तुहफ़ा ग़ज़नवियः · 2018. 9. 8. · अिुवलाद- वह...

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तुहफ़ा ग़ज़नवियः लेखक हज़रत मिज़ लि अहिद क़मदयनी िसीह िौऊद व िहदी ि‘द अलैमहसलि I

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  • तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    लेखकहज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद क़्मदय्नी

    िसीह िौऊद व िहदी ि्‘हूद अलैमहससल्ि

    I

  • न्ि पुसतक : तुहफ़् ग़ज़नमवयःName of book : Tuhfa Ghaznaviyaलेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद क़्मदय्नी िसीह िौऊद अलैमहससल्िWriter : Hazrat Mirza Ghulam Ahmad Qadiani Masih Mouood Alaihissalamअनवु्दक : डॉ अनस्र अहिद, पी एच. डी., आनसज़ा इन अरमिकTranslator : Dr Ansar Ahmad, Ph. D, Hons in Arabicट्ईमपंग, सैमटंग : िहवश न्ज़Typing Setting : Mahwash Naazसंसकरण तथ् वरज़ा : प्रथि संसकरण (महनदी) िई 2018 ई०Edition. Year : 1st Edition (Hindi) May 2018संखय्, Quantity : 1000प्रक्शक : नज़्रत नश्र-व-इश्अत, क़्मदय्न, 143516 मज़ल्-गुरद्सपुर (पंज्ि)Publisher : Nazarat Nashr-o-Isha'at, Qadian, 143516 Distt. Gurdaspur, (Punjab)िुद्रक : फ़ज़ले उिर मप्रंमटंग प्रेस, क़्मदय्न, 143516 मज़ल्-गुरद्सपुर, (पंज्ि)Printed at : Fazl-e-Umar Printing Press, Qadian, 143516 Distt. Gurdaspur (Punjab)

    II

  • 1

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    बिस्मिल्लाबिर्रिमिलाबिर्रिीमिििमिदुहू व िुसल्ी

    ی�ر نم ہتسب رمک حق�ت�

    ے ےئپ ا

    اکردرگ زُجوچمہنم ت ی

    ن�

    अिुवलाद- हे वह जो मेरे अपमान की घात में है और मेरी बुराई करने के अततररक्त तुझे और कोई काम नहीं।

    زابں ربنم دےم رہ اشکیئ یم

    ں زدا را دخاےئ ز ا رتنیس وُچں

    अिुवलाद- तू जो हर समय मेरे तवरुद्ध अपनी ज़ुबान खोलता है अनतयायामी ख़ुदा से कयों नहीं डरता।

    ل دجا د اب�ی یمہ وقتی رس ز ا

    دباصخل ے ا اہ دانشم اتاجک

    अिुवलाद- संयम को दृष्टिगत रख कर युद्ध करना चातहए। हे नीच प्रकृतत इनसान कब तक गातलयां देता रहेगा।

    امر ہن اابین ی �ب رگِگ یتسن

    ر دا رشم زقح وا وج ا�ی نک رتک

    अिुवलाद- तू जंगल का भेतिया नहीं है, न सांप है यह आदत छोि और ख़ुदा से शमया कर-

    بضغ رپ ے ا رتت سی ز ا بجع ے ا

    دب ا ز ا دور ربخ ےب ت ت ی

    تح ز ا

    अिुवलाद- हे क्ोध करने वाले मनुषय तेरे चररत्र से आश्चयया होता है तक तू वासततवकता से बेख़बर और सभयता से दूर है।

  • 2

    तुहफ़ा ग़ज़नवियःدرتس رانک وخد مہف ول ا رو

    ن ین

    �ت

    ُس�ن

    حنرامشچ یم ابدب � ی ہتکن �چ

    अिुवलाद- उठ और सब से पहले अपनी समझ को ठीक कर। मीन मेख करने वाले मनुषय को सब से पहले अपनी आंख ठीक होनी चातहए।

    اہ سی اہ زابین دب ز ا وشد دل

    راہ ت ی

    نٓااجن� در را زابانں دب

    अिुवलाद- गातलयां देने से तदल पापी हो जाता है। गातलयां देने वाले लोगों की ख़ुदा के यहां पहुँच नहीं है।

    زرمٔہ ُمسہتزئنی اب ی ش ن

    مک �

    مہتدنی ز ا ہّصحٔ ایب ی ات�ب

    अिुवलाद- हंसी-ठट्ा करने वालों के साथ न बैठ तातक तू तहदायत प्राप्त लोगों में सष््मतलत हो।

    وتدش اکِر م ن

    �تدبگف� وبش روز

    دش وت ِر رکدا ی�ر حق�ت�

    و تنعل

    अिुवलाद- तदन-रात तेरा काम मुझे बुरा कहना है। लानत और ततरसकार तेरा पेशा हो गया है।

    وبد رامحں ز ا ہک ابدش ٓاں تنعل

    وبد ٓااسں دوں و انالہ تنعل

    अिवुलाद- लानत वह होती है जो रहमान (ख़ुदा का नाम) की तरफ़ स े हो। अयोगय और नीच मनषुय की लानत कोई वासततवकता नहीं रखती।

  • 3

    तुहफ़ा ग़ज़नवियःدنک ام رب ے

    ت�

    نلع� سف�ی�ہے رگ

    دنک ُروسا را ش وخ�ی ام رب ہن و ا

    अिुवलाद- यतद कोई मूखया हम पर लानत करे वह हम पर नहीं पिती बष््क वह सवयं अपने आप को बदनाम करता है।

    راگرن ی رپ�ہ دِل رد دا ےم ہک رہ

    رکداگر اکِر ِز رد دا بجع وچں

    अिुवलाद- तजस वयष्क्त का तदल संयमी है वह ख़ुदा के काम पर आश्चयया कयों करे।

    ااسنےندنک رطقہ ز�ی ا ٓاہکن

    اتسبےندنک مخت تشُمِ دو ز ا و

    अिुवलाद- वह ख़ुदा जो एक बूँद से मनुषय को पैदा कर देता है और दो मुट्ी बीजों से एक बाग़ बना देता है।

    دنک مسیحایئ رگ را ےنم وچں

    شہنشایہدنک را دگاےئ ا �ی

    अिुवलाद- यतद वह मुझ जैसे को मसीह बना देता है या एक फ़कीर को शहंशाह बना देता है।

    ی�د بع� � و ا اطعےئ و لضف ز ا ت ی

    ن�

    د د�ی ااکنر ز ا رہہک ابدش وکر

    अिुवलाद- तो उसकी कृपा और उपकार से यह बात दूर नहीं। वह अंधा है तजसने इस बात को इनकार की दृष्टि से देखा।

    انجب اعیل ں زا د ونمی وشم اہں

    اب ی �ب وخایہ یم ورہہچ ابش دنبہ

  • 4

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    अिुवलाद- सावधान! तू उस श्ेष्ठ दरबार से तनराश न हो। बनदा बन जा। तिर जो तू चाहता है ले ले।

    ی�د ب� مح رّب و واخقل اقؔدراتس

    د د�ی ہک زجعش دنک یم وخادہ رہہچ

    अिुवलाद- वह शष्क्तमान, स्रटिा और महान प्रततपालक (रबब) है जो चाहता है करता है उसकी लाचारी तकसने देखी है।

    ددہ یم دراشخں ُروےئ را ہفطن

    ددہ یم دباشخں لعل را گنس

    अिुवलाद- एक बूँद वीयया से चमकदार चेहरा बना देता है और पतथर से बदखशां का ला’ल पैदा कर देता है।

    دنک ےم رہمابین وچں ربےسک

    دنک ےم ٓاامسین ن

    زمی ز ا

    अिुवलाद- जब तकसी पर मेहरबानी करता है तो उसे ज़मीनी से आकाशीय बना देता है।

    اتس رکدہ اطعےئ ربنم یں �ن

    � �چ مہ

    اتس رکدہ ااہتنےئ ےب اہ لضف

    अिुवलाद- इसी प्रकार उसने मुझ पर मेहरबानी की है और असीतमत कृपाएं की हैं।

    دشم وچں ِرٓاںےب اونا رہظم

    دشم ازفوں ہمہ ز ا اعمرف در

    अिुवलाद- मैं सवयं उस अतवितीय हसती का द्ोतक बन गया और वासततवकताओं तथा मआररफ़ में सब से बढ़ गया।

  • 5

    तुहफ़ा ग़ज़नवियःےسب رد دا رکم نم رب اِرنم �ی

    ےسک د ٓا�ی ارگ رم دا اشنں دص

    अिुवलाद- मेरा ख़ुदा मुझ पर असीम मेहरबानी रखता है। मेरे पास सैकिों तनशान हैं यतद कोई देखने को आए।

    م ا زدنہ نم رمداگں ے ا د ونشب�ی

    م ا اتدنبہ نم رہ یت

    � ابشِن ے ا

    अिुवलाद- हे ततरसकृत! सुन ले तक मै जीतवत हं। हे अँधेरी रातो! (तुम भी सुन लो) मैं प्रकाशमान हं।

    رسم ا�ی ب ز�ی ہک نم دومشچ ا�ی

    دربلم ارے �ی ہک ارے �ی ٓاں د ن

    ی �ب

    अिुवलाद- मेरी ये दोनों आंखें जो मेरे सर की शोभा हैं उस यार को देखती हैं जो मेरा तप्रयतम है।

    ذگر رد دا قح رعش ات دقم ا�ی

    ربخ قح ز ا ردس را وگمش دو وا�ی

    अिुवलाद- मेरे इस क़दम की सैर ख़ुदा के अशया तक पहंचती है और मेरे इन दोनों कानों को ख़ुदा की तरफ़ से ख़बरें तमलती हैं।

    ادن ی�دہ �ش

    سن

    بح � م ت

    عم�ن

    �ں را دصزہا

    ادن دہ یش

    وپ� قح ر ین

    � ز ا ُرمخ وا�ی

    अिुवलाद- मुझे लाखों नेमतें प्रदान की गई हैं और मेरे इस चेहरे को ग़ैरों से छुपा तदया गया है।

    رہزامں را اں ین

    رفوع� دمہ یم

    اشنں ومٰیس دص اےئ ن

    ی �ب د �ی وچں

  • 6

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    अिुवलाद- मैं हर समय तफ़रऔनी तवशेषता रखने वाले लोगों को (यदे बैज़ा) जैसे सैकिों तनशान तदखाता हं।

    ادن رک و وکر دبراگں اشناہن ز�ی

    ذگبردن اغلف و د ن ن

    ی �ب اشنں دص

    अिुवलाद- दुषप्रकृतत लोग इन तनशानों की तरफ़ से अंधे और बहरे हैं। सैकिों तनशान देख कर भी परवाह नहीं करते।

    رشب م�اِن ش

    چ� � ز ااتفدم ُدور

    ربخ رد دا ن

    � سک اقممم ز ا

    अिुवलाद- मैं लोगों की आँखों से दूर हं तकसी को मेरे मुक़ाम की ख़बर नहीं है।

    وقعل صقن ز ا ااتفددن درنم

    وبقل ز ا رحموم دہ ربرگد�ی تخب

    अिुवलाद- बुतद्ध की कमी के कारण उनहोंने मुझ से मुक़ाबला तकया और दुभायागयशाली हो कर मुझे सवीकार करने से वंतचत रह गए।

    ت ین

    � ٓااگہ نم اجن ز را ز سک ت ی

    ن� راہ ام در ات را اشں لقع

    अिुवलाद- मेरे आनतररक राज़ से कोई पररतचत नहीं उनकी बुतद्ध की हमारे दरवाज़े तक पहुँच नहीं।

    اشں وگنج وجش اتس قمح رس ز ا

    اشں ٓاگنہ قح اافطء ےئپ ز وا

    अिुवलाद- उन का जोश और लिाई मूखयाता के कारण है और ख़ुदा के प्रकाश को बुझाना उन का उद्ेशय है।

  • 7

    तुहफ़ा ग़ज़नवियःام وُسےئ ایئ ی رگ�ب زمّور ے ا

    ام وکےئ در اینگف رتخ واف ز ا و

    अिुवलाद- हे धोखा खाए मनुषय! यतद तू हमारी तरफ़ आए और हमारे पास वफ़ादार हो कर रहे।

    رپوری دصاتق و دصق رس ز وا

    ربی ام دروضحر روزاگرے

    अिुवलाद- और सच्ा बन कर और सच्ाई की अतभलाषा की नीयत से कुछ समय हमारे पास रहे।

    اشنں راّبین ز ن

    ی �ب اعےمل

    رااشکں اعمل و قلخ رامحں وسےئ

    अिुवलाद- तो तू ख़ुदाई तनशानों का एक संसार देखेगा जो दुतनया को ख़ुदा की तरफ़ खींचने के तलए आते हैं।

    دمہ رے ٓازا ہک وخامہ ےم ہن نم

    دمہ ارے ن د�ی امہ رہ ربرس

    अिुवलाद- मैं नहीं चाहता तक इस मामले में तुझे कोई कटि दूं बष््क हर महीने एक अशफ़फ़ी देने को तैयार हं।

    ام یت

    � د اب�ی یم اسل �ی یں �ن

    � �چ مہ

    م وتازتلا ز ا و دہعاتس ا�ی نم ز ا

    अिुवलाद- इसी प्रकार एक वषया तक मेरे पास रहना चातहए मेरी तरि से यह सकं्प है और तेरी तरफ़़ से यह पाबंदी आवशयक है।

    اشنں ےب ودعم اسل ا�ی ذگتش رگ

    ں زا دعب وگ ےمہ یگ�ویئ م� رہہچ

  • 8

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    अिुवलाद- यतद मेरे वादे का यह वषया तबना तकसी तनशान के गुज़र गया तो तुझे जो कुछ कहना है उसके बाद कह।

    اتس تنس و ت

    رط�ی ا�ی را اصاحلں

    اتس تنعل راہِ ااجعتسل راہ

    अिुवलाद- यही नेक लोगों का तरीका है और उनकी सुन्नत है। ज्दबाज़ी का मागया लानत का मागया है।

    رضحشت ز ا دشدروں رونش شرہہک �

    تدرصح�ب� دےم ابدش ی�ا یم� ک�

    अिुवलाद- तजस मनुषय का अनततःकरण ख़ुदा के दरबार से रोशन हो गया उसकी सगंत में तो एक पल गुज़ारना भी कीतमया है।

    راہ ہب رد گی ے ت

    لم�ظ

    � را و ا رہہک

    وخاہ ذعر را و ا اتس اپاکں دانم

    अिुवलाद- तजस वयष्क्त को अंधकार घेर लेता है उसके तलए तो पतवत्र लोगों का दामन ही शफ़ी है।

    دنک اری �ی وخد اِر �ی اب دخا ٓاںؔ

    دنک ری وافدا ں را وافدا اب

    अिुवलाद- वह ख़ुदा अपने दोसत के साथ दोसती करता है और वफ़ादारों के साथ वफ़ादारी करता है।

    اتفد اجشن و دل در ش

    ق�ش

    عس رہہک

    اتفد اشن ا�ی در اجےن اناہگں

    अिुवलाद- तजस के जान तथा तदल में उस का इशक़ (प्रेम) प्रवेश कर जाता है तो उसके ईमान में तुरनत जान पि जाती है।

  • 9

    तुहफ़ा ग़ज़नवियःو ا ُروےئ رب اں عی رگدد قح قشع

    و ا ووُکےئ ابم ز د ٓا�ی و ا وُبےئ

    अिुवलाद- ख़ुदा का प्रेम उसके चेहरे से प्रकट हो जाता है और उसकी ख़ुशबू उसके मकान और गली से आती है।

    و ا د د�ی مکحب ابدش و ا د د�ی

    و ا د یئ

    ات� ےئپ قح �د ن

    �ی�ش

    �ن

    � وخد

    अिुवलाद- उसका दशयान करना ख़ुदा के दशयान करने का आदेश रखता है और ख़ुदा तआला सवयं उसकी सहायता में लग जाता है।

    اہجں اکدنر اکراہ اں امن�ی سب

    اں عی ارکاشم رہب د امن�ی ےم

    अिुवलाद- बहत से बिे-बिे काम ख़ुदा तआला उसके स्मान के तलए इस दुतनया में तदखाता है।

    ٓااتفب وچں ددہ ےم اعششع دص

    اجحب ز ا د ٓا�ی رب اجےن رگم ات

    अिुवलाद- सूयया की तरह उसे प्रकाश की सैकिों तकरणें प्रदान करता है तातक कोई जान अंधकार के पददों से मुष्क्त पाए।

    اتس رکدہ اہم رک ربنم یں �ن

    � �چ ا�ی

    اتس رکدہ ہ�ا م�ت

    س� ربوخد رکنمم

    अिुवलाद- ख़ुदा तआला ने मुझ पर ऐसी कृपाएं की हैं मेरे इनकार करने वालों ने सवयं अपने आप पर ज़ु्म कर रखा है।

    زابں �ب َط�یّ ٓاں ملع رقٓاں ملعِ

    اہجں اّلخِق ویح ز ا ی�ب �ن

    ع ملع

  • 10

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    अिुवलाद- क़ुआयान का ज्ान, उस पतवत्र भाषा का ज्ान और ख़ुदा के इ्हाम से परोक्ष (ग़ैब) का ज्ान।

    ادن دہ دا اشناہن وچں مم عل

    ہس ۳ ا�ی

    ادن ااتسدہ ں اشدہا وچمہں رہہس

    अिुवलाद- ये तीन ज्ान मुझे तनशान के तौर पर तदए गए हैं। और तीनों बतौर गवाह मेरे समथयान में खिे हैं।

    نف �چ ہ�ی �

    رد دنا زادے ٓادیم ن �ب ں دا می در�ی رد

    نٓاو�ی اتدر

    अिुवलाद- कोई मनुषय यह शष्क्त नहीं रखता तक इस मैदान में मुझ से मुकाबला करे।

    امتم دش اں ش ا�ی رب رامحں تجحِ

    امئ

    ل دتسِ در امدن وگیئ ہ او �ی

    अिुवलाद- रहमान की तरफ़ से उन पर समझाने का अष्नतम प्रयास पूणया हो गया। मूखया लोगों के पास केवल तनरथयाक बकवास रह गया।

    وبد ہک ونرے ٓاں رتک و وسکف از

    وجسد در ٓادم م ش

    ی� چ� � مہ ہم و رہم

    अिवुलाद- सयूया एव ं चनद्र ग्रहण के अवसर पर अपन े प्रकाश तवहीन होने के कारण चनद्रमा और सयूया भी मरेे सामन ेसजद ेमें तगर पिे।

    ومند رامحں ربٓاامسں اشنں ا�ی

    وشکد اہ ت

    ب� ہ�ی� � دتسِ مہ ربزمی

    अिुवलाद- रहमान ने ये तनशान तो आकाश पर तदखाया और पृथवी पर भी अपना भयावह हाथ तदखाया।

  • 11

    तुहफ़ा ग़ज़नवियःامت ربنم نم اِر �ی فطل تسہ

    دشم رہبش ز ا مہ نم دش رما و ا

    अिुवलाद- मेरे यार की मुझ पर पूणया मेहरबानी है वह मेरा हो गया और मैं उसका हो गया।

    وپتس و زغم و اجبن دردش ِدربلم

    وتس ا ُروےئ اد ی �ب اجمن راتح

    अिुवलाद- मेरा तप्रयतम मेरी जान, मज्ा और तवचा में रच गया। मेरी जान की ख़ुशी उसी के मुंह की याद है।

    دربلم اِر ی �ب رم دا زاہ را

    دربلم اہبِر نم ز ا اں عی دش

    अिुवलाद- मेरे तप्रयतम और मेरे बीच कई राज़ हैं और उसकी प्रततष्ठा मेरे आष्सततव से प्रकट हई है।

    زدن داامےن ہب دےتس رہےسک

    اََحد و قّیوم و ّ حی ذ�ی ہب ام

    अिवुलाद- हर वयष्क्त तकसी न तकसी के दामन को पकिता है। परनत ुहमन ेहमशेा जीतवत रहन ेवाल ेक़ायम रहन ेवाले अतवितीय ख़ुदा के दामन को पकिा है।

    ادنتخن ش ن

    � نم وقم ا ن

    در�ی ے ا

    ابدنتخ دردسحاہ اں ا�ی دقن

    अिुवलाद- अफ़सोस मेरी क़ौम ने मुझे नहीं पहचाना और ईमान की दौलत ईषयाया से बबायाद कर दी।

    اتس ورک وکر رُپمتس اہجِن ا�ی

    رتمکاتس وبامں مشچ ز ا مشچِ اشں

  • 12

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    अिुवलाद- यह ज़ातलम दुतनया अंधी और बहरी है उसकी आंखें उल्ुओं की आँखों से भी गई गुजरी हैं।

    ونبادنتخ رما وبدم ذّرٔہ

    ادنادنتخ زمشچ متشگ وخرے وچں

    अिुवलाद- (इसतलए तक जब) मैं एक कण था तो उनहोंने मेरा स्मान तकया, परनतु जब मैं सूयया बन गया तो उनहोंने मुझे अपनी नज़र से तगरा तदया।

    तमयां अबदुल हक़ सातहब ग़ज़नवी ने एक तवज्ापन तनकाला है जो वासतव में मौलवी अबदुल जबबार और उनके भाइयों की ओर से मालूम होता है। ख़ुदा ही अतधक जानने वाला है। इस तवज्ापन में तजतनी गातलयां और हंसी-ठट्ा है जो हमेशा से मूखदों का तरीका है उसे हम ख़ुदा तआला के नयाय के सुपुदया करके असल बातों का उत्तर देते हैं। व तबल्ातहत्तौफ़ीक

    यह तवज्ापन दो रंग के प्रहारों पर आधाररत है। प्रथम तमयां अबदुल हक़ ने कुछ पहले तनशानों और भतवषयवातणयों को जो वासतव में पूरी हो चुकीं या जो शीघ्र ही पूरी होने को हैं प्रसतुत करके जन सामानय को यह धोखा देना चाहा है तक जैसे वे पूरी नहीं हईं। उदाहरणतया वह अपने तवज्ापन में तलखता है तक तडपटी आथम और अहमद बेग़ होतशयारपुरी और उसके दामाद वाली भतवषयवाणी पूरी नहीं हई परनतु हमें आश्चयया है तक मौलवी कहला कर तिर ऐसा गनदा झूठ बोलना इन लोगों की ततबयत कैसे सहन कर लेती है। तकस को मालूम नहीं तक ये दोनों भतवषयवातणयां सच्ाई की ओर लौटने और तौबतः की शतया के साथ प्रततबंतधत थीं। परनतु अहमद बेग़ की दृष्टि

  • 13

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    के सामने कोई भयानक नमूना मौजूद न था तजसके कारण वह शतया से लाभ न उठा सका और भतवषयवाणी के आशय के अनुसार ठीक तनधायाररत समय सीमा के अनदर मर गया। और उसकी मौत ने सफ़ाई से भतवषयवाणी के एक भाग को पूरा करके तदखा तदया। अहमद बेग़ वह वयष्क्त था तजसकी मौत ने तवरोधी मौलतवयों में बिा मातम (शोक) पैदा तकया और मुह्मद हसैन ने तलखा तक तनससनदेह इस वयष्क्त को नक्षत्र-तवद्ा का ज्ान है तजसकी भतवषयवाणी ऐसी सफ़ाई से पूरी हो गई। परनतु अहमद बेग़ के दामाद और उसके माता-तपता तथा पररजनों ने जब यह भयानक नमूना अपनी आँखों से देख तलया तो ऐसा भय छा गया तक मरने से पहले ही मुदाया समझ तलया गया। इसतलए जैसा तक मनुषय के सवभाव में सष््मतलत है इसे देखकर उनके तदलों में ख़ुदा की ओर लौटने का बहत धयान पैदा हआ और कुछ ने मुझे पत्र तलखे तक ग़लती माफ़ करें। उनके घरों में तदन-रात मातम आर्भ हआ और दान-पुणय तथा नमाज़ रोज़े में लग गए और उस गांव के लोग ष्सत्रयों का रोना-तवलाप करना सुनते रहे। इस प्रकार वे समसत सत्री-पुरुष भय से भर गए और यूनुस की क़ौम की तरह उस अज़ाब को देखकर तौबतः और दान-पुणय में वयसत हो गए। तिर सोच लो तक ऐसी हालत में उनके साथ ख़ुदा तआला का कया मामला होना चातहए था। ऐसा ही तडपटी आथम भी अहमद बेग वाले तनशान को सुन चुका था और अख़बारों तथा तवज्ापनों विारा यह तनशान लाखों लोगों में प्रतसद्ध हो चुका था। इसतलए उसने भी शतया के अनुसार भतवषयवाणी सुनने के पश्चात् भय और आशंका के लक्षण प्रकट तकए। इसतलए भतवषयवाणी की शतया के अनुसार ख़ुदा ने देर कर दी, कयोंतक शतया

  • 14

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    ख़ुदा का वादा था और वह अपने वादे के तवरुद्ध नहीं करता। यह समसत संसार का माना हआ मामला और मुसलमानों, ईसाइयों तथा यहतदयों की सवयासहमत आसथा है तक अज़ाब की भतवषयवाणी तौबतः, क्षमायाचना और भय की शतया के तबना भी टल सकती है। जैसा तक यूनुस नबी की चालीस तदन की भतवषयवाणी तजसके साथ कोई शतया न थी टल गई और नेनवा के रहने वाले जो एक लाख से भी अतधक थे उनमें से एक बच्ा भी न मरा और यूनुस नबी इस तवचार और शमया से तक मेरी भतवषयवाणी झूठी तनकली अपने देश से भाग गया। अब सोचो तक कया यह ईमानदारी है तक इस आरोप को करते समय इस तकससे को याद नहीं करते उस सथान पर हदीस के शबद ये हैं- तक

    ابًا قَاَل لَْن یَّْرِجَع ِالَْیِھْ کّذَयूनुस ने कहा तक अब मैं झूठा कहला कर तिर उस क़ौम की

    ओर हरतगज़ नहीं जाऊँगा। यतद हदीस पर तवश्ास है तो “दुररे मनसूर” में इस अवसर की वयाखया में हदीसें देख लो, और यतद ईसाइयों की बाइबल पर तवश्ास है तो यूज़ नबी की तकताब को देखो। आतख़र तकसी समय तो शमया चातहए। बेहयाई (तनलयाज्ता) और ईमान इकट्े नहीं हो सकते। इस अनयाय और अतयाचार का ख़ुदा तआला के सामने कया उत्तर दोगे तक तुम लोगों ने सौ भतवषयवाणी पूरी होते देखी, उस से कुछ लाभ न उठाया और एक-दो भतवषयवातणयां तजनको तुम लोग अपनी ही मूखयाता से समझ न सके जो शतदों से प्रततबंतधत थीं उन पर शोर मचा तदया। परनतु यह शोर मुझ से और मेरी भतवषयवातणयों से तवशेष नहीं। भला तकसी ऐसे नबी का तो नाम लो तजसकी कुछ भतवषयवातणयों के बारे में मूखदों ने शोर न मचाया हो तक वे पूरी नहीं

  • 15

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    हईं। मैं अभी तलख चुका हं तक अज़ाब की भतवषयवातणयों के बारे में ख़ुदा तआला की यही सुन्नत (तनयम) है तक भतवषयवाणी में चाहे शतया हो या न हो, तगितगिाने, तौबतः और भय के कारण टाल देता है। इस प्रकार केवल यूनुस का तक़ससा ही गवाह नहीं बष््क क़ुआयान और हदीस तथा समसत नतबयों की तकताबों से यह बात तसद्ध होती है तक ख़ुदा तआला जब तकसी को अज़ाब देने का इरादा करता है। यतद अपने इस इरादे पर तकसी नबी, या रसूल या मुहष्द्स को सूचना दे दे तो इस ष्सथतत में वही इरादा भतवषयवाणी कहलाता है। तो जबतक माना गया है तक वह इरादा दुआ, दान और पुणय से टल सकता है तो तिर कया कारण है तक केवल इस कारण से तक उस इरादे की तकसी मु्हम को सूचना भी दी गई है टल नहीं सकता। कया वह इस सूचना देने के बाद कुछ और चीज़ बन जाता है या ख़ुदा को सूचना देने के बाद दुआ, तौबतः और दान के विारा उसको टाल देना अरुतचकर मालूम होने लगता है और सूचना देने से पूवया उसको टालना अरुतचकर मालूम नहीं होता। अफ़सोस तक मूखया लोग ख़ुदा तआला के वादे और उसकी वईद (अज़ाब की भतवषयवाणी) में कुछ अनतर नहीं समझते। वईद में वासतव में कोई वादा नहीं होता, केवल इतना होता है तक ख़ुदा तआला अपनी अतयनत पतवत्रता के कारण चाहता है तक अपराधी वयष्क्त को दणड दे और प्रायतः इस मांग के बारे में अपने मु्हमों को सूचना भी दे देता है। तिर जब अपराधी वयष्क्त तौबतः, क्षमायाचना और तगितगिा कर उस मांग का हक़ पूरा कर देता है तो ख़ुदा की दया की मांग प्रकोप की मांग पर आगे तनकल जाती है और उस प्रकोप को अपने अनदर छुपा देती और पदाया डाल देती है।

  • 16

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    यही अथया है इस आयत के तक ٍءط ٓ اُِصْیُب ِبٖہ َمْن اََشٓاُءۚ َوَرْحَمِتْ َوِسَعْت ُکّلَ َشْ َعَذاِبْ

    (अल आराफ़-157)अथायात غضیب سبقت यतद यह तसद्धानत न माना जाए رحمت

    तो समसत शरीअतें ग़लत हो जाती हैं। तो हमारे तवरोतधयों पर तकतना अफ़सोस है तक वे मुझ से वैर के तलए इसलामी शरीअत पर कु्हािी चलाते हैं। वे जब सच्ी बात सुनते हैं तो संयम से काम नहीं लेते बष््क इस तचनता में लग जाते हैं तक तकसी न तकसी प्रकार इस का खणडन करना चातहए। न मालूम वे सच्ी माररफ़तों का खणडन करते-करते कहां तक पहुँचेंगे। यह जो तलखा है तक वतलयों का मुकाबला करने से ईमान जाने का ख़तरा है। वह ख़तरा इस कारण से भी पैदा होता है तक तसद्ीकों और वतलयों की बातें सच्ाई के झरने से तनकलती हैं तथा ईमान का सत्भ होती हैं परनतु उनका तवरोधी अपना यह तसद्धानत तनधायाररत कर लेता है तक उन की प्रतयेक बात का खणडन करता जाए और तकसी को सवीकार न करे। कयोंतक ईषयाया और शत्रुता बुरी तवपतत्त है। इसतलए एक तदन तकसी ऐसे मामले में तवरोध कर बैठता है तजससे ईमान तुरनत जाता रहता है। उदाहरणतया जैसा तक यह मामला तक ख़ुदा का अज़ाब का इरादा, चाहे उस इरादे को तकसी मु्हम पर प्रकट तकया हो या न तकया हो दुआ, दान, तौबतः और इष्सतग़फ़ार (क्षमा-याचना) से टल सकता है। तकतना सच्ा, इसलामी शरीअत का सार और समसत नतबयों का सवया स्मत मामला है। परनतु कया स्भव है तक एक नफ़सानी (अहंकारी) आदमी जो मुझ से तवरोध रखता है वह इस माररफ़त के रहसय को मेरे मुंह

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    से सुनकर सवीकार कर लेगा? हरतगज़ नहीं। वह तो सुनते ही इस तचनता में लग जाएगा तक उसका तकसी प्रकार खणडन करना चातहए तातक तकसी भतवषयवाणी को झुठलाने का यह माधयम ठहर जाए। यतद उस वयष्क्त को ख़ुदा का भय होता तो लोगों की ओर न देखता और तदखावे से मतलब न रखता, बष््क सवयं को ख़ुदा के सामने खिा समझता और मुंह पर वही बात लाता जो संयम की पाबंदी के साथ वणयान करने के योगय होती और तननदा सहन करता तथा लोगों की लानत सुनता परनतु सच्ाई की गवाही दे देता। परनतु जब दुभायागय तवजयी जो जाए तो तिर सौभागय कहां।

    ولٰکن اذا غلبت الشقوۃ فاین السعادۃ۔तमयां अबदुल हक़ का दूसरा प्रहार यह है तक वह प्रसताव जो

    मैंने ख़ुदा तआला के इ्हाम से समझाने के अष्नतम प्रयास के तौर पर प्रसतुत तकया था तजस में इससे पूवया भी तवज्ापन विारा प्रकातशत कर चुका था अथायात् रोतगयों के ठीक हो जाने के विारा दुआ के सवीकार होने का मुक़ाबला। इस प्रसताव को तमयां अबदुल हक़ सवीकार नहीं करते और यह बहाना करते हैं तक भला तहनदुसतान और पंजाब के समसत शेख़ और उलेमा तकस प्रकार एकत्र हों तथा उनके ख़चदों का अतभभावक कौन हो। परनतु सपटि है तक यह कैसा बेकार और ्च्र बहाना है। तजस हालत में ये लोग क़ौम का हज़ारों रुपया खाते हैं तो ऐसे आवशयक कायया के तलए दो-चार रुपए तक तकराया खचया करना कया कतठन है। यह तो हमने सवीकार तकया तक लोग धमया के तलए अपने ऊपर कोई कटि पसनद नहीं कर सकते परनतु ऐसे आवशयक कायया के तलए तक हज़ारों लोग उनके पंजे से तनकलते जाते हैं और

  • 18

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    उनके तवचार के अनुसार वे कातफ़र बनते जाते हैं। कुछ तदरहम तकराए के तलए जेब से तनकालना कोई बिा कटि नहीं और यतद कोई वयष्क्त ऐसा ही (आले इमरान-113) ُ ّلَ ُضِربَْت َعلَْیِھُ اذّلِ

    का चररताथया है तो उसको अबदुल हक़ की वकालत की आवशयकता नहीं। मैं दो सौ कोस तक के तकराए का सवयं तज़्मेदार हो सकता हं। उसे तकसी से क़ज़या लेकर लाहौर पहुँच जाना चातहए और अपने शहर के तकसी रईस का सटफ़ीतफ़केट मुझे तदखा दे तक वासतव में उस मौलवी या पीरज़ादे पर आजीतवका की बहत कतठनाई है, कज़ाया लेकर लाहौर में पहंचा है। तो मैं वादा करता हं तक वह तकराया में दे दूँगा, बशतरे तक कोई नाम का मौलवी या पीरज़ादा न हो, प्रतसद्ध हो। जैसे नज़ीर हसैन देहलवी इतयातद। और यतद प्रसताव सवीकार नहीं तो केवल तज़ला लाहौर, अमृतसर, गुरदासपुर और लुतधयाना के मौलवी और शेख़ एकत्र हो जाएँ उनमें से भी उपरोक्त शतदों के अनुसार प्रतयेक संकट ग्रसत वयष्क्त का तकराया में दे दूँगा।

    وان لم تفعلوا ولن تفعلوا فاعلموا انکم سرتجعون ایل اہلل ثم تُْسَئلُْوَن

    तिर तमयां अबदुल हक़ ने यह कार्रवाई की है तक यह बहाना करके तजसका अभी हमने उत्तर तदया है अपनी तरि से हंसी-ठट्ा करके एक तनशान मांगा है और इस ठट्े में पहले इनकाररयों से कम नहीं रहे। कयोंतक अरब के लोगों ने इस प्रकार के हंसी ठट् ेसे कभी तनशान नहीं मांगा तक अमुक सहाबा की टांग कमज़ोर है वह ठीक हो जाए या उसकी तकसी आंख में दृष्टि नहीं, वह ठीक

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    हो जाए। हाँ मकका के लोगों ने यह तनशान मांगा था तक आंहज़रत सल्ल्ाह अलैतह वसल्म का घर सोने का हो जाए और उसके चारों ओर नहरें भी जारी हों और यह तक आप उन को देखते हए आकाश पर चढ़ जाएँ और देखते-देखते आकाश पर से उतर आएं और ख़ुदा की तकताब साथ लाएं और वे उसे हाथ में लेकर टटोल भी लें तब ईमान लाएंगे। इस तनवेदन में यद्तप मूखयाता थी परनतु तमयां अबदुल हक़ की तरह कटि देने वाली शरारत न थी। इसी प्रकार हज़रत ईसा अलैतहससलाम से लोगों ने तनशान मांगे थे। परनतु सपटि है तक उन तनवेदन करने वाले लोगों को उनके मुंह मांगे तनशान नहीं तदए गए थे बष््क डाँट-डपट विारा उत्तर तदया गया था। पतवत्र क़ुआयान में सवयं लोगों विारा मांगे गए तनशान चाहने वालों को यह उत्तर तदया गया था-(बनी इस्राईल-94) ُسْوًل ُکْنُت ِاّلَ بََشًرا ّرَ

    ْْ َہل ُسْبَحاَن َرِبّ

    ْقُل

    अथायात् ख़ुदा तआला की शान इस दोष से पतवत्र है तक उसके तकसी रसूल, नबी या मु्हम को यह शष्क्त प्राप्त हो तक जो ख़ुदा होने से स्बंतधत तवलक्षण काम हैं उनको वह अपनी क़ुदरत (शष्क्त) से तदखाए। फ़रमाया तक उन को कह दे तक मैं तो केवल मनुषयों में से एक रसूल हं अपनी ओर से तकसी काम को करने का अतधकार नहीं रखता। केवल ख़ुदा के आदेश का अनुकरण करता हं। तिर मुझ से यह तनवेदन करना तक यह तनशान तदखा और यह न तदखा सवयाथा मूखयाता है। जो कुछ ख़ुदा ने कहा वही तदखा सकता हं न तक और कुछ। इंजील में सवयं तनतमयात तनशान मांगने वालों को हज़रत मसीह सपटि शबदों में संबोतधत करके कहते हैं तक इस युग के हरामकार लोग

  • 20

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    मुझ से तनशान मांगते हैं उनको यूनुस नबी के तनशान के अततररक्त कोई तनशान नहीं तदखलाया जाएगा। अथायात तनशान यह होगा तक शत्रुओं के अतयतधक प्रयासों के बावजूद जो मुझे सूली पर मारना चाहते हैं मैं यूनुस नबी की तरह कब्र के पेट में जो मछली के समान है जीतवत ही दातख़ल हुँगा और जीतवत ही तनकलूंगा। तिर यूनुस की तरह मुष्क्त पाकर तकसी दूसरे देश की ओर जाऊँगा। यह उस घटना की ओर संकेत था तजसकी रसूलुल्ाह सल्ल्ाह अलैतह वसल्म ने सूचना दी है, जैसा तक उस हदीस से तसद्ध है जो कनज़ुल उ्माल में है। अथायात् यह तक ईसा अलैतहससलाम सलीब से मुष्क्त पाकर एक ठनडे देश की ओर भाग गए थे। अथायात् कशमीर, तजसके शहर श्ीनगर में उनकी क़ब्र मौजूद है। तो जब हज़रत मसीह से उनके दुशमनों ने तनशान मांगा और तमयां अबदुल हक़ की तरह कुछ अपने बनाए हए तनशान प्रसतुत तकए तक हमें ये तदखाओ तो हज़रत ईसा अलैतहससलाम का वही उत्तर था जो अभी हम ने तलखा है। इस से मालूम होता है तक तमयाँ अबदुल हक़ का ऐसे अपने बनाए हए तनशान के मांगने में कुछ दोष नहीं है, बष््क आयत-(अलबक़रह-119) ْتََشابََہْت قُلُوبُُھ

    के अनुसार उनकी तबीयत ही उन अभागे कातफ़रों के समान बनी हई है जो ख़ुदा तआला के तनशानों को सवीकार नहीं करते थे तथा अपनी और से गढ़ कर तनवेदन करते थे तक ऐसे-ऐसे तनशान तदखाओ। परनतु यतद अफ़सोस है तो केवल यह है तक केवल उन लोगों ने मौलवी कहला कर हंसी-ठट्ा अपना आचरण बना तलया है। जो वयष्क्त अबदुल हक़ के तवज्ापन को धयानपूवयाक पढ़ेगा उसे सवीकार

  • 21

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    करना पिेगा तक उनहोंने तबरादरम मौलवी अबदुल करीम सातहब का शरारत एवं असभयतापूवयाक वणयान करके उनकी टांग का ठीक होना या आंख की दृष्टि के बारे में जो तनशान मांगा है यह एक बदमाशों के ढंग पर ठट्ा तकया है जो तकसी संयमी और भागयशाली वयष्क्त का काम नहीं है। गनदे तदल से गनदी बातें तनकलती हैं और पतवत्र तदल से पतवत्र बातें। मनुषय अपनी बातों से ऐसा ही पहचाना जाता है जैसा तक वृक्ष अपने िलों से। तजस हालत में अल्ाह तआला ने पतवत्र क़ुआयान में सपटि तौर पर फ़रमा तदया है तक-(अलहजुरात-12) َقاِب

    َْل

    َْوَل تََنابَُزْوا ِبال

    अथायात् लोगों के ऐसे नाम मत रखो जो उनको बुरे मालूम हों तो तिर इस आयत के तवरुद्ध करना तकन लोगों का काम है। परनतु अब तो न हम अबदुल हक़ पर अफ़सोस करते हैं न उसके दूसरे तमत्रों पर। कयोंतक इन लोगों का अनयाय और ज़ु्म, झूठ बोलना तथा झूठ गढ़ना सीमा से गुज़र गया है। इसी तवज्ापन को पढ़ कर देख लो तक तकतना झूठ से काम तलया है। कया तकसी सथान पर भी ख़ुदा तआला से शमया की है। अततः हम बतौर नमूना उसका कथन और मेरे कथन की पद्धतत पर इस ज़ातलम मनुषय के झूठों का भणडार नीचे तलख देते हैं जो इस तवज्ापन में उसने प्रयोग तकए हैं और वे ये हैं:-

    उसकला कथि:- तमज़ाया अनेकों बार तवतभन्न सथानों के मुबाहसों में शतमयानदा और तनरुत्तर हआ और प्रतयेक सभा में हताश, तनराश और असिल रहा।

    मिेरला कथि:- कयों तमयां अबदुल हक़ कया तुमने यह सच बोला है? कया अब भी हम झूठों पर ख़ुदा की लानत न कहें। शाबाश! तुम

  • 22

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    ने अबदुल्ाह गज़नवी का अचछा नमूना वयक्त तकया, तशषय हों तो ऐसे हों। भला यतद सच्े हो तो उन सभाओं और मष्जलसों की थोिी वयाखया तो करो तजन में मैं शतमयानदा हआ। इतना झूठ कयों बोलते हो? कया मरना नहीं है? भला उन मुबाहसों की इबारतें तो तलखो तजन में तुम या तु्हारा कोई और भाई तवजयी रहा अनयथा न मैं बष््क आकाश भी यही कह रहा है तक झूठों पर ख़ुदा की लानत। मेरी ओर से इस से अतधक समझाने का प्रयास कया हो सकता था तक मैंने क़ुआयान से तसद्ध कर तदया तक हज़रत मसीह मृतयु पा चुके हैं। हदीस से तसद्ध कर तदया तक हज़रत मसीह मृतयु पा चुके और उनकी आयु एक सौ पच्ीस वषया की थी। मेराज की हदीस ने यह तसद्ध कर तदया तक वह मुददों में जा तमले और हमारे नबी सल्ल्ाह अलैतह वसल्म ने दूसरे आकाश पर उनहें हज़रत यह्ा के पास देखा। कया अब भी उनके मरने में कसर बाकी रह गई है। समसत सहाबा का उनकी मौत पर इजमा (सवया सहमतत) हो गया और यतद इजमा नहीं हआ था तो थोिा वणयान तो करो तक जब हज़रत उमर के ग़लत तवचार पर तक आंहज़रत सल्ल्ाह अलैतह वसल्म की मृतयु नहीं हई और तिर दोबारा संसार में आएँगे। हज़रत अबू बक् ने यह आयत प्रसतुत की तक-

    ُسُل قَْد َخلَْت ِمْن قَْبِلِ الّرٌٌُد ِإّلَ َرُسْول َوَما ُمَحّمَ

    (आले इमरान-145)तो हज़रत अबू बक् ने कया समझ कर यह आयत प्रसतुत की

    थी और कया तसद्ध करना चाहते थे। जो यथासथान भी था और सहाबा ने उसके कया मायने समझे थे तथा कयों तवरोध नहीं तकया था और

  • 23

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    कयों उस जगह तलखा है तक जब यह आयत सहाबा ने सुनी तो अपने तवचारों से लौट आए। इसी प्रकार मैंने हदीसों से तसद्ध कर तदया है तक आने वाला मसीह मौऊद इसी उ्मत में से होगा और उसके प्रकट होने का यही युग है। जैसा तक हदीस ِلْیَب ِسرُ الّصَ

    ْ स ेसमझा जाता یَک

    है। तिर आखंें खोलो और दखेो तक मरेी ही दावत (बुलान)े के समय में आकाश पर रमज़ान में चनद्रमा और सयूया ग्रहण तबलकुल हदीस के अनसुार हआ तथा मरेे हाथ पर सौ के लगभग तनशान प्रकट हए, तजन के लाखों लोग गवाह हैं तजन का तववरण पसुतक “ततरयाक़ुल क़ुलूब” में दजया है। कोई तरीका शषे नहीं रहा तजस के विारा मैंन े समझान े के अष्नतम प्रयास को पणूया नहीं तकया। पुसतकीय तौर पर मैंने समझान ेके अष्नतम प्रयास को पणूया तकया, बौतद्धक तौर पर मैं न ेसमझान ेके प्रयास को पणूया तकया। आकाशीय तनशानों के साथ मैंने समझान े के अष्नतम प्रयास को पणूया तकया। अब यतद कुछ शमया है तो सवय ं सोच लो तक कौन शतमयानदा, हताश, तनराश और असिल रहा। तिर मैंन ेकेवल इसी पर समाप्त नहीं तकया, अनकेों बार तवज्ापन तदए तक यतद आप लोगों में कुछ सच्ाई है तो मरेे मकुाबल े पर आओ, क़ुआयान स े तदखाओ या हदीस से तदखाओ कहां तलखा है तक हज़रत ईसा अलैतहससलाम पातथयाव शरीर से साथ जीतवत आकाश पर चले गए थे और तिर जीतवत पातथयाव शरीर के साथ आकाश पर से उतरेंगे? मैं तो अब भी मानने के तलए तैयार हं यतद आयत (अल माइदतः-118) ْا تََوفَّْیَتِن فَلَّمَ

    के मायने मारने और मृतयु देने के अततररक्त तकसी हदीस से कुछ और तसद्ध कर सको या तकसी आयत या हदीस से हज़रत ईसा

  • 24

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    अलैतहससलाम का पातथयाव शरीर के साथ आसमान पर चढ़ना या पातथयाव शरीर के साठ आसमान से उतरना प्रमातणत कर सको या यतद ग़ैब की ख़बरों में जो ख़ुदा तआला से मुझ पर प्रकट होती हैं मेरा मुकाबला कर सको या दुआ के सवीकार होने में मेरा मुकाबला कर सको या अरबी भाषा के लेख में मेरा मुकाबला कर सको या और आकाशीय तनशानों में जो मुझे तदए गए है मेरा मुकाबला कर सको तो मैं झूठा हं। आप लोग तो इन प्रशनों के समय मुदरे के समान हो गए हैं। यही कारण तो है तक आप लोगों को छोिकर हज़ारों नेक लोग और प्रकाणड तवविान इस जमाअत में प्रवेश करते जाते हैं। हे तप्रयजन! ये बदमाशों जैसी वयथया बातें कुछ काम नहीं दे सकतीं। कया सतयातभलाषी ऐसी वयथया बातों से रुक सकते हैं? यह ग़ज़नी नहीं है यह पंजाब है तजसमें ख़ुदा के फ़जल (कृपा) से तदन-प्रतततदन लोग होतशयार और प्रततभाशाली होते जाते हैं। मैंने देखा है तक इनहीं बदमाशों जैसे झूठों के कारण बुतद्धमान लोग आप लोगों से श्द्धातवहीन होते जाते हैं यहां तक तक अब यद्तप तवशेष लोग तवविान, प्रततष्ष्ठत और धनाढ्य लगभग दस हज़ार हमारी जमाअत में मौजूद हैं परनतु सामानय संखया तीस हज़ार से भी अतधक है। इसका कया कारण है, यही तो है तक आप लोग केवल हंसी-ठट्े और गातलयों से काम तनकालते हैं कोई सीधे मागया पर चलने का पहलू ग्रहण नहीं करते। सीधी बात थी तक आप लोग मु्हम कहलाते हैं दुआ के सवीकार होने का भी दावा है। कुछ भतवषयवातणयां जो दुआ की सवीकाररता पर आधाररत हों तवज्ापन विारा प्रकातशत कर दें और इस ओर से मैं भी प्रकातशत कर दूँ। एक वषया से अतधक समय-सीमा न हो। तिर यतद आप लोगों की

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    भतवषयवातणयां सच्ी तनकलीं तो एक पल में मेरी जमाअत के हज़ारों लोग आप के साथ सष््मतलत हो जाएँगे और झूठे का मुंह काला हो जाएगा। कया आप इस तनवेदन को सवीकार कर लेंगे? संभव नहीं। तो यही कारण है तक सतय के अतभलाषी आप लोगों से तवमुख होते जाते हैं। केवल गातलयों तथा तबना सबूत के झूठों से कौन मानेगा। अब भी मैंने आप लोगों पर दया करके एक तवज्ापन प्रकातशत तकया है और एक तवज्ापन मेरी जमाअत की ओर से प्रकातशत हआ है। परनतु कया संभव है तक आप लोग इस िैसले के तलए तकसी सभा में उपष्सथत हो सकेंगे। आप लोगों की नीयत अचछी नहीं। मुंह से गातलयां देना, ततरसकार करना, कातफ़र और दज्ाल कहना, लानत भेजना, झूठ बोलना और झूठी तवजय की अतभवयष्क्त करना। कया इस से कोई तवजय प्राप्त हो सकती है बष््क हमेशा नबी और ईमानदार उपद्रवी लोगों से ऐसे ही शबद सुनते रहे हैं। यतद ख़ुदा पर भरोसा है तक वह तु्हारे साथ है तो उसकी ओर से कोई भतवषयवाणी प्रकातशत करो और मुकाबले पर हम से देख लो अनयथा मुदरे की तरह पिे रहो तथा समय की प्रतीक्षा करो। यतद केवल गातलयां देनी हैं तो मैं आपका मुंह बनद नहीं कर सकता। न हज़रत मूसा ऐसी वयथया बातों का मुंह बनद कर सके, न हज़रत ईसा बनद कर सके। और न हमारे सष््यद-व-मौला हज़रत मुह्मद मुसतफ़ा सल्ल्ाह अलैतह वसल्म बनद कर सके। परनत ुआप लोगों में यतद कोई बतुद्धमान हो तो उस ेसोचना चातहए तक मेरी दावत को सवीकार करन े के तलए मसुलमानों में तकतनी जोश स ेभरी हरकतें हो रही हैं। पशेावर स ेलकेर रावलतपणडी, जहेलम, गजुरात, तसयालकोट, गजुरावंाला, वज़ीराबाद, अमतृसर, लाहौर, जालधंर,

  • 26

    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    लतुधयाना, अबंाला, पतटयाला, दहेली, इलाहाबाद, ब्बई, कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद दकन अततः कहा ंतक वणयान करें। पजंाब और तहनदसुतान के समसत शहरों तथा दहेात को दखेो, कम ही ऐसा कोई शहर होगा जो इस जमाअत के तकसी सदसय स े ररक्त होगा। अब यतद मसुलमानों की सच्ी हमददफ़ी है तो केवल य ेबदमाशों वाली बातें पयायाप्त नहीं हैं तक तमज़ाया बहत बार तनरुत्तर हो चकुा है तथा हताश, तनराश और असिल रहा है। अब ऐस ेझठू स ेतो पररतचत लोगों को मदुायार स ेअतधक दगुयानध आती है और कोई भी इस ेपसनद नहीं करेगा। यों तो तहनद ूऔर चहूिे, चमार और तचुछ स ेतचुछ लोग बहत बार कह दते े हैं तक हमन े मुसलमानों स ेधमया के सबंधं में वातायालाप करके तनरुत्तर कर तदया और व ेहमारी हर सभा में तनरुत्तर, हताश, तनराश तथा असिल रहे। परनत ुशालीन मनषुय को ऐसे अपतवत्र झूठ स ेघणृा होनी चातहए। हे तप्रय! यतद ईमान और मसुलमानों की हमददफ़ी का लशेमात्र भाग भी तदल में मौजदू है तो इन वयथया बातों का अब यह समय नहीं है। अब वासततवक तौर पर कोई मकुाबला करके तदखाना चातहए तातक हर झूठे का मुहं काला हो जाए।

    उसकला कथि- मुबाहलतः में दशयाकों के सामने यथायोगय बदनाम और अपमातनत होकर बात करने योगय तथा प्रततष्ष्ठत उलेमा और आदरणीय सूतफ़यों को उत्तर देने योगय नहीं रहा।

    मिेरला कथि- अफ़सोस तक मुबाहलतः की चचाया करके और इतना नफ़रत करने योगय झूठ बोलकर तुम ने और भी अपनी बदनामी तथा तननदा कराई। मैं नहीं समझ सकता तक आप लोगों की शमया कहां गई। और संयम तथा सच बोलने से इतनी शत्रुता कयों हो गई। सोचकर देख लो तक तजतना तमु पर और तु् हारी जमाअत पर पतन है वह मबुाहलतः

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    के तदन के बाद ही आरंभ हई है। यह तो मरेी सच्ाई का बिा तनशान था तजस स ेआपने अपन ेदभुायागय स ेततनक लाभ नहीं उठाया। न मालमू आप लोग तकस गफ़ुा के अनदर बठेै हो तक युग की हालतों की कुछ भी ख़बर नहीं। हज़ारों लोग बोल उठे हैं और हज़ारों रूहें महससू कर गई है तक हमारे सौभागय एव ंउन्नतत और तु् हारी ददुयाशा एवं पतन का तदन मबुाहलतः का तदन ही था। एक छोटा सा उदाहरण दखे लो तक मबुाहलतः समाप्त ही हआ था और अभी तुम और हम दोनों उसी मदैान में मौजदू थ े और समसत जमाविा मौजदू था। ख़ुदा तआला ने मरेा स्मान उस जमाविे पर प्रकट करने के तलए एक तवररत अपमान एवं बदनामी तु् हें दी। अथायात् तरुनत एक गवाह तु्हारी जमाअत में से खिा कर तदया। वह कौन था, मनुशी महु्मद याक़ूब जो हातफ़ज़ मुह्मद यसूफ़ु का भाई है। उसन ेक़सम खाई और रो-रो कर मझु े स्बोतधत करके वणयान तकया तक मैं गवाही देता हं तक तुम सचे् हो। कयोंतक मैंने मौलवी अबदलु्ाह ग़ज़नवी स ेसनुा है तक सवपन की ताबीर के अवसर पर उनहोंन ेआप का सतयापन तकया और कहा तक एक नरू आसमान स ेउतरा है और वह तमज़ाया ग़ुलाम अहमद क़ातदयानी है। अब दखेो तक तमु अभी मबुाहलतः के सथान से अलग नहीं हए थ े तक ख़ुदा न े तु् हें अपमातनत कर तदया और तजस इनसान की उसतादी का तमु गवया करते हो उसी न े गवाही द े दी तक तमु झठेू और ग़ुलाम अहमद क़ातदयानी सच्ा है। अब इस स ेअतधक मुबाहलतः का तवररत प्रभाव कया होगा तक मरेे तलए ख़ुदा का आदर और स्मान उसी समय प्रकट हो गया और उसी समय मरेी सच्ाई की गवाही तमल गई और गवाही भी तु् हारे उस उसताद की अथायात् अबदलु्ाह ग़ज़नवी की तक यतद उसकी बात न

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    मानो तो आक़ कहलाओ, कयोंतक तु् हारी सब प्रततष्ठा उसी के कारण है। यतद उसको तुमने झूठा समझा तो तिर तमु अयोगय तशषय हो। तो ख़ुदा का यह एक तनशान था तक मुबाहलतः होत ेही उसी मदैान में, उसी समय, उसी पल ख़ुदा न ेतु्हें तु्हारे ही उसताद की गवाही से, तु्हारी ही जमाअत के आदमी के विारा अपमातनत और बदनाम कर तदया तथा असिलता प्रकट कर दी। तिर मबुाहलतः के बाद मेरे स्मान का एक और तनशान पदैा हआ तजस के लाखों लोग गवाह हैं और वह यह तक हमारे तसलतसले के तलए मुझ ेव ेआतथयाक सिलताए ं तमलीं तक यतद मैं चाहता तो मैं उस स े ग़ज़नी का एक बिा भाग खरीद सकता। अततः इस पर सरकारी डाकखान े के व े रतजसटर गवाह हैं तजनमें मनी आड्रर दजया हआ करत ेहैं। परनत ुकया तु् हें इसके बाद कोई दो आन ेका मनी आड्रर भी आया? यतद आया तो उसका सबतू दो। अब प्रशन यह है तक यह हज़ारों रुपया जो मबुाहलतः के बाद मुझ ेभजेा गया जो तीस हज़ार रुपए स ेकम न था। कया इस बात पर प्रमाण नहीं है तक मसुलमानों ने मझु ेस्मान एव ंमहानता की दृष्टि स ेदखेा और मझु ेतप्रय रख कर मझु पर अपन ेधन नयोछावर तकए। यह एक महान तनशान है तजसस ेइनकार करना सयूया पर थकूना है। तिर मबुाहलतः के प्रभाव का तनशान यह है तक यह तीस हज़ार लोगों की जमाअत जो अब मरेे साथ है यह मबुाहलतः के बाद ही मझु को तमली। आथम का मतृय ुपाकर हमेशा के तलए इसलामी तवरोध को समाप्त करके ससंार स ेकूच कर जाना मबुाहलतः के बाद ही भतवषयवाणी के अनुसार ही प्रकटन में आया। भतवषयवाणी का आशय यह था तक जो हम दोनों में स े झठूा धमया रखता है वह पहल े मरेगा। अततः आथम न े मझु स े पहले मतृय ु पाकर मरेे सच्ाई पर महुर लगा

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    दी। ततपश्चात् लखेराम के क़तल का वह तनशान प्रकट हआ तजस पर लगभग तीन हज़ार मुसलमान और तहनदुओं न ेएक महज़रनामा1✴ जो हमारी ओर से तैयार हआ था। यह गवाही अपनी कलम से अंतकत कर दी तक यह भतवषयवाणी बिी ही सफ़ाई से प्रकटन में आई। इस साक्यों एवं मुहरों विारा सतयातपत पेपर पर सष्््द फ़तह अली शाह सातहब तडपटी कलकटर नहर के हसताक्षर हैं जो तवरोधी जमाअत का वयष्क्त होकर सतयापन करता है। यह तनष्श्चत बात है तक तीस हज़ार के लगभग लोग इस भतवषयवाणी को देखकर ईमान लाए। अनयथा हमारी जमाअत मुबाहलतः से पहले तीन सौ से अतधक न थी। तिर इसके बाद ख़ुदा तआला के तनशानों की इतनी अतधक वषाया हई तक सौ से अतधक तनशान प्रकट हए तजन के लाखों लोग गवाह हैं। बिे-बिे अमीर लोग एवं वयापारी इस जमाअत में सष््मतलत हए और एक संसार श्द्धा एवं तवश्ास के साथ मेरी ओर दौिा और पृथवी पर एक महान सवीकाररता िैल गई। कया इसमें तु्हारा अपमान न था। मनुषय दूर बैठा हआ अनधे के आदेश में होता है। यतद एक-दो सप्ताह क़ातदयान में आकर देखो तक कैसे हज़ारों कोस से हर ओर से लोग आ रहे हैं और कैसे हज़ारों रुपया मेरे क़दमों पर डाल रहे हैं और कैसे प्रतयेक देश से बहमू्य उपहार और भेंटें तथा िल चले आते हैं और कैसे सैकिों लोगों के तलए एक तवशाल लंगरखाना तैयार है और कैसे हमारी जातमअ मष्सजद में सैकिों लोग जो बैअत में शातमल हैं जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ते हैं, और कैसे असंखय दशयान करने वाले लोग कदमों पर तगरे जाते हैं तो संभवततः यह दृशय

    1 ✴ मििज़रिलामिला - साक्यों एवं मुहरों विारा सतयातपत पेपर (अनुवादक)

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    आपके तलए शोक की अतधकता से अचानक मौत का कारण होगा। अब ततनक इनसाि से सोचो तक मुबाहलतः के बाद कौन अपमातनत तथा रुसवा हआ और तकस ने स्मान पाया यतद तु्हें पता होता तक मुबाहलतः से पूवया मेरी जमाअत कया थी और सवीकाररता तकतनी थी और तिर मुबाहलतः के बाद पृथवी पर तकतनी सवीकाररता िैल गई और तकतने समूह के समूह लोग इस मुबारक तसलतसले में सष््मतलत हए। तो तवश्ास था तक तुम शोक की अतधकता से टी.बी. तथा रक्तकास होकर न जाने कब के मर भी जाते। मैं ख़ुदा तआला की क़सम खाकर कहता हं तजसकी झूठी क़सम खाना लानती का काम है और इस क़सम को सच न समझना भी लानती का काम तक मेरा स्मान और मानयता मुबाहलतः से पहले एक बूँद के समान थी और अब मुबाहलतः के बाद एक दररया के समान है।

    तनषकषया यह तक प्रतयेक पहलू से ख़ुदा ने मेरी सहायता की, यहां तक तक मैंने ख़ुदा तआला से इ्हाम पाकर अपनी पुसतकों में एक भतवषयवाणी प्रकातशत की थी तक अबदुल हक़ ग़ज़नवी नहीं मरेगा जब तक मेरा चौथा बेटा पैदा न हो। तो अ्ह्दो तलल्ाह तक वह भी तु्हारे जीवन में ही पैदा हो गया तजस का नाम मुबारक अहमद है, इसी प्रकार सौ के लगभग अनय तनशान प्रकट हए और स्मान पर स्मान प्राप्त होता गया, यहां तक तक दुशमनों ने मेरे स्मान को अपने तलए एक अज़ाब देखकर ईषयाया के ददया से मुकद्में भी बनाए। परनतु हर मैदान में अपमातनत और ततरसकृत रहे। अब बताओ तक तु्हें मुबाहलतः के बाद कौन सा स्मान और मानयता तमली और तकतने लोगों ने तु्हारी बैअत की और तकतनी आतथयाक सिलताएं

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    तुहफ़ा ग़ज़नवियः

    प्राप्त हईं और तकतनी सनतान हईं? बष््क तु्हारा मुबाहलतः तो तु्हारी जमाअत के मौलवी अबदुल वातहद को भी ले डूबा और उसकी भी पतनी की मृतयु होने से घर बबायाद हआ। मुझे ख़ुदा ने वादा तदया था तक मुबाहलतः के बाद दो और लिके तु्हारे घर पैदा होंगे तो दो और पैदा हो गए। और वे दोनों भतवषयवातणयां जो सैकिों लोगों को सुनाई गईं थीं पूरी हो गईं। अब बताओ तक �