पबाअचनकोिवल वपैर नदी जोड़ो प ...fcra क तहत...

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डेली यूज़ (15 Nov, 2019) drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/15-11-2019/print पबा-अचनकोिवल-वैपर नदी जोड़ो परयोजना ीलस ीलस केके लये लये : भारत नदी जोड़! परयोजनाएँ मेस मेस केके लये लये : परयोजना के लाभ और हािनयाँ चचा& चचा& 'य! 'य! ? के रल सरकार (तािवत पबा-अचनकोिवल-वैपर (Pamba-Achankovil-Vaippar) नदी परयोजना के काया&वयन का िवरोध कर रही है 'य!िक इस परयोजना से के रल-तिमलनाडु के म,य जल का डायवज़&न बढ़ जाएगाके रल के अनुसार रा/य क0 निदय! अतर2 जल नह3 है परयोजना परयोजना केके बारे बारे : इस परयोजना क0 परक4पना वष& 1995 के रल के लये 500 मेगावाट िबजली का उ8पादन तथा तिमलनाडु भूिम ↓सचाई हेतु क0 गई थीरा< = जल िवकास अभकरण (National Water Development Agency-NWDA) क0 परयोजनाओं सूचीबB इस परयोजना के तहत के रल पबा और अचनकोिवल निदय! से तिमलनाडु के वैपर बे■सन के लये 634 'यूिबक िमलीमीटर पानी के डायवज&न क0 परक4पना क0 गई है हालाँिक क Dीय जल शि2 मंFालय के अनुसार इस परयोजना को इसम शािमल रा/य! क0 मंज़ूरी के बाद ही िGयाHवत िकया जाएगा1/21

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  • डेली यूज़ (15 Nov, 2019)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/15-11-2019/print

    प बा-अचनकोिवल-वपैर नदी जोड़ो प रयोजनाी ल सी ल स केके लयेलये: भारत म नदी जोड़ प रयोजनाएँ

    मे समे स केके लयेलये: प रयोजना के लाभ और हािनयाँ

    चचाचचा मम यय ?केरल सरकार तािवत प बा-अचनकोिवल-वपैर (Pamba-Achankovil-Vaippar) नदी प रयोजना के काया वयन कािवरोध कर रही ह ै य िक इस प रयोजना से केरल-तिमलनाडु के म य जल का डायवज़न बढ़ जाएगा। केरल के अनुसार रा यक निदय म अत र जल नह ह।ै

    प रयोजनाप रयोजना केके बारेबारे मम:इस प रयोजना क प रक पना वष 1995 म केरल के लये 500 मेगावाट िबजली का उ पादन तथा तिमलनाडु म भूिम↓सचाई हेतु क गई थी।रा ीय जल िवकास अभकरण (National Water Development Agency-NWDA) क प रयोजनाओं मसूचीब इस प रयोजना के तहत केरल म प बा और अचनकोिवल निदय से तिमलनाडु के वपैर बे■सन के लये 634यूिबक िमलीमीटर पानी के डायवजन क प रक पना क गई ह।ै

    हालाँिक क ीय जल शि मं ालय के अनुसार इस प रयोजना को इसम शािमल रा य क मज़ंूरी के बाद हीि या वत िकया जाएगा।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/15-11-2019/print

  • नदीनदी जोड़ोजोड़ो प रयोजनाओंप रयोजनाओं केके लाभलाभ:ये प रयोजनाएँ देश क जल और खा सुर ा को बढ़ावा देने के साथ-साथ सूखे क सम या से िनपटने के लयेआव यक ह।प रयोजना ारा जल का सं हण करना या जल अधशेष े से कम उपल धता वाले े म जल थानांत रत करना,मानसून क िवफलता के कारण होने वाली सम या का एक यावहा रक समाधान ह।ैचूँिक ामीण भारत का मु य यवसाय कृिष ह ैऔर यिद िकसी वष मानसून िवफल हो जाता ह,ै तो कृिष गतिवधय मठहराव आ जाता ह ैजो ामीण गरीबी बढ़ने का एक कारक ह।ैइसके अलावा ये प रयोजनाएँ, आसपास के े म रहने वाले लोग के लये एक नया यवसाय सृ■जत करती ह जसेै-मछली पालन

    इनसेइनसे संबंधतसंबंधत मु ेमु े:इस प रयोजना का िवरोध करने वाल ने जल-जमाव, लवणता और म थलीकरण जसेै सामा■जक-पा र थतक यभाव के सम मू यांकन के अभाव का हवाला देते हुए इसक उपादेयता पर उठाए ह।

    नहर और जलाशय के िनमाण के लये बड़े पमैाने पर वन क कटाई क जाती ह ैइससे वषा पर नकारा मक भावपड़ता ह।ै

    प बाप बा नदीनदीइस नदी का उ व केरल के इडु िज़ले म थत पीरमेड पठार (Peermade Platue) से होता ह ैऔर यह अंत मअरब क खाड़ी म िगरती ह।ैप बा नदी का पूरा जल हण े केरल रा य म ह।ै

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  • प बा बे■सन पूव म प मी घाट से और प म म अरब सागर से घरा हुआ ह।ै

    अचनकोिवलअचनकोिवल नदीनदीइस नदी का उ व प मी घाट म केरल के पठानमथ ा ( Pathanamthitta) िज़ले से होता ह।ैयह वीयपुरम (Veeyapuram) म प बा नदी से िमलती ह।ैयह नदी पूरी तरह से केरल रा य म िव ता रत ह।ै

    वपैरवपैर नदीनदीइस नदी का उ व तिमलनाडु म प मी घाट के व शनाड पहाड़ी ंखला ( Varushanad hill) रज के पूव ढलानसे होता ह।ै

    रा ीयरा ीय जलजल िवकासिवकास अभकरणअभकरण (National Water Development Agency-NWDA):

    NWDA क थापना जुलाई 1982 म सोसायटी पंजीकरण अधिनयम 1860 के तहत वाय सोसाइटी के प मक गई थी।इसके काय इस कार ह-

    रा ीय प र े य म प रयोजना के ाय ीपीय नदी िवकास घटक को ठोस आकार देना।जल संसाधन के ई तम उपयोग के लये वै ािनक और यथाथवादी आधार पर जल संतुलन तथा अ यअ ययन करने एवं संभा यता रपोट तयैार करना।

    ोतोत: दद हदूहदू

    िवदेशी योगदान (िविनयमन) अधिनयमी ल सी ल स केके लयेलये - FCRA के िदशा-िनदश

    मे समे स केके लयेलये - िवदेशी फं स का दु पयोग रोकने के उपाय

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म क ीय गृह मं ालय ने कई गरै सरकारी संगठन और श ण सं थान का एफसीआरए (Foreign ContributionRegulation Act- FCRA) के तहत पंजीकरण र कर िदया ह।ै

    मुखमुख बदुबद-ु1800 से अधक गरै-सरकारी संगठन और शै णक सं थान जो कानून का उ ंघन करते पाए गए ह, उनके िवदेशी धना करने पर तबधं लगा िदया गया ह।ै

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  • FCRA के तहत ■जन सं थाओं का पंजीकरण र िकया गया ह,ै उनम राज थान िव िव ालय, इलाहाबाद कृिषसं थान, यगं मे स ि यन एसो■सएशन, तिमलनाडु (Young Mens Christian Association-YMCA) औरवामी िववेकानदं एजुकेशनल सोसाइटी, कनाटक भी शािमल ह।मं ालय के अनुसार पंजीकरण र करने का मुख कारण सं थाओं ारा FCRA कानून का उ ंघन करना ह।ैFCRA के िदशा िनदश के अनुसार पंजीकृत सं थाओं को िव ीय वष के पूरा होने के 9 महीने के भीतर आय और ययका िववरण, ाि और भुगतान खाते, बही खाते इ यािद क कैन तय के साथ एक ऑनलाइन वा षक रपोट जमाकरनी होती ह।ै■जन पंजीकृत संगठन को ■जस वष िवदेशी योगदान नह िमलता, उ ह भी उ अवध के तहत उस िव वष के लयेिनल रटन (Nil Return) भरना होता ह।ै

    िवदेशीिवदेशी योगदानयोगदान (Foreign contribution)यि गत उपयोग के लये िमले उपहार के अलावा िवदेशी ोत से िमली व तुएं, मु ा और तभूतयाँ िवदेशी योगदान केअंतगत आती ह।

    िवदेशीिवदेशी योगदानयोगदान (िविनयमनिविनयमन) अधिनयमअधिनयम (Foreign Contribution RegulationAct- FCRA)

    भारत सरकार ने िवदेशी योगदान क वीकृत और िविनयमन के उ े य से वष 1976 म िवदेशी अंशदान (िविनयमन)अधिनयम (FCRA) लागू िकया।वष 2010 म इस अधिनयम को मुखता से संशोधत िकया गया। एफसीआरए, 1976 के ावधान को आमतौर परबरकरार रखते हुए इसम कई नए ावधान भी जोड़े गये।इसके तहत राजनीतक कृत का कोई भी संगठन, ऑडयो, ऑडयो िवजुअल यूज या करटं अफेयस काय म केिनमाण और सारण म लगे िकसी भी संगठन को िवदेशी योगदान वीकार करने के लये तबंधत िकया गया ह।ैFCRA, 2010 के तहत िदया गया माण-प पाँच साल तक के लये वधै होगा तथा पूव अनुमत, िवशेष काय यािवदेशी योगदान ■जसके लए अनुमत दी गई ह,ै उस िवशेष राश क ाि के लए वधै होगा। नए ावधान के तहत कोई भी यि जो FCRA के ावधान के अनुसार िवदेशी योगदान ा करता ह,ै उस राश कोतब तक ह तांत रत नह कर सकता जब तक िक वह यि भी क सरकार ारा बनाए गए िनयम के अनुसार िवदेशीयोगदान ा करने के लये अधकृत न हो।FCRA के तहत पंजीकृत होने के लये एक गरै सरकारी संगठन को पूव म कम से कम तीन वष के तक सि य होनाचािहये। इसके अलावा इसक गतिवधय पर इसके आवेदन क तारीख से पूव के तीन वष म 1,000,000 पए तकखच िकये गए ह ।नए ावधान के तहत एक िव ीय वष म एक करोड़ पए से अधक या उसके समक िवदेशी योगदान क ाि होनेपर आँकड़ को तथा उस साल के साथ-साथ अगले वष के िवदेशी योगदान के योग को भी सावजिनक करना होगा।

    ोतोत-दद हदूहदू

    हाम नाइज्◌़ड ■स टम कोडी ल सी ल स केके लयेलये: हाम नाइज्◌़ड ■स टम कोड, िव सीमा शु क संगठन

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  • मे समे स केके लयेलये: हाम नाइज्◌़ड ■स टम कोड से संबंधत िवभ त य

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म क ीय वाण य एवं उ ोग मं ालय ारा खादी को एक अलग ‘हाम नाइज्◌़ड ■स टम कोड’ आवंिटत िकया गया ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ुभारतीय सं कृत क अभ पहचान खादी को हाम नाइज्◌़ड ■स टम कोड (Harmonised System Code-HSCode) दान िकया गया ह।ैभारतीय वतं ता सं ाम के समय महा मा गांधी ने हाथ क कताई तथा बुनाई वाले खादी के व को ही पहना था।क ीय सू म, लघु और म यम उ म (MSME) मं ालय के अनुसार, खादी को HS कोड िमलने से इसक िढ़गतछिव से छुटकारा िमलेगा तथा इसके उ पाद का िनयात बढ़ेगा।

    हाम नाइज्◌़डहाम नाइज्◌़ड ■स टम■स टम कोडकोड: (Harmonised System Code-HS Code)

    हाम नाइज्◌़ड ■स टम कोड छह अंक का एक कोड ह,ै ■जसे िव सीमा शु क संगठन (World CustomsOrganization) ारा िवक■सत िकया गया ह।ैइस कोड के िमलने का अथ ह ैिकसी व तु का बहुउ ेशीय अंतरा ीय उ पाद के प म पहचान ा करना।वतमान म 200 से अधक देश अंतरा ीय यापार के आँकड़ के सं ह, यापार नीतयाँ बनाने और अंतरा ीय बाज़ार मअपने सामान क िनगरानी तथा अपने सीमा-शु क क दर को सुिन त करने के लये HS कोड णाली का उपयोगकरते ह।HS कोड णाली उ पाद क यापार ि याओं तथा सीमा शु क को सुसंगत बनाती ह ैऔर अंतरा ीय यापार मलागत को कम करती ह।ैिव सीमा-शु क संगठन के अनुसार, वतमान म HS कोड णाली म लगभग 5000 कमोडटी समूह शािमल ह, ■जनमसे येक समूह को 6 अंक वाला एक यूिनक (Unique) नबंर दान िकया जाता ह,ै इस कोड म सं याओं को कानूनीऔर ता कक ढंग से यव थत िकया जाता ह।ै यह कोड िव म सीमा-शु क दर म समान वग करण िनयम को अ छीतरह प रभािषत करता ह।ैHS कोड म थम दो अंक HS अ याय, अगले दो अंक HS शीषक तथा बाक दो अंक HS उप-शीषक को दशतकरते ह।उदाहरण के लये, अन ास का HS कोड 0804.30 ह।ै यहाँ 08 खा फल , न स, छलके वाले साइटस (Citrus)फल के लये अ याय कोड ह,ै 04 खजूर, अन ास, अवागेदो जसेै रसीले और सूखे फल के लये शीषक ह ैतथा 30िवशेषतः अन ास के लये उप-शीषक ह।ै

    खादीखादी कोको HS कोडकोड दानदान करनेकरने केके िनिहताथिनिहताथ:क ीय वाण य एवं उ ोग मं ालय ारा उठाए गए इस कदम से आने वाले वष म खादी उ पाद के िनयात म वृ होनेक उ मीद ह।ैवष 2006 म क सरकार ने MSME के अधीन थािपत खादी एवं ामो ोग आयोग को िनयात संव न प रषद कादजा िदया गया था।

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  • परतंु खादी के लये अलग HS कोड न होने के कारण इसके िनयात को वग कृत तथा इसक गणना करना किठन था।इस नवीनतम कदम से इस सम या को हल करने म सहायता िमलेगी।खादी को HS कोड न िमलने के कारण इसके िनयात संबधंी आँकड़ को सामा य कपड़ से संबंधत आँकड़ के प मही लया जाता था। परतंु अब खादी को HS कोड िमलने से खादी के िनयात से संबंधत न केवल शु आँकड़े ा ह गेब क भिव य म यह कोड िनयात रणनीत बनाने म भी सहायता करगेा।

    ोतोत- दद इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    संयु रा िवकास गतिवधयाँी ल सी ल स केके लयेलये: संयु रा क िवभ एज■सयाँ

    मे समे स केके लयेलये: भारत ारा िवभ संयु रा एज■सय को िदया गया आथक योगदान से संबंधत मु े

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म भारत ने संयु रा (United Nations- UN) क िवभ एज■सय को वष 2020 म िवकास संबधंी िवभगतिवधय के प रचालन के लये 13.5 िम लयन यूएस डॉलर के योगदान क घोषणा क ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ुसंयु रा म भारत के थायी िमशन के अनुसार, भारत ने ‘यूएन जनरल असबली े↓जग कॉ स’ (UN GeneralAssembly Pledging Conference) के दौरान वष 2020 म UN ारा प रचा लत िवकास गतिवधय के लये13.5 िम लयन यूएस डॉलर के योगदान क तब ता जताई ह।ैभारत ने संयु रा क िवकास संबंधत गतिवधय म अपने योगदान क दीघका लक परपंरा को जारी रखते हुए यहतब ता जताई ह।ै

    संयुसंयु रारा कक िवभिवभ एज■सयएज■सय कोको भारतभारत ाराारा आथकआथक योगदानयोगदान:भारत संयु रा राहत एवं काय एजसी (UN Relief and Works Agency) को िफ ल तीनी शरणाथय केसहयोग के लये 5 िम लयन यूएस डॉलर का योगदान तथा संयु रा िवकास काय म (UN DevelopmentProgramme) को 4.5 िम लयन यूएस डॉलर का योगदान करगेा।भारत ारा िव खा काय म (World Food Programme) को 1.92 िम लयन यूएस डॉलर, संयु रा बालकोष (UN Children’s Fund) को 900,000 यूएस डॉलर, संयु रा जनसं या कोष (UN PopulationFund) को 500,000 यूएस डॉलर था ‘यूएन वॉलटरी फंड फॉर टे नकल को-ऑपरशेन’ (UN VoluntaryFund For Technical Co-operation) को 200’000 यूएस डॉलर का आथक योगदान िदया जाएगा।भारत संयु रा पयावरण काय म (UN Environment Programme) और संयु रा ड स एवं अपराधकायालय (UN Office on Drugs and Crime) को िव ीय एवं तकनीक सहायता दान करने के लये100,000 यूएस डॉलर का योगदान करगेा।भारत ‘यूएन कमीशन ऑन ूमन सटैलमट ो ाम’ (UN Commission on Human SettlementProgramme) म 150,000 यूएस डॉलर का योगदान करगेा।

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  • भारतभारत केके अ यअ य यासयास:भारत का मानना ह ैिक संयु रा के पास अपनी गतिवधय को उचत और संतु लत प से चलाने के लये पयासंसाधन होने चािहये।संयु रा को येक वष िवभ मा यम से लगभग 50 िब लयन यूएस डॉलर के संसाधन का योगदान होता ह,ै■जसम से 65% संसाधन को उपयोग के लये चि त िकया जाता ह ैऔर अंतम प से 35% से कम संसाधन काउपयोग िवकास तथा तकनीक सहयोग के े म हो पाता ह।ैभारत ने वष 2017 म ‘द ण-द ण सहयोग के लये संयु रा कायालय’ (UN Office for South-SouthCooperation) के साथ िमलकर भारत-संयु रा िवकास साझेदारी कोष (India-UN DevelopmentPartnership Fund) क थापना क थी ■जसके अंतगत आव यक िवकास प रयोजनाओं के लये 150 िम लयनयूएस डॉलर क यव था क गई।भारत-संयु रा िवकास साझेदारी कोष क थापना के बाद इसम अ का, लिैटन अमे रका, कै रिबयाई और एशया-शांत े के 35 से अधक देश ने भागीदारी क ह।ै

    भारत ने ‘कैरिेबयन क यिुनटी एंड कॉमन माकट’ (Caribbean Community and Common Market-CARICOM) समूह के देश म सामुदायक िवकास प रयोजनाओं के लये 14 िम लयन यूएस डॉलर तथा सौरनवीकरणीय ऊजा और जलवाय ुप रवतन के े से संबंधत प रयोजनाओं के लये 150 िम लयन यूएस डॉलर के ऋणक यव था क ह।ैयूयॉक म भारत तथा ‘प■ैसिफक माल आइल स डेवल पग टे स (Pacific Islands Developing States-

    PSIDS) देश क बठैक के दौरान भारत ने PSIDS देश को 12 िम लयन यूएस डॉलर का अनुदान देने का िनणयलया, PSIDS समूह के देश अपनी पसंद के िवकासा मक े म िकसी प रयोजना का काया वयन कर सक।बीते दशक के दौरान, भारत ने 60 िवकासशील देश के लये लगभग 26 िब लयन यूएस डॉलर क सहायता उपल धकराई ह।ै

    अ यअ य त यत य:वष 2019 क ‘यूएन जनरल असबली े↓जग कॉ स’ (UN General Assembly Pledging Conference) केदौरान लगभग 16 देश ने कुल 516 िम लयन यूएस डॉलर के योगदान क तब ता जताई ह ैजो िक वष 2018 केदौरान 425.69 िम लयन यूएस डॉलर था।संयु रा को वष 2017 म संपूण प से 33.6 िब लयन यूएस डॉलर का योगदान िमला था जो िक 2016 से 3%अधक था।

    ोतोत-दद हदूहदू

    म ोव वन का घटता ेी ल सी ल स केके लयेलये : म ोव वन या ह?ै

    मे समे स केके लयेलये : जवै पा र थतक के संर ण म म ोव वन का योगदान

    चचाचचा मम यय ?

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  • हाल ही म बगंाल क खाड़ी म आए ती च वात ‘बुलबुल’ से बचाव म म ोव वन ने मह वपूण भूिमका िनभाई कतु म ोव वनका घटता े फल जवै पा र थतक के लये एक चता का िवषय ह।ै

    मु यमु य बदुबद:ुभारतीय सुंदरबन े म पड़ने वाले सागर ीप (Sagar Island) म बुलबुल च वात (Bulbul Cyclone) क वजहसे भारी लडफॉल हुआ, इसके अलावा वहाँ के मछुआर तथा उनक नाव को काफ नुकसान हुआ ह।ैपरतंु इसी बीच कलश ीप (Kalash Island) पर फँसे कुछ पयटक इस लये सुर त बचे य िक उ ह ने वहाँ थतम ोव े म शरण ली।पयावरण िवशेष के अनुसार, 110 से 135 िकलोमीटर/घटंा क र तार से चलने वाली च वाती हवाओं से सुंदरबनको बचाने म म ोव क मह वपूण भूिमका रही ह।ै इनक अनुप थत म यह च वात खतरनाक सािबत हो सकता था।‘जादवपुर िव िव ालय’ ारा िकये गए एक अ ययन म बताया गया ह ैिक लगभग 10,000 वग िकमी. म ोव े , जोलाख लोग के भोजन, पानी और वन उ पाद क आव यकताओं क पूत करता ह,ै के लये जलवाय ुप रवतन एकउभरता हुआ खतरा उ प कर रहा ह।ैआम तौर पर निदय ारा लाई गई तलछट, यहाँ अव थत ीप के े फल म वृ करती थी, अब यह तलछट निदयपर बनाए जा रहे बांध ारा रोक ली जाती ह।ै फल व प ीप के े फल म कमी के साथ ही म ोव वन के े फल मभी कमी देखी जा रही ह।ै

    म ोवम ोव याया हैहै?ये छोटे पेड़ या झाड़ी होते ह जो समु तट , निदय के मुहान पर थत वारीय, दलदली भूिम पर पाए जाते ह।मु यतः खार ेपानी म इनका िवकास होता ह।ैइस श द का इ तेमाल उ णकिटबधंीय तटीय वन पतय के लये भी िकया जाता ह,ै ■जसम ऐसी ही जातयाँ पाईजाती ह।म ोव वन मु यतः 25 ड ी उ र और 25 ड ी द णी अ ांश के म य उ ण एवं उपो ण किटबधंीय े म पायाजाता ह।ैभारत म सुंदरबन का े 9,630 वग िकमी. म फैला हुआ ह ै■जसम 4,263 वग िकमी. म म ोव िव मान ह।ैयह द पयर-हॉज़स रखेा (Dampier-Hodges line) के द ण म प म बगंाल के उ री तथा द णी चौबीसपरगना ■जल म थत ह।ै

    द पयरद पयर-हॉज़सहॉज़स रखेारखेा (Dampier-Hodges line) - यह एक का पिनक रखेा ह ै■जसका िनमाण वष 1829-30 म सुंदरबन डे टा के उ री सीमा के िनधारण के लये िकया गयाथा। यह प म बगंाल के उ री तथा द णी चौबीस परगना िज़ल म थत ह।ै

    म ोवम ोव केके दोहनदोहन काका कारणकारण: हाल ही म रा ीय ह रत अधकरण (National Green Tribunal-NGT) ने म ोव वन के दोहन क जाँच करने केलये एक सिमत का गठन िकया ■जसम पाया गया िक प म बगंाल सरकार ने बगंलर आबास (Banglar Abas)नामक योजना म घर के िवतरण के लये म ोव वन क कटाई क ।

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  • भारतीय अंत र अनुसंधान सं थान (ISRO) ारा सटेैलाइट से लये गए आँकड़ से ा जानका रय के अनुसार,फरवरी 2003 से फरवरी 2019 के म य 9990 हे टेयर भूिम का अपरदन हुआ ह।ै इसके अलावा 3.71 तशतम ोव तथा अ य वन का ास हुआ ह।ैम ोव वन का दोहन न ■सफ ए ाक चर के लये ब क तटबधं तथा मानवीय आवास के लये भी हुआ ह।ै

    म ोवम ोव संर णसंर ण केके उपायउपाय:सुंदरबन के कुछ िह स को कानूनी तौर पर रा ीय उ ान और अभयार य (िवशेष प से बाघ संर ण) के प मसंर त िकया गया ह।ै वै ािनक ने नीदरलड क तज़ पर समु तटीय मृदा के कटाव को रोकने हेतु डाइक (Dikes) के िनमाण का सुझाविदया ह।ैसुंदरबन को रामसर क वशन के अंतगत शािमल िकया जाना एक सकारा मक कदम ह।ै यह क वशन नमभूिम(Wetlands) और उनके संसाधन के संर ण तथा बु म ापूण उपयोग के लये रा ीय एवं अंतरा ीय सहयोग काढाँचा उपल ध कराता ह।ैसुभे ता के अनुसार सुंदरबन को िवभ उप े म िवभा■जत कर येक के लये एक िनदशत समाधान काय मअपनाया जाना चािहये।इस े म निदय के अलवणीय जल क मा ा म वृ के उपाय िकये जाने चािहये।मानवीय कारण से होने वाले िन नीकरण को रोकने के लये-

    थानीय समुदाय को जाग क करना एवं उनक सम याओं के लये वकै पक समाधान को लागू करना।सामा य पयटन क जगह जवै-पयटन (Eco-Tourism) को बढ़ावा देना।वनो मूलन (Deforestration) पर रोक एवं वनीकरण को बढ़ावा देना।संकट त जीव एवं वन पतय क सुर ा को बढ़ावा देना।जवै-तकनीक के मा यम से म ोव का संर ण एवं पुन थापन।

    ोतोत : दद हदूहद ू

    2000 वष पुरानी ब ती क खोजी ल सी ल स केके लयेलये: खदुाई के िन कष, खदुाई थल क अव थत

    मे समे स केके लयेलये: भारत म भारत ागैतहा■सक यापार गतिवधयाँ

    चचाचचा मम यय ?आं देश के ने ोर म नायडूपेट के िनकट गो ी ोलू म भारतीय पुरात व सव ण क एक टीम ारा क गई खदुाई के पहलेचरण म यापक तौर पर ईटं वाली संरचना से घरी एक िवशाल ब ती के अवशेष िमले ह।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/bio-restoring-degraded-patches-of-sunderbans

  • थलथल केके िवषयिवषय ममगो ी ोलू (13° 56’ 48” उ र; 79° 59’ 14” पूरब) म नायडूपेट से लगभग 17 िकलोमीटर पूरब और त पत तथाने ोर से 80 िकलोमीटर दरू वणमुखी क सहायक नदी के दाएँ िकनार ेपर थत ह।ै

    िव तृत किटबधंीय अ ययन और डोन से िमली त वीर से एक िकलेबदं ाचीन ब ती क पहचान करने म मदद िमलीह।ैब ती क पूव और द णी ओर िकलाबदंी काफ प ह,ै जबिक दसूरी ओर आधुिनक ब तय के कारण यह अ पतीत होती ह।ै

    इस थान क खदुाई से ईटं से िन मत िवभ आकार और प क संरचना िमली ह।ैखदुाई म िमली कई अ य ाचीन व तुओं म िव ण ुक एक आदमकद मूत और वतमान यगु क शु आती शता दय केदौरान योग िकये जाने वाले िवभ कार के बतन शािमल ह।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1573817627_andhra.jpghttps://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1573817740_goti.jpg

  • इस खदुाई म प ईटं से िन मत संरचना िमली ह,ै जो 75 मीटर से अधक लबंी, लगभग 3.40 मीटर चौड़ी औरलगभग 2 मीटर ऊँची ह।ैखदुाई म ईटं से बना आयताकार टक भी िमला ह।ै

    थलथल केके िनमाणिनमाण कक समायावधसमायावध ईटं का आकार 43-40 सेमी आकार ह,ै ■जसक तुलना कृ णा घाटी यानी अमरावती और नागाजुनक डा कसातवाहन/इ वाकु काल क संरचनाओं से क जा रही ह।ैईटं के आकार और अ य खोज के आधार पर इ ह दसूरी-पहली शता दी ई वी पूव अथवा उसके कुछ समय बाद(लगभग 2000 वष पूव) के समय का माना जा रहा ह।ै

    खदुाई म िमले अवशेष के अलावा, गाँव के प मी िह से क खदुाई से िव ण ुक मूत भी िमली ह।ैइस े के लोग ने, ाचीनकाल म यापार म सुगमता के लये समु , नदी और झील (पु लकट) से िनकटता को यानम रखते हुए, 15 िकलोमीटर क दरूी पर दो नगर को बसाने को मुखता दी थी।

    िव णुिव णु कक आदमकदआदमकद मूतमूतखदुाई से ा िव ण ुक मूत क ऊँचाई लगभग 2 मीटर ह।ैिव ण ुक यह तमा चार भुजाओं वाली ह ै■जसम ऊपर क ओर दािहनी तथा भुजाओं म मशः च और शखंिव मान ह।ैनीचे क ओर दािहनी भुजा े वरदान मु ा म ह ैऔर बायाँ हाथ किटह थ मु ा (कू हे पर आराम क मु ा) म ह।ै

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1573817846_eat.jpghttps://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1573817954_vishnu.jpg

  • अलकृंत शरोव , जनेऊ/य ोपवीत (तीन सू वाला धागा) और सजावटी व जसैी मूतकला िवशेषताएँ इस त यक और संकेत करती ह िक यह मूत प व काल (लगभग 8 व शता दी) क ह।ै

    टेराकोटाटेराकोटा सेसे िन मतिन मत ीी कक लघुमूतलघुमूतदसूरी ाचीन व तु जो खदुाई से ा हुई ह ैवह ह ै ी क लघु मूत (टेराकोटा से िन मत) ■जसम दोन हाथ ऊपर कओर उठे हुए ह।

    शं ाकारशं ाकार घड़ेघड़ेिमटटी के बतन म सबसे आकषक खोज िनमाणिनमाण संरचनासंरचना केके पूवपूव िदशािदशा मम रखे गए शं ाकार घड़ या जार कातल/आधार ह।ैइस तरह के शं ाकार जार तिमलनाडु म यापक प से पाए जाते ह और ऐसा माना जाता ह ैिक इ ह रोमन ए फ़ोराजार (ऐसे जार ■ज ह पकड़ने के लये दो हडल बने होते थे) क नकल करके बनाया गया ह।ैखदुाई से ा टूटी हुई टेराकोटा पाइप क एक ंखला जो एक-दसूर ेसे जुड़ी हुई ह, से इस थल के िनवा■सय ारािन मत नाग रक सुिवधाओं के बार ेम पता चलता ह।ै

    जलजल िनकासीिनकासी कक यव थायव था (Drainage system)थल क खदुाई से ा जल िनकासी के अवशेष से उस समय क जल िनकासी यव था को समझा सकता ह।ैपुरापाषाण और नवपाषाण काल के िम त प थर के औजार इस े म ागैतहा■सक जीवन क और भी संकेत करतेह।

    थलथल काका मह वमह वखदुाई थल पर ए फोरा जार क उप थत इस बात क ओर संकेत करती ह ैिक ये ब तयाँ यापार का मह वपूणक रही ह गी।समु तट से थल क िनकटता से पता चलता ह ैिक यह थल समु ी यापार म शािमल रणनीतक ब ती के प मकाय करता होगा। थल पर भिव य म िकये जाने वाला शोध काय से इस थल के बार ेम और अधक मह वपूण त यसामने आएंगे।गो ी ोलू और इसके चार और 15 िकमी. के दायर ेम िकये अ वेषण से मह वपूण अवशेष ा हुए ह जसेै- पुडुु मऐतहा■सक ऐतहा■सक ब ती, म म म सूय य मिंदर, यका■सरी (Yakasiri) म अि तीय रॉक-कट लेटराइटवापी/बावड़ी (Step-well) तथा त मु के िव ण ुमिंदर।इसके अलावा इस थल के पूव म सम समु ी तट िवभ कार के पुरावशेष से भरा हुआ ह,ै जो सां कृतक प सेएक दसूर ेसे संबंधत ह।ागैतहा■सक समय के दौरान 15 िकलोमीटर के दायर ेम थत ये दोन िकलेबदं नगरीय ब तयाँ इस बात का संकेत

    देती ह िक मह वपूण रणनीतक उप थत (समु तट, नदी तथा पुलीकट झील से िनकटता) के चलते इस थान कोयापार हेतु अधक मुखता दी गई थी।

    ोतोत: पी.आई.बी.पी.आई.बी.

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  • पे रस पीस फोरमी ल सी ल स केके लयेलये:

    पे रस पीस फोरम, ाइ टचच कॉल

    मे समे स केके लयेलये:

    वै क मु के समाधान म असफलता का कारण एवं इन मु का भारत पर भाव

    चचाचचा मम यय ?11-12 नवंबर, 2019 को भारत के िवदेश मं ी एस. जयशकंर ने ाँस क या ा क ।

    ाँस म भारत के िवदेश मं ी एस. जयशकंर ने रा पत इमनैुएल मै ॉन (Emmanuel Macron) से पे रस पीसफोरम/पे रस शांत मचं (Paris Peace Forum) के स मलेन के दौरान मुलाकात क ।

    भारतभारत औरऔर ाँसाँस:वष 1998 म भारत और ाँस ने एक रणनीतक साझेदारी थािपत क ■जसम र ा एवं सुर ा सहयोग, अंत रसहयोग तथा असिैनक परमाण ुसहयोग जसेै े साम रक भागीदारी के मुख आधार ह।भारतीय वायसेुना ने िपछले महीने ाँस से 36 राफेल लड़ाकू जेट क ंखला का पहला जेट ा िकया।भारत और ाँस ने आतकंवादी एवं हसक गतिवधय हेतु ऑनलाइन मा यम का योग रोकने के लये ाइ टचचकॉल का समथन िकया ह।ै

    ाइ टचचाइ टचच कॉलकॉल (Christchurch Call)इसका नाम यूज़ीलड के एक शहर के ाइ टचच के नाम पर गया ह।ै यहाँ पर इटंरनेट के मा यम से सा रत सूचनाओंके आधार पर एक अतवादी द णपंथी यि ारा 15 माच 2019 को आतकंवादी हमला िकया गया था, ■जसममु लम समुदाय के 51 लोग मार ेगए थे।इस कायप रयोजनाके तहत सरकार , अंतरा ीय संगठन और इटंरनेट िवशेष ारा इटंरनेट पर आतकंवादी औरहसक चरमपंथी साम ी के सार को रोका जाता ह।ै

    भारतभारत मम ाइ टचचाइ टचच कॉलकॉल जसैीजसैी कायप रयोजनाकाकायप रयोजनाका मह वमह व: भारतीयभारतीय सामा■जकसामा■जक पृ भूिमपृ भूिम

    भारत क सामा■जक पृ भूिम समरसतावादी रही ह ैयहाँ पर िवभ धम और वग का समुचत और समििवकास एक-दसूर ेके बीच आपसी मेलजोल से उ प नवजागरण क ऊजा का सम प रणाम ह।ैवतमान समय म समाज के िवभ वग के बीच बढ़ते आपसी अिव ास क थत म य -अ य प मसोशल मीडया का काफ योगदान रहा ह।ै सोशल मीडया का योग समाज के अराजक त व ारा अपनेसंक ण िहत क पूत के लये िकया जा रहा ह।ैइसके प रणाम व प व रत तर पर लोक यव था और दीघका लक तर पर सामा■जक समरसता का रणहो रहा ह।ै

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/india-francehttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/india-joins-global-initiative-to-combat-online-terror

  • भारतभारत मम सोशलसोशल मीडयामीडया परपर िनयं णिनयं ण:भारत म सोशल मीडया को िनयिं त करने वाली कोई िवशेषीकृत एजसी नह ह,ै जबिक सां दायकता, भीड़हसा जसेै मु के संदभ म यह देखा गया ह ैिक ऐसी थतय म िवचार का आदान- दान सोशल मीडया केमा यम से बड़ी तेज़ी से होता ह।ैइसके अत र चुनाव के दौरान मु का राजनीतकरण भी सोशल मीडया के मा यम से िकया जाता ह।ै

    आगेआगे कक राहराह: भारत को िनजता के अधकार और सोशल मीडया के दु पयोग के बीच एक संवधैािनक परखेा तयैार कजानी चािहये, जहाँ समुचत तरीके से लोग के िनजता के अधकार को नुकसान पहँुचाए िबना सोशल मीडयापर संवधैािनक उपबधं लगाए जा सक।CIRT-IN जसैी एज■सय के समुचत तं के अंतगत ही एक सोशल मीडया वग बनाना एक थायी समाधानहो सकता ह।ै

    वै कवै क प र यप र य:जलवाय ुप रवतन, आतकंवाद, वास, साइबर असुर ा और सीमाओं क अनदेखी जसेै मु पर अंतरा ीय सहयोगऔर सामूिहक कारवाई क आव यकता होती ह।ैइन मु को लेकर देश के बीच लगातार मतभेद बना हुआ ह ै य िक इ ह मु के कारण देश के आपसी िहत टकरातेरहते ह, ■जस कारण से सभी देश क रणनीतय म सम ता नह आ पाती ह।ैरा य लाभ के लये कड़ी त प ा कर रहे ह तथा वै क सं थान ारा सामूिहक िहत के लये क जा रही अपयाशथल कारवाई िव म लोकतांि क यव था को तकूल ढ़ंग से भािवत कर रही ह ैफल व प सामा■जकअसमानताएँ बढ़ रही ह।देश ारा सामा■जक काय क अपे ा सै य यय पर अधक खच िकया जा रहा ह।ै अंतरा ीय मानदडं, िवशेष प सेमानवाधकार क लगातार अवहेलना क जाती ह।ैजलवाय ुप रवतन और वै क तापन जसेै मु पर अंतरा ीय समुदाय ारा पूरी तरह से गभंीरता नह दशत क जारही ह,ै यह वग शायद इस बात को भूल गया ह ैिक दरअसल ये सभी केवल मु े नह ह ब क मानवता क ग रमा औरअ त व से जुड़ी सम याएँ ह जो एक िदन मानव स यता के अ त व को समा कर दगी।

    पे रसपे रस पीसपीस फोरमफोरम काका ल यल य: इस फोरम का ल य उपयु वै क प र थतय म क याण और समरसता के लये शासन यव था को और बेहतरकरना ह।ैयह फोरम शासन के िन न छह मुख िवषय के समाधान पर िवशेष यान कि त करता ह:ै

    1. शांत और सुर ा2. िवकास3. पयावरण (Environment)4. नई तकनीक (New Technologies)5. समावेशी अथ यव था6. सं कृत और श ा

    िहतधारकिहतधारक (Stakeholder):

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  • वै क िहत के लये कायरत शासन के पुराने और नए अभक ा (Actor), गरै-सरकारी संगठन, परोपकारी संगठन,िवकास एज■सयाँ, टेड यूिनयन, ○थक टक, िव िव ालय और नाग रक समाज जसेै िहतधारक के मा यम से यह फोरमअपनी गतिवधय तथा ल य को संचा लत करता ह।ै

    पे रसपे रस पीसपीस फोरमफोरम काका आयोजनआयोजन:इस फोरम का आयोजन येक वष 11-13 नवंबर को पे रस म िकया जाता ह,ै ■जसका उ े य वै क शासन(Global Governance) को अंतरा ीय एजडे के शीष पर रखना ह।ै इस फोरम म िहतधारक वै क शासन के मुपर चचा करते ह।

    ोतोत: िबजनेसिबजनेस टै डडटै डड

    वै क आपूत ंखला और बाल मी ल सी ल स केके लयेलये:

    ILO, OECD, IOM, Unicef

    मे समे स केके लयेलये:

    बाल म से संबंधत मु े

    चचाचचा मम यय ?संयु रा (United Nation) ारा जारी क रपोट के अनुसार, वै क आपूत ंखला (Supply Chains) म बाल म कासवाधक योग होता ह।ै

    रपोटरपोट काका िन कषिन कष:वै क आपूत ंखला के े म भी िवशेष प से एशया म सबसे अधक बाल िमक ह।वै क आपूत ंखलाओं म बाल म का तर अलग-अलग े म भ -भ ह।ै पूव और द ण-पूव एशया म बालम तर सवाधक 26%, इसके प ात् लिैटन अमे रका एवं कैरिेबयाई े म 22%, म य तथा द णी एशया म 12%

    और उ री अ का व प मी एशया म 9% ह।ैवै क प से एक कृत यवसाय (Integrated Business) म एक उ पाद उपभोग या उपयोग के लए तयैार होनेतक कई चरण से गुज़रता ह।ै वै क आपूत ंखला के लगभग सभी चरण म बाल म का उपयोग िकया जाता ह।ैवै क आपूत ंखलाओं म अधकांश बाल िमक मूल के देश म तनैात ह, ■ज ह एक ंखला क अप टीम रीचेज(Upstream Reaches) के प म जाना जाता ह।ैकृिष े के िनयात म योगदान देने वाले अनुमािनत बाल म का 97% कृिष े म काय करने वाले ब ह।ै

    रपोटरपोट केके बारेबारे मम?

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  • वै क आपूत ंखलाओं म बाल म, ज़बरन म और मानव त करी इ यािद म बाल म क जाँच करने वाली यहअपनी तरह क पहली रपोट ह।ैयह सव ण अंतरा ीय म संगठन (International Labour Organization- ILO), आथक सहयोग औरिवकास संगठन (Organisation for Economic Cooperation and Development- OECD), अंतरा ीयसंगठन वासन (International Organization for Migration- IOM) तथा संयु रा बाल कोष (Unicef)ारा संयु प से आयो■जत िकया गया।

    रपोटरपोट केके सव णसव ण सेसे संबंधतसंबंधत मु ेमु े:इस रपोट म वै क आपूत ंखलाओं का अ ययन िकया गया, जबिक बाल म का योग घरलेू उ पादन ि याओं(Domestic Production Processes) म अधक िकया जाता ह।ै इस लये इस कार क रपोट पूरी तरह से बलम क थत प नह कर पाती ह ै य िक बड़े कॉप रटे घराने सामा यतः बाल म से मु होने का दावा करते ह।

    आगेआगे कक राहराह:सतत् िवकास ल य (Sustainable Development Goals- SDG) म ल य 8.7 वष 2030 तक बाल म कसमाि क तब ता से संबंधत ह।ैILO के अनुसार, यह रपोट म अधकार के उ ंघन से िनपटने के लये भावी कारवाई क त काल आव यकता कोदशाती ह।ै इस लये सरकार को अपने प रचालन (Operation) और आपूत ंखलाओं म मानवाधकार का स मानकरने के यास को बढ़ाने तथा मज़बूत करने पर बल देने क ज़ रत ह।ै

    ोतोत: डाउनडाउन टूटू अथअथ

    हाथ से मलैा उठाने क था (मै यअुल कैव↓जग)ी ल सी ल स केके लयेलये- WHO

    मे समे स केके लयेलये- वै क तर पर मै यअुल कैव↓जग को ख म करने के उपाय

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म िव वा य संगठन ने वै क तर पर व छता कमचा रय के संदभ म व छता िमकिमक कक वा यवा य, सुर ासुर ाऔरऔर ग रमाग रमा -एकएक ारंभकारंभक मू यांकनमू यांकन (Health, Safety and Dignity of Sanitation Workers- An InitialAssesment) शीषक से एक रपोट जारी क ।

    मुखमुख बदुबद:ुरपोट के अनुसार, िव भर म टॉयलेट, सीवर और से टक टक क सफाई म कायरत िमक का जीवन तरचताजनक ह।ैइस े म िनवेश क कमी और खराब बुिनयादी ढाँचे के कारण लाख लोग अपया जल आपूत और अ व छता सेजुडी बीमा रय से मर जाते ह।

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  • जब िमक मानव अपश के सीधे संपक म आते ह और िबना िकसी उपकरण या सुर ा के साथ काम करते हुए इसेहाथ से साफ करते ह, तो ायः उ ह जानलेवा बीमा रय का सामना करना पड़ता ह।ैरपोट के अनुसार इस तरह के म म सबसे अधक शोषण अनौपचा रक िमक का होता ह।ै इ ह अपे ाकृत कम वेतनऔर सुिवधाएँ ा होती ह।इनके िहत क र ा के लये सरकार ारा बनाए गए कानून और नीतय का भी उचत प से पालन नह िकयाजाता।WHO के अनुसार, अ व छता के कारण तवष डाय रया से 432,000 मौत होती ह।अंतरा ीय म संगठन, वाटरएड, व ड बक और WHO ारा संयु प से जारी इस रपोट म नौ िन न और म यमआय वग के देश म व छता िमक क थत का िव ेषण िकया गया ह।ैइन देश म भारत, बां लादेश, बोलीिवया, बु कना फासो, हतैी, के या, सेनेगल, द ण अ का और यगुांडा शािमल ह।

    भारतभारत केके संदभसंदभ मम:रपोट के अनुसार, भारत म अवांछनीय और उ जो खम वाले काय ायः अ थायी और अनौपचा रक िमक सेकरवाए जाते ह।िमक ारा हाथ से िकये जाने वाले व छता काय म शौचालय , खलुी ना लय , रले के पट रय से मानव अपश को

    इक ा करना, ले जाना और िनपटान करना शािमल ह।ैहाथ से िकये जाने िन न ेणी के व छता काय के लये िमक को पया मज़दरूी भी नह दी जाती ह।ैसीवर क सफाई म कायरत िमक मनैहोल से सीवर म वेश करते ह और ठोस अपश को हाथ से साफ करते ह।इस रपोट म BBC ारा जारी रपोट का उ ेख िकया गया ह ै■जसके अनुसार, भारत म हर पाँचवे िदन एक सीवरिमक क मौत होती ह।ैरपोट के अनुसार, भारत म कुल 5 िम लयन व छता िमक काय करते ह।इनमे से 2 िम लयन िमक उ जो खमवाली प र थतय (High Risk Condition) म काय करते ह।भारत म हाथ से मलैा ढोने पर लगी रोक के बाद भी कुल 700 िज़ल म से 163 िज़ल म 20,596 ऐसे िमक कपहचान क गई ह।ैरपोट के अनुसार इन िमक क 60-70% सं या शहर म पाई गई, ■जसम 50% मिहला िमक ह।

    िविव वा यवा य संगठनसंगठन (World Health Organisation- WHO)िव वा य संगठन क थापना 7 अ ैल, 1948 को क गई, इस िदन को िव वा य िदवस के प म मनाया जाता ह।ैइसका मु यालय ■जनेवा ( व जरलड) म ह।ै

    ोतोत: डाउनडाउन टूटू अथअथ

    ईको एंज़ायटीी ल सी ल स केके लयेलये

    ईको एंज़ायटी (Eco anxiety) या ह?ै

    मे समे स केके लयेलये17/21

    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/why-it-necessary-to-eradicate-manual-scavenging

  • मानव वा य पर ईको एंज़ायटी का भाव

    चचाचचा मम यय ?िव म बढ़ते दषूण तथा जलवाय ुप रवतन के कारण िपछले कुछ वष से लोग म एक िवशेष कार का मान■सक िवकार उ पहो रहा ह ै■जसे मनोवै ािनक ने ईको एंज़ायटी (Eco anxiety) नाम िदया ह।ै

    याया हैहै ईकोईको एंज़ायटीएंज़ायटी?यह एक ऐसी मान■सक दशा ह ै■जसम यि इस बात से भयभीत रहता ह ैिक आने वाले समय म पयावरण का अंत हो जाएगा।इसम यि जलवाय ुप रवतन के संभािवत खतर को लेकर अपने, ब के तथा आगामी पीढ़ी के भिव य को लेकर चततरहता ह।ै

    ईकोईको एंज़ायटीएंज़ायटी काका भावभाव:ईको एंज़ायटी से भािवत यि , जलवाय ुप रवतन के िनयं ण म अपनी यि गत अ मता को लेकर शि हीन,असहाय तथा अवसािदत महसूस करता ह।ैAnxiety UK ारा िकये गए एक सव के अनुसार, येक 10 म से 1 ि िटश वय क अपने जीवन म कुछ समय केलये इस कार के अवसाद से ■सत रहता ह।ैहालाँिक इस संबधं म अभी तक कोई प आँकड़े नह उपल ध ह कतु लोग का एक बड़ा िह सा जलवाय ुप रवतन,पयावरणीय दषूण के संभािवत खतर को लेकर अवसािदत तथा चतत रहता ह,ै साथ ही ऐसे लोग क सं या बढ़रही ह।ैवष 2018 म संयु रा के जलवाय ुप रवतन पर अंतर-सरकारी पनैल (UN Inter-governmental Panel onClimate Change; UN-IPCC) ारा काशत रपोट म वष 2030 तक वै क काबन उ सजन म 45 तशत ककमी पर ज़ोर िदया गया था। साथ ही इसम कहा गया था िक इन ल य क ाि के लये हम शी तथा अ याशतयास करना होगा, वरना बाढ़, सूखा, अकाल, तकूल मौसम क दशा आिद सम याएँ उ प हो सकती ह। इसरपोट का ईको एंज़ायटी से भािवत लोग पर गहरा भाव पड़ा।इस अवसाद से ■सत कुछ लोग भिव य को लेकर संदेह क थत म रहते ह तथा इस अवसाद से छुटकारा पाने केलये वे शराब एवं अ य नशीले पदाथ का सेवन करने लगते ह।भारत म भी इस कार के ल ण लोग म देखने को िमले ह। खासकर िद ी जसेै महानगर म लोग दषूण बढ़ने कवजह से अपने तथा अपने ब के वा य को लेकर गभंीर प से चतत ह।मनोवै ािनक के अनुसार, ईको एंज़ायटी एक हद तक ठीक ह ै य िक यह आपको पयावरण के त सचेत करता हैतथा जलवाय ुप रवतन पर िनयं ण के लये लोग को जाग क करता ह ै कतु इसक अधकता एक गभंीर सम या बनसकती ह।ै

    ईकोईको एंज़ायटीएंज़ायटी परपर िनयं णिनयं ण केके उपायउपाय:इस कार के अवसाद पर िनयं ण पाने के लये आव यक ह ैिक यि को आशावादी बनना चािहये। इसके साथ हीवय ंके तर पर पयावरण संर ण के लये यास करना चािहये।दषूण को बढ़ावा देने वाले साधन का योग कम से कम करना चािहए। जसेै- िनजी वाहन के योग के थान पर

    सावजिनक यातायात का योग करना, जवै-अपघिटत (Bio-Degradable) व तुओं के उपयोग को ो साहन आिद।

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  • ईको एंज़ायटी से भािवत यि को अपने नैतक मू य के साथ जीने के लये अपनी जीवन शलैी म प रवतन करनाचािहये ■जससे पयावरण पर यूनतम भाव पड़े। जसेै- मांस व डेरी उ पाद के उपयोग को सीिमत करना, आव यकतासे अधक व तुओं क खरीदारी न करना आिद।अपने आसपास वृ ारोपण करना चािहये तथा पहले से उप थत पेड़-पौध का संर ण करना चािहये।ईको एंज़ायटी से ■सत यि को अपने जसेै लोग के साथ बातचीत करना चािहये तथा सामुदायक यास के मा यमसे जन-जाग कता फैलानी चािहये। इससे जहाँ लोग म आपसी सहयोग तथा िम ता क भावना का िवकास होगा, वहपयावरण संर ण क िदशा म मदद िमलेगी।

    ोतोत : दद हदूहद ू

    सबरीमाला मामलाी ल सी ल स केके लयेलये: सबरीमाला मिंदर, केरल हद ू ेस ऑफ प लक वशप ल, समानता का अधकार

    मे समे स केके लयेलये: सबरीमाला मिंदर तथा मिहलाओं के अधकार से जुड़े मामले, धा मक थल पर मिहलाओं के वेश से जुड़ेमामले

    चचाचचा मम यय ?सव यायालय ने 14 नवंबर 2019 को केरल के सबरीमाला मिंदर म मिहलाओं के वेश के संबधं म गत वष यानी वष2018 म िदये गए िनणय के िव दज क गई पुन वचार याचका को पाँच जज क पीठ ने सात जज क बड़ी पीठ के पासभेज िदया ह।ै

    मुखमुख बदुबदुपुन वचार याचका पर सुनवाई करने वाली पाँच यायाधीश क पीठ क अ य ता सव यायालय के मु ययायाधीश रजंन गोगोई ारा क गई। यात य ह ैिक सव यायालय ने फरवरी 2019 म ही पुन वचार याचका कसुनवाई करने के बाद फैसला सुर त रख लया था।इससे पहले सव यायालय ने सबरीमाला मिंदर म मिहलाओं के वेश पर लगी पाबदंी हटा दी थी।

    वषवष 2018 मम सवसव यायालययायालय काका फैसलाफैसलासव यायालय ने केरल के सबरीमाला मिंदर म मिहलाओं के वेश के मु े पर ऐतहा■सक फैसला सुनाते हुए हर उक मिहला को मिंदर म वेश करने क अनुमत दे दी थी।4:1 के बहुमत से हुए फैसले म पाँच जज क संिवधान पीठ ने प िकया था िक हर उ क मिहलाएँ सबरीमाला मिंदरम वेश कर सकगी।इसके साथ ही सव यायालय ने केरल उ यायालय क एक खंडपीठ ारा वष 1991 म िदये गए उस फैसले कोभी िनर त कर िदया था ■जसम कहा गया था िक सबरीमाला मिंदर म मिहलाओं को वेश करने से रोकना असंवधैािनकनह ह।ै

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-news-analysis/supreme-court-opens-sabarimala-temple-to-women-of-all-ages

  • सव यायालय ने ‘केरलकेरल हदूहद ू ेसेस ऑफऑफ प लकप लक वशपवशप लल’, 1965 (Kerala Hindu Places of PublicWorship Rules, 1965) के िनयम सं या 3 (b) जो मिंदर म मिहलाओं के वेश पर तबधं लगाता ह ैको संिवधानक कानूनी शि से पर ेघोिषत कर िदया था।

    सबरीमालासबरीमाला कायसिमतकायसिमत काका पपसबरीमाला कायसिमत ने आरोप लगाया था िक सव यायालय ने सभी आय ुक मिहलाओं को मिंदर म वेश कअनुमत देकर उनके रीत- रवाज तथा परपंराओं को न िकया ह।ैलोग क मा यता ह ैिक भगवान अय पा चारी ह। ■जस कारण से मिंदर म 10 साल से 50 साल क मिहलाओं कावेश व■जत िकया गया था।

    पृ भूिमपृ भूिमसबरीमाला मिंदर म परपंरा के अनुसार, 10 से 50 साल क मिहलाओं के वेश पर तबधं ह।ैमिंदर ट ट के अनुसार, यहाँ 1500 वष से मिहलाओं के वेश पर तबधं ह।ै इसके लये कुछ धा मक कारण बताएजाते ह।सबरीमाला मिंदर म हर साल नवंबर से जनवरी तक ालु भगवान अय पा के दशन के लये आते ह, इसके अलावापूर ेसाल यह मिंदर आम भ के लये बदं रहता ह।ैभगवान अय पा के भ के लये मकर सं ांत का िदन बहुत खास होता ह,ै इसी लये उस िदन यहाँ सबसे यादा भपहँुचते ह।पौराणक कथाओं के अनुसार, अय पा को भगवान शव और मोिहनी (भगवान िव ण ुका एक प) का पु माना जाताह।ैकेरल के ‘यगं लॉयस एसो■सएशन’ ने इस तबधं के खलाफ सव यायालय म वष 2006 म जनिहत याचका दायरक थी।

    ोतोत: दद हदूहदू

    RAPID FIRE करट अफेयस (15 नवंबर)सवसव यायालययायालय नेने खा रजखा रज कक राफेलराफेल पुन वचारपुन वचार याचकायाचका: चीफ ज टस रजंन गोगोई क अगुवाई वाली बच ने राफेलमामले म दायर क गई ंसभी पुन वचार याचकाओं को खा रज कर िदया ह।ै सव यायालय ने इस मामले पर फैसलापढ़ते हुए याचकाक ाओं के ारा सौदे क ि या म गड़बड़ी क दलील खा रज क ह। यायालय म दायर याचका मडील म ाचार के आरोप लगाए गए थे। साथ ही 'लीक' द तावेज़ के हवाले से आरोप लगाया गया था िक डील मPMO ने र ा मं ालय को बगरै भरोसे म लये अपनी ओर से बातचीत क थी। यायालय म िवमान डील क क मत कोलेकर भी याचका डाली गई थी। सव यायालय ने अपने िपछले फैसले म कहा था िक िबना ठोस सबूत के वह र ासौदे म कोई भी दखल नह देगा।बड़ीबड़ी बचबच कोको स पास पा गयागया सबरीमालासबरीमाला केसकेस: सव यायालय ने केरल के ■स सबरीमाला मिंदर म मिहलाओं के वेशको लेकर दायर पुन वचार याचकाओं पर फैसला बड़ी बच को स प िदया ह।ै यायालय इस बार ेम गु वार को फैसलासुनाने वाला था लेिकन 5 जज क बच ने कहा िक परपंराएँ धम के सवमा य िनयम के मुतािबक ह और आगे 7 जजक बच इस बार ेम अपना फैसला सुनाएगी। साफ ह ैिक िफलहाल मिंदर म यायालय के पुराने फैसले के मुतािबकमिहलाओं का वेश जारी रहेगा।

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  • ■स■स गणतगणत वशवश नारायणनारायण ↓सह↓सह काका िनधनिनधन: ■स गणत वश नारायण ↓सह के िनधन क खबर िमलते ही पूरेिबहार म शोक क लहर दौड़ गई ह।ै िपछले कई साल से वश नारायण ↓सह बीमार चल रहे थे। उनका इलाज पटनाके पीएमसीएच अ पताल म चल रहा था। उ ह ने आंइ टीन के सापे ■स ांत को चुनौती दी थी। वश नारायण ↓सहजब पटना साइसं कॉलेज म पढ़ रहे थे तभी कैलीफो नया िव िव ालय के ोफेसर जॉन कैली क नजर उन पर पड़ी।ोफेसर कैली ने उनक तभा को पहचाना तथा उ ह अमे रका आने का िनमं ण िदया।

    सेनासेना मम मिहलाओंमिहलाओं कोको थायीथायी कमीशनकमीशन: मिहलाओं को सेना म समान अवसर दान करने के लये वष 2008-09 मनौसेना कं ट टर काडर तथा एजुकेशन ांच क शॉट स वस कमीशन ऑिफसस बचै से सात मिहला अधका रय कोथायी कमीशन िदये जाने क वीकृत दे दी गई। सेना म मिहलाओं के लये एक िवशेष कैडर का िनमाण कर उ ह कईे म थायी कमीशन देने क योजना को अंतम प िदया जा रहा ह।ै मिहलाओं को लड़ाकू भूिमका छोड़कर बाक

    भूिमकाओं म थायी कमीशन िदया जायेगा। अभी तक सेना मिहलाओं को केवल सेना श ा कोर (एईसी) औरयायाधीश महाधव ा (जेएजी) िवभाग म ही थायी कमीशन देती ह।ै सेना म अधकतर मिहलाओं क भत शॉटस वस कमीशन (एसएससी) अधका रय के प म होती ह ैऔर उनका कायकाल अधकतम 14 वष का होता ह।ैवायसेुना म मिहलाएँ पहले ही लड़ाकू पायलट क भूिमका म आ चुक ह। श ण ा करने के बाद ही सेना म थायीकमीशन िमलता ह।ै रा ीय र ा अकादमी से पास होने के उपरांत, सेना के कैडे स को उनके चयन के अनुसार,भारतीय सै य अकादमी, देहरादनू; नौ सेना के कैडे स को भारतीय नौसेना अकादमी, ए■झमाला और वाय ुसेना केकैडे स को वाय ुसेना अकादमी, हदैराबाद म भेज िदया जाता ह।ैछ ीसगढ़छ ीसगढ़ मम मु तमु त इलाज़इलाज़: छ ीसगढ़ सरकार ने रा य के नाग रक को 20 लाख पए तक मु त इलाज क सुिवधादेने का िनणय लया ह।ै रा य कैिबनेट क शु वार को हुई बठैक म यह िनणय लया गया ह।ै वह पहले से संचा लतवा य बीमा योजना के तहत बीपीएल प रवार को पाँच लाख और अ य प रवार को सालभर म 50 हजार पए तकमु त इलाज क सुिवधा दी जाएगी। गौरतलब ह ैिक वे बीमा रयाँ जो योजना के अंतगत शािमल नह ह या िहतधारकका नाम सूची म नह ह ैया नई योजना अंतगत बीमा कवर राश इलाज के लए पया नह ह ैतो ऐसे प रवार के लयेवतमान म लागू संजीवनी सहायता कोष का िव तार करते हुए मु यमं ी िवशेष वा य सहायता योजना शु करने कािनणय लया गया ह।ै

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    डेली न्यूज़ (15 Nov, 2019)पम्बा-अचनकोविल-वैपर नदी जोड़ो परियोजनाचर्चा में क्यों?परियोजना के बारे में:नदी जोड़ो परियोजनाओं के लाभ:इनसे संबंधित मुद्दे:पम्बा नदीअचनकोविल नदीवैपर नदीराष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (National Water Development Agency-NWDA):स्रोत: द हिंदू

    विदेशी योगदान  (विनियमन) अधिनियमचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु-विदेशी योगदान  (Foreign contribution)विदेशी योगदान  (विनियमन) अधिनियम (Foreign Contribution Regulation Act- FCRA)स्रोत-द हिंदू

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    पेरिस पीस फोरमचर्चा में क्यों?भारत और फ्राँस:क्राइस्टचर्च कॉल (Christchurch Call)भारत में क्राइस्टचर्च कॉल जैसी कार्यपरियोजनाका महत्त्व:वैश्विक परिदृश्य:पेरिस पीस फोरम का लक्ष्य:हितधारक (Stakeholder):पेरिस पीस फोरम का आयोजन:स्रोत: बिजनेस स्टैण्डर्ड

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    हाथ से मैला उठाने की प्रथा (मैन्युअल स्कैवेंजिंग)चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:भारत के संदर्भ में:विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO)स्रोत: डाउन टू अर्थ

    ईको एंज़ायटीचर्चा में क्यों?क्या है ईको एंज़ायटी?ईको एंज़ायटी का प्रभाव:ईको एंज़ायटी पर नियंत्रण के उपाय:स्रोत : द हिंदू

    सबरीमाला मामलाचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुवर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय का फै