मानसून की प्रव ारt...मलय लम और त मल च दह...

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मानसून की परव �ार भारत म� मानसून हा पहलर अंदमान िनकोबार �ीप म� आता है | लरिकन दरव कर मु� भूिम पर मानसून का आगमन कर रल सर होता है | इसिलए कर रल को मानसून का परव �ारकह सकता है | मौसम ि�ानं और िमथक ि�ान का रा� आगमन का सूचना दरनरालर चौदह षा�मापी �रवन कर रल भूिभाग कर अंतर या सामनर ह� | तीन ष�काल, तीन तरीक की कृिष (ि�र�ू , मु�कन, पुंजा) और तीन तरह सथलाकृित इस रा� की सिवरषताों म� एक है |

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  • मानसून की प र्व �ार

    भारत म� मानसून ह्ा पहलर अंदमान िनकोबार �ीप म� आता है| लरिकन दरव कर मु� भूिम पर मानसून का आगमन कर रल सर होता है | इसिलए कर रल को “मानसून का प र्व �ार” कह सकता है |

    मौसम ि्�ानं और िमथक ि्�ान का रा�

    आगमन का सूचना दरनर्ालर चौदह ्षा�मापी �रवन कर रल भूि्भाग कर अंतर या सामनर ह�|तीन ्ष�काल, तीन तरीकर की कृिष (ि्�र�ू, मु�कन, पंुजा) और तीन तरह सथलाकृित इस रा� की सि्वरषता्ो ंम� एक है |

  • पौरािणक कहानीपरवुराम, महाि्�ु कर अ्तार, नर अपनर कु�ाड़ी को गोकण� सर क�ाकुमारी तक फ� क िदया | उसी िदवा का समुद पीछर हटकर कर रल बन गया |कािलदास का रघु्ंव (स��म-IV, छंद 53)म� भी इसका उ�रख है |कर रल का आंत�रक िज�ा को�यम का चंगनावररी, ्ाषा��ी म� अभी भी गोलर, और समुद पािणयो ं कर अ्वरष का कूड़ा संगह ह� |

  • अ�ैत का पागलखानाभारत कर यह भाग म� अ�ैत पैदा �आ था और इसका

    गलत इ�रमाल अ�ृ�ता और अँधि्�ास कर �प म� साधारण लोगो ंको ब�त यातना और क� पदानं िकया था |

    यह दरखकर �ामी ि् र्कानंद नर इस दरव को पागलखाना भी कहा था | िदलच� बात यह है िक ऐसी �सथित प्र या परोर म� 1956 तक चला था |

  • मौसम संबिधत इितहासकर रल का नया चरहरा 1341 का बाढ़ सर वु� होता है | ्ही आपदा मौसम उस समय का पिसि बंदरगाह मुिसरीस को स �् नाव िकया| उसकर बाद को�ी म� नया बंदरगाह आ गया |

    उस समय कर रल नामक एक रा� नही ंथा | िसफ� तीन दरव थर: मलाबार, को�ी, और ट� ा्नकूर |

    AD 45 म� नाि्क िह�ालास मानसून की िदवा लाल सागर सर मुिस�रस की ओर बोला था|

  • मलयालम और तिमलचौदह्ी ंवता�ी तक कर रल और मलयालम कर बारर म� कोई िलखा्ट नही ंथी | कहा जाता है उस समय तक इधर की भाषा तिमल थी | जब आय� ब्ण का आगमन दिरण तट पर �ई, एक ि्भाग पि�मी और और दूसरा पू �् की तरह ि्भाजन �आ| पि�मी ि्भाग इस दरव म� आकर तिमल भाषा को दर्भाषा म� िमशण करकर एक नई भाषा बना िदया ्ह है “मलयालम” |

  • पी.एस.बीजू

    ्षा� ऋतु का प र्व �ार

  • पहली लोकतांितक सरकार 1956 न्�र 1 म� कर रल बन गया | 1957 अपैल 5 म� पहला लोकतांितक

    सरकार स�ा म� आया | मतदान पत सर दुिनया म� पहली बार

    कं�ूिन� पाट� का अिधकार कर रल म� �आ था | लरिकन 1982 तक इधर का

    राजनीितक दलो ं का �� त�ीरनही ंथा | उसकर बाद हर पांच साल म� कं�ूिन� पाट� गठबंधन और कोगंरस पाट� गठबंधन बारी-बारी सरअिधकार म� आया |

    1991 म� 100% साररता हािसल की|

  • भूगोल ि्�ानं और मौसम कर रल रा� पू �् म� पि�मी

    घािटयो ं और पि�म म� अरब महासागर सर िघरा �आ है| अरब सागर सर आनर्ाली मानसून ह्ा को पि�मी घािटयो ं रोक करकर �ादा बा�रव दरता है |

    स�ादी म� 25 की.मी का बड़ा अ�राल है | इसका नाम है

    पाला�ाडू खाई | यह उस िज�ा को �ादा गरमानादरता है | (1987 मई म� 41.8°C )

  • भूगोल तयी

    कर रल की सथलाकृित ऊंचाई कर आधर पर तीन पकार ि्भाजन िकया है | उ� भूिम, म� भूिम और तटीय भूिम41 निदयां उ� भूिम सर िनकलकर अरब सागर की ओर बहती ह� | इन निदयो ंकी पानी की माता मानसून पर िनभ�र ह�|

    3 निदयो ंकी प्ाह पि�म सर पू�� िदवा म� ह�| र् का र्री नदी की भाग मानर जाती ह� |

  • भग्ान का अपना दरव, बा�रव का भी..

    कर रल कर लोग ि्�ास करतर ह� िक “बा�रव भग्ान की कि्ता है” |्ै�ािनक युग म� भग्ान का संबध �ा है ? यह प् पूछकर ही कर रल्ािसयो ं उ�र दरतर ह� िक

    मतलब यह है “ भग्ान कर क�ना म� दुिनया का आि्भा�् �आ बस मनु� कर सपनो ंकी तरह |” सपनर कर बाद जैसर सारी चीज हमारर अंतर ि्लीन होतर ह� जैसर हम भी भग्ान म� ि्लीन हो जाय�गर|

    “आसीदगर असदर र्दं भु्नं ��्त पुन:सस�� स�� संक�-मातरण परमर�रा :”

  • मानसून की क��त कि्ता “इड्�ाती पाितरया-िणिडयंु मषयंु पोड़ीपूरमपूरमु��र �ुलीमाि्न मर-लो� गंध��न पाडु�ू,अरबीकड़िलन मु�कुम तंतीक-लारो मीट्टू्तोडो�म”

    -इदवररी गोि्ंदन नायर

    यह मानसून रात है | िबजली और गज�न भी है | इसका प्ाह एक ग� �् का गाना जैसा है | उस गानर कर िलए अरब सागर एक ्ीणा की तरह अपनी ���ं� कसता है|

  • ि्�ास की कहानी भग्ान िव् नर दिरण भारत कर चररा, चोला, और पाण् दरवो ंकर बीच म� बा�रव की ि्भाजन की | लरिकन चररा को �ादा ्षा� दी �ो ंिक चोला को का र्री नदी थी और पाण् को तामरा भरणी नदी थी | चररा को िसफ� धम� ्ृि� थी |चररा दरव : मानसून कर पू �् और मानसूनम� फर्री सर म� अ�ूबर तकपाण् दरव : मानसून कर पू �्म� फर्री सर म� मई तकचोला दरव: उ�र पू �् मानसूनम� अ�ूबर सर म� फर्री तक

  • ि्�ास कर सहारर म� स�ादी मानसून की अ्िध म� पबल पि�मी ह्ा का पभा् पू्� ह्ा को बरअसर कर�गर और दोपहर कर बाद कर ्ल पि�मी ह्ाएं मौजूद होतर ह�| यर प�मी मानसून धारा स�ादी पर टकराकर एक मजबूर चढाई करता है और उसकर सहारर बादलो ंस�ादी कर प्नािभमुख िदवा म� (कर रल) गढन िकया जाता है और उसी िदवा म� गंभीर बा�रव की संभा्ना होती है | इसम� मु� गु� ऊ�ा पितप्न िदवा म� (तिमलनाडू) गम� का मौसम दरता है | इस पू्� भाग को “्ृि� छाया ररत” बोलता है |

  • कर रल कर ऋतूकर रल म� वीतकाल का पभा् ब�त कम है | इधर तापमान 12°C कर नीचर जानर की संभा्ना नही ं है | (मु�ार कर स्ाचिलत मौसम �वन कई बार 10 °C कर नीचर तापमान िदखाया था |) इसिलए कर रल कर ऋतू तीन तरह का ्षा�काल ह�|1. ह�ा ठंडा मौसम: िदस�र 15 -- फर्री 15 (कर रल म� िविवर काल नही ंहै मगर हरमंत काल है )2. गी� काल : फर्री 15 -- मई 15 (्संत काल और गी� काल)3. इड्�ाती: मई 15 -- अ�ूबर 15

    (्षा� काल)4. तुला्षा� : अ�ूबर 15 – िदस�र 15 (्षा� काल) (वरतकाल भी नही ंहै )

  • दिरण-पि�म मानसून (जून-िसत�र)(जून सर िसत�र तक): सथानीय नाम है “इड्�ाित” |

    मतलब है आधा भाग| लरिकन आर� 1918 (11 मई), 1983 (13 मई) म� मरडम और 1972 (18 जून) म� िमथुनम महीनर थर | सहसा�ी का ि्लंिबत आर� (2003 जून 13 ) भी इड्ं था|पू�ा�जो ंकर िनरीरण कर अनुसार यह बा�रव का सि्वरषता है : पहलर गंभीर ्षा�, िफर �्धान और िफर ्षा� ऐसर चक म� पूरा ऋतू पूरा हो जाता है |लोगो ंकर धारना है िक इस समय की खानर-स�ी म� ब�त �ाद है|

    मलयालम मिहना “इड्म” 15 म� आर� होता है | पाती का

  • मानसून की िमथक ि्�ाअपैल 14 या 15 को कर रल का न् ्ष� मनर जातर ह� और उस िदन का नाम है- “ि्षु”

    पू �्जो ं कर �ा्हा�रक अनुसंधानकर अनुसार ि्षु का िदन और मानसून का पदव�न म� कुछ संबध िलखा है िक ि्षु मंगल्ार या वुक्ार को आया तो सबसर अ�ी मानसून िमलरगी | लरिकन विन्ार का ि्षु म� ्षा� की बुरी हाल हो जाएगी|

  • ि्षु और मानसून (1971-2016)कर रल म� मानसून का सामा� आर� मई 25 सर जून 8 तक है (जून 1 ± 7)| ि्वु अपैल 13सर 15 तक का एक िदन म� है | िपछलर 46 साल कर (1971-2016) आंकड़र म� यह पता चला है िक अगर मानसून का आर� िदन सामा� है और ि्षु का िदन वुक्ार या रि््ार है, तो मानसून भी सामा� होनर का पाियकता सौ पितवत है |इस साल म� ि्षु वुक्ार म� था और मानसून आर� भी सामा� थी

    |

  • 99 की बाढकर रल कर सबसर उ�तम मानसून बा�रव 1924 म� पा� की थी | उस समय का मलयालम पंचांग 1099 थी | इसिलए इसको 99 की बाढ कही जाती है | उस समय 345 cm बा�रव िमली थी |

  • 1918 का कमी मानसून

    कर रल कर सबसर �ूनतम मानसून ्षा� 1918 म� �ई थी| इितहास म� मानसून की सबसर ज�ी वु�आत (मई 11) भी उस साल म� थी | मानसून ्षा� िसफ� 110 cm थी |

    लरिकन मानसून पू �् और मानसून प�ात कर अ�ी बा�रव होनर कर कारण ्ािष�क बा�रव िगरा्ट सामा� थी |

  • मानसून बा�रव की रै�खक ्ृ�ि

    इड्�ाती ्षा� की पगित पर सारर िज�र म� कपासी ्ष� मरघ (जो गी�काल म� साधारण है ) कर सथान पर �री मरघ आता है| जब मरघ पि�म म� होता है तब बा�रव होनर की संभा्ना अिधक है |

    मानसून म� दिरण सर उ�र भागो ं तक बा�रव की रै�खक ्ृिध दरख सकता है |

  • मानसून की पदव�न (सामा� : 204 cm)िपचलर 116 (1901-2016) सालो ंकर अ्िध म� 66 सालो ंम� मानसून की मात दीघा�्िध औसत (204 cm) कर नीचर थर |लरिकन 100 सालो ंम� मानसून सामा� थी | मानसून की कमी िसफ� 16 सालो ंम� था | उसी ्� 1971-2016 कर अ्िध म� 10सालो ंम� मानसून की कमी थी |

  • िज�ो ंकी मानसून (1971-2000)िज�ो ं म� सबसर ऊंचा मानसून बा�रव उ�र िज�ा कासरगोड म� िमलता है (301 cm) और सबसर नीचर ित�्न�पुरम है ( 87cm)|

    8 िज�ो ंम� मानसून की ्षा� को ह�ा सा घटतर �ए प्ृित है| लरिकन को�म िज�र म� तरजी सर घट रही है|

    4 िज�ो ंम� बढ़ती प्ृि� िदखा रहर ह�| मगर राजधानी िज�ा म� तटसथ िभ�ता दरख सकता है |

  • उ�र-पू �् मानसून (अ�ूबर-िदस�र)पू �्जो ं नर यह ऋतू का समय मलयालम महीनर तुलाम (अ�ूबर 15) सर मकराम 15 (जन्री ) तक बोला है �ो ंिक इधर वीतकाल का अनुभ् कम है | सथानीय नाम तुला्षा� है |दोपहर कर बाद िबजली-गज�न कर साथ आनर्ाली यह ्षा� रात तक चलती है | ्षा� की सि्वरषता है िक एक बार बा�रव वु� �आ तो ब�त दरर तक चलती है| इसी काल म� ही कुओ ं पानी सर भरता है| इस अ्िध म� ब�त सारर मव�म उग�गर|

  • तुला्षा� की पदव�न (सामा�: 48 cm)1901-2010 म� 26 सालो ंम� तुला्ाषा� कमी थी | इस सहसा�ी म� तुला्षा� हमरवा सामा� थी| लरिकन 2016 सूखा थी | फलदायक तुला्षा� की उप�सथित कई सालो ं म� ्ािष�क बा�रव को सामा� बना िदया था | 1971-2010 समय कर रल म� तुला्षा� की प्ृि� बढ़ रही है | िभ�ता 17 cm सर 82 cmतक है |

  • िज�ो ंकी तुला्षा� (1971-2000)िज�ो ंम� सबसर ऊंचा तुला्षा� बा�रव दिरण िज�ा को�म म� िमलता है ( 64 cm) और सबसर नीचर ्यानाडू है ( 33cm)|10 िज�ो ंतुला्ाषा� म� बा�रव की बढ़ती प्ृि�िदखा रहर ह�| 4 िज�ा म� तटसथ िभ�तादरख सकता है |दिरण िज�ा्ो ंम� तुला्षा� �ादा िमलता है |

  • मानसून पू �् (माच�-अपैल-मई)मानसून पू �् या गी�काल को ्ािष�क ्षा� की िगरा्ट पर ब�त अ�ा पभा् पड़ता है|इस समय का बा�रव को मलयालम म� “ इडी मषा” या “ र्नल मषा” कहता है | इडी-- गज�न; मषा--्षा� और र्नल--गी�काल|

    िबजली और गज�न कर सात आनर्ाली गंभीर ्षा� एक खंडर तक चलता है | बा�रव की बँूद आमाप भी बड़ा है | बा�रव कर बाद भी िबजली और गज�न ब�त दरर चलतर ह� |

  • गी�्षा� की पदव�न (सामा�: 38 cm)1901-2010 म� 34 सालो ं म� गी�्षा� कमी थी | इस सहसा�ी म� गी�्षा� सारर सालो ंम� सामा� थी| 1971-2010 समय कर रल म� गी�्षा� की प्ृि� बढ़ रही है |िभ�ता 9 cm सर 91 cm तक है | सबसर सूखर 2016 म� भी ्षा� सामा� थी|

  • िज�ो ंकी गी�्षा� (1971-2000)

    सारर 14 िज�ाय� बा�रव की बढ़ती प्ृि� िदखा रहर ह� |िज�ो ंम� सबसर ऊंचा गी�्षा� दिरण िज�ा प�नमित�ा म� िमलता है( 55 cm) और सबसर नीचर आलपुषा है ( 23 cm)|

    दिरण िज�ा्ो ंम� गी� ्षा�का पभा् तरज है |

  • वीतकाल (जन्री-फर्री)वीतकाल की पभा् कर रल कर 90% भागो ंम� नही ंहै | इसिलए कर रल की वीतल ऋतू को हरमंत काल बोल सकता है |िदन म� कभी भी ठंडा नही ंपड़ता है |लरिकन रात म� िदस�र सर जान्री तक ठंडी ह्ा की अनुभ् होती है | कर रल म� धूिमका इस ऋतू म� साधारण है लरिकन कुहरा िसफ� पहाड़ी इलाको ंम� दरख सकता है| सामा� ्षा�: 2 cm

  • िज�ो ंकी वीतकाल ्षा� (1971-2010)

    दिरण िज�ो ंम� सबसर अिधक वीता ्षा� िमलता है | उसम� आलपुषा पथम सथान पर ह�| को�यम और पटनमित�ा म� भी अ�ी ्षा� िमलती है |

    इस बा�रव म� िकसी भी िज�र म� कोई िभ�ता अभी तक नही ंदरखा है |

  • ्ािष�क बा�रव ( सामा� :293 cm)कर रल कर सबसर सूखर ्ष� 1976 थी| उस समय का ्ािष�क बा�रव िसफ� 207 cm और मानसून बा�रव 130 cm थी| लरिकन उस समय भी तुला्षा� सामा� सर अिधक थी | 1901-2010 कर 110 सालो ंम� िसफ� 5 बार ्ािष�क बा�रव कमी रहा | 99 (1924) की बाढ सर �ादा ्ािष�क ्षा� 1961 म� िमली थी|

  • िज�ो ंकी ्ािष�क ्षा� (1971-2000)िज�ो ंम� सबसर ऊंचा ्ािष�क ्षा� बा�रव उ�र िज�ा कासरगोड म� िमलता है ( 358 cm) और सबसर नीचर राजधानी है ( 186cm)|7 िज�ो ं्ािष�क ्षा� म� बा�रव की बढ़ती प्ृि� िदखा रहर ह�|

    4 िज�ा म� तटसथ िभ�तादरख सकता है |

    3 िज�ो ंम� ्ािष�क ्षा� ्षा� को ह�ा सा घटतर �ए प्ृित है|

  • काफी ्षा�..कमी भौम-जल..कर रल म� तीन तरह की कृिष है ; इसम� ि्�र�ू कृिष अपैल म� होती है, मु�कन अग�-िसत�र म� और पंुजा िदस�र-जन्री म� है | लरिकन पूरर कर रल्ािसयो ंको �खलानर कर िलए यह पया�� नही ंहै |कर रल म� थोड़ी समय पर पूरी ्षा� पड़ती है| इसका जमीन पर अ्वोषण कर िलए काफी ्� नही ंिमलता है| सथलाकृित भी पानी की प्ाह को सागर म� डालतर है| कर रल की ्न ररत भी ्ष�-्ष� म� कम हो रही है | इसिलए पानी और खरती की िमटटी दूर प्ाह म� खो रहर ह�|

  • िद�व�न पु�क

    1. “कर रल इितहास” : ए. शीधर मरनोन2. “मलयालम सािह् इितहास”: एम्.जी.एस.नारायण

    3. “ हमारी पकृित” : डॉ.कर .ि्�ासागर4. “मानसून” : िप.कर .दास

  • अिभ�ीकृित

    1. शी.ओ.पी.शीजीत, ्ै�ािनक “डी”, सी.आर.एस, पुनर2. शी.एस.सुदर्न, िनद�वक, मौसम क� द , ित�्न�पुरम

  • मानसून की प्रवेश द्वार�पौराणिक कहानीअद्वैत का पागलखानामौसम संबधित इतिहासमलयालम और तमिलSlide Number 6पहली लोकतांत्रिक सरकारभूगोल विज्ञानं और मौसमभूगोल त्रयीभगवान का अपना देश, बारिश का भी..मानसून की कल्पित कविता विश्वास की कहानी विश्वास के सहारे में सह्याद्रीकेरल के ऋतूदक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितम्बर) मानसून की मिथक विद्याविषु और मानसून (1971-2016)99 की बाढ1918 का कमी मानसूनमानसून बारिश की रैखिक वृद्धि मानसून की प्रदर्शन (सामान्य : 204 cm)जिल्लों की मानसून (1971-2000)उत्तर-पूर्व मानसून (अक्टूबर-दिसम्बर)तुलावर्षा की प्रदर्शन (सामान्य: 48 cm)जिल्लों की तुलावर्षा (1971-2000)मानसून पूर्व (मार्च-अप्रैल-मई)ग्रीष्मवर्षा की प्रदर्शन (सामान्य: 38 cm)जिल्लों की ग्रीष्मवर्षा (1971-2000)शीतकाल (जनवरी-फरवरी)जिल्लों की शीतकाल वर्षा (1971-2010)वार्षिक बारिश ( सामान्य :293 cm)जिल्लों की वार्षिक वर्षा (1971-2000) काफी वर्षा..कमी भौम-जल..दिग्दर्शन पुस्तक�अभिस्वीकृतिSlide Number 36