अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता...

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25 अयाय तीय हद कथा - साहय और ममता कािलया 2.1 काय 2.2 उपयास 2.3 कहानी 2.4 अनुवाद 2.5 सपादन

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Page 1: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

25

अयाय ndash तीय

हद कथा - साहय और ममता कािलया

21 काय

22 उपयास

23 कहानी

24 अनवाद

25 सपादन

26

अयाय - तीय

हद कथा - साहय और ममता कािलया

ःतत अयाय म हम ममता कािलया क रचना ससार का

ववचनामक अययन करग उहन हद कथा - साहय म बहम$य

योगदान दया ह उहन अपनी रचना याऽा का आरभ का+य स कया

था व यथाथ धम लखका ह1 तथा उहन कई अछत सामाजक म5 पर

अपनी लखनी चलाई ह उहन अपन कथा - साहय म भारतीय समाज

का यथाथ िचऽण कया ह

आधिनक हद कथा - साहय म मचद क7 पर8परा को आग

बढ़ान म उनक7 वशष भिमका रह ह इहन जीवन क अनछए पहलओ

को उजागर कया आधिनक महला रचनाकार न हद कथा - साहय

का पर8परागत ढाचा ह बदल दया ह उहन हद कथा - साहय म

नए-नए योग कए ह1 सातव दशक म ममता कािलया मख हःताAर क

Bप म उदत हई उहन कCय और िश$प क Aऽ म नवीनता का

आगमन कया आलोचना क ःतर पर भी इनक7 रचनाओ को चचा का

वषय बनाया गया उहन कवता कहानी उपयास एकाक7 क अलावा

समकालीन समाज म महला क7 ःथित पर लख भी िलख ह1 व सपादक

और अनवादक भी ह1

21 काय -

ममता कािलया न अपना लखन काय का+य स ार8भ कया उनक7

साहिसक चट ली कवताओ न सबका यान आकषत कया उहन अपन

27

का+य क मायम स भारतीय नार क7 नई वचारधारा को जम दया

Ocircखाट घरल औरतOtilde का+य समह काफ7 लोकय हआ OcircOcircखाट घरल औरत

उनक जहन म कवल एक पाऽ नह वरन एक वराट तीक ह जीवन म

उस म का जसम हष और वषाद आ$हाद और उमाद म और

ितरोध सख और असतोष कभी अलग तो कभी गJड ETH मJड दखाई दत

ह1 शाद क7 अगली सबह हर Lी खाट घरल औरत क7 जमात म शािमल

हो जाती ह इस सNचाई म ह दापय का सातय ह OtildeOtilde (1)

यह का+य समह जीवन क7 उन वाःतवकताओ स पOरिचत करवाता

ह जह समाज दखता तो ह परत उन पर यान नह दता घरल औरत

समाज क7 नीव ह जस पर समाज चलता ह घरल औरत दन - रात

काय करती ह परत उस कोई वतन नह िमलता उसक यक काय को

उसका धम और कत+य बताया जाता ह Ocircखाट घरल औरतOtilde म जस

औरत का वणन ह वह कवल गहणी नह ह ब$क िशAत Lी ह जो

दQतर जाती ह ववाह उपरात उसक कायAऽ म वR हो जाती ह

वह घर और दQतर दोन को सभालती ह डॉ राSयौी शUला क

अनसार OcircOcircयह कतनी बड़ वड8बना ह क Lी न सामाजक +यवःथा क

अनकल अपना ःथान घर क भीतर माना तो उपAत और ितरःकत रह

उसन अपनी योWयता बाहर िसR क7 तो उसका ौय भी पXष न ल िलया

और Lी अपनी असीम शY क बल पर दोन मोचZ पर जझन लगी ETH

Ocircउसन अपना आप बाटकर दो कर डाला

दQतर म वह नीित िनयामक कशल शासक

_____________________________________________________________

1 खाट घरल औरत ममता कािलया झलस

28

घर म उसक7 वह भिमका सदय स जो रहती आईOtildeOtilde (2)

घरल Lी दन - रात अनवरत पOरौम करती ह और कोई िशकायत

तक नह करती वह घर - पOरवार बNच क7 ज8मदाOरया अपना कत+य

समझकर परा करती ह लकन उसक बदल यद उस अपमान िमल तो वह

सहन नह कर सकती पXष यद नौकर कर घर चलता ह तो उस प]ी

क7 अवहलना नह करनी चाहए उस सोचना चाहए क उस नौकर क

बदल वतन और अवकाश तो िमलता ह परत गह काय म Lी को न वतन

िमलता ह न अवकाश परत फर भी वह कोई अिधकार नह मागती पXष

को लगता ह क सब अिधकार उसक ह1 तथा सब कत+य Lी क ह1

इसिलए िचतनशील Lी क वचार को कलमबR करत हए ममता जी उसक7

भिमका ःप^ करत हए कहती ह1 -

OcircOcircइस घर म

एक सवहारा का जीवन जीत हए

म1न पOरौम को ह माना पाOरौिमक

तम मर जगह होत

Uया करत सात दन ौम

सबह शाम क अनवरत बम

बना अवकाश बना वतन

Uया जी लत तम ऐस

_____________________________________________________________ 2 लमह पऽका जलाई ETH िसतबर 2011 प - 41

29

क हक होत मर न हक त8हारrdquo (3)

ममता कािलया न घरल औरत क सभी Bप अपन का+य समह म

िचऽत कए ह1 आज क7 घरल औरत अनपढ़ अनिभa नह ह ब$क

वह िशAत सbय सचत सवदनशील तथा अपन अिधकार क ित जागत

नार ह लकन वह सbय कहलान वाल समाज का हःसा ह उस भी

गःसा आता ह परत वह खन का घट कछ इस कार पी कर रह जाती ह -

lsquolsquo अदर स बाहर तक

c स भर म1

लगातार एक गःसा जीती ह

मर समच म

कह कह बफ जमती जा रह ह

और कह आग इकdठf हो गई ह

मरा एक हःसा गीदड़ बन गया ह

और एक कटखना कgा

अUसर मर हाथ

जो चाटा मारन क िलए सनसनात ह1

खद ब खद एक कलामक नमःत बन जात ह1

म1 सbय कहलाती हOtildeOtilde (4)

_____________________________________________________________ 3 खाट घरल औरत ममता कािलया प ETH 42

4 वह प ETH 40 41

30

ममता कािलया न इस का+य समह म भारतीय घरल नार का वणन

बड़ ह सहज शhद म कया ह यह वणन इतना यथाथ और ताक क ह

क पाठक िचतन कए बना नह रह सकता यक Lी ःवय को इसी

कार गहःथी म उलझी हई पाती ह उसन अपनी सार रचनामकता

रसोई म झक द परत पXष न उस कभी शबया नह कहा पXष न

+यWय और अपमान क अलावा घरल Lी को कछ नह दया -

ldquoखाETHपीकर अपन कतiन पट पर हाथ फरत

डकार मारत पOरवार क पXष न कहा

दिनया कहा स कहा पहच गई

पर तम वह क7 वह रह

खाट घरल औरत

िसफ बजली का बल बढ़ान क िलए

पड़ रहती हो सारा दन घर म rdquo (5)

उनक7 यह कवता एक िशAत Lी क िलए वशष उ$लखनीय ह

Uयक शाद स पव पढ़ाई म अ+वल आन वाली लड़क7 शाद क बाद घरल

औरत क7 ौणी म आ जाती ह वह पOरवार क िलए गहणी बनन का

फसला करती ह लकन उस अपनी Aमता पर परा वjास ह यद पXष

इस कार +यWय करता ह तो उस दख होता ह और वह अपनी दAता िसR

करन िलए नौकर क िलए आवदन करती ह ममता कािलया न Lी क _____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

5 वह प - 60

31

मनोभाव कछ इस कार +यY कए ह1 -

ldquoउस रात थोड़ा रोन और सबक सो जान क बाद

उसन गरम कपड़ क शक म पड़ अपनी डिमया िनकाली

उठाया अखबार कया आवदन

हआ चयन आला कस पर आसीन हई

पित न शाितर चlपी साधी िलए फायद

उसको द कत+य तािलका और कायद rdquo (6)

लकन इसका ौय भी पित ःवय लना चाहता ह प]ी को अपनी

योWयता क आधार पर कामयाबी िमली परत पित उसम भी अपनी ौmता

िसR करना चाहता ह ताक उसक अह को चोट न पहच -

ldquoजब मौका िमलता कह दता

यह बलकल कोर आई थी

कःब क7 छोर आई थी

म1न इस जतन जागर स गढ़ा पढ़ाया योWय बनाया

म1 ह इसका छव िनमाता छाप िनयता

अिभनव नार का अिभयता rdquo (7)

ममता कािलया क7 कवताओ म सचत सवदना और मौिलक क$पना

_____________________________________________________________

6 वह प - 60

7 वह प - 61

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 2: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

26

अयाय - तीय

हद कथा - साहय और ममता कािलया

ःतत अयाय म हम ममता कािलया क रचना ससार का

ववचनामक अययन करग उहन हद कथा - साहय म बहम$य

योगदान दया ह उहन अपनी रचना याऽा का आरभ का+य स कया

था व यथाथ धम लखका ह1 तथा उहन कई अछत सामाजक म5 पर

अपनी लखनी चलाई ह उहन अपन कथा - साहय म भारतीय समाज

का यथाथ िचऽण कया ह

आधिनक हद कथा - साहय म मचद क7 पर8परा को आग

बढ़ान म उनक7 वशष भिमका रह ह इहन जीवन क अनछए पहलओ

को उजागर कया आधिनक महला रचनाकार न हद कथा - साहय

का पर8परागत ढाचा ह बदल दया ह उहन हद कथा - साहय म

नए-नए योग कए ह1 सातव दशक म ममता कािलया मख हःताAर क

Bप म उदत हई उहन कCय और िश$प क Aऽ म नवीनता का

आगमन कया आलोचना क ःतर पर भी इनक7 रचनाओ को चचा का

वषय बनाया गया उहन कवता कहानी उपयास एकाक7 क अलावा

समकालीन समाज म महला क7 ःथित पर लख भी िलख ह1 व सपादक

और अनवादक भी ह1

21 काय -

ममता कािलया न अपना लखन काय का+य स ार8भ कया उनक7

साहिसक चट ली कवताओ न सबका यान आकषत कया उहन अपन

27

का+य क मायम स भारतीय नार क7 नई वचारधारा को जम दया

Ocircखाट घरल औरतOtilde का+य समह काफ7 लोकय हआ OcircOcircखाट घरल औरत

उनक जहन म कवल एक पाऽ नह वरन एक वराट तीक ह जीवन म

उस म का जसम हष और वषाद आ$हाद और उमाद म और

ितरोध सख और असतोष कभी अलग तो कभी गJड ETH मJड दखाई दत

ह1 शाद क7 अगली सबह हर Lी खाट घरल औरत क7 जमात म शािमल

हो जाती ह इस सNचाई म ह दापय का सातय ह OtildeOtilde (1)

यह का+य समह जीवन क7 उन वाःतवकताओ स पOरिचत करवाता

ह जह समाज दखता तो ह परत उन पर यान नह दता घरल औरत

समाज क7 नीव ह जस पर समाज चलता ह घरल औरत दन - रात

काय करती ह परत उस कोई वतन नह िमलता उसक यक काय को

उसका धम और कत+य बताया जाता ह Ocircखाट घरल औरतOtilde म जस

औरत का वणन ह वह कवल गहणी नह ह ब$क िशAत Lी ह जो

दQतर जाती ह ववाह उपरात उसक कायAऽ म वR हो जाती ह

वह घर और दQतर दोन को सभालती ह डॉ राSयौी शUला क

अनसार OcircOcircयह कतनी बड़ वड8बना ह क Lी न सामाजक +यवःथा क

अनकल अपना ःथान घर क भीतर माना तो उपAत और ितरःकत रह

उसन अपनी योWयता बाहर िसR क7 तो उसका ौय भी पXष न ल िलया

और Lी अपनी असीम शY क बल पर दोन मोचZ पर जझन लगी ETH

Ocircउसन अपना आप बाटकर दो कर डाला

दQतर म वह नीित िनयामक कशल शासक

_____________________________________________________________

1 खाट घरल औरत ममता कािलया झलस

28

घर म उसक7 वह भिमका सदय स जो रहती आईOtildeOtilde (2)

घरल Lी दन - रात अनवरत पOरौम करती ह और कोई िशकायत

तक नह करती वह घर - पOरवार बNच क7 ज8मदाOरया अपना कत+य

समझकर परा करती ह लकन उसक बदल यद उस अपमान िमल तो वह

सहन नह कर सकती पXष यद नौकर कर घर चलता ह तो उस प]ी

क7 अवहलना नह करनी चाहए उस सोचना चाहए क उस नौकर क

बदल वतन और अवकाश तो िमलता ह परत गह काय म Lी को न वतन

िमलता ह न अवकाश परत फर भी वह कोई अिधकार नह मागती पXष

को लगता ह क सब अिधकार उसक ह1 तथा सब कत+य Lी क ह1

इसिलए िचतनशील Lी क वचार को कलमबR करत हए ममता जी उसक7

भिमका ःप^ करत हए कहती ह1 -

OcircOcircइस घर म

एक सवहारा का जीवन जीत हए

म1न पOरौम को ह माना पाOरौिमक

तम मर जगह होत

Uया करत सात दन ौम

सबह शाम क अनवरत बम

बना अवकाश बना वतन

Uया जी लत तम ऐस

_____________________________________________________________ 2 लमह पऽका जलाई ETH िसतबर 2011 प - 41

29

क हक होत मर न हक त8हारrdquo (3)

ममता कािलया न घरल औरत क सभी Bप अपन का+य समह म

िचऽत कए ह1 आज क7 घरल औरत अनपढ़ अनिभa नह ह ब$क

वह िशAत सbय सचत सवदनशील तथा अपन अिधकार क ित जागत

नार ह लकन वह सbय कहलान वाल समाज का हःसा ह उस भी

गःसा आता ह परत वह खन का घट कछ इस कार पी कर रह जाती ह -

lsquolsquo अदर स बाहर तक

c स भर म1

लगातार एक गःसा जीती ह

मर समच म

कह कह बफ जमती जा रह ह

और कह आग इकdठf हो गई ह

मरा एक हःसा गीदड़ बन गया ह

और एक कटखना कgा

अUसर मर हाथ

जो चाटा मारन क िलए सनसनात ह1

खद ब खद एक कलामक नमःत बन जात ह1

म1 सbय कहलाती हOtildeOtilde (4)

_____________________________________________________________ 3 खाट घरल औरत ममता कािलया प ETH 42

4 वह प ETH 40 41

30

ममता कािलया न इस का+य समह म भारतीय घरल नार का वणन

बड़ ह सहज शhद म कया ह यह वणन इतना यथाथ और ताक क ह

क पाठक िचतन कए बना नह रह सकता यक Lी ःवय को इसी

कार गहःथी म उलझी हई पाती ह उसन अपनी सार रचनामकता

रसोई म झक द परत पXष न उस कभी शबया नह कहा पXष न

+यWय और अपमान क अलावा घरल Lी को कछ नह दया -

ldquoखाETHपीकर अपन कतiन पट पर हाथ फरत

डकार मारत पOरवार क पXष न कहा

दिनया कहा स कहा पहच गई

पर तम वह क7 वह रह

खाट घरल औरत

िसफ बजली का बल बढ़ान क िलए

पड़ रहती हो सारा दन घर म rdquo (5)

उनक7 यह कवता एक िशAत Lी क िलए वशष उ$लखनीय ह

Uयक शाद स पव पढ़ाई म अ+वल आन वाली लड़क7 शाद क बाद घरल

औरत क7 ौणी म आ जाती ह वह पOरवार क िलए गहणी बनन का

फसला करती ह लकन उस अपनी Aमता पर परा वjास ह यद पXष

इस कार +यWय करता ह तो उस दख होता ह और वह अपनी दAता िसR

करन िलए नौकर क िलए आवदन करती ह ममता कािलया न Lी क _____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

5 वह प - 60

31

मनोभाव कछ इस कार +यY कए ह1 -

ldquoउस रात थोड़ा रोन और सबक सो जान क बाद

उसन गरम कपड़ क शक म पड़ अपनी डिमया िनकाली

उठाया अखबार कया आवदन

हआ चयन आला कस पर आसीन हई

पित न शाितर चlपी साधी िलए फायद

उसको द कत+य तािलका और कायद rdquo (6)

लकन इसका ौय भी पित ःवय लना चाहता ह प]ी को अपनी

योWयता क आधार पर कामयाबी िमली परत पित उसम भी अपनी ौmता

िसR करना चाहता ह ताक उसक अह को चोट न पहच -

ldquoजब मौका िमलता कह दता

यह बलकल कोर आई थी

कःब क7 छोर आई थी

म1न इस जतन जागर स गढ़ा पढ़ाया योWय बनाया

म1 ह इसका छव िनमाता छाप िनयता

अिभनव नार का अिभयता rdquo (7)

ममता कािलया क7 कवताओ म सचत सवदना और मौिलक क$पना

_____________________________________________________________

6 वह प - 60

7 वह प - 61

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 3: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

27

का+य क मायम स भारतीय नार क7 नई वचारधारा को जम दया

Ocircखाट घरल औरतOtilde का+य समह काफ7 लोकय हआ OcircOcircखाट घरल औरत

उनक जहन म कवल एक पाऽ नह वरन एक वराट तीक ह जीवन म

उस म का जसम हष और वषाद आ$हाद और उमाद म और

ितरोध सख और असतोष कभी अलग तो कभी गJड ETH मJड दखाई दत

ह1 शाद क7 अगली सबह हर Lी खाट घरल औरत क7 जमात म शािमल

हो जाती ह इस सNचाई म ह दापय का सातय ह OtildeOtilde (1)

यह का+य समह जीवन क7 उन वाःतवकताओ स पOरिचत करवाता

ह जह समाज दखता तो ह परत उन पर यान नह दता घरल औरत

समाज क7 नीव ह जस पर समाज चलता ह घरल औरत दन - रात

काय करती ह परत उस कोई वतन नह िमलता उसक यक काय को

उसका धम और कत+य बताया जाता ह Ocircखाट घरल औरतOtilde म जस

औरत का वणन ह वह कवल गहणी नह ह ब$क िशAत Lी ह जो

दQतर जाती ह ववाह उपरात उसक कायAऽ म वR हो जाती ह

वह घर और दQतर दोन को सभालती ह डॉ राSयौी शUला क

अनसार OcircOcircयह कतनी बड़ वड8बना ह क Lी न सामाजक +यवःथा क

अनकल अपना ःथान घर क भीतर माना तो उपAत और ितरःकत रह

उसन अपनी योWयता बाहर िसR क7 तो उसका ौय भी पXष न ल िलया

और Lी अपनी असीम शY क बल पर दोन मोचZ पर जझन लगी ETH

Ocircउसन अपना आप बाटकर दो कर डाला

दQतर म वह नीित िनयामक कशल शासक

_____________________________________________________________

1 खाट घरल औरत ममता कािलया झलस

28

घर म उसक7 वह भिमका सदय स जो रहती आईOtildeOtilde (2)

घरल Lी दन - रात अनवरत पOरौम करती ह और कोई िशकायत

तक नह करती वह घर - पOरवार बNच क7 ज8मदाOरया अपना कत+य

समझकर परा करती ह लकन उसक बदल यद उस अपमान िमल तो वह

सहन नह कर सकती पXष यद नौकर कर घर चलता ह तो उस प]ी

क7 अवहलना नह करनी चाहए उस सोचना चाहए क उस नौकर क

बदल वतन और अवकाश तो िमलता ह परत गह काय म Lी को न वतन

िमलता ह न अवकाश परत फर भी वह कोई अिधकार नह मागती पXष

को लगता ह क सब अिधकार उसक ह1 तथा सब कत+य Lी क ह1

इसिलए िचतनशील Lी क वचार को कलमबR करत हए ममता जी उसक7

भिमका ःप^ करत हए कहती ह1 -

OcircOcircइस घर म

एक सवहारा का जीवन जीत हए

म1न पOरौम को ह माना पाOरौिमक

तम मर जगह होत

Uया करत सात दन ौम

सबह शाम क अनवरत बम

बना अवकाश बना वतन

Uया जी लत तम ऐस

_____________________________________________________________ 2 लमह पऽका जलाई ETH िसतबर 2011 प - 41

29

क हक होत मर न हक त8हारrdquo (3)

ममता कािलया न घरल औरत क सभी Bप अपन का+य समह म

िचऽत कए ह1 आज क7 घरल औरत अनपढ़ अनिभa नह ह ब$क

वह िशAत सbय सचत सवदनशील तथा अपन अिधकार क ित जागत

नार ह लकन वह सbय कहलान वाल समाज का हःसा ह उस भी

गःसा आता ह परत वह खन का घट कछ इस कार पी कर रह जाती ह -

lsquolsquo अदर स बाहर तक

c स भर म1

लगातार एक गःसा जीती ह

मर समच म

कह कह बफ जमती जा रह ह

और कह आग इकdठf हो गई ह

मरा एक हःसा गीदड़ बन गया ह

और एक कटखना कgा

अUसर मर हाथ

जो चाटा मारन क िलए सनसनात ह1

खद ब खद एक कलामक नमःत बन जात ह1

म1 सbय कहलाती हOtildeOtilde (4)

_____________________________________________________________ 3 खाट घरल औरत ममता कािलया प ETH 42

4 वह प ETH 40 41

30

ममता कािलया न इस का+य समह म भारतीय घरल नार का वणन

बड़ ह सहज शhद म कया ह यह वणन इतना यथाथ और ताक क ह

क पाठक िचतन कए बना नह रह सकता यक Lी ःवय को इसी

कार गहःथी म उलझी हई पाती ह उसन अपनी सार रचनामकता

रसोई म झक द परत पXष न उस कभी शबया नह कहा पXष न

+यWय और अपमान क अलावा घरल Lी को कछ नह दया -

ldquoखाETHपीकर अपन कतiन पट पर हाथ फरत

डकार मारत पOरवार क पXष न कहा

दिनया कहा स कहा पहच गई

पर तम वह क7 वह रह

खाट घरल औरत

िसफ बजली का बल बढ़ान क िलए

पड़ रहती हो सारा दन घर म rdquo (5)

उनक7 यह कवता एक िशAत Lी क िलए वशष उ$लखनीय ह

Uयक शाद स पव पढ़ाई म अ+वल आन वाली लड़क7 शाद क बाद घरल

औरत क7 ौणी म आ जाती ह वह पOरवार क िलए गहणी बनन का

फसला करती ह लकन उस अपनी Aमता पर परा वjास ह यद पXष

इस कार +यWय करता ह तो उस दख होता ह और वह अपनी दAता िसR

करन िलए नौकर क िलए आवदन करती ह ममता कािलया न Lी क _____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

5 वह प - 60

31

मनोभाव कछ इस कार +यY कए ह1 -

ldquoउस रात थोड़ा रोन और सबक सो जान क बाद

उसन गरम कपड़ क शक म पड़ अपनी डिमया िनकाली

उठाया अखबार कया आवदन

हआ चयन आला कस पर आसीन हई

पित न शाितर चlपी साधी िलए फायद

उसको द कत+य तािलका और कायद rdquo (6)

लकन इसका ौय भी पित ःवय लना चाहता ह प]ी को अपनी

योWयता क आधार पर कामयाबी िमली परत पित उसम भी अपनी ौmता

िसR करना चाहता ह ताक उसक अह को चोट न पहच -

ldquoजब मौका िमलता कह दता

यह बलकल कोर आई थी

कःब क7 छोर आई थी

म1न इस जतन जागर स गढ़ा पढ़ाया योWय बनाया

म1 ह इसका छव िनमाता छाप िनयता

अिभनव नार का अिभयता rdquo (7)

ममता कािलया क7 कवताओ म सचत सवदना और मौिलक क$पना

_____________________________________________________________

6 वह प - 60

7 वह प - 61

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 4: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

28

घर म उसक7 वह भिमका सदय स जो रहती आईOtildeOtilde (2)

घरल Lी दन - रात अनवरत पOरौम करती ह और कोई िशकायत

तक नह करती वह घर - पOरवार बNच क7 ज8मदाOरया अपना कत+य

समझकर परा करती ह लकन उसक बदल यद उस अपमान िमल तो वह

सहन नह कर सकती पXष यद नौकर कर घर चलता ह तो उस प]ी

क7 अवहलना नह करनी चाहए उस सोचना चाहए क उस नौकर क

बदल वतन और अवकाश तो िमलता ह परत गह काय म Lी को न वतन

िमलता ह न अवकाश परत फर भी वह कोई अिधकार नह मागती पXष

को लगता ह क सब अिधकार उसक ह1 तथा सब कत+य Lी क ह1

इसिलए िचतनशील Lी क वचार को कलमबR करत हए ममता जी उसक7

भिमका ःप^ करत हए कहती ह1 -

OcircOcircइस घर म

एक सवहारा का जीवन जीत हए

म1न पOरौम को ह माना पाOरौिमक

तम मर जगह होत

Uया करत सात दन ौम

सबह शाम क अनवरत बम

बना अवकाश बना वतन

Uया जी लत तम ऐस

_____________________________________________________________ 2 लमह पऽका जलाई ETH िसतबर 2011 प - 41

29

क हक होत मर न हक त8हारrdquo (3)

ममता कािलया न घरल औरत क सभी Bप अपन का+य समह म

िचऽत कए ह1 आज क7 घरल औरत अनपढ़ अनिभa नह ह ब$क

वह िशAत सbय सचत सवदनशील तथा अपन अिधकार क ित जागत

नार ह लकन वह सbय कहलान वाल समाज का हःसा ह उस भी

गःसा आता ह परत वह खन का घट कछ इस कार पी कर रह जाती ह -

lsquolsquo अदर स बाहर तक

c स भर म1

लगातार एक गःसा जीती ह

मर समच म

कह कह बफ जमती जा रह ह

और कह आग इकdठf हो गई ह

मरा एक हःसा गीदड़ बन गया ह

और एक कटखना कgा

अUसर मर हाथ

जो चाटा मारन क िलए सनसनात ह1

खद ब खद एक कलामक नमःत बन जात ह1

म1 सbय कहलाती हOtildeOtilde (4)

_____________________________________________________________ 3 खाट घरल औरत ममता कािलया प ETH 42

4 वह प ETH 40 41

30

ममता कािलया न इस का+य समह म भारतीय घरल नार का वणन

बड़ ह सहज शhद म कया ह यह वणन इतना यथाथ और ताक क ह

क पाठक िचतन कए बना नह रह सकता यक Lी ःवय को इसी

कार गहःथी म उलझी हई पाती ह उसन अपनी सार रचनामकता

रसोई म झक द परत पXष न उस कभी शबया नह कहा पXष न

+यWय और अपमान क अलावा घरल Lी को कछ नह दया -

ldquoखाETHपीकर अपन कतiन पट पर हाथ फरत

डकार मारत पOरवार क पXष न कहा

दिनया कहा स कहा पहच गई

पर तम वह क7 वह रह

खाट घरल औरत

िसफ बजली का बल बढ़ान क िलए

पड़ रहती हो सारा दन घर म rdquo (5)

उनक7 यह कवता एक िशAत Lी क िलए वशष उ$लखनीय ह

Uयक शाद स पव पढ़ाई म अ+वल आन वाली लड़क7 शाद क बाद घरल

औरत क7 ौणी म आ जाती ह वह पOरवार क िलए गहणी बनन का

फसला करती ह लकन उस अपनी Aमता पर परा वjास ह यद पXष

इस कार +यWय करता ह तो उस दख होता ह और वह अपनी दAता िसR

करन िलए नौकर क िलए आवदन करती ह ममता कािलया न Lी क _____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

5 वह प - 60

31

मनोभाव कछ इस कार +यY कए ह1 -

ldquoउस रात थोड़ा रोन और सबक सो जान क बाद

उसन गरम कपड़ क शक म पड़ अपनी डिमया िनकाली

उठाया अखबार कया आवदन

हआ चयन आला कस पर आसीन हई

पित न शाितर चlपी साधी िलए फायद

उसको द कत+य तािलका और कायद rdquo (6)

लकन इसका ौय भी पित ःवय लना चाहता ह प]ी को अपनी

योWयता क आधार पर कामयाबी िमली परत पित उसम भी अपनी ौmता

िसR करना चाहता ह ताक उसक अह को चोट न पहच -

ldquoजब मौका िमलता कह दता

यह बलकल कोर आई थी

कःब क7 छोर आई थी

म1न इस जतन जागर स गढ़ा पढ़ाया योWय बनाया

म1 ह इसका छव िनमाता छाप िनयता

अिभनव नार का अिभयता rdquo (7)

ममता कािलया क7 कवताओ म सचत सवदना और मौिलक क$पना

_____________________________________________________________

6 वह प - 60

7 वह प - 61

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 5: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

29

क हक होत मर न हक त8हारrdquo (3)

ममता कािलया न घरल औरत क सभी Bप अपन का+य समह म

िचऽत कए ह1 आज क7 घरल औरत अनपढ़ अनिभa नह ह ब$क

वह िशAत सbय सचत सवदनशील तथा अपन अिधकार क ित जागत

नार ह लकन वह सbय कहलान वाल समाज का हःसा ह उस भी

गःसा आता ह परत वह खन का घट कछ इस कार पी कर रह जाती ह -

lsquolsquo अदर स बाहर तक

c स भर म1

लगातार एक गःसा जीती ह

मर समच म

कह कह बफ जमती जा रह ह

और कह आग इकdठf हो गई ह

मरा एक हःसा गीदड़ बन गया ह

और एक कटखना कgा

अUसर मर हाथ

जो चाटा मारन क िलए सनसनात ह1

खद ब खद एक कलामक नमःत बन जात ह1

म1 सbय कहलाती हOtildeOtilde (4)

_____________________________________________________________ 3 खाट घरल औरत ममता कािलया प ETH 42

4 वह प ETH 40 41

30

ममता कािलया न इस का+य समह म भारतीय घरल नार का वणन

बड़ ह सहज शhद म कया ह यह वणन इतना यथाथ और ताक क ह

क पाठक िचतन कए बना नह रह सकता यक Lी ःवय को इसी

कार गहःथी म उलझी हई पाती ह उसन अपनी सार रचनामकता

रसोई म झक द परत पXष न उस कभी शबया नह कहा पXष न

+यWय और अपमान क अलावा घरल Lी को कछ नह दया -

ldquoखाETHपीकर अपन कतiन पट पर हाथ फरत

डकार मारत पOरवार क पXष न कहा

दिनया कहा स कहा पहच गई

पर तम वह क7 वह रह

खाट घरल औरत

िसफ बजली का बल बढ़ान क िलए

पड़ रहती हो सारा दन घर म rdquo (5)

उनक7 यह कवता एक िशAत Lी क िलए वशष उ$लखनीय ह

Uयक शाद स पव पढ़ाई म अ+वल आन वाली लड़क7 शाद क बाद घरल

औरत क7 ौणी म आ जाती ह वह पOरवार क िलए गहणी बनन का

फसला करती ह लकन उस अपनी Aमता पर परा वjास ह यद पXष

इस कार +यWय करता ह तो उस दख होता ह और वह अपनी दAता िसR

करन िलए नौकर क िलए आवदन करती ह ममता कािलया न Lी क _____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

5 वह प - 60

31

मनोभाव कछ इस कार +यY कए ह1 -

ldquoउस रात थोड़ा रोन और सबक सो जान क बाद

उसन गरम कपड़ क शक म पड़ अपनी डिमया िनकाली

उठाया अखबार कया आवदन

हआ चयन आला कस पर आसीन हई

पित न शाितर चlपी साधी िलए फायद

उसको द कत+य तािलका और कायद rdquo (6)

लकन इसका ौय भी पित ःवय लना चाहता ह प]ी को अपनी

योWयता क आधार पर कामयाबी िमली परत पित उसम भी अपनी ौmता

िसR करना चाहता ह ताक उसक अह को चोट न पहच -

ldquoजब मौका िमलता कह दता

यह बलकल कोर आई थी

कःब क7 छोर आई थी

म1न इस जतन जागर स गढ़ा पढ़ाया योWय बनाया

म1 ह इसका छव िनमाता छाप िनयता

अिभनव नार का अिभयता rdquo (7)

ममता कािलया क7 कवताओ म सचत सवदना और मौिलक क$पना

_____________________________________________________________

6 वह प - 60

7 वह प - 61

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 6: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

30

ममता कािलया न इस का+य समह म भारतीय घरल नार का वणन

बड़ ह सहज शhद म कया ह यह वणन इतना यथाथ और ताक क ह

क पाठक िचतन कए बना नह रह सकता यक Lी ःवय को इसी

कार गहःथी म उलझी हई पाती ह उसन अपनी सार रचनामकता

रसोई म झक द परत पXष न उस कभी शबया नह कहा पXष न

+यWय और अपमान क अलावा घरल Lी को कछ नह दया -

ldquoखाETHपीकर अपन कतiन पट पर हाथ फरत

डकार मारत पOरवार क पXष न कहा

दिनया कहा स कहा पहच गई

पर तम वह क7 वह रह

खाट घरल औरत

िसफ बजली का बल बढ़ान क िलए

पड़ रहती हो सारा दन घर म rdquo (5)

उनक7 यह कवता एक िशAत Lी क िलए वशष उ$लखनीय ह

Uयक शाद स पव पढ़ाई म अ+वल आन वाली लड़क7 शाद क बाद घरल

औरत क7 ौणी म आ जाती ह वह पOरवार क िलए गहणी बनन का

फसला करती ह लकन उस अपनी Aमता पर परा वjास ह यद पXष

इस कार +यWय करता ह तो उस दख होता ह और वह अपनी दAता िसR

करन िलए नौकर क िलए आवदन करती ह ममता कािलया न Lी क _____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

5 वह प - 60

31

मनोभाव कछ इस कार +यY कए ह1 -

ldquoउस रात थोड़ा रोन और सबक सो जान क बाद

उसन गरम कपड़ क शक म पड़ अपनी डिमया िनकाली

उठाया अखबार कया आवदन

हआ चयन आला कस पर आसीन हई

पित न शाितर चlपी साधी िलए फायद

उसको द कत+य तािलका और कायद rdquo (6)

लकन इसका ौय भी पित ःवय लना चाहता ह प]ी को अपनी

योWयता क आधार पर कामयाबी िमली परत पित उसम भी अपनी ौmता

िसR करना चाहता ह ताक उसक अह को चोट न पहच -

ldquoजब मौका िमलता कह दता

यह बलकल कोर आई थी

कःब क7 छोर आई थी

म1न इस जतन जागर स गढ़ा पढ़ाया योWय बनाया

म1 ह इसका छव िनमाता छाप िनयता

अिभनव नार का अिभयता rdquo (7)

ममता कािलया क7 कवताओ म सचत सवदना और मौिलक क$पना

_____________________________________________________________

6 वह प - 60

7 वह प - 61

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

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8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

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16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

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17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

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1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

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21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

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22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 7: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

31

मनोभाव कछ इस कार +यY कए ह1 -

ldquoउस रात थोड़ा रोन और सबक सो जान क बाद

उसन गरम कपड़ क शक म पड़ अपनी डिमया िनकाली

उठाया अखबार कया आवदन

हआ चयन आला कस पर आसीन हई

पित न शाितर चlपी साधी िलए फायद

उसको द कत+य तािलका और कायद rdquo (6)

लकन इसका ौय भी पित ःवय लना चाहता ह प]ी को अपनी

योWयता क आधार पर कामयाबी िमली परत पित उसम भी अपनी ौmता

िसR करना चाहता ह ताक उसक अह को चोट न पहच -

ldquoजब मौका िमलता कह दता

यह बलकल कोर आई थी

कःब क7 छोर आई थी

म1न इस जतन जागर स गढ़ा पढ़ाया योWय बनाया

म1 ह इसका छव िनमाता छाप िनयता

अिभनव नार का अिभयता rdquo (7)

ममता कािलया क7 कवताओ म सचत सवदना और मौिलक क$पना

_____________________________________________________________

6 वह प - 60

7 वह प - 61

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

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8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

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9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

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21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

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62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 8: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

32

का तालमल दखन को िमलता ह इनक7 रचनाओ म जीवन सघषधिमता का

ःवर दखाई पड़ता ह

ldquoइनम चनौती और हःतAप ःवीकार और ना मौन और स8बोधन

सब स8मिलत ह1 ववाह और पOरवार क वचःववाद चौखट Lी क7

नवचतना स टकराकर दन पर दन कNच पड़ रह ह1 Lी और पXष क7

पारःपOरकता एक अिनणत शाjतता ह जसम समता और वषमता धली

िमली रहती ह1 खाट घरल औरत इन सब ःथितय का जायजा लती ह rdquo

(8)

घरल औरत पOरवार क िलए अपन यक सख का पOरयाग करती

ह लकन उसक हःस कवल कत+य ह आत ह1 वह तग आकार यद

कछ कहना चाहती ह तो उस चप करा दया जाता ह समाज को औरत

का अिधक बोलन अखरता ह Lी अपनी ःवतऽता क िलए अभी भी

सघष कर रह ह मौन रहकर जीन को वह जीना नह कहती -

ldquo Uया इस जीना कहग

जन सवाल पर सNचाई स मह खोला

उस पर बवाल मचा

जब - जब लगाई चlपी

अNछf औरत का खताब िमला

वह जानती ह

चlपी और चालाक7 म गहरा नाता ह

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8 वह झलस

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 9: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

33

औरत का बोलना घर को नह भाता ह

चपचाप करत रह उसक हाथ पाव काम

उसक शhदकोश म ह बस दो शhद

Ocircजी हाOtilde और lsquoहा जीrsquo rdquo (9)

हमार समाज म बहत-सी ऐसी औरत ह1 जो तान स तग आकार

अपना जीवन खम करन क7 सोचती ह1 उनक सामन जब कोई राःता

नजर नह आता ह वह पर पOरवार म अपन आप को अजनबी पाती ह

ldquoअजनबय क झड म

मरा कोई भवय नह था

वतमान भी कचब म फसा था

तवर तान और तोहमत क ऽभज म

जीना एक हमाकत बनता जा रहा था

और मरना एक जBरत rdquo (10)

वह उस जगह स अनपःथत होना चाहती ह जहा अपना सवःव दाव

पर लगाकर भी उस स8मान नह िमलता उस लगता ह क कछ दन म

उसक7 समःत चतना समाo हो जाएगी उसका समिचत aान हवा हो

जाएगा और वह कोई उिचत काय करन योWय नह रहगी उसक

मानिसक पटल पर कवल सhजय क दाम अकत रहग

_____________________________________________________________

9 वह प - 19

10 वह प - 21

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

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21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

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61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 10: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

34

ldquoकछ दन बाद

म1 एक मख उपःथित माऽ रह जाऊगी

अUल उड़न लगगी

जस साड़य क रग सवदना सार आ टकगी

गली क7 ब और फर वाल क7 आवाज पर

याददात क नाम पर

सhजय क भाव कठःथ रहा करग

िलखगी

िसफ मा बाप को िशकायती पऽ

धीर - धीर

हर सह काम तम करोग

हर गलत काम क पीछ म1 रहगीrdquo (11)

ममता कािलया न घरल औरत का इतना यथाथ िचऽण कया ह क

यक औरत इन कवताओ म ःवय को महसस करती ह यक घरल

औरत क7 घर म यह ःथित ह समाज और घर म उस उपAत समझा

जाता ह जबक उसक बना समाज बखर जायगा वह समाज को तोड़ना

नह जोड़ना चाहती ह वह धािमक Lी ह तथा अयिधक सवदनशील ह

ममता कािलया न इस का+य समह म Lी क7 भिमका उसका म$य उसका

काय उसक7 सवदनाओ को पOरलAत करन का य] कया ह इसम एक

_____________________________________________________________

11 वह प - 32

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 11: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

35

Lी क +यYव का सच ःप^ Bप स उजागर होता ह वह समाज म

पOरवतन लान का सामCय रखती ह जो ःथित पहल थी अब वह नह

रहगी समाज म वािछत सधार करन ह हग और समाज म पOरवतन

Lय म चतना क आन स ह सभव होगा सामाजक पOरवतन क िलए

वह अपनी बटय को अपनी गलितया बताकर उह सधारन क िलए

ोसाहत करती ह इसिलए इस कवता म कहा गया ह -

ldquoपर मर बटया

पहचानती ह1 मर गलितया

व िच$ला रह ह1 पर ज़ोर स

सड़क पर ससद म सभाओ म

उनस नह होगी भावकता क7 भल

व बदल दगी सार +यवःथा समल

उनक7 माग ह

बराबर का हक

व मर सीिमत सपन म सशोधन लाएगी

और मर चlपी को िनभय उrोधन म बदल दगी rdquo (12)

उपयY कवता क मायम स ममता कािलया न समाज म Lी क7

बदलती हई ःथित को िचऽत कया ह आज क7 िशAत नार शोषत

नह रहगी वह समची +यवःथा को बदल दगी वह िनभय होकर

_____________________________________________________________

12 वह प - 89

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

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17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

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21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 12: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

36

सामाजक पOरवतन क िलए उrोधन करगी वह अपन सामCय क अनसार

उNच पद पर आसीन होगी तथा बराबर क हक क िलए माग करगी घरल

औरत म अपन मःतक क सामCय पर कभी वचार नह कया परत

अपनी बटय को वह परपरा क सरAाचब म नह समान दगी आज क7

Lी नपCय स िनकलकर नतव करना जानती ह ममता कािलया न

जागBक नार क िचतन को ःवर दया ह Ocircखाट घरल औरतrsquo म कई ऐसी

रचनाए भी ह जो Lी स सबधत नह ह1 ममता जी न समाज क7 अय

पहलओ को भी अपनी कवता का वषय बनाया ह आधिनक समय म

काम क7 आपाधापी म +यY क पास कसी ओर क िलए तो Uया ःवय क

िलए भी समय नह ह याऽक साधन मन य पर काब कए हए ह1

ममता जी कहती ह1 ETH

ldquoवY हम जी ल

इसक पहल

चलो हम जय

जी भर

कछ नह पढ़ िलख सन

इस वY

िसफ जय rdquo (13)

ममता कािलया न बदलत समाज का िचऽण भी इस का+य समह म

कया ह यह का+य समह कवल Lी ETH वमश नह ह ब$क इसम

_____________________________________________________________ 13 वह प - 12

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

_____________________________________________________________

14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

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21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

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62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 13: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

37

आधिनक समाज क7 समःयाओ का भी उ$लख कया गया ह इसम इहन

अपन पापा क7 याद म भी कवता िलखी ह तथा महान कलाकार

सयजीत र क िनधन पर दरदशन क7 वाःतवकता को ःतत कया ह -

ldquoदरदशन बाज नह आएगा

वह हर िनधन पर तरत फरत शोक मनाएगा

और कलागत औिचय क परखच उड़ाएगा rdquo (14)

आधिनक समाज म बदलत सामाजक पOरवश म lयार का अथ भी

बदल गया ह lयार म भावनाओ क िलए अब कोई ःथान नह ह ममता

कािलया न बड़ बबाक7 स नवीन म को पOरभाषत कया ह -

ldquolयार शhद िघसत - िघसत

चपटा हो गया ह

अब हमार समझ म

सहवास आता ह rdquo (15)

आधिनक यग म बढ़ती ितःपधा म बNच भी समय स पहल बड़ हो

रह ह1 यवितया पXष क कध स कधा िमलाकर यक काय कर रह ह1

ममता कािलया न इसका वणन सहज शhद म करत हए िलखा ह ETH

ldquoकरत ह1

बNच अब

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14 वह प - 104

15 वह प - 96

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

_____________________________________________________________

16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

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17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

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1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

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21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

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22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

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24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

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25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

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26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 14: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

38

बात गo

करती ह1 यवितया

चार अब

करन लगी

ौढ़ाए म

बन गई

वधवाए

कNची कआर सम rdquo (16)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता कािलया एक योगधम लखका

ह1 उहन नए ETH नए योग और उपमान स अपनी कवताओ को

Xिचकर बना दया ह इस का+य समह म ममता कािलया न घरल Lी क7

मन ःथित स अवगत करान का य] कया ह वह कवल उपःथित माऽ

नह ह ब$क पOरवार एव समाज क7 नीव ह इसम वह पOरवार एव

समाज म अपनी भिमका को बलद आवाज म बताती ह वह कवल म व

स8मान चाहती ह वह उपAा व अपमान नह सहगी Lी क बदलत

s^कोण एव सामाजक बदलाव क7 सशY अिभ+यY स ममता कािलया

न अपनी का+य- कित को साथक बनाया ह

22 उपयास -

ममता कािलया क उपयास का क ि बद समाज रहा ह उहन

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16 वह प - 97

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 15: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

39

समाज क7 अनक समःयाओ जस ^ाचार बदलत पाOरवाOरक सबध

बरोजगार दहज था समाज म नार क7 ःथित तथा बदलती सामाजक

ःथितया आद को अपन उपयास म िचऽत कया ह ःप^

कथानकसवदना यथाथ िचऽण इनक उपयास क7 वशषता ह ldquoममता

कािलया पाOरवाOरक जीवन-पOरिध स बाहर +यापक सामाजक सदभ को भी

महव दती ह1 rdquo (17)

बघर नरक दर नरक म कहानी लड़कया एक प]ी क नोdस

दौड़ अधर का ताला तथा दUखम-सUखम इनक मख उपयास ह1

कोई भी रचना तभी साथक होती ह जब उसका कथानक पmभिम

भाषा पाऽ सभी उस रचना क ःथान व समय क अनकल ह ममता

कािलया क7 रचनाए इन सभी मापदvड को परा करती ह1 व कभी

का$पिनक पाऽ नह गढ़ती ममता कािलया क7 रचनाए पाठक को ऐस

रचना ससार स अवगत करती ह1 जसका िनवासी ःवय पाठक भी ह

उहन बदलती हई सामाजक पOरःथितय को ःवय दखा ह िशAण Aऽ

स जड़ रहन क कारण उह यवावग को समझन म सहायता िमली ह उसी

क आधार पर इहन उपयास क7 रचना क7 ह उहन िनजी जीवन म

जो सामाजक पOरःथितया दखी उसी पर लखनी चलाई ममता जी न

ःवय िलखा ह क Ocircएक प]ी क नोdसOtilde िलखन क7 रणा उह अपन

साहयकार िमऽ द पक शमा स िमली ldquoएक दन द पक न मझस कहा

ममता आप हमशा औसत Lी क बार म िलखती ह1 जबक आपको एक

बR Lी क7 ऽासद क बार म िलखना चाहए rdquo बात महवपण थी

_____________________________________________________________

17 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

_____________________________________________________________

22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

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73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 16: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

40

अपन को जम गई मझ लगा म1 हमशा Lी क अःतवगत सघष क7

कथा कहती रह ह जबक +यYगत सगष कह अिधक लबा और जानलवा

होता ह rdquo (18)

इसी कार lsquoलड़कया rsquo उपयास िलखन का wयाल भी उह कलकgा

म अपनी द द क घर पर आया था उहन िलखा ह ldquoमझ उसक7 इमारत

एक रहःयलोक लगन लगी थी जसक अदर मझ वश करना था

वaापन - जगत क7 आपाधापी क हम चमद द गवाह थ म1न अपनी

सवधा क िलए घटनाःथल कलकg क7 जगह मबई कर दया rdquo (19)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म ममता जी न भारतीय िचकसालय म

फल ^ाचार को उजागर कया ह उहन जस वाःतवकता स

िचकसालय क अदर क7 +यवःथा का वणन कया ह वह बना अनभव

सभव नह ह उहन िलखा ह ldquo म कहानी िलखत समय मर जहन पर

मॉOरशस का एक मडकल छाऽ वाःतव म छाया हआ था जो अकःमात

मझस टकरा गया था डॉUटर और अःपताल क7 दिनया मर बहत

दखीभाली रह ह मर मा एयादातर रोगमःत रहती थी और मझ अपन

सभी अz इ8तहान अःपताल स ह जाकर दन पड़ rdquo (20)

उपयY कथन स यह ःप^ होता ह क ममता कािलया क7 सभी

रचनाए वाःतवकता स ओतोत ह1 उनक कथा - साहय का क ि बद

समाज रहा ह उहन पतसgामक सामती मानिसकता म जकड़ समाज

को आधिनक नार चतना स अवगत कराया ह उहन नार क सभी Bप

_____________________________________________________________

1819 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 5

20 वह प-6

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

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21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

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22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

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25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 17: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

41

अपन कथा - साहय म िचऽत कए ह1 पXष चाहता ह क उसक7 प]ी

का ववाह पव कसी स सबध न हआ हो तथा ववाहोपरात भी वह अपना

सवःव उसी पर यौछावर कर लकन पXष क साथ यह बधन नह ह

लखका को यह दोहरा मापदड पसद नह ह Lी आज भी समाज म पXष

क बराबर हक पान क िलए सघषरत ह दहज था नार शोषण कया

ण हया जसी सामाजक बराइया आज भी समाज म +याo ह1 ममता

कािलया अपन थम उपयास lsquo बघरrsquo म सःकारबR सक7ण मानिसकता

वाल पXष मन पर गहर चोट क7 ह Lी क कौमाय को लकर पXष

समाज म आज भी जो अवaािनक सोच व Bढ धारणाए ह1 यह उपयास

उनको उजागर करता ह इसम उहन महानगर म रहत हए यवावग

क सघषZ एव दहज था को भी िचऽत कया ह उपयास का मख

पाऽ परमजीत द$ली क एक िन8न मयमवगय पOरवार का लड़का ह

उसक पता क7 द$ली क शYनगर म लःसी क7 दकान ह उसी स उनका

गजारा होता ह परमजीत बचपन म पढ़ाई म ठfक था इसिलए कभी

फल नह हआ और कॉलज तक पहच गया था उस समय समाज म

नार क7 ःथित उहन परमजीत क7 मा व बहन क मायम स कछ इस

कार िचऽत क7 ह -

ldquoपरमजीत क7 मा बNच पदा करत ETH करत िनचड़ गई थी उसक पर

बदन म िसफ उसका पट तदXःत लगता थाrdquo (21)

लड़कय क7 ःथित भी अNछf नह थी उनक7 पढ़ाई पर कोई यान

नह दता था परमजीत क7 छोट बहन घर क काय क7 वजह स अUसर

ःकल नह जा पाती थी इसिलए वह पढ़ाई म कमजोर थी ldquoबहन का िसर

_____________________________________________________________

21 बघर ममता कािलया प - 9

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

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22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 18: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

42

जओ स भरा था और हाथ मसाल क7 गध स मा क बNच पालत - पालत

वह बजग हो चली थी उस सभी क दध का और ःकल का समय याद

रहता और सबह वह सार बNच क कपड़ ढढकर दती थी rdquo (22)

छोट शहर तथा गाव म अिधकतर लड़कय क7 यह ःथित थी

लड़कय क7 पढ़ाई क िलए कोई िचितत नह था और समाज म बाल

ववाह जसी कथा थी लड़कय क7 बा$यावःथा म शाद कर द जाती

थी पOरवार िनयोजन क7 तरफ भी कोई यान नह दता था लड़क भी

इधर - उधर भटकत फरत थ उनक7 Xिच पढ़ाई म न होकर गली क7

लड़कय म रहती थी परमजीत व उसक दोःत क मायम स लखका म

अयत रोचक ढग स इसका वणन कया ह - ldquoलड़कया एयादातर अपन

छोट भाई बहन क7 गोद म या उगली स पकड़ टहलान लाती लड़क को

खशी थी क लड़कय क मा-बाप पOरवार िनयोजन नह करत लड़कय

को भी खशी थी Uयक यह उनका घर स िनकल सकन का एक माऽ

बहाना था rdquo (23)

परमजीत परानी द$ली म रहता था नई द$ली और परानी द$ली

म बहत अतर था नई द$ली म लड़कया पढ़ - िलखी थी परमजीत

वहा जाकर ःवय को बहत ह न समझन लगता था उसक पता क माहक

क कहन क पर परमजीत क पता उस म8बई भजन को तयार हो गए थ

परमजीत भी म8बई का नाम सनकर उसाहत हो गया था Uयक इतना

पढ़ िलखकर वह अपन पता जी का +यवसाय नह अपनाना चाहता था

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22 वह प - 10

23 वह प - 11

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

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24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

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30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

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33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

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37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 19: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

43

उसक अनसार म8बई का अथ था समि फ$म और लड़कया इसस

Sयादा उस म8बई क बार म कछ पता नह था लखका न उसक7

अनिभaता का वणन करत हए िलखा ह ETH ldquoसफर क कछ घट वह इस

wयाल म बठा रहा क अकला वह ब8बई जा रहा ह पर ज$द ह उसन

पाया क आस - पास क कई लोग ब8बई जा रह ह1 ब$क सार शन ह

ब8बई जा रह ह उसन अपन को बहत भद पाया rdquo (24)

परमजीत न म8बई पहचकर जब दQतर क7 हालत दखी तो उस

समझ आया क उस बना अनभव क Uय रख िलया गया गरज म रहन

व काम करन का परमजीत का यह पहला अनभव था उस अपन पड़ोस क

लोग को दखकर हरानी हई क कसी को उसका नाम तक जानन क7

जaासा नह ह परमजीत क7 अमजी बहत कमजोर थी परत माहक अNछf

अमजी बोलत थ वह भी धीर - धीर अbयास ारा अमजी बोलना सीख

गया अपनी लगन व पOरौम स परमजीत न कपनी को बहत फायदा

पहचाया उसका दQतर अNछf जगह ःथानातOरत कर दया गया तथा उस

चीफ़ एजट का पद द दया गया अपनी तरUक7 स वह खश था परत

म8बई म कोई उसका य िमऽ नह था

अचानक उसक7 मलाक़ात सजीवनी स होती ह सजीवनी का

अकलापन व सादगी उस बहत आकषत करती ह धीर - धीर दोन िमलन

लगत ह1 सजीवनी िशAत सbय शालीन तथा आम-िनभर लड़क7 थी

उस भी परमजीत आकषक लगता ह दोन क7 मलाकात को lयार म

बदलत दर नह लगती परमजीत न अपन िलए ऐसी ह सदर व समझदार

_____________________________________________________________

24 वह प - 12

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 20: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

44

जीवन सिगनी क7 क$पना क7 थी वह सजीवनी स इतना भावत होता ह

क ितAण उसी क बार म सोचन लगता ह उसका मन उस पर तरह

पान क िलए आतर हो जाता ह सजीवनी भी उसक स8मोहन म होश खो

बठती ह और दोन शाद स पहल ह शार Oरक सबध ःथापत कर लत ह1

यह स उपयास एक नया मोड़ लता ह लखका यह बताना चाहती

ह क पXष जतना भी आधिनक Uय न बन जाए कत Lी क ित

उसक7 वह मानिसकता ह जो सदय पहल थी वह चाहता ह क उसक7

िमका या प]ी का उसस पहल कसी स सबध न हआ हो वह सदा कवल

उसक7 होकर रह जबक पXष क साथ यह बधन कतई नह ह

परमजीत को जब पता चलता ह क वह सजीवनी क जीवन म पहला

पXष नह ह तो वह ःवय को पराजत महसस करता ह उस पर उसक7

Bढ़वाद वचारधारा हावी हो जाती ह जसका कोई वaािनक तCय नह ह

म एक पल म हवा हो जाता ह अब सजीवनी उसको एकदम अलग

लड़क7 लगन लगती थी वह सजीवनी स कोई बात नह करना चाहता

सजीवनी उसको बताना चाहती थी क वह कवल एक हादसा था उसका

म सNचा ह वह कवल परमजीत स ह म करती ह परत उसन अवसर

ह नह दया

उसक बाद उसन सजीवनी स कभी बात नह क7 और अपन घर

द$ली चला गया और उसन रमा नामक लड़क7 स शाद कर ली वह खश

था क रमा क जीवन म वह पहला आदमी था रमा गाव म रहन वाली

लड़क7 थी महानगर का रहन - सहन उस नह आता था वह बहत ह

कजस औरत थी वह बहत भड़क7ल कपड़ पहनती थी परमजीत को उस

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 21: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

45

कह भी ल जान म शम आती थी Uयक वह कसी क सामन कछ भी

बोल दती थी

परमजीत न सोचा था क वह नवववाहत लोग क7 तरह समि क

कनार उगिलय म उगिलया फसाए बठ रहग लकन रमा को दखकर उसन

यह wयाल अपन मन स िनकाल दया था उस लगा था क रमा सीधी-

साधी लड़क7 ह वह जो कहगा वह मान लगी लकन उसन पाया क रमा

को समझना नाममकन था उसक मन म परमजीत क7 मा व पOरवार क

ित भी कोई ःनह तथा स8मान नह था वह बहत मख और बदिमजाज

थी परमजीत को लगन क यद वह उस नह बदल पाया तो उसका जीवन

नरक हो जाएगा ऐस जीवन क7 उसन क$पना भी नह क7 थी

उसक7 मन ःथित िन8न शhद स s^गोचर होती ह ldquoकभी - कभी

परमजीत को लगता वह सधारगह म भरती हो गया ह उस रमा क दमाग

क7 छोट दिनया स कोQत होती ऐस म उस जबरन सजीवनी क साथ

बताय बफब और खबसरत दन याद आ जात जब उनक7 बात का

तार खम ह नह होता था उस लगन लगा था क अगर वह सजीवनी

को जब - तब याद करन लगा ह तो इसक िलए रमा ज8मदार ह rdquo (25)

परमजीत अपनी प]ी स सत^ नह था लकन रमा को इस बात स

कोई फक न पड़ता वह हमशा पड़ोस क7 औरत स बात करती रहती थी

परमजीत उसस बात करना चाहता परत वह अपना अिधकतर समय पड़ोस म

बताती थी परमजीत को लगन लगा ldquoशाद क साल भर म ह उस

_____________________________________________________________

25 वह प - 138

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 22: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

46

लगन लगा था वह ौढ़ हो गया ह उसक दोःत भी जस िछन गए थ

वह उनक यहा जाना चाहता था पर अपन अदर पयाo उसाह नह पाता

उसक7 जदगी ऐसा ढरा हो जाएगी उसन नह सोचा था उस लगता वह

ःटपड होता जा रहा ह और एक बडौल औरत उसक7 चतना पर हाथी क7

तरह सवार ह कफट कपनी क7 िचताए घर का असतोष अपना डशन

इन सबक7 वजह स परमजीत को अUसर नवसनस हो जाती rdquo (26)

परमजीत अयिधक िनराश हो गया था उसक बना सोच समझ

सजीवनी जसी लड़क7 को छोडकर रमा स शाद कर ली थी जो उस कभी

समझ नह पाई लकन इतना सब होन पर भी वह सजीवनी को उसक7

गलती क िलए माफ नह कर पाया था अयिधक िचता म वह और

अिधक िसगरट व शराब पीन लगा था

लखका न इस उपयास क मायम स समाज क कई और भी पहल

उजागर कए ह1 जस रमा क मा बाप का दहज म चालीस हजार Xपए

नकद एव पिह तोल सोना दना दहज था को उजागर करता ह दो बट

होन पर रमा का अयिधक सन होना समाज म लड़क7 क7 ःथित को

उजागर करता ह अपनी आवयकताओ क7 पित क िलए वजया कलकर

बना शाद कए वािलया क साथ रहती ह तथा अपमान झलती ह

परमजीत अपनी Bढ़वाद मानिसकता क कारण सजीवनी को छोड़ता ह

और जीवन भर म क िलए असत^ रहता ह सजीवनी कसी और क7

गलती क कारण अपन म को खो दती ह तथा अकलापन झलती ह जबक

वह एक अयत सदर व सbय लड़क7 ह

_____________________________________________________________

26 वह प - 140

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 23: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

47

सजीवनी क7 वशषता एव परमजीत क7 मानिसकता का वणन इन

पYय म कछ इस कार कया ह ETH ldquoसजीवनी क7 बात अलग थी उसका

चहरा आjःत करता था उसक पर +यYव म ठहराव था चीज को

ग8भीरता स लन क7 अपAा वह ऐसी लड़क7 थी जस आदमी अपन घर म

बठf दखना चाह इन सबक सदभ म सजीवनी का वह सच परमजीत को

तमाच क7 तरह लगा था एक +यYगत अपमान जसस वह अभी तक उभर

नह पाया था rdquo (27)

इस कार ममता जी न इस उपयास क मायम स पXष क7 सक7ण

मानिसकता को िचऽत कया ह उहन इसम महानगर एव छोट कःब

क7 जीवनशली का अतर भी िचऽत कया ह उपयास का अत एक दखद

घटना स होता ह परमजीत क7 दल का दौरा पड़न स मय हो जाती ह

उसक7 असमय मय स रमा टट जाती ह परमजीत क मा बाप आकर

रमा को उसक7 मय का दोषी ठहरात ह1 उसक7 मय पर सब अपन-अपन

दख क िलए रोत ह1 रमा को लगता ह क परमजीत आराम स चला

गया उसन उसक बार म नह सोचा उसन कहा- ldquo व तो आराम स चल

गए उहन मर फब क7 मरा Uया बनगा म1न कतना कहा िसगरट न

पयो उहन सना म1 कहती चाय बद कर दो तो Sयादा पीन लग मर

जदगी खराब कर गए rdquo (28)

परमजीत क मा-बाप बोल ldquoहमारा बढ़ापा बगड़ गया अब हम कहा

जाएगrdquo (29) _____________________________________________________________ 27 वह प - 140

28 वह प - 156

29 वह प - 157

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 24: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

48

रमा क मा-बाप चीखत रह ldquoहमार बट को बीच धार म डबो गया

य तो उसक िसगार क दन थ इस उ म हमार बNची को जोग द गयाrdquo

सब अपन-अपन सर म रोत रह और सबक मातम स ऐसा लगता रहा जस

परमजीत पकिनक पर चला गया ह rdquo (30)

इस कार ममता कािलया न एक +यY क7 मय पर समाज म Uया

ितबया होती ह उसका यथाथ िचऽण परमजीत क7 मय क मायम स

कया ह समकालीन उपयास म ममता कािलया का यह उपयास वशष

उ$लखनीय ह ldquoआपन यह दखाना चाहा ह क नार क7 पवऽता क7

कसौट उसक7 मानिसक एकामकता और समपण ह शार Oरक कआरापन

नह rdquo (31)

ldquoमहला लखकाए Lी-पXष स8बध क िचऽण क सीिमत दायर स

बाहर नह जा पाती ममता कािलया न इस आरोप को िमCया िसR कर

दया हrdquo (32)

नरक दर नरक उनका तीय उपयास ह इसम उहन नरक

बनत आधिनक समाज का िचऽण कया ह इसम उहन ^ाचार और

बरोजगार जसी सामाजक समःयाओ का िचऽण कया ह ldquoनरक दर नरक

म आज पर सामाजक +यवःथा को नरक क Bप म ःतत कया गया ह

जसक चलत ितभास8पन ौमशील और ईमानदार िशAत यवक को

आिथक असरAा क दबाव को झलत हए इधर - उधर और दर - दर क7

ठोकर खानी पड़ती ह1 इसक वपर त समझौतावादय और चापलस को

_____________________________________________________________

30 वह प - 157

31 32 हद का ग साहय डॉ रामचि ितवार प - 264

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 25: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

49

दन - दनी रात - चौगनी तरUक7 िमलती रहती ह rdquo (33)

lsquo म कहानीrsquo उपयास म उहन भारतीय िचकसालय म फली

अिनयिमतता अ+यवःथा तथा ^ाचार को िचऽत कया ह इस लघ

उपयास म अनक तCय को उजागर कया ह उहन मॉर शस क िनमाण

म भारतीय कसान क सघष एव बिलदान का भी वणन कया ह

म ववाह म भी ववाहोपरात पित - प]ी म मतभद होत ह1 काम

क दबाव व समय क अभाव म प]ी ःवय को उपAत महसस करती ह

पता क पास बNच स बात करन क7 फसत नह ह लखका न इस

उपयास म एक छोट - सी घटना क मायम स हमार समाज क7 अयिधक

सवदनशील समःया सग - सबिधय ारा लड़क7 का यौन शोषण िचऽत

कया ह

जया द$ली म जस अकल आट क घर रहती ह वह अकल एक

दन रात को जया क साथ कछ असहज बया करत ह1 जया को नीद म

महसस होता ह क कोई उसक शर र का माप ल रहा ह तो वह घबराकर

उठ जाती ह अकल फौरन बःतर म छप जात ह1 जया आट को

आवाज दना चाहती ह पर मह स आवाज नह िनकलती उस अकल क7

हरकत पर अयिधक गःसा आता ह और आट पर तरस वह तरत उनका

घर छोडकर हॉःटल म चली जाती ह उस समय जया को सभी मदZ स

घणा हो रह थी

लखका न उसक7 मन ःथित कछ इस कार +यY क7 ह ldquoमझ याद

_____________________________________________________________

33 वह

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 26: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

50

आया पछल साल हमार पड़ोस म रह रह एक यवक न अपनी प]ी क7

मय क ठfक हQत भर बाद अपनी साली स ववाह कर िलया था मर

समझ म नह आ रहा था क आदमी क7 वह कौन-सी भभक थी जसक

आग सबध क7 शाjतता भी िसर पीट लती थी म1 इस घर को बNच को

आट को दखकर हद दजा भावक हो रह थी rdquo (34)

जया और यशा दोन पUक7 सहली थी जया सीधी - साधी कम

बोलन वाली लड़क7 थी जबक यशा महफट व उgजक लड़क7 थी यशा

अपन मा-बाप स हमशा खन रहती थी Uयक उसक पता जी क िलए

शाद करना एक कत+य माऽ था वो य नह दखत थ क लड़का उनक7

लड़क7 क लायक ह या नह उसक7 दोन द दय क7 शाद ऐस ह हई थी

परत यशा ऐस शाद नह करना चाहती थी वह मह8मद स lयार करती ह

जो िशकागो म रहता था लकन उसक घरवाल मःलम लड़क स शाद क

िलए बलकल तयार नह होत और यशा को शाद एक सजातीय लड़क स

करा दत ह1

आज भी हमार समाज म अतजातीय ववाह करन क7 अनमित नह

ह एक िशAत महवाकाAी लड़क7 को भी Bढ़य और पOरजन क आग

झकना पड़ता ह और नारक7य जीवन जीना पड़ता ह वह जया क स8मख

अपना दद बया करत हए वह कहती ह ldquoत Uया सोचती ह पढ़ना - िलखना

लड़कय क पर लगा दता ह या पर हम लाख एमए हो जाए पी-एचड

हो जाए पर8पराए जब मा-बाप ताई-चाची क7 शUल म1 सामन आती ह1

तब सब भल जाता ह फर मर घर का माहौल तन दखा था मरखनी मा _______________________________________________________________________

34 तीन लघ उपयास ममता कािलया प - 123

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 27: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

51

और कटखनी दाद मझ जीत-जी खा गई rdquo (35)

इस लघ उपयास म ममता कािलया न जया और यशा क7 म

कहानी क अलावा ^ाचार और भारतीय िचकसालय क7 अिनयिमतता व

अ+यवःथा को भी िचऽत कया ह जया क7 मलाक़ात एक दन मॉर शस

म रहन वाल डॉUटर िगनस स होती ह डॉUटर िगनस वासी हदःतानी ह

तथा द$ली म हाउस जॉब करता ह उस जया पहली नजर म पसद आ

जाती ह जया भी उस पसद करन लगती ह और अपन माता - पता को

बना बताए उसस शाद कर लती ह िगनस गर ब लोग स हमदद रखता

ह तथा उनका मQत म इलाज भी करता ह उNच पदःथ डाUटर क7

तानाशाह डाUटर ारा कया जा रहा मर ज का शोषण अःपताल छोट

कमचाOरय स उनका बर +यवहार गर ब लोग का शोषण भख गदगी

कपोषण आद ममता कािलया इन सबक7 पोल अपन इस उपयास म

खोलती ह1

डॉ िगनस बाल रोग वशषa बनना चाहता था ldquoउस बNच बहत

आकषत करत हसत खलखलात गोर-गदकार बNच नह वरन रोत-

करहात काल-कलट कशकाय िशश वह सड़क क दाए-बाए झWगय म

बसरत बलबलात बNच दखता और ऽःत हो जाता ldquoय बNच दश का

भावी इितहास कस िलखग भख कपोषण गदगी गर बी स लड़त-लड़त ह

दम तोड़ दग rdquo (36)

इसक वपर त बाल-रोग वभाग क अयA व अःपताल क सपOरटडट ________________________________________________________________________

35 वह प - 171

36 वह प - 151

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 28: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

52

ोफसर गoा न अपन बगल पर Uलिनक खोल रखा था उह बNच का

जादगर कहा जाता था Ocircिशश-रोग क7 रोकथामOtilde पःतक पर उह

अतराीय परःकार भी िमल चका था सबह व अःपताल म +यःत रहत

और शाम को घर पर मर ज दखत लकन कसी क घर जान पर

मनमानी फ7स लत थ मर ज भी यह मानत थ जसक7 फ7स व नखर

Sयादा ह1 वो उतना ह अNछा डॉUटर ह

ldquoनए वचार आदशZ स उgजत नए-नए यवा डॉUटर अयA क7 इस

पद-लोलपता पर िसर धनत बड कहता ldquoडॉ गoा डॉ महद रgा इतन

पस का करग Uया आखर साथ तो न ल जाएग rdquo (37)

िगनस को गःसा आता था Uयक जो अमीर ह वह मनचाहा इलाज

करवा लता ह लकन गर ब लोग फ7स नह होन क कारण अपना इलाज

नह करवा पात डॉ गoा को सरकार ारा वतन िमलता ह फर भी

व मर ज Uलिनक पर फ7स लकर दखत ह1 गर ब लोग क7 मजबर का

फायदा उठाकर व ऐश करत ह1 उनक7 प]ी महगी-महगी साड़या पहनती

ह1 तथा बNच िशमला म पढ़त ह1 डॉ िगनस को ऐस पसा कमान स

नफरत होती ह व कहत ह1 ldquoन जान कस - कसक7 +यािध स कलकत

कस - कसक7 मजबर स मड़ - तड़ नोट स ऐश करत ह1 य लोग यह

Uया क जो फ7स द सकता ह वह छfक का इलाज भी वीआईपी ढग स

करा ल और जो नह द सकता वह दमा लकवा तपदक को भी कःमत

का हःसा मानकर स कर ल rdquo (38)

________________________________________________________________________

37 वह प - 153

38 वह प - 157

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 29: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

53

इन पYय स लखका न हमार दश म अमीर - गर ब का भद तथा

िचकसा सवधाओ क7 अ+यवःथा को उजागर कया ह बड़ डॉUटर धन क

लालच म बहत ह बशम स पसा कमात ह1 तथा अपनी नयी पीढ़ को भी

धन िलlसा क7 यह वरासत बड़ गव स सपत ह1 मर ज डॉUटर पर

भगवान स भी Sयादा वjास करत ह1 परत लालची डॉUटर उनक वjास

मजबर और कमजोर का भरपर फायदा उठात ह1 मर ज क जान क बाद

डॉ गoा ठहाका मारकर हस पड़ ldquo दखा चबधर यह ह हमार धध का

जाद सीख लो सीख लो काम आएगा कम बोलो यान स सनो

जाच मर ज क अटडट को कभी समझान क7 कोिशश न करो बस पचा

िलखो पकड़ा दो rdquo (39)

डॉUटर िगनस अयिधक सवदनशील डॉUटर ह उस डॉ गoा का

+यवहार पसद नह ह इसिलए कई बार उसक7 बहस उनस हो जाती ह बड़ -

बड़ दवा कपिनय स कमीशन क लालच म डॉUटर गoा महगी दवाई

िलखत ह1 भल ह मर ज पर उसका कभाव हो इसी सदभ म एक दन

डॉ िगनस डॉ गoा स कहत ह1 ldquoआपन अमक कपनी क7 दवा Uय िलखी

आपको पता ह उस दसर कपनी क7 वह दवा उसस सःती और Sयादा

कारगर ह हम पर Aण ारा यह िसR कर चक ह1 rdquo ldquo िगनस तम मर

ःबlशन म दखल न दया करो rdquo डॉUटर गoा न भरसक ठड ःवर म

कहा ldquoउस ह माह क िशश को आपन वह तज असर वाली दवाई

ःबाइब क7 ह वह ठfक तो तरत हो जाएगा लकन उसक7 भख हवा हो

जाएगी पाचन-बया चौपट हो जाएगी उसका hलड-काउट भी लो हो सकता ________________________________________________________________________

39 वह प - 157

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 30: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

54

ह rdquo ldquoतो फर उसक माता - पता पाचन बया और hलड ETHकाउट का भी

इलाज करवा लग rdquo ldquoऔर उनका भी साइड इफUट होगा rdquo ldquoहा होगा

हर एक दवा का इफUट और साइड इफUट होता ह इसम ताSजब Uया ह

और आइदा ऐस बहदा सवाल - जवाब न करना य मःट नो योर

िलिमdस rdquo ldquoसर म1 आपस एक गःताखी कर सकता ह अगर आपका

बNचा बीमार हो जाए तो Uया आप उस यह दवा दग rdquo (40)

उपयY वातालाप क मायम स ममता कािलया न डॉUटर क7

असवदनशीलता तथा ^ाचार क7 पोल खोली ह वाःतव म आज िचकसा

एक धधा बन गया ह िचकसक म सवा भावना समाo हो चक7 ह

मर ज भी Sयादा फ7स लन वाल डॉUटर को अNछा समझत ह1 गर ब लोग

क पास पस नह होन क कारण उह सरकार अःपताल क भरोस रहना

पड़ता ह1 यद दवाई का ःटॉक खम हो जाए तो इनक पास बीमार स

मरन क अलावा और कोई चारा नह होता Uयक इनक पास इतन पस

नह होत क बाहर स दवाई खर द सक

लखका न इसका वणन शहर म मलOरया फलन क7 घटना स कया

ह मलOरया क7 दवा खम होन पर डॉ िगनस व डॉ शीतल बड िचितत हो

जात ह1 तथा डॉ गoा को तकाल दवा का बध करन को कहत ह1

लकन डॉ गoा कहत ह1 क कम स कम एक हQता लगगा बध करन

म डॉ िगनस कहत ह1 क एक हQत म तो य लोग मर जाएग डॉ गoा

िचढ़कर कहत ह1 ldquo जतना ःटॉक था बाट दया गया अःपताल न Uया सार

शहर का ठका ल रखा ह य गलीज लोग Uया कभी ठfक हो सकत ________________________________________________________________________

40 वह प - 158

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 31: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

55

ह1 आप इह मलOरया स बचाओ कल इह Qल हो जाएगा Qल ठfक

करो टायफायड हो जाएगा दवाई खलान स पहल इह सफाई िसखान क7

जBरत ह गदगी इनका भोजन ह और मNछर इनका हमसाया rdquo डॉ

िगनस बोला ldquoनह सर गर बी इनका हमसाया ह भखमर इनका भोजन rdquo

(41)

हमार दश म गर बी एक अिभशाप ह इसका यथाथ िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह इस उपयास का एक और पहल ह

डॉ िगनश अपन काम म इतना +यःत रहता ह क जया को समय नह

द पाता ह अपन काम क ित लगन व सवा भावना क कारण वह न

चाहत हए भी जया क7 अवहलना करता ह उसक िलए मर ज क ित

कत+य सवपOर ह इसिलए दोन म तनाव रहन लग जाता ह एक -

दसर स म होन क बावजद दोन सत^ नह हो पात

इसका वणन जया क मायम स लखका न इस कार कया ह

ldquoअःपताल क अदर - बाहर का हाहाकार िगनस क7 दिनक +यःतता अपन

आसपास क सवाल स रोज का टकराव हम कभी भी पर तरह सत^ और

सखी होन क7 छट नह दता था आए दन म1 द$ली क7 सड़क पर

नवववाहत जोड़ को दखती भर साड़या और नए सट पहन एक-दसर क

हाथ म हाथ डाल घमत हसत चहचहात हमारा एक भी दन इतना

िनत नह गजरा था िगनस का अिनत Jयट ETHबम अययन और

िचतन इन सबक7 इजाजत नह दता था rdquo (42)

________________________________________________________________________

41 वह प - 162

42 वह प - 165

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 32: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

56

इसी कार डॉ गoा अिधक पसा कमान क चUकर म इतना +यःत

रहता क उस अपन बNच स बात तक करन क7 फसत नह थी उसक दो

बट आकार और आधार िशमला म पढ़त थ व जब भी घर आत तो उनक

पापा क पास समय नह होता उनक मासम सवाल स यह बात ःप^

होती ह

वो िगनस स पछत ldquoअकल जब आप छोट थ आपक डड आपस

बोलत थ rdquo आधार बड़ा था वह कहता ldquoपापा हम रॉयल एजकशन द

रह ह1 अगर कमाए न तो कहा स द rdquo आकार कहता ldquo फर भी अकल

आप इतन बड़ डॉUटर कभी न बनना क डड बन ह न पाए rdquo (43)

डॉ गoा पसा कमान म इतन +यःत थ क अपन बNच क7 भावनाए

समझन का समय नह था उनक पास ldquoडॉ गoा का हाल बदतर था

वह आदमी अपन Aऽ का इतना ममa होकर भी जीवन क7 मािमकता स

िनतात अछता था बीमाOरया उस िचितत नह आकषत करती थी Uयक

व उसक7 िसR म चार चाद लगती थी मर ज उसक िलए इसान नह

कस थ rdquo (44)

इस उपयास का अत अयत दय वदारक घटना स होता ह डॉ

गoा क दोन बट का कोई कल कर दता ह गoा दपित क िलए यह

दख असहनीय था दो-दो बट क7 ऐस अचानक हया स गoा जी टट

गए व दन - रात एक करक जनक िलए पसा कमा रह थ व ह चल

गए ldquoउह बार - बार यह कचोटता क उहन सार ससार क बNच को ________________________________________________________________________

43 वह प - 168

44 वह प - 169

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 33: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

57

अटड कया एक अपन ह बNच को नह कया इस पश म उह कभी

इतना वY ह नह दया क वह अपन बNच क बाप बन पाए उह Uया

पता था क बNच य अचानक चल जाएग rdquo (45)

इस नशस हयाकाड क हयार का नाम मातड था वह मह न - भर

पहल ह िशमला ःकल म चपरासी िनयY हआ था हयार को दखकर डॉ

गoा चक गए Uयक वह पOरिचत चहरा था उस आदमी न मई क7

दोपहर म डॉ गoा का दरवाजा खटखटाया था लकन डॉ गoा बाहर नह

िनकल थ उस आदमी का घायल बNचा उसक हाथ म करहा रहा था

ःकटर का पहया उसको रदता हआ िनकल गया था उस आदमी क बार -

बार िमनत करन पर भी डॉ गoा न उसका इलाज नह कया था ldquoउस

आदमी न अपना घायल बNचा बरामद म िलटा दया और िच$लाया ldquoम1

जानता ह डॉUटर साहब आप बाहर Uय नह िनकल रह म1 एक िनहायत

मामली दकानदार ह मर पास इस वY चाद क7 जती होती तो आपक िसर

पर मारता और आप खशी स खोपड़ सहलात हए मरा बNचा बचा लत आप

डॉUटर नह जानवर ह1 पस क गलाम आपस िनपट लगा डॉUटर साहब

कभी मरा भी मौका लगगा rdquo (46)

उस बात का बदला वह +यY ऐस लगा डॉ गoा को इसका अदाजा

भी नह था अनितक ढग स पसा कमाना डॉ गoा क िलए आम बात थी

ममता कािलया न इस सग क मायम स गर ब +यY क7 मजबर और

डॉUटर क7 असवदनशीलता को िचऽत कया ह ममता जी का यह लघ

उपयास डॉ िगनस तथा डॉ शीतल बड क मायम स यह तCय उजागर ________________________________________________________________________

45 46 वह प - 190

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 34: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

58

करता ह क िचकसा वaान और सवदनशीलता क7 कोई द मनी नह ह

िचकसा वaान एक वरदान ह लकन कछ लालची लोग न इस

अिभशाप बना दया ह िचकसक यद अपन कत+य का उिचत िनवाह

कर तो वह भगवान का दसरा Bप होता ह

Ocircलड़कयाOtilde उपयास क मायम स ममता कािलया न वaापन जगत

क7 सNचाई को उजागर कया ह वaापन को चिलत बनान क िलए नई-

नई मॉडल लड़कय का योग कया जाता ह

घटया स घटया वःत को भी चार क मायम स बचा जा सकता

ह वaापन कपिनया ःवय को बहतर बतान क िलए ऐसा जगल तयार

करती ह1 जो लोग क7 जबा पर चढ़ जाता ह उपभोYा को आकषत करन

कए िलए खबसरत मॉडल का इःतमाल कया जाता ह अिधकतर

वaापन क$पना शय और तक ह न होत ह1 ःमाटनस क अलावा उनम

कछ नह होता

ldquoजस एक खास िसगरट क7 वaापन फ$म क7 झलक7 यह थी क

जो लड़का वह खास िसगरट पीता ह झड क7 झड लड़कया उस घर लती

ह1 उसक वपर त जो लड़का वह िसगरट नह पीता वह बहद कजस

दhब और फसJड ह rdquo (47)

इस कार ममता जी न वaापन जगत का झठ दखावा व इसम

िचऽत कया ह लब अतराल क बाद इनका एक लघ उपयास lsquoएक प]ी

क नोटसrsquo कािशत हआ जो काफ7 चिलत रहा इसम उहन एक आई

एएस अिधकार सद प और उसक7 वकत मानिसकता को िचऽत ________________________________________________________________________

47 वह प - 80

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 35: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

59

कया ह

सद प बहत घमड एव आमक ित +यY ह वह अपनी +याwयाता

प]ी कवता पर हमशा वचःव ःथापत करन क7 कोिशश करता ह वह

छोट - छोट बात पर उस ताड़त करता ह उस अपनी बRमता एव

सदरता का अयिधक अिभमान ह वह दसर को ह न दखान क िलए

कसी भी हद तक जा सकता ह उसक7 जस बRमता स भावत होकर

कवता न उसस शाद क7 थी उसी क कारण उस बाद म घटन महसस

होन लगती ह

सद प का अहकर उस अNछा पित नह बनन दता छोट -छोट बात

पर कवता को मानिसक ताड़ना दता ह कवता मानिसक Bप स टट

जाती ह वह अपन Oरत को बचान क7 हर सभव कोिशश करती ह परत

सद प का शक और अह यह सभव नह होन दता और तग आकार वह घर

छोड़ दती ह सद प बहत नाटक7य अदाज म उस चलती शन स मनाकर

ल आता ह

हमार समाज म घरल हसा और मानिसक ताड़ना आज भी समाo

नह हई ह1 उNच िशAत लड़कया भी इसका िशकार बनती ह1 कछ

उNच िशAत यवा लड़क क7 आज भी वह सामतीय सोच ह जसका

िचऽण ममता कािलया न इस उपयास म कया ह

ldquoदौड़Otilde आज क उस मन य क7 कहानी ह जो बाजार क दबाव समह

उनक परोA - अपरोA मारक तनाव आबमण और िनममता तथा अधी दौड़

म न^ होत मन य क आसन खतर म पड़ मन यव को उजागर करती

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 36: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

60

ह यह रचना मन य क7 पारःपOरक स8बध क7 परपरा और वतमान क7

जटलताओ क मय वकराल होत अतराल क7 पड़ताल करती हrdquo (48)

लखका मा और पऽकार पता का बटा पवन एमबीए करक अहमदाबाद

म भाईलाल कपनी म नौकर करता ह कपिनय म आपस म अयिधक

ःपधा ह इसिलए व यवाओ को लभान क िलए अिधक वतन दत ह1

ममता कािलया न बीसवी सद म बहराीय कपिनय क कारण रोजगार क7

नई सभावनाओ को िचऽत कया ह कपनी म नौकर पान क िलए सभी

यवा अधी दौड़ म शािमल हो गए कला और साहय म कसी क7 Xिच

नह रह मा - बाप म भी अपन बNच को बधन क7 डमी दलवाकर

वदश भजन क7 होड़ लगी थी ममता जी न इसका वणन करत हए िलखा

ह ldquoबीसवी शताhद क अितम दशक क तीन जादई अAर न बहत स

नौजवान क जीवन और सोच क7 दशा ह बदल डाली थी य तीन अAर

थ एमबीए नौकOरय म आरAण क7 आधी स सकपकाय सवण पOरवार

धड़ाधड़ अपन बट बटय को एमबीए म दाखल होन क7 सलाह द रह

थ rdquo (49)

कवल डमी कर लन स ह नौजवान क7 मसीबत खम नह हो

जाती नौकर क िलए उह अपना घर-पOरवार सख-चन सब छोड़ना पड़ता

ह नौकर म पर जमान क िलए नवयवक दन-रात अथक पOरौम करत

ह1 कपनी क लआय इतन ऊच होत ह1 क उनको ाo करन व अपनी भख-

lयास सब भल जात ह1 उसक बावजद ितःपधा इतनी अिधक होती ह क

सबक िलए लआय ाo कर पाना सभव नह होता ________________________________________________________________________

48 दौड़ ममता कािलया -लस

49 वह प - 22

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 37: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

61

ldquoघर स इतनी दर य सब सफलता क सघष म लग ह1 न इह

भोजन क7 िचता ह न आराम क7 एक आख क8lयटर गड़ाए य भोजन क7

रःम अदा कर लत ह1 और फर लग जात ह1 कपनी क +यापार लआय िसR

करन म जाहर ह +यापार या लाभ लआय इतन ऊच होत ह1 क िसR का

सख हर एक को हािसल नह होता िसR इस दिनया म एक चार पहया

दौड़ ह जसम ःटयOरग आपक हाथ म ह पर बाक7 सार कशो$स कपनी क

हाथ म rdquo (50)

ममता कािलया न आधिनक समाज म ितःपधा क7 दौड़ म तनाव

झल रह यवक का यथाथ िचऽण इस उपयास म कया ह आज क7 यवा

पीढ़ नौकर म इतनी +यःत ह क उनक पास समय का अयिधक अभाव

ह इस ितःपधा म लड़कया भी पीछ नह ह1 उह तो और अिधक

चनौितय का सामना करना पड़ता ह राजल क मायम स लखका न

इस बात को उजागर कया ह राजल ववाह पव नौकर करती थी वह

नौकर स इसिलए हटा द गई Uयक वह गभवती थी उसक7 वaापन

एजसी यह मानती थी क घर और दQतर दोन सभालना लड़कय क बस

क7 बात नह इसम उहन वaापन जगत क7 सNचाई को भी उजागर

कया ह मॉडिलग क नाम पर लड़कय क शोषण का वणन करत हए

उहन िलखा ह ldquoरोज नयी - नयी लड़कया मॉडल बनन का सपना आख

म िलए हए कपनी क ार खटखटाती उनक शोषण क7 आशका स इनकार

नह कया जा सकता था rdquo (51)

वaापन कपिनया नितक म$य को ताक पर रखकर चार करती थी ________________________________________________________________________

50 वह प - 22

51 वह प - 38

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 38: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

62

वaापन झठ होत ह1 इस बात स इकार नह कया जा सकता

वaापन जनता को बवकफ बनात ह1 अिभषक और राजल क7 बात स

यह तCय उजागर होता ह अिभषक कहता ह ldquoहम लोग सोना डटरजट

क7 एड फ$म जब शट कर रह थ तो सीवस क Uलीन डटरजट स हमन

बा$ट म झाग उठवाय थ Uलीन म सोना स Sयादा झाग पदा करन क7

ताकत ह rdquo (52)

आजकल बNच आदशवाद न होकर यथाथवाद हो गए ह1 व अपन

घर क सःकार और सःकित सब भल चक ह1 इसी का िचऽण ममता

कािलया न इस उपयास म कया ह पवन क मा-बाप क वातालाप क

मायम स इसका िचऽण कया ह रखा कहती ह क ldquoपहल त8ह भय

था क बNच कह तम जस आदशवाद न बन जाए इसिलए उस एमबी

ए कराया अब वह यथाथवाद बन गया ह तो त8ह तकलीफ हो रह ह rdquo

(53)

ldquoसबक बNच पढ़-िलखकर बाहर चल जा रह ह1 हर घर म समझ

एक बढ़ा एक बढ़ एक कgा और एक कार बस यह रह गया ह rdquo (54)

बदलत पOरवश क साथ - साथ सबध म पOरवतन आ रहा ह

आजकल बNच तरत िनणय लत ह1 यहा तक क शाद जस महवपण

फसल भी बना मा ETH बाप क7 अनमित स तरत तय कर िलए जात ह1

नौजवान क7 नई सोच स ववाहक सबध म भी पOरवतन आ रहा ह

________________________________________________________________________

52 वह प - 41

53 वह प - 44

54 वह प - 43

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 39: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

63

ःटला और पवन क7 शाद स लखका न इसका िचऽण कया ह

पवन अपन माता-पता को फोन पर ह बताता ह क उसन लड़क7 पसद

कर ली ह और व अगल मह न शाद कर लग पवन क माता - पता यह

खबर सनकर हतद रह गए रखा को लगा क पवन मज़ाक कर रहा ह

इसिलए उसन राजकोट जाकर इस बात क7 तस$ली करनी चाह लकन

वहा पवन न ःटला का पOरचय करवात हए कहा ldquoमा ःटला मर बजनस

पाटनर लाइफ पाटनर Bम पाटनर तीन ह rdquo (55)

अववाहत होत हए भी लड़का - लड़क7 साथ रहन का चलन भारतीय

समाज म बढ़ता जा रहा ह इसक मायम स ममता जी न इह सबध

को उजागर कया ह पवन क7 मा को वह लड़क7 ब$कल पसद नह

आयी उहन उसस कहा क वह ब$कल उसक लायक नह ह तो

पवन न कहा क दाद न भी पापा स आपक बार म कछ इसी कार कहा

था लकन पापा न उनक7 बात नह मानी थी यह सनकर रखा का

सवाग सताप स जल उठा

रखा को रोना आ गया उस लगा पवन को अय यथाथ का दौरा

पड़ा ह वह शाद भी परपरागत ढग स नह करना चाहता था वह शाद

को भी ड ल कह रहा था वह ःवामी जी क आौम म सामहक ववाह

करना चाहता था बट क7 बात मानन क अलावा और कोई चारा नह था

ममता कािलया न इस उपयास म आधिनक समाज म िशAत Lी क7

बदली हई ःथित का ःटला क मायम स यथाथ िचऽण कया ह ःटला

क8lयटर म इतनी दA ह क पवन उस क8lयटर वजड कहता ह लकन

____________________________________________________________________________________________________________________________________

55 वह प - 48

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 40: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

64

रसोई का काम उस नह आता जब पवन क7 मा उसस खाना बनाना

सीखन क िलए कहती ह तो वह कहती ह क यद पवन को ःवाद^ खाना

चाहए तो वह बनाना सीख ल जब मा पवन स कहती ह क ःटला को

दाल - रोट तो बनानी ह आनी चाहए तो पवन कहता ह क उस ःटला को

बावच नह बनाना खाना बनान वाला पाच सौ Bपय म िमल जाएगा

रखा गःस म कहती ह ldquoऔर म1 जो सार उ तम लोग क7 बावच

धोबन जमादाOरन बनी रह वह rdquo ldquoगलत कया आपन और पापा न आप

चाहती ह1 वह गलितया म1 भी कB rdquo (56)

ldquoदो दन सलवार सट पहनन क बाद ःटला न कह दया ldquoम1 दपdटा

नह सभाल सकती rdquo वह वापस अपनी य पोशाक जीस और टॉप म

नजर आई उसक7 +यःतता भी इस तरह क7 थी क िलबास को लकर

ववाद नह कया जा सकता था rdquo (57)

इस कार ममता कािलया का यह लघ उपयास अयत उ$लखनीय

ह इUक7सवी सद म भारतीय समाज म समय क साथ अनक पOरवतन

हए यथा- पाOरवाOरक सबध का वखडन यवाओ क7 बाजारवाद सोच धन

का वचःव नितक म$य का पतन यवा पीढ़ क7 दशाह नता िचताए नई

वचारधारा तनाव तथा िशAा म बढ़ती ितःपधा आद इन सभी का

वणन करन म ममता कािलया सफल रह ह

ldquo हद क7 समकालीन कथाकार ममता कािलया को पर गभीरता स

मचद क7 परपरा क7 लखका मानना चाहए इस बात क7 जोरदार प^

_____________________________________________________________

56 वह प - 69

57 वह प - 68

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 41: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

65

उनक नवीनतम उपयास OcircदUखम-सUखमOtilde स होती ह rdquo (58)

OcircदUखम ETH सUखमrsquo उपयास का मख गण उसक7 रोचकता ह यह

उपयास तीन पीढ़य क7 िचऽत करता ह यह िन8न - मयमवगय

पाOरवाOरक जीवन क7 कथा ह यह कवमोहन और उसक पOरवार क7

कहानी ह कव उNच िशAा ाo कर रहा यवक ह उसक पता नथीमल

और मा वावती परान वचार क ह1 कव क7 प]ी इद अपन सास-

ससर व ननद क साथ रहती ह उसक7 दो बटया ह1 जसक कारण इद

को यक Aण अपमान सहन करना पड़ता ह वावती इद को हमशा

तान मारत रहती ह वह इद का उसी कार अपमान करती ह जस कार

तीन बटया होन पर उस सहन करना पड़ा था वावती अपनी बड़ पोती

व बटय क ित सवदनशील ह परत इद क साथ वह द+यवहार करती

ह उपयास का ार8भ इद क7 दसर बट क जम स तथा अत

वावती क7 मय स होता ह ममता कािलया न इस उपयास म

ःवतऽता सघष क दन स लकर ःवतऽता ािo क बाद क दन तक क

समाज क7 झाक7 को ःतत कया ह

नद कशोर नवल क अनसार ldquoइस उपयास क7 एक बड़ भार

वशषता यह ह क यह न लाला नथीमल क7 कहानी ह न वावती क7

न इद क7 और न उसक7 दो बटय ितभा और मनीषा क7 य सभी

अपन चOरऽ और +यवहार स कथा - धारा म उगत और डबत ह1 और बहत

ह मद गित स बदलन वाल िन8नमयवगय भारतीय समाज क7 कहानी

कहत ह1 rdquo (59)

_____________________________________________________________

58 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 34

59 वह प - 35

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 42: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

66

उपयY कथन क आधार पर हम कह सकत ह1 क ममता कािलया का

यह उपयास समकालीन हद कथा म वशष उ$लखनीय ह ममता

कािलया न अपन उपयास म भारतीय समाज का िचऽण कया ह उहन

हमार समाज म बदलत पाOरवाOरक म$य बरोजगार ^ाचार समाज म

नार क7 ःथित यवा पीढ़ क7 नई वचारधारा को िचऽत कया ह उनक

उपयास Ocircबघरrsquo तथा lsquoनरक दर नरकrsquo को ओसाका यिनविसट जापान

क पायबम म शािमल कया गया ह जसस उनक7 गOरमा म और भी

चार चाद लग गए ह1

23 कहानी -

कहानी ऐसी वधा ह जसम लखक को कम शhद म Xिचकर ढग

स अपनी बात ःतत करनी पड़ती ह ममता कािलया क7 कहािनया पहल

वाUय स पाठक क मन को बाध लती ह1 इनक7 कहािनय म सामाजक

चतना क साथ - साथ मानवीय सवदनाओ को भी ःथान िमला ह ममता

कािलया का$पिनक पाऽ नह गढ़ती उनक7 कहािनया जीवन क ठोस

धरातल को ःतत करती ह1

उपनाथ अक जी क अनसार ldquo िन8न मयवगय जीवन क छोट-

छोट hयौर का गफन नतर का-सा काटता तीखा +यWय और चःत चट ल

जमल उसक7 कहािनय क मख गण ह1 rdquo (60)

उहन सामाय जीवन क अनभव आधार पर लखनी चलाई ह

उनक7 रचनाओ म भारतीय समाज का यथाथ िचऽण तथा मयवग म नार

_____________________________________________________________ 60 मखौटा ममता कािलया -लस

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

_____________________________________________________________

61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 43: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

67

क सघष का िचऽण हआ ह उनक7 कहािनया पाठक क मन को उिलत

करती ह1 ममता कािलया न साधारण पाऽ क मायम स असाधारण ग5

क7 रचना क7 ह उनक7 कहािनय म बदलत समाज क स1कड़ sय ह1 जो

पाठक को अजनबी नह लगत

aान काश ववक क अनसार ldquoयह ममता कािलया क7 शली ह

कथा - कौशल ह भाषा का सच ह अतवःत क7 सादगी और चीज को

दखन- परखन तथा महसस करन क7 सआम s^ ह क छोट स छोट

कहािनया भी अपन lsquoकदrsquo म बड़ नजर आन लगती ह1 rdquo (61)

इनक7 कहािनय क पाऽ मयवगय ह1 जो िनजी जीवन म हर रोज

छोट- छोट सघषZ स गजरत ह1 ममता जी क आज तक कल बारह कहानी

समह कािशत हो चक ह1 लगभग 144 कहािनय का उनका यह रचना

ससार आधिनक भारतीय समाज का दपण ह उनक मख कहानी समह

का सामाय पOरचय इस कार ह1 -

231 छटकारा -

सन 1969 म कािशत ममता जी का यह थम कहानी समह ह

जसम 14 कहानी सकिलत ह1 Ocircबड़ दन क7 पव साझrsquo इस कहानी समह

क7 थम कहानी ह Ocircछटकाराrsquo कहानी इसम छठ ःथान पर ह इनक

अितOरY इस समह म Ocircव तीन और वहrsquo lsquoयह जBर नह rsquo lsquoबीमार rsquo

lsquoअप]ीrsquo lsquoउसी शहर मrsquo lsquo जदगी सात घट बाद क7Otilde Ocircपछल दन का

अधराrsquo lsquoसाथrsquo lsquo बतरतीबrsquo lsquoशहर शहर क7 बातOtilde Ocircवrsquo एव lsquoदो जBर चहरOtilde

कहािनया शािमल ह1

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61 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

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62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 44: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

68

232 एक अदद औरत -

यह कहानी समह सन 1975 म कािशत हआ था इसम कल 06

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoलड़कrsquo ह शीषक

कहानी छठ ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquoरायवालीrsquo lsquoवसत िसफ

एक तार खrsquo lsquoतःक7 को हम ना रोएOtilde एव lsquoखाली होता हआ घरOtilde स8मिलत

ह1

233 सीट नबर ह -

यह इनका तीसरा कहानी समह ह जो सन 1976 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी पहल ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoफक नह rsquo lsquoलगभग िमकाrsquo Ocircिनवदनrsquo lsquo जतना

त8हारा हrsquo lsquoगःसाrsquo lsquoबातचीत बकार हrsquo lsquolयार क बादrsquo lsquoपीली लड़क7rsquo

lsquoआमरAाrsquo lsquoउपलhधrsquo lsquoआजाद rsquo एव lsquoअनावयकrsquo कहािनया ह1

234 ितदन -

यह कहानी समह सन 1983 म कािशत हआ था इसम कल 08

नई कहािनया समहत ह1 इस समह क7 पहली कहानी lsquoकाली साड़ rsquo ह

इसक अितOरY इसम lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo lsquoएक जीिनयस क7 म कथाrsquo

lsquoतोहमतOtilde Ocircलला मजनrsquo lsquo मदराrsquo lsquoमाOtilde एव lsquoकवमोहनrsquo स8मिलत ह1

235 उसका यौवन -

ममता जी का यह कहानी समह सन 1985 म कािशत हआ था

इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी थम ःथान पर

ह इसक अितOरY इसम lsquoनई दिनयाrsquo lsquoअपन शहर क7 बgयाrsquo lsquoआहारrsquo

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

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63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 45: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

69

lsquoपचीस साल क7 लड़क7Otilde Ocircराजrsquo lsquoमनहसाबीrsquo lsquoमहhबत स खलाइएOtilde

अdठावनवा सालrsquo lsquoमनोवaानrsquo lsquoआलमार rsquo lsquo बटयाrsquo एव lsquoदपणrsquo कहािनया

स8मिलत ह1

236 जाच अभी जार ह -

यह ममता जी का छठा कहानी समह ह जो सन 1989 म कािशत

हआ था इसम कल 16 कहािनया सकिलत ह1 शीषक कहानी समह म

तीसर ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo सिमनारrsquo lsquoउमसrsquo Ocircरजत

जयतीrsquo lsquoइUकसवी सद rsquo lsquoदा8पयrsquo lsquoनया ऽकोणrsquo lsquo या पाAकrsquo

lsquoअनभवrsquo lsquoपहलीrsquo lsquoनायकrsquo lsquoवदrsquo lsquoचोdटनrsquo lsquoझठrsquo lsquoशॉलrsquo एव lsquoइरादाrsquo

कहािनया ह1

237 बोलन वाली औरत -

ममता जी का यह सातवा कहानी समह सन 1998 म कािशत हआ

था इसम कल 13 कहािनया सकिलत ह1 इसम शीषक कहानी समह क

थम ःथान पर ह इसक अितOरY इसम lsquo मलाrsquo lsquoलक7rsquo lsquo खड़क7rsquo

lsquoजनमOtilde Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo lsquoतासीरOtilde Ocircकताब म कद आदमीrsquo lsquoपयाय

नह rsquo lsquoएक अकला दखrsquo lsquoअRािगनी rsquo एव lsquoबNचाrsquo कहािनया स8मिलत ह1

238 मखौटा -

यह ममता जी का आठवा कहानी समह ह जो सन 2003 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 20 कहािनया ह1 इनम स दो

कहािनया lsquoआलमार rsquo एव lsquoलड़कया बमश lsquoउसका यौवनrsquo एव lsquoितदनrsquo

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी इस समह म चतथ

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 46: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

70

ःथान पर ह इनक अितOरY इसम lsquoएक रगकम क7 उदासीrsquo lsquo िचरकमार rsquo

lsquoबाल बाल बचन वालrsquo lsquoपरदशrsquo lsquoितcrsquo Ocircसफर मrsquo lsquoमान लो कrsquo

lsquoउgर-अनरागrsquo lsquoयामाrsquo lsquoसीमाrsquo lsquoरोगrsquo lsquoएक दन अचानकrsquo Ocircएक अकला

दखOtilde lsquoदसरा दवदासrsquo lsquo Oरत क7 बिनयादrsquo lsquoबाण गगाrsquo एव lsquoछवrsquo ह1

239 िनमह -

सन 2004 म कािशत इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1

शीषक कहानी इस समह म थम ःथान पर ह इनक अितOरY इसम

lsquoसलमानrsquo lsquoऐसा ह था वहrsquo lsquoद$लीrsquo lsquoवह िमली थी बस मrsquo lsquoबागड़rsquo

OcircबाथBमrsquo lsquo िसकदरrsquo lsquoनमकrsquo lsquo पकिनकrsquo lsquoखानपानrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoमनीrsquo

Ocircउड़ानOtilde lsquoसमयrsquo lsquoपीठrsquo एव lsquoसवार और सवार rsquo कहािनया ह1

2310 िथएटर रोड क कौव -

यह ममता जी का दसवा कहानी समह ह जो सन 2006 म कािशत

हआ था इस कहानी समह म कल 26 कहािनया ह1 जनम स 19

कहािनया पव म कािशत हो चक7 ह1 इनम स lsquoमाrsquo lsquoआपक7 छोट

लड़क7Otilde एव lsquoलला मजनrsquo तीन कहािनया lsquoितदनrsquo कहानी समह म Ocircवसत

िसफ एक तार खOtilde एव lsquoलड़कrsquo दो कहािनया Ocircएक अदद औरतOtilde कहानी समह

म Ocircजाच अभी जार हOtilde एव lsquoसिमनारrsquo दो कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde

कहानी समह म Ocircनमकrsquo lsquoपीठrsquo lsquoबोहनीrsquo lsquoबाथBमrsquo ऐसा ह था वहrsquo

नामक पाच कहािनया lsquo िनमह rsquo कहानी समह म lsquoबोलन वाली औरतrsquo

lsquo खड़क7rsquo Ocircरोशनी क7 मारrsquo lsquo सवाrsquo तथा lsquoबNचाrsquo नामक पाच कहािनया

lsquoबोलन वाली औरतrsquo कहानी समह म lsquoआजाद एव Ocircछटकाराrsquo कहािनया

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

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62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 47: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

71

बमश lsquoसीट नबर छहOtilde तथा lsquoछटकाराrsquo कहानी समह म कािशत हो चक7

ह1

इस कहानी म शीषक कहानी क अितOरY lsquoउनका जानाrsquo lsquoचोर rsquo

lsquoसनीrsquo lsquoछोट गXrsquo lsquoखशकःमतrsquo एव Ocircनए दोःतrsquo ह1

2311 पचीस साल क7 लड़क7 -

सन 2006 म कािशत यह ममता जी का Wयारहवा कहानी समह ह

इस कहानी समह म कल 12 कहािनया ह1 जनम स 10 कहािनया अय

समह म कािशत हो चक7 ह1 शीषक कहानी भी Ocircउसका यौवनOtilde नामक

कहानी समह म कािशत हो चक7 ह Ocircजाच अभी जार हOtilde तथा OcircसिमनारOtilde

कहािनया Ocircजाच अभी जार हOtilde नामक कहानी समह म Ocircएक अकला दखOtilde

एव Ocircखड़क7Otilde कहािनया Ocircबोलन वाली औरतOtilde म Ocircिचरकमार Otilde एव Ocircदसरा

दवदासOtilde कहािनया OcircमखौटाOtilde म OcircखानपानOtilde Ocircबीमार Otilde तथा तोहमतOtilde बमश

Ocircिनमह Otilde OcircछटकाराOtilde तथा OcircितदनOtilde म कािशत हो चक7 ह1 इसक

अितOरY Ocircकौव और कोलकgाOtilde तथा Ocircअकिलया दकिलयाOtilde इस कहानी समह

म नई कहािनया ह1

2312 काक द हdट -

ममता जी का यह बारहवा कहानी समह सन 2010 म कािशत हआ

था इस कहानी समह म कल 17 कहािनया ह1 शीषक कहानी इसम थम

ःथान पर ह इसक अितOरY Ocircएक Oरता तो थाOtilde Ocircजात हए लोगOtilde OcircसरAा

का आतकOtilde OcircइलाजOtilde Ocircदसर आजाद Otilde OcircशकOtilde Ocircबीतत हएOtilde OcircिशयाOtilde Ocircजोरदार

तािलयाOtilde Ocircएक पित क7 मौतOtilde Ocircछोट खलाड़ Otilde OcircअनावयकOtilde Ocircफर भी

lयारOtilde Ocircउनका जानाOtilde Ocircछोट गXOtilde तथा OcircवारदातOtilde कहािनया शािमल ह1

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

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62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 48: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

72

इनक7 कहािनय क Lी पाऽ उNच िशAत ह1 जसम +याwयाता

ाचाय लखका तथा दQतर म काम करन वाली अिधकार आद शािमल

ह1 य सभी Lया आम-िनभर व ःवािभमानी ह1 जो अपनी िनजता क

िलए सघष करती ह1 इनक7 कहािनया आधिनक समाज का दपण भी ह1

उहोन भारतीय समाज क बदलत ढाच को अपन लखन म ढाला ह ममता

जी न अपनी कहािनय म चार दशक म बदलत हए पाOरवाOरक स8बध

नौजवान क7 सोच बदलती िशAा णाली बाजारवाद सोच धन लोलपता

Lी क7 असरAा ^ाचार महगाई दहज था कया ण हया आद का

िचऽण कया ह उहन समाज क कई अछत पहलओ पर लखनी चलाई

ममता कािलया क7 कहािनया इतनी Xिचकर ह1 क थम वाUय स

पाठक को मऽमWध कर दती ह1 यथा - ldquoउसका यौवन एक बरोजगार कम

पढ - िलख नवयवक वराम क7 कहानी ह जो अपन दोःत क साथ ताश

खलकर समय बबाद करता ह पढ़ाई म उसका मन नह लगता वह

िशAा णाली को ह दोष दता ह वराम हर साल कड़ महनत का इरादा

कर टाइम टबल बनाता ह जसम उस नहान तक क7 भी छट नह होती

परत वह उस पर अमल नह करता उसक नाम क अनBप उसक जीवन

पर वराम लगा हआ ह ममता कािलया न उसक7 ःथित का वणन करत

हए िलखा ह ldquoकभी-कभी वराम को लगता ह जीवन एक रलगाड़ क7 तरह

दौड़ रहा ह और वह एक lलटफ़ाम क7 तरह ःथर ह rdquo(62)

इसी कार lsquoलड़कrsquo कहानी क क ि बद लड़क नह ह1 ब$क लड़क

_____________________________________________________________

62 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 36

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 49: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

73

तो वह साधन जसक ारा सरकार अफसर क7 ^ता उजागर होती ह

सरकार अफसर सरकार जीप को अपन िनजी कायZ क7 िलए योग लात

ह1 ममता कािलया न इस कहानी म बरोजगार ^ाचार तथा सरकार

साधन का दXपयोग अयत रोचक ढग स िचऽत कया ह

इनक7 चिचत कहािनय म स8मिलत lsquoवसत िसफ एक तार खrsquo

कहानी क7 नाियका वसत क एक दन अयत उसाह स एक कॉलज क7

ाचाया स िमलन जाती ह जो पहल कवियऽी अयापका थी और कहानी

क7 नाियका उस भावत करन क िलए उनक7 कवताय कठःथ कर सनाया

करती थी वसत क दन वह बन - सवर कर नौकर पान क wयाल स

उसस िमलन जाती ह इस कहानी म ममता कािलया न एक कठामःत बर

ाचाया का िचऽ उकरा ह जो बड़ िनदयता स lयासी लड़कय को गट स

बाहर जाकर पानी पीन क7 इजाजत नह दती ह कहानी पढ़त - पढ़त अत

म न वसत याद रहता ह और न ह तार ख कवल याद रहती ह तो ाचाया

क7 िनदयता जो वह lयासी लड़कय और गभवती अयापका क साथ

करती ह नाियका का उसाह भी उसक7 बरता म झलसकर मर जाता ह

इसी कार Ocircलला मजनrsquo कहानी क मायम स ममता कािलया न

समय क अनसार बदलत म का िचऽण कया ह इसम उहन पकज

और शोभा क मायम स िन8न-मयमवगय पOरवार क7 समःयाओ का

वणन कया ह व दोन एक दसर क म म अपन आप को स8पण

समझत ह1 व एक कमर क घर म रहत ह1 जहा अितिथय क

आगमन स उह अनक कठनाइय का सामना करना पड़ता ह उनक

जीवन क7 गाड़ ऐस ह दUखम - सUखम चलती रहती ह

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

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64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 50: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

74

इसम ममता कािलया न गहणी क छोट - छोट सघषZ को अयत

वाःतवकता स िचऽत कया ह घर और बNच क7 आवयकताओ क7

पित करत - करत शोभा पकज को समय नह द पाती ह पकज ःवय को

उपAत महसस कर अपना अिधक समय बाहर बतान लगता ह इन सब

स परशान शोभा अपन मन म पकज का वदर Bप भी दख लती ह उस

लगन लगता ह क ETH पकज अNछा पित नह ह कहानी का अत

लखका न अयत रोचक ढग स कया ह पकज शोभा को चाय दत हए

कहता ह ldquoचाय क7 तलब हो रह थी त8हार िलए भी बना ली दध बहत

ढढा नजर ह नह आया तम फब न करो म1न दध क जगह थोड़

महhबत िमला द ह दखो पीकर लला चाय पी रह थी rdquo (63)

इस कार ममता कािलया न अपन खलदड़ अदाज म नई गहःथी क7

समःयाओ का वणन कया ह लला मजन क7 तरह म म रम जोड़ क

सामन जब गहःथी क7 वाःतवकता आती ह तो यक दपित पकज व

शोभा क7 तरह महसस करता ह

ममता कािलया क कथा - साहय क7 यह वशषता ह क वह

वाःतवकता स ओत-ोत ह उसम क$पना क िलए कोई ःथान नह ह

उनक7 कहािनय का क ि बद सामाजक समःयाए रहा ह उहन बदलत

हए समाज तथा पाOरवाOरक स8बध म घटती सवदना को lsquoअप]ीrsquo

lsquoछटकाराrsquo तथा lsquoबीमार rsquo कहानी क मायम स िचऽत कया ह

lsquoअप]ीrsquo कहानी म बोध एव लीला बना शाद कए हए एक साथ

रहत ह1 लीला बोध क पहली प]ी स तलाक क7 तीAा कर रह होती

_____________________________________________________________

63 चिचत कहािनया ममता कािलया प - 41

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

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65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 51: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

75

ह परत वह अववाहत िमका नह ह हर श पहल अपन दोःत बोध क

साथ रहता था बोध चाहता था क शाद क बाद भी हर श उनक साथ

रह लकन हर श क7 प]ी को यह बात पसद नह ह वह लीला को

पसद नह करती जब हर श और उसक7 प]ी उनस िमलन उनक घर जात

ह1 तो बोध उनस बरती जान वाली lsquoसावधानीrsquo क बार म पछता ह बोध

बताता ह क डॉUटर क रट बढ़ गए ह1 पछल हQत ह उहन डढ़ हजार

दन पड़ थ बोध एक आसान तर क क बार म बतात हए लीला को

गोिलय का पकट उह दखन को कहता ह इन सब बात स हर श और

उसक7 प]ी असहज महसस करत ह1 लखका न इन चार क वातालाप क

मायम स तथा लीला क टाग चौड़ करक बठन क ढग स बोध और लीला

क7 अीलता को दिशत कया ह

लड़क7 का शाद कए बना कसी पXष क साथ रहना भारतीय समाज

म असbय माना जाता ह भारतीय सःकित ववाह पव ऐस स8बध को

ःवीकित नह दती लखका न इसम हमार बदलती हई सbयता तथा

सःकित को िचऽत कया ह

इसी कार lsquoछटकाराrsquo कहानी का बऽा ढाई मह न बाद नाियका स

िमलन पर द$ली क7 पीली धप क7 चचा करता ह बऽा क7 बात का

बनावट पन नाियका पसद नह आता उसक7 औपचाOरकता स आहत होकर

नाियका वापस लौट जाती ह

lsquoबीमार rsquo कहानी भाई - बहन क सबध म सवदना क Aरण क7

कहानी ह बहन क कडनी म सबमण होन पर भाई औपचाOरकता क

िलए उसस िमलन अपनी प]ी क साथ आता ह उसक7 प]ी कवारपन म

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

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इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 52: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

76

कडनी क सबमण को लड़क7 क दOरऽ का माण मानती ह भाई सार

खच हए Xपय का हसाब िलखकर रखता ह भाई उसको सवधा व सरAा

क िलए अःपताल म भत होन क7 सलाह दता ह अपनी बीमार क समय

लड़क7 अपन आप को अयत अकला पाती ह उसक सग - सबिधय स

लकर दQतर क सहयोिगय तक सब उसक साथ औपचाOरक +यवहार करत

ह1 ऐस जBरत क समय म कोई उसका साथ नह दता

ममता कािलया न अपन जीवन क अनभव क आधार पर साधारण

लोग क जीवन क7 छोट - छोट समःयाओ पर लखनी चलाई lsquoकाली

साड़ rsquo lsquoदपणrsquo lsquoशॉलrsquo lsquoआजाद rsquo lsquoउमसrsquo lsquoपहलीrsquo Ocircरजत जयतीrsquo

lsquoअdठावनवा सालOtilde आद मयमवगय समाज क7 कहािनया ह1 lsquoकाली

साड़ rsquo कहानी क7 क$पना एक ःकल म अयापका ह क$पना और

उसक पित वनोद क वतन स मह न का खच मकल स िनकलता ह

इसका वणन करत हए लखका न िलखा ह ldquoमकान का कराया बजली

का बल बNच क7 फ7स OरUश का भाड़ा दध क दाम दत - दत तक वतन

का िलफाफा lsquoराम नाम सय हrsquo बोल पड़ता और क$पना चपचाप अपना

यान आयामक सतोष म लगान का य] करती वनोद रोज़मरा क7

गाड़ हाकता जसक7 राह म छोट - छोट गJड पड़त रहत - राशन गस

कताब और कभी - कभी भार खJड - महमान Oरतदार बीमार rdquo (64)

गहःथी का खच परा करत - करत ःवय पर खच करन क िलए पस

ह नह बचत एक औरत कस कार बचत कर क पस जोड़ती ह उसका

यथाथ िचऽण ममता कािलया न इसम कया ह ldquoय पस बड जीवट कमाई

_____________________________________________________________

64 वह प - 101

77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

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73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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77

ह उसन घर म hलक माक टग कर करक जोड़ ह1 जस साबन आया

Wयारह Xपए चालीस पस का मसाल नौ अःसी और चाय पgी सवा छ

क7 उसन घर आकार हाथ झाड़कर वनोद क सामन बसर दया ldquoतमन

तीस Xपए दय थ एक पसा नह बचा ब$क एक दकान पर अठनी उधार

करक आई ह rdquo चलो हो गए ढाई Xपए अदर फर डhब बोतल और

र5 अखबार क7 बब7 पर उसका शाjत अिधकार ह वह भी अदर rdquo

(65)

वह डबया उस अयत य ह परत वह अपनी सहली उSSवला को

वह साड़ भट करना चाहती ह उस ःवय भी साड़ अयत पसद ह परत

उस लगता ह वह उSSवला क गोर रग पर अिधक फबगी वह याग म

ह सख समझती ह बचपन स वह करती आई ह हमशा उसक हःस

जठन और उतरन ह आयी ह ldquoबड़ होन पर गाधी जी का आदश

अपनाया Ocircसादा जीवन उNच वचारOtilde और अब नहB क आदश पर जदगी

जी रह ह lsquoआराम हराम हrsquo कई बार उस लगता ह िसRात सब उसक

हःस बड़ ह1 सख कसी और क हःस क दखा जाए तो Uया सख

पाया rdquo (66)

इन सब कठनाइय क बावजद क$पना ःवय को सखी मानती ह

Uयक उस अयिधक म करन वाला पित िमला ह वनोद म कोई बर

आदत नह ह उसक lयार क कारण ह वह सभी मसीबत का डटकर

सामना करती ह वनोद अपन बोनस क Xपय स साड़ खर दन को कहता

_____________________________________________________________

65 वह प - 102

66 वह प - 104

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

_____________________________________________________________

67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 54: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

78

ह ldquo वनोद इसी कार उस बढ़ावा दता ह जदगी क धUक - मUक

स बचाता ह वह उसका सकटमोचन ह उसका शॉक आhजवर साड़ आ

जाएगी डबया को हाथ भी नह लगाना पड़गा rdquo (67)

इस कार ममता कािलया न िन8न मयमवगय पOरवार क7 छोट -

छोट इNछाओ क7 गहर वड8बना क साथ अकत कया ह इसम उहन

पित-प]ी क म वjास और याग को भी िचऽत कया ह अनत

मसीबत क बाद भी पित-प]ी एक-दसर क म म ःवय को समR महसस

करत ह1

lsquoदपणrsquo कहानी क7 पाऽ बानी सदर िशAत होत हए भी पित को

lयार क िलए तरसती ह उसका पित अयत यथाथधम +यY ह वह

अपना सारा जीवन नौकर म पदोनित पान व पसा बचान म झक दता ह

फजल क7 भावकताओ क िलए उसक पास समय नह ह वह बानी पर

अपना भव ःथापत करता रहता ह हर बात म उसक7 आaा आवयक

होती ह वह बानी क7 सिसग टबल क7 छोट - सी wवाइश को भी +यथ

समझता ह बानी जीवन भर दपण क िलए तरसती ह वह अपन सदय

को बड़ स दपण म दखना चाहती थी परत उसक7 यह इNछा तब पर होती

ह जब वह ौढ़ा हो जाती ह उसक पित न उसक अनक अरमान को

कचलकर मकान बनवाया था और उस एक बड़ा - सा दपण लगी ौगार

मज भट द थी दपण म अपना ितबब दखकर बानी ःतhध रह गई

उसक मनोभाव लखका न +यY करत हए िलखा ह ldquoयह वह थी

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67 वह प - 106

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

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68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

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इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

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सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

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अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 55: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

79

जसका ितबब इस वY दपण म पड रहा था परशान पःत चहरा Bखी

िनःतज आख सख ओठ कनपट पर चद सफ़द बाल और झOरया पड़

हाथ दह क आरोह-अवरोह सब गायब थ बाक7 थ ढ ल कध चपटा

वA वA स Sयादा प क$ह और कमर Uया यह वह बानी थी जस

ःकल म लड़कया lsquo बगाल का जादOtilde कहा करती थी अब यह

दपण िसफ दप कचलन क काम आ सकता था rdquo (68)

इस कहानी म ममता कािलया न पXष धान समाज तथा Lी पर

भव जतान क7 पXष क7 मानिसकता को दशाया ह Lी हर कार स

समथ होत हए भी अपनी छोट - छोट आकाAाओ क7 पित नह कर पाती

lsquoआपक7 छोट लड़क7rsquo और lsquoशॉलrsquo ममता कािलया क7 अत कहािनया

ह1 इनको पढ़त - पढ़त पाठक भावक हए बना नह रह सकता lsquoआपक7

छोट लड़क7rsquo कहानी क7 पाऽ टनी अपन ह मा - बाप क7 उपAा का

िशकार होती ह उसक7 बड़ बहन हर वषय म थम आती ह पढ़ाई क

साथ-साथ वह वाद - ववाद खलकद तथा नय-नाटक म भी परःकार ाo

करती ह टनी भी अपनी बहन जतनी मधावी ह परत उस पर कोई

यान नह दता इसम ममता कािलया न छोट - छोट सग क मायम

स टनी क मनोभाव का िचऽण कया ह

lsquoशॉलrsquo कहानी म ःकल क7 अयापकाए मानवता का ढग करती ह1

व ाचाया क कहन पर चपरािसन ननक7 क िलए शॉल खर दन क िलए चदा

इकdठा करती ह1 इतनी ठड म ननक7 नया शॉल पाकर अयत खश होती

_____________________________________________________________

68 वह प - 127

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

_____________________________________________________________

69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

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73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 56: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

80

ह लकन सबह स शाम तक अयापकाओ क तान सन - सनकर वह दखी

हो जाती ह और बड़ बहन जी को शॉल लौटा दती ह यह कहानी लखका

न मानवता का ढग करन वाल लोग को क ि म रखकर िलखी ह

ldquoजीवन और कलावाद क7 शाjत बहस म ममता कािलया कसक

साथ ह इस उनक7 कहानी lsquo सिमनारrsquo स समझा जा सकता ह अपन

रचनामक सरोकार को लकर पाखी क मन म कह कोई दवधा नह ह

कहानी म सीिमत और सरAत अनभव वाली जन लखकाओ क7 कहािनय

का उ$लख हआ ह ममता कािलया उह कलावाद स जोड़कर दखती ह1 rdquo

(69)

इसम उहन सिमनार क7 वाःतवकता स अवगत कराया ह

अिधकतर समीनार म बमल कहािनय को महव दया जाता ह

ममता कािलया न औरत क7 ःथित का वणन अपन जीवन क आधार

पर कया ह एक औरत क जीवन म दो पXष अयत महवपण होत ह1 -

शाद स पहल पापा तथा शाद क बाद पित इसी को ममता जी न

अपन जीवन म ःवय महसस कया ह lsquoदो जBर चहरrsquo कहानी का आधार

यह ह

ममता कािलया क7 कहािनया वाःतवकता और ईमानदार स ओत -

ोत ह1 इनक पाऽ म बनावट पन क7 गध नह ह भारतीय Lी यक

ःथित का सामना करन म सAम ह उनम सख - सख अतवरोध हष -

वषाद पाOरवाOरक िचताए और असहज ःथितय स जझन क7 sढ़ता ह

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69 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 25

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इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

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सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

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अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

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73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

_____________________________________________________________

74 वह प - 14

Page 57: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

81

इनक7 कहािनया आम जीवन क7 कसौट पर खरा उतरती ह1

lsquoजाच अभी जार हrsquo कहानी क7 नाियका एलट सी का एडवास ब1क

स लती ह परत अचानक अपन पताजी क7 तबीयत बगड़ जान क कारण

वह घमन नह जा पाती इसक7 सचना वह फोन करक अिधकार को द

दती ह लकन उस पर झठा बल पश करन तथा lsquoधोखाधड़ rsquo का आरोप

लगाया जाता ह अपणा पर लगाए सार आरोप िनराधार थ लकन उसक

बाद भी उसक खलाफ जाच क7 कायवाई होती ह Uयक उसन िलखत म

सचना नह द थी जाच क चUकर म वह अयत हताश हो जाती ह

उसक7 सार छdटया तथा शिनवार - रववार जाच क7 बली चढ़ गए थ

वह इसस िनकालन क7 कोिशश म और उलझती जा रह थी

इस कहानी क मायम स हमार समल +यवःथा का वाःतवक िचऽण

लखका न कया ह सःथान म अUसर ऐसा होता ह बदलत समाज म

मानवीय म$य भी बदल रह ह1

ममता कािलया अपनी कहािनय म Oरत को खब उभारती ह1 तथा

सवदना को पयाo ःथान दती ह1 मयमवगय समाज जस पीड़ा को भोग

रहा ह उसका वाःतवक िचऽण इनक7 कहािनय क7 पहचान ह नार क7

अतवदना तथा समाज क7 सबस बड़ कथा lsquoदहजrsquo का lsquo बटयाrsquo कहानी क

मायम स मािमक िचऽण कया गया ह जब तक मधOरमा जीवत रहती

ह तब तक माता ETH पता क साथ वह भी उसक ववाह म दय जान वाल

दहज क कारण दखी रह सड़क दघटना म मधOरमा क7 मय क बाद

उसक पता क मन चल रह को ममता कािलया न बड़ सआमता स

वणत कया ह

82

भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

_____________________________________________________________

70 लमह पऽका जलाई-िसतबर 2011 प - 39

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

_____________________________________________________________

71 वह प - 19

72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

84

अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

_____________________________________________________________

73 वह प - 43

85

ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 58: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

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भारतीय समाज म Lी अपन सग - सबिधय क बीच भी सरAत

नह ह lsquoइUक7सवी सद rsquo कहानी म उहन अपन पित क साथ घर स

बाहर घमन िनकली Lी क7 ददनाक मय को दखाया ह उसक7 हया पर

पिलस सह समय पर कायवाह नह करती तथा होटल म जाच करन क7

बजाए वनोद को ह बइSजत करती ह

ldquo मला कहानी को ममता जी न इस तरक7ब स िलखा ह क वो मल

का ववरण होन स बच गई और एक बहआयामी कहानी क Bप म +यY

हई क8भ मल क जOरए ममता जी न कई कोन-खg छार मार ह1 धम

अयाम पाखड शासन भीड़ नतािगर अधवjास कमकाड गXडम

और उसका अहकार जस अनक बचन करत तव और आशकाए ह1 rdquo (70)

वःतत हम कह सकत ह1 क ममता जी का कथा ETH साहय

आधिनक भारतीय समाज का आईना ह1 उनक7 कहािनय क पाऽ क7

वाःतवकता कहािनय को और अिधक वjसनीय बनती ह1 ममता जी न

विभन शहर का मण कया ह कभी िशAा क िलए कभी सगोmी क

िलए और कभी नौकर क िलए अनक शहर म रह ह1 उहन विभन

शहर क पOरवश तथा सःकित पास स दखी ह1 इसीिलए उनक7

कहािनय म वाःतवकता क7 झलक दखाई पड़ती ह

मधरश जी क अनसार ldquo ममता कािलया क7 कहािनया एक ओर यद

ःथितय क फलाव स बचती ह1 वह व भारतीय समाज म पOरिचत और

ितिनिध पाऽ क7 भी अिधक िचता नह करती उनक7 कहािनया ाय ह

छोट-छोट घटना सगो क7 कहािनया ह1 जह कभी चखव क7 कहािनय क

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सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

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अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

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ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14

Page 59: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

83

सग म lsquoःलाइन ऑफ लाइफrsquo क Bप म पहचाना गया था भाषा क ःतर

पर उनम वट और चःत जमलबाजी ह लकन व ाय उतनी ह और

वसी ह ह1 जतनी बाहर स दखाई दती ह1 वषण वचार और म$याकन

क िलए व अिधक ःपस नह बनाती rdquo (71)

उहन ढाई सौ स अिधक कहािनया िलखी ह1 सभी का वणन करना

सभव नह ह इसिलए म1न उनक7 कछ उ$लखनीय कहािनय क उ$लख

अपनी Aमता क अनसार कया ह

24 अनवाद -

अनवाद क कई ःवBप व दशाए ह1 साहय म का+य नाटक आद

क अनवाद क7 अपनी - अपनी विधया ह1 दो भाषाओ क मय आदान-

दान तथा चार-सार आद क सदभ म अनवाद काय क7 अिनवायता

सववदत ह

ldquoसामायत एक भाषा क7 साममी को दसर भाषा म बदलना

Ocircअनवादrsquo कहलाता ह अनवाद का शाhदक अथ ह अन + वाद अथात

यह शhद Ocircवrsquo धात म Ocircअनrsquo उपसग और Ocircघञrsquo यय क योग स

िनिमत हआ ह अत अनवाद का शाhदक अथ इह क अथ स ःथर हो

सकगा lsquoवrsquo का अथ ह ETH lsquoबोलनाrsquo या lsquoकहनाrsquo और lsquoअनrsquo उपसग lsquoपीछrsquo

lsquoबाद मrsquo lsquoअनवितताrsquo आद अथZ म यY होता ह ऐसी ःथित म

lsquoअनवादrsquo शhद का मल अथ हआ - lsquo कसी क कहन क बाद कहना rdquo (72)

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72 राजभाषा हद म2 व4ािनक साहय क अनवाद क6 दशाए डॉ ह9रमोहन प - 41

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अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

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ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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Page 60: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

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अनवाद क7 बया अयत जटल होती ह Uयक यक भाषा क7

अपनी िनजी वशषताए होती ह1 ldquoय वशषताए अपन विश^ पOरवश क

कारण वयामक शाhदक Bपामक वाकयामक आिथक महावर एव

लोकोY वषयक आद s^ स परःपर ायo िभन होती ह1 rdquo (73)

भाषा क7 अिभ+यY उसक7 ईकाइय - शhद पद पदबध वाUयाश

उपवाUय वाUय महावर लोकोYय आद स होती ह1 यक भाषा क7

ईकाइया िभन होती ह1 इसिलए उनक7 अिभ+यY भी िभन होती ह

अत अनवाद म मल साममी म +यY अथ को BपातOरत साममी म +यY

अथ को समान रखन का यास कया जाता ह अनवाद क बाद भाषा म

वचाOरक िभनता नह होनी चाहए उसक7 यथासभव समान और सहज

अिभ+यY दसर भाषा म क7 जानी चाहए

ममता कािलया बहमखी ितभा क7 धनी ह1 एक अनवादक का

भाषाव होना अयत आवयक ह अनवाद करना अयत कठन काय ह

Uयक अनवाद करन क उपरात उसम अनवाद गध नह आनी चाहए

अनवादक का शhदकोश समR होना चाहए

वचार क7 अिभ+यY यक भाषा म अलग होती ह तथा यक

शhद का अपना अलग अथ होता ह अनवाद म पयायवाची शhद क7 वशष

भिमका रहती ह हद म अनवाद करत समय तकबद पर भी यान

दया जाता ह इसिलए अनवादक को दोन भाषाओ का aान होना

अिनवाय ह ममता जी हद और अमजी दोन भाषाओ क7 वदषी ह1

इसीिलए व बहत अNछf अनवादक भी ह1

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ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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Page 61: अय ाय त ीय हद कथा साह य और ममता कािलयाshodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/99220/9/09_chapter 2.pdf · 27 काय के

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ldquoउहन अपन य अमजी कवय क7 कवताओ का हद म

अनवाद कया ह lsquoधमयगrsquo जब िशखर पर था तब lsquoजॉन डनOtilde क7 एक

कवता का हद अनवाद ममता जी क नाम स कािशत हआ था

धमवीर भारती जी न वह अनवाद पढ़कर कहा था क lsquoजॉन डनrsquo कभी

उनक य कव नह रह परत यह अनवाद बहत अNछा ह वह

अनवाद इस कार था -

ldquoजब तक हमन नह कया था lयार

कया था Uया

ताSजब ह rdquo (74)

अत धमवीर भारती जस महान लखक व सपादक क7 टlपणी क

बाद हम कह सकत ह1 क ममता कािलया जतनी अNछf लखका ह1 उतनी

ह अNछf अनवादक भी ह1

25 सपादन -

ममता कािलया न अपनी दAता हर Aऽ म िसR क7 ह व कवयऽी

कहानीकार उपयासकर नाटककार अनवादक क साथ - साथ सपादक भी

रह ह1 उहन सित महामा गाधी अतराीय हद वjवालय क7

अमजी पऽका का स8पादन काय भी कया ह

उपयY ववचन स ःप^ ह क ममता जी कवल ौm कथाकार ह

नह अपत एक कशल कवियऽी अनवादक तथा सपादक भी ह1 साहय

क7 विभन वधाओ म उहन अपनी दAता िसR क7 ह इसिलए हद

कथा - साहय म उनका नाम वशष उ$लखनीय ह

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74 वह प - 14