दवि् यताथथी - balbharaticart.ebalbharati.in/balbooks/pdfs/602020020.pdfप...

66

Upload: others

Post on 25-Jan-2020

20 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

Page 1: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

सभी दवि यतादथययचो (दभनन रप स सकम दवि यतादथययचो सदि) को वयद ग सतामदिक रप स कतायय करन क अवसर और परोतसतािन दियता जताए तादक उनि

y नहदी भाषा म बातचीत ता चचामि करि क अवसर हो

y परयोग की जाि वाली भाषा की बारीनकयो पर चचामि क अवसर हो

y सनकरय और जागरक बिाि वाली रचिाए समाचार पतर पनतरकाए नफलम और नडयो-वीनडयो सामगी को दखि सिि पढ़ि नलखि और चचामि करि क अवसर उपलबध हो

y समह म कायमि करि और एक-दसर क कायभो पर चचामि करि राय लि-दि परशि करि की सवततरता हो

y नहदी क सा-सा अपिी भाषा की सामगी पढ़ि-नलखि की सनवधा ( ल साकनतक रप म भी) और उि पर बातचीत की आजादी हो

y अपि पररवश समय और समाज स सबनध त रचिाओ को पढ़ि और उि पर चचामि करि क अवसर हो

y नहदी भाषा गढ़त हए नलखि सबधी गनतनवनधया आयोनजत हो जस शबद खल

y नहदी भाषा म सदभमि क अिसार भाषा नवशलषण (वयाकरण वाकय सरचिा नवराम नचह ि आनद) करि क अवसर हो

y कलपिाशीलता और सजिशीलता को नवकनसत करि वाली गनतनवनधयो जस अनभिय (भनमका अनभिय) कनवता पाठ सजिातमक लखि नवनभ षसनतयो म सवाद आनद क आयोजि हा और उिकी तयारी स सबनध त नसकरपट लखि और वततात लखि क अवसर हा

y सानहतय और सानहषतयक तततवो की समझ बढ़ाि क अवसर हो

y शबदकोश का परयोग करि क नलए परोतसाहि एव सलभ पररवश हो

y सासकनतक महततव क अवसरो पर अवसरािकफल लोकगीतो का सगह करि उिकी गीतमय परसतनत दि क अवसर हो

दवि यताथथी नवनभ परकार की धवनियो सामानजक ससाओ पररसर एव

सामानजक घटको क सबध म जािकारी ता अिभव को परापत करि हत वाचि करत ह ता साकनतक नचह िो का अपि ग स परयोग कर उस दनिक जीवि स जोड़कर परसतत करत ह

ग य प य ता अ य पनठतअपनठत सामगी क आशय का आकलि करत हए ता गनतनवनधयोघटिाओ पर बनझझक बात करत हए परशि निनममिनत कर परशिो क सटीक उततर अपि शबदो म नलखत ह

नकसी दखी-सिी रचिाओ घटिाओ परसगो म य समाचार एव परासनगक काओ क परतयक परसग को उनचत करम दत हए अपि शबदो म परसतत करत ह उिस सबनधत सवादो म रनच लत ह ता वाचि करत ह

सचार माधयमो क कायमिकरमो और नवजापिो को रनचपवमिक दखत सित ता अपि शबदो म वयति करत ह

परासनगक काएनवनभ अवसरो सदभभो भाषणो बालसभा की चचामिओ समारोह क वणमििो जािकाररयो आनद को एकागता स समझत हए सित ह सिात ह ता अपि ग स बतात ह

नहदीतर नवनवध नवषयो क उपकरमो एव परकलपो पर सहपानठयो स चचामि करत हए नवसतत जािकारी दत ह

भाषा की बारीनकयोवयवसा ग पर धयाि दत हए सामिक वाकय बतात ह ता उनचत लय-ताल आरोह-अवरोह हावभाव क सा वाचि करत ह

अपिी चचामि म सवर वयजि नवशष वणमि पचमाषिर सयतिाषिर स यति शबदो एव वाकयो क मािक उचारण करत हए ता ग य एव प य पररचछदो म आए शबदो को उपयति उतार-चढ़ाव और सही गनत क सा पढ़त हए अपि शबद भडार म वद नध करत ह

नहदी भाषा म नवनवध परकार की रचिाओ दशभषतिपरक गीत दोह चटकल आनद रनच लत हए धयािपवमिक सित ह आिदपवमिक दोहरात ता पढ़त ह

दनिक लखि भाषण-सभाषण म उपयोग करि हत अब तक पढ़ हए िए शबदो क परनत नजजासा वयति करत हए उिक अमि समझि क नलए शबदकोश का परयोग करत ह ता िए शबदो का लघशबदकोश नलषखत रप म तयार करत ह

सिी पढ़ी सामगी ता दसरो क वारा अनभवयति अिभव स सबनधत उनचत म दो को अधोरखानकत करत हए उिका सकलि करत हए चचामि करत ह

0615 नवनवध नवषयो की ग य-प य कहािी निबध घरल पतर स सबनधत सवादो का रनचपवमिक वाचि करत ह ता उिका आकलि करत हए एकागता स उपयति नवराम नचह िो का उपयोग करत हए सपाठ य- सडौल अिलखि सलखि श ध लखि करत ह

0615 अलग-अलग कलाओ जीविोपयोगी वसतओ की परदशमििी एव यातरा वणमिि समझत हए वाचि करत ह ता उिको अपि ग स नलखत ह

अधययन दन पषतसीखन-दसखतान की परदकरयता

दििी सलभभतारी अधययन दन पषत ः छठी ककता

A

नहदी

छठी ककतासलभभतारी

मितारताषट रताजय पताठ यपसक दनदमयी व अभयतासकरम सशोिन मडळ पण

मरता नताम िर amp

सवीकनत करमाक मराशसपरपअनवनवनशपर २०१5-१६१६ ३ नदिाक ६4२०१६

आपक समाटमिफोि म lsquo rsquo द वारा पसतक क परम प ठ पर क माधयम स नडनजटल पाठ यपसतक एव परतयक पाठ म

अतनिमिनहत म अधययि अधयापि क नलए पाठ स सबनधत उपयकत दक-शरावय सामगी उपलबध कराई जाएगी

00000Ms rient Printers M bai

परसतावनता

(च रता बोरकर)सचतालक

महाराषटर राजय पाठ यपसतक निनममिती व अभयासकरम सशोधि मडळ पण-०4

पण दिनताक ः- 8 अपररल २०१६ भतारीय सौर १९ चरतर १९३8

बचचो कता lsquo दनःशलक एव अदनवतायय दशकतादिकतार अदिदनयम २००९ और रताषटीय पताठ यकरम परतारप-२००5rsquo को दषषग रख हए रताजय की lsquoपरताथदमक दशकता पताठ यचयताय-२०१२rsquo रयतार की गई इस पताठ यचयताय पर आितारर दििी ि दवीय भताषता (सपणय) lsquoसलभभतारीrsquo की पताठ यपसक मडळ परकतादश कर रिता िर छठी ककता की यि पसक आपक िताथचो म सौप हए िम दवशष आनि िो रिता िर

दििीर दवि यतालयचो म छठी ककता दििी दशकता कता ि दवीय सोपतान िर छठी ककता क दवि यतादथययचो की सीखन की परदकरयता सिज-सरल बनतान क दलए इस बता कता धयतान रखता गयता िर दक यि पसक दचतताकषयक दचतरमय कदपरितान और बतालसनिी िो परताथदमक दशकता क दवदभनन चरणचो म दवि यताथथी दनषच रप स दकन कमताओ को परतापत कर यि अधययन-अधयतापन कर समय सपष ितानता चतादिए इसक दलए परस पताठ यपसक क परतारभ म दििी भताषता दवषय की अपदक अधययन दन पषत कता पषठ दियता गयता िर इन कता अनसरण कर हए पताठ यपसक म समतादवष पताठ यताशचो की नतादवनयपणय परसद की गई िर

दवि यतादथययचो की अदभरदच को धयतान म रखकर दििी भताषता दशकता मनोरजक एव आनिितायी बनतान क दलए योगय बतालगी कदवता दचतरकथता और रगीन दचतरचो कता समतावश दकयता गयता िर भताषताई दषष स पताठ यपसक और अनय दवषयचो क बीच सिसबि सथतादप करन कता परयतन दकयता गयता िर इन घटकचो क अधयतापन क समय दवि यतादथययचो क दलए अधययन-अनभव क दनयोजन म शतालताबताि य जग एव िरदनक वयवितार स जड़ी बताचो को जोड़न कता परयतास दकयता गयता िर वयताकरण को भताषता अधययन क रप म दियता गयता िर

पताठ यपसक को सिजता स कदठन की ओर थता जता स अजता की ओर अतय सरलता पवयक ल जतान कता पणय परयतास दकयता गयता िर दशकक एव अदभभतावकचो क मतागयिशयन क दलए सचनताए lsquoिो शबिrsquo थता परतयक पषठ पर lsquoअधयतापन सकrsquo क अगय िी गई ि यि अपकता की गई िर दक दशकक थता अदभभतावक इन सचनताओ क अनरप दवि यतादथययचो स कदयॉ करवताकर उनि योगय शरली म अगरसर िोन थता दशकता गरिण करन म सितायक दसि ि िचोग lsquoिो शबिrsquo थता lsquoअधयतापन सकrsquo की य सचनताऍ अधययन-अधयतापन की परदकयता म दनषच उपयोगी िचोगी

दििी भताषता सदमद भताषता अभयतासगट और दचतरकतारचो क दनषठतापणय पररशरम स यि पसक रयतार की गई िर पसक को िोषरदि एव सरीय बनतान क दलए रताजय क दवदवि भतागचो स आमदतर दशककचो दवशषजचो दतारता पसक कता समीकण करतायता गयता िर समीककचो की सचनता और अदभपरतायचो को दषष म रखकर दििी भताषता सदमद न पसक को अदम रप दियता िर lsquoमडळrsquo दििी भताषता सदमद अभयतासगट समीककचो दचतरकतारचो क परद हिय स आभतारी िर आशता िर दक दवि यताथथी दशकक अदभभतावक सभी इस पसक कता सवताग करग

पिली इकताई

अनकरमदणकता

िसरी इकताई

कर पताठ कता नताम पषठ कर कर पताठ कता नताम पषठ कर

१ उपयोग िमतार २8२९

२ तानचो स यता डरनता ३०-३२

३ कठपली ३३-३६

4 सतानता और लोिता ३ -३९

5 (अ) यता म जतान िो 4०

(ब) पिदलयॉ

६ सवतास य सपिता 4१-44

कतागज की थरली 45

8 टीट और दचकी 4६-4९

९ वि िश कौन-सता िर 5०-5२

सवय अधययन-२ 5३

पनरतावयन - २ 54

मलता १

१ सरर २३

२ बसी िवता 4-६

३ उपितार -१०

4 जोकर १११२

5 (अ)आओ आय बतानता सीखो १३

(ब) मितारताषट की बटी

६ मरता अिोभतागय १4-१

निी कि पर १8

8 जनमदिन १९-२२

९ सोई मरी छौनता र २३-२5

सवय अधययन-१ २६

पनरतावयन -१ २

1

q अधयतापन सक ः नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर परशि पछ उिस मल का पवामििभव कहलवाए ता नदए गए वाकय का समझाए पररनचत फरीवाला सबजीवाली आनद वयवसानययो क सख-दख को समझकर उिस बातचीत करि क नलए परररत कर

पिचतानो और बताओ ः मलता

सितायता कक

िमकल

सरकता - चौकी

बि-बि पतानी

बचताओ

कड़ता ितान

2

िखो समझो और बताओ ः

q नचतरो म कया-कया नदखाई द रहा ह उिपर चचामि कर नवद यानमियो स अपिी यातरा का कोई परसग सिाि क नलए कह उिस आवागमि क साधिो का जल ल वाय मागमि क अिसार वगथीकरण कराकर नचतरो सनहत नवसतत जािकारी का सगह कराऍ

१ सरर

बिरगताि

पतानी म कचरता न डताल

सवचछ भारत

सवस भारत

अतापकी यतातरता सखि िो बस सथतानक

रताषटीय सपषत िमतारी सपषत

लताट कर १ लताट कर २ लताट कर ३ सवचछतागि

पीन कता पतानी

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 2: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

A

नहदी

छठी ककतासलभभतारी

मितारताषट रताजय पताठ यपसक दनदमयी व अभयतासकरम सशोिन मडळ पण

मरता नताम िर amp

सवीकनत करमाक मराशसपरपअनवनवनशपर २०१5-१६१६ ३ नदिाक ६4२०१६

आपक समाटमिफोि म lsquo rsquo द वारा पसतक क परम प ठ पर क माधयम स नडनजटल पाठ यपसतक एव परतयक पाठ म

अतनिमिनहत म अधययि अधयापि क नलए पाठ स सबनधत उपयकत दक-शरावय सामगी उपलबध कराई जाएगी

00000Ms rient Printers M bai

परसतावनता

(च रता बोरकर)सचतालक

महाराषटर राजय पाठ यपसतक निनममिती व अभयासकरम सशोधि मडळ पण-०4

पण दिनताक ः- 8 अपररल २०१६ भतारीय सौर १९ चरतर १९३8

बचचो कता lsquo दनःशलक एव अदनवतायय दशकतादिकतार अदिदनयम २००९ और रताषटीय पताठ यकरम परतारप-२००5rsquo को दषषग रख हए रताजय की lsquoपरताथदमक दशकता पताठ यचयताय-२०१२rsquo रयतार की गई इस पताठ यचयताय पर आितारर दििी ि दवीय भताषता (सपणय) lsquoसलभभतारीrsquo की पताठ यपसक मडळ परकतादश कर रिता िर छठी ककता की यि पसक आपक िताथचो म सौप हए िम दवशष आनि िो रिता िर

दििीर दवि यतालयचो म छठी ककता दििी दशकता कता ि दवीय सोपतान िर छठी ककता क दवि यतादथययचो की सीखन की परदकरयता सिज-सरल बनतान क दलए इस बता कता धयतान रखता गयता िर दक यि पसक दचतताकषयक दचतरमय कदपरितान और बतालसनिी िो परताथदमक दशकता क दवदभनन चरणचो म दवि यताथथी दनषच रप स दकन कमताओ को परतापत कर यि अधययन-अधयतापन कर समय सपष ितानता चतादिए इसक दलए परस पताठ यपसक क परतारभ म दििी भताषता दवषय की अपदक अधययन दन पषत कता पषठ दियता गयता िर इन कता अनसरण कर हए पताठ यपसक म समतादवष पताठ यताशचो की नतादवनयपणय परसद की गई िर

दवि यतादथययचो की अदभरदच को धयतान म रखकर दििी भताषता दशकता मनोरजक एव आनिितायी बनतान क दलए योगय बतालगी कदवता दचतरकथता और रगीन दचतरचो कता समतावश दकयता गयता िर भताषताई दषष स पताठ यपसक और अनय दवषयचो क बीच सिसबि सथतादप करन कता परयतन दकयता गयता िर इन घटकचो क अधयतापन क समय दवि यतादथययचो क दलए अधययन-अनभव क दनयोजन म शतालताबताि य जग एव िरदनक वयवितार स जड़ी बताचो को जोड़न कता परयतास दकयता गयता िर वयताकरण को भताषता अधययन क रप म दियता गयता िर

पताठ यपसक को सिजता स कदठन की ओर थता जता स अजता की ओर अतय सरलता पवयक ल जतान कता पणय परयतास दकयता गयता िर दशकक एव अदभभतावकचो क मतागयिशयन क दलए सचनताए lsquoिो शबिrsquo थता परतयक पषठ पर lsquoअधयतापन सकrsquo क अगय िी गई ि यि अपकता की गई िर दक दशकक थता अदभभतावक इन सचनताओ क अनरप दवि यतादथययचो स कदयॉ करवताकर उनि योगय शरली म अगरसर िोन थता दशकता गरिण करन म सितायक दसि ि िचोग lsquoिो शबिrsquo थता lsquoअधयतापन सकrsquo की य सचनताऍ अधययन-अधयतापन की परदकयता म दनषच उपयोगी िचोगी

दििी भताषता सदमद भताषता अभयतासगट और दचतरकतारचो क दनषठतापणय पररशरम स यि पसक रयतार की गई िर पसक को िोषरदि एव सरीय बनतान क दलए रताजय क दवदवि भतागचो स आमदतर दशककचो दवशषजचो दतारता पसक कता समीकण करतायता गयता िर समीककचो की सचनता और अदभपरतायचो को दषष म रखकर दििी भताषता सदमद न पसक को अदम रप दियता िर lsquoमडळrsquo दििी भताषता सदमद अभयतासगट समीककचो दचतरकतारचो क परद हिय स आभतारी िर आशता िर दक दवि यताथथी दशकक अदभभतावक सभी इस पसक कता सवताग करग

पिली इकताई

अनकरमदणकता

िसरी इकताई

कर पताठ कता नताम पषठ कर कर पताठ कता नताम पषठ कर

१ उपयोग िमतार २8२९

२ तानचो स यता डरनता ३०-३२

३ कठपली ३३-३६

4 सतानता और लोिता ३ -३९

5 (अ) यता म जतान िो 4०

(ब) पिदलयॉ

६ सवतास य सपिता 4१-44

कतागज की थरली 45

8 टीट और दचकी 4६-4९

९ वि िश कौन-सता िर 5०-5२

सवय अधययन-२ 5३

पनरतावयन - २ 54

मलता १

१ सरर २३

२ बसी िवता 4-६

३ उपितार -१०

4 जोकर १११२

5 (अ)आओ आय बतानता सीखो १३

(ब) मितारताषट की बटी

६ मरता अिोभतागय १4-१

निी कि पर १8

8 जनमदिन १९-२२

९ सोई मरी छौनता र २३-२5

सवय अधययन-१ २६

पनरतावयन -१ २

1

q अधयतापन सक ः नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर परशि पछ उिस मल का पवामििभव कहलवाए ता नदए गए वाकय का समझाए पररनचत फरीवाला सबजीवाली आनद वयवसानययो क सख-दख को समझकर उिस बातचीत करि क नलए परररत कर

पिचतानो और बताओ ः मलता

सितायता कक

िमकल

सरकता - चौकी

बि-बि पतानी

बचताओ

कड़ता ितान

2

िखो समझो और बताओ ः

q नचतरो म कया-कया नदखाई द रहा ह उिपर चचामि कर नवद यानमियो स अपिी यातरा का कोई परसग सिाि क नलए कह उिस आवागमि क साधिो का जल ल वाय मागमि क अिसार वगथीकरण कराकर नचतरो सनहत नवसतत जािकारी का सगह कराऍ

१ सरर

बिरगताि

पतानी म कचरता न डताल

सवचछ भारत

सवस भारत

अतापकी यतातरता सखि िो बस सथतानक

रताषटीय सपषत िमतारी सपषत

लताट कर १ लताट कर २ लताट कर ३ सवचछतागि

पीन कता पतानी

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 3: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

00000Ms rient Printers M bai

परसतावनता

(च रता बोरकर)सचतालक

महाराषटर राजय पाठ यपसतक निनममिती व अभयासकरम सशोधि मडळ पण-०4

पण दिनताक ः- 8 अपररल २०१६ भतारीय सौर १९ चरतर १९३8

बचचो कता lsquo दनःशलक एव अदनवतायय दशकतादिकतार अदिदनयम २००९ और रताषटीय पताठ यकरम परतारप-२००5rsquo को दषषग रख हए रताजय की lsquoपरताथदमक दशकता पताठ यचयताय-२०१२rsquo रयतार की गई इस पताठ यचयताय पर आितारर दििी ि दवीय भताषता (सपणय) lsquoसलभभतारीrsquo की पताठ यपसक मडळ परकतादश कर रिता िर छठी ककता की यि पसक आपक िताथचो म सौप हए िम दवशष आनि िो रिता िर

दििीर दवि यतालयचो म छठी ककता दििी दशकता कता ि दवीय सोपतान िर छठी ककता क दवि यतादथययचो की सीखन की परदकरयता सिज-सरल बनतान क दलए इस बता कता धयतान रखता गयता िर दक यि पसक दचतताकषयक दचतरमय कदपरितान और बतालसनिी िो परताथदमक दशकता क दवदभनन चरणचो म दवि यताथथी दनषच रप स दकन कमताओ को परतापत कर यि अधययन-अधयतापन कर समय सपष ितानता चतादिए इसक दलए परस पताठ यपसक क परतारभ म दििी भताषता दवषय की अपदक अधययन दन पषत कता पषठ दियता गयता िर इन कता अनसरण कर हए पताठ यपसक म समतादवष पताठ यताशचो की नतादवनयपणय परसद की गई िर

दवि यतादथययचो की अदभरदच को धयतान म रखकर दििी भताषता दशकता मनोरजक एव आनिितायी बनतान क दलए योगय बतालगी कदवता दचतरकथता और रगीन दचतरचो कता समतावश दकयता गयता िर भताषताई दषष स पताठ यपसक और अनय दवषयचो क बीच सिसबि सथतादप करन कता परयतन दकयता गयता िर इन घटकचो क अधयतापन क समय दवि यतादथययचो क दलए अधययन-अनभव क दनयोजन म शतालताबताि य जग एव िरदनक वयवितार स जड़ी बताचो को जोड़न कता परयतास दकयता गयता िर वयताकरण को भताषता अधययन क रप म दियता गयता िर

पताठ यपसक को सिजता स कदठन की ओर थता जता स अजता की ओर अतय सरलता पवयक ल जतान कता पणय परयतास दकयता गयता िर दशकक एव अदभभतावकचो क मतागयिशयन क दलए सचनताए lsquoिो शबिrsquo थता परतयक पषठ पर lsquoअधयतापन सकrsquo क अगय िी गई ि यि अपकता की गई िर दक दशकक थता अदभभतावक इन सचनताओ क अनरप दवि यतादथययचो स कदयॉ करवताकर उनि योगय शरली म अगरसर िोन थता दशकता गरिण करन म सितायक दसि ि िचोग lsquoिो शबिrsquo थता lsquoअधयतापन सकrsquo की य सचनताऍ अधययन-अधयतापन की परदकयता म दनषच उपयोगी िचोगी

दििी भताषता सदमद भताषता अभयतासगट और दचतरकतारचो क दनषठतापणय पररशरम स यि पसक रयतार की गई िर पसक को िोषरदि एव सरीय बनतान क दलए रताजय क दवदवि भतागचो स आमदतर दशककचो दवशषजचो दतारता पसक कता समीकण करतायता गयता िर समीककचो की सचनता और अदभपरतायचो को दषष म रखकर दििी भताषता सदमद न पसक को अदम रप दियता िर lsquoमडळrsquo दििी भताषता सदमद अभयतासगट समीककचो दचतरकतारचो क परद हिय स आभतारी िर आशता िर दक दवि यताथथी दशकक अदभभतावक सभी इस पसक कता सवताग करग

पिली इकताई

अनकरमदणकता

िसरी इकताई

कर पताठ कता नताम पषठ कर कर पताठ कता नताम पषठ कर

१ उपयोग िमतार २8२९

२ तानचो स यता डरनता ३०-३२

३ कठपली ३३-३६

4 सतानता और लोिता ३ -३९

5 (अ) यता म जतान िो 4०

(ब) पिदलयॉ

६ सवतास य सपिता 4१-44

कतागज की थरली 45

8 टीट और दचकी 4६-4९

९ वि िश कौन-सता िर 5०-5२

सवय अधययन-२ 5३

पनरतावयन - २ 54

मलता १

१ सरर २३

२ बसी िवता 4-६

३ उपितार -१०

4 जोकर १११२

5 (अ)आओ आय बतानता सीखो १३

(ब) मितारताषट की बटी

६ मरता अिोभतागय १4-१

निी कि पर १8

8 जनमदिन १९-२२

९ सोई मरी छौनता र २३-२5

सवय अधययन-१ २६

पनरतावयन -१ २

1

q अधयतापन सक ः नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर परशि पछ उिस मल का पवामििभव कहलवाए ता नदए गए वाकय का समझाए पररनचत फरीवाला सबजीवाली आनद वयवसानययो क सख-दख को समझकर उिस बातचीत करि क नलए परररत कर

पिचतानो और बताओ ः मलता

सितायता कक

िमकल

सरकता - चौकी

बि-बि पतानी

बचताओ

कड़ता ितान

2

िखो समझो और बताओ ः

q नचतरो म कया-कया नदखाई द रहा ह उिपर चचामि कर नवद यानमियो स अपिी यातरा का कोई परसग सिाि क नलए कह उिस आवागमि क साधिो का जल ल वाय मागमि क अिसार वगथीकरण कराकर नचतरो सनहत नवसतत जािकारी का सगह कराऍ

१ सरर

बिरगताि

पतानी म कचरता न डताल

सवचछ भारत

सवस भारत

अतापकी यतातरता सखि िो बस सथतानक

रताषटीय सपषत िमतारी सपषत

लताट कर १ लताट कर २ लताट कर ३ सवचछतागि

पीन कता पतानी

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 4: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

परसतावनता

(च रता बोरकर)सचतालक

महाराषटर राजय पाठ यपसतक निनममिती व अभयासकरम सशोधि मडळ पण-०4

पण दिनताक ः- 8 अपररल २०१६ भतारीय सौर १९ चरतर १९३8

बचचो कता lsquo दनःशलक एव अदनवतायय दशकतादिकतार अदिदनयम २००९ और रताषटीय पताठ यकरम परतारप-२००5rsquo को दषषग रख हए रताजय की lsquoपरताथदमक दशकता पताठ यचयताय-२०१२rsquo रयतार की गई इस पताठ यचयताय पर आितारर दििी ि दवीय भताषता (सपणय) lsquoसलभभतारीrsquo की पताठ यपसक मडळ परकतादश कर रिता िर छठी ककता की यि पसक आपक िताथचो म सौप हए िम दवशष आनि िो रिता िर

दििीर दवि यतालयचो म छठी ककता दििी दशकता कता ि दवीय सोपतान िर छठी ककता क दवि यतादथययचो की सीखन की परदकरयता सिज-सरल बनतान क दलए इस बता कता धयतान रखता गयता िर दक यि पसक दचतताकषयक दचतरमय कदपरितान और बतालसनिी िो परताथदमक दशकता क दवदभनन चरणचो म दवि यताथथी दनषच रप स दकन कमताओ को परतापत कर यि अधययन-अधयतापन कर समय सपष ितानता चतादिए इसक दलए परस पताठ यपसक क परतारभ म दििी भताषता दवषय की अपदक अधययन दन पषत कता पषठ दियता गयता िर इन कता अनसरण कर हए पताठ यपसक म समतादवष पताठ यताशचो की नतादवनयपणय परसद की गई िर

दवि यतादथययचो की अदभरदच को धयतान म रखकर दििी भताषता दशकता मनोरजक एव आनिितायी बनतान क दलए योगय बतालगी कदवता दचतरकथता और रगीन दचतरचो कता समतावश दकयता गयता िर भताषताई दषष स पताठ यपसक और अनय दवषयचो क बीच सिसबि सथतादप करन कता परयतन दकयता गयता िर इन घटकचो क अधयतापन क समय दवि यतादथययचो क दलए अधययन-अनभव क दनयोजन म शतालताबताि य जग एव िरदनक वयवितार स जड़ी बताचो को जोड़न कता परयतास दकयता गयता िर वयताकरण को भताषता अधययन क रप म दियता गयता िर

पताठ यपसक को सिजता स कदठन की ओर थता जता स अजता की ओर अतय सरलता पवयक ल जतान कता पणय परयतास दकयता गयता िर दशकक एव अदभभतावकचो क मतागयिशयन क दलए सचनताए lsquoिो शबिrsquo थता परतयक पषठ पर lsquoअधयतापन सकrsquo क अगय िी गई ि यि अपकता की गई िर दक दशकक थता अदभभतावक इन सचनताओ क अनरप दवि यतादथययचो स कदयॉ करवताकर उनि योगय शरली म अगरसर िोन थता दशकता गरिण करन म सितायक दसि ि िचोग lsquoिो शबिrsquo थता lsquoअधयतापन सकrsquo की य सचनताऍ अधययन-अधयतापन की परदकयता म दनषच उपयोगी िचोगी

दििी भताषता सदमद भताषता अभयतासगट और दचतरकतारचो क दनषठतापणय पररशरम स यि पसक रयतार की गई िर पसक को िोषरदि एव सरीय बनतान क दलए रताजय क दवदवि भतागचो स आमदतर दशककचो दवशषजचो दतारता पसक कता समीकण करतायता गयता िर समीककचो की सचनता और अदभपरतायचो को दषष म रखकर दििी भताषता सदमद न पसक को अदम रप दियता िर lsquoमडळrsquo दििी भताषता सदमद अभयतासगट समीककचो दचतरकतारचो क परद हिय स आभतारी िर आशता िर दक दवि यताथथी दशकक अदभभतावक सभी इस पसक कता सवताग करग

पिली इकताई

अनकरमदणकता

िसरी इकताई

कर पताठ कता नताम पषठ कर कर पताठ कता नताम पषठ कर

१ उपयोग िमतार २8२९

२ तानचो स यता डरनता ३०-३२

३ कठपली ३३-३६

4 सतानता और लोिता ३ -३९

5 (अ) यता म जतान िो 4०

(ब) पिदलयॉ

६ सवतास य सपिता 4१-44

कतागज की थरली 45

8 टीट और दचकी 4६-4९

९ वि िश कौन-सता िर 5०-5२

सवय अधययन-२ 5३

पनरतावयन - २ 54

मलता १

१ सरर २३

२ बसी िवता 4-६

३ उपितार -१०

4 जोकर १११२

5 (अ)आओ आय बतानता सीखो १३

(ब) मितारताषट की बटी

६ मरता अिोभतागय १4-१

निी कि पर १8

8 जनमदिन १९-२२

९ सोई मरी छौनता र २३-२5

सवय अधययन-१ २६

पनरतावयन -१ २

1

q अधयतापन सक ः नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर परशि पछ उिस मल का पवामििभव कहलवाए ता नदए गए वाकय का समझाए पररनचत फरीवाला सबजीवाली आनद वयवसानययो क सख-दख को समझकर उिस बातचीत करि क नलए परररत कर

पिचतानो और बताओ ः मलता

सितायता कक

िमकल

सरकता - चौकी

बि-बि पतानी

बचताओ

कड़ता ितान

2

िखो समझो और बताओ ः

q नचतरो म कया-कया नदखाई द रहा ह उिपर चचामि कर नवद यानमियो स अपिी यातरा का कोई परसग सिाि क नलए कह उिस आवागमि क साधिो का जल ल वाय मागमि क अिसार वगथीकरण कराकर नचतरो सनहत नवसतत जािकारी का सगह कराऍ

१ सरर

बिरगताि

पतानी म कचरता न डताल

सवचछ भारत

सवस भारत

अतापकी यतातरता सखि िो बस सथतानक

रताषटीय सपषत िमतारी सपषत

लताट कर १ लताट कर २ लताट कर ३ सवचछतागि

पीन कता पतानी

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 5: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

पिली इकताई

अनकरमदणकता

िसरी इकताई

कर पताठ कता नताम पषठ कर कर पताठ कता नताम पषठ कर

१ उपयोग िमतार २8२९

२ तानचो स यता डरनता ३०-३२

३ कठपली ३३-३६

4 सतानता और लोिता ३ -३९

5 (अ) यता म जतान िो 4०

(ब) पिदलयॉ

६ सवतास य सपिता 4१-44

कतागज की थरली 45

8 टीट और दचकी 4६-4९

९ वि िश कौन-सता िर 5०-5२

सवय अधययन-२ 5३

पनरतावयन - २ 54

मलता १

१ सरर २३

२ बसी िवता 4-६

३ उपितार -१०

4 जोकर १११२

5 (अ)आओ आय बतानता सीखो १३

(ब) मितारताषट की बटी

६ मरता अिोभतागय १4-१

निी कि पर १8

8 जनमदिन १९-२२

९ सोई मरी छौनता र २३-२5

सवय अधययन-१ २६

पनरतावयन -१ २

1

q अधयतापन सक ः नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर परशि पछ उिस मल का पवामििभव कहलवाए ता नदए गए वाकय का समझाए पररनचत फरीवाला सबजीवाली आनद वयवसानययो क सख-दख को समझकर उिस बातचीत करि क नलए परररत कर

पिचतानो और बताओ ः मलता

सितायता कक

िमकल

सरकता - चौकी

बि-बि पतानी

बचताओ

कड़ता ितान

2

िखो समझो और बताओ ः

q नचतरो म कया-कया नदखाई द रहा ह उिपर चचामि कर नवद यानमियो स अपिी यातरा का कोई परसग सिाि क नलए कह उिस आवागमि क साधिो का जल ल वाय मागमि क अिसार वगथीकरण कराकर नचतरो सनहत नवसतत जािकारी का सगह कराऍ

१ सरर

बिरगताि

पतानी म कचरता न डताल

सवचछ भारत

सवस भारत

अतापकी यतातरता सखि िो बस सथतानक

रताषटीय सपषत िमतारी सपषत

लताट कर १ लताट कर २ लताट कर ३ सवचछतागि

पीन कता पतानी

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 6: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

1

q अधयतापन सक ः नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर परशि पछ उिस मल का पवामििभव कहलवाए ता नदए गए वाकय का समझाए पररनचत फरीवाला सबजीवाली आनद वयवसानययो क सख-दख को समझकर उिस बातचीत करि क नलए परररत कर

पिचतानो और बताओ ः मलता

सितायता कक

िमकल

सरकता - चौकी

बि-बि पतानी

बचताओ

कड़ता ितान

2

िखो समझो और बताओ ः

q नचतरो म कया-कया नदखाई द रहा ह उिपर चचामि कर नवद यानमियो स अपिी यातरा का कोई परसग सिाि क नलए कह उिस आवागमि क साधिो का जल ल वाय मागमि क अिसार वगथीकरण कराकर नचतरो सनहत नवसतत जािकारी का सगह कराऍ

१ सरर

बिरगताि

पतानी म कचरता न डताल

सवचछ भारत

सवस भारत

अतापकी यतातरता सखि िो बस सथतानक

रताषटीय सपषत िमतारी सपषत

लताट कर १ लताट कर २ लताट कर ३ सवचछतागि

पीन कता पतानी

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 7: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

2

िखो समझो और बताओ ः

q नचतरो म कया-कया नदखाई द रहा ह उिपर चचामि कर नवद यानमियो स अपिी यातरा का कोई परसग सिाि क नलए कह उिस आवागमि क साधिो का जल ल वाय मागमि क अिसार वगथीकरण कराकर नचतरो सनहत नवसतत जािकारी का सगह कराऍ

१ सरर

बिरगताि

पतानी म कचरता न डताल

सवचछ भारत

सवस भारत

अतापकी यतातरता सखि िो बस सथतानक

रताषटीय सपषत िमतारी सपषत

लताट कर १ लताट कर २ लताट कर ३ सवचछतागि

पीन कता पतानी

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 8: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

3

q नवद यानमियो स अावागमि क साधिो का महतव कहलवाऍ नदए गए वाकयो को समझाकर उिस इसी परकार क अ य वाकयो का सगह कराऍ सावमिजनिक सलो की सवचछता पर उिस चचामि कर यातरा म मनहलाओ एव वद धो की सहायता क नलए परररत कर

अपन सतामतान कता धयतान रख

दटकट घर अतारकण

ि पतान मनता िर

िवताई अड डता

लतावताररस वसओ को िताथ न लगताऍ

रल सथतानक

पिली इकताई

अ ररताषटीय िवताई अड डता

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 9: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

4

सनो और गताओ ः

२ बसी िवता

सवय अधययन

qउनचत हाव-भाव लय-ताल क सा कनवता पाठ कर नवद यानमियो स वयषतिगत गट म ससवर पाठ कराऍ परकनत की अपरनतम सदरता का वणमिि करत हए इस बिाए रखि क नलए उपाय पछ हवा की आवशयकता महतव बतात हए उसक कायमि पर चचामि कर

- दार ा वाल

4

हवा ह हवा म बसती हवा ह

सिो बात मरी-अिोखी हवा ह बड़ी बावली हबड़ी मसतमौला िही कछ नफकर हबड़ी ही निडर नजधर चाहती उधर घमती ह मसानफर अजब

हवा हवा म बसती हवा ह

चढ़ी पड़ महआपाप मचायानगरी धमम स नफर चढ़ी आम परउस भी झकोरा नकया काि म lsquoकफrsquoउतरकर भागी महर खत पहची-वहॉ गहओ मलहर खब मारी

हवा ह हवा म बसती हवा ह

जनम १ अपरल १ ११ मतय २२ जि २००० रचनताऍ lsquoदश-दश की कनवताऍrsquo lsquoअपवामिrsquo lsquoआग का आईिाrsquo lsquoपख और पतवारrsquo lsquoप पदीपrsquo आनद पररचय आप छायावादी यग क परगनतशील कनव माि जात ह

परसतत कनवता lsquoबसती हवाrsquo म मसती भर शबदो द वारा हवा की अठखनलयो का नववरण नदया ह

(१) नीच दिए गए दचतरचो की सितायता स परताकदक सिरता िशतायन वतालता एक दचतर बनताकर उसम रग भरो (२) अपन दचतर क बतार म बोलो

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 10: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

5

जरता सोचो बताओ

यनद परकनत म सदर - सदर रग िही होत तो

qकद परन ि अधयतापन सक - परतयक कनतपरशि को शीषमिक क सा नदया गया ह नदए गए परतयक कनतपरशि क नलए आवशयक सामगी उपलबध कर षिमताओ और कौशलो क आधार पर इ ह नवद यानमियो स हल करवाऍ आवशयकतािसार नवद यानमियो का मागमिदशमिि करत हए अ य नशषिको की भी सहायता परापत कर lsquoदो शबदrsquo म दी गई सचिाओ का पालि कर

q पराकनतक आपदाओ (भकप बाढ़ अकाल आनद) स बचाव क उपाय बताऍ और नवद यानमियो स कहलवाऍ अ य कनवता सिाऍ दोहरवाऍ इसम सभी को सहभागी कर परकनत क सतलि एव सवधमिि सबधी जािकारी द परतयक क सहयोग पर चचामि कर

5

मन समझता

शबि वतादटकता

नए शबिबावली सीधी-सी अपिी धि म मसतमौला मिमौजी नफकर नचतामहआ एक परकार का वषि झकोरा झोका पहर परहरअलसी सरसो नतलहि क परकार कलसी गगरी

पहर दो पहर कया अिको पहर तकइसी म रही म खड़ी दख अलसीनलए शीश कलसीमझ खब सझी-नहलाया-झलायानगरी पर ि कलसी इसी हार को पानहलाई ि सरसो झलाई ि सरसोहवा ह हवा म बसती हवा ह

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अलसी

हवा

बावली

सरसोबरसो

महआ

भताषता की ओर

नदए गए शबदो क लययति शबद नलखो

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 11: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

6

सनो ो जरता

वताचन जग स

सिरव धयतान म रखो

दवचतार मथन

बताओ ो सिी

मरी कलम स

तयोहार सबधी कोई एक गीत सिो और दोहराओ

कनववर सनमतरािदि पत की कनवता का मखर वाचि करो

ाषसटक मामिकोल आनद परदषण बढ़ाि वाल घटको का उपयोग हानिकारक ह

हवा परकनत का उपहार यही ह जीवि का आधार

lsquoशालय सवचछता अनभयािrsquo म तमहारा सहयोग बताओ

सपताह म एक नदि नकसी कनवता का सलखि करो

१ िही कछ ह २ नगरी स नफर चढ़ी आम पर

३ वहॉ म लहर खब मारी 4 नहलाया-झलाया नगरी पर ि

अधययन कौशलवायमडलीय सतर दशामिि वाली आकनत बिाओ

रर सथतानचो की पदय करो

खोजबीनतओ क िाम बतात हए उिक पररवतमिि की जािकारी परापत करा और नलखो

अ आ इ ई उ ए ओ औ अ अ अ

क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड ण ड़ ढ़ त द ध ि प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ळ षि तर ज शर

िपयण म िखकर प ो पिचतानो िम

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 12: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

7

सनो और िोिरताओ ३ उपितार

एक गाव म षतवक िाम का लड़का रहता ा वह बहत गरीब ा गाव क पास lsquoपसतक मलाrsquo लगा ा उसि मा स कहाlsquolsquoम भी मला दखि जा गा rsquorsquo उसकी मा बोलीlsquolsquoदखो घर म कोई बड़ा िही ह तम अकल कस जाओग इतिी दर बटा मला दखि की नजद छोड़ दो चलो दध पी लो rsquorsquo अपिी मा की बात सिकर षतवक उदास हो गया और एक पड़ क िीच जा बठा

अचािक उसकी दषष दर पड़ो क पीछ गई जहा बहत तज रोशिी ी वह उठकर वहा गया वहा सिहर पखो वाली एक परी खड़ी ी षतवक ि हराि

नताम िमतार

होकर उस परी स पछा lsquolsquoतम कौि हो rsquorsquo वह बोली lsquolsquoम परी लनकि तम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo

परी का परशि सिकर षतवक की आखो म आस आ गए वह बोला lsquolsquoम अपि दोसतो क सा पसतक मला दखिा और पसतक खरीदिा चाहता ह rsquorsquo यह कहकर षतवक खामोश हो गया तब परी बोली lsquolsquoइसम दख की कया बात ह यह समझ लो तमहारी मदद करि क नलए ही म आई सा म तभी करगी जब तम मरी परीषिा म उततीणमि हो जाओग rsquorsquo

lsquolsquoकौि-सी परीषिा ह rsquorsquo षतवक ि पछा परी ि कहा lsquolsquoबता नदया तो परीषिा कसी rsquorsquo

परसतत कहािी म बताया गया ह नक ल य पराषपत क नलए रनच और लगि आवशयक ह

दचतर पिचतानकर उनक नताम दलखो

q कहािी म आए सजा शबदो (परी षतवक ढ़र ईमािदारी दध) को शयामपट ट पर नलख सजा क भदो को सरल परयोगो द वारासमझाए उपरोति कनत करवाि क पशचात नवद यानमियो स इस परकार क अ य शबद कहलवाऍ उिस दढ़ीकरण भी कराऍ

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 13: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

88

lsquolsquoठीक हrsquorsquo सा कहकर षतवक वहॉ स चला गया अभी वह कछ दर ही गया ा नक उस रासत म नगरी हई एक पोटली नमली षतवक को यह नवशवास हो गया नक लाल रग की इस मखमली पोटली म कोई कीमती चीज होगी उसि उस खोलिा चाहा नफर सोचि लगा जब यह मरी िही ह तो इस खोलि का मझ हक िही ह षतवक ि पोटली िही खोली तभी नकसी की आवाज उसक कािा म पड़ी lsquolsquoबटा मरी पोटली नगर गई ह रासत म कया तमि दखी ह rsquorsquo

षतवक ि पछा lsquolsquoनकस रग की ी rsquorsquo lsquolsquoलाल रग की rsquorsquo राहगीर ि बताया lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताओ rsquorsquo षतवक ि राहगीर स कहा lsquolsquoउसपर एक परी का सिहर रग म नचतर बिा ह rsquorsquo राहगीर का जवाब ा षतवक ि अपिी ली स जब वह पोटली निकाली तो उसपर छपा परी का नचतर चमकि लगा

षतवक ि वह पोटली राहगीर को द दी सबह उठकर वह वही पहचा जहा उस परी नमली

ी दखा तो वहा कोई िही ा वह बठ गया उसकी आखो क सामि वही लाल रग की पोटली नदखाई दि लगी तभी तज परकाश फला सामि परी खड़ी ी

परी क दोिो हा पीछ परी ि पछा lsquolsquo कस हो rsquorsquo lsquolsquoठीक rsquorsquo षतवक ि जवाब नदया तभी परी ि कहा lsquolsquoअपिी आख बद करो म तमह इिाम दगी rsquorsquo lsquolsquoनकस बात का rsquorsquo षतवक ि पछा

lsquolsquoतम उततीणमि हो गए इसनलए rsquorsquo परी बोली परी की बात षतवक की समझ म िही आ रही

ी उसि आख बद कर ली परी ि उसक हाो म एक मखमली ली पकड़ा दी षतवक ि दखा तो हराि रह गया यह तो वही पोटली ी जो उसि राहगीर को दी ी परी ि कहा lsquolsquoकल मि ही तमहारी ईमािदारी की परीषिा ली ी वह राहगीर भी म ही ी इसनलए म तमह यह इिाम द रही rsquorsquo

परी ि षतवक को समझाया lsquolsquoईमािदार वयषतिक जीवि म नकसी वसत की कमी िही होती जाओ अब तमह मिचाही वसत नमलगी rsquorsquo

षतवक क पास शबद िही नजिस वह परी का ध यवाद दता खशी स उसकी आख भर आ

लाल मखमली पोटली षतवक ि अपिी मा को दी उसकी समझ म यह िही आया नक उसका बटा उस कया द रहा ह जब मॉ वह पोटली खोलि लगी तब

ईमािदारी चररतर निमामिण की िीव ह

q नवद यानमिया को परशिोततर क माधयम स कहािी सिाऍ उिस कहािी का मखर वाचि करवाकर िए शबदो का अिलखि करवाऍ उ ह वाचि की आवशयकता महतव बताऍ अपि नवद यालय और पररसर क वाचिालय की जािकारी परापत करि क नलए कह

दवचतार मथन

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 14: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

9

भताषता की ओरशबि वतादटकता

खोजबीन

नए शबितज परखर हराि चनकतपोटली छोटी ली राहगीर पनक मितावरआख भर आिा दखी होिातय करिा निशचय करिा चनकत होिा आशचयमि करिाआख लगिा िीद आ जािा

निमिनलषखत शबदो क समािाथी शबद इस कहािी स ढ़कर बताओ

पोटली कई गिा बड़ी हो गई उसम स सदर-सदर पसतक बाहर निकल आ पसतको का र दखकर मॉ चनकत रह गई मा क पछि पर षतवक ि सब कछ बता नदया

अब षतवक ि नमतरो क नलए अपिी बहि कनतका की सहायता स पसतकालय खोला वहॉ सभी बच आकर अपिी मिपसद पसतक पढ़ि लग उिको परा गॉव lsquoपसतक नमतरrsquo क िाम स जािि लगा

षतवक ि पसतकालय को ही अपि जीवि का धयय बिा नलया उसका सारा समय पसतको क बीच

बीति लगा एक नदि पसतक पढ़त-पढ़त षतवक की आख लग गई दखता कया ह नक पसतक उसस बात करि लगी उसस एक पसतक ि पछा lsquolsquo षतवक अगर तम अपि जीवि म बड़ आदमी बिाग ता कया तम हमारा सा छोड़ दोग हम भल जाओग rsquorsquo

षतवक ि कहा lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo तभी नकसी ि दरवाज की घटी बजाई और उसकी िीद टटी जागि पर दर तक सोचता रहा नक आग चलकर वह बड़ा-सा पसतक भडार खोलगा

गह उद यागो की जािकारी परापत करो और इसपर चचामि करो

सखा वषि

जििी ियि

भनगिी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 15: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

10

१ lsquolsquoतम यहा उदास कयो बठ हो rsquorsquo २ lsquolsquoमरी पोटली नगर गई ह रासत मrsquorsquo३ lsquolsquoऔर कोई पहचाि बताआ rsquorsquo 4 lsquolsquoिही-िही अब तो तम ही मरी साी हो नमतर हो rsquorsquo

दकसन दकसस किता िर बताओ

सवय अधययननदए गए नचतरो क आधार पर उनचत और आकषमिक नवजापि तयार करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

काटमिि का सिकर उस हाव-भाव सनहत सिाओ

महादवी वमामि का कोई रखानचतर पढ़कर उसक पातरो क िाम नलखो

बड़ होकर कया बििा चाहत हो

इस कहािी क नकसी एक अिचछद का अिलखि करो

सिरव धयतान म रखोसचाई म ही सफलता निनहत ह

नकसी पररनचत अ य कहािी लखि क नलए मद द तयार करो

अधययन कौशल

जरता सोचो बताओयनद तमह परी नमल जाए तो

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 16: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

11

4 जोकर

दकनि पॉच मितावरचो कितावचो क सताकदक दचतर बनताओ जरस-

3 उनचत परनतसाद िनमलि पर जोकर मनमसोसकर रि गयता

२ जोकर झठ-मठ का ठिताकता लगताकर लोगो का हसाता ह

परसतत पाठ म महावरो अौर कहावतो क द वारा अपिी बात को कम-स-कम शबदो म वयति करि क नलए परररत नकया गया ह

5 एक बच कोअपिी िकल करत दखकर जोकरिग रि गयता

प ो समझो आरर दलखो

६ जोकर शोर मचाि वाल बचो को आख दिखता रिता थता

मौका नमलि पर जोकर कलाकारो क करतबो का शरय लता ह अामित गगता गए गगताितास जमनता गए जमनताितास

8 गािा तो आता िहीऔर जाकर कहता ह गला खराब ह यह तोसा ही हआ नताच न

जतान आगन ट ता

q पाठ म आए महावरो एव कहावतो पर नवद यानमियो स चचामि कर इिक अमि बतात हए वाकय म परयोग कराऍ उिस जोकर कीवशभषा म अनभिय कराऍ जीवि म सवास य की दषष स हासय की आवशयकता समझाऍ और सदा परस रहि क नलए कह

१ जाकर अपिी जतान पर खलकर कलाबानजयॉ नदखाता ह

4 खल समापत होि परकछ बचो द वाराजोकर को ध यवादकहि पर वह लता निसमतायता

घर की मगथी दाल बराबर िौ दो गयारह होिा

अा

अधययन कौशल

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 17: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

12

शबि वतादटकता मितावरजाि पर खलिा पराणो की परवाह ि करिाठहाका लगािा जोर स हसिामि मसोसकर रह जािा कछ ि कर पािाफफला ि समािा अतयनधक खश होिा दग रहिा आशचयमि चनकत होिाआख नदखािा गससा होिा किताव गगा गए गगादास जमिा गए जमिादास अवसरवादी िाच ि जाि आगि टढ़ा अपिा दोष नछपाि क नलए औरो म कमी बतािा

समझो िम

अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि अन दचतर कता पिलता अकर

वणय दचतर कता अदम अकर

शबि

१ ल कलम -

२ - 8 क

३ सा ला

4 म १० य

5 टी ११ नश

६ क १२ ग

दचतर की सितायता स बतारिखड़ी क शबि बनताकर दलखो

हा१

4

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गागर म सागर भरिा दवचतार मथन सिरव धयतान म रखो

हम सदव परस रहिा चानहए

जरता सोचो बताओयनद साइनकल तमस बोलि लगी तो

सवय अधययनlsquoअब पछताए होत कया जब नचनड़या चग गई खतrsquo पर आधाररत कोई कहािी सिाओ

खोजबीननिमिनलषखत शबद को लकर चार महावर नलखो

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 18: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

13

qनवद यानमियो की जोनड़यॉ बिाकर आय बताि का खल खलवाऍ और उ ह मजदार पहनलयॉ बझि क नलए द उ ह इसी परकार क अ य नवषयो क भी खल खलि क नलए कह उिस पहनलयो और खलो का नचतरो सनहत नलषखत सगह करवाऍ अौर खलवाऍ

5(अ) आओ आय बतानता सीखो

(१) अपि नमतर को उसकी वतमिमाि आय म अगल वषमि की आय जोड़ि क नलए कह (२) उस इस योगफल को 5 स गणा करि क नलए कह (३) परापत गणिफल म उस अपि ज मवषमि का इकाई अक जोड़ि क नलए कह (4) परापत योगफल म स 5 घटा द (5) घटाि क बाद जो स या परापत होगी उसकी बा ओर क दो अक तमहार नमतर की आय ह इस सतर को उदाहरण स समझत ह

माि लो तमहार नमतर की आय १० वषमि और ज म वषमि २००4 ह तो-(१) १० (वतमिमाि आय) (अगल ११ वषमि की आय) २१ (२) २१ 5 १०5(३) १०5 4 १० (4) १० - 5 १०4 १०4 की बा ओर क दो अक अामित १० वषमि तमहार नमतर की आय ह इसी आधार पर अपि पररजिो

पररनचतो अ य नमतरो को उिकी आय बताकर आशचयमि चनकत कर सकत हो परतयषि करक दखो

qनवद यानमियो स दोिो नचतरो का दखकर उिम अतर ढ़कर बताि क नलए कह भारत क नवनभ राजयो क खािपाि पहिावा आभषण जस अ य नवषयो पर चचामि कराऍ उिम समािता और नवनवधता बतात हए लागो क आपसी सबधो को सपष कर

(ब) मितारताषट की बटी

आकलन

अर बताओ

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 19: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

14

सनो और समझो ः6 मरता अिोभतागय

नताम मितार दचतर िखकर उदच सवयनताम म दलखो ( म वि यि यता जरसता-वरसता अपन-आप)

qससमरण म आए सवमििाम शबदो को (म वह कछ जसा-वसा अपि-अाप) शयामपट ट पर नलख इिक भदो को परयाग द वारा समझाऍ और अ य शबद कहलाऍ नवद यानमियो स कनत करवाि क पशचात उिका वाकयो म परयोग करवाकर दढ़ीकरण कराऍ

- शवद याल ार

फरवरी १ ३६ म मझ शानत निकति जािा ा वहॉ एक सानहषतयक कायमिकरम होि वाला ा म बहत ही उ नसत ा कयोनक उस कायमिकरम की अधयषिता सवय गरदव रवी िा जी करि वाल

निषशचत नदि कोलकाता स हम बहत सार लोग शानत निकति क नलए रवािा हए लगभग एक दजमिि नहदीवालो का यह दल शानत निकति क सदर अनतन-भवि म ठहराया गया यह अनतन भवि अशोक वषिो

क सघि उपवि क बीचोबीच बिाया गया ा बहत ही सदर बड़ी और अचछी इमारत ी वह जसा सोचा ा वसा ही पाया पर की मनजल क एक कमर म हम ठहराया गया कमर क बाहर एक नवसतत बरामदा ा बरामद म खड़ होकर अगर बाहर दखा जाए तो सामि ही सघि बकल वषि नदखाई दत

दसर नदि परात काल ही हम बताया गया नक गरदव का सवास य ठीक िही ह अत कायमिकरम की बठक म व िही आ पाऍग म बहत निराश हो गया तानप हम जब यह मालम पड़ा नक उिक डॉकटर ि हम लोगो का कवल प ह नमिटो का समय नदया ह नजसम गरदव क दशमिि ता उिक सा सनषिपत वातामिलाप भी हो सकता ह तब हमारी खशी का नठकािा ि रहा हम बस ी स उस षिण का इतजार करि लग

मधयाह ि क बाद गरदव की भट हई करीब चार बज होग गरदव की धारणा ी नक कछ दो-तीि आदमी ही होग पर जब उ होि हम चौदह जिो को

१4

जनम १ ०६ रचनताऍ lsquoसदहrsquo lsquoमरा बचपिrsquo lsquo याय की रातrsquo lsquoमरा मासटर साहबrsquo lsquoच कलाrsquolsquoपगलीrsquo lsquoतीि नदिrsquo lsquoभय का राजयrsquo lsquoदव और मािवrsquo आनद पररचय आपि सानहतय एव पतरकाररता क षितर म उ खिीय कायमि नकया ह

परसतत पाठ म लखक ि गरदव रवी िा ठाकर जी स हई भट स सबनधत ससमरण बताया ह

शानत निकति

----------

-----

-----

--------

-----

--------

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 20: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

15

अधययन कौशल

q पाठ पढ़कर सिाऍ और दोहरवाऍ नवद यानमियो को अपिा कोई ससमरण सिाि क नलए कह उ ह िए शबदो स पररनचत कराकरअमि समझाऍ और इि शबदो का वाकयो म परयोग कराऍ उिस गरदव रवी िा ठाकर जी की रचिाऍ पछ और उिपर चचामि कर

पाठ यपसतक म अाए हए कनठि शबदो क अमि वणमिकरमािसार शबदकोश म दखो

दखा तो मजाक म उ होि कहा lsquolsquoअब मरी षिमता दरबार लगाि की िही रही इस मकाि म जगह की भी कमी ह rsquorsquo नफर हम सबका गरदव स पररचय कराया गया बाद म वातामिलाप शर हआ

चचामि क दौराि गरदव ि कहा lsquolsquoअब स पचास बरस पहल जब मि कहानियॉ नलखिा शर नकया ा तो इस षितर म एक आध ही आदमी ा मरी परारनभक कहानियो म गामीण जीवि क ससगमि का ही वणमिि ह उसक पहल इस तरह की कोई चीज बागला भाषा म िही ी मरी कहानियो म गामीण जिता की मिावषतत क दशमिि हात उि कहानियो म कछ सी चीज ह जो ससार क नकसी भी दश क आदमी को भा सकती ह कयोनक मि य सवभाव तो दनिया म हर जगह एक-सा ही ह rsquorsquo

गरदव कछ समय क नलए रक तभी अपि आप मर मह स निकल पड़ा lsquolsquoगरदव अापक मि म lsquoकाबलीवालाrsquo इस कहािी का नवचार कस आया यह लोकनपरय कहािी दश क सभी भाषाओ क सभी बचो को बहत ही पयारी लगती ह rsquorsquo

गरदव बोल lsquolsquoवह कहािी कलपिा की सषष ह एक काबलीवाला ा वह हमार यहॉ आता ा और हम सब उसस बहत पररनचत हो गए मि सोचा उसकी भी एक छोटी लड़की होगी और नजसकी वह याद नकया करता होगा rsquorsquo

इसी तरह वातामिलाप होता रहा हम सबक नलए यह एक मािनसक खाद य ा आशचयमि की बात यह नक प ह नमिट क बजाय चालीस नमिट हो चक अब गरदव उठ चल पड़ जात-जात उ होि कहा lsquolsquo जब म स नकसी वातामिलाप क नलए कम समय दता तब मरी वह बात सचमच ठीक ि मानिएगा कयोनक मझ सवय लोगो स बातचीत करि म आिद आता ह rsquorsquo

हम सबि गरदव को ध यवाद नदया और नवदा ली म अनतन गह क मर कमर म वापस आया गरदव क सा हए वातामिलाप स मझ एक असाधारण उ ास की अिभनत हो रही ी पर जब मझ पता चला नक नजस कमर म मझ ठहराया गया ा उसी कमर म सवय गरदव काफी समय तक रह चक तब

१5

मरी मॉमरता पररवतारमरता िश

मरी मॉ मरता पररवतार मरता िश

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 21: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

16

शबि वतादटकता

जरता सोचो बताओ

नए शबिससमरण समरणीय घटिा मधयाह ि दोपहरउ नसत आिनदत वातामिलाप बातचीतदल समह ससगमि सगनतसषष ससार सघि घिाअिभनत सव-अिभव उपवि उद यािबकल मौलनसरी (वषि का िाम)मािनसक खाद य वचाररक चचामि

तो मरी खनशयो का नठकािा ि रहा आहो मझ तो यह भी बताया गया नक गरदव ि lsquoगीताजलीrsquo का अनधकाश भाग इसी कमर क बरामद म बठकर नलखा

यनद म पसतक होताहोती तो

सतरीदलग पष गएकवचन बहवचन एकवचन बहवचन

भस भस भसा भस----- ----- नबलाव -----

घोड़ी ----- ----- ---------- ----- ----- िाग----- चनहया ----- -----

ा म सचमच भाव नवभोर हो उठा कया यह सच ह मरा अहोभागय ा नक म उसी कमर म ठहरा ा नजसम िोबल परसकार परापत lsquoगीताजलीrsquo रची गई ी

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो क नलग और वचि बदलकर नलखो

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 22: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

17

दवचतार मथन

सिरव धयतान म रखोसवय अधययनउ खिीय कायमि ही वयषति को महाि बिात ह

ह नवशवनच माझ घर

महाि नवभनतयो की सची बिाकर उिक कायभो काउ ख करत हए निबध नलखो

१ सानहषतयक कायमिकरम कहा होि वाला ा २ गरदव की कहानियो म नकसकी मिोवषतत क दशमिि होत ३ ससमरण म नकस कहािी का उ ख नकया गया ह 4 लखक आिद नवभार कयो हए

एक वता य म उतर दलखो

नीच दिए गए नोबल परसकतार परतापत दवभदयचो क दचतर दचपकताओ उनि यि परसकतार दकसदलए परतापत हआ िर बताओ

१ गरिव रव नताथ टरगोर २ सर च शखर वकटरमन ३ डॉ िरगोदबि खरतानता 4 मिर टरसता

5 स ि म यम च शखर ६ अमतययकमतार सन वकटरमन रतामक णन 8 कलतास सतयताथथी

िख ( )

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दनिक समाचार सिो और म य समाचार को फलक पर नलखकर पररपाठ म सिाओ

अपि मिपसद वयषति का साषिातकार लि हत कोई पॉचपरशि बिाकर बताओ

अपि पररवार स सबनधत कोई ससमरण नलखो सत तकाराम क अभग पढ़ा और गाओ

खोजबीन

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 23: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

18

qनवद यानमियो स एकल एव सामनहक कनवता पाठ कराऍ परशिोततर क माधयम स िदी को अपि कधो पर ल आि की कलपिा को सपष कर उ ह बाल जगत स सबनधत अ य नकसी कलपिा क परनत बाल मिोभाव वयति करक परसतत करि क नलए परोतसानहत कर

गताओ आरर समझो ः निी कि पर

अगर हमार बस म होतािदी उठाकर घर ल आत अपि घर क ठीक सामिउसको हम हर रोज बहात कफद-कफदकर उछल-उछलकरहम नमतरो क सा िहात

कभी तरत कभी डबतइतरात गात मसतात िदी आ गई चलो िहािआमनतरत सबको करवात सभी उपषसत भ जिो कािनदया स पररचय करवात अगर हमार मि म आताझटपट िदी पार कर जात

- परभदयाल शरीवासतव

१8

जनम 4 अगसत १ 44 धरमपरा दमोह (मधयपरदश) रचनताऍ बदली लघकाऍ लोकगीत दनिक भासकर िवभारत म बालगीत अानद पररचय आप नवगत दो दशको स कहािी कनवताऍ वयगय लघकाऍ गजल आनद नलखत ह

परसतत कनवता म कालपनिक परतीको क द वारा िदी क परनत बाल मिोभावो को वयति नकया ह

खड़-खड़ उस पार िदी क मममी-मममी हम नच ात शाम ल नफर िदी उठाकरअपि कध पर रखवात लाए जहॉ स हम उसकोजाकर उस वही रख आत

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 24: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

19

सनो समझो और प ो ः8 जनमदिन

-परमसवरप शरीवासतव

गरमी पड़ि लगी ी धीर-धीर उसक तवर तीख हो चल सरज आग बरसाि लगा मगर इि सबस बखबर बबल अपि म ही मसत ा उस बारम म घस आधा घटा हो चका ा शावर क िीच उसकी धमा-चौकड़ी मची हई ी कभी तो वह शावर क सा िल की टोटी भी खोल दता अत म मॉ को ही नच ािा पड़ा lsquolsquoबबल कयो इस तरह पािी बरबाद कर रह हो rsquorsquo lsquolsquoमॉ म सा कछ भी िही कर रहा ह म तो बस िहा रहा ह इस गरमी म मरा मि तो करता ह नक घटो िहाता र rsquorsquo बबल बोला

बबल की इस आदत स उसक माता-नपता दोिो परशाि वह मजि करत समय दर तक पािी बहाता

रहता सकफल म भी उस अपिी इस आदत क कारण डॉट खािी पड़ती वह वहॉ क िल की टोटी भी अकसर खली छोड़ दता

एक पािी की ही बात िही ी नबजली क सा भी यही होता वह कमर म ि हो तब भी पखा खला रहता तो कभी कफलर बद करिा भल जाता कभी वह पढ़त-पढ़त सो जाता तब भी बलब जलता रहता मॉ को ही बझािा पड़ता

पािी हो या नबजली यािी नक जामि दोिो का भडार सीनमत ह दनिया क सभी लोग सा करि लग तो कया होगा िहािा-वहािा तो दर लोग एक घट पािी क नलए तरसग

म कौन

१ बगीच क फल-फफल तोड़िा मिा ह २ जस - फल सबजी लकर घर आअो ३ lsquoचदामामाrsquo बालपनतरका पढ़ो 4 अपिी कपा दषष बिाए रख 5 बचो ि कहा lsquolsquo कपया हम अतररषि क बार म बताऍ rsquorsquo

सचनता दनिदश अतािश अनरोि दवनी क वता य दवरतामदचि न सदि प ो और समझो

जनम ११ माचमि १ २ खरौिा जौिपर (उपर) रचनताऍ नवनवध बालकहानियॉ बालिाटक लख रपक आनद पररचय आप नपछल छह दशको स सानहतय सजि स सल ह

परसतत कहािी म पािी क महतव को बताकर उसकी बचत की ओर धयाि आकनषमित नकया ह

q lsquoचलो मत रको चलो मत रको rsquo इसी परकार क अ य वाकय शयामपट ट पर नलखवाए उिम नवरामनचह िो का उपयोग करवाएिए नवरामनचह िो (- योजक नचह ि निददशक नचह िlsquo rsquo इकहरा अवतरण नचह ि lsquolsquo rsquorsquo दोहरा अवतरण नचह ि) का परयोग समझाऍ

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 25: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

20

जरता सोचो कताटयन बनताओ

लनकि यह बात बबल की समझ म नबलकल ि आती मा और पापा दोिो ही उसम सधार लािा चाहत पर उ ह कोई उपाय िही सझ रहा ा

उस नदि शीला मौसी की बटी पजा का ज मनदि ा उ होि सबको खाि पर बलाया ा शाम को सब उिक यहॉ पहच गए पर बबल को वहॉ पसरा स ाटा दख बड़ा आशचयमि हआ मज पर भोजि लगा हआ ा गबबार और रगीि झालर भी सज हए पर कमर म नबजली की रोशिी िही ी कफलर और पखा भी िही चल रह कवल दो-एक मोमबषततयो का धीमा

परकाश फला हआ ा सब गरमी स परशाि िजर आ रह

शीला मौसी ि बताया lsquolsquoगरमी बढ़ जाि स बाहर

कपिी ि अपि यहॉ भी आज स कटौती शर कर दी ह आज कॉलोिी क इस बलॉक म कटौती हई ह नफर बारी-बारी दसर बलॉको म कटौती करग इसस कया हम पजा का ज मनदि तो हसी-खशी स मिाऍग ही rsquorsquoqउनचत आरोह-अवरोह क सा कहािी का वाचि कर और नवद यानमियो स कराऍ कहािी म आए जीवि मलयो पर चचामि कर सवय

क दो गण और दो दोष बताि क नलए कह कहािी क पातरो क सवभाव क बार म उिको बारी-बारी स बताि क नलए परररत कर

नफर पजा की मॉ ि आरती उतारी और नमठाइयॉ बॉटी lsquoहपपी बमि डrsquo क बोल सभी क मह स निकल पड़ धमा-चौकड़ी क बीच बचो ि गबबार फोड़ सभी गबबार और टॉनफयो पर टट पड़ कछ दर क नलए सब गरमी की परशािी भी भल गए

कछ दर बाद शीला मौसी बाली lsquolsquoअचछा बचो अब धमा-चौकड़ी बद करो सबका खािा लग गया ह आआ जलदी करो rsquorsquo सब खाि की मज पर पहच गए इस बीच बबल को बहत जोरो स पयास लग गई मगर शायद पािी ि होि स सभी क नगलास आध ही भर

हए बबल एक घट म ही सारा पािी गटक गया पर इसस उसकी पयास िही बझी नफर भी वह खाि म जट गया दो-चार कौर भीतर जात ही उसकी पयास और भड़क उठी वह पयास स बचि हो उठा गरमी अलग परशाि कर रही ी वह पािी-पािी नच ाि लगा लनकि पािी का जग खाली पड़ा ा

शीला मौसी मह बिाकर बोली lsquolsquoकया बता बट इस बलॉक की पािी की टकी की सफाई हो रही

यनद पािी की टोटी बालि लगी

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 26: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

21

ह कोई बात िही बचो अचछा-बरा तो होता ही रहता ह तम लोग खािा खाओ अड़ोस-पड़ोस म दखत ह कही-ि-कही स पािी तो नमल ही जाएगा rsquorsquo

लनकि इस आशवासि स बबल को कोई राहत िही नमली पयास स उसका गला सखा जा रहा ा खाि का एक कौर भी गल स िीच िही उतर रहा ा वह पयास स छटपटाि लगा आज पहली बार पयास का अिभव करि स तो उस पािी नमलि वाला िही ा

जस आज पािी को तो बबल स अपिी बरबादी का जी भरकर बदला जो लिा ा अब तो बबल कया तमाम बचो का धयमि जवाब दि लगा ा

तभी एक चमतकार हा गया अचािक नबजली आ गई कफलर-पख चलि लग कमरा नबजली की रोशिी स जगमगा उठा सभी बच खशी स नच ा उठ

मगर नबजली आि भर स तो पयास बझि वाली िही ी अकल को भी अचािक कछ याद हो आया व खशी स बोल उठ lsquolsquo अर बचो म तो भल ही गया ा नक बड़ वाल पािी क कफलर म पािी भरा हआ ह rsquorsquo

अगल ही पल वहॉ का दशय बदल गया कमरा ठडी हवा स भर उठा बच-बड़ सब ठड पािी क सा चटपट भोजि का सवाद लि लग बबल की तो बॉछ षखल उठी चलि स पहल शीला मौसी और मॉ एक-दसर को दख कछ मसकराए इस मसकराहट क पीछ नछपा रहसय बबल िही समझ पाया

q परशिोततर क माधयम स नवद यानमियो स पािी नबजली आनद का उनचत उपयोग कराि हत चचामि कर उ ह इिकी बचत करि कनलए परोतसानहत कर दनिक जीवि म सौर जामि का महतव और आवशयकता समझाकर उसका उपयोग करि क नलए परररत कर

घर पहचि पर मॉ को बबल नकसी सोच म डबा नदखाई पड़ा बबल कछ िही बोला शीला मौसी क यहॉ जो घटिा हई वह अब भी उसकी आखो क आग घम रही ी अपि आगि की गौरया की पयास स खली चोच बाहर सड़क की िाली म जीभ निकाल हॉफता हआ टॉमी शीला मौसी क यहॉ पयास स सखता उसका गला पखा-कफलर जरा दर क नलए बद रहि पर बहता पसीिा बहत कछ िही अब वह सा कछ भी िही करगा

lsquolsquoमॉ कल स मझ आगि म नकसी बरति म पािी भरकर रखिा ह rsquorsquo मॉ हसकर बोली lsquolsquoतर कारण पािी बरबाद होि स बच तब ि रख rsquorsquo

lsquolsquoमॉ अब पािी की एक बद भी बरबाद िही होगीrsquorsquo बबल आतमनवशवास स भरकर बोला

मगर बबल कभी यह िही जाि पाया नक शीला मौसी क यहॉ ज मनदि की पाटथी म जो कछ हआ वह एक िाटक मातर ा उस सबक नसखाि क नलए मॉ ि चलि स पहल शीला मौसी को फोि पर बबल की इस आदत क बार म बता नदया ा शीला मौसी ि भी कछ करि का भरोसा नदया ा उ होि यही िाटक नकया जो नक परी तरह कामयाब रहा

अब तो बबल खद भी अपि दोसतो को समझाता ह नक पािी और नबजली अिमोल ह इ ह भनव य क नलए बचाकर रखो

दवचतार मथन सौर जामि अषिय जामि

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 27: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

22

मरी कलम स

बताओ ो सिी

सिरव धयतान म रखो

वताचन जग स

सनो ो जरता

सवय अधययन

भताषता की ओरशबि वतादटकता

तम अपिी छोटी बहिछोट भाई क नलए कया करत हो धवनिफीनत सी डी पर कोई लाकगीत सिो

डॉ एपीज अबदल कलाम की आतमका का अश पढ़कर चचामि करो

अपि िािा जीदादा जी को अपि मि की बात नलखकर भजो

पराकनतक सपदाओ की बचत करिा आवशयक ह

दनमनदलषख दचतरचो क नताम बताओ और जतानकतारी दलखो

नए शबिबरबाद िाश तमाम सभीभडार खजािा भरोसा नवशवासस ाटा गहि शानत कामयाब सफल मितावरधमा-चौकड़ी मचािा धम मचािा

शबदयगमो की जोनड़या नमलाओ

मातभाषा क दस शबद एव दो वाकयो का नहदी म अिवाद करो

अड़ोस

बारी

अचछा

िहािा

हसी

वहािा

खशी

बरा

पड़ोस

बारी

१ बबल की आदत स कौि परशाि २ शीला मौसी ि नबजली की कटौती का कया कारण बताया ३ पयास क कारण बबल की षसनत कसी बिी ी 4 बबल ि नकस बात को कभी िही जािा

िो-ीन वता य म उतर दलखो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अधययन कौशल

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 28: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

23

qनवद यानमियो स लोरी गवाऍ और उसका अमि पछ इसम आए सदभमि समझाऍ अौर उसपर चचामि कर माता-नपता जी का महतव पछ और उ ह अपि दादी जी िािी जी क गणो को उजागर करि वाली कोई घटिा बताि क नलए कह अ य लोरी सिाए और गवाऍ

९ सोई मरी छौनता र - डॉ शरीपरसाद

जनम 5 जिवरी १ ३२ पारिा अागरा (उपर) रचनताऍ lsquoषखड़की स सरजrsquo lsquoआ रीrsquo lsquoकोयलrsquo lsquoगनड़या की शादीrsquo आनद पररचय आपि नवपल मातरा म बाल सानहतय का सजि नकया ह

परसतत कनवता म लोरी क माधयम स मॉ का वातसलय भाव परकट नकया गया ह

झला झल सोि का झल रशम की डोरी मीठ सपिो म खोईसि-सि पररयो की लोरी मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

चॉद-नसतार जाग रहिाच रही ह चॉदनिया फफल षखल ह चॉदी कफफली मरी आगनिया मरा दीठ-नदठौिा र सोई मरी छौिा र

मरा गद-षखलौिा र सोई मरी छौिा र

सनो प ो और गताओ ः

यदि सच म िमतार मतामता कता घर चॉि पर िोता ोजरता सोचो बताओ

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 29: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

24

सवय अधययनशबि वतादटकता

मरा सख अिहोिा रसोई मरी छौिा र गीत सिा सोए तत सोए औ गा म मरा दीठ नदठौिा र सोई मरी छौिा र

नए शबिसलोिी सदर छौिा ि हा बचा

अपि पररवार क नपरय वयषति क नलए चार कावय पषतिया नलखो

जाग खल रठ तहस-हस तझ मिा म षखलौिो की दनिया कीसर तझ करवा म मरी पयारी सलोिी र सोई मरी छौिा र

२4

मरताठी अथय समोचतारर शबि दििी अथय

कल

सहीखोल

आईपरत

खोजबीननवनभ षितरो की lsquoपरम भारतीय मनहलाओrsquo की सनचतर जािकारी कापी म नचपकाओ

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनहदी-मराठी क समोचाररत शबदो की अमि नभ ता बताओ और नलखो

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 30: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

25

जोड़ो िम पड़ क पतचो पर दिए गए वण स सय ताकरय शबि बनताओ (आि िताकर पताई िटताकर िल लगताकर lsquoरrsquo क परकतार )

(क फ ग त घ ष व द म ह ठ ड ट प र)

२5

जतानवरचो की डॉ टर

दगि ि

मगताय

डटम

लकड़बगघताटट ट

इ िनष

कतता

ग त

वद ट

ह ठ

डट

मप

दमगो

कदवता की पष यॉ परी करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

िीनतपरक दोह सिो और आिदपवमिक सिाओ

सभ ाकमारी चौहाि की कनवता पढ़ो और समह म गाओ

मॉ को एक नदि की छट टी दी जाए तो कया होगा

नियत नवषय पर भाषण तयार करो

सिरव धयतान म रखोजीवि म मॉ का साि असाधारण ह

अपि पररवार का वश वषि तयार करो और ररशत-िातो क िाम नलखो

अधययन कौशल

जििी-ज मभनमशच सवगामिदनप गरीयसी

दवचतार मथन

१ चाद नसतार आगनिया

२ मरा सख गा म

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 31: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

26

सवय अधययन-१

एक स सौ तक की उलटी नगिती पढ़ो और कापी म नलखो

बीसउननीसअठतारिसतरिसोलिप िचौििरिबतारिगयतारि

िसनौआठसताछिपताचचतारीनिोएक

चतालीस

उनतालीस

अड़ीस

सीस

छतीस

पीस

चौीस

ीस

बतीस

इकीस

पचतास

उनचतास

अड़तालीस

सतालीस

दछयतालीस

पतालीस

चवतालीस

तालीस

बयतालीस

इकतालीस

सताठउनसठअट ठतावनसततावनछ पनपचपनचौवनदरपनबतावनइ यतावन

सतरउनितरअड़सठसड़सठदछयतासठपसठचौसठदरसठबतासठइकसठ

अससीउनतासीअठितरसितरदछितरपचितरचौितरदितरबितरइकितर

नबबनवतासीअठतासीसतासीदछयतासीपचतासीचौरतासीदरतासीबयतासीइ यतासी

सौ

दननयतानव

अठतानव

सतानव

दछयतानव

पचतानव

चौरतानव

दरतानव

बतानव

इ यतानव

ीस

उनीस

अट ठताईस

सतताईस

छबबीस

पचीस

चौबीस

ईसबताईस

इीस

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 32: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

27

मताता-दपता सअपन बतार म

सनो

दपछल वषय दकए अपन दवशष कतायय

बताओ

बताल सभता म परददिन बोि कथता कता वताचन करो

वषय भर क खल- समताचतारचो कता सदचतर सकलन परस करो

कद उपकरम

ि र स ल ड त नचक

१ वणयमतालता सनताअो और दवशष वण क उचतारण पर धयतान िो

२ दवि यतालय क सनि सममलन कता वणयन करो

३ पसिीिता दवषय पर दवजतापन बनताकर उसको प ो

4 ल- लचो क िस-िस नताम दलखो

5 अकर समि म स षखलतादड़यचो क नताम बताओ और दलखो

धया

री

शा

लखा

का

िा

नस

ि

सा

जा

नम

बा खा

ल वा ि

नि नम सा जामि या

पनरतावयन - १ लचो क नताम लचो क नताम

१ १ २ २ ३ ३ 4 4 5 5 ६ ६ 8 8 १० १०

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 33: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

28

िखो समझो आरर चचताय करो ः

q नवद यानमियो स नचतरो का निरीषिण कराकर उिको परशि पछि क नलए कह बड़ो की सहायता स उ ह डाकघर म जाकर नटकट खरीदि ता बक म बाल-बचत खाता खलवाि और पररनचत डानकए बक कममिचारी िसमि हवलदार स बातचीत करि की सचिा द

१ उपयोग िमतार

२8

मनीआडयर

बच खताता

रदजसटटी दटकट

िम आपकी आवयकता समझ ि

डताकघर

कड़ता ितान

बच आपकी

परगद िश की

सचनता

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 34: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

29

qउपरोति सािो की कायमि परनकरया सबधी जािकारी दकर चचामि कर परतयषि जाकर नवद यानमियो को वहॉ की सचिा पढ़ि क नलए कह उिस अपि गॉवशहर क महततवपणमि सािो क दरधवनि करमाको की सची बिवाऍ आर सहायता लि की सचिा द

बक

बच खताता

कदशयर

पछताछ

मरनजर

सचनता

Xyumlgar BH$mBcopy

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 35: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

30

सनो समझो और गताओ ः

२ तानचो स यता डरनता - शिखा िरामा

q नवद यानमियो का धयाि लयातमकता की ओर आकनषमित करत हए कनवता शी ता स कहलवाऍ उिस मखर वाचि मौि वाचि करि क नलए कह नफर िए शबदो क अमि पछ कनवता म आए जीवि मलयो पर गहि नवशलषणातमक चचामि कराऍ

पररचय नशखा शमामि परनसद ध कवनयतरी मािी जाती ह परसतत कनवता म मि य की जझार वषतत को दशामिया गया ह

दचतर िखकर िताव-भताव की नकल करो

नवद यालय

िफरत करिा िही नकसी स पयार सभी स करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी नहममत करि वालो को नमलती मदद सब लोगो कीसतकमभो की तनलका स जीवि म रग भरिा जी हार-जीत का खल ह जीवि खल समझकर खलो

जो भी नमलता हा बढ़ाकर खशी-खशी तम ल लो जब तक नजयो हसकर नजयो इक नदि सबको जािा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

सवय अधययन

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 36: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

31

भताषता की ओरशबि वतादटकता

धप-छाव जीवि का नहससा कभी उजाला कभी अधरारात हो चाह नजतिी लबी उसका भी ह अत सवरा समय एक-सा कभी ि रहता ोड़ा धीरज धरिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

दह-अनभमाि क कारण दखो नकतिी महामारी हसबको सची राह नदखािा अपिी नजममदारी ह आतमजाि क दीप जलाकर दर अधरा करिा जीतफा तो आत रहत ह इिस भी कया डरिा जी

भारतीय सािीय समय क अिसार दश-नवदश क समय की तानलका बिाओ

नए शबिसतकममि अचछा कायमि अनभमाि घमडमहामारी सकरामक भीषण रोगतनलका शधीरज धयमिआतमजाि सवय का जािदह शरीर

कनवता म अाए नक ही पॉच शबदो क नवरद धाथी शबद नलखो

खोजबीन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 37: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

32

पचमताकर ( णनम) क अनसतार पगचो म उदच शबिचो की जोदड़यॉ दमलताओ समझो िम

चबल इफाल अचभा चपारि

इस कदवता कता सतार दलखो

घग

ट ठ

द ध

ि

कगिा सघनमतरा पख ककाल

चचल जजाल पछी झझा

कठ डडा प री घटा

गधवमि अदर अनतम मि

जस-कगिा

प फ

ब भ

च छ

ज झ

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

रनडयो पर एकागता स भजि सिो अौर दोहराओ

मीरा का पद पढ़ो और सरल अमि बताओ

lsquoसाषिरता अनभयािrsquo क बार म जािकारी बताओ

महीि म एक बार कनवता का शरतलखि करो

सिरव धयतान म रखोहमारी सोच सकारातमक होिी चानहए

समाज सवी मनहला की जीविी पढ़कर पररणादायी अश चिा और बताओ

अधययन कौशल

करत-करत अभयास क जड़मनत होत सजाि

दवचतार मथन

जरता सोचो चचताय करो यनद समय का चकर रक जाए तो

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 38: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

33

प ो समझो और दलखो ः

3 कठपली

शहर म आिद महोतसव का आयोजि नकया गया ा नजसम नवनभ राजयो की ससकनत एव नशलपकला की ता अ य दकाि सजी हई ी इिम नवनवध कलाओ की नवशषताओ क दशमिि खल परदशमििी मौत का कआ छोट-बड़ झल कठपतली का ितय और खाि-पीि की दकाि आकनषमित कर रही ी परीनत अपि नमतर तजस परस ा और म मयी क सा महोतसव

दखि आई ी आईसकरीम का आिद लत हए वह कठपतली क ितय की दकाि क सामि सतरधार की आवाज सिकर रकी वह कह रहा ा-

lsquolsquoआओ आओ सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनदखाओ इसम तम चतराईकर लो आज मोटी कमाई rsquorsquo

परसतत कहािी द वारा जीवि म वजानिक दषषकोण को अपिात हए अधनवशवास स दर रहि का सदश नदया गया ह

दवशषता िमतारी दचतर िखकर दवशषणय शबि बताओ और उनकता वता यचो म परयोग करो

qशयामपट ट पर कहािी म आए नवशषणो (काली बहत एक य ) की सची बिाए और उ ह भदो सनहत समझाऍ इि शबदो का वाकय म परयोग कराऍ कहािी म आए िए शबदो क अमि बताकर उिस अपि शबदो म कहािी नलखवाऍ

िि१ली १

२३

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 39: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

34

परीनत ि दखा-बाज म एक बोडमि रखा ा नजस पर नलखा ा-

lsquolsquoआइए आइए हम गलत सानबत करक हजार रपए ल जाइए rsquorsquo परीनत ि सोचा यह कौि-सा बड़ा काम ह चलो आज आजमात ह परीनत अपि नमतरा क सा अदर गई तो दखती कया ह कछ कठपतनलयॉ रग-नबरग पहिाव पहिकर आख मटकाती हई इधर स उधर आ जा रही ी लोगो का सवागत करती हई सतरधार क वाकय को दोहरा रही ी आवाज तो नवद यानमियो की ह पर लगता ह नक कठपतनलयॉ बोल रही ह

तभी एक कठपतली हा म एक िाररयल लकर आई और कहि लगी -lsquolsquoबहिो और भाइयो ता सा म आई भानभयो िमसकार परणाम वलकम नकसी भी िए कायमि का परारभ िाररयल फाड़कर नकया जाता ह आइए हम भी अपि कायमिकरम का परारभ िाररयल फोड़कर करत ह rsquorsquo उसि जार स िाररयल को जमीि पर पटका अर य कया िाररयल म स फफल आशचयमि चनकत होकर कठपतली बोली-lsquolsquoदखो दखो अधनवशवास िाररयल स फफल निकल rsquorsquo इसपर सतरधार बोला-lsquolsquoदखा नमतरो यह ह हा की सफाई सतरधार ि बताया नक िाररयल म तीि छद (आख) होत ह उिम स नकसी एक छद को सलाई की सहायता स

खोलकर शाम को उसम स मोगर या चमली की कनलयॉ अदर पहचाई जाती ह परयोग क समय तक व षखलकर फफल बि जाती ह नजस लोग अधशरदधा समझत ह स ही बाल आनद का परयोग कर लोगो को डरात ह rsquorsquo इतिा कहत ही सभी कठपतनलया कमर मटकाती हई गाि लगी-

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाई शकि-अपशकि की ह लड़ाई िाररयल ि जो खबी नदखाईदखो सभी क सामि आई rsquorsquoतभी एक काली नब ी इि कठपतनलयो क

सामि स भागी और सारी कठपतनलयॉ नठठककर खड़ी हो ग उिम स एक मह पर हा रखकर बोली-lsquolsquoहाय हाय लो अब तो हो गया कायमिकरम का बटाधार rsquorsquo दसरी कठपतली बोली-lsquolsquoकयो कया हआ बहिा rsquorsquo पहली कठपतली बोली-lsquolsquoअर दखा िही काली नब ी ि रासता काटा rsquorsquo तभी सतरधार ि परवश कर बताया lsquolsquoदखा नब ी को वहॉ उसका नपरय खाद य चहा नदखा नजस दख नब ी उस पकड़ि को लपकी उसि जाि-बझकर तमहारा रासता िही काटा ह rsquorsquo सतरधार क इतिा कहत ही कठपतनलयॉ आकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाईनब ी मौसी जब सामि आईभगदड़ सबि खब मचाई rsquorsquoसार दशमिक तानलयॉ बजाि लग तभी एक

कठपतली आ छी आ छी कर छीकत हए आई एक बार नफर िाचती हई सारी कठपतनलयॉ डरकर रक ग तभी दसरी बोली-lsquolsquoअर र नफर अपशकि हो गया आज तो सचमच ही हमारा कायमिकरम िही होगा

३4

qनवद यानमियो स कहािी पढ़वाऍ और परशि बिाकर एक-दसर स पछि क नलए कह उिस अधनवशवास पर चचामि कराऍ इ ह दर करि क उपायो को खोजकर उसपर अमल करि क नलए कह कोई कायमि परा होि या ि होि क कारणो पर चचामि कर

जरता सोचो दलखोयनद तमह अलादीि का नचराग नमल जाए तो

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 40: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

35

चलो चलो rsquorsquo तभी सतरधार उ ह रोकत हए बोला-lsquolsquoदोसतो हम भी यही करत ह और अपि कायमि को समय पर करि की बजाय या तो उस नवलब स करत ह या करत ही िही पररणाम कायमि की अपणमिता और िाम शकि-अपशकि का rsquorsquo सतरधार अभी बात ही कर रहा ा नक वह कठपतली नफर स छीकी- आ छी सतरधार ि उस कठपतली स पछा-lsquolsquoबहिा कहॉ स आ रही हो rsquorsquo कठपतली बोली-lsquolsquoभया पासवाली ल ि च ी की गली स rsquorsquo तब सतरधार हसत हए बोला lsquolsquoआज ल ि की च ी पर हररनकशिदास क यहॉ की शादी की नमरची नपसाई जा रही ह जो भी उस गली स गजरता ह स ही छीकता हआ आ रहा ह rsquorsquo

इधर सतरधार बात कर ही रहा ा नक तभी दसरी कठपतली भी छीकती हई बड़बड़ाती हई आई lsquolsquoआज पता िही ल ि कया पीस रहा ह सारा मोह ा ही छीक रहा ह rsquorsquo इतिा सििा ा नक सारी कठपतनलयॉ िाचकर गाि लगी -

lsquolsquoदखो दखो सार बहि-भाईशकि-अपशकि की ह लड़ाई छीको ि जब होड़ मचाईकाम की गनत कयो हमि रकाई rsquorsquoअब दशमिक भरपर मजा लि लग सतरधार बोला-

lsquolsquoनमतरा आपि दखा हर घटिा क पीछ कोई-ि-कोई वजानिक या वयावहाररक कारण होता ह नजस हम शकि-अपशकि का िाम दकर समय पर अपिा काम िही करत ह नजसका असर हमार काम पर पड़ता ह उनचत फल हम िही नमलता ह अत अापस परामििा ह नक कपया कपरा स बच rsquorsquo अत म सभी कठपतनलयॉ एक सा मच पर आकर गाि लगी-

lsquolsquoदखो-दखो सार बहि-भाई करो शकि-अपशकि की खतम लड़ाईघर-घर नवजाि ि रोशिी फलाई जि-जि क मि स अधशरद धा भगाई rsquorsquoइस मजदार बात को लकर परीनत बड़ी ही खश

हई वह अब घर जाकर बआ स बताएगी lsquolsquoनवशवास करो अधनवशवास िही rsquorsquo

भताषता की ओरशबि वतादटकता

नए शबिआजमािा उपयोग अवा परयोग करक दखिाअसर पररणामनठठकिा सहसा रकिामितावरताबटाधार करिा परी तरह बरबाद करिा

निमिनलषखत शबदो म उपसगमि लगाकर नलखो

डरसवागत

परपरा

अप नि सशकि

वयावहाररकअ क भर

३5

सवय अधययनउपलबध सामगी स कठपतली बिाओ और नकसी कायमिकरम म उसका मचि करो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 41: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

36

नीच िी गई सजताओ कता वता यचो म परयोग करो नीच दिए सवयनतामचो क दचतर िखो पिचतानो और वता यचो म परयोग करो (म कोई िम आप)

२ सारी कठपतनलयॉ खड़ी हो ग (नठठककर भागकर सहमकर)

सारा ही छीक रहा ह (शहर मोह ा िगर)

१ एक कठपतली हा म एक लकर आई (छड़ी फफल िाररयल) ३ नजस लोग समझत ह (शरद धा नवशवास अधनवशवास)

सिी दवकलप चनकर वता य द र स दलखो

१ पािी २ भीड़ ३ ईमािदारी 4 हाी 5 भारत

4

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

चटकल पहनलयॉ सिो और नकसी कायमिकरम म सिाओ

नहतोपदश की कोई एक कहािी पढ़ो और उसस सबनधतनचतर बिाओ

नकसी एक ससमरणीय घटिा का वणमिि करो

नहचकी आि जसी नकरयाओ की सची बिाकर उिककारण नलखो

सिरव धयतान म रखोनबिा सोच नवचार नकसी बात पर नवशवास िा कर िए शबदो को शबदकोश म स ढ़कर वणमिकरमािसार नलखा

अधययन कौशल

नवजाि का फलाओग परकाश तो होगा अधनवशवास का िाश

दवचतार मथन

अधशरद धा क कारण और उस दर करि क उपाय ढ़ो और नकसी एक परसग को परसतत करो

खोजबीन

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 42: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

37

qसवाद का आदशमि वाचि कर मखर वाचि करवाऍ नमतर क कौि-स गण आपको अचछ लगत ह पछ खल भाविा क अिसार अचछ गण सवीकार करि और दोषो को दर करि क नलए कह सवाद म आए कारको का वाकय परयोग कराऍ

सनो समझो और प ो ः

- रारशवरदयाल दब4 सोनता और लोिता

सोनता ः म सवणमि म सोिा मरी भी कया शाि ह नजस दखो मझ चाहता ह मर गण ही स ह लोिता ः िमसत कया कह रह - मरा रप ही सा ह मर गण ही स ह सोनता ः म कया झठ बोल रहा ह मरा चमकता पीला रग दख ससार म म सबस सदर लोिता ः सोि पहल यह तो बता नक त नतजोरी स बाहर कयो आया लाख बार कहा नक तरा बाहर आिा

खतर स खाली िही मगर त मािता ही िही तरी रषिा का भार मझपर हसोनता ः राजा की रषिा उसक िौकर-चाकर करत ही ह लोिता ः अचछा त राजा और म िौकर मर एक चाट स तरा रप बदल जाएगा चल भीतर सोनता ः भल ही तम मझस बड़ हो मगर मझ डाटि का तमह कोई अनधकार िही मर दस गाम का मलय

पचीस हजार तो तम पचीस-तीस रपयो म नकलो क हो लोिता ः रपयो म नकसी वसत का मलय लगािा वयमि ह दखिा यह चानहए नक कौि नकतिा उपयोगी ह

सोि स पट िही भरता म सबका हा बटाता सोनता ः अर लोह स कस पट भरता ह लोिता ः म अगर ि रह तो नकसस बिगा फावड़ा कदाल खरपी मकाि बिािा हो तो लोहा चानहए

यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह कोई बड़ा काम करिा हो लोह क नबिा हो ही िही सकता रोनटया भी लोह क तव पर ही सकी जाती ह सभी कछ लोह स बिता ह

सोनता ः अगठी माला बाली लोह स िही बित उसक नलए मरी ही तलाश होती ह म राजा-महाराजाआ धनिको का पयारा ह म ची जगह रहता ह िीच िही उतरता

जनम २१ जि १ ०8 उ पर मतय २4 जिवरी २०११ रचनताऍ lsquoअनभलाषाrsquo lsquoचलो-चलrsquo lsquoडाल-डाल क पछीrsquolsquo मॉ यह कौिrsquo lsquoफफल और काटाrsquo आनद पररचय आप परनसद ध बाल सानहतयकार ह

परसतत सवाद म रप-रग की अपषिा सद गणो क महतव पर जोर नदया गया ह

नवनभ धातओ क िाम और उिस बिि वाली वसतऍ नलखो

अधययन कौशल

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 43: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

38

शबि वतादटकता

लोिता ः त राजाओ-धनिको का पयारा ह म नकसािो-मजदरो का पयारा ह गरीबो की सवा करि म मझ सख नमलता ह राजाओ क नदि लद गए अब तो शरनमको क नदि ह

सोनता ः मझस तो महित िही होती म तो आराम स रहता आया ह और रहिा चाहगा लोिता ः आराम हराम ह शरम म ही जीवि की सफलता ह तमि दखा ह म नकतिा काम करता ह म

कल-कारखािो म नदि-रात काम करता ह जो काम करग उ ही का सममाि होगा सोनता ः तो मरा अब कया होगा दादा मझ घबराहट हो रही ह लोिता ः त डाल-डाल म पात-पात डर मत सोि म सदा तरी रषिा करता आया ह आग भी करगा

मगर अब त घमड करिा छोड़ द सोनता ः छोड़ दगा भया मगर मरी रषिा करिा लोिता ः अचछा अचछा त मरा छोटा भाई ह ि चल भीतर चल नबिा पछ बाहर मत आिा

३8

नए शबिशाि = ठाट-बाट धनिक धिवाि मलय = महतव कीमत शरनमक = मजदर तलाश = खोजमितावरतानदि लद जािा बीती बात होिाकितावत डाल-डाल म पात-पात तम निपण हो परतम तमस अनधक निपण

आराम हराम ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भताषता की ओरनिमिनलषखत शबदो म परतयय लगाकर नलखो

ता वाि आविा

गणडर

नदिघबरािा

ई आहट इकसदर

उपयोग

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 44: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

39

सवय अधययनखोजबीन

दनमनदलषख शबिचो कता रोमन दलदप म दल यरण करो दनमनदलषख कतारकचो कता अपन वता यचो म परयोग करो

१ यद ध म लोह क ही असतर-शसतर काम दत ह २ रोनटयॉ भी सोि क तव पर सकी जाती ह ३ शरम म ही जीवि की सफलता ह जो काम करग उ ही का अब सममाि िही होगा

सिी यता गल बताओ

सद गणो को आतमसात करि क नलए कया करोग इसपर आपस म चचामि करो

रपयो (िोट) पर नलखी कीमत नकतिी और नकि भाषाओ म अनकत ह बताओ

धिष

हाी

षखड़की

िवला

कटहल

महल

बाररश

कसथीनलपयतरण

ि

का की क

को

को

अर

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

---------------------

मपर

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

बस रल सािक की सचिाऍ धयािपवमिक सिकर सिाओ

दकािो क िाम फलक पढ़ो और उिका अनभिय करो

मामिमीटर म नकस धात का परयोग होता ह बताओ

अकररत अिाजो की सची बिाओ और उपयोग नलखो

सिरव धयतान म रखोपरतयक का अपिा-अपिा महतव होता ह

जरता सोचो चचताय करो यनद खनिज तल का खजािा समापत हो जाए तो

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 45: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

40

१ भारत म सबस अनधक जिस या वाला शहर कौि-सा ह

२ नवशव का परम नवशवनवद यालय कौि-सा ह ३ अतरराषटरीय मनहला नदवस कब मिाया

जाता ह 4 नवशव का सबस बड़ा जीव कौि-सा ह 5 नकस गह को lsquolsquoभोर का ताराrsquorsquo कहत ह

5(अ) यता म जतान िो

(ब) पिदलयॉ

६ भारत का राषटरीय मािक समय नकस शहर म मािा जाता ह

भभाग की दषष स भारत का सबस बड़ा और सबस छोटा राजय कौि-सा ह

8 भारत का सनवधाि बिाि म नकतिा समय लगा भारत म नकति राजय और नकति क शानसत

परदश ह १० नवशव म सबस चाई पर कौि-सी सड़क ह

qनवद यानमियो स उपरोति जािकारी पर चचामि कर उिस सी अ य जािकाररयो का सगह कराऍ आवशयकतािसार अ य नवषय नशषिको की सहायता ल उ ह परशि मच का आयोजि करि क नलए कह

qनवद यानमियो स पहनलयो का मखर और मौि वाचि करवाऍ उपरोति पहनलयॉ बझि एव उिक हल चौखट म नलखि क नलए कह कषिा म अ य पहनलयॉ सिाऍ और बझवाऍ उ ह अ य पहनलया ढ़ि क नलए परररत कर ता उिका सगह करवाऍ

जल म ल म रहता वषामि त का गायक कहो कौि टरमि-टरमि करताइधर-उधर फदक-फदक नमट टी धप हवा स भोजि वह परनतनदि ही लता ह कहो कौि जो पराणवाय सगछाया भी हमको दता ह

अधमिचकर और सतरगी िभ म बादल का सगी कहो कौि जो शात मिोहररग एक ह नजसम िारगी

समझो और बताओ ः

4०

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 46: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

41

प ो और समझो ः६ सवतास य सपिता

- र ा रा ा री

नच जमिालालतमहारा पतर अभी मर हा लगा सिा और उसका जवाब नलख रहा तम चाहत हो व सब अाशीवामिद

टोकररयो म भर तमहार ज मनदवस पर तमह नमल तमहार सवास य क सबध म सब कछ जािि क बाद भी जो नवचार मि बताए ह उिपर म सवय दढ़ तमको अपि खचमि स भोजि परापत करि की छट टी नमल सक तो उस परापत करि म कोई दोष िही समझता शरीर को एक अमाित समझकर यासभव उसकी रषिा करिा रषिक का धममि ह मौज-मज क नलए गड़ की एक डली भी िा मागो ि लो परत औषनध क तौर पर महग-स-महग अगर भी नमल सक तो परापत करि म कोई बराई िही नदखाई दती इसनलए एस भोजि को गहण करि म उद वग की आवशयकता

यरवडा मनदर 8-११-३२

कतायय िमतारतादचतर िखकर दकरयताय शबिचो स वता य बनताओ

4१

जनम २ अतिबर १8६ पोरबदर गजरात मतय ३० जिवरी १ 48 पररचय आप lsquoराषटरनपताrsquo की उपानध स जाि जात ह परसतत पतर म यह बताया गया ह नक खली हवा म नियनमत रप स वयायाम ता समय पर नकया गया सतनलत भोजि ही सवस

जीवि की पजी ह

q पतर म आए हए नकरया शबदो (नपयो होत ह नमल सक खाया षखलाया षखलवाया) को शयामपट ट पर नलखकर नवद यानमियोस इसी परकार क अ य शबद कहलवाऍ उ ह नकरया क भद परयोग द वारा समझाए दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 47: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

42

िही सी ही षसनत म दसरो को भी सा खािा षखलाया जा सक तो षखलािा चानहए मरी दषष म नजति ग नमलत ह उति खाि की जररत िही गड़ को नबलकल छोड़ दिा उनचत मािता तमहार शरीर को गड़ की जरा भी आवशयकता िही इसक बदल निद ष शद ध शहद लिा अनधक अचछा ह परत जब तक मीठ फल नमल सकत ह उसकी भी जररत िही दध की मातरा बढ़ािा अचछा ह

जति क तल की जगह मकखि लत हो यह ठीक ही ह मकखि म जो नवटानमि हात ह व जति क तल म िही होत साग म हरी सबजी होिी चानहए आल वगरह लगभग रोटी का साि लत ह इिम सटाचमि हाता ह तमको सटाचमि की कम-स-कम जररत ह और नजतिी होगी वह सब ग स परी हो जाएगी मकखि दध काफी ह इसक घटाि-बढ़ाि का आधार वजि क पर ह वजि क षसर हो जाि तक और हजम होता रह तब तक मकखि की अवा दध की या दोिो की मातरा बढ़ात जािा चानहए तरकाररयो म लौकी ता नभ -नभ परकार की सषबजया फफलगोभी पततागोभी नबिा बीज की सम बगि इि सबकी नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह ग का आटा चोकर नमला हआ होिा चानहए यनद ग नबलकल साफ करक पीसा गया हो तो उसका कोई भी अश िही फकिा चानहए

फल म ताज अगर मौसबी सतरा अिार सब अि ास लि योगय ह आजकल जो परयोग अमररका म हो रह ह उसस मालम होता ह नक एक ही सा बहत-सी चीज िही नमला दिी चानहए फल अकला ही खाि स उसक गण बढ़त ह भख पट खािा तो सव ततम ह अगजी म कहावत भी ह नक सबह का फल सोिा ह और दोपहर का चॉदी ह इसनलए पहला खािा अकल फल का होिा चानहए कया तम सबह गममि पािी पीत हो सबह गममि पािी नपयो तो हजमि िही तमको चौबीसो घट खली हवा म रहि की इजाजत नमल सकती हो तो लिी

4२

qइस अिौपचाररक पतर क नकसी एक पररचछद का उनचत उचारण क सा आदशमि वाचि करक मखर वाचि कराऍ िए शबदो का शरतलखि करवाए उ ह पतर लखि नवनध की जािकारी द और उसक परकारो को समझाऍ अ य औपचाररक पतर पढ़ि क नलए द

सवय अधययनडाक नटकटो का सकलि करक परदशमििी का आयोजि करो

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 48: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

43

शबि वतादटकता

चानहए खली हवा म रोज धीर-धीर पराणायाम कर सको तो अचछा ह रात की सदथी स डरि की नबलकल जररत िही कबल गल तक अचछी तरह ओढ़ नलया हो और नसर ता

काि पर कपड़ा लपट लो तो नफर कोई हानि िही चौबीसो घट शद ध-स-शद ध हवा शवास क नलए फफड़ो म जाए यह अनत अावशयक ह सबह की धप सहि हो सक तो इस तरह शरीर को खली हवा म नजतिा खला रख सको उतिा रखिा चानहए

माधव जी की गाड़ी तो ठीक चल ही रही ह वहा जो साी रहत हो अौर जो आव सो हम तीिो का यायोगय आशीवामिद पाव

बाप क आशीवामिद

नए शबिअमाित धरोहराती उद वग परबलता निद ष दोष रनहत इजाजत अिमनतसव ततम सवमिशरठि चोकर ग का आटा छािि क बाद बचा हआ भाग

4३

जरता सोचो दलखोयनद भोजि स िमक गायब हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

खोजबीन

पढ़ाई का नियोजि करत हए अपिी नदिचयामि नलखो अधययन कौशल

खादी का कपड़ा कस बिाया जाता ह इसकी जािकारी परापत करक नलखो

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 49: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

44

१ जति क तल की जगह मकखि कयो नलया जािा चानहए २ रषिक का धममि कौि-सा ह ३ नकि-नकि सषबजयो की नगिती अचछी हरी सषबजयो म होती ह 4 फफड़ो क नलए कया अनत आवशयक ह

एक वता य म उतर दलखो

44

कछ मीठी

यही

परकार -----------

परकार -----------

परकार -----------

पॉच

परकार -----------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

वाकय -------------------------

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दरदशमिि और रनडयो क कायमिकरम दखा सिो और सिाओ

साि गर जी द वारा नलखा कोई एक पतर पढ़ो और चचामि करो

सतनलत आहार पर पॉच वाकय बोलो

अपि नमतर को शभकामिाबधाई पतर नलखो

सिरव धयतान म रखोिवयवको की शषति दशनहत म लगिी चानहए सवस शरीर सवस मि यागासि ह उततम साधि

दवचतार मथन

भताषता की ओरनिमि नवशषण शबदो क अपि वाकयो म परयोग करक उिक परकार नलखो

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 50: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

45

सीखो बनताओ और उपयोग करो

7 कतागज की थरली

qनवद यानमियो स कनत पढ़वाऍ और चचामि कराऍ उिस कनत करवाऍ इसी परकार की अ य कोई उपयोगी वसतए बिाि और उसकी नवनध नलखि क नलए कह उ ह दनिक वयवहार म कागज की ली का उपयोग करि क नलए परोतसानहत कर

सतामगरी- परािा समाचार पतर कची गोद सकल पष सलदवदि - १ सवमिपरम पराि समाचारपतर का एक प ा लो २ उसक लबाईवाल भाग की ओर स उस दो इच म मोड़ो ३ उसी प को चौड़ाईवाल भाग की ओर स एक इच मोड़ो 4 तयार प को दो बराबर भागो म मोड़कर नवभानजत करो 5 नवभानजत प ो को नफर चार भागो म पिनवमिभानजत करो ६ अब आखरी दोिो ओर क भागो स एक इच दाऍ और एक इच बाए रखा खीचो ता उस नवपरीत नदशा म मोड़ो अब िीच स मोड़कर उस नचपकाओ ता उस लस मोती रगीि कॉच स सजाआ सकच पि स उसपर अपिी पसद क अिसार नचतर बिाकर रगो 8 अत म दोिो ओर डोरी डालकर आकषमिक बिाओ

45

- रा शरी भय

१ इच२ इच

बाए १ इच

मोड़कर नचपकाओ

१ ३

45

8

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 51: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

46

प ो समझो और दलखो ः

- डॉ शवरला भडाररी 8 टीट और दचकी

qनवद यानमियो स नचतरा क अाधार पर परशि पछ वाकय बिाि की परनकरया एव रचिा क आधार पर वाकयो क परकार (सरल सयति नमशर वाकय) उदाहरण सनहत समझाऍ कहािी स इस परकार क वाकय ढ़कर नलखवाऍ ता दढ़ीकरण होि तक अभयास करवाऍ

टीट नगलहरी और नचकी नचनड़या दोिो पड़ोनसि ी टीट का घर पड़ की खोखल म ा और नचकी का घोसला पड़ की शाखाओ पर नचकी जब दािा चगि जाती तब टीट सभी बचो का धयाि रखती एक नदि बच आपस म झगड़ि लग टीट क बचो का कहिा ा नक पड़ उिका ह नचकी क बच भी यही बात दोहरा रह नक पड़ उिका ह लड़त-लड़त बचो म झगड़ा बढ़ गया lsquolsquoहम पड़ोसी ह हम नमल जलकर रहिा चानहएrsquorsquo टीट उ ह समझाि लगी lsquolsquoनकत मा नचकी नचनड़या क बच फलो को जठा कर दत ह

4६

म कौन दचतरचो क आितार पर वता य बनताओ

भला हम जठ फल कयो खाए जबनक पड़ हमारा ह rsquorsquo टीट क बच नमट ि कहा lsquolsquoतम कस कह सकत हो नक यह पड़ तमहारा ह rsquorsquo नचकी क बच ररकी ि परशि नकया

lsquolsquoहम पड़ क ति म रहत ह हमारा ज म इसी खोखल म हआ पड़ का तिा हमारा तो शाखाऍ भी हमारी शाखाऍ हमारी तो फल भी हमार rsquorsquo टीट क बचो ि जवाब नदया यह सि नचकी क बच फफरमि स उड़कर शाखाओ पर जा बठ अौर कहि लग lsquolsquoपड़ हमारा ह इसकी टहनियो पर हमारा बसरा ह इसपर

पररचय आप सवदिा स कहािीकार मि स बाल सानहतयकार और सनकरयता स सामानजक कायमिकतामि ह परसतत कहािी म यह बताया गया ह नक हम सदव नमलजलकर रहिा चानहए ता सकट क समय एक दसर का सा दिा चानहए

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 52: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

47

qनवद यानमियो स कहािी का मखर वाचि करवाऍ कहािी क पातरो क बार म पछ चचामि कर उिस अपि शबदो म कहािी कहलवाऍ ता कहािी स परापत होि वाली सीख बताि क नलए कह उ ह अभयार य की जािकारी द ता उिस अभयार यो की सची बिवाऍ

4

हमारा िीड़ बिा हआ ह नजसम हमि आख खोली हम तमह टहनियो तक िही आि दग और ि ही इसक फल खाि दग rsquorsquo टीट नगलहरी यह सि बड़ी परशाि हई बच लड़ाई पर उतार और एक-दसर को पड़ स भगािा चाहत

टीट नगलहरी उ ह समझाि लगी-lsquolsquoबचो बात उस समय की ह जब तम लोगो का ज म हआ ही ा और नचकी ि अड नदए अभी एक नदि भी िही गजरा ा नक आसमाि म अधरा छा गया तज हवाऍ चलि लगी डर क मार नचकी शोर मचाि लगी उस डर ा नक शाखाऍ नहलि स उसका घोसला िीच नगर जाएगा नफर उसम रख अड भी नगरकर फफट जाऍग तब मि और नचकी ि नमलकर अडो को खोखल म सरनषित रख नदया अभी कछ दर हई ी नक पािी बरसि लगा

पािी इतिा बरसा नक िीच बहता हआ पािी हमार घर तक पहचि लगा हम नफर नचता होि लगी हमारा घर डब गया तो यह पािी बचो अडा को बहा ल जाएगा तब मि और नचकी ि नमलकर सभी को घोसल म पहचाया नफर हम दोिो ि पततो स घोसल

को क नदया जस-तस रात बीती सबह पौ फटि क बाद हमि राहत की सॉस ली तब स अब तक हम अचछ पड़ोनसयो की तरह आपस म मदद करत आए ह तब हमि समझ नलया नक अकला चिा भाड़ िही फोड़ सकता rsquorsquo

बच कहि लग lsquolsquoनचकी नचनड़या को यह पड़ छोड़िा होगा अपि बचो क सा कही ओर चली जाए rsquorsquo नचकी क बच भी यही बात अपिी मॉ क सामि दोहरा रह दोिो की माताऍ समझा-समझाकर क ग पर बच िही माि अपिी-अपिी नजद पर अड़ रह अत म टीट और नचकी दोिो ि पड़ छोड़ि का मि म नवचार बिा नलया उधर नबल म नछपा सॉप कब स यह तमाशा दख रहा ा आज उनचत माका दखकर वह बाहर निकला और पड़ पर चढ़ि लगा उसि सोचा पहल नगलहरी क बचो को निगलगा तभी नचनड़या ि दख नलया वह जोर स नच ाई lsquolsquoसावधाि टीट बहि सॉप पर आ रहा ह अपि बचो को बचािा उ ह मर घोसल म नछपा दो rsquorsquo कहि क बाद वह पड़ क ति पर चोच मारि लगी

खोजबीननवलपत होत हए परानणयो ता पनषियो की जािकारी परापत करक सची बिाओ

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 53: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

48

नवरामनचह ि रनहत अिचछद म नवरामनचह ि लगाओ ( - lsquo rsquo lsquolsquo rsquorsquo)

नए शबिखोखल पड़ क ति म बिा हआ बड़ा छद कोटरबसरा घरआवास मौका अवसरपरशाि तरसत तिा पड़ का निचला भाग आसमाि आकाश

मितावरएक और एक गयारह होत ह एकता म शषति होती ह

48

लगी जहॉ-जहॉ नचकी की चोच लगी पड़ स गाढ़ा नचपनचपा दध बहि लगा नचपनचप गोद क कारण सॉप का पड़ पर चढ़िा मषशकल होि लगा इधर टीट ि एक-एक कर सभी बचो को नचकी क घोसल म पहचा नदया नचकी क सा उसक बच भी मदद कर रह हालानक अभी उिकी चोच िरम ी

क-हारकर सॉप वापस नबल म लौट गया टीट और नचकी क बचो ि एकता की ताकत

को दख नलया ा और सा ही म पड़ोसी धममि को भी समझ नलया ा अब उ ह मॉ क समझाि की जररत िही ी व जाि गए नक एक और एक गयारह होत ह

काबलीवाल ि पछा नबनटया अब कौि सी चनड़यॉ चानहए मि अपिी गनड़या नदखाकर कहा मरी गनड़या क नलए अचछी सी चनड़यॉ द दो जस लाल िीली पीली

(यह अिचछद काबलीवाला कहािी स ह )

जीवदया ही भतदया ह

दवचतार मथन

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओर

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 54: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

49

कितानी कता सतारताश अपन शबिचो म दलखता

दचतरचो को पिचतानकर जलचर नभचर थलचर और उभयचर परतादणयचो म वगथीकरण करो

पराणी

जलचर

लचर

उभयचर

िभचर

4

सवय अधययनlsquoदरदशमिि चिलrsquo पर नदखाए जाि वाल नकसी अिोख जीव की जािकारी परापत करो

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

नवनभ पश-पनषियो की बोनलयो की िकल सिाओ

उप यास स ाट परमचद की कोई एक कहािी पढ़ो उसका नवषय बताओ

अपि सा घनटत कोई मजदार घटिा बताओ

lsquoबाघ बचाओ पररयोजिाrsquo क बार म जािकारी परापत कर नलखो

सिरव धयतान म रखोपरानणयो का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह

जरता सोचो चचताय करो यनद पराणी िही होत तो

अधययन कौशल

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 55: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

50

qनवद यानमियो स कनवता को हाव-भाव क सा सामनहक गवाऍ भावामि समझाकर अमि पछ उिम दशपरम की भाविा को नवकनसत कर कनवता म आए काल (ा ह रहगा) समझाऍ काल क भदो सनहत अ य वाकय कहलवाऍ और दढ़ीकरण करवाऍ

प ो समझो आरर गताओ ः

- रार रि श ा री ९ वि िश कौन-सता िर

मिमोनहिी परकनत की जो गोद म बसा ह सख सवगमि-सा जहॉ ह वह दश कौि-सा ह

नजसक चरण निरतर रतिश धो रहा हनजसका मकट नहमालय वह दश कौि-सा ह िनदयॉ जहॉ सधा की धारा बहा रही ह सीचा हआ सलोिा वह दश कौि-सा हनजसक बड़ रसील फल कद िाज मवसब अग म सज ह वह दश कौि-सा ह नजसम सगधवाल सदर परसि पयार नदि-रात हस रह ह वह दश कौि-सा ह

जनम 4 माचमि १88 मतय १६ जिवरी १ ६२ रचनताऍ lsquoनमलिrsquo lsquoसवपिrsquo lsquoपनकrsquo lsquoमािसीrsquo आनद कनतयो क अनतररति आपि बालोपयोगी सानहतय भी नलखा ह पररचय आप राषटरीय-सासकनतक कावयधारा क परमख कनव ह

परसतत कनवता म भारत की मनहमा एव उसकी सदरता का बताया गया ह

5०

दचतर क अताितार पर कताल सबिी वता य बनताओ और समझो

कल आज कल

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 56: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

51

मदाि नगरर विो म हररयानलयॉ लहरतीआिदमय जहॉ ह वह दश कौि-सा ह नजसक अित धि स धरती भरी पड़ी ह

ससार का नशरोमनण वह दश कौि-सा ह सबस परम जगत म जो सभय ा रहगाजि-जि का दलारा वह दश कौि-सा ह िवकरानत क पजारी सवक सपत नजसक

भारत नसवाय दजा वह दश कौि-सा ह

नए शबिमिमोनहिी मि को मोनहत करि वाली निरतर सदव रतिश सागर सधा अमत सलोिा सदरिाज अिाज

परसि फफलनगरर पवमित धि सपषततससार नवशवदलारा पयारा

5१

िख ( )

जरता सोचो बताओयनद नहमालय की बफ नपघलिा बद हो जाए तो

मन समझता----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

शबि वतादटकता भताषता की ओरlsquoखलिाrsquo इस नकरया क सकममिक अकममिक सयति सहायक और पररणामिक रपो का वाकयो म परयोग करो और नलखो

खोजबीनlsquoपरमवीर चकरrsquo परसकार परापत सनिको की सची बिाओ

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 57: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

52

िम जतानो

इस कदवता क आितार पर भतार की दवदविता एव दवशषताऍ सता-आठ वता यचो म दलखो

नीच दिए गए रताषटीय परीकचो क दचतर िखो और उनक नताम दलखो

मतागय पर चल हए मन कछ यतातायता सक िख िचोग इन सताकदक दचि नचो कता यता अथय िर दलखो

5२

सनो ो जरता

वताचन जग स

बताओ ो सिी

मरी कलम स

दशभषति पर आधाररत कनवता सिो और सिाओ

वजानिक की जीविी पढ़ो और उसक आनव कार नलखो

अपि पररवश म शानत नकस परकार सानपत की जा सकती ह

करमािसार भारत क रा टटरपनत परधािमतरी क िाम नलखो

सिरव धयतान म रखोनतहानसक वासतओ का सरषिण करिा हमारा कतमिवय ह सवततरता मरा ज म नसद ध अनधकार ह

दवचतार मथन

सवय अधययन

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 58: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

53

qनवद यानमियो स पर नदए गए नचतरो का करमािसार निरीषिण कराऍ नचतर म कौि-कौि-सी घटिाऍ घटी होगी उ ह सोचि क नलए कह उ ह अ य नचतरो एव घटिाओ क आधार पर कहािी नलखि क नलए परररत कर और उनचत शीषमिक दि क नलए कह

सवय अधययन-२ दचतरवताचन करक अपन शबिचो म कितानी दलखो और उदच शीषयक बताओ

5३

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 59: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

54

nwZamdVcopyZ - 2

१ शताक (पतचोवताली) और सषबजयचो क पताच-पताच नताम सनो और सनताओ २ एक मिीन की दिनिदशयकता बनताओ और दवशष दिन बताओ

३ १ स १०० क की स यताओ कता मखर वताचन करो

4 अपनता पररचय ि हए पररवतार क बतार म िस वता य दलखो

5 अकर समि म स वरजतादनकचो क उदच नताम बताओ और दलखता

अपन बतार म भताई बिनस सनो

इस वषय म कौन-सता दवशष कतायय

करोग बताओ

सपतताि म एक दिन कितादनयॉ

प ो

प ी हई सतामगरी की दवलषणतातमक परसद करो

कद उपकरम

मी

िी

जा

िा

सक

भा

रा

हो

ि

यमि

भा

नभ र

ला

मम

ला

स ल

भा चा

ए पी

की

चा

लप

54

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 60: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष

िो शबि

यह पाठ यपसतक नवद यानमियो क पवमि जाि को दषष म रखत हए भाषा क िवीि एव वयावहाररक परयोगो ता नवनवध मिोरजक नवषयो क सा आपक सममख परसतत ह पाठ यपसतक को सतरीय (गडड) बिाि हत दो भागो म नवभानजत करत हए उसका lsquoसरल स कनठि की ओरrsquo करम रखा गया ह यहा नवद यानमियो क पवमि अिभव घर-पररवार पररसर को आधार बिाकर शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि क भाषाई मल कौशलो क सा भाषा अधययि और अधययि कौशल पर नवशष बल नदया गया ह इसम सवय अधययि एव चचामि को परररत करि वाली रजक आकषमिक सहज और सरल भाषा का परयोग नकया गया ह

पाठ यपसतक म आए शबदो और वाकयो की रचिा नहदी की वयावहाररकता को धयाि म रखकर की गई ह इसम करनमक एव शरणीबदध कौशलानधषठित अधययि सामगी अधयापि सकत अभयास और उपकरम भी नदए गए ह नवद यानमियो क नलए लयातमक कनवता बालगीत कहािी सवाद पतर आनद नवषयो का समावश ह सवय की अनभवयषति कलपिाशीलता क सा-सा वनवधयपणमि सवाधयाय क रप म lsquoजरा सोचो lsquoखोजबीिrsquo lsquoमि कया समझाrsquo lsquoअधययि कौशलrsquo आनद कायामितमक कनतयॉ भी दी गई ह सजिशील गनतनवनधयो को बढ़ावा दि वाल अभयास lsquoमरी कलम सrsquo lsquoवाचि जगत सrsquo lsquoबताओ तो सहीrsquo lsquoसिो तो जराrsquo lsquoसवय अधययिrsquo ता lsquoनवचार मिrsquo आनद का समावश नकया गया ह इि कनतयो म एक दषषकोण रखि का परयास नकया ह नजस समझकर नवद यानमियो तक पहचािा और उिस करवािा ह

दशककचो एव अदभभतावकचो स यि अपकता िर दक अधययन-अनभव िन स पिल पताठ यपसक म दिए गए अधयतापन सक एव दिशता दनिदशचो को अचछी रि समझ ल सभी कनतयो का नवद यानमियो स अभयास करवाऍ सवाधयाय म नदए गए निददशो क अिसार पाठ यसामगी उपलबध करात हए उनचत मागमिदशमिि कर ता आवशयक गनतनवनधया सवय करवाऍ वयाकरण (भाषा अधययि) को समझि हत lsquoभाषा की ओरrsquoक अतगमित नचतरो ता भाषाई खलो को नदया गया ह तानक पिरावतमिि और िए वयाकरण का जाि हो पारपररक पद धनत स वयाकरण पढ़ािा अपनषित िही ह

आवशयकतािसार पाठ यतर कनतयो खलो सदभभो परसगो का समावश कर नशषिक एव अनभभावक पाठ यपसतक क माधयम स जीवि मलयो जीवि कौशलो मलभत ततवो क नवकास का अवसर नवद यानमियो को परदाि कर पाठ यसामगी का मलयाकि निरतर होि वाली परनकरया ह इसस नवद याथी परीषिा क तिाव स मति रहग पाठ यपसतक म अतनिमिनहत सभी षिमताओ-शरवण भाषण-सभाषण वाचि लखि भाषा अधययि (वयाकरण) और अधययि कौशल का सतत मलयाकि अपनषित ह

नवशवास ह नक आप सब अधययि-अधयापि म पाठ यपसतक का उपयोग कशलतापवमिक करग और नहदी नवषय क परनत नवद यानमियो म अनभरनच और आतमीयता की भाविा जागत करत हए उिक सवाागीण नवकास म सहयोग दग

  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page
Page 61: दवि् यताथथी - Balbharaticart.ebalbharati.in/BalBooks/pdfs/602020020.pdfप रस त वनत (च . रत . ब रकर) स चत लक मह र ष
  • HINDI-SULABHBHARTI-6TH-PRILIMANERY pages Final
    • Blank Page
      • HINDI-SULABH -6TH TEXT Open Sale File 2019-20
        • Blank Page