मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 ... - no...म र...

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गोसवामी ुलसीदास नगर, मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस 2018 अंक - 4 11व िव ििंदी समलन पर क ित दैिनक साचार प िि दी बन स रा स घ की सातव आििकाररक भाषा : परििव िपललै वायाप री ॉरीिस क कायवािक रापित क ववय स ि आ समलन का सापन ॉरीिस की सवािीनता-ाि िि दी की अि भ िका : अिन जगनाथ रासता व ििल िदखान वाल थ अटल जी : ए. ज. अकबर अगला ि व ि ि दी समलन ि िजी सतािवत कारम के विवि अविवि के प म बोलिे हुए मॉरीिस गणराजर के मागदिक मंी अवि जगनिाि िे कहा वक वहंदी का रह महा कु म ि िक राद वकरा जाएगा। उनहिे राद वदलारा वक उिके कारकाल म िे वहंदी ििा अनर ारिीााओं के उनिरि के वलए लगािार रासरि रहे। उनहिे वहंदी वि को आसि वकरा वक वहंदी को अंिरराीर मंच पर पहचाि वदलािे के वलए ििा ारिीर संसकवि के चार-सार हेिु मॉरीिस की सरकार और मॉरीिस िासी अपिा पूरा सहरोग दगे। हज़ार की संखरा म एक सिाि पर वहंदी-सेविर की उपवसिि से िे अवू ि हुए। सममेलि के मुखर विर की चचा करिे हुए उनहिे कहा वक ाा और संसकवि एक द सरे से अलग िह ह। वहंदी ारिीर संसकवि की आतमा है। उनहिे राद वदलारा वक जब िे धाि मंी िे िब ारि के धाि मंी ी िरेन मोदी िे वि वहंदी सवचिालर मुखरालर विमाण का िुारं विवधपूिक संपनि वकरा िा, जो हमारे पू िज के वि एक सचची ांजवल है। हमारे पूिज वहंदी ाा और ारिीर संसकवि लेकर आए िे और आज हम उिके िंिज देि की गवि म लगे हुए ह। वहंदी िे दे ि की आज़ादी वदलािे म महतिपूण रोगदाि वदरा है ििा इसिे दे ि की आविक और सामावजक गवि म ी रोगदाि वदरा है। उनहिे ज़ोर देकर कहा वक इस सममेलि से ारि और मॉरीिस के बीच र का संबंध और ज़रादा गहरा हो गरा है। अपिे संबोधि म उनहिे ‘वि वहंदी सममाि’ पािे िाल को हावदक बधाई दी ििा उममीद जिाई वक समाविि लोग से ेररि होकर अनर लोग ी वहंदी के चार-सार म अवधक मेहिि करगे और लेखि पर वििे धराि दगे। समापि समारोह के अिसर पर धनरिाद ावपि करिे हुए ारि के विदे ि राजर मंी, एम. जे. अकबर िे रेखांवकि करिे हुए कहा वक मॉरीिस म आरोवजि इस िीि वदिसीर वर सममेलि से वस हो गरा वक वहंदी का विर उजजिल है। इस अिसर पर उनहिे वि र से पधारे विावगर, अविविर एिं सममेलि को सफल बिािे म सहरोगी वरवर ि संसिाओं के वि हावदक आार कट वकरा। इस अिसर पर सि. अटल वबहारी िाजपेरी को राद करिे हुए उनहिे कहा वक िे अब हमारे साि िह है, वजनहिे हम रासिा ि मंवज़ल वदखाई। उनहिे सुमा सिराज जी के िे िति की सराहिा करिे हुए कहा वक िे सममेलि को कलपिा से मूि प िक ले आई और हर गविविवध की सिरं देख-रेख की। एक िरह से िे ही सममेलि की ‘माई’ ह। उनहिे राद वदलाई वक इविहास खामोिी से बदलिा है और इसी वरा म आज वहंदी वि ाा बि चुकी है और रह अिेक दे ि म सावहतर, ाा, संसकवि, मिोरंजि आवद के प म उपवसिवि दज कर चुकी है। समापि समारोह म मंच संचालि डॉ. माधुरी रामधारी ििा ो. कुमुद िमा िे वकरा। कािक : वि वहंदी सवचिालर, मॉरीिस संपादक : ो. वििोद कुमार वम संपादि-सहरोग : महातमा गांधी अं िरराीर वहंदी विविालर, िधा पिा : इंवडपडस सीट, फ़ेविकस 73423, मॉरीिस फ़ोि : +230 660 0800 फ़ैकस : +230 606 4855 ईमेल : [email protected] िबसाइट : www.vishwahindi.com डेटाबेस : www.vishwahindidb.com मुक : कािे वंवटंग वल., मॉरीिस गोसिामी िुलसीदास िगर, मॉरीिस। 20 अगसि 2018 को अवमनरु अिि सागार 11ि वि वहंदी सममेलि का समापि समारोह संपनि हुआ। इस अिसर पर परमवििम् वपललै िरापु री, कारिाहक रापवि, मॉरीिस गणराजर मुखर अविवि के प म ििा अवि जगनिाि मागदिक और रोवगस मंी उपवसिि ि। साि ही सुमा सिराज, लीला देिी द कि- लछू मि ि मद ला वसनहा, केिरी िाि वपाठी, एम. जे. अकबर ििा सतर पाल वसंह मंच पउपवसिि िे। अपिे संबोधि िवर म मुखर अविवि िे कहा वक इस महाि वहंदी समेलि म ाग लेिा उिके वलए अतरंि गि और सनििा की बाि है ििा ी अटल वबहारी िाजपेरी जी को राद करिे हुए उनहिे कहा वक िे मॉरीिस के अचछे और सहरोगी वम के प म सदा समरणीरहगे। ि 2000 के मॉरीिस के सििंिा वदिस के िे मुखर अविवि िे। ी अटल वबहारी िाजपेरी जी कअिेक मॉरीिसीर रााएँ हमारे वि उिके लगाि का पररचारक ह। अटल जी िे ारिीर संसद म अिेक बार वहंदी को रा संघ की आवधकाररक ाा का दजा वदए जािे की माँग की िी। ारि की ओर से साइबर टािर के विमाण म उिकी महतिपूण ूवमका रही। साइबर टािर को उिका िम वदरा जािा उिके वि सचची ांजवल है। उ अिसर पर केरल के बाढ़ पीविि के वि उनहिे अपिी गहरी सहािुूवि कट की। संखरा बल और वहंदी िैवक लोकवरिा के आधापर वहंदी को संरु रा संघ की आवधकारक ाा बिाए जािे की माँग की। उनहिे 11ि वि वहंदी सममेलि के ‘लोगो’ से ेररि होकर वहंदी की वििेिाओं को ारि के रा पी मोर के साि जोििे हुए कहा वक वहंदी मोर के समाि एक बहुि सुनदर और पवि ाा है और िह अपिे पंख को वि के कोिे-कोिे म फैला रही है। उनहिे आिा वर की वक सममेलि अपिे सी उेशर की पूवि करेगा। उिका माििा है वक मॉरीिस म वहंदी डोडो की िरह समा िह होगी करवक महातमा गांधी संसिाि मॉरीिस म वहंदी का अधररि-अधरापि विरनिर चल रहा है। मॉरीिस िे अवमनरु अिि, सोमद बखोरी और वचनिामवण जैसे वि सिरीर लेखक वदए ह। उनहिे वि र से पधारे विावगर की हज़ाकी संखरा म उपवसिवि के वलए धनरिाद वदरा ििवि वहंदी सममाि पािे िाले वहंदी सेविर, विक ि संसिाओं को बधाई दी। ‘वहंदी हमारी पहचाि है। वहंदी ही वि को िांवि और िव दाि करेगी। जर मॉरीिस, जर ारि, जवहंदी’ के उो के साि उनहिे 11ि वि वहंदी सममेलि की समाव की घोणा की। िव िि दी समान स ि ए समािनत िि दी-सवी व स सथाएँ समापि समारोह म 18 मॉरीिसीर ििा 18 विदे िी वहंदी-सेिी विाि को िव ििंदी समान से सममाविि वकरा गरा। साि ही 2 ारिीर ििा 3 विदे िी संसिाओं को ी िििदी समान दाि वकरा गरा। इसके अविरी पािुलूरर वििराम कणयरा ििा सि. ी जलाल धिपि को िविि ििंदी समान से सममाविि वकरा गरा। मॉरीिस के ािवमक और माधरवमक सिर पर सेिारि े वहंदी विक ी वििपूजि गौिम लालवबहारी ििा ीमिी िरारणी हीरामि को सव ििंदी ििक पुरसकार दाि वकरा गरा। इस अिसर पर वि वहंदी सवचिालर के ‘लोगो’ के विजेिा ी िासुदेिि सी. ििा 11ि वि वहंदी सममेलि के ‘लोगो’ के विजेिा ी वचि रादि को ी पुरसकि वकरा गरा। वि वहंदी सममेलि 43 ि की राा समर के बिे कालखणड को अपिे ीिर समेटे हुए मॉरीिस की धरिी पर िीसरी बार आरोवजि हुआ। इस अिसर पर रह सिाल उठिा ी लावज़मी है वक वजि उेशर को लेकर इस सममेलि की िुआि हुई िी, करा हम उसे पू रा कर पारे? जी हाँ, धीरे ही सही हम कुछ कर पारे है और िे करिे के वलए सिि रासरि ी है। लोकिं म राजिैविक िे िति के सकारातमक ख की बदौलि हम बहुि क ु छ कर पािे ह। सौागर से ारि और मॉरीिस दोि दे ि के राजिैविक िि ति का ख वहंदी को लेकर सकारातमक है। अनरिा वरिसिा के लौह आिरण को िोिकर लिक पहुँचिा क साधर हो जािा। सममेलि के उाटि ाण म सुमा सिराज की घोणा हमारी उस उममीद को िहि् आकार देिी है वजससे संरु रा संघ की आवधकारक ाा बििे की वदिा म हम कुछ कदम और उठा सकिे ह। रा संघ के साावहक वहंदी समाचार ििा वहंदी म ट् िीट हमारी उमीद को सिण पंख लगा दे िे ह। 11व िव िि दी समलन न िदया उमीद को सवर प ख : िवनोद क ार ि

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  • मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 1

    गोसवामी ्ुतलसीदास नगर, मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4

    11वें ि वश्व ििंदी सम म्ेलन पर कें िरित दैिनक स्ाचार पत्र

    ििंदी बनमे सयुंक्त राष्ट्र सघं की सातवीं आििकाररक भाषा : पर्ििव् ्िपललै वायापुरी्ॉरीिस कमे काय्यवािक राष्ट्रपित कमे वक्तवय समे िुआ सम म्ेलन का स्ापन

    ्ॉरीिस की सवािीनता-प्ािति े्ं ििंदी की अि् भूि्का : अिनरुद्ध जगननाथ

    रासता व ्ंििल िदखानमे वालमे थमे अटल जी : ए्. जमे. अकबर

    अगला

    िवश्व ििंदी सम म्ेलन

    ििजी े्ं प्सतािवत

    कार्यक्रम के विविष्ट अविवि के रूप में बोलिे हुए मॉरीिस गणराजर के माग्यदि्यक मतं्ी अविरुद्ध जगनिाि िे कहा वक वहदंी का रह महा कुम्भ िर्षों िक

    राद वकरा जाएगा। उनहोंिे राद वदलारा वक उिके कार्यकाल में िे वहदंी ििा अनर ्भारिीर ्भार्ाओ ंके उनिरि के वलए लगािार प्ररासरि रह।े उनहोंिे वहदंी विश्व को आश्वसि वकरा वक वहदंी को अिंरराष्ट्ीर मचं पर पहचाि वदलािे के वलए ििा ्भारिीर संसककृ वि के प्रचार-प्रसार हिे ुमॉरीिस की सरकार और मॉरीिस िासी अपिा परूा सहरोग देंगे। हज़ारों की संखरा में एक सिाि पर वहदंी-सेविरों की उपवसिि से िे अव्भ्भिू हुए। सममलेि के मखुर विर्र की चचा्य करिे हुए उनहोंिे कहा वक ्भार्ा और संसककृ वि एक दसूरे से

    अलग िहीं हैं। वहदंी ्भारिीर संसककृ वि की आतमा ह।ै उनहोंिे राद वदलारा वक जब िे प्रधाि मतं्ी िे िब ्भारि के प्रधाि मतं्ी श्ी िरेनद्र मोदी िे विश्व वहदंी सवचिालर मखुरालर विमा्यण का ि्ुभारं्भ विवधपिू्यक संपनि वकरा िा, जो हमारे पिू्यजों के प्रवि एक सचची श्द्धांजवल ह।ै हमारे पिू्यज वहदंी ्भार्ा और ्भारिीर संसककृ वि लेकर आए िे और आज हम उिके िंिज दिे की प्रगवि में लगे हुए हैं। वहदंी िे दिे की आज़ादी वदलािे में महतिपणू्य रोगदाि वदरा ह ैििा इसिे दिे की आवि्यक और सामावजक प्रगवि में ्भी रोगदाि वदरा ह।ै उनहोंिे ज़ोर दकेर कहा वक इस सममलेि से ्भारि और मॉरीिस के बीच रक्त का संबंध और ज़रादा गहरा हो गरा ह।ै अपिे संबोधि में उनहोंिे ‘विश्व वहदंी सममाि’ पािे िालों को हावद्यक बधाई दी ििा उममीद जिाई वक सममाविि लोगों से पे्रररि होकर अनर लोग ्भी वहदंी के प्रचार-प्रसार में अवधक महेिि करेंगे और लेखि पर वििरे् धराि देंगे।

    समापि समारोह के अिसर पर धनरिाद ज्ावपि करिे हुए ्भारि के विदिे राजर मतं्ी, एम. जे. अकबर िे रेखांवकि करिे हुए कहा वक मॉरीिस में आरोवजि इस िीि

    वदिसीर ्भवर सममलेि से वसद्ध हो गरा वक वहदंी का ्भविष्र उजजिल ह।ै इस अिसर पर उनहोंिे

    विश्व ्भर से पधारे प्रवि्भावगरों, अविविरों एिं सममलेि को सफल बिािे में सहरोगी वरवक्तरों ि संसिाओ ंके प्रवि हावद्यक आ्भार प्रकट वकरा। इस अिसर पर सि. अटल वबहारी िाजपेरी को राद करिे हुए उनहोंिे कहा वक िे अब हमारे साि िहीं ह,ै वजनहोंिे हमें रासिा ि मवंज़ल वदखाई। उनहोंिे सरु्मा सिराज जी के िेिकृति की सराहिा करिे हुए कहा वक िे सममलेि को कलपिा से मिू्य रूप िक ले आई ं और हर गविविवध की सिरं दखे-रेख की। एक िरह से िे ही सममलेि

    की ‘माई’ हैं। उनहोंिे राद वदलाई वक इविहास खामोिी से बदलिा ह ैऔर इसी प्रवक्ररा में आज वहदंी विश्व ्भार्ा बि चकुी ह ैऔर रह अिेक दिेों में सावहतर, ्भार्ा, संसककृ वि, मिोरंजि आवद के रूप में उपवसिवि दज्य कर चकुी ह।ै समापि समारोह में मंच संचालि डॉ. माधरुी रामधारी ििा प्रो. कुमदु िमा्य िे वकरा।

    प्रकािक : विश्व वहदंी सवचिालर, मॉरीिस संपादक : प्रो. वििोद कुमार वमश् संपादि-सहरोग : महातमा गांधी अिंरराष्ट्ीर वहदंी विश्वविद्ालर, िधा्यपिा : इवंडपेंडेंस सट्ीट, फ़ेविकस 73423, मॉरीिसफ़ोि : +230 660 0800 फ़ैकस : +230 606 4855ईमले : [email protected] िेबसाइट : www.vishwahindi.comडेटाबेस : www.vishwahindidb.comमदु्रक : कािे वपं्रवटंग वल., मॉरीिस

    गोसिामी िलुसीदास

    िगर, मॉरीिस। 20

    अगसि 2018 को

    अव्भमनर ु अिि

    स्भागार में 11िें

    विश्व वहदंी सममलेि

    का समापि समारोह

    संपनि हुआ। इस अिसर पर परमवििम ् वपललै

    िारापरुी, कार्यिाहक राष्ट्पवि, मॉरीिस

    गणराजर मखुर अविवि के रूप में ििा अविरुद्ध

    जगनिाि माग्यदि्यक और रोवरिगस मतं्ी उपवसिि

    िे। साि ही सरु्मा सिराज, लीला दिेी दकूि-

    लछूमि ि मकृदलुा वसनहा, केिरी िाि वत्पाठी,

    एम. जे. अकबर ििा सतर पाल वसंह मचं पर

    उपवसिि िे।

    अपिे संबोधि िक्तवर में मखुर अविवि िे कहा

    वक इस महाि वहदंी सममलेि में ्भाग लेिा उिके

    वलए अतरंि गि्य और प्रसनििा की बाि ह ैििा

    श्ी अटल वबहारी िाजपेरी जी को राद करिे

    हुए उनहोंिे कहा वक िे मॉरीिस के अचछे और

    सहरोगी वमत् के रूप में सदा समरणीर रहेंगे। िर््य

    2000 के मॉरीिस के सििंत्िा वदिस के िे मखुर

    अविवि िे। श्ी अटल वबहारी िाजपेरी जी की

    अिेक मॉरीिसीर रात्ाए ँहमारे प्रवि उिके लगाि

    का पररचारक हैं। अटल जी िे ्भारिीर संसद में

    अिेकों बार वहदंी को राष्ट् संघ की आवधकाररक

    ्भार्ा का दजा्य वदए जािे की माँग की िी। ्भारि

    की ओर से साइबर टािर के विमा्यण में उिकी

    महतिपणू्य ्भवूमका रही। साइबर टािर को उिका

    िाम वदरा जािा उिके प्रवि सचची श्द्धांजवल ह।ै

    उक्त अिसर पर केरल के बाढ़ पीवििों के प्रवि

    उनहोंिे अपिी गहरी सहाि्ुभवूि प्रकट की। संखरा

    बल और वहदंी िैवश्वक लोकवप्ररिा के आधार

    पर वहदंी को संरकु्त राष्ट् संघ की आवधकाररक

    ्भार्ा बिाए जािे की माँग की। उनहोंिे 11िें विश्व

    वहदंी सममलेि के ‘लोगो’ से पे्रररि होकर वहदंी

    की वििरे्िाओ ंको ्भारि के राष्ट् पक्ी मोर के

    साि जोििे हुए कहा वक वहदंी मोर के समाि

    एक बहुि सनुदर और पवित् ्भार्ा ह ै और िह

    अपिे पंखों को विश्व के कोिे-कोिे में फैला रही

    ह।ै उनहोंिे आिा वरक्त की वक सममलेि अपिे

    स्भी उद्शेरों की पवूि्य करेगा। उिका माििा ह ै

    वक मॉरीिस में वहदंी डोडो की िरह समाप्त िहीं

    होगी करोंवक महातमा गांधी संसिाि मॉरीिस में

    वहदंी का अधररि-अधरापि विरनिर चल रहा

    ह।ै मॉरीिस िे अव्भमनर ुअिि, सोमदत्त बखोरी

    और वचनिामवण जैसे विश्व सिरीर लेखक वदए हैं।

    उनहोंिे विश्व ्भर से पधारे प्रवि्भावगरों की हज़ारों

    की संखरा में उपवसिवि के वलए धनरिाद वदरा

    ििा विश्व वहदंी सममाि पािे िाले वहदंी सेविरों,

    विक्कों ि संसिाओ ंको बधाई दी। ‘वहदंी हमारी

    पहचाि ह।ै वहदंी ही विश्व को िांवि और िवक्त

    प्रदाि करेगी। जर मॉरीिस, जर ्भारि, जर

    वहदंी’ के उद्ोर् के साि उनहोंिे 11िें विश्व वहदंी

    सममलेि की समावप्त की घोर्णा की।

    िवश्व ििंदी सम्ान समे िुए सम्ािनत ििंदी-समेवी व ससंथाएँ

    समापि समारोह में 18 मॉरीिसीर ििा 18

    विदिेी वहदंी-सेिी विद्ािों को िवश्व ििंदी

    सम्ान से सममाविि वकरा गरा। साि ही 2

    ्भारिीर ििा 3 विदिेी संसिाओ ंको ्भी िवश्व

    ििंदी सम्ान प्रदाि वकरा गरा। इसके अविररक्त

    श्ी पािलुरूर वििराम ककृ ष्णयरा ििा सि. श्ी

    ब्रजलाल धिपि को िवििष्ट ििंदी सम्ान से

    सममाविि वकरा गरा। मॉरीिस के प्रािवमक और

    माधरवमक सिर पर सेिारि श्षे्ठ वहदंी विक्क

    श्ी वििपजूि गौिम लालवबहारी ििा श्ीमिी

    िारारणी हीरामि को सव्यश्मेष्ठ ििंदी ििक्षक

    पुरसकार प्रदाि वकरा गरा। इस अिसर पर

    विश्व वहदंी सवचिालर के ‘लोगो’ के विजेिा

    श्ी िासदुिेि सी. ििा 11िें विश्व वहदंी सममलेि

    के ‘लोगो’ के विजेिा श्ी रुवचि रादि को ्भी

    परुसककृ ि वकरा गरा।

    विश्व वहदंी सममलेि 43 िर््य की रात्ा समर के बिे कालखणड को अपिे ्भीिर समटेे हुए मॉरीिस की

    धरिी पर िीसरी बार आरोवजि हुआ। इस अिसर पर रह सिाल उठिा ्भी लावज़मी ह ैवक वजि उद्शेरों

    को लेकर इस सममलेि की िरुुआि हुई िी, करा हम उसे परूा कर पारे? जी हाँ, धीरे ही सही हम कुछ

    कर पारे ह ैऔर िरे् करिे के वलए सिि प्ररासरि ्भी ह।ै लोकिंत् में राजिैविक िेिकृति के सकारातमक

    रुख की बदौलि हम बहुि कुछ कर पािे हैं। सौ्भागर से ्भारि और मॉरीिस दोिों दिेों के राजिैविक

    िेिकृति का रुख वहदंी को लेकर सकारातमक ह।ै अनरिा वरिसिा के लौह आिरण को िोिकर लक्र

    िक पहुचँिा कष्ट साधर हो जािा। सममलेि के उद्ाटि ्भार्ण में सरु्मा सिराज की घोर्णा हमारी उस

    उममीद को िकृहि ्आकार दिेी ह ैवजससे संरकु्त राष्ट् संघ की आवधकाररक ्भार्ा बििे की वदिा में हम

    कुछ कदम और उठा सकिे हैं। राष्ट् संघ के साप्तावहक वहदंी समाचार ििा वहदंी में ट्िीट हमारी उममीदों

    को सिण्य पंख लगा दिेे हैं।

    11वें िवश्व ििंदी सम म्ेलन नमे िदया उम्ीदों को सवर्य पंख : िवनोद कु्ार ि्श्

  • मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 2

    वदिांक : 18.08.2018 स्ानांतर सत्र - 1िवषय : भाषा एवं लोक-ससंककृ ित का अंतःसबंिअनुिंसाए ँ:

    1. सांसककृ विक अिध ग्ाम की सिापिा की जाए करोंवक रामचररिमािस रहाँ का प्राण ह।ै

    2. ्भारि और प्रिासी क्ेत्ों को सवममवलि कर लोककिाओ ंििा लोकगीिों का प्रकािि वकरा जाए।

    3. विद्ालरों, महाविद्ालरों, विश्वविद्ालरों में लोक जीिि ििा लोक संसककृ वि का समािेि वकरा जाए।

    4. लोक जीिि, लोक सावहतर पर िोध परररोजिाओ ं में िरीरिा एिं उनहें प्रोतसाहि वदरा जाए।

    5. लोक ्भार्ा के वलए कार्यरि संसिाओ ंद्ारा लोक सावहतर एिं लोक संगीि, लोक जीिि के संिध्यि हिे ुराष्ट्ीर सिर पर कार्य रोजिाए ँबिाई जाए ँ।

    स्ानांतर सत्र - 2िवषय : प्रौद्ोिगकी कमे ्ाधय् समे ििदंी सिित भारतीय भाषाओ ंका िवकासअनुिंसाए ँ:

    1. वहदंी वि क्ा को समाज के प्रतरेक सिर पर लाग ूवकरा जाए। 2. रवूिकोड वसक्रपट सचचेबल वकरा जाए। 3. बैंवकंग सेकटर में रवूिकोड का प्रचार-प्रसार वकरा जाए।4. बीमा, अगं्ेज़ी में प्राप्त आई. टी. सॉलरिूि को वहदंी में वकरा जाए। 5. स्भी विजी एिं सरकारी ऑिलाइि सेिाए ँवहदंी में उपलबध की जाए।ँ 6. ्भारिीर ्भार्ाओ ंके प्रचार-प्रसार हिे ुस्भी िेबसाइट्स वद््भार्ी (अगं्ेज़ी और

    वहदंी) सिरूप में वकए जाए।ँ 7. रवूिकोड का मािकीकरण वकरा जाए।

    स्ानांतर सत्र - 3िवषय : ििंदी िि क्षर े्ं भारतीय ससंककृ ितअनुिंसाए ँ:

    1. वहदंी के विदिेी विद्ावि्य रों को आरं्भ में ्भारिीर संसककृ वि का वरािहाररक ज्ाि वदरा जािा चावहए।

    2. ्भार्ा वि क्ण में गीि, िाटक और वफ़लमों का उपरोग वकरा जाए। 3. अधरापकों के वलए ्भार्ा वि क्ण के प्रवि क्ण की समवुचि वरिसिा की जािी

    चावहए।4. बचचों की कवििाओ ंके माधरम से ्भी संसककृ वि का ज्ाि करािा चावहए।

    स्ानांतर सत्र - 4िवषय : ििंदी सािितय े्ं ससंककृ ित िचंतनअनुिंसाए ँ:

    1. सावहतर और संसककृ वि के संबंध को मज़बिू बिारा जाए। 2. िरी पीढ़ी को सांसककृ विक दृवष्ट से जागरूक बिारा जाए। 3. ्भारिीर संसककृ वि पर हो रह ेविपरीि प्र्भािों पर रोक लगािे का उपक्रम वकरा

    जाए।

    11. ्भारिीर संसककृ वि के विविध पक्ों पर आधकृि प्रकािि एिं प्रसारण-मीवडरा अिंि्यसि ु लेख-समाचार, फ़ीचर आवद िैरार कर विव्भनि दिेों के मीवडरा संसिािों को उपलबध करािे के प्ररास वकए जाए।ँ

    स्ानांतर सत्र - 7िवषय: प्वासी ससंार : भाषा और ससंककृ ितअनुिंसाए ँ:

    1. डारसपोरा दिेों में ्भारिीर ्भार्ाओ ंएिं संसककृ वि के संरक्ण और संिध्यि हिे ुप्रािवमकिा के साि प्ररास वकरे जाए।ँ

    2. प्रिासी ्भारिीरों के बीच रिुा पीढ़ी की ज़रूरिों के अिरुूप वहदंी के प्रचार-प्रसार की रोजिा बिारी जाए ििा उसे वक्ररावनिि वकरा जाए।

    3. वहदंी विक्ण-प्रविक्ण में प्रिासी दृवष्टकोण को अपिारा जाए। ्भारििंिी छात्ों के वलए उपरकु्त पाठ्रक्रम विकवसि वकरा जाए।

    4. ‘वक्ररोल’ में सकृवजि हो रह ेसावहतर को वहदंी में अििुावदि वकरा जाए। 5. ्भारिीर संसककृ वि एिं ्भार्ा को रिुा पीढ़ी िक पहुचँािे के वलए गैर-सरकारी

    परंि ुप्रामावणक प्ररासों को वित्तीर सहारिा दी जाए। 6. ्भारि को कम्य्भवूम बिािे के वलए प्रिासी ्भारिीर रिुा पीढ़ी को पे्रररि ििा

    प्रोतसावहि वकरा जाए। 7. प्रिासी रचिाओ ंका फ़ांसीसी, डच, अगं्ेज़ी एिं अनर ्भार्ाओ ंमें अििुाद

    वकरा जाए। 8. दवक्ण पिू्य एविरा के विव्भनि दिेों में वहदंी विक्ण में संलगि लोगों को

    विविष्ट प्रविक्ण उपलबध करारा जाए। 9. वहदंी विक्ण-प्रविक्ण हिे ुऑिलाइि पलेटफ़ॉम्य िैरार वकरा जाए। 10. विश्व वहदंी सवचिालर की उपिाखाए ँप्रिांि, कैरेवबराई एिं ररूोपीर दिेों में

    खोली जाए।ँ 11. वफ़जी में वहदंी को राज्भार्ा का गौरि प्राप्त ह।ै अिः अगला विश्व वहदंी

    सममलेि वफ़जी में आरोवजि वकरा जाए। 12. गोसिामी िलुसीदास के िाम पर एक ‘सांसककृ विक ग्ाम’ सिावपि वकरा जाए।

    स्ानांतर सत्र - 8 िवषय : ििंदी बाल सािितय और ससंककृ ितअनुिंसाए ँ:

    1. मॉरीिस के बाल सावहतर के प्रकािि की वरिसिा की जाए। 2. सावहवतरक पत्-पवत्काओ ंमें बाल सावहतर का एक कॉलम अवििार्यि: रखा

    जािा चावहए। 3. प्रवि िर््य, बाल सावहतर पर राष्ट्ीर एिं अिंरराष्ट्ीर संगोष्ठी की जाए। 4. बाल सावहतर का िावर््य क आकलि वकरा जाए। 5. वहदंी बाल सावहतर का िथरातमक इविहास वलखा जाए। 6. बाल सावहतर अकादमी सिावपि की जाए। 7. ग्भ्यििी मवहलाओ ंमें अचछे संसकार डालिे के वलए बाल सावहतर विर्रक

    पसुिकें एिं कार्यिाला होिी चावहए। 8. बाल सावहतर में ‘रगुधम्य’ और ‘राष्ट्धम्य’ पर वििरे् बल वदरा जािा चावहए। 9. प्रािवमक विद्ालरों के वि क्कों के वलए बाल सावहतर विर्रक उनमखुीकरण

    (ओररएनटेिि) एिं पिुश्चरा्य कार्यक्रम (ररफ़ेिर) आरोवजि वकरा जाए। 10. विव्भ नि दिेों में वि क्कों का आदाि-प्रदाि वकरा जाए।

    4. प्रौद्ोवगकी का उपरोग कर संसककृ वि की िैज्ाविक वराखरा को प्रोतसाहि वदरा जाए।

    वदिांक : 19 अगसि 2018स्ानांतर सत्र - 5िवषय : ििल्ों कमे ्ाधय् समे भारतीय ससंककृ ित का सरंक्षरअनुिंसाए:ँ

    1. वफ़लमों के माधरम से संसककृ वि के संरक्ण के वलए चचा्य-पररचचा्य का आरोजि वकरा जािा चावहए।

    2. ग्ामीण पकृष्ठ्भवूम से आए वफ़लमकारों को वफ़लम-विमा्यण में मदद दी जािी चावहए।

    3. वसिेमा में प्रविपावदि सामावजक सोच का वदिा-विधा्यरण वकए जािे के प्ररास वकए जािे चावहए।

    4. िेब सीरीज़ में आ रही विर्रिसि ुपर विरंत्ण रख ेजािे की ज़रूरि ह।ै 5. कलातमक वफ़लमों को बढ़ािा वदरा जािा चावहए। 6. वहदंी ्भार्ा के प्रचार-प्रसार के वलए दिेिागरी वलवप ही सिीकार की जाए।

    सत्र - 6िवषय : सचंार ्ाधय् और भारतीय ससंककृ ितअनुिंसाए ँ:

    1. िि माधरम को ‘सोिल मीवडरा’ के सिाि पर िरा वहदंी िाम वदरा जाए। 2. ्भारिीर जिमाधरमों को विदिेों, वििरे् रूप से प्रिासी ्भारिीर बहुल क्ेत्ों

    के जिमाधरमों से प्रसारण सामग्ी की प्रावप्त ििा आदाि-प्रदाि हिे ु कार्य रोजिा िैरार की जाए।

    3. ्भारि में वकसी उपरकु्त सिाि पर ्भारिरति ‘अटल वबहारी िाजपेरी वहदंी पत्काररिा कें द्रीर विश्वविद्ालर’ की सिापिा की जाए। श्ी िाजपेरी द्ारा समर-समर पर पत्काररिा और पत्कारों के विर्र में वरक्त विचारों ििा उिके संपादकीर अग्लेखों का संकलि वकरा जाए ििा प्रकाविि वकरा जाए।

    4. ्भारिीर ििा विदिेी पत्कारों-संपादकों के वलए ्भारिीर संसककृ वि के पररचर एिं लेखि प्रविक्ण के सािवधक पाठ्रक्रम प्रारं्भ वकरा जाए।

    5. मीवडरा ििा जिसंचार विक्ण में ‘्भारिीर संसककृ वि’ विर्र को पाठ्रक्रम में सवममवलि वकरा जाए।

    6. ्भारि के संचार माधरमों (रिा - समाचार पत्-पवत्काओ,ं रेवडरो, टेलीविजि ििा वफ़लमों) में इवंडरा के सिाि पर ‘्भारि’ के प्ररोग को प्रोतसावहि वकरा जाए।

    7. पत्काररिा एिं संपादि के क्ेत् में ्भारि के िीर््य जििेिाओ ंएिं राजिेिाओ ंके अिदाि पर िोध कार्य वकरा जाए।

    8. महाविद्ालर ििा विश्वविद्ालर सिर की पत्काररिा एिं जिसंचार सवहि अनर विर्रों के अधरापकों के वलए सचूिा प्रौद्ोवगकी में वहदंी के बढ़िे प्ररोग और उपरोग की दृवष्ट से प्रविक्ण ििा अव्भमखुीकरण कार्यक्रम चलारे जाए।ँ

    9. क्ेत्ीर सिर पर संसककृ वि ििा मलूरपरक ज्ाि संिध्यि एिं उिके विर्र में जागरूकिा के वलए सामदुावरक रेवडरो के संजाल का विसिार वकरा जाए। इस हिे ुसामदुावरक रेवडरो सटेििों की सिापिा प्रवक्ररा को सरल बिारा जाए।

    10. ‘वहाट्स एप’ जैसे ििाचारी वडवजटल पलेटफ़ामषों का सांसककृ विक पवत्का के रूप में उपरोग वकरा जाए।

    प्सतािवत अनुिंसाएँ

    21िीं सदी ‘सचूिा एिं प्रौद्ोवगकी से संचावलि ज्ाि की सदी’ ह।ै ऐसे में वहदंी को ज्ाि की संिावहका बि उसका माग्य प्रिसि करिा पिेगा। साि ही साि ्भार्ा एिं सावहतर के बीच संिलुि बिािे हुए वहदंी की ्भारिीर एिं ्भारिेिर संपदा को उनमकु्त गगि में विचरण करिे का समाि अिसर ्भी प्रदाि करिा होगा। इसे एक ओर िैवश्वक

    प्रविसपधा्य में बिे रहिे के वलए सचूिा-साधिों से संपनि बििा होगा ििा दसूरी ओर वहदंी के िैवश्वक जिमािस की िैचाररकी में ्भी बदलाि लािा अपररहार्य होगा, ि्भी िह अपिी अवधग्ाही लोकवरावप्त के वलए समादृि होगी। वहदंी सही अिषों में ि्भी लोकिांवत्क ििा बहुआरामी विश्व वरिसिा के सि्यिा अिकूुल बि पाएगी और प्रिासी ्भारिीर उसमें अपिी अवसमिा का अकस दखे पाएगँे।इविहास इस बाि का साक्ी रहा ह ै वक ‘ज्ाि’ पर वजसका ्भी अवधकार रहा ह ै उसी िे इसे हविरार बिाकर विश्व वरिसिा पर कबज़ा जमारा। ऐसी वसिवि में वहदंी को प्रविरोध की ्भार्ा बिािे का ्भी एक विकलप मौजदू ह ैवजसके सहारे विश्व ्भार्ा समदुार के बीच दािेदारी पेि करिे हुए इसे िैकवलपक ज्ाि की ्भार्ा के रूप में प्रसििु वकरा जा सकिा ह ै।आज वहदंी संसार की समकृद्ध ्भार्ाओ ंमें वगिी जा रही ह।ै चाह ेबाि विचार, संचार, वरिहार रा विसिार की हो, वहदंी की वसिवि और उपवसिवि कावबल-ए-िारीफ़ ह।ै हर दृवष्ट से सक्म ििा लगािार आगे

    बढ़िे रहिे के जज़बे से लबरेज़ रह दवुिरा की दो महतिपणू्य ्भार्ाओ ं– मदंाररि ििा अगं्ेज़ी के साि खिी वदख रही ह।ै आज ‘विश्वग्ाम’ की अिधारणा के सामिे ‘िसधुिै कुटुमबकम’् का प्राचीििम ्वचिंि ्भी उपवसिि ह ैवजसमें संसार ्भर के लोगों के बीच विवहि िावतिक एकिा की बाि की गई ह ैििा वजसकी आधारविला आधरावतमकिा पर अिलंवबि ह।ै दसूरी ओर ‘विश्वग्ाम’ की अिधारणा बंधिमकु्त वरापार और वरािसावरक समसरा ििा प्रविसपधा्य की बाि करिी ह।ै एक आधरावतमक ह ैिो दसूरा ्भौविक। वकनि ु्भौविकिा के सहारे वसफ़्य बाज़ार बिकर रहा जा सकिा ह।ै विज्ाि और प्रौद्ोवगकी में दक्िा हावसल करिे के वलए ्भार्ा वििरे् की कोई ज़रूरि िहीं होिी ह।ै ्भौविक वचिंि एिं अिसुंधाि के वलए ‘विज्भार्ा’ ही एक मात् विकलप ह।ै ‘विज्भार्ा’ के अविररक्त दसूरी ‘बाहरी’ ्भार्ा खवणडि संसककृ वि लेकर हमारे बीच आिी ह ैऔर हमारे वचिंि की धारा को प्र्भाविि करिी ह ैििा ज्ाि और जीिि के बीच एक बिी वि्भाजक रेखा खींचिे का उपक्रम ्भी करिी ह।ै ‘िसधुिै कुटुमबकम’ के िाश्वि मलूरों के अिपु्ररोग के द्ारा ही दोिों अिधारणाओ ंके बीच वचर सिारी संिलुि कारम वकरा जा सकिा ह ै।वहदंी में विज्ाि एिं प्रौद्ोवगकी से संबंवधि संपे्रर्णीरिा अपिी परूी जीिंििा के साि मौजदू ह।ै िि्यमाि में हो रह ेअधिुािि आविष्कार स्ोि ्भार्ा से लक्र ्भार्ा िक आसािी से पहुचँ रह ेहैं। वकनि ुउसे सिीकार करिे में कहीं ि कहीं हमारा ्भार्ाई हीििाबोध आिे आ जािा ह।ै सत्ता के िीर््य पर सवदरों से आसीि ििाकविि ‘विश्व ्भार्ा’ हमारी अवसमिा पर हािी हो जािी ह ै । जब फ़ांस ,जम्यिी, चीि, रूस ,जापाि, िॉिचे ििा इज़राइल जैसे अिवगिि दिे, वजिके जिमािस पर उक्त ‘विश्व ्भार्ा’ का कबज़ा िहीं ह,ै अपिी ्भार्ा के बलबिेू ज्ाि-विज्ाि और प्रौद्ोवगकी में सि्यश्ेष्ठ प्रदि्यि कर रह ेहैं िब उदात्त सांसककृ विक एिं ्भार्ाई विरासि िाले हम करों िहीं कर पा रह?े वफर ्भी जब िक विज्ाि और िकिीकी वििरे्ज् वहदंी को अपिी लेखि की ्भार्ा िहीं बिािे िब िक वहदंी जगि ्भाि

    और िलैी की दृवष्ट से सिवोतककृ ष्ट सावहतर से िंवचि रहगेा। वकसी ्भी ्भार्ा की वचिंि परमपरा को आगे बढ़ािे में मौवलक िैचाररकी ििा िोध की महिी ्भवूमका होिी ह ैििा इि कारषों के वलए िए िबद एिं िई अव्भवरवक्तरों की विवम्यवि ्भी होिी ह।ै इस प्रकार ज्ाि और ्भावर्क संपदा साि-साि विकवसि होिे हैं। ज्ाि-विज्ाि की अव्भवरंजिा िवक्त को धारदार बिािे में वहदंी अपिी चिेिा, प्रविबद्धिा एिं सिाव्भमाि के साि अपिी क्मिा वसद्ध कर सकिी ह ैकरोंवक अिसुंधाि एिं सकृजि हृदर की ्भार्ा में ही सं्भि ह।ै रटकर प्राप्त ज्ाि से परीक्ा में सिवोत्तम अकं िो प्राप्त हो सकिा ह ै वकनि ुवचिंि में सिािलंबी हुए वबिा ि िो िह आविष्कार वकरा जा सकिा ह ैऔर ि ही िैचाररक सोच पैदा हो सकिी ह।ै ििाकविि विश्व्भार्ा आज िक एक ्भी क्रांविकारी ग्ंि दिेे में सक्म िहीं रही ह।ै गीिा, कुराि, बाइवबल, दासकैवपटल, रामारण, महा्भारि आवद महाि एिं क्रांविकारी गं्ि ्भी अनर ्भार्ाओ ंकी दिे ह ै।िि्यमाि सदी वपछली कई सवदरों की िलुिा में प्रौद्ोवगक उपलवबधरों के संद्भ्य में ज़रादा गवििील रही ह।ै विज्ाि एिं प्रौद्ोवगकी की मदद से हर प्रकार की दरूरराँ खतम हुई हैं। िैवश्वक सीमाए ँसंकुवचि हुई हैं। वपछली कम से कम िीि ििावबदराँ पवश्चम के िच्यसि की साक्ी रही हैं लेवकि इककीसिीं सदी ्भारि के िाम से जािी जाएगी। ्भारि की अि्यवरिसिा िीव्रगामी ह।ै विश्व बाज़ार में आिेिाले वदिों में इि स्भी की ्भवूमका महतिपणू्य रहिे िाली ह।ै इसमें कोई संदहे की गुंजाइि िहीं ह ैवक वहदंी िैवश्वक ्भार्ाई विकलप के रूप में उ्भरेंगी। सवदराँ गज़ुर जािी हैं िब कहीं गढ़ों एिं मठों को िोििे के प्रबल संकलप के साि इविहास की धारा को जि-सरोकारों के अिरुूप मोििे का अिसर आिा ह।ैवहदंी की ‘िवुचिा’ और ‘िदु्धिा’ को लेकर उसके आग्ही लोगों की वचनिा को वकििा जारज़ ठहरारा जा सकिा ह ै ? रह ्भी एक विचारणीर वबनद ु ह।ै करा वमलािट से ्भार्ा के अवसिति पर संकट आ सकिा ह?ै करा ्भार्ा अपिा रंग-रूप खो रही ह ैरा ्भार्ा

    प्राचीििा का विमवोक उिार कर ििीििा की ओर अग्सर हो रही ह?ै करा िह तराग और ग्हण के फलसफ़े का अिपुालि करिे हुए हो रह ेपररिि्यिों पर सिीकार्यिा की महुर लगा रही ह?ै करा मीवडरा द्ारा परोसी जा रही ्भार्ा को मािकीककृ ि करिे की पहल िावक्य क एिं जारज़ ह?ैिैचाररक दररद्रिा का अिग्यल आरोप ििा मािवसक गलुामी का ्भिू हमारे सर पर सिार कर वदरा गरा ह।ै वहदंी की सामथर्य को कमिर कर मलूरांवकि करिा ्भी एक िरह की मिमािी ह।ै ्भार्ाई अराजकिा के पसरिे का ्भी खिरा बिा हुआ ह।ै ्भार्ा के संसकार से िई पीढ़ी िंवचि ि रह जाए ।्भार्ा के साि इस िरह का वरिहार अिवुचि ह ैऔर उसकी िाकि को कमिर आकँकर भ्रम पैदा करिे की कोविि ्भी। पर िासिविकिा इससे इिर ह।ै वहदंी की िैचाररकी एिं समकृद्ध िबद-संपदा ज्ाि-विज्ाि एिं प्रौद्ोवगकी सवहि अनर विधाओ ंको मखुरिा प्रदाि करिे में सि्यिा सक्म ह।ै रवद ्भविष्र में वकनहीं दो-िीि ्भार्ाओ ंमें विश्व को संबोवधि करिे की वसिवि आिी ह ैिो विवश्चि रूप से उिमें से एक वहदंी अिशर होगी। रही वहदंी की िाकि ह ैऔर रह सं्भि हो सका ह ैउसकी उपरोवगिा एिं बाज़ारवप्ररिा के चलिे । वहदंी अपिी िैचाररकी की महारात्ा के कई पिािों को संसपि्य करिे हुए कई धाराओ ंको अपिे ्भीिर समटेे हुए सिि प्रिाहमाि ह।ै आज के बदले हुए पररिेि में इसिे अपिे परमपरागि आिरणों से बाहर विकल कर एक िैवश्वक पहचाि बिारी ह।ै उसकी झोली में जो ्भी वगरा, विखरकर बाहर आरा। वपछले दो-िीि दिकों में इस ्भार्ा िे विकास के कई िरे आराम एिं कीवि्यमाि सिावपि वकरे हैं। िैवश्वक संिाद की मिाल ले वहदंी अवग्म पंवक्त में खिी ्भाििातमकिा से वरािसावरकिा की ओर एिं धावम्यकिा से कावम्यकिा की ओर अग्सर ह।ै

    प्ो. िवनोद कु्ार ि्श् ् िासिचव

    सपंादकीय

  • मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 3

    ्भारि सरकार के इलेकट्ॉविकी एिं सचूिा मतं्ालर की सिारत्त िैज्ाविक संसिा, सी-डैक, पणू ेद्ारा वदिांक 21 से 24

    अगसि 2018 िक विदिे मतं्ालर, ्भारि ििा विश्व वहदंी सवचिालर, मॉरीिस के सहरोग से एक प्रदि्यिी लगाई जा

    रही ह।ै इसमें मखुर रूप से वहदंी ्भार्ा के वलए सी-डैक द्ारा विकवसि विव्भनि प्रौद्ोवगकी उतपादों के बारे में लोगों को

    जािकारी दी जाएगी। इसकी सचूिा प्रो. वििोद कुमार वमश्, महासवचि, विश्व वहदंी सवचिालर िे दी। प्रदि्यिी श्ी िवि

    पाल वसंह, प्रधाि िकिीकी अवधकारी, सी-डैक की दखे-रेख में होगी। प्रदि्यिी का मखुर उद्शेर मॉरीिस प्रौद्ोवगकी

    के माधरम से वहदंी को बढ़ािा दिेा और वहदंी ्भार्ा के क्ेत् में हो रह ेप्रौद्ोवगकी कारषों की जािकारी विद्ािथी, विक्क

    एिं वहदंी पे्रमी जििा िक पहुचँािा ह।ै इसमें मखुरि: रवूिकोड टाईवपंग टूल, वहदंी फ़ॉनट्स, सिािीरकरण, प्रकलप प्रबंध

    वरिसिा, वहदंी सच्य इजंि, एमबेडेड वससटम, वहदंी सीखिे का सॉफ़टिेरर, वहदंी सपीच सॉफ़टिेरर, अििुाद सॉफ़टिेरर

    ििा िबदकोि आवद सॉफ़टिेरर प्रदवि्यि वकए जाएगँे।

    िवश्व ििंदी सिचवालय े्ं सी-डैक की प्दि्यनी

    ्ाकको िोली, प्ितभागी - इटली

    वहदंी की पढ़ाई विश्वविद्ालर में होिी ह।ै इटली में कुल वमलाकर 5-6 विश्वविद्ालर होंगे वजिमें वहदंी पढ़ाई जािी ह।ै िहाँ ज़रादािर वराकरण पर ज़ोर वदरा जािा ह।ै वहदंी में वकसी सधुार की आिशरक्ता िहीं। वहदंी िो बहुि सुंदर ्भार्ा ह।ै मैं वहदंी से बहुि परार करिा हू।ँ वहदंी के विद्ािथी जब ्भारि जािे हैं िो उनहें वहदंी में बाि करिे का अभरास होिा ह।ै

    प्ो. उलित ्ुिीब, प्ितभागी - उज़बमेिकसतान

    70 साल से उज़बेवकसिाि में वहदंी पढ़ाई जािी ह।ै वििरे् रूप से लालबहादरु िास्ती िामक पाठिाला में वहदंी-अधरापि होिा ह,ै ्भारिीर सांसककृ विक केनद्र में वहदंी पढ़ाई जािी ह,ै प्राचर विद्ा इसंटीट्रटू में वहदंी की पढ़ाई बी.ए., एम.ए. और पी.एच.डी. िक होिी ह।ै बहुि सारी वकिाबें वलखी जा चकुी हैं और अििुाद ्भी हुए हैं। ्भारिीर दि्यि और इविहास ्भी

    पढ़ारा जािा ह।ै

    प्ो. जयांग िजंगकुई, प्ितभागी - चीन वहदंी मरेे वलए मरेा खािा ह।ै मैं वहदंी का पे्रमी हू।ँ वहदंी बहुि सुंदर ्भार्ा ह।ै

    डॉ. आना चमेलानोकोवा - रूस रूस में बहुि लोगों को वहदंी पसंद ह।ै वहदंी में उिकी रुवच कई सिरों पर ह।ै िे मिोरंजि के रूप में वहदंी वफ़लमी गािों पर िाचिे - गािे और वफ़लम दखेिे हैं। रूस में िीि विश्वविद्ालर हैं जहाँ वहदंी का अधररि और अधरापि होिा ह।ै

    श्ी जावमेद खोलोव - तािािकसतानवहदंी ्भार्ा को िाज़ावकसिाि में 1981 से पढ़ा रह ेहैं। हमारे राष्ट्ीर विश्वविद्ालर में वहदंी वि्भाग ह।ै िाज़ावकसिाि में अिेक वहदंी अधररि कें द्र हैं जहाँ लोग वहदंी पढ़िे हैं।

    सम म्ेलन की अनय गितिविियाँ11िें विश्व वहदंी सममलेि के अिंग्यि अनर वििरे् गविविवधरों का आरोजि ्भी वकरा गरा। प्रदि्यिी-सिल पर दिे-विदिे के लेखकों द्ारा लग्भग 50 पसुिकों का लोकाप्यण वकरा गरा।

    महातमा गांधी संसिाि, मॉरीिस के छात्ों द्ारा िकुकि िाटक ि अनर पॉकेट िो की प्रसिवुिराँ ्भी हुई ं ं।

    िवदमेिी िवद्ानों का ििंदी प्मे्

    िवश्व ििंदी सिचवालय कमे गं्थालय एवं प्लमेखन कें रि की ना् परटिका का अनावररििा प्रिासी ्भारिीर िागररक काड्य वििरण

    सोमिार 20 अगसि 2018 को ्भारिीर विदिे मतं्ी, श्ीमिी सरु्मा सिराज िे फ़ेविकस वसिि विश्व वहदंी सवचिालर में दो महतिपणू्य गविविवधरों में ्भाग वलरा। सबसे पहले उनहोंिे सवचिालर के गं्िालर एिं प्रलेखि कें द्र का िामकरण श्ी बालेश्वर अग्िाल के िाम पर वकरा। इस अिसर पर उनहोंिे सवचिालर के गं्िालर की िाम परटिका का औपचाररक अिािरण वकरा। धरािवर ह ैवक श्ी बालेश्वर अग्िाल प्रिासी दिेों में दिकों िक ममति ्भाि से काम करिे रह।े इस अिसर पर मॉरीिस गणराजर के माग्यदि्यक मतं्ी, रक्ा मतं्ी और रोवरिगस मतं्ी, सर अविरुद्ध जगनिाि, लेडी सरोवजिी जगनिाि, विक्ा ि मािि संसाधि, िकृिीरक विक्ा एिं िैज्ाविक अिसुंधाि मतं्ी श्ीमिी लीला दिेी दकूि-लछूमि, मॉरीिस में ्भारिीर उचचारकु्त, श्ी अ्भर ठाकुर और अनर महाि्ुभि उपवसिि िे।

    अिािरण के पश्चाि सरु्मा सिराज िे एक दसूरे समारोह के दौराि कुछ मॉरीिस िावसरों को प्रिासी ्भारिीर िागररक काड्य प्रदाि वकए, वजिमें गणराजर के माग्यदि्यक मतं्ी, रक्ा मतं्ी और रोवरिगस मतं्ी, सर अविरुद्ध जगनिाि, लेडी सरोवजिी जगनिाि, विक्ा ि मािि संसाधि, िकृिीरक विक्ा एिं िैज्ाविक अिसुंधाि मतं्ी माििीरा श्ीमिी लीला दिेी दकूि-लछूमि एिं चिुाि आरकु्त इरफ़ाि रमि आवद प्रमखु रह।े रह काड्य मॉरीिस िावसरों के वलए वििरे् महति रखिा ह।ै ्भारिीर विदिे मतं्ी िे सिरं उललेख वकरा वक इस काड्य को प्राप्त करिे के वलए मॉरीिस िावसरों के वलए पीढ़ी की कोई सीमा विधा्यररि िहीं ह।ै

  • मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 4

  • मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 5

  • मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 6‘िवश्व ििंदी सम्ान’ समे नवािमे गए िवश्व कमे ििंदी-समेवी

    डॉ. जोर् आिनया तानाडॉकटर जोरम आविरा िािा, विद्ािाचसपवि, अरुणाचल प्रदिे में सहारक प्राधरापक के रूप में कार्यरि हैं। वििी लोकगीि-सांसककृ विक अधररि एिं वहदंी वििी वडकििरी िामक आपकी दो पसुिकें प्रकाविि हुई हैं। आपके कई िोध पत्, लेख ि अििुाद ्भी प्रकाविि हुए हैं। आपको वबिोिा िागरी राष्ट्ीर सममाि, सावहतर सेिा सममाि से सममाविि वकरा जा चकुा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    श्ी प्सनू जोिीश्ी प्रसिू जोिी प्रवसद्ध कवि, गीिकार पटकिा लेखक हैं। ्भारि सरकार से पद्मश्ी से सममाविि वकए जािे के अविररक्त आपको दो बार राष्ट्ीर वफ़लम परुसकार से ्भी परुसककृ ि वकरा जा चकुा ह।ै आपको िलड्य इकोिॉवमक फ़ोरम द्ारा रगं गलोबल लीडर ्भी चिुा जा चकुा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृष्ट कारषों के वलए विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    प्ो. सरुमेि ऋतुपर्यप्रो. सरेुि ऋिपुण्य प्रवि्भासंपनि विद्ाि हैं। वदलली विश्वविद्ालर से विद्ािाचसपवि की उपावध प्राप्त करिे के अविररक्त आपिे 1971 से 2002 िक वहनद ूकॉलेज में अधरापि ििा ्भारिीर उचचारोग में राजिवरक के रूप में ्भी अविसमरणीर सेिाए ँदीं। आप ‘विश्व वहदंी नरास, नररूाक्य के अिंरराष्ट्ीर समनिरक’ और ‘वहदंी जगि’ िामक त्ैमावसक पवत्का के संपादक रह ेहैं। आपको वत्विदाद वहदंी ्भरू्ण सममाि, वहदंी विवध सममाि, वहदंी प्रसार सममाि ि सावहतर विरोमवण सममाि से ्भी सममाविि वकरा जा चकुा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    प्ो. इरंिनाथ चरौिरीवदलली विश्वविद्ालर में प्राधरापक प्रोफ़ेसर ििा बखुारेसट विश्वविद्ालर में अविवि वहदंी प्रोफ़ेसर के रूप में सेिाए ँदिेे के अविररक्त प्रोफ़ेसर इदं्रिाि चौधरी 13 िर्षों िक सावहतर अकादमी के सांसककृ विक प्रिासक रह ेहैं। आप ्भारिीर उचचारोग, लंदि में विदिेक ििा इवंदरा गांधी राष्ट्ीर कला कें द्र, िई वदलली में िकै्वणक विदिेक रह ेहैं। आप टैगोर सावहतर, कावर-िास्त, सौंदर्य-िास्त, िाटक, धम्य, संसककृ वि ििा ्भारि अधररि के वििरे्ज् हैं।वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममविि वकरा गरा।

    डॉ. प्मे्िंकर ित्रपाठीकलकत्ता विवश्वद्ालर से विद्ािाचसपवि की उपावध प्राप्त करिे िाले डॉकटर पे्रमिकंर वत्पाठी वहदंी अधरापि ििा लेखि से जिेु रह े हैं। आप सरुेंद्र िाि सांधर कॉलेज कलकत्ता के वहदंी वि्भाग में 33 िर्षों िक एसोवसएट प्रोफ़ेसर एिं वि्भागाधरक् रह।े आपिे कई बहुचवच्यि पसुिकों, रिा अमर आग ह,ै गीिा पररक्रमा, मािस अिकु्रमवणका आवद का संपादि वकरा ह।ै संपादि कार्य के अविररक्त आप सावहतर ्भरू्ण सममाि, विष्णकुांि िास्ती वहदंी सेिा सममाि जैसे परुसकारों के विजेिा ्भी रह चकेु हैं। वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    डॉ. श्ी्ती ऋता िुकलराँची विश्वविद्ालर के वहदंी वि्भागाधरक्, मािविकी में संकाराधरक् ििा पत्काररिा एिं जिसंचार वि्भाग के विदिेक के रूप में अपिी सेिाए ँदिेे िाली डॉ श्ीमिी ऋिा िकुल िे मगध विश्वविद्ालर से विद्ािाचसपवि की उपावध प्राप्त की ह।ै ‘धम्यरगु’, ‘वहदंसुिाि’, ‘हसं’, ‘साररका’, ‘िई धारा’ जैसी कई प्रविवष्ठि पवत्काओ ंमें आपकी रचिाए ँप्रकाविि हुई हैं। आपको लोक्भरू्ण सममाि, वहनदसुिािी प्रचार सेिा सममाि, राज्भार्ा सममाि, िई धारा रचिा सममाि जैसे परुसकारों से ्भी सममाविि वकरा गरा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    प्ो. च्न लाल गुतिपंजाब विश्वविद्ालर से िाचसपवि की उपावध अवज्यि करिे िाले प्रो. चमि लाल गपु्त िोध विदचेिि और लेखि से जिेु रह े हैं। आपको राष्ट्ीर वहदंी सेिा सममाि, वहदंी गौरि सममाि, सावहतर विरोमवण सममाि, राष्ट्ीर एकातमकिा परुसकार आवद सममािों से सममाविि वकरा गरा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    श्ी श्ीिर पराडकरसमाज के प्रवि पणू्यिरा समवप्यि समाजसेिी श्ी श्ीधर पराडकर अिेक प्रवसद्ध पसुिकों के प्रणिेा रह ेहैं। लेखि के अविररक्त आप अििुाद ििा संपादि कार्य से ्भी जिेु रह ेहैं। आप कई प्रविवष्ठि परुसकारों के विजेिा रह ेहैं। आप दिेांिर, अडंमाि ऑफ़ लाँग रात्ािकृत्त, सावहतर संिध्यि रात्ा-4 के संपादक ििा कुछ पसुिकों के अििुादक ्भी रह ेहैं। वहदंी के सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    श्ी तमजनसोबा आओगिुाहाटी विश्वद्ालर से सिािक ििा राष्ट््भार्ा प्रचार सवमवि िधा्य से राष्ट््भार्ा रति की उपावध प्राप्त करिे िाले श्ी िमजिसोबा आओ वहदंी अधरापि और लेखि कार्य से ्भी जिेु हुए हैं। वहदंी वराकरण पर आपकी कई पसुिकें प्रकाविि हो चकुी हैं। आप िागालैंड ्भार्ा अकादमी, वडमापरु के अधरक् के रूप में 1980 से राष्ट््भार्ा महाविद्ालर का संचालि कर रह ेहैं। वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममविि वकरा गरा।

    भारत डॉ. सभुाष सी. कशयपसवुिखराि संविधाि वििरे्ज् डॉ. स्ुभार् सी. कशरप को विवध सेिा सममाि, विविष्ट सेिा सममाि, पद्म्भरू्ण विदरु सममाि जैसे परुसकारों से सममाविि वकरा जा चकुा ह।ै विवध ििा राजिीवि विज्ाि की उतककृ ष्ट पसुिकों के वलए आपको मोिीलाल िेहरु परुसकार प्रदाि वकरा गरा ह।ै आप 37 से अवधक िर्षों िक ्भारि की संसद से जिेु रह ेहैं ििा साििीं, आठिीं ि ििीं लोकस्भा सवचिालर के महासवचि रह चकेु हैं। आपिे 60 से अवधक पसुिकें वलखी हैं और 50 खडंों का संपादि वकरा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    डॉ. सी. भासकर रावराँची विश्वविद्ालर के विव्भनि महाविद्ालरों में प्राधरापक रह चकेु डॉ. सी. ्भासकर राि अिेक सावहवतरक विधाओ ंमें ्भी पारंगि हैं। आपके लेखि में विविधिा ्भी विद्माि रही ह ै ििा आप किा संग्ह, वरंगर, कहािी लेखि से ्भी जिेु हुए हैं। आपको िलुसी सममाि, राधाककृ ष्ण परुसकार, सावहतर विरोमवण सममाि से ्भी सममाविि वकरा गरा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    डॉ. कमे . सी. अजय कु्ार विद्ाचासपवि की उपावध प्राप्त करिे िाले डॉकटर के.सी. अजर कुमार िररष्ठ प्रबंधक, राज्भार्ा और कॉरपोरेिि बैंक में मखुर प्रबंधक राज्भार्ा के रूप में कार्य कर चकेु हैं। वहदंी में आपकी 4 मौवलक ककृ विराँ ििा 2 अिवुदि ककृ विराँ प्रकाविि हो चकुी हैं। आपिे वहदंी से मलरालम में 18 रचिाओ ंका अििुाद वकरा ह।ै आपको वहदंीिर ्भार्ी वहदंी लेखक परुसकार और सावहतर अकादमी अििुाद परुसकार से सममाविि वकरा जा चकुा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा। डॉ. अजय कु्ार पटनायक वहदंी के प्राधरापक, कई पसुिकों के रवचरिा डॉकटर अजर कुमार पटिारक संपादक कार्य से ्भी जिेु रह ेहैं। आपिे वहदंी सावहतर सधुा, िरमाला, वहदंी सावहतर सरोिर, वहदंी सावहतर लहरी जैसी प्रवसद्ध पसुिकों का संपादि वकरा ह।ै आपको डालवमरा परुसकार, वहदंी सेिी सममाि आवद परुसकारों से ्भी सममाविि वकरा जा चकुा ह।ै वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों की वलए आपको विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    अपररिाय्य काररों समे िनमनिलिखत 5 ििंदी-समेवी स्ारोि े्ं उपिसथत निीं िो सकमेमे । इनिें बाद े्ं सम्ािनत िकए जानमे का िनर्यय िलया गया।

    श्ी बिीर अि्द ्यूखश्ी बिीर अहमद मरखू उि प्रवि्भासंपनि कविरों में से हैं, वजनहोंिे बालरकाल से ही कावर लेखि प्रारं्भ कर वदरा िा। आप कें द्रीर वहदंी सवमवि के सदसर रह चकेु हैं। आपको प्रिम विश्व वहदंी सममलेि, िागपरु में िेदों का वहदंी में अििुाद के वलए विविष्ट सममाि वदरा गरा िा। इसके अविररक्त आपको और कई प्रविवष्ठि परुसकार ्भी प्राप्त हुए हैं।

    प्ो. ि ््यपाल ्ैनीविद्ािाचसपवि की उपावध प्राप्त करिे िाले प्रोफ़ेेसर डॉकटर धम्यपाल मिैी िोध प्रवक्ररा, ्भारिीर संसककृ वि, अमरेरकि इविहास ि संसककृ वि के प्रखराि ज्ािा हैं। आपिे अमरेरका, इगलैंड ििा ऑसटे्वलरा में अधरापि का कार्य ्भी वकरा ह।ै आपकी 40 पसुिकें प्रकाविि हो चकुी हैं। आप ्भारि सरकार, पंजाब, उत्तर प्रदिे, वहमाचल, हररराणा, वदलली, राजसिाि और वबहार राजर की सरकारों द्ारा कई बार परुसककृ ि ि सममाविि वकए जा चकेु हैं।

    श्ी ब्रजिकिोर ि्ा्यश्ी ब्रजवकिोर िमा्य राजसिाि विश्वविद्ालर, जरपरु में विवध संकार के प्राधरापक रह ेहैं। आपिे राज्भार्ा विधारी आरोग के सवचि के रूप में ्भी अपिी सेिाए ँदी हैं। आपिे 1969 में समसि अवधविरमों का वहदंी में प्रावधककृ ि पाठ प्रकाविि करारा। ्भारिीर संविधाि को संसककृ ि सवहि 14 ्भारिीर ्भार्ाओ ंमें प्रकाविि करिे का श्रे ्भी आपको प्राप्त ह।ै आपको वबहार, वदलली, मधरप्रदिे, किा्यटक एिं राजसिाि राजर द्ारा कई बार सममाविि वकरा जा चकुा ह।ै

    प्ो. र म्ेि चंरि िािप्रखराि वहदंी कवि, विबंधकार, वचनिक ििा आलोचक प्रोफ़ेेसर चदं्र िाह विराला सकृजि पीठ के विदिेक और राधाककृ ष्णि पीठ के प्रोफेसर रह ेहैं। आपके 11 उपनरास, 5 कहािी-संग्ह, 2 िाटक, 10 विबंध-संग्ह आवद प्रकाविि हो चकेु हैं। आपको सावहतर अकादमी परुसकार, वरास सममाि, राहुल सांककृ तरारि परुसकार, राष्ट्ीर मवैिलीिरण गपु्त सममाि आवद से परुसककृ ि वकरा गरा िा। आपको िर््य 2004 में पद्मश्ी परुसकार से ्भी अलंककृ ि वकरा जा चकुा ह।ै

    श्ी्ती ्ालती जोिीविगि साठ िर्षों से वहदंी लेखि में साधिारि, पचास पसुिकों की रचवरिा श्ीमवि मालिी जोिी को ्भारि सरकार द्ारा पद्मश्ी से अलंककृ ि वकरा गरा ह।ै आपिे अगं्ेजी, रुसी और जापािी ्भार्ाओ ंमें अििुाद के माधरम से अपिा सावहतर विदिेी पाठकों िक पहुचँारा। वहदंी सावहतर जगि की स्भी प्रविवष्ठि पवत्काओ ंमें आपकी कहाविरों ििा लघ ुउपनरास को सिाि वदरा गरा ह।ै ्भारि सरकार द्ारा पद्मश्ी से अलंककृ ि वकए जािे के अविररक्त आपको वहदंी सेिी सममाि, मिैीलीिरण गपु्त राष्ट्ीर सममाि, ओजवसििी सममाि इतरावद परुसकारों से ्भी सममाविि वकरा गरा ह।ै

  • मॉरीशस मंगलवार, 21 अगस्त 2018 अंक - 4 7‘िवश्व ििंदी सम्ान’ समे नवािमे गए िवश्व कमे ििंदी-समेवी

    िवदमेिप्ो. जावमेद खोलोवतािािकसतानप्रो. जािेद खोलोि िे वहदंी एिं उदू्य ्भार्ा में िावजक िेििल विश्वविद्ालर से सिािक वडग्ी प्राप्त की। आपिे वहदंी ि उदू्य में कई वकिाबें वलखी हैं जो िाज़ावकसिाि, जम्यिी, रूस और ्भारि में प्रकाविि हुई हैं। िवैक्क कॉलेज, पंजीकंि में विदिेक पद पर विरकु्त आप ्भारिीर अधररि कें द्र में वहदंी ्भार्ा की सेिाए ँद ेरह ेहैं।‘वहदंी गाँि से ्भारि िक’, उपनरास का गठि, वहदंी उपनरास का आधा मलूरांकि’ िामक पसुिकों के माधरम से उिके द्ारा प्रदवि्यि उतककृ ष्ट कारषों के वलए उनहें विश्व वहदंी सममाि से ििाज़ा गरा।

    डॉ. रा् प्साद परसरा्ित्रिनदाद और टोबैगोडॉ. राम प्रसाद परसराम वहदं ूपरंपरा के पोर्क, प्रचारक एि ंसरंक्क हैं।आपिे धावम्यक और सांसककृ विक कारषों के माधरम से वहदंी के प्ररोग की िकालि की और ‘रामचररिमािस’ के अधररि–अधरापि के माधरम से छात्ों को वहदंी िबदािली और उसके प्ररोग के वलए प्रोतसावहि वकरा ह।ैआपके वहदंी विचार, उचचारोग द्ारा प्रकाविि रात्ा पवत्का के वहदंी खडं में प्रकाविि हुए हैं।आपको ्भारिीर उच ्चारोग पोट्य ऑफ सपेि द्ारा विविष्ट वहदंी सेिा सममाि से सममाविि वकरा जा चकुा ह।ैवहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    डॉ. इनमेस िाननेलज ््यनीडॉ. इिेस फािचेल इसंटीट्रटू ऑफ इडंोलॉजी एिं विबबविि सटडीज़, रवूििवस्यटी ऑफ़ गोवटंगि, जम्यिी में 2003 से वहदंी ििा आधवुिक ्भारि विर्र में अवससटेंट प्रोफेसर हैं।आपिे ्भीष्म साहिी के उपनरासों में सामावजक पररिेि ििा रिाि्यिादी पद्धवि पर िोध पत् वलखिे के साि-साि मि ु्भडंारी और ऊर्ा वप्ररंिदा द्ारा वलवखि लघ ुकिाओ ंपर ्भी िोध वकरा ह ैििा जम्यि के विव्भनि पत् और पवत्काओ ंमें वहदंी से संबंवधि लेख ्भी प्रकाविि वकए हैं।वहदंी की सेिा में आपके उतककृ ष्ट कारषों के वलए विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    डॉ. अनना चमेलनोकोवारूसकें द्रीर वहदंी संसिाि, वदलली से वहदंी में उचच दक्िा वडपलोमा प्राप्त डॉ. अनिा चलेिोकोिा रूस के सेंट पीटस्यिग्य राजकीर विश्वविद्ालर में ्भारिीर ्भार्ा वि्भाग में सह प्राधरावपका के रूप में कार्यरि हैं। आपके िोध का विर्र ‘आधवुिक ्भारि में रामारण’ ह।ै आपिे रूसी, अगं्ेजी और वहदंी ्भार्ा में 30 से अवधक िैज्ाविक लेख वलख ेहैं।आपिे वहदंी ्भार्ा, वराकरण, आधवुिकिािाद एिं ्भारिीर सावहतर और ्भारिीर विष्टाचार पर वराखराि वदए हैं।वहदंी जगि में आपके उतककृ ष्ट रोगदाि के वलए विश्व वहदंी सममाि से सममाविि वकरा गरा।

    डॉ. गलीना रूसोवा सोकोलोवाबुलगाररयाडॉ. गलीिा रूसोिा सोकोलोिा का जनम 12 जििरी 1965 को पीटस्यिग्य, रूस में हुआ िा। आपिे सोवफ़रा विश्वविद्ालर से ्भारिीर ्भार्ा में सिािकोत्तर की वडग्ी प्राप्त की ह।ैआप मधरकालीि ्भारिीर सावहतर, वहदंी सिर विज्ाि, वहदंतुि और इसलाम की प्रसिाििा पर अधरापि वकरा ह।ै आपिे कबीर के दोह,े स�