ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद...

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www.mahendraguru.com (General Studies) ज़हीर-उद-दीन म हमद, बाबर मय एशिया रना नामक थान पर 1483 पैदा था। वह उमर िशमाका येठ था। 1494 अपने पता की के बाद, बाबर के वल 11 साल की रगना का राा बना। पवय अशियान 21 अैल 1526 को पानीपत के ऐतहाशसक मैदान म इाहम लोदी और बाबर का आमना सामना ह आ। बाबर के तोपखाने ने य ध म अि त काम कया, ध म सैतनक संया बेहतर होने के बाव , इाहहम लोदी य ध म हार गया और य धथल म मारा गया| इस को पानीपत का पहला कहा ाता है | इस कार हदली सतनत का िासन ख़म आ और बाबर ने िारत म म गल सााय की नींव रखी। 1527 म खानवा के य म राणा सांगा को हराया । मालवा िासक मेहदनी राय को 1528 म चंदेरी के य म हराया । मोहमद लोदी (इाहम लोदी का िाई) को िी 1529 म घाघरा के य म हराया हालांक, वह अपनी सफलता का लंबे समय तक आनंद ात न कर सका | माय को अपना उराधधकारी बनाने के बाद 47 साल की उ म 1530 म बाबर की बीमारी से मौत हो गई इततहास म उसका थान बाबर मयकालीन िारत के इतहास म सबसे हदलचप िसयत म से एक है। वह एक महान योधा, पववान और कपव था । उसने अपनी आमकथा, "ज़क-ए-बाबरी", लोकपय त की िाषा म शलखी ो "बाबर के संमरण" के प म ानी ाती है । बाबर के पवयी अशियान पानीपत का पहला य - 1526 खानवा का य - 1527 चंदेरी का य - 1528 घाघरा का य - 1529 Date of Release -6-Jul-16 SUBJECT: GS www.mahendraguru.com

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    (General Studies)

    ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद, बाबर मध्य एशिया में फ़रग़ना नामक स्थान पर 1483 में पैदा हुआ था। वह उमर िेख शमर्ाा का ज्येष्ठ पुत्र था। 1494 में अपन ेपपता की मतृ्यु के बाद, बाबर केवल 11 साल की उम्र में फ़रगना

    का रार्ा बना। पवर्य अशियान

    21 अप्रैल 1526 को पानीपत के ऐततहाशसक मैदानों में इब्राहहम लोदी और बाबर का आमना सामना हुआ। बाबर के तोपखाने ने युद्ध में अद्िुत काम ककया, युद्ध में सैतनक संख्या बेहतर होने के बावरू्द, इब्राहहम लोदी युद्ध में हार गया और युद्धस्थल में मारा गया| इस युद्ध को पानीपत का पहला युद्ध कहा र्ाता है |

    इस प्रकार हदल्ली सल्तनत का िासन ख़त्म हुआ और बाबर ने िारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। 1527 में खानवा के युद्ध में राणा सांगा को हराया । मालवा िासक मेहदनी राय को 1528 में चंदेरी के युद्ध में हराया । मोहम्मद लोदी (इब्राहहम लोदी का िाई) को िी 1529 में घाघरा के युद्ध में हराया हालाकंक, वह अपनी

    सफलता का लंबे समय तक आनंद प्राप्त न कर सका | हुमायंू को अपना उत्तराधधकारी बनाने के बाद 47 साल की उम्र में 1530 में बाबर की बीमारी से मौत हो गई

    इततहास में उसका स्थान बाबर मध्यकालीन िारत के इततहास में सबसे हदलचस्प िख्ख्सयतों में से एक है। वह एक महान योद्धा, पवद्वान और कपव था । उसने अपनी आत्मकथा, "तुज़क-ए-बाबरी", लोकपप्रय तुकी िाषा में शलखी र्ो "बाबर के संस्मरण" के रूप में

    र्ानी र्ाती है । बाबर के पवर्यी अशियान

    • पानीपत का पहला युद्ध - 1526

    • खानवा का युद्ध - 1527

    • चंदेरी का युद्ध - 1528

    • घाघरा का युद्ध - 1529

    Date of Release -6-Jul-16 SUBJECT: GS www.mahendraguru.com