‘सवच्छता के अग्रूत को सलाम’ ि ......कह सक...

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वर-2 | अंक-01 | 18 - 24 दिसंबर 2017 sulabhswachhbharat.com आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597 09 10 25 28 लखनऊ म आयोदित ‘मावलस लीिड सदमट’ म सुलभ णेता डॉ. दवनिेर पाठक को ‘मावलस लाइफटाइम अचीवमट अवाड’ और ‘मावलस पसनैदलटीस ऑफ इंदडया-2017’ से नवािा गया ‘सवचता के अिूत को सलाम’ राम नाइक मावलस लीिड सदमट गदणत का िेश राीय गदणत दिवस दवशेर राीय दकसान दिवस पर दवशेर आयोिन गिा फूल ने बिला मानपुर का िीवन सश आ दकसान फूल से महका िीवन सबसे रोमांचक िीत 1981 म भारत की ऑसदलया पर कररशमाई िीत

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  • वर्ष-2 | अंक-01 | 18 - 24 दिसंबर 2017sulabhswachhbharat.com

    आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

    09 10 25 28

    लखनऊ में आयोदित ‘माव्षलस लीिेंड सदमट’ में सुलभ प्रणेता डॉ. दवनिेश्वर पाठक को ‘माव्षलस लाइफटाइम अचीवमेंट अवाड्ड’ और ‘माव्षलस पस्षनैदलटीस ऑफ इंदडया-2017’ से नवािा गया

    ‘सवच्छता के अग्रिूत को सलाम’ राम नाइक

    माव्षलस लीिेंड सदमट

    गदणतज्ञों का िेश

    राष्टीय गदणत दिवस दवशेर

    राष्टीय दकसान दिवस पर

    दवशेर आयोिनगेंिा फूल ने बिला मानपुर का िीवन

    सशक्त हुआ दकसानफूल से महका िीवन

    सबसे रोमांचक िीत1981 में भारत की ऑसट्रेदलया पर कररशमाई िीत

  • 02

    अयोधया प्रसाि दसंह

    सितारों िे िजी महसिल में िूरज की तरह चमकते िुलभ प्रणेता डॉ. सिन्ेश्वर पाठक। मौका था, उत्तर प्र्ेश की राजधानी लखनऊ के इंस्रा गांधी प्रसतष्ान में आयोसजत ‘माि्वलि लीजेंड िसमट’ का। ‘माि्वलि ररकारि्व बुक ऑि इंसडया’ द्ारा असिरल िाउंडेशन के ततिािधान में आयोसजत िमारोह में मुखय असतसथ उत्तर प्र्ेश के राजयपाल राम नाइक ने िमाज िेिा के क्ेत्र में उतककृष्ट काययों के सलए िुलभ इंटरनेशनल के िंसथापक डॉ. पाठक को ‘माि्वलि लाइिटाइम अचीिमेंट अिाड्ड’ िे िममासनत सकया। िाथ ही डॉ. पाठक को ‘माि्वलि पि्वनैसलटीि ऑि इंसडया-2017’ िे भी निाजा गया। इि मौके पर सिसशष्ट असतसथ राजय के सिसध एिं नयाय मंत्री ब्रजेश पाठक और प्र्ेश की मसहला एिं पररिार कलयाण मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी भी उपससथत थीं।

    ‘माव्षलस ररकारस्ष बुक ऑफ इंदडया’ का 2017 संसकरण हुआ लांचइि मौके पर ‘माि्वलि ररकारि्व बुक ऑि इंसडया’ के तीिरे िंसकरण का लोकाप्वण मुखय असतसथ राजयपाल राम नाइक, कैसबनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, ब्रजेश पाठक, और िुलभ प्रणेता डॉ. सिन्ेश्वर पाठक ने सकया। ‘माि्वलि ररकारि्व बुक ऑि इंसडया’ हर िाल ्ेश में लोगों द्ारा सिसभन्न क्ेत्रों में बनाए गए नेशनल ररकाड्ड को िंकसलत और प्रकासशत करती है। िाथ ही इि सकताब में ‘माि्वलि पि्वनैसलटी ऑि इंसडया’ चैपटर में उन वयसतियों का िंसक्प्त सििरण एिं बायोडाटा प्रकासशत सकया जाता है, सजनहोंने सकिी भी क्ेत्र में उतककृष्ट काय्व सकया है।

    सबसे जयािा शौचालय बनाने के दलए सलाममुखय असतसथ राजयपाल राम नाइक ने ‘माि्वलि ररकारि्व बुक ऑि इंसडया’ के इि तरह के आयोजन पर खुशी जताई। उनहोंने डॉ. पाठक को िममासनत करते हुए कहा सक िबिे जया्ा शौचालय बनाने िाले िच में सिच्छता के अग्र्ूत हैं। उनहोंने िममासनत िभी हससतयों िे कहा सक उनहें उममी् है सक भसिषय में भी िो ऐिे ही काम करते रहेंगे। उनहोंने खु् का सजक्र करते हुए बताया सक 60 िाल की उम्र में उनहें कैंिर हुआ था और उििे लड़कर िह जीते और आज भी आगे बढ़ते हुए काम कर रहे हैं। लखनऊ की तारीि करते हुए उनहोंने कहा सक मुंबई ्ेश की आसथ्वक राजधानी है, स्ल्ी ्ेश की राजनीसतक राजधानी, काशी ्ेश की िांसककृसतक राजधानी और लखनऊ कला की राजधानी है। उनहोंने यहां के अखबारों की भी प्रशंिा करते हुए कहा सक िमाचार पत्रों में पूरा एक पेज कला को िमसप्वत होता है।

    डॉ. पाठक की उपससथिदत गौरव की बात

    इि मौके पर उत्तर प्र्ेश की मसहला एिं पररिार कलयाण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा सक डॉ. पाठक सिि्फ भारत ही नहीं, बसलक पूरी ्ुसनया का जाना-माना नाम है। उनहोंने कहा सक डॉ. पाठक की उपससथसत हम िब के सलए गौरि का सिषय है। जोशी ने ‘माि्वलि ररकारि्व बुक ऑि इंसडया’ के तीिरे िंसकरण पर खुशी जताते हुए कहा सक भारत जैिे बड़े ्ेश में प्रसतभाओं की कमी नहीं है, बि जरुरत है उनहें तराशने की। ‘माि्वलि ररकारि्व बुक ऑि इंसडया’ ऐिा ही काम कर रही है।

    सवच्छता अदभयान को गदतउत्तर प्र्ेश के सिसध एिं नयाय मंत्री ब्रजेश पाठक ने इि मौके को ऐसतहासिक बताते हुए कहा सक सजन लोगों को िममासनत सकया गया है, इन िभी ने अपने क्ेत्रों में आकाश की ऊचाईयों को ्छुआ है। उनहोंने अपने सककूल के स्नों का सजक्र करते हुए कहा सक हम अपने पढ़ाई के स्नों िे डॉ. पाठक के सिच्छता के क्ेत्र में चलाए जा रहे आं्ोलन को ्ेखते आ रहे हैं। उनहोंने कहा सक डॉ. पाठक की म्् िे ही लगातार सिच्छता असभयान को गसत समलती रही है।

    खास बातें

    'डॉ. पाठक हम सबके गौरव हैं'

    '्छात्र िीवन से ही हं डॉ. पाठक के आंिोलन से प्रभादवत''डॉ. पाठक ने समाि को

    दिखाया नया रासता'

    माव्षलस लाइफटाइम अचीवमेंट अवाड्डआिरण कथा 18 - 24 स्िंबर 2017

    उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के हाथों सम्ानित होते डॉ. पाठक

    ‘्ार्वेलस ररकाॅड्ड बुक’ का लोकाप्पण करते रा् िाइक और डॉ. रीता बहुगुणा

  • 03

    डॉ. पाठक ने िी समाि को नई दिशाइि मौके पर ‘माि्वलि ररकारि्व बुक ऑि इंसडया’ के प्रधान िमपा्क डॉ. शसशकांत सतिारी ने डॉ. पाठक का सिागत करते हुए कहा, ‘डॉ. पाठक ने िमाज िेिा के क्ेत्र में ्ेश के लोगों के िामने एक नजीर पेश की है।’ उनहोंने कहा सक डॉ. पाठक ने अपने काम िे लोगों को एक नया रासता स्खाया है सक सकि तरह िे अगर हम चाहें तो अपने काम िे िमाज को एक नई स्शा ्े िकते हैं। डॉ. पाठक की सकताबों का सजक्र करते हुए उनहोंने कहा सक डॉ. पाठक को पढ़ना भी एक िुख् अनुभि है।

    ‘माव्षलस ररकारस्ष बुक ऑफ इंदडया’ इि िंसकरण में मसहला बाइकर एिं ररकाड्डधारी पल्िी िौज्ार को भी जगह ्ी गई है। बाइसकंग के क्ेत्र में तीन सिश्व ररकाड्ड बनाने िाली पल्िी िौज्ार सिश्व की पहली मसहला हैं। ्ंगल सिलम को भी पूरी ् ुसनया में 2000 हजार करोड़ रुपए कमाने िाली पहली भारतीय सिलम के रूप में इि सकताब में शासमल सकया गया है। भारतीय सक्रकेट कप्तान सिराट कोहली को सक्रकेट के तीनों प्रारूपों में 50 िे असधक औित िे रन बनाने के सलए जगह समली है। िाल की ‘माि्वलि पि्वनैसलटीि ऑि इंसडया’

    िे िममासनत वयसतियों को भी इि सकताब में जगह ्ी जाती है। ‘माि्वलि पि्वनैसलटीि ऑि इंसडया 2017’ अिाड्ड सिलमों एिं टेलीसिजन, िाि्वजसनक मामलों, सशक्ासि्ों, सिज्ान प्रौद्ोसगकी, खेल एिं िाहसिक, कला और कला प्र्श्वन, िामासजक काय्व, िंगठन एिं कॉरपोरेट के क्ेत्र में उतककृष्ट काय्व करने िाली सिभूसतयों को स्या गया। सकताब के िंपा्क डॉ.शसशकांत सतिारी का कहना है सक इि प्रकार के उतककृष्ट काय्व करने िाली सिभूसतयों को िममासनत सकए जाने िे न केिल नई पीढ़ी को प्रेरणा समलती है, बसलक िे अच्छे काय्व करने को प्रेररत भी होते हैं। यही इि सकताब का मुखय उद्ेशय है।

    अनय हससतयां भी हुईं सममादनत‘माि्वलि लाइिटाइम अचीिमेंट अिाड्ड’ डा. पाठक के अलािा 4 अनय लोगों को भी स्या गया। पद्मश्ी िोमा घोष को कला और पूि्व सक्रकेटर चेतन शमा्व को खेल के क्ेत्र में उनके योग्ान के सलए लाइिटाइम अचीिमेंट अिाड्ड िे

    िममासनत सकया गया। इिके असतररति पद्म भूषण राजन िाजन समश् को कला और उत्तर प्र्ेश के पूि्व सक्रकेटर ज्ानेंद्र पांडेय को खेल के क्ेत्र में उनके अमूलय योग्ान के सलए लाइिटाइम अचीिमेंट पुरसकार स्या गया। ‘माि्वलि पि्वनैसलटीि ऑि इंसडया 2017’अिाड्ड िेरेमनी में भी मुखय रूप िे पद्मभूषण डॉ.सिन्ेश्वर पाठक को िमाजिेिा के क्ेत्र में िममान के अलािा,पूि्व सक्रकेटर चेतन शमा्व को खेलों के क्ेत्र में, तीन तलाक के सखलाि लड़ने िाली शाइसता अमबर को िमाज िेिा के क्ेत्र में, प्रेरणा सककूल चलाने िाली उि्वशी िाहनी को िमाज िेिा के क्ेत्र में, अिध युसनिसि्वटी के उप-कुलपसत मनोज ्ीसक्त को सशक्ा के क्ेत्र में, मशहूर िैज्ासनक मनोज पटररया को सिज्ान के क्ेत्र में िममासनत सकया गया।

    सिनेमा के क्ेत्र में योग्ान के सलए बॉलीिुड के मशहूर असभनेता राजीि खंडेलिाल, मशहूर गीतकार एिं लेखक मनोज मुंतसिर, जाने-माने सन्देशक िंजीि जायििाल, असभनेत्री मीनाक्ी ्ीसक्त, असभनेता रजनीश ्ुगगल एिं कॉमेसडयन राजीि सनगम को िममासनत सकया गया। सिास्थय क्ेत्र में योग्ान के सलए डॉ. िंकलप जैन को िममान स्या गया। िाथ ही इन सिभूसतयों जैिी कुल 31हससतयों को ‘माि्वलि पि्वनैसलटीि ऑि इंसडया 2017’ में िममासनत सकया गया।

    आिरण कथा18 - 24 स्िंबर 2017

    का्य्पक्र् ्ें शान्ल गण्य्ान्य लोग

  • 04 आयोजन 18 - 24 स्िंबर 2017

    अयोधया प्रसाि दसंह

    उत्तर प्र्ेश की राजधानी लखनऊ में तीन स्ििीय 5िें ‘अंतरराष्टीय ककृसष िममलेन - एग्री हॉटटी टेक मेला’ 12 स्िंबर िे शुरू हुआ। मुखय असथसत सबहार के ककृसष मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और सिसशष्ट असतसथ िुलभ प्रणेता डॉ. सिन्ेश्वर पाठक ने ्ीप जला कर इि की शुरुआत की। उत्तर प्र्ेश िरकार एिं पीएचडी चेंबर ऑि कॉमि्व एंड इंडसट्ी की तरि िे आसशयाना ससथत सममृसत उपिन में आयोसजत इि मेले में आधुसनक तकनीक और निीनतम मशीनों की जानकारी पाने के सलए ् ेश भर िे सकिान जुटे। मेले में लगे अंतरा्वष्टीय हाल का उद्ाटन भी डॉ. प्रेम कुमार और िुलभ प्रणेता डॉ. पाठक ने सकया। पहली बार एग्री हॉटटी टेक में जापान कंट्ी पाट्डनर ्ेश के रूप में िममसलत हुआ है। जापान की 28 कंपसनयों ने इि मेले में सहसिा सलया है। प्र्श्वनी में कुल 84 राष्टीय और अंतरराष्टीय कंपसनयां शासमल हुईं। इि मौके पर उत्तर प्र्ेश ककृसष सिभाग के प्रमुख िसचि असमत मोहन प्रिा्, प्रमुख िसचि राजीि कुमार, इंसडयन ऑयल के एगजीकयूसटि डायरेकटर असिनाश िमा्व, अमूल के िीईओ नरेंद्र सिनहा एिं पीएचडी चेंबर ऑि कॉमि्व एंड इंडसट्ी के डायरेकटर आरके िरन और प्रेिीडेंट असनल खेतान भी मौजू् रहे।

    मल से बनी खाि से खेती को संिीवनीइि अििर पर डॉ. पाठक ने कहा सक सजि शौचालय का आसिषकार हमने सकया उििे खुले में शौच की प्रथा िमाप्त हो रही है और मैला ढोने की प्रथा भी खतम हो रही है। उनहोंने शौचालय की तकनीक के बारे में बताते हुए कहा सक इि तकनीक में ्ो गड्ों का प्रयोग होता है। जब एक गड्े का इसतेमाल होता तो है ्ूिरा बं् रहता है। ्ो िाल में पहले िाले गड्े का मल खा् में पररिसत्वत हो जाता है। एक आ्मी के मल िे 1 िाल में 40 सकलोग्राम खा् तैयार होती है। इि खा् में नाइट्ोजन, पोटेसशयम, और िासिोरि होता है। यस् चूना समला स्या जाए तो असत उत्तम खा् बनती है। इिका इसतेमाल यस् आप खेतों में करते हैं तो समट्ी की उि्वरा शसति बढ़ती है। यह खा् ककृसष के सलए बहुत जरुरी है।

    एग्री हॉटटी टरेक में िापान बना कंट्ी पाट्डनर िेश

    मेले में शादमल हुई 84 राष्टीय और अंतरराष्टीय कंपदनयां

    एक आिमी के मल से 1 साल में 40 दकलोग्राम खाि

    खास बातें

    अंतरराष्टीय कृदर सममलेन

    लखनऊ में आयोदित 5वें ‘अंतरराष्टीय कृदर सममलेन - एग्री हॉटटी टरेक मेला’ में िुदनया भर की कंपदनयञों ने दकसानञों को उन्नत खेती की नवीनतम तकनीक की िानकरी िी

    अनिल खेताि का संबोधि

    उनहोंने बताया सक इि खा् में कोई ब्बू नहीं होती और इिे आिानी िे प्रयोग में लाया जा िकता है। शौचालय िे जो पानी सनकलता है। उिको भी िाि करके इसतेमाल में लाया जा िकता है। पानी में भी नाइट्ोजन, िासिोरि और पोटेसशयम होता है। इि पानी को खेतों में भी उपयोग में लाया जा िकता है। इिे नस्यों में भी ्छोड़ा जा िकता है, कयोंसक इििे कोई प्र्ूषण नहीं होगा।

    डॉ. पाठक ने बताया सक िुलभ ने पसचिम बंगाल में आिदेसनक क्ेत्र में खूब काम सकया है और िबको िाि पानी मुहैया कराया है। यह पानी मात्र 50 पैिे लीटर समलता है। उनहोंने महाराष्ट में िुलभ द्ारा बनिाए गए ्ुसनया के िबिे बड़े शौचालय ‘िुलभ शौचालय िंकुल’ के बारे में भी बताया। इि शौचालय में 2858 िीटि हैं। 4 लाख लोग इिका रोजाना इसतेमाल कर िकते हैं। उनहोंने कहा सक इि शौचालय िे बड़े पैमाने पर खा् तैयार की जा िकती है।

    डॉ. पाठक ने इि मौके पर बताया सक उनहोंने प्रधानमंत्री पर कुल 10 गीत सलखे हैं और अभी हाल ही में सलखा हुआ गीत “चलो चलो मेरे िाथ, उठाओ झाड़ू अपने हाथ, िाि करो गं्गी को, िाि करो” गाकर िुनाया भी। प्रधानमंत्री मो्ी की प्रशंिा करते हुए उनहोंने कहा सक गांधी के बा् मो्ी ही एक मात्र वयसति हैं, सजनहोंने सिच्छता को गले लगाया है। िारणिी में उनहोंने अपने हाथ िे शौचालय बनाया।

    5वां एग्री हॉटटी टरेक मेला

  • 05आयोजन18 - 24 स्िंबर 2017

    इििे पता चलता है सक िह सिच्छता को सकतना महत्ि ्ेते हैं।

    हॉटटी टरेक से हाईटरेक हञोंगे दकसान मुखय असतसथ सबहार के ककृसष मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इि मौके पर कहा सक मुझे खुशी है सक उत्तर प्र्ेश में इि तरह का आयोजन सकया जा रहा है। उनहोंने कहा सक एग्री हॉटटी टेक का उद्ेशय अतयाधुसनक ककृसष और इििे जुड़े उद्ोगों एिं बागिानी के क्ेत्र में जो नए-नए अनुिंधान हो रहे हैं उिे सकिानों तक पहुंचाना है। उनहोंने कहा सक प्रधानमंत्री मो्ी का लक्य है सक सकिानों की आय ्ुगुनी हो। इि लक्य को ििल बनाने में इि मेले का योग्ान रहेगा। अभी हमारे सकिान भाई सजि तरह की पारंपररक खेती कर रहे हैं, उििे आय ्ुगुनी नहीं की जा िकती, इिके सलए हमें अतयाधुसनक खेती करनी पड़ेगी।

    कुमार ने कहा सक हमें सकिानों की लागत कम करनी पड़ेगी और उतपा्न बढ़ाना पड़ेगा। िाथ ही बेहतर बाजार भी उपलबध करिाना होगा। ्ेश की बड़ी आबा्ी गांिों में रहती है। ्ेश का बहुत बड़ा सहसिा ककृसष पर ही सनभ्वर है, िाथ ही अथ्ववयिसथा में भी इिका बहुत बड़ा योग्ान है। उत्तर प्र्ेश, सबहार, झारखंड िसहत कई राजयों के लोगों की मुखय आजीसिका का िाधन ककृसष ही है।

    इिीसलए यहां ककृसष के क्ेत्र में अपार िंभािनाएं भी हैं। उनहोंने बताया सक हमारे पाि प्राककृसतक िंिाधन भी हैं, हमारे सकिान भी बहुत मेहनती हैं। िरकार लगातार ककृसष की बेहतरी के सलए प्रयाि कर रही है। उत्तर प्र्ेश भी मुखयमंत्री आस्तयनाथ के िासनधय में तेजी िे आगे बढ़ रहा है। लोगों में सिश्वाि है सक कु्छ अच्छा हो रहा है। ककृसष के क्ेत्र में उत्तर प्र्ेश बहुत ही बेहतर काय्व कर रहा है। यह आयोजन सनसचित तौर पर सकिानों को आधुसनक तकनीक की जानकारी पहुंचाएगा।

    दबहार में बेहतर हुई खेतीककृसष मंत्री ने बताया सक सबहार में हम लोग जब पहला ककृसष रोड मैप 2008 में लाए, तो उिके बेहतर पररणाम समले। ्ूिरा ककृसष रोड मैप 2012 में लाया गया। इििे भी उतपा्न एिं उतपा्कता में वयापक प्रगसत हुई। सबहार को सकिानों के िहयोग िे िाल 2012 में चािल, िाल 2013 में गेहूं और िाल 2016 में मकका के उतपा्न में उतककृष्ट उपलसबध के सलए भारत िरकार द्ारा राष्टीय ककृसष कम्वण पुरसकार िे निाजा गया। गौरतलब है सक िष्व 2012 में धान की 224 स्वंटल प्रसत हेकटेयर तथा आलू के 729 स्वंटल प्रसत हेकटेयर पै्ािार का सिश्व कीसत्वमान भी सथासपत हुआ। आलू की पै्ािार के क्ेत्र में भी सबहार ने सिश्व ररकाड्ड बनाया है। अब तीिरे ककृसष

    रोड मैप की शुरुआत राष्टपसत राम नाथ कोसिं् द्ारा 9 निंबर 2017 को शुरू सकया जा चुका है। 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपए की लागत िे और ककृसष िे िंबंसधत िरकार के 12 सिभागों के िमनिय िे काय्व आगे बढ़ रहा है।

    िैदवक खेती के दलए प्रोतसाहनडॉ. प्रेम कुमार ने बताया सक सबहार में जैसिक खेती को भी बढ़ािा स्या जा रहा है। जैसिक खेती को प्रोतिाहन ्ेना सबहार िरकार की प्राथसमकता में शासमल है। उनहोंने कहा सक हमारे ्ेश का सकिान जाने-अनजाने खेतों में रािायसनक खा्ों और कीटनाशक का इसतेमाल करता है, उिके

    कई ्ुषपररणाम भी िामने आ रहे हैं। उनहोंने सिसककम का उ्ाहरण ्ेते हुए कहा सक िरकार का प्रयाि है सक हम सकिानों को जैसिक खेती में

    अच्छा काम कर रहे राजयों की तरह माहौल ्े िकें। सकिानों के सलए लागत कम कैिे हो, इिका प्रयाि सकया जा रहा है।

    मृिा परीक्षण और ट्रेदनंग पर धयानडॉ. प्रेम कुमार ने कहा सक हम सकिानों के सलए िायल हेलथ काड्ड बना रहे हैं और सकिानों के खेतों में समट्ी की जांच करा रहे हैं। सजििे उनहें पता हो सक कया बोना उपयुति है और सकतनी खा् का प्रयोग करना है तासक उनका उतपा्न बढ़ िके। सिश्व ममृ्ा

    मानव मल से दनदम्षत खाि में नाइट्ोिन, पोटरेदशयम और फासफोरस होता है। यदि चूना दमला दिया िाए तो यह अदत उत्तम खाि बनती है। इसका इसतेमाल

    यदि आप खेतञों में करते हैं तो दमट्ी की उव्षरा शसक्त बढ़ती है। यह खाि कृदर के दलए बहुत िरूरी है

    प्रधाि्ंत्ी िरेंद्र ्ोदी पर नलखी अपिी नकताब के

    साथ डॉ. पाठक

    डॉ. प्रे् कु्ार का संबोधि

    डॉ. प्रे् कु्ार से सम्ाि प्राप्त करते अनिल खेताि

  • 06

    स्िि के अििर पर हमने 5 लाख सकिानों को िायल हेलथ काड्ड काड्ड सितररत सकया है। इिके बहुत ही अच्छे पररणाम आ रहे हैं। सकिानों की आम्नी बढ़ाने के सलए िमसनित ककृसष प्रणाली अपनाकर बेहतर काम सकया जा िकता है। सकिान एक ही कैंपि में म्छली पालन और खेती ्ोनों कर िकते हैं। िाथ ही सकिानों को ट्ेसनंग भी ्ी जा रही है। इि ट्ेसनंग के माधयम िे मशरूम की खेती, म्छली पालन, िमटी कंपोसट आस् पाठ्यक्रम में शासमल सकए गए हैं, सजिमें सकिानों को ट्ेसनंग ्ी जा रही है।

    फसल बीमा है वरिानउनहोंने प्रधानमंत्री ििल बीमा योजना का सजक्र करते हुए कहा सक अब सकिान कम पैिों में अपनी ििल का बीमा करिा िकते हैं। प्रधानमंत्री मो्ी की यह पहल सकिानों के सलए बहुत िाय्ेमं् िासबत हो रही है। अब सकिान खरीि में असधकतम 2 प्रसतशत तथा रबी के सलए असधकतम 1.5 प्रसतशत और बागिानी और िासण सजयकक ििल के सल ए

    असधकतम प्रीसम यम ्र 5 िीि्ी िासष्व क पर बीमा करिा िकते हैं। इििे सकिानों में नई आशा का िंचार हुआ है। उनहोंने कहा सक प्रधानमंत्री की यह पहल सकिानों को प्राककृसतक आप्ाओं िे सनपटने में

    म्् करेगी। इिकी असधकतर रासश केंद्र और राजय िरकार ्ेगी और बहुत ्छोटा सहसिा प्रीसमयम के रूप में सकिान को ्ेना होगा। उनहोंने लगातार बढ़ते उतपा्न का हिाला ्ेते हुए कहा सक भंडारण के क्ेत्र में भी सबहार िरकार काय्व कर रही है। उनहोंने उममी् जताई सक ऐिे आयोजन सबहार में होंगे।

    खेती-बाड़ी पर धयानइि मौके पर उत्तर प्र्ेश िरकार में ककृसष सिभाग के मुखय िसचि असमत मोहन प्रिा् ने कहा सक सकिान की आय बढ़ाने के तीन ही िूत्र हैं, लागत घटे, उपज बढ़े और उपज का उसचत मूलय समले। िाथ ही उपज का सिसिसधकरण भी बहुत जरुरी है। इिीसलए खेती-बाड़ी को महति स्या गया है। यानी खेती के िाथ बागिानी पर भी धयान ्ें। उनहोंने समसलयन

    िाम्वि्व सककूल के बारे में कहा सक राजय में सकिानों को ग्राम पंचायतों में ही खेती के बारे में सिखाया जाएगा। इि अििर पर पीएचडी चेमबर के प्रेसिडेंट असनल खेतान ने कहा सक उत्तर प्र्ेश के सकिानों को एक पलेटिाम्व समल िके यही इि एग्री हॉटटी टेक का मुखय उद्ेशय है। िाथ ही उनहोंने बताया सक जापान की कई कंपसनयां इि िममलेन में आई हैं, जो भसिषय में उत्तर प्र्ेश में इनिेसट भी कर िकती हैं।

    सुलभ का सटाॅल आकर्षण का केंद्रएग्री हॉटटी टेक मेले में िुलभ का सटाल सिशेष आकष्वण का केंद्र रहा। शौचालय के सलए िबिे िसती और बेहतर तकनीक टू सपट पोर फलश का प्र्श्वन आगुंतकों की उतिुकता बढ़ाता रहा। िुलभ प्रणेता डॉ. पाठक की सलखी हुई सकताबें भी सटाॅल पर उपलबध थी। लोगों ने उनहें पढ़ने में रूसच स्खाई।

    मुखय असतसथ डॉ. प्रेम कुमार भी िुलभ के सटाल पर पहुंचे और तकनीक के बारे डॉ. पाठक िे जानकारी ली। डॉ. पाठक ने गुल्सता भेंट कर उनका िममान भी सकया। िाथ ही डॉ. पाठक ने मंत्री को प्रधानमंत्री मो्ी पर सलखी अपनी सकताब

    भी भेंट की।

    तकनीक से लेकर बीि तक के सटाल ककृसष मेले में ककृसष की आधुसनक

    तकनीक और सकिानों को जापान, अमेररका, इटली िमेत कई ्ेशों की बड़ी कंपसनयां भी अपने उतपा्ों की जानकारी ्ेने के सलए आईं। प्र्श्वनी में ककृसष के क्ेत्र में काम कर रही ्ेश की नामचीन कंपसनयों के िाथ-िाथ कई सि्ेशी कंपसनयों ने भी सटॉल लगाए। इन कंपसनयों ने सकिानों को ककृसष और ककृसष क्ेत्र के उपकरणों,पशुपालन, ्ुगध और बीज आस् के क्ेत्र में हो रहे तकनीकी आधुसनकीकरण के बारे में बताया। मेले में प्रधानमंत्री ििल बीमा योजना के बारे में भी जानकारी ्ी गई। ग्रामीण बैंक नाबाड्ड के िहयोग अमानत िेिा िंसथान, इरा्ा िाउंडेशन, ररजिान हैंडलूम आस् ने अपने उतपा्ों को प्र्सश्वत सकया। िहीं लािदेन टबबो, आईटीिी, इंसडयन ऑयल, एिएमएि लखनऊ, पराग, ककृसष सिभाग-उत्तर प्र्ेश, यूपी एग्रो आस् के सटाल सिशेष आकष्वण का केंद्र रहे। िाथ ही सटेट बैंक ऑि इंसडया, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑि बड़ौ्ा की तरि िे सकिानों को ऋण बारे में जानकारी भी ्ी गई।

    आयोजन 18 - 24 स्िंबर 2017

    प्रनतभानग्यों के साथ का्य्पक्र् ्ें शान्ल

    अनतनथगण

    डॉ. पाठक का संबोधि

    आसवेनिक ्युक्त पािी का पररशोधि करिे की तकिीक बताते डॉ. पाठक

    डॉ. प्रे् कु्ार को शौचाल्य तकिीक के

    बारे ्ें बताते डॉ. पाठक

  • 07

    दप्रयंका दतवारी

    पया्विरण प्र्ूषण आज के िमय का िबिे ज्वलंत मुद्ा है, लेसकन इि िमसया के िमाधान को इंसगत कर उिे खु् में आतमिात करना हम िभी के सलए जरुरी है। इि ्ुसनया का सिनाश बम, शहरीकरण और औद्ोसगकीकरण के कारण होगा। इनहीं कारणों िे पया्विरण की िमसया स्नोंस्न बढ़ती जा रही है। यह बातें िुलभ प्रणेता डॉ. सिन्ेश्वर पाठक ने पया्विरण िंरक्ण की उपलसबधयां, िंभािनाएं एिं चुनौसतयां िंगोष्ी में कहीं।

    पया्विरण िंरक्ण की उपलसबधयां, िंभािनाएं एिं चुनौसतयां और गांधीिा्ी सिचारों की प्रािंसगकता मुद्े पर राष्टीय िंगोष्ी का आयोजन पया्विरण एिं भू-िूचना िंसथान एिं कैररयर पलि एजुकेशन िोिायटी और गांधी सममृसत एिं ्श्वन िसमसत द्ारा नई स्ल्ी ससथत कॉनसटीट्ूशन क्लब में सकया गया। इि ् ौरान पया्विरण िंरक्ण की स्शा में उल्ेखनीय योग्ान ्ेने िाले मसनसषयों को ट्ॉिी, शॉल और पया्विरण रतन िममान प्र्ान सकया गया। इि मौके पर िुलभ सिच्छता एिं िामासजक िुधार आं्ोलन के प्रणेता डॉ. सिन्ेश्वर पाठक, केंद्रीय ककृसष कलयाण

    पय्षवरण संरक्षण में योगिान िेने वाले हुए सममादनत

    पया्षवरण को सवच्छ रखने में पेड़-पौधञों का योगिान

    दिल्ी में हर तीसरा वयसक्त प्रिूदरत पानी पीने को मिबूर

    खास बातें

    शहरीकरण और औद्ोदगकीकरण से पया्षवरण की समसया- डॉ. पाठक

    पया्षवरण संरक्षण की उपलस्धयां, संभावनाएं एवं चुनौदतयां दवरय पर आयोदित संगोष्ी में बढ़ते प्रिूरण पर दचंताओं के साथि इससे बचने के तरीकञों पर भी दवसतार से चचा्ष हुई

    राजय मंत्री ककृषणा राज, राष्टीय ििाई कम्वचारी आयोग के अधयक् मनहर िालजी भाई जाला, सशक्ा िंसककृसत उतथान नयाि के राष्टीय िसचि अतुल कोठारी, राष्टीय अनुिूसचत जासत आयोग की ि्सया सिराज सिद्ान, आचाय्व शैलेनद्र और युिा गीतकार गजेंद्र िोलंकी मौजू् रहे।

    सब समझें अपनी दिममेिारी डॉ. पाठक ने इि अििर पर कहा सक प्रतयेक चीज एक सडजाइन पर सनभ्वर करता है, हम िभी एक सडजाइन के आधार पर ही जीिन जी रहे हैं। हम इि हॉल में बैठे हैं, इिका भी अपना एक सडजाइन है, िैिे ही हमारी िंसककृसत का भी एक सडजाइन है, सजिकी िजह िे पया्विरण की िमसया बढ़ती जा रही है। इन सडजाइनों को तोड़ कर कु्छ अलग काय्व करके ही इिमें िुधार लाया जा िकता है। डॉ. पाठक ने कहा सक पहली बार इि सडजाइन को महातमा

    गांधी ने तोड़ा था, उनहोंने कहा था सक अपना मैला िभी लोग सियं िाि करेंगे और ्ूिरी बार िंसिधान ने इि सडजाइन को तोड़ा, सजिके तहत िेना में सकिी भी जासत िग्व का वयसति भतटी हो िकता है। हमारे ्ेश में एक सडजाइन बनाई गई है सक मैं रासते में पड़ी गं्गी को िाि नहीं करूंगा, कयोंसक मैं ब्राह्मण हूं और यह मेरा काम नहीं है। इिीसलए हमारे ्ेश में गं्गी की िमसया बढ़ने का िबिे बड़ा कारण 99.5 प्रसतशत लोगों द्ारा गं्गी करना है और उि गं्गी को िाि करने िाले मात्र 0.5 प्रसतशत लोग हैं। हम िभी को इिके प्रसत जागरुक होना होगा और अपनी सजममे्ारी को िमझना होगा तभी पया्विरण प्र्ूषण की िमसया को ्ूर सकया जा िकता है। उन 0.5 प्रसतशत को नहीं, बसलक 99.5 प्रसतशत लोगों को अपनी गं्गी सियं िाि करनी होगी और पया्विरण िंरक्ण के प्रसत िजग होना होगा।

    प्रकृदत का साथि िरूरीकेंद्रीय ककृसष कलयाण राजय मंत्री ककृषणा राज ने कहा सक हम सजतना प्रककृसत के करीब रहेंगे उतना ही सिसथ रहेंगे और पया्विरण िंरक्ण की िमसया भी ्ूर होगी। पया्विरण को सिच्छ रखने के सलए पेड़ पौधों का होना आिशयक है, जो सक हमारी धरती िे सिलुप्त होते जा रहे हैं। पहले हमारे िमाज में बरग्, पीपल जैिे पेड़ों की पूजा करने की प्रथा थी, जो अब शहरीकरण की िजह िे स्खाई नहीं ्ेती। यह सिि्फ आसथा नहीं, बसलक प्रककृसत िे मनुषयों के प्रेम को भी ्शा्वता है। उनहोंन कहा सक ‘ऊं’ पर ररिच्व नािा कर रहा है, लेसकन ‘ऊं’ एक शब् नहीं है, बसलक यह िमृसष्ट की ऊजा्वतमक िंरचना है। यस् आप धयान िे ्ेखें तो मनुषय का पूरा शरीर ही ‘ऊं’ की िंरचना को प्र्सश्वत करता है। ककृषणा राज ने डॉ. सिन्ेश्वर पाठक को ट्ॉिी, प्रशससत पत्र और शॉल ्ेकर िममासनत सकया।

    लोग पीते हैं गंिा पानीसशक्ा िंसककृसत उतथान नयाि के राष्टीय िसचि अतुल कोठारी ने कहा सक पया्विरण में िैला प्र्ूषण आज का िबिे बड़ा िंकट है। इििे सनपटने के सलए िमाधान की आिशयकता है। पया्विरण िंरक्ण पर आए स्न हमारे ्ेश में िंगोष्ी का आयोजन होता रहता है, लेसकन इन िंगोसष्यों िे पया्विरण प्र्ूषण बढ़ जाता है। कयोंसक पया्विरण को िंरसक्त करने की शुरुआत खु् िे करनी होगी, हम िभी को उन चीजों का इसतेमाल करना रोक ्ेना चासहए, जो पया्विरण के िाथ ही िाथ हमारे सिासथ के सलए भी हासनकारक हैं। हमें पलाससटक बोतलों, सडसपोजल गलाि, पलेटि का इसतेमाल नहीं करना चासहए। कयोंसक पलाससटक हमारे सिासथ के िाथ ही िाथ

    हमाररे समाि में बरगि, पीपल िैसे पेड़ञों की पूिा करने की प्रथिा थिी, िो अब शहरीकरण की विह से दिखाई नहीं िेती। यह दसफ्फ आसथिा नहीं, बस्क

    प्रकृदत से मनुषयञों के प्रेम को भी िशा्षता है

    िंगोष्ी18 - 24 स्िंबर 2017

  • पया्विरण के सलए भी हासनकारक है। ्ेश की राष्टीय राजधानी स्ल्ी में हर तीिरा वयसति गं्ा पानी पी रहा है। यह स्ल्ी िरकार द्ारा कराए गए एक ििदे के आंकड़े हैं। स्ल्ी में प्रसतस्न 1 हजार 50 समसलयन गैलन पीने के पानी की आिशयकता है, लेसकन 837 गैलन पानी ही उपलबध हो पाता है। जो पानी का िंकट है यह पूरी ् ुसनया में है, लेसकन इिका िमाधान कया है, यह िबिे बड़ी िमसया बनी हुई है। स्ल्ी में समॉग बढ़ने के बा् भी बारात सनकलने पर लोग पटाखे जलाए सबना नहीं रह िके। ऐिे में यही कहा जा िकता है सक पया्विरण को िंरसक्त करने के सलए लोगों को जागरूक होना जरुरी है। हमें कौन िा सिकाि चासहए इिके सलए ् ेश की जनता को िोचना है। पीएम मो्ी ्ेश को सिकाि का राह पर ले जाने के सलए मेहनत कर रहे हैं, लेसकन जनता के िाथ के सबना कु्छ भी िंभि नहीं है।

    आधुदनकता से पया्षवरण समसया राष्टीय ििाई कम्वचारी आयोग के अधयक् मनहर िालजी भाई जाला ने कहा सक हमारे ्ेश में ्ो लोग महतिपूण्व है एक ्ेश के िैसनक, जो अपने जीिन की परिाह सकए सबना ्ेश की िीमा पर तैनात रहते हैं और ्ेश की रक्ा करते हैं। ्ूिरे ििाईकमटी, जो पूरे ्ेश को सिच्छ बनाने के सलए गं्गी को िाि करते हैं। सिच्छता के सलए आयोग का गठन करने का काय्व पीएम मो्ी ने सकया। हमारा आयोग पूरे ्ेश में सिच्छता का काय्व करने िाले ििाई कम्वचाररयों के सलए काय्व करता है। पया्विरण िंरक्ण आज की िबिे बड़ी िमसया

    है और इि सिषय पर चचा्व करने की जया्ा िे जया्ा जरुरत है। हमारा ्ेश अपनी परंपराओं के सलए जाना जाता था, सजिे हमारे ऋसषयों ने बनाई थी। आज हम उन परंपराओं को भूल गए हैं और आधुसनकता की तरि बढ़ गए हैं। ये आधुसनकता ही हमारे ्ेश में पया्विरण के सलए िंकट बन गया है। इििे िमाधान के सलए हमें आधुसनकता को ्छोड़कर अपनी िंसककृसत को अपनाने और प्रककृसत िे सनकटता बनाने की आिशयकता है।

    हमाररे चारञों तरफ है प्रिूरणराष्टीय अनुिूसचत जासत आयोग की ि्सया सिराज सिद्ान ने कहा सक आज हमारे िमाज की िबिे ज्वलंत िमसया पया्विरण में िैला प्र्ूषण है, सजििे सनपटने के सलए हमें प्रककृसत के िासनधय में जाना ही होगा। भारत िष्व की िंसककृसत तो जल, असगन, पशु और पेड़ों को पूजने िाली थी, लेसकन आज हम अपनी िंसककृसत को भूलकर आधुसनकता की तरि बढ़ते जा रहे हैं। जैिे पहले हम कहते थे परमातमा हमारे चारो तरि हैं, िैिे ही आज प्र्ूषण हमारे चारो तरि िैला हुआ है। हमारे ्ेश की नस्यां भी पया्विरण प्र्ूषण के चपेट में आ गई हैं। इि पया्विरण प्र्ूषण को प्रककृसत ही िंतुसलत कर रही है, कयोंसक हमारे ्ेश की भौगोसलक िंरचना ही ऐिी सिधाता ने बनाई है। हम आप प्र्ूषण िैलाने के सििा कु्छ नहीं कर रहे हैं। सिद्ान ने कहा सक मैं वयसतिगत रूप िे डॉ. पाठक िे कािी प्रभासित हूं। हमने उनके काययों को ्ेखा है, जो सक कािी िराहनीय है।

    • डॉ सतय प्रकाश मेहरा- राजपुताना िोिाइटी ऑि नेचुरल सहसट्ी • आर के गुप्ा- िीएमपी बागपोसट• संिय कशयप- अननया िांउडेशन

    • रािेश गोयल- मौसलक भारत के िंयोजक • मृतयुंिय कुमार- असिसटेंट प्रोिेिर गलगोसटया यूसनिसि्वटी

    • कौशलेनद्र कुमार- कौशलया िांउडेशन के िंसथापक• अरुण दतवारी- िररष् पत्रकार

    • डॉ मनोि कुमार- महातमा गांधी अंतरा्वष्टीय सहन्ी सिश्वसिद्ालय, िधा्व • दनदखल सरोि- सटाट्डअप प्रेनयोर • गीता रौतेला- िमाज िेसिका • उरा शुक्ा- िमाज िेसिका • उरा ठाकुर- िमाज िेसिका • गीता रानी- िमाज िेसिका

    • दवक्ानत तोमड़रे- पया्विरण िंरक्ण के सलए काय्व • डॉ सुमेश दसंह- िाइि चांिलर िंगम सिश्वसिद्ालय भीलिाड़ा

    • डॉ राजयवध्षन कुमार- असिसटेंट प्रोिेिर केआर मंगलम सिश्वसिद्ालय गुड़गांि

    आधुदनकता ही हमाररे िेश में पया्षवरण के दलए संकट बन गया है। इससे समाधान के दलए हमें आधुदनकता को ्छोड़कर अपनी संसकृदत को

    अपनाने और प्रकृदत से दनकटता बनाने की आवशयकता है

    08 18 - 24 स्िंबर 2017िंगोष्ी

  • गदणतज्ञों का िेश है भारत

    भारतीय गदणतज्ञों को ही यह श्ेय है दक उनहञोंने गदणत को नए िौर का का सबसे श्ेष् दवरय बना दिया

    एसएसबी ्यूरो

    आज ्ुसनया भारतीय गसणतज्ों द्ारा सकए गए योग्ान के सलए बहुत ऋणी है। भारतीय गसणतज्ों द्ारा सकए गए िबिे महतिपूण्व योग्ान में िे एक ्शमलि प्रणाली का पररचय और शूनय का आसिषकार था। इन गसणतज्ों को ही यह श्ेय है सक उनहोंने गसणत को नए ्ौर का का िबिे श्ेष् सिषय बना स्या।

    गदणत दिवस भारत के ततकालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह

    ने 22 स्िंबर 2012 को चेन्नई में महान गसणतज् श्ीसनिाि अयंगर रामानुजन की 125िीं िष्वगांठ के मौके पर आयोसजत एक काय्वक्रम में श्ीसनिाि रामानुजम को श्दांजसल ्ेते हुए िष्व 2012 को राष्टीय गसणत िष्व एिं रामानुजन के जनमस्न 22 स्िंबर को राष्टीय गसणत स्िि घोसषत सकया था।

    रामानुिनश्ीसनिाि रामानुजन का जनम 22 स्िमबर 1887 को मद्राि िे 400 सकलोमीटर ् ूर ईरोड नगर में हुआ था। इनकी गणना आधुसनक भारत के उन वयसतियों में की जाती है, सजनहोंने सिश्व में नए ज्ान को पाने और

    खोजने की पहल की। रामानुजन की आरंसभक सशक्ा कुंभकोणम के प्राइमरी सककूल में हुई। उिके बा् िे िष्व 1898 में उनहोंने टाउन हाई सककूल में प्रिेश सलया और िभी सिषयों में बहुत अच्छे अंक प्राप्त सकए। यहीं पर रामानुजन को जीएि कार की गसणत पर सलखी पुसतक पढ़ने का अििर समला। इिी पुसतक िे प्रभासित हो उनकी रूसच गसणत में बढ़ने लगी और उनहोंने गसणत पर काय्व करना प्रारंभ कर स्या।

    युिा होने पर घर की आसथ्वक आिशयकताओं की आपूसत्व हेतु रामानुजन ने क्लक्फ की नौकरी कर ली, जहां िह अकिर खाली पन्नों पर गसणत के प्रशन हल सकया करते थे। एक स्न एक अंग्रेज की नजर इन पन्नों पर पड़ गई, सजिने सनजी रूसच लेकर उनहें ऑकििोड्ड सिश्वसिद्ालय के प्रो. हाडटी के पाि भेजने का प्रबंध कर स्या। प्रो. हाडटी ने उनमें स्छपी प्रसतभा को पहचाना, सजिके बा् उनकी खयासत सिश्व भर में िैल गई। इनकी गसणत के क्ेत्र महतिपूण्व भूसमका है ।

    श्ीसनिाि रामानुजन के गसणत पर सलखे लेख

    ततकालीन िमय की ििबोत्तम सिज्ान पसत्रका मं प्रकासशत होते थे। अथक पररश्म के कारण रामानुजन असिास्थय रहने लगे और मात्र 32 िष्व की आयु में ही उनका भारत में सनधन हो गया।उनके सनधन के पचिात उनकी 5000 िे असधक प्रमेयों (्थयोरमि) को ्छपिाया गया और उनमें िे असधकतर को कई ्शक बा् तक िुलझाया नहीं जा िका। रामानुजन की गसणत में की गई अ्भुत खोजें आज के आधुसनक गसणत और सिज्ान की आधारशीला बनी। िंखया-सिदांत पर रामानुजन अद्ुत काय्व के सलए उनहें ‘िंखयाओं का जा्ूगर’ माना जाता है। रामानुजन को ‘गसणतज्ों का गसणतज्’ भी कहा जाता है।

    गसणत के क्ेत्र में उनके महतिपूण्व योग्ान में हाडटी-रामानुजन-सलसटलिुड िक्फल सिसध, िंखया के सिदांत में िंखयाओं के सिभाजन में रोजर-रामानुजन ने अपनी एक अलग ही पहचान पाई। सिर अिमानता के बीजगसणत, अंडाकार काय्व, सनरंतर सभन्न अंश, आंसशक रकम और हाइपरजेमेट्ी श्मृंखला जैिे कई महतिपूण्व सिदांत स्ए।

    महान भारतीय गदणतज्

    राष्टीय गदणत दिवस (22 दिसंबर) पर दवशेर

    आय्षभट्आय्वभट् ने सथान मूलय प्रणाली पर काम सकया, सजिमें िंखयाओं को सचसनहत करने और गुणों को वयति करने के सलए पत्र का उपयोग सकया गया। उनहोंने नौ ग्रहों की ससथसत की खोज की और कहा सक ये ग्रह िूय्व के

    चारों ओर घूमते हैं। उनहोंने एक िष्व में 365 स्न की िही िंखया भी बताई।

    ब्रह्मगुप्आज तक हम लोग यही पढ़ते आए हैं सक शूनय के असिषकारक आय्वभट् है, लेसकन ये िही नही हैं। शूनय का असिषकार ब्रह्मगुप्त ने सकया था। ब्रह्मगुप्त ने ‘ब्रह्मसिकूट’ तथा ‘खणडखाधक’ नमक ग्रंथ सलखे थे।

    ‘ब्रह्मसिुट सिदांत’ उनका िबिे पहला ग्रंथ माना जाता है, सजिमें शूनय का एक अलग अंक के रूप में उल्ेख सकया गया

    है। यही नहीं इि ग्रंथ में ऋणातमक अंकों और शूनय पर गसणत करने के िभी सनयमों का िण्वन भी सकया गया है। हालांसक ब्रह्मगुप्त शूनय िे भाग करने का सनयम िही नहीं ्े पाए थे।

    महालनोदबसप्रिन्ना चंद्र महालनोसबि भारतीय िांसखयकी के िंसथापक हैं और राष्टीय नमूना ििदेक्ण के भी िंसथापक रहे, सजिके सलए उनहें

    अंतरराष्टीय मानयता प्राप्त भी है।

    सीआर राविीआर राि के रूप में लोकसप्रय रूप िे जाने जाने िाले कैलींपूडी राधाककृषण

    राि ‘अनुमान सिदांत के सलए प्रसिद हैं। पूरी ्ुसनया में उनकी सगनती एक एक जाने-माने िांसखयकीसि् के तौर पर की जाती है।

    डीआर कापररेकरडीआर कापरेकर ने अपने जीिनकाल में कई सिदांतों की खोज की, सजिमें िंखयाओं की एक श्ेणी और उनके नाम पर ससथर नाम शासमल है। सकिी भी औपचाररक गसणतीय सशक्ा के सबना उनहोंने बड़े पैमाने पर प्रकासशत सकया और मनोरंजक गसणत में बहुत अच्छी तरह िे जाना जाता है।

    हरीश चंद्रहरीश चंद्र अनंत आयामी िमूह प्रसतसनसधति सिदांत के सलए प्रसिद हैं।

    सतयेंद्र नाथि बोसितयेंद्र नाथ बोिे को अलबट्ड आइंसटीन के िाथ उनके िहयोग के सलए जाना जाता है। बोि-आइंसटीन िांसखयकी और बोि-आइंसटीन घनीभूत के सिदांत की आज भी चचा्व होती है। 1920 के ्शक में ्वांटम यांसत्रकी पर उनके काम को महतिपूण्व माना जाता है।

    भासकरभासकर िह वयसति थे, सजनहोंने घोसषत सकया सक शूनय िे सिभासजत कोई भी िंखया अंतसन्वसहत है और यह सक कोई भी िंखया

    और अनंतता का योग भी अनंत है। िह अपनी पुसतक ‘सिदांत सिरोमनी’ के सलए भी प्रसिद है।

    नरेंद्र करमरकरनरेंद्र करमरकर अपने करमरकर के एलगोरर्म के सलए जाना जाता है। इंसटीट्ूट िॉर िाइंसटसिक इनिोमदेशन के द्ारा उनहें एक उच्च उदमृत शोधकता्व के रूप में िूचीबद सकया गया है।

    09सिशेष18 - 24 स्िंबर 2017

  • िेश की लगभग 60 फीसिी आबािी कृदर काययों से िुड़ी है

    िेश का 47.48 प्रदतशत भू-भाग पर हाता है कृदर काय्ष

    33 फीसिी फसल नष्ट होने पर ही दकसानञों को फसल बीमा का लाभ

    खास बातें

    दप्रयंका दतवारी

    भारतीय जीिन और अथ्ववयिसथा शुरू िे ककृसष प्रधान रही है। बीते ्ो ्शकों में इि यथाथ्व िे भले लोगों का धयान थोड़ा हटा है, पर जमीनी िच्चाई में इि ्ौरान भी बहुत िक्फ नहीं आया है। भारत में सिश्व के अनय ्ेशों की अपेक्ा ििा्वसधक भू-भाग पर खेती की जाती है। ्ेश की कुल भूसम का 47.48 प्रसतशत भू-भाग ककृसष काययों के सलए इसतेमाल होता है। इिी तरह ्ेश की लगभग 60 िीि्ी जनिंखया ककृसष काययों िे जुड़ी है। बािजू् इिके ्ेश के िकल घरेलू उतपा्न में ककृसष का योग्ान जया्ा िे जया्ा 13.5 िीि्ी ही आंका गया है। राष्टीय नमूना ििदेक्ण (2014) के अनुिार सकिानों की औित आय 6426 रुपए प्रसत माह मात्र है। इि आय में 3078 रुपए ककृसष िे, 2069 रुपए मज्ूरी-पेंशन, 765 रुपए पशुधन ि 514 रुपए गैर-ककृसष काययों िे आंकी गई है। इिी तरह, आज भी 36 िीि्ी सकिान झोपड़ी-कच्चे मकान, 44 िीि्ी कच्चे-पकके समसश्त मकानों में रहने को मजबूर हैं। िैिे यह तसिीर का एक रूख भर है। बात करें मौजू्ा ्ौर की तो सकिानों की सजं्गी में बहुत ब्लाि आया है। कु्छ िाल पहले तक ककृसष क्ेत्र िे पलायन का आंकड़ा सजि तेजी िे बढ़ रहा था, िह अब न सिि्फ थमा है बसलक ककृसष आज

    सशक्त हुआ दकसान भारत की समृदधि और दवकास में दकसानञों की भूदमका को नए दसररे से दचसनहत दकया िा रहा है। इसके दलए नरेंद्र मोिी सरकार ने िो किम उठाए हैं, उसके सुफल भी सामने आने लगे हैं

    राष्टीय सिकाि के रोडमैप में खािी अहसमयत के िाथ शासमल है। इि ब्लाि में केंद्र की ित्वमान िरकार की भूसमका िबिे अहम है।

    सवामीनाथिन ने की सराहनािररष् ककृसष और राष्टीय सकिान आयोग (एनिीएि) के अधयक् िैज्ासनक एमएि सिामीनाथन ने भी माना है सक प्रधानमंत्री नरेंद्र मो्ी ककृसष क्ेत्र में एक नई क्रांसत ला रहे हैं। सिामीनाथन ने ककृसष नीसतयों को लेकर प्रधानमंत्री मो्ी की जमकर तारीि की है। उनहोंने कहा सक िरकार ने ककृसष आयोग की कई सििाररशें लागू की हैं। प्रधानमंत्री मो्ी गरीबों-सकिानों के चेहरे पर एक नई मुसकान लाने में कामयाब रहे हैं। आयोग ने इििे पहले बेहतर बीज, िॉयल हेलथ काड्ड, बीमा, सिंसचत क्ेत्र की िमृसद को लेकर कई सििाररशें की थी, सजिे िरकार ने सिीकार कर सलया है। सिामीनाथन ने मो्ी िरकार द्ारा ककृसष सिश्वसिद्ालयों और सनजी क्ेत्र के माधयम िे ग्रामीण मसहलाओं के कौशल को बढ़ािा ्ेने के

    प्रयािों की भी िराहना की। सिामीनाथन का िाि मानना है सक मौजू्ा केंद्र िरकार ्ेश में ककृसष की हालत िुधारने के सलए प्रसतबद है। इि िरकार ने बड़ी िंखया में ऐिे िैिले सकए हैं।

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योिना सकिानों की ििल को बीमा योजना िे जोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मो्ी ने सकिानों को ऐिा उपहार स्या है सजिे िे जीिन भर नहीं भूल िकते। अब सकिानों को 50 िीि्ी ििल नष्ट होने पर मुआिजा ् ेने का सकसिा पुराना हो गया। महज 33 िीि्ी ििल नष्ट होने पर ही ििल का बीमा समलता है।

    कम प्रीसमयम पर असधकतम बीमा ्ेने िाली प्रधानमंत्री ििल बीमा योजना की खासियत है सक इि योजना में िभी खाद् ििलें, सतलहन, िासष्वक वयाििासयक या िाग िबजी का बीमा होता है। पहले की योजनाओं में कु्छ ििलें और सतलहन का ही बीमा होता था। खरीि की िभी ििलों और सतलहन के सलए असधकतम 2 प्रसतशत एिं 1.5 प्रसतशत रसब

    की ििलों और सतलहन के सलए और वयाििासयक ििलों और िल ि िबजी के सलए 5 प्रसतशत का िासष्वक प्रीसमयम ्ेना है। प्रीसमयम की शेष रासश में केंद्र और राजय िरकार का बराबर-बराबर सहसिा होता है।

    खाि की दकल्त िूरमो्ी िरकार ने आते ही खा् की सकल्त ्ूर करने की रणनीसत बनाई। जल् ही िरकार को पता चल गया सक ये सकल्त ककृसत्रम है और इिके पी्छे खा् की कालाबाजारी है। इिे रोकने के सलए नीम कोसटंग यूररया का प्रयोग शुरू सकया। उिके बा् िे खा् का उपयोग सिि्फ और सिि्फ खेती में होना िुसनसचित हो गया। ऐिा होती ही खा् की कालाबाजारी रुक गई। अब सकिानों को िमय पर पया्वप्त मात्रा में यूररया समलता है। खा् की कमी नहीं रहती। मो्ी िरकार ने िमसया का ऐिा िमाधान सनकाला है सक सकिानों के चेहरे सखल उठे हैं।

    नयूनतम समथि्षन मू्य में वृदधिमो्ी िरकार ने नयूनतम िमथ्वन मूलय में बढ़ोत्तरी कर सकिानों को बड़ी राहत ्ी है। 2016-17 की खरीि ििल की ्ालों में अरहर के िमथ्वन मूलय को 4,625 रुपए िे बढ़ाकर 5,050 रुपए प्रसत स्वंटल कर स्या गया, उड़् के मूलय को 4, 625 रुपए िे बढ़ाकर 5,000 रुपए प्रसत स्वंटल और मूंग के सलए 4,850 रुपए िे बढ़ाकर 5,250 रुपए तक कर स्या गया है। बाकी ििलों का िमथ्वन मूलय भी इिी तज्व पर बढ़ा स्या गया। इििे सकिानों की आम्नी में इतनी बढ़ोत्तरी हुई सक जीना आिान हो गया।

    गन्ना दकसानञों का भुगतानगन्ना उतपा्क सकिानों को िालों िे उनका बकाया नहीं समल रहा था। मो्ी िरकार ने सकिानों का भुगतान िुसनसचित करने के सलए 4,305 करोड़ रुपए

    सरकार ने कृदर आयोग की कई दसफाररशें लागू की हैं। प्रधानमंत्री मोिी गरीबञों-दकसानञों के चेहररे पर एक नई मुसकान लाने में कामयाब

    रहरे हैं - एमएस सवामीनाथिन

    10 सकिान नदर्स 18 - 24 स्िंबर 2017

  • गन्ना दकसानञों को वरयों से उनका बकाया नहीं दमल रहा थिा। मोिी सरकार ने दकसानञों का भुगतान सुदनसचित करने के दलए 4,305 करोड़ रुपए

    की दवत्तीय मिि िी

    की सित्तीय म्् ्ी। इििे 32 लाख सकिानों को िाय्ा हुआ। इि तरह िे 2014-15 के 99.33 प्रसतशत और 2015-16 के 98.21 प्रसतशत सकिानों को अपना बकाया रुपया िापि समल चुका है। गन्ना सकिानों के सलए मो्ी िरकार िर्ान बनकर आई।

    लेवी प्रणाली समाप्धान की खरी् में लेिी प्रणाली खतम कर मो्ी िरकार ने सकिानों को बड़ी राहत ्ी। अपनी उपज अब िे िीधे िरकारी केंद्रों पर बेच िकते हैं। कोई सबचौसलया नहीं, जो उनहें परेशान करे। अब धान की न सिि्फ कीमत अच्छी समलने लगी है, बसलक कीमत की ििूली का रासता भी आिान हो गया है।

    प्रधानमंत्री कृदर कौशल योिनासकिी भी काय्व का वयाििासयक तथा वयािहाररक प्रसशक्ण उि काय्व में प्रगसत की िंभािनाओं को कई

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मो्ी के नेतमृति में केंद्र िरकार सकिानों की आय बढ़ाने के िंकलप के िाथ आगे बढ़ रहा है। इिके तहत नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ाने, ििल चक्र में पररित्वन करने और कम लागत में खेती की जाए की जानकारी सकिानों को ् ी जा रही है। िरकार ने लक्य रखा है सक 2022 तक सकिानों की आय ्ोगुनी की जाए। इि िंकलप के िाथ कई आधारभूत योजनाओं को जमीन पर उतारा गया है, जो खेती-सकिानी में िहायक सिद हो रहा है।

    राष्टीय खाद् सुरक्षा दमशनराष्टीय खाद् िुरक्ा समशन (एनएिएिएम), केनद्र प्रायोसजत योजना के अंतग्वत 29 राजयों के 638 सजलों में एनएिएिएम ्ाल, 25 राजयों के 194 सजलों में एनएिएिएम चािल, 11 राजयों के 126 सजलों में एनएिएिएम गेहूं और ्ेश के 28 राजयों के 265 सजलों में एनएिएिएम मोटा अनाज लागू की गई है, तासक चािल, गेहूं, ्ालों, मोटे अऩाजों के उतपा्न और उतपा्कता को बढ़ाया जा िके। एनएिएिएम के अंतग्वत सकिानों को बीजों के सितरण (एचिाईिी/हाईसब्रड), बीजों के उतपा्न (केिल ्ालों के), आईएनएम और आईपीएम तकनीक�