मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम,...

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मानिसक वाय अिधिनयम, 1987 (1987 का अिधिनयम संयांक 14) [22 मई, 1987] मानिसक प से बीमार यितयᲂ के उपचार और उनकी देख-रेख से संबंिधत िविध का समेकन और संशोधन करने के िलए, उनकी संपिᱫ और कायकलापᲂ की बाबत बेहतर उपबंध करने के िलए और उनसे संब या उनके आनुषंिगक िवषयᲂ के िलए अिधिनयम भारत गणराय के अड़तीसवᱶ वष मᱶ संसद् ᳇ारा िननिलिखत प मᱶ यह अिधिनयिमत हो :–– अयाय 1 ारंिभक 1. संित नाम, िवतार और ारंभ––(1) इस अिधिनयम का संित नाम मानिसक वाय अिधिनयम, 1987 है । (2) इसका िवतार संपूण भारत पर है । (3) यह उस तारीख को वृᱫ होगा जो कᱶीय सरकार, अिधसूचना ᳇ारा, िनयत करे और िविभन रायᲂ के िलए और इस अिधिनयम के िविभन उपबंधᲂ के िलए िविभन तारीखᱶ िनयत की जा सकᱶगी, और िकसी राय मᱶ इस अिधिनयम के ारंभ के ित िकसी उपबंध मᱶ िकसी िनदᱷश का यह अथ लगाया जाएगा िक वह उस राय मᱶ उस उपबंध के वृᱫ होने के ित िनदᱷश है । 2. पिरभाषाएं––इस अिधिनयम मᱶ, जब तक िक संदभ से अयथा अपेित न हो,–– () िकसी मनिचिकसीय अपताल या मनिचिकसीय पिरचया गृह मᱶ भतᱮ िकए गए िकसी मानिसक प से बीमार यित के संबंध मᱶ भरण-पोषण का खच से ऐसी मदᲂ का खच अिभेत होगा जो राय सरकार, साधारण या िवशेष आदेश ᳇ारा, इस िनिमᱫ िविनिदट करे ; () “िजला यायालयसे, िकसी ऐसे े मᱶ िजसके िलए कोई नगर िसिवल यायालय है, वह यायालय, और िकसी अय े मᱶ, आरंिभक अिधकािरता वाला धान िसिवल यायालय, अिभेत है, और इसके अंतगत ऐसा कोई अय िसिवल यायालय भी है िजसे राय सरकार इस अिधिनयम मᱶ िविनिदट सभी या िकहᱭ मामलᲂ के बारे मᱶ कायवाही करने के िलए, अिधसूचना ᳇ारा, सम यायालय िविनिदट करे ; () “िनरीक अिधकारीसे िकसी मनिचिकसीय अपताल या मनिचिकसीय पिरचया गृह का िनरीण करने के िलए राय सरकार ᳇ारा या अनुापन ािधकारी ᳇ारा ािधकृत यित अिभेत है ; () अनुितसे धारा 8 के अधीन दी गई अनुित अिभेत है ; () “अनुितधारीसे अनुित का धारक अिभेत है ; () “अनुत मनिचिकसीय अपतालया अनुत मनिचिकसीय पिरचया गृहसे इस अिधिनयम के अधीन, यथािथित, अनुत या अनुत समझा जाने वाला मनिचिकसीय अपताल या मनिचिकसीय पिरचया गृह अिभेत है ; () “अनुापन ािधकारीसे ऐसा अिधकारी या ािधकारी अिभेत है जो इस अिधिनयम के योजनᲂ के िलए राय सरकार ᳇ारा अनुापन ािधकारी िविनिदट िकया जाए ; () “मिजेटसे अिभेत है –– (1) दंड िया सिहता, 1973 (1974 का 2) की धारा 2 के खंड () के अथ के अंतगत िकसी महानगर े के संबंध मᱶ, महानगर मिजेट ; (2) िकसी अय े के संबंध मᱶ, मुय याियक मिजेट, उपखंड याियक मिजेट या ऐसा अय थम वग याियक मिजेट िजसे राय सरकार इस अिधिनयम के अधीन मिजेट के कृयᲂ का पालन करने के िलए अिधसूचना ᳇ारा, सशत करे ;

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Page 1: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

मानिसक स वास थ य अिधिनयम 1987 (1987 का अिधिनयम सख याक 14)

[22 मई 1987]

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क उपचार और उनकी दख-रख स सबिधत िविध का समकन और सशोधन करन क िलए उनकी

सपि और कायरकलाप की बाबत बहतर उपबध करन क िलए और उनस सब या उनक आनषिगक िवषय क िलए

अिधिनयम

भारत गणराज य क अड़तीसव वषर म ससद ारा िनम निलिखत रप म यह अिधिनयिमत हो ndashndash

अध याय 1

परारिभक

1 सिकषप त नाम िवस तार और परारभndashndash(1) इस अिधिनयम का सिकषप त नाम मानिसक स वास थ य अिधिनयम 1987 ह

(2) इसका िवस तार सपणर भारत पर ह

(3) यह उस तारीख को परव होगा जो कदरीय सरकार अिधसचना ारा िनयत कर और िविभन न राज य क िलए और इस अिधिनयम क िविभन न उपबध क िलए िविभन न तारीख िनयत की जा सकगी और िकसी राज य म इस अिधिनयम क परारभ क परित िकसी उपबध म िकसी िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस राज य म उस उपबध क परव होन क परित िनदश ह

2 पिरभाषाएndashndashइस अिधिनयम म जब तक िक सदभर स अन यथा अपिकषत न होndashndash

(क) िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकए गए िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म ldquoभरण-पोषण का खचरrdquo स ऐसी मद का खचर अिभपरत होगा जो राज य सरकार साधारण या िवशष आदश ारा इस िनिम िविनिदष ट कर

(ख) ldquoिजला न यायालयrdquo स िकसी ऐस कषतर म िजसक िलए कोई नगर िसिवल न यायालय ह वह न यायालय और िकसी अन य कषतर म आरिभक अिधकािरता वाला परधान िसिवल न यायालय अिभपरत ह और इसक अतगरत ऐसा कोई अन य िसिवल न यायालय भी ह िजस राज य सरकार इस अिधिनयम म िविनिदष ट सभी या िकन ह मामल क बार म कायरवाही करन क िलए अिधसचना ारा सकषम न यायालय िविनिदष ट कर

(ग) ldquoिनरीकषक अिधकारीrdquo स िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का िनरीकषण करन क िलए राज य सरकार ारा या अनजञापन परािधकारी ारा परािधकत व यिक त अिभपरत ह

(घ) ldquoअनजञिप तrdquo स धारा 8 क अधीन दी गई अनजञिप त अिभपरत ह

(ङ) ldquoअनजञिप तधारीrdquo स अनजञिप त का धारक अिभपरत ह

(च) ldquoअनजञप त मनिश चिकत सीय अस पतालrdquo या ldquoअनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गहrdquo स इस अिधिनयम क अधीन यथािस थित अनजञप त या अनजञप त समझा जान वाला मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह अिभपरत ह

(छ) ldquoअनजञापन परािधकारीrdquo स ऐसा अिधकारी या परािधकारी अिभपरत ह जो इस अिधिनयम क परयोजन क िलए राज य सरकार ारा अनजञापन परािधकारी िविनिदष ट िकया जाए

(ज) ldquoमिजस टरटrdquo स अिभपरत हndashndash

(1) दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 2 क खड (ट) क अथर क अतगरत िकसी महानगर कषतर क सबध म महानगर मिजस टरट

(2) िकसी अन य कषतर क सबध म मख य न याियक मिजस टरट उपखड न याियक मिजस टरट या ऐसा अन य परथम वगर न याियक मिजस टरट िजस राज य सरकार इस अिधिनयम क अधीन मिजस टरट क कत य का पालन करन क िलए अिधसचना ारा सशक त कर

2

(झ) ldquoिचिकत सा अिधकारीrdquo स अिभपरत ह ऐसा राजपितरत िचिकत सा अिधकारी जो सरकार की सवा म ह और इसक अन तगरत ऐसा िचिकत सा व यवसायी भी ह जो राज य सरकार क साधारण या िवशष आदश ारा इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िचिकत सा अिधकारी घोिषत िकया जाता ह

(ञ) िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सबध म ldquoभारसाधक िचिकत सा अिधकारीrdquo स ऐसा िचिकत सा अिधकारी अिभपरत ह जो उस समय उस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक ह

(ट) ldquoिचिकत सा व यवसायीrdquo स ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसक पास ऐसी मान यतापराप त आयिवजञान अहरता ह जोndashndash

(i) भारतीय आयिवजञान पिरषद अिधिनयम 1956 (1956 का 102) की धारा 2 क खड (ज) म पिरभािषत ह और िजसका नाम उस धारा क खड (ट) म यथापिरभािषत राज य िचिकत सा रिजस टर म दजर िकया गया ह

(ii) भारतीय िचिकत सा कन दरीय पिरषद अिधिनयम 1970 (1970 का 48) की धारा 2 की उपधारा (1) क खड (ज) म पिरभािषत ह और िजसका नाम उस धारा की उपधारा (1) क खड (ञ) म यथापिरभािषत भारतीय िचिकत सा क राज य रिजस टर म दजर िकया गया ह तथा

(iii) होम योपथी कन दरीय पिरषद अिधिनयम 1973 (1973 का 59) की धारा 2 की उपधारा (1) क खड (छ) म पिरभािषत ह और िजसका नाम उस धारा की उपधारा (1) क खण ड (झ) म यथापिरभािषत राज य होम योपथी रिजस टर म दजर ह

(ठ) ldquoमानिसक रप स बीमार व यिक तrdquo स ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसको मानिसक मदता स िभन न िकसी मानिसक िवकास क कारण उपचार की आवश यकता ह

(ड) ldquoमानिसक रप म बीमार बदीrdquo स मानिसक रप स बीमार ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म िनरोध या ल जान क िलए धारा 27 म यथािनिदष ट आदश िकया गया ह

(ढ) ldquoअवयस कrdquo स ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसन अठारह वषर की आय परी नह की ह

(ण) ldquoअिधसचनाrdquo स राजपतर म परकािशत अिधसचना अिभपरत ह

(त) ldquoिविहतrdquo स इस अिधिनयम क अधीन बनाए गए िनयम ारा िविहत अिभपरत ह

(थ) ldquoमनिश चिकत सीय अस पतालrdquo या ldquoमनिश चिकत सीय पिरचयार गहrdquo स यथािस थित ऐसा अस पताल या पिरचयार गह अिभपरत ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक तय क उपचार और दख-रख क िलए सरकार या िकसी अन य व यिक त ारा स थािपत या अनरिकषत िकया गया ह और इसक अन तगरत मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक तय क िलए सरकार या िकसी अन य व यिक त ारा स थािपत या अनरिकषत स वास थय लाभ-भवन भी ह िकत सरकार ारा स थािपत या अनरिकषत ऐसा साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह जो मनिश चिकत सीय सवा की भी व यवस था करता ह इसक अन तगरत नह ह

(द) ldquoमनिश चिकत सकrdquo स ऐसा िचिकत सा व यवसायी अिभपरत ह िजसक पास भारतीय आयिवजञान पिरषद अिधिनयम 1956 (1956 का 102) क अधीन गिठत भारतीय आयिवजञान पिरषद ारा मान यतापराप त मनिश चिकत सा की स नातको र िडगरी या िडप लोमा ह और इसक अतगरत िकसी राज य क सबध म कोई ऐसा िचिकत सा अिधकारी भी ह िजसको उस राज य की सरकार न मनिश चिकत सा म उसक जञान और अनभव को ध यान म रखत हए इस अिधिनयम क परयोजन क िलए मनिश चिकत सक घोिषत कर िदया ह

(ध) ldquoगरहण-आदशrdquo स िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गरह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत और उसक िनरोध क िलए इस अिधिनयम क उपबध क अधीन िकया गया आदश अिभपरत ह

(न) ldquoनातदारrdquo क अतगरत ऐसा कोई भी व यिक त ह िजसका मानिसक रप स बीमार व यिक त स रक त िववाह या द कगरहण क आधार पर कोई नाता ह

(प) सघ राज यकषतर क सबध म ldquoराज य सरकारrdquo स उसका परशासक अिभपरत ह

अध याय 2

मानिसक स वास थ य परािधकरण

3 मानिसक स वास थ य सवा क िलए कन दरीय परािधकरणndashndash(1) कदरीय सरकार ऐस पदािभधान स जो वह ठीक समझ एक मानिसक स वास थ य परािधकरण की स थापना करगी

(2) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरण कदरीय सरकार क अधीकषण िनदशन और िनयतरण क अधीन होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरणndashndash

3

(क) कदरीय सरकार क अधीन मानिसक स वास थ य सवा और ऐस अन य सभी मामल की बाबत जो इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार स या कदरीय सरकार क अधीनस थ िकसी अिधकारी या परािधकारी स सबिधत ह िविनयमन िवकास िनदशक और समन वय का भारसाधक होगा

(ख) कदरीय सरकार क िनयतरणाधीन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह और अन य मानिसक स वास थ य सवा अिभकरण का (िजनक अन तगरत व स थान भी ह िजनम मािनसक रप स बीमार व यिक तय को रखा जा सकगा या िनर िकया जा सकगा) पयरवकषण करगा

(ग) मानिसक स वास थ य स सबिधत सभी मामल म कदरीय सरकार को सलाह दगा

(घ) मानिसक स वास थ य स सबिधत मामल की बाबत ऐस अन य कत य का िनवरहन करगा िजनकी कदरीय सरकार अपकषा कर

स पष टीकरणndashndashइस धारा और धारा 4 क परयोजन क िलए ldquoमानिसक स वास थ य सवा rdquo क अन तगरत मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अलावा मानिसक रप स बीमार व यिक तय क िलए सम परकषण वाडर िदन पिरचयार कदर साधारण अस पताल म अतरग रोिगय का उपाचार गमनीय उपचार सिवधाए और अन य सिवधाए स वास थ य लाभगह और स वास थ य िवशराम गह भी ह

4 मानिसक स वास थ य सवा क िलए राज य परािधकरणndashndash(1) राज य सरकार ऐस पदािभधान स जो वह ठीक समझ एक मानिसक स वास थ य परािधकरण की स थापना करगी

(2) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरण राज य सरकार क अधीकषण िनदशन और िनयतरण क अधीन होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरणndashndash

(क) राज स सरकार क अधीन मानिसक स वास थ य सवा और ऐस अन य मामल की बाबत जो इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार स या राज य क अधीनस थ िकसी अिधकारी या परािधकारी स सबिधत ह िविनयमन िवकास और समन वय का भारसाधक होगा

(ख) राज य सरकार क िनयतरणाधीन मनिश चिकत सीय अस पताल और पिरचयार गह और अन य मानिसक स वास थ य सवा अिभकरण का (िजनक अन तगरत व स थान भी ह िजनम मानिसक रप स बीमार व यिक तय को रखा जा सकगा या िनर िकया जा सकगा) पयरवकषण करगा

(ग) मानिसक स वास थ य स सबिधत सभी मामल म राज य सरकार को सलाह दगा

(घ) मानिसक स वास थ य स सबिधत मामल की बाबत ऐस अन य कत य का िनवरहन करगा िजनकी राज य सरकार अपकषा कर

अध याय 3

मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह

5 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषणndashndash(1) कदरीय सरकार भारत क िकसी भी भाग म या राज य सरकार अपनी अिधकािरता की सीमा क भीतर ऐस स थान पर जो वह ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण कर सकगी और िनम निलिखत व यिक तय क िलए पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक त िजनकी आय सोलह वषर स कम ह

(ख) ऐस व यिक त जो एल कोहल या अन य ऐसी ओषिधय क व यसनी ह िजनस व यिक त क आचरण म पिरवतरन हो जाता ह

(ग) ऐस व यिक त जो िकसी अपराध क िलए िस दोष िकए गए ह और

(घ) ऐस व यिक त जो िकसी अन य वगर या शरणी क ह जो िविहत की जाए

(2) जहा कदरीय सरकार न मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण िकया हो वहा इस अिधिनयम म राज य सरकार क परित िकसी िनदश का ऐस अस पताल या पिरचयार गह क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह कदरीय सरकार क परित िनदश ह

6 कवल अनजञिप त स ही मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम क परारभ स ही कोई भी व यिक त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की तभी स थापना या अनरकषण करगा जब उसक पास इस अिधिनयम क अधीन उस दी गई िविधमान य अनजञिप त हो अन यथा नह

4

परत कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह (चाह वह पागलखाना या िकसी अन य नाम स जाना जाता हो) जो इस अिधिनयम क परारभ क ठीक पवर उस रप म अनरिकषत ह अनरिकषत रखा जा सकगा और िनम निलिखत अविध क िलए इस अिधिनयम क अधीन यथािस थित अनजञप त मनिश चकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(क) ऐस परारभ स तीन मास या

(ख) यिद िकसी अनजञिप त क िलए धारा 7 क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

(2) उपधारा (1) की कोई बात कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा स थािपत या अनरिकषत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को लाग न होगी

7 अनजञिप त क िलए आवदनndashndash(1) ऐसा परत यक व यिक त िजसक पास इस अिधिनयम क परारभ क समय कोई ऐसी िविधमान य अनजञिप त ह जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए उस व यिक त को परािधकत करती ह और यिद उक त व यिक त धारा 6 की उपधारा (1) क परतक क खड (क) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण को चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए एक नई अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(2) ऐसा कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क परारभ क पश चात िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण करना चाहता ह जब तक िक उसक पास पहल स ही ऐसी कोई िविधमान य अनजञिप त न हो अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन परत यक आवदन ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ होगा जो िविहत की जाए

8 अनजञिप त दना या उसस इकार करनाndashndashधारा 7 क अधीन आवदन की परािप त पर अनजञापन परािधकारी ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और जहा उसका यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण या इस अिधिनयम क परारभ स पवर स थािपत ऐस िकसी अस पताल या पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना आवश यक ह

(ख) आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म ह और

(ग) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह ऐस िचिकत सा अिधकारी क भारसाधन म होगा जो मनिश चत सीय ह

वहा वह आवदक को िविहत पररप म अनजञिप त दगा और जहा उसका इस परकार समाधान नह हआ ह वहा अनजञापन परािधकारी आदश ारा आवदन की गई अनजञिप त दन स इकार करगा

परत अनजञिप त दन स इकार करन वाला कोई आदश करन स पवर अनजञापन परािधकारी आवदक को सनवाई का यिक तयक त अवसर दगा और अनजञिप त दन स इकार करन वाल परत यक आदश म ऐस इकार िकए जान क कारण उिल लिखत िकए जाएग और उन कारण की सचना आवदक को ऐसी रीित म दी जाएगी जो िविहत की जाए

9 अनजञिप त की अविध और उसका नवीकरणndashndash(1) अनजञिप त अतरणीय या िवरासतीय नह होगी

(2) जहा अनजञिप तधारी िकसी कारणवश इस रप म कायर करन म असमथर ह या जहा अनजञिप तधारी की मत य हो जाती ह वहा यथािस थित अनजञिप तधारी या ऐस अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध िविहत रीित स मामल की िरपोटर तरत अनजञापन परािधकारी को करगा और उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखा जा सकगा और उस यथािस थितndashndash

(क) ऐसी िरपोटर की तारीख स या अनजञिप तधारी की मत य की दशा म उसकी मत य की तारीख स तीन मास की अविध क िलए या

(ख) यिद अनजञिप त क िलए उपधारा (3) क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) म िनिदष ट अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध उपधारा (2) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह क अनरकषण क िलए नई अनजञिप त िदए जान क िलए अनजञापन

5

परािधकारी को आवदन करगा और धारा 8 क उपबध ऐस आवदन क सबध म वस ही लाग ह ग जस व धारा 7 क अधीन िकए गए िकसी आवदन क सबध म लाग होत ह

(4) परत यक अनजञिप त जब तक िक उस धारा 11 क अधीन पहल की परितसहत नह कर िदया जाता िदए जान की तारीख स पाच वषर की अविध क िलए िविधमान य होगी

(5) अनजञिप त का समय-समय पर नवीकरण अनजञापन परािधकारी को ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ जो िविहत की जाए उस िनिम िकए गए आवदन पर िकया जा सकगा और ऐसा परत यक आवदन उस तारीख क कम स कम एक वषर पवर िकया जाएगा िजसको अनजञिप त की िविधमान यता की अविध समाप त होन वाली ह

परत अनजञिप त का नवीकरण करन स तब तक इकार नह िकया जाएगा जब तक अनजञापन परािधकारी का यह समाधान नह हो जाता ह िक ndashndash

(i) अनजञिप तधारी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म नह ह या

(ii) अनजञिप तधारी ऐस िचिकत सा अिधकारी की व यवस था करन की िस थित म नह ह जो ऐसा मनिश चिकत सक हो िक वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भार गरहण कर सक या

(iii) अनजञिप तधारी न इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम क िकन ह उपबध का उल लघन िकया ह

10 िविहत शत क अनसार मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जानाndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी रीित स और ऐसी शत क अधीन रहत हए िकया जाएगा जो िविहत की जाए

11 अनजञिप त का परितसहरणndashndash(1) यिद अनजञापन परािधकारी का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को अनजञिप तधारी क ारा इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िनयम क उपबध क अनसार अनरिकषत नह िकया जा रहा ह या

(ख) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी िगित म िकया जा रहा ह जो उसक अतरग रोिगय की नितक मानिसक या शारीिरक सख-सिवधा क िलए अिहतकर ह

तो वह ऐसी िकसी अन य शािस त पर जो अनिजञप धारी पर अिधरोिपत की जा सकती ह परितकल परभाव डाल िबना िलिखत आदश ारा अनजञिप त को परितसहत कर सकगी

परत ऐसा कोई आदश अनजञिप तधारी को सनवाई का यिक तयक त अवसर िदए िबना नह िकया जाएगा और परत यक ऐस आदश म अनजञिप त क परितसहरण क आधार उिल लिखत िकए जाएग और उन आधार की सचना अनजञिप तधारी को ऐसी रीित स दी जाएगी जो िविहत की जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए परत यक आदश म यह िनदश होगा िक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोिगय को ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म स थानातिरत िकया जाएगा जो उस आदश म िविनिदष ट िकया जाए और उसम ऐसा स थानातरण होन तक ऐस अतरग रोिगय की दख-रख और अिभरकषा क बार म उपबध (िजसक अतगरत िनदश क रप म उपबध भी ह) भी ह ग

(3) उपधारा (1) क अधीन िकया गया परत यक आदशndashndash

(क) जहा धारा 12 क अधीन ऐस आदश क िवर कोई अपील नही की गई ह वहा ऐसी अपील क िलए िविहत अविध क समाप त होत ही परभावी होगा और

(ख) जहा ऐसी अपील की गई ह और वह खािरज कर दी गई वहा ऐस खािरजी आदश की तारीख स परभावी होगा

12 अपीलndashndash(1) अनजञापन परािधकारी क ऐस आदश स िजसस अनजञिप त दन या अनजञिप त का नवीकरण करन स इकार िकया गया ह या अनजञिप त को परितसहत िकया गया ह व यिथत कोई व यिक त राज य सरकार को ऐसी रीित स और ऐसी कालाविध क भीतर जो िविहत की जाए अपील कर सकगी

परत राज य सरकार िविहत कालाविध क अवसान क पश चात की गई अपील को भी गरहण कर सकगी यिद उसका यह समाधान हो जाता ह िक अपीलाथ समय पर अपील करन स पयारप त हतक स िनवािरत हो गया था

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक अपील ऐस पररप म होगी और उसक साथ ऐसी फीस होगी जो िविहत की जाए

6

13 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का िनरीकषण और रोिगय को दखनाndashndash(1) िनरीकषक अिधकारी िकसी भी समय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश कर सकगा और उसका िनरीकषण कर सकगा ओर िनरीकषण क िलए ऐस अिभलख क पश िकए जान की अपकषा कर सकगा जो इस िनिम बनाए गए िनयम क अनसार रख जान क िलए अपिकषत ह

परन त इस परकार िनरीकषण िकए गए रोगी क वयिक तक अिभलख उपधारा (3) क परयोजन क िसवाय गोपनीय रख जाएग

(2) िनरीकषक अिधकारी ऐस रोगी स िजसका उसम उपचार और दख-रख हो रही हndashndash

(क) उपचार और दख-रख क बार म ऐस रोगी ारा या उसकी ओर स की गई िकसी िशकायत की जाच करन क परयोजन क िलए या

(ख) िकसी भी दशा म िजसम िनरीकषक अिधकारी क पास यह िवश वास करन का कारण ह िक िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह

एकात म पछताछ कर सकगा

(3) जहा िनरीकषक अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह वहा वह मामल की िरपोटर अनजञापन परािधकारी को कर सकगा और तदपिर अनजञापन परािधकारी भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या यथािस थित मिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अनजञिप तधारी को ऐसा िनदश द सकगा जो वह ठीक समझ और परत यक ऐसा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनजञिप तधारी ऐस िनदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

14 बा रोिगय का उपचारndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार ऐस परत यक व यिक त क उपचार क िलए िजसकी हालत अतरग रोगी क रप म भत की जान लायक नह ह या िजसका उपचार तत समय अतरग रोगी क रप म नह हो रहा ह ऐसी सिवधा की व यवस था भी की जा सकगी जो िविहत की जाए

अध याय 4

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत और िनरोध

भाग 1

स वच छा क आधार पर भत

15 स विच छक रोगी क रप म भत क िलए वयस क ारा अनरोधndashndashऐसा कोई व यिक त (जो अवयस क नह ह) जो स वय को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत होना चाहता ह वह स विच छक रोगी क रप म भत िकए जान क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी स अनरोध कर सकगा

16 परितपाल य की भत क िलए सरकषक ारा अनरोधndashndashजहा िकसी अवयस क का सरकषक ऐस अवयस क को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और ऐस अवयस क को उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत कराना चाहता ह तो वह ऐस अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत करन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को अनरोध कर सकगा

17 स विच छक रोिगय की भत और उनकी बाबत िविनयमndashndash(1) धारा 15 या धारा 16 क अधीन अनरोध की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी चौबीस घट स अनिधक अविध क भीतर ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और यिद उसका समाधान हो जाता ह िक यथािस थित आवदक या अवयस क का मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोगी क रप म उपचार अपिकषत ह तो वह यथािस थित ऐस आवदक या अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत कर सकगा

(2) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया परत यक स विच छक रोगी ऐस िविनयम का पालन करन क िलए आब होगा जो मनिश चिकत सीय अस पाताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनिप तधारी ारा बनाए जाए

18 स विच छक रोिगय की छ ीndashndash(1) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारीndashndash

(क) िकसी स विच छक रोगी ारा और

(ख) यिद वह अवयस क स विच छक रोगी ह तो रोगी क सरकषक ारा इस िनिम अनरोध िकए जान पर उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए और ऐस अनरोध की परािप त क चौबीस घट क भीतर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स रोगी की छ ी कर दगा

7

(2) जहा कोई अवयस क स विच छक रोगी जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाता ह वयस कता पराप त कर लता ह वहा ऐस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी यथाशीघर रोगी को यह सचना दगा िक उसन वयस कता पराप त कर ली ह और यिद ऐसी सचना क एक मास की अविध क भीतर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए उसक ारा आवदन नह िकया जाता ह तो उसकी छ ी कर दी जाएगी और यिद उक त अविध की समािप त स पवर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को कोई अनरोध नह िकया जाता ह तो उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए ऐसी अविध की समािप त पर उसकी छ ी कर दी जाएगी

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) म िकसी बात क होत हए भी जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी स विच छक रोगी की छ ी ऐस स विच छक रोगी क िहत म नह होगी वहा वह उपधारा (1) क अधीन अनरोध की परािप त स बह र घट क भीतर या यिद उपधारा (2) म विणत अविध की समािप त क पवर स विच छक रोगी ारा उपधारा (2) क अधीन कोई अनरोध नह िकया गया ह तो ऐसी समािप त स बह र घट क भीतर एक बोडर गिठत करगा जो दो िचिकत सा अिधकािरय स िमलकर बन और इस बार म उसकी राय मानगा िक क या ऐस स विच छक रोगी को और उपचार की आवश यकता ह और यिद बोडर की यह राय ह िक ऐस स विच छक रोगी को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म और उपचार की आवश यकता ह तो िचिकत सा अिधकारी स विच छक रोगी की छ ी नह करगा िकत उसका उपचार एक समय पर नब ब िदन स अिधक की अविध तक जारी रखगा

भाग 2

िवशष पिरिस थितय म भत

19 कितपय िवशष पिरिस थितय म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत ndashndash(1) ऐसा कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त जो स विच छक रोगी क रप म भत क िलए अपनी इच छा व यक त नह करता या व यक त करन म असमथर ह उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर ारा उस िनिम िकए गए आवदन पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म तभी भत िकया जा सकगा और रखा जा सकगा जब भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह

परत अतरग रोगी क रप म इस परकार भत िकया गया कोई भी व यिक त इस अिधिनयम क अन य उपबध क अनसार ही अिधक स अिधक नब ब िदन की अविध क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अन तरग रोगी क रप म रखा जाएगा अन यथा नह

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म होगा और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा इस आशय क दो िचिकत सा परमाणपतर सलग न िकए जाएग िक ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की दशा ऐसी ह िक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म दख-रख और उपचार क अधीन रखा जाए

परत यिद सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना उिचत ह तो वह ऐस परमाणपतर की अपकषा करन की बजाय उस अस पताल या पिरचयार गह म कायररत दो िचिकत सा व यवसाियय ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की परीकषा करा सकगा

(3) उपधारा (1) क अधीन भत िकया गया कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसका नातदार या िमतर उसकी छ ी क िलए मिजस टरट को आवदन कर सकगा और मिजस टरट उस व यिक त को िजसक कहन पर उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया था सचना दन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ आवदन मजर या खािरज कर सकगा

(4) पव क त उपधारा क उपबध का परितकल परभाव ऐस मिजस टरट की िजसक समकष मानिसक रप स बीमार व यिक त का मामला लाया जाता ह उन शिक तय पर जो उसक ारा इस धारा क अधीन या इस अिधिनयम क िकसी अन य उपबध क अधीन गरहण आदश पािरत करन क िलए परयोक तव य ह तब नह पड़गा जब उस मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक इस अिधिनयम क ससगत उपबध क अनसरण म ऐसा करना आवश यक ह

भाग 3

गरहण-आदश

कndashndashआवदन पर गरहण-आदश

20 गरहण-आदश क िलए आवदनndashndash(1) गरहण-आदश क िलए आवदन िनम निलिखत व यिक त कर सकगा ndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त का पित पत नी या उसका नातदार

8

(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

9

(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

14

परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

17

अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 2: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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(झ) ldquoिचिकत सा अिधकारीrdquo स अिभपरत ह ऐसा राजपितरत िचिकत सा अिधकारी जो सरकार की सवा म ह और इसक अन तगरत ऐसा िचिकत सा व यवसायी भी ह जो राज य सरकार क साधारण या िवशष आदश ारा इस अिधिनयम क परयोजन क िलए िचिकत सा अिधकारी घोिषत िकया जाता ह

(ञ) िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सबध म ldquoभारसाधक िचिकत सा अिधकारीrdquo स ऐसा िचिकत सा अिधकारी अिभपरत ह जो उस समय उस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक ह

(ट) ldquoिचिकत सा व यवसायीrdquo स ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसक पास ऐसी मान यतापराप त आयिवजञान अहरता ह जोndashndash

(i) भारतीय आयिवजञान पिरषद अिधिनयम 1956 (1956 का 102) की धारा 2 क खड (ज) म पिरभािषत ह और िजसका नाम उस धारा क खड (ट) म यथापिरभािषत राज य िचिकत सा रिजस टर म दजर िकया गया ह

(ii) भारतीय िचिकत सा कन दरीय पिरषद अिधिनयम 1970 (1970 का 48) की धारा 2 की उपधारा (1) क खड (ज) म पिरभािषत ह और िजसका नाम उस धारा की उपधारा (1) क खड (ञ) म यथापिरभािषत भारतीय िचिकत सा क राज य रिजस टर म दजर िकया गया ह तथा

(iii) होम योपथी कन दरीय पिरषद अिधिनयम 1973 (1973 का 59) की धारा 2 की उपधारा (1) क खड (छ) म पिरभािषत ह और िजसका नाम उस धारा की उपधारा (1) क खण ड (झ) म यथापिरभािषत राज य होम योपथी रिजस टर म दजर ह

(ठ) ldquoमानिसक रप स बीमार व यिक तrdquo स ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसको मानिसक मदता स िभन न िकसी मानिसक िवकास क कारण उपचार की आवश यकता ह

(ड) ldquoमानिसक रप म बीमार बदीrdquo स मानिसक रप स बीमार ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म िनरोध या ल जान क िलए धारा 27 म यथािनिदष ट आदश िकया गया ह

(ढ) ldquoअवयस कrdquo स ऐसा व यिक त अिभपरत ह िजसन अठारह वषर की आय परी नह की ह

(ण) ldquoअिधसचनाrdquo स राजपतर म परकािशत अिधसचना अिभपरत ह

(त) ldquoिविहतrdquo स इस अिधिनयम क अधीन बनाए गए िनयम ारा िविहत अिभपरत ह

(थ) ldquoमनिश चिकत सीय अस पतालrdquo या ldquoमनिश चिकत सीय पिरचयार गहrdquo स यथािस थित ऐसा अस पताल या पिरचयार गह अिभपरत ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक तय क उपचार और दख-रख क िलए सरकार या िकसी अन य व यिक त ारा स थािपत या अनरिकषत िकया गया ह और इसक अन तगरत मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक तय क िलए सरकार या िकसी अन य व यिक त ारा स थािपत या अनरिकषत स वास थय लाभ-भवन भी ह िकत सरकार ारा स थािपत या अनरिकषत ऐसा साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह जो मनिश चिकत सीय सवा की भी व यवस था करता ह इसक अन तगरत नह ह

(द) ldquoमनिश चिकत सकrdquo स ऐसा िचिकत सा व यवसायी अिभपरत ह िजसक पास भारतीय आयिवजञान पिरषद अिधिनयम 1956 (1956 का 102) क अधीन गिठत भारतीय आयिवजञान पिरषद ारा मान यतापराप त मनिश चिकत सा की स नातको र िडगरी या िडप लोमा ह और इसक अतगरत िकसी राज य क सबध म कोई ऐसा िचिकत सा अिधकारी भी ह िजसको उस राज य की सरकार न मनिश चिकत सा म उसक जञान और अनभव को ध यान म रखत हए इस अिधिनयम क परयोजन क िलए मनिश चिकत सक घोिषत कर िदया ह

(ध) ldquoगरहण-आदशrdquo स िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गरह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत और उसक िनरोध क िलए इस अिधिनयम क उपबध क अधीन िकया गया आदश अिभपरत ह

(न) ldquoनातदारrdquo क अतगरत ऐसा कोई भी व यिक त ह िजसका मानिसक रप स बीमार व यिक त स रक त िववाह या द कगरहण क आधार पर कोई नाता ह

(प) सघ राज यकषतर क सबध म ldquoराज य सरकारrdquo स उसका परशासक अिभपरत ह

अध याय 2

मानिसक स वास थ य परािधकरण

3 मानिसक स वास थ य सवा क िलए कन दरीय परािधकरणndashndash(1) कदरीय सरकार ऐस पदािभधान स जो वह ठीक समझ एक मानिसक स वास थ य परािधकरण की स थापना करगी

(2) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरण कदरीय सरकार क अधीकषण िनदशन और िनयतरण क अधीन होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरणndashndash

3

(क) कदरीय सरकार क अधीन मानिसक स वास थ य सवा और ऐस अन य सभी मामल की बाबत जो इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार स या कदरीय सरकार क अधीनस थ िकसी अिधकारी या परािधकारी स सबिधत ह िविनयमन िवकास िनदशक और समन वय का भारसाधक होगा

(ख) कदरीय सरकार क िनयतरणाधीन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह और अन य मानिसक स वास थ य सवा अिभकरण का (िजनक अन तगरत व स थान भी ह िजनम मािनसक रप स बीमार व यिक तय को रखा जा सकगा या िनर िकया जा सकगा) पयरवकषण करगा

(ग) मानिसक स वास थ य स सबिधत सभी मामल म कदरीय सरकार को सलाह दगा

(घ) मानिसक स वास थ य स सबिधत मामल की बाबत ऐस अन य कत य का िनवरहन करगा िजनकी कदरीय सरकार अपकषा कर

स पष टीकरणndashndashइस धारा और धारा 4 क परयोजन क िलए ldquoमानिसक स वास थ य सवा rdquo क अन तगरत मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अलावा मानिसक रप स बीमार व यिक तय क िलए सम परकषण वाडर िदन पिरचयार कदर साधारण अस पताल म अतरग रोिगय का उपाचार गमनीय उपचार सिवधाए और अन य सिवधाए स वास थ य लाभगह और स वास थ य िवशराम गह भी ह

4 मानिसक स वास थ य सवा क िलए राज य परािधकरणndashndash(1) राज य सरकार ऐस पदािभधान स जो वह ठीक समझ एक मानिसक स वास थ य परािधकरण की स थापना करगी

(2) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरण राज य सरकार क अधीकषण िनदशन और िनयतरण क अधीन होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरणndashndash

(क) राज स सरकार क अधीन मानिसक स वास थ य सवा और ऐस अन य मामल की बाबत जो इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार स या राज य क अधीनस थ िकसी अिधकारी या परािधकारी स सबिधत ह िविनयमन िवकास और समन वय का भारसाधक होगा

(ख) राज य सरकार क िनयतरणाधीन मनिश चिकत सीय अस पताल और पिरचयार गह और अन य मानिसक स वास थ य सवा अिभकरण का (िजनक अन तगरत व स थान भी ह िजनम मानिसक रप स बीमार व यिक तय को रखा जा सकगा या िनर िकया जा सकगा) पयरवकषण करगा

(ग) मानिसक स वास थ य स सबिधत सभी मामल म राज य सरकार को सलाह दगा

(घ) मानिसक स वास थ य स सबिधत मामल की बाबत ऐस अन य कत य का िनवरहन करगा िजनकी राज य सरकार अपकषा कर

अध याय 3

मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह

5 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषणndashndash(1) कदरीय सरकार भारत क िकसी भी भाग म या राज य सरकार अपनी अिधकािरता की सीमा क भीतर ऐस स थान पर जो वह ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण कर सकगी और िनम निलिखत व यिक तय क िलए पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक त िजनकी आय सोलह वषर स कम ह

(ख) ऐस व यिक त जो एल कोहल या अन य ऐसी ओषिधय क व यसनी ह िजनस व यिक त क आचरण म पिरवतरन हो जाता ह

(ग) ऐस व यिक त जो िकसी अपराध क िलए िस दोष िकए गए ह और

(घ) ऐस व यिक त जो िकसी अन य वगर या शरणी क ह जो िविहत की जाए

(2) जहा कदरीय सरकार न मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण िकया हो वहा इस अिधिनयम म राज य सरकार क परित िकसी िनदश का ऐस अस पताल या पिरचयार गह क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह कदरीय सरकार क परित िनदश ह

6 कवल अनजञिप त स ही मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम क परारभ स ही कोई भी व यिक त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की तभी स थापना या अनरकषण करगा जब उसक पास इस अिधिनयम क अधीन उस दी गई िविधमान य अनजञिप त हो अन यथा नह

4

परत कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह (चाह वह पागलखाना या िकसी अन य नाम स जाना जाता हो) जो इस अिधिनयम क परारभ क ठीक पवर उस रप म अनरिकषत ह अनरिकषत रखा जा सकगा और िनम निलिखत अविध क िलए इस अिधिनयम क अधीन यथािस थित अनजञप त मनिश चकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(क) ऐस परारभ स तीन मास या

(ख) यिद िकसी अनजञिप त क िलए धारा 7 क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

(2) उपधारा (1) की कोई बात कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा स थािपत या अनरिकषत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को लाग न होगी

7 अनजञिप त क िलए आवदनndashndash(1) ऐसा परत यक व यिक त िजसक पास इस अिधिनयम क परारभ क समय कोई ऐसी िविधमान य अनजञिप त ह जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए उस व यिक त को परािधकत करती ह और यिद उक त व यिक त धारा 6 की उपधारा (1) क परतक क खड (क) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण को चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए एक नई अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(2) ऐसा कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क परारभ क पश चात िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण करना चाहता ह जब तक िक उसक पास पहल स ही ऐसी कोई िविधमान य अनजञिप त न हो अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन परत यक आवदन ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ होगा जो िविहत की जाए

8 अनजञिप त दना या उसस इकार करनाndashndashधारा 7 क अधीन आवदन की परािप त पर अनजञापन परािधकारी ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और जहा उसका यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण या इस अिधिनयम क परारभ स पवर स थािपत ऐस िकसी अस पताल या पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना आवश यक ह

(ख) आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म ह और

(ग) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह ऐस िचिकत सा अिधकारी क भारसाधन म होगा जो मनिश चत सीय ह

वहा वह आवदक को िविहत पररप म अनजञिप त दगा और जहा उसका इस परकार समाधान नह हआ ह वहा अनजञापन परािधकारी आदश ारा आवदन की गई अनजञिप त दन स इकार करगा

परत अनजञिप त दन स इकार करन वाला कोई आदश करन स पवर अनजञापन परािधकारी आवदक को सनवाई का यिक तयक त अवसर दगा और अनजञिप त दन स इकार करन वाल परत यक आदश म ऐस इकार िकए जान क कारण उिल लिखत िकए जाएग और उन कारण की सचना आवदक को ऐसी रीित म दी जाएगी जो िविहत की जाए

9 अनजञिप त की अविध और उसका नवीकरणndashndash(1) अनजञिप त अतरणीय या िवरासतीय नह होगी

(2) जहा अनजञिप तधारी िकसी कारणवश इस रप म कायर करन म असमथर ह या जहा अनजञिप तधारी की मत य हो जाती ह वहा यथािस थित अनजञिप तधारी या ऐस अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध िविहत रीित स मामल की िरपोटर तरत अनजञापन परािधकारी को करगा और उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखा जा सकगा और उस यथािस थितndashndash

(क) ऐसी िरपोटर की तारीख स या अनजञिप तधारी की मत य की दशा म उसकी मत य की तारीख स तीन मास की अविध क िलए या

(ख) यिद अनजञिप त क िलए उपधारा (3) क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) म िनिदष ट अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध उपधारा (2) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह क अनरकषण क िलए नई अनजञिप त िदए जान क िलए अनजञापन

5

परािधकारी को आवदन करगा और धारा 8 क उपबध ऐस आवदन क सबध म वस ही लाग ह ग जस व धारा 7 क अधीन िकए गए िकसी आवदन क सबध म लाग होत ह

(4) परत यक अनजञिप त जब तक िक उस धारा 11 क अधीन पहल की परितसहत नह कर िदया जाता िदए जान की तारीख स पाच वषर की अविध क िलए िविधमान य होगी

(5) अनजञिप त का समय-समय पर नवीकरण अनजञापन परािधकारी को ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ जो िविहत की जाए उस िनिम िकए गए आवदन पर िकया जा सकगा और ऐसा परत यक आवदन उस तारीख क कम स कम एक वषर पवर िकया जाएगा िजसको अनजञिप त की िविधमान यता की अविध समाप त होन वाली ह

परत अनजञिप त का नवीकरण करन स तब तक इकार नह िकया जाएगा जब तक अनजञापन परािधकारी का यह समाधान नह हो जाता ह िक ndashndash

(i) अनजञिप तधारी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म नह ह या

(ii) अनजञिप तधारी ऐस िचिकत सा अिधकारी की व यवस था करन की िस थित म नह ह जो ऐसा मनिश चिकत सक हो िक वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भार गरहण कर सक या

(iii) अनजञिप तधारी न इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम क िकन ह उपबध का उल लघन िकया ह

10 िविहत शत क अनसार मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जानाndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी रीित स और ऐसी शत क अधीन रहत हए िकया जाएगा जो िविहत की जाए

11 अनजञिप त का परितसहरणndashndash(1) यिद अनजञापन परािधकारी का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को अनजञिप तधारी क ारा इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िनयम क उपबध क अनसार अनरिकषत नह िकया जा रहा ह या

(ख) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी िगित म िकया जा रहा ह जो उसक अतरग रोिगय की नितक मानिसक या शारीिरक सख-सिवधा क िलए अिहतकर ह

तो वह ऐसी िकसी अन य शािस त पर जो अनिजञप धारी पर अिधरोिपत की जा सकती ह परितकल परभाव डाल िबना िलिखत आदश ारा अनजञिप त को परितसहत कर सकगी

परत ऐसा कोई आदश अनजञिप तधारी को सनवाई का यिक तयक त अवसर िदए िबना नह िकया जाएगा और परत यक ऐस आदश म अनजञिप त क परितसहरण क आधार उिल लिखत िकए जाएग और उन आधार की सचना अनजञिप तधारी को ऐसी रीित स दी जाएगी जो िविहत की जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए परत यक आदश म यह िनदश होगा िक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोिगय को ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म स थानातिरत िकया जाएगा जो उस आदश म िविनिदष ट िकया जाए और उसम ऐसा स थानातरण होन तक ऐस अतरग रोिगय की दख-रख और अिभरकषा क बार म उपबध (िजसक अतगरत िनदश क रप म उपबध भी ह) भी ह ग

(3) उपधारा (1) क अधीन िकया गया परत यक आदशndashndash

(क) जहा धारा 12 क अधीन ऐस आदश क िवर कोई अपील नही की गई ह वहा ऐसी अपील क िलए िविहत अविध क समाप त होत ही परभावी होगा और

(ख) जहा ऐसी अपील की गई ह और वह खािरज कर दी गई वहा ऐस खािरजी आदश की तारीख स परभावी होगा

12 अपीलndashndash(1) अनजञापन परािधकारी क ऐस आदश स िजसस अनजञिप त दन या अनजञिप त का नवीकरण करन स इकार िकया गया ह या अनजञिप त को परितसहत िकया गया ह व यिथत कोई व यिक त राज य सरकार को ऐसी रीित स और ऐसी कालाविध क भीतर जो िविहत की जाए अपील कर सकगी

परत राज य सरकार िविहत कालाविध क अवसान क पश चात की गई अपील को भी गरहण कर सकगी यिद उसका यह समाधान हो जाता ह िक अपीलाथ समय पर अपील करन स पयारप त हतक स िनवािरत हो गया था

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक अपील ऐस पररप म होगी और उसक साथ ऐसी फीस होगी जो िविहत की जाए

6

13 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का िनरीकषण और रोिगय को दखनाndashndash(1) िनरीकषक अिधकारी िकसी भी समय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश कर सकगा और उसका िनरीकषण कर सकगा ओर िनरीकषण क िलए ऐस अिभलख क पश िकए जान की अपकषा कर सकगा जो इस िनिम बनाए गए िनयम क अनसार रख जान क िलए अपिकषत ह

परन त इस परकार िनरीकषण िकए गए रोगी क वयिक तक अिभलख उपधारा (3) क परयोजन क िसवाय गोपनीय रख जाएग

(2) िनरीकषक अिधकारी ऐस रोगी स िजसका उसम उपचार और दख-रख हो रही हndashndash

(क) उपचार और दख-रख क बार म ऐस रोगी ारा या उसकी ओर स की गई िकसी िशकायत की जाच करन क परयोजन क िलए या

(ख) िकसी भी दशा म िजसम िनरीकषक अिधकारी क पास यह िवश वास करन का कारण ह िक िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह

एकात म पछताछ कर सकगा

(3) जहा िनरीकषक अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह वहा वह मामल की िरपोटर अनजञापन परािधकारी को कर सकगा और तदपिर अनजञापन परािधकारी भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या यथािस थित मिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अनजञिप तधारी को ऐसा िनदश द सकगा जो वह ठीक समझ और परत यक ऐसा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनजञिप तधारी ऐस िनदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

14 बा रोिगय का उपचारndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार ऐस परत यक व यिक त क उपचार क िलए िजसकी हालत अतरग रोगी क रप म भत की जान लायक नह ह या िजसका उपचार तत समय अतरग रोगी क रप म नह हो रहा ह ऐसी सिवधा की व यवस था भी की जा सकगी जो िविहत की जाए

अध याय 4

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत और िनरोध

भाग 1

स वच छा क आधार पर भत

15 स विच छक रोगी क रप म भत क िलए वयस क ारा अनरोधndashndashऐसा कोई व यिक त (जो अवयस क नह ह) जो स वय को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत होना चाहता ह वह स विच छक रोगी क रप म भत िकए जान क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी स अनरोध कर सकगा

16 परितपाल य की भत क िलए सरकषक ारा अनरोधndashndashजहा िकसी अवयस क का सरकषक ऐस अवयस क को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और ऐस अवयस क को उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत कराना चाहता ह तो वह ऐस अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत करन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को अनरोध कर सकगा

17 स विच छक रोिगय की भत और उनकी बाबत िविनयमndashndash(1) धारा 15 या धारा 16 क अधीन अनरोध की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी चौबीस घट स अनिधक अविध क भीतर ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और यिद उसका समाधान हो जाता ह िक यथािस थित आवदक या अवयस क का मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोगी क रप म उपचार अपिकषत ह तो वह यथािस थित ऐस आवदक या अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत कर सकगा

(2) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया परत यक स विच छक रोगी ऐस िविनयम का पालन करन क िलए आब होगा जो मनिश चिकत सीय अस पाताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनिप तधारी ारा बनाए जाए

18 स विच छक रोिगय की छ ीndashndash(1) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारीndashndash

(क) िकसी स विच छक रोगी ारा और

(ख) यिद वह अवयस क स विच छक रोगी ह तो रोगी क सरकषक ारा इस िनिम अनरोध िकए जान पर उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए और ऐस अनरोध की परािप त क चौबीस घट क भीतर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स रोगी की छ ी कर दगा

7

(2) जहा कोई अवयस क स विच छक रोगी जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाता ह वयस कता पराप त कर लता ह वहा ऐस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी यथाशीघर रोगी को यह सचना दगा िक उसन वयस कता पराप त कर ली ह और यिद ऐसी सचना क एक मास की अविध क भीतर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए उसक ारा आवदन नह िकया जाता ह तो उसकी छ ी कर दी जाएगी और यिद उक त अविध की समािप त स पवर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को कोई अनरोध नह िकया जाता ह तो उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए ऐसी अविध की समािप त पर उसकी छ ी कर दी जाएगी

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) म िकसी बात क होत हए भी जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी स विच छक रोगी की छ ी ऐस स विच छक रोगी क िहत म नह होगी वहा वह उपधारा (1) क अधीन अनरोध की परािप त स बह र घट क भीतर या यिद उपधारा (2) म विणत अविध की समािप त क पवर स विच छक रोगी ारा उपधारा (2) क अधीन कोई अनरोध नह िकया गया ह तो ऐसी समािप त स बह र घट क भीतर एक बोडर गिठत करगा जो दो िचिकत सा अिधकािरय स िमलकर बन और इस बार म उसकी राय मानगा िक क या ऐस स विच छक रोगी को और उपचार की आवश यकता ह और यिद बोडर की यह राय ह िक ऐस स विच छक रोगी को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म और उपचार की आवश यकता ह तो िचिकत सा अिधकारी स विच छक रोगी की छ ी नह करगा िकत उसका उपचार एक समय पर नब ब िदन स अिधक की अविध तक जारी रखगा

भाग 2

िवशष पिरिस थितय म भत

19 कितपय िवशष पिरिस थितय म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत ndashndash(1) ऐसा कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त जो स विच छक रोगी क रप म भत क िलए अपनी इच छा व यक त नह करता या व यक त करन म असमथर ह उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर ारा उस िनिम िकए गए आवदन पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म तभी भत िकया जा सकगा और रखा जा सकगा जब भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह

परत अतरग रोगी क रप म इस परकार भत िकया गया कोई भी व यिक त इस अिधिनयम क अन य उपबध क अनसार ही अिधक स अिधक नब ब िदन की अविध क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अन तरग रोगी क रप म रखा जाएगा अन यथा नह

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म होगा और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा इस आशय क दो िचिकत सा परमाणपतर सलग न िकए जाएग िक ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की दशा ऐसी ह िक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म दख-रख और उपचार क अधीन रखा जाए

परत यिद सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना उिचत ह तो वह ऐस परमाणपतर की अपकषा करन की बजाय उस अस पताल या पिरचयार गह म कायररत दो िचिकत सा व यवसाियय ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की परीकषा करा सकगा

(3) उपधारा (1) क अधीन भत िकया गया कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसका नातदार या िमतर उसकी छ ी क िलए मिजस टरट को आवदन कर सकगा और मिजस टरट उस व यिक त को िजसक कहन पर उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया था सचना दन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ आवदन मजर या खािरज कर सकगा

(4) पव क त उपधारा क उपबध का परितकल परभाव ऐस मिजस टरट की िजसक समकष मानिसक रप स बीमार व यिक त का मामला लाया जाता ह उन शिक तय पर जो उसक ारा इस धारा क अधीन या इस अिधिनयम क िकसी अन य उपबध क अधीन गरहण आदश पािरत करन क िलए परयोक तव य ह तब नह पड़गा जब उस मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक इस अिधिनयम क ससगत उपबध क अनसरण म ऐसा करना आवश यक ह

भाग 3

गरहण-आदश

कndashndashआवदन पर गरहण-आदश

20 गरहण-आदश क िलए आवदनndashndash(1) गरहण-आदश क िलए आवदन िनम निलिखत व यिक त कर सकगा ndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त का पित पत नी या उसका नातदार

8

(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

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(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

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(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

17

अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

19

मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 3: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

3

(क) कदरीय सरकार क अधीन मानिसक स वास थ य सवा और ऐस अन य सभी मामल की बाबत जो इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार स या कदरीय सरकार क अधीनस थ िकसी अिधकारी या परािधकारी स सबिधत ह िविनयमन िवकास िनदशक और समन वय का भारसाधक होगा

(ख) कदरीय सरकार क िनयतरणाधीन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह और अन य मानिसक स वास थ य सवा अिभकरण का (िजनक अन तगरत व स थान भी ह िजनम मािनसक रप स बीमार व यिक तय को रखा जा सकगा या िनर िकया जा सकगा) पयरवकषण करगा

(ग) मानिसक स वास थ य स सबिधत सभी मामल म कदरीय सरकार को सलाह दगा

(घ) मानिसक स वास थ य स सबिधत मामल की बाबत ऐस अन य कत य का िनवरहन करगा िजनकी कदरीय सरकार अपकषा कर

स पष टीकरणndashndashइस धारा और धारा 4 क परयोजन क िलए ldquoमानिसक स वास थ य सवा rdquo क अन तगरत मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अलावा मानिसक रप स बीमार व यिक तय क िलए सम परकषण वाडर िदन पिरचयार कदर साधारण अस पताल म अतरग रोिगय का उपाचार गमनीय उपचार सिवधाए और अन य सिवधाए स वास थ य लाभगह और स वास थ य िवशराम गह भी ह

4 मानिसक स वास थ य सवा क िलए राज य परािधकरणndashndash(1) राज य सरकार ऐस पदािभधान स जो वह ठीक समझ एक मानिसक स वास थ य परािधकरण की स थापना करगी

(2) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरण राज य सरकार क अधीकषण िनदशन और िनयतरण क अधीन होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन स थािपत परािधकरणndashndash

(क) राज स सरकार क अधीन मानिसक स वास थ य सवा और ऐस अन य मामल की बाबत जो इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार स या राज य क अधीनस थ िकसी अिधकारी या परािधकारी स सबिधत ह िविनयमन िवकास और समन वय का भारसाधक होगा

(ख) राज य सरकार क िनयतरणाधीन मनिश चिकत सीय अस पताल और पिरचयार गह और अन य मानिसक स वास थ य सवा अिभकरण का (िजनक अन तगरत व स थान भी ह िजनम मानिसक रप स बीमार व यिक तय को रखा जा सकगा या िनर िकया जा सकगा) पयरवकषण करगा

(ग) मानिसक स वास थ य स सबिधत सभी मामल म राज य सरकार को सलाह दगा

(घ) मानिसक स वास थ य स सबिधत मामल की बाबत ऐस अन य कत य का िनवरहन करगा िजनकी राज य सरकार अपकषा कर

अध याय 3

मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह

5 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषणndashndash(1) कदरीय सरकार भारत क िकसी भी भाग म या राज य सरकार अपनी अिधकािरता की सीमा क भीतर ऐस स थान पर जो वह ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण कर सकगी और िनम निलिखत व यिक तय क िलए पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक त िजनकी आय सोलह वषर स कम ह

(ख) ऐस व यिक त जो एल कोहल या अन य ऐसी ओषिधय क व यसनी ह िजनस व यिक त क आचरण म पिरवतरन हो जाता ह

(ग) ऐस व यिक त जो िकसी अपराध क िलए िस दोष िकए गए ह और

(घ) ऐस व यिक त जो िकसी अन य वगर या शरणी क ह जो िविहत की जाए

(2) जहा कदरीय सरकार न मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण िकया हो वहा इस अिधिनयम म राज य सरकार क परित िकसी िनदश का ऐस अस पताल या पिरचयार गह क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह कदरीय सरकार क परित िनदश ह

6 कवल अनजञिप त स ही मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम क परारभ स ही कोई भी व यिक त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की तभी स थापना या अनरकषण करगा जब उसक पास इस अिधिनयम क अधीन उस दी गई िविधमान य अनजञिप त हो अन यथा नह

4

परत कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह (चाह वह पागलखाना या िकसी अन य नाम स जाना जाता हो) जो इस अिधिनयम क परारभ क ठीक पवर उस रप म अनरिकषत ह अनरिकषत रखा जा सकगा और िनम निलिखत अविध क िलए इस अिधिनयम क अधीन यथािस थित अनजञप त मनिश चकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(क) ऐस परारभ स तीन मास या

(ख) यिद िकसी अनजञिप त क िलए धारा 7 क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

(2) उपधारा (1) की कोई बात कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा स थािपत या अनरिकषत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को लाग न होगी

7 अनजञिप त क िलए आवदनndashndash(1) ऐसा परत यक व यिक त िजसक पास इस अिधिनयम क परारभ क समय कोई ऐसी िविधमान य अनजञिप त ह जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए उस व यिक त को परािधकत करती ह और यिद उक त व यिक त धारा 6 की उपधारा (1) क परतक क खड (क) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण को चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए एक नई अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(2) ऐसा कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क परारभ क पश चात िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण करना चाहता ह जब तक िक उसक पास पहल स ही ऐसी कोई िविधमान य अनजञिप त न हो अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन परत यक आवदन ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ होगा जो िविहत की जाए

8 अनजञिप त दना या उसस इकार करनाndashndashधारा 7 क अधीन आवदन की परािप त पर अनजञापन परािधकारी ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और जहा उसका यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण या इस अिधिनयम क परारभ स पवर स थािपत ऐस िकसी अस पताल या पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना आवश यक ह

(ख) आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म ह और

(ग) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह ऐस िचिकत सा अिधकारी क भारसाधन म होगा जो मनिश चत सीय ह

वहा वह आवदक को िविहत पररप म अनजञिप त दगा और जहा उसका इस परकार समाधान नह हआ ह वहा अनजञापन परािधकारी आदश ारा आवदन की गई अनजञिप त दन स इकार करगा

परत अनजञिप त दन स इकार करन वाला कोई आदश करन स पवर अनजञापन परािधकारी आवदक को सनवाई का यिक तयक त अवसर दगा और अनजञिप त दन स इकार करन वाल परत यक आदश म ऐस इकार िकए जान क कारण उिल लिखत िकए जाएग और उन कारण की सचना आवदक को ऐसी रीित म दी जाएगी जो िविहत की जाए

9 अनजञिप त की अविध और उसका नवीकरणndashndash(1) अनजञिप त अतरणीय या िवरासतीय नह होगी

(2) जहा अनजञिप तधारी िकसी कारणवश इस रप म कायर करन म असमथर ह या जहा अनजञिप तधारी की मत य हो जाती ह वहा यथािस थित अनजञिप तधारी या ऐस अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध िविहत रीित स मामल की िरपोटर तरत अनजञापन परािधकारी को करगा और उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखा जा सकगा और उस यथािस थितndashndash

(क) ऐसी िरपोटर की तारीख स या अनजञिप तधारी की मत य की दशा म उसकी मत य की तारीख स तीन मास की अविध क िलए या

(ख) यिद अनजञिप त क िलए उपधारा (3) क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) म िनिदष ट अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध उपधारा (2) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह क अनरकषण क िलए नई अनजञिप त िदए जान क िलए अनजञापन

5

परािधकारी को आवदन करगा और धारा 8 क उपबध ऐस आवदन क सबध म वस ही लाग ह ग जस व धारा 7 क अधीन िकए गए िकसी आवदन क सबध म लाग होत ह

(4) परत यक अनजञिप त जब तक िक उस धारा 11 क अधीन पहल की परितसहत नह कर िदया जाता िदए जान की तारीख स पाच वषर की अविध क िलए िविधमान य होगी

(5) अनजञिप त का समय-समय पर नवीकरण अनजञापन परािधकारी को ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ जो िविहत की जाए उस िनिम िकए गए आवदन पर िकया जा सकगा और ऐसा परत यक आवदन उस तारीख क कम स कम एक वषर पवर िकया जाएगा िजसको अनजञिप त की िविधमान यता की अविध समाप त होन वाली ह

परत अनजञिप त का नवीकरण करन स तब तक इकार नह िकया जाएगा जब तक अनजञापन परािधकारी का यह समाधान नह हो जाता ह िक ndashndash

(i) अनजञिप तधारी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म नह ह या

(ii) अनजञिप तधारी ऐस िचिकत सा अिधकारी की व यवस था करन की िस थित म नह ह जो ऐसा मनिश चिकत सक हो िक वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भार गरहण कर सक या

(iii) अनजञिप तधारी न इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम क िकन ह उपबध का उल लघन िकया ह

10 िविहत शत क अनसार मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जानाndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी रीित स और ऐसी शत क अधीन रहत हए िकया जाएगा जो िविहत की जाए

11 अनजञिप त का परितसहरणndashndash(1) यिद अनजञापन परािधकारी का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को अनजञिप तधारी क ारा इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िनयम क उपबध क अनसार अनरिकषत नह िकया जा रहा ह या

(ख) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी िगित म िकया जा रहा ह जो उसक अतरग रोिगय की नितक मानिसक या शारीिरक सख-सिवधा क िलए अिहतकर ह

तो वह ऐसी िकसी अन य शािस त पर जो अनिजञप धारी पर अिधरोिपत की जा सकती ह परितकल परभाव डाल िबना िलिखत आदश ारा अनजञिप त को परितसहत कर सकगी

परत ऐसा कोई आदश अनजञिप तधारी को सनवाई का यिक तयक त अवसर िदए िबना नह िकया जाएगा और परत यक ऐस आदश म अनजञिप त क परितसहरण क आधार उिल लिखत िकए जाएग और उन आधार की सचना अनजञिप तधारी को ऐसी रीित स दी जाएगी जो िविहत की जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए परत यक आदश म यह िनदश होगा िक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोिगय को ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म स थानातिरत िकया जाएगा जो उस आदश म िविनिदष ट िकया जाए और उसम ऐसा स थानातरण होन तक ऐस अतरग रोिगय की दख-रख और अिभरकषा क बार म उपबध (िजसक अतगरत िनदश क रप म उपबध भी ह) भी ह ग

(3) उपधारा (1) क अधीन िकया गया परत यक आदशndashndash

(क) जहा धारा 12 क अधीन ऐस आदश क िवर कोई अपील नही की गई ह वहा ऐसी अपील क िलए िविहत अविध क समाप त होत ही परभावी होगा और

(ख) जहा ऐसी अपील की गई ह और वह खािरज कर दी गई वहा ऐस खािरजी आदश की तारीख स परभावी होगा

12 अपीलndashndash(1) अनजञापन परािधकारी क ऐस आदश स िजसस अनजञिप त दन या अनजञिप त का नवीकरण करन स इकार िकया गया ह या अनजञिप त को परितसहत िकया गया ह व यिथत कोई व यिक त राज य सरकार को ऐसी रीित स और ऐसी कालाविध क भीतर जो िविहत की जाए अपील कर सकगी

परत राज य सरकार िविहत कालाविध क अवसान क पश चात की गई अपील को भी गरहण कर सकगी यिद उसका यह समाधान हो जाता ह िक अपीलाथ समय पर अपील करन स पयारप त हतक स िनवािरत हो गया था

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक अपील ऐस पररप म होगी और उसक साथ ऐसी फीस होगी जो िविहत की जाए

6

13 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का िनरीकषण और रोिगय को दखनाndashndash(1) िनरीकषक अिधकारी िकसी भी समय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश कर सकगा और उसका िनरीकषण कर सकगा ओर िनरीकषण क िलए ऐस अिभलख क पश िकए जान की अपकषा कर सकगा जो इस िनिम बनाए गए िनयम क अनसार रख जान क िलए अपिकषत ह

परन त इस परकार िनरीकषण िकए गए रोगी क वयिक तक अिभलख उपधारा (3) क परयोजन क िसवाय गोपनीय रख जाएग

(2) िनरीकषक अिधकारी ऐस रोगी स िजसका उसम उपचार और दख-रख हो रही हndashndash

(क) उपचार और दख-रख क बार म ऐस रोगी ारा या उसकी ओर स की गई िकसी िशकायत की जाच करन क परयोजन क िलए या

(ख) िकसी भी दशा म िजसम िनरीकषक अिधकारी क पास यह िवश वास करन का कारण ह िक िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह

एकात म पछताछ कर सकगा

(3) जहा िनरीकषक अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह वहा वह मामल की िरपोटर अनजञापन परािधकारी को कर सकगा और तदपिर अनजञापन परािधकारी भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या यथािस थित मिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अनजञिप तधारी को ऐसा िनदश द सकगा जो वह ठीक समझ और परत यक ऐसा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनजञिप तधारी ऐस िनदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

14 बा रोिगय का उपचारndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार ऐस परत यक व यिक त क उपचार क िलए िजसकी हालत अतरग रोगी क रप म भत की जान लायक नह ह या िजसका उपचार तत समय अतरग रोगी क रप म नह हो रहा ह ऐसी सिवधा की व यवस था भी की जा सकगी जो िविहत की जाए

अध याय 4

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत और िनरोध

भाग 1

स वच छा क आधार पर भत

15 स विच छक रोगी क रप म भत क िलए वयस क ारा अनरोधndashndashऐसा कोई व यिक त (जो अवयस क नह ह) जो स वय को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत होना चाहता ह वह स विच छक रोगी क रप म भत िकए जान क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी स अनरोध कर सकगा

16 परितपाल य की भत क िलए सरकषक ारा अनरोधndashndashजहा िकसी अवयस क का सरकषक ऐस अवयस क को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और ऐस अवयस क को उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत कराना चाहता ह तो वह ऐस अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत करन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को अनरोध कर सकगा

17 स विच छक रोिगय की भत और उनकी बाबत िविनयमndashndash(1) धारा 15 या धारा 16 क अधीन अनरोध की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी चौबीस घट स अनिधक अविध क भीतर ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और यिद उसका समाधान हो जाता ह िक यथािस थित आवदक या अवयस क का मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोगी क रप म उपचार अपिकषत ह तो वह यथािस थित ऐस आवदक या अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत कर सकगा

(2) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया परत यक स विच छक रोगी ऐस िविनयम का पालन करन क िलए आब होगा जो मनिश चिकत सीय अस पाताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनिप तधारी ारा बनाए जाए

18 स विच छक रोिगय की छ ीndashndash(1) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारीndashndash

(क) िकसी स विच छक रोगी ारा और

(ख) यिद वह अवयस क स विच छक रोगी ह तो रोगी क सरकषक ारा इस िनिम अनरोध िकए जान पर उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए और ऐस अनरोध की परािप त क चौबीस घट क भीतर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स रोगी की छ ी कर दगा

7

(2) जहा कोई अवयस क स विच छक रोगी जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाता ह वयस कता पराप त कर लता ह वहा ऐस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी यथाशीघर रोगी को यह सचना दगा िक उसन वयस कता पराप त कर ली ह और यिद ऐसी सचना क एक मास की अविध क भीतर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए उसक ारा आवदन नह िकया जाता ह तो उसकी छ ी कर दी जाएगी और यिद उक त अविध की समािप त स पवर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को कोई अनरोध नह िकया जाता ह तो उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए ऐसी अविध की समािप त पर उसकी छ ी कर दी जाएगी

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) म िकसी बात क होत हए भी जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी स विच छक रोगी की छ ी ऐस स विच छक रोगी क िहत म नह होगी वहा वह उपधारा (1) क अधीन अनरोध की परािप त स बह र घट क भीतर या यिद उपधारा (2) म विणत अविध की समािप त क पवर स विच छक रोगी ारा उपधारा (2) क अधीन कोई अनरोध नह िकया गया ह तो ऐसी समािप त स बह र घट क भीतर एक बोडर गिठत करगा जो दो िचिकत सा अिधकािरय स िमलकर बन और इस बार म उसकी राय मानगा िक क या ऐस स विच छक रोगी को और उपचार की आवश यकता ह और यिद बोडर की यह राय ह िक ऐस स विच छक रोगी को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म और उपचार की आवश यकता ह तो िचिकत सा अिधकारी स विच छक रोगी की छ ी नह करगा िकत उसका उपचार एक समय पर नब ब िदन स अिधक की अविध तक जारी रखगा

भाग 2

िवशष पिरिस थितय म भत

19 कितपय िवशष पिरिस थितय म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत ndashndash(1) ऐसा कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त जो स विच छक रोगी क रप म भत क िलए अपनी इच छा व यक त नह करता या व यक त करन म असमथर ह उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर ारा उस िनिम िकए गए आवदन पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म तभी भत िकया जा सकगा और रखा जा सकगा जब भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह

परत अतरग रोगी क रप म इस परकार भत िकया गया कोई भी व यिक त इस अिधिनयम क अन य उपबध क अनसार ही अिधक स अिधक नब ब िदन की अविध क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अन तरग रोगी क रप म रखा जाएगा अन यथा नह

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म होगा और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा इस आशय क दो िचिकत सा परमाणपतर सलग न िकए जाएग िक ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की दशा ऐसी ह िक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म दख-रख और उपचार क अधीन रखा जाए

परत यिद सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना उिचत ह तो वह ऐस परमाणपतर की अपकषा करन की बजाय उस अस पताल या पिरचयार गह म कायररत दो िचिकत सा व यवसाियय ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की परीकषा करा सकगा

(3) उपधारा (1) क अधीन भत िकया गया कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसका नातदार या िमतर उसकी छ ी क िलए मिजस टरट को आवदन कर सकगा और मिजस टरट उस व यिक त को िजसक कहन पर उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया था सचना दन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ आवदन मजर या खािरज कर सकगा

(4) पव क त उपधारा क उपबध का परितकल परभाव ऐस मिजस टरट की िजसक समकष मानिसक रप स बीमार व यिक त का मामला लाया जाता ह उन शिक तय पर जो उसक ारा इस धारा क अधीन या इस अिधिनयम क िकसी अन य उपबध क अधीन गरहण आदश पािरत करन क िलए परयोक तव य ह तब नह पड़गा जब उस मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक इस अिधिनयम क ससगत उपबध क अनसरण म ऐसा करना आवश यक ह

भाग 3

गरहण-आदश

कndashndashआवदन पर गरहण-आदश

20 गरहण-आदश क िलए आवदनndashndash(1) गरहण-आदश क िलए आवदन िनम निलिखत व यिक त कर सकगा ndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त का पित पत नी या उसका नातदार

8

(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

9

(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

14

परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

17

अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

18

(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 4: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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परत कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह (चाह वह पागलखाना या िकसी अन य नाम स जाना जाता हो) जो इस अिधिनयम क परारभ क ठीक पवर उस रप म अनरिकषत ह अनरिकषत रखा जा सकगा और िनम निलिखत अविध क िलए इस अिधिनयम क अधीन यथािस थित अनजञप त मनिश चकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(क) ऐस परारभ स तीन मास या

(ख) यिद िकसी अनजञिप त क िलए धारा 7 क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

(2) उपधारा (1) की कोई बात कदरीय सरकार या िकसी राज य सरकार ारा स थािपत या अनरिकषत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को लाग न होगी

7 अनजञिप त क िलए आवदनndashndash(1) ऐसा परत यक व यिक त िजसक पास इस अिधिनयम क परारभ क समय कोई ऐसी िविधमान य अनजञिप त ह जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए उस व यिक त को परािधकत करती ह और यिद उक त व यिक त धारा 6 की उपधारा (1) क परतक क खड (क) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण को चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क िलए एक नई अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(2) ऐसा कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क परारभ क पश चात िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण करना चाहता ह जब तक िक उसक पास पहल स ही ऐसी कोई िविधमान य अनजञिप त न हो अनजञिप त दी जान क िलए अनजञापन परािधकारी को आवदन करगा

(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन परत यक आवदन ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ होगा जो िविहत की जाए

8 अनजञिप त दना या उसस इकार करनाndashndashधारा 7 क अधीन आवदन की परािप त पर अनजञापन परािधकारी ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और जहा उसका यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण या इस अिधिनयम क परारभ स पवर स थािपत ऐस िकसी अस पताल या पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना आवश यक ह

(ख) आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म ह और

(ग) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह ऐस िचिकत सा अिधकारी क भारसाधन म होगा जो मनिश चत सीय ह

वहा वह आवदक को िविहत पररप म अनजञिप त दगा और जहा उसका इस परकार समाधान नह हआ ह वहा अनजञापन परािधकारी आदश ारा आवदन की गई अनजञिप त दन स इकार करगा

परत अनजञिप त दन स इकार करन वाला कोई आदश करन स पवर अनजञापन परािधकारी आवदक को सनवाई का यिक तयक त अवसर दगा और अनजञिप त दन स इकार करन वाल परत यक आदश म ऐस इकार िकए जान क कारण उिल लिखत िकए जाएग और उन कारण की सचना आवदक को ऐसी रीित म दी जाएगी जो िविहत की जाए

9 अनजञिप त की अविध और उसका नवीकरणndashndash(1) अनजञिप त अतरणीय या िवरासतीय नह होगी

(2) जहा अनजञिप तधारी िकसी कारणवश इस रप म कायर करन म असमथर ह या जहा अनजञिप तधारी की मत य हो जाती ह वहा यथािस थित अनजञिप तधारी या ऐस अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध िविहत रीित स मामल की िरपोटर तरत अनजञापन परािधकारी को करगा और उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखा जा सकगा और उस यथािस थितndashndash

(क) ऐसी िरपोटर की तारीख स या अनजञिप तधारी की मत य की दशा म उसकी मत य की तारीख स तीन मास की अविध क िलए या

(ख) यिद अनजञिप त क िलए उपधारा (3) क अनसार िकया गया कोई आवदन खड (क) म िविनिदष ट अविध की समािप त पर लिबत ह तो ऐस आवदन क िनपटाए जान तक

अनजञप त मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञप त मनिश चिकत सीय पिरचयार गह समझा जाएगा

(3) यिद उपधारा (2) म िनिदष ट अनजञिप तधारी का िविधक परितिनिध उपधारा (2) म िनिदष ट अविध की समािप त क पश चात मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण चाल रखना चाहता ह तो वह ऐसी अविध की समािप त क कम स कम एक मास पवर यथािस थित ऐस अस पताल या पिरचयार गह क अनरकषण क िलए नई अनजञिप त िदए जान क िलए अनजञापन

5

परािधकारी को आवदन करगा और धारा 8 क उपबध ऐस आवदन क सबध म वस ही लाग ह ग जस व धारा 7 क अधीन िकए गए िकसी आवदन क सबध म लाग होत ह

(4) परत यक अनजञिप त जब तक िक उस धारा 11 क अधीन पहल की परितसहत नह कर िदया जाता िदए जान की तारीख स पाच वषर की अविध क िलए िविधमान य होगी

(5) अनजञिप त का समय-समय पर नवीकरण अनजञापन परािधकारी को ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ जो िविहत की जाए उस िनिम िकए गए आवदन पर िकया जा सकगा और ऐसा परत यक आवदन उस तारीख क कम स कम एक वषर पवर िकया जाएगा िजसको अनजञिप त की िविधमान यता की अविध समाप त होन वाली ह

परत अनजञिप त का नवीकरण करन स तब तक इकार नह िकया जाएगा जब तक अनजञापन परािधकारी का यह समाधान नह हो जाता ह िक ndashndash

(i) अनजञिप तधारी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म नह ह या

(ii) अनजञिप तधारी ऐस िचिकत सा अिधकारी की व यवस था करन की िस थित म नह ह जो ऐसा मनिश चिकत सक हो िक वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भार गरहण कर सक या

(iii) अनजञिप तधारी न इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम क िकन ह उपबध का उल लघन िकया ह

10 िविहत शत क अनसार मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जानाndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी रीित स और ऐसी शत क अधीन रहत हए िकया जाएगा जो िविहत की जाए

11 अनजञिप त का परितसहरणndashndash(1) यिद अनजञापन परािधकारी का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को अनजञिप तधारी क ारा इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िनयम क उपबध क अनसार अनरिकषत नह िकया जा रहा ह या

(ख) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी िगित म िकया जा रहा ह जो उसक अतरग रोिगय की नितक मानिसक या शारीिरक सख-सिवधा क िलए अिहतकर ह

तो वह ऐसी िकसी अन य शािस त पर जो अनिजञप धारी पर अिधरोिपत की जा सकती ह परितकल परभाव डाल िबना िलिखत आदश ारा अनजञिप त को परितसहत कर सकगी

परत ऐसा कोई आदश अनजञिप तधारी को सनवाई का यिक तयक त अवसर िदए िबना नह िकया जाएगा और परत यक ऐस आदश म अनजञिप त क परितसहरण क आधार उिल लिखत िकए जाएग और उन आधार की सचना अनजञिप तधारी को ऐसी रीित स दी जाएगी जो िविहत की जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए परत यक आदश म यह िनदश होगा िक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोिगय को ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म स थानातिरत िकया जाएगा जो उस आदश म िविनिदष ट िकया जाए और उसम ऐसा स थानातरण होन तक ऐस अतरग रोिगय की दख-रख और अिभरकषा क बार म उपबध (िजसक अतगरत िनदश क रप म उपबध भी ह) भी ह ग

(3) उपधारा (1) क अधीन िकया गया परत यक आदशndashndash

(क) जहा धारा 12 क अधीन ऐस आदश क िवर कोई अपील नही की गई ह वहा ऐसी अपील क िलए िविहत अविध क समाप त होत ही परभावी होगा और

(ख) जहा ऐसी अपील की गई ह और वह खािरज कर दी गई वहा ऐस खािरजी आदश की तारीख स परभावी होगा

12 अपीलndashndash(1) अनजञापन परािधकारी क ऐस आदश स िजसस अनजञिप त दन या अनजञिप त का नवीकरण करन स इकार िकया गया ह या अनजञिप त को परितसहत िकया गया ह व यिथत कोई व यिक त राज य सरकार को ऐसी रीित स और ऐसी कालाविध क भीतर जो िविहत की जाए अपील कर सकगी

परत राज य सरकार िविहत कालाविध क अवसान क पश चात की गई अपील को भी गरहण कर सकगी यिद उसका यह समाधान हो जाता ह िक अपीलाथ समय पर अपील करन स पयारप त हतक स िनवािरत हो गया था

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक अपील ऐस पररप म होगी और उसक साथ ऐसी फीस होगी जो िविहत की जाए

6

13 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का िनरीकषण और रोिगय को दखनाndashndash(1) िनरीकषक अिधकारी िकसी भी समय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश कर सकगा और उसका िनरीकषण कर सकगा ओर िनरीकषण क िलए ऐस अिभलख क पश िकए जान की अपकषा कर सकगा जो इस िनिम बनाए गए िनयम क अनसार रख जान क िलए अपिकषत ह

परन त इस परकार िनरीकषण िकए गए रोगी क वयिक तक अिभलख उपधारा (3) क परयोजन क िसवाय गोपनीय रख जाएग

(2) िनरीकषक अिधकारी ऐस रोगी स िजसका उसम उपचार और दख-रख हो रही हndashndash

(क) उपचार और दख-रख क बार म ऐस रोगी ारा या उसकी ओर स की गई िकसी िशकायत की जाच करन क परयोजन क िलए या

(ख) िकसी भी दशा म िजसम िनरीकषक अिधकारी क पास यह िवश वास करन का कारण ह िक िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह

एकात म पछताछ कर सकगा

(3) जहा िनरीकषक अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह वहा वह मामल की िरपोटर अनजञापन परािधकारी को कर सकगा और तदपिर अनजञापन परािधकारी भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या यथािस थित मिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अनजञिप तधारी को ऐसा िनदश द सकगा जो वह ठीक समझ और परत यक ऐसा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनजञिप तधारी ऐस िनदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

14 बा रोिगय का उपचारndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार ऐस परत यक व यिक त क उपचार क िलए िजसकी हालत अतरग रोगी क रप म भत की जान लायक नह ह या िजसका उपचार तत समय अतरग रोगी क रप म नह हो रहा ह ऐसी सिवधा की व यवस था भी की जा सकगी जो िविहत की जाए

अध याय 4

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत और िनरोध

भाग 1

स वच छा क आधार पर भत

15 स विच छक रोगी क रप म भत क िलए वयस क ारा अनरोधndashndashऐसा कोई व यिक त (जो अवयस क नह ह) जो स वय को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत होना चाहता ह वह स विच छक रोगी क रप म भत िकए जान क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी स अनरोध कर सकगा

16 परितपाल य की भत क िलए सरकषक ारा अनरोधndashndashजहा िकसी अवयस क का सरकषक ऐस अवयस क को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और ऐस अवयस क को उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत कराना चाहता ह तो वह ऐस अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत करन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को अनरोध कर सकगा

17 स विच छक रोिगय की भत और उनकी बाबत िविनयमndashndash(1) धारा 15 या धारा 16 क अधीन अनरोध की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी चौबीस घट स अनिधक अविध क भीतर ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और यिद उसका समाधान हो जाता ह िक यथािस थित आवदक या अवयस क का मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोगी क रप म उपचार अपिकषत ह तो वह यथािस थित ऐस आवदक या अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत कर सकगा

(2) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया परत यक स विच छक रोगी ऐस िविनयम का पालन करन क िलए आब होगा जो मनिश चिकत सीय अस पाताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनिप तधारी ारा बनाए जाए

18 स विच छक रोिगय की छ ीndashndash(1) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारीndashndash

(क) िकसी स विच छक रोगी ारा और

(ख) यिद वह अवयस क स विच छक रोगी ह तो रोगी क सरकषक ारा इस िनिम अनरोध िकए जान पर उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए और ऐस अनरोध की परािप त क चौबीस घट क भीतर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स रोगी की छ ी कर दगा

7

(2) जहा कोई अवयस क स विच छक रोगी जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाता ह वयस कता पराप त कर लता ह वहा ऐस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी यथाशीघर रोगी को यह सचना दगा िक उसन वयस कता पराप त कर ली ह और यिद ऐसी सचना क एक मास की अविध क भीतर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए उसक ारा आवदन नह िकया जाता ह तो उसकी छ ी कर दी जाएगी और यिद उक त अविध की समािप त स पवर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को कोई अनरोध नह िकया जाता ह तो उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए ऐसी अविध की समािप त पर उसकी छ ी कर दी जाएगी

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) म िकसी बात क होत हए भी जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी स विच छक रोगी की छ ी ऐस स विच छक रोगी क िहत म नह होगी वहा वह उपधारा (1) क अधीन अनरोध की परािप त स बह र घट क भीतर या यिद उपधारा (2) म विणत अविध की समािप त क पवर स विच छक रोगी ारा उपधारा (2) क अधीन कोई अनरोध नह िकया गया ह तो ऐसी समािप त स बह र घट क भीतर एक बोडर गिठत करगा जो दो िचिकत सा अिधकािरय स िमलकर बन और इस बार म उसकी राय मानगा िक क या ऐस स विच छक रोगी को और उपचार की आवश यकता ह और यिद बोडर की यह राय ह िक ऐस स विच छक रोगी को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म और उपचार की आवश यकता ह तो िचिकत सा अिधकारी स विच छक रोगी की छ ी नह करगा िकत उसका उपचार एक समय पर नब ब िदन स अिधक की अविध तक जारी रखगा

भाग 2

िवशष पिरिस थितय म भत

19 कितपय िवशष पिरिस थितय म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत ndashndash(1) ऐसा कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त जो स विच छक रोगी क रप म भत क िलए अपनी इच छा व यक त नह करता या व यक त करन म असमथर ह उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर ारा उस िनिम िकए गए आवदन पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म तभी भत िकया जा सकगा और रखा जा सकगा जब भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह

परत अतरग रोगी क रप म इस परकार भत िकया गया कोई भी व यिक त इस अिधिनयम क अन य उपबध क अनसार ही अिधक स अिधक नब ब िदन की अविध क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अन तरग रोगी क रप म रखा जाएगा अन यथा नह

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म होगा और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा इस आशय क दो िचिकत सा परमाणपतर सलग न िकए जाएग िक ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की दशा ऐसी ह िक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म दख-रख और उपचार क अधीन रखा जाए

परत यिद सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना उिचत ह तो वह ऐस परमाणपतर की अपकषा करन की बजाय उस अस पताल या पिरचयार गह म कायररत दो िचिकत सा व यवसाियय ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की परीकषा करा सकगा

(3) उपधारा (1) क अधीन भत िकया गया कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसका नातदार या िमतर उसकी छ ी क िलए मिजस टरट को आवदन कर सकगा और मिजस टरट उस व यिक त को िजसक कहन पर उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया था सचना दन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ आवदन मजर या खािरज कर सकगा

(4) पव क त उपधारा क उपबध का परितकल परभाव ऐस मिजस टरट की िजसक समकष मानिसक रप स बीमार व यिक त का मामला लाया जाता ह उन शिक तय पर जो उसक ारा इस धारा क अधीन या इस अिधिनयम क िकसी अन य उपबध क अधीन गरहण आदश पािरत करन क िलए परयोक तव य ह तब नह पड़गा जब उस मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक इस अिधिनयम क ससगत उपबध क अनसरण म ऐसा करना आवश यक ह

भाग 3

गरहण-आदश

कndashndashआवदन पर गरहण-आदश

20 गरहण-आदश क िलए आवदनndashndash(1) गरहण-आदश क िलए आवदन िनम निलिखत व यिक त कर सकगा ndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त का पित पत नी या उसका नातदार

8

(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

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(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

13

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

14

परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 5: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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परािधकारी को आवदन करगा और धारा 8 क उपबध ऐस आवदन क सबध म वस ही लाग ह ग जस व धारा 7 क अधीन िकए गए िकसी आवदन क सबध म लाग होत ह

(4) परत यक अनजञिप त जब तक िक उस धारा 11 क अधीन पहल की परितसहत नह कर िदया जाता िदए जान की तारीख स पाच वषर की अविध क िलए िविधमान य होगी

(5) अनजञिप त का समय-समय पर नवीकरण अनजञापन परािधकारी को ऐस पररप म और ऐसी फीस क साथ जो िविहत की जाए उस िनिम िकए गए आवदन पर िकया जा सकगा और ऐसा परत यक आवदन उस तारीख क कम स कम एक वषर पवर िकया जाएगा िजसको अनजञिप त की िविधमान यता की अविध समाप त होन वाली ह

परत अनजञिप त का नवीकरण करन स तब तक इकार नह िकया जाएगा जब तक अनजञापन परािधकारी का यह समाधान नह हो जाता ह िक ndashndash

(i) अनजञिप तधारी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत उपचार और दख-रख क िलए िविहत न यनतम सिवधाए परदान करन की िस थित म नह ह या

(ii) अनजञिप तधारी ऐस िचिकत सा अिधकारी की व यवस था करन की िस थित म नह ह जो ऐसा मनिश चिकत सक हो िक वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भार गरहण कर सक या

(iii) अनजञिप तधारी न इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम क िकन ह उपबध का उल लघन िकया ह

10 िविहत शत क अनसार मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जानाndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी रीित स और ऐसी शत क अधीन रहत हए िकया जाएगा जो िविहत की जाए

11 अनजञिप त का परितसहरणndashndash(1) यिद अनजञापन परािधकारी का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह को अनजञिप तधारी क ारा इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िनयम क उपबध क अनसार अनरिकषत नह िकया जा रहा ह या

(ख) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण ऐसी िगित म िकया जा रहा ह जो उसक अतरग रोिगय की नितक मानिसक या शारीिरक सख-सिवधा क िलए अिहतकर ह

तो वह ऐसी िकसी अन य शािस त पर जो अनिजञप धारी पर अिधरोिपत की जा सकती ह परितकल परभाव डाल िबना िलिखत आदश ारा अनजञिप त को परितसहत कर सकगी

परत ऐसा कोई आदश अनजञिप तधारी को सनवाई का यिक तयक त अवसर िदए िबना नह िकया जाएगा और परत यक ऐस आदश म अनजञिप त क परितसहरण क आधार उिल लिखत िकए जाएग और उन आधार की सचना अनजञिप तधारी को ऐसी रीित स दी जाएगी जो िविहत की जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए परत यक आदश म यह िनदश होगा िक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोिगय को ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म स थानातिरत िकया जाएगा जो उस आदश म िविनिदष ट िकया जाए और उसम ऐसा स थानातरण होन तक ऐस अतरग रोिगय की दख-रख और अिभरकषा क बार म उपबध (िजसक अतगरत िनदश क रप म उपबध भी ह) भी ह ग

(3) उपधारा (1) क अधीन िकया गया परत यक आदशndashndash

(क) जहा धारा 12 क अधीन ऐस आदश क िवर कोई अपील नही की गई ह वहा ऐसी अपील क िलए िविहत अविध क समाप त होत ही परभावी होगा और

(ख) जहा ऐसी अपील की गई ह और वह खािरज कर दी गई वहा ऐस खािरजी आदश की तारीख स परभावी होगा

12 अपीलndashndash(1) अनजञापन परािधकारी क ऐस आदश स िजसस अनजञिप त दन या अनजञिप त का नवीकरण करन स इकार िकया गया ह या अनजञिप त को परितसहत िकया गया ह व यिथत कोई व यिक त राज य सरकार को ऐसी रीित स और ऐसी कालाविध क भीतर जो िविहत की जाए अपील कर सकगी

परत राज य सरकार िविहत कालाविध क अवसान क पश चात की गई अपील को भी गरहण कर सकगी यिद उसका यह समाधान हो जाता ह िक अपीलाथ समय पर अपील करन स पयारप त हतक स िनवािरत हो गया था

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक अपील ऐस पररप म होगी और उसक साथ ऐसी फीस होगी जो िविहत की जाए

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13 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का िनरीकषण और रोिगय को दखनाndashndash(1) िनरीकषक अिधकारी िकसी भी समय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश कर सकगा और उसका िनरीकषण कर सकगा ओर िनरीकषण क िलए ऐस अिभलख क पश िकए जान की अपकषा कर सकगा जो इस िनिम बनाए गए िनयम क अनसार रख जान क िलए अपिकषत ह

परन त इस परकार िनरीकषण िकए गए रोगी क वयिक तक अिभलख उपधारा (3) क परयोजन क िसवाय गोपनीय रख जाएग

(2) िनरीकषक अिधकारी ऐस रोगी स िजसका उसम उपचार और दख-रख हो रही हndashndash

(क) उपचार और दख-रख क बार म ऐस रोगी ारा या उसकी ओर स की गई िकसी िशकायत की जाच करन क परयोजन क िलए या

(ख) िकसी भी दशा म िजसम िनरीकषक अिधकारी क पास यह िवश वास करन का कारण ह िक िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह

एकात म पछताछ कर सकगा

(3) जहा िनरीकषक अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह वहा वह मामल की िरपोटर अनजञापन परािधकारी को कर सकगा और तदपिर अनजञापन परािधकारी भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या यथािस थित मिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अनजञिप तधारी को ऐसा िनदश द सकगा जो वह ठीक समझ और परत यक ऐसा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनजञिप तधारी ऐस िनदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

14 बा रोिगय का उपचारndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार ऐस परत यक व यिक त क उपचार क िलए िजसकी हालत अतरग रोगी क रप म भत की जान लायक नह ह या िजसका उपचार तत समय अतरग रोगी क रप म नह हो रहा ह ऐसी सिवधा की व यवस था भी की जा सकगी जो िविहत की जाए

अध याय 4

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत और िनरोध

भाग 1

स वच छा क आधार पर भत

15 स विच छक रोगी क रप म भत क िलए वयस क ारा अनरोधndashndashऐसा कोई व यिक त (जो अवयस क नह ह) जो स वय को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत होना चाहता ह वह स विच छक रोगी क रप म भत िकए जान क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी स अनरोध कर सकगा

16 परितपाल य की भत क िलए सरकषक ारा अनरोधndashndashजहा िकसी अवयस क का सरकषक ऐस अवयस क को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और ऐस अवयस क को उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत कराना चाहता ह तो वह ऐस अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत करन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को अनरोध कर सकगा

17 स विच छक रोिगय की भत और उनकी बाबत िविनयमndashndash(1) धारा 15 या धारा 16 क अधीन अनरोध की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी चौबीस घट स अनिधक अविध क भीतर ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और यिद उसका समाधान हो जाता ह िक यथािस थित आवदक या अवयस क का मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोगी क रप म उपचार अपिकषत ह तो वह यथािस थित ऐस आवदक या अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत कर सकगा

(2) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया परत यक स विच छक रोगी ऐस िविनयम का पालन करन क िलए आब होगा जो मनिश चिकत सीय अस पाताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनिप तधारी ारा बनाए जाए

18 स विच छक रोिगय की छ ीndashndash(1) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारीndashndash

(क) िकसी स विच छक रोगी ारा और

(ख) यिद वह अवयस क स विच छक रोगी ह तो रोगी क सरकषक ारा इस िनिम अनरोध िकए जान पर उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए और ऐस अनरोध की परािप त क चौबीस घट क भीतर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स रोगी की छ ी कर दगा

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(2) जहा कोई अवयस क स विच छक रोगी जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाता ह वयस कता पराप त कर लता ह वहा ऐस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी यथाशीघर रोगी को यह सचना दगा िक उसन वयस कता पराप त कर ली ह और यिद ऐसी सचना क एक मास की अविध क भीतर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए उसक ारा आवदन नह िकया जाता ह तो उसकी छ ी कर दी जाएगी और यिद उक त अविध की समािप त स पवर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को कोई अनरोध नह िकया जाता ह तो उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए ऐसी अविध की समािप त पर उसकी छ ी कर दी जाएगी

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) म िकसी बात क होत हए भी जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी स विच छक रोगी की छ ी ऐस स विच छक रोगी क िहत म नह होगी वहा वह उपधारा (1) क अधीन अनरोध की परािप त स बह र घट क भीतर या यिद उपधारा (2) म विणत अविध की समािप त क पवर स विच छक रोगी ारा उपधारा (2) क अधीन कोई अनरोध नह िकया गया ह तो ऐसी समािप त स बह र घट क भीतर एक बोडर गिठत करगा जो दो िचिकत सा अिधकािरय स िमलकर बन और इस बार म उसकी राय मानगा िक क या ऐस स विच छक रोगी को और उपचार की आवश यकता ह और यिद बोडर की यह राय ह िक ऐस स विच छक रोगी को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म और उपचार की आवश यकता ह तो िचिकत सा अिधकारी स विच छक रोगी की छ ी नह करगा िकत उसका उपचार एक समय पर नब ब िदन स अिधक की अविध तक जारी रखगा

भाग 2

िवशष पिरिस थितय म भत

19 कितपय िवशष पिरिस थितय म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत ndashndash(1) ऐसा कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त जो स विच छक रोगी क रप म भत क िलए अपनी इच छा व यक त नह करता या व यक त करन म असमथर ह उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर ारा उस िनिम िकए गए आवदन पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म तभी भत िकया जा सकगा और रखा जा सकगा जब भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह

परत अतरग रोगी क रप म इस परकार भत िकया गया कोई भी व यिक त इस अिधिनयम क अन य उपबध क अनसार ही अिधक स अिधक नब ब िदन की अविध क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अन तरग रोगी क रप म रखा जाएगा अन यथा नह

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म होगा और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा इस आशय क दो िचिकत सा परमाणपतर सलग न िकए जाएग िक ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की दशा ऐसी ह िक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म दख-रख और उपचार क अधीन रखा जाए

परत यिद सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना उिचत ह तो वह ऐस परमाणपतर की अपकषा करन की बजाय उस अस पताल या पिरचयार गह म कायररत दो िचिकत सा व यवसाियय ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की परीकषा करा सकगा

(3) उपधारा (1) क अधीन भत िकया गया कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसका नातदार या िमतर उसकी छ ी क िलए मिजस टरट को आवदन कर सकगा और मिजस टरट उस व यिक त को िजसक कहन पर उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया था सचना दन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ आवदन मजर या खािरज कर सकगा

(4) पव क त उपधारा क उपबध का परितकल परभाव ऐस मिजस टरट की िजसक समकष मानिसक रप स बीमार व यिक त का मामला लाया जाता ह उन शिक तय पर जो उसक ारा इस धारा क अधीन या इस अिधिनयम क िकसी अन य उपबध क अधीन गरहण आदश पािरत करन क िलए परयोक तव य ह तब नह पड़गा जब उस मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक इस अिधिनयम क ससगत उपबध क अनसरण म ऐसा करना आवश यक ह

भाग 3

गरहण-आदश

कndashndashआवदन पर गरहण-आदश

20 गरहण-आदश क िलए आवदनndashndash(1) गरहण-आदश क िलए आवदन िनम निलिखत व यिक त कर सकगा ndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त का पित पत नी या उसका नातदार

8

(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

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(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

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(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

25

(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

26

परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 6: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

6

13 मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का िनरीकषण और रोिगय को दखनाndashndash(1) िनरीकषक अिधकारी िकसी भी समय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश कर सकगा और उसका िनरीकषण कर सकगा ओर िनरीकषण क िलए ऐस अिभलख क पश िकए जान की अपकषा कर सकगा जो इस िनिम बनाए गए िनयम क अनसार रख जान क िलए अपिकषत ह

परन त इस परकार िनरीकषण िकए गए रोगी क वयिक तक अिभलख उपधारा (3) क परयोजन क िसवाय गोपनीय रख जाएग

(2) िनरीकषक अिधकारी ऐस रोगी स िजसका उसम उपचार और दख-रख हो रही हndashndash

(क) उपचार और दख-रख क बार म ऐस रोगी ारा या उसकी ओर स की गई िकसी िशकायत की जाच करन क परयोजन क िलए या

(ख) िकसी भी दशा म िजसम िनरीकषक अिधकारी क पास यह िवश वास करन का कारण ह िक िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह

एकात म पछताछ कर सकगा

(3) जहा िनरीकषक अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िकसी अतरग रोगी का समिचत उपचार और दख-रख नह हो रही ह वहा वह मामल की िरपोटर अनजञापन परािधकारी को कर सकगा और तदपिर अनजञापन परािधकारी भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या यथािस थित मिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अनजञिप तधारी को ऐसा िनदश द सकगा जो वह ठीक समझ और परत यक ऐसा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनजञिप तधारी ऐस िनदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

14 बा रोिगय का उपचारndashndashपरत यक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार ऐस परत यक व यिक त क उपचार क िलए िजसकी हालत अतरग रोगी क रप म भत की जान लायक नह ह या िजसका उपचार तत समय अतरग रोगी क रप म नह हो रहा ह ऐसी सिवधा की व यवस था भी की जा सकगी जो िविहत की जाए

अध याय 4

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत और िनरोध

भाग 1

स वच छा क आधार पर भत

15 स विच छक रोगी क रप म भत क िलए वयस क ारा अनरोधndashndashऐसा कोई व यिक त (जो अवयस क नह ह) जो स वय को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत होना चाहता ह वह स विच छक रोगी क रप म भत िकए जान क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी स अनरोध कर सकगा

16 परितपाल य की भत क िलए सरकषक ारा अनरोधndashndashजहा िकसी अवयस क का सरकषक ऐस अवयस क को मानिसक रप स बीमार व यिक त समझता ह और ऐस अवयस क को उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत कराना चाहता ह तो वह ऐस अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत करन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को अनरोध कर सकगा

17 स विच छक रोिगय की भत और उनकी बाबत िविनयमndashndash(1) धारा 15 या धारा 16 क अधीन अनरोध की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी चौबीस घट स अनिधक अविध क भीतर ऐसी जाच करगा जो वह ठीक समझ और यिद उसका समाधान हो जाता ह िक यथािस थित आवदक या अवयस क का मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क अतरग रोगी क रप म उपचार अपिकषत ह तो वह यथािस थित ऐस आवदक या अवयस क को स विच छक रोगी क रप म भत कर सकगा

(2) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया परत यक स विच छक रोगी ऐस िविनयम का पालन करन क िलए आब होगा जो मनिश चिकत सीय अस पाताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या अनिप तधारी ारा बनाए जाए

18 स विच छक रोिगय की छ ीndashndash(1) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारीndashndash

(क) िकसी स विच छक रोगी ारा और

(ख) यिद वह अवयस क स विच छक रोगी ह तो रोगी क सरकषक ारा इस िनिम अनरोध िकए जान पर उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए और ऐस अनरोध की परािप त क चौबीस घट क भीतर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स रोगी की छ ी कर दगा

7

(2) जहा कोई अवयस क स विच छक रोगी जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाता ह वयस कता पराप त कर लता ह वहा ऐस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी यथाशीघर रोगी को यह सचना दगा िक उसन वयस कता पराप त कर ली ह और यिद ऐसी सचना क एक मास की अविध क भीतर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए उसक ारा आवदन नह िकया जाता ह तो उसकी छ ी कर दी जाएगी और यिद उक त अविध की समािप त स पवर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को कोई अनरोध नह िकया जाता ह तो उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए ऐसी अविध की समािप त पर उसकी छ ी कर दी जाएगी

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) म िकसी बात क होत हए भी जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी स विच छक रोगी की छ ी ऐस स विच छक रोगी क िहत म नह होगी वहा वह उपधारा (1) क अधीन अनरोध की परािप त स बह र घट क भीतर या यिद उपधारा (2) म विणत अविध की समािप त क पवर स विच छक रोगी ारा उपधारा (2) क अधीन कोई अनरोध नह िकया गया ह तो ऐसी समािप त स बह र घट क भीतर एक बोडर गिठत करगा जो दो िचिकत सा अिधकािरय स िमलकर बन और इस बार म उसकी राय मानगा िक क या ऐस स विच छक रोगी को और उपचार की आवश यकता ह और यिद बोडर की यह राय ह िक ऐस स विच छक रोगी को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म और उपचार की आवश यकता ह तो िचिकत सा अिधकारी स विच छक रोगी की छ ी नह करगा िकत उसका उपचार एक समय पर नब ब िदन स अिधक की अविध तक जारी रखगा

भाग 2

िवशष पिरिस थितय म भत

19 कितपय िवशष पिरिस थितय म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत ndashndash(1) ऐसा कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त जो स विच छक रोगी क रप म भत क िलए अपनी इच छा व यक त नह करता या व यक त करन म असमथर ह उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर ारा उस िनिम िकए गए आवदन पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म तभी भत िकया जा सकगा और रखा जा सकगा जब भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह

परत अतरग रोगी क रप म इस परकार भत िकया गया कोई भी व यिक त इस अिधिनयम क अन य उपबध क अनसार ही अिधक स अिधक नब ब िदन की अविध क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अन तरग रोगी क रप म रखा जाएगा अन यथा नह

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म होगा और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा इस आशय क दो िचिकत सा परमाणपतर सलग न िकए जाएग िक ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की दशा ऐसी ह िक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म दख-रख और उपचार क अधीन रखा जाए

परत यिद सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना उिचत ह तो वह ऐस परमाणपतर की अपकषा करन की बजाय उस अस पताल या पिरचयार गह म कायररत दो िचिकत सा व यवसाियय ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की परीकषा करा सकगा

(3) उपधारा (1) क अधीन भत िकया गया कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसका नातदार या िमतर उसकी छ ी क िलए मिजस टरट को आवदन कर सकगा और मिजस टरट उस व यिक त को िजसक कहन पर उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया था सचना दन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ आवदन मजर या खािरज कर सकगा

(4) पव क त उपधारा क उपबध का परितकल परभाव ऐस मिजस टरट की िजसक समकष मानिसक रप स बीमार व यिक त का मामला लाया जाता ह उन शिक तय पर जो उसक ारा इस धारा क अधीन या इस अिधिनयम क िकसी अन य उपबध क अधीन गरहण आदश पािरत करन क िलए परयोक तव य ह तब नह पड़गा जब उस मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक इस अिधिनयम क ससगत उपबध क अनसरण म ऐसा करना आवश यक ह

भाग 3

गरहण-आदश

कndashndashआवदन पर गरहण-आदश

20 गरहण-आदश क िलए आवदनndashndash(1) गरहण-आदश क िलए आवदन िनम निलिखत व यिक त कर सकगा ndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त का पित पत नी या उसका नातदार

8

(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

9

(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

14

परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

17

अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 7: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

7

(2) जहा कोई अवयस क स विच छक रोगी जो िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाता ह वयस कता पराप त कर लता ह वहा ऐस अस पताल या पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी यथाशीघर रोगी को यह सचना दगा िक उसन वयस कता पराप त कर ली ह और यिद ऐसी सचना क एक मास की अविध क भीतर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए उसक ारा आवदन नह िकया जाता ह तो उसकी छ ी कर दी जाएगी और यिद उक त अविध की समािप त स पवर अतरग रोगी क रप म उसक बन रहन क िलए भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को कोई अनरोध नह िकया जाता ह तो उपधारा (3) क उपबध क अधीन रहत हए ऐसी अविध की समािप त पर उसकी छ ी कर दी जाएगी

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) म िकसी बात क होत हए भी जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन िकसी स विच छक रोगी की छ ी ऐस स विच छक रोगी क िहत म नह होगी वहा वह उपधारा (1) क अधीन अनरोध की परािप त स बह र घट क भीतर या यिद उपधारा (2) म विणत अविध की समािप त क पवर स विच छक रोगी ारा उपधारा (2) क अधीन कोई अनरोध नह िकया गया ह तो ऐसी समािप त स बह र घट क भीतर एक बोडर गिठत करगा जो दो िचिकत सा अिधकािरय स िमलकर बन और इस बार म उसकी राय मानगा िक क या ऐस स विच छक रोगी को और उपचार की आवश यकता ह और यिद बोडर की यह राय ह िक ऐस स विच छक रोगी को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म और उपचार की आवश यकता ह तो िचिकत सा अिधकारी स विच छक रोगी की छ ी नह करगा िकत उसका उपचार एक समय पर नब ब िदन स अिधक की अविध तक जारी रखगा

भाग 2

िवशष पिरिस थितय म भत

19 कितपय िवशष पिरिस थितय म मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत ndashndash(1) ऐसा कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त जो स विच छक रोगी क रप म भत क िलए अपनी इच छा व यक त नह करता या व यक त करन म असमथर ह उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर ारा उस िनिम िकए गए आवदन पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म तभी भत िकया जा सकगा और रखा जा सकगा जब भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह

परत अतरग रोगी क रप म इस परकार भत िकया गया कोई भी व यिक त इस अिधिनयम क अन य उपबध क अनसार ही अिधक स अिधक नब ब िदन की अविध क िलए मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अन तरग रोगी क रप म रखा जाएगा अन यथा नह

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म होगा और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा इस आशय क दो िचिकत सा परमाणपतर सलग न िकए जाएग िक ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की दशा ऐसी ह िक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म दख-रख और उपचार क अधीन रखा जाए

परत यिद सबिधत मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना उिचत ह तो वह ऐस परमाणपतर की अपकषा करन की बजाय उस अस पताल या पिरचयार गह म कायररत दो िचिकत सा व यवसाियय ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की परीकषा करा सकगा

(3) उपधारा (1) क अधीन भत िकया गया कोई मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसका नातदार या िमतर उसकी छ ी क िलए मिजस टरट को आवदन कर सकगा और मिजस टरट उस व यिक त को िजसक कहन पर उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया था सचना दन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ आवदन मजर या खािरज कर सकगा

(4) पव क त उपधारा क उपबध का परितकल परभाव ऐस मिजस टरट की िजसक समकष मानिसक रप स बीमार व यिक त का मामला लाया जाता ह उन शिक तय पर जो उसक ारा इस धारा क अधीन या इस अिधिनयम क िकसी अन य उपबध क अधीन गरहण आदश पािरत करन क िलए परयोक तव य ह तब नह पड़गा जब उस मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक इस अिधिनयम क ससगत उपबध क अनसरण म ऐसा करना आवश यक ह

भाग 3

गरहण-आदश

कndashndashआवदन पर गरहण-आदश

20 गरहण-आदश क िलए आवदनndashndash(1) गरहण-आदश क िलए आवदन िनम निलिखत व यिक त कर सकगा ndashndash

(क) मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त का पित पत नी या उसका नातदार

8

(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

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(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

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(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

17

अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

19

मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 8: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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(2) जहा िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त का उपचार अस थायी उपचार आदश क अधीन हो रहा ह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक ndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसका उपचार छह मास स अिधक क िलए करत रहना आवश यक ह या

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय की सरकषा क िहत म यह आवश यक ह िक ऐस व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर रखा जाए वहा वह उस मिजस टरट को िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर यथािस थितमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह यथािस थित ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का गरहण-आदश क अधीन िनरोध िकए जान क िलए आवदन कर सकगा

(3) उपधारा (5) क उपबध क अधीन रहत हए ऐस व यिक त का िजनक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी या जब कोई पित या पत नी नह ह या जब पित या पत नी िकसी बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा आवदन करन स िनवािरत हो जाती ह तो ऐस व यिक त का कोई अन य नातदार उस मिजस टरट क समकष िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर उक त व यिक त सामान यत िनवास करता ह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म गरहण आदश क अधीन उस व यिक त क िनरोध क िलए िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदन कर सकगा

(4) जहा ऐस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह पित या पत नी आवदक नह ह वहा आवदन म पित या पत नी ारा आवदन न िकए जान क कारण का उल लख िकया जाएगा और उसम उस व यिक त स िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह आवदक की नातदारी का और आवदन करन की पिरिस थितय का भी उल लख िकया जाएगा

(5) कोई भी व यिक त ndashndash

(1) जो अवयस क ह या

(2) िजसन आवदन करन की तारीख स पवर चौदह िदन क भीतर उस व यिक त को नह दखा ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

इस धारा क अधीन आवदन नह करगा

(6) उपधारा (3) क अधीन परत यक आवदन िविहत पररप म िकया जाएगा और िविहत रीित स हस ताकषिरत और सत यािपत िकया जाएगा और उसम यह कथन िकया जाएगा िक क या उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक दशा की जाच क िलए कोई आवदन पहल िकया गया ह या नह और उसक साथ दो िचिकत सा व यवसाियय क िजनम स एक िचिकत सा व यवसायी सरकार की सवा म होगा िचिकत सीय परमाणपतर सलग न िकए जाएग

21 िचिकत सा परमाणपतर का पररप और िवषयवस तndashndashधारा 20 की उपधारा (6) म िविनिदष ट परत यक िचिकत सा परमाणपतर म यह कथन होगा िकndashndash

(क) उस उपधारा म िनिदष ट परत यक िचिकत सा व यवसायी न स वततर रप स उस व यिक त की परीकषा कर ली ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और अपन स वय क सपरकषण तथा उसको ससिचत की गई िविशिष टय क आधार पर अपनी राय बना ली ह और

(ख) ऐस परत यक िचिकत सा व यवसायी की राय म वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसको िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर करना आवश यक ह और ऐसा िनरोध उस व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म आवश यक ह

22 गरहण-आदश क िलए आवदन क सबध म परिकरयाndashndash(1) धारा 20 की उपधारा (2) क अधीन आवदन की परािप त पर यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िकndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त इस परकार क और इस हद तक मानिसक िवकार स गरस त ह िक उसक उपचार क िलए िकसी मनिश चिकत सीय अस तपाल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उसको िनर करना आवश यक ह या

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसकी वयिक तक सरकषा या अन य व यिक तय क सरकषण क िहत म यह आवश यक ह िक उस ऐस िनर िकया जाए और मामल की पिरिस थितय म अस थायी उपचार आदश पयारप त नह होगा तथा गरहण-आदश िकया जाना आवश यक ह

तो वह गरहण-आदश कर सकगा

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(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

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(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

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ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 9: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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(2) धारा 20 की उपधारा (3) क अधीन आवदन की परािप त पर मिजस टरट आवदन म िकए गए कथन पर और उस मानिसक बीमारी क सा य पर िवचार करगा जो िचिकत सा परमाणपतर स परकट होती ह

(3) यिद मिजस टरट यह समझता ह िक आग कायरवाही करन क िलए पयारप त आधार ह तो वह स वय उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह परीकषा करगा जब तक िक वह ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह नह समझता ह िक ऐसा करना आवश यक या समीचीन नह ह

(4) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक गरहण-आदश उिचत रप स तरत िकया जा सकता ह तो वह ऐसा आदश कर सकगा और यिद मिजस टरट का ऐसा समाधान नह होता ह तो वह आवदन पर आग िवचार क िलए तारीख िनयत करगा और उस व यिक त क सबध म िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी जाच कर सकगा जो वह ठीक समझ

(5) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख की सचना आवदक को और िकसी अन य व यिक त को दी जाएगी िजसको मिजस टरट की राय म ऐसी सचना दी जानी चािहए

(6) यिद मिजस टरट उपधारा (4) क अधीन आवदन पर आग िवचार करन क िलए तारीख िनयत करता ह तो वह आवदन का िनपटारा होन तक उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह समिचत दख-रख और अिभरकषा क िलए ऐसा आदश कर सकगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (4) क अधीन िनयत तारीख को या ऐसी आग की तारीख को जो मिजस टरट ारा िनयत की जाए वह बद कमर म िनम निलिखत व यिक तय की उपिस थित मआवदन पर िवचार करगा

(i) आवदक

(ii) वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह (जब तक िक मिजस टरट स विववकानसार अन यथा िनदश न द)

(iii) वह व यिक त िजसको वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह अपना परितिनिधत व करन क िलए िनयक त कर और

(vi) ऐसा अन य व यिक त िजस मिजस टरट ठीक समझ

और यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और िजसक सबध म आवदन िकया गया ह मानिसक रप स इतना बीमार ह िक उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म उपचार क िलए िनर करना आवश यक ह तो वह उस परयोजन क िलए गरहण-आदश पािरत कर सकगा और यिद उसका ऐस समाधान नह होता ह तो वह आवदन खािरज कर दगा और ऐस िकसी आदश म स वय आवदक ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स जाच क ऐस खच का भगतान िकए जान का जो मिजस टरट उपयक त समझ उपबध िकया जा सकगा

(8) यिद आवदन उपधारा (7) क अधीन खािरज कर िदया जाता ह तो मिजस टरट ऐसी खािरजी क कारण को लखब करगा और आदश की एक परित आवदक को दी जाएगी

खndashndashमिजस टरट क समकष मानिसक रप स बीमार व यिक तय क पश िकए जान पर गरहण-आदश

23 पिलस अिधकािरय की कितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय क सबध म शिक तया और कतरव यndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारीndashndash

(क) अपन थान की सीमा क भीतर इधर-उधर घमत-िफरत पाए गए िकसी ऐस व यिक त को अपनी सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह व यिक त मानिसक रप स इतना बीमार ह िक वह स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह और

(ख) अपन थान की सीमा क भीतर िकसी ऐस व यिक त को सरकषा म ल सकगा या िलवा सकगा िजसक बार म उसक पास यह िवश वास करन का कारण हो िक वह मानिसक बीमारी क कारण खतरनाक ह

(2) उपधारा (1) क अधीन सरकषा म िलए गए िकसी व यिक त को ऐसी सरकषा म िलए जान क आधार की यथाशीघर सचना िदए िबना या जहा ऐस व यिक त को सरकषा म लन वाल अिधकारी की राय म ऐसा व यिक त उन आधार को समझन म समथर नह ह वहा उसक नातदार या िमतर को यिद काई हो ऐस आधार की सचना िदए िबना पिलस ारा िनर नह िकया जाएगा

(3) ऐसा परत यक व यिक त जो इस धारा क अधीन सरकषा म िलया जाता ह या िनर िकया जाता ह ऐसी सस था म उसक िलए जान क चौबीस घट की अविध क भीतर िजसम स वह समय िनकाल िदया जाएगा जो उस स थान स जहा वह ऐसी सरकषा म िलया गया था मिजस टरट क न यायालय तक यातरा क िलए आवश यक हो िनकटतम मिजस टरट क समकष पश िकया जाएगा और वह मिजस टरट क परािधकार क िबना उक त अविध स अिधक िनर नह िकया जाएगा

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

14

परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

17

अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

18

(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 10: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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24 मानिसक रप स बीमार व यिक त क पश िकए जान पर परिकरयाndashndash(1) यिद कोई व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन मिजस टरट क समकष पश िकया जाता ह और यिद उसकी राय म आग कायरवाही क िलए पयारप त आधार ह तो मिजस टरटndashndash

(क) उसकी समझन की सामथ यर जानन क िलए उसकी परीकषा करगा

(ख) िकसी िचिकत सा अिधकारी स उसकी परीकषा कराएगा और

(ग) ऐस व यिक त क सबध म ऐसी जाच करगा जो वह आवश यक समझ

(2) उपधारा (1) क अधीन कायरवािहया परी हो जान क पश चात मिजस टरट िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उक त व यिक त क िनरोध को परािधकत करन वाला गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म पािरत कर सकगा ndashndash

(क) यिद िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त क बार म यह परमािणत करता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और

(ख) यिद मिजस टरट का यह समाधान हो जाता ह िक उक त व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त ह और उस व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म या अन य व यिक तय क सरकषण क िलए ऐसा आदश पािरत करना आवश यक ह

परत यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को उपचार क िलए िविशष ट रप स अनजञप त िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या अनजञात मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भजा जाना चािहए और वह ऐस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर चकान क िलए मिजस टरट क समाधानपरद रप म िलिखत रप स वचनब होता ह तो मिजस टरट ऐस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी क सहमत होन पर उस अस पताल या पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त की भ क िलए और उसम उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश करगा

परत यह और िक यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर उतनी रकम का िजतनी मिजस टरट अवधािरत कर परितभ सिहत या उनक िबना कोई बधपतर िलखता ह िजसम यह वचन िदया जाता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख की जाएगी और उस स वय को या दसर को कोई कषित पहचान स रोका जाएगा तो मिजस टरट गरहण-आदश करन क बजाय उस उसक नातदार या िमतर की दख-रख म स प सकगा

25 मानिसक रप स बीमार व यिक त क साथ कररता का व यवहार िकए जान या उस समिचत दख-रख और िनयतरण म न रख जान की दशा म आदशndashndash(1) पिलस थान का परत यक भारसाधक अिधकारी िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक उसक थान की सीमा क भीतर कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या कोई नातदार या कोई अन य व यिक त जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो वह ऐस मिजस टरट को िजसकी स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह इस तथ य की तरत िरपोटर दगा

(2) ऐसा कोई पराइवट व यिक त िजसक पास यह िवश वास करन का कारण ह िक कोई व यिक त मानिसक रप स बीमार ह और वह समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त को भारसाधन म रखन वाल िकसी नातदार या अन य व यिक त ारा उसक साथ दव यरवहार िकया जाता ह या उसकी उपकषा की जाती ह तो वह इस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त िनवास करता ह

(3) यिद मिजस टरट को पिलस अिधकारी की िरपोटर पर या िकसी अन य व यिक त स पराप त िरपोटर या सचना क आधार पर या अन यथा यह परतीत होता ह िक उसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त समिचत दख-रख और िनयतरण म नह ह या उसको भारसाधन म रखन वाला कोई नातदार या कोई अन य व यिक त ह उसक साथ कररता का व यवहार कर रहा ह या उसकी उपकषा कर रहा ह तो मिजस टरट मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐस नातदार या अन य व यिक त को समन कर सकगा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भारसाधक ह या िजस भारसाधक होना चािहए था

(4) यिद ऐसा नातदार या कोई अन य व यिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह तो मिजस टरट आदश ारा ऐसा नातदार या अन य व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की समिचत दख-रख करन की अपकषा कर सकगा और जहा ऐसा कोई नातदार या अन य व यिक त जानबझकर उक त आदश का अनपालन करन म उपकषा करगा वहा वह जमारन स जो दो हजाए रपए तक हो सकगा दडनीय होगा

(5) यिद ऐसा कोई व यिक त नह ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब हो या यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए व रप स आब व यिक त ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन स इकार करता ह या उपकषा करता ह या िकसी अन य कारणवश मिजस टरट ऐसा करना आवश यक समझ तो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपन समकष पश करा सकगा और ऐसी िकसी कायरवाही पर परितकल परभाव डाल िबना जो उपधारा (4) क अधीन की जाए

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धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

23

86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

26

परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 11: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

11

धारा 24 म उपबिधत रीित स इस परकार कायरवाही कर सकगा मानो ऐसा व यिक त धारा 23 की उपधारा (3) क अधीन उसक समकष पश िकया गया हो

गndashndashकितपय मानिसक रप स बीमार व यिक तय की भत और िनरोध स सबिधत अितिरक त उपबध

26 समीकषण क पश चात अतरग रोगी क रप म भत ndashndashयिद िकसी िजला न यायालय की जो अध याय 6 क अधीन कोई जाच िकसी ऐस व यिक त क सबध म कोई समीकषण कर रहा ह जो मानिसक रप स बीमार पाया गया ह यह राय ह िक ऐस व यिक त क िहत म ऐसा करना आवश यक ह तो वह आदश ारा िनदश द सकगा िक उस व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मानिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म भत िकया जाए और उसम रखा जाए और िजला न यायालय ऐस परत यक आदश म समय-समय पर पिरवतरन या उस परितसहत कर सकगा

27 मानिसक रप स बीमार बदी की भत और िनरोधndashndashबदी अिधिनयम 1900 (1900 का 31) की धारा 30 क अधीन या वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 क अधीन या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 क अधीन या नौ सना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 अथवा 144 क अधीन या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 या धारा 335 क अधीन कोई आदश िजसम मानिसक रप स बीमार बदी क िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म परवश क िलए िनदश िदया गया ह इस बात क िलए पयारप त रप स परािधकार दन वाला होगा िक उस ऐस अस पताल या पिरचयार गह म या िकसी ऐस अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म जहा वह िनर िकए जान क िलए िविधपवरक अतिरत िकया जा सकता ह परवश िमल

28 िचिकत सा अिधकारी की िरपोटर लिबत रहन तक उस व यिक त का िनरोध िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार हndashndash(1) जब कोई ऐसा व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 23 या 25 क अधीन मिजस टरट क समकष हािजर होता ह या लाया जाता ह तो मिजस टरट उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह िकसी साधारण अस पताल या साधारण पिरचयार गह या मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क सपरकषण वाडर म या िकसी समिचत स थान म समिचत िचिकत सीय अिभरकषा क अधीन दस िदन स अनिधक ऐसी अविध क िलए िनर िकया जाना परािधकत कर सकगा जो मिजस टरट िकसी िचिकत सा अिधकारी ारा यह अवधािरत कर सकन क िलए आवश यक समझ िक क या उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह धारा 24 की उपधारा (2) क खड (क) क अधीन िचिकत सा परमाणपतर उिचत रप स िदया जा सकता ह

(2) मिजस टरट उपधारा (1) म उिल लिखत परयोजन क िलए समय-समय पर िलिखत आदश ारा उस व यिक त का िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी अविध क िलए और िनरोध परािधकत कर सकगा जो वह ठीक समझ िकत यह अविध एक बार म दस िदन स अिधक की नह होगी

परत ऐसा कोई परािधकार नह िदया जाएगा िजसस कोई व यिक त इस उपधारा क अधीन कल िमलाकर तीस िदन स अिधक की लगातार अविध क िलए िनर िकया जाए

29 मानिसक रप स बीमार व यिक त का तब तक िनरोध जब तक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाताndashndashजब िकसी मिजस टरट ारा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन कोई गरहण-आदश िकया जाता ह तो वह उन कारण स जो लखब िकए जाएग िनदश द सकगा िक वह मानिसक रप स बीमार व यिक त िजसक सबध म आदश िकया गया ह ऐस स थान म तीस िदन स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो मिजस टरट ठीक समझ तब तक िनर िकया जाए जब तक िक उस िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म नह ल जाया जाता

घndashndashइस अध याय क अधीन आदश क सबध म परकीणर उपबध

30 मानिसक रप स बीमार व यिक त की िचिकत सीय परीकषा का समय और रीितndashndashजहा इस अध याय क अधीन कोई आदश िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक उस व यिक त न िजसन िचिकत सीय परमाणपतर पर हस ताकषर िकया ह या जहा ऐसा आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा सबिधत परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाला व यिक त यह परमािणत नह कर दता ह िक उसनndashndash

(i) िकसी ऐस मामल म िजसम आवदन पर आदश िकया गया ह ऐसा आवदन िकए जान की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर और

(ii) िकसी अन य मामल म आदश की तारीख स ठीक पवर दस िदन क भीतर

उस व यिक त की िजसक बार म अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह स वय परीकषा कर ली ह

परत जहा गरहण-आदश दो िचिकत सीय परमाणपतर क आधार पर िकया जाना अपिकषत ह वहा ऐसा आदश तब तक नह िकया जाएगा जब तक िक परमाणपतर म यह दिशत न हो िक परत यक परमाणपतर पर हस तारकषर करन वाल व यिक त न उस व यिक त की िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह दसर परमाणपतर पर हस ताकषर करन वाल व यिक त स स वततर रप स परीकषा कर ली ह

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31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

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(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

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(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

17

अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

18

(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

19

मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

25

(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

26

परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 12: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

12

31 गरहण-आदश क िलए परािधकारndashndashइस अध याय क अधीन िकया गया गरहण-आदश इस बात क िलए पयारप त परािधकार होगा िकndashndash

(i) आवदक या उसक ारा परािधकत कोई व यिक त या

(ii) ऐस गरहण-आदश की दशा म जो आवदन स अन यथा िकया गया ह आदश करन वाल परािधकारी ारा ऐसा करन क िलए परािधकत व यिक त

मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐस आदश म विणत स थान पर ल जाए या यथािस थित आदश म िविनिदष ट मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म उसकी भत और उपचार क िलए अथवा उसम या िकसी ऐस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िजसम उस इस अिधिनयम क उपबध क अनसार ल जाया जा सकता ह उसक परवश और िनरोध क िलए ल जाए और भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उन आदश का अनपालन करन क िलए आब होगा

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को यह परतीत हो िक मनिश चिकत सीय अस पताल म या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म पयारप त जगह नह ह तब वह उसकी भत करन क पश चात उस तथ य की जानकारी उस मिजस टरट या िजला न यायालय को दगा िजसन आदश पािरत िकया था और तब यथािस थित वह मिजस टरट या िजला न यायालय ऐस आदश पािरत करगा जो वह ठीक समझ

परत यह और िक परत यक गरहण-आदश िनम निलिखत दशा म परभावी नह रहगा जबndashndash

(क) आदश िकए जान की तारीख स तीस िदन की समािप त पर जब तक उस अविध म मानिसक रप स बीमार व यिक त को आदश म विणत स थान म भत न कर िलया गया हो और

(ख) इस अिधिनयम क उपबध क अनसार मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी हो जान पर

32 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को गरहण-आदश की परित का भजा जानाndashndashगरहण-आदश करन वाला परत यक मिजस टरट या िजला न यायालय उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िजसम ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की भत की जानी ह ऐस आदश की परमािणत परित अपिकषत िचिकत सा परमाणपतर और िविशिष टय क िववरण क साथ भजगा

33 अस थायी उपचार आदश या गरहण-आदश ारा िजन मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत का िनदश िदया जा सकता ह उनक बार म िनबरधनndashndashकोई मिजस टरट या िजला न यायालय िजस राज य म अिधकािरता का परयोग करता ह उस राज य स बाहर वह मिजस टरट या िजला न यायालय िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म मानिसक रप स बीमार व यिक त को अतरग रोगी क रप म भत करन या उसक िनरोध क िलए गरहण-आदश पािरत नह करगा

परत िकसी अन य राज य म िस थत िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत या िनरोध क िलए कोई आदश तभी पािरत िकया जा सकगा जब राज य सरकार न साधारण या िवशष आदश ारा और ऐस अन य राज य की सरकार की सहमित अिभपराप त करन क पश चात उस िनिम मिजस टरट या िजला न यायालय को परािधकत कर िदया हो

34 आदश या दस तावज का सशोधनndashndashयिद गरहण-आदश क अधीन िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त को िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत करन क पश चात यह परतीत होता ह िक वह आदश िजसक अधीन वह भत िकया गया था या िनर िकया गया था या िजन दस तावज क आधार पर ऐसा आदश िकया गया था उनम स कोई दस तावज तरिटपणर या गलत ह तो उसक पश चात िकसी भी समय उक त आदश का सशोधन उस मिजस टरट या िजला न यायालय की अनजञा स उस व यिक त या उन व यिक तय ारा िकया जा सकगा िजसन या िजन ह न उस पर हस ताकषर िकए थ और ऐसा सशोधन िकए जान पर वह आदश ऐस परभावी होगा और सदव ऐस परभावी समझा जाएगा मानो यथािस थित वह मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िकया गया था या िजन दस तावज पर उक त आदश िकया गया था व मलत इस परकार सशोिधत रप म ही िदए गए थ

35 उस व यिक त क िलए परितस थानी िनयक त करन की शिक त िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया हndashndash(1) इस धारा क उपबध क अधीन रहत हए मिजस टरट िलिखत आदश ारा (िजस इसम इनक पश चात परितस थापन आदश कहा गया ह) इस अिधिनयम क अधीन ऐस व यिक त क िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था कतरव य और उ रदाियत व िकसी अन य ऐस व यिक त को अतिरत कर सकगा जो उसका भार सभालन क िलए राजी ह और तब अन य व यिक त इस अिधिनयम क परयोजन क िलए वह व यिक त समझा जाएगा िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था और इस अिधिनयम क पश चातवत व यिक त क परित िकए गए सभी िनदश क तदनसार अथर लगाए जाएग

परत ऐसा कोई परितस थापन आदश उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था या यिद उसकी मतय हो गई ह तो उसक िविधक परितिनिधय को परितस थापन आदश की तारीख क पवर उपगत िकसी दाियत व स मक त नह करगा

(2) कोई परितस थापन आदश करन स पवर मिजस टरट उस व यिक त को िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था यिद वह जीिवत ह तो और मानिसक रप स बीमार व यिक त क उस नातदार को सचना भजगा िजस मिजस टरट की राय म सचना िमलनी चािहए

13

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

14

परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

23

86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

26

परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 13: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

13

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना म उस व यिक त का नाम िजसक पकष म परितस थापन आदश करन का परस ताव ह और वह तारीख िविनिदष ट की जाएगी (जो सचना जारी की जान की तारीख स बीस िदन स कम नह होगी) िजसको ऐस आदश िकए जान क सबध म पराप त आकषप पर यिद कोई हो िवचार िकया जाएगा

(4) उपधारा (3) क अधीन िविनिदष ट तारीख को या ऐसी िकसी पश चातवत तारीख को िजसको कायरवािहया स थिगत की जाए मिजस टरट िकसी ऐस आकषप पर िवचार करगा जो उस व यिक त ारा िजस सचना भजी गई थी या मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी अन य नातदार ारा िकया गया था िवचार करगा और ऐस सभी सा य लगा जो ऐस िकसी व यिक त या नातदार ारा या उनकी ओर स पश िकए जाए और ऐसी जाच करन क पश चात जो मिजस टरट ठीक समझ परितस थापन आदश करगा या करन स िवरत रहगा

परत यिद उस व यिक त की िजसक आवदन पर गरहण-आदश िकया गया था मत य हो गई ह और कोई अन य व यिक त इस अिधिनयम क अधीन पवरवत व यिक त क कतरव य और उ रदाियत व का िजम मा लन क िलए राजी ह और मिजस टरट की राय म उसक योग य ह तो मिजस टरट उपधारा (1) क परतक म अतिवष ट उपबध क अधीन रहत हए इस आशय का आदश करगा

(5) मिजस टरट इस धारा क अधीन कोई परितस थापन आदश करन म मानिसक रप स बीमार व यिक त क िनकटतम नातदार को अिधमान दगा िकत तब नह दगा जब ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग मिजस टरट यह समझता ह िक ऐसा अिधमान दना मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म नह होगा

(6) मिजस टरट इस धारा क अधीन जाच क खच का सदाय िकसी व यिक त ारा या मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स िकए जान क िलए आदश करगा जो वह ठीक समझ

(7) उपधारा (2) क अधीन कोई सचना िजस व यिक त क िलए आशियत ह उस व यिक त क अितम जञात पत पर डाक ारा भजी जा सकगी

36 कछ धारा क अधीन मिजस टरट की शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन करन क िलए सकषम अिधकारीndashndashऐस िकसी कषतर म जहा पिलस आयक त िनयक त िकया गया ह वहा पिलस आयक त धारा 23 24 25 और 28 क अधीन मिजस टरट की सभी शिक तय का परयोग और कत य का िनवरहन कर सकगा और इन अिधिनयम क अधीन पिलस थान क भारसाधक अिधकारी क सभी कतय का िनवरहन कोई ऐसा पिलस अिधकारी कर सकगा जो िनरीकषक की पिक त स नीच का न हो

अध याय 5

मानिसक रप स बीमार व यिक तय का िनरीकषण करना उनको छ ी दना उन ह अनपिस थित की इजाजत दना और उनको ल जाना

भाग 1

िनरीकषण

37 पिरदशरक की िनयिक तndashndash(1) यथािस थित राज य सरकार या कदरीय सरकार परत यक मनिश चिकत सीय अस पताल और परत यक मनिश चिकत सक पिरचयार गह क िलए कम स कम पाच पिरदशरक िनयक त करगी िजनम स कम स कम एक िचिकत सा अिधकारी अिधमानत मनिश चिकत सीय होगा और दो सामािजक कायरकतार ह ग

(2) राज य की िचिकत सीय सवा का परधान या उसका नामिनदिशती अिधमानत कोई मनिश चिकत सीय राज य म सभी मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का पदन पिरदशरक होगा

(3) उपधारा (1) क अधीन पिरदशरक क रप म िनयक त िकए जान वाल व यिक तय की अहरताए तथा उनकी िनयिक त क िनबधन और शत ऐसी ह गी जो िविहत की जाए

38 पिरदशरक ारा मािसक िनरीकषणndashndashकम स कम तीन पिरदशरक उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसक सबध म व िनयक त िकए गए ह परत यक भाग का परत यक मास म कम स कम एक बार सयक त िनरीकषण करग और धारा 17 क अधीन स विच छक रोगी क रप म भत िकए गए परत यक अवयस क और जहा तक उन पिरिस थितय स अनमत हो उसम भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक अन य व यिक त की तथा सयक त िनरीकषण क तरत पश चात वहा भत िकए गए मानिसक रप स बीमार परत यक व यिक त क भत आदश की और उसस सबिधत िचिकत सीय परमाणपतर की परीकषा करग और उस परयोजन क िलए रखी गई एक पस तक म ऐसी िटप पिणया दजर करग जो व ऐस अस पताल या पिरचयार गह क परबध और उसम रख अतरण रोिगय की दशा क सबध म समिचत समझ

परत पिरदशरक िकसी अतरग रोगी क ऐस व यिक तगत अिभलख का िनरीकषण करन क हकदार नह ह ग जो भारसाधक िचिकतसा अिधकारी की राय म गोपनीय ह

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

15

(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

16

ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

23

86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 14: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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परत यह और िक यिद कोई पिरदशरक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क िजसकी बाबत वह पिरदशरक िनयक त िकया गया था सयक त िनरीकषण म लगातार तीन मास तक भाग नह लता ह तो वह ऐस पिरदशरक का पद धारण करन स परिवरत हो जाएगा

39 मानिसक रप स बीमार बिदय का िनरीकषणndashndash(1) धारा 38 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी जहा कोई व यिक त वाय सना अिधिनयम 1950 (1950 का 45) की धारा 144 या सना अिधिनयम 1950 (1950 का 46) की धारा 145 या नौसना अिधिनयम 1957 (1957 का 62) की धारा 143 या धारा 144 या दड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) की धारा 330 अथवा धारा 335 क उपबध क अधीन िनर िकया गया ह वहाndashndash

(i) िकसी जल म िनर व यिक त की दशा म कारागार महािनरीकषक और

(ii) जहा मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ऐसा व यिक त िनर ह वहा धारा 37 की उपधारा (1) क अधीन िनयक त सभी या उनम स कोई तीन पिरदशरक िजनम स कम स कम एक सामािजक कायरकतार ह

परत यक तीन मास म एक बार उस व यिक त स उस स थान पर जहा उस िनर िकया गया ह उसकी मानिसक िस थित क बार म पता लगान क िलए मलाकात करग और उसकी मानिसक िस थित क बार म एक िरपोटर उस परािधकारी को दग िजसक आदश क अधीन उस इस परकार िनर िकया गया ह

(2) राज य सरकार अपन अिधकािरय म स िकसी को उपधारा (1) क अधीन कारागार महािनरीकषक क सभी या िकन ह कत य का िनवरहन करन क िलए सशक त कर सकगी

(3) िजस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक अिधकारी िजसम उपधारा (1) म िनिदष ट कोई व यिक त िनर िकया गया ह परत यक छह मास म एक बार ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

(4) मनिश चिकत सीय परत यक ऐस व यिक त स जो उपधारा (1) म िनिदष ट िविभन न अिधिनयम क उपबध क अधीन जल म िनर िकया गया ह परत यक तीन मास स कम स कम एक बार मलाकात करगा या जहा मनिश चत सक उपलब ध नह ह वहा राज य सरकार

ारा इस िनिम सशक त िचिकत सा अिधकारी उसस मलाकात करगा और यथािस थित ऐसा मनिश चत सक या ऐसा िचिकत सा अिधकारी ऐस व यिक त की मानिसक और शारीिरक दशा क बार म एक िवशष िरपोटर उस परािधकारी को दगा िजसक आदश क अधीन उस िनर िकया गया ह

भाग 2

छ ी दना 40 भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा छ ी दन का आदशndashndash(1) अध याय 4 म अतिवष ट िकसी बात क होत हए भी

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी दो िचिकत सा व यवसाियय की िसफािरश पर िजनम स एक अिधमानत मनिश चिकत सक होगा िलिखत आदश ारा स विच छक रोगी स िभन न िकसी ऐस व यिक त की छ ी दन का िनदश द सकगा जो वहा िनर ह या िजसका वहा अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह और तब ऐस व यिक त को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स छ ी द दी जाएगी

परत इस उपधारा क अधीन कोई आदश मानिसक रप स बीमार बदी क सबध म बदी अिधिनयम 1900 (1900 का 3) की धारा 30 म और िकसी अन य ससगत िविध म जसा उपबिधत ह उसी क अनसार िकया जाएगा अन यथा नह

(2) जहा िकसी ऐस व यिक त क सबध म जो िकसी परािधकारी क आदश क अनसरण म िनर िकया गया ह या िजसका अतरग रोगी क रप म उपचार हो रहा ह उपधारा (1) क अधीन छ ी दन का कोई आदश िकया गया ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उस परािधकारी को ऐस आदश की परित तरत भजगा

41 मानिसक रप स बीमार व यिक त को आवदन पर छ ी दनाndashndashइस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आवदन क अनसरण म िकए गए आदश क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त को छ ी तब दी जाएगी जब वह व यिक त िजसक आवदन पर ऐसा आदश िकया गया था भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को इस िनिम आवदन कर

परत यिद भारसाधक िचिकत सा अिधकारी िलिखत रप म यह परमािणत करता ह िक वह व यिक त खतरनाक ह और स वततर छोड़ जान क योग य नह ह तो उसको इस धारा क अधीन छ ी नह दी जाएगी

42 नातदार या िमतर ारा सम यक दख-रख करन का वचन दन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी दन का आदशndashndash(1) जहा धारा 22 धारा 24 या धारा 25 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार या िमतर यह चाहता ह िक ऐस व यिक त को उसकी दख-रख और अिभरकषा म द िदया जाएतो वह भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को आवदन कर सकगा जो उस उस पर अपनी िटप पिणय सिहत उस परािधकारी को भजगा िजसक आदश क अधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह

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(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

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ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 15: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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(2) जब उपधारा (1) क अधीन कोई आवदन पराप त होता ह तब परािधकारी ऐस नातदार या िमतर ारा जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करन का वचन द और यह सिनिश चत कर िक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या िकसी अन य को कषितकािरत करन स रोका जाएगा परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का िजतनी ऐसा परािधकारी इर िनिम िविनिदष ट कर बधपतर िदए जान पर छ ी करन का आदश करगा और तब मानिसक रप स बीमार व यिक त को छ ी द दी जाएगी

43 िनर व यिक त की पराथरना पर उसको छ ी दनाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अनसरण म िनर कोई व यिक त (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) जो यह अनभव करता ह िक उसकी मानिसक बीमारी ठीक हो गई ह जहा इस अिधिनयम क उपबध क अधीन आवश यक हो मिजस टरट को मनश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स अपनी छ ी क िलए आवदन कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन िकए गए आवदन क समथरन म उस मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी का जहा आवदक का उपचार हो रहा ह या िकसी मनिश चिकत सक का परमाणपतर िदया जाएगा

(3) मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस व यिक त को छ ी दन वाला या आवदन को खािरज करन वाला आदश पािरत कर सकगा

44 ऐस व यिक त को छ ी दना जो बाद म समीकषण िकए जान पर स वस थिच पाया जाएndashndashयिद इस अिधिनयम क अधीन िकए गए गरहण अनदश क अनसरण म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर िकसी व यिक त क बार म अध याय 6 क उपबध क अनसार बाद म िकए गए समीकषण पर यह पाया जाता ह िक वह स वस थिचत ह या अपनी दख-रख करन और अपन कायरकलाप का परबध करन म समथर ह तो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ऐस िनष कषर की परित पश िकए जान पर जो िजला न यायालय ारा सम यक रप स परमािणत हो उस व यिक त को ऐस अस पताल या पिरचयार गह स तत काल छ ी द दगा

भाग 3

अनपिस थित की इजाजत

45 अनपिस थित की इजाजतndashndash(1) मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की ओर स (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) िजसका उपचार िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म हो रहा ह अनपिस थित की इजाजत क िलए आवदन भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को िनम निलिखत ारा िकया जा सकगा अथारत ndashndash

(क) उस व यिक त की दशा म जो ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी क आवदन पर भत िकया गया था वहा ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क पित या पत नी ारा या जहा मानिसक या शारीिरक बीमारी या भारत म अनपिस थित क कारण या अन यथा पित|-पत नी ऐसा आवदन करन की िस थित म नह ह वहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क ऐस िकसी नातदार ारा िजसको पित या पत नी न सम यक रप स परािधकत िकया हो या

(ख) िकसी व यिक त की दशा म उस व यिक त ारा िजसक आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त भत िकया गया था

परन त िजस व यिक त न वयस कता की आय पराप त नह कर ली ह वह इस उपधारा क अधीन कोई आवदन नह करगा

(2) उपधारा (1) क अधीन परत यक आवदन क साथ परितभ सिहत या रिहत उतनी रकम का एक बधपतर होगा िजतनी भारसाधक अिधकारी िविनिदष ट कर और उसम िनम निलिखत बात क िलए वचन िदया गया होगाndashndash

(i) मानिसक रप स बीमार व यिक त की उिचत दख-रख करना

(ii) मानिसक रप स बीमार व यिक त को अपनी या अन य व यिक तय की कषित करन स िनवािरत करना और

(iii) अनपिस थित की इजाजत की अविध की समािप त पर मानिसक रप स बीमार व यिक त को यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाना

(3) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए जो भारसाधक िचिकत सा अिधकारी आवश यक समझ और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क स वास थ य और उसक वयिक तक कषम क िहत म अथवा दसर क सरकषण क िलए आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

परत उन िदन की कल सख या िजनक िलए इस उपधारा क अधीन िकसी रोगी को अनपिस थित की इजाजत दी जा सकगी साठ िदन स अिधक नह होगी

(4) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त को इस धारा क अधीन उस दी गई अनपिस थित की इजाजत की समािप त पर मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस नह लाया जाता ह वहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी तरत उस तथ य की िरपोटर उस मिजस टरट को करगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा अस पताल या पिरचयार गह िस थत

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ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

25

(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 16: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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ह और मिजस टरट ऐसी जाच करन क पश चात जो वह ठीक समझ उस यथािस थित मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म वापस लाए जान का िनदश दन वाला आदश कर सकगा

(5) इस धारा की कोई बात धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी को लाग नह होगी और धारा 18 क उपबन ध उसको लाग ह ग

46 मिजस टरट ारा अनपिस थित की इजाजत िदया जानाndashndash(1) जहा भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को धारा 45 क अधीन अनपिस थित की इजाजत दन स इकार करता ह वहा आवदक मानिसक रप स बीमार व यिक त को अनपिस थित की इजाजत दन क िलए उस मिजस टरट को आवदन कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर वह मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह िस थत ह िजसम मानिसक रप स बीमार व यिक त िनर िकया गया ह और यिद मिजस टरट का समाधान हो जाता ह िक ऐसा करना आवश यक ह तो वह आवदक ारा उपधारा (2) क उपबध क अनसार बधपतर िनष पािदत िकए जान पर आदश ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो आदश म िविनिदष ट की जाए अनपिस थित की इजाजत द सकगा

(2) उपधारा (1) म िनिदष ट परत यक बधपतर परितभत सिहत या रिहत और उतनी रकम क िलए होगा िजतनी मिजस टरट िविनिश चत कर और उसम उन बात क िलए वचनबध िकया जाएगा जो धारा 45 की उपधारा (2) म िनिदष ट ह

(3) मिजस टरट अपन आदश की एक परित भारसाधक िचिकत सा अिधकारी को भजगा और ऐस आदश की परािप त पर भारसाधक िचिकत सा अिधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त को उस व यिक त को स प दगा िजसक आवदन पर इस धारा क अधीन अनपिस थित की इजाजत दी गई ह

भाग 4

ल जाया जाना 47 मानिसक रप स बीमार व यिक त को एक मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स दसर

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जानाndashndash (1) मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो धारा 15 या धारा 16 म िनिदष ट स विच छक रोगी नह ह राज य सरकार क िकसी साधारण या िवशष आदश क अधीन रहत हए िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स उस राज य क भीतर िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म ल जाया जा सकगा

परत मानिसक रप स बीमार कोई व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए आवदन क अनसरण म िदए गए आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म भत िकया गया ह तब तक नह ल जाया जाएगा जब तक उसकी इि ला आवदक को न द दी गई हो

(2) राज य सरकार मानिसक रप स बीमार िकसी बदी को उस स थान स जहा उस तत समय िनर िकया गया ह राज य क िकसी अन य मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म या िकसी अन य राज य म उस राज य सरकार की सहमित स उसक मनिश चिकत सीय अस पताल मनिश चिकत सीय पिरचयार गह जल या सरिकषत अिभरकषा क िकसी अन य स थान म ल जाए जान का िनदश दन वाला ऐसा साधारण या िवशष आदश कर सकगी जो वह ठीक सझम

48 भत िनरोध और कछ दशा म पकड़ कर वापस ल जानाndashndashपरत यक व यिक त जो इस अिधिनयम क अधीन िकए गए िकसी आदश क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म लाया गया ह वहा यथािस थित तब तक िनर रखा जा सकगा या अतरग रोगी क रप म भत िकया जा सकगा जब तक िक वहा स उस िकसी िविध क अधीन ल जाया नह जाता ह या उसको छ ी नह दी जाती ह और ऐस अस पताल या पिरचयार गह स उसक िनकल भागन की दशा म उस िकसी पिलस अिधकारी ारा अथवा उस अस पताल या पिरचयार गह क भारसाधक िचिकत सा अिधकारी या िकसी अन य अिधकारी या सवक ारा या भारसाधक िचिकत सा अिधकारी ारा उस िनिम परािधकत िकसी अन य व यिक त ारा पकड़कर वापस लाया जा सकगा और उस अस पताल या पिरचयार गह म उस यथािस थित ल जाया जा सकगा परवश िदया जा सकगा और उस िनर िकया जा सकगा या अतरग रोगी क रप म रखा जा सकगा

परत मािनसक रप स बीमार ऐस व यिक त की दशा म (जो मानिसक रप स बीमार बदी नह ह) इस धारा क अधीन पकड़ कर वापस लान की उक त शिक त का उसक िनकल भागन की तारीख स एक मास की अविध की समािप त क पश चात परयोग नह िकया जा सकगा

49 मिजस टरट क आदश स अपीलndashndashकोई व यिक त जो मिजस टरट ारा पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन पािरत िकसी आदश स व यिथत ह उस आदश क िवर अपील उस आदश की तारीख स साठ िदन क भीतर उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर उस मिजस टरट न शिक तय का परयोग िकया था और ऐसी अपील पर िजला न यायालय का िविनश चय अितम होगा

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

20

66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 17: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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अध याय 6

सपि का कब जा रखन वाल ऐस व यिक त क सबध म न याियकसमीकषण िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह और उसक शरीर की अिभरकषा तथा उसकी सम पि का परबध

50 न याियक समीकषण क िलए आवदनndashndash(1) जहा िकसी ऐस व यिक त क कब ज म सपि ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वहा उसकी मानिसक दशा क बार म समीकषण करन क िलए आवदन या तोndashndash

(क) उसका कोई नातदार या

(ख) भारतीय उ रािधकार अिधिनयम 1925 (1925 का 93) क अधीन िनयक त लोक रकषक या

(ग) उस राज य का महािधवक ता िजस राज य म वह व यिक त िजसक बार म वह अिभकथन ह िक वह बीमार ह िनवास करता ह या

(घ) िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसकी सपि म जहा भिम ह या भिम म उसका िहत ह या जहा सपि या उसका कोई भाग इस परकार का ह िक उस राज य म तत समय परव िकसी िविध क अधीन स थािपत परितपाल य-अिधकरण को उस परबध क िलए िविधपवरक स पा जा सकता ह वहा उस िजल का कलक टर िजसम ऐसी भिम िस थत ह

उस िजला न यायालय को कर सकगा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीम क भीतर वह व यिक त िनवास करता ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह

(2) उपधारा (1) क अधीन आवदन की परािप त पर िजला न यायालय उस व यिक त पर िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह व यिक तगत तामील ारा या तामील की ऐसी अन य रीित स जो वह ठीक समझ यह सचना तामील करगा िक वह ऐस स थान और समय पर हािजर हो जो सचना म िविनिदष ट िकया जाए या वसी ही रीित स उस व यिक त को िजसकी अिभरकषा म वह व यिक त ह िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह यह सचना तामील करगा िक वह उस व यिक त को उक त स थान और उक त समय पर पश कर िजसस िक उसकी परीकषा िजला न यायालय या कोई ऐसा अन य व यिक त कर सक िजसस िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म िरपोटर माग सकगा

परत यिद वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह ऐसी स तरी ह जो उस कषतर म जहा वह िनवास करती ह परचिलत रिढ़ क अनसार या जो उसका धमर ह उस धमर क अनसार लोग क सामन आन क िलए िववश नह की जानी चािहए तो िजला न यायालय िसिवल परिकरया सिहता 1908 (1908 का 5) म उपबिधत रप म कमीशन िनकाल कर उसकी परीकषा करवा करगा

(3) उपधारा (2) क अधीन सचना की परित आवदक पर और िजस व यिक त क बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह उसक नातदार पर या ऐस अन य व यिक त पर भी तामील की जाएगी जो िजला न यायालय की राय म ऐसा व यिक त ह िजस िजला न यायालय ारा िकए जान वाल भयाियक समीकषण की सचना िमल

(4) ऐस समीकषण क परयोजन क िलए िजसक िलए आवदन िकया गया ह िजला न यायालय दो या अिधक व यिक तय को अससर क रप म कायर करन क िलए िनयक त कर सकगा

51 ऐस िववा क िजनक बार म िजला न यायालय को समीकषण क पश चात अपना िनष कषर दना चािहएndashndashसमीकषण परा हो जान पर िजला न यायालय िनम निलिखत िवषय क बार म अपन िनष कषर अिभिलिखत करगा ndashndash

(i) क या वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह या नह और

(ii) जहा ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार ह वहा क या वह स वय अपनी दख-रख करन और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह या क या वह कवल अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह

52 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक और सपि क परबधक की िनयिक त क िलए उपबधndashndash(1) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी दख-रख करन तथा अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह वहा धारा 53 क अधीन उसक शरीर की दख-रख करन क िलए सरकषक की और धारा 54 क अधीन उसकी सपि का परबध करन क िलए परबधक की िनयिक त का आदश करगा

(2) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह वास तव म मानिसक रप स बीमार ह और अपनी सपि का परबध करन म असमथर ह िकत वह अपनी स वय की दख-रख करन म समथर ह तो वह उसकी सपि क परबध क सबध म धारा 54 क अधीन आदश करगा

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

23

86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 18: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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(3) जहा िजला न यायालय यह िनष कषर अिभिलिखत करता ह िक वह व यिक त िजसक बार म यह अिभकथन ह िक वह मानिसक रप स बीमार ह मानिसक रप स बीमार नह ह वहा वह आवदन खािरज कर दगा

(4) जहा िजला न यायालय ठीक समझता ह वहा एक ही व यिक त को उपधारा (1) क अधीन सरकषक और परबधक िनयक त कर सकगा

53 मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त स वय अपनी दख-रख करन म असमथर ह वहा िजला न यायालय या जहा धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन कोई िनदश जारी िकया गया ह वहा िजल का कलक टर िकसी उपयक त व यिक त को उसका सरकषक िनयक त कर सकगा

(2) उपधारा (1) क अधीन कलक टर अपन कत य का िनवरहन करन म राज य सरकार क या उसक ारा उस िनिम िनयक त िकसी परािधकारी क अधीकषण और िनयतरण क अधीन होगा

54 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क िलए परबधक की िनयिक तndashndash(1) जहा मानिसक रप स बीमार ऐस व यिक त की सपि जो उसका परबध करन म असमथर ह ऐसी ह िक उसका भार तत समय परव िकसी िविध क अधीन परितपाल य-अिधकरण ारा गरहण िकया जा सकता ह वहा िजला न यायालय परितपाल य-अिधकरण को ऐसी सपि का भार गरहण करन क िलए परािधकत करगा और तब परितपाल य-अिधकरण ऐसी िविध म िकसी बात क होत हए भी उस िविध क अनसार ऐसी सपि का परबध गरहण करगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म सपणर भिम या उसका कोई भाग या भिम म कोई ऐसा िहत ह िजसका भार परितपाल य अिधकरण गरहण नह कर सकता ह वहा िजला न यायालय उस िजल क कलक टर को िजसम वह भिम िस थत ह सहमित अिभपराप त करन क पश चात कलक टर को िनदश द सकगा िक वह उस व यिक त का और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क ऐस भाग या उसम क िहत का भार गरहण कर ल जो परितपाल य अिधकरण ारा गरहण नह िकया जा सकता

(3) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध यथािस थित परितपाल य-अिधकरण या कलक टर को उपधारा (1) या उपधारा (2) क अधीन नह स पा जा सकता ह वहा िजला न यायालय िकसी भी उपयक त व यिक त को ऐसी सपि का परबधक होन क िलए िनयक त करगा

55 कलक टर ारा परबधक की िनयिक तndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि िजला न यायालय ारा कलक टर को धारा 54 की उपधारा (2) क अधीन स पी गई ह वहा वह कलक टर राज य सरकार क या राज य सरकार ारा इस िनिम िकसी परािधकारी क िनयतरण क अधीन रहत हए िकसी भी उपयक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए िनयक त कर सकगा

56 सपि क परबधक ारा बधपतर का िनष पािदत िकया जानाndashndashपरत यक व यिक त िजस िजला न यायालय या कलक टर ारा मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक िनयक त िकया गया ह िनयिक त परािधकारी ारा ऐसी अपकषा की जान पर उतनी रािश का ऐस पररप म और ऐस परितभ सिहत जो वह परािधकारी िविनिदष ट कर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि स होन वाली सभी परािप तय का लखा-जोखा दन क िलए बधपतर िलखगा

57 सरकषक और परबधक की िनयिक त और उनका पािरशरिमकndashndash(1) कोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का िविधक वािरस ह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का यथािस थित सरकषक या उसकी सपि का परबधक धारा 53 धारा 54 या धारा 55 क अधीन तब तक िनयक त नह िकया जाएगा जब तक िक यथािस थित िजला न यायालय या कलक टर का लखब िकए जान वाल कारण स यह िवचार न हो िक ऐसी िनयिक त मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए ह

(2) मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक या उसकी सपि क परबधक को या दोन को जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकए गए ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि म स उतन भ का सदाय िकया जाएगा िजतना िनयिक त परािधकारी अवधािरत कर

58 सरकषक और परबधक क कतरव यndashndash(1) परत यक व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म या उसकी सपि क परबध क रप म या दोन रप म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि या दोन की दख-रख करगा और मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उ रादायी होगा

(2) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक क रप म िनयक त व यिक त उसकी सपि क परबधक क रप म िनयक त व यिक त स िभन न ह वहा उसकी सपि का परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क सरकषक को ऐस भ का सदाय करगा जो सरकषक िनयक त करन वाला परािधकारी मानिसक रप स बीमार व यिक त और उसक कटम ब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए िनयत कर

59 परबधक की शिक तयाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक इस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए मानिसक रप स बीमार व यिक त की िजस सपि क सबध म वह परबधक िनयक त िकया गया ह उस सपि क सबध म उन ह शिक तय का परयोग करगा िजनका परयोग मानिसक रप स बीमार व यिक त न सपि क स वामी क रप म तब िकया होता जब वह

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 19: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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मानिसक रप स बीमार न होता और मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा को पराप य सभी दाव को वसल करगा और उस सपदा ारा िविधक रप स दय सभी ऋण का सदाय करगा और सभी दाियत व का उन मोचन करगा

परत परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को तब तक बधक नह करगा उस पर कोई भार सिजत नह करगा या उस िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत नह करगा या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर नह दगा जब तक वह इस िनिम िजला न यायालय की अनजञा पराप त नह कर लता ह

(2) िजला न यायालय परबधक ारा िकए गए आवदन पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िकसी स थावर सपि को बधक रखन उस पर भार सिजत करन या िवकरय दान िविनमय ारा या अन यथा अतिरत करन की या ऐसी िकसी सपि को पाच वषर स अिधक की अविध क िलए प पर दन की अनजञा ऐसी शत या िनबधन क अधीन रहत हए द सकगा जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

(3) िजला न यायालय अनजञा क िलए परत यक आवदन की सचना की तामील मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी नातदार या िमतर पर करवाएगा और यिद नातदार या िमतर स कोई आकषप पराप त होता ह तो उस पर िवचार करन क पश चात और ऐसी जाच करन क पश चात जो वह आवश यक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत का ध यान रखत हए अनजञा द सकगा या दन स इकार कर सकगा

60 परबधक ारा तािलका और वािषक लखा का िदया जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक अपनी िनयिक त की तारीख स छह मास की अविध क भीतर उस परािधकारी को िजसन उस िनयक त िकया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की स थावर सपि की और उन सभी आिस तय तथा अन य जगम सपि की जो वह मानिसक रप स बीमार व यिक त की ओर स पराप त कर तािलका और उसक साथ ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त को पराप य सभी दाव और उसक ारा दय सभी ऋण और दाियत व का एक िववरण दगा

(2) परत यक ऐसा परबधक अपन भारसाधन म की सपि और आिस तय और मानिसक रप स बीमार व यिक त क िलए पराप त तथा सिवतिरत रकम और अपन पास बच रह अितशष का लखा उक त िनयिक त परािधकारी को परत यक िव ीय वषर की समािप त क तीन मास की अविध क भीतर दगा

61 िजला न यायालय क आदश क अधीन हस तातरण पतर िनष पािदत करन की परबधक की शिक तndashndashइस अिधिनयम क अधीन िनयक त परत यक परबधक मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम म और उसकी ओर सndashndash

(क) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि क सभी ऐस हस तातरण पतर और िवकरय बधक ारा या अन यथा अतरण की ऐसी िलखत का िनष पादन करगा िजनकी िजला न यायालय ारा अनजञा दी जाए और

(ख) मानिसक रप स बीमार व यिक त म उस िनिम िनिहत सभी शिक तय का अपनी वयिक तक हिसयत म अथवा न यासी या सरकषक क रप म की अपनी हिसयत म िजला न यायालय क आदश क अधीन रहत हए परयोग करगा

62 िजला न यायालय क िनदशानसार परबधक ारा सिवदा का िनष पादन िकया जानाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त न अपनी मानिसक बीमारी क पवर अपनी सपि या उसक िकसी भाग का िवकरय या अन यथा व ययन करन क िलए सिवदा की थी और यिद ऐसी सिवदा िजला न यायालय की राय म इस परकार की ह िक उसका िनष पादन िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐसी सिवदा का िनष पादन करन क िलए और सिवदा को परा करन म ऐस अन य कायर करन क िलए ऐसा िनदश द सकगा जो न यायालय आवश यक समझ और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

63 कारबार पिरसर का व ययनndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त मानिसक रप स बीमार होन क पवर कारबार म लगा हआ था वहा यिद मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए यह परतीत होता ह िक उसक कारबार पिरसर का व ययन िकया जाए तो िजला न यायालय ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को ऐस पिरसर का िवकरय और व ययन करन और उसक िवकरय आगम का ऐसी रीित स उपयोजन करन का िनदश द सकगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर और तब परबधक उसक अनसार कायर करन क िलए आब होगा

64 परबधक प का व ययन कर सकगाndashndashजहा मानिसक रप स बीमार व यिक त िकसी प या उपप का हकदार ह और ऐस व यिक त की सपि क सबध म इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक को यह परतीत होता ह िक ऐस प या उपप का व ययन करना मानिसक रप स बीमार व यिक त क फायद क िलए होगा वहा ऐसा परबधक िजला न यायालय स आदश अिभपराप त करक ऐस प या उस उपप का अभ यपरण समनदशन या उसका अन यथा व ययन ऐस व यिक त को ऐस परितफल क िलए और ऐस िनबधन और शत पर कर सकगा जो न यायालय िनदश द

65 मानिसक रप स बीमार व यिक त स सबिधत िकसी िवषय क बार म आदश करन की शिक तndashndashिजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त या उसकी सपि स िकसी परकार सबिधत िकसी िवषय क बार म िकसी व यिक त ारा उसको िकए गए आवदन पर इस अध याय क उपबध क अधीन रहत हए उस िवषय क बार म ऐस आदश कर सकगा जो वह पिरिस थितय क अनसार ठीक समझ

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 20: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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66 तािलका या लखा की श ता क सबध म आकषप िकए जान पर कायरवाहीndashndashयिद मानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नाददार या कलक टर िजला न यायालय को अज दकर यथािस थित उपधारा (1) म िनिदष ट िकसी तािलका या िववरण की अथवा धारा 60 की उपधारा (2) म िनिदष ट िकसी वािषक लखा की श ता क सबध म आकषप करता ह तो न यायालय परबधक को समन कर सकगा और उस मामल म सिकषप त जाच करक उस पर ऐसा आदश द सकगा जो वह ठीक समझ

परत िजला न यायालय स विववकानसार ऐसी अज अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को या ऐसी दशा म कलक टर को जहा कलक टर ारा परबधक िनयक त िकया गया हो और कलक टर ारा अज पश नह की गई हो िनदिशत कर सकगा

67 सपदा क आगम का सरकारी खजान म सदाय और उनका िविनधानndashndashपरबधक ारा िकसी सपदा म पराप त सभी रकम म स उतनी रकम िजतनी मानिसक रप स बीमार व यिक त क चाल व यय या उसकी सपि क परबध क िलए अपिकषत रकम स अिधक हो सरकारी खजान म सपदा क खात म सद की जाएगी और वह भारतीय न यास अिधिनयम 1882 (1882 का 2) की धारा 20 म िविनिदष ट परितभितय म स िकन ह म समय-समय पर िविनिहत की जाएगी िकत तब तक नह की जाएगी जब तक उसकी िनयिक त करन वाला परािधकारी ऐस कारण स जो लखब िकए जाएग यह िनदश न द िक मानिसक रप स बीमार व यिक त क िहत म उन रकम का अन यथा िविनधान या उपयोजन िकया जाए

68 नातदार िहसाब लन क िलए वाद ला सकगाndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त का कोई नातदार इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकसी परबधक स अथवा पद या न यास स उसक हटाए जान क पश चात िकसी ऐस व यिक त स या उसकी मत य हो जान पर उसक िविधक परितिनिध स िकसी ऐसी सपि की बाबत जो उस समय या उसस पहल उसक परबध म थी या ऐसी सपि म उसक

ारा पराप त िकसी धनरािश या अन य सपि की बाबत िहसाब लन क िलए वाद िजला न यायालय की इजाजत स ला सकगा

69 परबधक और सरकषक का हटाया जानाndashndash(1) मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबधक उस परािधकारी ारा िजसन उस िनयक त िकया था पयारप त और लखब िकए जान वाल कारण स हटाया जा सकगा और ऐसा परािधकारी उसक स थान पर नए परबधक को िनयक त कर सकगा

(2) कोई परबधक जो उपधारा (1) क अधीन हटा िदया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त की सारी सपि का भारसाधन नए परबधक को दन क िलए और ऐस सब धन का िहसाब दन क िलए आब होगा जो उसन पराप त या सिवतिरत िकया हो

(3) िजला न यायालय मानिसक रप स बीमार व यिक त क िकसी सरकषक को पयारप त कारण स हटा सकगा और उसक स थान पर नए सरकषक को िनयक त कर सकगा

70 िकसी भागीदार क मानिसक रप स बीमार हो जान पर भागीदारी का िवघटन और सपि का व ययनndashndash(1) जहा कोई ऐसा व यिक त जो िकसी भागीदारी फमर का सदस य ह मानिसक रप स बीमार पाया जाता ह वहा िजला न यायालय भागीदार क िवघटन क िलए िकसी अन य भागीदार क आवदन पर अथवा िकसी ऐस व यिक त क आवदन पर िजसक बार म न यायालय को यह परतीत हो िक वह ऐसा िवघटन करान का हकदार ह भागीदारी का िवघटन कर सकगा

(2) िकसी ऐसी भागीदारी फमर का िजस उपधारा (1) लाग होती ह उक त उपधारा क अधीन या अन यथा िविध क सम यक अनकरम म िवघटन होन पर परबधक जो इस अिधिनयम क अधीन िनयक त िकया गया ह मानिसक रप स बीमार व यिक त क नाम और उसकी ओर स अन य भागीदार क साथ भागीदारी सपि का व ययन करन म ऐस िनबधन पर सिम मिलत हो सकगा और भागीदारी का िवघटन परा करन क िलए ऐस सभी कायर करगा जो िजला न यायालय िनिदष ट कर

71 कितपय मामल म परबधक की िनयिक त िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndash(1) पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िजला न यायालय सपदा का कोई परबधक िनयक त करन क बजाय यह आदश कर सकगा िक नकद रकम की दशा म नकद रकम और िकसी अन य सपि की दशा म उसकी उपज वसल की जाएगी और मानिसक रप स बीमार व यिक त क और उसक कटब क ऐस सदस य क जो उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क िलए उपयोिजत िकए जान क िलए ऐस व यिक त को सद या पिरद की जाएगी िजस िजला न यायालय ारा इस िनिम िनयक त िकया जाए

(2) उपधारा (1) क अधीन िनयक त व यिक त ारा दी गई रसीद िकसी ऐस व यिक त का वध रप स उन मोचन कर दगी जो इस परकार िनयक त व यिक त को मानिसक रप स बीमार व यिक त का धन दता ह या उसकी िकसी सपि का पिरदान करता ह

72 मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर का कितपय मामल म अतरण करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर (जो भारत क भीतर अतरणीय ह या िजनक लाभाश भारत म सदय ह ) मानिसक रप स बीमार िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या िनिहत ह जो उसका फायदा पान का हकदार ह या इस अिधिनयम क अधीन िनयक त परबधक या उसक िलए िकसी न यासी क नाम म ह या उसम िनिहत ह और परबधक की िनवरसीयत मत य हो जाती ह या वह स वय मानिसक रप स बीमार हो जाता ह या वह िजला न यायालय की अिधकािरता क बाहर ह या यह िनिश चत नह ह िक परबधक जीिवत ह या उसकी मत य हो गई ह या वह अपन स थान पर िनयक त नए परबधक को स टाक परितभितया या शयर अतिरत करन अथवा लाभाश को पराप त करन और उनका सदाय करन म न यायालय ारा ऐसा करन की अपकषा की जान क पश चात चौदह िदन क भीतर उपकषा करता ह या ऐसा करन स इकार करता ह तो िजला न यायालय कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐसी रीित स जो िजला न यायालय िनिदष ट कर ऐसा अतरण कर या उन ह अतिरत कर द तथा लाभाश पराप त कर और उनका सदाय कर

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

23

86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 21: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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73 भारत स बाहर िनवास करन वाल मानिसक रप स बीमार व यिक त क स टाक परितभितय या शयर को अतिरत करन का आदश दन की शिक तndashndashजहा कोई स टाक या सरकारी परितभितया या िकसी कपनी क शयर िकसी ऐस व यिक त क नाम म ह या उसम िनिहत ह जो भारत क बाहर िनवास कर रहा ह वहा िजला न यायालय अपना यह समाधान हो जान पर िक ऐसा व यिक त मानिसक रप स बीमार घोिषत कर िदया गया ह और उसकी वयिक तक सपदा ऐस व यिक त म िनिहत हो गई ह जो उस सपदा का परबध उस स थान की िविध क अनसार करन क िलए िनयक त िकया गया ह जहा वह िनवास कर रहा ह उस कपनी या सब सरकार को िनदश द सकगा िक वह ऐस स टाक परितभितय या शयर का या उनक िकसी भाग का ऐसा अतरण इस परकार िनयक त व यिक त को या उसक नाम म या अन यथा कर और ऐस लाभाश और आगम पराप त कर और उनका सदाय कर जो िजला न यायालय ठीक समझ

74 अस थायी मानिसक बीमारी की दशा म मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क िलए सपि का उपयोजन करन की शिक तndashndashयिद िजला न यायालय को यह परतीत होता ह िक मानिसक रप स बीमार व यिक त की मानिसक बीमारी अस थायी ह और उसक भरण-पोषण क िलए या उस पर आिशरत उसक कटब क सदस य क भरण-पोषण क िलए अस थायी अविध क िलए व यवस था करना समीचीन ह तो िजला न यायालय धारा 71 म बताई गई रीित स यह िनदश द सकगा िक उसकी सपि या उसक िकसी पयारप त भाग का उपयोजन उसम िविनिदष ट परयोजन क िलए िकया जाए

75 मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म की गई काररवाई का तब अपास त िकया जाना जब िजला न यायालय को यह पता हो िक उसकी मानिसक बीमारी दर हो गई हndashndash(1) जहा िजला न यायालय क पास यह िवश वास करन का कारण हो िक इस अध याय क अधीन समीकषण क पश चात मानिसक रप स बीमार पाए गए व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा वह अपन अधीनस थ िकसी न यायालय को यह जाच करन क िलए िनदश द सकगा िक क या ऐस व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह

(2) उपधारा (1) क अधीन जाच जहा तक हो सक उसी रीित स की जाएगी िजस रीित स इस अध याय क अधीन कोई समीकषण िकया जाता ह

(3) यिद इस धारा क अधीन जाच करन क पश चात यह पाया जाता ह िक िकसी व यिक त की मानिसक बीमारी दर हो गई ह वहा िजला न यायालय आदश करगा िक उस मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म इस अिधिनयम क अधीन की गई सभी काररवाइया ऐस िनबधन और शत पर अपास त की जाए जो वह न यायालय अिधरोिपत करना ठीक समझ

76 अपीलndashndashइस अध याय क अधीन िजला न यायालय ारा िकए गए परत यक आदश की अपील उच च न यायालय को होगी

77 िजला न यायालय की िविनयम बनान की शिक तndashndashिजला न यायालय इस अध याय क उपबध को कायारिन वत करन क परयोजन क िलए समय-समय पर िविनयम बना सकगा

अध याय 7

मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक तय क भरण-पोषण का खचर उठान का दाियत व

78 कितपय मामल स भरण-पोषण का खचर सरकार ारा उठाया जानाndashndashिकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म अतरग रोगी क रप म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर जब तक िक तत समय परव िकसी िविध ारा अन यथा उपबिधत न िकया जाए उस राज य की सरकार ारा िजसका िक वह परािधकारी िजसन मानिसक रप स बीमार व यिक त क सबध म आदश पािरत िकया ह अधीनस थ ह वहन िकया जाएगा यिदndashndash

(क) उस परािधकारी न िजसन आदश पािरत िकया ह िकसी व यिक त स ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए वचन नह िलया ह और

(ख) ऐस व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए उक त आदश म कोई उपबध नह िकया गया ह

79 मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स या उसक भरण-पोषण क िलए वध रप स आब व यिक त स मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण क खच क सदाय क िलए िजला न यायालय को आवदनndashndash(1) जहा िकसी मानिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म िनर मानिसक रप स बीमार व यिक त क पास कोई सपदा ह या जहा ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए बध रप स आब िकसी व यिक त क पास उसका भरण-पोषण करन क साधन ह वहा धारा 78 क अधीन ऐस व यिक त का भरण-पोषण करन क खचर का भगतान करन क िलए दायी सरकार या तत समय परव िकसी िविध क अधीन ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठान क िलए दायी कोई स थानीय परािधकारी उस िजला न यायालय को िजसकी अिधकािरता क भीतर मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा िस थत ह या वह व यिक त िनवास करता ह जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह ऐस आदश क िलए आवदन कर सकगा जो मानिसक रप स बीमार व यिक त की सपदा म स उसक भरण-पोषण क खचर क िलए उपयोग िकया जाना परािधकत करता ह या उस व यिक त को जो मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब ह और िजसक पास ऐसा करन क साधन ह यह िनदश दता हो िक वह ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त क भरण-पोषण का खचर उठाए

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 22: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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(2) उपधारा (1) क अधीन िजला न यायालय ारा पािरत िकसी आदश का परवतरन उसी रीित स िकया जाएगा और वसा ही बल तथा परभाव होगा और उसकी अपील वस ही होगी जसी िक उक त न यायालय ारा िकसी ऐस वाद म दी गई िडकरी की होती ह जो उसम उिल लिखत सपि या व यिक त क सबध म ह

80 मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब व यिक तय का ऐस दाियत व स मक त न होनाndashndashपवरगामी उपबध की कोई बात मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन क िलए वध रप स आब िकसी व यिक त को ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का भरण-पोषण करन स मक त करन वाली नह समझी जाएगी

अध याय 8

मानिसक रप स बीमार व यिक तय क मानवीय अिधकार का सरकषण

81 मानवीय अिधकार का अितकरमण िकए िबना मानिसक रप स बीमार व यिक तय का उपचार िकया जानाndashndash(1) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क उपचार क दौरान उसका ितरस कार (चाह शारीिरक हो या मानिसक) नह िकया जाएगा या उसक परित कररता नह बरती जाएगी

(2) िकसी उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनसधान क परयोजन क िलए तब तक परयोग नह िकया जाएगा जब तक िकndashndash

(i) ऐसा अनसधान रोग का पता लगान या उपचार क परयोजन क िलए परत यकषत उसक फायद क िलए न हो या

(ii) ऐस व यिक त न स विच छक रोगी होन क नात अपनी सहमित िलिखत रप म न द दी हो या जहा ऐसा व यिक त (चाह वह स विच छक रोगी हो या नह ) अवयस कता क कारण या अन यथा िविधमान य सम मित दन क िलए अकषम ह वहा उसकी ओर स सम मित दन क िलए सकषम सरकषक या अन य व यिक त न ऐस अनसधान क िलए अपनी सम मित िलिखत रप म न द दी हो

(3) मानिसक रप स बीमार व यिक त को तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना क या उसक उपचार पर परितकल परभाव डालन वाली ससचना क िनवारण क परयोजन क िलए धारा 94 क अधीन इन िनिम बनाए गए िकन ह िनयम क अधीन रहत हए उपचाराधीन मानिसक रप स बीमार व यिक त ारा या उसको भज गए पतर या अन य सचनाए रोकी नह जाएगी िनर नह की जाएगी या नष ट नह की जाएगी

अध याय 9

शािस तया और परिकरया 82 अध याय 3 क उल लघन म िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या अनरकषण क

िलए शािस तndashndash(1) कोई व यिक त जो अध याय 3 क उपबध क उल लघन म कोई मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह स थािपत करगा या उसका अनरकषण करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध तीन मास तक हो सकगी या जमारन स जो दो सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स और िकसी दसर या पश चातवत अपराध की दशा म कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

(2) जो कोई उपधारा (1) क अधीन दोषिसि क पश चात अध याय 3 क उपबध क उल लघन म मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण करता रहगा वह दोषिसि पर जमारन स जो परथम िदन क पश चात उस परत यक िदन क िलए िजसक दौरान उल लघन जारी रहता ह एक सौ रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा

83 मानिसक रप स बीमार व यिक त क अनिचत रप स गरहण क िलए शािस तndashndashकोई व यिक त जो मानिसक रप स बीमार व यिक त को मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह म इस अिधिनयम क उपबध क अनसार स अन यथा गरहण करगा या िनर करगा दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध दो वषर तक की हो सकगी या जमारन स जो एक हजार रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

84 धारा 60 और धारा 69 का उल लघन करन क िलए शािस तndashndashमानिसक रप स बीमार व यिक त की सपि का परबध करन क िलए इस अिधिनयम क अधीन िनयक त कोई परबधक जो धारा 60 या धारा 69 की उपधारा (2) क उपबध का उल लघन करगा दोषिसि पर जमारन स जो दो हजार रपए तक का हो सकगा दडनीय होगा और िसिवल कारागार म तब तक िनर रखा जा सकगा जब तक िक वह उक त उपबध का अनपालन नह कर दता ह

85 अन य अपराध क दड क िलए साधारण उपबधndashndashकोई व यिक त जो इस अिधिनयम क उपबध म स िकसी का या उसक अधीन बनाए गए िकसी ऐस िनयम या िविनयम का उल लघन करगा िजसक उल लघन क िलए इस अिधिनयम म िकसी शािस त का स पष ट रप स उपबध नह िकया गया ह दोषिसि पर कारावास स िजसकी अविध छह मास तक की हो सकगी या जमारन स जो पाच सौ रपए तक का हो सकगा या दोन स दडनीय होगा

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 23: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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86 कपिनय ारा अपराधndashndash(1) जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह वहा ऐसा परत यक व यिक त जो उस अपराध क िकए जान क समय कपनी क कारबार क सचालन म कपनी का भारसाधक और उसक परित उ रदायी था और साथ ही वह कपनी भी ऐस अपराध क दोषी समझ जाएग और तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान क भागी ह ग

परत इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐस व यिक त को िकसी दड का भागी नह बनाएगी यिद वह यह सािबत कर दता ह िक अपराध उसकी जानकारी क िबना िकया गया था या उसन ऐस अपराध का िनवारण करन क िलए सब सम यक तत परता बरती थी

(2) उपधारा (1) म िकसी बात क होत हए भी जहा इस अिधिनयम क अधीन कोई अपराध िकसी कपनी ारा िकया गया ह तथा यह सािबत हो जाता ह िक वह अपराध कपनी क िकसी िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी की सहमित या मौनानकलता स िकया गया ह या उसकी िकसी उपकषा क कारण माना जा सकता ह वहा ऐसा िनदशक परबधक सिचव या अन य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तदनसार अपन िवर कायरवाही िकए जान और दिडत िकए जान का भागी होगा

स पष टीकरणndashndashइस धारा क परयोजन क िलएndashndash

(क) ldquoकपनीrdquo स कोई िनगिमत िनकाय अिभपरत ह और इसक अतगरत फमर या व यिष टय का अन य सगम भी ह और

(ख) फमर क सबध म ldquoिनदशकrdquo स उस फमर का भागीदार अिभपरत ह

87 अिभयोजन क िलए मजरीndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) म िकसी बात क होत हए भी कोई न यायालय धारा 82 क अधीन दडनीय िकसी अपराध का सजञान अनजञापन अिधकारी की पवर मजरी स ही करगा अन यथा नह

अध याय 10

परकीणर 88 बधपतर क बार म उपबधndashndashदड परिकरया सिहता 1973 (1974 का 2) क अध याय 33 क उपबध यथाशक य इस अिधिनयम

क अधीन िलए गए बधपतर को लाग ह ग

89 िचिकत सा अिधकारी ारा िरपोटरndashndashमनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का भारसाधक िचिकत सा अिधकारी उसम िनर िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त की छ ी िकए जान क पश चात यथाशीघर उसकी मानिसक और शारीिरक दशा क बार म उस परािधकारी को िरपोटर करगा िजसक आदश क अधीन ऐस व यिक त को इस परकार िनर िकया गया था

90 मानिसक रप स बीमार व यिक त को सरकार ारा सदय पशन आिदndashndash(1) जहा िकसी सरकार ारा िकसी व यिक त को वतन पशन उपदान या िकसी भ की बाबत कोई रािश सदय ह और इस अिधिनयम क अधीन कोई मिजस टरट यह परमािणत कर दता ह िक वह व यिक त िजस उक त रािश सदय ह मानिसक रप स बीमार ह तो वह अिधकारी िजसक परािधकार क अधीन ऐसी रािश सदय हो उक त रकम का उतना भाग िजतना वह ऐस व यिक त क भरण-पोषण क खचर का ध यान रखत हए ठीक समझ मानिसक रप स बीमार व यिक त क भारसाधक को द सकगा और यिद कोई अिधशष रह जाता ह तो उस अिधशष या उसक उतन भाग को िजतना वह मानिसक रप स बीमार व यिक त क कटब क ऐस सदस य क जो भरण-पोषण क िलए उस पर आिशरत ह भरण-पोषण क खच का ध यान रखत हए ठीक समझ उन सदस य को द सकगा

(2) जहा उपधारा (1) म िविनिदष ट िनिधय म स कोई अितिरक त अिधशष रकम जहा उस उपधारा म यथा उपबिधत सदाय करन क पश चात उपलब ध हो वहा सरकार उस िनम निलिखत रप म उपयोग क िलए अपन पास रखगी अथारत ndashndash

(क) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त क बार म उस िजला न यायालय ारा िजसकी अिधकािरता की स थानीय सीमा क भीतर ऐसा व यिक त िनवास करता ह या रखा गया ह या िनर िकया गया ह यह परमािणत कर िदया जाता ह िक वह मानिसक रप स बीमार नह रह गया ह वहा उस व यिक त को सपणर अिधशष रकम वापस कर दी जाएगी

(ख) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य सदाय स पवर हो जाती ह वहा उसक उन वािरस को सपणर अिधशष रकम का सदाय िकया जाएगा जो उस पराप त करन क िलए वध रप स हकदार ह

(ग) जहा मानिसक रप स बीमार व यिक त की मत य उसकी मानिसक बीमारी दौरान उसकी सपदा का उ रािधकार पान क िलए वध रप स हकदार िकसी व यिक त को छोड़ िबना हो जाती ह वहा सपणर अिधशष रकम का उपयोजन िजला न यायालय की पवर अनजञा स ऐस पतर परयोजन क िलए िकया जाएगा िजसका िजला न यायालय ारा अनमोदन िकया जाए

(3) यथािस थित कदरीय सरकार या राज य सरकार इस धारा क अनसार सद िकन ह रकम क सबध म सभी दाियत व स उन मोिचत हो जाएगी

91 कल मामल म राज य क खचर पर मानिसक रप स बीमार व यिक त की िविधक सहायताndashndash(1) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीनिकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी मानिसक रप स बीमार व यिक त का परितिनिधत व नह करता ह और िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह उस व यिक त क पास िविध व यवसायी को िनयक त

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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करन क िलए पयारप त साधन नह ह वहा िजला न यायालय या मिजस टरट राज य क खचर पर उसका परितिनिधत व करन क िलए िकसी िवािध व यवसायी को िनयत करगा

(2) जहा िजला न यायालय या िकसी मिजस टरट क समकष इस अिधिनयम क अधीन िकसी कायरवाही म कोई िविध व यवसायी ऐस मानिसक रप स बीमार व यिक त का िजसक पास िविध व यवसायी को िनयक त करन क िलए पयारप त साधन ह परितिनिधत व नह करता ह और मामल की सभी पिरिस थितय को ध यान म रखत हए िजला न यायालय या मिजस टरट को यह परतीत होता ह िक िकसी िविध व यवसायी ारा ऐस व यिक त का परितिनिधत व िकया जाना चािहए तो िजला न यायालय या मिजस टरट उसका परितिनिधत व करन क िलए कोई िविध व यवसायी िनयत कर सकगा और राज य को िनदश द सकगा िक वह उसकी बाबत खच का वहन कर तथा उस ऐस व यिक त की सपि म स वसल कर ल

(3) उच च न यायालय राज य सरकार क पवर अनमोदन स िनम निलिखत का उपबध करन क िलए िनयम बना सकगा ndashndash

(क) उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन क िलए िविध व यवसाियय का चयन करन की रीित

(ख) ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली सिवधाए

(ग) सरकार ारा ऐस िविध व यवसाियय को दी जान वाली फीस और साधारणतया उपधारा (1) या उपधारा (2) क परयोजन का कायारन वयन

स पष टीकरणndashndashइस धारा म ldquoिविध व यवसायीrdquo का वही अथर होगा जो उसका अिधवक ता अिधिनयम 1961 (1961 का 25) की धारा 2 क खड (i) म ह

92 स ावपवरक की गई काररवाई का सरकषणndashndash(1) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकसी िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात क िलए कोई भी वाद अिभयोजन या अन य िविधक कायरवाही िकसी भी व यिक त क िवर न होगी

(2) इस अिधिनयम या उसक अधीन बनाए गए िकस िनयम िविनयम या आदश क अनसरण म स ावपवरक की गई या की जान िलए आशियत िकसी बात स हए या होन क िलए आशियत नकसान क िलए कोई भी वाद या अन य िविधक कायरवाही सरकार क िवर न होगी

93 कितपय िविधय क परित िनदश का अथारन वयन आिदndashndash(1) इस अिधिनयम म िकसी ऐसी िविध क परित िकसी िनदश का जो िकसी कषतर म परव नह ह उस कषतर क सबध म यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस कषतर म परव तत समान िविध क परित यिद कोई हो िनदश ह

(2) िकसी अिधकारी या परािधकारी क परित इस अिधिनयम म िकसी िनदश का उस कषतर क सबध म िजसम उसी पदनाम का कोई परािधकारी या परािधकारी नह ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह ऐस अिधकारी या परािधकारी क परित िनदश ह जो कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा िविनिदष ट िकया जाए

94 कदरीय सरकार और राज य सरकार की िनयम बनान की शिक तndashndash(1) कदरीय सरकार अिधसचना ारा उन व यिक तय की जो धारा 3 क अधीन मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकए जा सकग अहरताए और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए उनकी उस धारा क अधीन िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय का उपबध करन वाल िनयम बना सकगी

(2) उपधारा (1) क उपबध क अधीन रहत हए राज य सरकार कदरीय सरकार क पवारनमोदन स इस अिधिनयम क उपबध को कायारिन वत करन क िलए अिधसचना ारा िनयम बना सकगी

परत परथम िनयम कदरीय सरकार ारा अिधसचना ारा बनाए जाएग

(3) िविशष टतया और पवरगामी शिक त की व यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उपधारा (2) क अधीन बनाए गए िनयम िनम निलिखत सभी या िकन ह िवषय क िलए उपबध कर सकग अथारत ndashndash

(क) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह मानिसक स वास थ य परािधकारी क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजनक अधीन रहत हए धारा 4 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और ऐस परािधकारी स सबिधत अन य सभी िवषय

(ख) ऐस वगर या परवगर क व यिक त िजनक िलए धारा 5 की उपधारा (1) क खड (घ) क अधीन पथक मनिश चिकत सीय अस पताल और मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना और अनरकषण िकया जा सकगा

(ग) वह पररप िजसमndashndash

(i) यथािस थित धारा 7 या धारा 9 क अधीन अनजञिप त की मजरी या उसक नवीकरण क िलए आवदन िकया जा सकगा और उसकी बाबत-सदय फीस

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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(ii) धारा 8 क अधीन िकसी मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह की स थापना या उसक अनरकषण क िलए अनजञिप त दी जा सकगी

(iii) धारा 20 क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन िकया जा सकगा

(घ) वह रीित िजसस अनजञिप त की मजरी दन स इकार करन या उस परितसहत करन का आदश यथािस थित धारा 8 या धारा 11 क अधीन ससिचत िकया जाएगा

(ङ) वह रीित िजसम धारा 9 की उपधारा (2) क अधीन अनजञापन परािधकारी को िरपोटर की जाएगी

(च) व न यनतम सिवधाए जो धारा 9 की उपधारा (5) क परतक म िनिदष ट ह िजनक अतगरत िनम निलिखत भी ह अथारत ndashndash

(i) मनिश चिकत सीयndashndashरोगी अनपात

(ii) अन य िचिकत सा या परा-िचिकत सा कमरचािरवद

(iii) स थल अपकषा

(iv) उपचार सिवधाए और

(v) उपस कर

(छ) वह रीित िजसस और व शत िजनक अधीन रहत हए धारा 16 क अधीन मनिश चिकत सीय अस पताल या मनिश चिकत सीय पिरचयार गह का अनरकषण िकया जाएगा

(ज) वह पररप और वह रीित िजसम और वह अविध िजसक भीतर ऐसी परत यक अपील की जाएगी जो िकसी अनजञिप त की मजरी दन स या उसका नवीकरण करन स इकार करन या अनजञिप त परितसहत करन क िकसी आदश क िवर हो और उसक बार म धारा 12 क अधीन सदय फीस

(झ) वह रीित िजसस धारा 13 की उपधारा (1) क अधीन अिभलख रख जाएग

(ञ) िकसी मानिसक रप स बीमार व यिक त क बिहरग रोगी क रप म उपचार क िलए धारा 14 क अधीन परदान की जान वाली सिवधाए

(ट) वह रीित िजसम धारा 20 की उपधारा (6) क अधीन गरहण-आदश क िलए आवदन पर हस ताकषर िकए जाएग और उसका सत यापन िकया जाएगा

(ठ) ऐस व यिक तय की अहरताए िजन ह पिरदशरक क रप म िनयक त िकया जा सकगा और व िनबधन और शत िजन पर धारा 37 क अधीन उनकी िनयिक त की जा सकगी और उनक कत य

(ड) धारा 81 की उपधारा (3) म िनिदष ट तग करन वाली या मानहािनकारक ससचना और अन य बात का िनवारण

(ढ) कोई अन य िवषय जो िविहत िकया जाना ह या िविहत िकया जाए

95 कदरीय सरकार या राज य सरकार ारा बनाए गए िनयम का िवधान-मडल क समकष रखा जानाndashndash(1) इस अिधिनयम क अधीन कदरीय सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर ससद क परत यक सदन क समकष जब वह सतर म हो कल तीस िदन की अविध क िलए रखा जाएगा यह अविध एक सतर म अथवा दो या अिधक आनकरिमक सतर म परी हो सकगी यिद उस सतर क या पव क त आनकरिमक सतर क ठीक बाद क सतर क अवसान क पवर दोन सदन उस िनयम म कोई पिरवतरन करन क िलए सहमत हो जाए तो तत पश चात वह ऐस पिरवितत रप म ही परभावी होगा यिद उक त अवसान क पवर दोन सदन सहमत हो जाए िक वह िनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत पश चात वह िनष परभाव हो जाएगा िकत िनयम क ऐस पिरवितत या िनष परभाव होन स उसक अधीन पहल की गई िकसी बात की िविधमान यता पर परितकल नह पड़गा

(2) इस अिधिनयम क अधीन राज य सरकार ारा बनाया गया परत यक िनयम बनाए जान क पश चात यथाशीघर राज य िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा

96 अन य िविधय पर अिधिनयम का परभावndashndashइस अिधिनयम क उपबध तत समय परव िकसी अन य िविध म उनस असगत िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग और ऐसी असगित की सीमा तक समझा जाएगा िक उस अन य िविध का कोई परभाव न होगा

97 किठनाई दर करन की शिक तndashndashयिद इस अिधिनयम क उपबध को िकसी राज य म परभावी करन म कोई किठनाई उत पन न होती ह तो राज य सरकार आदश ारा ऐसी कोई बात कर सकगी जो ऐस उपबध स असगत न हो और जो उस किठनाई दर करन क परयोजन क िलए आवश यक या समीचीन परतीत हो

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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Page 26: मानिसक स् वास् थ् य अिधिनयम, 1987ncwapps.nic.in/acts/THEMENTALHEALTHACT1987_HINDI.pdfम न सक स व स थ य पर धकरण

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परत िकसी राज य क सबध म कोई आदश इस धारा क अधीन उस तारीख स दो वषर की समािप त क पश चात नह िकया जाएगा िजसको यह अिधिनयम उस राज य म परव होता ह

98 िनरसन और व यावि ndashndash(1) भारतीय पागलपन अिधिनयम 1912 (1912 का 4) और पागलपन अिधिनयम 1977 (1977 का जम म-कश मीर अिधिनयम 25) इसक ारा िनरिसत िकए जात ह

(2) ऐस िनरसन क होत हए भी यह ह िक उक त दोन अिधिनयम म स िकसी क अधीन की गई कोई भी बात या काररवाई जहा तक वह बात या काररवाई इस अिधिनयम क उपबध स असगत नह ह इस अिधिनयम क तत समान उपबध क अधीन की गई समझी जाएगी और तब तक परव रहगी जब तक िक वह अिधिनयम क अधीन की गई िकसी भी बात या काररवाई स अितिष ठत नह कर दी जाती ह

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