवादी जनवाद क दहटिकोण स भी दखा जाय तो अपरतयकष करो क दायर को बढाना एक परहतगामी कदम ह कयोहक इनकी दर सभी क हलए समान होन स आमदनी

क हहसस क तौर पर दख तो हजतनी कम आमदनी हो उसका उतना बडा हहससा कर म दना पडता ह और हजतनी जयादा आमदनी उतना कम हहससा अथावित इनका बोझ ग़रीब लोगो पर जयादा और अमीर लोगो पर कम होता ह अगर तलनातमक रप स हवकहसत पजीवादी दशो को भी दख तो वहा कल करो का दो हतहाई परतयकष करो और एक हतहाई अपरतयकष करो स वसल हकया जाता ह भारत म पहल ही िीक इसका उटा ह अथावित दो हतहाई अपरतयकष करो क जररय आता ह और अब इनका दायरा और बढाया जा रहा ह इसक हवपरीत जयादा आमदनी पर जयादा लगन वाल परतयकष करो - आयकर कारपोरट कर समपहतत कर हवरासत कर आहद म छट दी जा रही ह या ख़तम हकया जा रहा ह इस तरह जीएसटी क दारा अपरतयकष करो म वकहदध स शरहमको को परापत मजदरी का और बडा हहससा राजय दारा लगान क रप म हलया जाकर उनक शोरण को और तीवर करगा

बहत सार छोट वयवसाय अब तक कर क दायर स बाहर थ अब इनम स बहत सार कर क दायर म आयग इसस इनकी लागत - कर की रकम और परशासहनक लागत - दोनो तरह स बढगी छोट कारोबाररयो की लागत बढन अनतरराजयीय कारोबाररयो की लागत और परशासहनक बोझ कम होन एक राजय स दसर म यातायात-सपलाई की रकावट कम होन स छोट अनौपचाररक कारोबारो को हमलन वाला सथानीयता का लाभ समापत होगा बड उदोगो को उतपादन और भणडारण दोनो को कम सथानो पर कहनदरत कर पाना समभव होगा हजसक चलत वह बड पमान क उतपादन को अहधक पजी हनवश दारा और अहधक मशीनीकक त-सवचाहलत कर उतपादकता को बढा पायग इस हसथहत म छोटी पजी वाल उदोग और वयापार बडी पजी वाल उदोग-वयापार क मकाबल परहतयोहगता म नही हटक पायग इसी तरह बहत स कारीगर दसतकार बनकर पॉवरलम चलान वाल सवय क धनध म लग या कछ मजदर लगाकर काम करन वाल उदमी भी बढती लागत स अब बाजार

म नही हटक पायग और बड पजीपहत क कारोबार म शरहमक बन जायग उदाहरण क तौर पर हनमाविण उदोग क बाद शरहमको की सखया की दहटि स दसर सबस बड टकसटाइल उदोग म हसथहत लघ इकाइयो क सामन सकट अतयनत गहरा ह महाराषट टकसटाइल परोससर एसोहसएशन क सकरटरी न कहा ही ह - 85 लमस म बहत छोट वयापारी ह जीएसटी हडसणटलाइज सकटर को ख़तम कर दगा कमपोहजट हमल स हमारा कपडा महगा हो जायगा और हसफवि बड सगहित पलयर को फायदा होगा इसीहलए सरत हभवणडी ममबई सब जगह य उदमी अपन लमस को बनद कर हडताल धरना परदशविन म लग ह इसी तरह छोट दकानदारो की कीमत पर बड मॉल और कारपोरट सटोसवि को लाभ होगा तथा छोट दकानदार इनम कमविचारी बनन क हलए मजबर होग इसस बड पजीपहतयो की इजारदारी बढगी इसीहलए पजीपहतयो क सार सगिन और उनका भोप मीहडया इसक पकष म इतन साल स माहौल बना रहा ह

लहकन आज भारत म 90 रोजगार अनौपचाररक लघ कषत म ह सगहित कषत क बड उदोगो को उननत आधहनक तकनीक शरहमको पर अहधक उतपादकता क दबाव पररमाण की हमतवयहयता आहद की वजह स उतन ही उतपादन क हलए कम शरहमको की आवयकता होती ह इसहलए इसहलए अनौपचाररक लघ उदोगो की कीमत पर बड उदोगो की इजारदारी क बढन स रोजगार क अवसर और भी कम होग साथ ही इन छोट उदहमयो क समापत होकर शरहमक बन जान स बरोजगारो की ररजववि फौज और बडी होगी हजसस पजीपहत वगवि अपन मनाफ को बढान क हलए शरम शहति क म य अथावित मजदरी को और भी कम करन का परयास करगा इस परकार माहलक पजीपहत और शरहमक वगडो क बीच अनतहवविरोध और सघरवि और गहन एव तीवर होगा

छोट अनौपचाररक उदोगो पर इस सकट की मार पहल ही नोटबनदी क दारा शर हो चकी ह हजसक बाद क 4 महीनो जनवरी-अपरल म सणटर फॉर मॉहनटररग इहणडयन इकोनॉमी क

अनसार 15 लाख नौकररया कम हई ह अब जीएसटी लाग होन क बाद यह परहकरया और तज होगी लहधयाना सरत हभवणडी जस सथानो स आन वाली ररपोटत पहल ही इसकी पहटि कर रही ह जहा लघ औदोहगक इकाइयो दारा उतपादन म कमी स शरहमको को छटनी का सामना करना पड रहा ह उदमी कारीगरो-दसतकारो क पास माल बनान क आडविर स उनका काम भी बनद ह और इनक माल क छोट वयापारी हबकरी क अभाव म ख़ाली बि ह या जलस-धरन म लग ह

जहा तक कीमतो का सवाल ह अहधक उतपादो और कारोबाररयो को कर दायर म आन की वजह स बहत स उतपादो की कीमत बढना तय ह हालाहक पहल स कर दायर म आन वाल औपचाररक सगहित कषत क उदोगो को हपछल टकस का करहडट अगल चरण म हमलन की वजह और कछ उतपादो पर कर की कम दर स उनक कछ उतपादो की कीमत कम होगी जस महगी कारो या आई फोन की कीमतो म कमी आयी ह इसस उचच और मधयम वगवि क उपभोतिाओ क हलए महगाई का असर समभवतः उतना जयादा नही भी हो पर ग़रीब जनता दारा उपभोग की वसतओ पर महगाई हनहचित ही बढगी कयोहक य अहधकतर अनौपचाररक कषत क कर दायर स बाहर क उतपादो को छोट दकानदारो स ख़रीदत रह ह जो अब कर दायर क अनदर होग

पहल जीएसटी का एक मखय लाभ यह भी बताया गया था हक समान दरो सरल परहकरयाओ स भरटिाचार और कर चोरी कम होगी लहकन अब हनधाविररत कई दरो अहधभार वसतओ क जहटल वगगीकरण और दरह परहकरयाओ न इसस चोरी-भरटिाचार कम होन वाली बात की भी हवा पहल ही हनकाल दी ह जस इसटणट कॉफी और रोसटड कॉफी अलग दरो म आती ह होटल क कमरो पर हकराय क आधार पर अलग दर ह यही सब चीज नौकरशाही क हलए सबस हपरय होती ह कयोहक यह उनह मनमानी तरीक स कर हनधाविरण और हरािरी का मौका दती ह पर शायद कछ और होन की आशा ही ग़लत होती कयोहक

पहल स मौजद कारोबारी-राजनीहत-नौकरशाही गिजोड क इस आधार को ही ख़तम करन का जोहखम इनम स कौन लता

जीएसटी का एक और पहल हवकास म कषतीय असनतलन ह असनतहलत असमतल आहथविक हवकास सामाहजक पमान पर अवयवहसथत पजीवादी उतपादन परहकरया का अहनवायवि पररणाम ह योजनाबदध हवकास क अभाव वाली पजीवादी वयवसथा की वजह स पहल स ही भारत म भी हवहभनन राजयो-कषतो क बीच असमतल हवकास और कषतीय असनतलन एक बडी समसया ह हजसका परभाव राजनीहत म जनता क बीच कषतीय वमनसय को पदा करन क हलए हकया जाता रहा ह पहल स ही असमतल कषतीय हवकास की हसथहत म एक समान कर और एक बाजार की यह नीहत इस इलाकाई असनतलन को और बढायगी जस हक 1949 की पर दश म हर दरी क हलए समान रलव भाडा नीहत न हकया था और खहनज समपदा वाल राजय जस तबका हबहार उडीसा मधयपरदश औदोहगक हवकास म हपछड गय कयोहक वहा परापत होन वाल खहनज समान कीमत पर दर-दराज क राजयो म भी उपलध थ और इस नीहत स उनह इस खहनज उतपादन का कोई लाभ नही हमला

कल हमलाकर दखा जाय तो पजीवादी वयवसथा म पजी क सकनदरण और इजारदारी को बढान वाली जीएसटी की नीहत स पजीवादी अथविवयवसथा म अनतहनविहहत हकसी समसया का समाधान होन वाला नही ह बहक यह तातकाहलक रप स इजारदार पजी क मनाफ को बढान हत टटपहजया वगवि को बरबाद कर उनह शरहमको की शरणी म धकलन की परहकरया तज करगी बरोजगारी की फौज की तादाद को बढायगी शरहमको की माग और मजदरी को नीच की और ल जायगी इसस उनकी करय शहति और कल बाजार माग कम होगी इसक नतीज म कछ समय बाद बाजार म अहतउतपादन का और भी गहरा सकट पदा होगा

जरीएसटरी कॉरपछरट प करम जनिा प ससिम का एक और औजार

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