राष्ट्रीय आयुઋविज्ञान आयोग दिन ांक 2020...

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1 रारीय आयुविान आयोग नई दिली, दिनक ................. 2020 .एन.एम.सी./एम.सी.आई.-35(1)/98-मेडि.(ii)……………………… रीय चिककस आयोग अचिननयम, 2019 (2019 क 30) की िर 57 वर ि शतिय के अयस म , रीय चिककस आयोग इसके अिगगि ननललखिि ननयम बनि है , नमि :- 1. (i) संित शीिक और ारंभन : इन ववननयम को ''निवग एमबीबीएस िखिल के लए यूनिम शि वननयमवली, 2020'' कह जए। (ii) ये सरकरी रजप म उनके कशन की िरीि से व ि हगे। 2. (i) अनुयोयता : ये ववननयम, शैिक स 2021-22 से थवपि ककए ज रहे मेडिकल कॉलेज के लए लगू हगे। (ii) 100/150/200/250 ववननयमवली के लए मेडिकल कॉलेज हे िु सुसगि यूनिम मनक शि और भरिीय आयुववगन पररि अचिननयम, 1956 की िर 10-क और ररीय आयुववगन आयोग की िर 61(2) के अिगगि ववगक नवीकरण और नये मेडिकल कॉलेज की थपन के ललए आशय-प और अनुमनि-प ि करने के ललए आवेिक कॉलेज वर पूरी की जने वली शि , शैिक स 2020- 21 के ललए नय मेडिकल कॉलेज थवपि करने/अनुमनि के नवीकरण/वेश िमि म व चि के ललए अनुमनि-प की वीक नि की अनिम िरीि से पहले थवपि मेडिकल कॉलेज के लए शसी ववननयम हगे। 3. तावना इस बिलिे ववव म एक चिकसक के ऱप म अपनी भूलमक क नवगहन भवी ढ ग से करने म चिककस निक को समथग बनने के ललए चिककस लशि और लशिण को नय ऱप िेन आवयक है। चिककस लशि की नई मग भी इन मनक को पुन: पररभवि करने को आवयक बनिी ह। पूणगऱपेण के बजय कयगमक आवयकिओ के आिर पर मनक को परभवि करन आवयक है। गुणवि ही, नये मनक क बि मकग होन िदहए। उपलि ससिन क उपयोग करने म सुनयि और इटिमीकरण, उस समय भी गुणवि लशि की ओर आगे बने म सुववि िन करेग, जब ससिन िुलनमक ऱप से कम ह। भरि म निक-पूवग चिककस लशिण सथन के ललए यूनिम मनक पर विगमन वननयम म , नये निमन की ट से नये मनक को पररभवि करने क यस कय गय है। 4. उदेय: इन ववननयम क उिेय एमबीबीएस छ के िखिल के लए अनुमोदिि ककसी मेडिकल कॉलेज और आयुववगन सथन के ललए कॉलेज और सबि अयपन अपिल म आवस, टफ (अयपन एव िकनीकी िोन), कॉलेज के ववभग और अपिल म उपकरण की यूनिम आवयकि ननिगररि करन है। 5. वभाग : नि वग एमबीबीएस िखिल के लए अनुमोदिि सभी मेडिकल कॉलेज और आयुववगन सथन के पस ननललखिि ववभग हगे , नमि: (i) मनव शरीर-वन; (ii) मनव शरीर-कियवन;

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    राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल् ली, दिन ांक ................. 2020

    सां.एन.एम.सी./एम.सी.आई.-35(1)/98-मेडि.(ii)……………………… र ष्ट्रीय चिककत्स आयोग अचिननयम, 2019 (2019 क 30) की ि र 57 द्व र प्रित्त शक्तियों के अभ्य स में, र ष्ट्रीय चिककत्स आयोग इसके अांिगगि ननम्नललखिि ननयम बन ि है, न मि :- 1. (i) संक्षिप्त शीर्िक और प्रारंभन : इन ववननयमों को ''प्रनिवर्ग एमबीबीएस ि खिलों के ललए न् यूनिम शिें

    ववननयम वली, 2020'' कह ज ए।

    (ii) ये सरक री र जपत्र में उनके प्रक शन की ि रीि से प्रवतृ् ि होंगे। 2. (i) अनुप्रयोज् यता : ये ववननयम, शैक्षिक सत्र 2021-22 से स् थ वपि ककए ज रहे मेडिकल कॉलेजों के ललए

    ल गू होंगे। (ii) 100/150/200/250 ववननयम वली के ललए मेडिकल कॉलेज हेिु सुसांगि न् यूनिम म नक शिें और

    भ रिीय आयुववगज्ञ न पररर्ि अचिननयम, 1956 की ि र 10-क और र ष्ट्रीय आयुववगज्ञ न आयोग की ि र 61(2) के अांिगगि व वर्गक नवीकरणों और नये मेडिकल कॉलेजों की स् थ पन के ललए आशय-पत्र और अनुमनि-पत्र प्र प् ि करने के ललए आवेिक कॉलेजों द्व र परूी की ज ने व ली शिें, शैक्षिक सत्र 2020-21 के ललए नय मेडिकल कॉलेज स् थ वपि करने/अनुमनि के नवीकरण/प्रवेश िमि में वदृ्चि के ललए अनुमनि-पत्र की स् वीकृनि की अांनिम ि रीि से पहले स् थ वपि मेडिकल कॉलेजों के ललए श सी ववननयम होंगे।

    3. प्रस् तावना इस बिलिे ववश् व में एक चिककत् सक के रूप में अपनी भलूमक क ननवगहन प्रभ वी ढांग से करने में

    चिककत् स स् न िक को समथग बन ने के ललए चिककत् स लशि और प्रलशिण को नय रूप िेन आवश् यक है। चिककत् स लशि की नई म ांगें भी इन म नकों को पुन: पररभ वर्ि करने को आवश् यक बन िी हैं। पूणगरूपेण के बज य क य गत् मक आवश् यकि ओां के आि र पर म नकों को पररभ वर्ि करन आवश् यक है। गुणवत् ि ही, नये म नक क बेंि म कग होन ि दहए। उपलब् ि सांस िनों क उपयोग करने में सुनम् यि और इष्ट् टिमीकरण, उस समय भी गुणवत् ि लशि की ओर आगे बढ़ने में सुववि प्रि न करेग , जब सांस िन िुलन त् मक रूप से कम हों। भ रि में स् न िक-पूवग चिककत् स प्रलशिण सांस् थ नों के ललए न् यूनिम म नकों पर विगम न ववननयमों में, नये प्रनिम न की दृक्ष्ट्ट से नये म नकों को पररभ वर्ि करने क प्रय स ककय गय है।

    4. उद्देश् य: इन ववननयमों क उद्िेश् य एमबीबीएस छ त्रों के ि खिलों के ललए अनुमोदिि ककसी मेडिकल

    कॉलेज और आयुववगज्ञ न सांस् थ न के ललए कॉलेज और सांबद्ि अध् य पन अस् पि लों में आव स, स् ट फ (अध् य पन एवां िकनीकी िोनों), कॉलेजों के ववभ गों और अस् पि लों में उपकरणों की न् यूनिम आवश् यकि ननि गररि करन है।

    5. र्वभाग : प्रनि वर्ग एमबीबीएस ि खिलों के ललए अनुमोदिि सभी मेडिकल कॉलेज और आयुववगज्ञ न

    सांस् थ न के प स ननम् नललखिि ववभ ग होंगे, न मि: (i) म नव शरीर-ववज्ञ न; (ii) म नव शरीर-किय ववज्ञ न;

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    (iii) जीवरस यन ववज्ञ न; (iv) रोग-ववज्ञ न; (v) सूक्ष् मजीव-ववज्ञ न; (vi) भेर्ज-ववज्ञ न; (vii) फोरेंलसक मेडिलसन एवां ववर्-ववज्ञ न; (viii) कम् युननटी मेडिलसन; (ix) जनरल मेडिलसन; (x) ब लरोग-ववज्ञ न; (xi) मनक्श्िककत् स ; (xii) त् वि -ववज्ञ न; (xiii) श् वसनी मेडिलसन; (xiv) जनरल शल् य-चिककत् स ; (xv) अक्स्थरोग ववज्ञ न; (xvi) ववककरण ननि न; (xvii) क न न क गल रोग-ववज्ञ न; (xviii) नेत्ररोग ववज्ञ न; (xix) प्रसूनि एवां स् त्री-ववज्ञ न; (xx) सांिेिन हर-ववज्ञ न; (xxi) िांि चिककत् स -ववज्ञ न; (xxii) भौनिक मेडिलसन एवां पुनव गस (xxiii) आप िक ललक मेडिलसन (xxiv) ववककरण ऑनकोलॉजी (वैकक्ल्पक)

    उपयुगत ि ववभ गों के अल व , ववलभन् न ववशेर्ज्ञि ओां में स् न िकोत् िर डिग्री/ डिप् लोम प ठ्यिम िल ने व ले मेडिकल कॉलेजों और आयुववगज्ञ न सांस् थ नों में कॉलेज य आयुववगज्ञ न सांस् थ न की अध् य पन सांबांिी आवश् यकि एां और जनि की स् व स् ् य सुरि सांबांिी आवश् यकि एां पूरी करने हेिु अन् य ववभ ग हो सकिे हैं।

    6. आव स, स् ट फ और उपकरण : प्रत् येक मेडिकल कॉलेज और चिककत् स सांस् थ न उसके सांबद्ि अध् य पन अस् पि ल के प स, इन ववननयमों के स थ सांलग् न िमश: अनुसूिी-।, ।।, ।।। में दिए गए अनुस र प्रत् येक ववभ ग के ललए, िेत्रों हेिु आव स, स् ट फ और उपकरण होंगे।

    7. प्रवेश िमि : मेडिकल कॉलजेों प्रनि वर्ग 100/150 एमबीबीएस ि खिलों की व वर्गक िमि के स थ

    स्थ वपि की ज एगी और उसके ब ि व वर्गक रूप स े150/200/250 एमबीबीएस प्रवेश बढ़ य ज सकि है। नये मेडिकल कॉलेज स् थ वपि करने के ललए और प्रनि वर्ग 100/150/200/250 एमबीबीएस ि खिलों के ललए व वर्गक नवीकरणों के ललए आशय-पत्र और अनुमनि-पत्र प्र प् ि करने के ललए आवेिक कॉलेजों द्व र पूरी की ज ने व ली िरण-व र शिें, इन ववननयमों के अनुबांि I, II, III और IV के अनुस र होंगी।

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    अनुसूची । मेडिकल कॉलेज और इसके संबद्ध अध् यापन

    अस् पतालों में आवास

    क-कॉलेज

    क.1 सामान् य

    क.1.1 पररसर 1. प्रत्येक मेडिकल क लेज में, मेडिकल क लेज, सांबद्ि अध्य पन अस्पि ल और छ त्रों िथ इांटनों के ललए

    छ त्र व स, क लेज/अस्पि ल के सांक य सिस्यों और अन्य स्ट फ के ललए आव सीय िेत्र के स थ य के बबन छ त्र व स श लमल होग । यह व ांछनीय है कक मेडिकल क लेज, छ त्रों/इांटनों के ललए छ त्र व स और अध्य पन अस्पि ल/सांस्थ न एक एक त्मक पररसर में हों।

    2. िथ वप, एतस और व ई शे्रणी (य दटयर-1 और दटयर-2) शहरों (जैस कक 7वें के.वे.आ. में लसफ ररश की गई है), पवगिीय िथ पूवोत् िर र ज् यों और अचिसूचिि जनज िीय िेत्रों में यह पररसर भूलम के िो भूिांिों – एक अध् य पन अस् पि ल के ललए और िसूर छ त्रों और इांटनों के ललए छ त्र व स व ल ेमेडिकल कॉलेज में भी हो सकि है।

    3. यदि पररसर भूलम के एक भूिांि से अचिक में क्स्थि है िो इन भूिांिों में से प्रत् येक के बीि की िरूी 5 ककलोमीटर से कम य 30 लमनट के य त्र समय से कम, इनमें से जो भी कम हो, होनी ि दहए।

    4. बशिे कक जह ां सरक री क्जल अस् पि ल के न म पर ककसी मेडिकल कॉलेज के अध् य पन अस् पि ल के रूप में इस् िेम ल ककए ज ने के ललए ववि र ककय ज रह है, क्जल अस् पि ल के सभी सांघटक, ि हे वे भूलम के िो भूिांिों पर हैं, के न म पर सांबद्ि अध् य पन अस् पि ल के रूप में ववि र ककय ज एग , बशिे कक मुख् य क्जल अस् पि ल में कम से कम 300 बबस् िर हों य पवगिीय िथ पूवोत् िर र ज् यों में250 बबस् िर हों।

    5. मेडिकल कॉलेज, इस अनुसूिी के ववलभन् न भ गों में यथ ववननदिगष्ट् ट अध् य पन और गैर-अध् य पन स् ट फ, छ त्र प्रसुववि ओां आदि के ललए ववलभन् न अध् य पन िेत्रों (कॉलेज और अध् य पन अस् पि ल – िोनों में), पुस् िक लय, प्रश सननक िेत्रों, कमरों को स् थ न िेने के ललए पय गप् ि ननलमगि स् थ न उपलब् ि कर एग ।

    6. भवन और अन् य ननलमगि अवसांरिन , भवन कोिों िथ स् थ नीय भवन ननम गण उप-ववचियों के अनुरूप होने ि दहए। उनमें ऐसे व् यक्तियों, जो ववकल ांग हों, को प्रवेश िथ सुववि एां उपलब् ि कर ने की शिों क प लन भी ककय ज न ि दहए।

    7. अध् य पन अस् पि ल क ननलमगि िेत्र न् यूनिम बबस् िरों, अध् य पन सुववि ओां और इन ववननयमों में एमबीबीएस के छ त्रों की ववलभन् न व वर्गक प्रवेश िमि ओां के ललए ववननि गररि अन् य शिों पर ववि र करिे हुए र ष्ट् रीय म पिांिों और स् थ नीय भवन ननम गण उप-ववचियों के अनुरूप होन ि दहए।

    8. इसके अल व , मेडिकल कॉलेज की स्थ पन के ललए उपयोग की ज रही भूिांि ककसी अन्य कॉलेज / सांस्थ न (जैसे नलसिंग कॉलेज, िेंटल कॉलेज, इांजीननयररांग कॉलेज य ककसी अन्य कॉलेज य छ त्र व स य आव स) के ललए उपयोग नहीां ककय ज न ि दहये।

    क.1.2 प्रशासननक िेत्र प्रि न ि यग/िीन, कॉलेज पररर्द्, अक िलमक िथ परीि अनुभ गों, लेि ओां और अन् य प्रश सननक क य गलयों (आवश् यकि के अनुस र), चिककत् स लशि इक ई और कां प् यूटर नेटवकग के ललए सवगर कि हेिु पय गप् ि स् थ न होन ि दहए।

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    क.1.3 कॉलेज पररर्द्: प्रत् येक मेडिकल कॉलेज य आयुववगज्ञ न सांस् थ न में एक कॉलेज पररर्द् होगी, क्जसमें सिस् यों के रूप में ववभ ग ध् यि और अध् यि के रूप में प्रि न ि यग/िीन होंगे। पररर्द् की बैठक एक वर्ग में कम से कम ि र ब र होगी, क्जसमें प ठ्यिमों और प्रलशिण क यगिमों के ब् य रों, अनुश सन ल गू करने िथ अन् य अक िलमक म मलों पर िि ग की ज एगी। यह पररर्द् अांि: ववभ गीय बैठकें जैसे ग्रैंि र उां ड्स, स ांक्ख्यकीय बैठकें और क्तलननक-पैथोलॉक्जकल बैठकें आयोक्जि करेगी। इन बैठकों में सांस् थ न में आवचिक अनुसांि न की आवचिक समीि श लमल होगी। क.1.4 कें द्रीय पुस् तकालय

    1. पुस् िकों और जरनलों के स् टॉककां ग के ललए अच् छी प्रक श व् यवस् थ और पय गप् ि स् थ न के स थ एक व ि नुकूललि कें द्रीय पुस् िक लय होग (150 एमबीबीएस छ त्रों िक व वर्गक प्रवेश िमि के ललए 1000 वगग मीटर और 200 और 250 एमबीबीएस छ त्रों की व वर्गक प्रवेश िमि के ललए 1500 वगग मीटर)। ननम् नललखिि के ललए व् यवस् थ होगी: क. पुस् िक लय ध् यि और अध् ययन स् ट फ के ललए कमरे । ि. िो स े अचिक िेत्रों में वविररि स् न िक-पूवग छ त्रों की व वर्गक प्रवेश िमि की सांख् य स े िगुुनी

    सांख् य के ललए पय गप् ि लसदटांग व ले व िन लय। ग. सांक य सिस् यों के ललए व िन लय। घ. पुर नी पुस् िकों, जरनलों आदि की स् टॉककां ग के ललए कमर । ङ. छ त्रों की व वर्गक प्रवेश िमि के कम स े कम 25 प्रनिशि के ललए इांटरनेट सुववि ओां के स थ

    कां प् यूटर नोड्स व ल एक कां प् यूटर कि।

    2. पुस् िकें : छ त्रों की व वर्गक प्रवेश िमि के अनुस र कम से कम 30 (िीस) पुस् िकें होंगी, क्जनमें एमबीबीएस प ठ्यिय ग में ववलभन् न ववर्यों के ललए प ठ्यपसु् िकों में स े प्रत् येक की कम से कम प ांि प्रनियों के स थ सभी ववर्य श लमल होंगे। व ांछनीय : एमबीबीएस प ठ्यिय ग के ववर्यों में स् न िकोत् िर स् िर की पुस् िकें । प्रेरण त् मक : सांिभग और मेडिलसन की सभी ववशेर्ज्ञि ओां में स् न िकोत् िर स् िर की पुस् िकें ।

    3. जरनल: एमबीबीएस छ त्रों की ववलभन् न प्रवेश िमि ओां के ललए जरनलों की न् यूनिम सांख् य , न् यूनिम ववननि गररि पुस् िकों की कम से कम एक प्रनिशि होगी।

    ये जरनल य िो वप्र ांट रूप में य इलेत रॉननक रूप में होंगे, बशिे कक एमबीबीएस प्रलशिण के ललए प्रत् येक प्रमुि ववशेर्ज्ञि ववभ गों क कम से कम 1 (एक) वप्रांट जरनल होग – म नव शरीररिन -ववज्ञ न, म नव शरीरकिय -ववज्ञ न, जीव रस यन, रोग-ववज्ञ न, भेर्ज-ववज्ञ न, सूक्ष् मजीव-ववज्ञ न, फोरेंलसक मेडिलसन एवां ववर्-ववज्ञ न, कम् युननटी मेडिलसन, मेडिलसन, ब लरोग, त् वि रोग-ववज्ञ न, मनक्श्िककत् स , श् वसनी मेडिलसन, शल् यचिककत् स , अक्स्थरोग, क न-न क-गल रोग-ववज्ञ न, नेत्ररोग-ववज्ञ न, प्रसूनि एवां स् त्रीरोग-ववज्ञ न, सांिेिन हर, ववककरण ननि न, िांत् य चिककत् स , आप िक ललक मेडिलसन, भौनिक मेडिलसन एवां पुनव गस। बशिे कक केवल उन् हीां जरनलों पर ववि र ककय ज एग , जो ननम् नललखिि ि ट बेस में अनुिमणीबद्ि हों अथ गि मेिल इन, पबमेि सेंरल, स इांस स इटेशन इांिेत स, स इांस स इटेशन इांिेत स एत सपेंिेि, एम्बेस, स् कोपस, ि यरेत टरी ऑफ ओपन ऐत सेस जरनल (िीओएजे)। इन सभी जरनलों के ललए एक पूणग व वर्गक अांशि न हेिु स क्ष् य होग ।

  • 5

    वार्र्िक एमबीबीएस प्रवेश िमता

    अपेक्षित जरनलों की न् यूनतम संख् या

    अपेक्षित पुस् तकों की न् यूनतम संख् या

    100 30 3000 150 45 4500 200 60 6000 250 75 7500

    व ांछनीय : ऊपर सूिीबद्ि के अल व , अन् य ववर्यों से सांबांचिि जरनल। क.1.5 व् याख् यान थियेटर

    1. सांस् थ न में गैलरी ट इप के न् यूनिम ि र व् य ख् य न चथयेटर होंगे, वरीयि: व ि नुकूललि, क्जनमें से प्रत् येक छ त्रों की व वर्गक प्रवेश िमि से 20 प्रनिशि से अचिक के ललए सीदटांग िमि व ल होग (कम से कम 1.40 वगग मीटर प्रनि छ त्र) उपलब् ि कर एग ।

    2. यदि अस् पि ल उसी एक त् मक पररसर में नहीां है िो उसी सीदटांग िमि , जो मेडिकल कॉलेज के ललए ववननि गररि है, व ले अध् य पन अस् पि ल में एक अनिररत ि व् य ख् य न चथयेटर होग ।

    3. इन व् य ख् य न चथयेटरों में श्रव् य-दृश् य की व् यवस् थ और इांटरनेट सुववि एां होंगी िथ ये ई-लननिंग के ललए समथगक री होंगे। ये व् य ख् य न चथयेटर लघु समूह अध् य पन के ललए न मोददृष्ट् ट सभी अध् य पन िेत्रों के स थ डिक्जटल रूप से सांबद्ि होंगे।

    4. ये व् य ख् य न चथयेटर बन ए गए क यगिम के िरीके से सभी ववभ गों के स थ स झ ककए ज एांगे।

    व ांछनीय : स् म टग त ल स कि क.1.6 लघु समूह अध् यापन सुर्वधाएं लघु समूह अध् य पन के प्रत् येक बैि क आक र लगभग 15 छ त्र होंगे। इन ववननयमों में यथ ववननि गररि लशिण कमरों के स मूदहक सांस िन-पूवग, छ त्रों के ललए प्रयोग त् मक प्रयोगश ल ओां, सांग्रह लयों, व् य ख् य न चथयेटरों और कोई भी अन्य उपलब्ि िेत्र जो इन ववननयमों में ननि गररि ककय गय है, क उपयोग लघु समूह अध् य पन के ललए ककय ज एग और लशिण ववभ गों द्व र स झ ककय ज एग । ऊपर उक्ल्लखिि सभी अध् य पन िेत्रों में श्रव् य-दृश् य िथ इांटरनेट सुववि एां होंगी और ये डिक्जटल रूप से एक-िसूरे के स थ सांबद्ि होंगी।

    क. शशिण कि : प्रनि वर्ग एमबीबीएस छ त्रों की ववलभन् न प्रवेश िमि के ललए प्री और प र नैि ननकववभ गों के ललए मेडिकल कॉलेजों में लशिण किों की न् यूनिम सांख् य , जो सभी ववभ गों द्व र स झ की ज एगी, नीिे एक स रणी में िश गई गई है (प्रत् येक लशिण कि में कम से कम 1.2 वगग मीटर प्रनि छ त्र क स् थ न होग ):

    वार्र्िक एमबीबीएस छात्र प्रवेश िमता

    अध् यापन किों की संख् या 25 की सीटटगं िमता 50 की सीटटगं िमता

    100 2 1 150 4 4 200 7 7 250 9 9

  • 6

    ि. छात्रों की प्रयोगात् मक प्रयोगशालाएं : छ त्रों की कम से कम 8 प्रयोग त् मक प्रयोगश ल एां होंगी, दहस् टोलॉजी, नैि ननक म नवशरीर रिन ववज्ञ न, जीवरस यन, दहस् टोपैथोलॉजी एवां स इटोपैथोलॉजी, नैि ननक रोग-ववज्ञ न एवां रुचिर-ववज्ञ न, सूक्ष् मजीव-ववज्ञ न, नैि ननक भेर्ज-ववज्ञ न और भेर्ज-ववज्ञ न में कां प् यूटर सह यि -प्रित् ि लशिण (सीएएल) के ललए एक-एक। नैि ननक रोग-ववज्ञ न/रुचिर—ववज्ञ न प्रयोगश ल म नव शरीरकिय -ववज्ञ न िथ रोग-ववज्ञ न ववभ ग के बीि स झ की ज सकिी है और फोरेंलसक मेडिलसन ववभ ग प्रयोग त् मक क यग के ललए दहस् टोपैथोलॉजी एवां स इटोपैथोलॉजी प्रयोगश ल क उपयोग कर सकिी हैं।

    प्रत् येक प्रयोगश ल में कम स ेकम 60 छ त्रों को स् थ न िेने की िमि होगी। दहस् टोलॉजी, जीवरस यन, दहस् टोपैथोलॉजी एवां स इटोपैथोलॉजी, नैि ननक रोग-ववज्ञ न एवां रुचिर-ववज्ञ न िथ सूक्ष् मजीव-ववज्ञ न की प्रयोगश ल ओां में प नी की टोंदटयों, लसांक िथ बबजली के पॉइांट कफट ककए हुए 60 क यग स् टेशन होंगे। दहस् टोपैथोलॉजी और सूक्ष् मजीव-ववज्ञ न की प्रयोगश ल ओां में अनिररत ि रूप से प्रत् येक छ त्र क यग स् टेशन में गैस/इलेक्तरक बनगर होंगे।

    प्रत् येक प्रयोगश ल में िकनीकी स् ट फ, स् टोसग, उपकरण भण् ि रण आदि के ललए यथ पेक्षिि अनिररत ि कमरे होंगे। प्रत् येक प्रयोगश ल में कम से कम 3.5 वगग मीटर/प्रनि छ त्र क स् थ न उपलब् ि कर य ज एग , जो क यग बेंिों, 20 छ त्रों के ललए सीम ांककि अध् य पन िेत्र, िकनीकी स् ट फ के ललए स् टोर और कमरे के ललए पय गप् ि होग । ऊपर उक्ल्लखिि सभी प्रयोगश ल ओां में श्रव् य-दृश् य और इांटरनेट सुववि एां होंगी िथ व ेअन् य सभी अध् य पन िेत्रों अथ गि व् य ख् य न चथयेटरों, लशिण किों िथ म् यूक्जयमों के स थ डिक्जटल रूप से सांबद्ि होंगे।

    ग. संग्रहालय : कॉलेज में कम स ेकम िीन सांग्रह लय होंगे अथ गि म नव शरीररिन के ललए 01 (एक), रोग-ववज्ञ न और फोरेंलसक मेडिलसन ववभ ग के बीि स झ ककए ज ने व ल 01 (एक) और भेर्ज-ववज्ञ न, सूक्ष् मजीव-ववज्ञ न िथ कम् युननटी मेडिलसन ववभ ग द्व र स झ ककए ज ने व ल 01 (एक)। प्रिशगन िेत्र के अल व , इन सांग्रह लयों में स ेप्रत् येक में कम स ेकम 50 छ त्रों (कम स ेकम 1.2 वगग मीटर प्रनि छ त्र) के बैठने के ललए पय गप् ि स् थ न भी होग और श्रव् य–दृश् य िथ इांटरनेट सुववि एां होंगी और ये व् य ख् य न चथयेटरों, लशिण किों िथ प्रयोग त् मक प्रयोगश ल ओां के स थ डिक्जटल रूप से सांबद्ि होंगे।

    इन सांग्रह लयों में गील ेऔर सूिे नमूनों (जह ां ल ग ूहो) और मॉिलों के भांि रण और उचिि प्रिशगन के ललए पय गप् ि रैक और अलम ररय ां होंगी। रेडियोलॉक्जकल और डिक्जटलीकृि िस् वीरें प्रिलशगि करने िथ िेिने के ललए पय गप् ि सुववि एां भी होंगी।

    क.1.7 कौशल प्रयोगशालाएं प्रत् येक आयुववगज्ञ न सांस् थ न में एक कौशल प्रयोगश ल होगी, जह ां छ त्र प ठ्यिय ग में पूवग-ववननदिगष्ट् ट कौशलों की प्रैक्तटस कर सकें गे िथ उनमें सुि र कर सकें गे। कौशल प्रयोगश ल क उद्िेश् य एक लसमुलेटेि व ि वरण में सीिने, प्रैक्तटस करने और कौशल करिे हुए अवलोकन ककए ज ने हेिु छ त्रों के ललए एक सुरक्षिि और भय-मुत ि व ि वरण उपलब् ि कर न है। इस प्रक र, पय गप् ि िैय री और पयगवेिण के बबन सीिे मरीज सांबांिी अनुभव में श लमल जोखिम कम करन है। कौशल प्रयोगश ल में ऐसे नैि ननक व ि वरण और क यग पुन: सकृ्जि करने क प्रय स ककय गय है, जो भ वी स् व स् ् य िेिभ ल कलमगयों को जदटलि और कफिेललटी के ववलभन् न स् िरों पर करने होंगे। कौशल प्रयोगश ल में प्रनि वर्ग 150 एमबीबीएस छ त्रों िक की प्रवशे िमि के ललए कम स ेकम 600 वगग मीटर क कुल िेत्र होग और प्रनि वर्ग 200 िथ 250 एमबीबीएस छ त्रों की प्रवेश िमि के ललए 800 वगग मीटर क स् थ न होग और उसमें ननम् नललखिि की व् यवस् थ होगी- i) मरीजों य म नकीकृि/लसमुलेटेि मरीजों की ज ांि के ललए न् यूनिम ि र कमरे (वरीयि: 08)।

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    ii) लघु समूहों को कौशलों के प्रिशगन के ललए एक कमर । iii) समीि के ललए िेत्र य िीब्रीकफां ग िेत्र। iv) सांक य समन् वयकि ग और सह यक स् ट फ के ललए कमरे। v) मैनेत वीांस और/य अन् य उपकरणों के भांि रण के ललए पय गप् ि स् थ न। vi) वीडियो ररक डििंग और अध् य पन सांसूिन कौशलों के ललए ववि र-ववमशग की समीि की सुववि । vii) अलग-अलग य समूहों में कौशलों की प्रैक्तटस करने के ललए स् टेशन। viii) सिमि आि ररि स् न िक-पूवग प ठ्िय ग िस् ि वेज़ में दिए गए कौशल प्र प् ि करने के ललए अपेक्षिि

    प्रलशिक य मैनेत वीांस। ix) एक समवपगि िकनीकी अचिक री और पय गप् ि सह यक स् ट फ। x) कौशल प्रयोगश ल के लशिण कि में श्रव्यफ-दृश्य की व्यवस्थ और इांटरनेट सुववि एां होंगी िथ ये ई-

    लननिंग के ललए समथगक री होंगे।

    यह कौशल प्रयोगशाला आरंभ/अनुमनत-पत्र के समय पर उपलब् ध होगी।

    क.1.8 र्वभाग के कायािलय और स् टाफ के शलए कमरे

    प्रत् येक अध् य पन ववभ ग में ननम् नललखिि होंगे: i) क य गलय स् ट फ और ररक िग के भांि रण के ललए ववभ ग के क य गलय हेिु स् थ न के स थ ववभ ग प्रमुि

    के ललए कमर । ii) अध् य पन सांक य सिस् य और ट्यूटरों/प्रिशगकों/रेक्जिेंटों (जुननयर और वररष्ट्ठ िोनों) के ललए पय गप् ि स् थ न

    व ले कमरे। iii) सांसूिन सुववि ओां, कां प् यूटर और इांटरनेट सुववि ओां के स थ उपलब् ि कर ए गए सांक य सिस् यों के ललए

    कमरे। iv) गैर-अध् य पन स् ट फ के ललए कमरे।

    क.1.9 परीिा हाल

    परीि के उद्िेश् य के ललए व् य ख् य न चथयेटर, पुस् िक लय में व िन लय आदि क उपयोग पय गप् ि िरूी के स थ ककय ज सकि है। व ांछनीय : एक अलग परीि ह ल। क.1.10 थचककत् सा शशिा इकाई

    सांक य ववक स और अध् य पन य ज्ञ न जगन सांस िन स मग्री उपलब् ि कर ने के ललए एक चिककत् स लशि इक ई होगी। इस इक ई में श्रव् य-दृश् य और इांटरनेट सुववि ओां की व् यवस् थ होगी। इस इक ई की आवश् यकि एां समय-समय पर र ष्ट्रीय आयुववगज्ञ न आयोग द्व र यथ ववननि गररि होंगी (इसमें कम से कम 150-160 वगग मीटर क िेत्र होग )। क.1.11 अनुसंधान सुर्वधा

    व ांछनीय : एक स िन सांपन् न कें द्रीय अनुसांि न सुववि , क्जसे लभन् न-लभन् न ववभ गों द्व र स झ ककय ज सकि है। प्रेरण त् मक : अलग ववभ गीय अनुसांि न प्रयोगश ल एां।

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    क.1.12 संसूचन सुर्वधाएं

    बेहिर सेव ओां, समन् वय और मरीज िेिभ ल के ललए कॉलेज और अस् पि लों के ववलभन् न अनुभ गों के बीि पय गप् ि सांसूिन नेटवकग उपलब् ि कर य ज एग । क.1.13 छात्र प्रसुर्वधाएं

    पय गप् ि छ त्र प्रसुववि एां उपलब् ि कर ई ज एांगी। इनमें छ त्र और छ त्र ओां के ललए कॉमन कि (अलग-अलग), कैफेटेररय , स ांस् कृनिक किय कल पों, इनिोर िेलों के ललए सुववि एां और छ त्र पर मशग सेव ए ँ श लमल होंगी। आउटिोर िेलों और रैक क यगिमों के ललए व् य य मश ल और िेलकूि के मैि न होंगे। व ांछनीय : क्स्वलमांग पूल प्रेरण त् मक : सभ ग र क.1.14 ग्रामीण स् वास् ् य प्रशशिण कें द्र

    प्रत् येक मेडिकल कॉलेज में उससे सांबद्ि एक ग्र मीण स् व स् ् य प्रलशिण कें द्र होग । इस ग्र मीण स् व स् ् य प्रलशिण कें द्र क स् व लमत् व य िो कॉलेज क होग य यह सरक र के स् व लमत् व व ले स् व स् ् य कें द्र के स थ सांबद्ि होन ि दहए। यदि ब ि की क्स्थनि है िो अक िलमक ननयांत्रण स मुि नयक-उन् मुिी प्र थलमक स् व स् ् य िेिभ ल और इससे सांबद्ि ग्र मीण समुि य के ललए ग्र मीण आि ररि स् व स् ् य लशि में छ त्रों िथ इांटनों के प्रलशिण के ललए कॉलेज के िीन/प्रि न ि यग क होग । यह स् व स् ् य कें द्र 30 ककलोमीटर की िरूी के अांिर होग , लसव य एतस शे्रणी (दटयर-1) शहरों यथ सांशोचिि, जह ां यह 50 ककलोमीटर के अांिर होन ि दहए। भोजन लय की सुववि ओां के स थ छ त्रों और छ त्र ओां के ललए अलग आव सीय व् यवस् थ एां उपलब् ि कर ई ज एांगी। कम् युननटी मेडिलसन ववभ ग द्व र फील् ि क यग करने और अध् य पन िथ प्रलशिण किय कल प िल ने के ललए पय गप् ि पररवहन (स् ट फ और छ त्रों िोनों के ललए) उपलब् ि कर य ज एग । क.1.15 बायोमेटरक उपस्स्िनत और क् लोज सककि ट टीवी

    क) ब योमेदरक उपक्स्थनि (i) सभी मेडिकल कॉलेजों/सांस् थ न इन ववननयमों में यथ ववननदिगष्ट् ट म नव सांस िनों की उपक्स्थनि

    ननयलमि रूप से प्र प् ि करने के ललए ब योमेदरक उपक्स्थनि मशीन सांस् थ वपि करेंगे। (ii) ब योमेदरक उपक्स्थनि िैननक उपक्स्थनि िैशबोिग के रूप में मेडिकल कॉलेज की वेबस इट पर उपलब् ि

    कर ई ज एगी। यह पररर्ि मेडिकल कॉलेजों/ सांस् थ नों स,े मूल् य ांकन के िौर न य उसके पश् ि ि उपक्स्थनियों क ऐस ररक िग म ांग सकिी है।

    (iii) ब योमेदरक उपक्स्थनि प्रण ली क स्थ पन और रिरि व मेडिकल कॉलेजों/सांस् थ नों की क्जम् मेि री होगी।

    ि) त लोज सककग ट टीवी : प्रत् येक मेडिकल कॉलेज में त लोज सककग ट टेलीववजन (सीसीटीवी) प्रण ली होगी और वह प्रि न की ज रही चिककत् स लशि /प्रलशिण और समय-समय पर ननदिगष्ट्ट कोई अन्य िेत्र के म नक पर ननरांिर ननगर नी बन ए रिने के ललए पररर्द् को समथग बन ने हेिु अध् य पन अस् पि ल में त ल सरूम अध् य पन िथ मरीज िेिभ ल – िोनों क सीि स् रीलमांग उपलब् ि कर एग ।

    त ल सरूम अध् य पन और अध् य पन अस् पि ल – िोनों की सीिी स् रीलमांग पररर्ि के ''डिक्जटल लमशन मोि पररयोजन '' (िीएमएमपी) के एक भ ग के रूप में एकीकृि होगी।

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    क.1.16 कॉलेज वेबसाइट (1) प्रत् येक कॉलेज/सांस् थ न में उसकी स् वयां की वेबस इट होगी, क्जसमें ननम् नललखिि ब् योरे होंगे, क्जन् हें हर महीने

    के प्रथम सप् ि ह में अद्यिनीकृि ककय ज एग : (क) िीन, प्रि न ि यग और चिककत् स अिीिक के ब् योरे, उनके न मों, शैक्षिक योग् यि , टेलीफोन और

    एसटीिी कोि फैत स और ई-मेल आदि के स थ उनके पूरे पिों सदहि। (ि) अध् य पन और गैर-अध् य पन स् ट फ के ब् योरे। (ग) ववलभन् न स् न िक-पूवग और स् न िकोत् िर प ठ्यिमों की स् वीकृि प्रवेश िमि के ब् योरे। (घ) ि लू और वपछले शैक्षिक सत्रों के ललए एमबीबीएस और स् न िकोत् िर प ठ्यिमों में मेररट-व र, शे्रणी-

    व र ि खिल ककए गए छ त्रों की सूिी। (ङ) वपछले एक वर्ग के िौर न अनुसांि न क यग, अनुि न और अनुसांि न प्रक शन। (ि) सांस् थ न द्व र िल ए गए ननरांिर चिककत् स लशि क यगिमों, सम् मेलनों और/य ककसी शैक्षिक

    किय कल पों के ब् योरे। (छ) छ त्रों य सांक य सिस् यों द्व र प्र प् ि ककए गए ककसी पुरस् क र और उपलक्ब्ि के ब् योरे। (ज) सांबद्िन ववश् वववद्य लय और उसके कुलपनि िथ रक्जस् र र के ब् योरे। (झ) वपछले एक वर्ग की सभी परीि ओां के पररण म। (ञ) सभी प ठ्यिमों की म न् यि की ब् योरे-व र क्स्थनि। (ट) ववलभन्न प ठ्यिमों और अन्य ल गिों क वववरण शुल्क। (ठ) समय-समय पर अचिसूचिि कोई भी अन्य आवश्यकि ।

    (2) अस् पि ल (ओपीिी और आईपीिी) में नैि ननक स मग्री के ब् योरे स प् ि दहक आि र पर अद्यिनीकृि ककए ज ने ि दहए।

    (3) प्रत् येक कॉलेज/सांस् थ न, इन ववननयमों में यथ ववननदिगष्ट् ट म नव सांस िनों के िैननक ब योमेदरक उपक्स्थनि िैशबोिग रिेग ।

    क.1.17 बायोमेडिकल अपशशष्ट् ट प्रबंधन

    मेडिकल कॉलेज को ब योमेडिकल अपलशष्ट् ट (प्रबांिन एवां हस्िन) ननयम वली, 2019 और समय-समय पर यथ अचिसूचिि ननयमों क अनुप लन सुननक्श्िि करन ि दहए। उनके प स ब योमेडिकल अपलशष्ट् ट के पथृत करण और डिसक डििंग के ललए एक सुपररभ वर्ि व् यवस् थ के स थ म नव मूल के ब योमेडिकल अपलशष्ट् ट प्रबांिन पर एक सुदृढ़ सांस् थ गि नीनि होनी ि दहए। ब योमेडिकल अपलशष्ट् ट प्रबांिन की सुववि एां कें द्र/र ज् य के क नूनों के अनुरूप होंगी।

    क.1.18 बाल देखभाल कें द्र

    मेडिकल कॉलेज और/य अध् य पन अस् पि ल के स् ट फ के लशशुओां और बच् िों की िेिभ ल करने के ललए पय गप् ि सुववि ओां के स थ मेडिकल कॉलेज में एक ब ल िेिभ ल कें द्र स् थ वपि ककय ज एग ।

    क.2 र्वभाग र्वशशष्ट् ट आवश् यकताएं

    प्रत् येक ववभ ग की अनिररत ि ववलशष्ट् ट आवश् यकि एां, यदि कोई हैं, ननम् नललखिि भ गों में यथ ववननदिगष्ट् ट उपलब् ि कर ई ज एांगी:

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    क.2.1 मानव शरीररचना र्वज्ञान र्वभाग

    i) िाइसेक् शन हाल – छ त्रों की व वर्गक प्रवेश िमि के 50 प्रनिशि को स् थ न िेने के ललए एक ि इसेत शन ह ल होग (कम स ेकम 4.20 वगग मीटर प्रनि छ त्र क िते्र उपलब् ि कर य ज एग , जो कम स ेकम एक शरीर/10 छ त्र व वर्गक िमि के ललए पय गप् ि स् थ न के स थ लॉकरों, व शबेलसन ऐम् बललमांग रूम, भांि रण टैंकों के ललए स् थ न और कोल् ि स् टोरेज रूम य कूललांग केबबनेट के स थ छ त्रों के ललए ऐांटे रूम के ललए पय गप् ि होग )। यह हॉल सुप्रक लशि, एगजॉस् ट फैन सदहि सुसांव निि होग । ह ल में पय गप् ि अध् य पन उपकरण होंगे।

    व ांछनीय : ि ऊनड्र फ्ट ि इसेतशन टेबल, 3िी विुगल अन टॉमी ि इसेत शन टेबल

    क.2.2 रोगर्वज्ञान र्वभाग

    i) दहस् टोपैथोलॉजी, स इटोपैथोलॉजी, रुचिर-ववज्ञ न और अस् पि ल के अन् य ववशेर्ज्ञि व ले क यों के ललए एक अलग सेव प्रयोगश ल होगी, जो उपयुत िि: उपकरणों से सक्ज्जि होगी।

    ii) इन सेव प्रयोगश ल ओां में भांि रों और उपकरण के ललए पय गप् ि भांि रण स् थ न होग । iii) ननरांिर जल आपूनिग के स थ एक व लशांग रूम भी होग । iv) ये सेव प्रयोगश ल एां य िो मेडिकल कॉलेज, अध् य पन अस् पि ल में य िोनों स् थ नों पर क्स्थि हो

    सकिी हैं।

    क.2.3 सूक्ष् मजीव-र्वज्ञान र्वभाग

    i) ननम् नललखिि में से प्रत् येक के ललए एक अलग सेव प्रयोगश ल होगी: (क) ऐन रोबबक बतै टीररय सदहि जीव णु-ववज्ञ न; (ि) लसरोलॉजी; (ग) व यरोलॉजी; (घ) पैर स इटोलॉजी; (ड़) म इकोलॉजी; (ि) िपेदिक; और (छ) प्रनिरि -ववज्ञ न।

    ii) इन सेव प्रयोगश ल ओां में भांि रों और उपकरणों के ललए पय गप् ि भांि रण स् थ न होग । iii) मीडिय िैय री और भांि रण, आटोत लेवव ांग िथ ननयलमि और ननरांिर जल आपूनिग के स थ िुल ई के

    ललए अलग स् थ न होग । iv) ये सेव प्रयोगश ल एां य िो मडेिकल कॉलेज, अध् य पन अस् पि ल में क्स्थि हो सकिी हैं य िोनों में। v) व यरोलॉजी सेव प्रयोगश ल बीएसएल-2 स् िरीय प्रयोगश ल होगी। (ई-गजट सां.एम.सी.आई-

    34(41)/2020-मेडि./103234 अचिसूचिि दिन ांक 3.6.2020 के अनुस र)

    क.2.4 फोरेंशसक मेडिशसन एवं र्वर्-र्वज्ञान र्वभाग

    i) पोस् टमॉटिम/ऑटोप् सी ब् लॉक : िुल ई सुववि ओां, 20-25 छ त्रों की स् थ न िमि के स थ शवों के ललए कोल् ि स् टोरेज की सुववि ओां, ऐांटे रूम् स, प्रिीि ह ल, क य गलय आदि की सुववि ओां व ल एक मॉिुगरी व पोस् टम टगम/ऑटोप् सी ब् लॉक (लगभग 400 वगग मीटर िेत्रफल व ल ) होग । मॉिुगरी/ऑटोप् सी ब् लॉक की क्स्थनि अचिम निः अस् पि ल के ननकट होनी ि दहए और इसे रोग-ववज्ञ न ववभ ग के स थ स झ ककय ज सकि है। यदि क लेज चिककत्सीय-ववचिक शव-परीिण करन े के ललए अनुमनि प्र प्ि नहीां है िो क लेज, छ त्रों को प्रलशक्षिि करन े के ललए शव-परीि करन े हेिु ककसी गैर-अध्य पन सरक री/क्जल अस्पि ल के स थ समझौि ज्ञ पन कर सकि है।

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    क.2.5 कम् युननटी मेडिशसन र्वभाग

    i) प्रािशमक स् वास् ् य कें द्र/ग्रामीण प्रशशिण कें द्र : प्रत् येक मेडिकल कॉलेज में क.1.14 में यथ वखणगि छ त्रों के प्रलशिण के ललए एक प्र थलमक स् व स् ् य कें द्र/ग्र मीण स् व स् ् य प्रलशिण कें द्र होग ।

    ii) शहरी स् वास् ् य प्रशशिण कें द्र : इस शहरी स् व स् ् य कें द्र क स् व लमत् व कॉलेज के स् व लमत् व व ल होग य यह सरक र के स् व लमत् व व ले स् व स् ् य कें द्र से सांबद्ि होन ि दहए। यदि ब ि की क्स्थनि है िो स मुि नयक उन्मुिी स्व स््य िेिभ ल में छ त्रों और इन्टनों के प्रलशिण के ललए अक िलमक ननयांत्रण मेडिकल कॉलेज के िीन/प्रि न ि यग के प स होग । स् ट फ और छ त्रों के आने-ज ने के ललए पय गप् ि पररवहन उपलब् ि कर य ज एग ।

    क.2.6 भेर्ज र्वज्ञान र्वभाग

    i) पश ुपकड़ िेत्रः स्न िक प ठ्यिम में फ म गकोलॉजी पढ़ ने के ललए, कां प्यूटर की सह यि से मॉियूल क उपयोग करके आवश्यक ज्ञ न और कौशल प्रि न ककय ज न ि दहए। ह ल ांकक, यदि अनुसांि न और स्न िकोत्तर प्रलशिण की पररकल्पन की गई है, िो सीपीसीएसईए दिश ननिेशों के अनुस र केवल एक पशु पकड़ िेत्र की आवश्यकि है।

    क.3 छात्रों/इंटनों के शलए छात्रावास

    कॉलेज/सांस् थ न सभी न म ांककि छ त्रों और इांटनों एवां वे सभी छ त्र एां क्जन्होंने इसके ललए आवेिन ककय हो, के कम से कम 75 प्रनिशि के ललए आव स उपलब् ि कर ने हेिु व् यवस् थ करेग । प्रत् येक छ त्र को स् विांत्र और अलग फनीिर उपलब् ि कर य ज एग , क्जसमें कम से कम कुसी, मेज, बेि और पूणग आक र क कपबिग श लमल होग (कम स ेकम 9 वगग मीटर िेत्र/छ त्र की व् यवस् थ )। यह व ांछनीय है कक छ त्र व स के कमरे य िो लसांगल य िबल आव स सुववि ओां व ले हों। छ त्र व सों में पय गप् ि मनोरांजन त् मक, ि यननांग और 24X7 सुरि सुववि एां होंगी। यदि छ त्र व स उसी भूिांि पर नहीां है, जह ां मेडिकल कॉलेज है िो छ त्र व स पररसर में इांटरनेट सुववि ओां के स थ अनिररत ि रीडिांग रूम सुववि उपलब् ि कर ई ज एगी और मेडिकल कॉलेज िथ अस् पि ल से छ त्रों के पररवहन के ललए कॉलेज द्व र पय गप् ि पररवहन सुववि एां उपलब् ि कर ई ज एांगी।

    व ांछनीय : सभी छ त्रों के ललए आव स, क्जन्होंने इस सुववि के ललए आवेिन ककय है/क्जन्हें इसकी आवश्यकि है। प्रेरण त्मक : 100% छ त्रों और इन्टनों के ललए आव स।

    ख. अध् यापन अस् पताल ख.1 सामान् य अभ् युस्क्तयां

    1. प्रनि वर्ग 150 एमबीबीएस छ त्रों िक की प्रवेश िमि के ललए भ रिीय आयुववगज्ञ न पररर्ि को आवेिन प्रस् िुि करने के समय न् यूनिम 60 प्रनिशि इनिोर बेि आत युपेंसी व ले ओपीिी, इनिोर व िग, ओटीज, आईसीयू, कैजुअल् टी, प्रसूनि कि, प्रयोगश ल ओां, रुचिर बैंक, सीएसएसिी जैसी सभी आवश् यक अवसांरिन के स थ कम से 300 बबस् िरों य पूवोत् िर अथव पवगिीय र ज् यों में 250 बबस् िरों सदहि कम से कम िो वर्ग के ललए एक पूणगि: क य गत् मक अस् पि ल उपलब् ि होग । यह चिककत्स , ब ल रोग, त्वि ववज्ञ न, शल्य चिककत्स , हड्िी रोग, प्रसूनि और स्त्री रोग, नेत्र ववज्ञ न, ओटो-र इनोलररांजोलोजी, एनेक्स्थलसयोलॉजी और रेडियोलॉजी ववभ गों में सेव एां प्रि न करि रह है।

  • 12

    2. अस् पि ल क भवन, प्रश सन, रक्जस् रेशन, ररक िग स् टोरेज, बदहरांग मरीज और अांिरांग मरीज िेत्रों, ऑपरेदटांग चथयेटरों, सीएसएसिी, आईसीयू, रेडियोलॉजी और प्रयोगश ल सेव ओां, आप िक ललक िेत्रों आदि सदहि एक सेव प्रि ि के रूप में अस् पि ल की आवश् यकि ओां पर ववि र करिे हुए, अस् पि ल के ललए ववलभन् न स् थ नीय स ांववचिक ववननयमों और विगम न र ष्ट् रीय भवन म नकों के अनुरूप होगी। यह अध् य पन अस् पि ल इन ववननयमों में यथ ववननि गररि न् यूनिम आवश् यकि एां उपलब् ि कर एग ।

    3. नैि ननक अध् य पन ववभ गों, अध् य पन सांक य और रेक्जिेंटों के ललए स् थ न:

    (i) जब अध् य पन अस् पि ल और मेडिकल कॉलेज ककसी एक त् मक पररसर में हो िो मेडिकल कॉलेज के भवन में नैि ननक ववभ गों और इसके अध् य पन सांक य के ललए कमरे उपलब् ि कर ए ज एांगे।

    (ii) अध् य पन अस् पि ल और मेडिकल कॉलेज अलग-अलग भूिांिों पर हों िो अस् पि ल के ललए स ांववचिक शिों के अल व अध् य पन अस् पि ल में क.1.18 में यथ ववननि गररि नैि ननक ववभ गों के क य गलयों के ललए स् थ न िथ अध् य पन सांक य के ललए कमरे भी होंगे ।

    अध् य पन कमरे : अध् य पन अस् पि ल में नैि ननक म मलों पर िि गओां/प्रिशगनों के ललए कम से कम 30 छ त्रों को स् थ न िेने (मेडिकल कॉलेज के ललए यथ ववननि गरण) की िमि व ले प्रत् येक नैि ननक अध् य पन ववभ ग के ललए कम से कम 01 (एक) अध् य पन कमर होग । ऐसे प्रत् येक कमरे में श्रव् य–दृश् य सुववि एां होंगी। क्तलननकल ववभ गों में छोट समूह लशिण अननव यग रूप से आउट पेशेंट क्तलननक और बेि स इि में ककय ज ि है। ह ल ँकक, क्तलननकल लशिण ववभ गों में आवश्यकि नुस र अनिररति लशिण कि उपलब्ि कर ए ज एांगे।

    व ांछनीय: अस्पि ल के सभी लशिण िेत्र में इांटरनेट सुववि एां और कनेक्तटववटी क उपलब्ि होन ।।

    ख.2 बटहरंगरोगी िेत्र 1. स् न िक-पूवग प ठ्िय ग की ववशेर्ज्ञि ओां/ववर्यों में प्रनि छ त्र प्रनिवर्ग प्रवेश िमि 8 मरीजों (पुर ने और

    नये) की न् यूनिम िैननक ओपीिी उपक्स्थनि होगी। िथ वप, अनुमनि-पत्र के समय पर िैननक ओपीिी उपक्स्थनि कम से कम 4 (पुर ने और नये) मरीज प्रनि छ त्र व वर्गक प्रवेश िमि होनी ि दहए।

    दटप् पणी: इस शिग के अिीन कक वपछले िीन महीनों के मूल् य ांकन की ि रीि के अनुस र िीन ििनुरूपी ि रीिों पर ओपीिी उपक्स्थनि ल गू होने व ले म पिांिों के अनुस र है, ओपीिी उपक्स्थनि में 5 प्रनिशि िक की सीम की छूट िी ज सकिी है।

    2. बदहरांगरोगी िेत्र में पय गप् ि स् व गि स् थ न और मरीज प्रिीि ह ल, पर मशग कि, ज ांि कि िथ नैि ननक ववशेर्ज्ञि ववभ ग के अनुरूप अन् य सह यक सुववि एां होनी ि दहए।

    ख.3 इनिोर बेड्स

    ि.3.1 बबस् िरों की सांख् य

    1. एमबीबीएस छ त्रों की ववलभन् न व वर्गक प्रवेश िमि ओां के ललए म न् यि के समय अध् य पन अस् पि लों के बबस् िरों की सांख् य कम से कम ि र बबस् िरे प्रनि एमबीबीएस छ त्र व वर्गक प्रवेश िमि होगी। एमबीबीएस प्रलशिण के ललए बबस् िरों क वविरण और सभी लभन् न-लभन् न नैि ननक अध् य पन ववभ गों में इक इयों की सांख् य नीिे िश गए गए अनुस र होगी:

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    र्वर्य वार्र्िक एमबीबीएस छात्र प्रवशे िमता 100 150 200 250

    बबस् तरे/इकाई बबस् तरे/इकाई बबस् तरे/इकाई बबस् तरे/इकाई 1. जनरल मेडिलसन 100/4 130/5 195/7 240/8 2. जनरल सजगरी 100/4 130/5 195/7 240/8 3. ब ल रोग 50/2 75/3 100/4 120/4 4. अक्स्थ रोग 50/2 75/3 100/4 120/4 5. प्रसूनि एवां स् त्रीरोग-ववज्ञ न 50/2 100/4 120/4 150/5 6. न क क न गल रोग-ववज्ञ न 10/1 20/2 20/2 30/2 7. नेत्ररोग-ववज्ञ न 10/1 20/2 20/2 30/2 8. श् वसनी मेडिलसन 10/1 20/1 20/1 30/1 9. त् वि रोग-ववज्ञ न 10/1 10/1 10/1 10/1 10. मनक्श्िककत् स 10/1 20/1 20/1 30/1 जोड़ 400/19 600/27 800/33 1000/36 11. आप िक ललक मेडिलसन 30/1 30/1 30/1 30/1 सकल जोड़ 430/20 630/28 830/34 1030/37

    2. 100 से 250 छ त्रों की व वर्गक प्रवेश िमि ओां के ललए अनुमनि-पत्र से लेकर म न् यि िक लभन् न-लभन् न नैि ननक अध् य पन ववभ गों के ललए बबस् िरों की शिों के ब् योरे इस ववननयम वली में सांलग् न अनुबंध-I-IV में दिए गए हैं।

    3. उपकरणों से युत ि और अद्यिनीकृि सघन िेिभ ल इक ई (आईसीयू), गहन हृियी िेिभ ल इक ई (आईसीसीयू), सघन श् वसनी िेिभ ल इक ई, ब ल सघन िेिभ ल (पीआईसीयू) और नवज ि सघन िेिभ ल इक ई (एनआईसीयू), किदटकल केयर बनग इक ई, पोस् ट-ओपी सक्जगकल किदटकल केयर इक ई, प्रसूनि और स्त्री रोग एि.िी.यू./आई.सी.यू. होंगी।

    4. ऐसे सभी बबस् िरे, जो स् न िक-पूवग मेडिकल छ त्रों के अध् य पन और प्रलशिण के ललए उपलब् ि हैं (नन:शुल् क य अन् यथ ), को ऊपर िश गए गए अनुस र अध् य पन बबस् िरों के प्रनि चगन ज एग ।

    5. जह ां कहीां सांभव हो, बड़े िपेदिक और वि रोग अस् पि लों, सांि मक रोग अस् पि लों और म नलसक रोग अस् पि लों में उपलब् ि सुववि ओां क उपयोग इन ववशेर्ज्ञि ओां में प्रलशिण के ललए ककय ज सकि है। िथ वप, यदि यह अस् पि ल मेडिकल कॉलेज के समग्र प्रश सननक ननयांत्रण के अिीन नहीां है िो इन ववशेर्ज्ञि ओां में अपेक्षिि बबस् िरे सांबद्ि अध् य पन अस् पि ल में ही उपलब् ि कर ए ज एांग।े

    6. मेडिकल कॉलेज और इसके संबद्ध शशिण अस्पताल को जरूरत और मरीज के भार के आधार पर ककसी भी र्वशेर्ज्ञता में अनतररक्त बेि, बुननयादी ढांचे, संकाय और अन्य मानव संसाधन प्रदान करना चाटहए।

    ि.3.2 इनिोर बेि आत युपेंसी इनिोर बबस् िरों की आत युपेंसी क औसि न् यूनिम 75 प्रनिशि प्रनि वर्ग होग । आरांभन के समय न् यूनिम 60 प्रनिशि होग (बशिे कक यह पूवोत् िर र ज् यों और पवगिीय र ज् यों और अचिसचूिि जनज िीय िेत्रों में आरांभन के समय न् यूनिम 50 प्रनिशि होग )।

    दटप् पणी : इस शिग के अिीन कक वपछले िीन महीनों के मूल् य ांकन की ि रीि के अनुस र िीन ििनुरूपी ि रीिों पर बबस् िरों की आत युपेंसी ल गू होने व ले म पिांिों के अनुस र है, बबस् िर आत युपेंसी (इनिोर मरीज) में 5 प्रनिशि की सीम िक छूट प्रि न की ज सकिी है।

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    ि.4 ऑपरेटटगं थियेटर ऑपरेदटांग चथयेटर विगम न म पिांिों के अनुस र होंगे। लभन् न-लभन् न व वर्गक प्रवेश िमि ओां के ललए अनुमनि-पत्र से म न् यि िक बड़े और लघु ऑपरेदटांग चथयेटरों की न् यूनिम सांख् य इस ववननयम वली में सांलग् न अनुबंध-I-IV में िश गए गए अनुस र होगी।

    ि.5 आपातकाशलक मेडिशसन र्वभाग 1. शैक्षिक वर्ग 2022-23 से सभी मेडिकल कॉलेजों के ललए आप िक ललक मेडिलसन ववभ ग अननव यग होग :

    (i) म न् यि प्र प् ि एमबीबीएस शैक्षिक योग् यि व ले सभी मेडिकल कॉलेजों के ललए यह आवश् यक है कक उनके प स ऊपर उपबांचिि शिों के अनुस र म न् यि के स् िर पर एक आप िक ललक मेडिलसन ववभ ग हो।

    (ii) प्रवेश िमि में वदृ्चि के प्रनि सदहि नवीकरण के ककसी भी िरण में, सभी मेडिकल कॉलेजों के ललए यह आवश् यक है कक उनके प स ऊपर उपबांचिि शिों के अनुस र आप िक ललक मेडिलसन ववभ ग हो।

    (iii) कोई नय मेडिकल कॉलेज स् थ वपि करने के इच् छुक ककसी सांस् थ न के प स भी आप िक ललक मेडिलसन ववभ ग होन ि दहए।

    2. इस ववभ ग के प स ननम् नललखिि सुववि एां होंगी: (i) मरीज प्र प् ि करने के ललए कैजुअल् टी िेत्र और उन् हें र इएज और स् टैबबल इज करने की सुववि एां।

    र इएज के ललए न् यूनिम 03 र ललय ां होंगी। (ii) कम से कम 24 बबस् िरे/र ललय ां होंगी, क्जनमें से कम से कम 05 हररि शे्रणी (प्रिीि कर सकिे

    हैं – िल कर ज ने व ल े ऐस े मरीज, क्जन् हें ककसी समय पर चिककत् स िेिभ ल की आवश् यकि होंगी) के ललए होगी, कम से कम 15 बबस् िरे/र ललय ां पीली शे्रणी (अवलोकन – जो ित् क ल उपि र के बबन जीववि नहीां रह सकिे) के ललए होंगी और कम से कम 04 बबस् िरे/र ललय ां ल ल शे्रणी (िुरांि- ित्क ल उपि र के बबन जीववि नहीां रह सकि)े के ललए होंगी। कैजुअल् टी िते्र के ननकट आप िक ललक ववभ ग में न् यूनिम 06 बबस् िरों व ली गहन िेिभ ल इक ई होगी।

    (iii) न् यूनिम 01 ऑपरेशन चथयेटर और 01 प् ल स् टर कि होन ि दहए। (iv) ड्यूटी पर िैन ि स् ट फ के ललए कमरे। (v) सांिरू्णमुत ि और पथृत करण िेत्र भी उपलब् ि कर य ज ए।

    ख.6 र्वककरण ननदान र्वभाग

    1. परांपर गि और स् टैदटक िथ पोटेबल एत स–रे, फ्लोरोस् कॉपी, कां र स् ट अध् ययनों, अल् र सोनोग्र फी और कां प् यूटरीकृि टोमोग्र फी की सुववि एां होंगी। जब व वर्गक एमबीबीएस प्रवेश िमि 200 य इससे अचिक हो, ऐसी क्स्थनि में सभी अध् य पन अस् पि लों में मैग् नेदटक ररसोनैंस इमेक्जांग उपलब् ि कर ई ज एगी। जब भी मेडिकल कॉलेज / सांस्थ न ककसी भी ववशेर्ि में स्न िकोत्तर प ठ्यिम शुरू करि है, िो यह सुननक्श्िि ककय ज एग कक एमआरआई सुववि मेडिकल कॉलेज के स्व लमत्व और प्रबांिन में होगी। व ांछनीय : 150 य इससे कम की व वर्गक प्रवशे िमि के ललए मैग् नेदटक ररसोनैंस इमेक्जांग व ांछनीय होगी।

    2. ववलभन् न नैि ननक इमेक्जांग प्रण ललयों व ले कमरे अणु ऊज ग ववननय मक बोिग (एईआरबी), भ रि सरक र के ववननय मक उपबांिों के अनुस र होंगी।

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    3. ववककरण ननि न ववभ ग क स् ट फ, एईआरबी द्व र यथ ववननि गररि व् यक्तिगि मॉनीटररांग प्रण ली द्व र कवर ककय ज एग ।

    ख.7 भौनतक मेडिशसन एवं पुनवािस (पीएमआर) र्वभाग

    एक उपकरणों से युत ि पीएमआर ववभ ग होग , जो कफक्जयोथेरेपी, आत युपेशनल थेरेपी, स् पीि थेरेपी आदि जैसी सेव एां उपलब् ि कर एग ।

    ख.8 रेडिएशन ऑनकोलॉजी र्वभाग (वैकस्पपक)

    रेडिएशन ऑनकोलॉजी ववभ ग की योजन , एईआरबी के अनुमोिन और ववननय मक शिों के अनुस र बन ई ज नी ि दहए। यह व ांछनीय होग कक यह ववभ ग मरीजों के मल् टी-डिस् सीप् लीनरी प्रबांिन के ललए ववलभन् न ववि ओां की सुववि ओां के स् विांत्र ववि र-ववमशग में सुववि प्रि न करने के ललए ब की अस् पि ल के स थ ननकटि से जुड़ हुआ हो। पूरे ववभ ग के पूरे ि के के स थ रेडिएशन थेरेपी कि/प् ल न क पूवग बीएआरसी अनुमोिन अननव यग है।

    ख.9 दंत् य थचककत् सा र्वभाग

    जह ां िेंटल कॉलेज य मेडिकल कॉलेजों के िेंटल ववांग मौजूि हैं, वह ां के लशिकों की सेव ओां क उपयोग िांि चिककत्स में मेडिकल छ त्रों के ननिेश में ककय ज सकि है और मेडिकल कॉलेज में कोई अलग स्ट फ आवश्यक नहीां होग ।

    ख.10 एआरटी कें द्र

    प्रत् येक अध् य पन अस् पि ल में िीसरे नवीकरण (एमबीबीएस छ त्रों के िौथे बैि के ि खिले) के समय एमिीआर-टीबी के प्रबांिन के ललए एनटी रेरोव यरल उपि र (एआरटी) कें द्र और सुववि होगी।

    ख.11 कें द्रीय प्रयोगशालाएं

    उपकरणों से युत ि और अद्यिनीकृि कें द्रीय प्रयोगश ल एां होंगी, वरीयि: दहस् टोपैथोलॉजी, स इटोपैथोलॉजी, रुचिर-ववज्ञ न, प्रनिरि पैथोलॉजी, सूक्ष् मजीव-ववज्ञ न, जीवरस यन और अन् य ववशेर्ज्ञि प्र प् ि क यग, यदि कोई हो, में सभी ज ांिों के ललए स मूदहक सांग्रहण िेत्र के स थ। ये कें द्रीय प्रयोगश ल एां मेडिकल कॉलेज के ििनुरूपी/सांबांचिि अध् य पन ववभ गों के प्रश सननक ननयांत्रण के अिीन होनी ि दहए। कें द्रीय प्रयोगश ल को मेडिकल कॉलेज के सांबांचिि लशिण ववभ गों में स ेएक के द्व र समक्न्वि ककय ज न ि दहए।

    ख.12 रक्त बैंक

    कम् पोनेंट थेरेपी उपलब् ि कर ने में सिम एक उपकरणयुत ि व ि नुकूललि रति बैंक होग । यह रति बैंक और रति र ांसफ्यूजन सेव एां समय-समय पर यथ सांशोचिि ड्रग एवां प्रस िन स मग्री ननयम वली, 1945 की अनुसूिी 'ि' भ ग XII-ि में यथ ववननि गररि और र ष्ट् रीय एड्स ननयांत्रण सांगठन के दिश ननिेशों के अनुरूप होनी ि दहए। रति र ांसफ्यूजन सेव एां मेडिकल कॉलेज के अध् य पन रोग-ववज्ञ न ववभ ग के प्रश सननक ननयांत्रण िीन होनी ि दहए, जब कोई अलग र ांसफ्यूजन मेडिलसन ववभ ग न हो।

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    ख.13 फामेसी सेवाए ं

    अध् य पन अस् पि ल में आने व ल े बदहरांग रोगी मरीजों और आप िक ललक और अन् य मरीजों की आवश् यकि ओां की पूनिग करने के ललए 24 घांटे फ मेसी सेव एां होंगी।

    ख.14 धुलाई और खुराक संबंधी सेवाएं

    अध् य पन अस् पि ल में िुल ई और िुर क सेव ओां के ललए व् यवस् थ होगी।

    ख.15 अस् पताल अपशशष्ट् ट प्रबंधन

    चिककत् स सांस् थ न को ब योमेडिकल अपलशष्ट् ट (प्रबांिन एवां हस्िन) ननयम वली, 2018 और समय-समय पर यथ अचिसूचिि ववननयमों क अनुप लन सुननक्श्िि करन ि दहए। उनके प स ब योमेडिकल अपलशष्ट् ट के पथृत करण और डिसक डििंग के ललए एक सुपररभ वर्ि व् यवस् थ सदहि म नव मूल के ब योमेडिकल अपलशष्ट् ट प्रबांिन पर एक सुदृढ सांस् थ गि नीनि होगी। अस् पि ल अपलशष्